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- नयी दिल्ली। सरकार ने गुरुवार को गेहूं आटे के दाम में तेजी पर लगाम लगाने के लिये इसके निर्यात पर अंकुश लगाने का निर्णय किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में यह निर्णय किया गया। आधिकारिक बयान के अनुसार, मंत्रिमंडल के इस निर्णय से अब गेहूं के आटे के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की अनुमति होगी। इससे आटे की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगेगा और समाज के सबसे कमजोर तबके के लिये खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होगी। विदेश व्यापार महानिदेशालय इस बारे में अधिसूचना जारी करेगा।रूस और यूक्रेन गेहूं के प्रमुख निर्यातक हैं। दोनों देशों की वैश्विक गेहूं व्यापार में लगभग एक-चौथाई हिस्सेदारी हैं। दोनों देशों के बीच युद्ध से गेहूं की आपूर्ति व्यवस्था प्रभावित हुई है। इससे भारतीय गेहूं की मांग बढ़ गई है। इसके कारण घरेलू बाजार में गेहूं के दाम में तेजी देखने को मिली है।सरकार ने देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये मई में गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी थी। हालांकि, इससे गेहूं के आटे की विदेशी मांग में उछाल आया। भारत से गेहूं आटे का निर्यात इस साल अप्रैल-जुलाई में सालाना आधार पर 200 प्रतिशत बढ़ा है।
- नयी दिल्ली। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने गुरुवार को कहा कि भारत के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है, जिससे देश ऋण संबंधी दबाव बर्दाश्त करने में सक्षम है। एसएंडपी सॉवरेन एंड इंटरनेशनल पब्लिक फाइनेंस रेटिंग्स के निदेशक एंड्रयू वुड ने वेबगोष्ठी - इंडिया क्रेडिट स्पॉटलाइट-2022 में कहा कि देश का बाह्य बही-खाता मजबूत है और विदेशी कर्ज सीमित है। इसलिए कर्ज चुकाना बहुत अधिक महंगा नहीं है। वुड ने कहा, ‘‘हम आज जिन चक्रीय कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, देश ने उनके खिलाफ बफर का निर्माण किया है।'' उन्होंने कहा कि रेटिंग एजेंसी को नहीं लगता है कि निकट अवधि के दबावों का भारत की साख पर गंभीर असर पड़ेगा। उन्होंने कहा, ‘‘हम चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 7.3 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं।'' उन्होंने साथ ही जोड़ा कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर की गति मध्यम रही है। इस साल अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपये में लगभग सात प्रतिशत की गिरावट आई है, हालांकि रुपये का प्रदर्शन अन्य उभरते बाजारों की तुलना में बेहतर रहा है।
- नयी दिल्ली। हीरो इलेक्ट्रिक ने गुरुवार को बिजलीचालित दोपहिया वाहनों को चार्ज करने के लिए जियो-बीपी के साथ करार किया। इलेक्ट्रिक दोपहिया कंपनी ने बयान में कहा कि इस साझेदारी के तहत हीरो इलेक्ट्रिक के ग्राहकों को जियो-बीपी के व्यापक चार्जिंग और बैटरी अदला-बदली नेटवर्क तक पहुंच मिलेगी। यह सुविधा अन्य वाहनों के लिए भी खुली रहेगी। इसमें कहा गया है कि कंपनियां विद्युतीकरण में अपनी वैश्विक ‘सीख' का भारतीय बाजार में इस्तेमाल करेंगी। यह जियो-बीपी पल्स ब्रांड के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग और बैटरी अदला-बदली स्टेशनों का संचालन कर रही है। जियो-बीपी पल्स ऐप से ग्राहक आसानी से आसपास के स्टेशनों को खोज सकते हैं और अपने इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज कर सकते हैं।
- नयी दिल्ली। वैश्विक बाजारों में बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में मजबूती के बीच दिल्ली सर्राफा बाजार में गुरुवार को सोने का भाव 402 रुपये चमक कर 52,297 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। इससे पिछले कारोबारी सत्र में सोना 51,895 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।इसके साथ ही चांदी भी 711 रुपये उछलकर 56,191 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई।अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव मजबूती के साथ 1,763 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था। चांदी 19.35 डॉलर प्रति औंस पर स्थिर रही। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा, ‘‘अमेरिका के कमजोर आर्थिक आंकड़ों और डॉलर में गिरावट से सोने की कीमतों में तेजी रही।''
