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- नयी दिल्ली. लगातार दो सप्ताह तक 100 डॉलर बैरल से ऊपर रहने के बाद वैश्विक बाजारों में कच्चे तेल के दाम मंगलवार को नरम होकर 99.84 डॉलर प्रति बैरल पर आ गये। इससे खुदरा तेल कंपनियों पर मार्जिन दबाव कम हुआ है। कंपनियों ने कच्चे माल की लागत बढ़ने के बावजूद पेट्रोल और डीजल के दाम नहीं बढ़ाए हैं। ब्रेंट क्रूड मंगलवार को सात प्रतिशत नीचे आ गया। इससे पहले, 28 फरवरी को यह 100 डॉलर प्रति बैरल तक चला गया था और सात मार्च को 14 साल के उच्चस्तर 139 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया। बाजार पर चीन में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों का असर हुआ है। चीन कच्चे तेल का दुनिया का सबसे बड़ा आयातक है, ऐसे में मांग पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। इसके अलावा यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध विराम को लेकर बातचीत में प्रगति के भी संकेत हैं। भारत के लिये कच्चे तेल के दाम में कमी अच्छी खबर है क्योंकि इससे दुनिया के तीसरे सबसे बड़े तेल आयातक देश का आयात बिल कम होगा। उद्योग सूत्रों के अनुसार, इससे सार्वजनिक क्षेत्र की खुदरा तेल कंपनियों पर दबाव भी कम होगा।सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) ने रिकॉर्ड 131 दिनों तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है। कच्चे माल की लागत में 60 प्रतिशत से अधिक के उछाल के बावजूद कीमतें जस-की-तस हैं। ऐसी आशंका थी कि कंपनियां उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के पिछले सप्ताह पूरा होने के बाद ईंधन के दाम बढ़ा सकती हैं। लेकिन उन्होंने दाम को बरकरार रखा और विपक्षी दलों को सोमवार से शुरू संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में सरकार को घेरने का मौका नहीं दिया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘कच्चे तेल के दाम में कमी निश्चित रूप से पेट्रोलियम कंपनियों के लिये अच्छा संकेत है...उन्हें विपणन मार्जिन पर विचार किये बना पेट्रोल और डीजल की बिक्री पर 12-13 रुपये प्रति लीटर का नुकसान हो रहा था।'' अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम जब 81 डॉलर प्रति बैरल था तब से यानी चार नवंबर से कंपनियों ने दाम नहीं बढ़ाए हैं।
- नयी दिल्ली. अंतरराष्ट्रीय बाजार में बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में कमजोरी के रुख के बाद दिल्ली सर्राफा बाजार में मंगलवार को सोना 668 रुपये की गिरावट के साथ 51,727 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। इससे पिछले कारोबारी सत्र में सोना 52,395 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।चांदी की कीमत भी 1,390 रुपये की गिरावट के साथ 67,997 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई, जो पिछले कारोबारी सत्र में 69,387 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव एक प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,930 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था। वहीं चांदी 25.58 डॉलर प्रति औंस पर स्थिर थी। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा, ‘‘सोमवार को न्यूयॉर्क स्थित जिंस एक्सचेंज कॉमेक्स में सोने का हाजिर भाव एक प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,930 डॉलर प्रति औंस रह गया। इससे यहां भी सोना कमजोर रहा।'' अमेरिकी एफओएमसी (फेडरल ओपन मार्केट कमेटी) बैठक से पहले अमेरिकी बांड आय में वृद्धि के बाद सोने में बिकवाली देखी गई।
- नयी दिल्ली. मध्यम आकर की मोटरसाइकिल बनाने वाली रॉयल एनफील्ड ने घरेलू बाजार में अपनी नयी मोटरसाइकल ‘स्क्रैम 411' को उतारा है। चेन्नई में इसकी शुरुआती शोरूम कीमत 2.03 लाख रुपये है। आयशर मोटर समूह की कंपनी ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि स्क्रैम 411 को रॉयल एनफील्ड के एलएस-410 इंजन मंच और हैरिस परफॉर्मेंस चेसिस के आधार पर बनाया गया है। कंपनी ने बताया कि यह मोटरसाइकल रंग के आधार पर अलग-अलग कीमतों में उपलब्ध है। चेन्नई में इसकी शोरूम कीमत 2,03,085 से 2,08,593 रुपये के बीच रखी गई है। रॉयल एनफील्ड ने कहा कि स्क्रैम 411 भारतीय बाजार में उपलब्ध हो गई है तथा यूरोप और एशिया प्रशांत क्षेत्र में इसे इस वर्ष के मध्य तक उतारा जाएगा। कंपनी ने अनुसार, 411सीसी की मोटरसाइकिल में चार स्ट्रोक वाला इंजन दिया गया है।
