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- रायपुर । समर्थन मूल्य और कृषि उन्नति योजना प्रदेश के किसानों के लिए नई उम्मीद बनकर सामने आया है। किसानों को धान का सर्वोच्च कीमत देकर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने किसानों का मान बढ़ाया है। इस खरीफ सीजन में भी धान खरीदी का अभियान तेजी से जारी है। राज्य सरकार द्वारा धान खरीदी को पारदर्शी और व्यवस्थित बनाने के लिए शुरू की गई डिजीटल व्यवस्था से किसानों को काफी सहूलियत मिल रही है। इसी कड़ी में मनेन्द्रगढ़- भरतपुर-चिरमिरी जिले के उपार्जन केंद्रों की व्यवस्था इस बार पूरी तरह बदली हुई दिख रही है, जिसमे साफ-सुथरा वातावरण, सहयोगी स्टाफ, बारदाने की उपलब्धता, पीने के पानी की सुविधा और सटीक तौल व्यवस्था ने किसानों का विश्वास वापस दिलाया है।इसी बदलाव की असली मिसाल बने हैं ग्राम चौनपुर के किसान लक्ष्मी प्रसाद, जिन्होंने चौनपुर उपार्जन केंद्र में इस वर्ष 28 क्विंटल धान बेचा। केंद्र में पहुंचते ही उन्हें महसूस हुआ कि व्यवस्था अब सचमुच किसान मित्र बन चुकी है।डिजिटल व्यवस्था ने जगाया नया आत्मविश्वासलक्ष्मी प्रसाद बताते हैं कि इस बार पूरी प्रक्रिया तकनीक पर आधारित थी। टोकन ऑनलाइन जारी हुए, निर्धारित समय पर तौलाई पूरी हो गई और न कोई भीड़, न किसी तरह की प्रतीक्षा। पुराने समय की तरह लाइन में खड़े रहना या बार-बार पूछताछ करना अब इतिहास हो चुका है। वे खुश होकर कहते हैं कि अब खरीदी का इंतजार किसान नहीं करता, बल्कि खरीदी व्यवस्था किसान का इंतजार करती है। डिजिटल खरीदी से पारदर्शिता बढ़ी है, समय बचा है और किसानों को उनके अधिकारों का वास्तविक लाभ मिला है। समर्थन मूल्य एवं कृषि उन्नति योजना से प्रति क्विंटल 3100 रुपए के भाव से 21 क्विंटल प्रति एकड़ खरीदी की जा रही है। इससे किसानों की आर्थिक सुरक्षा को और मजबूत किया है। पिछले वर्ष की खरीदी राशि से किए गए खेत सुधार और नए कृषि उपकरणों ने लक्ष्मी प्रसाद की खेती को ज्यादा उत्पादक बनाया और इस वर्ष उन्हें विश्वास है कि बेहतर समर्थन मूल्य से परिवार और खेती दोनों और भी सशक्त होंगे।इस पूरे सिस्टम को सुचारू बनाने के लिए प्रशासन, खाद्य विभाग और मार्कफेड का सक्रिय प्रबंधन महत्वपूर्ण रहा। डिजिटल पंजीयन से लेकर दुरुस्त तौल मशीनें, समय पर भुगतान और व्यवस्थित भंडारण हर कदम पर पारदर्शिता और जिम्मेदारी दिखाई दी। किसान लक्ष्मी प्रसाद के अनुभव बताते हैं कि इस बार खरीदी केंद्रों पर सिर्फ धान नहीं खरीदा जा रहा, बल्कि किसानों का सम्मान, उनका विश्वास और उनका भविष्य खरीदा जा रहा है। जिले में किसानों के चेहरों पर सुकून, व्यवस्था पर भरोसा और भविष्य के प्रति नई आशा साफ दिखाई देती है। यह खरीफ वर्ष सिर्फ एक खरीदी सत्र नहीं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में मजबूती और नए आत्मविश्वास का वर्ष बन चुका है।
- - कोरिया जिले के कटगोड़ी जटासेमर एवं आस-पास के क्षेत्रों से 99 बोरी अवैध धान जब्तरायपुर। प्रदेश में 14 नवंबर से शुरू धान खरीदी का महाअभियान निरंतर जारी है। यह अभियान 31 जनवरी 2026 तक चलेगा। इसी कड़ी में कोरिया जिला प्रशासन द्वारा धान खरीदी व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए लगातार औचक निरीक्षण किए जा रहे हैं। इसी क्रम में जिला प्रशासन गठित दल द्वारा धान उपार्जन केंद्र कटगोड़ी और आसपास के क्षेत्रों में निरीक्षण कर कार्रवाई की गई। इसमें कई अनियमितताएँ उजागर हुईं।बुधवार को सुबह कटगोड़ी धान खरीदी केंद्र में हुए औचक निरीक्षण में मानक से नीचे गुणवत्ता का लगभग 40 क्विंटल धान रिजेक्ट किया गया। निरीक्षण के दौरान समिति प्रबंधक अनुपस्थित पाए गए, जिस पर नोडल अधिकारी को तत्काल संज्ञान लेकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। केंद्र में बारदाना एवं ढकने हेतु पॉलीथिन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध मिली। निरीक्षण टीम ने फर्म रुद्र कुमार, मेन रोड कटगोड़ी के गोदाम से अवैध रूप से भंडारित 75 बोरी (30 क्विंटल) धान जब्त कर प्रकरण दर्ज किया । ग्राम मुरमा में किसान विशुन के यहाँ से 45 बोरी धान अवैध रूप से भंडारण पाए जाने पर जप्त किया गया।जटासेमर 24 बोरी धान रिजेक्टझरना पारा धान उपार्जन केंद्र के नोडल अधिकारी श्री कमलेश देवांगन द्वारा खरीदी केन्द्र का आज सुबह औचक निरीक्षण किया, जिसमें किसान नीलकंठ पिता देवनंदन, ग्राम जटासेमर का 24 बोरी धान अमानक पाए जाने पर रिजेक्ट कर वापस लौटा दिया गया। इसी तरह पोंडी में दो किसानों का 71 बोरी अमानक धान रिजेक्ट किया गया। बचरा पोड़ी धान उपार्जन केंद्र में बृजमोहन जायसवाल पिता बलराम, ग्राम पोंडी का 65 बोरी तथा भईया लाल राजवाड़े, ग्राम सांवला का 6 बोरी अमानक धान मिलने पर नोडल अधिकारी श्री ए. टोप्पो द्वारा रिजेक्ट कर वापस किया गया। जिला प्रशासन कोरिया द्वारा कहा गया है कि धान खरीदी प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसे औचक निरीक्षण आगे भी जारी रहेंगे, ताकि वास्तविक किसानों को न्याय मिले और कोचियों-बिचौलियों पर सख्ती बनी रहे।
- रायपुर । छत्तीसगढ़ में धान खरीदी सीजन के दौरान अवैध भंडारण और परिवहन पर रोक लगाने के लिए प्रशासन द्वारा चलाया जा रहा अभियान लगातार तेज होता जा रहा है। इसी कड़ी में सरगुजा जिले के उदयपुर विकासखंड के मडगांव में बड़ी कार्रवाई करते हुए चेतन सिंह के किराना दुकान से अवैध रूप से रखा गया 200 बोरी धान, यानी लगभग 80 क्विंटल, जब्त किया गया है। जांच के दौरान दुकान में रखे गए धान के संबंध में कोई वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए जा सके, जिसके बाद कृषि उपज मंडी अधिनियम के प्रावधानों के तहत तत्काल जब्ती की प्रक्रिया पूरी की गई।मौके पर पहुंची कृषि उपज मंडी समिति, राजस्व विभाग और स्थानीय प्रशासन की संयुक्त टीम ने पंचनामा तैयार कर धान को राजकीय अभिरक्षा में लिया। अधिकारियों ने बताया कि जिले में अवैध भंडारण, अवैध खरीदी–बिक्री और अंतरराज्यीय धान परिवहन पर निरंतर एवं सख्त निगरानी रखी जा रही है। चेकपोस्टों, ग्रामीण मार्गों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर विशेष निगरानी के साथ नियमित जांच अभियान चलाया जा रहा है, ताकि किसी भी प्रकार की अनियमितता पर तुरंत कार्रवाई की जा सके। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि धान खरीदी प्रक्रिया को पारदर्शी एवं नियंत्रित रखने के लिए अवैध गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने पर कठोरतम कार्रवाई जारी रहेगी।