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नयी दिल्ली. वाहन कंपनी हुंदै मोटर इंडिया ने एन लाइन श्रृंखला के तहत अपने दूसरे संस्करण वेन्यू एन लाइन के लिए बुकिंग शुरू कर दी है। कंपनी ने बृहस्पतिवार को इसकी जानकारी देते हुए कहा कि वह स्पोर्टी वाहन पसंद करने वाले ग्राहकों की मांग पर ध्यान दे रही है। कॉम्पैक्ट एसयूवी को स्पोर्टी स्टाइल देने के लिए इसकी बाहरी और आंतरिक साजसज्जा में बदलाव किए गए हैं। पिछले साल सितंबर में हुंदै ने देश में आई20 एन लाइन पेश की थी।
हुंदै मोटर इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) उन्सू किम ने बयान में कहा कि हुंदै आई20 एन लाइन को 2021 में बाजार में आने के बाद से ही मजबूत प्रतिक्रिया मिली है। अब, हुंदै वेन्यू एन लाइन की शुरुआत के साथ, हम भारतीय ग्राहकों के लिए एसयूवी चलाने के अनुभव को और बेहतर बनाएंगे। -
मुंबई. सूचीबद्ध गैर-वित्तीय निजी कंपनियों की बिक्री जून, 2022 में समाप्त तिमाही में 41 प्रतिशत बढ़कर 14.11 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई है। रिजर्व बैंक के बृहस्पतिवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। जनवरी-मार्च, 2021-22 की तिमाही में बिक्री 22.3 प्रतिशत और अप्रैल-जून, 2021-22 की तिमाही में 60.6 प्रतिशत बढ़ी थी। रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के लिए निजी क्षेत्र की कंपनियों के प्रदर्शन के आंकड़े 2,749 सूचीबद्ध गैर-सरकारी गैर वित्तीय कंपनियों के तिमाही नतीजों के आधार पर जारी किए हैं। आंकड़ों के अनुसार, पहली तिमाही में व्यापक मांग से विनिर्माण क्षेत्र की कंपनियों की बिक्री सालाना आधार पर 41.6 प्रतिशत बढ़ी। वहीं सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनियों में 21.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। सालाना आधार पर विनिर्माण, आईटी और गैर-आईटी सेवा कंपनियों के कर्मचारियों की लागत में क्रमश: 10.3 प्रतिशत, 23.5 प्रतिशत और 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। -
नयी दिल्ली. दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश के ज्यादातर हिस्सों में अगले दो-तीन साल में द्रुत गति वाली 5जी सेवाएं उपलब्ध होंगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि 5जी सेवा किफायती रहेगी। वैष्णव ने दूरसंचार बुनियादी ढांचे को तेजी से फैलाने की सुविधा के लिए 5जी ‘राइट ऑफ वे एप्लिकेशन पोर्टल' पेश करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि भारत सबसे सस्ती मोबाइल सेवाएं उपलब्ध कराने वाले देशों में से एक हैं और उम्मीद है कि यह प्रवृत्ति 5जी सेवाओं के लिए भी जारी रहेगी। उन्होंने कहा, ‘‘हमें उद्योग में करीब 2.5 से तीन लाख करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है। तीन लाख करोड़ रुपये एक बड़ा निवेश है। इससे रोजगार के अच्छे अवसर भी पैदा हो रहे हैं। हमारा अनुमान है कि अगले दो से तीन वर्षों में 5जी सेवाएं देश के लगभग सभी हिस्सों में पहुंच जाएंगी।'' उन्होंने कहा कि दूरसंचार कंपनियां बुनियादी ढांचा तैयार करने में व्यस्त हैं तथा अक्टूबर तक 5जी सेवाएं शुरू कर दी जानी चाहिए और फिर इसे बहुत तेज गति से बढ़ाया जाना चाहिए। इस बीच, सरकार ने छोटे मोबाइल रेडियो एंटीना लगाने या ऊपर से दूरसंचार तार ले जाने को लेकर बिजली के खंभे, फुट ओवरब्रिज आदि का उपयोग करने के लिये शुल्क के साथ नियमों को भी अधिसूचित किया है। इसका उद्देश्य विशेष रूप से 5जी सेवाओं के क्रियान्वयन को आसान बनाना है।
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मुंबई. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में बृहस्पतिवार को रुपया सीमित दायरे में कारोबार के बीच छह पैसे टूटकर 79.92 प्रति डॉलर पर आ गया। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 79.80 पर खुला। दिन में कारोबार के दौरान यह 79.80 से 79.93 प्रति डॉलर के बीच रहा। अंत में यह छह पैसे की गिरावट के साथ 79.92 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। पिछले कारोबारी सत्र में रुपया 79.86 प्रति डॉलर रहा था। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा,‘‘भारतीय रुपया सीमित दायरे में रहा और अन्य एशियाई मुद्राओं की तुलना में इसका प्रदर्शन कमजोर रहा। अर्थव्यवस्था को समर्थन के लिए चीन द्वारा प्रोत्साहन दिए जाने से क्षेत्रीय मुद्राओं को समर्थन मिला, जबकि कच्चे तेल के दाम में तेजी से स्थानीय मुद्रा दबाव में रही।'' इस बीच, छह मुद्राओं की तुलना में अमेरिकी मुद्रा की मजबूती का आकलन करने वाला डॉलर सूचकांक 0.50 प्रतिशत के नुकसान से 108.13 पर आ गया। ब्रेंट कच्चा तेल वायदा 0.39 प्रतिशत बढ़कर 101.61 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
