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कोलकाता । जेडब्ल्यूएस स्टील का कच्चे इस्पात का उत्पादन मई माह में एकल आधार पर 31 फीसदी बढ़कर 17.89 लाख टन हो गया। कंपनी ने बुधवार को यह जानकारी दी। मई 2021 में कंपनी का कच्चे इस्पात का उत्पादन 13.67 लाख टन था। कंपनी ने कहा कि उसके फ्लैट रोल्ड उत्पादों का उत्पादन 29 फीसदी बढ़कर 12.84 लाख टन और लांग उत्पादों का उत्पादन 25 फीसदी वृद्धि के साथ 3.86 लाख टन हो गया।
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मुंबई | कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद से बाजार में अस्थायी कर्मचारियों की मांग में उछाल जारी है। बिक्री और विपणन जैसे क्षेत्र की नौकरियों में वृद्धि के साथ मई में अस्थायी कर्मचारियों की मांग पिछले महीने की तुलना में 22.13 प्रतिशत बढ़ी है। क्वेस कॉर्प के समर्थन वाले स्टार्टअप टास्कमो के पहले ‘टास्कमो गिग सूचकांक' (टीजीआई) के अनुसार, महामारी के बाद भारतीय कंपनियों में अस्थायी कर्मचारियों, परियोजना आधारित कर्मियों की मांग तेजी से बढ़ी है। रिपोर्ट में कहा गया कि कंपनियां मुख्य रूप से बिक्री, अंतिम छोर तक वितरण, डिजिटल प्रचार, ब्रांड प्रचार और ‘माइक्रो-इन्फ्लूएंसर्स' में अस्थायी कर्मचारियों की तलाश करती हैं। टीजीआई सूचकांक के अनुसार विपणन और बिक्री जैसे नौकरियों में अस्थायी कर्मचारियों की मांग सबसे अधिक तीन अंक में बढ़ी है।
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नयी दिल्ली. भारती एयरटेल ने मंगलवार को अपने पहले मेटावर्स मल्टीप्लेक्स 'एक्स्ट्रीम मल्टीप्लेक्स' से पर्दा उठा दिया। दूरसंचार कंपनी ने बयान में कहा कि एक्स्ट्रीम मल्टीप्लेक्स उसके एक्स्ट्रीम प्रीमियम की विस्तारित पेशकश का हिस्सा है। एक्सट्रीम प्रीमियम को पेश किए जाने के 100 दिन के भीतर ही इसने 20 लाख ग्राहक जोडऩे का मुकाम हासिल किया है। कंपनी के अनुसार, एक्स्ट्रीम मल्टीप्लेक्स एक 20 स्क्रीन का मंच होगा। इस पर प्रमुख ओटीटी मंचों पर उपलब्ध ऑनलाइन सामग्री को भी देखा जा सकेगा। इसके अलावा मल्टीप्लेक्स पर मेटावर्स के अनुभव के तौर पर सीमित ऑनलाइन सामग्री भी उपलब्ध होगी। ग्राहक क्षेत्रीय भाषाओं समेत हिंदी और अंग्रेजी में किसी 'सीरीज' का पहला एपिसोड या किसी मूवी के शुरुआती कुछ मिनट देख सकेंगे। -
नयी दिल्ली. फिच रेटिंग्स ने मंगलवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक दिसंबर 2022 तक ब्याज दरों को 5.9 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है। फिच ने वैश्विक आर्थिक परिदृश्य के अपने ताजा अपडेट में कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था बिगड़ते बाहरी माहौल, जिंस कीमतों में बढ़ोतरी और सख्त वैश्विक मौद्रिक नीति का सामना कर रही है। रेटिंग एजेंसी ने कहा, ''मुद्रास्फीति के लिए बिगड़ते परिदृश्य को देखते हुए, अब हमें उम्मीद है कि आरबीआई ब्याज दर को बढ़ाकर दिसंबर 2022 तक 5.9 प्रतिशत और 2023 के अंत तक 6.15 प्रतिशत (जबकि पिछला पूर्वानुमान पांच प्रतिशत था) कर सकता है और 2024 में इसके अपरिवर्तित रहने की उम्मीद है।'' पिछले महीने तय कार्यक्रम के बिना एक नीति घोषणा में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने दरों को 0.40 प्रतिशत बढ़ाकर 4.4 प्रतिशत कर दिया था, और बाद में पिछले सप्ताह इसे और बढ़ाकर 4.9 प्रतिशत कर दिया। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के अंत तक महंगाई दर 6.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। मई में खुदरा महंगाई 7.04 फीसदी पर थी। फिच ने कहा, ''मुद्रास्फीति आठ साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई है और सीपीआई की अधिक श्रेणियों में फैल गई है। यह उपभोक्ताओं के लिए एक गंभीर चुनौती है। पिछले तीन महीनों में, खाद्य मुद्रास्फीति में वार्षिक आधार पर औसतन 7.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि स्वास्थ्य देखभाल का खर्च भी लगातार बढ़ रहा है।'' फिच के अनुसार अप्रैल-जून तिमाही में खपत बढऩे से वृद्धि में सुधार होने की संभावना है, क्योंकि मार्च के अंत में कोविड-19 संक्रमण के मामले कम हो गए थे। -
नयी दिल्ली. नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को आईओटेक वल्र्ड एविगेशन को नए ड्रोन नियमों के तहत 'फस्र्ट टाइप' (टीसी) प्रमाणपत्र प्रदान किया। नए ड्रोन नियम पिछले साल 25 अगस्त को जारी किए गए थे। नागर विमानन मंत्रालय ने ट्वीट किया, ''ड्रोन नियम 2021 के तहत, भारतीय गुणवत्ता परिषद (क्यूसीआई) या एक अधिकृत परीक्षण इकाई की सिफारिश पर नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) विशिष्ट प्रकार की मानव रहित विमान प्रणाली (ड्रोन) के लिए प्रमाणपत्र जारी करता है।'' मंत्रालय ने कहा, ''नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज आईओटेक वल्र्ड एविगेशन प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक और सह-संस्थापक अनूप उपाध्याय को ड्रोन नियम, 2021 के तहत 'फस्र्ट टाइप' प्रमाणपत्र प्रदान किया।''
