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- नयी दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को सोने की कीमतें 9,700 रुपये की छलांग लगाते हुए 1,30,300 रुपये के नए शिखर पर पहुंच गईं। यह उछाल विदेशी बाजारों में सुरक्षित निवेश की मांग और रुपये में कमजोरी के कारण आया। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने बताया कि स्थानीय बाजार में 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना उछलकर 1,30,300 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर पहुंच गया। इस तरह पीली धातु के भाव में एक ही कारोबारी सत्र में 9,700 रुपये प्रति 10 ग्राम की जबरदस्त तेजी दर्ज की गई। शुक्रवार को 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 1,20,600 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।स्थानीय सर्राफा बाजार में 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 2,700 रुपये बढ़कर 1,22,700 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) हो गई। यह पिछले सत्र में 1,20,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। सर्राफा कारोबारियों ने कहा कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में आई गिरावट ने इस तेज उछाल में बड़ी भूमिका निभाई। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जींस) सौमिल गांधी ने कहा, "सोना नए रिकॉर्ड पर पहुंचा है क्योंकि निवेशक अब भी इस कीमती धातु में दिलचस्पी बनाए हुए हैं। उन्हें भविष्य में इसके दाम और भी बढ़ने की उम्मीद है।" गांधी ने कहा कि अमेरिका में वित्तीय प्रावधान न होने से सरकारी कामकाज लंबे समय तक ठप होने की आशंका से आर्थिक प्रदर्शन चिंता का विषय बना हुआ है। इस वजह से सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की मांग बढ़ रही है। इस साल अब तक सोने की कीमतों में 51,350 रुपये प्रति 10 ग्राम यानी 65.04 प्रतिशत की तेजी देखी गई है। सोने का भाव दिसंबर, 2024 में 78,950 प्रति 10 ग्राम पर था। सोने की तरह चांदी की कीमतों में भी जोरदार बढ़ोतरी दर्ज की गई। यह 7,400 रुपये उछलकर 1,57,400 रुपये प्रति किलो (सभी करों सहित) के नए उच्च स्तर पर पहुंच गई। शुक्रवार को चांदी की कीमत 1,50,000 रुपये प्रति किलो थी। चालू वर्ष में चांदी की कीमतें 67,700 रुपये यानी 75.47 प्रतिशत बढ़ चुकी हैं। दिसंबर 2024 के अंत में चांदी 89,700 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पर थी। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में, हाजिर सोना लगभग दो प्रतिशत बढ़कर 3,949.58 डॉलर प्रति औंस के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। वहीं चांदी एक प्रतिशत से अधिक की बढ़त के साथ 48.75 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई। कोटक सिक्योरिटीज की सहायक उपाध्यक्ष कायनात चैनवाल ने कहा, "अमेरिका में सरकारी कामकाज ठप होने के छठे दिन हाजिर सोना ने पहली बार 3,940 डॉलर प्रति औंस का स्तर पार किया।" इस बीच, सोना एवं चांदी के वायदा भाव भी नए शिखर पर पहुंच गए।मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सोने के दिसंबर आपूर्ति वाले वायदा अनुबंध की कीमत 1,962 रुपये यानी 1.66 प्रतिशत चढ़कर 1,20,075 प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। सोना के फरवरी 2026 आपूर्ति वाले अनुबंध का भाव भी 2,047 रुपये यानी 1.71 प्रतिशत चढ़कर रिकॉर्ड 1,21,380 प्रति 10 ग्राम हो गया। चांदी के वायदा भाव भी एमसीएक्स पर बढ़कर दिसंबर 2025 आपूर्ति के लिए 1,47,977 रुपये प्रति किलोग्राम और मार्च 2026 के लिए 1,49,605 रुपये प्रति किलोग्राम हो गए। अग्मोंट की शोध प्रमुख रेनिशा चैनानी ने कहा, "वर्ष 2025 अनिश्चितताओं का साल रहा और सोने एवं चांदी की कीमतों ने नए रिकॉर्ड बनाए हैं। शुल्क विवाद, भू-राजनीतिक अनिश्चितता, ब्याज दर कटौती और अमेरिकी सरकार के कामकाज ठप होने जैसी अस्थिरताओं ने सोने-चांदी की कीमतों को रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा दिया।" विशेषज्ञों का कहना है कि डॉलर में कमजोरी, केंद्रीय बैंकों की खरीदारी, गोल्ड-ईटीएफ की बढ़ती मांग और खुदरा निवेशकों की रुचि ने एक सुरक्षित निवेश के तौर पर सोने की मांग बढ़ा दी।
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नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार सोमवार को लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में हरे निशान में बंद हुआ। बाजार के ज्यादातर सूचकांकों ने सकारात्मक रिटर्न दिया। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 582.95 अंक या 0.72 प्रतिशत की मजबूती के साथ 81,790.12 और निफ्टी 183.40 अंक या 0.74 प्रतिशत की मजबूती के साथ 25,077.65 पर था।
बाजार की तेजी को सपोर्ट बैंकिंग और आईटी शेयरों ने किया। निफ्टी बैंक 515.60 अंक की मजबूती के साथ बंद हुआ। निफ्टी आईटी 2.28 प्रतिशत, निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज 1.08 प्रतिशत, निफ्टी सर्विसेज 1.15 प्रतिशत और निफ्टी हेल्थकेयर 1.29 प्रतिशत की मजबूती के साथ बंद हुआ। दूसरी तरफ निफ्टी मेटल 0.89 प्रतिशत, निफ्टी मीडिया 0.90 प्रतिशत और निफ्टी पीएसई 0.08 प्रतिशत की कमजोरी के साथ बंद हुआ।सेंसेक्स पैक में टीसीएस, टेक महिंद्रा, एक्सिस बैंक, बजाज फाइनेंस, इटरनल (जोमैटो), इन्फोसिस, कोटक महिंद्रा बैंक, बजाज फिनसर्व, एचसीएल टेक, मारुति सुजुकी, सन फार्मा,एचडीएफसी बैंक और एसबीआई टॉप गेनर्स थे। टाटा स्टील, पावर ग्रिड, टाइटन, ट्रेंट, आईटीसी, एनटीपीसी, टाटा मोटर्स और एशियन पेंट्स टॉप लूजर्स थे।लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में भी खरीदारी देखी गई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 511.75 अंक या 0.89 प्रतिशत की मजबूती के साथ 58,015.10 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 49.90 अंक या 0.28 प्रतिशत की बढ़त के साथ 17,928.05 पर था।बाजार के जानकारों ने कहा कि दूसरी तिमाही के नतीजों से पहले, वित्तीय सेवाओं और आईटी क्षेत्रों में बढ़त के चलते घरेलू शेयर बाजार ने सत्र का अंत सकारात्मक रुख के साथ किया। बैंकिंग इंडेक्स ने बड़े बैंकों द्वारा घोषित मजबूत तिमाही अपडेट और आकर्षक मूल्यांकनों के चलते बेहतर प्रदर्शन किया, जबकि सीजीएचएस दरों में संशोधन के बाद अस्पतालों के शेयरों में उछाल आया। निवेशक अब मार्गदर्शन के लिए वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही की आय पर नजर रख रहे हैं। हालांकि उम्मीदें मध्यम बनी हुई हैं, उपभोक्ता मांग में वृद्धि के कारण बाजार तीसरी तिमाही के नतीजों को लेकर अधिक आशावादी है। भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत तेजी के साथ हुई थी। सुबह 9:30 पर सेंसेक्स 10 अंक की मामूली गिरावट के साथ 81,196 और निफ्टी 8 अंक की बढ़त के साथ 24,902 पर था। -
नई दिल्ली। सोने की कीमतें सोमवार को रिकॉर्ड ऊंचाई पर 3,900 डॉलर प्रति औंस के पार पहुंच गई है। इसकी वजह निवेशकों की ओर से सोने की लगातार खरीद करना है। अमेरिकी फेड के द्वारा ब्याज दरों में कमी की संभावना के चलते सोने की मांग में लगातार उछाल देखा जा रहा है। खबर लिखे जाने तक कॉमेक्स पर सोने की कीमत 1.22 प्रतिशत बढ़कर 3,956.70 डॉलर प्रति औंस पर थी। इसका डे-हाई 3,969 डॉलर प्रति औंस पर है।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सोने की कीमतें 1.20 लाख रुपए के करीब पहुंच गई हैंफेड गवर्नर स्टीफन मिरान ने हाल ही में एक आक्रामक दर कटौती योजना के बारे में जानकारी साझा की थी और ट्रम्प प्रशासन की नीतियों के आर्थिक प्रभावों के बारे में चेतावनी दी। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सोने की कीमतें 1.20 लाख रुपए के करीब पहुंच गई हैं।सोने के 05 दिसंबर 2025 के कॉन्ट्रैक्ट का दाम 1.25 प्रतिशत बढ़कर 1,19,595 रुपए पर पहुंच गया हैसोने के 05 दिसंबर 2025 के कॉन्ट्रैक्ट का दाम 1.25 प्रतिशत बढ़कर 1,19,595 रुपए पर पहुंच गया है। सोने के साथ चांदी की कीमतों में इजाफा देखने को मिल रहा है। कॉमेक्स पर चांदी की कीमत 0.68 प्रतिशत बढ़कर 48.29 डॉलर प्रति औंस पर है। अब तक इसका डे-हाई 48.49 रहा है।एमसीएक्स पर चांदी के 5 दिसंबर 2025 के कॉन्ट्रैक्ट का दाम 0.98 प्रतिशत बढ़कर 1,47,176 रुपए हो गया हैएमसीएक्स पर चांदी के 5 दिसंबर 2025 के कॉन्ट्रैक्ट का दाम 0.98 प्रतिशत बढ़कर 1,47,176 रुपए हो गया है। