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नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार में मंगलवार के कारोबार के दौरान तेजी दर्ज की गई और सेंसेक्स तथा निफ्टी बढ़त के साथ बंद हुए। बीएसई सेंसेक्स 276 अंक चढ़कर 65,931 अंक के लेवल पर बंद हुआ जबकि निफ्टी 88 अंक की तेजी के साथ 19,783 अंक के स्तर पर पहुंच गया।अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में और बढ़ोतरी की संभावना नहीं होने के वजह से एशियाई बाजारों में तेजी से घरेलू शेयर बाजार को फायदा मिला।साथ ही मेटल, बैंकिंग और एनर्जी शेयरों में खरीदारी तथा अमेरिकी बाजारों में तेजी के रुख से भी शेयर बाजार को समर्थन मिला।
सेंसेक्स-निफ्टी करीब 0.50 प्रतिशत चढ़ेतीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) आज तेजी के साथ खुला और कारोबार के दौरान 66 हजार के लेवल को पार करते हुए 66,082.36 अंक के हाईएस्ट लेवल तक गया। अंत में यह 275.62 अंक या 0.42 प्रतिशत चढ़कर 65,930.77 पर बंद हुआ।इसी तरह एनएसई का निफ्टी -50 (Nifty-50) भी 89.40 अंक या 0.45 फीसदी का उछाल लेकर 19,783.40 अंक के लेवल पर बंद हुआ। निफ्टी की 50 कंपनियों में से 30 के शेयर हरे जबकि 20 लाल निशान में बंद हुए।सेंसेक्स की कंपनियों में जेएसडब्ल्यू स्टील (JSW Steel Stock) के शेयर में सबसे ज्यादा 1.76 प्रतिशत की तेजी आई। साथ ही टाइटन, टाटा स्टील, सन फार्मा, रिलायंस इंडस्ट्रीज, भारती एयरटेल, टाटा मोटर्स और एचडीएफसी बैंक के शेयर भी पॉजिटिव नॉट में बंद हुए। दूसरी तरफ, एनटीपीसी, टेक महिंद्रा, मारुति, भारतीय स्टेट बैंक और लार्सन एंड टुब्रो के शेयर आज लाल निशान में बंद हुए।एक्सचेंज डेटा के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) नेट सेलर्स बने रहे। उन्होंने सोमवार को 645.72 करोड़ रुपये के मूल्य के शेयर बेचें।इससे पहले सोमवार को बीएसई बेंचमार्क 139.58 अंक या 0.21 प्रतिशत की गिरावट के साथ 65,655.15 पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 37.80 अंक या 0.19 फीसदी फिसलकर 19,694 पर बंद हुआ था। -
नई दिल्ली। दिल्ली में ऐप आधारित प्रीमियम बस सेवा शुरू करने का रास्ता साफ हो गया है। दिल्ली के उप राज्यपाल ने दिल्ली मोटर वाहन लाइसेंसिंग ऑफ एग्रीगेटर (प्रीमियम बसें) योजना 2023 को मंजूरी दे दी है।
दिल्ली सरकार ने इस योजना को अपनी मंजूरी देकर 29 मई को सभी हितधारकों से आपत्तियां और सुझाव मांगे थे। इसके बाद इसे पिछले महीने उप राज्यपाल को मंजूरी के लिए भेजा गया था। जिसे अब मंजूरी मिल गई है और इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है।किराया डायनेमिक प्राइसिंग से तय होगा, आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगी प्रीमियम बसें।ऐप्लिकेशन (ऐप) आधारित प्रीमियम बस योजना के तहत लग्जरी बसें चलाई जाएंगी। इन बसों में AC, Wifi, GPS, पैनिक बटन जैसी सारी आधुनिक सुविधाएं होगी।लाइसेंस धारक रूट भी अपने हिसाब से तय कर सकता है। इस योजना के तहत किराया तय करने में डायनेमिक प्राइसिंग की अनुमति होगी।हालांकि यह किराया दिल्ली परिवहन निगम (DTC) की बसों के अधिकतम किराये से कम नहीं हो सकता है। ताकि डीटीसी या क्लस्टर बसों से प्रतिस्पर्धा ना हो। लाइसेंस धारक को किराया ऐप पर दिखाना होगा।केवल डिजिटल माध्यम से मिलेगी टिकटयात्रियों से किराया केवल डिजिटल माध्यम से लिया जा सकेगा यानी इन बसों में फिजिकल टिकट नहीं दिया जा सकेगा। जो यात्री पहले से बुकिंग करेगा उसी को यात्रा की इजाजत होगी।एक बार लाइसेंस धारक ने यात्री की बुकिंग ले ली तो फिर वह केवल आकस्मिक घटना को छोड़कर यात्रा को रद्द नहीं कर सकता। इस योजना में शामिल होने वाली सीएनजी बसें 3 साल से पुरानी नहीं होनी चाहिए। इसमें शामिल होने वाली ई-बसों से लाइसेंस शुल्क नहीं लिया जाएगा। उप राज्यपाल से इस प्रीमियम बस योजना को मंजूरी मिलने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि ये सेवा दिल्ली की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था में बहुत बड़ा बदलाव लाएगी। लोग अपनी कार व स्कूटर छोड़कर बसों में सफर करना शुरू करेंगे। - रामेश्वरम. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि लाभार्थियों को वित्तीय सहायता देने वाली ‘प्रधानमंत्री मुद्रा योजना' के तहत महिला उद्यमियों को पहली प्राथमिकता दी जाती है। सीतारमण ने यहां ‘पीएम स्वनिधि से समृद्धि' कार्यक्रम के तहत लाभार्थियों को मंजूरी पत्र वितरित करते हुए कहा कि नगर पालिकाओं के अधिकारियों को शामिल नहीं किए गए फुटपाथ पर बिक्री करने वालों की पहचान करनी चाहिए और उन्हें इस योजना का लाभ उठाने में मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे विक्रेताओं की मदद करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने ऋण प्राप्त करने के लिए बैंकों के माध्यम से पीएम स्वनिधि योजना शुरू की। वित्तीय सेवा विभाग के सचिव विवेक जोशी की टिप्पणी की ओर इशारा करते हुए सीतारमण ने कहा कि यदि कोई बैंक किसी लाभार्थी को 10,000 रुपये तक का ऋण देता है और यदि वह इसे समय पर वापस भुगतान करता है, तो ऋण राशि बढ़कर 20,000 रुपये हो जाती है और यदि वह वापस भुगतान करता है तो ऋण राशि 20,000 रुपये तक बढ़ जाती है। समय पर इसे बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया जाता है। यह देखते हुए कि वित्त मंत्रालय योजना की प्रगति की समीक्षा कर रहा है, सीतारमण ने कहा कि इसे रामेश्वरम में शुरू करने का कारण यह था कि तमिलनाडु में विरुधुनगर के साथ-साथ रामनाथपुरम जिले को 'आकांक्षी जिलों' के रूप में चिह्नित किया गया है ताकि वे विकासात्मक स्थिति प्राप्त कर सकें। स्वनिधि से समृद्धि कार्यक्रम पीएम-स्वनिधि योजना का एक अतिरिक्त घटक है। इसमें योजना के पात्र लाभार्थियों और उनके परिवार के सदस्यों को उनके समग्र विकास और सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए केंद्र सरकार की आठ योजनाओं तक पहुंच मुहैया कराई जाती है। वित्त मंत्री ने जन धन-आधार-मोबाइल (जेएएम) तिकड़ी की शुरुआत को याद करते हुए कहा कि एक लाभार्थी आधार कार्ड हासिल करने के बाद एक बैंक खाता खोल सकता है और उसके खाते में केंद्र से सीधे वित्तीय सहायता भेजी जा सकती है जिससे लाभार्थी ‘बिचौलियों' से बच सके। