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- शुक्र मार्च की शुरुआत में ही अपनी चाल में बदलाव करेंगे। शुक्र की वक्री चाल का अर्थ उलटी चाल से है। शुक्र अपनी उच्च राशि मीन राशि में उलटी चाल चलेंगे और मेष से लेकर तक सभी 12 राशियों को प्रभावित करेंगे। शुक्र के मीन राशि में वक्री होने से कुछ राशियों का अच्छा समय आएगा। इन राशि वालों की धन-दौलत में वृद्धि के साथ नौकरी में तरक्की देखने को मिल सकती है।शुक्र कब वक्री होंगे-ज्योतिष गणना के अनुसार, शुक्र 2 मार्च 2025 को सुबह 06 बजकर 04 मिनट पर वक्री होंगे और 13 अप्रैल 2025 को सुबह 06 बजकर 31 मिनट पर मार्गी होंगे।किन राशियों को होगा लाभ-1. कर्क राशि- कर्क राशि वालों के लिए शुक्र की उलटी चाल अनुकूल रहेगी। कर्क राशि के भाग्य भाव में शुक्र उलटी चाल शुरू करेंगे। इस दौरान आपको भाग्य का साथ मिलेगा। आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। नौकरी चाकरी की स्थिति अच्छी होगी। अपने से बड़े बुजुर्गों का पूरा-पूरा सहयोग मिलेगा। आय में वृद्धि मिलने के संकेत हैं। लव लाइफ अच्छी रहेगी।2. धनु राशि- धनु राशि वालों के लिए शुक्र की उलटी चाल लाभकारी सिद्ध हो सकती है। किसी नए व्यापार की शुरुआत करना चाहते हैं तो शुरुआत कर दें। शुभ समय है। सधी हुई वाणी रहेगी। भौतिक सुखों में वृद्धि होगी। कुटुंबों में वृद्धि होगी। धन का आवक बढ़ेगा। जीवनसाथी के साथ अच्छा समय गुजारेंगे। यात्रा के योग हैं।3. मीन राशि- मीन राशि के प्रथम भाव में शुक्र वक्री होंगे। इस अवधि में लोग आपके व्यक्तित्व से प्रभावित होंगे। लव लाइफ बढ़िया होगी। नौकरी व व्यवसाय में आप अच्छी स्थिति में आएंगे। पारिवारिक जीवन अच्छा रहेगा। जिस चीज की जरूरत होगी उसकी उपलब्धता होगी। आकर्षण के केंद्र बने रहेंगे। आर्थिक रूप से उन्नति मिलेगी। कार्यस्थल पर कोई बड़ी उपलब्धि हासिल कर सकते हैं।
- पंडित प्रकाश उपाध्याय से जानें आज का स्वास्थ्य राशिफलमेषआज के दिन मेष राशि के जातकों के लिए यह दिन ऊर्जा से भरपूर रहेगा। आज के दिन आपको स्वास्थ्य को नजरअंदाज बिलकुल नहीं करना चाहिए। आज के दिन आपको ध्यान और मेडिटेशन जैसी एक्टिविटीज के लिए भी समय निकालना चाहिए।वृषभवृषभ राशि के लिए आज का दिन स्वास्थ्य पर ध्यान देने का है। आज के दिन आपको अपनी मेंटल हेल्थ को लेकर थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है। आज आपको अपने ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने के लिए खुद पर ध्यान देना चाहिए।मिथुनमिथुन राशि के जातकों के लिए आज का दिन स्वास्थ्य के लिहाज से अच्छा है। इसे और बेहतर बनाए रखने के लिए आपको संतुलन में रहना चाहिए साथ ही साथ तनावपूर्ण स्थितियों से भी बचना चाहिए।कर्ककर्क राशि के जातकों के लिए आज स्वास्थ्य अहम मुद्दा हो सकता है। आज के दिन आपको अपनी स्किन के साथ-साथ शरीर को हाइड्रेट रखने पर भी ध्यान देना आवश्यक है।सिंहसिंह राशि के जातकों को आज के दिन बहुत ज्यादा शारीरिक गतिविधियां करने से बचने की जरूरत है। आज के दिन जरूरत से ज्यादा की गई गतिविधियां आपको स्वास्थ्य संबंधी घेरों में डाल सकती है।कन्याकन्या राशि के जातकों के लिए आज का दिन स्वास्थ्य के लिहाज से अच्छा बीत सकता है। आज के दिन आपको अपनी मेंटल हेल्थ को भी उतनी ही प्राथमिकता देनी चाहिए जितनी की फीजिकल हेल्थ को।तुलातुला राशि के जातकों के लिए आज का दिन शरीर को आराम देने और पोषण पर ध्यान देने का है। अगर आप किसी स्वास्थ्य संबंधी समस्या से परेशान हैं तो ऐसे में आयुर्वेदिक थेरेपियां भी कारगर साबित हो सकती हैं।वृश्चिकवृश्चिक राशि के जातकों को आज अपनी शरीर में दिखाई देने वाले संकेतों को बिलकुल नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। अगर आपको कोई पुरानी समस्या है तो हो सकता है कि वह आज के दिन कम हो जाए।धनुधनु राशि के जातकों के लिए दिनभर पॉजिटिव रहना बेहद जरूरी है। आज के दिन आपको पाचन संबंधी समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है। इसलिए बाहर का कुछ भी खाने से परहेज करें।मकरमकर राशि के जातकों के लिए आज का स्वास्थ्य राशिफल अच्छे संकेत दे रहा है। लेकिन, आज के दिन आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि आप शारीरिक रूप से कमजोर तो महसूस नहीं कर रहे हैं।कुंभकुंभ राशि के जातकों के लिए यह दिन स्वास्थ्य में सकारात्मकता ला सकता है। अगर आपका स्वास्थ्य किसी बीमारी की ओर इशारा कर रहा है तो इसे नजरअंदाज करने के बजाय तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।मीनमीन राशि के जातकों के लिए आज का दिन स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की जरूरत है। योग और ध्यान को अपनी दिनचर्या में शामिल करना न केवल आपके फीजिकल हेल्थ बल्कि, मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाए रखेगी।
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पंडित प्रकाश उपाध्याय से जानें आज का स्वास्थ्य राशिफल
मेषआज का दिन ऊर्जा से भरपूर रहेगा, जिससे आपका स्वास्थ्य नियंत्रण में रहने के साथ ही अच्छा बना रहेगा। अपनी डाइट में पोषण युक्त आहार को शामिल करें और भरपूर आराम लें। इससे आपकी सेहत पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। संतुलित दिनचर्या अपनाने से मानसिक और शारीरिक सेहत दोनों बनी रहेगी।वृषभस्वास्थ्य को लेकर आपको हमेशा सजग रहने की जरूरत है। शरीर को स्वस्थ रखने के साथ-साथ मानसिक शांति का भी ध्यान रखना आपके लिए लाभकारी रहेगा। ध्यान और योग के साथ ही किसी शारीरिक गतिविधि को अपनाना आपके स्वास्थ्य को मजबूत बनाएगी।मिथुनआज आपकी ऊर्जा और मानसिक स्थिरता चरम पर होगी। आज के दिन आपको एक सकारात्मक ऊर्जा को बनाए रखने के साथ ही साथ स्वस्थ आदतों को अपनाना चाहिए। आज के दिन आपको पर्याप्त नींद लेने की जरूरत है। अनुशासित जीवनशैली न सिर्फ शरीर को स्फूर्तिवान बनाएगी बल्कि मानसिक रूप से भी आपको आत्मविश्वास से भर देगी।कर्कप्यार, करियर और पैसों के बीच अपनी सेहत को न भूलें। हल्की फुल्की शारीरिक गतिविधि जैसे मॉर्निंग वॉक या योग आपको ऊर्जावान बनाए रखेगा। आज के दिन आपको मानसिक शांति मिलेगी। इसके लिए आपको ताजा और पौष्टिक भोजन खाएं, हाइड्रेटेड रहें और कैफीन का सेवन कम करें।सिंहआज का दिन आपके स्वास्थ्य के लिए सकारात्मक रहेगा। आज के दिन आपको ताकत और फुर्ती बढ़ाने वाले व्यायाम को करना चाहिए। यह आपके लिए फायदेमंद होंगे। कोई नया खेल या डांस क्लास जॉइन करना आपके लिए लाभकारी हो सकता है। इसलिए नींद और विश्राम को नजरअंदाज न करें।कन्याआज के दिन मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इसके लिए आपको ध्यान या योग जैसी गतिविधियों में समय देना चाहिए। शारीरिक फिटनेस के साथ-साथ मानसिक संतुलन भी उतना ही जरूरी है।तुलाआज का दिन आपकी सेहत के लिए अच्छा रहेगा। आज आपको संतुलित आहार लेने के साथ ही कसरत करने पर ध्यान देना चाहिए। ताकि कोई स्वास्थ्य समस्या न हो। व्यायाम, योग और ध्यान आपको ऊर्जावान बनाए रखेगा। जब आप अपने शरीर और मन को सही तरीके से संतुलित करेंगे तो आप भीतर से स्वस्थ महसूस करेंगे।वृश्चिकआज आपको अपने स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। आज के दिन आपको संतुलित आहार लेने के साथ-साथ सक्रिय जीवनशैली अपनानी चाहिए साथ ही पर्याप्त आराम भी करना चाहिए।धनुखराब जीवनशैली अपनाना आपको तनाव की ओर धकेल सकता है। लेकिन अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें। नियमित रूप से व्यायाम करें ताकि मन और शरीर संतुलन में रहें। आज के दिन आपको दौड़ना, डांस करना या ध्यान जैसी गतिविधियों को अपनाना चाहिए। पौष्टिक भोजन लें, पर्याप्त नींद लें और माइंडफुलनेस अपनाएं।