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- मुंबई. सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने सोमवार को कहा कि उसने एसबीआई कार्ड के उपभोक्ताओं के डिजिटलीकरण और ऑनलाइन क्रियाकलाप को आसान बनाने के लिए एक करार किया है। टीसीएस ने एक बयान में कहा कि इस समझौते से एसबीआई कार्ड को अपने ई-कार्ड कारोबार के विस्तार में सहूलियत होगी। हालांकि कंपनी ने इस सौदे के मूल्य का खुलासा नहीं किया। टीसीएक के बयान के मुताबिक वह पिछले एक दशक से देश में सबसे बड़े क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता कंपनी एसबीआई कार्ड को सेवाएं दे रही है और नया करार इस संबंध को आगे बढ़ाता है। एसबीआई कार्ड के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी राम मोहन राव अमारा ने कहा, “एक रणनीतिक भागीदार के रूप में टीसीएस ने हमारे लिए इस डिजिटल यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हमारे कोर कार्ड सोर्सिंग मंच को डिजिटल बनाने में उसकी खास भूमिका रही है।
- नयी दिल्ली. प्रौद्योगिकी समाधान कंपनी साएंट अपना कारोबार आधार बढ़ाने के लिए फिनलैंड स्थित वैश्विक संयंत्र एवं उत्पाद इंजीनियरिंग सेवा कंपनी साइटेक का करीब 800 करोड़ रुपये में अधिग्रहण करेगी। साएंट की तरफ से शेयर बाजारों को भेजी गई एक सूचना के अनुसार, अधिग्रहण का यह सौदा पूरी तरह से नकद सौदा होगा। इस सौदे का लेनदेन मूल्य लगभग 800 करोड़ रुपये है। इस सौदे के चालू तिमाही में ही पूरा हो जाने की उम्मीद है। वर्ष 1984 में गठित साइटेक के दुनिया भर में करीब 1,200 कर्मचारी हैं। यह वर्तमान में ऊर्जा, प्रक्रिया, तेल एवं गैस और विनिर्माण उद्योगों में ग्राहकों को सेवा प्रदान कर रही है। साएंट के अनुसार, यह किसी भारतीय इंजीनियरिंग सेवा कंपनी द्वारा किया गया सबसे बड़ा विदेशी अधिग्रहण है। यह खुद साएंट का अब तक का सबसे बड़ा अधिग्रहण है। साएंट ने कहा, "यह अधिग्रहण स्वच्छ ऊर्जा पर ध्यान देने के साथ ऊर्जा उद्योग में कंपनी की उपस्थिति को मजबूत करेगा। इससे जर्मनी, फ्रांस के साथ फिनलैंड, नार्वे और स्वीडन जैसे देशों में हमारी मौजूदगी का विस्तार होगा।
- नयी दिल्ली. हीरो इलेक्ट्रिक ने सोमवार को कहा कि उसने प्रौद्योगिकी-आधारित इलेक्ट्रिक वाहन लॉजिस्टिक कंपनी इविफाई के साथ गठजोड़ किया है। इस करार के तहत हीरो इलेक्ट्रिक अगले दो वर्षों में इविफाई को 1,000 इलेक्ट्रिक स्कूटरों की आपूर्ति करेगी। हीरो इलेक्ट्रिक ने एक बयान में कहा कि आपूर्ति की जाने वाली पहली 50 इकाइयां पहले से ही उत्पादन चरण में हैं और अगले महीने तक सौंप दी जाएंगी। इसके अतिरिक्त, कंपनी साल के अंत तक कई टियर-2 एवं टियर-3 शहरों में इविफाई की तरफ से तैनात किए जाने वाले 500 इलेक्ट्रिक स्कूटरों की भी आपूर्ति करेगी। हीरो इलेक्ट्रिक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सोहिंदर गिल ने कहा, "बी2बी साझेदारी ईवी उद्योग को शून्य-उत्सर्जन लक्ष्य की दिशा में काम करने के लिए पार्टनर विशेषज्ञता और ताकत का आदान-प्रदान और उपयोग करने में सक्षम बनाएगी।" उन्होंने कहा कि कंपनी अपने संसाधनों का लाभ उठाएगी और भविष्य में इस तरह की कई और भागीदारी करेगी। इविफाई के सीईओ देवर्षि अरोड़ा ने कहा, "यह साझेदारी हमें भारत में ईवी लॉजिस्टिक परिदृश्य की नए सिरे से कल्पना करने में मदद करेगी।
- नई दिल्ली. खानपान के सामान के ऑनलाइन ऑर्डर लेने वाले मंच स्विगी ने अपने आपूर्ति कर्मचारियों को प्रबंधक स्तर की तय वेतन एवं अन्य लाभों वाली पूर्णकालिक नौकरियों के लायक बनाने के लिए एक खास कार्यक्रम शुरू किया है। स्विगी ने सोमवार को एक बयान में कहा कि इस 'स्टेप-अहेड' कार्यक्रम का उद्देश्य उन कर्मचारियों को अवसर देना है जो कंपनी के साथ अपने मौजूदा जुड़ाव की जगह एक समर्पित, प्रबंधकीय भूमिका में जाना चाहते हैं। स्विगी ने कहा कि वह इस प्रक्रिया को औपचारिक रूप दे रहा है और सभी फ्लीट मैनेजर की नियुक्तियों का कम-से-कम 20 फीसदी अपने आपूर्ति कर्मचारियों के लिए आरक्षित करना चाहता है। स्विगी के उपाध्यक्ष (परिचालन) मिहिर राजेश शाह ने कहा, "जहां अधिकांश लोग इस मंच के साथ अपने जुड़ाव को आय के एक अतिरिक्त स्रोत या अस्थायी रोजगार के रूप में देखते हैं, वहीं हमें लगता है कि कुछ लोग इससे अधिक चाहते हैं।" उन्होंने कहा कि स्टेप अहेड कार्यक्रम ऐसे लोगों को प्रबंधकीय भूमिका में आने का अवसर मुहैया कराएगा। स्विगी के देश भर में 2.7 लाख से अधिक आपूर्ति साझेदार हैं। कंपनी के मुताबिक, फ्लीट मैनेजर की भूमिका के लिए वही आपूर्ति कर्मचारी योग्य माने जाएंगे जिनके पास कॉलेज की डिग्री है और उन्हें कंप्यूटर की बुनियादी जानकारी भी है।
