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- नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के कर्मचारी भी कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न हुए राष्ट्रीय संकट से निपटने में सरकार की पहल का समर्थन करने के लिए आगे आए हैं और उन्होंने स्वेच्छा से पीएम केयर्स फंड में अपने एक दिन का वेतन यानि लगभग ढाई करोड़ रुपये की राशि का योगदान दिया है।ईपीएफओ, दुनिया के सबसे बड़े सामाजिक सुरक्षा संगठनों में से एक है, जो कि हर संभव तरीके से राष्ट्र की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध रहता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 को महामारी घोषित किया है, जिसने लाखों भारतीयों के स्वास्थ्य और आर्थिक सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौतियां पेश की हैं। भारत सरकार ने प्रधानमंत्री नागरिक सहायता एवं आपात स्थिति राहत कोष (पीएम केयर्स फंड) के नाम से एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट की स्थापना की है, जिसका प्राथमिक उद्देश्य किसी भी प्रकार की आपात स्थिति या संकट से निपटना है।ईपीएफओ के अधिकारी और कर्मचारी पीएमजीकेवाई पैकेज आदि के अंतर्गत राहत प्रदान करने के लिए, कोविड दावों सहित ईपीएफ निकासी दावों का शीघ्रतापूर्वक निपटारा करने के लिए अतिरिक्त प्रयास कर रहे हैं और अपना योगदान दे रहे हैं।---
- नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने नौंवी और दसवीं कक्षा के लिए वैकल्पित शैक्षिक कैलेंडर जारी कर दिया। कैलेंडर में शिक्षा देने के लिए सोशल मीडिया और विभिन्न तकनीक के इस्तेमाल के लिए अध्यापकों को दिशा निर्देश दिए गए हैं। ये रूचिपूर्ण हैं जिनका इस्तेमाल बच्चे, अभिभावक और अध्यापक घर पर रह कर भी कर सकते हैं। इन तक मोबाइल फोन, रेडियों, टेलिविजन, एसएमएस और विभिन्न सोशल मीडिया के माध्यम से पहुंचा जा सकता है।मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने नई दिल्ली में कहा कि बहुत सारे छात्रों के मोबाइल फोन में इंटरनेट नहीं हो सकता है या उनका मोबाइल फोन सोशल मीडिया इस्तेमाल करने में सक्षम नहीं हो सकता है। ऐसी स्थिति में अध्यापक, अभिभावकों और छात्रों को एसएमएस या फोन के जरिये सलाह देंगे। उन्होंने बताया कि 11वीं और 12वीं कक्षाओं के छात्रों के लिए वैकल्पित शैक्षिक कैलेंडर जल्द जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस कैलेंडर में दिव्यांगों समेत सभी बच्चों की आवश्यकता का ध्यान रखा जाएगा।श्री पोखरियाल ने कहा कि शैक्षिक कैलेंडर में पाठ्य पुस्तकों के संदर्भ में सप्ताहवार रूचिपरक और चुनौतिपूर्ण गतिविधियों का ब्यौरा दिया गया है। इसका उद्देश्य छात्रों की सीखने के स्तर को मापना है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि शैक्षिक कैलेंडर में कला शिक्षा, शारीरिक व्यायाम और योग को भी शामिल किया गया है।श्री पोखरियाल ने कहा कि इस कैलेंडर में सप्ताहवार योजना दी गई है और इसमें पाठ्यक्रम और पाठ्य पुस्तक के अध्याय या विषय से संबंधित रुचिकर और चुनौतीपूर्ण गतिविधियां सम्मिलित हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इन गतिविधियों की मैपिंग सीखने के प्रतिफलों के साथ की गई है। सीखने के प्रतिफलों की सहायता से न केवल अभिभावक और शिक्षक बच्चों के सीखने की प्रगति देख सकेंगे बल्कि वे पाठ्य पुस्तकों के परे जाकर बच्चों को सीखने के लिए अभिप्रेरित कर सकेंगे।इस कैलेंडर में चार भाषा विषयों को शामिल किया गया है- संस्कृत, उर्दू, हिन्दी एवं इंग्लिश। उन्होंने बताया कि इसमें ई-पाठशाला, एन.आर.ओ.ई.आर. और दीक्षा पोर्टल पर अध्यायवार दी गई ई-सामग्री के लिंक्स को भी शामिल किया गया है।
- - अन्य सभी यात्री और उपनगरीय रेलगाडिय़ां स्थगित रहेंगी-किसी भी स्टेशन पर कोई टिकट नहीं बेचा जा रहा है।नई दिल्ली। रेलवे मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि कुछ विशेष ट्रेनें, जो प्रवासी श्रमिकों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों, छात्रों और विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए लोगों के लिए चलाई जा रही हैं, केवल राज्य सरकार के अनुरोध पर संचालित की जा रही हैं। अन्य सभी यात्री रेल सेवाएं निलंबित रहेंगी।रेलवे केवल राज्य सरकारों द्वारा लाये गये एवं निर्धारित किये गये यात्रियों को ही स्वीकार कर रहा है। अन्य किसी यात्री समूह या व्यक्ति को स्टेशन पर नहीं आना है। किसी भी स्टेशन पर कोई टिकट नहीं बेचा जा रहा है। रेलवे केवल राज्य सरकारों द्वारा मांगी गयी रेलगाड़ी के अलावा और कोई गाड़ी नहीं चला रहा है। अन्य सभी यात्री और उपनगरीय रेलगाडिय़ां स्थगित रहेंगी। इसलिए, किसी को भी रेलवे स्टेशन पर नहीं आना है।रेलवे ने स्पष्ट किया कि- सभी को तदनुसार सलाह दी जाती है। किसी को भी इसके बारे में कोई झूठी खबर नहीं फैलानी चाहिए।---
- नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के विभिन्न हिस्सों में तीन से छह मई के बीच हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार हैं जबकि पश्चिमी विक्षोभ के कारण कुछ क्षेत्रों में ओलावृष्टि भी हो सकती है।मौसम विभाग के एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के क्षेत्रीय केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के कारण उत्तर भारत के मैदानी इलाकों और पहाड़ी क्षेत्रों में रविवार से हल्की से मध्यम बारिश होगी। श्रीवास्तव ने कहा, पश्चिमी विक्षोभ का असर छह-सात मई तक जारी रहेगा। इस समयावधि में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तरी राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बारिश होगी। उन्होंने कहा कि कुछ हिस्सों में ओलावृष्टि हो सकती है। इन चार दिन के दौरान तापमान में भी कर्मी दर्ज की जा सकती है।---
