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मुंबई. व्यापारियों ने बृहस्पतिवार को कहा कि दिवाली और शादी के मौसम से पहले सोने की कीमतें अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर हैं, लेकिन इससे उपभोक्ता मांग में कोई कमी नहीं आई है। हालांकि, कई लोग आभूषणों की बजाय ‘‘ठोस सर्राफा'' को तरजीह दे रहे हैं। एमसीएक्स में दिन में सोने की कीमत 1,28,395 रुपये प्रति 10 ग्राम रही।
मुंबई के प्रसिद्ध झावेरी बाजार में उम्मेदलाल तिलोकचंद झावेरी ज्वेलर्स के मालिक वृषांक जैन ने कहा, ‘‘सोने की कीमतें हर दिन बढ़ रही हैं और लोग इस पर नज़र रख रहे हैं और निवेश के लिए आ रहे हैं। आभूषणों की मांग धीमी हुई है, लेकिन लोग सोने की छड़ें और सिक्के खरीद रहे हैं। इस त्योहारी मौसम और शादी के मौसम से पहले हम सोने और चांदी की छड़ों की काफी मांग देख रहे हैं।'' उन्होंने बताया, ‘‘कई खरीदार अग्रिम बुकिंग या सोने के सिक्के खरीदकर मौजूदा कीमतों पर ही खरीदारी कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें आने वाले दिनों में सोने और चांदी की कीमतों में और तेज़ी आने की उम्मीद है।'' जैन ने कहा कि उपभोक्ता अक्सर सोने को एक दीर्घकालिक निवेश के रूप में देखते हैं और भारत में इसका गहरा सांस्कृतिक महत्व भी है क्योंकि धनतेरस जैसे त्योहारों और शादियों जैसे अवसरों पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है। झावेरी बाज़ार में आए एक ग्राहक देवरस भाई परमार ने जैन की बात से सहमति जताई।परमार ने कहा, ‘दिवाली के दौरान सोना खरीदना शुभ माना जाता है और यह एक निवेश है। आपात स्थिति में हम सोने के बदले नकद प्राप्त कर सकते हैं... मेरे परिवार में हर दिवाली पर सोना खरीदने की परंपरा रही है।'' भारतीय सर्राफा आभूषण संघ के प्रवक्ता कुमार जैन ने ‘ठोस सर्राफा' खरीदने के चलन की पुष्टि की।उन्होंने आगे कहा, ‘‘शादियों के लिए लोग अपने पुराने सोने को पुनचक्रण करवाने आ रहे हैं और मांग में कोई कमी नहीं आई है। अमेरिकी व्यापार युद्ध, स्टाम्प शुल्क में वृद्धि, यूक्रेन-रूस और पश्चिम एशिया के बीच तनाव... इन सबने सोने की कीमतों में उछाल ला दिया है।'' झावेरी बाज़ार की एक अन्य ग्राहक शर्मिला ने कहा कि वह हर साल सोना खरीदती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कीमतों में उछाल के बावजूद, मैं इस बार भी सोना खरीदूंगी, शायद थोड़ी कम मात्रा में... मैं अपने बच्चों को शुभ अवसरों पर सोना खरीदने की परंपरा और यह कैसे भविष्य के लिए एक निवेश है, इसके बारे में भी सिखाना चाहती हूँ। अगर मैं कार खरीदूँगी, तो कुछ साल बाद उसकी कीमत मुझे आधी भी नहीं मिलेगी, जबकि सोने की कीमत दोगुनी हो जाएगी।'' - नयी दिल्ली. कृषि नवोन्मेषकों को वैश्विक बाजारों से जोड़ने के लिए बुधवार को अंतरराष्ट्रीय कृषि-मंच 'ग्लोबल एग्जेलरेट' पेश किया गया जिससे भारत को वैश्विक कृषि-नवाचार नेटवर्क में एक अहम केंद्र के रूप में स्थापित किया जाएगा। इस मंच को एग्वाया और बायोएसटीएल ने भारतीय अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संबंध अनुसंधान परिषद (इक्रियर) और भारतीय बीज उद्योग महासंघ (एफएसआईआई) के सहयोग से शुरू किया है। यह मंच भारत, अमेरिका, ब्राजील, ब्रिटेन, नीदरलैंड, इजराइल, अर्जेंटीना और ऑस्ट्रेलिया के स्टार्टअप, इनक्यूबेटरों और निवेशकों को जोड़ने का काम करेगा। सेंट लुइस स्थित गैर-लाभकारी संस्था बायोएसटीएल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉन रुबिन ने कहा, “वैज्ञानिक नवाचार दुनिया भर में हो रहे हैं लेकिन उनके वाणिज्यिक उपयोग और विस्तार में खाई है। एग्जेलरेट के माध्यम से हम भारत की कृषि पारिस्थितिकी को सेंट लुइस के नवाचार केंद्र से जोड़ना चाहते हैं।” एग्वाया एलएलपी में साझेदार और एफएसआईआई के सलाहकार राम कौंडिन्य ने कहा कि यह मंच विज्ञान, स्टार्टअप और बाजारों के बीच पुल का काम करेगा। उन्होंने कहा, “यह न केवल वैश्विक तकनीकों को भारतीय किसानों तक लाएगा, बल्कि भारतीय नवाचारों को भी अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पहुंचाने में मदद करेगा।” बायोएसटीएल ने 140 से अधिक स्टार्टअप को स्थापित करने में मदद की है और अपनी बायोजेनरेटर शाखा के जरिये तीन अरब डॉलर से अधिक की उद्यम पूंजी जुटाई है।
- इंदौर. मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर में दीपावली के त्योहार से पहले सोना अपनी ऊंची कीमतों के कारण आम ग्राहकों की पहुंच से दूर हो गया है, जबकि कारोबारियों के मुताबिक खरीदारों की भारी मांग के चलते थोक बाजार में चांदी की किल्लत पैदा हो गई है। सर्राफा कारोबार के जानकारों ने बताया कि यह स्थिति इसलिए भी है क्योंकि बढ़िया प्रतिफल के कारण चांदी को निवेश के आकर्षक माध्यम के तौर पर भी देखने वाले लोगों की तादाद में लगातार इजाफा हो रहा है। जानकारों के मुताबिक, स्थानीय सर्राफा बाजार में बुधवार को सोना 1,31,200 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी 1,80,500 रुपये प्रति किलोग्राम की दर पर बिकी। सर्राफा बाजार में सोने-चांदी की ऊंची कीमतों के कारण बने असामान्य हालात ने दीपावली के त्योहार की खरीदारी की तस्वीर को बदल कर रख दिया है। दीपावली की उल्टी गिनती शुरू होने के बीच दुल्हन की तरह सजे सर्राफा बाजार में सोने के जेवरात की दुकानों के मुकाबले चांदी के आभूषणों की दुकानों में ज्यादा ग्राहक नजर आ रहे हैं।सर्राफा बाजार के कारोबारी रतन जैन ने बताया,‘‘पिछले एक साल के दौरान चांदी के भाव जिस तरह बढ़े हैं, उससे आकर्षित होकर लोग इसकी खरीद को तरजीह दे रहे हैं। जाहिर है कि बढ़िया प्रतिफल की उम्मीद के कारण चांदी में लोगों का निवेश बढ़ रहा है।" उन्होंने बताया कि गुजरे एक साल के दौरान चांदी के भाव में उछाल के कारणों में निवेशकों की मांग के साथ ही औद्योगिक उपयोग और त्योहारों की खरीदारी में इजाफा शामिल है। सर्राफा बाजार के अन्य कारोबारी जिनेंद्र डुंगरवाल ने कहा, ‘‘चांदी के भाव बढ़ने के बावजूद इसकी मांग में इजाफा हो रहा है। फिलहाल थोक बाजार में प्रचलित कीमत से 20,000 रुपये अधिक मूल्य की पेशकश पर भी चांदी मिलना मुश्किल हो गया है। हालत यह है कि हम अगर आज चांदी खरीदने का सौदा करें, तो हमें 15 दिन बाद इसकी आपूर्ति की जाएगी।'' उन्होंने बताया कि स्वर्णाभूषणों के दाम अधिक होने के कारण कई लोग चांदी के जेवरात को तोहफे में देना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। डुंगरवाल ने बताया, ‘‘शादियों का मौसम अभी दूर है, लेकिन आने वाले वक्त में सोने-चांदी के जेवरात और महंगे होने के कयासों के कारण लोग अगले साल जनवरी-फरवरी में होने वाली शादियों के लिए भी अभी से आभूषण खरीदने में जुटे हैं।'' इस बीच, दीपावली के त्योहार से पहले सोने-चांदी के आसमान छूते दामों से ग्राहकों का एक तबका निराश है। अपनी मां के साथ सर्राफा बाजार पहुंची रितिका भावसार ने कहा,‘‘निम्न मध्यम वर्ग के लोग सोना खरीदने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। इससे दीपावली के त्योहार पर उनके परिवारों की खुशियों पर असर पड़ना तय है।