- नयी दिल्ली. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली से जयपुर के बीच भारत का पहला इलेक्ट्रिक राजमार्ग बनाना उनका सपना है। यहां एक समारोह को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि मणिपुर, सिक्किम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और कश्मीर में रोपवे केबल स्थापित करने के लिए सरकार को अब तक 47 प्रस्ताव मिले हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा सपना है दिल्ली से जयपुर के बीच एक इलेक्ट्रिक राजमार्ग बनाना।''मंत्री ने कहा कि उनके मंत्रालय के पास काफी बजट है और बाजार भी इसे समर्थन देने के लिए तैयार है।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2022-23 में सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के लिए 1.99 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इसमें से 1.34 लाख करोड़ रुपये भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को आवंटित किए जाएंगे। एक सवाल के जवाब में गड़करी ने कहा, ‘‘एनएचएआई में सुधार की जरूरत है। निर्णय लेने में विलंब उन चीजों में शामिल हैं जहां एनएचएआई में सुधार लाना होगा।'' उन्होंने कहा कि एनएचएआई सड़क किनारे 650 सुविधाओं का निर्माण कर रहा है। उन्होंने दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर कुछ ठेकेदारों द्वारा विकसित सुविधाओं को लेकर निराशा भी जताई। गडकरी ने कहा कि उनका सपना जैव ईंधन से बिटुमन (सड़क निर्माण में इस्तेमाल होने वाली सामग्री) का निर्माण करना है।
- नयी दिल्ली. उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने मंगलवार को कहा कि ऑनलाइन कारोबार में तेजी आने के साथ इस पर भी ध्यान देना जरूरी है कि बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों का एकाधिकार न स्थापित होने पाए। इसके साथ ही उन्होंने उपभोक्ताओं और छोटे दुकानदारों के हितों को सुरक्षित रखने के लिए एक नया ढांचा तैयार किए जाने की जरूरत भी बतायी। सिंह ने विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने हाल ही में फीचर फोन में भी यूपीआई सेवा की शुरुआत की है जिससे डिजिटल भुगतान एवं ई-कॉमर्स गतिविधियों को खासा बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों का आकार बढ़ता रहेगा लिहाजा उपभोक्ताओं को किसी भी एकाधिकारवादी स्थिति से बचाकर रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं को अनुचित व्यापार तरीकों से बचाने के लिए एक नया ढांचा बनाना होगा। इस समारोह के बाद सिंह ने कहा कि उपभोक्ताओं एवं आपूर्तिकर्ताओं के बीच का संतुलन मध्यवर्तियों (बाजार मंच) के पक्ष में झुक रहा है। उन्होंने कहा, “किसी बाजार-मंच पर जितने ज्यादा लोग होंगे, उतना ही उपभोक्ताओं की ताकत मध्यवर्तियों के पक्ष में होगी। लिहाजा हमें उपभोक्ताओं को इससे बचाना होगा।” उन्होंने ऑनलाइन बाजार-मंचों पर इस्तेमाल किए जाने वाले सर्च एल्गोरिद्म की स्वतंत्रता पर जोर देते हुए कहा कि यूरोपीय संघ ने इस बारे में कड़े प्रावधान किए हैं। इसके अलावा उपभोक्ता से जुड़ी जानकारियों की निजता बनाए रखने का भी उन्होंने जरूरी बताया। सिंह ने बताया कि उपभोक्ता मामलों का विभाग उद्योग आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के साथ मिलकर मुक्त डिजिटल कॉमर्स नेटवर्क (ओएनडीसी) के विकास में लगा है। यह ई-कॉमर्स मंचों के लिए एक अंतर्संबद्ध प्रणाली होगी।
- नयी दिल्ली। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में स्वत: मंजूरी मार्ग से 20 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति को अधिसूचित कर दिया है। डीपीआईआईटी ने सोमवार को यह अधिसूचना जारी की। