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नयी दिल्ली. बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) पर बिजली उत्पादक कंपनियों (जेनको) का बकाया जून, 2022 में सालाना आधार पर चार प्रतिशत बढ़कर 1,32,432 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। जून, 2021 तक डिस्कॉम पर बिजली वितरण कंपनियों का बकाया 1,27,306 करोड़ रुपये था। पेमेंट रैटिफिकेशन एंड एनालिसिस इन पावर प्रोक्यूरमेंट फॉर ब्रिंगिंग ट्रांसपैरेंसी इन इन्वॉयसिंग ऑफ जेनरेशन (प्राप्ति) पोर्टल से यह जानकारी मिली है। जून, 2022 में डिस्कॉम पर कुल बकाया पिछले महीने यानी मई, 2022 की तुलना में भी बढ़ा है। मई में यह 1,30,139 करोड़ रुपये था। बिजली उत्पादकों तथा डिस्कॉम के बीच बिजली खरीद लेनदेन में पारदर्शिता लाने के लिए प्राप्ति पोर्टल मई, 2018 में शुरू किया गया था। जून, 2022 तक 45 दिन की मियाद या ग्रेस की अवधि के बाद भी डिस्कॉम पर कुल बकाया राशि 1,15,128 करोड़ रुपये थी। यह एक साल पहले समान महीने में 1,04,095 करोड़ रुपये थी। मई, 2022 में डिस्कॉम पर कुल बकाया 1,07,636 करोड़ रुपये था। बिजली उत्पादक कंपनियां डिस्कॉम को बेची गई बिजली के बिल का भुगतान करने के लिए 45 दिन का समय देती हैं। उसके बाद यह राशि पुराने बकाये में आ जाती है। ज्यादातर ऐसे मामलों में बिजली उत्पादक दंडात्मक ब्याज वसूलते हैं। बिजली उत्पादक कंपनियों को राहत के लिए केंद्र ने एक अगस्त, 2019 से भुगतान सुरक्षा प्रणाली लागू की है। इस व्यवस्था के तहत डिस्कॉम को बिजली आपूर्ति पाने के लिए साख पत्र देना होता है। केंद्र सरकार ने बिजली वितरण कंपनियों को भी कोविड-19 महामारी की वजह से कुछ राहत दी है। भुगतान में देरी के लिए डिस्कॉम पर दंडात्मक शुल्क को माफ कर दिया गया है। सरकार ने मई, 2020 में डिस्कॉम के लिए 90,000 करोड़ रुपये की नकदी डालने की योजना पेश की थी। इसके तहत बिजली वितरण कंपनियां पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) तथा आरईसी लिमिटेड से सस्ता कर्ज ले सकती हैं। बाद में सरकार ने इस पैकेज को बढ़ाकर 1.2 लाख करोड़ रुपये और उसके बाद 1.35 लाख करोड़ रुपये कर दिया। आंकड़ों से पता चलता है कि महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, झारखंड और राजस्थान की बिजली वितरण कंपनियों का उत्पादक कंपनियों के बकाये में सबसे अधिक हिस्सा है। भुगतान की मियाद समाप्त होने के बाद जून, 2022 तक डिस्कॉम पर कुल बकाया 1,15,128 करोड़ रुपये था। इसमें स्वतंत्र बिजली उत्पादकों का हिस्सा 53.17 प्रतिशत है। वहीं, केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र की जेनको का बकाया 22.4 प्रतिशत है।
सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में अकेले एनटीपीसी को ही डिस्कॉम से 5,441.95 करोड़ रुपये वसूलने हैं। उसके बाद डीवीसी का बकाया 3,885.19 करोड़ रुपये है। एनपीसीआईएल का बकाया 3,272.24 करोड़ रुपये है। निजी बिजली उत्पादक कंपनियों में अडाणी पावर का बकाया 21,625.02 करोड़ रुपये है।
वहीं नवीकरणीय ऊर्जा कंपनियों का बकाया जून, 2022 तक 22,432.27 करोड़ रुपये था। - नयी दिल्ली। फिनटेक कंपनी लैंडिंगकार्ट ने शनिवार को कहा कि उसने जीएमओ एलएलसी और ट्रायडोस इनवेस्टमेंट से 75 करोड़ रुपये का कर्ज जुटाया है। एक बयान के अनुसार कंपनी सभी राज्यों में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को कर्ज देने के लिए इस राशि का इस्तेमाल करेगी। बयान में कहा गया, ''लेंडिंगकार्ट ने कुल 75 करोड़ रुपये का कर्ज जुटाया है, जिसमें से 25 करोड़ रुपये जीएमओ एलएलसी से और 50 करोड़ रुपये ट्रायडोस इनवेस्टमेंट मैनेजमेंट से जुटाए गए।'' लैंडिंगकार्ट के सीईओ और संस्थापक हर्षवर्धन लूनिया ने कहा कि इस धनराशि का इस्तेमाल एमएसएमई ग्राहकों को कर्ज देने के लिए किया जाएगा।
- नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के पांच साल पूरे होने के मौके पर इसे एक बड़ा कर सुधार बताते हुए कहा कि इसने कारोबारी सुगमता बढ़ाने के साथ ही 'एक राष्ट्र एक कर' की संकल्पना को भी साकार किया। प्रधानमंत्री ने अपने एक ट्वीट में जीएसटी प्रणाली के लागू होने के पांच साल पूरे होने का जिक्र करते हुए कहा, "यह एक प्रमुख कर सुधार है जिसने 'कारोबार करने को सुगम' बनाया और 'एक राष्ट्र, एक कर' की संकल्पना को भी साकार किया।" एक एकीकृत अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के रूप में जीएसटी को एक जुलाई, 2017 को लागू किया गया था। प्रधानमंत्री ने भारत सरकार के नागरिक संपर्क मंच 'माइगवइंडिया' के एक ट्वीट को भी ‘टैग’ किया जिसमें कहा गया है कि जीएसटी ने नए भारत की आर्थिक संरचना को परिभाषित करने और नागरिकों को सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभाई है।
- नयी दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि जून के महीने में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्व बढ़कर 1.44 लाख करोड़ रुपये हो गया जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 56 प्रतिशत अधिक है। सीतारमण ने कहा कि जीएसटी संग्रह के लिए 1.4 लाख करोड़ रुपये अब मोटे तौर पर एक निचली सीमा बन चुका है। इसके पहले मई 2022 में जीएसटी राजस्व करीब 1.41 लाख करोड़ रुपये रहा था।
- नयी दिल्ली। सरकार ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड जैसी कंपनियों द्वारा पेट्रोल, डीजल और विमान ईंधन (एटीएफ) के अन्य देशों को निर्यात पर शुक्रवार को कर लगाया। ओएनजीसी और वेदांता लिमिटेड जैसी कंपनियों द्वारा स्थानीय रूप से उत्पादित कच्चे तेल से मिलने वाले अप्रत्याशित लाभ पर भी कर लगाया गया है। वित्त मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया कि सरकार ने पेट्रोल और एटीएफ के निर्यात पर छह रुपये प्रति लीटर की दर से कर लगाया है तथा डीजल के निर्यात पर 13 रुपये प्रति लीटर का कर लगाया गया है। इसके अलावा कच्चे तेल के घरेलू स्तर पर उत्पादन पर 23,250 रुपये प्रति टन का अतिरिक्त कर लगाया गया है।सार्वजनिक क्षेत्र की ओएनजीसी और ऑयल इंडिया लिमिटेड तथा निजी क्षेत्र की वेदांता लिमिटेड की केयर्न ऑयल एंड गैस के कच्चे तेल के उत्पादन पर कर लगाने से और 2.9 करोड़ टन कच्चे तेल के घरेलू स्तर पर उत्पादन से सरकार को सालाना 67,425 करोड़ रुपये मिलेंगे। निर्यात कर इस लिहाज से लगाया गया है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज और रोजनेफ्ट समर्थित नायारा एनर्जी जैसी रिफायनरी यूक्रेन पर रूस के हमले के मद्देनजर तेल किल्लत का सामना कर रहे यूरोप और अमेरिका जैसे क्षेत्रों में ईंधन का निर्यात करके खासा लाभ कमा रही हैं। निर्यात कर लगाने का एक उद्देश्य पेट्रोल पंपों पर घरेलू आपूर्ति बेहतर करना भी है क्योंकि मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों में ईंधन की कमी का संकट खड़ा है और निजी रिफायनरी ईंधन की स्थानीय स्तर पर बिक्री करने के बजाए इसके निर्यात को प्राथमिकती दे रही हैं।
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नयी दिल्ली ।सोने के बढ़ते आयात और चालू खाता घाटा (सीएडी) को बढ़ने से रोकने के लिए सरकार ने इस महंगी धातु पर आयात शुल्क 10.75 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी कर दिया है।शुल्क में बदलाव 30 जून से प्रभाव में आया है।इससे पहले सोने पर मूल सीमा शुल्क 7.5 फीसदी था जो अब 12.5 फीसदी होगा। 2.5 फीसदी के कृषि अवसंरचना विकास उपकर के साथ सोने पर प्रभावी सीमा शुल्क 15 फीसदी होगा।सोने के आयात में एकाएक तेजी आई है और मई में कुल 107 टन सोने का आयात किया गया, वहीं जून में भी सोने का उल्लेखनीय आयात हुआ। वित्त मंत्रालय ने कहा कि सोने का आयात बढ़ने से चालू खाता घाटे पर दबाव बढ़ रहा है।
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नयी दिल्ली. कार बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने बृहस्पतिवार को अपनी कॉम्पैक्ट एसयूवी ब्रेजा का नया संस्करण पेश किया। इसकी शुरुआती शोरूम कीमत 7.99 लाख रुपये है। दूसरी पीढ़ी की ब्रेजा ‘मैनुअल' और ‘ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन' विकल्पों में उपलब्ध होगी। इसकी कीमत 7.99 लाख रुपये से 13.96 लाख रुपये है। मारुति सुजुकी इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) हिसाशी ताकेयूची ने ब्रेजा पेश किये जाने कार्यक्रम के दौरान कहा, "पिछले आठ महीनों में यह कंपनी की छठी पेशकश है। यह भारतीय बाजार में हमारे विश्वास को दर्शाता है।" ताकेयूची ने कहा, "यह हमारा ऐसा पहला मॉडल था जिसे विशेष रूप से भारत के लिए डिजाइन और विकसित किया गया था।" मारुति सुजुकी ने मार्च, 2016 में ब्रेजा के साथ कॉम्पैक्ट एसयूवी खंड में प्रवेश किया था। कंपनी ने इसके बाजार में उतरने के बाद से छह साल में 7.5 लाख से अधिक इकाइयां बेची है।
