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- सिंगरौली (मप्र)। मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले में बुधवार को एक निजी बस के अनियंत्रित होकर पलट जाने से इसमें सवार 35 यात्री घायल हो गये, जिनमें से चार लोगों की हालत गंभीर बतायी गई है। यह जानकारी पुलिस ने दी।जियावन पुलिस थाने के प्रभारी कपूर त्रिपाठी ने बताया कि यह हादसा सिंगरौली जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर जियावन थानांतर्गत गुर्जर ढाबा के पास सुबह आठ बजे के आसपास हुआ। उन्होंने कहा कि इस हादसे में 35 यात्री घायल हो गये, जिन्हें देवसर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, जहां चार की हालत गंभीर होने की वजह से उन्हें बेहतर इलाज के लिए जिला चिकित्सालय के ट्रामा सेंटर रेफर किया गया है।त्रिपाठी ने बताया कि यह बस सीधी से सिंगरौली जिले के बैढ़न जा रही थी। उन्होंने कहा कि घटना के बाद बस के चालक और परिचालक मौके से फरार हो गए।
- सोनभद्र (उत्तर प्रदेश) ।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार युद्ध ग्रस्त यूक्रेन से कई हजार नागरिकों को ऑपरेशन गंगा के तहत वापस ला चुकी है।मोदी ने यहां एक चुनावी रैली में यूक्रेन मामले का जिक्र करते हुए अपनी सरकार की तारीफ की और कहा, “आज दुनिया में जो हालात बने हैं वह आप देख रहे हैं। यह भारत का बढ़ता सामर्थ्य ही है कि हम यूक्रेन में फंसे हमारे देश के नागरिकों को वहां से सुरक्षित निकालने के लिए इतना बड़ा अभियान चला रहे हैं।” उन्होंने कहा, “ऑपरेशन गंगा के तहत कई हजार नागरिकों को वहां से वापस भारत लाया जा चुका है। इस मिशन को गति देने के लिए हमारी सरकार ने अपने चार मंत्रियों को भी वहां पर भेज दिया है। संकट में फंसे भारतीयों को ज्यादा तेजी से निकालने के लिए हमारी सेना, वायु सेना को भी लगा दिया गया है।” मोदी ने कहा, “मैं आज देश के लोगों को भी यह विश्वास दिलाता हूं कि भारत सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ेगी।” उन्होंने कहा, “बदलते हुए समय में भारत को और ज्यादा ताकतवर बनना ही होगा। भारत तभी ताकतवर बनेगा जब दूसरे देशों पर भारत की निर्भरता कम से कम होगी।” प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, “जो लोग आत्मनिर्भर भारत अभियान का मजाक उड़ाते हों, जो भारत की सेनाओं का अपमान करते हों, जो भारत के उद्यमियों की मेहनत से चल रहे मेक इन इंडिया अभियान का मखौल उड़ाते हों, वे घोर परिवार वादी लोग भारत को कभी ताकतवर नहीं बना सकते।”
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नई दिल्ली। पोलैंड के वॉरसॉ में भारतीय दूतावास ने यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों से शेहयनी-मेदयेका (Shehyni-Medyka) सीमा चौकी को पार करने से बचने को कहा है। दूतावास ने कहा है कि इस क्षेत्र में पहले से ही भीड़ मौजूद है। यूक्रेन में भारतीय नागरिकों को अनिवार्य परामर्श में दूतावास ने कहा कि पश्चिमी यूक्रेन में ल्वीव और टेरनोपिल तथा अन्य स्थानों में मौजूद भारतीय, पोलैंड में जल्दी प्रवेश के लिए बुडोमिर्ज़ सीमा चौकी तक यात्रा कर सकते हैं। इसके अलावा विकल्प के रूप में भारतीयों को दक्षिण की ओर यात्रा का परामर्श दिया गया है, ताकि वे हंगरी या रोमानिया के रास्ते यूक्रेन से बाहर निकल सकें।
पोलैंड में भारतीय दूतावास ने मेदयका और बुडोमिर्ज़ सीमा चौकियों पर अधिकारियों को तैनात किया है। ये अधिकारी यूक्रेन से बाहर निकलने वाले भारतीयों की स्वदेश पहुंचने में सहायता करेंगे। अन्य सीमा चौकियों को पार कर पोलैंड पहुंचने वाले भारतीय नागरिकों से जेसज़ो में होटल प्रेज़यडेंकी पहुंचने को कहा गया है। भारतीय छात्रों के पास धन की कमी होने की स्थिति में भारतीय दूतावास होटल को आवागमन का शुल्क भुगतान करेगा। -
नई दिल्ली। भारतीय वायु सेना यूक्रेन में फंसे भारतीयों को स्वदेश लाने के गंगा अभियान में शामिल हो गई है। भारतीय वायु सेना के तीन विमान आज हिंडन एअरबेस से रोमानिया, हंगरी और पोलैंड के लिए रवाना हुए।
वायुसेना के सी-17 परिवहन विमान ने सबसे पहले आज सवेरे चार बजे रोमानिया के लिए उड़ान भरी। इन विमानों के जरिए टेंट, कम्बल और अन्य मानवीय राहत सामग्री भेजी गई है।ऑपरेशन गंगा को और तेजी से चलाने के लिए प्रधानमंत्री ने भारतीय वायुसेना से इस अभियान में शामिल होने को कहा था। -
