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तोक्यो. स्विट्जरलैंड की बेलिंडा बेनसिच ने अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए डब्ल्यूटीए पैन पैसिफिक ओपन टेनिस टूर्नामेंट के फाइनल में लिंडा नोस्कोवा को 6-2, 6-3 से हराकर अपने करियर का 10वां खिताब जीता। बेनसिच ने इससे पहले इस टूर्नामेंट में 10 साल पहले भाग लिया था। उन्होंने रविवार को खेले गए फाइनल में चेक गणराज्य की अपनी प्रतिद्वंद्वी पर दबदबा बनाए रखा। बेनसिच ने नोस्कोवा की सर्विस को तीन बार तोड़ते हुए एक घंटे 22 मिनट में आसान जीत हासिल की। तोक्यो से स्विस खिलाड़ी की सुखद यादें जुड़ी हैं। उन्होंने चार साल पहले तोक्यो में ओलंपिक महिला एकल में स्वर्ण पदक और युगल में रजत पदक जीता थ। मैच के बाद बेनसिच ने कहा, ‘‘आप लोगों के सामने खेलना शानदार रहा। पिछली बार मैंने यहां जब तोक्यो ओलंपिक में जीत हासिल की थी, तब स्टेडियम खाली था, इसलिए माहौल बिल्कुल अलग था, लेकिन आप लोगों के सामने खेलना बहुत अच्छा लगा। मुझे जापान में खेलना बहुत पसंद है, इसलिए मैं यह टूर्नामेंट जीतकर बहुत खुश हूं।
- इंदौर. दक्षिण अफ्रीका पर ऑस्ट्रेलिया की शानदार जीत में अहम भूमिका निभाने वाली लेग स्पिनर अलाना किंग ने कहा कि वह सिर्फ अपनी गेंदबाजी को नियंत्रित करने पर ध्यान लगाती हैं और टीम की सात विकेट की जीत के दौरान मददगार परिस्थितियों का फायदा उठाकर अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके खुश हैं। किंग ने अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 18 रन देकर सात विकेट लिए और दक्षिण अफ्रीका को महज 97 रन पर ऑल आउट कर दिया। फिर ऑस्ट्रेलिया ने 16.5 ओवर में आसानी से मैच जीत लिया। मैच के बाद ‘प्लेयर ऑफ द मैच' चुनी गई किंग ने कहा, ‘‘उम्मीद थी कि थोड़ी बूंदाबांदी के साथ गेंद थोड़ी फिसलेगी। विकेट से मिलने वाला पूरा फायदा उठाकर खुश हूं। '' उन्होंने कहा, ‘‘एक गेंदबाज के तौर पर आपको हमेशा विकेट पसंद आते हैं।मैं अलग भूमिका निभा सकती हूं। कोई भी भूमिका निभाकर खुश हूं। जब तक मैं ऑस्ट्रेलिया के लिए अपनी भूमिका निभा रही हूं और इससे हम अच्छी स्थिति में पहुंचते हैं तो इससे खुश हूं। '' ऑस्ट्रेलियाई कप्तान तहलिया मैकग्रा ने लेग स्पिनर अलाना किंग के रिकॉर्ड सात विकेट की तारीफ करते हुए कहा कि उनके हाथ से निकली हर गेंद विकेट दिलाने वाली लग रही थी। उन्होंने कहा, ‘‘वह कितनी अच्छी गेंदबाजी कर रही थी? उसके हाथों में गेंद आते ही ऐसा लग रहा था जैसे हर गेंद पर विकेट मिलेगा। उसके लिए बहुत खुश हूं। उसने बहुत सारे रिकॉर्ड तोड़े और उसका प्रदर्शन वास्तव में शानदार रहा। '' दक्षिण अफ्रीका की कप्तान लॉरा वोलवार्ड्ट ने चूके मौकों पर अफसोस जताया, लेकिन कहा कि उन्हें इस दिन को भूलकर सेमीफाइनल पर फोकस करना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘ग्रुप चरण को हम जिस तरह से खत्म करना चाहते थे, वैसा नहीं हुआ। रन नहीं बना पाए। टूर्नामेंट में बहुत अच्छा किया, सेमीफाइनल में इसी पर फोकस करेंगे। '
- रांची. अठारह वर्षीय संजना सिंह ने शनिवार को यहां सैफ सीनियर चैंपियनशिप के दूसरे दिन महिलाओं की 1500 मीटर दौड़ जीतकर अपना दूसरा स्वर्ण पदक हासिल किया। भारत ने प्रतियोगिता के दूसरे दिन 11 में से सात स्वर्ण पदक जीतकर अपना दबदबा बनाया। संजना ने 1500 मीटर में चार मिनट 25.36 सेकंड का समय निकालकर श्रीलंका की डब्ल्यू के एल अराच निमाली (4:25.52) को पछाड़कर स्वर्ण पदक जीता। रोहतक की इस धाविका ने इससे पहले शुक्रवार को पहले दिन 5000 मीटर में स्वर्ण पदक जीता था। एक अन्य भारतीय काजल कनवाडे 4:26.21 के समय के साथ तीसरे स्थान पर रहीं।हरियाणा पुलिस में सब इंस्पेक्टर की बेटी संजना ने कहा, ‘‘बेहतर धावकों के साथ प्रतिस्पर्धा करना मेरे लिए सीखने का एक अच्छा अनुभव था।'' श्रीलंका ने हालांकि पुरुष और महिला चार गुणा 100 मीटर रिले दोनों में स्वर्ण पदक जीत लिए जबकि भारत को दोनों स्पर्धाओं में रजत पदक से संतोष करना पड़ा। श्रीलंका के खिलाड़ियों ने इससे पहले शुक्रवार को भी पुरुष और महिला 100 मीटर व्यक्तिगत स्पर्धा में भी स्वर्ण पदक जीते थे। शुक्रवार की तरह शनिवार को भी सभी 11 स्पर्धाओं में भारतीय और श्रीलंकाई एथलीटों के बीच मुकाबला था।भारत ने सात स्वर्ण पदक जीते जबकि श्रीलंका ने चार। चैंपियनशिप में एक दिन शेष रहते भारत 12 स्वर्ण, 14 रजत और सात कांस्य पदक के साथ पदक तालिका में शीर्ष पर बना हुआ है। श्रीलंका ने आठ स्वर्ण, छह रजत और नौ कांस्य पदक जीते हैं, जबकि नेपाल तीन कांस्य पदक के साथ तीसरे स्थान पर है। श्रीलंका के पुरुषों की चार गुणा 100 मीटर टीम ने 39.99 सेकंड का मीट रिकॉर्ड समय निकाला जो भारत के 40.65 सेकंड से काफी बेहतर था। भारतीय टीम में प्रतीक महाराणा, जे सिंह ढिल्लों, हर्ष राउत और प्रणव गुरव शामिल थे। तमन्ना, एम वी जिलना, सुदेशना शिवंकर और साक्षी चव्हाण की भारतीय महिला चार गुणा 100 मीटर रिले टीम 44.93 सेकंड का समय लेकर श्रीलंका (44.70) के बाद दूसरे स्थान पर रही।
- रिफा (बहरीन) .भारत ने एशियाई युवा खेलों में यादगार दिन का समापन कबड्डी में दो स्वर्ण पदकों के साथ किया। लड़कों और लड़कियों दोनों वर्गों में चैंपियन बनकर भारत पदक तालिका में पांचवें स्थान पर पहुंच गया। भारत के कुल पदकों की संख्या दो स्वर्ण, तीन रजत और पांच कांस्य हो गई। चीन छह स्वर्ण, 10 रजत और एक कांस्य से तालिका में शीर्ष पर बना रहा। उसके बाद थाईलैंड (6-2-2), उज़्बेकिस्तान (6-1-2) और ईरान (3-4-6) का स्थान रहा। भारत की लड़कियों की कबड्डी टीम ने ईरान को 75-21 से हराकर स्वर्ण पदक जीता। लड़कों का फाइनल मुकाबला काफी करीबी रहा, पर भारत ने ईरान को 35-32 से हरा दिया। एथलेटिक्स में भारत ने अपने खाते में दो रजत और एक कांस्य पदक जोड़ा।रंजना यादव ने लड़कियों की 5000 मीटर पैदल चाल में 23 मिनट 25.88 सेकेंड का समय लेकर रजत पदक जीतकर भारत का खाता खोला। चीन की लियू शियी 24:15.27 सेकेंड के समय से उनसे आगे पहले स्थान पर रहीं। कोरिया की जियोंग चायेओन ने 25:26.93 सेकेंड के समय से कांस्य पदक जीता। अंबुरे शौर्य ने लड़कियों की 100 मीटर बाधा दौड़ में 13.53 सेकेंड का समय लेकर भारत के लिए दूसरा रजत पदक जीता। वह चीन की केई झांग (13.51 सेकंड) से पीछे रहीं। उज्बेकिस्तान की रहमोनोवा शोदियोना ने 13.89 सेकंड का समय लेकर कांस्य पदक जीता। जैस्मीन कौर ने लड़कियों की गोला फेंक में 14.86 मीटर के प्रयास से कांस्य पदक जीता। चीन ने सुन मेंग्याओ (18.15 मीटर) और ली मेंग्याओ (16.93 मीटर) के साथ शीर्ष दो स्थान हासिल किए। भारत ने ताइक्वांडो में दो कांस्य पदक जीते। देबाशीष दास को जबकि यश्विनी सिंह और शिवांशु पटेल की जोड़ी को कांस्य पदक मिला। कुराश में भारत पहले ही एक रजत और दो कांस्य पदक के साथ अपने अभियान का समापन कर चुका है।
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नयी दिल्ली. सिमरन शेरगिल, शमशीर अली, सवाई पद्मनाभ सिंह और सिद्धांत शर्मा इंटरनेशनल पोलो कप में भारत की चुनौती पेश करेंगे जिसकी ट्रॉफी का अनावरण बृहस्पतिवार को हुआ । भारतीय पोलो संघ (आईपीएल) और कोग्नीवेरा आई टी ने इंटरनेशनल पोलो कप की ट्रॉफी का अनावरण किया । इसमें भारत और अर्जेंटीना शीर्ष खिताब के लिये 25 अक्टूबर को मुकाबला करेंगे । अर्जेंटीना टीम में जुआन आगस्टिन गार्सिया ग्रोस्सी, सल्वाडोर जुरेशे, मटियास बतिस्ता और निकोलस जोर्ज कोर्टी मॉडरना शामिल हैं । दिल्ली में पांच साल बाद अंतरराष्ट्रीय पोलो हो रहा है ।