- नयी दिल्ली. आरामदायक बिस्तर बनाने वाली कंपनी स्प्रिंगफिट ने अगले पांच वर्षों में 1,000-1,200 करोड़ रुपये का कारोबार करने का लक्ष्य तय किया है। इसके साथ ही कंपनी का अगले दो-तीन साल में शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने की भी योजना है। स्प्रिंगफिट के कार्यकारी निदेशक नितिन गुप्ता ने कहा कि बिक्री में बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए कंपनी अपनी विनिर्माण क्षमता को दोगुना करने के लिए निवेश कर रही है। इस तरह वह अपने वितरण नेटवर्क का विस्तार करने और नए शोरूम जोड़ने की कोशिश में है। इसके अलावा स्प्रिंगफिट की अगले दो-तीन वर्षों में स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने की भी तैयारी है। स्प्रिंगफिट ने 31 मार्च, 2022 को समाप्त वित्त वर्ष में लगभग 250 करोड़ रुपये का कारोबार किया। कंपनी की चालू वित्त वर्ष के दौरान इसे दोगुना बढ़ाकर लगभग 450-500 करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य है। गुप्ता ने कहा, "अपने विस्तार के साथ अगले पांच वर्षों में अपने राजस्व को दोगुना करके 1,000 से 1,200 करोड़ रुपये करने की योजना है। यदि हमारी योजनाएं सही ढंग से चलती हैं तो हमें वित्त वर्ष 2026-27 तक 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की कंपनी बन जाने की उम्मीद है।" उन्होंने कहा, "कंपनी के वर्तमान में देश भर में 90 विशिष्ट शोरूम हैं। हमारा लक्ष्य अगले दो वर्षों में लगभग 150-200 शोरूम स्थापित करना है।" उन्होंने बताया कि विस्तार योजनाओं पर चालू वित्त वर्ष में 50 करोड़ रुपये निवेश की योजना है। वर्तमान में स्प्रिंगफिट का 60 प्रतिशत तक का राजस्व घरेलू बाजार से आता है। शेष 40 प्रतिशत निर्यात से आता है। कंपनी की हरिद्वार, मेरठ, वडोदरा और कोयंबटूर में चार विनिर्माण इकाइयां स्थापित हैं।
- नयी दिल्ली| सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में डिजिटलीकरण की प्रक्रिया को बेहतर बनाने और बही-खातों को मजबूत करने से जुड़े सुझाव देने के लिए बनाए गए छह कार्यसमूहों से इस साल दिसंबर तक अपनी-अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है। एक वरिष्ठ बैंक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के शीर्ष अधिकारियों की बैठक ‘मंथन 2022' में इस मुद्दे पर चर्चा हुई। गत 22 अप्रैल को हुई इस बैठक में मौजूद रहे एक अधिकारी ने बताया कि ये छह कार्यसमूह पीएसबी की कार्यप्रणाली पर ध्यान देंगे और ग्राहक सेवा, डिजिटलीकरण, मानव संसाधन प्रोत्साहन, कॉरपोरेट शासन और सहयोग को बेहतर बनाने के तरीके सुझाएंगे। बैठक में शामिल हुए वित्तीय सेवाओं के सचिव संजय मल्होत्रा ने हाल में बैंकों से कहा कि वे दीर्घकालिक मुनाफे के लिए रणनीति तैयार करें और ग्राहकों के अनुरूप तौर-तरीके अपनाएं। इस बैंक अधिकारी ने बैठक का ब्योरा देते हुए कहा कि ये कार्यसमूह इस साल के अंत तक अपनी रिपोर्ट सौंप सकते हैं। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि सभी कार्य-समूह नियमित बैठकें करेंगे और प्रत्येक समूह की प्रगति का पता लगाने के लिए समय-समय पर समीक्षा की जाएगी।
- नयी दिल्ली। इस्पात क्षेत्र की कंपनी कामधेनु समूह ने वित्त वर्ष 2023-24 तक अपने इस्पात कारोबार से 22,000 करोड़ रुपये के ब्रांड बिक्री कारोबार का लक्ष्य रखा है। कामधुन समूह के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) सतीश अग्रवाल ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, "हमारे उत्पादों की मांग को देखते हुए हम अगले वित्त वर्ष तक इस्पात खंड में कुल ब्रांड बिक्री कारोबार 22,000 करोड़ रुपये पहुंचने की उम्मीद करते हैं।" टीएमटी सरिया बनाने वाली कंपनी कामधेनु इस्पात खंड में फ्रेंचाइजी मॉडल पर काम करती है।अग्रवाल ने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में कंपनी का कुल ब्रांड बिक्री कारोबार 12,000 करोड़ रुपये था। अब वित्त वर्ष 2023-24 तक समूह का लक्ष्य 22,000 करोड़ रुपये का बिक्री कारोबार हासिल करना है। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे में सरकारी खर्च, सड़कों, रेलवे, बंदरगाहों, हवाई अड्डों, जन परिवहन, जलमार्ग और रसद बुनियादी ढांचे के विकास पर भी समूह का ध्यान है। वहीं प्रधानमंत्री आवास योजना से इस्पात की मांग में बढ़ोतरी होगी। इस्पात के अलावा पेंट क्षेत्र में भी सक्रिय कामधेनु समूह के प्रमुख ने कहा कि वर्तमान में भारत में पेंट उद्योग 18-20 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है। समूह ने वर्ष 2025-26 तक पेंट कारोबार को बढ़ाकर 1,000 करोड़ रुपये तक ले जाने की योजना बनाई है। फ्रेंचाइजी मॉडल के तहत कंपनी के ओडिशा, गुजरात, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, बिहार, गोवा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, पश्चिम बंगाल, झारखंड और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में टीएमटी विनिर्माण संयंत्र हैं।-
