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नई दिल्ली| केन्द्र सरकार ने अग्रणी खाद्य तेल संगठनों को खाद्य तेलों के अधिकतम खुदरा मूल्यों एम. आर. पी. में तत्काल 15 रुपये प्रति लीटर की कटौती करने का निर्देश दिया है। निर्देशों में सलाह दी गई है कि यह मूल्य विनिर्माताओं और रिफाइनरों से लेकर वितरकों तक घटाये जाने चाहिए, जिससे यह कटौती किसी भी तरीके से कम न हो सके। खाद्य और जन वितरण विभाग ने इस महीने की छह तारीख को खाद्य तेलों पर दाम घटाने के निर्देश दिये थे।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कहा है कि मूल्य कटौती का फायदा तत्काल उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाना चाहिए। मंत्रालय ने कहा है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में उतार का रूख है
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नयी दिल्ली। केंद्र सरकार चालू वित्त वर्ष में राज्यों को पूंजीगत कार्यों पर खर्च के लिए 80,000 करोड़ रुपये का ब्याज-मुक्त ऋण देगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022-23 के बजट भाषण में पूंजी निवेश योजना के तहत राज्यों को विशेष सहायता की घोषणा की थी। इसके तहत 50 साल के लिये ब्याज-मुक्त कर्ज के रूप में कुल एक लाख करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता राज्यों को दी जाएगी। यह सहायता पूंजी निवेश वाली परियोजनाओं के लिये है। वित्त मंत्रालय ने योजना लागू करने के लिये जारी दिशानिर्देश में कहा कि 80,000 करोड़ रुपये राज्यों के पूंजी कार्यों के लिये रखे गये हैं। निवेश के लिये यह लाभ लेने को लेकर राज्यों को परियोजना का नाम, पूंजीगत व्यय, कार्य पूरा होने की अवधि और आर्थिक रूप से उसके उपयुक्त होने के बारे में वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग को जानकारी देनी होगी। व्यय विभाग ने छह अप्रैल को सभी राज्य सरकारों को भेजे पत्र में कहा, ‘‘...राज्यों से आग्रह है कि वे कोष की मंजूरी और उसे प्राप्त करने के लिये 2022-23 में किये जाने वाले प्रस्तावित पूंजीगत कार्यों के बारे में व्यय विभाग को जानकारी दें।'' इसमें कहा गया है कि पीएम गतिशक्ति मास्टर प्लान के अंतर्गत आने वाली परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। पूंजी निवेश के लिये राज्यों को विशेष सहायता योजना में 5,000 करोड़ रुपये का ब्याज-मुक्त कर्ज भी शामिल है। यह राज्यों को सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के निजीकरण या विनिवेश तथा संपत्ति को बाजार पर चढ़ाने के लिये प्रोत्साहित करने को उपलब्ध कराया जाएगा। इस सहायता के तहत राज्यों को अपने सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण या प्रबंधन नियंत्रण सौंपने के साथ रणनीतिक बिक्री के अलावा राज्य सरकारी कंपनियों को शेयर बाजारों में सूचीबद्ध कराने के लिये भी प्रोत्साहित किया जाएगा। व्यय विभाग ने कहा कि किसी एक राज्य विशेष के लिये ऐसे प्रोत्साहन की सीमा 1,000 करोड़ रुपये है।
इसके अलावा आवंटन अर्थव्यवस्था के डिजिटलीकरण और ऑप्टिकल फाइबर केबल नेटवर्क को पूरा करने, शहर नियोजन योजना समेत अन्य के लिये भी किया जाएगा। कुल एक लाख करोड़ रुपये की योजना में 4,000 करोड़ रुपये प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, 2,000 करोड़ रुपये डिजिटलीकरण प्रोत्साहन, 6,000 करोड़ रुपये शहरी सुधारों तथा 3,000 करोड़ रुपये ऑप्टिकल फाइबर केबल से संबंधित पूंजीगत परियोजनाओं के लिये है। - मुंबई। इटली की बाइक विनिर्माता कंपनी मोटो मोरिनी ने गुरुवार को भारतीय बाजार में कई मॉडलों उतारने की योजना की घोषणा की। इन मॉडल में टूरर, एडवेंचर टूरर, रेट्रो स्ट्रीट और एक स्क्रैम्बलर बाइक शामिल हैं। कंपनी ने पिछले महीने हैदराबाद की कंपनी आदिश्वर ऑटो राइड के साथ साझेदारी की घोषणा की थी। कंपनी ने एक बयान में कहा कि इस साझेदारी के तहत आदिश्वर ऑटो देश में मोटो मोरिनी की प्रीमियम श्रृंखला की मोटरसाइकिलों का विनिर्माण एवं वितरण करेगी। आदिश्वर ऑटो राइड इंडिया में प्रबंध निदेशक विकास झाबख ने कहा, ‘‘यूरोपीय बाजार में ब्रांड को अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। हम भारत में भी उसी राह पर चलते हुए ब्रांड को मजबूत कर रहे हैं।''
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पणजी (गोवा). टीवीएस मोटर कंपनी प्रीमियम खंड में उतर गई है। कंपनी ने बुधवार को इस खंड में अपनी 225 सीसी की बाइक रोनिन पेश की। इसकी शोरूम कीमत 1.49 लाख रुपये है। यह बाइक तीन ट्रिम में उपलब्ध है। इनके दाम क्रमश: 1.49 लाख, 1.56 लाख और 1.69 लाख रुपये हैं। टीवीएस मोटर कंपनी के प्रबंध निदेशक सुदर्शन वेणु ने कहा कि रोनिन को बाजार में उतारना टीवीएस मोटर के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
