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- नयी दिल्ली। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्री नारायण राणे ने गुरुवार को बताया कि आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत 2.82 लाख करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृत किये गये हैं। ईसीएलजीएस, वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के अधीन संचालित होती है।राणे ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया, ‘‘डीएफएस की सूचना के अनुसार 19 नवंबर, 2021 तक योजना के तहत 2.82 लाख करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृत किये गये हैं।'' ईसीएलजीएस के तहत मौजूदा संपूर्ण गारंटी तीन लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 4.5 लाख करोड़ रुपये कर दी गयी है और योजना 31 मार्च, 2022 तक बढ़ा दी गयी है। योजना के तहत भुगतान की अंतिम तारीख बढ़ाकर 30 जून, 2022 कर दी गयी है।
- नयी दिल्ली। सरकार ने गुरुवार को कहा कि उसने घरेलू गैस (एलपीजी) को केवल पांच प्रतिशत के सबसे कम स्लैब में रखते हुए माल और सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में शामिल किया है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने लोकसभा में वांगा गीता विश्वनाथ और कोथा प्रभाकर रेड्डी के प्रश्न के लिखित उत्तर में यह भी कहा कि देश में पेट्रोलियम उत्पादों के मूल्य अंतरराष्ट्रीय बाजार में संबंधित उत्पादों के मूल्य से जुड़े हुए हैं। उनसे पूछा गया था, ‘‘क्या यह सत्य है कि दक्षिणी क्षेत्र के राज्यों सहित कुछ राज्यों में रिफाइनरियों से तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) लाने के लिए पाइपलाइनों के न होने से यह उपभोक्ताओं के लिए महंगी पड़ रही है? मंत्री ने कहा, अंतरराष्ट्रीय मूल्यों में वृद्धि के प्रभाव से आम आदमी को बचाने के लिए सरकार घरेलू एलपीजी के उपभोक्ता के लिए प्रभावी मूल्य को आवश्यकतानुसार घटाती-बढ़ाती रहती है। इसके अलावा सरकार ने एलपीजी को केवल पांच प्रतिशत के सबसे कम स्लैब में रखते हुए इसे माल और सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में शामिल कर दिया है।
- नयी दिल्ली। टाटा पावर ने इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड के भारत के पहले ‘ब्रांडेड होमस्टे पोर्टफोलियो' अमा स्टे एंड ट्रेल्स के साथ 11 गंतव्यों के 30 से अधिक विला और हेरिटेज बंगलों में इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए गठजोड़ किया है। टाटा पावर ने एक बयान में कहा गया है कि सतत परिवहन बुनियादी ढांचे की बढ़ती मांग के परिणामस्वरूप इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) चार्जिंग पॉइंट में निवेश करने वाले होटलों की संख्या बढ़ रही है। यह समझौता पर्यावरण के प्रति जागरूक ग्राहकों की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह टाटा समूह की दोनों प्रमुख कंपनियों के लिए अधिक टिकाऊ और किफायती व्यवसाय उपायों को अपनाने की अपनी प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाने के लिए एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
- नयी दिल्ली। उबर और व्हाट्सएप ने देश में लोगों को व्हाट्सएप के माध्यम से यात्रा बुक करने की सुविधा देने के लिए गुरुवार को साझेदारी करने की घोषणा की। एक बयान में कहा गया है कि इस साझेदारी के साथ, सवारी को अब उबर ऐप डाउनलोड करने या उपयोग करने की आवश्यकता नहीं होगी। उपयोगकर्ता पंजीकरण, यात्रा की बुकिंग से लेकर यात्रा की रसीद प्राप्त करने तक सबकुछ व्हाट्सएप चैट इंटरफेस के भीतर उपलब्ध होगा। बयान में कहा गया कि यह उबर के लिए पहली वैश्विक पहल है, जो एक सवारी की बुकिंग को व्हाट्सएप संदेश भेजने जितना आसान बना देगा। इसे पहले लखनऊ के उत्तरी भाग में प्रायोगिक आधार पर शुरू किया जा रहा है और जल्द ही अन्य भारतीय शहरों में इसका विस्तार किया जाएगा। उबर एपीएसी वरिष्ठ निदेशक (व्यवसाय विकास) नंदिनी माहेश्वरी ने कहा, ‘‘हम सभी भारतीयों के लिए उबर से यात्रा करना जितना संभव हो सके आसान बनाना चाहते हैं, और ऐसा करने के लिए हमें उन प्लेटफॉर्म पर उनसे जुड़ने की जरूरत है, जिनके साथ वे सहज हैं। व्हाट्सएप के साथ हमारी साझेदारी बस इसी मकसद से की गई है, जो यात्रियों को एक सरल, सहज और भरोसेमंद चैनल के माध्यम से सवारी करने का एक नया तरीका प्रदान करेगा।
- नयी दिल्ली। देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) ने गुरुवार को कहा कि वह अगले साल जनवरी से वाहनों की कीमतों में वृद्धि की योजना बना रही है ताकि इनपुट लागत में वृद्धि के प्रभाव को कम किया जा सके। वाहन कंपनी ने विवरण साझा किए बिना कहा कि मूल्य वृद्धि अलग-अलग मॉडल की अलग-अलग होगी।एमएसआई ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा, ‘‘पिछले एक साल में, विभिन्न इनपुट लागतों में वृद्धि के कारण कंपनी के वाहनों की लागत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इसलिए, कंपनी के लिए मूल्य वृद्धि के माध्यम से उपरोक्त अतिरिक्त लागतों का कुछ प्रभाव ग्राहकों पर डालना अनिवार्य हो गया है।'' जनवरी 2022 में मूल्य वृद्धि की योजना बनाई गई है और मूल्य वृद्धि विभिन्न मॉडलों के लिए अलग-अलग होगी।
