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- बेसन और गुलाब जल, दो ऐसी चीजें हैं, जिनका इस्तेमाल स्किन केयर के लिए सदियों से किया जा रहा है। ये दोनों ही इंग्रेडिएंट्स त्वचा संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं। साथ ही, त्वचा की खूबसूरती को बढ़ाने में मदद करते हैं। दरअसल, बेसन त्वचा को एक्सफोलिएट करता है। यह त्वचा पर मौजूद डेड स्किन सेल्स, गंदगी और एक्स्ट्रा ऑयल को हटाने में मदद करता है। साथ ही, त्वचा की रंगत को सुधारने में भी मददगार होता है। वहीं, गुलाब जल त्वचा को ठंडक प्रदान करता है। साथ ही, यह त्वचा की जलन और खुजली को दूर करने में भी मदद करता है। आमतौर पर, लोग बेसन और गुलाब जल को चेहरे पर अलग-अलग लगते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर बेसन और गुलाब जल को मिक्स करके चेहरे पर लगाया जाए, तो इससे कई तरह की स्किन प्रॉब्लम्स को दूर हो सकती हैं? जी हां, बेसन और गुलाब जल को मिलाकर चेहरे पर लगाने से त्वचा के दाग-धब्बों, मुंहासों, पिगमेंटेशन और टैनिंग की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। साथ ही, त्वचा का निखार बढ़ता है ।चेहरे का ग्लो बढ़ाएचेहरे पर बेसन और गुलाब जल लगाने से त्वचा पर निखार आता है। दरअसल, ये दोनों त्वचा के दाग-धब्बों, टैनिंग और पिगमेंटेशन को दूर करने में मदद करते हैं। साथ ही, त्वचा की रंगत को सुधारते हैं। नियमित रूप से इसका इस्तेमाल करने से त्वचा मुलायम और चमकदार नजर आती है।डेड स्किन सेल्स रिमूव करेत्वचा पर जमे डेड स्किन सेल्स को रिमूव करने के लिए आप बेसन और गुलाब जल का इस्तेमाल कर सकते हैं। दरअसल, बेसन त्वचा को एक्सफोलिएट करने में मदद करता है। वहीं, गुलाब जल भी त्वचा पर मौजूद गंदगी और डेड स्किन सेल्स को रिमूव करने में मदद करता है। साथ ही, यह त्वचा को टोन भी करता है। इसके लिए आप बेसन में गुलाब जल मिलाकर चेहरे पर अप्लाई करें और कुछ देर तक स्क्रब करें। इससे चेहरे को साफ और फ्रेश बनाए रखने में मदद मिलेगी।मुंहासों से छुटकारा दिलाएचेहरे पर बेसन और गुलाब लगाने से मुंहासों की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। दरअसल, बेसन और गुलाब जल, दोनों ही त्वचा पर जमा गंदगी और अतिरिक्त तेल को साफ करने में मदद करते हैं। साथ ही, त्वचा को ठंडक भी पहुंचाते हैं और सूजन को कम करने में मदद करते हैं। कुछ दिनों तक नियमित रूप से इसका इस्तेमाल करने से धीरे-धीरे मुंहासे कम होने लगेंगे।टैनिंग को कम करेबेसन और गुलाब जल का मिश्रण स्किन की टैनिंग को हटाने में बेहद प्रभावी साबित हो सकता है। इसके नियमित इस्तेमाल से त्वचा की रंगत में भी सुधार हो सकता है। साथ ही, यह त्वचा की रंगत को समान बनाने में मदद करता है।त्वचा में कसाव लाएबेसन और गुलाब का मिश्रण चेहरे पर लगाने से त्वचा में कसाव आता है और ओपन पोर्स को श्रिंक करने में मदद मिलती है। साथ ही, इससे चेहरे पर होने वाली झुर्रियां और फाइन लाइंस भी कम हो सकती हैं। इसके नियमित इस्तेमाल से त्वचा यंग और टाइट दिखती है।चेहरे पर बेसन और गुलाब जल कैसे लगाएं?-आप चेहरे पर बेसन और गुलाब जल को मिक्स करके लगा सकते हैं। इसके लिए आप एक कटोरी में 2 चम्मच बेसन लें। इसमें 2 चम्मच गुलाब जल डालकर अच्छी तरह मिक्स कर लें। अब इस पेस्ट को अपने चेहरे पर लगाएं और सूखने के लिए छोड़ दें। करीब 15 मिनट बाद चेहरे को पानी से धो लें। बेहतर रिजल्ट के लिए आप सप्ताह में 2-3 बार इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
- फ्रोजन कॉर्न आजकल लोगों की जिंदगी का हिस्सा बन गया है। मैगी हो, पास्ता हो या फिर फ्राइड राउस और सैंडविच लोग फ्रोजन कॉर्न का इस्तेमाल जरूर करते हैं। लोग फ्रोजन कॉर्न को उबालकर और भूनकर खाते हैं और इससे अपने खाने का स्वाद बढ़ाते हैं। लेकिन, सवाल यह है कि क्या बाकी फ्रोजन फूड्स की तरह ही फ्रोजन कॉर्न का सेवन सेहत के लिए फायदेमंद है? क्या इसे खाना सेहत के लिए सुरक्षित है। आइए, जानते हैं इस बारे में .....क्या फ्रोजन कॉर्न खाना सुरक्षित है-फ्रोजन कॉर्न का सेवन सेहत के लिए सुरक्षित है। लेकिन इसे सही तरीके से स्टोर करना और संभाला जाना चाहिए। यानी अगर आपने कॉर्न को सही तरीके से स्टोर नहीं किया है या तो इससे बैक्टीरियल ग्रोथ का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए, इसे अच्छी तरह से फ्रिजर में रखें क्योंकि ठंडक माइक्रोबियल ग्रोथ को धीमा कर देता है और यह कॉर्न को खराब होने से बचाता है। यह उन खाद्य पदार्थों की मुख्य विशेषता है जिन्हें हम फ्रोजन के रूप में रखते हैं। हालांकि, इस दौरान ध्यान देने की जरूरत है कि आप फ्रोजन कॉर्न की क्वाविलिटी पर नजर रखें। अगर आपको इसमें थोड़ा का भी फंगस नजर आता है या फिर किसी भी प्रकार का बैक्टीरियल ग्रोथ नजर आता है या स्मेल आती है तो आपको कॉर्न खाने से बचना चाहिए। इसके अलावा आपको इन बातों का भी ध्यान रखना चाहिए। जैसे कि-एक्सपायरी डेट पर नजर रखें। सुनिश्चित करें कि फ्रोजन कॉर्न अपनी एक्सपायरी डेट या बेस्ट बाय डेट के भीतर हो।-फ्रीजर बर्न और बैक्टीरिया के विकास को रोकने के लिए फ्रोजन कॉर्न को 0°F (-18°C) या उससे कम तापमान पर स्टोर करें।-इस्तेमाल से पहले हमेशा, फ्रोजन कॉर्न को रेफ्रिजरेटर, ठंडे पानी या माइक्रोवेव में पिघलाएं।-अच्छी तरह से पकाएं। खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए फ्रोजन कॉर्न को 165°F (74°C) के आंतरिक तापमान पर पकाएं।-खाने से पहले, खराब होने के संकेतों, जैसे कि खराब गंध, चिपचिपा बनावट या मोल्ड के लिए फ्रोजन कॉर्न को चेक करें।-विश्वसनीय ब्रांडों और खुदरा विक्रेताओं से फ्रोजन कॉर्न खरीदें।-पैकेज पर दिए गए खाना पकाने और भंडारण निर्देशों का पालन करें।-साफ बर्तनों का इस्तेमाल करें जिससे फ्रोजन कॉर्न खराब न हो और इस तरह सेफूड प्वाइजनिंग का खतरा भी कम होता है।क्या है फ्रोजन कॉर्न के सेवन का सुरक्षित तरीकाइसके अलावा आपको फ्रोजन कॉर्न के सेवन से पहले इसके इस्तेमाल का सही तरीका जान लेना चाहिए। जैसे कि हमेशा फ्रोजन कॉर्न को बनाने से पहले इसे पानी में कुछ मिनटों के लिए भिगोकर रखें। इसके बाद आपको करना यह है कि कॉर्न को गर्म पानी में डालकर अच्छी तरह से उबाल लें। आप इसे हल्के पानी और भाप की मदद से भी पका सकते हैं और फिर नमक और बाकी मसाले मिलाकर खा सकते हैं।ध्यान रखें कि अधपके कॉर्न के सेवन से बचें। ऐसा करने से आपके पेट में दर्द हो सकता है और डाइजेशन से जुड़ी समस्याओं को सामना करना पड़ सकता है। इसलिए जब भी कॉर्न बनाएं उससे पहले उबले हुए कॉर्न को छूकर देख लें। अगर कॉर्न सॉफ्ट हैं तो आप अपनी रेसिपी में इसे शामिल कर सकते हैं या फिर आप इसे खा सकते हैं।इन तमाम बातों के अलावा कोशिश करें कि पैकेज पर दिए गए खाना पकाने और भंडारण निर्देशों का पालन करें। साफ बर्तन और सतहों का उपयोग करें। फूड इंफेक्शन को रोकने के लिए जमे हुए मकई को साफ बर्तनों और साफ सतहों पर निकालकर अच्छी तरह से वॉश कर लें। इन सुरक्षा उपायों का पालन करके, आप खाद्य जनित बीमारी के जोखिम को कम कर सकते हैं और फ्रोजन कॉर्न को सुरक्षित तरीके से खा सकते हैं। हालांकि, कोशिश करें कि फ्रोजन की जगह फ्रेश कॉर्न का ज्यादा सेवन करें।
- गर्मियों में जिस बात का डर सबसे अधिक सताता है वह है धूप में रहने से स्किन का डार्क होना । इसे सन टैन या स्किन टैनिंग भी कहा जाता है। सन टैनिंग के कारण स्किन का रंग डार्क दिखायी देने लगता है, स्किन छूने पर रफ और हार्ड महसूस होती है। ऐसे में स्किन को धूप से बचाने की कोशिश करें। इसके अलावा अपनी स्किन पर ऐसी चीजें आप अप्लाई कर सकते हैं जो धूप से झुलसी स्किन को आराम दिलाती हैं और स्किन को क्लियर और ग्लोइंग रखने में मदद करे।चेहरे पर बर्फ लगाएंआइस क्यूब से चेहरे की मालिश करने से स्किन को सन बर्न से आराम मिलता हैै। इसी तरह स्किन पर ग्लो भी आता है।ठंडे पानी से करें फेस वॉशधूप से लौटने के बाद आप सबसे पहले अपने चेहरे पर ठंडे पानी के छींटे मारें। ठंडे पानी से चेहरा धोने से स्किन को आराम मिलता है और इससे स्किन की सफाई होती है।स्किन पर लगाएं एलोवेरा जेलगर्मियों में धूप से स्किन डैमेज होने पर एलो वेरा जेल लगाने से आराम मिलता है। आप अगर धूप में रहते हैं तो घर लौटने के बाद एलो वेरा जेल से चेहरे की मालिश करें।खीरे का रस लगाएंस्किन पर खीरे का रस लगाने से भी सन डैमेज से आराम मिलता है। इससे स्किन काली नहीं पड़ती और स्किन पर ग्लो आता है।दही का फेस पैकचेहरे पर दही का फेस पैक लगाने से स्किन को ठंडक मिलती है। दही में मौजूद तत्व स्किन को नरिशमेंट देते हैं और स्किन की सफाई भी करते हैं।सन प्रोटेक्शन के लिए करें ये कामधूप में जानें से पहले चेहरे पर सनस्क्रीन लगाएं। इसी तरह हैट और चश्मे का इस्तेमाल करें। स्किन को हेल्दी रखने के लिए रोजाना 2-3 लीटर पानी पिएं और हेल्दी डाइट अपनाएं।
