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- चावल का पानी कोरियन स्किन केयर में सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाली चीजों में से एक है। कोरियन ब्यूटी सीक्रेट्स के प्रति दुनिया भर में लोगों की खास रूचि देखी जा रही है। चावल का पानी कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स और मिनरल्स से भरपूर होता है। यही न्यूट्रिएंट्स स्किन का पोषण करते हैं। इसीलिए, चावल का पानी स्किन पर लगाने के स्किन को कई तरह के फायदे है। विशेषकर रात में सोने से पहले चेहरे पर चावल का पानी लगाने से स्किन की कई तरह की समस्याएं भी कम होती हैं। आइए जानते हैं रात में चेहरे पर चावल का पानी लगाने के क्या फायदेड्राई स्किन से छुटकाराराइस वॉटर आपकी स्किन को हाइड्रेटेड रखता है। इससे स्किन सॉफ्ट और हेल्दी दिखायी देती है। यह स्किन की ड्राइनेस कम करता है।पिम्पल्स से आरामचेहरे पर चावल का पानी लगाने से स्किन पोर्स की सफाई होती है। इससे स्किन पर पिम्पल्स और फोड़े-फुंसी जैसी समस्याए कम होती है।डार्क स्पॉट्स कम करेस्किन पर डार्क स्पॉट्स को हल्का करने और स्किन की रंगत निखारने के लिए भी आप चेहरे पर चावल का पानी अप्लाई करें और उसे रातभर के लिए चेहरे पर लगाकर रखें।स्किन पर आता है ग्लोचेहरे पर अगर आप चावल का पानी लगाते हैं तो यह आपकी स्किन की चमक बढ़ाता है। इसी वजह से जब आप सुबह सोकर उठती हैं तो आपके चेहरे पर अच्छा ग्लो दिखायी देता है।चावल का पानी तैयार करने का तरीका2 चम्मच चावल को पानी में भिगोकर 6-7 घंटों के लिए रख दें। फिर इस पानी को छानकर अलग कर लें। अब यह पानी फ्रिज में रख दें और हर रात सोने से पहले चेहरे पर लगाएं।
- मुनगा या सहजन या फिर मोरिंगा को आयुर्वेद में औषधि माना जाता है। इसका सेवन करने से कई बीमारियों के इलाज में किया जाता है। इसका इस्तेमाल कई व्यंजनों में किया जाता है। मोरिंगा को औषधि की तरह भी इस्तेमाल किया जाता है। इसमें कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, प्रोटीन, विटामिन ए, विटामिन सी और विटामिन बी कॉम्प्लेक्स काफी अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। यही वजह है कि मोरिंगा के पत्तों का सेवन करना बहुत फायदेमंद माना गया है। इसका सेवन करना बीमारियों में भी फायदेमंद होता है।क्या डायबिटीज में मोरिंगा के पत्ते खाना फायदेमंद है?एक्सपर्ट के मुताबिक डायबिटीज में मोरिंगा के पत्ते खाना फायदेमंद होता है। मोरिंगा में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण बॉडी में ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस कम करने में मदद करते हैं। इसे डेली डाइट में शामिल करने से इंसुलिन सेंसिटिविटी इंप्रूव होती है और इंसुलिन रेजिस्टेंस भी कंट्रोल रहता है। इसके अलावा, मोरिंगा का सेवन करने से बॉडी ग्लूकोज को एनर्जी के रूप में प्रयोग कर पाती है। यह ब्लड शुगर में अचानक स्पाइक होने से बचाता है। इसके सेवन से डायबिटीज कंट्रोल होने में मदद मिलती है। जिन लोगों का ब्लड शुगर हाई या डाउन रहता है, उन्हें किसी आयुर्वेदिक एक्सपर्ट की सलाह पर इसका सेवन करना चाहिए।डायबिटीज में मोरिंगा के पत्तों को सूखाकर और इसका पाउडर बनाकर सेवन किया जा सकता है। ऐसे में, अगर सुबह खाली पेट एक चम्मच मोरिंगा पाउडर का सेवन रोज किया जाए, तो इससे दिनभर ब्लड शुगर कंट्रोल रहने में मदद मिलती है। इसके अलावा, आप मोरिंगा की पत्तियों को चबाकर भी गर्म पानी के साथ खा सकते हैं।मोरिंगा के पत्ते खाने के अन्य फायदेइम्यूनिटी बूस्ट होती हैमोरिंगा के पत्तों में एंटीऑक्सीडेंट्स होने के साथ एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं। इसलिए इसके सेवन से इम्यूनिटी बूस्ट होती है और इंफेक्शन व बीमारियों का खतरा कम होता है। अगर रोज खाली पेट इनका सेवन किया जाए, तो इससे ओवरऑल हेल्थ को फायदा होता है।ब्रेन हेल्थ के लिए फायदेमंदमोरिंगा के पत्तों का सेवन करना ब्रेन हेल्थ के लिए भी फायदेमंद है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं, जो ब्रेन को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाते हैं। इससे कॉग्निटिव फंक्शन को सपोर्ट भी मिलता है। इसके सेवन से याददाश्त भी तेज होती है और नर्वस सिस्टम को फायदा मिलता है।पाचन तंत्र के लिए फायदेमंदपाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए मोरिंगा के पत्ते फायदेमंद होते हैं। इसके सेवन से कब्ज एसिडिटी और अपच जैसी समस्याओं में भी फायदा होता है। इसमें डाइटरी फाइबर मौजूद होता है, जो गट हेल्थ को इंप्रूव करने में मदद करता है। इसके सेवन से आंतों में मौजूद टॉक्सिन निकल जाते हैं और आंते साफ होती हैं। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं, जो पेट में इंफेक्शन होने से रोकते हैं।डायबिटीज में मोरिंगा के पत्ते खाना फायदेमंद होता है। मोरिंगा में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण बॉडी में ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस कम करने में मदद करते हैं। इसे डेली डाइट में शामिल करने से इंसुलिन सेंसिटिविटी इंप्रूव होती है और इंसुलिन रेजिस्टेंस भी कंट्रोल रहता है। लेख में आपको सामान्य जानकारी दी गई है। इस बारे में ज्यादा जानने के लिए एक्सपर्ट से संपर्क करें। अगर आप किसी स्वास्थ्य समस्या के लिए दवा लेते हैं, तो डॉक्टक की सलाह पर ही इसे डाइट में शामिल करें।क्या हम रोज मोरिंगा के पत्ते खा सकते हैं?आयुर्वेदिक एक्सपर्ट के मुताबिक, रोजाना मोरिंगा के पत्तों का सेवन करना फायदेमंद है। इससे डाइजेशन इंप्रूव होता है। इसके सेवन से डायबिटीज कंट्रोल रहती है और बॉडी में एनर्जी भी बनी रहती है।सहजन के पत्ते रोज खाने से क्या होता है?रोज सहजन के पत्ते खाने से ओवरऑल हेल्थ को फायदा होता है। इसके सेवन से वजन घटाने में मदद मिलती है। ये ब्लड शुगर कंट्रोल रखने और एनर्जेटिक रहने में भी मदद करते हैं। इनके सेवन से हार्ट हेल्थ इंप्रूव होती है।मोरिंगा के पत्ते कैसे खाए जाते हैं?डेली डाइट में मोरिंगा के पत्तों को दो तरह से शामिल किया जा सकता है। डायबिटीज में मोरिंगा के पत्तों को सूखाकर और इसका पाउडर बनाकर सेवन किया जा सकता है। इसके अलावा, आप मोरिंगा की पत्तियों को चबाकर भी गर्म पानी के साथ खा सकते हैं।
