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- संयुक्त राष्ट्र. अमेरिका ने रविवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में इजराइल का बचाव करते हुए कहा कि देश को यह निर्णय लेने का अधिकार है कि उसकी सुरक्षा के लिए क्या सर्वोत्तम है। इसने गाजा में नरसंहार के आरोपों को झूठा बताया। अमेरिका के पास परिषद में वीटो शक्ति है और वह वहां प्रस्तावित कार्यवाही को रोक सकता है। अन्य परिषद सदस्यों और संयुक्त राष्ट्र अधिकारियों ने चिंता व्यक्त की।चीन ने गाजा में लोगों को दी जाने वाली "सामूहिक सजा" को अस्वीकार्य बताया। रूस ने "शत्रुता में बेतहाशा वृद्धि" के खिलाफ चेतावनी दी। संयुक्त राष्ट्र मानवीय कार्यालय के रमेश राजसिंघम ने कहा, "यह अब भुखमरी का संकट नहीं है; यह भुखमरी है। मानवीय स्थितियां बेहद भयावह हैं। सच कहूं तो इसे बयां करने के लिए हमारे पास शब्द नहीं बचे हैं।"
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काठमांडू,। नेपाल पर्वतीय पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अपने सुदूर पश्चिमी क्षेत्र की लगभग 100 चोटियों पर चढ़ाई के लिए शुल्क नहीं लेगा। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। हिमालयी राष्ट्र ऐसे क्षेत्रों में पर्वतारोहियों को आकर्षित करना चाहता है, जहां सैलानी कम जाते हैं। इसके मद्देनजर सरकार ने अगले दो वर्षों के लिए करनाली और सुदूरपश्चिम प्रांतों की 97 चोटियों के लिए रॉयल्टी (शुल्क) माफ कर दी है। इन चोटियों की ऊंचाई 5,870 मीटर से लेकर 7,132 मीटर तक की है और सरकार के कदम से सीमित आर्थिक गतिविधि वाले क्षेत्रों में पर्यटकों को आकर्षित होने की उम्मीद है।
पर्यटन विभाग के निदेशक हिमाल गौतम ने ' बताया, “इसका उद्देश्य दूरदराज के इलाकों में ज़्यादा पर्यटकों को लाना, रोज़गार पैदा करना और स्थानीय समुदायों के लिए आय उत्पन्न करना है।” उन्होंने कहा कि इस पहल से नेपाल के ऐसे पर्वतीय स्थलों को बढ़ावा देने में भी मदद मिलेगी जहां पर्वतारोही कम जाते हैं। सरकार ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि माउंट एवरेस्ट को फतह करने का प्रयास करने वाले पर्वतारोहियों के लिए पहले कम से कम 7,000 मीटर ऊंची एक चोटी पर चढ़ना अनिवार्य कर दिया जाए। यह प्रस्ताव पर्यटन अधिनियम में संशोधन का हिस्सा है और इसे विचार के लिए उच्च सदन को भेजा गया है। इसे दोनों सदनों से अनुमोदन की आवश्यकता होगी। इस वर्ष की शुरुआत में, नेपाल ने घोषणा की थी कि माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने का शुल्क 11,000 अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 15,000 अमेरिकी डॉलर प्रति व्यक्ति कर दिया जाएगा, जो एक सितंबर, 2025 से प्रभावी होगा।
- ढाका. बांग्लादेश के चुनाव निकाय प्रमुख ने शनिवार को कहा कि आम चुनाव फरवरी 2026 के पहले सप्ताह में होंगे, लेकिन इसे स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से सुनिश्चित कराया जाना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। हालांकि, मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) एएमएम नासिर उद्दीन ने कहा कि कार्यक्रम की घोषणा से दो महीने पहले सही तारीख का खुलासा किया जायेगा। सरकारी बांग्लादेश संघबाद संस्था (बीएसएस) ने उत्तर-पश्चिमी रंगपुर जिले में एक समारोह में उद्दीन के हवाले से कहा, ‘‘लोगों का चुनाव प्रणाली, निर्वाचन आयोग और चुनावी प्रक्रिया में शामिल प्रशासनिक तंत्र पर से विश्वास उठ गया है।'' हालांकि, उद्दीन ने कहा कि उनका कार्यालय ‘‘खोए हुए भरोसे को बहाल करने के लिए अथक प्रयास कर रहा है।'' सीईसी की यह टिप्पणी अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार मोहम्मद यूनुस द्वारा यह घोषणा किए जाने के चार दिन बाद आई है कि चुनाव अगले साल फरवरी में होंगे। यूनुस ने यह घोषणा पांच अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग सरकार के सत्ता से बाहर होने का एक वर्ष पूरा होने के मौके पर की थी। उद्दीन ने आशंका जताई कि मतदाताओं में उदासीनता बढ़ रही है क्योंकि ‘‘पिछले कुछ वर्षों में लोग मतदान प्रक्रिया से विमुख हो गए हैं'' लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि ‘‘जब तक निर्वाचन आयोग अपनी जिम्मेदारियों के प्रति सचेत रहेगा, तब तक सभी कार्यवाही में नियमों और कानूनों का सख्ती से पालन किया जायेगा।'' मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि चुनाव की सही तारीख का खुलासा कार्यक्रम की घोषणा से दो महीने पहले किया जाएगा जबकि उनका कार्यालय विभिन्न चुनौतियों के बावजूद कम समय सीमा के भीतर चुनाव कराने की तैयारी कर रहा है।
- मॉस्को. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने रूस के प्रथम उपप्रधानमंत्री डेनिस मंतुरोव के साथ द्विपक्षीय सैन्य-तकनीकी संबंधों और रणनीतिक क्षेत्रों में संयुक्त परियोजनाओं के कार्यान्वयन पर चर्चा की। डोभाल द्विपक्षीय ऊर्जा और रक्षा संबंधों पर महत्वपूर्ण वार्ता करने और इस वर्ष के अंत में राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा की तैयारी के लिए रूस में हैं। भारत स्थित रूसी दूतावास के अनुसार, डोभाल और मंतुरोव की मुलाकात शुक्रवार को हुई।