- नई दिल्ल। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने अस्पताल के आपात विभाग और अन्य मरीज देखभाल क्षेत्रों में आने वाले मरीजों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य बना दिया है तथा एम्स उन लोगों को मास्क उपलब्ध कराएगा जिनके पास यह नहीं है। एम्स ने शुक्रवार को बताया कि निदेशक की अध्यक्षता में एक बैठक में यह निर्णय लिया गया।एम्स प्रशासन ने सभी केंद्रों के प्रमुखों, विभागों के अध्यक्षों एवं अन्य अधिकारियों को भेजे परिपत्र में कहा है, यह सुनिश्चित करना तय किया गया है कि एम्स के ओपीडी, आपात, अंतरंग रोगी वार्ड एवं अन्य सभी मरीज देखभाल क्षेत्रों में आ रहे सभी मरीजों को अस्पताल में रहने तक मास्क लगा हो। उसने कहा, यदि मरीज के पास अपना मास्क है और उसने उसे लगा रखा है तो ठीक है। लेकिन मरीज देखभाल क्षेत्र में आने वाले मरीजों ने अपना मास्क नहीं लगा रखा हो तो उसे प्रथम संपर्क केंद्र पर एएनएन/निर्धारित नर्सिंग अधिकारी उसे तीन स्तर वाले मास्क उपलब्ध करायेंगे और वे उन्हें हरसमय पहने रखने की सलाह भी देंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने परामर्श जारी कर लोगों को खासकर घर से बाहर जाने पर मास्क लगाने को कहा था।---
- नई दिल्ली। कोरोना वायरस संक्रमित पाए गए लोकपाल सदस्य न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अजय कुमार त्रिपाठी का आज एम्स में दिल का दौरा पडऩे के बाद निधन हो गया। अधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। श्री त्रिपाठी (62) का निधन रात करीब नौ बजे हुआ।छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अजय कुमार त्रिपाठी अप्रैल के पहले हफ्ते से ही एम्स ट्रॉमा सेंटर में भर्ती थे, जिसे समर्पित कोविड-19 अस्पताल में बदल दिया गया है। एक सूत्र ने बताया, वह बेहद बीमार थे। वह आईसीयू में थे और बीते तीन दिनों से जीवन रक्षक प्रणाली पर थे। श्री त्रिपाठी लोकपाल के चार न्यायिक सदस्यों में से एक थे।मुख्यमंत्री ने शोक व्यक्त कियामुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री ए. के. त्रिपाठी के निधन पर गहरा दुख प्रकट किया है। मुख्यमंत्री ने न्यायमूर्ति स्वर्गीय श्री त्रिपाठी के परिवारजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए, दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है।
- नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कृषि क्षेत्र के मुद्दों और आवश्यक सुधारों के बारे में विचार विमर्श करने के लिए आज एक बैठक की। कृषि विपणन, विपणन योग्य अधिशेष के प्रबंधन, संस्थागत ऋण तक किसानों की पहुंच में सुधार लाने और कानून के उचित समर्थन सहित कृषि क्षेत्र को विभिन्न प्रतिबंधों से मुक्त किए जाने पर विशेष बल दिया गया।कृषि विकास में तेजी लाने के संदर्भ में मौजूदा विपणन व्यवस्था में महत्वपूर्ण हस्तक्षेप करने तथा उचित सुधार लाने पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित किया गया। बैठक के दौरान कृषि संबंधी बुनियादी ढांचे को मजबूती प्रदान करने के लिए रियायती ऋण प्रवाह, पीएम-किसान लाभार्थियों के लिए विशेष किसान क्रेडिट कार्ड सेचुरेशन ड्राइव तथा किसानों को उचित आमदनी सुनिश्चित कराने के लिए कृषि उपज के अंतर-राज्य और अंतर राज्य व्यापार को सुगम बनाने जैसे कुछ महत्वपूर्ण मामलों पर चर्चा की गई। बैठक में ई-कॉमर्स को सक्षम बनाने के लिए ई-नाम को प्लेटफॉम्र्स के प्लेटफॉर्म के रूप में विकसित करने जैसे महत्वपूर्ण विषय पर भी चर्चा हुई।देश में एकसमान वैधानिक ढांचे की संभावनाओं पर भी चर्चा की गई ताकि खेती के लिए नए तौर-तरीके सुगम बनाए जा सकें, जो कृषि अर्थव्यवस्था में पूंजी और प्रौद्योगिकी का समावेशन कर सकें। फसलों में जैव-प्रौद्योगिकीय विकास के पक्ष और विपक्ष अथवा उत्पादकता में वृद्धि और इनपुट लागत में कमी पर भी विचार विमर्श किया गया। इस दौरान आदर्श भूमि पट्टेदारी अधिनियम की चुनौतियों तथा छोटे और सीमांत किसानों के हितों की रक्षा कैसे की जाए, इस के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में इस बात पर भी विचार विमर्श किया गया कि आवश्यक वस्तु अधिनियम को वर्तमान समय के अनुरूप बनाना कितना उचित है, ताकि उत्पादन पश्चात की कृषि अवसंरचना में बड़े पैमाने पर निजी निवेश को प्रोत्साहन मिल सके तथा जिंस डेरिवेटिव बाजारों पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ सके।कृषि जिंस निर्यात को बढ़ावा देने के लिए ब्रांड इंडिया के विकास, विशिष्ट कमोडिटी से संबंधित बोर्डों/ परिषदों के गठन और कृषि-समूहों/अनुबंध खेती को बढ़ावा देने जैसे कुछ हस्तक्षेपों पर चर्चा की गई।कृषि क्षेत्र में प्रौद्योगिकी का उपयोग सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें हमारे किसानों के लाभ के लिए संपूर्ण मूल्य श्रृंखला को खोलने की क्षमता मौजूद है। प्रधानमंत्री ने प्रौद्योगिकी का प्रसार अंतिम व्यक्ति तक करने और हमारे किसानों को वैश्विक मूल्य श्रृंखला में अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने पर जोर दिया।कृषि अर्थव्यवस्था में जीवंतता लाने, कृषि व्यापार में पारदर्शिता लाने और किसानों को अधिकतम लाभ पहुंचाने के लिए बैठक में एफपीओ की भूमिका को और मजबूत बनाने का फैसला किया गया। कुल मिलाकर किसानों को बेहतर दाम दिलाने और चयन की आजादी देने के लिए बाजारों को नियंत्रित करने वाले मौजूदा कानूनों पर पुनर्विचार करने पर बल दिया गया।