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की उस चर्चित टिप्पणी का भी उल्लेख किया जिसमें कहा गया था कि केंद्र से किसी लाभार्थी को 100 रुपये भेजने पर भी उसे केवल 15 रुपये मिलते हैं और बाकी 85 रुपये ‘बिचौलियों और अन्य लोगों' की जेब में जाते हैं। सीतारमण ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के संदर्भ में कहा कि इसे खासकर महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने के लिए बैंकों के माध्यम से ऋण प्रदान करने के लिए पेश किया गया था। उन्होंने कहा, “योजना का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि जो महिलाएं छोटे व्यवसाय चला रही हैं या व्यवसाय शुरू करने में रुचि रखती हैं, वे बैंक से संपर्क कर सकती हैं और पीएम मुद्रा योजना योजना से ऋण लेकर अपना काम शुरू कर सकती हैं। इस योजना के माध्यम से लाभ पाने वाले 100 लोगों में से 60 महिलाएं होंगी। पीएम मुद्रा योजना के तहत महिलाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है।” इससे पहले दिन में वित्त मंत्री ने 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से एक प्रसिद्ध रामनाथस्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना की। बाद में उन्होंने विरुधुनगर जिले के सरकारी मेडिकल कॉलेज में इसी तरह के एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। गैर-कॉरपोरेट, गैर-कृषि लघु/ सूक्ष्म उद्यमों को 10 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान करने के लिए आठ अप्रैल 2015 को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना शुरू की गई थी।
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तिरुवनंतपुरम. केंद्र सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने कहा है कि भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में स्टार्टअप महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। केरल स्टार्टअप मिशन (केएसयूएम) की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, नागेश्वरन ने कहा कि बुनियादी ढांचे में सुधार और सरकार की मददगार नीतियों के कारण तिरुवनंतपुरम समेत टियर-2 और टियर-3 शहरों में स्टार्टअप तेजी से बढ़ रहे हैं। सीईए ने केएसयूएम के कार्यक्रम 'हडल ग्लोबल 2023' के समापन दिवस पर अपने संबोधन में कहा कि भारत पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और कुछ वर्षों में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। उन्होंने कहा, ''मैं कहूंगा कि सेवन-इन-सेवन का नारा चर्चा में है। इसका मतलब है सात वर्षों में 7,000 अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था। यदि भारत अपने मौजूदा वृद्धि पथ को कायम रखता है तो वर्ष 2030 तक 7,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का आकार संभव है। इसमें स्टार्टअप एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहे हैं।'' मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि पिछले दशक में भारत के स्टार्टअप परिदृश्य में एक असाधारण परिवर्तन देखा गया है। भारत विश्व स्तर पर तीसरे सबसे बड़े पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में उभरा है। इस समय उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने 763 जिलों में 1.12 लाख से अधिक स्टार्टअप को मान्यता दी है।
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मुंबई. भारतीय कपास संघ (सीएआई) ने एक अक्टूबर से शुरू होने वाले विपणन सत्र 2023-24 के लिए कपास उत्पादन अनुमान घटाकर 294.10 लाख गांठ कर दिया है। हरियाणा में ‘पिंक बॉलवर्म' कीट के संक्रमण और किसानों द्वारा कपास के पौधों को उखाड़ने के बाद फसल को हुए नुकसान के कारण यह उत्पादन अनुमान घटाया गया है। सीएआई ने शनिवार को एक बयान में कहा, हरियाणा में 2023-24 के दौरान कपास उत्पादन 15 लाख गांठ होने का अनुमान है, जबकि पिछले मौसम में यह उत्पादन 11 लाख गांठ का हुआ था। बयान में कहा गया कि वर्ष 2021-22 में कुल कपास उत्पादन 318.90 लाख गांठ था।
अक्टूबर में कुल आपूर्ति 54.74 लाख गांठ होने का अनुमान है, जिसमें 24.34 लाख गांठ की आवक, 1.50 लाख गांठ का आयात और सीएआई द्वारा सत्र की शुरुआत में 28.90 लाख गांठ का शुरुआती बचा स्टॉक शामिल है। इसके अलावा, सीएआई ने कपास की खपत 26 लाख गांठ होने का अनुमान लगाया है, जबकि 31 अक्टूबर तक निर्यात शिपमेंट एक लाख गांठ होने का अनुमान है। कपास सत्र 2023-24 के अंत तक (यानी 30 सितंबर, 2024 तक) कुल कपास आपूर्ति 345 लाख गांठ होने का अनुमान है, जबकि पिछले साल कुल कपास आपूर्ति 355.40 लाख गांठ थी। सीएआई का अनुमान है कि इस सत्र में कपास का आयात 9.50 लाख गांठ बढ़कर 22 लाख गांठ हो जाएगा, जो पिछले सत्र में 12.50 लाख गांठ का हुआ था। घरेलू खपत पिछले साल के बराबर यानी 311 लाख गांठ रहने का अनुमान है।
सीएआई ने कहा कि सत्र के लिए निर्यात पिछले साल के 15.50 लाख गांठ की तुलना में 1.50 लाख गांठ कम यानी 14 लाख गांठ रहने का अनुमान है। -
