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कमजोर हड्डियों को ठीक करने के लिए वैसे तो मार्केट में कई हेल्थ प्रोडक्ट मौजूद हैं, लेकिन उनका सही इस्तेमाल कैसे किया जाए इसकी जानकारी किसी को नहीं है। लोग बिना किसी डॉक्टरी सलाह के हड्डियों को ठीक करने वाले प्रोडक्ट का सेवन कर रहे हैं। जिसकी वजह से यह प्रॉब्लम और भी ज्यादा बढ़ रही है। इसलिए आज हम आपको हड्डियों को नेचुरल तरीकों से कैसे मजबूत बनाया जा सकता है, इसके बारे में बताने जा रहे हैं।हड्डियों को मजबूत बनाने के 5 उपाय
1. कैल्शियम युक्त डाइट लेंएक्सपर्ट का कहना है कि हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए कैल्शियम सबसे ज्यादा जरूरी है। इसके लिए रोजाना कम से कम एक गिलास दूध जरूर पिएं। जिन लोगों को दूध पसंद नहीं है वह तिल और रागी जैसे विकल्प को चुनकर शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरा कर सकते हैं।2. विटामिन डी है जरूरीविटामिन डी को हड्डियों के विकास के लिए जरूरी माना जाता है। शरीर में विटामिन डी की पूर्ति करने के लिए रोजाना कम से कम 15 से 20 मिनट धूप में जरूर बैठें। जहां तक संभव हो धूप में सुबह के समय बैठें। ऐसा कहा जाता है कि सुबह की पहली धूप में ज्यादा विटामिन डी पाया जाता है।3. मैग्नीशियम का भी रखें ध्यानहड्डियों के विकास और उसकी मजबूती के लिए मैग्नीशियम भी बहुत ज्यादा जरूरी है। हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि विटामिन डी का सेवन कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है। जबकि मैग्नीशियम विटामिन डी का लेवल ठीक रखने में मददगार है। मैग्नीशियम के लिए आप डाइट में बादाम, केला और हरी पत्तेदार सब्जियों को शामिल कर सकते हैं।4. सॉफ्ट ड्रिंक न पिएंसॉफ्ट ड्रिंक या सोडा युक्त ड्रिंक का ज्यादा मात्रा में सेवन करने से हड्डियां कमजोर हो सकती है। दरअसल, सॉफ्ट ड्रिंक्स में फॉस्फेट होता है, जो कैल्शियम के अवशोषण को रोकता है। जिसकी वजह से हड्डियां कमजोर होती हैं और फ्रैक्चर का खतरा भी बढ़ता है। गर्मियों में जिन लोगों को सॉफ्ट ड्रिंक, सोडा या कोला की ज्यादा क्रेविंग होती है वह लस्सी, छाछ और नींबू-पानी जैसे ऑप्शन ट्राई कर सकते हैं।5. कोलेजन का करें सेवनज्यादातर लोग कोलेजन को स्किन और बालों से जोड़कर देखते हैं, लेकिन यह हड्डियों के लिए भी बहुत जरूरी है। कोलेजन एक प्रोटीन होता है, जो हड्डियों के विकास में भी मददगार है। हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए सुबह 11 बजे के आसपास कोलेजन पाउडर का सेवन करना चाहिए। आपकी शारीरिक संरचना के हिसाब से कौन सा कोलेजन आपके लिए सही है, इसकी जानकारी आप डॉक्टर से प्राप्त कर सकते हैं। -
मोटापा घटाना चाहते हैं तो करें ये उपाय
1. नींबू पानीसबसे पुराना एवं कारगर उपाय नींबू पानी है जो पाचन क्रिया को ठीक करता है। विषहरन की प्रक्रिया को बढ़ाता है। मोटापा घटाने के लिए पाचन क्रिया ठीक होना बेहद जरूरी है क्योकि यह शरीर की अतिरिक्त चर्बी को जलाने में पोषक तत्व प्रदान करता है। साथ ही ये मेटाबोलिस्म को कम करने वाले विषैले पदार्थों को बॉडी से बाहर निकलता है। तीन चम्मच नींबू के रस में एक चोथाई चम्मच कालीमिर्च को एक ग्लास गरम पानी में डालकर घोलकर रोज सुबह खाली पेट पिये और कम से कम तीन महीनो तक ऐसा करे रिज़ल्ट आपके सामने होगा। आप नींबू को केवल पानी के साथ भी मिलकर पी सकते है।2. करी के पतेकरी के पते में alkaloid पाया जाता है जो वजन कम करने के लिए एक अच्छा उपाय है। रोज सुबह 10 करी के पतो का सेवन करने से मोटापा कम होता है साथ ही मोटापा के कारण हुए मधुमेह को भी यह कम करने में मदद करता है।3. टमाटरटमाटर में विटामिन ए, सी और के के साथ मैग्नीशियम, मेंगनीस, कोलिन, फोलेट और अन्य पोषक तत्व होते है जो body के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं। ये आपके हॉरमोन के स्तर को भी ठीक करता है और अत्यधिक भुख को कम करता है। इसलिए अगर आप रोज सुबह खाली पेट दो टमाटर को छिलके एवं बीज के साथ ही सेवन करे, तो आपको फ़ाइबर भी भरपूर मिलेगा.4. दालचीनीदालचीनी मिलाकर बनी चाय का सेवन से मेटाबोलिज़म तेज होता है, ऊर्जा बढ़ती है और बॉडी के विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं । आप खाने के 15 मिनट पहले सौफ, अर्जुन, दालचीनी और मुलेठी की चाय को भी पी सकते है। चाहे तो एक कप गरम पानी में डेढ़ चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाये और इसको सुबह खाली पेट और रात को सोने से फेले सेवन करे।5. सौफसौफ के बीजो में मूत्रवर्धक गुण होते है जो मोटापा कम करने में लाभकारी माना जाता है। सौफ के बीजो को सुखा कर भून ले और फिर इसको पीस कर पाउडर बना ले. इस पाउडर को रोज दिन में दो बार डेढ़ डेढ़ चम्मच लेकर गरम पानी के साथ सेवन करे। इससे आपकी गैस, अपच और कब्ज की समस्या भी दूर होजाएगी।6. फ़ास्ट फूड्स बिलकुल भी न खायेबाज़ार की चीजों में फेट अधिक होता है जिससे हमारा वजन आसानी से बढ़ने लगता है। फास्ट फूड्स बॉडी के लिए नुकसानदायक तो होता ही है। इसलिए बाज़ार के बने समोसा, कचोरी, पिज्जा, बर्गर, चिप्स, कोलड्रिंक आदि न खाये या पिये।7. हरी सब्जियों का सेवन करेहरी सब्जिया खाने से हमारा वेट बढ़ता नहीं है। हमे रोज़ ग्रीन vegetables जैसे लौकी, गिलकी आदि सब्जियों का सेवन करना चाहिए.8. चबा चबा कर भोजन करनाहमे हमेशा अपने खाने को चबा कर खाना चाहिए जिससे खाना खाने के बाद आलस्य नहीं होता है। हर एक व्यक्ति को लगभग 25 से 30 बार चबा कर खाना चाहिए, जल्दी जल्दी नहीं खाना चाहिए।9. दोपहर की नींद न लेआपको जितनी भी नींद लेनी हो रात के समय एक बार ही ले लेनी चाहिए क्यूंकी दोपहर की नींद मोटापा बढाती है। हमे रोज 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए। न ज्यादा न कम । इसलिए रात को समय से सोना चहिए।10. सुबह का वॉक करना एवं शाम को भी वॉक करने के फायदेरोज सुबह जल्दी उठकर मॉर्निंग वॉक पर जाना चाहिए। कम से कम 15 मिनट वॉकिंग करना चाहिए. साथ ही शाम को भी खाना खाने के बाद वॉक करना चाहिए। यह मोटापा घटाने का सरल एवं प्राकृतिक उपाय है जिससे आपका शरीर निरोगी रहेगा।11. फ्रूट जूसवजन घटाने के लिए कभी कभी भोजन की जगह फ्रूट जूस का सेवन कर लिया करे । फ्रूट जूस और फ्रूट का सेवन करने से मोटापा नहीं बढ़ता है और जब बॉडी की चर्बी नहीं बढ़ेगी, तो मोटापा कम होने लगेगा।सप्ताह में 2 से 3 बार खाना खाने की जगह सिर्फ फल लें यानि फास्टिंग विथ फ्रूट्स। फल मे आप अमरूद, नाशपाती, संतरे सेव, नाशपाती, मौसंबी, सलाद, आड़ु आदि का सेवन करे।12. सीढ़ियो का उपयोग करेआप अगर बाहर मॉर्निंग वॉक या ईवनिंग वॉक पर नहीं जा पते तो घर पर ही सीढ़ियो का उपयोग वजन घटाने के लिए कर सकते है। सीढ़ियो पर बार-बार चढ़ना उतरना करे और लिफ्ट का उपयोग न कर के जब भी आपको कही जाना हो, तब सीढ़ियो का इस्तमाल करे। इससे फ़िज़िकल exercise होगी और मोटापा घटेगा। क्यूंकी सीढ़ियो के चढ़ने उतारने से आपका फेट कम होने लगता है।13. पैदल चलेआज की डिजिटल दुनिया में थोड़ी सी दूर आने-जाने के लिए भी लोग स्कूटर या कार का उपयोग करते हैं जिससे उन्हें हैल्थ प्रॉब्लेम्स होने लगती है। आज हमारी नवजवान पीढ़ी की भी यह आदत हो गयी है कि जब भी उनको बाज़ार जाना होता है, तो वे बाइक या टॅक्सी या कार का उपयोग कर लेते हैं. आपको अपना मोटापा अगर कम करना है, तो आज से ही आप जब भी बाज़ार जाए, तो पैदल चलना शुरू कर दे। अगर आपकी मार्केट का काम बहुत दूर का हो तो आप टॅक्सी या बाइक का प्रयोग करे नहीं तो पेदल ही चले तो आपके स्वस्थ के लिए बहुत अच्छा होगा।14. मोटापा घटाने के लिए लाभदायक एक्सर्साइज़मोटापा घटाने के लिए jump squats exercise आपकी पेट की चर्बी को घटाने मे मदद करेगी । सीधे खड़े हो जाए,अपने दोनों हाथो को सर पर या कमर पर रख कर jump करे। इस squats को सुबह खाली पेट ही करे।मोटापा घटाने के लिए रस्सी कूदने से belly, thighs, शोल्डर की फेट कम होती है। ये बहुत ही सरल एवं असरदार उपाय है। इस एक्सर्साइज़ को आप सुबह और शाम दोनों समय कर सकते है।मोटापा घटाने के लिए उल्टे लेट कर अपने दोनों हाथो के जरिये अपने शरीर को up and डाउन करे। इस एक्सर्साइज़ से आपकी सारी चर्बी घट जाएगी और आपको खुद को शेप में लाने में मदद करेगी।