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के मुताबिक, 24 कैरेट के 10 ग्राम सोने की कीमत बीते एक हफ्ते में 3,692 रुपए बढ़कर 1,16,954 रुपए हो गई है, जबकि पहले यह 1,13,262 रुपए थी। पिछले एक हफ्ते में में चांदी की कीमत 7,510 रुपए बढ़कर 1,45,610 रुपए प्रति किलो हो गई है, जो कि पहले 1,38,100 रुपए प्रति किलो थी।इस साल की शुरुआत से अब तक सोने ने 50 प्रतिशत से अधिक और चांदी ने करीब 70 प्रतिशत का रिटर्न दिया हैइस साल की शुरुआत से अब तक सोने ने 50 प्रतिशत से अधिक और चांदी ने करीब 70 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। दुनिया के बड़े निवेश बैंकों में से एक गोल्डमैन सैश का कहना है कि सोना अगले साल तक 5,000 डॉलर प्रतिशत औंस तक जा सकता है, जो कि फिलहाल 3,900 डॉलर प्रति औंस से अधिक है। - नयी दिल्ली. मारुति सुजुकी इंडिया चालू वित्त वर्ष 2025-26 में चार लाख से ज्यादा वाहनों का निर्यात करने की राह पर है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार अप्रैल-सितंबर में कंपनी ने पहले ही दो लाख से ज्यादा वाहनों का निर्यात कर दिया है। देश की सबसे बड़ी कार विनिर्माता कंपनी ने सितंबर में निर्यात में सालाना आधार पर 52 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है और यह 42,204 इकाई रहा। पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह आंकड़ा 27,728 इकाई था। मारुति सुजुकी इंडिया के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी (कॉरपोरेट मामले) राहुल भारती ने कहा, ''पहली तिमाही में हमने लगभग 1.10 लाख इकाइयों का निर्यात किया और पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में हमने 2.07 लाख से ज्यादा इकाइयों का निर्यात किया। इसलिए, हम अपने चार लाख इकाइयों के पूर्वानुमान को हासिल करने की राह पर हैं।'' उन्होंने बताया कि कंपनी का निर्यात निकटतम घरेलू प्रतिस्पर्धी के निर्यात से दोगुने से भी ज्यादा है।भारती ने कहा, ''आम तौर पर, हम कड़ी प्रतिस्पर्धा की बात करते हैं। बाजार में 18 कंपनियां हैं... मारुति सुजुकी का निर्यात देश में हमारे निकटतम निर्यातक से दोगुने से भी ज्यादा है।'' उन्होंने आगे कहा कि घरेलू बिक्री की तरह ही, अब वाहन निर्माता कंपनी विदेशी निर्यात में भी अपने निकटतम कंपनी पर भारी बढ़त बनाए हुए है। उन्होंने कहा, ''एक और दिलचस्प बात यह है कि निर्यात में लगातार वृद्धि हो रही है। मुझे याद है कि लगभग चार साल पहले हम एक साल में लगभग एक लाख इकाई निर्यात करते थे। इस बार दूसरी तिमाही में यह आंकड़ा एक लाख इकाई से ज्यादा है।'' वित्त वर्ष 2020-21 में कंपनी का कुल निर्यात 96,139 इकाई था।भारती ने कहा कि भारत के हालिया मुक्त व्यापार समझौतों ने भी कार निर्यात में सुधार लाने में मदद की है। अप्रैल-सितंबर के दौरान कंपनी के लिए दक्षिण अफ्रीका, जापान, सऊदी अरब, चिली और कोलंबिया सबसे अच्छे निर्यात बाजार रहे।
- कोलकाता. क्रिसिल इंटेलिजेंस की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने भविष्य में ब्याज दरों में कटौती की संभावना बरकरार रखी है। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने मुद्रास्फीति के अपने पूर्वानुमान में भारी कटौती की है।केंद्रीय बैंक ने एक अक्टूबर को शुल्क अनिश्चितताओं का हवाला देते हुए अपनी नीतिगत ब्याज दर को लगातार दूसरी बार 5.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा था। रिपोर्ट में कहा गया कि एमपीसी ने स्वीकार किया है कि अमेरिकी शुल्क के प्रभाव के कारण चालू वित्त वर्ष (2025-26) की दूसरी छमाही में जीडीपी वृद्धि में गिरावट का जोखिम रहेगा। क्रिसिल इंटेलिजेंस ने कहा कि जीएसटी दरों में हालिया कमी से वृद्धि पर शुल्क का समग्र प्रभाव आंशिक रूप से कम हो जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया, ''कुछ श्रम-प्रधान क्षेत्र अमेरिकी शुल्क के प्रभाव से सबसे अधिक संवेदनशील हैं और उन्हें नीतिगत समर्थन की आवश्यकता है। चालू वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति कम चिंता का विषय होने के साथ, अगर अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती करता है, तो आरबीआई के लिए भी ऐसा करने की गुंजाइश बनेगी।'' आरबीआई ने फरवरी 2025 से नीतिगत दर में एक प्रतिशत की कटौती की है।
- -“अदावाकृत जमा राशि केवल कागज पर प्रविष्टियां नहीं हैं; वे सामान्य परिवारों की मेहनत से कमाई गई बचत का प्रतिनिधित्व करते हैं”- केंद्रीय वित्त मंत्री-“जागरूकता, पहुंच और कार्रवाई की 3ए रणनीति अभियान के मार्गदर्शक सिद्धांत होंगे”- श्रीमती निर्मला सीतारमण-केंद्रीय गृह मंत्री, श्री अमित शाह ने एक संदेश में इस पहल की प्रशंसा की और इसे जनता के विश्वास, सम्मान और सशक्तिकरण को मजबूत करने की दिशा में एक सामूहिक प्रयत्न बताया-राज्य के वित्त मंत्री श्री कनुभाई देसाई ने कहा कि लाभार्थियों की शिक्षा, सशक्तिकरण और अन्य वित्तीय जरूरतों के लिए उपयोगी अदावाकृत जमा राशि-“नागरिकों के दावों का शीघ्रता और निष्पक्ष रूप से निवारण किया जाना चाहिए, ताकि वे स्पष्टता और विश्वास के साथ आगे बढ़ें”- सचिव, डीएफएस-अक्टूबर से दिसंबर 2025 तक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सभी जिलों को कवर करने के लिए अभियान=नागरिकों को अदावाकृत वित्तीय संपत्तियों का पता लगाने और उन पर दावा करने में सहायता के लिए डिजिटल प्रदर्शन और सहायता मंचनई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने गुजरात के गांधीनगर में राष्ट्रव्यापी जागरूकता अभियान "आपकी पुंजी, आपका अधिकार" का शुभारंभ किया। इस अभियान का शुभारंभ राज्य के वित्त मंत्री श्री कनुभाई देसाई की उपस्थिति में किया गया।इस कार्यक्रम में डीएफएस के सचिव श्री एम. नागराजू, भारतीय रिजर्व बैंक के कार्यकारी निदेशक, आईआरडीएआई, सेबी, पीएफआरडीए के पूर्णकालिक सदस्य, भारत सरकार, राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी और प्रमुख वित्तीय संस्थानों के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।इस अवसर पर केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस अभियान का एक सरल लेकिन शक्तिशाली संदेश है कि नागरिकों द्वारा बचाया गया प्रत्येक रुपया उन्हें या उनके परिवारों को वापस मिलना चाहिए।वित्त मंत्री ने कहा कि अदावाकृत जमा, बीमा राशि, लाभांश, म्यूचुअल फंड शेष और पेंशन केवल कागज पर लिखी प्रविष्टियां नहीं हैं, वे सामान्य परिवारों की कड़ी मेहनत से अर्जित बचत का प्रतिनिधित्व करते हैं- ऐसी बचत जो शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और वित्तीय सुरक्षा में सहायक हो सकती है।इसके अलावा, केंद्रीय वित्त मंत्री ने इस अभियान के मार्गदर्शक सिद्धांतों के रूप में "3ए" - जागरूकता, पहुंच और कार्रवाई- के महत्व पर बल दिया। जागरूकता का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक नागरिक और समुदाय को लावारिस संपत्तियों का पता लगाने के बारे में जानकारी हो। पहुंच सरलीकृत डिजिटल उपकरण और ज़िला-स्तरीय पहुंच प्रदान करने पर केंद्रित है। कार्रवाई समयबद्ध और पारदर्शी दावा निपटान पर बल देती है।श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि ये तीनों स्तंभ मिलकर नागरिकों और वित्तीय संस्थानों के बीच की खाई को पाटने, सामुदायिक जागरूकता को बढ़ावा देने और यह सुनिश्चित करने में मदद करेंगे कि प्रत्येक व्यक्ति सम्मान और आसानी से अपनी सही बचत को प्राप्त कर सके।वित्त मंत्री ने हाल ही में चलाए गए केवाईसी और पुनः-केवाईसी अभियानों में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, विशेष रूप से गुजरात ग्रामीण बैंक और अन्य वित्तीय संस्थानों की सक्रिय भूमिका की सराहना की और कहा कि इन प्रयासों ने नागरिकों और औपचारिक वित्तीय प्रणाली के बीच संबंध को मज़बूत किया है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि गांवों और कस्बों में की गई ऐसी पहलों ने यह सुनिश्चित किया है कि लाभार्थी अपनी बचत और अधिकारों से जुड़े रहें, जिससे वर्तमान अभियान की सफलता की मज़बूत नींव पड़ी है।श्रीमती सीतारमण ने सभी संस्थाओं से आग्रह किया कि वे लावारिस वित्तीय परिसंपत्तियों के संबंध में इस राष्ट्रव्यापी पहल में समान समर्पण और पहुंच बनाए रखें, ताकि कोई भी नागरिक अपने वैध धन से वंचित न रह जाए।श्रीमती निर्मला सीतारमण ने उन लाभार्थियों को प्रमाण पत्र भी सौंपे, जिन्होंने विभिन्न संस्थानों से अपनी दावारहित जमा राशि को सफलतापूर्वक वापस पा लिया।