लंदन. विश्व के 15 देशों के छात्रों पर किये गए ‘ग्लोबल स्टूडेंट सर्वे 2023' में, स्नातक की पढ़ाई कर रहे ज्यादातर भारतीयों ने कहा कि वे अपने पाठ्यक्रम में करियर के लिहाज से प्रासंगिक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) टूल्स' को शामिल किया जाना चाहते हैं। ‘एआई टूल' एक सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन है जो विशिष्ट कार्यों को करने और समस्याओं का हल करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता गणना का उपयोग करता है। चेग डॉट ओआरजी के वार्षिक विश्लेषण में 83 प्रतिशत भारतीय छात्रों पर सर्वेक्षण किया गया, जिसका नतीजा इस हफ्ते यहां जारी किया गया। इन छात्रों ने पाठ्यक्रम में कृत्रिम बुद्धिमत्ता को शामिल करने की मांग की है। इस मामले में संख्या के लिहाज से वे केन्या (84 प्रतिशत) के बाद दूसरे स्थान पर हैं। वहीं, तीसरे स्थान पर सउदी अरब (48 प्रतिशत) है। इसके अलावा, इन भारतीय छात्रों में 46 प्रतिशत को ऐसा लगता है कि उनकी उपाधि(डिग्री) कृत्रिम बुद्धिमत्ता सहायता प्राप्त कार्यस्थल पर अधिक उपयोगी होगी। साथ ही, स्नातक की पढ़ाई कर रहे 44 प्रतिशत भारतीय छात्रों ने कहा कि उन्होंने विश्वविद्यालय में अपनी पढ़ाई के लिए ‘जेनेरेटिव कृत्रिम बुद्धिमत्ता' (जेनएआई) या ‘जेनेरेटिव मॉडल' का उपयोग करते हुए शब्द, तस्वीर, या संप्रेषण के अन्य माध्यम उत्पन्न करने वाली कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग किया। इस मामले में भारतीय छात्रों की संख्या वैश्विक औसत 40 प्रतिशत से अधिक है। भारतीय छात्र ‘जेनएआई' को सीखने में एक मददगार ‘टूल' मान रहे हैं। लेकिन वे इसके और बेहतर होने की गुंजाइश देख रहे हैं। 49 प्रतिशत छात्रों ने जवाब तैयार करने में मानव विशेषज्ञता को शामिल करने का आग्रह किया और इसका इस्तेमाल करने की कोशिश करने वाले 28 प्रतिशत छात्रों ने गलत सूचना पाने पर चिंता जताई है। चेग डॉट ओआरजी के प्रमुख एवं एडटेक फर्म चेग के मुख्य संचार अधिकारी हीदर हाटलो पोर्टर ने कहा, ‘‘छात्र जेनएआई को अपनाना शुरू कर रहे हैं, जिससे यह स्पष्ट है कि वे इसके बेहतर होने की गुंजाइश देख रहे हैं।
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नई दिल्ली। एक्टिवा स्कूटी बनाने वाली कंपनी होंडा (Honda) ने भारत में Royal Enfield की बुलेट (Bullet) को टक्कर देने के लिए अपनी CB350 रेट्रो क्लासिक (CB350 retro classic) लॉन्च की है। इसकी शोरूम कीमत 1.99 लाख रुपये रखी गई है। Honda ने यह मोटरसाइकिल लॉन्च कर दी है। वाहन बनाने वाली कंपनी ने इस मोटरसाइकिल को दो वेरिएंट्स DLX और DLX Pro में लॉन्च किया है। DLX Pro की एक्स-शोरूम कीमत 2.17 लाख रुपये है।
कैसे कर सकते हैं बुक ?कंपनी के अनुसार, नई होंडा CB350 को देशभर के किसी भी बिगविंग डीलरशिप पर बुक किया जा सकता है।क्या है खास ?होंडा की CB350 का डिज़ाइन इसकी प्रतिद्वंद्वी रॉयल एनफील्ड क्लासिक (Royal Enfield Classic) और बेनेली इम्पीरियल 400 (Benelli Imperiale 400) के मिश्रण जैसा दिखता है। हालांकि, यह बाइक हर पहलू में होंडा है। मोटरसाइकिल में एक नए डिजाइन वाले टैंक के साथ नई सीट और एक पीशूटर एग्जॉस्ट है, जो इसे एक रेट्रो क्लासिक लुक देता है। वहीं, एलॉय व्हील से लैस टायरों में आगे और पीछे की तरफ दोनों साइड पर डिस्क ब्रेक मिलती है। इसके अलावा मोटरसाइकिल में टेलिस्कोपिक फोर्क्स, डुअल रियर शॉक्स, डुअल-चैनल एबीएस, होंडा स्मार्टफोन वॉयस कंट्रोल सिस्टम के साथ एक डिजिटल इंस्ट्रूमेंट कंसोल और एलईडी लाइटिंग जैसे फीचर भी शामिल हैं।कितने सीसी का है इंजन ?इस मोटरसाइकल में 346cc का इंजन दिया गया है। यह सिंगल-सिलेंडर एयर-कूल्ड इंजन है जो 21bhp और 29Nm का टॉर्क पैदा करता है। बाइक में 5-स्पीड वाला गियरबॉक्स दिया गया है।साथ ही इसका इंजन BSVI OBD2-B मानक के अनुरूप है, जबकि इसमें एक स्लिप और असिस्ट क्लच और होंडा सेलेक्टेबल टॉर्क कंट्रोल भी है।कितने रंग में आएगी ?नई होंडा सीबी350 प्रेशियस रेड मेटैलिक, पर्ल इग्नियस ब्लैक, मैट क्रस्ट मेटैलिक, मैट मार्शल ग्रीन मेटैलिक और मैट ड्यून ब्राउन जैसे पांच रंगों में उपलब्ध होगी। बता दें कि होंडा CB350 की मार्किट में रॉयल एनफील्ड की क्लासिक 350 से टक्कर है जिसकी शोरूम कीमत 1.93 लाख रुपये से शुरू होती है। -
नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कहा कि सरकार जल्द ही डीपफेक मुद्दे पर सोशल मीडिया मंचों से चर्चा करेगी और अगर मंचों ने इस संबंध में पर्याप्त कदम नहीं उठाए तो उन्हें आईटी अधिनियम के ‘सेफ हार्बर’ प्रतिरक्षा खंड के तहत संरक्षण नहीं मिलेगा।
वीडियो में किसी व्यक्ति के चेहरे या शरीर को डिजिटल रूप से बदलने की डीपफेक कहते हैं। मशीन लर्निंग और कृत्रिम बुद्धिमत्ता से बने ये वीडियो किसी को भी आसानी से धोखा दे सकते हैं। वैष्णव ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार ने हाल ही में डीपफेक मुद्दे पर कंपनियों को नोटिस जारी किया था और प्लेटफार्मों ने जवाब भी दिया।उन्होंने कहा कि लेकिन कंपनियों को ऐसी सामग्री पर कार्रवाई करने में अधिक आक्रामक होना होगा। वैष्णव ने संवाददाताओं से कहा, “वे कदम उठा रहे हैं…लेकिन हमें लगता है कि कई और कदम उठाने होंगे। ..और हम बहुत जल्द …शायद अगले 3-4 दिनों में सभी मंचों की एक बैठक करने जा रहे हैं। हम उन्हें इस पर विचार-मंथन के लिए बुलाएंगे और सुनिश्चित करेंगे कि मंच इसे (डीपफेक) रोकने के लिए पर्याप्त प्रयास करें और अपने तंत्र को साफ़ करें।”यह पूछे जाने पर कि क्या बैठक के लिए मेटा और गूगल जैसे बड़े मंचों को बुलाया जाएगा, मंत्री ने सकारात्मक जवाब दिया। वैष्णव ने यह भी स्पष्ट किया कि आईटी अधिनियम के तहत मंचों को वर्तमान में जो ‘सुरक्षित हार्बर प्रतिरक्षा’ प्राप्त है, वह तब तक लागू नहीं होगी जब तक कि वे पर्याप्त कार्रवाई नहीं करते।इससे पहले शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आगाह किया था कि कृत्रिम मेधा (एआई) द्वारा बनाए गए डीपफेक बड़े संकट का कारण बन सकते हैं और समाज में असंतोष पैदा कर सकते हैं। उन्होंने मीडिया से इसके दुरुपयोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने और लोगों को शिक्षित करने का आग्रह किया। हाल ही में प्रमुख अभिनेताओं को निशाना बनाने वाले कई डीपफेक वीडियो वायरल हुए, जिनसे आक्रोश फैल गया। -