- मुंबई, दो दिसंबर (भाषा) शेयर बाजारों में तेजी का सिलसिला गुरुवार को भी जारी रहा और बीएसई सेंसेक्स 777 अंक उछलकर बंद हुआ। वैश्विक स्तर पर नकारात्मक रुख के बावजूद सूचकांक में मजबूत हिस्सेदारी रखने वाले एचडीएफसी बैंक, एचडीएफसी, इन्फोसिस और टीसीएस में तेजी के साथ बाजार में मजबूती आई। तीस शेयरों पर आधारित सूचकांक सेंसेक्स 776.50 अंक यानी 1.35 प्रतिशत मजबूत होकर 58,461.29 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक निफ्टी 234.75 अंक यानी 1.37 प्रतिशत की तेजी के साथ 17,401.65 अंक पर पहुंच गया। सेंसेक्स के शेयरों में एचडीएफसी करीब चार प्रतिशत की तेजी के साथ सर्वाधिक लाभ में रहा। इसके अलावा पावरग्रिड, सन फार्मा, टाटा स्टील, टेक महिंद्रा और बजाज फिनसर्व में भी तेजी रही। दूसरी तरफ, नुकसान में रहने वाले शेयरों में आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक प्रमुख हैं।जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कमजोर रुख के बावजूद घरेलू सूचकांकों में तेजी बनी रही। मजबूत घरेलू वृहत-आर्थिक आंकड़ों के बीच मुख्य रूप से आईटी, वित्तीय और धातु शेयरों में तेजी से बाजार में मजबूती आयी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष में अक्टूबर तक बजटीय अनुमान का 36.3 प्रतिशत रहा। राजकोषीय घाटे के मोर्चे पर स्थिति बेहतर होने का कारण राजस्व संग्रह में सुधार है। एशिया के अन्य बाजारों में हांगकांग का हैंगसेंग और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी लाभ में रहें जबकि चीन का शंघाई कंपोजिट सूचकांक और जापान का निक्की नुकसान में रहें। यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर के कारोबार में गिरावट का रुख देखा गया। इस बीच अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 2.41 प्रतिशत चढ़कर 70.53 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
- नयी दिल्ली। ट्विटर के नये मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) पराग अग्रवाल को अन्य भत्तों और बोनस के साथ 10 लाख डॉलर ( करीब 7.49 करोड़ रुपये ) का वार्षिक वेतन मिलेगा। भारत में जन्मे अग्रवाल ने इस पद पर जैक डॉर्सी की जगह ली है। वह 2017 से ट्विटर के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी के रूप में काम कर रहे थे। वह 2011 में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में कंपनी में शामिल हुए थे।ट्विटर ने एक नियामकीय सूचना में कहा, "अग्रवाल को 10,00,000 डॉलर का वार्षिक वेतन मिलेगा और वह अपने वार्षिक मूल वेतन के 150 प्रतिशत के नए लक्ष्य बोनस के साथ कंपनी की कार्यकारी बोनस योजना में भागीदार बने रहेंगे। प्रस्ताव पत्र की शर्तों के तहत, दिसंबर 2021 में निदेशक मंडल अग्रवाल को 1,25,00,000 डॉलर के अंकित मूल्य की प्रतिबंधित शेयर इकाइयां (आरएसयू) देगा।
- नयी दिल्ली। ई-कॉमर्स क्षेत्र की कंपनी स्नैपडील अगले साल की पहली छमाही में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने की तैयारी कर रही है। कंपनी अगले कुछ सप्ताह में आईपीओ के लिए दस्तावेज (डीआरएचपी) दाखिल करने पर विचार कर रही है।खबरों के अनुसार कंपनी 25 करोड़ डॉलर (करीब 1,870 करोड़ रुपये) का आईपीओ लाने पर विचार कर रही है। इस आधार पर स्नैपडील का मूल्यांकन करीब 1.5-1.7 अरब डॉलर बैठेगा। स्नैपडील की दिसंबर-जनवरी के दौरान आईपीओ के लिए दस्तावेज जमा कराने की योजना है। आवश्यक मंजूरियों के बाद कंपनी 2022 की पहली छमाही में आईपीओ ला सकती है। बताया जा रहा है कि आईपीओ के तहत कंपनी के संस्थापक शेयर नहीं बेचेंगे। प्रमुख शेयरधारक भी अपने शेयर कायम रखेंगे। इस बारे में संपर्क करने पर स्नैपडील ने टिप्पणी से इनकार किया।
- नई दिल्ली। इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी बाउंस अपना इलेक्ट्रिक स्कूटर बाउंस इनफिनिटी इलेक्ट्रिक भारतीय बाजार में उतारने जा रही है। माना जा रहा है लॉन्च के कुछ हफ्तों में ही कंपनी बाउंस इनफिनिटी स्कूटर की डिलिवरी देना शुरू कर देगी। लांच होने के साथ ही इस स्कूटर की बुकिंग भी शुरू हो जाएगी। इस स्कूटर को बुक करने के लिए आपको सिर्फ 499 रुपये का बुकिंग अमाउंट देना होगा। कंपनी भिवाड़ी , राजस्थान में इन स्कूटर्स की मैन्युफैक्चरिंग करती है।माना जा रहा कंपनी इसे 92 हजार रुपये की एक्स-शोरूम कीमत के साथ लॉन्च कर सकती है। यह एडवांस्ड 'मेड इन इंडिया' स्कूटर है। कंपनी का दावा है कि इसमें ग्राहकों को इंटेलिजेंट फीचर्स मिलेंगे।सस्ते में खरीदने का भी विकल्पInfinity के साथ, कंपनी 'Battery as a service का ऑप्शन दे रही है। इसके तहत, ग्राहकों के पास बिना बैटरी के किफायती मूल्य पर Bounce Infinity इलेक्ट्रिक स्कूटर को खरीदने और इसके बजाय बाउंस के बैटरी स्वैपिंग नेटवर्क का इस्तेमाल करने का विकल्प रहेगा। इस ऑप्शन को चुनने के बाद स्कूटर की कीमत 60 हजार रुपये के आप पास हो सकती है। इलेक्ट्रिक स्कूटर की कुल लागत का 40 से 50 प्रतिशत हिस्सा बैटरी पर खर्च होता है। ऐसे में स्कूटर से बैटरी की कीमत हटाकर स्कूटर खरीदने में काफी सहूलियत हो सकती है। इसके साथ ही, ग्राहक नियमित स्कूटर की तरह बैटरी पैक के साथ भी स्कूटर खरीद सकते हैं। इसमें एक स्मार्ट, रिमूवेबल ली-आयन बैटरी शामिल होगी, जिसे ग्राहक अपनी सुविधा और जरूरत के मुताबिक निकाल और चार्ज कर सकेंगे।
- नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कहा है कि दस करोड़ से अधिक असंगठित श्रमिकों को ई-श्रम पोर्टल पर राष्ट्रीय डेटाबेस के साथ पंजीकृत किया गया है। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने इसी वर्ष 26 अगस्त को ई-श्रम पोर्टल की शुरुआत की थी। सरकार ने श्रमिकों को ई-श्रम कार्ड प्रदान किये हैं। यह पोर्टल प्रवासी श्रमिकों, निर्माण तथा अन्य क्षेत्र से जुड़े श्रमिक समूह तथा प्लेटफॉर्म श्रमिकों सहित असंगठित श्रमिकों का पहला राष्ट्रीय डेटाबेस है। इस पोर्टल के माध्यम से असंगठित क्षेत्र के श्रमिक सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं का लाभ उठाते हैं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश के करोड़ों श्रमिकों की ताकत न्यू इंडिया की आधारशिला बन रही है. एक ट्वीट में श्री मोदी ने कहा कि यह संकल्प से सिद्धि की ओर यात्रा है, जिससे देश का मजबूत भविष्य उनकी सामाजिक सुरक्षा में है।
- नयी दिल्ली। आयकर विभाग ने बुधवार को कहा कि उसने चालू वित्त वर्ष के आठ महीनों में 1.29 लाख करोड़ रुपये करदाताओं को वापस किये हैं। इसमें आकलन वर्ष 2021-22 के लिये 16,691.50 करोड़ रुपये 70.70 लाख करदाताओं को वापस किये गये। आयकर विभाग ने ट्विटर पर लिखा है, ‘‘केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने एक अप्रैल, 2021 से 29 नवंबर, 2021 के दौरान 1.15 करोड़ करदाताओं को 1,29,210 करोड़ रुपये से अधिक की राशि रिफंड की है।'' इसमें आयकर रिफंड के तहत 1.13 करोड़ करदाताओं को 42,981 करोड़ रुपये और कंपनी कर मामले में 1.93 लाख करदाताओं को 86,228 करोड़ रुपये लौटाये गये।
- नयी दिल्ली। महिंद्रा एंड महिंद्रा (एमएंडएम) की नवंबर में कुल वाहन बिक्री छह प्रतिशत घटकर 40,102 इकाई रह गयी। कंपनी ने बुधवार को यह जानकारी दी। कंपनी ने एक बयान में कहा कि नवंबर, 2020 में उसने 42,731 इकाइयां बेची थीं। घरेलू बाजार में महिंद्रा एंड महिंद्रा के यात्री वाहनों की बिक्री नवंबर, 2020 की 18,212 इकाइयों की तुलना में पिछले महीने सात प्रतिशत बढ़कर 19,458 इकाई हो गयी। वाणिज्यिक वाहन वर्ग में, कंपनी ने पिछले महीने घरेलू बाजार में 17,543 वाहन बेचे, जो नवंबर, 2020 के 22,883 इकाइयों की तुलना में 23 प्रतिशत कम है। पिछले महीने कंपनी का निर्यात 90 प्रतिशत बढ़कर 3,101 इकाई हो गया जो एक साल पहले इसी महीने में 1,636 इकाई था।
- नयी दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में कल रात की गिरावट तथा रुपये के मूल्य में सुधार रुख के अनुरूप राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में बुधवार को सोना 302 रुपये की गिरावट के साथ 46,848 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। पिछले कारोबारी सत्र में सोना 47,150 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।चांदी की कीमत भी 81 रुपये टूटकर 61,031 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई। पिछले कारोबारी सत्र में यह 61,112 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। अंतरबैंक विदेशीमुद्रा विनिमय बाजार में बुधवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 22 पैसे की तेजी के साथ 74.91 (अस्थायी) प्रति डॉलर हो गया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना मामूली बढ़त के साथ 1,778 डॉलर प्रति औंस हो गया जबकि चांदी 22.74 डॉलर प्रति औंस पर स्थिर रही। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा, ‘‘कॉमेक्स (जिंस बाजार) में कल रात की गिरावट तथा रुपये के मूल्य में सुधार के अनुरूप दिल्ली में 24 कैरेट सोने की हाजिर कीमत में 302 रुपये की गिरावट आई।
- नयी दिल्ली। गो फैशन का शेयर मंगलवार को अपने निर्गम मूल्य 690 रुपये के मुकाबले 81 प्रतिशत से अधिक बढ़त के साथ बंद हुआ। बीएसई में कंपनी का शेयर निर्गम मूल्य पर 90.72 प्रतिशत की बढ़त के साथ 1,316 रुपये पर सूचीबद्ध हुआ। बाद में यह 94.34 प्रतिशत के लाभ के साथ 1,341 रुपये पर पहुंच गया। अंत में यह 81.5 प्रतिशत की बढ़त के साथ 1,252.60 रुपये प्रति इक्विटी पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में कंपनी का शेयर 89.85 प्रतिशत की बढ़त के साथ 1,310 रुपये पर सूचीबद्ध हुआ। बाद में यह 81.20 प्रतिशत की तेजी के साथ 1,250.30 रुपये प्रति इक्विटी पर बंद हुआ। महिलाओं के परिधान ब्रांड गो कलर्स का स्वामित्व रखने वाली कंपनी के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को पिछले सप्ताह 135.46 गुना का अभिदान मिला था। कंपनी के 1,013.6 करोड़ रुपये के आईपीओ के लिए मूल्य दायरा 655 से 690 रुपये प्रति शेयर था।
