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- योग स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखते हैं. वहीं इम्युनिटी को बेहतर बनाए रखने में भी योग की महत्वपूर्ण भूमिका है. इन आसन के जरिए स्वास्थ्य (Health) ठीक रहता है और तनाव (Stress) से भी मुक्ति मिलती है. इन आसनों के जरिये शरीर लचीला बना रहता है और हाथों, पैरों में मजबूती आती है. योगाभ्यास करते समय इस बात का ध्यान रखें कि इन्हें धीरे-धीरे करना चाहिए. व्यायाम से पहले ये तीन नियम जरूर ध्यान रखें कि अच्छा गहरा लंबा श्वास लें, गति का पालन करें और अपनी क्षमता के अनुसार ही योग करें.योग से पैरों को करें मजबूतसबसे पहले योगा मैट पर बैठ जाएं और अपने पैरों को सामने की ओर फैला कर सीधा कर लें. अपनी कमर को सीधी रखें. इसके बाद अपने हाथों को अपनी जांघों पर रख लें. अब अपने पैरों के पंजे और पैर की उंगलियों को पहले श्वास लेते हुए शरीर की तरफ मोड़ें, फिर सांस छोड़ते हुए इन्हें दूसरी ओर झुकाएं. दरअसल, जिन लोगों को चलने की वजह से पैरों, एड़ियों और पंजों में दर्द की शिकायत रहती है, उन्हें ये अभ्यास करने से बहुत आराम मिलता है. अगर आप ज्यादा देर सीधे नहीं बैठ पाते तो इस अभ्यास को करते समय पीछे की ओर जमीन पर हाथ टिका सकते हैं. कुछ देर ऐसा करने के बाद आप पैरों को अपनी जगह पर रखे हुए ही क्लॉक वाइज घुमाएं.सूर्य नमस्कार: सूर्य नमस्कार ऐसा योग है जो आपको शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखता है. पर सूर्य नमस्कार को करने का सही तरीका बहुत कम लोग जानते हैं.प्रणाम आसन: इस आसन को करने के लिए सबसे पहले अपने दोनों पंजे जोड़कर अपने आसन मैट के किनारे पर खड़े हो जाएं. फिर दोनों हाथों को कंधे के समान्तर उठाएं और पूरा वजन दोनों पैरों पर समान रूप से डालें. दोनों हथेलियों के पृष्ठभाग एक दूसरे से चिपकाए रहें और नमस्कार की मुद्रा में खड़े हो जाएं.हस्ततुन्नासन: इस आसन को करने के लिए गहरी सांस भरें और दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाएं. अब हाथ और कमर को झुकाते हुए दोनों भुजाओं और गर्दन को भी पीछे की ओर झुकाएं.
- कम उम्र में ही लोगों के सफेद बाल हो जाते हैं. इसके पीछे मानसिक तनाव और अनहेल्दी लाइफस्टाइल कारण हो सकता है. लोग सफदे बालों (white hair) दोबारा काला करने के लिए लोग बहुत सारे केमिकल्स प्रोडक्ट का इस्तेमाल करते हैं, जो कई बार आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं. इस खबर में हम आपके लिए कुछ ऐसे घरेलू उपाय बता रहे हैं, जो बालों को सफेद होने से रोकेगी .1. आंवला का ऐसे करें उपयोगआंवला बालों की देखभाल के लिए जाना जाता है.इसके लिए आप सूखे आंवले को पानी में उबाल लें और तब तक गरम कर लें जब तक पानी आधा न हो जाए.अब इसमें मेहंदी और नींबू का रस मिलाकर बालों पर लगाएं.ऐसा करने से कम उम्र में जो बाल सफेद हो जाते हैं, उससे छुटकारा मिलेगा.2. बालों पर ऐसे करें दही का उपयोगदही बालों के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है.आप दही को पिसे हुए टमाटर के साथ मिला लें.इसमें थोड़ा सा नींबू का रस और नीलगिरी का तेल मिलाएं.इन सब को अच्छे से मिलाकर सिर की मालिश करें वो भी हफ्ते में 2-3 बार.ये ना केवल बालो को सफेद होने से रोकेगा बल्कि बालों को मजबूत भी करेगा.3. अदरक और शहद का ऐसे करें इस्तेमालअदरक को पीसकर शहद के रस में मिलाएं.इसे हफ्ते में कम से कम 2 बार बालों में लगाएं.इससे बालों का सफेद होना धीरे धीरे कम हो जाएगा.4. बालों पर लगाएं नारियल तेल और कपूरनारियल के तेल या जैतून के तेल को हल्का गरम करके उसमें 4 ग्राम कपूर मिला लें.जब कपूर में अच्छे से तेल में मिल जाए तो उससे अपने बालों की मालिश करें.ये सफ़ेद बाल कम करने का एक जादुई नुस्खा है.5. बालों के लिए लौकी और नारियल तेलबालों को काला करने के लिए एक नुस्खा ये भी है कि आप लौकी को नारियल तेल में उबाल के गरम करेंअब उस तेल को छान लें.इस तेल से अब अपने सिर की मालिश करें.इससे सफेद बालों की समस्या से राहत मिलेगी.
- कद्दू के बीज न केवल स्वास्थ्य के लिए बल्कि त्वचा के लिए भी लाभदायक हैं. ये सुपरफूड पोषक तत्वों से भरपूर होता है. इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड, विटामिन बी, मैग्नीशियम, आयरन और प्रोटीन आदि होता है. इसके अलावा ये बाजार में बहुत आसानी से उपलब्ध होते हैं. कद्दू त्वचा के लिए भी फायदेमंद है. त्वचा के लिए इसका इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं आइए जानें.– त्वचा को मॉइस्चराइज करता है – पोटैशियम और नमी से भरपूर, कद्दू के बीज आपकी त्वचा को हाइड्रेट और मॉइस्चराइज करते हैं. इससे आपकी त्वचा मुलायम बनी रहती है. ये आपकी त्वचा को ड्राई होने से भी रोकता है.– त्वचा को जवां रखता है – कद्दू विटामिन सी से भरपूर होता है जो कोलेजन के उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद करता है. इससे त्वचा हेल्दी बनी रहती है. ये हानिकारक यूवी किरणों से होने वाले काले धब्बे और अन्य प्रकार की क्षति को भी कम करता है.– मुंहासे का इलाज करता है – ये सुपरफूड कई विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है जो मुंहासों को दूर रख सकता है.– टैनिंग को हटाता है – टैनिंग से छुटकारा पाने के लिए कद्दू के कसैले गुण टैन को कम करने के लिए बहुत प्रभावी माने जाते हैं.इसका इस्तेमाल कैसे करेंदो चम्मच कद्दू की प्यूरी, 1 चम्मच शहद, 1/4 चम्मच जायफल पाउडर और 1 छोटा चम्मच सेब का सिरका लें और एक बाउल में अच्छी तरह मिला लें. इस पेस्ट को अपने चेहरे पर लगाएं. स्वस्थ और पोषित त्वचा के लिए 10 मिनट के बाद ठंडे पानी से धो लें.1 चम्मच पिसे हुए अखरोट में एक चम्मच कद्दू की प्यूरी मिलाएं और फिर 1 चम्मच कच्चा शहद और दही मिलाएं. एक चुटकी दालचीनी पाउडर डालकर थोड़ा गाढ़ा पेस्ट बनाएं. धीरे से मास्क को अपने चेहरे पर गोलाकार मोशन में लगाएं. इसे लगभग 20-25 मिनट तक लगा रहने दें. 20 मिनट के बाद अपने चेहरे को ठंडे पानी से धो लें और फिर मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल करें.1 चम्मच कद्दू की प्यूरी में 1 चम्मच शहद और एक फेंटा हुआ अंडा मिलाकर एक पेस्ट बनाएं. लोबान एसेंशियल ऑयल की कुछ बूंदे मिलाएं. इसे अच्छी तरह से मिलाएं. इसे अपने चेहरे और गर्दन पर समान रूप से लगाएं. इसे 20 मिनट तक लगा रहने दें. इसे फेस वॉश से अच्छी तरह से धो लें.