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नयी दिल्ली. जायडस लाइफसाइंस के चेयरमैन पंकज आर पटेल को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के केंद्रीय बोर्ड में अंशकालिक गैर-सरकारी निदेशक नियुक्त किया गया है। दवा विनिर्माता कंपनी ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने पटेल की नियुक्ति को अधिसूचना जारी होने की तारीख से चार साल या अगले आदेश तक के लिए मंजूरी दे दी है। कंपनी ने बताया कि पटेल पहले से ही इन्वेस्ट इंडिया समेत कई संस्थानों के निदेशक मंडल में शामिल हैं और वह मिशन संचालन समूह (एमएसजी) के सदस्य हैं। वह आईआईएम-उदयपुर के संचालन और सोसाइटी बोर्ड के चेयरमैन होने के साथ आईआईएम (अहमदाबाद) के संचालन बोर्ड के सदस्य भी हैं।
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चेन्नई. हिंदुजा समूह की इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) इकाई स्विच मोबिल्टी ने अपनी इलेक्ट्रिक बस ईआईवी12 को पेश किया है। इस पेशकश के साथ कंपनी की ईवी उद्योग में बड़ी हिस्सेदारी हासिल करने की योजना है। स्विच मोबिलिटी ने मंगलवार को कहा कि कंपनी का उद्देश्य शहरों के बीच, अलग-अलग शहरों, स्कूल समेत अन्य श्रेणी में अपनी सेवाएं देना है। स्विच मोबिल्टी ने बताया कि ये बसें यात्रा की दूसरी के आधार पर अलग-अलग संस्करणों में उपलब्ध होंगी। एक बार चार्ज करने के बाद ये बसें 100 से 300 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकेंगी। कंपनी के निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी महेश बाबू ने कहा कि स्विच मोबिलिटी इन बसों को सड़क पर उतारने के लिए कई राज्य सरकारों के साथ बातचीत कर रही है। कंपनी के अधिकारियों के अनुसार, ये बसें ईआईवी 12 लो फ्लोर और ईआईवी 12 स्टैंडर्ड जैसे दो मॉडल में उपलब्ध होंगी। उन्होंने बताया कि इन बसों की कीमत करीब एक करोड़ रुपये होगी। - नयी दिल्ली। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एयर इंडिया पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। एयर इंडिया द्वारा वैध टिकट रखने वाले यात्रियों को यात्रा की अनुमति नहीं देने और उसके बाद अनिवार्य मुआवजा देने से इनकार करने के मामले में नियामक ने यह जुर्माना लगाया गया है।नियामक ने मंगलवार को बयान में कहा, ‘‘डीजीसीए द्वारा बेंगलुरु, हैदराबाद और दिल्ली में इस तरह के मामलों की जांच की गई। इस दौरान यह तथ्य सामने आया कि एयर इंडिया ने नियमनों का अनुपालन नहीं किया गया। इसके बाद एयरलाइन को डीजीसीए द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया और इस संदर्भ में व्यक्तिगत सुनवाई भी की गई थी।’’डीजीसीए के मुताबिक, इस संबंध में एयर इंडिया की संभवत: अपनी कोई नीति नहीं है और वह यात्रियों को मुआवजे का भुगतान नहीं करती है। नियामक ने कहा कि आखिरकार यह एक गंभीर चिंता का विषय है और अस्वीकार्य है। नियामक ने कहा कि इस मामले में एयर इंडिया के जवाब के बाद सक्षम प्राधिकरण ने एयरलाइन पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। एयरलाइन को इस मुद्दे को सुलझाने के लिए तत्काल तंत्र भी स्थापित करने की सलाह दी गई है।
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नयी दिल्ली। बैंकिंग क्षेत्र के दिग्गज आर सुब्रमण्यकुमार 24 जून से निजी क्षेत्र के आरबीएल बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) का पदभार संभालेंगे। उनके पास 40 साल से अधिक का अनुभव है। वह अंतरिम प्रबंध निदेशक और सीईओ राजीव आहूजा का स्थान लेंगे। दिसंबर, 2021 के अंत में बैंक के तत्कालीन प्रमुख विश्ववीर आहूजा को अचानक पद से हटाए जाने के बाद आहूजा ने अंतरिम प्रबंध निदेशक और सीईओ का कार्यभार संभाला था। आहूजा को तत्काल प्रभाव से छुट्टी पर भेज दिया गया था। सुब्रमण्यकुमार ने पूर्व में चेन्नई स्थित सार्वजनिक क्षेत्र के इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) के प्रबंध निदेशक और सीईओ और बैंक के कार्यकारी निदेशक के रूप में भी कार्य किया था। इसके अलावा वह इंडियन बैंक में ईडी भी थे और बैंकिंग उद्योग में विभिन्न पदों पर रहे। उन्होंने दिल्ली स्थित पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा उन्होंने पीएनबी के भूटान संयुक्त उद्यम ड्रक पीएनबी के निदेशक मंडल में भी रहे। राजीव आहूजा ने सुब्रमण्यकुमार की नियुक्ति का स्वागत करते हुए विश्वास व्यक्त किया कि बैंक को उनके अनुभव से बहुत लाभ होगा।
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नयी दिल्ली | कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) की तरफ से आयात के लिए जारी निविदाओं के बावजूद देश का कोयले का आयात चालू वित्त वर्ष के दौरान 11 प्रतिशत घटकर 18.6 करोड़ टन पर आ सकता है। सरकार के दिशानिर्देशों के बाद सार्वजानिक क्षेत्र की कोल इंडिया ने बिजली उत्पादन संयंत्रों में कोयले की आपूर्ति के लिए पिछले सप्ताह निविदाएं जारी की हैं। कोयला मंत्रालय के मध्यम अवधि के लिए अनुमान के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में कुल 18.6 करोड़ टन कोयले का आयात किया जा सकता है। इसमें गैर-कोकिंग कोयले की हिस्सेदारी 13 करोड़ टन और कोकिंग कोयला का हिस्सा 5.6 करोड़ टन रहने का अनुमान है। मंत्रालय ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 17.2 करोड़ टन, 2027-28 के लिए 17.3 करोड़ टन और 2029-30 के लिए 17 करोड़ टन कोयले के आयात का अनुमान है। देश में 2021-22 के दौरान 21 करोड़ टन कोयले का आयात हुआ था। वहीं, वित्त वर्ष 2020-21 में 21.5 करोड़ टन और 2019-20 में 24.9 करोड़ टन कोयले का आयात किया गया था। -