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नयी दिल्ली. ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन इंडिया सालाना बिक्री कार्यक्रम ‘प्राइम डे' 23-24 जुलाई को आयोजित करेगी। इसमें नये उपयोगकर्ता पिछले साल के आयोजन की तुलना में लगभग 50 प्रतिशत अधिक सदस्यता शुल्क का भुगतान करने के बाद इसका उपयोग कर सकेंगे। कंपनी ने पिछले साल दिवाली के आसपास ‘प्राइम मेंबरशिप' शुल्क को 999 रुपये से बढ़ाकर 1,499 रुपये प्रति वर्ष कर दिया। अमेजन इंडिया के निदेशक अक्षय शाही ने कहा, ‘‘ डिलिवरी, खरीदारी के साथ अन्य लाभ को लेकर निवेश की मात्रा के आधार पर हमें लगता है कि इस समय कार्यक्रम के लिये मूल्य उचित है...।'' मासिक ‘प्राइम मेंबरशिप' बढ़कर 179 रुपये हो गई है, जो पहले 129 रुपये थी।‘प्राइम मेंबरशिप' सदस्यता से उपयोगकर्ताओं को डिलिवरी शुल्क पर छूट मिलती है। साथ ही अमेजन के मनोरंजन मंच प्राइम वीडियो और अमेजन म्यूजिक तक पहुंच होती है।
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नयी दिल्ली. सरकार ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के नियमों में कुछ प्रक्रियागत बदलाव किए हैं। इसमें ‘इनपुट टैक्स क्रेडिट' का गलत तरीके से उपयोग पर ब्याज लगाना और वित्त वर्ष 2021-22 के लिये सालाना रिटर्न भरने को लेकर कारोबार की सीमा बढ़ाना शामिल हैं। जीएसटी परिषद ने पिछले सप्ताह बैठक में इन बदलावों पर विचार-विमर्श किया था।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमाशुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने जो संशोधन अधिसूचित किए हैं, उनके अनुसार कंपनियों को आईएमपीएस (तत्काल भुगतान सेवा) और यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) जैसी भुगतान प्रणाली के जरिये जीएसटीएन पोर्टल पर कर भुगतान करने की अनुमति दी गई है। नए नियमों के मुताबिक, 31 मार्च, 2022 को समाप्त वित्त वर्ष में जिन इकाइयों का सालाना कारोबार दो करोड़ रुपये तक है उन्हें 2021-22 के लिए वार्षिक रिटर्न भरने से छूट दी गई है। संशोधन में यह भी स्पष्ट किया गया है कि गलत तरीके से ‘इनपुट टैक्स क्रेडिट' (आईटीसी) का लाभ लेने पर ब्याज तभी लगेगा जब प्राप्त राशि का उपयोग किया गया है। वित्त विधेयक में गलत तरीके से आईटीसी लेने और उसके उपयोग पर ब्याज वसूलने का प्रावधान किया गया था।
प्रावधान पांच जुलाई से अमल में आएगा और पूर्व तिथि एक जुलाई, 2017 यानी जीएसटी लागू होने के दिन यह क्रियान्वित होगा। डेलॉयट इंडिया के भागीदार महेश जय सिंह (अप्रत्यक्ष कर मामलों के प्रमुख) ने कहा कि अधिसूचना के तहत धारा 50 (3) में पिछली तिथि से संशोधन किया गया। इसके जरिये स्पष्ट किया गया है कि गलत तरीके से आईटीसी लेने पर ब्याज तभी लगेगा, जब प्राप्त राशि का उपयोग हुआ हो। केपीएमजी इंडिया के भागीदार (अप्रत्यक्ष कर प्रमुख) अभिषेक जैन ने कहा कि इन बदलावों से छोटे कारोबारियों को अनुपालन में मदद मिलेगी। इसके अलावा दो करोड़ रुपये से कम के कारोबार वाले करदाताओं का बोझ भी कम होगा। एएमआरजी एंड एसोसिएट्स में वरिष्ठ भागीदार रजत मोहन ने कहा कि जो अन्य महत्वपूर्ण बदलाव किये गये हैं उनमें वित्त वर्ष 2017-18 के ऑर्डर जारी करने के लिए जीएसटी अधिनियम की धारा 73 (कर का निर्धारण) के तहत दी गई समयसीमा में विस्तार भी शामिल है। अब यह समयसीमा 30 सिंतबर, 2023 है। हालांकि किसी अन्य वित्त वर्ष के लिए समयसीमा नहीं बढ़ाई गई है। इन बदलावों को जीएसटी परिषद ने 28-29 जून को हुई बैठक में मंजूरी दी थी। -
नयी दिल्ली. रिलायंस रिटेल वेंचर्स लि. की अनुषंगी इकाई रिलायंस रिटेल लि. ने प्रतिष्ठित अमेरिकी फैशन ब्रांड गैप के साथ दीर्घकालीन समझौता किया है। इसके साथ कंपनी भारत में अब अमेरिकी फैशन ब्रांड गैप के उत्पाद बेचेगी। दोनों कंपनियों ने बुधवार को एक बयान में कहा, ‘‘रिलायंस रिटेल ने अमेरिकी फैशन ब्रांड गैप के साथ दीर्घकालीन भागीदारी की है। इस समझौते के साथ वह भारत में गैप ब्रांड का आधिकारिक खुदरा विक्रेता बन गयी है।'' इससे पहले, गैप इंक का अवरिंद फैशंस लि. के साथ फ्रेंचाइजी समझौता था। कोविड महामारी के बाद उत्पन्न हालात के साथ यह समझौता सितंबर, 2020 में समाप्त हो गया। रिलायंस रिटेल अपनी दुकानों, मल्टी-ब्रांड स्टोर और डिजिटल ई-कॉमर्स मंचों के माध्यम से भारतीय उपभोक्ताओं को गैप ब्रांड के फैशन सामान उपलब्ध कराएगी। गैप पुरुषों, महिलाओं और बच्चों के लिए कपड़े, व्यक्तिगत देखभाल से जुड़े उत्पाद समेत अन्य चीजें बनाती है। यह अमेरिकी परिधान कंपनी 1969 में सैन फ्रांसिस्को में बनी थी और इसे दुनिया भर में अपने डेनिम आधारित फैशन के लिये जाना जाता है। रिलायंस रिटेल लिमिटेड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (फैशन और लाइफस्टाइल) अखिलेश प्रसाद ने कहा, “...