- नयी दिल्ली. जीएसटी सुधारों और त्योहारों के उत्साह से यात्री वाहन एवं दोपहिया वाहनों की थोक बिक्री/आपूर्ति सितंबर में बढ़ी। इससे उद्योग के लिए चालू वित्त वर्ष के सकारात्मक अंत की उम्मीद बढ़ गई है। उद्योग संगठन सियाम ने बुधवार को यह जानकारी दी। यात्री वाहनों की थोक बिक्री सितंबर में सालाना आधार पर चार प्रतिशत बढ़कर 3,72,458 इकाई हो गई जबकि सितंबर, 2024 में यह 3,56,752 इकाई था। सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) ने बयान में कहा कि सितंबर में दोपहिया वाहनों की बिक्री सात प्रतिशत वृद्धि के साथ 21,60,889 इकाई रही जबकि सितंबर, 2024 में यह 20,25,993 इकाई थी। तिपहिया वाहनों की बिक्री बढ़कर 84,077 इकाई हो गई। यह सितंबर, 2024 के 79,683 इकाई की तुलना में 5.5 प्रतिशत अधिक है। सियाम के अध्यक्ष शैलेश चंद्रा ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘ 22 सितंबर से (केवल नौ दिनों के लिए) नई माल एवं सेवा कर (जीएसटी) दरें लागू होने के बाद यात्री वाहनों, दोपहिया और तिपहिया वाहनों ने सितंबर में अपनी अब तक की सबसे अधिक बिक्री दर्ज की है।'' उन्होंने कहा कि भविष्य में प्रमुख अनुकूल परिस्थितियों से इस क्षेत्र का परिदृश्य उत्साहजनक बना हुआ है। चंद्रा ने कहा, ‘‘ जीएसटी 2.0 सुधार सरकार का एक ऐतिहासिक निर्णय है, जो भारतीय मोटर वाहन उद्योग को अगले स्तर पर पहुंचाने के अलावा पूरी अर्थव्यवस्था में जीवंतता लाएगा...'' सियाम के अनुसार, यात्री वाहनों की बिक्री जुलाई-सितंबर तिमाही में 10,39,200 इकाई रही, जो पिछले वर्ष की इसी तिमाही के 10,55,137 इकाई की तुलना में 1.5 प्रतिशत कम है। जुलाई-सितंबर 2025 में दोपहिया वाहनों की बिक्री सालाना आधार पर सात प्रतिशत बढ़कर 55,62,077 इकाई हो गई। वहीं तिपहिया वाहनों की थोक बिक्री सालाना आधार पर 10 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 2,29,239 इकाई रही। चंद्रा ने कहा कि तिमाही के पहले दो महीनों में गिरावट देखी गई और बिक्री में सुधार केवल सितंबर में नजर आया। जीएसटी में कटौती से उपभोक्ता भावना में सुधार और त्योहारों की शुरुआत इसकी मुख्य वजह रही।
- नयी दिल्ली. देश के शीर्ष आठ शहरों में चालू कैलेंडर साल की जुलाई-सितंबर की अवधि के दौरान घरों की बिक्री एक प्रतिशत घटकर 95,547 इकाई रह गई। रियल एस्टेट परामर्श कंपनी प्रॉपटाइगर ने यह जानकारी दी। प्रॉपटाइगर के अनुसार, यह गिरावट मुख्य रूप से मुंबई, पुणे और दिल्ली-एनसीआर में कम मांग के कारण आई है। प्रॉपटाइगर ने बुधवार को जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए भारत के आठ प्राथमिक आवास बाजारों के आंकड़े जारी किए। प्रॉपटाइगर का हाल ही में सूचीबद्ध कंपनी ऑरम प्रॉपटेक लिमिटेड ने अधिग्रहण किया है।आंकड़ों के अनुसार, इस कैलेंडर साल की तीसरी तिमाही के दौरान घरों बिक्री घटकर 95,547 इकाई रह गई जो पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 96,544 इकाई थी। हालांकि, बिक्री की मात्रा स्थिर हो गई है, लेकिन प्रॉपटाइगर ने बताया कि तिमाही के दौरान बेची गई संपत्तियों का कुल मूल्य सालाना आधार 14 प्रतिशत बढ़कर 1.52 लाख करोड़ रुपये हो गया। आंकड़ों पर टिप्पणी करते हुए ऑरम प्रॉपटेक के कार्यकारी निदेशक ओंकार एस ने कहा, ‘‘भारतीय आवास बाजार स्पष्ट रूप से व्यापक स्तर पर मात्रा आधारित सुधार से एक परिपक्व और सतत मूल्य-आधारित वृद्धि के चरण में प्रवेश कर रहा है।'' आठ शहरों में से मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में आवास बिक्री जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान 22 प्रतिशत घटकर 23,334 इकाई रह गई, जो एक साल पहले इसी अवधि में 30,010 इकाई थी। पुणे में, बिक्री 18,004 इकाई से 28 प्रतिशत घटकर 12,990 इकाई रह गई। दिल्ली-एनसीआर में आवासीय संपत्तियों की बिक्री 10,098 इकाई से 21 प्रतिशत घटकर 7,961 इकाई रह गई। अहमदाबाद में बिक्री 9,352 इकाई से पांच प्रतिशत घटकर 8,889 इकाई रह गई।हालांकि, प्रॉपटाइगर के आंकड़ों से पता चला है कि बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई और कोलकाता में बिक्री में वृद्धि हुई है। बेंगलुरु में, बिक्री 11,160 इकाई से 18 प्रतिशत बढ़कर 13,124 इकाई हो गई। चेन्नई में बिक्री दोगुना से भी ज्यादा होकर 3,560 से 7,862 इकाइयों पर पहुंच गई।
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नयी दिल्ली. क्विक कॉमर्स मंच जेप्टो लगातार तीसरे साल 2025 ‘लिंक्डइन टॉप स्टार्टअप इंडिया' सूची में शीर्ष स्थान पर रहा है। पेशेवर मंच लिंक्डइन की बुधवार को जारी इस सूची में एंटरप्राइज क्लाउड स्टोरेज कंपनी ल्यूसिडिटी और 10 मिनट में भोजन पहुंचाने वाले मंच स्विश को भी स्थान मिला है। इस सूची में उभरती कंपनियों को स्थान दिया गया है, जहां करियर के फलने-फूलने की सबसे अधिक संभावना है। यह चार प्रमुख मानदंडों कर्मचारी वृद्धि, सदस्य जुड़ाव, नौकरी में रुचि और शीर्ष प्रतिभाओं को आकर्षित करने की क्षमता पर आधारित है। सूची में शामिल होने वाले स्टार्टअप निजी स्वामित्व वाले होने चाहिए, उनका मुख्यालय भारत में होना चाहिए, कम से कम 30 कर्मचारी होने चाहिए और वे पांच साल से अधिक पुराने नहीं होने चाहिए। 2025 की रैंकिंग के लिए जानकारी एक जुलाई, 2024 और 30 जून, 2025 के बीच एकत्र की गई। बयान के अनुसार, ‘‘ क्विक-कॉमर्स यूनिकॉर्न जेप्टो लगातार तीसरे वर्ष सूची में शीर्ष पर रही। इसके बाद ल्यूसिडिटी दूसरे और स्विश का तीसरा स्थान रहा।'' इसमें कहा गया 20 स्टार्टअप की सूची में कृत्रिम मेधा से जुड़े स्टार्टअप जैसे वीकडे का स्थान चौथा, कॉनविन का छठा और लाइमचैट 19वें स्थान पर रहा। वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनी जार पांचवे, कार्ड91 18वे और डेजर्व का 16वा स्थान रहा।
- जमशेदपुर. । टाटा स्टील ने कंपनी के जमशेदपुर संयंत्र में तीन पालियों में महिला कर्मचारियों को तैनात करने की बुधवार को घोषणा की। कंपनी ने कहा कि 21 विभागों में 543 महिला कर्मचारियों के अगले साल एक फरवरी तक तीन पालियों में काम करने की उम्मीद है। यह तैनाती चरणबद्ध तरीके से की जाएगी। टाटा स्टील ने बयान में कहा कि उसकी अभूतपूर्व पहल ‘उड़ान: विंग्स ऑफ चेंज' के महत्वपूर्ण विस्तार के तहत मंगलवार को तीनों पालियों में महिलाओं की तैनाती की गई। कंपनी की मुख्य जन अधिकारी अत्रेयी सान्याल ने कहा, ‘‘ उड़ान: विंग्स ऑफ चेंज पहल महिलाओं को सशक्त बनाने और वास्तव में समावेशी कार्यस्थल को बढ़ावा देने के लिए टाटा स्टील की गहरी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।''
