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- जिन लोगों को कब्ज की समस्या रहती है, उन्हें भीगे हुए किशमिश खाने की सलाह दी जाती है। इसमें मौजूद फाइबर पाचन क्रिया तेज करने में मदद करता है। कई लोग वजन घटाने के लिए भी किशमिश के पानी का सेवन करते हैं। लेकिन क्या किशमिश का पानी पीने से सच में वजन घटाने में मदद मिलती है?किशमिश में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो आपके सेल्स को खतरनाक पदार्थों से बचाते हैं। किशमिश में फेरुलिक एसिड, रुटिन, क्वेरसेटिन और ट्रांस-कैफ्टेरिक एसिड जैसे कई कंपाउंड होते हैं। इसमें लेप्टिन और घ्रेलिन जैसे कंपाउंड होते हैं, जो क्रेविंग कंट्रोल रखने में मदद कर सकते हैं। इसमें प्राकृतिक रूप से शुगर की मात्रा कम होती है, जिससे यह ब्लड शुगर लेवल के कंट्रोल करने में मदद कर सकती है। इससे बॉडी में ब्लड शुगर कंट्रोल रहती है और कैलोरी इनटेक कम होता है। ये तेजी से वजन घटाने में मदद करता है।किशमिश का पानी पीने के फायदेइंसुलिन कंट्रोल रहता हैकिशमिश में प्राकृतिक रूप से शुगर की मात्रा कम होती है। भोजन के बाद किशमिश खाने से इंसुलिन कंट्रोल रहता है। साथ ही, ग्लाइसेमिक इंडेक्स बैलेंस रखने में मदद मिलती है।पाचन तंत्र के लिए फायदेमंदकिशमिश में नेचुरल मीठास होने के कारण यह एक हेल्दी स्नैक्स भी होता है। अगर आपको पेट में एसिड की समस्या रहती है, तो किशमिश का पानी पीने से राहत मिल सकती है। इसमें फाइबर होने के साथ एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो गट को हेल्दी रखने में मदद करते हैं। यह पाचन क्रिया को तेज करने में भी मदद करता है।बॉडी डिटॉक्स करता हैकिशमिश के पानी में मौजूद प्राकृतिक गुण बॉडी क्लीन करने में मदद करते हैं। यह नेचुरल डिटॉक्सिफायर की तरह काम करता है। इसके सेवन से शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स बाहर आ जाते हैं। किशमिश में आयरन की मात्रा अधिक होती है, जिससे बॉडी में रेड ब्लड सेल्स बनने में मदद मिलती है। रोज किशमिश का पानी पीने से शरीर में आयरन की कमी पूरी होती है। इससे एनीमिया को रोकने में भी मदद मिलती है।किशमिश के पानी का सेवन कैसे और कितनी मात्रा में करेंएक पैन में 2 कप पानी उबालें। अब इसमें 15-30 किशमिश डालें और रात भर भीगने के लिए छोड़ दें। सुबह पानी को छानकर गर्म कर लें। किशमिश के पानी को खाली पेट पियें। इसका स्वाद बढ़ाने के लिए आप इसमें नींबू भी मिला सकते हैं। ध्यान रखें कि किशमिश का पानी पीने के बाद आप अगले 30 मिनट तक कुछ भी न खाएं। क्योंकि इससे शरीर को इसके पूरे पोषक तत्व नहीं मिल पाएंगे।
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सूजन को कम करने के लिए कुछ घरेलू उपाय हो सकते हैं। ये उपाय सूजन को ठीक करने में मददगार साबित हो सकते हैं। जैसे कि, ठंडे पानी की एक ताव पर सूजन वाले स्थान पर लगाना, ताजा नींबू का रस पीना, और अदरक का सेवन करना।
लेकिन, ध्यान देने वाली बात यह है कि अगर सूजन लंबे समय तक बनी रहती है या बार-बार होती है, तो यह बीमारी का संकेत हो सकती है और इसे नज़दीकी डॉक्टर से जाँच करवाना चाहिए। सूजन के अनेक कारण हो सकते हैं, और सही उपचार के बिना, समस्या और बढ़ सकती है।
सूजन क्यों होती है--
शरीर में सूजन (Swelling) होने के कई कारण होतें। थायरॉयड, शुगर और किडनी की समस्या में सूजन शरीर में होती है। कई बार दवाओं के कारण भी ऐसा होता है। वाटर रिटेंशन के कई कारण होते हैं। हार्मोनल इम्बैलेंस और स्टेरॉयडयुक्त दवाओं के सेवन की वजह से सूजन (Swelling) की समस्या होती है। वहीं, पीरियड्स के एक सप्ताह पहले भी सूजन पेट में आ जाती है। कुछ सूजन (Swelling) अस्थाई होते हैं वहीं, कुछ सूजन (Swelling) शरीर में बने रहते हैं। ऐसे में जरूरी है कि इन सूजन से मुक्ति के उपाय किए जाएं। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि हमारे किचन में ही कई ऐसी होम रेमेडीज मौजूद हैं जो सूजन (Swelling) को कम करने में सहायक होती हैं।
सूजन को दूर करने के ये है अचूक घरेलू उपाय--
तुलसी– तुलसी की पत्तियों से बने काढ़े का सेवन करने से शरीर की सूजन को दूर करने में मदद मिल सकती है।
हल्दी– हल्दी एंटीसेप्टिक और एंटी-बायोटिक से भरी होती है। सूजन को दूर करने के लिए हल्दी को डाइट में शामिल करना चाहिए। हल्दी वाला दूध या हल्दी का पानी पीना फायदेमंद होता है।
जीरा– जीरा और चीनी को बराबर मात्रा में पीसकर दिन में तीन बार एक चम्मच खाने से सूजन को दूर किया जा सकता है।
ग्रीन टी- ग्रीन को सेहत के लिए काफी गुणकारी माना जाता है. ग्रीन टी और शहद के सेवन से सूजन की समस्या को दूर किया जा सकता है।
अलसी के बीज-अलसी के बीज भी सूजन को कम करने में सहायक होते हैं। -
हेल्दी रहने के लिए डॉक्टर और हेल्थ एक्सपर्ट्स डाइट में फलों को शामिल करने की सलाह देते हैं, जिनसे शरीर को सही मात्रा में जरूरी न्यूट्रिएंट्स प्राप्त हो सकें। लेकिन, आजकल की बिजी लाइफस्टाइल में लोगों के पास सुबह-सुबह समय की कमी होती है, ऐसे में फलों को खाने की जगह लोग खाली पेट नाश्ते में जूस पीना शुरू कर देते हैं। लोगों को लगता है कि जूस उनकी सेहत के लिए फायदेमंद है और इससे शरीर को ताकत मिलेगी, जबकि असल में ऐसा बिल्कुल नहीं है। अगर आप भी अपने दिन की शुरुआत फ्रूट जूस से करते हैं तो आज से ही ऐसा करना बंद कर दीजिए। आयुर्वेद में खाली पेट फलों का रस यानी फ्रूट जूस पीना सेहत के लिए नुकसानदायक बताया गया है।
आयुर्वेद के अनुसार खाली पेट जूस पीने के नुकसानआयुर्वेद में खाली पेट फ्रूट जूस पीने की मनाही है। ऐसा इसलिए, क्योंकि यह शरीर में मौजूद तीनों दोषों (वात, पित्त और कफ) और अग्नि (पाचन अग्नि) के संतुलन को बिगाड़ सकता है। अगर व्यक्ति सुबह खाली पेट जूस का सेवन करता है तो इससे पाचन अग्नि कमजोर हो सकती है, जिससे व्यक्ति को पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। फ्रूट जूस के सेवन से बचना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि इससे शरीर में शुगर स्पाइक होता है लेकिन अगर आपको जूस पीना पसंद है तो 15 दिन में एक बार इसे पिएं और इस बात का खास ध्यान रखें कि जूस खाली पेट न पिएं, बल्कि इससे पहले आप हल्का भोजन कर चुके हों।खाली पेट जूस पीने के नुकसान1. खाली पेट जूस पीना अपच, एसिडिटी और अन्य पेट संबंधित समस्याओं का कारण बन सकता है।2. खाली पेट फ्रूट जूस पीने से रक्त शर्करा स्तर यानी ब्लड शुगर लेवल में बदलाव हो सकता है, जो डायबिटीज जैसी बीमारियों का कारक हो सकता है।3. खाली पेट जूस पीने से शरीर को आवश्यक पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि फ्रूट जूस में फाइबर की कमी होती है। यह कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।आयुर्वेद के अनुसार, खाली पेट रस पीने के नुकसान को ध्यान में रखते हुए, हमें स्वस्थ आहार के प्रति जागरूक रहना चाहिए और अपने खाने-पीने की आदतों को सुधारना चाहिए। - पिस्ता सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है। इसका हल्का नमकीन स्वाद हर किसी को पसंद होता है। यह थकावट और कमजोरी जैसी समस्याओं से भी राहत देता है। पिस्ता में प्रोटीन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, पोटेशियम, कॉपर, एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन बी6, फाइबर, कैल्शियम, आयरन जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। ये सभी पोषक तत्व शरीर को एक्टिव और एनर्जेटिक रखने में मदद करते हैं। पिस्ता खाने से हार्ट हेल्थ बेहतर रहती है। ये इम्यूनिटी बूस्ट करने, हड्डियों को मजबूत रखने और ब्लड शुगर कंट्रोल रखने के लिए भी फायदेमंद माने जाते हैं। लेकिन कई लोगों को इसके सेवन से परेशानी भी हो जाती है। ऐसे में पिस्ता डाइट में नहीं लेना चाहिए। कुछ स्वास्थ्य समस्याओं में इसका सेवन करने से परेशानी बढ़ सकती है। आइए जानें किन लोगों को पिस्ता अवॉइड करना चाहिए।