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बेसन एक नेचुरल क्लींजर के रूप में काम करता है। यह त्वचा पर जमी सारी गंदगी, अशुद्धियां और अतिरिक्त तेल को निकालने में असरदार होता है। बेसन त्वचा की गहराई से सफाई करता है और पोर्स को हेल्दी बनाए रखने में मदद करता है। यह त्वचा की रंगत को साफ करता है और दाग-धब्बों को मिटाने में असरदार होता है। बेसन चेहरे का ग्लो बढ़ाने में भी मदद करता है। अगर आप चेहरे पर ग्लो लाना चाहते हैं, तो बेसन का इस्तेमाल कर सकते हैं।
बेसन और एलोवेराचेहरे पर ग्लो लाने के लिए आप बेसन में एलोवेरा जेल मिलाकर लगा सकते हैं। इसके लिए आप 2 चम्मच बेसन लें। इसमें 1-2 चम्मच एलोवेरा जेल मिक्स करें। इस पेस्ट को चेहरे पर अप्लाई करें और 35 मिनट के लिए छोड़ दें। जब पेस्ट सूख जाए, तो चेहरे को सादे पानी से धो लें। एलोवेरा में मॉइश्चराइजिंग गुण होते हैं, जिससे त्वचा पर नमी बनी रहती है। एलोवेरा त्वचा को मुलायम और कोमल बनाता है। बेसन और एलोवेरा लगाने से चेहरे का ग्लो भी बढ़ाता है।बेसन और दहीग्लो लाने के लिए आप बेसन में दही मिक्स करके भी लगा सकते हैं। दही में मौजूद लैक्टिक एसिड दाग-धब्बों और पिग्मेंटेशन को कम करके चेहरे का ग्लो बढ़ाता है। इसके लिए आप 2 चम्मच बेसन लें और इसमें थोड़ा-सा दही मिलाएं। अब इस पेस्ट को चेहरे पर लगाएं और 30 मिनट के लिए छोड़ दें। आधे घंटे बाद चेहरे को सादे पानी से धो लें। आप कुछ दिनों तक इस पेस्ट का रोजाना इस्तेमाल कर सकते हैं।बेसन और हल्दीआप चेहरे पर बेसन में हल्दी मिलाकर लगा सकते हैं। बेसन और हल्दी को मिक्स करके लगाने से चेहरे का ग्लो बढ़ता है। हल्दी चेहरे के दाग-धब्बों को मिटाने और त्वचा का निखार बढ़ाने में मदद करता है। आप 2 चम्मच बेसन लें। इसमें आधी चम्मच हल्दी और थोड़ा-सा दूध मिलाएं। इस पेस्ट को चेहरे पर लगाएं और 20 मिनट बाद त्वचा को सादे पानी से धो लें। बेहतर रिजल्ट के लिए इस पेस्ट को सप्ताह में 2-3 बार लगाएं।बेसन और गुलाब जलगुलाब जल चेहरे पर नेचुरल ग्लो लाने में मदद करता है। इसके लिए आप 2 चम्मच बेसन लें और इसमें गुलाब जल मिलाएं और फिर चेहरे पर अप्लाई करें। 30-35 मिनट बाद चेहरे को नॉर्मल पानी से धो लें। गुलाब जल त्वचा का निखार बढ़ाने में सहायक होता है। यह डल और बेजान त्वचा से छुटकारा दिलाता है। गुलाब जल पीएच लेवल को भी मेंटेन बनाए रखता है।बेसन और आलू का रसअगर आप चेहरे के दाग-धब्बों से परेशान हैं, तो बेसन में आलू का रस मिलाकर चेहरे पर लगा सकते हैं। बेसन और आलू का पेस्ट दाग-धब्बों को मिटाकर चेहरे का ग्लो बढ़ाने में मदद करता है। इसके लिए आप 2 चम्मच बेसन लें और इसमें आलू कर रस मिक्स करें। अब इस पेस्ट को चेहरे पर लगाएं और सूखने के लिए छोड़ दें। 20-30 मिनट बाद चेहरे को नॉर्मल पानी से धो लें। इससे त्वचा का निखार बढ़ेगा और स्किन नेचुरली ग्लोइंग बनेगी। -
डेली डाइट के एक पोर्शन में ड्राई फ्रूट्स को शामिल करना भी जरूरी है। इनमें हेल्दी फैट्स और एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं, जो दिनभर एनर्जेटिक रहने में मदद करते हैं। हेल्दी रहने के लिए आप रोज कई तरह के ड्राई फ्रूट्स अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। इन्हीं में किशमिश का नाम भी शामिल है। इसमें भरपूर मात्रा में आयरन होने के साथ पोटेशियम, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट भी मौजूद होते हैं। इसे डेली डाइट में शामिल करने से शरीर में खून की कमी पूरी होती है और कमजोरी दूर होती है। इसका सेवन करना गट हेल्थ के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। रोज सेवन करने से गट हेल्थ से जुड़ी कई समस्याएं ठीक होती हैं।
आंतों की सेहत के लिए किशमिश के फायदे-डाइटरी फाइबर अधिक होता हैकिशमिश में डाइटरी फाइबर अधिक मात्रा में मौजूद होता है। इसके सेवन से बॉवेल मूवमेंट ठीक से होता है और डाइजेशन इंप्रूव होता है। इसमें सोर्बिटोल भी मौजूद होता है, जो एक नेचुरल लैक्सेटिव है और डाइजेशन को ठीक रखता है।बॉवेल मूवमेंट इंप्रूव होता है-डेली डाइट में किशमिश शामिल करने से बॉवेल मूवमेंट इंप्रूव होता है। इससे डाइजेस्टिव सिस्टम की मसल्स ठीक से काम करती हैं। इससे खाना ठीक से पचता है और ब्लोटिंग, एसिडिटी और अपच जैसी समस्याओं का खतरा कम होता है।लिवर डिटॉक्स होता हैरोज सुबह भीगी हुई किशमिश का सेवन किया जाए, तो इससे लिवर डिटॉक्सिफिकेशन में मदद मिलती है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स मौजूद होते हैं, जो गट हेल्थ इंप्रूव करने में मदद करते हैं। रोज इसका सेवन करने से लिवर डिटॉक्सिफिकेशन में मदद मिलती है और हार्ट हेल्थ को फायदा भी होता है।आंतों में गुड बैक्टीरिया बढ़ते हैंकिशमिश आंतों के लिए प्री बायोटिक की तरह भी काम करती हैं। इसके सेवन से आंतों में गुड बैक्टीरिया बढ़ते हैं और गट हेल्थ इंप्रूव होती है। इससे डाइजेशन ठीक से होता है और डाइजेस्टिव इशुज का खतरा कम होता है। इससे एसिडिटी और ब्लोटिंग की समस्या भी ठीक होती है।पेट साफ होता है-जिन लोगों को कब्ज या अपच की समस्या रहती है, उन्हें इसका सेवन रोज जरूर करना चाहिए। इसमें अधिक मात्रा में फाइबर मौजूद होते हैं, जो नेचुरल लेक्सेटिव की तरह काम करते हैं। इसलिए रोज सुबह किशमिश खाने या इसका पानी पीने से पेट ठीक से साफ हो पाता है।इन बातों का रखें ध्यान-अगर आपको डायबिटीज है या कोई हेल्थ इशु रहता है, तो अपने डॉक्टर की सलाह पर ही इसका सेवन रोज करें।-अगर आप रातभर पानी में भिगोकर सुबह इसका सेवन करते हैं, तो इससे पाचन तंत्र को कई फायदे मिलते हैं। इसके सेवन से पेट साफ होगा और बॉडी में एनर्जी बनी रहेगी।-ध्यान रखें कि इसका सेवन कम मात्रा में ही करें। क्योंकि, इसमें नेचुरल शुगर मौजूद होती है। अगर अधिक मात्रा में सेवन किया जाए, तो इस कारण वजन बढ़ सकता है।-जिन लोगों को इरिटेबल बॉवेल की समस्या रहती है, उन्हें डॉक्टर की सलाह पर ही इसका सेवन करना चाहिए।-किशमिश को हेल्दी स्नैकिंग के लिए डाइट में शामिल किया जा सकता है। अगर आप काली किशमिश का सेवन करते हैं, तो इससे हीमोग्लोबिन इंप्रूव होगा और एसिडिटी से राहत मिलेगी। - बालों की झड़ने की समस्या आजकल आम हो गई है। खराब खान-पान, तनाव, प्रदूषण और केमिकल युक्त उत्पादों का इस्तेमाल बालों की सेहत को बुरी तरह प्रभावित करता है। कई प्रोडक्ट आपको इस समस्या से निजात दिलाने की बात करते हैं, लेकिन उसका कोई सकारात्मक असर न दिखने पर आप निराश हो जाती हैं। ऐसे में अगर आप भी नेचुरल तरीके से बालों की ग्रोथ बढ़ाना चाहते हैं, तो कैस्टर ऑयल (अरंडी का तेल) आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं है। खास बात ये है कि अगर इसे नारियल तेल के साथ मिलाकर लगाया जाए, तो इसका असर कई गुना बढ़ जाता है।