15. भुजंगासनपेट की चर्बी घटाने के लिए भुजंगासन भी करें. यह भी चर्बी गलाने के लिए बहुत अच्छी रहती है. भुजंगासन चेस्ट और बेल्ली मसल्स को अच्छी तरह stretching देता है और इसको सुंदर बनाता है। ये हैल्थ बेनेफिट्स के साथ spiritual बेनेफिट्स भी देता है।16. कपालभाती प्राणायामकपालभाती प्राणायाम भी बहुत अदभूत है, इससे हमारे बॉडी पर ढेरो फायदे होते हैं. जिनको अपना वजन घटना है, उनके लिए ये बहुत ही अच्छा प्राणायाम है। पेट की चर्बी और चेहरे की चर्बी को ये बहुत आसानी से कम कर देता है।17. सुबह जल्दी उठेंमोटापा घटाने या वजन कम करने के लिए रोज सुबह 6 बजे उठने की कोशिश करनी चाहिए, अगर आप इस तरीके को एक महीने लगातार फॉलो करते है तो पक्का आपका मोटापा कम हो जाएगा।18. खाना दो बार समय पर लेमोटापा कम करने के लिए आपको कभी भी खाना नहीं छोड़ना चाहिए। दिन भर में दो बार भोजन जरूर करना चाहिए। आपको अपने खाने में हेल्दी फ्रूट्स एवं vegetables को भी रखना चाइए। रात का खाना आपको रोज शाम 7 बजे के पहले ही ले लेना चाहिए। इस समय दाल, राजमा, चावल के सेवन से बचे क्योकि ये आसानी से पचते नहीं हैं और फिर जिससे आपके शरीर में फेट्स बढ़ने लगता है। - कहते हैं कि बीमारियों से बचे रहना है तो अपने पेट को दुरुस्त रखें. खराब डाइजेशन आपकी सेहत का दुश्मन हो सकता है. पेट में मौजूद हेल्दी बैक्टीरिया भोजन को ठीक तरह से पचाने के साथ-साथ पोषक तत्वों का अवशोषण करते हैं. हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि हमारी आंतों में कई सारे माइक्रो ऑर्गेनिज्म होते हैं. इनमें बैक्टीरिया और फंगस शामिल होते हैं. इन्हें गट बैक्टीरिया के नाम से भी जाना जाता है.इन्हीं की वजह से हमारा डाइजेशन ठीक रहता है और भोजन को पचाने में दिक्कत नहीं आती. अगर आप गट बैक्टीरिया को बढ़ाना चाहते हैं तो कुछ आयुर्वेदिक चीजों और जड़ी-बूटियों को अपनी डाइट में शामिल करनी चाहिए. एंटीबायोटिक गुणों से भरपूर ये चीजें पेट में से खराब बैक्टीरिया का भी सफाया करती हैं.हल्दीआयुर्वेद में हल्दी बेहद अहम मानी गई है. आपको बता दें कि हल्दी में करक्यूमिन नामक एंटीऑक्सीडेंट होता है. ये आंतों की सूजन तो कम करता ही है लेकिन इसके साथ ही ये गट बैक्टीरिया को भी संतुलित रखती है. नियमित हल्दी का इस्तेमाल करने से पेट की दिक्कतें दूर होती है.अदरकअदरक की चाय तो सभी लोग चुस्की लेकर पीते हैं. लेकिन इसे कच्चा भी खाया जा सकता है. इसमें पाचक गुण होते हैं, जो हमारे डाइजेशन को मजबूत करते हैं. इसके साथ ही यह हेल्दी बैक्टीरिया को भी बढ़ावा देता है.लहसुनलहसुन में भी प्रीबायोटिक गुण पाए जाते हैं, जो गट बैक्टीरिया को संतुलित करते हैं. लहसुन में पाए जाने वाले एंटी माइक्रोबियल गुण हमारे पाचन तंत्र को मजबूत रखते हैं. इससे हमारा डाइजेशन ठीक रहता है.अजवाइनपेट में गैस हो या ब्लोटिंग अजवाइन को नुस्खा तो शायद सभी ने फॉलो किया होगा. सदियों से इसका इस्तेमाल पेट को दुरुस्त रखने के लिए किया जाता रहा है. इसमें थाइमोल जैसे कंपाउंड पाए जाते हैं. ये आंतों को सेहतमंद रखने में मदद करते हैं.पुदीनापुदीना खाने से भी हमारा पेट साफ रहता है. ये हमारी पाचन क्रिया को तेज करता है. इसके साथ ही, यह गैस, सूजवन और अपच जैसी दिक्कतों से भी राहत दिलवाता है.
- आप भी बढ़ते वजन से परेशान हैं और अलग-अलग तरीके आजमाकर परेशान हो चुके हैं तो जान लीजिए कि न सिर्फ हेल्दी फूड बल्कि टाइम के हिसाब से खाया गया खाना ही वेट कंट्रोल कर सकता है. अगर जल्दी और हेल्दी तरीके से वेट लॉस करना है तो खाने पीने की चीजें न्यूट्रिशन रिच होने के साथ ही टाइम से खाना भी जरूरी है. तो चलिए जानते हैं कैसा रहना चाहिए वेट कंट्रोल डाइट प्लान.हाइड्रेटिंग है सबसे जरूरीवेट लॉस के लिए सबसे जरूरी है कि बॉडी हाइड्रेट रहनी चाहिए. इसके लिए अपनी सुबह की शुरुआत किसी डिटॉक्स ड्रिंक से कर सकते हैं. इसके बाद पूरे हफ्ते सुबह 9 से लेकर रात के 9 बजे तक यानी कम से कम 12 घंटों में 2.5 से 3 लीटर पीने का गोल सेट करें.ऐसे सेट करें डाइट गोलवेट लॉस के लिए पहले दिन ब्रेकफास्ट 8 से 9 बजे के बीच कर लें. जिसमें दही, दलिया, ओट्स, स्प्राउट्स, नट्स, ग्रीन टी जैसी चीजें शामिल करें. वहीं मिड स्नैक्स में सलाद और फल खाएं, लेकिन ध्यान रखें कि इसमें नमक यूज न करें, दोपहर में 1 से 2 के बीच लंच खाएं और इसमें दाल, मिक्स वेज, रोटी और प्रोटीन रिच फूड्स लें. रात को 7 से 8 के बीच यानी डिनर में सलाद और लाइट वेट खाना खाएं. इसके बाद एक कप कैमोमाइल टी ले सकते हैं.ये चीजें करें अवॉइडहेल्दी डाइट प्लान फॉलो करने के साथ ही ध्यान रखें कि मार्केट से मिलने वाले फ्रूट जूस और एनर्जी ड्रिंक्स न लें. इसके अलावा अनहेल्दी ईटिंग बिल्कुल भी न करें. कैफीन के सेवन को सीमित करें और ज्यादा नमक ज्यादा चीनी वाली चीजें न लें. खानपान के अलावा लेट नाइट तक जागना भी अवॉइड करें, क्योंकि देर रात तक जागने का असर आपके मेटाबॉलिज्म पर भी पड़ता है, जिससे वेट गेन हो सकता है.वर्कआउट और डाइट का कॉम्बिनेशन है जरूरीजितना जरूरी है कि आप वेट लॉस के लिए सही डाइट प्लान फॉलो करें, उतना ही जरूरी है कि फिजिकल एक्टिविटी पर ध्यान दिया जाए. इसलिए डेली रुटीन में रोजाना 30 से 40 मिनट वर्कआउट या फिर योगा के लिए जरूर निकालें, क्योंकि डाइट और फिजिकल एक्टिविटी के सही कॉम्बिनेशन से ही वेट को मैनेज किया जा सकता है.
- नट्स की बात करें तो बादाम को बेहद ताकतवर नट माना जाता है, क्योंकि इसमें गुड फैट्स ओमेगा 3 से लेकर विटामिन ई, बी, बी2, कैल्शियम, पोटेशियम, प्रोटीन, फाइबर जिंक जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं. रोजाना बादाम का सेवन दिल और दिमाग दोनों को दुरुस्त रखने के लिए फायदेमंद माना गया है, वहीं इसका तेल भी खूबियों का खजाना है, जिसके इस्तेमाल से आप कई हेल्थ और स्किन प्रॉब्लम से निजात पा सकते हैं.रोजाना भीगे हुए बादाम खाने के फायदे तो ज्यादातर लोग जानते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि बादाम का तेल भी न्यूट्रिएंट्स का खजाना है और ये आपको कई समस्याओं से छुटकारा दिला सकता है. तो चलिए जानते हैं इसको इस्तेमाल करने के कुछ तरीके.कब्ज से राहत के पाने लिए ऐसे करें बादाम तेल का सेवनअगर कोई व्यक्ति हमेशा कब्ज से परेशान रहता हो तो रात को सोते वक्त गुनगुने दूध में एक चम्मच बादाम तेल ले, इससे आंतों में जमा गंदगी साफ करने में मदद मिलती है, जिससे कब्ज की समस्या से राहत मिलेगी.स्किन के लिए बादाम तेलरोजाना अगर सोते वक्त बादाम तेल से चेहरे पर मसाज की जाए तो प्रीमेच्योर एजिंग साइन झुर्रियां, झाइयां, डलनेस से बचा जा सकता है. इससे आपकी त्वचा का रूखापन दूर होता है और चेहरे पर नेचुरल ग्लो आता है. बादाम तेल एक्ने, टैनिंग जैसी समस्याओं को दूर करने और रंगत निखारने में भी कारगर है.बालों के लिए ऐसे करें बादाम तेल का यूजबादाम का तेल आपके बालों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. हफ्ते में दो बार बालों को धोने से 1.5 या 2 घंटे पहले बालों में बादाम तेल अप्लाई करें. इससे हेयर फॉल से छुटकारा मिलने के साथ ही बाल शाइनी और स्ट्रॉन्ग बनेंगे. डैंड्रफ से छुटकारा पाने के लिए नींबू के रस के साथ बादाम तेल लगा सकते हैं.हड्डियां बनेंगी मजबूतबादाम का तेल बच्चों की मालिश के लिए भी बेहतरीन माना जाता है, क्योंकि ये मांसपेशियों को मजबूत बनाने में हेल्प करता है. इसके अलावा दूध में बादाम तेल लिया जा सकता है जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करेगा. इस तेल की मसाज से जोड़ों के दर्द में भी आराम मिलता है.
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मार्च का आधा महीना गुजर चुका है और मौसम भी काफी गर्म होने लगा है, ऐसे में अब खानपान में भी बदलाव होने लगेगा. गर्मियों में हेल्दी रहने के लिए शरीर को हाइड्रेट रखना बेहद जरूरी होता है. इसके लिए भरपूर मात्रा में पानी और इलेक्ट्रोलाइट चीजें लेने के साथ ही जरूरी है कि ऐसे फूड्स डाइट में शामिल किए जाएं जो बॉडी को हाइड्रेट रखने में मदद करें, नींबू, संतरा, मौसंबी जैसे खट्टे फल विटामिन सी और अन्य न्यूट्रिएंट्स से रिच होने के साथ ही ये पानी से भी भरपूर होते हैं और गर्मियों में बेहद फायदेमंद हैं.
