- Home
- बिजनेस
-
नयी दिल्ली. चार्टर्ड अकाउंटेंट के शीर्ष निकाय आईसीएआई ने बुधवार को कहा कि नया आयकर विधेयक एक सरल और स्पष्ट ढांचा प्रदान करता है। यह कारोबार सुगमता को बढ़ाएगा और भारत के पसंदीदा निवेश गंतव्य बनने के लक्ष्य का समर्थन करता है। संसद ने मंगलवार को एक नया आयकर विधेयक पारित किया। यह छह दशक पुराने आयकर अधिनियम, 1961 की जगह लेगा। नया आयकर विधेयक एक अप्रैल, 2026 से लागू होगा। भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (आईसीएआई) ने कहा कि इस विधेयक में संसदीय प्रवर समिति के कई सुझाव शामिल हैं। समिति आईसीएआई और अन्य संबंधित पक्षों से परामर्श किया था। आईसीएआई ने बुधवार को बयान में कहा कि विधेयक में संस्थान के लगभग 90 सुझावों पर विचार किया गया है।
सुझावों में वैकल्पिक न्यूनतम कर (एएमटी) केवल उन व्यक्तियों पर लागू करना शामिल है जिन्होंने कुछ आय या निवेश से जुड़ी कर कटौती के संबंध में कटौती का दावा किया है। साथ ही रिफंड का दावा करने के लिए नियत तारीख को या उससे पहले रिटर्न दाखिल करने की आवश्यकता को हटाने की बात शामिल है। आईसीएआई ने कहा, ‘‘संरचना और प्रावधानों को व्यवस्थित करके, नया विधेयक एक सरल और स्पष्ट कर ढांचा प्रदान करके कारोबार सुगमता बढ़ाने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस प्रकार, यह भारत के निवेश के लिए पसंदीदा गंतव्य बनने के लक्ष्य का समर्थन करता है। - नयी दिल्ली. स्वीडिश फर्नीचर एवं गृहसज्जा कंपनी आइकिया ने बुधवार को कहा कि भारत की तेज आर्थिक वृद्धि, युवा जनसंख्या एवं बढ़ते उपभोक्ता वर्ग को देखते हुए अगले तीन दशक तक यहां वृद्धि की जबर्दस्त संभावनाएं हैं। आइकिया इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) पैट्रिक एंटनी ने पश्चिमी दिल्ली के एक मॉल में एक सिटी स्टोर का उद्घाटन करते हुए कहा कि कंपनी स्थानीय स्तर से उत्पादों की खरीद का स्तर मौजूदा 30 प्रतिशत से बढ़ाकर अगले पांच साल में 50 प्रतिशत करने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत में आइकिया अब वृद्धि के दूसरे चरण में पहुंच चुकी है और बड़े आकार के स्टोर, छोटे ‘सिटी स्टोर' और ऑनलाइन बिक्री सभी को जोड़कर बहु-माध्यम रणनीति अपना रही है। फिलहाल कुल बिक्री का लगभग 30 प्रतिशत ऑनलाइन माध्यम से आता है। आइकिया ने 2018 में हैदराबाद से अपना भारतीय खुदरा कारोबार शुरू किया था और अब मुंबई, बेंगलुरु के अलावा नोएडा, गुरुग्राम, लखनऊ एवं चंडीगढ़ में भी इसकी विस्तार की योजना है। इसके मेगा स्टोर आमतौर पर शहरों के बाहरी इलाकों में होते हैं, जबकि छोटे स्टोर मॉल के भीतर खोले जा रहे हैं ताकि ग्राहकों तक नजदीकी पहुंच बनाई जा सके। एंटनी ने कहा, ‘‘ऑनलाइन और ऑफलाइन अनुभव को अगर हम साथ जोड़ देते हैं तो कुल बिक्री में काफी तेजी देखने को मिलती है। हमारे लिए ऑफलाइन एवं ऑनलाइन का मिश्रण कामयाबी का मंत्र साबित हुआ है।'' वित्त वर्ष 2023-24 में आइकिया के भारतीय कारोबार का राजस्व 1,852.7 करोड़ रुपये रहा जिसमें ऑनलाइन बिक्री की हिस्सेदारी करीब 30 प्रतिशत थी। उन्होंने कहा कि भौतिक स्टोर में खरीदारी का एक अलग अनुभव होता है और कंपनी ग्राहकों तक अधिक संख्या में पहुंचने के लिए कई तरह के स्टोर की मौजूदगी होनी जरूरी है। एंटनी ने कहा कि उच्च किराया दरों के बावजूद भारत में परिचालन लागत तुलनात्मक रूप से कम है और यहां व्यावसायिक संभावनाएं भी उज्ज्वल दिख रही हैं।
-
नयी दिल्ली. शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह चालू वित्त वर्ष में अबतक 3.95 प्रतिशत घटकर 6.64 लाख करोड़ रुपये रहा। कर संग्रह में कमी का कारण रिफंड का अधिक होना है। मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली। प्रत्यक्ष कर में कंपनियों, व्यक्तियों, पेशेवरों और अन्य संस्थाओं की आय पर कर शामिल हैं। शुद्ध कंपनी कर संग्रह लगभग 2.29 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि गैर-कंपनी कर (जिसमें व्यक्ति, हिंदू अविभाजित परिवार और कंपनी शामिल हैं) संग्रह 4.12 लाख करोड़ रुपये रहा। आंकड़ों के अनुसार, एक अप्रैल से 11 अगस्त के बीच प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) संग्रह 22,362 करोड़ रुपये रहा। शुद्ध रूप से संग्रह 3.95 प्रतिशत घटकर लगभग 6.64 लाख करोड़ रुपये रहा। यह पिछले वित्त वर्ष (2024-25) की इसी अवधि में 6.91 लाख करोड़ रुपये था। चालू वित्त वर्ष में अब तक जारी किया गया रिफंड 10 प्रतिशत बढ़कर 1.35 लाख करोड़ रुपये रहा। एक अप्रैल से 11 अगस्त के बीच सकल संग्रह (रिफंड से पहले) 1.87 प्रतिशत घटकर 7.99 लाख करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले इसी अवधि में 8.14 लाख करोड़ रुपये था। सरकार ने चालू वित्त वर्ष (2025-26) में प्रत्यक्ष कर संग्रह 25.20 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया है, जो सालाना आधार पर 12.7 प्रतिशत अधिक है। सरकार का लक्ष्य वित्त वर्ष 2025-26 में एसटीटी से 78,000 करोड़ रुपये एकत्र करना है।
-
मुंबई. उद्योगपति मुकेश अंबानी की अगुवाई वाला अंबानी परिवार 28 लाख करोड़ रुपये की कुल संपत्ति के साथ देश का सबसे समृद्ध कारोबारी घराना है जबकि अदाणी परिवार 14.01 लाख करोड़ रुपये की कुल संपत्ति के साथ दूसरे स्थान पर है। मंगलवार को एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। शोध एवं रैंकिंग फर्म हुरुन ने कारोबारी घरानों की संपत्ति में पिछले एक साल में आए बदलाव पर यह रिपोर्ट बार्कलेज के साथ मिलकर तैयार की है। रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 300 सबसे मूल्यवान परिवारों की कुल संपत्ति 140 लाख करोड़ रुपये (1.6 लाख करोड़ डॉलर) से अधिक है, जो देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 40 प्रतिशत है। अकेले अंबानी परिवार की ही संपत्ति देश की जीडीपी के 12 प्रतिशत के बराबर है।
