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मुंबई। बाजार नियामक सेबी ने मंगलवार को प्रतिभूति बाजार से जुड़े कई महत्वपूर्ण सुधारों को मंजूरी दी। इसमें सोने के लिये और सामाजिक क्षेत्र की कंपनियों के लिये अलग शेयर बाजार बनाने, निवेशकों के हितों की रक्षा के लिये निवेशक अधिकार पत्र तथा विलय एवं अधिग्रहण को और अधिक तार्किक बनाने के लिये सूचीबद्धता नियमों में बदलाव शामिल हैं। इन तमाम पहलों का मकसद प्रतिभूति बाजार को मजबूत बनाना है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के निदेशक मंडल ने सामाजिक क्षेत्र से जुड़े उपक्रमों के लिये कोष जुटाने का मार्ग प्रशस्त करने की दिशा में अहम कदम उठाते हुये सामाजिक शेयर बाजार (सोशल स्टॉक एक्सचेंज) के ढांचे को मंजूरी दी। निदेशक मंडल की बैठक के बाद भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन अजय त्यागी ने कहा कि मौजूदा शेयर बाजारों में सामाजिक शेयर बाजार अलग खंड होगा। सामाजिक सेवाओं से जुड़ी कंपनियां इस बाजार में भाग ले सकेंगी। इस श्रेणी में गैर-लाभकारी संगठन (एनपीओ) और लाभ के साथ समाज के स्तर पर भलाई का काम करने वाली कंपनियां आती हैं। सेबी निदेशक मंडल ने स्वर्ण बाजार के गठन की रूपरेखा संबंधी प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी। इस बाजार में सोने की खरीद-बिक्री इलेक्ट्रॉनिक स्वर्ण रसीद के रूप में की जा सकेगी। शेयर बाजार की तरह काम करने वाले इस एक्सचेंज से मूल्यवान धातु के लिये पारदर्शी घरेलू हाजिर मूल्य तलाशने की व्यवस्था बनाने में मदद मिलेगी।
श्री त्यागी ने कहा कि सोने का प्रतिनिधित्व करने वाला साधन इलेक्ट्रॉनिक स्वर्ण रसीद (ईजीआर) कहलाएगा और इसे प्रतिभूतियों के रूप में अधिसूचित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी अन्य प्रतिभूति की तरह ईजीआर में कारोबार करने, समाशोधन और निपटान जैसी व्यवस्थायें होंगी। सेबी के बयान के अनुसार कोई भी मान्यता प्राप्त, मौजूदा और नया एक्सचेंज ईजीआर में कारोबार शुरू कर सकता है। ईजीआर के कारोबार को लेकर राशि और इलेक्ट्रॉनिक स्वर्ण रसीद को सोने में तब्दील करने के बारे में निर्णय शेयर बाजार सेबी की मंजूरी से कर सकता है। एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में सेबी ने अधिक और प्रभावी मतदान के अधिकार से जुड़े शेयरों (एस आर शेयर) के मामले में पात्रता जरूरतों में ढील देने का निर्णय किया। -
नयी दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने मंगलवार को कहा कि डिजिटल धोखाधड़ी रोकने में वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियां महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। कोविड महामारी के दौरान डिजिटल धोखाधड़ी बढ़ी हैं। इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) द्वारा आयोजित वैश्विक फिनटेक फेस्ट 2021 में शंकर ने कहा कि डिजिटल व्यवस्था की पहुंच काफी हद तक शहरी और महानगरों में सीमित हैं। इसे पूरे देश में आगे बढ़ाये जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘आबादी के एक बड़े हिस्से तक अभी भी बैंक सुविधाओं और स्मार्टफोन की पहुंच नहीं हैं। हमें इन तक पहुंच बढ़ाने के लिए तकनीकी समाधान की जरूरत है।'' उन्होंने कहा कि आरबीआई ने ‘सैंडबॉक्स' व्यवस्था (सीमित दायरे में उत्पादों का वास्तविक तौर पर परीक्षण) के जरिये कई विकल्पों को चिन्हित किया है। डिप्टी गवर्नर ने कहा कि वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियां डिजिटल धोखाधड़ी रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान डिजिटल धोखाधड़ी की घटनाएं बढ़ी हैं। उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि धोखाधड़ी करने वाले वित्तीय सेवा उद्योग में सेंध लगाने को लेकर अपने प्रयास तेज कर रहे हैं। शंकर ने कहा, ‘‘...हमें डिजिटल धोखाधड़ी और साइबर अपराध रोकने पर ध्यान देने की जरूरत है।''
उन्होंने यह भी कहा कि यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि वित्तीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र में नवप्रवर्तन आर्थिक वृद्धि को गति देने में मदद करें। इसके लिये जरूरी है कि नियामक और अन्य संबंधित पक्ष अपनी-अपनी भूमिका प्रभावी तरीके से निभाएं। -
मुंबई। नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने निजी क्षेत्र से सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) पर ध्यान केंद्रित करने को कहा है। उन्होंने निजी क्षेत्र की कंपनियों से कहा कि वे भविष्य की हरित कंपनियां बनने के लिए काम करें जिससे उनकी कम लागति पर पूंजी तक पहुंच होगी। कांत ने एसडीजी शिखर बैठक के एक वर्चुअल सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि देश
के सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए निजी क्षेत्र और उद्योग महत्चपूर्ण भागीदार हैं। ‘‘नीतियों को कार्रवाई में बदलने के लिए सरकार को उनके समर्थन की जरूरत है।'' नीति आयोग के सीईओ ने कहा, ‘‘मैं चाहूंगा कि समूचा निजी क्षेत्र सतत विकास लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करे और भविष्य की हरित कंपनियां बने। ये कंपनियां आगे बढ़ेंगी और समृद्ध होंगी। उनका मूल्यांकन बढ़ेगा। उन्हें सस्ती दर पर पूंजी उपलब्ध होगी। वे हरित और डिजिटल बन सकेंगी।'' उन्होंने कहा कि एसडीजी के लक्ष्यों को पाने के लिए भारत को पोषण, महिलाओं की अर्थव्यवस्था में सक्रिय भागीदारी, रोजगार और प्रदूषण घटाने के मोर्चे पर तेजी से काम करना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने इन क्षेत्रों में पहले ही कई पहलें लागू की हैं और उसकी निगरानी और प्रगति की समीक्षा को एक तंत्र स्थापित किया है। -
नयी दिल्ली।भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने ग्राहकों के लिये आधार सत्यापन को लेकर राशि 20 रुपये से कम कर 3 रुपये कर दी है। इस पहल का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि इकाइयां विभिन्न सेवाओं और लाभों के जरिये लोगों के जीवन को आसान बनाने के लिये उसकी ढांचागत सुविधाओं का लाभ उठायें। एनपीसीआई-आईएएमएआई द्वारा आयोजित वैश्विक फिनटेक फेस्ट को संबोधित करते हुए यूआईडीएआई के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सौरभ गर्ग ने कहा कि वित्तीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र में आधार का लाभ उठाने की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमने प्रति सत्यापन की दर 20 रुपये से घटाकर 3 रुपये कर दी है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विभिन्न एजेंसियां और संस्थान सरकार द्वारा तैयार डिजिटल बुनियादी ढांचे का बेहतर उपयोग कर सकें। मान-सम्मान के साथ लोगों के जीवन को सुगम बनाने के लिये इन बुनियादी ढांचों का उपयोग जरूरी है।'' अब तक 99 करोड़ ई-केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) के लिये आधार प्रणाली का उपयोग किया गया है। - नयी दिल्ली। सनफ्लावर सीड्स कंपनी ने डायमंड कॉमिक्स के सभी पात्रों की बिक्री के विशेष अधिकार हासिल कर लिए हैं। डायमंड कॉमिक्स में वास्तविक अपराध के मामलों पर आधारित कहानियों के संग्रह के अलावा 25 से अधिक कॉमिक और जादुई पात्र, 15 महानायक (सुपरहीरो), चार जासूसी नायक और 23 पौराणिक पात्र हैं। गुलशन राय द्वारा 1978 में स्थापित डायमंड कॉमिक्स ने चाचा चौधरी, बिल्लू, पिंकी, मोटू-पतलू जैसे मूल भारतीय कॉमिक चरित्र दिए हैं। कंपनी ने हिंदी, अंग्रेजी और क्षेत्रीय भाषाओं में फैंटम, मैनड्रेक, सुपरमैन, बैटमैन, स्पाइडर मैन, ही मैन और जेम्स बॉन्ड जैसी विदेशी कॉमिक पुस्तकों का प्रकाशन भी शुरू किया। डायमंड कॉमिक्स के प्रबंध निदेशक राय ने इस गठजोड़ के बारे में कहा, "डायमंड कॉमिक्स हमेशा से अपने पाठकों से जुड़ने और समय के साथ आगे बढ़ने में विश्वास करता रहा है। चाहे यह हमारी बड़ी डिजिटलीकरण परियोजना हो, ओटीटी मंचों के साथ साझेदारी हो या एनीमेशन के क्षेत्र में प्रवेश करना हो, हम इतिहास से जुड़े रहते हैं, लेकिन हम उन बच्चों की तरह चुस्त भी रहते हैं, जो हमारे पाठक हैं। हमें विश्वास है कि इस साझेदारी के साथ हम इन अवसरों का और अधिक उत्साह के साथ लाभ उठा सकेंगे।'' सनफ्लावर सीड्स की मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रीति चतुर्वेदी ने कहा, "हमारा उद्देश्य आधुनिक समय के प्रारूपों और साझेदारी की तलाश करना होगा, ताकि डायमंड कॉमिक्स के प्यारे पात्रों को नई पीढ़ियों के लिए और अधिक सुलभ और विकसित हो रही संवेदनशीलता के अनुरूप बनाया जा सके।
- नयी दिल्ली । यात्री वाहन निर्माता टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) ने मंगलवार को कहा कि वह लागत में वृद्धि के प्रभाव को आंशिक रूप से दूर करने के लिए एक अक्टूबर से अपने सभी मॉडलों की कीमतों में दो प्रतिशत तक की वृद्धि करेगी। टीकेएम जापान की टोयोटा मोटर कंपनी और किर्लोस्कर समूह के बीच एक संयुक्त उद्यम है। कंपनी घरेलू बाजार में इनोवा क्रिस्टा और फॉर्च्यूनर सहित कई यात्री वाहन बेचती है। टीकेएम ने एक बयान में कहा कि कंपनी एक अक्टूबर, 2021 से अपने मॉडलों की कीमतों में बदलाव करेगी। अगले महीने से वेलफायर को छोड़कर सभी मॉडलों की कीमतें बढ़ायी जाएंगी।कंपनी ने कहा, "इनपुट लागत में वृद्धि को आंशिक रूप से संतुलित करने के लिए यह बढ़ोतरी जरूरी है। हालांकि ग्राहकों पर प्रभाव को देखते हुए समग्र मूल्य वृद्धि को कम कर दिया गया है।" पिछले एक साल में इस्पात और कीमती धातुओं जैसी विभिन्न जरूरी वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि हुई है। इससे वाहन निर्माताओं के लिए इनपुट लागत बढ़ गया है। इससे पहले टाटा मोटर्स, मारुति सुजुकी इंडिया जैसी कई कंपनियां अगले महीने से कारों की कीमतें बढ़ाने की घोषणा कर चुकी हैं।