गर्मियों में शरीर को हाइड्रेट रखना है तो भरपूर मात्रा में पानी पीने के अलावा खट्टे फल जैसे मौसंबी, संतरा, नींबू, आंवला को डाइट में शामिल करना बेहतरीन ऑप्शन है. इन फलों के सेवन से आपकी पूरी सेहत को फायदा मिलता है, लेकिन खट्टे फलों को खाने से पहले जान लें कि क्या रहता है सही समय और कब नहीं खाने चाहिए खट्टे फल.खट्टे फल होते हैं न्यूट्रिएंट्स का खजानान्यूट्रिशनल वैल्यू की बात करें तो साइट्रेस यानी खट्टे फलों में विटामिन सी अच्छी मात्रा में होता है जो इम्यूनिटी बूस्ट करने में कारगर होता है. इसके अलावा ये फल फाइबर, मिनरल और अन्य विटामिन का भी अच्छा सोर्स हैं. सबसे अच्छी बात होती है कि इन फलों में कैलोरी की मात्रा कम होती है, जिससे वेट बढ़ने का डर नहीं रहता है. खट्टे फलों का सेवन आपकी सेहत के साथ ही त्वचा के लिए भी फायदेमंद है.किस वक्त न खाएं खट्टे फलखट्टे फलों को सुबह उठते ही खाली पेट या फिर रात को सोते वक्त नहीं खाना चाहिए. इसमें मौजूद साइट्रिक एसिड से एसिडिटी महसूस हो सकती है. जिससे बेचैनी, सीने में जलन जैसी दिक्कतें हो सकती हैं. इसके अलावा खाने के तुरंत बाद खट्टे फल न खाएं.कौन सा वक्त रहता है सहीखट्टे फलों को दिन के मिड स्नैक्स में शामिल कर सकते हैं. वहीं खाने से करीब 30 मिनट पहले खट्टे फल खाए जा सकते हैं और खाना खाने के करीब 1 घंटे बाद खट्टे फल लेने से कोई समस्या नहीं होती है.एक दिन में कितने खट्टे फल खाना है सही?एक व्यस्क पुरुष को एक दिन में करीब 90 मिलीग्राम विटामिन सी की जरूरत होती है, जबकि एक महिला को लगभग 75 मिलीग्राम विटामिन सी की प्रतिदिन आवश्यकता होती है, इसलिए रोजाना 100 से 200 ग्राम खट्टे फल लिए जा सकते हैं, हालांकि यह सोर्स पर निर्भर करता है कि उसमें कितना विटामिन सी है. -
अपने आहार में कुछ विशेष जड़ी-बूटियों को शामिल करके आप अपने दिमाग को तेज कर सकते हैं।
जटामांसी :-जटामांसी औषधीय गुणों से भरपूर जड़ी-बूटी है। इसे जटामांसी इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसकी जड़ों में जटा बाल जैसे तंतु लगे होते हैं। यह दिमाग के लिए एक रामबाण औषधि है, यह धीमे लेकिन प्रभावशाली ढंग से काम करती है। इसके अलावा यह याददाश्त को तेज करने की भी अचूक दवा है। एक चम्मच जटामासी को एक कप दूध में मिलाकर पीने से दिमाग तेज होता है।ब्राह्मी :-बाह्मी नामक जड़ी-बूटी को दिमाग के लिए टॉनिक भी कहा जाता है। यह दिमाग को शांति और स्पष्टता प्रदान करती है और याददाश्त को मजबूत करने में भी मदद करती है। आधे चम्मच बाह्मी के पाउडर और शहद को गर्म पानी में मिलाकर पीने से दिमाग तेज होता है।शंख पुष्पी :-शंख पुष्पी दिमाग को बढ़ाने के साथ-साथ दिमाग में रक्त का सही सर्कुलेशन करके हमारी रचनात्मकता को भी बढ़ावा देता है। यह जड़ी-बूटी हमारी याद करने की क्षमता और सीखने की क्षमता को भी बढ़ाती है। दिमाग को तेज करने के लिए आधे चम्मच शंख पुष्पी को एक कप गरम पानी में मिला कर लें।दालचीनी :-दालचीनी सिर्फ गर्म मसाला ही नहीं, बल्कि एक जड़ी-बूटी भी है। यह दिमाग को तेज करने की बहुत अच्छी दवा है। रात को सोते समय नियमित रूप से एक चुटकी दालचीनी पाउडर को शहद के साथ मिलाकर लेने से मानसिक तनाव में राहत मिलती है और दिमाग तेज होता है।हल्दी :-हल्दी दिमाग के लिए बहुत अच्छी जड़ी-बूटी है। यह सिर्फ खाने के स्वाद और रंग में ही इजाफा नहीं करती है, बल्कि दिमाग को भी स्वस्थ रखने में मदद करती है। हल्दी में पाया जाने वाला रासायनिक तत्व कुरकुमीन दिमाग की क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को रिपेयर करने में मदद करता है और इसके नियमित सेवन से एल्जाइमर रोग नहीं होता है।जायफल :-दिमाग को तेज करने वाली जड़ी-बूटियों में जायफल भी एक उपयोगी जड़ी-बूटी है। गर्म तासीर वाले जायफल की थोड़ी मात्रा का सेवन करने से दिमाग तेज होता है। इसको खाने से आपको कभी एल्जाइमर यानी भूलने की बीमारी नहीं होती।अजवाइन की पत्तियां :-अजवाइन की पत्तियां खाने में सुगंध के अलावा शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में भी मदद करती है। इसमें भरपूर मात्रा में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट दिमाग के लिए एक औषधि की तरह काम करता है।तुलसी :-तुलसी कई प्रकार की बीमारियों के इलाज के लिए एक जानी-मानी जड़ी बूटी है। इसमें मौजूद शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट हृदय और मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह में सुधार करता है। साथ ही इसमें पाई जाने वाली एंटी-इंफ्लेमेटरी अल्जाइमर जैसे रोग से सुरक्षा प्रदान करता हैं।केसर :-केसर एक ऐसी जड़ी-बूटी है, जिसका उपयोग खाने में स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ अनिद्रा और डिप्रेशन दूर करने वाली दवाओं में किया जाता है। इसके सेवन से दिमाग तेज होता है।नोट- इन जड़ी बूटियां का प्रयोग करने से पहले एक बार किसी योग्य चिकित्सक से सलाह अवश्य ले लें। - अगर आप बॉडी डिटॉक्स के लिए कोई विकल्प ढूंढ रहे हैं, ऐसे में यह ड्रिंक आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। इसे सब्जियों और फलों से तैयार किया जाता है। इसके सेवन से बॉडी के टॉक्सिन शरीर से बाहर आ सकते हैं। आइये इस लेख के माध्यम से जानें डिटॉक्स ड्रिंक बनाने का तरीका।कब्ज और ब्लोटिंग से राहत पाने के लिए बनाएं ये डिटॉक्स ड्रिंकसामग्रीस्ट्रॉबेरी- 2 से 3संतरा- 1खीरा- आधाचिया सीड्स- 1 चम्मचनींबू- 1बनाने का तरीका-डिटॉक्स ड्रिंक बनाने के लिए बाउल में सभी सब्जियों और फलों को वॉश करके काट लें।-अब एक कांच की बोतल में स्ट्रॉबेरी, खीरा, नींबू, संतरा और चिया सीड्स डालें।-ध्यान रखें कि आप इसे कांच या अच्छी प्लास्टिक की बोतल में ही बनाएं।-इस डिटॉक्स ड्रिंक को बनाकर 5 से 6 घंटे तक रखें। आप इसे दिन में कई बार सेवन कर सकते हैं।सेहत के लिए कैसे फायदेमंद है यह डिटॉक्स ड्रिंकपाचन स्वस्थ बनाए रखे- अगर आपको कब्ज, एसिडिटी या ब्लोटिंग की समस्या रहती है, तो ऐसे में यह ड्रिंक फायदेमंद हो सकता है। नींबू और चिया सीड्स पाचन क्रिया तेज करने में मदद करते हैं। इसके जरिए बॉडी से टॉक्सिन भी बाहर आ पाते हैं।स्किन ग्लोइंग बनाएं- स्किन को हेल्दी और ग्लोइंग बनाए रखने के लिए भी आप यह ड्रिंक ले सकते हैं। इसमें विटामिन-सी के साथ एंटीऑक्सीडेंट भी पाए जाते हैं, जो स्किन को हेल्दी रखने के लिए जरूरी है।इम्यूनिटी के लिए फायदेमंद- फलों और सब्जियों से बने इस ड्रिंक में विटामिन-सी काफी ज्यादा होता है। इससे इम्यूनिटी बनी रहती है और बीमारियों का खतरा कम होता है। यह लिवर को डिटॉक्स करने में भी मदद करता है।वेट लॉस में मदद करे- अगर आप जल्द वजन घटाना चाहते हैं, तो ऐसे में यह ड्रिंक फायदेमंद हो सकता है। इसमें विटामिन्स और मिनरल्स भरपूर मात्रा में होते हैं, जो वेट लॉस के लिए जरूरी हैं। इसके सेवन से मेटाबॉलिज्म भी बूस्ट होता है। जितना बेहतर आपका मेटाबॉलिज्म होता है उतनी जल्दी वेट लॉस में मदद मिलती है।बॉडी को हाइड्रेट रखे- बॉडी को हाइड्रेट रखने के लिए भी यह डिटॉक्स ड्रिंक फायदेमंद है। इसमें विटामिन-सी, एंटीऑक्सीडेंट जैसे कई मिनरल्स पाए जाते हैं। यह बॉडी से टॉक्सिन बाहर निकालता ही है। साथ ही, बॉडी को हाइड्रेट रखने में भी मदद करता है।
- एक्सपर्ट्स और डॉक्टर्स ऐसा मानते हैं कि अगर आप हर दिन 7 से 8 घंटे की नींद नहीं लेंगे, तो पूरे दिन थकान व कमजोरी महसूस करेंगे। लेकिन हर किसी के लिए सुकून भरी नींद लेना संभव नहीं। दिनभर की थकान के बाद भी रात को इंसान सो नहीं पाता। इसका कारण मानसिक समस्याएं जो व्यक्ति की नींद छीन लेती हैं। अगर आप भी अनिद्रा की समस्या से परेशान हैं, तो इस लेख में हम आपको बताएंगे कुछ आयुर्वेदिक तरीके जिनकी मदद से आप सुकून भरी नींंद लेकर सो पाएंगे।1. शांभवी महामुद्रा करेंशांभवी महामुद्रा की मदद से तनाव कम होता है, नींद आती है और आंखें हेल्दी रहती हैं। ध्यान आसन में आराम से बैठ जाएं। रीढ़ और सिर को सीधा रखें। अपने हाथों को अपने घुटनों पर रखें।अंगूठे और पहली उंगली के ऊपरी भाग को जोड़ें और बाकी अंगुलियों को सीधा रखें। अपनी हथेलियों को घुटनों पर रखें। फिर अपनी आंखें बंद करें। ऊपर देखते हुए अपनी भौंहों के केंद्र पर ध्यान केंद्रित करें। अपनी आंखों को ऊपर उठाते हुए धीरे-धीरे सांस लें। सिर को हिलाना नहीं है। जब यह मुद्रा सही ढंग से किया जाता है, तो दो घुमावदार भौहें नाक पर एक वी-आकार की छवि बनाएंगी। अगर वी शेप दिखाई नहीं दे रहा है, तो समझ जाएं कि आंखें सही ढंग से फोकस नहीं कर रही हैं। शुरुआत में थोड़े समय के लिए ही फोकस बनाएं और अगर असुविधा महसूस हो तो इसे छोड़ दें। पूरी प्रक्रिया के दौरान आंखें बंद रखनी चाहिए और आराम करना चाहिए। जैसे ही आपका ध्यान केंद्रित हो धीरे-धीरे सांस छोड़ें। धीरे-धीरे मूल स्थिति में आएं और अपनी आंखें खोलें।