- कोलकाता। मुद्रास्फीति के मोर्चे पर अनुकूल स्थिति के साथ मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) वृद्धि को समर्थन देने के लिए नीतिगत दर में कटौती कर सकती है। क्रिसिल इंटेलिजेंस ने अक्टूबर, 2025 के लिए अपनी रिपोर्ट में यह कहा है। एमपीसी ने एक अक्टूबर को अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के दौरान नीतिगत दरों को अपरिवर्तित रखा और तटस्थ नीतिगत रुख बनाए रखा। रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘हमारा अनुमान है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति घटकर चालू वित्त वर्ष में 3.2 प्रतिशत हो जाएगी, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 4.6 प्रतिशत थी। मुद्रास्फीति के स्तर पर अनुकूल स्थिति एमपीसी को वृद्धि को समर्थन देने के लिए नीतिगत दरों में कटौती करने के लिए प्रेरित कर सकता है...।'' रिपोर्ट में अर्थव्यवस्था की राजकोषीय स्थिति का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि सरकार ने चालू वित्त वर्ष में केंद्र के राजकोषीय घाटे को पिछले वित्त वर्ष के 4.8 प्रतिशत से घटाकर सकल घरेलू उत्पाद के 4.4 प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य रखा है। सरकार की चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में बाजार से 6.77 लाख करोड़ रुपये उधार लेने की योजना है, जबकि पहली छमाही में यह आठ लाख करोड़ रुपये थी। रिपोर्ट के अनुसार, कुल मिलाकर, चालू वित्त वर्ष में सकल बाजार उधारी पांच प्रतिशत बढ़कर 14.7 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है। क्रिसिल ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में कच्चे तेल की कीमतें औसतन 62 से 67 डॉलर प्रति बैरल रहने की संभावना है, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह औसतन 78.8 डॉलर प्रति बैरल थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2025-26 में चालू खाते का घाटा (कैड) सकल घरेलू उत्पाद के एक प्रतिशत के संतोषजनक स्तर पर रहने की उम्मीद है, जबकि वित्त वर्ष 2024-25 में यह 0.6 प्रतिशत था।
- नयी दिल्ली.। लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में तेजी के साथ, बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने की कीमतें 1,000 रुपये बढ़कर 1,31,800 रुपये प्रति 10 ग्राम के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गईं। चालू त्योहारी मौसम के बीच खुदरा विक्रेताओं और आभूषण विक्रेताओं की निरंतर लिवाली के कारण यह मजबूती को देखने को मिली। अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना मंगलवार को 1,30,800 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। स्थानीय सर्राफा बाजार में, 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 1,000 रुपये बढ़कर 1,31,200 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया, जबकि इसका पिछला बंद भाव 1,30,200 रुपये प्रति 10 ग्राम था। हालांकि, चांदी की कीमतें रिकॉर्ड स्तर से 3,000 रुपये नीचे गिरकर 1,82,000 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) रह गईं। मंगलवार को यह चांदी की कीमत 6,000 रुपये बढ़कर 1,85,000 रुपये प्रति किलोग्राम के नए शिखर पर पहुंच गई थी। एचडीएफसी सिक्योरिटीज़ के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, ‘‘बुधवार को सोना नई रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया, जिसकी वजह वैश्विक कीमतों में आई भारी तेज़ी तथा घरेलू भौतिक एवं निवेश मांग का बढ़ना था।'' उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, रुपये में तेज़ी ने घरेलू बाज़ार में बढ़त को सीमित करते हुए एक अहम बाधा का काम किया, लेकिन कुल मिलाकर तेज़ी का रुख़ मज़बूत बना हुआ है, और व्यापारियों को त्योहारी सत्र की लिवाली के चरम के बीच इसके जारी रहने की उम्मीद है।'' अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों में, हाजिर सोना 4,218.32 डॉलर प्रति औंस के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। रिटेल ब्रोकिंग एंड डिस्ट्रिब्यूशन के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और पीएल कैपिटल के निदेशक संदीप रायचुरा ने कहा, ‘‘सोना अब हमारे दूसरे लक्ष्य 4,200 डॉलर प्रति औंस तक पहुँच गया है, जो अनुमान से कहीं ज़्यादा तेज़ है। चीन की निरंतर खरीदारी ने सोने और इसके दीर्घकालिक आधार पर तेज रहने के भरोसे को फिर से जगा दिया है।'' उन्होंने कहा कि ईटीएफ और अन्य उभरते बाजारों में रिजर्व बैंक की खरीदारी लगातार जारी है।विदेशी बाजारों में हाजिर चांदी 2.81 प्रतिशत बढ़कर 52.84 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही थी। मंगलवार को यह 53.62 डॉलर प्रति औंस के नए शिखर पर पहुंच गई थी। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के विश्लेषक मानव मोदी ने कहा, ‘‘अमेरिका-चीन व्यापार तनाव के कारण अनिश्चितता बढ़ने तथा फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में और कटौती की उम्मीद से सोने और चांदी दोनों के लिए सुरक्षित निवेश जारी रहा।
- नयी दिल्ली. लक्जरी कार विनिर्माता कंपनी बीएमडब्ल्यू के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) हरदीप सिंह बरार ने कहा कि कंपनी को उम्मीद है कि अगले कुछ वर्ष में उसके इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री बढ़ेगी और 2030 से पहले कुल बिक्री में इसकी हिस्सेदारी करीब 30 प्रतिशत होगी। जर्मनी की लक्जरी कार विनिर्माता कंपनी की भारत के इलेक्ट्रिक वाहन खंड की कुल बिक्री में हिस्सेदारी वर्तमान में करीब 21 प्रतिशत है। बरार ने कहा कि कंपनी देश में अपने हर वाहन खंड में इलेक्ट्रिक मॉडल लाना चाहेगी। उन्होंने कहा, ‘‘ हमने इलेक्ट्रिक खंड में अच्छा प्रदर्शन किया है। हम इसे और आगे बढ़ाना चाहेंगे। आज हम 21 प्रतिशत पर हैं और मुझे लगता है कि इसी दर से हम 2030 से पहले ही 30 प्रतिशत तक पहुंच सकते हैं, जो कि सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य है।'' बीएमडब्ल्यू ग्रुप इंडिया ने जनवरी और सितंबर के बीच 2,509 इलेक्ट्रिक बीएमडब्ल्यू और मिनी की खुदरा बिक्री की जो सालाना आधार पर 246 प्रतिशत की वृद्धि है। कुल बिक्री में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी बढ़कर 21 प्रतिशत हो गई। इसमें आईएक्स1 सबसे अधिक बिकने वाली इलेक्ट्रिक कार रही जबकि आई7 दूसरे स्थान पर रही। समग्र रणनीति के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि कंपनी अपने बिक्री नेटवर्क को बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है। बरार ने कहा, ‘‘ हमें नेटवर्क बढ़ाना होगा क्योंकि छोटे व मझोले शहरों में अच्छी वृद्धि हो रही हैं इसलिए हमें उन शहरों में भी पहुंचना होगा।'' उन्होंने कहा कि बीएमडब्ल्यू स्वामित्व की लागत कम करने के लिए वित्तीय पहल पर भी काम करेगी।