पिछले एक साल में अंबानी परिवार की संपत्ति में 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसके साथ अंबानी परिवार ने देश में सबसे अधिक संपत्ति वाले परिवार के तौर पर अपना शीर्ष स्थान बरकरार रखा है। वहीं, गौतम अदाणी की अगुवाई वाले अदाणी परिवार को ‘पहली पीढ़ी के उद्यमी' के तौर पर शुरू सबसे मूल्यवान पारिवारिक कारोबार का मालिक बताया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले एक साल में कुमार मंगलम बिड़ला परिवार की संपत्ति 20 प्रतिशत बढ़कर 6.47 लाख करोड़ रुपये हो गई। इसी के साथ यह परिवार कई पीढ़ियों वाले कारोबारी घराने की सूची में दूसरे पायदान पर पहुंच गया। जिंदल परिवार भी 21 प्रतिशत उछाल के साथ 5.70 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ एक स्थान ऊपर चला गया। वहीं, बजाज परिवार संपत्ति में 21 प्रतिशत गिरावट के चलते चौथे स्थान पर खिसक गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि शीर्ष 300 कारोबारी परिवारों ने पिछले साल रोजाना औसतन 7,100 करोड़ रुपये की संपत्ति बनाई। इस दौरान एक अरब डॉलर से अधिक संपत्ति वाले परिवारों की संख्या 37 बढ़कर 161 हो गई है। दिलचस्त बात यह है कि इस सूची में शामिल एक चौथाई से अधिक कारोबार शेयर बाजारों में सूचीबद्ध नहीं हैं। सूची में शामिल 89 प्रतिशत कारोबार भौतिक उत्पादों की बिक्री करते हैं जबकि 11 प्रतिशत सेवाएं प्रदान करते हैं। सर्वाधिक संपत्ति वाले कारोबारी घरानों में मुंबई से 91, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से 62 और कोलकाता से 25 परिवार इस सूची में शामिल हैं। वहीं, 62 परिवार अब पेशेवर मुख्य कार्यपालक नियुक्त कर कारोबार चला रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, अगले पांच वर्षों में करीब 130 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति इन परिवारों की अगली पीढ़ी को हस्तांतरित होने का अनुमान है। शीर्ष परिवारों ने पिछले साल विभिन्न कारणों से 5,100 करोड़ रुपये की राशि दान में दी।
हालांकि रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका में शुल्क वृद्धि के चलते 120 से अधिक कारोबारी घरानों के अरबों डॉलर के निर्यात पर अगले 12 महीने में असर पड़ सकता है। -
नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार मंगलवार के कारोबारी सत्र में लाल निशान में बंद हुआ। बाजार में चौतरफा बिकवाली देखने को मिली। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 368.49 अंक या 0.46 प्रतिशत की गिरावट के साथ 80,235.59 और निफ्टी 97.65 अंक या 0.40 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 24,487.40 पर था। गिरावट का नेतृत्व बैंकिंग शेयरों ने किया।
निफ्टी बैंक 467.05 अंक या 0.84 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 55,043.70 पर थानिफ्टी बैंक 467.05 अंक या 0.84 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 55,043.70 पर था। इसके साथ फाइनेंशियल सर्विसेज इंडेक्स एक प्रतिशत से अधिक की गिरावट के साथ बंद हुआ। वहीं, एफएमसीजी, रियल्टी, प्राइवेट बैंक और इन्फ्रा इंडेक्स भी हरे निशान में बंद हुए।मिडकैप में गिरावट और स्मॉलकैप में मामूली तेजी रही; निफ्टी मिडकैप 100, 0.27% घटकर 56,324.85 और निफ्टी स्मॉलकैप 100, 6.40 अंक बढ़कर 17,498.10 पर बंद हुआइसके अलावा मिडकैप और स्मॉलकैप में मिलाजुला रुझान देखा गया। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 154.15 अंक या 0.27 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 56,324.85 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 6.40 अंक की मामूली तेजी के साथ 17,498.10 पर था।सेंसेक्स पैक में मारुति सुजुकी, टेक महिंद्रा, एमएंडएम, एनटीपीसी, टाटा स्टील, टाइटन, सन फार्मा, अल्ट्राटेक सीमेंट, एलएंडटी और एचसीएल टेक शीर्ष लाभकर्ता रहेसेंसेक्स पैक में मारुति सुजुकी, टेक महिंद्रा, एमएंडएम, एनटीपीसी, टाटा स्टील, टाइटन, सन फार्मा, अल्ट्राटेक सीमेंट, एलएंडटी और एचसीएल टेक टॉप गेनर्स थे। बजाज फाइनेंस, ट्रेंट, एचयूएल, एचडीएफसी बैंक, इटरनल और आईसीआईसीआई बैंक टॉप लूजर्स थे।अमेरिका में महंगाई के आंकड़े फेड के नीतिगत रुख को प्रभावित कर सकते हैंजियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने बताया,”अमेरिका में महंगाई के आंकड़े फेड के नीतिगत रुख को प्रभावित कर सकते हैं। इस बीच, घरेलू महंगाई आरबीआई की सीमा से नीचे बनी रहने की उम्मीद है। सेक्टरोल आधार पर, हेल्थ केयर सर्विसेज और ऑटोमोबाइल शेयरों में बढ़त दर्ज की गई, जबकि फाइनेंशियल और रियल एस्टेट शेयरों ने इंडेक्स में गिरावट दर्ज की गई।शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 0.10 प्रतिशत या 80 अंक बढ़कर 80,684 पर पहुंच गया और निफ्टी 0.11 प्रतिशत की बढ़त के साथ 24,612 स्तर पर पहुंच गयानिकट भविष्य में, शेयर विशेष गतिविधियां जारी रहने की संभावना है क्योंकि निवेशकों का ध्यान अस्थिरता से निपटने के लिए घरेलू उपभोग-आधारित क्षेत्रों पर केंद्रित रहेगा।” शेयर बाजार तेजी के साथ खुला था। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 0.10 प्रतिशत या 80 अंक बढ़कर 80,684 पर पहुंच गया और निफ्टी 0.11 प्रतिशत की बढ़त के साथ 24,612 स्तर पर पहुंच गया। - नयी दिल्ली,। बेमौसम बारिश और समय से पहले मानसून आने से कमरे में लगने वाले एयर कंडीशनर बनाने वाली सूचीबद्ध कंपनियों का राजस्व जून तिमाही में 34 प्रतिशत तक प्रभावित हुआ। वोल्टास, ब्लू स्टार और हैवेल्स सहित सूचीबद्ध कंपनियों ने जून तिमाही में अपने आवासीय कमरा एयर कंडीशनिंग (आरएसी) खंड में 13-34 प्रतिशत की गिरावट का सामना किया। इससे उनके राजस्व और मार्जिन पर अल्पकालिक दबाव बना है। बारिश के अलावा पिछले वर्ष की इसी तिमाही के उच्च आधार ने भी जून, 2025 तिमाही में कंपनियों के नतीजों पर दबाव बनाया। पिछले साल भीषण गर्मी से विनिर्माताओं को लाभ हुआ था और उन्होंने रिकॉर्ड बिक्री दर्ज की थी। हालांकि, कुछ कंपनियों ने इस साल अपने वाणिज्यिक एयर कंडीशनिंग व्यवसाय में बेहतर प्रदर्शन की सूचना दी है और उम्मीद है कि यह गति जारी रहेगी। वोल्टास ने पहली तिमाही के नतीजों के विश्लेषण में कहा कि मौसम संबंधी अस्थिरता का एयर कंडीशनिंग श्रेणी पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा और चरम मांग में कमी आई। घरेलू कंपनी हैवेल्स के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक अनिल राय गुप्ता ने कहा कि बारिश के कारण कंपनी के पंखे और रूम कूलर कारोबार में भी गिरावट देखी गई है। इसी प्रकार ब्लू स्टार का उपभोक्ता केंद्रित रूम एसी कारोबार से राजस्व जून, 2025 की तिमाही में सालाना आधार पर 13.3 प्रतिशत घटकर 1,499.37 करोड़ रुपये रह गया।
-