दूतावास ने एक पोस्ट में कहा, ‘‘इस बैठक के दौरान भारत-रूस के बीच सैन्य-तकनीकी सहयोग से जुड़े मौजूदा मुद्दों पर चर्चा हुई। साथ ही असैन्य विमान निर्माण, धातु उद्योग और रासायनिक उद्योग जैसे अन्य रणनीतिक क्षेत्रों में संयुक्त परियोजनाओं को लागू करने पर भी बातचीत हुई।'' रूसी सरकार की प्रेस सेवा ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘दोनों पक्षों ने रूस और भारत के बीच सैन्य-तकनीकी सहयोग के सामयिक मुद्दों और नागरिक विमान, धातु विज्ञान और रासायनिक उद्योग समेत अन्य रणनीतिक क्षेत्रों में संयुक्त परियोजनाओं के कार्यान्वयन पर चर्चा की।'' डोभाल ने बृहस्पतिवार को क्रेमलिन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की। मुलाकात के दौरान, उन्होंने बाहरी दबाव के बावजूद रूस के साथ सभी मोर्चों पर सहयोग जारी रखने की नयी दिल्ली की प्रतिबद्धता दोहराई। डोभाल की यात्रा ऐसे समय में हुई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश जारी करके रूस से तेल खरीदने पर भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाया है। इसके बाद कुल शुल्क 50 फीसदी हो गया है। सूत्रों के अनुसार, डोभाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से राष्ट्रपति पुतिन को इस वर्ष के अंत में भारत आने का निमंत्रण दिया। पुतिन ने आभार के साथ निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्रपति पुतिन से फोन पर बात की थी और इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत और रूस के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की थी।
- वाशिंगटन। स्टारलाइनर के फंसे हुए परीक्षण पायलटों को राहत देने के लिए लगभग पांच महीने पहले अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र पहुंचे चार अंतरिक्ष यात्री शनिवार को पृथ्वी पर लौट आए। उनका स्पेसएक्स कैप्सूल, चक्कर लगा रही प्रयोगशाला से प्रस्थान करने के एक दिन बाद, दक्षिणी कैलिफोर्निया तट से प्रशांत महासागर में पैराशूट से उतरा। स्पेसएक्स मिशन कंट्रोल ने रेडियो पर प्रसारित किया, ‘‘घर में आपका स्वागत है।'' नासा की एनी मैकक्लेन और निकोल एयर्स, जापान के ताकुया ओनिशी और रूस के किरिल पेस्कोव धरती पर उतरे। इन्हें मार्च में स्टारलाइनर के असफल प्रदर्शन के लिए नियुक्त किए गए दो नासा अंतरिक्ष यात्रियों की जगह लेने के लिए भेजा गया था। स्टारलाइनर में खराबी के कारण बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स एक हफ़्ते के बजाय नौ महीने से ज़्यादा समय तक अंतरिक्ष केंद्र पर फंसे रहे। नासा ने बोइंग के नए क्रू कैप्सूल को खाली वापस लौटने का आदेश दिया और दोनों को स्पेसएक्स में स्थानांतरित कर दिया।
- वाशिंगटन,। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह यूक्रेन युद्ध समाप्त कराने पर चर्चा के लिए अगले शुक्रवार को अलास्का में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलेंगे। उम्मीद की जा रही है कि इस मुलाकात से सकारात्मक निष्कर्ष निकल सकते हैं। हालांकि, पिछले कुछ हफ्तों से ट्रंप इस बात को लेकर निराशा व्यक्त कर रहे हैं कि संघर्ष को रोकने के लिए ज्यादा प्रयास नहीं हो रहे हैं। इस संभावित मुलाकात को लेकर रूस की ओर से अभी तक कोई पुष्टि नहीं की गई। लेकिन दोनों देशों ने अगले सप्ताह बैठक के संकेत दिए हैं। पुतिन के साथ इस संभावित मुलाकात को ‘‘बहुप्रतीक्षित बैठक'' करार देते हुए ट्रंप ने सोशल मीडिया पर पोस्ट में कहा कि यह बैठक 15 अगस्त को अलास्का में होगी। उन्होंने कहा कि ज्यादा जानकारी बाद में दी जाएगी। इससे पहले ट्रंप ने शुक्रवार को कहा था कि किसी भी समझौते में संभवतः ‘‘कुछ इलाकों की अदला-बदली'' शामिल हो सकती है, लेकिन उन्होंने इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी। क्रेमलिन के करीबी लोगों समेत कुछ विश्लेषकों का मानना है कि रूस उन इलाकों को छोड़ने का प्रस्ताव दे सकता है जो उन चार क्षेत्रों के बाहर हैं, जिन्हें वह पहले ही अपने देश में मिला लेने का दावा कर चुका है।
- लंदन. ब्रिटेन के ‘इंपीरियल वॉर म्यूजियम' (आईडब्ल्यूएम) ने ‘‘भारत का युद्ध'' नामक एक प्रमुख संग्रह परियोजना शुरू की है, जिसमें जनता को द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारतीयों के अनुभवों से संबंधित कहानियों और यादगार वस्तुओं को साझा करने के लिए आमंत्रित किया गया है। अगस्त 1945 में युद्ध की समाप्ति तक, भारतीय उपमहाद्वीप की सशस्त्र सेनाएं ब्रिटेन के बाद राष्ट्रमंडल देशों से ली गई दूसरी सबसे बड़ी लड़ाकू सेना थीं। आईडब्ल्यूएम के अनुसार, 89000 दक्षिण एशियाई सैन्य कर्मियों ने ब्रिटेन के लगभग हर युद्ध मोर्चे पर लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। भारतीय सशस्त्र बलों के 28 कर्मियों को युद्ध में वीरता के लिए सर्वोच्च पुरस्कार ‘विक्टोरिया क्रॉस' से सम्मानित किया गया। आईडब्ल्यूएम में द्वितीय विश्व युद्ध और मध्य-20वीं सदी के वरिष्ठ संग्रहाध्यक्ष एड्रियन केरिसन ने कहा, ‘‘हालांकि, आईडब्ल्यूएम के पास द्वितीय विश्व युद्ध में भारतीय योगदान को दर्शाने वाले महत्वपूर्ण फिल्म और फोटोग्राफी संग्रह हैं, लेकिन ये अक्सर व्यक्तिगत स्तर पर युद्ध के अनुभवों को पूरी तरह से व्यक्त करने में असमर्थ होते हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘यह संग्रहण परियोजना आईडब्ल्यूएम के लिए हमारे दर्शकों तक पहुंचने का एक अवसर है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ये व्यक्तिगत कहानियां- जो भारत और ब्रिटेन में द्वितीय विश्व युद्ध के परिणामों की हमारी समझ के लिए महत्वपूर्ण हैं- आईडब्ल्यूएम के संग्रह में उचित रूप से प्रस्तुत की जाएं।''
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वाशिंगटन. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जुलाई में रोजगार संबंधी आंकड़े जारी होने के बाद श्रम सांख्यिकी ब्यूरो के निदेशक को बर्खास्त कर दिया और इन आंकड़ों में हेर फेर किए जाने का आरोप लगाया। अमेरिका में नौकरियों संबंधी मासिक आंकड़ों पर शेयर बाजार के निवेशकों और अर्थशास्त्रियों की पहले से ही नजर रहती है लेकिन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा इस रिपोर्ट की निगरानी करने वाले अधिकारी को शुक्रवार को बर्खास्त किए जाने के बाद ये आंकड़े विशेष रूप से ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। ट्रंप ने दावा किया कि उन्हें और रिपब्लिकन पार्टी के अन्य नेताओं को ‘‘खराब'' दिखाने के लिए जून के रोजगार संबंधी आंकड़ों में ‘‘हेरफेर'' किया गया था। हालांकि उन्होंने इसे साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं दिया। उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा नियुक्त श्रम सांख्यिकी ब्यूरो के निदेशक एरिका मैकएंटार्फर को बर्खास्त कर दिया। शुक्रवार को जारी रोजगार रिपोर्ट में दिखाया गया था कि जुलाई में भर्ती प्रक्रिया कमजोर रही और मई एवं जून में ट्रंप द्वारा व्यापक शुल्क लागू करने के बाद यह लगभग ठप हो गई थी। -