नई दिल्ली। सरकार ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों नागरिकों को सुरक्षित निकालने का अभियान तेज कर दिया है। युद्धग्रस्त यूक्रेन से भारतीय नागरिकों की वापसी के लिए अगले तीन दिनों में 26 उडानें संचालित की जायेंगी। मीडिया को संबोधित करते हुए विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया कि यूक्रेन के दूसरे सबसे बडे शहर खारकीव से भारतीयों को सुरक्षित बाहर निकालना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि लगभग 12 हजार भारतीय नागरिक यूक्रेन छोड चुके हैं। यह यूक्रेन में रह रहे भारतीयों की संख्या का साठ प्रतिशत है। यूक्रेन का हवाई मार्ग बंद होने के बाद, भारत अपने नागरिकों को रोमानिया, हंगरी, पोलैंड और स्लोवाकिया जैसे पडोसी देशों की सीमाओं से बाहर निकाल रहा है। भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी की प्रक्रिया तेज करने के लिए इन देशों में चार केन्द्रीय मंत्रियों हरदीप सिंह पुरी, किरेन रिजिजू, ज्योतिरादित्य सिंधिया और जनरल वी.के. सिंह को तैनात किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वायु सेना से भारतीय नागरिकों को यूक्रेन से वापस लाने के लिए चलाये जा रहे अभियान- ऑपरेशन गंगा में शामिल होने को कहा है। वायु सेना यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए C-17 विमान की सेवाएं ले रही है।भारतीय नागरिकों को यूक्रेन से निकालने में मदद के लिए हंगरी, पोलैंड, रोमानिया और स्लोवाक गणराज्य के साथ लगी सीमा पार करने के स्थानों पर चौबीसों घंटे काम करने वाले नियंत्रण केंद्र स्थापित किए गए हैं।हंगरी के लिए हेल्पलाइन नंबर हैं - 36 308517373, 36 13257742 और 36 13257743पोलैंड के लिए, नंबर 48 225400000, 48 795850877 और 48 792712511 हैं।रोमानिया के लिए, हेल्पलाइन नंबर हैं- 40 732124309, 40 771632567, 40 745161631 और 40 741528123स्लोवाक गणराज्य के लिए लोग 421 252631377, 421 252962916 और 421 951697560 पर संपर्क कर सकते हैं।यूक्रेन में फंसे भारतीयों की मदद के लिए ऑपरेशन गंगा हेल्पलाइन के नाम से एक समर्पित ट्विटर हैंडल भी स्थापित किया गया है।विदेश मंत्रालय के नियंत्रण कक्ष हेल्पलाइन नंबर - टोल फ्री नम्बर - 1800118797, 91 1123012113, 91 1123014104, 91 1123017905 और फैक्स- 91 11 23088124 हैं। लोग ई-मेल [email protected] पर भी ईमेल भेज सकते हैं। - नोएडा। थाना रबूपुरा पुलिस ने एक सूचना के आधार पर क्षेत्र के मिर्जापुर गांव के पास छापा मारकर अवैध रूप से खनन कर रहे छह लोगों को गिरफ्तार किया है।थाना रबूपुरा के थानाध्यक्ष राज कुमार ने बुधवार को बताया कि बीती रात एक सूचना के आधार पर थाना पुलिस ने गांव मिर्जापुर के पास अवैध रूप से खनन कर रहे रवि, जमालुद्दीन, मतीन उर्फ मतिया, सुहेल, शमसुद्दीन तथा रामअवतार को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि इनके पास से पुलिस ने अवैध रूप से खनन करके भरे गए दो डंपर, दो ट्रैक्टर, खनन में प्रयोग होने वाली जेसीबी मशीन तथा दो जब्त किए गए हैं। । उन्होंने बताया कि जांच के दौरान पुलिस को पता चला है कि ये लोग काफी दिनों से अवैध रूप से खनन कर रहे थे।
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तिरुवनंतपुरम। केरल में 33 वर्षीय महिला ने अपने पति के सिर पर कथित रूप से ईंट और पत्थरों से हमला कर दिया, जिसके बाद उसकी मौत हो गई। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि घटना मंगलवार देर रात तिरुवनंतपुरम से लगभग 38 किलोमीटर दूर पलोडे में कुरापुझा में हुई। उन्होंने कहा कि मंगलवार रात शिजू (37) का शव दंपत्ति के कमरे से मिला और पुलिस ने मृतक की पत्नी आरोपी सौम्या को हिरासत में ले लिया गया। केरल का अनिवासी एनआरके शिजू 10 दिन पहले घर आया था।एक जांच अधिकारी ने कहा, 'आरोपी महिला ने जुर्म कबूल कर लिया है, लेकिन अपराध का सटीक कारण अभी पता नहीं चल पाया है।'