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- छपरा। छपरा में आकाशीय बिजली गिरने से 9 लोगों की मौत हो गयी है और करीब आधा दर्जन लोग घायल बताये जा रहे हैं।पश्चिमी विक्षोभ के कारण बिहार के अधिकत्तर इलाकों में आंधी-तूफान और ओलावृष्टि की भी खबर मिली है। प्राप्त जानकारी के अनुसार दियारा इलाके में सुबह कुछ ग्रामीण परवल की खेती की मापी के लिए पहुंचे थे। इसी दौरान तेज आंधी व बारिश शुरू हो गयी। सभी लोग पास की एक झोपड़ी में इक_ा हो गय थे। इसी दौरान आकाशीय बिजली झोपड़ी पर गिरी जिसकी चपेट में आकर 9 लोगों ने दम तोड़ दिया। अन्य घायलों को इलाज के लिए छपरा सदर अस्पताल लाया गया है।घटना की जानकारी मिलते ही सदर एसडीपीओ अजय कुमार भी मौके पर पहुंच गए हैं। इस घटना पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने शोक व्यक्त किया है।
- नई दिल्ली। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने कोविड-19 लॉकडाउन के बीच आज बर्फ की सफाई के बाद तीन सप्ताह से ज्यादा समय पहले ही रोहतांग दर्रा (समुद्री स्तर से 13,500 फुट ऊपर) खोल दिया है। यह हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति जिले को भारत के बाकी हिस्से से जोडऩे वाला मुख्य मार्ग है। पिछले साल इस दर्रे को 18 मई को खोला गया था।हिमाचल प्रदेश सरकार ने बर्फ की सफाई में तेजी लाने के लिए बीआरओ से संपर्क किया था, जिससे फसलों की कटाई शुरू करने के लिए किसानों की वापसी को आसान बनाया जा सके और कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए लाहौल घाटी में राहत सामग्री पहुंचाई जा सके तथा आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही तेज की जा सके।बीआरओ ने इस कार्य के लिए मनाली और खोकसार दोनों तरफ से उच्च तकनीक वाली मशीनरी लगाई थीं। रहाला झरना, बीस नाला और रानी नाला में बर्फीले तूफान, जमा देने वाला तापमान और नियमित अंतराल पर होने वाले हिमस्खलन के चलते परिचालन में देरी हुई, लेकिन लाहौल घाटी के नागरिकों तक राहत पहुंचाने के लिए कोविड-19 से बर्फ की सफाई करने वाले दल दिन और रात काम में लगी रहीं। इस दौरान उन्होंने कोविड-19 से जुड़ी सभी सावधानियां भी बरतीं।आज लाहौल स्पीति के लिए आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति और लगभग 150 किसानों से भरे वाहनों की पहली खेप रवाना की गई, जिसका मार्गदर्शन इस साल रोहतांग पास खोलने वाला बीआरओ अधिकारियों का दल कर रहा था। रोहतांग दर्रा पिछले साल की तुलना में तीन सप्ताह पहले ही यातायात के लिए खोले जाने की खबर से स्थानीय लोगों को खासी राहत मिली है। इससे केन्द्र और राज्य सरकारों के लिए स्थानीय आबादी तक राहत सामग्रियां और चिकित्सा सामान पहुंचाना आसान हो जाएगा। इसके साथ ही कृषि गतिविधियां भी फिर से चालू हो सकेंगी, जो जिले की अर्थव्यवस्था के लिए रीढ़ के समान हैं।दर्रे को खोलने के लिए बर्फ की सफाई का काम हर साल किया जाता है, क्योंकि हर साल नवंबर से मई के मध्य तक लगभग छह महीने तक रोहतांग दर्रा बर्फ से पटा रहता है। यह 12 दिसंबर, 2019 तक खुला रहा था। पूरी घाटी सर्दियों के दौरान किसी भी तरह की ढुलाई/ आपूर्तियों के लिए हवाई माध्यम पर निर्भर रहती है। इसके अलावा कोविड-19 के खिलाफ सरकार के प्रयासों में सहायता के लिए सीमा सड़क संगठन के सभी कर्मचारियों ने एक दिन के वेतन के रूप में पीएम केयर्स कोष में सामूहिक तौर पर एक करोड़ रुपये का अंशदान किया है।----
- नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने सरकारी कर्मचारियों और सैनिकों के महंगाई भत्ते में वृद्धि नहीं करने के केंद्र सरकार के फैसले की आलोचना करते हुए कहा है कि इस वक्त केंद्रीय कर्मियों एवं सैनिकों के लिए मुश्किल पैदा करना उचित नहीं है।कांग्रेस की ओर से जारी पार्टी के सलाहकार समूह की बैठक के वीडियो के मुताबिक डॉ. सिंह ने यह भी कहा कि कांग्रेस को इस वक्त इन सरकारी कर्मचारियों और सैनिकों के साथ खड़े रहना है। डॉ. सिंह हाल ही में गठित कांग्रेस सलाहकार समूह के अध्यक्ष हैं।डॉ. मनमोहन सिंह ने ट्वीट कर यह भी कहा कि प्रधानमंत्री जनता को यह भी बताएं कि पीएम केयर्स फंड्स में कितनी राशि एकत्र हुई है और यह राशि जरूरतमंदों और गरीबों को बांटने के लिए उनकी क्या योजना है।---
- नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल आकाशवाणी से मन की बात कार्यक्रम में देश-विदेश के लोगों से अपने विचार साझा करेंगे। यह मासिक रेडियो कार्यक्रम की 64वीं कड़ी होगी। आकाशवाणी और दूरदर्शन के समूचे नेटवर्क पर इसका प्रसारण किया जाएगा। यह आकाशवाणी समाचार की वेबसाइट www.newsonair.com और newsonair Mobile App. पर भी उपलब्ध रहेगा।आकाशवाणी, दूरदर्शन समाचार, प्रधानमंत्री कार्यालय तथा सूचना और प्रसारण मंत्रालय के यू-ट्यूब चैनलों पर भी कार्यक्रम सीधा प्रसारित होगा। हिंदी में प्रसारण के तुरंत बाद क्षेत्रीय भाषाओं में इसका प्रसारण किया जाएगा। क्षेत्रीय भाषा में कार्यक्रम रात आठ बजे फिर सुना जा सकेगा।
- लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए योगी आदित्यनाथ की सरकार ने आज बड़ा फैसला लिया है। न्यूज एंजेसी एएनआई के अनुसार योगी सरकार ने प्रदेश में 30 जून तक किसी भी सार्वजनिक सभा और लोगों की भीड़ एकत्र होने पर रोक लगा दी है। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा बताया गया कि इस संबंध में सभी जिला अधिकारी को निर्देश दे दिया गया है। आगे की कार्यवाही स्थिति देखकर की जायेगी।उत्तर प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़कर 1621 हो गयी है। वहीं कोरोनो से सबसे अधिक प्रभावित आगरा, कानपुर, लखनऊ, फिरोजाबाद, मेरठ, सहारनपुर और मुरादाबाद ये सात जिले हैं। बीते चार दिनों में भी इन्हीं जिलों में सबसे अधिक मरीज सामने आए हैं। इन जिलों में कुल 988 मामले सामने आये है। प्रदेश के 57 जिलों में कोरोना ने दस्तक दे दी है।---
- - ग्रामीण क्षेत्रों में , शॉपिंग मॉल की दुकानों को छोड़, सभी दुकानों को खोलने की अनुमति है- शहरी क्षेत्रों में सभी एकल दुकानों, आस-पड़ोस की दुकानों और आवासीय परिसरों में स्थित दुकानों को खोलने की अनुमति है- शहरी क्षेत्रों में बाजारों/बाजार परिसरों और शॉपिंग मॉल की दुकानों को खोलने की अनुमति नहीं हैनई दिल्ली। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने दुकानों को खोलने की अनुमति देने के लिए लॉकडाउन उपायों पर जारी समेकित संशोधित दिशा-निर्देशों में संशोधनों पर एक आदेश जारी किया है।ग्रामीण क्षेत्रों में, सभी दुकानों को खोलने की अनुमति है। हालांकि, शॉपिंग मॉल में स्थित दुकानें इनमें शामिल नहीं हैं।शहरी क्षेत्रों में, सभी एकल दुकानों, आस-पड़ोस की दुकानों और आवासीय परिसरों में स्थित दुकानों को खोलने की अनुमति है। हालांकि, बाजारों/बाजार परिसरों और शॉपिंग मॉल में स्थित दुकानों को खोलने की अनुमति नहीं है।- यह स्पष्ट किया जाता है कि ई-कॉमर्स कंपनियों को केवल आवश्यक वस्तुओं की ही बिक्री करने की अनुमति है।- यह भी स्पष्ट किया जाता है कि शराब की बिक्री के साथ-साथ उन अन्य वस्तुओं की भी बिक्री प्रतिबंधित है, जिनके बारे में कोविड-19 के प्रबंधन संबंधी राष्ट्रीय निर्देशों में निर्दिष्ट किया गया है।- जैसा कि समेकित संशोधित दिशा-निर्देशों में निर्दिष्ट किया गया है, उपर्युक्त दुकानों को उन सभी क्षेत्रों, चाहे वे ग्रामीण हों या शहरी, में खोलने की अनुमति नहीं है, जिन्हें संबंधित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा नियंक्षण क्षेत्र (कंटेनमेंट जोन) घोषित किया गया है।----
- नई दिल्ली। कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए अग्रिम पंक्ति में तैनात स्वास्थ्यकर्मियों, डॉक्टरों, पुलिस और अन्य आवश्यक सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों को संक्रमण से बचाने के लिए कुछ स्थानों पर मिस्ट सैनिटाइजर टनल का उपयोग हो रहा है। लेकिन, इस टनल में छिड़काव के लिए उपयोग होने वाले रसायन सोडियम हाइपोक्लोराइट के दुष्प्रभावों का हवाला देते हुए कई एजेंसियों ने इसके खिलाफ दिशा-निर्देश जारी किए हैं।हालांकि, अब वैज्ञानिक परीक्षण के बाद मिस्ट सैनिटाइजर टनल के उपयोग को सुरक्षित बताया जा रहा है। काउंसिल ऑफ साइंटिफिक ऐंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआईआर) की पुणे स्थित प्रयोगशाला नेशनल केमिकल लैबोरेटरी (एनसीएल) के एक ताजा अध्ययन के बाद इस संस्थान के वैज्ञानिकों ने यह बात कही है। सीएसआईआर-एनसीएल के वैज्ञानिकों ने सोडियम हाइपोक्लोराइट की विभिन्न सांद्रताओं का मूल्यांकन करने पर मिस्ट सैनिटाइजर टनल में इसके उपयोग को सुरक्षित पाया है।