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- रागी और बाजरा के आटे की रोटियों का सेवन आपको कई गंभीर बीमारियों से तो बचाएगा ही, बल्कि शरीर की इम्युनिटी भी मजबूत करेगा. कई लोगों के मन में सवाल उठता है कि सबसे पौष्टिक रोटी किस चीज के आटे से बनती है. ?आज हम आपको उन दो तरह के आटों के बारे में जानकारी दे रहे हैं, जिनमें कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर को सेहतमंद बनाने में मदद करते हैं. आमतौर पर हम सभी के घरों में गेंहूं के आटे से बनी रोटियां ही खायी जाती हैं, लेकिन कई जगहों पर लोग गेंहू की जगह बाजरे और रागी की रोटी खाना पसंद करते हैं. बाजरा और रागी के आटे की रोटियों के जबरदस्त फायदे हैं.बाजरा और रागी की रोटियां खाने के 4 जबरदस्त फायदे1. हड्डियां बनाएं मजबूतबाजरे के आटे में कैल्शियम और फास्फोरस भरपूर मात्रा में होता है. इसके नियमित सेवन से हड्डियां मजबूत बनती हैं. यही वजह है कि कमजोर लोगों को डॉक्टर बाजरा की रोटी खाने की सलाह देते हैं.2. स्वस्थ दिल के लिए लाभकारीबाजरा कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है. जिससे दिल से जुड़ी बीमारियों के होने का खतरा कम हो जाता है. इसके अलावा ये मैग्नीशियम और पोटैशियम का भी अच्छा स्त्रोत है, जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मददगार है.3. कम होगा फ्रैक्चर का खतरारागी में कैल्शियम काफी मात्रा में पाया जाता है. यह कैल्शियम का नॉन-डेयरी स्रोत माना जाता है. रागी ऑस्टियोपोरोसिस से बचाता है और फ्रैक्चर के जोखिम को कम करने में मदद करता है. इसके अलावा वजन को कंट्रोल करने में बाजरा की रोटी काफी फायदेमंद हो सकती है.4. जोड़ों की समस्या से निजातबाजरा और रागी दो ऐसे अनाज हैं, जिनमें प्रोटीन, डायटरी फाइबर, विटामिन और आवश्यक पोषक तत्व मौजूद होते हैं. वजन कम करने के साथ पाचन को सुधारने में भी मददगार होते हैं. रागी और बाजरा के आटे की रोटी खाने से जोड़ों की समस्या से राहत मिलती है.बाजरा की रोटी बनाने की विधिसबसे पले बाजरे का आटा एक बर्तन में ले लें.इसके बाद उसमें नमक, गरम पानी और घी या मक्खन का प्रयोग करें.इन सभी को अच्छी तरह मिला लें और फिर आटा गूथें.आटा गूथने के बाद रोटी बनाएं.बाजरा की रोटी को घी या मक्खन डालकर सब्जी और गुड़ के साथ खाएं.रागी के आटे की रोटी बनाने की विधिसबसे पहले रागी के आटे में अपने पसंद की सब्जियों को घिसकर मिलाएंआप प्याज, गाजर या चुकंदर आदि मिला सकते हैं.इसके बाद आटे में हल्के मसाले और नमक को मिलाएंइसके बाद इसमें पानी डालकर आटा गूथें.आटा गूथने के बाद तवे पर गरमा गरम रोटियां पकाएं.आप रागी की रोटी को सुबह के वक्त खा सकते हैं.
- पनीर एक ऐसी चीज है जिसे खाना ज्यातार लोग पसंद करते हैं. लेकिन आप ये जानकर हैरान रह जाएंगे कि कच्चा पनीर भी लजवाब फायदे देता है. हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार रोजाना कच्चा पनीर खाने के आप कई बीमारियों से दूर रह सकते हैं. क्योंकि पनीर प्रोटीन, वसा, कैल्शियम, प्रोटीन, फॉस्फोरस, फोलेट और कई न्यूट्रीएंट्स से भरपूर रहता है. लिहाजा इसका सेवन शुगर को कंट्रोल में रखता है और मानसिक तनाव भी दूर करता है.पनीर में क्या-क्या पाया जाता है?कच्चे पनीर में कई सारे पोषक तत्व जैसे पोटैशियम, सेलेनियम ,मैग्नीशियम, फास्फोरस और जिंक आदि होते हैं. ये आपको मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रखते हैं. ये कई स्वास्थ्य समस्याओं को भी दूर करने में मदद करते हैं.किस समय करें कच्चे पनीर का सेवनकच्चा पनीर आप लंच करने से एक घंटा पहले खा सकते हैं. ऐसा करने से आप दिनभर ओवरइटिंग से बचे रहते हैं. इसके अलावा एक्सरसाइज के कुछ घंटों बाद भी पनीर का सेवन फायदेमंद माना जाता है. आप रात को सोने से एक घंटा पहले भी पनीर को खा सकते हैं.कच्चे पनीर के फायदे1. कैंसर के जोखिम को कम करता हैपनीर में विटामिन डी, कैल्शियम और प्रोटीन होता है. पनीर में संयुग्मित लिनोलिक एसिड होता है. ये कैंसर के जोखिम को कम करता है. इसमें कैल्शियम और विटामिन डी होता है. ये ब्रेस्ट कैंसर को कम करने में मदद करता है.2. वजन घटाने में हेल्फुलकच्चा पनीर वजन घटाने में भी मददगार है. दरअसल, उल्टे-सीधे खानपान की वजह से मोटापा आज की गंभीर समस्या में से एक है. अगर आप भी बढ़े हुए वजन को कम करना चाहते हैं तो कच्चे पनीर का सेवन करें. इसमें लीनेलाइक एसिड की मात्रा काफी पाई जाती है, जो शरीर में फैट बर्निंग प्रक्रिया को तेज करने में मदद कर सकता है.3. स्ट्रेस दूर करने में मददगारभागदौड़ भरी इस जिंदगी में काम के प्रेशर के चलते कई लोग स्ट्रेस के शिकार हो जाते हैं. इससे बचने के लिए आपको कच्चे पनीर का सेवन करना चाहिए.4. हड्डियों को मजबूत बनाने में लाभकारीकच्चे पनीर के सेवन से आप शरीर की हड्डियों को मजबूत बना सकते हैं. इसके लिए कैल्शियम की जरूरत होती है और पनीर में कैल्शियम और फास्फोरस होता है. यही वजह है कि ये हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है. पीनर में विटामिन बी और ओमेगा-3 फैटी एसिड हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है. इससे शरीर को कैल्शियम मिलता है. ये गठिया की समस्या को दूर करने में मदद करता है.
- आज के समय में लगभग सभी लोग ड्राई फ्रूट्स खाना पसंद करते हैं। ये सेहत के लिहाज से तो अच्छे होते ही हैं साथ ही इनको स्टोर करना भी आसान होता है। आज हम बात करने जा रहे हैं मुनक्का और किशमिश की। आयुर्वेद के हिसाब से मुनक्के को किशमिश की तुलना में ज्यादा फायदेमंद माना गया है और कई रोगों को जड़ से खत्म करने वाला बताया गया है। बहुत से लोग इन दोनों को एक जैसे ही ही मानते हैं क्योंकि ये दोनों ही अंगूर से बनते हैं, लेकिन इन दोनों में अंतर होता है। सबसे पहले तो बात करते हैं कैसे किशमिश से अलग होता है मुनक्काजानिए किशमिश और मुनक्के में अंतरकिशमिश छोटी, हल्की भूरी-पीली सी और खट्टी होती है, जबकि मुनक्का बड़ा, गहरा भूरा और मीठा होता है। मुनक्के में बीज होता है, जबकि किशमिश में कोई बीज नहीं होता। अपने खट्टे स्वाद के कारण किशमिश एसिडिटी कर देती है। किशमिश छोटे अंगूरों को सुखाकर तैयार की जाती है, जबकि मुनक्का लाल रंग के बड़े अंगूरों से बनाया जाता है। इनमें बीज भी होता है।किशमिश और मुनक्का सेहत के लिए फायदेमंदअंगूर से बने ये दोनों ड्राई फ्रूट्स खाने में मीठे और स्वादिष्ट होते हैं। ये सिर्फ खाने में स्वाद भरे नहीं होते बल्कि ये सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होते हैं। अगर आपको अपनी हेल्थ का ध्यान रखना है तो आपके अपनी डाइट में मुनक्के को जगह देनी होगी।मुनक्के के सेवन से होने वाले फायदेपाचन दुरुस्त करता है मुनक्काआयुर्वेद में मुनक्के का प्रयोग सुपाच्य के रूप में ही किया जाता है। मुनक्के में मौजूद फाइबर के कारण यह कब्ज़ से राहत देता है। इसके लिए आप, 5 से 7 मुनक्के बीज निकालकर एक गिलास दूध में उबाल लें। रात को यह दूध गुनगुना ही पिएं। कब्ज की तमाम समस्या से छुटकारा दिलाने में भी मुनक्का कारगर है क्योंकि मुनक्का फाइबर का अच्छा स्रोत माना जाता है। इसे नियमित लेने से पेट की अन्य समस्याएं भी दूर होती हैं।चेहरे की झुर्रियां कम करता है मुनक्कामुनक्के में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो त्वचा की झुर्रियां, फाइन लाइन्स और पिगमेंटेशन को दूर करता है। इसके लिए आप मुनक्के के सेवन के साथ-साथ उसका फेस पैक भी बना सकती हैं। मुनक्के का फेस पैक बनाने के लिए 10 से 12 मुनक्कों का पेस्ट तैयार कर लें। इस पेस्ट में एक छोटा चम्मच शहद मिलाएं और फेस पर लगा लें। 15 मिनट चेहरे पर लगाने के बाद हल्के हाथों से मसाज करके इसे छुड़ाएं और गुनगुने पानी से धो लें।दिल की सेहत के लिए अच्छामुनक्का, दिल की सेहत के लिए काफी अच्छा माना गया है। मुनक्के में पोटैशियम काफी मात्रा में पाया जाता है, जो कि हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मददगार है। इसके अलावा ये कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रित रखता है और हार्ट को कई परेशानियों से बचाता है।हड्डियां मजबूत करता हैंसमय के साथ हड्डियां भी कमजोर होने लगती हैं और ऐसा कैल्शियम की कमी के कारण होता है। मुनक्के में कैल्शियम भरपूर होता है, साथ ही इसमें बोरान नामक तत्व भी पाया जाता है जो हड्डियों तक कैल्शियम को पंहुचाने का काम करता है। लंबे समय तक हड्डियों को मजबूत रखना चाहते हैं तो रोजाना मुनक्के का सेवन जरूर करें। महिलाओं को तो हर हाल में मुनक्का खाना चाहिए।थकान दूर करताजिन लोगों को बहुत ज्यादा थकान या कमजोरी की शिकायत होती है, उन्हें रोज मुनक्के का सेवन करना चाहिए। ये शरीर को मजबूती देता है और कमजोरी दूर भगाता है।मुंह की दुर्गंध से छुटकारामुनक्का मुंह की बदबू दूर करने के लिए फायदेमंद माना जाता है. इसके लिए आप रात में 10 मुनक्का भिगोकर रखें और अगली सुबह इसे 3 से 4 ब्लैकबेरी की पत्तियों के साथ एक ग्लास पानी में उबाल लें। नियमित सेवन करने पर आपको एक ही हफ्ते में असर दिखने लगेगा।एनीमिया को दूर करतामुनक्के में विटामिन बी कॉम्प्लेक्स और कॉपर पाए जाते हैं। दोनों ही तत्व खून को बढ़ाने में मददगार है। ऐसे में इसका सेवन एनीमिया के मरीजों के लिए काफी लाभकारी है।
