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- खजूर पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें प्रोटीन, पोटैशियम, मैग्नीशियम, कॉपर और कैल्शियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसके अलावा, खजूर में मैंगनीज, आयरन और विटामिन बी6 भी होते हैं। खजूर स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होता है। आप स्वस्थ रहने के लिए नियमित रूप से खजूर का सेवन कर सकते हैं। खजूर की तासीर बेहद गर्म होती है। ऐसे में आप खजूर का सेवन सर्दियों के मौसम में कर सकते हैं। आइए, जानते हैं सर्दियों में खजूर कैसे खाएं1. खजूर और दूधआप सर्दियों में खजूर का सेवन कर सकते हैं। आप खजूर और दूध को एक साथ मिला सकते हैं। इसके लिए आप दूध में खजूर डालें और अच्छी तरह से उबाल लें। फिर आप दूध पी लें और खजूर को चबाकर खा लें। रोजाना रात में खजूर वाला दूध पीने से आप सेहतमंद रहेंगे। खजूर वाला दूध पीने से हड्डियां मजबूत बनेंगी। साथ ही, शरीर की इम्यूनिटी भी बूस्ट होगी। खजूर और दूध, एक साथ लेने से पाचन-तंत्र भी मजबूत बनता है।2. भीगे हुए खजूरआप सर्दियों में भीगे हुए खजूर का सेवन भी कर सकते हैं। इसके लिए आप 2-3 खजूर लें। इसे पानी में भिगोएं और सुबह खाली पेट खा लें। आप रोजाना खाली पेट भीगे हुए खजूर खा सकते हैं। भीगे हुए खजूर खाने से आपका हृदय स्वास्थ्य बेहतर होगा। डायबिटीज रोगियों के लिए भी भीगे हुए खजूर फायदेमंद होते हैं। आप रोजाना भीगे हुए खजूर का सेवन कर सकते हैं। भीगे हुए खजूर खाने से कब्ज और एसिडिटी की समस्या से भी छुटकारा मिलता है।3. खजूर का हलवाअकसर लोग गाजर और सूजी का हलवा खाते हैं। आप खजूर का हलवा भी खा सकते हैं। इसके लिए आप खजूर लें। इसके बीज निकाल लें और फिर एक पैन में घी डालें। खजूर को बारीक पीस लें और फिर पैन में खजूर का पेस्ट डालें। अब खजूर को अच्छी तरह से पकाएं और इसमें दूध डालें। इसके बाद आप खजूर में गुड़ डालें और गर्मा-गर्म सर्व करें। आप सर्दियों में नियमित रूप से खजूर के हलवे का सेवन कर सकते हैं।4. खजूर और किशमिशसर्दियों में आप खजूर और किशमिश का सेवन एक साथ मिलाकर भी कर सकते हैं। इसके लिए आप खजूर और किशमिश को पानी में भिगोकर रख दें। सुबह इन दोनों का सेवन एक साथ करें। इससे आपकी मांसपेशियां मजबूत बनेंगी और जोड़ों के दर्द में आराम मिलेगा।
- गुड़ की मीठी चाय से लेकर कड़क मसाला चाय तक, देश में चाय की अलग-अलग वैरायटी लोगों को पसंद होती हैं। कई लोगों को चाय इतनी पसंद होती है, कि उनकी सुबह भी चाय पीने के बाद ही होती है। वहीं कुछ लोगों को सुबह के नाश्ते और शाम के स्नैक्स के साथ चाय जरूर चाहिए होती है। अगर खड़े मसाले और जड़ी-बूटियां के साथ चाय बनाई जाए, तो यह सेहत के लिए हेल्दी होती है। लेकिन अगर आप चाय पीने के दौरान कुछ जरूरी चीजों को नजरअंदाज करते हैं, तो यह आपकी सेहत को नुकसान भी कर सकती है।चाय पीने के दौरान रखें इन बातों का खास ध्यान-खाली पेट चाय न पिएंचाय में कैफीन ज्यादा मात्रा में होती है। अगर आप इसका सेवन खाली पेट करते हैं, तो इससे आपको एसिडिटी की समस्या हो सकती है। यह लंबे समय में गंभीर समस्याओं का कारण भी बन सकता है।रात में सोते समय चाय न पिएंकैफीन शरीर को एक्टिव रखने में मदद करता है। लेकिन अगर आप सोते दौरान चाय लेते हैं, तो इससे आपके स्लीप पैटर्न पर असर पड़ सकता है। इसलिए सोने से करीब चार घंटे पहले तक कैफीन का सेवन न करें।दो बार से ज्यादा चाय न लेंदिनभर में दो कप से ज्यादा चाय का सेवन न करें। क्योंकि चाय के ज्यादा सेवन से शरीर में कैफीन की मात्रा बढ़ने लगती है। इससे आपको कई स्वास्थ्य समस्याएं होने का खतरा भी हो सकता है।चाय से पहले पानी जरूर पिएंअगर आपको खाली पेट चाय पीने की आदत है, तो चाय से पहले गुनगुना पानी जरूर पिएं। इससे आपको चाय पीने के साथ एसिडिटी या कब्ज की समस्या नहीं होगी।खाने के बाद चाय न लेंकई लोगों को खाने के बाद चाय-कॉफी पीने की आदत होती है। लेकिन अगर आप खाने के बाद कैफीन लेते हैं, तो इससे भोजन के पोषक तत्व कम हो सकते हैं। साथ ही इससे पाचन क्रिया भी धीमी हो सकती है। इसलिए खाने के 2 घंटे बाद तक चाय का सेवन न करें।चाय के साथ भारी चीजें न खाएंशाम की चाय के साथ कई लोग नमकीन, बिस्किट, समोसे या पकोड़े खाना पसंद करते हैं। लेकिन चाय के साथ इन चीजों के सेवन से आपकी सेहत को काफी ज्यादा नुकसान हो सकता है।चाय को हेल्दी बनाने के लिए अपनाएं ये टिप्स-अगर आपको चाय में मीठा पसंद है, तो चीनी की जगह देसी खांड या गुड़ इस्तेमाल करें। इससे आप एक्स्ट्रा कैलोरी इंटेक नहीं करेंगे।-चाय को ज्यादा हेल्दी बनाने के लिए इसमें इलायची, अदरक, लौंग मिलाएं। इससे चाय आपके लिए ज्यादा हेल्दी होगी।इन चीजों का ध्यान रखने से चाय का सेवन करना आपके लिए नुकसानदेह नहीं होगा।
- हम किसी भी खाद्य पदार्थ को खाने या पेय पदार्थों को पीने के लिए मुंह का इस्तेमाल करते हैं। मुंह से खाद्य पदार्थों को एक नली द्वारा पेट तक ले जाया जाता है जिसे आहार नली या खाने की नली कहते हैं। यह नली हमारे मुंह को पेट से जोड़ती है जिसके द्वारा भोजन को पेट तक ले जाने का काम किया जाता है। जब किसी भी व्यक्ति को खाने, पीने या किसी चीज को निगलने में परेशानी होती है तो इस स्थिति में खाने की नली में इन्फेक्शन की समस्या हो सकती है। खाने की नली में होने वाला इन्फेक्शन बैक्टीरियल, वायरल और फंगल अटैक के कारण हो सकता है। खाने की नली में होने वाले इन्फेक्शन को इसोफेगाइटिस (Esophagitis) कहते हैं। अगर इस समस्या का समय पर उपचार नहीं किया जाता है तो यह गंभीर रूप ले सकती है। आइये विस्तार से जानते हैं खाने की नली में होने वाले इन्फेक्शन के कारण, लक्षण और बचाव के बारे में।क्यों होती है खाने की नली में इन्फेक्शन की समस्या?खाने की नली में इन्फेक्शन की समस्या कई कारणों से हो सकती है। इसमें खानपान से जुड़े कारकों के अलावा शरीर की कुछ स्थितियों का भी योगदान होता है। आमतौर पर खाने की नली में एसोफेजियल स्फिंक्टर नामक एक वाल्व पेट की अम्लीय सामग्री को इस नली से बाहर रखने का काम करती है। कई बार कुछ वजहों से यह वाल्व ठीक से बंद नहीं हो पाता है जिसकी वजह से पेट की अम्लीय सामग्री वापस नली में आ जाती है और इसकी वजह से नली में सूजन के साथ-साथ इन्फेक्शन की समस्या भी हो सकती है। अलग-अलग कारणों से होने वाली खाने की नली में इन्फेक्शन की समस्या को अलग-अलग प्रकार में विभाजित किया गया है। इसके कुछ प्रमुख कारण इस प्रकार से हैं।-वाल्व के सही से बंद न होने के कारण।-खाने की एलर्जी की वजह से।-सांस में किसी तरह के दूषित कणों की वजह से।-दवाओं के सेवन से इन्फेक्शन की समस्या।-संगल इन्फेक्शन के कारण संक्रमण।-सोने से तुरंत पहले भोजन करने की वजह से।-अधिक शराब, कैफीन, चॉकलेट और पुदीने के स्वाद वाले खाद्य पदार्थ का सेवन।-धूम्रपान और शराब का सेवन।-अत्यधिक फैट से युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन।-खट्टे फलों का अधिक सेवन।खाने की नली में इन्फेक्शन के लक्षणजैसे कि ऊपर हमने बताया कि खाने की नली में इन्फेक्शन की समस्या कई कारणों से हो सकती है। सामान्य रूप से बैक्टीरियल, फंगल और वायरल इन्फेक्शन की वजह से खाने की नली में संक्रमण होने पर भोजन करने में परेशानी, नली में सूजन आदि की समस्या होती है लेकिन जब यह समस्या अन्य कारणों से होती है तो इसके लक्षण भी गंभीर हो जाते हैं। खाने की नली में इन्फेक्शन या इसोफेगाइटिस की समस्या में दिखने वाले प्रमुख लक्षण इस प्रकार से हैं।-भोजन निगलने में परेशानी।-भोजन करते समय दर्द।-सीने में दर्द (विशेष रूप से ब्रेस्टबोन) के पीछे।-भोजन का ग्रासनली में फंसना।-पेट में अत्यधिक जलन।-बच्चों को दूध पीने में समस्या।खाने की नली में इन्फेक्शन की समस्या से बचाव और इलाज