2. नस्य थेरेपी लें-नस्य थेरेपी एक आयुर्वेदिक इलाज है जिसकी मदद से सिर दर्द और अनिद्रा जैसी कई समस्याओं का इलाज किया जाता है। इस थेरेपी के मुताबिक, नस्य यानी नाक से दी जाने वाली दवा मस्तिष्क तक जाती है और रोग पैदा करने के लिए जिम्मेदार दोष को खत्म करती है। इस प्रक्रिया को करने के लिए नाक के प्रत्येक नथुने में नस्य तेल की 2-3 बूंदे डालें। सावधानी के साथ एक-एक बूंद डालें। इसके बाद एक लंबी सांस लें और कुछ मिनटों के लिए रिलैक्स करें। सांस की समस्या में इसे ट्राई न करें।3. जीभ को साफ करें-आयुर्वेद में जीभ साफ करने की प्रक्रिया या टंग स्क्रेपिंग को मानसिक और शारीरिक सेहत के लिए लाभदायक बताया गया है। जीभ को साफ करने से जीभ पर चिपकी गंदगी हट जाती है और हमें ताजगी महसूस होती है। जीभ पर लगी गंदगी, खराब पाचन का कारण बन सकती है जिससे नींद भी प्रभावित हो सकती है इसलिए रोज जीभ और दांतों को साफ करके लेटने से आप नींद को बढ़ावा दे सकते हैं।4. पादाभ्यंग करेंआयुर्वेद में पैरों का बहुत अधिक महत्व होता है और पैर की मालिश करने की विधि को पादाभ्यंग कहते हैं। पैर हमारे शरीर का जरूरी हिस्सा है। पैर में ऐसे प्रेशर प्वॉइंट्स होते हैं जो ऊर्जा के केंद्र होते हैं। अगर आप सुकून भरी नींद लेना चाहते हैं, तो तेल से पैरों की मालिश करें, इससे आराम मिलेगा और आप सो सकेंगे।5. सूर्य उगने की दिशा में सोना लाभदायकआयुर्वेदिक शास्त्र यह कहता है कि अगर आप पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध यानी नॉर्थन हेमिस्फियर (Northern Hemisphere) में रहते हैं, तो आपको ईयर (East) यानी पूर्व की ओर सिर करके सोना चाहिए। इस डायरेक्शन में सूरज उगता है। इससे आपको सुकून भरी नींद आएगी। उत्तर यानी नॉर्थ (North) की ओर सिर करके सोने से बचना चाहिए। ऐसा करने से दिमाग पर पृथ्वी की चुंबकीय शक्ति का जोर पड़ता है। इससे ब्लड सर्कुलेशन बिगड़ता है और आपको सोने में अड़चन महसूस हो सकती है।
- प्राचीन समय से ही भारत के कुछ हिस्सों में तेल से मालिश करने का चलन है। हालांकि आपने अपनी दादी नानी को भी बच्चों से लेकर बड़ों तक को तेल से मालिश करते जरूर देखा होगा। ऐसा माना जाता है कि तेल से अगर शरीर की मालिश किया जाए तो इससे रक्त संचार बढ़ता है और अगर तेल को नाभि में डाला जाए तो ये हमारे शरीर को कई फायदे दिलाता है। यहां जानिए नाभि में तेल डालने के क्या हैं फायदे और कौन से तेल आपको नाभि में डालने चाहिए.नाभि में गाय का शुध्द घी या तेल लगाने से बहुत सारी शारीरिक दुर्बलता का उपाय हो सकता है।-1. आँखों का शुष्क हो जाना, नजर कमजोर हो जाना, चमकदार त्वचा और बालों के लिये उपाय।सोने से पहले 3 से 7 बूँदें शुद्ध घी और नारियल का तेल नाभि में डालें और नाभि के आसपास डेढ ईंच गोलाई में फैला दें।2. घुटने के दर्द में उपायसोने से पहले तीन से सात बूंद अरंडी का तेल नाभि में डालें और उसके आसपास डेढ ईंच में फैला दें।3. जोड़ों में दर्द और शुष्क त्वचा के लिए उपायसोने से पहले तीन से सात बूंद राई या सरसों कि तेल नाभि में डालें और उसके चारों ओर डेढ ईंच में फैला दें।4. मुँह और गाल पर होने वाले पिम्पल के लिए उपाय:-नीम का तेल तीन से सात बूंद नाभि में उपरोक्त तरीके से डालें।5. जोड़ो का दर्द करे सहीफटे होंठ या जोड़ों का दर्द है अगर आप इन चीजों से परेशान है तो आपको ज़रूरत है सरसों के तेल की जिसके द्वारा आप अपनी इस समस्या से छुटकारा पा सकेंगे। अपने पेट की नाभि पर सरसों के तेल की कुछ बूंदें लगाएं।6. मुंहासे के लिएनीम के तेल की कुछ बूंदें नाभि के बीच में डालकर और आस-पास मसाज करने से कील-मुहाँसे ठीक हो सकते ह और आपकी त्वचा बेदाग़ और सुंदर हो जायेगी।7. चेहरे पर निखार :बादाम के तेल की कुछ बूंदें नाभि पर लगाने से चेहरे पर निखार आता है और आपकी रंगत भी अच्छी होती हैं।
- हड्डियों की मजबूती को बनाए रखने के लिए आपको डाइट में बदलाव करने की सलाह दी जाती हैं। एक्सपर्ट के अनुसार हड्डियों को मजबूत को बनाए रखने के लिए आप डाइट में दूध और कद्दू के बीजों को शामिल कर सकते हैं। इसमें विटामिन ए, विटामिन बी, मैग्नीशियम, कैल्शियम, ओमेगा 3 फैटी एसिड व अन्य महत्वपूर्ण मिनरल्स पाए जाते हैं। यह पोषक तत्व हड्डियों से जुड़ी समस्याओं को दूर कर बोन डेंसिटी को बेहतर करते हैं। इसी वजह से हर उम्र के लोगों को दूध और कद्दू के बीज खाने की सलाह दी जाती है।दूध और कद्दू के बीज से हड्डियों के लिए फायदेकैल्शियम का सोर्सदूध में कैल्शियम पाया जाता है, जो हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक माना जाता है। इसे कद्दू के बीज के साथ लेने से आपको कई अन्य पोषक तत्व भी प्राप्त होते हैं। कैल्शियम हड्डियों की मजबूती के लिए जरूरी होता है, इससे बोन डेंसिटी बेहतर होती है। साथ ही, फ्रैक्चर और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा कम होता है।मैग्नीशियमकद्दू के बीज में मैग्नीशियम अधिक मात्रा में पाया जाता है। यह दूध में मौजूद कैल्शियम की पूर्ति करता है। मैग्नीशियम हड्डियों के मेटाबॉलिज्म में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, कैल्शियम के अवशोषण और उपयोग में सहायता करता है। दूध और कद्दू के बीज का सेवन करने से हड्डियों में मजबूती आती है।प्रोटीन का पावरहाउसदूध में प्रोटीन से भरपूर मात्रा में होता है, जो हड्डियों को बनाने और रिपेयर के लिए आवश्यक होता है। जब आप इसे कद्दू के बीजों के साथ मिलाते हैं, तो इससे अमीनो एसिड बढ़ता है। इसे साथ में लेने से कोलेजन बूस्ट होता है। यह हड्डियों के स्वास्थ्य को बेहतर करता है।ओमेगा-3 फैटी एसिडकद्दू के बीज में ओमेगा-3 फैटी एसिड से होता है, यह एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के लिए जाने जाते हैं। कद्दू के बीज को दूध के साथ मिलाने से आपको ओमेगा-3 से ओमेगा-6 सही अनुपात में मिलता है। इससे सूजन को कम होती है और हड्डियों का स्वास्थ्य बेहतर होता है।हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए दूध और कद्दू के बीजों का सेवन कैसे करें-स्मूदी - आप सुबह की डाइट में दूध के साथ कद्दू के बीजों की स्मूदी बनाकर पी सकते हैं। इस स्मूदी में आप केले या बैरिज आदि फलों का उपयोग कर सकते हैं।ओट्स - दूध, कद्दू के बीज और ओट्स को एक जार में मिलाएं और उन्हें रात भर भीगने दें। मिठास के लिए शहद मिलाएं। सुबह के समय नाश्ते के साथ इसे खा सकते हैं।दूध और बीज - आप एक गिलास दूध में कद्दू के बीजों को पीसकर मिला लें। इसमें एक चम्मच शहद मिलाएं और पी लें।
- आप भी चाय को स्वाद और सेहत दोनों के लिए पीते हैं तो लेमन ग्रास, तुलसी और पुदीने की चाय ट्राई कर सकते हैं। इस चाय में एंटीवायरस, एंटीफंगल, एंटीबैक्टीरियल, एंटी इन्फ्लेमेटरी, विटामिन ए, विटामिन सी, फास्फोरस और कैल्शियम जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं जो बीमारियों को दूर रखने में मदद करते हैं। आइए जानते हैं लेमन ग्रास, तुलसी और पुदीने की चाय बनाने की रेसिपीलेमन ग्रास, तुलसी और पुदीने की चाय के फायदेडाइटिशियन सीनम के अनुसार रोजाना लेमन ग्रास, तुलसी और पुदीने की चाय से सेहत को एक नहीं बल्कि कई फायदे मिलते हैं।1. हाई ब्लड प्रेशर को करता है कंट्रोलहाई ब्लड प्रेशर की समस्या को दूर करने में लेमन ग्रास, तुलसी और पुदीने की चाय आपके बेहद काम आ सकती है। तुलसी और लेमन ग्रास के अंदर पोटेशियम होता है जो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करता है। इसके अलावा तुलसी में एंटी हाइपरटेंसिव गतिविधियां भी मौजूद होती हैं जो सिस्टोलिक और डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर को कम करती हैं। वहीं, लेमन ग्रास में एंटीफंगल, एंटी-कैंसर, एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो शरीर का ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में करती है।2. वेट लॉस में मददगारलेमनग्रास, तुलसी और पुदीने की चाय में हाई फाइबर और लो कैलोरी होता है। जिसकी वजह से यह वजन घटाने में मदद करती है। एक्सपर्ट का कहना है कि लेमन ग्रास, तुलसी और पुदीने की चाय पीने से मेटाबॉलिज्म तेजी से कम करता है और शरीर का एक्स्ट्रा फैट घटाने में मदद करता है, जिससे वेट लॉस में मदद मिलती है।3. डाइजेशन के लिए है अच्छाअनहेल्दी प्रोसेसड और चाइनीज फूड खाने की वजह से आजकल लोगों को पाचन संबंधी समस्याएं बहुत ज्यादा होने लगी हैं। पाचन क्रिया को ठीक करने में लेमनग्रान, तुलसी और पुदीने की चाय काफी फायदेमंद होती है। इस चाय में फाइबर होता है। फाइबर मल को मुलायम बनाता है और मल त्याग की प्रक्रिया को भी आसान बनाता है। रोजाना सुबह खाली पेट एक कप लेमनग्रान, तुलसी और पुदीने की चाय पीने से गैस की समस्या, दस्त की समस्या, पेट में ऐठन की समस्या, कब्ज की समस्या आदि से भी छुटकारा मिल सकता है।4. स्किन को बनाता है ग्लोइंगखानपान, लाइफस्टाइल और केमिकल वाले प्रोडक्ट का इस्तेमाल करने की वजह से इन दिनों लोगों को पिंपल्स, मुंहासे और उम्र से पहले झुर्रियों होने लगती हैं। स्किन की इन प्रॉब्लम से छुटकारा पाने के लिए भी आप लेमनग्रास, तुलसी और पुदीने की चाय पी सकते हैं। इस चाय में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट स्किन की समस्याओं से राहत दिलाकर त्वचा को ग्लोइंग बनाते हैं।चाय बनाने की विधि-सबसे पहले एक से डेढ़ गिलास पानी को अच्छी तरह से उबाल लें। इस पानी में लेमन ग्रास, तुलसी, पुदीने की पत्तियां, अदरक डालकर उबालें।-एक मिनट सभी चीजों को पानी में उबलने दें। आपकी चाय सर्व करने के लिए तैयार है। इसका सेवन सिप-सिप करके करें।-आप चाहें तो टेस्ट के लिए लेमन ग्रास, तुलसी और पुदीने की चाय में 1 चम्मच शहद मिला सकते हैं।