- कोविड संक्रमण की शुरुआत के साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) सहित दुनियाभर की तमाम स्वास्थ्य संस्थाओं ने मास्क को प्रभावित इलाकों में रह रहे लोगों के लिए जरूरी करार दिया। समय बढऩे के साथ बाजारों में कई तरह के मास्क की एंट्री हुई, जिनमें सामान्य कपड़े वाला मास्क , सर्जिकल मास्क , एन-95 मास्क, एन-99 मास्क आदि प्रमुख हैं। ये सभी मास्क एक सीमा तक संक्रमण को रोकने में कारगर हैं।क्या है डबल मास्किंग और क्यों जरूरी है?कोरोना वायरस के नए वैरिएंट के इन्हीं खतरों को देखते हुए कुछ कुछ समय पहले एक नया शब्द आपके कानों में पड़ा होगा- डबल मास्किंग । इसका सीधा और आसान का मतलब है कि एक साथ दो मास्क पहनना। हेल्थ एक्सपट्र्स के मुताबिक कोरोना वायरस से बचने के लिए अगर आप एक के बजाय दो मास्क (एक सर्जिकल मास्क और एक कपड़े वाला) तो आपको संक्रमण से ज्यादा सुरक्षा मिल सकती है। हालांकि डबल मास्किंग के अलावा एक एन-95 मास्क पहनना भी पर्याप्त है, लेकिन वर्तमान स्थितियों में एन-95 मास्क फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए जरूरी हैं, इसलिए मार्केट में अच्छी क्वालिटी के एन-95 मास्क नहीं पहुंच पा रहे हैं।अमेरिका की टॉप मेडिकल बॉडी के अनुसार डबल मास्क पहनने से अगर आपके सामने भी कोई कोविड पॉजिटिव मरीज आ जाता है, तो आपके संक्रमण से बचने का खतरा 85 प्रतिशत तक कम हो जाता है। वहीं सिंगल मास्क आपको सिर्फ 52 प्रतिशत तक संक्रमण से सुरक्षा दे सकता है। इसलिए अधिक सुरक्षा के लिए खतरे वाली जगहों पर आपको डबल मास्क पहनना चाहिए। ध्यान दें कि ऐसे डबल मास्क पहनने का भी एक सही तरीका है, जो नीचे वीडियो में बताया गया है।घर में मास्क पहनना क्यों जरूरी है?पिछले साल तक स्वास्थ्य संस्थाएं ये कह रही थीं कि आप जब भी घर से बाहर निकलें तो मास्क जरूर पहनें। लेकिन हाल में ही नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के, पॉल ने लोगों को घर में भी मास्क पहने रहने की सलाह दी थी। दरअसल घर के अंदर मास्क पहनने की इस हिदायत के पीछे का कारण है संक्रमण का बहुत ज्यादा फैल जाना और अब लोगों में कोविड को लेकर शिथिलता। आइए आगे जानते हैं कि आपको किन-किन स्थितियों में मास्क पहनना जरूरी है।कहां-कहां और कब-कब मास्क पहनना जरूरी है?-अगर घर में कोई कोविड पॉजिटिव है, तो परिवार के सभी सदस्यों को पूरे समय मास्क पहनकर रखना चाहिए (भले ही पॉजिटिव व्यक्ति एक कमरे में आइसोलेट हो)।- कोविड के किसी मरीज की देखभाल में लगा व्यक्ति या फिर उसके आसपास जाने वाले व्यक्ति को भी डबल मास्क पहनना आवश्यक है।-अगर कोई आपके घर आता है (भले ही उसमें संक्रमण के लक्षण न दिखें), तो आप स्वयं भी अपना मास्क पहनें और उस व्यक्ति को भी मास्क पहने रहने की प्रार्थना करें।-अगर आप किसी अन्य व्यक्ति के घर जा रहे हैं, तो भी आपको पूरे समय मास्क पहनकर रखना चाहिए।-आप या घर का कोई सदस्य घर से बाहर किसी काम से जाता है, तो उसे घर पर भी पूरे टाइम मास्क पहनकर रखना चाहिए।-अगर आपका घर ज्यादा हवादार न हो यानी काफी बंद सा हो तो परिवार के सभी सदस्यों के लिए मास्क पहनकर रखना जरूरी है।-यदि आप संयुक्त परिवार में रहते हैं, जहां बच्चे, बुजुर्ग, वयस्क, महिलाएं सब साथ हों, तो आपको घर पर मास्क पहनना चाहिए।
- पीपल के वृक्ष को कल्पवृक्ष भी कहा जाता है। हिन्दू धर्म में पीपल के पेड़ का बहुत महत्व होता है। इसका महत्व धर्म के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी कई तरह से फायदेमंद होता है। आइए जानते हैं पीपल के पत्तों के फायदों के बारे में...पीपल के पत्ते में पाए जाने वाले तत्वआयुर्वेदाचार्यों का कहना है कि प्रतिदिन दो पीपल के पत्ते का सेवन करने से ऑक्सीजन का लेवल बढ़ सकता है। इसके लिए आपको रोजाना पीपल के दो पत्ते को चबाकर सेवन करना होगा। पीपल में मॉइस्चर कंटेंट, कार्बोहायड्रेट, प्रोटीन, फैट, फाइबर, कैल्शियम, आयरन, कॉपर और मैग्नीशियम के तत्व मौजूद होते हैं।फेफड़ों के लिए भी होता है फायदेमंदफेफड़ों के रास्ते में सूजन और कसाव उत्पन्न होना, गले में घरघराहट, सांस लेने में तकलीफ, सीने में जकडऩ के साथ खांसी आने पर पीपल के पत्ते का सेवन किया जा सकता है। पीपल के पत्ते के अर्क में ऐसे विशेष गुण पाए जाते हैं, जो ब्रोंकोस्पास्म पर प्रभावी असर दिखा सकता है। सांस के रोगियों को हर रोज पीपल के दो हरे पत्तों का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके इस्तेमाल से आराम मिलता है।इम्यूनिटी को बनाता है मजबूतपीपल का पत्ता रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच हर व्यक्ति को रोग प्रतिरोधक क्षमता को पहले से ही इतनी मजबूत कर लेनी चाहिए कि संक्रमण हावी न हो सके. इसके लिए आप पीपल के पत्ते के साथ गिलोय के तने का मिश्रण तैयार कर लें. इस मिश्रण का सेवन दिन में चार बार करे. ऐसा निरंतर करते रहने से इम्यूनिटी बूस्ट होती है.लीवर के लिए है फायदेमंदज्यादा शराब का सेवन करने से इसका लीवर पर खराब असर पड़ता है। ऐसे में लीवर को स्वस्थ रखने के लिए पीपल के पत्ते का सेवन किया जा सकता है। पीपल में लीवर को डैमेज होने से बचाने वाली एक क्रिया पाई जाती है। इसके अर्क का उपयोग करने से लीवर को खराब होने से बचाया जा सकता है। इस लिए लीवर के रोगियों को प्रतिदिन सुबह में पीपल के दो पत्तों का सेवन करना चाहिए।कफ से दिलाता है निजातअगर कफ की समस्या से परेशान हैं, तो पीपल का पत्ता बढिय़ा विकल्प हो सकता है। पीपल की पत्ती में थेरेपेटिक तत्व पाए जाते हैं। जिसका उपयोग करने से कफ में आराम मिल सकता है। पीपल के पत्ते को जूस के रूप में इस्तेमाल करने से कफ की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। साथ ही पीपल के पत्ते को सुखाकर घी के साथ भी उपयोग किया जा सकता है।(नोट- ये उपाय केवल एक जानकारी है। ये उपाय कितने कारगर हैं, इसका दावा हम नहीं करते हैं। इसलिए कोई भी उपाय अपनाने से पहले किसी योग्य चिकित्सक की सलाह अवश्य ले लें।)
- कुछ लोग टाइम पास करने या पेट भरने के लिए भुने हुए चने खाते हैं, लेकिन ये सेहत के लिहाज से भी काफी फायदेमंद होते हैं. लो कैलोरी होने के कारण इन्हें हेल्दी स्नैक माना जाता है. ये वजन घटाने में काफी कारगर होते हैं. किसी और ड्राई फ्रूट की बात करें तो ये सबकी तुलना में सस्ते भी होते हैं.--जानिए भुने चने के फायदों के बारे में ----मिलती है तुरंत एनर्जीभुने चने में कार्बोहाइड्रेट, नमी, प्रोटीन, कैल्शियम और आयरन के साथ विटामिन भरपूर मात्रा में होते हैं. भुने चने में फाइबर भी अच्छी मात्रा में होता है. इनमें प्रोटीन और आयरन भी खूब होता है. इस कारण इन्हें खाने से तुरंत एनर्जी मिलती है.हार्मोन के स्तर को नियंत्रितचने में फाइटो-ऑस्ट्रोजेन और एंटी-ऑक्सीडेंट्स जैसे फाइटोन्यूट्रिएंट्स होते हैं जो एस्ट्रोजन के रक्त स्तर को विनियमित करने में मदद करते हैं, जिससे महिलाओं के हार्मोन बैलेंस रहते है और उनमें स्तन कैंसर के खतरा कम होता हैं.गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंदगर्भवती महिलाओं के लिए चने काफी फायदेमंद साबित होते हैं. गर्भ के समय स्त्रियों को उल्टी की समस्या होती है. उल्टियां ज्यादा हो तो उसका असर बच्चे पर भी पड़ता है क्योंकि शरीर पर जोर पड़ता है. ऐसी महिला को भुने चने का सत्तू पिलाना काफी फायदेमंद होता है.एनीमिया मरीजों के लिए फायदेमंददेखा जाता है कि ज्यादातर महिलाओं में खून की कमी होती है. इससे बचने के लिए डाइट में भुना चना शामिल करें. CHANA एनिमिया मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद है क्योंकि इसके सेवन से शरीर में खून की कमी नहीं होती है. भुने चने से शरीर में खून की मात्रा बढ़ती है. चने में आयरन की मात्रा ज्यादा होती है जो शरीर में खून की कमी को दूर करती है.हड्डियां मजबूत होती हैंचने में दूध और दही के समान कैल्शियम पाया जाता है, जिसका रोजाना सुबह सेवन करने से हड्डियां मजबूत रहती है.कंट्रोल में रहता है ब्लड शुगरचना खाने से शरीर में ब्लड शुगर का लेवल कंट्रोल में रहता है. डॉक्टर्स भी शुगर के मरीजों को चना खाने की सलाह देते हैं. इसका रोजाना सेवन करने से शुगर की प्रॉब्लम दूर होती है. भुने चने रोज अपनी डाइट में शामिल करने से डायबिटीज की समस्या में आराम मिलता है. ये डायबिटिक लोगों के लिए बहुत अच्छा भोजन है.शाम को स्नैक कै तौर परशाम के स्नैक में भुने हुए चने खाने चाहिए, ये आपकी डायट को कंप्लीट करते हैं. स्वाद में भी ये अच्छे लगते हैं. चने खाने से पेट भरा-भरा रहता है. भुने हुए चने में कैलोरी बहुत कम होती हैं. इसे थोड़ा खाने पर ही पेट भर जाता है.चने खाने से दिमाग होता है तेजभुने हुए चने खाने से दिमाग तेज होता है साथ ही भुने चने पाचन शक्ति के लिए भी बहुत फायदेमंद होते हैं. चने में प्रोटीन की बहुत ज्यादा मात्रा होती है जिसकी वजह से चने सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं.इम्यूनिटी होगी स्ट्रॉन्गचने खाने से आपका डायजेस्टिव सिस्टम मजबूत होगा तो आपकी इम्यूनिटी भी स्ट्रॉन्ग होगी. चने में ढेरों विटामिन्स पाए जाते हैं जो आपकी हेल्थ सिस्टम को मजबूत करते हैं.होता है वजन कमभुने चने को हर रोज अपने भोजन में शामिल करने से वजन कम होता है और मोटापा घटता है. ये शरीर से अतिरिक्त चर्बी को कम करता है. इसमें मौजूद पोषक तत्व आपकी सेहत को मजबूत करते हैं,कमर दर्द से राहतकमजोरी के कारण अक्सर महिलाओं की कमर में दर्द रहता हैं. ऐसी महिलाएं अगर दो मुट्ठी भुने चने रोजाना खाती हैं तो कमर दर्द से राहत मिलती हैं.भुने हुए चने के गुणअगर आप भुने हुए चनों को केवल टेस्ट के लिए कभी-कभी खाते हैं तो इन्हें रोजाना खाना शुरू कर दीजिए. भुने चने के एक कप में 15 ग्राम प्रोटीन और 13 ग्राम डाइटरी फाइबर होती है. चने में ढेरों विटामिन्स होते हैं जो आपकी सेहत के लिए काफी जरूरी है. कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, आयरन और गुड विटामिन्स का बहुत अच्छा सोर्स होता है भुना चना. भुने चने सेहत के लिए बेहद पौष्टिक माने जाते हैं.
