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- नई दिल्ली। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने असम और मेघालय में 28 मई तक बहुत भारी बारिश होने की चेतावनी दी है। आईएमडी के राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र की प्रमुख एस. देवी ने कहा कि बंगाल की खाड़ी से दक्षिण-पश्चिम हवाओं के तेज प्रवाह के कारण इन दोनों राज्यों में नमी बहुत बढ़ गयी है। इसके अलावा अन्य भौगोलिक वजहों से दोनों राज्यों में बहुत भारी बारिश होगी।विभाग ने कहा कि ज्यादातर स्थानों पर बारिश की संभावना है वहीं कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने का अनुमान है। आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि असम और मेघालय में अगले तीन दिनों के लिए लाल रंग की चेतावनी जारी की गई है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर भारत में अधिकतम बारिश मई में और उसके बाद जून में होती है।राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र की प्रमुख देवी ने कहा कि मानसून की प्रगति चक्रवाती तूफान अम्फान से बाधित हो गयी थी और वह बुधवार से आगे बढ़ेगा। आईएमडी के अनुसार मानसून के सामान्य तिथि से चार दिन बाद पांच जून को केरल पहुंचने की संभावना है।महापात्रा ने कहा कि 30 मई से अरब सागर में कम दबाव का क्षेत्र भी बन रहा है। कम दबाव का क्षेत्र किसी भी चक्रवात का पहला चरण होता है। हालांकि, यह आवश्यक नहीं है कि प्रत्येक कम दबाव क्षेत्र चक्रवात में ही बदल जाए। आईएमडी ने केरल व कर्नाटक के तटों पर मछुआरों को आगाह किया है कि वे 30 मई से चार जून के बीच गहरे समुद्र में नहीं जाएं।
- नई दिल्ली। पर्यटन मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि होटलों और अन्य आवास इकाइयों के अनुमोदन और वर्गीकरण की अवधि को 30 जून तक तक के लिए बढ़ा दिया गया है।मंत्रालय विभिन्न श्रेणियों के पर्यटकों के लिए अपेक्षित मानकों के अनुरूप स्टार रेटिंग प्रणाली के तहत होटलों का वर्गीकरण करता है। इस प्रणाली के तहत होटलों को रेटिंग दी जाती है। यह वर्गीकरण या प्रमाणन पांच साल की अवधि के लिए वैध होता है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन के कारण आतिथ्य (हॉस्पिटेलिटी) उद्योग बहुत कठिन समय से गुजर रहा है। आतिथ्य क्षेत्र गंभीर रूप से प्रभवित हुआ है। इसे देखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि होटल या अन्य आवास इकाइयों के अनुमोदन या प्रमाणपत्रों की वैधता को 30 जून तक के लिए बढ़ाया जाता है जिनकी अनुमोदन या वर्गीकरण अवधि समाप्त हो गयी है। बयान में कहा गया है कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान मार्च 2020 से निरीक्षण कार्य और आवेदन की जांच को स्थगित करना पड़ा है। इसे देखते हुए पर्यटन मंत्रालय ने टूर ऑपरेटरों की सभी श्रेणियों को छह महीने की छूट या विस्तार की अनुमति देने का निर्णय लिया है।
- नई दिल्ली। नागर विमानन मंत्रालय ने चार्टर्ड और निजी विमानों को उड़ान की अनुमति दे दी है। इनमें हेलीकॉप्टर और माइक्रो लाइट विमान भी शामिल हैं।इन सेवाओं का लाभ लेने वाले व्यक्तियों को उड़ान से कम से कम 45 मिनट पहले हवाई अड्डे पहुंचना होगा। हालांकि बहुत वृद्ध व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रूप से बीमार लोगों को इन सेवाओं का उपयोग न करने की सलाह दी गई है। एयर एम्बुलेंस के मामले में यह शर्त लागू नहीं होगी। मंत्रालय ने कहा है कि सभी यात्रियों के आरोग्य सेतू ऐप की जांच की जाएगी।
- रोहतास। बिहार बोर्ड ने मैट्रिक रिजल्ट जारी कर दिया है। इस बार मैट्रिक की परीक्षा में छात्रों का दबदबा रहा है। रोहतास के नटवार स्थित जनता हाईस्कूल के हिमांशु राज ने 96.20 फीसदी अंक हासिल कर टॉप किया है। उन्हें 481 नंबर मिले हैं।हिमांशु के पिता किसान हैं और वे दूसरे के खेतों को पट्टे पर लेकर खेती करते हैं। अपने पिता के काम में हिमांशु भी हाथ बंटाता है और पिता के साथ सब्जी भी बेचने जाता है। फिर भी वह 14 घंटे पढ़ाई के लिए निकाल लेता है। कई बार पढ़ाई के दौरान आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण हिमांशु को काफी परेशानी भी हुई, लेकिन उसने किसी तरह से अपनी पढ़ाई जारी रखी।टॉपर बनने के बाद हिमांशु ने कहा कि कोचिंग के साथ पापा भी पढ़ाई कराते थे। घर में 14 घंटे की पढ़ाई करते थे, जिसके बाद आज वह टॉप आया है। हिमांशु ने कहा कि वह सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहते हैं। इसको लेकर वह आगे भी कड़ी मेहनत करेंगे।गौरतलब है कि बिहार मैट्रिक रिजल्ट के लिए छात्र काफी दिनों से इंतजार कर रहे थे। लंबे इंतजार के बाद आज बिहार बोर्ड ने दोपहर 12 बजकर 40 मिनट पर मैट्रिक का रिजल्ट जारी कर दिया है। पहली बार है कि बिहार बोर्ड का रिजल्ट शिक्षा विभाग ने जारी किया है।