मकरआज अपने शरीर को कसरत और व्यायाम करके जरूरत से ज्यादा न थकाएं। अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह बरतना आपके लिए हानिकारक साबित हो सकता है। आज के दिन आपको बीच-बीच में ब्रेक लेते रहना चाहिए। आज के दिन ध्यान करें और पोषणयुक्त आहार लें। जब आप अपनी सेहत का ख्याल रखेंगे, तभी दिनभर ऊर्जावान और केंद्रित रह पाएंगे।कुंभआज अपने शरीर के संकेतों को ध्यान से सुनें। जरूरत से ज्यादा मेहनत करने से स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है, इसलिए संतुलन बनाए रखें। अगर आप फिटनेस या आहार संबंधी कोई नई आदत अपनाने की सोच रहे हैं, तो आज से शुरुआत करना अच्छा रहेगा।मीनआज आपकी ऊर्जा अच्छी दिखाई दे रही है। इस ऊर्जा को सही दिशा में लगाएं, व्यायाम करें या कोई नया फिटनेस रूटीन शुरू करें। ऐसा करने से आपका मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखें। आज के दिन आपको संगीत सुनने के साथ ही ध्यान ध्यान लगाने पर भी ध्यान केंद्रित करना चाहिए। - रत्न शास्त्र में कई रत्नों का जिक्र किया गया है। कुंडली में ग्रहों की स्थिति अनुसार सही रत्न धारण करने से जीवन की मुसीबतों को कम किया जा सकत है। कुछ रत्न बेहद शुभ माने जाते हैं, सूट कर जाएं तो काफी लाभ देते हैं-जीवन में सफलता पाने के लिए धारण करें ये रत्नहीराहीरा रत्न शुक्र ग्रह से संबंधित है, जो ऐश्वर्य, सुंदरता, शोहरत और रोमांस के कारक माने जाते हैं। हीरा धारण करने से शुक्र ग्रह को मजबूत कर सकते हैं। हीरा आपको सूट कर जाए तो सुख-संपदा भी बनी रहती है।ग्रीन जेडजीवन में सफलता पाने और अपने निर्णय लेने की क्षमता को सुधारना चाहते हैं तो ग्रीन जेड नामक रत्न को धारण करें। इस रत्न को धारण करने से दिमाग के फोकस पावर को बढ़ाने में मदद मिलती है। यह स्टोन लक को अट्रैक्ट करता है साथ ही क्रिएटिविटी भी बढ़ाता है।गार्नेटरत्न शास्त्र के अनुसार, जीवन में सफलता पाने व कुंडली में सूर्य ग्रह की स्थिति कमजोर होने पर लाल रंग का गार्नेट धारण करना शुभ माना जाता है। वहीं, इस रत्न को रविवार के दिन अनामिका उंगली में धारण करना चाहिए।नीलमनीले रंग का नीलम रत्न शनि का रत्न माना जाता है। वहीं, हर किसी को नीलम रत्न धारण करने की सलाह नहीं दी जाती है। नीलम सूट कर जाए तो जीवन में सफलता पाने के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है। वहीं, नीलम रत्न धारण करने से शनि देव के अशुभ प्रभाव को कम करने में भी मदद मिलती है।सिट्रीन स्टोनसिट्रीन स्टोन को द लक मर्चेंट स्टोन के नाम से भी जाना जाता है। ये रत्न दिखने में पीले या सुनहरे रंग का होता है। इस रत्न की मदद से आर्थिक समस्याओं को दूर किया जा सकता है।पुखराजपीले रंग का पुखराज बहुत ही प्रभावशाली माना जाता है। इसे धारण करने से धन से जुड़ी दिक्कतें दूर होने लगती हैं। वहीं, पुखराज को तर्जनी उंगली में धारण किया जा सकता है। माना जाता है पुखराज धारण करने से जीवन में सफलता पाने के साथ गुरु ग्रह को मजबूत भी किया जा सकता है।
- -पंडित प्रकाश उपाध्यायआप खाना खाते समय लोगों के मन में एक दूसरे के लिए खराब विचार आते हैं। अगर ऐसा है तो आपके घर के डाइनिंग हॉल का वास्तु ठीक नहीं है। इसे वास्तु के अनुसार सही रखेंगे, तो आप लोग न सिर्फ हेल्दी रहेगें, बल्कि एक दूसरे के साथ आप लोगों के रिलेशन भी अच्छे होंगे। आइए जानें घर में डाइनिंग एरिया का वास्तु किन उपायों से सही होगा।डाइनिंग टेबल किसी भी बीम के नीचे नहीं होनी चाहिए, वरना भोजन करने वाला बहुत दिलचस्पी के साथ भोजन नहीं कर पाएगा। डाइनिंग टेबल को पूर्व दिशा में रख सकते हैं, इसके अलावा इसे पश्चिम दिशा में भी रखा जा सकता है।डाइनिंग टेबल साइज का अनुपात 12 से ज्यादा नहीं होना चाहिए, वरना भोजन करने वालों के मन में कई बार एक दूसरे के प्रति खराब विचार रहते हैं।डाइनिंग टेबल के साथ रखने वाली कुर्सियां हमेशा सम संख्या में ही रखें। इस बात का ध्यान रखें कि डाइनिंग टेबल दीवार से चिपकी नहीं होनी चाहिए। डाइनिंग को टॉयलेट से जुड़ी दीवार के पास नहीं रखना चाहिए।डाइनिंग हॉल की दीवारों का रंग हल्का पीला या क्रीम रखना अच्छा होता है। घर का मुख्य द्वार और डाइनिंग दोनों एक दूसरे के सामने नहीं होनी चाहिए। डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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जीवन में आने वाली उलझनों को दूर करने के लिए वास्तु में कई प्रकार के उपाय बताए गए हैं। इसके अनुसार काम करेंगे, तो जिंदगी में कई प्रकार की परेशानियों का हल होगा। यहां हम ऐसे वास्तु के उपाय बता रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप अपने संकटों को कम करके दुर्भाग्य को भी सौभाग्य में बदल सकते हैं।
मछली को आटे की गोलियां खिलाने से क्या होता है
मछलियों को आटे की गोली अथवा ब्रेड डालें। इससे आपका दुर्भाग्य भी सौभाग्य में बदल जाता है। इसके अलावा घर में पहली रोटी गाय के लिए और आखिरी रोटी कुत्ते के लिए बनाएं।
चींटियों को खिलाएं पंजीरी
प्रतिदिन चीटियों को भुने हुए आटे में पीसी हुई शक्कर मिलाकर डालें। इसे बहुत पुण्य का काम माना गया है। मान्यता है कि चींटियों को भुने हुए आटे में बूरा मिलाकर गोलियां खिलाने से राहु-केतु का प्रभाव कम होता है और शनि के दोष भी कम होते हैं।
पीपल पर जल
रविवार को छोड़कर प्रतिदिन पीपल पर दूध मिला हुआ पानी चढ़ाएं। ऐसा करने से कई प्रकार की परेशानियां कम होती हैं। इससे पितृों की कृपा बनी रहती है।
गणेश जी को नित्य पांच दूर्वा चढ़ाएं
गणेश जी को नित्य पांच दूर्वा चढ़ाएं और आदित्य हृदय स्रोत का नियमित पाठ करें। एक मोरपंख अपनी जेब में रखें।
पानी में हल्दी डालकर नहाएं
गुरुवार को स्नान करते समय पानी में हल्दी डालकर नहाएं। इसे गुरु महाराज की कृपा रहेगी और धन, संतान और विद्या और विवाह से जुड़ी परेशानियां कम होंगी। - हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या का विशेष महत्व है। यह दिन पवित्रता, तपस्या और आत्मशुद्धि का प्रतीक माना जाता है। इस वर्ष मौनी अमावस्या 29 जनवरी बुधवार को मनायी जाएगी। इस दिन श्रद्धालु मौन धारण करके गंगा समेत अन्य पवित्र नदियों में स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित करेंगे। मौनी अमावस्या का शाब्दिक अर्थ है 'मौन रहने वाली अमावस्या'। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन मौन धारण करके नदियों में स्नान करने से व्यक्ति के पापों का नाश होता है और आत्मा शुद्ध होती है। इस दिन गंगा स्नान करने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से जन्म-जन्मांतर के पाप मिट जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।मौनी अमावस्या पर मौन रहना आत्मसंयम का प्रतीक है। यह दिन ऋषि मुनियों और तपस्वियों की तपस्या और साधना की स्मृति को समर्पित है। पौराणिक कथाओं के अनुसार सृष्टि के प्रारंभ में इसी दिन 'मनु' ने अपने मौन व्रत का पालन किया था। इसलिए इसे 'मौनी अमावस्या' कहा जाता है।पुण्य स्नान करने का उपयुक्त समयमौनी अमावस्या के दिन सूर्योदय से पहले मौन धारण कर स्नान करना अत्यधिक शुभ माना जाता है। इस वर्ष स्नान का शुभ मुहूर्त 29 जनवरी को ब्रह्म मुहूर्त से शुरू होगा और पूरे दिन रहेगा। इस दिन श्रद्धालु नदी स्नान के बाद भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा करते हैं। दान-पुण्य का भी विशेष महत्व है। जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन दान करना अत्यंत पुण्यदायी है। इसके साथ ही मौन रहकर आत्मचिंतन करना और अध्यात्म का मार्ग अपनाने का संदेश दिया जाएगा।