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नयी दि्ल्ली । आयकर विभाग ने कहा है कि 'विवाद से विश्वास योजना, 2024' के लिए 22 जुलाई तक लंबित सभी अपीलें पात्र होंगी, चाहे उनका बाद में निपटान कर दिया गया हो या वापस ले लिया गया हो। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 'विवाद से विश्वास योजना, 2024' के बारे में 'अक्सर पूछे जाने वाले सवालों' (एफएक्यू) का एक नया समूह जारी करते हुए यह स्पष्टीकरण दिया है। इस विवाद समाधान योजना का लाभ उठाने के इच्छुक करदाताओं को 31 दिसंबर तक एक घोषणा दाखिल करनी होगी।
सीबीडीटी ने कहा है कि उसे 'विवाद से विश्वास योजना (वीएसवी), 2024' योजना के बारे में कई सवाल मिले हैं और यह एफएक्यू "बेहतर जागरूकता और समझ" बनाने में मदद करेगा। इसमें यह स्पष्ट किया गया है कि किसी करदाता की प्रत्यक्ष कर से संबंधित 22 जुलाई तक लंबित सभी अपीलें इस योजना के लिए पात्र होंगी, चाहे उन अपीलों का बाद में निपटान कर दिया गया हो या वापस ले लिया गया हो। इस योजना की घोषणा वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में 23 जुलाई, 2024 को की गई थी और इसे एक अक्टूबर को अधिसूचित किया गया था। कर परामर्श फर्म नांगिया एंड कंपनी में साझेदार सचिन गर्ग ने कहा कि विवादित राशि की कम दर के भुगतान के लिए पात्र होने के लिए 31 दिसंबर, 2024 को या उससे पहले घोषणा दाखिल करना महत्वपूर्ण है, न कि उस तिथि से पहले भुगतान करना। विवादित राशि का भुगतान कर अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र मिलने की तारीख से 15 दिनों के भीतर करना होगा। एकेएम ग्लोबल में प्रमुख (हस्तांतरण मूल्य-निर्धारण और मुकदमा) मनीष गर्ग ने कहा कि नया एफएक्यू मुख्य रूप से पात्रता मानदंड और योजना के तहत देय राशि की गणना के बारे में अस्पष्टता दूर करने की कोशिश है। यदि करदाता 31 दिसंबर, 2024 से पहले घोषणा दाखिल करते हैं, तो उन्हें विवादित कर मांग का 100 प्रतिशत भुगतान करना होगा। ऐसे मामलों में ब्याज और जुर्माना माफ कर दिया जाएगा। जिन मामलों में घोषणा एक जनवरी, 2025 को या उसके बाद की जाती है, उनमें विवादित कर मांग का 110 प्रतिशत करदाता को चुकाना होगा। - नयी दिल्ली। वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद इस वित्त वर्ष के पहले आठ माह (अप्रैल-नवंबर) के दौरान भारत का रेडीमेड (तैयार) परिधान निर्यात 11.4 प्रतिशत बढ़कर 9.85 अरब डॉलर का हो गया, जो मेड-इन-इंडिया उत्पादों की मजबूत वैश्विक मांग का संकेत देता है। एईपीसी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) ने कहा कि बदलते भू-राजनीतिक समीकरणों के साथ निकट भविष्य में और अधिक संख्या में कारोबार भारत में स्थानांतरित हो जाएगा। एईपीसी के चेयरमैन सुधीर सेखरी ने कहा, ‘‘भारत की अंतर्निहित ताकत तथा केंद्र एवं राज्यों के मजबूत सहायक नीति ढांचे के साथ, भारत इसके लाभ को प्राप्त करने के लिए पूरी तरह तैयार है। एंड-टु-एंड मूल्य श्रृंखला क्षमता, कच्चे माल का एक मजबूत आधार और टिकाऊ जिम्मेदार व्यावसायिक व्यवहार पर ध्यान केंद्रित करने वाले कारखानों के साथ भारत निश्चित रूप से आने वाले समय में पर्याप्त वृद्धि देखेगा।'' खासकर त्योहारी मौसम की मांग में तेजी को देखते हुए यह वृद्धि ‘मेड-इन-इंडिया' (भारत में बने) उत्पादों के लिए वैश्विक ब्रांड के बढ़ते भरोसे को भी दर्शाती है। सेखरी ने अंतरराष्ट्रीय खरीदारों से भारत आने और भारत टेक्स एक्सपो 2025 में भाग लेने की अपील की, जो भारत की संपूर्ण कपड़ा मूल्य श्रृंखला को एक ही छत के नीचे देखने का एक बड़ा मंच है। उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत टेक्स (टेक्सटाइल) रोड शो के दौरान विभिन्न देशों में गए हैं और अंतरराष्ट्रीय खरीदारों और खुदरा श्रृंखलाओं से हमें अभूतपूर्व प्रतिक्रियाएं मिली हैं। मुझे यकीन है कि यह मंच भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को बढ़ावा देते हुए बेहतर सहयोग और सोर्सिंग नेटवर्क का विस्तार करने में सक्षम होगा।''
- नयी दिल्ली। वाहन विनिर्माता स्टेलेंटिस इंडिया ने जनवरी से जीप तथा सिट्रोन मॉडल की कीमतों में दो प्रतिशत तक की वृद्धि की मंगलवार को घोषणा की। कंपनी के बयान के अनुसार, मूल्य वृद्धि का मकसद कच्चे माल की बढ़ती लागत के प्रभाव को कम करना और उद्योग के अनुरूप टिकाऊ परिचालन सुनिश्चित करना है। स्टेलेंटिस इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) शैलेश हजेला ने कहा, ‘‘ कच्चे माल की लागत और विनिमय दरों में वृद्धि के कारण मूल्य संशोधन आवश्यक था लेकिन हम अब भी अपने ग्राहकों को उचित मूल्य, उच्च गुणवत्ता और शानदार अनुभव प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग हैं।''
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नयी दिल्ली .शादी-विवाह के सीजन की मांग को पूरा करने के लिए आभूषण विक्रेताओं की मौजूदा स्तर पर ताजा लिवाली से मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने की कीमतों में उछाल आया और यह 950 रुपये बढ़कर 79,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी। इसके अलावा अमेरिकी फेडरल रिजर्व की दो दिन की बैठक मंगलवार को शुरू हो रही है। फेडरल रिजर्व के ब्याज दर पर निर्णय से अगले साल सोने के समग्र प्रदर्शन पर असर पड़ सकता है। 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत सोमवार को 78,350 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी।
हालांकि, चांदी में लगातार तीसरे दिन गिरावट जारी रही और यह 1,000 रुपये घटकर 91,500 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई, जबकि इसका पिछला बंद भाव 92,500 रुपये प्रति किलोग्राम था। इस बीच, मंगलवार को 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने का भाव 950 रुपये उछलकर 78,900 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। पिछले कारोबारी सत्र में यह 77,950 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। व्यापारियों ने कहा कि शादी-विवाह के सीजन में आभूषण विक्रेताओं की खरीदारी और सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की मांग बढ़ने से पीली धातु में तेजी रही। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कॉमेक्स सोना वायदा 15.50 डॉलर प्रति औंस गिरकर 2,654.50 डॉलर प्रति औंस रह गया। अबन्स होल्डिंग्स के मुख्य कार्यपालक अधिकारी चिंतन मेहता ने कहा, ‘‘अमेरिका में मिले-जुले आर्थिक आंकड़ों के कारण भविष्य में ब्याज दरों में कटौती के बारे में अनिश्चितता बढ़ने से सोने की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं। विनिर्माण पीएमआई उम्मीद से कमजोर रहा, जबकि सेवा पीएमआई पूर्वानुमानों से अधिक रहा।'' एशियाई कारोबारी घंटों में चांदी 0.99 प्रतिशत गिरकर 30.75 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही थी। -