- - किसानों को आपूर्ति श्रृंखला और माल परिवहन प्रबंधन प्रणाली से जोड़ेगानई दिल्ली। देश के दूरदराज के इलाकों में आपूर्ति श्रृंखला और माल परिवहन प्रबंधन प्रणाली से किसानों को जोडऩे के लिए नई दिल्ली स्थित केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान, (सीएसआईआर-सीआरआरआई) ने किसान सभा ऐप विकसित किया है। जिसका शुभारंभ सीएसआईआर के प्रबंध निदेशक और डीएआरई के सचिव डॉ. त्रिलोचन महापात्रा ने किया।किसान सभा ऐप्प का लक्ष्य किसानों को सबसे किफायती और समय पर लॉजिस्टिक सहायता प्रदान करना और बिचौलियों के हस्तक्षेप को कम करके और सीधे संस्थागत खरीदारों के साथ जुड़कर उनके लाभ को बढ़ाना है। यह निकटतम मंडियों की उपज मूल्यों की तुलना करके, सस्ती कीमत पर मालवाहक वाहन की बुकिंग करके फसलों का सर्वोत्तम बाजार दर प्रदान करने में मदद करेगा, जिससे किसानों को अधिकतम लाभ मिलेगा। (जैसे बड़े खुदरा दुकानों, ऑनलाइन स्टोर, संस्थागत खरीदारों) और अन्य संबंधित संस्थाओं को समय पर और प्रभावी समाधान के लिए जोड़ता है।1. पोर्टल किसानों, ट्रांसपोर्टरों, सेवा प्रदाताओं (जैसे कीटनाशकों / उर्वरक / डीलरों, कोल्ड स्टोर और गोदाम मालिक), मंडी डीलरों, ग्राहकों (जैसे बड़े खुदरा दुकानों, ऑनलाइन स्टोर, संस्थागत खरीदारों) और अन्य संबंधित संस्थाओं को समय पर और प्रभावी समाधान के लिए जोड़ता है।2. यह पोर्टल कृषि से संबंधित प्रत्येक इकाई के लिए एकल स्टॉप के रूप में कार्य करता है, क्योंकि वे किसान हैं जिन्हें फसलों की बेहतर कीमत की आवश्यकता है, मंडी डीलर से जो अधिक किसानों या ट्रक ड्राइवरों से जुडऩा चाहते हैं, उन सबके लिए मददगार साबित होगा।3. कृषि सेवा क्षेत्र से जुड़े लोग मसलन उर्वरक/कीटनाशक के डीलर, जो अपनी सेवाओं के लिए अधिक किसानों तक पहुंचना चाहते हैं उनके लिए किसान सभा ऐप मददगार साबित होगा।4. यह ऐप कोल्ड स्टोर या गोदाम कारोबार से जुड़े लोगों के लिए भी उपयोगी साबित होगा। किसान सभा उन लोगों के लिए एक मंच भी प्रदान करता है जो सीधे किसानों से खरीदना चाहते हैं।5. किसान सभा में किसानों / मंडी डीलरों / ट्रांसपोर्टरों / मंडी बोर्ड के सदस्यों / सेवा प्रदाताओं / उपभोक्ताओं के लिए 6 प्रमुख मॉड्यूल हैं।
- नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) सहित शिक्षा के क्षेत्र में आवश्यक सुधारों और समस्याओं पर विचार-विमर्श करने के लिए शुक्रवार को एक बैठक की। बैठक के दौरान शिक्षा क्षेत्र में प्रौद्योगिकी के उपयोग और समर्पित शैक्षणिक चैनलों पर ऑनलाइन कक्षाएं, शिक्षा पोर्टल और कक्षा वार प्रसारण जैसी प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देने और अधिगम में सुधार लाने पर जोर दिया गया।बैठक में गुणवत्तायुक्त शिक्षा तक सभी की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा में एकरूपता लाने और एक नए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम ढांचे के माध्यम से प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित किया गया। नए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम ढांचे के तहत बहु-भाषाई शिक्षा, 21वीं सदी के कौशल, खेल एवं कला के एकीकरण, पर्यावरण संबंधी मुद्दों आदि पर जोर दिया गया है। स्कूल एवं उच्च स्तरों पर शिक्षा की विभिन्न विधाओं में प्रौद्योगिकी के उपयोग और प्रचार पर विस्तार से चर्चा की गई - यानी ऑनलाइन माध्यम, टीवी चैनल, रेडियो, पॉडकास्ट आदि। भारतीय शिक्षा व्यवस्था को सर्वोच्च वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाने के लिए उच्च शिक्षा परिदृश्य में सुधार लाने से शिक्षा को प्रभावी, समावेशी, भारतीय संस्कृति एवं लोकाचार के लिहाज से समकालीन बनाने पर जोर दिया गया। कुल मिलाकर बैठक में प्रारंभिक बाल्यावस्था की देखभाल एवं शिक्षा, बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान, समकालीन शिक्षाशास्त्र को अपनाने, भारत की सांस्कृतिक एवं भाषाई विविधता को संरक्षित करने, शिक्षा के शुरुआती व्यावसायिककरण पर विशेष ध्यान देने पर जोर दिया गया।सभी के लिए उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा सुनिश्चित करते हुए एक जीवंत ज्ञानवान समाज के निर्माण के लिए शिक्षा में सुधार करने का निर्णय लिया गया ताकि भारत को ग्लोबल नॉलेज सुपर पावर बनाया जा सके। इन सभी लक्ष्यों को हासिल करने के लिए और कुशल शैक्षिक प्रशासन को सुनिश्चित करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी कृत्रिम बौद्धिकता सहित प्रौद्योगिकी के व्यापक उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा।----
- - ये विशेष रेलगाडिय़ां संबंधित दोनों राज्य सरकारों के अनुरोध पर एक जगह से दूसरी जगह के बीच चलेंगीनई दिल्ली। गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देश के अनुसार, लॉकडाउन के कारण विभिन्न स्थानों पर फंसे प्रवासी मजदूरों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों, छात्रों और अन्य व्यक्तियों को विभिन्न स्थानों पर ले जाने के लिए आज श्रमिक दिवस से श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने का निर्णय लिया गया है।मानक प्रोटोकॉल्स के अनुसार इन फंसे हुए लोगों को भेजने वाली और उनकी अगवानी करने वाली संबंधित दोनों राज्य सरकारों के अनुरोध पर ये विशेष रेलगाडिय़ां एक जगह से दूसरी जगह के बीच चलेंगी। रेलवे और राज्य सरकारों की ओर से सम?वयन और श्रमिक स्पेशल्स के सुचारु परिचालन के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा।यात्रियों को भेजने वाले राज्यों द्वारा उनकी जांच की जाएगी और यात्रा की अनुमति केवल उन्हीं लोगों को दी जाएगी जिनमें कोई लक्षण नहीं पाया जायेगा। भेजने वाली राज्य सरकारों को इन लोगों को ट्रेन में बिठाने के लिए निर्धारित रेलवे स्टेशन तक सैनिटाइज्ड बसों में बैठाकर सामाजिक दूरी के नियमों और अन्य सावधानियों का पालन करते हुए जत्थों में लाना होगा। प्रत्येक व्यक्ति के लिए फेस कवर लगाना अनिवार्य होगा। भेजने वाले राज्यों द्वारा शुरुआती स्टेशन पर उनके लिए भोजन और पानी उपलब्ध कराया जाएगा।रेलवे यात्रियों के सहयोग से सामाजिक दूरी के मानदंडों और स्वच्छता सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा। लंबे मार्गों पर यात्रा के दौरान रास्ते में रेलवे एक भोजन प्रदान करेगा।गंतव्य तक पहुंचने पर, राज्य सरकार द्वारा यात्रियों की अगवानी की जाएगी। वहीं उनकी स्क्रीनिंग, यदि आवश्यक हो क्वारंटीन और रेलवे स्टेशन से आगे की यात्रा जैसे सभी तरह के प्रबंध करेगी। राष्ट्र के सामने मौजूद संकट की इस घड़ी में भारतीय रेल के सभी अधिकारी और कर्मचारी साथी भारतवासियों की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और सभी का समर्थन और सहयोग चाहते हैं।**