- बुजुर्ग कहते हैं कि किसी भी शुभ काम के लिए घर से बाहर जाने पर दही-चीनी खाकर जाना अच्छा माना जाता है. ऐसा पिछले कई सालों से होता आ रहा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि घर से निकलते वक्त दही चीनी ही क्यों खिलाई जाती है? दरअसल, घर से बाहर निकलने पर दही-चीनी खिलाए जाने का कारण ये है कि सुबह खाली पेट दही खाना बहुत फायदेमंद होता है. इसके कई शारीरिक और मानसिक फायदे मिलते हैं.दही को हेल्थ एक्सपर्ट सुपरफूड कहते हैं, क्योंकि इसमें बहुत सारे ऐसे गुण पाए जाते हैं जो हमारे शरीर के लिए फायदेमंद है.दही में क्या-क्या पाया जाता है ---दही में अच्छी मात्रा में कैल्शियम, विटामिन बी-12, विटामिन बी -2, मैग्नीशियम और पोटेशियम जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं. दही को अगर चीनी के साथ खाया जाए तो ये शरीर को कई फायदे पहुंचाता है.दही चीनी के फायदे---दही खाने से हमारा पाचनतंत्र मजबूत बनता है.रोज दही खाने से पेट संबंधी समस्याएं नहीं होती.गर्मियों में दही चीनी खाना सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है.घर से बाहर निकलते वक्त दही और चीनी खाने से शरीर को अच्छी मात्रा में ग्लूकोज मिलता है जिससे तुरंत एनर्जी मिलती है.दही में पाए जाने वाले गुड बैक्टीरिया पेट के लिए फायदेमंद होते हैं. इससे पाचनक्रिया मजबूत बनती है और ये बैक्टीरिया हमारी आंतों के लिए भी फायदेमंद होते हैं.दही खाने के शरीर में गुड बैक्टीरिया बढ़ते हैं जो हमारी इम्यूनिटी को बूस्ट करते हैं.दही चीनी खाने से सिस्टिटिस और यूटीआई जैसी परेशानी नहीं होती.दही मूत्राशय को ठंडा रखता है. जिससे टॉयलेट में जलन की समस्या भी नहीं होती.जो लोग कम पानी पीते हैं उन्हें खाने में दही जरूर खानी चाहिए.किस समय खाना चाही दही-चीनी---सुबह नाश्ते में दही-चीनी खाने से पेट ठंडा रहता है. इससे पेट की जलन और अम्लता कम होती है. आयुर्वेद में दही चीनी को पेट के लिए फायदेमंद माना जाता है. जिससे पित्त दोष कम होता है. सुबह खाली पेट दही खाने से आप पूरे दिन एनर्जेटिक रहते हैं. खाने के बाद दही-चीनी मिलाकर सेवन करने की आयुर्वेद में सलाह दी जाती है.इसलिए घर से निकलने पर खिलाई जाती है दही-चीनी--सुबह दही चीनी खाने से हमारे शरीर को तुंरत ग्लूकोज मिलता है. इसीलिए घर से बाहर निकलने पर दही-चीनी खिलाई जाती है ताकि आप ग्लूकोज से दिन भर एक्टिव रहें. दही चीनी से मिलने वाला ग्लूकोज आपके दिमाग और शरीर को तुरंत ऊर्जा से भर देता है. इसलिए अगर आप सुबह मीठा दही खाकर निकलेंगे, तो दिनभर एनर्जेटिक रहेंगे.इन बातों का रखें ख्याल--दही-चीनी खाते वक्त कुछ चीजों का विषेश ख्याल रखने की भी जरूरत है.जैसे रात को दही-चीनी खाने से बचना चाहिए.जिन लोगों को सर्दी और खांसी हो उन्हें दही चीनी मिलाकर नहीं खाना चाहिए.अगर आपको शुगर की समस्या है तो आपको चीनी वाला दही नहीं खाना चाहिए.अगर आप वजन कम करने की सोच रहे हैं तो भी आपको मीठा दही नहीं खाना चाहिए, क्योंकि इसमें काफी मात्रा में कैलोरी होती है. जो आपको मोटा बनाती है.
- बासी रोटी सुनते ही ज्यादातर लोग मुंह बना लेते हैं लेकिन स्वाद की बजाय सेहत की बात करें, तो बासी रोटियां पोषण से भरपूर होती है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि गेहूं के आटे से बनी रोटियों को सबसे ज्यादा पौष्टिक और सुपाच्य माना जाता है लेकिन इन रोटियों के गुण तब और भी बढ़ जाते हैं, जब ये बासी हो जाती हैं। आइए, जानते हैं बासी रोटी खाने फायदे-बासी रोटी के फायदे--बासी रोटी को रोज दूध के साथ खाने से डायबिटिज और बीपी नियंत्रित रहता है। रोटी के बासी हो जाने से उनमें कुछ लाभकारी बैक्टिरिया आ जाते हैं इसके अलावा ग्लूकोज की मात्रा भी कम होती है।-बासी रोटी को दूध के साथ खाने से पेट की बीमारियों से भी राहत मिलती है। इससे एसिडिटी, कब्ज जैसी समस्याएं दूर होती है। बासी रोटी में फाइबर होने से यह पाचन को भी ठीक करता है।-बासी रोटी शरीर के तापमान को भी संतुलित बनाए रखने में मददगार है। दूध के साथ बासी रोटी को खाने से शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है। खासकर गर्मियों में इसका सेवन करने से हाई स्ट्रोक जैसी समस्याओं का खतरा नहीं रहता है।-दूध के साथ बासी रोटी खाने से शरीर का दुबलापन भी दूर होता है और शरीर में बल की वृद्धि होती है। शरीर के दुबलेपन को दूर करने का यह सबसे कारगर उपाय भी है। खासकर रात के समय बासी रोटी खाना ज्यादा फायदेमंद होगा।
- ऑस्ट्रेलिया की न्यू एडिथ कावेन यूनिवर्सिटी ने अपनी रिसर्च में किया दावादिल की बीमारियों से दूर रहना है तो रोजाना एक कप हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं। इन सब्जियों में नाइट्रेट की मात्रा अधिक होती है जो हृदय रोगों का खतरा घटाता और बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर भी कम करता है। यह दावा न्यू एडिथ कावेन यूनिवर्सिटी ने अपनी हालिया रिसर्च में किया है। दुनियाभर में होने वाली मौत की सबसे बड़ी वजह हृदय रोग है। हृदय रोगों से दुनियाभर में हर साल करीब 1.79 करोड़ लोगों की मौत होती है।50 हजार लोगों पर हुई रिसर्चशोधकर्ताओं के मुताबिक, डेनमार्क में 50 हजार लोगों पर करीब 23 साल तक यह रिसर्च की गई। रिसर्च के दौरान पाया गया कि जिन लोगों ने नाइट्रेट से भरपूर हरी पत्तेदार सब्जियों को खानपान में शामिल किया उनमें भविष्य में हृदय रोग होने का खतरा 12 से 26 फीसदी तक घट गया।रक्तवाहिनियां पतली होने का खतरा घटाशोधकर्ता डॉ. कैथरीन बोनडोना के मुताबिक, रिसर्च के दौरान हमारा लक्ष्य हृदय रोगों का खतरा कम करने वाले खानपान का पता लगाना था। हरी सब्जियों का असर पेरिफरल आर्टरी डिसीज में भी देखा गया है। जिसमें पैरों की रक्त वाहिनियां पतली हो जाती है। हरी सब्जियों से इस बीमारी का खतरा 26 फीसदी तक घट गया। इसके अलावा हार्ट अटैक, स्ट्रोक और हार्ट फेल होने का खतरा भी कम देखा गया।नाइट्रेट के सप्लिमेंट लेने से बचेंशोधकर्ताओं का कहना नाइट्रेट से भरपूर पत्तेदार सब्जियां ही काफी हैं। इससे अधिक मात्रा में सब्जियां खाने वाले लोगों में कोई अतिरिक्त फायदे नहीं दिखे। डॉ. कैथरीन के मुताबिक, नाइट्रेट की कमी पूरी करने के लिए सप्लिमेंट लेने से बचें, इसकी कमी हरी पत्तेदार सब्जियों से ही पूरी करें।ऐसे खाएं हरी सब्जियांडॉ. कैथरीन का कहना है, खानपान में पालक, चुकंदर जैसी सब्जियां शामिल करें। इनके जूस की जगह स्मूदीज बनाकर खाना ज्यादा बेहतर है। जूस निकालने पर इनमें मौजूद फायबर खत्म हो जाता है। इसलिए सब्जी या स्मूदीज बनाकर खाना बेहतर है।-
- डायबिटीज और मोटापा दुनिया की दो ऐसी समस्याएं हैं, जिनसे आज के समय में अमूमन लोग ग्रसित हैं। डायबिटीज और मोटापे का खान पान से सीधा संबंध है। असंतुलित जीवनशैली और गलत खान पान के कारण यह बीमारियां होती हैं। आज हम बताएंगे कि शरीर में ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए कौन सी रोटियां खाना फायदेमंद होती है।1. ओट्स की रोटीवजन कम करने के लिए दुनियाभर में माने जाना वाला ओट्स डायबिटीज के मरीजों के लिए किसी रामबाण से कम नहीं है। ओट्स से बनी रोटी खाने से शरीर में ब्लड शुगर लेवल संतुलित रहता है। इसका सेवन टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को भी कम करता है। ओट्स में ग्लाइकोसेमिक कम मात्रा में होता है। वहीं इसमें पाए जाने वाला फाइबर ब्लड शुगर को रेगुलेट करने में मदद करता है। ओट्स में पाए जाने वाला बीटा ग्लूकॉन भी डायबिटीज बढऩे के खतरे को कम करता है। यही नहीं ओट्स की रोटी का सेवन दिल से जुड़ी बीमारियों से भी बचाती है।बनाने की विधि -ओट्स की रोटी बनाने के लिए गेहूं का आटा लें। इसमें अपने अनुसार मिर्च आदि डाल सकते हैं। अब ओट्स को मिक्सी में बारीक पीस लें। अब इसे निकालकर गेहूं के आटे के साथ इसका मिश्रण करें। इसे गूंथ लें और सामान्य रोटी की तरह तवे पर सेंक लें।2. सोया रोटीसोया पर हुए एक शोध में यह पाया गया कि सोया में आइसोफ्लेवोन्स की मात्रा पाई जाती है, जो डायबिटीज नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाता है। इसका सेवन करने से लड शुगर लेवल घटता है और यह शरीर में ग्लूकोज टॉलरेन्स को भी बढ़ाता है। सिर्फ डायबिटीज ही नहीं इसका सेवन कोलेस्ट्रोल लेवल बढऩे से रोकता है और कार्डियोवैस्कुलर डिजीज का भी खतरा कम करता है। माना जाता है कि सोया की रोटी का रोजाना सेवन डायबिटीज को पूर्णता नियंत्रित रखता है।बनाने कि विधि- क कप गेहूं का आटा लें। इसके साथ ही 2 से 3 टेबल स्पून सोया का आटा लें। इसमें आप स्वादानुसार नमक, मिर्च आदि डालकर गूंथ ले। अब इसे भी गेहूं की रोटी की तरह ही सेक लें।3. बाजरे की रोटीडायबिटीज से बचाव के लिए और ब्लड शुगर कम करने में बाजरे की रोटी को वरदान माना जाता है। बाजरे मे भरपूर मात्रा में मैग्नीशियम पाया जाता है, जो रक्त शर्करा को बढऩे से रोकता है। कच्चे बाजरे में ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम मात्रा में पाया जाता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल बढऩे की संभावना काफी कम हो जाती है। इसलिए डायबिटीज के रोगियों को खासतौर पर बाजरे से बनी रोटी का सेवन करना चाहिए।बनाने की विधि - इसके लिए आपको बाजरे का आटा और गेहूं का आटा लेकर गूंथ लें और इसे रोटी की तरह सेंक लें। स्वाद के लिए इसमें स्वाद अनुसार मेथी पत्ती या फिर अजवाइन डाला जा सकता है।4. रागी के आटे की रोटीरागी के आटे से बनी रोटी डायबिटीज के मरीजों के ले बहुत फायदेमंद होती है। इसमें पॉलीफेनॉल्स के साथ ही डायटरी फाइबर की प्रचुरता पाई जाती है, जो ब्लड़ शुगर लेवल को बिलकुल नहीं बढऩे देती है। यही नहीं इसमें मिनिरल्स और एमीनो एसिड की भी अधिक मात्रा पाई जाती है, जो ब्लड शुगर कंट्रोल करने में सहायक माना जाता है।बनाने की विधि - एक कप रागी के आटे के साथ जरूरत अनुसार पानी लें। इसे गूंथ के सही आकार दें। रोटी को सेंकते समय उसे एक कपड़े की मदद से हल्के हाथों से दबाते रहें।5. ज्वार के आटे की रोटीज्वार का आटा भी डायबिटीज के मरीजों के लिए काफी लाभदायक होता है। ज्वार में मैग्नीशियम, प्रोटीन और डायट्री फाइबर्स की मात्रा पाई जाती है। जो ब्लड शुगर लेवल को कम करने में असरदार होती है। ज्वार की रोटी मे ग्लूटेन नहीं होता है। अक्सर चिकित्सकों द्वारा भी ज्वार की रोटी का सेवन करने की सलाह दी जाती है। इसे भी बाजरे की रोटी की तरह बनाया जाता है। .6. चने की रोटीचने की रोटी भी डायबिटीज के खतरे को और डायबिटीज के नियंत्रण में बहुत ही प्रभावी मानी जाती है। चने की रोटी ग्लूटेन फ्री होती है। वहीं ग्लूटेन वाले पदार्थों में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ा देते हैं। लेकिन चने के आटे की रोटी ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी काफी कम होता है। इससे बनी रोटी का सेवन रोजाना करने से ब्लड शुगर लेवल में गिरावट आती है। इसे खाने से शरीर में गुड कोलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ती है।बनाने की विधि - एक कप गेहूं का आटा लें अधिक लाभ के लिए उसमें कम से कम दो कप चने का आटा मिलाएं। आप चाहें तो इममें थोड़ी से बेसन की भी मात्रा डाल सकते हंै। इसे गूंथकर रोटियां बना लें।डायबिटीज के मरीजों को गेहूं के आटे के सेवन से बचना चाहिए। गेहूं के आटे में ग्लाइसेमिक इंडेक्स 100 के करीब होता है। जबकि बाकी आटों में यह बहुत कम मात्रा मे पाया जाता है।