- -टोकन से धान तौल तक पूरी प्रक्रिया बिना समस्या के संपन्न-किसान देवाल सिंह पावलेरायपुर । छत्तीसगढ़ शासन के निर्देशानुसार खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में धान खरीदी व्यवस्था को सुचारू, पारदर्शी और व्यवस्थित ढंग से संचालित किए जा रहे हैं, जिसका लाभ किसानों को सीधे मिल रहा है। सरगुजा जिले के ग्राम पंचायत खोटिया निवासी किसान देवाल सिंह पावले ने धान उपार्जन केंद्र में अपने अनुभव साझा करते हुए खरीदी व्यवस्था पर संतोष व्यक्त किया।श्री पावले ने बताया कि उनकी 4.5 एकड़ भूमि से 41 क्विंटल का रकबा निकला है। उन्होंने समिति में 41 क्विंटल का टोकन आसानी से कटाया, जिसमें किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं आई। धान उपार्जन केंद्र पहुंचते ही नियम अनुसार नमी परीक्षण, बारदाना उपलब्धता और धान की तौल प्रक्रिया बिना किसी परेशानी के पूरी हो गई।उन्होंने कहा कि समिति के कर्मचारी पूर्ण सहयोग कर रहे हैं जिससे किसानों को समस्या नहीं हो रही है। श्री पावले ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की सरकार ने किसानों के हित में प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी और 3100 रुपए प्रति क्विंटल का सर्वाधिक समर्थन मूल्य देकर किसानों को आर्थिक मजबूती प्रदान की है। धान खरीदी व्यवस्था से संतुष्ट किसान देवाल सिंह पावले ने मुख्यमंत्री तथा जिला प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस वर्ष की खरीदी व्यवस्था किसान हित में उत्कृष्ट रूप से संचालित की जा रही है।
- रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन, जल संसाधन विभाग द्वारा मुंगेली जिले के विकासखण्ड-पथरिया के अंतर्गत मनियारी बैराज के कार्यों के लिए 148 करोड़ दो हजार रूपए स्वीकृत किए गए है। योजना से 1378 हेक्टेयर खरीफ एवं 347 हेक्टेयर रबी, कुल 1725 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा मिलेगी। जल संसाधन विभाग मंत्रालय महानदी भवन से योजना के कार्यों को कराने के लिए मुख्य अभियंता हसदेव कछार जल संसाधन विभाग बिलासपुर को प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है।
- रायपुर । तकनीक.आधारित सुशासन का सीधा लाभ किसानों को मिल रहा है, जिससे धान जैसी फसलों की खरीद में पारदर्शिता और सुविधा बढ़ी है। श्तुंहर टोकन, ऐप जैसी पहलों से घर बैठे टोकन मिल रहा है, जिससे समितियों के चक्कर लगाने और समय बर्बाद होने की समस्या खत्म हो गई है। धमतरी जिले के भटगांव के किसान भागीरथी साहू इसका जीवंत उदाहरण हैं। पहले जहाँ धान विक्रय के दौरान घंटों लंबी कतारों में लगना पड़ता था, वहीं इस वर्ष राज्य सरकार द्वारा शुरू किए गए “टोकन तुहर हाथ” मोबाइल एप ने पूरी प्रक्रिया ही बदल दी है।श्री साहू ने अपने घर से ही कुछ ही मिनटों में ऑनलाइन टोकन प्राप्त किया। न भीड़ का तनाव, न इंतज़ार, सिर्फ मोबाइल पर कुछ क्लिक और टोकन तुरंत उपलब्ध। वे बताते हैं “व्यवस्था पूरी तरह सरल, पारदर्शी और सुविधाजनक है। टोकन भी आसानी से कट गया और धान बेचने में बिल्कुल भी परेशानी नहीं हुई।” इस वर्ष उन्होंने सहकारी समिति केंद्र सोरम में 20 क्विंटल 60 किलो धान विक्रय किया। वे बताते हैं कि पिछले वर्ष भी उन्होंने लगभग इतनी ही मात्रा में धान बेचा था। प्राप्त धनराशि का उपयोग वे परिवार की आवश्यकताओं और खेती-किसानी को बेहतर बनाने में करते हैं।राज्य सरकार का उद्देश्य तकनीक की मदद से किसानों के समय, ऊर्जा और संसाधनों की बचत सुनिश्चित करना है। ऐप के माध्यम से टोकन लेने की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है, किसान स्वयं अपनी सुविधा के अनुसार तारीख और समय चुन सकते हैं। इससे केन्द्रों में होने वाली अनावश्यक भीड़ पूरी तरह खत्म हो गई है।श्री साहू जैसे किसान न केवल इस व्यवस्था का लाभ उठा रहे हैं, बल्कि गाँव के अन्य किसानों को भी ऐप का उपयोग करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। आधुनिक तकनीक और पारदर्शी प्रशासन का यह समन्वय ग्रामीण जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रहा है। सरकारी नवाचारों की ऐसी सफल पहल यह सिद्ध करती है कि सही दिशा में उठाया गया एक कदम, किसान की पूरी व्यवस्था को अधिक सरल, सुरक्षित और सुगम बना सकता है।
- -मत्स्य पालन से कमा रहे 3.60 लाख रुपये वार्षिकरायपुर ।मुंगेली जिले के विकासखंड लोरमी अंतर्गत ग्राम पंचायत खुड़िया के किसान कुंवर सिंह ने मनरेगा योजना के तहत स्वीकृत डबरी निर्माण से अपनी आजीविका में उल्लेखनीय सुधार किया है। मनरेगा के तहत डबरी निर्माण ने न केवल कुंवर सिंह के खेतों में हरियाली लौटाई है, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से भी समृद्ध बनाया है। वर्षों से खेतों में सिंचाई सुविधा के अभाव के कारण उत्पादन प्रभावित हो रहा था और किसान वर्षा आधारित खेती पर ही निर्भर थे। गर्मी के मौसम में खेत सूख जाते थे, जिससे आय सीमित हो जाती थी और परिवार आर्थिक तंगी का सामना करता था।महात्मा गाँधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना मनरेगा के दिशा-निर्देशों के अनुरूप ग्रामीण आजीविका सुधार के उद्देश्य से ग्राम पंचायत खुड़िया में कुंवर सिंह की निजी भूमि पर डबरी निर्माण स्वीकृत होने के उपरांत स्थल निरीक्षण और तकनीकी स्वीकृति के बाद ग्राम पंचायत द्वारा कार्य को पूर्ण कराया गया। कार्य पूर्ण होने के बाद किसान को एक गहरी, सुव्यवस्थित और वर्षा जल संग्रहण में सक्षम डबरी प्राप्त हुई। डबरी निर्माण के बाद कुंवर सिंह बहुआयामी लाभ प्राप्त कर रहे हैं। साथ ही अब वे पूरे वर्ष खेतों की सिंचाई कर पा रहे हैं, जिससे दोहरी फसल उत्पादन से आय में वृद्धि हुई है। डबरी में मत्स्य पालन कर वे 3.60 लाख रुपये वार्षिक अतिरिक्त आय प्राप्त कर रहे हैं। साथ ही डबरी की मेड़ों पर सब्जियाँ, अरहर सहित अन्य फसलें उगा रहे हैं, जिससे पशुओं के लिए हरा चारा भी उपलब्ध हो रहा है।जिला पंचायत के अधिकारियो ने बताया कि कुंवर सिंह की मेहनत और इच्छा शक्ति के साथ मनरेगा संरचना ने उनकी आजीविका में महत्वपूर्ण सुधार किया है। उन्होंने कहा कि यह उदाहरण दर्शाता है कि मनरेगा संरचनाएँ आजीविका संवर्धन में अत्यंत प्रभावी हैं तथा हितग्राही न केवल स्थायी परिसंपत्तियाँ प्राप्त करते हैं, बल्कि मजदूरी के माध्यम से तत्काल आय भी अर्जित करते हैं। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने जानकारी दी कि कलेक्टर के मार्गदर्शन में जिले में मनरेगा के पैरा-5 अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को डबरी निर्माण, पशु शेड, बकरी शेड, मुर्गी शेड, सूअर शेड और कुएँ जैसे हितग्राही मूलक कार्य स्वीकृत किए जा रहे हैं। इससे ग्रामीण परिवारों को आजीविका सुधार का सशक्त अवसर मिल रहा है।
- -अधिक से अधिक आजीविका डबरी बनाएं व महिला समूहों से जोड़े-पंचायतों में घर-घर कचरा संग्रहण पर जोरमहासमुंद / पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की सचिव तथा जिले की प्रभारी सचिव श्रीमती निहारिका बारिक ने आज जिला स्तरीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। बैठक में जिले में संचालित केंद्र एवं राज्य प्रायोजित योजनाओं, उनके क्रियान्वयन की वर्तमान स्थिति तथा जनकल्याणकारी कार्यक्रमों की प्रगति की विस्तारपूर्वक समीक्षा की गई। उनके साथ बिहान/एनआरएलएम के संचालक अश्वनी देवांगन, अपर आयुक्त विकास श्री एस. आलोक पंचायत मौजूद थे। बैठक में कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह व जिला पंचायत सीईओ श्री हेमंत नंदनवार ने विभिन्न योजनाओं की प्रगति की जानकारी दी। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री रवि साहू, एसडीएम अक्षा गुप्ता एव स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, कृषि, उद्यानिकी सहित सभी विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।