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मुंबई. लिथियम-आयन बैटरी कंपनी रुचिरा ग्रीन अर्थ को तेजी से बढ़ते घरेलू इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) क्षेत्र में लिथियम-आयन बैटरियों की बढ़ती मांग से 2025 तक अपने राजस्व के 500 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है। कंपनी ने सोमवार को यह जानकारी दी। कंपनी ने एक विज्ञप्ति में कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की तेजी से बढ़ती मांग और लिथियम आयन बैटरी की बढ़ती खपत के कारण रुचिरा ग्रीन अर्थ को अगले तीन साल में तेज वृद्धि की उम्मीद है। रुचिरा ग्रीन अर्थ के निदेशक दीपन गर्ग ने कहा, ‘‘हम अगले तीन वर्षों में 500 करोड़ रुपये के कारोबार का लक्ष्य लेकर अपनी योजनाओं के साथ आगे बढ़ रहे हैं। हम इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए कुछ बड़े मूल उपकरण विनिर्माताओं (ओईएम) को अपने साथ ला रहे हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘कंपनी पहले ही अत्याधुनिक लिथियम बैटरी के विनिर्माण और असेंबलिंग के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित कर चुकी है। हम माह-दर-माह अपनी क्षमता बढ़ा रहे हैं। -
मुंबई. बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं और बीमा क्षेत्र (बीएफएसआई) के साथ-साथ खुदरा क्षेत्र में सुधार की वजह से नियुक्ति परिदृश्य में सुधार हुआ है। सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कारोबारी धारणा में सुधार के कारण अप्रैल में सालाना आधार पर नियुक्ति गतिविधियों में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। मॉन्स्टर इंडिया के ऑनलाइन रोजगार गतिविधियों के मासिक विश्लेषण मॉन्स्टर एम्प्लॉयमेंट इंडेक्स (एमईआई) के अनुसार, भारत ने सकारात्मक कारोबारी धारणा के परिणामस्वरूप नियुक्ति मांग में सालाना आधार पर 15 प्रतिशत और माह-दर-माह आधार पर चार प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी का प्रकोप कम होने के साथ खुदरा क्षेत्र ने दो अंकों के साथ उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया है। एमईआई के मुताबिक, बीएफएसआई 54 प्रतिशत की वार्षिक बढ़त के साथ सबसे तेजी से उबरने वाला क्षेत्र बना रहा। इसके बाद दूसरे नंबर पर खुदरा क्षेत्र में सालाना 47 प्रतिशत की वृद्धि हुई। उत्पादन और विनिर्माण उद्योगमें विनिर्माण गतिविधियां सालाना आधार पर 35 प्रतिशत बढ़ीं। रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां बीएफएसआई क्षेत्र में रोजगार के अवसरों में तेजी आई है, वहीं गली-मोहल्ले की दुकानें फिर खुलने से खुदरा रोजगार बाजार में तेज बढ़त देखने को मिली है। एमईआई ने कहा कि कोविड-19 से संबंधित प्रतिबंधों में ढील के बाद से उपभोक्ताओं के मॉल जैसे मनोरंजन केंद्रों में बार-बार आने से खुदरा क्षेत्र में प्रतिभाओं की मांग बढ़ी है। -
नयी दिल्ली. पिछले दो कारोबारी सत्रों में रुपये में गिरावट के बाद आयात महंगा होने से दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में सोमवार को सरसों एवं मूंगफली तेल-तिलहन, सोयाबीन तेल और बिनौला तेल कीमतों में गिरावट आई। अधिक भाव पर मांग कमजोर होने से कच्चा पामतेल (सीपीओ) और पामोलीन तेल कीमतें पूर्वस्तर पर बंद हुईं। साधारण मांग के बीच सोयाबीन तिलहन के भाव भी पूर्वस्तर पर बंद हुए। बाजार सूत्रों ने बताया कि मलेशिया एक्सचेंज में 0.34 प्रतिशत की तेजी थी, जबकि शिकॉगो एक्सचेंज में आधा प्रतिशत की गिरावट थी। लेकिन बाजार में खाद्य तेलों में आई गिरावट, शिकॉगो एक्सचेंज की वजह से नहीं, बल्कि ऊंचे भाव पर मांग प्रभावित होने के कारण आई है। पिछले दो कारोबारी सत्रों में रुपये में गिरावट रहने से आयात महंगा हो गया है, जिससे गिरावट को बल मिला। सूत्रों ने कहा कि सरकार को तिलहन उत्पादन बढ़ाने और आयात पर निर्भरता कम से कम करने की ओर ध्यान केन्द्रित करना होगा, जो हमें सही मायने में आत्मनिर्भरता की ओर ले जायेगा और इससे विदेशी मु्द्रा की बचत भी होगी। किसानों को अच्छे दाम मिलें तो वे खुद की उत्पादन बढ़ाने की कोशिश करेंगे। सूत्रों ने कहा कि विदेशों में यदि खाद्य तेलों के भाव लुढ़कते हैं तो ऐसी स्थिति में भी सरकार को अपने किसानों के बचाव में उतरना होगा और स्थिति पर पैनी नजर बनाये रखनी होगी। ऐसा करना तिलहन उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिहाज से महत्वपूर्ण है, क्योंकि ऐसे उपायों से किसानों का भरोसा बढ़ेगा। सूत्रों ने कहा कि विदेशी तेलों के महंगा होने के बाद जिस तरह से सरसों का रिफाइंड बनाने पर जोर है, उससे आगे जाकर सरसों के मामले में दिक्कत आ सकती है और इसलिए यह बेहद महत्वपूर्ण है कि हाफेड (जिनकी दो तेल मिलें भी हैं) बाजार भाव पर खरीद कर सरसों का स्टॉक तैयार करे, जो आगे जाकर संकट के समय हमारी मदद करेगा। सोमवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:
