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- नयी दिल्ली। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद को उसके तहत आने वाले तीन मंत्री समूहों (जीओएम) का पुनर्गठन करना होगा। इसका कारण यह है कि 11 राज्यों के नए मंत्री शनिवार को परिषद में शामिल हो गए हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी परिषद की 53वीं बैठक में आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, हरियाणा, मध्य प्रदेश, मिजोरम, ओडिशा, राजस्थान, सिक्किम, तेलंगाना और त्रिपुरा से 11 नए मंत्री शामिल हुए। जीएसटी परिषद की 52वीं बैठक सात अक्टूबर, 2023 को आयोजित की गई थी।परिषद में नए मंत्रियों के शामिल होने के साथ जीएसटी से राजस्व के विश्लेषण, जीएसटी के तहत रियल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा देने और जीएसटी प्रणाली में सुधार पर तीन मंत्री समूहों का पुनर्गठन किया जाएगा। जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने पर गठित मंत्री समूह का फरवरी में ही पुनर्गठन किया जा चुका है। इसके संयोजक बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी हैं, जबकि अन्य तीन के पुनर्गठन की अधिसूचना अभी तक जारी नहीं हुई है। जीएसटी से प्राप्त राजस्व के विश्लेषण पर गठित मंत्री समूह में ओडिशा से नए वित्त मंत्री को शामिल किया जाना है। ओडिशा में भाजपा ने विधानसभा चुनाव जीतकर इसी महीने सरकार बनाई है। हरियाणा से नए वित्त मंत्री का नाम भी परिषद में शामिल किया जाना है। रियल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अध्यक्षता में गठित मंत्री समूह का पुनर्गठन किया जाना है, क्योंकि बिहार के वित्त मंत्री बदल गए हैं। पवार की अध्यक्षता में जीएसटी प्रणाली सुधार पर गठित समूह का पुनर्गठन किया जाना है, जिसमें असम, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, छत्तीसगढ़ और ओडिशा से पांच नए मंत्री शामिल होंगे।
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नयी दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और ‘सब-असेंबली' की मांग 2030 तक पांच गुना बढ़कर 240 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। उद्योग मंडल सीआईआई द्वारा रविवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें मदरबोर्ड, लिथियम आयन बैटरी, कैमरा मॉड्यूल आदि जैसे कुछ प्रमुख कलपुर्जे शामिल हैं, जिन्हें बड़े पैमाने पर आयात किया जाता है। रिपोर्ट में सरकार से आयात पर निर्भरता कम करने के लिए 35-40 प्रतिशत की सीमा में उच्च प्रोत्साहन के साथ संशोधित इलेक्ट्रॉनिक घटक की उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाएं लाने की सिफारिश की गई है। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, “पिछले साल 102 अरब डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन का समर्थन करने के लिए घटकों और ‘सब-असेंबली' की मांग 45.5 अरब डॉलर थी। साल 2030 तक 500 अरब डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन का समर्थन करने के लिए यह मांग 240 अरब डॉलर तक बढ़ सकती है। पीसीबीए सहित प्राथमिकता वाले घटकों और ‘सब-असेंबली' के 30 प्रतिशत की मजबूत सीएजीआर से बढ़ने का अनुमान है, जो 2030 तक 139 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा।” रिपोर्ट में बैटरी (लिथियम-आयन), कैमरा मॉड्यूल, मैकेनिकल (एनक्लोजर आदि), डिस्प्ले और पीसीबी के घटकों और उप-संयोजनों को भारत के लिए उच्च प्राथमिकता के रूप में चिन्हित किया गया है, जो 2022 में घटकों की मांग का संचयी रूप से 43 प्रतिशत हिस्सा था और 2030 तक 51.6 अरब डॉलर तक बढ़ने की संभावना है। रिपोर्ट में कहा गया, “इन घटकों का भारत में या तो नाममात्र उत्पादन होता है या फिर ये भारी मात्रा में आयात पर निर्भर होते हैं। प्राथमिकता वाले घटकों के आयात की इस प्रवृत्ति को बनाए रखना देश के हित में नहीं है।
- नयी दिल्ली। कृत्रिम मेधा (एआई) जहां कुछ निश्चित भूमिकाओं को खत्म कर देगी वहीं उससे ज्यादा नई नौकरियां पैदा कर देगी। डेलॉयट के एआई कार्यकारी रोहित टंडन ने कहा कि भविष्य एआई-मानव के सहयोग का है, ना कि एआई मानवों की जगह ले लेगी। टंडन ने कहा कि वह एक क्रांतिकारी युग की कल्पना करते हैं, जहां प्रौद्योगिकी कार्यबल को प्रतिस्थापित करने के बजाय उसे सशक्त बनाएगी। डेलॉयट एलएलपी के एआई खंड के प्रबंध निदेशक टंडन ने कहा कि एआई नौकरियां नहीं छीनेगी, बल्कि कुछ आसान नौकरियों को खत्म कर देगी, तथा नई भूमिकाएं सृजित करेगी। उन्होंने कहा, “एआई लोगों की जगह ले लेगी... ऐसा नहीं होगा। आपको अभी भी इंसानों की जरूरत है।”टंडन ने कहा कि जब आईटी, प्रौद्योगिकी और कंप्यूटर परिदृश्य में आए तो नौकरियों के खत्म हो जाने का ऐसा ही डर था। उन्होंने कहा, “लेकिन जरा देखिए कि आईटी की वजह से दुनियाभर में कितनी नौकरियां पैदा हुई हैं। यही बात एआई के साथ भी होने जा रही है। यह सर्वव्यापी होने जा रहा है, ठीक वैसे ही जैसे आज है, जैसे आपके पास आज के सबसे बड़े सुपरकंप्यूटर आपके फोन पर उपलब्ध हैं, कुछ सबसे शक्तिशाली एआई एल्गोरिदम आपके पर्स में, आपके बटुए में, आपकी जेब में होंगे।” टंडन ने कहा, “यह ऐसी चीज होगी जिसके बारे में हम बात करें या न करें, यह हमारे जीवन का एक हिस्सा बन जाएगी।” उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब कोई नई तकनीक आई है और उससे नौकरियां जाने का खतरा पैदा हुआ है।