उन्होंने कहा, "... कंपनी ने ग्राहकों की अपेक्षाओं से प्रेरित होकर मॉडल को फिर से डिजाइन किया है।"नई ब्रेजा ऐसे समय आई है जब मारुति सुजुकी को दक्षिण कोरियाई कार विनिर्माता हुंदै और किआ खंड में क्रमश: अपने वेन्यू और सोनेट के साथ कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। नई ब्रेजा नए जमाने की तकनीक और ‘कनेक्टेड' सुविधाओं से लैस है। -
नयी दिल्ली. वाणिज्यिक अचल संपत्ति के विकास में पर्यावरण अनुपालन को लेकर बेंगलुरु एशिया-प्रशांत क्षेत्र के शीर्ष 20 शहरों की सूची में 14वें स्थान पर है। नाइट फ्रैंक के अनुसार, एशिया-प्रशांत क्षेत्र में वाणिज्यिक अचल संपत्ति में पर्यावरण संबधी विकास के मामले में सिंगापुर, सिडनी, वेलिंगटन, पर्थ और मेलबर्न शीर्ष पांच शहरों में शामिल हैं। एशिया-प्रशांत के पर्यावरण अनुपालन सूचकांक 2021 के अनुसार शीर्ष 20 टिकाऊ शहरों की सूची में भारत के चार शहरों ने भी जगह बनाई है। इसमें बेंगलुरु के अलावा दिल्ली, हैदराबाद और मुंबई भी शामिल हैं। दिल्ली 17वें, हैदराबाद 18वें और मुंबई 20वें स्थान पर है। सूचकांक में शहरीकरण दबाव, जलवायु जोखिम, कार्बन उत्सर्जन और सरकार की पहल जैसे मापदंडों के आधार पर एशिया-प्रशांत क्षेत्र के 36 शहरों का मूल्यांकन किया गया है।
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नयी दिल्ली. इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन में वित्त निदेशक संदीप कुमार गुप्ता भारत के सबसे बड़े गैस संस्थान गेल (इंडिया) लिमिटेड के प्रमुख होंगे। सार्वजनिक उपक्रम चयन बोर्ड (पीईएसबी) ने कहा कि 10 उम्मीदवारों के साक्षात्कार के बाद गेल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक पद के लिए 56 वर्षीय गुप्ता का चयन किया गया है। वह मनोज जैन का स्थान लेंगे। जैन 31 अगस्त को सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं।
पीईएसबी की सिफारिश को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (एसीसी) मंजूरी देगी। एसीसी की मंजूरी मिल जाती है तो गुप्ता का कार्यकाल फरवरी 2026 तक होगा। -
नयी दिल्ली. कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण इस्पात के दाम एक जुलाई से फिर बढ़ सकते हैं। हालांकि, इससे पहले इस्पात कीमतें कुछ नीचे आई हैं। जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) के प्रबंध निदेशक वी आर शर्मा ने यहां इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स की तरफ आयोजित एक कार्यक्रम के इतर एक न्यूज़ एजेंसी से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने कहा, ‘‘जहां कोयले की कीमत 17,000 रुपये प्रति टन है, वहीं ओडिशा खनिज निगम के लौह अयस्क की कीमतें अब भी ऊंची हैं। यह ओडिशा में लौह अयस्क का मुख्य आपूर्तिकर्ता है।'' उन्होंने कहा, ‘‘इस्पात की कीमतें पहले ही नीचे आ चुकी हैं। उन्हें और कम करने की कोई संभावना नहीं है। मुख्य रूप से उच्च लागत के कारण शुक्रवार यानी एक जुलाई से इस्पात की कीमतों में बढ़ोतरी की जाएगी।'' शर्मा ने कहा कि द्वितीयक श्रेणी के इस्पात विनिर्माताओं ने पिछले चार दिन में पहले ही सरिये की कीमत 2,000 रुपये बढ़ाकर 55,000 रुपये प्रति टन कर दी है। उन्होंने कहा कि इस्पात विनिर्माताओं पर दबाव के कई और कारण हैं और इसमें कोयले की उपलब्धता का भी मुद्दा हैं। कोयले की आपूर्ति के लिए रैक भी उपलब्ध नहीं हैं क्योंकि उनमें से ज्यादातर का बिजली क्षेत्र के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
