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नई दिल्ली। मारुति सुजुकी इंडिया ने शुक्रवार को अपनी पहली बैटरी इलेक्ट्रिक कार eVITARA को पेश किया, जिसे 100 से अधिक देशों में निर्यात किया जाएगा। यह मॉडल ऑटो एक्सपो के दौरान, भारत मोबिलिटी शो के हिस्से के रूप में पेश किया गया। सुजुकी मोटर के कॉर्पोरेशन रिपरजेटिव डायरेक्टर और प्रेसिडेंट तोशीहिरो सुजुकी ने कहा कि यह इलेक्ट्रिक SUV यूरोप और जापान सहित अन्य क्षेत्रों में निर्यात की जाएगी।
सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन, जो मारुति सुजुकी इंडिया में लगभग 58 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखता है, भारत को इस मॉडल का ग्लोबल प्रोडक्शन हब बनाने की योजना बना रहा है।तोशीहिरो सुजुकी ने कहा, “हम अगले कुछ महीनों में eVITARA का उत्पादन शुरू करने की योजना बना रहे हैं और इसे मारुति सुजुकी के गुजरात प्लांट से तैयार किया जाएगा। यहां से इसे 100 से अधिक देशों में, यूरोप और जापान सहित निर्यात किया जाएगा।”eVITARA सुजुकी का पहला ग्लोबल स्ट्रैटेजिक बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन है, जिसकी भारत और दुनिया के दूसरे हिस्सों में लंबी समय से प्रतीक्षा थी। सुजुकी ने बताया कि कंपनी ने भारत, जापान और यूरोप जैसे प्रमुख व्यापार क्षेत्रों में BEV के लिए ग्राहकों की आवश्यकताओं का लंबा रिसर्च किया है। इस रिसर्च के आधार पर, ऑटोमेकर का उद्देश्य BEVs को ग्राहकों के लिए आकर्षक बनाना है।eVITARA में क्या क्या मिलेगाeVITARA में 49kWh और 61kWh के दो बैटरी विकल्प होंगे, जो एक चार्ज में लगभग 500 किलोमीटर की ड्राइविंग रेंज मिलेगी।E Vitara केबिन को डुअल-टोन ब्लैक और टैन थीम में फिनिश किया गया है और जहां निचले हिस्से को ब्लैक में फिनिश किया गया है, वहीं टैन में फिनिश किए गए सॉफ्ट-टच अपहोल्स्ट्री का भरपूर उपयोग किया गया है। इसमें टचस्क्रीन और इंस्ट्रूमेंट पैनल को शामिल करते हुए एक फ्री-स्टैंडिंग सिंगल-पीस पैनल है, जबकि सेंट्रल कंसोल पर तुरंत पहुंचने के लिए फिजिकल बटन भी हैं।अन्य फीचर्स की अगर बात करें तो इसमें फ्लैट बॉटम स्टीयरिंग व्हील, गियर के लिए रोटरी नॉब, इलेक्ट्रॉनिक पार्किंग ब्रेक, 360-डिग्री कैमरा व्यू और कनेक्टेड कार टेक्नोलॉजी शामिल हैं।Maruti Suzuki देश भर में ईवी के लिए एक मजबूत चार्जिंग इकोसिस्टम विकसित करने पर भी काम कर रही है। Maruti Suzuki के मार्केटिंग और सेल्स के सीनियर एग्जीक्यूटिव अधिकारी पार्थो बनर्जी ने पहले कहा था, “EV को अपनाने में एक बडी चार्जिंग सुविधाओं की कमी है। इस मुद्दे से निपटने के लिए, हम E Vitara के साथ एक बड़ा और विश्वसनीय EV इकोसिस्टम लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” इसमें होम चार्जिंग समाधान के साथ-साथ Maruti Suzuki डीलरशिप और सर्विस टचपॉइंट पर उपलब्ध फास्ट चार्जर्स का एक बड़ा नेटवर्क शामिल होगा। बनर्जी ने कहा, “हमारा लक्ष्य EV को ग्राहकों के लिए सुलभ, सुविधाजनक और आकर्षक बनाना है, और यही वह है जिसे हमने E Vitara के साथ हासिल करने का लक्ष्य रखा है।” -
नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो-2025 को दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ऑटोमोटिव शो बताया है। यह उद्घाटन आज शुक्रवार को नई दिल्ली में हुआ। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने प्रोत्साहन, सम्मेलन और प्रदर्शनी (एमआईसीई) इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में शानदार प्रगति की है। पीयूष गोयल ने बताया कि यह एक्सपो भारत की सफलता और प्रगति की कहानी दुनिया के सामने पेश कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि नवाचार और स्थिरता अब भारत के ऑटो उद्योग का मुख्य फोकस बन चुके हैं।
इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस एक्सपो का उद्घाटन किया और देश के दिग्गज उद्योगपतियों, रतन टाटा और ओसामु सुजुकी के योगदान को याद किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इनकी विरासत मोबिलिटी सेक्टर को प्रेरित करती रहेगी। यह एक्सपो 17 से 22 जनवरी तक तीन प्रमुख स्थलों- भारत मंडपम (नई दिल्ली), यशोभूमि (द्वारका), और इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट (ग्रेटर नोएडा) में आयोजित किया जाएगा। इसका उद्देश्य मोबिलिटी से जुड़ी सभी गतिविधियों और तकनीकों को एक जगह लाना है।पीयूष गोयल ने बताया कि इस एक्सपो के लिए दिल्ली-एनसीआर में 2 लाख वर्ग मीटर जगह का उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) सेक्टर में बड़ा बदलाव ला रहे हैं। पहली बार ऑटो खरीदने वालों को ईवी खरीदने के लिए प्रोत्साहित करना जरूरी है।उन्होंने जोर देकर कहा कि यह एक्सपो भारत के निवेश और निर्यात को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा। भारत मोबिलिटी ने ऑटोमोबाइल और उससे जुड़े हर क्षेत्र को एक छत के नीचे लाकर एक मजबूत इकोसिस्टम तैयार किया है। गोयल ने यह विश्वास भी जताया कि अगले साल तक यह दुनिया का सबसे बड़ा ऑटो शो बन जाएगा और ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए एकमात्र वैश्विक केंद्र के रूप में उभरेगा। -
मुंबई. अमेरिका में उपभोक्ता मुद्रास्फीति के अपेक्षा से कम रहने के बाद फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में और कटौती की उम्मीद बढ़ने के बाद वैश्विक बाजारों में आई तेजी से बृहस्पतिवार को स्थानीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में लगातार तीसरे सत्र में तेजी रही। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 318.74 अंक यानी 0.42 प्रतिशत की बढ़त के साथ 77,042.82 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान, एक समय यह 595.42 अंक तक चढ़कर 77,319.50 अंक पर पहुंच गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 98.60 अंक यानी 0.42 प्रतिशत की बढ़त के साथ 23,311.80 अंक पर बंद हुआ। कारोबारियों ने कहा कि विदेशी पूंजी प्रवाह में निरंतर कमी, रुपये में कमजोरी और वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से घरेलू शेयर बाजारों पर दबाव बना हुआ है। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, “स्थानीय बाजार में सकारात्मक कारोबार जारी रहा। यह अमेरिका में मुद्रास्फीति के नरम आंकड़ों के बाद सकारात्मक निवेशक भावना से प्रेरित था, जिसने फेडरल रिजर्व द्वारा संभावित दर कटौती की उम्मीदें जगाई हैं। उन्होंने कहा, “इसके अलावा, इजराइल-हमास संघर्ष विराम में अनुकूल घटनाक्रम और व्यापार घाटे में कमी ने बाजार की ऊपर की ओर गति को और बढ़ाया। हालांकि, ब्रिटेन के आर्थिक वृद्धि के कमजोर आंकड़ों ने इस धारणा को कुछ हद तक कम कर दिया।” सेंसेक्स की कंपनियों में अदाणी पोर्ट्स, भारतीय स्टेट बैंक, बजाज फिनसर्व, भारती एयरटेल, टाटा मोटर्स, इंडसइंड बैंक, एनटीपीसी, मारुति, रिलायंस इंडस्ट्रीज और एक्सिस बैंक के शेयर लाभ में रहे। वहीं एचसीएल टेक, नेस्ले, इन्फोसिस, हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईटीसी और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के शेयर नुकसान में रहे। एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग बढ़त में रहे। सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेवा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी इन्फोसिस का एकीकृत शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में सालाना आधार पर 11.46 प्रतिशत बढ़कर 6,806 करोड़ रुपये रहा है। बीएसई पर इन्फोसिस का शेयर 1.21 प्रतिशत गिरकर 1,926.20 रुपये पर बंद हुआ।