हमें विश्वास है कि रिलायंस और गैप अपने उपभोक्ताओं के लिए उद्योग के अग्रणी फैशन उत्पादों और खुदरा अनुभवों को साथ लाने के लिहाज से एक दूसरे के पूरक हैं।'' गैप इंक में ‘इंटरनेशनल, ग्लोबल लाइसेंसिंग और होलसेल' के प्रबंध निदेशक एड्रियन गेरनांड ने कहा, ‘‘हम प्रमुख अंतरराष्ट्रीय बाजारों में गैप व्यवसाय को बढ़ाने के लिये तत्पर हैं। भारत में रिलायंस रिटेल जैसे क्षेत्रीय विशेषज्ञों के साथ साझेदारी से हमें अपने ग्राहकों तक अपना ब्रांड पहुंचाने में मदद मिलेगी। - नयी दिल्ली। घरेलू रसोई गैस के दाम में बुधवार को 50 रुपये प्रति सिलेंडर की वृद्धि की गई। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऊर्जा की कीमतें ऊंचाई पर पहुंचने के बीच यह मई से एलपीजी कीमतों में तीसरी वृद्धि है।सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम विपणन कंपनियों की मूल्य अधिसूचना के अनुसार राजधानी दिल्ली में बिना सब्सिडी वाले 14.2 किलोग्राम के एलपीजी सिलेंडर की कीमत अब 1,053 रुपये हो गई है। यह पहले 1,003 रुपये थी।देश के अधिकांश शहरों में अब सरकार की तरफ से गैस सिलेंडर पर सब्सिडी नहीं दी जा रही है। लिहाजा अब लोगों को बिना सब्सिडी वाला सिलेंडर ही खरीदना पड़ रहा है। सरकार सिर्फ उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन पाने वाले लाभार्थियों को ही एलपीजी सब्सिडी दे रही है।एलपीजी के दाम मई, 2022 से अबतक तीसरी बार और इस साल चौथी बार बढ़ाए गए हैं। सात मई को प्रति सिलेंडर 50 रुपये की वृद्धि की गयी थी। इससे पहले 22 मार्च को भी प्रति सिलेंडर कीमतों में इतनी ही वृद्धि की गयी थी। 19 मई को रसोई गैस सिलेंडर के दाम 3.50 रुपये बढ़ाए गए थे।जून, 2021 से अबतक रसोई गैस सिलेंडर के दाम 244 रुपये तक बढ़ चुके हैं। इसमें से 153.50 रुपये की बढ़ोतरी मार्च, 2022 से की गई है।हालांकि, पेट्रोल और डीजल के दाम में पिछले तीन महीने से बदलाव नहीं हुआ है। इससे पहले, 22 मार्च से शुरू करते हुए 16 दिन के भीतर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कुल दस रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई थी।इस बढ़ोतरी के बाद मुंबई में एलपीजी का 14.2 किलोग्राम वाला सिलेंडर 1,052.50 रुपये का हो गया है। वहीं चेन्नई में इसकी कीमत 1,079 रुपये और कोलकाता में 1,068.50 रुपये प्रति सिलेंडर हो गई है।पेट्रोलियम कंपनियों ने होटल एवं रेस्तरांओं द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले वाणिज्यिक गैस सिलेंडर के दाम घटाए हैं। राष्ट्रीय राजधानी में 19 किलोग्राम वाले वाणिज्यि गैस सिलेंडर का दाम 2,021 रुपये से घटाकर 2,012.50 रुपये कर दिया गया है।
- नयी दिल्ली। विमानन कंपनी ‘स्पाइसजेट’ ने बताया कि मौसम संबंधी रडार के काम ना करने की वजह से उसका एक मालवाहक विमान मंगलवार को कोलकाता लौट आया। चीन के चोंग्किंग शहर जा रहे विमान के पायलट को उड़ान भरने के बाद पता चला कि उसका मौसम संबंधी रडार काम नहीं कर रहा है।‘स्पाइसजेट’ के विमान में तकनीकी खराबी का पिछले 18 दिन में सामने आया यह आठवां मामला है।‘स्पाइसजेट’ के प्रवक्ता ने बुधवार को ‘ कहा, ‘‘ पांच जुलाई 2022 को ‘स्पाइसजेट बोइंग 737’ मालवाहक विमान को कोलकाता से चोंग्किंग जाना था। विमान के उड़ान भरने के बाद मौसम संबंधी रडार, मौसम की जानकारी नहीं दे रहा था। इसके बाद, पीआईसी (पायलट-इन-कमांड) ने कोलकाता लौटने का फैसला किया। विमान कोलकाता में सुरक्षित उतर गया है।’’इससे पहले, पांच जुलाई मंगलवार को ‘स्पाइसजेट’ के दिल्ली से दुबई जा रहे एक विमान को ईंधन संकेतक में खराबी के कारण कराची की ओर मोड़ दिया गया था। वहीं, उसके कांडला से मुंबई जा रहे विमान को उड़ान के दौरान ‘विंडशील्ड’ में दरार आने के बाद महाराष्ट्र की राजधानी में प्राथमिकता के आधार पर उतारा गया था।वहीं, दो जुलाई को ‘स्पाइसजेट’ का जबलपुर जा रहा विमान करीब 5,000 फुट की ऊंचाई पर कैबिन में धुआं देखने के बाद दिल्ली लौट आया था।इसी प्रकार 24 और 25 जून को अलग-अलग विमानों में ‘फ्यूज़लेज़ डोर वॉर्निंग’ प्रणाली सक्रिय हो जाने की वजह से, विमानों को वापस लौटना पड़ा था।गत 19 जून को पटना से दिल्ली के लिए उड़ान भरते ही विमानन कंपनी के एक विमान के इंजन में आग लग गई थी और उसे आपात स्थिति में उतारना पड़ा था। इंजन में खराबी पक्षी के टकराने से आई थी। वहीं, 19 जून को ही एक अन्य घटना में दिल्ली से जबलपुर जा रहे एक विमान को कैबिन में दबाव की समस्या के कारण दिल्ली लौटना पड़ा था।गौरतलब है कि ‘स्पाइसजेट’ पिछले तीन साल से घाटे में चल रही है। ‘स्पाइसजेट’ को 2018-19, 2019-20 और 2020-21 में क्रमश: 316 करोड़, 934 करोड़ और 998 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।