- दुबई। पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ सजावटी और अन्य घरेलू सामानों का उत्पादन करने वाली स्टार्टअप बिया की युवा संस्थापक इंडिया पवेलियन के ‘इंडिया इनोवेशन हब' में अपनी खुशी को छिपा नहीं पा रही हैं। उनके काम को दुबई एक्सपो में काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। प्रवेश द्वारा लगी लंबी कतारों से पता चलता है कि एक्सपो-2020 में भारतीय पवेलियन के प्रति काफी उत्साह देखा जा रहा है। कंपनी के दो संस्थापकों में से एक पूजा सिंह कहती हैं कि इंस्टाग्राम पर केवल चार घंटों में उनके 100 विजिटर और 50 से अधिक फॉलोअर्स हो गए हैं। उनकी कारोबारी भागीदार प्रतीशा मलिक भी इस बात से सहमति जताती हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देने और भारतीय यूनिकॉर्न (एक अरब डॉलर से अधिक मूल्यांकन) की संख्या में वृद्धि के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों का लगातार जिक्र करते रहे हैं। ऐसे में भारत ने दुबई एक्सपो में अपने मंडप में बड़ी संख्या में नए उद्यमों को जगह देने का प्रयास किया है। दुबई एक्सपो का आयोजन अक्टूबर-मार्च के दौरान होता है।पवेलियन के संचालकों का कहना है कि अब तक 84 ऐसे स्टार्टअप को जगह दी गई है और एक्सपो खत्म होने तक उनकी संख्या 500 तक जा सकती है। हालांकि, स्टार्टअप इस विशाल स्थल में भारत के पवेलियन में लगाए गए बहुआयामी प्रदर्शन का सिर्फ एक पहलू हैं। इसके अलावा कई अन्य भागीदार भी हैं, जिनमें एमिरेट्स जैसी बड़ी कंपनियां और संयुक्त राष्ट्र जैसे संगठन शामिल हैं। भारतीय पवेलियन में योग और देश की विविध संस्कृति को भी दर्शाया गया है। साथ ही इसमें भारत को अवसरों की जमीन के रूप में भी पेश किया गया है। चूंकि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के साथ भारत के हमेशा से गर्मजोशी वाले रिश्ते रहे हैं, ऐसे में पवेलियन का एक हिस्सा दोनों की दोस्ती के लिए ‘समर्पित' किया गया है।
- नयी दिल्ली। माइल्स ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजीज ने अमरीश भार्गव को अपना नया मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) नियुक्त करने की घोषणा की है। माइल्स में आने से पहले वह पूनावाला फिनकॉर्प में वाहन प्रभाग के प्रमुख थे। वाहन साझाकरण मंच माइल्स ऑटोमोटिव ने मंगलवार को बयान में कहा कि भार्गव की नियुक्ति कंपनी की दीर्घकालिक वृद्धि के दृष्टिकोण के अनुरूप है। कंपनी ने कहा कि सीईओ के रूप में भार्गव समग्र कारोबारी रणनीति पर संस्थापकों के साथ काम करने के अलावा भागीदारी, ग्राहक अधिग्रहण और उत्पाद विस्तार का दायित्व संभालेंगे।
- नयी दिल्ली। रेटिंग एजेंसी मूडीज का मानना है कि कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन की वजह से वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में फिर से अनिश्चितता पैदा हो गई है लेकिन इसके संभावित जोखिम के बारे में अंदाजा लगाना अभी जल्दबाजी होगी। मूडीज एनालिटिक्स ने सोमवार को ओमीक्रोन स्वरूप पर जारी अपनी एक टिप्पणी में कहा कि वायरस का नया स्वरूप काफी तेज गति से फैलने वाला बताया जा रहा है लेकिन काफी कुछ इस पर निर्भर करेगा कि इसका प्रसार कितनी तेजी से होता है और कितने लोगों को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ती है और कितने संक्रमित लोगों की इससे मौत होती है? मूडीज के मुताबिक, ''कोविड-19 के ओमीक्रोन स्वरूप ने वैश्विक अर्थव्यवस्था के परिदृश्य में नई तरह की अनिश्चितता पैदा कर दी है। हालांकि, अभी इससे जुड़े जोखिम का सही से अंदाजा लगाना जल्दबाजी होगा।'' मूडीज के मुताबिक, इस नए स्वरूप के बारे में तस्वीर साफ होने में कम-से-कम दो हफ्ते का वक्त लगेगा। इसके लिए ओमीक्रोन के प्रसार वाले देशों में इसके संक्रमण की रफ्तार एवं असर पर नजर रखनी होगी। मूडीज के मुख्य अर्थशास्त्री (एशिया-प्रशांत) स्टीव कोचरेन ने कहा, ''काफी कुछ इस पर निर्भर करेगा कि इसके संक्रमित हुए कितने लोगों को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ती है और कितने लोगों की मौत होती है? इसके अलावा इस पर कोविड-रोधी टीके एवं एंटी-वायरल दवाओं के असर को भी देखना होगा।'' कोरोना वायरस के इस नए स्वरूप को वैज्ञानिक काफी ज्यादा संक्रामक मान रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसके पहले मामले की पुष्टि दक्षिण अफ्रीका में 24 नवंबर को की थी। इतने कम दिनों में ही 12 अन्य देशों से इसके संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं। इसके बारे में मूडीज का आकलन है कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देशों को आने वाले हफ्तों में विशेष ध्यान रखना होगा। इसकी वजह यह है कि हांगकांग एवं ऑस्ट्रेलिया में इसके मामले सामने आ चुके हैं। मूडीज के मुताबिक, खासतौर पर कम टीकाकरण करने वाले देशों पर इसकी मार ज्यादा पडऩे की आशंका होगी। इन देशों की सूची में भारत भी शामिल है।
