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नयी दिल्ली। जानी मानी अभिनेत्री सिमी ग्रेवाल 2025 के कान फिल्म समारोह में सत्यजीत रे की 1970 की फिल्म ‘अरण्येर दिनरात्रि' की ‘4के संस्करण' की स्क्रीनिंग का हिस्सा बनेंगी। यह पहली बार है जब ग्रेवाल कान फिल्म समारोह में शामिल होने वाली हैं। ‘अरण्येर दिनरात्रि' को ‘4के रिस्टोर्ड वर्जन' में संरक्षित किया गया है, जिसके माध्यम से किसी फिल्म, या किसी अन्य मीडिया सामग्री को 4के रिजॉल्यूशन में संरक्षित किया जाता है। ग्रेवाल ने रे की इस बंगाली फिल्म में एक आदिवासी संथाल लड़की दुली का किरदार निभाया था। ग्रेवाल 19 मई को ‘कान क्लासिक्स' श्रेणी के तहत आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगी।
‘कर्ज', ‘चलते चलते' और ‘मेरा नाम जोकर' जैसी फिल्मों के लिए मशहूर अभिनेत्री ने सोमवार को अपने ‘इंस्टाग्राम' हैंडल पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें उन्हें इस कार्यक्रम के लिए अपना पहनावा चुनते हुए देखा जा सकता है। ग्रेवाल (77), करण बेरी और लियोन वाज के परिधान संस्करण ‘कार्लियो' से पोशाक पहनेंगी। उन्होंने कैप्शन में लिखा, ‘‘तो मैंने आखिरकार तय कर लिया है कि कान में ‘रेड कार्पेट' के लिए मेरा पहनावा कौन डिजाइन करेगा!! यह 19 मई को है, जब हम रे के साथ मेरी फिल्म ‘अरण्येर दिनरात्रि' का प्रदर्शन करेंगे, जिसे वेस एंडरसन, मार्टिन स्कॉर्सेस और हेरिटेज फाउंडेशन ने पुनर्स्थापित किया है। मुझे उनका सौंदर्यशास्त्र पसंद है... इसलिए मैंने कार्लियो फैशन को चुना है।'' ‘अरण्येर दिनरात्रि' को इटली में फिल्म पुनर्स्थापना प्रयोगशाला ‘एलइमेजिन रिट्रोवाटा' में ‘फिल्म फाउंडेशंस वर्ल्ड सिनेमा प्रोजेक्ट' ने फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन (एफएचएफ), जेनस फिल्म्स और क्राइटेरियन कलेक्शन के सहयोग से प्रस्तुत और पुनर्स्थापित किया गया है। महोत्सव के आयोजकों द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि इसके लिए कोष ‘गोल्डन ग्लोब फाउंडेशन' ने प्रदान किया था। लेखक सुनील गंगोपाध्याय के इसी नाम के उपन्यास पर आधारित इस फिल्म में सौमित्र चटर्जी, शुभेंदु चटर्जी, समित भांजा, रोबी घोष, अपर्णा सेन और शर्मिला टैगोर जैसे कलाकारों ने भी काम किया है। फिल्म का शीर्षक अंग्रेजी में ‘डेज एंड नाइट्स इन द फॉरेस्ट' है। ग्रेवाल के अलावा निर्माता पूर्णिमा दत्ता, टैगोर, मार्गरेट बोडे, ‘द फिल्म फाउंडेशन' की कार्यकारी निदेशक और एफएचएफ के संस्थापक शिवेंद्र सिंह डूंगरपुर भी ‘अरण्येर दिनरात्रि' की स्क्रीनिंग में शामिल होंगे। ‘अरण्येर दिनरात्रि' का प्रीमियर हॉलीवुड के प्रसिद्ध फिल्म निर्माता वेस एंडरसन द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा, जो रे के लंबे समय से प्रशंसक हैं। 78वां कान फिल्म महोत्सव मंगलवार से शुरू हो गया है। -
नयी दिल्ली. अभिनेता अमिताभ बच्चन ने पहलगाम आतंकवादी हमले की रविवार को निंदा की और इसके प्रतिशोध में भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर' की सराहना की। आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हमला किया था जिसमें 26 लोग मारे गए थे। बच्चन (82) ने पहलगाम में आम नागरिकों को निशाना बनाए पर रविवार को दुख व्यक्त किया। उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर' शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की सराहना की। इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया गया। बच्चन ने ‘एक्स' पर लिखा कि पहलगाम हमले में छुट्टियां मनाते हुए आतंकवादियों ने 26 निर्दोष पर्यटकों की उस समय हत्या कर दी जब वे छुट्टियां मना रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए मोदी और सरकार ने पड़ोस में आतंकवादी आधार शिविरों पर जवाब देने का फैसला किया और एक सैन्य प्रक्रिया शुरू की.. जिसके परिणाम सर्वविदित हैं.. उनके नौ आतंकवादी शिविरों और संगठनों को सैन्य रूप से नष्ट कर दिया गया..।'' बच्चन ने अपने पिता एवं हिंदी के प्रसिद्ध कवि हरिवंश राय बच्चन की लोकप्रिय कविता ‘अग्निपथ' की पंक्तियों का इस्तेमाल कर सशस्त्र बलों का हौसला बुलंद करते हुए लिखा, ‘‘तू ना थमेगा कभी, तू न मुड़ेगा कभी, तू न झुकेगा कभी, कर शपथ , कर शपथ, कर शपथ! अग्निपथ! अग्निपथ ! अग्निपथ।'' भारत और पाकिस्तान ने जमीन, वायु और समुद्र में सभी तरह की गोलाबारी और सैन्य कार्रवाइयों को तत्काल प्रभाव से रोकने के लिए शनिवार को सहमति जताई।
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नयी दिल्ली. करीना कपूर खान, अल्लू अर्जुन, अनिल कपूर और करण जौहर समेत कई फिल्मी हस्तियों ने रविवार को अंतरराष्ट्रीय मातृ दिवस 2025 पर हार्दिक शुभकामनाएं दीं। हर वर्ष, माताओं और मातृशक्तियों के सम्मान में मई माह के दूसरे रविवार को अंतरराष्ट्रीय मातृ दिवस मनाया जाता है। करीना ने अपने 'इंस्टाग्राम' स्टोरीज पर एक मां की "शक्तियों" के बारे में एक पोस्ट साझा कीं। अल्लू अर्जुन ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' के अपने पेज पर अपनी मां, पत्नी स्नेहा और सास की कई तस्वीरें साझा की हैं। उन्होंने लिखा, "सभी अद्भुत माताओं को मातृ दिवस की शुभकामनाएं।"
फिल्म निर्माता बोनी कपूर और अभिनेता अनिल कपूर और संजय कपूर (जिन्होंने पिछले सप्ताह अपनी मां निर्मल कपूर को खो दिया था) ने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट के जरिए उन्हें याद किया। अनिल कपूर ने इंस्टाग्राम स्टोरीज पर लिखा, "मातृ दिवस की शुभकामनाएं।"संजय कपूर ने इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा, "मातृ दिवस की शुभकामनाएं... आज और हमेशा।
अभिनेता सुनील शेट्टी ने भारतीय सशस्त्र बलों के जवानों की माताओं के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दीं। शेट्टी ने लिखा, "मातृ दिवस की शुभकामनाएं... सभी बहादुर माताओं और मातृभूमि को।"करण ने अपनी मां निर्माता हीरू जौहर को एक पोस्ट के साथ शुभकामनाएं दीं।उन्होंने कैप्शन में लिखा: "लव लव लव लव लव लव लव यू!!!!!!! मातृ दिवस की शुभकामनाएं।