- नयी दिल्ली। एयर कंडीशनर विनिर्माता कंपनी डाइकिन को चालू वित्त वर्ष (2024-25) में देश में अपनी एसी की बिक्री 20 लाख इकाई रहने की उम्मीद है। कंपनी की योजना भारत को विनिर्माण केंद्र बनाकर निर्यात के अधिक अवसर तलाशने की है। डाइकिन एयरकंडिशनिंग इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) कंवलजीत जावा ने कहा कि कंपनी ने इस साल के पहले तीन महीनों में आवासीय एयर कंडीशनर (आरएसी) की सात लाख इकाइयां बेची हैं। इसमें इस साल भीषण गर्मी का भी योगदान है और कंपनी को 50 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की उम्मीद है। डाइकिन ने भारत में आंध्र प्रदेश के श्री सिटी में अपनी तीसरी विनिर्माण इकाई शुरू की है। कंपनी यहां कंप्रेसर विनिर्माण में निवेश कर रही है और उसने 2030 तक 50 लाख इकाइयों के विनिर्माण का लक्ष्य रख रही है। जावा ने कहा, “लक्ष्य 50 लाख इकाई का है, जिसमें 2030 तक घरेलू बाजार के लिए 40 लाख और निर्यात के लिए 10 लाख इकाइयां शामिल हैं।” कंपनी को भारतीय बाजार में आरएसी की मात्रा में ‘मजबूत वृद्धि की उम्मीद' है, जहां तुलनात्मक रूप से पहुंच कम यानी करीब सात प्रतिशत है। इसके अलावा, डाइकिन अपनी नई 75 एकड़ की श्री सिटी विनिर्माण इकाई की मदद से दक्षिण अफ्रीका, पश्चिम एशिया और दक्षिण अमेरिका जैसे बाजारों में भी निर्यात कर रही है। यह दक्षिण-पूर्व एशिया में सबसे बड़ा कारखाना है। भारतीय बाजार में 2004 में उतरने वाली डाइकिन ने अबतक 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है।पिछले वित्त वर्ष (2023-24) में डाइकिन इंडिया का कारोबार 10,500 करोड़ रुपये रहा था।
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नयी दिल्ली. जीएसटी करदाताओं के पास अब मासिक या तिमाही करों के भुगतान से पहले बाहरी आपूर्ति या बिक्री रिटर्न फॉर्म जीएसटीआर-1 में संशोधन करने का विकल्प होगा। जीएसटी परिषद ने शनिवार को अपनी बैठक में करदाताओं को कर अवधि के लिए फॉर्म जीएसटीआर-1 में विवरण संशोधित करने और अतिरिक्त विवरण जोड़ने की सुविधा के लिए फॉर्म जीएसटीआर-1ए के जरिए एक नयी वैकल्पिक सुविधा देने की सिफारिश की थी। हालांकि, उक्त कर अवधि के लिए जीएसटीआर-3बी में रिटर्न जमा करने से पहले जीएसटीआर-1ए दाखिल करना होगा।
शार्दुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी के पार्टनर रजत बोस ने कहा कि अनुपालन के नजरिये से यह एक सकारात्मक बदलाव है और इससे व्यापार करने में आसानी होगी। केपीएमजी के अप्रत्यक्ष कर प्रमुख और पार्टनर अभिषेक जैन ने कहा कि जीएसटीआर-1 में दिए गए विवरण में संशोधन की अनुमति देने से कर भुगतान से पहले लिपिकीय और अनजाने में होने वाली गलती को सुधारने का एक मौका मिलेगा। - नयी दिल्ली।' वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार की मंशा हमेशा से पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की रही है और अब राज्यों को एक साथ आकर इसकी दर तय करनी है। उन्होंने कहा कि पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पेट्रोल और डीजल को जीएसटी कानून में शामिल करने का प्रावधान पहले ही कर दिया है। अब बस राज्यों को एक साथ आकर दर तय करने के लिए चर्चा करनी है। सीतारमण ने कहा, ''जीएसटी का इरादा पेट्रोल और डीजल को जीएसटी में लाना था। अब राज्यों को दर तय करनी है। मेरे पूर्ववर्ती (अरुण जेटली) की मंशा बहुत स्पष्ट थी, हम चाहते हैं कि पेट्रोल और डीजल जीएसटी में आएं।'' जीएसटी को जब एक जुलाई, 2017 को लागू किया गया था, उसमें एक दर्जन से अधिक केंद्रीय और राज्य शुल्कों को शामिल किया गया था। हालांकि, यह फैसला किया गया कि पांच वस्तुओं - कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, पेट्रोल, डीजल और विमान ईंधन (एटीएफ) पर जीएसटी कानून के तहत बाद में कर लगाया जाएगा। सीतारमण ने कहा कि जीएसटी लागू करते समय केंद्र सरकार की मंशा थी कि कुछ समय बाद पेट्रोल और डीजल को जीएसटी में लाया जाए। उन्होंने कहा, ''इसे जीएसटी में लाने का प्रावधान पहले ही किया जा चुका है। अब सिर्फ यह फैसला करना है कि राज्य जीएसटी परिषद में सहमत हों और फिर तय करें कि वे किस दर के लिए तैयार होंगे।'' सीतारमण ने जीएसटी परिषद की 53वीं बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ''एक बार यह निर्णय हो जाने के बाद इसे अधिनियम में शामिल कर दिया जाएगा।''
- - मन की स्थिरता को कायम रखने दिया गया योग प्रक्षिक्षणरायपुर। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को दुनिया भर में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस वर्ष 10वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। जिसका विषय &ह्नह्वशह्ल;स्वयं और समाज के लिए योग&ह्नह्वशह्ल; योग के निरंतर अभ्यास से मन और शरीर के सांमजस्य विचार और क्रिया के बीच संतुलन और संयम एकाग्रता एकता का प्रतिनिधित्व करता हैं। योग से जीवन में सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। माना जाता है कि योग करने से व्यक्ति बड़े से बड़े तनाव को आसानी से दूर कर सकता है। इसी की ध्यान में रखते हुए शुक्रवार को जेएसपीएल रायपुर मशीनरी डिवीजऩ में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। जहां एक घंटे तक चले सेशन में योग गुरु श्री प्रेम कुमार सिंह ने अपने योगाभ्यास से किस तरह से रोजमर्रा के तनाव से मुक्त हुआ जा सकता हैं ,इसकी जानकरी दी । साथ ही शारीरिक और मानसिक रोगों को दूर करने में योग का क्या योगदान है, इसकी भी जानकारी दी। प्रात: 8 बजे से शुरू हुए अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस में प्लांट हेड श्री नीलेश टी शाह, एच आर हेड श्री सूर्योदय दुबे सहित कर्मचारी व कर्मचारियों के परिवार के सदस्यों ने बढ़-चढक़र हिस्सा लिया.। इस दौरान योग गुरु श्री प्रेम कुमार ने योग की अनेक मुद्राओं व आसनों की जानकारी दी।