- पेट की चर्बी (Belly Fat) बढ़ने के कारण आपको कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है, जिससे बचने के लिए जरूरी है कि आप बेली फैट को कम करने की कोशिश करें और एक स्वस्थ वजन बनाए रखें। बेली फैट न सिर्फ स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकती है, बल्कि ये आपके लुक्स को भी खराब करती है। ऐसे में कश्मीरी कहवा को डाइट में शामिल करना एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है।बेली फैट कम करने में कश्मीरी कहवा के फायदे --कश्मीरी कहवा में मौजूद हरी चाय की पत्तियों में कैटेचिन होता है, जो मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद कर सकता है, जिससे पेट की चर्बी कम करने और वजन घटाने में मदद मिल सकती है।-कश्मीरी कहवा ब्लड वेसल्स में कोलेस्ट्रॉल जमाव को रोकता है, जिससे पेट के आस-पास चर्बी जमा नहीं होती और बेली फैट से छुटकारा मिलता है।-कहवा में इलायची और दालचीनी जैसे तत्व पाचन में मदद करते हैं, ब्लोटिंग की समस्या दूर करने और पेट में होने वाली असुविधाओं को कम करके पेट को पतला दिखने में मदद कर सकता है।-कहवा में केसर और लौंग जैसे पदार्थ शामिल होते हैं, जिनमें डिटॉक्सिफाइंग गुण होते हैं, जो समग्र स्वास्थ्य और वजन प्रबंधन में मदद कर सकते हैं।-कहवा पीने से ज्यादा कैलोरी के बिना आप हाइड्रेटेड रह सकते हैं, जो पेट की चर्बी बढ़ाने वाले हाई कैलोरी वाले पेय पदार्थों के सेवन को कम करता है और वजन कंट्रोल करने में मदद कर सकता है।-ग्रीन टी में कैफीन की मात्रा कम होती है, जो संभावित रूप से शारीरिक गतिविधि और कैलोरी बर्निंग को बढ़ा सकती है और बेली फैट को कम करने में फायदेमंद हो सकती है।-एक गर्म कप कहवा आपके तनाव के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है। तनाव आपके पेट की चर्बी बढ़ने का कारण बन सकता है, क्योंकि कुछ लोग तनाव मे अधिक खाना खाने लगते हैं, जो वजन बढ़ने या बेली फैट होने का कारण बनता है।कश्मीरी कहवा बनाने का तरीकासामग्री-हरी चाय की पत्तियां- 1 चम्मचकेसर के रेसे- एक चुटकीहरी इलायची- 2-3 कुचली हुईदालचीनी की छड़ी- 1 छोटा टुकड़ालौंग- 2-3बादाम- 4-5, कुचले हुएशहद या चीनी- स्वाद के लिए (वैकल्पिक)पानी- 2 कपकहवा बनाने की विधि--सबसे पहले गैस की फ्लेम मध्यम आंच पर रखकर एक सॉस पैन में दो कप पानी डालकर गर्म कर लें।-जब पानी में उबाल आने लगे तो इसमें हरी चाय की पत्तियां, केसर के रेसे, कुचली हुई इलायची, दालचीनी की छड़ी, लौंग और कुचले हुए बादाम डाल दें।-इस मिश्रण को लगभग 3 मिनट तक उबलने दें।-अब चाय को कपों में छान लें और चाहें तो स्वाद के लिए इसमें शहद या चीनी भी मिला सकते हैं।
- सेमल एक पेड़ है, जो उत्तराखंड में अधिक पाया जाता है। सेमल की छाल, फूल, जड़ और फल कई बीमारियों से निजात दिलाने में कारगर होते हैं। इन दिनों आपने रास्ते में भी सेमल के बड़े-बड़े लाल फूलों को रास्ते में गिरे हुए जरूर देखा होगा। इसका बड़ा पेड़ होता है, जिसे पर लाल फूल लगे होते हैं। आपको बता दें कि सेमल के फूल सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। नियमित रूप से सेमल के फूलों का उपयोग करने से कई स्वास्थ्य समस्याओं में आराम मिलता है।1. डायरिया से छुटकारा दिलाए सेमल के फूलसेमल के फूलों का उपयोग डायरिया या दस्त की समस्या का ठीक करने के लिए किया जा सकता है। इसके लिए आप सेमल के फूलों के ऊपरी छिलकों को रातभर पानी में भिगोकर रख दें। सुबह मिश्री में मिलाकर इनका सेवन करें। इससे आपको डायरिया की समस्या से काफी राहत मिलेगी।2. ल्यूकोरिया में लाभकारी सेमल के फूलमहिलाओं के लिए सेमल के फूल काफी फायदेमंद होते हैं। कई महिलाओं को ल्यूकोरिया यानी वेजाइनल डिस्चार्ज से परेशान रहना पड़ता है, ऐसे में सेमल के फूल लाभकारी हो सकते हैं। देसी घी और सेंधा नमक से साथ सेमल के फूलों का डोडा की सब्जी बनाएं। इस सब्जी को खाने से ल्यूकोरिया की समस्या में आराम मिल सकता है।3. कब्ज ठीक करे सेमल के फूलआजकल अधिकतर लोग कब्ज की समस्या से परेशान रहते हैं। अगर आप भी कब्ज से निजात पाना चाहते हैं, तो सेमल के फूलों का उपयोग कर सकते हैं। सेमल के फूल की सब्जी खाने से कब्ज की समस्या में काफी हद तक आराम मिलता है। सेमल के फूल अंदरुनी अंगों की भी अच्छे से सफाई करते हैं।4. कमर दर्द ठीक करे सेमल के फूलअधिकतर लोग कमर में दर्द की शिकायत करते हैं। इसके लिए वे दर्दनिवारक दवाइयों का सेवन करते हैं। लेकिन आप चाहें तो सेमल के फूल से भी कमर के दर्द में आराम पा सकते हैं। सेमल के फूल के बाहरी हिस्से की सब्जी कमरदर्द में फायदेमंद होती है। आप चाहें तो इसके लड्डू भी बना सकते हैं। यह बहुत ही ताकतवर होता है, शरीर मजबूत बनता है। सेमल के फूल की सब्जी खाने से कमजोरी भी दूर होती है।5. खून साफ करे सेमल के फूल-सेमल के पत्ते और फूल रक्त शुद्धि करने में भी कारगर होते हैं। ब्लड को प्यूरीफाई करने के लिए आप सेमल के फूल, फल का सेवन कर सकते हैं। इससे रक्त संबंधी समस्याएं ठीक होने में मदद मिलती है। सेमल के फूल शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकालता है, खून की सफाई करते हैं।सेमल के किसी भी हिस्से के इस्तेमाल से पहले आपको आयुर्वेदिक डॉक्टर की राय जरूर लेनी चाहिए।
- जोड़ों का दर्द अब एक आम समस्या हो गई है। आज हम आपको जोड़ों के दर्द से छुटकारा पाने का आयुर्वेदिक उपाय बताने जा रहे हंै । इस उपाय को अपनाने से आप महसूस करेंगे कि जैसे आपको कभी जोड़ों का दर्द था ही नहीं । तो आइये जानते हैं इस आयुर्वेदिक नुस्खे के बारे में ....जोड़ों के दर्द का आयुर्वेदिक उपायसामग्री :-3 चम्मच किशमिश2 चम्मच अनफ्लेवर्ड जिलेटिन पाउडर8 छोटे चम्मच अलसी के बीज4 चम्मच तिल के बीज40 ग्राम कद्दू के बीज200 ग्राम शहदविधि / इस्तेमाल :-इस नुस्खे को तैयार करना बेहद आसान है । ऊपर बताई सामग्री को एक साथ मिक्स करें । फिर इसे एक कांच के जार में रख दें।. इस मिश्रण का दिन में 2 बार एक - एक चम्मच सेवन करें , नाश्ते से पहले और दोपहर के खाने से पहले । कुछ ही समय में नतीजे सामने आने लगेंगे ।
- कल महाशिवरात्रि है। इस मौके पर भक्त भगवान शिव की अराधना करते हैं और श्रद्धालु उपवास रखते हैं। महाशिवरात्रि के व्रत में खाने-पीने का खास ध्यान रखना जरूरी होता है। व्रत के दौरान आप कई ऐसी चीजों का सेवन कर सकते हैं, जो आपको हेल्दी रखने में मदद करते हैं। आपके पेट को भरा हुआ रखते हैं, आपको ताकत देते हैं और आप में एनर्जी बनाकर रखते हैं। कई लोग महाशिवरात्रि के व्रत में कुट्टू, सिंघाडे के आटे के लड्डू बनाकर खाते हैं। वहीं, कुछ लोग मूंगफली, फलों और सूखे मेवों का सेवन करते हैं। लेकिन इसके अलावा भी कई ऐसे फलाहार हैं, जिनका सेवन महाशिवरात्रि के व्रत में किया जा सकता है। तो चलिए जानते हैं महाशिवरात्रि के व्रत के लिए हेल्दी फलाहार-महाशिवरात्रि व्रत के लिए हेल्दी फलाहार1. फ्रूट्स और ड्राई फ्रूट्स चाटमहाशिवरात्रि के व्रत में आप फ्रूट्स और ड्राई फ्रूट्स चाट का भी सेवन कर सकते हैं। व्रत के दौरान फल और मेवे का सेवन करना काफी फायदेमंद होता है। व्रत में फल और ड्राई फ्रूट्स खाने से आपको पर्याप्त मात्रा में विटामिन्स और मिनरल्स मिलेंगे। इससे आप पूरे दिन एनर्जेटिक महसूस करें और जल्दी से भूख भी नहीं लगेगी। इसके लिए आप एक बाउल में फल काट लें। फिर इसमें भीगे हुए ड्राई फ्रूट्स डाल दें। इसमें सेंधा नमक और काली मिर्च पाउडर भी मिक्स करें। अब आप इस फ्रूट्स और ड्राई फ्रूट्स चाट को शिवरात्रि के मौके पर खा सकते हैं।2. साबुदाने के खीरआप चाहें तो महाशिवरात्रि के मौके पर साबुदाने की खीर भी खा सकते हैं। साबुदाने की खीर महाशिवरात्रि के व्रत के लिए एक काफी बेहतरीन फलाहार होता है। साबुदाने की खीर स्वादिष्ट और पौष्टिक होती है। अगर आप व्रत में साबुदाने की खीर खाएंगे, तो इससे आप पूरे दिन एनर्जेटिक रहेंगे। साथ ही आपको थकान, कमजोरी भी महसूस नहीं होगी और ज्यादा भूख का अहसास नहीं होगा। साबुदाने की खीर खाने से आपको कई विटामिन्स और मिनरल्स भी मिलेंगे।3. फ्रूट रायतामहाशिवरात्रि के व्रत के दिन फ्रूट रायता खाना भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है। फ्रूट रायता भी एक अच्छा फलाहार होता है। फ्रूट रायता खाने से आपकी भूख मिटेगी, साथ ही आप में पूरे दिन एनर्जी भी रहेगी। इसके लिए आप एक बाउल में दही लें। इसमें अपने पसंदीदा फल और ड्राई फ्रूट्स डालें। अब आप इस तैयार रायते को महाशिवरात्रि के मौके पर खा सकते हैं। लेकिन रायते में नमक डालने से बचना चाहिए।