नई दिल्ली। डेल, एचपी, फॉक्सकॉन और लेनोवो सहित 27 कंपनियों को आईटी हार्डवेयर के लिए नई उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत मंजूरी दी गई है। सरकार ने शनिवार को यह जानकारी दी। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब भारत आईटी हार्डवेयर कंपनियों को नीतिगत आकर्षणों और प्रोत्साहन योजनाओं से लुभा रहा है, और खुद को हाई-टेक विनिर्माण के लिए वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए दृढ़ प्रयास कर रहा है। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि पीएलआई आईटी हार्डवेयर योजना के तहत 27 कंपनियों को मंजूरी दी गई है। इनमें से करीब 95 फीसदी यानी 23 कंपनियां पहले दिन से विनिर्माण शुरू करने के लिए तैयार हैं।”
उन्होंने कहा, “ये हमें पीसी (कंप्यूटर), सर्वर, लैपटॉप और टैबलेट के विनिर्माण में बड़ी ताकत बनने के लिए तैयार करेगा।” ये 27 कंपनियां 3,000 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी। जिन कंपनियों के आवेदन स्वीकृत हुए हैं उनमें डेल, फॉक्सकॉन, एचपी और लेनोवो समेत कई बड़ी कंपनियां शामिल हैं। -
नयी दिल्ली. रियल एस्टेट कंपनियों ने अपने कारोबार विस्तार के लिए दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों में पिछले साल जनवरी से अबतक 5,000 करोड़ रुपये में 1,461 एकड़ जमीन के टुकड़े (भूखंड) खरीदे हैं। जेएलएल इंडिया ने एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। इन शहरों में अधिकतर जमीन खरीद प्लॉट विकास के लिए की गई है।
रियल एस्टेट सलाहकार जेएलएल इंडिया ने बयान में कहा कि जनवरी, 2022 से अक्टूबर, 2023 के बीच देश में रियल एस्टेट डेवलपर ने लगभग 3,294 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया। इन भूमि सौदों का एक बड़ा हिस्सा (44.4 प्रतिशत) दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों में रहा।
जेएलएल के आंकड़े के अनुसार, जनवरी, 2022 से अक्टूबर, 2023 तक दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों में कुल 1,461 एकड़ भूमि के 17 सौदे हुए हैं। इन भूमि लेनदेन का संयुक्त मूल्य 4,918 करोड़ रुपये था। कंपनी ने कहा, “स्थापित रियल एस्टेट डेवलपर अब देश के दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों को लक्ष्य कर रहे हैं।'' रियल एस्टेट कंपनियां उत्तर भारत में पानीपत, सोनीपत, कुरुक्षेत्र, पंचकूला, लखनऊ, जयपुर और लुधियाना जैसे शहरों में उतर रही हैं, वहीं पश्चिम भारत में नागपुर, खालापुर, सूरत और पालघर जैसे शहरों ने इन कंपनियों को आकर्षित किया है। -
नयी दिल्ली. असुरक्षित माने जाने वाले व्यक्तिगत कर्ज के लिये जोखिम भार बढ़ाकर उपभोक्ता ऋण के मानदंडों को कड़ा करने के रिजर्व बैंक के फैसले से बैंकों की पूंजी पर्याप्तता में 0.6 प्रतिशत की कमी आने की संभावना है। साख तय करने वाली एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने शुक्रवार यह बात कही। भारतीय रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिये असुरक्षित माने जाने वाले व्यक्तिगत कर्ज, क्रेडिट कार्ड जैसे कर्ज से जुड़े नियम को सख्त कर दिया। संशोधित मानदंड में जोखिम भार में 25 प्रतिशत की वृद्धि की गई। इस कदम से उपभोक्ताओं को जोखिमपूर्ण बैंक ऋण देना कम हो जाएगा। साथ ही विशेष रूप से गैर-बैंक क्षेत्र पर दबाव पड़ने की संभावना है। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने कहा कि इससे कर्ज पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी होगी, ऋण वृद्धि कम होगी और कमजोर वित्तीय संस्थानों के लिये पूंजी जुटाने की जरूरत बढ़ेगी। दूसरी तरफ, उच्च जोखिम भार से अंततः परिसंपत्ति गुणवत्ता बेहतर होगी। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स की क्रेडिट विश्लेषक गीता चुघ ने बयान में कहा कि धीमी कर्ज वृद्धि और जोखिम प्रबंधन पर बढ़ा हुआ जोर संभवतः भारतीय बैंक प्रणाली में परिसंपत्ति गुणवत्ता को बेहतर करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, इसका तत्काल प्रभाव कर्जदारों के लिये उच्च ब्याज दरों, वित्तीय संस्थानों के लिये धीमी कर्ज वृद्धि, पूंजी पर्याप्तता में कमी और मुनाफे पर कुछ असर पड़ने की संभावना है। हमारा अनुमान है कि बैंकों की शेयर पूंजी (टियर -1) पर्याप्तता में लगभग 0.6 प्रतिशत की गिरावट आएगी।'' गीता चुघ ने कहा, ‘‘वित्तीय कंपनियां इससे भी बुरी तरह प्रभावित होंगी क्योंकि उनकी बढ़ने वाले बैंक कर्ज में लागत में वृद्धि होगी, साथ ही पूंजी पर्याप्तता पर भी प्रभाव पड़ेगा।'' रेटिंग एजेंसी ने यह भी कहा कि इन बदलावों का भारत के वित्तीय क्षेत्र की साख पर कोई तत्काल प्रभाव नहीं पड़ेगा। इससे रेटिंग वाले बैंकों और वित्तीय कंपनियों के लिये जोखिम-समायोजित पूंजी अनुपात भी प्रभावित नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि देश में पिछले कुछ साल में असुरक्षित व्यक्तिगत कर्ज और क्रेडिट कार्ड ऋण तेजी से बढ़े हैं। सितंबर, 2023 को समाप्त 12 महीनों में ऐसे कर्जों में 26 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। -