खाने की नली या ग्रासनली में इन्फेक्शन होने पर मरीज को ऊपर बताये गए लक्षण दिखाई देते हैं। इन लक्षणों के आधार पर चिकित्सक इस समस्या में जांच कर दवाओं के सेवन की सलाह देते हैं। डॉक्टर की सलाह के बाद ही मरीजों को इस समस्या में इलाज के लिए कदम उठाने चाहिए। खाने की नली में इन्फेक्शन होने पर डॉक्टर इस बात की जांच कर सकते हैं कि मरीज की पहले से कोई और दवा तो नहीं चल रही है? दरअसल ऐसा इसलिए है कि कई बार कुछ दवाओं के सेवन से भी मरीजों में यह समस्या हो जाती है। इस समस्या से बचाव के लिए आपको इन्फेक्शन होने के कारणों का ध्यान रखना चाहिए। खानपान में सुधार और दवाओं का सेवन करते समय डॉक्टर द्वारा बताई गयी बातों को ध्यान में रखकर आप इस समस्या से बच सकते हैं।
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एक्टर आमिर खान की बेटी इरा खान फिटनेस के मामले में काफी एक्टिव हैं। फिटनेस के मामले में वे कई बॉलीवुड एक्ट्रेसिस को टक्कर दे रही हैं। इरा फिट रहने के लिए कोई भी तरीका नहीं छोड़ती हैं। पिछले साल यानि 2022 में उन्होंने उपवास के जरिए 15 दिनों में 20 किलो तक वजन घटाया था। आमतौर पर भी वे फैंस को फिट रहने की टिप्स देती रहती हैं। आइये जानते हैं इरा की फिटनेस सीक्रेट के बारे में।
इरा खान का फिटनेस सीक्रेटइरा फीजिकली फिट रहने के साथ ही मेंटल हेल्थ को भी प्राथमिकता देती हैं। इरा अपनी मेंटल हेल्थ को दुरुस्त बनाए रखने के लिए प्राणायाम और मेडिटेशन जैसी अध्यात्मिक गतिविधियों में भी शामिल रहती हैं। यही नहीं इसके लिए वे भरपूर मात्रा में पानी पीने के साथ ही साथ पर्याप्त मात्रा में नींद भी लेती हैं।एक्सरसाइज पर ध्यान देती हैं इराइरा खान एक्सरसाइज और वर्कआउट करने के मामले में बिलकुल भी पीछे नहीं हटती हैं। वे नियमित तौर पर एक्सरसाइज करने के साथ जिम जाती हैं। कई बार वे पिता आमिर खान के साथ ही वर्कआउट करती नजर आती हैं। इरा आमतौर पर स्क्वैट्स, पिलाटे, पुशअप्स, पुलअप्स, एब्स, एक्सरसाइज, लंजीस, बर्पी और कार्डियो एक्सरसाइज करती हैं। शारीरिक क्षमता को बढ़ाने के लिए वे कई बार स्ट्रेंथ ट्रेनिंग भी करती हैं। इसके साथ ही वे एरोबिक्स, साइकिलिंग या फिर स्विमिंग आदि जैसी अन्य शारीरिक गतिविधियों में शामिल होती हैं।इरा का डाइट प्लानइरा की ग्लोइंग स्किन और टोंड बॉडी के पीछे काफी हद तक उनके द्वारा सख्ती से पालन किए जाने वाला डाइट प्लान भी है। इरा बाहर का कुछ भी खाने के बजाय हमेशा घर का बना खाना खाना ही पसंद करती हैं। वे डाइट में सब्जियां, फल और पोषक तत्वों से भरपूर आहार ही शामिल करती हैं। इरा डिनर काफी लाइट लेती हैं साथ ही साथ वे डाइट में चीनी की मात्रा काफी कम रखती हैं। - बॉलीवुड एक्टर आदर्श गौरव अपनी दमदार एक्टिंग और फिटनेस के लिए बखूबी जाने जाते हैं। वे अक्सर सोशल मीडिया पर भी फिटनेस से जुड़ी वीडियोज शेयर करते रहते हैं, जिससे फैंस को भी फिट रहने की प्रेरणा मिल सके। आदर्श अपनी आने वाली फिल्म "कहां खो गए हम" के लिए काफी मेहनत कर रहे हैं। इस दौरान उनकी बॉडी ट्रांसफॉर्मेशन की एक फोटो सामने आ रही है।आदर्श फिल्म के किरदार में ढ़लने के लिए अपनी बॉडी पर मेहनत कर रहे हैं। दरअसल, जोया अख्तर की आने वाली फिल्म "कहां खो गए हम" में आदर्श एक कैलिस्थेनिक्स ट्रेनर की भूमिका निभा रहे हैं, जिसके लिए उन्होंने अपना बॉडी ट्रांसफॉर्मेशन किया है। दरअसल, कैलिस्थेनिक्स एक प्रकार की स्ट्रेंथ ट्रेनिंग है, वेट ट्रेनिंग से थोड़ी अलग है। कैलिस्थेनिक्स शरीर के वजन को प्रतिरोध की तरह इस्तेमाल करता है। यह ट्रेनिंग जोड़ों और मांसपेशियों को ठीक रखने में भी मददगार साबित होती है।एक्सरसाइज पर काम कर रहे हैं आदर्शआदर्श के फिटनेस ट्रेनर रॉबिन बहल के मुताबिक वे ट्रांसफॉर्मेशन के लिए एक्सरसाइज और डाइट पर पूरी तरीके से ध्यान दे रहे हैं। अपने स्टैमिना और शारीरिक स्ट्रेंथ को बढ़ाने के लिए आदर्श पुशअप्स, पुलअप्स, पैरलल बार डिप्स और प्लैंक आदि कर रहे हैं। रॉबिन ने बताया कि किरदार में ढ़लने के लिए आदर्श ने वजन को भी नियंत्रित रखा है, जिसे घटाकर हमने उनकी शरीर में 8 प्रतिशत फैट मेनटेन करा दिया है, जिससे उन्हें एक अच्छा लुक मिल सके। एक्सरसाइज करने के मामले में आदर्श बिलकुल भी पीछे नहीं हटते हैं।बॉडी बनाने के लिए बने नॉन-वेजिटेरियनआदर्श की एक्सरसाइज न्यूट्रीशनिस्ट मिश्टी खतरी उनके लिए डाइट प्लान तैयार करती हैं। मिश्टी के मुताबिक आदर्श की डाइट उनकी एक्सरसाइज के अनुसार ही रखी जाती है। उन्होंने बताया कि आदर्श वेजिटेरियन हैं, लेकिन वे बॉडी बनाने के लिए नॉन-वेजिटेरियन बन गए। शुरूआत में उनकी नियमित कैलोरी 3400 तय की गई थी, जो अब एक्सरसाइज के आधार पर होती है।
- 1. भूख लगाने के हेतुः-प्रातःकाल खाली पेट नींबू का पानी पियें। खाने से पहले अदरक को कद्दूकस करके सैंधा नमक के साथ लें।2. रक्तशुद्धि हेतु :-नींबू, गाजर, गोभी, चुकन्दर, पालक, सेव, तुलसी,नीम और बेल के पत्तों का रस प्रयोग करें ।3. दमाः-लहसुन, अदरक, तुलसी, चुकन्दर, गोभी, गाजर, मीठी द्राक्ष का रस, भाजी का सूप अथवा मूँग का सूप और बकरी का शुद्ध दूध लाभदायक है। घी, तेल, मक्खन वर्जित है।4. उच्च रक्तचापः-गाजर, अंगूर, मोसम्मी और ज्वारों का रस।मानसिक तथा शारीरिक आराम आवश्यक है।5. निम्न रक्तचापः-मीठे फलों का रस लें, किन्तु खट्टे फलों का उपयोग ना करें। अंगूर और मोसम्मी का रस अथवा दूध भी लाभदायक है।6. पीलियाः-अंगूर, सेव, रसभरी, मोसम्मी, अंगूर की अनुपलब्धि पर लाल मुनक्के तथा किसमिस का पानी। गन्ने को चूसकर उसका रस पियें। केले में 1.5 ग्राम चूना लगाकर कुछ समय रखकर फिर खायें।7. मुहाँसों के दागः-गाजर, तरबूज, प्याज, तुलसी , घृतकुमारी और पालक का रस ।8. संधिवातः-लहसुन, अदरक, गाजर, पालक, ककड़ी, गोभी, हरा धनिया, नारियल का पानी तथा सेव और गेहूँ के ज्वारे।9. एसीडिटीः-गाजर, पालक, ककड़ी, तुलसी का रस, फलों का रस अधिक लें। अंगूर मोसम्मी तथा दूध भी लाभदायक है।10. कैंसरः-गेहूँ के ज्वारे, गाजर और अंगूर का रस।11. सुन्दर बनने के लिएः-सुबह-दोपहर नारियल का पानी या बबूल का रस लें। नारियल के पानी से चेहरा साफ करें।12. फोड़े-फुन्सियाँ:-गाजर, पालक, ककड़ी, गोभी और नारियल का रस।13. कोलाइटिसः-गाजर, पालक और अन्नानास का रस। 70 प्रतिशत गाजर के रस के साथ अन्य रस समप्राण।चुकन्दर, नारियल, ककड़ी, गोभी के रस का मिश्रण भी उपयोगी है।14. अल्सरः-अंगूर, गाजर, गोभी का रस, केवल दुग्धाहार पर रहना आवश्यक है, खूब गर्म दूध में 2 चम्मच देशी गाय का घी डालकर मिक्स करके पियें ।15. सर्दी-कफः-मूली, अदरक, लहसुन, तुलसी, गाजर का रस, मूँग अथवा भाजी का सूप।16. ब्रोन्काइटिसः-पपीता, गाजर, अदरक, तुलसी, अनन्नास का रस,मूँग का सूप। स्टार्चवाली खुराक वर्जित।17. दाँत निकलते बच्चे के लिएः-अन्नानास का रस थोड़ा नींबू डालकर रोज चार औंस(100-125 ग्राम)।18. रक्तवृद्धि के लिएः-मोसम्मी, अंगूर, पालक, टमाटर, चुकन्दर, सेव,रसभरी का रस रात को। रात को भिगोया हुआ खजूर का पानी सुबह में। इलायची के साथ केले भी उपयोगी हैं।19. स्त्रियों को मासिक धर्म कष्टः-अंगूर, अन्नानास तथा रसभरी का रस।20. आँखों के तेज के लिएः-गाजर का रस तथा हरे धनिया का रस श्रेष्ठ है।21. अनिद्राः-अंगूर और सेव का रस। पीपरामूल शहद के साथ।22. वजन बढ़ाने के लिएः-पालक, गाजर, चुकन्दर, नारियल और गोभी के रस का मिश्रण, दूध, दही,सूखा मेवा, अंगूर और सेवों का रस।23. डायबिटीजः-गोभी, गाजर, नारियल, करेला और पालक का रस।24. पथरीः-पत्तों वाली शब्जी, पालक, टमाटर ना लें। ककड़ी का रस श्रेष्ठ है। सेव अथवा गाजर या कद्दू का रस भी सहायक है। जौ एवं सहजने का सूप भी लाभदायक है।25. सिरदर्दः-ककड़ी, चुकन्दर, गाजर, गोभी और नारियल के रस का मिश्रण।26. किडनी का दर्दः-गाजर, पालक, ककड़ी, अदरक और नारियल का रस।27. फ्लूः-अदरक, तुलसी, गाजर का रस।28. वजन घटाने के लिएः-अन्नानास, गोभी, तरबूज का रस, नींबू का रस।29. पायरियाः-गेहूँ के ज्वारे, गाजर, नारियल, ककड़ी, पालक और सोया की भाजी का रस। कच्चा अधिक खायें।30. बवासीरः-मूली का रस, अदरक का रस घी डालकर, नागर मोथा , नारियल पानी ।