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले महीने देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी के विनिवेश के फैसले को मंजूरी दी थी। सरकार के इस कदम से देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी के विनिवेश में आसानी होगी। सरकार ने एलआईसी के शेयरों को आईपीओ के जरिए शेयर बाजार में सूचीबद्ध करने की मंजूरी दे दी है। विदेशी निवेशक इस मेगा आईपीओ में भाग लेने के इच्छुक हो सकते हैं, हालांकि मौजूदा एफडीआई नीति के तहत एलआईसी में विदेशी निवेश का कोई विशेष प्रावधान नहीं है, जो एलआईसी अधिनियम, 1956 के तहत गठित एक सांविधिक निगम है। चूंकि, इस समय एफडीआई नीति के अनुसार सरकारी अनुमोदन मार्ग के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में विदेशी निवेश की सीमा 20 प्रतिशत है, इसलिए एलआईसी और ऐसे अन्य कॉरपोरेट निकायों में 20 प्रतिशत तक विदेशी निवेश को मंजूरी देने का फैसला किया गया। उल्लेखनीय है कि इस हिस्सेदारी की बिक्री से 63,000 करोड़ रुपये जुटाये जाने की उम्मीद है। आईपीओ भारत सरकार द्वारा पूरी तरह बिक्री पेशकश (ओएफएस) के रूप में है। एलआईसी के पास 28.3 करोड़ पॉलिसियों और 13.5 लाख एजेंटों के साथ नए प्रीमियम व्यापार में 66 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी थी। सरकार की कोशिश इस आईपीओ को मार्च में ही लाने की थी लेकिन मौजूदा भू-राजनीतिक एवं आर्थिक परिदृश्य में इसके टलने की संभावना बन रही है।
- मुंबई। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के अर्थशास्त्रियों ने कहा कि यदि यूक्रेन-रूस युद्ध जारी रहा तो रुपया डॉलर के मुकाबले कमजोर होकर जून तक 77.5 के निचले स्तर पर पहुंच सकता है और दिसंबर तक यह मामूली सुधार के साथ 77 के स्तर पर आ जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कच्चा तेल 130 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर बना रहा, तो चालू खाता घाटा (सीएडी) 3.5 फीसदी होगा, जिससे विकास दर घटकर 7.1 फीसदी पर आ जाएगी। भारतीय स्टेट बैंक समूह के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष ने सोमवार को एक टिप्पणी में कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में कच्चे तेल की औसत कीमत 100 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल तक बढ़ जाती है, तो इससे वृद्धि दर घटकर 7.6 प्रतिशत के स्तर पर आ जाएगी, जिसके पहले आठ प्रतिशत रहने का अनुमान था। ऐसे में मुद्रास्फीति 4.5 प्रतिशत से बढ़कर पांच प्रतिशत हो जाएगी, और चालू खाता घाटा बढ़कर 86.6 अरब डॉलर या जीडीपी का 2.5 प्रतिशत हो जाएगा। टिप्पणी में कहा गया कि अगर तेल की औसत कीमत 130 अरब डॉलर रहती है तो चालू खाता घाटा 3.5 प्रतिशत तक बढ़ सकता है।
- मॉस्को। शीतयुद्ध की समाप्ति के बाद रूस में कदम रखने वाली फास्टफू़ड शृंखला मैकडॉनल्ड्स ने यूक्रेन संकट के बीच सोमवार से अपना रूसी कारोबार अस्थायी रूप से बंद करने की घोषणा की। मैकडॉनल्ड्स की रूसी वेबसाइट पर जारी बयान के मुताबिक वह परिचालन, तकनीकी एवं लॉजिस्टिक मुश्किलों के चलते अस्थायी तौर पर नेटवर्क अपनी सेवाएं निलंबित कर रहा है। यह व्यवस्था 14 मार्च से ही लागू हो गयी है। मैकडॉनल्ड्स के बयान में कहा गया कि मौजूदा वक्त में यह कह पाना मुश्किल है कि रूस में फिर से अपनी सेवाएं कब शुरू की जा सकेंगी। हालांकि, रूसी परिचालन बंद करने के बावजूद वह अपने 62,500 कर्मचारियों को भुगतान करती रहेगी। कंपनी का अनुमान है कि करीब 850 स्टोर के बंद होने से उसे हर महीने औसतन पांच करोड़ डॉलर का नुकसान होगा। यूक्रेन पर रूस का हमला शुरू होने के बाद कई विदेशी कंपनियां रूसी कारोबार से पीछे हटने की घोषणा कर चुकी हैं। पश्चिमी देशों ने इस हमले को लेकर रूस के खिलाफ कई प्रतिबंधों की घोषणा भी की है।
- नयी दिल्ली. रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने कोबाल्ट-मुक्त लिथियम बैटरी बनाने वाली कंपनी लिथियम वेर्क्स की परिसंपत्तियों का 6.1 करोड़ डॉलर में अधिग्रहण करने की सोमवार को घोषणा की। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने एक बयान में कहा कि उसकी अनुषंगी इकाई रिलायंस न्यू एनर्जी लिमिटेड ने लिथियम वेर्क्स बी वी की सभी परिसंपत्तियों के अधिग्रहण के लिए पक्के करार पर सोमवार को हस्ताक्षर किए। इस लेनदेन का कुल मूल्य 6.1 करोड़ डॉलर है जिसमें भावी वृद्धि के लिए वित्तपोषण भी शामिल है। गैर-परंपरागत ऊर्जा क्षेत्र में कदम बढ़ा रही रिलायंस के लिए लिथियम वेर्क्स का अधिग्रहण अहम है। इस सौदे में लिथियम वेर्क्स की चीन में स्थित विनिर्माण इकाई के अलावा उसके सभी उत्पाद और मौजूदा कर्मचारी भी शामिल हैं। वर्ष 2017 में कामकाज शुरू करने वाली लिथियम वेर्क्स कोबाल्ट-मुक्त लिथियम बैटरी से जुड़ी प्रौद्योगिकी एवं विनिर्माण कंपनी है। इसका परिचालन अमेरिका, यूरोप एवं चीन में होता रहा है जबकि ग्राहक दुनियाभर में फैले हैं। लिथियम वेर्क्स की बनाई बैटरियां का इस्तेमाल औद्योगिक, चिकित्सा, समुद्री परिवहन, ऊर्जा भंडारण एवं वाणिज्यिक परिवहन क्षेत्रों में होता है।