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नयी दिल्ली। भारत और अमेरिका के सीमा शुल्क विभागों ने एक करार पर हस्ताक्षर किए हैं। इस करार का मकसद सीमा शुल्क प्रक्रियाओं में जल्द मंजूरी से दोनों देशों के निर्यातकों की मदद करना है। अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के चेयरमैन एम अजित कुमार और अमेरिका के गृह सुरक्षा विभाग के तहत सीमा शुल्क और सीमा संरक्षण के आयुक्त ट्रॉय मिलर ने परस्पर मान्यता करार (एमआरए) पर 22 सितंबर को हस्ताक्षर किए। इसके तहत दोनों देश एक-दूसरे के अधिकृत आर्थिक परिचालकों (एईओ) को मान्यता देंगे। सीबीआईसी ने एक ट्वीट के जरिये यह जानकारी दी। भारत और अमेरिका के बीच एमआरए को आपूर्ति श्रृंखला तथा व्यापार सुगमता की दृष्टि से एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। इसके जरिये दोनों देशों के निर्यातकों को दूसरे देश में सीमा शुल्क प्रक्रियाओं के जरिये मंजूरी तेजी से मिल पाएगी।
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नयी दिल्ली। टिकाऊ उपभोक्ता सामान कंपनी व्हर्लपूल ऑफ इंडिया ने एलिका पीबी इंडिया में 5.7 करोड़ डॉलर यानी 420 करोड़ रुपये में 38 प्रतिशत अतिरिक्त हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए करार किया है। कंपनी ने कहा कि उसने एलिका एस.पी.ए से शेयर खरीद करार किया है। इसके तहत वह एलिका पीबी इंडिया में अतिरिक्त इक्विटी हिस्सेदारी खरीदेगी। इससे कंपनी में उसकी कुल हिस्सेदारी 87 प्रतिशत हो जाएगी। यह सौदा सितंबर, 2021 के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। सौदा पूरा होने के बाद एलिका पीबी इंडिया, व्हर्लपूल ऑफ इंडिया की बहुलांश स्वामित्व वाली अनुषंगी बन जाएगी।
- नई दिल्ली। स्वदेशी ऑटोमोबाइल कंपनी टाटा मोटर्स इस फेस्टिव सीजन में माइक्रो एसयूवी टाटा पंच लॉन्च करने की तैयारी में है। टाटा पंच को लॉन्च से पहले ही अलग-अलग कलर में देखा जा चुका है। टाटा की H2X कॉन्सेप्ट पर आधारित पंच को कंपनी ने डीलरशिप पर भी भेजना शुरू कर दिया है। खबरों के अनुसार इस कार की सबसे खास बात यह है कि इसे भारत में 5 लाख रुपये से भी कम कीमत में लॉन्च किया जा सकता है।खबरों के अनुसार टाटा पंच को अगले महीने यानी अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में 5 लाख रुपये से भी कम कीमत में लॉन्च किया जा सकता है। टाटा मोटर्स ने हाल ही में इसका टीजर जारी किया, जिसमें डिजाइन समेत कई फीचर्स का खुलासा हुआ है। खबर आ रही है कि टाटा पंच में मल्टीपल राइडिंग मोड्स देखने को मिल सकते हैं, जो कि सस्ती कारों में देखने को नहीं मिलते हैं। लेकिन टाटा मोटर्स पंच की तरफ लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए इस धांसू माइक्रो एसयूवी में ऐसे-ऐसे फीचर्स लेकर आ रही है, जो क्रेटा, सेल्टॉस और ब्रेजा के साथ ही टाटा की ही नेक्सॉन और अन्य कारों में दिखते हैं।कार का फ्रंट लुक काफी हद तक टाटा सफारी और टाटा हैरियर से मिलता-जुलता हो सकता है। टाटा पंच में 3 राइडिंग मोड्स होंगे, जो हर टेरेन में लोगों के राइडिंग एक्सपीरियंस को शानदार बनाएंगे, यानी चाहे शहरी सड़क हो या उबड़-खाबड़ रास्ते, सभी जगहों पर टाटा पंच लोगों का खास ख्याल रखेगी। साथ ही हर मोड में लोगों को अलग-अलग माइलेज मिलेगी। अपकमिंग माइक्रो एसयूवी टाटा पंच को दो इंजन ऑप्शन के साथ पेश किया जा सकता है, जो कि 1.2 लीटर 3 सिलिंडर नेचरली एस्पिरेटेड पेट्रोल इंजन और 1.2 लीटर टर्बोचाज्र्ड पेट्रोल यूनिट होंगे। पंच को 5 स्पीड मैनुअल और एएमटी ट्रांसमिशन ऑप्शन के साथ लॉन्च किया जा सकता है।पिछले दिनों टाटा पंच डुअल टोन कलर ऑप्शन में नजर आई। नई फोटो में गाड़ी को ऑरेंज-ब्लैक के कॉम्बिनेशन में देखा गया। साथ ही इसमें डेटाइम रनिंग लाइट्स और डुअल टोन अलॉय व्हील भी देखने को मिलते हैं, जिससे पता लगता है कि यह एसयूवी का टॉप वेरिएंट हो सकता है। टाटा पंच में प्रोजेक्टर हेडलैंप, ब्लैक बम्पर, अंडरबॉडी और साइड क्लैडिंग दी गई है। कार में स्क्वायर व्हील आर्च, ब्लैक-आउट पिलर और फॉक्स रूफ रेल्स भी हैं। यह कार एक बेहतरीन केबिन के साथ आएगी। डैशबोर्ड पर कई हाइलाइट्स हैं, और एक मोटी क्रोम स्ट्रिप है, जो पूरे डैशबोर्ड पर भी चलती है। नेक्सॉन की तरह डैशबोर्ड पर इंफोटेनमेंट सिस्टम लगा है। इसमें सेमी-डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर, कीलेस स्टार्ट-स्टॉप एंड गो, ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल सिस्टम वगैरह मिलने की संभावना है। उम्मीद की जा रही है कि इस छोटी एसयूवी की शुरुआती कीमत 5 लाख रुपये के आस-पास हो सकती है।
- नयी दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय सहकारी गठबंधन (आईसीए) के अध्यक्ष एरियल ग्वार्को ने सोमवार को कहा कि देश को अमूल और इफ्को जैसी और अधिक सहकारी समितियों की जरूरत है। ग्वार्को यहां भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ (एनसीयूआई) द्वारा आयोजित एक बैठक को संबोधित कर रहे थे।एनसीयूआई ने ग्वारको के हवाले से एक बयान में कहा, ‘‘भारत में सहकारी समितियों को और अधिक अमूल और इफ्को की जरूरत है।'' ग्वारको ने इन दो सहकारी समितियों के काम की सराहना की जिन्होंने दूध और उर्वरक के क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान दिया है। उन्होंने महामारी के दौरान सहकारी समितियों के अच्छे काम की भी प्रशंसा की। अमूल की सफलता की कहानी पर प्रकाश डालते हुए, इसके प्रबंध निदेशक आरएस सोढ़ी ने कहा कि भारतीय सहकारी समितियों को बहुराष्ट्रीय कंपनियों से प्रतिस्पर्धा करने के लिए एकजुट होना चाहिए। एनसीयूआई के अध्यक्ष दिलीप संघानी ने कहा कि संघ, वैश्विक परिप्रेक्ष्य में इस क्षेत्र में अधिक जिम्मेदारी लेने को तैयार है। नेशनल फेडरेशन ऑफ अर्बन कोऑपरेटिव बैंक्स एंड क्रेडिट सोसाइटीज लिमिटेड (एनएएफसीयूबी) के अध्यक्ष ज्योतिंद्र मेहता ने कहा कि आईसीए को भारतीय सहकारी समितियों के साथ अधिक आपसी लेनदेन के और कार्यक्रम विकसित किए जाने चाहिए।