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नयी दिल्ली. ग्राहकों को सीधे सामान की बिक्री करने वाले ‘डायरेक्ट सेलिंग' उद्योग ने 2021 में 3.25 अरब डॉलर (करीब 27,650 करोड़ रुपये) की खुदरा बिक्री दर्ज करते हुए वैश्विक रैंकिंग में अपना 12वां स्थान बरकरार रखा है। वाशिंगटन स्थित वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन(डब्ल्यूएफडीएसए) द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 में भारतीय डायरेक्ट सेलिंग उद्योग में 7.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। 2018 से 2021 तक पिछले तीन वर्षों में सालाना आधार पर यह उद्योग 15.7 प्रतिशत की दर से बढ़ा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एशिया प्रशांत क्षेत्र में भारत के डायरेक्ट सेलिंग उद्योग को छठा स्थान हासिल हुआ है। भारतीय डायरेक्ट सेलिंग उद्योग की अगुवाई एमवे, एवन, ओरिफ्लेम, मोदीकेयर, हर्बलाइफ आदि कंपनियां कर रही हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका का डायरेक्ट सेलिंग उद्योग 42.67 अरब डॉलर की खुदरा बिक्री के साथ शीर्ष पर रहा है। कुल बिक्री में उसका हिस्सा 23 प्रतिशत है। अमेरिका के बाद दक्षिण कोरिया और जर्मनी का स्थान रहा।
रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में वैश्विक स्तर पर डायरेक्ट सेलिंग उद्योग की खुदरा बिक्री का आंकड़ा 186.10 अरब डॉलर रहा है। इंडियन डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन (आईडीएसए) के चेयरमैन रजत बनर्जी ने रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए कहा, ‘‘कोविड -19 महामारी से उत्पन्न अत्यधिक प्रतिकूल कारोबारी माहौल के बावजूद भारतीय डायरेक्ट सेलिंग उद्योग ने जुझारू क्षमता का प्रदर्शन किया है। -
चंडीगढ़. जीएसटी परिषद ने कुछ सामानों पर छूट को वापस लेने जबकि कुछ अन्य पर दरें बढ़ाये जाने का फैसला किया है। इससे अब डिब्बाबंद और लेबल-युक्त गेहूं आटा, पापड़, पनीर, दही और छाछ पर पांच प्रतिशत कर लगेगा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संवाददाताओं को कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की यहां दो दिन की बैठक में विभिन्न समूहों के दरों को युक्तिसंगत बनाने के बारे में दिये गये सुझावों को स्वीकार कर लिया गया। इससे कर की दरों में बदलाव हुए हैं। कर दर में बदलाव 18 जुलाई से प्रभाव में आएंगे।
हालांकि परिषद ने कसीनो, ऑनलाइन गेमिंग और घुड़दौड़ पर रिपोर्ट को मंत्री समूह (जीओएम) के पास फिर विचार के लिए भेज दिया है। गोवा के वित्त मंत्री कसीनो पर जीएसटी दर के बारे में और चर्चा चाहते हैं। ऐसे में ‘ऑनलाइन गेमिंग' और घुड़दौड़ पर भी फिर से विचार किया जाएगा। मंत्री समूह ने तीनों पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने की सिफारिश की थी। इस बारे में रिपोर्ट 15 जुलाई तक तैयार हो जाने की उम्मीद है और अगस्त में परिषद की अगली बैठक में इसपर विचार किया जाएगा। छूट समाप्त करने का मतलब है कि डिब्बा या पैकेट बंद और लेबल युक्त (फ्रोजन को छोड़कर) मछली, दही, पनीर, लस्सी, शहद, सूखा मखाना, सूखा सोयाबीन, मटर जैसे उत्पाद, गेहूं और अन्य अनाज तथा मुरमुरे पर अब पांच प्रतिशत जीएसटी लगेगा। इसी प्रकार, टेट्रा पैक और बैंक की तरफ से चेक जारी करने पर 18 प्रतिशत और एटलस समेत नक्शे तथा चार्ट पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। वहीं खुले में बिकने वाले बिना ब्रांड वाले उत्पादों पर जीएसटी छूट जारी रहेगी।
इसके अलावा 1,000 रुपये प्रतिदिन से कम किराये वाले होटल कमरों पर 12 प्रतिशत की दर से कर लगाने की बात कही गयी है। अभी इसपर कोई कर नहीं लगता है। इसके साथ ही अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिये 5,000 रुपये से अधिक किराये वाले कमरों (आईसीयू को छोड़कर) पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगेगा। ‘प्रिंटिंग/ड्राइंग इंक', धारदार चाकू, कागज काटने वाला चाकू और ‘पेंसिल शार्पनर', एलईडी लैंप, ड्राइंग और मार्किंग करने वाले उत्पादों पर कर की दरें बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दी गयी हैं। सौर वॉटर हीटर पर अब 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा जबकि पहले 5 प्रतिशत कर लगता था।