- सिर्फ एक्सरसाइज करने और ढेर सारा पानी पीने से ही एंटी-एजिंग की समस्या से आप नहीं बच सकते हैं, बल्कि डाइट में हेल्दी और एंटी-एजिंग फूड्स भी शामिल करना जरूरी है। पालक सेहत और त्वचा के लिए फायदेमंद है ।पालक के एंटी एजिंग बेनिफिट्सआंखों की तेज रोशनी करें पालकपालक ल्यूटिन का एक अच्छा स्रोत है जो आंखों के बेहतर स्वास्थ्य में मदद करता है। पालक में मौजूद ल्यूटिन और जेक्सैंथिन आंखों की रोशनी को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पालक के सेवन से मोतियाबिंद सहित आंखों के बढ़ते जोखिम को कम किया जा सकता है।स्वस्थ त्वचा के लिए फायदेमंद है पालकपालक में पाए जाने वाला विटामिन ए त्वचा की प्रतिरक्षा प्रणाली को बीमारियों और किसी भी तरह के नुकसान से बचाने में मदद करता है। पालक के सेवन से शरीर के टिशू को विकसित करने में मदद मिलती है, जो स्किन को भी हेल्दी रखता है। विटामिन ए न सिर्फ आपकी स्किन को हेल्दी रखता है बल्कि यह त्वचा को हाइड्रेटेड रहने में भी मदद करता है, जिससे फाइन लाइन्स और झुर्रियां कम हो सकती हैं।पालक खाने से बढ़ती है मेमोरीपालक विशेष रूप से दिमाग के लिए अच्छा माना जाता है, क्योंकि इसमें ल्यूटिन नामक एंटी-ऑक्सीडेंट ज्यादा मात्रा में पाया जाता है, जो दिमाग से विषाक्त पदार्थों को साफ करने में मदद करते हैंं। पालक खाने से सोचने की क्षमता, याददाश्त, तर्क क्षमता बेहतर होती है और व्यक्ति मानसिक तौर पर स्वस्थ रहता है।पालक खाने से हड्डियां होती हैं मजबूतपालक विटामिन K से भरपूर होता है जो हड्डियों के स्वास्थ्य और विकास के लिए एक आवश्यक मिनरल्स है।सिर्फ 1 कप पालक खाने से आपके शरीर में विटामिन K की दैनिक मात्रा पूरी हो सकती है। अगर आपकी हड्डियां कमजोर हो रही है तो आप अपनी डाइट में पालक को शामिल कर सकते हैं।
- पेट की गर्मी या अन्य कारणों से मुंह में छाले हो जाते हैं, जिसे ठीक करने के लिए आप करी पत्ते का सेवन कर सकते हैं। करी पत्ता मिनरल्स, कैल्शियम, फॉस्फोरस, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, विटामिन जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जो न सिर्फ खाने के स्वाद को बढ़ाता है बल्कि आपके सेहत, त्वचा और बालों से जुड़ी समस्याओं को भी दूर करने में मदद करता है। मुंह के छाले से राहत पाने के लिए करी पत्ते का सेवन मुंह के छाले ( Mouth Ulcer ) से राहत पाने के लिए आप 10 से 12 करी पत्तों को अच्छे से साफ कर लें और फिर एक गिलास पानी में इन्हे उबलने के लिए गैस पर रख दें। आपको इस पानी को तब तक उबालना है, जब तक पानी आधा न हो जाए। अब पानी को कपड़े की मदद से छान लें और कांच की गिलास में रख लें। बस अब आपको 2-2 मिनट पर एक-एक घूंट पानी पीकर कुल्ला करना है। 2 से 3 दिन रोज आप 1 से 2 बार ये प्रक्रियां दोहराएं।मुंह में छाला होने के कारण-मुंह के अंदर दांत से चोट लगने पर छाले हो सकते हैं।-फंगल इंफेक्शन के कारण भी मुंह में छाले होना आम बात है।-किसी खाने से एलर्जी होने पर भी मुंह में छाला हो सकता है।-विटामिन की कमी के कारण भी मुंह में छाला हो सकता है।-पेट साफ न होने या ज्यादा तेल-मसाले की चीज खाने के कारण भी मुंह में छाला हो सकता है।-दांत साफ न होना भी मुंह में अल्सर होने की समस्या को बढ़ा सकता है।करी पत्ते के स्वास्थ्य फायदे-ब्लड प्रेशर कम करने में प्रभावी-शरीर के घाव जल्दी भरने में मददगार-शरीर का सूजन कम करने में फायदेमंद-वजन कम करने में फायदेमंद-डायबिटीज करें कंट्रोल-पाचन तंत्र को रखें स्वस्थ-दिल का भी रखें ख्यालत्वचा के लिए करी पत्ते के फायदे-स्किन को पिंपल फ्री रखे।-स्किन इंफेक्शन से बचाए।-चेहरे से दाग-धब्बों को दूर करे।-ड्राई स्किन को मॉइस्चराइज करे।-त्वचा का निखार बढ़ाए।
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माना जाता है कि इलायची के बीज, तेल और अर्क में प्रभावशाली औषधीय गुण होते हैं, जो सेहत के लिए बहुत लाभकारी होता है। दो इलायची अगर आप खाना खाने के बाद खा लेते हैं तो फिर आपको इसको ढेरो फायदे होंगे। यह माउथ फ्रेशनर का भी अच्छा काम करता है, तो चलिए आपको बताते हैं इलायची खाने के कितने फायदे हैं-
-इलायची के एंटीऑक्सीडेंट्स गुण होते हैं, जो मांसपेशियों को तंदुरुस्त रखने में का काम करते हैं, लेकिन ज्यादा सेवन शरीर में गर्मी पैदा कर सकता है, जिससे पेट खराब हो सकता है।
-इलायची का इस्तेमाल पेट से जुड़ी परेशानियों से निजात पाने के लिए किया जाता है। यह स्वाद में तीखी होती है लेकिन फायदे बहुत होते हैं। इसके सेवन से दिल की सेहत भी अच्छी होती है। यह नींद की समस्या से भी निजात दिलाने का काम करती है।
- यह मसाला गुर्दे की पथरी को ठीक करने में भी मदद कर सकता है। इसके अलावा सर्दी जुकाम में इससे से बनी चाय आराम पहुंचाती है, तो आज से ही आप इसको अपनी डाइट का हिस्सा बना लीजिए।
- त्योहारों के सीजन में बाजार में मिलने वाले पनीर के मिलावट होने की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे में कई लोग घर पर ही पनीर बनाकर इस्तेमाल करते हैं। इसे बनाने के लिए दूध को फाड़कर उसमें से छेना अलग किया जाता है, जिसे बाद में पनीर की तरह इस्तेमाल किया जाता है। वहीं, कुछ लोग इसका बचा हुआ पानी फेंक देते हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि छेने का बचा यह पानी हमारे लिए कितना फायदेमंद है? दरअसल, इसे प्राकृतिक तरीके से तैयार किया जाता है। ऐसे में यह फायदेमंद भी है।,छेना के पानी के फायदेवजन कंट्रोल करेछेना के पानी में प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है।साथ ही, इसमें कैलोरी कम पाई जाती है। ऐसे में वजन घटाने के लिए यह एक परफेक्ट ड्रिंक हो सकता है। इसे आप नियमित रूप से अपने वर्कआउट ड्रिंक की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। इसका सेवन करने से लंबे समय तक भूख नहीं लगती। इससे आप अगले मील में कम कैलोरी लेते हैं।इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करेइम्यूनिटी बढ़ाने के लिए पनीर का पानी एक अच्छा विकल्प हो सकता है। इसमें प्रोटीन के साथ अन्य पोषक तत्व भी होते हैं। वहीं, दूध फाड़ने के लिए इस्तेमाल किए गए नींबू के कारण इसमें विटामिन-सी भी होता है। यह इम्यूनिटी बनाए रखने के लिए एक आवश्यक मिनरल है।मांसपेशियों को मजबूत बनाए रखता हैमसल्स को हेल्दी रखने के लिए प्रोटीन आवश्यक माना जाता है। वहीं, छेना के पानी में प्रोटीन अधिक पाया जाता है। इसके सेवन से मांसपेशियां मजबूत होती हैं। साथ ही, मसल्स स्ट्रेंथ को बढ़ावा भी मिलता है।छेना के पानी का सेवन कैसे करें-छेना यानी पनीर के पानी को आप पीने के लिए इस्तेमाल भी कर सकते हैं।-इसे जूस या सूप तैयार करने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं।-त्वचा और बालों के लिए भी छेना के पानी का इस्तेमाल किया जा सकता है।-इसे आप चावल उबालने या आटा गूंथते वक्त भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे रोटियां सॉफ्ट बनती है।-आप इसे सब्जियां तैयार करने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं।अगर आपको प्रोटीन इनटेक बढ़ाना है, तो आप इसका इस्तेमाल सूप या सब्जी की ग्रेवी तैयार करने के लिए भी कर सकते हैं। छेना के पानी का सेवन एक प्रोटीन ड्रिंक के रूप में भी किया जा सकता है। इसे आप अलग-अलग तरीकों से अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। साथ ही, इसके सेवन से आपको फिट रहने में भी मदद मिल सकती है।
