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- धर्म-अध्यात्म
- जब भी कभी सनातन धर्म की चर्चा होती है तब चार वेद, अठारह पुराण , 108 उपनिषद और छः शास्त्र की चर्चा जरूर होती है। चार वेद और अठारह पुराणों के नाम तो सभी जानते है। परंतु छः शास्त्रों के बारे सब कोई नहीं जानते है। शास्त्र संस्कृत भाषा का शब्द है, जिसका शाब्दिक अर्थ उपदेश, नियम या अनुशासन होता है। “शास्त्र” विशिष्ट क्षेत्र या विषय पर ग्रंथ को संबोधन करता है। छः शास्त्र को छः दर्शन या षड्दर्शन के नाम से भी जाना जाता है। ऋषियों ने वेद और उपनिषद का अध्ययन करके ही छः शास्त्र का निर्माण किया है। भारत की आध्यात्मिक परम्परा विश्व की सर्वाधिक प्राचीन परम्परा है जिसका मूल 4 वेद है। वेद को ही आधार मानकर कई ऋषियों ने इसकी दार्शनिक पृष्ठभूमि तैयार की। सर्वप्रथम अध्यात्म के रहस्यों को जाना तथा उसके अनुरूप ही अन्य छः शास्त्र ग्रन्थों की रचना की है।छः शास्त्र कोन से हैं?1. महर्षि गौतम रचित – न्याय शास्त्र2. महर्षि पतंजलि रचित – योग शास्त्र3. महर्षि कपिल रचित – सांख्य शास्त्र4. महर्षि कणाद रचित – वैशेषिक शास्त्र5. महर्षि वेदव्यास रचित – वेदान्त शास्त्र6. महर्षि जैमिनि रचित – मीमांसा शास्त्र1. न्याय शास्त्रन्याय शास्त्र महर्षि गौतम द्वारा रचित शास्त्र है। गौतम ऋषि ने इस शास्त्र में पदार्थों के तत्वज्ञान से मोक्ष प्राप्त करने का वर्णन किया है। न्याय शास्त्र में पदार्थो के ब्रह्मज्ञान से असत्य की मुक्ति, अशुभ कर्मो, दुखों से निवृत्ति और मोह से मुक्ति होती है। न्याय शास्त्र में ईश्वर को सृष्टिकर्ता, सर्व शक्तिमान, शरीर से आत्मा को अलग और प्रकृति को निर्जीव करने का कारण माना गया है। इसके अतिरिक्त न्याय शास्त्र में न्याय करने की पद्धति और विजय और पराजय कारणों का वर्णन किया गया है।प्रमाणैरर्थ परीक्षणं न्याय।।अर्थ: प्रमाणों के द्वारा अर्थ की परीक्षा को न्याय कहा जाता है।न्याय शास्त्र को तर्क शास्त्र के नाम से भी जाना जाता है। न्याय शास्त्र को आद्यकाल, मध्यकाल तथा अंत्यकाल में विभाजित किया गया है। न्याय शास्त्र में 16 विषय दिए गए है सिद्धान्त, अवयव, तर्क, निर्णय, वाद, जल्प, वितण्डा, हेत्वाभास, प्रमाण, प्रमेय, संशय, प्रयोजन, दृष्टान्त, निग्रहस्थान, जाति और छल। यह सोलह पदार्थों के तत्त्वज्ञान से आत्मतत्व का साक्षात्कार होता हे, और मोक्ष प्राप्त होता है।2. योग शास्त्रमहर्षि पतंजलि द्वारा रचित योग शास्त्र में परमात्मा, प्रकृति और जीवात्मा का सम्पूर्ण वर्णन किया गया है। इसमें योग, चित्त, प्राण, आत्मा की वृत्तियां, नियंत्रण के उपाय, जीव के बंधन का कारण आदि यौगिक क्रियाओं का वर्णन मिलता है। यौगिक क्रिया के द्वारा परमात्मा का ध्यान आंतरिक हो जाता है। जब तक हमारी इंद्रियां बहिर्गामी हो तो ध्यान असंभव हो जाता है।महर्षि पतंजलि के योग शास्त्र में सांख्य शास्त्र के सिद्धांतों का समर्थन किया गया है। योग शास्त्र में भी पचीस तत्त्व है, जो सांख्य शास्त्र में दिए गए है। पतंजलि द्वारा रचित योग शास्त्र चार भाग समाधि, साधन, विभूति और कैवल्य में विभाजित है। समाधि भाग में कहा गया है की योग का संकेत और लक्ष्य क्या है, और योग का साधन किस प्रकार का है। इसके साधन भाग में कर्मफल, क्लेश आदि का वर्णन किया गया है। विभूति भाग में योग के अंग क्या हैं, उसका परिणाम क्या है और उसके द्वारा अणिमा, महिमा आदि सिद्धिया प्राप्त कैसे करे यह कहा गया है। और कैवल्य भाग में मोक्ष प्राप्त करने के लिए अध्ययन किया गया है।योग शास्त्र का निचोड़ यह है की प्रकृति के चौबीस भेद एवं आत्मा और ईश्वर – इस प्रकार कुल छब्बीस तत्त्व माने गये हैं; उनमे प्रकृति तो जड और परिणामशील है अर्थात् निरन्तर परिवर्तन होना उसका धर्म है तथा मुक्त पुरुष और ईश्वर ये दोनो नित्य, चेतन, स्वप्रकाश, असङ्ग, देशकालातीत, सर्वथा निर्विकार और अपरिणामी है।3. सांख्य शास्त्रमहर्षि कपिल द्वारा रचित इस सांख्य शास्त्र का मुख्य सिद्धान्त सत्कार्यवाद है। सत्कार्यवाद के अनुसार सृष्टि का उपादान कारण प्रकृति है। सांख्य शास्त्र का निश्चित मत हे की अभाव से भाव या असत से सत की उत्पत्ति असंभव है। वास्तविक कारण से सत कार्य की उत्पत्ति होती है। सांख्य शास्त्र में प्रकृति से इस सृष्टि रचना और संहार के क्रम का विशेष रूप से वर्णन किया गया है। सांख्य शास्त्र में पुरुष चेतन तत्व है और प्रकृति अचेतन तत्व है। इसमें पुरुष प्रकृति का भोग करनेवाला है, परंतु प्रकृति स्वयं का भोग करनेवाली नहीं है।सांख्य शास्त्र भारत का अत्यन्त प्राचीन और आस्तिक शास्त्र है। सांख्य शब्द का अर्थ सम्यक ज्ञान तथा संख्या बताया गया है। सांख्य शास्त्र के ज्ञान का प्रामाणिक स्रोत महर्षि कपिल, निर्मित ‘सांख्य सूत्र’ और भगवान कृष्ण रचित ‘सांख्यकारिका’ है। इस शास्त्र में विकासवाद का समर्थक किया गया है। यह पुरुष और प्रकृति के सहयोग से विश्व को उत्पन्न बताता है।4. वैशेषिक शास्त्रमहर्षि कणाद रचित द्वारा रचित वैशेषिक शास्त्र में धर्म को सत्यपरायण रूप से वर्णन किया है। वैशेषिक शास्त्र के अनुसार लौकिक प्रशंसा और निश्श्रेय सिद्धि के साधन को धर्म बताया गया है। इसलिए मानव कल्याण के लिए धर्म का आचरण करना बहोत ही जरुरी है। वैशेषिक शास्त्र में सात पदार्थ द्रव्य, गुण, कर्म, सामान्य, विशेष, समवाय और अभाव है। और द्रव्य नौ पृथिवी, आप, तेज, आकाश, वायु, काल, दिक्, आत्मा और मन हैं।वैशेषिक मत में जड़ पदार्थ के तत्व ज्ञान को छोड़कर आत्म-तत्व का ज्ञान नहीं होता है। अतः मुक्ति के लिए आत्मतत्व की ज्ञान प्राप्ति के लिए वैशेषिक शास्त्र में जड़ पदार्थों की भी विस्तार से आलोचना क्रमबद्ध है।5. वेदान्त शास्त्रमहर्षि व्यास द्वारा रचित वेदांत शास्त्र का अर्थ वेदों का अंतिम सिद्धांत होता है। वेदव्यास रचित ‘ब्रह्मसूत्र’ वेदान्त शास्त्र का मूल ग्रन्थ माना जाता है। वेदान्त शास्त्र के अनुसार ब्रह्म सृष्टि का कर्ता-धर्ता और संहार कर्ता हे। वेदान्त शास्त्र में कहा हे की `अथातो ब्रह्म जिज्ञासा´ अर्थात जिसे ज्ञान प्राप्त करने की अभिलाषा है, वह ब्रह्म से अलग है, नहीं तो स्वयं को जानने की अभिलाषा कैसे होती है। सबकुछ जाननेवाला जीवात्मा हमेशा अपने दुखों से मुक्त होने के उपाय करता है। परंतु ब्रह्म का गुण जीवात्मा से भिन्न है।वेदान्त शास्त्र ज्ञानयोग का स्रोत है, जो मनुष्य को ज्ञान प्राप्त करने की दिशा में उत्साहित करता है। वैदिक साहित्य का अंतिम भाग उपनिषद है, इसलिए उपनिषद को ‘वेदान्त’ भी कहा जाता है। उपनिषद को वेदो, ग्रंथो और वैदिक साहित्य का सार माना जाता है।6. मीमांसा शास्त्रजैमिनि ऋषि द्वारा रचित मीमांसा शास्त्र में वैदिक यज्ञों में मंत्रों का का विभाग और यज्ञों की प्रक्रियाओं वर्णन है। मीमांसा शास्त्र के अनुसार यज्ञों के मंत्रों, श्रुति, वाक्य, प्रकरण, स्थान और समाख्या को मूल आधार माना जाता है। मीमांसा शास्त्र में राष्ट्र की उन्नति के लिए मनुष्य के पारिवारिक जीवन से राष्ट्रीय जीवन के कर्तव्यों के वर्णन के साथ-साथ अकर्तव्यों का भी वर्णन है। महर्षि जैमिनि ने धर्म के लिए वेद को भी मुख्य प्रमाण माना है।छः शास्त्रों में कुछ समानताएं हैं, जो निम्नलिखित है--शास्त्रों में वैदिक मङ्गलाचरण ‘अथ’ शब्द से प्रारंभ होता है।- शास्त्रों के प्रथम सूत्र में ही अपना-अपना प्रतिपाद्य विषय अवश्य होता है।-शास्त्रों के उद्देश्य कथन और उसका लक्षण बताते हैं, उसका पुनः शेष परीक्षण करते हैं।-शास्त्रों की शैली संक्षेप में की है।-शास्त्रों में प्रमुख विषय का ज्ञान देने के साथ-साथ शास्त्र के उपविषयों का भी ज्ञान दिया गया हैं।- शास्त्रों वेदों को ही अपना प्रमाण स्वीकार करते हैं।- शास्त्र एक-दूसरे की कमी दूर करने वाले हैं।
- पंडित प्रकाश उपाध्याय से जानें आज का स्वास्थ्य राशिफलमेषमेष राशि के लोगों को आज के दिन अपनी सेहत को लेकर सतर्क रहना है। इस राशि के लोगों को आज शारीरिक रूप से सक्रिय रहना चाहिए साथ ही साथ अपनी शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाने की जरूरत है। वृषइस राशि के लोगों को अपनी डाइट में विटामिन और ओमेगा 3 से भरपूर आहार खाना चाहिए। ऐसे में सेहत को बेहतर बनाए रखने के लिए आपको अपने खान-पान और डाइट को लेकर एक्टिव रहना चाहिए।मिथुनइस राशि के जातकों के लिए आज अच्छा दिन रह सकता है। आज के दिन आपको अपने पोषण पर ध्यान देने की जरूरत है। जिससे आप बीमारियों से बचे रह सकें।कर्कइस राशि के जातकों के लिए आज का दिन अच्छा बीत सकता है। आज के दिन अगर आप अपनी शारीरिक गतिविधियों पर ध्यान देना चाहिए। इससे पुरानी किसी बीमारी से बचने में मदद मिल सकती है।सिंहसिंह राशि के लोगों को आज के दिन फिटनेस के प्रति एक नई शुरुआत करनी चाहिए। इसके लिए आपको प्लैंक, कार्डियो और बर्पी आदि जैसी एक्सरसाइज करनी चाहिए।कन्याकन्या राशि के लोगों को आज के दिन अपने शारीरिक फिटनेस का ध्यान देने के साथ ही साथ मेंटल हेल्थ पर भी ध्यान देने की जरूरत है। इसके लिए आपको प्राणायाम करने की जरूरत है।तुलाअपने स्वास्थ्य को बेहतर रखने के लिए काम के साथ-साथ हेल्थ पर ध्यान देने की जरूरत है। आज के दिन आपको ज्यादा दवाओं का सेवन करने से बचना चाहिए।वृश्चिकइस राशि के लोगों को आज के दिन एरोबिक्स, स्विमिंग, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग जैसी एक्सरसाइज में शामिल होना चाहिए। इससे जोड़ों में दर्द होने के साथ कमर का दर्द भी कम हो सकता है।धनुधनु राशि के लोग आज स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं पर ध्यान देने की जरूरत है। इसके लिए आपको हाइड्रेट रहने के साथ ही साथ वजन पर ध्यान देने की जरूरत है।मकरमकर राशि के लोगों को आज मांसपेशियों का दर्द हो सकता है। इसके लिए आपको एक ही जगह पर ज्यादा देर तक बैठे रहने से बचना चाहिए।कुंभकुंभ राशि के लोगों को मानसून में होने वाली बीमारियां जैसे चिकनगुनिया और डेंगू से बचने की जरूरत है। इसके लिए अपनी डाइट को लेकर भी एक्टिव रहें।मीनमीन राशि के जातकों को आज के दिन ज्यादा खाने या जंक फूड्स खाने से बचना चाहिए। इससे आपको पाचन से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