नयी दिल्ली। उद्योग निकाय सीआईआई ने रविवार को कहा कि भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने के लिए देश भर में 3-5 प्रतिशत की एक समान स्टांप शुल्क दरों जैसे व्यापक भूमि सुधारों की जरूरत है। सीआईआई ने आम सहमति पर आधारित सुधारों के लिए जीएसटी परिषद जैसी संस्था के गठन पर जोर दिया। एक बयान में कहा गया कि संरक्षणवाद और व्यापार युद्ध के चलते चुनौतियां हैं, लेकिन भारत का स्थिर नीतिगत ढांचा, मजबूत औद्योगिक क्षमताएं, बड़ा घरेलू बाजार और युवा कार्यबल इसे एक आकर्षक निवेश गंतव्य बनाता है। इसके अलावा कई देशों के बीच एक विश्वसनीय और सक्षम भागीदार के रूप में भारत की प्रतिष्ठा से भी इसे बढ़त मिलती है। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने प्रत्येक राज्य में एकीकृत भूमि प्राधिकरण स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है, और रूपांतरण प्रक्रिया के पूर्ण डिजिटलीकरण की भी वकालत की है। इसके अलावा राज्यों में स्टांप शुल्क दरों को 3-5 प्रतिशत की एक समान सीमा तक युक्तिसंगत बनाने का सुझाव दिया है। सीआईआई ने कहा कि राज्यों को ऐसी भूलेख प्रणाली अपनानी चाहिए जो स्पष्ट स्वामित्व सुनिश्चित करे।
- इस्लामाबाद,। भारतीय विमानन कंपनियों के लिए पाकिस्तान का हवाई क्षेत्र बंद होने से पाकिस्तान हवाई अड्डा प्राधिकरण को दो महीने में 4.1 अरब रुपये का नुकसान हुआ है। आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान और भारत ने एक-दूसरे की विमानन कंपनियों के लिए अपने-अपने हवाई क्षेत्र बंद कर दिए थे। चार दिन के सैन्य संघर्ष के कारण दोनों देशों के बीच संबंध ओर अधिक बिगड़ने के बाद हवाई क्षेत्र पर प्रतिबंध बढ़ा दिया गया। भारत ने छह मई की रात ‘ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों को तबाह कर दिया। ‘डॉन अखबार' की खबर में बताया गया कि रक्षा मंत्रालय ने नेशनल असेंबली को सूचित किया कि भारत में पंजीकृत विमानों के लिए हवाई क्षेत्र बंद होने से पाकिस्तान हवाई अड्डा प्राधिकरण को 4.1 अरब रुपये का नुकसान हुआ है। मंत्रालय ने कहा कि यह नुकसान 24 अप्रैल से 30 जून के बीच का है।इसने यह भी कहा कि यह रकम कुल नुकसान नहीं, बल्कि सिर्फ कमाई में कमी को दिखाती है। यह भी बताया गया कि हवाई क्षेत्र के उपयोग और हवाई सेवाओं से जुड़े शुल्कों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। पाकिस्तान का हवाई क्षेत्र भारतीय विमानन कंपनियों और विमानों को छोड़कर सभी के लिए खुला है। इसी तरह, भारतीय हवाई क्षेत्र में पाकिस्तानी विमानन कंपनियों के विमानों के प्रवेश पर प्रतिबंध जारी है। भाषा खारी नेत्रपाल
- नयी दिल्ली।, भारतीय शेयर बाजार में कमजोरी का सिलसिला जारी रहने की वजह से बीते सप्ताह देश की शीर्ष 10 मूल्यवान कंपनियों में से छह के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में 1.36 लाख करोड़ रुपये से अधिक की गिरावट आई। इसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज को सबसे बड़ा झटका लगा। बीएसई का मानक सूचकांक सेंसेक्स लगातार छठे सप्ताह गिरावट के साथ बंद हुआ। पिछल हफ्ते सेंसेक्स 742.12 अंक यानी 0.92 प्रतिशत गिरा, जबकि निफ्टी में 202.05 अंक यानी 0.82 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। इस गिरावट के बीच रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक, भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, इन्फोसिस और हिंदुस्तान यूनिलीवर जैसी दिग्गज कंपनियों के बाजार मूल्य में गिरावट दर्ज की गई। हालांकि, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) और बजाज फाइनेंस को इस दौरान लाभ हुआ। सबसे अधिक गिरावट रिलायंस इंडस्ट्रीज को झेलनी पड़ी, जिसका बाजार पूंजीकरण 34,710.8 करोड़ रुपये घटकर 18,51,174.59 करोड़ रुपये रह गया। एचडीएफसी बैंक का बाजार पूंजीकरण 29,722.04 करोड़ रुपये घटकर 15,14,303.58 करोड़ रुपये रह गया। आईसीआईसीआई बैंक का पूंजीकरण भी 24,719.45 करोड़ रुपये घटकर 10,25,495.69 करोड़ रुपये और इन्फोसिस का 19,504.31 करोड़ रुपये की गिरावट के साथ 5,91,423.02 करोड़ रुपये रह गया। इस अवधि में भारती एयरटेल का पूंजीकरण 15,053.55 करोड़ रुपये घटकर 10,59,850.32 करोड़ रुपये और हिंदुस्तान यूनिलीवर का पूंजीकरण 12,441.09 करोड़ रुपये घटकर 5,87,021.88 करोड़ रुपये पर आ गया। दूसरी तरफ, एलआईसी की बाजार हैसियत 17,678.37 करोड़ रुपये बढ़कर 5,77,187.67 करोड़ रुपये पर पहुंच गई।इस दौरान टीसीएस का मूल्यांकन 11,360.8 करोड़ रुपये बढ़कर 10,97,908.66 करोड़ रुपये, एसबीआई का 9,784.46 करोड़ रुपये बढ़कर 7,42,649.34 करोड़ रुपये और बजाज फाइनेंस का 186.43 करोड़ रुपये बढ़कर 5,45,148.52 करोड़ रुपये हो गया। बाजार पूंजीकरण के लिहाज से रिलायंस इंडस्ट्रीज देश की सबसे मूल्यवान कंपनी बनी रही। इसके बाद क्रमशः एचडीएफसी बैंक, टीसीएस, भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, एसबीआई, इन्फोसिस, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एलआईसी और बजाज फाइनेंस का स्थान रहा।
-
नई दिल्ली। देश में सुरक्षित और स्वच्छ खानपान को बढ़ावा देने के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने अब तक 3 लाख से अधिक स्ट्रीट फूड विक्रेताओं को प्रशिक्षण दिया है। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
उन्होंने बताया कि 2017 में शुरू किए गए फूड सेफ्टी ट्रेनिंग एंड सर्टिफिकेशन (FoSTaC) कार्यक्रम के तहत ‘स्ट्रीट फूड वेंडिंग’ नामक विशेष पाठ्यक्रम तैयार किया गया है, जिसके माध्यम से स्ट्रीट फूड व्यवसाय से जुड़े संचालकों और कर्मचारियों को खाद्य सुरक्षा और मानकों का प्रशिक्षण दिया जाता है।एफएसएसएआई निरीक्षण, जागरूकता अभियान और कड़े प्रवर्तन के जरिए स्ट्रीट फूड की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करता है। इसके तहत नियमित रूप से निगरानी, निरीक्षण और खाद्य उत्पादों के रैंडम सैंपल की जांच की जाती है। यदि किसी मामले में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के तहत नियमों का उल्लंघन पाया जाता है, तो संबंधित व्यवसाय संचालकों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाती है।वहीं ईट राइट इंडिया आंदोलन के तहत एफएसएसएआई ईट राइट स्ट्रीट फूड हब प्रमाणन कार्यक्रम भी चला रहा है, ताकि स्ट्रीट फूड में स्वच्छता और सुरक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ाई जा सके। अब तक देशभर में 405 ईट राइट स्ट्रीट फूड हब प्रमाणित किए जा चुके हैं।इसके अलावा दूरदराज के क्षेत्रों में मौके पर ही खाद्य परीक्षण और सुरक्षा संबंधी जानकारी देने के लिए एफएसएसएआई ने मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब भी शुरू की हैं। अब तक देश के 35 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 305 मोबाइल लैब तैनात की गई हैं। -
नई दिल्ली। होंडा ने अपने यूके सोशल मीडिया हैंडल पर एक टीज़र जारी किया है जिसमें एक इलेक्ट्रिक बाइक को कैमोफ्लाज में ढका हुआ दिखाया गया है. यह बाइक EV Fun Concept से काफी मिलती-जुलती लग रही है, जिसे EICMA 2024 में शोकेस किया गया था. होंडा के पोर्टफोलियो में अभी तक कोई इलेक्ट्रिक बाइक नहीं है.