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नयी दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजार में बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में कमजोरी के रुख के अनुरूप दिल्ली सर्राफा बाजार में सोमवार को सोना 362 रुपये की गिरावट के साथ 52,443 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। इससे पिछले कारोबारी सत्र में सोना 52,805 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।
चांदी की कीमत भी 612 रुपये की गिरावट के साथ 69,665 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई, जो पिछले कारोबारी सत्र में 70,277 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव गिरावट के साथ 1,970 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रह था। वहीं चांदी 25.58 डॉलर प्रति औंस पर लगभग अपरिवर्तित रही। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा, ‘‘सोमवार को न्यूयॉर्क स्थित जिंस एक्सचेंज कॉमेक्स में सोने का हाजिर भाव 0.90 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,970 डॉलर प्रति औंस रह गया। अमेरिकी बांड आय में वृद्धि होने के साथ सोने की कीमतों में गिरावट आई जिससे यहां सोना कमजोर रहा।'' - नयी दिल्ली. शहरी क्षेत्रों में 15 साल और उससे अधिक उम्र के व्यक्तियों के लिए बेरोजगारी दर अप्रैल-जून, 2021 में घटकर 12.6 प्रतिशत रह गई, जो इससे पिछले साल की इसी अवधि में 20.8 प्रतिशत थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के सोमवार को जारी श्रमबल सर्वेक्षण से यह जानकारी मिली है। बेरोजगारी दर (यूआर) को श्रमबल में बेरोजगार व्यक्तियों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया गया है। बेरोजगारी दर अप्रैल-जून, 2020 में सबसे अधिक थी। ऐसा कोरोना वायरस महामारी को नियंत्रण में रखने के लिए लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन के चलते था। एनएसओ के 11वें आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) के मुताबिक, जनवरी-मार्च, 2021 में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए बेरोजगारी दर शहरी क्षेत्रों में 9.3 प्रतिशत थी। सर्वेक्षण के मुताबिक, शहरी क्षेत्रों में महिलाओं (15 वर्ष और उससे अधिक आयु) की बेरोजगारी दर भी अप्रैल-जून, 2021 में घटकर 14.3 प्रतिशत रह गई, जो इससे एक साल पहले इसी अवधि में 21.1 प्रतिशत थी। यह आंकड़ा जनवरी-मार्च, 2021 में 11.8 प्रतिशत था। इसी तरह शहरी क्षेत्रों में पुरुषों की बेरोजगारी दर भी घटकर 12.2 प्रतिशत रह गई, जो इससे एक साल पहले इसी अवधि में 20.7 प्रतिशत थी। यह आंकड़ा जनवरी-मार्च 2021 में 8.6 फीसदी था।
- नयी दिल्ली. खाद्य वस्तुओं के दामों में आई कमी के बावजूद फरवरी, 2022 में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित (डब्ल्यूपीआई) मुद्रास्फीति बढ़कर 13.11 प्रतिशत पर पहुंच गई। खाद्य वस्तुओं में आई गिरावट का लाभ कच्चे तेल और गैर-खाद्य वस्तुओं की कीमतों में तेजी की वजह से नहीं मिल पाया। सरकारी आंकड़ों से सोमवार को यह जानकारी मिली है। थोक मुद्रास्फीति अप्रैल, 2021 से लगातार 11वें माह 10 प्रतिशत से ऊंची बनी हुई है। जनवरी, 2022 में डब्ल्यूपीआई 12.96 प्रतिशत थी, जबकि पिछले वर्ष फरवरी में यह 4.83 प्रतिशत पर थी। 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के दाम बढ़ने लगे थे, इसी ने थोक मूल्य सूचकांक पर दबाव डाला क्योंकि खाद्य वस्तुओं में सब्जियों से लेकर दालों और प्रोटीन वाली वस्तुओं तक की श्रेणियों में दामों में नरमी रही। कच्चे तेल के दाम वैश्विक स्तर पर बढ़ने के कारण फरवरी में कच्चे पेट्रोलियम की मुद्रास्फीति बढ़कर 55.17 प्रतिशत हो गई, जो जनवरी में 39.41 फीसदी थी। आंकड़ों के अनुसार, फरवरी, 2022 में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति कम होकर 8.19 प्रतिशत पर आ गई, जो जनवरी में 10.33 प्रतिशत थी। इसी तरह समीक्षाधीन महीने में सब्जियों की मुद्रास्फीति 26.93 फीसदी रही जो जनवरी में 38.45 प्रतिशत पर पहुंच गई थी। अंडा, मांस और मछली में मुद्रास्फीति 8.41 प्रतिशत रही, वहीं प्याज के दाम 26.37 प्रतिशत तक कम हुए जबकि आलू के दाम 14.78 प्रतिशत बढ़ गए। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘फरवरी, 2022 में मुद्रास्फीति बढ़ने की प्रमुख वजह खनिज तेलों, मूल धातुओं, रसायनों और रासायनिक उत्पादों, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस और गैर-खाद्य वस्तुओं आदि की कीमतों में वृद्धि है।'' विनिर्मित वस्तुओं की मुद्रास्फीति फरवरी में 9.84 प्रतिशत रही, जो जनवरी में 9.42 प्रतिशत थी।
- नयी दिल्ली. फ्रांस की कार कंपनी रेनो ने अपनी प्रवेश स्तर की कार क्विड का नया संस्करण उतारा है। इसकी शुरुआती शोरूम कीमत 4.49 लाख रुपये है। यह वाहन 0.8 लीटर और एक लीटर पेट्रोल इंजन के साथ मैनुअल और ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन विकल्प दोनों में उपलब्ध है। कंपनी ने सोमवार को बयान में कहा कि क्विड माई22 क्लाइंबर श्रृंखला के तहत ग्राहकों को नए रंगों का विकल्प भी मिलेगा। कंपनी ने कहा कि यह मॉडल भारतीय बाजार की सभी सुरक्षा जरूरतों का अनुपालन करता है। कंपनी ने दावा किया है कि एआरएआई परीक्षण प्रमाणन के तहत क्विड 0.8 लीटर कार एक लीटर ईंधन में 22.25 किलोमीटर दौड़ सकती है।
- कोलकाता. कैफे कारोबार में आम तौर पर पुरुषों का वर्चस्व देखा जाता है, लेकिन पश्चिम बंगाल के कोलकाता में महिला उद्यमियों ने इस क्षेत्र में स्वयं को साबित किया है और नए जमाने के ‘थीम' आधारित कैफे खोले हैं। इन उद्यमियों में अभिनेत्री से उद्यमी बनी स्वरालिपि चटर्जी भी शामिल हैं, जो कोलकाता के जोधपुर पार्क का लोकप्रिय कैफे ‘अबर बैठक' संचालित करती हैं। यह फिल्मकार सत्यजीत रे के लोकप्रिय जासूसी किरदार ‘फेलुदा' की ‘थीम' पर आधारित पहला कैफे है। वर्ष 2014 तक बंगाली धारावाहिकों का लोकप्रिय चेहरा रहीं चटर्जी ने कहा, ‘‘रवींद्र सरोबर इलाके में 2010 में हमारे शुरुआती स्टार्टअप कैफे के त्रुटिपूर्ण योजना के कारण सफल नहीं हो पाने के कुछ साल बाद हमने यह कैफे खोला, लेकिन मेरे पति से मेरा तलाक हो जाने के बाद मुझे अब इसे अकेले संचालित करना पड़ रहा है।'' चटर्जी ने कहा कि उन्होंने और उनके पूर्व पति ने ग्राहकों के लिए 'अड्डा', स्वादिष्ट भोजन और अच्छा माहौल मुहैया कराने के अपने जुनून के कारण कैफे शुरू किया था। उन्होंने कहा कि उनके पूर्व पति बहुत स्वादिष्ट खाना पकाते हैं और उन्हें टेलीविजन पर ‘‘अर्थपूर्ण भूमिकाएं'' भी नहीं मिल रही थीं, जिसके कारण उन दोनों ने यह कारोबार शुरू करने का फैसला किया । इस साल अभिनय करियर फिर से शुरू करने की योजना बना रहीं चटर्जी ने कहा कि महिलाओं को हर कदम पर स्वयं को साबित करना होता है और ऐसा करने के लिए दृढ़ संकल्प बहुत अहम है। उन्होंने शहर के दक्षिणी इलाके के बाहर नरेंद्रपुर इलाके में एक अन्य कैफे खोला है। इसी प्रकार संगीतकार आर डी बर्मन के गीतों की थीम पर ‘हिंदुस्तान पार्क' में स्थित एक अन्य लोकप्रिय कैफे ‘पंचम एर अड्डे' की मालिक अमृता एनी ने कहा कि 1970 और 80 के दशक के संगीत की थीम पर आधारित कैफे खोलना उनका सपना था, जो अगस्त 2019 में पूरा हुआ। एनी ने कहा कि उन्हें लॉकडाउन के बाद अपना कैफे फिर से चालू करने के लिए अपने सभी गहने बेचने पड़े। उन्होंने कहा, ‘‘मैं किसी भी सूरत में इसे डूबते नहीं देख सकती थी।'' विवेकानंद पार्क के एक लोकप्रिय कैफे ‘होला' की मालिक अरुणिमा धवन ने कहा कि उन्हें स्वादिष्ट व्यंजनों का बहुत शौक है और उन्हें यह कारोबार शुरू करने में अपने पति का पूरा सहयोग मिला। उन्होंने कहा, ‘‘यह चार साल पुरानी यात्रा है और हम अब भी सीख रहे हैं। हमने जब यह कारोबार शुरू किया था, उस समय हमें व्यंजनों और पेय पदार्थों के बारे में अधिक जानकारी नहीं थी।'' इस बीच, चाय कैफे ‘टीटॉनिक' की सह मालिक राजरीता सेन ने कहा कि उद्यमिता में पारंपरिक रूप से पुरुषों का वर्चस्व रहा है, लेकिन अब चीजें बदलनी शुरू हो गई हैं।