नयी दिल्ली | केंद्र सरकार ने एक अप्रैल से दबाव वाले जिलों में राशन की दुकानों के माध्यम से दूसरे चरण का फोर्टिफाइड (पोषण तत्वों से संवर्धित) चावल वितरण शुरू किया है और अबतक लक्षित 291 जिलों में से 90 जिलों को इस योजना के दायरे में लिया गया है। खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने सोमवार को यह जानकारी दी। सरकार का उद्देश्य 2024 तक केंद्र सरकार की सभी योजनाओं के माध्यम से चरणबद्ध तरीके से पोषण संवर्धित चावल का वितरण करना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 75वें स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में गरीबों के बीच कुपोषण के मुद्दे का समाधान निकालने की घोषणा की थी। इसका पहला चरण अक्टूबर, 2021 में शुरू किया गया था जिसके तहत एकीकृत बाल विकास सेवाओं (आईसीडीएस) और प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण-पीएम पोषण (पूर्व में मध्याह्न भोजन योजना) के माध्यम से फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति की गई थी। फोर्टिफाइड चावल खाद्य नियामक एफएसएसएआई द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप बनाया जाता है। इसमें चावल को तीन सूक्ष्म पोषक तत्वों - आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन बी 12 के साथ मिश्रित करने की सलाह दी गई है। इस संदर्भ में हुई प्रगति पर मीडिया को जानकारी देते हुए पांडेय ने कहा कि आईसीडीएस केंद्रों और पीएम-पोषण के अलावा सरकार का लक्ष्य दूसरे चरण में 291 आकांक्षी और उच्च बोझ वाले जिलों को 175 लाख टन फोर्टिफाइड चावल का वितरण करते हुए उन्हें योजना के दायरे में लाना है। उन्होंने कहा, ‘‘चरण-2 के कार्यान्वयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अबतक जरूरत की लगभग 50 प्रतिशत खरीद की जा चुकी है।'' भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा लगभग 90 लाख टन फोर्टिफाइड चावल की खरीद की गई है। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-मई अवधि के दौरान 16 राज्यों के 90 से अधिक जिलों में लगभग 2.20 लाख टन की आपूर्ति की गई है। यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार चरण-2 के कार्यान्वयन के लिए जरूरी मात्रा की खरीद कर पाएगी, सचिव ने कहा, यह एक सतत और जटिल प्रक्रिया है। लगभग 90 लाख टन एफसीआई के पास उपलब्ध है और राज्यों द्वारा उठान किया जाता है।'' फोर्टिफाइड चावल के सेवन से जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों पर सचिव ने कहा कि चावल को पोषक तत्वों से संवर्धित करने के लाभ हानिकारक प्रभावों से कहीं अधिक हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि एक व्यापक समवर्ती मूल्यांकन तंत्र स्थापित किया गया है। सभी राज्यों ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक संचालन समिति का गठन किया है जो पूरे वितरण की समीक्षा करेगी। खाद्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव एस जगन्नाथन ने कहा कि पूरे पारिस्थितिकी तंत्र के विस्तार के साथ, पोषक तत्वों से संवर्धित करने की लागत कम हो रही है। फिलहाल यह 73 पैसे प्रति किलो है और कई राज्यों में यह करीब 50 पैसे प्रति किलो है। उन्होंने कहा कि यह कदम जरूरी था क्योंकि कुपोषण से उत्पादकता घटने, बीमारी और मृत्यु के मामलों से देश को सालाना कम से कम 77,000 करोड़ रुपये का नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि आयरन की कमी से होने वाले ‘एनीमिया' के कारण देश को सकल घरेलू उत्पाद का लगभग एक प्रतिशत (2.03 लाख करोड़ रुपये) का नुकसान होता है। सेंटर फॉर कम्युनिटी मेडिसिन, एम्स-दिल्ली के अतिरिक्त प्रोफेसर कपिल यादव ने कहा, ‘‘इसमें कुछ जोखिम शामिल हैं, लेकिन लाभ कहीं अधिक हैं। भारत में प्रसव के दौरान रक्तस्राव के कारण दुनिया में सबसे अधिक मृत्यु दर है। चावल का फोर्टिफिकेशन इसे कम करने में मदद करता है।
