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- पुरी (ओडिशा)। यहां भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथ यात्रा के लिए 48 घंटे से भी कम समय बचे होने के बीच पुरी जिला प्रशासन ने सभी आगंतुकों को होटल, लॉज और अतिथि गृहों को खाली करने का निर्देश दिया क्योंकि ओडिशा सरकार ने सोमवार को होने वाले महा उत्सव में जन भागीदारी पर प्रतिबंध लगा दिया है। राज्य सरकार ने लगातार दूसरे वर्ष कोविड-19 महामारी के कारण जन स्वास्थ्य के हित में रथ यात्रा (रथ उत्सव) में लोगों की भागीदारी और बड़ी सभा को प्रतिबंधित कर दिया है। प्रशासन ने किसी भी जन समूह को रोकने के लिए 48 घंटे के कर्फ्यू की भी घोषणा की है। प्रतिबंधात्मक उपाय रथ यात्रा से एक दिन पहले 11 जुलाई को रात आठ बजे लागू किये जायेगे और 13 जुलाई को रात आठ बजे तक जारी रहेगे। पुरी के जिलाधिकारी समर्थ वर्मा ने शनिवार को कहा कि होटल और लॉज के मालिकों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि रथ यात्रा के दौरान कोई भी पर्यटक शहर में न रुके। उन्होंने कहा कि विभिन्न कंपनियों और कॉरपोरेट घरानों के निजी अतिथि गृहों को भी इसी तरह के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि 48 घंटे की कर्फ्यू अवधि के दौरान चिकित्सा आपात स्थिति को छोड़कर व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और आवश्यक सेवाओं का संचालन नहीं होगा। इस बीच, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आरके शर्मा ने शनिवार को उत्सव की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। राज्य सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे त्योहार के दौरान पुरी न जाएं और इसके बजाय टीवी पर रथ यात्रा का सीधा प्रसारण देखें। आमतौर पर त्योहार के दौरान पुरी में लगभग 10 लाख लोग इकट्ठा होते हैं।.
- नयी दिल्ली। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने हिल स्टेशनों और अन्य पर्यटन स्थलों पर कोविड-19 के संबंध में अनुकूल व्यवहार नहीं अपनाये जाने के मामलों पर शनिवार को चिंता जताते हुए कहा कि महामारी की दूसरी लहर अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुई है। गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि गृह सचिव ने हिल स्टेशनों और पर्यटन स्थलों पर कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए राज्य सरकारों द्वारा उठाये गये कदमों की समीक्षा की। बैठक में गोवा, हिमाचल प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तराखंड तथा पश्चिम बंगाल में कोविड-19 के हालात और टीकाकरण के प्रबंधन पर चर्चा की गयी। विज्ञप्ति के अनुसार, बैठक में यह संदेश दिया गया कि देश में विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में दूसरी लहर अलग-अलग स्तर पर है और कुल मिलाकर संक्रमण दर में गिरावट आई हो सकती है, लेकिन राजस्थान, केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड तथा हिमाचल प्रदेश में संक्रमण की दर 10 प्रतिशत से अधिक है, जो चिंता की बात है। वक्तव्य के अनुसार, केंद्रीय गृह सचिव ने हिल स्टेशनों और पर्यटन स्थलों पर कोविड अनुकूल व्यवहार नहीं होने की खबरों के मद्देनजर चिंता जाहिर की। भल्ला ने कहा कि कोविड की दूसरी लहर अभी समाप्त नहीं हुई है और राज्यों को मास्क पहनने, सामाजिक दूरी और अन्य सुरक्षित तरीकों को अपनाने के संदर्भ में तय प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करना चाहिए।
- वडोदरा। गुजरात के वडोदरा जिले में शनिवार को पिकनिक मनाने निकले दो मेडिकल छात्रों की नदी में तैरने के दौरान डूबने से मौत हो गई। पुलिस ने यह जानकारी दी। सवली पुलिस थाना के एक अधिकारी के मुताबिक यह हादसा सुबह उस समय हुआ जब बड़ौदा मेडिकल कॉलेज के आठ छात्र सवली तालुक के लछनपुरा गांव के नजदीक पिकनिक मनाने के लिए निकले। रिद्धि शाह और अमोध गोयल नदी में तैरने के लिए गए और इसी दौरान डूबने लगे। स्थानीय लोगों ने दोनों को बचाने की कोशिश भी की। इसके बाद दोनों को नदी से निकालकर वडोदरा के सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। दोनों की उम्र करीब 20 वर्ष की थी। रिद्धि शाह गुजरात के सुरेन्द्रनगर जिले की रहने वाली थी जबकि अमोध गोयल सूरत का रहने वाला था।-(फाइल फोटो)
- नई दिल्ली। केंद्र सरकार कोरोना महामारी के दौरान लोगों को मुफ्त अनाज वितरित करने का सबसे लंबा कार्यक्रम चला रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस महामारी के दौरान आर्थिक व्यवधान के कारण दिक्कतों का सामना कर रहे लोगों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत मुफ्त अनाज देने की घोषणा की थी।उपभोक्ता मामले मंत्रालय ने कहा है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मई और जून के लिए 78 लाख टन से भी अधिक खाद्यान्न भेजे जा चुके हैं। मंत्रालय ने कहा है कि इस योजना के तहत जुलाई से नवंबर के पांच महीनों के दौरान 198 लाख टन से भी अधिक खाद्यान्न का आवंटन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए कर दिया गया है। इनमें से लगभग 4 लाख टन खाद्यान्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेजे जा चुके हैं।--
- नोएडा। उत्तर प्रदेश में गौतम बुद्ध नगर जिले के थाना बिसरख क्षेत्र अंतर्गत गौर सिटी निवासी एक महिला ने कथित तौर पर चौदहवीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।बिसरख थाना प्रभारी अनीता चौहान ने बताया कि गौर सिटी- 2 में रहने वाली प्रियंका चतुर्वेदी (35) ने मानसिक तनाव के चलते शनिवार दोपहर चौदहवीं मंजिल स्थित अपने फ्लैट की बालकनी से कूदकर अपनी जान दे दी। उन्होंने बताया कि घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। file photo