- कोलकाता. टाटा स्टील लिमिटेड ने शनिवार को कहा कि वह रूस-यूक्रेन संघर्ष के बीच रूसी आपूर्तिकर्ताओं और बैंकों के साथ अनिश्चितता का सामना कर रही है और कोयले के आयात के लिए वैकल्पिक बाजारों की तलाश कर रही है। टाटा स्टील के प्रबंध निदेशक टी वी नरेंद्रन ने कहा कि रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण के बाद के भू-राजनीतिक हालात ने यूरोप में इस्पात निर्यात के नए अवसर भी खोले हैं। इस संघर्ष के चलते रूस और यूक्रेन की आपूर्ति बाधित होने से यूरोप में 4.5 करोड़ टन इस्पात की कमी हो गई है। नरेंद्रन ने सीआईआई पूर्वी क्षेत्र की वार्षिक बैठक के मौके पर कहा कि टाटा स्टील कोयले के आयात के लिए वैकल्पिक बाजारों की तलाश करेगी। इस समय रूसी आपूर्तिकर्ताओं और बैंकरों को लेकर काफी अनिश्चितता है। उन्होंने कहा कि टाटा स्टील अपनी कोयला जरूरतों का 10-15 फीसदी रूस से खरीदती है। उन्होंने कहा कि कंपनी के यूरोपीय परिचालन के लिए उत्तरी अमेरिका से अधिक कोयला खरीदना होगा। नरेंद्रन ने कहा कि टाटा स्टील बेहतर मार्जिन के लिए दक्षिणी यूरोप को अधिक निर्यात करने पर जोर देगी। उन्होंने कहा कि यदि यूक्रेन-रूस संघर्ष अगले कुछ महीनों तक जारी रहता है, तो लागत में वृद्धि सभी को प्रभावित करेगी।
- मुंबई. एडोब के चेयरमैन और मुख्य कार्यपालक अधिकारी शांतनु नारायण ने शनिवार को कहा कि भारत को लेकर कंपनी की आकांक्षाएं सिर्फ उत्पादों से ही संबंधित नहीं बल्कि देश से वैश्विक कारोबार का संचालन करने की है। नारायण ने डिजिटल तरीके से आयोजित एक वैश्विक कारोबारी सम्मेलन में कहा, ‘‘भारत को लेकर हमारी आकांक्षाएं केवल उत्पादों को लेकर नहीं बल्कि देश से वैश्विक कारोबारों का संचालन करने की है। हम भारत में अनुपातहीन रूप से निवेश कर रहे हैं और यह जारी रहने वाला है।'' उन्होंने कहा कि एडोब भारत में अपनी मौजूदगी का लगातार विस्तार करेगी।
- नयी दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एचडीएफसी बैंक से सभी प्रतिबंध हटा लिए हैं और उसे नई डिजिटल पहलें शुरू करने की इजाजत दे दी है। एचडीएफसी बैंक ने शनिवार को एक बयान में कहा, ‘‘आरबीआई ने बैंक के डिजिटल 2.0 कार्यक्रम के तहत कारोबार बढ़ाने के लिए की जाने वाली गतिविधियों से प्रतिबंध हटा दिया है। इस बाबत केंद्रीय बैंक ने 11 मार्च 2022 को एक पत्र जारी किया था।'' बैंक का डिजिटल 2.0 कार्यक्रम ग्राहकों को बाधा रहित वित्तीय अनुभव देने के लिए उत्पाद उपलब्ध करवाने से संबंधित है। दिसंबर 2020 में आरबीआई ने बार-बार तकनीकी खामियां आने की शिकायतों के बाद एचडीएफसी बैंक द्वारा नए कार्ड जारी करने पर रोक लगा दी थी।
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नईए दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने पेटीएम भुगतान बैंक पर तत्काल प्रभाव से नए खाते खोलने पर रोक लगा दी है। रिजर्व बैंक ने पेटीएम भुगतान बैंक को अपने आईटी सिस्टम का व्यापक लेखा परीक्षा के लिए एक आईटी ऑडिट फर्म नियुक्त करने का भी निर्देश दिया है। एक वक्तव्य में रिजर्व बैंक ने कहा कि आईटी ऑडिट रिपोर्ट की समीक्षा के बाद नए ग्राहकों को जोड़ने की अनुमति देने पर विचार किया जायेगा। पर्यवेक्षण से जुड़ी कुछ चिंताओं के आधार पर यह रोक लगायी गयी है।
- मुंबई। बैंकों का ऋण 25 फरवरी को समाप्त पखवाड़े में 7.9 प्रतिशत बढ़कर 116.27 लाख करोड़ रुपये और जमा 8.6 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 162.17 लाख करोड़ रुपये हो गई। भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। रिजर्व बैंक द्वारा गुरुवार को जारी अनुसूचित बैंकों की स्थिति के विवरण के अनुसार 26 फरवरी, 2021 को समाप्त पखवाड़े में बैंक ऋण 107.75 लाख करोड़ रुपये, जबकि जमा 149.33 करोड़ रुपये थी। इससे पिछले यानी 11 फरवरी, 2022 को समाप्त पखवाड़े में बैंक ऋण 7.86 प्रतिशत और जमा 9.11 प्रतिशत बढ़ी थी।
- मुंबई। किर्लोस्कर फेरस ने 670 करोड़ रुपये में इंडियन सीमलेस मेटल ट्यूब्स (आईएसएमटी) में बहुलांश हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया है। किर्लोस्कर फेरस पिग आयरन और ग्रे आयरन कास्टिंग्स की प्रमुख विनिर्माता है। वहीं आईएसएमटी विशेष सीमलेस ट्यूब बनाती है। दोनों कंपनियों ने गुरुवार को जारी बयान में कहा कि इस समझौते में किर्लोस्कर ने इंडियन सीमलेस में 670 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इसमें से 476.63 करोड़ रुपये का निवेश 51.25 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने और शेष 194 करोड़ रुपये ट्यूब विनिर्माता को बिना गारंटी वाले कर्ज के रूप में दिए गए हैं ।