- पंडित प्रकाश उपाध्याय से जानें आज का स्वास्थ्य राशिफलमेषमेष राशि वालों के लिए आज का दिन खेलकूद के लिए बेहतर दिन है। आप अभी शारीरिक और मानसिक रूप से बहुत सक्रिय हैं। इसलिए आज का दिन बेहतर हो सकता है।वृषभआज के दिन आप लोगों के लिए पार्क में टहलना बेहतर साबित हो सकता है। सुबह एक-दूसरे के साथ समय बिताने से आपका दिन भर के लिए अपनी मानसिक और शारीरिक स्थिति को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।मिथुनआपको आज के दिन स्वास्थ्य का ध्यान रखना शुरू कर देना चाहिए। आप योग और स्ट्रेच से शुरुआत कर सकते हैं। इसके लिए आपको पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए।कर्कआज के दिन आपको सिरदर्द हो सकता है या थकावट महसूस हो सकती है। इसके लिए आपको पर्याप्त मात्रा पानी पीना चाहिए और व्यायाम पर ध्यान देने की जरूरत है।सिंहआज के दिन आपको अपने खान-पान को लेकर एक्टिव रहना चाहिए। ऐसा नहीं करने पर आपकी मेडिकल रिपोर्ट आपको निराश कर सकती है।कन्यासुबह-सुबह थकान के कारण आपको स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इससे बचने के लिए आपको अपनी शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाने की जरूरत है।तुलाआज के दिन आपको अपने आत्मविश्वास को बढ़ाने की जरूरत है। आज के दिन फिट रहने के लिए आपको किसी स्पोट्र्स एक्टिविटी में शामिल होने की जरूरत है।वृश्चिकआज के दिन आपको स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही करने से बचना है। लापरवाही करने से आज के दिन आपको मांसपेशियों से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।धनुआज के दिन धनु राशि के लोगों को अपनी शारीरिक गतिविधियों पर जोर देना चाहिए। साथ ही साथ मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए प्राणायाम भी करें।मकरआज के दिन जंक फूड्स का सेवन करने से आपको पेट में तकलीफ हो सकती है। आज आपको पर्याप्त मात्रा में पानी पीने के साथ ही सुबह स्ट्रेचिंग भी करनी चाहिए।कुंभआज के दिन की शुरुआत आपको सुबह की सैर से करना सबसे अच्छा है। ताज़ी हवा में रहने से पूरे दिन आपकी कार्यक्षमता बढ़ेगी। आज प्रोटीन से भरपूर आहार चुनेंमीनआज के दिन आपका मूड बेहतर हो सकता है। इससे आपका मनोबल बढ़ेगा। साथ ही साथ तले हुए और जंक फ़ूड से बचें और खूब सारा पानी पिएँ।
- पंडित प्रकाश उपाध्याय से जानें आज का स्वास्थ्य राशिफलमेषआज के दिन गलत खान-पान फॉलो करने से आपको आंतों की समस्याओं का बड़ा जोखिम हो सकता है। छोटी-मोटी समस्याओं की स्थिति में आपको खुद से दवा नहीं लेनी चाहिए।वृषभअगर आपको कई दिनों से सिरदर्द की समस्या है तो आज आपको शायद बेहतर महसूस हो। अगर आप हेल्दी खाना शुरू करते है, तो आपका अपना वजन नियंत्रित रखना चाहिए।मिथुनमिथुन राशि वालों को अपने शारीरिक गतिविधियों पर नजर रखनी चाहिए। इस राशि के लोगों को आज अपनी फिटनेस के लिए योग और प्राणायाम करने की जरूरत है।कर्ककर्क राशि वालों को अपने व्यायाम को बढ़ाने और बेहतर खाने के लिए समय मिल सकता है। इस राशि वाले लोगों के लिए अच्छा आहार और व्यायाम करने की जरूरत है।सिंहइस राशि के जातकों को अपनी गतिविधियों पर पूरा ध्यान देना चाहिए। ज्यादा खाना खाने से आपको पाचन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।कन्याआज के दिन आपको शरीर का ध्यान रखना होगा और पर्याप्त मात्रा में पानी पीना होगा। कन्या राशि के जातकों को कभी-कभी पैर, जोड़ और गले की समस्या होती है।तुलायदि आप चिंता और तनाव को अपने जीवन में हावी होने देंगे, तो आपका स्वास्थ्य खराब हो सकता है। यह आपको बताता है कि आपको एक स्वास्थ्य योजना बनानी और उस पर टिके रहना बेहद जरूरी है।वृश्चिकवृश्चिक राशि के लोगों को स्वस्थ रहने के लिए शरीर की मालिश करवानी चाहिए। यह मानसिक और शारीरिक तनाव को दूर करने और आराम करने के सबसे अच्छे तरीकों में से एक है।धनुअच्छे शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए इस दृढ़ संकल्प की आवश्यकता है। आज के दिन आपका पोषण आपके स्वास्थ्य को निर्धारित करता है।मकरआज के दिन मकर राशि के लोगों को कंधे या हाथ की समस्याओं को बढ़ाने से बचना है। मकर राशि के जातकों को अपने मानसिक स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहना चाहिए और बुरी बातों पर ध्यान देने से बचना चाहिए।कुंभकुंभ राशि के जातकों को आज की शारीरिक गतिविधियों से शारीरिक लाभ मिलना चाहिए। आज आपको सुस्ती पर काबू पाना होगा, इसलिए आपको तुरंत अपना वर्कआउट रूटीन शुरू करना होगा।मीनयदि आपके परिवार में हृदय रोग, उच्च रक्तचाप या फिर अन्य स्थिति है। आज के दिन आपको अपनी फीजिकल और मेंटल हेल्थ पर काबू करना होगा।
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पंडित प्रकाश उपाध्याय से जानें आज का स्वास्थ्य राशिफल
मेष
आज आपको अभी शारीरिक और मानसिक रूप से बहुत सक्रिय रहने की जरूरत है। आप जो भी करेंगे, उसमें सफल रह सकते हैं। इसके लिए आपको एक्टिव रहना चाहिए।
वृषभआज के दिन परिवार के साथ समय बिताने से आपको दिनभर के लिए अपनी मानसिक और शारीरिक स्थिति को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है। आज के दिन आपको अच्छा खाना चाहिए।मिथुनआज के दिन आपकी पुरानी शारीरिक समस्याओं में मदद मिल सकती है। आज आपको योग और स्ट्रेचिंग एक्टिविटीज पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए।कर्कआज के दिन सुबह उठने के बाद आपको सिरदर्द हो सकता है साथ ही थकावट भी महसूस हो सकती है। इसके लिए आपको अच्छी डाइट लेने के साथ भरपूर नींंद लेनी है।सिंहआज के दिन आपको आपनी मानसिक स्थिति और कठिनाइयों को पर नजर रखनी चाहिए। आज आपको मेडिकल रिपोर्ट आपको निराश कर सकती है।कन्यासुबह-सुबह थकान के कारण आप काम से छुट्टी ले सकते हैं। फिर भी, सुबह जल्दी उठना और जॉगिंग करना उचित है। आप उत्साही हो सकते हैं और दैनिक गतिविधियों को जल्दी से पूरा कर सकते हैं।तुलाआज के दिन आपका मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रह सकता है। आज आपको आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति के साथ आज किसी प्रतियोगिता को जीतने की आपकी संभावना बढ़ जाती है।वृश्चिकआज की दिन आपको पुरानी बीमारियों से आराम मिल सकता है। इसके लिए आपको अपनी मेंटल हेल्थ अच्छी रखनी है। इसके लिए आपको प्राणायाम करना चाहिए।धनुआज के दिन आप को अपनी एनर्जी पर ध्यान देने की जरूरत है। आज के दिन आपको पेट से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।मकरआज के दिन आपको पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। इसके साथ ही साथ आपको स्ट्रेचिंग करना बहुत ज़रूरी है। आज के दिन अपना ख्याल रखना चाहिए।कुंभआज आपको प्रोटीन से भरपूर आहार चुनना चाहिए साथ ही पौष्टिक भोजन करें।मीनआज के दिन आपका दिन बेहतर बीत सकता है। आज के दिन आपको योग और प्राणायाम करने के साथ ही वर्कआउट भी करना चाहिए। -
पंडित प्रकाश उपाध्याय से जानें आज का स्वास्थ्य राशिफल
मेष
मेष राशि के लोगों को अगर आपको कसरत करने की आदत नहीं है, तो वर्कआउट की एक नई आदत आपको ऊर्जा दे सकती है। स्वस्थ रहने के सबसे बढ़िया तरीका अच्छा खाना, विटामिन लेना है।वृषभआज के दिन आपका दिन अच्छा बीत सकता है। आज आपको खाने-पीने पर विशेषतौर पर ध्यान रखना चाहिए। इससे आपकी सेहत अच्छी रहेगी।मिथुनमानसिक और शारीरिक संतुष्टि के लिए आज का दिन आपके लिए शानदार लग रहा है। आज के दिन आपको आत्मविश्वास और शारीरिक ऊर्जा बढ़ सकती है।कर्कआज के दिन आपकी शरीर में लचीलापन बढ़ सकता है। अगर आपको थोड़े ब्रेक के बाद बेचैनी महसूस होती है, तो तुरंत अपना व्यायाम शुरू करें।सिंहसिंह राशि के लोग आज के दिन सबसे ज्यादा ऊर्जावान महसूस कर सकते हैं। आज आपको पोषक तत्वों की खुराक के लगातार इस्तेमाल से उनकी स्थिति बेहतर हुई है।कन्याकन्या राशि के लोग आज के दिन अनुशासन और संयम बनाए रखने में सक्षम हो सकते हैं। आज के दिन आपको नींद लेने में मदद मिल सकती है।तुलाआज के दिन योग और अन्य आध्यात्मिक अभ्यास करना आपके लिए काफी मददगार साबित हो सकता है। आज के दिन आपको शारीरिक थकान कम होगी।वृश्चिकखाने के प्रति संवेदनशील लोगों को आज डाइट के प्रति ज्यादा ध्यान देना होगा। इसके लिए आपको अपनी डाइट में फाइबर की मात्रा बढ़ानी चाहिए।धनुअगर इस राशि के लोगों को आपको नींद आने में कठिनाई होती है तो सोने से पहले आपको पानी या चाय पीने से बचना है। इसके लिए सोने से पहले आपको मोबाइल दूर रखना है।मकरअपने आहार और व्यायाम की दिनचर्या को बनाए रखने से आपको अच्छी आदतें डालनी चाहिए। आज के दिन स्वास्थ्य के इन समस्याओं से ठीक होने की अधिक संभावना है।कुंभआज के दिन आपका स्वास्थ्य बेहतर रहने की संभावना है। आज के दिन आपकी पुरानी स्वास्थ्य समस्याएं ठीक हो सकती है।मीनआपको नियमित व्यायाम और एक अच्छा आहार लेना है। आज के दिन आप आत्मविश्वास भी प्राप्त कर सकते हैं। -
-पं. प्रकाश उपाध्याय
वास्तु में दिशाओं का बड़ा महत्व है. वास्तु में बताई गई 8 दिशाएं हमारी जीवन की दशा को बदल सकती है. यही वजह है कि हम घर निर्माण, पूजा स्थल, रसोई आदि में दिशा को लेकर बेहद सावधानी रखते हैं.