पुलिस ने कहा कि अपराध के बाद महिला कथित रूप से रोती हुई घर से निकली और कहा कि उसने अपने पति को जान से मार दिया है, जिसके बाद स्थानीय निवासी घटनास्थल पर पहुंचे और व्यक्ति को मरा हुआ पाया। स्थानीय मीडिया के अनुसार आरोपी सौम्या को संदेह था कि शिजू के किसी और महिला के साथ अवैध संबंध हैं, जिसके चलते उसने यह कदम उठाया। दंपत्ति के दो बच्चे हैं। - इंदौर (मध्यप्रदेश)। फिल्म लेखक और समीक्षक जयप्रकाश चौकसे का इंदौर में दिल का दौरा पड़ने से 82 वर्ष की उम्र में बुधवार को निधन हो गया। वह फेफड़ों के कैंसर से जूझ रहे थे। जयप्रकाश चौकसे के बेटे राजू चौकसे ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया, ‘‘घर में आराम कर रहे मेरे पिता को अचानक दिल का दौरा पड़ा। उनके बेसुध होने पर मेरी डॉक्टर पत्नी ने जांच की, तो पता चला कि उनकी मौत हो चुकी है।’’राजू चौकसे ने बताया कि उनके पिता पिछले सात साल से फेफड़ों के कैंसर से पीड़ित थे और विगत तीन महीने से उनकी तबीयत ज्यादा खराब चल रही थी।जयप्रकाश चौकसे ने ‘‘शायद’’ (1979), ‘‘कत्ल’’ (1986) और ‘‘बॉडीगार्ड’’ (2011) सरीखी हिन्दी फिल्मों की पटकथा तथा संवाद लिखे थे। उन्होंने महाभारत पर आधारित एक टीवी धारावाहिक के लेखन विभाग के प्रमुख का जिम्मा भी संभाला था।जयप्रकाश चौकसे ने हिन्दी अखबार ‘‘दैनिक भास्कर’’ में लगातार 26 साल ‘‘परदे के पीछे’’ के शीर्षक से रोजाना स्तंभ लिखा जिसमें वह फिल्म संसार के अलग-अलग पहलुओं पर बात करते थे। खराब सेहत से जूझ रहे फिल्म समीक्षक ने अपनी मृत्यु से पांच दिन पहले ही इस स्तंभ की आखिरी किश्त लिखकर इसे विराम दिया था।इस बीच, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चौकसे के देहांत पर शोक जताते हुए ट्वीट किया, ‘‘अद्भुत लेखन प्रतिभा के धनी, हिन्दी फिल्म जगत पर लगभग तीन दशक तक लिखने वाले वरिष्ठ पत्रकार जयप्रकाश चौकसे जी के निधन की खबर दुखद है।’’मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर आगे लिखा, ‘‘ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति हेतु प्रार्थना करते हुए विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। अपनी रचनाओं से आप (चौकसे) सदैव हमारे बीच बने रहेंगे।’’ जयप्रकाश चौकसे, फिल्म वितरकों के संगठन सेंट्रल सर्किट सिने एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रहे थे।
- नयी दिल्ली। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को बताया कि यूक्रेन में फंसे भारत के लोगों को वापस लाने के लिए 'ऑपरेशन गंगा' अभियान के तहत छठी उड़ान बुडापेस्ट से दिल्ली रवाना हुई, जिसमें 240 भारतीय नागरिक हैं। यूक्रेन का हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण भारत वहां फंसे अपने नागरिकों को रोमानिया, हंगरी, पोलैंड और स्लोवाकिया के से लगी उसकी (यू्क्रेन की) सीमा चौकियों के जरिए वहां से बाहर निकाल रहा है। सोमवार को यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने छात्रों को राजधानी कीव में रेलवे स्टेशन पहुंचने की सलाह दी, ताकि वे युद्धग्रस्त देश के पश्चिमी हिस्सों तक आगे की यात्रा कर सकें।जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘ बुडापेस्ट से छठी ऑपरेशन गंगा उड़ान। 240 भारतीय नागरिक दिल्ली के लिए रवाना।’’इस बीच, एअर इंडिया की पांचवीं निकासी उड़ान यूक्रेन में फंसे 249 भारतीय नागरिकों को रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट से लेकर सोमवार सुबह दिल्ली पहुंची।शनिवार शाम 219 भारतीय नागरिकों को लेकर पहली उड़ान बुखारेस्ट से मुंबई पहुंची थी। दूसरी उड़ान 250 नागरिकों को लेकर रविवार तड़के दिल्ली पहुंची।एअर इंडिया की तीसरी उड़ान करीब 240 भारतीय नागरिकों को लेकर हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट से दिल्ली रवाना हो गयी है। भारत ने इस अभियान को ‘ऑपरेशन गंगा’ नाम दिया है।इस बीच, कीव में स्थित भारतीय दूतावास ने कहा कि यूक्रेन की राजधानी में सप्ताहांत कर्फ्यू हटा लिया गया है और भारतीय छात्र शहर से बाहर निकलने के लिए रेलवे स्टेशन जा सकते हैं।दूतावास ने ट्वीट किया, “ कीव में सप्ताहांत कर्फ्यू हटा लिया गया है। सभी छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे पश्चिमी भागों तक जाने के लिए रेलवे स्टेशन जाएं। यूक्रेन रेलवे लोगों की निकासी के लिए विशेष ट्रेन चला रहा है।” इससे पहले, विदेश मंत्रालत्र के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने पोलैंड और लिथुआनिया में भरतीय मिशन के ट्वीट को रीट्वीट किया जिसमें कहा गया है , ‘‘ यूक्रेन में फंसे भारतयों को भीड़भाड़ वाले शेहायनी से अन्य चौकियों की ओर जाने में मदद कर रहे हैं। उम्मीद करते हैं कि आज दिन में बाद में पोलैंड में उनका स्वागत करेंगे।’’