कुंभ और संगम स्नान का विशेष महत्वजो श्रद्धालु प्रयागराज संगम या कुंभ स्थलों पर स्नान करते हैं, उनके लिए यह दिन और भी खास होता है। संगम में स्नान करना तीन पवित्र नदियों गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में डुबकी लगाने का अवसर प्रदान करता है। यह आत्मशुद्धि और मोक्ष का प्रतीक माना गया है।आत्मचिंतन से मन को मिलेगी आत्मिक शांतिमौनी अमावस्या का व्रत और स्नान व्यक्ति के जीवन में शांति, संयम और सकारात्मकता लाने का कार्य करता है। मौन रहकर आत्मचिंतन करने से मन शांत होता है और व्यक्ति अपने भीतर के सत्य को जानने की ओर अग्रसर होता है। इस वर्ष मौनी अमावस्या पर श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान और पूजा-अर्चना कर अपने जीवन को धर्ममय और पुण्यमय बनाने का प्रयास करेंगे। यह दिन अध्यात्म और आत्म-ज्ञान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
- -पंडित प्रकाश उपाध्यायकर्ज होना व्यक्ति को परेशानियों में डाल देता है। कई बार आर्थिक बैलेंस बिगड़ने के कारण कर्ज लेने की नौबत आ जाती है। कई बार आय से ज्यादा खर्च होने के कारण कर्ज उतारना व्यक्ति को भारी पड़ जाता है और पूरी जिंदगी कर्ज उतारने में ही निकल जाती है। वास्तु शास्त्र में कर्ज से मुक्ति के लिए कुछ उपाय बताए गए हैं। मान्यता है कि इन उपायों को करने से आर्थिक तंगी दूर होती है और कर्ज से छुटकारा मिलता है।वास्तु के अनुसार कर्ज से कैसे छुटकारा पाएंवास्तु शास्त्र के अनुसार, शनिवार को सुबह व शाम पीपल के पेड़ की उपासना करनी चाहिए। इसके साथ ही चौमुखी दीपक जलाना चाहिए और पेड़ की परिक्रमा करनी चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से कर्ज कम होने लगता है।कर्ज से मुक्ति पाने का वास्तु उपायकर्ज से छुटकारा पाने के लिए घर या दुकान में तिजोरी को उत्तर दिशा में रखना चाहिए। मान्यता है कि इस दिशा में मां लक्ष्मी का वास होता है। मान्यता है कि इस दिशा में धन रखने से कर्ज से जल्दी मुक्ति मिलती है।कर्ज से शीघ्र मुक्ति के उपायकर्ज लौटाने के लिए मंगलवार का दिन अत्यंत शुभ माना गया है। मान्यता है कि इस दिन कर्ज लौटाने से व्यक्ति को कर्ज से जल्दी छुटकारा मिलता है।मां लक्ष्मी को कैसे करें प्रसन्नवास्तु के अनुसार, घर या दुकान की उत्तर दिशा में मां लक्ष्मी व भगवान कुबेर की प्रतिमा रखनी चाहिए। हर दिन विधिवत पूजा करनी चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से धन लाभ के योग बनते हैं और कर्ज से छुटकारा मिलता है।कर्ज उतारने का वास्तु उपायदक्षिण-पूर्व दिशा में दोष से कर्ज चुकाना मुश्किल होता है। इस दिशा में रसोई नहीं बनानी चाहिए। अग्नि, बिजली संबंधी उपकरण यहां रखने चाहिए।
- -पंडित प्रकाश उपाध्यायरत्न शास्त्र में जीवन में नकारात्मक ऊर्जा को कम करने के लिए कुछ विशेष रत्नों को धारण करने की सलाह दी जाती है। मान्यता है कि इन रत्नों को धारण करने से लाइफ में पॉजिटिविटी आती है। मन को शांति मिलती और जीवन में संतुलन बना रहता है। ऐसा कहा जाता है कि कुछ खास रत्नों को धारण करने से आसपास में मौजूद नेगेटिविटी को कम करने और टॉक्सिक एनर्जी से छुटकारा पाने में मदद मिलती है। आइए जानते हैं लाइफ से नेगेटिविटी कम करने वाले रत्नों के बारे में...एमेथिस्ट स्टोनएमेथिस्ट रत्न पर्पल रंग का होता है। इसमें मन को शांत रखने के विशेष गुण पाए जाते हैं। मान्यता है कि इस रत्न को धारण करने से अध्यात्म में मन लगता है और मन में नकारात्मक विचार नहीं आते हैं। यह इमोशनल बैलेंस बनाने में भी मदद करता है। कहा जाता है कि इस रत्न को पहनने से मानसिक स्पष्टता मिलती है। तनाव कम होता है और नेगेटिव फीलिंग्स से सुरक्षा मिलती है।हेमेटाइट स्टोनहेमेटाइट स्टोन को 'स्टोन ऑफ माइंड' कहा जाता है। मान्यता है कि इस स्टोन को पहनने से एकाग्रता बढ़ती है और नेगेटिव एनर्जी से सुरक्षा मिलती है। इस रत्न को धारण करने से मूड अच्छा रहता है। मानसिक स्पष्टता के लिए इस रत्न को धारण करना बहुत लाभकारी माना गया है।सिट्रीन स्टोनसिट्रीन स्टोन पीले रंग का होता है। मान्यता है कि इस रत्न को पहनने से लाइफ में पॉजिटिविटी बढ़ती है और नेगेटिविटी कम होती है। ऐसा कहा जाता है कि इस रत्न को धारण करने से जीवन में सुख-समृद्धि औऱ खुशहाली आती है। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। बाधाएं उत्पन्न करने वाली ऊर्जाओं से छुटकारा मिलता है।रोज क्वार्टजलव लाइफ में इमोशनल डिस्टर्बेंस और अन्य समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए रोज क्वार्टज क्रिस्टल धारण करना सबसे लाभकारी माना गया है। यह क्रिस्टल गुलाबी रंग का होता है। इससे पहनने से व्यक्ति के मन को शांति मिलती है। जिन लोगों को सेल्फ डाउट रहता है, उनके लिए रोज क्वार्टज धारण करना लाभकारी साबित हो सकता है। यह पॉजिटिविटी बढ़ाने में कारगर माना जाता है।सेलेनाइटनकारात्मक यादें और नकारात्मक विचार समेत अन्य समस्याओं को दूर करने के लिए सेलेनाइट स्टोन को धारण किया जा सकता है। ऐसी मान्यता है कि यह क्रिस्टल मन को शुद्ध करता है। नेगेटिव एनर्जी कम होती है। मन शांत रहता है। घर में सुख-शांति का माहौल रहता है।
- घर के आसपास के वातावरण को शुद्ध और सकारात्मक रखने के लिए पौधे लगाने बेहद लाभकारी माना गया है। फेंगशुई के अनुसार, कुछ पौधे लगाने से घर की पॉजिटिविटी बढ़ने के साथ जीवन में धन, सुख-समृद्धि और खुशियों का आगमन होता है। इनमें से एक पौधा है क्रासूला। इसे जेड प्लांट, लकी प्लांट और मनी प्लांट के नाम से भी जाना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, यह पौधा नेगेटिविटी दूर करने के साथ घर में बरकत भी लाता है। आदमनी में इजाफा होता है। ऐसा कहा जाता है कि इस पौधे को घर में लगाने से तनाव से मुक्ति मिलती है और मानसिक शांति भी मिलती है। रिश्तों में मिठास आती है और पारिवारिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है, लेकिन फेंगशुई में क्रासुला का पौधा लगाने के कुछ नियम बताए गए हैं। आइए जानते हैंघर में क्रासुला का प्लांट लगाने के फेंगशुई नियम...क्रासुला का पौधा लगाने के फेंगशुई नियमफेंगशुई के अनुसार, क्रासुला का पौधा पूर्व या दक्षिण-पूर्व दिशा में रखना लाभकारी माना गया है। इस दिशा में पौधा रखने से घर में धन का आगमन होता है क्योंकि यह दिशा कुबेर देव से संबंधित मानी जाती है।क्रासुला के पौधे को घर के प्रवेश द्वार के दाहिनी ओर रखना उचित माना गया है। मान्यता है कि इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होगा।फेंगशुई के अनुसार, क्रासुला के पौधे को घर के दक्षिण दिशा में लगाने से बचना चाहिए। इससे नकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं।पौधे को ऐसी जगह रखें। जहां सूर्य का प्रकाश पौधे पर पड़े। पौधे को नियमित पानी दें, लेकिन ध्यान रखें की मिट्टी गीली न रहे। इसे सप्ताह में 3-4 बार पानी दे सकते हैं।