यूरोप के बाजारों में दोपहर के कारोबार में तेजी थी। बुधवार को अमेरिकी बाजार बढ़त में रहे थे। बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक में 1.43 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जबकि मिडकैप 0.92 प्रतिशत के लाभ में रहा।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बुधवार को 4,533.49 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.18 प्रतिशत की गिरावट के साथ 81.88 डॉलर प्रति बैरल रहा।
पिछले सत्र में बुधवार को सेंसेक्स 224.45 अंक बढ़कर 76,724.08 अंक पर बंद हुआ था। वहीं निफ्टी 37.15 अंक के लाभ के साथ 23,213.20 अंक पर रहा था। - नयी दिल्ली। आभूषण एवं खुदरा विक्रेताओं की ताजा लिवाली तथा रुपये में गिरावट के बीच बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत 500 रुपये की तेजी के साथ 81,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई, जो दो महीने का उच्चस्तर है। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी है। बुधवार को सोने की कीमत 80,800 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी।99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने का भाव 500 रुपये बढ़कर 80,900 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। पिछले कारोबारी सत्र में यह 80,400 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। चांदी की कीमत भी 2,300 रुपये बढ़कर 94,000 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई, जो बुधवार को 91,700 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। बृहस्पतिवार को रुपया, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 16 पैसे कमजोर होकर 86.56 (अस्थायी) पर बंद हुआ। विदेशों में डॉलर के मजबूत होने, कच्चे तेल की ऊंची कीमतों और विदेशी पूंजी की निकासी के कारण रुपये में गिरावट आई। वैश्विक स्तर पर, कॉमेक्स सोना वायदा 19.70 डॉलर प्रति औंस बढ़कर 2,737.50 डॉलर प्रति औंस हो गया।एलकेपी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष शोध विश्लेषक (जिंस और मुद्रा) जतिन त्रिवेदी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कॉमेक्स सोने में तेजी, दिसंबर के अमेरिकी सीपीआई आंकड़े के जारी होने के बाद आई, जो उम्मीदों के अनुरूप था। त्रिवेदी ने कहा कि हालांकि, उम्मीद से कम मुख्य उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) ने सोने की कीमतों को अतिरिक्त समर्थन प्रदान किया। मुद्रास्फीति के नरम आंकड़े ने फेडरल रिजर्व द्वारा दरों में कटौती जारी रखने की उम्मीदों को मजबूत किया है, जिससे सोने की तेजी को गति मिली है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक-जिंस सौमिल गांधी ने कहा कि बाजार प्रतिभागी बृहस्पतिवार को जारी होने वाले खुदरा बिक्री और फिलाडेल्फिया फेड मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स जैसे महत्वपूर्ण अमेरिकी वृहद आर्थिक आंकड़ों पर नजर रखेंगे, जो सर्राफा कीमतों को और दिशा प्रदान करेंगे। कॉमेक्स चांदी वायदा भी एशियाई बाजार घंटों में 1.28 प्रतिशत बढ़कर 31.94 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था।
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नई दिल्ली। डिजिटल सामग्री के लिए भारतीय भाषाओं के बढ़ते इस्तेमाल से भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या इस वर्ष 90 करोड़ को पार कर जाएगी। इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) और विपणन डेटा, अंतर्दृष्टि एवं परामर्श कंपनी कैंटर की ‘इंटरनेट इन इंडिया रिपोर्ट-2024’ के अनुसार, भारत में सक्रिय इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या 2024 में 88.6 करोड़ तक पहुंच गई है, जो सालाना आधार पर आठ प्रतिशत की मजबूत वृद्धि है।
रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘ डिजिटल सामग्री के लिए भारतीय भाषाओं के बढ़ते इस्तेमाल से भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या 2025 तक 90 करोड़ को पार कर जाएगी।’’ ग्रामीण भारत 48.8 करोड़ उपयोगकर्ताओं के साथ इस वृद्धि में अग्रणी है तथा अब कुल इंटरनेट आबादी में इसकी हिस्सेदारी 55 प्रतिशत है। रिपोर्ट में इंटरनेट के इस्तेमाल को आकार देने में भारतीय भाषाओं की बढ़ती भूमिका पर जोर दिया गया है।इसमें कहा गया, करीब 98 प्रतिशत इंटरनेट उपयोगकर्ताओं ने भारतीय भाषाओं में सामग्री का इस्तेमाल किया। इनमें तमिल, तेलुगू और मलयालम अपनी व्यापक उपलब्धता के साथ सबसे लोकप्रिय भाषाएं बनकर उभरीं। शहरी इंटरनेट उपयोगकर्ताओं में से आधे से अधिक (लगभग 57 प्रतिशत) क्षेत्रीय भाषाओं में सामग्री देखना पसंद करते हैं, जो विभिन्न मंचों पर स्थानीय भाषा की सामग्री की बढ़ती मांग को रेखांकित करता है।रिपोर्ट के अनुसार, भारत में डिजिटल मामले में स्त्री-पुरुष अंतर लगातार कम हो रहा है। देश में कुल इंटरनेट उपयोगकर्ताओं में से 47 प्रतिशत महिलाएं हैं, जो अबतक का सर्वाधिक आंकड़ा है। शहरी भारत गैर-पारंपरिक उपकरणों जैसे स्मार्ट टीवी तथा स्मार्ट स्पीकर को अपनाने में अग्रणी है, जो 2023 से 2024 के बीच 54 प्रतिशत बढ़ा है। - मुंबई. भारत के संगठित आभूषण उद्योग के राजस्व में वित्त वर्ष 2025-26 में 17 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है। इंडिया रेटिंग्स की बुधवार को जारी एक रिपोर्ट मे यह बात कही गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि शादी-विवाह के सीजन और निवेश की मांग के कारण आभूषण उद्योग के राजस्व में बढ़ोतरी होगी। रिपोर्ट कहती है, ‘‘शादियों में सोने की मांग रहती है। यही वजह है कि सोने के आभूषणों की मांग बनी रहेगी। इसके अलावा, मौजूदा वैश्विक भू-राजनीतिक एवं व्यापक आर्थिक अनिश्चितता और परिसंपत्ति वर्ग की तुलना में सर्राफा के बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए निवेश की मांग को बढ़ावा मिलने की संभावना है।'' रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके अलावा कामकाज के संचालन के उच्च मानकों वाले कंपनियों को बेहतर वित्त की उपलब्धता से लाभ पहुंचेगा। इंडिया रेटिंग्स को उम्मीद है कि प्रतिस्पर्धी दबावों के कारण वित्त वर्ष के दौरान परिचालन लाभ मार्जिन सीमित दायरे में रहेगा। इसके कारण कंपनियों को ज्यादा रियायतें देनी पड़ेंगी, विज्ञापन पर अधिक खर्च करना पड़ेगा। भारतीय आभूषण उद्योग में संगठित क्षेत्र की हिस्सेदारी, जिसका मूल्य 6,000 अरब रुपये से अधिक है, वित्त वर्ष 2020-21 के 30 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में लगभग 40 प्रतिशत हो गया है। बाजार हिस्सेदारी में 10 प्रतिशत की और वृद्धि के साथ यह 2028-29 तक लगभग 50 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी।