सरसों तिलहन - 7,615-7,665 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली - 6,910 - 7,045 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 15,900 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली सॉल्वेंट रिफाइंड तेल 2,660 - 2,850 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 15,300 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 2,405-2,485 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 2,445-2,555 रुपये प्रति टिन।
तिल तेल मिल डिलिवरी - 17,000-18,500 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 17,000 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 16,400 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 15,450 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 15,200 रुपये प्रति क्विंटल।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 15,650 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 16,750 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन एक्स- कांडला- 15,600 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना - 7,050-7,150 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज 6,750- 6,850 रुपये प्रति क्विंटल।
मक्का खल (सरिस्का) 4,000 रुपये प्रति क्विंटल। -
मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा अचानक अपने मौद्रिक रुख को सख्त किए जाने के बाद एचडीएफसी बैंक ने भी अपनी ऋण दरों में 0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। देश में निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक की वेबसाइट पर डाली गई सूचना के अनुसार, सात मई से विभिन्न अवधि के लिए सीमांत लागत आधारित ऋण दर (एमसीएलआर) में 0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। एक वर्षीय एमसीएलआर को संशोधित कर 7.50 प्रतिशत कर दिया गया है, जबकि एक दिन की एमसीएलआर 7.15 प्रतिशत है। ज्यादातर उपभोक्ता ऋण एक साल की एमसीएलआर दर से जुडे होते हैं। रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए रेपो दर में 0.40 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी। इसके साथ ही नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) को 0.50 प्रतिशत बढ़ाया था. - मुंबई। वैश्विक बाजारों के कमजोर संकेतों और घरेलू स्तर पर दिग्गज कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में बड़े नुकसान से स्थानीय शेयर बाजारों में गिरावट का सिलसिला सोमवार को भी जारी रहा और मानक सूचकांक सेंसेक्स करीब 365 अंक लुढ़क गया। विश्लेषकों के मुताबिक, विदेशी कोषों का भारतीय शेयर बाजारों से निकासी का सिलसिला जारी रहने और डॉलर के मुकाबले रुपये के अब तक के निम्नतम स्तर पर आने से भी कारोबारी धारणा पर असर पड़ा। तीस शेयरों वाला सूचकांक बीएसई सेंसेक्स कारोबार के अंत में 364.91 अंक यानी 0.67 प्रतिशत की गिरावट के साथ 54,470.67 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 917.56 अंक तक फिसलते हुए 53,918.02 अंक पर आ गया था। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 109.40 अंक यानी 0.67 प्रतिशत गिरकर 16,301.85 अंक पर आ गया। सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में रिलायंस इंडस्ट्रीज को सर्वाधिक 3.97 फीसदी का नुकसान उठाना पड़ा। रिलायंस इंडस्ट्रीज के मार्च तिमाही के नतीजे बाजार की उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहने से इसके शेयरों में बिकवाली देखी गई। रिलायंस ने शुक्रवार को घोषित अपने तिमाही नतीजों में शुद्ध लाभ 22.5 फीसदी बढ़कर 16,203 करोड़ रुपये रहने की जानकारी दी थी। हालांकि, इसका शुद्ध लाभ दिसंबर तिमाही की तुलना में 12.6 फीसदी घट गया। इसके अलावा नेस्ले, इंडसइंड बैंक, टेक महिंद्रा, टाटा स्टील, भारतीय स्टेट बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर और आईटीसी के शेयर भी 2.97 प्रतिशत तक के नुकसान में रहे। इसके उलट पावरग्रिड कॉरपोरेशन, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, इन्फोसिस, मारुति सुजुकी, बजाज फिनसर्व और एचडीएफसी के शेयर 2.83 फीसदी तक की बढ़त पर रहे। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘ब्याज दरों में वृद्धि और बढ़ते बॉन्ड प्रतिफल से अमेरिकी डॉलर सूचकांक में लगातार हो रही बढ़ोतरी ने निवेशकों को जोखिम लेने से रोकने का काम किया है। निवेशक सुरक्षित निवेश वाली परिसंपत्तियों का रुख करने के लिए मजबूर हो रहे हैं।'' व्यापक बाजार में बीएसई स्मॉलकैप 1.67 फीसदी गिर गया जबकि मिडकैप में 1.89 प्रतिशत की गिरावट आई।