सोडियम हाइपोक्लोराइट के प्रभाव, जिसे हाइपो या ब्लीच के रूप में भी जाना जाता है, का 0.02 से 0.5 प्रतिशत वजन की सांद्रता के साथ मिस्ट सैनिटाइजर टनल इकाई के भीतर से होकर गुजरने वाले कर्मियों पर अध्ययन किया गया है। इसके अलावा, मिस्ट सैनिटाइजर के टनल के संपर्क में आने से पहले और बाद में सूक्ष्मजीवों के खिलाफ जीवाणुरोधी गतिविधि का आंकलन किया गया है।मुंबई स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी (आईसीटी) के शोधकर्ताओं ने इस तरह के रसायनों के छिड़काव के लिए खास नोज़ल डिजाइन किए हैं, जिन्हें आवश्यकता के अनुसार उपयोग किया जा सकता है। सैनिटाइजर टनल में एक व्यक्ति को संक्रमण मुक्त करने में औसतन आठ सेंकेंड का समय लगता है। अगर 0.5 प्रतिशत सॉल्यूशन का मिस्ट सैनिटाइजर में आठ सेंकेंड तक छिड़काव किया जाए तो सिर्फ 0.00133 मिलीग्राम हाइपोक्लोराइट के संपर्क में आने की संभावना होती है। नोजेल से पूरी टनल में समान रूप से सूक्ष्म बूंदों के छिड़काव का समान वितरण भी नुकसान से बचाने में मददगार होता है। द्रव कण बनाने के लिए फिल्टर की हुई हवा का उपयोग टनल में घुटन की आशंका से बचा जा सकता है।मिस्ट सैनिटाइजर के उपयोग से जुड़ी नकारात्मक खबरों पर प्रतक्रिया देते हुए सीएसआईआर-एनसीएल के निदेशक प्रोफेसर अश्विनी कुमार नांगिया और आईसीटी, मुंबई के वाइस चांसलर प्रोफेसर ए.बी. पंडित ने अपने संयुक्त वक्तव्य में कहा है कि हर चीज की एक निर्धारित प्रक्रिया होती है और रसायनों के उपयोग पर यह बात सबसे अधिक लागू होती है। कई स्थानों पर मिस्ट सैनिटाइजर में निर्धारित मात्रा से 100 गुना अधिक तक सोडियम हाइपोक्लोराइट का उपयोग किया गया, जिससे नुकसान स्वाभाविक है।यदि किसी को सोडियम हाइपोक्लोराइट से एलर्जी है, तो उसके लिए भी आईसीटी, मुंबई ने एक विकल्प सुझाया है। ऐसे लोगों को संक्रमण रहित करने के लिए बेंजैलकोनियम क्लोराइड (बीकेसी) आधारित सॉल्यूशन का छिड़काव किया जा सकता है। द जर्नल ऑफ हॉस्पिटल इन्फेक्शन में प्रकाशित एक ताजा अध्ययन में बीकेसी की 0.003 से 0.005 प्रतिशत मात्रा को कोरोना वायरस के खिलाफ प्रभावी पाया गया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि सही पद्धति की जानकारी हो और उस पर उपयुक्त ढंग से अमल किया जाए तो बिना किसी नुकसान के रोगजनक सूक्ष्मजीवों से बचा जा सकता है।दरअसल इस अध्ययन से पता चला है कि 0.02 से 0.05 प्रतिशत वजन की सांद्रता त्वचा पर कोई प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना रोगाणुओं को नष्ट कर सकती है। इसी आधार पर, वैज्ञानिक मिस्ट सैनिटाइजर में 0.02 से 0.05 प्रतिशत वजन की सांद्रता में हाइपोक्लोराइट का उपयोग करने की सलाह दे रहे हैं। संक्रमण के संपर्क की अलग-अलग प्रकृति के अनुसार वैज्ञानिकों ने हाइपोक्लोराइट की विभिन्न सांद्रताओं की सिफारिश की है। हाइपोक्लोराइट की 0.5 प्रतिशत सांद्रता के मिश्रण के छिड़काव की सिफारिश उन लोगों पर करने के लिए की गई है, जो अधिक आबादी के बीच रहकर कोविड-19 के खिलाफ काम कर रहे हैं। इसी तरह, 0.2 प्रतिशत मात्रा का उपयोग सामान्य कार्यालयों या फैक्टरी में किया जा सकता है। हालांकि, घर जैसे पूरी तरह पृथक रहने वाले स्थानों पर इस सैनिटाइजर के उपयोग की आवश्यकता नहीं है। सोडियम हाइपोक्लोराइट के दुष्प्रभाव न होने के बावजूद सीएसआईआर-एनसीएल के वैज्ञानिकों ने कहा है कि टनल से गुजरने के दौरान सुरक्षा की दृष्टि से फेस शील्ड या सेफ्टी गॉगल्स का उपयोग किया जा सकता है। टनल से गुजरकर सैनिटाइज करने की प्रक्रिया हैंड-सैनिटाइजर या साबुन से हाथ धोने के बाद पूरी होती है।
- नई दिल्ली। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने 17 अप्रैल को किसान रथ नाम का एक ऐप शुरू किया है जो किसानों और व्यापारियों की कृषि उत्पादों खाद्यान्न (अनाज, मोटा अनाज, दलहन आदि) से लेकर फल और सब्जियां, तिलहनों, मसाले, रेशे वाली फसलें, फूल, बांस, लठ्ठे और छोटे वनोत्पाद, नारियल आदि को पहुंचाने के लिए परिवहन की सही प्रणाली का पता लगाने में मदद करेगा। अब तक, कुल 80,474 किसान और 70,581 व्यापारी इस ऐप पर पंजीकृत हैं।पूर्ण लॉकडाउन के कारण, सभी थोक मंडियों को 25 मार्च को बंद कर दिया गया था। भारत में 2587 प्रमुख/ मुख्य कृषि बाजार उपलब्ध हैं।दलहन और तिलहन की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद वर्तमान में बीस (20) राज्यों में चल रही है। नैफेड और एफसीआई 1,79,852.21 मीट्रिक टन दलहन और 1,64,195.14 मीट्रिक टन तिलहन खरीद चुके हैं जिसका मूल्य 1605.43 करोड़ रुपये आंका गया है, जिससे 2,05,869 किसान लाभान्वित हुए हैं।----
- नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने राज्यों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि कोरोना महामारी के बावजूद, टीबी की पहचान और उसके इलाज का काम अनवरत जारी रहे।स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि राष्ट्रीय तपेदिक उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत सभी सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए। मंत्रालय ने कहा है कि अगर टीबी का रोगी स्वास्थ्य केन्द्र तक आ पाने में असमर्थ हो, तो उसे घर पर ही दवाएं उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जानी चाहिए। मंत्रालय ने यह सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया है कि स्वास्थ्य केन्?द्रों में हर टीबी रोगी को दवा अनिवार्य रूप से मिले- चाहे उसके पास पहचान-पत्र हो या न हो।स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, टीबी रोगियों को कोरोना संक्रमण से सुरक्षा के लिए एहतियाती उपायों की जानकारी दी जा रही है और उनसे कहा जा रहा है कि वे टीबी का निर्धारित इलाज जारी रखें।
- रायपुर। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडु ने आज टेलीफोन पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से चर्चा की। श्री नायडु ने मुख्यमंत्री श्री बघेल से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के कार्यों से गांवों में खेती-किसानी को उन्नत बनाने, अधिक से अधिक लोगों को रोजगार से जोडऩे तथा रोजगार मूलक कार्यांे से गांवों में कृषि की स्थायी परिसंपत्तियों के निर्माण पर विस्तृत चर्चा की।मुख्यमंत्री श्री बघेल ने उप राष्ट्रपति श्री नायडु को बताया कि देशव्यापी लॉकडाउन के बावजूद छत्तीसगढ़ में 11 हजार 504 ग्राम पंचायतों में से वर्तमान 9 हजार 687 ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत रोजगार मूलक कार्य संचालित किए जा रहे है। इसमें गांवों में 43 हजार 325 रोजगार मूलक गतिविधियां संचालित की जा रही हंै जिसमें 12 लाख 81 हजार 327 मजदूरों को रोजगार मुहैया कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने उपराष्ट्रपति को राज्य सरकार की सुराजी गांव योजना नरवा, गरूवा, घुरवा, बारी के तहत संचालित ग्रामीण विकास के कार्यों की भी जानकारी दी। उपराष्ट्रपति श्री नायडु ने मनरेगा के अलावा छत्तीसगढ़ में कोरोना संकट से निपटने के लिए किए गए इंतजामों पर भी मुख्यमंत्री के साथ विस्तृत चर्चा की।----
- नई दिल्ली। इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय को यह सुझाव दिया है कि उसे मोबाइल फोन, लैपटॉप, डेस्कटॉप, स्टोरेज उपकरण और अन्य संबंधित उत्पादों को आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में शामिल किया जाना चाहिये।इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय में सचिव अजय साहनी ने 20 अप्रैल को गृह मंत्रालय सचिव अजय कुमार भल्ला को इस संबंध में पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने मोबाइल फोन से संबंधित तमाम उपकरणों को आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में शामिल करने का सुझाव दिया है। इसके साथ ही उन्होंने आईटी हार्डवेयर उपकरणों के विनिर्माण की भी मंजूरी देने को कहा है। श्री साहनी ने कहा है कि घर से काम करने के मामले में इन सभी उत्पादों की जरूरत है। मोबाइल फोन को आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में शामिल करने से ई- कामर्स कंपनियों और खुदरा स्टोरों को इस प्रकार के उत्पादों की लॉकडाउन के दौरान बिक्री करने की अनुमति मिल जायेगी।
- नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों से कहा है कि अधिक से अधिक कोरोना योद्धाओं को ऑनलाइन प्रशिक्षण पाठ्यक्रम करने के लिए प्रोत्साहित करें ताकि महामारी से प्रभावी तरीके से निपटा जा सके।केंद्र ने कहा कि बहादुर और प्रतिबद्ध चिकित्सक, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, पुलिस और अन्य स्वयंसेवियों की क्षमता बढ़ाए जाने की जरूरत है ताकि उन्नत प्रौद्योगिकी और वायरस के बारे में उनकी वैश्विक समझ बढ़े। कार्मिक मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, सभी राज्यों, केंद्र शासित सरकारों से आग्रह किया गया है कि इसका व्यापक प्रचार किया जाए और अधिक से अधिक कोविड-19 योद्धाओं को प्रोत्साहित किया जाए कि वे समन्वित ऑनलाइन प्रशिक्षण मॉड्यूल (आईजीओटी) प्लेटफॉर्म को अपनाएं तथा अपने लिए प्रासंगिक ऑनलाइन प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में हिस्सा लें ताकि महामारी से प्रभावी तरीके से निपटा जा सके। बयान में कहा गया है कि आईजीओटी का हाल ही में जरूरत के माकूल संस्करण जारी किया गया है ताकि देश के सभी कोविड-19 योद्धाओं को प्रशिक्षित किया जा सके। अधिकारियों ने बताया कि कोरोना वायरस महामारी से मुकाबला करने के लिए एक लाख 44 हजार से अधिक लोगों ने आईजीओटी प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण कराया है और उनमें से करीब 96,268 लोगों ने पाठ्यक्रम पूरा कर लिया है।
- नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने इस वर्ष 4.07 करोड़ टन गेहूं खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस साल रिकॉर्ड 10 करोड़ 62.1 लाख टन गेहूं उत्पादन की उम्मीद है।खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने ट्वीट किया , केंद्र सरकार ने वर्ष 2020-21 के रबी सत्र में 4.07 करोड़ टन गेहूं और एक करोड़ 12.9 लाख टन चावल की खरीद को मंजूरी दी है। कोविड-19 की वजह से लॉकडाउन की स्थिति के बीच, मुख्य रबी फसल, गेहूं की कटाई चल रही है। लगभग 67 प्रतिशत गेहूं फसल की कटाई हो चुकी है। गेहूं का विपणन वर्ष अप्रैल से मार्च तक तक का होता है और अधिकांश खरीद का काम पहले तीन महीनों में किया जाता है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और राज्य एजेंसियां एमएसपी पर खरीद का काम करती हैं। विपणन वर्ष 2019-20 के दौरान गेहूं की खरीद तीन करोड़ 41.3 लाख टन की हुई थी।खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि गेहूं उत्पादक राज्यों द्वारा दिये गये फसल अनुमान का आंकलन करने के बाद लक्ष्य को अंतिम रूप दिया गया है। अधिकारी ने कहा कि मौजूदा विपणन वर्ष के लिए, पंजाब के लिए गेहूं खरीद लक्ष्य 1.35 करोड़ टन, मध्य प्रदेश में एक करोड़ टन, हरियाणा में 95 लाख टन, उत्तर प्रदेश में 55 लाख टन और राजस्थान में 17 लाख टन निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड और बिहार के लिए 20 - 20 लाख टन की खरीद का लक्ष्य रखा गया है, जबकि गुजरात तथा हिमाचल प्रदेश जैसे अन्य राज्यों के लिए इस साल 50- 50 हजार टन की खरीद का लक्ष्य रखा गया है।केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने अपने दूसरे अनुमान में गेहूं का उत्पादन चालू वर्ष में रिकॉर्ड 10 करोड़ 62.1 लाख टन होने का अनुमान लगाया है लेकिन गेहूं उत्पादक राज्य 11 करोड़ 84.1 लाख टन से भी अधिक उत्पादन की उम्मीद कर रहे हैं। इसके अलावा, केंद्र सरकार ने इस साल के रबी सत्र के दौरान एक करोड़ 12.9 लाख टन चावल की खरीद का लक्ष्य रखा है। विपणन वर्ष 2020-21 के दौरान तेलंगाना के लिए लक्ष्य 61.9 लाख टन और आंध्र प्रदेश के लिए लक्ष्य 21.9 लाख टन निर्धारित किया गया है। ओडिशा के लिए यह लक्ष्य साढ़े नौ लाख टन, पश्चिम बंगाल के लिए 8 लाख टन, तमिलनाडु के लिए 5 लाख 44 हजार टन, महाराष्ट्र के लिए 3 लाख 35 हजार टन, केरल के लिए 2 लाख टन, असम के लिए 67 हजार टन और कर्नाटक के लिए 12 हजार टन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। एफसीआई द्वारा खरीफ सत्र के दौरान उगाये गये चावल की भारी पैमाने पर खरीद की जाती है।---