- नाखून हमारी हाथों की खूबसूरती बढ़ाते है। अगर ये खराब और डैमेज होते हैं तो इनसे हमारे हाथों की खूबसूरती भी खराब हो जाती है। इसलिए नाखून की सही देखभाल करना बेहद जरूरी है। नाखून की देखभाल की बात आते ही सबसे पहली बात आती है नाखून काटने की। नाखून काटने को लेकर अक्सर हमारे यहां घरों में कहा जाता है कि रात में नाखून नहीं काटना चाहिए । इसका कारण पूछने पर ज्यादातर लोग यही कहते हैं कि इससे आप बीमार पड़ जाते हैं। पर क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों कहा जाता है या इसके पीछे साइंस क्या है? दरअसल, रात में नाखून काटने से नाखून के टुकड़े इधर-उधर गिरते हैं और उन्हें इक_ा करना और फेंकना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में ये नाखून के टुकड़े स्वच्छता के लिए खतरा हैं और अनजाने में खाद्य पदार्थों में जाकर मिल सकते हैं और एलर्जी का कारण बन सकते हैं। पर अगर ऐसा है तो नाखून काटने का सही समय क्या है ? आइए हम आपको बताते हैं।- अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी एसोसिएशन की मानें तो, नहाने के बाद या शॉवर लेने के बाद अपने नाखूनों को काटने का सबसे अच्छा समय होता है क्योंकि तब हमारे नाखून पानी या साबुन के पानी में भिगे हुए रहते हैं और बहुत ही आराम से कट जाते हैं।नाखून काटने का सही तरीका-1. हमेशा नाखून गीला करके काटेंनाखून काटने का सही तरीका यही है कि आप अपने नाखूनों को पहले हल्के तेल में डाल कर रखें या फिर पानी में डाल कर रखें। इससे आपके नाखून नरम हो जाएंगे और आप इन्हें अच्छे से काट पाएंगे। इसलिए अपने नाखूनों को ट्रिम करने के लिए नहाने के बाद का समय चुनें।2. सही नेल कटर चुनेंनाखून काटने के लिए एक सही नेल कटर का होना बेहद जरूरा है। इसके लिए आप नाखून क्लिपर या नाखून के लिए कैंची का प्रयोग कर सकते हैं। अपने पैर की उंगलियों के लिए एक टोनेल क्लिपर का प्रयोग करें।-सबसे पहले तो अपना खुद का पर्शनल नेल कटर रखें और उसे किसी के साथ शेयर ना करें।-नाखून काटने से पहले नेल कटर को डिसइंफैक्टेंट में डाल कर रखें और फिर इसे ब्रश से स्क्रब करके साफ कर लें।-अब नाखून जब आप काट लें तो उसके बाद भी नेल कटर को गर्म पानी में धो लें और उन्हें रखने से पहले पूरी तरह से सुखा लें।3. नाखून काटने के लिए सही जगह चुनेंअक्सर लोगों की आदत होती है कि वो कहीं भी बैठ कर नाखून काटना शुरू कर देते हैं। जो कि बहुत गलत आदत है। कोशिश करें कि किसी बोर्ड का उपयोग करें या फि किसी मजबूत सतह पर हाथ रख कर आराम से नाखून काटें। नाखून काटने के बाद उस बोर्ड को उठाएं और नाखून को डस्टबिन में डाल लें। नाखून कभी भी कपड़ों या फर्नीचर जैसी चीजों पर ना काटें।4. नाखूनों को ट्रिम करने का सही तरीका जानेंअपने नाखूनों को ट्रिम करने के लिए, लगभग सीधे नाखून के आर-पार काटें। कोनों पर नाखूनों को थोड़ा गोल करें। अब एक नेल फाइल या एमरी बोर्ड का उपयोग करके असमान या खुरदुरे किनारों को चिकना करें। नाखून को हमेशा एक ही दिशा में फाइल करें, क्योंकि आगे-पीछे फाइल करने से आपके नाखून कमजोर हो सकते हैं।5. क्यूटिकल्स को ना काटेंक्यूटिकल्स नाखून की जड़ की रक्षा करते हैं, इसलिए अपने क्यूटिकल्स को काटने या उन्हें पीछे करने से बचें। जब आप अपने क्यूटिकल्स को काटते हैं, तो बैक्टीरिया और अन्य कीटाणुओं का आपके शरीर में प्रवेश करना और नाखून में इंफेक्शन का कारण बनना आसान हो जाता है। ऐसे में अगल नाखून में संक्रमण हो जाता है, तो कभी-कभी इसे ठीक होने में एक लंबा समय भी लग सकता है।ध्यान रहे कि नाखून काटने के बाद उन्हें मॉइस्चराइज करना न भूलें। साथ ही कोशिश करें कि नाखून काटने के बाद अपने हाथ धो कर आएं, फिर उसे सूखने दें और तब मॉइस्चराइजर या तेल लगाएं। इससे आपके नाखून हमेशा खूबसूरत रहेंगे।
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करेला यानी बिटर गॉर्ड बालों के लिए आश्चर्यजनक फायदे प्रदान करता है। यह सुनकर आप चौंक गई होंगी। क्योंकि करेला अपने कड़वे स्वाद की वजह से कम ही लोग खाना पसंद करते हैं। आयुर्वेद में करेले को एक बेहतरीन औषधि माना गया है। जो आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होती है। लेकिन यदि हम कहें कि इस बार आपको इसको डाइट में शामिल नहीं करना, बल्कि इस के जूस को बालों में लगाना है, तो यकीनन आपको ज्यादा खुशी होगी।
जी हां करेले का जूस आपके बालों के लिए बहुत फायदेमंद है। यह केवल आपके स्वास्थ्य व स्किन के लिए नहीं, आपके बालों के लिए भी एक बेहतरीन दवा है। एक अकेला करेला आपकी बालों से जुड़ी सभी समस्याओं का समाधान कर सकता है।
शोध अनुसारफार्माकोग्नॉसी और फाइटोकेमिस्ट्री जर्नल के मुताबिक करेला विटामिन बी1, बी2, बी3 और सी के अपने समृद्ध स्रोत के लिए जाना जाता है। इसमें लोहा, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फोलेट, फास्फोरस, जस्ता और मैंगनीज भी शामिल हैं। स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने के अलावा, यह बालों के विकास में सहायक है। तो, आपको बस अपने मन से कड़वे स्वाद को हटाकर उनके अंतहीन लाभों को याद रखना है। -
रक्षाबंधन का त्योहार आते ही मिठाईयों की दुकानों पर भीड़ लग जाती हैं। बहनें अपने भाईयों का मुंह मीठा करवाने के लिए बाजार से सबसे अच्छी मिठाई खरीदकर लाना चाहती हैं। लेकिन इस राखी आप घर पर ही नारियल के लड्डू बनाकर अपने भाई का मुंह मीठा करवा सकती हैं। ये लड्डू खाने में इतने टेस्टी होते हैं कि यकीन मानिए आप बेसन और मोतीचूर के लड्डू का स्वाद भूल जाएंगे। तो आइए जान लेते हैं क्या है इन लड्डूओं को बनाने की आसान रेसिपी।
नारियल के लड्डू बनाने के लिए सामग्री-
-1 ½ कप कसा हुआ हल्का भुना हुआ गोला
-1 चम्मच घी
-1 कप दूध
-2 चम्मच खोया
-काजू
-बादाम
-लड्डू पर लगाने के लिए घिसा हुआ गोला
नारियल के लड्डू बनाने का तरीका-
नारियल के लड्डू बनाने के लिए सबसे पहले पैन में कसे हुए गोले को हल्की आंच पर भून लें। एक पैन में घी डालें और खोया डालकर 1-2 मिनट भून लें। अब थोड़ा सा खोया अलग निकालकर, बाकी खोया और दूध को कसे गोले में डालकर मिला लें। इसे तब तक भूने, जब तक यह पैन के साइड को न छोड़ दे।अब एक दूसरे पैन में घी डालें और उसमें बादाम और काजू को फ्राई करें। अब इसमें भुना खोया डालें और मिक्स करें।आखिर में अपनी हथेलियों का इस्तेमाल कर लड्डू बना लें और कसा हुआ गोला लड्डूओं पर लगाकर सर्व करें।
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मलाई पूरी जिसे मलाई मालपुआ भी कहते हैं। यह हर जगह अलग तरीके से बनाई जाती है। इसे मैदा या आटे में चीनी डाल कर, पानी या दूध की सहायता से घोल बना कर बनाया जाता है, इस घोल में इलायची पीस कर मिलाने से इसमें खुशबू तो आती ही है, साथ ही इसका स्वाद भी बढ़ जाता है। आप राखी पर यह रेसिपी ट्राई कर सकते हैं-
सामग्री-----
चीनी- 1.5 कप
गुलाब जामुन रेडी मिक्स- 1 कप
पिस्ता- 10-12
इलायची- 12 छोटी चम्मच
केसर के धागे - 15-20
घी- तलने के लिए
विधि&&&&
मलाई पूरी बनाने के लिए एक बर्तन में 1.5 कप चीनी और 1.5 कप पानी डाल कर चीनी घुलने तक बीच- बीच में चलाते हुए पका लीजिए।
अब एक बर्तन में 1 कप गुलाब जामुन रेडी मिक्स लेकर थोड़ा-थोड़ा पानी डालते हुए चिकना घोल बना लीजिए। इतने घोल को बनाने में हमने कप पानी का इस्तेमाल किया है (घोल बनाते हुए ध्यान रखिए कि घोल को ज्यादा पतला नहीं करना है)।
पानी में चीनी घुल जाने के बाद पानी में 15-20 केसर के धागे छोटी चम्मच इलायची पाउडर डाल कर 3-4 मिनट तक पका लीजिए। 3-4 मिनट बाद चाशनी को गैस से हटा कर ठंडा होने रख दीजिए।
अब एक पैन में तलने के लिए घी डाल कर गर्म कर लीजिए।
घी के गर्म हो जाने के बाद एक सर्विग स्पून बैटर को घी में डाल कर धीमी आंच पर तल लीजिए।
कलछूल से घी को मलाई पूरी के ऊपर डालते हुए पका लीजिए, एक साइड से गोल्डन ब्राउन होने पर मलाई पूरी को पलट कर दूसरी साइड भी तल लीजिए। दोनो साइड गोल्डन ब्राउन हो जाने पर मलाई पूरी को पैन से निकाल कर प्लेट पर रख दीजिए और इसी तरह बाकी बैटर की मलाई पूरी तल लीजिए। इतने बैटर से 10-12 मलाई पूरी बन कर तैयार हुई है।
सभी मलाई पूरी तल जाने के बाद उन्हे चाशनी में डाल कर 3-4 मिनट डुबे रहने दीजिए। 4 मिनट बाद चाशनी में से निकाल कर बाकी बचे हुए चाशनी में डाल दीजिए। चाशनी में से मलाई पूरी निकाल कर गार्निशिंग के लिए थोडे से पिस्ता डाल दीजिए। मलाई पूरी सर्व करने के लिए तैयार है। - फटे होंठ चेहरे की खूबसूरती को तो कम करते ही हैं, दर्द भी बहुत देते हैं. जब आपके होंठ फट जाते हैं तो इनसे न केवल डेड स्किन (Dead skin) बल्कि कभी-कभी खून भी निकलने लगता है. फटे होंठ आपके सुंदरता को बिगाड़ते हैं. अगर आपको भी फटे होंठों की वजह से दिक्कत हो रही है, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है. कुछ घरेलू उपायों से आप होंठों को कोमल और खूबसूरत बना सकती हैं.फटे होंठों के लिए कैसे खूबसूरत बनाएं1. हल्दी का उपयोग करेंहोंठ फटने पर आप हल्दी से उनकी देखभाल कर सकते हैं.2 चुटकी हल्दी को चौथाई चम्मच दूध में मिलाकर होठों पर लगाएं.रोज़ाना रात को सोने से पहले ऐसा करें.अगर आप कच्ची हल्दी को पीसकर इस्तेमाल करते हैं तो और भी जल्दी आराम मिलेगा.2. बादाम का तेल लगाएंरात को सोने से पहले होंठो पर बादाम का तेल लगाएं.पांच मिनट तक उंगली से होंठों की मसाज करें.इससे नमी अंदर तक पहुंचेगी और होंठों की स्किन मुलायम होगी.साथ ही होंठों का रंग भी गुलाबी होगा.4. नारियल का तेल लगाएंनारियल का तेल भी फटे होठों पर लगाने से फायदा पहुंचाता है.आप अपने होठों पर रोज़ाना नारियल का तेल दिन में दो-तीन बार लगाएं.साथ ही रात को सोने से पहले भी इसको होठों पर इस्तेमाल करें.इससे त्वचा मुलायम होगी और होठों में दर्द से भी आराम मिलेगा.5. चीनी के साथ शहद लगाएंआप दो चुटकी शक़्कर में दो बूंद शहद को मिलाकर होंठों पर स्क्रब की तरह से इस्तेमाल करें.इससे होंठों से निकलने वाली डेड स्किन से छुटकारा मिलेगा. साथ ही होंठ मुलायम होंगे.