कुल 2,416 कंपनियों के शेयर गिरावट में रहे, जबकि 1,052 कंपनियों में बढ़त देखी गई। वहीं 146 कंपनियों के शेयर अपरिवर्तित रहे। बीएसई के अधिकांश खंडों के सूचकांक गिरावट के साथ बंद हुए। ऊर्जा क्षेत्र में 2.47 फीसदी और यूटिलिटी क्षेत्र में 2.46 फीसदी की गिरावट रही। हेम सिक्योरिटीज में पीएमएस प्रमुख मोहित निगम ने कहा कि मानक सूचकांक नकारात्मक भाव पर बंद हुए। शंघाई में लगे सख्त लॉकडाउन से निवेशकों की चिंता बढ़ी है। इससे एशियाई बाजारों में गिरावट आई। एशिया के बाजारों में जापान का निक्की और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी गिरावट के साथ बंद हुए, जबकि चीन का शंघाई कंपोजिट बढ़त पर रहा। हांगकांग में अवकाश की वजह से बाजार बंद रहा। यूरोप में शेयर बाजार दोपहर के सत्र में निचले स्तर पर कारोबार कर रहे थे। इसके पहले शुक्रवार को अमेरिका में बाजार गिरावट के साथ बंद हुए थे। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल का मानक ब्रेंट क्रूड 1.17 फीसदी गिरकर 111 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया अब तक के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) का भारतीय बाजारों से निकासी का सिलसिला जारी है। शेयर बाजारों से मिले आंकड़ों के मुताबिक, शुक्रवार को एफआईआई ने 5,517.08 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
- नयी दिल्ली। दिल्ली सर्राफा बाजार में सोमवार को सोना 43 रुपये की गिरावट के साथ 51,227 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया। वहीं चांदी की कीमत भी 62 रुपये टूटकर 62,393 रुपये प्रति किग्रा रह गई। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी है। इससे पिछले कारोबारी सत्र में सोना 51,270 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।सोने की तर्ज पर चांदी की कीमत भी 62 रुपये लुढ़ककर 62,393 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई। पिछले कारोबारी सत्र में चांदी 62,455 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव गिरावट के साथ 1,871 डॉलर प्रति औंस रह गया जबकि चांदी 22.24 डॉलर प्रति औंस पर लगभग अपरिवर्तित रही। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा, ‘‘सोमवार को न्यूयॉर्क स्थित जिंस एक्सचेंज कॉमेक्स में सोने का हाजिर भाव 0.35 प्रतिशत की तेजी के साथ 1,871 डॉलर प्रति औंस चल रहा था जिससे सोने की कीमतों में मजबूती रही। डॉलर के मजबूत होने और अमेरिकी बांड आय बढ़ने से सोने की कीमतों पर दबाव रहा। यह 1,900 डॉलर प्रति औंस के नीचे एक सीमित दायरे में बनी रही।''
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नयी दिल्ली | रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड का अनुमान है कि अक्टूबर में देश में प्राकृतिक गैस के दाम फिर बढ़ सकते हैं। वैश्विक स्तर पर ऊर्जा कीमतों में वृद्धि का लाभ कंपनी के गैस अन्वेषण व्यवसाय को मिल रहा है। कंपनी में वरिष्ठ उपाध्यक्ष (अन्वेषण एवं उत्पादन) संजय रॉय ने निवेशकों के साथ चर्चा में कहा कि केजी-डी6 ब्लॉक से निकलने वाली गैस की बिक्री के लिए मूल्य सीमा मौजूदा 9.92 डॉलर प्रति दस लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू) से अधिक हो सकती है। सरकार हर छह महीने में अंतरराष्ट्रीय कीमतों के आधार पर गैस के दाम तय करती है। पुराने या नियमित क्षेत्र से निकलने वाली गैस के दाम एक अप्रैल से दोगुने होकर 6.1 डॉलर एमएमबीटीयू हो गए हैं। वहीं गहरे समुद्र में स्थित मुश्किल तेल क्षेत्रों से निकलने वाली गैस के लिए यह दर 9.92 डॉलर एमएमबीटीयू है। गैस की दरों में अगला बदलाव अब अक्टूबर में होने वाला है। मौजूदा अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में ऐसा अनुमान जताया जा रहा है कि सार्वजनिक क्षेत्र की तेल एवं गैस कंपनी ओएनजीसी के क्षेत्रों से मिलने वाली गैस के दाम बढ़कर नौ डॉलर एमएमबीटीयू होंगे जबकि मुश्किल तेल क्षेत्रों के लिए ये दहाई अंकों में पहुंच जाएंगे। रॉय ने कहा, ‘‘ऐसा अनुमान है कि आगे चलकर वित्त वर्ष की पहली छमाही में गैस मूल्य सीमा 9.92 डॉलर तक हो सकती है, इसके बाद दूसरी छमाही में कीमतें और भी बढ़ सकती हैं। -
नयी दिल्ली । सार्वजनिक क्षेत्र की ऊर्जा कंपनी एसजेवीएन लिमिटेड को 'साल की सबसे सक्षम एवं लाभपरक मिनी-रत्न' का पुरस्कार मिला है। कंपनी ने रविवार को एक बयान में कहा कि दलाल स्ट्रीट इंवेस्टमेंट जर्नल (डीएसआईजे) ने देश की आर्थिक प्रगति में अहम भूमिका निभाने के लिए एसजेवीएन को इस पुरस्कार के लिए चुना है। एसजेवीएन के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक नंद लाल शर्मा ने कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2021-22 में हमने 5,259.39 करोड़ रुपये के सर्वकालिक पूंजीगत व्यय स्तर को हासिल किया जो 5,000 करोड़ रुपये के लक्ष्य से ज्यादा है।'' उन्होंने कहा कि एसजेवीएन देश के भीतर और कुछ पड़ोसी देशों में भी ऊर्जा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी बनकर उभरी है। अगले पांच वर्षों में कंपनी की 75,000 करोड़ रुपये और अगले दस वर्षों में 1.8 लाख करोड़ रुपये निवेश करने की योजना है। एसजेवीएन का कुल पोर्टफोलियो 31,000 मेगावाट है और इसकी 52 परियोजनाएं विकास के विभिन्न चरणों में हैं।