- नयी दिल्ली,। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को कहा कि मौजूदा विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) अगले साल 31 मार्च तक चलती रहेगी। सरकार ने इससे पहले कोविड-19 संकट के कारण एफटीपी 2015-20 को इस साल 30 सितंबर तक बढ़ाया था।विदेश व्यापार नीति आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने और रोजगार के अवसर तैयार करने के लिए निर्यात बढ़ाने को लेकर दिशानिर्देश उपलब्ध कराती है। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, हमने 31 मार्च (2022) तक नीति का विस्तार करने का फैसला किया है ... और (नए) वित्त वर्ष में हम नई नीति के साथ शुरुआत कर सकते हैं।'' गोयल ने उम्मीद जताई कि उस समय तक कोविड-19 की समस्या का समाधान हो जाएगा।सरकार ने इससे पहले 31 मार्च 2020 को कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप और लॉकडाउन के बीच विदेश व्यापार नीति 2015-20 को 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दिया था। इसके बाद अब इसका कार्यकाल एक साल और मार्च 2022 तक के लिये बढ़ा दिया गया है। एफटीपी के तहत सरकार शुल्क मुक्त आयात की अनुमति (डीएफआईए) और निर्यात संवर्धन से जुड़ी पूंजीगत माल (ईपीसीजी) जैसी विभिन्न योजनाओं के जरिए प्रोत्साहन देती है। गोयल ने कहा कि अप्रैल- 21 सितंबर, 2021 की अवधि में देश का निर्यात 185 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक रहा है। उन्होंने कहा कि रुझानों के अनुसार देश चालू वित्त वर्ष में 400 अरब अमेरिकी डॉलर का निर्यात लक्ष्य हासिल कर लेगा। मंत्री ने यह विश्वास भी जताया कि आने वाले वर्षों में वस्तुओं और सेवाओं का कुल निर्यात 1,000 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का लक्ष्य संभव है। उन्होंने कहा, ‘‘हम हितधारकों के साथ निर्यात को 2,000 अरब अमेरिकी डॉलर (वस्तुओं और सेवाओं) तक ले जाने के लिए एक मसौदे पर काम कर रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि भारत को व्यापार घाटे से व्यापार अधिशेष की ओर बढ़ने की जरूरत है।गोयल ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) पर कहा कि भारत में रिकॉर्ड प्रवाह हुआ है और ‘‘हमें उम्मीद है कि यह रुझान जारी रहेगा।'' मंत्री ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि हर कोई ईमानदारी से अपना कारोबार चलाए और बढ़ाए। इससे अधिक जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी।'' उन्होंने ‘ईज ऑफ लॉजिस्टिक्स पोर्टल' www.easeoflogistics.com शुरुआत भी की।
- नयी दिल्ली। फॉर्च्यून ब्रांड के तहत खाद्य तेलों और अन्य खाद्य उत्पादों का विपणन करने वाली कंपनी अडाणी विल्मर ने सोमवार को कहा कि उसने छह राज्यों में फ्रेंचाइजी मॉडल के तहत 12 भौतिक स्टोर खोले हैं और उसकी योजना पूरे देश में स्टोर खोलने की है। कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘‘अडाणी विल्मर फॉर्च्यून मार्ट नाम से भौतिक स्टोर खोल रही है, जहां खासतौर से फॉर्च्यून और अन्य अडाणी विल्मर ब्रांड के उत्पादों को बेचा जाएगा।'' अडाणी विल्मर फ्रेंचाइजी मॉडल पर भौतिक स्टोर खोल रही है।अडाणी विल्मर ने अब तक जयपुर, जोधपुर, ललितपुर, गांधीनगर, सूरत, गांधीधाम, जबलपुर, विदिशा, ग्वालियर, खारघर, अकोला और हल्दिया में 12 फॉर्च्यून मार्ट स्टोर खोले हैं। ये स्टोर राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में हैं। कंपनी की योजना आगामी तिमाही में भारत के उत्तर और पूर्वी हिस्सों में फॉर्च्यून मार्ट स्टोर शुरू करने की है। अडाणी के प्रबंध निदेशक और सीईओ अंगशु मलिक ने कहा, ‘‘फॉर्च्यून एक घरेलू नाम और देश में सबसे लोकप्रिय खाद्य ब्रांड बन गया है। फॉर्च्यून मार्ट स्टोर की शुरुआत का मकसद पिछले दो दशकों में फॉर्च्यून द्वारा स्थापित ब्रांड पहचान का लाभ उठाना है।
- मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को निजी क्षेत्र के ऋणदाता आरबीएल बैंक पर नियामकीय अनुपालन में खामियों तथा बैंकिंग नियमन अधिनियम के प्रावधानों का अनुपालन नहीं करने पर दो करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। आरबीएल बैंक के निरीक्षण के बाद रिजर्व बैंक ने कुछ नियामकीय निर्देशों तथा बैंकिंग नियमन अधिनियम का अनुपालन नहीं करने का मुद्दा उठाया था। इनमें सहकारी बैंक के नाम पर पांच बचत खाते खोलने और बैंक के निदेशक मंडल की संरचना शामिल है। बाद में केंद्रीय बैंक ने आरबीएल बैंक को नोटिस जारी कर पूछा था कि क्यों न उसके निर्देशों का अनुपालन नहीं करने और बैंकिंग नियमन अधिनियम के प्रावधानों को पूरा नहीं करने के लिए उसपर जुर्माना लगाया जाए। कारण बताओ नोटिस पर आरबीएल बैंक के जवाब और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान उसकी मौखिक दलीलें सुनने के बाद रिजर्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि इन उल्लंघनों के लिए जुर्माना लगाने का मामला बनता है। रिजर्व बैंक ने एक अन्य बयान में कहा कि जम्मू-कश्मीर राज्य सहकारी बैंक लि., श्रीनगर पर भी बैंकिंग नियमन अधिनियम, 1949 के कुछ प्रावधानों के लिए उल्लंघन को लेकर 11 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। बैंक का सांविधिक तौर पर निरीक्षण नाबार्ड ने 31 मार्च 2019 को उसकी वित्तीय स्थिति को लेकर किया था।
- नई दिल्ली। लंबे इंतजार के बाद आखिरकार ओप्पो ने अपने लेटेस्ट स्मार्टफोन ओप्पो रेनो 6 प्रो 5 जी दिवाली एडिशन को भारत में लॉन्च कर दिया है। ओप्पो रेनो 6 प्रो 5 जी दिवाली एडिशन लगभग रेगुलर ओप्पो रेनो 6 प्रो 5 जी के समान ही है, लेकिन इसे एक नया कलर ऑप्शन मिलता है। इवेंट में कंपनी ने Oppo Enco Buds का नया कलर वेरिएंट और ओप्पो एफ 19 एस के कई सारे वेरिएंट भी लॉन्च किए हैं।ओप्पो रेनो 6 प्रो 5 जी दिवाली एडिशन की कीमत है 41 हजार 990 रुपए और यह 12 जीबी और 256 जीबी अनबिल्ट स्टोरेज के साथ एक स्पेशल मैजेस्टिक गोल्ड कलर ऑप्शन में है।ओप्पो के फ्लैगशिप स्मार्टफोन को भारत में जुलाई में सिंगल 12 जीबी और 256 जीबी स्टोरेज वेरिएंट में लॉन्च किया गया था और इसकी कीमत 39 हजार 990 रुपये थी, जो इसके ऑरोरा और स्टेलर ब्लैक कलर वेरिएंट के लिए थी। मैजेस्टिक गोल्ड कलर ऑप्शन आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से खरीदने के लिए उपलब्ध है।डुअल-सिम (नैनो) ओप्पो रेनो 6 प्रो 5 जी भी एनड्रायड 11 पर बेस्ड कलर ओएस 11.1 पर चलाता है। इसमें 6.550 इंच का फुल-एचडी+ (1,080&2,400 पिक्सल)एमोलेड डिस्प्ले है जो 90 एचजी रिफ्रेश रेट के साथ है। यह मीडियाटेक डाइमेंसिटी 1200 प्रोसेसर से लैस है, जिसे 12 जीबी रैम और 256 जीबी ऑनबोर्ड स्टोरेज के साथ जोड़ा गया है। यह 64-मेगापिक्सल के प्राइमरी सेंसर द्वारा हेडलाइन किए गए क्वाड रियर कैमरा सेटअप को पैक करता है। फोन 4500 एएच बैटरी से लैस है और 65 W SuperVOOC 2.0 फास्ट चार्जिंग को सपोर्ट करता है।
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नयी दिल्ली। टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) ने सोमवार को कहा कि वह ग्राहकों की बदलती जरूरतों को पूरा करने के लिए अपनी उत्पाद रणनीति के तहत भारत में अपनी मध्यम आकार की सेडान यारिस की बिक्री तत्काल प्रभाव से बंद कर देगी।कंपनी ने भारतीय बाजार में मई 2018 में यारिस उतारी था। इसकी कीमत 8.75 लाख रुपये से 14.07 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) रखी गयी थी। यह सेडान होंडा सिटी, ह्यूंदे वरना और मारुति सुजुकी सियाज के वर्ग में पेश की गयी थी।
हालांकि, लगभग 19,800 इकाइयों की थोक बिक्री के साथ, बाजार में इसे ज्यादा अच्छी प्रतिक्रिया नहीं मिली। कंपनी ने एक बयान में कहा, "टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने 27 सितंबर, 2021 से भारत में यारिस को बंद करने की घोषणा की है। यह कदम उन्नत तकनीकों और उत्पाद की पेशकश के माध्यम से ग्राहकों की लगातार बदलती जरूरतों को पूरा करने के लिए टोयोटा की उत्पाद रणनीति का एक हिस्सा है।" - मुंबई। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि वित्तीय समावेशन पर विशेष ध्यान देने तथा आर्थिक गतिविधियों के उच्चस्तर के बावजूद देश के कई जिले ऐसे हैं, जहां बैंकिंग सुविधाओं का अभाव है। उन्होंने रविवार को इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आईबीए) की 74वीं वार्षिक आमसभा को संबोधित करते हुए कहा कि इन जिलों में आर्थिक गतिविधियों का स्तर काफी ऊंचा है, लेकिन बैंकिंग उपस्थिति काफी कम है। सीतारमण ने बैंकों से कहा कि वे अपनी मौजूदगी को बढ़ाने के प्रयासों को और बेहतर करें।उन्होंने बैंकों से कहा कि उनके पास विकल्प है कि वे या तो ऐसे जिलों में गली-मोहल्ले के मॉडल के अनुरूप पूर्ण रूप से शाखा खोल सकते हैं या फिर कोई 'आउटपोस्ट' बना सकते हैं जहां लोगों की बैंकिंग जरूरतों को पूरा किया जा सके। उन्होंने इस बात पर हैरानी जताई कि कैसे ऊंची आर्थिक गतिविधियों वाले क्षेत्रों में बैंक नहीं पहुंचे हैं।उल्लेखनीय है कि नीति निर्माता एक दशक से अधिक से वित्तीय समावेशन पर जोर दे रहे हैं। नीति निर्माताओं ने 2,000 से अधिक आबादी वाले प्रत्येक गांव में बैंकिंग उपस्थिति सुनिश्चित करने का लक्ष्य तय किया है। कुछ साल पहले भारतीय रिजर्व बैंक ने भी बैंक शाखा खोलने के नियमों को उदार किया है।