- नयी दिल्ली। सरकार के ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत असंगठित श्रमिकों का आंकड़ा इस सप्ताह 10 करोड़ पर पहुंच सकता है। ताजा आंकड़ों के आधार पर यह अनुमान लगाया गया है। अभी ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत! श्रमिकों की संख्या 9.7 करोड़ के करीब है। श्रम और रोजगार मंत्रालय ने ई-श्रम पोर्टल विकसित किया है जो आधार के साथ जुड़ा असंगठित श्रमिकों का एक राष्ट्रीय डेटाबेस है। पोर्टल 26 अगस्त, 2021 को शुरू किया गया था। पोर्टल पर रविवार को 13.97 लाख श्रमिकों ने पंजीकरण कराया, जबकि शनिवार को यह संख्या 14.95 लाख थी।इस तरह इस बात को ध्यान में रखते हुए कि एक दिन में औसतन 10 लाख श्रमिकों का पंजीकरण हो रहा है, नामांकन इस सप्ताह ही 10 करोड़ का आंकड़ा छू सकता है। पोर्टल के नवीनतम आंकड़ों से पता चला है कि ई-श्रम पोर्टल पर 9.7 करोड़ श्रमिक पंजीकृत हैं, जिसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्ग जैसे सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों के श्रमिकों की संख्या 72.46 प्रतिशत है जबकि 27.54 प्रतिशत सामान्य वर्ग से हैं। इसके अलावा, असंगठित क्षेत्र के 89.68 प्रतिशत पंजीकृत श्रमिकों ने अपने बैंक विवरण प्रदान किए हैं।आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि भारत में गांवों में विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक सेवाओं के वितरण के लिए पहुंच बिंदु साझा सेवा केंद्रों (सीएससी) के माध्यम से 80.73 प्रतिशत पंजीकरण हुए हैं।
- मुंबई । घरेलू शेयर बाजारों में इस सप्ताह की शुरूआत अच्छी रही और सोमवार को दोनों सूचकांक- बीएसई सेंसक्स और एनएसई निफ्टी बढ़त के साथ बंद हुए। सूचकांक में मजबूत हिस्सेदारी रखने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज, बैंक और आईटी कंपनियों में तेजी से बाजार को समर्थन मिला। हालांकि कोरोना वायरस के नये स्वरूप ओमीक्रॉन के कुछ और देशों में फैलने के बाद निवेशक सतर्क रुख अपना रहे हैं। कोरोना वायरस का नया स्वरूप कई देशों में पाए जाने के बाद दुनिया के कई देश फिर से यात्रा पाबंदी लगा रहे हैं। हालांकि अभी तक भारत में ओमीक्रॉन का कोई मामला नहीं पाया गया है। पिछले सप्ताह शुक्रवार को शेयर बाजार में बड़ी गिरावट के बाद सोमवार को कुछ स्थिरता दिखी। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 153.43 अंक यानी 0.27 प्रतिशत की तेजी के साथ 57,260.58 अंक पर बंद हुआ। वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख के साथ सूचकांक शुरूआती कारोबार में 500 अंक से भी अधिक नीचे चला गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 27.50 अंक यानी 0.16 प्रतिशत की तेजी के साथ 17,053.95 अंक पर बंद हुआ। रिलायंस इंडस्ट्रीज की दूरसंचार इकाई जियो के प्रीपेड मोबाइल फोन की शुल्क दरें बढ़ाने की घोषणा के बाद कंपनी का शेयर 1.26 प्रतिशत चढ़ा। सेंसेक्स के शेयरों में कोटक बैंक सर्वाधिक 2.92 प्रतिशत चढ़ा। एलआईसी को भारतीय रिजर्व बैंक से निजी क्षेत्र के इस बैंक में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर लगभग 10 प्रतिशत करने की मंजूरी से शेयर में तेजी रही। इसके अलावा, एचसीएल टेक, टीसीएस, इन्फोसिस, एचडीएफसी बैंक, बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, टाइटन और टेक महिंद्रा में भी प्रमुख रूप से तेजी रही। दूसरी तरफ, नुकसान में रहने वाले शेयरों में सन फार्मा, एनटीपीसी, एक्सिस बैंक, नेस्ले, बजाज ऑटो, भारतीय स्टेट बैंक और डा. रेड्डीज शामिल हैं। इनमें 2.03 प्रतिशत तक की गिरावट आयी। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘कोरोना वायरस के नये स्वरूप को लेकर चिंता के बीच घरेलू सूचकांक शुरूआती गिरावट से उबरते हुए लाभ में रहे। मुख्य रूप से आईटी और स्वास्थ्य से जुड़ी कंपनियों के शेयरों से बाजार को समर्थन मिला। वैश्विक बाजारों में मिला-जुला रुख रहा....।'' उन्होंने कहा, ‘‘कुल मिलाकर वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता और गिरावट के बाद लिवाली की स्थिति देखने को मिली। इससे गिरावट पर कुछ अंकुश लगा। घरेलू बाजार में, दूरसंचार क्षेत्र पर निवेशकों की नजर रही क्योंकि सभी प्रमुख कंपनियों ने शुल्क दरें बढ़ा दी हैं। इससे संकेत मिलता है कि मोबाइल फोन पर सस्ते में बातचीत का दौर अब खत्म होने वाला है।'' रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष अजीत मिश्रा ने कहा कि दुनिया के कई देशों में कोविड-19 के नये स्वरूप को देखते हुए बाजार में अनिश्चितता बने रहने की आशंका है। उन्होंने कहा, ‘‘घरेलू बाजार में इसके अलावा जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) के आंकड़े, बुनियादी क्षेत्र और वाहन बिक्री के आंकड़े दिशा देंगे। हम निवेशकों से सतर्क रुख रखने की बात दोहराते हैं...।'' एशिया के अन्य बाजारों में जापान में निक्की 225, 1.7 प्रतिशत टूटा। जापान के मंगलवार से विदेशी नागरिकों के प्रवेश पर पाबंदी की घोषणा से शेयर बाजार नीचे आया। चीन में शंघाई कंपोजिट सूचकांक 0.4 प्रतिशत और हांगकांग का हैंगसेंग 1.12 प्रतिशत नीचे आया। दक्षिण कोरिया का कॉस्पी 0.9 प्रतिशत और ऑस्ट्रेलिया में सिडनी का एस एंड पी-एएसएक्स 200, 0.5 प्रतिशत नीचे आया। यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर कारोबार में बढ़त का रुख था।