- नयी दिल्ली. वित्त मुहैया कराने वाली कंपनी श्रीराम सिटी यूनियन फाइनेंस दोपहिया वाहन की मांग में आई कमी के बीच चालू वित्त वर्ष में प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियों (एयूएम) में 18 फीसदी वृद्धि का लक्ष्य पाने के लिए व्यक्तिगत ऋण, स्वर्ण ऋण एवं छोटे व्यवसायों को ऋण देने पर ध्यान देगी। कंपनी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) वाई एस चक्रवर्ती ने कहा कि ग्रामीण और अर्द्ध शहरी इलाकों में मांग अब बेहतर है लेकिन अर्थव्यवस्था में मांग ने अभी पूरा जोर नहीं पकड़ा है। उन्होंने कहा कि कंपनी का व्यवसाय अर्द्ध-शहरी और ग्रामीण इलाकों पर निर्भर करता है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए अगर कुछ अच्छा होता है तो इससे कंपनी के व्यवसाय को भी बढ़ावा मिलेगा। चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘हमारा ध्यान व्यक्तिगत कर्ज, सोने के बदले कर्ज और छोटे व्यवसायों को कर्ज देने पर होगा। आर्थिक पुनरुद्धार की बात करें तो हम अभी पूरी तरह से उबरे नहीं हैं, शहरी इलाके अभी भी संघर्ष कर रहे हैं हालांकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में कुछ हद तक सुधार आया है। इसका एक कारण पैदावार अच्छी होना है, वहीं इस साल भी अच्छी बारिश का पूर्वानुमान जताया गया है।'' चक्रवर्ती ने कहा कि कंपनी के लिए मोटे तौर पर मांग अच्छी है हालांकि दो पहिया वाहना श्रेणी में फाइनेंस की मांग कई कारणों से कम है। इनमें से एक कारण यह है कि आज एक दोपहिया वाहन लेने पर लगभग एक लाख रुपये का खर्च आता है। वहीं पेट्रोल की कीमतें बढ़ने का भी इस मांग पर असर पड़ा है।
- नयी दिल्ली। सेंसेक्स की शीर्ष 10 कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में बीते सप्ताह सामूहिक रूप से 2,85,251.65 करोड़ रुपये की गिरावट आई। सबसे अधिक नुकसान में रिलायंस इंडस्ट्रीज रही। बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 2,225.29 अंक या 3.89 प्रतिशत और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 691.30 अंक या 4.04 प्रतिशत के नुकसान में रहा। समीक्षाधीन सप्ताह में रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार पूंजीकरण 1,14,767.5 करोड़ रुपये के नुकसान से 17,73,196.68 करोड़ रुपये पर आ गया। सबसे अधिक नुकसान में रिलायंस इंडस्ट्रीज ही रही। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) का बाजार मूल्यांकन 42,847.49 करोड़ रुपये टूटकर 12,56,152.34 करोड़ रुपये रह गया। एचडीएफसी बैंक की बाजार हैसियत 36,984.46 करोड़ रुपये के नुकसान से 7,31,068.41 करोड़ रुपये रह गई। हिंदुस्तान यूनिलीवर का मूल्यांकन 20,558.92 करोड़ रुपये घटकर 5,05,068.14 करोड़ रुपये रह गया। समीक्षाधीन सप्ताह में आईसीआईसीआई बैंक का बाजार पूंजीकरण 16,625.96 करोड़ रुपये टूटकर 5,00,136.52 करोड़ रुपये पर और भारती एयरटेल का 16,091.64 करोड़ रुपये के नुकसान से 3,90,153.62 करोड़ रुपये पर आ गया। एचडीएफसी के मूल्यांकन में 13,924.03 करोड़ रुपये की गिरावट आई और यह 3,90,045.06 करोड़ रुपये पर आ गया। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की बाजार हैसियत 10,843.4 करोड़ रुपये घटकर 4,32,263.56 करोड़ रुपये रह गई। इन्फोसिस का बाजार पूंजीकरण 10,285.69 करोड़ रुपये घटकर 6,49,302.28 करोड़ रुपये रह गया। अडाणी ग्रीन एनर्जी की बाजार हैसियत 2,322.56 करोड़ रुपये घटकर 4,49,255.28 करोड़ रुपये पर आ गई। शीर्ष 10 कंपनियों की सूची में रिलायंस इंडस्ट्रीज पहले स्थान पर कायम रही। उसके बाद क्रमश: टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, इन्फोसिस, हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईसीआईसीआई बैंक, अडाणी ग्रीन एनर्जी, एसबीआई, भारती एयरटेल और एचडीएफसी का स्थान रहा।
- नयी दिल्ली. सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अदार पूनावाला ने रविवार को एलन मस्क को टेस्ला इलेक्ट्रिक कारों के विनिर्माण के लिए भारत में निवेश करने को आमंत्रित किया और कहा कि यह उनका अबतक का श्रेष्ठ निवेश होगा। मस्क ट्विटर के अधिग्रहण के लिए 44 अरब डॉलर का सौदा कर चुके हैं। उन्होंने टेस्ला इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री के लिए पहले भी भारत से आयात शुल्क घटाने की मांग की थी लेकिन सरकार ने स्थानीय विनिर्माण पर जोर दे रही है। पूनावाला ने ट्विटर पर मस्क को ट्वीट करते हुए पोस्ट किया, ‘‘अगर ट्विटर खरीदने का आपका सौदा पूरा नहीं होता, तो उसमें से कुछ पूंजी टेस्ला कारों के उच्च गुणवत्ता वाले और बड़े पैमाने पर विनिर्माण के लिए भारत में निवेश करने के बारे में विचार करें।'' उन्होंने आगे लिखा, ‘‘मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि यह आपका सर्वश्रेष्ठ निवेश होगा।''पिछले महीने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि अगर टेस्ला इलेक्ट्रिक कारों के भारत में विनिर्माण के लिए तैयार है, तो इसमें कोई समस्या नहीं है लेकिन कंपनी कारें चीन से आयात न करे। मस्क ने पिछले वर्ष अगस्त में कहा था कि टेस्ला भारत में विनिर्माण इकाई लगा सकती है बशर्ते उसे देश में आयातित वाहनों के जरिये सफलता मिल जाए। उन्होंने कहा था कि टेस्ला भारत में अपने वाहन उतारना चाहती है लेकिन किसी भी अन्य बड़े देश की तुलना में यहां आयात शुल्क सबसे ज्यादा है। देश में पूर्ण रूप से आयातित कारों पर लागत, बीमा और मालभाड़ा मिलाकर 100 फीसदी आयात शुल्क लगता है।