- -वीडियो कॉन्फेसिंग के माध्यम से उच्च अधिकारियों की बैठक लीनई दिल्ली। केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन ने केन्द्रीय स्वास्थ मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आज उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के मुख्य सचिवों, स्वास्थ्य सचिवों और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशकों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। इन राज्यों में पिछले तीन सप्ताहों के दौरान कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी दिखाई दी है। इस दौरान लॉकडाउन के नियमों में रियायतें दी गई हैं और एक राज्य से दूसरे राज्य में आने-जाने की इजाजत भी दे दी गई है।बैठक में राज्यों को मृत्यु दर, रोगियों की संख्या के दोगुना होने की अवधि, प्रति एक लाख लोगों में से परीक्षण की दर और संक्रमण की पुष्टि वाले मामलों के प्रतिशत के आधार पर कोविड-19 के फैलाव के बारे में जानकारी दी गई। इसके अलावा रोकथाम की कारगर रणनीति पर भी चर्चा हुई।इस बात पर भी जोर दिया गया कि हरेक कंटेनमेंट जोन का विश्लेषण किया जाए, ताकि रुझान के देखते हुए सुधार के प्रयास किए जा सकें। बफर जोन के अंदर की जाने वाली गतिविधियों पर भी चर्चा हुई। आरोग्य सेतु ऐप के जरिए प्राप्त हुए आंकड़ों का उपयोग करने को भी कहा गया।गैर-कोविड आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में राज्यों को याद दिलाया गया कि टीबी, कुष्ठ रोग और उच्च रक्तचाप तथा मधुमेह जैसे गैर-संचारी रोगों के इलाज के लिए भी तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए।यह भी सुझाव दिया गया कि क्वारिंटीन केंद्रों में मोबाइल चिकित्सा इकाइयां और अस्थायी स्वास्थ्य उप-केंद्र बनाए जाने चाहिए और उनमें अग्रिम पंक्ति के अतिरिक्त स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती की जानी चाहिए।राज्यों को सलाह दी गई कि गर्भवती महिलाओं, पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों, बुजुर्गों और अन्य गंभीर बीमारियों वाले लोगों पर विशेष ध्यान दिया जाए। इसमें आंगनवाडी कार्यकर्ताओं का सहयोग लेने को भी गया गया। इस बात पर जोर दिया गया कि पांच साल से कम उम्र के बच्चों की पौष्टिक आहार संबंधी जरूरतों का ध्यान रखा जाए और उन्हें पोषण पुनर्वास केन्द्रों में भेजा जाए।------------
- नई दिल्ली। विदेशमंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने आज वंदेभारत मिशन की समीक्षा की। समीक्षा बैठक में इस अभियान को अधिक प्रभावी बनाने पर विचार किया गया।डॉ. जयशंकर ने ट्वीट कर बताया कि वंदेभारत मिशन के दूसरे चरण के विस्तार पर विचार विमर्श किया गया। इसके तहत 60 देशों से एक लाख भारतीयों को स्वदेश लाया जाएगा। उन्होंने बताया कि बैठक में अभियान में तीसरे चरण की तैयारियों पर भी चर्चा की गई। प्रवेश स्थलों को बढाने और फीडर उडानों की भी योजना बनाई जा रही है।विदेशमंत्री ने यह भी बताया कि ईरान से भारतीय मछुआरों को लाने का काम जून में किया जाएगा।
- - भारतीय सेना का शीर्ष स्तर का नेतृत्व इस दौरान मौजूदा उभरती सुरक्षा एवं प्रशासनिक चुनौतियों पर विचार-मंथन करेगानई दिल्ली। सेना कमांडरों का सम्मेलन अप्रैल 2020 में आयोजित किया जाना था, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसे स्थगित करना पड़ गया था। हालांकि, अब इसे दो चरणों में आयोजित किया जाएगा। इस सम्मेलन का पहला चरण 27 से 29 मई, 2020 तक और दूसरा चरण जून 2020 के अंतिम सप्ताह में आयोजित किया जाएगा।उल्लेखनीय है कि सेना कमांडरों का सम्मेलन एक शीर्ष स्तर का आयोजन है, जिसे साल में दो बार आयोजित किया जाता है। इस दौरान अवधारणाओं के स्तर पर विचार-विमर्श किया जाता है और महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णयों के साथ इसका समापन होता है।भारतीय सेना का शीर्ष स्तर का नेतृत्व मौजूदा उभरती सुरक्षा एवं प्रशासनिक चुनौतियों पर विचार-मंथन करेगा और भारतीय सेना के लिए आगे की रूपरेखा तय करेगा। सभी पहलुओं या बारीकियों पर व्यापक चर्चाएं सुनिश्चित करने के लिए सारे ही महत्वपूर्ण निर्णय कॉलेजिएट सिस्टम के माध्यम से लिए जाते हैं जिसमें सेना के कमांडर और वरिष्ठ अधिकारीगण शामिल होते हैं।साउथ ब्लॉक में आयोजित किए जाने वाले पहले चरण के दौरान लॉजिस्टिक्स और मानव संसाधन से जुड़े अध्ययनों सहित परिचालन और प्रशासनिक मुद्दों से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चाएं की जाएंगी।----
- नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 31 मई को आकाशवाणी से मन की बात कार्यक्रम में देश-विदेश के लोगों के साथ अपने विचार साझा करेंगे। इस कार्यक्रम की यह 65 वीं कड़ी होगी। प्रधानमंत्री ने इस कड़ी के लिए लोगों से विषय सुझाने को कहा है।लोग 1 8 0 0- 1 1- 7 8 0 0 नंबर पर इस कार्यक्रम के लिए अपने विचार रिकार्ड करा सकते हैं या नमो ऐप ओपन फोरम अथवा माई जीओवी पर भी लिखकर भेज सकते हैं। लोग 1 9 2 2 डायल कर एसएमएस में प्राप्त लिंक के माध्यम से भी अपने सुझाव दे सकते हैं।---
- नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने आज चारधाम संपर्क परियोजना के तहत चम्बा में बनाई गई 440 मीटर लम्बी सुरंग का उद्घाटन किया।उन्होंने सीमा सड़क संगठन के अधिकारियों को विडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संबोधित करते हुए कहा कि उत्तराखंड में इस ऋषिकेश-धरासू-गंगोत्री मार्ग की सामाजिक, आर्थिक और धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि इस सुरंग के खुलने से चंबा शहर के रास्ते में भीड़-भाड़ कम हो जाएगी एवं दूरी एक किलोमीटर कम हो जाएगी और इस शहर से होकर गुजरने में पहले के तीस मिनट की तुलना में अब केवल दस मिनट ही लगेंगे। श्री गडकरी ने कुछ दुर्गम इलाकों में काम करने और महत्वपूर्ण परियोजनाओं के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए बीआरओ की सराहना की। श्री गडकरी ने कहा कि उन्हें इस परियोजना के निर्धारित समय से तीन महीने पहले ही यानी अक्टूबर 2020 तक पूरा हो जाने के बारे में सूचित किया गया है।चारधाम परियोजना के तहत लगभग आठ सौ नवासी किलोमीटर लम्बे राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण किया जाना है। गंगोत्री और बद्रीनाथ से लगे ढ़ाई सौ किलोमीटर लम्बे सड़क मार्ग के निर्माण का कार्य सीमा सड़क संगठन को सौंपा गया है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने ऋषिकेश-धरासू राजमार्ग (एनएच 94) पर व्यस्त चंबा शहर के नीचे 440 मीटर लंबी सुरंग खोदकर यह प्रमुख उपलब्धि हासिल की है। कोविड-19 के खतरे और राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बीच सुरंग खोदने का काम सफलतापूर्वक पूरा किया गया। सुरंग का निर्माण कार्य दरअसल कमजोर मिट्टी, पानी के निरंतर रिसने, शीर्ष पर भारी निर्मित क्षेत्र रहने के कारण मकानों के ढहने की आशंका, भूमि अधिग्रहण के मुद्दों, कोविड लॉकडाउन के दौरान लगाए गए विभिन्न तरह के प्रतिबंधों, इत्यादि को देखते हुए एक चुनौतीपूर्ण कार्य था।सीमा सड़क संगठन के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह ने कहा कि बीआरओ ने इस सुरंग के उत्तर पोर्टल पर काम जनवरी 2019 में ही शुरू कर दिया था, लेकिन सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं और मुआवजे के मुद्दे के कारण स्थानीय लोगों की ओर से किए गए व्यापक प्रतिरोध की वजह से दक्षिण पोर्टल पर काम अक्टूबर 2019 के बाद ही शुरू करना संभव हो पाया था। समय के इस नुकसान की भरपाई करने के लिए दिन एवं रात की पालियों में काम करने के साथ-साथ आधुनिक तकनीक का उपयोग करने से ही यह सफलता संभव हो पाई है। बीआरओ प्रतिष्ठित चारधाम परियोजना में एक महत्वपूर्ण हितधारक है और इस सुरंग को खोदने में सफलता टीम शिवालिक ने हासिल की है। इसके निर्माण में नवीनतम ऑस्ट्रियाई प्रौद्योगिकी का उपयोग किया गया है। यह सुरंग पूर्ण होने की निर्धारित तिथि से लगभग तीन महीने पहले ही इस साल अक्टूबर तक यातायात के लिए खोल दी जाएगी।--
- नई दिल्ली। देश में दो महीने के अंतराल के बाद घरेलू यात्री विमान सेवा आज फिर शुरू हो गई। इससे देश के विभिन्न भागों में फंसे हजारों लोगों को बड़ी राहत मिली है।नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ट्वीटर पर बताया कि कल तक एक भी घरेलू यात्री उड़ान संचालित नहीं हो रही थी, लेकिन आज 532 उड़ानों के जरिये 39 हजार 231 यात्रियों के आवागमन के साथ विमान सेवा फिर शुरू हो गई। उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश से विमान सेवाएं कल शुरू होने की संभावना है। पश्चिम बंगाल से 28 मई को उड़ानें शुरू होंगी। इसके साथ ही यह संख्या बढ़ती जाएगी।नागरिक उड्डयन प्राधिकरण की सिफारिश के अनुसार सख्त विनियमों के तहत दिल्ली से पहली उड़ान पुणे के लिए सुबह चार बजकर 45 मिनट पर रवाना हुई। दिल्ली में पहली घरेलू यात्री उड़ान अहमदाबाद से सुबह सात बजकर 45 मिनट पर पहुंची। दिल्ली हवाई अड्डे से अब तक लगभग 80 उड़ाने रद्द की गई।सभी निर्धारित वाणिज्यिक यात्री विमान सेवाएं 25 मार्च से बंद थी, जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी।
- नई दिल्ली। सरकारी एजेंसियों द्वारा गेहूं की खरीद कल 341 लाख 56 हजार टन हो गई। यह पिछले वर्ष की 341 लाख 31 हजार टन की खरीद से अधिक है।कोविड-19 महामारी और देशव्यापी लॉकडाउन के कारण सभी बाधाओं के बावजूद खरीद में यह वृद्धि हुई। देश में हर वर्ष गेहूं की कटाई सामान्य रूप से मार्च के आखिर में शुरू होती है और अप्रैल के पहले हफ्ते में खरीद आरंभ हो जाती है। 25 मार्च को लॉकडाउन लागू होने के साथ ही सभी गतिविधियां बंद हो गई थीं। उस समय फसल पक चुकी थी और कटाई के लिए तैयार थी। इसके मद्देनजर केन्द्र ने खेतीबाड़ी संबंधी गतिविधियों को लॉकडाउन से छूट दी। इसके बाद 15 अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू हुई।महामारी के कारण सुरक्षित ढंग से खरीद सबसे बड़ी चुनौती थी। इसके लिए जागरूकता अभियान, सुरक्षित दूरी बनाये रखने और प्रौद्योगिकी के उपयोग जैसी कई नीतियां अपनाई गई। तकनीक के उपयोग से ज्यादातर किसानों को मंडियों में नहीं जाना पड़ा और खरीद केन्द्रों की संख्या भी बहुत बढ़ाई गई।केन्द्र सरकार, भारतीय खाद्य निगम, राज्य सरकारों और उनकी एजेंसियों के ठोस और समन्वित प्रयासों से अनाज की अधिकता वाले सभी राज्यों में सुगमता पूर्वक गेहूं की खरीद हो सकी।
- --परीक्षाएं पहली जुलाई से 15 जुलाई तक आयोजित की जाएंगी-छात्रों को परीक्षा केन्द्रों तक लाने के लिए परिवहन व्यवस्था राज्य की जिम्मेदारी होगी।नई दिल्ली। केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड-सीबीएसई ने देश भर में दसवीं और बारहवीं की बाकी परीक्षाओं के लिए लगभग 15 हजार परीक्षा केन्द्र बनाने का निर्णय किया है। मानव संसाधन विकासमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने एक ट्वीट में यह जानकारी दी। परीक्षाएं पहली जुलाई से 15 जुलाई तक आयोजित की जाएंगी।इससे पहले, सीबीएसई ने केवल तीन हजार केन्द्रों पर परीक्षाएं कराने का निर्णय किया था। परीक्षा केन्द्रों की संख्या बढ़ाने का निर्णय इसलिए किया गया ताकि सामाजिक दूरी सुनिश्चित की जा सके और छात्रों को परीक्षा देने के लिए ज्यादा दूर न जाने पड़े। मानव संसाधन विकास मंत्रालय पहले ही घोषणा कर चुका है कि छात्र अपने नामांकित स्कूलों में ही परीक्षा देंगे।गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार कोविड-19 कंटेनमेंट जोन में कोई भी परीक्षा केन्द्र नहीं होगा। इसके अलावा छात्रों को परीक्षा केन्द्रों तक लाने के लिए परिवहन व्यवस्था राज्य की जिम्मेदारी होगी। बारहवीं कक्षा की परीक्षाएं समूचे देश में होंगी जबकि दसवीं कक्षा की परीक्षाएं केवल उत्तर-पूर्वी दिल्ली में होनी बाकी है, जहां कानून व्यवस्था की स्थिति के कारण निर्धारित तिथि पर परीक्षा नहीं हो सकी थी।