- - रायपुर के कलेक्टर भी रह चुके हैंनई दिल्ली। आईएएस अजय तिर्की ने आज नई दिल्ली में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (डब्ल्यूसीडी) में सचिव के रूप में पदभार संभाल लिया। वह मध्य प्रदेश कैडर के 1987 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने रविंद्र पंवार का स्थान लिया है, जो कल सेवानिवृत्त हो गए।अजय तिर्की सचिव का पदभार संभालने से पहले इसी मंत्रालय में विशेष सचिव का पद संभाल रहे थे। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में अपर सचिव के रूप में पदभार संभालने से पहले उन्होंने वर्ष 2017 में भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग में संयुक्त सचिव के रूप में काम किया था। वह वर्ष 2004 से वर्ष 2009 तक रक्षा मंत्रालय में निदेशक और संयुक्त सचिव के रूप में प्रतिनियुक्ति पर भी रहे हैं।अजय तिर्की वर्ष 2015 से वर्ष 2017 तक मध्य प्रदेश के राज्यपाल के प्रधान सचिव थे और उन्हें होम कैडर में अपनी नियुक्तियों में चिकित्सा शिक्षा, श्रम एवं रोजगार तथा ग्रामीण विकास के विभागों (पोर्टफोलियो) को संभालने का व्यापक अनुभव है। वह राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड), मध्यप्रदेश के प्रबंध निदेशक रह चुके हैं। इससे पहले वह सीधी, होशंगाबाद और रायपुर के जिला कलेक्टर थे। इसके अलावा, उन्होंने मध्य प्रदेश में भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक अधिकारी के रूप में विभिन्न पदों पर काम किया है।----
- नई दिल्ली। निर्वाचन आयोग इस महीने की 21 तारीख को महाराष्ट्र विधान परिषद की नौ सीटों के लिए चुनाव कराएगा। चुनाव की अधिसूचना सोमवार को जारी की जाएगी और नामांकन 11 मई तक भरे जा सकेंगे। वोटों की गिनती मतदान के दिन ही होगी। इससे पहले, कोरोना संक्रमण के फैलाव को देखते हुए चुनाव स्थगित कर दिए गए थे।महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कल निर्वाचन आयोग को पत्र लिख कर महाराष्ट्र विधान परिषद की रिक्त नौ सीटों के लिए चुनाव कराने का अनुरोध किया था।मुख्यमंत्री ऊद्धव ठाकरे को पिछले वर्ष 28 नवम्बर को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई थी। वे राज्य विधानमंडल के किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। उन्हें 27 मई यानी सदन में छह महीने की अवधि पूरी करने तक सदन के लिए निर्वाचित होना है। अन्यथा उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटना होगा।----
- नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ड़ॉक्टर हर्षवर्र्धन ने कहा है कि भारत में कोविड-19 के रैपिड परीक्षण किट का निर्माण मई महीने के अंत तक शुरू हो जाएगा। डॉक्टर हर्षवद्र्धन ने वैज्ञानिकों से इस महामारी की रोकथाम के उपाय तलाशने में तेजी लाने की अपील की। उन्होंने कहा कि छह वैक्सीन पर परीक्षण चल रहा है, जिनमें चार का परीक्षण अंतिम चरण में है।जैव प्रोद्यौगिकी विभाग की सचिव रेणु स्वरूप ने स्वास्थ्य मंत्री को अनुसंधान रणनीति की जानकारी दी तथा इस महामारी से निपटने की तात्कालिक और दीर्घावधि तैयारियों की कार्ययोजना से अवगत कराया। इन प्रयासों में वैक्सीन संबंधी अनुसंधान और देश में नैदानिक सुविधा का विकास शामिल है।---
- नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों से कोरोना के संक्रमण से पीडि़त मरीजों के अलावा कैंसर, हृदय रोग और अन्य बीमारियों के मरीजो की अनिवार्य चिकित्सा सेवाओं को बहाल रखने के सभी इंतजाम सुनिश्चित करने को कहा है।केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन ने राज्यों के मुख्य सचिव को पत्र लिख कर कहा कि लॉकडाउन के दौरान गैर कोरोना मरीजों को डायलसिस या कीमो थैरेपी सहित अन्य अनिवार्य चिकित्सा सेवायें बाधित न हों। उन्होंने कहा कि इसके लिये खासतौर पर निजी अस्पतालों में चिकित्सा सेवाओं की बहाली सुनिश्चित करना अनिवार्य है। उन्होंने निजी अस्पतालों में गैर कोरोना मरीजों से कोरोना संक्रमण मुक्त होने का प्रमाण पत्र मांगे जाने की शिकायतों के मद्देनजर राज्य सरकारों से कहा कि कोरोना संक्रमण का परीक्षण कराने के लिये कोई अस्पताल तभी कह सकता है जबकि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के दिशानिर्देशों के तहत ऐसा किया जाना जरूरी हो।उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के इस दौर में कोविड-19 मरीजों की चिकित्सा सुविधाओं को सुनिश्चित करने की तात्कालिक जरूरत के बीच गैर कोरोना मरीजों की चिकित्सा सेवाओं को भी सुचारू रखना जरूरी है। इसके मद्देनजर सूदन ने राज्यों में स्वास्थ्य सेवाओं को, खासकर निजी चिकित्सा संस्थाओं में बहाल रखने को कहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करना चाहिये कि कोरोना से इतर अन्य बीमारियों के मरीजों को डायलसिस और कीमोथेरेपी सहित अन्य जरूरी चिकित्सा सुविधायें देने से अस्पतालों में कोरोना संकट के कारण इंकार नहीं किया जाए।----