सड़क, पुल, रेलवे, मेट्रो, अपशिष्ट शोधन संयंत्र और शवदाहगृह के लिये जारी होने वाले कार्य अनुबंधों पर अब 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। जो अबतक 12 प्रतिशत था। हालांकि, रोपवे के जरिये वस्तुओं और यात्रियों के परिवहन तथा अवशिष्ट निकासी सर्जरी से जुड़े उपकरणों पर कर की दर घटाकर पांच प्रतिशत की गई है। पहले यह 12 प्रतिशत था। ट्रक, वस्तुओं की ढुलाई में इस्तेमाल होने वाले वाहनों जिसमें ईंधन की लागत शामिल है, पर अब 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा जो अभी 18 प्रतिशत है। बागडोगरा से पूर्वोत्तर राज्यों तक की हवाई यात्रा पर जीएसटी छूट अब ‘इकनॉमी' श्रेणी तक सीमित होगी।
आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक), बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड जैसे नियामकों की सेवाओं के साथ रिहायशी मकान कारोबारी इकाइयों को किराये पर देने पर कर लगेगा। बैटरी या उसके बिना इलेक्ट्रिक वाहनों पर रियायती पांच प्रतिशत जीएसटी बना रहेगा।
जीएसटी परिषद ने ई-कॉमर्स पोर्टल के माध्यम से की जाने वाली अंतर-राज्य आपूर्ति के लिए प्रक्रिया को आसान बनाने का भी निर्णय किया है। अब ऐसे आपूर्तिकर्ताओं का वस्तुओं और सेवाओं का कारोबार क्रमशः 40 लाख रुपये और 20 लाख रुपये से कम है तो उन्हें जीएसटी पंजीकरण प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं होगी। यह एक जनवरी, 2023 से लागू होगा। परिषद ने जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण के गठन के संदर्भ में राज्यों की तरफ से उठाये गये विभिन्न मुद्दों पर चर्चा और सीजीएसटी कानून में उपयुक्त संशोधन के लिये मंत्री समूह भी गठित करने का निर्णय किया है। - बेंगलुरु। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने प्रबंधन और डिजाइन प्रशिक्षु के 45वें बैच के लिए करीब 55 हजार प्रत्याशियों में से 99 उम्मीदवारों का चयन किया है। एचएएल का मुख्यालय बेंगलुरु में है जिसने बुधवार को प्रबंधन और डिजाइन प्रशिक्षुओं का 45वां बैच शुरू किया। एचएएल ने यहां जारी बयान में कहा, '' बैच 52 हफ्तों तक एयरोनॉटिक्स, उत्पादन, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक, कंप्यूटर, विज्ञान, वित्त, मानव संसाधन, विधि आदि क्षेत्रों में गहन,रेजीमेंटर और विशिष्ट प्रशिक्षण से गुजरेगा।''इस मौके पर एचएएल के प्रबंध निदेशक आर माधवन ने प्रशिक्षुओं से अवसर का इस्तेमाल करियर निर्माण और राष्ट्र निर्माण में योगदान के लिए करने की अपील की। उन्होंने कहा,''एचएएल रक्षा बलों के लिए उडऩे वाली बेहतरीन मशीन का उत्पादन करता है और इसके अलावा विभिन्न रक्षा मंचों पर सहायता करता है। एचएएल का प्रशिक्षण और अध्ययन कार्यक्रम हमेशा चलता रहता है और इनमें बेहतरीन विदेशी संस्थानों के गुण शामिल हैं।''
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मुंबई. सरकार-प्रवर्तित राष्ट्रीय निवेश एवं अवसंरचना कोष (एनआईआईएफ) ने बुधवार को कहा कि उसने हिंदुस्तान पोर्ट्स में 22.5 प्रतिशत हिस्सेदारी लेने के लिए 30 करोड़ डॉलर (लगभग 2,250 करोड़ रुपये) का निवेश किया है। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, एनआईआईएफ की तरफ से किया गया यह सबसे बड़ा एकल निवेश है। इसके साथ ही हिंदुस्तान पोर्ट्स में उसका कुल निवेश बढ़कर 50 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया है। हिंदुस्तान पोर्ट्स संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की कंपनी डीपी वर्ल्ड की भारतीय इकाई है। यह पांच कंटेनर टर्मिनल का परिचालन करती है और 50 लाख से अधिक कंटेनरों का प्रबंधन करती है। एनआईआईएफ ने कहा कि हिंदुस्तान पोर्ट्स के मुंबई में दो कंटेनर टर्मिनल हैं जबकि मुंद्रा, चेन्नई और कोचिन में एक-एक टर्मिनल संचालित किए जा रहे हैं। -