4. ड्राई फ्रूट्स शेकमहाशिवरात्रि के मौके पर आप ड्राई फ्रूट्स से बने शेक का भी सेवन कर सकते हैं। ड्राई फ्रूट शेक भी एक अच्छा फलाहार विकल्प है। आप ड्राई फ्रूट शेक को आसानी से घर पर ही बना सकते हैं। इसके लिए आप एक गिलास दूध लें। इसमें काजू, बादाम, अखरोट, किशमिश डालें। फिर अच्छी तरह से ग्राइंड कर लें। आप चाहें तो इसमें केला, स्ट्रॉबेरी आदि भी डाल सकते हैं। महाशिवरात्रि के व्रत में ड्राई फ्रूट शेक पीने से आपको पर्याप्ता एनर्जी मिलेगी, साथ ही आपको लंबे समय तक भूख भी नहीं लगेगी।5. रोस्टेड मखानामखाना भी महाशिवरात्रि व्रत के लिए फलाहार का अच्छा विकल्प है। आप महाशिवरात्रि के व्रत में स्नैक्स के रूप में मखाना शामिल कर सकते हैं। मखाने में प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम और आयरन का अच्छा सोर्स होता है। इसके लिए आप मखाने को घी में रोस्ट कर लें। फिर व्रत के दौरान इनका सेवन करें। इससे आपको सभी विटामिन्स और मिनरल्स मिलेंगे, साथ ही आपको एनर्जी भी मिलेगी।महाशिवरात्रि व्रत में मखाना और कुट्टू का आटा भी खाया जा सकता है। जहां स्नैक में मखाना खाने से प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, आयरन मिलता है। वहीं, रात में कुट्टू की पूरी खाने से पोटैशियम, कैल्शियम, प्रोटीन, फैट, कार्ब्स, फाइबर मिलता है।
- पाचन क्रिया बेहतर :-अजवाइन में थायमॉल (thymol) मौजूद होता है। दुनिया में सबसे अधिक थायमॉल वाला पौधा अजवाइन का ही होता है। ये केमिकल गेस्ट्रिक द्रव्यों को बाहर निकालने में पेट की मदद करता है, जिससे की पाचन क्रिया आसान हो जाती है। अपच, मतली और शिशुओं के पेट दर्द जैसी समस्याओं में इससे मदद मिलती है।वजन घटाने में मददगार :-अजवाइन न सिर्फ आपकी पाचन क्रिया को बेहतर करता है बल्कि आपके मेटाबॉलिज़्म को भी तेज़ी देता है, जिससे कि आपको वजन घटाने में मदद मिलती है।सिरदर्द और कंजेस्शन से छुटकारा :-अजवाइन का पानी उबालने पर या उसका पानी पीते हुए जो उससे भाप मिलती है उससे सिरदर्द और नाक के कंजेस्शन (congestion) में काफी राहत मिलती है।ऐसा इसलिए होता है क्योंकि अजवायन में बहुत सारे वाष्पशील पदार्थ होते हैं जो कि उबाले जाने पर भाप बनकर उड़ते हैं।जब आप इस भाप को अंदर लेते हैं तो आपको सिरदर्द और जुकाम से भी राहत मिलती है।मतली से राहत :-अजवाइन के पानी से मतली भी ठीक की जा सकती है। कई मामलों में, इसको पीने से लगातार आ रहीं उल्टियां भी रूक जाती हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि अजवायन में बहुत अधिक प्रभावी एंटीबैक्टीरियल तत्व होते हैं जो कि पेट से बैक्टीरिया इंफेक्शन को दूर करते हैं।दांद दर्द करता है दूर :-अजवाइन दांद दर्द को दूर करने और मुंह को स्वस्थ बनाए रखने में बहुत मददगार होती है। आयुर्वेदिक डॉक्टर ये सलाह देते हैं कि दांत दर्द होने पर अजवाइन के पानी से कुल्ला करें। अजवाइन में मौजूद थायमोल (thymol) दर्द से राहत दिलाता है और मुंह के स्वास्थ्य का ख्याल रखता है।दूसरी ओर अजवाइन का पानी पीने से शरीर का मेटाबॉलिज्म बढ़ता है जिसकी वजह से कार्ब तथा फैट बर्न होने की प्रक्रिया शुरु हो जाती है। तो अगर आप भी अपने बढ़ते हुए वजन से परेशान है तो, कुछ दिनों तक इस नुस्खे को आजमाइये और असर देखिये। आइये जानते हैं अजवाइन का पानी बनाने की विधि और रिजल्ट पाने के लिये किन-किन चीज़ों से परहेज रखना है।ऐसे बनाएं अजवाइनका पानी :-1. कैसे तैयार करें अजवाइन का पानी2. 50 ग्राम अजवाइन लें (आप चाहें तो 25 ग्राम भी ले सकते हैं पर 50 ग्राम ज्यादा प्रभाव शाली है)3. अजवाइन को 1 गिलास पानी में रातभर के लिये भिगो कर छोड़ दें और फिर सुबह पानी को छान लें।4. उसके बाद पानी में 1 चम्मच शहद मिक्स करें और सुबह खाली पेट पी लें।5. यदि आप चाहें तो उसी अजवाइन को धूप मे सुखा कर फिर से दूसरे दिन भी प्रयोग कर सकते हैं। लेकिन तीसरे दिन आपको इर्न अजवाइन का प्रयोग करना होगा।6. अजवाइन के पानी को 45 दिन लगातार पियें, आपको फायदा जरुर मिलेगा। वैसे तो आपको इसका असर मात्र 15 दिनों में ही दिखने लगेगा पर अगर प्रभावी परिणाम चाहिये तो, 45 दिन लगेंगे। वजन कम होना आपके शरीर के प्रकार पर भी निर्भर करेगा। इस पानी को पीने से आपका 5 किलो वजन कम होगा पर अगर आप किसी बीमारी से पीड़ित नहीं होंगे तो।
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अमरूद की पत्तियों का इस्तेमाल पुराने समय से लेकर आज आयुर्वेदा कई तरह की औषधियों को बनाने में किया जाता है। यूँ कहें तो अमरूद के फल से ज्यादा इसकी पत्तियों से फायदा होता है। इसकी पत्तियों का रस सेहत के लिए रामबाण दवा है। आइये जानते हैं इस चमत्कारी फल के गुण और फायदे।
1. पाचन तंत्र को मजबूत करे :-
पाचन तंत्र को मजबूत करने के लिए अमरुद की पत्तियां बहुत ही फायदेमंद होते हैं। ये पाचन एंजाइम के उत्पादन को बढाकर भोजन को पचने में मदद करते हैं। इसमें पाए जाने वाला शक्तिशाली एंटी-बैक्टीरियल एजेंट प्रभावी ढंग से पेट के अस्तर से हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट करने और बैक्टीरिया से विषाक्त एन्जाइम्स के प्रसार को रोकने में मदद करते हैं। अमरुद की पत्तियां उलटी, फ़ूड प्वाइजनिंग से राहत प्रदान करते हैं।2. पेचिश & डायरिया की समस्या दूर करे :-अमरुद की पत्तियां पेचिश और डायरिया जैसी समस्याओं को दूर करने का अच्छा घरलू उपचार है। इस समस्या से निजात पाने के लिए 40 ग्राम अमरुद की पत्तियों में एक मुठी चावल के आटे को 2 गिलास पानी में मिलकर उबाल लें। डायरिया के इलाज के लिए इस मिश्रण को दिन में दो बार पीयें। पेचिश के इलाज के लिए, अमरूद की पत्तियों और जड़ों को लेकर 90 डिग्री सेल्सियस पर 20 मिनट के लिए उबालें। इस पानी को छानकर दिन में दो बार पेचिश से राहत पाने तक लें।3. वजन को नियंत्रित करे :-जो लोग अपने बढ़ते वजन से परेशान हैं उनके लिए अमरुद की पत्तियां बहुत ही असरदार होते हैं। ये जटिल स्टार्च को शुगर में बदलने की प्रक्रिया को रोकते हैं। अमरुद के पत्ते कार्बोहाइड्रेट की गति को रोकते हैं जो उपलब्ध यौगिक के रूप में लीवर में टूटता है और वजन घटाने का समर्थन करता है।4. दोमुंहे बालों के लिए :-बहुत सी महिलओं के बाल दोमुखे हो जाते हैं जिससे बाल आगे नहीं बढ़ते हैं। इस समस्या से निजात पाने के लिए अमरूद की पत्तियों का इस्तेमाल करना आपके लिए फायदेमंद रहेगा। अमरूद की पत्तियों के पानी से बाल धोना फायदेमंद रहेगा। आप चाहें तो अमरूद की पत्तियों का पेस्ट बनाकर दोमुंहे बालों पर लगा भी सकती हैं। ज्यादा फायदे के लिए इस पेस्ट में एक चम्मच शहद मिला लें।5. बालों की रुसी दूर करे :-दोमुखे बालों के अलावा यह बालों की रुसी को दूर करने में भी बहुत फायदेमंद होता है। इसके लिए आपको अमरुद की पत्तियों को सुखाकर powder बनाना है, फिर इस powder में थोड़ी सी पानी मिलकर स्कैल्प पर लगाने से रूसी की समस्या दूर होती है। इस paste को 15 मिनट तक स्कैल्प पर लगा रहने दें, फ़िर गुनगुने पानी से साफ कर लें।6. एलर्जी दूर करे :-शरीर में पाचन तंत्र का सही तरह से काम नहीं करना या शरीर में वायरस के कारण खुजली या पित्त होने लगते हैं। ऐसे में अमरुद की पत्तियों रस को आप पी सकते हैं या उसके रस को एलेर्जी वाली जगह पर लगा सकते हैं। इससे वायरस का प्रभाव ख़त्म हो जायेगा साथ ही खुजलाहट भी दूर हो जाएगी।7. मुहांसे की समस्या दूर करे :-खूबसूरत चेहरे पर अगर मुहांसे हो जाएँ तो खूबसूरती फीकी हो जाती है। अगर आपके चेहरे पर कील-मुहांसे हो गए हैं तो आपको अमरुद की तजि पत्तों को पीसकर इसके रस को अपने दाग-धब्बों पर लगाएं। नियमित रूप से ऐसा करने पर कुछ ही समय में मुहांसों की समस्या दूर होने लगेगी।8. मधुमेह से पीड़ित रोगियों के लिए लाभकारी :-शोध से पता चला है की अमरुद की पत्ती से बानी चाय में एल्फा-ग्लोकोसाइडिस एंजाइम की गतिविधि को कम कर मधुमेह रोगियों में प्रभावी रूप से रक्त शर्करा को कम करता है। इसके अलावा यह सुक्रोज और माल्टोज को सूखने से शरीर को रोकती है जिससे शुगर का स्तर नियंत्रित रहता है। - पोहा एक लोकप्रिय व्यंजन है, जो आमतौर पर नाश्ते में खाया जाता है। देश के विभिन्न कोनों में कई तरह से पोहा से रेसिपी बनाई जाती हैं। कुछ लोगों को प्याज और चटनी के साथ पोहा पसंद आता है, तो कुछ चटपटी नमकीन के साथ पोहा खाना पसंद करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी दही-पोहा खाया है? दही-पोहा खाने में न सिर्फ स्वादिष्ट होता है, बल्कि सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। आज इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं दही-पोहा की रेसिपी1. खून की कमी को करता है पूरादही-पोहा आयरन का अच्छा सोर्स होता है। इसमें विटामिन बी, सी, प्रोटीन और आयरन पाया जाता है। डाइटिशियन का कहना है कि 30 से 50 ग्राम दही-पोहे का सेवन करने से शरीर में खून की कमी को पूरा किया जा सकता है।