- नई दिल्ली। लॉकडाउन के बीच उत्तराखंड के मसूरी स्थित प्रशिक्षण अकादमी में प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी ऑनलाइन कक्षाओं से पढ़ाई कर रहे हैं और सामाजिक दूरी का अनुपालन करते हुए साफ-सफाई सहित अन्य काम खुद कर रहे हैं।लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) ने मंगलवार को यह जानकारी दी। केंद्रीय कार्मिक मंत्री जितेंद्र सिंह को संस्थान ने यह जानकारी दी। मंत्री के साथ संस्थान के निदेशक और अन्य शिक्षकों की वीडियो कांफ्रेंस में यह भी बताया गया कि कोविड-19 के मुद्दे पर नौकरशाहों को प्रशिक्षण के लिए क्या गतिविधियां की जा रही हैं। कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, श्री सिंह को बताया गया कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के प्रशिक्षण के पहले चरण सहित अकादमी के विभिन्न पहुलओं के लिए कैसे मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनाई गई है।विज्ञप्ति के मुताबिक अकादमी में ऑनलाइन कक्षाएं चलाई जा रही हैं और प्रशिक्षु अधिकारी अपने-अपने कमरे से ही इसमें शामिल हो रहे हैं। इसी प्रकार हॉस्टल में खाने की आपूर्ति की जा रही है और बर्तन और कमरे की सफाई प्रशिक्षु अधिकारी स्वयं कर रहे हैं। बयान के मुताबिक विभिन्न माध्यमों से उन्हें कोविड-19 से जुड़ी जानकारी दी जा रही है, जिनमें फिल्म दिखाना, ऑनलाइन चर्चा, कार्य देना आदि शामिल है। मंत्रालय ने बताया कि आकादमी के सभी वर्गों ने सामाजिक दूरी और साफ-सफाई आदि के लिए अपनी-अपनी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनाई है। विज्ञप्ति में कहा गया, अकादमी में कार्यरत बाहरी कामगारों सहित सभी कर्मचारियों को अकादमी के शिक्षकों ने स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुरूप प्रशिक्षण दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के सभी प्रोटोकॉल के साथ-साथ जिला प्रशासन के निर्देशों का भी अनुपालन किया जा रहा है। एलबीएसएनएए के निदेशक संजीव चोपड़ा ने महामारी के मद्देनजर संस्थान में उठाए गए कदमों की जानकारी दी।
- वाराणसी। कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए वाराणसी नगर के चुने हुए क्षेत्रों में सैनिटाइजर के छिड़काव हेतु ड्रोन की मदद ली गई ।ड्रोन मानव रहित वाहन हैं जो हेलिकॉप्टर की तरह उड़ सकते हैं और विशेष रूप से डिजाइन किए गए रिमोट कंट्रोल का उपयोग करते हुए प्रशिक्षित कार्मिकों द्वारा उन्हें प्रचालित किया जा सकता है। ड्रोन, जिन्हें विशेष रूप से कृषि उपयोग के लिए कीटनाशकों के छिड़काव के लिए डिजाइन किया गया था, का उपयोग अब कोविड-19 महामारी की स्थिति के दौरान क्वारांटाइन किए गए क्षेत्रों एवं आइसोलेशन वार्डों के आसपास डिस्इंफेक्टैंट तरल छिड़कने के लिए किया जा रहा है।वाराणसी स्मार्ट सिटी ने स्मार्ट सिटी मिशन के तहत वाराणसी नगर के चुने हुए क्षेत्रों में सैनिटाइजर के छिड़काव के लिए चेन्नई स्थित एक कंपनी गरुड़ एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड की सेवाएं ली हैं। लॉकडाउन अवधि के दौरान परिवहन के सीमित विकल्पों को देखते हुए, ये ड्रोन नागरिक उड्डयन मंत्रालय की विशेष अनुमति से एयर इंडिया कार्गो उड़ानों के जरिये चेन्नई से विशेष रूप से एयरलिफ्ट किए गए।ड्रोनों के जरिये सैनिटाइजर के छिड़काव को जिला प्रशासन/मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा चिन्हित हॉटस्पॉटों एवं नियंत्रण क्षेत्रों के लिए प्राथमिकता दी जाती है। इसके बाद आइसोलेशन क्षेत्रों, क्वारांटाइन किए गए क्षेत्रों, आश्रय स्थलों एवं अन्य स्थान, जहां शारीरिक रूप से छिड़काव करना मुश्किल है, की बारी आती है। ड्रोन किस जगह तैनात किए जाएंगे, उसका फैसला वाराणसी नगर निगम के अधिकारियों द्वारा किया जाता है।ड्रोन टीम पहले उस क्षेत्र का दौरा करती है जिसे सैनिटाइज करने के लिए चुना गया है और उस भूभाग, भवनों एवं आसपास के क्षेत्रों का त्वरित विजुअल सर्वे करती है तथा ड्रोन द्वारा अनुसरण की जाने वाली उड़ान मार्ग की रूपरेखा बनाती है। फिर ड्रोन को 1 प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोरइट (एनएओसीएल) से निर्मित कैमिकल सॉल्यूशन से भरा जाता है, फिर ड्रोन को कैलिब्रेट किया जाता है और तब वह उड़ान के लिए तैयार हो जाता है। इसके बाद सुनियोजित उड़ान पथ में अनुभवी ड्रोन पायलटों द्वारा एक रिमोट कंट्रोल उपकरण का उपयोग करते हुए ड्रोन को उड़ाया जाता है, साथ ही साथ इसके चार नोजलों के जरिये सैनिटाइजर का छिड़काव भी किया जाता है। प्रत्येक उड़ान (लगभग 15 से 20 मिनट तक चलने वाली) के बाद ड्रोन को कैमिकल भरने एवं बैट्री पैक को रिप्लेस करने के लिए वापस बुला लिया जाता है। इसके बाद ड्रोन को उड़ान/छिड़काव फिर से आरंभ करने के लिए दूसरे स्थान पर भेज दिया जाता है।ड्रोन का उड़ान मार्ग और कवर किया गया क्षेत्र बैकएंड पर जीआईएस मैप के साथ हाथ में रखे जाने वाले एक उपकरण से नियंत्रित एवं रिकॉर्डेड रहता है जो रिमोट कंट्रोलर से प्लग्ड रहता है। ड्रोन प्रचालनों के लिए प्रयुक्त वेहिकल में जीपीएस और जीएसएम आधारित वायरलेस कैमरा फिट किया गया होता है जिसका उपयोग कर ड्रोन की पूरी आवाजाही और उनके प्रचालनों को काशी इंटीग्रेटेड कमांड एवं कंट्रोल सेंटर से केंद्रीय तरीके से मोनिटर किया जाता है जिसे अब कोविड-19 वॉर रूम में तबदील कर दिया गया है। प्रत्येक नामित स्थान पर ड्रोन प्रचालनों से पहले एवं बाद में सैनिटरी इंस्पेक्टर एवं टीम के अन्य सदस्य नोडल अधिकारी को रिपोर्ट करते हैं।