जमशेदपुर. टाटा स्टील ने झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में स्थित अपनी नोवामुंडी लौह खदान में पहली बार पूर्ण रूप से महिलाओं की पाली का संचालन शुरू किया है। कंपनी ने बयान में कहा कि यह पहल देश में पहली बार शुरू की गई है। इसमें कहा गया है कि महिला कर्मचारी पाली की सभी खनन गतिविधियों में शामिल हैं, जिसमें भारी मिट्टी हटाने वाली मशीनरी, शॉवल, लोडर, ड्रिल और डोजर का संचालन और पाली की देखरेख शामिल है। कंपनी ने सोमवार को बयान में कहा कि यह भारत में अपनी तरह की पहली पहल है, जिसका मकसद एक समान कार्यस्थल बनाना और पारंपरिक रूप से पुरुष-प्रधान उद्योगों में महिलाओं को सशक्त बनाना है। टाटा स्टील के खान सुरक्षा उप महानिदेशक (एसई क्षेत्र, रांची) श्याम सुंदर प्रसाद ने सोमवार को पूर्ण रूप से महिलाओं की पाली की शुरुआत की। टाटा स्टील के उपाध्यक्ष (कच्चा माल) डी बी सुंदर रामम ने कहा, ‘‘पूरी तरह महिलाओं की पाली न केवल कंपनी के लिए, बल्कि भारतीय खनन उद्योग के लिए भी एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह रुढ़ियों को तोड़ने वाली महिलाओं की क्षमता का प्रमाण है।''
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नई दिल्ली। भारतीय-अमेरिकी राजा कृष्णमूर्ति सहित दो प्रभावशाली अमेरिकी सांसदों ने ‘गूगल’ और ‘एप्पल’ को पत्र लिखकर अपने ऐप स्टोर से ‘टिकटॉक’ को हटाने के लिए कहा है। अप्रैल में राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा हस्ताक्षरित एक विधेयक के अनुसार ‘टिकटॉक’ के मालिकाना हक वाली चीन की ‘बाइटडांस’ (ByteDance) कंपनी को 19 जनवरी तक टिकटॉक से अलग होना होगा, अन्यथा उसे अमेरिकी प्रतिबंध का सामना करना पड़ेगा।
‘चीन मामलों पर प्रतिनिधि सभा की स्थायी समिति’ (सीसीपी) के अध्यक्ष जॉन मूलनार और वरिष्ठ सदस्य कृष्णमूर्ति ने शुक्रवार को एप्पल (Apple) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) टिम कुक, गूगल (Google) के सीईओ सुंदर पिचाई और टिकटॉक के सीईओ शो जी च्यू को पत्र लिखा। सांसदों ने कुक और पिचाई से 19 जनवरी तक अपने ‘प्ले स्टोर’ से टिकटॉक को हटाने के लिए तैयार रहने को कहा।टिकटॉक के सीईओ को लिखे अपने पत्र में उन्होंने च्यू से तुरंत एक विनिवेश का प्रस्ताव देने को कहा, जिसे वे स्वीकार कर सकें। अमेरिकी सांसदों का बयान ऐसे समय आया है जब एक संघीय अपीलीय अदालत ने कांग्रेस द्वारा पारित उस कानून में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है जिसके तहत जनवरी के मध्य तक टिकटॉक को अमेरिका में मौजूद अपने कारोबार को स्थानीय कंपनी को बेचना है या उसे प्रतिबंध का सामना करना पड़ेगा। कंपनी ने अमेरिकी सरकार के फैसले को चुनौती दी थी और फैसले के अमल पर उच्चम न्यायालय का अंतिम निर्णय आने तक रोकने का अनुरोध किया था जिसे संघीय अपीलीय अदालत ने खारिज कर दिया। माना जा रहा है टिकटॉक और इसकी मूल कंपनी बाइटडांस ((ByteDance)) अपीलीय अदालत के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दे सकती है। -
नयी दिल्ली. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बृहस्पतिवार को विश्वास जताया कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद चालू वित्त वर्ष 2024-25 के अंत तक भारत की आर्थिक वृद्धि पटरी पर आ जाएगी। उन्होंने कहा कि इस साल भी भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होगी।
गोयल ने कहा, ‘‘ पहली तिमाही में चुनाव हुए और चुनाव के दौरान जाहिर है कि नीति निर्माण तथा वृद्धि के अगले चरणों या बुनियादी ढांचे पर खर्च के फैसले धीमे हो जाते हैं और इसका ही प्रभाव देखने को मिला।'' गोयल ने यहां टाइम्स नेटवर्क के ‘इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव' में कहा, ‘‘ लेकिन इस तिमाही और तीसरी तिमाही के शुरुआती आंकड़ों से, त्योहारी खर्च, ग्रामीण वृद्धि में वापसी, बैंकों में फिर से सुधार, बुनियादी ढांचे पर खर्च में तेजी....मुझे लगता है कि मार्च में साल के अंत तक हम फिर से पटरी पर आ जाएंगे।'' मंत्री से चालू इस वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में 5.4 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर को लेकर चिंता होने पर सवाल किया गया था। भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष 2024-25 की जुलाई-सितंबर तिमाही में सात तिमाहियों के निचले स्तर 5.4 प्रतिशत पर आ गई थी, जबकि आरबीआई ने स्वयं इसके सात प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया था। गत वित्त वर्ष 2023-24 की जुलाई-सितंबर तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 8.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। गोयल ने कहा कि भविष्य में आधुनिक प्रौद्योगिकियों और नवाचार के साथ भारत का जुड़ाव देश की विकास की कहानी को परिभाषित करेगा। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के नकारात्मक और झूठे बयान देश की आर्थिक वृद्धि को रोक नहीं पाएंगे। -
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने गुरुवार (12 दिसंबर) को संसद के चालू वित्त वर्ष के दौरान 86,730 करोड़ रुपये के अतिरिक्त खर्च की मंजूरी मांगी है। वित्त मंत्रालय के मुताबिक, शुद्ध अतिरिक्त खर्च 44,183 करोड़ रुपये होगा, जबकि बाकी राशि संसाधनों के पुनः आवंटन से पूरी की जाएगी।
GDP ग्रोथ में बड़ी गिरावटयह मांग ऐसे समय में की गई है जब भारतीय अर्थव्यवस्था में सुस्ती देखी जा रही है। जुलाई-सितंबर तिमाही (Q2) में देश की GDP ग्रोथ 5.4% रही, जो FY23 की तीसरी तिमाही के बाद सबसे निचला स्तर है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के 29 नवंबर को जारी आंकड़ों के अनुसार, यह गिरावट पिछले साल की इसी अवधि के 8.1% और चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (Q1) के 6.7% से काफी कम है।विशेषज्ञों ने GDP ग्रोथ के 6.5% तक गिरने का अनुमान लगाया था, लेकिन वास्तविक आंकड़े उम्मीद से भी कम रहे।गिरावट के प्रमुख कारणमहंगाई का दबाव:अक्टूबर में खुदरा खाद्य महंगाई 10.87% तक पहुंच गई, जिससे उपभोक्ता खर्च में कमी आई। कुल महंगाई दर 6.2% रही, जो भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 2-6% के लक्ष्य से ऊपर है।कमजोर कॉर्पोरेट प्रदर्शन:कंपनियों ने पिछले चार वर्षों में अपनी सबसे खराब तिमाही कमाई दर्ज की, जिससे निवेश धारणा कमजोर हुई।