होंडा ने हाल ही में एक टीज़र जारी किया है जिसमें एक कैमोफ्लाज टेस्ट म्यूल दिखाया गया है, जिससे पता चलता है कि बाइक अभी भी डिवेलपिंग फेज में है. टीज़र की शुरुआत इसके TFT डैश को दिखाने से होती है, इसके बाद एक वर्टिकल LED DRL – बिल्कुल EV Fun Concept की तरह. इसमें 17-इंच के पहियों के साथ एक सिंगल-साइड स्विंगआर्म देखने को मिलता है, जो 150-सेक्शन Pirelli Rosso 3 टायर्स में लिपटे हुए हैं. टीज़र में 2 सितंबर की डेट भी दिखाई गई है. अंत में, इसमें मोटर की आवाज़ का एक ऑडियो क्लिप भी है, जो कंफर्म होता है कि यह वास्तव में एक EV है.हाई एंड परफॉर्मेंस की उम्मीदपिछले साल EICMA में, Honda ने कहा था कि EV Fun Concept 500cc मोटरसाइकिल के बराबर है, और प्रोडक्शन मॉडल से हाई एंड परफॉर्मेंस की उम्मीद की जा सकती है. हालांकि, यह जापानी निर्माता का इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल में पहला प्रयास नहीं है. हाल ही में, उसने चीन में Honda E-VO लॉन्च की थी, हालांकि E-VO को लोकल ब्रांड Wuyang के साथ पार्टनरशिप में डिवेलप की गई है.होंडा का पहला सोलो प्रोजेक्टयह अपकमिंग मॉडल, हालांकि, Honda का इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल क्षेत्र में पहला सोलो प्रोजेक्ट हो सकता है. हालांकि, भारत में लॉन्च की संभावना फिलहाल नहीं दिख रही है, क्योंकि कंपनी वर्तमान में घरेलू बाजार में अपने इलेक्ट्रिक स्कूटरों के रोलआउट को प्रायरिटी दे रही है. -
चेन्नई। भारतीय रिज़र्व बैंक के डिप्टी-गवर्नर स्वामीनाथन जानकीरामन ने शनिवार को कहा कि 'री-केवाईसी' शिविर जैसी वित्तीय समावेशन की पहल केवल बैंकिंग पहुंच बढ़ाने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ये ग्राहकों को वित्तीय साक्षरता के माध्यम से सशक्त बनाती हैं। तिरुवल्लूर ज़िले में इंडियन बैंक (मुख्यालय चेन्नई) द्वारा आयोजित वित्तीय समावेशन कार्यक्रम में जानकीरामन ने ऐसे आयोजनों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे शिविर लोगों को बैंक शाखा में जाए बिना ही अपना री-केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) पूरा करने में मदद करते हैं। इंडियन बैंक की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, आरबीआई के डिप्टी गवर्नर ने कहा, ''वित्तीय समावेशन का मतलब केवल बैंकिंग तक पहुंच प्रदान करना नहीं है, बल्कि वित्तीय साक्षरता के माध्यम से लोगों को अपने जीवन को बेहतर बनाने और देश की आर्थिक प्रगति में योगदान करने में सक्षम बनाना भी है।
-
चांदी 1,500 रुपये मजबूत
नयी दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत बृहस्पतिवार को 3,600 रुपये उछलकर 1,02,620 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। भारतीय आयात पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त अमेरिकी शुल्क की घोषणा के बाद निवेशकों ने सुरक्षित निवेश विकल्पों की ओर रुख किया, जिससे सोने के दाम में तेजी आई। अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना बुधवार को 99,020 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। राष्ट्रीय राजधानी में, 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 3,600 रुपये उछलकर 1,02,200 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। पिछले कारोबारी सत्र में यह 98,600 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) सौमिल गांधी ने कहा कि सोने की कीमतों में तेजी का कारण नए सिरे से उत्पन्न व्यापार को लेकर चिंताएं हैं जिनसे पारंपरिक सुरक्षित-संपत्तियों की मांग बढ़ी है।'' उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, अमेरिकी प्रशासन ने भारतीय आयातों पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगा दिया, जिससे दोनों अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार तनाव और बढ़ गया।'' सर्राफा संघ के अनुसार, इसके अलावा, बृहस्पतिवार को चांदी की कीमतें 1,500 रुपये बढ़कर 1,14,000 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) हो गईं। बुधवार को चांदी 1,12,500 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। इस बीच, न्यूयॉर्क में हाजिर सोना 9.76 डॉलर या 0.29 प्रतिशत बढ़कर 3,379.15 डॉलर प्रति औंस हो गया।
एलकेपी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष (शोध विश्लेषक...जिंस और मुद्रा) जतीन त्रिवेदी ने कहा, ‘‘अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत 3,375 डॉलर के स्तर से ऊपर रही। इसे डॉलर सूचकांक के 98 से नीचे कमजोर होने से समर्थन मिला।'' उन्होंने कहा, ‘...वैश्विक व्यापार शुल्क और नए रूसी प्रतिबंधों पर कारोबारियों की नजर है। दोनों ही सोने की कीमतों में तेजी का कारण बन रहे हैं।'' विदेशी बाजार में हाजिर चांदी 1.37 प्रतिशत बढ़कर 38.34 डॉलर प्रति औंस पर रही।
मिराए एसेट शेयर खान के प्रवीण सिंह ने कहा, ‘‘अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चिप आयात पर 100 प्रतिशत शुल्क लगाने की चेतावनी दे रहे हैं और व्यापार तनाव सोने के लिए सकारात्मक है। इसके अलावा, राष्ट्रपति ट्रंप इस हफ्ते अगले फेडरल रिजर्व अध्यक्ष की घोषणा भी कर सकते हैं। -
लखनऊ. अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने युवाओं से पारंपरिक सोच से आगे बढ़ने को कहा है। उन्होंने कहा कि "भविष्य कभी भी उनका नहीं होगा जो सुरक्षित खेलते हैं, बल्कि उनका होगा जो संभावनाओं को अधिकतम करते हैं।" अरबपति उद्योगपति ने भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) लखनऊ में बृहस्पतिवार को छात्रों को संबोधित करते इस बात पर भी ज़ोर दिया कि 2050 तक भारत 25,000 अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था की ‘महाशक्ति' बन जाएगा, जिसकी ओर ‘वैश्विक गुरुत्वाकर्षण केंद्र' होगा। कृत्रिम मेधा, एल्गोरिथम आधारित निर्णय लेने और वैश्विक अनिश्चितता के युग में शिक्षा की भूमिका पर बोलते हुए अदाणी ने कहा, "डीसी मॉडल, पोर्टर के पांच बल और एसडब्ल्यूओटी विश्लेषण जैसे ढांचों का अध्ययन करने का व्यवसाय की दुनिया में अपना स्थान है, लेकिन ये धारणाओं और पूर्वज्ञान पर आधारित होते हैं। ये आपको जोखिम को कम करना सिखाते हैं, लेकिन भविष्य को अधिकतम नहीं बनाना सिखाते, क्योंकि भविष्य कभी भी उनका नहीं होगा जो सुरक्षित खेलते हैं। यह उनका है जो संभावनाओं को अधिकतम करते हैं।'' उन्होंने उपस्थित लोगों से कहा कि भविष्य को आकार देने के लिए कल्पनाशीलता, जोखिम उठाने और दृढ़ विश्वास