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नयी दिल्ली. उद्योग मंडल पीएचडीसीसीआई ने बुधवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 6.8 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष में 7.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इसके साथ ही उद्योग मंडल ने कहा कि वर्ष 2026 तक भारत जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) के अध्यक्ष हेमंत जैन ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में मजबूती से आगे बढ़ने वाली भारतीय अर्थव्यवस्था के 2026 तक जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद है। पीएचडीसीसीआई ने बयान में कहा कि उसने वित्त वर्ष 2024-25 में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 6.8 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2025-26 में 7.7 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया है। इसके साथ ही उद्योग मंडल ने चालू वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति की दर 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताते हुए कहा कि कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण, वित्त-प्रौद्योगिकी, सेमीकंडक्टर, नवीकरणीय ऊर्जा, स्वास्थ्य और बीमा जैसे संभावनाशील क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उद्योग मंडल ने अगले वित्त वर्ष (2025-26) के बजट के संदर्भ में कहा कि आयकर की उच्चतम दर केवल 40 लाख रुपये से अधिक आय वाले व्यक्तियों पर लागू ही होनी चाहिए और आयकर छूट सीमा को भी बढ़ाकर 10 लाख रुपये किया जाना चाहिए। उसने कहा कि लोगों के हाथों में खर्च के लायक अधिक आय रखकर खपत को बढ़ावा देना जरूरी है। पीएचडीसीसीआई ने उम्मीद जताई है कि रिजर्व बैंक अगले महीने अपनी मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती करेगा जिससे खुदरा मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय कमी आने की संभावना है। पीएचडीसीसीआई के उप महासचिव एस पी शर्मा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘अगली समीक्षा में 0.25 प्रतिशत अंक की कटौती होनी चाहिए। अब खुदरा मुद्रास्फीति कम हो रही है लेकिन कुछ खाद्य पदार्थों की कीमतें अब भी अधिक हैं। इसके बावजूद हमें उम्मीद है कि आने वाली तिमाहियों में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर चार से 2.5 प्रतिशत के बीच आ जाएगी।'' उन्होंने कहा कि उद्योग मंडल ने बजट में आयकर की अधिकतम दर के लिए आय सीमा को 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 40 लाख रुपये किए जाने का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘आज 15 लाख रुपये एक मध्यम आय है और हम इसपर उच्चतम कर दर लगा रहे हैं। इस तरह की मध्यम आय पर कोई उच्चतम दर नहीं होनी चाहिए और यदि हम उपभोग अर्थव्यवस्था हैं तो उच्चतम दर भी 25 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए।'' इसके अलावा पीएचडीसीसीआई ने स्वामित्व या साझेदारी और एलएलपी के तहत संचालित संस्थाओं पर कर की दर को भी 33 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत पर लाने की मांग रखी है।
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नई दिल्ली। टाटा की अगुवाई वाली एयर इंडिया दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक समागम महाकुंभ मेला 2025 के दौरान दिल्ली और प्रयागराज के बीच दैनिक उड़ानें संचालित करेगी। एयर इंडिया ने हवाई यात्रा की बढ़ती मांग को देखते हुए दिल्ली और प्रयागराज के बीच अस्थायी दैनिक उड़ान सेवा शुरू करने का ऐलान किया है।
एयरलाइन 25 जनवरी से 28 फरवरी 2025 तक उड़ानें संचालित करेगीएयर इंडिया ने जारी बयान में कहा कि इस रूट पर जैसे-जैसे मांग बढ़ेगी, एयरलाइन 25 जनवरी से 28 फरवरी 2025 तक उड़ानें संचालित करेगी। इसका उद्देश्य दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक समागम के दौरान यात्रा की बढ़ती मांग को पूरा करना है, जिसमें दुनियाभर से लाखों श्रद्धालु आते हैं। इन उड़ानों के साथ एयर इंडिया ग्राहकों के लिए दो शहरों के बीच एकमात्र पूर्ण-सेवा उड़ान विकल्प लेकर आई है।अब यात्रा करने वालों को समय बचत के साथ बेहतर कनेक्टिविटी का मिलेगा लाभइससे यात्रा करने वालों को समय बचाने और बेहतर कनेक्टिविटी का लाभ मिलेगा। विशेष बात यह है कि एयर इंडिया इस रूट्स पर एकमात्र फुल सर्विस एयरलाइन होगी, जो यात्रियों को प्रीमियम और इकोनॉमी दोनों ऑप्शन उपलब्ध कराएगी। इन विमानों में इकोनॉमी क्लास के अलावा प्रीमियम केबिन का विकल्प भी होगा। इससे भारत के विभिन्न हिस्सों के साथ-साथ उत्तरी अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण पूर्व एशिया के कई देशों के श्रद्धालुओं को भी आसानी से संपर्क सुविधा मिलेगी।दिल्ली- प्रयागराज फ्लाइट का शेड्यूलएयर इंडिया के मुताबिक 25 जनवरी से 31 जनवरी तक दिल्ली से फ्लाइट 14:10 बजे रवाना होकर 15:20 बजे प्रयागराज पहुंचेगी। वापसी फ्लाइट 16:00 बजे प्रयागराज से उड़ान भरेगी और 17:10 बजे दिल्ली पहुंचेगी। इसके बाद 1 फरवरी से 28 फरवरी तक दिल्ली से फ्लाइट 13:00 बजे रवाना होकर 14:10 बजे प्रयागराज पहुंचेगी। वापसी फ्लाइट 14:50 बजे प्रयागराज से उड़ान भरेगी और 16:00 बजे दिल्ली पहुंचेगी।दिल्ली और प्रयागराज की टिकट बुकिंगदिल्ली से प्रयागराज और प्रयागराज से दिल्ली के बीच एयर इंडिया की फ्लाइट्स के लिए बुकिंग एयरलाइन की वेबसाइट, मोबाइल ऐप और ट्रैवल एजेंट्स के माध्यम से की जा सकती है। यात्रियों को फ्लाइट बुकिंग के लिए जल्द से जल्द इस चैनल्स का उपयोग करना चाहिए, क्योंकि महाकुंभ के कारण यात्रा की भारी मांग हो सकती है। -
नयी दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोमवार को सोने की कीमत में लगातार पांचवें कारोबारी सत्र में तेजी जारी रही और आज इसकी कीमत 110 रुपये बढ़कर 80,660 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी है। पिछले सत्र में सोने की कीमत 80,550 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी।
पिछले पांच कारोबारी सत्रों में सोने की कीमत 1,660 रुपये बढ़कर 80,660 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई है। 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 110 रुपये बढ़कर 80,260 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई, जबकि इसका पिछला बंद भाव 80,150 रुपये प्रति 10 ग्राम था। एलकेपी सिक्योरिटीज में उपाध्यक्ष शोध विश्लेषक (जिंस एवं मुद्रा) जतिन त्रिवेदी ने कहा, ‘‘रुपये के कमजोर होकर 86.61 पर आने से सोने की कीमतों में तेजी आई। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा रूस पर लगाए गए नए प्रतिबंधों के कारण कच्चे तेल की कीमतों में तेजी आई, जिससे भू-राजनीतिक तनाव बढ़ गया।'' सोमवार को रुपया करीब दो साल में एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट के साथ 86.62 (अस्थायी) डॉलर के मुकाबले ऐतिहासिक निचले स्तर पर बंद हुआ। अमेरिकी मुद्रा में मजबूती और कच्चे तेल की कीमतों में उछाल के कारण रुपया 58 पैसे की गिरावट के साथ 86.62 (अस्थायी) डॉलर के मुकाबले ऐतिहासिक निचले स्तर पर बंद हुआ। त्रिवेदी ने कहा, ‘‘रुपये में गिरावट से घरेलू बाजार में सोने की कीमतों को समर्थन मिला, जिससे वैश्विक संकेतों का असर बढ़ा।'' हालांकि, सोमवार को चांदी लगातार दूसरे सत्र में 93,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर स्थिर रही।