बागची ने ट्वीट किया, ‘‘ शेहायनी में फंसे भारतीयों को पोलैंड में प्रवेश कराने के लिये अन्य पारगमन बिन्दुओं तक लाने को लेकर बस सेवा शुरू की । ’’वहीं, युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को वहां से बाहर निकालने के प्रयासों को तेज करने के लिए केंद्र ने सोमवार को फैसला किया कि केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, किरेन रिजिजू और वी. के. सिंह निकासी अभियान में समन्वय करने तथा छात्रों की मदद के लिए यूक्रेन के पड़ोसी देशों में जाएंगे। सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी।इस बीच, विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने यूकेन में फंसे भारतीय छात्रों के अभिभावकों के साथ बातचीत की और उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार छात्रों को सुरक्षित लाने के लिये हर संभव प्रयास कर रही है। मुरलीधरन ने ट्वीट किया, ‘‘ यूक्रेन में फंसे छात्रों के अभिभावकों से सम्पर्क किया जा रहा है। आश्वस्त किया जाता है कि सरकार छात्रों को सुरक्षित लाने के लिये हर संभव प्रयास कर रही है। ’’
- नयी दिल्ली। यूक्रेन संकट के मद्देनजर चार केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, किरेन रिजिजू और जनरल वी के सिंह यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों के निकासी अभियान से संबंधित तालमेल और विद्यार्थियों की मदद के लिए यूक्रेन के पड़ोसी देशों का दौरा करेंगे। ये मंत्री भारत के विशेष दूत के रूप में वहां जायेंगे। यूक्रेन में फंसे भारतीयों को मदद पहुंचाने के लिए श्री सिंधिया रोमानिया और मोल्दोवा, श्री रिजिजू स्लोवाकिया, श्री हरदीप सिंह पुरी हंगरी और जनरल वी के सिंह पोलैंड जाएंगे।प्रधानमंत्री ने यूक्रेन मुद्दे पर कल एक उच्च स्तरीय बैठक में कहा कि यूक्रेन में फंसे सभी भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है।
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नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सरकार यूक्रेन संकट का भारतीय निर्यात पर पडने वाले प्रभाव का आकलन कर रही है। बजट के बाद आज चेन्नई में तमिलनाडु के उद्योगपतियों के साथ बातचीत में श्रीमती सीतारामन ने कहा कि सरकार इस संकट से पूरी तरह अवगत है और आयात तथा निर्यात से संबंधित सभी विभागों के साथ परामर्श कर रही है। उन्होंने कहा कि आयात और निर्यात क्षेत्र की मदद के लिए विभिन्न विभागों से परामर्श करने के बाद ही उनका मंत्रालय कोई कदम उठायेगा।
श्रीमती सीतारामन ने कहा कि यूक्रेन संकट के कारण रूस और यूक्रेन को होने वाला निर्यात, विशेष रूप से कृषि उत्पाद का निर्यात प्रभावित हो रहा है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र की मांगों की पूर्ति के लिए कृषि उत्पादों के निर्यात में काफी बाधाएं आ रही हैं। - मेदिनीनगर (झारखंड । पलामू जिले के तरहसी थानान्तर्गत बिनेका गांव में रविवार को रात अज्ञात हत्यारों ने एक दुकानदार की चाकू घोंप कर हत्या कर दी। लेस्लीगंज अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी आलोक कुमार टूट्टी ने बताया कि दुकानदार नकुल सिंह (34) की दुकान में घुस कर उसकी चाकू मार कर हत्या कर दी गई। उन्होंने बताया कि यह घटना रात लगभग पौने नौ बजे की है । टूट्टी ने बताया कि हत्यारे एक बाइक से आए थे और उनकी संख्या दो थी। दोनों हत्या कर मौके से फरार हो गये। पुलिस ने पूछताछ के लिए कुछ लोगों को हिरासत में लिया है लेकिन अबतक हत्यारों की पहचान नहीं हो पायी है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर मामले की जांच प्रारंभ कर दी है। पुलिस ने बताया कि प्रारंभिक जांच पड़ताल में घटना पूर्व दुश्मनी से जुड़ी प्रतीत होती है।
- नई दिल्ली। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने कोयला कंपनियों द्वारा क्षेत्र विशिष्ट नीलामियों के बजाय एक सामान्य ई-नीलामी विंडो के माध्यम से कोयले के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस ई-नीलामी से बिजली क्षेत्र और गैर-विनियमित क्षेत्र जैसे सभी क्षेत्रों की आवश्यकताएं पूरी होगी। इस नीलामी के माध्यम से क्षेत्र विशिष्ट नीलामियों की वर्तमान प्रणाली के स्थान पर कोयले की आपूर्ति की जाएगी। इस पहल के प्रमुख घटकों में रोजगार सृजन क्षमता शामिल है। बाजार की विकृतियों को दूर किया जाएगा और सभी उपभोक्ताओं के लिए एकल दर ई-नीलामी बाजार में विकसित होगी। इससे परिचालन क्षमता में वृद्धि होगी और घरेलू कोयला बाजार में दक्षता से घरेलू कोयले की मांग भी बढेगी। File Pic