न्यूयॉर्क. रिपब्लिकन पार्टी की भारतवंशी नेता निक्की हेली ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका को भारत जैसे मजबूत साझेदार के साथ अपने संबंधों को खराब नहीं करना चाहिए और चीन को छूट नहीं देनी चाहिए। उन्होंने यह बात अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा शुल्क और रूसी तेल की खरीद को लेकर दिल्ली पर किए गए हमलों के बीच कही। हेली ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "भारत को रूस से तेल नहीं खरीदना चाहिए। लेकिन चीन, जो एक विरोधी है और रूसी और ईरानी तेल का नंबर एक खरीदार है, उसे 90 दिनों के लिए शुल्क पर रोक लगा दी गई है।" उन्होंने कहा, "चीन को छूट नहीं देनी चाहिए और भारत जैसे मजबूत सहयोगी के साथ अपने रिश्ते खराब न करें।" दक्षिण कैरोलाइना की पूर्व गवर्नर हेली, ट्रंप के पहले राष्ट्रपति कार्यकाल में संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत थीं और अमेरिकी प्रशासन में कैबिनेट स्तर के पद पर नियुक्त होने वाली पहली भारतवंशी बनीं। उन्होंने आधिकारिक तौर पर 2024 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की थी और पिछले साल मार्च में दौड़ से हट गईं। हेली का बयान ऐसे वक्त आया है जब ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि भारत एक अच्छा व्यापारिक साझेदार नहीं रहा है और वह अगले 24 घंटों में भारत पर शुल्क को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाएंगे।
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नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि वह अगले 24 घंटों में भारत पर टैरिफ और बढ़ाएंगे। इससे पहले ट्रंप भारतीय निर्यात पर 7 अगस्त से 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान कर चुके हैं। सीएनबीसी के साथ एक इटरव्यू में, ट्रंप ने कहा कि वह भारत पर टैरिफ बढ़ाएंगे और पहले तय की गई 25 प्रतिशत की दर में संशोधन करेंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, “भारत में सबसे ज्यादा टैरिफ हैं। हम भारत के साथ बहुत कम व्यापार करते हैं। हमने 25 प्रतिशत पर समझौता किया था, लेकिन मुझे लगता है कि मैं अगले 24 घंटों में इसे काफी बढ़ा दूंगा।” उन्होंने दावा किया कि भारत रूसी तेल खरीद रहा है और रूसी वार मशीन को बढ़ावा दे रहा है।दूसरी तरफ, भारत ने अतिरिक्त टैरिफ की धमकी को “अनुचित” बताया है।वहीं, रूस ने भी मंगलवार को कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिका की इस तरह की दबाव बनाने की रणनीति को “अवैध” करार दिया। उसने भारत का समर्थन किया और मॉस्को से तेल खरीदने पर नई दिल्ली पर टैरिफ बढ़ाने की ट्रंप की धमकियों की आलोचना करते हुए कहा, “संप्रभु राष्ट्रों को अपने व्यापारिक साझेदार चुनने का अधिकार होना चाहिए।”रूसी राष्ट्रपति के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव के हवाले से रूस की सरकारी समाचार एजेंसी टीएएसएस ने कहा, “रूस भारत के खिलाफ अमेरिकी धमकियों को जानता है और ऐसे बयानों को जायज नहीं मानता। संप्रभु देशों को अपने व्यापारिक साझेदार, व्यापार और आर्थिक सहयोग में साझेदार चुनने और किसी विशेष देश के हित में व्यापार और आर्थिक सहयोग व्यवस्था चुनने का अधिकार होना चाहिए।”ट्रंप द्वारा नई दिल्ली पर भारी टैरिफ लगाने की धमकी के बाद, भारत सरकार ने सोमवार को कहा कि रूसी तेल खरीद को लेकर अमेरिका द्वारा भारत को निशाना बनाना अनुचित और अविवेकपूर्ण है।विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि किसी भी बड़ी अर्थव्यवस्था की तरह, “भारत अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा।”सरकार के अनुसार, यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के बाद रूस से तेल आयात करने के कारण भारत अमेरिका और यूरोपीय संघ के निशाने पर है।विदेश मंत्रालय ने कहा, “दरअसल, भारत ने रूस से आयात इसलिए शुरू किया क्योंकि संघर्ष शुरू होने के बाद पारंपरिक आपूर्ति यूरोप की ओर मोड़ दी गई थी। उस समय अमेरिका ने वैश्विक ऊर्जा बाजारों की स्थिरता को मजबूत करने के लिए भारत द्वारा इस तरह के आयात को सक्रिय रूप से प्रोत्साहित किया था।” - काहिरा.यमन के अपतटीय क्षेत्र में रविवार को एक नौका के पलट जाने से उसपर सवार अफ्रीका के कम से कम 68 प्रवासियों की मौत हो गई। संयुक्त राष्ट्र प्रवासन एजेंसी ने बताया कि इस घटना में 74 अन्य लोग लापता हैं।
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नई दिल्ली। रविवार तड़के पाकिस्तान के कई हिस्सों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। नेशनल सिस्मिक मॉनिटरिंग सेंटर (एनएसएमसी) के अनुसार, इस भूकंप की तीव्रता 5.1 मापी गई। भूकंप का केंद्र रावत से 15 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में था और इसकी गहराई सिर्फ 10 किलोमीटर थी।