- नई दिल्ली। .कोरोना वायरस के संकट के दौर में सीएसआईआर के खनिज एवं पदार्थ प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएमएमटी) ने पैरों से चलने वाला वॉश बेसिन तैयार की है जिसे मुंबई के धारावी इलाके में लगाया जाएगा।घनी आबादी वाले धारावी में गुरुवार तक कोरोना वायरस संक्रमण के 189 मामले सामने आए हैं। इस वॉश बेसिन में इस्तेमाल करने वाले को पानी या साबुन लेने के लिए हाथ का इस्तेमाल नहीं करना पड़ेगा और इससे कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत काम करने वाले वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद' (सीएसआईआर) ने ट्वीट किया, सीएसआईआर आईएमएमटी ने हस्तमुक्त वाशिंग स्टेशन बनाकर कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान दिया है जिन्हें मुंबई के धारावी में लगाया जाएगा। इस महीने की शुरुआत में प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों में विशेष रूप से धारावी के लिए पैरों से चलने वाले वाश बेसिन की सिफारिश की गयी थी।
- जैसलमेर। राजस्थान के जैसलमेर जिले के लाठी पुलिस थाना क्षेत्र में गुरुवार को अनाज की बोरियों के नीचे दबने से दो बच्चियों की मौत हो गई।थानाधिकारी ओमप्रकाश चौधरी ने बताया कि डेलासर गांव में एक कृषि फार्म हाउस पर अनाज की बोरियों के पास दो बच्चियां खेल रही थी, अचानक बोरियां दोनों बच्चियों पर गिर गई जिसके नीचे दबने से दोनों की मौत हो गई। दोनों लगभग दो वर्ष की थी। उन्होंने बताया कि सुमन और मनीषा रिश्ते में बहनें थी। उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया जहां चिकित्सकों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।-
- नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि केंद्र सरकार को संकट के इस समय में बेसहारा लोगों को अन्न और जीविका की सुरक्षा प्रदान करने को प्राथमिकता देनी चाहिए।उन्होंने एक खबर शेयर करते हुए ट्वीट किया, कोविड-19 के लॉकडाउन से रोज़ की रोटी कमाकर जीवन चलाने वाले भुखमरी का शिकार हो रहे हैं। श्री गांधी ने कहा, इस संकट में हमारे बेसहारा भाई बहनों को अन्न और जीविका की सुरक्षा देना सरकार की प्राथमिकता होनी ही चाहिए। उन्होंने जिस खबर का हवाला दिया उसके मुताबिक संयुक्त राष्ट्र से जुड़े विश्व खाद्य कार्यक्रम ने आगाह किया है कि दुनिया भुखमरी की महामारी के कगार पर खड़ी है और अगर वक्त रहते जरूरी कदम नहीं उठाए गए कुछ ही महीने में भुखमरी के शिकार लोगों की संख्या में भारी इजाफा हो सकता है।-
- जयपुर। पश्चिमी विक्षोभ के कारण राजस्थान के कई हिस्सों में हल्की बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग के अनुसार गुरुवार सुबह तक जैसलमेर में 7.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। जयपुर में 1.2 मिलीमीटर, अजमेर में 1.1 मिलीमीटर, श्रीगंगानगर में 0.4 मिलीमीटर, और बीकानेर में 0.3 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।विभाग के अनुसार बृहस्पतिवार सुबह से शाम तक श्रीगंगानगर में 1.7 मिलीमीटर, और जयपुर में 1 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई जबकि पिलानी, सीकर, फलौदी में बूंदाबांदी दर्ज की गई। वहीं राज्य के अधिकतर हिस्सों में दिन के तापमान में एक डिग्री सैल्सियस से लेकर 5 डिग्री सैल्सियस तक गिरावट दर्ज की गई। विभाग ने आगामी 24 घंटों में राज्य के कई हिस्सों में धूलभरी आंधी और गरज-चमक के साथ बारिश होने की संभावना जताई है।-
- श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले से प्रतिबंधित संगठन हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े एक आतंकी को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आतंकी के कब्जे से शस्त्र और गोला-बारूद बरामद किया गया।पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा, एक विशेष सूचना के आधार पर पुलिस ने गुरुवार को कुलगाम से आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के एक आतंकवादी को गिरफ्तार किया है। उन्होंने कहा कि निहामा पर बनी जांच चौकी पर अधिकारियों ने कुलगाम के दमहाल हांजीपुरा क्षेत्र के निवासी शाकिर अली को गिरफ्तार किया। प्रवक्ता ने कहा कि अली गत 14 अप्रैल से लापता था और आतंकवादी संगठन में शामिल हो गया था।--