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में, कॉमेक्स सोना वायदा 10.70 डॉलर प्रति औंस गिरकर 2,704.30 डॉलर प्रति औंस पर आ गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज में वरिष्ठ विश्लेषक-जिंस सौमिल गांधी ने कहा, ‘‘पिछले सप्ताह 1.95 प्रतिशत की बढ़त के बाद हाजिर सोने की कीमतें स्थिर हैं। मुद्रास्फीति की आशंकाओं के कारण कीमतों में उछाल आया है।'' एशियाई बाजार में कॉमेक्स चांदी वायदा 1.4 प्रतिशत की गिरावट के साथ 30.88 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था। -
नई दिल्ली। मंहगाई के मोर्चे पर आम आदमी के लिए राहत भरी खबर है। दिसंबर माह में भारत की खुदरा महंगाई दर 4 महीने के सबसे निचले स्तर 5.22% पर आ गई। यह जानकारी सोमवार को सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा जारी की गई। यह राहत सब्जियों, दालों और चीनी की कीमतों में गिरावट के चलते मिली है।
दिसंबर में महंगाई में गिरावट एक राहत का संकेत है क्योंकि यह अक्टूबर में 14 महीने के उच्चतम स्तर 6.21% पर पहुंचने के बाद लगातार घट रही है। नवंबर में यह दर 5.48% थी। मंत्रालय के मुताबिक , दिसंबर में सब्जियों, दालों, चीनी, अनाज और व्यक्तिगत देखभाल से जुड़ी वस्तुओं की कीमतों में गिरावट आई जिससे महंगाई दर में कमी दर्ज की गई।दिसंबर 2024 के लिए आवास क्षेत्र में साल-दर-साल महंगाई दर 2.71% रही, जो नवंबर के 2.87% से कम है। आवास का आंकड़ा केवल शहरी क्षेत्रों के लिए तैयार किया जाता है। दिसंबर 2024 में सबसे अधिक महंगाई वाले पांच प्रमुख सामान थे : मटर (89.12%), आलू (68.23%), लहसुन (58.17%), नारियल तेल (45.41%) और फूलगोभी (39.42%)। वहीं, सबसे कम महंगाई वाले सामानों में जीरा (-34.69%), अदरक (-22.93%), सूखी मिर्च (-10.32%), एलपीजी (-9.29%) शामिल थे।महंगाई में यह गिरावट इसलिए अहम है क्योंकि अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की अधिकतम सीमा 6% को पार कर गई थी। RBI ने संकेत दिया है कि जब तक महंगाई दर 4% पर स्थिर नहीं होती, वह ब्याज दरों में कटौती नहीं करेगा।हाल ही में RBI ने बैंकों के नकद आरक्षित अनुपात (CRR) को 0.5% घटाकर 4% कर दिया जिससे 1.16 लाख करोड़ रुपये बैंकिंग प्रणाली में जोड़े गए। इससे बाजार में ब्याज दरें कम होंगी और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। हालांकि, मुख्य नीति रेपो दर को 6.5% पर स्थिर रखा गया है। -
नयी दिल्ली. महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने शनिवार को कहा कि काम की गुणवत्ता पर ध्यान दें उसकी मात्रा पर नहीं, क्योंकि 10 घंटे में दुनिया बदल सकती है। इसी के साथ, महिंद्रा भी लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) के अध्यक्ष एस.एन. सुब्रह्मण्यन द्वारा सप्ताह में 90 घंटे काम करने की छेड़ी गई बहस में शामिल हो गए हैं। महिंद्रा ने राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रीय युवा महोत्सव को संबोधित करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर वह इसलिए नहीं हैं कि वह अकेले हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मेरी पत्नी बेहद खूबसूरत है। मुझे उसे निहारना अच्छा लगता है।'' लार्सन एंड टूब्रो (एलएंडटी) के चेयरमैन एस.एन. सुब्रह्मण्यन की टिप्पणियों से सोशल मीडिया पर विवाद खड़ा हो गया है। उन्होंने सवाल किया था, ‘‘आप अपनी पत्नी को कितनी देर तक निहार सकते हैं।'' सुब्रह्मण्यन ने सप्ताह में 90 घंटे काम करने की वकालत की और सुझाव दिया कि कर्मचारियों को रविवार को भी छुट्टी नहीं लेनी चाहिए। महिंद्रा ने सप्ताह में 90 घंटे काम करने को लेकर गए पूछे गए सवाल का उत्तर देते हुए इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति और अन्य के प्रति अपना सम्मान दोहराते हुए कहा, ‘‘मैं गलत नहीं कहना चाहता, लेकिन मुझे कुछ कहना है। मुझे लगता है कि यह बहस गलत दिशा में जा रही है, क्योंकि यह बहस काम की मात्रा के बारे में है।'' उन्होंने कहा, ‘‘मेरा कहना यह है कि हमें काम की गुणवत्ता पर ध्यान देना होगा, न कि काम की मात्रा पर। इसलिए, यह 40 घंटे, 70 घंटे या 90 घंटे की बात नहीं है। आप क्या परिणाम दे रहे हैं? भले ही यह 10 घंटे का हो, आप 10 घंटे में दुनिया बदल सकते हैं।'' महिंद्रा ने कहा कि उनका ‘‘हमेशा से मानना रहा है कि आपकी कंपनी में ऐसे लोग होने चाहिए जो समझदारी से निर्णय लें। तो, सवाल यह है कि किस तरह का मस्तिष्क सही निर्णय लेता है?'' उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि एक ऐसा मस्तिष्क होना चाहिए जो ‘‘समग्र तरीके से सोचता हो, जो दुनिया भर से आने वाले सुझावों के लिए खुला हो।'' महिंद्रा समूह के चेयरमैन ने साथ ही कहा कि इंजीनियरों और एमबीए जैसे विभिन्न पृष्ठभूमि के लोगों को कला और संस्कृति का अध्ययन करना चाहिए ताकि वे बेहतर निर्णय ले सकें। उन्होंने परिवार और मित्रों के साथ समय बिताने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए कहा, ‘‘यदि आप घर पर समय नहीं बिता रहे हैं, यदि आप मित्रों के साथ समय नहीं बिता रहे हैं, यदि आप पढ़ नहीं रहे हैं, यदि आपके पास चिंतन-मनन करने का समय नहीं है, तो आप निर्णय लेने में सही इनपुट कैसे लाएंगे?'' आनंद महिंद्रा ने वाहन बनाने वाली अपनी कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा का उदाहरण देते हुए कहा, ‘‘हमें यह तय करना होगा कि ग्राहक कार में क्या चाहता है। अगर हम हर समय केवल कार्यालय में ही रहेंगे, अपने परिवार के साथ नहीं होंगे, हम अन्य परिवारों के साथ नहीं होंगे तब हम कैसे समझेंगे कि लोग क्या खरीदना चाहते हैं? वे किस तरह की कार में बैठना चाहते हैं?'' महिंद्रा से सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर उनके फॉलोअर अक्सर पूछते हैं कि उनके पास कितना समय है और वह काम करने के बजाय सोशल मीडिया पर इतना समय क्यों बिताते हैं। इसका जवाब देते हुए उद्योगपति ने कहा, ‘‘मैं लोगों को बताना चाहता हूं कि मैं सोशल मीडिया पर ‘एक्स' पर हूं, इसलिए नहीं कि मैं अकेला हूं... मेरी पत्नी बहुत खूबसूरत है। मुझे उसे निहारना अच्छा लगता है। मैं अधिक समय बिताता हूं। मैं यहां दोस्त बनाने नहीं आया हूं। मैं यहां इसलिए आया हूं क्योंकि लोग यह नहीं समझते कि यह एक अद्भुत व्यावसायिक उपकरण है, कैसे एक ही मंच पर मुझे 1.1 करोड़ लोगों से प्रतिक्रिया मिलती है...।'' पिछले वर्ष, इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति ने भी यह कहकर एक बहस छेड़ दी थी कि युवाओं को सप्ताह में 70 घंटे काम करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कर हस्तांतरण के तहत राज्यों को ₹1,73,030 करोड़ की राशि जारी की है। यह दिसंबर 2024 में वितरित ₹89,086 करोड़ की तुलना में काफी अधिक है। केंद्र सरकार का उद्देश्य इस बढ़ी हुई राशि से राज्यों को उनके पूंजीगत खर्च बढ़ाने और विकास व कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने में मदद करना है।