यह झटके शनिवार-रविवार की दरमियानी रात 12:10 बजे महसूस किए गएयह झटके शनिवार-रविवार की दरमियानी रात 12:10 बजे महसूस किए गए, जिससे लोग डर के मारे घरों से बाहर निकल आए और कलिमा तय्यबा पढ़ते रहे। भूकंप का असर खैबर पख्तूनख्वा, इस्लामाबाद, रावलपिंडी और आस-पास के कई इलाकों में देखा गया।भूकंप के झटके इस्लामाबाद और रावलपिंडी के साथ-साथ मर्दान, मुर्री, हरिपुर, चकवाल, ताला गंग और कलर कहार तक महसूस किए गएभूकंप के झटके इस्लामाबाद और रावलपिंडी के साथ-साथ मर्दान, मुर्री, हरिपुर, चकवाल, ताला गंग और कलर कहार तक महसूस किए गए। झटकों के बाद ‘एआरवाई न्यूज’ की रिपोर्ट के मुताबिक, लोग देर रात तक खुले आसमान के नीचे रहे, क्योंकि उन्हें आफ्टरशॉक्स (भूकंप के बाद के झटकों) का डर था। शनिवार को भी 5.4 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसका केंद्र अफगानिस्तान के हिंदुकुश पर्वतीय क्षेत्र में था। इसकी गहराई 102 किलोमीटर थी। एनएसएमसी ने बताया कि इस भूकंप के झटके पाकिस्तान, अफगानिस्तान और ताजिकिस्तान के कई हिस्सों में महसूस किए गए।अब तक दोनों भूकंपों से किसी भी तरह की जान-माल की हानि की कोई खबर नहीं आई हैखैबर पख्तूनख्वा में शनिवार के भूकंप के झटके पेशावर, स्वात, मलकंद, नौशेरा, चारसद्दा, करक, दीर, मर्दान, मोहम्मद, शांगला, हंगू, स्वाबी, हरिपुर और एबटाबाद में महसूस किए गए। इस्लामाबाद, रावलपिंडी, लाहौर, अटॉक, टेक्सिला, मुर्री, सियालकोट, गुजरांवाला, गुजरात, शेखुपुरा, फिरोजवाला और मुरिदके में भी ये झटके महसूस किए गए। अब तक दोनों भूकंपों से किसी भी तरह की जान-माल की हानि की कोई खबर नहीं आई है। हालांकि, लोगों में डर का माहौल बना हुआ है और वे किसी भी संभावित आफ्टरशॉक से सतर्क हैं।( - लंदन. स्पेन स्थित भारतीय दूतावास ने कहा कि भारत को शनिवार को स्पेन से 16 एयरबस सी-295 सैन्य परिवहन विमानों में से अंतिम विमान प्राप्त हुआ, जो उसकी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। समकालीन प्रौद्योगिकी से युक्त 5-10 टन क्षमता वाला परिवहन विमान सी-295, भारतीय वायुसेना के पुराने एवरो विमान की जगह लेगा। स्पेन में भारतीय राजदूत दिनेश के पटनायक ने भारतीय वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सेविले में एयरबस डिफेंस एंड स्पेस असेंबली लाइन पर 16 एयरबस सी-295 सैन्य परिवहन विमानों में से अंतिम विमान प्राप्त किया, भारतीय मिशन ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। इसमें कहा गया है, “निर्धारित समय से दो महीने पहले की गई यह आपूर्ति भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।” यह विमान एक बहुमुखी और कुशल सामरिक परिवहन विमान है जिसकी उड़ान क्षमता 11 घंटे है।भारत ने सितंबर 2021 में भारतीय वायुसेना के लिए 56 सी-295 मेगावाट परिवहन विमान के अधिग्रहण के लिए एयरबस डिफेंस एंड स्पेस, स्पेन के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। सी-295 कार्यक्रम के अंतर्गत कुल 56 विमानों की आपूर्ति की जानी है, जिनमें से 16 स्पेन से एयरबस द्वारा सीधे वितरित किए जाएंगे तथा शेष 40 का निर्माण भारत में किया जाएगा।
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वाशिंगटन. अमेरिका में जून माह के दौरान रोजगार के अवसर घटकर 74 लाख रह गए, जो मई के 77 लाख रोजगार अवसरों की तुलना में कम हैं। अमेरिकी श्रम विभाग ने मंगलवार को जून महीने के रोजगार आंकड़े जारी किए। रोजगार अवसरों में आई यह गिरावट श्रम बाजार में जारी सुस्ती को दर्शाती है। रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले महीने छंटनी के आंकड़ों में खास बदलाव नहीं आया लेकिन नौकरी छोड़ने वाले लोगों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई। विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा 2022 एवं 2023 के दौरान ब्याज दरों में 11 बार की गई बढ़ोतरी के लंबित प्रभाव और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीतियों से पैदा हुई अनिश्चितता से कंपनियां नई भर्तियों को लेकर सतर्क हो गई हैं। श्रम विभाग शुक्रवार को जुलाई महीने में भर्तियों एवं बेरोजगारी के आंकड़े जारी करेगा। इसमें बेरोजगारी दर 4.1 प्रतिशत से बढ़कर 4.2 प्रतिशत होने का अनुमान है। इस साल अबतक अमेरिकी अर्थव्यवस्था में औसतन हर महीने 1.3 लाख रोजगार जुड़े हैं। यह पिछले वर्ष के 1.68 लाख और कोविड के बाद 2021-23 के दौरान औसतन चार लाख रोजगार से बहुत कम है।
- वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर दोनों देशों के बीच जारी बातचीत में कुछ गतिरोध के संकेतों के बाद भारत पर एक अगस्त से 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की है। ट्रंप ने अपने इस फैसले के पीछे भारत के ऊंचे शुल्क, रूस से ‘अधिकांश' सैन्य उपकरणों और ऊर्जा की खरीद के साथ-साथ ‘गैर-मौद्रिक व्यापार बाधाओं' को कारण बताया। ट्रंप ने कहा कि भारत को एक अगस्त से 25 प्रतिशत शुल्क और जुर्माना देना होगा। उन्होंने आगे कहा कि भारत के साथ हमारा व्यापार घाटा बहुत ज्यादा है। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति ने सोशल मीडिया पोस्ट में भारत को अपना ‘मित्र' बताया।उन्होंने कहा, “भारत हमारा मित्र है, लेकिन हमने पिछले कई वर्षों में उनके साथ अपेक्षाकृत कम व्यापार किया है, क्योंकि उनके शुल्क बहुत अधिक हैं, जो दुनिया में ‘सबसे अधिक' हैं। उनके पास ‘सबसे कठोर और अप्रिय' गैर-मौद्रिक व्यापार बाधाएं हैं।” उन्होंने कहा कि इसके अलावा, उन्होंने हमेशा अपने सैन्य उपकरणों का बड़ा हिस्सा रूस से खरीदा है, तथा चीन के साथ रूस के ऊर्जा के सबसे बड़े खरीदार हैं, जबकि हर कोई चाहता है कि रूस यूक्रेन में हत्याएं बंद करे। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, “सब कुछ ठीक नहीं है! इसलिए भारत को एक अगस्त से 25 प्रतिशत शुल्क और रूस से खरीद को लेकर ‘जुर्माना' भी देना होगा।” ट्रंप की घोषणा पर भारत की ओर से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर अगले दौर की वार्ता के लिए अमेरिका की एक टीम अगले महीने भारत आने वाली है। भारत और अमेरिका की टीमों ने पिछले सप्ताह वाशिंगटन में समझौते पर पांचवें दौर की वार्ता पूरी की है।भारत के मुख्य वार्ताकार और वाणिज्य विभाग में विशेष सचिव राजेश अग्रवाल और दक्षिण एवं मध्य एशिया के लिए सहायक अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच ने विचार-विमर्श किया।