किन लोगों को पिस्ता का सेवन नहीं करना चाहिएएलर्जी से ग्रस्त लोगजिन लोगों नट्स या सीड्स से एलर्जी रहती है, उन्हें पिस्ता अवॉइड करना चाहिए। इसकी तासीर भी गर्म होती है, जो पाचन संबंधित समस्याओं का कारण भी बन सकती है। अगर आपको किसी अन्य प्रकार की एलर्जी भी है, तो इसका सेवन एक्सपर्ट की सलाह पर ही करें।कम उम्र के बच्चेअगर बच्चे के दांत नहीं निकले हैं, तो आपको बच्चे को साबुत पिस्ता नहीं देना चाहिए। इससे उन्हें दम घुटने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।किडनी की समस्या के मरीजकिडनी की समस्या से ग्रस्त व्यक्ति को पिस्ता नहीं खाना चाहिए। पिस्ता में ऑक्सालेट नामक कंपाउंड ज्यादा होता है, जो कमजोर लोगों में किडनी की पथरी का खतरा बढ़ा सकता है। जिन लोगों को कभी किडनी में पथरी की समस्या रही है, उन्हें भी पिस्ता अवॉइड करना चाहिए। क्योंकि ऐसे में पिस्ता के ज्यादा सेवन से परेशानी होने या पथरी दोबारा बनने का खतरा हो सकता है।वेट लॉस करने वालेपिस्ता में कैलोरी की मात्रा काफी अधिक होती है। इसलिए इसके ज्यादा सेवन से वजन बढ़ने का खतरा हो सकता है। अगर आप वेट लॉस जर्नी पर हैं, तो कुछ दिन आपको पिस्ता अवॉइड करना चाहिए इसके सेवन से अपने एक्सपर्ट सलाह जरूर लेनी चाहिए।दवाओं का सेवन करने वाले-अगर आप किसी स्वास्थ्य समस्या के लिए रोज दवा लेते हैं, तो आपको पिस्ता का सेवन नहीं करना चाहिए। पिस्ता की तासीर गर्म होती है। कुछ दवाओं के साथ इसका सेवन करने से आपको साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। इसलिए पिस्ता का सेवन शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर करें।पाचन संबंधित समस्या वाले-जिन लोगों को पाचन से जुड़ी समस्याएं रहती हैं, उन्हें पिस्ता संभलकर खाना चाहिए। क्योंकि इसकी तासीर गर्म होने के कारण ये साइड इफेक्ट्स भी कर सकते हैं। इसके सेवन से एसिडिटी, अपच, पेट दर्द, कब्ज या दस्त जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
- लाल सेब की ही तरह हरा सेब भी खाने में फायदेमंद होता है। यह इम्यूनिटी बूस्टर कहलाता है और कई तरह की बीमारियों के रिस्क को भी दूर करता है। जैसे, हार्ट हेल्थ में सुधार करता है, स्किन को हेल्दी रखता है और वेट मैनेजमेंट में भी मदद करता है। हरे सेब में कई न्यूट्रिएंट्स भी होते हैं। आप चाहें, तो इसे खाली पेट भी खा सकते हैं। खाली पेट हरा सेब खाने से आपकी सेहत में कई पॉजिटिव बदलाव देखने को मिल सकते हैं।खाली पेट हरा सेब खाने के फायदेपाचन क्षमता में सुधार होता हैकई लोगों को सुबह के समय पेट साफ न होने की दिक्कत रहती है। अगर आप रोजाना एक हरा सेब खाते हैं, तो इससे पाचन क्षमता में सुधार होता है। ऐसे में आपका पेट ज्यादा साफ रहता है। कहने की जरूरत नहीं है कि जब पेट साफ रहता है, तो व्यक्ति पूरा दिन एनर्जेटिक और फ्रेश फील करता है। यही नहीं, यह कब्ज की समस्या में भी सुधार कर बाउल रूटीन को बेहतर करने में मदद करता है।डायबिटीज का रिस्क कम करता हैहरा सेब ब्लड शुगर के स्तर को बैलेंस करने के लिए भी लाभकारी माना जाता है। इसलिए, डायबिटीज के मरीजों सुबह के समय खाली पेट इसका सेवन कर सकते हैं। हालांकि, अगर किसी को टाइप-1 या टाइप-2 डायबिटीज है, तो डाइट में चेंजेस करने से पहले एक्सपर्ट की राय जरूर ले लें। हरे सेब का ग्लाइसेमिक इंडेक्स लो होता है, इसलिए यह ब्लड शुगर को बैलेंस करने में मदद करता है। इसलिए, डायबिटीज के रोगी इसे अपने बैलेंस्ड डाइट का हिस्सा बना सकते हैं।इम्यूनिटी बूस्ट करता हैइन दिनों गर्मियों का मौसम है। बढ़ती गर्मी में लोग अक्सर बीमार पड़ जाते हैं। ऐसा लू या डिहाइड्रेट होने के कारण हो सकता है। बहरहाल, अगर आप रोजाना एक खाली पेट हरे सेब का सेवन करते हैं, तो इससे आपको विटामिन-सी मिलता है। यह बॉडी को डिहाइड्रेट नहीं होने देता है और इम्यूनिटी को बूस्ट कर बीमार पड़ने के रिस्क को कम करता है। इसके अलावा, हरे सेब में एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व होते हैं, जो इम्यूनिटी सपोर्ट करते हैं।वजन कम करने में मददगारआमतौर पर फलों का सेवन ज्यादा मात्रा में करने से वजन कम करने में मदद मिलती है। जो लोग वेट लॉस पर काम कर रहे हैं, वे लोग इसे अपनी बैलेंस्ड डाइट का हिस्सा बना सकते हैं। दरअसल, हरे सेब में फाइबर होता है। अगर आप इसे खाली पेट खाते हैं, तो इससे आपकी पाचन क्रिया धीमी हो जाती है। ऐसे में लंबे समय तक पेट भरे होने का अहसास रहता है। नतीजतन, व्यक्ति ओवर ईटिंग करने या स्नैकिंग करने से बच जाता है। इस तरह, वेट लॉस में यह अहम भूमिका निभा सकता है।हार्ट हेल्थ में सुधार होता हैएक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर आप रोजाना खाली पेट एक हरा सेब खाते हैं, तो इससे कार्डियोवस्कूलर डिजीज का रिस्क कम होता है, जिससे हार्ट हेल्थ बेहतर होती है। असल में, हरे सेब में पोटैशियम जैसे कई अहम मिनरल्स होते हैं, जो हार्ट हेल्थ में सुधार करते हैं। इसके अलावा, नियमित रूप से हरे सेब के सेवन से ब्लड प्रेशर का स्तर संतुलित रहता है और स्ट्रोक का रिस्क कम होता है।
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चटनी, थाली का जायका बढ़ाती है। ऐसी ही एक रेसिपी के बारे में हम आपको आज बताने जा रहे हैं। इसका नाम है थक्काली पचड़ी । यह आंध्र प्रदेश में खाई जाने वाली एक चटनी है। यह चटनी दही और टमाटर को मिक्स करके बनाई जाती है। इस चटनी को इडली, डोसा, रोटी, चावल आदि के साथ मिलाकर खाया जाता है। यह चटनी स्वादिष्ट होने के साथ, इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करती है।
थक्काली पचड़ी की रेसिपी-
सामग्री:-कोकोनट, हरी चटनी, दही, तेल, प्याज, टमाटर, नमक, मिर्च पाउडर, सरसों के बीज, जीरा और करी पत्तेविधि: कोकोनट और हरी चटनी और दही को पीसकर पेस्ट बना लें। इसमें थोड़ा पानी मिला लें। एक कढ़ाई को गर्म करें और उसमें प्याज डालकर एक मिनट तक फ्राई करें। अब टमाटर को छोटा काटकर उसमें मिक्स करें।अब मिश्रण में नमक डाल दें। मिश्रण में कोकोनट पेस्ट डालकर 3 मिनटों तक पकाएं। अब तड़का बनाने के लिए सरसों के बीज, जीरा, लाल मिर्च और करी पत्तों को अच्छी तरह से मिक्स कर लें। इस मिश्रण को पचड़ी में डालें और रोटी या चावल के साथ खाएं।थक्काली पचड़ी खाने के फायदे-थक्काली पचड़ी खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। इसमें विटामिन-सी होता है जिसे खाकर बीमारियों से बचाव होता है।-थक्काली पचड़ी में बीटा- कैरोटीन और लाइकोपीन जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। इसे खाकर ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कम होता है।-थक्काली पचड़ी में जीरा, दही होता है जिसे खाने से डाइजेशन बेहतर होता है और ब्लोटिंग की समस्या दूर होती है।-थक्काली पचड़ी लो-कैलोरी डिश है। इसमें हाई-फाइबर पाया जाता है। इस चटनी को खाकर पेट जल्दी भर जाता है।-थक्काली पचड़ी खाकर ब्लड शुगर लेवल भी कंट्रोल रहता है। इससे डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।-इस चटनी को पोषक तत्वों का पॉवर हाउस भी कहा जाता है। इसे खाकर शरीर में एनर्जी आ जाती है। - यूरिक एसिड शरीर में जमा होने वाला एक विषाक्त पदार्थ होता है। यूरिक एसिड प्यूरीन नामक प्रोटीन के टूटने से बनता है। शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने पर कई गंभीर परेशानियों का खतरा बढ़ जाता है। खानपान में गड़बड़ी और खराब जीवनशैली के कारण शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने का खतरा रहता है। इसकी वजह से जोड़ों में दर्द, सूजन, थकान और गठिया जैसी समस्या का खतरा रहता है। इन समस्याओं से बचने के लिए शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा कंट्रोल में रखना चाहिए। यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए नींबू के साथ अजवाइन का सेवन बहुत फायदेमंद होता है।हाई यूरिक एसिड में नींबू और अजवाइन के फायदेनींबू और अजवाइन में मौजूद गुण और पोषक तत्व शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने और यूरिक एसिड कम करने में मदद करते हैं। आप रोजाना सुबह क समय इसका सेवन कर हाई यूरिक एसिड की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।"