- नई दिल्ली। भारत सरकार के डाक विभाग और बिहार सरकार के बागवानी विभाग ने लोगों के दरवाजों तक शाही लीची और जर्दालु आम की आपूर्ति करने के लिए हाथ मिलाया है। बिहार पोस्टल सर्किल ने बिहार सरकार के बागवानी विभाग के साथ मुजफ्फरपुर से शाही लीची और भागलपुर से जर्दालु आम की लॉजिस्टिक्स करने तथा इसकी लोगों के दरवाजों तक प्रदायगी करने के लिए एक करार किया है।कोरोना वायरस को सीमित करने के लिए लॉकडाउन के कारण लीची और आम के उत्पादकों को फलों को बेचने के लिए बाजार तक ले जाने/परिवहन की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों के बीच इसकी आपूर्ति एक बड़ी चुनौती बन गई है इसलिए आम लोगों की मांग को पूरी करने और किसानों को उनका फल बेचने के लिए बिना किसी बिचौलिये के सीधे उनका बाजार उपलब्ध कराने के लिए बिहार सरकार के बागवानी विभाग एवं भारत सरकार के डाक विभाग ने इस पहल के लिए हाथ मिलाया है।मुजफ्फरपुर (बिहार) की शाही लीची और भागलपुर (बिहार) का जर्दालु आम अपने अनूठे स्वाद और और हर जगह मांग के कारण दुनिया भर में विख्यात है। लोग ऑनलाइन तरीके से वेबसाइट "horticulture.bihar.gov.in" पर आर्डर पेश कर सकते हैं।आरंभ में यह सुविधा शाही लीची के लिए मुजफ्फरपुर और पटना के लोगों को तथा जर्दालु आम के लिए पटना और भागलपुर के लोगों के लिए उपलब्ध होगी। लीची की बुकिंग न्यूनतम 2 किग्रा तथा आम की बुकिंग न्यूनतम पांच किग्रा तक के लिए होगी।ऑनलाइन बुकिंग तथा दरवाजों तक प्रदायगी की सुविधा उत्पादकों/किसानों को सीधे तौर पर इस नए बाजार में अच्छा लाभ अर्जित करने में मदद करेगी। ग्राहकों को भी कम कीमत पर अपने दरवाजों तक इन ब्रांडेड फलों को प्राप्त करने का लाभ मिलेगा। अभी तक वेबसाइट पर 4400 किलो लीची के लिए आर्डर दिए जा चुके हैं। सीजन के दौरान यह एक लाख किलो तक जा सकता है। आमों के लिए आर्डर मई के अंतिम सप्ताह से आरंभ होंगे।
- नई दिल्ली। भारत में 25 मई से घरेलू विमानों के फिर से उड़ान भरने की तैयारी के बीच दिल्ली हवाई अड्डा सोमवार से करीब 380 उड़ानों का संचालन करेगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाए देशव्यापी लॉकडाउन के बीच करीब दो महीने तक उड़ानें निलंबित रहने के बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार घरेलू विमानों का संचालन देशभर में सोमवार से बहाल होगा।एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया दिल्ली हवाई अड्डे पर सोमवार को करीब 380 विमानों का संचालन होगा। हवाई अड्डे से करीब 190 विमान रवाना होंगे और करीब 190 विमान यहां उतरेंगे। दिल्ली हवाईअड्डे के संचालक डायल ने शनिवार को कहा था कि उसने यात्रियों के लिए विभिन्न स्थानों पर स्वचालित हैंड सैनिटाइजर, फ्लोर मार्कर, प्रवेश और चेक-इन द्वारों को चिह्नित करने समेत कई कदम उठाए हैं।दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) ने बताया कि हवाई अड्डे पर सामाजिक दूरी के नियमों को लागू करने और लोगों के बीच आपसी संपर्क को कम करने के लिए ये कदम उठाए गए हैं।
- नई दिल्ली। लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास पैंगोंग सो झील और गलवान घाटी में चीनी सेना तेजी से अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा रही है और इसके जरिये यह संदेश देने की कोशिश कर रही है कि वह भारतीय सेना के साथ टकराव की स्थिति शीघ्र समाप्त करने के लिए तैयार नहीं है। विवादित क्षेत्र में स्थिति की जानकारी रखने वाले व्यक्तियों ने यह जानकारी दी।उन्होंने बताया कि चीनी पक्ष ने विशेष रूप से गलवान घाटी में अपनी उपस्थिति बढ़ाई है और गत दो सप्ताह में लगभग सौ टेंट लगाए हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना की कड़ी आपत्ति के बावजूद चीन क्षेत्र में बंकर बनाने के लिए आवश्यक मशीनें ला रहा है। बढ़ते हुए तनाव के बीच भारतीय सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने लेह स्थित 14वीं कोर के मुख्यालय का शुक्रवार को दौरा किया और सेना के उच्च अधिकारियों के साथ एलएसी के पास क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। सैन्य सूत्रों ने कहा कि पैंगोंग सो झील और गलवान घाटी में भारतीय सेना चीनी सेना के मुकाबले में कहीं ज्यादा बेहतर स्थिति में है।पूर्वी लद्दाख में पांच मई की शाम को लगभग 250 भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद स्थिति खराब हो गई थी। इस हिंसा में सौ भारतीय और चीनी सैनिक घायल हो गए थे। उत्तरी सिक्किम में नौ मई को इसी प्रकार की घटना घटी थी। पिछले एक सप्ताह में लद्दाख के पूर्वी क्षेत्र में चीनी सैनिकों ने कई बार अतिक्रमण करने का प्रयास किया। हालांकि इस पर प्रतिक्रिया देने की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई। सूत्रों के अनुसार पिछले एक सप्ताह में दोनों देशों की सेनाओं के स्थानीय कमांडरों ने कम से कम पांच बैठकें की जिसमें भारतीय पक्ष ने चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा गलवान घाटी में बड़ी संख्या में तंबू लगाने पर कड़ी आपत्ति दर्ज की और कहा कि यह भारत का क्षेत्र है। भारत ने बृहस्पतिवार को कहा था कि चीनी सेना भारतीय सैनिकों की सामान्य गश्त में बाधा उत्पन्न कर रही है और भारत ने सीमा प्रबंधन को लेकर हमेशा दायित्वपूर्ण रवैया अपनाया है।--