उच्च ब्याज दरें और स्थिर वेतन वृद्धि:ऊंची लोन कॉस्ट और वास्तविक वेतन में बढ़ोतरी न होने से निजी उपभोग पर असर पड़ा, जो GDP का 60% हिस्सा है।ग्रामीण मांग बनी उम्मीद की किरणहालांकि, ग्रामीण क्षेत्रों में मांग में सुधार के संकेत मिले हैं, जो अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक पहलू है।विशेषज्ञों की रायICRA ने GDP ग्रोथ को 6.5% तक गिरने की भविष्यवाणी की थी, जिसमें लंबा मानसून और कमजोर कॉर्पोरेट प्रदर्शन प्रमुख कारण बताए गए। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि महंगाई और निजी खपत में गिरावट से आगे भी आर्थिक सुधार में बाधा आ सकती है। - नयी दिल्ली.कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) ने कानूनी प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और कारोबार के अधिक अनुकूल नियामकीय परिवेश बनाने के लिए ई-अधिनिर्णय और ई-परामर्श मंचों की शुरुआत की है। बुधवार को एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। मंत्रालय में संयुक्त सचिव और निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण निधि प्राधिकरण (आईईपीएफए) की मुख्य कार्यपालक अधिकारी अनीता शाह अकेला ने यहां एसोचैम-एसीसीए वैश्विक शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आर्थिक गतिशीलता के साथ कॉरपोरेट अखंडता को संतुलित करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि ई-अधिनिर्णय और ई-परामर्श मंचों की शुरुआत का उद्देश्य कानूनी प्रक्रियाओं को सरल बनाना, हितधारकों के अनुभव को बेहतर बनाना और कारोबारी सुगमता में भारत की रैंकिंग को मजबूत करना है। अकेला ने निवेश के अनुकूल माहौल बनाने पर सरकार के फोकस को रेखांकित करते हुए कहा, ‘‘भारत को निवेश और व्यापार वृद्धि के लिए एक वैश्विक गंतव्य के रूप में स्थापित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य वैश्विक खिलाड़ियों को यहां निवेश करने, संचालन करने और स्थायी लाभ उत्पन्न करने के लिए आकर्षित करना है।
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नई दिल्ली। पूर्व राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 26वें गवर्नर के रूप में बुधवार को कार्यभार संभाल लिया। केंद्रीय बैंक ने बयान में कहा, उन्होंने 11 दिसंबर 2024 से अगले तीन वर्षों के लिए गवर्नर का कार्यभार संभाला है। उनका तीन साल का कार्यकाल भारतीय बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र के लिए नई दिशा तय करेगा। शक्तिकांत दास के कार्यकाल की समाप्ति के बाद संजय मल्होत्रा को इस महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त किया गया है।
पूर्व राजस्व सचिव मल्होत्रा ने शक्तिकान्त दास का स्थान लिया, जो अपने छह साल के कार्यकाल के बाद मंगलवार को सेवानिवृत्त हो गए।संजय मल्होत्रा ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के तहत राजस्थान कैडर से अपनी सेवा शुरू की थी। वह अब रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में कार्यभार संभाला है।उन्होंने उर्जित पटेल के इस्तीफे के बाद केंद्रीय बैंक की जिम्मेदारियां संभाली थी। संजय मल्होत्रा का कार्यकाल अगले तीन साल के लिए होगा।मल्होत्रा के पास वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में अत्यधिक अनुभव है। उन्होंने भारत सरकार के वित्त मंत्रालय में वित्तीय सेवा विभाग के सचिव के तौर पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई हैं। इसके अलावा, उन्हें केंद्र और राज्य सरकारों में टैक्स और वित्तीय मामलों का भी गहरा अनुभव है।शक्तिकांत दास का कार्यकाल भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में 2018 में शुरू हुआ था और उनके कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण आर्थिक निर्णय लिए गए। हालांकि, सरकार ने उनके कार्यकाल में कोई विस्तार करने का निर्णय नहीं लिया है। बताया जा रहा है कि संजय मल्होत्रा की नियुक्ति का फैसला वित्तीय सेवा क्षेत्र में उनके अनुभव को देखते हुए लिया गया है। -
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का सबसे महत्त्वपूर्ण काम मुद्रास्फीति और वृद्धि के बीच संतुलन कायम करना है। आरबीआई के निवर्तमान गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपने कार्यकाल के आखिरी दिन यह बात कही। इसके साथ ही उन्होंने नवनियुक्त गवर्नर संजय मल्होत्रा के लिए कुछ प्रमुख मुद्दों का भी उल्लेख किया, जिस पर आरबीआई को ध्यान देने की जरूरत है। पिछले हफ्ते मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करने हुए दास ने कहा था कि मौद्रिक नीति समिति अर्थव्यवस्था के व्यापक हित में मुद्रास्फीति और वृद्धि में संतुलन बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध है।
अक्टूबर में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 6.2 फीसदी पर पहुंच गई थी जबकि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर घटकर 5.4 फीसदी रह गई। यही वजह है कि दास ने इन दोनों के बीच संतुलन कायम करने पर जोर दिया। वृद्धि दर में नरमी और ऊंची ब्याज दरों पर दास ने कहा कि सभी को अपनी राय देने का हक है मगर वृद्धि महज रीपो दर पर नहीं बल्कि कई कारकों पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था सुदृढ़ है और वैश्विक चुनौतियों से प्रभावी तरीके से निपटने में सक्षम है।शक्तिकांत दास ने नवनियुक्त आरबीआई गवर्नर को शुभकामनाएं भी दी। उन्होंने कहा, ‘मैं नवनियुक्त गर्वनर संजय मल्होत्रा को शुभकामनाएं देता हूं। उनके पास काम करने का व्यापक अनुभव है। मुझे पूरा यकीन है कि वह अपना सर्वश्रेष्ठ देंगे।’दास ने कहा कि साइबर सुरक्षा और इससे जुड़े जोखिम के पहलुओं पर केंद्रीय बैंक का ध्यान बना रहेगा। उन्होंने कहा, ‘साइबर सुरक्षा और इससे जुड़े जोखिम हर किसी के लिए बड़ी चुनौती है। इसका सामना केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया कर रही है। और खास तौर पर केंद्रीय बैंक।’दास ने उम्मीद जताई कि यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस के देश भर में लागू होने पर यह व्यापक बदलाव लाने वाला साबित होगा। इस साल अगस्त में दास ने कहा था कि आरबीआई ऋण क्षेत्र में अमूलचूल बदलाव लाने के लिए यूनिफाइट लेंडिंग इंटरफेस लाएगा। इस प्लेटफॉर्म पर ऋणदाताओं को ग्राहकों की वित्तीय और गैर-वित्तीय जानकारी की डिजिटल प्रारूप में उपलब्ध होगी। सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) के बारे में दास ने कहा कि यह भविष्य की मुद्रा है।