नयी दिल्ली. ‘ग्लोबल साउथ' देशों के शिक्षा मंत्रियों ने तकनीकी बुनियादी ढांचे की बाधाओं को दूर कर सभी शिक्षार्थियों के लिए डिजिटल खाई दूर करने की खातिर सामूहिक रूप से काम करने की शुक्रवार को साझा प्रतिबद्धता दोहराई। भारत द्वारा आयोजित ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट' के दूसरे संस्करण के दौरान, मंत्रियों ने दुनिया भर में शिक्षा एवं पर्यावरण को बढ़ावा देने में शिक्षकों और शिक्षा कर्मचारियों की भूमिका को रेखांकित किया। इसके साथ ही उन्होंने क्षमता निर्माण और विनिमय कार्यक्रमों पर भी जोर दिया ।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, "बैठक में शामिल शिक्षा मंत्रियों ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के जरिए सुलभ, न्यायसंगत, समावेशी और सतत भविष्य के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता पर सहमति जतायी।'' बयान के अनुसार 14 देशों - बोत्सवाना, ब्रुनेई दारुसस्लाम, जॉर्जिया, ट्यूनीशिया, ईरान, लाओ पीडीआर, मलावी, म्यांमा, पलाऊ गणराज्य, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ साओ टोमे और प्रिंसिपे, अल्बानिया, मलेशिया, जिम्बाब्वे, कैमरून के मंत्रियों ने बैठक में वर्चुअली भाग लिया और अपनी जानकारी साझा की। बैठक में भाग लेने वाले देशों के शिक्षा मंत्री गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के जरिए सुलभ, न्यायसंगत, समावेशी और टिकाऊ भविष्य के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता पर सहमत हुए। मंत्रीगण गुणवत्तापूर्ण अध्यापन, अध्ययन और कौशल को बढ़ावा देने के लिए सहयोगपूर्ण समाधान, नवाचार, सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को साझा करने के साथ-साथ शिक्षण संस्थानों के बीच शैक्षणिक सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए।
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मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को कहा कि 20 नवंबर को देय सॉवरेन स्वर्ण बॉन्ड (एसजीबी) को समयपूर्व भुनाने का मूल्य 6,076 रुपये प्रति यूनिट होगा। रिजर्व बैंक ने कहा, “सॉवरेन स्वर्ण बॉन्ड (एसजीबी) योजना पर भारत सरकार की छह अक्टूबर, 2017 की अधिसूचना के अनुसार, स्वर्ण बॉन्ड के जारी होने की तारीख (जिस तारीख से ब्याज देय है) से पांच वर्ष के बाद उसके समय-पूर्व मोचन की अनुमति दी जा सकती है।'' आरबीआई ने कहा, “इसके अलावा, एसजीबी का मोचन मूल्य, मोचन की तारीख से पहले तीन कारोबारी दिवस के इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन लिमिटेड (आईबीजेए) द्वारा प्रकाशित 999 शुद्धता वाले सोने के बंद भाव के साधारण औसत पर आधारित होगा।” बैंक ने कहा, “इसके अनुसार, 20 नवंबर, 2023 को देय समय-पूर्व मोचन के लिए मोचन मूल्य 6,076 रुपये प्रति एसजीबी इकाई होगा, जो 15, 16 और 17 नवंबर, 2023 के तीन कारोबारी दिवस के सोने के बंद भाव के साधारण औसत पर आधारित होगा।” एसजीबी सोने के ग्राम में अंकित सरकारी प्रतिभूतियां हैं। ये भौतिक सोना रखने का विकल्प हैं।
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मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने निर्यातकों को परिचालन के स्तर पर चीजें सुगम बनाने को लेकर निर्यात से प्राप्त राशि के लिये रुपये में विशेष वोस्ट्रो खाते के अलावा अतिरिक्त चालू खाता खोलने की शुक्रवार को अनुमति दी। आरबीआई ने एक अधिसूचना में कहा कि 11 जुलाई, 2022 के केंद्रीय बैंक परिपत्र के प्रावधानों के अनुसार विशेष रुपया वोस्ट्रो खाता रखने वाले बैंकों को अपने निर्यात लेनदेन के निपटान को लेकर एक अतिरिक्त विशेष चालू खाता खोलने की अनुमति है। निर्यातकों के लिए परिचालन के मोर्चे पर चीजें सुगम बनाने को यह कदम उठाया गया है। केंद्रीय बैंक ने जुलाई, 2022 में घरेलू मुद्रा में वैश्विक समुदाय की बढ़ती रुचि को देखते हुए बैंकों से भारतीय रुपये में निर्यात और आयात लेनदेन के लिये अतिरिक्त व्यवस्था करने को कहा था। अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘भारत से निर्यात पर जोर देने के साथ वैश्विक व्यापार की वृद्धि को बढ़ावा देने और भारतीय रुपये में वैश्विक व्यापारिक समुदाय की बढ़ती रुचि को देखते हुए निर्यात/आयात बिल, भुगतान और निपटान के लिये एक अतिरिक्त व्यवस्था करने का निर्णय लिया गया है।'' रूस-यूक्रेन युद्ध और पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के बाद भारत रुपये में व्यापार को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है। आरबीआई ने जुलाई, 2022 में रुपये में भारत के अंतरराष्ट्रीय व्यापार के निपटान की अनुमति देने का निर्णय लिया। इसके तहत, अधिकृत भारतीय बैंकों को भागीदार व्यापारिक देश के बैंकों के विशेष रुपया वोस्ट्रो खाते खोलने की अनुमति दी गयी। भारतीय बैंक में खोले गये इस खाते में विदेशी बैंक की हिस्सेदारी को रुपये में रखा जाता है। जब कोई भारतीय व्यापारी किसी विदेशी व्यापारी को रुपये में भुगतान करना चाहता है, तो राशि इस वोस्ट्रो खाते में जमा की जाएगी। इसी प्रकार, इसके उलट एक भारतीय व्यापारी को भुगतान की जाने वाली राशि वोस्ट्रो खाते से काट ली जाती है और व्यक्ति के नियमित खाते में जमा कर दी जाती है।
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नयी दिल्ली. मजबूत वैश्विक संकेतों के बीच राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में शुक्रवार को सोने का भाव 540 रुपये की तेजी के साथ 61,750 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। इससे पिछले कारोबारी सत्र में सोना 61,210 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। चांदी की कीमत भी 1,200 रुपये के उछाल के साथ 76,500 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज में वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) सौमिल गांधी ने कहा कि विदेशी बाजारों में तेजी के रुख से सोने की कीमतों को समर्थन मिला। वैश्विक बाजार में सोने की कीमत तेजी के साथ 1,984 डॉलर प्रति औंस हो गई। चांदी भी बढ़त के साथ 23.86 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई। गांधी ने कहा कि अमेरिकी वृहद आर्थिक आंकड़ों में श्रम-बाजार की बढ़ती कमजोरी के संकेतों से सोना एक नई साप्ताहिक ऊंचाई पर पहुंच गया, जिससे फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों पर नियंत्रण रखने की उम्मीदें बढ़ी हैं। -