- ज्यादातर वेजिटेरियन लोग प्रोटीन की पूर्ति के लिए पनीर का सेवन करते हैं। लेकिन, आपको यह जानकर हैरानी होगी कि मार्केट में धड़ल्ले से नकली पनीर भी बिक रहा है। हर कोई असली और नकली पनीर के बारे में जानना चाहता है। तो आइए, जानते हैं कि असली और नकली पनीर की पहचान कैसे करें....पहला तरीका- पनीर को दबाकर देखेंआप पनीर को दबाकर असली और नकली की पहचान कर सकते हैं। अगर दबाते हुए पनीर टूटने लगता है, तो समझ लें कि पनीर असली है। वहीं, नकली पनीर टूटता नहीं है और रबड़ की तरह खिंचता है। अगर पनीर बेहद सख्त है, तो यह नकली पनीर हो सकता है। असली पनीर सॉफ्ट और स्पंजी होता है। इस तरीके से आप घर पर आसानी से असली और नकली पनीर की पहचान कर सकते हैं। नकली पनीर खाते समय रबड़ की तरह खिंच सकता है।दूसरा तरीका- पानी में उबालकरअसली और नकली पनीर की पहचान करने का यह तरीका बेहद आसान है। इसके लिए आप पनीर को पानी में उबालकर ठंडा कर लें। अब इसमें कुछ बूंदें आयोडीन टिंचर की डालें। अगर पनीर का रंग नीला या काला पड़ जाए, तो यह नकली पनीर हो सकता है। ऐसे में आपको इस पनीर को खाने से पूरी तरह बचना चाहिए।तीसरा तरीका- आयोडीन सोल्यूशनआप आयोडीन सोल्यूशन में घोलकर असली और नकली पनीर की पहचान कर सकते हैं। इसके लिए आप एक गिलास में थोड़ा-सा आयोडीन सोल्यूशन लें। इसमें पनीर का एक छोटा-सा टुकड़ा डालें। अब एक चम्मच की मदद से पनीर को मसलें। अगर पानी का रंग बदल जाता है, तो यह नकली पनीर है। असली पनीर से पानी के रंग में कोई बदलाव नहीं आता है। आयोडीन सोल्यूशन से पता चलता है कि पनीर में स्टार्च है या नहीं।चौथा तरीका- तवे पर गर्म करकेआप तवे पर पनीर को गर्म करके भी असली और नकली की पहचान कर सकते हैं। इसके लिए आप एक तवे पर पनीर को गर्म करें। असली पनीर हल्का सुनहरे रंग का होने लगता है। वहीं, नकली पनीर पिघलने लगता है और टूट जाता है। इसलिए आपको उसी पनीर को खाना चाहिए, जो गर्म करने पर सुनहरा होने लगे।नकली पनीर खाने के नुकसाननकली पनीर सेहत के लिए बेहद नुकसानदायक हो सकता है। नकली पनीर खाने से किडनी को नुकसान पहुंच सकता है। इसमें मौजूद केमिकल्स डाइजेशन को प्रभावित कर सकते हैं। नकली पनीर खाने के बाद आपको पेट दर्द और उल्टी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। कुछ लोगों को नकली पनीर खाने से स्किन एलर्जी का भी सामना करना पड़ सकता है। इसलिए अगर आप घर पर पनीर बना रहे हैं, तो पहले असली और नकली पनीर की पहचान जरूर करें।
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गर्मियों में धूप में रहने औऱ गर्मी से स्किन डार्क और रफ हो जाती है। इससे चेहरा डल और काला दिखायी देने लगता है। इसे सनटैनिंग कहा जाता है। सनटैन या टैनिंग को कम होने में महीनों का समय लग जाता है। वहीं, कई बार स्किन को इतना अधिक डैमेज हो जाता है कि स्किन पर लाल रंग के रैशेज दिखायी देने लगते हैं। स्किन को राहत दिलाने और सनटैनिंग को साफ करने के लिए आप नारियल तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं।नारियल तेल से सन टैन कैसे साफ होता है?
नारियल के तेल में कूलिंग एजेंट होते हैं जो स्किन को सनबर्न और जलन से राहत दिलाते हैं और साथ ही स्किन की रंगत निखारते हैं। साथ ही नारियल का तेल स्किन को अंदर तक पोषण देता है और स्किन को हाइड्रेटेड रखता है। यहां पढ़ें गर्मियों में डार्क स्किन को साफ करने के लिए नारियल तेल का इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है।
शहद के साथ नारियल तेल का पैकस्किन की डीप क्लिनिंग के लिए शहद अप्लाई किया जा सकता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीफंगल तत्व होते हैं। साथ ही शहद स्किन को हाइड्रेटेड रखता है। आप नारियल के तेल में बराबर मात्रा में शहद मिक्स करें और इस पेस्ट को चेहरे पर लगाएं। फिर 20 मिनट बाद चेहरे को साफ करें।शक्कर और नारियल तेलस्किन को एक्सफॉलिएट करने के लिए नारियल तेल में 1-2 चम्मच शक्कर मिलाएं। फिर, इससे स्किन पर 10 मिनट के लिए लगाएं। अब रगड़कर इसे साफ करें और फिर गुनगुने पानी से स्किन साफ कर लें।हल्दी और नारियल तेलस्किन प्रॉब्लम्स से आराम पाने के लिए हल्दी और नारियल तेल का पैक (Coconut Oil and Turmeric face pack) भी लगाया जा सकता है। यह बैक्टेरिया को खत्म करता है और स्किन को साफ भी करता है। नारियल के तेल और हल्दी पाउडर को मिक्स करके एक पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को चेहरे पर 20-25 मिनट के लिए लगाएं और फिर पानी से साफ कर लें।दही के साथ नारियल तेलयह एक बढ़िया फेस पैक है। आप आधी कटोरी दही में 2-3 चम्मच नारियल का तेल मिलाएं और पूरे शरीर पर यह पैक लगाएं। - जब तेज प्यास लगती है तब मन होता है कि कुछ ऐसा मिल जाए तो शरीर और मन दोनों को शांत कर दे। धूप में रहने के बाद या बहुत अधिक थकान होने पर शरीर को पानी के साथ-साथ कुछ पोषक तत्वों की भी जरूरत पड़ती है जो शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स बैलेंस बनाने में मदद करें और एनर्जी भी दे। सौंफ और मिश्री का पानी ऐसा ही एक ड्रिंक है जो लोगों को हाइड्रेटेड रखने के साथ-साथ शरीर का एनर्जी लेवल भी बढ़ाने का भी काम करता है। सौंफ के दाने और मिश्री का पानी शरीर को ताजगी और ठंडक देने का काम करता है और साथ ही पेट से जुड़ी समस्याओं से भी आराम दिलाता है। यहां पढ़ें मिश्री और सौंफ का पानी तैयार करने का तरीका और सौंफ-मिश्री का पानी पीने के स्वास्थ्य लाभ।सौंफ और मिश्री का पानी तैयार करने का तरीकापहला तरीका-एक लीटर पानी में 3-4 चम्मच सौंफ के बीज ( Fennel seeds) भिगोएं। इसे रातभर के लिए ढंककर रख दें।-अगले दिन सुबह इस पानी में एक टुकड़ा मिश्री का पाउडर मिलाएं।-इस पानी को सुबह खाली पेट पिएं।दूसरा तरीका-आधा लीटर पानी के साथा 3 चम्मच सौंफ और थोड़ी-सी मिश्री को उबाल लें।-इस मिश्रण को तब तक उबालना है जब तक कि पानी पककर आधा ना हो जाए।-जब मिश्रण अच्छी तरह पककर गाढ़ा हो जाए तो इसे गैस से उतार लें और ठंडा होने के लिए एक तरफ रख दें। फिर किसी बोतल में भरकर फ्रिज में रख दें।-जब भी कुछ रिफ्रेशिंग पीने का मन हो तब आप सौंफ-मिश्री के इस घोल को एक गिलास ठंडे पानी में मिक्स करें और तुरंत पिएं।सौंफ और मिश्री का पानी पीने के फायदे क्या हैं?बढ़ती है पाचन शक्ति-सौंफ और मिश्री का पानी पीने से पाचन शक्ति बढती है। इससे आपका डाइजेशन ठीक रहता है और एसिडिटी, गैस और पेट में दर्द जैसी शिकायतें कम होती हैं।बॉडी टेम्परेचर रहता है संतुलित-शरीर का बढ़ा हुआ तापमान संतुलित रखने के लिए सौंफ और मिश्री का पानी पीने से फायदा होता है। सौंफ-मिश्री शरीर का टेम्परेचर ठीक रखता है।कई बीमारियों का एक इलाज है सौंफ-मिश्री का पानी, वेट लॉस से लेकर मेंटल हेल्थ के लिए है अच्छासांसों की दुर्गंध से राहतओरल हेल्थ को बेहतर बनाने के लिए आप मिश्री और सौंफ का सेवन कर सकते हैं। मिश्री-सौंफ का पानी पीने से भी ओरल हेल्थ बेहतर होती है। सौंफ और मिश्री से मुंह से दुर्गंध की समस्याभी कम होती है।
- र्मियों में बॉडी को हाइड्रेट रखने की जरूरत ज्यादा होती है। क्योंकि, वातावरण में तापमान बढ़ने से शरीर का तापमान बढ़ जाता है। ऐसे में बॉडी डिहाइड्रेट होना शुरू हो जाती है, जिस कारण उल्टी, मतली और चक्कर आने जैसी समस्याएं होने लगती हैं। इसलिए गर्मियों में शरीर को ठंड़ा रखने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन ज्यादा किया जाता है। इन्हीं में गोंद कतीरा और चिया सीड्स का नाम भी शामिल है। ये दोनों ही बॉडी को हाइड्रेट रखने में मदद करती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं शरीर को ठंड़ा रखने के लिए इनमें से क्या ज्यादा बेहतर है?गर्मियों में गोंद कतीरा खाने के फायदेगर्मियों में गोंद कतीरा का सेवन करने से बॉडी हाइड्रेट रहती है। गोंद कतीरा नेचुरल कूलिंग एजेंट होता है इसलिए गर्मियों में इसका सेवन ज्यादा किया जाता है। गोंद कतीरा में कैल्शियम और मैग्नीशियम मौजूद होते हैं। इसे डेली डाइट में शामिल करने से हड्डियां और मांसपेशियां मजबूत होती हैं। गोंद कतीरा में सॉल्युबल फाइबर होता है, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है। इसके सेवन से अपच, कब्ज और एसिडिटी जैसी समस्याएं ठीक होती हैं। पानी में भिगोकर रखने पर यह पानी ज्यादा सोखता है जिससे स्किन हेल्थ इंप्रूव होती है।गर्मियों में चिया सीड्स खाने के फायदे-गर्मियों में चिया सीड्स का सेवन करना भी बहुत फायदेमंद होता है। इसे पानी में भिगोकर रखने से इसका साइज भी कई गुना बढ़ जाता है। इसमें भी कई तरह से पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसमें प्लांट बेस्ड ओमेगा-3 और प्रोटीन, फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट्स और कई तरह के मिनरल्स पाए जाते हैं। इसके सेवन से हार्ट हेल्थ इंप्रूव होती है और ब्लड शुगर कंट्रोल रखने में मदद मिलती है। इसके सेवन से काफी देर तक भूख नहीं लगती है, जिससे वेट लॉस करना भी आसान हो जाता है। चिया सीड्स में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं, जो बॉडी में इंफ्लेमेशन कम करने में मदद करते हैं।शरीर को ठंड़ा रखने के लिए क्या ज्यादा बेहतर है?शरीर को ठंड़ा रखने के लिए गोंद कतीरा चिया सीड्स से ज्यादा बेहतर है। क्योंकि, यह चिया सीड्स से ज्यादा पानी सोखता है और इसकी तासीर ज्यादा ठंड़ी होती है। लेकिन अगर आपको पोषक तत्व ज्यादा चाहिए, तो आप चिया सीड्स चुन सकते हैं। क्योंकि, इसमें प्रोटीन और ओमेगा-3 ज्यादा मौजूद होता है।निष्कर्षशरीर को ठंड़ा रखने के लिए गोंद कतीरा चिया सीड्स से ज्यादा बेहतर है। क्योंकि इसकी तासीर ठंड़ी ज्यादा होती है और यह पानी भी ज्यादा सोखता है। अगर आप वेट लॉस करना चाहते हैं या न्यूट्रिशन बढ़ाना चाहते हैं, तो आप चिया सीड्स चुन सकते हैं। लेकिन अगर आपको कोई हेल्थ इशु रहता है, तो आपको डॉक्टर की सलाह पर ही इसका सेवन करना चाहिए।