- आभूषण या ज्वैलरी पहनना हिंदू परंपरा का एक अहम हिस्सा है. भारत में गहने से प्रेम करने वालों की कमी नहीं है. हमारे देश में किसी भी खास मौके, त्यौहार, शादी ब्याह में सोने-चांदी के जेवर पहने जाते हैं. हिंदु धर्म में गहनों का काफी महत्व है. ये गहने महिलाओं की खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं. शादीशुदा महिलाएं सुहाग के तौर पर मंगलसूत्र, बिछिया और पायल पहनती है.क्या कभी आपने सोचा है कि शरीर के हर अंग में लोग सोने के बने गहने तो पहनते हैं पर पैरों में हमेशा चांदी की ही पायल पहनी जाती है क्यों? हिंदु धर्म की मान्यताओं की मानें तो सोने और चांदी के जेवरों को पहनने का भी अपना तरीका है.कमर के नीचे नहीं पहने जाते सोने के गहनेमान्यताओं की मानें तो कहा जाता है कि कमर के नीचे सोने के आभूषण नहीं पहनने चाहिए. इसके पीछे सिर्फ धार्मिक मान्यताएं ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक कारण भी हैं. आपने देखा भी होगा की पैरों में सोने की पायल नहीं पहनते हैं. फैशन में जरूर आज महिलाएं गोल्ड की पायल पहन लेती है. पर पैरों में चांदी की पायल पहनने की ही मान्यता है और तर्क भी हैं. तो इस रिपोर्ट में जानते हैं कि पैरों में सोने की पायल क्यों नहीं पहननी चाहिए और इससे क्या नुकसान हो सकते हैं.धार्मिक कारणधार्मिक मान्यताओं की मानें तो नारायण यानी भगवान विष्णु को सोना अत्यंत प्रिय हैं क्योंकि सोना लक्ष्मी जी का स्वरुप होता है. लक्ष्मी जी उनकी पत्नी हैं. ऐसा माना जाता है कि कमर के निचले हिस्सों में, जैसे पैरों में सोना पहनने से भगवान विष्णु सहित लक्ष्मी जी का और समस्त देवताओं का अपमान होता है. ये तो है धार्मिक कारण अब बात करते हैं वैज्ञानिक कारण की...वैज्ञानिक कारणऐसा माना जाता है कि सोने के आभूषण शरीर में गर्मी पैदा करते हैं. वहीं, चांदी शरीर को शीतलता प्रदान करती है. ऐसे में कमर के ऊपर सोने और कमर से नीचे चांदी के गहने पहनने से शरीर का तापमान संतुलित रहता है. जिससे कई तरह की बीमारियों से छुटकारा मिलता है. अगर पूरे शरीर सोने के गहने पहनेंगे तो शरीर में एक जैसी ऊर्जा का फ्लो होगा, जिससे बॉडी को नुकसान हो सकता है. आपको फिर कई तरह की शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.शरीर के तापमान के बैलेंस को बनाएं रखने के लिए कमर के नीचे चांदी के आभूषण पहने जाते हैं. सोने के गहने गर्म और चांदी के गहने ठंडे होते हैं. इसीलिए कहा गया है कि कमर के नीचे चांदी के आभूषण पहनने से शरीर में गर्मी और शीतलता का संतुलन बना रहता है.
- अगर आप कब्ज की समस्या से परेशान हैं या फिर डायबिटीज से पीड़ित हैं तो ये खबर आपके काम आ सकती है. हम आपके लिए लेकर आए हैं हरा धनिया पत्ती के फायदे. धनिया पत्ती का इस्तेमाल मुख्य रूप से खाने को सजाने और उसका स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है. कुछ लोग इसका इस्तेमाल किसी दूसरी सब्जी के साथ मिलाकर सब्जी बनाने में भी करते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि इसके सेवन के कितने फायदे होते हैं?आंखों के लिए फायदेमंद है हरी धनियाहेल्थ विशेषज्ञ बतातें हैं कि 20 ग्राम धनिया को कूटकर, एक गिलास पानी में उबाल लें. इस पानी को कपड़े से छान लें. इसे एक-एक बूंद आंखों में डालने से आंखों में होने वाला दर्द, आंखों से पानी बहने की परेशानी में फायदा होता है.धनिया पत्ती में क्या-क्या पाया जाता हैदरअसल, धनिया पत्ती आपको कई रोगों से बचाने में मदद करते हैं. इसमें पोटैशियम, कैल्शियम, विटामिन सी और मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है.धनिया पत्ती के 5 चमत्कारिक फायदे1. जल्द घाव को भरता है हरा धनियामुंह के घाव को ठीक करने में हरी धनिया काफी कारगर होती है. इसमें मौजूद एंटी-सेप्टिक गुण मुंह के घाव को जल्दी भरने का काम करते हैं.2. धनिया के बीज फायदेमंदधनिया में कई तरह के मौजूद तत्व शरीर में मौजूद रहते हैं. जो कॉलेस्ट्रॉल कम कर उसे कंट्रोल में रखते हैं. अगर किसी को हाई कॉलेस्ट्रॉल की शिकायत है तो वो धनिया के बीज उबालकर उस पानी को पी सकते हैं.3. कब्ज की समस्या से निजातअगर आप कब्ज की समस्या से परेशान हैं तो खाने में धनिया शामिल कर सकते हैं. ये पेट की समस्याओं को दूर कर पाचनशक्ति को मजबूत करता है. इसके ताजे पत्तों को छाछ में मिलाकर पीने से बदहजमी, मतली, पेचिश और कोलाइटिस में आराम मिलता है.4. पेशाब संबंधी समस्या का समाधानसर्दियों में पानी कम पीने से पेशाब की समस्या बढ़ जाती है. ऐसे में धनिया के पत्ते, चटनी, सूखी धनिया का किसी भी रूप में इस्तेमाल करने पर पेशाब मार्ग दुरुस्त रहता है.5. ब्लड शुगर को कम करता हैडायबिटीज के मरीजों के लिए भी हरा धनिया पत्ती काफी फायदेमंद होता है. ये ब्लड शुगर के लेवल को नियंत्रित करने का काम करता है.
- आज हम आपके लिए लेकर आए हैं हरी मिर्च के फायदे. आप रोजाना हरी मिर्च का सेवन करते होंगे, लेकिन क्या इसके फायदों के बारे में आपको जानकारी है? अगर नहीं तो ये खबर आपके काम आ सकती है. खाने में तीखापन लाने वाली हरी मिर्च स्वाद के साथ सेहत के लिए भी फायदेमंद होती है. हरी मिर्च का सेवन कर हम कई गंभीर बीमारियों से भी बच सकते हैं. यह वजन घटाने से लेकर ब्लड सर्कूलेशन में तेजी लाने का काम करती है.क्यों खास है हरी मिर्चसबसे पहले नजर डालें हरी मिर्च में पाए जाने वाले तत्वों पर तो हरी मिर्च विटामिन ए, बी6, सी, आयरन, कॉपर, पोटेशियम, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होती है. यही नहीं इसमें बीटा कैरोटीन, क्रीप्टोक्सान्थिन, लुटेन -जॅक्सन्थिन आदि स्वास्थ्यवर्धक चीजें मौजूद हैं, जो शरीर को स्वस्थ्य रखने में अहम रोल अदा करती हैं.हरी मिर्च के जादुई फायदे1. इम्यूनिटी को बूस्ट करने में मददगारइम्यूनिटी को मजबूत बनाने के लिए हरी मिर्च का सेवन कर सकते हैं. हरी मिर्च में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो शरीर को बैक्टीरिया-फ्री रखने में मदद कर सकता है. हरी मिर्च इम्यूनिटी को बूस्ट करने में मदद कर सकती है.2. ब्लड सर्कूलेशन में तेजीहरी मिर्च में कैप्सियासिन नामक यौगिक मौजूद होता है, जो इसे तीखा बनाता है. मिर्च खाने से खून साफ होता है और नसों में खून का फ्लो तेजी से होता है, जिससे चेहरे पर पिंपल्स की समस्या से भी छुटाकारा पाया जा सकता है.3. वजन घटाने में मददगारहरी मिर्च वजन घटाने में मददगार है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स गुण भरपूर मात्रा में होने के अलावा कैलोरी नहीं होती. हरी मिर्च मेटाबॉलिज्म के लिए भी अच्छी मानी जाती है.4. चेहरे पर निखार लाने में सहायकहरी मिर्च आपके चेहरे पर निखार लाने में मदद करती है. इसमें विटामिन ई और विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो आपकी स्किन को हेल्दी रखने में मदद कर सकता है.5.. आंखों के लिए फायदेमंदआंखों की रोशनी को बढ़ाने के लिए हरी मिर्च का सेवन लाभकारी हो सकता है. क्योंकि इसमें विटामिन ए पाया जाता है, जो आंखों की रोशनी को बढ़ाने में मदद कर सकता है.
- दही को सेहत के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। दही ज्यादातर लोगों के भोजन का नियमित हिस्सा होती है। गर्मियां हैं दही का सेवन करना सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। वैसे तो दही को हर मौसम में खाया जाता है। ये आपकी त्वचा के लिए फायदेमंद है ही, इसमें पाए जाने वाले बैक्टीरिया आपके पाचन तंत्र को मजबूत करते है। इसमें कैल्शियम और लेटिक एसिड पाया जाता है., लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ चीजें दही के साथ खाने से नुकसान हो सकता है।आयुर्वेद में भी दही को अमृत कहा गया है., लेकिन दही का सेवन करते समय कुछ बातों का ध्यान भी रखना चाहिए, जैसे कि कुछ चीजों के साथ इसका सेवन करने पर यही दही शरीर पर उल्टा असर भी दिखाती है। रोजाना एक कटोरी दही खाने से बॉडी डिटॉक्स भी होती है, लेकिन दही के साथ कुछ चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए। आइए जानते हैं किन चीजों के साथ खाने पर ये नुकसान करता है....आम और दही का सेवन एक साथ न करेंदही और आम को भी एक साथ खाने से बचना चाहिए। इन दोनों को भूल कर भी एक साथ ना खाएं, दोनों शरीर के लिए टॉक्सिन बन जाते हैं, क्योंकि इनकी तासीर एक-दूसरे से बिल्कुल अलग होती है। यही वजह है कि आम को हमेशा खाने से पहले पानी में भिगो दिया जाता है। इन दोनों को खाने के बीच में एक घंटे का अंतर जरूर रखें।केले के साथ दहीआपने अक्सर दूध के साथ केले का प्रयोग करते हुए देखा होगा.। दूध और केला साथ में लेना फायदेमंद होता है। दूध के साथ केले का सेवन शरीर के लिए बुरा साबित हो सकता है।दही और मछलीदही के साथ मछली खाने से बचना चाहिए। अगर आप दही के साथ मछली खाते हैं तो आपको कई तरह की बीमारियों हो सकती है। इससे शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है, पेट से संबंधित कई बीमारी हो जाती हैं।तली-भुनी चीजेंतली और भुनी चीजों के साथ दही नहीं खाना चाहिए. आमतौर पर घरों में देखा गया है कि पराठों के साथ दही बड़े चाव के साथ खाया जाता है, लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। इससे पाचन पर असर पड़ता है।दही के साथ उड़द की दालदही के साथ उड़द की दाल बिल्कुल भी नहीं खानी चाहिए। इन दोनों को साथ खाने से शरीर को नुकसान पहुंच सकता है। आपको पाचन की समस्या हो सकती है। हालांकि लोग दही बड़े चाव से खाते हैं।-----
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इस समय कोरोना संक्रमित कुछ मरीजों में दोनों लंग्स प्रभावित होने के मामले सामने आ रहे हैं। दोनों लंग्स प्रभावित होने की इस समस्या को डबल निमोनिया का नाम दिया जा रहा है। मेदांता हॉस्पिटल के चेयरमैन और चेस्ट सर्जन डॉक्टर अरविंद कुमार से जानते हैं डबल निमोनिया कोरोना के मरीजों को किस तरह कर रहा है प्रभावित? कैसे होता है इसका इलाज? क्या हैं इसके गंभीर लक्षण?