- मुंबई। एयर इंडिया की क्षेत्रीय इकाई एलायंस एयर ने शनिवार को कहा कि वह 25 मई से अपनी उड़ानें दोबारा शुरू करेगी। कंपनी ने कहा कि वह अपने नेटवर्क में शामिल विभिन्न गंतव्यों के लिए 57 दैनिक उड़ानों का परिचालन करेगी।एलायंस एयर ने एक बयान में बताया कि अभी दिल्ली से यात्रियों के पास जबलपुर, जयपुर, बीकानेर, देहरादून, चण्डीगढ़, गोरखपुर, प्रयागराज, लुधियाना और धर्मशाला के लिये सीधी उड़ानें भरने का विकल्प होगा। मुंबई से भुज, भावनगर और दीव के लिये सीधी उड़ान भरी जा सकेगी। इसी तरह, हैदराबाद से कोल्हापुर, मैसूरु और पुणे के लिये, बेंगलुरू से कोच्चि, गुलबर्गा और मैसूरु के लिये तथा कोलकाता से गुवाहाटी, झारसुगुड़ा और लीलाबाड़ी के लिये उड़ानें शुरू की जायेंगी। इनके अलावा क्षेत्रीय उड़ानों के तहत जयपुर से आगरा, देहरादून से पंतनगर, कोल्हापुर से बेंगलुरू, मैसूरु से गोवा, मैसूरु से कोच्चि, कोच्चि से अगत्ती आदि सेवायें शुरू होंगी।
- नई दिल्ली। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के एक स्वायत्तशासी संस्थान, सेंटर फार नैनो एंड साफ्ट मैटर साईंसेज (सीईएनएस) के शोधकर्ताओं की एक टीम ने मास्क के एक कप आकार की डिजाइन (पैटेंट दायर) विकसित की है जो बोलते समय मुंह के सामने के हिस्से में पर्याप्त स्थान का सृजन करने में सहायता करती है। बड़े स्तर पर इसका उत्पादन के लिए इसे बंगलुरु स्थित एक कंपनी को अंतरित कर दिया गया है।इस स्नग फिट मास्क से बोलने में कोई असुविधा नहीं होती है, चश्मे पर कोई फॉगिंग नहीं होती, इसे चारों तरफ से अच्छी तरह से पैक किया जाता है जिससे सांस लेते समय व्यावहारिक रूप से रिसाव की कोई गुंजाइश नहीं रह जाती। इसकी उच्च श्वसन क्षमता इसका एक और महत्वपूर्ण लाभ है जो इसे बिना किसी असुविधा के पहनने में सक्षम बनाता है। इसके अतिरिक्त, शोधकर्ताओं ने इस प्रकार के फैब्रिक लेयर्स को चुना है कि जिससे केवल इलेक्ट्रिक चार्ज द्वारा ही जो फैब्रिक की ट्रिबोइलेक्ट्रिक प्रकृति के कारण हल्के घर्षण के तहत व्याप्त हो सकते हैं, रोगजनकों के निष्क्रिय हो जाने की संभावना पैदा हो जाती है। इससे संबंधित अग्रिम स्तर के परीक्षण किए जा रहे हैं।डीएसटी के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने कहा कि, हालांकि कोविड-19 प्रोटेक्शन मास्क के लिए एक श्रम दक्ष डिजाइन लंबे समय तक इसके सुगम उपयोग के लिए अनिवार्य है, पर अक्सर कुछ मानक डिजाइनों से आगे इस पर अधिक ध्यान नहीं दिया जाता। एक अच्छी डिजाइन को किनारों के आसपास अंतर्वेधन तथा रिसाव की अनुभूति को न्यूनतम करना चाहिए लेकिन अपने स्थान को बरकरार रखते हुए इसे सांस लेने और बातचीत करने की सुगमता को अधिकतम बनाना चाहिए।भारत एवं अन्य देशों में सक्रिय कोविड 19 के मामलों में बढोतरी के साथ आम लोगों के लिए फेस मास्कों के उपयोग की सलाह दी गई है। जहां स्वास्थ्य पेशेवर विशेष और उच्च तकनीकी गुणवत्ता के मेडिकल मास्क का उपयोग कर सकते हैं, आम जनता के लिए मध्यम फिल्टरिंग दक्षता वाले मास्क पर्याप्त होंगे। इसे पहनने में आरामदायक होना चाहिए जिससे कि लोग लंबे समय तक इसे पहनने के लिए प्रोत्साहित हो।सीईएनएस ने इस प्रौद्योगिकी को दो दशक पूर्व स्थापित बंगलुरु स्थित एक गारमेंट कंपनी, कामेलिया क्लोदिंग लिमिटेड को अंतरित कर दिया है। कंपनी की योजना प्रति दिन लगभग एक लाख मास्क का उत्पादन करने और भारत भर में विभिन्न वितरण चैनलों के माध्यम से इसे बेचने की है।---
- नई दिल्ली। कोविड-19 से लडऩे के लिए संशोधित प्रोटोकॉल में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) द्वारा प्रतिरोधक क्षमता में सुधार और उपचार के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) के स्थान पर एचआईवी-रोधी दवा के उपयोग की संभावना व्यक्त की जा रही है। दूसरी ओर, अब कहा जा रहा है कि एचआईवी-रोधी दवाओं की तुलना में चाय रसायन भी प्रतिरक्षा बढ़ाने और कोरोना वायरस गतिविधि को अवरुद्ध करने में अधिक प्रभावी हो सकते हैं।हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में स्थित हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएचबीटी) के निदेशक डॉ संजय कुमार ने इस तथ्य का खुलासा किया है। कांगड़ा चाय के बारे में बोलते हुए यह बात उन्होंने अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस के मौके पर आईएचबीटी में आयोजित एक वेबिनार के दौरान कही है।डॉ संजय कुमार ने कहा- चाय में ऐसे रसायन होते हैं जो कोरोना वायरस की रोकथाम में एचआईवी-रोधी दवाओं की तुलना में अधिक प्रभावी हो सकते हैं। हमारे वैज्ञानिकों ने कंप्यूटर-आधारित मॉडल का उपयोग करते हुए जैविक रूप से सक्रिय 65 रसायनों या पॉलीफेनोल्स का परीक्षण किया है, जो विशिष्ट वायरल प्रोटीन को एचआईवी-रोधी दवाओं की तुलना में अधिक कुशलता से बांध सकते हैं। ये रसायन उन वायरल प्रोटीन्स की गतिविधि को अवरुद्ध कर सकते हैं, जो मानव कोशिकाओं में वायरस को पनपने में मदद करता है।वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद से संबद्ध आईएचबीटी अपने प्रौद्योगिकी साझेदारों के साथ मिलकर चाय आधारित प्राकृतिक सुगंधित तेलों से युक्त अल्कोहल हैंड सैनिटाइजर का भी उत्पादन व आपूर्ति कर रहा है। आईएचबीटी में चाय के अर्क के उपयोग से हर्बल साबुन भी बनाया गया है। शोधकर्ताओं का कहना है कि यह साबुन प्रभावी रूप से फफूंद-रोधी, जीवाणु-रोधी व वायरस-रोधी गुणों से लैस है। हिमाचल की दो कंपनियों द्वारा इस साबुन का उत्पादन व विपणन किया जा रहा है।इस अवसर पर टी-विनेगर (चाय के सिरके) की तकनीक धर्मशाला की कंपनी मैसर्स काश आई विशको हस्तांतरित की गई है। चाय के सिरके में मोटापा-रोधी गुण होते हैं। इसके अतिरिक्त आयुष द्वारा सिफारिश की गई जड़ी-बूटियों से युक्त हर्बल ग्रीन और ब्लैक टी उत्पादों को भी लॉन्च किया गया है। इन उत्पादों को सीएम स्टार्ट-अप योजना के तहत मंडी के उद्यमी परितोष भारद्वाज द्वारा विकसित किया गया है। शोधकर्ताओं का कहना है कि कोविड-19 के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने हेतु ये उत्पाद बहुत उपयोगी हो सकते हैं।---
- - इस फैसले से लगभग 36 लाख फंसे हुए प्रवासियों को लाभ होगा- अब तक लगभग 36 लाख फंसे प्रवासियों को उनके गृह राज्यों तक पहुंचाया गयानई दिल्ली। जहां एक ओर देश कोविड-19 महामारी से जूझ रहा है, वहीं भारतीय रेलवे इस महत्वपूर्ण समय में गंभीर रूप से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। इन प्रवासियों को उनके गृह राज्य तक पहुंचाकर राहत प्रदान करने के निरंतर प्रयासों के तहत एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए रेल मंत्रालय ने अगले दस दिनों में देश भर में राज्य सरकारों की जरूरतों के अनुसार 2600 और श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का परिचालन करने का फैसला किया है। इस पहल से देश भर में फंसे 36 लाख यात्रियों को लाभ मिलने की संभावना है।उल्लेखनीय है कि भारतीय रेलवे ने लॉकडाउन के कारण विभिन्न स्थानों पर फंसे प्रवासी कामगारों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों, छात्रों और अन्य व्यक्तियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए 1 मई से श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का परिचालन शुरू किया था। इन विशेष ट्रेनों को ऐसे फंसे हुए व्यक्तियों को भेजने और प्राप्त करने के लिए मानक प्रोटोकॉल के अनुसार दोनों संबंधित राज्य सरकारों के अनुरोध पर एक राज्य से दूसरे राज्य के बीच चलाया जा रहा है। इन श्रमिक स्पेशल के लिए समन्वय और सुचारु परिचालन के लिए रेलवे और राज्य सरकारों ने वरिष्ठ अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है।भारतीय रेलवे ने पिछले 23 दिनों में 2600 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया है। अब तक लगभग 36 लाख फंसे प्रवासियों को उनके गृह राज्यों तक पहुंचाया गया।उल्लेखनीय है कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के अलावा, रेल मंत्रालय ने 12 मई से 15 जोड़ी स्पेशल ट्रेनों का परिचालन शुरू किया है और 1 जून, से 200 ट्रेन सेवाओं को शुरू करने की घोषणा की है।--------------
- - रायपुर सहित देश के अनेक शहरों में हुनर हाट का होगा आयोजन- हुनर हाट का थीम लोकल से ग्लोबल- हुनर हाट में सोशल डिस्टेंसिंग, साफ-सफाई, सैनिटाईज़ेशन, मास्क आदि की विशेष व्यवस्था की जाएगीनई दिल्ली। कोरोना की चुनौतियों के चलते लगभग 5 महीनों के बाद दस्तकारों-शिल्पकारों का सशक्तिकरण एक्सचेंज , हुनर हाट सितम्बर 2020 से लोकल से ग्लोबल थीम एवं पहले से ज्यादा दस्तकारों की भागीदारी के साथ पुन: शुरू होने जा रहा है।केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बताया कि पिछले पांच वर्षों में 5 लाख से ज्यादा भारतीय दस्तकारों, शिल्पकारों को रोजगार-रोजगार के अवसर प्रदान करने वाले हुनर हाट के दुर्लभ हस्तनिर्मित स्वदेशी सामान लोगों में काफी लोकप्रिय हुए हैं। देश के दूर-दराज के क्षेत्रों के दस्तकारों, शिल्पकारों, कारीगरों, हुनर के उस्तादों को मौका-मार्किट देने वाला हुनर हाट स्वदेशी हस्तनिर्मित उत्पादनों का प्रामाणिक ब्रांड बन गया है।ज्ञात हो कि फरवरी 2020 में इंडिया गेट पर आयोजित हुनर हाट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक पहुंच कर दस्तकारों-शिल्पकारों की हौसला अफजाई की थी। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने मन की बात में भी हुनर हाट के स्वदेशी उत्पादनों और दस्तकारों के काम की सराहना करते हुए कहा था कि कुछ दिनों पहले, मैंने, दिल्ली के हुनर हाट में एक छोटी सी जगह में, हमारे देश की विशालता, संस्कृति, परम्पराओं, खानपान और जज्बातों की विविधताओं के दर्शन किये। समूचे भारत की कला और संस्कृति की झलक, वाकई अनोखी ही थी और इनके पीछे, शिल्पकारों की साधना, लगन और अपने हुनर के प्रति प्रेम की कहानियां भी, बहुत ही, प्रेरणादायक होती हैं।