सीतारमण ने कहा, ''आज भी कई जिले, यहां तक कि बड़ी पंचायतों वाले जिले ऐसे हैं जहां बैंक नहीं है। कई-कई जिलों में भौतिक रूप से एक बैंकिंग संस्थान नहीं है।'' उन्होंने आईबीए के सदस्यों से कहा कि वे डिजिटल तरीके से सभी जिलों का नक्शा बनाएं और देखें कि किन क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं का दायरा काफी कम है। वे ऐसे क्षेत्रों में पूर्ण शाखा या आउटपोस्ट के लिए प्रावधान करें। उन्होंने सवाल किया, ''आप आर्थिक गतिविधियों का केंद्र देखें। चाहे वह ग्रामीण पॉकेट हो, लेकिन वहां आर्थिक गतिविधियां काफी मजबूत हों, तो आपको विचार करना होगा कि क्या वहां आपकी उपस्थिति होनी चाहिए।'' वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि वह डिजिटलीकरण के खिलाफ नहीं हैं। लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसा कैसे हो सकता है कि देश के कुछ हिस्सों में गली-मोहल्ले की दुकानों जैसी छोटी बैंक शाखा भी नहीं हैं। उन्होंने एक सांसद का उदाहरण दिया जो कृषि सबंधित व्यापार और थोक गतिविधियों वाले एक क्षेत्र में बैंक शाखा की मांग उठा रहे हैं। उनका कहना है कि स्थानीय लोगों को अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए मीलों चलना पड़ता है।प्रधानमंत्री जन धन योजना की सराहना करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि लाखों नए खाते खोले गए। उन्होंने अपनी यह इच्छा भी दोहराई कि पूर्वी क्षेत्र को अधिक ऋण मिलना चाहिए। वित्त मंत्री के संबोधन के बाद जारी बयान में एचडीएफसी बैंक ने कहा कि वह अपनी ग्रामीण पहुंच को दोगुना कर अगले दो साल में दो लाख गांवों तक पहुंचाएगा। इसके अलावा बैंक ने अगले छह माह में 2,500 लोगों की नियुक्ति करने की भी घोषणा की। इस बीच, सीतारमण ने कहा कि आगामी राष्ट्रीय संपत्ति पुनर्गठन कंपनी को 'बैड बैंक' नहीं कहा जाना चाहिए, जैसा अमेरिका में कहा जाता है। उन्होंने कहा कि आज बैंकों का बही-खाता अधिक साफ-सुथरा है। इससे सरकार पर बैंकों के पुनर्पूंजीकरण का बोझ कम होगा। सीतारमण ने कहा कि कि बैंकों को तेज-तर्रार बनने की जरूरत है। उन्हें प्रत्येक इकाई की जरूरत को समझना होगा जिससे 2030 तक 2,000 अरब डॉलर और चालू वित्त वर्ष में 400 अरब डॉलर के निर्यात लक्ष्य को हासिल किया जा सके। वित्त मंत्री ने कहा कि विकास वित्त संस्थान (डीएफआई) के निर्माण के लिए कानूनी रूपरेखा अभी जारी है। उन्होंने कहा कि हमें इस तरह की इकाइयों की निजी क्षेत्र और सरकार समर्थित क्षेत्र दोनों में जरूरत है। उन्होंने उम्मीद जताई कि निजी डीएफआई तथा सरकारी डीएफआई के बीच मजबूत प्रतिस्पर्धा होगी। उन्होंने कहा कि सिर्फ इससे ही परियोजनाओं के लिए ऋण की निचली लागत सुनिश्चित की जा सकेगी। सीतारमण ने महामारी के दौरान जान गंवाने वाले बैंक कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने ऐसे कठिन समय में वित्तीय प्रणाली को कायम रखने के उनके प्रयासों की सराहना की। उन्होंने बैंकों से कहा कि वे आम जनता तक आवश्यक जानकारी पहुंचाने के लिए अपने कॉरपोरेट संचार कामकाज को बेहतर करें।
- नयी दिल्ली। राजस्थान की 'सोजत मेहंदी' को सरकार से भौगोलिक संकेतक (जीआई) का दर्जा मिला है। जीआई दर्जा उत्पाद के निर्माताओं को उच्च मूल्य प्राप्त करने में मदद करता है और कोई अन्य निर्माता अपने उत्पादों के विपणन के लिए इस नाम का इस्तेमाल नहीं कर सकता। राजस्थान के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव मुग्धा सिन्हा ने कहा, ‘‘सोजत मेहंदी के लिए जीआई का दर्जा किसानों, एमएसएमई उद्योग, कारीगरों और उपभोक्ताओं के लिए समान रूप से फायदे की बात है। हम इसके हर्बल कॉस्मेटिक और औषधीय उपयोगों को देखते हुए इसका निर्यात बढ़ाने के लिए इसका लाभ उठा सकते हैं।'' एक निश्चित भौगोलिक क्षेत्र से उत्पन्न होने वाले कृषि, प्राकृतिक या निर्मित उत्पाद (हस्तशिल्प और औद्योगिक सामान) के लिए एक जीआई दर्जे का उपयोग किया जाता है। आमतौर पर यह दर्जा नाम, गुणवत्ता और विशिष्टता का आश्वासन देता है, जो मुख्य रूप से इसके मूल स्थान के कारण होता है। दार्जिलिंग की चाय, तिरुपति लड्डू, कांगड़ा पेंटिंग, नागपुर का संतरा और कश्मीर पश्मीना भारत में पंजीकृत जीआई उत्पादों में से हैं। एक बार किसी उत्पाद को भौगोलिक संकेतक का दर्जा मिलने के बाद कोई भी व्यक्ति या कंपनी उस नाम से समान, वस्तु नहीं बेच सकती हैं। यह दस साल के लिए वैध होता है और बाद में इसका नवीकरण भी किया जा सकता है।