दास ने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान आरबीआई और सरकार के बीच बेहतर तालमेल रहा। उन्होंने कहा, ‘पिछले 6 साल के दौरान आरबीआई और वित्त मंत्रालय के बीच समन्वय सर्वश्रेष्ठ स्तर का रहा।’दास ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि आरबीआई की टीम के साथ उन्होंने अप्रत्याशित वैश्विक चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया। उन्होंने कामना की, ‘भरोसे और विश्वसनीयता की संस्था के रूप में आरबीआई और ऊंचाइयों को छूएगा। दास ने अपने कार्यकाल के आखिरी दिन आरबीआई को महत्त्वपूर्ण सुझाव देने वाले वित्तीय क्षेत्र के सभी हितधारकों, विशेषज्ञों, अर्थशास्त्रियों, उद्योग निकायों आदि का शुक्रिया अदा किया।दास ने उन पर भरोसा जताने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और दिवंगत अरुण जेटली (पूर्व वित्त मंत्री) के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘मुझे आरबीआई गवर्नर के रूप में देश की सेवा करने का अवसर देने तथा मार्गदर्शन और प्रोत्साहन के लिए मैं माननीय प्रधानमंत्री का बेहद आभारी हूं। उनके विचारों से हमें बहुत लाभ हुआ।’ इसके साथ ही उन्होंने लिखा, ‘निरंतर समर्थन के लिए वित्त मंत्री को हार्दिक धन्यवाद। राजकोषीय-मौद्रिक समन्वय अपने सर्वोत्तम स्तर रहा और इसने पिछले 6 वर्षों के दौरान हमें कई चुनौतियों से निपटने में मदद की।’ -
नयी दिल्ली. मजबूत वैश्विक रुख के बीच आभूषण विक्रेताओं और स्टॉकिस्टों की ताजा लिवाली से मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोना 820 रुपये बढ़कर 79,780 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। स्थानीय बाजार सूत्रों ने यह जानकारी दी। कारोबारियों ने कहा कि चीन द्वारा अपनी सुस्त अर्थव्यवस्था के लिए कम ब्याज पर ऋण देने और अन्य प्रकार के प्रोत्साहनों का संकेत देने तथा पीपल्स बैंक ऑफ चाइना (पीबीओसी) द्वारा सोने की खरीद फिर से शुरू करने के बाद सर्राफा कीमतों में तेजी आई। 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाली सोने की कीमत सोमवार को 78,960 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी। मंगलवार को चांदी 1,000 रुपये उछलकर 94,850 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई। पिछले सत्र में चांदी की कीमत 93,850 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने का भाव 820 रुपये बढ़कर 79,380 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। इसका पिछला बंद भाव 78,560 रुपये प्रति 10 ग्राम था। एलकेपी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष शोध विश्लेषक-जिंस और मुद्रा जतिन त्रिवेदी ने कहा, ‘‘सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिला, क्योंकि बाजार प्रतिभागी बुधवार के अमेरिका के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़ों का इंतजार कर रहे हैं।'' वैश्विक स्तर पर कॉमेक्स सोना वायदा 15.20 डॉलर प्रति औंस बढ़कर 2,701 डॉलर प्रति औंस हो गया। एशियाई बाजार में चांदी 0.19 प्रतिशत गिरकर 32.55 डॉलर प्रति औंस पर बोली गई।
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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने संजय मल्होत्रा को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का नया गवर्नर नियुक्त किया है। वह 11 दिसंबर 2024 से यह पद संभालेंगे। वर्तमान में संजय मल्होत्रा राजस्व विभाग में सचिव के रूप में कार्यरत हैं। RBI गवर्नर के रूप में उनके तीन साल के कार्यकाल में देश की आर्थिक और वित्तीय नीतियों में महत्वपूर्ण बदलाव की उम्मीद है।
शिक्षा और करियरसंजय मल्होत्रा राजस्थान कैडर के 1990 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने आईआईटी कानपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री ली है और प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से पब्लिक पॉलिसी में मास्टर्स किया है। अपने करियर में उन्होंने कई अहम जिम्मेदारियां निभाई हैं, जिनमें REC लिमिटेड के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक (CMD) और वित्तीय सेवाओं के सचिव जैसे पद शामिल हैं।महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां-राजस्व सचिव: दिसंबर 2022 में उन्होंने वित्त मंत्रालय के तहत राजस्व सचिव का पद संभाला।-कॉरपोरेट मामलों के सचिव: अप्रैल 2023 में उन्हें कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया।-REC लिमिटेड के CMD: उन्होंने REC लिमिटेड, जो एक महारत्न कंपनी है, में चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में भी काम किया।शक्तिकांत दास का कार्यकाल समाप्तसंजय मल्होत्रा शक्तिकांत दास की जगह लेंगे। जिनका कार्यकाल 10 दिसंबर 2024 को समाप्त हो रहा है। दास के छह साल के कार्यकाल में आरबीआई ने कोविड-19, यूक्रेन युद्ध और पश्चिम एशियाई संकट जैसी कई चुनौतियों का सामना किया। हालांकि, लगातार 11वीं बार ब्याज दरों में कटौती न करने के कारण उन्हें आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा।नई चुनौतियांअब संजय मल्होत्रा के सामने मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखने और आर्थिक विकास को तेज करने की बड़ी जिम्मेदारी होगी। आरबीआई की मौद्रिक नीतियों में संतुलन बनाते हुए वह देश की अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने में अहम भूमिका निभाएंगे। संजय मल्होत्रा का अनुभव और शिक्षा उन्हें इस भूमिका के लिए एक मजबूत दावेदार बनाता है। अब सभी की नजरें इस पर होंगी कि वह आरबीआई को किस तरह से नई ऊंचाइयों पर ले जाते हैं। - नई दिल्ली। काफी अटकलों के बाद सोमवार को केंद्र सरकार ने राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का गवर्नर नियुक्त कर दिया। वर्तमान गवर्नर शक्तिकांत दास का कार्यकाल मंगलवार को समाप्त हो रहा है। मल्होत्रा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर से इंजीनियरिंग में स्नातक हैं और उन्होंने प्रिंसटन विश्वविद्यालय से लोक नीति में स्नातकोत्तर की डिग्री ली है। वह भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1990 बैच के अधिकारी हैं। यह निर्णय दास के कार्यकाल के अनुभवों से प्रेरित हो सकता है। दास के कार्यकाल में सरकार और रिजर्व बैंक के बीच किसी तरह का मतभेद नजर नहीं आया। बहरहाल, बजट निर्माण की प्रक्रिया चल रही है और वित्त मंत्रालय को जल्दी ही मल्होत्रा के स्थान पर किसी को नियुक्त करना होगा।