वास्तु के अनुसार महिलाओं को किस दिशा में पैर करके सोना चाहिए, ये भी बताया गया है. इसका पालन करने वालों के करियर में बाधाएं नहीं आती हैं, सुख-समृद्धि धन की कमी नहीं होती. स्वास्थ भी अच्छा रहता है. सोते समय किस दिशा की तरफ मुंह और किस तरफ पैर होना चाहिए. आइए जानें.
महिलाएं को किस दिशा में पैर रखकर सोना चाहिए ?
उत्तर-दक्षिण - महिलाओं को घर की लक्ष्मी कहा जाता है. वास्तु में कहा गया है कि सोते वक्त स्त्रियों के पैर उत्तर दिशा में और सिर दक्षिण दिशा में होना चाहिए. इससे जीवन सुखमय होता है, घर में लक्ष्मी जी का वास होता है. बरकत बनी रहती है. घर में सुख समृद्धि की कमी नहीं होती.
पूर्व-पश्चिम - वहीं अगर उत्तर-दक्षिण दिशा में बैड नहीं रख पा रहे हैं तो फिर पूर्व दिशा में सिर और पश्चिम दिशा में पैर करके सोना चाहिए. पूर्व दिशा से सूर्योदय होता है. इससे आपके जीवन में सकारात्मकता बनी रहती है. ज्ञान में वृद्धि होती है. स्वास्थ लाभ मिलता है.
किस दिशा में नहीं सोना चाहिए
कभी भी पूर्व या दक्षिण दिशा में पैर करके नहीं सोना चाहिए, अगर आप ऐसे सोते हैं तो आपको स्वास्थ्य संबंधी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं और नकारात्मक विचार मन में घर करने लगते हैं. मंगल दोष उत्पन्न हो सकता है.
सोने का सही समय
शास्त्रों के अनुसार व्यक्ति को सूर्योदय से पूर्व उठ जाना चाहिए. सूरज निकलने के बाद देर तक न सोएं, इससे न सिर्फ सेहत पर बुरा असर पड़ता है बल्कि धन समृद्धि भी रुक जाती है. शाम के समय भी सोना शुभ नहीं माना जाता. -
पंडित प्रकाश उपाध्याय से जानें आज का स्वास्थ्य राशिफल
मेषमेष राशि के लोगों को आज के दिन अपनी सेहत का ध्यान देना चाहिए। इसे बेहतर बनाए रखने के लिए आपको डाइट को लेकर कुछ बदलाव करना जरूरी है।वृषइस राशि के लोगों को एक्टिव रहना चाहिए। आज के दिन अपने पोषण पर ध्यान देने की जरूरत है। इसके लिए पोषक तत्वों से भरपूर आहार लें।मिथुनइस राशि के जातकों के लिए आज अच्छा दिन रह सकता है। इसके लिए आपको प्रोटीन और विटामिन्स से भरपूर फूड्स का सेवन करना चाहिए।कर्कइस राशि के जातकों को एक्सरसाइज और वर्कआउट पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। इसके लिए आपको जंक या प्रोसेस्ड फूड खाने से परहेज करना चाहिए।सिंहसिंह राशि के लोगों को आज अपनी जीवनशैली में सुधार लाने की जरूरत है। खराब लाइफस्टाइल फॉलो करने से तबीयत खराब हो सकती है।कन्याकन्या राशि के लोगों को आज फिटनेस से जुड़ी दिनचर्या पर ध्यान देना चाहिए। इसके लिए आपको अपनी शारीरिक क्षमता पर ध्यान देना चाहिए।तुलाअपने स्वास्थ्य को बेहतर रखने के लिए आपको अपनी शारीरिक क्षमता और शक्ति को पहचानने की जरूरत है। इससे सेहत को फायदे मिलेंगे।वृश्चिकआज के दिन सेहत के प्रति लापरवाही करने से आपकी पुरानी बीमारियां उभर सकती हैं। इसलिए इससे बचने के लिए खुद को एक्टिव रखें।धनुधनु राशि के लोग आज स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होने बाहर की दवाएं लेने से बचना चाहिए। इसके लिए आपको पर्याप्त मात्रा में पानी पीने की जरूरत है साथ ही अच्छी डाइट भी लें।मकरमकर राशि के लोगों को आज ऑफिस या फिर घर का तनाव लेने से बचना चाहिए। इससे मेंटल हेल्थ पर बुरा असर पड़ सकता है। इसलिए ऐसे में मेडिटेशन करें।कुंभकुंभ राशि के लोगों को आज गर्मी से बचकर रहने की जरूरत है। इसके लिए आपको जंक या प्रोसेस्ड फूड खाने से परहेज करना चाहिए।मीनमीन राशि के जातकों के लिए आज का दिन अच्छा जा सकता है। इसके लिए आपको सुबह जल्दी उठकर योग और मेडिटेशन करनी चाहिए। -
पंडित प्रकाश उपाध्याय से जानें आज का स्वास्थ्य राशिफल
मेष
आज के दिन आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होगी आपको स्वास्थ्य में लाभ मिलेगा। इसके लिए आपको एक्सरसाइज करनी चाहिए, इससे आपका स्वास्थ्य बेहतर रहेगा।वृषभआज के दिन आपको थके हुए होने पर अपने शरीर से अधिक की अपेक्षा नहीं करनी चाहिए। ऐसी स्थिति में आपको धीरे-धीरे अपने व्यायाम को कम करना चाहिए।मिथुनआज के दिन आपकी एथलेटिक क्षमता काफी अच्छी रहेगी। अपने शरीर और दिमाग को ठीक करने रखने के लिए आपको भरपूर मात्रा में सोना चाहिए साथ ही खूब पानी पिएं।कर्कआज के दिन आपकी मानसिक और शारीरिक स्थिति दोनों ठीक महसूस होगी। आज के दिन आपको अपने आत्मविश्वास को बढ़ाने के अलावा अधिक कसरत करनी चाहिए।सिंहआज के दिन आपको अपने काम के प्रेशर के भार को हल्का करने के साथ ही थोड़ा ब्रेक भी लेना चाहिए। आज आपको व्यायाम करने के साथ ही शरीर को ज्यादा कष्ट देने से बचना चाहिए।कन्याआज के दिन आपको अपनी शारीरिक क्षमता को बढ़ाने के साथ ही खाने की गुणवत्ता में भी सुधार करना चाहिए। आप काफी फिट और मानसिक रूप से अच्छा महसूस कर सकते हैं।तुलाआपको जिम में बेहतरीन परिणाम पाने के लिए उतनी मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। फिर भी, आप थका हुआ और थका हुआ महसूस कर सकते हैं। अभी के लिए, फल और जूस का सेवन करें। आपको अपनी गतिविधि के जुनून का उपयोग करके भी तरोताजा होना चाहिए।वृश्चिकआज आपके लिए अपनी सामान्य फिटनेस को बढ़ाने का एक बेहतरीन मौका और तरीका है। आज आपको अलग-अलग तरीकों से एक्सरसाइज करनी चाहिए।धनुआज आपको विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थों को विशेष महत्व देना चाहिए। इससे आपकी शारीरिक क्षमता बढ़ेगी। आज के दिन चिकनाई वाले भोजन से दूर रहें।मकरआज के दिन शरीर को एक्टिव रखने और एनर्जेटिक रहने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी और हरी सब्जय़िों का सेवन करने की सलाह दी जाती है।कुंभकुंभ राशि के लोगों के लिए आज का दिन अच्छा प्रतीत हो सकता है। आज आपको फिटनेस से जुड़े नए नियम बनाकर उनका पालन करना चाहिए।मीनमीन राशि के लोगों को आज शारीरिक गतिविधियों पर अधिक ध्यान देने की जरूरी है। धीरज बनाए रखने के लिए रोजाना पानी और हाई प्रोटीन आहार लेना चाहिए। -
पंडित प्रकाश उपाध्याय से जानें आज का स्वास्थ्य राशिफल
मेषमेष राशि के लोगों के लिए आज का दिन अच्छा प्रतीत होता है। अपनी जीवनशैली में बदलाव करने से आपको अपनी मानसिक और शारीरिक स्थिति को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।वृषभआज के दिन अच्छा खाना खाने से आपको अपनी जीवनशैली में बदलाव करने में मदद मिलेगी है। फिट रहने के लिए आपको नियमित तौर पर योग और व्यायाम करना चाहिए।मिथुनस्वास्थ्य के लिहाज से आज का दिन मिथुन राशि वालों के लिए अच्छा महसूस हो रहा है। आपको आज अपनी जीवनशैली में बदलाव करने और अपने स्वास्थ्य पर पूरा ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर देना चाहिए।कर्कस्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए आज का दिन बेहतर हो सकता है। आज के दिन जंक फूड से परहेज करना चाहिए। ध्यान और योग करने से अवसाद से भी छुटकारा मिलता है।सिंहआज के दिन आपको समझदारी से खाने की कोशिश करनी चाहिए। इसके लिए चिकने भोजन से दूर रहें। आज के दिन आपको वजन बढ़ने की समस्याएं हो भी सकती है।कन्याआज के दिन आप लोगों को ज्यादा हाई फैट फूड्स खाने से बचना चाहिए साथ ही साथ ऑफिस या घर का ज्यादा तनाव लेने से बचना चाहिए।तुलाआज के दिन आप लोगों को अपने आप में ही खुश रहना चाहिए। इसके लिए आपको दूसरे लोगों से ज्यादा तुलना करने से बचना चाहिए। वृश्चिकस्वास्थ्य के लिहाज से वृश्चिक राशि के जातकों को आज लाभ हो सकता है। अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए अपने आहार में बदलाव करना जरूरी हैधनुधनु राशि के लोगों के लिए आज का दिन बेहतर साबित हो सकता है। आज के दिन आपको पुरानी बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है।मकरआज के दिन आप कुछ शारीरिक समस्याओं का अनुभव कर सकते हैं। अगर आप अभी बेहतर महसूस करना चाहते हैं, तो ऐसे में स्वास्थ्य पर ध्यान देना जरूरी है।कुंभआज के दिन आप पहले से ज्यादा एक्टिव और उर्जावान महसूस कर सकते हैं। इसके लिए आपको दिनभर हेल्दी खानपान ही फॉलो करना चाहिए।