सनी देओल ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें अभिनेता अपनी मां प्रकाश कौर के साथ कई तस्वीरों में दिखायी दे रहे हैं। उन्होंने कैप्शन में लिखा, "उस महिला के लिए जिसने मुझे बिना कुछ मांगे सब कुछ दिया - आपका प्यार मेरे लिए सबसे बड़ा उपहार है। मातृ दिवस की शुभकामनाएं, मॉम।" संजय दत्त ने 'इंस्टाग्राम' पर अपनी मां नरगिस के साथ पुरानी तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, "मैं आपको हर दिन याद करता हूं और आपसे प्यार करता हूं मां, मातृ दिवस की शुभकामनाएं।" शिल्पा शेट्टी कुंद्रा ने लिखा, "भारत माता की जय! मुझे और आपको मातृ दिवस की शुभकामनाएं।
रकुल प्रीत सिंह ने 'इंस्टाग्राम' पर अपनी मां और सास के साथ तस्वीरें साझा करते हुए दोनों को "अद्भुत महिला" कहा। 'इंस्टाग्राम' पोस्ट में अभिनेत्री सोनम कपूर ने लिखा कि उन्होंने सीखा है कि सच्चे मातृत्व की कोई सीमा नहीं है। मां न केवल एक परिवार बल्कि मानवता की भावना का पोषण करती है"। कियारा आडवाणी ने अपनी 'इंस्टाग्राम' स्टोरी पर अपनी मां की तस्वीरों का एक कोलाज पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, "मेरी दुनिया तुम हो! मातृ दिवस की शुभकामनाएं। - मुंबई। राज कपूर एक ऐसा नाम जो भारतीय सिनेमा में शोमैन के नाम से जाने जाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं, कि उन्होंने अपनी फिल्म 'सत्यम शिवम सुंदरम' को लेकर सेंसर बोर्ड से सीधी भिड़ंत ली थी? आइए जानते हैं, इसके पीछे की वजह क्या थी? वजह थी, फिल्म में दिखाई गई बोल्डनेस और खासकर जीनत अमान के किरदार की पार्शियल न्यूडिटी.राज कपूर का मानना था, कि महिलाओं की खूबसूरती को दिखाना अश्लीलता नहीं, बल्कि कला का हिस्सा है. उन्होंने इस मुद्दे पर काफी खुलकर अपनी राय दी थी, और ये बातें सामने आई थीं, उनकी बेटी ऋतु नंदा द्वारा लिखी गई किताब 'राज कपूर: द वन एंड ओनली शोमैन' में...किताब में राज कपूर का एक चर्चित बयान है, "700 मिलियन बच्चे पैदा करने वाले देश को न्यूडिटी से क्या दिक्कत?, हम न्यूडिटी से चौंक जाते हैं. हमें बड़ा होना चाहिए. जिस देश ने सात सौ मिलियन बच्चे पैदा किए हैं, वहां लोग पार्शियल न्यूडिटी से चौंक जाते हैं! हम इतने ढोंगी क्यों हैं? बच्चे पेड़ों पर नहीं उगते. वे बिस्तर पर बनते हैं.''उनका कहना था, कि अगर गांवों तक सिनेमा ले जाना है, तो उन्हें ऐसा कंटेंट देना होगा जो मनोरंजन करे, ना कि हिंसा या हथियारों की तरफ मोड़े. उन्होंने कहा, ''हर तरफ पोस्टरों पर बंदूक और तलवारें दिखती हैं. ऐसे देश में जो अहिंसा का पुजारी है, ये ज्यादा खतरनाक है या मेरी फिल्म?''जब फिल्म 'सत्यम शिवम सुंदरम' सेंसर बोर्ड के पास गई, तो राज कपूर ने खुलकर सवाल किया, "आप किसे ज्यादा नुकसानदेह मानते हैं? मेरी फिल्म को या उन हिंसात्मक पोस्टरों को जिनकी आप इजाजत देते हैं?""अगर फेलिनी करें तो कला, मैं करूं तो शोषण क्यों?"राज कपूर पर अकसर महिलाओं को ऑब्जेक्टिफाई करने के आरोप लगे, खासकर उनकी फिल्मों 'राम तेरी गंगा मैली', 'बॉबी' और 'सत्यम शिवम सुंदरम' को लेकर, लेकिन उन्होंने कहा कि वो महिलाओं का सम्मान करते हैं, और उनका मकसद कभी भी शोषण नहीं रहा.उन्होंने सवाल उठाया, ''अगर इटली के मशहूर डायरेक्टर फेडरिको फेलिनी महिलाओं को न्यूड दिखाते हैं, तो वो कला बन जाती है, लेकिन मैं वही करूं तो शोषण क्यों?''बोल्ड फिल्मों के जरिए पेश किया एक अलग नजरियाराज कपूर ने 70 के दशक में जिस तरह महिलाओं के किरदारों को पर्दे पर उतारा, वो उस समय के लिए काफी क्रांतिकारी था. चाहे 'बॉबी' की टीनएज लव स्टोरी हो या 'सत्यम शिवम सुंदरम' में दिखाया गया सौंदर्य बनाम चरित्र का द्वंद्व, उन्होंने हमेशा कुछ अलग और सोचने पर मजबूर करने वाला दिखाने की कोशिश की. राज कपूर सिर्फ एक फिल्ममेकर नहीं थे, बल्कि वो अपने समय से आगे सोचते थे. उन्होंने समाज के ढोंग पर सवाल उठाया और कला के जरिए अपनी बात कहने की पूरी आजादी मांगी. 'सत्यम शिवम सुंदरम' सिर्फ एक फिल्म नहीं, एक विचार था, जिसके पीछे खड़े थे, एक बेबाक और बेखौफ राज कपूर.
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नयी दिल्ली. सरकार ने बृहस्पतिवार को ओटीटी मंचों को तत्काल प्रभाव से वेब-सीरीज, फिल्मों और पॉडकास्ट सहित पाकिस्तान में तैयार सामग्री की ‘स्ट्रीमिंग' बंद करने की सलाह दी। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की यह सलाह 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का बदला लेने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पाकिस्तान में आतंकवादी स्थलों पर किये गए हमलों के मद्देनजर आई है। ‘ओवर द टॉप' (ओटीटी) मंच एक डिजिटल वितरण सेवा है जो इंटरनेट के माध्यम से वीडियो और ऑडियो सामग्री देखने-सुनने की सुविधा प्रदान करते हैं। मंत्रालय द्वारा जारी परामर्श में कहा गया, “राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में, भारत में संचालित सभी ओटीटी मंच, मीडिया स्ट्रीमिंग मंच आदि को सलाह दी जाती है कि वे पाकिस्तानी वेब-सीरीज, फिल्में, गाने, पॉडकास्ट और अन्य स्ट्रीमिंग मीडिया सामग्री को तत्काल प्रभाव से बंद कर दें। - मुंबई/ भारत में फिल्म निर्माताओं का कहना है कि विदेश में निर्मित और अमेरिका में दिखाई जाने वाली फिल्मों पर 100 प्रतिशत शुल्क (टैरिफ) लगाने की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की घोषणा से भारतीय फिल्मों के बॉक्स ऑफिस कारोबार पर असर पड़ेगा और इससे उनकी टिकट की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि अभी तक इस बारे में स्पष्टता नहीं है, लेकिन उद्योग के अंदरूनी सूत्रों के एक वर्ग के अनुसार, इससे अमेरिका में प्रदर्शित होने वाली भारतीय फिल्मों के दर्शकों की संख्या पर असर पड़ने की आशंका है। ‘प्रोड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया' के अध्यक्ष शिबाशीष सरकार, फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री और प्रदर्शक-वितरक अक्षय राठी ने ट्रंप की घोषणा पर चिंता जताई है। सरकार ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘इस पर टिप्पणी करना अभी जल्दबाजी होगा, क्योंकि पिछले 30 से 45 दिन में जिस भी तरह के ‘टैरिफ' की घोषणा की गई है, वह विभिन्न बदलावों और चर्चाओं से गुजर रहा है। लेकिन अगर इसे लागू किया जाता है तो मेरा अनुमान है कि इसका पहला प्रभाव अमेरिकी बाजार में हमारी फिल्मों के थिएटर कारोबार पर पड़ेगा।'' उन्होंने कहा कि भारतीय फिल्म अमेरिकी बॉक्स ऑफिस पर लगभग 800 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई करती हैं।