हाई यूरिक एसिड में नींबू के फायदे-नींबू में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट गुण यूरिक एसिड कम करने में मदद करते हैं-पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद-पेशाब से जुड़ी समस्याओं के खतरे को कम करे-हाई यूरिक एसिड में अजवाइन के फायदे-अजवाइन में मौजूद विटामिन सी और एंटी-ऑक्सीडेंट यूरिक एसिड घटाने में मददगार-पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याओं में फायदेमंद-यूटीआई और यूरिन से जुड़ी समस्याओं में फायदेमंदहाई यूरिक एसिड में कैसे करें नींबू और अजवाइन का सेवन?यूरिक एसिड की समस्या से छुटकारा पाने के लिए रोजाना सुबह के समय गुनगुने पानी में एक चम्मच नींबू का रस और एक चम्मच अजवाइन का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा रोजाना सुबह के समय अजवाइन की चाय में नींबू का रस डालकर पीने से भी फायदा मिलेगा। हाई यूरिक एसिड के अलावा आप वजन कम करने, पेट और पाचन से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए भी इसका सेवन कर सकते हैं।शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने पर आपको खानपान और जीवनशैली में सुधार जरूर करना चाहिए। शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने पर प्यूरीन से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसे फूड्स जिनमें प्यूरीन की मात्रा अधिक होती है उसका सेवन बहुत कम मात्रा में करना चाहिए। गठिया या जोड़ों से जुड़ी समस्या में मरीज को खानपान के साथ एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स और स्टेरॉयड आदि के सेवन की सलाह दी जाती है। ऐसी स्थिति में मरीजों को खानपान के साथ नियमित रूप से व्यायाम या योग आदि का अभ्यास करना चाहिए।
- ज्यादा धूप में रहने, हार्मोनल बदलाव, टैनिंग, हाइपरपिग्मेंटेशन या जेनेटिक कारणों से कई महिलाओं के मुंह के आसपास कालेपन की समस्या हो जाती है। दरअसल मुंह के आसपास की स्किन काफी सॉफ्ट और नाजुक होती है, जिसकी केयर करना बेहद जरूरी है। ऐसे में अगर आप अपने मुंह और चेहरे के कालेपन से छुटकारा पाना चाहते हैं तो घरेलू नुस्खों को अपने स्किन केयर रूटीन में शामिल कर सकते हैं।मुंह के आसपास का कालापन कम करने के लिए दही, टमाटर और आलू का फेस पैकसामग्री-दही- 1 बड़ा चम्मचटमाटर का रस या गूदा- 1 बड़ा चम्मचआलू का रस- 1 बड़ा चम्मचशहद- 1 बड़ा चम्मचफेस पैक बनाने की विधि--फेस पैक बनाने के लिए सबसे पहले सभी सामग्रियों को एक बाउल में डाल लें।-अब इन सभी चीजों को तब तक मिलाएं, जब तक आपको एक चिकना पेस्ट न मिल जाए।-इस पेस्ट को अपने मुंह और चेहरे के आसपास के प्रभावित क्षेत्रों पर समान रूप से लगाएं।-इस मिश्रण को अपने चेहरे और मुंह के आसपास लगभग 2 मिनट तक सर्कुलर मोशन में मसाज करें।-मिश्रण को लगभग 15 से 20 मिनट तक अपनी स्किन पर लगा रहने दें।-अब गुनगुने पानी से अपना चेहरा धो लें और साफ तोलिए से थपथपा कर सुखा लें।-इस पेस्ट के उपयोग के बाद अपने चेहरे को हाइड्रेटेड रखने के लिए मॉइस्चराइजर का उपयोग जरूर करें।मुंह के आसपास कालेपन को दूर करने के लिए फेस पैक के फायदे-दही में लैक्टिक एसिड होता है, जो डेड स्किन सेल्स को हटाने में मदद करता है, जिससे चेहरे के काले धब्बे कम करने और स्किन को चमकदार बनाने में मदद मिलती है।-टमाटर एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी से भरपूर होते हैं, जो मुंह के आसपास के कालेपन और दाग-धब्बों को हल्का करने में मदद करते हैं।-आलू में एंजाइम और विटामिन सी के गुण पाए जाते हैं, जो स्किन को हल्का और चमकदार बनाने में मदद करता है, जिससे मुंह के आसपास का कालापन कम किया जा सकता है।-शहद एक नेचुरल ह्यूमेक्टेंट के रूप में काम करता है, जो स्किन में नमी को सोखने का में मदद करता है और इसमें एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो ब्रेकआउट को रोकने में मदद कर सकते हैं और चेहरे के कालेपन को कम कर सकते हैं।मुंह के आसपास के कालेपन को कम करने के लिए आप इस फेस पैक का इस्तेमाल नियमित रूप से करना चाहिए। लेकिन ध्यान रहे त्वचा पर इस पैक का इस्तेमाल करने से पहले पैच टेस्ट जरूर कर लें, ताकि किसी भी तरह के साइड इफेक्ट्स से बचाव हो सके
- लिवर में थोड़ी सी भी दिक्कत होने पर संपूर्ण दिनचर्या और स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। लिवर को स्वस्थ रखने के लिए अच्छी डाइट और लाइफस्टाइल को फॉलो करना बहुत जरूरी होता है। हम सभी को लगता है कि सिर्फ शराब पीने से ही लिवर हेल्थ खराब होती है। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है, कई ऐसी ड्रिंक्स भी हैं, जो लिवर की सेहत को बिगाड़ सकते हैं।ये पहुंचाती हैं लिवर को नुकसान-1. कोल्ड ड्रिंक्सकोल्ड ड्रिंक्स पीना किसे पसंद नहीं होता है। जब भी प्यास लगती है, तो लोग पानी के बजाय कोल्ड ड्रिंक्स पीना पसंद करते हैं। इतना ही नहीं, बर्गर खाना हो या फिर पिज्जा, सभी के साथ कोल्ड ड्रिंक पीना एक ट्रेंड बन गया है। खासकर, गर्मियों में लोग खूब कोल्ड ड्रिंक्स पीते हैं। लेकिन आपको बता दें कि कोल्ड ड्रिंक्स सेहत के लिए बेहद हानिकारक होते हैं। अगर आप नियमित रूप से कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन करते हैं, तो इससे लिवर को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए लिवर को स्वस्थ रखना चाहते हैं, तो इसका सेवन बिल्कुल न करें।2. हाई शुगर ड्रिंक्सहाई शुगर ड्रिंक्स हेल्थ के लिए बेहद नुकसानदायक होती हैं। अधिक मात्रा में हाई शुगर ड्रिंक्स पीने से डायबिटीज रोगियों को नुकसान पहुंचता है। साथ ही, ये लिवर हेल्थ को भी खराब कर सकते हैं। लिवर को मजबूत बनाए रखने के लिए इन ड्रिंक्स का सेवन भूलकर भी न करें। हाई शुगर ड्रिंक्स आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को खराब कर सकते हैं। ये त्वचा से जुड़ी समस्याओं का कारण भी बन सकते हैं।3. चाय-कॉफीअधिकतर लोगों की सुबह ही चाय या कॉफी के साथ होती है। वैसे तो अधिक मात्रा में चाय-कॉफी का सेवन करना नुकसानदायक होता है। लेकिन अगर आप सुबह खाली पेट कैफीन लेंगे, तो इससे सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचाते हैं। चाय या कॉफी ज्यादा मात्रा में पीने से लिवर स्वास्थ्य खराब हो सकता है। इसलिए अगर आप भी चाय-कॉफी का सेवन ज्यादा करते हैं, तो इसकी मात्रा को सीमित कर दें। आप रोजाना 1-2 छोटे कप चाय-कॉफी ले सकते हैं। इससे ज्यादा कैफीन स्वास्थ्य को खराब कर सकता है।4. फ्रूट जूसफल सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। लेकिन अगर आप मार्केट से फलों का जूस पीते हैं, तो इससे आपकी सेहत को नुकसान पहुंच सकता है। दरअसल, जब फलों का जूस निकाला जाता है, तो फाइबर पूरी तरह से नष्ट हो जाता है। ऐसे में हमारे शरीर को फलों में मौजूद फाइबर नहीं मिल पाता है। वहीं, फलों के जूस में शुगर डाला जाता है। इसलिए इसे सेहत के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। लिवर को स्वस्थ रखने के लिए फलों का जूस बिल्कुल न पिएं। इसके बजाय आप ताजे फल खा सकते हैं। इससे आपको फायदा मिलेगा।