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ बात की। बातचीत के दौरान, राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने प्रधानमंत्री मोदी को यूक्रेन में जारी संघर्ष की स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी दी। श्री मोदी ने यूक्रेन में जारी संघर्ष के कारण जान-माल के नुकसान पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने हिंसा की तुरंत समाप्ति और बातचीत के लिए अपनी बात दोहराई और शांति प्रयासों में किसी भी तरह से योगदान करने की भारत की इच्छा व्यक्त की। श्री मोदी ने राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की से यूक्रेन में मौजूद छात्रों सहित भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और सुरक्षा के लिए भारत की गहरी चिंता से भी अवगत कराया तथा भारतीय नागरिकों की शीघ्र और सुरक्षित स्वदेश वापस लाने के लिए यूक्रेन की अधिकारियों से सुविधा की मांग की।
- नयी दिल्ली,। भारतीय वायु सेना ने यूक्रेन में संकट से पैदा हुई स्थिति को देखते हुए अगले महीने ब्रिटेन में होने वाले बहुपक्षीय हवाई अभ्यास में अपने युद्धक विमान तैनात न करने का फैसला किया है।‘कोबरा वॉरियर’ नाम का यह अभ्यास ब्रिटेन के वडिंगटन में छह से 27 मार्च तक होना है। भारत ने तीन दिन पहले ही अभ्यास में अपनी भागीदारी की पुष्टि की थी।भारतीय वायु सेना ने ट्वीट किया, ‘‘हाल के घटनाक्रम के मद्देनजर भारतीय वायु सेना ने ब्रिटेन में कोबरा वॉरियर अभ्यास 2022 के लिए अपने विमान न तैनात करने का फैसला किया है।’’इस घोषणा से कुछ दिनों पहले भारतीय वायु सेना ने कहा था कि वह अभ्यास के लिए पांच युद्धक विमानों को भेजेगी।बहरहाल, भारतीय वायु सेना ने अभ्यास से हटने की वजहों का स्पष्ट रूप से जिक्र नहीं किया है लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि यूक्रेन पर रूस के सैन्य हमले के बाद यह फैसला लिया गया है।वायु सेना के इस फैसले से कुछ घंटों पहले भारत ने यूक्रेन के खिलाफ रूसी सेना के आक्रमण पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव पर मतदान में भी भाग नहीं लिया।आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि यूक्रेन संकट पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस की निंदा वाले प्रस्ताव पर भारत ने मतदान नहीं करके बीच का कोई रास्ता निकालने तथा बातचीत और कूटनीति को बढ़ावा देने के लिए सभी संबंधित पक्षों तक पहुंचने का विकल्प खुला रखा है।वायु सेना ने बुधवार को घोषणा की थी कि वह पांच तेजस हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) के बेड़े के साथ ‘कोबरा वॉरियर’ में भाग लेगी।उसने कहा था कि ‘कोबरा वॉरियर 22’ अभ्यास का उद्देश्य संचालनात्मक क्षमता मुहैया कराना और इसमें भाग ले रही वायु सेनाओं के बीच सर्वश्रेष्ठ प्रक्रियाओं को साझा करना है। उसने कहा कि यह अभ्यास स्वदेश निर्मित तेजस विमान के लिए अपनी गतिशीलता और परिचालन क्षमता के प्रदर्शन का मंच होगा। file photo
- नयी दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार को यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को तत्काल बाहर निकालना चाहिए।उन्होंने यूक्रेन में फंसी दो भारतीय छात्राओं का एक वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘बंकर में मौजूद भारतीय छात्रों का दृष्य परेशान करने वाला है। बहुत सारे छात्र पूर्वी यूक्रेन में फंसे हुए हैं जहां भीषण हमला हो रहा है। मैं उनके चिंतित परिजन के साथ हूं।’’राहुल गांधी ने कहा, ‘‘मैं फिर से भारत सरकार से आग्रह करता हूं कि भारतीय छात्रों को तत्काल बाहर निकाला जाए।’’ कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, ‘‘जान बचाने के लिए बंकरों और अंडरग्राउंड मेट्रो में बैठे हजारों लोगों का दम घुट रहा है। बच्चे भूखे-प्यासे और डरे हुए हैं। बाहर निकलने की भी हालत में नहीं और उन्हें कभी इधर कभी उधर में उलझाया जा रहा है। लोगों की सांस अटकी है मग़र प्रचारजीवी चुनाव और वेबिनार में वयस्त हैं?’’
- नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि भारतीय छात्र भाषायी बाध्यताओं के बावजूद चिकित्सा शिक्षा के लिए कई सारे छोटे देशों का रुख कर रहे हैं, ऐसे में इस प्रकार की सुविधाएं देश में ही उपलब्ध कराने के लिए निजी क्षेत्र को व्यापक स्तर पर सामने आकर अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होगी। आम बजट-2022 में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए किए गए प्रावधानों पर केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से आयोजित एक वेबिनार का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा देने को ध्यान में रखते हुए जमीन आवंटन के लिए राज्य सरकारें भी अच्छी नीतियों का निर्माण कर सकती हैं ताकि भारत बड़ी संख्या में चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों की फौज तैयार कर वैश्विक मांग को भी पूरी कर सके।प्रधानमंत्री की यह बात बहुत मायने रखती है क्योंकि रूस की सैन्य कार्रवाई के मद्देनजर युद्धग्रस्त यूक्रेन में बड़ी संख्या में भारतीय छात्र फंसे हुए हैं और उन्हें स्वदेश वापस लेने के लिए सरकार को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है।ज्ञात हो कि यूक्रेन में फंसे अधिकतर छात्र चिकित्सा क्षेत्र में शिक्षा हासिल करने के लिए वहां हैं।मोदी ने अपने संबोधन के दौरान यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों का कोई सीधा उल्लेख नहीं किया। उन्होंने कहा कि विदेशों में जाकर चिकित्सा शिक्षा की पढ़ाई के लिए विदेश जाने के कारण देश का पैसा बड़ी संख्या में बाहर भी जाता है।उन्होंने कहा, ‘‘शिक्षा, खासकर चिकित्सा शिक्षा के लिए हमारे बच्चों को छोटे देशों मे जाना पडता है। वहां उन्हों भाषयी समस्याओं से भी दो-चार होना पड़ता है। इसके बावजूदवह जा रहे हैं...क्या हमारा निजी क्षेत्र बड़े स्तर पर इसमें प्रवेश नहीं कर सकता है? क्या हमारी राज्य सरकारें इसके लिए भूमि आवंटन करने को अच्छी नीतियों का निर्माण नहीं कर सकती?’’प्रधानमंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र में कमियों को पूरा करने के लिए भारत को अपने संसाधनों का उपयोग करना चाहिए।उन्होंने कहा कि पिछले सात सालों में केंद्र सरकार ने देश के स्वास्थ्य ढांचे में सुधार और बदलाव किए हैं और अब उसकी कोशिश गंभीर बीमारियों के इलाज की सुविधाएं ब्लॉक स्तर पर पहुंचाने की है।उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार का प्रयास आधुनिक प्रौद्योगिकी के माध्यम से देश के हर व्यक्ति तक किफायती इलाज पहुंचाने का है।स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए बजट प्रावधानों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘यह बजट पिछले साल से स्वास्थ्य देखभाल तंत्र में सुधार और व्यापक बदलाव करने के हमारे प्रयासों को विस्तार देता है। हमने अपने स्वास्थ्य देखभाल तंत्र में एक सर्वसमावेशी रुख अपनाया है।’’प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार का ध्यान स्वास्थ्य पर तो है ही, इसके साथ ही उसकी कोशिश आयुष जैसी पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धति में शोध को प्रोत्साहन देकर स्वास्थ्य देखभाल तंत्र में उसकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने पर भी है।उन्होंने कहा, ‘‘आधुनिक प्रौद्योगिकी के माध्यम से देश के हर व्यक्ति, हर हिस्से तक बेहतर और किफायती स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने पर भी सरकार का विशेष ध्यान है। हमारा प्रयास है कि गंभीर बीमारियों के इलाज की स्वास्थ्य सुविधाएं ब्लॉक स्तर पर हों, जिला स्तर पर हों, गांवों के नजदीक हों।’’उन्होंने कहा कि इन सुविधाओं से जुड़ी अवसंरचना की देखभाल और समय-समय पर उसमें सुधार भी जरूरी है और इसके लिए निजी और दूसरे क्षेत्र को भी ज्यादा ऊर्जा के साथ आगे आना होगा।प्रधानमंत्री ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल नेटवर्क को सशक्त करने के लिए डेढ़ लाख ‘हेल्थ एंड वेलनेस’ केंद्रों के निर्माण का काम तेजी से चल रहा है और अभी तक 85,000 से अधिक केंद्रों में नियमित जांच, टीकाकरण और जांच जैसी सुविधाएं पहुंचाई जा चुकी हैं।उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे स्वास्थ्य सेवाओं की मांग बढ़ रही है, उसके अनुसार सरकार कौशल संपन्न स्वास्थ्य पेशेवर तैयार करने का भी प्रयास कर रही है और इसे ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल से जुड़े मानव संसाधन तैयार करने के लिए बजट में पिछले साल की तुलना में बड़ी वृद्धि की गई है।आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह ग्राहक और स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता के बीच एक आसान इंटरफेस उपलब्ध कराता है।उन्होंने कहा, ‘‘इससे देश में उपचार पाना और देना, दोनों बहुत आसान हो जाएंगे। इतना ही नहीं, यह भारत के गुणवत्तापूर्ण और किफायती स्वास्थ्य तंत्र की वैश्विक पहुंच को भी आसान बनाएगा।’’
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि गंभीर बीमारियों के इलाज की सुविधा देश में प्रत्येक जिले और ब्लॉक स्तर पर उपलब्ध कराना सरकार का लक्ष्य है।