- नयी दिल्ली। सेंसेक्स की शीर्ष 10 सबसे मूल्यवान कंपनियों में से आठ के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में बीते सप्ताह 2,21,555.61 करोड़ रुपये की गिरावट आई। इस दौरान इन्फोसिस और एचडीएफसी बैंक को सबसे अधिक नुकसान हुआ। बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,141.78 अंक या 1.95 प्रतिशत नीचे आया।शीर्ष 10 कंपनियों की सूची में सिर्फ रिलायंस इंडस्ट्रीज और अडाणी ग्रीन एनर्जी ही लाभ में रहीं। समीक्षाधीन सप्ताह में इन्फोसिस का बाजार पूंजीकरण 68,548.8 करोड़ रुपये घटकर 6,67,062.55 करोड़ रुपये रह गया। एचडीएफसी बैंक के बाजार मूल्यांकन में 60,536.97 करोड़ रुपये की गिरावट आई और यह 7,51,801.60 करोड़ रुपये पर आ गया। भारती एयरटेल की बाजार हैसियत 30,127.49 करोड़ रुपये के नुकसान से 4,05,723.51 करोड़ रुपये और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) की 18,094.01 करोड़ रुपये के नुकसान से 13,21,594.47 करोड़ रुपये रह गई। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का बाजार मूल्यांकन 15,261.09 करोड़ रुपये टूटकर 4,46,587.56 करोड़ रुपये पर आ गया। बजाज फाइनेंस की बाजार हैसियत 13,264.96 करोड़ रुपये घटकर 4,30,420.83 करोड़ रुपये रह गई। आईसीआईसीआई बैंक का बाजार पूंजीकरण 10,376.97 करोड़ रुपये घटकर 5,19,362.62 करोड़ रुपये और हिंदुस्तान यूनिलीवर का 5,345.32 करोड़ की गिरावट के साथ 5,00,392.45 करोड़ रुपये रह गया। इस रुख के उलट रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार मूल्यांकन 1,39,357.52 करोड़ रुपये के भारी उछाल के साथ 18,66,071.57 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। अडाणी ग्रीन एनर्जी का मूल्यांकन 3,698.89 करोड़ रुपये चढ़कर 4,51,749.88 करोड़ रुपये रहा।शीर्ष 10 कंपनियों की सूची में रिलायंस इंडस्ट्रीज पहले स्थान पर कायम रही। उसके बाद क्रमश: टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, इन्फोसिस, आईसीआईसीआई बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, अडाणी ग्रीन एनर्जी, एसबीआई, बजाज फाइनेंस और भारती एयरटेल का स्थान रहा।
- नयी दिल्ली। चिलचिलाती गर्मी के कारण बिजली की बढ़ती मांग के बीच कोयला खानों से काफी दूरी पर स्थित (नॉन पिटहेथ) ताप बिजलीघरों में कोयला भंडार का संकट पैदा होता दिख रहा है। इन बिजली संयंत्रों के पास गत गुरुवार तक सामान्य का मात्र 26 प्रतिशत कोयला भंडार था। विशेषज्ञों का मानना है कि कोयले की कमी संभावित बिजली संकट का कारण बन सकती है। ऐसे संयंत्रों को कोयला आपूर्ति बढ़ाने की जरूरत है। खानों से दूर स्थित ताप बिजलीघरों के पास सामान्य का सिर्फ 26 प्रतिशत भंडार अच्छा संकेत नहीं माना जा सकता। नॉन-पिटहेड ताप बिजलीघर कोयलों खानों से काफी दूर होते हैं और इन संयंत्रों में कोयला भंडार काफी महत्व रखता है। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, सोमवार (18 अप्रैल) से बृहस्पतिवार (21 अप्रैल) तक लगभग 163 गीगावॉट की कुल उत्पादन क्षमता वाले 155 नॉन-पिटहेड ताप बिजली संयंत्रों में कोयले का भंडार मानक या सामान्य स्तर का 26 प्रतिशत था। सीईए लगभग 202 गीगावॉट की कुल उत्पादन क्षमता वाले 173 बिजली संयंत्रों में कोयले भंडार की निगरानी करता है। इनमें लगभग 39 गीगावॉट की कुल उत्पादन क्षमता वाली 18 पिटहेड परियोजनाएं शामिल हैं। कोयला खानों के नजदीक (पिटहेथ) स्थित ताप बिजली घरों के समक्ष सामान्य तौर पर कोयले की कमी की समस्या नहीं आती। आंकड़ों के अनुसार 21 अप्रैल, 2022 को कोयला खानों से दूर स्थित बिजली संयंत्रों के पास 57,033 हजार टन के मानक स्तर के मुकाबले 14,610 हजार टन कोयले का भंडार था। यह सामान्य स्तर का मात्र 26 प्रतिशत बैठता है। हाल के दिनों में खानों से दूर स्थित संयंत्रों में कोयले के भंडार की स्थिति और खराब हुई है। 21 मार्च, 2022 को ऐसे 155 बिजली संयंत्रों के पास कोयले का भंडार 57,616 हजार टन के सामान्य स्तर का 31 प्रतिशत यानी 17,752 हजार टन था। राष्ट्रीय ग्रिड परिचालक पावर सिस्टम ऑपरेशन कॉरपोरेशन के आंकड़ों के अनुसार, 22 अप्रैल, 2022 को व्यस्त समय में बिजली की अधिकतम मांग या एक दिन में सबसे ऊंची आपूर्ति 197 गीगावॉट थी, जबकि व्यस्त समय की बिजली की कमी छह गीगावॉट थी। 22 अप्रैल, 2021 को व्यस्त समय की अधिकतम पूरी की गई बिजली की मांग 167 गीगावॉट और अधिकतम बिजली की कमी 0.63 गीगावॉट थी। विशेषज्ञों ने कहा कि इससे स्पष्ट पता चलता है कि गर्मियां जल्दी आने से मांग करीब 30 गीगावॉट या 17 प्रतिशत बढ़ी है।