बैठक में प्रभारी सचिव ने कहा कि मनरेगा के तहत अधिक से अधिक वाटर रिचार्ज के लए पहल करें। आजीविका डबरी का निर्माण करें एवं इससे बिहान के महिला समूह को जोड़े। अजीविका डबरी में मछली पालन, साग सब्जी उत्पादन कर स्थानीय महिला समूह की आजीविका को बढ़ाने का कार्य करें। उन्होंने कहा कि पंचायतों को पूर्ण ओडीएफ प्लस बनाने के लिए पंचायतवार कार्ययोजना बनाकर पूर्ण करें। गांवों में भी घर-घर कचरा संग्रहण और अपशिष्ट प्रबंधन के लिए ठोस कार्ययोजना बनाएं। उन्होंने बिहान के कार्यां की समीक्षा करते हुए कहा कि महिला समूहों को समय पर ऋण चुकाने पर और उन्हें ऋण देने के लिए प्रोत्साहित करें। साथ ही कहा कि बैंकर्स बिना किसी कारण के महिला समूह के लोन प्रकरण को स्वीकृत करने में विलंब न करें। साथ ही कुशल व्यवहार करें। कलेक्टर ने जिले में धान खरीदी की जानकारी देते हुए बताया कि 182 केंद्रों में एक लाख 30 हजार टन धान की खरीदी की जा चुकी है। यहां किसानों की एंट्री से पहले ही रजिस्टर्ड किया जा रहा है। श्री लंगेह ने बताया कि अभी तक जिले में 110 प्रकरणों में 12 हजार क्विंटल धान की जप्ती की गई है तथा यह अभियान जारी है।स्वास्थ्य विभाग की प्रगति, संसाधन उपलब्धता और सेवाओं की गुणवत्ता पर विशेष फोकस किया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के बेहतर सुविधाओं के लिए मेडिकल कॉलेज प्रबंधन आवश्यक पहल करते हुए मरीजों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराएं। संस्था-गर्भवती प्रसव की दर बढ़ाने हेतु अतिरिक्त प्रयास करने के निर्देश दिए। गर्भवती माताओं को नियमित एएनसी जाँच, टीकाकरण तथा पोषण परामर्श सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। प्रधानमंत्री जननी सुरक्षा योजना एवं मातृ वंदना योजना का शत प्रतिशत लाभ लक्षित हितग्राहियों तक पहुँचाने पर जोर दिया। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं उप स्वास्थ्य केंद्रों में ऑपरेशन थिएटर विकसित करने, मशीनरी एवं स्टाफ उपलब्धता की समीक्षा की गई। कुपोषण मुक्ति अभियान अंतर्गत गंभीर एवं अति गंभीर कुपोषित बच्चों की पहचान कर पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती सुनिश्चित करने निर्देशित किया।कृषि विभाग की समीक्षा में उन्होंने धान के अलावा अन्य फसलों के लिए अधिक से अधिक किसानों को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विशेष अभियान चलाकर किसानों को धान के बदले रागी, कोदो, कुटकी आदि फसल लेने के लिए जागरूक करें। प्रभारी सचिव ने स्कूल छात्रावास में पीएम पोषण योजना के तहत गर्म भोजन देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आश्रम और छात्रावासों का हर सप्ताह निरीक्षण सुनिश्चित हो। पीएम जनमन की समीक्षा में कहा गया कि सभी निर्माणाधीन घरों में अनिवार्य रूप से शौचालय की व्यवस्था हो। साथ ही यह प्रयास करें की इन घरों में पीएम सूर्य घर योजना अंतर्गत सोलर पैनल लगाएं ताकि निर्बाध रूप से बिजली आपूर्ति होती रहे। साथ ही बैठक में प्रभारी सचिव श्रीमती बारिक ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), आजीविका मिशन, जल जीवन मिशन, स्वच्छ भारत मिशन, ग्रामीण सड़क विकास, कृषि आदान वितरण पशुपालन, उद्यान और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की प्रगति की भी विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी योजनाओं का लाभ पात्र हितग्राहियों तक समय पर पहुँचे। कार्यों की गुणवत्ता और पारदर्शिता सर्वोच्च प्राथमिकता रहे। फील्ड विजिट बढ़ाई जाए और समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जाए।
- -पीएम जनमन अंतर्गत कमार बस्ती में पहुंची प्रभारी सचिव-आजीविका गतिविधियों का किया अवलोकन-धान खरीदी में किसानों से चर्चा कर ली जानकारीमहासमुंद / जिले के प्रभारी व पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की सचिव श्रीमती निहारिका बारिक आज महासमुंद जिले के दौरे पर थे। उन्होंने आज ग्राम खरोरा, झालखम्हरिया और शेर में विकास कार्यों, आजीविका गतिविधियों एवं धान खरीदी व्यवस्था का निरीक्षण किया। उनके साथ बिहान/एनआरएलएम के संचालक अश्वनी देवांगन, अपर आयुक्त विकास श्री एस. आलोक पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से मौजूद थे। इस दौरान कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह, जिला पंचायत सीईओ श्री हेमंत नंदनवार, अपर कलेक्टर श्री रवि साहू एवं एसडीएम अक्षा गुप्ता उपस्थित रहे।ग्राम खरोरा पहुंचकर प्रभारी सचिव श्रीमती बारिक ने पंचायत क्षेत्र में चल रहे विभिन्न विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने निर्देश दिए कि पंचायत परिसर में प्रस्तावित व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स को आय जनित, आधुनिक डिजाइन युक्त तथा सुविधाओं से परिपूर्ण बनाया जाए। निर्माण गुणवत्ता पर विशेष बल देते हुए उन्होंने कहा कि सभी कार्य समयबद्ध और मानक के अनुरूप हों। निरीक्षण के दौरान उन्होंने सार्वजनिक शौचालय का अवलोकन किया तथा ग्राम पंचायत विकास योजना को सुव्यवस्थित रूप से तैयार करने के निर्देश दिए। कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह ने बताया कि 13 व्यावसायिक परिसर को आधुनिक व आकर्षक स्वरूप में विकसित किया जा रहा है, जिससे स्थानीय रोजगार एवं पंचायत की आय में वृद्धि होगी।निरीक्षण के दौरान सचिव श्रीमती बारिक ने ग्राम झालखम्हरिया में स्व-सहायता समूहों की गतिविधियों का अवलोकन किया। श्रीमती बारिक ने यहां विशेष पिछड़ी जनजाति कमार परिवार से मिलकर चर्चा की और उनकी घरों में जाकर आजीविका गतिविधियों से संबंधित जानकारी ली। फुलेश्वरी एवं मनीषा कमार ने बताया कि वे बांस से टोकरी, सुपा बनाने के साथ बांस शिल्प का कार्य करते है। प्रभारी सचिव ने परिवार की आजीविका कार्य में प्रगति के लिए समूहों को बांस उपलब्ध कराने एवं बांस रोपण कर नर्सरी तैयार करने के निर्देश दिए। कमार समुदाय ने बताया कि उनके लिए यहां घर बनाएं जा रहे हैं। साथ ही उनकी बस्ती तक सड़क बनाया गया है, जिससे वे सुगमता से आना-जान करते हैं। मौके पर मौजूद स्व सहायता समूह की सदस्य श्रीमती ज्ञानेश्वरी साहू ने बताया कि वे सेंट्रिंग प्लेट कार्य, कपड़ा सिलाई और सब्जी बाड़ी का कार्य करते हैं। श्रीमती बारिक ने पीएम जनमन अंतर्गत निर्माणाधीन आवासों का अवलोकन किया और सभी घरों में अनिवार्य रूप से शौचालय बनाने के निर्देश दिए हैं। तत्पश्चात उन्होंने ग्राम शेर में सुवा महिला स्व सहायता समूह की सदस्य दिव्या नायक द्वारा किए जा रहे तार फेंसिंग कार्य का अवलोकन किया तथा कार्य प्रशंसा की। सचिव श्रीमती बारिक ने समूह के लिए वर्क शेड निर्माण के निर्देश दिए। समूह ने कोयला आधारित अगरबत्ती निर्माण शुरू करने की इच्छा जताई तथा सब्जी बाड़ी गतिविधि को भी बढ़ावा देने पर इच्छा व्यक्त की। श्रीमती बारिक ने महिला समूहों का उत्साहवर्धन करते हुए अन्य गतिविधियों को अपनाने के निर्देश दिए। उन्होंने अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देशित किया कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने वाले ऐसे कार्यों को प्राथमिकता के साथ आगे बढ़ाया जाए।