क्यों होता है कोरोना के मरीजों को डबल निमोनिया?डॉक्टर अरविंद कुमार का कहना है कि पहले जब किसी व्यक्ति को निमोनिया होता था, तब सिर्फ एक ही लंग्स इंफेक्टेड होता था। पहले कीटाणु या फिर वायरस शरीर में प्रवेश करके लंग्स के किसी एक हिस्से को प्रभावित करते थे। अब कोविड-19 से ठीक हुए कुछ व्यक्ति के दोनों लंग्स प्रभावित हो रहे हैं। डॉक्टर का कहना है कि लंग्स कोरोना वायरस की वजह से प्रभावित नहीं हो रहा है, बल्कि वायरस के द्वारा बॉडी के अंदर इम्यून रिस्पॉन्स होता है। वह इम्यून रिस्पॉन्स वायरस को प्रभावित करने के साथ-साथ लंग्स को भी प्रभावित कर रहा है। यह इम्यून रिस्पॉन्स शरीर के अन्य हिस्सों को भी प्रभावित कर सकता है। यानि मरीज के शरीर में मौजूद एंटीबॉडीज अपने ही लंग्स को प्रभावित करने लगते हैं। यह एंटीबॉडीज शरीर के अपने ही अंग को प्रभावित करने लगते हैं, जिसमें लंग्स प्रमुख अंग है। मेडिकल भाषा में इस समस्या को साइटोक्रोम स्टॉम कहा जाता है। सामान्य भाषा में इस समस्या को डबल निमोनिया नाम दिया गया है, क्योंकि इसके कारण दोनों लंग्स इफेक्टेड होते हैं।डबल निमोनिया के लक्षणडॉक्टर का कहना है कि डबल निमोनिया के लक्षण सामान्य निमोनिया की तरह ही होते हैं। जैसे- खांसी , छाती में दर्द, सांस फूलना, ऑक्सीजन स्तर कम होना, कंजेक्शन, फीवर, ब्रीथिंग रेट बढऩा, काफी ज्यादा थकान महसूस होना, डायरिया, मानसिक स्वास्थ्य पर असर, नकसीर इत्यादि लक्षण देखने को मिल रहे हैं।हॉस्पिटल जाने की कब है जरूरत?अगर मरीज को सांस लेने में तकलीफ और सीने में काफी दर्द हो रहा है, तो ऐसी स्थिति में उन्हें जल्द से जल्द डॉक्टर के पास ले जाने की जरूरत है। निमोनिया के माइल्ड लक्षण फ्लू या फिर कोल्ड की तरह दिख सकते हैँ। लेकिन अगर यह लक्षण 3 दिन से अधिक दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। ताकि लंग्स पूरी तरह से इंफेक्टेड होने से बच सके।किन लोगों को है डबल निमोनिया का अधिक खतरा?कोरोना हर एक वर्ग को प्रभावित कर रहा है। ऐसे में डबल निमोनिया होने का खतरा हर एक व्यक्ति को है। लेकिन कुछ लोगों को डबल निमोनिया का खतरा ज्यादा रहता है। जैसे- बच्चों और नवजात शिशुओं को, 65 से अधिक उम्र के बुजुर्गों को, कमजोर इम्यून सिस्टम वाले व्यक्ति को, गंभीर बीमारी से जूझ रहे व्यक्ति को (जैसे- अस्थमा, डायबिटीज, हार्ट फैलियर), शराब और धूम्रपान करने वाले लोगों कोकितना गंभीर है डबल निमोनिया?डॉक्टर का इस बारे में कहना है कोरोना से जितनी मौतें हो रही हैं, उसमें 99 फीसदी मौत लंग्स प्रभावित होने का कारण ही हो रही हैं। हालांकि, यह कहना सही नहीं होगा कि डबल निमोनिया से ग्रसित मरीजों की मौत हो जाएगी। डॉक्टर का कहना है कि डबल निमोनिया से ग्रसित करीब 10 फीसदी मरीजों की मौत हो चुकी है। वहीं, 90 फीसदी मरीज घर में ही खुद-ब-खुद ठीक हो चुके हैं। यानि गंभीरता की बात कि जाए, तो यह 0 से 100 फीसदी तक हो सकता है। इसलिए अगर किसी तरह की परेशानी हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।घर में कैसे किया जा सकता है डबल निमोनिया इलाजडॉक्टर अरविंद का कहना है कि अगर आपके लंग्स गंभीर रूप से प्रभावित नहीं हुए हैं, तो आप घर पर रहकर भी इसका इलाज करवा सकते हैं। जैसे- अगर आपका ऑक्सीजन लेवल सही है, ज्यादा खांसी नहीं हो रही, फीवर भी कम है, सांस नहीं फूल रही है, तो ऐसे मरीज घर पर रहकर इलाज करवा सकते हैं। कोरोना के करीब 90 फीसदी ऐसे ही मरीज होते हैं। सिर्फ 10 फीसदी ऐसे मरीज हैं, जिसमें गंभीर लक्षण देखे गए हैं। - दूध पीना सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। ऐसी बहुत सी चीजें हैं, जिन्हें गुनगुने दूध के साथ मिलाकर पीने से दूध की पौष्टिकता बढ़ जाती है। इन्हीं में से एक है मिश्री। मिश्री आमतौर पर घरों में चीनी या फिर प्रसाद के रूप में इस्तेमाल की जाती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि मिश्री को दूध में डालकर पीने से स्वास्थ्य को कई फायदे होते हैं? मिश्री में कैल्शियम, प्रोटीन, फॉसफोरस, विटामिन और मिनरल्स आदि समेत कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं। आइये जानते हैं दूध में मिश्री मिलाकर पीने से सेहत को होने वाले कुछ फायदों के बारे में।1. अपच से दिलाए राहतअगर आपको अपच की समस्या से राहत पानी है तो मिश्री के साथ गर्म दूध का सेवन खासतौर पर करें। अधिकतम बीमारियों पेट से ही शुरू होती है। मिश्री के दूध में पाचन तंत्र सुधारने के लिए डायजेस्टिव प्रॉपर्टीज पाई जाती हैं, जो अपच और बदहजमी जैसी समस्याओं से छुटकारा दिलाती हैं। एक ग्लास गर्म दूध में मिश्री डालकर पीने से पाचन तंत्र भी दुरुस्त रहता है। इससे पेट में एसिडिटी कब्ज़ अपच आदि समस्याएं दूर होंगी।2. दिमाग के लिए फायदेमंदगुनगुने दूध में मिश्री एक एनर्जी बूस्टर की तरह काम करती है। रोज़ाना रात को गुनगुने दूध में मिश्री मिलाकर पीने से दिमाग की शक्ति बढ़ती है। इससे याद करने की क्षमता यानी मेमोरी पॉवर बढ़ती है। साथ ही ये दूध थकान भी मिटाता है। बच्चों की ब्रेन पावर बढ़ाने के लिए तो उन्हें खासतौर पर मिश्री वाले दूध का सेवन कराएं। यह आपकी शरीर में खून की मात्रा बढ़ाकर एनीमिया के खतरे को भी कम करती है।3. अनिद्रा की समस्या करे दूरएक अच्छी नींद के लिए गुनगुने दूध में मिश्री मिलाकर रोज रात को सोने से पहले पिएं। यह आपको मूड स्विंग और डिप्रेशन की समस्या से छुटकारा दिलाने में असरदार साबित होती है।4. आंखो के लिए लाभदायकमिश्री के दूध के सेवन से आंखो की रोशनी बढ़ती है। आंखों में सूजन या पफीनेस नहीं रहतीं। नींद अच्छी आती है और आंखो के नीचे काले घेरे भी नहीं बनते हैं। इसे पीने से आंखों में मोतियाबिंद होने की आशंका भी काफी कम होती है।5. सर्दी ज़ुकाम से राहतपुराने समय से ही सर्दी-ज़ुकाम के इलाज के लिए आयुर्वेद में मिश्री खाने की सलाह दी जाती रही है। मिश्री के मेडिसिनल गुण सर्दी ज़ुकाम को कम करने में काम आते हैं। ये इम्यून सिस्टम को मजबूत भी बनाता है। मिश्री को गर्म दूध में मिलाकर पीने से सर्दी कुछ ही समय में ढीली पडऩे लगेगी। मिश्री वाला दूध आपका कफ दूर कर खांसी से भी राहत दिलाता है।6. ब्लड़ सर्कुलेशन में करे सुधारमिश्री में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ाने की क्षमता मौजूद होती है। मिश्री के दूध का सेवन शरीर में खून की मात्रा को बढ़ाकर ब्लड सर्कुलेशन को भी सुधारता है। इसलिए इसे एनीमिया के रोगियों के लिए भी कारगर माना जाता है।7. तनाव से दिलाए राहतगुनगुने दूध में मिश्री मिलाकर पीना सेहत के लिए तो अच्छा है ही साथ ही यह मानसिक थकान से भी छुटकारा पाने का एक कारगर विकल्प माना जाता है। इसके सेवन से शरीर में भरपूर उर्जा मिलती है। इसे रात में पीकर सोने से आप खुद को मानसिक रूप से स्वस्थ बनाते हैं।8. इंस्टेंट एनर्जी मिलती हैमिश्री को एक रिफ्रेशिंग ड्रिंक के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए कई लोग गर्मियों में ठंडे दूध में मिश्री डालकर पीना पसंद करते है। यह दूध आपको इंस्टेंट एनर्जी देने का काम करती है।---
- कोरोना के नए मामलों के साथ-साथ कोरोना के कई नए लक्षण भी सामने आ रहे हैं। कोरोना न सिर्फ लंग्स या फिर किडनी को प्रभावित कर रहा है, बल्कि इससे जीभ, नाखून, बाल, दिल जैसे हिस्से भी प्रभावित हो रहे हैं। हाल ही में कोरोना का एक और नया लक्षण सामने आ रहा है। बल्कि कुछ लोगों की स्किन पर भी कोरोना का असर दिख रहा है। कोरोना की दूसरी लहर में स्किन से जुड़े कई लक्षण सामने आ रहे हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि स्किन पर किसी भी तरह का बदलाव कोविड-19 का लक्षण हो सकता है। इसलिए स्किन की समस्या को मामूली समझने की गलती न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।कोरोना की दूसरी लहर में करीब 40 फीसदी मरीजों में स्किन से जुड़े लक्षण देखे गए हैं। इन लक्षणो में मरीजों के चेहरे पर सूजन सबसे द्धपहले दिखाई देती है। स्किन इंफेक्शन से ग्रसित कोविड-19 के मरीजों में सबसे पहले हल्के बुखार देखे गए हैं। इसके बाद मरीजों में अन्य लक्षण सामने आते हैं। कोरोना वायरस अब मरीजों की स्किन को भी प्रभावित कर रहा है। एक्सपर्ट का कहना है कि कोरोना स्किन को इसलिए प्रभावित कर रहा है क्योंकि यह संक्रमण पहले स्किन और इसके बाद म्यूकस में ब्रेन के संपर्क में आता है। स्किन पर दिखने वाले कोरोना के लक्षणों को कई अध्ययनों में अलग-अलग रूपों में देखा गया है। जैसे- स्किन पर फफोले पडऩा, स्किन पर चकत्ते पडऩा, स्किन पर रैशेज दिखना इत्यादि। कहा जा रहा है कि कोरोनाकाल में साबुन और सैनिटाइजर का अधिक इस्तेमाल करने की वजह से भी इस तरह की समस्याएं सामने आ रही हैं। डॉक्टर का कहना है कि स्किन इंफेक्शन से बचाव के लिए साबुन और सैनिटाइजर का इस्तेमाल कम कर देना चाहिए और डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाई लेना चाहिए, क्योंकि स्किन के जरिए कोरोना फैलने का खतरा सबसे ज्यादा रहा है। चलिए जानते हैं कोरोना के मरीजों में स्किन पर देखे जाने वाले लक्षण-चकत्ते और फफोलेअगर स्किन पर चकत्ते या फिर फफोले नजर आ रहे हैं, तो यह भी कोरोना का एक लक्षण हो सकता है। चकत्ते या फिर फफोले होने पर खुजली या फिर दर्द का अनुभव हो सकता है। गर्दन, बाजू, जांघ या फिर उंगलियों के पीछे चकत्ते की समस्या देखी जा रही है। स्किन पर यह लक्षण तब देखा गया है, जब वायरस मरीजों की धमनियों और नसों पर हमला करना शुरू कर देता है। शरीर में ऑक्सीजन का स्तर कम होने पर भी स्किन पर रूखेपन की समस्या देखी गई है। हल्के लक्षणों वाले मरीजों में भी यह लक्षण देखे जा सकते हैं।