सरकार ने कहा, ‘‘यदि यह शुल्क लागू किया जाता है, तो प्रदर्शक टिकट की कीमतें बढ़ा देंगे और उपभोक्ताओं के लिए इसे महंगा बना देंगे। इस कारण दर्शकों की संख्या में भी भारी गिरावट आएगी। किसी भी तरह से, थिएटर के दृष्टिकोण से निर्माता के हिस्से पर प्रभाव पड़ेगा।'' ट्रंप ने अपने ‘ट्रुथ' सोशल मीडिया मंच पर एक पोस्ट में रविवार को कहा कि उन्होंने वाणिज्य विभाग और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय को ‘‘विदेश में निर्मित किसी भी और सभी फिल्मों पर हमारे देश में आने पर'' 100 प्रतिशत ‘टैरिफ' लगाने के लिए अधिकृत किया है। ‘द कश्मीर फाइल्स' और ‘द ताशकंद फाइल्स' जैसी फिल्मों के लिए जाने जाने अग्निहोत्री ने सरकार से सहमति जताते हुए कहा कि अगर यह शुल्क लागू हो गया तो अमेरिका में भारतीय फिल्मों के टिकटों के दाम बढ़ जाएंगे। अग्निहोत्री ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘मूल्य को लेकर संवेदनशील प्रवासी बाजार भारतीय फिल्मों के लिए राजस्व का स्रोत बन गया है। ‘जवान' और ‘बाहुबली' जैसी फिल्मों ने भारत के बाहर अच्छा कारोबार किया। अगर टिकट की कीमतें (अमेरिका में) दोगुनी कर दी जाती हैं, तो मुझे नहीं लगता कि कोई भी उन्हें सिनेमाघरों में देखेगा, खासकर तब जब ये फिल्म नेटफ्लिक्स, अमेजन आदि मंचों पर उपलब्ध हैं।'' वहीं, प्रदर्शक-वितरक राठी ने कहा कि अमेरिका में रिलीज होने वाली भारतीय फिल्मों पर अधिक शुल्क लगाए जाने से भारतीय फिल्मों का उत्तरी अमेरिकी बॉक्स ऑफिस से होने वाला लाभ कम हो जाएगा। निर्माता मुकेश भट्ट का दृष्टिकोण थोड़ा अलग दिखा।उन्होंने कहा, ‘‘ब्रिटेन, पश्चिम एशिया, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया और पूरी दुनिया में बड़ी संख्या में भारतीय हैं। यदि मेरी फिल्म एक बाजार (अमेरिका) में रिलीज नहीं होती है, तो इससे कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। वह (ट्रंप) जो कर रहे हैं वह हास्यास्पद बात है। उन्हें यह भी एहसास नहीं है कि वह हॉलीवुड को ख़त्म कर रहे हैं।'' फिल्म निर्माता के अनुसार, अधिकतर भारतीय फिल्मों की शूटिंग अमेरिका में नहीं होती, क्योंकि यह एक महंगा मामला है। उन्होंने कहा, ‘‘हिंदी फिल्मों की शूटिंग आमतौर पर ब्रिटेन में होती है क्योंकि वे हमें सब्सिडी देते हैं, और यह दुनिया भर के अन्य स्थानों पर भी होती है।'' निर्देशक शेखर कपूर के अनुसार, ट्रंप का यह कदम उल्टा पड़ सकता है और हॉलीवुड फिल्म निर्माताओं को देश छोड़ने पर मजबूर कर सकता है।
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नई दिल्ली। : बॉलीवुड एक्टर धर्मेंद्र 89 साल की उम्र में भी अपनी फिटनेस पर पूरी तरह से ध्यान दे रहे हैं. धर्मेंद्र जिम से लेकर योग और फिजियोथेरेपी की भी मदद ले रहे हैं. बॉलीवुड के हीमैन सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं और अक्सर अपने फोटोज और वीडियोज फैंस के साथ साझा करते नजर आ जाते हैं. अब इसी बीच धर्मेंद्र ने एक वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें वह स्विमिंग पूल में तैरते नजर आ रहे हैं. इस वीडियो के सामने आने के बाद धर्मेंद्र के फैंस काफी टेंशन में आ गए हैं.
वायरल हो रहे इस वीडियो में देखा जा सकता है कि धर्मेंद्र ( स्विमिंग कॉस्ट्यूम में नजर आ रहे हैं. तो पूल में उतरे हुए हैं और उनके साथ एक ट्रेनर भी दिख रहा है. वायरल हो रहे इस वीडियो सिर पर हैट लगाए भी नजर आ रहे हैं. वायरल हो रहे इस वीडियो में धर्मेंद्र काफी दुबले-पतले लग रहे हैं. वीडियो में एक्टर की इस हालत को देखकर फैंस काफी टेंशन में आ गए हैं और उनके स्वस्थ रहने की दुआ कर रहे हैं. एक यूजर ने लिखा, 'आप बेहद ही स्मार्ट हैं सर.' तो वहीं एक दूसरे यूजर ने लिखा, 'शेर कभी भी बूढ़ा नहीं होता.' तो वहीं एक दूसरे यूजर ने लिखा, 'इस उम्र में भी वर्कआउट करना क्या बात है सर.' एक और यूजर ने लिखा, 'आप कमाल के हैं सर.'बता दें कि बॉलीवुड के हीमैन के नाम से मशहूर धर्मेंद्र एक्टर ने अपने करियर की शुरुआत साल 1960 में फिल्म 'दिल भी तेरा, हम भी तेरे.' इसके बाद वह एक के बाद एक सुपरहिट फिल्मों में नजर आईं. साल 1987 में उन्होंने एक साथ सबसे ज्यादा हिट फिल्में दी थीं. उन्होंने एक साथ 7 हिट फिल्में दी थीं. अपने पूरे करियर में उन्होंने 200 से अधिक फिल्मों में काम किया है. वह सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं. उनके इंस्टाग्राम हैंडल पर 2.2 मिलियन लोग फॉलो किए हैं. -
नयी दिल्ली. विनोद कापड़ी अपने निर्देशन में बनी फिल्म 'पायर' को फिल्म महोत्सव में मिल रहे प्यार और पहचान से बेहद खुश हैं, लेकिन फिल्म निर्माता के लिए सबसे बड़ा सम्मान सिनेमा के दिग्गज गुलजार से मिला, जिन्हें यह फिल्म बेहद पसंद आई और उन्होंने इसके लिए कोई फीस लिए बिना एक गीत भी लिखा। फिल्म ‘पायर' की कहानी उत्तराखंड के मुनस्यारी गांव के एक बुजुर्ग दंपती की सच्ची कहानी पर आधारित है। कापड़ी उनसे साल 2017 में मिले थे। फिल्म में ऐसे कलाकारों ने भूमिका निभाई है, जिन्होंने इससे पहले कभी भी फिल्मों में अभिनय नहीं किया था। फिल्म में कलाकार पदम सिंह (भारतीय सेना के सेवानिवृत्त सैनिक) और हीरा देवी (किसान) ने भी भूमिका निभाई है। वे उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग तहसील के रहने वाले हैं। प्रख्यात कवि एवं निर्देशक गुलजार ने इससे पहले कापड़ी के साल 2021 में रिलीज हुए वृत्तचित्र ‘‘1232 केएमएस'' में दो गाने लिखे थे, इसलिए कापड़ी ने एक बार फिर से उनकी फिल्म ‘पायर' के लिए सिनेमा के दिग्गज से संपर्क करने का फैसला किया। फिल्म ‘पायर' को पिछले साल नवंबर में टालिन ब्लैक नाइट्स फिल्म फेस्टिवल में ऑडियंस अवार्ड मिला है।