इस अवसर पर बोलते हुए, गुजरात के वित्त मंत्री श्री कनुभाई देसाई ने कहा कि गुजरात से इस राष्ट्रव्यापी अभियान का शुभारंभ राज्य के लिए गौरव की बात है और उन्होंने सक्रिय भागीदारी और पहुंच के माध्यम से इसके सफल क्रियान्वयन के लिए पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया। श्री कनुभाई देसाई ने कहा कि लाभार्थियों की शिक्षा, सशक्तिकरण और अन्य वित्तीय ज़रूरतों के लिए दावा न की गई जमा राशि बहुत उपयोगी है।कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री और गांधीनगर से लोकसभा सांसद, श्री अमित शाह का एक संदेश भी शामिल था। केंद्रीय गृह मंत्री ने शुभकामनाएं दीं और नागरिकों को इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। संदेश में इस बात पर ज़ोर दिया गया कि यह पहल केवल दावा न की गई वित्तीय संपत्तियों की वापसी तक सीमित नहीं है, बल्कि जनता के विश्वास, सम्मान और सशक्तिकरण को मज़बूत करने की दिशा में एक सामूहिक प्रयास का प्रतीक है।इस अवसर पर वित्तीय सेवा सचिव, श्री एम. नागराजू ने कहा कि अगस्त 2025 तक, 75,000 करोड़ रुपये से अधिक की दावा रहित जमाराशियां आरबीआई के जमाकर्ता शिक्षा एवं जागरूकता कोष में स्थानांतरित कर दी गई हैं। इसके अलावा, श्री नागराजू ने बताया कि दावा न की गई बीमा राशि 13,800 करोड़ रुपये से अधिक है, म्यूचुअल फंड में दावा न की गई शेष राशि लगभग 3,000 करोड़ रुपये है, और 9,000 करोड़ रुपये से अधिक का अवैतनिक लाभांश है।वित्तीय सेवा सचिव ने कहा कि दावों का निपटारा शीघ्रता से, निष्पक्षता से और नागरिकों के लिए अनावश्यक बाधाओं के बिना किया जाना चाहिए, ताकि वे स्पष्टता और विश्वास के साथ आगे बढ़ सकें। श्री नागराजू ने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य प्रत्येक नागरिक के वित्तीय सशक्तिकरण के विभाग के दीर्घकालिक लक्ष्य को प्राप्त करना है।अब तक लगभग 172 करोड़ शेयर निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण कोष में हस्तांतरित किए जा चुके हैं। यह लॉन्च वित्तीय समावेशन में भारत की व्यापक उपलब्धियों पर आधारित है—जन धन योजना और यूपीआई से लेकर प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण तक—यह सुनिश्चित करके कि नागरिकों को न केवल वित्तीय सेवाओं तक पहुंच प्राप्त हो, बल्कि उन्हें वह भी वापस मिले जो उनका वास्तविक अधिकार है।गुजरात से “आपकी पुंजी, आपका अधिकार” अभियान की शुरूआत के साथ, सरकार ने वित्तीय समावेशन को हर घर के लिए सार्थक, पारदर्शी और सुलभ बनाने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।व्यापक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए, अभियान अक्टूबर-दिसंबर 2025 के दौरान सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आयोजित किया जाएगा। डिजिटल प्रदर्शन और हेल्पडेस्क नागरिकों को उनकी लावारिस वित्तीय संपत्तियों का आसानी से पता लगाने और उन पर दावा करने में सहायता करेंगे, जो नागरिक-केंद्रित शासन के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता और जीवन को आसान बनाने के व्यापक दृष्टिकोण को दर्शाता है।वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) द्वारा समन्वित यह अभियान भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई), भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी), भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई), पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए), और निवेशक शिक्षा और संरक्षण निधि प्राधिकरण (आईईपीएफए) के साथ-साथ बैंकों, बीमा कंपनियों, म्यूचुअल फंड और पेंशन संस्थानों को एक साझा मंच पर लाता है।
- नई दिल्ली। भारत की उपभोक्ता अर्थव्यवस्था ने एक दशक से भी अधिक समय में अपनी सबसे अधिक नवरात्रि के अवसर पर बिक्री दर्ज की, जो मोदी सरकार के अगली पीढी के वस्तु और सेवाकर (जीएसटी) सुधारों से प्रेरित है। इन सुधारों में कर दरों को कम किया गया और उत्पादों को अधिक सुलभ बनाया। इन उपायों ने न केवल कीमतें कम कीं, बल्कि उपभोक्ता आकांक्षाओं को भी प्रोत्साहन दिया, जिससे परिवारों को वाहनों को अपग्रेड करने, घरेलू उपकरणों में निवेश करने और जीवनशैली के सामानों पर अधिक खुलकर खर्च करने में सहायता मिली, जिससे त्यौहारों का उत्साह रिकॉर्ड तोड़ खपत में बदल गया।ऑटोमोबाइल क्षेत्रकार निर्माता मारुति सुजुकी की नवरात्रि बिक्री में 100 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में दोगुनी है और यह कम से कम एक दशक में अब तक की सबसे अच्छी रही है। मारुति सुजुकी ने 3.5 लाख कारों की बुकिंग की सूचना दी है, जबकि लगभग 2.5 लाख बुकिंग लंबित हैं। इस नवरात्रि के अंत तक कंपनी को 2 लाख गाडियों की डिलीवरी का आंकड़ा छूने का भरोसा है। कंपनी ने पिछली नवरात्रि में 85,000 वाहन बेचे थे।मारुति सुजुकी ने नवरात्रि के पहले 8 दिनों में 1.65 लाख वाहनों की एक बड़ी खेप आपूर्ति भी की। नवरात्रि के पहले दिन, मारुति ने रिकॉर्ड 30,000 कारों की आपूर्ति की, जो 35 वर्षों में इसका सर्वश्रेष्ठ एक दिन का प्रदर्शन है।एक्सयूवी700 और स्कॉर्पियो एन जैसी लोकप्रिय एसयूवी बेचने वाली महिंद्रा एंड महिंद्रा ने खुदरा बिक्री में साल-दर-साल 60 प्रतिशत की वृद्धि देखी।इस नवरात्रि पर कम्यूटर सेगमेंट में ग्राहकों की अच्छी मांग रह ने के कारण दोपहिया वाहन निर्माता हीरो मोटोकॉर्प के शोरूम में आने वाले ग्राहकों की संख्या दोगुनी हो गई है।टाटा मोटर्स ने त्यौहारी मौसम के दौरान 50,000 से वाहनों की खुदरा बिक्री की, जिसमें अल्ट्रोज़, पंच, नेक्सन और टियागो मॉडल की मांग सबसे अधिक रही।बजाज ऑटो ने भी नवरात्रि के दौरान अच्छी बिक्री दर्ज की।तेजी से बढ़ता उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्रउपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में एलजी, हायर और गोदरेज अप्लायंसेज ने पिछले वर्ष की तुलना में इस नवरात्रि में बिक्री में दोहरे अंकों में वृद्धि दर्ज की।हायर की बिक्री में 85 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और 2.5 लाख रुपये से अधिक मूल्य वाले 85-इंच और 100-इंच के टीवी का दिवाली स्टॉक लगभग बिक गया। कंपनी ने इस दौरान रोज़ाना 65-इंच के 300-350 टीवी भी बेचे।भारत के सबसे बड़े रिटेलर रिलायंस रिटेल की बिक्री पिछले वर्ष की नवरात्रि की तुलना में 20-25 प्रतिशत बढ़ी, जिसमें बड़े स्क्रीन वाले टीवी, स्मार्टफोन और फ़ैशन जैसी श्रेणियों ने बिक्री को बढ़ावा दिया।इलेक्ट्रॉनिक्स रिटेल चेन विजय सेल्स की बिक्री में भी 20 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी देखी गई।एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया ने भी इस नवरात्रि सीज़न में बिक्री में "अत्यधिक वृद्धि" दर्ज की।जीएसटी कर ढांचे को युक्तिसंगत बनाकर और आवश्यक तथा महत्त्वाकांक्षी, दोनों ही वस्तुओं पर कर का बोझ कम करके, सरकार ने आत्मविश्वास से भरे खरीदारी का माहौल बनाया। परिणामस्वरूप, ब्रांड्स और खुदरा विक्रेताओं ने 25 प्रतिशत से 100 प्रतिशत तक की बिक्री वृद्धि दर्ज की| यह भारत की उपभोग-संचालित अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन है। महत्वपूर्ण बात यह है कि ओणम, दुर्गा पूजा और दशहरा तक फैले त्यौहारी सीज़न के पहले भाग में कुल त्यौहारी बिक्री का 40-45 प्रतिशत हिस्सा होता है, जिससे यह देश में सबसे अधिक खपत वाला समय बन जाता है।
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नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार शुक्रवार के कारोबारी सत्र में लगातार दूसरे दिन हरे निशान में बंद हुआ। बाजार के ज्यादातर सूचकांकों में खरीदारी देखी गई। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 223.86 अंक या 0.28 प्रतिशत की मजबूती के साथ 81,207.17 और निफ्टी 57.95 अंक या 0.23 प्रतिशत की तेजी के साथ 24,894.25 पर था।