विगत छह वर्षों का दास का कार्यकाल देश की अर्थव्यवस्था और रिजर्व बैंक दोनों के लिए चुनौतीपूर्ण रहा और इसकी प्रमुख वजह रही कोविड-19 महामारी। रिजर्व बैंक को आपातकालीन उपाय अपनाने पड़े और यह भी सुनिश्चित करना पड़ा कि वित्तीय व्यवस्था मजबूत बनी रहे। रिजर्व बैंक ने महामारी के दौरान और बाद में भी कई कदम उठाए लेकिन नीतिगत और वित्तीय स्थिरता के लिहाज से दो क्षेत्र ऐसे रहे जिन पर चर्चा की जा सकती है।पहली बात तो यह कि रिजर्व बैंक मुद्रास्फीति को लक्षित करने वाला केंद्रीय बैंक है। हालांकि नीतिगत ब्याज दर तय करने की जिम्मेदारी अब छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की भी है लेकिन किसी भी गवर्नर का कार्यकाल आंशिक तौर पर इस आधार पर भी आंका जाएगा कि उसने मुद्रास्फीति का प्रबंधन किस प्रकार किया। इस संदर्भ में यह तर्क उचित है कि पिछले कुछ वर्षों में रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति की प्रवृत्ति को कम करके आंका। हालांकि एक बार जब उसने नीतिगत सख्ती आरंभ की तो उसे समय से पहले वापस न लेकर अच्छा किया। एमपीसी की इच्छा है कि इंतजार करके अवस्फीति की प्रक्रिया को पूरा होने दिया जाए।दूसरा है बाहरी क्षेत्र का प्रबंधन। महामारी के दौरान आरंभिक स्थिरता के बाद जब बड़े वैश्विक केंद्रीय बैंकों ने व्यवस्था में नकदी डालना शुरू किया और नीतिगत दरों को शून्य के करीब ले गए तो भारत में भी पूंजी की भारी आवक हुई। रिजर्व बैंक ने अतिरिक्त प्रवाह की खपत करके अच्छा किया। भारी भरकम विदेशी मुद्रा भंडार ने 2022 में उस समय मदद की जब अमेरिकी फेडरल रिजर्व सहित केंद्रीय बैंकों ने मुद्रास्फीति से निपटने के लिए नीतिगत ब्याज दर में इजाफा कर दिया। वैश्विक मुद्रा बाजारों में भी भारी अस्थिरता देखने को मिली। हालांकि भारतीय रुपये में इस अवधि में काफी गिरावट आई लेकिन उसका असर सीमित रहा क्योंकि रिजर्व बैंक ने समय से हस्तक्षेप किया।
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नई दिल्ली। विभिन्न कार मॉडलों की कीमतें बढ़ने वाली हैं क्योंकि वाहन विनिर्माताओं ने जनवरी से कीमतों में बढ़ोतरी की घोषणा की है। कार विनिर्माता अगले महीने से कीमतों में बढ़ोतरी लागू करने का मुख्य कारण इनपुट लागत और परिचालन व्यय में वृद्धि बताते हैं।
हालांकि, उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि यह कवायद हर साल दिसंबर में वाहन विनिर्माताओं द्वारा वर्ष के अंतिम महीने में बिक्री की मात्रा बढ़ाने के लिए की जाती है, क्योंकि ग्राहक नए साल में वाहन खरीदने के लिए बाद के महीनों तक खरीदारी स्थगित कर देते हैं। परामर्श कंपनी डेलॉयट इंडिया के साझेदार रजत महाजन ने कहा, “हमने भारत में कीमतों में बढ़ोतरी के कुछ चक्र देखे हैं। यह कैलेंडर वर्ष और वित्त वर्ष की शुरुआत में होता है, लेकिन कुछ वाहन मूल कलपुर्जा विनिर्माता (ओईएम) अपने नियोजित लॉन्च के आधार पर भी समय चुनते हैं।”रेटिंग एजेंसी इक्रा के उपाध्यक्ष एवं क्षेत्र प्रमुख (कॉरपोरेट रेटिंग) रोहन कंवर गुप्ता ने कहा कि वाहन विनिर्माता कंपनियां आमतौर पर कैलेंडर वर्ष की शुरुआत में कीमतों में वृद्धि करती हैं, ताकि मुद्रास्फीति के दबाव और कमोडिटी की कीमतों आदि के कारण परिचालन लागत में वृद्धि जैसे कारकों की भरपाई की जा सके।उन्होंने कहा, “हाल ही में विभिन्न कार विनिर्माताओं द्वारा घोषित मूल्य वृद्धि इसी कारण से है। ध्यान दिया जाना चाहिए कि यात्री वाहन उद्योग में विभिन्न मॉडलों पर पहले से ही भारी छूट की पेशकश की जा रही है, उद्योग का ध्यान भंडारण के स्तर को कम करने पर है।”प्रवेश स्तर की ऑल्टो के10 से लेकर बहुउपयोगी वाहन इनविक्टो तक के मॉडल बेचने वाली कंपनी ने कहा कि वह बढ़ती इनपुट लागत और परिचालन व्यय के मद्देनजर कीमतों में बढ़ोतरी कर रही है। प्रतिद्वंद्वी हुंदै मोटर इंडिया भी एक जनवरी, 2025 से अपने मॉडल रेंज की कीमतों में 25,000 रुपये तक की वृद्धि करने पर विचार कर रही है। महिंद्रा एंड महिंद्रा जनवरी से अपने एसयूवी और वाणिज्यिक वाहनों की कीमतों में तीन प्रतिशत तक की बढ़ोतरी करेगी।महिंद्रा एंड महिंद्रा ने कहा कि यह समायोजन मुद्रास्फीति और वस्तुओं की बढ़ी हुई कीमतों के कारण बढ़ती लागत को देखते हुए किया गया है। इसी प्रकार, जेएसडब्ल्यू एमजी मोटर इंडिया ने कहा कि वह अगले महीने से अपने संपूर्ण मॉडल शृंखला की कीमतों में तीन प्रतिशत तक की वृद्धि करेगी। कंपनी ने कहा कि कीमतों में यह बढ़ोतरी लगातार बढ़ती इनपुट लागत और अन्य बाहरी कारकों का नतीजा है।होंडा कार्स इंडिया भी कीमतों में बढ़ोतरी पर विचार कर रही है, लेकिन अभी तक इस पर फैसला नहीं हुआ है कि कितनी बढ़ोतरी की जाएगी। लक्जरी कार बाजार की अग्रणी कंपनी मर्सिडीज-बेंज इंडिया जनवरी से कीमतों में तीन प्रतिशत तक की बढ़ोतरी करने की योजना बना रही है।इनपुट और परिवहन लागत में वृद्धि के कारण ऑडी इंडिया अपने सभी मॉडल रेंज की कीमतों में तीन प्रतिशत तक की वृद्धि करेगी। इसी तरह, बीएमडब्ल्यू इंडिया अगले साल जनवरी से अपने मॉडल रेंज की कीमतों में तीन प्रतिशत तक की वृद्धि करने की योजना बना रही है।: - नयी दिल्ली. फैशन और जीवनशैली से जुड़े उत्पादों के ई-कॉमर्स मंच मिंत्रा ने बृहस्पतिवार को अपनी 'क्विक कॉमर्स' सेवा एम-नाऊ की शुरुआत की। इसके साथ ही कंपनी ने 30 मिनट में डिलीवरी का वादा किया है। मिंत्रा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) नंदिता सिन्हा के अनुसार इस समय बेंगलुरु में परिचालन कर रही एम-नाऊ आने वाले महीनों में देश भर के महानगरों और अन्य शहरों में विस्तार करने के लिए तैयार है। सिन्हा ने कहा, ''फैशन एक बेहद महत्वाकांक्षी श्रेणी है, जिसमें कई तरह के चयन करने होते हैं।'' उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एम-नाऊ को ग्राहकों को सुविधा और चयन दोनों का विकल्प देने के लिए तैयार किया है। उन्होंने कहा, ''हम उपभोक्ता के जीवन से इस दुविधा को दूर करना चाहते थे।'' उन्होंने सेवा की रफ्तार और उत्पादों की विविधता पर ध्यान देने की बात कही। इससे मिंत्रा ‘क्विक कॉमर्स' में प्रवेश करने वाले पहले फैशन और जीवनशैली केंद्रित ब्रांडों में से एक बन गया है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि एम-नाऊ 30 मिनट से भी कम समय में अंतरराष्ट्रीय और घरेलू ब्रांडों को ग्राहकों तक पहुंचाएगा। ग्राहकों को एम-नाऊ पर वेरो मोडा, मैंगो, टॉमी हिलफिगर, लेवी, ओनली, ओलाप्लेक्स, डायसन, अरमानी एक्सचेंज, फॉसिल, कैसो, मोकोबारा, हुडा ब्यूटी, मैक, बॉबी ब्राउन और एस्टी लॉडर सहित कई वैश्विक ब्रांडों तक पहुंच मिलेगी।