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नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार ने घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने और आयात कम करने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर तुअर, उड़द और मसूर की खरीद करने की प्रतिबद्धता जताई है। इस कदम का उद्देश्य फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करना और वर्ष 2027 तक दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करना है।
राज्य के कृषि मंत्रियों के साथ एक ‘ऑनलाइन’ बैठक की अध्यक्षता करते हुए चौहान ने किसान पंजीकरण के लिए सहकारी समितियों नैफेड और एनसीसीएफ के माध्यम से ई-समृद्धि पोर्टल के शुरू किये जाने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘‘हम राज्य सरकारों से आग्रह करते हैं कि वे सुनिश्चित खरीद का लाभ उठाने के लिए अधिक से अधिक किसानों को इस पोर्टल पर पंजीकरण करने के लिए प्रोत्साहित करें।’’एक सरकारी बयान में कहा गया कि मंत्री ने वर्ष 2015-16 से दलहन उत्पादन में 50 प्रतिशत की वृद्धि के लिए राज्यों की प्रशंसा की, लेकिन प्रति हेक्टेयर उपज में सुधार के लिए और प्रयास करने का आह्वान किया। चौहान ने कहा कि भारत ने पिछले दशक में दालों के आयात पर अपनी निर्भरता 30 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर ली है।मूंग और चना में आत्मनिर्भरता हासिल हुई है। घोषित प्रमुख उपायों में चालू खरीफ मौसम से शुरू की जाने वाली नई मॉडल दाल ग्राम योजना, चावल की कटाई के बाद दलहन की खेती के लिए परती भूमि का उपयोग, अरहर की अंतर-फसल को बढ़ावा, जलवायु-अनुकूल और कम अवधि की फसल किस्मों के विकास के अलावा गुणवत्ता वाले बीज की उपलब्धता के लिए 150 दलहन बीज केंद्रों की स्थापना शामिल हैं।चौहान ने नकदी फसलों और मिट्टी की उर्वरता बहाली की दिशा में फसल विविधीकरण की जरूरत बतायी। उन्होंने राज्यों से अपने बीज वितरण प्रणालियों और राज्य बीज निगमों को मजबूत करने का आग्रह किया। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश सहित प्रमुख दलहन उत्पादक राज्यों के कृषि मंत्रियों ने बैठक में भाग लिया।उन्होंने सहयोग का आश्वासन दिया और सामान्य से अधिक मानसूनी बारिश के पूर्वानुमान का हवाला देते हुए उत्पादन लक्ष्यों को प्राप्त करने की उम्मीद जताई। केंद्रीय मंत्री ने कृषि परिदृश्यों पर विस्तृत बैठक के लिए और सामूहिक रूप से मुद्दों का समधान करने के लिए राज्य के कृषि मंत्रियों को दिल्ली आमंत्रित किया। बैठक में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर और भागीरथ चौधरी, कृषि सचिव मनोज आहूजा और आईसीएआर के महानिदेशक हिमांशु पाठक भी उपस्थित थे। -
अहमदाबाद,। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी आशीष कुमार चौहान ने बुधवार को भरोसा जताया कि युवा आबादी और प्रौद्योगिकी विकास के दम पर अगले 50 साल में भारत की संपत्ति 1,000 प्रतिशत बढ़ जाएगी। चौहान ने अहमदाबाद के निकट भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान (ईडीआईआई) के 23वें दीक्षांत समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा, “भारत अगले 50 साल में युवा आबादी, तीव्र प्रौद्योगिकी विकास और अपने उद्यमियों के दम पर बहुत तरक्की करने जा रहा है। अगले 50 वर्षों में भारत की संपत्ति में 1,000 प्रतिशत यानी दस गुना वृद्धि होने जा रही है।” इसके साथ ही उन्होंने यह स्वीकार किया कि भारत में अभी भी गरीबी, अशिक्षा, खराब आवास, रहने की स्थिति, भोजन, पानी, स्वच्छता की कमी और अपर्याप्त स्वास्थ्य देखभाल जैसी सामाजिक-आर्थिक चुनौतियां मौजूद हैं। उन्होंने संस्थान से उत्तीर्ण होकर निकल रहे छात्रों से ‘परिवर्तन के वाहक' बनने और बदलाव लाने के लिए नवीन एवं लागत प्रभावी समाधान खोजने का अनुरोध किया।
- नयी दिल्ली। केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी शुक्रवार को वाणिज्यिक कोयला नीलामी के 10वें दौर की शुरुआत करेंगे। बुधवार को जारी बयान के अनुसार, इसमें 60 खानें रखी जाएंगी। इस कदम से घरेलू कोयला उत्पादन बढ़ेगा और देश के लिए ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित होगी।कोयला मंत्रालय ने बयान में कहा कि बिक्री के लिए रखे जाने वाले ब्लॉक में कोकिंग और नॉन-कोकिंग दोनों कोयला खानें शामिल हैं। केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री 21 जून को हैदराबाद में वाणिज्यिक कोयला खनन नीलामी के 10वें दौर की शुरुआत करेंगे। बयान के अनुसार, इस अवसर पर कोयला एवं खान राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे, तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क और कोयला सचिव अमृत लाल मीणा उपस्थित रहेंगे। इन 60 कोयला खानों में से 24 का पूरा अन्वेषण हो चुका है, जबकि 36 का आंशिक रूप से अन्वेषण हो चुका है। इसके अलावा, पांच कोयला खानों की पेशकश वाणिज्यिक कोयला नीलामी के नौवें दौर के दूसरे प्रयास के तहत की जा रही है। ये खानें बिहार (3), छत्तीसगढ़ (15), झारखंड (6), मध्य प्रदेश (15), महाराष्ट्र (1), ओडिशा (16), तेलंगाना (1) और पश्चिम बंगाल (3) में फैली हुई हैं।