कैस्टर ऑयल कैसे करता है कामकैस्टर ऑयल विटामिन ई, ओमेगा-6 फैटी एसिड्स और रिसिनोलेक एसिड से भरपूर होता है, जो स्कैल्प में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने में मदद करता है। यह बालों की जड़ों को पोषण देकर नए बालों के विकास को प्रोत्साहित करता है और बालों को घना और मजबूत बनाता है। साथ ही, इसमें एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण भी होते हैं, जो डैंड्रफ और स्कैल्प इंफेक्शन से बचाते हैं।नारियल तेल के फायदेनारियल तेल बालों के लिए एक बेहतरीन प्राकृतिक मॉइस्चराइजर है, जो उन्हें सूखने और टूटने से बचाता है। यह बालों को मुलायम, चमकदार और मजबूत बनाने में मदद करता है। जब नारियल तेल को कैस्टर ऑयल के साथ मिलाया जाता है, तो यह मिश्रण बालों की जड़ों तक गहराई से पोषण पहुंचाता है। कैस्टर ऑयल की ग्रोथ बढ़ाने वाली क्षमता और नारियल तेल के सुरक्षात्मक गुण मिलकर बालों को स्वस्थ, घना और चमकदार बनाते हैं। नियमित उपयोग से बालों में प्राकृतिक निखार आता है।कैसे करें इस्तेमालइसे इस्तेमाल करने का तरीका बेहद आसान है। बराबर मात्रा में कैस्टर ऑयल और नारियल तेल मिलाएं (जैसे 2-2 चम्मच)। इस मिश्रण को हल्का गर्म कर लें। उंगलियों की मदद से स्कैल्प में अच्छे से मसाज करें। कम से कम 1–2 घंटे या पूरी रात के लिए छोड़ दें। हल्के शैम्पू से धो लें।सप्ताह में कितनी बार लगाएंइस तेल का इस्तेमाल सप्ताह में 2 बार करें। नियमित उपयोग से कुछ ही हफ्तों में बालों की ग्रोथ में अंतर महसूस होने लगेगा। कैस्टर ऑयल और नारियल तेल का यह मिश्रण बालों की सेहत के लिए एक शक्तिशाली नैचुरल टॉनिक है। इसे अपनाकर आप बालों की ग्रोथ को कई गुना बढ़ा सकते हैं और उन्हें प्राकृतिक रूप से मजबूत और सुंदर बना सकते हैं।किस बात का रखें ध्यानहालांकि, बालों की ग्रोथ रुकना कई बार किसी अंदरुनी किसी बीमारी का कारण हो सकता है और इसलिए डॉक्टर से आपको संपर्क करना चाहिए।
- दूध हम भारतीयों के आहार का अहम हिस्सा है। बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्ति को पोषण देने की बात आती है, तो दिमाग में पहला ख्याल ही दूध का आता है। भैंस के दूध की मलाईदार बनावट और स्वाद दोनों ही लोगों को खूब पसंद आता है। लेकिन कई लोगों का मानना होता है कि भैंस का दूध पीने से वजन बढ़ता है। लेकिन क्या वाकई भैंस का दूध पीने से वजन बढ़ता है, इस लेख में हम इसी दावे की सच्चाई जानने की कोशिश करेंगे। भैंस के दूध में गाय के दूध की तुलना में ज्यादा कैलोरी, फैट और प्रोटीन पाया जाता है। एक्सपर्ट के अनुसार, 100 मिलीलीटर भैंस के दूध में लगभग 97 कैलोरी, 4.5 ग्राम प्रोटीन और 6.9 ग्राम हेल्दी फैट होता है। ये सभी पोषक तत्व स्वास्थ्य के लिहाज से बहुत फायदेमंद होते हैं।क्या भैंस का दूध पीने से वजन बढ़ता है?न्यूट्रिशनिस्ट के अनुसार, भैंस के दूध में हाई कैलोरी (Buffalo Milk) पाई जाती है। बाजार में विभिन्न जानवरों और वीगन दूध के मुकाबले भैंस के दूध में 2 से 3 गुणा तक अधिक कैलोरी होती है। भैंस के दूध में हाई प्रोटीन भी होता है, इसलिए ये उन लोगों के लिए फायदेमंद माना जाता है, जिन्हें दिन में अतिरिक्त एनर्जी की जरूरत होती है। जैसी की एथलीट्स और बॉडीबिल्डर्स। इसलिए ये कहना बिल्कुल सही है कि भैंस का दूध पीने से वजन बढ़ता है।- हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि भैंस के दूध में प्रोटीन की मात्रा ज्यादा पाई जाती है। ये मांसपेशियों और हड्डियों के विकास में भी मदद करता है।- भैंस के दूध में हाई फैट के साथ मलाई भी ज्यादा पाई जाती है। यही कारण है कि भैंस का दूध भूख को बढ़ाता है, जिससे खाने की इच्छा ज्यादा होती है। यही कारण है कि भैंस का दूध पीने से वजन बढ़ने की बात कही जाती है।- भैंस के दूध में इम्युनोग्लोबुलिन्स और लैक्टोफेरिन की अतिरिक्त मात्रा में पाया जाता है, जो वजन बढ़ने में सहयोग दे सकता है।किन लोगों को भैंस का दूध नहीं पीना चाहिएभैंस का दूध बेशक से स्वाद में लाजवाब और सेहत के लिए फायदेमंद है, लेकिन कुछ लोगों को इसका सेवन करने की मनाही होती है।-पाचन संबंधी समस्याएं- हाई फैट और प्रोटीन होने के कारण भैंस का दूध पाचन तंत्रिका से जुड़ी परेशानियों वाले व्यक्तियों के लिए नुकसानदायक होता है।-लैक्टोज असहिष्णुता- लैक्टोज असहिष्णु लोगों को इससे बचना चाहिए।-हार्ट और हाई बीपी - हाई फैट होने के कारण भैंस का दूध कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है। इसलिए जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट संबंधी समस्याएं हैं, उन्हें इसका सेवन करने से बचना चाहिए।रोज भैंस का दूध पीने से क्या होता है?भैंस के दूध में प्रोटीन, कैल्शियम, हेल्दी फैट पाया जाता है। रोजाना भैंस का दूध पीने से शरीर को पर्याप्त मात्रा में एनर्जी मिलती है। साथ ही, ये मांसपेशियों, हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है। प्रतिदिन 200 मिलीग्राम भैंस का दूध पीने से वजन और फैट तेजी से बढ़ता है। जो लोग वेटलॉस करना चाहते हैं, उन्हें किसी भी परिस्थिति में भैंस का दूध पीने की सलाह नहीं दी जाती है।क्या रोज दूध पीने से वजन बढ़ता है?इस सवाल का जवाब हां और ना दोनों ही हो सकता है। अगर आप रोजाना 1 गिलास भैंस का दूध पी रहे हैं, तो ये वजन बढ़ाने में योगदान दे सकता है। लेकिन अगर रोजाना 1 गिलास गाय, सोया मिल्क या बकरी का दूध पी रहे हैं, तो इससे ज्यादा वजन नहीं बढ़ता है। सोया और बकरी का दूध पीने से वजन कम हो सकता है, क्योंकि इसमें कैलोरी की मात्रा बहुत कम होती है।एक गिलास भैंस के दूध में कितना फैट होता है?एक गिलास भैंस के दूध में कितना फैट है, ये दूध कितना गाढ़ा है उस बात पर निर्भर करता है। आसान शब्दों में कहें तो एक गिलास भैंस के दूध में लगभग 15 से 20 ग्राम फैट होता है। निष्कर्षएक्सपर्ट के साथ बातचीत के आधार पर हम ये कह सकते हैं कि भैंस का दूध वजन बढ़ा सकता है। भैंस के दूध में हाई प्रोटीन और फैट पाया जाता है, जो वजन बढ़ा सकता है। अगर आप वजन घटाने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो भैंस का दूध पीने से बचें। लेकिन अगर आप वजन बढ़ाने की ख्वाहिश रखते हैं, तो भैंस का दूध आपकी मदद कर सकता है। लेकिन ध्यान रहे अगर आपके परिवार में किसी व्यक्ति को भैंस के दूध से एलर्जी है, तो इसे डाइट का हिस्सा बनाने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