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नयी दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) महंगाई को काबू में लाने को लेकर काफी आगे है। लेकिन इसके बावजूद अगस्त और अक्टूबर में द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में और वृद्धि कर सकता है। एसबीआई रिसर्च ने सोमवार को एक रिपोर्ट में यह कहा। इसमें यह भी कहा गया है, ‘‘ऐसा लगता है कि महंगाई दर अपने उच्चस्तर पर पहुंच चुकी है। खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल में करीब आठ साल के उच्च स्तर 7.79 प्रतिशत पर पहुंच गयी। मई में यह कुछ नरम पड़कर 7.04 प्रतिशत पर आ गयी। एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट ‘इकोरैप' के अनुसार मुख्य (कोर) मुद्रास्फीति भी मई में नरम पड़कर 6.09 प्रतिशत रही जो अप्रैल में 6.97 प्रतिशत थी। रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘हमारा मानना है कि आरबीआई मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये काफी आगे है और फेडरल रिजर्व (अमेरिकी केंद्रीय बैंक) अमेरिका में मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए रिजर्व बैंक के मॉडल को अपना सकता है...। अमेरिका में महंगाई दर मई में चार दशक के उच्चस्तर 8.6 प्रतिशत पर पहुंच गयी है। यह रिपोर्ट भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) समूह के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष ने लिखी है। रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसी संभावना है कि आरबीआई अगस्त में मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में वृद्धि पर विचार कर सकता है। इसका कारण जून में मुद्रास्फीति सात प्रतिशत से ऊपर रह सकती है। अक्टूबर की मौद्रिक नीति समीक्षा में इसमें वृद्धि की जा सकती है। इससे नीतिगत दर महामारी-पूर्व स्तर 5.5 प्रतिशत से ऊपर निकल सकती है। उल्लेखनीय है कि आरबीआई ने महंगाई को काबू में लाने के लिये मई में नीतिगत दर रेपो में 0.40 प्रतिशत और जून में 0.5 प्रतिशत की वृद्धि की है। इससे रेपो दर 4.9 प्रतिशत पर पहुंच गयी है। इसमें 2022-23 में औसत महंगाई दर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है। हालांकि रिपोर्ट में कहा गया है कि तिमाही में मुद्रास्फीति के आंकड़े आरबीआई के अनुमान से अलग हैं। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘ऐसा लगता है कि मुद्रास्फीति 7.8 प्रतिशत के अपने उच्च स्तर पर पहुंच गयी है। यह थोड़ी राहत की बात है। रिजर्व बैंक ने इस महीने मौद्रिक नीति समीक्षा में चालू वित्त वर्ष के लिये मुद्रास्फीति के अनुमान को 5.7 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया है। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में इसके 7.5 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 7.4 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 6.2 प्रतिशत तथा चौथी तिमाही में 5.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है।
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मुंबई. भारतीय कंपनियों ने मई में 190 लेनदेन में कुल 19.1 अरब डॉलर के ‘सौदे' किए हैं। यह पिछले साल की समान अवधि की तुलना में दोगुना से ज्यादा है। इसमें आधे से ज्यादा हिस्सेदारी अडाणी समूह के सीमेंट कंपनी होल्सिम के 10.5 अरब डॉलर के अधिग्रहण सौदे की है। ग्रांट थॉर्नटन भारत ने सोमवार को जारी अपनी रिपोर्ट में कहा कि विलय और अधिग्रहण, निजी इक्विटी और आईपीओ जैसी गतिविधियों का आंकड़ा मई, 2021 में 7.96 अरब डॉलर रहा था। रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल, 2022 की तुलना में मई के दौरान कुल सौदों के मूल्य में 59 प्रतिशत की कमी आई है। अप्रैल में निजी क्षेत्र की दो कंपनियों एचडीएफ़सी बैंक और एचडीएफसी लिमिटेड के बीच करीब 40 अरब डॉलर का विलय सौदा हुआ था। रिपोर्ट के अनुसार, अडाणी समूह द्वारा होल्सिम से एसीसी और अंबुजा सीमेंट्स को खरीदने के अलावा मई, 2022 में रिलायंस और बोधि ट्री ने वियाकॉम18 में दो अरब डॉलर का निवेश किया था। इसके अलावा आलोच्य माह के दौरान 10 करोड़ डॉलर से अधिक के 13 बड़े सौदे हुए। इनका मूल्य 5.1 अरब डॉलर बैठता है। रिपोर्ट में कहा गया कि सौदों की संख्या मई में 190 रही, जो एक साल पहले के इसी महीने में 120 थी। वहीं, अप्रैल 2022 की तुलना में पिछले महीने देश में केवल तीन प्रतिशत अधिक सौदे हुए। ग्रांट थॉर्नटन भारत की भागीदार शांति विजेता ने कहा, ‘‘सौदों की संख्या के लिहाज से मई में स्टार्टअप, ई-कॉमर्स और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र का हिस्सा सबसे अधिक रहा। वहीं मूल्य के हिसाब से विनिर्माण, मीडिया और मनोरंजन, ऊर्जा क्षेत्र का सबसे अधिक योगदान रहा।'' इस दौरान विलय और अधिग्रहण के 11.9 अरब डॉलर के कुल 40 सौदे हुए।
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नयी दिल्ली. भारतीय रेल स्टार्टअप कंपनियों को वित्तपोषण उपलब्ध कराने के लिए सालाना 50 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करेगी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस तरह के अन्य गठजोड़ के उलट नवोन्मेषण के लिए बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) नवोन्मेषक के पास ही रहेगा। भारतीय रेल नवाचार नीति के तहत रेलवे स्टार्टअप में निवेश करेगी। इससे उसे सीधे स्टार्टअप से नवाचारों के अधिग्रहण में मदद मिलेगी। रेल मंत्री ने औपचारिक रूप से नीति का शुभारंभ करते हुए मीडिया को बताया, ‘‘इस नीति का वार्षिक बजट लगभग 40-50 करोड़ रुपये होगा और मंडल रेल प्रबंधकों के लिए एक अतिरिक्त कोष होगा ताकि वे ‘ऑन-फील्ड' समस्याओं का ‘ऑन-फील्ड' समाधान ढूंढ सकें। -