2. गट हेल्थ के लिए है अच्छादही-पोहा उन लोगों के लिए भी बेस्ट ब्रेकफास्ट है उन्हें खाना खाने के बाद पेट में दर्द, कब्ज और एसिडिटी की समस्या होती है। दही-पोहे में पर्याप्त मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जो गट हेल्थ को बेहतर बनाने में मदद करता है। डाइटिशियन का कहना है कि इस रेसिपी को बनाने के लिए दही का इस्तेमाल होता है। दही में पर्याप्त मात्रा में प्रोबायोटिक्स पाए जाते हैं जो पाचन क्रिया को सही करने में मदद करते हैं। इससे मल मुलायम (Soft Stool) होगा और मलत्याग करने में आसानी होगी।3. मांसपेशियों को बनाता है मजबूतदही-पोहा खाने से मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत बनाने में भी मदद मिलती है। दही पोहे में कैल्शियम, विटामिन, जिंक और मिनरल जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। ये पोषक तत्व हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि जिन बच्चों की हड्डियां कमजोर हैं उन्हें सप्ताह में 2 बार जरूर दही-पोहा खिलाना चाहिए।4. वेट लॉस में मददगारजो लोग वजन और मोटापा घटाना चाहते हैं दही और पोहा उनके लिए बहुत फायदेमंद होता है। दही-पोहा खाने से मेटाबॉलिज्म दुरुस्त होता है। साथ ही इसमें फाइबर पाया जाता है। फाइबर युक्त खाना खाने से पेट को लंबे समय तक भरा हुआ महसूस होता है, जिसकी वजह से आप ओवरइटिंग से बच जाते हैं और वजन घटाने में मदद मिलती है।दही पोहा की रेसिपीभाग्य आयुर्वेदा की डाइटिशियन पूजा सिंह की मानें तो दही पोहा बनाना बहुत ही आसान है। यह रेसिपी उन लोगों के लिए बेस्ट है जो कम समय में हेल्दी और टेस्टी नाश्ता करने की चाह रखते हैं। आइए जानते हैं दही-पोहा की रेसिपी।सामग्री की लिस्टपोहा- 1 बड़ा कपसब्जियां- प्याज, टमाटर, मटर, सोयाबीन, ब्रोकली और जो आप चाहेंदही -1 कपकरी पत्ता- 2 से 4 पीसमूंगफली- 20 ग्रामहरी मिर्च- स्वादानुसारनमक- स्वादानुसारतेल - 2 चम्मच भुना हुआजीरा- 1 छोटी चम्मचनींबू- स्वादानुसारबनाने की विधि- एक कप पोहा रात भर पानी में भिगो दें। अगर आपको ज्यादा हैवी पोहा नहीं चाहिए तो आप नाश्ते बनाने से 2 घंटे पहले भी पोहे को पानी में भिगो सकते हैं।- इसके बाद अपनी मनपसंद सब्जियों को बारिक काट लें। सब्जियों को काटने के बाद फ्राई पैन में थोड़ा सा तेल डालकर सब्जियां पका लें।- सब्जियां पकाने के बाद उसी फ्राई पैन में मूंगफली डालकर भून लें। आपको क्रीचपी होने तक मूंगफली को पकाना है। इसके बाद एक बड़ा बाउल लें और इसमें भीगे हुए पोहा डालें। भीगे हुए पोहे पर फ्राईड सब्जियां और मूंगफली डालें।- जब सभी चीजें मिक्स हो जाए तो इसमें 1 कप पूरा दही डालें और अच्छे से मिक्स कर लें। इसके बाद एक तड़का पैन में तेल को गर्म कर लें और इसमें राई व करी पत्ता डालकर तड़का तैयार करें और इसे दही-पोहा पर डालकर सर्व करें। आप रोजाना नाश्ते में इस नाश्ते को झटपट बना सकते हैं।नोटः जिन लोगों को दही और पोहे से एलर्जी है वो इस रेसिपी का सेवन डाइटिशियन और एक्सपर्ट की सलाह पर ही करें।
- स्किन को ग्लोइंग और हेल्दी रखने के लिए खीरा बेहद फायदेमंद है। यह स्किन को हाइड्रेट और सॉफ्ट रखने के लिए भी फायदेमंद है। खीरे में एंटीऑक्सीडेंट और हाइड्रेटिंग गुण होते हैं, जो स्किन को हेल्दी रखने में मदद करते हैं। अगर खीरे में कुछ चीजें मिलाकर लगाई जाए, तो इससे त्वचा में निखार आता है। आइये इस लेख के माध्यम से जानें निखार पाने के लिए खीरे के रस में क्या मिलाएं।खीरे का रस और एलोवेराखीरे के रस में एलोवेरा जेल मिलाने से आपकी स्किन हाइड्रेट रहती है। एलोवेरा और खीरा दोनों में ही हाइड्रेटिंग गुण होते हैं। ये स्किन को सॉफ्ट और स्मूद रखने में मदद करते हैं। इस मिक्सचर के लिए दो चम्मच एलोवेरा जेल में दो चम्मच खीरे का रस मिलाएं। कॉटन की मदद से इसे चेहरे पर लगाएं और 15 मिनट तक लगाकर रखें। सूखने के बाद सादे पानी से चेहरा धो लें।खीरे का रस और दूधखीरे और दूध के मिश्रण से चेहरे से डार्क स्पॉट्स कम होंगे। इससे स्किन सॉफ्ट और ग्लोइंग भी बनी रहेगी। दो चम्मच कच्चे दूध में दो चम्मच खीरे का रस मिलाएं। इसे कॉटन की मदद से चेहरे पर लगाएं। साथ ही, कुछ देर चेहरे पर मसाज करें। इसे 10 मिनट तक लगाए और सूखने के बाद सादे पानी से चेहरा धो लें।खीरे का रस और दहीखीरा और दही एक बेहतरीन कॉम्बिनेशन है। इससे टैनिंग, डल स्किन और डार्क स्पॉट्स से भी राहत मिलती है। साथ ही आपकी स्किन ग्लोइंग भी रहती है। इस मास्क के लिए 2 चम्मच खीरे के रस में 1 चम्मच दही मिक्स करें। इसे अच्छे से मिलाएं और 15 मिनट तक चेहरे पर लगाए रखें।खीरे का रस और आलूअगर आपकोडार्क सर्कल्स या डार्क स्पॉट्स की समस्या है, तो यह कॉम्बिनेशन काफी असरदार हो सकता है। आलू के रस से डार्क स्पॉट्स कम होते हैं। साथ ही, स्किन ग्लोइंग और सॉफ्ट भी बनी रहती है। बाउल में 2 चम्मच खीरे का रस और 2 चम्मच आलू का रस मिलाएं। इस मिक्सचर को चेहरे पर लगाएं। सूखने के बाद सादे पानी से चेहरा साफ कर लें।खीरे का रस और मुल्तानी मिट्टीअगर आप मुल्तानी मिट्टी और खीरे का फेस मास्क लगाते हैं, तो इससे आपको प्राकृतिक निखार मिलता है। मुल्तानी मिट्टी से त्वचा के डार्क स्पॉट्स भी कम होते हैं और चेहरे पर ग्लो आता है। बाउल में 2 चम्मच मुल्तानी मिट्टी लीजिए। इसमें 2 चम्मच खीरे का रस मिलाएं। पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाएं और सूखने के बाद सादे पानी से चेहरा धोएं।
- - खरबूजे को छिलका समेत खाने से कब्ज दूर होती है।- खीरे के छिलके से भी कीट और झींगुर भागते हैं।-पपीते के छिलके सौंदर्यवर्धक माने जाते हैं। त्वचा पर लगाने से खुश्की दूर होती है। एडिय़ों पर लगाने से वे मुलायम होती हैं।-चोट लगने पर केले के छिलके को रगडऩे से रक्तस्राव रुक जाता है।-कच्चे केले के छिलकों से चटपटी सब्जी बनती है।- टमाटर और चुकंदर के छिलकों को चेहरे पर लगाने से चेहरे की चमक बढ़ती है और होठों की लालिमा बढ़ती है।-करेला जितना गुणकारी होता है उसके छिलके भी उतने फायदेमंद होते हैं। अलमारी में रखने से कीट भागते हैं।- तोरी और घीया के छिलके की सब्जी भी पेट रोगों में फायदा पहुँचाती है।- अनार का छिलका-जिन महिलाओं को अधिक मासिक स्राव होता है वे अनार के सूखे छिलके को पीसकर एक चम्मच पानी के साथ लें। इससे रक्त स्राव कम होगा और राहत मिलेगी।बवासीर की शिकायतजिन्हें बवासीर की शिकायत है वे अनार के छिलके का 4 भाग रसौत और 8 भाग गुड़ को कुटकर छान लें और बारीक-बारीक गोलियां बनाकर कुछ दिन तक सेवन करें। बवासीर से जल्दी आराम मिलेगा।खांसी का वेगअनार के छिलके को मुंह में रखकर चूसने से खांसी का वेग शांत होता है।बाल मुलायम करने मेंअनार को बारीक पीसकर उसमें दही मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बनाकर सिर पर मलें। इससे बाल मुलायम होते हैं।काजू का छिलकाकाजू के छिलके से तेल निकालकर पैर के तलवे और फटे हुए स्थान पर लगाने से आराम मिलता है।बादाम का छिलकाबादाम के छिलके व बबुल की फल्लियों के छिलके व बीज को जलाकर पीसकर थोड़ा नमक डालकर मंजन करें। इससे दांतों के कष्ट दूर होते हैं, मसूढ़ें स्वस्थ एवं दांत मजबूत बनता है।नारियल का छिलकानारियल का छिलका जलाकर महीन पीसकर दांतों पर घिसने से दांतें साफ होते हैं।नारंगी का छिलकादूध में नारंगी का छिलका छानकर दूध के साथ नियमित सेवन करने से खून साफ होता हैं।पपीते का छिलकापपीते के छिलके को धूप में सूखाकर, खूब बारीक पीसकर ग्लिसरीन के साथ मिलाकर लेप बनावें व चेहरे पर लगाये, मुंह की खुश्की दूर होती है।आलू का छिलकाआलू के छिलके मुंह पर रगडऩे से चेहरे पर झुर्रियां नहीं पड़ती।लौकी का छिलकालौकी के छिलके को बारीक पीसकर पानी के साथ पीने से दस्तमें लाभ होता है।तोरई का छिलकातोरई का ताजा छिलका त्वचा पर रगडऩे से त्वचा साफ होती है।इलायची का छिलकाइलायची के छिलके चाय की पत्तियां या शक्कर में डाल दें तो चाय स्वादिष्ट बनेगी।संतरे का छिलकासंतरे के छिलके को दूध में पीसकर छान लें। इसे कच्चे दूध व हल्दी में मिलाकर चेहरे पर लगाये। इससे जहां चेहरे के दुश्मन मुहांसों-धब्बों का नाश होता है, वहीं त्वचा जमक उठता है।तरबूज का छिलकादाद, एकजीमा की शिकायत होने पर तरबूज के छिलकों को सूखाकर, जलाकर राख बना लें। तत्पश्चात् उस राख को कड़ुवे तेल में मिलाकर लगाये।नींबू का छिलका-नींबू का छिलका दांत पर मलने से दांत चमकदार बनता है और मसूढ़ें भी मजबूत बनता है।- नींबू का छिलका जूते पर रगड़े व कुछ देर के लिए धूप में रख दें। फिर जूतों पर मालिश करें। जूतों में चमक आ जायेगी।-नींबू व संतरा के छिलकों को सूखाकर, खूब महीन चूर्ण बनाकर दांत पर घिसें। दांत चमकदार बनते हैं।