- मुंबई। विमानन कंपनी स्पाइस जेट ने बुधवार को कहा कि दिल्ली से दरंभगा जाने वाली उसकी उड़ान में वातानुकलन प्रणाली में दिल्ली हवाई अड्डे पर यात्रियों के चढ़ने के समय ‘कार्यकुशलता थोड़ी कम' थी । मीडिया की खबरों में कहा कि यात्रियों को विमान में एक घंटे तक बिना वातानुकूलन के इंतजार करना पड़ा।स्पाइस जेट ने कहा कि वैसे पूरी यात्रा के दौरान वातानुकूल प्रणाली सामान्य रही और यह उड़ान समय से रवाना भी हुई। गुरूग्राम स्थित इस घरेलू विमानन सेवा कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘‘19 जून को दिल्ली से दरभंगा जाने वाली स्पाइस जेट उड़ान एस जी 476 बिना किसी देरी के समय से रवाना हुई। दिल्ली में यात्रियों के चढ़ने के समय बहुत खराब मौसम के कारण वातानुकूल प्रणाली अपनी क्षमता से कम काम करते हुए महसूस हुई और विमान के दोनों दरवाजे खुले थे। विमान में सवार होने की प्रक्रिया एयरोब्रिज से नहीं हो रही थी।'' एयरलाइन का यह बयान तब आया जब मीडिया में खबर आयी कि दिल्ली से दरभंगा जाने वाले स्पाइसजेट के यात्रियों को विमान में एक घंटे तक बिना वातानुकूलन के इंतजार करना पड़ा।
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नयी दिल्ली. टाटा मोटर्स ने जिंस कीमतों में बढ़ोतरी के मद्देनजर एक जुलाई, 2024 से अपने वाणिज्यिक वाहनों के दाम दो प्रतिशत तक बढ़ाने की घोषणा की है। टाटा मोटर्स ने बुधवार को बयान में कहा, ‘‘कीमतों में बढ़ोतरी वाणिज्यिक वाहनों की पूरी श्रृंखला पर लागू होगी। यह अलग-अलग मॉडल और संस्करण के हिसाब से भिन्न होगी।'' इस साल की शुरुआत में कंपनी ने उत्पादन लागत में बढ़ोतरी की वजह से एक अप्रैल, 2024 से कीमतों में दो प्रतिशत वृद्धि की घोषणा की थी। टाटा मोटर्स देश की प्रमुख वाणिज्यिक वाहन विनिर्माता कंपनी है। यह ट्रक, बस और अन्य वाणिज्यिक वाहनों का विनिर्माण करती है। -
नयी दिल्ली. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने ब्याज आय पर कर राहत की वकालत की है। उन्होंने कहा कि इससे बैंकों को बचत जुटाने में मदद मिलेगी जिसका उपयोग दीर्घकालिक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए किया जा सकेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अगले महीने संसद में 2024-25 का पूर्ण बजट पेश कर सकती हैं।
फिलहाल, बैंकों को तब कर काटना पड़ता है जब सभी बैंक शाखाओं में जमा राशि से ब्याज आय एक वर्ष में 40,000 रुपये से अधिक हो। बचत खातों के मामले में, 10,000 रुपये तक अर्जित ब्याज कर से मुक्त है। खारा ने कहा, “अगर बजट में ब्याज आय पर कर के मामले में कुछ राहत दी जा सके तो यह जमाकर्ताओं के लिए एक प्रोत्साहन होगा। आखिरकार, बैंकिंग क्षेत्र देश में पूंजी निर्माण के लिए जुटाई गई जमा का उपयोग करता है।” मौजूदा आर्थिक वृद्धि दर को देखते हुए एसबीआई चेयरमैन को वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 14-15 प्रतिशत ऋण वृद्धि की उम्मीद है। -
नयी दिल्ली. फिच रेटिंग्स ने मंगलवार को चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत की वृद्धि दर का अनुमान बढ़ाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया है। मार्च में उसने इसके सात प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। रेटिंग एजेंसी ने उपभोक्ता खर्च में सुधार और निवेश में वृद्धि का हवाला देते हुए अनुमान में संशोधन किया। वित्त वर्ष 2025-26 और 2026-27 के लिए फिच ने क्रमशः 6.5 प्रतिशत और 6.2 प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान लगाया है। फिच ने अपनी वैश्विक आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में कहा, ‘‘ हमारा अनुमान है कि वित्त वर्ष 2024-25 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.2 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि होगी।'' फिच का अनुमान आरबीआई के अनुमान के अनुरूप है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस महीने की शुरुआत में अनुमान लगाया था कि ग्रामीण मांग में सुधार और मुद्रास्फीति में नरमी से चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.2 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि निवेश में वृद्धि जारी रहेगी, लेकिन हाल की तिमाहियों की तुलना में यह वृद्धि धीमी रहेगी, जबकि उपभोक्ता विश्वास बढ़ने के साथ उपभोक्ता खर्च में सुधार होगा। क्रय प्रबंधकों के सर्वेक्षण के आंकड़े चालू वित्त वर्ष की शुरुआत में निरंतर वृद्धि की ओर इशारा करते हैं। इसने कहा कि आने वाले मानसून के मौसम के सामान्य रहने के संकेत वृद्धि को बढ़ावा देंगे और मुद्रास्फीति को कम अस्थिर बनाएंगे। हालांकि हाल ही में भीषण गर्मी ने जोखिम उत्पन्न किया है। गत वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था 8.2 प्रतिशत बढ़ी थी।