बरार ने कहा, ‘‘ हम इस अंतर को कैसे पाटें और उपभोक्ताओं को यह विश्वास कैसे दिलाएं कि लक्जरी कार खरीदना महंगा नहीं है। यह आम प्रीमियम कार जितनी ही किफायती हैं। ये कुछ ऐसी चीजें हैं जिन पर हम काम करना चाहेंगे।'' बीएमडब्ल्यू ने मंगलवार को भारत में नई मिनी जॉन कूपर वर्क्स कंट्रीमैन ऑल4 पेश की। इसकी कीमत 64.9 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) है। यह कार देश में पूरी तरह से तैयार इकाई (सीबीयू) के रूप में उपलब्ध होगी। यह मॉडल 2.0 लीटर पेट्रोल इंजन के साथ आता है...जिससे यह भारत में पेश की गई अब तक की सबसे शक्तिशाली मिनी बन जाती है। बीएमडब्ल्यू ग्रुप इंडिया ने जुलाई-सितंबर 2025 में 4,204 इकाइयों के साथ तीसरी तिमाही की अपनी अब तक की सबसे अधिक कार बिक्री दर्ज की है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि से 21 प्रतिशत अधिक है। समूह ने 2025 के पहले नौ महीनों में 11,978 इकाइयों की अपनी अब तक की सबसे अधिक कार बिक्री दर्ज की जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 13 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। बीएमडब्ल्यू ब्रांड की जनवरी-सितंबर, 2025 की अवधि में 11,510 इकाइयां, मिनी ब्रांड की 468 इकाइयां बिकीं जबकि मोटरसाइकिल की बिक्री 3,976 इकाई रही।
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मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को कहा कि भारत के बैंक और उनकी विदेशी शाखाएं अब भूटान, नेपाल और श्रीलंका में रहने वाले व्यक्तियों और बैंकों को भारतीय रुपये में ऋण मुहैया करा सकती हैं। आरबीआई ने एक बयान में कहा कि यह कदम विदेशी विनिमय प्रबंधन (उधारी एवं ऋण) विनियम, 2018 और विदेशी मुद्रा खाता प्रबंधन विनियम, 2015 में संशोधनों के तहत उठाया गया है। इसका उद्देश्य ‘बाहरी व्यापार और भुगतान को सुगम बनाना' है। रिजर्व बैंक ने कहा, ‘‘भारत में अधिकृत डीलर बैंकों और उनकी विदेशी शाखाओं को अब भूटान, नेपाल और श्रीलंका में रहने वाले व्यक्तियों और बैंकों को रुपये में ऋण देने की अनुमति है, ताकि सीमापार व्यापार लेनदेन को सुविधाजनक बनाया जा सके।'' इसके अलावा जनवरी, 2025 में आरबीआई ने भारतीय निर्यातकों को यह मंजूरी दी थी कि वे विदेशों में किसी बैंक में विदेशी मुद्रा खाते खोलकर अपने निर्यात प्राप्तियों को संग्रहीत कर सकें। इन खातों में अप्रयुक्त शेष राशि को अब तक अगले महीने के अंत तक वापस भेज देना अनिवार्य था। हालांकि, आरबीआई ने अब इस अवधि को बढ़ाकर तीन महीने कर दिया है, यदि विदेशी मुद्रा खाता भारत के आईएफएससी में किसी बैंक में रखा गया हो। आरबीआई ने एक अक्टूबर, 2025 को अपनी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा के दौरान इस कदम की घोषणा की थी।
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नयी दिल्ली. खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर में आठ साल के निचले स्तर 1.54 प्रतिशत पर आ गई, जो इससे पिछले महीने 2.07 प्रतिशत थी। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार यह कमी सब्जियों और दालों सहित खाद्य पदार्थों की कीमतों में नरमी के कारण हुई। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति सितंबर, 2024 में 5.49 प्रतिशत थी। सितंबर, 2025 से पहले इसका न्यूनतम स्तर जून, 2017 में 1.46 प्रतिशत था। यह दूसरी बार है जब 2025 में खुदरा मुद्रास्फीति दो प्रतिशत से नीचे आई है। सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि उपभोक्ता कीमतों पर आधारित मुद्रास्फीति चार प्रतिशत पर बनी रहे, जिसमें दो प्रतिशत की घट-बढ़ हो सकती है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने कहा, ‘‘अगस्त, 2025 की तुलना में सितंबर की मुख्य मुद्रास्फीति में 0.53 प्रतिशत की कमी आई है। यह जून, 2017 के बाद सालाना आधार पर सबसे कम मुद्रास्फीति है।'' एनएसओ ने बयान में कहा, ‘‘सितंबर, 2025 के दौरान अनुकूल आधार प्रभाव के साथ ही सब्जियों, तेल तथा वसा, फल, दाल, अनाज, अंडे, ईंधन और प्रकाश की कीमतों में कमी के कारण मुख्य मुद्रास्फीति और खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट हुई।'' सितंबर, 2025 के दौरान खाद्य मुद्रास्फीति सालाना आधार पर शून्य से 2.28 प्रतिशत नीचे रही, जबकि अगस्त में यह शून्य से 0.64 प्रतिशत नीचे और पिछले साल सितंबर में 9.24 प्रतिशत थी। भारतीय रिजर्व बैंक ने अक्टूबर की अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति में 2025-26 के लिए अपने मुद्रास्फीति अनुमान को घटाकर 2.6 प्रतिशत कर दिया है। अगस्त में इसके 3.1 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था। एनएसओ के आंकड़ों के अनुसार, ग्रामीण भारत में मुद्रास्फीति 1.07 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 2.04 प्रतिशत रही। सबसे अधिक मुद्रास्फीति केरल में 9.05 प्रतिशत और सबसे कम उत्तर प्रदेश में शून्य से 0.61 प्रतिशत नीचे रही। आंकड़ों पर टिप्पणी करते हुए इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि सीपीआई मुद्रास्फीति सितंबर, 2025 में 99 महीने के निचले स्तर पर आ गई। ऐसा खाद्य और पेय पदार्थों की कीमतों में अनुमान से कहीं अधिक कमी के कारण हुआ। नायर ने कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि वित्त वर्ष 2025-26 में सीपीआई मुद्रास्फीति औसतन 2.6 प्रतिशत रहेगी। ऐसा जीएसटी युक्तिकरण और नरम खाद्य कीमतों के चलते होगा।'' इक्रा का मानना है कि दिसंबर, 2025 में ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की कमी हो सकती है। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (इंड-रा) के संयुक्त निदेशक पारस जसराय ने कहा कि खाद्य कीमतों में गिरावट की प्रवृत्ति अक्टूबर, 2025 तक बनी रहेगी, और टमाटर, प्याज, आलू तथा दालों जैसी प्रमुख वस्तुओं की कीमतों में दोहरे अंक में गिरावट आएगी। इंड-रा को उम्मीद है कि अक्टूबर, 2025 में खुदरा मुद्रास्फीति लगभग एक प्रतिशत होगी।