- गर्मियों में अगर आपके शरीर की इम्यूनिटी कमजोर होगी तो संक्रमण होने का खतरा भी कई गुना बढ़ जाता है। इसके साथ ही गर्मी के मौसम में स्किन से जुड़ी समस्याएं भी बढ़ जाती हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप कम मसाले वाला हल्का भोजन करें, जिससे पेट से जुड़ी समस्याओं से बच सकें। गर्मियों में आप डाइट में कद्दू शामिल कर सकते हैं।गर्मियों के मौसम में कद्दू खाने के फायदे1. इम्यूनिटी बढ़ाएगर्मियों के मौसम में अगर आपके शरीर की इम्यूनिटी कमजोर होगी तो संक्रमण और बीमारियां होने का खतरा बढ़ सकता है। ऐसे में जरूरी है कि आपके शरीर का इम्यून सिस्टम बेहतर हो, ऐसे में कद्दू का सेवन सेहत के लिए लाभदायक हो सकता है। कद्दू में एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन C के साथ विटामिन E और विटामिन A की अच्छी मात्रा होती है, इसके साथ-साथ फोलेट और आयरन भी होता है। ये सभी पोषक तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक होते हैं।2. हाइड्रेटेड रखेगर्मियों में हेल्दी रहने के लिए हाइड्रेटेड रहना बेहद जरूरी है, ऐसे में पानी से भरपूर कद्दू आपके लिए लाभदायक साबित हो सकता है। कद्दू में भरपूर मात्रा में पोषक तत्वों के साथ पानी भी होता है, जिससे शरीर हाइड्रेटेड रहता है। इसका सेवन करने से आपको दिनभर एनर्जेटिक और फ्रेश महसूस होगा।3. अच्छी नींदकद्दू में विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स, मैग्नीशियम और पोटैशियम जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर करने में सहायक होते हैं। इसका सेवन करने से नींद की क्वालिटी बेहतर होती है। जिससे आप हेल्दी और दिनभर एनर्जेटिक रहते हैं। इसके अलावा कद्दू में कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो पेट से जुड़ी समस्याओं को भी दूर करने में सहायक होते हैं।4. डिप्रेशन और एंग्जायटी कम करेकद्दू में विटामिन्स के साथ जिंक और मैग्नीशियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो डिप्रेशन और चिंता को कम करने में मदद करते हैं। ये तत्व तनाव से राहत दिलाते हैं और मानसिक स्थिति को सुधारते हैं।5. बालों और त्वचा के लिए फायदेमंदगर्मियों के मौसम में बालों और स्किन से जुड़ी समस्याएं भी बढ़ जाती हैं। ऐसे में कद्दू का सेवन आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। कद्दू में विटामिन A और C के साथ बीटा-कैरोटीन पाया जाता है, जो कि हमारे बालों और त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद है। ये सभी तत्व बालों और स्किन को गर्मियों के मौसम में हेल्दी बनाए रखने में मदद करते हैं।गर्मियों में कद्दू को अपनी डाइट में शामिल करके आप अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं। लेकिन अगर आप किसी स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे हैं तो डॉक्टर से सलाह के बाद ही इसका सेवन करें।
- पेट में कैंसर, जिसे हम गैस्ट्रिक कैंसर भी कहा जाता है। जब कैंसर सेल्स पेट के किसी हिस्से में ग्रो करते हैं, तो उसे स्टमक कैंसर या पेट के कैंसर को रूप में जाना जाता है। माना जाता है कि पेट का कैंसर दुनिया में छठा सबसे कॉमन कैंसर है। पेट शरीर का वह हिस्सा होता है, जहां खाना पचता है और हर तरह का मील यहीं ब्रेकडाउन होता है। आपको बता दें कि पेट का कैंसर पेट के किसी भी हिस्से में हो सकता है। अगर किसी व्यक्ति को कैंसर हो जाए, तो पेट के ज्यादातर हिस्सों को प्रभावित कर सकता है। पेट में कैंसर महिलाओं और पुरुषों, किसी को भी हो सकता है। हालांकि, पेट का कैंसर महिलाओं की तुलना में वयस्क पुरुषों में अधिक देखने को मिलता है। बहरहाल, कैंसर एक घातक बीमारी है। यह बात हम सभी जानते हैं। इसलिए, इस बीमारी के शुरुआती लक्षणों का पता चल जाए, तो बीमारी को पहले स्टेज में ही रोकने में मदद मिल सकती है।पेट के कैंसर के लक्षणआमतसैर पर पहले स्टेज में होने पर पेट के कैंसर में किसी तरह के लक्षण नजर नहीं आते हैं। इसमें बहुत मामूली सी परेशानी हो सकती है, जैसे पेट में जलन, अपच, सीने में जलन या पेट में असहजता। इसके अलावा, कुछ अन्य लक्षण भी नजर आ सकते हैं। जानते हैं इनके बारे में-ब्लोटिंग होनाः अगर व्यक्ति को हर समय ब्लोटिंग की समस्या रहती है, तो इसके हल्के में लेने से बचना चाहिए। खासकर बहुत दिनों पेट में ब्लोटिंग हो और तमाम घरेलू उपायों तथा ट्रीटमेंट के बावजूद आराम न आए, तो इस संबंध में डॉक्टर से जांच करवाएं।पेट में अक्सर दर्द रहनाः पेट में दर्द होने के असंख्य कारण हो सकते हैं, जैसे ओवर ईटिंग, ठीक से खाना न खाना, गैस का बनना आदि। यही कारण है कि ज्यादातर लोग पेट दर्द होने बाजार में सहजता से मिलने वाली दवा का सेवन कर बैठते हैं और इसकी गंभीरता की ओर ध्यान नहीं देते हैं। जबकि, आपको ऐसा नहीं करना चाहिए। रह-रह कर पेट में दर्द हो और कभी-कभी असहजता हो, तो एक बार डॉक्टर से संपर्क करें।कम खाने पर ओवर ईटिंग महसूस होनाः कैंसर के पहले स्टेज में आपको ऐसा महसूस हो सकता है। कम खाने के बावजूद, अक्सर लगता है कि पेट भरा हुआ है या ओवर ईटिंग हो रही है। इस तरह के संकेत को हल्के में न लें।हल्का-सा चक्कर आनाः गर्मी के मौसम में अक्सर लू लगने के कारण चक्कर आ जाते हैं। ऐसे में अक्सर आपने देखा होगा कि लोग ठंडा खा-पी लेते हैं और समस्या से छुटकारा पा लेते हैं। लेकिन, अगर आपको बिना वजह चक्कर आते हैं और पेट से जुड़ी अन्य समस्याएं भी बनी रहती हैं, तो इसे हल्के में न लें।पेट के कैंसर से बचाव-पेट के कैंसर के रिस्क को कम करके इससे बचाव किया जा सकता है। इसके लिए, लाइफस्टाइल में जरूरी बदलाव करने होंगे, जैसे--हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं, अपने वजन को नियंत्रण में रखें और तंबाकू तथा शराब का सेवन बंद कर दें। इससे पेट के कैंसर होने का रिस्क कम हो जाता है।-पेट में किसी भी तरह की बीमारी या इंफेक्शन होने पर उसका पूरा ट्रीटमेंट करवाएं। इससे कैंसर सेल्स के डेवेलप होने का रिस्क कम हो जाता है।-नियमित रूप से स्क्रीनिंग करवाएं। इसके अलावा, अपनी फैमिली कंडीशन और जेनेटिक हिस्ट्री के बारे में जानकारी रखें। इस तरह आप पेट के कैंसर के रिस्क को कम कर सकते हैं। साथ ही, समय से अपना इलाज भी करवा सकते हैं।
- घुंघराले बाल दिखने में जितने खूबसूरत लगते हैं, उनकी केयर करना उतना ही मुश्किल होता है। खासकर इन बालों को हेल्दी, मुलायम और चमकदार बनाए रखना मुश्किल हो जाता है। घुंघराले बालों की ज्यादा केयर न की जाए तो ये फ्रिजी, बेजान और रूखे हो जाते हैं, जिन्हें नमीयुक्त बनाए रखने के लिए सही तेल से मसाज करने की जरूरत होती है।कर्ली बालों को हेल्दी रखने के लिए किस तेल का उपयोग करें? -1. जोजोबा एक नेचुरल ऑयलजोजोबा एक नेचुरल ऑयल है, जो स्कैल्प और बालों को हेल्दी रखने में मदद कर सकते हैं। जोजोबा ऑयल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो डैंड्रफ और स्कैल्प एक्ने की समस्या से राहत दिला सकते हैं। इस तेल के इमोलिएंट गुण बालों को हाइड्रेट और मुलायम बनाए रखते हैं, जिससे बालों के टूटने और झड़ने की समस्या कम हो सकती है।2. अंगूर के बीज का तेलअंगूर के बीज के तेल के प्राकृतिक गुण स्कैल्प औऱ बालों के विकास को बढ़ावा देते हैं। इस तेल से बालों की मसाज करने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर रहता है, जिससे बालों के विकास को बढ़ावा मिलता है। अंगूर के बीज के तेल में मौजूद विटामिन ई के गुण बालों के रोम को पोषण देते हैं, जो बालों के विकास को उत्तेजित करते हैं और बालों के झड़ने की समस्या कम करते हैं। इस तेल की हल्की बनावट बालों में नमी को बंद करने, चमक बढ़ाने और घुंघरालेपन को कम करने में मदद करती है।3. अलसी का तेलअलसी का तेल ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होते हैं, जो बालों के फाइबर की लोच बढ़ाने में मदद करते हैं, जिससे बालों को पोषण मिलता है और यह मजबूत बनते हैं। इस तेल के मॉइस्चराइजिंग गुण बालों के टूटने और दोमुंहे बालों को कम करने में मदद करते हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण बालों को समय से पहले सफेद होने से रोकने में मदद करते हैं, जिससे बालों का रंग काला बना रहता है।4. भांग का तेलभांग के तेल में मौजूद चिकनाई वाले गुण बालों के क्यूटिकल्स को चिकना करते हैं, जिससे घुंघरालेे बालों को कम करके इनकी चमक बढ़ाने में मदद मिलती है। यह तेल बालों में गर्मी और स्टाइलिंग इक्यूपमेंट्स के कारण होने वाले डैमेज से बचाने में भी मदद करता है। स्कैल्प में इस तेल से मसाज करने पर ब्लड सर्कुलेशन बेहतर रहता है, जिससे बाल स्वस्थ रहते हैं और इनके टूटने की समस्या भी कम होती है।इन तेलों को अपने हेयर केयर रूटीन में शामिल करने से घुंघराले बालों को पोषण मिलता है, वे हाइड्रेटेड रहते हैं और बालों की चमक भी बढ़ती है।