- नयी दिल्ली। अमेजन इंडिया ने अपनी सब्जियों तथा फलों की सेवा ‘अमेजन फ्रेश' का विस्तार अंबाला, औरंगाबाद, होशियारपुर, धारवाड़, ऊना, सूरी जैसे 130 से अधिक शहरों में किया है। इस सेवा में फल, सब्जियां, ठंडे उत्पाद, सौंदर्य, शिशु, व्यक्तिगत देखभाल का सामान और पालतू पशु उत्पाद आदि की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है। यह सेवा ग्राहकों को ‘अमेजन डॉट इन' पर अपने समर्पित ऐप-इन-ऐप के जरिये सुगम खरीदारी का अनुभव देगी। इसमें दोबारा खरीदने और ‘रिमाइंडर' का विकल्प भी है जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि चेकआउट के दौरान ग्राहक अक्सर खरीदी गई वस्तुओं को न भूलें। अमेजन फ्रेश इंडिया के निदेशक श्रीकांत श्री राम ने कहा कि अमेजन फ्रेश भारत में किराना खरीदारी को नया रूप दे रही है।
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नई दिल्ली। ब्रिटेन मई में चीन को पछाड़कर भारत का चौथा सबसे बड़ा निर्यात बाजार बन गया। पिछले साल मई में वह भारत का छठा सबसे बड़ा निर्यात बाजार था।
वाणिज्य विभाग के आंकड़ों से पता चला है कि मई में भारत से ब्रिटेन को निर्यात करीब एक तिहाई बढ़कर 1.37 अरब डॉलर हो गया और चीन को निर्यात 1.33 अरब डॉलर ही रहा। उस महीने में अलग-अलग क्षेत्र के निर्यात आंकड़े नहीं थे मगर पिछले कुछ महीनों का रुझान बताता है कि ब्रिटेन को मशीनरी, खाद्य उत्पाद, दवा, कपड़ा, आभूषण, लोहे एवं इस्पात का ज्यादा निर्यात किया गया।सरकारी आंकड़े बताते हैं कि भारत के शीर्ष 10 निर्यात बाजारों में मई के दौरान निर्यात बढ़ा, जबकि पिछले एक साल से ज्यादा समय तक वहां के लिए निर्यात कम होता जा रहा था। मई में देश से निर्यात हुए कुल सामान में से 52 फीसदी इन्हीं 10 देशों को गया।मई में भारत का वस्तु निर्यात 9.13 फीसदी बढ़कर 38 अरब डॉलर हो गया। वैश्विक मांग में उतार-चढ़ाव और अर्थव्यवस्थाओं की रफ्तार में कमीबेशी के बीच पिछले कई महीनों तक निर्यात में सुस्ती रही थी मगर मई में अच्छी वृद्धि हुई।अमेरिका को निर्यात में 13 फीसदी इजाफा हुआ और वह भारत का सबसे बड़ा निर्यात साझेदार बना रहा। उसके बाद संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को निर्यात में 19 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई। नीदरलैंड भारत का तीसरा सबसे बड़ा निर्यात साझेदार है और मई में वहां के लिए निर्यात 44 फीदी चढ़कर 2.19 अरब डॉलर हो गया।भारत से चीन को निर्यात में पिछले महीने केवल 3 फीसदी इजाफा हुआ। सऊदी अरब को निर्यात में 8.46 फीसदी, सिंगापुर को 4.64 फीसदी, बांग्लादेश को 13.47 फीसदी, जर्मनी को 6.74 फीसदी और फ्रांस को निर्यात में 36.94 फीसदी बढ़ोतरी रही।भारत ने जिन 10 देशों से सबसे ज्यादा आयात करता है, उनमें से केवल 2 देशों से आयात में कमी आई। मई में सऊदी अरब से आयात में 4.11 फीसदी और स्विट्जरलैंड से आयात में 32.33 फीसदी कमी दर्ज की गई। मई में भारत का कुल वस्तु आयात 7.7 फीसदी बढ़कर 61.91 अरब डॉलर हो गया।रूस से होने वाला आयात 18 फीसदी बढ़कर 7.1 अरब डॉलर हो गया, जिसकी बड़ी वजह वहां के तेल पर भारत की निर्भरता है।चीन के बाद भारत सबसे ज्यादा आयात इसी देश से करता है और यह सिलसिला मई में भी जारी रहा। पिछले महीने चीन से आयात 2.81 फीसदी बढ़कर 8.48 अरब डॉलर हो गया।स्विट्जरलैंड से मुख्य तौर पर सोने का आयात होता है। मई में वहां से भारत को आयात करीब एक तिहाई घटकर 1.52 अरब डॉलर रह गया। मई में अमेरिका से आयात 0.4 फीसदी, यूएई से 18 फीसदी, इराक से 58.68 फीसदी), दक्षिण कोरिया से 13 फीसदी और सिंगापुर से आयात 8.78 फीसदी बढ़ा। इंडोनेशिया से आयात में 23.36 फीसदी कमी आई। देश के कुल वस्तु आयात में इन 10 देशों की हिस्सेदारी करीब 61 फीसदी है। -
नयी दिल्ली. म्यूचुअल फंड उद्योग ने चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2024-25) के पहले दो महीनों (अप्रैल-मई) में 81 लाख से अधिक निवेशक खाते जोड़े हैं। इसका मुख्य कारण लगातार विपणन प्रयास, सेलिब्रिटी से प्रचार और वितरण नेटवर्क का समर्पित कार्य है। स्टॉक ट्रेडिंग मंच ट्रेडजिनी के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) त्रिवेश डी ने कहा कि इसके अलावा सावधि जमाओं (एफडी) के बारे में बदलती धारणाएं तथा आय के स्तर में वृद्धि और वित्तीय बाजारों तक पहुंच ने भी नए निवेशकों की संख्या में वृद्धि में योगदान दिया है। सावधि जमा योजनाएं अब म्यूचुअल फंड की तुलना में प्रतिस्पर्धी प्रतिफल नहीं देती हैं। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही म्यूचुअल फंड के लिए संभावनाएं मजबूत बनी हुई हैं, जिसे शेयर बाजार में चल रही तेजी, ठोस जोखिम प्रबंधन प्रथाओं, निरंतर निवेशक शिक्षा और लगातार विपणन प्रयासों से समर्थन मिल रहा है। विशेषज्ञों ने कहा कि इसके अलावा, उद्योग में अच्छी वृद्धि जारी रहेगी क्योंकि बचतकर्ता अपने दीर्घकालिक लक्ष्यों के लिए धन सृजन हेतु वैकल्पिक रास्ते तलाश रहे हैं। पीजीआईएम इंडिया म्यूचुअल फंड के सीबीओ अभिषेक तिवारी ने कहा, ‘‘जैसे-जैसे भारत की प्रति व्यक्ति आय बढ़ेगी, निवेशक ऐसे परिसंपत्ति वर्गों में पैसा बचाना चाहेंगे, जिनमें मुद्रास्फीति को मात देने और संपत्ति बनाने की क्षमता है। जैसे-जैसे म्यूचुअल फंड की पहुंच बढ़ेगी, यह उद्योग स्तर पर उच्च फोलियो आधार में तब्दील हो जाएगा।'' एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के अनुसार, उद्योग के म्यूचुअल फंड फोलियो की संख्या मई के अंत में 18.6 करोड़ थी, जो मार्च के अंत में दर्ज 17.78 करोड़ से 4.6 प्रतिशत या 81 लाख अधिक है। फोलियो व्यक्तिगत निवेशक खातों को दी जाने वाली संख्या होती है। एक निवेशक के कई फोलियो हो सकते हैं।