अहमदाबाद. रिलायंस जियो गुजरात में फिक्स्ड लाइन सेवा प्रदान करने वाली सबसे बड़ी कंपनी बन गई है। कंपनी ने गुजरात में अपना कारोबार शुरू करने के तीन साल से भी कम समय में चार लाख से अधिक ग्राहकों को जोड़ा है। रिलायंस जियो ने बुधवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि पांच सितंबर, 2019 को जियोफाइबर ने अपना वाणिज्यिक संचालन शुरू किया था। तब से जियो गुजरात के 40 से अधिक शहरों, कस्बों और गांवों तक पहुंच गई है और चार लाख से अधिक ग्राहकों को जोड़ चुकी है। भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) की अप्रैल, 2022 रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात में जियो के ‘फाइबर-टू-द-होम' उपयोगकर्ताओं की संख्या पहली बार चार लाख का आंकड़ा पार कर गई। इसी के साथ कंपनी बीएसएनएल के 3.80 लाख उपयोगकर्ता के आंकड़े को पीछे छोड़ते हुए लैंडलाइन सेवा प्रदान करने वाली राज्य की सबसे बड़ी कंपनी बन गई। जियो ने अप्रैल, 2022 के दौरान 20,832 नए जियो फाइबर ग्राहक जोड़े। इससे राज्य में कंपनी के कुल उपयोगकर्ताओं की संख्या 4.03 लाख पहुंच गई। - नयी दिल्ली। टाटा मोटर्स के वाणिज्यिक वाहन एक जुलाई से 1.5 से 2.5 प्रतिशत तक महंगे हो जाएंगे। कंपनी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि उत्पादन लागत की आंशिक भरपाई के लिए वह यह कदम उठा रही है। टाटा मोटर्स ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा कि लगभग सभी वाणिज्यिक वाहनों के दाम बढ़ेंगे। दाम कितना बढ़ेगा यह मॉडल और संस्करण पर निर्भर करेगा। कंपनी ने कहा कि उसने विनिर्माण के विभिन्न चरणों में उत्पादन लागत में बढ़ोतरी का काफी बोझ खुद वहन करने का प्रयास किया है। लेकिन उत्पादन की कुल लागत काफी बढ़ी है। ऐसे में अब इसका कुछ बोझ ग्राहकों पर डालना जरूरी हो गया है। अप्रैल में टाटा मोटर्स ने अपने यात्री वाहनों के दाम 1.1 प्रतिशत और वाणिज्यिक वाहनों के दो से ढाई प्रतिशत बढ़ाए थे।
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नई दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2017 के बाद से भारत में आय असमानता में कमी आई है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कोविड महामारी के दौरान भी देश में आय असमानता घटी। स्टेट बैंक के ग्रुप मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्या कांति घोष द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के अनुसार की भारत ने कोविड महामारी के दौरान आबादी के एक बड़े हिस्से को आमदनी बंद हो जाने के संकट से उबारा। रिपोर्ट के अनुसार भारत का निर्धनता अनुपात वर्ष 2011-12 के 21.9 प्रतिशत से कम होकर वर्ष 2020-21 में 17 .9 प्रतिशत पर आ गया।
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नई दिल्ली। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि सरकार, आठ सीटों वाले मोटर वाहनों में कम से कम छह एयरबैग लगाना अनिवार्य करेगी।
इंटेल इंडियाज सेफ्टी पायनियर्स कॉन्फ्रेंस 2022 को संबोधित करते हुए श्री गडकरी ने कहा कि देश भर में प्रतिवर्ष दुर्घटनाओं में लगभग एक लाख 50 हजार लोगों की मौत होती है। एयरबैग, वाहन में यात्रा कर रहे व्यक्ति के लिए बचाव और सुरक्षा प्रणाली है जो दुर्घटना के दौरान चालक और वाहन के डैश-बोर्ड के बीच अवरोध का काम करती है जिससे गंभीर चोट की आशंका रोकी जा सकती है। उन्होंने कहा कि इसके लिए हमें ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री समेत सभी पक्षों के सहयोग की आवश्यकता है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने जनवरी महीने में कहा था कि टकराव के दौरान मोटर वाहनों के यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए केंद्रीय मोटर वाहन नियम (सीएमवीआर) 1989 में सुरक्षा बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। -
नयी दिल्ली| तांबा विनिर्माण के क्षेत्र में कदम रखने वाले अडाणी समूह ने गुजरात के मुंद्रा में दस लाख टन के सालाना उत्पादन वाली इकाई की स्थापना के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से कर्ज की व्यवस्था की है। अडाणी समूह ने एक बयान में कहा, ‘‘अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड की अनुषंगी कच्छ कॉपर लिमिटेड (केसीएल) कॉपर रिफायनरी प्रोजेक्ट की स्थापना कर रही है। दो चरणों में बनने वाला यह संयंत्र हर साल दस लाख टन रिफाइंड तांबे का उत्पादन करेगा।'' बयान में कहा गया कि इस परियोजना के लिए भारतीय स्टेट बैंक की अगुआई में बैंकों के एक गठजोड़ से कर्ज मिला है। केसीएल परियोजना के पांच लाख टन की क्षमता वाले पहले चरण के लिए बैंकों के इस गठजोड़ ने 6,071 करोड़ रुपये की कर्ज आवश्यकता के लिए समझौता किया और इसे मंजूरी दी। अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के निदेशक विनय प्रकाश ने कहा कि इस परियोजना का परिचालन वर्ष 2024 की पहली छमाही में शुरू हो जाएगा।