- अक्सर लोगों के मन में सवाल रहता है कि गर्मी में सुबह उठकर सबसे पहले क्या खाएं, जो शरीर के लिए फायदेमंद होने के साथ शरीर की कई समस्याओं को दूर करें। आज जानते हैं ऐसे ही पांच फूड्स के बारे में1. तरबूजगर्मी में सुबह शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए तरबूज का सेवन किया जा सकता है। इस फल में 90 प्रतिशत पानी होता है और इलेक्ट्रोलाइट्स मौजूद होते है, जो शरीर में पानी की कमी को दूर करने के साथ दिनभर एनर्जी रखता है। तरबूज के सेवन से हार्ट हेल्दी रहने के साथ आंखों समस्याएं भी कम होती हैं।2. जौ का दलियागर्मियों में पेट को हल्का रखने के लिए जौ के दलिया का सेवन किया जा सकता है। गर्मी में इसके सेवन से पेट लंबे समय तक भरा रहेगा। जौ की तासीर ठंडी होती है। ऐसे में गर्मी में इसके सेवन से पाचन से जुड़ी समस्या कम होती हैं। जौ का दलिया खाने से वजन घटाने में मदद मिलती है। इस दलिया को रात को बनाकर भी रख सकते है, जिससे इसमें रजिस्टेंस स्टार्च बढ़ जाएगा।3. खजूरगर्मी में खाली पेट खजूर का सेवन किया जा सकता है। खजूर पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें सोडियम, पोटेशियम, फाइबर और आयरन पाया जाता है, जो शरीर को ताकत देने के साथ पेट को लंबे समय तक ङरकर रखता है। खजूर को अपनी स्मूदी में भी शामिल किया जा सकता है।4. केलाकेला गर्मी में सुबह खाने के लिए एक अच्छा ऑप्शन है। ये शरीर को एनर्जी देने के साथ, ये पेट के लिए फायदेमंद होता है और लंबे समय पेट को भरकर रखता है। केले में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं जैसे सोडियम, पोटेशियम, फाइबर, प्रोटीन, आयरन और विटामिन सी पाया जाता है, जो शरीर को एनर्जी देने के साथ मूड को भी बूस्ट करता है।5. ओट्सगर्मी में पेट को आराम देने के लिए हल्के ओट्स का सेवन किया जा सकता है। ओट्स के सेवन से पाचन से जुड़ी समस्या कम होने के साथ वजन घटाने में भी मदद मिलती है। ओट्स को अपनी स्मूदी में मिलाकर और स्प्राट्स में मिलाकर इसका सेवन किया जा सकता हैं।गर्मी में सुबह सबसे पहले इन चीजों का सेवन किया जा सकता हैं। हालांकि, अगर आपको कोई बीमारी या एलर्जी की समस्या है, तो डॉक्टर से पूछकर ही इसका सेवन करें।
- आयुर्वेद में लौकी के कई फायदों के बारे में बताया गया है। इसमें मौजूद विटामिन ए, कैल्शियम, प्रोटीन, आयरन, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। इसके फायदों के चलते गर्मियों के साथ ही सर्दियों को मौसम में भी लौकी का इस्तेमाल किया जाने लगा है। लौकी के पोषक तत्व के कारण डॉक्टर हाई बीपी, डायबिटीज व पेट संबंधी रोगों में लौकी का सेवन करने की सलाह देते हैं। लेकिन, कुछ सब्जियों के साथ लौकी को खाना आपके लिए समस्या का कारण बन सकता है। लौकी के साथ कुछ सब्जियों का सेवन करने से कई तरह की समस्याएं हो सकती हैलौकी के साथ क्या नहीं खाना चाहिएफूलगोभीफूलगोभी को पचाने में ज्यादा समय लगता है। वहीं यह गैस की समस्या का कारण बन सकती है। जिन लोगों को पेट की समस्या है उनको लौकी के साथ फूलगोभी, बंदगोभी और ब्रोकली का सेवन नहीं करना चाहिए।करेला का सेवन न करेंकरेला का स्वाद कसैला होता है। जब आप करेले के साथ लौकी का सेवन करते हैं तो इससे कड़वी लौकी का पता नहीं चल पाता है। कड़वी लौकी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकती है। यह आपके शरीर में जहर का बना सकती है। इसमें व्यक्ति को उल्टियां, नाक से खून आना और चक्कर आने की समस्या हो सकती है।खट्टे खाद्य पदार्थों का सेवन न करेंलौकी के साथ आप खट्टे खाद्य पदार्थों का सेवन न करें। लौकी को बहुत खट्टे फलों के साथ सेवन नहीं करना चाहिए। लौकी को नींबू और खट्टे फलों के साथ खाने से पेट में दर्द और मरोड़ की समस्या हो सकती है।डेयरी उत्पादलौकी की सब्जी को आप डेयरी उत्पाद के साथ नहीं मिलाना चाहिए। एक्सपर्ट का कहना है कि दही और दूध का सेवन लौकी के साथ नहीं करना चाहिए। इससे पेट संबंधी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।चुकंदरलौकी के साथ चुकंदर के सेवन को मना किया जाता है। लौकी की सब्जी के साथ चुकंदर खाना स्वास्थ्य के लिए खराब होता है। इससे शरीर और चेहरे पर दाने हो सकते हैं।लौकी के साथ आप सभी सब्जियों का सेवन नहीं कर सकते हैं। लौकी के साथ इन सब्जियों का सेवन करने से पेट संबंधी समस्याएं हो सकती है। यदि आपको लौकी के साथ कुछ सब्जियां से एलर्जी होती है, तो ऐसे में आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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इस बार गर्मियों के मौसम में आप किसी हेल्दी ड्रिंक की तलाश कर रहे हैं, तो अमरूद मोइतो ट्राई कर सकते हैं। अमरूद मोइतो को आप आसानी से घर पर ही बना सकते हैं और गर्मी को बॉय-बॉय कर सकते हैं। तो देर किस बात की आइए जानते हैं अमरूद से कैसे मसालेदार मोइतो बनाया जा सकता है और इसके फायदे क्या हैं।
अमरूद का मसालेदार मोइतो बनाने की रेसिपीशेफ कुणाल कपूर ने अपने इंस्टाग्राम पर अमरूद की मलालेदार मोइतो बनाने की रेसिपी शेयर की है। शेफ का कहना है कि इस रेसिपी को बनाने के लिए आपको किचन में ही मौजूद कुछ बेसिक चीजों की जरूरत पड़ेगी। आइए जानते हैं।सामग्री की लिस्टअमरूद - 2 बड़े पीसचीनी/शहद - 1½ बड़ा चम्मचकाला नमक - ½ छोटा चम्मचभुना जीरा पाउडर - ½ छोटा चम्मचकाली मिर्च पाउडर - ½ छोटा चम्मचनमक - एक चुटकीनींबू का रस - 3 बड़े चम्मचपुदीने की पत्तियां- मुट्ठी भरबर्फ का पानी - ¼ कपबर्फ के टुकड़े - ठंडा करने के लिएबनाने का तरीका-अमरूद का मसालेदार मोइतो बनाने के लिए सबसे पहले पके हुए अमरूद के छोटे-छोटे टुकड़े काट लें। फिर एक ब्लेंडर जार में कटे हुए अमरूद डाल दें। इसी में शहद और 1 कप पानी डालकर अच्छे से ब्लेंड करें। जब पेस्ट बन जाए तो एक प्लेट में लाल मिर्च पाउडर और नमक लें और अच्छी तरह से मिलाएं।अब गिलास में 2-3 कटे हुए नींबू डालकर, मिंट स्प्रिंग, आइस क्यूब्स और अमरूद का मिश्रण डालकर अच्छे से ड्रिंक को तैयार कर लें।अब इस ड्रिंक में ऊपर से नमक, पुदीने की पत्तियां और अमरूद डालकर गार्निश करें।अमरूद का मसालेदार मोइतो पीने के फायदे- गर्मी के मौसम में अमरूद का मसालेदार मोइतो पीने से डिहाइड्रेशन की समस्या से बचा जा सकता है। इसमे प्रचुर मात्रा में पानी पाया जाता है, जो शरीर को अंदर से हाइड्रेट रखता है।- अमरूद के पोषक तत्व गट हेल्थ की प्रॉब्लम को भी ठीक करने में मदद करते हैं। दिल्ली के भाग्य आयुर्वेदा की न्यूट्रिशनिस्ट और डाइटिशियन पूजा सिंह का कहना है कि अमरूद का मोइतो मल को मुलायम बनाकर इसे त्यागने में आसान करता है, जिससे कब्ज और पेट दर्द की समस्या नहीं होती है।- अमरूद में विटामिन सी, लाइकोपीन जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह पोषक तत्व इम्यूनिटी को स्ट्रांग बनाने में मदद करते हैं। गर्मियों में हीट वेव और पसीने की वजह से जो लोग बार-बार बीमार पड़ते हैं, उनके लिए यह ड्रिंक काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।- डायबिटीज के मरीजों के लिए भी अमरूद मोइतो काफी फायदेमंद होता है। अमरूद मोइतो में लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जो शुगर कंट्रोल करने में मदद करता है। इसके अलावा इस मोइतो में एंटीऑक्सीडेंट्स, इंसुलिन सेल्स के कामकाज को बढ़ावा देते हैं और शुगर लेवल कंट्रोल करने में मदद करते हैं।