मीनआज के दिन एक्सरसाइज और प्राणायाम की शुरुआत करके आप स्वास्थ्य से जुड़ी कई बीमारियों पर काबू पा सकते हैं। इसके लिए सुबह प्राणायाम जरूर करें। - पंडित प्रकाश उपाध्याय से जानें आज का स्वास्थ्य राशिफल, जानें सेहत के लिहाज से कैसा रहेगा आज का दिनमेषमेष राशि के लोगों को आज के दिन स्वास्थ्य के बारे में बहुत ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है। आज आपको अपनी शारीरिक गतिविधियों पर ध्यान देना चाहिए।वृषइस राशि के लोगों को आज के दिन खुद को एक्टिव रखने के साथ ही साथ डाइट को लेकर सख्य रहने की जरूरत है। ऐसा करने से आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा।मिथुनइस राशि के जातकों के लिए आज अच्छा दिन रह सकता है। अगर आपकी शरीर में किसी पोषक तत्व की कमी है तो ऐसे में खाने में न्यूट्रिएंट्स का ध्यान रखें।कर्कइस राशि के जातकों को आज का दिन बेहतर बीत सकता है। आज आपको घर या ऑफिस का ज्यादा तनाव लेने से बचना चाहिए। इसके लिए योग और प्राणायाम करें।सिंहसिंह राशि के लोगों को आज के दिन से नियमित तौर पर व्यायाम करने की जरूरत है। अपनी जीवनशैली में सुधार लाने की जरूरत है। अगर आप किसी चीज की दवाई ले रहे हैं तो इसके लिए चिकित्सक की सलाह लेना जरूरी है।कन्याकन्या राशि के लोगों को आज फिटनेस से जुड़ी गतिविधियां करने की जरूरत है। आज जंक या प्रोसेस्ड फूड खाने से परहेज करना चाहिए।तुलाअपने स्वास्थ्य को बेहतर रखने के लिए आपको अपने वर्कआउट को बढ़ाना चाहिए। इसके लिए कार्डियो और एरोबिक्स को रूटीन शामिल करना चाहिए।वृश्चिकइस राशि के लोगों को आज के दिन जिम जाकर वर्कआउट और फीजिकल एक्टिविटीज दोनों को एकसाथ लेकर चलने की जरूरत है।धनुधनु राशि के लोग आज के प्रति सतर्क रहना चाहिए। आज के दिन आपको अपने गुस्से को काबू करने के साथ ही अपने इमोशन्स पर भी काबू करना चाहिए।मकरमकर राशि के लोगों को आज बारिश या फिर गंदे पानी के संपर्क में आने से बचना चाहिए। इससे डेंगू, मलेरिया जैसी समस्या हो सकती है।कुंभकुंभ राशि के लोगों को आज सेहत के प्रति लापरवाही नहीं करना चाहिए। इसके लिए आपको तनावमुक्त रहने के साथ ही एक्टिव रहना चाहिए।मीनमीन राशि के जातकों को आज स्वास्थ्य के प्रति पूरा ध्यान देना चाहिए। आज आपको भरपूर नींद लेने के साथ ही खुद को हाइड्रेट भी रखना चाहिए।
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पंडित प्रकाश उपाध्याय से जानें आज का स्वास्थ्य राशिफल, जानें सेहत के लिहाज से कैसा रहेगा आज का दिन
मेषआज के दिन आपका स्वास्थ्य बहुत अच्छा रहेगा। आज कोई बड़ी बीमारी परेशानी का कारण नहीं बनने वाली है। शायद आज आपको सिर में दर्द और शरीर में हल्का दर्द हो सकता है।वृषभआपको सबसे पहले अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए। इस राशि कुछ लोगों को आज पेट में संक्रमण और सीने में तकलीफ़ की शिकायत हो सकती है।मिथुनमिथुन राशि के जातकों को सुबह की सैर के दौरान सावधानी बरतनी चाहिए। आपको अपने जीवन में ज्यादा स्ट्रेस लेने की जरूरत नहीं है। आज आपको पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए।कर्ककर्क राशि के कुछ लोगों को आज सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। वहीं, कुछ लोग आज पाचन संबंधी समस्याओं और सीने में तकलीफ की शिकायत कर सकते हैं।सिंहआज के दिन आपको स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को धीरे-धीरे पीछे छोड़ना है। सिंह राशि के लोग सांस संबंधी समस्याओं और के साथ ही शरीर से जुड़ी अन्य समस्याओं के शिकार हो सकते हैं।कन्याआपका आज का दिन बेहतर बीत सकता है बसर्ते आपको इसके लिए जंक और प्रोसेस्ड फूड्स को पूरी तरह से त्यागना पड़ेगा। साथ-साथ धूम्रपान से बचें और पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।तुलाआज के दिन आपको कुछ छोटी-मोटी बीमारियां परेशान कर सकती हैं। इसके लिए खांसी, माइग्रेन या गले में दर्द की समस्या हो सकती है।वृश्चिकइस राशि की गर्भवती महिलाओं के लिए एडवेंचर स्पोर्ट्स करना आज के लिए वर्जित हैं। आज के दिन सीढ़ियां चढ़ते समय आपको सावधान रहना चाहिए। धनुधनुधनु राशि के कुछ लोगों को आज हार्ट से जुड़ी परेशानियों से पीड़ित हो सकते हैं। आपको अपने खान-पान का बहुत ध्यान रखना चाहिए। आज के दिन शराब से दूर रहें।मकरआज के दिन आपको गले या कान के संक्रमण से होकर गुजरना पड़ सकता है। आज के दिन शराब से दूर रहें और देर रात तक गाड़ी चलाने से बचें।कुंभआज के दिन आपको अपनी शारीरिक गतिविधियों पर ध्यान देने की जरूरत है। इस राशि की महिलाओं को पीठ दर्द या माइग्रेन की समस्या हो सकती है।मीनमीन राशि के लोगों को सुबह जल्दी उठकर बाहर टहलना चाहिए ताकि ताजी और शुद्ध हवा में उन्हें मानसिक शांति मिल सके। - पुरी के तर्ज पर कलानगरी सरायकेला में आयोजित होने वाली प्रभु जगन्नाथ के रथ यात्रा की तैयारी अंतिम चरण में है। प्रभु जगन्नाथ के आकर्षक रथ का निर्माण कार्य किया जा रहा है। यहां 7 जुलाई को रथयात्रा होगी जो पुरी (ओड़िशा) के तर्ज पर प्रभु जगन्नाथ, भाई बलभद्र व बहन सुभद्रा रथ पर आरूढ़ होकर मौसीबाड़ी रवाना होंगे। यहां रथयात्रा तथा पूजा परंपरा पुरी की विश्वविख्यात रथयात्रा के तर्ज पर ही आयोजित होती है। रथ यात्रा के मौसी बाड़ी जाने तथा लौटने के क्रम में बीच रास्ते में एक दिन बड़दांडो में विश्राम करने की परंपरा यहां के रथयात्रा को अन्य रथयात्रा से काफी अलग रुप में प्रदर्शित करता है।एकांतवास में प्रभु का चल रहा है उपचार : स्नान पूर्णिमा पर अत्यधिक स्नान से प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र व देवी सुभद्रा बीमार होकर एकांतवास में चले गये हैं। इसके बाद उन्हें मन्दिर के अणसर गृह में रखा गया है जहां महाप्रभु की गुप्त सेवा की जा रही है। सेवायतों द्वारा मंदिर के अणसर गृह में पूजा-अर्चना के साथ फल-मूल का भोग लगाया जा रहा है साथ ही देसी नुस्खे से महाप्रभु का उपचार भी शुरू कर दिया गया है। बीमार भगवान का जड़ी बूटियों से देशी उपचार किया जा रहा है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए जड़ी-बूटियों का काढ़ा पिलाया जा रहा है। देशी नुस्खों से उनका इलाज करने के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के जड़ी-बूटियों का काढ़ा और प्रसाद के रुप में मौसमी फलों का जूस दिया जा रहा है। इस दौरान भक्तों को महाप्रभु दर्शन नहीं दे रहे हैं। परंपरा के अनुसार अणसर दशमी के दिन भगवान जगन्नाथ, बलभद्र व देवी सुभद्र को जंगल की दस जड़ी-बुटी से तैयार दवा खिलाया गया। दस अलग-अलग जड़ी-बुटी से तैयार होने के कारण ही इस दवा का नाम दशमूली दवा पडा। परंपरा के अनुसार इस दवा को खाने के दो-तीन दिन बाद प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र व देवी सुभद्रा के स्वस्थ्य में सुधार होने लगेगी और नेत्र उत्सव पर भक्तों को दर्शन देंगे। इस वर्ष सात जुलाई को नेत्र उत्सव व रथ यात्रा पर प्रभु के दर्शन होंगे। सात जुलाई को रथयात्रा के दिन प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र व देवी सुभद्रा पूरी तरह से स्वस्थ होकर भक्तों को दर्शन देंगे।नेत्र उत्सव पर प्रभु नवयौवन रूप में देंगे दर्शन : सात जुलाई की सुबह प्रभु का नेत्र उत्सव किया जायेगा। इसके साथ ही प्रभु अपने नवयौवन रूप में भक्तों को दर्शन देंगे। इसी दिन शाम को प्रभु जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली जायेगी। रथ पर सवार होकर प्रभु जगन्नाथ गुंडिचा मंदिर मौसीबाड़ी के लिये रवाना होंगे।नेत्र उत्सव सह नवयौवन रूप के दर्शन : 07 जुलाई की सुबहगुंडिचा रथयात्रा : 07 जुलाई की शामनवमी संध्या दर्शन : 14 जुलाईबाहुड़ा रथ यात्रा : 15 जुलाई