- आजकल की तेजी से बदलती मॉडर्न लाइफस्टाइल और प्रदूषण के कारण त्वचा संबंधी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। झाइयां और दाग-धब्बे ऐसी ही समस्याएं हैं जो न केवल खूबसूरती को कम करती हैं, बल्कि आत्मविश्वास पर भी असर डालती हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए लोग महंगे कॉस्मेटिक्स और ट्रीटमेंट्स का सहारा लेते हैं, लेकिन आयुर्वेद में इन समस्याओं का हल नेचुरल जड़ी-बूटियों के माध्यम से संभव है। जटामांसी, जिसे बालछड़ भी कहा जाता है, आयुर्वेद में एक जरूरी औषधि है। यह दाग-धब्बों को हल्का करने और त्वचा को निखारने में मदद कर सकता है।झाइयों और दाग-धब्बों के लिए जटामांसीबाजार में मिलने वाली जटामांसी में 90 प्रतिशत शुद्ध नहीं होती है। इसमें से तेल पहले ही निकाला जा चुका होता है, जिससे इसकी क्वालिटी खराब हो जाती है। इसलिए, जटामांसी खरीदते समय सुनिश्चित करें कि यह ऑरिजनल और अच्छी क्वालिटी की हो। जटामांसी त्वचा को गहराई से साफ करती है और नमी प्रदान करने में सहायक हो सकती है, साथ ही यह मृत कोशिकाओं यानी डेड स्किन सेल्स को हटाकर त्वचा को निखारती है। इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण त्वचा को ग्लोइंग और हेल्दी बनाते हैं।जटामांसी में मौजूद प्राकृतिक तत्व त्वचा की रंगत को सुधारने और दाग-धब्बों को कम करने में मदद करते हैं। जटामांसी में एंटी-एजिंग गुण होते हैं, जो त्वचा पर झुर्रियों और फाइन लाइन्स को कम कर सकते हैं। यह त्वचा की कोशिकाओं को पुनर्जीवित करने और उन्हें हेल्दी बनाए रखने में मदद कर सकती है। जटामांसी का उपयोग त्वचा को नेचुरल ग्लो प्रदान करता है, साथ ही यह त्वचा को पोषण देता है और उसे डिहाइड्रेशन से बचाता है।झाइयों और दाग-धब्बों के लिए जटामांसी का उपयोग कैसे करें?1. जटामांसी पाउडर और दूध का फेस पैक तैयार करके चेहरे पर लगा सकते हैं। इसके लिए 1 चम्मच जटामांसी पाउडर लें और इसमें 2 चम्मच कच्चा दूध मिलाकर पेस्ट तैयार करें। इस पेस्ट को अपने चेहरे पर लगाएं और 15-20 मिनट के लिए छोड़ दें। समय पूरा होने पर ताजे पानी से चेहरा साफ करें। यह फेस पैक झाइयों को हल्का करने और त्वचा को नमी प्रदान करने में मदद करता है।2. जटामांसी और एलोवेरा जेल का उपयोग भी साथ में किया जा सकता है। लेकिन इसके लिए ध्यान रखें कि आपको एलोवेरा से एलर्जी न हो। 1 चम्मच जटामांसी पाउडर में 2 चम्मच एलोवेरा जेल मिलाएं और फिर इसे अपने चेहरे पर लगाकर हल्के हाथों से मसाज करें। इसे 15 मिनट के लिए छोड़ दें और फिर धो लें। यह त्वचा को हाइड्रेट करता है और दाग-धब्बों को कम करने में मदद करता है।3. जटामांसी के तेल का प्रयोग भी चेहरे पर किया जा सकता है। जटामांसी का तेल हल्के हाथों से अपने चेहरे पर लगाएं और फिर इसे रातभर के लिए छोड़ दें और सुबह धो लें। यह त्वचा को पोषण देता है और झाइयों को कम करने में सहायक हो सकता है।निष्कर्षजटामांसी आयुर्वेद का एक अनमोल खजाना है। इसके प्राकृतिक गुण त्वचा को हेल्दी बनाने में मदद करते हैं। हालांकि, इसका उपयोग करते समय सावधानी बरतनी चाहिए और हमेशा अच्छी क्वालिटी वाली जटामांसी का ही चयन करना चाहिए। आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह लेकर इसका सही तरीके से उपयोग करें।
- अगर आप अपने चेहरे के लिए कोई नेचुरल स्क्रब का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो आप घर पर चाय की पत्ती से ही बना सकते हैं। इस लेख में जानें इसे बनाने व इस्तेमाल का सही तरीका और इससे मिलने वाले फायदे।चाय पत्ती से बनाएं स्किन स्क्रबचाय पीने के बाद हम चाय पत्ती को वेस्ट समझकर फेंक देते हैं, लेकिन आपने भी इंटरनेट पर पढ़ा होगा कि इस्तेमाल के बाद भी चाय पत्ती के कई फायदे हैं और उनमें से एक फायदा स्किन के लिए भी है। अगर आप भी अपनी स्किन को नेचुरल निखार देने के लिए व हेल्दी रखने के लिए महंगे स्किन केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं, तो हम आपको ये देसी तरीके इस्तेमाल करने की सलाह एक बार जरूर देंगे। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि आप कैसे अपने चेहरे के लिए इस्तेमाल की हुई चायपत्ती का इस्तेमाल करके धूप व गर्मी से गायब हुआ नेचुरल निखार वापस पा सकते हैं।स्किन के लिए चाय पत्तीचाय बनने के बाद आप शायद चाय पत्ती को व्यर्थ समझ कर फेंक देते हैं, लेकिन इस्तेमाल की गई चाय पत्ती आपकी स्किन के काफी काम आ सकती है। क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटी-इंफ्लेमेटरी और अन्य कई गुण पाए जाते हैं, जो आपकी स्किन को हेल्दी रखते हैं।स्किन को मिलेंगे कई फायदेअगर आप इस्तेमाल की गई चाय की पत्ती को अपनी स्किन पर एक स्क्रब के रूप में लगाते हैं, तो इससे डेड स्किन सेल्स निकल जाते हैं, जिससे त्वचा जवां दिखने लगती है। साथ ही आपकी स्किन का नेचुरल निखार वापस आने लगता है। जिन लोगों को झाइयां व झुर्रियां रहती हैं, उनके लिए भी यह एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है।लगाने का तरीका आसानचाय बनने के बाद चाय की पत्ती को अलग एक कटोरी में डाल लें और धीरे-धीरे पानी से अच्छे से धो लें। अच्छे से धुलने के बाद इसमें से शुगर निकल जाएगी और अब आप इसे सुखा सकते हैं। सूखने के बाद आप इसे शहद के साथ मिक्स करके स्क्रब के रूप में अपने चेहरे पर लगा सकते हैं।किन बातों का रखें ध्यानचाय की पत्ती का इस्तेमाल करने से पहले आपको ध्यान रखना है कि इसमें से चीनी अच्छे से निकल चुकी है। साथ ही अगर आपको किसी तरह की एलर्जी या अन्य समस्या होती है, तो तुरंत मुंह को साफ पानी से धो लेना चाहिए। इस स्क्रब का इस्तेमाल करने के बाद किसी नेचुरल मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल जरूर करें।एक्सपर्ट्स की सलाहजिन लोगों की स्किन एलर्जिक है या बहुत ज्यादा सेंसिटिव है उन्हें किसी भी देसी नुस्खे का इस्तेमाल करने से पहले एक बार डर्मेटोलॉजिस्ट से सलाह ले लेनी चाहिए।
- डायबिटीज एक लाइलाज बीमारी है। आजकल खराब जीवनशैली, खानपान में पोषक तत्वों की कमी के कारण कम उम्र में ही लोगों को डायबिटीज की समस्या हो रही है। डायबिटीज केवल शुगर लेवल बढ़ने की बीमारी नहीं है, बल्कि यह पूरे शरीर के मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करती है। ऐसी स्थिति में शरीर को ऐसे पोषक तत्वों की जरूरत होती है जो ब्लड शुगर को संतुलित रखने, मांसपेशियों को मजबूत बनाए रखने में मदद करें। प्रोटीन एक ऐसा ही तत्व है, जो डायबिटीज के मरीज के लिए बहुत जरूरी होता है, लेकिन ज्यादातर लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं।डायबिटीज में प्रोटीन क्यों जरूरी है-जब डायबिटीज मैनेजमेंट की बात आती है, तो कार्बोहाइड्रेट और चीनी का ही जिक्र ज्यादा होता है। लेकिन डायबिटीज मैनेज के लिए प्रोटीन भी बहुत जरूरी पोषक तत्व है। खासकर भारत जैसे क्षेत्रों में, जहां आहार में कार्बोहाइड्रेट का सेवन इतनी ज्यादा मात्रा में किया जाता है और प्रोटीन को नजर अंदाज किया जाता है। प्रोटीन ब्लड शुगर को मैनेज करने में अहम भूमिका निभाता है। खाने में प्रोटीन को शामिल करने से यह कार्बोहाइड्रेट के पाचन को धीमा कर देता है। इससे ग्लूकोज में अचानक तेजी को रोकने में मदद मिलती है। प्रोटीन का सेवन करने से मानसिक संतुष्टि की भी प्राप्ति होती है, जिसकी वजह से मीठा और प्रोसेस्ड फूड खाने की क्रेविंग कम हो जाती है।डायबिटीज में प्रोटीन का सेवन न करने के नुकसान -प्रोटीन मांसपेशियों की मरम्मत और निर्माण में सहायक होता है, खासकर बुजुर्गों और वजन कम करने वाले मरीजों के लिए। स्वस्थ्य मांसपेशियां बेहतर इंसुलिन सेंसेटिविटी का समर्थन करती हैं, जिससे ब्लड शुगर को मैनेज करने में मदद मिलती है। उम्र बढ़ने के साथ डायबिटीज के मरीजों के लिए प्रोटीन का सेवन और भी ज्यादा जरूरी हो जाता है। आइए आगे जानते हैं डायबिटीज में प्रोटीन का सेवन न करने के नुकसान के बारे में।- कम प्रोटीन सेवन से शरीर में कमजोरी, थकान और सक्रियता की कमी हो सकती है।- यदि भोजन में पर्याप्त प्रोटीन न हो, तो ब्लड शुगर तेजी से ऊपर-नीचे हो सकता है, जिससे डायबिटीज का मैनेजमेंट मुश्किल हो सकता है।- डायबिटिक मरीजों में पहले से ही घाव धीरे भरते हैं और प्रोटीन की कमी इस प्रक्रिया को और भी धीमा कर सकती है।- डायबिटीज में प्रोटीन की कमी से बाल कमजोर हो सकते हैं। इस पोषक तत्व की कमी स्किन ड्राइनेस और पिंपल्स का भी कारण बनती है।- कम प्रोटीन से शरीर संक्रमणों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है।डायबिटीज के मरीजों के लिए प्रोटीन सोर्स-न्यूट्रिशनिस्ट के अनुसार, डायबिटीज के मरीज शरीर में प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए निम्नलिखित खाद्य पदार्थों को आहार का हिस्सा बना सकते हैं।- दालें और राजमा- अंकुरित अनाज- टोफू और पनीर (लो-फैट)- अंडे (सफेद भाग)- मछली और चिकन (बिना फैट)- सोया प्रोडक्ट्स- ग्रीक योगर्ट या लो-फैट दही- प्रोटीन युक्त नट्स (जैसे बादाम, अखरोट – सीमित मात्रा में)निष्कर्षडायबिटीज में प्रोटीन सिर्फ एक पोषक तत्व नहीं, बल्कि ब्लड शुगर मैनेजमेंट का एक अहम हिस्सा है। डायबिटीज के मरीजों में प्रोटीन की कमी होने से कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं, तो प्रोटीन के प्रति सतर्क रहें और इस विषय पर अपने डॉक्टर से बात करें।