नोट : शेफ कुणाल कपूर ने इस मोइतो को बनाने के लिए सोडा का इस्तेमाल किया है। सोडा सेहत के लिए हानिकारक होता है। सोडा में पाया जाने वाला फॉस्फोरिक एसिड शरीर में मौजूद कैल्शियम को खत्म कर देता है, जिसकी वजह से हड्डियों और दांतों से संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ता है। इसके अलावा सोडे में मौजूद आर्टिफिशियल स्वीटनर मोटापे, हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट प्रॉब्लम का कारण भी बन सकता है। - गर्मियों के मौसम में जब स्किन टैनिंग होती है तो त्वचा काली नजर आने लगती है। टैनिंग हटाने के लिए लोग कई तरह के कॉस्मेटिक्स का इस्तेमाल करते हैं, जिनका त्वचा पर बुरा असर हो सकता है। ऐसे में जौ का उबटन लाभकारी हो सकता है। जौ के उबटन से स्किन एक्सफोलिएट होती है और डेड स्किन की समस्या दूर हो सकती है। इसके साथ-साथ जौ का उबटन नियमित इस्तेमाल करने से त्वचा के दाग-धब्बे भी कम हो सकते हैं। वहीं चेहरे पर होने वाले एक्ने, पिंपल्स और ब्लैकहेड्स हटाने में भी जौ के उबटन का इस्तेमाल कारगर साबित हो सकता है। नियमित रूप से जौ के उबटन का इस्तेमाल करने से स्किन न सिर्फ स्किन की टैनिंग दूर हो सकती है बल्कि इससे स्किन सॉफ्ट और शाइनी भी नजर आती है। यहां जानिए जौ का उपयोग कैसे करें?1. ऑयली स्किन वालों को जौ का उबटन बनाने के लिए 3 चम्मच जौ के आटे में एक चौथाई छोटी चम्मच मुलेठी पाउडर, चुटकीभर हल्दी और जरूरत अनुसार दूध मिलाना होगा। सभी सामग्री को मिक्स करके उबटन का पेस्ट तैयार करें और फिर इस पेस्ट को 15 मिनट के लिए रख दें। 15 मिनट के बाद जौ के इस उबटन का इस्तेमाल आप अपने हाथों, पैरों और चेहरे पर कर सकते हैं। सभी जगहों पर उबटन लगाने के बाद हाथों से त्वचा की मसाज करें और अगर आपको लगे कि स्किन ड्राई हो रही है तो बीच-बीच में हथेली पर दूध लगाकर उबटनकरें। 5 से 10 मिनट उबटन करने के बाद स्किन से हल्के हाथों से रगड़ते हुए उबटन को साफ करें। जब आप इस तरह से जौ के उबटन का इस्तेमाल करेंगें तो धूप के कारण हुई टैनिंग से भी छुटकारा मिल सकता है।2. ड्राई स्किन वालों को जौ का उबटन बनाने के लिए 3 चम्मच जौ के आटे के साथ बादाम के तेल की 4 बूंदें, चुटकीभर हल्दी और कच्चा दूध चाहिए होगा। सभी चीजों को मिक्स करके उबटन का पेस्ट तैयार करें और फिर जौ के इस उबटन को 15 मिनट के लिए रख दें। समय पूरा होने पर इस उबटन को स्किन पर लगाएं और फिर हल्के हाथों से मसाज करें। जौ का उबटन शरीर पर मौजूद अनचाहे बालों को हटाने के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसके अलावा जौ का उबटन टैनिंग के कारण खराब हुई स्किन टोन को भी सही करने में सहायक हो सकता है। इस उबटन के इस्तेमाल से न सिर्फ त्वचा पर निखार आता है बल्कि अनचाहे बाल भी कम हो सकते हैं।जौ का उबटन आपकी स्किन को बेहतर बनाने में सहायक हो सकता है लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि अगर आपको स्किन से जुड़ी समस्याएं रहती हैं तो डॉक्टर की सलाह के बाद ही इस उबटन का इस्तेमाल करें।
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शरीर को ताकत देने और सुचारू रूप से चलाने के लिए विभिन्न विटामिन्स और मिनरल्स की आवश्कता होती है। अक्सर लोग पोषक तत्वों में कमी और खराब लाइफस्टाइल के कारण शरीर में कई तरह के लक्षण नजर आते हैं जैसे शरीर में दर्द, नींद में कमी और पाचन से जुड़ी समस्याएं। बहुत से लोग इन समस्याओं को लंबे समय तक इग्नोर कर देते हैं, जिस कारण आगे चलकर ये समस्या बढ़ती चली जाती है। ऐसे में अगर आपके शरीर में लगातार कई समस्याएं रहती है, तो इसका कारण हो सकता हैं कि शरीर में विटामिन्स और मिनरल्स की कमी हो सकती हैं।
1. मसल्स क्रैंप
शरीर में कई बार लंबे समय तक मसल्स क्रैंप, नींद न आना और पीरियड्स के समय ज्यादा दर्द होना शरीर में मैग्नीशियम की कमी के लक्षण हो सकते हैं। मैग्नीशियम की कमी को पूरा करने के लिए डाइट में साबुत अनाज, हरी सब्जियां और नट्स का सेवन किया जा सकता है। साथ ही इसकी पूर्ति के लिए डॉक्टर से पूछकर सप्लिमेंट का सेवन भी कर सकते हैं।2. नाखूनों पर सफेद दागनाखूनों पर लंबे समय दाग और जल्दी-जल्दी बीमार होना शरीर में जिंक की कमी के लक्षण हो सकते हैं। जिंक की कमी होने पर आप जल्दी बीमार पड़ते है और शरीर की इम्यूनिटी भी कमजोर हो जाती हैं। शरीर में जिंक की कमी को पूरा करने के लिए इसका सप्लिमेंट के साथ सीड्स और डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन करें।3. बालों का झड़नाबहुत से लोग बालों को झड़ना काफी आम समझते है। लेकिन लंबे समय तकहेयरफॉल के साथ चक्कर आना और मिट्टी खाने की इच्छा होना शरीर में आयरन की कमी के लक्षण हो सकते हैं। इस प्रकार की समस्या होने पर जल्दी से डॉक्टर को दिखाकर जांच करवाएं और खजूर, अंजीर, किशमिश और काले तिल का सेवन किया जा सकता हैं।4. थकानशरीर में हरदम थकान और कमजोरी रहना भी विटामिन्स की कमी के कारण हो सकता है। अगर आप भी सुबह सोकर उठने के बाद ही थकान महसूस करते हैं और इसके साथ मूड स्विंग्स भी होते रहते हैं, तो ये लक्षण शरीर में विटामिन बी की कमी के कारण हो सकते हैं। इस विटामिन की पूर्ति के लिए अंडे, मछली, नट्स और साबुत अनाज का सेवन किया जा सकता हैं।शरीर में विटामिन्स और मिनरल्स की कमी होने पर इस तरह के लक्षण नजर आते हैं। हालांकि, शरीर में लक्षण आने पर एक बार डॉक्टर को अवश्य दिखाएं। -
भारत में डायबिटीज की बीमारी तेजी से फैल रही है। लगभग हर उम्र के लोग इस गंभीर बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। मधुमेह, जिसे आम भाषा में डायबिटीज कहा जाता है, एक ऐसा रोग है जो खराब खानपान और बिगड़ी लाइफस्टाइल के कारण हो सकता है।डायबिटीज के मरीज अगर अपने खानपान में सुधार नहीं करते हैं तो इससे उनके शरीर में ब्लड शुगर लेवल बिगड़ सकता है, जिससे कई और समस्याएं हो सकती हैं। डायबिटीज का अब तक कोई परमानेंट इलाज नहीं है लेकिन इस गंभीर बीमारी को लाइफस्टाइल में बदलाव करके और सही खानपान के जरिए कंट्रोल किया जा सकता है। इस लेख में आईए जानते हैं कि डायबिटीज के मरीजों को कौन-से आटे की रोटियां खानी चाहिए?
राजगिरा आटा - Rajgira/Amaranth Flourराजगिरा का इस्तेमाल कई घरों में व्रत के दौरान किया जाता है। राजगिरा को रामदाना (Ramdana) और अमरंथ (Amaranth) भी कहा जाता है। राजगिरा का आटा डायबिटीज के रोगियों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है। कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले राजगिरा के आटे में कार्बोहाइड्रेट की कम मात्रा होती है, ऐसे में यह आटा शरीर में ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है। राजगिरा के आटे से रोटी, चीला आदि बनाए जा सकते हैं। इसके अलावा इससे बने दलिया और लड्डू भी हेल्दी और स्वादिष्ट होते हैं।रागी आटा -रागी को मंडुआ भी कहा जाता है, इसके आटे (mandua ka atta) की रोटी डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। पहाड़ों पर रागी का इस्तेमाल खाने में कई अलग-अलग तरीकों से किया जाता है। रागी में कैल्शियम और आयरन के साथ फाइबर और प्रोटीन की मात्रा अच्छी होती है। इसे खाने से पेट लंबे समय तक भरा रहता है और भूख कम लगती है। रागी के आटे से रोटी के अलावा डोसा, चीला और लड्डू भी बनाए जा सकते हैं। डायबिटीज के मरीज शरीर में ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए रागी के आटे को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं, इससे उन्हें अनेक फायदे मिल सकते हैं।जौ आटा -डायबिटीज के रोगियों को ब्लड शुगर लेवल के साथ अपने वजन को भी कंट्रोल में रखना होता है, ऐसे में जौ का आटा उनके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, आयरन, मैग्नीशियम के साथ कैल्शियन और प्रोटीन से भरपूर जौ का आटा डायबिटीज के रोगियों के लिए फायदेमंद हो सकता है। जौ में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है, जिससे लंबे समय तक पेट भरा रहता है। वजन कंट्रोल करने के लिए भी जौ का आटा फायदा कर सकता है। -
सुबह का नाश्ता हमारा पहला मील होता है। इसलिए यह हैवी और हेल्दी दोनों होना जरूरी है। अगर आप नाश्ते में तला-भूना या मसालेदार खाते हैं, तो इस कारण आपका पाचन तंत्र खराब हो सकता है। साथ ही, इससे आपको एसिडिटी और अपच जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। कुछ लोग नाश्ते में दही या छाछ का सेवन करते हैं। इससे खाना अच्छे से पचता है साथ ही पेट के गुड बैक्टीरिया को फायदा मिलता है। लेकिन क्या आप जानते हैं सुबह के समय इनमें से क्या ज्यादा फायदेमंद हैं?