- नयी दिल्ली । अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में आक्रामक तरीके से बढ़ोतरी की आशंका के बीच विदेशी निवेशकों ने इस महीने अबतक भारतीय बाजारों से 12,300 करोड़ रुपये निकाले हैं। विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि की संभावना, रूस-यूक्रेन युद्ध, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव, घरेलू मोर्चे पर ऊंची मुद्रास्फीति की वजह से भारतीय शेयर बाजारों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का निवेश प्रवाह दबाव में रहेगा। एफपीआई ने मार्च, 2022 तक भारतीय शेयर बाजारों में लगातार छह महीने तक बिकवाली की थी। इस दौरान उन्होंने भारतीय शेयर बाजारों से 1.48 लाख करोड़ रुपये निकाले थे। इसकी मुख्य वजह फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि की आशंका और रूस के यूक्रेन पर हमले की वजह से पैदा हुए हालात थे। लगाताह छह माह तक बिकवाली के बाद एफपीआई ने अप्रैल के पहले सप्ताह में शेयरों में 7,707 करोड़ रुपये डाले थे। इसके बाद 11 से 13 अप्रैल के कम कारोबारी सत्रों वाले सप्ताह के दौरान उन्होंने शेयरों से 4,500 करोड़ रुपये की निकासी की। उसके बाद के सप्ताह में भी एफपीआई की बिकवाली जारी रही। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एक से 22 अप्रैल के दौरान विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजारों से शुद्ध रूप से 12,286 करोड़ रुपये की निकासी की है। समीक्षाधीन अवधि में एफपीआई ने शेयरों के अलावा ऋण या बांड बाजार से भी 1,282 करोड़ रुपये की निकासी की है। मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की आशंका से निवेशकों की धारणा को प्रभावित हो रही है। ऐसे में निवेशक उभरते बाजारों में अपने निवेश को लेकर एक बार फिर सतर्क रुख अपना रहे हैं।'' कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में तेजी, ऊंची मुद्रास्फीति, सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर में कमी जैसे कारणों से निकट भविष्य में एफपीआई के प्रवाह में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। भारत के अलावा एफपीआई ने अप्रैल में अन्य उभरते बाजारों मसलन ताइवान, दक्षिण कोरिया और फिलिपीन से भी निकासी की है।
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नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) ने तेल क्षेत्र ‘मुंबई हाई फील्ड्स' से अतिरिक्त 75 लाख टन तेल उत्पादन और एक अरब घन मीटर (बीसीएम) गैस उत्पादन के लिए 6,000 करोड़ रुपये की लागत से दो परियोजनाएं शुरू की हैं। ओएनजीसी ने एक बयान में कहा कि मुंबई हाई साउथ रिडेवलपमेंट फेज-4 के हिस्से के रूप में 3,740 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक ‘8- लेग्ड वॉटर इंजेक्शन कम लिविंग क्वार्टर' मंच बनाया गया है जबकि 2,292.46 करोड़ रुपये की लागत से मुंबई हाई में ‘क्लस्टर-8 मार्जिनल फील्ड डेवलपमेंट' परियोजना पूरी की गई। इस बयान के मुताबिक, ‘‘इन दोनों परियोजनाओं से 75 लाख टन तेल और एक अरब घन मीटर गैस का अतिरिक्त उत्पादन होगा।'' पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शनिवार को पश्चिमी तट पर स्थित इन परियोजनाओं को देश को समर्पित किया। बयान के मुताबिक, इन दोनों परियोजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए पुरी ने ओएनजीसी दल की सराहना की है।
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मुंबई। वाहन विनिर्माता कंपनी टाटा मोटर्स ने तत्काल प्रभाव से अपने यात्री वाहनों की कीमतें औसतन 1.1 फीसदी बढ़ा दी हैं। कंपनी ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा कि वाहन निर्माण की लागत में वृद्धि होने के कारण यात्री वाहनों की कीमतों में बढ़ोतरी की गई है। टाटा मोटर्स ने कहा कि यह मूल्य वृद्धि 23 अप्रैल से ही प्रभाव में आ गई है और विभिन्न मॉडल एवं संस्करण के आधार पर औसत मूल्य वृद्धि 1.1 फीसदी है। टाटा मोटर्स से पहले कई अन्य वाहन विनिर्माता भी लागत बढ़ने की वजह से कीमतों में बढ़ोतरी कर चुके हैं। पिछले कुछ महीनों में इस्पात एवं अन्य कच्चे माल की कीमतें बढ़ने से वाहनों की कीमतों में पांच से आठ फीसदी तक वृद्धि हो चुकी है।
- मुंबई . आईटीसी लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) संजीव पुरी ने कहा कि वैश्विक और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं के कारण अनिश्चितताओं के बावजूद भारत की बुनियाद मजबूत है और भारत की वृद्धि गाथा बरकरार है। उन्होंने हालांकि कहा कि मुद्रास्फीति में वृद्धि चिंता का विषय है, जिससे मांग प्रभावित हुई है।पुरी ने टाइम्स नेटवर्क इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव में कहा, ‘‘इसमें कोई संदेह नहीं कि हम अनिश्चितताओं का सामना कर रहे हैं। रूस-यूक्रेन संघर्ष इसका सिर्फ एक हिस्सा है। महामारी के बीच में मुद्रास्फीति आ गई। इस अनिश्चितता के कई हिस्से हैं। लेकिन, अगर आप बुनियादी बातों को देखें, तो वृद्धि गाथा और भारत का वादा पूरी तरह बरकरार है।'' पुरी ने कहा कि वह भारत में उपलब्ध अवसरों को लेकर आशावादी हैं।उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि काफी अधिक अवसर हैं। मुझे नहीं लगता कि पीछे हटने या निराश होने की कोई वजह है। उतार-चढ़ाव बने रहते हैं, लेकिन अगर आपको सही रणनीति, सही प्रतिस्पर्धात्मकता मिल गई है, तो मुझे लगता है कि आगे बढ़ा जा सकता है।'' पुरी ने कहा कि भारत सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली अर्थव्यवस्था है, देश में विदेशी मुद्रा भंडार पर्याप्त है, कर राजस्व में उछाल आया है और बजट वृद्धि को बढ़ावा देने वाला है।