नयी दिल्ली. हीरो मोटोकॉर्प ने इस साल 32 दिन में 14 लाख से अधिक दोपहिया वाहन बेचकर त्योहारी सीजन में अबतक की सबसे अधिक बिक्री दर्ज की है। देश की सबसे बड़ी दोपहिया वाहन विनिर्माता कंपनी ने नवरात्र के पहले दिन से 15 नवंबर को ‘भाई दूज' के बीच बिक्री का यह आंकड़ा हासिल किया। हीरो मोटोकॉर्प की ओर से जारी बयान के अनुसार, ग्रामीण बाजारों में मजबूत मांग के साथ-साथ प्रमुख शहरी केंद्रों में स्थिर खुदरा बिक्री के दम पर कंपनी ने पिछले वर्ष की तुलना में 19 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। वहीं 2009 में त्योहारों के दौरान 12.7 लाख इकाइयों की बिक्री के अपने सबसे ऊंचे आंकड़े को भी पार कर लिया। कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) निरंजन गुप्ता ने कहा, ‘‘ मजबूत ब्रांड खंड, व्यापक वितरण और इस साल पेश किए गए नए उत्पादों ने सभी भौगोलिक क्षेत्रों में वृद्धि को बढ़ाने में मदद की।'' उन्होंने कहा कि त्योहारी सीजन इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि ग्रामीण क्षेत्र में वृद्धि लौट रही है जो देश और खासकर दोपहिया उद्योग के लिए अच्छा संकेत है। हीरो मोटोकॉर्प के मुख्य कारोबार अधिकारी (इंडिया बिजनेस यूनिट) रंजीवजीत सिंह ने कहा कि मध्य, उत्तर, दक्षिण और पूर्व क्षेत्रों में अच्छी दोहरे अंक की वृद्धि के साथ कंपनी ने अच्छी खुदरा बिक्री दर्ज की है। उन्होंने कहा कि प्रमुख शहरी केंद्रों के सकारात्मक रुख के अलावा ग्रामीण बाजारों में मजबूत ग्राहक मांग ने भी रिकॉर्ड खुदरा बिक्री दर्ज करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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नयी दिल्ली. सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनएमडीसी का सितंबर में समाप्त तिमाही का एकीकृत शुद्ध मुनाफा 15.7 प्रतिशत बढ़कर 1,024.86 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। एनएमडीसी ने बीएसई को भेजी सूचना में यह जानकारी दी। कंपनी ने एक साल पहले की समान तिमाही में 885.65 करोड़ रुपये का एकीकृत मुनाफा कमाया था। कंपनी ने कहा कि जुलाई-सितंबर अवधि के दौरान उसकी एकीकृत आय एक साल पहले की समान तिमाही के 3,754.77 करोड़ रुपये से बढ़कर 4,335.02 करोड़ रुपये हो गई।
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मुंबई. भारत की बेरोजगारी दर रिकॉर्ड निचले स्तर पर है और देश का श्रम बाजार संरचनात्मक परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के एक अर्थशास्त्री ने मंगलवार को एक रिपोर्ट में यह बात कही। रिपोर्ट में एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने रोजगार जैसे विषय पर पुराने जमाने की टिप्पणियों की फिर से व्याख्या करने की वकालत की। रिपोर्ट में कहा गया है, ''भारत की बेरोजगारी दर रिकॉर्ड निचले स्तर पर है और सभी क्षेत्रों में उद्यमिता सहित श्रम बाजार एक गहरे संरचनात्मक परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। उच्च शिक्षा प्राप्ति प्रमुख उत्प्रेरक के रूप में उभर रही है।'' रिपोर्ट में कहा गया कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) और पीएम-स्वनिधि जैसी योजनाओं के माध्यम से उद्यमिता पर सरकार के जोर से निचले पायदान पर मौजूद लोगों को समर्थन मिला है। इस वजह से भारत में श्रम बाजार एक संरचनात्मक परिवर्तन से गुजर रहा है।
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नयी दिल्ली।.रोजमर्रा के उपभोग का सामान (एफएमसीजी) बनाने वाली कंपनी डाबर अपने मसाला ब्रांड बादशाह को विदेशी बाजारों में ले जा रही है। कंपनी ने पिछले साल इसका अधिग्रहण किया था।
डाबर इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मोहित मल्होत्रा ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष में कंपनी की अंतरराष्ट्रीय बिक्री में इस ब्रांड का करीब चार प्रतिशत योगदान रहेगा। कंपनी की योजना अमेरिका, ब्रिटेन और पश्चिम एशिया में बसे प्रवासियों को लक्षित करने की है। अभी कंपनी इसके लिए नियामकीय मंजूरी और विनिर्माण बढ़ाने की प्रक्रिया में है। इसके अलावा घरेलू बाजार में डाबर की बादशाह मसाला को उत्तर, पूर्व और दक्षिण में ले जाने के अलावा महाराष्ट्र तथा गुजरात के पश्चिमी बाजारों में भी पेश करने की योजना है। मल्होत्रा ने कहा, ‘‘ कारोबार (बादशाह का) बढ़ रहा है और इस साल इसे हमारे कुल अंतरराष्ट्रीय कारोबार में लगभग तीन से चार प्रतिशत का योगदान करना चाहिए। हमें इससे उच्च दोहरे अंक की वृद्धि की उम्मीद है।'' उन्होंने कहा कि विदेशी बाजार में बादशाह के लिए एक ‘‘ बड़ा व्यावसायिक मौका'' है। खासकर ब्रिटेन और अमेरिका में जहां प्रवासी भारतीयों की संख्या काफी अधिक है, जो भारतीय मसालों का इस्तेमाल करते हैं। मल्होत्रा ने कहा, ‘‘ हमें लगता है कि बादशाह के पास ब्रिटेन और अमेरिका में काफी संभावनाएं हैं... हम अपना खुद का विनिर्माण बढ़ा रहे हैं। कुछ अंतरराष्ट्रीय निर्यात पहले ही शुरू हो चुका है।'' ब्रांड के बारे में बात करते हुए मल्होत्रा ने कहा कि बादशाह की एक ‘‘ शानदार कहानी रही है और मिश्रित मसालों में मुनाफा भी अधिक है। '' डाबर ने बादशाह के जरिये भारत में 25,000 करोड़ रुपये के ब्रांडेड मसाला बाजार में प्रवेश किया है।
मल्होत्रा ने कहा, बादशाह की स्थिति अच्छी है। हमारे पास खाद्य खंड है, जो बहुत छोटा है। मेरा बाजार को लेकर यही मानना है कि यह 500 करोड़ रुपये तक पहुंचेगा। -