इस बीच, वैश्विक मानक ब्रेंट क्रूड 2.82 प्रतिशत उछलकर 74.41 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 23 पैसे टूटकर 75.12 पर बंद हुआ। शेयर बाजार के आंकड़े के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शुक्रवार को 5,785.83 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
- नयी दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम यदि कुछ और दिन तक निचले स्तर पर बने रहते हैं, तभी देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें नीचे आएंगी। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि घरेलू स्तर पर खुदरा कीमतें 15 दिन के ‘रोलिंग' औसत के आधार पर तय की जाती हैं। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमतों में सतत गिरावट के बाद ही यहां दाम घटेंगे। वैश्विक बेंचमार्क ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतें नवंबर में (25 नवंबर तक) मोटे तौर पर लगभग 80 से 82 डॉलर प्रति बैरल के दायरे में रही हैं। गत शुक्रवार को कच्चे तेल का दाम करीब चार डॉलर प्रति बैरल और घट गया था। उसके बाद ब्रेंट वायदा में बिकवाली से लंदन के आईसीई में इसकी कीमत छह डॉलर और घटकर 72.91 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुई। सूत्रों ने कहा कि यह कोविड के नए स्वरूप ओमीक्रोम की वजह से पैदा हुए डर की तत्काल प्रतिक्रिया लगती है। सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियां... इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (एचपीसीएल) दैनिक आधार पर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में संशोधन करती हैं। लेकिन यह संशोधन पिछले पखवाड़े में औसत बेंचमार्क अंतरराष्ट्रीय दरों के हिसाब से होता है। इसलिए रविवार की कीमत पिछले 15 दिन के औसत से तय होगी। एक सूत्र ने कहा, ‘‘शुक्रवार को दरों में गिरावट से स्वाभाविक रूप से यह उम्मीद बन रही थी कि पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल और डीजल के दाम घटेंगे। लेकिन खुदरा कीमतें ऐसे तय नहीं होतीं। चूंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें नवंबर के अधिकांश दिनों में सीमित दायरे में रही हैं, ऐसे शुक्रवार को आई गिरावट से औसत मूल्य पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ेगा। एक सूत्र ने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जब कीमतों में गिरावट कुछ और दिन बनी रहेगी, तभी यहां पेट्रोल और डीजल के दाम नीचे आएंगे।'' हाल में अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया सहित भारत जैसे प्रमुख तेल उपभोक्ता देशों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों को कम करने के संयुक्त प्रयास के तहत अपने रणनीतिक भंडार से कच्चे तेल को जारी करने की घोषणा की थी। लेकिन इन घोषणाओं का भी अंतरराष्ट्रीय कीमतों पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है।
- नयी दिल्ली। सेल्युलर सेवा प्रदाताओं ने सरकार से 5जी स्पेक्ट्रम की प्रस्तावित नीलामी के लिए इसकी आधार कीमतों में आधे से भी ज्यादा कटौती की मांग की है। एक न्यूज़ एजेंसी के अनुसार उद्योग जगत के सूत्रों के मुताबिक सेल्युलर ऑपरेटरों के संगठन सीओएआई ने 5जी सेवाओं के विस्तार और डिजिटल कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए स्पक्ट्रम कीमतों में बड़ी कटौती की मांग की है। एक दूरसंचार कंपनी के प्रतिनिधि ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने सरकार से 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी के आधार मूल्य में आधे से भी अधिक कटौती करने का अनुरोध किया है।'' हालांकि, सीओएआई ने इस बारे में कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया। स्पेक्ट्रम के लिए नीलामी प्रक्रिया अप्रैल-जून 2022 की तिमाही में शुरू होने की उम्मीद है। इसके पहले मार्च, 2021 में हुई पिछली स्पेक्ट्रम नीलामी के समय सरकार ने सात बैंड में 2308.80 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की पेशकश की थी जिसका आरक्षित मूल्य करीब चार लाख करोड़ रुपये था। यह अलग बात है कि प्रीमियम श्रेणी के 700 मेगाहर्ट्ज और 2,500 मेगाहर्ट्ज बैंड के स्पेक्ट्रम बिक ही नहीं पाए। ज्यादा आधार मूल्य