- सर्दी के मौसम में कई लोगों को खासकर बुजुर्गों में जोड़ों का दर्द, मांसपेशियों में ऐंठन की समस्या बढ़ जाती है। सर्दी के मौसम में जोड़ों में दर्द के कई कारण हो सकते हैं, जैसे विटामिन डी की कमी, खून की कमी, ठंड के कारण जोड़ों का जाम होना है। लहसुन के सेवन से जोड़ों के दर्द से राहत मिल सकती है, क्योंकि यह प्राकृतिक रूप से एंटीऑक्सिडेंट और एलिसिन जैसे सल्फर यौगिकों से भरपूर होते है, जो अपने दर्द निवारक गुणों के लिए जाना जाता है। कई अध्ययनों के अनुसार, लहसुन जोड़ों में ब्लड फ्लो को भी बढ़ाता है, जो बेहतर गतिशीलता में मदद करता है।”जोड़ों के दर्द के लिए कैसे करें लहसुन का सेवन?-सबसे पहले 2 लहसुन की कलियां लें, और उन्हें छिल लें।-अब इसे अच्छे से कूट लें।-2 से 3 मिनट इसे खुला रहने दें।-ऐसा करने से इसके एंजाइमों को सक्रिय होने में मदद मिलेगी।-अब एक गिलास गर्म पानी की मदद से लहसुन को खा लें।जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द में लहसुन खाने के फायदेलहसुन के सूजनरोधी गुण जोड़ों के दर्द से दे राहतसूजनरोधी गुण से भरपूर लहसुन में ऐसे यौगिक पाए जाते हैं, जो शरीर में हो रही सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं, जिनके कारण जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द हो सकता है। लहसुन की गर्म तासीर जोड़ों और मांसपेशियों में होने वाले दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं। सर्दी के मौसम में लहसु का सेवन करने से जोड़ों की सूजन को भी कम किया जा सकता है।जोड़ों के दर्द में फायदेमंद है लहसुन के एंटीऑक्सीडेंट प्रभावलहसुन में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट सेल्स को किसी भी तरह के होने वाली नुकसान से बचाने में मदद कर सकते हैं और आपके समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकते हैं।लहसुन से ब्लड सर्कुलेसन में होता है सुधारलहसुन आपके ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करने की क्षमता के लिए जाना जाता है, जो मांसपेशियों के दर्द को कम करने और उपचार को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है। इसमें एलिसिन नामक सल्फर यौगिक होता है, जो ब्लड सेल्स को आराम देने में मदद करता है, जिससे आपको अन्य स्वास्थ्य लाभ भी मिल सकते हैं।लहसुन के सेवन से इम्यूनिटी करे बूस्टसर्दी के मौसम में अक्सर हमारी इम्यूनिटी पावर कमजोर हो जाती है, जिसके कारण जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में ऐंठन की समस्या बढ़ जाती है। लहसुन में प्रतिरक्षा-बढ़ाने वाले गुण पाए जाते हैं, जो ठंड के महीनों में आपको स्वस्थ रहने में मदद कर सकते हैं।अगर आपको किसी तरह की एलर्जी या स्वास्थ्य समस्या है, तो इसका सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें।
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दूध से जुड़ी कई बातें हम बचपन से सुनते आए हैं जैसे कि दूध पीने से हड्डियां मजबूत होती हैं या रात में दूध पीने से पाचन तंत्र खराब हो सकता है। दूध पीने से कफ होता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है दूध से जुड़ी क्या यह सभी बातें ंसच हैं या महज मिथक हैं। चलिए आज ऐसे ही कई मिथक पर बात करते हुए जानें इनकी सच्चाई।
दूध पीने से हड्डियां मजबूत होती हैंदूध के बारे में अक्सर ज्यादातर लोगों का यही मानना होता है, कि दूध पीने से हड्डियां मजबूत होती हैं। जबकि यह पूरी तरह से सच नहीं है। दूध में कैल्शियम के साथ अन्य पोषक तत्व भी होते हैं, जो हड्डियों को मजबूत करने में मदद कर सकते हैं। लेकिन सिर्फ दूध पीने से हड्डियां मजबूत होती हैं, क्योंकि हमारी हड्डियों को मजबूती के लिए सभी पोषक तत्वों की जरूरत होती है। इसलिए यह बात महज मिथक है।दूध पीने से वजन बढ़ता हैदूध से जुड़ा यह मिथक भी गलत है, क्योंकि दूध में मौजूद पोषण तत्व समस्त स्वास्थ्य के लिए जरूरी होते हैं। दूध से आपका वजन बढ़ेगा या नहीं, यह निर्भर करता है कि आप दूध की कितनी मात्रा का सेवन कर रहे हैं। साथ ही अगर दूध से मलाई हटाकर सेवन किया जाए, तो इसमें कैलोरी की मात्रा कम हो जाती है और इससे वजन घटाने में भी मदद मिल सकती है।दूध ज्यादा उबालने से उसके पोषक तत्व कम होते हैंकुछ लोग मानते हैं कि दूध को बार-बार उबालने से दूध के पोषक तत्व कम होने लगते हैं। दूध से जुड़ा यह मिथक बिल्कुल गलत है, क्योंकि दूध को हेल्दी बनाने के लिए उबालना जरूरी होता है। दूध को उबालने से इसमें मौजूद बैक्टीरिया कम होने लगते हैं, जिससे दूध पीने लायक बनता है। साथ ही दूध को बार-बार उबालने से भी इसके पोषक तत्वों को कोई नुकसान नहीं होता है।दूध पीने से ब्लोटिंग हो सकती हैजिन लोगों को दूध से एलर्जी है या लैक्टोज इंटॉलरेंस की समस्या है, उन्हें दूध के सेवन से समस्या हो सकती है। साथ ही अगर भारी खाने के सेवन के बाद या ज्यादा मात्रा में दूध का सेवन करते हैं, तो इससे कुछ लोगों को एसिडिटी और ब्लोटिंग की समस्या हो सकती है।दूध पीने से बलगम बनता हैकुछ लोगों का मानना होता है कि दूध के सेवन से बलगम बनता है। हालांकि खांसी में मलाई वाले दूध का सेवन करने से कफ बढ़ सकता है, लेकिन दूध पीने से जुड़ा यह मिथक पूरी तरह ठीक नहीं है। - सर्दियों में गर्म तासीर वाले खाद्य पदार्थों का सेवन ज्यादा किया जाता है। क्योंकि इनसे शरीर में गरमाहट बनी रहती है और इम्यूनिटी भी मजबूत होती है। सर्दियों में गुड़ से बनी चीजों का सेवन भी काफी किया जाता है। जैसे कि गुड़ के लड्डू, गुड़ की खीर, हलवा या गुड़ की पंजीरी। इसी तरह गुड़ की चिक्की भी सर्दियों में काफी ज्यादा खाई जाती है। मूंगफली और गुड़ के मिश्रण से तैयार होने वाली ये डिश सेहत के लिए भी फायदेमंद होती है। तो आइए इस लेख के माध्यम से जानें गुड़ की चिक्की के फायदे और बनाने का तरीका।पाचन के लिए फायदेमंदसर्दियों में पाचन से जुड़ी समस्याएं ज्यादा होती हैं। गुड़ और मूंगफली दोनों ही पाचन को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। ऐसे में गुड़ की चिक्की खाना फायदेमंद हो सकता है। खाने के बाद या स्नैक्स टाइम में आप गुड़ की चिक्की का आनंद ले सकते हैं।वेट लॉस में मदद करेगुड़ की चिक्की में कैलोरी की मात्रा कम होती है। इसके सेवन से आपको काफी देर तक भूख नहीं लगती है, जिससे आप अगले मील में भी कम कैलोरी लेते हैं। इसे आप अपने स्नैक्स टाइम में एंजॉय कर सकते हैं, यह आपकी फूड क्रेविंग को कंट्रोल में रखने में भी मददगार हो सकती है।इम्यूनिटी मजबूत बनाए रखेगुड़ की चिक्की खाने से आपकी इम्यूनिटी मजबूत होती है। गुड़ और मूंगफली दोनों की तासीर गर्म होती है। साथ ही मूंगफली में मौजूद हेल्दी फैट्स इम्यूनिटी स्ट्रांग करने में मदद करते हैं। इससे आपको बार-बार बीमार होने का खतरा नहीं रहता है।ब्लड डिटॉक्सिफाई होता हैगुड़ में मौजूद आवश्यक पोषक तत्व बॉडी डिटॉक्स करने के साथ ब्लड डिटॉक्सिफाई करने में भी मदद कर सकते हैं। यह हीमोग्लोबिन लेवल में सुधार करने और एनिमिया से बचाव करने में मदद करती है। इसलिए ब्लड डिटॉक्सिफाई करने के लिए गुड़ की चिक्की अच्छा विकल्प है।गुड़ की चिक्की बनाने की विधि-सामग्रीमूंगफली- 3 कपदेसी घी- जरूरत अनुसारगुड़- 200 ग्रामपानी- जरूरत अनुसारइलायची- 7-8बनाने की विधि-सबसे पहले मूंगफली के छिलके उतारकर घी में भून लें। ध्यान रखें कि ज्यादा न भूने, नहीं तो चिक्की में कड़वाहट आ जाएगी।-अब पैन में गुड़ को पिघलाएं और चाशनी तैयार करें। इसमें थोड़ा गर्म पानी मिलाते रहें जिससे चाशनी चिपके नहीं।-अब इसमें मूंगफली मिलाएं और मिक्सचर अच्छे से तैयार करें। साथ ही इसमें इलायची भी मिलाएं।-अब इसे किसी प्लेट में ठंडा करें और शेप में काटकर चिक्की तैयार करें।