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नवी मुंबई। भारतीय टीम पिछले तीन मैच में हार से सबक लेकर गुरुवार को यहां महिला विश्व कप में न्यूजीलैंड के खिलाफ होने वाले क्वार्टर फाइनल जैसे मुकाबले में जीत दर्ज करके सेमीफाइनल में जगह पक्की करने की कोशिश करेगी। हरमनप्रीत कौर की अगुवाई वाली टीम यदि डीवाई पाटिल स्टेडियम के अपने चिर परिचित विकेट पर न्यूजीलैंड की टीम को हरा देती है तो वह सेमीफाइनल में जगह बनाने वाली चौथी टीम बन जाएगी। लेकिन अगर वह पिछले तीन मैच की तरह गलतियां करती है तो फिर वह अगर मगर के भंवर में फंस जाएगी। यदि भारत न्यूजीलैंड से हार जाता है, तो उसे सेमी फाइनल में जगह बनाने के लिए इंग्लैंड की न्यूजीलैंड के खिलाफ अगले मैच में जीत के लिए दुआ करनी होगी और फिर बांग्लादेश के खिलाफ अपने अंतिम ग्रुप लीग मैच में भी जीत हासिल करनी होगी। ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड पहले ही सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की कर चुके हैं। भारत भी सेमीफाइनल में पहुंचने का प्रबल दावेदार था लेकिन लगातार तीन मैच में हार का सामना करने के कारण उसके समीकरण बिगड़ गए हैं। ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका दोनों ने भारत की गेंदबाजी में कमजोरी को खुलकर उजागर किया लेकिन उसे सबसे बड़ा झटका इंदौर में इंग्लैंड के खिलाफ लगा जहां उसे एक समय 54 गेंद पर 56 रन की जरूरत थी लेकिन वह लक्ष्य तक पहुंचने में नाकाम रहा। भारत की समस्या छठे गेंदबाजी विकल्प तक ही सीमित नहीं है। उसकी टीम घरेलू धरती पर खेलने के दबाव से निपटने के लिए भी संघर्ष कर रही है। दबाव में भारत की कमजोरी और विशिष्ट कौशल की कमी कप्तान हरमनप्रीत और मुख्य कोच अमोल मजूमदार के लिए सबसे बड़ी चिंता बनी हुई है। अब तक भारत का कोई भी शीर्ष बल्लेबाज मैच खत्म करने के लिए लंबे समय तक नहीं टिक सका है। यही नहीं उसके गेंदबाजों के प्रदर्शन में निरंतरता का अभाव स्पष्ट नजर आ रहा है। ऐसी स्थिति में भारतीय बल्लेबाजी की मुख्य आधार रही हरमनप्रीत और फॉर्म में चल रही स्मृति मंधाना की अनुभवी जोड़ी को जिम्मेदारी लेनी होगी। भारत ने अपनी गेंदबाजी को मजबूत करने के लिए पिछले मैच में जेमिमा रोड्रिग्स को बाहर करके स्विंग गेंदबाजी में माहिर रेणुका ठाकुर को टीम में रखा था लेकिन उसकी यह रणनीति भी कारगर साबित नहीं हुई। भारत अगर इसी संयोजन के साथ उतरता है तो दबाव तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने वाली हरलीन देओल पर होगा, जो अच्छी शुरुआत को बड़ी पारी में नहीं बदल पाई हैं। यहां की पिच पारंपरिक रूप से बल्लेबाजों के अनुकूल रही है, लेकिन पहले बल्लेबाजी करने वाली टीमों को दूसरी पारी में ओस के प्रभाव को लेकर सतर्क रहना होगा। सोफी डिवाइन और सूजी बेट्स की अनुभवी जोड़ी भारत के लिए कड़ी चुनौती पेश करेगी। न्यूजीलैंड की टीम पूर्ण मैच खेलने के लिए उत्सुक होगी, क्योंकि कोलंबो में उसके दो मैच बारिश के कारण रद्द कर दिए गए थे। टीम इस प्रकार हैं---
भारत: हरमनप्रीत कौर (कप्तान), स्मृति मंधाना, प्रतिका रावल, हरलीन देयोल, ऋचा घोष (विकेटकीपर), जेमिमा रोड्रिग्स, अमनजोत कौर, स्नेह राणा, दीप्ति शर्मा, क्रांति गौड़, अरुंधति रेड्डी, रेणुका सिंह ठाकुर, श्री चरणी, राधा यादव और उमा छेत्री। न्यूजीलैंड: सोफी डिवाइन (कप्तान), इसाबेला गेज (विकेट कीपर), मैडी ग्रीन, पॉली इंगलिस (विकेट कीपर), बेला जेम्स, जॉर्जिया प्लिमर, सूजी बेट्स, ब्रुक हॉलिडे, अमेलिया केर, ईडन कार्सन, ब्री इलिंग, जेस केर, रोजमेरी मैयर, हन्ना रोवे और ली ताहुहु। मैच भारतीय समयानुसार दोपहर बाद 3:00 बजे शुरू होगा। -
नई दिल्ली। भारत के स्टार जैवलिन थ्रोअर और दो बार के ओलंपिक पदक विजेता नीरज चोपड़ा को बुधवार को भारतीय सेना की टेरिटोरियल आर्मी में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल के पद से सम्मानित किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने साउथ ब्लॉक, नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य समारोह में नीरज को यह सम्मान चिन्ह औपचारिक रूप से प्रदान किया।
इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने कहा कि लेफ्टिनेंट कर्नल (मानद) नीरज चोपड़ा दृढ़ संकल्प, देशभक्ति और उत्कृष्टता की भारतीय भावना का प्रतीक हैं। उन्होंने अपने अनुशासन और समर्पण से न केवल खेल जगत में, बल्कि पूरे देश में प्रेरणा का स्रोत बनने का काम किया है। रक्षा मंत्री ने नीरज चोपड़ा की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि नीरज ने मैदान में जो अनुशासन और निष्ठा दिखाई, वही भावना उन्हें सेना के आदर्शों से जोड़ती है। वह आने वाली पीढ़ियों के लिए सच्चे प्रेरणा स्रोत हैं।राजपूताना राइफल्स रेजिमेंट में शामिलबता दें कि नीरज चोपड़ा को वर्ष 2016 में भारतीय सेना की राजपूताना राइफल्स रेजिमेंट में शामिल किया गया था। हरियाणा के पानीपत जिले के खांदरा गांव में 24 दिसंबर 1997 को जन्मे नीरज ने अपने प्रदर्शन से न केवल भारत को, बल्कि भारतीय सेना को भी गौरवान्वित किया है।नीरज चोपड़ा की उपलब्धियांउन्होंने 2020 के टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रचते हुए ट्रैक एंड फील्ड में भारत का पहला ओलंपिक स्वर्ण पदक जीता। इसके बाद उन्होंने 2024 के पेरिस ओलंपिक में रजत पदक और 2023 की वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर देश का गौरव बढ़ाया। इसके अलावा, नीरज ने एशियाई खेलों, कॉमनवेल्थ गेम्स और डायमंड लीग में भी कई स्वर्ण पदक जीते हैं। उन्होंने हाल ही में 90.23 मीटर का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ थ्रो (2025) कर भारतीय एथलेटिक्स इतिहास में नया मील का पत्थर स्थापित किया।कई बड़े सम्मान से सम्मानितनीरज की उत्कृष्ट उपलब्धियों और राष्ट्र सेवा के प्रति उनके योगदान के सम्मान में, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें 16 अप्रैल 2025 को टेरिटोरियल आर्मी में मानद कमीशन प्रदान किया था। नीरज को पहले भी कई प्रतिष्ठित सम्मान मिल चुके हैं, जिनमें पद्म श्री, मेजर ध्यानचंद खेल रत्न, अर्जुन पुरस्कार, परम विशिष्ट सेवा पदक और विशिष्ट सेवा पदक शामिल हैं। कार्यक्रम में थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और भारतीय सेना व टेरिटोरियल आर्मी के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। -
नई दिल्ली। दीपावली के शुभ अवसर पर भारतीय क्रिकेट जगत के कई दिग्गज खिलाड़ियों ने अपने फैंस को सोशल मीडिया के जरिए शुभकामनाएं दीं। क्रिकेट के मास्टर-ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो साझा करते हुए कहा, “आप सभी को खुशहाल और सुरक्षित दीपावली की शुभकामनाएं। आनंद लें और अपना ख्याल रखें।”
पूर्व तेज गेंदबाज इरफान पठान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर संदेश साझा करते हुए लिखा, “यह दीपावली आपके जीवन को शांति, समृद्धि और अनंत खुशियों से भर दे। सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।” आईसीसी के चेयरमैन जय शाह ने भी फैंस को शुभकामनाएं देते हुए लिखा, “आपको और आपके परिवार को शानदार और खुशहाल दीपावली की शुभकामनाएं! रोशनी का यह त्योहार आपके और आपके प्रियजनों के लिए खुशियां और समृद्धि लेकर आए। सुरक्षित और आनंदमय दिवाली मनाएं।”भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान मिताली राज ने अपने संदेश में लिखा, “जैसे रोशनी हर घर को जगमगाए, वैसे ही हर मन में शांति और आनंद का वास हो। सभी को दीपावली की शुभकामनाएं।” टीम इंडिया के बल्लेबाज श्रेयस अय्यर ने लिखा, “सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं! आपका जीवन प्रकाश, प्रेम और अनंत आनंद से भरा रहे।”टी20 टीम के कप्तान सूर्यकुमार यादव ने कहा, “रोशनी, खुशी और ढेर सारी सकारात्मकता… आप सभी को जगमगाती दीपावली की शुभकामनाएं!” भारतीय पुरुष टीम के हेड कोच गौतम गंभीर ने भी अपने संदेश में कहा, “सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं! इस पावन पर्व के प्रकाश से सारा अंधकार दूर हो जाए।”वहीं पूर्व दिग्गज खिलाड़ी वीवीएस लक्ष्मण ने लिखा, “दीपावली का दिव्य प्रकाश आपके जीवन को शांति, समृद्धि और आनंद से आलोकित करे। आप सभी को उज्ज्वल और सुंदर दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।” पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, दीपावली का त्योहार तब से मनाया जाता है जब भगवान श्रीराम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था, और तभी से यह पर्व अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक बन गया। - मनामा (बहरीन)/ भारत की 15 वर्षीय खुशी ने रविवार को महिलाओं की 70 किलोग्राम कुराश स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर एशियाई युवा खेलों में देश का पदक खाता खोला। दिलचस्प बात यह है कि प्रतियोगिता में एक भी मुकाबला जीते बिना ही उन्हें पदक मिल गया। छह खिलाड़ियाों के मुकाबलों में उन्हें क्वार्टर फाइनल में बाई मिली और सेमीफाइनल में वह उज्बेकिस्तान की डी. तुर्सुनोवा से हार गईं। युवा खेलों में कांस्य पदक के लिए कोई प्ले-ऑफ नहीं होने के कारण खुशी ने पोडियम स्थान भी हासिल किया।