घरेलू मोर्चे पर बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 310.71 अंक या 0.53 प्रतिशत के नुकसान से 58,774.72 अंक पर आ गया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 82.50 अंक या 0.47 प्रतिशत टूटकर 17,522.45 अंक पर बंद हुआ। शेयर बाजारों के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बृहस्पतिवार को 369.06 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। - नयी दिल्ली। विमानन कंपनी विस्तारा एक अक्टूबर से मुंबई और अबू धाबी के बीच दैनिक उड़ानों का संचालन शुरू करेगी। कंपनी ने बुधवार को यह जानकारी दी। विस्तारा दरअसल टाटा समूह और सिंगापुर एयरलाइंस के बीच का एक संयुक्त उद्यम है। कंपनी मुंबई-अबू धाबी मार्ग पर ए320 नियो विमान के जरिए दैनिक उड़ान सेवाओं का संचालन करेगी। अबू धाबी विमानन कंपनी का 12वां विदेशी गंतव्य होगा। विस्तारा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विनोद कन्नन ने कहा, ‘‘हमें विश्वास है कि मुंबई और अबू धाबी के बीच अधिक से अधिक संपर्क दोनों देशों के बीच बढ़ते व्यापार एवं पर्यटन को बढ़ावा देगा।''
- नयी दिल्ली। भारत अगले पांच साल में अपनी पवन ऊर्जा क्षमता में 23.7 गीगावॉट की बढ़ोतरी कर सकता है। ग्लोबल विंड एनर्जी काउंसिल (जीडब्ल्यूईसी) और एमईसी इंटेलिजेंस (एमईसी) ने बुधवार एक रिपोर्ट में यह अनुमान जताया। एक बयान के अनुसार ‘ऊर्जा बदलाव को बढ़ावा देने के लिए पवन विकास को नया रूप देना: भारतीय पवन ऊर्जा बाजार परिदृश्य-2026' शीर्षक वाली इस रिपोर्ट के तीसरे वार्षिक संस्करण में पवन ऊर्जा के विकास पर रोशनी डाली गई है। ऊर्जा परिदृश्य के मुताबिक, देश में अगले पांच साल के दौरान पवन ऊर्जा की 23.7 गीगावॉट क्षमता बढ़ सकती है। हालांकि, इसके लिए अनुकूल नीतियां, सुविधाजनक साधन और सही संस्थागत हस्तक्षेप आवश्यक हैं। जीडब्ल्यूईसी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) बेन बैकवेल ने कहा कि महामारी के कारण ऊर्जा बदलाव में पहले ही देरी हो चुकी है और भारत को इन अवसरों का तेजी से लाभ उठाना चाहिए। जीडब्ल्यूईसी इंडिया के चेयरमैन सुमंत सिन्हा ने कहा कि स्वच्छ ऊर्जा को अपनाने की पहल सफल होनी जरूरी है, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियां आसानी से सांस ले सकें और एक साफ-सुथरे ग्रह में रह सकें।
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नयी दिल्ली. देश की प्रमुख कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) ने एयरबैग में एक खराब कलपुर्जे (कंट्रोल यूनिट) को बदलने के लिए 166 डिजायर टूर एस गाड़ियों को बाजार से वापस मंगाया है। कंपनी ने बुधवार को कहा कि एयरबैग में गड़बड़ी को ठीक करने के लिए इस इकाइयों को वापस लिया जा रहा है। मारुति ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा कि इन कॉम्पैक्ट सेडान गाड़ियों का विनिर्माण इस साल छह अगस्त से 16 अगस्त के बीच हुआ है। कंपनी प्रभावित वाहनों की एयरबैग कंट्रोल यूनिट को मुफ्त में बदलेगी।
कंपनी ने ग्राहकों को सलाह दी है कि वे एयरबैग कंट्रोल यूनिट को बदले जाने तक इन वाहनों को नहीं चलाएं। ग्राहकों को जल्द इस बारे में कंपनी से सूचित किया जाएगा और वे अधिकृत वर्कशॉप पर जाकर एयरबैग कंट्रोल यूनिट को बदलवा सकते हैं। - नयी दिल्ली। वैश्विक बाजार में सोने की कीमतों में मजबूती के बीच दिल्ली सर्राफा बाजार में मंगलवार को बहुमूल्य धातु के भाव 274 रुपये चढ़कर 51,909 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गए। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। इससे पिछले कारोबारी सत्र में सोना 51,635 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।चांदी भी 448 रुपये उछलकर 55,682 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई।अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव मजबूती के साथ 1,749 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था। चांदी 19.11 डॉलर प्रति औंस पर स्थिर रही। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा, ‘‘डॉलर में नरमी और बांड प्रतिफल में कमी से सोने की कीमतों में तेजी रही।'