कापड़ी ने कहा कि जब उन्होंने गुलज़ार को फिल्म के बारे में बताया तो वह खुद भी फिल्म के दोनों मुख्य पात्रों के बारे में जानने के लिए उत्सुक थे। कापड़ी ने कहा, ‘‘उस समय उन्होंने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ‘‘आप क्या कह रहे हैं?'' आपने गैर-पेशेवर कलाकारों के साथ एक फिल्म बनाई है। उन्होंने पूछा कि उन्होंने (कलाकारों) फिल्म में कैसा प्रदर्शन किया और वह इसे देखना चाहते थे। इसलिए मैंने उन्हें पहला कट भेजा। 48 घंटे बाद मैं अपने परिवार और दोस्तों के साथ गोवा में था। उन्होंने मुझे सुबह-सुबह फोन किया था, हालांकि मैं फोन नहीं उठा पाया था।'' कापड़ी ने उन्हें फोन किया। इसके बाद उन्हें पता चला कि गुलज़ार को फिल्म वाकई पसंद आई है।फिल्म निर्माता ने कहा, ‘‘गुलज़ार साहब की ओर से यह एक पुरस्कार की तरह था।''उन्होंने कहा कि गीतकार ने फिल्म के लिए गीत लिखने पर सहमति जता दी थी।फिल्म निर्माता ने बाद में मुंबई में गुलजार से मुलाकात की और तब तक में वह फिल्म के लिए गीत लिख चुके थे। कापड़ी ने कहा, ‘‘उन्होंने अपना लिखा हुआ गाना सुनाया। उन्होंने मुझसे यह भी कहा कि अगर मुझे गाना पसंद न आए तो मैं उन्हें बता दूं। लेकिन मुझे गाना पसंद आया। मुलाकात के बाद मुझे एहसास हुआ कि मैंने उनसे कमर्शियल (भुगतान) के बारे में बात नहीं की थी।'' उन्होंने बताया, ‘‘मैंने उनके (गुलजार) प्रबंधक को फोन किया और सारी बात बताई। मैंने उनसे कहा कि भले ही हमारे पास बजट कम है, लेकिन हम किसी तरह से काम चला लेंगे। 10 मिनट के अंदर ही गुलजार साहब ने मुझे फोन किया और कहा, कि ‘‘विनोद तुम इतने बड़े हो गए हो कि अब तुम मुझे पैसे दोगे?'' उन्होंने कहा कि ‘‘तुमने इतनी अच्छी फ़िल्म बनाई है तो मैं इसके लिए पैसे कैसे ले सकता हूं?'' -
मुंबई. भारतीय फिल्म अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा जोनस को हॉलीवुड और बॉलीवुड में उनके कार्य के लिए अगले महीने ‘गोल्ड हाउस गाला 2025' में ‘ग्लोबल वैनगार्ड' सम्मान मिलेगा। अभिनेत्री को हिंदी सिनेमा और हॉलीवुड में ‘कृष', ‘बाजीराव मस्तानी', ‘बर्फी', ‘डॉन', ‘सिटाडेल' और ‘लव अगेन' जैसी कई फिल्मों में अदाकारी के माध्यम से उन्हें जाना जाता है। एशियाई प्रशांत और बहुसांस्कृतिक उत्कृष्टता के प्रमुख उत्सव के रूप में जाना जाने वाला गोल्ड गाला 2025 ए100 सूची पर प्रकाश डालने के लिए 600 से अधिक प्रभावशाली मेहमानों को एक साथ लाएगा। लॉस एंजिल्स के डाउनटाउन स्थित म्यूजिक सेंटर में 10 मई को चौथा वार्षिक पुरस्कार समारोह आयोजित किया जाएगा। अन्य पुरस्कार विजेताओं में ‘लाइफ ऑफ पाई' फिल्म निर्माता एंग ली, नेपाली-अमेरिकी फैशन डिजाइनर प्रबल गुरुंग, ‘मोआना- 2' के कलाकार और निर्माता ‘विकेड प्रसिद्ध निर्देशक जॉन एम चू, गायक-गीतकार और संगीतकार लॉफी, कोरियाई-अमेरिकी लेखक और पत्रकार मिन जिन ली, पोकेमॉन के सीईओ त्सुनेकाजू इशिहारा (पिकाचु के साथ), अमेरिकी गायक और रैपर एंडरसन पाक और ग्रैमी पुरस्कार विजेता कलाकार मेगन थी स्टैलियन, ओलंपियन और पैरालिंपियन सुनी ली को भी सम्मानित किया जाएगा।
- नयी दिल्ली. अभिनेता सनी देओल एक बार फिर निर्देशक गोपीचंद मालिनेनी के साथ उनकी नयी फिल्म 'जाट' के सीक्वल में नजर आएंगे। मालिनेनी द्वारा लिखित और निर्देशित फिल्म 'जाट' दस अप्रैल को सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई थी और इसमें रणदीप हुड्डा, विनीत कुमार सिंह और सैयामी खैर ने भी भूमिका निभाई है। यह फिल्म अब तक बॉक्स ऑफिस पर 70 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई कर चुकी है।देओल ने बृहस्पतिवार को अपने 'इंस्टाग्राम' हैंडल पर ‘जाट' के सीक्वल की घोषणा की। उन्होंने जो पोस्टर साझा किया, उसपर 'जाट 2' लिखा हुआ था। पोस्ट के कैप्शन में लिखा हुआ था "जाट एक नये मिशन पर, जाट 2।" फिल्म का निर्माण मैत्री मूवी मेकर्स और पीपल मीडिया फैक्टरी द्वारा किया जाएगा।
- मुंबई. फिल्म “ज्वेल थीफ-द हीस्ट बिगिन्स” में मुख्य भूमिका निभा रहे बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान ने कहा कि चोरी व लूट की कहानियों पर आधारित फिल्में दर्शकों को आकर्षित करती हैं, क्योंकि उनमें हर किरदार विशिष्ट चरित्र का होता है और कहानी नैतिक दुविधाओं से भरी होती है। फिल्म में खान एक आभूषण चोर की भूमिका में हैं, जिसे एक अपराधी सरगना द्वारा दुनिया के सबसे दुर्लभ हीरे - द अफ्रीकन रेड सन - को चुराने के लिए काम पर रखा गया है। खान ने कहा, “चोरी-लूट वाली फिल्मों में नायक, खलनायक और मास्टरमाइंड के बीच की रेखाएं अक्सर धुंधली हो जाती हैं। इन फिल्मों में मुझे जो बात पसंद है, वह यह है कि एक आदमी तकनीकी रूप से गलत है, वह कानून तोड़ता है, लेकिन वह अच्छे कारण से ऐसा करता है, अपने परिवार में किसी की मदद करने के लिए; यह सम्मानजनक तरह की चोरी है। इसलिए, यह एक रोमांचक किरदार बनाता है।” उन्होंने फिल्म के ट्रेलर लॉन्च के मौके पर आयोजित प्रेस वार्ता में कहा, “लोगों को इस तरह की फिल्म में कानून तोड़ते हुए लोगों को देखना अच्छा लगता है; यह उन्हें सिस्टम से भिड़ने का मौका देता है।” "ज्वेल थीफ: द हाइस्ट बिगिन्स" 25 अप्रैल को नेटफ्लिक्स पर प्रसारित होगी।
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मुंबई. फिल्म ‘भूल चूक माफ' में समय के चक्र में फंसे एक शादीशुदा युवक का किरदार निभा रहे बॉलीवुड अभिनेता राजकुमार राव का कहना है कि उनके जीवन में ऐसे कई पल हैं जिन्हें वह दोबारा जीना चाहेंगे। अभिनेता ने कहा कि वह ‘स्त्री 2' की सफलता को दोबारा जीना चाहेंगे और उस समय को भी एक बार फिर जीना चाहेंगे जब उन्हें उनकी पहली फिल्म ‘लव सेक्स और धोखा' मिली थी। अभिनेता की आगामी फिल्म ‘भूल चूक माफ' का ट्रेलर जारी होने के मौके पर संवाददाता सम्मेलन में उनसे पूछा गया था कि वह अपने जीवन के किन पलों को फिर से जीना चाहेंगे। राव ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘चूंकि मैं फिल्मी पृष्ठभूमि से नहीं आता इसलिए बाहरी व्यक्ति के तौर पर मेरे करियर के लिए बहुत मुश्किल भरा दौर था। जब आप मुंबई आते हैं, तो आपके लिए आसान नहीं हो सकता है। मैं अपने कई अभिनेता मित्रों को जानता हूं जो शहर में आए हैं और हर किसी को यह अवसर नहीं मिलता है। इसलिए, पहली फिल्म मिलना किसी भी अभिनेता के लिए महत्वपूर्ण है। मेरे साथ 2010 में ऐसा हुआ था जब मुझे मेरी पहली फिल्म मिली थी।'' राव ने कहा, ‘‘मैं उस पल को बार-बार जीना चाहूंगा। मैं उस पल को भी फिर से जीना चाहूंगा जब मेरी मां मेरे साथ थीं जब मैंने पहला राष्ट्रीय पुरस्कार हासिल किया था। फिर जब 'स्त्री 2' रिलीज हुई और पहले दिन बॉक्स ऑफिस पर कमाई का आंकड़ा आया तो हम हैरान रह गए कि ‘ये क्या हो गया'।'' अभिनेता ने कहा, ‘‘जब मैंने 2021 में पत्रलेखा से शादी की थी, उस पल को भी मैं फिर से जीना चाहूंगा।
‘भूल चुक माफ' ‘महारानी' के निर्देशक करण शर्मा द्वारा लिखित और निर्देशित फिल्म है। इसमें वामिका गब्बी, सीमा पाहवा, जाकिर हुसैन और अन्य भी शामिल हैं। यह फिल्म नौ मई को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। -