नयी दिल्ली. अखिल भारतीय स्तर पर सोमवार को प्याज का औसत खुदरा भाव 59.09 रुपये प्रति किलोग्राम के उच्चस्तर पर बना हुआ है। प्याज कीमतों को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार ने पिछले महीने के अंत में निर्यात पर अंकुश लगाने और घरेलू आपूर्ति बढ़ाने के लिए 800 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) लागू था। आपूर्ति में कमी के कारण खुदरा कीमतें लगभग 80 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई थीं। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, सोमवार को प्याज की अखिल भारतीय औसत कीमत 59.09 रुपये प्रति किलोग्राम है। देश में उच्चतम कीमत 90 रुपये प्रति किलोग्राम और न्यूनतम कीमत 20 रुपये प्रति किलोग्राम दर्ज की गई। अखिल भारतीय मॉडल कीमत 60 रुपये प्रति किलोग्राम है। दिल्ली में प्याज की कीमतें घटकर 60 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई हैं।
राष्ट्रीय राजधानी में प्याज की कीमतें 25 अक्टूबर से बढ़नी शुरू हुईं। उस समय प्याज 40 रुपये किलो के भाव पर था। 29 अक्टूबर को दाम दोगुना होकर 80 रुपये प्रति किलो हो गया। प्याज तीन मौसमों में उगाया जाता है - ख़रीफ़, देर ख़रीफ़ और रबी। लेकिन केवल रबी प्याज का ही भंडारण किया जाता है, क्योंकि इस मौसम में उगाई जाने वाली किस्म का स्वजीवन (खराब न होने की अवधि) लंबी होती है। 28 अक्टूबर को सरकार ने घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों पर काबू पाने के लिए इस साल 31 दिसंबर तक प्याज के निर्यात पर 800 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) लगाया। यह निर्णय 29 अक्टूबर को प्रभावी हुआ। 800 डॉलर प्रति टन का एमईपी लगभग 67 रुपये प्रति किलोग्राम बैठता है। इसके अलावा, सरकार ने बफर के लिए अतिरिक्त दो लाख टन प्याज की खरीद की भी घोषणा की है, जो पहले से खरीदे गए पांच लाख टन के अतिरिक्त है। एमईपी बेंगलोर रोज़ और कृष्णापुरम प्याज के अलावा पाउडर के रूप में कटे या चूरा बनाये गये प्याज को छोड़कर प्याज की बाकी सभी किस्मों के लिए लगाया गया है। सरकार ने कहा कि इस कदम से घरेलू उपभोक्ताओं के लिए सस्ती कीमतों पर प्याज की पर्याप्त उपलब्धता बनाए रखने में मदद मिलेगी क्योंकि रबी 2023 के लिए भंडारित प्याज की मात्रा में गिरावट आ रही है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में 20 अक्टूबर तक देश से करीब 15 लाख टन प्याज का निर्यात हो चुका है। वित्त वर्ष 2022-23 में कुल प्याज निर्यात 25 लाख टन का हुआ था। सोमवार को आलू की अखिल भारतीय औसत कीमत 25.24 रुपये प्रति किलोग्राम है, जबकि टमाटर की औसत दर 38.18 रुपये प्रति किलोग्राम है। दिल्ली में आलू और टमाटर की कीमतें अधिक यानी क्रमशः 30 रुपये प्रति किलोग्राम और 47 रुपये प्रति किलोग्राम हैं। -
नयी दिल्ली. सरकार ने सोमवार को कहा कि बुधवार को शुरू होने वाली कोयला खदानों की वाणिज्यिक नीलामी के आठवें दौर में कुल 39 ब्लॉक बिक्री के लिए रखे जाएंगे। जून, 2020 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कोयला खदानों की वाणिज्यिक नीलामी की पहली किस्त की शुरुआत के बाद सात चरणों में कुल 91 कोयला खदानों को बिक्री के लिए रखा गया है। कोयला मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘आगामी दौर में कुल 35 कोयला खदानों की पेशकश की जाएगी, जिसमें कोयला खदान (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 2015 के तहत 11 और एमएमडीआर अधिनियम 1957 के तहत 24 शामिल हैं... इसके अतिरिक्त, वाणिज्यिक कोयला नीलामी के सातवें दौर में दूसरे प्रयास के तहत चार कोयला खदानों की पेशकश की जा रही है।'' इसमें कहा गया है कि कोयला खानों की वाणिज्यिक नीलामी के आठवें दौर की शुरुआत खनन उद्योग में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देने और कोयला उत्पादन बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘कोयला मंत्रालय 15 नवंबर, 2023 को वाणिज्यिक कोयला खदानों के लिए आठवें दौर की नीलामी शुरू करने की तैयारी कर रहा है, जो कोयला क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक कदम है।'' बयान के अनुसार, कोयला और खान मंत्री प्रल्हाद जोशी अगले दौर की नीलामी के शुभारंभ पर मुख्य अतिथि होंगे। इसमें कहा गया है कि केंद्र की प्रगतिशील नीतियों के कारण निजी क्षेत्र को खदानों का तेजी से आवंटन हुआ है और आगामी नीलामी में अधिक नए कारोबारियों की भागीदारी होने की संभावना है।
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नई दिल्ली। यदि आप अक्सर अपने ëजीमेल अकाउंट का उपयोग नहीं करते हैं, तो संभावना है कि इसे दिसंबर में डिलीट किया जा सकता है। गूगल उन inactive अकाउंट को क्लीन कर रहा है जिनका उपयोग कम से कम दो सालों से नहीं किया गया है।
Google दिसंबर से Gmail अकाउंट के लिए अपनी inactivity पॉलिसी बदल रहा है। यदि आपने दो साल से अपने Google अकाउंट का उपयोग नहीं किया है या उसमें साइन इन नहीं किया है, तो वे इसे जीमेल, डॉक्स, ड्राइव, मीट, कैलेंडर और Google फ़ोटो की सभी चीज़ों के साथ हटा सकते हैं।Google यह बदलाव इसलिए कर रहा है क्योंकि inactive अकाउंट अक्सर पुराने या बार-बार उपयोग किए गए पासवर्ड का उपयोग करते हैं, इनमें टू-फैक्टर ऑथंटिकेशन की कमी होती है, और सुरक्षा की भी कमी होती है।क्रिचेली ने कहा कि inactive अकाउंट में टू-स्टेप वैरिफिकेशन होने की संभावना 10 गुना कम है। चूंकि ये अकाउंट असुरक्षित हैं, अगर ये गलत हाथों में पड़ गए, तो इनका दुरुपयोग पहचान की चोरी। यहां तक कि दुर्भावनापूर्ण कंटेंट जैसे स्पैम फैलाने जैसी चीजों के लिए किया जा सकता है।