स्किन सेंसटिव होनाकोरोना की दूसरी लहर में अधिकतर कोरोना से संक्रमित मरीजों की स्किन संवेदनशील हो चुकी है। पेट के ऊपरी हिस्सों में संवेदनशीलता कोरोना से संक्रमित मरीजों में देखी जा रही है। इस स्थिति में मरीजों को कपड़े पहनने में भी परेशानी उठाना पड़ रही है।होंठ का ड्राई होनाहोंठ का सूखा होना एक सामान्य समस्या हो सकती है। लेकिन अगर कोरोना काल में काफी ज्यादा सूख रहे हैं, तो इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है। क्योंकि इन दिनों लिप्स का सूखना भी कोरोना का नया लक्षण माना जा रहा है। लिप्स का सूखना कोरोना के शुरुआती लक्षणों में से एक है। इसकी वजह से लिप्स पपड़ीदार और शुष्क नजर आ सकते हैं। ध्यान रखें कि होंठ तब भी सूख सकते हैं, जब हाइड्रेशन की शिकायत हो। ऐसे में गर्मियों में अधिक से अधिक पानी पिएं।स्किन पर पित्ती होनाकोविड-19 मरीजों में पित्ती की भी समस्या देखी गई है। कोरोना के इस लक्षण की सबसे अनोखी बात यह है कि पित्ती कुछ ही घंटों के अंदर नजर आ सकता है। साथ ही कोरोना से ठीक होने के बाद भी कई दिनों तक यह मरीजों को दिख सकता है।ध्यान रहे कि कोरोना के हल्के लक्षणों को भी नजरअंदाज करना घातक हो सकता है। इसलिए हल्की खांसी, बुखार, जुकाम या फिर अन्य तरह के कोरोना लक्षण नजर आने पर तुरंत टेस्ट कराएं, ताकि समय पर इलाज शुरू हो सके।
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स्किन और बालों को हेल्दी बनाए रखने के लिए हम कई तरह के केमिकल्सयुक्त प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन इन प्रोडक्ट्स से बालों और स्किन को फायदा पहुंचने के बजाय नुकसान पहुंचने लगता है। इसलिए बाहर के केमिकल्सयुक्त प्रोडक्ट्स के बजाय हमें घरेलू उपायों को अपनाने पर जोर देना चाहिए। इन्हीं घरेलू उपायों में से एक है एलोवेरा जेल। हम में से कई लोग एलोवेरा जेल का इस्तेमाल स्किन और बालों की खूबसूरती बढ़ाने के लिए कहते हैं। एलोवेरा जेल और नारियल तेल को एक साथ लगान से स्किन और बालों को कई तरह के फायदे हो सकते हैं।
कैसे लगाएं एलोवेरा जेल और नारियल तेल?एलोवेरा जेल और नारियल तेल को लगाने के लिए सबसे पहले एक पैन गर्म करें। अब इस पैन में 1 कप नारियल तेल और 1 कटोरी एलोवेरा जेल डालें। करीब 30 मिनट तक दोनों को पकाएं। जब तेल में एलोवेरा जेल काली पड़ जाए, तो गैस को बंद कर दें और ठंडा होने के लिए रख दें। जब तेल ठंडा हो जाए, तो एक कांच के बर्तन में इसे छानकर रख लें। अब इस तैयार जेल को आप अपने बालों और चेहरे पर लगा सकते हैं।एलोवेरा और नारियल से बालों को होने वाले फायदेझड़ते बालों की परेशानी करे दूरबढ़ते प्रदूषण और खानपान में कमी की वजह से कई लोगों के बाल झड़ते हैं। ऐसे में यह जेल आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। झड़ते बालों की समस्या को दूर करने के लिए बाल धोने से पहले नारियल तेल और एलोवेरा जेल को अपने बालों में लगाएं। इससे टूटते बालों की परेशानी दूर हो जाएगी।रूखे बालों की समस्या करे दूरआप इस जेल को अपने बालों में कंडीशनर की तरह यूज कर सकते हैं। इससे आपके रूखे बालों की समस्या दूर होगी। बालों में शैंपू करने के बाद इस जेल को अपने बालों में लगाएं और करीब 2 से 3 मिनट बाद अपने बालों पर पानी डाल लें। इससे रूखे बालों की परेशानी दूर हो सकती है।बालों को बनाए लंबाबालों को जड़ों से मजबूत बनाए रखने के लिए भी आप इस पेस्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं। लंबे बालों के लिए इस पेस्ट को बाल धोने से 1 घंटे पहले लगाएं, इसके बाद अपने बालों को धो लें। सप्ताह में 1 बार इस पेस्ट का इस्तेमाल जरूर करें। ऐसा करने से कुछ ही दिनों में आपको फर्क नजर आने लगेगा।स्किन के लिए है फायदेमंदचेहरे को बेदाग बनाने के लिए आप इस पेस्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं। स्किन पर दाग-धब्बे होने पर इस पेस्ट को आप फेसपैक की तरह चेहरे पर लगाएं। इसके बाद करीब 15 मिनट बाद अपने चेहरे को साफ कर लें। लगातार 15 दिनों तक ऐसा करने से आपको फर्क नजर आने लगेगा।झुर्रियों से करे बचावएलोवेरा में एंटीऑक्सीडेंट जैसे- विटामिन सी, विटामिन ई और बीटा कैरोटीन पाए जाते हैं, तो स्किन के लिए काफी फायदेमंद हैं। वहीं, नारियल तेल स्किन को रिपेयर करने में मददगार साबित होता है। इन दोनों चीजों के इस्तेमाल से स्किन पर कसाव आता है।होठों को करे मुलायमसीजन बदलने पर कई लोगों के होंठ फटने लगते हैं। फटे होंठों को सॉफ्ट बनाने के लिए भी आप इस पेस्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं। होंठों पर इस पेस्ट को लगाकर कुछ समय के लिए मसाज करें। इससे आपको काफी फायदा मिलेगा। - खराब लाइफस्टाइल और लापरवाही का असर कई बार लोगों के वजन पर भी पड़ता है. बाहर का खाना या फिर टाइम से भोजन नहीं करना भी वेट लॉस में बाधा डालता है. ऐसे में सोशल लाइफ को बिना इफेक्ट किए अपने वजन को कंट्रोल करना मुश्किल है. आज के समय में वेट लॉस करना कोई आसान काम नहीं है. हम इस रिपोर्ट में घर बैठे आराम से वजन कम करने का तरीका बताएंगे.सिर्फ माउथ फ्रेशनर नहीं हैं सौंफअधिकतर लोग भोजन करने के बाद सौंफ (Fennel Seeds) खाते है, ताकि मुंह की बदबू दूर हो जाए. सौंफ सिर्फ माउथ फ्रेशनर (Mouth Freshner) का कार्य नहीं करता है, बल्कि इसे खाने से शरीर की कई समस्याओं का भी इलाज किया जा सकता है.बगैर जिम जाए कम करें वजन कममहिलाएं अक्सर अपने बढ़ते वजन से काफी परेशान रहती हैं. वो न तो जिम जाती हैं और न ही घर पर कोई एक्सरसाइज करती हैं. ऐसे में हम महिलाओं के लिए कुछ आसान से टिप्स लेकर आए हैं जिन्हें अपनाकर वो अपने वजन को काफी हद तक कम कर सकती हैं. आप केवल अपने किचन में मौजूद एक मसाले की मदद से अपने वजन को कम कर सकती हैं और वो भी तेजी के साथ. ये मसाला है सौंफ...जानते हैं इससे आपका वजन कैसे कम हो पाएगा?नहीं जमने देता शरीर पर वसायह शरीर में वसा को जमने नहीं देती, जिससे मोटापे का जोखिम कम रहता है. इसके अतिरिक्त सौंफ की चाय पीने से शरीर के टॉक्सिन बाहर निकल जाते हैं.बढ़ाता है मेटाबॉलिक रेटसौंफ के सेवन से मेटाबॉलिक रेट आसानी से बढ़ता है और वजन कम होता है. मोटापा का सबसे बढ़ा कारण होता है मेटाबॉलिक रेट (Metabolic rate) का कम होना होता है. जब आप वजन कम करने की कोशिश करते हैं तो आपको मेटाबॉलिक रेट बढ़ाना होता है.ज्यादा खाने से रोकती है सौंफसौंफ फाइबर का एक समृद्ध स्त्रोत है जो आपका पेट अधिक समय तक भरा रखने में मदद करता है. इसके अलावा आपको ज्यादा खाने और क्रेविंग से रोकता है. इससे कैलोरी कम खपत होती है और वजन कम होता चला जाता है. अगर आप नियमित तौर पर सौंफ या सौंफ के पानी (Fennel Seed Water) का सेवन करते हैं तो आपको बार-बार भूख नहीं लगती है. जब आप अधिक खाने से बच जाते हैं.वजन कम करने के लिए सौंफ का सेवन किस प्रकार से करें ?अगर आप वजन घटाने के लिए सौंफ का सेवन करना चाहते हैं तो सौंफ खाने का तरीका जरूर जान लेना चाहिए. क्योंकि अगर आप गलत तरीके से सौंफ का इस्तेमाल करते हैं तो कोई फायदा नहीँ है. वजन घटाने के लिए सौंफ का सेवन 2 तरीके से कर सकते हैं.सौंफ को रात भर पानी में भिगोकररात में 1 चम्मच सौंफ को एक लिटर पानी में डालकर रख दें. सुबह उठकर इस पानी का सेवन कर लें. रोजाना अगर आप ऐसा करते हैं, तो कुछ ही समय बाद वजन कम होने लगता है.पानी में उबालकरअगर आप रोजाना सौंफ भिगोकर पीने का काम नहीं कर पाते हैं, तो आप 2 चम्मच सौंफ को 1 लिटर पानी में डालकर उबाल लें. जब सौंप का अर्क पानी में उतर जाये तो उसे ठंडा करके फ्रीज में रख लें. इसे आप सुबह उठने के बाद या रात में सोने से पहले सेवन कर सकते हैं.पाएं जाते हैं कई सारे पोषक तत्वसौंफ में कई सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो एक इंसान के हेल्दी रहने के लिए बहुत ही जरूरी होते हैं. सौंफ की तासीर ठंडी होती है इसीलिए गर्मी में इसका इस्तेमाल बढ़ जाता है. इसके इसमें विटामिन सी की मात्रा होती है और इसमें जरूरी मिनरल्स जैसे कैल्शियम, सोडियम, आयरन और पोटेशियम भी पाए जाते हैं, जो आपकी हेल्थ को बढ़ावा देने के लिए कारगर है. ये बहुत आसान तरीके हैं जिनकी मदद से आप अपना वजन आसानी से कम कर सकते हैं.