की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा, ‘‘संभावनाओं को अधिकतम करने का मतलब है बाज़ार के तैयार होने का संकेत देने से पहले ही क्षेत्र निर्माण में कदम रखना।'' अदाणी समूह की मुंद्रा, धारावी और ऑस्ट्रेलिया जैसी कुछ चुनौतीपूर्ण परियोजनाओं का ज़िक्र करते हुए, उन्होंने आगे कहा, ‘‘ये सिर्फ़ व्यावसायिक कार्य नहीं हैं, बल्कि कल्पनाशीलता के कार्य हैं, दुनिया को जैसी है वैसी स्वीकार न करने और उसे जैसी हो सकती है वैसी देखने का साहस।'' उन्होंने छात्रों से पाठ्य पुस्तकों से आगे सोचने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा ‘‘व्यावसायिक ढांचा आपको पहले से नापा हुआ, पहले से चिह्नित और सुरक्षित कैनवास प्रदान करते हैं। लेकिन भारत को खाली जगहों को भरने वाले और चित्रकारों की ज़रूरत नहीं है। उसे ऐसे लोगों की ज़रूरत है जो कैनवास पर ही सवाल उठा सकें, जो ऐसे रंगों से चित्रकारी कर सकें जिनकी अभी तक कल्पना भी नहीं की गई है। और यही, अभी, आपका क्षण है क्योंकि भारत वह कैनवास है जो असाधारण युग में खड़ा है।'' अदाणी ने कहा कि देश का परिवर्तन ‘चार अजेय शक्तियों" - जनसांख्यिकी, मांग, डिजिटल बुनियादी ढांचा और घरेलू पूंजी द्वारा संचालित हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘पहली है जनसांख्यिकी - हम इस धरती पर सबसे युवा, सबसे महत्वाकांक्षी कामकाजी आबादी हैं। एक अरब सपने साकार होने के लिए तैयार हैं।'' ‘‘दूसरी है मांग। हम 2030 तक न केवल उपभोग करके, बल्कि दुनिया के लिए बाज़ार बनाकर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दौड़ में हैं।'' उन्होंने तीसरी शक्ति के रूप में भारत के डिजिटल बुनियादी ढाँचे पर प्रकाश डाला। ‘‘किसी भी देश ने वह नहीं बनाया है जो हमने बनाया है - जैसे आधार, यूपीआई और ओएनडीसी। ये केवल मंच नहीं हैं, बल्कि समावेश, नवाचार और पैमाने के लिए ‘लॉन्च पैड' हैं।'' ‘‘और चौथी है घरेलू पूंजी। हमारे इतिहास में पहली बार भारतीय धन भारतीय विचारों का साहस, दृढ़ विश्वास और ऐसी तत्परता के साथ समर्थन कर रहा है जो हमने पहले कभी नहीं देखी।'' उन्होंने कहा, ‘‘आप 5,000 या 10,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था की कल्पना नहीं कर रहे होंगे, बल्कि आप एक ऐसे भारत की कल्पना कर रहे होंगे जो 2050 तक 25,000 अरब डॉलर की महाशक्ति बन जाएगा। वैश्विक गुरुत्वाकर्षण का केंद्र बदल जाएगा और यह आपकी और भारत की ओर होगा।'' छात्रों से भारत के सभ्यतागत मूल्यों में अपनी जड़ें जमाने का आग्रह करते हुए, अदाणी ने कहा, ‘‘आपने दुनिया भर में लिखी गई पुस्तकों का अध्ययन किया होगा, लेकिन याद रखें कि कुछ गहरा है और कुछ ऐसा है जो हर भारतीय जानता है जो कोई भी पाठ्य पुस्तक आपको कभी नहीं सिखा सकती।' - वाशिंगटन/ नयी दिल्ली. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को रूस से तेल खरीद जारी रखने पर भारत से आयातित वस्तुओं पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क लगाने के कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए। इसके साथ ही भारतीय उत्पादों पर अमेरिका में लगने वाला शुल्क अब बढ़कर 50 प्रतिशत हो गया है।इस कदम से कपड़ा, समुद्री उत्पाद और चमड़ा निर्यात जैसे क्षेत्रों पर बुरा असर पड़ने की आशंका है।इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने कहा कि ये कदम ''अनुचित और अविवेकपूर्ण'' हैं।विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमेरिका ने भारत पर अतिरिक्त शुल्क लगाने का फैसला किया है। साथ ही, भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा। ट्रंप ने पिछले सप्ताह ही 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की थी। उन्होंने इस शुल्क के लागू होने से चंद घंटे पहले अतिरिक्त शुल्क लगाने वाले आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए। इस आदेश के बाद कुछ रियायत प्राप्त वस्तुओं को छोड़कर भारतीय वस्तुओं पर कुल शुल्क 50 प्रतिशत हो जाएगा। आदेश में कहा गया है, ''मूल्य के अनुरूप लगाया गया शुल्क... ऐसे आयातों पर लागू किसी भी अन्य शुल्क, फीस, कर, वसूली और प्रभार के अतिरिक्त होगा।'' प्रारंभिक शुल्क सात अगस्त से प्रभावी होगा जबकि अतिरिक्त शुल्क 21 दिन बाद लागू होगा।ट्रंप ने मंगलवार को चेतावनी देते हुए कहा था कि वह रूस से तेल एवं गैस खरीदने के लिए भारत पर 24 घंटे में भारी शुल्क की घोषणा करेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा था कि यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस इस तेल बिक्री से हासिल राशि का इस्तेमाल कर रहा है जबकि भारत सस्ता तेल पाने के लिए इस पहलू पर ध्यान नहीं दे रहा है। ट्रंप ने 30 जुलाई को भारतीय उत्पादों पर 25 प्रतिशत शुल्क की घोषणा करते समय भी कहा था कि वह रूस से तेल एवं गैस खरीदने की वजह से भारत पर अलग से जुर्माना लगाएंगे। आदेश में ट्रंप ने कहा, ''मुझे लगता है कि भारत सरकार इस समय प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से रूसी संघ से तेल आयात कर रही है। इसलिए, और लागू कानून के मुताबिक, अमेरिका के सीमा शुल्क क्षेत्र में आयातित भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत की अतिरिक्त शुल्क दर लागू होगी।'' भारत अपनी जरूरत का लगभग 88 प्रतिशत कच्चा तेल विदेश से खरीदता है। भारत 2021 तक आयातित कुल कच्चे तेल का मुश्किल से 0.2 प्रतिशत ही रूस से खरीदता था। लेकिन रूस अब भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता है। भारत ने जुलाई में प्रतिदिन लगभग 50 लाख बैरल तेल का आयात किया, जिसमें से 16 लाख बैरल रूस से आया।नए शुल्क के बाद, अमेरिका में भारत एवं ब्राजील के उत्पादों पर सबसे अधिक 50 प्रतिशत शुल्क लगेगा। ऐसे में भारत के प्रतिस्पर्धी देश अमेरिकी बाजार में बेहतर स्थिति में होंगे, क्योंकि उनका शुल्क कम है। अमेरिका ने म्यांमार पर 40 प्रतिशत, थाईलैंड और कंबोडिया पर 36 प्रतिशत, बांग्लादेश पर 35 प्रतिशत, इंडोनेशिया पर 32 प्रतिशत, चीन और श्रीलंका पर 30 प्रतिशत, मलेशिया पर 25 प्रतिशत, फिलीपींस और वियतनाम पर 20 प्रतिशत शुल्क लगाया है। यह घोषणा ऐसे समय में हुई है, जब अमेरिकी दल प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर छठे दौर की बातचीत के लिए 25 अगस्त को भारत आने वाला है। जिन क्षेत्रों को इन शुल्कों से नुकसान होगा, उनमें कपड़ा/ परिधान, रत्न और आभूषण, झींगा, चमड़ा और जूते, पशु उत्पाद, रसायन, और बिजली तथा यांत्रिक मशीनरी शामिल हैं। हालांकि दवा, ऊर्जा उत्पादों (कच्चा तेल, परिष्कृत ईंधन, प्राकृतिक गैस, कोयला और बिजली) महत्वपूर्ण खनिज और इलेक्ट्रॉनिक्स तथा अर्धचालकों की एक विस्तृत श्रृंखला पर ये शुल्क लागू नहीं होंगे। निर्यातकों के अनुसार इस कदम से अमेरिका को भारत के 86 अरब डॉलर के निर्यात पर गंभीर असर पड़ेगा।भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (फियो) के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा, ''यह बेहद चौंकाने वाला कदम है। इससे अमेरिका को भारत के 55 प्रतिशत निर्यात पर असर पड़ेगा।'' इस घोषणा को प्रस्तावित बीटीए में अमेरिकी मांगों के पक्ष में नयी दिल्ली पर दबाव बनाने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। अमेरिका कुछ औद्योगिक वस्तुओं, इलेक्ट्रिक वाहनों, वाइन, पेट्रोकेमिकल उत्पादों, कृषि उत्पादों, डेयरी उत्पादों, सेब और आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलों पर शुल्क में रियायत की मांग कर रहा है।