श्री मोदी ने आज आम बजट-2022 में हेल्थ सेक्टर के लिए किए गए प्रावधानों पर आयोजित एक वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि इस बार हेल्थ केयर सेक्टर के लिए बजट प्रावधान में काफी वृद्धि की गई है तथा गंभीर बीमारियों के इलाज की सुविधा प्रत्येक जिला और ब्लॉक स्तर पर उपलब्ध कराने का लक्ष्य तय किया गया है।उन्होंने कहा कि इस बार का बजट पिछले सात साल से हेल्थ केयर का कायाकल्प करने और उसका विस्तार करने के हमारे प्रयासों को बढ़ावा देता है।हमने स्वास्थ्य क्षेत्र में व्यापक दृष्टिकोण अपनाया है और रोग से बचाने के लिए जनता को जागृत करने का अभियान चलाया है और बीमारी होने पर उसके इलाज की व्यवस्था करने पर ध्यान दिया है।
प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार में आधुनिक प्रौद्योगिकी पर बल देते हुए कहा कि वह इसमें एक बड़ी भूमिका निभा सकती है। उन्होंने हेल्थ सेक्टर में निजी कंपनियों को आगे आने का आह्वान किया।
उन्हाेंने कहा कि भारत विश्व में अकेला देश है जो परंपरागत औषधियों और चिकित्सा प्रणालियों के लिए वैश्विक केंद्र स्थापित करने जा रहा है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा शिक्षा के लिए हमारे बच्चे छोटे-छोटे देशों में जाते हैं , जहां भाषा की समस्या है। बहुत से बच्चे मेडिकल स्कूल में नहीं आ सकते । क्या हमारी सरकारें चिकित्सा संस्थानो को जमीन आदि की सुविधा देने की उदार नीतियां नहीं बना सकते। -
नई दिल्ली । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को यात्रा, पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्रों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की और उनके साथ ऋण संबंधी मुद्दों पर चर्चा की।
बैठक में वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के प्रमुख भी शामिल हुए।
वित्त मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा, "वित्त मंत्री के साथ बैठक में वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड, वित्त सचिव, वित्तीय सेवाओं के सचिव, आर्थिक मामलों के सचिव और राजस्व सचिव के साथ ही पीएसबी और आईबीए के प्रमुखों तथा वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।"
गौरतलब है कि आम बजट 2022-23 में आतिथ्य और संबंधित सेवा क्षेत्र का समर्थन करने के लिए आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत अतिरिक्त 50,000 करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव किया गया है।
वित्त मंत्री ने आम बजट में ईसीएलजीएस योजना को मार्च 2023 तक बढ़ाने और गारंटी कवर को 50,000 रुपये बढ़ाकर पांच लाख करोड़ रुपये तक करने का प्रस्ताव रखा था।
आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज के तहत मई 2020 में घोषित इस योजना का मकसद महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को राहत देना था। - नई दिल्ली। भारत ने यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों के लिए एक बार फिर से एडवाइजरी जारी की है। भारत की ओर से अपील की गई है कि कोई भी भारतीय नागरिक, दूतावास के अधिकारियों के समन्वय के बिना सीमा चौकियों पर न जाए। इस एडवाइजरी में कहा गया है कि रूस यूक्रेन पर चारों ओर से हमला कर रहा है। इसलिए सीमा चौकियों के पास भी काफी खतरा है। इसलिए अधिकारियों के समन्वय के बाद ही वे किसी जगह के लिए निकलें।दूतावास की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि, यूक्रेन के पश्चिम शहरों में खाने-पीने की चीजों के साथ आप वहीं पर महफूज बनें रहें। क्योंकि, पूर्वी शहरों में हमले का ज्यादा खतरा है। कहा गया है कि, बिना किसी सरकारी निर्देश के कोई भी किसी जगह पर न जाए और घरों के अंदर ही रहें।यूक्रेन में भारतीय दूतावास की ओर से किए गए ट्वीट में कहा गया था, कि सीमा चौकियों पर स्थिति संवेदनशील है। इसलिए हमारा दूतावास अन्य देशों के दूतावासों के साथ मिलकर काम कर रहा है और नागरिकों को निकालने के प्रयास तेज किए जा रहे हैं।
- नई दिल्ली। देश में अब तक 177 करोड़ 17 लाख से अधिक कोविड रोधी टीके लगाये जा चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि कल 28 लाख 29 हजार से अधिक टीके लगाये गये। स्वस्थ होने की दर इस समय 98 दशमलव 5-2 प्रतिशत है। कल लगभग 23 हजार लोग संक्रमण मुक्त हुए जबकि 11 हजार लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई।देश में इस समय एक लाख 21 हजार 881 लोगों का कोविड उपचार चल रहा है।अब तक 76 करोड़ 57 लाख परीक्षण कराये जा चुके हैं। File Pic
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नई दिल्ली ।एयर इंडिया, यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए दिल्ली और मुंबई से आज दो विमान, रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट और हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट भेजेगी। ये भारतीय नागरिक सड़क मार्ग से यूक्रेन की सीमा तक पहुंच चुके हैं। नागरिक विमानों के लिए यूक्रेन का वायुक्षेत्र बंद होने के कारण भारतीय नागरिक विशेष सरकारी चार्टर्ड विमानों से स्वदेश लौटेंगे।
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नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आज सुबह यूक्रेन पर रूस के हमले के निंदा -प्रस्ताव पर मतदान हुआ। इसमें यूक्रेन से रूसी सेनाओं की तुरंत, पूरी तरह और बिना शर्त वापसी की मांग की गई है।