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मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को लंदन के प्रमुख प्रकाशन ‘सेंट्रल बैंकिंग' ने 2024 के लिए सर्वश्रेष्ठ जोखिम प्रबंधक के पुरस्कार से सम्मानित किया है। रिजर्व बैंक ने रविवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर पोस्ट किया कि उसे अपनी जोखिम संस्कृति और जागरूकता में सुधार के लिए सर्वश्रेष्ठ जोखिम प्रबंधक का पुरस्कार दिया गया। केंद्रीय बैंक ने कहा कि यह पुरस्कार आरबीआई की तरफ से कार्यकारी निदेशक मनोरंजन मिश्रा ने ग्रहण किया।
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नयी दिल्ली. भारत में घरेलू एयर कंडीशनर (रूम एसी) का बाजार वित्त वर्ष 2028-29 तक 12 प्रतिशत की सालाना दर से बढ़कर 50,000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। टाटा समूह की कंपनी वोल्टास ने अपनी हालिया वार्षिक रिपोर्ट में यह बात कही है। एसी की अग्रणी कंपनी वोल्टास ने कहा कि घरेलू और अग्रणी विदेशी कंपनियों की उपस्थिति के कारण भारतीय घरेलू एसी बाजार में प्रतिस्पर्धा ‘तेज' हो गई है। बढ़ती गर्मी, बढ़ती खर्च योग्य आमदनी तथा उपभोक्ता वित्त तक आसान पहुंच के साथ बेहतर जीवनशैली की चाह जैसे कारकों से घरेलू एसी खंड की वृद्धि को बढ़ावा मिलने की संभावना है। वोल्टास ने कहा, ‘‘भारतीय घरेलू एसी बाजार के 2028-29 तक 12 प्रतिशत की सालाना दर से बढ़कर 50,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना है।'' वोल्टास ने 2023-24 में 20 लाख से अधिक एसी बेचे। कंपनी के अनुसार, यह किसी भी ब्रांड द्वारा एक वर्ष में बेची गई एसी की अबतक की सबसे अधिक संख्या थी। कंपनी ने कहा, “वोल्टास ने एक जनवरी, 2024 से 20 अप्रैल, 2024 तक मात्र 110 दिन की अवधि में 10 लाख एसी बेचे हैं।” इस सत्र में कई कंपनियों की एसी बिक्री अप्रैल और मई में दोगुना से अधिक हो गई है। भीषण गर्मी के दौरान पारा 45 डिग्री के आसपास पहुंचने के बीच बिक्री में जबर्दस्त उछाल देखने को मिला है। घरेलू एसी के अलावा, वाणिज्यिक एयर कंडीशनिंग (सीएसी) में भी प्रतिस्पर्धा बढ़ने जा रही है। अब अग्रणी विदेशी कंपनियों ने इस क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करना शुरू कर दिया है। इससे पहले, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स एवं उपकरण विनिर्माता संघ ने कहा था कि इस साल उसे घरेलू एसी की रिकॉर्ड बिक्री की उम्मीद है, जिससे 2024 में वार्षिक बिक्री लगभग 1.4 करोड़ इकाई हो जाएगी।
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नयी दिल्ली. खादी प्राकृतिक इमल्शन और डिस्टेंपर पेंट को सरकारी गुणवत्ता आश्वासन निकाय राष्ट्रीय परीक्षण शाला (एनटीएच) ने भारतीय मानक के अनुरूप प्रमाणित किया गया है। खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने रविवार को कहा कि एनटीएच द्वारा किए गए व्यापक परीक्षण ने पुष्टि की है कि इमल्शन पेंट कड़े बीआईएस 15489:2013 मानकों को पूरा करता है, जबकि डिस्टेंपर पेंट बीआईएस 428:2013 मानकों का अनुपालन करता है। खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) द्वारा निर्मित ये पेंट अनुप्रयोग गुणों, पतलापन, सूखने में लगने वाले समय और सफाई के परीक्षण में सफल रहे। मंत्रालय ने कहा कि ये पेंट चार घंटे से भी कम समय में सूख गए और एक समान तथा चिकनी फिनिश दी। उन्होंने कहा कि ये उत्पाद सफेद रंग में उपलब्ध हैं, जिन्हें अन्य रंगों में भी रंगा जा सकता है। बयान में कहा गया है कि पिछले वर्ष तीन लाख लीटर से अधिक पेंट और डिस्टेंपर बेचे गए। मंत्रालय ने हालांकि तुलनात्मक आंकड़े नहीं दिए। केवीआईसी एक वैधानिक निकाय है जो गांव आधारित उद्योगों को बढ़ावा देता है।
- नयी दिल्ली। घरेलू मोर्चे पर किसी प्रमुख संकेतक के अभाव में इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा वैश्विक रुख पर निर्भर करेगी। कम कारोबारी सत्रों वाले सप्ताह के दौरान बाजार मुख्य रूप से विदेशी निवेशकों की गतिविधियों से दिशा लेगा। विश्लेषकों ने यह राय जताई है। इसके अलावा वैश्विक स्तर पर ब्रेंट कच्चे तेल के दाम और डॉलर के मुकाबले रुपये का उतार-चढ़ाव भी बाजार की दृष्टि से महत्वपूर्ण रहेगा। स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लि. के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘‘यह सप्ताह कम कारोबारी सत्रों वाला है और किसी बड़े संकेतक का अभाव है। हालांकि, बजट को लेकर चर्चा के बीच हमें क्षेत्र विशेष के शेयरों में गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं। मुख्य रूप से बाजार का रुख मानसून की प्रगति तथा संस्थागत निवेशकों के प्रवाह पर निर्भर करेगा।'' उन्होंने कहा कि वैश्विक मोर्चे पर चीन के आंकड़े, डॉलर सूचकांक का उतार-चढ़ाव तथा अमेरिका में बॉन्ड प्रतिफल बाजार की दृष्टि से महत्वपूर्ण रहेगा। सोमवार को ‘बकरीद' के मौके पर शेयर बाजार बंद रहेंगे।रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘सोमवार की अवकाश के कारण यह कम कारोबारी सत्रों वाला सप्ताह है। सप्ताह के दौरान बाजार भागीदारों की निगाह वैश्विक बाजारों, विशेषरूप से अमेरिकी बाजार पर रहेगी।'' बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 299.41 अंक या 0.39 प्रतिशत के लाभ में रहा। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 175.45 अंक या 0.75 प्रतिशत चढ़ गया। सेंसेक्स 13 जून को 77,145.46 अंक के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंचा, जबकि निफ्टी ने 14 जून को 23,490.40 अंक के अपने नए शिखर को छुआ। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘घरेलू बाजार सोमवार को बंद रहेंगे, जबकि वैश्विक स्तर पर निवेशकों की निगाह बैंक ऑफ इंग्लैंड के ब्याज दर को लेकर निर्णय पर रहेगी।'' खेमका ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि सकारात्मक वृहद रुझान, सरकारी खर्च जारी रहने और नीतिगत मोर्चे पर निरंतरता की उम्मीद के बीच बाजार में तेजी का रुख कायम रहेगा।''
- नयी दिल्ली,। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के नए अध्यक्ष संजीव पुरी का मानना है कि 2024-25 के आगामी पूर्ण बजट में मुद्रास्फीति के उच्चस्तर को देखते हुए सबसे निचले स्लैब के लोगों के लिए आयकर राहत पर विचार करने की आवश्यकता है। पुरी ने भूमि, श्रम, बिजली और कृषि से संबंधित सभी सुधारों को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाने के लिए केंद्र और राज्यों के बीच आम सहमति बनाने को एक संस्थागत मंच बनाने का भी सुझाव दिया। उद्योग मंडल ने कहा कि उसे नहीं लगता कि गठबंधन राजनीति की मजबूरियां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में सुधारों में बाधक बनेंगी। इसके बजाय उसका मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन और पिछले दो कार्यकाल में नीतियों की सफलता इस प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए आधार तैयार करेगी। वित्त वर्ष 2024-25 के पूर्ण बजट से उम्मीदों के बारे में पूछे जाने पर पुरी ने कहा, ‘‘मोटे तौर पर, मैं इस समय कहूंगा कि सार्वजनिक पूंजीगत व्यय, राजकोषीय प्रगति पथ का पालन, सामाजिक बुनियादी ढांचे में निवेश के लिए रूपरेखा, हरित कोष और ग्रामीण क्षेत्र में अधिक निवेश...ये व्यापक सिद्धान्त हैं।'' खाद्य पदार्थों, विशेषकर सब्जियों और विनिर्मित वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि के कारण मई में थोक मुद्रास्फीति लगातार तीसरे महीने बढ़कर 2.61 प्रतिशत हो गई है। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति इससे पिछले महीने 1.26 प्रतिशत पर थी। मई, 2023 में शून्य से नीचे 3.61 प्रतिशत थी। पुरी ने कहा कि सीआईआई का अनुमान है कि मानसून अच्छा रहने की वजह से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति इस साल 4.5 प्रतिशत के आसपास रहेगी। कर के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हमारा सुझाव है कि इस मोर्चे पर सरलीकरण की प्रक्रिया जारी रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पूंजीगत लाभ को लेकर कुछ सुझाव हैं। ‘‘यह विभिन्न माध्यमों पर अलग-अलग है। क्या इसे सुसंगत किया जा सकता है।'
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नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2024-25 के पूर्ण बजट के लिए व्यापार एवं उद्योग संघों से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष करों और उनका अनुपालन बोझ कम करने के लिए कानूनों में बदलाव के संबंध में सुझाव आमंत्रित किए हैं। व्यापार एवं उद्योग संघों को अपने सुझाव 17 जून तक मंत्रालय को भेजने हैं।
वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट जुलाई के अंत में संसद में पेश किए जाने की उम्मीद है। इस साल चुनावी साल होने से फरवरी में अंतरिम बजट ही पेश किया गया था। वित्त मंत्रालय के मुताबिक, इन सुझावों में शुल्क संरचना, कर दरों में परिवर्तन और प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष करों पर कर आधार को व्यापक बनाने के विचार शामिल हो सकते हैं, ताकि इसके लिए आर्थिक औचित्य दिया जा सके।सीमा शुल्क एवं उत्पाद शुल्क में परिवर्तन के लिए व्यापार और उद्योग जगत को उत्पादन, कीमतों और सुझाए गए बदलावों के राजस्व निहितार्थ के बारे में प्रासंगिक सांख्यिकीय जानकारी के साथ अपनी मांगों को उचित ठहराना होगा। इसके साथ ही उलटे शुल्क ढांचे में सुधार के अनुरोध को उत्पाद के विनिर्माण के प्रत्येक चरण में मूल्य संवर्धन से समर्थित करना होगा। उलटे शुल्क ढांचे में तैयार माल पर लगने वाले शुल्क से अधिक शुल्क कच्चे माल पर लगता है।प्रत्यक्ष करों के संबंध में मंत्रालय ने कहा कि सुझाव अनुपालन कम करने, कर निश्चितता प्रदान करने और मुकदमेबाजी कम करने पर भी हो सकते हैं। इसमें कहा गया कि मध्यम अवधि में सरकार की नीति कर प्रोत्साहन, कटौतियों तथा छूटों को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने तथा साथ ही कर दरों को युक्तिसंगत बनाने की है। -
नई दिल्ली। देश की अग्रणी इलेक्ट्रिक कार कंपनी टाटा मोटर्स (Tata Motors) की पंच ईवी (Punch EV) और नेक्सॉन ईवी (Nexon EV) को भारत-एनकैप क्रैश टेस्ट में 5-स्टार रेटिंग मिली है।