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नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने बड़ा फैसला करते हुए 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए प्रतिबंधित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में यूट्यूब को भी शामिल किए जाने की घोषणा की है। इससे पहले यूट्यूब को इस नियम से छूट हासिल थी लेकिन सरकार ने अब इसे बदल दिया है। हालांकि यूट्यूब किड्स इससे मुक्त रहेगा।
नया नियम 10 दिसंबर से होगा लागूनया नियम 10 दिसंबर से लागू होगा। ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने अपने ताजा आदेश में 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए यूट्यूब को बैन कर दिया है। ऑस्ट्रेलिया में 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, इंस्टाग्राम, टिकटॉक, स्नैपचैट और एक्स के इस्तेमाल पर पाबंदी है।ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने इसे लेकर गाइड लाइन जारी कीइस सूची में यूट्यूब को भी शामिल किया गया है। ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने इसे लेकर गाइड लाइन जारी करते हुए कहा है कि अगर 16 साल से कम उम्र के बच्चों का यूट्यूब अकाउंट मिला या बच्चों ने कोई सोशल मीडिया अकाउंट सबसक्राइब किया तो कानूनी कार्रवाई होगी। बच्चे यूट्यूब किड्स इस्तेमाल कर सकते हैं। यूट्यूब किड्स पर अपलोड कंटेट बच्चों के लिए सुरक्षित है। इसमें बच्चे वीडियो अपलोड नहीं कर सकते।10 में से चार ऑस्ट्रेलियाई बच्चों को सबसे अधिक नुकसान यूट्यूब के इस्तेमाल से हुआद गार्जियन के मुताबिक संचार मंत्री अनिका वेल्स ने इस फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि यूट्यूब किड्स इससे मुक्त रहेगा। उन्होंने इस फैसले का श्रेय ई-सेफ्टी कमिश्नर की सलाह को दिया और कहा कि सरकार इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं कर सकती कि 10 में से चार ऑस्ट्रेलियाई बच्चों ने बताया है कि उन्हें सबसे अधिक नुकसान यूट्यूब के इस्तेमाल से हुआ है। वेल्स ने कहा कि सरकार सोशल मीडिया कंपनियों से डरेगी नहीं और माता-पिता को प्राथमिकता देते हुए यह नीति लाई गई है।यूट्यूब को पाबंदी की सूची में शामिल करने का फैसला बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा को प्रोत्साहित करने के लिएसरकार का कहना है कि यूट्यूब को पाबंदी की सूची में शामिल करने का फैसला बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए किया गया है। यह अन्य देशों के लिए भी मॉडल बन सकता है। ऑस्ट्रेलिया का बच्चों के लिए सोशल मीडिया पर पाबंदी से संबंधित कानून दुनिया में अपनी तरह का पहला कानून है।ऑस्ट्रेलिया ऐसा बिल पारित करने वाला दुनिया का पहला देशउल्लेखनीय है कि पिछले साल नवंबर में ऑस्ट्रेलिया में 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया बैन का बिल संसद से पारित हो गया। विशेष बात यह है कि पक्ष और विपक्ष दोनों ने इसका समर्थन किया। ऑस्ट्रेलिया ऐसा बिल पारित करने वाला दुनिया का पहला देश है। -
नई दिल्ली। रूस के कामचटका क्षेत्र में बुधवार तड़के आए 8.7 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप के बाद प्रशांत महासागर के कई हिस्सों में सुनामी का खतरा बढ़ गया है। इस स्थिति को देखते हुए सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने कैलिफोर्निया, हवाई और अमेरिका के अन्य पश्चिमी तटीय इलाकों में रह रहे भारतीय नागरिकों के लिए सुरक्षा चेतावनी जारी की है। दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, “हम रूस में 8.7 तीव्रता के भूकंप के बाद संभावित सुनामी खतरे की निगरानी कर रहे हैं। कैलिफोर्निया, हवाई और अन्य पश्चिमी तटीय इलाकों में रह रहे भारतीय नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी जाती है।”
दूतावास ने भारतीय नागरिकों से अपील की है कि वे स्थानीय प्रशासन, अमेरिकी आपातकालीन प्रबंधन एजेंसियों और यूएस सुनामी चेतावनी केंद्र की सलाह का पालन करें। साथ ही यदि सुनामी की चेतावनी जारी होती है तो लोग तटीय क्षेत्रों से दूर रहें, ऊंचे स्थानों पर जाएं, आपातकालीन बैग तैयार रखें और मोबाइल जैसे उपकरण चार्ज में रखें। आपात स्थिति में संपर्क के लिए एक हेल्पलाइन नंबर +1-415-483-6629 जारी की गई है।इसी तरह जापान में भी प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। जापानी प्रधानमंत्री कार्यालय ने सुबह 9:43 बजे (JST) एक निर्देश जारी किया जिसमें अधिकारियों को तुरंत कार्यवाही करने को कहा गया। निर्देश में स्पष्ट किया गया है कि “सुनामी से जुड़ी जानकारी जनता को समय पर दी जाए और स्थानीय निवासियों की सुरक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएं।” साथ ही, स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर काम करने और जानमाल की रक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने पर जोर दिया गया है।जापान की मौसम विज्ञान एजेंसी (JMA) ने होक्काइडो के पूर्वी प्रशांत तट और अन्य तटीय क्षेत्रों में सुनामी की चेतावनी जारी की है। एजेंसी ने नागरिकों से अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर लहरों की अनुमानित ऊंचाई और पहुंचने के समय की जानकारी देखने को कहा है। उधर रूस और उसके पड़ोसी देशों में भी आपातकालीन सेवाएं हाई अलर्ट पर हैं। अधिकारियों ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं लेकिन पूरी सतर्कता बरतें और केवल विश्वसनीय स्रोतों से मिली आधिकारिक जानकारी का ही पालन करें।इस समय पूरे प्रशांत क्षेत्र में सतर्कता बढ़ा दी गई है और आपात टीमें सक्रिय रूप से स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। हालात की गंभीरता को देखते हुए सभी संबंधित देशों ने आपसी समन्वय बढ़ा दिया है ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।- -