- सर्दियों में ज्यादातर लोग ज्यादा मिर्च-मसाले और तेल वाला भोजन खाना पसंद करते हैं। सर्दियों में गर्म-गर्म पराठे और तेल वाला भोजन खाने का मजा ही कुछ और है। लेकिन इस तरह का भोजन सेहत के लिए हानिकारक होता है। कई लोगों की तबीयत गर्म मौसम के मुकाबले ठंड के दिनों में ज्यादा खराब होती है। इसका कारण खराब डाइट हो सकती है। डाइट में तेल और मसाले भोजन खाने का असर त्वचा और शरीर पर पड़ता है।1. सर्दियों में अच्छे डाइजेशन के लिए तेल कम करेंसर्दियों में अच्छे डाइजेशन के लिए कम तेल का सेवन करें। अच्छे डाइजेशन के लिए आपको तेल और मिर्च-मसालों का सेवन कम करना चाहिए। इससे पाचन तंत्र की समस्या दूर होती है। सर्दी में गर्म खाना खाएं और हेल्दी ऑयल्स का प्रयोग करें।2. मुंहासों से बचाएगा कम तेल वाला खानासर्दियों में कम तेल वाला भोजन खाने से मुंहासों की समस्या से छुटकारा मिलता है। ज्यादा तेल वाला भोजन खाने से मुंहासे ज्यादा होते हैं और स्किन प्रॉब्लम्स बढ़ती हैं। अगर आप ज्यादा तेल और मसाले वाला भोजन खाएंगे, तो खाने की गर्माहट का बुरा असर त्वचा पर होगा और दाने व खुजली की समस्या होगी।3. फूड क्रेविंग कम होगीसर्दियों में ज्यादा तेल वाला भोजन खाने से फूड क्रेविंग कम होती है। अगर आप ज्यादा तेल या मिर्च-मसाले वाला भोजन खाएंगे, तो फूड क्रेविंग बढ़ेगी। जो लोग ज्यादा मिर्च-मसाले वाला भोजन खाते हैं, उन्हें मीठा खाने की क्रेविंग भी ज्यादा होती है। इसलिए फूड क्रेविंग कम करने के लिए कम तेल वाला भोजन खाना फायदेमंद होता है।4. सर्दियों में वजन कंट्रोल होगासर्दी के दिनों में ज्यादा तेल वाला भोजन खाने से वजन कंट्रोल होगा। ज्यादा तेल वाला भोजन खाने से वजन तेजी से बढ़ता है। ज्यादा तेल वाला भोजन खाने से डायबिटीज, थायराइड और मोटापे जैसी बीमारियां का खतरा ज्यादा होता है।5. सर्दियों में कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल रहेगाकुछ एक्सपर्ट्स ऐसा मानते हैं कि सर्दियों में कोरोनरी डिजीज का खतरा बढ़ जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि मौसम में बदलाव का असर हार्मोन्स पर होता है। हार्मोन्स में इम्बैलेंस के कारण कोर्टिसोल कम रिलीज होते हैं और कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है। इससे कोरोनरी डिजीज का रिस्क ज्यादा होता है। अगर आप कम तेल वाला खाना खाएंगे, तो कोलेस्ट्रॉल का स्तर कंट्रोल रहेगा।
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: सर्दी का मौसम त्वचा के लिए चुनौतीपूर्ण होता है। सर्दी के दिनों में चेहरे पर कई तरह की स्किन प्रॉब्लम्स होती हैं। जैसे- त्वचा का ड्राई होना, त्वचा का हाइड्रेशन कम होना और त्वचा फटना आदि। सर्दी में होने वाली इन स्किन प्रॉब्लम्स को ग्लिसरीन के साथ दूर कर सकते हैं। ग्लिसरीन एक इंग्रीडिएंट है जिससे स्किन को हाइड्रेशन मिलता है। इसे स्किन केयर के उत्पादों में इस्तेमाल किया जाता है। ग्लिसरीन की मदद से त्वचा में नमी बरकरार रहती है। इस लेख में हम जानेंगे ग्लिसरीन, विंटर्स की किन स्किन समस्याओं को दूर करता है।
1. ग्लिसरीन से ड्राई स्किन की समस्या दूर होगीग्लिसरीन की मदद से ड्राई स्किन की समस्या दूर करने में मदद मिलती है। त्वचा को हाइड्रेट करने के लिए क्रीम या लोशन में ग्लिसरीन की 2 बूंदें मिलाकर लगाएं। इससे त्वचा की बाहरी परत को हाइड्रेशन मिलेगा और त्वचा मुलायम बनी रहेगी।2. फटे होंठों की समस्या दूर होगीग्लिसरीन की मदद से फटे होंठों की समस्या दूर करने में मदद मिलती है। ग्लिसरीन लगाने से होंठों को मुलायम बनाया जा सकता है और होंठों का कालापन भी दूर होता है। ग्लिसरीन को होंठों पर लगाएं और 10 मिनट के लिए छोड़ दें। इसके बाद होंठों को गुनगुने पानी से धो लें। इस तरह आपके होंठ सर्दियों में नहीं फटेंगे।3. ग्लिसरीन से मुंहासों की समस्या दूर होगीग्लिसरीन लगाने से मुंहासों की समस्या दूर करने में मदद मिलती है। ग्लिसरीन एक तरह का मॉइश्चराइजर है जिससे मुंहासों का इलाज करने में मदद मिलती है। ग्लिसरीन से त्वचा को जलन से बचाने में भी मदद मिलती है। हफ्ते में 1 से 2 बार ग्लिसरीन और हल्दी पाउडर वाला पेस्ट चेहरे पर लगाएं, इससे एक्ने की समस्या दूर होगी।4. ग्लिसरीन से खुजली दूर होगी-ग्लिसरीन की मदद से खुजली की समस्या दूर करने में मदद मिलती है। सर्दी में अक्सर रूखेपन के कारण खुजली होने लगती है। लेकिन ग्लिसरीन में एंटीप्यूरोटिक गुण पाए जाते हैं। ग्लिसरीन को खुजली वाले स्थान पर लगाएंगे, तो जल्द राहत मिलेगी।5. सर्दी में जवां नजर आएगी त्वचाग्लिसरीन में एंटी-एजिंग गुण होते हैं। ग्लिसरीन की मदद से त्वचा जवां नजर आती है। चेहरे पर बढ़ती उम्र के लक्षण जैसे- फाइन लाइन्स और रिंकल्स नजर आते हैं, तो आप ग्लिसरीन का प्रयोग करें। ग्लिसरीन त्वचा की इलास्टिसिटी बनाए रखता है। इससे त्वचा को उम्रदराज होने से बचाया जा सकता है। - बॉलीवुड एक्टर श्रेयस तलपड़े को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है। दरअसल, श्रेयस को हार्ट अटैक आया है, जिसके बाद वे बेहोश हो गए थे और उन्हें मुंबई के बेलेव्यू अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अस्पताल द्वारा श्रेयस की एंजियोप्लास्टी की जाने की पुष्टि हुई है। हालांकि, एंजियोप्लास्टी होने के बाद उनकी हालत पहले से स्थिर बताई जा रही है, लेकिन इसे लेकर अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ है।47 वर्षीय श्रेयस हाल ही में अक्षय कुमार के साथ फिल्म वेलकम टू द जंगल की शूटिंग में व्यस्त थे। दरअसल, उन्हें कल शाम को हार्ट अटैक आया था, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल द्वारा बताया गया कि रात 10 बजे उनकी एंजियोप्लास्टी की प्रक्रिया पूरी हुई और सर्जरी भी कामयाब रही। अस्पताल ने ऑफिशियल्स के मुताबिक वे पहले से ठीक हैं और कुछ ही दिनों में उन्हें छुट्टी दी जा सकती है। फैंस उनकी हेल्थ के आगे के अपडेट का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।मीडियो रिपोर्ट्स की मानें तो कल यानि हार्ट अटैक आने से पहले श्रेयस अपनी अगली फिल्म की शूटिंग में व्यस्थ थे और सेट पर उनका दिन काफी अच्छा बीता था। इस दौरान वे खुश थे और हंसी मजाक भी कर रहे थै। हालांकि, उनके साथ शूटिंग कर रहे लोग और उनकी टीम द्वारा इसपर किसी प्रकार की टिप्पणी नहीं की गई है।हार्ट अटैक से बचने के तरीके-हार्ट अटैक से बचने के लिए आपको सबसे पहले शारीरिक रूप से एक्टिव होना चाहिए।-इसके लिए नियमित तौर पर एक्सरसाइज, वर्कआउट और प्राणायाम करें।-इससे बचने के लिए हेल्दी डाइट लें। इसमें हरी सब्जियां, फल, नट्स और साधारण खाने का ही सेवन करें।-हार्ट अटैक से बचने के लिए कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज आदि जैसी समस्याओं को मैनेज करें।-इससे बचने के लिए समय-समय पर जांच कराते रहें।-इसके लिए तैलीय पदार्थ और जंक फूड खाने से पूरी तरह परहेज करना चाहिए।
- सर्दी के मौसम के साथ ही बालों से जुड़ी समस्याएं भी शुरू हो जाती हैं, इस मौसम में ज्यादा गर्म पानी के इस्तेमाल से बालों की क्वालिटी खराब होने लगती है और रूसी की समस्या भी शुरू हो जाती है। जिससे बालों का झड़ना बढ़ जाता है और बाल रूखे-बेजान नजर आने लगते हैं। सर्दी के मौसम में अगर आपको अपने बालों की क्वालिटी बेहतर करनी है तो इसके लिए अलसी एक बेहतर विकल्प है। अलसी के इस्तेमाल से बालों को पोषण मिलेगा और रूखे-बेजान बालों की समस्या भी कम होगी। अलसी में मौजूद विटामिन E, विटामिन B और ओमेगा 3 फैटी एसिड बालों की क्वालिटी बेहतर करने में मदद कर सकते हैं।बालों के लिए अलसी के फायदे-अलसी के बीजों में प्रोटीन की मात्रा अच्छी होती है। अलसी के बीजों से आप तेल बना सकते हैं, जिसके इस्तेमाल से स्कैल्प हेल्दी रहेगी और बालों की जड़ों को भरपूर पोषण मिलेगा और बाल मजबूत होंगे।-सर्दियों के मौसम में अलसी के इस्तेमाल से बालों की कमजोर जड़ों को पोषण मिलेगा। जिससे बालों का झड़ना कम हो सकता है।-अलसी के बीजों से बने तेल के इस्तेमाल से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होगा, जिससे बालों की ग्रोथ होगी और सफेद बालों की समस्या कम हो सकती है।-अलसी के बीजों में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड बालों को मजबूत और हेल्दी बनाए रखने में मदद कर सकता है।-ड्राई स्कैल्प की समस्या में भी अलसी फायदा करती है, इसके इस्तेमाल से ड्राई स्कैल्प और डैंड्रफ जैसी समस्याएं कम हो सकती हैं।-अलसी में मौजूद बीटा-कैरोटीन बालों को सॉफ्ट और शाइनी बनाने में सहायक हो सकता है।