- डैंड्रफ एक बहुत ही आम समस्या है। डैंड्रफ को खत्म करने के लिए कई उपाय हो सकते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि नीम का इस्तेमाल सबसे प्रभावी उपायों में से एक है। इसे कोई भी आजमा सकता हैं। नीम आयुर्वेदिक दवा का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसका इस्तेमाल सदियों से किया जा रहा है। इसका इस्तेमाल स्वास्थ्य समस्याओं, त्वचा और बालों की समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है। डैंड्रफ दूर करने के लिए नीम का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं आइए जानें....नीम का पानीआपको 35-40 नीम के पत्ते और एक से डेढ़ लीटर पानी की जरूरत होगी। सबसे पहले पानी को उबाल लें और फिर गैस से उतार लें। नीम के पत्तों को पानी में डालकर रात भर के लिए छोड़ दें। सुबह इस पानी से अपने बालों को धो लें। इसके इस्तेमाल से डैंड्रफ के कारण होने वाली खुजली और परेशानी कम हो जाती है। इस समस्या से पूरी तरह छुटकारा पाने के लिए हफ्ते में दो या तीन बार इसका इस्तेमाल करें। नीम अपने एंटी बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुणों के लिए जाना जाता है।हेयर मास्क का इस्तेमाल करेंआपको 30-40 नीम के पत्ते, 1 लीटर पानी और 1 चम्मच शहद जरूरत होती है। सबसे पहले पानी को उबाल लें और फिर गैस से उतार लें. अब इसमें नीम की पत्तियां डालकर रात भर के लिए रख दें। पत्तों को पानी से छान लें और फिर पत्तियों को पीसकर पेस्ट बना लें। पेस्ट में शहद मिलाएं और इस मास्क को अपनी जड़ों और बालों पर लगाएं। इसे 25-30 मिनट के लिए छोड़ दें और फिर धो लें। ऐसा हफ्ते में एक बार करने से कुछ ही समय में डैंड्रफ की मात्रा कम हो जाएगी।नीम और नारियल का तेलआपको आधा कप नारियल का तेल, 10 नीम के पत्ते, आधा छोटा चम्मच नींबू का रस और 2 चम्मच अरंडी के तेल की जरूरत होगी। सबसे पहले नारियल का तेल गर्म करें और फिर इसमें नीम की पत्तियां डालें। 10-15 मिनट तक उबलने के बाद इसे आंच से उतार लें। तेल ठंडा होने के बाद इसमें अरंडी का तेल और नींबू का रस मिलाएं। इस मिश्रण को किसी बोतल में भरकर रख लें और इसे हफ्ते में कम से कम 2 बार लगाएं। इस मिश्रण को लगाएं और इसे धोने से पहले एक घंटे तक लगा रहने दें। इससें डैंड्रफ की समस्या दूर हो जाएगी।
- नीम का इस्तेमाल सदियों से सौंदर्य उत्पादों में किया जाता रहा है। नीम का फेस पैक त्वचा को निखारने में मदद कर सकता है, काले धब्बे, रेडनेस, महीन रेखाओं और झुर्रियों को कम कर सकता है। ये त्वचा को स्वस्थ रख सकता है। नीम का इस्तेमाल आमतौर पर मुंहासों के इलाज के लिए किया जाता है। नीम की पत्ती का पाउडर और नीम का तेल दोनों ही आपकी त्वचा की देखभाल के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। आइए जानें इसके फायदे....नीम फेस पैक के फायदेइवन्स स्किन टोन - नीम का फेस पैक त्वचा की रंगत को समान करने में मदद करता है। नीम में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट काले धब्बे और अन्य समस्या को कम करने में मदद करते हैं। इससे त्वचा बेदाग हो जाती है।मुंहासे का इलाज करता है - नीम का फेस पैक अपने एंटी बैक्टीरियल के कारण मुंहासों को कम करने में मदद करता है। ये किसी भी तरह के ब्रेकआउट को खत्म करता है। खुजली वाली त्वचा को भी शांत करता है। इसमें ऐसे एजेंट होते हैं जो मुंहासे पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मारते हैं। ये मुंहासों के इलाज के लिए बेहद फायदेमंद है।ब्लैकहेड्स और व्हाइटहेड्स को कम करता है - ब्लैकहेड्स या व्हाइटहेड्स से छुटकारा पाने के लिए महंगे उत्पादों की बजाए प्राकृतिक विकल्प भी चुन सकते हैं। एक नीम फेस पैक न केवल सभी गंदगी को बाहर निकालता है, बल्कि बड़े छिद्रों को भी सिकोड़ता है।त्वचा के संक्रमण को रोकता है - नीम फेस पैक को ऊपर से लगाने से त्वचा के संक्रमण से बचा जा सकता है। नीम के एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण त्वचा के लिए फायदेमंद है।हल्के निशान - नीम फेस पैक मुंहासों या पिंपल्स द्वारा छोड़े गए दाग- धब्बों को हल्का करने में मदद करता ह।एंटी-एजिंग लाभ प्रदान करता है - नीम फेस पैक त्वचा के पतलेपन और झुर्रियों और महीन रेखाओं को कम करने में मदद करता है। नीम में विटामिन ई और फैटी एसिड होते हैं जो त्वचा को टाइट करते हैं। ये उम्र बढऩे के संकेतों को रोकने में मदद करते हैं।नीम और एलोवेरा फेस पैक - ये फेस पैक आपकी त्वचा को प्राकृतिक रूप से ग्लोइंग बनाने में मदद करेगा। इसके लिए 1 चम्मच नीम पाउडर और ताजा एलोवेरा जेल लें। सबसे पहले एक बाउल में सामग्री को मिलाएं और पेस्ट को अपनी त्वचा पर लगाएं। इसे 15 मिनट तक लगा रहने दें, फिर त्वचा की मसाज करते हुए ठंडे पानी से अपना चेहरा धो लें।
- इन दिनों मॉनसून का सीजन चल रहा है. ऐसे में आप ब्राइट कलर की शर्ट को शॉर्ट्स के साथ पहन सकते हैं. मोटे फैब्रिक की जगह लाइट फैब्रिक लें. साथ ही बहुत ज्यादा गहरे रंग और एक ही रंग के कपड़े पहनने से बचें. मल्टीकलर शर्ट या स्टाइलिश कोट्स वाली टी-शर्ट काफी अच्छा लुक देगी.सिल्क कुर्ते पर हाफ जैकेट का फैशन भी काफी ट्रेंड में है. आप भी इसे आजमा सकते हैं. मार्केट में कुर्ते और जैकेट दोनों प्लेन और प्रिंटेड डिजायन में मौजूद हैं. इसके अलावा कुर्ते के साथ पजामी और धोती दोनों के ट्रेंड हैं. आप अपनी चॉइस के हिसाब से इसका चुनाव कर सकते हैंव्हाइट, ब्लैक और डेनिम की शर्ट का फैशन कभी खत्म नहीं होता. इन्हें आप कभी भी और कहीं भी पहन सकते हैं. लेकिन अगर आप अक्सर फॉर्मल शर्ट पहनते हैं तो प्लेन शर्ट के अलावा कलरफुल चेक शर्ट भी ट्राई कीजिए. इसे ऑफिस के अलावा अन्य जगहों पर भी पहना जा सकता है.आजकल लड़कों के बीच प्रिंटेड शर्ट की भी काफी डिमांड है. इसके अलावा विद्आउट कॉलर शर्ट्स भी काफी पसंद की जा रही हैं. ये काफी स्टाइलिश लुक देती हैं.लड़कों पर डेनिम जैकेट के साथ कलरफुल टीज देखने में काफी कूल लगती है. आप भी इस तरह की टी-शर्ट और डेनिम जैकेट को पहन सकते हैं. इससे आपकी उम्र भी कम नजर आती है.