- नयी दिल्ली. अडाणी पोर्ट्स ऐंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन्स (एपीएसईजेड) लिमिटेड की अनुषंगी अडाणी हार्बर सर्विसेस ने तृतीय पक्ष समुद्री सेवा प्रदाता कंपनी ओशन स्पार्कल लिमिटेड (ओएसएल) के अधिग्रहण के लिए करार किया है। एपीएसईजेड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी और पूर्णकालिक निदेशक करण अडाणी ने कहा कि ओएसएल और अडाणी हार्बर सर्विसेज लिमिटेड (टीएएचएसएल) के तालमेल को देखते हुए, समेकित व्यवसाय बेहतर मुनाफे के साथ पांच वर्षों में दोगुना होने की संभावना है, जिसका लाभ अडाणी पोर्ट्स के शेयरधारकों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस अधिग्रहण से कंपनी की भारत के समुद्री सेवा बाजार में हिस्सेदारी बढ़ेगी और अन्य देशों में मौजूदगी दर्ज करवाने के लिए एक मंच भी मिलेगा। एक बयान में कहा गया, ‘‘स्वयं के 94 पोतों और तृतीय पक्ष स्वामित्व वाले 13 पोतों के साथ ओएसएल बाजार में अगुवा है।'' बयान के मुताबिक ओएसएल का उद्यम मूल्य 1,700 करोड़ रुपये है।
- नयी दिल्ली. ऑनलाइन खाना आर्डर और डिलिवरी की सुविधा देने वाली कंपनी जोमैटो ने अप्रैल 2022 से प्लास्टिक उपयोग मामले में शत प्रतिशत तटस्थ होने की घोषणा की है। इसके तहत कंपनी जितना प्लास्टिक उपयोग करेगी, उससे कहीं ज्यादा का पुनर्चक्रण करेगी। कंपनी ने शुक्रवार को कहा कि इसके अलावा उसने अगले तीन साल में 10 करोड़ से अधिक डिलिवरी पर्यावरण अनुकूल डिब्बे में करने का लक्ष्य रखा है। जोमैटो के संस्थापक और सीईओ दीपिंदर गोयल ने एक ब्लॉगस्पॉट में कहा कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना प्रकृति में स्वयं घुल-मिल जाने वाले और अन्य गैर-प्लास्टिक विकल्पों को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इन्हें बढ़ावा देकर ऐसे उत्पादों को अधिक किफायती तथा उपलब्ध बनाया जा सकता है। उन्होंने लिखा, ‘‘अब से, जोमैटो के जरिए आप जो भी खाना ऑर्डर करेंगे, वह 100 फीसदी प्लास्टिक तटस्थ होगा। इसका मतलब है कि हम स्वेच्छा से आपके ऑर्डर की पैकिंग में इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक से ज्यादा प्लास्टिक का पुनर्चक्रण करेंगे।'' गोयल ने कहा कि इसके लिए कंपनी ने अत्याधुनिक आईएसओ-प्रमाणित प्लास्टिक कचरा प्रबंधन संगठनों के साथ काम करना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि जोमैटो सभी प्रकार के व्यंजनों के लिए पर्यावरण अनुकूल पैकेट विकसित करने पर भी जोर दे रही है।
- नयी दिल्ली. पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने विशेषज्ञ अधिकारियों के 145 पदों के लिए पात्र उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित किए हैं। इनमें से 100 पद प्रबंधक (ऋण) के लिए, 40 प्रबंधक (जोखिम) और पांच वरिष्ठ प्रबंधक (कोषागार) पद के लिये हैं। बैंक ने एक अधिसूचना में कहा कि ऑनलाइन पंजीकरण की अंतिम तारीख सात मई 2022 है। ऑनलाइन परीक्षा की संभावित तारीख 12 जून है। प्रबंधक (ऋण) और प्रबंधक (जोखिम) पद के लिये न्यूनतम आयु एक जनवरी, 2022 की स्थिति के अनुसार 25 वर्ष और अधिकतम 35 वर्ष है। जबकि वरिष्ठ प्रबंधक (कोषागार) पद के लिये न्यूनतम आयु 25 वर्ष और अधिकतम 37 वर्ष है। पीएनबी ने अधिसूचना में कहा, ‘‘उम्मीदवार का चयन ऑनलाइन परीक्षा और साक्षात्कार से होगा।
- नयी दिल्ली. हीरो इलेक्ट्रिक ने अंतिम छोर पर डिलिवरी व्यवस्था को मजबूत करने के लिए इवन कार्गो के साथ हाथ मिलाया है। इवन कार्गो पूरी तरह से पहली महिला संचालित डिलिवरी मंच है। इस समझौते का मकसद इलेक्ट्रिक परिवहन साधनों को बढ़ावा देने में महिलाओं की भूमिका को बढ़ाना है।इस करार के अंतर्गत हीरो इलेक्ट्रिक, इवन कार्गो को डिलिवरी के लिये इलेक्ट्रिक वाहन बेड़े को बढ़ाने में मदद करेगी। इसके तहत 2025 तक 10,000 से अधिक महिलाओं को मंच से जोड़ने का लक्ष्य है।इसके साथ कंपनी महिलाओं को सशक्त बनाएगी और उनके लिये रोजगार के अवसर सृजित करेगी। बेड़े को दिल्ली, मुंबई और हैदराबाद सहित प्रमुख शहरों में आवंटित किया जाएगा।हीरो इलेक्ट्रिक के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सोहिंदर गिल ने एक बयान में कहा, "...इस तरह की बी2बी (कंपनियों के बीच) साझेदारी इलेक्ट्रिक वाहन की पूरी स्थिति को बदलने के लिए तैयार है। इसके तहत कई इकाइयां अपने विशेषज्ञताओं को साझा करने के साथ उसका उपयोग करेंगे तथा आगे बढ़ेंगे।" उन्होंने कहा कि कंपनी अपने संसाधनों का बेहतर उपयोग जारी रखेगी और देश में ईवी का दायरा तेजी से बढ़ाने को ऐसे और इकाइयों का समर्थन करेगी। इवन कार्गो की मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) करीना भसीन ने कहा कि यह सहयोग महिलाओं को सुरक्षित, किफायती और विश्वसनीय परिवहन प्रदान करने का मार्ग प्रशस्त करेगा। हीरो इलेक्ट्रिक, देश में अब तक 4.5 लाख से अधिक इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन की बिक्री कर चुकी है।