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लौकी की सब्जी खाने की थाली में देखकर बच्चे ही नहीं बड़े भी कई बार नाक-मुंह बनाने लगते हैं। स्वाद में लौकी जैसी भी हो लेकिन आयुर्वेद में सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं मानी जाती है। लौकी में मौजूद फाइबर, विटामिन सी, बी6, फोलेट, मैग्नीशियम, पोटेशियम के साथ एंटीऑक्सीडेंट तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाकर हार्ट संबंधी समस्याओं से लेकर मधुमेह और मोटापे की समस्या को भी कंट्रोल रखने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा लौकी में मौजूद 92 प्रतिशत पानी गर्मियों में शरीर को हाइड्रेट रखने में मदद करता है। आइए जानते हैं रोजाना डाइट में लौकी का जूस शामिल करने से सेहत को मिलते हैं क्या गजब के फायदे।
लौकी के जूस में उच्च मात्रा में फाइबर होता है और साथ ही कई पॉवरफुल यौगिक भी होते हैं, जो कई बीमारियों को होने के रोकते हैं। यह जूस आपके दिल के स्वास्थ्य के लिए भी बहुत अच्छा है।
लौकी का जूस पीने से मिलते हैं ये 5 फायदे
वेट लॉस
लौकी के जूस में कैलोरी की मात्रा कम और फाइबर की अधिकता होती है। जिससे आपका पेट लंबे तक भर भरा हुआ महसूस होता है और आप ओवर ओवर ईटिंग करने से बच जाते हैं। जिसेस मोटापे और बढ़ते वजन को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है।
बेहतर पाचन तंत्र
लौकी के जूस का नियमित सेवन कब्ज, अपच और ब्लोटिंग की समस्या को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा इससे आंतों को स्वस्थ भी अच्छा बना रहता है।
शरीर रखे हाइड्रेट
लौकी में मौजूद 92 प्रतिशत पानी गर्मियों में शरीर को डिहाइड्रेशन से बचाता है। लौकी का सेवन शरीर को ठंडा और हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है, जिससे शरीर में पानी का संतुलन बना रहता है।
हृदय स्वास्थ्य
लौकी का जूस दिल की सेहत के लिए अच्छा होता है। इस जूस में कई पावरफुल एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद कर सकते हैं। जिससे हृदय स्वस्थ अच्छा बना रहता है।
ब्लड शुगर रखें नियंत्रित
लौकी का जूस ब्लड शुगर लेवल को स्थिर रखने में मदद करता है, जिससे मधुमेह रोगियों को डायबिटीज कंट्रोल रखने में मदद मिलती है। लौकी के जूस में मौजूद क्लोरोजेनिक एसिड इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाता है। इसमें विटामिन सी, विटामिन के, कैल्शियम और फाइबर भरपूर मात्रा में होती है, जो डायबिटीज मरीजों के लिए लाभकारी है।
कैसे बनाएं लौकी का जूस
लौकी का जूस बनाने के लिए सबसे पहले लौकी के छिलके निकालकर उसे अच्छी तरह धो लें। इसके बाद लौकी के छोटे-छोटे टुकड़े काटकर एक ब्लेंडर में डालें। लौकी के साथ ब्लेंडर में पुदीना पत्ती भी डालकर ब्लेंड करें। आपका टेस्टी लौकी का जूस बनकर तैयार है। इस जूस का स्वाद बढ़ाने के लिए आप इसमें जीरा पाउडर, नमक और काली मिर्च पाउडर डालकर सभी चीजों को अच्छी तरह मिला लें। आखिर में आप चाहे तो इसे ठंडा करने के लिए इसमें बर्फ भी डाल सकते हैं। -
फलों का राजा आम, ज्यादातर लोगों का पसंदीदा फल होता है। इसका स्वाद पसंद करने वाले लोग इसे खाने का बहाना ढूंढते रहते हैं। अगर आप भी आम खाने के शौकीन हैं और उसे लंच हो या डिनर, कभी भी किसी भी चीज के साथ खा लेते हैं तो सतर्क हो जाइए। आपकी ये आदत आपको बीमार बना सकती है। आइए जानते हैं 5 ऐसी हेल्दी चीजों के बारे में, जिन्हें आम के साथ खाने से बचना चाहिए।
आम के साथ नहीं खानी चाहिए ये चीजें
दही
आम के साथ दही खाने से पाचन संबंधी समस्याएं परेशान कर सकती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि दोनों ही चीजों की तासीर अलग है। ऐसे में इनका सेवन एक साथ करने से गैस, अपच या पेट दर्द की समस्या हो सकती है। इसके अलावा जब गर्म और ठंडी तासीर वाले पदार्थ एक साथ मिलते हैं, तो यह त्वचा पर फोड़े-फुंसी या एलर्जी का कारण भी बन सकते हैं।
मसालेदार भोजन
तीखे, मसालेदार खाद्य पदार्थ जैसे मिर्च, गरम मसाला या तला हुआ खाना आम के साथ खाने से पेट में जलन या एसिडिटी की समस्या पैदा करता कर सकता है।
ठंडे पेय
आम खाने के तुरंत बाद ठंडा पानी, कोल्ड ड्रिंक या आइसक्रीम खाने से पाचन तंत्र स्लो हो सकता है, जिससे पेट फूलने की समस्या हो सकती है। इसके अलावा आम और कोल्ड ड्रिंक दोनों ही अत्यधिक मीठे होते हैं। इनका एक साथ सेवन करने से शरीर में शर्करा का स्तर अचानक बढ़ सकता है, जिससे डायबिटीज़ रोगियों को खतरा हो सकता है।
प्रोसेस्ड फूड
चिप्स, बर्गर या जंक फूड जैसे प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ आम के साथ खाने से पाचन तंत्र पर दबाव पड़ता है और व्यक्ति को सूजन या भारीपन महसूस हो सकता है।
खट्टे फल
विटामिन-C से भरपूर आम में नेचुरल शुगर पाई जाती है। इसके साथ संतरा, नींबू या कीनू जैसे खट्टे फलों का सेवन करने से शरीर में एसिड का स्तर बहुत अधिक बढ़ सकता है। जिससे व्यक्ति को पाचन संबंधी परेशानी जैसे एसिडिटी, पेट में जलन, गैस और कब्ज हो सकती है।
सलाह
-आम का सेवन हमेशा अकेले ही करें या फिर आप इसे हल्के भोजन जैसे रोटी, सब्जी या सलाद के साथ खा सकते हैं।
-आम खाने के 1-2 घंटे तक कोई भारी चीज खाने से बचें।
-पके और ताजे आम का ही सेवन करें, क्योंकि कच्चे आम से पेट से जुड़ी समस्या परेशान कर सकती है।
-आम के साथ हल्का गुनगुना पानी पीना पाचन के लिए बेहतर रहता है। - गर्मी के मौसम में तपती धूप और डिहाइड्रेशन से बचने के लिए खीरे का सेवन शौक से किया जाता है। खीरा, शरीर को ठंडक देने के साथ-साथ स्किन के लिए बहुत फायदेमंद होता है। ज्यादातर लोग खीरे के महत्व को, तो समझते हैं, लेकिन उसके छिलके को कूड़ा समझकर फेंक देते हैं। आप ऐसी गलती न करें। खीरे के छिलके से आप त्वचा के लिए एक बेहतरीन नेचुरल स्क्रब तैयार कर सकते हैं। खीरे की तरह उसके छिलके में भी कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। खीरे के छिलके से बने स्क्रब की मदद से त्वचा से डेड स्किन सेल्स को हटाने में मदद मिलती है, त्वचा में नेचुरल ग्लो आता है और त्वचा में निखार बढ़ जाता है।खीरे के छिलके से बने स्क्रब के फायदे--खीरे के छिलके से बने स्क्रब को इस्तेमाल करने से गर्मियों में त्वचा को ठंडक मिलती है क्यों खीरे की तासीर ठंडी होती है।-खीरे के छिलके से बने स्क्रब का इस्तेमाल करने से डेड स्किन सेल्स को हटाने में मदद मिलती है और त्वचा की रंगत में निखार आता है।-जिन लोगों की त्वचा ऑयली होती है, उनके लिए यह स्क्रब बेहद फायदेमंद है क्योंकि इस स्क्रब की मदद से त्वचा में मौजूद अतिरिक्त ऑयल को हटाने में मदद मिलती है, यह तेल को सोख लेता है।-खीरे के छिलके से बने स्क्रब का इस्तेमाल करने से झाइयों और दाग-धब्बों से छुटकारा मिलता है, स्किन टोन सुधरती है और दाग हल्के हो जाते हैं।-शहद, दही के साथ खीरे के छिलके को मिलाकर स्क्रब तैयार करें, इसे त्वचा पर लगाने से स्किन सॉफ्ट और चमकदार बनती है।खीरे के छिलके से स्क्रब बनाना आसान है, इसे बनाने का तरीका जान लें-सामग्री: ताजे खीरे के छिलके , दही, ओट्स, शहदबनाने की विधि:-खीरे के छिलकों को अच्छे से धोकर मिक्सी में पीस लें।-अब इसमें ओट्स, दही और शहद मिलाकर एक पेस्ट तैयार कर लें।-नेचुरल स्क्रब तैयार है।सावधानियां-हफ्ते में 2 बार से ज्यादा इसे त्वचा पर न लगाएं।-स्क्रब करते समय ज्यादा प्रेशर न डालें।-अगर स्किन पर किसी तरह की एलर्जी हो, तो पहले पैच टेस्ट कर लें।स्क्रब को लगाने का तरीका-सबसे पहले अपने चेहरे को गुनगुने पानी से धो लें ताकि स्किन के पोर्स खुल जाएं।-अब इस स्क्रब को चेहरे पर सर्कुलर मोशन में हल्के हाथों से 5 मिनट तक रगड़ें।-10 मिनट तक ऐसे ही छोड़ दें ताकि पोषक तत्व स्किन में समा जाएं।-फिर ठंडे पानी से चेहरा धो लें और मॉइश्चराइजर लगाएं।अगर आप अपनी स्किन को नेचुरल तरीके से ग्लोइंग और हेल्दी बनाना चाहते हैं, तो अगली बार खीरे के छिलके को फेंकने से पहले इसके इस्तेमाल के बारे में जरूर सोचें।
- स्किन के हेल्दी रखने के लिए उसे नेचुरल रखना जरूरी है और प्राकृतिक निखार पाने के लिए भी नेचुरल चीजों का ही इस्तेमाल करना सही माना जाता है। आज भी बहुत सी ऐसी नेचुरल चीजें हैं, जिनकी मदद से स्किन को नेचुरल रखा जा सकता है, जिनमें से एक है चावल का पानी। चावल के पानी से अगर आप मुंह धोते हैं और सही तरीके से इस्तेमाल करते हैं तो यह एक तरह के नेचुरल फेस वॉश की तरह काम करता है, जिसके बारे में हम आपको इस लेख में बताने वाले हैं।1. चेहरे के लिए चावल का पानीबहुत सी स्किन केयर कंपनी भी अपने प्रोडक्ट्स को चावल के पानी से बनाने का क्लेम करती हैं। क्योंकि चावल के पानी में बहुत से ऐसे गुण हैं, जो स्किन के लिए बेहद फायदेमंद रहते हैं। इसलिए आपको महंगे स्किन केयर प्रोडक्ट्स को इस्तेमाल करने की बजाय एक बार घर पर चावल के पानी का इस्तेमाल जरूर करके देखना चाहिए।2. चावल के पानी के फायदेआपके चेहरे का निखार धूप या गर्मी के कारण अगर पहले से खराब हो गया है या फिर किसी स्किन केयर प्रोडक्ट्स से आपका निखार खराब हो गया है तो आपको घर घर पर ही चावल के पानी का इस्तेमाल करना चाहिए, जिससे आपके चेहरे का निखार भी वापस आएगा और साथ ही चेहरे की स्किन में ड्राइनेस व पिंपल आदि की समस्या भी नहीं होगी।3. कैसे तैयार करें चावल का पानीचावल के पानी को तैयार करना बेहद आसान है, 1 कप सफेद चावल लें और उन्हें अच्छे से धोकर उनमें 2 कप पीने वाला पानी डालकर एक बार उबाल लें। अब चावल को छानकर पानी अलग कर लें और ठंडा होने के बाद उसे किसी बोतल में भर कर फ्रिज में रख दें। अब यह इस्तेमाल के लिए पूरी तरह से तैयार है।4. मुंह धोने का सही तरीकाचावल के पानी की बोतल को फ्रिज से निकालें और अच्छे से एक-दो बार हिला लें ताकि उसका गाढ़ापन अच्छे से मिक्स हो जाए। पानी को निकाल कर अपने चेहरे पर अच्छे से लगाएं और फेस वॉश की तरह हल्के-हल्के रब करते रहें। 10 मिनट बाद साफ पानी से मुंह धो लें। ऐसा लगातार 3 दिन करें जिससे आप अंतर साफ नजर आएगा।5. डॉक्टर की सलाह भी जरूरीहालांकि, अगर आपकी स्किन में कोई दिक्कत है, तो आपको सबसे पहले डॉक्टर से ही सलाह लेनी चाहिए।