-अलसी में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स से बालों की क्वालिटी में सुधार हो सकता है।बालों में अलसी का उपयोग कैसे करेंअलसी हेयर मास्कअलसी के बीजों से आप हेयर मास्क (Hair mask) बना सकते हैं, इसे बनाने के लिए अलसी को पानी में भिगोकर 3 से 4 घंटे के लिए रखें। फिर इसे ब्लेंडर में पीसकर एक स्मूथ पेस्ट बना लें और बालों पर लगाएं। इससे आपके बाल मॉइश्चराइज होंगे।अलसी का तेलबाजार में आपको अलसी के बीजों का तेल आसानी से मिल जाएगा। आप घर में भी अलसी का तेल बना सकते हैं, इसे बनाने के लिए अलसी के बीजों को हल्का भूनने के बाद पीसें और फिर इसके पाउडर को जैतून के तेल के साथ पकाएं। ठंडा होने पर तेल को बोतल में भरें। इस तेल से स्कैल्प पर हल्के हाथों से मसाज करने से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और बालों को पोषण मिलता है। इससे बाल मजबूत होते हैं और बाल झड़ने की समस्या कम हो सकती है।अलसी का जेलअलसी के बीजों से जेल बनाना बेहद आसान है। इसे बनाने के लिए जरूरत अनुसार अलसी को रातभर के लिए पानी में भिगोकर रखें और अगली सुबह इसे धीमी आंच पर 15 से 20 मिनट के लिए पकाएं। ठंडा होने पर छानकर अलसी के जेल को अलग कर लें।
- ◾घुटनों में दर्द के तीन अहम् कारण हैं:-1. वजन :-अगर शरीर का वजन अधिक हैं और घुटने की मांस पेशी कमज़ोर हैं तो घुटनों का दर्द होता हैं । इसके लिए रोजाना सैर पर जायें हो सके तो दौड़ लगायें । साथ ही नियमित योग करें |इसके बारे में विस्तार से पढ़े ।2. लुब्रिकेंट कम होने पर :-शरीर के जोड़ो में दर्द का कारण हैं शरीर से लुब्रिकेंट की कमी हो जाती हैं एक ऐसा तरल पदार्थ जिसके कारण जोड़ो को मूव करने में आसानी होती हैं अगर इसकी कमी हो जाती हैं तो घुटनों में दर्द रहता हैं ।3. अत्यधिक शारीरक कार्य :-अगर आपने अपने जवानी के दिनों में जरुरत से ज्यादा दौड़ा हैं या किसी खेल के खिलाड़ी जैसे दौड़, फ़ुटबाल, क्रिकेट या हॉकी आदि रहे हो तो भी एक वक्त के बाद घुटने जवाद दे जाते हैं और उनमे दर्द होने लगता हैं । इसके अलावा कई लोग जिम में आवश्यक्ता से अधिक ट्रेडमील और साइकिलिंग करते हैं सोचते हैं इससे वजन कम होगा लेकिन बाद में यह सिविअर घुटनों के दर्द का कारण बन जाता हैं । इसलिए बार बार कहते हैं कि कोई भी कार्य जरुरत से ज्यादा करने पर वो तकलीफ देता हैं ।यह हैं तीन मुख्य कारण जिनकी वजह हैं घुटनों में दर्द रहता हैं । आइये जाने कुछ घरेलू नुस्खे जिनसे घुटनों के दर्द में राहत मिल सकती हैं ।◾घुटनों में दर्द के लिए घरेलु उपाय :-1. बर्फ की सिकाई :-घुटनों के दर्द से तुरंत राहत पाने के लिए बर्फ के टुकड़े से सिकाई की जाती हैं इससे रक्त का प्रवाह ठीक होता हैं और घुटने में आई सुजन एवम दर्द दोनों में राहत मिलती हैं । बर्फ की सिकाई के लिए उसे एक कपड़े में लपेट कर धीरे- धीरे घुटने पर रगड़ते हैं यह प्रक्रिया 10 से 20 मिनिट तक दौहाराएँ इससे आपको तुरंत राहत मिलेगी |2. एप्पल साइडर सिरका भी घुटनों के दर्द में सहायक होता हैं : - एप्पल साइडर सिरका घुटनों के दर्द में राहत पहुँचाता हैं । यह घुटनों अथवा अन्य जोड़ वाले स्थान के आस- पास के हानिकारक टॉक्सिन को शरीर से बाहर निकालता हैं साथ ही जोड़ो के लुब्रिकेंट को बढ़ाता हैं जिससे घुटनों अथवा जोड़ो के दर्द में राहत मिलती हैं ।एप्पल साइडर सिरका लेने का तरीका :--सिरका नहाते वक्त अपने गरम पानी में दो कप भरकर मिलायें एवम उस पानी से घुटनों की सिकाई करें ।-एप्पल साइडर सिरका के साथ सरसों का तेल लेकर उससे घुटनों की मालिश करें ।-दो टेबल स्पून एप्पल साइडर सिरका दो गिलास पानी में मिलायें और धीरे- धीरे उस पानी को पियें ।इससे घुटनों के दर्द एवम अन्य जोड़ो के दर्द में राहत मिलेगी3. मैथी दाना :-मैथी दाना जोड़ो के एवम घुटनों के दर्द में राहत देता हैं इसके लगभग 30 से 90 दिनों के सेवन बाद बरसों पुँराना दर्द ठीक होने लगता हैं ।कैसे ले मैथी दाना :--10 से 15 ग्राम मैथी दाने का चूर्ण बनाकर रखले और रोजाना खाली पेट एक गिलास गरम पानी के साथ एक चम्मच खाले ।-8 से 10 मैथी दाने को रात भर भिगो कर रखे सुबह उठते ही उस मेथी को खा लें ओर उस पानी को पी लें।-रोजाना 30 से 90 दिन यह उपाय करने पर बरसो पुराने घुटने के दर्द या अन्य जोड़ो के दर्द से आपको राहत मिलेगी ।4. अदरक का सेवन :-अदरक एक गुणकारी जड़ी-बूटी की तरह काम करता हैं, इसके सेवन से कई तरह के रोग दूर होते हैं । अदरक एक दर्द निवारक की तरह काम करता हैं इसके सेवन से शरीर के सभी दर्द दूर होते हैं साथ मसल्स का दर्द भी ठीक होता हैं । यह मांस पेशी कि जकड़न को कम करता हैं जिससे दर्द में राहत मिलती हैं ।कैसे करें अदरक का सेवन :--रोजाना दो से तीन बार अदरक की चाय पियें ।-अदरक का रस को पानी में मिलाकर उसे उबाले और शहद एवम नींबू के रस के साथ मिलाकर पीयें ।-अदरक का रस एवं शहद मिलाकर पियें ।-अदरक के तेल से घुटनों एवम दर्द वाली जगह पर रोजाना 2 से 3 बार मालिश करे ।-अदरक के यह सभी उपाय आपको घुटनों के दर्द में राहत देंगे ।◾गुणकारी हल्दी दे घुटनों के दर्द में राहत :-दर्द में हल्दी बहुत फायदेमंद हैं जिसमें ऐसे गुण होते हैं जो दर्द विनाशक होते हैं । साथ ही शरीर के अंगो की सूजन ठीक करने में भी सहायक होते हैं । अतः लोग रात्रि में हल्दी का दूध लेते हैं । गठिया के दर्द में भी हल्दी अत्यंत लाभकारी हैं ।कैसे ले हल्दी :--आधा चम्मच हल्दी को एक गिलास पानी में डालकर उसे उबाले और शहद के साथ ले ।-हल्दी को गरम करके शहद के साथ चाटे ।-आधा चम्मच हल्दी दूध में डालकर उबाले और उसे पीयें ।-इस तरह किसी न किसी रूप में हल्दी का सेवन करें इससे शारीरक दर्द में आपको राहत मिलेगी ।5. नीबू और आँवला :--किसी भी तरह के दर्द में राहत के लिए नींबू एवम आँवला खाने से शारीरक दर्द अथवा गठिया के दर्द में राहत मिलती हैं । इसके लिए नींबू को रोजाना खाने केसाथ ले सकते हैं । आँवले का रस भी ले सकते हैं ।-इस तरह यह सभी बहुत अच्छे, आसान एवं बिना किसी नुकसान के किये जाने वाले उपाय हैं जिनसे घुटनों के दर्द में राहत मिलती हैं ।-यह घुटनों में दर्द के लिए घरेलू नुस्खे इसके अलावा कुछ योगासन हैं जो घुटनों के साथ, पीठ एवम कमर के दर्द में भी फायदेमंद रहते हैं ।-सबसे मुख्य जिनके घुटनों में दर्द रहता हैं उन्हें रोजाना 30 मिनिट सैर करना जरुरी हैं और अगर आप दौड़ सकते हैं तो बहुत अच्छा होगा ।
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एक्ट्रेस कियारा आडवानी फिटनेस को लेकर काफी चर्चा में रहती हैं। आइये जानते हैं उनकी फिटनेस का राज
एक्ट्रेस कियारा आडवानी फिटनेस को लेकर काफी चर्चा में रहती हैं। फिटनेस को मेनटेन रखने के लिए वे कड़ी मेहनत करती हैं। इसके लिए वे नियमित तौर पर एक्सरसाइज और वर्कआउट करती हैं। वे अक्सर सोशल मीडिया पर भी फिटनेस से जुड़ी वीडियो शेयर करती हैं, जिससे लोगों को फिट रहने की प्रेरणा मिल सके। आइये जानते हैं कियारा खुद को मेनटेन करने के लिए कौन सा रूटीन फॉलो करती हैं।कियारा का फिटनेस रूटीनकियारा अपनी टोंड और स्लिम फीजिक को मेनटेन रखने के लिए खासतौर पर वर्कआउट पर ध्यान देती हैं। इसके लिए वे जिम में वर्कआउट करने के साथ ही साथ योग को भी प्राथमिकता देती हैं। कियारा इसके लिए सुबह जल्दी उठकर एक से दो घंटे वर्कआउट और वॉकिंग करती हैं। कियारा के मुताबिक फीजिकल हेल्थ के साथ ही मेंटल हेल्थ पर भी पूरी तरह ध्यान देना चाहिए। इसके लिए वे अपनी मेंटल हेल्थ को लेकर भी काफी सक्रिय रहती हैं।कौन सी एक्सरसाइज करती हैं कियाराकियारा आमतौर पर पुश-अप्स, पुल-अप्स, स्क्वैट्स और फंक्शनल ट्रेनिंग करना पसंद करती हैं। इसके अलावां भी वे बॉक्सिंग, डांसिंग और साइकिलिंग जैसी अन्य शारीरिक गतिविधियों में शामिल रहती हैं। इसके साथ ही शरीर में एनर्जी बनाए रखने के लिए वे कार्डियो और वेट ट्रेनिंग जैसी एक्सरसाइज भी करना पसंद करती हैं। कई बार वे जिम में प्लैंक, स्क्वैट्स और डंबल एक्सरसाइज करती हुई नजर आती हैं। खबरों की मानें तो वे अपने दिन की शुरूआत 30 मिनट की कार्डियो एक्सरसाइज से करती हैं, जिसमें स्विमिंग या साइकिलिंग आदि शामिल होती है।