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नयी दिल्ली. आभूषण विक्रेताओं और स्टॉकिस्टों की ताजा लिवाली के कारण बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत फिर से 79,000 रुपये के स्तर पर पहुंच गई। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह कहा। तीन दिन की गिरावट के बाद 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत बुधवार को 300 रुपये बढ़कर 79,150 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गयी। बुधवार को यह 78,850 रुपये प्रति 10 ग्राम पर रही थी। कारोबारियों ने कहा कि स्थानीय बाजारों में आभूषण और खुदरा विक्रेताओं की ताजा मांग के कारण सोने में तेजी आई। चांदी लगातार तीसरे दिन भी चमक में रही और बृहस्पतिवार को 1,300 रुपये बढ़कर 93,800 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई। बुधवार को यह 92,500 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने का भाव 300 रुपये बढ़कर 78,750 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। पिछले कारोबारी सत्र में यह 78,450 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। एलकेपी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक (जिंस एवं मुद्रा) विभाग के उपाध्यक्ष, जतिन त्रिवेदी ने कहा, ‘‘सोने में स्थिरता से लेकर सकारात्मक रुझान के साथ कारोबार हुआ। एमसीएक्स में सोने के 76,700-77,400 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।'' वैश्विक स्तर पर, कॉमेक्स (जिंस बाजार) सोना वायदा 7.20 डॉलर यानी 0.27 प्रतिशत गिरकर 2,669 डॉलर प्रति औंस रहा। एचडीएफसी सिक्योरिटीज में वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) सौमिल गांधी ने कहा, ‘‘लगातार वैश्विक जोखिम, साथ ही फ्रांस और दक्षिण कोरिया में राजनीतिक अनिश्चितता, सुरक्षित-निवेश के विकल्प के रूप में बहुमूल्य धातु की कीमत को बढ़ाने में योगदान दे रही है।'' उन्होंने कहा, ‘‘व्यापारी बृहस्पतिवार को अमेरिका में जारी होने वाले नए बेरोजगारी दावों और व्यापार संतुलन सहित अमेरिकी वृहद आर्थिक आंकड़ों का इंतजार करेंगे।'' जिंस बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, बुधवार को फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने कहा कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में है तथा सितंबर में नीतिगत दरों में कटौती, श्रम बाजार को समर्थन देने का संदेश था। इसके कारण सर्राफा में थोड़ी नरमी रही। पॉवेल ने कहा कि इन सबके बावजूद, मुद्रास्फीति नियंत्रण में आने की घोषणा करना जल्दबाजी होगी और अमेरिकी केंद्रीय बैंक मौद्रिक नीति निर्धारित करने में सतर्क हो सकता है। एशियाई बाजार में चांदी 0.27 प्रतिशत की गिरावट के साथ 31.83 डॉलर प्रति औंस पर रही।
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नयी दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट बनाने की प्रक्रिया के तहत शुक्रवार से विभिन्न पक्षों के साथ बजट-पूर्व परामर्श शुरू करेंगी। परामर्श की इस श्रृंखला के तहत पहली बैठक छह दिसंबर को प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों के साथ होगी। सीतारमण इन बैठकों की अध्यक्षता करेंगी। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर के सात तिमाहियों के निचले स्तर 5.4 प्रतिशत पर आने के बीच वित्त मंत्री आगामी बजट के बारे में उनसे सुझाव मांगेंगी। सूत्रों ने कहा कि इसके बाद सात दिसंबर को किसान संघों और कृषि अर्थशास्त्रियों और एमएसएमई क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ बैठक होगी। वित्त वर्ष 2025-26 का आम बजट एक फरवरी को संसद में पेश किए जाने की संभावना है। यह सीतारमण का लगातार आठवां बजट और मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा पूर्ण बजट होगा। माना जा रहा है कि आगामी बजट से भारत को 2047 तक विकसित बनाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक नीतिगत दिशा मिलेगी। बजट पूर्व परामर्श 30 दिसंबर को भारतीय उद्योग जगत के प्रमुखों और सामाजिक क्षेत्र, विशेष रूप से शिक्षा तथा स्वास्थ्य के हितधारकों से परामर्श के साथ खत्म होगा। इन बैठकों में वित्त मंत्री के अलावा, वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी, वित्त सचिव और दीपम (निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग) सचिव तुहिन कांत पांडेय, आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ, राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा और वित्तीय सेवा सचिव एम नागराजू के मौजूद रहने की उम्मीद है।
- नयी दिल्ली. भारत में स्मार्टफोन पर बढ़ती निर्भरता और उनके अत्यधिक उपयोग से माता-पिता और बच्चों के बीच संबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। यह दावा चीन की मोबाइल फोन निर्माता कंपनी ‘वीवो' द्वारा कराए गए सर्वेक्षण के बुधवार को आए नतीजों में किया गया। ‘साइबरमीडिया रिसर्च' द्वारा किए गए सर्वेक्षण के मुताबिक, माता-पिता औसतन पांच घंटे से अधिक और बच्चे प्रतिदिन चार घंटे से अधिक समय अपने स्मार्टफोन पर बिताते हैं। दोनों समूह स्मार्टफोन का अधिकतर इस्तेमाल सोशल मीडिया और मनोरंजन के लिए करते हैं। ‘वीवो स्विच ऑफ 2024' सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘स्मार्टफोन के अत्यधिक इस्तेमाल से व्यक्तिगत संबंधों में तनाव पैदा हुआ है, माता-पिता और बच्चे दोनों ही इसे अपने बीच संघर्ष का एक स्रोत मानते हैं। 66 प्रतिशत माता-पिता और 56 प्रतिशत बच्चे अत्यधिक स्मार्टफोन उपयोग के कारण अपने व्यक्तिगत संबंधों में नकारात्मक बदलाव देखते हैं।'' अध्ययन के अनुसार, माता-पिता और बच्चे दोनों एक-दूसरे के साथ घनिष्ठ संबंध चाहते हैं, लेकिन कोई भी समूह अपनी अत्यधिक और उद्देश्यहीन स्मार्टफोन इस्तेमाल की आदतों पर अंकुश लगाने को तैयार नहीं है। सर्वेक्षण में शामिल 73 प्रतिशत माता-पिता और 69 प्रतिशत बच्चे इस बात से सहमत थे कि स्मार्टफोन का अत्यधिक उपयोग उनके बीच विवाद का कारण है। अध्ययन के मुताबिक, माता-पिता और बच्चे दोनों ही स्मार्टफोन पर बहुत ज़्यादा निर्भर हैं, क्योंकि यह उनके जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा बन गया है। सर्वेक्षण के अनुसार, 76 प्रतिशत माता-पिता और 71 प्रतिशत बच्चे इस बात से सहमत हैं कि वे अपने स्मार्टफोन के बिना नहीं रह सकते। अध्ययन के मुताबिक, सर्वेक्षण में शामिल 64 प्रतिशत बच्चों ने स्वीकार किया कि वे स्मार्टफोन के आदी हो चुके हैं, तथा अपना अधिकांश समय सोशल मीडिया और मनोरंजन गतिविधियों में बिताते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘दो तिहाई बच्चों का कहना है कि यदि उनके मित्र सोशल मीडिया ऐप पर नहीं होते तो वे इसका उपयोग नहीं करते। 90 प्रतिशत से अधिक बच्चों का कहना है कि काश सबसे लोकप्रिय सोशल मीडिया ऐप का आविष्कार ही नहीं हुआ होता।'' यह अध्ययन रिपोर्ट दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरु, अहमदाबाद और पुणे के 1,543 स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं की राय पर आधारित है।