बाजार को ऊपर खींचने का काम मेटल स्टॉक्स ने किया, निफ्टी मेटल 1.82 प्रतिशत की तेजी के साथ बंद हुआबाजार को ऊपर खींचने का काम मेटल स्टॉक्स ने किया। निफ्टी मेटल 1.82 प्रतिशत की तेजी के साथ बंद हुआ। निफ्टी पीएसयू बैंक (1.12 प्रतिशत), निफ्टी एनर्जी (0.56 प्रतिशत), निफ्टी प्राइवेट बैंक (0.65 प्रतिशत), निफ्टी इन्फ्रा (0.55 प्रतिशत) और निफ्टी एफएमसीजी (0.12 प्रतिशत) की बढ़त के साथ बंद हुआ। हालांकि, निफ्टी हेल्थकेयर (0.22 प्रतिशत), निफ्टी ऑटो (0.06 प्रतिशत) और निफ्टी रियल्टी (0.12 प्रतिशत) की गिरावट के साथ बंद हुए।टेक महिंद्रा, मारुति सुजुकी, अल्ट्राटेक सीमेंट, सन फार्मा, आईसीआईसीआई बैंक, टीसीएस, बजाज फिनसर्व और ट्रेंट टॉप लूजर्स थेसेंसेक्स पैक में टाटा स्टील, पावर ग्रिड, एक्सिस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, एलएंडटी, बीईएल, भारती एयरटेल, टाइटन, एशियन पेंट्स, एनटीपीसी, एसबीआई, एचसीएल टेक और इन्फोसिस टॉप गेनर्स थे। टेक महिंद्रा, मारुति सुजुकी, अल्ट्राटेक सीमेंट, सन फार्मा, आईसीआईसीआई बैंक, टीसीएस, बजाज फिनसर्व और ट्रेंट टॉप लूजर्स थे।लार्ज कैप की अपेक्षा मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों का प्रदर्शन अच्छा रहालार्ज कैप की अपेक्षा मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों का प्रदर्शन अच्छा रहा। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 473.65 अंक या 0.83 प्रतिशत की तेजी के साथ 57,503.35 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 122.30 अंक या 0.69 प्रतिशत की मजबूती के साथ 17,878.15 पर था।विशेषज्ञों के अनुसार मेटल और कंज्यूमर ड्यूरेबल शेयरों की बढ़त से बाजार सकारात्मक बंद हुआबाजार के जानकारों ने कहा कि सीमित दायरे में रहने के बाद मेटल और कंज्यूमर ड्यूरेबल प्रोडक्ट्स के शेयरों में बढ़त के दम पर बाजार सकारात्मक रुख के साथ बंद हुआ। अक्टूबर में फेड द्वारा ब्याज दरों में संभावित कटौती को लेकर आशावाद के कारण कमजोर डॉलर और स्थिर बेस मेटल की कीमतों ने मेटल शेयरों में तेजी को हवा दी।दूसरी तरफ जीएसटी सुधारों से खर्च योग्य आय बढ़ने, अच्छे मानसून और मुद्रास्फीति में नरमी के कारण कंज्यूमर शेयरों में तेजी देखी जा रही हैदूसरी तरफ जीएसटी सुधारों से खर्च योग्य आय बढ़ने, अच्छे मानसून और मुद्रास्फीति में नरमी के कारण कंज्यूमर शेयरों में तेजी देखी जा रही है। शेयर बाजार की शुरुआत मंदी के साथ हुई थी। सुबह 9:23 पर सेंसेक्स 113 अंक या 0.14 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 80,850 और निफ्टी 53 अंक या 0.22 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 24,782 पर था। - नयी दिल्ली. जीएसटी दरों में कटौती के कारण वाहनों की कीमतें घटने से नवरात्रि के दौरान मांग रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई, जिससे प्रमुख वाहन कंपनियों मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा ने सितंबर में मजबूत बिक्री दर्ज की। सितंबर माह में वाहनों की थोक बिक्री के मामले में टाटा मोटर्स ने दूसरा और महिंद्रा एंड महिंद्रा ने तीसरा स्थान हासिल किया जबकि हुंदै मोटर इंडिया चौथे स्थान पर रही। अग्रणी वाहन विनिर्माता मारुति सुजुकी इंडिया ने बुधवार को कहा कि सितंबर में उसके घरेलू यात्री वाहनों की थोक बिक्री आठ प्रतिशत घटकर 1,32,820 इकाई रह गए, जो पिछले साल की समान अवधि में 1,44,962 इकाई थी। कंपनी ने कहा कि सितंबर महीने के घरेलू थोक आंकड़े को महीने के अंतिम दौर में आने वाली रसद संबंधी बाधाओं के संदर्भ में देखा जाना चाहिए। मारुति सुजुकी इंडिया के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी (विपणन एवं बिक्री) पार्थो बनर्जी ने एक ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कंपनी की खुदरा बिक्री पिछले महीने 1.73 लाख इकाई रही, जो सितंबर 2024 की तुलना में 27.5 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने बताया कि कंपनी के पास ढाई लाख बुकिंग लंबित हैं और नवरात्रि के पहले आठ दिनों में ही 1.65 लाख इकाई की बिक्री हो गईं। बनर्जी ने कहा, "यह पिछले 10 सालों में अब तक का सबसे ज्यादा आंकड़ा है। अभी दो दिन बाकी हैं और हमें कुल दो लाख से अधिक वाहनों की बिक्री की उम्मीद है।" बनर्जी ने कहा कि बड़ी संख्या में बुकिंग को पूरा करने के लिए कंपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि जीएसटी सुधारों और उसके बाद वाहनों कीमतों में कमी के कारण बिक्री में जबरदस्त वृद्धि हुई है। बनर्जी ने बताया कि कंपनी 57.6 अरब डॉलर के मूल्यांकन के साथ इस क्षेत्र में विभिन्न वैश्विक वाहन विनिर्माताओं को पीछे छोड़ते हुए आठवीं सबसे मूल्यवान कंपनी बन गई है। टाटा मोटर्स ने कहा कि उसके यात्री वाहनों की थोक बिक्री 45 प्रतिशत बढ़कर 59,667 इकाई हो गई, जो एक साल पहले इसी अवधि में 41,063 इकाई थी। टाटा मोटर्स के यात्री वाहन खंड के प्रबंध निदेशक शैलेश चंद्रा ने कहा, ‘‘जीएसटी सुधार होने के बाद सितंबर 2025 में यात्री वाहन उद्योग की मांग में तेजी आई है। यह आने वाले महीनों में निरंतर वृद्धि के लिए एक आशाजनक संकेत है।'' उन्होंने कहा कि टाटा मोटर्स के लिए सितंबर 2025 महत्वपूर्ण महीना साबित हुआ जिसमें कंपनी ने मासिक आधार पर सर्वाधिक 60,907 इकाइयों की बिक्री की। महिंद्रा एंड महिंद्रा ने कहा कि पिछले महीने घरेलू बाजार में 56,233 उपयोगी वाहन डीलरों को भेजे गए, जो पिछले साल की समान अवधि में बिके 51,062 वाहनों की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक है। महिंद्रा एंड महिंद्रा के वाहन खंड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) नलिनीकांत गोलागुंटा ने कहा, ‘‘जीएसटी प्रोत्साहन और लंबित मांग रहने की वजह से नवरात्रि के पहले नौ दिनों में एसयूवी खंड में 60 प्रतिशत और वाणिज्य वाहन खंड में 70 प्रतिशत से ज्यादा बिक्री हुई है, जो पिछले साल की तुलना में बहुत अधिक है।'' हुंदै मोटर इंडिया ने कहा कि डीलरों को घरेलू स्तर पर भेजे गए वाहनों की संख्या पिछले महीने मामूली वृद्धि के साथ 51,547 इकाई हो गई, जबकि पिछले वर्ष इसी माह में यह 51,101 इकाई थी। हुंदै मोटर इंडिया लिमिटेड (एचएमआईएल) के मुख्य परिचालन अधिकारी तरुण गर्ग ने कहा, "जीएसटी 2.0 सुधारों की घोषणा के बाद कंपनी अब घरेलू और निर्यात दोनों बाजारों में तालमेल के साथ समान रूप से वृद्धि देख रही है...।'' टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने पिछले महीने घरेलू बाजार में 27,089 वाहनों की बिक्री की।किआ इंडिया की बिक्री तीन प्रतिशत घटकर 22,700 इकाई रह गई, जबकि पिछले साल इसी महीने में 23,523 इकाई थी। निसान मोटर इंडिया ने कहा कि सितंबर में उसकी कुल बिक्री सालाना आधार पर नौ प्रतिशत बढ़कर 10,500 इकाई हो गई। उधर, दोपहिया वाहन खंड में हीरो मोटोकॉर्प की सितंबर में बिक्री पिछले साल की तुलना में आठ प्रतिशत बढ़कर 6,87,220 इकाई हो गई। कंपनी ने पिछले साल सितंबर में 6,37,050 इकाइयां बेची थीं। बजाज ऑटो ने पिछले महीने सालाना आधार पर चार प्रतिशत की वृद्धि के साथ 3,25,252 वाहनों की बिक्री दर्ज की। प्रीमियम मोटरसाइकिल कंपनी रॉयल एनफील्ड की सितंबर में घरेलू बिक्री 43 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1,13,573 इकाई रही, जो एक साल पहले इसी अवधि में 79,325 इकाई थी।
- मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के बुधवार को घोषित मौद्रिक उपायों को दिग्गज बैंकरों ने ऋण प्रवाह को बढ़ाने और बैंकों के बहीखाते को मजबूत करने वाला कदम बताया है। आरबीआई ने रेपो दर को 5.5 प्रतिशत पर स्थिर रखने का फैसला किया। इसकी छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति ने सर्वसम्मति से दरों को स्थिर रखने का निर्णय लेने के साथ रुख को भी तटस्थ रखा है। भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन सी एस शेट्टी ने आरबीआई की द्विमासिक मौद्रिक नीति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह बयान केवल दरों पर केंद्रित न होकर बाजार सुधारों की दिशा में निर्णायक है। शेट्टी ने कहा, “जोखिम-आधारित जमा बीमा प्रीमियम का कदम मजबूत बैंकों की शुद्ध आय में उल्लेखनीय सुधार करेगा। विलय एवं अधिग्रहण वित्तपोषण की अनुमति और ‘विशिष्ट उधारकर्ता' ढांचे को वापस लेना वृद्धि के लिए मददगार होगा और बैंकों से अतिरिक्त ऋण प्रवाह को बढ़ावा देगा।” इंडियन ओवरसीज बैंक के प्रबंध निदेशक (एमडी) एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि बुनियादी बचत बैंक जमा खातों में मोबाइल एवं इंटरनेट सेवाओं का विस्तार ग्राहकों के लिए लाभकारी होगा। उन्होंने निर्यातकों के लिए विदेशी मुद्रा खातों से रकम वापस लाने की समयसीमा बढ़ाने को स्वागतयोग्य कदम बताया। कोटक महिंद्रा बैंक के प्रमुख (आवासीय वित्त) मनु सिंह ने कहा कि रेपो दर को 5.5 प्रतिशत पर स्थिर बनाए रखने से ऋण बाजार में स्थिरता बनी रहेगी। टाटा कैपिटल के एमडी एवं सीईओ राजीव सबरवाल ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत की आर्थिक बुनियाद मजबूत है और नीतिगत स्थिरता, बढ़ती खपत तथा टिकाऊ ऋण मांग से व्यापक और दीर्घकालिक वृद्धि संभव है। श्रीराम फाइनेंस के कार्यकारी वाइस चेयरमैन उमेश रेवंकर ने कहा कि गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी (एनबीएफसी) क्षेत्र की पूंजी पर्याप्तता और परिसंपत्ति गुणवत्ता मजबूत बनी हुई है। ग्रांट थॉर्नटन भारत में साझेदार विवेक अय्यर ने कहा कि जीएसटी सुधार वित्तीय सहारा दे रहे हैं, जिससे भविष्य में दरों में कटौती की गुंजाइश बन सकती है।