- नयी दिल्ली । जर्मनी की लक्जरी कार कंपनी ऑडी ने भारत में आयातित कारों पर लगने वाली कर की ऊंची दरों को इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र की वृद्धि के लिए बाधा करार दिया है। कंपनी ने आयातित कारों पर कर की दरों में कटौती का आग्रह किया है। कंपनी ने कहा कि शुल्कों में कुछ राहत से भी वह अधिक वाहन बेच सकेगी और अपने मुख्यालय को ऐसे वाहनों के स्थानीय विनिर्माण के लिए निवेश के प्रति आश्वस्त कर पाएगी। ऑडी की देश में फिलहाल पांच बिजलीचालित यानी इलेक्ट्रिक वाहन बेचती है। कंपनी ने कहा कि आयात किये जाने वाले मॉडलों पर कर में कमी से वाहन के मूल्य को कम करने में मदद मिलेगी। साथ ही बाजार में वह एक निश्चित मात्रा में बिक्री के आंकड़े को हासिल कर पाएगी। ऑडी ने कहा कि यदि कंपनी को बाजार में एक निश्चित हिस्सेदारी मिलती है तो वह अपने वैश्विक मुख्यालय को भारत विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने के लिए देश में फिर से निवेश करने के लिए मनाने की कोशिश करेगी। ऑडी इंडिया के प्रमुख बलबीर सिंह ढिल्लों ने कहा कि कंपनी देश में आयातित अपने इलेक्ट्रिक वाहनों के पहले सेट को बेच दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘हाल में भारतीय बाजार में उतारी गई की गई बिजली से चलने वाली ई-ट्रॉन गाड़ी की पहली खेप बिक गई हैं। इससे हमें विश्वास मिला है कि लोग और भारत इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए तैयार है। यह सब हमें ऐसी अधिक से अधिक कारों को पेश करने में मदद कर रहा है।'' कंपनी ने पिछले सप्ताह ही दो नई पूर्ण इलेक्ट्रिक चार दरवाजे की कूपे ई-ट्रॉन जीटी और आरएस ई-ट्रॉन जीटी भारत में पेश की है। इसके साथ कंपनी की भारत में बिजली से चलने वाली कुल पांच गाड़ियां हो गई है। हालांकि, उन्होंने कहा कि आयात शुल्क इलेक्ट्रिक वाहनों के रास्ते में बाधक साबित हो रहा है।
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नयी दिल्ली। डीजल कीमतों में रविवार को 25 पैसे प्रति लीटर की और बढ़ोतरी की गई है। हालांकि, पेट्रोल के दाम नहीं बढ़ाए गए हैं।
सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों ने तीन सप्ताह तक कीमतों में बदलाव नहीं किया था। उसके बाद से डीजल कीमतों में यह दूसरी बढ़ोतरी है।सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों की मूल्य अधिसूचना के अनुसार दिल्ली में डीजल अब 89.07 रुपये प्रति लीटर हो गया है। मुंबई में यह 96.68 रुपये प्रति लीटर हो गया है। पेट्रोल के दाम नहीं बढ़ाए गए हैं। दिल्ली में पेट्रोल 101.19 रुपये लीटर और मुंबई में 107.26 रुपये लीटर है।सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों....इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसीएल) ने 24 सितंबर से कीमतों में दैनिक आधार पर संशोधन फिर शुरू किया है। पांच सितंबर से कीमतों में बदलाव नहीं किया गया था। 24 सितंबर को डीजल के दाम 20 पैसे प्रति लीटर बढ़ाए गए थे। उस दिन भी पेट्रोल कीमतों में बदलाव नहीं हुआ था। वैश्विक बेंचमार्क ब्रेंट कच्चा तेल 77.50 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है। इस सप्ताह कच्चे तेल के दाम दो प्रतिशत चढ़े हैं। - नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली कंपनी एनटीपीसी ने सीपीएसयू योजना-दो निविदा में 1.9 गीगावॉट की सौर परियोजनाएं हासिल की हैं। इसके साथ, एनटीपीसी के पास अब प्रतिस्पर्धी बोलियों के माध्यम से हासिल की गई 6.3 गीगावॉट क्षमता है। कंपनी के एक बयान में कहा गया है कि इससे एनटीपीसी की वर्ष 2032 तक 60 गीगावॉट आरई (नवीकरणीय ऊर्जा) क्षमता की योजना का मार्ग प्रशस्त होगा। कंपनी ने पांच गीगावॉट निविदा की तीसरी किस्त में परियोजनाएं हासिल की हैं।
- नई दिल्ली। भारत में सबसे पॉवुलर ऑटोमोबाइल कंपनी मारुति सुजुकी जल्द ही भारत में अपनी कई कारों के नेक्स्ट जेनरेशन मॉडल लॉन्च करने वाली है, जो कि बेहतर लुक और फीचर्स से लैस होगी। इसी कड़ी में मारुति सुजुकी अपनी बेस्ट सेलिंग हैचबैक कार मारुति सुजुकी ऑल्टो को नए अवतार में पेश करने वाली है, जिसमें ज्यादा स्पेस के साथ ही लुक और फीचर्स में भी काफी बदलाव देखने को मिलेंगे।ऑल्टो के अब तक कई अपडेट मॉडल आ चुके हैं और अब अगले साल यानी 2022 की शुरुआत में हृनेक्स्ट जनरेशन मारुति सुजुटी ऑल्टो लोगों के सामने आ सकती है। दरअसल, कोविड की वजह से इसकी लॉन्चिंग में देरी हुई। अपकमिंग मारुति ऑल्टो को हार्टेक्ट प्लैटफॉर्म पर डिवेलप किया जाएगा, जिस पर मारुति सुजुकी एस- प्रेशो के साथ ही न्यू जेन वेगेन आर डिवेलप हुई है। मारुति सुजुकी की अपकमिंग हैचबैक न्यू सेलेरयिो भी इसी प्लैटफॉर्म पर बेस्ड होगी।माना जा रहा है कि नेक्स्ट जेनरेशन मारुति ऑल्टो में 3 सिलिंडर नेचरली एस्पिरेटेज पेट्रोल इंजन देखने को मिलेगा। इसकी माइलेज में भी बेहतरी की संभावना दिख सकती है। अपकमिंग ऑल्टो के डिजाइन में काफी सारे बदलाव देखने को मिलेंगे। साथ ही इसके इंटीरियर में भी काफी कुछ नया देखने को मिल सकता है। अपकमिंग ऑल्टो ज्यादा स्पोर्टी होगी, जो ज्यादा ऊंची होगी और इसमें नई ग्रिल, बंपर, हेडलाइट, टेललाइट और व्हील्ज देखने को मिलेंगे।नई मारुति सुजुकी ऑल्टो की संभावित फीचर्स की बात करें तो इसमें एप्पल कार प्ले और एंड्रॉइड ऑटो सपोर्ट वाला 7 इंच का टचस्क्रीन इन्फोटेनमेंट सिस्टम, कीलेस एंट्री, पावर विंडो, डुअल फ्रंट एयरबैग्स, रिवर्स पार्किंग सेंसर, स्पीड अलर्ट सिस्टम जैसे कई सेल्टी और स्टैंडर्ड फीचर्स देखने को मिलेंगे। अपकमिंग ऑल्टो को सीएनजी ऑप्शन के साथ पेश किया जा सकता है। कंपनी ने नई ऑल्टो की कीमत का अभी खुलासा नहीं किया है।