- नई दिल्ली। प्रोविडेंट फंड (पीएफ) नियमों में एक अप्रैल, 2022 से बदलाव होने जा रहा है। नए वित्त वर्ष से अगर आप पीएफ खाते में 2.50 लाख रुपये से ज्यादा निवेश करते हैं तो इसके ब्याज पर टैक्स का भुगतान करना होगा। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के आम बजट में पीएफ में 2.50 लाख रुपये से ज्यादा निवेश पर टैक्स लगाने की घोषणा की थी।केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर चुका है। इसके तहत, अगर आप एक साल में अपने पीएफ खाते में 2.50 लाख से ज्यादा योगदान करते हैं तो इस पर मिलने वाली ब्याज आय पर टैक्स का भुगतान करना होगा। सरकारी कर्मचारियों के लिए यह सीमा 5 लाख रुपये है। पीएफ खाते में निवेश पर आयकर कानून की धारा 80सी के तहत टैक्स छूट मिलती है। अगर किसी नौकरीपेशा का पीएफ खाते में सालाना योगदान 2.50 लाख से ज्यादा होगा तो उसके दो अलग-अलग खाते बनाए जाएंगे। पहले पीएफ खाते में 2.50 लाख जमा होंगे, जबकि उससे ज्यादा की राशि दूसरे खाते में जमा होगी। इससे कर गणना आसान होगी।एक अप्रैल से लागू होने वाले नियम का असर 1.23 लाख अमीरों (हाई इनकम इंडिविजुअल) पर पड़ेगा। सरकार का कहना है कि ये लोग अब तक एक साल में औसतन 50 लाख रुपये से ज्यादा कमाई ब्याज से कर रहे है, जिस पर कोई टैक्स नहीं लगता है। नए नियम से इनकी कमाई पर रोक लगेगी। अब तक पीएफ योगदान पर मिलने वाले ब्याज पर कोई टैक्स नहीं लगता है। जीएसटी संग्रह बढ़ाने और टैक्स चोरी रोकने के लिए सरकार लगातार इस प्रणाली में बदलाव कर रही है। एक अप्रैल से ई-इनवॉयस प्रणाली में बदलाव हो है। बिजनेस-टु-बिजनेस (बी2बी) लेनदेन वाली कंपनियां जिनका सालाना टर्नओवर 20 करोड़ से ज्यादा है, उनके लिए ई-इनवॉयस जरूरी होगा। 1 अक्तूबर, 2020 को सरकार ने 500 करोड़ तक टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए इसे जरूरी बनाया था। 1 जनवरी, 2021 को इसे घटाकर 100 करोड़ किया गया। नए वित्त वर्ष से इसे फिर बदलकर 50 करोड़ तक टर्नओवर तय कर दिया।वहीं अगर आपने डाकघर की छोटी बचत योजनाओं में निवेश किया है तो एक अप्रैल, 2022 से इसके नियमों में बदलाव हो रहा है। नए नियमों के तहत अब ग्राहकों को टाइम डिपॉजिट खाता, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना और मासिक आय योजना (एमआईएस) में निवेश करने के लिए बचत खाता या बैंक खाता खोलना जरूरी है।---
- नयी दिल्ली. रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत का सोने का आयात वर्ष 2021 में 1,067.72 टन हो गया, जो कोविड-19 महामारी के कारण वर्ष 2020 के दौरान 430.11 टन था। एक बयान में कहा गया है कि वर्ष 2021 में सोने का आयात वर्ष 2019 के 836.38 टन के आयात से 27.66 प्रतिशत अधिक रहा है। इसमें कहा गया है कि स्विट्जरलैंड से सबसे अधिक 469.66 टन सोना आयात किया गया। इसके बाद संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से 120.16 टन, दक्षिण अफ्रीका से 71.68 टन और गिनी से 58.72 टन सोने का आयात किया गया। चीन के साथ भारत अबतक दुनिया का सबसे बड़ा सोने का आयातक और उपभोक्ता देश है। जीजेईपीसी के अध्यक्ष कॉलिन शाह के अनुसार, ‘‘वर्ष 2021 में लगभग 1,067 टन सोने के आयात के लिए, एक साल पहले की असामान्य महामारी की स्थिति को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। उस समय आयात 430.11 टन तक गिर गया था।'' पिछले वर्ष देश ने 58,763.9 करोड़ डॉलर मूल्य के सोने के आभूषणों का निर्यात किया था। जीजेईपीसी ने कहा कि आभूषण उद्योग में निर्यात में वृद्धि देखी जा रही है और महामारी के बाद सोने के आभूषण (सादे और जड़े हुए) की घरेलू बिक्री बढ़ रही है।