- भारत में अधिकतर लोग अपनी डेली डाइट में आलू का सेवन करते हैं। बाजार में आपको पहाड़ी आलू से लेकर नए आलू तक इसकी कई वैरायटी मिल जाएगी। इनमें आपको लाल आलू की वैरायटी भी देखने को मिल जाएगी। लाल आलू देश में उत्तर प्रदेश और बिहार के कई भागों में पाया जाता है। पोषक तत्वों की बात करें, तो इसमें सफेद आलू से भी ज्यादा पोषक तत्व पाए जाते हैं। विटामिन्स और मिनरल्स होने के साथ इसमें पोटेशियम और विटामिन-सी भी अधिक होता है। लाल आलू के सेवन से आपको कई स्वास्थ्य समस्याओं में भी फायदा मिल सकता है। आइए इस लेख के माध्यम से जानें लाल आलू सेहत के लिए क्यों फायदेमंद है।लाल आलू का सेवन करने के फायदेइम्यूनिटी बूस्ट करेइम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए भी लाल आलू अच्छा ऑप्शन है। इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन-सी पाया जाता है, जो इम्यूनिटी बनाए रखने के लिए जरूरी है। साथ ही, इसमें जिंक और कॉपर जैसे पोषक तत्व भी पाए जाते हैं जो बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं।वेट लॉस में मदद करेंलाल आलू के सेवन से आपको वजन घटाने में भी मदद मिल सकती है। इसमें फाइबर अधिक मात्रा में पाया जाता है, जो वेट और फैट्स घटाने में मदद करता है। लाल आलू में फाइबर होने से आपको काफी देर तक भूख नहीं लगती है। इसलिए आप अपने अगले मील में कम कैलोरी इनटेक करते हैं।पाचन तंत्र स्वस्थ रखेलाल आलू में कार्बोहाइड्रेट और फाइबर जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। जो पाचन क्रिया को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है। साथ ही, इसमें विटामिन-सी और विटामिन-बी6 भी अधिक मात्रा में पाए जाते हैं जिससे पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है।शरीर में एनर्जी बनाए रखेअगर आपको अक्सर एनर्जी की कमी महसूस होती है, तो लाल आलू का सेवन कर सकते हैं। इसमें कार्बोहाइड्रेट अधिक मात्रा में पाया जाता है, जो एनर्जी बनाए रखने के लिए जरूरी है।हार्ट हेल्थ के लिए फायदेमंदलाल आलू का सेवन करना हार्ट हेल्थ के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। इसमें पोटेशियम भी अधिक मात्रा में पाया जाता है। पोटेशियम ब्लड प्रेशर मेंटेन रखने के लिए फायदेमंद है। इससे हार्ट स्ट्रॉक और हार्ट डिजीज का खतरा कम होता है।स्ट्रेस कम करने में मदद करेअगर आपको अक्सर स्ट्रेस या एंग्जायटी रहती हैं, तो लाल आलू आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। इसमें पोटेशियम के साथ विटामिन-बी6 भी पाया गया है। ये तत्व नर्वस सिस्टम को रिलैक्स रखने के लिए जरूरी माना जाता है।
- क्या आपको पता हैं की सिर्फ फल ही नहीं उनके बीज से भी होते हैं कमाल के फायदे.✦ आम :- आम के बीज इसकी गुठली के अंदर पाए जाने वाले बीज से पेट सबंधी बीमारिया दूर होती हैं. इसके अलावा यह दस्त,बवासीर और मासिक धर्म के दौरान अधिक खून को गिरने से रोकता हैं. प्रयोग :- बीजो को सूखा कर इसका पाउडर बना ले. इसे 1 से डेढ़ चम्मच सुबह-शाम पानी के साथ ले.लेकिन जिन्हें क़ब्ज़ की शिकायत हो वे परहेज़ करे.✦ इमली :- इसके बीज शक्तिवर्धक होते हैं जो श्वेतप्रदर (वाइट डिसचार्ज)और माहवारी में अधिक खून बहने की समस्या में इमली के बीज लाभकारी हैं.प्रयोग ;- बीज को पीसकर उसका पाउडर बना ले. 3 से 5 ग्राम चूरन पानी के साथ सुबह-शाम ले क़ब्ज़ होने पर इसका इस्तेमाल ना करे.✦ कटहल :- इसके बीज पौष्टिक और वजन बढ़ाने में सहायक होते हैं. प्रयोग :– 5-6 बीजो को रात में पानी में भिगो कर सुबह खाली पेट चबा कर खाए. इसे आप दूध के साथ भी ले सकते हैं. जिन्हे भूख कम लगती हैं या अपच की शिकायत हैं वह इनका प्रयोग ना करे क्योंकि यह भारी होते हैं.✦ तरबूज़ :- इसके बीज ठंडे और पौष्टिक होते हैं.कमजोर लोग और गर्भवती महिलाए जिनका वजन कम हो उनके लिए यह लाभकारी होते हैं. प्रयोग :- इन बीजो को छिल कर 2-2 चम्मच पानी या दूध के साथ ले. इन्हे बिना पानी या दूध के भी खाया जा सकता हैं. क़ब्ज़ होने पर इसका सेवन ना करे.✦ खरबूजा :- जिन लोगो को पेशाब कम आने या जलन की शिकायतहैं उनके लिए खरबूजा के बीज काफ़ी फायदेमंद होते हैं. यह बीज किडनी के रोगियो को लाभ पहुचाते हैं. प्रयोग :- इन्हे छिल कर 2 चम्मच पानी या दूध के साथ ऐसे भी खा सकते हैं.इसका इस्तेमाल मिठाइयों या नमकीन में मेवे के रूप में होता हैं. जिन्हे बार-बार पेशाब आने की समस्या हो वे इसका सेवन ना करे.
- ज्यादा बैली फैट होना मोटापे की निशानी है, लंबे समय तक मोटापा रहने से कई तरह की बीमारियां जैसे डायबिटीज, हार्ट अटैक, हाइपरटेंशन और ऑस्टियोआर्थराइटिस की समस्या हो सकती हैं। एक्सरसाइज करने से वजन, तो तेजी से कम हो जाता है लेकिन बैली फैट वहीं का वहीं ही रहता हैं। बैली फैट घटाने के लिए एक्सरसाइज के साथ हेल्दी डाइट का सेवन करना जरूरी होता है। कमर के आसपास जमा चर्बी आसानी से कम होना का नाम नहीं लेती है। ऐसे में डाइट में कुछ ऐसे फूड्स को शामिल करें, जो बैली फैट को कम कर सकें। इन फूड्स को खाली पेट भिगोकर खाने से इनकी पौष्टिकता कई गुना बढ़ जाती हैं और वजन घटाने के साथ बैली फैट भी कम होता हैं।चिया सीड्सवजन को तेजी से घटाने और बैली फैट को कम करने के लिए चिया सीड्स का सेवन किया जा सकता हैं। चिया बीजों को पानी में भिगोकर खाने से ये जैल जैसे हो जाते हैं। ऐसे में ये आसानी से पच जाते हैं और पेट को लंबे समय तक भरकर भी रखते हैं, जिससे वजन और बैली फैट को कम करने में मदद मिलती हैं। चिया सीड्स में फाइबर, सोडियम, कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन सी पाया जाता है।अलसी के बीजअलसी के बीज को रात भर भिगोने के बाद खाली पेट खाने से पाचन शक्ति बढ़ती है और इसमें मौजूद पोषक तत्व की गुणवत्ता में भी इजाफा होता है। अलसी के बीज में मौजूद फाइबर पेट को लंबे समय तक भरकर रखने के साथ वजन को कम करने में मदद करते हैं। इसमें मौजूद हेल्दी फैट शरीर को कई बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं।बादामबादाम शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। इसको भिगोकर खाने से यह काफी नरम होने के साथ पचाने में भी आसान हो जाते हैं। इसमें हेल्दी फैट के साथ फाइबर, प्रोटीन, सोडिमय और पोटेशियम पाया जाता हैं, जो पेट को लंबे समय तक भरकर रखने के साथ बैली फैट को कम करते हैं।ओट्सओट्स को रात भर भिगोने से उनकी फाइटिक एसिड की मात्रा कम होती है, जिससे पोषक तत्वों के अवशोषण में मदद मिलती हैं। ओट्स में फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो पेट को लंबे समय तक भरकर रखने के साथ इसमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट शरीर को एनर्जी भी देते हैं। ऐसे में बैली फैट को कम करने के लिए इसे डाइट में शामिल किया जा सकता हैं।दाल और फलियांशरीर को स्वस्थ रखने के लिए डाइट में कई तरह की दालें और फलियों को अवश्य शामिल करें जैसे चना दाल, राजमा, छोले, मसूर दाल और सोयाबिन आदि। इनके सेवन से शरीर को एनर्जी मिलने के साथ इनमें पौष्टिकता काफी ज्यादा होती है, जो शरीर को कई बीमारियों से बचाती हैं। इनमें कैलोरी की मात्रा काफी कम होती है। ऐसे में इनके सेवन से बैली फैट भी कम होता हैं।बैली फैट कम करने के लिए भिगोकर खाली पेट ये फूड्स खाएं जा सकते है। हालांकि, अगर आपको कोई बीमारी या एलर्जी की समस्या है, तो डॉक्टर से पूछकर ही इसका सेवन करें।
- नींद न आने की समस्या आजकल सामान्य से बात हो गई है,। पहले तो ये समस्या सिर्फ वृद्ध अवस्था में ही पाई जाती थी लेकिन आजकल युवा वर्ग में भी नींद न आने की समस्या बहुत अधिक हो गईं है। जिससे निजात पाने के लिए लोगों द्वारा नींद की दवाओं का सेवन किया जाता है। जिनका लम्बे समय तक उपयोग आपको उनका आदी बना देता हैं और शरीर पर उनके काफी ज्यादा दुष्प्रभाव भी होते हैं।आज हम कुछ ऐसे हर्बल और प्राकर्तिक औषधियों के बारे में चर्चा करेंगे जो बिना किसी बड़े दुष्प्रभाव के नींद लेन और चिंता और अवसाद को कम, करने में काफी उपयोगी होती है-नोनी-नोनी के फ़ल का रस मस्तिस्क में GABA(Gamma Amino Butyric Acid) की मात्रा को बढ़ता हैं । GABA की उपलब्धता नींद लाने में काफी उपयोगी होती हैं । नोनी में पाया जाने वाला Scopoletin नामक रसायन सेरोटोनिन हार्मोन की मात्रा को नियंत्रित करता है सेरोटोनिन चिंता और अवसाद को दूर करने में सहयक हैं.। नोनी MAOA और MAOB नामक दोनों एंजाइम को बाधित करता है जिससे मस्तिष्क में जरुरी Amines टूटने से बच जाते हैं ये Amines अवसाद से बचाते है। नोनी Tryptophan अमीनों अम्ल का सत्रोत हैं जो सेरोटोनिन हार्मोन बनाने में उपयोगी हैं । ये सेरोटोनिन नींद के लिए जरुरी हार्मोन हैं.।अश्वगंधाअश्वगंधा बिना किसी साइड इफ़ेक्ट के चिंता और अवसाद को दूर कर सकता है । इसकी खास बात ये है की इसके सेवन से सुस्ती भी नहीं आती हैं। अश्वगंधा Mood Boosting Neurotransmitter सेरोटोनिन की मात्रा को बढ़ता हैं और तनाव के हर्मोने कोर्टिसोल की मात्रा को कम करता हैं.।तुलसीतुलसी तनाव के हार्मोन कोर्टिसोल की मात्रा को कम करती हैं। तुलसी मस्तिष्क सम्बंधित कई विकार जैसे अवसाद, याददाश्त कम होना, migrane, नींद न आना में भी काफी उपयोगी हैं।