अमरीका और अलबानिया ने मसौदा प्रस्ताव प्रायोजित किया था तथा पॉलैंड, इटली, जर्मनी, एस्टोनिया, लग्जमबर्ग और न्यूजीलैंड सहित कई अन्य देशों ने इसका समर्थन किया।ग्यारह देशों ने प्रस्ताव के पक्ष में वोट दिया जबकि भारत, चीन, संयुक्त अरब अमारात ने मतदान में भाग नहीं लिया। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी. एस. तिरूमूर्ति ने कहा कि भारत, यूक्रेन के घटनाक्रम से बेहद चिंतित है। भारत ने आग्रह किया कि हिंसा और युद्ध तत्काल रोकने के सभी उपाय किये जायें। उन्होंने कहा कि लोगों की जान की कीमत पर कोई समाधान नहीं हो सकता। श्री तिरूमूर्ति ने कहा कि इन कारणों से ही भारत ने मतदान से अलग रहने का फैसला किया।सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य रूस ने प्रस्ताव को रोकने के लिए वीटो का इस्तेमाल किया। लेकिन पश्चिमी देशों ने कहा कि प्रस्ताव, यूक्रेन पर हमले के लिए वैश्विक स्तर पर रूस को अलग-थलग किये जाने की मांग करता है।चीन, यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाई पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में लाए गए निंदा प्रस्ताव पर मतदान से अलग रहा। भारत और संयुक्त अरब अमारात ने भी मतदान में हिस्सा नहीं लिया जबकि रूस ने प्रस्ताव पर वीटो कर दिया। मतदान के पक्ष में ग्यारह वोट पड़े। सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के लिये सर्वसम्मति होनी चाहिए। चीन ने रूस, अमरीका और नेटो के साथ अपने मतभेदों को अलग रखते हुए कूटनीतिक रास्ता अपनाया है।इस बीच, चीन के राष्ट्रपति षी चिनफिंग ने कल रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बातचीत की और यूक्रेन स्थिति पर चर्चा की। श्री पुतिन ने कहा कि रूस, यूक्रेन के साथ बातचीत के लिए तैयार है। इसके बाद, चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भी देर शाम यूरोपीय देशों के विदेश मंत्रियों के साथ यूक्रेन के मुद्दे पर बातचीत की और चीन का रूख स्पष्ट किया। -
नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को दावा किया कि केंद्र सरकार की सामरिक गलतियों की देश को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने चीन और पाकिस्तान के संदर्भ में अपने एक बयान तथा सरकार की कुछ टिप्पणियों का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘‘इस सरकार की सामरिक गलतियों की भारी कीमत देश को चुकानी होगी।’’ राहुल गांधी पिछले कुछ महीनों के दौरान सीमा पर चीन के साथ तनाव को लेकर सरकार पर लगातार हमले करते रहे हैं। संसद के इस साल के बजट सत्र के पहले चरण के दौरान उन्होंने लोकसभा में आरोप लगाया था कि नरेंद्र मोदी सरकार की गलत नीतियों के कारण चीन और पाकिस्तान एक साथ आ गए हैं।
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- वर्ष 2021-22 में शहरी स्थानीय निकायों के लिए अब तक कुल 10,699.33 करोड़ रुपये का अनुदान जारी किया जा चुका है
नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने शहरी स्थानीय निकायों को अनुदान प्रदान करने के लिए शुक्रवार को 6 राज्यों को 1348.10 करोड़ रुपये की राशि जारी की है। शुक्रवार को जिन राज्यों को अनुदान जारी किया गया उनमें झारखंड (112.20 करोड़ रुपये), कर्नाटक (375 करोड़ रुपये), केरल (168 करोड़ रुपये), ओडिशा (411 करोड़ रुपये), तमिलनाडु (267.90 करोड़ रुपये) और त्रिपुरा (14 करोड़ रुपये) शामिल हैं। जारी की गई यह अनुदान राशि छावनी बोर्डों सहित दस लाख से कम आबादी वाले शहरों (नॉन मिलियन प्लस सिटीज-एनएमपीसी) के लिए हैं।15वें वित्त आयोग ने 2021-22 से 2025-26 की अवधि के लिए अपनी रिपोर्ट में शहरी स्थानीय निकायों को दो श्रेणियों में बांटा है-(ए) 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरी समुदायों/शहरों (दिल्ली और श्रीनगर को छोड़कर) और (बी) दस लाख से कम आबादी वाले अन्य शहर और कस्बे (नॉन मिलियन प्लस सिटीज)। 15वें वित्त आयोग ने इन शहरों के लिए अलग से अनुदान देने की सिफारिश की है। दस लाख से कम आबादी वाले शहरों के लिए आयोग द्वारा सिफारिश किए गए कुल अनुदानों में 40% मूल (शर्त रहित) अनुदान है और शेष 60% सशर्त अनुदान के रूप में है। मूल अनुदान का उपयोग वेतन भुगतान और अन्य स्थापना व्यय को छोड़कर, स्थान विशिष्ट में अनुभव की जा रही जरूरतों के लिए किया जाता है।दूसरी ओर दस लाख से कम आबादी वाले शहरों के लिए सशर्त अनुदान, मूल सुविधाओं की आपूर्ति में मदद करने और उन्हें मजबूत बनाने के लिए जारी किया जाता है। कुल सशर्त अनुदान में से 50% राशि स्वच्छता व ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और आवासन तथा शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा विकसित स्टार रेटिंग प्राप्त करने के लिए निर्धारित की गई है। बकाया 50% राशि 'पेय जल, वर्षा जल संचयन और जल पुनर्शोधन (रिसाइक्लिंग)' के लिए निर्धारित है।सशर्त अनुदान राशि शहरी स्थानीय निकायों को केंद्र और राज्य द्वारा विभिन्न केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत स्वच्छता और पेयजल के लिए आवंटित धन के अलावा अतिरिक्त धन की उपलब्धता सुनिश्चित कराने और नागरिकों को गुणवत्तायुक्त सेवाएं प्रदान करने के लिए है। भारत सरकार ने चालू वित्त वर्ष में दस लाख से कम आबादी वाले शहरों के लिए अनुदान के रूप में अब तक राज्यों को कुल 10,699.33 करोड़ रुपये की राशि जारी की है। यह अनुदान आवासन और शहरी मामलों के मंत्रालय की सिफारिशों पर वित्त मंत्रालय ने जारी किए हैं।