- बारिश के मौसम में ज्यादातर लोग अपनी स्किन समस्याओं को लेकर परेशान रहते हैं, क्योंकि मॉनसून के दौरान हवा में नमी मौजूद होती है जो स्किन की टेक्सचर को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है. स्किन एक्सपर्ट्स की मानें तो जिस तरह अलग-अलग सीजन में लोग विभिन्न प्रकार के कपड़े पहनते हैं, ठीक वैसे ही बदलते मौसम में स्किन केयर रूटीन में भी बदलाव करना चाहिए.स्किन को हमेशा स्वस्थ और खूबसूरत कैसे रखें --हेल्थ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि बरसात का मौसम कई बार स्किन को रूखा, बेजान और खुजलीदार बना सकता है, जो पिंपल्स और दूसरी स्किन एलर्जी का खतरा बढ़ाता है. इसके अलावा चेहरे पर ज्यादा पसीना आने से स्किन में कीटाणु जम सकता है. ऐसे में नहाते समय नीम का तेल और एलोवेरा नियमित रूप से इस्तेमाल करना चाहिए, यह आपकी स्किन को हमेशा स्वस्थ और खूबसूरत बनाए रखेंगे.स्किन के लिए नीम तेल और ऐलोवेरा से मिलने वाले फायदे --नीम का तेल और ऐलोवेरा त्वचा को पोषण देते हैं, आराम पहुंचाते हैं और गंदगी और धूल-मिट्टी से सुरक्षित रखने में मददगार होते हैं.नीम और एलोवेरा में एंटी-बैक्टीरियल व एंटी-इंफ्लेमेट्री प्रॉपर्टीज होती हैं, जो सभी तरह की स्किन टाइप के लिए फायदेमंद होती हैं.यह दोनों त्वचा को पूरी तरह से साफ करने और तेल के उत्पादन को नियंत्रित करने में भी मददगार हैं. इसके साथ ही, ये दोनों तत्व बरसात के मौसम में होने वाली कई स्किन प्रॉब्लम्स को दूर करने में सहायक होती हैं.नीम और एलोवेरा स्किन को डीप क्लीन करने में मदद करता है. साथ ही, ये स्किन स एक्सेस ऑयल को बाहर निकालने मं मदद करता है.यह दोनों चीजें त्वचा से मुंहासों और लालीपन को कम करने में भी सहायक होती हैं. इसमें मौजूद एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं. जो स्किन को बेहतर बनाने में मददगार होते हैं.एलोवेरा में वॉटर डेंस प्रॉपर्टीज होती हैं, जो नेचुरल हाइड्रेटर का कार्य करता है और त्वचा को डिहाइड्रेशन से बचाता है.इस तरह करें उपयोगनीम में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और एंटी-वायरल एजेंट पाए जाते हैं, जो जिनसे इंफेक्शन का खतरा कम होता है. आप चाहें तो बॉडीवॉश में भी एलोवेरा का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके अलावा सीधे चेहरे पर भी इन दोनों चीजों को लगा सकते हैं.
- यदि आप दक्षिण भारत घूमने का प्लान कर रहे हैं, तो आपको हम वहां की 5 ऐसी खूबसूरत हिट स्टेशनों के बारे में आज बता रहे हैं, जो ना सुंदर है, बल्कि आपको वहां जाकर सुकून भी मिलेगा। ज्यादातर पर्यटक दक्षिण भारत को समुद्र तटों और मंदिरों के लिए स्वर्ग मानते हैं, लेकिन दक्षिण भारत में हिल स्टेशनों की खूबसूरती भी मशहूर हैं। यहां पर पहाड़ों के बीच आप एक शांत वातावरण का अनुभव कर सकते हैं। इन हिल स्टेशनों में पर्यटकों के लिए बहुत कुछ है।मुन्नारमुन्नार केरल में स्थित है और अपने दोस्तों, परिवार या जीवनसाथी के साथ घूमने के लिए एक अच्छी जगह है। मुन्नार के खूबसूरत झरने, हर जगह हरियाली और चाय के बागानों की सुगंध किसी को सम्मोहित कर लेगी। अगर आप मुन्नार में कुछ अनोखे पर्यटक आकर्षण स्थलों की तलाश कर रहे हैं, तो आप निराश नहीं होंगे क्योंकि आप चिन्नार वन्यजीव अभयारण्य, अनामुडी पीक, इको पॉइंट और कई अन्य जगहों पर जा सकते हैं। मुन्नार घूमने का सबसे अच्छा समय सितंबर से मई के बीच का है।कूर्गकूर्ग कर्नाटक में स्थित है। ये हिल स्टेशन पर्यटकों के बीच बहुत प्रसिद्ध है। ये अपने चाय के बागानों के लिए जाना जाता है। प्रकृति प्रेमियों के लिए ये स्वर्ग के समान है। अपने व्यस्त जीवन के बीच कुछ दिनों आराम के लिए अपने जीवन का समय बिताने के अलावा, कूर्ग में ट्रेकिंग, रॉक क्लाइम्बिंग, रैपलिंग और कई अन्य एडवेंचर एक्टिविटी भी कर सकते हैं। कूर्ग घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से अप्रैल तक है।ऊटीतमिलनाडु में स्थित, ऊटी सालों से दक्षिण भारत में पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता रहा है। यहां आप बहुत से अनुभव कर सकते हैं। आप वनस्पति उद्यान, टोडा हट्स, टॉय ट्रेन की सवारी आदि का आनंद ले सकते हैं। सबसे अच्छी बात ये है कि इस जगह की यात्रा के लिए कोई विशेष समय नहीं है। आप यहां किसी भी समय घूमने का प्लान बना सकते हैं।गवीकेरल में स्थित गवी की यात्रा भी कर सकते हैं। ये अन्य हिल स्टेशन से अलग है। ये आपकी छुट्टियों को उबाऊ नहीं होने देगा क्योंकि आपके पास चुनने के लिए कई तरह की एडवेंचर एक्टिविटी होंगी जैसे लंबी पैदल यात्रा, ट्रेकिंग, कैम्पिंग और बहुत कुछ। गवी की यात्रा का सबसे अच्छा समय जुलाई और सितंबर के महीनों के बीच है।कोडईकनालकोडाईकनाल तमिलनाडु में स्थित है। इसे दक्षिण भारत का सबसे ठंडा हिल स्टेशन माना जाता है। घाटियां, झरने और घास के मैदान आराम के लिए एक शांतिपूर्ण छुट्टी के लिए यहां जा सकते हैं। अपनी छुट्टियों को थोड़ा और मजेदार बनाने के लिए आप ट्रेकिंग और बोटिंग जैसी एक्टिविटी भी कर सकते हैं। कोडाईकनाल घूमने का सबसे अच्छा समय अप्रैल से जून और सितंबर से अक्टूबर तक है।
- दुनियाभर में पिछले डेढ़ साल से जारी कोरोना संक्रमण ने लोगों के स्वास्थ्य को कई तरह से प्रभावित किया है। हृदय और फेफड़ों को क्षति पहुंचाने के साथ कोरोना के चलते लोगों की नींद पर भी प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिल रहा है। कई अध्ययनों में स्पष्ट हो चुका है कि कोरोना के चलते संक्रमित और गैर संक्रमित, दोनों ही तरह के लोगों को नींद से संबंधित कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। शरीर को स्वस्थ और सक्रिय बनाए रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में नींद लेना बेहद आवश्यक माना जाता है। नींद पूरी न होना या फिर नींद आने में समस्या महसूस होना, स्वास्थ्य संबंधी कई सारी दिक्कतों का कारण बन सकता है।स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक खान-पान के साथ हमारे जीवनशैली की कई आदतें नींद को प्रभावित कर सकती हैं। आमतौर पर लोग सोने से पहले कई ऐसी चीजें करते हैं जो अनिद्रा की समस्या को बढ़ा सकती है, इन आदतों के बारे में जानकर इनसे समय रहते दूरी बना लेना बेहद आवश्यक है--स्क्रीन का ज्यादा इस्तेमालस्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक अक्सर सोने से कुछ समय पहले तक मोबाइल देखते रहना हमारी आदत का हिस्सा हो गया है, हालांकि हमें ध्यान रखना चाहिए कि सोने से पहले स्क्रीन का ज्यादा इस्तेमाल अनिद्रा की समस्या का कारण बन सकता है। स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी सर्कैडियन रिदम को खराब कर सकती है जिससे अनिद्रा का खतरा बढ़ जाता है। यदि आपको देर रात तक काम करना होता है, तो आप मोबाइल या लैपटॉप में उन फीचरों का इस्तेमाल कर सकते हैं जो नीली रोशनी को कम कर देती हों।सोने से पहले चाय-कॉफी का सेवनआहार विशेषज्ञों की मानें तो रात के समय में उन सभी चीजों से बचना चाहिए जिनमें कैफीन की मात्रा अधिक हो सकती है। कई खाद्य पदार्थों में कैफीन हो सकता है, जिसके बारे में आपको अक्सर पता भी नहीं होता है, इसकी जांच के लिए संबंधित खाद्य पदार्थ के पोषण लेबल को चेक कर लें। चाय और सोडा में कैफीन होता है, इसके आलावा कुछ आइसक्रीम और डेसर्ट के साथ कॉफी और चॉकलेट में भी कैफीन की मात्रा अधिक होती है। नींद की समस्याओं से बचे रहने के लिए रात के समय इन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।खाने के बाद तुरंत बाद सोने की आदतखाने के बाद तुरंत बाद बेड पर चले जाने से पेट में जलन, एसिडिटी जैसी समस्या हो सकती है जो नींद में बाधा उत्पन्न कर देती है। इन समस्याओं से बचने के लिए खाना खाने के बाद जरूर टहले। सोने जाने से कम से कम 2 घंटे पहले भोजन करें। इसके अलावा रात के समय हमेशा हल्का भोजन करना चाहिए, भारी भोजन करने से बचें क्योंकि इसे पचने में अधिक समय लग सकता है। रात में ज्यादा तली-भुनी चीजों को खाने से बचना चाहिएकिसी भी तरह के नशे का इस्तेमालरात में सोने से पहले शराब या धूम्रपान जैसे किसी भी तरह का नशा नहीं करना चाहिए। शराब, पाचन तंत्र पर बुरा असर डालने के साथ नींद की समस्या को बढ़ा देती है। अक्सर कई लोगों की आदत होती है कि वे रात के समय अधिक मात्रा में शराब पी लेते हैं, लेकिन विशेषज्ञ कहते हैं कि शराब का अधिक सेवन आपकी प्रतिरोधी क्षमता को कमजोर कर सकता है। इसलिए इससे बचें। इसी तरह से धूम्रपान या तंबाकू युक्त चीजें भी नींद के साथ सेहत को नुकसान पहुंचा सकती हैं, इसलिए रात में इनसे सेवन का बचने का प्रयास करना चाहिए।