इस दौरान उन्होंने ग्रामीण सेवा सहकारी समिति झालखम्हरिया एवं ग्राम शेर धान उपार्जन केंद्र में धान खरीदी व्यवस्था का निरीक्षण किया। ग्राम झालखम्हरिया उपार्जन केन्द्र के प्रबंधक ने बताया कि अभी तक 3000 कट्टा का स्टेक तैयार किया जा रहा है। यहां कुल 12 चबूतरे निर्मित है। आज 40 हेमाल कार्य में लगे है, 26 किसानों के टोकन जारी किया गया है। अब तक कुल 10,980 क्विंटल खरीदी की जा चुकी है। बारदाने की पर्याप्त व्यवस्था है। प्रभारी सचिव ने मौके पर मौजूद किसानों से चर्चा की। इसी तरह उन्होंने शेर उपार्जन केन्द्र में किसान श्री सेवा राम तारक से चर्चा की। किसान श्री तारक ने बताया कि आज वे 40 क्विंटल धान ऑनलाइन टोकन के माध्यम से बेचने पहुंचे है। ग्राम शेर खरीदी केन्द्र के प्रबंधक ने बताया कि यहां कुल 5 तौल कांटा है, जिससे खरीदी प्रक्रिया सुचारू रूप से जारी है। आज कुल 1,559 क्विंटल धान की खरीदी की जाएगी। 29 टोकन जारी किया गया है।उपार्जन केन्द्रों में प्रभारी सचिव श्रीमती बारिक ने स्टेकिंग, सुरक्षा एवं निगरानी व्यवस्था का अवलोकन किया। साथ ही तौल कांटे एवं स्टैक यार्ड की व्यवस्था का जायजा लिया तथा बारदाना की पर्याप्त उपलब्धता की पुष्टि की। नमी मापने की मशीन की कार्यप्रणाली की जांच की। उन्होंने ऑनलाइन पंजीयन सूची एवं टोकन व्यवस्था की समीक्षा की तथा खरीदी डेटा को समय पर पोर्टल में अपडेट करने के निर्देश दिए। प्रभारी सचिव श्रीमती बारिक ने बारिश/सीलन की स्थिति में धान को सुरक्षित रखने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था रखने कहा। साथ ही अधिक बफर स्टॉक को अधिक बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने किसानों से अधिक से अधिक रकबा समर्पण बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। इस दौरान खाद्य अधिकारी श्री अजय यादव, डीएमओ श्री आशुतोष कोसरिया मौजूद थे।
- रायपुर। वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री केदार कश्यप से आज नया रायपुर स्थित उनके निवास, कार्यालय में एसईसीएल के चेयरमैन-कम-मैनेजिंग डायरेक्टर (सीएमडी) श्री हरीश दुहन ने सौजन्य भेंट की। इस दौरान एसईसीएल के डायरेक्टर (एचआर) श्री बिरंची दास भी उपस्थित थे।भेंट के दौरान वन मंत्री श्री कश्यप को सीएमडी श्री दुहन ने एसईसीएल द्वारा राष्ट्र निर्माण, ऊर्जा सुरक्षा और छत्तीसगढ़ में किए जा रहे सी एस आर आधारित विकास कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने आश्वस्त किया कि एसईसीएल प्रदेश के सर्वांगीण विकास और समुदायों के उत्थान के लिए आगे भी निरंतर कार्य करता रहेगा। मंत्री श्री केदार कश्यप ने एसईसीएल के योगदान की सराहना की और कहा कि कंपनी प्रदेश के सामाजिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
- रायपुर । बिलासपुर जिले में किसानों के विकास के लिए विभिन्न योजनाएँ चलाई जा रही हैं, जिनमें एकीकृत खेती प्रणाली, मूल्य संवर्धन, संसाधन संरक्षण, बागवानी को बढ़ावा और कृषि यांत्रिकीकरण जैसे कदम शामिल हैं। इन पहलों का उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना, फसल की पैदावार में सुधार करना और आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाना है। छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद से बिलासपुर जिले में किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाओं ने नए आयाम स्थापित किए हैं। वर्ष 2000 से 2025 के बीच कृषि, सिंचाई, फसल बीमा, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और स्वास्थ्य कार्ड जैसी योजनाओं ने किसानों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने में निर्णायक भूमिका निभाई है।फसल बीमा में जागरूकता और लाभप्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत 2025 में किसानों की संख्या, ऋणी और अऋणी आवेदन तथा बीमित राशि में बढ़त दर्ज की गई। खरीफ सीजन में किसानों की संख्या 11 प्रतिशत, ऋणी आवेदनों में 107 प्रतिशत और बीमित राशि में 23 प्रतिशत बढ़ी। रबी सीजन में भी किसानों की संख्या 44 प्रतिशत और अऋणी आवेदनों में 20 प्रतिशत की बढ़त हुई, इससे स्पष्ट होता है कि किसानों में योजना के प्रति विश्वास और जागरूकता लगातार मजबूत हो रही है।प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में प्रगतिवर्ष 2019 में 99 हजार 682 किसानों का पंजीयन था, जो अब 2025 में बढ़कर 1 लाख 55 हजार 366 हो गया है। अब तक 1 लाख 02 हजार 353 किसानों को 20वीं किस्त का लाभ मिला और कुल 2047.06 लाख रुपये वितरित किए गए, इससे किसानों की आय में स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित हुई है।महिला किसानों का तकनीकी सशक्तिकरणमहिला किसानों को ड्रोन और आधुनिक फसल छिड़काव तकनीक का प्रशिक्षण देकर उन्हें खेतों में तकनीकी दक्षता प्राप्त कराने का अवसर दिया गया। इससे उत्पादन में सुधार हुआ और आधुनिक तकनीक का प्रभाव खेतों तक पहुँचा।फसल उत्पादन और सिंचाई में विस्तारकिसानों की आय में वृद्धि तथा दलहन-तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान पीएम आशा योजना अंतर्गत समर्थन मूल्य पर दलहन-तिलहन फसलों की खरीदी की जा रही है। दलहन, तिलहन, सब्जी और अन्य फसलों के रकबे में 12 प्रतिशत से 62 प्रतिशत तक वृद्धि देखी गई। नहर, तालाब, कुएँ, नलकूप और नदी नालों के माध्यम से सिंचित क्षेत्र में 27 प्रतिशत से 47 प्रतिशत तक विस्तार हुआ। इससे खरीफ और रबी दोनों मौसमों में बेहतर उत्पादन और आय के अवसर सुनिश्चित हुए हैं।छत्तीसगढ़ रजत जयंती वर्ष में कृषि योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन, तकनीकी प्रशिक्षण और किसानों की सक्रिय भागीदारी बिलासपुर जिले को कृषि विकास के मार्ग पर मजबूती से आगे ले जा रही है और किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बना रही है।
- -रबी फसलों के लिए फसल बीमा पोर्टल चालूरायपुर। छत्तीसगढ़ शासन ने रबी मौसम 2025-26 के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का पोर्टल चालू कर दिया है। यह योजना किसानों को प्रतिकूल मौसम, सूखा, बाढ़, जलभराव, कीट-व्याधि और ओलावृष्टि जैसी प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए सुरक्षा कवच प्रदान करती है। पिछले वर्ष रबी सीजन में फसल कटाई प्रयोगों के आधार पर जिले के 28,037 किसानों को 48 करोड़ 62 लाख रुपये की दावा राशि का भुगतान किया गया था। इस वर्ष जिले के 420 से अधिक अधिसूचित ग्रामों के किसान अपनी रबी फसलों का बीमा करवा सकते हैं। बीमा कराने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2025 तय की गई है।इस बार गेहूं सिंचित, गेहूं असिंचित, चना, अलसी और सरसों जैसी अधिसूचित फसलों का बीमा किया जा सकेगा। योजना में ऋणी, अऋणी, भू-धारक और बटाईदार सभी प्रकार के किसान शामिल हो सकते हैं। अधिसूचित ग्रामों में अधिसूचित फसल बोने वाला हर इच्छुक किसान इस योजना का लाभ उठा सकता है।प्रीमियम दरों के अनुसार किसानों को प्रति हेक्टेयर गेहूं सिंचित के लिए 690 रुपये, गेहूं असिंचित के लिए 405 रुपये, चना के लिए 645 रुपये, अलसी के लिए 315 रुपये और सरसों के लिए 375 रुपये जमा करने होंगे।किसान अपने निकटतम बैंक शाखा, ग्रामीण बैंक, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक, सेवा सहकारी समिति, लोक सेवा केंद्र या भारत सरकार के बीमा पोर्टल के माध्यम से फसल बीमा करा सकते हैं। प्रशासन ने किसानों से अपील करते हुए कहा है कि अंतिम तिथि से पूर्व अपनी फसलों का बीमा अवश्य कराएं ताकि किसी भी प्राकृतिक आपदा की स्थिति में उन्हें आर्थिक सुरक्षा प्राप्त हो सके। योजना से संबंधित अधिक जानकारी के लिए किसान कृषि, राजस्व, बैंक या बीमा कंपनी के अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं।