बता दें कि कर हस्तांतरण एक संवैधानिक प्रक्रिया है, जिसके तहत केंद्र सरकार टैक्स राजस्व का हिस्सा राज्यों को वितरित करती है। यह प्रक्रिया वित्त आयोग की सिफारिशों पर आधारित होती है जो सुनिश्चित करता है कि टैक्स का वितरण निष्पक्ष और संतुलित हो।उत्तर प्रदेश को इस वितरण में सबसे अधिक ₹31,039.84 करोड़ मिले जबकि बिहार को ₹17,403.36 करोड़ और पश्चिम बंगाल को ₹13,017.06 करोड़ आवंटित हुआ। महाराष्ट्र और राजस्थान को क्रमशः ₹10,930.31 करोड़ और ₹10,426.78 करोड़ मिले। वहीं, छोटे राज्यों जैसे गोवा और सिक्किम को ₹667.91 करोड़ और ₹671.35 करोड़ का आवंटित किया गया।वित्त आयोग ने 2021 से 2026 की अवधि के लिए राज्यों का केंद्रीय टैक्स में हिस्सा 41 प्रतिशत तय किया है जो 2020-21 के अनुपात के समान है। हालांकि, यह हिस्सा 14वें वित्त आयोग के 2015-2020 के लिए निर्धारित 42 प्रतिशत से थोड़ा कम है। यह कमी जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के कारण हुई है।वित्त आयोग विभिन्न मानदंडों के आधार पर राज्यों का हिस्सा तय करता है। इसमें जनसांख्यिकीय प्रदर्शन को 12.5%, आय स्तर को 45%, जनसंख्या 15% और क्षेत्रफल को 15%, वन और पारिस्थितिकी को 10%, और टैक्स व वित्तीय प्रयासों को 2.5% का वेटेज दिया गया है। इस कर हस्तांतरण से राज्यों को उनके विकास कार्यों और योजनाओं को बेहतर ढंग से लागू करने में मदद मिलेगी। यह कदम राज्यों को अधिक वित्तीय स्वतंत्रता देने और उनकी आर्थिक प्रगति को गति देने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। -
नई दिल्ली। आम बजट 2025 पेश होने में एक महीने से भी कम का समय बचा हुआ है। बजट देश का सबसे बड़ा फाइनेंशियल इवेंट होता है। इसमें कई योजना, नीतियों और टैक्स को लेकर महत्वपूर्ण फैसले लिए जाते हैं, जिसका असर देश के आम से लेकर खास आदमी तक होता है।
1 फरवरी को बजटइसकी तैयारी के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण विभिन्न इंडस्ट्री लीडर्स और पक्षकारों के साथ बातचीत भी कर रही हैं, जिससे देश की विकास दर को आगे बढ़ाने वाला बजट पेश किया जा सके। बीते कई वर्षों से आम बजट को एक फरवरी को पेश किया जा रहा है। इस कारण उम्मीद है कि इस बार भी वित्त मंत्री 1 फरवरी, 2025 को सुबह 11 बजे बजट पेश कर सकती हैं। हालांकि, अभी इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।वित्त मंत्री सीतारमण ने छह पूर्ण बजट और एक अंतरिम बजट पेश कियावित्त मंत्री सीतारमण द्वारा अब तक छह पूर्ण बजट और एक अंतरिम बजट पेश किए जा चुके हैं। इस बार वह सातवां बजट पेश करेंगी।इस बार एक फरवरी को शनिवारइस बार 1 फरवरी 2025 को शनिवार पड़ रहा है। ऐसे में बहुत से लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि क्या वीकेंड पर बजट पेश किया जा सकता है। इतिहास में कई ऐसे मौके आए हैं, जिसमें शनिवार को भी बजट पेश किया गया है। इस कारण से उम्मीद है कि शनिवार को भी बजट पेश किया जा सकता है।बजट के दिन स्पेशल ट्रेडिंग सेशनबजट के दिन शेयर बाजार भी खुला रहेगा। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) द्वारा जारी किए गए सर्कुलर में कहा गया कि आम बजट पेश होने के चलते 1 फरवरी, 2025 को शनिवार को स्पेशल ट्रेडिंग सेशन रखा गया है। इस ट्रेडिंग सेशन में आम दिनों की तरह ही कारोबार होगा। प्री-ओपन सेशन सुबह 9 बजे से लेकर सुबह 9:08 बजे तक होगा। इसके बाद सुबह 9:15 बजे से लेकर 3:30 बजे तक एक सामान्य कारोबारी सत्र होगा।बजट एक महत्वपूर्ण इवेंटइससे पहले 1 फरवरी, 2020 और 28 फरवरी, 2015 को शनिवार के दिन आम बजट के कारण बाजार खुले थे। शेयर बाजार के लिए बजट एक महत्वपूर्ण इवेंट होता है। बजट में हुए ऐलानों के आधार पर नई पॉजीशन बनाते हैं और पुरानी पॉजीशन से निकलते हैं। वहीं, कुछ ट्रेडर्स भी इस दिन बाजार में आए उतार-चढ़ाव का फायदा उठाते हैं। एक फरवरी, 2024 को अंतरिम बजट में निफ्टी 0.13 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ था। लोकसभा चुनाव के बाद 23 जुलाई, 2024 को पेश किए गए पूर्ण बजट के दिन निफ्टी 0.12 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ था। -
नई दिल्ली। भारत के घरेलू बेंचमार्क सूचकांक हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को लाल निशान में बंद हुए। हालांकि, आईटी सेक्टर 3.44 प्रतिशत की बढ़त के बाद हरे निशान में बंद हुआ। सेंसेक्स 241.30 अंक या 0.31 प्रतिशत की गिरावट के साथ 77,378.91 पर बंद हुआ और निफ्टी 95 अंक या 0.40 प्रतिशत की गिरावट के साथ 23,431.50 पर बंद हुआ।
निफ्टी बैंक 769.35 अंक या 1.55 प्रतिशत की गिरावट के साथ 48,734.15 पर बंद हुआ। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 1,160.15 अंक या 2.08 प्रतिशत की गिरावट के साथ 54,585.75 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 472.80 अंक या 2.61 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,645.55 पर बंद हुआ।बाजार में अनिश्चितताओं के कारण सूचकांक में गिरावटबाजार के जानकारों के अनुसार, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों, सप्लाई से जुड़ी चिंताओं और डॉलर इंडेक्स में मजबूती के कारण घरेलू बाजार की धारणा सुस्त रही। जानकारों ने बताया, “तीसरी तिमाही के सकारात्मक नतीजों के बाद आईटी सेक्टर के लचीलेपन के बावजूद, अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों और हाई-वैल्यूएशन के आसपास अनिश्चितताओं के कारण व्यापक सूचकांकों में गिरावट आई। निकट भविष्य में कंसोलिडेशन जारी रह सकता है, फिर भी निवेशक आगे के मार्गदर्शन के लिए अमेरिकी गैर-कृषि पेरोल डेटा पर बारीकी से नजर रख रहे हैं।”87 शेयरों में कोई बदलाव नहींटाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के मजबूत तीसरी तिमाही के नतीजों के बाद आईटी क्षेत्र में खरीदारी देखी गई, जिसके शेयर 5.60 प्रतिशत बढ़कर 4,265 रुपये पर पहुंच गए। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर, 829 शेयर हरे और 3,162 शेयर लाल निशान में बंद हुए, जबकि 87 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ।टीसीएस, टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक, इंफोसिस, भारती एयरटेल, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एलएंडटी और बजाज फाइनेंस टॉप गेनर्स मेंसेंसेक्स पैक में इंडसइंड बैंक, एनटीपीसी, अल्ट्राटेक सीमेंट, सन फार्मा, एक्सिस बैंक, एसबीआई, पावरग्रिड, टाटा स्टील, कोटक महिंद्रा बैंक और टाइटन टॉप लूजर्स रहे। टीसीएस, टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक, इंफोसिस, बजाज फिनसर्व, भारती एयरटेल, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एलएंडटी और बजाज फाइनेंस टॉप गेनर्स रहे। विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 9 जनवरी को 7,170.87 करोड़ रुपये के शेयर बेचे और घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 7,639.63 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। -
नयी दिल्ली. टाटा समूह समर्थित इंडियन होटल्स कंपनी (आईएचसीएल) ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह अपनी ‘एक्सेलरेट 2030' रणनीति के तहत 2030 तक 700 होटल का पोर्टफोलियो हासिल करने के लिए ‘पूरी तरह तैयार' है। देश की सबसे बड़ी होटल कंपनी के पोर्टफोलियो में फिलहाल 360 होटल हैं, जिनमें 237 परिचालन में हैं और 123 होटल पाइपलाइन में हैं। कंपनी ने कहा, “आईएचसीएल अपनी रणनीति ‘एक्सेलरेट 2030' के तहत 700 होटल पोर्टफोलियो के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अच्छी तरह से तैयार है।” आईएचसीएल ने कहा कि उसने ‘2024 में 85 अनुबंध और 40 उद्घाटन' किए हैं।