- गर्मियों में शरीर को फिट और स्वस्थ्य रखना किसी चुनौती से कम नहीं होता. अभी तो कोरोना महामारी भी कहर बरपा रही है. ऐसे में हेल्थ एक्सपर्ट खान-पान के मामले में बेहद सावधानी बरतने की अपील कर रहे हैं. इस खबर में हम आपके लिए लेकर आए हैं काले अंगूर के फायदे. काले अंगूर शरीर को कई तरह की बीमारियों से बचा सकते हैं. दरअसल, अंगूर काफी सेहतमंद माना जाता है. खास तौर पर गर्मियों में काले अंगूर का नियमित सेवन किया जाए तो डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारियां, त्वचा और बालों की परेशानियों से निजात पा सकते हैं. काले अंगूर का सेवन करने से एकाग्रता और याद्दाश्त बढ़ती है. दिमागी गतविधियां ठीक होती हैं और यह माइग्रेन जैसी बीमारी भी ठीक कर सकता है.काले अंगूर के फायदेवजन घटाने में मददगारजो लोग मोटापे से परेशान हैं वो काले अंगूर से दोस्ती कर लें और उसे अपनी डाइट में शामिल करें, क्योंकि वजन घटाने में काला अंगूर मदद कर सकता है. इसके लिए आपको इसका नियमित सेवन करना होगा. इनमें जो एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, वो शरीर से गैरजरूरी टॉक्सिन्स को बाहर निकालते हैं और इस तरह वजन कम होता है.कोलेस्ट्रॉल होगा कंट्रोलकाले अंगूर में पाए जाने वाला साइटोकेमिकल्स दिल के लिए बेहतर होता है और यह कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करता है.बालों के लिए सेहतमंद हैजिन लोगों को बालों से जुड़ी समस्या है वो काले अंगूर का सेवन कर सकते हैं. काले अंगूर में पाया जाने वाला विटामिन-ई बालों के लिए फायदेमंद साबित होता है.याददाश्त बढ़ाने में मददगारकाला अंगूर आपकी याददाश्त बढ़ाने में मददगार होता है. बताया जाता है कि काले अंगूर दिमाग की गतिविधियों को बढ़ाते हैं.इंसूलिन भी बढ़ाता हैकाले अंगूर के सेवन से खून में इंसूलिन की मात्रा बढ़ती है. इसमें रेसवार्टल नाम का पदार्थ होता है जो इंसुलिन बढ़ाता है.त्वचा के लिए भी फायदेमंदकाले अंगूर खाने से झुर्रियां खत्म होती हैं और त्वचा जवां दिखने के साथ ही उसमें निखार भी आता है. इसमें मौजूद विटामिन सी त्वचा सेल्स में जान भर देते हैं.अपच दूर करने में मददगारकाले अंगूर में शुगर, ऑरगैनिक एसिड और पॉलीओस की मात्रा ज्यादा होती है. इसलिए ये अपच दूर करने में भी मददगार हो सकता है. साथ ही पेट में होने वाली जलन भी दूर होती है.क्षमता से ज्यादा न खाएं काले अंगूरकाले अंगूर का सेवन करते वक्त आपको याद रखना है कि इसका सेवन लिमिट में करे. क्योंकि ज्यादा अंगूर खाने से सलिसीक्लिक एसिड पाचन समस्याएं पैदा कर सकता है.
- कोरोना से हर कोई बचना चाहता है। इसलिए इससे बचने के लिए हम तरह-तरह के नुस्खों को आजमा रहे हैं। हम में से कई लोग दिन में बार-बार स्टीम, बार-बार काढ़ा पीना, बार-बार स्टीम लेना जैसे उपाय अपना रहे हैं। ताकि कोरोना से दूर रह सकें। इस वजह से कई लोगों की यह धारणा बन चुकी है कि बार-बार स्टीम लेने से और गरारा करने से कोरोना बाहर आ जाएगा या फिर खत्म हो जाएगा। क्या इस बात में सच्चाई है? क्या गरारे करने से आप कोरोना को खत्म कर सकते हैं? क्या गरार से कोरोना को बाहर किया जा सकता है? इस बारे में अधिक जानकारी दे रहे हैं नोएडा स्थित हीलिंग केयर ईएनटी क्लीनिक के ईएनटी स्पेशलिस्ट (एमबीबीएस एमएस) डॉ अंकुर गुप्ता .....डॉक्टर अंकुर गुप्ता बताते हैं कि सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि हम गरारा करते क्यों है? गरारा करने का मकसद गले में मौजूद गंदगी को साफ करना होता है। गले के अंदर कंजेशन (जैसे गला खराब होना, गले में सूजन) की वजह से गरारे करने की सलाह दी जाती है। लेकिन आजकल जो लोग कोरोना (नमक पानी, हल्दी पानी इत्यादि चीजों से गरारा करना) को मारने के मकसद से गरारा कर रहे हैं, उसका कोई साइंटिफिक रिसर्च नहीं हुआ है। डॉक्टर का कहना है कि इस तरह का कोई रिसर्च नहीं हुआ है, जिसमें यह बताया गया है कि हल्दी या फिर नमक के पानी से गरारा करने से कोरोना वायरस मर जाएगा या फिर बाहर आ जाएगा। डॉक्टर बताते हैं कि गरारा करने का मुख्य मकसद ओरल हाइजीन होती है। गले के अंदर कोई गंदगी न हो और गले में अगर थोड़ा बहुत सूजन हो, तो उसे कम करने में गरारा फायदेमंद हो सकता है। अगर आपको जुकाम या फिर गला खराब है, तो इन समस्याओं को दूर करने के लिए गरारा कर सकते हैं।ज्यादा गरारा करने के नुकसानडॉक्टर अंकुर गुप्ता बताते हैं कि इन दिनों अगर आप ज्यादा या फिर स्ट्रॉन्ग गरारा कर रहे हैं, तो इससे आपको कई साइड-इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। जैसे-ब्लड प्रेशर पर पड़ सकता है असर- डॉक्टर का कहना है कि जो लोग इन दिनों नमक के साथ काफी ज्यादा गरारा कर रहे हैं, उनके ब्लड प्रेशर पर असर पड़ सकता है। दरअसल, जो लोग हाई ब्लड प्रेशर की परेशानी से जूझ रहे हैं। अगर वे लोग नमक के पानी से अधिक गरारा करते हैं, तो कही न कही शरीर में नमक अब्जॉर्ब होने लगता है, जिसके कारण बीपी पर असर पड़ सकता है।गले में सूजन - डॉक्टर अंकुर का कहना है कि अगर सामान्य व्यक्ति दिन में जरूरत से अधिक गरारा करता है, तो उनके गले में सूजन की समस्या हो सकती है। ऐसे में अधिक गरारा करने से बचें।गले में हो सकता है अल्सर - अधिक गर्म पानी से अगर आप गरारा करते हैं, तो आपके गले में अल्सर जैसी समस्या हो सकती है। इसलिए ज्यादा गर्म पानी से गरारा करने से बचें।गले में रैशेज की हो सकती है परेशानी- अधिक गर्म पानी के बार-बार इस्तेमाल से गले में रैशेज की परेशानी हो सकती है। कुछ लोगों के मुंह में छाले भी हो सकते हैं। क्योंकि बार-बार गर्म पानी के इस्तेमाल से मुंह में रैशेज होने लगता है।दिन में कितनी बार करने चाहिए गरारे?डॉक्टर अंकुर का कहना है कि एक सामान्य व्यक्ति को दिन में 3 बार से ज्यादा गरारा नहीं करना चाहिए। पानी का तापमान ज्यादा न रखें। डॉक्टर अंकुर बताते हैं कि गरारा करने के दौरान मुंह में पानी को 9 से 10 सेकंड से ज्यादा न रखें। हमेशा हल्के गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें। ताकि आपका मुंह जले न। इससे आपके गले और मुंह में परेशानी हो सकती है। ध्यान रखें कि गरारा करने से कोरोना मरता नहीं है, बल्कि इससे आप सिर्फ अपने ओरल हाइजीन का ख्याल रख रहे हैं। इस तरह का कोई रिसर्च नहीं हुआ है, जिसमें यह बताया गया हो कि गरारा करने से कोरोना को खत्म किया जा सकता है। इसलिए कोरोना खत्म करने के उद्देश्य से गरारा न करें। डॉक्टर बताते हैं कि वे अपने मरीजों को खाने के बाद गरारा करने की सलाह देते हैं। दिन में तीन बार ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर के बाद गरार करें। आप गरारा नॉर्मल पानी से भी कर सकते हैं। गरारा करने का मुख्य उद्देश्य मुंह में मौजूद खाने के कण को साफ करना होता है।कैसा गरारा करना होता है बेहतर?हम में से अधिकतर लोग इन दिनों नमक के पानी से गरारा कर रहे हैं। लेकिन क्या यह एक बेहतर ऑप्शन है? इस बारे में डॉक्टर बताते हैं कि अगर किसी व्यक्ति का गला खराब है, गले में सूजन है, गले में दर्द है, तो ऐसे व्यक्ति को वे पानी में बीटाडीन मिक्स करके गरारा करने की सलाह देते हैं। क्योंकि बीटाडीन एक एंटीबैक्टीरियल दवाई है, जो इंफेक्शन को दूर करने में हमारी मदद करता है। साथ गले की परेशानी से जूझ रहे व्यक्ति को दिन में कई बार गरारा करने की भी सलाह दे सकते हैं। वहीं, अगर कोई नॉर्मल व्यक्ति है, तो उसे हल्के गुनगुने पानी में 1 चुटकी से भी कम नमक डालकर गरारा करने की सलाह दी जा सकती है। ऐसे व्यक्ति दिन में तीन बार (ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर के बाद) से अधिक गरारा न करें। ध्यान रहे कि इससे सिर्फ आप मुंह की गंदगी को साफ कर सकते हैं। नमक का पानी कोरोना को खत्म नहीं कर सकता है। इससे जुड़ी कोई भी स्टडी नहीं हुई है कि नमक का पानी कोरोना को खत्म करेगा।हल्दी के पानी से गरारा करने की क्या है राय?डॉक्टर अंकुर का कहना है कि हल्दी का इस्तेमाल प्राचीन काल से ही होता आ रहा है। यह कई एंटी-सेप्टिक और एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है। इसलिए कई तरह की समस्याओं को दूर करने के लिए हल्दी का इस्तेमाल किया जा सकता है। हल्दी के गुणों को हम अनदेखा नहीं कर सकते हैं, लेकिन किसी भी चीज का अति से ज्यादा इस्तेमाल करना नुकसानदेय हो सकता है। इसलिए अगर आप सही मात्रा में हल्दी यूज कर रहे हैं, तो इससे कोई नुकसान नहीं होगा। वहीं, अगर ज्यादा यूज करते हैं, तो इससे नुकसान भी हो सकता है। अगर आप हल्दी यूज कर रहे हैं, तो किसी आयुर्वेदिक हेल्थ एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। ताकि वे आपको इससे जुड़ी सही जानकारी दे सकें।ध्यान रखें कि कोरोना वायरस को घरेलू नुस्खा खत्म नहीं कर सकता है। अभी तक इससे जुड़ा कोई रिसर्च सामने नहीं आया है। इसलिए कोरोना के हल्के लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करें। घर में खुद का इलाज करने से बचें, ताकि आपको गंभीर परिस्थिति का सामना न करना पड़े।
- कोरोना काल में शायद ही कोई ऐसा हो, जिसे इम्यूनिटी की परवाह न हो। बढ़ते प्रकोप में लोग अपनी इम्यूनिटी का खास ध्यान रखने लगे हैं। इस महामारी के दौर में लोगों को अच्छी इम्यूनिटी होने का महत्व समझ आने लगा है। इम्यूनिटी कई चीजों से बूस्ट की जा सकती है। इन्हीं में से एक है दही और गुड़। दही और गुड़ के एक साथ सेवन से इम्यूनिटी बूस्ट की जा सकती है। अगर आप नियमित रूप से दही में चीनी के बजाय गुड़ का सेवन करते हैं, तो यह आपकी मजबूत इम्यूनिटी के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। चलिए जानते हैं गुड़ और दही एक साथ खाने से होने वाले अन्य फायदे-इम्यूनिटी बूस्टर है दही-गुडदही और गुड़ के सेवन से भी आप इम्यूनिटी को बूस्ट कर सकते हैं। दही में पाए जाने वाले पोषक तत्व प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करते हैं। साथ ही दही को एनर्जी का काफी अच्छा स्त्रोत माना जाता है। नियमित रूप से दही और गुड़ के सेवन से अनिद्रा की शिकायत दूर की जा सकती है। खाने के बाद दही और गुड़ का सेवन करना हमारे लिए फायदेमंद हो सकता है। कोरोनाकाल में दही का सेवन करना हमारे लिए फायदेमंद हो सकता है। इससे आप शरीर की कई बीमारियों को दूर कर सकते हैं।सर्दी-जुकाम को करे दूरगुड़ और दही का एक साथ सेवन करने से सर्दी-जुकाम की परेशानी को दूर की जा सकती है। दरअसल, गुड़ में आयरन, विटामिंस, कैल्शियम, सेलेनियम, मैग्नीज, कॉपर और पोटेशियम जैसे तत्व भरपूर रूप से होते हैं, जो शरीर की कई बीमारियों को दूर करने में असरकारी माने जाते हैं। अगर आपको सर्दी-जुकाम की परेशानी है, तो गुड़ और दही का सेवन करें। साथ ही इसमें आप काली मिर्च भी मिक्स कर सकते हैं, इससे सर्दी-जुकाम की परेशानी दूर हो सकती है।आयरन की कमी होगी दूरआयरन की कमी होने पर शरीर में खून की कमी हो सकती है। अगर आप रोजाना खाने में गुड़ का इस्तेमाल करते हैं, तो इससे शरीर में आयरन की कमी को दूर किया जा सकता है। खाने के बाद गुड़ और दही का सेवन हमारे शरीर में ब्लड फ्लो को बेहतर करता है। साथ ही खून की कमी को भी दूर कर सकता है।पीरियड्स की समस्यापीरियड्स के दिनों में कई महिलाओं को असहनीय दर्द का सामना करना पड़ता है। ऐसे में दही और गुड़ आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। गुड़ और दही का एक साथ सेवन करने से पीरियड्स के दिनों में होने वाले दर्द की समस्या को दूर की जा सकती है। साथ ही यह पेट में ऐंठन को भी कम करता है।वजन को करे कमयदि आप बढ़ते वजन की समस्या से परेशान हैं, तो गुड़ और दही का सेवन जरूर करें। गुड़ के सेवन से पाचन क्रिया दुरुस्त होता है। साथ ही इससे कब्ज, डायरिया, एसिडिटी जैसी समस्या भी दूर होती है। अगर आप लगातार कुछ दिनों तक गुड़ और दही का सेवन करते हैं, तो इससे आपको कई अचूक फायदे हो सकते हैं।पाचन शक्ति को बढ़ाएपेट की कई समस्याओं को दूर करने में दही का सेवन करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। दही के सेवन से पेट फूलना, मतली और अपच जैसी परेशानी को दूर की जा सकती है। पेट से संबंधित परेशानी होने पर सुबह दही के साथ गुड़ का सेवन करें। इससे पेट से जुड़ी परेशानी दूर हो सकती है।