- नयी दिल्ली/कराची। स्पाइसजेट के लिए मंगलवार को एक और कठिन दिन रहा क्योंकि एयरलाइन की दिल्ली-दुबई उड़ान को ईंधन संकेतक में खराबी के कारण कराची की ओर मोड़ दिया गया तथा इसकी कांडला-मुंबई उड़ान को बीच हवा में विंडशील्ड में दरार आने के बाद महाराष्ट्र की राजधानी में प्राथमिकता के आधार पर उतारा गया। हालांकि कराची के जिन्ना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर फंसे यात्रियों के लिए मुंबई से दूसरा विमान भेजा गया था और यह करीब 11 घंटे के इंतजार के बाद दुबई के लिए रवाना हुआ। मंगलवार को हुईं इन दो घटनाओं के साथ ही पिछले 17 दिनों में स्पाइसजेट के विमानों में तकनीकी खराबी की घटनाओं की कुल संख्या सात हो गई है। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के अधिकारियों के मुताबिक, विमानन नियामक सभी सात घटनाओं की जांच कर रहा है। अधिकारियों के अनुसार, दुबई जा रहे विमान में 138 यात्री सवार थे, जबकि कांडला-मुंबई उड़ान से संबंधित 78-सीट वाले क्यू-400 विमान में यात्रियों की संख्या का तत्काल पता नहीं चल पाया है। अधिकारियों ने कहा कि मंगलवार सुबह दिल्ली से दुबई जा रहा बोइंग 737 मैक्स विमान जब हवा में था तब विमान के बाएं टैंक में ईंधन की मात्रा में असामान्य कमी दिखने लगी जिसके कारण विमान को कराची की ओर मोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि जब कराची हवाई अड्डे पर जांच की गई, तो बाएं टैंक से कोई रिसाव नहीं पाया गया।पाकिस्तान नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (पीसीसीए) के एक अधिकारी ने कहा कि स्पाइसजेट की दिल्ली से दुबई जा रही उड़ान के पायलट ने पाकिस्तान के वायुक्षेत्र में उड़ान भरने के दौरान नियंत्रण टॉवर से संपर्क किया और बताया कि विमान में कुछ तकनीकी खामी आ गई है। उन्होंने कहा कि पायलट ने आपात स्थिति में विमान उतारने का अनुरोध किया जिसकी मानवीय आधार पर अनुमति दे दी गई। अधिकारी ने कहा कि इसके बाद पाकिस्तान इंटरनेशन एयरलाइंस के इंजीनियरों ने स्पाइसजेट के चालक दल के सदस्यों के साथ तकनीकी खामी का पता लगाने और इसे ठीक करने के लिए काम किया। उन्होंने कहा, ‘‘जाहिर तौर पर विमान की लाइट इंडिकेटर मशीनरी में समस्या थी, लेकिन इसे तुरंत ठीक नहीं किया जा सका, इसलिए यात्रियों को दुबई ले जाने के लिए एक अन्य विमान की व्यवस्था की गई।'' कराची हवाई अड्डे के एक अन्य सूत्र ने कहा कि विमान में 138 यात्री सवार थे जिन्हें भोजन और जलपान उपलब्ध कराया गया। स्पाइसजेट का दूसरा विमान मुंबई से भेजा गया और यात्रियों को दुबई ले जाने के लिए यह कराची हवाई अड्डे पर शाम 6.15 बजे (भारतीय समयानुसार) उतरा और 138 यात्रियों को लेकर राथ करीब पौने 10 बजे दुबई के लिए रवाना हुआ। दूसरी घटना में, स्पाइसजेट के क्यू 400 विमान के विंडशील्ड में बीच हवा में तब दरार आ गई जब यह 23,000 फुट की ऊंचाई पर था जिसके बाद इसे मुंबई हवाई अड्डे पर प्राथमिकता के आधार पर उतारा गया। डीजीसीए के अधिकारियों ने कहा कि गुजरात के कांडला से आ रहे इस विमान के कैबिन में हालांकि किसी तरह के दबाव की स्थिति उत्पन्न नहीं हुई। कांडला-मुंबई उड़ान से संबंधित घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए स्पाइसजेट ने कहा, "पांच जुलाई, 2022 को, स्पाइसजेट क्यू 400 विमान एसजी 3324 (कांडला- मुंबई) उड़ान पर था। जब यह 23,000 फुट की ऊंचाई पर था तो इसकी पी 2 साइड के विंडशील्ड के बाहरी शीशे में दरार आ गई। दबाव सामान्य देखा गया। विमान मुंबई में सुरक्षित उतर गया।" वहीं, दिल्ली-दुबई उड़ान से संबंधित घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए स्पाइसजेट ने कहा, ‘‘पांच जुलाई, 2022 को स्पाइसजेट बी737 विमान की उड़ान एसजी-11 (दिल्ली-दुबई) को संकेतक लाइट में खराबी के कारण कराची की ओर मोड़ दिया गया। विमान कराची में सुरक्षित उतरा और यात्रियों को भी सुरक्षित उतार लिया गया।'' इसने कहा, ‘‘कोई आपात स्थिति घोषित नहीं की गई और विमान सामान्य तरीके से उतरा। विमान में किसी भी अन्य खराबी की कोई सूचना नहीं मिली।'' एअरलाइन ने दिन में पूर्व में कहा था कि यात्रियों को जलपान दिया गया है।गत 19 जून से अब तक स्पाइसजेट के विमानों में तकनीकी खामी की सात घटनाएं हो चुकी हैं। 19 जून को पटना से 185 यात्रियों को लेकर दिल्ली के लिए उड़ान भरने के बाद ही विमानन कंपनी के विमान के इंजन में आग लग गई थी और उसे आपात स्थिति में उतरना पड़ा था। इंजन में खराबी पक्षी के टकराने से आई थी। वहीं, 19 जून को ही एक अन्य घटना में दिल्ली से जबलपुर जा रहे विमान को कैबिन में दबाव की समस्या की वजह से वापस दिल्ली लौटना पड़ा था। इसी प्रकार 24 और 25 जून को अलग-अलग विमानों में ‘फ्यूजलेज डोर वार्निंग' प्रणाली सक्रिय होने की वजह से, विमानों को बीच में यात्रा छोड़कर वापस आना पड़ा। वहीं, दो जुलाई को जबलपुर जा रही उड़ान तब वापस दिल्ली लौट आई जब करीब पांच हजार फुट की ऊंचाई पर चालक दल के सदस्यों ने कैबिन में धुआं देखा। उल्लेखनीय है कि स्पाइसजेट पिछले तीन साल से घाटे में चल रही है। सस्ती सेवा मुहैया कराने वाली विमानन कंपनी स्पाइसजेट को 2018-19, 2019-20 और 2020-21 में क्रमश: 316 करोड़, 934 करोड़ और 998 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। काोविड- महामारी से विमानन क्षेत्र उबर रहा है और उड्डयन परामर्श फर्म सीएपीए ने 29 जून को कहा कि भारतीय विमानन कंपनियों का घाटा वर्ष 2021-22 के तीन अरब डॉलर से घटकर वर्ष 2022-23 में 1.4 से 1.7 अरब डॉलर के बीच रह सकता है। गौरतलब है कि मार्च 2021 में संयुक्त अरब अमीरात के शारजाह से लखनऊ आ रहे इंडिगो के एक विमान ने भी कराची में तब आपातकालीन लैंडिंग की थी जब एक यात्री ने सीने में दर्द की शिकायत की। हालांकि इस यात्री को बचाया नहीं जा सका था।