- गुवाहाटी/ घरेलू सरजमीं पर विश्व जूनियर चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने से भारत की उभरती हुई शटलर तन्वी शर्मा खुश है लेकिन वह भविष्य में अपने खेल के कई पहलुओं पर सुधार करने के लिए तैयार है। तन्वी ने कहा कि उन्हें धैर्य बनाये रखना, नेट के इस्तेमाल और मानसिकता को मजबूत करने पर काम करना होगा। सोलह साल की यह खिलाड़ी ने पूर्व विश्व नंबर एक साइना नेहवाल और अपर्णा पोपट के नक्शेकदम पर चलते हुए टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचने वाली केवल तीसरी भारतीय महिला शटलर बनी। वह हालांकि रविवार को यहां दूसरी वरीयता प्राप्त थाईलैंड की खिलाड़ी अन्यापत फिचितप्रीचासक से 7-15, 12-15 से हार गईं। तन्वी ने कहा, ‘‘ मैं रजत पदक जीतकर बहुत खुश हूं, लेकिन स्वर्ण पदक नहीं जीत पाने से थोड़ी निराश भी थी।'' उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरे लिए बहुत मायने रखता है क्योंकि इस टूर्नामेंट से पहले, मुझे पदक की उम्मीद भी नहीं थी। मैं फॉर्म में नहीं थी, लेकिन जैसे-जैसे मैच आगे बढ़े, मेरे खेल में सुधार आता गया।'' उन्होंने कहा, ‘‘यह पदक मेरे लिए बहुत यादगार है । अपने घरेलू मैदान में खेलना, जहां मैं हर दिन अपने कोच के साथ प्रशिक्षण लेती हूं बेहद खास है। मेरे कोच का सपना था कि मैं फाइनल खेलूं, और मैंने उनके लिए यह मैच खेला।'' पंजाब की यह खिलाड़ी पार्क ताए-सांग के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण लेती हैं।उन्होंने कहा, मेरे कोच हमेशा मुझे खेल में बने रहने, रैलियां खेलने और निरंतरता से अंक हासिल करने पर ध्यान देने के लिए कहते हैं। लेकिन कभी-कभी मैं छोटी-छोटी गलतियां कर देती हूं और मुझे इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है।'' उन्होंने कहा, मुझे अपने नेट प्ले और कोर्ट पर अपनी सहनशक्ति पर काम करने की जरूरत है। मैं इसी पर पूरा ध्यान दूंगी।'' उन्होंने, हर बार जब मैं हारती हूं, तो कुछ नया सीखती हूं। मैं पहले भी यूएस ओपन और ओडिशा ओपन जैसे टूर्नामेंटों के फाइनल हार चुकी हूं। इससे दुख होता है, लेकिन मैं मानसिक रूप से मजबूत रहूंगी और खुद से कहूंगी, शायद अगली बार ।
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नानजिंग (चीन). अनुभवी ज्योति सुरेखा वेन्नम विश्व कप फाइनल में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला कंपाउंड तीरंदाज बन गई जिन्होंने यहां कांस्य पदक हासिल किया । एशियाई खेल चैम्पियन ज्योति ने दुनिया की दूसरे नंबर की तीरंदाज ब्रिटेन की एला गिब्सन को 150 . 145 से हराकर पहली बार इस टूर्नामेंट में पोडियम पर जगह बनाई । आठ तीरंदाजों के विश्व कप सत्र के फाइनल में भारत की 29 वर्ष की ज्योति ने क्वार्टर फाइनल में अमेरिका की एलेक्सिस रूइज को 143 . 140 से हराया था । वह सेमीफाइनल में दुनिया की नंबर एक तीरंदाज मैक्सिको की आंद्रिया बेसेरा से 143 . 145 से हार गई ।
विश्व कप फाइनल में ज्योति तीसरी बार उतरी थी । इससे पहले वह 2022 और 2023 में पहले दौर में बाहर हो गई थी । भारत की मधुरा धमनगांवकर पहले दौर में मैक्सिको की मरियाना बेरनाल से 142 . 145 से हारकर बाहर हो गई । पुरूष वर्ग में ऋषभ यादव अकेले भारतीय हैं जो दक्षिण कोरिया के किम जोंघो से पहले दौर में खेलेंगे । रिकर्व वर्ग में किसी भारतीय ने क्वालीफाई नहीं किया है । -
नई दिल्ली। तन्वी शर्मा बीडब्ल्यूएफ विश्व जूनियर चैंपियनशिप में बीते 17 साल में पदक पक्का करने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई हैं। उन्होंने शुक्रवार को नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में एक गेम से पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए जापान की साकी मात्सुमोतो को हराकर लड़कियों के एकल सेमीफाइनल में प्रवेश कर इतिहास रच दिया।
16 वर्षीय तन्वी ने दबाव में भी अपना संयम बनाए रखा और अपने क्रॉस-कोर्ट स्लाइस हिट्स से विजयी अंक लेकर 47 मिनट तक चले क्वार्टर फाइनल मुकाबले में मात्सुमोतो को 13-15, 15-9, 15-10 से हराया। इस मुकाबले ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया।विश्व जूनियर चैंपियनशिप में पदक जीतने वाली आखिरी भारतीय महिला खिलाड़ी साइना नेहवाल थीं, जिन्होंने 2008 में पुणे में हुए संस्करण में स्वर्ण पदक जीता था। साइना ने 2006 में रजत पदक जीता था और उनके अलावा अपर्णा पोपट (1996 में रजत पदक) प्रतियोगिता के इतिहास में पोडियम पर पहुँचने वाली एकमात्र अन्य भारतीय महिला खिलाड़ी रही हैं।इस साल की शुरुआत में बैडमिंटन एशिया जूनियर चैंपियनशिप में भी कांस्य पदक जीतने वाली शीर्ष वरीयता प्राप्त तन्वी ने आक्रामक शुरुआत की और ऐसा लग रहा था कि वह नियंत्रण में हैं।उन्होंने 10-6 की बढ़त बना ली। लेकिन कुछ गलतियों के कारण मात्सुमोतो ने वापसी की और फिर इस जापानी खिलाड़ी ने लगातार सात अंक जीतकर बढ़त बना ली। भारतीय खिलाड़ी ने बढ़त तो बना ली, लेकिन गेम हारने से नहीं बच सकीं।यूएस ओपन की फाइनलिस्ट दूसरे गेम में अपने शॉट चयन को लेकर ज़्यादा सहज दिखीं और 15-9 से जीत हासिल की। हालांकि, तीसरे गेम की शुरुआत में गलतियों ने एक बार फिर उसे पीछे धकेल दिया और यह स्पष्ट था कि शीर्ष वरीयता प्राप्त खिलाड़ी दबाव में थी क्योंकि खिलाड़ियों ने पाला बदल दिए थे और भारतीय खिलाड़ी 5-8 से पीछे थी।यह घबराहट निश्चित रूप से कम हुई क्योंकि उसने लगातार चार अंक हासिल करके 9-8 की बढ़त बना ली और फिर अपने फ्लैट टॉस और क्रॉस स्मैश का इस्तेमाल करके अपनी प्रतिद्वंद्वी को मात दी।तन्वी का सामना अब चीन की लियू सी या से होगा। उन्होंने कहा, “मात्सुमोतो के खिलाफ खेलना मुश्किल है क्योंकि वह खेल को धीमा कर देती हैं। इसलिए, मुझे पता था कि मुझे आक्रामक होना होगा। मुझे खुशी है कि मेरा पदक पक्का है।”चीनी खिलाड़ी ने दूसरे क्वार्टर फाइनल में श्रीलंका की रानीथमा लियानागे को 15-9, 15-6 से हराया। हालांकि, लड़कियों के एकल वर्ग में भारत की एक और पदक की उम्मीद तब टूट गई जब आठवीं वरीयता प्राप्त उन्नति हुड्डा थाईलैंड की दूसरी वरीयता प्राप्त अन्यापत फिचितप्रीचासाक से 15-12, 15-13 से हार गईं।उन्नति को अपने फ्रंट-कोर्ट मूवमेंट में स्पष्ट रूप से संघर्ष करना पड़ा और हालाँकि भारतीय खिलाड़ी ने 32 मिनट तक चले मुकाबले में हर अंक के लिए संघर्ष किया, लेकिन अन्यपत ने उन्हें अपने तेज क्रॉस ड्रॉप और स्मैश से बार-बार छकाया।लड़कों के एकल क्वार्टर फ़ाइनल में, ज्ञान दत्तू ने चीन के तीसरी वरीयता प्राप्त लियू यांग मिंग यू को कड़ी टक्कर दी, लेकिन उनका जोशीला प्रयास 15-11, 15-13 से हार से बचने के लिए पर्याप्त नहीं था।भव्य छाबड़ा और विशाखा टोप्पो की मिश्रित युगल जोड़ी भी क्वार्टर फ़ाइनल में चीनी ताइपे के हंग बिंग फू और चोउ युन एन से 15-9, 15-7 से हार गई।