प्रधानमंत्री जी ने कहा था कि, हुनर हाट, कला के प्रदर्शन के लिए एक मंच तो है ही, साथ-ही-साथ, यह, लोगों के सपनों को भी पंख दे रहा है। एक जगह है जहां इस देश की विविधता को अनदेखा करना असंभव ही है। शिल्पकला तो है ही है, साथ-साथ, हमारे खान-पान की विविधता भी है। वहां एक ही लाइन में इडली-डोसा, छोले-भटूरे, दाल-बाटी, खमन-खांडवी, ना जाने क्या-क्या था। मैंने, खुद भी वहां बिहार के स्वादिष्ट लिट्टी-चोखे का आनन्द लिया, भरपूर आनंद लिया। भारत के हर हिस्से में ऐसे मेले, प्रदर्शिनियों का आयोजन होता रहता है। भारत को जानने के लिए, भारत को अनुभव के लिए, जब भी मौका मिले, जरुर जाना चाहिए। एक भारत-श्रेष्ठ भारत को, जी-भर जीने का, ये अवसर बन जाता है। आप ना सिर्फ देश की कला और संस्कृति से जुड़ेंगे, बल्कि आप देश के मेहनती कारीगरों की, विशेषकर, महिलाओं की समृद्धि में भी अपना योगदान दे सकेंगे।श्री नकवी ने बताया कि कोरोना के चलते देशव्यापी लॉकडाउन में मिले समय का सदुपयोग कर दस्तकारों, कारीगरों ने अगले हुनर हाट की उम्मीद में बड़ी तादाद में अपने हस्तनिर्मित दुर्लभ स्वदेशी सामग्री को तैयार किया है जिसे ये दस्तकार, कारीगर अगले हुनर हाट में प्रदर्शनी एवं बिक्री के लिए लाएंगे। श्री नकवी ने बताया कि हुनर हाट में सोशल डिस्टेंसिंग, साफ-सफाई, सैनिटाईज़ेशन, मास्क आदि की विशेष व्यवस्था की जाएगी, साथ ही जान भी जहान भी पवेलियन होगा जहाँ लोगो को पैनिक नहीं प्रीकॉशन की थीम पर जागरूकता पैदा करने वाली जानकारी भी दी जायेगी। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा अभी तक देश के विभिन्न भागों में दो दर्जन से अधिक हुनर हाट का आयोजन किया जा चुका है, जिसमें लाखों दस्तकारों, शिल्पकारों, कारीगरों को रोजगार-रोजगार के अवसर मिले हैं। आने वाले दिनों में चंडीगढ़, दिल्ली, प्रयागराज, भोपाल, जयपुर, हैदराबाद, मुंबई, गुरुग्राम, बेंगलुरु, चेन्नई, कोलकाता, देहरादून, पटना, नागपुर, रायपुर, पुडुचेर्री, अमृतसर, जम्मू, शिमला, गोवा, कोच्चि, गुवाहाटी, भुबनेश्वर, अजमेर, अहमदाबाद, इंदौर, रांची, लखनऊ आदि स्थानों पर हुनर हाट का आयोजन किया जायेगा।श्री नकवी ने बताया कि इस बार के हुनर हाट का डिजिटल और ऑनलाइन प्रदर्शन भी होगा। साथ ही लोगों को हुनर हाट में प्रदर्शित सामान को ऑनलाइन खरीदने की भी सुविधा दी जा रही है।
- - ट्रेन में आरक्षण के लिए इन बदलावों को 24 मई से लागू किया जाएगानई दिल्ली। भारतीय रेलवे द्वारा 12 मई से लेकर अब तक पंद्रह जोड़ी विशेष रेलगाडिय़ों का संचालन किया जा रहा है। यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए, अब इन 15 जोड़ी विशेष ट्रेनों के लिए नियमों और शर्तों में कुछ संशोधन करने का निर्णय लिया गया है।इन ट्रेनों के लिए अग्रिम आरक्षण अवधि (एआरपी) 7 दिन से बढ़ाकर 30 दिन कर दी जाएगी। इन ट्रेनों में तत्काल बुकिंग की सुविधा मौजूद नहीं होगी। इन ट्रेनों में मौजूदा निर्देशों के अनुसार, आरएसी/ प्रतीक्षा सूची वाले टिकट जारी किए जाएंगे। हालांकि प्रतीक्षा सूची के यात्रियों को मौजूदा निर्देशों के अनुसार इन ट्रेनों में सवार होने की अनुमति प्रदान नहीं की जाएगी। पहले चार्ट को ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान से कम से कम 4 घंटे पहले और दूसरे चार्ट को निर्धारित प्रस्थान से पहले कम से कम 2 घंटे पहले (पहले यह 30 मिनट हुआ करता था) तैयार किया जाएगा। पहले और दूसरे चार्ट के बीच में, वर्तमान बुकिंग करने की अनुमति प्रदान की जाएगी।टिकटों की बुकिंग की अनुमति कंप्यूटराइज्ड पीआरएस काउंटरों, जिसमें डाकघर, यात्री टिकट सुविधा केंद्र (वाईटीएसके) लाइसेंसधारी आदि शामिल हैं, के साथ-साथ इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) और कॉमन सर्विस सेंटर के अधिकृत एजेंटों सहित ऑनलाइन बुकिंग के माध्यम से प्रदान की जाएगी। ट्रेन में आरक्षण के लिए उपरोक्त बदलावों को, 24 मई से लागू किया जाएगा और 31 मई या उसके बाद शुरू होने वाली ट्रेनों के लिए लागू किया जाएगा।-----
- -अपने बीमार पिता को 1200 किमी साइकिल से घर पहुंचाने वाली ज्योति के हौसले को ट्रंप की बेटी ने भी सराहा-भारतीय साइकिलिंग फेडरेशन ने ज्योति को ट्रायल के लिए दिल्ली बुलायापटना। लॉकडाउन के बीच अपने पिता को साइकिल पर बैठा कर हरियाणा के गुरुग्राम से करीब 1200 किमी का सफर तय कर दरभंगा पहुंचने वाली बिहार की बेटी ज्योति इस समय सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है। पूरे देश के अलावा विदेशों में भी लोग उसके हौसले को सलाम कर रहे हैं। अब ज्योति को भारतीय साइकिलिंग फेडरेशन से ट्रायल के लिए न्योता आया है।दरभंगा की रहने वाली 15 वर्षीय ज्योति ने अपने घायल पिता को साइकिल पर बैठा कर गुरुग्राम, हरियाणा से 8 दिनों में दरभंगा तक 1200 किलोमीटर का सफर तय किया था। ज्योति के इस साहसिक कदम को देखते हुए भारतीय साइकिलिंग फेडरेशन ने उन्हें ट्रायल के लिए दिल्ली बुलाया है। एक न्यूज एंजेसी से बात करते हुए ज्योति ने बताया कि मुझे साइकिल में रेस लगाने के लिए फोन आया, मैंने कहा कि मैं अभी तो रेस नहीं लगा सकती हूं क्योंकि मेरे पैर और हाथ सब दर्द कर रहे हैं। अब भारतीय साइकिलिंग फेडरेशन ने उन्हें एक महीने बाद ट्रायल के लिए आने को कहा है।