नई दिल्ली। थाईलैंड और कंबोडिया के बीच बढ़े तनाव के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों के शीर्ष नेताओं से फोन पर बात की। उन्होंने दावा किया कि दोनों देश युद्धविराम के लिए सहमत हुए हैं और साथ ही अमेरिका के साथ व्यापार करना चाहते हैं। वहीं, थाइलैंड के विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह यह सूचित करना चाहता है कि कुछ क्षण पहले, कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथम वेचायाचाई ने राष्ट्रपति ट्रंप से बातचीत की और अनुरोध किया कि थाईलैंड और कंबोडिया तत्काल युद्धविराम पर सहमत हों।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सबसे पहले थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री से फोन पर बात की। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रूथ’ पर इस बात की जानकारी शेयर करते हुए लिखा, “मैंने थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री से बात की है, और यह बहुत अच्छी बातचीत रही। कंबोडिया की तरह थाईलैंड भी तत्काल युद्धविराम और शांति चाहता है। अब मैं यह संदेश कंबोडिया के प्रधानमंत्री को वापस भेजूंगा। दोनों पक्षों से बात करने के बाद, युद्धविराम, शांति और समृद्धि स्वाभाविक प्रतीत होती है।”राष्ट्रपति ट्रंप ने इसके बाद कंबोडिया के प्रधानमंत्री से बात की। ट्रंप ने दावा किया कि दोनों देश अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता करना चाहते हैं और युद्ध विराम के लिए सहमत हुए हैं।उन्होंने ट्रूथ पर लिखा, “अभी-अभी कंबोडिया के प्रधानमंत्री से मेरी अच्छी बातचीत हुई और मैंने उन्हें थाईलैंड और उसके कार्यवाहक प्रधानमंत्री के साथ हुई अपनी बातचीत की जानकारी दी। दोनों पक्ष तत्काल युद्धविराम और शांति चाहते हैं। वे संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ “व्यापारिक वार्ता” पर भी वापस आना चाहते हैं, जो हमें लगता है कि तब तक अनुचित है, जब तक लड़ाई बंद नहीं हो जाती। वे तुरंत मिलने और युद्धविराम और अंततः शांति स्थापित करने पर सहमत हुए हैं।” ट्रंप ने लिखा, “दोनों देशों के साथ व्यापार करना सम्मान की बात थी। उनकी एक लंबी और गौरवशाली इतिहास और संस्कृति है। उम्मीद है कि वे आने वाले कई वर्षों तक साथ मिलकर काम करेंगे। जब सब कुछ हो जाएगा और शांति स्थापित हो जाएगी, तो मैं दोनों देशों के साथ अपने व्यापारिक समझौतों को अंतिम रूप देने के लिए उत्सुक हूं!”थाइलैंड के विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “विदेश मंत्रालय यह सूचित करना चाहता है कि कुछ क्षण पहले, कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथम वेचायाचाई ने राष्ट्रपति ट्रंप से बातचीत की और अनुरोध किया कि थाईलैंड और कंबोडिया तत्काल युद्धविराम पर सहमत हों। कार्यवाहक प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति ट्रंप को उनकी चिंता के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि थाईलैंड सैद्धांतिक रूप से युद्धविराम पर सहमत है। हालांकि, थाईलैंड कंबोडियाई पक्ष की ओर से ईमानदार इरादे की अपेक्षा करता है। इसलिए, कार्यवाहक प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति ट्रंप से अनुरोध किया कि वे कंबोडियाई पक्ष को सूचित करें कि थाईलैंड युद्धविराम और संघर्ष के अंतिम शांतिपूर्ण समाधान के उपायों और प्रक्रियाओं को सामने लाने के लिए जल्द से जल्द एक द्विपक्षीय वार्ता आयोजित करना चाहता है।” - लाहौर । पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरुवार को जेल में उनके साथ हो रहे व्यवहार को लेकर बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि वे पाकिस्तान के इतिहास की सबसे सख्त जेल सजा भुगत रहे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि ये सजा वो संविधान की रक्षा और देश की सेवा के लिए झेल रहे हैं। अडियाला जेल में बंद इमरान खान ने आरोप लगाया कि पानी गंदा है, किताबें और अखबार तक नहीं मिल रहे, और टीवी की सुविधा भी छीन ली गई है।पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक इमरान खान ने जेल में उनके साथ हो रहे बरताव को लेकर बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि वे पाकिस्तान के इतिहास की सबसे कठोर जेल की सजा भुगत रहे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि मैं यह सजा सिर्फ संविधान की सर्वोच्चता और देश की सेवा के लिए झेल रहा हूं। बता दें कि 72 वर्षीय इमरान खान अगस्त 2023 से रावलपिंडी की अडियाला जेल में बंद हैं और उन पर कई सारे केस चल रहे हैं।पाकिस्तान के पूर्व पीएम ने जेल की हालत का ब्योरा देते हुए कहा कि अजान से पहले हाथ-मुंह धोने के लिए जो पानी दिया जाता है, वह बेहद गंदा और इंसानों के लायक नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि परिवार की तरफ से भेजी गई किताबें महीनों से रोकी गई हैं, टीवी और अखबारों तक पहुंच भी बंद कर दी गई है। उन्होंने कहा कि मैंने पुरानी किताबें कई बार पढ़ डाली हैं, अब वो भी नहीं मिल रहीं।इमरान खान ने खुद की तुलना पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से की। उन्होंने आरोप लगाया कि नवाज शरीफ पर भ्रष्टाचार के कई मामले थे, उन्हें जेल में हर तरह की सहूलियतें दी गईं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के इतिहास में किसी भी नेता के साथ इतना कठोर बर्ताव नहीं हुआ, जितना उनके साथ हो रहा है।इसके साथ ही इमरान खान कहा कि उनकी पत्नी बुशरा बीबी, जो राजनीति से कोई लेना-देना नहीं रखतीं, उन्हें भी जेल में अमानवीय परिस्थितियों में रखा गया है। उन्होंने कहा कि मेरे सभी बुनियादी मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। जेल मैन्युअल में जो सुविधाएं आम कैदियों को मिलती हैं, वो भी मुझसे छीन ली गई हैं।इमरान खान ने कहा कि कई बार अनुरोध करने के बावजूद उन्हें अपने बच्चों से बात करने की इजाजत नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक मुलाकातों पर भी पाबंदी लगा दी गई है। अब उन्हें सिर्फ चुनिंदा लोगों से मिलने की इजाजत है। इमरान खान ने अपने पार्टी नेताओं से आपसी मतभेद भुलाकर पांच अगस्त से शुरू होने वाले आंदोलन पर ध्यान देने को कहा। उन्होंने चेतावनी दी कि जो भी नेता इस नाज़ुक समय में गुटबाजी में शामिल मिलेगा, उसे पार्टी से निकाल दिया जाएगा।