- नयी दिल्ली.भारतीय तेल रिफाइनरी कंपनियां रूस से तेल आयात की गति धीमी होने और अपने आयात बास्केट में विविधता लाने के उपाय तेज कर सकती हैं। इसके पीछे वजह यह है कि भारत, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क की घोषणा से होने वाले असर का आकलन कर रहा है। ट्रंप ने बुधवार को एक कार्यकारी आदेश जारी किया, जिसमें रूस से तेल आयात जारी रखने पर भारत से आयातित उत्पादों पर शुल्क को दोगुना करके 50 प्रतिशत कर दिया गया है। सरकार ने पेट्रोलियम कंपनियों को व्यावसायिक व्यवहार्यता को ध्यान में रखते हुए कच्चा तेल खरीदने की पूरी छूट दी है। लेकिन घटनाक्रम से परिचित तीन सूत्रों ने बताया कि रिफाइनरी संतुलन बनाने के लिए अमेरिका और अन्य गैर-ओपेक आपूर्तिकर्ताओं से आयात बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ताजा शुल्क आदेश के बाद रिफाइनरी रूस से तेल आयात को लेकर सतर्क रुख अपनाएंगी।उन्होंने कहा कि सरकार ने अभी तक उन्हें रूस से कच्चे तेल की खरीद बंद करने या गति धीमी करने के लिए नहीं कहा है। ट्रंप के कार्यकारी आदेश जारी करने के फौरन बाद अधिकारियों ने संभावित परिणामों और विकल्पों पर चर्चा करते हुए एक बैठक की। सूत्रों ने यह भी कहा कि रूस के तेल पर छूट घटकर दो डॉलर प्रति बैरल से भी कम रह गई है, जिससे अब रूसी तेल खरीदने पर कोई खास आर्थिक लाभ नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि भारत इस समय रूस से जितनी बड़ी मात्रा में तेल खरीद रहा है, उसे देखते हुए तेजी से इसे कम करना लगभग असंभव होगा। चीन और तुर्किये से आगे निकलते हुए भारत इस समय रूसी कच्चे तेल का सबसे बड़ा आयातक है।
-
नयी दिल्ली. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारतीय वस्तुओं पर घोषित 25 प्रतिशत शुल्क का देश के सकल घरेलू उत्पाद पर ''नगण्य'' प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि इससे अमेरिका को होने वाला सिर्फ 8.1 अरब अमेरिकी डॉलर का निर्यात प्रभावित हो सकता है। पीएचडीसीसीआई ने बुधवार को जारी एक अध्ययन में यह संभावना जताई। अमेरिका द्वारा घोषित शुल्क सात अगस्त, 2025 से लागू होने वाला है। पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) के अध्ययन में अमेरिकी शुल्क के असर को कम करने के लिए कई उपायों की सिफारिश भी की गई है। पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष हेमंत जैन ने कहा, ‘‘हमारे विश्लेषण से पता चलता है कि अमेरिका द्वारा भारत पर घोषित 25 प्रतिशत शुल्क के चलते भारत के कुल वैश्विक वस्तु निर्यात पर सिर्फ 1.87 प्रतिशत और भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर सिर्फ 0.19 प्रतिशत का असर पड़ेगा।'' अध्ययन में कहा गया कि शुल्क से इंजीनियरिंग सामान, रत्न एवं आभूषण और तैयार वस्त्र उद्योग प्रभावित होंगे। उद्योग निकाय ने अमेरिकी शुल्क के मद्देनजर बाजार में पैठ बढ़ाने, उत्पाद विकास और बाजार विविधीकरण सहित कई उपायों की सिफारिश की है।
-
नयी दिल्ली. स्टॉकिस्टों की ताजा खरीदारी के कारण सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में सोने की कीमत 400 रुपये बढ़कर 98,020 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी। शुक्रवार को 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 97,620 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी।
राष्ट्रीय राजधानी में, 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना सोमवार को 300 रुपये बढ़कर 97,800 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) हो गया। पिछले बाजार बंद में यह सोना 97,500 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। इसके अलावा, सोमवार को चांदी की कीमत 500 रुपये बढ़कर 1,10,000 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) हो गई। शुक्रवार को चांदी की कीमत 1,09,500 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। एलकेपी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष शोध विश्लेषक - (जिंस और मुद्रा) जतिन त्रिवेदी ने कहा, ‘‘कमजोर रुपये और शुक्रवार को निराशाजनक वृहद अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों के कारण सोने की कीमतों में काफी मजबूती रही। इन आंकड़ों ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों को सहारा दिया, जो 3,355 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गयी।'' उन्होंने कहा, ‘‘शुल्क संबंधी चिंताओं और रुपये की विनिमय दर में गिरावट ने तेजी की गति को और बढ़ा दिया। आने वाले सप्ताह में, निवेशक अपना ध्यान आगामी रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति बैठक और अमेरिकी विनिर्माण आंकड़ों पर केंद्रित करेंगे, जो निकट भविष्य में सर्राफा कीमतों की दिशा को लेकर मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।'' इस बीच, न्यूयॉर्क में हाजिर सोना 3,363.83 डॉलर प्रति औंस पर रहा।
मिराए एसेट शेयर खान के सह-उपाध्यक्ष (मुद्रा एवं जिंस) प्रवीण सिंह ने कहा, ‘‘दरों में कटौती की उम्मीद में जोखिम वाली संपत्तियों की बोली लगने के कारण हाजिर सोना 3,355 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा है।'' सिंह ने कहा, ‘‘हालांकि, शुल्क संबंधी चिंताओं के कारण भारतीय रुपये में तेज गिरावट से घरेलू सोने की कीमतों को समर्थन मिला है।'' हालांकि, विदेशी बाजारों में हाजिर चांदी की कीमत 0.43 प्रतिशत बढ़कर 37.20 डॉलर प्रति औंस हो गई। -