- आजकल के गलत खानपान और खराब जीवनशैली के कारण हाई यूरिक एसिड की समस्या लोगों में आम हो गई है। दरअसल, यूरिक एसिड हमारे शरीर में मौजूद एक अपशिष्ट पदार्थ होता है, जो प्यूरीन नामक केमिकल के टूटने से बनता है। आमतौर पर, किडनी इसे फिल्टर करके पेशाब के रास्ते शरीर से बाहर निकाल देती है। लेकिन जब किडनी सही ढंग से काम नहीं कर पाती है, तो यह जोड़ों के आसपास क्रिस्टल के रूप में जमा होने लगता है। इसकी वजह से जोड़ों में दर्द, सूजन और चलने-फिरने में दिक्कत जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में, यूरिक एसिड को कंट्रोल करना बहुत जरूरी हो जाता है। शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को कंट्रोल करने के लिए आपको अपने खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इसके अलावा, कुछ घरेलू उपायों की मदद से भी यूरिक एसिड को कंट्रोल किया जा सकता है।यूरिक एसिड कम करने में कैसे फायदेमंद है कच्चा पपीता?शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को कम करने के लिए कच्चा पपीता बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है। दरअसल, इसमें विटामिन ए, विटामिन-सी, फाइबर, मैग्नीशियम और कैल्शियम जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। इसके अलावा, इसमें पपैन नामक एंजाइम मौजूद होता है, जो एक प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी है। यह खून में यूरिक एसिड के निर्माण को रोकने में मदद करता है। साथ ही, जोड़ों के दर्द और सूजन से राहत दिलाता है। नियमित रूप से इसका सेवन करने से पाचन तंत्र में सुधार होता है और शरीर में जमा विषाक्त पदार्थ आसानी से बाहर निकल जाते हैं, जिससे यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है।यूरिक तेज कम करने के लिए कैसे करें कच्चे पपीते का सेवन?शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को कम करने के लिए आप सुबह खाली पेट कच्चे पपीते का काढ़ा बनाकर पी सकते हैं। इसे बनाने के लिए आप कच्चे पपीते को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। अब एक बर्तन में एक गिलास पानी डालें। इसमें पपीते के टुकड़ों को डालकर करीब 5 मिनट तक पकाएं। इसके बाद इसे मिक्सी में डालकर पीस लें। अब इस काढ़े को किसी कप में छान लें। इसमें थोड़ा सा काला या सेंधा नमक डालकर पिएं। इसके अलावा, आप कच्चे पपीते की सब्जी या जूस बनाकर भी सेवन कर सकते हैं।(यह आर्टिकल केवल सामान्य जानकारी और सलाह देता है। यह किसी भी तरह से चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। इसलिए अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श जरूर करें।)
- सौंफ और काली मिर्च दोनों सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। इसे खाने से स्वास्थ्य को कई जबरदस्त फायदे मिलते हैं। अगर इसे अलग-अलग न खाकर एकसाथ खाया जाए तो इसके फायदे दोगुने हो जाते हैं। इससे पाचन तंत्र अच्छा रहता है साथ ही साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।काली मिर्च में विटामिन ए, एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण, विटामिन सी और बीटा कैरोटीन आदि जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। वहीं, सौंफ में फाइबर, कैल्शियम, आयरन और विटामिन सी आदि पाए जाते हैं। यह सभी पोषक तत्व सेहत के लिए काफी गुणकारी होते हैं। हालांकि, इस कॉम्बिनेशन को ज्यादा मात्रा में न खाएं।सौंफ के साथ काली मिर्च मिलाकर खाने के फायदे1. पाचन तंत्र के लिए फायदेमंदअगर आप पाचन संबंधी समस्याओं से परेशान हैं तो ऐसे में सौंफ के साथ काली मिर्च मिलाकर खाया जा सकता है। इस कॉम्बिनेशन में मिलने वाले पोषक तत्व पेट संबंधी परेशानियों जैसे पेट फूलना, कब्ज और अपच आदि जैसी समस्याओं से राहत दिलाते हैं। इसमें फाइबर होता है, जो आपकी बॉवेल मूवमेंट को दुरुस्त कर मलत्याग में होने वाली कठिनाई को आसान बनाता है।2. वजन घटाने में मददगारअगर आप बढ़ते वजन से परेशान हैं तो भी अपनी रेगुलर डाइट में काली मिर्च और सौंफ को शामिल कर सकते हैं। इसे खाने से मेटाबॉलिज्म दुरुस्त होता है साथ ही साथ कैलोरी भी आसानी से बर्न होती है। काली मिर्च में पिपरीन नामक कंपाउंड पाया जाता है, जो फैट सेल्स के साथ ही पेट में जमा चर्बी को भी कट करने में मदद करता है। आप चाहें तो इसे खाना खाने के बाद खा सकते हैं। वहीं, वजन घटाने के लिए इसकी चाय पीना भी स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होती है।3. इम्यूनिटी बढ़ाने में लाभकारीसौंफ और काली मिर्च खाना आपके इम्यून सिस्टम के लिए भी काफी लाभकारी होते हैं। इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट्स और विटामिन-सी होता है, जो आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने (How to Boost Immunity in Hindi) में मदद करता है। इसमें एंटी-माइक्रोबायल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो शरीर में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस को हटाकर बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं। इसे खाने से इंफेक्शन और बीमारियों का खतरा कम होता है।4. डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंदअगर आप डायबिटीज के मरीज हैं तो सौंफ और काली मिर्च का कॉम्बिनेशन ट्राई कर सकते हैं। डायबिटीज के रोगी अपनी रेगुलर डाइट में इसे शामिल करें तो इससे ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रहता है। इसमें हेल्दी एंजाइम्स होते हैं, जो डायबिटीज को नियंत्रित रखने में मददगार माने जाते हैं। लेकिन, ध्यान रहे कि इसे ज्यादा मात्रा में खाना कई बार सेहत के लिए नुकसानदायक भी हो सकता है।5. हड्डियों के लिए फायदेमंदकाली मिर्च और सौंफ खाना हड्डियों को स्वस्थ रखने में भी काफी लाभकारी मानी जाती हैं। इसमें कैल्शियम, मैग्नीज और मैग्नीशियम की मात्रा होती है, जिसे खाने से हड्डियां मजबूत होती हैं साथ ही साथ इससे जोड़ों में होने वाला दर्द भी कम होता है। इसमें मिलने वाले एंटी-ऑक्सीडेंट्स सेल्स को डैमेज होने से बचाते हैं साथ ही हड्डियों की सूजन को भी कम करने में मददगार होते हैं।पुरुषों के लिए काली मिर्च के क्या फायदे हैं?-काली मिर्च खाना पुरुषों के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसे खाने से पुरुषों की प्रजनन क्षमता में सुधार होता है। इससे तनाव कम होता है साथ ही साथ तनाव कम करना, और पाचन में भी मददगार होता है।-काली मिर्च और सौंफ खाने से क्या होता है?-काली मिर्च और सौंफ खाना सेहत के लिए कई तरीकों से लाभकारी होता है। इससे पाचन तंत्र में सुधार होने के साथ ही हड्डियां मजबूत होती हैं। इसे खाने से आपका इम्यून सिस्टम बेहतर होता है।-सौंफ कब नहीं खाना चाहिए?कुछ शारीरिक स्थितियों जैसे प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं को सौंफ खाने से परहेज करना चाहिए। एलर्जी से पीड़ित लोगों को भी सौंफ खाने से बचना चाहिए।