परिणाम (शाम 5.30 बजे तक):बॉयज़ सिंगल्स :1-मोहम्मद ज़की उबैदिल्लाह (इंडोनेशिया) ने ज़ी शेंग वू (चीन) को 15-6, 17-15 से हराया (2 जीपी बचाए); ली ज़ी हैंग (चीन) ने चुंग चिंग साइरस (हांगकांग) को 15-4, 15-7 से हराया ; 3-लियू यांग मिंग यू (चीन) ने ज्ञान दत्तू टीटी (भारत) को 15-11, 15-13 से हराया ; 2-रिची डुटा रिचर्डो (इंडोनेशिया) ने अयु फू शेंग (मलेशिया) को 15-9, 15-9 से हरायागर्ल्स सिंगल्स:1-तन्वी शर्मा (भारत) ने साकी मात्सुमोतो (जापान) को 13-15, 15-9, 15-10 से हराया ; लियू सी या (चीन) ने 4-रानिथमा लियानगे (श्रीलंका) को 15-9, 15-6 से हराया; 6-यातावीमिन केतक्लिएंग (थाईलैंड) ने युज़ुनो वतनबे (जापान) को 15-3, 15-12 से हराया ; 2-अन्यापत फिचितप्रीचासाक (थाईलैंड) ने 8-उन्नति हुडा (भारत) को 15-12, 15-13 से हरायामिक्स्ड डबल्स :1-लोह जिहेंग/नोराकिला मैसराह (मलेशिया) ने 9-इखसान प्रमुद्या/रिनजानी नास्टिन (इंडोनेशिया) को 15-10, 15-8 से हराया ; हंग बिंग फू/चाउ युन एन (चीनी ताइपे) ने 14-भाव्या छाबड़ा/विशाखा टोप्पो (भारत) को 15-9, 15-7 से हराया ; 4-चेन जून टिंग/काओ ज़ी हान (चीन) ने 8-शुजी सवादा/आओई बन्नो (जापान) को 15-3, 15-10 से हराया ; 2-ली ह्योंग वू/चेओन हये इन (कोरिया) ने 5-टैन ज़ी यांग/निकोल टैन (मलेशिया) को 17-15, 14-16, 15-6 से हराया -
नयी दिल्ली. उत्तर प्रदेश के कुशीनगर के हरे-भरे खेत इस महीने के अंत में देशभर से आने वाले करीब 600 विद्यार्थियों की हलचल से गुलजार होंगे, जब यहां मॉडल रॉकेट्री प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। ‘कैनसैट इंडिया स्टूडेंट प्रतियोगिता' में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्र उपग्रह बनाने, उन्हें एक किलोमीटर ऊंचाई तक प्रक्षेपित करने, विभिन्न पेलोड के माध्यम से आंकड़े जुटाने और पैराशूट की मदद से रॉकेट तथा उपग्रह को सुरक्षित वापस लाने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन करेंगे। भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन एवं प्राधिकरण केंद्र (इन-स्पेस) में संवर्धन निदेशालय के निदेशक विनोद कुमार ने कहा, “यह प्रतियोगिता छात्रों को उपग्रह मिशनों का वास्तविक अनुभव प्रदान करेगी और भारत के तेजी से बढ़ते अंतरिक्ष क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों और अवसरों के लिए उन्हें तैयार करेगी।” इस प्रतियोगिता का आयोजन इन-स्पेस, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया के साथ मिलकर कर रहा है। प्रतियोगिता का फाइनल राउंड 27 से 30 अक्टूबर तक कुशीनगर के तुमकुहीराज में नारायणी नदी के किनारे आयोजित किया जाएगा। इसके लिए नदी किनारे एक खेत में सात अस्थायी प्रक्षेपण स्थल बनाए गए हैं, जहां चार दिन में छात्र 70 से अधिक रॉकेट प्रक्षेपित करेंगे। देशभर के विश्वविद्यालयों और तकनीकी संस्थानों से चुने गए लगभग 600 छात्र, शिक्षक और मेंटर की कुल 71 टीम राष्ट्रीय फाइनल में पहुंची हैं। इनमें 36 टीम ‘कैनसैट' श्रेणी में और 35 टीम ‘मॉडल रॉकेट्री' श्रेणी में प्रतिस्पर्धा करेंगी। यह प्रतियोगिता देवरिया से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोकसभा सदस्य शशांक मणि के सहयोग से आयोजित की जा रही है। मणि ने इस क्षेत्र की 10-वर्षीय योजना तैयार करने में योगदान दिया है। मणि ने कहा, “यह प्रतियोगिता इस क्षेत्र की कल्पनाशक्ति को प्रोत्साहित करेगी और अंतरिक्ष जागरूकता की संस्कृति को बढ़ावा देगी। यह ‘अमृत प्रयास' मिशन से जुड़ी है, जो मेरे संसदीय क्षेत्र की 10-वर्षीय विकास रणनीति है जिसमें अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के उपयोग पर बल दिया गया है।”
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पर्थ. सीनियर स्टार विराट कोहली और रोहित शर्मा ने यहां पहुंचते ही जमकर अभ्यास किया और रविवार से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरू हो रही एकदिवसीय श्रृंखला से पहले भारतीय टीम के पहले ट्रेनिंग सत्र के दौरान नेट्स पर काफी पसीना बहाया। सभी की निगाहें रोहित और कोहली पर है जो पिछली बार भारत के लिए फरवरी-मार्च में चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान खेले थे और अब केवल 50 ओवर के प्रारूप में ही उपलब्ध हैं। दोनों पूर्व भारतीय कप्तान ने नेट्स में करीब 30 मिनट तक बल्लेबाजी की। भारतीय टीम 29 अक्टूबर से शुरू होने वाले तीन एकदिवसीय और पांच टी20 मैच के सीमित ओवरों के दौरे के लिए बुधवार और बृहस्पतिवार को दो समूहों में यहां पहुंची। रोहित को नेट्स में समय बिताने के बाद मुख्य कोच गौतम गंभीर के साथ लंबी बातचीत करते भी देखा गया।
कोहली और रोहित दोनों ने इस साल की शुरुआत में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था और पिछले साल बारबडोस में विश्व कप जीतने के बाद टी20 अंतरराष्ट्रीय करियर को अलविदा कहा था। यह आखिरी बार हो सकता है जब ये दोनों महान खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया में खेलें।
विश्व कप 2027 में इन दोनों की भागीदारी अभी तय नहीं है क्योंकि उस समय उनकी फॉर्म और फिटनेस पर बहुत कुछ निर्भर करेगा। हालांकि नए कप्तान शुभमन गिल ने दोनों सुपरस्टार्स के अपार अनुभव को देखते हुए उनका समर्थन किया है।
नेट सत्र के बाद कोहली को गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्कल के साथ बातचीत करते देखा गया जिसके बाद उन्होंने तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह के साथ भी बात की। टीम का शुक्रवार और शनिवार को एक ट्रेनिंग सत्र है। -
दुबई. भारत के स्टार सलामी बल्लेबाज अभिषेक शर्मा और स्मृति मंधाना को क्रमशः एशिया कप और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ महिला वनडे श्रृंखला में शानदार प्रदर्शन के बाद बृहस्पतिवार को सितंबर के लिए आईसीसी के महीने का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया। अभिषेक ने इस दौरान सात मैच में 44.85 के औसत और 200 के शानदार स्ट्राइक-रेट से 314 रन बनाए। एशिया कप में ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट' चुने गए 25 वर्षीय इस खिलाड़ी ने टी20 अंतरराष्ट्रीय बल्लेबाजी रैंकिंग में अब तक के अपने सर्वोधिक रेटिंग अंक भी हासिल किए। उन्होंने टीम के अपने साथी कुलदीप यादव और जिम्बाब्वे के ब्रायन बेनेट को पछाड़कर महीने के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर का गौरव पाया। अभिषेक ने कहा, ‘‘आईसीसी का यह पुरस्कार जीतकर बहुत अच्छा लग रहा है और मुझे खुशी है कि यह मुझे कुछ महत्वपूर्ण मैचों के लिए मिला है जिनमें मेरी मदद से जीत संभव हो सकी। मुझे उस टीम का हिस्सा होने पर फक्र है जो सबसे कठिन परिस्थितियों में भी जीत दिला सकती है। टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में हमारा हालिया रिकॉर्ड हमारी बेहतरीन टीम संस्कृति और सकारात्मक सोच को दर्शाता है। '' वहीं मंधाना ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू एकदिवसीय श्रृंखला में शानदार प्रदर्शन किया और तीन मैचों में 58, 117 और 125 रन बनाए। भारतीय महिला टीम की उप-कप्तान ने इस दौरान चार एकदिवसीय मैचों में 77 के औसत और 135.68 के स्ट्राइक रेट से 308 रन बनाए। आईसीसी महिला क्रिकेट विश्व कप 2025 में भारत के अभियान की तैयारी में जुटी मंधाना ने ऑस्ट्रेलिया श्रृंखला के दौरान किसी भी भारतीय बल्लेबाज द्वारा सबसे तेज़ शतक लगाया, जब उन्होंने तीसरे मैच में सिर्फ़ 50 गेंदों पर शतक पूरा किया। दक्षिण अफ्रीका की तजमीन ब्रिट्स और पाकिस्तान की सिदरा अमीन भी इस पुरस्कार की दौड़ में शामिल थीं।