- हस्तरेखा शस्त्र के अनुसार, व्यक्ति की हथेली की रेखाओं से प्रेम, व्यापार, भाग्य, धन और सेहत का पता लगाया जा सकता है। हाथों की रेखाओं से कई शुभ योगों का निर्माण भी होता है। हाथों में योग बनना लाभकारी माना जाता है। योगों का शुभ प्रभाव जीवन की मुश्किलों को कम कर देता है। कुछ शुभ योग भाग्यशाली किस्मत की ओर इशारा भी करते हैं। आइए जानते हैं रेखाओं से बने ऐसे ही कुछ शुभ योगों के बारे में-शंख योगजब हथेली में अंगूठे का भाग यानी शुक्र पर्वत अच्छा होता है और वहां से कोई रेखा निकलकर सूर्य पर्वत की ओर और दूसरी रेखा शनि पर्वत पर जाकर मिलती है, तब इससे शंख योग का निर्माण होता है। हथेली में शंख योग बनने से व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफलता हासिल होती है। जीवन में धन-धान्य की कमी नहीं रहती है। ऐसे लोग मुश्किल परिस्थितियों को भी अच्छे से संभालना जानते हैं।शुभ कर्तरी योगशुभ कर्तरी योग तब बनता है जब हथेली के बीच का हिस्सा बाकी हिस्सों के मुकाबले दबा हो और भाग्य रेखा शनि पर्वत तक जाती हो। साथ ही गुरु और सूर्य पर्वत भी अच्छी स्थिति में हो। जिन व्यक्तियों के हाथ में शुभ कर्तरी योग पाया जाता है वे आर्थिक रूप से समृद्ध रहते हैं और जीवन में खूब तरक्की भी करते हैं।भाग्य योगजब भाग्य रेखा गुरु पर्वत या चंद्र पर्वत से शुरू होती है और दिखने में लंबी, स्पष्ट और डार्क नजर आती है तब भाग्य योग बनता है। हथेली में भाग्य योग बनने पर व्यक्ति को सफलता हासिल करने में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है। वहीं, ऐसे व्यक्ति खूब धन-दौलत भी कमाते हैं।गजलक्ष्मी योगहाथों की लकीरों से बना गजलक्ष्मी योग बेहद ही शुभ माना जाता है। जब मणिबंध से शुरू भाग्य रेखा शनि पर्वत तक जाती है और सूर्य रेखा गाढ़ी और स्पष्ट दिखती है तब गजलक्ष्मी योग का निर्माण होता है। जिन लोगों के हाथ में गजलक्ष्मी योग पाया जाता है, वे बेहद ही भाग्यशाली माने जाते हैं। ऐसे लोगों को व्यापार में खूब कामयाबी मिलती है और इन्हें ज्यादा आर्थिक दिक्कतें नहीं झेलनी पड़ती है।
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पंडित प्रकाश उपाध्याय से जानें आज का स्वास्थ्य राशिफल, जानें सेहत के लिहाज से कैसा रहेगा आज का दिन
मेषआज के दिन आप लोगों को बारिश में होने वाली बीमारियों जैसे डेंगू, मलेरिया और वायरल बुखार से बचने की जरूरत है। इससे आंखों से जुड़े संक्रमण भी हो सकते हैं।वृषभआज के दिन आपको स्वास्थ्य पर जरूर ध्यान देना चाहिए। आज आपको पुरानी स्वास्थ्य समस्याओं में लाभ देखने को मिल सकता है। इससे सेहत पर अच्छा असर पड़ सकता है।मिथुनआपके लिए आज अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की जरूरत है। आज के दिन आप लोगों को संक्रमण फैलने के साथ ही पेट से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती है।कर्कआज के दिन आप लोगों को फेफड़े, छाती और गले से जुड़े कुछ मामूली संक्रमण का सामना करना पड़ सकता है। आज आपको वायरल बुखार और गले के संक्रमण की समस्या हो सकती है।वृषभआज आपका स्वास्थ्य काफी अच्छा रह सकती है। आज के दिन आपको तंबाकू उत्पादों के सेवन करने से बचना चाहिए। इससे गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।कन्याआज के दिन आपको ज्यादा तनाव लेने से बचना चाहिए। दिल या किडनी की समस्या वाले लोगों को आज ज्यादा सावधान रहना चाहिए।तुलाआज आपका स्वास्थ्य वास्तव में अच्छा बीत सकता है। आज के दिन आपको फलों का जूस, नींबू पानी आदि पीना चाहिए। इससे शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का स्तर बैलेंस रहता है।वृश्चिकआज के दिन आप लोगों को ज्यादा प्रेशर लेने से बचना चाहिए। इससे मेंटल हेल्थ पर बुरा असर पड़ सकता है। इससे आपको तनाव और डिप्रेशन भी हो सकता है।मकरआज के मकर राशि के जातकों अपनी डाइट पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। ऐसे में आपको डाइट में खीरे, हरी सब्जियां और फलों का ज्यादा सेवन करना चाहिए।कुंभकुंभ राशि के जातकों को आज अपनी सेहत का ध्यान रखना चाहिए। आज के दिन आपको एक्सरसाइज करनी चाहिए, जिसमें कार्डियो और एरोबिक्स को जरूर शामिल करना चाहिए।मीनअगर आप अपने स्वास्थ्य को लेकर लापरवाही करते हैं तो इससे शरीर से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं। इससे सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। - पंडित प्रकाश उपाध्यायभारतीय संस्कृति में कुछ वृक्ष ऐसे हैं जो पूजनीय माने जाते हैं जिनमें बरगद, पीपल और नीम का पेड़ प्रमुख है। वैसे तो हर पेड़ का अपना महत्व है, लेकिन नीम के पेड़ का औषधीय के साथ-साथ धार्मिक महत्व भी है। ज्योतिष शास्त्र में नीम का संबंध शनि और केतु से जोड़ा गया है। इसलिए दोनो ग्रहों की शांति के लिए घर में नीम का पेड़ लगाना चाहिए। नीम की लकड़ी से हवन करने से शनि की शांति होती है और इसके पत्तों को जल में डालकर स्नान करने से केतु संबंधित समस्याएं दूर होती हैं। प्रकृति को प्रत्यक्ष ईश्वर माना जाता है। यदि आपके घर में वास्तु संबंधी कोई समस्या है तो पेड़ पौधों को सही दिशा में लगाना चाहिए। आइए जानते है नीम के पेड़ से जुड़े उपाय और यह क्या लाभ प्रदान करते हैं।नकारात्मकता से मुक्ति
नीम के पेड़ को दुर्गा मां का स्वरूप माना जाता है। कई स्थानों पर निमरी देवी और शीतला माता भी कहते हैं और उनकी पूजा करते हैं। मान्यता है कि नीम की पत्तियों का धुआ घर में किया जाए तो इससे नकारात्मक ऊर्जा नहीं आती।
शनि-केतु का प्रभाव कम
ज्योतिष शास्त्र में नीम का संबंध शनि और केतु से जोड़ा गया है। इसलिए दोनो ग्रहों की शांति के लिए अपने घर में नीम का पेड़ लगाना चाहिए। नीम की पत्तियां नहाने के पानी में डालकर स्नान करने से केतु ग्रह शांत होता है,वहीं नीम की माला पहनने से शनि के अशुभ प्रभाव को भी काम करता है।
वायव्य कोण में लगाएं पेड़
नीम के पेड़ में साक्षात मंगल देव का वास होता है। नीम का पेड़ हमेशा घर के दक्षिण दिशा या वायव्य कोण में लगाएं, इससे घर में अमंगलकारी संकट दूर होंगे।
इन राशि के लिए शुभकारी
राशि चक्र की दो राशियां मकर और कुंभ राशि के जातकों को घर में या उसके आसपास नीम का पेड़ जरूर लगाना चाहिए। ये उनके लिए बहुत शुभफलदायी होता है, इससे उनके जीवन में मान सम्मान के पथ को अग्रसर करेगा। -
पंडित प्रकाश उपाध्याय
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रह एक निश्चित अंतराल पर एक से दूसरी राशि में परिवर्तन करते हैं जिससे कई तरह के शुभ और अशुभ दोनों ही तरह के योगों का निर्माण होता है। ग्रह समय-समय पर अपनी स्वराशि, मित्र और शत्रु ग्रहों की राशि में प्रवेश करते हैं, जिसका प्रभाव सभी राशियों के जातकों पर पड़ता है। आपको बता दें कि महान, साहसी और पराक्रमी ग्रह भूमिपुत्र मंगल 12 जुलाई को अपने मित्र की राशि वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे। वृषभ राशि के स्वामी ग्रह शुक्रदेव होते हैं और इनका मंगल से मित्रता का संबंध होता है। ऐसे में कुछ राशि के जातकों को 12 जुलाई के बाद भाग्य का अच्छा साथ मिलेगा, धन लाभ के अच्छे अवसर मिलेंगे और समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति होगी। आइए जानते हैं कौन-कौन सी हैं भाग्यशाली राशियां जिनके ऊपर मंगलदेव की कृपा बनेगी।वृषभ राशिमंगल का गोचर आपकी राशि से लग्न भाव में होगा ऐसे में आपके लिए मंगल का गोचर बहुत ही लाभकारी साबित होगा। इस दौरान आपके आत्मविश्वास में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। बुद्धि और विवेक के बल पर आप बड़े से बड़ा कार्य बहुत ही आसानी से करने में कामयाब रहेंगे। 12 जुलाई के बाद आपका अच्छा समय शुरू होगा। आपको अतिरिक्त धन कमाने का अवसर मिलेगा। आपकी आय में वृद्धि देखने को मिलेगी। अधूरे कार्य पूरे होंगे। आपके साहस और पराक्रम में वृद्धि देखने को मिलेगी। मिले अवसरों को अपने फायदे में बदलने में कामयाब होंगे।मेष राशि12 जुलाई को मंगल का गोचर आपकी राशि से दूसरे भाव यानी धन और वाणी के स्थान पर होगा। ऐसे में मंगल ग्रह का राशि परिवर्तन बहुत ही शुभ फलदायी साबित होगा। अब से आपकी आर्थिक स्थिति में लगातार बदलाव देखने को मिलेगा। आपको आर्थिक मोर्चे पर अतिरिक्त धन कमाने के अवसर मिलेंगे। आप जिस योजना पर बहुत समय से लगे हुए थे अब उसमें कामयाबी मिलेगी। आपके साहस और पराक्रम में वृद्धि देखने को मिलेगी। लोग आपकी प्रशंसा करेंगे और लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करने में कामयाब होंगे।