- जब एक कपल माता-पिता बनता है, तो उसका जीवन पूरी तरह बदल जाता है। अब उसकी जिंदगी उसके बच्चे के इर्द-गिर्द ही घूमती है। वे अपने बच्चे का पूरा ख्याल रखते हैं, उसको अच्छी शिक्षा देने की तरफ कई जरूरी कदम उठाते हैं, उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखते हैं आदि। लेकिन इसके अलावा हमेशा माता-पिता को एक चिंता सताती है कि क्या उनका बच्चा इस दौड़ती-भागती जिंदगी में जीवन की रेस जीत पाएगा? क्या उनके बच्चे का दिमाग तेज हो पाएगा? कहीं उनके बच्चे को कहीं हार का सामना तो नहीं करना पड़ेगा? आदि। ऐसे ही कई सवाल माता-पिता की चिंता को कई गुना बढ़ा देते हैं। ऐसे में बच्चे का दिमाग तेज करने के लिए माता-पिता उन्हें एक अच्छी डाइट देते हैं, लेकिन यहां आपको बता दें कि इसके साथ ही आपको कुछ अन्य काम भी करने पड़ेंगे जिससे आपके बच्चे का दिमाग तेज होने में मदद मिल सकती है।पहले दिखाएं, फिर सवाल पूछेंआप बच्चे से कई तरह के सवाल पूछ सकते हैं। जैसे- आप अगर कहीं घूमने गए हैं तो वहां आपके बच्चे ने क्या-क्या देखा? उस जगह के बारे में पूछ सकते हैं? वहां कोई खास चीज थी, तो उसके बारे में पूछ सकते हैं? आपने वहां क्या खाया? आदि। इन सवालों से आपके बच्चे का दिमाग तेज होने में मदद मिलेगी और वे पिछली चीजों को नहीं भूलेगा। इसलिए आप ये कर सकते हैं।घर के काम सिखाएंबच्चों को आप घर के काम सिखा सकते हैं और उनके बारे में बता भी सकते हैं। ऐसा करने से वे एक्टिव बनने के साथ ही उनका दिमाग भी तेज होगा। आप कुछ काम कर रहे हैं, तो उन्हें उसके बारे में बताएं, आप खाना बना रहे हैं, तो जरूरत की चीजों को पकड़ने के लिए उन्हें बोलें और आखिर में उन्हीं चीजों को वापिस उनकी जगह पर रखने को कहें। ऐसा करने से उन्हें चीजें याद रहेंगी और वे कभी भूलेंगे नहीं, जिससे उनका दिमाग तेज होने में मदद मिलेगी।खुद करने दें कामअक्सर देखा जाता है कि जब बच्चे खेल लेते हैं या अपने कमरे से सोकर उठते हैं, तो उनकी मां उनके खिलौनों को संभालती हैं और उनके रूम को साफ भी करती हैं। लेकिन आपको अपने बच्चे को ये काम खुद करने देने चाहिए। उसे सीखाना चाहिए कि खेलने के बाद खिलौने कहां रखने हैं, कैसे रूम को साफ करना है आदि। इससे वे अपनी चीजों का ध्यान रखेंगे और उनका दिमाग भी चीजों को लेकर तेज होने में मदद मिलेगी।उनको खेल-खेल में पढ़ाएं और फिर पूछेंआपको बच्चों को पढ़ाना चाहिए, लेकिन आपको थोड़ा सा अलग करते हुए उन्हें खेल के जरिए पढ़ाना चाहिए। आप उन्हें नंबर्स, उनकी किताबें और आदि चीजें पढ़ा सकते हैं। इसके बाद उनसे कुछ समय बाद इन चीजों को पूछते रहें। इससे उनका दिमाग तेज होगा और वे चीजों को जल्दी से नहीं भूलेंगे।
- कील, मुंहासे और पिंपल्स काफी आम समस्या है। अक्सर इससे कई लोग परेशान रहते हैं। दाग और मुंहासे चेहरे की रंगत को कम कर देते हैं। इससे व्यक्ति के चेहरे की सुंदरता कम हो जाती है। इसी कड़ी में आज हम एवोकैडो तेल के बारे में जानेंगे। एवोकैडो को 'सुपर फूड' भी कहा जाता है। इसके कई लाभदायक फायदे हैं, जो हमारी स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को दूर करते हैं। एवोकैडो को प्रयोग में लाने से त्वचा से जुड़ी कई समस्याएं खत्म हो जाती हैं। इसका इस्तेमाल बालों के लिए भी काफी अच्छा माना जाता है। आप इसको फेस पैक के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा तेल के रूप में भी एवोकैडो का इस्तेमाल त्वचा पर किया जा सकता है। मुंहासे से जुड़ी समस्या से निजात पाने के लिए एवोकैडो तेल रामबाण इलाज है। यह एक प्राकृतिक तेल होता है। इसकी प्राप्ति फल के गूदे से होती है। एवोकैडो तेल के भीतर इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। उसके ये गुण मुंहासों को खत्म करने में मदद करते हैं।आप एवोकैडो तेल की कुछ बूंदों को अपने हाथ में लें। उसे हाथ में लेने के बाद तेल से अपने चेहरे की मालिश करें। मालिश करने के बाद तेल को 30 से 40 मिनट के लिए त्वचा पर लगा रहने दें। उसके बाद एक गीले तौलिए से इस तेल को अपने चेहरे से पोछें। आप इसका इस्तेमाल नियमित तौर पर सोने से पहले भी कर सकते हैं। रात में सोने से पहले आप इसे लगा लें और अगली सुबह इसको धोएं। ऐसा करने से कुछ ही दिनों बाद आपके चेहरे से मुंहासे गायब हो जाएंगे।मुंहासों से छुटकारा पाने के लिए आप दो चम्मच शहद के साथ एक चम्मच तेल को मिलाएं। तैयार हुए इस मिश्रण को अपने चेहरे पर लगाएं। इसके बाद अपने चेहरे की कुछ मिनटों तक धीरे-धीरे मालिश करते रहें। 10 से 15 मिनट बाद चेहरे को साफ पानी से धोएं। आप इसका प्रयोग हफ्ते में दो बार कर सकते हैं।अगर आपके चेहरे से मुंहासे खत्म नहीं हो रहे हैं, तो आप रोजहिप ऑयल और एवोकैडो ऑयल की कुछ बूंदों को मिला लें। तैयार हुए इस मिश्रण को अपने पूरे चेहरे पर लगाकर मसाज करें। मसाज करने के बाद उसको 30 से 40 मिनट तक चेहरे पर लगा रहने दें। उसके बाद एक गीले तौलिए से उसको पोंछ लें। आप इसे हर दिन इस्तेमाल कर सकते हैं।आप एवोकैडो तेल के साथ गुलाब जल की कुछ बूंदों को भी मिला सकते हैं। इस मिश्रण से अपने पूरे चेहरे पर मसाज करें। इससे आपका चेहरा मॉइस्चराइज हो जाएगा और कुछ दिनों बाद पिंपल्स भी खत्म हो जाएंगे।
- मानसून में बालों का झड़ना आम समस्या है। इस दौरान बालों से जुड़ी विभिन्न परेशानियों का सामना हमें करना पड़ता है। इस मौसम में हमारे बाल दोमुंहे और रूखे हो जाते हैं। इसके अलावा वे काफी चिपचिपे भी होने लगते हैं। बालों से जुड़ी कई परेशानियां हमें इस मौसम में देखने को मिलती है। इससे निजात पाने के लिए हम कई उपायों को अपनाते हैं। उसके बाद भी कोई फायदा नहीं होता। इसी कड़ी में आइए जानते हैं उन उपायों के बारे में जिनके जरिए बालों को मुलायम और शाइनी रखने में सहायता मिलती है।मानसून के सीजन में अगर आप भी बालों की समस्या से परेशान हैं, तो आप इस दौरान सीरम का प्रयोग कर सकते हैं। सीरम लगाने से बाल मॉइश्चराइज हो जाते हैं। यह आपके बालों को प्राकृतिक रूप से शाइन करता है। आप अपने बालों पर सीरम की 2 से 3 बूंदों का उपयोग कर सकते हैं।बालों को करें क्लींजइस मौसम में आप अपने बालों का क्लींज जरूर करें। आप जिस तरह अपनी त्वचा को क्लींज करते हैं, उसी तरह बालों को भी क्लींज करना चाहिए। इस मौसम में नमी के कारण बाल चिपचिपे हो जाते हैं। ऐसे में उनको क्लींज करने के लिए एंटी बैक्टीरियल शैंपू का प्रयोग करें। आप अपने बालों को सप्ताह में दो बार एंटी बैक्टीरियल शैंपू से धो सकते हैं।हेयर मास्कआप इस दौरान हेयर मास्क का भी प्रयोग कर सकते हैं। मानसून के सीजन मेंं अच्छे और हेल्दी बाल भी चिपचिपे और डैमेज हो जाते हैं। इस कारण बालों को पोषण देने के लिए हेयर मास्क को प्रयोग में लेकर आएं। इसके प्रयोग से आपके बाल स्वस्थ, शाइनी और मुलायम हो जाएंगे। इसके अलावा बाल झड़ने की समस्या से भी आपको छुटकारा मिलेगा।बालों में नियमित तेल लगाएंतेल लगाने से बाल अच्छी तरह से मॉइश्चराइज होते हैं। इसके अलावा तेल लगाने से बालों को पोषण भी मिलता है। आप मानसून सीजन में लाइट वेट तेल का प्रयोग कर सकते हैं। तेल के नियमित प्रयोग करने से बालों से जुड़ी कई समस्याएं खत्म हो जाती हैं। इससे बाल शाइनी और मजबूत होते हैं।बालों पर ज्यादा फैशन प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल न करेंहम में से कई लोग बालों को स्टाइलिश रखने के लिए जरूरत से ज्यादा फैशन प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में बालों के डैमेज होने का खतरा बढ़ जाता है। मानसून सीजन में जितना हो सके उतना इनका प्रयोग कम कर दें।