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मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा। देवकली तीर्थ के महंत प्रमोद जी महाराज और आचार्य राजेश मिश्र शास्त्री का कहना है कि 14 जनवरी मंगलवार को मध्यान्ह 2.58 बजे भगवान भास्कर मकर राशि में प्रवेश कर जाएंगे और इसी के साथ सूर्य उत्तरायण भी हो जाएगा, इसलिए इसका पुण्य काल सम्पूर्ण दिन अर्थात 14 जनवरी मंगलवार को मकर संक्रांति (खिचड़ी) का पर्व खूब धूमधाम से मनाया जायेगा और इसी के साथ खरमास समाप्त हो जायेगा। सूर्य भगवान उत्तर पथगामी हो जायेंगे। इसी दिन खिचड़ी के पर्व में मकर संक्रांति का पुण्यकाल दायक स्नान दान पूरे देश में किया जायेगा। पूरा दिन ही पुण्यकाल माना जायेगा। सर्वत्र गंगा नदी अन्यत्र अन्य नदी तीर्थ राज प्रयाग कुंभ नगरी त्रिवेणी संगम स्थान विशेष महत्व एवं कुंआ इत्यादि, सरोवर में स्नान किया जायेगा। इस दिन पर खिचड़ी खाइये, खिलाइये और दान कीजिये। ऊनी वस्त्र शाल, कम्बल, खान पान की सामग्री पंचाग दान किया जायेगा। यह पर्व पूरे देश में विभिन्न स्वरूप में मनाया जाता है।
किस राशि का जातक क्या कर सकता है दान-
मेष, वृश्चिक - लाल कम्बल साल, गुड़, मिठी चटनी, घी, गाजर हलुआ, ताम्र पात्र और चना।
वृष, तुला - सफेद साल, चादर, पात्र, बर्तन, चावल, धूली उड़द, पंचाग, पुस्तक, कापी मूली, चीनी दही, घी, मीठा सफेद रजत (चांदी) गौ।
मिथुन, कन्या - हरा कम्बल, साल, चेक, कम्बल, मूंगदाल, मूग पापड़ और हरी सब्जी।
कर्क, सिंह- सफेद बस्त्र, कम्बल, पात्र, अन्न, मिष्ठान, सब्जी, फल, अंगवस्त्र, गौ, नमक, घी, दही,मूली, आदि चावल और खीचड़ी।
धनु, मीन और तुला - पीला कम्बल, साल, पीला वस्त्र, चना दाल, चावल, मीठा, पंचांग, ग्रंथ, जनेऊ, चंदन, स्वर्ण, कमंडल, वस्त्र,बेसन लडडू।
मकर , कुंभ - खिचड़ी, पापड़, मूल, खजूर, रसगुल्ला, तिल, उर्द दाल, तिल लडडू, काला कम्बल, पादुका, पात्र, साबुन, तेल, अचार और मिर्च।
इनका कहना है कि ऐसा माना जाता है कि हर राशि को पांच वस्तुएं अवश्य दान करना चाहिए। चावल, उरद दाल,दही,अचार , तिल के लड्डू। विद्यार्थीयों के लिए पुस्तक, पेन, ग्रंथ, पंचांग, रामायण आदि दान करने से फायदा होता है। - -पंडित प्रकाश उपाध्यायमाघ कृष्ण पक्ष प्रतिपदा तिथि 14 जनवरी को सूर्य दोपहर दो बजकर 58 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेगा। इस खगोलीय घटना के साथ ही खरमास समाप्त हो जाएगा और शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाएगी। मकर संक्रांति का पर्व हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे पुण्यकाल के लिए विशेष दिन माना जाता है। इसका पुण्यकाल दिन भर रहेगा। स्नान दान के लिए यह पर्व अत्यंत महत्वपूर्ण है।मकर संक्रांति वह समय होता है, जब सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है। इस दिन से सूर्य उत्तरायण होना शुरू करता है यानी सूर्य पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध की ओर बढ़ता है। यह घटना साल में एक बार होती है और दिन-रात की अवधि में संतुलन लाने का प्रतीक है।खरमास के दौरान कोई भी मांगलिक कार्य विवाह, गृह प्रवेश या अन्य शुभ काम नहीं किए जाते हैं। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ ही शुभ काम की शुरुआत हो जाती है।पुण्यकाल का महत्व : ज्योतिषियों की मानें तो मकर संक्रांति पर पुण्यकाल का समय दिन भर रहेगा। इस दिन स्नान और दान को विशेष फलदायी माना गया है। विशेषकर गंगा, यमुना या अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने का महत्व है। इसके साथ ही जरूरतमंदों को चूड़ा, तिल, गुड़, अन्न, वस्त्र और धन का दान अत्यंत शुभ है।मकर संक्रांति पर परंपराएं और रीति-रिवाज:1. स्नान और दान: प्रात:काल नदी या तीर्थ में स्नान कर दान करने से कई गुना पुण्य मिलता है।2. विशेष भोजन: इस दिन तिल और गुड़ से बने लड्डू, चूड़ा, खिचड़ी और अन्य पारंपरिक व्यंजन बनाकर सेवन करें और लोगों में बांटें।3. पर्वतीय और धार्मिक उत्सव: मकर संक्रांति पर देशभर में पतंगबाजी, मेलों और धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन होता है।4. गाय और पक्षियों का दान: गायों को चारा और पक्षियों को अन्न खिलाने की परंपरा भी शुभ मानी जाती है।आध्यात्मिक दृष्टिकोणमकर संक्रांति आत्मा को शुद्ध करने और नव ऊर्जा का संचार करने का दिन माना गया है। इस दिन किए गए दान और पुण्य कर्मों का कई गुना फल मिलता है। मकर संक्रांति का पर्व न केवल खगोलीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रूप से भी इसका अत्यधिक महत्व है। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ जीवन में शुभता और सकारात्मकता का नया अध्याय शुरू हो जाता है।
- -पंडित प्रकाश उपाध्यायहर कोई परिवार में सुख-शांति चाहता है। लेकिन कई बार न चाहते हुए भी परिवार के सदस्यों के बीच अनबन होती रहती है। वास्तु शास्त्र में परिवार के लोगों के बीच प्रेम बना रहे, इसके लिए उपाय बताए गए हैं। अगर आपकी फैमिली मेंबर्स के बीच भी अक्सर लड़ाई-झगड़े होते रहते हैं तो वास्तु एक्सपर्ट मुकुल रस्तोगी से जानें आसान वास्तु उपाय-घर में पॉजिटिविटी लाने का वास्तु उपायवास्तु शास्त्र के अनुसार, अगर घर की दक्षिण पश्चिम दिशा में कोई भी त्रिकोण आकार की वस्तु या पेंटिंग हो तो उसको हटा देना चाहिए। घर के ईशान कोण में एक गौतम बुद्ध का चित्र या छोटी मूर्ति रखना चाहिए।घर में वास्तु के अनुसार लड़ाई-झगड़ा कैसे रोकेंवास्तु शास्त्र के अनुसार, दक्षिण पश्चिम वाले कमरे में अगर लाल रंग हो तो उसे हटा देना चाहिए। घर में कोई भी युद्ध, लड़ाई आदि के चित्र हों, तो उन्हें हटा देना लाभकारी होता है।घर में पॉजिटिव एनर्जी लाने के लिए वास्तु उपायवास्तु शास्त्र के अनुसार, हर महीने में एक सोमवार चावल की खीर का भोग लगाना चाहिए और सभी लोग ग्रहण करें। मान्यता है कि ऐसा करने से में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।पारिवारिक कलह से मुक्ति के लिए वास्तु उपायवास्तु शास्त्र के अनुसार, अपने घर के ईशान कोण में गंगाजल अवश्य रखना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से परिवार के सदस्यों के बीच आपसी प्रेम बढ़ता है।वैवाहिक जीवन के लिए वास्तु टिप्सवैवाहिक जीवन में सुख-शांति के लिए बेडरूम के एक कोने में सेंधा या खड़ा नमक रखना चाहिए। इसे हर महीने बदलना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से दांपत्य जीवन सुखद होता है।
- -पंडित प्रकाश उपाध्यायज्योतिष शास्त्र में 12 राशियों का जिक्र किया गया है। हर राशि की लव लाइफ, करियर और स्वभाव अलग होता है। राशियों के जरिए ही व्यक्ति के करियर व नौकरी का आंकलन किया जाता है। आपके मन में ये सवाल तो जरूर आया होगा कि आखिर क्या इस साल करियर में प्रॉफिट या प्रमोशन होगा या फिर नई जॉब मिलेगी? ज्योतिषाचार्य से जानिए 2025 में किन राशि वालों के करियर में आएंगे उतार-चढ़ाव और किन का दिन रहेगा शानदार। आइए जानते हैं मेष से मीन तक राशियों का विस्तृत करियर राशिफल-जानें, 2025 में कैसा रहेगा आपका करियर-मेष: साल की शुरुआत चुनौतियों के साथ हो सकती है, लेकिन यह विकास और करियर परिवर्तन के लिए अवसर भी प्रदान करता है। डिसिप्लिन, क्लियर गोल्स और पॉजिटिव दृष्टिकोण इस साल को पार करने के लिए आपके बेस्ट हथियार होंगे। नौकरी चाहने वालों के लिए साल की शुरुआत धीमी हो सकती है, शुरुआत में कम अवसर होंगे, लेकिन दृढ़ता से काम करने से लाभ होगा। नेटवर्किंग और सलाह लेने से अप्रत्याशित अवसर मिल सकते हैं। धैर्य बनाए रखें।वृषभ: यह धैर्य का साल है क्योंकि शनि उन लोगों के लिए शुभ नहीं है, जो आवेग में आकर काम करते हैं। भले ही लक्ष्यों को पाने में कुछ रुकावटें आ सकती हैं, लेकिन रिजल्ट पॉजिटिव होगा। समान मानसिकता वाले लोगों के साथ काम करना और एक्सपर्ट से सलाह लेना आपको करियर में आगे बढ़ने में मदद करेगा। नौकरीपेशा लोगों को अतिरिक्त कार्य दिए जाने की संभावना है। हालांकि, यह वह समय भी है, जब आपके काम को सिनीयर्स द्वारा मान्यता दी जाएगी। यह धन निर्माण के लिए एक अच्छा वर्ष है, खासकर रियल एस्टेट में।