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नयी दिल्ली. यात्रा प्रौद्योगिकी कंपनी अमेडियस टाटा के स्वामित्व वाली एयर इंडिया को यात्री सेवा प्रणाली मुहैया कराएगी। गौरतलब है कि एयर इंडिया परिचालन दक्षता के साथ ही ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने पर काम कर रही है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि एयर इंडिया, अमेडियस अल्टेया पीएसएस (यात्री सेवा प्रणाली) को पूरी तरह लागू कर रही है। इसमें राजस्व प्रबंधन, राजस्व लेखांकन, खुदरा बिक्री, वेबसाइट, मोबाइल और फ्रीक्वेंट फ्लायर कार्यक्रम प्रबंधन से संबंधित घटक शामिल हैं। इस संबंध में एयर इंडिया ने सोमवार को अमेडियस के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
एयर इंडिया के मुख्य वाणिज्यिक अधिकारी निपुण अग्रवाल ने कहा कि एयरलाइन ग्राहक अनुभव को बदलने के लिए कई अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी समाधान को अपना रही है और अमेडियस के साथ समझौता इसी पहल का हिस्सा है। एयर इंडिया के पास 117 विमानों का बेड़ा है। घाटे में चल रही एयरलाइन का टाटा ने जनवरी में अधिग्रहण किया था। -
नयी दिल्ली. टाटा समूह की कंपनी टाइटन ने कहा है कि चालू वित्त (2022-23) तथा मध्यम अवधि में उसके आभूषण कारोबार के लिए परिदृश्य सकारात्मक है। कंपनी ने सोमवार को कहा कि शादी-विवाह के बाजार में उसके विविध प्रयासों, सोना बदलने की योजना को मिली गति और नेटवर्क विस्तार के बूते वृद्धि के शानदार अवसर के चलते उसके आभूषण कारोबार की वृद्धि ‘शानदार' रहने की उम्मीद है। टाइटन वैश्विक बाजारों में अपने ब्रांड तनिष्क को उतार रही है और पश्चिम एशिया तथा उत्तर अमेरिका में इसके स्टोर खोलने वाली है। कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष में अमेरिकी बाजार में भी तनिष्क का नया स्टोर खोलने की योजना है। आभूषण खंड में टाइटन के ब्रांड हैं तनिष्क, मिया बाय तनिष्क और जोया।
कंपनी ने कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2022-23 में और मध्यम अवधि में आभूषण खंड के लिए शानदार अवसर हैं।'' दो साल तक लॉकडाउन के बाद, शादी के मौसम और अक्षय तृतीया जैसे पर्व को देखते हुए व्यवधान मुक्त तिमाही रहने की उम्मीद है और आने वाले वर्ष के लिए परिदृश्य सकारात्मक है। टाइटन ने कहा कि दुबई और अल बरशा में खोले गए तनिष्क के स्टोर काफी सफल रहे हैं। उसने कहा, ‘‘संयुक्त अरब अमीरात और खाड़ी देशों में विस्तार जारी रहेगा। 2022-23 में अमेरिका में तनिष्क का पहला स्टोर खोला जाएगा।'' टाइटन के प्रबंध निदेशक सी के वेंकटरमन ने कहा, ‘‘तनिष्क की मौजूदगी पश्चिम एशिया और उत्तर अमेरिका में कई स्थानों पर होगी। -
नयी दिल्ली. राजस्व सचिव तरुण बजाज ने सोमवार को कहा कि जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण के गठन के बारे में राज्यों के वित्त मंत्रियों की समिति एक महीने के भीतर अपनी सिफारिश देगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद ने माल एवं सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (जीएसटीएटी) के गठन के बारे में विभिन्न राज्यों द्वारा जो चिंताएं जताई गई हैं उनका समाधान निकालने के लिए मंत्री समूह बनाने का निर्णय पिछले हफ्ते लिया था। यहां उद्योग मंडल एसोचैम के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बजाज ने कहा, मंत्री समूह की सिफारिशें महीने भर में मिलने की उम्मीद है और अगले छह माह में न्यायाधिकरण के मोर्चे पर काफी प्रगति देखने को मिलेगी।'' जीएसटी परिषद सचिवालय जल्द ही नियम और शर्तों और मंत्री समूह के सदस्यों के नाम की जानकारी देगा।
मंत्री समूह राज्यों की चिंताओं को मद्रास उच्च न्यायालय के उस आदेश के आलोक में देखेगा जिसमें कहा गया था कि जीएसटीएटी में तकनीकी सदस्यों की संख्या न्यायिक सदस्यों से अधिक नहीं होनी चाहिए। इस कार्यक्रम में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमाशुल्क बोर्ड के चेयरमैन विवेक जौहरी ने कहा कि जीएसटी के तहत रिफंड के लंबित रहने की समस्या कम हुई है। -