- -सिंचाई व निस्तारी की समस्या दूर, खेतों में फिर लौटी हरियालीरायपुर। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना ने खैरागढ़ जिले के ग्राम टेकापार के कृषक श्री मनीराम साहू के जीवन में नई दिशा प्रदान की है। मनरेगा के अंतर्गत स्वीकृत कुआं निर्माण से न केवल उनके खेतों में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हुई, बल्कि परिवार की आर्थिक स्थिति भी पहले से कहीं अधिक मजबूत हो गई है।ग्राम सभा में जब ग्रामीणों को मनरेगा के व्यक्तिगत लाभ वाले कार्यों की जानकारी दी गई, तब मनीराम ने कुआं निर्माण की इच्छा व्यक्त की। उनकी आवश्यकता को देखते हुए ग्राम पंचायत द्वारा दस्तावेजीकरण की प्रक्रिया पूर्ण की गई और उनके नाम से दो लाख चालीस हजार रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई। तकनीकी सहायक श्री हेमंत मेश्राम द्वारा ले-आउट उपलब्ध कराया गया और तकनीकी मार्गदर्शन में कार्य शुरू हुआ।मनीराम का परिवार पूरी तरह कृषि और मजदूरी पर आश्रित था। निर्माण सामग्री जुटाना उनके लिए बड़ी चुनौती थी, परंतु ग्राम पंचायत ने सहयोग करते हुए आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई। कई आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद मनीराम ने हिम्मत नहीं हारी और कार्य को निरंतर आगे बढ़ाते हुए कुआं निर्माण पूरा करवाया। कार्य के दौरान ग्रामीणों को रोजगार भी मिला और मजदूरी की राशि सीधे बैंक खातों में जमा कराई गई। निर्माण में आवश्यक सामग्री का उपयोग किया गया और कार्य क्रमबद्ध तरीके से पूरा हुआ।कुआं तैयार होने के बाद मनीराम के जीवन में बड़ी सकारात्मक बदलाव आया। पहले जहां असामयिक बारिश और सिंचाई की कमी से फसलें नष्ट हो जाती थीं, वहीं अब डीजल पंप के माध्यम से नियमित सिंचाई होने लगी है। गेहूं, धान, सोयाबीन और चना जैसी फसलों के उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है। आमदनी बढ़ने से परिवार का पालन-पोषण सहज हो गया है और जीवन स्तर में भी स्पष्ट सुधार आया है। अब वे अपने खेतों के साथ-साथ आसपास के खेतों की सिंचाई में भी मदद कर पा रहे हैं, जिससे उनका मान-सम्मान गांव में और बढ़ गया है।मनीराम साहू बताते हैं कि वे साधारण परिवार से हैं और कृषि व मजदूरी ही उनका जीवनयापन का प्रमुख साधन था। मनरेगा के अंतर्गत कुआं निर्माण स्वीकृत होने से उनकी परिस्थितियाँ बदलीं और आज वे पहले की तुलना में अधिक आय अर्जित कर पा रहे हैं। सालभर फसल लेने की सुविधा मिलने से भविष्य सुरक्षित हुआ है और परिवार में खुशी का माहौल है। वे कहते हैं कि यह योजना उनके लिए उम्मीद की नई किरण साबित हुई है।
- रायपुर। महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने मंगलवार को भटगांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम शिवप्रसाद नगर स्थित धान खरीदी केंद्र का निरीक्षण किया। उन्होंने धान खरीदी की व्यवस्था, किसानों को दी जा रही सुविधाओं, मापक यंत्रों, तौल व्यवस्था तथा धान उपार्जन की संपूर्ण प्रक्रिया का बारीकी से अवलोकन किया।निरीक्षण के दौरान मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने केंद्र में पहुंचे किसानों से चर्चा कर उनकी समस्याओं और आवश्यकताओं की जानकारी ली। किसानों ने उन्हें बताया कि धान खरीदी प्रक्रिया सुव्यवस्थित रूप से चल रही है और उन्हें किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो रही है। उन्होंने किसानों से समर्थन मूल्य, तुलाई की गति, बारदाने की उपलब्धता तथा परिवहन व्यवस्था को लेकर भी फीडबैक लिया।मंत्री श्रीमती राजवाड़े कहा कि राज्य सरकार किसानों से समय पर और पारदर्शी तरीके से धान खरीदी के लिए कृतसंकल्पित है। किसानों की मेहनत और उत्पादन का उचित मूल्य दिलाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया कि केंद्र में लगाए गए सीसीटीवी कैमरों की नियमित मॉनिटरिंग की जाए और किसी भी प्रकार की अनियमितता पर तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।निरीक्षण के दौरान स्थानीय जनप्रतिनिधि, कृषकगण और ग्रामवासी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
- रायपुर,। समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने 3 दिसंबर अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस पर सभी दिव्यांगजन और उनके परिजनों को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन समाज के अभिन्न अंग हैं और उनकी विशेष क्षमताएँ हमारे सामाजिक एवं आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।श्रीमती राजवाड़े ने कहा कि दिव्यांगता किसी व्यक्ति की कमजोरी नहीं, बल्कि उनकी विशिष्ट पहचान और हिम्मत का प्रतीक है। हमें उन्हें सहानुभूति नहीं, बल्कि समान अवसर और सम्मानजनक सहयोग देना चाहिए।मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने कहा कि राज्य सरकार दिव्यांगजनों के पुनर्वास, शिक्षा, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा के लिए निरंतर कार्य कर रही है और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ना सरकार की प्राथमिकता है। मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने समाज से अपील की कि सभी मिलकर ऐसा वातावरण बनाएं, जहाँ दिव्यांगजन सम्मान और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ सकें। अंत में उन्होंने दिव्यांगजन के उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति हम सभी के लिए प्रेरणा है।
- -प्रवासी पक्षियों के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु किए महत्त्वपूर्ण दिए निर्देशरायपुर।, प्रसिद्ध गिधवा-परसदा पक्षी विहार अपने प्राकृतिक सौंदर्य, शांत वातावरण तथा हर वर्ष बड़ी संख्या में आने वाले प्रवासी पक्षियों के लिए जाना जाता है। वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री केदार कश्यप ने मंगलवार को बेमेतरा नवागढ़ ब्लॉक स्थित गिधवा-परसदा पक्षी विहार का दौरा किया।मंत्री श्री कश्यप ने यहां विभिन्न तालाबों, प्राकृतिक आर्द्रभूमि, संरक्षण क्षेत्रों तथा प्रवासी पक्षियों के आसरे स्थलों का निरीक्षण कर विस्तृत जानकारी प्राप्त की। इस दौरान प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री वी. श्रीनिवास राव, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक श्री अरुण पांडे, मुख्य वन संरक्षक दुर्ग सुश्री एम. मर्सी बेला, कलेक्टर श्री रणवीर शर्मा,वन मंडलाधिकारी दुर्ग श्री दीपेश कपिल उपस्थित रहे।वन मंत्री श्री कश्यप ने अधिकारियों से वर्तमान मौसम में गिधवा-परसदा पहुंची प्रवासी पक्षियों कि प्रजातियों, अनुमानित संख्या, प्रवास काल, आहार प्रणाली तथा प्रजनन व्यवहार के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी ली। उन्होंने विशेष रूप से बारहेड गूज, नॉर्दर्न शवलर, कॉमन टील, पिनटेल डक, पेंटेड स्टॉर्क, ओपनबिल्ड स्टॉर्क, ब्लैक-नेक्ड स्टॉर्क, सारस क्रेन सहित कई विदेशी प्रजाति पक्षियों के आगमन पर संतोष व्यक्त किया। मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि गिधवा-परसदा वेटलैंड राज्य ही नहीं, बल्कि देश के प्रमुख बर्ड-वॉचिंग स्थल के रूप में उभर रहा है।