- अजवाइन एक ऐसा मसाला है, जो हर भारतीय रसोई में मौजूद होता है। इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, फाइबर, आयरन और पोटैशियम जैसे कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो सेहत को कई लाभ पहुंचाते हैं। इसके अलावा, इसमें एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं, जो कई बीमारियों को दूर करने में मदद करते हैं। रोजाना रात को अजवाइन चबाकर सोने से सेहत को कई लाभ मिल सकते हैं। नियमित रूप से इसका सेवन करने से शरीर की कई समस्याएं दूर हो सकती हैं।इम्यूनिटी बूस्ट करेनियमित रूप से रात को सोते समय अजवाइन खाने से इम्यूनिटी बूस्ट हो सकती है। दरअसल, इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं। इसके नियमित सेवन से आप कई गंभीर बीमारियों और संक्रमण की चपेट में आने से बच सकते हैं।पाचन तंत्र को दुरुस्त रखेरोज रात को सोने से पहले अजवाइन चबाने पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है। दरअसल, इसमें फाइबर मौजूद होता है, जो पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करता है। इसके नियमित सेवन से गैस, अपच, कब्ज, ब्लोटिंग और एसिडिटी जैसी पाचन संबंधी समस्याओं से राहत मिल सकती है।वजन घटाने में मददगाररात को सोते समय अजवाइन खाने से वजन घटाने में मदद मिल सकती है। दरअसल, इसके सेवन से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है, जिससे शरीर में जमा अतिरिक्त चर्बी को बर्न करने में मदद मिल सकती है। नियमित रूप से इसका सेवन करने से धीरे-धीरे वजन कम होने लगेगा।जोड़ों के दर्द से राहत दिलाएरात को सोते समय अजवाइन खाने से जोड़ों के दर्द और सूजन से राहत मिल सकती है। दरअसल, इसमें एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं, जो दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसके नियमित सेवन से शरीर के दर्द में भी आराम मिल सकता है।नींद अच्छी आती हैरात में सोते समय अजवाइन खाने से नींद अच्छी आती है। साथ ही, अनिद्रा की समस्या से भी छुटकारा मिल सकता है। दरअसल, इसमें मौजूद तत्व तंत्रिका तंत्र को शांत करने में मदद करते हैं। इससे अच्छी और गहरी नींद लाने में मदद मिल सकती हैं।
- हाई कोलेस्ट्रॉल आपको दिल की बीमारियों का शिकार बना सकती है। इसकी वजह से आपको अलग-अलग प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में जरूरी है कि आप डाइट कंट्रोल करें और कुछ बातों का ख्याल रखें। जैसे कि डाइट से जुड़ा एक ऐसा ही सवाल है कि क्या गेहूं की रोटी खाने से आपका कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है? दरअसल, गेहूं की रोटी की कैलोरी ज्यादा होने के साथ ये शुगर बढ़ाने वाला भी होता है। इसके अलावा इसका ज्यादा सेवन करने से आपको मोटापे से आप ज्यादा वेट गेन भी कर सकते हैं।गेहूं की रोटी खाने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है क्यागेहूं की रोटी खाने से कोलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ता है, अगर इसे किसी भी भोजन की तरह संयमित मात्रा में खाया जाए। अगर यह साबुत गेहूं से बना है जिसमें चोकर हैं, तो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद मिलेगी और यह एक स्वस्थ आहार का हिस्सा हो सकता है। हालांकि, जब लोग बहुत अधिक मात्रा में मक्खन लगाते हैं या घी या तेल लगाकर रोटी खाते हैं तो इससे शरीर का कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है। क्योंकि इन चीजों में सैचुरेटेड फैट ज्यादा होता है जिससे कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है और आपकी दिक्कत ज्यादा बढ़ सकती है। इसके अलावा आपका ब्लड शुगर, ट्राइग्लिसराइड्स और इंसुलिन प्रतिरोध में भी बढ़ोतरी हो सकती है और इससे समय के साथकोलेस्ट्रॉल में तेजी से बढ़ सकता है। इसके अलावा गेहूं के आटे का ग्लाइसेमिक इंडेक्स अधिक होता है, जिससे ब्लड शुगर के स्तर में तेजी से वृद्धि होती है। इससे इंसुलिन प्रतिरोध, सूजन और संभावित रूप से हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या हो सकती है।कोलेस्ट्रॉल कम करना है तो ऐसे खाएं गेहूं की रोटीसाबुत गेहूं को दरदरा पीसकर इसका आटा तैयार करें और फिर इसी की रोटी बनाकर खाएं। क्योंकि इसमें रिफाइंड गेहूं के आटे की तुलना में ज्यादा फाइबर और पोषक तत्व होते हैं। मल्टीग्रेन रोटी बनाने के लिए अलग-अलग तरह के आटे, जैसे कि साबुत गेहूं, जई या जौ को मिलाएं, जो पोषक तत्वों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है। क्विनोआ या फिर अमरनाथ जैसे प्राचीन अनाज का उपयोग करने पर विचार करें, जो फाइबर, प्रोटीन और पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। इन अनाजों से बनी रोटियों को खाना कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने की जगह घटाने में मददगार है। जो लोग अपने कार्ब सेवन पर नजर रखते हैं, वे चने की आटे की रोटी खाने का विकल्प चुन सकते हैं।साबुत गेहूं के आटे से बनी रोटियां, अपने लो फाइबर तत्व के कारण कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद कर सकती है। फाइबर पित्त अम्लों से जुड़कर उन्हें शरीर से निकाल सकता है, जो बदले में लिवर में कोलेस्ट्रॉल के उत्पादन को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा महीन आटा और मैदा ब्लड शुगर और इंसुलिन प्रतिरोध में वृद्धि का कारण बन सकता है, जिससे संभावित रूप से कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है। इसलिए जब भी खाएं मोटे अनाजों की रोटियां खाएं जो पित्त अम्लों से जुड़कर और उन्हें शरीर से निकालकर कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद कर सकती हैं।रोटी के लिए अनाज चुनते वक्त इन बातों रखें ध्यानअगर आप रोटी के लिए किसी भी प्रकार का अनाज चुन रहे हैं तो आपको कुछ बातों का ख्याल रखना चाहिए। जैसे कि सबसे पहले- रिफाइंड अनाज की जगह साबुत अनाज चुनें जिनसे बनी रोटियों को खाना कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने में मदद कर सकता है।- पोषक तत्वों से भरपूर रोटी बनाने के लिए अलग-अलग आटे के मिश्रण इस्तेमाल करें जिससे आटे में फाइबर की मात्रा ज्यादा हो और इससे न शुगर बढ़े और न शरीर का कोलेस्ट्रॉल बढ़े।- मात्रा का ध्यान रखें, क्योंकि कार्बोहाइड्रेट का अत्यधिक सेवन कोलेस्ट्रॉल के स्तर को प्रभावित कर सकता है।इसके अलावा भोजन को संतुलित बनाने के लिए रोटी कम खाअं और सब्जियां, लीन प्रोटीन या फलियों का सेवन ज्यादा करें। गेहूं के प्रकार और इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री के बारे में जानकारीपूर्ण चुनाव करके, आप अपने कोलेस्ट्रॉल लक्ष्यों को पूरा करते हुए रोटी का आनंद ले सकते हैं। तो अब जब भी रोटी खाएं तो इन तमाम बातों का ध्यान रखें।