कुंभ राशिमंगल का अपने मित्र शुक्रदेव की राशि वृषभ में गोचर कुंभ राशि के जातकों को लाभ दिलाने में कामयाब होगा। आपकी राशि से यह गोचर चौथे भाव में होगा। इस तरह से 12 जुलाई के बाद से आपकी सुख-सुविधाओं में वृद्धि देखने को मिलेगा। मंगल के वृषभ राशि में गोचर के दौरान आपको जमीन-जायदाद से जुड़े मसलों में अच्छी सफलताएं मिलेगी। जो लोग जमीन से संबंधित कार्यों में लिप्त है उन्हे अच्छा लाभ मिल सकता है। वहीं करियर में अच्छी तरक्की भी मिलेगी और आर्थिक पक्ष मजबूत रहेगा। अटके हुए धन की वापसी संभव है। धन लाभ के बेहतरीन मौके आपको मिलेंगे। - बालोद से पंडित प्रकाश उपाध्यायघर में तुलसी का पौधा रखना शुभ माना जाता है और ऐसा करने से कई लाभ होते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि घर में तुलसी का पौधा रखने के कुछ नियम भी होते हैं? मान्यताओं के अनुसार इन नियमों का पालन न करने से घर में नकारात्मक्ता फैलती है। आइए इस लेख में जानते हैं कि घर में तुलसी का पौधा किस दिशा में नहीं रखना चाहिए और ऐसा करने से क्या नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं।किस दिशा में लगाएं तुलसी का पौधा?दक्षिण दिशा: दक्षिण दिशा यमराज की दिशा मानी जाती है। इस दिशा में तुलसी का पौधा रखने से नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न हो सकती है और परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।उत्तर-पश्चिम दिशा: उत्तर-पश्चिम दिशा राहु की दिशा मानी जाती है। इस दिशा में तुलसी का पौधा रखने से धन हानि हो सकती है और परिवार में कलह-कलेश हो सकते हैं।तुलसी का पौधा रखने की सही दिशापूर्व दिशा: पूर्व दिशा सूर्योदय की दिशा मानी जाती है। यह दिशा सकारात्मक ऊर्जा के लिए शुभ मानी जाती है। पूर्व दिशा में तुलसी का पौधा रखने से धन-वैभव और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।उत्तर-पूर्व दिशा: उत्तर दिशा कुबेर की दिशा मानी जाती है। यह दिशा धन और समृद्धि के लिए शुभ मानी जाती है। उत्तर दिशा में तुलसी का पौधा रखने से धन-दौलत में वृद्धि होती है और परिवार में खुशहाली आती है।ईशान कोण: ईशान कोण भगवान शिव का स्थान माना जाता है। यह दिशा ज्ञान और विद्या के लिए शुभ मानी जाती है। ईशान कोण में तुलसी का पौधा रखने से विद्या-बुद्धि में वृद्धि होती है और परिवार में तरक्की होती है।तुलसी के पौधे के पास नहीं होना चाहिए अंधेराजी हां, तुलसी का पौधा घर में रखना शुभ होता है मगर इसका ध्यान रखना चाहिए कि ये पौधे को हमेशा ऐसे स्थान पर रखें जहां से दिन में भी धूप आता हो। अगर आपके घर में तुलसी का पौधा ऐसे स्थान पर रखा हुआ है जहां हमेशा अंधेरा रहता हो, तो इसे अच्छा नहीं माना जाता है।तुलसी के पौधे से जुड़े अन्य नियमकोशिश करें कि तुलसी का पौधा गमले या किसी छोटे बर्तन में न लगाकर हमेशा जमीन पर ही लगाएं। इस पौधे को नियमित रूप से पानी देना बेहद शुभ माना जाता है। यही कारण है कि बहुत से लोग सूर्य देवता को अर्घ देते समय तुलसी के पौधे के पास ही रहते हैं। साथ ही अगर संभव हो तो तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाएं इसे शुभ माना जाता है।तुलसी के पत्तों को तोड़ते समय "ॐ तुलसी देवी नमः" का मंत्र जरूर बोलना चाहिए।
- पंडित प्रकाश उपाध्यायकलावा को रक्षा सूत्र भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में कलावा अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। हिन्दू धर्म में प्रत्येक धार्मिक कर्म यानी पूजा-पाठ, उद्घाटन, यज्ञ, हवन, संस्कार आदि के पूर्व पुरोहितों द्वारा यजमान के दाएं हाथ में मौली बांधी जाती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जीवन में आने वाले संकट और परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए कलावा या रक्षा सूत्र बांधा जाता है, कलावा बांधने से व्यक्ति पर त्रिदेवों और तीन महादेवियों की कृपा होती है, तीन देवियों मां लक्ष्मी, मां सरस्वती तथा महाकाली से धन सम्पति, विद्या-बुद्धि और शक्ति मिलती है।कलावा किस हाथ में बांधना चाहिए?कलावा किस हाथ में बांधे इस बारे में भी नियम है, जो कि पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग हैं. पुरुषों और कुंवारी कन्याओं को दाहिने हाथ में और विवाहित महिलाओं को हमेशा बाएं हाथ में कलावा बांधने चाहिए।कलावा कलाई पर कितनी बार लपेटनी चाहिए?कलावा बंधवाते समय इस बात का ध्यान रखें कि आपकी कलाई पर इसे तीन, पांच या सात बार लपेटा गया हो. कलावा बांधते समय कभी भी हाथ खाली नहीं होना चाहिए ऐसे में जिस हाथ में कलावा बांधा जा रहा है उसमें एक सिक्का रखें तथा उसके बाद दूसरे हाथ को सिर पर रखें। कलावा बांधने के बाद वह सिक्का कलावा बांधने वाले व्यक्ति, पंडित जी को दे दें।किस दिन खोलना चाहिए कलावा?रक्षा सूत्र या कलावा किसी भी दिन या किसी भी समय नहीं खोलना चाहिए, क्योंकि इसे बांधने से जातक की रक्षा होती है। कलावा या रक्षा सूत्र खोलने के लिए मंगलवार या शनिवार का दिन सबसे सही माना जाता है। पुराना कलावा खोलने के बाद पूजा घर में बैठकर दूसरा कलावा बांध लेना शुभ होता है।पुराना कलावा कहां रखें?पुराना कलावा खोलने के बाद उसे यहां-वहां कहीं भी नहीं फेंकना चाहिए, कलावा निकालकर या तो पीपल के पेड़ के नीचे रखें या फिर किसी बहते पानी में प्रवाहित करना चाहिए।कलावा और आयुर्वेदस्वास्थ्य के दृष्टि से भी रक्षासूत्र को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. इससे कई प्रकार के शारीरिक पीड़ाएं दूर रहती हैं. आयुर्वेद शास्त्र में बताया गया है कि शरीर के कई मुख्य नसें हमारी कलाई से होकर निकलती हैं, ऐसे में जब इस स्थान पर रक्षासूत्र बांधा जाता है, तब इसके दबाव से त्रिदोष अर्थात वात, पित्त और कफ से जुड़ी समस्या कई हद तक दूर रहती है. इसके साथ मधुमेह, हृदय रोग, रक्तचाप इत्यादि जैसी गंभीर बीमारियों पर भी बहुत हद तक नियंत्रण पाया जा सकता है ।ज्योतिष दृष्टि से कैसे उपयोगी है रक्षासूत्र?ज्योतिष शास्त्र में भी रक्षासूत्र के विषय में विस्तार से जानकारी दी गई है. बताया गया है कि कलाई पर लाल या केसरी रंग का रक्षासूत्र बांधने से कुंडली में मंगल का अशुभ प्रभाव कम होने लगता है और जातक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. कुछ ज्योतिष विद्वान काले रंग का धागा धारण करने की सलाह देते हैं. कुछ लोग इसे कलाई पर तो कुछ पैर में बांधते हैं. बता दें कि इसे शनि ग्रह का प्रतीक माना जाता है और इससे शनि ग्रह का अशुभ प्रभाव कम हो जाता है।कलावा बांधने के फायदे तथा महत्व▪️तीन धागों का यह सूत्र त्रिदेवों व त्रिशक्तियों को समर्पित हो जाता है। इस रक्षा-सूत्र को संकल्पपूर्वक बांधने से व्यक्ति पर मारण, मोहन, विद्वेषण, उच्चाटन, भूत-प्रेत और जादू-टोने का असर नहीं होता।▪️यह मौली किसी देवी या देवता के नाम पर भी बांधी जाती है जिससे संकटों और विपत्तियों से व्यक्ति की रक्षा होती है। यह मंदिरों में संकल्प के लिए भी बांधी जाती है।▪️मौली बांधने से त्रिदेव- ब्रह्मा, विष्णु व महेश तथा तीनों देवियों- लक्ष्मी, पार्वती व सरस्वती की कृपा प्राप्त होती है। ब्रह्मा की कृपा से कीर्ति, विष्णु की कृपा से रक्षा तथा शिव की कृपा से दुर्गुणों का नाश होता है। इसी प्रकार लक्ष्मी से धन, दुर्गा से शक्ति एवं सरस्वती की कृपा से बुद्धि प्राप्त होती है।▪️ कलावा बांधने से उसके पवित्र और शक्तिशाली बंधन होने का अहसास होता रहता है और इससे मन में शांति तथा पवित्रता बनी रहती है। व्यक्ति के मन और मस्तिष्क में बुरे विचार नहीं आते तथा वह गलत रास्तों पर नहीं भटकता है। कई अवसरों पर इससे व्यक्ति पाप कार्य करने से बच जाता है।▪️ कमर पर बांधा गये रक्षा सूत्र के संबंध में विद्वान लोग कहते हैं कि इससे सूक्ष्म शरीर स्थिर रहता है तथा कोई दूसरी बुरी आत्मा आपके शरीर में प्रवेश नहीं कर सकती है। बच्चों को अक्सर कमर में मौली बांधी जाती है। यह काला धागा भी होता है। इससे पेट में किसी भी प्रकार के रोग नहीं होते।