मिथुन: साल 2025 मिथुन राशि वालों के लिए बेहद शक्तिशाली वर्ष होगा। शनि के प्रभाव से करियर में उपलब्धि मिलेगी। इसलिए यह करियर में उन्नति और नई नींव रखने का साल है। शनि अधिक वर्क लोड ला सकता है। फिर भी, यह उच्च पद और तारीफ पाने के अवसर भी प्रदान करता है। इस साल ऑफिस में अच्छा प्रदर्शन करने की आपकी क्षमता और आप तनाव को कैसे मैनेज करते हैं, यह आपकी रेप्युटेशन में योगदान देगा।कर्क: इस साल स्किल्स पर, ज्ञान प्राप्त करने और अपने आस-पास के क्षेत्र से बाहर नौकरी खोजने पर आपका फोकस रहेगा। अगर आप जॉब बदलने पर विचार कर रहे हैं, तो अब ऐसा करने का समय आ गया है। फिर भी, शनि का ध्यान आकर्षित करने के लिए, आपको पॉजिटिव दृष्टिकोण के साथ काम करने की आवश्यकता है। इसका मतलब है कि तुरंत सफलता नहीं मिल सकेगी। शिक्षा, पब्लिशिंग रिसर्च या किसी अंतर्राष्ट्रीय संगठन के लिए काम करने से अवसर मिल सकते हैं।सिंह: इस साल आपको कुछ टेस्ट देने पड़ सकते हैं, जो आपको अपनी नौकरी और धन के मामलों में डिसीजन लेने के लिए मजबूर करेंगे। ये चैलेंज आपको अपनी स्किल्स निखारने और पॉजिटिव बदलाव करने के लिए मजबूर करेंगे।कन्या: ये साल ऑफिस में संबंधों को लेकर कुछ समस्याएं पैदा कर सकता है। करियर के गोल्स को पूरा करने के लिए पार्ट्नर्शिप और टीम वर्क को बढ़ावा देने पर विचार करें। यह ऐसी नौकरी की तलाश करने का समय है, जिसमें टीमवर्क, या क्लाइंट्स के साथ बातचीत की जरूरत होती है। कनेक्शन बनाना और यह सुनिश्चित करना कि लोग जानते हैं कि आप भरोसेमंद हैं, प्रोसेस को आसान बना देगा।तुला: इस साल आपको बहुत ज्यादा प्रेशर महसूस हो सकता है, चाहे नए काम की वजह से या फिर मैनेजर से ज्यादा उम्मीदों की वजह से। लेकिन शनि के प्रभाव का मतलब है कि आप जो काम इस समय कर रहे हैं, उसका आपको लंबे समय में फायदा मिलेगा। यह सुनिश्चित करने के लिए एक शेड्यूल सेट करने का समय है कि आप अच्छे प्रोफेशनल हैं। उन पदों पर ध्यान केंद्रित करें, जो आपको अपनी स्किल्स दिखाने में सक्षम बनाते हैं। कुछ लोग इस साल नई संपत्ति के लिए नए लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं।वृश्चिक: यह साल आपको अपनी क्रिएटिविटी पर काम करने पर मजबूर कर सकता है। शनि आपको तुरंत मिलने वाले लाभ से अपनी आंखें हटाने में मदद करेंगे। जिम्मेदारियों के विरुद्ध पर्सनल इच्छाओं को मैनेज करना सीखें ताकि आपके टास्क आपकी योजनाओं के साथ मेल खा सकें। अगर आप नौकरी बदलने की सोच रहे हैं, तो ऐसे बिजनेस पर विचार करना अच्छा रहेगा, जो किसी भी तरह के इनोवेशन, शिक्षा या फाइनेंशियल प्लानिंग से संबंधित हों।धनु: इस बात पर फोकस करें कि आपका वर्क एन्वायरमेंट हेल्दी हो और घरेलू जिम्मेदारियां नजरअंदाज न हों। इस साल आपको ऐसी परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है, जो आपको अपने जीवन के पर्सनल और प्रोफेशनल पहलुओं के बीच संतुलन बनाने के लिए मजबूर करेंगी। यह करियर में बदलाव पर विचार करने और अपनी इच्छा के अनुरूप सुधार करने का सबसे अच्छा समय है। यह उन लोगों के लिए एक अच्छा साल है, जो रियल एस्टेट या किसी भी प्रॉपर्टी को खरीदने में रुचि रखते हैं। बस प्रोसेस पर भरोसा करें और ट्रैक पर बने रहें।मकर राशि: ये साल आपकी स्किल्स को बढ़ाने और अपने कनेक्शन पर काम करने के लिए अच्छा है। करियर में तरक्की पाने के लिए अपने लेखन, बोलने या बातचीत के कौशल को विकसित करें और लाभ उठाएं। आपको बहुत सारे डॉक्युमेंट्स से जुड़े काम करने होंगे। इसलिए आप हर छोटी-बड़ी बात पर नजर रखें। अवसरों की पहचान करने और कुछ लोगों से मिलने के लिए नेटवर्किंग महत्वपूर्ण होगी। अंतिम समय में काम से जुड़ी यात्राओं के लिए तैयार रहें।कुंभ राशि: अपने काम और पैसे के प्रति अपने दृष्टिकोण में समझदारी बरतें। अपने करियर गोल्स को इस तरह से प्लान करें, जो आपके मूल्यों को दर्शाए और क्लियर करें कि आप एक अच्छी नींव रखने के लिए कड़ी मेहनत करें। नौकरीपेशा लोगों को इस साल काम का अधिक बोझ उठाना पड़ सकता है, लेकिन इसका मतलब यह भी है कि आप अपनी योग्यता का प्रदर्शन कर सकते हैं। सेविंग्स बढ़ाएं और आकस्मिक खर्चों के लिए प्लान बनाएं।मीन राशि: यह साल करियर के प्रति समर्पण और पॉजिटिव दृष्टिकोण की मांग करता है। यह आपकी वर्तमान सिचूऐशन पर विचार करने का समय है कि आप वास्तव में क्या महत्व देते हैं और आपका लक्ष्य क्या है। प्रोफेशनल क्षेत्र में, आप अधिक कार्य कर सकते हैं। अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने कि कोशिश करें। संपत्ति या वाहन की खरीद सावधानी से की जानी चाहिए।
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1 जनवरी 2025 को आरोग्य व्रत का शुभ अवसर बन रहा
साल 2025 की शुरुआत होने में अब कुछ ही दिन बचे हैं, और यदि आप इस पूरे वर्ष स्वस्थ और निरोगी रहना चाहते हैं, तो यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण है। वर्ष 2025 की शुरुआत 1 जनवरी, बुधवार को पौष मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि से हो रही है। वैदिक पंचांग के अनुसार, शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन पूजा-पाठ, व्रत, धार्मिक अनुष्ठान और मानव कल्याण के कार्य करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, यह तिथि नई ऊर्जा और सकारात्मकता के साथ जीवन में नए संकल्पों को शुरू करने के लिए भी उपयुक्त मानी जा रही है।
1 जनवरी 2025 को आरोग्य व्रत का शुभ अवसर बन रहा है। नए साल का पहला दिन बुधवार को पड़ रहा है, जो भगवान गणेश को समर्पित है। हिंदू धर्म में गणेश जी को प्रथम पूज्य माना जाता है, और उनकी पूजा से सभी कार्य सफल होते हैं। इसलिए, इस दिन विधि-विधान से आरोग्य व्रत करने से पूरे वर्ष स्वास्थ्य बना रहेगा।
आरोग्य व्रत व्रत न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी माना जाता है। भगवान गणेश की आराधना करने से व्यक्ति के जीवन में बाधाएं दूर होती हैं और सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
पौष मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि और बुधवार का संयोग साल 2025 को विशेष बना रहा है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके भगवान गणेश के मंत्रों, स्तोत्रों का पाठ और आरोग्य व्रत का संकल्प लेने से शारीरिक रोग, दुख और कष्ट दूर होंगे। साथ ही, इस दिन किए गए धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों का प्रभाव दीर्घकालिक होता है। इस व्रत को करने से व्यक्ति को आत्मविश्वास, शांति और सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है।
आरोग्य व्रत का महत्व
आरोग्य व्रत अपने ईष्ट देव को समर्पित किया जाता है। दरअसल, हर व्यक्ति का ईष्ट देव अलग होता है- कुछ लोग भगवान विष्णु को पूजते हैं, कुछ शिव जी को, तो कुछ लोग अन्य देवी-देवताओं की आराधना करते हैं। यह व्रत ईष्ट देवता को प्रसन्न करने का एक सशक्त माध्यम है। यदि यह व्रत पूर्ण श्रद्धा और विधिपूर्वक अपने ईष्ट देव को समर्पित करके किया जाए, तो इसका संपूर्ण फल प्राप्त होता है।