मुंबई। सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) पर सरकार का खर्च 2022 में 12.1 प्रतिशत बढ़कर 9.5 अरब डॉलर होने का अनुमान है। अनुसंधान फर्म गार्टनर की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई। रिपोर्ट में कहा गया कि 2021 में सरकार के आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) खर्च में 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी और ऐसे में 2022 में वृद्धि अनुमान कम है। कंपनी ने वैश्विक स्तर पर आईटी खर्च में पांच प्रतिशत बढ़ोतरी का अनुमान लगाया है।
गार्टनर की प्रमुख विश्लेषक अपेक्षा कौशिक ने कहा कि वैश्विक रुझानों के विपरीत भारत में 2022 के दौरान सभी क्षेत्रों में वृद्धि होगी। फर्म का अनुमान है कि सॉफ्टवेयर क्षेत्र में 27.9 प्रतिशत और आईटी सेवा क्षेत्र में 13.4 प्रतिशत की वृद्धि होगी। इसके अलावा अन्य क्षेत्रों - दूरसंचार सेवाओं, आंतरिक सेवाएं, डेटा सेंटर सिस्टम और उपकरण खंड में एकल अंकीय वृद्धि का अनुमान है। -
अहमदाबाद। रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से गुजरात का हीरा उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है। युद्ध के कारण इस उद्योग में कार्यरत लाखों श्रमिकों की आजीविका पर गंभीर संकट है। विशेषरूप से सौराष्ट्र क्षेत्र के ग्रामीण हिस्से में कार्यरत इकाइयां इस घटनाक्रम से सबसे अधिक प्रभावित हुई हैं। उद्योग के प्रतिनिधियों ने बताया कि ये इकाइयां प्रसंस्करण और पॉलिश करने के लिए रूस से छोटी मात्रा में हीरों का आयात करती हैं। रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद के क्षेत्रीय चेयरमैन दिनेश नवादिया ने कहा कि राज्य के हीरा उद्योग में करीब 15 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है। रूस से छोटे आकार के कच्चे हीरों की आपूर्ति में कमी के कारण गुजरात के व्यापारी अफ्रीकी देशों और अन्य जगहों से कच्चा माल खरीदने को मजबूर हैं, जिससे उनका मुनाफा प्रभावित हो रहा है। इसलिए राज्य की हीरा इकाइयों ने अपने श्रमिकों और पॉलिश करने वालों के काम के घंटों में कटौती की है जिससे उनकी आजीविका प्रभावित हुई है। बड़े आकार के हीरों का प्रसंस्करण मुख्य रूप से राज्य के सूरत शहर की इकाइयों में किया जाता है।
अमेरिका को भारत से 70 प्रतिशत कटे और पॉलिश हीरों का निर्यात किया जाता है। उसने रूसी कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। नवादिया ने कहा कि अमेरिका में कुछ बड़ी कंपनियों ने पहले ही उन्हें ई-मेल भेजकर कहा है कि वे रूसी सामान नहीं खरीदेंगी। उन्होंने कहा कि इस वजह से विशेषरूप से सौराष्ट्र के भावनगर, राजकोट, अमरेली और जूनागढ़ जिलों के हीरा श्रमिक बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा राज्य के उत्तरी हिस्से के श्रमिकों पर भी इसका असर पड़ा है। नवादिया ने कहा, ‘‘हम रूस से लगभग 27 प्रतिशत कच्चे हीरे का आयात कर रहे थे। लेकिन युद्ध के कारण अब इतनी मात्रा गुजरात में प्रसंस्करण इकाइयों तक नहीं पहुंच रही है, जिससे वहां काम प्रभावित हो रहा है।'' उन्होंने कहा कि गुजरात में हीरा प्रसंस्करण में शामिल पूरे श्रमबल का लगभग 50 प्रतिशत छोटे आकार के हीरों पर काम करता है, जिन्हें स्थानीय रूप से ‘पटली' कहा जाता है। उन्होंने बताया कि युद्ध से पहले गुजरात में पॉलिश के लिए आयात किए जाने वाले 30 प्रतिशत कच्चे हीरे रूस की हीरा खनन कंपनी अलरोसा से आते थे। गुजरात में पॉलिश और प्रसंस्करण के लिए आने वाले हीरों में से 60 प्रतिशत रूस से आते हैं। इनमें से ज्यादातर छोटे आकार के हीरे हैं। file photo -
नयी दिल्ली. कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने शुक्रवार को विदेश से 60 लाख टन कोयला मंगाने के लिए मध्यम अवधि की दो निविदाएं जारी की। आगामी मानसून सत्र के दौरान कोयले की कमी की आशंका के बीच पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए यह कोयला मंगाया जा रहा है। इन दोनों निविदाओं में यह विकल्प भी है कि जरूरत पड़ने पर बोली की मात्रा को 60 लाख टन से बढ़ाकर 120 लाख टन किया जा सकता है। इससे पहले, सीआईएल ने बिजली संयंत्रों को ईंधन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 24.16 लाख टन कोयले का आयात करने को लेकर पहली निविदा जारी की थी। अप्रैल में जीवाश्म ईंधन की कमी के कारण हुई बिजली कटौती की पुनरावृत्ति से बचने के लिए सरकार कोयले का भंडार बनाने को लेकर कंपनी से कदम उठाने को कहा है। उसके बाद कंपनी ने निविदाएं जारी की है। कोल इंडिया ने एक बयान में कहा, "सरकार के निर्देशानुसार स्वदेशी कोयला आधारित बिजली संयंत्रों में कोयले के भंडार को बढ़ाने के लिए कंपनी ने शुक्रवार को विदेशों से कोयले मंगाने के लिए 30-30 लाख टन की दो अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धी बोली वाली ई-निविदाएं जारी कीं।" कंपनी ने कहा कि हालांकि सीआईएल देश की घरेलू मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन बढ़ाने की पुरजोर कोशिश कर रही है, लेकिन भविष्य में कोयले की आपूर्ति की कमी से निपटने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। यह निविदा अगले महीने से लेकर अगले साल जून तक के लिए है। न्यूनतम मांग मात्रा 50,000 टन होगी।