नयी दिल्ली. फिल्मकार नीरज घेवान की दूसरी फीचर फिल्म ‘होमबाउंड' कान फिल्म महोत्सव में ‘अन सर्टेन रिगार्ड' श्रेणी के लिए चुनी गई है। बृहस्पतिवार को यह घोषणा की गई। घेवान की 2015 में आई पहली फीचर फिल्म ‘मसान' को भी ‘अन सर्टेन रिगार्ड' श्रेणी के लिए चुना गया था।
इस श्रेणी में होनहार फिल्म निर्माताओं की पहली और दूसरी फिल्मों को शामिल किया जाता है। इस श्रेणी में स्कारलेट जोहानसन की बतौर निर्देशक पहली फिल्म "एलेनॉर द ग्रेट", मुराद मुस्तफा की "आइशा कैन्ट फ्लाई अवे", फ्रांसेस्को सोसाई की "द लास्ट वन फॉर द रोड", ह्यूबर्ट चारुएल की "मेटेओर्स", डिएगो सेस्पेडेस की "द मिस्टीरियस गेज ऑफ द फ्लेमिंगो", अकिनोला डेविस जूनियर की "माई फादर्स शैडो", टार्जन नासर और अरब नासर की "वन्स अपॉन ए टाइम इन गाजा", केई इशिकावा की "ए पेल व्यू ऑफ द हिल्स", हैरी लाइटन की "पिलिऑन" और हैरिस डिकिंसन की "अर्चिन" को शामिल किया गया है। -
नयी दिल्ली. बॉलीवुड के अभिनेता सलमान खान ने सिनेमाघरों में अपनी 1994 की फिल्म ‘‘अंदाज अपना अपना'' के पुन: रिलीज से पहले सोमवार को इसका नया ट्रेलर जारी किया। फिल्म ‘‘अंदाज अपना अपना'' का निर्देशन राजकुमार संतोषी ने किया था और इसमें आमिर खान, रवीना टंडन और करिश्मा कपूर ने भी मुख्य भूमिका निभाई थी, हालांकि तब फिल्म इतनी अधिक कमाई नहीं कर पाई थी। विनय पिक्चर्स द्वारा प्रस्तुत फिल्म 25 अप्रैल को एक बार फिर सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है।
इस फिल्म में आमिर और सलमान ने क्रमश: अमर और प्रेम की भूमिका निभाई है, जो रवीना नामक अमीर लड़की को लुभाने का प्रयास करते हैं, जिससे उसके पिता की संपत्ति पर कब्जा किया जा सके। सलमान ने ‘एक्स' पर फिल्म के नये ट्रेलर का लिंक साझा करते हुए लिखा, ‘‘अमर प्रेम का अंदाज वापस आ गया है... अंदाज अपना अपना 25 अप्रैल को देशभर के सिनेमाघरों में फिर से रिलीज हो रही है।'' - नयी दिल्ली। पंजाबी गायक और अभिनेता दिलजीत दोसांझ ने हाल ही में हॉलीवुड अभिनेता विल स्मिथ से मुलाकात की और अपने लोकप्रिय गीत ‘केस' की धुन पर उनके साथ भांगड़ा किया। दोसांझ ने रविवार को अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो साझा किया जिसमें वह स्मिथ के साथ पंजाबी धुनों पर थिरकते नजर आ रहे हैं। उन्होंने पोस्ट में लिखा, "पंजाबी आ गये ओए...। विल स्मिथ को भांगड़ा करते और पंजाबी ढोल का आनंद लेते देखना सुखद है।" हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि दोनों कलाकारों की यह मुलाकात कहां और कब हुई। दोसांझ ने दिसंबर 2024 में अपने ‘दिल-लुमिनाटी टूर' का भारत चरण पूरा किया था।
- नयी दिल्ली ।फिल्म ‘‘बुर्का सिटी'' के निर्देशक फैब्रिस ब्रैक का कहना है कि वह इस बात से हैरान हैं कि फिल्म ‘‘लापता लेडीज'' की कहानी उनकी 2019 की अरबी लघु फिल्म से कितनी मिलती-जुलती है। इस सप्ताह की शुरुआत में कई सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने ‘‘बुर्का सिटी'' का एक छोटा क्लिप साझा किया, जिसमें दोनों फिल्मों की कहानियों के बीच समानताएं बताई गईं। किरण राव द्वारा निर्मित फिल्म ‘‘लापता लेडीज'' की कहानी लिखने वाले बिप्लब गोस्वामी ने उन दावों को खारिज कर दिया कि फिल्म का कथानक चोरी किया गया है। वर्ष 2024 में रिलीज हुई ‘‘लापता लेडीज'' एकेडमी पुरस्कार, 2025 में भारत की आधिकारिक प्रविष्टि थी।ब्रैक ने कहा कि उन्हें तीन अप्रैल (बृहस्पतिवार) तक ‘‘लापता लेडीज'' फिल्म के बारे में कुछ भी पता नहीं था। फिल्म निर्माता ब्रैक ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘जब मुझे पता चला, तो मैं हैरान और दुखी दोनों था, खासकर तब जब मुझे पता चला कि यह फिल्म भारत में बहुत सफल रही है और ऑस्कर की दौड़ में भी शामिल थी। जहां तक मेरा सवाल है, मैं ‘बुर्का सिटी' को एक फीचर फिल्म के रूप में फिल्माने के लिए बातचीत कर रहा था। लेकिन क्या अब यह संभव है?'' उन्होंने कहा, ‘‘मैंने (लापता लेडीज) फिल्म देखी और मैं यह देखकर आश्चर्यचकित और हैरान था कि इसकी कहानी मेरी फिल्म से कितनी मिलती-जुलती है, हालांकि कहानी को भारतीय संस्कृति के अनुरूप ढाला गया था, फिर भी मेरी लघु फिल्म के कई पहलू इसमें स्पष्ट रूप से मौजूद थे।'' ब्रैक के अनुसार, ‘‘बुर्का सिटी'' की कहानी 2017 में लिखी गई थी, फरवरी 2018 में शूट की गई थी और 2019 में दुनिया भर के समारोहों में प्रस्तुत की गई थी। गोस्वामी ने अपने ‘इंस्टाग्राम' पेज पर पोस्ट किए गए एक बयान में कहा कि ये आरोप पूरी तरह से ‘‘झूठे'' हैं। लेखक ने कहा कि उन्होंने पहली बार तीन जुलाई, 2014 को ‘स्क्रीनराइटर एसोसिएशन' (एसडब्ल्यूए) के साथ ‘‘लापता लेडीज'' का विस्तृत सारांश पंजीकृत किया था, जिसमें पूरी कहानी को ‘टू ब्राइड्स' शीर्षक के साथ रेखांकित किया गया था।
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नयी दिल्ली. अपने बचपन के एक महत्वपूर्ण पल को याद करते हुए अभिनेता मनोज कुमार ने लिखा था, ‘‘मैंने विभाजन के दंगों के दौरान हिंदू कॉलेज परिसर में शरण ली थी और इसने मेरी जान बचाई।'' देशभक्ति फिल्मों के लिए ‘भारत कुमार' के नाम से मशहूर मनोज कुमार का शुक्रवार सुबह मुंबई में निधन हो गया। वह 87 वर्ष के थे। मनोज कुमार कुछ समय से बीमार थे और उम्र संबंधी समस्याओं के कारण कोकिलाबेन अंबानी अस्पताल में तड़के करीब साढ़े तीन बजे उनका निधन हो गया। पद्मश्री और दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित मनोज कुमार दिल्ली के हिंदू कॉलेज के पूर्व छात्र थे और 1947 से ही इस संस्थान से जुड़े हुए थे, जब उनका परिवार पाकिस्तान के लाहौर से दिल्ली आ गया था। उनका जन्म अविभाजित भारत के एबटाबाद शहर (अब पाकिस्तान) में हुआ था। वर्ष 1947 में विभाजन के बाद उनका परिवार पाकिस्तान में अपना सबकुछ छोड़कर दिल्ली आ गया। वे हडसन लाइन क्षेत्र में शरणार्थी बैरक के कमरा नंबर एक और दो में रुके थे, जिसे हडसन लेन-किंग्सवे कैंप के नाम से भी जाना जाता है। कुमार ने उस पल को याद किया जब, उनकी मां तीस हजारी अस्पताल में भर्ती थीं। कुमार ने कॉलेज की 125वीं वर्षगांठ पर कॉलेज पत्रिका के लिए लिखे एक लेख में बताया, ‘‘एक दिन मैं अकेले ही सुनसान सड़कों से होते हुए तीस हजारी अस्पताल में अपनी मां से मिलने जा रहा था। मैंने अचानक भयानक नारे सुने और घबराहट में मैंने हिंदू कॉलेज परिसर में शरण ली। वहां के चौकीदार ने