- मुंबई। वाहन विनिर्माता टोयोटा किर्लोस्कर की वाहन कलपुर्जा इकाई टीकेएपी ने अपनी नई विद्युतीकृत उपकरण उत्पादन शृंखला 'ई-ड्राइव' के शुरू होने की रविवार को घोषणा की। टोयोटा किर्लोस्कर की तरफ से जारी एक विज्ञप्ति में ई-ड्राइव के उद्घाटन की जानकारी दी गई। ई-ड्राइव उच्च क्षमता वाली मोटर से लैस एक उन्नत ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकी है और इसे सरकार की उत्पादन-संबद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत अधिसूचित किया गया है।कर्नाटक के बिदाड़ी में स्थित ई-ड्राइव संयंत्र की सालाना क्षमता 1.35 लाख उपकरण निर्माण की है। इन कलपुर्जों का इस्तेमाल इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण में किया जाएगा। टोयोटा का यह ऐलान कर्नाटक सरकार के साथ किए गए 4,800 करोड़ रुपये के ई-वाहन प्रोत्साहन समझौते की एक कड़ी है। इस निवेश योजना के तहत टोयोटा किर्लोस्कर मोटर्स (टीकेएम) और टीकेएपी मिलकर 4,100 करोड़ रुपये निवेश करेंगी जबकि समूह की एक अन्य कंपनी टोयोटा इंडस्ट्रीज इंजन इंडिया 700 करोड़ रुपये का निवेश कर्नाटक में करेगी। इसके साथ ही कंपनी ने टोयोटा तकनीकी प्रशिक्षण संस्थान (टीटीटीआई) के दूसरे चरण के विस्तार की भी घोषणा की जहां ग्रामीण, प्रतिभाशाली एवं आर्थिक रूप से कमजोर युवाओं को विश्वस्तरीय टेक्निशियन बनाने पर जोर दिया जाएगा।
- नयी दिल्ली। इस्पात के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम सेल और मारुति उद्योग लिमिटेड (अब मारुति सुजुकी) के पूर्व अध्यक्ष वी. कृष्णमूर्ति का रविवार को चेन्नई में निधन हो गया। वह 97 वर्ष के थे। सेल के एक बयान के अनुसार, कृष्णमूर्ति के एक पूर्व सहकर्मी ने बताया कि उनका चेन्नई में उनके घर में निधन हो गया। वी. कृष्णमूर्ति 1985 से 1990 तक सेल के अध्यक्ष रहे थे।बयान में कहा गया है, ''सेल परिवार पूर्व अध्यक्ष पद्म विभूषण डॉ. वेंकटरमण कृष्णमूर्ति के 26 जून 2022 को हुए दुखद निधन से शोकाकुल है।'' सेल ने कहा कि वह कई अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के भी अध्यक्ष रहे। वह भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल), मारुति उद्योग और गेल के भी अध्यक्ष रहे थे। कृष्णमूर्ति के निधन पर टीवीएस के अध्यक्ष वेणु श्रीनिवासन ने कहा, ''डॉ. वी. कृष्णमूर्ति उस वक्त से मेरे मार्गदर्शक थे जब मैंने काम करना शुरू किया और वह मेरे पूरे करियर में मार्गदर्शक रहे। टीवीएस मोटर कंपनी बनाने के दौरान मेरी मदद करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी।''
- नयी दिल्ली। स्पाइसजेट के दो अलग-अलग विमानों में शुक्रवार और शनिवार को उड़ान भरने के दौरान ‘फ्यूसलेज' द्वार चेतावनी लाइट जगमगाने की घटनाएं सामने आने के बाद विमानन नियामक डीजीसीए ने जांच के आदेश दिए हैं। चेतावनी लाइट जलने के चलते विमानों को अपनी यात्रा पूरी किए बिना वापस लौटने को मजबूर होना पड़ा। डीजीसीए के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पिछले एक सप्ताह के दौरान स्पाइसजेट की चार उड़ानों के दौरान ऐसी घटनाएं सामने आईं। उन्होंने बताया कि नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने इन सभी चार घटनाओं की जांच शुरू की है। ‘फ्यूसलेज' विमान का मध्य भाग होता है, जहां यात्री और चालक दल के सदस्य बैठते हैं।