- नयी दिल्ली।.भारत के सम्राट अशोक की श्रीलंका के प्रति ‘‘अभूतपूर्व सेवा'' के सम्मान में, वहां के एक प्रमुख बौद्ध मंदिर के परिसर में अशोक स्तंभ की प्रतिकृति स्थापित की गई है। श्रीलंका में भारतीय उच्चायुक्त संतोष झा ने अपने संबोधन में कहा कि यह पहल भारत और श्रीलंका के बीच सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। भारतीय संस्कृति मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि यह प्रतिकृति श्रीलंका के वास्कादुवा श्री सुभूति विहार के पवित्र परिसर में लगाई गई है और 21 जुलाई को इसका अनावरण किया गया। इस अवसर पर भारत के उच्चायुक्त संतोष झा, मंदिर के मुख्य अधिष्ठाता वास्कादुवे महिंदावंस महानायक थेरो, अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ के उप महासचिव डामेंडा पोराजे सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। महानायक थेरो ने कहा, ‘‘यह स्तंभ सम्राट अशोक द्वारा श्रीलंका के लिए किए गए अभूतपूर्व कार्यों को सम्मानित करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया है।'' इस प्रतिकृति के लिए शिलान्यास 28 जनवरी, 2024 को उच्चायुक्त संतोष झा और अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ के महासचिव शार्टसे खेनसुर जांगचुप छोडेन रिनपोछे ने किया था। झा ने अपने संबोधन में कहा, “इस पहल ने भारत और श्रीलंका के बीच सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंधों को और सुदृढ़ किया है।” उन्होंने यह भी बताया कि भारत सरकार ने सितंबर 2020 में दोनों देशों के बीच आध्यात्मिक संबंधों को प्रोत्साहित करने के लिए 1.5 करोड़ डॉलर की विशेष सहायता राशि की घोषणा की थी, जिसके अंतर्गत श्रीलंका के लगभग 10,000 बौद्ध मठों और पीरिवेना (मठीय विद्यालयों) को सौर ऊर्जा से नि:शुल्क रोशन करने की परियोजना भी शामिल है। महानायक थेरो ने कहा, ‘‘सम्राट अशोक के प्रयासों से श्रीलंका को बौद्ध धर्म जैसा अद्भुत आध्यात्मिक मार्ग प्राप्त हुआ। उन्होंने अपने पुत्र अरहंत महेन्द्र और पुत्री अरहंती संघमित्रा को बौद्ध संघ को समर्पित किया, जिन्होंने श्रीलंका में बुद्ध धर्म की स्थापना में अहम भूमिका निभाई। लेकिन उनका योगदान प्रायः भुला दिया जाता है। हम इस स्तंभ के माध्यम से उस महान सम्राट के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना चाहते थे।'' डामेंडा पोराजे ने बताया कि वास्कादुवा श्री सुभूति विहार को इस स्तंभ के लिए इसलिए चुना गया क्योंकि यह मंदिर ‘‘भगवान बुद्ध के कपिलवस्तु अवशेषों'' का पवित्र स्थल है।
- न्यूयॉर्क । फेसबुक और इंस्टाग्राम के मलिकाना हक वाली सोशल मीडिया कंपनी मेटा ने अपने मंचों का इस्तेमाल करने वाले किशोर उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के लिए बुधवार को कुछ नये फीचर जारी किए। इनमें किशोर उपयोगकर्ताओं को संदेश भेजने वाले अकाउंट के बारे में जानकारी देने और महज एक ‘टैप' पर अकाउंट को ब्लॉक करने या उनकी शिकायत करने की सुविधा शामिल है। मेटा ने बुधवार को यह भी घोषणा की कि उसने ऐसे हजारों अकाउंट को निष्क्रिय कर दिया है, जो 13 साल से कम उम्र के बच्चों पर यौन टिप्पणियां करने या उनसे अश्लील तस्वीरें साझा करने का अनुरोध करने में शामिल थे। कंपनी ने एक ब्लॉग पोस्ट में बताया कि इनमें से 1लाख 35,000 अकाउंट यौन टिप्पणी करने, जबकि 5 लाख अन्य खाते “आपत्तिजनक तरीके से बातचीत करने” के लिए ब्लॉक किए गए हैं।
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पेरिस. अमेरिका ने मंगलवार को घोषणा की कि वह संयुक्त राष्ट्र के शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) से फिर से बाहर निकल जाएगा क्योंकि वाशिंगटन इसे इजराइल विरोधी पूर्वाग्रह से ग्रस्त मानता है। यह कदम केवल दो साल पहले ही अमेरिका के यूनेस्को में फिर से शामिल होने के बाद उठाया गया है।
यह तीसरी बार होगा जब अमेरिका पेरिस आधारित यूनेस्को से बाहर निकल जाएगा। ट्रंप प्रशासन के दौरान यह दूसरी बार इस संगठन से अलग होगा। व्हाइट हाउस की उप प्रवक्ता एना केली ने न्यूयॉर्क पोस्ट से कहा, ‘‘राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिका को यूनेस्को से बाहर करने का फैसला किया है जो विभाजनकारी सांस्कृतिक और सामाजिक मुद्दों का समर्थन करता है और उन व्यावहारिक नीतियों से पूरी तरह अलग है जिनके लिए अमेरिकियों ने नवंबर में वोट दिया था।'' यूनेस्को और व्हाइट हाउस ने अमेरिका के इस कदम की अभी पुष्टि नहीं की है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने पहले कार्यकाल के दौरान 2017 में इससे बाहर निकल गए थे। यह निर्णय एक साल बाद प्रभावी हुआ। वर्ष 2011 में फलस्तीन को सदस्य राज्य के रूप में शामिल करने पर यूनेस्को के मतदान करने के बाद अमेरिका और इजराइल ने इसे वित्तीय सहायता देना बंद कर दिया था। इससे पहले, रीगन प्रशासन के दौरान अमेरिका यूनेस्को से बाहर हो गया था। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन द्वारा संगठन में फिर से शामिल होने के लिए आवेदन किए जाने के पश्चात अमेरिका पांच साल की अनुपस्थिति के बाद इसमें वापस लौटा था। अमेरिका का यह ताजा निर्णय दिसंबर 2026 के अंत में प्रभावी होगा। - न्यूयॉर्क. एमी पुरस्कार विजेता हास्य कलाकार और अभिनेता वीर दास ने कहा कि भारत एक ‘अद्भुत, निर्विवाद' वैश्विक ‘सॉफ्ट पावर' बनने की कगार पर है, जिसके ‘संरक्षक' मातृभूमि में रहने वाले और प्रवासी भारतीय दोनों हैं। दास ने एशिया सोसाइटी में आयोजित विशेष बातचीत के दौरान कहा, “मुझे लगता है कि प्रवासी संस्कृति की रक्षा करने का काम बखूबी करते हैं।” कॉमेडी फिल्म ‘लैंडिंग' के लिए 2023 में सर्वश्रेष्ठ कॉमेडी इंटरनेशनल एमी पुरस्कार जीतने वाले दास ने कार्यक्रम में दर्शकों की तालियों और ठहाकों के बीच कहा कि उन्हें प्रवासी भारतीयों के बारे में जो चीज ‘अच्छी' लगती है वह यह कि भले ही उनका उच्चारण अमेरिकी हो लेकिन ‘आप अपनी शादी में ‘मेहंदी लगा के रखना' पर नाचते हैं। एशिया सोसाइटी का यह कार्यक्रम बृहस्पतिवार को वैश्विक मीडिया मंचों, समुदाय और ‘साउथ एशियन ट्रेलब्लेजर्स' एजेंसी के सहयोग से आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम दास के नये कॉमेडी स्पेशल ‘वीर दास: फुल वॉल्यूम' के प्रीमियर की पूर्व संध्या पर आयोजित किया गया था। दास ने कहा, “भारत अद्भुत, निर्विवाद वैश्विक ‘सॉफ्ट पावर' बनने की कगार पर है और यह तभी साकार होता है जब हमारे बीच संबंध होता है...।'' उन्होंने कहा, “हम दोनों समान स्तर पर भारत की ‘सॉफ्ट पावर' के संरक्षक हैं।”दास ने भारतीय अभिनेता और गायक दिलजीत दोसांझ का उदाहरण देते हुए कहा, “दिलजीत का कोचेला में प्रस्तुति देना अद्भुत था।” दिलजीत 2023 में कैलिफोर्निया के लोकप्रिय ‘कोचेला वैली म्यूजिक एंड आर्ट्स फेस्टिवल' में प्रस्तुति देने वाले पहले पंजाबी गायक बने थे। दास ने पिछले वर्ष एमी पुरस्कारों को होस्ट किया था।दास को पहली बार वर्ष 2021 में नेटफ्लिक्स स्पेशल ‘वीर दास: फॉर इंडिया' के लिए अंतरराष्ट्रीय एमी फॉर कॉमेडी के लिए नामांकित किया गया था।
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नई दिल्ली। सऊदी अरब के 'स्लीपिंग प्रिंस' अल-वलीद बिन खालिद बिन तलाल अब इस दुनिया में नहीं रहे. 20 साल तक कोमा में रहने के बाद, शनिवार 19 जुलाई को उनका निधन हो गया. उनके परिवार ने इस खबर की पुष्टि की है. प्रिंस अल-वलीद ने अपनी ज़िंदगी के आखिरी दो दशक कोमा में बिताए और इसी कारण उन्हें सऊदी अरब में 'स्लीपिंग प्रिंस' के नाम से जाना जाता था.
15 साल की उम्र में एक गंभीर हादसे के बाद प्रिंस अल-वलीद को कोमा में डाल दिया गया था. इस दुर्घटना के बाद वह हमेशा के लिए कोमा में चले गए थे. जब यह हादसा हुआ, वह एक सैन्य कॉलेज के छात्र थे. कोमा में रहते हुए उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया .परिवार ने की मौत की घोषणाप्रिंस अल-वलीद के निधन की जानकारी उनके परिवार ने सोशल मीडिया पर साझा की . इसके साथ ही तीन दिन तक शोक सभाएं आयोजित की जाएंगी. श्रद्धांजलि अर्पित करने के इच्छुक लोग रविवार से मंगलवार तक इन शोक सभाओं में भाग ले सकते हैं.2005 में लंदन में हुए कार एक्सीडेंट का शिकारयह हादसा 2005 में लंदन में हुआ था, जब प्रिंस अल-वलीद सिर्फ 15 साल के थे. एक गंभीर कार दुर्घटना में उनका ब्रेन हेमरेज हुआ, जिसके बाद उन्हें रियाद के किंग अब्दुलअजीज मेडिकल सिटी में शिफ्ट किया गया. यहां वह लंबे समय तक वेंटीलेटर पर कोमा में रहे. मेडिकल विशेषज्ञों की तमाम कोशिशों के बावजूद, वह कभी होश में नहीं आए. अंतत, 19 जुलाई को उन्होंने इस दुनिया को छोड़ दिया. - बीजिंग/ चीन ने भारतीय सीमा के निकट तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर 167.8 अरब डॉलर की लागत से बांध का निर्माण शनिवार को औपचारिक रूप से शुरू कर दिया। सरकारी मीडिया की खबर के अनुसार, चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग ने न्यिंगची शहर में ब्रह्मपुत्र नदी के निचले क्षेत्र, जिसे स्थानीय रूप से यारलुंग जांगबो के नाम से जाना जाता है, में आयोजित समारोह में बांध के निर्माण कार्य के शुरू होने की घोषणा की। सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ' की खबर के अनुसार, यह समारोह तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के न्यिंगची मेनलिंग जलविद्युत स्टेशन के बांध स्थल पर आयोजित हुआ। दुनिया की सबसे बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजना मानी जाने वाली इस जलविद्युत परियोजना ने भारत और बांग्लादेश में चिंता पैदा कर दी है। खबर के अनुसार, इस परियोजना में पांच जलविद्युत स्टेशन शामिल होंगे।वर्ष 2023 की एक रिपोर्ट के अनुसार, जल विद्युत स्टेशन से प्रत्येक वर्ष 300 अरब किलोवाट घंटे से अधिक बिजली उत्पन्न होने की उम्मीद है। रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय विकास एवं सुधार आयोग और चीन के विद्युत निर्माण निगम समेत विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों ने समारोह में हिस्सा लिया। इस परियोजना को पिछले वर्ष दिसंबर में मंजूरी दी गई थी।यह बांध हिमालय पर्वतमाला में एक विशाल घाटी पर बनाया जाएगा, जहां ब्रह्मपुत्र नदी एक विशाल ‘यू-टर्न' लेकर अरुणाचल प्रदेश और फिर बांग्लादेश में प्रवेश करती है। भारत में इस बात को लेकर चिंताएं उत्पन्न हो गईं कि बांध के आकार और पैमाने के कारण चीन को जल प्रवाह को नियंत्रित करने का अधिकार तो मिलेगा ही, साथ ही इससे बीजिंग को युद्ध के समय सीमावर्ती क्षेत्रों में बाढ़ लाने के लिए बड़ी मात्रा में पानी छोड़ने में भी मदद मिलेगी। भारत भी अरुणाचल प्रदेश में ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध बना रहा है। भारत और चीन ने सीमा पार नदियों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के लिए 2006 में विशेषज्ञ स्तरीय तंत्र (ईएलएम) की स्थापना की थी, जिसके तहत चीन बाढ़ के मौसम के दौरान भारत को ब्रह्मपुत्र नदी और सतलुज नदी पर जल विज्ञान संबंधी जानकारी प्रदान करता है।