- नयी दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में मंगलवार को सोने और चांदी की कीमतें नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गईं। अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, सोना 500 रुपये चढ़कर रिकॉर्ड 1.20 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। सोने का भाव सोमवार को 1,500 रुपये की तेजी के साथ 1,19,500 रुपये प्रति 10 ग्राम रहा था। स्थानीय सर्राफा बाजार में 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत में लगातार चौथे कारोबारी सत्र में तेजी जारी रही और यह 500 रुपये की तेजी के साथ 1,19,400 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। पिछले बाजार सत्र में इसकी कीमत 1,18,900 रुपये प्रति 10 ग्राम रही थी। इसके अलावा मंगलवार को चांदी की कीमत 500 रुपये बढ़कर 1,50,500 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) के नए शिखर पर पहुंच गई। सोमवार को यह 7,000 रुपये चढ़कर रिकॉर्ड 1,50,000 रुपये प्रति किलोग्राम रही थी। वैश्विक स्तर पर, निवेशकों द्वारा ऊंचे स्तरों पर मुनाफावसूली के कारण सोने व चांदी की कीमतें रिकॉर्ड स्तर से नीचे आईं। सोने का हाजिर भाव 0.55 प्रतिशत फिसलकर 3,813.14 डॉलर प्रति औंस पर आ गया। दिन के कारोबार में यह 3,871.72 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा था। विदेशी बाजारों में चांदी का हाजिर भाव 1.51 प्रतिशत की गिरावट के साथ 46.22 डॉलर प्रति औंस रहा।मिराए एसेट शेयरखान के जिंस और मुद्रा मामलों के प्रमुख प्रवीण सिंह ने कहा, ‘‘पीली धातु 3,871 डॉलर प्रति औंस के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। वर्तमान में यह कुछ नुकसान के साथ 3,818 डॉलर प्रति औंस पर आ गई। इसका कारण कारोबारियों का ऊंचे स्तर पर मुनाफावसूली है।''
- नयी दिल्ली. जिंदल स्टील ने ओडिशा के अंगुल में जारी 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की विस्तार परियोजना के तहत 3एमटीपीए क्षमता की बेसिक ऑक्सीजन फर्नेस (बीओएफ) को चालू करने की मंगलवार को घोषणा की। जिंदल स्टील ने बयान में कहा कि नए बीओएफ की स्थापना के साथ संयंत्र की कच्चे इस्पात बनाने की क्षमता 60 लाख टन प्रति वर्ष से बढ़कर 90 लाख टन प्रति वर्ष हो गई है। एक बेसिक ऑक्सीजन फर्नेस (बीओएफ) गैसीय ऑक्सीजन का उपयोग करके पिघले हुए लोहे या गर्म धातु को इस्पात में तब्दील करती है। जिंदल स्टील के चेयरमैन नवीन जिंदल ने कहा, ‘‘ नया बीओएफ अब चालू हो गया है और पहली ऊष्मा का सफलतापूर्वक दोहन कर लिया गया है। यह उपलब्धि अंगुल के 1.2 करोड़ टन प्रति वर्ष इस्पात निर्माण संयंत्र बनने के लक्ष्य की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है...
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नयी दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोमवार को चांदी की कीमत 7,000 रुपये उछलकर 1.5 लाख रुपये प्रति किलोग्राम के अबतक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं। सोना भी मजबूत वैश्विक रुझानों के बीच 1,500 रुपये चढ़कर 1,19,500 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए शिखर पर पहुंच गया। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी। स्थानीय सर्राफा बाजार में 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 1,500 रुपये बढ़कर 1,19,500 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई, जो पिछले सत्र में 1,18,000 रुपये प्रति 10 ग्राम थी। वहीं 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना भी 1,500 रुपये की तेजी के साथ 1,18,900 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया, जो शनिवार को 1,17,400 रुपये प्रति 10 ग्राम था। चांदी की कीमतों में भी भारी तेजी देखी गई और यह 7,000 रुपये उछलकर 1,50,000 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। इससे लगातार चौथे सत्र में बढ़त दर्ज की गई। पिछले कारोबार में चांदी कीमत 1,43,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। विदेशी बाजार में सोने और चांदी दोनों में जोरदार तेजी दर्ज की गई। हाजिर सोना लगभग दो प्रतिशत बढ़कर 3,824.61 डॉलर प्रति औंस के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया, जबकि चांदी दो प्रतिशत से अधिक बढ़कर 47.18 डॉलर प्रति औंस हो गई। विश्लेषकों के अनुसार, सर्राफा कीमतों में उछाल- मजबूत वैश्विक मांग और कमजोर डॉलर के कारण आया। निवेशकों ने निरंतर वैश्विक तनाव और आर्थिक अनिश्चितता के बीच सुरक्षित निवेश की ओर रुख किया।
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नई दिल्ली। केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने आज सोमवार को बताया कि भारत का मुक्त व्यापार समझौता (FTA) ईएफटीए देशों (आइसलैंड, लिक्टेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड) के साथ 1 अक्टूबर 2025 से प्रभावी होगा। उन्होंने यह जानकारी यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो के समापन सत्र में जानकारी दी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विकसित देश भारत के साथ एफटीए करने के इच्छुक हैं, और भारत पहले ही यूएई, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन के साथ ऐसे समझौते कर चुका है। भारत के विदेशी मुद्रा भंडार अब 700 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गए हैं।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि भारत अमेरिका, यूरोपीय संघ, न्यूजीलैंड, ओमान, पेरू और चिली के साथ भी व्यापार वार्ता में है, जबकि कतर और बहरीन ने भी रुचि दिखाई है। यूरेशिया के साथ टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) अंतिम रूप में हैं, जो भारत की मजबूत वैश्विक स्थिति को दर्शाता है। पीयूष गोयल ने हाल ही में लागू जीएसटी सुधारों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवरात्रि के अवसर पर देश को ऐतिहासिक सुधार दिया है। उन्होंने कहा, “22 सितंबर का दिन इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। मुझे लगता है कि यह स्वतंत्रता के बाद का सबसे बड़ा सुधार है, जिसका असर दशकों तक महसूस होगा।”केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री की अगुवाई में भारत 2014 में कमजोर अर्थव्यवस्था से आज विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और अगले दो वर्षों में 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के आकार के साथ तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति 2 प्रतिशत है, जो पिछले दशक में सबसे कम है, जबकि जीडीपी वृद्धि पिछली तिमाही में 7.8% रही। उन्होंने बैंकिंग क्षेत्र की मजबूती और ब्याज दरों में कमी पर भी जोर दिया।गोयल ने कहा कि केंद्र सरकार अब पूर्वोत्तर और पूर्वी राज्यों के विकास पर विशेष ध्यान दे रही है और राज्य सरकारों के साथ मिलकर समावेशी विकास सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने उत्तर प्रदेश की प्रगति को उल्लेखनीय बताया और कहा कि राज्य ने निर्यात और उद्योग को मजबूत करने के लिए देश का पहला समर्पित एक्सपोर्ट प्रमोशन मंत्रालय स्थापित किया है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि खादी, कपास और कुटीर उद्योग जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है। उन्होंने वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट (ODOP) पहल को उजागर किया, जो अब देश के 750 से अधिक जिलों में पहुंच चुकी है। ODOP के तहत 1200 से अधिक उत्पादों को विशेष बढ़ावा दिया गया है, और केंद्र और राज्य सरकारें इन्हें घरेलू और वैश्विक बाजारों में प्रोमोट करने में जुटी हैं।उन्होंने यह भी बताया कि देश के हर राज्य में यूनिटी मॉल स्थापित किए जाएंगे, जो जिला उत्पादों को प्रदर्शित करेंगे। उत्तर प्रदेश में लखनऊ, आगरा और वाराणसी में तीन मॉल होंगे। केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री के स्वदेशी उत्पाद अपनाने के आह्वान को दोहराया और कहा, “हर उत्पाद में भारतीय श्रमिकों की मेहनत और संघर्ष झलकता है।”गोयल ने कहा कि यूपी की इंफ्रास्ट्रक्चर विकास समर्पित फ्रेट कॉरिडोर, एक्सप्रेसवे, हवाई अड्डे, मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स हब, इनलैंड वाटरवेज और कंटेनर डिपो ने व्यापार और उद्योग पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत किया है। उन्होंने यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो को MSME, महिला उद्यमियों, स्वदेशी उत्पादों और निर्यात-उन्मुख इकाइयों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बताया। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से स्वदेशी उत्पादों के उपयोग और जीएसटी लाभ सीधे उपभोक्ताओं तक पहुँचाने का आग्रह किया, जिससे समावेशी विकास सुनिश्चित होगा।- -