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नयी दिल्ली । भारत बायोटेक ने बुधवार को कहा कि उसने अपनी रोटावायरस ओरल वैक्सीन (टीका) रोटावैक को नाइजीरिया में पेश किया है। यह वैक्सीन बच्चों को जानलेवा डायरिया बीमारी से बचाती है।इस समय रोटावायरस से दुनिया में होने वाली मौतों में नाइजीरिया की 14 प्रतिशत हिस्सेदारी है। नाइजीरिया में हर साल पांच साल से कम उम्र के करीब 50,000 बच्चों की मौत रोटावायरस संक्रमण के कारण होती है।
भारत बायोटेक के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक कृष्णा एला ने एक बयान में कहा, ‘‘हम विकासशील देशों में बच्चों के बीच संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए प्रतिबद्ध हैं, और अफ्रीकी महाद्वीप में नाइजीरिया जैसे देशों में बच्चों तथा कमजोर आबादी के लिए किफायती दवाओं की पेशकश कर रहे हैं।’’यह वैक्सीन अब एशिया, अफ्रीका, लातिनी अमेरिका और पश्चिम एशिया के कई देशों में उपलब्ध है। -
नई दिल्ली। देश में 5जी मोबाइल सेवा शुरू होने वाली है। मोबाइल सेक्टर में रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया इस सर्विस को लॉन्च करेगी। इस बीच एयरटेल ने कहा है कि शुरुआती चरण में कंपनी 5जी सर्विस केवल ज्यादा कीमत वाले टैरिफ प्लान में देगी। भारती एंटरप्राइजेज के वाइस चेयरमैन के हवाले से एक मीडिया रिपोर्ट में यह बात कही गई है। कंपनी को इससे राजस्व में भारी बढ़ोतरी की उम्मीद है।
एयरटेल को भरोसा है कि 5जी सेवा के शुरू होने से देश में सुपरफास्ट इंटरनेट नेटवर्क की पहुंच में तेजी आएगी। कंपनी का यह भी मानना है कि इंटरनेट की स्पीड बढऩे से लोग प्रभावित होंगे और वे 5जी की ओर बढ़ेंगे। ऊंची कीमतों वाले टैरिफ प्लान से कंपनी की कमाई में इजाफा होगा। कंपनी के वाइस चेयरमैन अखिल गुप्ता ने एक इंटरव्यू में कहा था कि जिसके पास 5जी हैंडसेट होगा, वह 5जी प्लान लेगा। यह अधिक इंटरनेट का उपयोग करेगा और स्वचालित रूप से उच्च टैरिफ योजना पर स्विच करेगा। इससे कंपनी की कमाई में इजाफा होगा।
अखिल गुप्ता ने कहा, जब आपूर्ति जारी रहेगी तो मांग भी बनी रहेगी. यदि इंटरनेट को अधिक क्षमता और गति प्रदान की जाए, तो जाहिर है कि इसका उपयोग भी बढ़ेगा। यह मानव स्वभाव है कि यदि तेज इंटरनेट उपलब्ध होगा तो अधिक से अधिक डेटा का उपयोग किया जाएगा। इससे महंगा टैरिफ प्लान बढ़ेगा और कंपनी की कमाई बढ़ेगी। एयरटेल समेत अन्य मोबाइल कंपनियों ने हाल ही में सरकार के पास स्पेक्ट्रम का पैसा जमा किया है। इससे अगस्त के अंत या सितंबर की शुरुआत में 5जी सेवा शुरू होने की उम्मीदें बढ़ गई हैं। - नयी दिल्ली। आयकर विभाग ने काला धन कानून के तहत कथित रूप से 420 करोड़ रुपये की कर चोरी को लेकर रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी के खिलाफ मामला चलाने के लिये नोटिस जारी किया है। यह कर स्विट्जरलैंड के दो बैंक खातों में रखे गए 814 करोड़ रुपये से अधिक के बेहिसाबी धन से जुड़ा है। विभाग ने 63 वर्षीय अंबानी पर जानबूझकर कर नहीं चुकाने का आरोप लगाया है। उसने कहा कि उद्योगपति ने जानबूझकर विदेश में बैंक खातों और वित्तीय हितों का ब्योरा कर अधिकारियों को नहीं दिया। अंबानी को इस संदर्भ में कारण बताओ नोटिस इस महीने की शुरुआत में जारी किया गया। विभाग ने कहा कि उनके खिलाफ काला धन (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) कर अधिरोपण अधिनियम 2015 की धारा 50 और 51 के तहत मुकदमा चलाने के मामला बनता है। इसमें जुर्माने के साथ अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान है। विभाग ने आरोपों पर 31 अगस्त तक जवाब मांगा है।उद्योगपति पर वित्त वर्ष 2012-13 से 2019-20 के दौरान विदेश में अघोषित संपत्ति रख कर चोरी का आरोप है। नोटिस के अनुसार, कर अधिकारियों ने पाया कि अंबानी बहामास स्थित इकाई डॉयमंड ट्रस्ट और एक अन्य कंपनी नार्दर्न एटलांटिक ट्रेडिंग अनलिमिटेड (एनएटीयू) में आर्थिक योगदानकर्ता के साथ-साथ लाभार्थी मालिक भी हैं। एनएटीयू का गठन ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड (बीवीआई) में किया गया था। बहामास ट्रस्ट के मामले में विभाग ने पाया कि यह ड्रीमवर्क होल्डिंग्स इंक नाम की कंपनी थी। स्विस बैंक में खाता कंपनी का है। खाते में 31 दिसंबर, 2007 को सबसे अधिक 32,095,600 डॉलर (3.2 करोड़ डॉलर) की राशि थी। नोटिस में कहा गया है कि ट्रस्ट को शुरू में 2.5 करोड़ डॉलर का वित्तपोषण प्राप्त हुआ था। विभाग ने कहा है कि इस कोष का स्रोत अंबानी का ‘व्यक्तिगत खाता' था। यह पाया गया है कि अंबानी ने 2006 में इस ट्रस्ट को खोलने के लिये केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) दस्तावेज के रूप में अपना पासपोर्ट दिया था। इस ट्रस्ट के लाभार्थियों में उनके परिवार के सदस्य भी शामिल हैं। ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड कंपनी का गठन जुलाई, 2010 में हुआ। इसका खाता बैंक ऑफ साइप्रस (ज्यूरिख) में है। विभाग ने दावा किया कि अंबानी इस कंपनी और उसके कोष के लाभार्थी मालिक हैं। विभाग के अनुसार, कंपनी पर आरोप है कि उसने कथित रूप से 2012 में बहामास में पंजीकृत पीयूएसए नाम की इकाई से 10 करोड़ डॉलर प्राप्त किये। ऐसा कहा जाता है कि इसके भी लाभार्थी मालिक अंबानी हैं। आयकर विभाग ने कहा, ‘‘जो सबूत उपलब्ध हैं, उससे साफ है कि आप (अंबानी) विदेशी ट्रस्ट डॉयमंड ट्रस्ट में आर्थिक योगदानकर्ता के साथ लाभार्थी मालिक भी हैं। कंपनी ड्रीमवर्क्स होल्डिंग इंक का बैंक खाता, एनएटीयू और पीयूएसए के लाभकारी मालिक हैं। अत: उपरोक्त संस्थाओं के पास उपलब्ध धन/संपत्ति आप ही की है।'' विभाग ने आरोप लगाया है कि अंबानी इन विदेशी संपत्तियों के बारे में आयकर रिटर्न में जानकारी नहीं दी। उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा 2014 में पहली बार सत्ता में आने के तुरंत बाद लाये गये काला धन अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन किया। कर अधिकारियों ने कहा कि इस तरह की चूक जानबूझकर की गयी है। कर अधिकारियों ने दोनों खातों में अघोषित कोष 8,14,27,95,784 रुपये (814 करोड़ रुपये) होने का आकलन किया है। इस पर कर देनदारी 420 करोड़ रुपये बनती है।
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नयी दिल्ली। आपूर्ति संबंधी चिंताओं के कारण गेहूं के बाद, अब चावल की कीमतें बढ़ रही हैं। इसकी अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमत पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 6.31 प्रतिशत की तेजी के साथ 37.7 रुपये प्रति किलो हो गई है। एक सरकारी आंकड़े से यह जानकारी मिली है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, गेहूं की अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य 22 अगस्त को करीब 22 प्रतिशत बढ़कर 31.04 रुपये प्रति किलो हो गया जो पिछले साल की समान अवधि में 25.41 रुपये प्रति किलो थी। आंकड़ों से पता चलता है कि गेहूं आटा का औसत खुदरा मूल्य 17 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 35.17 रुपये प्रति किलो हो गया है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 30.04 रुपये प्रति किलो था। चावल की खुदरा कीमत में बढ़ोतरी का रुख, चालू खरीफ (गर्मी) सत्र में पिछले सप्ताह तक धान बुवाई 8.25 प्रतिशत कम रहने के मद्देनजर देश के उत्पादन में संभावित गिरावट की खबर के कारण है।
विशेषज्ञों ने कहा कि धान बुवाई के रकबे में मौजूदा कमी पर गौर करते हुए देश का कुल चावल उत्पादन खरीफ सत्र 2022-23 (जुलाई-जून) के लिए 11.2 करोड़ टन के निर्धारित लक्ष्य से कम रहने की संभावना है। उन्होंने कहा, ‘‘फिर भी, चावल की खुदरा कीमतों में वृद्धि गेहूं जितना नहीं है क्योंकि केंद्र के पास 396 लाख टन का एक विशाल भंडार पड़ा है और कीमतों में तेज वृद्धि के समय स्थितियों में हस्तक्षेप के लिए इस भंडार का उपयोग कर सकता है।'' गेहूं के मामले में, फसल वर्ष 2021-22 में घरेलू उत्पादन में लगभग तीन प्रतिशत की कमी होने के कारण थोक और खुदरा बाजार दोनों में इसकी कीमतें दबाव में आ गई हैं। लू चलने के कारण गेहूं के उत्पादन में गिरावट आई है, जिसके परिणामस्वरूप पंजाब और हरियाणा जैसे उत्तरी राज्यों में अनाज सिकुड़ गये थे। इस बीच, उद्योग निकाय, रोलर आटा मिलर्स फेडरेशन ने पिछले कुछ दिनों के दौरान गेहूं की अनुपलब्धता और कीमत में भारी वृद्धि के बारे में चिंता जताई है। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, धान को इस खरीफ सत्र के 18 अगस्त तक 343.70 लाख हेक्टेयर रकबे में बोया गया है, जबकि पिछले साल की इसी अवधि में 374.63 लाख हेक्टेयर में धान की बुवाई की गई थी। मानसूनी वर्षा में कमी के कारण झारखंड, पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और कुछ अन्य राज्यों में खेती का रकबा कम होने की सूचना दी गई है। धान मुख्य खरीफ फसल है, जिसकी बुवाई जून में दक्षिण -पश्चिम मानसून की शुरुआत के साथ शुरू होती है। देश के कुल चावल का उत्पादन का 80 प्रतिशत खरीफ मौसम से प्राप्त होता है।