मंधाना ने कहा, ‘‘इस तरह का सम्मान एक खिलाड़ी के रूप में आपको आगे बढ़ने और अच्छा करने के लिए प्रेरित करता है। मेरा लक्ष्य हमेशा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर टीम के लिए मैच जीतना रहा है। ' - नयी दिल्ली। बहरीन के मनामा में 22 से 31 अक्टूबर तक होने वाले तीसरे युवा एशियाई खेलों में 222 एथलीटों का एक बड़ा दल भारत का प्रतिनिधित्व करेगा। भारतीय दल की संख्या 357 है जिसमें 100 से ज्यादा सहयोगी स्टाफ और अन्य अधिकारी शामिल हैं। ओलंपिक पदक विजेता पहलवान योगेश्वर दत्त ‘दल प्रमुख' होंगे।एम3एम फाउंडेशन द्वारा क्रीड़ा भारती के सहयोग से रविवार को यहां आयोजित एक समारोह में भारतीय दल को गर्मजोशी से विदाई दी गई। एथलीटों को उनकी आधिकारिक किट सौंपी गईं। इस कार्यक्रम में हरियाणा के खेल मंत्री गौरव गौतम, भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा, एम3एम फाउंडेशन की अध्यक्ष पायल कनोडिया, क्रीड़ा भारती के राष्ट्रीय महासचिव प्रसाद महांकर के अलावा दत्त और आईओए के अन्य अधिकारी भी शामिल हुए। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी अपने व्यस्त आधिकारिक कार्यक्रम के कारण इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके तो उन्होंने एक वीडियो संदेश भेजा।
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विशाखापत्तनम . कप्तान एलिसा हीली की 142 रन की मैराथन पारी और अनाबेल सदरलैंड के पांच विकेट के दम पर आस्ट्रेलिया ने महिला विश्व कप के इतिहास में सबसे बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए रविवार को भारत को तीन विकेट से हराकर सेमीफाइनल की उसकी राह मुश्किल कर दी । जीत के लिये 331 के रिकॉर्ड लक्ष्य को हीली की पारी ने आसान बना दिया जिन्होंने 107 गेंद में 21 चौकों और तीन छक्कों की मदद से 142 रन बनाये और एलिसे पैरी ने चोट के कारण मैदान छोड़ने के बाद वापसी करके स्नेह राणा को छक्का लगाकर एक ओवर बाकी रहते टीम को जीत तक पहुंचाया। इससे पहले महिला विश्व कप में सबसे बड़े लक्ष्य का पीछा करने का रिकॉर्ड भी आस्ट्रेलिया के नाम था जब उसने 2022 में भारत के ही खिलाफ आकलैंड में 278 रन का लक्ष्य हासिल किया था । सात बार की चैम्पियन आस्ट्रेलियाई टीम ने वनडे क्रिकेट में पहली बार तीन सौ से अधिक के लक्ष्य का पीछा करके कामयाबी हासिल की है । इससे पहले फॉर्म में लौटी स्मृति मंधाना (80) और प्रतिका रावल (75) के बीच पहले विकेट की 155 रन की साझेदारी की मदद से भारत ने विश्व कप में अपना सर्वोच्च स्कोर 330 रन बनाया हालांकि सदरलैंड ने पांच विकेट चटकाकर मेजबान पारी को सात गेंद पहले ही समेट दिया । भारत ने आखिरी छह विकेट 36 रन के भीतर गंवा दिये जिसका खामियाजा भुगतना पड़ा। भारत को अब सेमीफाइनल में प्रवेश की उम्मीदें बरकरार रखने के लिये इंग्लैंड , न्यूजीलैंड और बांग्लादेश के खिलाफ अगले तीनों मैच जीतने के अलावा बाकी मैचों के परिणाम भी अनुकूल रहने की दुआ करनी होगी । पिछले तीन मैचों में नाकाम रहा भारत का शीर्षक्रम इस अहम मुकाबले में अपेक्षाओं पर खरा उतरा और लगभग खचाखच एसीए वीडीसीए स्टेडियम पर दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया । दोनों सलामी बल्लेबाजों के अलावा हरलीन देयोल (38),जेमिमा रौड्रिग्स (33) और रिचा घोष (32) ने भी उपयोगी पारियां खेली । निचले क्रम से हालांकि इस बार कोई योगदान नहीं मिल सका और आखिरी छह विकेट 36 रन पर गिरने से भारतीय पारी 48 . 5 ओवर में खत्म हो गई । सदरलैंड ने 9.5 ओवर में 40 रन बनाकर पांच विकेट लिये जबकि दस ओवर में 75 रन देने वाली बायें हाथ की स्पिनर सोफी मोलिनू ने तीन विकेट चटकाये । एक कैलेंडर वर्ष में महिला क्रिकेट में 1000 या अधिक रन बनाने वाली पहली क्रिकेटर बनी स्मृति ने आठवें ओवर में मोलिनू को एक छक्का और दो चौके जड़ने के साथ इस आंकड़े को छुआ । उन्हें इस मैच से पहले एक हजार वनडे रन पूरे करने के लिये 18 रन की जरूरत थी । उन्होंने आस्ट्रेलिया की बेलिंडा क्लार्क का 28 साल पुराना एक वर्ष में 970 रन का रिकॉर्ड तोड़ा था । अपनी पारी में 66 गेंदों का सामना करके नौ चौके और तीन छक्के जड़ने वाली स्मृति ने वनडे क्रिकेट में पांच हजार रन भी पूरे कर लिये और यह कमाल करने वाली वह दुनिया की पांचवीं और मिताली राज के बाद भारत की दूसरी बल्लेबाज बन गई । उनकी पारी को हालांकि हीली ने बेनूर कर दिया जिन्होंने बतौर कप्तान पहला और कैरियर का छठा वनडे शतक लगाया । वह 39वें ओवर में आउट हुई जब आस्ट्रेलिया को जीत के लिये 67 गेंद में 66 रन की जरूरत थी । इसके बाद एशले गार्डनर (46 गेंद में 45) और पैरी ने आस्ट्रेलिया को जीत तक पहुंचाया । पैरी को 32 के स्कोर पर फिटनेस कारणों से मैदान से जाना पड़ा था लेकिन वह आखिर में बल्लेबाजी के लिये उतरी और फिनिशर की भूमिका निभाई । भारत के लिये स्थानीय स्टार स्पिनर श्री चरणी सबसे कामयाब गेंदबाज रही जिन्होंने दस ओवर में 41 रन देकर तीन विकेट लिये जबकि दीप्ति शर्मा को दो विकेट मिले । हीली और फीबी लिचफील्ड ने ठोस शुरूआत करते हुए भारतीय तेज गेंदबाजों की ढीली गेंदों को नसीहत देकर आसानी से रन बनाये । आस्ट्रेलिया के 50 रन 44 गेंद में ही बन गए थे और लिचफील्ड ने दसवें ओवर में अमनजोत कौर को चार चौके जड़कर दबाव बन दिया । वह जब 35 रन पर थी तब अमनजोत की गेंद पर विकेट के पीछे रिचा ने स्टम्पिंग का आसान मौका गंवाया । गेंदबाजों को सफलता नहीं मिलती देख कप्तान हरमनप्रीत ने 12वें ओवर में स्थानीय स्टार स्पिनर श्री चरणी को गेंद सौंपी जिसने भारत को पहली सफलता दिलाते हुए इस खतरनाक साझेदारी को तोड़ा । उन्हें रिवर्स स्वीप लगाने के प्रयास में लिचफील्ड ने बैकवर्ड प्वाइंट पर स्नेह राणा को कैच थमा दिया । आस्ट्रेलिया का पहला विकेट 85 के स्कोर पर गिरा । इसके बाद हीली ने अनुभवी एलिसे पैरी के साथ 69 रन की साझेदारी करके आस्ट्रेलिया का दबदबा बनाये रखा । पैरी को 24वें ओवर में मैदान छोड़ना पड़ा जब श्रीचरणी की गेंद का सामना करते हुए उन्हें अचानक फिजियो की मदद लेनी पड़ी और आगे वह खेल नहीं सकीं । पाकिस्तान के खिलाफ पिछले मैच में शतक जमाकर टीम को संकट से निकालने वाली बेथ मूनी चार रन बनाकर आउट हो गई । दीप्ति शर्मा की गेंद पर जेमिमा ने बायें ओर डाइव लगाकर उनका बेहतरीन कैच लपका । वहीं अनाबेल को श्रीचरणी ने खाता भी खोलने का मौका नही देकर बोल्ड कर दिया । आस्ट्रेलिया का स्कोर 28वें ओवर में तीन विकेट पर 170 रन था । हीली ने दूसरे छोर पर डटकर बल्लेबाजी करते हुए 32वें ओवर में राणा की धुनाई करके 16 रन निकाले । उन्होंने चौका जड़ने के बाद एक रन लेकर शतक (84 गेंद में 15 चौके और एक छक्का) पूरा किया और आखिरी गेंद पर स्लॉग स्वीप लगाकर डीप मिडविकेट में छक्का जड़कर आस्ट्रेलिया के 200 रन पूरे किये । भारत को स्मृति और प्रतिका ने दमदार शुरूआत दी । पहले तीन मैचों में 54 रन ही बना सकी स्मृति ने पहले ही ओवर में किम गार्थ को कवर ड्राइव पर चौका लगाकर अपने इरादे जाहिर कर दिये थे । वहीं दूसरे छोर पर प्रतिका ने उनका बखूबी साथ निभाते हुए चौथे ओवर में मेगान शूट को मिड आन पर और अगले ओवर में गार्थ को मिडविकेट पर चौका लगाया । इस मैच में जॉर्जिया वेयरहेम की जगह खेल रही मोलिनू को आठवें ओवर में स्मृति ने लांग आन के ऊपर दर्शनीय छक्का जड़ने के अलावा दो चौके भी लगाये । भारत की दोनों बल्लेबाजों ने आस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के साथ फील्डरों पर भी दबाव बनाये रखा । नौवें ओवर में प्रतिका ने गार्डनर की गेंद पर हवाई शॉट खेला लेकिन अपने दाहिनी ओर डाइव लगाकर भी ताहलिया मैकग्रा गेंद लपक नहीं सकी । अगली गेंद पर दिल्ली की इस बल्लेबाज ने लांग आन पर छक्का लगाया । गार्डनर को स्मृति ने भी 16वें ओवर में कवर और प्वाइंट के बीच में से दो चौके जड़े और टूर्नामेंट में अपना पहला अर्धशतक 46 गेंदों में पूरा किया । प्रतिका ने भी 22वें ओवर में शूट को लगातार दो चौके लगाकर आस्ट्रेलियाई कप्तान एलिसा हीली की चिंता बढा दी । स्मृति ने 24वें ओवर में मैकग्रा को प्वाइंट के ऊपर से ऊंचा शॉट खेला और सीमारेखा पर खड़ी एलिसे पैरी ने गेंद को पकड़ भी लिया था लेकिन संतुलन नहीं बना सकी और सीमारेखा पार करके गेंद उनके हाथ से छूट गई । काफी महंगी साबित