- नई दिल्ली। भारत ने ब्रिटेन की कंपनियों को बीमा क्षेत्र में निवेश के लिए आमंत्रित किया है, जबकि ब्रिटेन ने भारतीय कंपनियों के लंदन शेयर बाजार में सीधे सुचीबद्ध होने की पेशकश की।इस साल भारत ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा को 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत कर दिया है। इसके अलावा सरकार ने कंपनियों को घरेलू बाजार में सूचीबद्ध हुए बिना विदेशों में सूचीबद्ध होने की अनुमति दी। वित्त मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक दोनों देशों के बीच आभासी माध्यम से भारत-ब्रिटेन वित्तीय बाजार संवाद की पहली बैठक हुई। वित्तीय क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने के लिए अक्टूबर 2020 में इस संवाद की स्थापना हुई थी। बैठक में वित्त मंत्रालय के आला अधिकारियों के साथ ही स्वतंत्र नियामक एजेंसियों ने भी हिस्सा लिया, जिनमें भारतीय रिजर्व बैंक, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण, भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण और बैंक ऑफ इंग्लैंड शामिल थे। इस दौरान बैंकिंग और भुगतान, बीमा और पूंजी बाजार से जुड़े मुद्दों पर दोनों देशों ने खासतौर से विमर्श किया।
- नई दिल्ली। परिसीमन आयोग ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा क्षेत्रों का पुनर्निर्धारण मुख्य रूप से जनसंख्या को ध्यान में रखकर किया जाएगा। मुख्य निर्वाचन आयुक्त और जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग के पदेन सदस्य सुशील चन्द्रा ने जम्मू में संवाददाताओं को बताया कि विधानसभा क्षेत्रों का पुनर्निर्धारण करते समय मुख्य रूप से जनसंख्या को ध्यान में रखा जाएगा। इसके अलावा क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति और वहां संचार सुविधाओं को भी ध्यान में रखा जाएगा।उन्होंने कहा कि पिछले चार दिनों में परिसीमन आयोग का दल श्रीनगर, पहलगाम, किश्तवाड़ और जम्मू में लोगों की राय और उनके सुझाव जानने के लिए तीन सौ से भी ज्यादा समूहों से मिल चुका है। श्री चंद्रा ने कहा कि लोगों की सभी मांगों और सुझावों पर विचार करते हुए एक मसौदा तैयार किया जाएगा, जिस पर आम लोगों की आपत्तियों और पूछताछ के लिए इसे सार्वजनिक किया जाएगा। इसके बाद ही मसौदे को अंतिम रूप दिया जाएगा।---
- मेदिनीनगर (झारखंड)। झारखंड के पलामू जिले में बुधवार को डायन' बताकर की गयी एक महिला की कथित हत्या के सिलसिले में गुरुवार को पुलिस ने नामजद आठ आरोपियों में से पांच को गिरफ्तार किया।पलामू के पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि रेहला थानान्तर्गत गोदरमाकला गांव में बुधवार की सुबह चालीस वर्षीया महिला सूरजमनी देवी को डायन बताकर गांव के ही एक समूह ने फरसा से गला काट कर उसकी हत्या कर दी। इस मामले में महिला के पांच वर्षीय बेटे आलोक के दिए बयान के बाद पुलिस ने जांच शुरू की और आठ आरोपियों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की। प्राथमिकी के आधार पर गुरुवार को छापेमारी कर पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जिनकी पहचान अमरेश रजवार (30), सुशील रजवार (30), सुनील रजवार (23), संजय रजवार (38) और शर्मा रजवार (19) के रूप में की गयी है ।पुलिस ने बताया कि, हत्या में प्रयुक्त हथियार भी बरामद कर लिया गया है। पुलिस ने बताया कि महिला को उसके बेटे के सामने ही आरोपियोंं ने जबरदस्ती पकड़कर घर से फर्लांग भर की दूरी पर ले जाकर उसकी निर्मम हत्या कर दी थी। पुलिस ने पांचों आरोपियों को अदालत में पेश किया। अदालत ने उन्हें चौदह दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि शेष आरोपियों की तलाश के लिए छापेमारी जारी है और शीघ्र उनकी गिरफ्तारी कर ली जायेगी।
- नयी दिल्ली। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को कहा कि कृषि उपज मंडी समितियां (एपीएमसी) अब बाजार क्षमता के विस्तार और किसानों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिये एक लाख करोड़ रुपये के कृषि बुनियादी ढांचा कोष से वित्तीय सुविधाएं ले सकेंगी। तोमर ने यह भी कहा कि इस निर्णय से एपीएमसी और मजबूत होंगी। साथ ही इससे विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के मन से यह आशंका दूर होगी कि तीन नये कृषि कानूनों के क्रियान्वयन के साथ इन मंडियों को समाप्त कर दिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमडल की बैठक में केंद्रीय योजना में संशोधन को मंजूरी दी गयी। मंत्रिमंडल के निर्णय के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए तोमर ने कहा, ‘‘इस साल के बजट के दौरान हमने कहा था कि एपीएमसी व्यवस्था खत्म नहीं होगी बल्कि उसे और मजबूत बनाया जाएगा। उसे ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल ने आज (बृहस्पतिवार) एपीएमसी को कृषि बुनियादी ढांचा कोष (एआईएफ) के तहत एक लाख करोड़ रुपये की वित्त पोषण सुविधा के उपयोग को मंजूरी दे दी।''मंत्री ने कहा कि यह आशंका जतायी जा रही थी कि एपीएमसी को खत्म कर दिया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि ये विनियमित मंडियां समाप्त नहीं होंगीं। तीन कृषि कानूनों के लागू होने के बाद, एपीएमसी को इस कृषि बुनियादी ढांचा कोष से वित्तीय सुविधा प्राप्त होगी। एपीएमसी के लिये एक ही कृषि मंडी के भीतर कोल्ड स्टोरेज, साइलो, छंटाई, मानकीकरण, जांच-परख इकाइयां आदि विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजना के लिए दो करोड़ रुपये तक के ऋण के लिए ब्याज सहायता प्रदान की जाएगी। कृषि मंडी समितियों का गठन बाजार उपलब्ध कराने और फसल कटाई के बाद किसानों के लिये सुलभ सार्वजनिक बुनियादी ढांचा तैयार करने के मकसद से किया गया। तोमर ने कहा कि केवल एपीएमसी को ही नहीं बल्कि इस कोष के तहत वित्तीय सुविधाएं राज्य एजेंसियों, राष्ट्रीय और राज्य महासंघों, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के साथ स्वयं सहायता समूह के महासंघ (स्वयं सहायता समूह) के लिये भी उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि अब तक व्यक्तिगत तौर पर लोगों, संगठनो, सहकारी समितियों, एफपीओ और कृषि स्टार्टअप दो करोड़ रुपये तक के