स्वदेशी इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माता भारत के नए कार मूल्यांकन कार्यक्रम (Bharat Ncap) के अंतर्गत प्रमाण पत्र हासिल करने वाली देश की पहली कंपनी है। इस कार्यक्रम के तहत क्रैश टेस्ट और सुरक्षा सुविधाओं और तकनीक पर वाहन का प्रदर्शन देखा जाता है और उसके आधार पर स्टार रेटिंग दी जाती है।टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स के प्रबंध निदेशक शैलेश चंद्रा ने कहा, ‘हम सरकार के सख्त सुरक्षा मानदंडों का स्वागत करते हैं। इस परीक्षण के लिए वाहन भेजने वाली पहली कंपनी होने और भारत एनकैप प्रणाली में सबसे पहले पहुंचकर शानदार नतीजा हासिल करने पर हमें गर्व है। देश का सबसे सुरक्षित वाहन पंच ईवी बनाने पर हमें खुशी है और नेक्सॉन ईवी ने 5-स्टार सुरक्षा रेटिंग के साथ अपनी विरासत बरकरार रखी है।’कंपनी ने कहा कि पंच ईवी (Punch EV) ने वयस्क यात्री सुरक्षा के लिए 32 अंक में से 31.46 अंक और बाल यात्री सुरक्षा के लिए 49 अंक में से 45 अंक हासिल किए हैं। आज तक किसी भी अन्य वाहन को इतना स्कोर नहीं मिला है। नेक्सॉन ईवी ने भी वयस्क यात्री सुरक्षा में 32 में से 29.86 अंक और बाल यात्री सुरक्षा पैमाने पर 49 में से 44.95 अंक हासिल किया है।केंद्रीय भूतल परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कंपनी को बधाई देते हुए लिखा, ‘पंच ईवी और नेक्सॉन ईवी के लिए भारत एनकैप से 5-स्टार रेटिंग के लिए धन्यवाद @tataev @TataMotors। इस तरह यह भारतीय वाहन बाजार में 5 स्टार रेटिंग वाली पहली ईवी बन गई है।’गडकरी ने कहा कि भारत में भविष्य की मोबिलिटी में इलेक्ट्रिक वाहनों की प्रमुख भूमिका होगी और दमदार भारत एनकैप रेटिंग ग्राहकों को सुरक्षित वाहन चुनने में काफी मददगार साबित होगी। उन्होंने कहा कि यह रेटिंग बताती है कि वाहन यात्रियों के लिए बहुत सुरक्षित है।भूतल परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने कारों के क्रैश परीक्षण के लिए स्वदेशी स्टार-रेटिंग प्रणाली शुरू की है। इसके तहत देखा जाता है कि वाहन टक्कर में कितने सुरक्षित रहते हैं और उसी के हिसाब से 1 से 5 स्टार तक दिए जाते हैं। यह रेटिंग प्रणाली स्वैच्छिक है और 1 अक्टूबर 2023 से लागू हो चुकी है।भारत एनकैप के तहत वाहन कंपनी स्वेच्छा से कार भेजती हैं, जिनका क्रैश परीक्षण वाहन उद्योग के मानक 197 के प्रोटोकॉल के अनुसार होता है। यह कार्यक्रम उन यात्री वाहनों के लिए है, जिनमें ड्राइवर के अलावा सवारियों के लिए 8 से अधिक सीटें न हों और वाहन का कुल वजन 3,500 किलोग्राम से अधिक न हो। किसी खास वैरिएंट के केवल बेस मॉडल का ही परीक्षण होता है।कारों को तीन पैमानों पर जांचते हैं और फिर 1 से 5 स्टार तक रेटिंग देते हैं। इन पैमानों में वयस्क सवारी की सुरक्षा, सवार बच्चों की सुरक्षा और वाहन में मौजूद सुरक्षा सहायक तकनीक शामिल हैं। पहले दो पैमानों में तीन अलग-अलग परीक्षण होते हैं। इनमें फ्रंटल ऑफसेट परीक्षण भी शामिल है, जहां 63 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से आ रहे वाहन की भिड़ंत एक बैरियर से कराई जाती है, जो सामने से आ रहे वाहन की 40 फीसदी बॉडी के बराबर होता है। वाहन को 50 किलोमीटर की रफ्तार पर साइड से भी भिड़ाया जाता है और अंत में 29 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से किसी खंभे से टकराया जाता है।गडकरी ने पिछले साल अगस्त में यह टेस्ट शुरू करते हुए कहा था कि भारत एनकैप देश के वाहन उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने का अहम जरिया होगा, जिसका मकसद भारत को दुनिया का अग्रणी वाहन विनिर्माण केंद्र बनाना है। -
नई दिल्ली। खाद्य वस्तुओं खासकर सब्जियों और विनिर्मित वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि के कारण थोक मुद्रास्फीति मई में लगातार तीसरे महीने बढ़कर 2.61 प्रतिशत हो गई। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल में 1.26 प्रतिशत थी। मई 2023 में यह शून्य से नीचे 3.61 प्रतिशत रही थी।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, ‘‘ मई 2024 में मुद्रास्फीति बढ़ने का मुख्य कारण खाद्य वस्तुओं, खाद्य उत्पादों के विनिर्माण, कच्चे पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस, खनिज तेल, अन्य विनिर्माण आदि की कीमतों में वृद्धि रहा।’’आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति मई में 9.82 प्रतिशत बढ़ी, जबकि अप्रैल में यह 7.74 प्रतिशत थी। मई में सब्जियों की महंगाई दर 32.42 प्रतिशत रही, जो अप्रैल में 23.60 प्रतिशत थी। प्याज की महंगाई दर 58.05 प्रतिशत, जबकि आलू की महंगाई दर 64.05 प्रतिशत रही। दालों की महंगाई दर मई में 21.95 प्रतिशत रही।ईंधन एवं बिजली क्षेत्र में मुद्रास्फीति 1.35 प्रतिशत रही, जो अप्रैल के 1.38 प्रतिशत से मामूली कम है। विनिर्मित उत्पादों में मुद्रास्फीति 0.78 प्रतिशत रही, जो अप्रैल में शून्य से नीचे 0.42 प्रतिशत थी। थोक मूल्य सूचकांक में मई में वृद्धि महीने के खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों के विपरीत है।इस सप्ताह की शुरुआत में जारी आंकड़ों के अनुसार मई में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 4.75 प्रतिशत पर आ गई जो एक साल का सबसे निचला स्तर है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मौद्रिक नीति तैयार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है। आरबीआई ने इस महीने की शुरुआत में लगातार आठवीं बार ब्याज दर को यथावत रखने का फैसला किया था।