नई दिल्ली। संचार मंत्रालय द्वारा रविवार को जारी एक बयान के अनुसार, भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) और नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (एनआरएल) ने भारत के डिजिटल परिवर्तन और औद्योगिक आधुनिकीकरण को गति देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए एक ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता ज्ञापन बीएसएनएल और एनआरएल के लिए रिफाइनरी क्षेत्र में भारत के पहले 5जी सीएनपीएन (कैप्टिव नॉन-पब्लिक नेटवर्क) की स्थापना के लिए सहयोग का मार्ग प्रशस्त करता है, जिससे सुरक्षित, अति-विश्वसनीय और रियल-टाइम औद्योगिक कनेक्टिविटी के एक नए युग की शुरुआत होगी।
यह पहल मिशन-क्रिटिकल कार्यों में स्वदेशी 5G तकनीक की क्षमता का लाभ उठाने की ओर एक निर्णायक कदम हैबयान में बताया गया है कि यह पहल मिशन-क्रिटिकल कार्यों के लिए स्वदेशी 5जी इंफ्रास्ट्रक्चर का लाभ उठाने की दिशा में एक अग्रणी कदम है। बयान में कहा गया है कि बीएसएनएल और एनआरएल के बीच इस साझेदारी से दूसरे औद्योगिक क्षेत्रों में अनुकरणीय मॉडलों के लिए मंच तैयार होने की उम्मीद है, जिससे केंद्र सरकार के डिजिटल रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को बल मिलेगा।गुवाहाटी में वित्त मंत्रालय की देखरेख में आयोजित ‘इंडस्ट्री 4.0 वर्कशॉप’ में सीपीएसई के लिए इस एमओयू पर हस्ताक्षर हुएगुवाहाटी में वित्त मंत्रालय के तत्वावधान में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) के लिए आयोजित ‘इंडस्ट्री 4.0 वर्कशॉप’ के दौरान इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। वर्कशॉप में कई वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया, जिनमें लोक उद्यम विभाग (डीपीई) के सचिव, एनआरएल के सीएमडी, बीएसएनएल के निदेशक (उद्यम व्यवसाय), एनआरएल के एमडी, एमट्रॉन के एमडी और वित्त मंत्रालय तथा विभिन्न सीपीएसई के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।वर्कशॉप में चर्चाओं का केंद्र सीपीएसई को परिवर्तनकारी इंडस्ट्री 4.0 तकनीकें अपनाने के लिए सशक्त बनाना रहावर्कशॉप के दौरान हुई चर्चाओं में सीपीएसई को परिवर्तनकारी इंडस्ट्री 4.0 तकनीकों को अपनाने के लिए सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिनमें 5जी सीएनपीएन , डिजिटल ट्विन्स , एआई के साथ 3डी प्रिंटिंग , वर्चुअल फॉर्मूलेशन , एआर/वीआर/एमआर , आईओटी और बिग डेटा एनालिटिक्स शामिल हैं, ताकि इनोवेशन, दक्षता और आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा दिया जा सके।डीपीई सचिव ने इस पहल की सराहना करते हुए इसे सरकार के ‘संपूर्ण सरकार’ (WOG) दृष्टिकोण का उत्कृष्ट उदाहरण बतायाडीपीई सचिव ने इस पहल की सराहना करते हुए इसे सरकार के ‘संपूर्ण सरकार (डब्ल्यूओजी) दृष्टिकोण का एक उत्तम उदाहरण बताया। एनआरएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ने कहा कि 5जी सीएनपीएन के इंटीग्रेशन से न केवल परिचालन दक्षता और साइबर सुरक्षा में वृद्धि होगी, बल्कि एआर/वीआर-आधारित प्रशिक्षण, डिजिटल ट्विन्स और रियल-टाइम आईओटी अनुप्रयोगों जैसी परिवर्तनकारी तकनीकों को भी सक्षम बनाया जा सकेगा। बीएसएनएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक ए. रॉबर्ट जे. रवि ने कहा, “यह साझेदारी नेक्स्ट जनरेशन डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ भारत के रणनीतिक क्षेत्रों को सशक्त बनाने के लिए बीएसएनएल की प्रतिबद्धता का उदाहरण है।” - कोलकाता. शोध फर्म इक्रा के मुताबिक चालू सत्र में खरीफ फसलों की बुवाई पिछले साल के स्तर से पर्याप्त अधिक हो सकती है। इक्रा ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा कि अनुकूल मानसून की मदद से, सामान्य बुवाई क्षेत्र के 76 प्रतिशत पर खरीफ की बुवाई पूरी हो चुकी है और जुलाई 2025 तक इसमें सालाना आधार पर चार प्रतिशत की वृद्धि होगी। जून और जुलाई के बरसात के महीनों में बोई जाने वाली खरीफ फसलें मुख्य रूप से मूंग, चावल और मक्का हैं।रिपोर्ट में कहा गया कि अगस्त और सितंबर के दौरान सामान्य से अधिक बारिश का मौसम विभाग का पूर्वानुमान खरीफ फसलों की निरंतर बुवाई के लिए अच्छा संकेत है, और जलाशयों के भर जाने से अक्टूबर से मार्च तक रबी सत्र के दौरान भी बुवाई को बढ़ावा मिलेगा। इक्रा की रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई 2025 के दौरान भारत में सामान्य से अधिक बारिश हुई है।रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि पूरे दक्षिण-पश्चिम मानसून सत्र के दौरान बारिश की मात्रा दीर्घावधि औसत (एलपीए) के 106 प्रतिशत से अधिक होने का अनुमान है। इक्रा का अनुमान है कि 2025-26 की पहली तिमाही के दौरान कृषि, वानिकी और मत्स्य पालन में सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) वृद्धि लगभग 4.5 प्रतिशत होगी। साथ ही, वास्तविक ग्रामीण मजदूरी में वृद्धि जनवरी 2025 के शून्य स्तर से बढ़कर मई 2025 में चार प्रतिशत हो जाएगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे ग्रामीण उपभोग मांग को बढ़ावा मिलेगा।
-
नई दिल्ली। भारत की विश्वसनीय सरकारी दूरसंचार कंपनी, भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) ने शुक्रवार को अपना बहुप्रतीक्षित एक सीमित अवधि का 1 रुपए वाला ऑफर, 'फ्रीडम प्लान' लॉन्च किया है, जिसमें उपभोक्ताओं को पूरे एक महीने के लिए बीएसएनएल की 4G मोबाइल सेवाओं का इस्तेमाल करने का मौका मिलता है। यह पहल बीएसएनएल द्वारा भारत के स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में शुरू की गई है और ये नागरिकों को भारत की स्वदेशी रूप से विकसित 4G तकनीक का बगैर किसी शुल्क के अनुभव करने का अवसर प्रदान करती है।
इस प्लान में शामिल हैं:असीमित वॉयस कॉल (लोकल/एसटीडी),प्रतिदिन 2 जीबी हाई-स्पीड डेटा,प्रतिदिन 100 एसएमएस, औरएक बीएसएनएल सिम—बिल्कुल मुफ़्त।इस ऑफर की घोषणा करते हुए, बीएसएनएल के सीएमडी, श्री ए. रॉबर्ट जे. रवि ने कहा:"'आत्मनिर्भर भारत' मिशन के तहत डिज़ाइन, विकसित और लागू किए गए बीएसएनएल के 4G के साथ, हमें भारत को उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल करने पर गर्व है, जिन्होंने अपना स्वयं का टेलीकॉम स्टैक तैयार किया है। हमारा 'फ्रीडम प्लान' हर भारतीय को 30 दिनों के लिए इस स्वदेशी नेटवर्क को मुफ़्त में परखने और अनुभव करने का मौका देता है और हमें भरोसा है कि वे बीएसएनएल में आए फर्क को महसूस करेंगे।"उन्होंने कहा कि बीएसएनएल देश भर में मेक-इन-इंडिया तकनीक का उपयोग करके, 1,00,000 4G साइट्स स्थापित कर रहा है, और यह पहल सुरक्षित, उच्च-गुणवत्ता और किफ़ायती मोबाइल कनेक्टिविटी के साथ डिजिटल इंडिया को सशक्त बनाने की दिशा में एक अहम मील का पत्थर है।