कर्ज के लिये सालाना तीन प्रतिशत ब्याज सहायता प्राप्त करने के पात्र थे। एआईएफ के अंतर्गत ब्याज सहायता और वित्तीय समर्थन के माध्यम से फसल कटाई के बाद के प्रबंधन से जुड़े बुनियादी ढांचे तथा सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों के लिए व्यवहारिक परियोजनाओं में निवेश को लेकर मध्यम से दीर्घावधि के लिये वित्त पोषण सुविधा प्रदान की जाती है। योजना में जो अन्य बदलाव किये गये हैं, उसमें वर्तमान में एक स्थान पर दो करोड़ रुपये तक के ऋण के लिए ब्याज सहायता की पात्रता है। उन्होंने कहा ‘‘यदि एक पात्र इकाई विभिन्न स्थानों पर परियोजनाएं लगाती है तो ऐसी सभी परियोजना दो करोड़ रुपये तक के ऋण के लिए ब्याज सहायता की पात्र होंगी।'' लेकिन निजी क्षेत्र की इकाई के लिए ऐसी परियोजनाओं की अधिकतम सीमा 25 होगी। हालांकि यह सीमा राज्य की एजेंसियों, राष्ट्रीय और राज्य सहकारी समितियों के महासंघों, एफपीओ और स्वयं सहायता समूहों के महासंघों पर लागू नहीं होगी। स्थान का मतलब एक गांव या शहर की सीमा से है जिसमें एक अलग एलजीडी (स्थानीय सरकारी निर्देशिका) कोड होगा। ऐसी प्रत्येक परियोजना एक अलग एलजीडी कोड वाले स्थान पर होनी चाहिए। मंत्री ने कहा कि वित्तीय सुविधा की अवधि 4 वर्ष से बढ़ाकर 6 वर्ष यानी 2025-26 तक कर दी गई है। वहीं योजना की कुल अवधि 10 से बढ़ाकर 13 वर्ष 2032-33 तक कर दी गई है। एक अलग बयान में कहा गया है कि सरकार ने लाभार्थी को जोड़ने या हटाने के संबंध में आवश्यक परिवर्तन करने के लिए माननीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री को शक्ति प्रदान की है ताकि योजना की मूल भावना में परिवर्तन न हो।
- रांची। झारखंड सरकार ने मानव तस्करी के माध्यम से ले जाये गये 26 बालक-बालिकाओं को गुरुवार को राजधानी दिल्ली के विभिन्न हिस्सों से मुक्त करा लिया। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मानव तस्करी कर दिल्ली ले जाये गये 26 बालक-बालिकाओं को मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के निर्देश पर मुक्त करा कर झारखंड वापस रवाना किया गया। उन्होंने बताया कि इससे पहले जुलाई में ही 21 अन्य बच्चों को मुक्त करा कर उन्हें उनके परिजनों को सौंपा जा चुका है। ये बच्चे झारखंड के साहेबगंज, पश्चिमी सिंहभूम, गुमला, धनबाद, सिमडेगा एवं बोकारो जिले के रहने वाले थे। इस प्रकार जुलाई में कुल 47 बच्चों को मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया जा चुका है। इन बच्चों को एकीकृत पुनर्वास-सह-संसाधन केंद्र झारखंड भवन, नयी दिल्ली द्वारा स्थानिक आयुक्त मस्तराम मीणा के निर्देशानुसार दिल्ली पुलिस के सहयोग से मुक्त कराया गया। स्थानिक आयुक्त मीणा ने दिल्ली में कहा कि झारखंड भेजे जा रहे बच्चों को जिले में संचालित कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ते हुए उनकी सतत निगरानी की जाएगी। प्रवक्ता ने बताया कि मानव तस्करी के शिकार लोगों को मुक्त कराने से लेकर उनके पुनर्वास तक में एकीकृत पुनर्वास-सह-संसाधन केंद्र की अहम भूमिका रहती है। यह केंद्र राष्ट्रीय रजधानी क्षेत्र एवं सीमावर्ती राज्यों के बाल कल्याण समिति, बालगृहों एवं दिल्ली पुलिस के साथ लगातार सम्पर्क स्थापित कर मानव तस्करी के शिकार बच्चों को वापस उनके गृह जिला भेजने के लिए समर्पित है।
- नयी दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिपरिषद में फेरबदल के एक दिन बाद बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र द्वारा वित्त पोषित तकनीकी संस्थानों के निदेशकों के साथ संवाद किया तथा बदलते परिवेश एवं उभरती चुनौतियों के साथ तालमेल रखने के लिए उच्च और तकनीकी शिक्षा को अपनाने की जरूरत पर बल दिया। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से जारी एक बयान के मुताबिक मोदी ने कहा कि देश के प्रौद्योगिकी एवं अनुसंधान संस्थान आने वाले दशक को ‘‘भारत का प्रौद्योगिकी दशक'' बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से आयोजित इस कार्यक्रम में नवनियुक्त शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के अलावा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), मुंबई, आईआईटी, मद्रास, आईआईटी कानपुर, भारतीय विज्ञान संस्थान के निदेशकों के अलावा कुछ अन्य तकनीकी व प्रौद्योगिकी संस्थानों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। इस संवाद के दौरान प्रधानमंत्री ने भारतीय शिक्षा क्षेत्र को एक प्रकार का सामाजिक निवेश बताया और जोर दिया कि पहुंच, सुलभता, गुणवत्ता और समानता उच्च शिक्षा का आधार होना चाहिए और इसके केंद्र में युवा, महिला और पिछड़े वर्ग के लोग होने चाहिए। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, कृषि, रक्षा और साइबर प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में भविष्य के समाधान विकसित करने पर ध्यान देने की आवश्यकता जताई। प्रधानमंत्री ने कोविड के कारण पैदा हुई चुनौतियों का सामना करने की दिशा में इन संस्थानों द्वारा किए गए अनुसंधान एवं विकास कार्यों की सराहना की और त्वरित प्रौद्योगिकी समाधान उपलब्ध कराने की दिशा में युवा नूतन पहल करने वाले लोगों के प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों में अच्छी गुणवत्ता का बुनियादी ढांचा उपलब्ध हो ताकि कृत्रिम मेधा, स्मार्ट वियरेबल, ऑगमेंटेड रियलिटी सिस्टम और डिजिटल सहायता से जुड़े उत्पाद की आम आदमी तक पहुंच सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि हमें सस्ती, व्यक्तिगत और कृत्रिम मेधा संचालित शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए।बाद में एक ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘अग्रणी आईआईटी संस्थानों और आईआईएससी बंगलुरु के निदेशकों के साथ बहुत ही अच्छा संवाद हुआ। इस दौरान भारत को शोध और अनुसंधान का केंद्र बनाने, नवोनमेष और युवाओं के बीच विज्ञान को लोकप्रिय बनाने सहित कई मुद्दों पर हमने विचारों का आदान-प्रदान किया।'' प्रधानमंत्री ने पिछले कुछ वर्षों के दौरान उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) में आए सुधार की सराहना करते हुए इस बात पर जोर दिया कि उच्च शिक्षा का डिजिटलीकरण जीईआर को बढ़ाने में एक बड़ी भूमिका निभा सकता है, इससे छात्रों को अच्छी गुणवत्ता और सस्ती शिक्षा तक आसान पहुंच उपलब्ध होगी। उन्होंने ऑनलाइन स्नातक और मास्टर डिग्री कार्यक्रमों जैसे डिजिटलीकरण को बढ़ाने के लिए संस्थानों द्वारा की गई विभिन्न पहलों की सराहना की और कहा, ‘‘हमें भारतीय भाषाओं में प्रौद्योगिकीय शिक्षा का इकोसिस्टम विकसित करने और वैश्विक पत्रिकाओं का क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद करने की जरूरत है।'' ज्ञात हो कि बुधवार को हुए मंत्रिपरिषद विस्तार में धर्मेंद्र प्रधान को शिक्षा मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया है। इससे पहले रमेश पोखरियाल निशंक इस मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। शिक्षा मंत्री प्रधान ने अपने संबोधन में कहा कि नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के साथ भारत की शिक्षा प्रणाली ने एक बड़ी छलांग लगाई है। शिक्षा मंत्री के रूप में अपनी पहली बैठक में प्रधान ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति के साथ भारतीय शिक्षा प्रणाली ने एक बड़ी छलांग लगाई है। नीति का सिर्फ देश में ही नहीं, बल्कि दूसरे देशों में भी स्वागत किया गया है।'' उन्होंने कहा, ‘‘भारत को एक उचित ज्ञान संपन्न समाज की दिशा में ले जाने में हम छात्रों और युवाओं को मुख्य साझेदार बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।''
- भोपाल। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के अखिल भारतीय प्रांत प्रचारकों की चार दिवसीय बैठक शुक्रवार से मध्यप्रदेश के चित्रकूट शहर में शुरू होगी। संघ प्रमुख मोहन भागवत इस बैठक की अध्यक्षता करेंगे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने बृहस्पतिवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह जानकारी दी। विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘प्रति वर्ष यह बैठक सामान्यतः जुलाई में होती है। यह बैठक कोरोना वायरस के कारण पिछले वर्ष चित्रकूट में आयोजित नहीं हो पायी थी। यह बैठक इस वर्ष चित्रकूट में ही हो रही है।'' इस वर्ष भी कोरोना वायरस संबंधी नियमों का पालन करते हुए संख्या को नियंत्रित करने हेतु कुछ कार्यकर्ता यहां प्रत्यक्ष रूप से एवं कुछ ऑनलाइन माध्यम से जुड़ रहे हैं। इसमें कहा गया है कि नौ-10 जुलाई को 11 क्षेत्रों के ‘क्षेत्र प्रचारक' तथा सह क्षेत्र प्रचारकों की बैठक चित्रकूट में होने जा रही है। इसमें सरसंघचालक डॉ. भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले एवं सभी पांचों सहसरकार्यवाह उपस्थित रहेंगे। साथ ही संघ के सातों कार्य विभाग के अखिल भारतीय प्रमुख एवं सह प्रमुख शामिल होंगे। विज्ञप्ति के अनुसार, 12 जुलाई को सभी 45 प्रांतों के प्रांत प्रचारक एवं सह प्रांत प्रचारक ऑनलाइन माध्यम से जुड़ेंगे और 13 जुलाई को विविध संबद्ध संगठनों के अखिल भारतीय संगठन मंत्री ऑनलाइन माध्यम से बैठक में शामिल होंगे। यह बैठक सामान्यतः संगठनात्मक विषयों पर केंद्रित रहेगी। साथ ही कोरोना वायरस संक्रमण से पीड़ित लोगों की सहायता हेतु स्वयंसेवकों द्वारा किये गये देशव्यापी सेवा कार्यों की समीक्षा की जाएगी। इसमें कहा गया कि संक्रमण की संभावित तीसरी लहर के प्रभाव का आकलन करते हुए आवश्यक कार्ययोजना पर विचार होगा। इस दृष्टि से आवश्यक प्रशिक्षण एवं तैयारी पर भी विचार किया जायेगा। विज्ञप्ति में कहा गया कि अनलॉक की प्रक्रिया में धीरे-धीरे सामान्य हो रहे जनजीवन को देखते हुए संघ शाखाओं के संचालन की समीक्षा तथा योजनाओं पर बैठक में चर्चा की जा सकती है। इस दौरान संघ शिक्षा वर्ग तथा विभिन्न प्रकार के संघ कार्यों का आकलन करते हुए नई योजनाओं पर विचार किया जायेगा।
- लखनऊ। कोविड 19 की दूसरी लहर के दौरान संक्रमित रोगियों के इलाज के दौरान स्वयं कोरोना वायरस से संक्र्रमित हुईं रेजीडेंट डॉक्टर शारदा सुमन के फेफड़े हैदराबाद के एक अस्पताल में प्रतिरोपित किए जाएंगे। डॉ सुमन के फेफड़े प्रतिरोपण पर 1.5 करोड़ रुपये का खर्च आएगा जिसे उत्तर प्रदेश सरकार वहन करेगी।डॉ सुमन (31) यहां स्थित राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में स्त्री रोग विभाग में पदस्थ हैं। वह एक अप्रैल को कोरोना वायरस से संक्रमित पाई गई थीं। संस्थान की निदेशक डॉ सोनिया नित्यानंद ने बताया कि फिलहाल डॉ सुमन का यहां इलाज चल रहा है। उन्होंने एक मई को एक बच्ची को जन्म दिया जो स्वस्थ है। उन्होंने बताया ‘‘कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण डॉ सुमन के फेफड़े क्षतिग्रस्त हो गए और उनके प्रतिरोपण के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है।'' उन्होंने बताया कि फेफड़ों का प्रतिरोपण चेन्नई और हैदराबाद के कुछ ही अस्पतालों में होता है और पूछने पर पता चला कि इस पर 1.5 करोड़ रुपये का खर्च आता है। इतना खर्च एक कनिष्ठ रेजीडेंट डॉक्टर वहन नहीं कर सकता। डॉ सोनिया ने कहा ‘‘29 जून को मैंने कुछ डॉक्टरों के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर डॉ सुमन के बारे में उन्हें बताया। मुख्यमंत्री ने यह मामला एक विशेषज्ञ समिति के सामने उठाने को कहा जिसने फेफड़ों के प्रतिरोपण का सुझाव दिया। तब मुख्यमंत्री योगी ने उनके इलाज के लिए 1.5 करोड़ रुपये जारी करने के निर्देश दिए।'' उनके मुताबिक, यह राशि हैदराबाद के उस अस्पताल को स्थानांतरित की जाएगी जो फेफड़ों का प्रतिरोपण करेगा। डॉ सोनिया के अनुसार, फिलहाल डॉ सुमन लोहिया संस्थान के कोविड अस्पताल में पिछले करीब 45 दिनों से इकमो मशीन के सपोर्ट पर हैं और विशेषज्ञ डाक्टरों की निगरानी में हैं ।