- नई दिल्ली।केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन ने आज कहा कि कोविड महामारी की चुनौती के बावजूद देश की अर्थव्यवस्था सुधार के पथ पर है और आर्थिक वृद्धि दर मजबूत हो रही है। उन्होंने कहा कि शेयर बाजार में भरोसा बढ रहा है क्योंकि खुद्रा और छोटे निवेशक इसमें निवेश के लिए उत्सुक हैं। आज चंडीगढ में हरियाणा भाजपा कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में वित्तमंत्री ने यह बात कही। वे हरियाणा के पंचकुला में पार्टी कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए वहां गई हैं। प्रदेश भाजपा प्रमुख ओपी धनखड़ और पूर्व केन्द्रीय मंत्री रतन लाल कटारिया भी इस अवसर पर मौजूद थे।वित्तमंत्री ने कहा कि वस्तु और सेवाकर- जीएसटी तथा प्रत्यक्ष करों के संग्रह से अर्थव्यवस्था में सुधार के स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष कर और जीएसटी संग्रह का छमाही लक्ष्य हासिल कर लिया गया है। प्रति महीने औसतन एक लाख ग्यारह हजार करोड रुपए का जीएसटी और एक लाख 12 हजार करोड रुपए का प्रत्यक्ष कर संग्रह हो रहा है। श्रीमती सीतारामन ने कहा कि ये कोई छोटे-मोटे संकेत नहीं हैं।वित्तमंत्री ने कहा कि सब जानते हैं कि सरकार सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास के मंत्र पर विश्वास करती है। 15 अगस्त को प्रधानमंत्री ने इस मंत्र में सबका प्रयास जोडा था। वित्तमंत्री ने कहा कि बैंकों के जरिए स्टार्टअप्स को ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। फल-सब्जी विक्रेता रेहडी पटरी वालों को भी प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत वित्तीय सहायता दी जा रही है। वित्तमंत्री ने कहा कि भाजपा की भावना के अनुरूप सरकार सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास के मंत्र पर पूरे विश्वास से आगे बढ रही है।
- नयी दिल्ली। प्रमुख शेयर सूचकांक बीएसई सेंसेक्स को इस साल जनवरी में 50 हजार से शुक्रवार को पहली बार 60 हजार का आंकड़ा पार करने में सिर्फ आठ महीने लगे।सेंसेक्स ने 21 जनवरी 2021 को पहली बार 50 हजार अंक के आंकड़े को पार किया था।स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट के अनुसंधान प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘‘सभी चिंताओं को पीछे छोड़ते हुए भारतीय शेयर बाजार में जोरदार तेजी का दौर जारी है, जहां सेंसेक्स ने 60 हजार के स्तर को पार कर लिया। हम वर्ष 2003-2007 की तरह ही तेजी के बाजार में हैं, और इसके अगले 2-3 साल तक जारी रहने की संभावना है।’’उन्होंने कहा कि हालांकि छोटी अवधि में सुधारात्मक गिरावट से इनकार नहीं किया जा सकता।यह साल अब तक तेजड़ियों का रहा है, क्योंकि बाजारों ने कई ऐतिहासिक कीर्तिमान बनाए। इस साल अब तक सेंसेक्स 25 फीसदी से ज्यादा चढ़ा है।जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य बाजार रणनीतिकार आनंद जेम्स ने कहा कि एवरग्रैंड ऋण संकट को लेकर आशंकाएं कम होने के बाद सेंसेक्स ने 60 हजार अंक का आंकड़ा पार किया, हालांकि बाजार में दरों में बढ़ोतरी की संभावनाओं पर नजर बनाए रखनी चाहिए। आईआईएफएल सिक्योरिटीज के सीईओ (रिटेल) संदीप भारद्वाज ने कहा कि अगले कुछ वर्षों में ठोस आर्थिक सुधार और लगातार वृद्धि की उम्मीदें तेजड़ियों को उत्साहित कर रही हैं।
- नई दिल्ली। अमेरिका के सेंट्रल बैंक फेड रिजर्व के नतीजों के बाद भारतीय शेयर बाजार में तेजी आई। 30 शेयरों का इंडेक्स सेंसेक्स ऐतिहासिक स्तर, 60 हजार अंक के करीब बंद हुआ है। कारोबार के दौरान पहली बार सेंसेक्स ने 59,957 का और निफ्टी ने 17,843 का स्तर छुआ। सेंसेक्स 958 पॉइंट चढ़कर 59,885 पर और निफ्टी 276 पॉइंट चढ़कर 17,823 पर बंद हुआ। इससे पहले सेंसेक्स 59,358 पर निफ्टी 17,670 पर खुला था। बजाज फिनसर्व के शेयर में 5.15 फीसदी की तेजी देखने को मिली। बढ़त की वजह से निवेशक मालामाल हो गए। दरअसल, बीएसई में सूचीबद्ध शेयरों का मार्केट कैपिटल 3 लाख करोड़ रुपए बढ़ गया है। ये रकम निवेशकों के मुनाफे के तौर पर बढ़ा है। फिलहाल, बीएसई का मार्केट कैपिटल 2 करोड़ 61 लाख 75 हजार रुपए है। फीसदी में ग्रोथ की बात करें तो एक दिन पहले के मुकाबले सेंसेक्स 1.63 फीसदी बढ़ा है। निफ्टी ने भी 1 फीसदी से अधिक की तेजी दर्ज की।
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नयी दिल्ली। दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल का करीब 21,000 करोड़ रुपये का राइट इश्यू पांच अक्टूबर को खुलेगा। कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि राइट इश्यू की पात्रता को लेकर रिकार्ड तिथि 28 सितंबर तय की गयी है। भारती एयरटेल के निदेशक मंडल ने 29 अगस्त को राइट इश्यू के जरिये 21,000 करोड़ रुपये जुटाने को मंजूरी दी थी। यह राशि 230 रुपये के प्रीमियम समेत 535 रुपये प्रति शेयर के भाव पर जुटायी जाएगी। कंपनी ने सूचना में कहा कि उसकी निदेशकों की विशेष समिति ने राइट इश्यू खुलने के लिये पांच अक्टूबर की तारीख को मंजूरी दी है जबकि 21 अक्टूबर 2021 को यह बंद होगा। समिति ने शेयरधारकों की पात्रता के निर्धारण के लिये रिकार्ड तिथि के रूप में 28 सितंबर को मंजूरी दी है।