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सोमवार को शिरीष चंद्र मुर्मु को तीन साल के लिए भारतीय रिजर्व बैंक का डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया। उनकी नियुक्ति को केंद्रीय मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने मंजूरी दे दी है। यह 9 अक्टूबर से लागू होगी। वह एम राजेश्वर राव की जगह लेंगे, जिनकी सेवा अवधि 8 अक्टूबर को समाप्त होने वाली है।
वर्तमान में शिरीष आरबीआई में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के पद पर कार्यरत हैं और सुपरविजन विभाग की देखरेख करते हैं। कानून के अनुसार, आरबीआई में चार डिप्टी गवर्नर होने चाहिए। दो बैंक के अंदर से, एक अर्थशास्त्री और एक कमर्शियल बैंकिंग सिस्टम से।टी राबी शंकर, पूनम गुप्ता और स्वामीनाथन जे अन्य डिप्टी गवर्नर हैं।राजेश्वर राव ने इस पद पर पांच साल पूरे कर लिए हैं। वे पहली बार 2020 में तीन साल के कार्यकाल के लिए डिप्टी गवर्नर बने थे, और बाद में 2023 और 2024 में उन्हें एक-एक साल का दो बार विस्तार दिया गया।पिछले महीने की शुरुआत में सरकार ने पूर्व आरबीआई गवर्नर डॉ. उर्जित पटेल को तीन साल की अवधि के लिए इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (आईएमएफ) में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के पद पर नियुक्त किया था।यह नियुक्ति कृष्णमूर्ति वी सुब्रह्मण्यम की सेवाओं को अचानक समाप्त किए जाने के बाद हुई, जिससे उनका कार्यकाल लगभग छह महीने पहले ही समाप्त हो गया। पटेल को भारत की मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण वाली मौद्रिक नीति ढांचे को डिजाइन करने में मदद करने का श्रेय दिया जाता है।उर्जित पटेल एक भारतीय अर्थशास्त्री हैं, जिनका जन्म केन्या में हुआ था। उन्होंने भारत की मुद्रास्फीति-नियंत्रण मौद्रिक नीति (इन्फ्लेशन-टारगेटिंग मॉनेटरी पॉलिसी) को डिज़ाइन करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। वे 30 साल से अधिक समय से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ काम कर रहे हैं।पटेल ने 1992 में भारत आने से पहले पांच साल तक आईएमएफ के लिए वाशिंगटन, डीसी में काम किया। बाद में वे नई दिल्ली में आईएमएफ के डिप्टी रेजिडेंट रिप्रेजेंटेटिव बने। वर्ष 2016 में उन्होंने रघुराम राजन की जगह लेते हुए आरबीआई के 24वें गवर्नर के रूप में कार्य शुरू किया। उनका कार्यकाल 1992 के बाद सबसे छोटा रहा, और वे 2018 में निजी कारणों से इस्तीफा देने वाले पहले आरबीआई गवर्नर बने। -
नई दिल्ली। मूडीज रेटिंग्स ने सोमवार को भारत की लॉन्ग-टर्म लोकल और फॉरेन-करेंसी इश्यूअर रेटिंग्स और लोकल-करेंसी सीनियर अनसिक्योर्ड रेटिंग को बीएए3 पर बरकरार रखा है। साथ ही ग्लोबल रेटिंग्स एजेंसी ने देश के लिए आउटलुक को स्थिर रखा है। मूडीज ने अपने नोट में कहा कि रेटिंग का स्थिर आउटलुक के साथ बीएए3 पर बरकरार रहना हमारे इस दृष्टिकोण को दिखाते हैं कि भारत की मौजूदा ऋण क्षमताएं कायम रहेंगी, जिसमें इसकी बड़ी और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था, मजबूत बाहरी स्थिति और चालू राजकोषीय घाटे के लिए स्थिर मजबूत घरेलू फंडिंग शामिल है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि अमेरिका की ओर से लगाए गए हाई टैरिफ का नजदीक अवधि में भारत की आर्थिक ग्रोथ पर सीमित प्रभाव पड़ेगा। रेटिंग एजेंसी ने कहा, “हालांकि, यह उच्च मूल्यवर्धित निर्यात विनिर्माण क्षेत्र विकसित करने की भारत की महत्वाकांक्षाओं में बाधा उत्पन्न करके मध्यम से लंबी अवधि में संभावित वृद्धि को बाधित कर सकता है।”इसके अतिरिक्त, एजेंसी को यह भी उम्मीद नहीं है कि अन्य अमेरिकी नीतिगत बदलाव वर्कर्स के रेमिटेंस या भारत के सेवा निर्यात पर महत्वपूर्ण रूप से प्रभाव डालेंगे, जिनमें एच1बी वीजा के लिए नए आवेदन और विदेशों में परिचालन आउटसोर्स करने वाले अमेरिकी व्यवसायों पर संभावित शुल्क शामिल हैं। यह कारक भारत को प्रतिकूल बाहरी रुझानों के प्रति लचीलापन प्रदान करती हैं।नोट में बताया गया कि भारत की ऋण क्षमता, राजकोषीय पक्ष की दीर्घकालिक कमजोरियों से संतुलित होती है, जो आगे भी बनी रहेंगी। मजबूत जीडीपी वृद्धि और क्रमिक राजकोषीय समेकन से सरकार के उच्च ऋण भार में बहुत ही मामूली क्रमिक कमी आएगी और यह कमजोर ऋण सामर्थ्य में भौतिक रूप से सुधार करने के लिए पर्याप्त नहीं होगा, खासकर जब निजी उपभोग को बढ़ावा देने के हालिया राजकोषीय उपाय सरकार के राजस्व आधार को कम कर रहे हैं। इससे पहले, रेटिंग एजेंसी ने कहा था कि डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन द्वारा भारतीय वस्तुओं पर लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ की घोषणा से भारत की आर्थिक वृद्धि में लगभग 0.3 प्रतिशत अंकों की कमी आ सकती है। हालांकि, उसने स्वीकार किया कि मजबूत घरेलू मांग और मजबूत सेवा क्षेत्र इस प्रभाव को कम करने में मदद करेगा।
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नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से देश में ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर बूस्ट करने के लिए 2,000 करोड़ रुपए का प्लान बनाया है। इसमें चार्जिंग स्टेशन लगाने पर सब्सिडी दी जाएगी। केंद्रीय भारी उद्योग मंत्रालय ने 10,900 करोड़ रुपए की पीएम ई-ड्राइव स्कीम के तहत पब्लिक चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए गाइडलाइंस जारी की हैं। इनके तहत 2,000 करोड़ रुपए ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए निर्धारित किए गए हैं।
इस गाइडलाइंस के तहत सरकार चुनिंदा श्रेणियों में चार्जिंग स्टेशन लगाने पर लागत की 100 प्रतिशत तक सब्सिडी देगी। नई गाइडलाइंस में सरकारी कार्यालय, अस्पताल, शैक्षणिक संस्थान और सीपीएसई परिसर में लगाए गए चार्जर 100 प्रतिशत सब्सिडी के पात्र होंगे। हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशन, सरकारी तेल विपणन कंपनियों के ईंधन खुदरा आउटलेट, मेट्रो स्टेशन और बस डिपो जैसे स्थानों को इन्फ्रास्ट्रक्चर पर 80 प्रतिशत और चार्जिंग उपकरणों पर 70 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी। मॉल, बाजार और अन्य निजी स्थान भी इन्फ्रास्ट्रक्चर की लागत पर 80 प्रतिशत की सब्सिडी का दावा कर सकते हैं। साथ ही बैटरी स्वैपिंग और चार्जिंग स्टेशन भी 80 प्रतिशत सब्सिडी का दावा कर सकते हैं।दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों, राज्यों की राजधानियों, स्मार्ट शहरों और राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) शहरों के अलावा प्रमुख औद्योगिक केंद्रों और बंदरगाहों को जोड़ने वाले उच्च यातायात वाले राजमार्गों पर चार्जिंग स्टेशन की तैनाती को प्राथमिकता दी जाएगी।कार्यान्वयन की देखरेख के लिए, भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) को परियोजना कार्यान्वयन एजेंसी नियुक्त किया गया है, जबकि आईएफसीआई परियोजना प्रबंधन एजेंसी के रूप में कार्य करेगी। इसके अतिरिक्त बीएचईएल ईवी चार्जर्स को एकीकृत करने के लिए एक राष्ट्रीय एकीकृत केंद्र और मोबाइल ऐप भी विकसित करेगा, जो खोज, रीयल-टाइम अपडेट, स्लॉट बुकिंग और भुगतान सुविधाएं प्रदान करेगा।सब्सिडी का वितरण दो चरणों में किया जाएगा, जिसमें 70 प्रतिशत खरीद चरण में और शेष 30 प्रतिशत एकीकृत हब के साथ कमीशनिंग और एकीकरण के बाद दी जाएगी। -