सभी नागरिक नज़दीकी बीएसएनएल ग्राहक सेवा केंद्र, रिटेलर पर जाकर या टोल-फ्री नंबर 1800-180-1503 पर कॉल करके फ्रीडम प्लान का लाभ उठा सकते हैं।"बीएसएनएल के मेड-इन-इंडिया 4G के साथ आज़ादी का जश्न मनाएँ" - मुंबई। ऊंची कीमतों के बीच अप्रैल-जून तिमाही के दौरान सोने की वैश्विक मांग सालाना आधार पर तीन प्रतिशत बढ़कर 1,249 टन हो गई है। विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) ने बृहस्पतिवार को एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी। डब्ल्यूजीसी की 2025 की दूसरी तिमाही की स्वर्ण मांग प्रवृत्ति रिपोर्ट के अनुसार, मजबूत स्वर्ण निवेश प्रवाह ने तिमाही वृद्धि को काफी हद तक बढ़ावा दिया। तेजी से अप्रत्याशित होते भू-राजनीतिक माहौल और मूल्य गति ने मांग को बनाए रखा। रिपोर्ट कहती है, “गोल्ड ईटीएफ में निवेश की कुल मांग में महत्वपूर्ण भूमिका रही।गोल्ड ईटीएफ में तिमाही के दौरान 170 टन का प्रवाह हुआ, जबकि 2024 की दूसरी तिमाही में इसमें मामूली निकासी देखने को मिली थी।'' रिपोर्ट में कहा गया, “एशियाई सूचीबद्ध कोषों ने 70 टन के साथ अमेरिकी प्रवाह के साथ तालमेल बनाए रखते हुए प्रमुख योगदान दिया। पहली तिमाही में रिकॉर्ड निवेश के साथ, वैश्विक गोल्ड ईटीएफ की मांग 397 टन तक पहुंच गई, जो 2020 के बाद पहली छमाही का उच्चतम योग है।” इस बीच, सोने के बिस्कुट और सिक्के में निवेश भी सालाना आधार पर 11 प्रतिशत बढ़कर 307 टन हो गया।चीनी निवेशकों ने सालाना 44 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 115 टन का निवेश किया, जबकि भारतीय निवेशकों ने दूसरी तिमाही में कुल 46 टन का निवेश किया। पश्चिमी बाज़ारों में अलग-अलग रुझान उभरे, जहां दूसरी तिमाही में यूरोपीय शुद्ध निवेश दोगुने से भी ज़्यादा बढ़कर 28 टन हो गया, जबकि अमेरिका में सोने के बिस्कुट और सिक्कों की मांग आधी होकर नौ टन रह गई। केंद्रीय बैंकों ने खरीदारी जारी रखी और इस साल अप्रैल-जून तिमाही में पोलैंड, तुर्की और अज़रबैजान ने 166 टन की खरीदारी की। इस सुस्ती के बावजूद, जारी आर्थिक और भू-राजनीतिक अनिश्चितता के कारण केंद्रीय बैंक की खरीदारी काफी ऊंचे स्तर पर बनी रही। रिपोर्ट में कहा गया, “हमारे वार्षिक केंद्रीय बैंक सर्वेक्षण से पता चलता है कि 95 प्रतिशत रिजर्व प्रबंधकों का मानना है कि अगले 12 महीनों में वैश्विक केंद्रीय बैंक स्वर्ण भंडार में वृद्धि होगी।” आभूषणों की मांग में गिरावट जारी रही, खपत की मात्रा में 14 प्रतिशत की गिरावट आई और यह 2020 में कोविड महामारी के दौरान देखे गए निम्नतम स्तर के करीब पहुंच गई।
- नयी दिल्ली। टाटा मोटर्स एक अरब यूरो इक्विटी पूंजी जुटाने की योजना बना रही है। कंपनी इटली की वाणिज्यिक वाहन विनिर्माता इवेको ग्रुप के अधिग्रहण के वास्ते आवश्यक 3.8 अरब यूरो के लिए यह राशि जुटा रही है। इस अधिग्रहण से यह वैश्विक स्तर पर चौथी सबसे बड़ी ट्रक विनिर्माता कंपनी बन जाएगी।कंपनी ने बुधवार को घोषणा की थी कि वह इवेको ग्रुप का अधिग्रहण करेगी जिसमें रक्षा कारोबार शामिल नहीं है। यह सौदा 3.8 अरब यूरो (करीब 38,240 करोड़ रुपये) में होगा, जो भारतीय वाहन विनिर्माता कंपनी का सबसे बड़ा अधिग्रहण होगा। टाटा मोटर्स समूह के मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) पी. बी. बालाजी ने कॉन्फ्रेंस कॉल में कहा, ‘‘ मॉर्गन स्टेनली और एमयूएफजी द्वारा प्रतिबद्ध ‘ब्रिज फाइनेंसिंग' सुविधा के माध्यम से 3.8 अरब यूरो का वित्तपोषण पहले ही सुरक्षित कर लिया गया है ...उम्मीद है कि लेनदेन के पूरा होने के बाद अगले 12 से 18 महीने में इक्विटी और दीर्घकालिक ऋण के संयोजन द्वारा इसे समाप्त कर दिया जाएगा।'' ‘ब्रिज फाइनेंसिंग' एक अल्पकालिक ऋण है जिसका उपयोग अक्सर तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति या कंपनी को एक बड़े, दीर्घकालिक ऋण या वित्तपोषण स्रोत के आने से पहले तत्काल नकदी की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा, ‘‘ हमें उम्मीद है कि यह लेनदेन अगले साल अप्रैल तक पूरा हो जाएगा, बशर्ते सभी नियामकीय मंजूरियां मिल जाएं।''
-
नयी दिल्ली. सहकारी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी इफको ने के. जे. पटेल को अपना नया प्रबंध निदेशक (एमडी) नियुक्त किया है। पूर्व प्रमुख यू. एस. अवस्थी का कार्यकाल आज यानी बृहस्पतिवार को समाप्त हो रहा है। इफको के अध्यक्ष दिलीप संघानी ने बयान में कहा कि पटेल को नया प्रबंध निदेशक नियुक्त किया गया है।
पटेल अभी तक इफको में निदेशक (तकनीकी) थे। वह भारत के सबसे बड़े जटिल उर्वरक संयंत्र, इफको पारादीप संयंत्र का नेतृत्व कर रहे थे। उन्होंने सौराष्ट्र विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की है और उन्हें नाइट्रोजन एवं फॉस्फेट उर्वरक संयंत्रों के रखरखाव में 32 वर्ष से अधिक का समृद्ध अनुभव है। संघानी ने कहा, ‘‘ पटेल अपने साथ उद्योग की गहन समझ और सिद्ध रणनीतिक सोच लेकर आए हैं जो इफको के लक्ष्यों के अनुरूप है।'' उन्होंने इफको के साथ-साथ देश भर के किसानों के लिए निवर्तमान एमडी यू.एस. अवस्थी के योगदान और समर्पण की सराहना भी की। - नयी दिल्ली. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि सरकार ने वाहन उद्योग में भारत को दुनिया का अग्रणी देश बनाने का लक्ष्य रखा है। गडकरी ने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि वाहन क्षेत्र ने अबतक देश में 4.5 करोड़ लोगों को रोजगार दिया है, जो किसी भी अन्य क्षेत्र की तुलना में सबसे अधिक है। उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय वाहन उद्योग का आकार अब 22 लाख करोड़ रुपये हो गया है।... हम सभी का मिशन है कि इस उद्योग को दुनिया में पहले स्थान पर लेकर जाएं।'' केंद्रीय मंत्री ने कहा कि फिलहाल अमेरिका के वाहन उद्योग का आकार 78 लाख करोड़ रुपये है और चीन का वाहन उद्योग 47 लाख करोड़ रुपये है। भारत इस मामले में तीसरे स्थान पर है। गडकरी ने कहा कि 2014 में जब उन्होंने मंत्रालय का कार्यभार संभाला था, तब यह उद्योग केवल 7.5 लाख करोड़ रुपये का था। उन्होंने कहा कि वाहन क्षेत्र न केवल सबसे अधिक रोजगार दे रहा है, बल्कि केंद्र और राज्य सरकारों को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के जरिये सबसे अधिक राजस्व भी दे रहा है। हालांकि, गडकरी ने इस बात को भी स्वीकार किया कि देश में कुल प्रदूषण का 40 प्रतिशत हिस्सा परिवहन क्षेत्र से आता है। उन्होंने इस एक आर्थिक चुनौती बताते हुए उद्योग जगत से हरित और वैकल्पिक ईंधन पर जोर देने को कहा।