वन मंत्री श्री कश्यप ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रवासी पक्षियों के सुरक्षित प्रवास हेतु वेटलैंड क्षेत्र में मानवीय हस्तक्षेप न्यूनतम रखा जाए। विदेशी प्रजाति पक्षियों के अवैध शिकार, शोर-शराबा एवं अनियंत्रित मानव गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध सुनिश्चित किया जाए। तालाबों में जल का स्तर एवं प्राकृतिक आहार व्यवस्था संतुलित बनाए रखने हेतु वैज्ञानिक प्रबंधन अपनाया जाए।गिधवा-परसदा को इको-पर्यटन के रूप में विकसित करने की कार्ययोजना तैयार की जाए, ताकि स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार के अवसर मिल सकें। उन्होंने यह भी कहा कि प्रवासी पक्षियों की उपस्थिति प्रदेश की जैवविविधता का महत्वपूर्ण संकेत है। इसे संरक्षित रखने में किसी भी प्रकार की कमी नहीं रहनी चाहिए। इस अवसर पर कलेक्टर ने क्षेत्र में चल रहे संरक्षण कार्यों एवं प्रबंधन के उपायों की जानकारी मंत्री को दी। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा वेटलैंड संरक्षण, सफाई अभियान, पक्षी मित्र दल का गठन तथा जागरूकता कार्यक्रम निरंतर चलाए जा रहे हैं।मंत्री श्री कश्यप ने आसपास के ग्रामीणों से चर्चा कर पक्षी विहार से जुड़े उनके अनुभव एवं सुझाव भी सुने। ग्रामीणों ने बताया कि हर वर्ष अक्टूबर-मार्च के दौरान पक्षियों के आगमन से क्षेत्र में पर्यावरणीय गतिविधियां और पर्यटन बढ़ता है। मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि गिधवा-परसदा के विकास में स्थानीय समुदाय की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर वन विभाग के अधिकारी, नवागढ़ ब्लॉक प्रशासन, स्थानीय पर्यावरण प्रेमी तथा कर्मचारीगण उपस्थित रहे।मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि राज्य सरकार की मंशा है कि गिधवा-परसदा पक्षी विहार को राष्ट्रीय स्तर के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय बर्ड-वॉचिंग सर्किट में भी शामिल किया जाए। इसके लिए आधारभूत सुविधाओं का विकास, सूचनात्मक साइनबोर्ड, बर्ड वॉचिंग टॉवर, सोलर लाइटिंग, जैवविविधता अध्ययन केंद्र जैसी योजनाओं पर विस्तार से कार्य किया जाएगा। निरीक्षण के अंत में मंत्री श्री कश्यप ने अधिकारियों से कहा कि इस प्राकृतिक धरोहर को सुरक्षित रखने के लिए सभी विभाग समन्वय पूर्वक कार्य करें और आने वाले प्रवासी पक्षियों के लिए सुरक्षित एवं अनुकूल वातावरण सुनिश्चित करें।
- -अभी तक 971 क्विंटल से अधिक धान जब्त, 19 लाख 42 हजार रुपये मूल्य का प्रकरण दर्जरायपुर ।खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में अवैध धान खरीदी-बिक्री पर रोकथाम के लिए जिला प्रशासन लगातार कार्रवाई कर रहा है। शासन की मंशा के अनुरूप यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि जिले में केवल वास्तविक एवं पात्र किसानों से ही उनके वास्तविक रकबे के आधार पर धान खरीदी हो सके। इसी उद्देश्य से कोचियों, व्यापारियों और अवैध धान विक्रेताओं पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।जिले में 1 दिसंबर तक राजस्व, खाद्य, कृषि उपज मंडी और अन्य संबंधित विभागों की संयुक्त टीमों द्वारा कुल 19 लाख 42 हजार रुपये मूल्य के 971 क्विंटल से अधिक धान जब्त किया गया है। कलेक्टर के निर्देशानुसार 1 दिसंबर को कृषि उपज मंडी और खाद्य विभाग की टीमों ने कई स्थानों पर छापेमार कार्रवाई की। गोकना के भोज राम साहू के फॉर्म से 12 क्विंटल धान, खत्री ट्रेडर्स के गोदाम से 40.80 क्विंटल, गुरुदेव ट्रेडर्स खैरागढ़ से 50 क्विंटल, जैन कुंदन कमलेश फॉर्म खैरागढ़ से 31 क्विंटल, सम्यक ट्रेडर्स खैरागढ़ से 80 क्विंटल, मेसर्स अशोक कुमार जंघेल गंडई से 30 क्विंटल और चंदन मल सुगमचंद जैन गंडई से 51 क्विंटल धान जब्त किया गया। इन सभी प्रकरणों का कुल मूल्य लाखों में दर्ज किया गया है।समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के दौरान भी प्रशासन द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है। 14 नवंबर को 120.10 क्विंटल, 21 नवंबर को 289.4 क्विंटल, 22 नवंबर को 96 क्विंटल, 23 नवंबर को 70 क्विंटल, 26 नवंबर को 56 क्विंटल, 27 नवंबर को 44 क्विंटल अवैध धान जब्त किया गया है। कलेक्टर ने स्पष्ट किया है कि किसानों के हित में खरीदी कार्य को पारदर्शी बनाए रखने के लिए आगे भी इसी प्रकार की कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी, और अवैध खरीदी-बिक्री में संलिप्त किसी भी व्यक्ति के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
- -दूरस्थ गांवों को मिलेगी नई जीवन रेखारायपुर। बस्तर अपनी घनी वन सम्पदा और दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों के कारण अक्सर आवागमन की चुनौतियों का सामना करता रहा है, जहां सैकड़ों बसाहटें मुख्यधारा से कटी हुई थीं। इन विषम परिस्थितियों के बावजूद केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनातंर्गत जिले के अंदरूनी बसाहटों को बारहमासी आवागमन सुविधा से जोड़ने के लिए डामरीकृत पक्की सड़कों का निर्माण लगातार किया जा रहा है। इसी कड़ी में अभी हाल ही में भारत सरकार से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनातंर्गत फैज-4 के तहत जिले में 240 करोड़ 68 लाख रुपये की लागत से 87 नई सड़कों के निर्माण को मंजूरी मिल गई है।इन सड़कों की कुल लंबाई करीब 237 किलोमीटर है, जो बस्तर के ग्रामीण और दूरस्थ निवासियों के लिए एक वास्तविक जीवनरेखा साबित होंगी। यह परियोजना केवल सड़कों का निर्माण नहीं, बल्कि उन विरल आबादी वाले क्षेत्रों तक विकास, स्वास्थ्य सुविधाओं और शिक्षा की पहुँच सुनिश्चित करने का एक मजबूत प्रयास है।पीएमजीएसवाय के अंतर्गत स्वीकृत इन सड़कों में कई ऐसी हैं जो विशेष रूप से दुर्गम क्षेत्रों को जोड़ती हैं। इनमें प्रमुख हैं जगदलपुर विकासखण्ड की तिरिया से पुलचा तक की 14.40 किलोमीटर लंबी सड़क और लोहण्डीगुडा विकासखण्ड की बारसूर पल्ली रोड से कचेनार तक 7.50 किलोमीटर की कनेक्टिविटी, जो स्थानीय निवासियों के लिए बाजार, स्कूल, अस्पताल और सरकारी कार्यालयों तक पहुंचाना आसान बनाएगी। सबसे चुनौतीपूर्ण माने जाने वाले दरभा विकासखण्ड में, दरभा कोलेंग रोड से खासपारा ककालगुर, लेण्ड्रा अटल चैक से भाटागुडा जैसे महत्वपूर्ण पड़ावों को जोड़ने वाली सड़क तथा पुराने ग्राम पंचायत से पडिया आठगांव एवं कुरेंगापारा रोड से जालाघाटपारा व्हाया चालकीपारा तक की सड़कें भी शामिल हैं। ये सभी नाम उन बसाहटों के हैं जहां बेहतर कनेक्टिविटी अत्यंत आवश्यक थी।इस परियोजना के तहत बकावंड और लोहांडीगुड़ा जैसे विकासखंडों में सर्वाधिक 50 किलोमीटर से अधिक लंबी सड़कें स्वीकृत की गई हैं। कुल 87 सड़कों का यह विशाल नेटवर्क बस्तर के लोगों को न केवल सुगम आवागमन प्रदान करेगा, बल्कि विषम परिस्थितियों में रहने वाले प्रत्येक ग्रामीण तक शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ बिना किसी बाधा के पहुंचना भी सुनिश्चित करेगा। यह स्वीकृति बस्तर के समग्र सामाजिक-आर्थिक उत्थान की दिशा में एक निर्णायक कदम है।