- नयी दिल्ली . मजबूत वैश्विक रुख के साथ दिल्ली सर्राफा बाजार में शुक्रवार को सोना 263 रुपये की तेजी के साथ 52,472 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। इससे पिछले कारोबारी सत्र में सोना 52,209 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।इसी तरह, चांदी की कीमत भी 500 रुपये की तेजी के साथ 67,707 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई। पिछले कारोबारी सत्र में चांदी 67,207 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव तेजी के साथ 1,952 डॉलर प्रति औंस हो गया जबकि चांदी 24.45 डॉलर प्रति औंस पर लगभग अपरिवर्तित रही। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा, ‘‘उच्च मुद्रास्फीति के कारण वैश्विक वृद्धि को लेकर उपजी चिंताओं की वजह से शुक्रवार को न्यूयॉर्क स्थित जिंस एक्सचेंज कॉमेक्स में सोने की कीमतों में मजबूती रही।
- मुंबई. कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच बिकवाली का जोर रहने से शुक्रवार को घरेलू शेयर बाजारों में दो दिनों की तेजी के बाद गिरावट रही। मानक सूचकांक बीएसई सेंसेक्स 714.53 अंक तक लुढ़क गया जबकि एनएसई निफ्टी में भी 220.65 अंक का नुकसान रहा। विश्लेषकों ने कहा कि विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की निकासी जारी रहने और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में आई गिरावट ने भी शेयर बाजारों को प्रभावित किया। सप्ताह के अंतिम कारोबारी दिवस पर बीएसई सेंसेक्स 714.53 अंक यानी 1.23 प्रतिशत की गिरावट के साथ 57,197.15 अंक पर बंद हुआ। इसी तरह एनएसई का प्रमुख सूचकांक निफ्टी भी 220.65 अंक यानी 1.27 प्रतिशत के नुकसान के साथ 17,171.95 अंक पर आ गया। सेंसेक्स की तीस कंपनियों में से एसबीआई, एचयूएल, इंडसइंड बैंक, डॉ रेड्डीज, एक्सिस बैंक, बजाज फिनसर्व, आईसीआईसीआई बैंक और इंफोसिस को काफी नुकसान उठाना पड़ा। इनमें से एसबीआई के शेयर सबसे अधिक 3.08 प्रतिशत तक लुढ़क गए। दूसरी तरफ, महिंद्रा एंड महिंद्रा, भारती एयरटेल, मारुति सुजूकी, आईटीसी, एशियन पेंट्स एवं एचसीएल टेक्नोलॉजीज के शेयर 0.98 फीसदी तक लाभ पर रहे। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, "किसी स्पष्ट दिशा के बगैर उठापटक भरा यह बाजार दैनिक स्तर पर बाह्य एवं आंतरिक दोनों कारकों से प्रभावित हो रहा है। बाह्य स्तर पर अमेरिकी बाजार एक दिन दो फीसदी बढ़ जाता है तो अगले दिन दो फीसदी गिर जाता है।" उन्होंने कहा, "इसी तरह आंतरिक स्तर पर विदेशी संस्थागत निवेशकों एवं घरेलू संस्थागत निवेशकों के बीच लिवाली-बिकवाली को लेकर होड़ देखने को मिल रही है। ये बाह्य एवं आंतरिक दोनों ही कारक अब डांवाडोल हैं और इसी वजह से बाजार अस्थिर बना हुआ है।" साप्ताताहिक आधार पर इस हफ्ते सेंसेक्स 1,141.78 अंक यानी 1.95 फीसदी के नुकसान में रहा जबकि निफ्टी में 303.70 अंक यानी 1.73 फीसदी की गिरावट आई। जूलियस बेयर के कार्यकारी निदेशक मिलिंद मुचाला ने कहा, "भारतीय शेयर बाजार एक दायरे में ही घूम रहे हैं। जहां प्रमुख सूचकांकों में मजबूती नजर आ रही है वहीं ऐसा लगता है कि व्यापक गतिविधि बड़े बाजारों की तरफ खिसक गई है। चौथी तिमाही के नतीजे आने लगे हैं और बाजार थोड़ी सजगता दिखा रहे हैं।" व्यापक बाजार में बीएसई मिडकैप सूचकांक 0.71 फीसदी गिर गया जबकि स्मालकैप सूचकांक 0.38 फीसदी खिसका। सूचीबद्ध शेयरों में से 1,956 नुकसान में रहे जबकि 1,451 शेयर लाभ के साथ बंद हुए। सभी बीएसई खंडों की बात करें तो बैंकिंग खंड को सर्वाधिक 2.19 फीसदी का नुकसान उठाना पड़ा। धातु शेयरों को 2.17 फीसदी, वित्त को 1.70 फीसदी, स्वास्थ देखभाल को 1.57 फीसदी और बुनियादी सामग्री खंड को 1.45 फीसदी का नुकसान हुआ। भारतीय बाजारों में गिरावट की एक बड़ी वजह कमजोर वैश्विक संकेत रहे। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पॉवेल ने बढ़ती महंगाई के बीच मई में 50 आधार अंकों की वृद्धि के संकेत दिए हैं। एशिया के अन्य बाजारों में टोक्यो, हांगकांग एवं सोल के बाजार नुकसान के साथ बंद हुए जबकि शंघाई हल्की बढ़त पर रहा। वहीं यूरोप में बाजार दोपहर के सत्र में नुकसान पर चल रहे थे। बृहस्पतिवार को अमेरिकी बाजार भी नुकसान के साथ बंद हुए थे। इस बीच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चा तेल मानक ब्रेंट 1.60 फीसदी गिरकर 106.6 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। वहीं रुपये में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 32 पैसे की बड़ी गिरावट दर्ज की गई। इसके साथ ही रुपया 76.49 के अस्थायी भाव पर खिसक गया। विदेशी संस्थागत निवेशकों ने भारतीय बाजारों से निकासी जारी रखी है। उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, बृहस्पतिवार को विदेशी निवेशकों ने 713.69 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की बिकवाली की।