एक्सपर्ट के मुताबिक सेहत के लिए दही और छाछ दोनों ही फायदेमंद हैं। लेकिन स्वास्थ्य लाभों के लिए आपको इन चीजों पर ध्यान देना चाहिए।वजन घटाने के लिए-अगर आप वेट लॉस डाइट पर हैं, तो आपको छाछ का सेवन करना चाहिए। क्योंकि पतला होने के कारण इसमें फैट्स और कैलोरी कम होती है। इसके सेवन से आपको जल्द वजन घटाने में भी मदद मिलती है। इसलिए आप अपने किसी भी मील के साथ छाछ शामिल कर सकते हैं। इसके सेवन से आपको जल्दी भूख भी नहीं लगती है।पोषक तत्वों के लिए-पोषक तत्वों की बात की जाए, तो दही में छाछ से ज्यादा न्यूट्रिएंट्स होते हैं। इसमें एंटी-बैक्टीरियल, कैल्शियम और प्रोबायोटिक्स भी होते हैं। साथ ही इसके सेवन से शरीर को पर्याप्त पोषक तत्व भी मिल पाते हैं।पाचन तंत्र स्वस्थ रखने के लिए-अगर आपकोपाचन सम्बन्धित समस्याएं रहती हैं, तो दही आपके लिए ज्यादा फायदेमंद हो सकता है। इसमें माइक्रोन्यूट्रिएंट्स होते हैं, जो आंतों को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।हाइड्रेशन मेंटेन रखने के लिए-अगर आपको बॉडी में हाइड्रेशन मेंटेन करनी है, तो आप छाछ का सेवन कर सकते हैं। इसमें हाइड्रेटिंग गुण होने के साथ इलेक्ट्रोलाइट्स भी मौजूद होते हैं। ये बॉडी को हाइड्रेट करने और एक्टिव रखने में भी मदद करते हैं।कब्ज की समस्या में-अगर आपको कब्ज या एसिडिटी की समस्या रहती हैं, तो आप दही में अलसी पाउडर डालकर ले सकते हैं। इसके अलावा, छाछ में आप भूना जीरा और छाछ मिलाकर भी ले सकते हैं। ये दोनों चीजें ही पाचन को स्वस्थ रखने में मदद करती हैं।इन बातों का रखें ध्यानअगर आप रोज इनका सेवन करते हैं, तो ध्यान रखें कि आप ताजा ही दही और छाछ का विकल्प ही चुनें।अगर आपको इनके सेवन से कोई भी परेशानी होती है, तो तुरंत इनका सेवन करना रोक दें।अगर आप किसी स्वास्थ्य समस्या के लिए दवा लेते हैं, तो आपको इनके सेवन से पहले डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। -
50 साल के बाद धीरे-धीरे शरीर के जोडों मे से लुब्रीकेन्ट्स एवं केल्शियम बनना कम हो जाता है। जिसके कारण जोडों का दर्द ,गैप, केल्शियम की कमी, वगैरा प्रोब्लेम्स सामने आते है, जिसके चलते आधुनिक चिकित्सा आपको जोइन्ट्स रिप्लेस करने की सलाह देते हैं, तो कई आर्थिक रुप से सधन लोग यह मानते है कि हमारे पास तो बहुत पैसे हैं तो घुटनां चेंज करवा लेते है। किंतु क्या आपको पता है जो चीज कुदरत ने हमे दी है वो आधुनिक विज्ञान या तो कोई भी साइंस नही बनां सकती। आप कृत्रिम जॉइन्ट फिट करवा कर थोडे समय २-४ साल तक ठीक हो सकते हैं। लेकिन बाद मे आपको बहुत ही तकलीफ होगी।
जॉइन्ट रिप्लेसमेंट का सटीक इलाज आज में आपको बता रहा हूँ । वो आप नोट कर लीजिये और हां ऐसे हजारों जरुरतमंद लोगो तक पहुचाये जो रिप्लेसमेंट के लाखो रुपये खर्च करने मे असमर्थ हैं।*बबूल* नामके वृक्ष को आपने जरुर देखा होगा। यह भारत मे हर जगह बिना लगाये ही अपने आप खडा़ हो जाता है । अगर यह बबूल नाम का वृक्ष अमेरिका या तो विदेशाें मे इतनी मात्रा मे होता तो आज वही लोग इनकी दवाई बनाकर हमसे हजारों रुपये लूटते । लेकिन भारत के लोगों को जो चीज मुफ्त मे मिलती है उनकी कोइ कदर नही है।प्रयोग इस प्रकार करना है★ *बबूल* के पेड़ पर जो फली ( फल) आती है उसको तोड़कर लाये । अथवा तो आपको शहर मे नही मिल रहे तो किसी गांव जाये वहा जितने चाहिये उतने मिल जायेगें, उसको सुखाकर पाउडर बना लें। और *सुबह १ चम्मच* की मात्रा में गुनगुने पानी से खाने के बाद, केवल 2-3 महिने सेवन करने से आपके घुटने का दर्द बिल्कुल ठीक हो जायेगा। आपको घुटने बदलने की जरुरत नही पड़ेगी। - ओट्स में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं जैसे सोडियम, पोटेशियम, आयरन, फाइबर और कैल्शियम। इसमें कैलोरी की मात्रा काफी कम होती है। ऐसे में इसके सेवन से वजन कम करने में मदद मिलती है। ओट्स स्वादिष्ट लगने के साथ झटपट बन भी जाता है। इसमें मौजूद फाइबर कब्ज और गैस की समस्या से राहत देता है। वहीं यह हड्डियों को मजबूत बनाने के साथ शरीर की कमजोरी को दूर करता हैं। अक्सर लोग ओट्स को प्लेन ही खाते हैं। लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसे फूड्स के बारे में बताने जा रहे, जिनको ओट्स में एड करने से ओट्स की पौष्टिकता बढ़ जाएगी और इनके सेवन से आप ओवरइटिंग से भी बचेंगे। आइए जानते हैं ओट्स को हेल्दी बनाने के लिए उसमें क्या मिक्स करें......चिया सीड्सओट्स को बनाने के लिए ओट्स के साछ चिया सीड्स को भी शामिल किया जा सकता है। चिया सीड्स में प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम और आयरन पाया जाता है। ओट्स में इसको मिलाकर खाने से ओवर इटिंग से राहत मिलती है और कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं भी दूर होती हैं।योगर्टओट्स को योगर्ट के साथ भी मिलाकर खाया जा सकता है। योगर्ट के सेवन से पाचन-तंत्र हेल्दी रहने के साथ कब्ज, गैस और एसिडिटी से राहत मिलती है। ओट्स में योगर्ट को मिलाकर ब्रेकफास्ट में खाने से शरीर को एनर्जी मिलने के साथ बैली फैट भी कम होता है।फ्लैक्स सीड्सपोषक तत्वों से भरपूर फ्लैक्स सीड्स शरीर के लिए फायदेमंद होता है। फ्लैक्स सीड्स में सोडियम, पोटेशियम, आयरन, प्रोटीन और विटामिन सी पाया जाता हैं। इसके सेवन से शरीर की कमजोरी दूर होने के साथ हार्ट संबंधी समस्याएं भी कम होती हैं। ब्रेकफास्ट में ओट्स में फ्लैक्स सीड्स का पाउडर मिलाकर खाने से वजन कंट्रोल करने में मदद मिलती हैं।बेरीजओट्स को हेल्दी और टेस्टी बनाने के लिए ओट्स में बैरीज को एड करना एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है। बेरीज पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं। इसमें फाइबर, प्रोटीन, आयरन और विटामिन सी पाया जाता हैं। ओट्स में क्रैनबेरी और ब्लूबेरी को शामिल किया जा सकता हैं। डायबिटीज के मरीज भी ओट्स में इसको मिलाकर खा सकते हैं। बेरीज के सेवन से त्वचा और बालों से जुड़ी समस्याएं भी कम होती हैं।ओट्स को हेल्दी बनाने के लिए इन चीजों को मिक्स करके खाया जा सकता है। हालांकि, अगर आपको कोई बीमारी या एलर्जी की समस्या हैं, तो डॉक्टर से पूछकर ही इन चीजों का सेवन करें।
- स्प्राउट्स और कच्चा आम सेहत का खजाना होते है। इन दोनों में ही कई तरह के विटामिन, मिनरल्स, फाइबर, एंटी-ऑक्सीडेंट जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। गर्मियों में जब बात हेल्दी और लाइट नाश्ते की आए, तो सलाद को बेस्ट ऑप्शन माना जाता है। नाश्ते में सलाद का सेवन करना दिन की शुरुआत करने का स्वादिष्ट और बेहतरीन तरीका हो सकता है। चने, मूंग, गेहूं, मेथी और हरी सब्जियों को मिलाकर बनाए जाने वाले कई सलाह अब तक आपने खाएं होंगे। लेकिन आज हम आपको स्प्राउट्स और कच्चे आम के सलाद की रेसिपी बताने जा रहे हैं। गर्मियों में आने वाला कच्चा आम स्वाद में लाजवाब होता है और जब इसका सलाद (Sprouts बनता है, तो बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक झट से इसे खत्म कर देते हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में।स्प्राउट्स और कच्चे आम का सलाद खाने के फायदेवजन घटाने में करता है मददवेटलॉस कोच निधि की मानें तो स्प्राउट्स और कच्चे आम का सलाद खाने से वजन घटाने में मदद मिलती है। इस सलाद में लो कैलोरी और हाई फाइबर होता है। फाइबर पेट को लंबे समय तक भरा हुआ महसूस करवाता है, जिससे आप छोटे-छोटे स्नैक्स खाने से बचते हैं और वजन घटाने में मदद मिलती है। 100 ग्राम स्प्राउट्स और कच्चे आम के सलाद में लगभग 300 कैलोरी होती है। जिसकी वजह से भी यह वेट लॉस में मददगार है।डायबिटीज में है फायदेमंदस्प्राउट्स और कच्चे आम का सलाह डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसका सेवन करने से ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि इस सलाद के एंटी-इंफ्लेमेटरी और विटामिन सी गुण शरीर में इंसुलिन को मैनेज करने में मदद करते हैं। जिन लोगों का अचानक से ब्लड शुगर कम हो जाता है, उन्हें रोजाना स्प्राउट्स और कच्चे आम का सलाद खाना चाहिए।शरीर को रखता है एनर्जेटिकइस स्प्राउट्स में विभिन्न प्रकार के विटामिन्स, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए आवश्यक माने जाते हैं। इसमें विटामिन ए, बी, सी और ई जैसे पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा पाई जाती है। जिसकी वजह से इसका सेवन करने से शरीर को एनर्जी मिलती है। गर्मी में जो लोग अक्सर ही थकावट महसूस करते हैं, उनके लिए यह सलाद काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।डिहाइड्रेशन को रोकने में मददगारगर्मियों में कम पानी पीने की वजह से लोगों को डिहाइड्रेशन की प्रॉब्लम होने लगती है। डिहाइड्रेशन से बचाने में भी यह सलाद काफी मददगार साबित होते हैं। इसमें पर्याप्त मात्रा में पानी, विटामिन सी और मिनरल्स पाए जाते हैं, जो शरीर में पानी की कमी का पूरा करते हैं।स्प्राउट्स और कच्चे आम का सलाद की रेसिपीसामग्री की लिस्टमूंग, चना के स्प्राउट्स - 1 बड़ा बाउलकच्चा आम- 1 बड़ा पीसकटे हुए टमाटर - 2 चम्मचकटा हुआ खीरा - 2 चम्मचकटा हुआ प्याज - 1 चम्मचऑलिव ऑयल- 1 चम्मचनींबू और नमक - स्वादानुसारबनाने का तरीकासबसे पहले मूंग और चने के स्प्राउट्स को एक बड़े बाउल में निकाल लीजिए। इसके बाद कच्चे आम को छीलकर छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लीजिए।कच्चे आम के टुकड़े, कटा हुआ खीरा, प्याज और टमाटर स्प्राउट्स में मिलाएं। जब सभी चीजें मिक्स हो जाए, तो सलाद ही ड्रेसिंग के लिए ऑलिव ऑयल, नमक और नींबू डालें।आपका स्प्राउट्स और कच्चे आम का सलाद तैयार हो चुका है। एक्सपर्ट का कहना है कि आप इस सलाद को सुबह नाश्ते या इवनिंग स्नैक्स के तौर पर खा सकते हैं।गर्मियों में स्प्राउट और कच्चे आम के सलाद को आसानी से खाया जा सकता है। लेकिन ध्यान रखें अगर आपको कोई बीमारी या एलर्जी की समस्या है, तो डॉक्टर से पूछ कर ही इसका सेवन करें।