होने से दूरसंचार ऑपरेटर इससे दूर ही रहे। सरकार पिछली बार 3.3-3.6 गीगाहर्ट्ज फ्रीक्वेंसी के स्पेक्ट्रम की नीलामी भी नहीं कर सकी थी क्योंकि इसे समय पर खाली नहीं कराया जा सका था। इसके अलावा इस बैंड का आधार मूल्य भी 5जी सेवाओं के लिए खासा महंगा बताया गया था। एक दूरसंचार ऑपरेटर के प्रतिनिधि ने आधार मूल्य में 50-60 प्रतिशत कटौती की मांग रखने का दावा किया है, तो दूसरे ऑपरेटर के प्रतिनिधि ने इसमें 60-70 फीसदी कटौती तक की मांग किए जाने की बात कही है। दूरसंचार नियामक ट्राई ने 3.3-3.6 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम में प्रति मेगाहर्ट्ज 492 करोड़ रुपये का आधार मूल्य तय किया था। इस दर पर ऑपरेटरों को 3,300-3,600 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम खरीदने के लिए अखिल भारतीय स्तर पर 9,840 करोड़ रुपये चुकाने पड़ेंगे। देशभर में फिलहाल 5जी सेवाओं का परीक्षण चल रहा है। इसके लिए सरकार ने गत मई में दूरसंचार कंपनियों को छह महीनों के लिए स्पेक्ट्रम आवंटित किया था।
- नयी दिल्ली। भवन निर्माण सामग्री कंपनी कामधेनु ग्रुप की योजना कारोबार विभाजन के बाद अपनी पेंट इकाई को सूचीबद्ध कराने की है। कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक सतीश कुमार अग्रवाल ने यह जानकारी दी। कामधेनु अपने इस्पात और पेंट कारोबार को विभाजित करने की प्रक्रिया में है। इसके पीछे कंपनी का मकसद अपनी पहुंच और ग्राहक आधार को बढ़ाना है। अग्रवाल ने कहा, ‘‘यह विभाजन प्रक्रिया दिसंबर तक पूरी हो जाएगी। उसके बाद हम पेंट कारोबार को सूचीबद्ध करेंगे। सूचीबद्धता की प्रक्रिया चालू वित्त वर्ष में ही पूरी होने की संभावना है।'' उन्होंने कहा, ‘‘दो अलग-अलग कंपनियां होने से हम अपने ग्राहकों पर अधिक बेहतर तरीके से ध्यान केंद्रित कर पाएंगे। दोनों कारोबार को देखने के लिए अलग टीमें होंगी।'' उन्होंने कहा कि कंपनी अपने पेंट कारोबार के विस्तार के लिए 200 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। कामधेनु पेंट्स का विनिर्माण कारखाना राजस्थान के चोपांकी में है। पेंट के अलावा गुरुग्राम की कंपनी इस्पात विनिर्माण क्षेत्र में भी काम करती है।
- मुंबई। हिंदुजा समूह ने रिजर्व बैंक द्वारा निजी क्षेत्र के बैंकों में प्रवर्तकों को 26 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने की अनुमति देने के फैसले का स्वागत किया है। उल्लेखनीय है कि हिंदुजा ने पूर्व में इंडसइंड बैंक में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की अनुमति के लिए केंद्रीय बैंक के पास आवेदन किया था। हिंदुजा की इकाई, आईआईएचएल मॉरीशस इंडसइंड बैंक की प्रवर्तक है। उसने बैंक में अपनी हिस्सेदारी 15 प्रतिशत की पिछली सीमा से बढ़ाकर 26 प्रतिशत तक करने के लिए रिजर्व बैंक के पास आवेदन किया था। इसके अलावा हिंदुजा ने इस मामले में स्थिति साफ करने को भी कहा था कि क्योंकि उसके प्रतिद्वंद्वी कोटक महिंद्रा बैंक के प्रवर्तकों को अपनी हिस्सेदारी 26 प्रतिशत करने की अनुमति दी गई थी। हालांकि कोटक महिंद्रा को यह अनुमति रिजर्व बैंक को अदालतों में घसीटने के बाद मिली थी। आईआईएचएल के चेयरमैन अशोक हिंदुजा ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि प्रवर्तकों को अधिक हिस्सेदारी की अनुमति खासकर ऐसे समय जब भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ने के लिए तैयार है, सभी हितधारकों के लिए फायदेमंद होगी। इसमें नियामक, बैंकिंग संस्थान और उसके ग्राहक सभी शामिल हैं।'' रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को निजी क्षेत्र के बैंकों पर संशोधित दिशानिर्देश जारी किए। इन दिशानिर्देशों के तहत प्रवर्तकों को निजी क्षेत्र के बैंकों में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने की अनुमति दी गई है। हालांकि, पूर्व गवर्नरों सहित विभिन्न हलकों के विरोध के बाद कॉरपोरेट समूहों को बैंकों के स्वामित्व की अनुमति नहीं दी गई है। रिजर्व बैंक के आंतरिक कार्यसमूह ने इस बारे में सिफारिश की थी। हिंदुजा ने कहा कि आईआईएचएल अब परिचालन दिशानिर्देशों का इंतजार कर रही है क्योंकि यह प्रवर्तकों द्वारा और पूंजी डालकर अपनी हिस्सेदारी को 26 प्रतिशत तक बढ़ाने के लिए एक अवसर है।
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दुबई । सयुंक्त अरब अमीरात (यूएई) में आयोजित एक्सपो 2020 दुबई में भारतीय प्रतिनिधि मंडल ने भारत को वस्त्र और कपड़ों के लिए पसंदीदा भागीदार बताया। उन्होंने निर्यातकों को अफ्रीका और यूरोप के प्रवेश द्वार की तरह यूएई का उपयोग करने की आवश्यकता पर जोर दिया। भारत के कपड़ा उद्योग का एक प्रतिनिधिमंडल यहां नेटवर्किंग सत्र 'संयुक्त अरब अमीरात और विश्व के साथ जुड़ाव' के लिए एकत्र हुआ था ताकि क्षेत्र में अवसरों को बताया जा सके। इस सत्र के दौरान प्रतिनिधि मंडल ने भारत को वस्त्र और कपड़ों के लिए पसंदीदा गंतव्य भागीदार बताया और भारतीय निर्यातकों को अफ्रीका और यूरोप को निर्यात के प्रवेश द्वार की तरह यूएई का उपयोग करने की आवश्यकता पर बल दिया।