- अधिकांश लोग वर्क फ्रॉम होम मतलब घर में बैठकर ही ऑफिस का काम कर रहे हैं। लेकिन घर के माहौल में आपको काम करने में काफी दिक्क्तें आतीं हैं। कभी आपके आस-पास रखी हुई चीजें आपके काम को बाधित करती हैं तो कभी घर में आप सही जगह नहीं बैठते। ऐसे में आपका काम करने का बहुत मन होने के बाबजूद भी आप काम के प्रति निरुत्साही से रहते है,गुस्सा आता है या सीट पर बैठते ही दिमाग एकाग्र नहीं हो पाता। यदि ऐसा है तो आप अपने वर्क स्टेशन में वास्तु के अनुसार कुछ बदलाब कीजिए, काम में भी मन लगेगा और उत्पादकता भी बढ़ेगी।नौकरी के अनुसार दिशा का चुनावयदि आप लेखन, बैंक, व्यापार प्रबंधन या एकाउंट्स जैसे व्यवसाय से जुड़े हैं, तो आपके लिए उत्तर की ओर मुख करके बैठना लाभकारी होगा। वहीं आपकी जॉब कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग, शिक्षा, ग्राहक सेवा, तकनीकी सेवा, क़ानून या मेडिकल से संबंधित है तो पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठना श्रेष्ठ है। इस तरह काम में आपका मन लगेगा, एनर्जी लेवल बढ़ेगा और नकारात्मक ऊर्जाएं भी बाधा नहीं बनेंगी। ध्यान रहे कि काम के लिए बैठते समय उत्तर-पश्चिम दिशा से बचना चाहिए क्योंकि इस दिशा में बैठने से मन की एकाग्रता में कमी आती हैं।मेज-कुर्सी लगाते समयजिस कुर्सी का आप उपयोग कर रहे हैं उसके पीछे दीवार होनी चाहिए क्योंकि इसे वास्तु के हिसाब से शुभ माना गया है। कुर्सी के पीछे कभी भी खिड़की या दरवाजा नहीं होना चाहिए और न ही आपके कुर्सी-मेज के ठीक ऊपर बीम हो, क्योंकि यह आर्थिक नुकसान का कारण बन सकता है। वास्तुशास्त्र के अनुरूप, टेबिल पर फाइल, कागजों का ढेर या घर का अन्य सामान रखना कार्य की गुणवत्ता को तो प्रभावित करता ही है,नकारात्मक ऊर्जा में भी वृद्धि होती है। नकारात्मक ऊर्जा के बढ़ने से आप तनाव में रहेंगे और समय से कार्य पूर्ण नहीं होगा, इससे बचने के लिए अपनी टेबिल को साफ़-सुथरा रखें। जिस मेज पर आप काम कर रहे हैं, उसमें ग्लास टॉप नहीं हो, क्योंकि कांच नकरात्मक ऊर्जा उत्पन्न करता हैं जिससे आपके काम की गति धीमी हो सकती हैं। यदि ग्लास टॉप हैं तो मेज पर सात्विक रंग जैसे हरा या सफ़ेद रंग का कपड़ा बिछाएं। यदि आप किसी अंतर्राष्ट्रीय कार्य अवसर की प्रतीक्षा कर रहे हैं,तो अपनी मेज के उत्तर-पश्चिम की तरफ एक ग्लोब रखें ,इससे आप नए अवसरों को आमंत्रित कर सकते हैं।जांच लें प्रकाश व्यवस्थाजिस कमरे में बैठकर आप काम करते हैं वहां की लाईटिंग कैसी है, यह भी आपके काम और मूड को काफी हद तक प्रभावित करती है। यदि लाइट बहुत ज्यादा तेज या कम है, तो आपकी आखों पर बुरा असर होता है। वहीं सही प्रकाश न होना वास्तुदोष भी उत्पन्न करता है और वहां पर नकारात्मक ऊर्जा का संचार होने लगता है। प्रकाश की कमी तरक्की में बाधक,कायों में विघ्न एवं बहस आदि का कारण भी बन सकती है।पौधे रख रहे हैं तोघर के जिस कमरे में आप काम कर रहे हैं उसे सुंदर और सकारात्मक बनाने के लिए यहाँ कोई भी इनडोर प्लांट रख सकते हैं। पूर्व या उत्तर दिशा में मनी प्लांट, बैम्बू बंच, वाइट लिली या रबड़ प्लांट जैसे छोटे पौधे रखना सुंदरता के साथ-साथ समृद्धिकारक माने गए हैं। ध्यान रहे सूखे, कांटेदार और बोनसाई पौधे अपने वर्कप्लेस पर कभी नहीं लगाएं,ये निराशा के सूचक हैं। हरा रंग खुशहाली,समृद्धि,उत्कर्ष और पावनता का प्रतीक है यह सकारात्मक ऊर्जा के स्तर में वृद्धि करता है एवं मन-मस्तिष्क को सुकून देने वाला माना गया है।चित्रों पर ध्यान देंकमरे में उत्तर दिशा की तरफ हरे-भरे जंगल अथवा लहलाती फसलों का चित्र लगाने से एक साथ कई लाभ प्राप्त होते हैं एवं मेहनत का पूरा धन आपको मिलता है।पहाड़ों और चट्टानों के लैंडस्केप को दक्षिण और पश्चिम दिशा की दीवारों पर लगाना मनोबल और स्थायित्व को बढ़ाता है।यदि ऐसी पेंटिंग्स पूर्वी दीवारों पर टांगी गयीं तो इससे व्यवसाय में तरक्की बाधित होगी।पूर्व दिशा में पेड़-पौधे,भागते घोड़े,उड़ते पक्षी,स्वस्तिक या उगता हुआ सूर्य जैसे मन को प्रफुल्लित करने वाले चित्र या प्रतीक रख सकते हैं। पानी के लैंडस्केप जिनमें समुद्र,नदियां,झीलों या सरोवरों के दृश्य हैं,उत्तर और पश्चिम दिशा की दीवारों पर लगाना समृद्धि को आमंत्रित करना है। रोता हुआ बच्चा, कंटीले पौधे, टूटी मूर्ति, डूबता जहाज, आग आदि जैसे नकारात्मक चित्र भी आपके वर्क स्टेशन पर नहीं होने चाहिए क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि कर आपके काम और मूड पर बुरा प्रभाव डाल सकते हैं।तनाव कम करेंगे फूलदिनभर काम से होने वाली थकान से बचने के लिए आप अपनी मेज पर ताजे फूलों का एक गुलदस्ता रख सकते हैं। वास्तु के अनुसार फूलों की सजावट मन को आनंद प्रदान करती है व तनाव भी कम करने में मदद करती है। गुलदस्ते में रखे फूल सूखने या मुरझाने लगें, तो इन्हें तुरंत हटा देना चाहिए ऐसे फूल नकारात्मक ऊर्जा का सृजन करते हैं।
- अस्वस्थ खानपान व धूम्रपान, तंबाकू जैसी गलत आदतों के कारण हमारे दांतों का स्वास्थ्य खराब होता जाता है. इसके कारण हमारे दांतों का रंग पीला हो जाता है, जो कि हमारे पूरे आकर्षण को कम करता है. सबसे बड़ी बात पीले व गंदे दांत आपकी मुस्कान का प्रभाव कम कर देते हैं. लेकिन सोने से पहले कुछ काम करने से आपके दांत हीरे जैसे सफेद हो जाएंगे. दांतों को सफेद बनाने के ये उपाय काफी आसान हैं, जिन्हें कोई भी कर सकता है.दांतों को सफेद बनाने का तरीकादांतों का पीलापन दूर करने के लिए आप निम्नलिखित घरेलू उपायों को रात में सोने से पहले अपनाएं. आप जब सो रहे हों, तब इन उपायों को अपनाएं और सो जाएं.केले का छिलकाहर रात को ठीक सोने से पहले केले का छिलके का अंदरुनी भाग दांतों पर 2-3 मिनट तक रगड़ें. इसके बाद अपने दांतों को गुनगुने पानी से धो लें. केले के छिलके में मौजूद मिनरल्स और पौटेशियम दांतों की गंदगी को साफ कर सकते हैं. ध्यान रखें कि ज्यादा ताकत के साथ केले का छिलका ना रगड़ें, इससे मसूड़ों में दर्द हो सकता है.दांत सफेद करने के लिए बेकिंग सोडा और नींबूदांतों को साफ करने के लिए 1 चम्मच बेकिंग सोडा में 1 चम्मच नींबू का रस मिलाकर दांतों पर 2 से 3 मिनट लगाएं. इसके बाद साफ पानी से कुल्ला करके सो जाएं. हफ्ते में दो से तीन रात को दांत साफ करने के इस घरेलू उपाय को अपनाएं. बेकिंग सोडा और नींबू का रस दांतों पर मौजूद दागों को साफ कर सकते हैं.दांत साफ करने का तरीका: हल्दीहर रात सोने से पहले टूथब्रश पर हल्दी पाउडर लगाकर ब्रश करें. 2 से 3 मिनट बाद माउथवॉश कर लें. दांतों से पीलापन दूर करने का यह तरीका काफी आसान है.दांतों के दाग हटाने के लिए नारियल तेलअपनी उंगलियों पर नारियल तेल लगाकर हर रात दांतों पर रब करें. यह दांतों की गंदगी साफ करने का कारगर उपाय है. ध्यान रहे कि नारियल तेल को निगलना नहीं है. उसके बाद मुंह अच्छी तरह धो लें.नीमदांतों के बीच में भी गंदगी और बैक्टीरिया जमा होते हैं. इसे खत्म करने के लिए आप 4 से 5 नीम के पत्तों को पानी में उबालें और फिर उससे कुल्ला करें. इसके बाद ब्रश करके सो जाएं. हर रात ऐसा करने से आपके दांतों का रंग साफ हो जाएगा.