- चंडीगढ़। पंजाब पुलिस के सब इन्स्पेक्टर हरजीत सिंह कोरोना वॉरियर्स और समाज के लिए वीरता की मिसाल बन गए हैं। कुछ दिन पहले लॉकडाउन ड्यूटी पर तैनात हरजीत सिंह का हाथ कुछ लोगों ने काट दिया था।हरजीत सिंह को प्रमोट करके सब इंसपेक्टर बनाया गया। अब हॉस्पिटल से उनका नया वीडियो आया है। इस वीडियो में मुस्कुराते हुए हरजीत सिंह सैल्यूट करते हुए उन सभी लोगों को हौसला दे रहे हैं, जो मुश्किल वक्त में भी ड्यूटी पर तैनात हैं। पीजीआई चंडीगढ़ में डॉक्टरों ने साढ़े सात घंटे की मशक्कत के बाद हरजीत सिंह का हाथ जोड़ दिया था। अब दो हफ्ते बाद उनका एक वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में सब इन्स्पेक्टर हरजीत सिंह काफी खुश दिखाई दे रहे हैं। सामने वाला शख्स हरजीत सिंह से उनका हालचाल पूछता है तो वह सैल्यूट करके कहते हैं, सब बढिय़ा है, कोई दिक्कत नहीं है। उनके हाथ की ऊंगलियों में हरकत भी हो रही है।गौरतलब है कि 12 अप्रैल को हरजीत सिंह पटियाला शहर में लॉकडाउन के दौरान ड्यूटी पर तैनात थे। इसी बीच एक वाहन में सवार कुछ लोग बैरिकेडिंग के पास पहुंच गए। हरजीत सिंह की टीम ने पास दिखाने को कहा तो झगड़ा शुरू हो गया। इस झगड़े में कुछ लोगों ने ड्यूटी पर तैनात जवानों पर हमला कर दिया। इस दौरान एक हमलावर ने तलवार से हरजीत सिंह का एक हाथ काट दिया था। इसके बाद पोस्ट ग्रैजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन ऐंड रिसर्च में डॉक्टर्स के तमाम प्रयासों के बाद हरजीत का हाथ जोड़ दिया गया था।हरजीत सिंह को सम्मान देने के लिए पंजाब पुलिस ने अनोखा कैंपेन चलाया। डीजीपी दिनकर गुप्ता ने 80 हजार पुलिसकर्मियों के साथ अपनी वर्दी पर हरजीत सिंह के नाम का बैच लगाया और मैं भी हरजीत कैंपेन की अगुआई की। डीजीपी दिनकर गुप्ता ने कहा, हरजीत सिंह पुलिस और दूसरे फ्रंटलाइन वर्कर्स पर हो रहे हमले के खिलाफ सिंबल बन चुके हैं। इस मौके पर डीजीपी ने हरजीत सिंह के समर्थन में एक दिन के लिए उनके नाम का बैच अपनी यूनिफॉर्म में लगाया।---
- 0 देश भर के छात्रों और अभिभावकों से संवाद किया0 शैक्षणिक चुनौतियों से निपटने, मिड डे मील और समग्र शिक्षा को लेकर मंगलवार को सभी राज्यों के शिक्षा मंत्रियों से करेंगे चर्चानई दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने आज वेबिनार के माध्यम से देशभर के अभिभावकों एवं छात्रों से संवाद किया और कोविड 19 की वजह से उत्पन्न परिस्थितियों की वजह से उनके मन में उठ रहे विभिन्न सवालों के जवाब दिए। इस वेबिनार संवाद से जम्मू-कश्मीर से लेकर केरल तक और गुवाहाटी से लेकर गुजरात तक लगभग 20 हजार अभिभावक जुड़े।केंद्रीय मंत्री ने अपने वेबिनार संवाद के माध्यम से मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा चलाये जा रहे ऑनलाइन शिक्षा के लिए विभिन्न अभियानों और योजनाओं के बारे में सभी अभिभावकों को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि मंत्रालय को अपने छात्रों की शैक्षणिक गतिविधियों की चिंता है और इसी वजह से हमने पहले से चली आ रही विभिन्न योजनाओं को युद्ध स्तर पर लागू किया जिसका लाभ देश के 33 करोड़ छात्र कभी भी और कहीं से भी उठा सकते हैं।श्री निशंक ने अभिभावकों को विश्वास दिलाया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय छात्रों की पढ़ाई और उनके भविष्य के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस दिशा में मंत्रालय दीक्षा, ई-पाठशाला, मुक्त शैक्षिक संसाधनों का राष्ट्रीय भंडार (एनआरओईआर), स्वयं, डीटीएच चैनल स्वयंप्रभा इत्यादि द्वारा सभी छात्रों की पढ़ाई अनवरत जारी रखने का प्रयास कर रहा है। श्री पोखरियाल ने बताया कि ऑनलाइन शिक्षा नीति को सुदृढ़ बनाने के लिए हमने भारत पढ़े ऑनलाइन अभियान की शुरुआत की है जिसमें देशभर से छात्रों, अभिभावकों और अध्यापकों से सुझाव मांगे गए थे। हमें 10 हजार से अधिक सुझाव प्राप्त हुए थे जिस पर मंत्रालय बहुत जल्द दिशा निर्देश लेकर आएगा।केंद्रीय मंत्री ने विद्यादान 2.0 के बारे में अभिभावकों को बताते हुए कहा कि इस अभियान के तहत मंत्रालय ने देश के शिक्षाविदों और शैक्षणिक संगठनों से विभिन्न ई-लर्निंग प्लेटफार्म पर पाठ्यक्रम के अनुसार सामग्री विकसित करने और इसमें योगदान देने का आग्रह किया है। श्री निशंक ने आगे कहा कि इस कार्यक्रम में अनेक शिक्षाविदों एवं शैक्षणिक ने अपनी रूचि दिखाई है और आशा जताई कि बहुत जल्द हमें इसके तहत काफी सारी पाठ्यसामग्री मिल जाएगी।इस संवाद के दौरान डॉ. निशंक ने अभिभावकों के सवालों के जवाब भी दिए। पटना से एक अभिभावक के एनसीआरईटी पुस्तकों की उपलब्धता के सवाल पर मंत्री जी ने कहा कि एनसीआरईटी ने लगभग सभी राज्यों में पुस्तकें भेज दी हैं और बहुत शीघ्र विद्यार्थियों को ये पुस्तकें उपलब्ध हो जाएंगी। सीबीएसई की 10वीं और 12वीं की बची हुई परीक्षाएं आयोजित कराने के सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हालात सामान्य होने पर मुख्य विषयों के 29 पेपर्स की परीक्षाओं का आयोजन किया जाएगा।उन्होंने इस दौरान यह भी बताया कि मंत्रालय लगातार सभी राज्यों के शिक्षा मंत्रियों एवं शिक्षा सचिवों के साथ संपर्क में हैं और यह सुनिश्चित करने में लगा है कि इस मुश्किल घड़ी में भी छात्रों की पढाई जारी रहे। इसी संदर्भ में कल वह सभी राज्यों के शिक्षा मंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बात करेंगे जिसमें विशेष रूप से कोविड-19 से उत्पन्न हुई शैक्षणिक चुनौतियों से निपटने, मिड डे मील और समग्र शिक्षा के बारे में चर्चा की जाएगी।
- नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में लखनऊ का किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी कोविड-19 के उपचार के लिए प्लाज्मा थेरेपी सफलतापूर्वक शुरू करने वाला देश का पहला सरकारी अस्पताल बन गया है।कल 58 वर्ष के एक व्यक्ति को प्लाज्मा थेरेपी दी गई। किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट ने इसे एक एहतियात के तौर पर बताया और कहा कि उनका संस्थान भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की ओर से प्लाज्मा थैरेपी को अनुमति दिए जाने के बाद से ही इसकी तैयारी कर रहा था।इसके लिए प्लाज्मा उन 3 मरीजों से लिया गया जो केजीएमयू अपने कोविड संक्रमण का सफलतापूर्वक इलाज करवाकर स्वस्थ हो चुके थे। मेडिसीन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. डी हिमांशु ने बताया कि कोविड संक्रमण से पीडित 58 वर्षीय मरीज की हालत अब पहले से बेहतर है और आज उन्हें प्लाज्मा की दूसरी डोज दी जा सकती है। अगर इस मरीज की तबीयत पूरी तरह से ठीक हो सकती है तो ये कोविड संक्रमण के गंभीर मरीजों को प्लाज्मा ट्रांसफ्यूजन पद्धति से ठीक करने की दिशा में एक अहम कदम साबित होगा।