आईएचसीएल की कार्यकारी उपाध्यक्ष (रियल एस्टेट एवं विकास) सुमा वेंकटेश ने कहा, “कंपनी की एक्सेलरेट रणनीति के तहत प्रतिष्ठित ताज ब्रांड 2024 में 19 अनुबंधों के साथ वृद्धि में सबसे आगे बना हुआ है। यह भारत में महानगरों, तीर्थ स्थानों, अवकाश स्थलों, प्रादेशिक राजधानियों के साथ-साथ प्रमुख अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अनुबंधों के साथ विलासिता के अनुभवों की बढ़ती समृद्धि और मांग को दर्शाता है।” -
नयी दिल्ली. ऑनलाइन ऑर्डर पर खान-पान की वस्तुओं की आपूर्ति करने वाले मंच स्विगी ने बृहस्पतिवार को अपनी मूल्य शृंखला में खाने की बर्बादी को कम करने के लिए ‘स्विगी सर्व्स' पहल शुरू की। इस कार्यक्रम के तहत स्विगी अपने रेस्तरां भागीदारों से बचे भोजन को वंचित समुदायों में वितरित करेगी।
इस पहल के लिए स्विगी ने स्वयंसेवी संगठन रॉबिन हुड आर्मी (आरएचए) के साथ साझेदारी की है।रॉबिन हुड आर्मी (आरएचए) एक स्वयंसेवक-आधारित, शून्य-निधि संगठन है। इसमें हजारों युवा पेशेवर, सेवानिवृत्त लोग, गृहणियां और कॉलेज के छात्र स्वयंसेवक के रूप में शामिल हैं। इस मौके पर ‘स्विगी फूड मार्केटप्लेस' के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) रोहित कपूर ने कहा, “फिलहाल हम 33 शहरों में मौजूद हैं और हम इस पहल को और अधिक शहरों में ले जाने की योजना बना रहे हैं।” स्विगी ने बयान में कहा, “इस सहयोग के माध्यम से, दोनों संगठनों ने भोजन वितरण की पुनःकल्पना करने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर, 2030 तक पांच करोड़ लोगों को भोजन उपलब्ध कराने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। -
मुंबई. देश की सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेवा कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) का चालू वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही का शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 11.95 प्रतिशत बढ़कर 12,380 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। हालांकि, इस दौरान कंपनी के कर्मचारियों की संख्या पांच हजार से ज्यादा घट गई है। इससे पिछले वित्त वर्ष (2023-24) की तीसरी तिमाही में कंपनी ने 11,058 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था। वहीं जुलाई-सितंबर, 2024 में कंपनी का शुद्ध लाभ 11,909 करोड़ रुपये रहा था। तिमाही के दौरान टाटा समूह की कंपनी का राजस्व 5.6 प्रतिशत बढ़कर 63,973 करोड़ रुपये हो गया, जो 2023-24 की इसी तिमाही में 60,583 करोड़ रुपये था। वहीं जुलाई-सितंबर तिमाही में यह 64,259 करोड़ रुपये रहा था। छुट्टियों के मौसम के कारण चुनौतीपूर्ण कही जाने वाली इस तिमाही में कंपनी की नई ऑर्डर बुकिंग 10.2 अरब अमेरिकी डॉलर रही। कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) के. कृतिवासन ने कहा कि नए ऑर्डर विभिन्न उद्योगों, भौगोलिक क्षेत्रों तथा सेवा ‘लाइन' से प्राप्त हुए हैं, जिससे ‘‘दीर्घकालिक वृद्धि की अच्छी संभावना'' बनती है। उन्होंने कहा कि बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं व बीमा के साथ-साथ उपभोक्ता कारोबार में तेजी लौट रही है और कुछ क्षेत्रों में विवेकाधीन खर्च में सुधार के शुरुआती संकेत भी दिख रहे हैं। कृतिवासन ने कहा कि इन दो प्रवृत्तियों के साथ-साथ क्षेत्रीय बाजारों में लगातार मजबूत वृद्धि से कंपनी भविष्य को लेकर आश्वस्त है। तिमाही के दौरान कंपनी का परिचालन लाभ मार्जिन 24.5 प्रतिशत रहा, जबकि इससे पिछली तिमाही में 24.1 प्रतिशत था। हालांकि, यह अब भी कंपनी की अपेक्षा से कम है। समीक्षाधीन तिमाही में टीसीएस के कर्मचारियों की संख्या 5,000 से अधिक घटी और दिसंबर, 2024 तक कर्मचारियों की संख्या 6.07 लाख थी। आईटी सेवाओं में 13 प्रतिशत की गिरावट आई है। कंपनी के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी मिलिंद लक्कड़ ने कहा कि परिसर नियुक्ति योजना के अनुसार हो रही हैं और कंपनी भविष्य में अधिक संख्या में नियुक्तियां करने की तैयारी कर रही है। कंपनी के निदेशक मंडल ने 76 रुपये प्रति शेयर लाभांश की घोषणा की है, जिसमें 66 रुपये प्रति शेयर का विशेष लाभांश भी शामिल है। टीसीएस ने टाटा समूह की एक कंपनी से 1,625 करोड़ रुपये में बेंगलुरू में भूमि बैंक के अधिग्रहण की भी घोषणा की। बीएसई पर कंपनी का शेयर 1.72 प्रतिशत के नुकसान से 4,036.65 रुपये पर बंद हुआ।
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नयी दिल्ली। अदाणी समूह और इंटरनेशनल सोसायटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) ने इस साल प्रयागराज में महाकुम्भ मेले में श्रद्धालुओं को भोजन परोसने के लिए हाथ मिलाया है। ‘महाप्रसाद सेवा' 13 जनवरी से 26 फरवरी तक महाकुम्भ मेले की पूरी अवधि के दौरान की जाएगी। इस पहल के लिए इस्कॉन को धन्यवाद देने के लिए अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने बृहस्पतिवार को इस्कॉन शासी निकाय आयोग (जीबीसी) के चेयरमैन गुरु प्रसाद स्वामी से मुलाकात की। ‘महाप्रसाद सेवा' में इस्कॉन के सहयोग पर अदाणी ने कहा, “कुम्भ सेवा का एक पवित्र स्थान है, जहां हर भक्त भगवान की सेवा में शामिल होता है। यह मेरा सौभाग्य है कि हम इस्कॉन के सहयोग से महाकुम्भ में भक्तों के लिए ‘महाप्रसाद सेवा' शुरू कर रहे हैं।” उन्होंने कहा, “मां अन्नपूर्णा के आशीर्वाद से लाखों श्रद्धालुओं को निःशुल्क भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। आज मुझे इस्कॉन के गुरु प्रसाद स्वामी जी से मिलने का अवसर मिला और मैंने सेवा के प्रति समर्पण की शक्ति को गहराई से अनुभव किया। सच्चे अर्थों में सेवा ही देशभक्ति का सर्वोच्च रूप है। सेवा ही ध्यान है, सेवा ही प्रार्थना है और सेवा ही ईश्वर है।
अंतरराष्ट्रीय कृष्ण चेतना सोसायटी के प्रमुख प्रचारकों में से एक गुरु प्रसाद स्वामी ने कहा, “अदाणी समूह हमेशा से कॉरपोरेट जिम्मेदारी और सामाजिक सेवा का एक शानदार उदाहरण रहा है।” महाप्रसाद सेवा 50 लाख श्रद्धालुओं को प्रदान की जाएगी तथा भोजन मेला क्षेत्र के अंदर और बाहर दो रसोईघरों में तैयार किया जाएगा। महाकुम्भ क्षेत्र में 40 स्थानों पर महाप्रसाद वितरित किया जाएगा और इस पहल में 2,500 स्वयंसेवक शामिल होंगे। दिव्यांगों, बुजुर्गों और बच्चों वाली माताओं के लिए गोल्फ वाली गाड़ी की व्यवस्था की गई है। भक्तों के बीच गीता सार की पांच लाख प्रतियां भी वितरित की जाएंगी। -
नई दिल्ली। भारत की सबसे बड़ी स्टील बनाने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने प्रयागराज में आयोजित होने वाले आगामी महाकुंभ मेला 2025 के लिए लगभग 45 हजार टन स्टील की आपूर्ति की है। सेल द्वारा आपूर्ति किए जाने वाला स्टील महाकुंभ मेला 2025 के सुचारू और सफल आयोजन के लिए आवश्यक विभिन्न अस्थायी संरचनाओं के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