इस व्रत में शुद्ध जल, दूध और फलों का सेवन किया जा सकता है। साथ ही इस दिन दान-पुण्य का भी विशेष महत्व होता है। जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और अन्य आवश्यक वस्तुएं दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। वर्ष 2025 का यह शुभारंभ विशेष दिन और तिथि के कारण अत्यंत लाभकारी रहेगा और भगवान गणेश की कृपा सभी पर बनी रहेगी। - -पंडित प्रकाश उपाध्यायसोना सुनहरे रंग का धातु है। रत्न शास्त्र के अनुसार, सोना धारण करने से गुरु ग्रह को मजबूत किया जा सकता है। कुंडली में ग्रहों की स्थिति और राशि के अनुसार रत्न धारण करना चाहिए। सोने को धारण करने के भी कुछ नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करना जरूरी है। सोने को सही विधि और सही तरीके से धारण करने पर लाभ मिलता है। सोना धारण करने से धन-लाभ, व संतान सुख की प्राप्ति के साथ जीवन भी बढ़िया रहता है। इसलिए आइए जानते हैं सोना कब, किसे व कैसे पहनना चाहिए-सोना कब करें धारण?गुरु से संबंधित होने के कारण सोने को गुरुवार के दिन धारण करना शुभ माना जाता है। वहीं, इसे धारण करने से पहले शुद्धि करना जरूरी माना जाता है।सोना कैसे करें धारण?सोना अंगूठी या चेन के रूप में धारण किया जा सकता है। गंगाजल, दूध और शहद से पहले सोने की शुद्धि करें। फिर इसे विष्णु भगवान के चरणों में अर्पित कर दें। विधिवत पूजा-अर्चना करें। कुछ देर के बाद किसी भी उंगली में धारण कर लें। मान्यताओं के अनुसार, रविवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार के दिन सोना धारण करना बेहद शुभ माना जाता है।सोना किसे पहनना चाहिए?ज्योतिष विद्या की मानें तो मेष, कर्क, सिंह, धनु, और मीन राशि के लोग सोना धारण कर सकते हैं। वहीं, मकर, मिथुन, कुंभ, और वृषभ राशि के जातकों को सोना नहीं धारण करना चाहिए। कुंडली में गुरु की स्थिति देखकर ही सोना धारण करना चाहिए। पेट व मोटापे से संबंधित समस्याओं में सोना धरण करने से बचना चाहिए। सोना धारण करने से पहले आपको अपने ग्रहों की स्थिति जरूर देखनी चाहिए और एस्ट्रोलॉजर की सलाह लेना भी बेहतर रहेगा।
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फेंगशुई एक प्राचीन चीनी वास्तुशास्त्र है, जो ऊर्जा के संतुलन और सकारात्मकता को बढ़ावा देने पर आधारित है। आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए फेंगशुई के कुछ उपाय बेहद प्रभावी माने जाते हैं। यहां 6 प्रमुख उपाय दिए जा रहे हैं, जो न केवल धन-संपत्ति बढ़ाने में सहायक हैं, बल्कि घर और कार्यस्थल में सुख-शांति भी बनाए रखते हैं।
1. धन के क्षेत्र को सक्रिय करें (वेल्थ कॉर्नर)
फेंगशुई के अनुसार, घर का दक्षिण-पूर्व कोना धन का प्रतीक होता है। इसे साफ-सुथरा और व्यवस्थित रखना चाहिए। इस कोने में मनी प्लांट या बांस का पौधा लगाएं। यह धन और समृद्धि को आकर्षित करता है।
2. तीन टांगों वाला मेंढक रखें
तीन टांगों वाला धन मेंढक फेंगशुई का एक लोकप्रिय प्रतीक है। इसे मुख्य द्वार के पास अंदर की ओर रखें। इसे ऐसी जगह पर रखें जहां से यह धन को आकर्षित कर सके। ध्यान रखें कि इसका मुंह घर की ओर होना चाहिए, जिससे धन घर के अंदर आए और बाहर न जाए।
3. फेंगशुई झाड़ (क्रिस्टल ट्री)
क्रिस्टल से बना फेंगशुई झाड़ घर में सकारात्मक ऊर्जा और धन को आकर्षित करता है। इसे लिविंग रूम या ऑफिस में रखें। यह ऊर्जा को संतुलित करता है और आर्थिक स्थिति में सुधार लाता है एवं इसका उपयोग वित्तीय स्थिरता के लिए अच्छा माना जाता है।
4. पानी के फव्वारे का प्रयोग करें
फेंगशुई में पानी का प्रवाह धन के प्रवाह का प्रतीक है। घर में उत्तर दिशा में पानी का फव्वारा लगाएं। यह धन को बढ़ाने और अवसरों को आकर्षित करने में मदद करता है। सुनिश्चित करें कि फव्वारे का पानी हमेशा साफ और बहता हुआ हो।
5. लाल रंग का उपयोग करें
लाल रंग धन और ऊर्जा का प्रतीक है। इसे मुख्य द्वार, धन क्षेत्र, या उस स्थान पर उपयोग करें जहां आप अपना पैसा रखते हैं। इन स्थानों पर लाल रंग के वस्त्र, कागज, या अन्य सजावट के सामान का उपयोग कर सकते हैं। ध्यान रखें कि लाल रंग का संतुलित उपयोग करें, ताकि यह प्रभावशाली दिखे।
6. साफ-सफाई और अव्यवस्था से बचें
फेंगशुई में अव्यवस्था को नकारात्मक ऊर्जा का स्रोत माना जाता है। घर और कार्यालय में ऐसी जगहें साफ रखें जहां धन से संबंधित चीजें रखी जाती हैं, जैसे तिजोरी, दराज, या अलमारी। प्रवेश द्वार पर किसी भी प्रकार की रुकावट न हो। साफ और व्यवस्थित स्थान आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देता है। -
वास्तु शास्त्र के अनुसार, कुछ चीजों को मुफ्त में लेना शुभ नहीं माना जाता है। इन चीजों को लेने से आर्थिक तंगी, स्वास्थ्य समस्याएं और पारिवारिक कलह जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। हमारे समाज में चीजों का लेन-देन करना बहुत आम बात है। मगर क्या आप जानते हैं कि कुछ चीजें ऐसी हैं जिन्हें मुफ्त में लेने से बचना चाहिए? जी हां, वास्तु शास्त्र के अनुसार, कुछ चीजें मुफ्त में लेने से आर्थिक तंगी और अन्य समस्याएं हो सकती हैं। आइए इस लेख में इसी के बारे में जानते हैं ऐसी कौन सी चीजें हैं जिनको मुफ्त में नहीं लेना चाहिए।
1. नमक
नमक को शनि ग्रह से जोड़ा जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, नमक को कभी भी किसी से मुफ्त में नहीं लेना चाहिए। ऐसा करने से रोग और कर्ज बढ़ सकते हैं। अगर किसी कारणवश नमक लेना पड़े तो बदले में कुछ दे देना चाहिए।
2. सुई
धार्मिक मान्यता के अनुसार, कपड़े सिलने वाली सुई को भी मुफ्त में नहीं लेना चाहिए और न ही इस्तेमाल करना चाहिए। ऐसा करने से घर में नकारात्मकता आती है और रिश्तों में खटास आ सकती है। सुख-शांति भी नष्ट हो सकती है। सुई देने से परिवार में पारिवारिक कलह बढ़ता है।
3. लोहे की चीजें
वास्तु शास्त्र के अनुसार, लोहे की चीजें मुफ्त में लेने से बचना चाहिए। लोहे को शनि ग्रह से जोड़ा जाता है और शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है। अगर हम किसी से लोहे की चीज मुफ्त में लेते हैं, तो यह माना जाता है कि हम शनि देव का ऋण ले रहे हैं। शनि देव के ऋण के कारण जीवन में कई तरह की समस्याएं आ सकती हैं। जैसे कि आर्थिक तंगी, रोग, और पारिवारिक कलह। इसलिए, लोहे की चीजें हमेशा खरीदकर ही लेनी चाहिए। अगर किसी कारणवश लोहे की चीज लेनी ही पड़े तो बदले में कुछ देना चाहिए।
4. सरसो का तेल
वास्तु शास्त्र के अनुसार, सरसों का तेल धन और समृद्धि से जुड़ा हुआ है। इसे मुफ्त में लेना या देना धन हानि का कारण बन सकता है। मान्यता है कि सरसों का तेल एक ऊर्जा का वाहक होता है और जब इसे मुफ्त में दिया या लिया जाता है, तो यह नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सकता है। -
घर की सुंदरता बढ़ाने के लिए पौधे लगाए जा सकते हैं। कुछ पौधे ऐसे होते हैं जो घर के अंदर आसानी से लगाए जा सकते हैं। कुछ पौधे ऐसे भी होते हैं जो घर की शोभा बढ़ाने के साथ ही घर में सौभाग्य लेकर आते हैं। इसी के साथ ये घर में पॉजिटिव एनर्जी को भी बनाए रखते हैं। आइए, जानते हैं गुड लक वाले पौधे-