- नयी दिल्ली. वैश्विक रेटिंग एजेंसियों ने सोमवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के हालिया सुधार पैकेज से बैंकों का परिचालन वातावरण मजबूत होगा और बैंकों को ऋण प्रवाह बनाए रखने के लिए अधिक गुंजाइश मिल सकती है। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का अपेक्षित ऋण हानि (ईसीएल) ढांचे और संशोधित बासेल-3 मानदंडों को लागू करने का प्रस्ताव सही समय पर लिया गया फैसला है, जिससे बैंकों को आर्थिक वृद्धि की संभावनाओं का लाभ मिल सकेगा। एक बयान में कहा गया, ‘‘पांच साल की बदलाव की अवधि के साथ एक अप्रैल, 2027 तक ईसीएल को लागू करने से बैंकों को अपने मॉडल को बेहतर बनाने, आंकड़े जमा करने और लाभप्रदता तथा पूंजी पर ईसीएल प्रावधान के प्रभाव को कम करने का समय मिलेगा।'' एसएंडपी ने आगे कहा कि बासेल-3 सुधारों के तहत अनुमानित उच्च पूंजी अनुपात ईसीएल प्रावधानों को कम कर सकते हैं। फिच रेटिंग्स ने एक बयान में कहा कि आरबीआई का हालिया सुधार पैकेज देश के वित्तीय क्षेत्र के लिए व्यापक रूप से सकारात्मक होगा, और बेहतर नियामकीय ढांचे से बैंकों के परिचालन वातावरण को मजबूती मिलने की संभावना है। आरबीआई की योजना एक अप्रैल, 2027 से ईसीएल ढांचे को लागू करने की है, जो मौजूदा हानि-आधारित प्रावधान प्रणाली से हटकर भारत को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप लाएगा। बैंकों को मार्च, 2031 तक प्रावधान समायोजन को सुचारू करने की अनुमति होगी।
- नयी दिल्ली। अमेरिका-चीन के बीच नए व्यापारिक तनाव के बीच सुरक्षित निवेश की मांग बढ़ने से सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में सोने की कीमतें 1,950 रुपये बढ़कर 1,27,950 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए शिखर पर पहुंच गईं। अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना शुक्रवार को 1,26,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। इसके अलावा, 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 1,950 रुपये बढ़कर 1,27,350 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया। पिछले बाजार सत्र में यह 1,25,400 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। एलकेपी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषण (जिंस और मुद्रा) के उपाध्यक्ष जतिन त्रिवेदी ने कहा, ‘‘अमेरिका-चीन के बीच नए व्यापारिक तनाव के कारण सुरक्षित निवेश की मांग में फिर से तेजी आने से सोने की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है।'' अमेरिकी प्रशासन द्वारा चुनिंदा चीनी उत्पादों पर 100 प्रतिशत शुल्क वृद्धि की घोषणा और चीन द्वारा दुर्लभ मृदा खनिजों के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की धमकी ने वैश्विक अनिश्चितता और जोखिम से बचने की प्रवृत्ति को बढ़ा दिया है। त्रिवेदी ने कहा, ‘‘यह भू-राजनीतिक तनाव, साथ ही सुरक्षा चाहने वाले निवेशकों की निरंतर मांग से सोना मजबूत हो रहा है।'' सर्राफा संघ के अनुसार, हाजिर बाजारों में चांदी की कीमतों में भी ज़बर्दस्त तेजी देखी गई। सोमवार को यह 7,500 रुपये की छलांग के साथ 1,79,000 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। शुक्रवार को यह 1,71,500 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में, हाजिर सोना लगभग दो प्रतिशत बढ़कर 4,084.99 डॉलर प्रति औंस के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, ‘‘सर्राफा की कीमतें नए और अभूतपूर्व स्तर पर पहुंच गई हैं, जिसकी मुख्य वजह ज़ोरदार त्योहारी मांग और संरचनात्मक आपूर्ति एवं नकदी की कमी है।'' उन्होंने कहा, ‘‘सोने में यह उछाल मुख्य रूप से बढ़ती निवेश रुचि के कारण है, जो स्थायी भू-राजनीतिक तनाव और वैश्विक केंद्रीय बैंकों द्वारा लगातार संचय की पृष्ठभूमि में है।'' विदेशी बाजारों में हाजिर चांदी लगभग ती प्रतिशत बढ़कर 51.74 डॉलर प्रति औंस के नए सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गई। शुक्रवार को, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अतिरिक्त शुल्क लगाने की धमकी दी। दुर्लभ खनिजों पर चीन के नए निर्यात नियंत्रणों के जवाब में, एक नवंबर से चीनी वस्तुओं पर 100 प्रतिशत शुल्क लागू होगा।
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कैंडोलिम (गोवा) .चार्टर्ड अकाउंटेंट्स का शीर्ष निकाय, भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (आईसीएआई), भारत के स्वदेशी कृत्रिम मेधा (एआई) मॉडल को सूचीबद्ध कंपनियों के वित्तीय और आर्थिक आंकड़े उपलब्ध कराने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (मेइटी) के साथ बातचीत कर रहा है। मंत्रालय देश का अपना बड़ा भाषा मॉडल (एलएलएम) विकसित करने के लिए काम कर रहा है।
आईसीएआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि संस्थान भारत में विकसित किए जाने वाले एलएलएम (बड़े भाषा मॉडल) को सूचीबद्ध कंपनियों के वित्तीय और आर्थिक आंकड़े उपलब्ध कराने की योजना बना रहा है। आईसीएआई के चार लाख से अधिक सदस्य हैं।
अधिकारी ने बताया, ‘‘हम इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ बातचीत कर रहे हैं। आईसीएआई का प्रस्ताव है कि भारत में विकसित किए जा रहे एलएलएम को वित्तीय और आर्थिक डेटा उपलब्ध कराया जाए।'' उन्होंने बताया कि संस्थान के पास कंपनियों के बही-खाते, ऑडिट रिपोर्ट जैसी प्रमाणित जानकारी है, जो एआई मॉडल के लिए उपयोगी हो सकती है। आईसीएआई का कहना है कि वे प्रामाणिक और सटीक वित्तीय डेटा देने में सक्षम हैं। - मुंबई. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने शनिवार को कहा कि प्रवासी भारतीयों के लिए भारतीय बाजारों में निवेश को सुविधाजनक बनाना पूंजी बाजार नियामक का एक प्रमुख लक्ष्य है। नियामक ऐसे उपायों पर विचार कर रहा है, जिससे अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) को केवाईसी आवश्यकताओं के अनुपालन के लिए अपने देश की यात्रा न करनी पड़े। पांडेय ने यहां बीएसई ब्रोकर्स फोरम के एक कार्यक्रम में कहा, ''हम अभी तक प्रतिभूति बाजार में एनआरआई की भागीदारी को आसान बनाने के लिए सरल और सुरक्षित केवाईसी प्रक्रिया स्थापित नहीं कर पाए हैं। यह हमारे लिए एक जरूरी लक्ष्य होगा।'' पांडेय ने कहा कि सेबी आरबीआई और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के साथ संपर्क में है, ताकि एक ऐसी प्रणाली बनाई जा सके, जिसमें एनआरआई को केवाईसी सत्यापन के लिए भारत आने को मजबूर न होना पड़े।