इस्पात मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सेल ने महाकुंभ मेला 2025 के लिए लगभग 45,000 टन स्टील की आपूर्ति की है। आपूर्ति की गई स्टील की कुल मात्रा में चेकर्ड प्लेट, हॉट स्ट्रिप मिल प्लेट, माइल्ड स्टील प्लेट, एंगल और जॉइस्ट शामिल हैं। इससे पहले भी सेल ने 2013 के महाकुंभ मेले के दौरान स्टील की आपूर्ति की थी।सेल द्वारा आपूर्ति किए जाने वाला स्टील महाकुंभ मेला 2025 के सुचारू और सफल आयोजन के लिए आवश्यक विभिन्न अस्थायी संरचनाओं के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इनमें पंटून पुल, मार्ग, अस्थायी स्टील पुल, सबस्टेशन और फ्लाईओवर शामिल हैं।आपको बता दें, इस स्टील आपूर्ति के प्रमुख प्राप्तकर्ताओं में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी), उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम, बिजली बोर्ड और उनके आपूर्तिकर्ता शामिल हैं। कंपनी ने कहा की उसे इस बड़े आयोजन के लिए इस्पात का योगदान देने पर गर्व है, जो देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक भी है। -
नई दिल्ली। बढ़ी महंगाई के बावजूद अगर आप 803 रुपए में गैस सिलेंडर खरीद पा रहे हैं तो इसके पीछे सरकार की सब्सिडी है। सरकारी तेल कंपनियों – इंडियन ऑयल (IOC), भारत पेट्रोलियम (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम (HPCL) को हो रहे भारी घाटे की भरपाई के लिए सरकार 35 हजार करोड़ रुपए की सब्सिडी देने की योजना बना रही है। मार्च 2024 से घरेलू एलपीजी की कीमत ₹803 रुपए पर स्थिर है, जबकि कच्चे तेल और गैस की लागत लगातार बढ़ रही है। इससे तीनों तेल कंपनियों को हर सिलेंडर पर करीब 240 रुपए का नुकसान हो रहा है। जानकारों के मुताबिक, इस साल तेल कंपनियों को कुल 40,500 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है। सरकार इसमें से 35 हजार करोड़ रुपए की भरपाई करेगी।
चालू वित्त वर्ष (2024-25) में 10 हजार करोड़ रुपए की सब्सिडी मिलेगी। बाकी 25 हजार करोड़ रुपए अगले वित्त वर्ष में दिए जाएंगे। ये राशि फरवरी 2025 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट में घोषित हो सकती है।घाटे की सबसे ज्यादा मार किस पर?इंडियन ऑयल (IOC): ₹19 हजार 550 करोड़ रुपए का घाटाहिंदुस्तान पेट्रोलियम (HPCL): ₹10, हजार 570 करोड़ रुपएभारत पेट्रोलियम (BPCL): ₹10 हजार 400 करोड़ रुपएपहले भी मिली थी सब्सिडीये पहली बार नहीं है जब सरकार इन कंपनियों की मदद कर रही है। 2021-22 और 2022-23 में भी इन्हें 22 हजार करोड़ रुपए का मुआवजा दिया गया था।घरेलू गैस की कीमतें क्यों नहीं बढ़ती?घरेलू एलपीजी के दाम सरकार नियंत्रित करती है ताकि आम जनता पर महंगाई का बोझ न पड़े। लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में गैस महंगी होने और घरेलू उत्पादन कम होने की वजह से कंपनियों को घाटा होता है। घरेलू गैस की कीमत फिलहाल नहीं बढ़ेगी, लेकिन सरकार इस बार सब्सिडी पर लगने वाले जीएसटी का भी ख्याल रखेगी ताकि कंपनियों को पूरी रकम मिले। -
नई दिल्ली। एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 6.8 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि होने का अनुमान है। यह तेजी मजबूत हाई-फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर की वजह से देखी जा रही है। बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट के अनुसार, अगले वित्त वर्ष के दौरान नोमिनल जीडीपी वृद्धि लगभग 10.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।
रबी फसल की अधिक बुवाई से कृषि विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीदरिपोर्ट में बताया गया है कि इस वृद्धि के प्रमुख संकेतकों में मजबूत हवाई यात्री यातायात, सेवा पीएमआई में वृद्धि और जीएसटी संग्रह में वृद्धि शामिल है। इसके अतिरिक्त, रबी फसल की अधिक बुवाई से कृषि विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जो अर्थव्यवस्था के लिए एक स्थिर आधार प्रदान करेगा। रिपोर्ट में बताया गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने मजबूत त्योहारी मांग और आर्थिक गतिविधि में लगातार सुधार के कारण लचीलापन दिखाया है।वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में शानदार वृद्धि की उम्मीदयह लचीलापन हाई-फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर के रूप में दिखाई देता है, जिन्होंने वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में शानदार वृद्धि दिखाई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2024-25 में मंदी तो रहेगी, लेकिन अच्छी बात यह है कि वित्त वर्ष 2025 में निजी और सरकारी खपत में क्रमशः 7.3 प्रतिशत और 4.1 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर्ज होने की उम्मीद है।2024-25 की दूसरी छमाही में सरकारी व्यय में तेजी आने की उम्मीदइसके अलावा, निर्यात वृद्धि में वित्त वर्ष 2024 में 2.6 प्रतिशत की वृद्धि के मुकाबले 5.9 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर्ज होने की संभावना है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 2024-25 की दूसरी छमाही में सरकारी व्यय में तेजी आने की उम्मीद है, जो विकास के लिए अहम होगा। इसके अलावा, कृषि क्षेत्र में उच्च विकास को लेकर आशावाद देखा गया है।टैरिफ वार का मंडरा रहा है खतराहालांकि, रिपोर्ट वैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण नकारात्मक जोखिमों के बारे में चेतावनी देती है। रिपोर्ट के अनुसार, टैरिफ वॉर का खतरा मंडरा रहा है क्योंकि अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप के नेतृत्व में आने वाला अमेरिकी प्रशासन संरक्षणवादी व्यापार नीतियों को लागू कर सकता है। इस तरह के उपाय वैश्विक व्यापार को बाधित कर सकते हैं और संभावित रूप से जवाबी कार्रवाई को गति दे सकते हैं, जिससे वैश्विक आर्थिक स्थिरता को खतरा हो सकता है।रिपोर्ट में कहा गया है, “होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा टैरिफ नीतियों को लागू करने के बाद कई तरह के आर्थिक और रणनीतिक जोखिम बने हुए हैं। इसका वैश्विक व्यापार पर दूरगामी प्रभाव पड़ सकता है।” रिपोर्ट में कहा गया है कि घरेलू स्तर पर, ध्यान मुख्य आर्थिक घटनाओं पर केंद्रित रहेगा, जिसमें केंद्रीय बजट, तीसरी और चौथी तिमाही में कॉर्पोरेट प्रदर्शन और भारतीय रिजर्व बैंक के मौद्रिक नीति निर्णय शामिल हैं। -