1) पीपल बोनसाईपीपल बोनसाई हिंदू और बौद्ध धर्म में पूजनीय है। कहते हैं कि गौतम बुद्ध को पीपल के पेड़ के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ था, और यह पौधा गुड लक, खुशी और लंबे जीवन का प्रतीक है। पीपल बोनसाई को आसानी से घर पर लगाया जा सकता है।2) स्नेक प्लांटस्नेक विषाक्त पदार्थों को अवशोषित करने और हवा में एलर्जी को कम करने की क्षमता के लिए जाना जाता है। इसे हवा की गुणवत्ता में सुधार के लिए घर में लगाया जा सकता है।3) जेड प्लांटजेड प्लांट की छोटी,गोल पत्तियां ग्रोथ और धन का प्रतीक हैं। माना जाता है कि जेड पौधे घर या ऑफिस के पूर्व दिशा में लगाए जाने पर वित्तीय समृद्धि को आकर्षित करते हैं।4) लकी बैम्बूबैम्बू प्लांट को एक लकी पौधा माना जाता है। लकी बैम्बू पानी में अच्छी तरह से बढ़ता है। इसे उगाना काफी आसान है। कहते हैं कि इसे लगाने से आसपास पॉजिटिव एनर्जी बनाए रखता है।5) रबर प्लांटमाना जाता है कि रबर के पौधे प्रचुरता, खुशी और धन का प्रतिनिधित्व करते हैं। फेंगशुई की मानें तो घर के धन कोने के लिए ये एक फेमस ऑप्शन है। इस पौधे में गोल और गहरे हरे रंग की पत्तियां होती हैं हैं जो आपके घर की सजावट में चार चांद लगा सकती है। इनकी देखभाल करना आसान होता है, लेकिन इनकी पत्तियां सीधे छूने पर त्वचा में जलन हो सकती है। - -पंडित प्रकाश उपाध्यायजीवन में हर व्यक्ति सुख-सुविधाओं भरा जीवन बिताना चाहता है। लोग दिन-रात मेहनत करते हैं ताकि उनके धन में दिन-रात वृद्धि हो सके। लेकिन कई बार कुछ लोगों के साथ कड़ी मेहनत व प्रयास करने के बावजूद उन्हें न तो करियर में ग्रोथ मिलती है और न ही आर्थिक सफलता। वास्तु शास्त्र में कुछ नियम बताए गए हैं, जिन्हें अपनाने से सामान्य जीवन अच्छा चलता है और आर्थिक लाभ होता है।जानें वास्तु शास्त्र के आसान उपाय वास्तु एक्सपर्ट मुकुल रस्तोगी स-1. सप्ताह या महीने में एक बार खीर बनाकर उसको ईशान कोण या ब्रह्मस्थान में रखकर वास्तु देव को भोग लगाकर रखें, फिर उसे खा लें।2. दक्षिण पश्चिम दिशा में कुछ साबुत जायफल रखें।3. नित्यप्रति कच्चे दूध में काले तिल डालकर शिवलिंग पर चढ़ाएं।4. रोज मंदिर न भी जा पाएं तो मंदिर के ऊपर लगे झंडे का दर्शन करें।5. बुधवार को दोपहर 12 से 1.30 बजे तक कबाड़ निकालना बहुत सारी रुकावटों को दूर करता है।6. किसी के इलाज या दवाइयों का दान या उनके लिए पैसे का दान करना।7. घर या दुकान में विस्तार हमेशा पूर्व या उत्तर की ही दिशा में करना शुभ होता है। दक्षिण दिशा में विस्तार करने से बचें। इस दिशा में विस्तार से हानि की आशंका बढ़ जाती है।8. घर की रसोईको पूर्व उत्तर पूर्व दिशा में नहीं बनाना चाहिए यह झगड़ों का एक बड़ा कारण बनता है।
- पंडित प्रकाश उपाध्यायवास्तु शास्त्र में जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली के लिए वास्तु के नियमों का पालन करना महत्वपूर्ण माना गया है। मान्यता है कि वास्तु की कुछ गलतियों से जातक को तरक्की के मार्ग पर बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। व्यक्ति को ऊर्जा और आत्मविश्वास की कमी महसूस होने लगती है। किसी काम में मन नहीं लगता है। रोजाना जाने-अनजाने में होने वाली गलतियों से लाइफ में चुनौतियां दूर नहीं होती हैं। वास्तु दोष के कारण सफलता मिलते-मिलते नौकरी-प्रमोशन में अवरोध उत्पन्न हो जाते हैं, लेकिन वास्तु की कुछ बातों का ध्यान रखकर तरक्की की राह में आने वाली बाधाओं से बचा जा सकता है।बाधाओं को दूर करने के लिए वास्तु टिप्स :-घर में जूते-चप्पलों को फैलाकर नहीं रखना चाहिए। मान्यता है कि इससे विरोधी आपको परेशान कर सकते हैं।-यदि नहाने के बाद पानी ऐसे ही छोड़ देते हैं, तो यह व्यक्ति के मानसिक तनाव का कारण बन सकती है।-यदि आप पैर घसीटते हुए चलते हैं, तो यह गलती भी सफलता के मार्ग पर बाधा उत्पन्न कर सकती हैं।-वास्तु के अनुसार, रसोईघर साफ न रखने से व्यक्ति को आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।-अगर आपको देर रात तक जागने की आदत हैं, तो इससे चंद्रमा प्रभावित हो सकता है। जिससे जीवन में तनाव और अवसाद उत्पन्न हो जाता है।-कहा जाता है कि अगर आप खाने के बाद जूठी थाली या बर्तन वहीं छोड़ देते हैं, तो यह गलती कार्यों में बाधाएं ला सकती हैं।
- इस साल 12 नवंबर 2024 को देवउठनी एकादशी मनाई जा रही है। इसके साथ ही एक बार फिर से शादियों को सीजन शुरू हो रहा है। साल 2024 के आखिरे दो महीने नवंबर और दिसंबर में शादियों के कई शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, श्रीहरि विष्णुजी आषाढ़ माह शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि से चार माह के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं। इस दौरान शादी-विवाह समेत मांगलिक कार्यों की मनाही होती है। वहीं, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को विष्णुजी योग निद्रा से उठते हैं और इस ही दिन से फिर से शादियों का दौर शुरू हो जाता है। देवउठनी एकादशी के दिन विष्णुजी की भगवान विष्णु के शालिग्राम स्वरूप से विवाह करवाया जाता है। साथ ही यह दिन विष्णुजी,मां लक्ष्मी और तुलसी माता की पूजा के लिए विशेष माना जाता है। नवंबर माह में विवाह के कई शुभ मुहूर्त बन रहे हैं।नवंबर में विवाह के शुभ मुहूर्तहिंदू धर्म में शादी-विवाह, सगाई ,गृह-प्रवेश, मुंडन संस्कार समेत सभी मांगलिक कार्य शुभ मुहूर्त देखकर ही किए जाते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, विवाह के लिए चंद्रमा, सूर्य और गुरु ग्रह की शुभ स्थिति देखकर ही विवाह की तिथि निर्धारित की जाती है। मान्यता है कि शुभ मुहूर्त में विवाह करने से वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है। नवंबर माह में 17,18, 23 और 25 तारीख को विवाह के शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। इसके अलावा साल के आखिरी महीने दिसंबर में 2,3,4,6,7,10 , 11 और 14 तारीख को भी विवाह के शुभ मुहूर्त हैं।
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हिंदू धर्म में देवउठनी एकादशी का बहुत खास महत्व होता है। ऐसी मान्यता है कि इसी दिन भगवान विष्णु चार महीने का शयन काल पूरा कर के जागते हैं। इसके साथ ही चार महीने से बंद हो चुके शुभ कार्यों का शुभ मुहूर्त फिर से शुरू हो जाता है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को, देवउठनी, देव प्रबोधिनी या देव उत्थान एकादशी का शुभ पर्व होता है। इस वर्ष 12 नवंबर को यह पर्व मनाया जाएगा। इस दिन विधि-विधान के साथ भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है। देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा करते समय उन्हें तरह-तरह के भोग अर्पित करने का भी नियम है। चलिए जानते हैं देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु को भोग में कौन-कौन सी चीजें चढ़ाई जा सकती हैं।
पंचामृत के भोग से प्रसन्न होंगे भगवान विष्णु
भगवान विष्णु को पंचामृत का भोग लगाना बहुत ही शुभ माना जाता है। इसके बिना भोग अधूरा होता है इसलिए देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु को पंचामृत का भोग जरूर लगाएं। दूध, दही, शक्कर, घी, शहद और कटे हुए मेवे को मिक्स करके पंचामृत तैयार करें और फिर इसे भगवान विष्णु को भोग में अर्पित करें।
घर की बनी सेंवई चढ़ाए भोग में
देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु को भोग में आप घर की बनी सेंवई भी अर्पित कर सकती हैं। इस बात का ध्यान रखें कि प्रसाद में हमेशा मीठी सेंवई ही चढ़ाई जाती है। इसे बनाने के लिए सबसे पहले कढ़ाई में एक चम्मच घी गर्म कर के, इसमें सेवई को हल्का ब्राउन होने तक भूनें। इसके बाद भगोने में दूध गर्म होने के लिए रखें। अब इसमें भुनी हुई सेंवई, शक्कर और कटे हुए ड्राई फ्रूट्स डालकर पकाएं। इस तरह से भोग के लिए स्वादिष्ट सेंवई बनकर तैयार हो जाएगी।
भगवान विष्णु को लगाएं खीर का भोग