- विटामिन-ई (Vitamin-E) स्किन के लिए एक अच्छा मॉइस्चराइजिंग इंग्रीडिएंट है। यह स्किन की ड्राइनेस कम करता है जिससे कई तरह की स्किन प्रॉब्लम्स का रिस्क भी कम होता है। इसी तरह चेहरे पर दिखने वाली झुर्रियां और फाइन लाइंस को कम करने (Preventing wrinkles on face) में मदद करता है। झुर्रियां कम करने के लिए विटामिन ई कैसे अप्लाई करना चाहिए, उसी से जुड़ीं कुछ टिप्स पढ़ें यहां। साथ ही जानें किन चीजों के साथ मिक्स करके विटामिन ई (Vitamin E) लगाया जा सकता है।स्किन पर सीधे लगाएं विटामिन ईयह विटामिन ई कैप्सूल के इस्तेमाल का सबसे आसान तरीका है। आप रात में सोने से पहले चेहरे को पानी और फेस वॉश से साफ करें। फिर, विटामिन ई का एक कैप्सूल खोलें और सीरम को स्किन पर अप्लाई करें। 25-30 मिनट बाद चेहरे को ठंडे पानी से साफ करें।दही के साथस्किन को पोषण देने के लिए विटामिन-ई कैप्सूल को दही और थोड़े-से शहद के साथ मिक्स करें। चेहरे पर इस पैक को लगाएं और 20-25 मिनट बाद चेहरे को गुनगुने पानी से साफ करें।एलो वेरा के साथविटामिन-ई का कैप्सून एक चम्मच एलो वेरा जेल मिक्स करें और इसे स्किन पर अप्लाई करें। 20-25 मिनट बाद इसे चेहरे पर लगाएं। फिर चेहरे को पानी साफ करें।मुल्तानी मिट्टी के साथस्किन को क्लीन रखने और डेड स्किन सेल्स की परत को हटाने के लिए विटामिन ई (Vitamin E) और मुल्तानी मिट्टी को मिक्स करके लगाएं। 15-20 मिनट बाद इसे साफ कर दें।ग्लिसरीन के साथड्राई स्किन और झुर्रियों से आराम पाने के लिए ग्लिसरीन और गुलाब जल (Glycerin-rose water and vitamin E) के साथ विटामिन ई मिलाएं। इसे स्किन पर अप्लाई करें।नारियल तेल के साथविटामिन-ई कैप्सूल को आप नारियल के तेल में मिक्स करके चेहरे पर लगा सकते हैं। इससे स्किन को पोषण मिलता है और स्किन के डार्क स्पॉट्स भी कम होते हैं। साथ ही स्किन लम्बे समय तक झुर्रियों और फाइन लाइंस से बचाने का काम भी यह फेस पैक करता है।इसलिए अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श जरूर करें।
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चांदी के बर्तनों का इस्तेमाल भारतीय संस्कृति में प्राचीन समय से होता आ रहा है। शादी-ब्याह, त्योहारों और खास मौकों पर चांदी के बर्तनों का इस्तेमाल होता है। हालांकि, चांदी न सिर्फ एक प्राचीन सभ्यता है, बल्कि इसमें खाना खाने से आपके सेहत को कई तरह के फायदे मिल सकते हैं। चांदी के बर्तनों में खाना खाना सेहत से लिहाज से बहुत फायदेमंद माना जाता है। लेकिन, कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ हैं, जिन्हें चांदी के बर्तन में खाने से बचना चाहिए, क्योंकि उन्हें केमिकल रिएक्शन हो सकता है, जो आपके चांदी के बर्तनों को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ, स्वाद और स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव डाल सकते हैं।
चांदी के बर्तन में क्या नहीं खाना चाहिए? -चांदी के बर्तनों में भोजन करना सेहत के लिहाज से काफी फायदेमंद होता है, लेकिन कुछ फूड्स को चांदी के बर्तन में खाने से बचना चाहिए, जैसे-1. अंडेउबले हुए अंडों को चांदी के बर्तनों में रखना सही नहीं माना जाता है। अंडे की जर्दी में सल्फर पाया जाता है, जो चांदी के साथ रिएक्ट करके उसे काला या धब्बेदार बना सकते हैं। खासकर, जब अंडे को लंबे समय तक चांदी के बर्न में रखा जाए तो इसका रिएक्शन तेज हो जाता है। इसलिए, अंडे सर्व करने के लिए आप चीनी मिट्टी या स्टील के बर्न का उपयोग कर सकते हैं, चांदी के स्थान पर।2. टमाटरटमाटर स्वाद में खट्टे होते हैं और इसमें एसिड (Ample Acidity) होते हैं। टमाटर में पाए जाने वाला सिट्रिक एसिड (Citric Acid) चांदी के साथ रिएक्ट कर सकता है, जिससे चांदी पर धब्बे पड़ सकते हैं और उसका रंग फीका पड़ सकता है। इतना ही नहीं, यह केमिकल रिएक्शन खाने के स्वाद को भी बदल सकता है, खासकर खाने में मेटेलिक स्वाद महसूस हो सकता है। सलाद या ग्रेवी में टमाटर का उपयोग करते समय आप इसके लिए कांच या स्टील के बर्तनों का इस्तेमाल करने की कोशिश करें।3. खट्टे फलनींबू, संतरा, मौसंबी जैसे खट्टे फलों में भी सिट्रिक एसिड बहुत ज्यादा मात्रा में पाया जाता है। यह एसिड चांदी के साथ रिएक्शन करके उसे बेरंग या फिका कर सकता है और बर्तन पर दाग छोड़ सकता है। अगर इन फलों का रस चांदी के गिलास या कंटोरी में रखा जाए तो कुछ ही समय में चांदी पर हानिकारक असर दिखने लगता है। इसलिए खट्टे फलों के रस को चांदी में परोसने के स्थान पर हमेशा चांदी या प्लास्टिक के बर्तन में दें।4. नमकनमक एक ऐसा तत्व है जो बहुत ही चुपचाप चांदी के बर्तन को नुकसान पहुंचा सकता है। दरअसल, जब नमक को लंबे समय तक चांदी के बर्तन में रखा जाता है या नमकीन खाना उसमें परोसा जाता है, तो यह चांदी की सतह को गला सकता है या उसमें छोटे-छोटे गड्ढे बना सकता है। यह असर धीरे-धीरे होता है लेकिन स्थायी होता है। इसलिए नमक या नमकीन खाद्य पदार्थों को चांदी में न परोसें और अगर परोसना हो तो तुरंत साफ कर दें।निष्कर्षचांदी के बर्तनों में खाना खाना स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। लेकिन, कुछ तरह के फूड्स को चांदी के बर्तन में देने से बचें, क्योंकि ये न सिर्फ आपके बर्तन को नुकसान पहुंचा सकते हैं, बल्कि, स्वाद और सेहत के लिए भी हानिकारक हो सकते हैं।क्या चांदी के बर्तन के साथ खाना सुरक्षित है?