- कोलकाता. प्रमुख आभूषण खुदरा विक्रेता सेंको गोल्ड लिमिटेड को वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी छमाही में मजबूत बिक्री की उम्मीद है। कंपनी का मानना है कि इस दौरान त्योहारी और शादी के मौसम से उसे लाभ होगा। सेंको गोल्ड ने भरोसा जताया कि इस साल सोने की कीमतों में लगभग 15 प्रतिशत की वृद्धि के बावजूद उसकी बिक्री में 18-20 प्रतिशत की वृद्धि बनी रहेगी। कंपनी ने बताया कि उसने त्योहारों और शादी के लिए अलग-अलग तरह के आभूषण तैयार किए हैं। उसे उम्मीद है कि तीसरा तिमाही साल की सबसे अच्छी बिक्री वाली तिमाही होगी, क्योंकि इस दौरान धनतेरस, दिवाली और शादी का मौसम होता है। सेंको गोल्ड के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सुवंकर सेन ने बताया, ''सालाना आधार पर सोने की कीमतें पहले ही 14-15 प्रतिशत बढ़ चुकी हैं। इसके बावजूद तीसरी और चौथी तिमाही में उपभोक्ता मांग के लिए हमारा नजरिया आशावादी है, क्योंकि आर्थिक स्थिति अच्छी है और हाल ही में जीएसटी दर में कटौती हुई है। हमें वित्त वर्ष 2025-26 में 18-20 प्रतिशत राजस्व वृद्धि हासिल होने की उम्मीद है।''
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नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार शुक्रवार के कारोबारी सत्र में हरे निशान में बंद हुआ। बाजार में चौतरफा तेजी देखी गई। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 328.72 अंक या 0.40 प्रतिशत की मजबूती के साथ 82,500.82 और निफ्टी 103.55 अंक या 0.41 प्रतिशत की बढ़त के साथ 25,285.35 पर था।
बाजार को ऊपर खींचने का काम बैंकिंग शेयरों ने कियाबाजार को ऊपर खींचने का काम बैंकिंग शेयरों ने किया। निफ्टी बैंक 417.70 अंक या 0.74 प्रतिशत की मजबूती के साथ 56,609.75 पर था। निफ्टी ऑटो (0.50 प्रतिशत), निफ्टी पीएसयू बैंक (1.67 प्रतिशत), निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज (0.44 प्रतिशत), निफ्टी एफएमसीजी (0.44 प्रतिशत) और निफ्टी एनर्जी (0.43 प्रतिशत) की मजबूती के साथ बंद हुआ।टाटा स्टील, टीसीएस, टेक महिंद्रा, टाइटन, बजाज फिनसर्व, टाटा मोटर्स और भारती एयरटेल टॉप लूजर्स थेवहीं, निफ्टी मेटल (0.91 प्रतिशत) और निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स (0.18 प्रतिशत) की गिरावट के साथ बंद हुआ। सेंसेक्स पैक में एसबीआई, मारुति सुजुकी, एक्सिस बैंक, एनटीपीसी, पावर ग्रिड, बीईएल, अदाणी पोर्ट्स, इटरनल (जोमैटो), सन फार्मा, आईटीसी, अल्ट्राटेक सीमेंट और ट्रेंट टॉप गेनर्स थे। टाटा स्टील, टीसीएस, टेक महिंद्रा, टाइटन, बजाज फिनसर्व, टाटा मोटर्स और भारती एयरटेल टॉप लूजर्स थे।एलकेपी सिक्योरिटीज के रूपक डे ने कहा कि निफ्टी ने हाल ही में कंसोलिडेशन रेंज से ब्रेक आउट दिया हैएलकेपी सिक्योरिटीज के रूपक डे ने कहा कि निफ्टी ने हाल ही में कंसोलिडेशन रेंज से ब्रेक आउट दिया है। इस कारण आने वाले समय में ट्रेंड सकारात्मक रह सकता है। अगर ऐसे में कोई भी गिरावट होती है तो यह खरीदारी का मौका हो सकती है। तेजी की स्थिति में निफ्टी 25,500-25,550 तक जा सकता है, गिरावट की स्थिति में सपोर्ट 25,150 पर है और अगर यह इस स्तर के नीचे जाता है और गिरावट बढ़ सकती है।वैश्विक स्तर पर ‘गाजा शांति समझौता’ संघर्ष समाप्त होने और क्षेत्र से भू-राजनीतिक जोखिम में कमी का संकेत देता हैजानकारों के मुताबिक, “कुल मिलाकर बाजार का माहौल सकारात्मक हो रहा है। वैश्विक स्तर पर ‘गाजा शांति समझौता’ संघर्ष समाप्त होने और क्षेत्र से भू-राजनीतिक जोखिम में कमी का संकेत देता है।” भारतीय शेयर बाजार कारोबारी सत्र में हरे निशान में खुला। बाजार में चौतरफा तेजी देखी जा रही है। सुबह 9:33 पर सेंसेक्स 227 अंक या 0.28 प्रतिशत की तेजी के साथ 82,399 और निफ्टी 63 अंक या 0.25 प्रतिशत की मजबूती के साथ 25,245 पर था। -
नयी दिल्ली. प्रीमियम मोटरसाइकिल बनाने वाली कंपनी रॉयल एनफील्ड की 350 सीसी की सभी मोटरसाइकिल अब ऑनलाइन ई-कॉमर्स मंच अमेजन से खरीदी जा सकेंगी। कंपनी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। कंपनी ने बयान में कहा कि फिलहाल पांच प्रमुख शहरों अहमदाबाद, चेन्नई, हैदराबाद, दिल्ली और पुणे के ग्राहकों के लिए ही यह सेवा शुरू की गई है। बयान में कहा गया कि क्लासिक 350, बुलेट 350, हंटर 350, गोअन क्लासिक 350 और नई मेट्योर 350 अमेजन इंडिया पर रॉयल एनफील्ड ब्रांड के बिक्री केंद्र के जरिये बेची जाएंगी। रॉयल एनफील्ड ने बताया कि मोटरसाइकिल की आपूर्ति और बिक्री के बाद की सेवाएं ग्राहक के शहर में मौजूद उनके पसंदीदा रॉयल एनफील्ड डीलरशिप के जरिये की जाएगी।
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नयी दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में बृहस्पतिवार को चांदी की कीमतें 6,000 रुपये बढ़कर 1 लाख 63 हजार रुपये प्रति किलोग्राम के नए रिकॉर्ड पर पहुंच गईं। विदेशी बाजारों में पहली बार चांदी 50 डॉलर प्रति औंस के स्तर को छू गई। विश्लेषकों ने कहा कि मजबूत औद्योगिक मांग, भू-राजनीतिक, आर्थिक अनिश्चितताओं और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की बढ़ती उम्मीदों ने चांदी की मांग को बढ़ावा दिया है। एक सप्ताह में दूसरी बार चांदी में इतनी तेज उछाल देखा गया। छह अक्टूबर को यह 7,400 रुपये चढ़कर 1,57,400 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, बुधवार को चांदी 1,57,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी।
स्थानीय सर्राफा बाजार में, 99.9 प्रतिशत और 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना बृहस्पतिवार को क्रमशः 1,26,600 रुपये प्रति 10 ग्राम और 1,26,000 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर अपरिवर्तित रहा। वैश्विक स्तर पर, हाजिर सोना मामूली गिरावट के साथ 4,039.26 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था। हाजिर बाजारों में चांदी दो प्रतिशत से अधिक बढ़कर पहली बार 50 डॉलर प्रति औंस के महत्वपूर्ण स्तर को पार कर गई। रिलायंस सिक्योरिटीज के वरिष्ठ शोध विश्लेषक जिगर त्रिवेदी ने कहा, ‘‘बढ़ती राजनीतिक और आर्थिक अनिश्चितताओं और अमेरिकी ब्याज दरों में कटौती पर दांव लगाने से सुरक्षित निवेश की मांग बढ़ने से चांदी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई।'' निवेशक अमेरिकी सरकार के वित्तपोषण की दिक्कतों के कारण कुछ विभागों का कामकाज ठप होने (शटडाऊन) के प्रभावों पर विचार कर रहे हैं, जिसने आर्थिक परिदृश्य को धुंधला कर दिया है और फेडरल रिजर्व के नीतिगत निर्णयों के लिए महत्वपूर्ण प्रमुख आंकड़ों के जारी होने में देरी की है। पीएल वेल्थ के उत्पाद एवं पारिवारिक कार्यालय प्रमुख राजकुमार सुब्रमण्यन ने कहा, ‘‘चांदी का मनोवैज्ञानिक रूप से महत्वपूर्ण 50 डॉलर प्रति औंस की सीमा को पार करना कीमती धातु बाजारों के लिए एक निर्णायक क्षण है।'' सुब्रमण्यन ने कहा, ‘‘चांदी ने इस साल अबतक 72 प्रतिशत लाभ प्रदान किया है, जबकि सोने ने 54 प्रतिशत लाभ दिया है।'' इस बीच, बाजारों को फ्रांस में नए सिरे से राजनीतिक उथल-पुथल और जापान में नेतृत्व परिवर्तन का सामना करना पड़ा। इसके अतिरिक्त, तंग भौतिक बाजार ने भी चांदी की कीमतों को सहारा दिया, जिसे सौर और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्रों से मजबूत औद्योगिक मांग का समर्थन मिला। सिल्वर इंस्टिट्यूट ने वर्ष 2025 में लगातार पांचवें वर्ष वैश्विक आपूर्ति घाटे का अनुमान लगाया है। -