- मुंबई.अमेरिकी ब्रोकरेज कंपनी मॉर्गन स्टेनली ने बृहस्पतिवार को वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारत के वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 7.9 प्रतिशत कर दिया है। कच्चे तेल की कीमतों पर रूस-यूक्रेन संघर्ष के असर को देखते हुए यह बदलाव किया गया है। मॉर्गन स्टेनली के विश्लेषकों ने भारत में मुद्रास्फीति के अनुमान को भी बढ़ाकर छह प्रतिशत कर दिया है जो कि भारतीय रिजर्व बैंक के संतोषजनक दायरे का ऊपरी स्तर है। इसके अलावा मौजूदा घटनाक्रम की वजह से मुद्रास्फीतिजन्य मंदी की आशंका भी जताई है। ब्रोकरेज फर्म ने एक बयान में कहा, ‘‘हमारा मत है कि मौजूदा भू-राजनीतिक तनाव बाह्य जोखिमों को बढ़ा रहे हैं और अर्थव्यवस्था के लिए मुद्रास्फीति-जनित मंदी की आशंका भी पैदा हो रही है।'' मुद्रास्फीति-जनित मंदी का आशय ऐसी स्थिति से है जब उत्पादन या वृद्धि में गतिहीनता आ जाए और मुद्रास्फीति भी ऊंचे स्तर पर बनी रहे। विश्लेषकों ने चक्रीय पुनरुद्धार का रुझान कायम रहने की उम्मीद जताते हुए कहा कि ऐसा थोड़ा नरमी के साथ ही जारी रहेगा। उन्होंने भारत पर भू-राजनीतिक तनावों का कई तरह से असर पड़ने का जिक्र करते हुए कहा कि तेल एवं अन्य जिंसों के दामों में वृद्धि, व्यापार में गिरावट और कारोबारी धारणा को पहुंचे नुकसान से वित्तीय परिस्थितियां बिगड़ने की आशंका है। मॉर्गन स्टेनली के उलट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारत का वृद्धि दर अनुमान 7.8 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।
- नयी दिल्ली. प्रमुख कृषि मार्केटप्लेस एग्रीबाजार ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने एक 'सुदूर संवेदी फसल मॉडल' की पेशकश की है जो किसानों को आसानी से कम लागत वाली लाभप्रद खेती (प्रिसिजन फार्मिंग) को अपनाने में मदद करेगा। कंपनी ने एक बयान में कहा कि अगले 12 महीनों में 10 लाख से अधिक अतिरिक्त किसानों के इस सेवा से लाभान्वित होने की उम्मीद है। मौजूदा समय में, एग्रीबाजार में पंजीकृत तीन लाख से अधिक किसानों को ये सेवाएं दी जा रही हैं। एग्रीबाजार ने कहा कि यह भारत में पहली बार 'सुदूर संवेदी फसल मॉडल' (रिमोट सेंसिंग क्रॉप मॉडल) की पेशकश कर रहा है, जबकि यह विश्वस्तर पर पहले से उपलब्ध है। भारत सरकार ने एग्रीबाजार को अपने इंडिया एग्री-स्टैक प्रोग्राम के लिए माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के साथ एक भागीदार के रूप में चुना है, जो इस तकनीक का व्यापक रूप से उपयोग करेगा। इस पेशकश के मौके पर एग्रीबाजार के सह-संस्थापक और प्रबंध निदेशक अमित मुंडावाला ने कहा कि यह मॉडल लाखों छोटे भारतीय किसानों और किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को कम जोखिम वाले तरीके से खेती करने में मदद करेगा, जिसमें खर्च कम होगा और उपज अधिक होगी।
- मुंबई। स्थानीय शेयर बाजारों में तेजी तथा पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के परिणामों के बीच गुरुवार को रुपया 19 पैसे की मजबूती के साथ 76.43 प्रति डॉलर पर पहुंच गया। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 76.27 प्रति डॉलर पर खुलने के बाद 76.07 प्रति डॉलर के उच्च स्तर तक गया। इसने 76.46 प्रति डॉलर के निचले स्तर को भी छुआ। अंत में रुपया 19 पैसे की तेजी के साथ 76.43 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। बुधवार को रुपया 76.62 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। पांच राज्यों- उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में हुए विधानसभा चुनावों की मतगणना जारी है। भाजपा उत्तर प्रदेश में लगातार दूसरी बार सरकार बनाने की ओर बढ़ रही है। आम आदमी पार्टी पंजाब में बड़े बहुमत की ओर है। वहीं अन्य तीन राज्यों में भी भाजपा आगे है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा कि जोखिम लेने की धारणा में सुधार आने से रुपया मजबूत हुआ। उन्होंने कहा कि भू-राजनीतिक जोखिम अब कम हो रहे हैं और जिंसों के दाम नीचे आ रहे हैं। इसके अलावा उभरते बाजारों की मुद्राओं तथा शेयरों में भी तेजी है। परमार ने कहा कि निकट भविष्य में रुपया 76 से 76.70 प्रति डॉलर के दायरे में रह सकता है।इस बीच, छह मुद्राओं की तुलना में डॉलर का रुख दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.13 प्रतिशत बढ़कर 98.09 पर पहुंच गया। ब्रेंट कच्चा तेल वायदा 4.76 प्रतिशत की बढ़त के साथ 116.43 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 817.06 अंक की तेजी के साथ 55,464.39 अंक पर बंद हुआ।विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे हैं। उन्होंने बुधवार को 4,818.71 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।










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