- नींद हम सभी के लिए बहुत जरूरी होती है। लेकिन आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी के बीच हम सुकून से अपनी नींद ही पूरी नहीं कर पाते हैं। अधूरी नींद की समस्या पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में ज्यादा देखी जाती है। घर की जिम्मेदारी, ऑफिस वर्क और सोसायटी में आगे रहने की दौड़ में महिलाएं अक्सर अपनी नींद कुर्बान कर देती हैं। नींद की परेशानी का सामना करने वाली महिलाएं अक्सर वजन बढ़ना, थकान, मूड स्विंग, अनियमित पीरियड्स की समस्या से गुजरती हैं।इस तरह की परेशानियां तब होती हैं, जब हार्मोन का संतुलन बिगड़ता है। ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि क्या कम और ज्यादा नींद महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकती है?नींद और हार्मोन संतुलन के बीच कनेक्शन-नींद और हार्मोन का गहरा संबंध है। शरीर में कई हार्मोन नींद से प्रभावित होते हैं, और नींद की गुणवत्ता इन हार्मोनों के संतुलन को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती है।1. कोर्टिसोल (Cortisol) में बढ़ोतरीहेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि कोर्टिसोल को स्ट्रेस हार्मोन भी कहा जाता है। नींद की कमी से महिलाओं में कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर बढ़ता है। इसकी वजह से चिंता, डिप्रेशन और वजन बढ़ने की समस्या ज्यादा देखी जाती है।2 मेलाटोनिन (Melatonin)मेलाटोनिन को स्लीप हार्मोन भी कहा जाता है। यह रात के समय बढ़ता है और नींद लाने में मदद करता है। रात को स्क्रीन का इस्तेमाल करने से मेलाटोनिन का स्तर कम हो जाता है, जिससे नींद प्रभावित होती है।3. एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का संतुलनएक्सपर्ट का कहना है कि कम नींद लेने से महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं। जिसकी वजह से अनियमित पीरियड्स, पीसीओएस और लो फर्टिलिटी की समस्या होती है। इतना ही नहीं हार्मोन असंतुलन महिलाओं में भूख की कमी का कारण बनता है। जिसकी वजह से महिलाओं को पोषक तत्वों की कमी के कारण हार्मोन असंतुलन का सामना करना पड़ता है।4. मेटाबॉलिज्म को स्लो होनाजो महिलाएं रात को भी पर्याप्त नींद लेती हैं और दिन में भी आराम करती हैं, उनमें भी हार्मोन संबंधी परेशानी देखी जाती है। बहुत अधिक सोने से शरीर का मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है। जिससे वजन बढ़ना और मोटापे की परेशानी देखी जाती है।5. लो फर्टिलिटीनींद ज्यादा लेने से मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इसकी वजह से मूड स्विंग, डिप्रेशन, चिड़चिड़ापन और गुस्सा आने की समस्या महिलाओं में देखी जाती है। साथ ही ज्यादा नींद महिलाओं में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन में बदलाव कर सकती है। इसकी वजह से लो फर्टिलिटी रेट देखा जाता है, जो भविष्य में गर्भधारण में परेशानी ला सकता है।नींद और हार्मोन को संतुलित करने के लिए क्या करें?कम या ज्यादा नींद दोनों ही स्थितियां महिलाओं के हार्मोन को प्रभावित करता है। हार्मोन संतुलन के लिए प्रतिदिन 8 से 9 घंटों की नींद लें। खाने में हरी सब्जियां, फल और नट्स को शामिल करें। कम या ज्यादा नींद महिलाओं में हार्मोन असंतुलन का कारण बनती है। इसलिए डॉक्टर की सलाह पर पर्याप्त नींद लें और सही खानपान का चुनाव करें।
- बाल खूबसूरती का प्रतीक होते हैं। हर महिला की चाहत होती है कि उसके बाल लंबे-घने और काले हों। लेकिन प्रदूषण, गलत खानपान, खराब जीवनशैली और गलत प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने के कारण बाल कमजोर हो जाते हैं और तेजी से झड़ने लगते हैं। साथ ही, बालों की ग्रोथ भी रुक जाती है। ऐसे में, बालों को लंबा करने के लिए महिलाएं तरह-तरह के प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करती हैं और महंगे हेयर ट्रीटमेंट्स भी करवाती हैं। लेकिन फिर भी मनचाहा रिजल्ट नहीं मिल पाता है। वहीं, इन प्रोडक्ट्स में कई तरह के हानिकारक केमिकल्स मौजूद होते हैं, जो बालों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे में, बालों को लंबा करने के लिए आप कुछ घरेलू नुस्खों को आजमा सकती हैं। इन्हीं घरेलू नुस्खों में प्याज भी शामिल है। जी हां, प्याज बालों के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। प्याज के रस में सल्फर मौजूद होता है, जो बालों की जड़ों को पोषण देता है और स्कैल्प में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है, जिससे बालों की ग्रोथ तेज होती है। साथ ही, यह झड़ते बालों की परेशानी को भी दूर कर सकता है। इसके अलावा, इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-बैक्टीरियल गुण भी मौजूद होते हैं, जो डैंड्रफ, सफेद बालों और स्कैल्प पर खुजली की समस्या से छुटकारा दिला सकते हैं। नियमित रूप से बालों में प्याज लगाने से बाल लंबे, घने और मजबूत बनते हैं। तो आइए, जानते हैं प्याज से बाल कैसे बढ़ाएंप्याज और नारियल तेलबालों को लंबा करने के लिए आप प्याज के रस में नारियल तेल मिलाकर लगा सकते हैं। दरअसल, नारियल के तेल में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं, जो संकम्रण से बचाव करने में मदद करते हैं। साथ ही, यह बालों के विकास को बढ़ावा देता है और हेयर फॉल को कंट्रोल करने में भी मददगार होता है। इसके लिए एक कटोरी में एक चम्मच प्याज का रस लें। इसमें एक चम्मच नारियल का तेल डालकर अच्छी तरह मिक्स कर लें। अब इस मिश्रण को अपने स्कैल्प पर लगाएं और 4-5 मिनट हल्के हाथों से मसाज करें। करीब 40-45 मिनट बाद बालों को किसी माइल्ड शैम्पू से धो लें। सप्ताह में 2 से 3 बार इसका इस्तेमाल करने से आपके बाल जल्दी लंबे और घने हो सकते हैं।प्याज और एलोवेरा जेललंबे बालों के लिए आप प्याज और एलोवेरा को मिक्स करके भी लगा सकते हैं। दरअसल, एलोवेरा बालों को पोषण और नमी प्रदान करता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं, जो बालों की ग्रोथ को बढ़ावा देते हैं। नियमित रूप से बालों में एलोवेरा लगाने से डैंड्रफ, स्कैल्प में खुजली और हेयर फॉल की जैसी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। इसके लिए एक कटोरी में दो चम्मच ताजा एलोवेरा जेल लें। इसमें 2 चम्मच प्याज का रस डालकर अच्छी तरह मिक्स कर लें। अब इस मिश्रण को स्कैल्प और बालों की लंबाई पर लगाएं। एक घंटे बाद बालों को माइल्ड शैंपू से धो लें। सप्ताह में 2-3 बार इसका इस्तेमाल करने से बालों की ग्रोथ काफी अच्छी हो सकती है। साथ ही, बाल मुलायम और चमकदार भी बनेंगे।प्याज और मेथी दानाअगर आप अपने बालों को तेजी से बढ़ाना चाहते हैं, तो प्याज और मेथी दाना का इस्तेमाल सकते हैं। दरअसल, मेथी दाना में प्रोटीन और निकोटिनिक एसिड मौजूद होते हैं, जो बालों को मजबूत बनाते हैं और बालों की ग्रोथ को बेहतर करने में मदद करते हैं। इसके लिए एक चम्मच मेथी दाना को रातभर पानी में भिगोकर रख दें। सुबह इसे पीसकर पेस्ट बना लें। इसमें 2 चम्मच प्याज का रस डालकर अच्छी तरह मिक्स कर लें। अब इस पेस्ट को अपने स्कैल्प और बालों में लगाएं। करीब 40-45 मिनट बालों को किसी माइल्ड शैंपू की मदद से धो लें। सप्ताह में 2 से 3 बार इसका इस्तेमाल करने से आपके बाल जल्दी लंबे हो सकते हैं। साथ ही, बालों के झड़ने और डैंड्रफ की समस्या से भी छुटकारा मिल सकता है।प्याज और अंडाबालों को बढ़ाने के लिए प्याज और अंडे का कॉम्बिनेशन भी काफी असरदार साबित हो सकता है। दरअसल, अंडा प्रोटीन से भरपूर होता है, जो बालों की मजबूती और ग्रोथ के लिए फायदेमंद होता है। इसके लिए एक अंडे को अच्छी तरह फेंट लें। इसमें 2 चम्मच प्याज का रस डालकर अच्छी तरह मिक्स करें। अब इस मिश्रण को बालों की जड़ों से सिरों तक लगाएं। करीब 1 घंटे बाद किसी माइल्ड शैम्पू से बालों को धो लें। सप्ताह में 2-3 बार इसका प्रयोग करने से बालों की ग्रोथ काफी अच्छी हो सकती है।प्याज और आंवलाबालों को लंबा करने के लिए आप प्याज और आंवला को मिक्स करके लगा सकते हैं। इसके लिए आप एक कटोरी में 2 प्याज का रस लें। इसमें 2 चम्मच आंवला का रस डालकर अच्छी तरह मिक्स कर लें। अब इस मिश्रण को अपने स्कैल्प और बालों पर लगाएं। करीब 1 घंटे बाद बालों को माइल्ड शैंपू से धो लें। बेहतर रिजल्ट के लिए सप्ताह में 2 से 3 बार इसका इस्तेमाल करें। इससे आपके बाल जल्दी लंबे, घने और काले हो सकते हैं।