नई पॉलिसी उन लोगों के लिए है जिन्होंने दो साल से अपने जीमेल अकाउंट का इस्तेमाल नहीं किया है। यह स्कूलों या बिजनेस जैसे संगठनों के अकाउंट को प्रभावित नहीं करेगा। यदि आपने हाल ही में अपने Google अकाउंट या उसकी किसी सेवा में साइन इन किया है, तो आपका खाता एक्टिव माना जाएगा और हटाए जाने से सुरक्षित रहेगा। - नयी दिल्ली। सोने में पिछले चार कारोबारी सत्रों से जारी गिरावट थम गई। मजबूत वैश्विक संकेतों के बीच राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में शुक्रवार को सोना 250 रुपये की तेजी के साथ 61,200 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी।पिछले कारोबारी सत्र में सोना 60,950 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।एचडीएफसी सिक्योरिटीज में वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) सौमिल गांधी ने कहा, ‘‘शुक्रवार को सोने की कीमतों में बढ़ोतरी हुई। दिल्ली के बाजारों में सोने की हाजिर कीमतें 61,200 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रही थीं, जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 250 रुपये अधिक है।’’चांदी की कीमत भी 700 रुपये बढ़कर 74,000 प्रति किलोग्राम पर बंद हुई।गांधी ने कहा कि घरेलू बाजार में ‘धनतेरस’ त्योहार के मौके पर सोने की खुदरा मांग बढ़ने की पूरी संभावना है।अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोने की कीमत तेजी के साथ 1,956 डॉलर प्रति औंस हो गई, जबकि चांदी भी तेजी के साथ 22.65 डॉलर प्रति औंस हो गई।एलकेपी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषण विभाग के उपाध्यक्ष, जतीन त्रिवेदी ने कहा, ‘‘व्यापारियों का मानना है कि अगले हफ्ते आने वाले उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आंकड़े के साथ, सोने की कीमतों में वृद्धि पर बारीकी से नजर रखी जाएगी। इससे ब्याज दर चक्र के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलने की संभावना है।’’
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नई दिल्ली। अनिश्चित समय के दौरान सुरक्षित निवेश माने जाने वाले गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) की ओर निवेशकों की दिलचस्पी तेजी से बढ़ी है। उन्होंने अक्टूबर में इन निवेश योजनाओं में 841 करोड़ रुपये निवेश किये, जबकि इससे पिछले महीने में यह आंकड़ा 175 करोड़ रुपये था।
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन अवधि में गोल्ड ईटीएफ का परिसंपत्ति आधार भी बढ़ गया।दिवाली धनतेरस के मौके पर सोने और चांदी की खरीदारी शुक्रवार को सकारात्मक रुख के साथ शुरू हुई। सोने की कीमतों में नरमी के साथ उपभोक्ता मांग में सुधार के चलते इसमें तेजी हुई। गौरतलब है कि भारत सोने का दुनिया का सबसे बड़ा उपभोक्ता है।मॉर्निंगस्टार इंवेस्टमेंट एडवाइजर इंडिया के विश्लेषक और शोध प्रबंधक मेल्विन सैंटारिटा ने कहा कि मौजूदा भू-राजनीतिक तनाव, अमेरिका में ब्याज दर में बढ़ोतरी की आशंका, मुद्रास्फीति के उच्च स्तर पर बने रहने और वृद्धि दर धीमी होने के कारण सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की मांग बनी हुई है। आंकड़ों के मुताबिक सोने से जुड़े ईटीएफ में पिछले महीने 841 करोड़ रुपये का निवेश हुआ, जबकि सितंबर में यह 175.3 करोड़ रुपये था। अगस्त में इस श्रेणी में 1,028 करोड़ रुपये निवेश किए गए थे, जो 16 महीनों में सबसे अधिक मासिक प्रवाह था। -
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है, लेकिन अपनी बड़ी आबादी के लिए पर्याप्त रोजगार पैदा करने के लिए उसे 8% से अधिक तेजी से बढ़ना होगा।
रघुराम राजन का सुझाव है कि भारत को जनसंख्या की नौकरी की जरूरतों को पूरा करने के लिए 8%-8.5% की विकास दर का लक्ष्य रखना चाहिए। हालांकि अन्य देशों की तुलना में 6%-6.5% की वृद्धि अच्छी है, लेकिन राजन को लगता है कि यह भारत के लिए अपेक्षाकृत धीमी है, जहां एक बड़ी युवा आबादी को रोजगार की जरूरत है।भारत की अर्थव्यवस्था अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में तेजी से बढ़ रही है, लेकिन देश सालाना वर्कफोर्स में शामिल होने वाले लाखों लोगों के लिए पर्याप्त नौकरियां पैदा करने के लिए संघर्ष कर रहा है। मुंबई स्थित सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर में कुल बेरोजगारी दर 10.05% तक पहुंच गई, जो दो सालों में सबसे अधिक है।HSBC का अनुमान है कि भारत को अगले दशक में 7 करोड़ नई नौकरियां पैदा करनी होंगी। यहां तक कि 7.5% की विकास दर के साथ भी, इस रोजगार चुनौती का केवल दो-तिहाई समाधान ही किया जा सकेगा।आगामी चुनावों में तीसरे कार्यकाल का लक्ष्य लेकर चल रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उच्च बेरोजगारी को लेकर चिंतित हैं। उनका प्रशासन इस साल के अंत तक 10 लाख सरकारी नौकरियां पैदा करने के वादे के तहत जॉब अपॉइंटमेंट लेटर वितरित करके इस मुद्दे को हल करने के लिए काम कर रहा है।राजन के मुताबिक, भारत को चीन और वियतनाम जैसे स्किल्ड मैन्युफैक्चरिंग देशों के साथ कंपटीशन करने के लिए अपनी वर्कफोर्स को ट्रेन करने पर फोकस करना चाहिए। जबकि भारत प्रगति कर रहा है, खासकर आईफोन पार्ट्स के प्रोडक्शन में, राजन का मानना है कि देश को कंपलीट सेल फोन बनाने से पहले अभी भी काफी दूरी तय करनी है।राजन ने कहा कि भारत महामारी से उबर रहा है और स्थाई तौर पर विकास कर रहा है। उन्होंने इस वृद्धि का श्रेय इन्फ्रास्ट्रक्चर पर बढ़ते सरकारी खर्च, बैलेंस शीट को साफ करने के प्रयासों और अपर मिडिल क्लास की मांग को दिया। हालांकि, उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत चिप निर्माण इनोवेशन में चीन से काफी पीछे है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था धीमी होने की संभावना है, और मंदी की भी आशंका है।



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