- - रायपुर सहित देश के कई हवाईअड्डों में स्थानीय समूहों को जगह देने की प्रक्रिया चल रही हैनयी दिल्ली। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने विभिन्न हवाईअड्डों पर स्वयं सहायता समूहों को जगह देनी शुरू कर दी है, जहां इन समूहों से जुड़े कारीगर स्थानीय स्तर पर विकसित अपने उत्पादों की बिक्री कर सकेंगे। क्षेत्र के कुशल कारीगरों के लिए ‘बिक्री स्थल के रूप में हवाईअड्डा’ यानी ‘अवसर’ पहल के तहत स्वयं सहायता समूह अगरतला, कुशीनगर, उदयपुर और मदुरै समेत 12 हवाईअड्डों पर अपने उत्पादों का प्रदर्शन पहले से कर रहे हैं। एएआई ने बताया कि वाराणसी, कालीकट, कोलकाता, कोयंबटूर और रायपुर समेत कई अन्य शहरों के हवाईअड्डों पर भी संबंधित राज्यों सरकारों के समन्वय से स्थानीय समूहों को उत्पादों की बिक्री के लिए जगह दी जाएगी। विशाखापत्तनम, भुवनेश्वर, रायपुर, सिलचर, डिब्रूगढ़ और जोरहाट के हवाईअड्डों पर भी स्थानीय समूहों को जगह देने की प्रक्रिया चल रही है।एएआई के चेयरमैन संजीव कुमार ने कहा, ‘‘अवसर पहल का उद्देश्य स्वयं सहायता समूहों को हवाईअड्डों पर न केवल एक मंच उपलब्ध करवाना है बल्कि यात्रियों को स्थान विशिष्ट की विरासत और लोकाचार से परिचित करवाना भी है। इन समूहों को हवाईअड्डे पर 100-200 वर्गफुट की जगह दी जाती है जहां ग्रामीण महिलाओं और कारीगरों द्वारा बनाए उत्पादों का प्रदर्शन होता है।
- नयी दिल्ली। केंद्रीय रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री भगवंत कुबा ने शनिवार को सार्वजनिक उपक्रम राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (आरसीएफ) के दो नए उत्पादों को बाजार में पेश किया। पेश किए गए उत्पादों में एनपीके उर्वरक का एक नया ग्रेड 'सुफला 10:26:26' है जो सभी फसलों और हर प्रकार की मिट्टी के लिए उपयुक्त है। दूसरा उत्पाद आरसीएफ की अनुसंधान और विकास इकाई द्वारा विकसित 'विपुला 10:10:10' है। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, मंत्री ने मुंबई के चेंबूर में आरसीएफ की ट्रॉम्बे इकाई में इन उत्पादों का अनावरण किया। सुफला 10:26:26 एक संतुलित उर्वरक है और सभी फसलों और हर किस्म की मिट्टी के लिए उपयुक्त है। इसमें एनपीके उर्वरकों में से उच्चतम अनुपात में फास्फोरस और पोटेशियम होता है। सुफला जड़ की वृद्धि और उसके विकास में मदद करता है, और पौधे की शक्ति को अधिकतम करता है। यह धान, गन्ना, गेहूं के मामले में टिलर की संख्या और कपास, फलों और सब्जियों में शाखाओं की संख्या में भी वृद्धि करता है। यह फलों, कंदों, गूलरों, अनाजों की संख्या में सुधार करता है, जबकि गन्ने में चीनी की मात्रा और आलू में स्टार्च की मात्रा में सुधार करता है। विपुल के मामले में इसका तरल सांद्र रूप पौधों द्वारा पोषक तत्वों की बेहतर उपलब्धता और उपयोग सुनिश्चित करता है। यह एक समरूप फार्मूलेशन है जिसे मिट्टी में मिलाकर, ड्रिप सिंचाई और पर्ण स्प्रे के माध्यम से उपयोग में लाया जा सकता है। इसके प्रयोग से गेहूँ में 30 प्रतिशत और चावल में 21 प्रतिशत तक उपज बढ़ाने में मदद मिलती है। यह फसल उत्पाद के स्वजीवन को बढ़ाता है। 250 मिली की बोतल के लिए किफायती कीमत 250 रुपये है, जो एक एकड़ जमीन के लिए पर्याप्त है।
- नयी दिल्ली। भारत में कागज की खपत में छह से सात प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि होने की संभावना है और इसके वित्त वर्ष 2026-27 तक तीन करोड़ टन हो जाने की संभावना है। उद्योग निकाय आईपीएमए के अनुसार, यह वृद्धि मुख्य रूप से शिक्षा और साक्षरता पर जोर दिये जाने के साथ साथ संगठित खुदरा क्षेत्र में हुई वृद्धि से प्रेरित है। भारतीय कागज विनिर्माता संघ (आईपीएमए) ने एक बयान में कहा कि कागज उद्योग में भारत में विकास की अपार संभावनाएं हैं क्योंकि वैश्विक स्तर पर प्रति व्यक्ति खपत यहां सबसे कम है। बयान के मुताबिक, "दुनिया की लगभग 15 प्रतिशत आबादी भारत में रहती है, लेकिन दुनिया में उत्पादित कुल कागज का केवल 5 प्रतिशत ही उपभोग करती है।" संगठित खुदरा क्षेत्र में वृद्धि के साथ शिक्षा और साक्षरता पर जोर और बेहतर गुणवत्ता वाले कागज की मांग इस वृद्धि के प्रमुख कारक हैं। इसके अलावा एफएमसीजी उत्पादों, फार्मास्यूटिकल्स, कपड़ा, संगठित खुदरा, ई-कॉमर्स और अन्य क्षेत्रों में गुणवत्ता पैकेजिंग की मांग भी बढ़ रही है। उद्योग निकाय आईपीएमए के अनुसार, भारत में कागज की खपत अगले पांच वर्षों में 6-7 प्रतिशत प्रति वर्ष