हो रही मोलिनू पर भरोसा बरकरार रखते हुए हीली ने उनसे गेंदबाजी कराना जारी रखा और आखिर स्म/ति को आउट करके उन्होंने इस साझेदारी को तोड़ा । भारत का पहला विकेट 25वें ओवर में गिरा जब मोलिनू ने स्लॉग स्वीप खेलने का प्रयास कर रही स्मृति को डीप मिडविकेट पर फीबी लिचफील्ड के हाथों लपकवाया । नयी बल्लेबाज हरलीन देयोल ने मोलिनू को लांग आफ पर छक्का लगाकर दबाव कम किया और अपने वनडे कैरियर के एक हजार रन भी पूरे किये । दूसरे छोर पर इत्मीनान से खेल रही प्रतिका का संयम टूटा और अनाबेल सदरलैंड की गेंद पर 31वें ओवर में उन्होंने खराब पूल शॉट खेला जिसे सीमारेखा पर खड़ी पैरी ने लपक लिया । आस्ट्रेलिया के खिलाफ 2017 विश्व कप के सेमीफाइनल में 115 गेंद में 171 रन बनाकर भारत को यादगार जीत दिलाने वाली कप्तान हरमनप्रीत ने 35वें ओवर में शूट को दो चौके लगाकर फॉर्म में लौटने के संकेत दिये । लग रहा था कि पहले तीन मैचों में खामोश रहा हरमनप्रीत का बल्ला उनकी पसंदीदा प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ चलेगा लेकिन अच्छी शुरूआत को वह फिर बड़ी पारी में नहीं बदल सकी । वह 17 गेंद में 22 रन बनाकर शूट की गेंद पर मोलिनू को कैच देकर लौटी । अगले ही ओवर में मोलिनू ने देयोल (42 गेंद में 38 रन) को आउट करके भारत को लगातार दूसरा झटका दिया । इससे पहले टूर्नामेंट में तीन में से दो मैचों में खाता भी नहीं खोल सकी जेमिमा रौड्रिग्स ने आते ही शूट को चौका जड़ा । पिछले मैच में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आठवें नंबर पर 94 रन की यादगार पारी खेलने वाली रिचा घोष खुशकिस्मत रही कि शूट की गेंद पर लिचफील्ड दौड़ते हुए मिड आफ पर उनका कैच नहीं लपक सकी । रिचा ने अलाना किंग को डीप स्क्वेयर लेग पर और 41वें ओवर में मैकग्रा को लांग आफ पर जबर्दस्त छक्का लगाया । उन्होंने सदरलैंड को 43वें ओवर में चौका लगाकर रौड्रिग्स के साथ 30 गेंद में 50 रन की साझेदारी पूरी की । वह हालांकि एक और बड़ा शॉट खेलने के प्रयास में लांग आन पर कैच दे बैठी । उन्होंने 22 गेंद में तीन चौकों और दो छक्कों की मदद से उपयोगी 32 रन बनाये । अमनजोत कौर ने आते ही मोलिनू को चौका और फिर दो रन लेकर भारत के 300 रन पूरे किये ।
रौड्रिग्स 21 गेंद में 33 रन बनाकर सदरलैंड का तीसरा शिकार बनी और धीमी गेंद पर चकमा खाकर मिडआफ पर बेथ मूनी को कैच थमा दिया । -
नयी दिल्ली. कीनिया के लंबी दूरी के धावक एलेक्स मटाटा और लिलियन कासैट रेंगरुक ने रविवार को वेदांत दिल्ली हाफ मैराथन में क्रमशः पुरुष और महिला वर्ग की एलीट दौड़ जीतीं। पिछले साल यहां दूसरे स्थान पर रहे मटाटा ने रविवार को 59 मिनट 50 सेकंड का समय निकालकर बोयेलिन टेशागर (एक घंटा 22 सेकंड) और जेम्स किपकोगी (एक घंटा 25 सेकंड) को पछाड़ा। दोनों विजेताओं को 27,000 डॉलर का पुरस्कार मिला। कीनिया के रेंगरुक ने एक घंटे सात मिनट 20 सेकंड का समय निकालकर महिला वर्ग का खिताब जीता। इथियोपिया की जोड़ी मेलाल सियूम बिरातु (एक घंटा सात मिनट 21 सेकंड) और मुलत टेकले (एक घंटा सात मिनट 29 सेकंड) क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहीं। इस प्रतियोगिता के दूत और नौ बार के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता कार्ल लुईस ने समापन रेखा पर विजेताओं का स्वागत किया। हाफ मैराथन, ओपन 10के, ‘चैंपियंस विद डिसेबिलिटी रन', ‘सीनियर सिटीजन रन' और ‘ग्रेट दिल्ली रन' सहित विभिन्न श्रेणियों में 40,000 से अधिक धावकों ने दिल्ली की सड़कों पर दौड़ लगाई । मटाटा ने दौड़ की शुरुआत से अपना दबदबा कायम करते हुए इथोपिया के टेशागर और हमवतन किपकोगी को आसानी से पछाड़ा। इस 28 साल के धावक ने इस वर्ष की शुरुआत में चीन में आयोजित विश्व एथलेटिक्स प्लेटिनम स्तर की दौड़ मीशान रेनशो हाफ मैराथन को 59:28 सेकंड में पूरा करके जीता था। मटाटा ने खिताब जीतने के बाद कहा कि वह अपने बीमार भाई के चेहरे पर खुशी लाने के लिए दौड़ के दौरान खुद को प्रेरित कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘ यह जश्न... मैं अपने और अपने भाई के लिए मना रहा हूं। मुझे लग रहा था कि यहां मेरी जगह मेरा भाई दौड़ रहा है। वह बीमार है तो मैंने सोचा की उसकी चेहरे पर खुशी के लिए पूरी ताकत झोंक देनी चाहिये।'' उन्होंने पिछले साल के मुकाबले इस साल की परिस्थितियों को बेहतर करार देते हुए कहा, ‘‘यह एक शानदार अनुभव था, मुझे ट्रैक की अच्छी जानकारी थी, तो मैंने खुद से कहा, ‘दौड़ पूरी होने तक जोर लगाते हैं' और मैंने योजनाबद्ध तरीके से ऐसा किया और जीत दर्ज करने में सफल रहा।'' उन्होंने कहा, ‘‘इस बार का अनुभव बेहतर था क्योंकि पिछली बार की तुलना में गर्मी और उमस कम थी। इसके विपरीत महिलाओं की दौड़ बेहद रोमांचक रही। विश्व क्रॉस-कंट्री की कई पदक विजेता और खिताब की दावेदार रेंगरुक अंतिम चरण में बढ़त बनाते हुए इथियोपिया खिलाड़ियों को पीछे छोड़ने में सफल रही। इस दौरान पहली बार अपने देश से बाहर दौड़ रही बिरातु ने रेंगरुक को कड़ी टक्कर देते हुए प्रभावित किया। रेंगरुक ने खिताब जीतने के बाद कहा, ‘‘ यह दौड़ कठिन थी और सभी धावक शानदार थे। मैंने खुद से कहा कि मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूं क्योंकि मुझमें दौड़ पूरी करने की ताकत थी। मैं आज अपने समय से खुश हूं क्योंकि मैं अभी-अभी चोट से वापस आयी हूं। यह साल की मेरी तीसरी रेस थी और मेरी रणनीति धैर्य के साथ बढ़त बनाए रख अंत तक संघर्ष करने की थी।'' अभिषेक पाल और सीमा भारतीय पुरुष और महिला वर्ग में सबसे तेज धावक रहे। उन्होंने क्रमशः एक घंटे चार मिनट 17 सेकंड और एक घंटे 11 मिनट 23 सेकंड का समय लिया। देश के शीर्ष मध्यम और लंबी दूरी के एथलीट गुलवीर सिंह बृहस्पतिवार को पीठ में लगी चोट के कारण दौड़ से हट गए। पाल 2023 में दिल्ली में बनाए गए 1:04:07 के अपने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय को तोड़ने के करीब पहुंचे, लेकिन पीछे रह गए। उन्होंने हालांकि 2018 के बाद से अपना तीसरा वीडीएचएम खिताब हासिल किया। पाल और किरण मात्रे (1:04:57) अधिकांश समय तक एक-दूसरे के बराबर रहे, इस जोड़ी ने 10 किमी स्प्लिट में 33:16 मिनट का समय लिया। कार्तिक करकेरा (1:05.16) ने कांस्य पदक जीता। सीमा महिलाओं दौड़ की शुरुआत से अपनी बढ़त कायम रखते हुए आराम से पहला स्थान हासिल किया। उजाला ने 1:15:41 के समय के साथ दूसरा स्थान हासिल किया। संजीवनी जाधव तीसरे (1:15:52) जबकि गत विजेता लिली दास (1:16:27) भारतीय महिलाओं में चौथे स्थान पर रही।
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विशाखापत्तनम. भारतीय टीम को महिला विश्व कप में कठिन चुनौती बताते हुए आस्ट्रेलिया की कप्तान एलिसा हीली ने कहा कि मेजबान टीम ने वनडे प्रारूप में खेलने की एक शैली बना ली है और उस पर अडिग है जो काफी प्रभावी है । हीली ने भारत के खिलाफ रविवार को होने वाले मैच से पूर्व प्रेस कांफ्रेंस में एक सवाल के जवाब में कहा ,‘‘ भारत और आस्ट्रेलिया की क्रिकेट प्रतिद्वंद्विता लगातार बेहतर हो रही है । भारत महिला क्रिकेट के मामले में बरसों तक सोये हुए शेर की तरह था लेकिन डब्ल्यूपीएल के बाद उन्हें अपनी प्रतिभा की गहराई का पता चला ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ भारत ने वनडे प्रारूप में खेलने की एक शैली अपना ली है और उस पर टिके हुए हैं जो देखना काफी प्रभावशाली बात है । घरेलू हालात में भारत की चुनौती काफी कठिन होगी । लेकिन हमें हर टीम के खिलाफ अच्छा खेलकर जीतना होगा और विश्व कप में ऐसा ही होता है । सारी टीमें अच्छी हैं ।'' पाकिस्तान के खिलाफ कोलंबो में सात विकेट जल्दी गंवाने के बाद बेथ मूनी के शतक के दम पर जीतकर यहां आई आस्ट्रेलियाई कप्तान ने कहा कि अब नयी जगह, नये विकेट, नयी आउटफील्ड और शानदार टीम के खिलाफ जल्दी खुद को ढालना अहम होगा । टूर्नामेंट में टीमों के शीर्षक्रम के अक्सर दबाव में आने के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा ,‘‘ कई बार दबाव में ऐसा हो जाता है । कोलंबो में हालात पहले से अलग थे लेकिन अब नये मैदान पर खेलना है और हालात के अनुकूल जल्दी ढलना होगा ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ हम भी कई बार दबाव में आ जाते हैं और यह विश्व कप है । मुझे अपनी टीम की गहराई पर भरोसा है और हर मैच में कोई अलग खिलाड़ी मैच जिता रहा है तो मैं यही कहूंगी कि हम भाग्यशाली हैं ।