नयी दिल्ली. पैक किए गए और लेबल वाले खाद्य पदार्थों पर पांच प्रतिशत माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाने से खाद्यान्न व्यापारियों को नुकसान होगा, अनुपालन का बोझ बढ़ेगा और रोजमर्रा के इस्तेमाल का जरूरी सामान महंगा होगा। व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने सोमवार को यह बात की। कैट ने यह भी कहा कि संगठन केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों से मिलकर इस फैसले पर फिर से विचार करने को कहेगा। जीएसटी परिषद ने पिछले दिनों अपनी बैठक में डिब्बा या पैकेट बंद और लेबल युक्त (फ्रोजन को छोड़कर) मछली, दही, पनीर, लस्सी, शहद, सूखा मखाना, सूखा सोयाबीन, मटर जैसे उत्पाद, गेहूं और अन्य अनाज तथा मुरमुरे पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला किया था। कर दर में बदलाव 18 जुलाई से प्रभाव में आएंगे। कैट के महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पैक किए अथवा लेबल लगाए गए सभी प्रकार के खाद्य पदार्थों एवं कुछ अन्य वस्तुओं को जीएसटी के दायरे में लाने की सिफारिश पर देश के खाद्यान्न व्यापारियों में बेहद रोष एवं आक्रोश है। व्यापारी संगठन ने इस कदम को छोटे विनिर्माताओं एवं व्यापारियों के हितों के खिलाफ करार दिया गया, और कहा कि इस फैसले से ब्रांडेड सामान को फायदा पहुंचेगा। खंडेलवाल ने कहा कि इस मुद्दे पर देश के सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों को ज्ञापन देकर इस फैसले को वापिस लेने की मांग की जाएगी। इस मौके पर मौजूद दिल्ली खाद्यान्न व्यापार संघ के अध्यक्ष नरेश गुप्ता और दाल मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप जिंदल ने बताया कि इस संबंध में देशभर के अनाज व्यापार संगठनों से लगातार संपर्क किया जा रहा है और सभी संगठन इस निर्णय से बेहद नाराज हैं। -
नयी दिल्ली. उद्योग संगठन स्टेनलेस स्टील डेवलपमेंट एसोसिएशन (आईएसएसडीए) ने सोमवार को कहा कि निर्माण उद्योग में स्टेनलेस स्टील के नवोन्मेषी इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए उसने स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (एसपीए) के साथ करार किया है। आईएसएसडीए ने कहा कि इस समझौता ज्ञापन के जरिए दोनों संस्थानों का उद्देश्य नवोन्मेषी वास्तुकला प्रौद्योगिकी और सामग्रियों को बढ़ावा देना है जिससे वास्तुकला डिजाइन का क्षेत्र आधुनिक हो सके। इसमें बताया गया, ‘‘दोनों संस्थान आर्किटेक्चर के विद्यार्थियों को स्टेनलेस स्टील पर ऑनलाइन और ऑफलाइन पाठ्यक्रमों समेत कई गतिविधियां करवाएंगे, छात्रों और शिक्षकों को उद्योग दौरों पर ले जाया जाएगा और स्टेनलेस स्टील की विनिर्माण प्रक्रिया का अनुभव दिलाया जाएगा।
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मुंबई. सोने के बदले कर्ज देने वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) मुथूट फाइनेंस को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से देशभर में 150 और शाखाएं खोलने की अनुमति मिली है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि उसकी देश के दक्षिणी और उत्तरी भागों में ये शाखाएं खोलने की योजना है।
कंपनी के प्रबंध निदेशक जॉर्ज एलेक्जेंडर मुथूट ने बयान में कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था में धीरे-धीरे पुनरुद्धार के साथ स्वर्ण ऋण की मांग बनी हुई है। शाखा विस्तार को लेकर रिजर्व बैंक की मंजूरी से वित्त वर्ष 2022-23 में स्वर्ण ऋण में 12-15 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद मजबूत हुई है।'' कंपनी की शाखाओं का मौजूदा नेटवर्क 4,617 है। कंपनी की इन शाखाओं को अगले दो महीनों में खोलने की योजना है। कंपनी इस विस्तार के लिये 600 लोगों को नियुक्त करेगी। - नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड ने सोमवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही के दौरान उसका बिजली उत्पादन 21.7 प्रतिशत बढ़कर 104.4 अरब यूनिट (बीयू) हो गया। कंपनी ने एक बयान में कहा कि एनटीपीसी समूह की कंपनियों ने 2022 की अप्रैल-जून तिमाही में 104.4 बीयू का उत्पादन दर्ज किया, जो पिछले साल की इसी तिमाही के उत्पादन 85.8 बीयू से 21.7 प्रतिशत अधिक है। जून 2022 में बिजली उत्पादन 34.8 बीयू रहा, जो जून 2021 के 26.9 बीयू की तुलना में 29.3 प्रतिशत अधिक है। ये आंकड़े कंपनी के बेहतर प्रदर्शन और चालू वर्ष में बिजली की मांग में वृद्धि को दर्शाते हैं।उड़ीसा में एनटीपीसी तालचेर कनिहा (3000 मेगावाट) अप्रैल से जून 2022 के बीच 94.2 प्रतिशत संयंत्र लोड फैक्टर (क्षमता उपयोग) के साथ शीर्ष प्रदर्शन करने वाला ताप बिजली संयंत्र था। एनटीपीसी के कोयला संयंत्रों का कुल लोड फैक्टर अप्रैल से जून 2022 के बीच 80 प्रतिशत था। यह आंकड़ा पिछले वर्ष की समान अवधि में 69 प्रतिशत था।
- मुंबई। आपूर्ति श्रृंखला क्षेत्र के प्रौद्योगिकी मंच यूनिकॉमर्स ने सोमवार को कहा कि वह देश में तेजी से बढ़ते ई-कॉमर्स के बीच चालू वित्त वर्ष में अपने नेटवर्क में 800 वेयरहाउस जोड़ने की योजना बना रहा है। कंपनी कई नई श्रेणियां और बिजनेस मॉडल लाने पर भी विचार कर रही है। कंपनी इस समय 7,200 से अधिक वोयरहाउस को प्रबंधन समाधान मुहैया कराती है। यूनिकॉमर्स ने एक बयान में कहा, ‘‘मार्च 2023 तक 8,000 से अधिक नए वेयरहाउस यूनिकॉमर्स के वेयरहाउस प्रबंधन मंच का लाभ उठाएंगे, जबकि 7200 से अधिक वेयरहाउस पहले ही जुड़े हुए हैं।