- पंडित प्रकाश उपाध्यायकभी - कभी किसी न किसी कारणवश व्यक्ति जमीन जायदाद के विवादों में उलझ जाता है । जब ये परेशानियां बढ़ने लगती हैं तो व्यक्ति थक जाता है, जिसका असर शारीरिक व मानसिक स्थिति दोनों पर पड़ता है। ऐसे में ज्योतिष में कुछ उपाय बताए गए हैं, जिनके करने से जमीन-जायदाद के विवादों से मुक्ति मिल सकती है। ये उपाय न केवल जमीन जायदाद के विवादों को सुलझता है बल्कि आगे चलकर कोई समस्या न हो, इसका भी रास्ता बनाता है। आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में..गाय को खिलाएं गुड़ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अगर जमीन जायदाद के विवादों ने आपको परेशान कर रखा है तो रविवार के दिन गौशाला में जाकर लाल गाय को गुड़ खिलाएं। ध्यान रहे कि गुड़ को गाय के सामने फेंके नहीं, बल्कि उसको अपने हाथों से खिलाएं। इसके बाद गाय को प्रणाम करें और उसके चरण स्पर्श करके अपनी समस्या से अवगत कराएं, यह उपाय लगातार करते रहें। अचानक आप देखेंगे कि आपको जमीन जायदाद के विवादों से मुक्ति मिल जाएगी।भोजन दान का उपायअपना घर हो और जमीन संबंधित विवादों से मुक्ति के लिए शुक्रवार के दिन गरीब व जरूरतमंद लोगों को खाना खिलाएं। साथ ही उनको दान-दक्षिणा के साथ अच्छे से विदा करें। ऐसा करने से धीरे-धीरे भूमि से संबंधित विवादों से आपको मुक्ति मिल जाएगी और आपका अपना घर हो, यह सपना भी पूरा हो जाएगा। इस उपाय के करने से शुक्र ग्रह के दोषों से भी मुक्ति मिलती है।क्षेत्रपाल देवता की करें पूजाजमीन जायदाद से संबंधित विवादों से मुक्ति के लिए क्षेत्रपाल की पूजा करना लाभकारी बताया गया है। क्षेत्रपाल को खेतरपाल भी कहा जाता है और भूमि व जमीन के रखवाली के लिए इनकी पूजा की जाती है। जिस क्षेत्र में आप रहते हैं, उसके एक अलग ही क्षेत्रपाल होते हैं, इनकी हर रोज पूजा-पाठ करने से जमीन-जायदाद के विवादों से मुक्ति मिलती है, यह जमीन-जायदाद के मामले में न्याय के देवता माने जाते हैं।भूमि विवाद में आजमकार देखें ये टोटकेकाफी दिनों से संपत्ति संबंधी विवाद चल रहा है तो किसी भी माह की शुक्ल पक्ष में एक पत्थर पर थोड़ा सा शहद लगा दें और उसको कपड़े से बांध दें। इसके बाद शुक्ल पक्ष के मंगलवार के दिन बहते पानी यानी नदी में प्रवाहित कर दें, ऐसा करने से आपको जल्द से जल्द इन विवादों से छुटकारा मिल जाएगा और शुभ समाचार की प्राप्ति होगी।मां के आशीर्वाद से पूरे होंगे सभी कामज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अगर जमीन खरीदने-बेचने या अपना बनाने में कोई समस्या आ रही है तो चैत्र या शारदीय नवरात्र के पहले दिन से दुर्गा मंत्रों का जप करना चाहिए और नौ दिन तक मां भगवती का ध्यान करते रहना चाहिए। साथ ही माता की विधिवत पूजन करें और उनको अपनी समस्याओं से अवगत कराएं। ऐसा करने से भूमि व जमीन संबंधित समस्याओं का अंत होगा और आपका मकान बनने का सपना भी मां के आशीर्वाद से पूरा होगा।नोट : इन उपायों का विज्ञान और तर्क से कोई नाता नहीं है। ये तमाम उपाय लोक मान्यताओं और ज्योतिष के ग्रंथों पर आधारित हैं। जिनकी श्रद्धा हो आजमाकर देख सकते हैं।
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पंडित प्रकाश उपाध्याय
शनि अपनी स्वराशि कुंभ राशि में वक्री होने जा रहे हैं। शनि 29 जून की मध्यरात्रि वक्री होंगे और नवंबर तक इसी अवस्था में रहेंगे। ऐसे में आने वाला समय मेष, वृषभ सिंह समेत 5 राशि के जातकों के लिए बहुत ही शुभ फलदायी रहने वाला है। इन 5 राशियों पर शनि की शुभ दृष्टि रहेगी। जिससे शनि इन राशियों को धन संपत्ति लाभ दिलाएंगे। आइए जानते हैं शनि की वकी चाल किन 5 राशियों के लिए रहेगी मेहरबान-मेष राशिशनि आपकी राशि से 11 भाव में वक्री होने जा रहे हैं। ऐसे में शनि आपको अच्छा आर्थिक लाभ दिलाने के साथ साथ आपको आपके भाई -बहनों का पूरा सहयोग दिलाएंगे। समाज में आपकी प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी होगी। आपके दोस्त आपको कॅरिअर में उन्नति दिलाने के लिए पूरी मदद करेंगे। शनि आपकी सभी इच्छाओं को भी पूरी करेंगे।वृषभ राशिशनि वृषभ राशि के जातकों के 10वें भाव में वक्री होने जा रहे हैं। आने वाला समय आपके कॅरिअर के लिए बहुत ही शुभ फल देने वाला रहेगा। आपको सरकारी कामकाज में बड़ी सफलता मिलने के भी योग बन रहे हैं। अधिकारी वर्ग आप पर भरोसा करेंगे और आप पर बड़ी जिम्मेदारियां सौंपी जा सकती हैं। समाज में आपका एक अलग दायरा बढ़ेगा। आपको कोई बड़ी सफलता भी नवंबर तक मिल सकती है जिससे आपकी आय में पहले से कहीं ज्यादा वृद्धि होगी। इस अवधि में आपके धन संपत्ति के भी योग बन रहे हैं।सिंह राशिसिंह राशि के जातकों के लिए शनि की वक्री अवस्था बहुत ही लाभकारी साबित होने वाली है। इस समय आपकी राशि में उन्नति मिलने के योग हैं। इतना ही नहीं आपको अपने कॅरिअर और वित्तीय जीवन में भी बड़ी सफलता मिलने के योग हैं। इस राशि के जो लोग खुद का व्यापार करते हैं उन्हें इस क्षेत्र में अच्छा पैसा मिलने के योग हैं। यह समय आपके रुके हुए काम या योजनाओं को फिर से शुरू करने में मददगार रहेगा। इस दौरान आपको कोई विशेष लाभ भी मिल सकता है। वैवाहिक जीवन में जो समस्याएं चल रही थी वह सभी समाप्त हो जाएंगे। यदि आपका धन कहीं फंसा हुआ है तो आपको अपना रुका धन वापस मिल जाएगा।धनु राशिधनु राशि के जातकों को अपने कॅरिअर में तेजी से सफलता मिलने लगेगी। कार्यक्षेत्र में आपको सहकर्मियों से पूरा लाभ और सफलता मिलेगी। आपकी नौकरी में पकड़ मजबूत होगी। आपको कुछ क्षेत्रों में तेजी से सफलता मिलने की संभावना है। कार्यक्षेत्र में आपको हर कदम पर अपना सहकर्मियों से सहायता मिलेगी। जिससे आपकी प्रतिष्ठा बढ़ेगी। आपको इस दौरान पूरी किस्मत का साथ मिलेगा। साथ ही आपको अपनी मेहनत का पूरा फल मिलेगा। शनि आपको धन संपत्ति का बड़ा लाभ भी दिलाएंगे।मकर राशिमकर राशि के जातकों के लिए शनि का वक्री होना बहुत ही शुभ साबित होने वाला है। इस दौरान आपकी आर्थिक स्थिति पहले से काफी ज्यादा मजबूत हो जाएगा। शनि वक्री अवस्था में आपको धन की अच्छी बचत कराएंगे। जिससे आपका बैंक खाते में धन की वृद्धि मिलने के योग हैं। नई संपत्ति खरीदने के लिए समय बहुत ही शुभ रहने वाला है। आप अपने परिवार में सुख सुविधाओं का भरपूर आनंद लेंगे। प्रेम संबंधों के लिए भी शनि का वक्री होना लाभकारी रहेगा। इस राशि के लोगों को समाज में उच्च सम्मान प्राप्त होगा। इसके अलावा आप लोगों को बहुत आसानी से प्रभावित कर पाएंगे। - हिंदू धर्म में शास्त्रों के अनुसार कुछ परंपराएं ऐसी मानी गई हैं, जिनका सख्ती से पालन किया जाना जरूरी माना जाता है ! जन्म से लेकर मृत्यु तक हिंदू धर्म में कई संस्कार या परंपराएं बताई गई हैं ! इन्ही परंपराओं में विशेष है सूतक और पातक. ! सूतक और पातक का अब भी हर हिंदू धर्म में पालन किया जाता है ! माना जाता है कि इन नियमों का घर के हर सदस्य को पालन करना होता है. !सूतक :-सूतक का सम्बन्ध "जन्म के" निम्मित से हुई अशुद्धि से है !जन्म के अवसर पर जो नाल काटा जाता है और जन्म होने की प्रक्रिया में अन्य प्रकार की जो हिंसा होती है, उसमे लगने वाले दोष/पाप के प्रायश्चित स्वरुप "सूतक" माना जाता है !जन्म के बाद नवजात की पीढ़ियों को हुई अशुचिता :-3 पीढ़ी तक - 10 दिन4 पीढ़ी तक - 10 दिन5 पीढ़ी तक - 6 दिनध्यान दें :- एक रसोई में भोजन करने वालों के पीढ़ी नहीं गिनी जाती ... वहाँ पूरा 10 दिन का सूतक माना है !प्रसूति (नवजात की माँ) को 45 दिन का सूतक रहता है !प्रसूति स्थान 1 माह तक अशुद्ध है ! इसीलिए कई लोग जब भी अस्पताल से घर आते हैं तो स्नान करते हैं !अपनी पुत्री :-पीहर में बच्चे को जन्म दे तो हमे 3 दिन का,ससुराल में जन्म दे तो उन्हें 10 दिन का सूतक रहता है ! और हमे कोई सूतक नहीं रहता है !नौकर-चाकर :-अपने घर में बच्चे को जन्म दे तो 1 दिन का,बाहर बच्चे को जन्म दे तो हमे कोई सूतक नहीं !पालतू पशुओं का :-घर के पालतू गाय, भैंस, घोड़ी, बकरी इत्यादि को घर में बच्चा होने पर हमे 1 दिन का सूतक रहता है !किन्तु घर से दूर-बाहर जन्म होने पर कोई सूतक नहीं रहता !बच्चा देने वाली गाय, भैंस और बकरी का दूध, क्रमशः 15 दिन, 10 दिन और 8 दिन तक "अभक्ष्य/अशुद्ध" रहता है !पातक :-पातक का सम्बन्ध "मरण के" निम्मित से हुई अशुद्धि से है !मरण के अवसर पर दाह-संस्कार में इत्यादि में जो हिंसा होती है, उसमे लगने वाले दोष/पाप के प्रायश्चित स्वरुप "पातक" माना जाता है !