प्रतिस्पर्धी बोलियों के जरिए मांगे गए 60 लाख टन कोयले के लिए, देश के पूर्वी और पश्चिमी तटों पर नौ बंदरगाहों की पहचान की गई है। इससे पहले सीआईएल ने बुधवार को एक अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धी बोली ई-निविदा जारी की, जिसमें 24.16 लाख टन कोयले के आयात के लिए बोलियां मांगी गईं थीं। बिजली उत्पादक कंपनियों (जेनको) और स्वतंत्र बिजली संयंत्रों (आईपीपी) की ओर से कोयला मंगाया जा रहा है, जो उनसे प्राप्त मांग पर आधारित है। हालांकि, कोयले का आयात सीआईएल के लिए एक नया काम है। इससे पहले बृहस्पतिवार को जारी बयान के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान ईंधन के आयात के लिए वर्तमान अल्पकालिक निविदा के तहत कोयला किसी भी देश से प्राप्त किया जा सकता है। जब कोयले की मांग सबसे ज्यादा है, ऐसे समय में केंद्र ने ईंधन के आयात के माध्यम से महारत्न कंपनी को जेनको और आईपीपी को कोयले की आपूर्ति बढ़ाने के लिए एक केंद्रीकृत एजेंसी के रूप में नामित किया था। कंपनी के निदेशक मंडल ने पिछले हफ्ते सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई को विदेशों से कोयले की निकास के लिए दो अंतरराष्ट्रीय निविदाएं- अल्पकालिक और मध्यम अवधि की... जारी करने के लिए अपनी मंजूरी दे दी थी। -
नयी दिल्ली. उपभोक्ता उत्पाद बनाने वाली प्रमुख कंपनी सैमसंग ने भारत के युवाओं के लिए राष्ट्रीय स्तर की शिक्षण एवं नवोन्मेष प्रतियोगिता शुरू की है जिसमें उन्हें जमीनी स्तर की समस्याओं के समाधान के लिए नवाचारी विचारों का खाका पेश करना होगा। सैमसंग इंडिया ने एक बयान में 'सॉल्व फॉर टुमॉरो' प्रतियोगिता के पहले संस्करण की शुरुआत की घोषणा करते हुए कहा कि वह देश के युवाओं को आम लोगों की जिंदगी में आमूलचूल बदलाव लाने वाले नवाचारी विचार पेश करने के लिए आमंत्रित करती है। इस प्रतियोगिता के पहले साल में शिक्षा, पर्यावरण, स्वास्थ्य देखभाल और कृषि क्षेत्रों से जुड़ी बुनियादी समस्याओं को दूर करने वाले नवाचारी विचार आमंत्रित किए गए हैं। संयुक्त राष्ट्र ने भी भारत के लिए घोषित टिकाऊ विकास लक्ष्यों में इन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी हुई है। सैमसंग ने बयान में कहा, "साल भर चलने वाले इस कार्यक्रम का अंत तीन राष्ट्रीय विजेताओं के ऐलान के साथ होगा। इन युवाओं के पास एक करोड़ रुपये तक का अनुदान पाने और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली के विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में अपने विचार को अगले मुकाम तक ले जाने का मौका होगा।" 'सॉल्व फॉर टुमॉरो' प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है और 31 जुलाई तक आवेदन किए जा सकते हैं। इस प्रतियोगिता में शीर्ष 10 स्थान पर रहने वाली टीमों को सैमसंग इंडिया के कार्यालय, शोध एवं विकास केंद्र और बेंगलुरु स्थित सैमसंग ओपेरा हाउस जाने का मौका भी मिलेगा। वहां पर ये युवा प्रतियोगी सैमसंग के शोधकर्ताओं एवं कर्मचारियों से संवाद भी कर सकेंगे।
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मुंबई। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार तीन जून को समाप्त सप्ताह में 30.6 करोड़ डॉलर घटकर 601.057 अरब डॉलर पर आ गया। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों के अनुसार इससे पिछले सप्ताह, विदेशी मुद्रा भंडार 3.854 अरब डॉलर बढ़कर 601.363 अरब डॉलर हो गया था। 20 मई को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 4.23 अरब डॉलर बढ़कर 597.509 अरब डॉलर रहा था। समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का कारण विदेशी मुद्रा आस्तियों में आई गिरावट है जो कुल मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण घटक है। आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) 20.8 करोड़ डॉलर घटकर 536.779 अरब डॉलर रह गयी। डॉलर में अभिव्यक्त विदेशी मुद्रा भंडार में रखे जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पौंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में मूल्यवृद्धि अथवा मूल्यह्रास के प्रभावों को शामिल किया जाता है। आंकड़ों के अनुसार, आलोच्य सप्ताह में स्वर्ण भंडार का मूल्य भी 7.4 करोड़ डॉलर घटकर 40.843 अरब डॉलर रह गया। समीक्षाधीन सप्ताह में, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास जमा विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 2.8 करोड़ डॉलर घटकर 18.41 अरब डॉलर रह गया। आईएमएफ में रखे देश का मुद्रा भंडार 50 करोड़ डॉलर बढ़कर 5.025 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