- नई दिल्ली।. कोयला मंत्रालय ने कोल इंडिया लिमिटेड को 2024 तक एक अरब डॉलर के कोयला उत्पादन के लक्ष्य को पाने के लिये चालू वित्त वर्ष में उत्पादन लक्ष्य 71 करोड़ टन बनाये रखने को कहा है। सरकार को उम्मीद है कि लॉकडाउन समाप्त किये जाने के बाद कोयले की मांग में तेजी आयेगी।कोयला एवं खान मंत्री प्रल्हाद जोशी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये कोल इंडिया लिमिटेड के प्रदर्शन की समीक्षा करते हुए यह लक्ष्य निर्धारित किया। बयान के अनुसार, उन्होंने कहा, कोरोना वायरस महामारी पर रोकथाम के लिये देशभर में लागू लॉकडाउन को समाप्त किये जाने के बाद कोयले की मांग एक बार फिर से बढ़ेगी, इसलिए मैंने कोल इंडिया लिमिटेड को वर्ष 2023-24 तक एक अरब टन कोयला उत्पादन के अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिये वित वर्ष 2020-21 के लिए 71 करोड़ टन के उत्पादन और कुल उठाय का लक्ष्य बनाये रखने का निर्देश दिया है। उन्होंने पूरे वित्त वर्ष के दौरान कोयला उत्पादन में निरंतरता बनाये रखने पर जोर दिया और कोल इंडिया के प्रबंधन को सभी आवश्यक तैयारी करने को कहा जिससे कि मानसून के दौरान भी उत्पादन प्रभावित न हो। उन्होंने कंपनी के अधिकारियों को सभी उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण कोयला उपलब्ध कराने और यह सुनिश्चित करने को कहा कि वर्ष के दौरान बिजली संयंत्रों के पास पर्याप्त कोयला उपलब्ध रहे।प्रल्हाद जोशी ने कहा, मुझे हमारे कोयला खनन के योद्धाओं (कोल वारियर्स) पर गर्व है जो कोरोना वायरस महामारी के दौरान भी प्रकाश का प्रबंध बनाए रखने रखने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं और मुझे उम्मीद है कि सीआईएल सभी निर्धारित लक्ष्य समय पर या समय से पहले ही अर्जित कर लेगी। सरकार लक्ष्यों को हासिल करने में हरसंभव सहायता प्रदान करेगी।
- औरंगाबाद। कोरोनो वायरस संक्रमित एक मां ने अपने बच्चे की पहली झलक वीडियो कॉल के माध्यम से देखी।दरअसल महाराष्ट्र के औरंगाबाद में कोरोना संक्रमित पाई गई एक महिला ने 18 अप्रैल को सिविल हॉस्पिटल में सिजेरियन सेक्शन के जरिए एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया, लेकिन वह अपने बच्चे की एक झलक भी नहीं देख पाई, क्योंकि बच्चे के जन्म के समय वह बेहोश थी। आखिरकार अस्पताल प्रशासन ने उसका भी इंतजाम किया और वीडियो कॉल के माध्यम से नवजात बच्चे की पहली झलक उसे दिखाई।जन्म लेने के बाद नवजात बच्चे को मां से अलग रखा गया है। बच्चे को कोरोना संक्रमित नहीं पाया गया है।
- नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज नई दिल्ली में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से देश की पहली कोविड-19 गतिशील नमूना संग्रह प्रयोगशाला मोबाइल बीएसएल-3 वीआरडीएल लैब को राष्ट्र को समर्पित किया।इस अवसर पर श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संतोष गंगवार, गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी, तेलंगाना के नगरीय प्रशासन और शहरी विकास, उद्योग एवं आईटी ईएंडसी मंत्री के टी रामा राव, तेलंगाना के ही श्रम एवं रोजगार, कारखाना मंत्री चामाकुरा मल्ला रेड्डी भी उपस्थित रहे।इस प्रयोगशाला को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ), रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और तेलंगाना सरकार की स्वीकृति के क्रम में ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, सनथनगर (हैदराबाद) के सहयोग से विकसित किया है। इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने रिकॉर्ड 15 दिन में इस जैव-सुरक्षा स्तर 2 और स्तर 3 की प्रयोगशाला की स्थापना में डीआरडीओ और ईएसआईसी के प्रयासों की सराहना की, जिसमें आम तौर पर लगभग छह महीने का समय लग जाता है। उन्होंने कहा कि इस परीक्षण इकाई से एक दिन में 1,000 नमूनों की जांच की जा सकती है और इससे कोविड-19 से लड़ाई में देश की क्षमताओं को बढ़ाने में सहायता मिलेगी।श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने अपने संबोधन में इतने कम समय में गतिशील परीक्षण प्रयोगशाला विकसित करने के लिए डीआरडीओ और ईएसआईसी की सराहना की। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में यह खासी अहम होगी। श्री गंगवार ने कोविड-19 से लड़ाई में उनके मंत्रालय के अधीन आने वाले संगठन ईएसआईसी द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने इस इकाई के विकास के लिए डीआरडीओ के वैज्ञानिकों और ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, सनथनगर, हैदराबाद के चिकित्सकों के दल की सराहना की।