बढ़ने का अनुमान है, जो वित्त वर्ष 2027 तक तीन करोड़ टन तक पहुंच सकता है। इस तरह भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाला कागज बाजार बन जाएगा। संगठन ने कहा, "पिछले कुछ वर्षों में देश में कागज उद्योग में एक प्रकार का परिवर्तन आया है। उद्योग जगत स्थिरता वक्र में ऊपर उठ गया है और तकनीकी रूप से कहीं अधिक उन्नत हो गया है। आईपीएमए के अध्यक्ष ए एस मेहता ने कहा, "पिछले पांच-सात वर्षों में नई कुशल क्षमताओं और स्वच्छ एवं हरित प्रौद्योगिकियों को शामिल करने में 25,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का निवेश किया गया है।" उद्योग का अनुमानित कारोबार 70,000 करोड़ रुपये का है जबकि घरेलू बाजार का आकार 80,000 करोड़ रुपये का है। इंडियन एग्रो एंड रिसाइकल्ड पेपर मिल्स एसोसिएशन (आईएआरपीएमए) के अध्यक्ष प्रमोद अग्रवाल ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान लेखन और छपाई की मांग में कमी देखी गई थी लेकिन फार्मा सेक्टर, एफएमसीजी (तत्काल खपत उपभोक्ता माल कंपनी) और ई-कॉमर्स में वृद्धि ने पेपर पैकेजिंग उद्योग में वृद्धि करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आईएआरपीएमए 'पेपरेक्स 2022' का आयोजन कर रहा है जो दुनिया में कागज क्षेत्र पर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और प्रदर्शनी है। यह 10-13 मई के दौरान ग्रेटर नोएडा में आयोजित की जाएगी।
- नयी दिल्ली। इटली की वित्तीय सेवा कंपनी जनरली ने शनिवार को कहा कि फ्यूचर जनरली इंडिया इंश्योरेंस में फ्यूचर एंटरप्राइज से 25 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण उसने पूरा कर लिया है और अब इस संयुक्त उपक्रम में उसकी हिस्सेदारी बढ़कर 74 फीसदी हो गई है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि यह सौदा 1,252.96 करोड़ रुपये में हुआ है। इसके लिए उसे संबंधित नियामक एवं प्रतिस्पर्धा प्राधिकारों से मंजूरी मिल चुकी है। उसने कहा कि यह सौदा तेजी से वृद्धि करते बाजार में जनरली की स्थिति को मजबूत करेगा। जनरली के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (अंतरराष्ट्रीय) जेम ए एस मेल्गारेजो ने कहा, ‘‘हम भारत में अपनी मौजूदगी बढ़ाने के लिए उत्सुक हैं।'' पिछले वर्ष भारत सरकार ने बीमा संशोधन विधेयक, 2021 में संशोधन करते हुए बीमा क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश की सीमा 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी कर दी थी। इसी प्रावधान के तहत जनरली को फ्यूचर जनरली में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 74 फीसदी करने की मंजूरी मिली है।
- मुंबई. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी में ‘एनॉनिमिटी' यानी पहचान उजागर नहीं होना एक ‘अंतर्निहित जोखिम' है और इस प्रौद्योगिकी के बढ़ते उपयोग को देखते हुए सतर्कता बरतने की जरूरत है। इसके साथ ही सीतारमण ने यह स्पष्ट किया कि ‘ड्रिस्टिब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी (डीएलटी)' यानी ‘ब्लॉकचेन' का इस्तेमाल करना पूरी तरह से ‘अपरिहार्य' है और सरकार भी इसके उपयोग का समर्थन करती है। दरअसल भारत अपनी डिजिटल मुद्रा 'सीबीडीसी' लाने की तैयारी में है जो कि ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी पर ही आधारित होगी। सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश करते समय सीबीडीसी लाने की घोषणा की थी। सीतारमण ने यहां नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) के एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘इस पूरी चीज में एनॉनिमिटी यानी एक अज्ञात अवयव मौजूद है। यह कोई व्यक्ति, कोई रोबोट, कोई भी हो सकता है और हम उसे भावी चुनौती मानकर खुद को तैयार कर रहे हैं।'' उन्होंने डीएलटी को एक बढ़िया प्रौद्योगिकी बताने के साथ ही अनामता को इससे जुड़ा जोखिम बताते हुए कहा कि इससे हमें अपनी सुरक्षा करनी होगी। बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की अध्यक्ष माधवी पुरी बुच ने इस कार्यक्रम में कहा कि हम नहीं चाहते कि सीबीडीसी में कोई भी अज्ञात कारक हो।
- नयी दिल्ली. सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) में गैर-संस्थागत निवेशकों के लिए आरक्षित शेयरों को शनिवार को पूर्ण अभिदान मिल गया। एलआईसी के आईपीओ के चौथे दिन गैर-संस्थागत निवेशकों के लिए आरक्षित हिस्से को पूर्ण अभिदान मिल गया। निर्गम के तहत कुल 2,96,48,427 शेयरों को गैर-संस्थागत निवेशकों के लिए आरक्षित रखा गया था। इसकी तुलना में शनिवार शाम 4.30 बजे तक कुल 3,06,73,020 बोलियां मिल चुकी थीं। शेयर बाजारों से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक एलआईसी के आईपीओ को अब तक कुल 1.59 गुना अभिदान मिल चुका है। अभी इस निर्गम के बंद होने में दो दिन बाकी हैं। हालांकि पात्र संस्थागत खरीदारों (क्यूआईबी) के लिए आरक्षित शेयरों का पूरी तरह खरीदा जाना बाकी है। इस खंड के शेयरों