- केंद्रपाड़ा (ओडिशा)। मानसून के दस्तक देने के साथ ही देशभर के हजारों प्रवासी जलपक्षियों ने ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले में भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान की दलदली जमीन को घोंसले बनाने और प्रजनन के वार्षिक मौसम के लिए अपना अस्थायी घर बना लिया है। राजनगर मैंग्रोव (वन्यजीव) वन मंडल के डीएफओ जगयनदत्त पाती ने कहा कि स्थानीय प्रवासी पक्षियों के आने से भितरकनिका को ओडिशा को बगलुओं के रहने के सबसे प्रमुख स्थान में से एक के तौर पर पुन: स्थापित कर दिया है। उन्होंने कहा, बारिश का मौसम शुरू होने के कारण स्थानीय प्रवासी प्रजातियां मौसमी घोंसला बनाने के लिए बगागहन हेरोनरी में जत्थों में आ रही हैं तथा उन्होंने मैंग्रोव पेड़ों पर अंडे दिए हैं। वे अब से कम से कम तीन महीने तक यहां रहेंगे जिसके बाद वे अपने-अपने घरों की ओर लौटना शुरू कर देंगे।'' पाती ने बताया कि इस साल मानसूनी पक्षी अच्छी-खासी संख्या में एकत्रित हो गए हैं। वे अब भी जत्थों में आ रहे हैं। इनकी गणना अगले महीने की जाएगी। पिछले साल राष्ट्रीय उद्यान में 97,866 पक्षी आए थे। डीएफओ ने कहा कि पक्षियों के लिए भोजन की पर्याप्त व्यवस्था है और उनके रहने के लिए असंख्य जलाशय और नाले हैं जिसमें मनुष्यों की कोई दखलअंदाजी नहीं है।
- मुजफ्फरपुर। बिहार के मुजफ्फरपुर जिला के सरैया थाना क्षेत्र स्थित भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की एक शाखा से अपराधियों ने बृहस्पतिवार को 6.80 लाख रूपये लूट लिए । सरैया अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी रंजेश कुमार शर्मा ने बताया कि सीसीटीवी खंगाले जाने के साथ वारदात के समय बैंक में मौजूद कर्मियों और ग्राहकों से पूछताछ की जा रही है। उन्होंने बताया कि सरैया के रेपुरा बाजार स्थित शाखा में प्रतिनियुक्त चौकीदार को अपराधियों ने हथियारों के बल पर अपने कब्जे में ले लिया और लूट की इस वारदात को अंजाम देने के बाद गोलीबारी करते हुए फरार हो गए। अपराधियों की संख्या छह थी। अपराधी दो मोटरसाइकिल से आए थे और उन लोगों ने मास्क एवं हेलमेट पहन रखा था।--
- अहमदाबाद । गुजरात सरकार ने 12 जुलाई को अहमदाबाद में आयोजित होने वाली भगवान जगन्नाथ की 144वीं रथ यात्रा के लिए बृहस्पतिवार को मंजूरी प्रदान कर दी। रथ यात्रा में सीमित संख्या में कुछ निश्चित लोगों को ही हिस्सा लेने की अनुमति होगा तथा इस दौरान कोविड-19 संबंधी दिशा-निर्देशों का पूरी तरह से पालन किया जाएगा। कोविड-19 महामारी के मद्देनजर राज्य सरकार ने यह स्पष्ट तौर पर साफ कर दिया है कि रथ यात्रा में केवल तीन रथों और दो अन्य गाड़ियों के अलावा किसी भी प्रकार के वाहन को हिस्सा लेने की अनुमति नहीं होगी। इस बार रथ यात्रा के दौरान गायन मंडली, अखाड़े, हाथी या सजे हुए ट्रकों को अनुमति नहीं दी जाएगी। गुजरात के गृह राज्य मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा ने गांधीनगर में संवाददाताओं को बताया कि रथ यात्रा के मार्ग में लोग एकत्र न हों , इसके लिए पूरे मार्ग में सुबह से लेकर अपराह्न तक कर्फ्यू लागू किया जाएगा। पिछले वर्ष कोविड-19 महामारी के मद्देनजर गुजरात उच्च न्यायालय ने रथ यात्रा को निकालने की अनुमति प्रदान नहीं की थी, जिसके बाद जमालपुर क्षेत्र में स्थित भगवान जगन्नाथ के मंदिर में प्रतीकात्मक रूप से ही रथ यात्रा का आयोजन किया गया था। पारंपरिक रूप से रथ यात्रा सुबह सात बजे भगवान जगन्नाथ के मंदिर से रवाना होती है और रात आठ बजे तक वापस 400 वर्ष पुराने मंदिर में आ जाती है। कोविड-19 महामारी से पहले विश्व प्रसिद्ध इस रथ यात्रा में प्रत्येक वर्ष लाखों लोग हिस्सा लिया करते थे। करीब 100 ट्रकों पर मौजूद झांकियों तथा सजे-धजे हाथियों की एक झलक पाने के लिए लोगों का उत्साह देखते ही बनता था। करीब 12 घंटे की अवधि के दौरान यह रथ यात्रा 19 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद वापस भगवान जगन्नाथ के मंदिर में लौट आती है। इस दौरान रथ यात्रा एक घंटे के लिए रुकती भी है। जडेजा ने कहा, 'इस बार हमने यात्रा को चार से पांच घंटे में पूरी करने की योजना बनाई है। सारसपुर में इस बार भोजनावकाश के दौरान बड़ी संख्या में लोग एकत्र नहीं होंगे। अपराह्न में रथ यात्रा के गुजरने के साथ ही मार्ग में पड़ने वाले इलाकों से कर्फ्यू हटता जाएगा।" मंत्री ने लोगों से रथ यात्रा के मार्ग में एकत्र नहीं होने की अपील करते हुए कहा कि यात्रा का सीधा प्रसारण दूरदर्शन और अन्य टेलीविजन चैनलों पर भी किया जाएगा, इसलिए लोग रथ यात्रा टेलीविजन पर भी देख सकते हैं। परंपरा के मुताबिक हर बार की तरह खलासी समुदाय के युवा ही भगवान जगन्नाथ समेत तीनों रथों को खीचेंगे। इस बार केवल 60 युवाओं को ही रथों को खींचने की अनुमति दी जाएगी, जिसमें से 20-20 युवा प्रत्येक रथ को खींचेंगे। रथ यात्रा में हिस्सा लेने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए निगेटिव आरटीपीसीआर रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके अलावा कोविड-19 टीके की दोनों खुराक ले चुके लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी। रथ यात्रा में हिस्सा लेने वाले प्रत्येक व्यक्ति को मास्क पहनना होगा और साथ ही शारीरिक दूरी के नियम का भी पालन करना होगा। जडेजा ने बताया कि 12 जुलाई की सुबह रथ यात्रा की शुरुआत से पहले केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह मंदिर में मंगला आरती करेंगे।-file photo