नई दिल्ली भारतीय शेयर बाजार गुरुवार को हरे निशान में खुला। बाजार की नजर आज से शुरू हो रहे नतीजों के सीजन पर बनी हुई है। शुरुआती कारोबार में आईटी, पीएसयू बैंक और फार्मा सेक्टर में खरीदारी देखी जा रही है। सुबह करीब 9.25 बजे, सेंसेक्स 191.14 अंक या 0.23 प्रतिशत की बढ़त के साथ 81,964.80 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 59.20 अंक या 0.24 प्रतिशत की बढ़त के साथ 25,105.35 पर कारोबार कर रहा था।
ब्रॉडकैप सूचकांकों में, निफ्टी मिडकैप 100 में 0.21 प्रतिशत और निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 0.15 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। सेक्टोरल फ्रंट पर निफ्टी रियलिटी 1.35 प्रतिशत की तेजी के साथ कारोबार कर रहा था। निफ्टी फार्मा 1.29 प्रतिशत की तेजी के साथ कारोबार कर रहा है। निफ्टी आईटी 0.56 प्रतिशत और निफ्टी मेटल 1.17 प्रतिशत की बढ़त में रहे। निफ्टी एफएमसीजी 0.13 प्रतिशत की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा था।बाजार जानकारों के अनुसार, “नतीजों के सीजन पर बाजार की गहरी नजर रहेगी। आईटी शेयरों में गिरावट के बाद कुछ सुधार देखने को मिला है, लेकिन इस सेगमेंट के लिए मुश्किलें अभी भी बनी हुई हैं। बैंकिंग शेयर कमजोर कमाई की उम्मीदों के चलते सीमित दायरे में ही रहे हैं। असुरक्षित ऋण सेगमेंट में एनआईएम का दबाव और बढ़ती देनदारियां बैंकिंग नतीजों पर असर डालेंगी।”उन्होंने आगे कहा कि कुल मिलाकर दूसरी तिमाही की कमाई सामान्य रहने की संभावना है, इसलिए बाजार की नजर ऑटोमोबाइल और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी वस्तुओं के वास्तविक बाजार में हो रहे बदलावों पर रहेगी। इन वस्तुओं की मजबूत मांग की उत्साहजनक रिपोर्टें हैं और यह तीसरी तिमाही और उसके बाद भी अच्छे नतीजों में तब्दील होंगी।इस बीच, सेंसेक्स पैक में टाटा स्टील, एचसीएल टेक, इटरनल, सनफार्मा, इंफोसिस और एमएंडएम टॉप गेनर्स थे। पावर ग्रिड, टाटा मोटर्स, बजाज फाइनेंस, एनटीपीसी, एचडीएफसी बैंक और टाइटन टॉप लूजर्स थे। अमेरिकी मार्केट में पिछले ट्रेडिंग सेशन में डाउ जोंस 1.20 अंक की मामूली गिरावट के साथ 46,601.78 पर बंद हुआ। वहीं, एसएंडपी 500 इंडेक्स 39.13 अंक या 0.58 प्रतिशत की तेजी के साथ 6,753.72 और नैस्डेक 255.01 अंक या 1.12 प्रतिशत की तेजी के साथ 23,043.38 पर हरे निशान में बंद हुआ। सुबह के कारोबार में अधिकांश एशियाई मार्केट हरे रंग में कारोबार कर रहे थे। चीन का शंघाई इंडेक्स 1.26 प्रतिशत की बढ़त में रहा। जापान का निक्केई 1.41 प्रतिशत की तेजी में रहा, जबकि हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स 0.07 प्रतिशत की गिरावट में रहा। दक्षिण कोरिया का कोस्पी 2.70 प्रतिशत की बढ़त में रहा। विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) 8 अक्टूबर को शुद्ध खरीदार रहे और उन्होंने 81.28 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 329.96 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे। -
नयी दिल्ली. रिलायंस जियो के चेयरमैन आकाश अंबानी ने बुधवार को कहा कि भारत को डिजिटल क्रांति में सबसे आगे रखने के लिए तत्पर हैं। उन्होंने कहा कि कंपनी नवाचार और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि भारत डिजिटल क्रांति में अग्रणी बना रहे। अंबानी ने कहा कि इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2025 देश की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने इस कार्यक्रम से इतर कहा, ‘‘ आज हमने सेमीकंडक्टर से लेकर धोखाधड़ी प्रबंधन और 6जी तक पूरी मूल्य श्रृंखला देखी...हम नवाचार करने और भारत को डिजिटल क्रांति में सबसे आगे रखने के लिए तत्पर हैं।'' इस बीच, उद्योग संगठन सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) के महानिदेशक एस. पी. कोचर ने कहा कि आईएमसी का उद्घाटन नवाचार एवं प्रौद्योगिकी प्रगति पर आधारित कार्यक्रम की मजबूत शुरुआत है। कोचर ने कहा, ‘‘ जैसा कि प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि भारत का प्रौद्योगिकी भविष्य सक्षम हाथों में है और देश एक डिजिटल-प्रथम मंच के रूप में मजबूती से उभर रहा है। संचार अब दूर-दराज के कोनों तक पहुंच रहा है, जिसे तेजी से हो रहे प्रौद्योगिकी उन्नयन एवं सरकार के मार्गदर्शन में दूरसंचार सेवा प्रदाताओं द्वारा स्पैम/घोटालों जैसी अवांछित गतिविधियों के खिलाफ की जा रही ठोस कार्रवाई का समर्थन मिला है।'' उन्होंने कहा कि स्थापित कंपनियों और स्टार्टअप दोनों को बढ़ावा देने वाला एक संतुलित परिवेश, भारत की डिजिटल गति को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।
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नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोने में बुधवार को जोरदार तेजी देखी गई और कीमत 4,000 डॉलर प्रति औंस के पार पहुंच गई है। यह इतिहास में पहला मौका है, जब सोने की कीमत ने इस आंकड़े को पार किया है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कॉमेक्स पर सोने के दिसंबर फ्यूचर्स की कीमत भारतीय समयानुसार सुबह 10 बजे 4,040 डॉलर प्रति औंस थीअंतरराष्ट्रीय बाजार में कॉमेक्स पर सोने के दिसंबर फ्यूचर्स की कीमत भारतीय समयानुसार सुबह 10 बजे 4,040 डॉलर प्रति औंस थी।सोने की कीमतों में तेजी की वजह वैश्विक अस्थिरता है, जिसके कारण निवेशक सोने में निवेश को प्राथमिकता दे रहे हैं। इसके अलावा, अमेरिकी फेड की ओर से ब्याज दरों में अतिरिक्त कटौती की संभावना ने इस तेजी को और हवा दी है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सोने के 5 दिसंबर 2025 के कॉन्ट्रैक्ट दाम 0.87 प्रतिशत बढ़कर 1,22,170 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गया है।सोने के साथ चांदी में भी तेजी देखने को मिल रही है, चांदी के 5 दिसंबर के कॉन्ट्रैक्ट का दाम 1,47,354 रुपए प्रति किलो हो गया हैसोने के साथ चांदी में भी तेजी देखने को मिल रही है। चांदी के 5 दिसंबर के कॉन्ट्रैक्ट का दाम 1,47,354 रुपए प्रति किलो हो गया है। इसकी कीमत में बुधवार को 1.07 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। कॉमेक्स पर चांदी की कीमत 1.44 प्रतिशत बढ़कर 48.20 डॉलर प्रति औंस हो गई है। इस साल की शुरुआत से अब तक सोने ने 55 प्रतिशत से अधिक और चांदी ने करीब 70 प्रतिशत का रिटर्न दिया है।