की अभी तक सिर्फ 0.67 फीसदी खरीदारी ही हुई है। खुदरा निवेशक खंड में 6.9 करोड़ आरक्षित शेयरों के लिए कुल 9.57 करोड़ बोलियां मिली हैं। इस तरह खुदरा निवेशक खंड को 1.38 गुना अभिदान मिल चुका है। एलआईसी के पॉलिसीधारकों के लिए आरक्षित खंड को 4.4 गुना और कर्मचारियों के लिए आरक्षित खंड को अब तक 3.4 गुना अभिदान मिला है। इस बीच एलआईसी ने एक बयान में कहा कि मुंबई के सांताक्रूज स्थित उसकी जीवन रेखा इमारत की दूसरी मंजिल में सुबह करीब छह बजकर 40 मिनट पर आग लग गई थी। हालांकि इस हादसे में किसी को नुकसान नहीं हुआ और उसका डेटा सेंटर पूरी तरह सुरक्षित है। उसने कहा कि इस हादसे के बावजूद उसे अपने ग्राहकों को सेवाएं देने में कोई समस्या नहीं होगी।
- चेन्नई. सार्वजनिक क्षेत्र के इंडियन बैंक ने अपने डिजिटलीकरण मिशन के तहत डिजिटल ब्रोकिंग समाधान ‘ई-ब्रोकिंग' पेश किया है जिस पर ग्राहक डीमैट और ट्रेडिंग खाता खोल सकेंगे। बैंक ने एक बयान में कहा कि ‘ई-ब्रोकिंग' की शुरुआत ग्राहकों को पूरी तरह से डिजिटल पेशकश करने की दिशा में एक अहम कदम है। बयान के मुताबिक, ‘‘ई-ब्रोकिंग त्वरित और कागजरहित डीमैट एवं ट्रेडिंग खाता खोलने की सुविधा देता है और यह बैंक की मोबाइल बैंकिंग एप्लिकेशन इंडओएसिस से जुड़ा हुआ है।'' बैंक के कार्यकारी निदेशक अश्वनी कुमार ने कहा, ‘‘हमारे ग्राहकों को सभी वित्तीय उत्पाद एवं सेवाएं किफायती और एक ही मंच पर देने के हमारे डिजिटलीकरण मिशन के अनुरूप यह एक अहम पहल है।'' बैंक ने कहा कि इस पहल से उसके ग्राहकों को भारतीय जीवन बीमा निगम के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम में आसानी से निवेश करने में मदद मिलेगी।
- नयी दिल्ली. आवासीय ऋण देने वाली कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड ने अपनी मानक उधारी दर में शनिवार को 0.30 फीसदी की बढ़ोतरी करने की घोषणा की जिससे उसके मौजूदा एवं नए दोनों ग्राहकों के लिए कर्ज महंगा हो जाएगा। एचडीएफसी ने यह कदम बुधवार को भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से रेपो दर में की गई 0.40 फीसदी की वृद्धि के बाद उठाया है। इसके पहले आईसीआईसीआई बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और बैंक ऑफ इंडिया समेत कई अन्य ऋणदाता संस्थान भी दरों में बढ़ोतरी कर चुके हैं। आवासीय वित्त कंपनी ने एक बयान में कहा, "एचडीएफसी ने आवासीय ऋण पर अपनी खुदरा मुख्य उधारी दर (आरपीएलआर) में 30 आधार अंकों की वृद्धि कर दी है। यह बढ़ोतरी नौ मई से प्रभावी होगी।" नए कर्जदारों के लिए संशोधित दरें उनकी साख एवं ऋण राशि के आधार पर सात फीसदी से लेकर 7.45 फीसदी के बीच हैं। इसका मौजूदा दायरा 6.70 प्रतिशत से लेकर 7.15 प्रतिशत है। अगर एचडीएफसी के मौजूदा ग्राहकों की बात करें तो उनके लिए ब्याज दरों में 0.30 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। एचडीएफसी ने मई की शुरुआत में भी अपनी बेंचमार्क उधारी दर में 0.05 फीसदी की वृद्धि की थी जिससे मौजूदा कर्जदारों के लिए कर्जों की मासिक किस्त (ईएमआई) महंगी हो गई थी। एचडीएफसी मौजूदा ग्राहकों को दिए गए कर्जों की नई कीमत तय करने के लिए तीन महीने के चक्र का पालन करता है। लिहाजा ऋणों के शुरुआती वितरण की तारीख के आधार पर बढ़ी हुई उधारी दर के आधार पर संशोधित किया जाएगा।
- नयी दिल्ली। खाना पकाने में इस्तेमाल होने वाले एलपीजी गैस सिलिंडर के दाम में शनिवार को 50 रुपये की बढ़ोतरी कर दी गई। इस तरह रसोई गैस सिलिंडर के दाम रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए हैं। सार्वजनिक क्षेत्र की ईंधन वितरक कंपनियों ने एलपीजी सिलिंडर के दाम में बढ़ोतरी की अधिसूचना जारी की। एलपीजी सिलिंडर के दाम में यह वृद्धि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गैस कीमतों में जारी तेजी के बीच की गई है। इस बढ़ोतरी के बाद दिल्ली में एलपीजी का 14.2 किलोग्राम वाला सिलिंडर 999.50 रुपये का हो गया है। यह रसोई गैस सिलिंडर के दाम का रिकॉर्ड स्तर है। छह सप्ताह के भीतर एलपीजी सिलिंडर के दाम में की गई यह दूसरी वृद्धि है। इसके पहले 22 मार्च को भी ईंधन कंपनियों ने गैस सिलिंडर के दाम में 50 रुपये की वृद्धि की थी। मई की शुरुआत में सरकार ने वाणिज्यिक इस्तेमाल वाले गैस सिलिंडर के दाम में भी 102.50 रुपये की बड़ी बढ़ोतरी की थी। इस बढ़ोतरी के दाम दिल्ली में 19 किलोग्राम वाले वाणिज्यिक गैस सिलिंडर की कीमत 2355.50 रुपये हो चुकी है।--
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नई दिल्ली। नियोबैंक ओपन, एक अरब डॉलर से अधिक मूल्य वाली देश की सौवीं निजी कम्पनी यानी यूनिकॉर्न बन गई है। इसके साथ ही, देश में यूनिकॉर्न की संख्या अब तक के अपने उच्च्तम स्तर पर पहुंच गई है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार, एक अरब डॉलर से अधिक मूल्य वाली दुनिया की हर दसवीं निजी कम्पनी भारत की है।