- रायपुर। बस्तर जिले के लोहांडीगुड़ा विकासखंड के ग्राम पंचायत छिंदगांव की 49 वर्षीय बोदे बाई का जीवन वर्षों तक एक जीर्ण-शीर्ण, कच्चे कमरे में कठिनाइयों से भरा रहा। बरसात हो या कड़ाके की सर्दी, हर मौसम उनके परिवार के लिए नई मुसीबत लेकर आता था। सीलन, चूहों का आतंक, टूटी दीवारें और असुरक्षित माहौल इन सबने मिलकर अक्सर उनके बच्चों के स्वास्थ्य को बिगाड़ दिया। आर्थिक तंगी के कारण न तो वे घर की मरम्मत कर पाती थीं और न ही बीमारी के दिनों में दवाइयों का इंतजाम करना उनके लिए आसान था। जीवन की इन कठिन परिस्थितियों के बीच, उन्हें उम्मीद तब मिली जब ग्राम पंचायत के माध्यम से उन तक प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की जानकारी पहुंची।सूचना मिलते ही बोदे बाई ने बिना देर किए उत्साह के साथ आवेदन किया और जल्द ही उनका नाम दो कमरों वाले मकान की लाभार्थी सूची में शामिल हो गया। योजना की स्वीकृति मिलने के बाद उनके जीवन में बदलाव का सिलसिला शुरू हुआ। सरकार द्वारा निर्धारित एक लाख बीस हजार रुपए की सहायता राशि उन्हें चरणबद्ध रूप से मिली, जिसने उनके सपने को साकार करने की नींव रखी। निर्माण कार्य में गति बनाए रखने के लिए उन्हें मनरेगा के तहत 90 दिनों की मजदूरी भी प्राप्त हुई, जिससे उनका आर्थिक बोझ काफी कम हो गया। इसके अलावा, घर निर्माण की कुछ अतिरिक्त आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उन्होंने ग्राम संगठन से 12 हजार रुपए का सीआईएफ लोन लिया, जिसके सहारे निर्माण कार्य समय पर पूरा हो सका। इस पूरे निर्माण के दौरान, आवास मित्र और पंचायत सचिव ने उन्हें तकनीकी सहयोग प्रदान किया।आज बोदे बाई अपने परिवार के साथ एक मजबूत, सुरक्षित और स्वच्छ पक्के मकान में रह रही हैं। यह नया घर केवल एक छत नहीं है, बल्कि इसमें शौचालय, बिजली और पेयजल जैसी सभी मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध हैं। वर्षों तक कठिनाइयों का सामना करने के बाद, अब उनके चेहरे पर सुकून और संतोष की चमक साफ दिखाई देती है। कच्चे घर की असुरक्षा से निकलकर पक्के मकान की सुरक्षा तक का यह सफर उनके लिए महज एक भौतिक बदलाव नहीं, बल्कि आत्म-सम्मान और भरोसे की एक नई शुरुआत है।बोदे बाई कहती हैं कि यह घर उनके जीवन में स्थिरता लेकर आया है और उन्हें भविष्य के प्रति नया विश्वास मिला है। उनका मानना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना ने न केवल उन्हें एक मकान दिया, बल्कि सम्मानित और सुरक्षित जीवन जीने का अवसर भी प्रदान किया है। उनकी यह सफलता ग्रामीण क्षेत्रों में योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन का सशक्त उदाहरण है, जो यह साबित करती है कि सही सरकारी समर्थन और सामुदायिक सहयोग से किसी भी परिवार के सपने पूरे हो सकते हैं।
- -बस्तर ओलंपिक में दंतेवाड़ा वॉलीबॉल टीम सदस्य, अब कर रही संभाग स्तरीय मुकाबलों की तैयारी-नक्सल प्रभावित क्षेत्र के बच्चे लौट रहे मैदानों की ओररायपुर। दंतेवाड़ा जिले के नक्सल प्रभावित दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र से आने वाली कोसी ने बस्तर ओलंपिक में अपनी वॉलीबॉल टीम के साथ दंतेवाड़ा जिला स्तरीय प्रतियोगिता में प्रथम स्थान हासिल कर नया इतिहास रच दिया है। यह उपलब्धि सिर्फ एक खिलाड़ी की नहीं, बल्कि उस पूरे क्षेत्र की जीत का प्रतीक बन गई है, जहां वर्षों से संघर्ष, भय और चुनौतियाँ बच्चों के सपनों पर हावी रही हैं।किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाली कोसी बचपन से ही कठिन परिस्थितियों के बीच पली-बढ़ी। खेती-बाड़ी और रोज़मर्रा की समस्याओं से जूझते परिवार में कोसी ने बॉलीबाल खेल को एक उम्मीद की रोशनी की तरह देखा और लगातार मेहनत से अपने कौशल को निखारा। उसके पिता किसान हैं और भाई-बहन आज भी गाँव में कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, लेकिन कोसी की सफलता पूरे परिवार और गांव के लिए गर्व का क्षण बनकर आई है।एकलव्य परिसर जवांगा ने कोसी की प्रतिभा को पहचाना, उसे प्रशिक्षण, संसाधन और अवसर प्रदान किए। इसी सहयोग और उसके अथक प्रयासों की बदौलत अब कोसी संभाग स्तरीय बस्तर ओलंपिक के मुकाबलों की तैयारी में जुटी है। उसकी यह प्रगति न केवल खेल उपलब्धि है, बल्कि उस सामाजिक परिवर्तन का संकेत भी है, जिसमें नक्सल प्रभावित क्षेत्र के बच्चे मैदानों की ओर लौट रहे हैं।इलाके में खेल सुविधाओं की कमी, सीमित मैदान व सुरक्षा संबंधी चुनौतियों के बावजूद कोसी जैसी बेटियों ने खेल को अपना साहस बनाया है। कोसी की सफलता इस बात का प्रमाण है कि अवसर मिले तो धुर नक्सल क्षेत्रों से भी बेहतरीन खिलाड़ी तैयार हो सकते हैं।खेल विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सरकार और खेल विभाग से आगे भी पर्याप्त सहयोग मिलता रहा, तो कोसी आने वाले समय में राष्ट्रीय स्तर पर न केवल बस्तर का, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ का नाम रोशन कर सकती है। उसकी कहानी उस नई पीढ़ी की कहानी है, जो बंदूकों की छाया से निकलकर खेल के मैदानों में अपनी पहचान बनाने की राह पर हैं।
- रायपुर ।समावेशी शिक्षा के सिद्धांत को नई ऊर्जा देते हुए सर्व शिक्षा अभियान, जिला बस्तर द्वारा विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर दिव्यांग छात्र-छात्राओं के लिए विशेष खेलकूद प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है। यह अनोखा आयोजन आज इंदिरा प्रियदर्शिनी स्टेडियम जगदलपुर में सुबह 10 बजे से आरंभ होगा, जिसके लिए सभी विकासखंडों को आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य न केवल दिव्यांग छात्र-छात्राओं की खेल प्रतिभा को मंच देना है, बल्कि उनमें आत्मविश्वास, सहभागिता और उत्साह का संचार करना भी है। जिले के सभी सात विकासखंडों से कुल 105 दिव्यांग छात्र-छात्राएं इस आयोजन में हिस्सा लेंगे।उक्त प्रतियोगिता को प्राथमिक, माध्यमिक और हायर सेकेण्डरी स्तर पर विभाजित किया गया है, जिनके अनुरूप रोचक स्पर्धाएं तय की गई हैं। इनमें कुर्सी दौड़, जलेबी दौड़, 50 मीटर स्प्रिंट, स्प्रिट बॉल थ्रो, गोला फेंक, फुटबॉल, मटका फोड़, एकल गीत और सामूहिक गीत जैसी प्रतिस्पर्धाएं शामिल हैं, जो न केवल बच्चों की क्षमताओं को परखेंगी बल्कि उनके भीतर आनंद और आत्मविश्वास भी जगाएंगी। दिव्यांगजन की प्रतिभा, संवेदना और खेल भावना को सम्मान देने के उद्देश्य से आयोजित यह प्रतियोगिता समाज में समावेशी शिक्षा के महत्व को पुनः रेखांकित करने वाला एक प्रेरक कदम साबित होगी।
- रायपुर। दुर्ग जिले के कुर्मीगुंडरा गांव के मेहनतकश किसान श्री भीखमलाल वर्मा के लिए धान खरीदी का मौसम हमेशा उम्मीद और उत्साह लेकर आता है। खेतों में धूप हो या तेज़ बारिश, कीचड़ में घंटों खड़े रहकर की गई उनकी मेहनत का असली मूल्य इसी मौसम में मिलता है। किसानों के लिए धान खरीदी किसी त्योहार से कम नहीं होती क्योंकि इसी पर पूरे साल का घर‐परिवार, बच्चों की पढ़ाई और रोजमर्रा की ज़रूरतें टिकी रहती हैं।इस वर्ष श्री भीखमलाल वर्मा ने तकनीक का लाभ उठाते हुए ऑनलाइन टोकन कटवाया और तय तारीख़ पर उपार्जन केन्द्र कुर्मीगुंडरा में पहुंचे। हाथों में टोकन लिए, उनके चेहरे पर संतोष और राहत साफ दिखाई दे रही थी क्योंकि वे जानते थे कि अब उनकी मेहनत का हर दाना समय पर और सुरक्षित तौला जाएगा।उनके पास कुल 2.38 हेक्टेयर रकबा है, जिसके आधार पर उन्हें दो टोकन जारी हुए। निर्धारित समय पर पहुंचकर उन्होंने कुल 123 क्विंटल धान का विक्रय किया। खरीदी की प्रक्रिया सुगमता से पूरी हुई तो श्री भीखमलाल के चेहरे पर चमकते संतोष ने मानो सारी थकान मिटा दी। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि टोकन मिलते ही लगा कि अब सब काम बिना परेशानी के पूरा हो जाएगा। मेहनत की कीमत समय पर मिले, यही किसान की सबसे बड़ी खुशी है।ऑनलाइन टोकन व्यवस्था ने न केवल उनके समय की बचत की, बल्कि खरीदी केंद्र में अनावश्यक भीड़ और इंतज़ार से भी मुक्ति दिलाई। श्री भीखमलाल जैसे हजारों किसानों के लिए यह व्यवस्था अब उम्मीद, भरोसे और सुगमता का नया रास्ता बन चुकी है।