- भोपाल. कृषि रसायन और बीज कंपनी कॉर्टेवा एग्रीसाइंस (दक्षिण एशिया) के अध्यक्ष सुब्रतो गीद ने बुधवार को कहा कि महिला किसानों में कृषि उत्पादकता को 20-30 प्रतिशत तक बढ़ाने की क्षमता है और इस क्षेत्र के विकास के लिए स्त्री-पुरूष के स्तर पर असमानता को दूर करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हमारी वर्ष 2030 तक 20 लाख महिला किसानों को आगे बढ़ाने की योजना है। सुब्रतो ने कहा कि कृषि क्षेत्र जलवायु परिवर्तन और घटते कार्यबल सहित महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना कर रहा है। ऐसे में महिलाओं को सशक्त बनाने में किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘‘जब भी महिलाएं बाहर निकलती हैं और खेतों का कमान संभालती हैं, तो कृषि उत्पादकता बढ़ जाती है। वे नई तकनीकों को अपनाने के लिए सदा तैयार होती हैं।'' मौजूदा वक्त में, कॉर्टेवा पांच राज्यों... बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में 65 एफपीओ से जुड़ी हुई है। इसके जरिये कंपनी 33,000 से अधिक महिला किसानों तक पहुंच रही है। कंपनी इसे कई कृषि चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक रणनीतिक दृष्टिकोण के रूप में देखती है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के समक्ष प्रमुख चुनौतियों में भारत का मुख्य रूप से सीमांत कृषि परिदृश्य, जलवायु की अनिश्चितता और कम संसाधनों के साथ उत्पादकता बढ़ाने की आवश्यकता शामिल हैं।
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मुंबई.भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने तत्काल भुगतान प्रणाली के व्यापक प्रसार के लिए बुधवार को 'यूपीआई लाइट' में वॉलेट की सीमा को बढ़ाकर 5,000 रुपये और प्रति लेनदेन की सीमा को 1,000 रुपये कर दिया। यूपीआई लाइट के तहत होने वाले लेनदेन इस हद तक ऑफलाइन हैं कि उनमें 'प्रमाणीकरण के अतिरिक्त कारक' (एएफए) की जरूरत नहीं होती है। इसके अलावा लेनदेन से जुड़े अलर्ट भी वास्तविक समय में नहीं भेजे जाते हैं। ऑफलाइन भुगतान का मतलब ऐसे लेनदेन से है जिसके लिए मोबाइल फोन में इंटरनेट या दूरसंचार कनेक्टिविटी की जरूरत नहीं होती है। रिजर्व बैंक ने एक परिपत्र में कहा, "यूपीआई लाइट के लिए बढ़ी हुई सीमा 1,000 रुपये प्रति लेनदेन होगी जिसमें किसी भी समय कुल सीमा 5,000 रुपये होगी।" फिलहाल ऑफलाइन भुगतान में लेनदेन की ऊपरी सीमा 500 रुपये है। इसके साथ किसी भी समय भुगतान साधन पर ऑफलाइन लेनदेन की कुल सीमा 2,000 रुपये है। रिजर्व बैंक ने ऑफलाइन लेनदेन में छोटे मूल्य के डिजिटल भुगतानों को सुविधाजनक बनाने के लिए जनवरी, 2022 में जारी 'ऑफलाइन ढांचे' के प्रावधानों को संशोधित किया। केंद्रीय बैंक ने इस साल अक्टूबर में यूपीआई लाइट के आफलाइन भुगतान की सीमा बढ़ाने की घोषणा की थी।
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नयी दिल्ली. अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस ने भारतीय नौसेना को दूसरा दृष्टि-10 स्टारलाइनर निगरानी ड्रोन सौंप दिया है। इससे समुद्री क्षेत्रों में निगरानी करने और समुद्री लुटेरों के जोखिम को कम करने के लिए भारत की समुद्री सेना की क्षमता बढ़ेगी। मामले से अवगत सूत्रों ने बताया कि इस वर्ष की शुरुआत में भारतीय नौसेना को पहला दृष्टि-10 सौंपे जाने के बाद दूसरे मानवरहित हवाई वाहन (यूएवी) को नौसेना के समुद्री अभियानों में शामिल करने की प्रक्रिया गुजरात के पोरबंदर में शुरू की गई। यह इजराइल के ड्रोन हर्मीस 900 मध्यम ऊंचाई वाले लंबे समय तक उड़ान भरने वाले यूएवी का एक संस्करण है। उद्योगपति गौतम अदाणी के स्वामित्व वाले समूह की कंपनी अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस द्वारा हैदराबाद स्थित संयंत्र में बनाया गया दृष्टि 10 स्टारलाइनर ड्रोन एक उन्नत खुफिया, निगरानी तथा टोही (आईएसआर) उपकरण है, जिसमें 36 घंटे चलने और 450 किलोग्राम पेलोड की क्षमता है। यूएवी प्रणाली की उड़ान योग्यता के लिए नाटो के एसटीएएनएजी 4671 (मानकीकृत समझौता 4671) प्रमाणीकरण के साथ, यह एकमात्र सभी मौसमों में काम करने वाला सैन्य उपकरण है, जिसे पृथक और असंबद्ध दोनों प्रकार के हवाई क्षेत्र में उड़ान भरने की अनुमति है। सूत्रों ने बताया कि यह दीर्घकालिक, सतत बहु-पेलोड, पूर्ण स्वायत्त क्षमताएं और सैटकॉम-आधारित परिचालन उपलब्ध कराता है। दृष्टि 10 भारतीय नौसेना को विशाल समुद्री क्षेत्रों पर निगरानी करने की बेजोड़ क्षमताएं प्रदान करता है। उल्लेखनीय है कि पहला दृष्टि-10 स्टारलाइनर भारतीय नौसेना को इस साल जनवरी में दिया गया था। इसके अलावा, भारतीय सेना को जून में इसकी आपूर्ति की गयी थी।
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नई दिल्ली। लंबी अटकलों और कई स्पाई शॉट्स के बाद, HCIL (होंडा कार्स इंडिया लिमिटेड) ने आखिरकार अमेज Amaze सब 4 एम सेडान को भारत में लॉन्च कर दिया है.। अमेज नई डिजाइन लैंग्वेज के साथ उतारा गया है.। डिजाइन कॉफी प्रीमियम और स्टाइलिश है और ये कंपनी की ही एलिवेट और होंडा सिटी जैसी झलक देता है.। यह सेडान एक प्रीमियम ट्रीटमेंट के साथ भारत में लॉन्च की गई है जिसमें इस बार सेफ्टी का विशेष ध्यान रखा गया है.।
यह अमेज़ का दूसरा बड़ा अपडेट है. इस अपडेट के साथ कंपनी ने इस कार में कुछ जोरदार डिजाइन एलिमेंट्स और फीचर्स को शामिल किया है। अमेज ने अपने लुक को बदल दिया है और अब ये पहले से कहीं ज्यादा प्रीमियम और स्टाइलिश नजर आ रही है। इतना ही नहीं इसमें सेगमेंट फर्स्ट ADAS भी शामिल किया गया है।कितनी है कीमतनई होंडा अमेज को तीन ट्रिम लेवल में उतारा गया है जिसमें V, VX और ZX ट्रिम्स शामिल हैं । 45 दिनों की अवधि के लिए, सेडान का एंट्री-लेवल वेरिएंट ₹ 7.99 लाख (एक्स-शोरूम) की शुरुआती कीमत पर बेचा जाएगा । वहीं, सबसे महंगे वेरिएंट ZX वेरिएंट की कीमत 10.89 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) होगी।कैसा है डिज़ाइननई अमेज काफी प्रीमियम और स्टाइलिश नजर आती है और इसका कारण है नए हेडलैंप, ग्रिल और अपडेटेड फ्रंट बम्पर ,हाउसिंग फॉग लैंप जैसे एलिमेंट्स जो इस कार को प्रीमियम लुक ऑफर करते हैं। कुछ लोगों को ये कार एलिवेट एसयूवी की याद दिला सकती है.। ब्रांड ने इसमें बड़े ओआरवीएम जोड़े हैं, जो एलिवेट पर इस्तेमाल किए गए ओआरवीएम से काफी हद तक सामान हैं.। इस बीच, सेडान का सिल्हूट ओल्ड जेनरेशन जैसा ही लगता है. इसमें ग्राहकों को 15-इंच के अलॉय मिलते हैं।