नयी दिल्ली .आभूषण विक्रेताओं और स्टॉकिस्टों की लिवाली से बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने की कीमतें 80,000 रुपये के स्तर पर पहुंच गईं। 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोना 300 रुपये बढ़कर करीब एक महीने के उच्चस्तर 80,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। यह मंगलवार के पिछले सत्र में 79,700 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत बुधवार को 300 रुपये बढ़कर 79,600 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई। मंगलवार को सोना 79,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। चांदी की कीमतों में भी लगातार तीसरे दिन तेजी जारी रही और यह 500 रुपये की तेजी के साथ करीब एक महीने के उच्चतम स्तर 92,500 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई। पिछले सत्र में चांदी की कीमत 92,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। कारोबारियों ने इस तेजी का श्रेय स्थानीय बाजारों में आभूषण विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं की मांग में आई तेजी को दिया। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कॉमेक्स सोना वायदा 0.09 प्रतिशत गिरकर 2,663.10 डॉलर प्रति औंस रह गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज में वरिष्ठ विश्लेषक-जिंस सौमिल गांधी ने कहा, ‘‘बुधवार को सोने में तेजी आई क्योंकि चीन की मजबूत मांग से कारोबारी धारणा को बल मिला। मंगलवार को प्रकाशित आधिकारिक आंकड़ों के आधार पर दुनिया में सोने के प्रमुख उपभोक्ता चीन ने दिसंबर में लगातार दूसरे महीने अपने भंडार में वृद्धि की।'' विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) ने सोमवार को एक रिपोर्ट में कहा कि नवंबर 2024 में दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों ने सामूहिक रूप से अपने भंडार में 53 टन सोना बढ़ाया, जिसमें से भारतीय रिजर्व बैंक ने आठ टन जोड़ा। चीन द्वारा लगातार दूसरे महीने सोना खरीदना, इस कीमती धातु के लिए तेजी का संकेत माना जा रहा है (उच्च कीमतों के बावजूद)। गांधी ने कहा कि व्यापारियों का मानना है कि डोनाल्ड ट्रंप के व्हाइट हाउस में लौटने के बाद चीन अपने भंडार में विविधता लाने के लिए सोना भंडार करना जारी रखेगा। एशियाई बाजार में कॉमेक्स चांदी वायदा 30.71 डॉलर प्रति औंस बोला गया।
ऑगमोंट की शोध प्रमुख रेनिशा चैनानी ने कहा, ‘‘अमेरिकी गैर-कृषि पेरोल रिपोर्ट शुक्रवार को जारी होने वाली है। अगर निवेशक फेडरल रिजर्व द्वारा वर्ष 2025 तक ब्याज दरों में कमी किए जाने के बारे में अधिक उत्साहित होते हैं, तो इस सप्ताह अमेरिकी आंकड़ों में नरमी, लाभ के द्वार खोल सकती है।'' इस बीच, वाणिज्यिक आसूचना और सांख्यिकी महानिदेशालय (डीजीसीआईएस) के अनुसार, वाणिज्य मंत्रालय ने नवंबर के लिए सोने के आयात के आंकड़ों को पांच अरब डॉलर घटाकर 9.84 अरब डॉलर कर दिया है। पिछले महीने जारी मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, नवंबर में देश का सोने का आयात 14.86 अरब डॉलर के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंच गया, जो चार गुना वृद्धि दर्शाता है। -
नई दिल्ली। माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन और सीईओ सत्य नडेला ने आज बुधवार को देश में कई एआई समझौते को लेकर घोषणा की जिसमें 5 लाख लोगों को कौशल प्रदान करने के लिए सरकार के ‘भारत एआई मिशन’ के साथ एक समझौता भी शामिल है।
डिजिटल जिटल इंडिया कॉरपोरेशन के प्रभाग ‘इंडिया एआई’ के साथ इस समझौते का उद्देश्य देश भर में इनोवेशन को बढ़ावा देने, उत्पादकता बढ़ाने और इंक्लूसिव ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए एआई का लाभ उठाना है। इस एमओयू के तहत माइक्रोसॉफ्ट और ‘इंडिया एआई’ मिलकर 2026 तक छात्रों, शिक्षकों, डेवलपर्स, सरकारी अधिकारियों और महिला उद्यमियों सहित 5 लाख व्यक्तियों को कौशल प्रदान करेंगे।माइक्रोसॉफ्ट और इंडिया एआई इस साझेदारी के साथ ग्रामीण एआई इनोवेशन को प्रमोट करने के लिए एक ‘एआई सेंटर फॉर एक्सीलेंस’ की भी स्थापना करेंगे, जिसे ‘एआई कैटालिस्ट्स’ नाम दिया जाएगा। साथ ही 1,00,000 एआई इनोवेटर्स और डेवलपर्स को हैकाथॉन, कम्युनिटी-बिल्डिंग सॉल्यूशन और एआई मार्केटप्लेस के जरिए सपोर्ट किया जाएगा।एमओयू के तहत 20 राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों (नेशनल स्किल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट) एआई प्रोडक्टिविटी लैब भी स्थापित किए जाएंगे जो 10 राज्यों में मौजूद इन संस्थानों के 20,000 एजुकेटर्स को फाउंडेशन कोर्स प्रदान करेंगे। यह सहयोग हेल्थकेयर, एजुकेशन, एक्सेसिबिलिटी और एग्रीकल्चर जैसे सिटिजन स्केल डोमेन के लिए एआई-इनेबल्ड सॉल्यूशन डेवलप करने पर केंद्रित होगा। माइक्रोसॉफ्ट इंडिया और साउथ एशिया के अध्यक्ष पुनीत चंडोक ने कहा “हम इंडिया एआई मिशन के लाभों को देश के हर कोने तक पहुंचाने और टेक्नोलॉजी की पहुंच को लोकतांत्रिक बनाने के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिए उत्साहित हैं।”तेजी से बढ़ रहा है भारत में एआई का इस्तेमालइसके अलावा आरएआईएलटीईएल और माइक्रोसॉफ्ट ने भारतीय रेलवे और पब्लिक सेक्टर स्पेस में एडवांस डिजिटल, क्लाउड और एआई ट्रांसफॉर्मेशन के लिए पांच साल की रणनीतिक साझेदारी भी की। माइक्रोसॉफ्ट द्वारा हाल ही में किए गए आईडीसी अध्ययन से पता चला है कि भारत में एआई का इस्तेमाल 2023 में 63 प्रतिशत से बढ़कर 2024 में 72 प्रतिशत हो गया है।मंगलवार को, माइक्रोसॉफ्ट ने भारत में अगले दो वर्षों में क्लाउड और एआई इंफ्रास्ट्रक्चर में 3 बिलियन डॉलर का निवेश करने की योजना की घोषणा की, जिसमें नए डेटा सेंटर की स्थापना भी शामिल है। टेक दिग्गज ने 2030 तक 10 मिलियन लोगों को एआई में प्रशिक्षित और कुशल बनाने की भी घोषणा की।कंपनी ने पहले ही 2.4 मिलियन भारतीयों को एआई कौशल से सशक्त बनाया है, जिनमें सिविल सर्वेंट, कॉलेज छात्र और दिव्यांग शामिल हैं। - - नयी दिल्ली. समाचार पत्रिका ‘द वीक' और मीडिया एवं प्रौद्योगिकी कंपनी ‘डेटालीड्स' ने मंगलवार को प्रौद्योगिकी आधारित डिजिटल समाचार उत्पादों की एक शृंखला तैयार करने और भारत, यूएई एवं अन्य वैश्विक केंद्रों में पत्रकारिता से संबंधित लाइव कार्यक्रमों की मेजबानी करने के लिए परस्पर सहयोग की घोषणा की। एक बयान के अनुसार, इस साझेदारी का उद्देश्य डेटालीड्स की डेटा-संचालित अंतर्दृष्टि और तथ्य-जांच विशेषज्ञता के साथ ‘द वीक' द्वारा की जाने वाली प्रभावशाली पत्रकारिता के दायरे का विस्तार करना है। द वीक के चीफ एसोसिएट एडिटर और निदेशक रियाद मैथ्यू ने कहा, ‘‘द वीक और डेटालीड्स के बीच सहयोग पत्रकारिता में एक परिवर्तनकारी कदम है। डेटालीड्स के डेटा और तकनीकी विशेषज्ञता के साथ द वीक की संपादकीय उत्कृष्टता को समाहित करके हमारा लक्ष्य तथ्यों और सटीकता पर आधारित कहानियां पेश करना है।'' बयान में कहा गया है कि 137 साल पुराने मलयालय मनोरमा समूह द्वारा प्रकाशित ‘द वीक' 40 से अधिक वर्षों से पुरस्कार विजेता पत्रकारिता के लिए जाना जाता है।
- नयी दिल्ली. लक्जरी कार विनिर्माता बीएमडब्ल्यू ने भारतीय बाजार में पिछले साल 15,721 इकाइयों की बिक्री के साथ अपना अबतक का सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है। बीएमडब्ल्यू ग्रुप इंडिया ने मंगलवार को बयान में कहा कि वर्ष 2023 की तुलना में 2024 में उसकी सालाना बिक्री 11 प्रतिशत बढ़कर 15,721 इकाई हो गई। बीएमडब्ल्यू ब्रांड के तहत वर्ष 2024 में कुल 15,012 कारों की बिक्री हुई जबकि मिनी ब्रांड की 709 गाड़ियां बिकीं। इसके अलावा समूह के मोटरसाइकिल ब्रांड बीएमडब्ल्यू मोटरैड ने भी पिछले साल 8,301 इकाइयों की बिक्री की। बीएमडब्ल्यू ग्रुप इंडिया के अध्यक्ष और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विक्रम पावाह ने कहा, ‘‘भारत में अपना सबसे अच्छा कार बिक्री आंकड़ा दर्ज करते हुए कंपनी ने 15,000 गाड़ियों का मुकाम भी पार कर लिया है।'' कंपनी ने 2024 में कुल 1,249 इलेक्ट्रिक कारों की भी बिक्री की।