- -मंत्री गजेन्द्र यादव ने किया आह्वान—“हर घर में कान्हा की प्रतिमा स्थापित करें, रोज पूजा करें और सप्ताह में एक दिन परिवार संग भोजन अवश्य करें”रायपुर ।यादव समाज द्वारा राजिम में श्रद्धा, उत्साह और गरिमा के साथ गीता जयंती महोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश के स्कूल शिक्षा एवं विधि-विधायी मंत्री गजेन्द्र यादव शामिल हुए। क्षेत्रीय विधायक रोहित साहू, नगर पालिका गरियाबंद के अध्यक्ष रिखी यादव, नगर पंचायत राजिम के अध्यक्ष महेश यादव, फिंगेश्वर जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष सतीश यादव सहित समाज के अनेक पदाधिकारियों एवं बड़ी संख्या में क्षेत्र वासी उपस्थित रहे।कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान श्रीकृष्ण, राधाजी और मां सरस्वती की वंदना व पूजन के साथ हुआ। उपस्थित कलाकारों एवं समाजजनों ने भजन, स्तुति और गीता के सस्वर पाठ से वातावरण को आध्यात्मिक बना दिया। समारोह को संबोधित करते हुए मंत्री गजेन्द्र यादव ने यादव समाज की एकजुटता और सांस्कृतिक भावना की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि गीता जयंती का आयोजन राजिम अंचल के लिए गौरव की बात है। उन्होंने श्रीमद्भगवद्गीता के उपदेशों को आज भी प्रासंगिक बताते हुए कहा—हर घर में भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा स्थापित हो। प्रतिदिन लड्डू गोपाल की विधिवत पूजा करना चाहिए। सप्ताह में एक दिन पूरा परिवार साथ बैठकर भोजन करे, जिससे प्रेम, संवाद और अपनत्व बना रहता है।मंत्री यादव ने मंच से उपस्थित सभी परिवारों से आग्रह किया कि व्यस्ततम जीवन में भी सप्ताह में एक दिन अवश्य सामूहिक भोजन करें और परिवार के सदस्यों के सुख-दुख को साझा करें। राजिम विधायक रोहित साहू ने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता धर्म, कर्म और जीवन जीने की सही दिशा देती है। उन्होंने यादव समाज द्वारा आयोजित इस भव्य आयोजन के लिए सभी पदाधिकारियों एवं सदस्यों का आभार व्यक्त किया और इसे संस्कृति-संस्कारों को सहेजने की महत्वपूर्ण पहल बताया।इस अवसर पर कोसरिया यादव समाज के जिलाध्यक्ष रामानंद यादव, ठेठवार यादव समाज के जिलाध्यक्ष पुरुषोत्तम यादव, झेरिया यादव समाज के जिलाध्यक्ष भुवन यदु, बड़े कोसरिया यादव समाज के जिलाध्यक्ष हेमलाल यादव, मग्धा यादव समाज के प्रमुख केनूराम यादव, भोरतिया यादव समाज के प्रमुख पन्ना लाल यादव, महिला प्रकोष्ठ कोसरिया की जिलाध्यक्ष मोतिम यादव, महिला प्रकोष्ठ झेरिया की जिलाध्यक्ष भुनेश्वरी यादव सहित बड़ी संख्या में समाजजन कार्यक्रम में शामिल हुए।
- रायपुर। जिला प्रशासन के निर्देशानुसार खरीफ विपणन वर्ष 2025 अंतर्गत कोण्डागांव जिले में धान खरीदी के दौरान धान के अवैध परिवहन और भण्डारण पर कड़ी निगरानी रखी जा रही हैं। इसी क्रम में बड़ेडोंगर एवं सलना में 726 धान की बोरी अवैध परिवहन करते पाए जाने पर जप्ती की कार्यवाही की गई है। जिला प्रशासन द्वारा स्पष्ट किया गया है कि धान के अवैध परिवहन, भंडारण और विक्रय पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही किसानों से अपील की गई है कि वे अपना पंजीकृत धान निर्धारित उपार्जन केंद्रों में ही बेचें।खाद्य अधिकारी ने बताया कि ग्राम सलना नाका के आगे भारत माला परियोजना के समीप खाद्य विभाग और मंडी विभाग के उड़न दस्ता दल गुलशन नन्द ठाकुर खाद्य निरीक्षक, मिनेश वर्मा खाद्य निरिक्षक, मुकेश कश्यप मंडी निरीक्षक द्वारा औचक निरीक्षण के दौरान वाहन क्रमांक सीजी 08 एल2563 में कुल 550 बोरा धान का बैक डेट के अनुग्या के अवैध परिवहन करते पाया गया। उक्त धान को अवैध ढंग से खपाने को लेकर अग्रिम जाँच तक पुलिस थाना विश्रामपुरी को सपुर्द कर आगे की कार्यवाही की जा रही है।फरसगांव अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के नेतृत्व में राजस्व, खाद्य एवं मंडी विभाग की संयुक्त टीम ने क्षेत्र में वाहनों की जांच के दौरान फरसगांव से बड़ेडोगर रोड में दो वाहनों में नियम विरुद्ध 176 बोरी धान परिवहन करते पाया गया, जिसे जांच के बाद मंडी अधिनियम के अंतर्गत कुल जब्ती की कार्यवाही की गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार पिकअप वाहन क्रमांक सीजी 27 एल 4836 से 70 बोरी धान और 407 वाहन क्रमांक सीजी 17 एच 2993 से 105 बोरी धान जप्त किया गया है। दोनों वाहनों में भरा हुआ धान बड़ेडोगर निवासी लखन प्रसाद साहू का होना पाया गया है।
- - राइस मिल से 800 कट्टा धान जप्त, कुल 1460 कट्टा अवैध धान जप्तमहासमुंद / खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के अंतर्गत राज्य शासन की मंशा के अनुरूप कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह द्वारा जिले में अवैध धान परिवहन और भंडारण पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए गए गए हैं। कलेक्टर के निर्देश पर राजस्व, मंडी, खाद्य एवं पुलिस विभाग की संयुक्त टीमें जांच चौकियों, राइस मिलों और उपार्जन केंद्रों में लगातार छापेमारी कर रही हैं। राइस मिलों में भी स्टॉक वेरीफिकेशन का कार्य निरंतर जारी है। इसी क्रम में मंगलवार को जिले में अलग-अलग मामलों में संयुक्त टीमों द्वारा कुल 1460 कट्टा अवैध धान जप्त किया गया है।विकासखंड पिथौरा के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पिथौरा श्री बजरंग वर्मा के नेतृत्व में आज सपनेश्वर राइस इंडस्ट्री, नरसिंहपुर में हुए भौतिक सत्यापन में 9232.8 क्विंटल (23082 कट्टा) धान कम पाया गया। मिल में मौजूद 800 कट्टा धान को तत्काल जब्त कर प्रशासनिक कार्यवाही शुरू की गई। वहीं जगदीशपुर रोड पर ट्रैक्टर से अवैध रूप से ले जाए जा रहे 75 पैकेट धान को पकड़ा गया। वाहन व धान को जप्त कर थाना बसना को सौंपा गया। इसी तरह पिरदा समिति में किसान द्वारा लाए गए 135 बोरी पुराने धान को नियम विरुद्ध पाए जाने पर जप्त किया गया। पूरा प्रकरण मंडी सचिव को मंडी अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई हेतु सुपुर्द किया गया है।इसी तरह सरायपाली विकासखण्ड अंतर्गत अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सरायपाली श्रीमती अनुपमा आनंद के नेतृत्व में ग्राम गनियारिपाली में कार्रवाई की गई। यहां संयुक्त टीम द्वारा 450 कट्टा अवैध धान बरामद किया गया, जिसे आवश्यक कार्यवाही हेतु थाना सिंघोड़ा को सुपुर्द किया गया।कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह ने कहा कि जिले की सभी राइस मिलों में भौतिक सत्यापन लगातार जारी रहेगा। स्टॉक में किसी भी भी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। धान खरीदी प्रक्रिया में पारदर्शिता, निष्पक्षता और सुचारू व्यवस्था सुनिश्चित करने सतत निगरानी सतत जारी रहेगी।





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