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 अचानकमार के 12 गांवों के सोलर पैनलों में लगाई जा रही नई बैटरियां

-13 बसाहटों के 322 घर और गलियां होंगी रोशन 
-उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने बैटरी ले जा रहे वाहन को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
 रायपुर ।छत्तीसगढ़ सरकार के सुशासन के संकल्प के अनुरूप सुदूर और वनवासी क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने लगातार नई पहल की जा रही हैं। मुंगेली जिले के अचानकमार टाइगर रिजर्व (एटीआर) के दुर्गम वनांचल गांवों में भी रात्रिकालीन सौर प्रकाश व्यवस्था को सुदृढ़ करने राज्य शासन ठोस कदम उठा रही है। इन गांवों में पूर्व में लगाए गए सोलर पैनलों की बैटरियां पुरानी हो गई हैं और उनकी क्षमता भी क्षीण हो गई हैं, जिसकी वजह से घरों और गलियों में लगी सोलर लाइट्स से पर्याप्त रोशनी नहीं मिल पा रही हैं।
अचानकमार टाइगर रिजर्व के रहवासियों की समस्या को देखते हुए राज्य शासन के क्रेडा (CREDA) द्वारा 12 गांवों महामाई, डंगनिया, तिलईडबरा, लमनी, छपरवा, अचानकमार, मंजूरहा, कटामी, अतरिया, बम्हनी, राजक और सुरही में सोलर पैनलों की बैटरियां बदली जा रही हैं। उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने शनिवार को लोरमी में इन गांवों की 13 बसाहटों के लिए बैटरी लेकर जा रहे वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। सोलर पैनलों में लगी बैटरियों के पुराने व क्षमताहीन हो जाने के कारण इन बसाहटों में रात्रिकालीन जन-जीवन प्रभावित हो रहा था। घने जंगलों के बीच अपर्याप्त रोशनी में ग्रामीण स्वयं को असुरक्षित भी महसूस कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की मौजूदगी में विगत 19 मई को अचानकमार क्षेत्र के वनग्राम बिजराकछार में सुशासन तिहार के तहत आयोजित समाधान शिविर में ग्रामीणों ने प्रकाश की व्यवस्था की समस्या को प्रमुखता से उठाया था। उप मुख्यमंत्री तथा क्षेत्रीय विधायक श्री अरुण साव ने इस पर तत्परता से संज्ञान लेते हुए पुरानी बैटरियों को बदलने के निर्देश दिए थे। 
अचानकमार टाइगर रिजर्व के 25 गांवों के घर और गलियां सौर ऊर्जा से रोशन हैं। इन्हें रोशन करने के लिए अलग-अलग समय में 112 सोलर पॉवर यूनिट्स स्थापित की गई हैं। इनमें से 12 गांवों की 13 बसाहटों में अभी नई बैटरियां लगाई जा रही हैं। इससे इन बसाहटों में रहने वाले 322 परिवारों को रात में पर्याप्त रोशनी मिलेगी। उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने बैटरी ले जा रहे वाहन को हरी झंडी दिखाते हुए कहा कि अब अचानकमार वनांचल में बरसात के दिनों में अंधियारा नहीं होगा। रात में पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था हो जाने से वहां के रहवासी जंगली जीव-जंतुओं के खतरे से सुरक्षित रहेंगे। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार गांवों के विकास के लिए प्रतिबद्धता से काम कर रही है। दूरस्थ गांवों में भी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में यह महत्वपूर्ण काम है।

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