- मुंबई. रत्न एवं आभूषण निर्यात में 2021-22 में तेजी आई है और पिछले वित्त वर्ष की तुलना में यह करीब 55 प्रतिशत बढ़कर 39.15 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि रत्न एवं आभूषण का सकल निर्यात 2020-21 में 25.40 अरब डॉलर रहा। मार्च में रत्न एवं आभूषण का कुल सकल निर्यात 4.33 फीसदी बढ़कर 3.39329 अरब डॉलर पर पहुंच गया जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 3.40907 अरब डॉलर के मुकाबले 0.46 फीसदी कम है। जीजेईपीसी के अध्यक्ष कोलिन शाह ने कहा, ‘‘वैश्विक बाजारों में भारत का निर्यात 54 फीसदी बढ़ गया।'' उन्होंने कहा कि 39.15 अरब डॉलर के सालाना निर्यात के साथ भारत के इस क्षेत्र ने देश के 400 अरब डॉलर के निर्यात लक्ष्य में दस फीसदी हिस्से के योगदान का वादा पूरा किया।'' उन्होंने बताया, ‘‘रत्न एवं आभूषण के कुल निर्यात में तराशे एवं पॉलिश किए गए हीरों की हिस्सेदारी 62 फीसदी या 24.23657 अरब डॉलर है। अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, बेल्जियम और इजराइल में मांग बढ़ी है।
- नयी दिल्ली. देश की प्रमुख कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने अपने बहु-उद्देश्यीय वाहन ‘एक्सएल6' का नया संस्करण बृहस्पतिवार को बाजार में उतारा। कंपनी की चालू वित्त वर्ष में कई नए उत्पाद लाने की योजना है। नई एक्सएल6 में 1.5 लीटर का पेट्रोल इंजन है। यह मॉडल मैनुअल और ऑटोमैटिक दोनों तरह के ट्रांसमिशन विकल्पों में उपलब्ध है। गाड़ी की कीमत 11.29 लाख रुपये से 14.55 लाख रुपये के बीच है। इस अवसर पर मारुति सुजुकी इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी हिसाशी ताकेयूची ने कहा, ‘‘आज के अनिश्चितता के दौर में कारोबारी वास्तविकताएं निरंतर बदल रही हैं। हालांकि इन सबके बीच, मैं भरोसा दिलाता हूं कि उत्पादों के मामले में मारुति सुजुकी 2022-23 को उत्साह से भरा वर्ष बनाएगी।'' उन्होंने कहा, ‘‘हम नए मॉडल लाते रहेंगे और विभिन्न श्रेणी के वाहनों को बेहतर बनाते रहेंगे।
- मानेसर. होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया (एचएमएसआई) की कई इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) मॉडल पेश करने की योजना है। कंपनी ने बृहस्पतिवार को कहा कि हमारी योजना अपने मानेसर स्थित विनिर्माण संयंत्र को निर्यात के लिए वैश्विक केंद्र बनाने की है। कंपनी ने प्रवेश स्तर की 100 सीसी मोटरसाइकिल खंड में उतरने देश में भविष्य की कारोबारी रूपरेखा के तहत निर्यात बढ़ाने की भी योजना बनाई है। एचएमएसआई के प्रबंध निदेशक, अध्यक्ष और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अत्सुशी ओगाता ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘एचएमएसआई, होंडा की वैश्विक विशेषज्ञता के तालमेल के साथ भारत में अपना दायरा और बढ़ाएगी।'' वर्तमान में कंपनी इलेक्ट्रिक वाहन मॉडलों के लिए पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए व्यवहार्यता अध्ययन चरण में है। ओगाता ने कहा, ‘‘कंपनी ने घरेलू बाजार में अपने नए मॉडलों के कारोबार को बढ़ावा देने के साथ कम मूल्य के मोटरसाइकिल बाजार में भी उतरने की योजना बनाई है।'' वर्तमान में एचएमएसआई 40 देशों को अपने वाहनों का निर्यात करती है।एचएमएसआई के निदेशक (बिक्री एवं विपणन) यादविंदर सिंह गुलेरिया ने कहा, ‘‘हालांकि, आपूर्ति श्रृंखला के मुद्दे अभी भी बने हुए हैं। उद्योग को जिंसों और ईंधन की कीमतों में भी वृद्धि का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन हम पिछले वित्त वर्ष के निचले आधार पर बाजार में सुधार की उम्मीद करते हैं।''
- नयी दिल्ली. नीति आयोग ने बृहस्पतिवार को इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये बैटरी अदला-बदली नीति का मसौदा जारी किया। इसमें अन्य बातों के अलावा प्रोत्साहन देने के साथ-साथ कड़ी परीक्षण व्यवस्था के सुझाव दिये गये हैं। यह मसौदा नीति ऐसे समय लायी गयी है, जब इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने के कई मामलों के बाद इन गाड़ियों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ी है। इसके तहत पहले चरण में बैटरी अदला-बदली नेटवर्क के विकास को लेकर 40 लाख से अधिक आबादी वाले सभी महानगरों को प्राथमिकता दी जाएगी। दोपहिया और तिपहिया वाहनों के महत्व को देखते हुए राज्यों की राजधानियों, केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यालय समेत पांच लाख से अधिक आबादी वाले शहरों को