- नयी दिल्ली। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को उद्योग से सार्वजनिक खरीद पोर्टल जीईएम पर पंजीकृत उत्पादों के स्वदेशीकरण के संदर्भ में गलत घोषणा के मामलों में उद्योग जगत से गड़बड़ी को सामने लाने वाले (व्हिसलब्लोअर) की भूमिका निभाने का आग्रह किया। उन्होंने सार्वजनिक खरीद में ‘मेक इन इंडिया' को तरजीह देने के विषय पर मंत्रालय के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि इससे खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने में मदद मिलेगी और फलस्वरूप घरेलू स्तर पर विनिर्मित वस्तुओं और सेवाओं को प्रोत्साहन मिलेगा। गोयल ने उद्योग को घरेलू गुणवत्ता मानकों को स्वीकार करने को कहा।उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) विनिर्माण के विभिन्न क्षेत्रों में भारतीय मानकों का उपयोग सुनिश्चित करने के लिये उद्योग के साथ मिलकर काम करेगा।'' मंत्री ने कहा कि सरकार जीईएम खरीद प्रक्रिया में कृत्रिम मेधा का उपयोग करने के लिये उत्सुक है तथा इसे और अधिक प्रभावी बनाने के लिये उद्योग से सहयोग की मांग की।
- नयी दिल्ली। दूरसंचार विभाग ने नियमों में संशोधन करते हुए अंतराष्ट्रीय सीमा क्षेत्रों में दूरसंचार संपर्क से ‘अंकुश' हटा दिया है। इससे इन स्थानों पर अब बेहतर नेटवर्क उपलब्ध हो सकेगा। दूरसंचार कंपनियों को अभी तक सीमा के पास के स्थानों पर सेवाएं उपलब्ध कराने की अनुमति नहीं थीं। कंपनियों को सीमा से थोड़ा आगे ‘सिग्नल' को हल्का करना पड़ता था। लाइसेंस के पूर्व के सुरक्षा प्रावधान के अनुसार, मोबाइल दूरसंचार सेवाएं देने के लिए बेस स्टेशन, सेल स्टेशन और रेडियो ट्रांसमीटर को अंतराष्ट्रीय सीमा के पास ‘व्यवहार्य' दूरी पर लगाने की जरूरत होती थी। इस उद्देश्य के लिए दूरसंचार कंपनियों को उचित तकनीकी ढांचा लगाने की जरूरत होती थी। विभाग की तरफ मंगलवार को जारी सर्कुलर के अनुसार, इस शर्त को अब हटा दिया गया है। सूत्रों ने कहा कि इस कदम से सीमा क्षेत्रों में दूरसंचार कवरेज में सुधार होगा और लोगों को सेवाओं से वंचित नहीं रहना होगा।
- नयी दिल्ली। वित्तीय सेवा संस्थान ब्यूरो (एफएसआईबी) ने सार्वजनिक क्षेत्र के विभिन्न बैंकों में कार्यकारी निदेशकों के पद के लिए 14 महाप्रबंधकों की पदोन्नति की सिफारिश की है। एफएसआईबी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों के लिए निदेशकों की खोज का काम करता है।एफएसआईबी ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में कार्यकारी निदेशकों के लिए उपयुक्त नामों की सिफारिश करने के लिए 19 से 23 अगस्त के बीच 57 उम्मीदवारों का साक्षात्कार लिया है। ब्यूरो ने मंगलवार को बयान में कहा कि उम्मीदवारों के समग्र अनुभव को ध्यान में रखते हुए ब्यूरो ने कार्यकारी निदेशक के रूप में पदोन्नति के लिए 14 मुख्य महाप्रबंधकों और महाप्रबंधकों का चयन किया। इनमें से कुछ सफल उम्मीदवारों में ललित त्यागी, विनोद कुमार, अशोक चंद्र, रामसुब्रमण एस, एम के जैन, एम परमशिवम, सुब्रत कुमार, एम वी एम कृष्णा और आर के साबू शामिल हैं। इसके अलावा संजय विनायक मुदलियार, हरदीप सिंह अहलूवालिया, आशुतोष चौधरी, संजय रुद्र और लाल सिंह का भी चयन किया गया है। एफएसआईबी की सिफारिश पर अंतिम निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति द्वारा लिया जाएगा।
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नयी दिल्ली. आपूर्ति संबंधी चिंताओं के कारण गेहूं के बाद, अब चावल की कीमतें बढ़ रही हैं। इसकी अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमत पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 6.31 प्रतिशत की तेजी के साथ 37.7 रुपये प्रति किलो हो गई है। एक सरकारी आंकड़े से यह जानकारी मिली है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, गेहूं की अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य 22 अगस्त को करीब 22 प्रतिशत बढ़कर 31.04 रुपये प्रति किलो हो गया जो पिछले साल की समान अवधि में 25.41 रुपये प्रति किलो थी। आंकड़ों से पता चलता है कि गेहूं आटा का औसत खुदरा मूल्य 17 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 35.17 रुपये प्रति किलो हो गया