- गर्मियों में चेहरे पर चिपचिपाहट, पसीना और धूप, स्किन को न सिर्फ थका देती है, बल्कि उसकी चमक भी छीन लेती है। ऐसे में लोग तरह-तरह की फेस क्रीम, पाउडर या स्किन वाइप्स का सहारा लेते हैं, जो कुछ समय के लिए राहत तो देते हैं, लेकिन इनका केमिकल असर स्किन को लंबे समय में नुकसान भी पहुंचा सकता है। अगर आप कुछ ऐसा ढूंढ रहे हैं जो नेचुरल भी हो, बजट-फ्रेंडली भी हो और स्किन को रिफ्रेशिंग ठंडक भी दे, तो तरबूज के छिलके से बना फेस पैक एक असरदार उपाय है। हम अकसर तरबूज खाते वक्त इसके छिलकों को फेंक देते हैं, जबकि यही हिस्सा स्किन के लिए वरदान साबित हो सकता है। इसमें भरपूर मात्रा में पानी, विटामिन-ए, सी, बी6 और एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं जो चेहरे की सूजन, जलन और रैशेज को कम करते हैं। यह फेस पैक टैनिंग हटाने, स्किन को हाइड्रेट रखने और एक नेचुरल ग्लो देने में मदद करता है। इस लेख में हम जानेंगे तरबूज के छिलके से फेस पैक बनाने का तरीका और इसके फायदे।तरबूज के छिलके से बने फेस पैक के फायदे--तरबूज के छिलके से बना फेस पैक स्किन को डीप हाइड्रेशन देता है और त्वचा की जलन को कम करता है।-इस फेस पैक में मौजूद विटामिन-सी स्किन को रिपेयर करता है और दाग-धब्बों को हल्का करने में मदद करता है।-यह फेस पैक त्वचा की सूजन और सन टैन को कम करने में मदद करता है।तरबूज का छिलका स्किन से अतिरिक्त तेल को हटाता है और स्किन पोर्स को क्लीन करता है।-इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण स्किन पर हुए ब्रेकआउट को शांत करते हैं और स्किन को साफ रखते हैं।तरबूज के छिलके से फेस पैक बनाने का तरीका-तरबूज के छिलकों के सफेद हिस्से को छोटे टुकड़ों में काट लें।-मिक्सर में इसे गुलाब जल के साथ पीसकर स्मूद पेस्ट बना लें।-इसमें चंदन पाउडर और एलोवेरा जेल मिलाएं और अच्छे से मिक्स करें।-फेस पैक का इस्तेमाल कैसे करें?-इस फेस पैक को हफ्ते में 2-3 बार लगाया जा सकता है, खासकर गर्मियों में।-इसे सुबह के समय लगाना ज्यादा फायदेमंद रहेगा।-ऑयली स्किन वालों को चंदन पाउडर के साथ मिलाकर यूज़ करना चाहिए, जबकि ड्राई स्किन वालों के लिए एलोवेरा जेल मिलाना फायदेमंद रहेगा।-फेस पैक लगाने के बाद किन बातों का ध्यान रखें?-फेस पैक सूखने के बाद उसे गुनगुने या सामान्य पानी से धीरे-धीरे धोएं। रगड़ने से स्किन में जलन या रेडनेस हो सकती है।-फेस पैक लगाने के बाद स्किन थोड़ी सेंसिटिव हो जाती है। इसलिए पैक हटाने के कम से कम 30 मिनट तक धूप में न निकलें।-फेस पैक हटाने के बाद स्किन को हाइड्रेट बनाए रखने के लिए हल्का मॉइश्चराइजर जरूर लगाएं, चाहे आपकी स्किन ऑयली हो या न हो।-तरबूज के छिलके से बना फेस पैक एक नेचुरल और असरदार तरीका है गर्मियों में स्किन की देखभाल करने का। जिस चीज को हम बेकार समझकर फेंक देते हैं, वही त्वचा को ठंडक, पोषण और निखार देने का काम करती है।
- दिन भर में पर्याप्त पानी पीना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। अक्सर लोगों को सुबह उठते ही बासी मुंह पानी पीने की सलाह दी जाती है, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि सुबह के समय पानी क्यों पिएं?सुबह के समय पानी क्यों पीना चाहिए?न्यूट्रिशियनिस्ट के अनुसार, 8 से 9 घंटे की पर्याप्त नींद लेने के बाद सुबह उठकर पानी पीना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। इससे शरीर के टॉक्सिन्स को बाहर निकालने और शरीर में एनर्जी बनाए रखने में मदद मिलती है। ऐसे में सिर्फ सुबह ही दिन में शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए दिनभर में पर्याप्त पानी पिएं।सुबह उठकर पानी पीने के फायदेशरीर को डिटॉक्स करेसुबह उठकर पानी पीने से शरीर जमा टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद मिलती है, साथ ही, इससे शरीर के साथ-साथ खून भी साफ होता है। दिन भर में पर्याप्ता पानी पीने से स्वास्थ्य को कई लाभ मिलते हैं।वजन कम करने में सहायकपानी पीने से स्वास्थ्य को कई लाभ मिलते हैं। ऐसे में सुबह उठकर हल्के गुनगुने पानी पीने से पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने, मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने और कैलोरीज को बर्न करने में मदद मिलती है, साथ ही, सुबह पानी पीने से पेट को भरा रखने, ओवरईटिंग से बचाव करने और भूख को कंट्रोल करने में मदद मिलती है, जो स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है।शरीर को एनर्जी देसुबह के समय पानी पीने से शरीर को हाइड्रेट करने के साथ-साथ शरीर के एनर्जी देने में भी मदद मिलती है, जिससे काम पर फोकस करने और दिनभर एक्टिव रहने में मदद मिलती है।स्किन को हेल्दी रखेसुबह उठने पर पानी पीने से मल और पेशाब के जरिए शरीर से टॉक्सिन्स बाहर हो जाते हैं, जिससे खून साफ होता है। ऐसे में इससे त्वचा में नमी बनाए रखने और इसमें नमी बनाए रखने में मदद मिलती है, साथ ही, इससे त्वचा साफ रखने, नेचुरल रूप से ग्लोइंग और हेल्दी बनाए रखने में मदद मिलती है, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।पाचन के लिए फायदेमंदसुबह उठते ही पानी पीने से पाचन तंत्र को दुरुस्त कर हेल्दी रखने में मदद मिलती है। इससे आंतों की सफाई करने, कब्ज और गैस जैसी पाचन से जुड़ी समस्याओं से राहत देने में मदद मिलती है, जो पेट के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।शरीर को हाइड्रेट रखेरात भर सोने के बाद, शरीर में पानी की कमी होने लगती है। ऐसे में शरीर को पानी की जरूरत होती है ताकि वह सभी कार्यों को ठीक से कर सकते हैं। ऐसे में सुबह उठकर पानी पीने से शरीर को हाइड्रेट रखने में मदद मिलती है, जिससे शरीर के सभी अंग अपने कार्यों को ठीक से करते हैं। इसके अलावा, पानी पीने से शरीर को पोषण करने में मदद मिलती है।निष्कर्षसुबह उठकर नियमित रूप से पानी पीने से शरीर में पानी की कमी को दूर कर हाइड्रेट रखने, शरीर को डिटॉक्स करने, शरीर को एनर्जी देने, पाचन को दुरुस्त रखने, वजन कम करने और स्किन को हेल्दी रखने में मदद मिलती है। ध्यान रहे, जरूरत के अनुसार ही दिन भर में पानी पिएं, धीरे-धीरे पानी पिएं, दिनभर में बार-बार पानी पिएं और ज्यादा पानी न पिएं। ऐसे में इसके लिए या स्वास्थ्य से जुड़ी कोई भी समस्या महसूस होने पर डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
- गर्मियों में अक्सर लोग छाछ का सेवन करना पसंद करते हैं, यह गर्मियों में पिए जाने वाली हेल्दी ड्रिंक्स में से एक है। इससे शरीर को ठंडक देने और ताजा महसूस करने में मदद मिलती है। लेकिन इसमें हींग, अजवाइन और काले नमक को डालकर पीने से इससे मिलने वाले स्वास्थ्य लाभ बढ़ जाते हैं। आइए नोएडा के सेक्टर-12 में स्थित, अर्चित आयुर्वेदिक क्लिनिक के डॉ. अनंत त्रिपाठी से जानें छाछ में हींग, अजवाइन और काले नमक को डालकर पीने से क्या होता है?छाछ, हींग, अजवाइन और काले नमक में मौजूद गुणछाछ में भरपूर मात्रा में प्रोबायोटिक्स के गुण पाए जाते हैं, साथ ही, इनमें अच्छी मात्रा में विटामिन्स और मिनरल्स पाए जाते हैं। वहीं, अजवाइन में एंटी-ऑक्सीडेंट्स, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी के गुण पाए जाते हैं, साथ ही, इसमें थाइमोल नामक तत्व होता है, जिससे पाचन के एंजाइम्स को बढ़ावा देने में मदद मिलती है, जिससे पाचन की समस्याएं दूर होती हैं। इसके अलावा, हींग में अच्छी मात्रा में एंटी-इंफ्लेमेटरी के गुण पाए जाते हैं, जो ब्लोटिंग और गैस जैसी समस्याओं में फायदेमंद है। वहीं, काले नमक में पाचन को बढ़ावा देने वाले एंजाइम्स और अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।छाछ में हींग, अजवाइन और काला नमक डालकर पीने के फायदेछाछ में अच्छी मात्रा में भरपूर मात्रा में प्रोबायोटिक्स के गुण पाए जाते हैं। इस में हींग, अजवाइन और काले नमक को डालकर पीने से पाचन के लिए जरूरी एंजाइम्स को बढ़ावा देने, तंत्र को दुरुस्त करने और गट में हेल्दी बैक्टीरिया को बढ़ावा देने में मदद मिलती है। इससे पाचन को कई फायदे होते हैं। इसके अलावा, इसका सेवन करने से वजन कम करने में मदद मिलती है। इसका सेवन करने से पेट को लंबे समय तक भरा रखने और ओवरईटिंग से बचाव करने में मदद मिलती है।शरीर को हाइड्रेट रखेछाछ में इलेक्ट्रोलाइट्स के गुण पाए जाते हैं। गर्मियों में इसका सेवन करने से शरीर को ठंडक देने और शरीर में पानी की कमी को दूर कर हाइड्रेट करने और शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स को बनने में मदद मिलती है। इससे गर्मी से बचाव करने और स्वास्थ्य को हेल्दी रखने में मदद मिलती है।गैस और एसिडिटी से बचाव करेछाछ में अजवाइन, काले नमक और हींग को डालकर पीने से गैस और एसिडिटी जैसी पाचन से जुड़ी समस्याओं से राहत देने में मदद मिलती है। बता दें, इससे पाचन के एंजाइम को बढ़ावा देने, गैस, पेट फूलने, ऐंठन और एसिडिटी जैसी समस्याओं से राहत देने में मदद मिलती है। इसमें मौजूद काले नमक में एंटी-एसिडिक गुण पाए जाते हैं, जिससे पेट की जलन को शांत करने और पाचन संबंधी समस्याएं दूर होती हैं।इम्यूनिटी बूस्ट करेछाछ में अच्छी मात्रा में प्रोबायोटिक्स के गुण पाए जाते हैं। वहीं, अजवाइन में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी के गुण पाए जाते हैं। ऐसे में इनका सेवन करने से शरीर की इम्यूनिटी को बूस्ट कर बीमारियों से बचाव करने में मदद मिलती है, साथ ही, इसमें मौजूद अजवाइन और हींग में एंटी-इंफ्लेमेटरी के गुण पाए जाते हैं। इससे शरीर के दर्द और सूजन को कम करने में मदद मिलती है, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।हड्डियों के लिए फायदेमंदछाछ में भरपूर मात्रा में कैल्शियम और अन्य मिनरल्स पाए जाते हैं। ऐसे में इसका सेवन करने से हड्डियों को मजबूती देने और इनसे जुड़ी अन्य समस्याओं से बचाव करने में मदद मिलती है, जो हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।स्किन और बालों के लिए फायदेमंदछाछ में बहुत से मिनरल्स, विटामिन्स और एंटी-ऑक्सीडेंट्स के साथ-साथ अन्य कई गुण होते हैं, जो स्किन और बालों को अंदर तक पोषण देने में मदद मिलती है। ऐसे में इसका सेवन करने से बालों और त्वचा से जुड़ी समस्याओं से बचाव करने और इनको हेल्दी बनाए रखने में मदद मिलती है।निष्कर्षछाछ में हींग, अजवाइन और काले नमक को डालकर पीने से गैस, एसिडिटी, पेट फूलने, ऐंठन, पाचन के लिए जरूरी एंजाइम्स को बढ़ावा देने, शरीर को हाइड्रेट रखने, इम्यूनिटी को बूस्ट करने, हड्डियों को हेल्दी रखने, वजन कम करने, स्किन और बालों से जुड़ी समस्याओं से राहत देने में मदद मिलती है। ध्यान रहे, इनमें से किसी भी चीज से एलर्जी होने, खांसी-जुकाम और और स्वास्थ्य से जुड़ी अन्य गंभीर समस्या होने पर इसके सेवन से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