- नयी दिल्ली। राजस्व सचिव तरुण बजाज ने सोमवार को कहा कि सरकार की विलासिता वाले उत्पादों पर 28 प्रतिशत की जीएसटी दर को ही कायम रखने की मंशा है। हालांकि, वह कर की तीन अन्य श्रेणियों को दो श्रेणियों में बदलने पर चर्चा करने के लिए तैयार है। बजाज ने यहां उद्योग मंडल एसोचैम के एक कार्यक्रम में कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों को युक्तिसंगत बनाने की जीएसटी परिषद की कवायद कर प्रणाली के पांच साल बाद आत्मावलोकन का नतीजा है। उन्होंने कहा कि नीति-निर्माताओं को कर दरें 15.5 प्रतिशत के राजस्व-तटस्थ स्तर तक ले जाने की कोई उत्कंठा नहीं है।पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग पर उन्होंने कहा कि ईंधन पर लगने वाला कर केंद्र एवं राज्य सरकारों के राजस्व का एक बड़ा हिस्सा होता है लिहाजा इसे लेकर कुछ आशंकाएं भी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमें इसके लिए कुछ वक्त इंतजार करना होगा।’’ बजाज ने कहा, ‘‘जहां तक जीएसटी के कर ढांचे का सवाल है तो पांच, 12, 18 और 28 प्रतिशत की दरों में से हमें 28 प्रतिशत की दर बरकरार रखनी होगी। एक विकासशील एवं आय असमानता वाली अर्थव्यवस्था में कुछ ऐसे लग्जरी उत्पाद होते हैं जिन पर ऊंची कर दर लगाए जाने की जरूरत है।’’उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि अन्य तीन कर दरों को हम दो दरों में समायोजित कर सकते हैं। इस तरह हम यह देख सकते हैं कि देश किस तरह आगे बढ़ता है और क्या इन दरों को कम कर सिर्फ एक दर पर लाया जा सकता है या नहीं। यह एक बहुत बड़ी चुनौती है।’’ जीएसटी प्रणाली के तहत कर की चार दरें हैं। इनमें जरूरत वाली चीजों पर पांच प्रतिशत की निम्नतम दर से कर लगता है। वहीं विलासिता वाली वस्तुओं पर अधिकतम 28 फीसदी की दर से कर लगता है। इस कर की दो अन्य दरें 12 एवं 18 प्रतिशत हैं। इसके अलावा सोना, आभूषण एवं रत्नों के लिए तीन प्रतिशत की एक विशेष दर रखी गई है जबकि तराशे हुए हीरों पर 1.5 फीसदी की दर से जीएसटी लगता है।जीएसटी परिषद ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की अध्यक्षता में एक मंत्री समूह बनाया है जो कर दरों को युक्तिसंगत बनाने पर गौर कर रहा है। मंत्री समूह को अंतिम रिपोर्ट देने के लिए तीन महीने का अतिरिक्त समय दिया गया है। राजस्व सचिव ने कहा कि जीएसटी प्रणाली के लागू होने के पांच साल बाद अब आत्मावलोकन का समय है ताकि यह देखा जा सके कि जीएसटी दर ढांचा किस तरह विकसित हुआ है। इस दौरान इसपर भी गौर किया जाना चाहिए कि दरों की संख्या में कटौती करने की जरूरत है या नहीं। इसके अलावा किन उत्पादों पर अधिक कर लगाया जाना चाहिए और किन उत्पादों को निचले स्लैब में रखना चाहिए।बजाज ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि नीति-निर्माता के तौर पर हम और राज्य सरकारें इस समय जीएसटी को इसी नजरिये से देख रहे हैं। हम इसे राजस्व तटस्थ दर 15.5 फीसदी के करीब ले जाने के लिए कुछ उत्पादों की दरें बढ़ाने के बारे में नहीं सोच रहे हैं।’’
- नयी दिल्ली। सुजुकी मोटरसाइकिल इंडिया ने भारतीय बाजार में नया बाइक मॉडल ‘कताना’ पेश किया है। इसकी शोरूम कीमत 13.61 लाख रुपये है।इस बाइक को जापान की ऐतिहासिक तलवार कताना का नाम दिया गया है।सुजुकी मोटरसाइकिल इंडिया के प्रबंध निदेशक सतोशी यूचिदा ने बयान में कहा, ‘‘यह पेशकश भारत में हमारी बाइक पोर्टफोलियो को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा है।’’उन्होंने कहा कि पिछले ‘ऑटो एक्सपो’ में हमने यह बाइक प्रदर्शित की थी। उसके बाद से कंपनी के पास इस बाइक को लेकर काफी पूछताछ आ रही है। यह बाइक सुजुकी के इंटेलिजेंट राइड सिस्टम्स के साथ उतारी गई है। इसमें कई प्रकार की आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक नियंत्रण प्रणालियां लगी हैं।
- नयी दिल्ली। मजबूत वैश्विक रुख के बीच सोमवार को दिल्ली सर्राफा बाजार में सोना 241 रुपये की बढ़त के साथ 52,048 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी।पिछले कारोबारी सत्र में पीली धातु का भाव 51,807 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।चांदी की कीमत भी 254 रुपये के लाभ से 58,139 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई। पिछले कारोबारी सत्र में चांदी 57,885 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी।अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव 1,808.45 डॉलर प्रति औंस पर स्थिर रहा। चांदी भी 19.83 डॉलर प्रति औंस पर बनी रही।एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा, ‘‘डॉलर में कमजोरी तथा वैश्विक स्तर पर सुस्ती की आशंका से सोने को समर्थन मिला।’’