कैसी डाइट लेती हैं कियारा?कियारा अपनी डाइट को लेकर काफी सख्त हैं। वे जंक और प्रोसेस्ड फूड खाना पूरी तरह से नजरअंदाज करती हैं। वे किसी खास तरह की डाइट फॉलो करने के बजाय घर का बना खाना खाना ही पसंद करती हैं। अपनी डाइट में वे पोषक तत्वों से भरा खाना खाना पसंद करती हैं। नाश्ते में कियारा को ओट्स या फिर फलों का सेवन करना ज्यादा पसंद है। वहीं लंच में वे रोटी दाल या फिर चिकन आदि जैसा खाना खाती हैं। वहीं कियारा का डिनर काफी लाइट और जल्दी होता है, जिसमें वे सामान्य भोजन ही करती हैं। - नाभि पर तेल डालना बेहद फायदेमंद होता है। रोजाना नाभि पर तेल डालने से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से छुटकारा मिलता है। नाभि पर तेल लगाने से त्वचा, बालों और सेहत, सभी को लाभ मिलता है। सर्दियों के मौसम में खासकर नाभि पर तेल लगाना फायदेमंद होता है।सर्दियों में नाभि पर सरसों का तेल लगाने के फायदे1. शरीर को डिटॉक्स करता हैसर्दियों में अगर आप फास्ट फूड या जंक फूड का सेवन ज्यादा करते हैं, तो इससे शरीर में विषाक्त पदार्थ जमा हो जाते हैं। ऐसे में शरीर को डिटॉक्स करने के लिए आप सर्दियों में नाभि पर सरसों का तेल डाल सकते हैं। अगर आप रात को सोते समय नाभि पर सरसों का तेल डालेंगे, तो इससे शरीर में जमा टॉक्सिंस आसानी से निकल जाते हैं।2. ड्राई स्किन से छुटकारा दिलाएसर्दियों में ड्राई स्किन की समस्या से परेशान होना पड़ता है। ऐसे में आपकी स्किन पर पपड़ी जमा होने लगती है। ड्राई स्किन से छुटकारा पाने के लिए आप सर्दियों में अपनी नाभि पर सरसों का तेल डाल सकते हैं। सरसों का तेल त्वचा को मॉइश्चराइज करता है और त्वचा को नमी प्रदान करता है।3. जोड़ों के दर्द से राहत दिलाएसर्दियों में जोड़ों के दर्द की समस्या बढ़ जाती है। ऐसे में अगर आपको भी जोड़ों और हड्डियों में दर्द रहता है, तो आप नाभि पर सरसों का तेल डाल सकते हैं। सरसों का तेल, जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद करता है। अगर आप नियमित रूप से रात में नाभि पर सरसों का तेल लगाएंगे, तो इससे आपको दर्द में काफी आराम मिलेगा।4. मन शांत होता हैअगर आपको अकसर तनाव या कोई समस्या रहती है, तो आप रात में सोते समय नाभि पर सरसों का तेल डाल सकते हैं। नाभि पर सरसों का तेल डालने से आपका मन शांत होगा। आपका तनाव और चिंता दूर होगी और आपकी दिक्कतें भी दूर होंगी।5. बालों के विकास में मदद करेनाभि पर सरसों का तेल डालने से आपके बालों की सेहत भी अच्छी होगी। नाभि पर सरसों का तेल डालने से बालों की ग्रोथ अच्छी होती है। बाल मुलायम और चमकदार बनते हैं। इतना ही नहीं, बाल हेल्दी भी बन रहते हैं।
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सर्दियों के मौसम में गोभी के कई प्रकार बाजार में उपलब्ध होते हैं, जिसमें पत्ता गोभी, फूल गोभी और गांठ गोभी का नाम शामिल है। पत्ता गोभी का इस्तेमाल खाने में कई तरीकों से किया जाता है, लोग पत्ता गोभी की सलाद, सब्जी और पराठा खाना सबसे ज्यादा पसंद करते हैं। इसके अलावा पत्ता गोभी का इस्तेमाल मोमोज, चाउमीन और बर्गर जैसे फास्ट फूड में भी किया जाता है। यूं तो पत्ता गोभी खाने के अनेक फायदे होते हैं लेकिन कुछ लोगों के लिए पत्ता गोभी का ज्यादा सेवन नुकसानदायक साबित हो सकता है।
पत्ता गोभी किसे नहीं खानी चाहिए?थायराइडहाइपोथायरायडिज्म या हाइपरथायरायडिज्म से पीड़ित लोग, पत्ता गोभी को अपनी डाइट में शामिल करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। थायराइड के रोगियों के लिए पत्ता गोभी का सेवन उनके शरीर में थायराइड के लेवल को बिगाड़ सकता है। इसमें मौजूद कंपाउंड आपकी समस्या को बढ़ा सकते हैं।किडनीसर्दी के मौसम में लोग पत्ता गोभी को खाना काफी पसंद करते हैं, पत्ता गोभी स्वाद में जबरदस्त लगती है और इसमें विटामिन A, विटामिन C के साथ पोटैशियम और अन्य पोषक तत्व भी होती है लेकिन किडनी के मरीज इसका सेवन करेंगे तो उनकी दिक्कतें बढ़ सकती हैं। दरअसल, पत्ता गोभी का सेवन शरीर में यूरिक एसिड के लेवल को बढ़ा सकता है, जिसके कारण किडनी की समस्या से जूझ रहे लोगों की दिक्कतें बढ़ सकती हैं। जो लोग किडनी इंफेक्शन और किडनी स्टोन की समस्या से पीड़ित हैं उन्हें पत्ता गोभी का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।पेट की समस्याएंजो लोग पेट संबंधी समस्याओं से परेशान रहते हैं उन्हें पत्ता गोभी के सेवन से परहेज करना चाहिए। पत्ता गोभी का सेवन पेट में गैस, ब्लोटिंग और अपच की समस्या को बढ़ा सकता है। कई बार लोगों को पत्ता गोभी खाने के बाद पेट फूलने जैसी समस्या भी होती है। खासकर छोटे बच्चों में ये समस्या ज्यादा हो सकती है, ऐसे में बच्चों को पत्ता गोभी सीमित मात्रा में खिलानी चाहिए। पत्ता गोभी में फ्रुक्टेन की मात्रा ज्यादा होती है जो कि एक प्रकार का कार्बोहाइड्रेट है जो पाचन को मुश्किल बनाता है।ब्लड शुगर लेवलपत्ता गोभी शरीर में ब्लड शुगर के स्तर को कम कर सकती है। ऐसे में डायबिटीज रोगी पत्ता गोभी का सेवन करते हैं लेकिन पत्ता गोभी के हाइपोग्लाइसेमिक प्रभावों के बारे में जानने के लिए डॉक्टर से सलाह लें और उसके बाद ही इसे डाइट में शामिल करें। क्योंकि पत्ता गोभी का ज्यादा सेवन शरीर में ब्लड शुगर लेवल को ज्यादा कम कर सकता है, जिससे समस्या हो सकती है। - बालों को स्वस्थ रखने के लिए हमारी दादी-नानी हमेशा बालों में तेल लगाने की सलाह देती हैं। यह बालों को स्वस्थ रखने और सभी समस्याएं दूर करने के लिए सबसे एक नेचुरल और सबसे प्रभावी तरीका है। सप्ताह में सिर्फ 2-3 बार सिर में तेल लगाने से प्राकृतिक रूप से लंबे, घने, स्मूथ-शाइनी और मजबूत मिल सकते हैं। लेकिन अक्सर लोग इस बात को लेकर काफी परेशान रहते हैं कि आखिर बालों को स्वस्थ कौन से तेल का प्रयोग अधिक फायदेमंद होता है? कुछ लोग नारियल तेल लगाते हैं, तो कुछ सरसों तेल। वहीं बादाम और जैतून का तेल भी बालों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। लेकिन बहुत से लोग यह सवाल पूछते हैं कि बादाम और जैतून के तेल में से कौन सा ज्यादा फायदेमंद है? इस लेख में हम आपको इसके बारे में विस्तार से बता रहे हैं...बादाम Vs जैतून का तेल, बालों के लिए क्या है ज्यादा फायदेमंदआमतौर पर बालों के लिए दोनों ही तेल का प्रयोग फायदेमंद माना जाता है। हालांकि, सभी को कई एक तेल सूट भी नहीं होता है। पोषण की बात करें, तो दोनों ही तेलों में कोई खास अंतर नहीं है। साथ ही, इसमें मौजूद औषधीय गुण भी लगभग समान ही होते हैं। ये दोनों ही हेल्दी फैट्स और विटामिन ई से भरपूर होते हैं। ये आपके बालों में नमी को बनाए रखने, स्कैल्प में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने, बालों की जड़ों को मजबूत बनाने, मोटे-घने और शाइनी बाल पाने में मदद करते हैं।दोनों में से कौन सा बालों के लिए ज्यादा फायदेमंद है अगर इसकी बात करें, तो इनका चुनाव आपको अपने बालों के प्रकार के अनुसार करना चाहिए। हो सकता है कि कोई एक तेल किसी के लाभकारी हो सकती है, तो वहीं दूसरे के प्रयोग से समान लाभ न मिलें। बादाम के तेल में कोमल गुण होते हैं, इसे आमतौर पर सभी प्रकार के बालों के लिए अच्छा माना जाता है। बादाम का तेल आपके बालों को जरूरी पोषण प्रदान करता है और बालों के विकास को में मदद करता है। जबकि जैतून के तेल में ओमेगा फैटी एसिड होता है, यह ड्राई और फ्रिजी हेयर की समस्या को दूर करने और बालों में नमी बनाए रखने में मदद करता है। ऐसे में यह आपके लिए कौन सा ज्यादा फायदेमंद है यह आपके बालों की स्थिति पर निर्भर करता है।हालांकि, आप बालों को स्वस्थ रखने के लिए इन दोनों ही तेलों को मिक्स करके भी बालों में लगा सकते हैं। इस तरह आपके बालों को दोनों ही तेलों का लाभ मिलेगा।