नियोबैंक स्टार्टअप-ओपन में मौजूदा निवेशकों के साथ-साथ आई.आई.एफ.एल. की पांच करोड डॉलर की राशि शामिल है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इसे एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया है।यूनिकॉर्न की संख्या की दृष्टिसे भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है, जिसकी एक अरब डॉलर से अधिक मूल्य वाली निजी कम्पनियों का मूल्य तीन सौ बत्तीस अरब सत्तर करोड डॉलर से अधिक का है।वर्ष 2022 के शुरुआती चार महीने में, भारत में ऐसे 14 यूनिकॉर्न सामने आए हैं, जिनका कुल मूल्य 18 अरब, नब्बे करोड डॉलर है। - मुंबई, वैश्विक स्तर पर पेशेवर सेवाएं देने वाली कंपनी जेडएस इंडिया ने चालू वित्त वर्ष के दौरान देशभर में 4,000 लोगों को नियुक्त करने की योजना बनाई है। कंपनी ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि वह पहली बार नौकरी करने वाले और अनुभवी उम्मीदवारों दोनों की बराबर संख्या में नियुक्ति करेगी। इन नियुक्तियों के बाद कंपनी के कुल कर्मचारियों की संख्या 10,000 के पार हो जायेगी। जेडएस इंडिया ने कहा कि वह भारत में अपनी टीम को तैयार करना चाहती है। इसके लिए कंपनी कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मशीन लर्निंग, बड़े डेटा, क्लाउड टेक्नोलॉजी, डेटा विज्ञान और व्यापारिक विश्लेषणात्मक जैसे विभागों में 4,000 पदों पर भर्ती करेगी। कंपनी के वर्तमान में लगभग 9,000 कर्मचारी हैं। उसकी योजना पिछले वित्त वर्ष की भर्ती के मुकाबले कम से कम 25 प्रतिशत अधिक लोगों को नौकरी पर रखना है।
- नयी दिल्ली. ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन को 2025 तक भारत में उसके मंच से कुल निर्यात 20 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। कंपनी ने जनवरी, 2020 में 2025 तक 10 अरब डॉलर के निर्यात का लक्ष्य रखा था। अधिकारी के अनुसार, जनवरी 2020 में हमने अपने वैश्विक बिक्री कार्यक्रम के साथ 2025 तक भारत से 10 अरब डॉलर के संचयी निर्यात को का लक्ष्य रखा था। भारत और उभरते बाजारों के लिए अमेजन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमित अग्रवाल ने कहा, "हम वैश्विक बिक्री कार्यक्रम में शामिल होने वाले व्यवसायों में गतिविधियों और दुनिया भर में 'मेड-इन-इंडिया' उत्पादों की बढ़ती मांग से उत्साहित हैं। बढ़ती मांग को देखते हुए हम संचयी निर्यात लक्ष्य को दोगुना कर 2025 तक इसके 20 अरब डॉलर पहुंचने की उम्मीद कर रहे हैं।'' अग्रवाल ने अमेजन एक्सपोर्ट्स डाइजेस्ट-2022 (अमेजन निर्यात तंत्र) की पेशकश के दौरान यह घोषणा की। अमेजन ने साल 2015 में ई-कॉमर्स निर्यात कार्यक्रम ग्लोबल सेलिंग पेश किया था, जिसके एक लाख से अधिक निर्यातक हैं।
- चेन्नई. गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) सुंदरम फाइनेंस लिमिटेड ने बुधवार को कहा कि वह दो और तीन साल की जमा पर ब्याज दरों में नौ मई से संशोधन करेगी। कंपनी के अनुसार, दो साल की जमा पर ब्याज दर 5.65 प्रतिशत के मुकाबले 5.90 प्रतिशत और तीन साल की जमा पर दर 5.80 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.05 प्रतिशत होगी। चेन्नई की कंपनी ने बयान में कहा कि उसने वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली ब्याज दरों को दो साल की जमा पर 6.15 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.40 प्रतिशत कर दिया है, और तीन वर्ष की जमा के लिए इसे 6.30 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.55 प्रतिशत करने का फैसला किया है। बयान में कहा गया है कि 31 मार्च, 2022 तक कंपनी की कुल जमा राशि 4,103 करोड़ रुपये थी।
- नयी दिल्ली. वैश्विक रुख के अनुरूप दिल्ली सर्राफा बाजार में बुधवार को सोना 134 रुपये की गिरावट के साथ 50,601 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। इससे पिछले कारोबारी सत्र में सोना 50,735 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। इसी तरह चांदी की कीमत भी 169 रुपये की गिरावट के साथ 62,787 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई। पिछले कारोबारी सत्र में चांदी 62,956 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नीतिगत फैसले से पहले रिजर्व बैंक के ब्याज दर में वृद्धि करने के निर्णय के बाद बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया आठ पैसे के सुधार के साथ 76.40 रुपये प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ। मजबूत डॉलर और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नीतिगत फैसले से पहले एशिया में सुबह के कारोबार में सोने का कारोबार कमजोर रहा। अंतरराष्ट्रीय बाजार कॉमेक्स में सोने का भाव मामूली तेजी के साथ 1,869 डॉलर प्रति औंस था जबकि चांदी 22.61 डॉलर प्रति औंस पर लगभग अपरिवर्तित रही। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा, ‘‘अमेरिकी ट्रेजरी आय के बढ़ने और फेडरल रिजर्व के नीतिगत फैसले से पहले सोने की मांग कमजोर रही जिससे सोने की कीमतों में स्थिरता बनी रही।