नई दिल्ली। भारतीय परिवारों की वेल्थ 2024 में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई है और इसमें बीते 8 वर्षों में सबसे तेज वृद्धि दर्ज की गई है। यह जानकारी एक रिपोर्ट में दी गई। एलियांज ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट 2025 में बताया गया कि 2024 में भारतीय परिवारों की वेल्थ 14.5 प्रतिशत की दर से बढ़ी है, जो देश में तेजी से बढ़ती मध्यम वर्ग की क्षमता को दिखाता है। करीब 60 देशों को कवर करने वाली इस रिपोर्ट में बताया गया कि पिछले दो दशकों में भारत की वास्तविक प्रति व्यक्ति वित्तीय संपत्ति पांच गुना बढ़ी है, जो किसी भी अन्य उभरती अर्थव्यवस्था के मुकाबले सबसे अच्छा प्रदर्शन है। पिछले साल प्रतिभूतियों में सबसे अधिक वृद्धि हुई, जो 28.7 प्रतिशत थी, जबकि बीमा और पेंशन में 19.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। बैंक डिपॉजिट में 8.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। भारतीय परिवारों के पोर्टफोलियाे का 54 प्रतिशत हिस्सा बैंक डिपॉजिट से आता है। ऐसे में इसमें वृद्धि बढ़ती बचत को दिखाती है। रिपोर्ट में कहा गया, “वास्तविक रूप से मुद्रास्फीति के बाद फाइनेंशियल एसेट्स में 9.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिससे क्रय शक्ति महामारी-पूर्व स्तर से 40 प्रतिशत ऊपर पहुंच गई है। यह पश्चिमी यूरोप से बिल्कुल अलग है, जहां क्रय शक्ति 2019 से 2.4 प्रतिशत कम बनी हुई है। 2024 में प्रति भारतीय नेट फाइनेंशियल एसेट्स 2,818 अमेरिकी डॉलर प्रति व्यक्ति थीं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 15.6 प्रतिशत अधिक है। भारत की प्रति व्यक्ति नेट फाइनेंशियल एसेट्स 15.6 प्रतिशत बढ़कर 2,818 डॉलर पर पहुंच गई है। वहीं, देनदारी की वृद्धि दर 12.1 प्रतिशत रही, जिससे परिवारों पर कर्ज जीडीपी का 41 प्रतिशत रहा। 2024 में अमेरिका ने ग्लोबल फाइनेंशियल एसेट्स वृद्धि का आधा हिस्सा हासिल किया। पिछले दशक में अमेरिकी परिवारों ने दुनिया भर में 47 प्रतिशत संपत्ति वृद्धि उत्पन्न की है, जबकि चीन में यह 20 प्रतिशत और पश्चिमी यूरोप में 12 प्रतिशत है।
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नई दिल्ली। आगामी आरबीआई एमपीसी में रेपो रेट को 5.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा जा सकता है और ब्याज दरों में कटौती संभावना काफी कम है। यह जानकारी एक्सपर्ट्स की ओर से रविवार को दी गई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मौद्रिक नीति कमेटी (एमपीसी) की आगामी बैठक 29 सितंबर से लेकर 1 अक्टूबर तक चलेगी। बैठक के अंतिम दिन आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा एमपीसी के फैसलों का ऐलान करेंगे।
विशेषज्ञों ने कहा कि एमपीसी की बैठक बढ़ते वैश्विक टैरिफ और एडवांस अर्थव्यवस्थाओं की राजकोषीय स्थिति को लेकर बढ़ती चिंताओं के माहौल में हो रही है। उन्होंने कहा, “भारतीय अर्थव्यवस्था ने मजबूत लचीलापन दिखाया है और 2025-26 की पहली तिमाही में पांच तिमाहियों की उच्चतम वृद्धि हासिल की है, जो मुख्यतः घरेलू खपत और अन्य स्थानीय कारकों से प्रेरित है।”विशेषज्ञों ने आगे कहा कि वैश्विक वृद्धि दर को लेकर अनिश्चितताएं बनी हुई हैं, लेकिन हालिया घरेलू आंकड़े सीमित नकारात्मक जोखिम दर्शाते हैं। हालांकि, विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि कम कर संग्रह से सरकारी पूंजीगत व्यय में कमी आ सकती है, जो उपभोग को बढ़ावा देने वाली जीएसटी दरों में कटौती के सकारात्मक विकास प्रभाव को कुछ हद तक कम कर सकता है।अगस्त की एमपीसी में केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट को 5.50 प्रतिशत पर स्थिर बनाए रखा था। इस कारण से आगामी एमपीसी पर बाजार काफी करीबी से निगाह रख रहा है। इस वर्ष की शुरुआत से लेकर अब तक आरबीआई रेपो रेट में एक प्रतिशत की कटौती कर चुका है, जिसमें फरवरी में 0.25 प्रतिशत, अप्रैल में 0.25 प्रतिशत और जून की 0.50 प्रतिशत की कटौती शामिल है।विश्लेषकों को उम्मीद है कि एमपीसी अक्टूबर में यथास्थिति बनाए रखेगी, जिससे सीआरआर में कटौती और आगे के राजकोषीय उपायों के पूर्ण प्रभाव को सामने आने का समय मिल जाएगा। इस निर्णय में वैश्विक कारकों पर भी विचार किया जाएगा, जिनमें अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा संभावित दरों में कटौती और चल रहे व्यापार तनाव शामिल हैं, जो ब्याज दरों के अंतर और भारतीय ऋण की विदेशी मांग को प्रभावित कर सकते हैं।( -
नयी दिल्ली/ नौकरी डॉट कॉम की मूल कंपनी इंफो एज को देश का सबसे सफल उद्यम निवेशक घोषित किया गया है। कंपनी ने भारतीय स्टार्टअप पर दीर्घकालिक दांव लगाकर शानदार प्रतिफल हासिल किया है, जिसमें जोमैटो से लेकर पॉलिसीबाजार तक शामिल हैं। संजीव बिखचंदानी - जिन्हें अक्सर भारत का वॉरेन बफेट कहा जाता है, की इस फर्म ने पिछले डेढ़ दशकों में विभिन्न मंचों पर कुल 3,959.16 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश किया है। इन निवेशों का उचित बाजार मूल्य (एफएमवी) इस राशि से कई गुना अधिक है। इकोनॉमिक टाइम्स ने एक रिपोर्ट में इंफो एज को देश का सबसे सफल उद्यम निवेशक बताया है। वर्ष 2011 से 2015 के बीच जोमैटो और पॉलिसीबाजार में इसके निवेश का वर्तमान मूल्य लगभग 53,000 करोड़ रुपये है। बिखचंदानी को 28 साल पहले दिल्ली के एक व्यापार मेले में इंटरनेट के बारे में पता चला, जिससे उन्हें रोजगार पोर्टल नौकरी डॉट कॉम बनाने की प्रेरणा मिली। इसके साथ ही एक क्रमिक निवेशक के रूप में उनके सफर की शुरुआत भी हुई। उनका जोमैटो (इटरनल) में 12.40 प्रतिशत और पॉलिसीबाजार में 19.63 प्रतिशत का निवेश बेहद लाभकारी साबित हुआ। इस प्रक्रिया में उन्होंने इंफो एज को देश का सबसे सफल उद्यम निवेशक और स्टार्टअप सूचीबद्धता का सबसे बड़ा लाभार्थी बनाया।
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-एनसीवीईटी द्वारा अवार्डिंग बॉडी के रूप में मान्यता मिली
-जिंदल स्टील को कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE), भारत सरकार के अंतर्गत राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद (NCVET) द्वारा अवार्डिंग बॉडी के रूप में मान्यता प्रदान की गई-जिंदल स्टील यह मान्यता प्राप्त करने वाली भारत की पहली विविधीकृत बड़ी कंपनी तथा पहली एकीकृत इस्पात निर्माता कंपनी-यह मान्यता जेएसपी को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) और राष्ट्रीय क्रेडिट फ्रेमवर्क के तहत उद्योग-उन्मुख स्किलिंग कार्यक्रम तैयार करने और लागू करने की शक्ति प्रदान करती है।-इसमें डीकार्बोनाइजेशन, सर्कुलर इकॉनमी और उन्नत तकनीकों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा।रायपुर। जिंदल स्टील ने देश की पहली बड़ी विविधीकृत कंपनी और पहली एकीकृत इस्पात निर्माता कंपनी बनकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है, जिसे एनसीवीईटी द्वारा अवार्डिंग बॉडी के रूप में मान्यता प्राप्त हुई है। यह उपलब्धि कंपनी की कौशल विकास एवं व्यावसायिक शिक्षा को नए मानक देने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है और इस्पात एवं अवसंरचना क्षेत्र में इसकी नेतृत्वकारी स्थिति को और मजबूत करती है।एनसीवीईटी और जिंदल स्टील के बीच हुए इस समझौते के तहत जेएसपी को पैन-इंडिया स्तर पर &ह्नह्वशह्ल;अवार्डिंग बॉडी का अधिकार प्राप्त हुआ है। अब जेएसपी उद्योग-उन्मुख मानक तय करने, संरचित स्किलिंग प्रोग्राम लागू करने और भविष्य की कार्यबल तैयार करने की दिशा में तेजी से कार्य कर सकेगी। इसके अंतर्गत तैयार सभी प्रशिक्षण मानक और योग्यताएँ राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अंतर्गत नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क में मान्यता प्राप्त होंगी।यह मील का पत्थर शिक्षा और रोजगार के बीच की खाई को पाटने में सहायक होगा और बहु-क्षेत्रीय,परिणाम-आधारित स्किलिंग को बढ़ावा देगा। यह जेएसपी की राष्ट्र निर्माण, अंतर्विषयक क्षमता विकास और हरित ऊर्जा तथा आधुनिक अवसंरचना की दिशा में भारत के संक्रमण के प्रति प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करता है। इस ढांचे के अंतर्गत जारी सभी प्रमाणपत्र अधिक विश्वसनीय होंगे और वैश्विक स्तर पर भी मान्यता प्राप्त होंगे, जिससे करियर अवसरों और गतिशीलता में वृद्धि होगी।जेएसपी के चेयरमैन श्री नवीन जिंदल ने कहा:"एनसीवीईटी द्वारा ‘अवार्डिंग बॉडी’ के रूप में मान्यता मिलना एक बड़ी जिम्मेदारी है जिसे हम गंभीरता और उद्देश्य के साथ स्वीकार करते हैं। यह हमें उद्योग मानकों को सीधे शिक्षा और कौशल विकास से जोडऩे की शक्ति देता है, ताकि भारत के युवा आवश्यक ज्ञान और अनुशासन प्राप्त कर सकें और कार्यस्थल पर सफल होते हुए राष्ट्र निर्माण में योगदान दे सकें।" -