- नयी दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिपरिषद में बड़े फेरबदल के एक दिन बाद बृहस्पतिवार को अश्विनी वैष्णव, अनुराग ठाकुर और मनसुख मंडाविया सहित नव नियुक्त मंत्रियों ने अपने-अपने मंत्रालय का प्रभार संभाल लिया। नौकरशाह और उद्यमी रहे 51 वर्षीय वैष्णव ने सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ-साथ रेलवे का भी प्रभार संभाला है। वहीं, कैबिनेट मंत्री के पद पर पदोन्नत किये गये अनुराग ठाकुर ने भी सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का प्रभार संभाल लिया। सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ-साथ रेलवे का भी प्रभार मिलने पर ओडिशा से सांसद वैष्णव ने कहा कि यह जिम्मेदारी देने के लिए वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आभारी हैं। वैष्णव ने कहा कि उनका मुख्य जोर कतार में खड़े अंतिम व्यक्ति के जीवन को बेहतर बनाने पर होगा। वहीं, दर्शना जरदोश ने रेल राज्य मंत्री के रूप में कार्यभार संभाल लिया।ठाकुर ने सूचना एवं प्रसारण मंत्री का कार्यभार संभालने के बाद संवाददताओं से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें एक बड़ी जिम्मेदारी दी है और वह इसे पूरा करने की अपनी सर्वोत्तम कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के माध्यम से जनता तक पहुंचने पर उनका सबसे ज्यादा ध्यान रहेगा। गुजरात से भारतीय जनता पार्टी के नेता मनसुख मंडाविया ने कोविड-19 महामारी के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री के रूप में कार्यभार संभाल लिया। मंडाविया ने इस मंत्रालय में डॉ. हर्षवर्धन की जगह ली है, जिन्होंने बुधवार को केंद्रीय मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दे दिया था। डॉ. भारती प्रवीण पवार ने केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। उन्होंने मंत्रालय में राज्य मंत्री के रूप में अश्विनी चौबे का स्थान लिया है। महामारी के दौरान कामगार वर्ग, खासतौर पर अनौपचारिक क्षेत्र के कामगारों के प्रभावित होने के बीच भूपेंद्र यादव को महामारी के बीच श्रम एवं रोजगार मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया है। उन्हें पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की भी जिम्मेदारी सौंपी गई है। जितेंद्र सिंह ने नये केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। उन्हें बुधवार को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार सौंपा गया था। संस्कृति, पर्यटन और पूर्वोत्तर विकास मंत्री जी किशन रेड्डी ने भी कार्यभार संभाल लिया,जबकि नारायण टी. राणे ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय का कार्यभार संभाला। राणे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। भानु प्रताप सिंह वर्मा ने भी इसी मंत्रालय में राज्य मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला है। गुजरात से भाजपा नेता पुरूषोत्तम रूपाला ने मात्स्यिकी, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय का दायित्व संभाला । राज कुमार सिंह ने विद्युत मंत्रालय और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय में कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। डॉ. वीरेंद्र कुमार ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री के तौर पर कार्यभार संभाला। दो राज्य मंत्रियों प्रतिमा भौमिक और ए नारायणसामी ने भी अपना- अपना पदभार संभाला। सुभाष सरकार ने शिक्षा राज्य मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। वह, पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा से सांसद हैं, जबकि मुंजापारा महेंद्रभाई ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री का प्रभार संभाला। धर्मेन्द्र प्रधान ने शिक्षा मंत्रालय का कार्यभार संभाला। उन्होंने कहा कि भारत के शिक्षा तंत्र ने नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति की शुरुआत के साथ एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। प्रधान ने कहा कि भारत को समान ज्ञान वाले समाज की दिशा में ले जाने के उद्देश्य से वह छात्रों, युवाओं को प्राथमिक हितधारक बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। पशुपति कुमार पारस ने खाद्य प्रसंस्करण और गिरिराज सिंह ने ग्रामीण विकास मंत्रालय का कार्यभार कैबिनेट मंत्री के रूप में संभाला है। रामचंद्र प्रसाद सिंह ने इस्पात मंत्रालय का कार्यभार संभाला। किरण रीजीजू ने विधि एवं न्याय मंत्रालय का कार्यभार संभाला। रामचंद्र प्रसाद सिंह जदयू नेता एवं सेवानिवृत आईएएस अधिकारी हैं। भाजपा के लोकसभा सदस्य भगवंत खुबा ने नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री का प्रभार संभाला। वहीं, भागवत किशनराव कारद ने वित्त राज्य मंत्री का कार्यभार संभाला । उत्तराखंड से सांसद अजय भट्ट ने रक्षा राज्य मंत्री का कार्यभार संभाला। हरदीप सिंह पुरी ने कैबिनेट मंत्री के रूप में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय का कार्यभार संभाला लिया। रामेश्वर तेली ने मंत्रालय में राज्य मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। अजय कुमार और निसीथ प्रामाणिक ने केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री का पदभार संभाल लिया। कुमार (60) उत्तर प्रदेश के खीरी से लोकसभा सदस्य है और प्रमाणिक (35) पश्चिम बंगाल के कूचबिहार से लोकसभा सदस्य है। नौकरशाह से नेता बने आर के सिंह ने विद्युत एवं नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री का प्रभार संभाला।
- मथुरा। उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में वृन्दावन कोतवाली क्षेत्र में किसी अज्ञात वाहन की चपेट में आने से मोटरसाइकिल सवार दो युवकों की मौत हो गई। पुलिस के मुताबिक मंगलवार रात को तकरीबन दो बजे चामुण्डा मंदिर के समीप पानीघाट एप्रोच मार्ग पर संयुक्त अस्पताल जा रहे मोटरसाइकिल सवार दो युवकों को किसी वाहन ने टक्कर मार दी,जिसमें दोनों युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। उन्होंने बताया कि पुलिस को घटना की जानकारी नहीं मिलने के कारण शव एक घण्टे तक वहीं पड़े रहे और कई वाहन उनके ऊपर से गुजर गए,जिससे शव बुरी तरह से क्षत-विक्षत हो गए। शवों की शिनाख्त पानीघाट निवासी अर्जुन और प्रदीप के रूप में हुई है। पुलिस वाहन की तलाश कर रही है और मामले की जांच कर रही है।