- एल्डरबेरी सबसे ज्यादा दवाइयों में इस्तेमाल होने वाले पौधों में से एक है। इसका वनस्पतिक नाम सैम्बूकस है। देखने में ये बिल्कुल जामुन जैसी लगती है। सदियों से अमेरीका के लोग एल्डरबेरी का इस्तेमाल इंफेक्शन को दूर करने के लिए करते आ रहे हैं। प्राचीन मिस्त्र के लोग इसका उपयोग त्वचा की रंगत सुधारने और घाव भरने के लिए करते हैं। एल्डरबेरी पेड़ के फूल और पत्तियों में भी औषधीय गुण होते हैं। इसके फूल कैरोटीन, टैनिक, पैराफिन और कोलीन जैसे तत्वों का स्त्रोत हैं।एल्डरबेरी के फूलों और पत्तियों को दर्द से राहत, सूजन और पसीना उत्पन्न करने के लिए प्रयोग किया जाता है। सूखी बेरी और जूस को इन्फ्लूएंजा, संक्रमण, स्कायटिका, सिरदर्द, दांत दर्द और हृदय दर्द के इलाज के लिए अच्छा माना जाता है। बेरी को पकाकर जूस, जैम, चटनी, पाई और वाइन भी बनाई जाती है। एल्डरबेरी विटामिन सी, डायटरी फाइबर, फिनोलिक एसिड, फ्लेवानोल और एंथोस्यानिस का अच्छा स्त्रोत है। आइये जानें इसके गुणों के बारे मेंएंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूरइसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो कोल्ड और कफ (सर्दी-जुकाम) को दूर करने के साथ इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने का काम करते हैं। कुछ लोग एल्डरबेरी को कोल्ड, फ्लू, स्वाइन फ्लू के लिए लेते हैं। इसे इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए भी लिया जाता है।दर्द को करे दूरएल्डरबेरी साइनस के कारण होने वाले दर्द, पैरों में दर्द, नर्व पेन और क्रॉनिक फटिग सिंड्रोम से भी राहत दिलाता है।हृदय के अच्छे स्वास्थ्य के लिएएल्डरबेरी दिल और रक्त वाहिका जो शरीर में रक्त का परिवहन करती हैं दोनों को स्वस्थ रखने में मद्दगार है। कई शोधों में भी ये निष्कर्ष निकला है कि इसके जूस को पीने से खून में से फैट कम होता है, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। इसके अलावा, इसमें फ्लेवोनोइड और एंथोसायनिन जैसे कम्पाउंड भी होते हैं जो रक्तचाप को कम कर दिल संबंधित परेशानियों से कोसों दूर रखते हैं।स्किन और बालों के लिएएल्डबेरी में एंटी एजिंग और फ्री रेडिकल फाइटिंग प्रॉपर्टीज होती हैं, जो स्किन को नैचुरल डिटॉक्सिफाई करता है। इससे स्किन पर किसी तरह के ब्रेकआउट, पिंपल और निशान नहीं होते हैं। ये दो मुंह बालों से लेकर स्कैल्प पर कोई परेशानी को दूर करने भी मददगार है। साथ ही बालों की ग्रोथ में भी सुधार करता है।कब्ज के लिएएल्डरबेरी और दूसरी सामग्री के साथ बनाई गई चाय कब्ज की परेशानी से राहत दिलाता है।इन बीमारियों में भी है मददगार-इसमें कैंसर-रोधक गुण होते हैं जो कैंसर से लडऩे में मदद करते हैं।-शरीर में मौजूद खतरनाक बैक्टीरिया से लडऩे में मददगार है।-यूवी रेडिएशन से कवच प्रदान करता है।-सही से यूरिन होना।-साइटिका के भयानक दर्द को करे दूर।-मधुमेह के मरीजों के लिए लाभदायक ।-गुर्दे की सूजन को कम करता है।- कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक होता है।
- करेला आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है. करेला इम्यूनिटी बूस्ट करता है और इसके साथ ही कई बीमारियों से दूर भी रखता है. करेला का स्वाद कड़वा होने की वजह से लोग इसे खाना पसंद नहीं करते. लेकिन ये बात भले ही कड़वी लगे, पर सच ये है कि कड़वा हमारी सेहत के लिए बहुत ही अच्छा होता है.बढ़ाता है इम्यूनिटी पावरविटामिन ए और विटामिन सी से भरपूर करेला रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इसके अलावा करेला आपके दिल के लिए बेहद अच्छा है।पथरी की शिकायत होने परआपको अगर पथरी की शिकायत है तो करेले के रस का सेवन करें, आपको बहुत लाभ होगा. इससे पथरी निकलने में हेल्प मिलेगी. इसके लिए बेहतर होगा कि करेले के रस का ही सेवन करें.लीवर होता है मजबूतकरेले का जूस पीने से लीवर मजबूत होता है और लीवर की सभी समस्याएं खत्म हो जाती है. रोज़ाना एक गिलास करेला का जूस पीने से पीलिया की समस्या दूर हो जाती है.पस निकाल देता है करेला, घाव को करता है ठीकघाव या फोड़ा होने पर करेले की जड़ को घिसकर फोड़े या घाव वाली जगह पर लगा दें. इससे फोड़ा भी निकल जाएगा और पस भी निकल जाएगी. करेले के पत्ते को पीसकर थोड़ा गर्म करके पट्टी में बांधकर घाव पर लगा दें. इससे पस निकल जाएगी.पेट की परेशानियां करता है दूरपेट संबंधी परेशानियों को दूर करने में करेला बहुत लाभकारी है. करेला और इसके जूस के तो फायदे होते ही हैं, करेले की पत्तियां और छिलका भी बहुत उपयोगी होता है.अस्थमा के मरीजों के लिए लाभकारीकरेला अस्थमा की शिकायत को दूर करता है. अस्थमा के मरीज बिना तेल, मसाले की करेले की सब्जी खाएं तो उन्हें काफी आराम मिलेगा.ये तो हैं करेले के बहुत से फायदे जो आपको हेल्दी रखते हैं. इन फायदों के अलावा भी फायदे हैं जिनको हम यहां पर नहीं लिख पा रहे हैं. अब आपको बताते हैं इसकी कड़वाहट दूर कैसे कर सकते हैं.करेले का रस कैसे निकाला जाए?करेले का रस निकालने के लिए पहले ऊपर के छिलके को छील लें फिर इसे ग्राइंड कर लें. है न बहुत आसान पर पीने में आपको थोड़ी परेशानी हो सकती है. कई शोधों में सामने आया है कि करेले के रस को लगातार इस्तेमाल करने से इंसुलिन की जरूरत नहीं रहती. शुगर के रोगियों के लिए तो ये बहुत फायदेमंद होता है. अब बात करते हैं इसकी कड़वाहट निकालने की.करेले की कड़वाहट कैसे दूर किया जाए?आपने देखा होगा कि घर में करेला बनाते समय मम्मी-दादी उसको बनाने से पहले ऊपर का भाग छीलतीं हैं फिर उसमें नमक लगाकर थोड़ी देर के लिए अलग रख देती हैं. बाद में पानी डालकर उसमें नमक निकाल देती है. नमक के साथ कड़वाहट भी बाहर निकल जाती है और थोड़ी देर बाद उनको सब्जी के लिए यूज कर लिया जाता है. ये ऐसा घरेलू तरीका है जिससे कड़वाहट को दूर किया जा सकता है.--
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कोरोना से बचने या उबरने के बाद आपको क्या खाना चाहिए? केंद्र सरकार ने ट्वीट कर ऐसे खाद्य पदार्थों की सूची जारी की है जिसे खाकर कोविड से रिकवरी कर सकते हैं और कुछ हद तक कोविड से बच भी सकते हैं। वैसे भी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए समय समय पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, डॉक्टर्स, वैज्ञानिक और आयुर्वेदाचार्य जैसे जिम्मेदार लोग समय समय पर लोगों को संक्रमण से लडऩे की ताकत बढ़ाने के लिए जरूरी फूड आइटम्स का सेवन करने की सलाह देते रहते हैं। इस कड़ी में एक बार फिर केंद्र सरकार के एक अधिकारिक ट्विटर हैंडल माइ गव की ओर से जारी सूची में कुछ फलों, डॉर्क चॉकलेट और हल्दी वाले दूध को इम्यूनिटी वर्धक बताया गया है। चलिए जानते हैं कौन से हैं वो जरूरी इम्यूनिटी बूस्टिंग फूड्स।
1. डॉर्क चॉकलेटकोरोना के दौरान कई लोगों को डर या एंग्जाइटी भी महसूस हो रही है, आसपास की बुरी खबरों का असर भी दिमाग पर पड़ रहा है जिसे देखते हुए सरकार ने जो लिस्ट जारी की है उसमें लिखा है आप एंग्जाइटी कम करने के लिए थोड़ी सी डॉर्क चॉकलेट खा सकते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि उसमें 70 प्रतिशत कोकोआ होना चाहिए।2. हल्दी दूधआपको रोजाना हल्दी वाला दूध पीना है ताकि आपकी इम्यूनिटी बनी रही। हल्दी में एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरियल गुण भी होते हैं। कोविड के नए स्ट्रेन में गंभीर मरीजों को फंगल इंफेक्शन हो रहा है, ऐसे में अगर रोजाना हल्दी का दूध पीने की आदत डाल लें तो इंफेक्शन का कम असर शरीर पर होगा।3. विटामिन और मिनरलआपको हर दिन 5 अलग-अलग रंगों के फल और सब्जियों को मिलाकर खाना चाहिए। आप मिक्स्ड सलाद भी खा सकते हैं। इससे आपकी इम्यूनिटी बनी रहेगी और बॉडी में विटामिन और मिनरल की कमी नहीं होगी। बॉडी में पर्याप्त विटामिन और मिनरल होने के कारण वायरस बॉडी को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा पाता और अगर नुकसान होता भी है तो बॉडी उसे रिपेयर कर लेती है इसलिए विटामिन और मिनरल जरूरी है।4. अमचूरकोरोना के ज्यादातर मरीजों के मुंह का स्वाद और सूंघने की क्षमता कुछ समय के लिए चली जाती है वहीं कुछ मरीजों को खाना गुटकने में भी समस्या हो रही है, ऐसे मरीज अपने खाने में अमचूर पाउडर मिलाया करें। इससे स्वाद आएगा। इसके अलावा छोटे-छोटे अंतराल पर कुछ हेल्दी खाते रहें जो कि खाने में सॉफ्ट हो।कोविड के मरीज हैं तो वायरस को कैसे हराएं?अगर कोई कोविड का मरीज हैं तो उसे इस बात पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए कि वो जो भी खाएं उससे एनर्जी मिले, मसल्स मजबूत रहें और इम्यूनिटी बढ़े। इसके लिए इन चीजों का सेवन करें-- हेल्दी फैट्स को अपनी डाइट में शामिल करें, जैसे अखरोट, बादाम, ऑलिव ऑयल और मस्टर्ड ऑयल (सरसों का तेल)।-मसल्स की मजबूती के लिए आप होल ग्रेन का इस्तेमाल करें जैसे रागी, ओट्स और अमरंथ।-चिकन, फिश, अंडे, पनीर, सोया, नट्स और सीड्स आदि का सेवन करें, इससे शरीर को प्रोटीन मिलेगा।- रोजाना फिजिकल एक्टिविटी जैसे योगा और ब्रीथिंग एक्सरसाइज जैसे प्राणायाम करना चाहिए।-इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए खानपान पर ध्यान दें, नियमित एक्सरसाइज करें और मेडिडेट करें। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहेगी।














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