मुझे शांत किया और कहा, ‘चिंता मत करो, मैं इस हिंदू कॉलेज का हिंदू चौकीदार हूं'।'' कुमार ने लिखा, ‘‘हिंदू, हिंदू की रक्षा करेगा-चौकीदार ने मुझसे कहा। इससे मैंने राहत की सांस ली। ऐसा तीन या चार बार हुआ।'' कुमार ने उल्लेख किया कि कई साल बाद, वह उसी कॉलेज में वापस लौटे- एक डरे हुए बच्चे के रूप में नहीं, बल्कि एक छात्र के रूप में। सलवान पब्लिक स्कूल से स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने हिंदू कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। कुमार ने याद करते हुए कहा, ‘‘घर की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी और मैंने पढ़ाई के साथ-साथ सिलाई मशीन के पुर्जे बेचने जैसे छोटे-मोटे काम भी किए। मेरे प्रोफेसरों ने मेरी प्रतिबद्धता का सम्मान किया और मेरा सहयोग किया।'' कुमार ने बताया कि अपने चचेरे भाई और फिल्म निर्माता लेखराज भाकरी से प्रेरित होकर वह स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद मुंबई चले गए। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि शुरुआती साल संघर्ष से भरे थे, लेकिन आखिरकार मुझे फिल्म उद्योग में अपनी जगह मिल गई।'' कुमार ने ‘शहीद', ‘उपकार' और ‘पूरब और पश्चिम' जैसी कई देशभक्ति फिल्मों में अपनी भूमिकाओं के जरिए लाखों लोगों का दिल जीता। कुमार ने वह क्षण भी याद किया जब वर्षों बाद हिंदू कॉलेज ने उन्हें ‘मिलेनियम पुरस्कार' से सम्मानित करने के लिए पुनः आमंत्रित किया था। उन्होंने लिखा, ‘‘मैं मंच पर खड़ा होकर उसी परिसर को याद कर रहा था जिसने मुझे बचपन में सुरक्षा दी थी।'' कुमार ने अपने लेख में लिखा, ‘‘हां, हिंदू ने मुझे बचाया। हिंदू अमर रहे और हिंदू कॉलेज अमर रहे।''
हिंदू कॉलेज की प्रधानाचार्य अंजू श्रीवास्तव ने बताया कि कुमार को 1999 में कॉलेज की 100वीं वर्षगांठ के अवसर पर विशिष्ट पूर्व छात्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘2019 में जब वह एंबुलेंस से कॉलेज आए थे, तब उनकी तबीयत बहुत खराब थी और वह चलने में असमर्थ थे। फिर भी, उन्होंने कॉलेज के फर्श को छुआ।'' उन्होंने कहा, ‘‘कुमार को कॉलेज से बहुत लगाव था और वह इसे मंदिर की तरह पूजते थे।'' वर्ष 2019 में कॉलेज की अपनी आखिरी यात्रा के दौरान, कुमार ने आगंतुकों की डायरी में एक नोट लिखा जिसमें संस्थान के साथ अपने गहरे भावनात्मक बंधन को व्यक्त किया। उन्होंने लिखा, ‘‘यह मेरे कॉलेज की यात्रा नहीं है। यह एक मंदिर है, और मैं यहां माथा टेकने आया हूं।'' -
मुंबई। फिल्म इंडस्ट्री महान एक्टर और फिल्ममेकर मनोज कुमार के निधन पर शोक मना रहा है। कई भावभीनी श्रद्धांजलि के बीच, अनुभवी एक्ट्रेस अरुणा ईरानी ने अपने गुरु और को-एक्टर की यादें शेयर कीं। आंखों में आंसू के साथ उन्होंने एक साथ अपने संजोए हुए पलों को याद किया। उन्हें 'अपना गुरु' और 'एक सच्चा आदमी' कहा। अरुणा ईरानी ने मनोज कुमार के साथ अपने रिश्ते को याद करते हुए कई सारी बातें कीं।
एक्ट्रेस ने कहा, 'वह मेरे गुरु थे। मैंने अपनी पहली फिल्म 'उपकार' उनके साथ की थी और वो काफी सज्जन भी थे। एक बेहतरीन एक्टर, निर्देशक और निर्माता। उनकी पत्नी भी काफी अच्छी थीं और उनकी फिल्मों की शूटिंग के दौरान हमारी खूब देखभाल की।' कई फिल्मों में एक साथ काम करने के बाद अरुणा ईरानी ने सेट पर उनके बीच की दोस्ती को याद किया। उन्होंने कहा, 'वह एक खूबसूरत दिल वाले इंसान थे। जब हम किसी के साथ काम करके खुश होते हैं, तो हम उन्हें न केवल उनके काम के लिए बल्कि साथ बिताए समय के लिए भी याद करते हैं।'अंतिम दिनों में कैसे थे मनोज?मनोज कुमार के अंतिम दिन और लंबी बीमारी पर बात करते हुए उन्होंने कहा, 'कोई समय और उम्र के खिलाफ नहीं जा सकता। वह लंबे समय से बीमार थे। कुछ महीने पहले, मेरे पैर में फ्रैक्चर होने के बाद मुझे उसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था और वह भी वहीं थे। लेकिन मैं अपनी चोट के कारण उनसे नहीं मिल सकी।' 'उनके फेफड़ों में पानी भर जाता था और वे इलाज के लिए आते थे। कुछ दिन रुकते थे और फिर घर वापस चले जाते थे। मुझे उम्मीद है कि उन्हें शांति मिलेगी। हम उन्हें बहुत याद करेंगे लेकिन अंत में हम सभी को एक दिन जाना ही है।'मनोज कुमार को उनकी देशभक्ति से भरे रोल्स के लिए भारत कुमार के नाम से जाना जाता है। उन्होंने भारतीय सिनेमा को ‘उपकार’, ‘पूरब और पश्चिम’ और ‘क्रांति’ जैसी कुछ सबसे यादगार फ़िल्में दीं। मनोरंजन जगत में उनका योगदान बेमिसाल है और उनकी फ़िल्में आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेंगी। - - प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शोक व्यक्त करते हुए कहा-वे भारतीय सिनेमा के प्रतीक थेमुंबई। अभिनेता और फिल्म निर्देशक मनोज कुमार का 87 वर्ष की आयु में मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में निधन हो गया। आज सुबह तडक़े 3.30 को उन्होंने अंतिम सांस ली। अभिनेता विशेष रूप से अपनी देशभक्ति फिल्मों के लिए जाने जाते हैं और जिन्हें 'भारत कुमार' के नाम से भी जाना जाता है। उन्हें दादा साहेब फाल्के अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था।भारतीय अभिनेता और फिल्म निर्देशक मनोज कुमार के निधन पर फिल्म निर्माता अशोक पंडित ने कहा, "...महान दादा साहब फाल्के पुरस्कार विजेता, हमारे प्रेरणास्रोत और भारतीय फिल्म उद्योग के 'शेर' मनोज कुमार जी अब हमारे बीच नहीं रहे...यह उद्योग के लिए बहुत बड़ी क्षति है और पूरी इंडस्ट्री उन्हें याद करेगी... । आज उनकी फिल्में नए लोगों के लिए प्रेरणा हैं... उनका अंतिम संस्कार कल 12 बजे किया जाएगा। आज उनका पार्थिव शरीर अस्पताल में ही रखा जाएगा।"मनोज कुमार अपने पीछे पत्नी शशि और दो बेटे कुणाल और विशाल को छोड़ गए हैं। उनके बेटे कुणाल गोस्वामी ने बताया, "...उन्हें लंबे समय से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां थीं। यह भगवान की कृपा है कि उन्होंने शांतिपूर्वक इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उनका अंतिम संस्कार कल होगा।रिपोर्ट के मुताबिक, उनकी मौत का कारण तीव्र हृदयाघात (Acute Myocardial Infarction) के कारण आया कार्जियोजेनिक शॉक बताया गया है। इसके अलावा वे बीते कुछ महीनों से लीवर सिरोसिस की गंभीर स्थिति से भी जूझ रहे थे।