गौरतलब है कि इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका ट्रंप ने ज्योति की कहानी को अपने ट्वीटर अंकाउट से शेयर किया था। इवांका ट्रंप ने अपने ट्वीट में लिखा था कि 15 साल की ज्योति कुमारी अपने घायल पिता को साइकिल से सात दिनों में 1,200 किमी दूरी तय करके अपने गांव ले गई। इवांका ने आगे लिखा कि यह भारतीयों की सहनशीलता और उनके अगाध प्रेम के भावना का परिचायक है और साइकलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है।दरभंगा जिला के सिंहवाड़ा प्रखंड के सिरहुल्ली गांव के रहने वाले मोहन पासवान गुरुग्राम में रहकर ऑटो चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण किया करते थे। वे दुर्घटना के शिकार हो गये। सूचना मिलने के बाद अपने पिता की देखभाल के लिये 15 वर्षीय ज्योति कुमारी वहां चली गयी थी। इसी बीच कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन हो गया। आर्थिक तंगी के कारण ज्योति ने साइकिल से अपने पिता को सुरक्षित घर तक पहुंचाने की ठानी। ज्योति ने अपने पिता को पुरानी साइकिल के कैरियर पर एक बैग लेकर े बिठाया और 8 दिनों की लंबी और कष्टदायी यात्रा के बाद अपने गांव सिरहुल्ली पहुंच गयी।---
- नई दिल्ली। रेल मंत्रालय (एमओआर) ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएफडब्ल्यू) और गृह मंत्रालय (एमएचए) के साथ परामर्श के बाद फैसला किया है कि 1 जून से भारतीय रेल की ट्रेन सेवाओं को आंशिक रूप से बहाल कर दिया जाएगा।देश भर में प्रति दिन 200 दैनिक यात्री ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दिया जाएगा। ये ट्रेनें 1 जून से चलने लगेंगी और इन सभी ट्रेनों के लिए बुकिंग 21 मई से शुरू हो गई है। ये विशेष सेवाएं 1 मई से चल रहीं श्रमिक स्पेशल ट्रेनें और 12 मई से चल रहीं विशेष एसी ट्रेनों (30 ट्रेन) के अतिरिक्त हैं।इन ट्रेनों के लिए टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग आईआरसीटीसी की वेबसाइट या मोबाइल ऐप के माध्यम से की जा रही है। भारतीय रेल ने आरक्षण काउंटरों, कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) और टिकट एजेंटों के माध्यम से कल यानी 21 मई से आरक्षित टिकटों की बुकिंग की अनुमति भी दे दी है। इन ट्रेनों के लिए टिकटों की बुकिंग 21 मई से शुरू हो गई और 22 मई की रात 8:14 तक प्रणाली में बुकिंग को उपलब्ध सभी 200 ट्रेनों के लिए 14 लाख 13 हजार 277 यात्री क्षमता की तुलना में 6 लाख 52 हजार 644 ऑनलाइन टिकटों की बुकिंग हो गई थी।
- नई दिल्ली। देश की 22 विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक की और पश्चिम बंगाल तथा ओडि़सा के लोगों और सरकार के साथ एकजुटता व्यक्त की। दोनों राज्यों ने बुधवार को भीषण चक्रवाती तूफान ऑमपुन से भारी तबाही हुई है। बैठक में पारित प्रस्?ताव में मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की गई। विपक्षी पाटियों ने यह भी मांग की कि इस प्राकृतिक प्रकोप को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाना चाहिए और इससे हुई तबाही से निपटने के लिए राज्यों को पूरा सहयोग दिया जाना चाहिए।विपक्षी पार्टियों की इस बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने की। पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी.देवेगौड़ा, कांग्रेस के नेता राहुल गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सुरेन, डी. एम. के. पार्टी प्रमुख एम.एल.स्टालिन और माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी नेता सीताराम येचुरी समेत कई विपक्षी नेताओं ने हिस्सा लिया।----
- नई दिल्ली। सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि सरकार सामुदायिक रेडियो स्टेशनों पर विज्ञापनों के लिए समय में बढ़ोतरी करके इसे सात मिनट प्रति घंटे से बढ़ाकर 12 मिनट प्रतिघंटे करना चाहती है, ताकि उन्हें टेलीविजन चैनलों के समकक्ष लाया जा सके।आकाशवाणी समाचार के जरिये सामुदायिक रेडियो स्टेशनों के श्रोताओं को संबोधित करते हुए श्री जावड़ेकर ने कहा कि सामुदायिक रेडियो अपने आप में एक समुदाय है और ये परिवर्तन के संवाहक हैं।उन्होंने कहा कि मंत्रालय सामुदायिक रेडियो स्टेशनों की संख्या बढ़ाने की योजना बनायेगा। श्री जावड़ेकर ने कहा कि इस तरह के रेडियो स्टेशन स्थापित करने में आने वाले खर्च का 75 प्रतिशत मंत्रालय द्वारा वहन किया जाता है।सामुदायिक रेडियो स्टेशनों से समाचारों के प्रसारण की मांग का जिक्र करते हुए सूचना और प्रसारण मंत्री ने कहा कि वे इस बारे में विचार करेंगे। उन्होंने इन रेडियो स्टेशनों से आग्रह किया कि वे स्थानीय स्रोतों से सूचनाओं का सत्यापन कर फेक न्यूज के खतरे से निपटने में मदद करें। उन्होंने बताया कि मंत्रालय ने पत्र सूचना कार्यालय के अंतर्गत तथ्यों की जांच के लिए फैक्ट चैक सेल बनाया है और सामुदायिक रेडियो इसकी मदद कर सकते हैं। श्री जावड़ेकर ने कहा कि फेक न्यूज बड़ी खतरनाक होती है और इस पर प्रतिबंध को प्रेस की आजादी का हनन नहीं माना जाना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सामुदायिक रेडियो स्टेशन स्थानीय स्तर पर सूचनाओं का सत्यापन कर सही समाचार देने में मदद कर सकते हैं। कोरोना वायरस के खिलाफ संघर्ष के लिए लोगों का आह्वान करते हुए श्री जावड़ेकर ने कहा कि हम इसे उसी तरह भगा देंगे, जैसे हमने कई अन्य बीमारियों को भगाया है।आत्मनिर्भर भारत पैकेज का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह एक समग्र पैकेज है जिसमें विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित सुधारों को शामिल किया गया है।