चांदी के बर्तन में भोजन करना सुरक्षित माना जाता है। चांदी के बर्तन में खाने से इम्यून सिस्टम मजूबत होता है और पाचन तंत्र बेहतर रहता है। चांदी की गिलास में दूध पी सकते हैं। चांदी के बर्तन से दूध पिलाने से पेट से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं और ये सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। चांदी के बर्तन में पानी पीना का समय सुबह खाली पेट है, लेकिन आप रात को सोने से पहले चांदी की गिलास में पानी भरकर ढककररख दें और फिर अगली सुबह खाली पेट इस गिलास का पानी पी लें, इसेस पाचन में सुधार होगा औऱ इम्यूनिटी बढ़ेगी। - हेल्दी फलों में से एक अमरूद में कई गुण और पोषक तत्व होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। अमरूद के अलावा, इसके पत्तों में भी कई गुण होते है। ऐसे में इनको खाने से स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याओं से राहत देने में मदद मिल सकती है। अमरूद के पत्तों को कुछ लोग सीधे तौर पर खाते हैं, तो कुछ इनकी चटनी को बनाकर खाते हैं। जानें अमरूद के पत्तों की चटनी खाने से क्या फायदे होते हैं?अमरूद के पत्तों में मौजूद पोषक तत्वअमरूद के पत्तों में अच्छी मात्रा में फाइबर, फोलिक एसिड, पोटैशियम, कॉपर, मैंगनीज, जिंक, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, विटामिन-ए और विटामिन-सी जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, साथ ही, इनमें भरपूर मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट्स के गुण पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।अमरूद के पत्तों की चटनी खाने के फायदेइम्यूनिटी को बूस्ट करने में सहायकअमरूद के पत्तों में भरपूर मात्रा में विटामिन-सी जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। इनकी चटनी का सेवन करने से शरीर की इम्यूनिटी को बूस्ट करने में मदद मिलती है, जिससे बीमारियों से बचाव करने और इंफेक्शन से बचाव करने में मदद मिलती है।कोलेस्ट्रॉल के लिए फायदेमंदअमरूद के पत्तों में पोटेशियम, मैग्नीशियम और एंटी-ऑक्सीडेंट्स के गुण पाए जाते हैं। ऐसे में इनकी चटनी का सेवन करने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।पाचन के लिए फायदेमंदअमरूद के पत्तों में भरपूर मात्रा में डायटरी फाइबर होता है, जिससे पाचन को दुरुस्त करने में मदद मिलती है। ऐसे में अमरूद के पत्तों की चटनी का सेवन करने से गैस, कब्ज, अपच और एसिडिटी जैसी पाचन से जुड़ी समस्याओं से राहत देने में मदद मिलती है, साथ ही, पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है।फैटी लिवर के लिए फायदेमंदनेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अध्ययन के अनुसार, अमरूद के पत्तों के अर्क में में मौजूद गुण एएसटी और एएलटी के स्तर को कम करने में मदद मिलती है, साथ ही, इससे ट्राइग्लिसराइड के स्तर को भी कम करने में मदद मिलती है, जिससे फैटी लिवर की समस्या में सुधार लाने में मदद मिलती है।ब्लड शुगर के लिए फायदेमंदअमरूद के पत्तों में मौजूद फाइबर जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। ऐसे में इसके पत्तों की चटनी का सेवन करने से ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करने में भी मदद मिलती है। वहीं, नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अध्ययन के अनुसार, अमरूद के अर्क से शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंस में सुधार करने में मदद मिलती है।
- तरबूज खाना सेहत के लिए कई तरीकों से फायदेमंद होता है। तरबूज खाने के साथ-साथ इसका जूस भी पिया जा सकता है, जो शरीर को हाइड्रेट रखने में मदद करता है। आजकल गर्मियों के मौसम में लोग आसानी से लू और हीटवेव का शिकार हो जाते हैं। इससे बचने के लिए आप अपनी रेगुलर डाइट में तरबूज को शामिल कर सकते हैं। लेकिन, क्या तरबूज सनबर्न को कम करने में मदद करता है? जी हां, तरबूज सनबर्न को कम करने में काफी लाभकारी हो सकता है। तरबूज में शरीर को ठंडक देने वाले गुण मौजूद होते हैं। तरबूज खाना बेहद फायदेमंद होता है। तरबूज शरीर को ठंडा और हाइड्रेट रखने में काफी लाभकारी होता है। इसमें लाइकोपीन के साथ-साथ एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो आमतौर पर सूरज की हानिकारक रोशनी के प्रभाव को कम करने में मदद करता है। तरबूज में मिलने वाले पोषक तत्व स्किन डैमेज को कम करने में मदद करते हैं, जिससे सनबर्न की समस्या कम होती है। इसमें मिलने वाले लिकोपीन सूरज से निकलने वाले UVA और UVB रेडिएशन को अवशोषित करके सनबर्न के असर को कम करने में मदद करता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो तरबूज में लगभग 40 फीसदी तक लिकोपीन पाया जाता है।तरबूज सनबर्न को कम करने में कैसे मदद करता है?तरबूज में लिकोपीन के साथ ही विटामिन-सी की भी अच्छी मात्रा होती है। दरअसल, इसमें पानी की अच्छी मात्रा होती है, जो त्वचा को हाइड्रेट और नरिश रखने में मदद करता है। तरबूज खाने से त्वचा सूरज की हानिकारक किरणों से झुलसती नहीं है, बल्कि इससे त्वचा हेल्दी रहती है। तरबूज एक प्रकार से सनस्क्रीन का काम करता है, जिससे आपकी त्वचा ठंडी और अच्छी रहती है। इसके साथ ही साथ सनबर्न वाले हिस्से पर आप तरबूज के रस को लगा सकते हैं। ऐसे में आप तरबूज को पीसकर फेस मास्क बनाकर भी लगा सकते हैं। इससे सनबर्न वाली त्वचा पर काफी लाभ मिलता है।सनबर्न से राहत पाने के तरीके-सनबर्न से राहत पाने के लिए आपको धूप में निकलने से पहले सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना चाहिए।-इसके लिए आपको मॉइश्चुराइजर लगाने के साथ ही बर्फ की सिकाई भी करनी चाहिए।-सनबर्न से बचने के लिए आपको धूप से बचने वाले कपड़े या फुल बाजू के कपड़े पहनने चाहिए।-इसके लिए आपको भरपूर मात्रा में पानी पीना चाहिए ताकि डिहाइड्रेशन से बचा जा सके।-इसके लिए आपको छाया में रहने की जरूरत है।-ऐसे में आप सनग्लासिस भी पहन सकते हैं।क्या तरबूज खाने से सनबर्न में मदद मिलती है?जी हां, तरबूज खाने से सनबर्न से झुलसी त्वचा आसानी से ठीक होती है। तरबूज खाने या इसका रस पीकर आप हीटस्ट्रोक और लू से भी बच सकते हैं।क्या तरबूज को काटकर फ्रिज में रखना चाहिए?तरबूज को काटकर फ्रिज में रखना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। अगर आप फ्रिज में कटा तरबूज रख रहे हैं तो अच्छे से कवर करके रखें । जितनी जल्दी हो सके इसके उपयोग कर लें।तरबूज कब और किस समय नहीं खाना चाहिए?तरबूज को आमतौर पर शाम और रात के समय में नहीं खाना चाहिए। कोशिश करें कि तरबूज को सुबह नाश्ते में या दोपहर में लंच के बाद खाएं।