- दमदार एक्टर और फिल्म इंडस्ट्री में अपनी अपनी काबिलियत के दम पर अलग पहचान बनाने वाले एक्टर सोनू सूद ने पिछली 30 जुलाई को अपना 48वां जन्मदिन मनाया हैैं। अपनी एक्टिंग के दम पर बॉलीवुड में अपना लोहा मनवा चुके एक्टर सोनू सूद न सिर्फ फिल्मों में ही बल्कि अपनी निजी जिंदगी में किये गए कामों की वजह से भी चर्चा में हैं। कोरोना काल के दौरान सोनू सूद ने जिस तरह से गरीबों और मजदूरों की मदद की, उससे वे "गरीबों के मसीहा" कहे जाने लगे हैं।अभिनेता बनने से पहले सोनू सूद इलेक्ट्रिकल इंजीनियर थे। 48 वर्षीय फिल्म अभिनेता सोनू सूद ने न सिर्फ फिल्में के दम पर बल्कि अपनी फिटनेस के लिए भी लोगों का प्यार जीता है। सोनू सूद के सिक्स पैक पर भी उनके लाखों फैंस फिदा हैं। अपनी फिटनेस और बॉडी को लेकर भी सोनू सूद ने जमकर तारीफें बटोरी हैं। आइये जानते हैं अभिनेता सोनू सूद की इस फिटनेस का राज।अभिनेता सोनू सूद के मुताबिक फिट रहने के लिए वर्कआउट और डाइट को लेकर अनुशासित रहना बेहद जरूरी है। जब आप नियमित रूप से अपने फिटनेस वर्कआउट प्लान और डाइट को फॉलो करते हैं तभी आपको सफलता मिलती है। सिक्स पैक एब्स और मजबूत बॉडी के लिए सोनू सूद नियमित रूप से लगभग ढाई से तीन घंटे जिम में बिताते हैं। उनके मुताबिक शुरुआत में वह 30 मिनट के लिए कार्डियो करते हैं और उसके बाद क्रॉस ट्रेनिंग और फंक्शनल ट्रेनिंग करते हैं। इसके अलावा फिट रहने के लिए कई बार वह योग का भी अभ्यास करते हैं। सोनू सूद जैसी फिटनेस और बॉडी के लिए शरीर के ऊपरी और निचले हिस्से के लिए उचित और नियमित एक्सरसाइज की जरूरत होती है। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि कुछ समय पहले उन्हें पीठ में कुछ दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था जिसकी वजह से शरीर के निचले हिस्से के लिए वर्कआउट नहीं कर पाते थे। वेट ट्रेनिंग और जिम जाने के अलावा एक्टर सोनू सूद कई तरह के अलग-अलग वर्कआउट प्लान फॉलो करते हैं। सोनू सूद के मुताबिक फिट रहने के लिए वह हाईवे पर साइकिल चलाना बहुत पसंद करते हैं।ये हैं सोनू सूद का डाइट प्लानफिल्म अभिनेता और रियल लाइफ हीरो बन चुके सोनू सूद शाकाहारी (वेजिटेरियन) हैं। फिल्मफेयर की एक रिपोर्ट के मुताबिक अभिनेता सोनू सूद शाकाहारी हैं, लेकिन डाइट में अंडों का सेवन करते हैं। सोनू सूद शराब का सेवन और स्मोकिंग बिलकुल भी नहीं करते हैं। इसके अलावा वह डाइट में अनाज और दाल में मिलने वाले प्रोटीन का सेवन करते हैं। जानकारी के मुताबिक वह दिन में कम से कम पांच से छह बार खाना खाते हैं और इनमें तीन बार हैवी मील लेते हैं। आमतौर पर सुबह के नाश्ते में सोनू सूद ताजे फलों का रस और फल आदि का सेवन करते हैं। नाश्ते में वह आमलेट का भी इस्तेमाल करते हैं। दोपहर के खाने में वह दाल, सब्जी, रोटी और दही का इस्तेमाल करते हैं और डिनर में वह आमतौर पर दलिया, सूप, सलाद और सब्जियों का सेवन करते हैं। इसके अलावा शाम के नाश्ते में अभिनेता सोनू सूद ब्राउन ब्रेड से बने सैंडविच का सेवन करते हैं। इसके साथ ही सोनू सूद वर्कआउट के बाद सलाद और स्प्राउट्स के साथ प्रोटीन शेक का सेवन भी करते हैं।फिटनेस के लिए अभिनेता सोनू सूद रखते हैं इन बातों का ध्यानफिल्म अभिनेता सोनू सूद की दमदार एक्टिंग और सिक्स पैक वाली बॉडी पर उनके लाखों चाहने वाले फिदा हैं। आज के समय में हर कोई सोनू सूद जैसी बॉडी बनाना चाहता है। वह अपनी फिटनेस और बॉडी के लिए डाइट और वर्कआउट के अलावा इन बातों का भी विशेष ध्यान रखते हैं।1. नो चीटिंग पॉलिसीफिल्म अभिनेता सोनू सूद खुद को फिट और हेल्दी रखने के लिए बहुत अनुशासित रहते हैं। वह नियमित रूप से वर्कआउट और डाइट का पालन करते हैं। एक्टर सोनू सूद के मुताबिक वह चीट डे या चीट पालिसी में विश्वास नहीं रखते हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि जिस शरीर को बनाने के लिए उन्होनें इतनी मेहनत की है उन प्रयासों को बेकार नहीं जाने देना चाहिए। उनके मुताबिक वह फिल्म्स की शूटिंग देर रात ख़त्म करने के बाद भी वर्कआउट जरूर करते हैं।2. काब्र्स और नमक का करते हैं बहुत कम सेवनअभिनेता सोनू सूद खुद को फिट व हेल्दी रखने के लिए नमक का बहुत कम सेवन करते हैं। इसके अलावा वह काब्र्स भी बहुत ज्यादा पसंद नहीं करते। उनके मुताबिक उनका पसंदीदा भोजन दाल और रोटी है। फिल्म्स और रोल के लिए वह कुछ समय के लिए रोटी का सेवन भी नहीं करते हैं।3. डायटीशियन द्वारा बताए गए चार्ट का पालनअभिनेता सोनू सूद डायटीशियन द्वारा बताए गए डाइट चार्ट का पालन करते थे। लेकिन एक रिपोर्ट के मुताबिक अब वह खुद से तरह-तरह के फूड्स के बारे में जानकारी जुटाकर उनका सेवन करते हैं। उनके मुताबिक फिट और हेल्दी रहने के लिए जरूरी है की आप हर दो घंटे पर कुछ न कुछ खाएं। लेकिन इस दौरान शरीर को मिलने वाली कैलोरी और पोषण का भी ध्यान जरूर रखें।
- आप चाहती हैं कि चेहरे के दाग-धब्बे हमेशा के लिए गायब हो जाएं तो ये खबर आपके काम आ सकती है. क्योंकि इस खबर में हम आपके लिए मौसंबी के फायदे लेकर आए हैं, जी हां यह फल सेहत के साथ ही त्वचा का भी खास ख्याल रखता है. बारिश और गर्मी के मौसम में स्किन प्रॉब्लम्स को दूर करने के लिए आप मौसंबी के रस का इस्तेमाल कर सकती हैं.वैसे तो मौसंबी का इस्तेमाल फेशवॉश, क्रीम समेत कई ब्यूटी प्रोडक्ट्स में किया जाता है. लेकिन घर बैठे आप इसके रस की मदद से चेहरे के दाग-धब्बे हटा सकती हैं. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो खट्टे फल स्वास्थ्य और त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. ये आपकी शरीर में इम्युनिटी बढ़ाने का काम करते हैं. इसमें विटामिन सी की भरपूर मात्रा होती है.ब्लैक हेड्स और डॉर्क सर्कल्स हटाएमानसून सीजन में त्वचा ऑयली हो जाती है, जिसकी वजह से ब्लैक हेड्स और डॉर्क सर्कल्स की समस्या होती है. अगर आप भी इस समस्या से परेशान हैं तो मौसंबी का रस लगाएं. आप मौसंबी के जूस को रूई की मदद से एफ्केटेड एरिया में लगाएं. इसे नियमित रूप से लगाने से आपकी सभी समस्याएं दूर हो सकती हैं.पिंपल्स से छुटकारामौसंबी का रस खून को साफ करने में मदद करता है. इसके अलावा आप मौसंबी के रस का इस्तेमाल स्किन प्रॉब्लम्स को दूर करने के लिए कर सकते हैं. इसके अलावा आप इसका इस्तेमाल गर्दन, कोहनी, घुटने और आंखों के काले घेरे से छुटकारा पाने के लिए कर सकते हैं. इसमें एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी बॉयोटिक्स की भरपूर मात्रा होती है जो त्वचा संबंधी परेशानियों को दूर करने में मदद करता है.ब्लीचिंग एजेंट की तरह काम करता है मौसंबी का रसमौसंबी का रस त्वचा में ब्लीचिंग एजेंट की तरह काम करता है. आप इसकी जगह नींबू का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. त्वचा के दाग- धब्बों और पिगमेंटेशन को दूर करने के लिए मौसंबी का इस्तेमाल किया जाता है. इससे आपके त्वचा में चमक आ जाएंगी.कैसे करें मौसंबी का उपयोगमौसंबी के छिलके को सूखाकर उसे पीसकर पेस्ट बनाकर रखें.इस पेस्ट का इस्तेमाल त्वचा में पील ऑफ मास्क की तरह कर सकते हैं.मौसंबी को चेहरे पर सीधा लगाकर उससे मसाज कर सकती हैं.दाग-धब्बों को हटाने के लिए सीधा मौसंबी के रस को लगाएं, कुछ समय बाद पानी से धो लें.