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सर्दी के मौसम में शरीर का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है। खासतौर पर हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट जैसी बीमारियों के मरीजों को अपने खानपान से लेकर रूटीन का ध्यान रखना चाहिए। नहीं तो सेहत बिगड़ने का खतरा रहता है। ठंड में कई बार शरीर में खून गाढ़ा होने लगता है। जिसकी वजह से थक्के जमने का डर हो जाता है।
क्यों जम जाता है खून का थक्का
हार्ट.ओआरजी के अनुसार तापमान कम होने और ठंड के कारण खून की नसें सिकुड़ने लगती है। जिसकी वजह से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या बढ़ जाती है। वहीं कई बार खून के गाढ़ा हो जाने की वजह थक्के जमने लगते हैं। ऐसे में हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए ये स्थिति बेहद खतरनाक रहती है।
खून गाढ़ा होने के लक्षण
शरीर में खून गाढ़ा होने के लक्षण आसानी से नहीं दिखते। जब खून के थक्के बनने लगते हैं। तब जाकर इसका असर शरीर पर दिखता है और ये लक्षण दिखते हैं।
-नजर धुंधली हो जाना
-चक्कर आना
-त्वचा पर नीले चकत्ते उभर आना
-पीरियड्स में ज्यादा ब्लीडिंग होना
-सिरदर्द
-ब्लड प्रेशर हाई हो जाना
-स्किन पर खुजली होना
-थकान महसूस होना
-सांस फूलना
-गठिया की समस्या होना
नसों में खून का थक्का ना जमें इसलिए इन फूड्स को खाएं
हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को सर्दियों के मौसम में इन फूड्स को अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए। ये नसों की सेहत के लिए फायदेमंद होती है। इन्हें खाने से ब्लड सर्कुलेशन पूरी बॉडी में अच्छी तरह से होता है।
अनार
अनार पूरी हेल्थ को सही रखने में मदद करता है। इसमे नाइट्रेट्स, पॉलीफेनॉल एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। जो ब्लड वेसल्स को चौड़ा करने और उनमे ब्लड फ्लो को आसान करने में मदद करते हैं।
लहसुन
लहसुन नेचुरल ब्लड थिनर है। इसलिए सर्दियों में खून का थक्का जमने से बचने के लिए हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को इसे जरूर खाना चाहिए। ये नसों के स्ट्रेस को कम करता है और उन्हें रिलैक्स करता है। जिसकी वजह से नसें सिकुड़ती नही है और हाई ब्लड प्रेशर का रिस्क कम हो जाता है।
दालचीनी
दालचीनी हार्ट के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद है। ये ब्लड वेसल्स को रिलैक्स करती है और उन्हें चौड़ा बनाती है। रिसर्च में भी ये बात सामने आ चुकी है कि दालचीनी कोरोनरी आर्टरी में ब्लड फ्लो को बढ़ाती है। जिससे हार्ट हेल्थ सही होती है। रिसर्च से पता चलता है कि हाइपरटेंशन की वजह से बढ़ने वाले ब्लड प्रेशर के लिए दालचीनी सप्लीमेंट जरूरी है।
अदरक
अदरक का इस्तेमाल डाइजेशन में मदद करने के लिए किया जाता है। लेकिन साथ ही ये शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने में भी मदद करता है। रोजाना की डाइट में अदरक की मात्रा शामिल करने से सर्दियों में खून जमने का डर कम होता है।
फेनॉल रिच फूड्स
फेनॉल रिच फूड्स है मटर, बींस, सोया मिल्क, ग्रीन टी, ब्लैक टी, पार्सले। वहीं जैतून के तेल में फेनॉल की मात्रा काफी ज्यादा होती है। जिसे डाइट में शामिल करने से खून का थक्का जमने का खतरा कम होता है। इसलिए फेनॉल एंटीऑक्सीडेंट्स युक्त फूड्स को जरूर खाना चाहिए। - सर्दियों की शुरुआत होते ही बाजार में कई तरह के साग मिलने शुरू हो जाते हैं लेकिन लोगों को सबसे ज्यादा सरसों के साग का इंतजार रहता है। मक्के की रोटी के साथ सरसों के साग की जोड़ी भले ही स्वादिष्ट होती है लेकिन कुछ लोगों के लिए ये नुकसानदायक साबित हो सकता है। सरसों के साग में फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है लेकिन ये पचाने के लिए भारी होता है। आज जानेंगे सर्दियों में सरसों का साग किसे नहीं खाना चाहिए?सरसों का साग किसे नहीं खाना चाहिएसरसों का साग भारी होता है यानी जिनको पेट संबंधी समस्याएं रहती हैं, जैसे- बदहजमी या पाचन में दिक्कत रहती है वह सरसों के साग के सेवन से बचें। सरसों के साग के सेवन से पेट फूलना और गैस की समस्या हो सकती है।- सरसों का साग बनाने में लोग बहुत ज्यादा घी और मक्खन का इस्तेमाल करते हैं, ऐसे में जिन लोगों को ब्लड प्रेशर या कोलेस्ट्रॉल की समस्या रहती है वह सरसों के साग का सेवन सोच-समझकर करें।-जिन लोगों को पथरी बार-बार होने की दिक्कत रहती है उन्हें भी सरसों के साग का सेवन करने से बचना चाहिए। सरसों के साग के सेवन से पथरी की समस्या से जूझ रहे लोगों को दिक्कत हो सकती है।-किडनी से जुड़ी दिक्कतों से जूझ रहे लोगों को भी सरसों का साग खाने से परहेज करने की सलाह दी जाती है।-सरसों के साग में छोटे-छोटे कीड़े हो सकते हैं, ऐसे में इसे पकाने से पहले कई बार पानी से अच्छे से साफ करें।-सरसों के साग के साथ बथुआ, पालक और मेथी जैसे अन्य साग को साथ में मिलाकर बनाएं, इससे पेट संबंधी समस्याएं कम हो सकती हैं।-सरसों के साग को बनाने में समय और मेहनत लगती है, ऐसे में कई लोग इसे ज्यादा बना लेते हैं और 2 से 3 दिन तक खाते हैं जो कि सेहत पर बुरा असर डाल सकता है। सरसों के साग को ताजा बनाकर ही खाएं। कोशिश करें कि साग बनाने के 7 से 8 घंटे तक आप इसे खा लें।-जिन लोगों को साग पचाने में दिक्कत होती है वह कम मात्रा में खाएं और सुबह के समय में इसका सेवन करें। इससे दिनभर में आपका साग पच जाएगा और समस्या कम होगी।
- मधुमेह न सिर्फ हमारी किडनी को प्रभावित करता है, बल्कि यह हमारे लिवर हेल्थ को भी नुकसान पहुंचा सकता है। ब्लड शुगर बढ़ने पर यकृत कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है और उनमें अधिक वसा जमा हो सकती है, जिस कारण लिवर डैमेज या इस पर असर होता है। इसे गैर-अल्कोहल फैटी लीवर रोग (एनएएफएलडी) के रूप में भी जाना जाता है। इस बीमारी या अधिक खतरा टाइप2 डायबिटीज वाले लोगों को ज्यादा होता है। डायबिटीज से पीड़ित लोगों में कोशिकाएं हार्मोन इंसुलिन के प्रति ठीक से रिस्पॉन्ड नहीं करती है, जिससे यह समस्या बढ़ सकती हैं। वहीं डायबिटीज लोगों में कोलेस्ट्रॉल स्तर होने की संभावना अधिक होती है। उच्च कोलेस्ट्रॉल का स्तर लिवर सेल्स को डैमेज कर सकता है।थकानडायबिटीज में थकान होना एक आम समस्या है। लेकिन अगर आपको ज्यादा थकान या जल्दी-जल्दी थकान का अनुभव हो रहा है, तो ये लिवर संबंधित हो सकता है। इससे बचाव के लिए ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल रखें। साथ ही समय पर दवाइयां भी लेते रहें।पेट दर्दजिन लोगों को डायबिटीज की समस्या होती है। अगर उनको लंबे समय से पेट के दाहिने ऊपरी हिस्से में दर्द का अनुभव हो, तो यह लिवर से संबंधित सकता है। वैसे, तो यह दर्द हल्का ही होता है लेकिन अचानक से तेज भी हो सकता है।पीलियाब्लड शुगर बढ़ने पर पीलिया की समस्या भी हो सकती है। पीलिया होने पर त्वचा और आंखों का पीला पड़ना है। यह लिवर खराब होने का संकेत है। इस तरह के लक्षण नजर आने पर डॉक्टर से संपर्क अवश्य करें। साथ ही अल्कोहल और शराब के सेवन से भी बचें।हेपेटोसप्लेनोमेगालीब्लड शुगर बढ़ने पर हेपेटोसप्लेनोमेगाली की समस्या भी हो सकती है। हेपेटोसप्लेनोमेगाली होने पर व्यक्ति के यकृत और प्लीहा पर सूजन आ जाती है। यह लीवर खराब होने का एक और संकेत है। ऐसे में डॉक्टरी देखभाल से इसे कंट्रोल किया जा सकता हैं।लिवर को हेल्दी रखने के लिए क्या करें?लिवर को हेल्दी रखने के लिए वजन को कंट्रोल में रखें। वजन कम होने से लिवर में वसा की मात्रा को कम करने में मदद मिल सकती है, साथ ही ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल रखें। हेल्दी डाइट के सेवन के साथ नियमित रूप से एक्सरसाइज करें। अल्कोहल का सेवन हरगिज न करें। ब्लड शुगर लेवल बढ़ने पर लिवर हेल्थ को नुकसान हो सकता हैं। हालांकि, अगर आपको कोई समस्या हैं, तो डॉक्टर की राय अवश्य लें।