- खानपान में गड़बड़ी और लाइफस्टाइल से जुड़ी गलत आदतों की वजह से दुनियाभर में हार्ट के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। दिल को स्वस्थ और बीमारियों से मुक्त रखने के लिए डाइट में हेल्दी चीजों को शामिल करना चाहिए। आइये इस लेख में विस्तार से जानते हैं 5 ऐसे सीड्स के बारे में, जो हार्ट को हेल्दी रखने और बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं।हार्ट को हेल्दी और बीमारियों से बचाने के लिए खाएं ये सीड्स-1. चिया सीड्स-चिया सीड्स का सेवन शरीर के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। इनमें मौजूद गुण और पोषक तत्व दिल को हेल्दी रखने और बीमारियों के खतरे को कम करने में मदद करते हैं। चिया सीड्स में फाइबर, एंटी-ऑक्सीडेंट और ओमेगा 3 फैटी एसिड की मात्रा होती है, जो हार्ट के लिए बहुत जरूरी होते हैं। नियमित रूप से इसका सेवन करने से हार्ट को हेल्दी रखने में मदद मिलती है।2. अलसी के बीजअलसी के बीज या फ्लैक्स सीड्स हार्ट के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड और अल्फा लिनोलेनिक एसिड की अच्छी मात्रा पायी जाती है। इसका नियमित रूप से सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है और हाई ब्लड प्रेशर के खतरे को कम करने में मदद मिलती है। यही नहीं अलसी के बीज का सेवन करने से धमनियों में सूजन से भी बचाव होता है।3. सूरजमुखी के बीजसूरजमुखी के बीज अनेकों पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। इनमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण हार्ट के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। इसके अलावा सूरजमुखी के बीज में पॉलीसैचुरेटेड फैटी एसिड, विटामिन और फ्लेवोनॉइड जैसे पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में होते हैं, जो दिल से जुड़ी बीमारियों के जोखिम को कम करने और हार्ट को हेल्दी रखने में मदद करते हैं।4. तिल के बीजतिल के बीज का सेवन करने शरीर को स्वस्थ रखने के साथ हार्ट को बीमारियों से बचाने में भी मदद मिलती है। इसमें ओलिक एसिड की पर्याप्त मात्रा होती है, जो कोलेस्ट्रॉल को बढऩे से रोकने में मदद करते हैं और शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मदद मिलती है।5. कलौंजी के बीजकलौंजी के बीज में आयरन, सोडियम, फाइबर, मैग्नीशियम और कैल्शियम जैसे पोषक तत्व अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। इसका सेवन करने से हार्ट को मजबूत बनाने में मदद मिलती है। इसके अलावा, कलौंजी के बीज में प्रोटीन और अमीनो एसिड भी पाया जाता है, जो हार्ट को हेल्दी रखने में मदद करता है।इसके अलावा नियमित रूप से ताजे फल, हरी सब्जियों का भी सेवन करना चाहिए। स्मोकिंग और शराब का सेवन न करने से हार्ट की बीमारियों का खतरा काफी कम होता है। हार्ट को हेल्दी रखने के लिए नियमित रूप से एक्सरसाइज जरूर करें।
- यूरिक एसिड हमारे खून में मौजूद एक केमिकल है जो खाद्य पदार्थों के सेवन के बाद निर्मित होता है। शरीर में इसका निर्माण प्यूरीन मटर, पालक, मशरूम, सेम, चिकन आदि खाने से होता है। शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने के कारण जोड़ों में दर्द, हड्डियों से जुड़ी परेशानी और जोड़ों में सूजन का खतरा रहता है। शरीर में बढ़े यूरिक एसिड को कम करने के लिए लोग तमाम तरह के उपाय अपनाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं, नींबू और शहद का सेवन शरीर में बढ़े यूरिक एसिड को कम करने में मदद करते हैं। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं, शरीर में बढ़े यूरिक एसिड को कम करने के लिए नींबू और शहद के फायदे।हाई यूरिक एसिड में नींबू और शहद खाने के फायदेशरीर में जब प्यूरीन की मात्रा बढ़ जाती है तो किडनी से यूरिक एसिड सही ढंग से फिल्टर नहीं हो पाता है जिसकी वजह से शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने लगती है। आरोग्यं हेल्थ सेंटर के क्लीनिकल डाइटिशियन डॉ वीडी त्रिपाठी कहते हैं, "शरीर में बढ़े यूरिक एसिड को कम करने के लिए नींबू और शहद का एक साथ सेवन बहुत फायदेमंद होता है। नींबू में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट, साइट्रिक एसिड, विटामिन सी शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। इसके अलावा शहद में भी एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं। यह शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाने और यूरिक एसिड को फिल्टर करने में मदद करते हैं।"यूरिक एसिड में नींबू और शहद के फायदे इस तरह से हैं--यूरिक एसिड की मात्रा कम करना- नींबू और शहद में मौजूद विटामिन सी, साइट्रिक एसिड यूरिक एसिड की मात्रा को कम कम करने में मदद करते हैं।-एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण- शहद के एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण भी यूरिक एसिड को कम करने में मदद कर सकते हैं और यूरिक एसिड के निर्माण को रोक सकते हैं।कैसे करें नींबू और शहद का सेवन?1. नींबू पानी- रोजाना सुबह गर्म पानी में नींबू का रस और शहद मिलाकर पीने से यूरिक एसिड की मात्रा को कम किया जा सकता है।2. नींबू और शहद की चाय- नींबू का रस और शहद को चाय के रूप में पिया जा सकता है। यह एक स्वादिष्ट और स्वस्थ विकल्प हो सकता है जो यूरिक एसिड को कम करने में मदद कर सकता है।3. नींबू का रस और शहद का मिश्रण- एक चमच नींबू का रस और दो चमच शहद को गर्म पानी में मिलाकर पीने से भी यूरिक एसिड की मात्रा को कम किया जा सकता है।शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने पर आपको खानपान और जीवनशैली में सुधार जरूर करना चाहिए। शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने पर प्यूरीन से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसे फूड्स जिनमें प्यूरीन की मात्रा अधिक होती है उसका सेवन बहुत कम मात्रा में करना चाहिए।
- सुबह के समय हर किसी को नाश्ता बनाने् की जल्दी होती है। ऐसे में पोहा बनाने से बेहतर क्या हो सकता है? यह स्वादिष्ट होने के साथ हेल्दी भी होता है। साथ ही, इसे कम लागत में जल्दी तैयार किया जा सकता है। कई लोग अपनी डेली डाइट में पोहे का सेवन जरूर करते हैं। लेकिन क्या हो अगर आप इसे रोज इसे गलत तरीके से बना रहे हो? इससे यह फायदे की जगह शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है। आइए इस लेख के माध्यम से जानें पोहा को हेल्दी बनाने के लिए कुछ टिप्स।पोहा हेल्दी बनाने के लिए अपनाएं ये खास टिप्सपोहे में प्रोटीन एड करेंपोहा हल्का होने के कारण आपको इसके सेवन से जल्दी भूख लग सकती है। इसलिए पोहा बनाते वक्त इसमें थोड़ा प्रोटीन एड करें। प्रोटीन बढ़ाने के लिए आप इसमें कद्दुकस किया हुआ पनीर, टोफू या स्प्राउट्स मिला सकते हैं। प्रोटीन बढ़ाने से आपको इसके सेवन से काफी देर तक भूख नहीं लगेगी। साथ ही, आपको नाश्ते में प्रोटीन की अच्छी मात्रा मिलेगी।नमक और चीनी कम रखेंअगर आप भी पोहा में नमक और मीठा ज्यादा लेते हैं, तो यह आपको फायदा नहीं करेगा। इससे आपको कब्ज, गैस या अपच जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए पोहा बनाते वक्त इसमें नमक और मिठास कम ही रखें। हेल्दी ऑप्शन के लिए आप सेंधा नमक और मिठास के लिए शहद ले सकते हैं। इससे इसका स्वाद और पोषक तत्व दोनों बने रहेंगे।ज्यादा सब्जी डालें-पोहे को हेल्दी बनाने के लिए इसमें ज्यादा से ज्यादा सब्जी एड करें। सब्जियों में फाइबर होता है, जिससे इसके सेवन से आपको कब्ज, एसिडिटी या अपच जैसी समस्याएं नहीं होंगी। पोहा बनाने के लिए आप इसमें अपनी पसंद की कितनी भी सब्जियां एड कर सकते हैं।नट्स डालें-पोहे में नट्स डालने से आपको हेल्दी फैट्स भी मिलेंगे। इसलिए पोहा बनने के बाद आप इसमें भूने हुए काजू, बादाम और मूंगफली डाल सकते हैं। इससे आपको पोषक तत्वों की मात्रा भी अधिक मिलेगी।हेल्दी कूकिंग ऑयल इस्तेमाल करेंज्यादातर लोगों को पता नहीं होता कि पोहा बनाने के लिए कौन-सा तेल इस्तेमाल करना चाहिए। अगर तेल इस्तेमाल करने से आपको इसके पोषक तत्व नहीं मिलेंगे। इसलिए पोहा बनाने के लिए सरसों का तेल, नारियल तेल या ऑलिव ऑयल ही इस्तेमाल करें। इसके अलावा, पोहा बनाते वक्त कम से कम तेल ही इस्तेमाल करें।पोहा में नींबू भी डालेंपोहा बनाते वक्त इसमें नींबू का रस डालने से स्वाद बढ़ जाता है। इससे आपको विटामिन-सी भी भरपूर मिलता है। इसलिए पोहा में खट्टा-मीठा स्वाद लाने के लिए आप नींबू का रस डाल सकते हैं। लेकिन अगर आप चाय-कॉफी के साथ पोहा खा रहे हैं, तो इसमें नींबू एड न करें।