अपने करियर में मनोज कुमार ने ‘शहीद’, ‘उपकार’, ‘पूरब और पश्चिम’ जैसी देशभक्ति से भरी फिल्मों के जरिए दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई थी। वह ‘भारत कुमार’ के नाम से लोकप्रिय थे। मनोज कुमार को 1992 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्हें 2015 में फिल्म जगत के सबसे बड़े सम्मान दादासाहेब फाल्के पुरस्कार (Dadasaheb Phalke Award) से भी नवाजा गया था। मनोज कुमार को उनके अभिनय के साथ-साथ निर्देशन के लिए भी जाना जाता था। उन्होंने कई ऐसी फिल्में बनाईं जिनमें देशभक्ति की भावना साफ झलकती थी।प्रधानमंत्री ने शोक व्यक्त कियाप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'एक्स' पर लिखा: "महान अभिनेता और फिल्म निर्माता श्री मनोज कुमार जी के निधन से बहुत दुख हुआ। वह भारतीय सिनेमा के प्रतीक थे, जिन्हें विशेष रूप से उनकी देशभक्ति के उत्साह के लिए याद किया जाता था, जो उनकी फिल्मों में भी झलकता था। मनोज जी के कार्यों ने राष्ट्रीय गौरव की भावना को प्रज्वलित किया और यह पीढिय़ों को प्रेरित करता रहेगा। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति।"मनोज कुमार का जन्म 24 जुलाई 1937 को ऐबटाबाद पाकिस्तान में हुआ थामनोज कुमार ने बॉलीवुड को उपकार, पूरब-पश्चिम, क्रांति, रोटी-कपड़ा और मकान सहित ढेर सारी कामयाब फिल्में दीं। इन फिल्मों की वजह से उन्हें दर्शक ‘भारत कुमार’ के नाम से भी जानते थे। अभिनेता मनोज कुमार का जन्म 24 जुलाई 1937 को ऐबटाबाद में हुआ, जो बंटवारे के बाद पाकिस्तान का हिस्सा बना।मनोज कुमार ने बंटवारे का दर्द बहुत नजदीक से देखा थाबंटवारे के बाद मनोज कुमार के अभिभावकों ने भारत में रहने का फैसला किया। इसी के साथ वह दिल्ली आ गए। मनोज कुमार ने बंटवारे का दर्द बहुत नजदीक से देखा था। बताया जाता है कि वह दिलीप कुमार और अशोक कुमार की फिल्मों को देखकर इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने एक्टर बनने का निश्चय कर लिया। इसी के साथ ही उन्होंने अपना नाम हरिकिशन से बदलकर मनोज कुमार रख लिया।मनोज कुमार का शुरुआती जीवन और फिल्मी सफरहिंदी सिनेमा में देशभक्ति की पहचान बन चुके मनोज कुमार का असली नाम हरिकृष्ण गोस्वामी था। उनका जन्म आज के पाकिस्तान में स्थित एबटाबाद शहर में एक पंजाबी हिंदू ब्राह्मण परिवार में हुआ था। विभाजन के समय वे अपने परिवार के साथ जनडियाला शेर ख़ां से दिल्ली आ गए थे। उस वक्त उनकी उम्र सिर्फ 10 साल थी। दिल्ली आने के बाद उन्होंने हिंदू कॉलेज से बीए की पढ़ाई की। मनोज कुमार, दिलीप कुमार, अशोक कुमार और कामिनी कौशल के बड़े प्रशंसक थे। उन्होंने ‘शबनम’ फिल्म में दिलीप कुमार का किरदार देखने के बाद अपना नाम मनोज कुमार रखने का फैसला किया।मनोज कुमार को उनकी फिल्मों के लिए कई पुरस्कार मिले, जिनमें एक राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और सात फिल्मफेयर पुरस्कार शामिल हैं। 1992 में उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया और 2015 में भारत सरकार ने उन्हें सिनेमा के सर्वोच्च सम्मान ‘दादासाहेब फाल्के पुरस्कार’ से नवाज़ा।शुरुआती दौर में संघर्ष, फिर मिली बड़ी पहचानमनोज कुमार ने 1957 में फैशन ब्रांड से फिल्मी सफर की शुरुआत की थी, लेकिन यह फिल्म खास नहीं चली। इसके बाद सहारा (1958), चांद (1959) और हनीमून (1960) जैसी कुछ फिल्मों में छोटे-मोटे रोल किए। 1961 में उन्हें पहली बार कांच की गुड़िया में लीड रोल मिला। उसी साल पिया मिलन की आस, सुहाग सिंदूर और रेशमी रुमाल जैसी फिल्में भी आईं, लेकिन ये ज्यादा सफल नहीं रहीं।1962 में मिली पहली बड़ी हिटमनोज कुमार को पहला बड़ा ब्रेक 1962 में फिल्म हरियाली और रास्ता से मिला, जिसमें उन्होंने माला सिन्हा के साथ काम किया। इस फिल्म की सफलता के बाद शादी, डॉ. विद्या और गृहस्थी जैसी हिट फिल्में उनके खाते में आईं।‘शहीद’ से बनी देशभक्त अभिनेता की छवि1964 में आई फिल्म वो कौन थी? उनकी सुपरहिट फिल्मों में शामिल है, जिसकी कहानी और संगीत दोनों को खूब सराहा गया। 1965 में आई फिल्म शहीद ने उनके करियर को नया मोड़ दिया। भगत सिंह की जिंदगी पर आधारित इस फिल्म को दर्शकों के साथ-साथ प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने भी सराहा।लगातार हिट फिल्मों से चमका करियरहिमालय की गोद में (1965) और गुमनाम (1965) जैसी फिल्मों से उनकी स्टारडम और बढ़ी। इसके बाद उपकार (1967), पूरब और पश्चिम (1970) और क्रांति (1981) जैसी फिल्मों ने उन्हें देशभक्ति का चेहरा बना दिया।पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के कहने पर मनोज कुमार ने फिल्म ‘उपकार’ बनाई थीखास बात यह है कि दिग्गज अभिनेता की फिल्मों में उनका नाम मनोज कुमार ही रहता था। मनोज कुमार ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के कहने पर एक फिल्म बनाई थी, जिसका नाम ‘उपकार’ रखा गया। इसे दर्शकों ने खूब पसंद किया। दुख की बात यह है कि इस फिल्म को पूर्व पीएम देख नहीं पाए थे।मनोज कुमार को उनकी फिल्मों के लिए 7 फिल्मफेयर पुरस्कार मिले थेमनोज कुमार को उनकी फिल्मों के लिए 7 फिल्मफेयर पुरस्कार मिले थे। साल 1968 में ‘उपकार’ ने बेस्ट फिल्म, बेस्ट डायरेक्टर, बेस्ट स्टोरी और बेस्ट डायलॉग के लिए चार फिल्मफेयर जीते। 1992 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया। 2016 में उन्हें दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से नवाजा गया।
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नयी दिल्ली/ सुपरस्टार आमिर खान ने बड़े पर्दे पर अपने समकालीन बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान के भावनात्मक दृश्यों की सराहना करते हुए कहा कि वह एक बेहतर अभिनेता हैं। दोनों अभिनेताओं ने रविवार को सलमान की नवीनतम फिल्म "सिकंदर" की रिलीज से पहले एक प्रचार वीडियो के लिए मिलकर काम किया। फिल्म का निर्देशन ए आर मुरुगादॉस ने किया है, जिन्होंने इससे पहले 2008 की आमिर अभिनीत ब्लॉकबस्टर फिल्म "गजनी" को निर्देशित किया था। यूट्यूब पर अपलोड किए गए वीडियो में अभिनेताओं ने मुरुगादॉस से विभिन्न मापदंडों के आधार पर उनका मूल्यांकन करने को कहा। सलमान खान ने फिल्म निर्माता से पूछा, "कौन बेहतर अभिनेता है? कौन अधिक मेहनती है? कौन अधिक ईमानदार है?" इस पर आमिर ने कहा, "सारी उबाऊ बातें।"
फिल्म निर्माता के झिझकने पर आमिर ने कहा, ‘‘सर, अभिनेता भी बेहतर हैं। क्या आपने ‘दबंग' देखी है?''