मरण के बाद हुई अशुचिता :-3 पीढ़ी तक - 12 दिन4 पीढ़ी तक - 10 दिन5 पीढ़ी तक - 6 दिनध्यान दें :- जिस दिन दाह-संस्कार किया जाता है, उस दिन से पातक के दिनों की गणना होती है, न कि मृत्यु के दिन से !-यदि घर का कोई सदस्य बाहर/विदेश में है, तो जिस दिन उसे सूचना मिलती है, उस दिन से शेष दिनों तक उसके पातक लगता है !-अगर 12 दिन बाद सूचना मिले तो स्नान-मात्र करने से शुद्धि हो जाती है !-किसी स्त्री के यदि गर्भपात हुआ हो तो, जितने माह का गर्भ पतित हुआ, उतने ही दिन का पातक मानना चाहिए !-घर का कोई सदस्य मुनि-आर्यिका-तपस्वी बन गया हो तो, उसे घर में होने वाले जन्म-मरण का सूतक-पातक नहीं लगता है ! किन्तु स्वयं उसका ही मरण हो जाने पर उसके घर वालों को 1 दिन का पातक लगता है !-किसी अन्य की शवयात्रा में जाने वाले को 1 दिन का, मुर्दा छूने वाले को 3 दिन और मुर्दे को कन्धा देने वाले को 8 दिन की अशुद्धि जाननी चाहिए !-घर में कोई आत्मघात कर ले तो 6 महीने का पातक मानना चाहिए !-यदि कोई स्त्री अपने पति के मोह/निर्मोह से जल मरे, बालक पढाई में फेल होकर या कोई अपने ऊपर दोष देकर मरता है तो इनका पातक बारह पक्ष याने 6 महीने का होता है !उसके अलावा भी कहा है कि :-जिसके घर में इस प्रकार अपघात होता है, वहाँ छह महीने तक कोई बुद्धिमान मनुष्य भोजन अथवा जल भी ग्रहण नहीं करता है ! वह मंदिर नहीं जाता और ना ही उस घर का द्रव्य मंदिर जी में चढ़ाया जाता है ! (क्रियाकोष १३१९-१३२०)-अनाचारी स्त्री-पुरुष के हर समय ही पातक रहता है-सूतक-पातक की अवधि में "देव-शास्त्र-गुरु" का पूजन, प्रक्षाल, आहार आदि धार्मिक क्रियाएं वर्जित होती हैं !-इन दिनों में मंदिर के उपकरणों को स्पर्श करने का भी निषेध है !-यहाँ तक की गुल्लक में रुपया डालने का भी निषेध बताया है !किन्तु :-ये कहीं नहीं कहा कि सूतक-पातक में मंदिर जाना वर्जित है या मना है !सूतक-पातक के नियम : --1. सूतक और पातक में अन्य व्यक्तियों को स्पर्श न करें।2. कोई भी धर्मकृत्य अथवा मांगलिक कार्य न करें तथा सामाजिक कार्य में भी सहभागी न हों।3. अन्यों की पंगत में भोजन न करें।4. किसी के घर न जाएं और ना ही किसी भी प्रकार का भ्रमण करें। घर में ही रहकर नियमों का पालन करें।5. किसी का जन्म हुआ है तो शुद्धि का ध्यान रखते हुए भगवान का भजन करें और यदि कोई मर गया है तो गरुढ़ पुराण सुनकर समय गुजारें।6. सूतक या पातक काल समाप्त होने पर स्नान तथा पंचगव्य (गाय के दूध, दही, घी, गोमूत्र और गोबर का मिश्रण) सेवन कर शुद्ध हो जाएं।7. सूतक पातक की अवधि में देव शास्त्र गुरु, पूजन प्राक्षाल, आहार आदि धार्मिक क्रियाएं वर्जित होती है।8. जिस व्यक्ति या परिवार के घर में सूतक-पातक रहता है, उस व्यक्ति और परिवार के सभी सदस्यों को कोई छूता भी नहीं है। वहां का अन्न-जल भी ग्रहण नहीं करता है। वह परिवार भी मंदिर सहित किसी के घर नहीं जा सकता है और न किसी का भोग, पानी या प्रसाद नही ग्रहण करना चाहिए ।
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हिंदू धर्म में पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। ज्योतिष शास्त्र में दीपक प्रज्वलित के कुछ खास नियम बताए हैं। मान्यता है कि किसी भी पूजा को आरंभ करने से पहले दीपक जलाना चाहिए, तभी पूजा पूरी मानी जाती है। किसी भी पूजा-पाठ के समय दीपक जलाने की परंपरा का पालन हर किसी को करना चाहिए, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दीपक जलाने के भी कुछ नियम होते हैं। मान्यता है कि इन नियमों का पालन करने से लोगों को पूजा-पाठ का पुण्य फल मिलता है व मनोकामना पूर्ण होती है।
जानें पूजा करते समय दीपक की बत्ती से जुड़े वास्तु नियम व उसके प्रभावों के बारे में-
1. दीपक जलाते समय बत्ती का मुख सदैव पूर्व या उत्तर की ओर रखना चाहिए। पूजा में घी का दीपक जलाने के बाद तुरंत बाद ही अन्य तेल का दीपक नहीं जलाना चाहिए।
2. पूर्व की ओर बत्ती का मुख रखने से स्वास्थ्य लाभ होता है तथा तनाव कम होता है।
3. उत्तर की ओर बत्ती का मुख रखने समृद्धि आती है तथा ज्ञान में वृद्धि होती है।
4. पश्चिम की ओर बत्ती का मुख रखने से जीवन में बाधाएं आती हैं व चिंता बढ़ती है।
5. दक्षिण दिशा की ओर बत्ती का मुख रखने से हानि हो सकती है तथा रुकावटें भी आती हैं।
6. हिंदू धर्म के अनुसार दीपक को पूजा स्थल के बीचों बीच और भगवान की मूर्ति या प्रतिमा के सामने रखना चाहिए।
7. तेल के दीपक में लाल बत्ती का प्रयोग करना शुभ होता है और घर के दीपक के लिए रूई की बाती का प्रयोग करना लाभकारी माना गया है। -
- पं. प्रकाश उपाध्याय
शनि देव की चाल किस्मत पलट सकती है। कुंडली में मजबूत शनि की स्थिति रंक को राजा बना सकती है तो शनि की बुरी नजर कष्ट भी दे सकती है। शनि देव आने वाले 5 महीनों में कुंभ राशि में ही विराजमान रहकर गोचर करेंगे। वहीं, कुछ दिनों के भीतर ही शनि मार्गी से वक्री होने जा रहे हैं। शनि देव 29 जून को उलटी चाल में चलना शुरू करेंगे। शनि की वक्री चाल 15 नवंबर तक रहने वाली है। आइए जानते हैं कुंभ राशि में विराजमान शनि वक्री होकर किन राशियों की किस्मत पलटने वाले हैं-
वृश्चिक राशि
आने वाले 5 महीने तक कुंभ राशि में विराजमान शनि वृश्चिक राशि वालों के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं। इस राशि के जातकों को आर्थिक लाभ होने की संभावना है। व्यापारियों को कई अच्छे इन्वेस्टर्स मिल सकते हैं। लव लाइफ में थोड़े बहुत उतार-चढ़ाव रहेंगे, जिन्हें बातचीत करके निपटाया जा सकता है। करियर लाइफ में कई टास्क मिल सकते हैं, जो आपकी ग्रोथ में मदद कर सकते हैं।
तुला राशि
शनि की चाल आने वाले 5 महीने में तुला राशि के लोगों के लिए लाभकारी साबित हो सकती है। शनि के शुभ प्रभाव से कई कार्यो में सफलता मिलेगी। समाज में आपकी पद-प्रतिष्ठा बढ़ेगी। आर्थिक मामलों में आपको सोच समझकर डिसीजन लेने की जरूरत है। वहीं, इन्वेस्टमेंट के कई नए ऑप्शन इस दौरान आपको मिल सकते हैं।
कन्या राशि
कन्या राशि वालों के लिए कुंभ राशि में विराजमान शनि आने वाले 5 महीनों में गुड न्यूज ला सकते हैं। आपकी लाइफ में पॉजिटिविटी बनी रहेगी। सेहत में थोड़ा बहुत उतार-चढ़ाव बना रहेगा। इसलिए हेल्थ पर ध्यान देने की जरूरत है। स्टूडेंट्स को कोई गुड न्यूज भी मिल सकती है। वहीं, परिवार के सदस्यों के साथ घूमने भी जा सकते हैं। आर्थिक स्थिति भी अच्छी रहने वाली है।
शनि की बुरी नजर किस पर?
शनि की वक्री चाल के बुरे प्रभाव के कारण 4 राशियों को संभलकर रहने की जरूरत है। मीन राशि, मकर राशि, कुंभ राशि और मेष राशि वालों को शनि ग्रह की उलटी चाल कष्ट दे सकती है। -
- पं. प्रकाश उपाध्याय
वास्तुशास्त्र का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। वास्तुदोष के लगने पर आर्थिक, मानसिक और शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। वास्तु शास्त्र में धन संचय व आर्थिक उन्नति के लिए कुछ उपाय बताए हैं। कई बार व्यक्ति को परेशानियों और मजबूरियों के कारण कर्ज लेना पड़ता है। कई बार हम कर्ज ले लेते हैं लेकिन उसे चुका नहीं पाते हैं। लाख कोशिशों के बाद भी कर्ज चुकाना बाकी रह जाता है। ऐसे में वास्तु शास्त्र में कुछ उपाय बताए गए हैं जिन्हें अपनाने से कर्ज से मुक्ति पा सकते हैं।
आइए जानते हैं, धन-लाभ के लिए वास्तु के उपाय-
-वास्तु शास्त्र के अनुसार, कर्ज से मुक्ति पाने के लिए मुख्य द्वार के पास एक और छोटा-सा द्वार लगाना चाहिए।
- वास्तु के अनुसार कर्ज से जल्द से जल्द मुक्ति पाने के लिए घर या दुकान की उत्तर दिशा में धन रखना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से कर्ज से मुक्ति मिलने के साथ ही धन लाभ भी होता है।
- घर के दक्षिण-पश्चिम हिस्से में बना बाथरूम भी व्यक्ति पर कर्ज का बोझ बढ़ता है। इसलिए घर की इस दिशा में बाथरूम नहीं बनवाना चाहिए।
- धन-लाभ के लिए घर या दुकान की उत्तर-पूर्व दिशा में कांच लगाना शुभ माना जाता है। लेकिन कांच लाल, सिंदूरी या मैरून रंग का नहीं होना चाहिए।
-वास्तु शास्त्र के अनुसार, कर्ज की किस्त चुकाने के लिए मंगलवार का दिन चुनना चाहिए। मान्यता है कि इस दिन पैसा लौटाने से कर्ज जल्दी उतर जाता है।