नयी दिल्ली. चावल निर्यातकों के संगठन आईआरईएफ ने बृहस्पतिवार को गैर-बासमती चावल के निर्यात के लिए एपीडा के साथ अनुबंधों का पंजीकरण अनिवार्य करने के सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे निर्यात नीति में पारदर्शिता और एकरूपता आएगी। बुधवार को, सरकार ने अधिसूचित किया कि गैर-बासमती चावल के निर्यात की अनुमति केवल वाणिज्य मंत्रालय के कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के साथ पंजीकरण के बाद ही दी जाएगी। भारतीय निर्यातक महासंघ (आईआरईएफ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम गर्ग ने कहा, यह एक ऐतिहासिक निर्णय है जो गैर-बासमती चावल को बासमती चावल के समान ढांचे के अंतर्गत लाता है, जिसके लिए वर्षों से निर्यात अनुबंधों का पंजीकरण आवश्यक है। इस कदम से भारत की चावल निर्यात नीति में एकरूपता, पारदर्शिता और जवाबदेही आएगी।
गर्ग ने कहा कि एपीडा के साथ अनुबंधों का अनिवार्य पंजीकरण शुरू करने से सरकार को अब निर्यात प्रतिबद्धताओं की बेहतर जानकारी होगी, जिससे अधिक पारदर्शी निगरानी संभव होगी। उन्होंने कहा, ‘‘इससे निर्यातकों के हितों की रक्षा होने के साथ-साथ घरेलू प्राथमिकताओं की भी रक्षा होने की उम्मीद है।'' अनुबंध पंजीकरण के लिए आठ रुपये प्रति टन का मामूली शुल्क भी लागू किया गया है।एपीडा वाणिज्य मंत्रालय की एक इकाई है जो कृषि निर्यात से संबंधित मुद्दों को देखती है।विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना में कहा था, ‘‘गैर-बासमती चावल की निर्यात नीति में एक अतिरिक्त नीतिगत शर्त शामिल करके संशोधन किया गया है जिसके अनुसार गैर-बासमती चावल के निर्यात की अनुमति केवल एपीडा के साथ अनुबंधों के पंजीकरण पर ही दी जाएगी।'' इस वित्तवर्ष की अप्रैल-अगस्त अवधि के दौरान देश का चावल निर्यात 6.4 प्रतिशत बढ़कर 4.7 अरब डॉलर का हो गया। - - हॉट मेटल क्षमता 4 एमटीपीए से बढक़र 9 एमटीपीए हुई- नया फर्नेस अंगुल, ओडिशा को सबसे बड़े एकल-स्थान स्टील प्लांट के रूप में स्थापित करता है और इसे जिंदल स्टील की भविष्य की विकास रणनीति का केंद्र बिंदु बनाता है।रायपुर । जिंदल स्टील ने भारत के स्टील उद्योग में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। कंपनी ने 5 एमटीपीए क्षमता वाले ब्लास्ट फर्नेस को चालू किया है। यह सफलता भगवती सुभद्रिका ब्लास्ट फर्नेस - 2 के कमीशनिंग से हासिल हुई। इस "ब्लो-इन" समारोह का नेतृत्व जिंदल स्टील के चेयरमैन श्री नवीन जिंदल ने किया। इसके साथ ही अंगुल देश का सबसे बड़ा एकल-स्थान स्टील प्लांट बन गया है।भगवती सुभद्रिका ब्लास्ट फर्नेस, जिसकी उपयोगी क्षमता 5,499 वर्गमीटर है, दुनिया के सबसे बड़े और उन्नत फर्नेस में से एक है। यह जिंदल स्टील की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसमें कंपनी पैमाने, अत्याधुनिक ऑटोमेशन, मजबूत सुरक्षा डिज़ाइन और बेहतर स्थिरता को जोडक़र उद्योग में नए मानक स्थापित कर रही है।श्री नवीन जिंदल, चेयरमैन, जिंदल स्टील ने कहा, "अंगुल में भगवती सुभद्रिका ब्लास्ट फर्नेस का कमीशन होना जिंदल स्टील और भारत के लिए गर्व का क्षण है। अंगुल की क्षमता को 12 एमटीपीए तक दोगुना करके हम अपनी वैश्विक प्रतिस्पर्धा को और मजबूत कर रहे हैं तथा आत्मनिर्भर भारत के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहरा रहे हैं। ओडिशा की संस्कृति में जड़े हुए और अत्याधुनिक तकनीक से संचालित यह फर्नेस हमारी उस दृष्टि का प्रतीक है, जिसमें परंपरा और नवाचार का संगम है।"यह उपलब्धि जिंदल स्टील की दीर्घकालिक विकास योजनाओं को नई गति प्रदान करती है। अब अंगुल कंपनी के भविष्य के विस्तार का केंद्रीय केंद्र होगा। प्रस्तावित परियोजनाओं में पारादीप में एक समर्पित पोर्ट, स्लरी पाइपलाइन और कोल पाइप कन्वेयर (सप्लाई चेन दक्षता बढ़ाने के लिए), श्रीभूमि पावर प्लांट और नए कोक ओवन संयंत्र शामिल हैं। इन सभी परियोजनाओं के माध्यम से अंगुल को जिंदल स्टील की वैश्विक विकास रणनीति की धुरी के रूप में विकसित किया जाएगा।जिंदल स्टील के बारे में जिंदल स्टील भारत के प्रमुख एकीकृत स्टील उत्पादकों में से एक है, जो अपने पैमाने, दक्षता और उत्कृष्टता के प्रति प्रतिबद्धता के लिए प्रसिद्ध है। कंपनी माइन-टू-मेटल मॉडल पर कार्य करती है और अपने खनिज संसाधनों, उन्नत विनिर्माण क्षमताओं और वैश्विक वितरण नेटवर्क का लाभ उठाकर उच्च-प्रदर्शन स्टील समाधान प्रदान करती है। 12 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक के निवेश के साथ, जिंदल स्टील अंगुल, रायगढ़ और पतरातू में अत्याधुनिक सुविधाएं संचालित करती है तथा भारत और अफ्रीका में अपनी रणनीतिक गतिविधियां बनाए रखती है। इसका विविध और भविष्य-उन्मुख उत्पाद पोर्टफोलियो बुनियादी ढांचा, निर्माण और विनिर्माण जैसे कोर क्षेत्रों को सशक्त बनाता है, जो स्ट्रेंथ और सस्टेनेबिलिटी के साथ प्रगति को गति देता है।
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नयी दिल्ली. भारत की लॉजिस्टिक लागत वित्त वर्ष 2023-24 में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लगभग 7.97 प्रतिशत रहने का अनुमान है। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
यह रिपोर्ट डीपीआईआईटी के लिए आर्थिक शोध संस्थान नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) द्वारा तैयार की गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले पांच वर्षों के अनुमानों से पता चलता है कि लॉजिस्टिक लागत में वृद्धि की गति धीरे-धीरे धीमी हो रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले पांच वर्षों के लिए निकाले गए अनुमान बताते हैं कि लॉजिस्टिक लागत की वृद्धि दर धीरे-धीरे कम हो रही है। इसका श्रेय प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान, मालगाड़ियों के लिए अलग से बनाया गया गलियारा, सागरमाला परियोजना, एकीकृत जांच चौकियों और एकीकृत लॉजिस्टिक इंटरफेस मंच के विकास जैसी कई पहलों को दिया जा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है, "डीपीआईआईटी के लिए एनसीएईआर द्वारा तैयार किए गए वर्तमान मूल्यांकन के अनुसार, भारत में लॉजिस्टिक लागत कुल जीडीपी का लगभग 7.97 प्रतिशत अनुमानित है।" वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने पिछले सप्ताह भारत में लॉजिस्टिक लागत के आकलन पर एक रिपोर्ट जारी की थी। इसके साथ ही, अब देश के पास लॉजिस्टिक लागत का एक व्यापक और वैज्ञानिक रूप से प्राप्त अनुमान उपलब्ध है। यह प्रगति इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि अब तक, भारत में लॉजिस्टिक लागत को अक्सर गलत तरीके से प्रस्तुत किया जाता था, और आमतौर पर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 13-14 प्रतिशत के आंकड़े बाहरी अध्ययनों या आंकड़ों से प्राप्त किए जाते थे। इससे अनुमानों में विसंगति पैदा हुई, जिससे नीति निर्माताओं और संबंधित वैश्विक इकाइयों के बीच भ्रम की स्थिति पैदा हुई। यह रिपोर्ट विभिन्न परिवहन साधनों, उत्पाद श्रेणियों और कंपनी के आकारों में लॉजिस्टिक लागत को शामिल करके एक व्यापक रूपरेखा प्रदान करती है। - नयी दिल्ली ।मजबूत वैश्विक संकेतों के बीच बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में चांदी की कीमत 1,000 रुपये की तेजी के साथ 1.40 लाख रुपये प्रति किलोग्राम के नए शिखर पर पहुंच गई। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी। पिछले कारोबारी सत्र में चांदी 1,39,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर रही थी।स्थानीय सर्राफा बाजार में 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 630 रुपये की गिरावट के साथ 1,17,370 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) रहा। पिछले कारोबार में यह 1,18,000 रुपये प्रति 10 ग्राम था। सर्राफा संघ के अनुसार, 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत बृहस्पतिवार को 700 रुपये घटकर 1,16,700 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) रही। बुधवार को यह 1,17,400 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी। अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में, हाजिर सोना 21.40 डॉलर या 0.57 प्रतिशत बढ़कर 3,757.54 डॉलर प्रति औंस हो गया। हाजिर चांदी दो प्रतिशत से अधिक बढ़कर 45.03 डॉलर प्रति औंस के उच्च स्तर पर पहुंच गई। यह 14 साल के उच्चतम स्तर के करीब है।

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