मोबाइल बीएसएल-3 वीआरडीएल प्रयोगशाला के बारे मेंईएसआईसी मेडिकल एंड हॉस्पिटल, सनथनगर, हैदराबाद के द्वारा मोबाइल बीएसएल-3 वीआरडीएल लैब नाम की इस नई मोबाइल डायग्नोस्टिक और रिसर्च इकाई का उपयोग किया जाएगा। यह कोविड-19 और अन्य संबंधित परीक्षण व शोध उद्देश्यों के लिए देश में अपनी तरह की पहली इकाई होगी।मोबाइल बीएसएल-3 वीआरडीएल लैब के डिजाइ को डीआरडीओ के वैज्ञानिकों के द्वारा विकसित किया गया है, जिसमें ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, सनथनगर, हैदराबाद द्वारा विशेषताएं शामिल की गई हैं। इस परियोजना का कार्यान्वयन और निर्माण डीआरडीओ के तीन उद्योग भागीदारों द्वारा किया गया है। डीआरडीओ द्वारा विकसित और ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, सनथनगर, हैदराबाद के साथ साझा की गई अन्य नवीन तकनीकों में नमूना संग्रह के लिए सीओवीएसएसीके यूनिट, एयरोसोल बॉक्स और आर्सेलाइज्ड सैनिटाइज्ड डिस्पेंसर, स्नोर्केल फेस मास्क और फेस शील्ड, यूवी-सी कीटाणुनाशक चैम्बर शामिल हैं।---
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नई दिल्ली। डिजिटल भुगतान अवसंरचना का उपयोग करते हुए 33 करोड़ से भी अधिक गरीब लोगों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी) के तहत सीधे तौर पर 31 हजार 235 करोड़ रुपये (22 अप्रैल, 2020 तक) की वित्तीय सहायता दी गई है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज की घोषणा केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 26 मार्च, 2020 को कोविड-19 के कारण किए गए लॉकडाउन के प्रभाव से गरीबों को बचाने के लिए की है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के एक हिस्से के रूप में सरकार ने महिलाओं और गरीब वरिष्ठ नागरिकों एवं किसानों को मुफ्त में अनाज देने और नकद भुगतान करने की घोषणा की। इस पैकेज के त्वरित कार्यान्वयन पर केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा निरंतर पैनी नजर रखी जा रही है। वित्त मंत्रालय, संबंधित मंत्रालय, मंत्रिमंडलीय सचिवालय और प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) यह सुनिश्चित करने में कोई भी कसर नहीं छोड़ रहे हैं कि राहत के उपाय तेजी से और लॉकडाउन से उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर जरूरतमंदों तक अवश्य ही पहुंच जाएं।--- - नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि महामारी संशोधन अध्यादेश 2020 कोविड-19 महामारी से लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभा रहे प्रत्येक स्वास्थ्य कार्यकर्ता की सुरक्षा की सरकार की प्रतिबद्धता को व्यक्त करता है।प्रधानमंत्री ने ट्वीटर पर कहा कि इससे हमारे स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता।--
- नई दिल्ली। देश के विभिन्न हिस्सों में काम के दौरान कई मीडियाकर्मियों के कोविड-19 की चपेट में आने की घटनाओं को देखते हुए सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए एक एडवाइजरी जारी की है।मंत्रालय ने देश के विभिन्न हिस्सों में कोविड-19 से जुड़े मसलों को कवर कर रहे मीडियाकर्मियों मसलन संवाददाताओं, कैमरामैन, फोटोग्राफर्स को सलाह जारी की है। जारी एडवाइजरी में कंटेंनमेंट जोन, हॉटस्पॉट और कोरोना वायरस से प्रभावित अन्य इलाकों में जाने वाले मीडियाकर्मियों को अपनी ड्यूटी के दौरान स्वास्थ्य संबंधी सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। इसके अलावा, मंत्रालय ने मीडिया घरानों के प्रबंधन से अनुरोध किया है कि वे फील्ड में तैनात कर्मचारियों के साथ-साथ कार्यालय में काम कर रहे अपने कर्मचारियों की भी आवश्यक देखभाल करें।पूरी एडवाइजरी को सूचना और प्रसारण मंत्रालय की वेबसाइट पर पढ़ा सकता है।
- नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी दिवस के अवसर पर धरती माता का आभार व्यक्त किया है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पृथ्वी दिवस के अवसर पर भरपूर देखभाल और अनुकंपा के लिए धरती का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, अंतरराष्ट्रीय पृथ्वी दिवस पर हम सभी हमारी देखभाल और करुणा के लिए अपने ग्रह का आभार व्यक्त करते हैं। चलिए एक स्वच्छ, स्वस्थ और अधिक समृद्ध ग्रह बनाने की ओर काम करने का संकल्प लें। कोविड-19 को हराने के लिए अग्रिम मोर्चे पर काम कर रहे सभी लोगों का आभार।