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नयी दिल्ली. ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए भारतीय वनडे टीम में रविंद्र जडेजा को शामिल नहीं किये जाने पर कई लोगों को हैरानी हुई लेकिन यह अनुभवी ऑलराउंडर इस फैसले से आश्चर्यचकित नहीं है क्योंकि चयन समिति और टीम प्रबंधन ने उन्हें राष्ट्रीय टीम में चुनने में अपनी असमर्थता के बारे में बता दिया था। जडेजा ने कहा कि वह 2027 विश्व कप खेलने के इच्छुक हैं क्योंकि 2023 के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से मिली करारी हार के बाद 50 ओवर का विश्व कप उनके लिए किसी ‘अधूरे काम' की तरह है। जडेजा ने वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन के खेल के बाद शनिवार को यहां कहा, ‘‘यह मेरे हाथ में नहीं है लेकिन मैं 2027 विश्व कप खेलना चाहता हूं। टीम प्रबंधन, चयनकर्ताओं ने कुछ सोच कर ही मुझे ऑस्ट्रेलिया दौरे की वनडे श्रृंखला के लिए नहीं चुना होगा।'' चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर ने कहा है कि उन्होंने जडेजा को इसलिए नहीं चुना क्योंकि उन्हें तीन मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला के लिए बायें हाथ के दो स्पिनर (अक्षर पटेल टीम में हैं) को चुनने में कोई तर्क नजर नहीं आया। जडेजा ने हालांकि अपने, अगरकर, मुख्य कोच गौतम गंभीर और कप्तान शुभमन गिल के बीच हुई बातचीत का खुलासा नहीं किया लेकिन उन्हें इस बात की खुशी है कि कम से कम उन्हें टीम की योजना के बारे में तो बताया गया। उन्होंने कहा, ‘‘कोई कारण जरूर होगा और उन्होंने मुझसे बात भी की है। ऐसा नहीं है कि टीम की घोषणा के बाद मुझे कोई आश्चर्य हुआ।'' उन्होंने कहा, ‘‘यह अच्छा है कि कप्तान, (मुख्य) चयनकर्ता और कोच ने मुझसे बात की और अपनी सोच और कारणों को मुझसे साझा किया। इसलिए मैं खुश हूं लेकिन जब भी मुझे मौका मिलेगा, मैं अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश करूंगा।'' जडेजा का मानना है कि अभी के बजाय बहुत कुछ 2027 में विश्व कप से पहले खेले जाने वाले वनडे मैचों पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘अगर मुझे विश्व कप में खेलने का मौका मिलता है, तो यह टूर्नामेंट से पहले के मैचों पर निर्भर करेगा और अगर मैं उनमें अच्छा प्रदर्शन करता हूं, तो यह अच्छा होगा। पिछली बार खिताब के करीब पहुंच कर लेकिन चूक गए थे, इसलिए यह एक अधूरा काम है।'' जडेजा को वेस्टइंडीज़ की मौजूदा श्रृंखला के लिए उप-कप्तान नियुक्त किया गया है क्योंकि टीम के नियमित उपकप्तान ऋषभ पंत के पैर में फ्रैक्चर है। जडेजा से जब पूछा गया कि क्या उनके मन में नेतृत्व के विचार आते है तो उनका जवाब ‘नहीं' था।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं कप्तानी के बारे में नहीं सोचता हूं। मुझे लगता है कि वह समय बहुत पहले बीत चुका है।'' जडेजा 36 साल के हो चुके है और वह इस भारतीय टेस्ट एकादश में सबसे उम्रदराज खिलाड़ी है। उन्होंने कहा कि वह युवा पीढ़ी के लिए एक मार्गदर्शक की भूमिका निभाते हुए पूरी तरह से सहज महसूस करते हैं। जडेजा ने कहा, ‘‘मैं टीम के लिए उपलब्ध हूं। जैसे कोई भी युवा मुझसे आकर बात करता है। कुलदीप आते हैं और गेंदबाजी के कुछ पहलुओं के बारे में पूछते हैं इसलिए मैं उन्हें बताता हूं कि मैं क्या महसूस करता हूं और मेरी क्या सोच है।'' उन्होंने कहा, ‘‘बल्लेबाजी के मामले में जायसवाल आते हैं और पूछते हैं और मैं उन्हें पिच और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अपनी सोच साझा करता हूं। कप्तानी के बारे में कभी नहीं सोचा था और मैं जो कर रहा हूं उससे खुश हूं ।'' जडेजा के नाम 86 टेस्ट में 334 विकेट और छह शतक तथा 15 अर्धशतक की मदद से 3990 रन है। उनसे किसी टेस्ट मैच में बल्लेबाजी और गेंदबाजी को प्राथमिकता देने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने चुटिले अंदाज में कहा, ‘‘बल्लेबाजी के लिए आसान पिच पर मैं बल्लेबाज और गेंदबाजी के माकूल पिच पर गेदबाज बन जाता हूं। मुझे तो बस टीम में बने रहना है।'' -
दुबई।, मौजूदा महिला एकदिवसीय विश्व कप के दो मैच में कमजोर प्रदर्शन के बावजूद भारत की स्टार क्रिकेटर स्मृति मंधाना आईसीसी महिला एकदिवसीय बल्लेबाजी रैंकिंग में शीर्ष पर बरकरार हैं लेकिन उनकी बढ़त कम हो गई है। स्मृति के 791 रेटिंग अंक हैं और वह इंग्लैंड की नेट स्किवर ब्रंट से 60 अंक आगे हैं। विश्व कप से ठीक पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन महिला एकदिवसीय मैच की श्रृंखला में लगातार दो शतक जड़ने वाली स्मृति श्रीलंका के खिलाफ सिर्फ आठ जबकि पाकिस्तान के खिलाफ 23 रन ही बना सकीं। ऑस्ट्रेलिया की बेथ मूनी 713 अंक के साथ तीसरे स्थान पर हैं।
दक्षिण अफ्रीका की ताजमिन ब्रिट्स (706) और ऑस्ट्रेलिया की एश्लेग गार्डनर (697) न्यूजीलैंड के खिलाफ शतक जड़ने के बाद आईसीसी रैंकिंग में क्रमश: चौथे और पांचवें स्थान पर हैं। ताजमिन को दो जबकि गार्डनर को सात स्थान का फायदा हुआ है और ये दोनों अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग पर पहुंच गई हैं। न्यूजीलैंड की कप्तान सोफी डिवाइन भी सात स्थान के फायदे से आठवें पायदान पर हैं जबकि शनिवार को कोलंबो में भारत के खिलाफ 81 रन की पारी खेलने वाली पाकिस्तान की दायें हाथ की बल्लेबाज सिदरा अमीन ने भी अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ 10वीं रैंकिंग की बराबरी कर ली है। इंग्लैंड की सोफी एकलेस्टोन गेंदबाजी रैंकिंग में 792 अंक के साथ शीर्ष पर हैं। स्पिनर दीप्ति शर्मा (640) शीर्ष 10 में एकमात्र भारतीय गेंदबाज हैं। वह एक स्थान के नुकसान से छठे पायदान पर हैं। - कोलंबो. भारतीय बल्लेबाज जेमिमा रोड्रिग्स का कहना है कि टीम उन सभी के लिए आईसीसी विश्व कप जीतना चाहती है जिन्होंने देश में महिला खेल की प्रगति में योगदान दिया है और इसके लिए खिलाड़ी ‘बाहरी शोर' से दूर रहने की कोशिश कर रही हैं। सह मेजबान भारत दो बार उपविजेता रहने के बाद अपनी पहली विश्व कप ट्रॉफी की तलाश में है और उसने मौजूदा टूर्नामेंट में अपने दोनों लीग मैच जीते हैं जिसमें रविवार को पाकिस्तान के खिलाफ जीत भी शामिल है। जेमिमा ने ‘जियोस्टार' से कहा, ‘‘हम एक बार में एक दिन के बारे में सोचते हैं और वर्तमान में रहते हैं। यहां तक कि टीम की आपसी बातचीत में भी हम अपना खुद का माहौल बनाने पर ध्यान केंद्रित करते हैं क्योंकि हम जानते हैं कि विश्व कप के आसपास कितना शोर होता है।'' उन्होंने कहा, ‘‘चाहे हम अच्छा प्रदर्शन करें या चुनौतियों का सामना करें, हम इन सब बातों को बाहर रखना चाहते हैं और अपनी ऊर्जा खुद बनाना चाहते हैं। इस टीम में हर कोई एक-दूसरे का ध्यान रखता है और एक-दूसरे की सफलता का जश्न मनाता है। यह स्वाभाविक रूप से होता है और हमारे रिश्ते को मजबूत बनाता है।'' पाकिस्तान के खिलाफ 32 रन बनाने वाली जेमिमा ने कहा, ‘‘हम उन लोगों के लिए जीतना चाहते हैं जिन्होंने रास्ता बनाया, मिताली (राज) दी, झूलन (गोस्वामी) दी, नीतू मैम (नीतू डेविड) और उन सभी लोगों के लिए जिन्होंने महिला क्रिकेट को आज इस मुकाम तक पहुंचाने में मदद की।'' जेमिमा ने कहा कि गुवाहाटी और कोलंबो दोनों पिचें बल्लेबाजों के लिए थोड़ी चुनौतीपूर्ण रही हैं, विशेषकर श्रीलंका की राजधानी में रविवार के मैच के लिए इस्तेमाल की गई पिच। उन्होंने कहा, ‘‘पिच कवर्स से ढकी थी और गेंद शुरुआत से ही थोड़ी रुककर आ रही थी। स्पिनरों ने काफी अच्छी गेंदबाजी की। हमें पता था कि हमें तालमेल बैठाना होगा, मैच को अंत तक ले जाना होगा और साझेदारियां बनानी होंगी।'' जेमिमा ने कहा, ‘‘सभी ने योगदान दिया और अंत में ऋचा की आतिशी पारी ने हमें विजयी स्कोर तक पहुंचने में मदद की।'' ऋचा घोष के 20 गेंद पर नाबाद 35 रन बनाए जिससे भारत ने 247 रन का स्कोर खड़ा किया।