- श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में रविवार को सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में चार आतंकवादी मारे गए। पुलिस ने यह जानकारी दी।एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि दक्षिण कश्मीर के देवसर क्षेत्र में रविवार की शाम को सुरक्षा बलों के गश्ती दल पर आतंकवादियों ने गोलीबारी की। उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई में चार आतंकवादी मारे गए। अधिकारी ने कहा कि मारे गए आतंकवादियों की पहचान होनी अभी बाकी है। सेना के एक अधिकारी ने बताया कि रविवार को मारे गए चार आतंकवादियों को मिला कर अप्रैल में अब तक कुल 26 आतंकवादी मारे गए हैं। अधिकारी ने बताया कि इस साल अब तक 58 आतंकवादी मारे गए हैं। उन्होंने कहा कि सेना कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई को लेकर प्रतिबद्ध है लेकिन साथ ही यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि आतंकवादी गतिविधियां और उनकी संख्या नहीं बढ़े। अधिकारी ने कहा, सेना लगातार नियंत्रण रेखा के साथ सीमा के भीतर भी आक्रमक रुख अपनाए हुए है और आतंकवादियों को खोज कर समाप्त कर रही है। इससे घाटी में सुरक्षा की स्थिति और मजबूत होगी। इसलिए सेना सफलतापूर्वक सकारात्मक सुरक्षा माहौल विकसित कर रही है जिससे जनता खुद को सुरक्षित महसूस करे और 2020 की गर्मी में शांति बनी रहे।---
- नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने प्रदीप कुमार त्रिपाठी को इस्पात सचिव नियुक्त किया है। मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति के आदेश में यह कहा गया है। इसमें कहा गया है कि कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग में विशेष सचिव एवं प्रतिष्ठान अधिकारी, त्रिपाठी नये इस्पात सचिव के तौर पर कार्यभार संभालेंगे।वे मौजूदा इस्पात सचिव विनय कुमार की सेवानिवृति के बार यह पद संभालेंगे। विनय कुमार 31 मई 2020 को सेवानिवृत हो रहे हैं। प्रदीप कुमार त्रिपाठी जम्मू-कश्मीर कैडर के 1987 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। विनय कुमार 1983 बैच के अधिकारी हैं जिन्होंने एक सितंबर 2018 को इस्पात मंत्रालय में सचिव का कार्यभार संभाला था।---
- वृंदावन। अक्षय तृतीया पर वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में भगवान श्रीकृष्णा के चरणों के दर्शन के लिए इस बार भक्तों का तांता नहीं लगा । भक्तों को बांके बिहारी के चरणों के दर्शन ऑनलाइन कराए गए।साल में एक बार चरणों के दर्शन करने को लालायित भक्त लॉकडाउन के चलते बांकेबिहारी की मनोहारी छवि को प्रत्यक्ष देखने से लोग वंचित जरूर रहे, लेकिन ठाकुर श्रीराधा सनेह बिहारीजी मंदिर समेत वृंदावन के अधिकतर मंदिरों के भक्तों ने ऑनलाइन दर्शन करके अपने को धन्य समझा। अक्षय तृतीया पर साल में एक बार ठाकुर बांकेबिहारीजी के चरणों के दर्शन होते हैं। सुबह मंदिर के सेवायत जुगल किशोरी गोस्वामी ने ठाकुरजी का चंदन लेप करने के बाद चरणों में पाजेब और मुकटा धारण कराया। इसके बाद सतुआ के लड्डू का भोग, खरबूज और तरबूज भी ठाकुरजी को अर्पित किए गए।शाम को सेवायत सुनील गोस्वामी (बड़े लाला) ने ठाकुरजी के सर्वांगीण दर्शन की सेवा-पूजा की। उधर, ठाकुर श्रीराधा सनेह बिहारी मंदिर में चरण दर्शन ऑनलाइन हुए। नगर के इस्कॉन, प्रेम मंदिर आदि मंदिरों के दर्शन भी भक्तों को ऑनलाइन हुए।---
- उत्तरकाशी। अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर रविवार को उत्तराखंड में गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के कपाट अपने निर्धारित समय पर खुल गए । हालांकि कोविड-19 के साये में शुरू हुई इस यात्रा से फिलहाल श्रद्धालुओं को दूर ही रखा गया है।सबसे पहले गंगा पूजन, गंगा सहस्त्रनाम पाठ एवं विशेष पूजा अर्चना के बाद वैदिक मंत्रोच्चार के साथ रोहिणी अमृत योग की शुभ बेला पर दोपहर 12बजकर 35 मिनट पर पुजारियों, मंदिर समिति के पदाधिकारियों तथा प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में गंगोत्री के कपाट खोले गए। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पूर्ण रूप से पालन किया गया तथा वहां मौजूद सभी व्यक्तियों ने मास्क पहने हुए थे ।शनिवार को मां गंगा की डोली उनके मायके एवं शीतकालीन प्रवास मुखबा से भैरोंघाटी आयी और वहां रात्रि विश्राम के बाद सुबह गंगोत्री पहुंची जहां पूर्ण विधि-विधान के साथ गंगा मैया की भोग मूर्ति को मंदिर के भीतर विराजमान किया गया।वहीं यमुनोत्री धाम के कपाट भी विशेष पूजा-अर्चना व वैदिक मंत्रोच्चार के साथ तय मुहूर्त 12.41 मिनट पर खोल दिये गये । इस अवसर पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर पहली पूजा हुई। जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने कहा कि कोरोना वायरस एवं देशव्यापी लॉकडाउन के चलते भारत सरकार के दिशानिर्देश के अनुरूप दोनों धामों के कपाट सादगीपूर्ण तरीके से खोले गये । इससे पहले, दोनों धामों में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ डीपी जोशी के नेतृत्व में मेडिकल टीम द्वारा कपाट खुलने के समारोह में शामिल सभी तीर्थ पुरोहितों का मेडिकल परीक्षण किया गया। साथ ही मौके पर सैनिटाइजर, मास्क आदि की भी पर्याप्त व्यवस्था की गई थी ।उच्च गढवाल हिमालय के चारधाम के नाम से मशहूर दो अन्य धामों के कपाट भी जल्द खोले जाएंगे। केदारनाथ के कपाट जहां 29 अप्रैल को खुलेंगे वहीं बदरीनाथ के कपाट 15 मई को खुलेंगे । सर्दियों में भीषण बर्फवारी और ठंड की चपेट में रहने के कारण चारों धामों के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाते हैं जो अगले साल अप्रैल—मई में फिर खोल दिए जाते हैं ।--