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नयी दिल्ली. दिल्ली सर्राफा बाजार में शुक्रवार को सोना 58 रुपये की गिरावट के साथ 50,793 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। इससे पिछले कारोबारी सत्र में सोना 50,851 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। इसी तरह, चांदी की कीमत भी 601 रुपये गिरकर 60,914 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई। पिछले कारोबारी सत्र में चांदी 61,515 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना मामूली गिरावट के साथ 1,846 डॉलर प्रति औंस पर आ गया जबकि चांदी का भाव 21.69 डॉलर प्रति औंस पर लगभग अपरिवर्तित रहा। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा कि अमेरिका का बांड पर मिलने वाले प्रतिफल और डॉलर में मजबूती से सोने में बिकवाली देखी गई।
- संयुक्त राष्ट्र,। भारत से गेहूं के निर्यात पर पाबंदी में जो अपवाद हैं, उनके चलते 2022-23 में निर्यात 70 लाख टन रहने का अनुमान है। यह बीते पांच साल में भारत के औसत निर्यात से अधिक होगा। संयुक्त राष्ट्र की खाद्य एजेंसी ‘द फूड ऐंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन (एफएओ) ने यह कहा।इन अपवादों में पहले तय हो चुकीं अनुबंध प्रतिबद्धताएं, सरकार से सरकार को बिक्री और खाद्य सुरक्षा के उद्देश्य से किया जाने वाला निर्यात शामिल है।एफएओ ने गुरुवार को खाद्य परिदृश्य जारी किया जिसमें कहा गया कि वैश्विक गेहूं बाजार 2022-23 का सत्र बहुत अधिक अनिश्चितता के बीच शुरू हो रहा है। इसमें कहा गया, ‘‘यूक्रेन में जारी लड़ाई, कई देशों में कारोबार नीति परिवर्तनों और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऊंची कीमतें गेहूं बाजार के परिदृश्य को आकार देंगे।खाद्य एजेंसी ने कहा कि गेहूं की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमतें 2008 के बाद अब इतनी बढ़ी हैं जिनका कारण है कुछ प्रमुख निर्यातक देशों में उपज की कमी से वैश्विक उपलब्धता कम होना, यूक्रेन और भारत समेत गेहूं निर्यात नहीं होना। इसके अलावा 2022-23 में आपूर्ति संबंधी चिंताओं के कारण भी दबाव बढ़ रहा है।वर्ष 2022 के लिए वैश्विक गेहूं उत्पादन 2021 के रिकॉर्ड स्तर से 0.8 फीसदी घटकर 77.1 करोड़ टन रहने का अनुमान है जो बीते चार साल में पहली गिरावट होगी। ऑस्ट्रेलिया, भारत, मोरक्को और यूक्रेन में साल-दर-साल आई गिरावट कनाडा, ईरान और रूस में अनुमानित बढ़त पर भारी पड़ेगी। इसमें कहा गया कि गेहूं के निर्यात पर भारत में पिछले महीने जो पाबंदी लगाई गई उससे 2022-23 में विदेशों में आपूर्ति प्रभावित होगी जबकि 2021-22 में देश की बाजार में हिस्सेदारी काफी बढ़ गई थी। हालांकि पहले की अनुबंध प्रतिबद्धताओं, सरकार से सरकार को बिक्री और खाद्य सुरक्षा उद्देश्यों को इस पाबंदी से छूट हासिल है और इनके तहत निर्यात 2022-23 में 70 लाख टन रहने का अनुमान है जो बीते पांच साल में भारत के औसत निर्यात से अधिक होगा।
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नयी दिल्ली। मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने सावधानी बरतते हुए कहा कि क्रिप्टो करेंसी को फिएट करेंसी बनने की परीक्षा पास करनी अभी बाकी है।उन्होंने साथ ही कहा कि क्रिप्टो करेंसी को विनियमित करना भी मुश्किल होगा।फिएट करेंसी सरकार द्वारा समर्थित मुद्रा है, और यह किसी कीमती धातु की जगह सरकार में भरोसे पर टिकी होती है।उन्होंने आगे कहा कि फिएट करेंसी के विपरीत, क्रिप्टो मुद्राएं निहित मूल्य, व्यापक स्वीकार्यता और मौद्रिक इकाई जैसी बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर सकती हैं।नागेश्वरन ने विकेंद्रीकृत वित्त (डीएफआई) का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘हालांकि, इसे नवाचार माना जाता है, लेकिन मैं अपना निर्णय सुरक्षित रखूंगा कि क्या यह वास्तव में नवाचार है या यह कुछ ऐसा है, जिसका हमें पछतावा होगा।’’उन्होंने एसोचैम के एक कार्यक्रम में कहा कि वह आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर से सहमत हैं, जो कह रहे हैं कि क्रिप्टो करेंसी और विकेंद्रीकृत वित्त के संबंध में यह नियामक मध्यस्थता का मामला अधिक लग रहा है, बजाए कि वास्तविक वित्तीय नवाचार के।उन्होंने कहा, ‘‘फिएट मुद्राओं के विकल्प के रूप में क्रिप्टो करेंसी को कई उद्देश्यों को पूरा करना होगा। इसमें निहित मूल्य होना चाहिए। इसकी व्यापक स्वीकार्यता होनी चाहिए और यह एक मौद्रिक इकाई होनी चाहिए... इस लिहाज से क्रिप्टो या डीएफआई जैसे नए नवाचार को अभी परीक्षा पास करनी बाकी है।’’
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नयी दिल्ली। कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने देश में बिजली संयंत्रों को ईंधन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 24.16 लाख टन कोयले का आयात करने के लिए पहली निविदा जारी की है।अप्रैल में जीवाश्म ईंधन की कमी के कारण हुई बिजली कटौती की पुनरावृत्ति से बचने के लिए सरकार द्वारा कोयले का भंडार बनाने के लिए सभी प्रयास करने के मद्देनजर यह विकास महत्वपूर्ण है।कंपनी ने एक बयान में कहा, "पहली बार कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने बुधवार को एक अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धी बोली ई-निविदा जारी की, जिसमें 24.16 लाख टन कोयले के आयात के लिए बोलियां मांगी गईं।"उत्पादन कंपनियों (जेनकोस) और स्वतंत्र बिजली संयंत्रों (आईपीपी) की ओर से कोयला मंगाया जा रहा है, जो उनसे प्राप्त मांग पर आधारित है।बयान में कहा गया है कि यह मांग चालू वित्त वर्ष 2022-23 की जुलाई-सितंबर अवधि के लिए है।हालांकि, कोयले का आयात सीआईएल के लिए एक नया काम है। कंपनी ने सात राज्य जेनकोस और 19 आईपीपी से मांगपत्र प्राप्त करने के एक सप्ताह के अंदर युद्धस्तर पर निविदा को अंतिम रूप देकर जारी किया है।