मुरुगादॉस ने कहा कि सलमान ने बेहतरीन अभिनय किया, खासकर उस दृश्य में जहां सुपरस्टार को रोना था। उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने यह काम ग्लिसरीन के बिना किया।'' आमिर ने निर्देशक की बात दोहराते हुए कहा, ‘‘मैंने देखा है... उनके भावनात्मक दृश्य बेहतरीन हैं।'' - नयी दिल्ली. नुसरत भरूचा अभिनीत 'छोरी 2' प्राइम वीडियो पर 11 अप्रैल को रिलीज होने जा रही है। प्राइम वीडियो ने मंगलवार को यह घोषणा की। यह फिल्म वर्ष 2021 में रिलीज़ हुई फिल्म 'छोरी' का सीक्वल है, जो वर्ष 2017 की मराठी हॉरर फिल्म 'लपाछपी' का रीमेक थी। इसकी कहानी एक गर्भवती महिला के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसके अजन्मे बच्चे को बुरी आत्माओं द्वारा निशाना बनाया जाता है। 'छोरी 2' का निर्देशन विशाल फुरिया ने किया है। फिल्म में सोहा अली खान, गश्मीर महाजनी, सौरभ गोयल, पल्लवी अजय, कुलदीप सरीन और हार्दिका शर्मा भी नजर आएंगे। फिल्म में 'साक्षी' का किरदार नुसरत भरूचा निभाएंगी। प्राइम वीडियो ने अपने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर फिल्म का टीजर साझा कर फिल्म के 11 अप्रैल को रिलीज होने की जानकारी दी।
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मुंबई। अभिनेता सनी देओल ने हिंदी फिल्म निर्माताओं को साउथ इंडस्ट्री से सिनेमा बनाना सीखने की सलाह दी है. अपनी अगली फिल्म ‘‘जाट’ के ट्रेलर लॉन्च इवेंट में सनी देओल ने कहा कि मुंबई के प्रोड्यूसर्स को साउथ फिल्म इंडस्ट्री से प्रेरणा लेनी चाहिए कि वे कैसे प्यार से फिल्में बनाते हैं. उन्होंने यह भी मजाकिया अंदाज में कहा कि वह शायद साउथ में ही बस जाएं. सनी देओल ने ‘‘जाट’ के निर्माताओं की तारीफ करते हुए कहा, “मैं चाहता हूं कि मुंबई के प्रोड्यूसर्स इनसे सीखें. आप इसे बॉलीवुड कहते हैं, लेकिन पहले इसे हिंदी सिनेमा कहें और प्यार से फिल्में बनाना सीखें. मुझे यहां काम करके बहुत मजा आया. मैंने मेकर्स से कहा, ‘चलो एक और फिल्म करते हैं.’ शायद मैं यहीं बस जाऊं.”
जब सनी देओल से पूछा गया कि क्या हिंदी सिनेमा साउथ से पीछे है, तो उन्होंने इससे इनकार किया. उन्होंने कहा, "पहले निर्माता को जब कोई कहानी पसंद आती थी, तो वे पूरी शिद्दत से फिल्म बनाते थे. फिर कॉरपोरेट्स आए और इंडस्ट्री बहुत ज्यादा कमर्शियल हो गई. इसी वजह से लोग फिल्ममेकिंग में रुचि खो बैठे. जो लोग वाकई फिल्म बनाने के भूखे थे, वे पीछे छूट गए.”‘जाट फिल्म के बारे मेंसनी देओल की अगली फिल्म ‘‘जाट’ को हैदराबाद की मैथरी मूवी मेकर्स ने प्रोड्यूस किया है, जो ‘पुष्पा’ फ्रेंचाइजी जैसी हिट फिल्मों के लिए जानी जाती है. इस फिल्म का निर्देशन गोपीचंद मलिनेनी ने किया है और यह एक हाई-ऑक्टेन ड्रामा होगी, जिसमें जबरदस्त एक्शन देखने को मिलेगा. फिल्म 10 अप्रैल को हिंदी, तमिल और तेलुगु में रिलीज होगी. इसमें रंदीप हुड्डा, विनीत कुमार सिंह, सैयामी खेर और रेजिना कैसांड्रा भी अहम किरदारों में नजर आएंगे. -
नई दिल्ली। बॉलीवुड की दिग्गज एक्ट्रेस रेखा ने 70 साल की उम्र में दुल्हन की तरह सज-धजकर अनारकली में फोटोशूट कराया है। उनकी फोटोज सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं। हर कोई उनकी खूबसूरती पर मर-मिटा है। फैंस उन्हें 'एवरग्रीन ब्युटी' कह रहे हैं। रेखा की इन तस्वीरों को शेयर करते हुए फोटोग्राफर डब्बू रतनानी ने लिखा, 'राजसी, दीप्तिमान और तेजस्वी रेखा जी। हर फ्रेम उनकी बेजोड़ आभा को दर्शाता है।'। रेखा ने गुलाबी रंग का हैवी एम्ब्रॉयडरी वाला अनारकली पहना है। कुछ इसी तरह से उन्होंने अपनी 'उमराव जान' फिल्म में भी खूबसूरती बिखेरी थी। इसीलिए उन्हें देखते ही फैंस को अपनी पुरानी 'उमराव जान' की याद आ गई।रेखा ने पांव में महावर (आलता) लगाया और नाक में नथनी भी पहनी। गले में हार और बालों को रिबन से बांधा, जोकि इन दिनों ट्रेंड में है। । रेखा को पिछली बार 2018 में 'यमला पगला दीवाना' में कैमियो में देखा गया था। इससे पहले वो 2015 में 'शमिताभ' में भी कैमियो में नजर आई थीं।रेखा सोशल मीडिया से भी दूर रहती हैं।'
वो पिछली बार सैफ अली खान और अमृता सिंह के बेटे इब्राहिम अली खान की डेब्यू मूवी 'नादानियां' के एक इवेंट में शामिल हुई थीं। इसमें खुशी कपूर भी थीं। फिल्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई थी। -
नयी दिल्ली. इमरान हाशमी की फिल्म 'ग्राउंड जीरो' 25 अप्रैल को सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है। फिल्म सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक अभियान से प्रेरित है और इसका टीजर 30 मार्च को रिलीज होने वाली सलमान खान की फिल्म 'सिकंदर' के साथ जारी किया जाएगा। फिल्म की कहानी बीएसएफ के डिप्टी कमांडेंट के रूप में हाशमी के किरदार के इर्द-गिर्द घूमती है जो दो साल तक एक बड़े राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे की जांच का नेतृत्व करता है। फिल्म 'ग्राउंड जीरो' में देश की रक्षा करने वालों के साहस, बलिदान और अनदेखे संघर्षों को दर्शाया गया है। इस फिल्म का निर्देशन तेजस देवस्कर ने किया है और इसे एक्सेल एंटरटेनमेंट द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा।
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नयी दिल्ली। अभिनेता वरुण धवन और अभिनेत्री पूजा हेगड़े अपनी आगामी फिल्म ‘‘है जवानी तो इश्क होना है'' की शूटिंग शुरू करने के लिए उत्तराखंड के ऋषिकेश पहुंचे, जहां उन्होंने गंगा आरती की। पूजा ने सोशल मीडिया मंच ‘इंस्टाग्राम' पर एक पोस्ट में दोनों की तस्वीर साझा की, जिसमें वे गंगा आरती करते हुए नजर आ रहे हैं। उन्होंने तस्वीर साझा करते हुए लिखा, ‘‘ऋषिकेश में हमारे कार्य की शानदार शुरुआत हुई। धन्य हैं।''
फिल्म ‘‘है जवानी तो इश्क होना है'' का निर्देशन डेविड धवन करेंगे। फिल्म निर्माता की अपने बेटे वरुण के साथ यह चौथी फिल्म होगी। इससे पहले वे फिल्म ‘‘मैं तेरा हीरो'', ‘‘जुड़वा 2'' और ‘‘कुली नंबर 1'' में काम कर चुके हैं। पूजा ने इससे पहले फिल्म ‘देवा' में अभिनय किया है।