दुनिया के बड़े निवेश बैंकों में से एक गोल्डमैन सैश का कहना है कि सोना अगले साल तक 5,000 डॉलर प्रतिशत औंस तक जा सकता हैदुनिया के बड़े निवेश बैंकों में से एक गोल्डमैन सैश का कहना है कि सोना अगले साल तक 5,000 डॉलर प्रतिशत औंस तक जा सकता है, जो कि फिलहाल 4,000 डॉलर प्रति औंस से अधिक है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर वैश्विक अनिश्चितताएं बनी रहती हैं और फेडरल रिजर्व आने वाले महीनों में ब्याज दरों में कटौती की ओर बढ़ता है, तो सोने की रिकॉर्ड तोड़ तेजी जारी रह सकती है।बढ़ती वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच निवेशकों द्वारा सुरक्षित निवेश विकल्पों की तलाश के कारण सोने की कीमतें 4,000 डॉलर प्रति औंस से ऊपर पहुंच गई हैंबढ़ती वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच निवेशकों द्वारा सुरक्षित निवेश विकल्पों की तलाश के कारण सोने की कीमतें 4,000 डॉलर प्रति औंस से ऊपर पहुंच गई हैं। उन्होंने आगे कहा, “अमेरिका में सरकार का शटडाउन होना, फ्रांस में राजनीतिक उथल-पुथल, जापान और अर्जेंटीना में आर्थिक चिंताएं और रूस-यूक्रेन युद्ध में वृद्धि, कीमती धातुओं में खरीदारी को बढ़ावा दे रही हैं।” -
नयी दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में मंगलवार को सोने की कीमत 700 रुपये उछलकर 1,24,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई। अमेरिका में वित्त पोषण को लेकर विवाद के बीच विभिन्न विभागों में कामकाज ठप होने और फेडरल रिजर्व के ब्याज दर में और कटौती की बढ़ती संभावनाओं के साथ सोने में तेजी आई। हालांकि, चांदी अपने अपने उच्चतम स्तर से 3,400 रुपये की गिरावट के साथ 1,54,000 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) पर आ गई। अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना सोमवार को 1,23,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। स्थानीय सर्राफा बाजार में, 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना मंगलवार को 700 रुपये बढ़कर 1,23,400 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) के सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। पिछले बाजार सत्र में यह 1,22,700 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। हालांकि, चांदी अपने अपने उच्चतम स्तर से 3,400 रुपये की गिरावट के साथ 1,54,000 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) पर आ गई। सोमवार को चांदी 1,57,400 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। वैश्विक स्तर पर, हाजिर सोना गिरावट के साथ 3,958.18 डॉलर प्रति औंस पर रहा। मंगलवार को सोने की कीमत 3,977.45 डॉलर प्रति औंस के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई थी। मंगलवार को सोने की कीमतों में तेजी आई और हाजिर सोना 4,000 डॉलर प्रति औंस के महत्वपूर्ण पड़ाव के करीब पहुंच गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) सौमिल गांधी ने कहा, ‘‘फेडरल रिजर्व की नरम मौद्रिक नीति की अपेक्षााओं और सुरक्षित निवेश वाली संपत्तियों की निरंतर मांग के कारण सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गईं, जबकि तकनीकी रूप से यह जरूरत से ज्यादा खरीद वाला क्षेत्र था।'' इस बीच, अमेरिका में सात दिनों से विभिन्न विभागों में कामकाज ठप (शटडाउन) है और अभी भी कोई समाधान नजर नहीं आ रहा है। गांधी ने कहा, ‘‘इस शटडाउन ने वित्तीय बाजारों में अनिश्चितता पैदा कर दी है और कीमती धातुओं को बढ़ावा दे रहा है। इसके अलावा, फ्रांस और जापान में चल रहे राजनीतिक तनाव और लगातार भू-राजनीतिक जोखिमों के कारण सुरक्षित निवेश वाली संपत्तियों की मांग बढ़ रही है।'' हाजिर चांदी 0.12 प्रतिशत की गिरावट के साथ 48.46 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुई।
विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिकी सरकार के मौजूदा ‘शटडाउन' के कारण सितंबर की रोजगार रिपोर्ट सहित महत्वपूर्ण आर्थिक आंकड़ों के जारी होने में देरी हुई है। अमेरिकी वृहद आर्थिक संकेतकों की अनुपस्थिति और इस साल फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में दो बार कटौती की बढ़ती उम्मीदों ने सर्राफा कीमतों की मांग को और मजबूत किया है। - नयी दिल्ली. भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने सोमवार को एक अध्ययन रिपोर्ट में सुझाव दिया कि कंपनियों को अपनी एआई प्रणाली का खुद ही ऑडिट करना चाहिए ताकि संभावित प्रतिस्पर्धा संबंधी मुद्दों को समय रहते चिह्रित कर उनका समाधान निकाला जा सके। कृत्रिम मेधा (एआई) और बाजार प्रतिस्पर्धा पर किए गए इस अध्ययन पर तैयार रिपोर्ट के मुताबिक, खुद प्रतिस्पर्धा आयोग को भी अपनी तकनीकी क्षमताओं और आधारभूत संरचना को मजबूत करना चाहिए। अध्ययन रिपोर्ट में यह भी प्रस्ताव रखा गया है कि डिजिटल बाजारों और एआई से संबंधित विशेषज्ञता पर ध्यान केंद्रित करने वाला एक शोध संस्थान बनाया जाए जो अंतर-नियामकीय समन्वय को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए। इस अध्ययन ने अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा प्राधिकरणों और बहुपक्षीय मंचों के साथ सहयोग करने की भी सिफारिश की है। रिपोर्ट में गणना-पद्धति यानी अल्गोरिद्म पर आधारित मिलीभगत, एआई संचालित मूल्य निर्धारण रणनीतियों और मूल्य भेदभाव की संभावनाओं को लेकर चिंता व्यक्त की गई है। रिपोर्ट कहती है कि एआई बाजारों में पारदर्शिता की कमी से प्रतिस्पर्धा और उपभोक्ताओं को नुकसान हो सकता है। इसलिए कंपनियों को प्रणालीगत पारदर्शिता बढ़ाने और सूचना असमानता को कम करने के लिए कदम उठाने की सलाह दी जा रही है। अध्ययन में एआई के प्रतिस्पर्धात्मक और विरोधाभासपूर्ण दोनों प्रभावों की पहचान की गई है। इसमें एआई मूल्य श्रृंखला में संभावित एकाग्रता, अल्गोरिद्म जनित मिलीभगत, मूल्य भेदभाव, विशेष साझेदारी और एल्गोरिदम की अस्पष्ट प्रकृति जैसी चुनौतियों को रेखांकित किया गया है। एआई स्टार्टअप कंपनियों के बीच कराए गए सर्वेक्षण में 37 प्रतिशत ने एआई-संचालित मिलीभगत, 32 प्रतिशत ने मूल्य भेदभाव और 22 प्रतिशत ने जानबूझकर कीमत को बहुत कम रखने की आशंका जताई है। वैश्विक एआई बाजार 2025 में 244.22 अरब डॉलर है और इसके बढ़कर 2031 तक एक लाख करोड़ डॉलर हो जाने का अनुमान है। भारत में इसके 7.84 अरब डॉलर से बढ़कर 31.94 अरब डॉलर होने का अनुमान है।

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