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए सूखे ईंधन के आयात के लिए वर्तमान अल्पकालिक निविदा के तहत कोयला किसी भी देश से प्राप्त किया जा सकता है।जब कोयले की मांग सबसे ज्यादा है, ऐसे समय में केंद्र ने सूखे-ईंधन के आयात के माध्यम से महारत्न फर्म को जेनकोस और आईपीपी को कोयले की आपूर्ति बढ़ाने के लिए एक केंद्रीकृत एजेंसी के रूप में नामित किया था।कंपनी के निदेशक मंडल ने पिछले हफ्ते सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई को विदेशों से कोयले की निकास के लिए दो अंतरराष्ट्रीय निविदाएं- अल्पकालिक और मध्यम अवधि जारी करने के लिए अपनी मंजूरी दे दी थी।बोली प्राप्त करने की अंतिम तिथि 29 जून है।सीआईएल ने कहा कि निविदा की किसी भी बारीकियों पर स्पष्टीकरण मांगने के लिए 14 जून को निविदा-पूर्व बैठक का विकल्प है।बोली प्रक्रिया के माध्यम से चुनी गई सफल एजेंसी जेनको और आईपीपी के बिजली संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति करेगी।सरकार ने सीआईएल को इससे पहले अगले 13 महीनों के लिए बिजली उपयोगिताओं हेतु 1.2 करोड़ टन कोयला आयात करने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया था। -
अहमदाबाद | गुजरात सरकार ने राज्य में ऑटो-रिक्शा के किराए में दो रुपये की वृद्धि को बुधवार को मंजूरी दे दी। राज्य में वाहन संघों द्वारा किराये में वृद्धि की मांग की जा रही थी जिसके मद्देनजर सरकार ने यह घोषणा की। राज्य के परिवहन मंत्री पूर्णेश मोदी ने विभिन्न ऑटो-रिक्शा संघों के प्रतिनिधियों से मुलाकात के बाद यह घोषणा की कि न्यूनतम किराया मौजूदा 18 रुपये से बढ़ाकर 20 रुपये कर दिया गया है, और इसके बाद प्रत्येक किलोमीटर के लिए किराए को वर्तमान 13 रुपये से बढ़ाकर 15 रुपये कर दिया गया है। मोदी ने गांधीनगर में पत्रकारों से कहा, ‘‘हालांकि यूनियनों ने मांग की थी कि न्यूनतम किराया 30 रुपये तक बढ़ाया जाए। लेकिन हमने वर्तमान में केवल दो रुपये की बढ़ोतरी कर किराये को 18 रुपये से 20 रुपये करने की मंजूरी दी है। इसी तरह, हमने प्रति किलोमीटर के वास्ते किराए में दो रुपये की बढ़ोतरी को मंजूरी दी है। नई दरें 10 जून से लागू होंगी।'' उन्होंने कहा कि संघों ने भी नई किराया दरों पर सहमति जताई है और उसी के संबंध में समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। नया किराया 31 मार्च, 2023 तक लागू रहेगा, और संघों ने उस तारीख से पहले कोई और वृद्धि नहीं किये जाने या कोई आंदोलन शुरू नहीं करने पर सहमति व्यक्त की है। मंत्री ने कहा, ‘‘हम किराए में बढ़ोतरी के मुद्दे का एक सौहार्दपूर्ण समाधान लेकर आए हैं। नई दरों के लागू होने से ऑटो-रिक्शा चालकों को प्रति दिन लगभग 100 रुपये अधिक कमाने में मदद मिलेगी। हमने वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए निर्णय लिया है।'' गौरतलब है कि इससे पहले, राज्य में ऑटो किराए को पिछले साल नवंबर में संशोधित किया गया था, जब न्यूनतम शुल्क 15 रुपये से बढ़ाकर 18 रुपये और इसके बाद प्रतिकिलोमीटर के लिए किराया 10 रुपये से बढ़ाकर 13 रुपये कर दिया गया था। -
नयी दिल्ली | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि सरकार की नीतियों और उसके द्वारा उठाए गए सक्रिय कदमों से देश को कोविड-19 महामारी के कारण पैदा हुई स्थिति से उबरने में मदद मिली। उन्होंने कहा कि इन कदमों में कॉरपोरेट कर में कटौती और अर्थव्यवस्था का डिजिटलीकरण जैसे उपाय शामिल हैं। उन्होंने आजादी के अमृत महोत्सव के तहत विशेष सप्ताह समारोह में आयोजित कार्यक्रम - 'भारत की आर्थिक यात्रा @75' में कहा कि भारत ने अपने मजबूत बुनियादी ढांचे के साथ चुनौतियों का सामना किया और सफलता पाई। इस कार्यक्रम का आयोजन आर्थिक मामलों के विभाग और सेबी ने मिलकर किया था।
वित्त मंत्री ने कहा कि 2014 से सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों ने अर्थव्यवस्था और लोगों को मुश्किल समय का मुकाबला करने में सक्षम बनाया। महामारी के दौरान सरकार के लक्षित दृष्टिकोण ने नागरिकों की मदद की। सीतारमण ने कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था को उबारने तथा (2014 के बाद से) वृद्धि की सभी बाधाओं को दूर करने के बावजूद चुनौतियां थीं, और ऐसे में जो बड़े कदम उठाए गए- कॉरपोरेट कर को कम करना, अर्थव्यवस्था का डिजिटलीकरण, आईबीसी कोड, जीएसटी - उसने हमें ऐसे हालात का सामना करने के लिए तैयार किया, जिसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी।'' उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में कोविड के बावजूद भारतीय खुदरा निवेशकों ने शेयर बाजार तक पहुंचने के लिए ऑनलाइन साधन खोजे हैं और निवेशक शिक्षा में सेबी की भूमिका रही है।