पूर्व भारतीय कप्तान मिताली राज ने युवा तेज गेंदबाज क्रांति गौड़ की सराहना की। बाइस वर्षीय तेज गेंदबाज क्रांति ने 20 रन देकर तीन विकेट चटकाकर पाकिस्तान को 88 रन से हराने में अहम भूमिका निभाई। मिताली ने कहा, ‘‘क्रांति गौड़ का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनुभव अभी सीमित है क्योंकि उन्होंने इसी साल पदार्पण किया है लेकिन सबसे प्रभावशाली बात यह है कि वह कितनी जल्दी सीखती हैं और खुद को परिस्थितियों के अनुसार ढाल लेती है।'' उन्होंने कहा, ‘‘वह कड़ी मेहनत कर रही है और अलग-अलग परिस्थितियों में अच्छी तरह से ढल रही है। चाहे वह इंग्लैंड हो या श्रीलंका हो, या गुवाहाटी हो। वह अपनी ताकत जानती है और तुरंत सही लाइन और लेंथ हासिल कर लेती है।''
- कोलंबो. पांच महीने से भी कम समय पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने वाली क्रांति गौड़ तेजी से भारत के तेज गेंदबाजी आक्रमण की अगुआ बन गई हैं और यह युवा तेज गेंदबाज अब और अधिक तेज गति से गेंदबाजी करना चाहती है। रविवार को पाकिस्तान के खिलाफ महिला विश्व कप के बेहद अहम मुकाबले में इस तेज गेंदबाज ने 10 ओवर में 20 रन देकर तीन विकेट चटकाए। उन्होंने तीन मेडन ओवर भी फेंके जिससे 247 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए पाकिस्तान की टीम 88 रन से हार गई। क्रांति को उनके शनदार प्रदर्शन के लिए उसी मैदान पर पहली बार मैच की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया जहां इस साल मई में उन्होंने राष्ट्रीय टीम की ओर से पदार्पण किया था। क्रांति ने मैच के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरा भारत के लिए पदार्पण भी श्रीलंका में हुआ था और आज मैं यहां मैच की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बनी हूं। यह मेरे और मेरे परिवार के लिए गर्व का क्षण है। मैं बहुत खुश हूं।'' भारत के गेंदबाजी कोच आविष्कार साल्वी के साथ बातचीत के बारे में पूछे जाने पर, क्रांति ने कहा, ‘‘अभी गेंदबाजी कोच ने मुझे मेरी गति के बारे में कुछ नहीं कहा है।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमारा ध्यान एक समान लाइन और लेंथ बनाए रखने पर है। काफी कुछ करने की कोशिश नहीं कर रही हूं। मैं इस समय अपनी गति से सहज हूं लेकिन मैं और तेज गति से गेंदबाजी करना चाहती हूं।'' सलामी बल्लेबाज सदफ शमस को अपनी ही गेंद पर लपकने के बाद क्रांति ने आलिया रियाज को भी पवेलियन भेजा जिससे पाकिस्तान का स्कोर 26 रन पर तीन विकेट हो गया। क्रांति ने कहा, ‘‘गेंद बहुत स्विंग कर रही थी। मुझे अंदर से लग रहा था कि इस ओवर में एक विकेट जरूर मिलेगा। हैरी दी (कप्तान हरमनप्रीत कौर) ने गति कम होने के कारण दूसरी स्लिप हटाने को कहा लेकिन मैंने कहा कि ‘कृपया दूसरी स्लिप रख लीजिए'।'' आलिया ने इसके बाद दूसरी स्लिप में ही कैच थमाया।क्रांति ने कहा, ‘‘कैच दूसरी स्लिप में गया इसलिए मुझे खुद पर बहुत भरोसा था।''क्रांति की अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में स्वप्निल शुरुआत रही है। मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड के एक कस्बे घुवारा की रहने वाली क्रांति ने अपने दृढ़ संकल्प के साथ खेल जगत में प्रगति की है। पिछले साल वह महिला प्रीमियर लीग में मुंबई इंडियन्स की नेट गेंदबाज थीं। इसके बाद यूपी वॉरियर्स ने नीलामी में उन्हें 10 लाख रुपये के आधार मूल्य पर खरीद लिया।जब रेणुका ठाकुर और पूजा वस्त्राकर की चोट ने उनके लिए राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने के दरवाजे खोल दिए तो क्रांति ने इस मौके का पूरा फायदा उठाया। क्रांति ने इंग्लैंड के खिलाफ उसकी सरजमीं पर शानदार प्रदर्शन किया जिसमें निर्णायक तीसरे एकदिवसीय मैच में छह विकेट लेना भी शामिल है। वह तब से लगातार बेहतर होती जा रही हैं और टीम में अपनी जगह पक्की कर चुकी हैं।
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चेन्नई. विश्व चैंपियनशिप की रजत पदक विजेता मुक्केबाज मंजू रानी (रेलवे) ने रविवार को यहां बीएफआई कप के फाइनल में प्रवेश कर लिया जबकि एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता अमित पंघाल (सेना) ने पुरुषों के सेमीफाइनल में जगह बना ली। मंजू ने हरियाणा की माही सिवाच को 5-0 से हराया, जबकि पंघाल ने अपनी टीम के उस्मान अंसारी के खिलाफ 4-1 की शानदार जीत दर्ज की। पंघाल के साथ सेमीफाइनल में सेना के एस. विश्वनाथ और विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता मोहम्मद हुसामुद्दीन ने भी जगह बनाई। विश्वनाथ ने तमिलनाडु के सी. लुकास और हुसामुद्दीन ने सेना के एम. हेन्थोई सिंह को 5-0 से करारी शिकस्त दी। विश्व युवा चैम्पियन अंकुशिता बोरो (असम) ने भी हिमाचल प्रदेश की श्रेतीमा ठाकुर को 5-0 से हराकर फाइनल में अपनी जगह पक्की की। पूर्व युवा विश्व चैम्पियन अरुंधति चौधरी (सेना) ने दीपिका (साई) के खिलाफ 5-0 की एकतरफा जीत दर्ज कर दमदार प्रदर्शन किया। हरियाणा की प्रिया ने दिल्ली की ज्योति को 5-0 से मात दी, जबकि विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता परवीन हुड्डा (साई) ने मध्य प्रदेश की माही लामा को 5-0 के फैसले से हराकर फाइनल में अपनी जगह पक्की की।
- अल ऐन (यूएई). भारत की युवा शटलर श्रेयांशी वालीशेट्टी ने रविवार को यहां तीन गेम तक चले रोमांचक फाइनल में हमवतन तस्नीम मीर को हराकर 120,000 डॉलर इनामी राशि के अल ऐन मास्टर्स में महिला एकल वर्ग का अपना पहला बीडब्ल्यूएफ सुपर 100 खिताब जीता। पुलेला गोपीचंद अकादमी में ट्रेनिंग लेने वाली तेलंगाना की 18 वर्षीय खिलाड़ी श्रेयांशी ने एक गेम से पिछड़ने के बाद शानदार संयम दिखाया और 49 मिनट तक चले फाइनल मुकाबले में 15-21, 22-20, 21-7 से जीत हासिल की।हरिहरन अम्साकरुनन और एम आर अर्जुन की जोड़ी ने 35 मिनट तक चले पुरुष युगल फाइनल में इंडोनेशिया के रेमंड इंद्र और निकोलस जोआक्विन को 21-17, 21-18 से हराकर खिताब अपने नाम किया। श्रेयांशी ने यूएई बैडमिंटन महासंघ से कहा, ‘‘आज का दिन मुश्किल था। मैंने धीमी शुरुआत की। मैं बस अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहती थी क्योंकि मैं इस साल फाइनल में कई मैच हार गई। मैं नर्वस नहीं थी, लेकिन मैच से पहले बहुत ज्यादा उत्साहित होने से गलतियां कर बैठती हूं। लेकिन मैंने आज मैच में शांत रहने की कोशिश की। '' उन्होंने कहा, ‘‘2013 से मैं गोपीचंद अकादमी में ट्रेनिंग ले रही हूं। हम पीवी सिंधु सहित सीनियर खिलाड़ियों को अकादमी में ट्रेनिंग लेते हुए देखते हैं। मुझे सीनियर अंतरराष्ट्रीय मैच खेलते हुए एक साल हो गया है। अब मेरा लक्ष्य अपनी रैंकिंग में सुधार करना है। '' शुरुआती गेम में श्रेयांशी ने चार अंक की बढ़त गंवा दी जबकि तस्नीम ने 14-9 की बढ़त हासिल करने के बाद पहला गेम अपने नाम कर लिया। दूसरा गेम कांटे की टक्कर में बदल गया। श्रेयांशी ने 1-4 से वापसी करते हुए 17-14 की बढ़त बना ली।तस्नीम ने मुकाबले में बने रहने के लिए कड़ी मेहनत की, लेकिन श्रेयांशी ने अपना धैर्य बनाए रखा और मुकाबले को निर्णायक गेम तक ले गईं। इसी लय को जारी रखते हुए श्रेयांशी ने तीसरे गेम में बढ़त बना ली। तस्नीम ने कुछ देर के लिए 6-5 की बढ़त बना ली थी लेकिन इसके बाद वह पिछड़ गईं और श्रेयांशी ने 15 अंक की बढ़त बनाकर शानदार अंदाज में खिताब अपने नाम कर लिया।










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