सेफ्टी फीचर्सजापानी वाहन निर्माता ने कॉम्पैक्ट सेडान की फीचर्स की लिस्ट में बड़े बदलाव किए हैं। अमेज़ 8-इंच फ्लोटिंग टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम से लैस है। जो स्टैण्डर्ड रूप में ऐप्पल कारप्ले और एंड्रॉइड ऑटो को इनेबल करता है.। लिस्ट में 7-इंच सेमी-डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर, रियर एसी वेंट, वायरलेस चार्जर, पुश बटन स्टार्ट/स्टॉप, एयर प्यूरीफायर, पूरी तरह से ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल, वॉकअवे ऑटो लॉक, कनेक्टिविटी फीचर्स और बहुत कुछ शामिल हैं. यह सब डुअल-टोन इंटीरियर्स के साथ आता है।इंजन और पावरइंजन और पावर की बात करें तो नई अमेज में 1.2-लीटर चार-सिलेंडर आई-वीटीईसी पेट्रोल इंजन है जो 89 बीएचपी की पावर और 110 एनएम का पीक टॉर्क देता है। इस यूनिट को एमटी या सीवीटी के साथ जोड़ा गया है। एमटी के साथ 18.65 किमी प्रति लीटर का माइलेज देने का दावा किया गया है, जबकि सीवीटी के साथ यह संख्या 19.46 किमी प्रति लीटर है। -
नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन सी. एस. शेट्टी ने कहा कि कई बार खाताधारक…खासकर वे खाताधारक जिन्होंने सरकारी कार्यक्रमों के तहत वित्तीय मदद हासिल करने के लिए खाते खोले हैं वे सीमित संख्या में लेनदेन करते हैं। खाते में पैसे जमा होने के बाद, अधिकतम केवल दो-तीन बार उससे पैसे निकाले जाते हैं, उसके बाद वह निष्क्रिय हो जाते हैं और उसे निष्क्रिय घोषित कर दिया जाता है।
चेयरमैन ने यह बयान, आरबीआई द्वारा बैंकों से निष्क्रिय या ‘फ्रीज’ किए गए खातों के मुद्दे को तत्काल सुलझाने तथा तिमाही आधार पर केंद्रीय बैंक को प्रगति की रिपोर्ट देने को कहे जाने के कुछ दिन बाद दिया है। एसबीआई ने सप्ताहांत में निष्क्रिय खातों के खिलाफ विशेष अभियान की घोषणा भी की थी। हालांकि, देश के सबसे बड़े बैंक में निष्क्रिय खातों की संख्या के बारे में सटीक जानकारी नहीं मिल पाई है।उन्होंने कहा कि कि गैर-वित्तीय लेनदेन से भी खाता सक्रिय किया जा सकेगा, ‘‘ हमने इस मामले को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के समक्ष उठाया है।’’ एसबीआई के चेयरमैन ने कहा कि मौजूदा नियम एक निश्चित समयावधि में वित्तीय लेनदेन पर केंद्रित हैं, जिसके परिणामस्वरूप बहुत सारे खाते ‘‘निष्क्रिय’’ के रूप में चिह्नित हो जाते हैं।उन्होंने कहा कि जब कोई ग्राहक वास्तव में कोई गैर-वित्तीय लेनदेन करता है, तो यह इस बात का संकेत है कि वह बैंक खाते के बारे में ‘‘जागरूक’’ है और इसलिए इसे सक्रिय खाते के रूप में चिह्नित किया जाता है।भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने किसी खाते को सक्रिय रखने की चुनौती से निपटने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक को पत्र लिखकर नियमों में बदलाव करने का अनुरोध किया और खाते को चालू घोषित करने के लिए शेष राशि की जांच जैसे गैर-वित्तीय लेन-देन पर भी विचार करने का अनुरोध किया है। -
नयी दिल्ली. भारत में किसी भी अन्य देश की तुलना में मोबाइल मैलवेयर हमले सबसे अधिक हो रहे हैं। अमेरिका और कनाडा भी इस मामले में उससे पीछे हैं। ‘जेडस्केलर थ्रेटलैब्ज 2024 मोबाइल, आईओटी एंड ओटी थ्रेट रिपोर्ट' में जून 2023 से मई 2024 के बीच खतरे से संबंधित मोबाइल लेनदेन और संबंधित साइबर खतरों वाले 20 अरब से अधिक ‘डेटासेट' का विश्लेषण किया गया। रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘ भारत मोबाइल मैलवेयर हमलों का सबसे बड़ा निशाना बन गया है। इस दौरान किए कुल हमलों में से 28 प्रतिशत भारत में किए गए। इसके बाद अमेरिका में 27.3 प्रतिशत और कनाडा में 15.9 प्रतिशत हमले हुए। भारत इस सूची में पिछले साल तीसरे स्थान पर था इसके अब इस सूची में शीर्ष पर होना भारतीय उद्यमों के लिए मजबूत सुरक्षा उपायों को अपनाने की महत्वपूर्ण आवश्यकता को रेखांकित करता है। खासकर तेजी से डिजिटल बदलाव और बढ़ते साइबर खतरों के बीच...।'' ‘मैलवेयर' एक सॉफ्टवेयर है जिसका इस्तेमाल मोबाइल या कंप्यूटर पर किसी की पहचान चोरी करने या गोपनीय जानकारी में सेंध लगाने के लिए किया जाता है। रिपोर्ट में बैंकिंग मैलवेयर हमलों में 29 प्रतिशत की वृद्धि और मोबाइल स्पाइवेयर हमलों में 111 प्रतिशत की चौंका देने वाली वृद्धि का खुलासा किया गया है। स्पाइवेयर, मैलवेयर का ही एक प्रकार है। इससे किसी व्यक्ति की जानकारी के बिना उसकी निजी जानकारी हासिल की जाती है। थ्रेटलैब्ज के विश्लेषकों के अनुसार, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई और एक्सिस जैसे प्रमुख भारतीय बैंकों के मोबाइल ग्राहकों को निशाना बनाने के फिशिंग प्रयासों में वृद्धि हुई है। ये हमले मोबाइल उपयोगकर्ताओं को वास्तविक बैंकिंग वेबसाइट की हूबहू नकल वाली बैंकिंग वेबसाइट का इस्तेमाल कर निशाना बनाया जाता है। इससे पहले इसी प्रकार की रणनीति का इस्तेमाल फर्जी कार्ड अपडेट साइट के जरिये एंड्रॉयड-आधारित फिशिंग मैलवेयर फैलाने के लिए किया गया, जिससे बड़े पैमाने पर वित्तीय धोखाधड़ी हुई। फिशिंग वास्तव में सॉफ्टवेयर नहीं है, यह जानकारी प्राप्त करने का एक तरीका है। इसमें मैलवेयर का इस्तेमाल करना शामिल हो सकता है। इसमें अक्सर ऐसे ईमेल शामिल होते हैं जिनमें मैलवेयर से संक्रमित वेबसाइटों के लिंक होते हैं। जेडस्केलर के सीआईएसओ-इंडिया के सुवब्रत सिन्हा ने कहा, ‘‘ लीगेसी सिस्टम और असुरक्षित आईओटी/ओटी (इंटरनेट ऑफ थिंग्स/ऑपरेशनल टेक्नोलॉजी) परिवेश साइबर अपराधियों का प्रमुख निशाना बन रहे हैं। हम इनको लक्षित कर हैकिंग प्रयासों में उल्लेखनीय वृद्धि देख रहे हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘ भारतीय उद्यमों के लिए अपने मुख्य परिचालन परिवेश को सुरक्षित करने के लिए एक मजबूत तथा किसी पर भरोसा न करने वाले सुरक्षा ढांचे को अपनाना आवश्यक है। यह न केवल महत्वपूर्ण प्रणालियों की सुरक्षा करेगा, बल्कि तेजी से जुड़ती दुनिया में व्यापार निरंतरता भी सुनिश्चित करेगा'' रिपोर्ट में एक चिंताजनक वैश्विक प्रवृत्ति का भी संकेत दिया गया है, जिसमें गूगल प्ले स्टोर पर 200 से अधिक ऐसे ऐप मिले जो सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक थे। वहीं आईओटी मैलवेयर लेनदेन में वार्षिक आधार पर 45 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो आज साइबर खतरों की व्यापक प्रकृति को रेखांकित करता है। सकारात्मक बात यह है कि मैलवेयर उत्पत्ति स्थल के रूप में भारत ने सुधार किया है। वह एपीएसी (एशिया-प्रशांत) क्षेत्र में 5वें स्थान से 7वें स्थान पर पहुंच गया है।