- गर्मियों का मौसम शुरू हो गया है और इस साल अप्रैल महीने में ही लोगों को मई-जून जैसी गर्मी महसूस हो रही है। इस तपती गर्मी में शरीर को हाइड्रेटेड रखने के बार-बार पानी पीने की सलाह दी जाती है। वहीं, खुद को फ्रेश रखने के लिए ताजे फलों का जूस पीने की सलाह भी डॉक्टर्स द्वारा दी जाती है। ऐसा ही एक फल है तरबूज जो गर्मियों के मौसम में हेल्थ के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होता है। गर्मियों में तरबूज खाने से जहां चिलचिलाती गर्मी से आराम मिलता है वहीं शरीर को शक्ति भी मिलती है। इसी तरह गर्मियों में सुबह खाली पेट तरबूज का जूस पीने से भी कई फायदे होते हैं, जिनके बारे में आप पढ़ सकते हैं यहां।धूप के नुकसान से सुरक्षातरबूज उन कुछ चुनिंदा फूड्स में से एक है जिनमें लाइकोपीन पाया जाता है। लाइकोपीन एक स्ट्रॉन्ग एंटीऑक्सीडेंट है जो इम्यून पॉवर बढ़ाने के साथ-साथ आपको फ्री-रैडिकल्स डैमेज से भी बचाता है। यह बॉडी सेल्स को हेल्दी रखता है और इंफेक्शन और गम्भीर बीमारियों का रिस्क कम करता है। Also Read - प्रेगनेंसी में तरबूज खाने से इन समस्याओं से मिलता है छुटकारा, रखें इस बात का ख्यालहाइड्रेट्रेड रखे आपकोखाली पेट तरबूज का जूस पीने से शरीर को हाइड्रेटेड रहने में मदद होती है। इससे शरीर में पानी की कमी नहीं होती। हीटवेव के कारण होने वाली डिहाइड्रेशन और उसके लक्षणों जैसे कमजोरी महसूस करना, चक्कर आना, मुंह सूखना और ब्लड प्रेशर लेवल बढ़ जाने जैसी परेशानियों से आराम मिलता है।झुर्रियां रोकेहेल्थ के साथ-साथ स्किन के लिए भी तरबूज का जूस पीना लाभकारी हो सकता है। तरबूज में मौजूद लाइकोपीन स्किन सेल्स को स्वस्थ रखता है। लाइकोपीन स्किन की एजिंग प्रक्रिया को स्लो कर देता है जिससे स्किन लम्बे समय तक जवान रहती है। इससे स्किन पर झुर्रियां और फाइन लाइंस नहीं दिखायी देतीं। Also Read - हाई ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए पिएं ये 5 सुपर हेल्दी ड्रिंक्सवेट लॉस ड्रिंकतरबूज में डाइटरी फाइबर पाया जाता है जो शरीर के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है। मेटाबॉलिज्म तेज होने से शरीर का वजन कम होता है। इसी तरह डाइटरी फाइबर पाचन शक्ति भी बढ़ाता है जो पेट से जुड़ी समस्याओं से आराम दिलाता है।बढ़ती है इम्यून पॉवरतरबूज के जूस में विटामिन सी और अन्य एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। ये सभी तत्व शरीर की रोग-प्रतिरोधक शक्ति या इम्यून पॉवर बढ़ाते हैं।-यह आर्टिकल केवल सामान्य जानकारी और सलाह देता है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श जरूर करें।
- क्या आप भी जल्दी इर्रिटेट हो जाते हैं? क्या आपको भी छोटी-छोटी बात पर गुस्सा आने लगता है? अगर कुछ समय से ही आपने इस बदलाव को महसूस किया है, तो इसे हल्के में लेने की गलती न करें। अगर किसी व्यक्ति का व्यवहार अचानक से बदलने लगता है, तो यह मेंटल हेल्थ से जुड़ी परेशानी का संकेत देता है। ऐसे में हो सकता है कि व्यक्ति किसी बड़ी परेशानी से गुजर रहा हो। लेकिन क्या आप जानते हैं यह व्यवहार किन समस्याओं से जुड़ा हो सकता है?छोटी-छोटी बात पर चिड़चिड़ा होने के क्या कारण होते हैं?स्ट्रेस के कारणअगर कोई व्यक्ति बहुत ज्यादा स्ट्रेस में है, तो उसे छोटी-छोटी चीजों पर आसानी से गुस्सा आ सकता है। क्योंकि, ऐसे में व्यक्ति के सहने और नजरअंदाज करने की क्षमता कम हो जाती है। ऐसे में व्यक्ति को छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आ सकता है और छोटी समस्याएं बड़ी लग सकती हैं।नींद पूरी न होनानींद पूरी न होने की वजह से भी इर्रिटेशन हो सकती है। ऐसे में व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से थकान हो सकती है। इस वजह से इमोशनल हेल्थ पर बुरा असर पड़ सकता है। जिस कारण व्यक्ति छोटी-छोटी बातों पर ही रिएक्ट कर सकता है।कोई अनसुलझी समस्या होनाअगर व्यक्ति किसी ऐसी अनसुलझी समस्या से गुजर रहा है जिसका समाधान नहीं मिल पा रहा है, तो ऐसे में उसे चिड़चिड़ापनहट हो सकती है। इस कारण उसमें गुस्सा, उदासी और एंग्जायटी जैसी भावनाएं देखने को मिल सकती है। ऐसे में उसे छोटी परेशानियां भी बड़ी नजर आ सकती हैं।हार्मोन्स इंबैलेंस-हार्मोनल इंबैलेंस के कारण भी व्यक्ति को चिड़चिड़ेपन से गुजरना पड़ सकता है। कुछ हार्मोनल इशुज जैसे पीएमएस, मेनोपॉज और थायराइड, पीसीओएस और पीरियड्स में मूड स्विंग्स हो सकते हैं। इस कारण व्यक्ति को छोटी-छोटी बात पर गुस्सा आ सकता है।कोई मेंटल हेल्थ इशु-अगर व्यक्ति को लंबे समय से कोई मेंटल हेल्थ इशु है, तो उसके लिए अपनी इमोशनल हेल्थ को संभालना मुश्किल हो सकता है। ऐसे में व्यक्ति बहुत सेंसिटिव हो जाता है, जिस कारण उसे छोटी-छोटी बात भी बुरी लग सकती है।जरूरत पूरी न होनाअगर किसी व्यक्ति की इमोशनल या कोई जरूरी नीड्स पूरी नहीं हो रही है, तो लंबे समय में यह इर्रिटेशन की वजह बन सकता है। इसके कारण व्यक्ति को खुद में गलतियां नजर आ सकती है। वो गिल्ट में जा सकता है या हर छोटी बात पर ज्यादा रिएक्ट कर सकता है।लेख में हमने जाना ऐसी कौन-सी समस्याएं हैं, जो व्यक्ति के चिड़चिड़ेपन की वजह हो सकती हैं। अगर आप या आपका कोई अपना काफी समय से ऐसा व्यवहार कर रहा है, तो समस्या का पता लगाने की कोशिश करें। इसके बावजूद, अगर आपको समस्या का हल नहीं मिलता है, तो किसी साइकोलॉजिस्ट से संपर्क करें।
- जमीन पर बैठकर भोजन करना शुरुआत से ही हमारी संस्कृति का हिस्सा रहा है। ऋषि- मुनियों के समय से यह संस्कृति चलती आ रही है। आज भी कई घरों में लोग जमीन पर बैठकर ही भोजन करना पसंद करते हैं। वैज्ञानिक रूप से भी इसे हमारी सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है। इससे शरीर को खाने से पोषण तत्व पूरी तरह मिलते हैं। साथ ही, इससे रीढ़ की हड्डी और कंधों को भी फायदा होता है। इससे हम ओवरईटिंग नहीं करते हैं और यह ध्यान सुधारने में भी मदद करता है। इतना ही नहीं, बैठकर भोजन करना हमारे पाचन-तंत्र के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। इस तरह खाना खाने से पाचन-तंत्र को कई फायदे मिलते हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि यह पाचन-तंत्र के लिए किस तरह फायदेमंद है?आंतें स्वस्थ रहती हैं-पाचन-तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए आंतों का स्वस्थ होना भी जरूरी है। जब हम बैठकर खाना खाते हैं, तो हमारे वात का हिस्सा बंद हो जाता है। इससे हमारी आंतों को खाना पचाने में मदद मिलती है। बैठकर खाना खाने से हमारी आंतें नहीं मुड़ती हैं, जिससे खाना ठीक से पचता है।गुल्म रोग नहीं होता है-पेट में सूजन या गांठ होने की समस्या को गुल्म रोग कहा जाता है। यह समस्या तब होती है, जब पेट में आंतें मुड़ जाती हैं और खाना ठीक से नहीं पच पाता है। इसके कारण गैस, पेट में जलन, उल्टी आने जैसी समस्याएं होने लगती हैं। लेकिन, अगर आप खाना जमीन पर बैठकर खाते हैं, तो इससे खाना पाचन-तंत्र में धीरे-धीरे पहुंचता है और पचना आसान भी होता है। इससे बीमारी होने की संभावना भी कम हो जाती है।शरीर में पोषक तत्व सोख पाते हैं-जमीन पर बैठकर खाना खाने से पाचन क्रिया तेज होती है। इससे बॉडी को खाने के पोषक तत्व सोखने में मदद मिलती है। लेकिन, अगर आप खड़े होकर खाना खाते हैं, तो इससे पाचन-तंत्र को पोषण सोखने में परेशानी हो सकती है।पाचन-तंत्र से जुड़ी समस्याएं ठीक होती हैंब्लोटिंग, एसिडिटी या अपच जैसी समस्याओं में जमीन पर बैठकर खाना बहुत फायदेमंद है। इससे पाचन क्रिया तेज होती है और खाना पचना आसान होता है। जिससे पाचन संंबंधित समस्याएं भी ठीक होने लगती हैं।लेख में हमने जाना कि बैठकर खाना खाने से पाचन-तंत्र को क्या फायदे मिलते हैं। अगर आपकी कोई सर्जरी हुई है, तो आपको डॉक्टर की सलाह पर इसे फॉलो करना चाहिए। इस लेख में हमने आपको सामान्य जानकारी दी गई है। इस बारे में ज्यादा जानने के लिए एक्सपर्ट से बात करें।
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दही के अनेक फायदे होते हैं लेकिन जरूरी है कि इसका सेवन सही तरीके से किया जाए। आयुर्वेद में दही के सेवन को लेकर कुछ नियम बताए गए हैं। खासकर रात में दही खाना सही है या नहीं, यह एक बड़ा सवाल है। आयुर्वेद के अनुसार, दही का सेवन करने का सही समय और तरीका अपनाने से यह फायदेमंद साबित होता है, लेकिन गलत समय या अधिक मात्रा में खाने से यह स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक भी हो सकता है।
क्या गर्मियों में रात में दही खा सकते हैं?