दूसरे चरण में शामिल किया जाएगा। नीति में सभी कारोबारी मॉडल में समान अवसर उपलब्ध कराने पर जोर दिया गया है। इसमें बैटरी के साथ या अदला-बदली के तहत बिना बैटरी वाले इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की बिक्री शामिल हैं। इसमें कहा गया है कि ईवी खरीद के लिये मौजूदा या नई योजनाओं के तहत दिये जाने वाले मांग संबंधित प्रोत्साहन बैटरी अदला-बदली वाले इलेक्ट्रिक वाहनों को उपलब्ध कराये जा सकते हैं। नीति के मसौदे में सुझाव दिया गया है, ‘‘प्रोत्साहन के आकार का निर्धारण बैटरी की किलोवॉट रेटिंग और ईवी के आधार पर किया जा सकता है।'' इसमें यह भी प्रस्ताव किया गया है कि सब्सिडी के वितरण को लेकर एक उपयुक्त प्रणाली संबंधित मंत्रालय या विभाग तैयार करेगा। बैटरी के मामले में उच्चस्तर की सुरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर आयोग ने एक मजबूत / कड़ी परीक्षण व्यवस्था का प्रस्ताव किया है। इसमें कहा गया है कि बैटरी की प्रबंधन प्रणाली निश्चित तौर पर स्व-प्रमाणित होनी चाहिए और परीक्षण के लिए खुली होनी चाहिए ताकि विभिन्न प्रणालियों के साथ इसकी उपयुक्तता तथा सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने की क्षमता की जांच की जा सके। नीति के मसौदे में कहा गया है कि मौजूदा माल एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था में लिथियम ऑयन बैटरी और इलेक्ट्रिक वाहन आपूर्ति उपकरणों पर जीएसटी क्रमश: 18 प्रतिशत और पांच प्रतिशत है। ‘‘जीएसटी प्रावधानों पर निर्णय लेने वाली जीएसटी परिषद दोनों कर दरों में अंतर को कम करने पर विचार कर सकती है।'' नीति के मसौदे के अनुसार, कोई भी व्यक्ति या इकाई किसी भी स्थान पर बैटरी अदला-बदली स्टेशन स्थापित करने को स्वतंत्र है। लेकिन इसके लिये जरूरी है कि निर्धारित तकनीकी, सुरक्षा और प्रदर्शन मानकों का पालन किया जाए। चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने को लेकर शहरी क्षेत्रों में जगह की कमी को देखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022-23 के अपने बजट भाषण में घोषणा की थी कि केंद्र ईवी परिवेश में दक्षता में सुधार को लेकर बैटरी अदला-बदली नीति लाएगा। आधिकारिक बयान के अनुसार, इस संदर्भ में नीति आयोग ने मजबूत और व्यापक नीति रूपरेखा तैयार करने के लिए फरवरी, 2022 में अंतर-मंत्रालयी चर्चा शुरू की थी। आयोग ने मसौदा तैयार करने से पहले बैटरी अदला-बदली संचालक, बैटरी विनिर्माता, वित्तीय संस्थान समेत संबंधित पक्षों के विभिन्न समूहों के साथ व्यापक चर्चा की है। बैटरी अदला-बदली ईवी वाहनों के लिये एक वैकल्पिक व्यवस्था है। इसमें ‘डिस्चार्ज' बैटरी को ‘चार्ज' बैटरी से बदला जाता है। बैटरी अदला-बदली व्यवस्था वाले वाहनों को बिना बैटरी के बेचा जाएगा। इससे इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) खरीदारों के लिये गाड़ी की लागत कम बैठेगी। मसौदा विचार-विमर्श के लिये जारी किया गया है। आयोग ने पांच जून तक लोगों से इस पर अपने सुझाव देने को कहा है।
- नयी दिल्ली. अंतरराष्ट्रीय बाजार में बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में गिरावट के रुख के बीच दिल्ली सर्राफा बाजार में बृहस्पतिवार को सोना 46 रुपये टूटकर 52,357 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। पिछले कारोबारी सत्र में सोना 52,403 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।इस रुख के अनुरूप चांदी भी 103 रुपये की गिरावट के साथ 67,968 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई। पिछले कारोबारी सत्र में चांदी 68,071 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना नुकसान के साथ 1,949 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था। जबकि चांदी 25.03 डॉलर प्रति औंस पर अपरिवर्तित रही। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के खुदरा शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, ‘‘डॉलर के कमजोर होने के बावजूद अमेरिकी बांड आय बढ़ने से सोने की कीमतों में नरमी रही जिससे सोने में गिरावट देखने को मिली।
- नयी दिल्ली । निजी क्षेत्र की कंपनी टाटा स्टील ने रूस के साथ कारोबार बंद करने की घोषणा की है। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच कंपनी ने यह कदम उठाया है। कंपनी के प्रवक्ता ने बयान में कहा, ‘‘टाटा स्टील का रूस में न तो कोई परिचालन नहीं है, न ही वहां उसके कर्मचारी हैं। हमने रूस के साथ कारोबार बंद करने का फैसला सोच-विचार कर किया है। टाटा स्टील ने बयान में कहा कि कारोबारी निरंतरता के लिए कंपनी के भारत, ब्रिटेन और नीदरलैंड के सभी इस्पात विनिर्माण संयंत्रों ने कच्चे माल की वैकल्पिक आपूर्ति का प्रबंध किया है। इससे उनकी रूस पर निर्भरता समाप्त हो गई है। कंपनी रूस से अपने विभिन्न परिचालनों के लिए रूस से सीमित मात्रा में कोयला खरीदा है।