- कहते हैं कि अपनी समस्या बताने से उसका समाधान हो ही जाता है लेकिन बच्चों के मामले में यह बात फिट नहीं बैठती क्योंकि बच्चे अपनी परेशानी आसानी से नहीं बता पाते। वहीं कुछ समस्या होने पर बच्चे अक्सर रोते रहते हैं। आपका बच्चा भी अगर हमेशा रोता रहता है, तो ये पांच कारण हो सकते हैं-भूखबच्चों के रोने का सबसे प्रमुख कारण भूख लगना ही होता है। अगर आप बच्चे के भूख लगने के संकेतों को समझ जाएं, तो उसके रोना शुरू करने से पहले ही दूध पिला सकती हैं। अधिकतर समय बच्चे भूख की वजह से ही रोते हैं और दूध पीने पर चुप हो जाते हैं।थकानबच्चे काम नहीं करते फिर भी उन्हें थकान हो जाती है। खेलना, हाथ-पैर चलाते रहना या फिर पर्याप्त नींद न मिलने के कारण बच्चों को थकान हो जाती है।गैसपेट से जुड़ी परेशानियों जैसे कि गैस या कोलिक की वजह से भी बच्चे रोते हैं। कोलिक बेबी दिन में कम से कम तीन घंटे और सप्ताभर में कम से कम तीन दिन रोते हैं।नींद की कमीछह महीने के होने के बाद शिशु अपने आप ही सोना सीख जाते है लेकिन कभी-कभी बच्चेा अपनी मां या पिता के बिना नहीं सोते हैं। स्लीप शेड्यूल बनने के बाद भी बच्चे को आपके बिना नींद आने में दिक्कत हो सकती है।
- चेहरे पर झुर्रियों की शुरुआत अक्सर आंखों के आसपास से होती है. शुरुआत में अगर इस पर ध्यान न दिया जाए तो धीरे धीरे ये आंखों के नीचे बढ़ जाती हैं. ये झुर्रियां ही आपकी उम्र को ज्यादा दिखाती हैं. ऐसे में अगर डार्क सर्कल भी हो जाएं तब तो पूरा चेहरा ही काफी मैच्योर और बीमार सा दिखता है. चेहरे की रौनक मानो खो सी जाती है.वैसे तो बाजार में आजकल कई तरह की आई क्रीम आती हैं, जो इन समस्याओं से छुटकारा दिलाने में कारगर हैं. लेकिन कुछ लोगों की स्किन काफी सेंसिटिव होती है और उन्हें बाहरी प्रोडक्ट्स सूट नहीं करते. ऐसे में आप यहां बताए जा रहे कुछ घरेलू उपाय का लाभ उठा सकती हैं. ये आपकी झुर्रियों को कम करने के साथ आपके डार्क सर्कल की समस्या को भी दूर करेंगे.बादाम का तेलझुर्रियां चाहे आंखों के नीचे हों या चेहरे पर, बादाम के तेल को इसे दूर करने का कारगर उपाय माना जाता है. रोजाना बादाम के तेल से आंखों के नीचे हल्के हाथों से मसाज करने से झुर्रियों की समस्या दूर होती है, साथ ही डार्क सर्कल भी खत्म होते हैं. अगर आपके चेहरे पर झुर्रियों की समस्या है तो पूरे चेहरे पर इस तेल से मसाज करें. आप चाहें तो बादाम के तेल में नारियल का तेल मिलाकर भी मसाज कर सकती हैं. इसके भी अच्छे रिजल्ट्स देखने को मिलते हैं.चिरौंजी का पैकडार्क सर्कल की की समस्या और झुर्रियों को दूर करने के लिए चिरौंजी भी काफी फायदेमंद होती है. इसके लिए चिरौंजी को पीसकर दूध में मिक्स करें, इसके बाद आंखों के आसपास के एरिया में लगाएं और सूखने दें. सूखने के बाद हल्के गुनगुने पानी से इसे साफ करें. इसके बाद नारियल के तेल से आंखों के आसपास मसाज करें.खीरा और ककड़ीआंखों के नीचे झुर्रियों की वजह कई बार शरीर में पानी की कमी भी होती है. ऐसे में खूब पानी पिएं और खीरे और ककड़ी का सेवन करें. ये आपके शरीर को हाइड्रेट रखने के साथ स्किन पर ग्लो लाने का काम करते हैं. इसके अलावा आप खीरे या ककड़ी के रस को निकालकर अपनी आंखों के नीचे लगाएं. इससे कुछ दिनों में आपको काफी फर्क लगेगा.जैतून का तेलरोजाना रात को सोते समय मुंह को अच्छी तरह से धोएं और जैतून के तेल से आंखों के आसपास मसाज करें. इससे काफी फर्क पड़ता है. इसके अलावा रात में सोते समय एलोवेरा जेल लगाने से भी समस्या दूर होती है.
- अगर आप अपने गार्डेन के लिए एक ऐसे वाइन वाले प्लांट की तलाश मे हैं जो हमेशा चमकता रहता हो , घना बना रहता हो और जिसकी पत्तियां चितकबरी हो तो आपको ज्यादा तलाश करने की जरूरत नही क्योंकि इंच प्लांट यानी वांडरिंग ज्यू (2ड्डठ्ठस्रद्गह्म्द्बठ्ठद्द द्भद्ग2) आपकी इस खोज को पूरी कर सकता है । अपनी खूबसूरत पत्तियों के कारण यह काफी पसंद किया जाता है। इसे आप हैंगिंग बास्केट में लगाएं या फिर ऊंचाई पर रखें क्योंकि क्यारी में लगाने से इसका अच्छा लुक नहीं आता है। इसे इंडोर या फिर आउटडोर कहीं भी रखा जा सकता है। देखने में ये खूबसूरत तो होते हैं, लेकिन इसमें विषैले तत्व भी पाए जाते हैं इसलिए इसे लगाते समय इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि यह पालतू जानवरों और बच्चों की पहुंच से दूर रहे। यह पौधा नर्सरी में आसानी से मिल जाता है या फिर आप इसे ऑनलाइन आर्डर कर घर बैठे मंगवा सकते हैं।कैसे करें देखभालइसकी मिट्टी में नमी बनी होनी चाहिए। पर इसका मतलब ये नहीं कि यह हमेशा पानी में डूबा रहे। जब मिट्टी कि ऊपरी 1-2 इंच कि सतह सूखी लगे तब इसे पानी दे दें अन्यथा न दें । जाड़ों मे इनकी ग्रोथ स्लो हो जाती है इसलिए इंच प्लांट को बहुत कम पानी की आवश्यकता रहती है , उसी हिसाब से पानी दें । मेक्सिको और उसके आसपास की जलवायु का पौधा होने के कारण इसे गर्म जलवायु पसंद है। कमरे का सामान्य तापमान इसके लिए अच्छा होता है ,इंच प्लांट के लिए आदर्श तापमान 15 से 30 डिग्री सें. होता है । बहुत तीखी तेज़ धूप पत्तियों के रंग को फीका कर सकती है ।एक छायादार बालकनी या टेरेस कि यह शोभा कई गुना बढ़ा सकता है पर ध्यान रहे कि जब मौसम बहुत सर्द होने लगे तो इसे आप वापस अंदर ले आएं।----
- मानसून का सीजन कई सारी बीमारियां अपने साथ लेकर आता है. इस मौसम में सर्दी-खांसी से लेकर वायरल, डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियां होती हैं. लिहाजा आपको सेहत का खास ख्याल रखने की जरूरत है. अगर आप भी कभी बारिश में भीग जाएं तो कुछ बातों का ख्याल जरूर रखें. इससे आप खुद को बीमार होने से बचा सकते हैं.कपड़े बदल लेंभीगने के तुरंत बाद आपको सबसे पहले कपड़े बदलने चाहिए. इससे आपके शरीर को ज्यादा ठंड नहीं लगेगी और शरीर का तापमान सामान्य हो जाएगा. इससे आप कई तरह के फंगल संक्रमण से बचेंगे.अदरक वाली चाय या काढ़ाबारिश में भीगने के बाद आपको तुरंत गर्मागर्म हल्दी वाला दूध या अदरक वाली चाय, कॉफी पीनी चाहिए. ज्यादा गर्माहट चाहिए तो आप काढ़ा भी पी सकते हैं. बुखार और सर्दी से बचने के लिए आपको कुछ गर्म ही खाना चाहिए.पैरों को सुखा लेंबारिश में अगर आपने जूते पहने हैं और आप भीग गए हैं तो तुरंत पैरों को साफ पानी से अच्छी तरह धो लें. अब अच्छी तरह से साफ करके पैरों को सुखा लें.एंटीबैक्टीरियल क्रीम लगाएंबारिश में भीगने के बाद कपड़े बदलते वक्त आप कोई एंटीबैक्टीरियल क्रीम का इस्तेमाल जरूर करें. इससे शरीर पर मौजूद बैक्टीरिया मर जाएंगे. एंटीबैक्टीरियल क्रीम लगाने से आप स्किन एलर्जी और इंफेक्शन से बच सकते हैं. इससे दाद, खाज और खुजली की समस्या भी नहीं होगी.सिर ढ़क लेंजब भी आपको लगे कि आप भीगने वाले हैं तो सिर को अच्छी तरह से ढ़क लें. शरीर पर सबसे पहले बारिश का पानी सिर पर पड़ता है. सिर काफी कोमल होता है ज़रा सी ठंडक लगने पर सिर में सर्दी लग जाती है.--
























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