है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 30.04 रुपये प्रति किलो था। चावल की खुदरा कीमत में बढ़ोतरी का रुख, चालू खरीफ (गर्मी) सत्र में पिछले सप्ताह तक धान बुवाई 8.25 प्रतिशत कम रहने के मद्देनजर देश के उत्पादन में संभावित गिरावट की खबर के कारण है। विशेषज्ञों ने कहा कि धान बुवाई के रकबे में मौजूदा कमी पर गौर करते हुए देश का कुल चावल उत्पादन खरीफ सत्र 2022-23 (जुलाई-जून) के लिए 11.2 करोड़ टन के निर्धारित लक्ष्य से कम रहने की संभावना है। उन्होंने कहा, ‘‘फिर भी, चावल की खुदरा कीमतों में वृद्धि गेहूं जितना नहीं है क्योंकि केंद्र के पास 396 लाख टन का एक विशाल भंडार पड़ा है और कीमतों में तेज वृद्धि के समय स्थितियों में हस्तक्षेप के लिए इस भंडार का उपयोग कर सकता है।'' गेहूं के मामले में, फसल वर्ष 2021-22 में घरेलू उत्पादन में लगभग तीन प्रतिशत की कमी होने के कारण थोक और खुदरा बाजार दोनों में इसकी कीमतें दबाव में आ गई हैं। लू चलने के कारण गेहूं के उत्पादन में गिरावट आई है, जिसके परिणामस्वरूप पंजाब और हरियाणा जैसे उत्तरी राज्यों में अनाज सिकुड़ गये थे। इस बीच, उद्योग निकाय, रोलर आटा मिलर्स फेडरेशन ने पिछले कुछ दिनों के दौरान गेहूं की अनुपलब्धता और कीमत में भारी वृद्धि के बारे में चिंता जताई है। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, धान को इस खरीफ सत्र के 18 अगस्त तक 343.70 लाख हेक्टेयर रकबे में बोया गया है, जबकि पिछले साल की इसी अवधि में 374.63 लाख हेक्टेयर में धान की बुवाई की गई थी। मानसूनी वर्षा में कमी के कारण झारखंड, पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और कुछ अन्य राज्यों में खेती का रकबा कम होने की सूचना दी गई है। धान मुख्य खरीफ फसल है, जिसकी बुवाई जून में दक्षिण -पश्चिम मानसून की शुरुआत के साथ शुरू होती है। देश के कुल चावल का उत्पादन का 80 प्रतिशत खरीफ मौसम से प्राप्त होता है।
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नयी दिल्ली। देश की प्रमुख आवास वित्त कंपनी एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (एलआईसी एचएफएल) ने अपनी प्रधान उधारी दर (पीएलआर) 0.50 प्रतिशत बढ़ाकर आठ प्रतिशत कर दी है। कंपनी ने सोमवार को एक बयान में यह जानकारी दी। पीएलआर मानक ब्याज दर है जिससे एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस का आवास ऋण जुड़ा हुआ है।
इस वृद्धि के साथ आवास ऋण पर ब्याज दर अब आठ प्रतिशत से शुरू होगी। नयी ब्याज दर सोमवार से से प्रभाव में आ गयी है। इससे पहले आवास ऋण पर ब्याज दर 7.50 प्रतिशत से शुरू होती थी। एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) वाई विश्वनाथ गौड़ ने बयान में कहा कि एलआईसी एचएफएल की ब्याज दरों में बढ़ोतरी बाजार में मौजूदा स्थिति के अनुरूप है। उन्होंने कहा, ‘‘रिजर्व बैंक ने पांच अगस्त को मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर में 0.5 प्रतिशत की वृद्धि की है.... रेपो दर में बढ़ोतरी से ईएमआई या आवास ऋण की अवधि में कुछ उतार-चढ़ाव आया है, इसके बावजूद घरों की मांग मजबूत रहेगी।'' गौरतलब है कि आरबीआई ने पिछले तीन मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर रेपो में 1.40 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। रेपो दर में वृद्धि के बाद कई बैंकों ने भी ब्याज दरें बढ़ायी हैं। -
नयी दिल्ली. देश की सबसे बड़ी गैस कंपनी गेल (इंडिया) लिमिटेड ने आशीष गुप्ता को अपना निदेशक (मानव संसाधन) नियुक्त किया। गेल ने बयान में कहा कि इससे पहले गुप्ता कंपनी में मुख्य महाप्रबंधक (मानव संसाधन विकास) थे।
गुप्ता को प्रशिक्षण एवं मानव संसाधन विकास, प्रतिभा अधिग्रहण, नेतृत्व विभाग, प्रदर्शन प्रबंधन, मानव संसाधन विकास पहल, परियोजना प्रबंधन और परिचालन एवं रखरखाव के क्षेत्रों में 30 साल से अधिक का अनुभव है। वह गेल की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी गेल गैस लिमिटेड के बोर्ड में निदेशक भी हैं। -