पूजा-पाठ या किसी भी शुभ काम में खीर का प्रसाद बनाना बहुत शुभ माना जाता है। देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु को भोग लगाने के लिए भी आप खीर का प्रसाद बना सकती हैं। खीर बनाने के लिए पहले चावलों को देसी घी में रोस्ट कर लें। इससे काफी अच्छा फ्लेवर आता है। फिर इन्हें उबलते हुए दूध में पकने के लिए रख दें। जब ये हल्का सा पक जाएं तो ऊपर से ड्राई फ्रूट्स, केसर और शक्कर डाल दें और पूरी तरह से पकने के लिए छोड़ दें। इस तरह से भोग के लिए टेस्टी खीर बनकर तैयार हो जाएगी।
भोग में चढ़ा सकते हैं सूजी का हलवा
देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु को सूजी के हलवे का भी भोग लगाया जा सकता है। किसी भी पूजा-पाठ में प्रसाद के लिए सूजी का हलवा बनाना भी बहुत शुभ होता है। ये खाने में भी स्वादिष्ट होता है और इसे बनाना भी आसान होता है। सूजी का हलवा बनाने के लिए सबसे पहले सूजी को देसी घी में हल्का ब्राउन होने तक भूनें। इसके बाद इसमें इसमें पानी डालकर चम्मच से चलाते हुए पकाएं। जब इसका आधा पानी सूख जाए, तो इसमें स्वादानुसार चीनी और ड्राई फ्रूट्स डालकर, तब तक पकाएं जब तक पानी पूरी तरह से सूख ना जाए। इस तरह से भोग के लिए सूजी का टेस्टी हलवा बनकर तैयार हो जाएगा।
भोग में जरूर चढ़ाएं फल
किसी भी पूजा-पाठ में भगवान को फल जरूर चढ़ाए जाते हैं। देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु को अर्पित करने के लिए भोग में फलों को भी जरूर शामिल करें। भगवान विष्णु की पूजा में केले के फल को शामिल करना बहुत शुभ माना जाता है। इसके अलावा आप मौसमी फल जैसे - सेब, अनार, अंगूर, गन्ने और सिंघाड़ा भी भोग में शामिल कर सकती हैं। -
-पं. प्रकाश शर्मा
तुलसी विवाह हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण और पवित्र पर्व है. दिवाली के बाद कार्तिक माह में मनाया जाने वाला एक विशेष पर्व है. तुलसी के पौधे की विशेष पूजा की जाती है और विवाह कराया जाता है. तुलसी विवाह विशेष रूप से कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन किया जाता है. तुलसी को बहुत पवित्र माना जाता है. घर में तुलसी का पौधा उगाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. नकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाती है. शालिग्राम शिला भगवान विष्णु का प्रतीक है. तो इस खास दिन पर इन दोनों की शादी कराने से भक्तों को धार्मिक पुण्य मिलता है. तुलसी विवाह के दिन क्या करें.. आइए जानते हैं इस दिन कौन से कार्य नहीं करने चाहिए.
पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह की द्वादशी तिथि 12 नवंबर, मंगलवार को शाम 4 बजकर 02 मिनट पर शुरू हो रही है. यह तिथि बुधवार, 13 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 01 मिनट पर समाप्त होगी. उदया तिथि के अनुसार, 13 नवंबर को तुलसी विवाह मनाया जाता है.
तुलसी विवाह के दिन पालन करने योग्य नियम
तुलसी का पौधा-
तुलसी के पौधे को अच्छी तरह से साफ करें और उसकी पूजा करें.
तुलसी के पौधे को गंगाजल से स्नान कराएं.
तुलसी के पौधे को फूलों और रोली से सजाएं.
शालिग्राम शिला-
शालिग्राम शिला को भी अच्छी तरह से साफ करें और उसकी पूजा करें.
शालिग्राम शिला को भी गंगाजल से स्नान कराएं.
शालिग्राम शिला को फूलों और रोली से सजाएं.
विवाह मंडप-
तुलसी और शालिग्राम के विवाह के लिए एक छोटा सा मंडप सजाएं.
मंडप को फूलों और रंगोली से सजाएं.
पूजा विधि-
विधि-विधान से तुलसी और शालिग्राम का विवाह संपन्न करें.
विवाह के दौरान मंत्रों का जाप करें.
विवाह के बाद तुलसी और शालिग्राम को प्रसाद चढ़ाएं.
व्रत-
तुलसी विवाह के दिन व्रत रखना शुभ माना जाता है.
व्रत रखने से मन शुद्ध होता है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
दान-
तुलसी विवाह के दिन दान करना बहुत पुण्यदायी होता है.
आप अपनी सामर्थ्य के अनुसार किसी भी चीज का दान कर सकते हैं.
कथा सुनें-
तुलसी विवाह की कथा सुनने से मन शांत होता है और आत्मिक शक्ति मिलती है.
विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करने के उपाय
तुलसी का पत्ता: तुलसी के पत्ते को गंगाजल में मिलाकर पीने से विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं.
तुलसी का तेल: तुलसी के तेल की एक बूंद माथे पर लगाने से भी लाभ होता है.
तुलसी का माला: तुलसी की माला को धारण करने से भी लाभ होता है.
तुलसी विवाह के दिन क्या करें?
तुलसी विवाह के दिन पूजा से पहले तुलसी के पौधे को अच्छे से धोना चाहिए. तुलसी के पत्तों को निकालकर साफ पानी से धो लें.
फिर तुलसी को हल्दी, केसर और चंदन से सजाएं.
शालिग्राम पत्थर को गंगा जल से धोकर साफ करें और तुलसी के पत्तों से सजाएं.
तुलसी विवाह के लिए एक छोटा मंडप तैयार करें और सजाएं. मंडप को फूलों से सजाएं और तुलसी के पौधे के पास सुंदर मग से सजाएं.
पूजा के लिए जरूरी सभी चीजें जैसे दीपक, अगरबत्ती, धूपबत्ती, चावल, फूल, फल आदि इकट्ठा कर लें.
विवाह के दौरान मंत्रों का जाप करें. पूजा की विधि और कथा पढ़ने के लिए पंडितों को बुलाया जा सकता है.
विवाह के बाद तुलसी का दान शुभ माना जाता है. गरीबों को भोजन या कपड़े का दान करना शुभ होता है.
तुलसी विवाह के दिन क्या न करें?
तुलसी विवाह के दिन तुलसी दल नहीं ले जाना चाहिए.
तुलसी के पौधे के विवाह के दिन मांस, मछली, अंडा और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए.
इस दिन शुद्ध सात्विक भोजन करना चाहिए.
किसी से झगड़ा न करें. किसी से भी बहस करने से बचें.
शादी के दिन नकारात्मक विचारों से बचें. पूरी श्रद्धा से पूजा करें.
तुलसी विवाह का महत्व-
तुलसी को देवी लक्ष्मी का अवतार माना जाता है. वह धन, समृद्धि, सुख और शांति की देवी हैं. घर में तुलसी का पौधा लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है. नकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाती है. शालिग्राम शिला को विष्णु का अवतार माना जाता है. विष्णु सभी देवताओं के मुखिया हैं. तुलसी विवाह के दिन इन दोनों की पूजा करने से अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है. मान्यता के अनुसार तुलसी के पौधे का विवाह करने से घर में धन की वृद्धि होती है. - -पं. प्रकाश उपाध्यायसनातन धर्म में तुलसी का पौधा बहुत पूजनीय माना गया है। मान्यता है कि जिस घर में तुलसी का पौधा होता है, वहां का माहौल बेहद सकारात्मक होता है। घर की नेगेटिविटी दूर होती है और जीवन में धन,सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। इसके साथ ही कार्तिक माह तुलसी में घर में तुलसी का पौधा लगाना और उसकी पूजा करना अति शुभफलदायी माना गया है, लेकिन तुलसी का पौधा लगाते समय वास्तु की कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। आइए जानते हैं तुलसी से जुड़े वास्तु टिप्स...वास्तु के अनुसार, तुलसी का पौधा उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में लगाना अति शुभ माना गया है।वहीं, दक्षिण दिशा में तुलसी का पौधा लगाने से बचना चाहिए। यह जीवन में नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।तुलसी के पौधे के पास डस्टबिन, शूज और झाड़ू रखना नहीं चाहिए।तुलसी के पौधे को फूलों के पौधों के पास रख सकते हैं, लेकिन इसे कैक्टस के पास न रखें। यह घर की नेगेटिविटी को बढ़ा सकता है।घर में विषम संख्या में 1,3 या पांच तुलसी का पौधा लगाना शुभ माना जाता है। वहीं, विषम संख्या 2,4 या 6 तुलसी का पौधा लगाने से बचना चाहिए।तुलसी के पौधे को किसी ऊंचे स्थान पर रखना चाहिए।तुलसी के सुखे पौधे को घर में न रखें। इससे जल्द ही हटा दें और एक नया पौधा लगा दें। वहीं, सूखे हुए तुलसी के पौधे को पवित्र नदी या साफ पानी में प्रवाहित कर दें।