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नयी दिल्ली. बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) पर बिजली उत्पादक कंपनियों (जेनको) का बकाया जून, 2022 में सालाना आधार पर चार प्रतिशत बढ़कर 1,32,432 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। जून, 2021 तक डिस्कॉम पर बिजली वितरण कंपनियों का बकाया 1,27,306 करोड़ रुपये था। पेमेंट रैटिफिकेशन एंड एनालिसिस इन पावर प्रोक्यूरमेंट फॉर ब्रिंगिंग ट्रांसपैरेंसी इन इन्वॉयसिंग ऑफ जेनरेशन (प्राप्ति) पोर्टल से यह जानकारी मिली है। जून, 2022 में डिस्कॉम पर कुल बकाया पिछले महीने यानी मई, 2022 की तुलना में भी बढ़ा है। मई में यह 1,30,139 करोड़ रुपये था। बिजली उत्पादकों तथा डिस्कॉम के बीच बिजली खरीद लेनदेन में पारदर्शिता लाने के लिए प्राप्ति पोर्टल मई, 2018 में शुरू किया गया था। जून, 2022 तक 45 दिन की मियाद या ग्रेस की अवधि के बाद भी डिस्कॉम पर कुल बकाया राशि 1,15,128 करोड़ रुपये थी। यह एक साल पहले समान महीने में 1,04,095 करोड़ रुपये थी। मई, 2022 में डिस्कॉम पर कुल बकाया 1,07,636 करोड़ रुपये था। बिजली उत्पादक कंपनियां डिस्कॉम को बेची गई बिजली के बिल का भुगतान करने के लिए 45 दिन का समय देती हैं। उसके बाद यह राशि पुराने बकाये में आ जाती है। ज्यादातर ऐसे मामलों में बिजली उत्पादक दंडात्मक ब्याज वसूलते हैं। बिजली उत्पादक कंपनियों को राहत के लिए केंद्र ने एक अगस्त, 2019 से भुगतान सुरक्षा प्रणाली लागू की है। इस व्यवस्था के तहत डिस्कॉम को बिजली आपूर्ति पाने के लिए साख पत्र देना होता है। केंद्र सरकार ने बिजली वितरण कंपनियों को भी कोविड-19 महामारी की वजह से कुछ राहत दी है। भुगतान में देरी के लिए डिस्कॉम पर दंडात्मक शुल्क को माफ कर दिया गया है। सरकार ने मई, 2020 में डिस्कॉम के लिए 90,000 करोड़ रुपये की नकदी डालने की योजना पेश की थी। इसके तहत बिजली वितरण कंपनियां पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) तथा आरईसी लिमिटेड से सस्ता कर्ज ले सकती हैं। बाद में सरकार ने इस पैकेज को बढ़ाकर 1.2 लाख करोड़ रुपये और उसके बाद 1.35 लाख करोड़ रुपये कर दिया। आंकड़ों से पता चलता है कि महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, झारखंड और राजस्थान की बिजली वितरण कंपनियों का उत्पादक कंपनियों के बकाये में सबसे अधिक हिस्सा है। भुगतान की मियाद समाप्त होने के बाद जून, 2022 तक डिस्कॉम पर कुल बकाया 1,15,128 करोड़ रुपये था। इसमें स्वतंत्र बिजली उत्पादकों का हिस्सा 53.17 प्रतिशत है। वहीं, केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र की जेनको का बकाया 22.4 प्रतिशत है।
सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में अकेले एनटीपीसी को ही डिस्कॉम से 5,441.95 करोड़ रुपये वसूलने हैं। उसके बाद डीवीसी का बकाया 3,885.19 करोड़ रुपये है। एनपीसीआईएल का बकाया 3,272.24 करोड़ रुपये है। निजी बिजली उत्पादक कंपनियों में अडाणी पावर का बकाया 21,625.02 करोड़ रुपये है।
वहीं नवीकरणीय ऊर्जा कंपनियों का बकाया जून, 2022 तक 22,432.27 करोड़ रुपये था। - नयी दिल्ली। फिनटेक कंपनी लैंडिंगकार्ट ने शनिवार को कहा कि उसने जीएमओ एलएलसी और ट्रायडोस इनवेस्टमेंट से 75 करोड़ रुपये का कर्ज जुटाया है। एक बयान के अनुसार कंपनी सभी राज्यों में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को कर्ज देने के लिए इस राशि का इस्तेमाल करेगी। बयान में कहा गया, ''लेंडिंगकार्ट ने कुल 75 करोड़ रुपये का कर्ज जुटाया है, जिसमें से 25 करोड़ रुपये जीएमओ एलएलसी से और 50 करोड़ रुपये ट्रायडोस इनवेस्टमेंट मैनेजमेंट से जुटाए गए।'' लैंडिंगकार्ट के सीईओ और संस्थापक हर्षवर्धन लूनिया ने कहा कि इस धनराशि का इस्तेमाल एमएसएमई ग्राहकों को कर्ज देने के लिए किया जाएगा।
- नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के पांच साल पूरे होने के मौके पर इसे एक बड़ा कर सुधार बताते हुए कहा कि इसने कारोबारी सुगमता बढ़ाने के साथ ही 'एक राष्ट्र एक कर' की संकल्पना को भी साकार किया। प्रधानमंत्री ने अपने एक ट्वीट में जीएसटी प्रणाली के लागू होने के पांच साल पूरे होने का जिक्र करते हुए कहा, "यह एक प्रमुख कर सुधार है जिसने 'कारोबार करने को सुगम' बनाया और 'एक राष्ट्र, एक कर' की संकल्पना को भी साकार किया।" एक एकीकृत अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के रूप में जीएसटी को एक जुलाई, 2017 को लागू किया गया था। प्रधानमंत्री ने भारत सरकार के नागरिक संपर्क मंच 'माइगवइंडिया' के एक ट्वीट को भी ‘टैग’ किया जिसमें कहा गया है कि जीएसटी ने नए भारत की आर्थिक संरचना को परिभाषित करने और नागरिकों को सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभाई है।
- नयी दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि जून के महीने में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्व बढ़कर 1.44 लाख करोड़ रुपये हो गया जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 56 प्रतिशत अधिक है। सीतारमण ने कहा कि जीएसटी संग्रह के लिए 1.4 लाख करोड़ रुपये अब मोटे तौर पर एक निचली सीमा बन चुका है। इसके पहले मई 2022 में जीएसटी राजस्व करीब 1.41 लाख करोड़ रुपये रहा था।