- अहमदाबाद। गुजरात के अहमदाबाद शहर में बीमा राशि लेने के लिए अपने पति की मौत का झूठा दावा करने के आरोप में 35 वर्षीय महिला को बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किया गया। महिला पर आरोप है किउसने बीमे के 18.5 लाख रुपये लेने के लिए जाली दस्तावेजों के आधार पर अपने पति की मौत का झूठा दावा किया। एक अधिकारी ने बताया कि शहर की अपराध शाखा ने आरोपी महिला नंदा मराठी को धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। अधिकारी ने बताया कि महिला के पति निमेश मराठी को पता चला कि उसकी आरोपी पत्नी ने 2019 में उन्हें मृत दिखाकर उनकी जीवन बीमा पॉलिसी के 18.5 लाख रुपये पर कथित तौर पर दावा किया है। इसके बाद उन्होंने बुधवार को अपराध शाखा का रुख किया। उन्होंने बताया कि जांच के दौरान, पुलिस ने पाया कि आरोपी नंदा ने एक रिपोर्ट प्राप्त की जिसमें कहा गया था कि उसके पति की मार्च 2019 में इलाज के दौरान मृत्यु हो गई और उस रिपोर्ट के आधार पर नगर निकाय के अधिकारियों ने मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया। अधिकारी ने कहा कि आरोपी ने अपने पति की जानकारी के बिना 18.5 लाख रुपये की राशि पर दावा करने के लिए दो बीमा कंपनियों में दस्तावेज जमा करा दिए। उन्होंने कहा कि मामले में छानबीन चल रही है।
- नयी दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कोरोना महामारी से मुकाबले के लिये देश में स्वास्थ्य आधारभूत ढांचा मजबूत बनाने के मकसद से 23,123 करोड़ रूपये के पैकेज को बृहस्पतिवार को मंजूरी प्रदान कर दी। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए नव नियुक्त स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने यह जानकारी दी । केंद्रीय मंत्रिपरिषद में बुधवार को हुए व्यापक फेरबदल व विस्तार के बाद बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुई बैठक में यह फैसला किया गया । मंडाविया ने कहा कि इस पैकेज को अगले नौ महीने में मार्च 2022 तक लागू किया जायेगा ।उन्होंने कहा कि यह आपतकालीन प्रतिक्रिया एवं स्वास्थ्य प्रणाली तैयारी पैकेज का दूसरा चरण है । केंद्र सरकार इससे पहले देश भर में कोविड समर्पित अस्पताल एवं स्वास्थ्य केंद्र स्थापित करने के लिये 15000 करोड़ रूपये दे चुकी है । सरकारी बयान के अनुसार, ‘‘ केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 23,123 करोड़ रुपये की एक नई योजना भारत कोविड-19 आपात प्रतिक्रिया और स्वास्थ्य प्रणाली तैयारी पैकेज- चरण 2 को स्वीकृति दे दी ।'' इसमें कहा गया है कि इस योजना का उद्देश्य बाल चिकित्सा देखभाल सहित स्वास्थ्य ढांचे का विकास और उचित परिणामों पर जोर के साथ शुरुआती रोकथाम, पहचान और प्रबंधन के उद्देश्य से त्वरित प्रतिक्रिया के लिए स्वास्थ्य प्रणाली की तैयारियों में तेजी लाना है। इस पैकेज के चरण-2 में केंद्रीय क्षेत्र (सीएस) और केंद्र प्रायोजित योजनाओं (सीएसएस) के घटक शामिल हैं। बयान के अनुसार, केंद्रीय क्षेत्र के घटकों के अंतर्गत एम्स और अन्य राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों (वीएमएमसी और सफदरजंग अस्पताल, दिल्ली, एलएचएमसी और एसएसकेएच, दिल्ली, आरएमएल, दिल्ली, रिम्स, इम्फाल और एनईआईजीआरआईएमएस, शिलांग, पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़, जेआईपीएमईआर, पुडुचेरी और एम्स दिल्ली (मौजूदा एम्स) और पीएमएसएसवाई के तहत नए एम्स) को कोविड प्रबंधन के लिए 6,688 बिस्तरों के संबंध में सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। इसमें कहा गया है कि रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) को वैज्ञानिक नियंत्रण केंद्र, महामारी सूचना सेवाएं (ईआईएस) और आईएनएसएसीओजी सचिवालय सहयोग को स्वीकृति के अलावा जीनोम अनुक्रमण मशीनें उपलब्ध कराकर मजबूत बनाया जाएगा। बयान के अनुसार, देश के सभी जिला अस्पतालों में अस्पताल प्रबंधन सूचना प्रणाली (एचएमआईएस) के कार्यान्वयन के लिए सहयोग उपलब्ध कराया जाएगा । टेली-परामर्श की संख्या प्रति दिन 50,000 से बढ़ाकर प्रति दिन 5 लाख करने के लिए ई-संजीवनी टेली-परामर्श प्लेटफार्म के राष्ट्रीय ढांचे के विस्तार के लिए भी समर्थन उपलब्ध कराया जाएगा। बयान के अनुसार, केंद्र प्रायोजित योजनाओं के घटकों के तहत किए जा रहे प्रयासों का उद्देश्य महामारी के खिलाफ प्रभावी और त्वरित प्रतिक्रिया के लिए जिला और उप जिला क्षमता को मजबूत बनाना है। इसके तहत सभी 736 जिलों में बाल चिकित्सा इकाइयां स्थापित करना और टेली-आईसीयू सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए हर राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश में बाल चिकित्सा उत्कृष्टता केंद्र (बाल चिकित्सा सीओई) की स्थापना की जायेगी और जिला बाल चिकित्सा इकाइयों को सलाह और तकनीकी सहायता दी जायेगी। बयान के अनुसार, इसके तहत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली में 20,000 आईसीयू बिस्तर बढ़ाने के लिये सहायता दी जायेगी जिनमें से 20 प्रतिशत बाल चिकित्सा आईसीयू बिस्तर होंगे। । ग्रामीण, अर्ध शहरी और जनजातीय इलाकों में कोविड-19 के पहुंचने के कारण मौजूदा इकाइयों में अतिरिक्त बिस्तर जोड़ने का काम किया जायेगा । इसमें कहा गया है कि प्रत्येक जिले में कम से कम एक इकाई को सहयोग देने के उद्देश्य से मेडिकल गैस पाइपलाइन सिस्टम (एमजीपीएस) के साथ 1050 तरल मेडिकल ऑक्सीजन भंडारण टैंकों की स्थापना करने के लिये सहायता दी जायेगी। इसका उद्देश्य एम्बुलेंसों के मौजूदा बेड़े को मजबूत करना है और इस पैकेज के तहत 8,800 नई एम्बुलेंस शामिल की जाएंगी। इसके साथ ही कोविड के प्रभावी प्रबंधन के लिए स्नातक और परास्नातक मेडिकल इंटर्न व एमबीबीएस, बीएससी और जीएनएम नर्सिंग के विद्यार्थियों को जोड़ा जाएगा। कोविड-19 प्रबंधन के लिए आवश्यक दवाओं की आवश्यकता पूरी करने के साथ ही बफर स्टॉक तैयार करने के लिए जिलों को समर्थन देने की बात कही गई है। बयान में कहा गया है कि भारत कोविड-19 आपात प्रतिक्रिया और स्वास्थ्य प्रणाली तैयारी पैकेज- चरण 2 को 23,123 करोड़ रुपये की कुल लागत के साथ 1 जुलाई, 2021 से 31 मार्च, 2022 तक लागू किया जाएगा, जिसमें केंद्रीय अंश– 15,000 करोड़ रुपये और राज्य अंश – 8,123 करोड़ रुपये है ।