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.....- न तो सेवानिवृत्ति की उम्र घटाने की कोई पहल की गई है और न ही सरकार के स्तर पर ऐसे किसी प्रस्ताव पर चर्चा की गई है- डॉ. जितेंद्र सिंह नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मीडिया के एक हिस्से में चल रही उन खबरों को सिरे से खारिज किया है, जिनमें सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की उम्र घटाकर 50 वर्ष करने का प्रस्ताव रखे जाने की बात कही गई है। केन्द्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज यहां स्पष्ट रूप से कहा कि न तो सेवानिवृत्ति की उम्र घटाने की कोई पहल की गई है और न ही सरकार के स्तर पर ऐसे किसी प्रस्ताव पर चर्चा की गई है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से कुछ तत्व बार-बार सोशल मीडिया पर गलत जानकारियां फैला रहे हैं और इनके पीछे सरकारी स्रोतों या डीओपीएंडटी का हवाला दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हर बार हितधारकों के बीच भ्रम की स्थिति को दूर करने के लिए त्वरित खंडन जारी किया जाता है। उन्होंने इसे दुखद बताते हुए कहा कि ऐसे समय में जब देश कोरोना संकट से जूझ रहा है और पूरी दुनिया महामारी से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सक्रिय रणनीति की प्रशंसा कर रहा है, कुछ तत्व क्षुद्र स्वार्थवश सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों को कमतर करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से मीडिया में ऐसी खबरें चलवा रहे हैं।उन्होंने कहा कि इसके विपरीत कोरोना की चुनौती सामने आने के बाद से सरकार और डीओपीएंडटी द्वारा समय-समय पर कर्मचारियों के हितों की रक्षा में त्वरित फैसले लिए जा रहे हैं। उदाहरण सामने रखते हुए उन्होंने कहा कि लॉकडाउन से पहले ही डीओपीटी ने आधिकारिक रूप से कार्यालयों में बेहद आवश्यक या न्यूनतम कर्मचारियों के साथ काम करने का परामर्श जारी किया था। हालांकि आवश्यक सेवाओं को इन दिशानिर्देशों से छूट देते हए डीओपीटी ने दिव्यांग कर्मचारियों को आवश्यक सेवाओं से भी छूट देने का आदेश जारी किया था।लॉकडाउन की बाधाओं पर विचार करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने याद दिलाया कि डीओपीटी ने सरकारी अधिकारियों द्वारा वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट (एपीएआर) को भरने की अंतिम तारीख टाल दी थी। इसके अलावा उन्होंने यूपीएससी के आईएएस/ सिविल सेवाओं के साक्षात्कार/ व्यक्तित्व परीक्षण की तारीखों में बदलाव करने के फैसले का उल्लेख किया। साथ ही यह भी घोषणा की जा चुकी है कि सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा 3 मई के बाद की जाएगी। इसी प्रकार एसएससी ने भी अपनी भर्ती प्रक्रिया को टाल दिया है।कार्मिक मंत्रालय के कार्मिक विभाग के संबंध में डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले सप्ताह ही ऐसा फर्जी समाचार था कि सरकार ने पेंशन में 30 प्रतिशत कटौती और 80 वर्ष से ज्यादा उम्र वालों की पेंशन बंद करने का फैसला किया है। हालांकि, इसके विपरीत हकीकत यह थी कि 31 मार्च को ऐसा कोई पेंशनर नहीं था जिसकी पेंशन उनके खाते में जमा नहीं की गई हो। इसके साथ ही डाक विभाग की सेवाओं के माध्यम से जरूरत पडऩे पर पेंशनरों के घर पर पेंशन की धनराशि पहुंचाई गई। इसके अलावा कार्मिक मंत्रालय के कार्मिक विभाग ने पिछले चार सप्ताह के दौरान 20 शहरों में पेंशनरों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस परामर्श का आयोजन किया था, जहां डॉ. रणदीप गुलेरिया, निदेशक (एम्स) जैसे विशेषज्ञों द्वारा स्वास्थ्य संबंधी सलाह दी गई। इसी प्रकार वेबिनार पर योग सत्रों के आयोजन भी कराए जा रहे हैं। - जम्मू। जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल जीसी मुर्मू ने कहा कि आगामी अमरनाथ यात्रा कोविड-19 को लेकर होने वाली समीक्षा पर निर्भर करेगी क्योंकि इस वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए विस्तृत योजना एवं क्रियान्वयन की जरूरत होती है।उल्लेखनीय है कि दक्षिण कश्मीर में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ की पवित्र गुफा के दर्शन के लिए इस साल 23 जून को यात्रा शुरू होने की तारीख निर्धारित की गई है। वहीं पुंछ जिले में दस दिवसीय बुड्ढ़ा अमरनाथ की यात्रा अगस्त में शुरू होनी है। राजभवन में बाबा अमरनाथ और बुड्ढ़ा अमरनाथ यात्री न्यास के नौ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करने के बाद उप राज्यपाल मुर्मू ने कहा, सरकार यात्रा करने के लिए सभी संभावनाओं पर विचार कर रही है। हालांकि, यह फैसला कोविड-19 संकट की पृष्ठभूमि में होने वाली समीक्षा पर निर्भर करता है।पवन कुमार कोहली के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने उपराज्यपाल से यात्रा से संबंधित विभिन्न चिंताओं पर चर्चा की और यात्रा की अवधि कम करने, कुछ खास आयुवर्ग के श्रद्धालुओं को ही यात्रा करने की अनुमति देने, ऑनलाइन यात्रा का पंजीकरण कराने, हेलीकॉप्टर से यात्रा शुरू करने और स्थिति के अनुरूप पैदल यात्रा की तारीख में देरी करने संबंधी विभिन्न सुझाव दिए।उप राज्यपाल ने कहा, कोविड-19 महामारी की मौजूदा परिस्थिति के मुताबिक अमरनाथ यात्रा करने पर उचित फैसला सामयिक समीक्षा के आधार पर ही होगा। यात्रा को आयोजित करने के लिए विस्तृत योजना और उसके क्रियान्वयन की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि 20 हजार स्वास्थ्य कर्मी और 30 हजार सुरक्षाबल कोविड-19 को नियंत्रित करने के काम में लगे हैं और यात्रा के लिए उनकी उपलब्धता पर भी विचार किया जाएगा। आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने पूजा का सजीव प्रसारण का सुझाव दिया जिस पर उपराज्यपाल ने कहा कि ऐसी संभावना पर पहले ही चर्चा हो रही है। मुर्मू ने प्रतिनिधिमंडल से आह्वान किया कि वे लंगर लगाने वाले संगठनों के संपर्क में रहे और भरोसा दिया कि जहां भी जरूरत होगी यथासंभव सबसे बेहतर व्यवस्था की जाएगी।--