आयुर्वेद में दही को गुण में "गुरु" यानी भारी भोजन माना गया है। यह शरीर में ऊर्जा बढ़ाने वाला होता है और इसके नियमित सेवन से पाचन तंत्र को मजबूती मिलती है। लेकिन गलत समय पर या गलत तरीके से इसका सेवन करने से शरीर में दोषों को बढ़ा सकता3 है। आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि दही शरीर की अग्नि को मंद करता है, जिससे पाचन धीमा पड़ सकता है। दही का सेवन सुबह या दोपहर के समय करना सबसे अच्छा होता है। इस समय शरीर की अग्नि तेज होती है, जिससे यह आसानी से पच जाता है। यदि आप दही खाना चाहते हैं तो इसे शाम 7 बजे या अधिकतम 8 बजे तक खा लें। इसके बाद दही खाने से शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
दही से किसे बचना चाहिए?
गर्मियों में दही का सेवन फायदेमंद होता है, लेकिन इसे देर रात में खाने से बचना चाहिए। यदि आपकी पाचन अग्नि मंद है, तो दही की बजाय छाछ का सेवन करना अधिक लाभकारी रहेगा। वहीं अगर आपके शरीर की अग्नि तीक्ष्ण है तो आप दही का सेवन कर सकते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि यह तेज अग्नि को मंद कर सकता है।
दही और छाछ में से कौन सा बेहतर है?गर्मियों में छाछ या मठ्ठा दही की तुलना में अधिक लाभकारी माना जाता है। छाछ न केवल पाचन को सुधारती है बल्कि शरीर में ठंडक भी बनाए रखती है। इसमें दही की तुलना में कम फैट और अधिक मात्रा में प्रोबायोटिक्स होते हैं, जो आंतों के लिए फायदेमंद होते हैं। छाछ को मसाले और अदरक के साथ लेने से यह और भी अधिक लाभकारी हो जाती है।गर्मियों में दही का सेवन करने के सही तरीके=छाछ के रूप में सेवन करें - इसे जीरा, पुदीना और काला नमक डालकर पिएं।=दोपहर के समय खाएं - सुबह या दोपहर में दही खाना ज्यादा फायदेमंद होता है।=फलों के साथ न खाएं - आम, केला जैसे फलों के साथ दही खाना पाचन के लिए नुकसानदायक हो सकता है।निष्कर्षआयुर्वेद के अनुसार, गर्मियों में देर रात में दही का सेवन करने से बचना चाहिए। दही गुण में भारी होता है। यदि आप दही खाना चाहते हैं, तो इसे दिन में छाछ के रूप में लेना बेहतर होता है। इससे शरीर को ठंडक भी मिलेगी और पाचन भी ठीक रहेगा। - प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर को ज्यादा एनर्जी और पोषण की जरूरत होती है, ताकि मां और शिशु दोनों का विकास सही तरीके से हो सके। बाजार में मिलने वाले प्रोटीन पाउडर कई बार प्रिजरवेटिव्स और अनहेल्दी इंग्रीडिएंट्स से भरे होते हैं, जो हर किसी के लिए सुरक्षित नहीं होते। इसलिए, डॉक्टर और न्यूट्रिशनिस्ट अक्सर प्राकृतिक और घर में बने प्रोटीन पाउडर को अपनाने की सलाह देते हैं। घर पर बनाए गए प्रोटीन पाउडर में नट्स, बीज और दालों का संतुलित मिश्रण होता है, जो न सिर्फ पोषण से भरपूर होता है, बल्कि पचने में भी आसान होता है। इसे दूध, स्मूदी या दलिया में मिलाकर आसानी से अपनी डाइट का हिस्सा बनाया जा सकता है।खास बात यह है कि यह पूरी तरह नेचुरल होता है और इसमें किसी भी तरह के हानिकारक तत्व नहीं होते। गर्भवती महिलाओं के लिए यह एक सुरक्षित विकल्प है, जिससे उन्हें जरूरी प्रोटीन और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स मिलते हैं।प्रेग्नेंसी में शरीर को प्रोटीन की कितनी मात्रा चाहिए?गर्भवती महिलाओं को अपने बॉडी वेट के मुताबिक, रोज लगभग 70 से 100 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है। होममेड प्रोटीन पाउडर आपकी प्रेग्नेंसी के दौरान प्रोटीन की जरूरत पूरी करने में मदद कर सकता है।गर्भावस्था में घर के बने प्रोटीन पाउडर को खाने के फायदे-गर्भावस्था के दौरान सही पोषण जरूरी होता है। यह होममेड प्रोटीन पाउडर प्राकृतिक तत्वों से बना है और गर्भवती महिलाओं के लिए कई फायदे देता है। जानें इनके बारे में-1. शरीर को मिलेगा प्रोटीन-प्रोटीन शिशु के विकास और मांसपेशियों की मजबूती के लिए जरूरी होता है। इसमें बादाम, मूंग दाल और चने जैसे अच्छे प्रोटीन स्रोत (Protein Sources) शामिल हैं। इसे खाने से शरीर की एनर्जी बढ़ती है और एनर्जी की कमी दूर होती है।2. एनीमिया से होगा बचावगर्भावस्था में आयरन की जरूरत बढ़ जाती है। पर्याप्त आयरन के साथ एनीमिया (Anemia) से बचा जा सकता है। इसमें खजूर और कद्दू के बीज मौजूद हैं, जो शरीर में हीमोग्लोबिन का लेवल बनाए रखते हैं।3. शिशु के विकास के लिए फायदेमंद है प्रोटीन पाउडर-अखरोट और अलसी के बीज ओमेगा-3 से भरपूर होते हैं, जो शिशु के दिमाग और तंत्रिका तंत्र के विकास में मदद करते हैं। यह जरूरत प्रोटीन पाउडर से पूरी हो जाती है।4. डाइजेशन अच्छा रहता हैओट्स, चिया सीड्स और फ्लैक्स सीड्स फाइबर का अच्छा स्रोत हैं, जो पाचन को सुधारते हैं और कब्ज की समस्या को दूर करते हैं।5. नेचुरल और प्रिजरवेटिव-फ्रीबाजार के पाउडर में केमिकल्स हो सकते हैं, लेकिन यह होममेड पाउडर पूरी तरह प्राकृतिक और सुरक्षित है, जिससे गर्भावस्था में बेझिझक इस्तेमाल किया जा सकता है।घर पर प्रोटीन पाउडर बनाने की रेसिपीगर्भवती महिलाओं के लिए प्रोटीन पाउडर पोषण से भरपूर, पचने में आसान और बिना किसी आर्टिफिशियल सामग्री के होना चाहिए। हम आपको एक नेचुरल, प्रोटीन से भरपूर रेसिपी बताने जा रहे हैं-सामग्री:बादाम- ½ कपकाजू- ¼ कपअखरोट- ¼ कपपिस्ता- ¼ कपकद्दू के बीज- ¼ कपअलसी के बीज- 2 टेबलस्पूनचिया सीड्स- 2 टेबलस्पूनभुने हुए चने- ½ कपभुनी हुई मूंग दाल- ½ कपओट्स- ½ कपइलायची पाउडर- ½ टीस्पूनबनाने की विधि:-सभी नट्स, बीज और दालों को धीमी आंच पर हल्का भून लें, जब तक हल्की खुशबू न आने लगे।ठंडा होने दें।-एक ब्लेंडर में डालकर बारीक पाउडर बना लें।-पाउडर को एयरटाइट कंटेनर में ठंडी और सूखी जगह पर स्टोर करें।कैसे करें इस्तेमाल?-1-2 टेबलस्पून गर्म दूध, स्मूदी, दलिया या दही में मिलाकर लें।-इसे घी और शहद के साथ मिलाकर हेल्दी प्रोटीन लड्डू भी बना सकते हैं।-इस प्रोटीन पाउडर का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। इसका सेवन करने से होने वाली मां के शरीर को जरूरी पोषक तत्व मिलेंगे।
- नहाने के बाद अक्सर लोग त्वचा को नमी प्रदान करने के लिए तरह-तरह की चीजों को अप्लाई करते हैं। अधिकतर लोग नहाने के बाद मॉइश्चराइजर अप्लाई करते हैं। लेकिन, आपको नहाने से पहले भी शरीर पर कुछ ऐसी चीजें लगानी चाहिए, जो त्वचा को मॉइश्चराइज और हाइड्रेट करते हैं। कई लोग नहाने से पहले महंगे स्किनकेयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं। आप चाहें तो शरीर पर घर में मौजूद कुछ चीजों को भी अप्लाई कर सकते हैं। नारियल तेल और सरसों के तेल के साथ ही आप त्वचा पर इन चीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं। आइए, जानते हैं नहाने से पहले शरीर पर क्या लगाना चाहिए?बादाम का तेलनहाने से पहले आप शरीर पर बादाम का तेल लगा सकते हैं। बादाम का तेल त्वचा को नमी प्रदान करता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो स्किन को हेल्दी बनाए रखने में मदद करते हैं। बादाम का तेल रूखी और बेजान त्वचा से छुटकारा दिलाता है। यह त्वचा को मुलायम और कोमल बनाता है। आपको रोज सुबह नहाने से पहले शरीर पर बादाम का तेल जरूर लगाना चाहिए।नारियल का तेलआप शरीर पर नहाने से पहले नारियल का तेल भी लगा सकते हैं। नारियल का तेल त्वचा के लिए फायदेमंद होता है। यह त्वचा से जुड़ी तमाम समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। हालांकि, आपको कोकोनट वर्जिन ऑयल का ही इस्तेमाल करना चाहिए। नारियल तेल त्वचा को मॉइश्चराइज करता है। यह ड्राई स्किन से भी छुटकारा दिलाता है। आप रोज सुबह शरीर पर नारियल तेल लगाएं और फिर नॉर्मल पानी से नहा लें। इससे आपकी त्वचा पर पूरे दिनभर नमी बनी रहेगी।मुल्तानी मिट्टीआयुर्वेद में मुल्तानी मिट्टी को त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद बताया गया है। मुल्तानी मिट्टी त्वचा से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करती है। मुल्तानी मिट्टी मुंहासों से भी छुटकारा दिलाती है। अगर आप त्वचा की फोड़े-फुंसियों से परेशान रहते हैं, तो नहाने से पहले शरीर पर मुल्तानी मिट्टी लगा सकते हैं। मुल्तानी मिट्टी त्वचा को ठंडक प्रदान करती है। इससे त्वचा की जलन और खुजली भी शांत होती है।एलोवेरा जेलएलोवेरा जेल औषधीय गुणों से भरपूर होता है। अक्सर लोग चेहरे पर एलोवेरा जेल अप्लाई करते हैं। आप चाहें तो पूरे शरीर पर भी एलोवेरा जेल लगा सकते हैं। लेकिन, आपको नहाने से पहले ही शरीर पर एलोवेरा जेल लगाना चाहिए। एलोवेरा जेल में मॉइश्चराइजिंग गुण होते हैं, जो त्वचा को नमी प्रदान करते हैं। एलोवेरा जेल रूखी और बेजान त्वचा से छुटकारा दिलाता है।बेसन और हल्दी उबटननहाने से पहले आप बेसन और हल्दी का उबटन भी लगा सकते हैं। आप इस उबटन को घर पर ही बना सकते हैं। इसके अलावा, आप चाहें तो मार्केट में मिलने वाले बेसन-हल्दी उबटन का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। बेसन और हल्दी, दोनों ही त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। बेसन त्वचा के मुंहासों को मिटाने में असरदार होता है। वहीं, हल्दी त्वचा के दाग-धब्बों को मिटाने में मदद करता है। बेसन और हल्दी का उबटन त्वचा का निखार भी बढ़ाता है।