- नयी दिल्ली। देश भर में लोगों को दी गयी कोविड रोधी टीकों की खुराकों की संख्या अब 37 करोड़ के करीब पहुंच गयी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी। देश भर में टीकाकरण को व्यापक बनाने के लिये 21 जून से नये चरण की शुरूआत की गयी थी। बृहस्पतिवार शाम सात बजे तक की रिपोर्ट के अनुसार आज कोविड-19 टीके की 36,08,940 खुराक लगायी गयीं । मंत्रालय ने कहा है कि इनमें से 14 से 44 साल आयु वर्ग के 17,93,389 लोगों को पहली खुराक जबकि 1,71,647 लोगों को दूसरी खुराक दी गयी । देश भर में टीकाकरण के तीसरे चरण की शुरूआत के बाद से सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में कुल मिला कर 18 से 44 साल आयु वर्ग में 10,82,14,937 लोगों को पहली खुराक और 33,70,920 को टीके की दूसरी खुराक दी जा चुकी है। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, बिहार, गुजरात, कर्नाटक एवं महाराष्ट्र में 18 से 44 साल आयु वर्ग में 50 लाख लोगों को पहली खुराक दी गयी है। मंत्रालय ने बताया कि इसके अलावा आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, दिल्ली, हरियाणा, झारखंड, केरल, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, पंजाब, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में इस आयु वर्ग में दस लाख से अधिक लोगों को पहली खुराक दी गयी है।-file photo
- तिरुवनंतपुरम। केरल में ज़ीका वायरस का पहला मामला सामने आया है। मच्छर के काटने से होने वाली बीमारी से 24 वर्षीय एक गर्भवती महिला संक्रमित मिली है। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।जॉर्ज ने बताया कि तिरुवनंतपुरम में इस वायरस के 13 संदिग्ध मामले हैं। उन्होंने कहा कि सरकार पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) से पुष्टि का इंतजार कर रही है। मंत्री ने कहा कि तिरुवनंतपुरम से 19 नमूने भेजे गए हैं जिनमें डॉक्टर समेत 13 स्वास्थ्य कर्मी शामिल हैं, उनके ज़ीका से संक्रमित होने का शक है। महिला तिरुवनंतपुरम के पारसलेन की रहने वाली है। उनका यहां एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। उन्होंने सात जुलाई को बच्चे को जन्म दिया है।उन्हें बुखार, सिर दर्द और शरीर पर लाल निशान पडऩे की वजह से 28 जून को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में की गई जांच से उनके ज़ीका से संक्रमित होने की पुष्टि हुई तथा नमूने को पुणे के एनआईवी में भेजा गया। महिला की स्थिति संतोषजनक है। सरकार ने विज्ञप्ति में बताया है कि उनका यात्रा इतिहास नहीं है लेकिन उनका घर तमिलनाडु सीमा पर है। एक हफ्ते पहले उनकी मां में भी इसी तरह के लक्षण दिखे थे। ज़ीका वायरस से संक्रमित होने के लक्षण डेंगू जैसे ही होते हैं, जैसे, बुखार आना, शरीर पर चकत्ते पडऩा और जोड़ों में दर्द।
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बरेली । उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के बहेड़ी थाना क्षेत्र के मोहल्ला इस्लामनगर पंजाबी कॉलोनी निवासी तीन युवकों के शव सिमरा गांव के बाहर किच्छा नदी के पास जंगल में निर्जन स्थान पर मिले हैं। बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि प्रथम दृष्ट्या तीनों युवकों की मौत नदी में डूबने से हुयी है,लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट तौर पर कुछ कहा जा सकेगा। इस नदी में कुछ दिन पहले भी दो युवकों की डूबने से मौत हुयी थी । पुलिस ने बताया कि बहेड़ी कस्बे के पावर हॉउस के पास रहने वाले जैनुल (17) ,सय्यद औसाफ़ (18), और ज़ामिन अली (17) मंगलवार दोपहर 12 बजे मोटरसाइकिल से एक साथ निकले थे। रात 10 बजे तक जब ये तीनों घर नहीं पहुंचे तो घर वालों ने उन्हें आसपास के गांवों में तलाशा। बुधवार सुबह नैनीताल रोड स्थित सिमरा गांव के बाहर जंगल में निर्जन स्थान के पास तीनों के शव मिलें। एक युवक के पिता शोएब ने बताया कि तीनों बच्चों की नाक से खून निकला है, गले में चोट के निशान है, इनकी मौत नदी में डूबने से नहीं हुयी है। उन्होंने आरोप लगाया कि तीनों युवकों की हत्या की गयी है।-file photo
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फतेहपुर (उप्र)। फतेहपुर शहर के हरिहरगंज के निकट एक महिला अपने नौ माह के बच्चे के साथ कथित तौर पर रेलगाड़ी के आगे कूद गई। हादसे में मां-बेटे की मौत हो गयी है। सदर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) सत्येन्द्र सिंह ने बुधवार को बताया कि कंसपुर रेलवे स्टेशन में तैनात अवर अभियंता (जेई) उमेश कुमार पटेल की पत्नी अर्चना पटेल (30) अपने नौ माह के बेटे के साथ मंगलवार की शाम ट्रेन के आगे कूद गई। इस हादसे में मां-बेटे की मौत हो गयी। एसएचओ ने बताया कि शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजकर हादसे की जांच शुरू कर दी गयी है। -
एटा (उप्र) । एटा जिले के थाना कोतवाली देहात क्षेत्र के सरदलगढ़ गांव में बुधवार सुबह खेत पर सो रहे बुजुर्ग की गोली मार कर हत्या कर दी गई । वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक उदय शंकर के अनुसार बुधवार को सुबह थाना कोतवाली देहात क्षेत्रांतर्गत सरदलगढ़ निवासी महेंद्र सिंह की खेत पर सोते समय गोली मारकर हत्या कर दी । उनकी उम्र 70 वर्ष के करीब थी। उन्होंने बताया कि पूछताछ एवं प्रारम्भिक जांच से पता चला है कि परिवार के ही किसी सदस्य ने महेंद्र सिंह की गोली मारकर हत्या की है। संदेह के आधार पर एक व्यक्ति को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। एसएसपी के अनुसार प्रथम दृष्टया संपत्ति विवाद को लेकर हत्या किया जाना प्रतीत होता है। प्रभारी निरीक्षक (कोतवाली देहात) जगदीश चन्द्र ने बताया कि परिजनों की तहरीर पर अज्ञात के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है और जांच जारी है।