पटना हवाई अड्डे से 19 जून को दिल्ली के लिए उड़ान भरने के तत्काल बाद स्पाइसजेट के विमान के इंजन में आग लग गई थी और चंद मिनट बाद ही विमान को आपातकालीन तौर पर उतारा गया था। इस उड़ान में 185 यात्री सवार थे। पक्षी के टकरा जाने के कारण इंजन मं आग लग गई थी। अन्य घटना में 19 जून को ही जबलपुर के लिए रवाना हुई स्पाइसजेट की एक उड़ान को ‘‘केबिन में दबाव'' की दिक्कत के चलते दिल्ली वापस लौटना पड़ा था। अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार (24 जून) को गुवाहाटी से कोलकाता जाने वाली स्पाइसजेट की क्यू400 विमान की चेतावनी लाइट जगमगाने के बाद पायलट ने 5,000 फुट की ऊंचाई पर उड़ रहे विमान को वापस गुवाहाटी ले जाने का फैसला किया। उन्होंने बताया कि इसी तरह की घटना शनिवार (25 जून) को पटना से गुवाहाटी की उड़ान भरने वाले स्पाइसजेट के क्यू400 विमान में भी सामने आई। वहीं, शुक्रवार की घटना के संबंध में स्पाइसजेट ने कहा कि चेतावनी लाइट जगमगाने के बाद पायलट ने विमान को वापस गुवाहाटी ले जाने का निर्णय लिया और हवाई यातायात नियंत्रक के साथ समन्वय कर विमान को सुरक्षित गुवाहाटी में उतारा।
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नयी दिल्ली। सरकार ने जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर लगाने की समय सीमा करीब चार साल के लिए बढ़ाकर 31 मार्च 2026 तक कर दी है।वित्त मंत्रालय द्वारा अधिसूचित माल एवं सेवा कर (उपकर की अवधि और संग्रह की अवधि) नियम, 2022 के अनुसार एक जुलाई 2022 से 31 मार्च 2026 तक क्षतिपूर्ति उपकर का आरोपण जारी रहेगा।उपकर लगाने की समयसीमा 30 जून को ही समाप्त होने वाली थी लेकिन केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद ने इसकी समयसीमा को मार्च 2026 तक विस्तार देने का फैसला किया। बीते दो वित्त वर्षों में लिए गए कर्जों के पुनर्भुगतान के लिए इस समयसीमा को बढ़ाने का फैसला किया गया है।महंगी वस्तुओं और गैर जरूरी सामान पर लगने वाला क्षतिपूर्ति उपकर मार्च 2026 तक लिया जाएगा ताकि जीएसटी राजस्व में हुए नुकसान की राज्यों को भरपाई करने के लिए 2020-21, 2021-22 के दौरान लिए गए कर्जों का भुगतान हो सके।
केंद्र ने उपकर संग्रह में आई गिरावट की भरपाई के लिए वित्त वर्ष 2020-21 में उधारी जुटाकर 1.1 लाख करोड़ रुपये जारी किए थे जबकि वित्त वर्ष 2021-22 में 1.59 करोड़ रुपये की उधारी ली थी।कई राज्यों ने केंद्र सरकार से क्षतिपूर्ति व्यवस्था जारी रखने की मांग करते हुए कहा था कि क्षतिपूर्ति व्यवस्था बंद होने से उन्हें राजस्व की किल्लत होने लगेगी। जीएसटी लागू होने पर राज्यों को होने वाली राजस्व क्षति की भरपाई के लिए क्षतिपूर्ति व्यवस्था लागू की गई थी। लेकिन इसे शुरू में सिर्फ पांच साल के लिए ही लागू किया जाना था जो 30 जून, 2022 को खत्म होने वाला था। केंद्र सरकारर ने राज्यों को 31 मई, 2022 तक देय जीएसटी क्षतिपूर्ति राजस्व का भुगतान कर दिया है। -
नई दिल्ली। यात्रा एवं आतिथ्य मंच ओयो ने शुक्रवार को घोषणा की कि छोटे व्यवसायों से संबंधित लोगों को उससे जुड़े होटलों में रुकने पर एक सीमित समय के लिए शुल्क में 60 फीसदी की छूट मिलेगी। कंपनी ने एक बयान में कहा कि यह सुविधा छोटे और मध्यम स्तर के व्यवसायों के लिए है और इसकी घोषणा विश्व एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) दिवस के अवसर पर की गई है। इसमें कहा गया कि इस श्रेणी के व्यवसाय से जुड़े लोगों को 27 जून से 3 जुलाई, 2022 तक ओयो होटलों में रुकने पर 60 प्रतिशत की छूट मिलेगी। यह छूट देशभर में ओयो की करीब 2,000 संपत्तियों में 10,000 से अधिक कमरों पर दी जा रही है।
- नयी दिल्ली,। विमानन कंपनी जेट एयरवेज ने शुक्रवार को परिचालन नियुक्तियां शुरू कीं और अपने केबिन क्रू के पूर्व सदस्यों को एयरलाइन में लौटने को कहा।विमानन क्षेत्र के नियामक नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने 20 मई को एयरलाइन को वाणिज्यिक हवाई परिचालन बहाल करने की इजाजत दी थी।एयरलाइन के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) संजीव कपूर ने ट्वीट किया, ‘‘हमारी परिचालन नियुक्तियां शुरू हो गई हैं जिसमें हमने जेट के पूर्व कर्मियों को वापस बुलाया है। आने वाले दिनों में पायलट और इंजीनियरों की नियुक्तियां शुरू करेंगे।’’एयरलाइन का वाणिज्यिक हवाई परिचालन जुलाई-सितंबर तिमाही में शुरू हो सकता है। फिलहाल एयरलाइन ने केवल महिला क्रू सदस्यों को ही वापस बुलाया है।


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