नयी दिल्ली। ब्याज दरों में बढ़ोतरी का फिलहाल वाहनों की मांग पर असर नहीं पड़ा है, लेकिन असली स्थिति तब स्पष्ट होंगी, जब सेमीकंडक्टर की कमी का मुद्दा हल हो जाएगा और उत्पादन सामान्य हो जाएगा। मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड (एमएसआईएल) के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी (विपणन एवं बिक्री) शशांक श्रीवास्तव ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि ग्रैंड विटारा और ब्रेजा जैसे नए उत्पादों की पेशकश के साथ बुकिंग में वृद्धि हुई है और कंपनी के लंबित ऑर्डर पिछली तिमाही में 2.8 लाख से बढ़कर लगभग 3.87 लाख इकाई हो गए। उन्होंने एक बातचीत में कहा, ''सैद्धांतिक रूप से ब्याज दरों में बढ़ोतरी का नकारात्मक प्रभाव होना चाहिए... लेकिन फिलहाल हम ऐसा महसूस नहीं कर रहे हैं।'' वह इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या ब्याज दरों में बढ़ोतरी से कारों की मांग पर असर पड़ा है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस महीने की शुरुआत में रेपो दर में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि की थी। मई के बाद से यह लगातार तीसरी वृद्धि थी। इसके साथ ही ब्याज दर महामारी से पहले के स्तर पर आ गई है। श्रीवास्तव ने कहा कि ब्याज दरों में वृद्धि का मांग पर असर नहीं होने की एक वजह यह है कि महामारी और सेमीकंडक्टर की कमी के चलते आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान हुआ। इस कारण उत्पादन प्रभावित हुआ और मांग को पूरा नहीं किया जा सका था। उन्होंने कहा, ''...एक बार जब आपके पास भरपूर उत्पादन हो जाएगा, तो मांग के वास्तविक रुझानों का पता चलेगा। उन्होंने कहा कि सेमीकंडक्टर आपूर्ति में काफी सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी कुछ बाधाएं हैं, जो कंपनी को अपनी पूरी उत्पादन क्षमता से काम करने से रोक रही है। श्रीवास्तव ने कहा कि यह बताना कठिन है कि यह कब तक सामान्य हो जाएगा। उन्होंने कहा, ''चिप्स की सटीक उपलब्धता के बारे में हमारे पास कोई पक्की जानकारी नहीं है।'' उन्होंने कहा कि इस साल मई-जुलाई में कंपनी ने अपनी कुल क्षमता का 95 प्रतिशत उत्पादन किया, जो पिछले साल सितंबर में सबसे कम 40 प्रतिशत था। -
नयी दिल्ली. कोविड-19 महामारी का प्रकोप कम होने से चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) को मिलने वाले मृत्यु संबंधी बीमा दावों में लगभग 20 प्रतिशत की गिरावट आई है। हालांकि यह अभी भी 2020 से पहले के स्तर से अधिक है। एलआईसी के चेयरमैन एम आर कुमार ने विश्लेषकों के साथ चर्चा के दौरान बताया कि पिछले वित्त वर्ष की जून तिमाही में 7,111 करोड़ रुपये के मृत्यु दावों का निपटारा किया गया था जबकि इस वर्ष पहली तिमाही में इस श्रेणी के 5,743 करोड़ रुपये के बीमा दावे ही मिले। कुमार ने कहा, ‘‘पॉलिसीधारक की मौत से संबंधित बीमा दावों में गिरावट आई है और स्पष्ट तौर पर इसकी वजह कोविड-19 के प्रकोप में कमी आना है।'' एलआईसी में कार्यकारी निदेशक एवं नियुक्त बीमांकक दिनेश पंत ने कहा कि महामारी से पहले तक दावों की दर स्थिर थी। कोविड की वजह से बीते दो वर्ष में दावों की संख्या बढ़ी है। उन्होंने कहा, ‘‘चालू तिमाही (सितंबर तिमाही) से यह और सामान्य स्थिति में पहुंचता हुआ नजर आ रहा है। हालांकि यह अभी 2020 के आंकड़ों तक नहीं पहुंचा है। इसमें कुछ समय लगेगा और कुछ मामले देर से संज्ञान में लाए जा सकते हैं।'' पंत ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि अगले वर्ष तक मृत्यु संबंधित बीमा दावों की संख्या कोविड से पहले के स्तर तक रह सकती है।' - नयी दिल्ली। अडाणी समूह स्विट्जरलैंड के होल्सिम समूह की दो भारतीय कंपनियों अंबुजा सीमेंट्स और एसीसी में 26-26 फीसदी हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए अगले हफ्ते 31,000 करोड़ रुपये की खुली पेशकश कर सकता है। बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) इस खुली पेशकश की मंजूरी दे चुका है। अगर इस पेशकश को पूरा अभिदान मिल जाता है तो यह 31,000 करोड़ रुपये से अधिक का हो सकता है। अडाणी समूह ने मई में होल्सिम के भारतीय कारोबार का 10.5 अरब डॉलर के सौदे में अधिग्रहण करने की घोषणा की थी। अडाणी समूह से जुड़ी इकाई मॉरीशस स्थित एंडेवर ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट की तरफ से रखी जाने वाली खुली पेशकश के लिए अंबुजा सीमेंट्स और एसीसी ने अलग-अलग नियामक जानकारी में अपने पेशकश पत्र दिए हैं। खुली पेशकश 26 अगस्त से शुरू होगी और इसका समापन 9 सितंबर को होगा।समूह ने अपनी मॉरीशस स्थित अनुषंगी कंपनी एंडेवर ट्रेड एंड इनवेस्टमेंट के जरिये अंबुजा सीमेंट्स के लिए 385 रुपये प्रति शेयर और एसीसी लिमिटेड के लिए 2,300 रुपये प्रति शेयर की खुली पेशकश की थी।

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