- नयी दिल्ली। सरकार ने शुक्रवार को कहा कि देश के उत्तरी राज्यों से टमाटर की नई फसल की आवक के साथ दिसंबर से इसके भाव नरम पड़ने की उम्मीद है। टमाटर का अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य बेमौसम बारिश के कारण पिछले वर्ष की तुलना में 63 प्रतिशत बढ़कर 67 रुपये प्रति किलो होने के साथ सरकार का यह बयान आया है। वहीं प्याज के मामले में, खुदरा कीमतें वर्ष 2020 और वर्ष 2019 के स्तर से काफी नीचे आ गई हैं।खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कहा, "देश के उत्तरी राज्यों से टमाटर की आवक दिसंबर की शुरुआत से ही शुरू हो जाएगी। इससे उपलब्धता बढ़ेगी और कीमतों में गिरावट आएगी। दिसंबर में आवक पिछले साल के बराबर रहने की उम्मीद है।" इस साल नवंबर में आवक 19.62 लाख टन थी, जो एक साल पहले की समान अवधि में 21.32 लाख टन थी।टमाटर की कीमतों में बढ़ोतरी के कारणों के बारे में बताते हुए, मंत्रालय ने कहा कि पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में बेमौसम बारिश के कारण सितंबर के अंत से टमाटर की खुदरा कीमतें बढ़ी हैं। बारिश की वजह से टमाटर की फसल को नुकसान हुआ और इन राज्यों से आने में देरी हुई। बयान में कहा गया है कि उत्तर भारतीय राज्यों से देरी से आवक के बाद तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में भारी बारिश हुई, जिससे आपूर्ति बाधित हुई और फसल को भी नुकसान हुआ। मंत्रालय ने कहा कि टमाटर की कीमत अत्यधिक अस्थिर है। आपूर्ति श्रृंखला में किसी भी तरह की बाधा या भारी बारिश के कारण क्षति होने से कीमतों में तेजी आती है। इसके विपरीत, थोक मात्रा में आवक और लॉजिस्टिक की समस्या होने पर बाजार में अधिक आपूर्ति की स्थिति पैदा हे जाती है। इसके परिणामस्वरूप खुदरा कीमतों में गिरावट आती है। इस महीने 25 नवंबर तक टमाटर का अखिल भारतीय औसत मूल्य 67 रुपये प्रति किलो था जो पिछले साल की तुलना में 63 प्रतिशत अधिक है। कृषि मंत्रालय के अनुसार, चालू वर्ष में टमाटर का खरीफ (गर्मी) उत्पादन 69.52 लाख टन है, जबकि पिछले साल 70.12 लाख टन टमाटर का उत्पादन हुआ था। हालांकि, प्याज के मामले में, मंत्रालय ने कहा कि कीमतों में काफी कमी आई है और यह स्तर 2020 और 2019 में खुदरा कीमतों से नीचे है। आकंड़े के अनुसार 25 नवंबर को प्याज का अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य 39 रुपये प्रति किलो था जो पिछले साल की तुलना में 32 प्रतिशत कम है। मंत्रालय ने कहा कि उसने मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) के तहत बनाए गए 2.08 लाख टन के बफर प्याज स्टॉक को उन राज्यों और शहरों के लिए व्यवस्थित और लक्षित तरीके से जारी किया जहां कीमतें पिछले महीने की तुलना में बढ़ रही थीं। लासलगांव और पिंपलगांव जैसे बाजारों में भी स्टॉक की उपलब्धता बढ़ाने के लिए इस स्टॉक को जारी किया गया। सरकार की मदर डेयरी की सफल इकाइयों को भी परिवहन लागत सहित 26 रुपये प्रति किलो प्याज की आपूर्ति की गई है। मंत्रालय ने कहा, "बफर से प्याज की भारी मात्रा के जारी किये जाने से कीमतों में स्थिरता आई है।"सरकारी आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार को टमाटर की खुदरा कीमत राष्ट्रीय राजधानी में 75 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई, जबकि दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में कीमतों में नरमी आई, लेकिन अभी भी यह कीमत अधिक ही है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, चेन्नई में, टमाटर की खुदरा कीमत 22 नवंबर को 100 रुपये किलो के उच्चतम स्तर से शुक्रवार को घटकर 63 रुपये प्रति किलो रह गई। इसी तरह, तिरुवनंतपुरम में, कीमत उक्त अवधि में 103 रुपये किलो से घटकर 80 रुपये प्रति किलो रह गई। पुडुचेरी में शुक्रवार को टमाटर की कीमत 22 नवंबर को 100 रुपये प्रति किलो से घटकर 45 रुपये प्रति किलो रह गई। हालांकि, हैदराबाद में, कीमत दो दिनों के दौरान पहले के 90 रुपये प्रति किलो से थोड़ा कम होकर 72 रुपये प्रति किलो रह गई। बेंगलूरु में, खुदरा बाजारों में टमाटर की कीमत 88 रुपये प्रति किलो के उच्च स्तर पर बनी रही। पोर्ट ब्लेयर में, कीमत 22 नवंबर को 113 रुपये प्रति किलोग्राम से शुक्रवार को बढ़कर 143 रुपये प्रति किलो हो गई। आंकड़ों के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में टमाटर की खुदरा कीमत शुक्रवार को बढ़कर 75 रुपये प्रति किलो हो गई, जो 22 नवंबर को 63 रुपये प्रति किलो थी। हालांकि, दिल्ली में प्याज और आलू की खुदरा कीमतों में नरमी आयी है। खुदरा प्याज की कीमत 35 रुपये प्रति किलो और आलू 20 रुपये प्रति किलो पर चल रही थी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, टमाटर का औसत अखिल भारतीय अधिकतम खुदरा मूल्य शुक्रवार को बढ़कर 143 रुपये प्रति किलो हो गया, जो 22 नवंबर को 113 रुपये प्रति किलो था।