- र्मी के मौसम में तोरई या तोरी का सेवन करना सेहत के लिए लाभकारी होता है। हालांकि, कई लोगों को इसका स्वाद पसंद नहीं होता है। लेकिन यह सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होती है। तोरई में विटामिन-बी6, विटामिन-सी, प्रोटीन, फाइबर, आयरन, सोडियम, पोटेशियम और एंटीऑक्सीडेंट जैसे पोषक तत्व मौजूद हैं, जो सेहत को कई लाभ पहुंचाते हैं। इसके अलावा, इसमें पानी की मात्रा भी अधिक होती है, इसलिए यह गर्मियों में शरीर को हाइड्रेटेड रखती है। तोरई को पचाना भी बेहद आसान होता है, जिसकी वजह से यह पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद मानी जाती है। इसे खाने से हड्डियां मजबूत बनती हैं, ब्लड शुगर कंट्रोल रहता है और वजन घटाने में भी मदद मिलती है। नियमित रूप से इसका सेवन करने से शरीर की कई परेशानियां दूर हो सकती हैं।इम्यूनिटी बूस्ट करेतोरई में विटामिन-सी और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। इसका सेवन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। गर्मियों में इसका सेवन करके आप कई तरह की बीमारियों और संक्रमण से छुटकारा पा सकते हैं।वजन घटाने में मददगारअगर आप वजन घटाना चाहते हैं, तो तोरई की सब्जी को अपनी डाइट में शामिल करें। दरअसल, इसमें कैलोरी की मात्रा कम होती है। साथ ही, इसमें फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जो पेट को लंबे समय तक भरा हुआ रखता है। तरोई खाने से भूख कम लगती है और आप ओवरईटिंग करने से भी बच जाते हैं। इससे वजन घटाने में मदद मिल सकती है।पाचन तंत्र को दुरुस्त करेतोरई का सेवन पाचन तंत्र के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। दरअसल, इसमें मौजूद फाइबर पेट और आंतों की सफाई करने में मदद करता है। इसे खाने से पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है और पेट भी सही से साफ होता है। नियमित रूप से इसका सेवन करने से कब्ज की समस्या से भी राहत मिलती है।एनीमिया से बचाएतोरई एनीमिया को दूर करने के लिए भी बेहद फायदेमंद माना जाती है। दरअसल, इसमें आयरन भरपूर मात्रा में मौजूद होता है, जो शरीर में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है। रोजाना तरोई खाने से शरीर में खून की कमी को दूर करने में मदद मिलती है।डायबिटीज में फायदेमंदतोरई की सब्जी डायबिटीज रोगियों के लिए फायदेमंद होती है। इसमें पेप्टाइड और एल्कलॉइड होते हैं, जो मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करते हैं। तरोई की सब्जी खाने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रहता है और यह इंसुलिन के स्तर को भी नियंत्रित करने में भी मदद करती है।
- गर्मियों में ज्यादातर लोग छाछ का सेवन करना पसंद करते हैं, जिससे शरीर को ठंडक देने के साथ-साथ पाचन को दुरुस्त करने और स्वास्थ्य को भी कई अन्य लाभ मिलते हैं। छाछ में लोग भूना जीरा जैसी कई चीजों को डालकर पीना पसंद करते हैं। ऐसे में इसमें दालचीनी को डालकर ले सकते हैं। औषधीय गुणों से भरपूर दालचीनी में बहुत से पोषक तत्व पाए जाते हैं।छाछ और दालचीनी में मौजूद पोषक तत्व -छाछ में अच्छी मात्रा में प्रोबायोटिक्स के गुण पाए जाते हैं। इसके अलावा, इसमें इलेक्ट्रोलाइस्ट्स कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन्स जैसे पोषक तत्व भी होते हैं, जो स्वास्थ्य के साथ-साथ पाचन के लिए फायदेमंद है। वहीं, औषधीय गुणों से भरपूर दालचीनी में अच्छी मात्रा में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-वायरल और एंटी-ऑक्सीडेंट्स के गुण पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।छाछ में दालचीनी डालकर पीने के फायदे"आंत" के लिए फायदेमंद"आंत"छाछ में अच्छी मात्रा में प्रोबायोटिक्स के गुण पाए जाते हैं, जो "आंत" ( गट) के लिए फायदेमंद है। ऐसे में इसमें दालचीनी को डालकर खाने से "आंत" के गुड बैक्टीरिया को बढ़ावा देने और पेट को दुरुस्त रखने में मदद मिलती है।गट हेल्थ (Gut Health) दुरुस्त रहती है तो उसका असर ओवर ऑल हेल्थ पर दिखता है। गट हेल्थ दुरुस्त रहने से आंतें भोजन को सही तरह से पचाने में मदद करती हैं, इम्यून सिस्टम मजबूत होता है, मानसिक सेहत ठीक रहती है और स्किन की रंगत में निखार आता है।ब्लड शुगर में फायदेमंददालचीनी ब्लड शुगर में फायदेमंद है। इसको छाछ में डालकर पीने से इंसुलिन संवेदनशीलता को बेहतर करने में मदद मिलती है, जिससे ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। ऐसे में ब्लड शुगर के कारण होने वाली समस्याओं से बचाव करने में मदद मिलती है।पाचन तंत्र रहता है दुरुस्तदालचीनी में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल के गुण पाए जाते हैं, साथ ही, इससे पाचन के लिए जरूरी एंजाइम्स को बढ़ावा देने में मदद मिलती है। वहीं, छाछ भी पाचन के लिए और गट बैक्टीरिया के लिए फायदेमंद है। ऐसे में छाछ में दालचीनी को डालकर पीने से ब्लोटिंग, सूजन, कब्ज, एसिडिटी और गैस जैसी पाचन से जुड़ी कई समस्याओं से राहत देने में मदद मिलती है, इससे स्वास्थ्य को कई लाभ मिलते हैं।
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नई दिल्ली। बॉलीवुड एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा बेहद खूबसूरत और हसीन हैं। इन्होंने कई फिल्मों में काम किया है। अनुष्का अब 37 साल की हो गईं हैं लेकिन उनका लुक अभी भी 25 साल की तरह लगता है। एक्ट्रेस का हुस्न और खूबसूरती लोगों को दीवाना बना देता है। एक्ट्रेस खुद को फिट और स्लिम रखने के लिए अच्छे डाइट को फॉलो करती हैं। एक्ट्रेस ने अपनी डाइट चार्ट से कुछ फूड को हटा दिया है। एक्ट्रेस की डाइट और उनकी लाइफस्टाइल बहुत अच्छा है, जिससे वो एकदम यंग और जवान रखती हैं।
अनुष्का शर्मा कई सुपरहिट फिल्मों में काम कर चुकी हैं। इनकी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर भी हुई हैं.। बॉलीवुड में शानदार फिल्मों के बाद एक्ट्रेस ने इंडियन क्रिकेटर विराट कोहली को डेट किया और दोनों ने शादी भी रचा ली। शादी के बाद अनुष्का ने फिल्मी दुनिया से थोड़ी दूरी बना ली और पर्सनल लाइफ पर ध्यान देना शुरू किया। अनुष्का के दो बच्चे हैं। हाल ही में एक्ट्रेस ने अपना 37वां जन्मदिन मनाया है. लेकिन आज भी एक्ट्रेस को देखकर नहीं लगता है कि वो 37 की हो गईं हैं। एक्ट्रेस एकदम फिट और जवान लगती हैं। एक्ट्रेस की खूबसूरती के पीछे उनकी डाइट और एक्सरसाइज का कमाल है।अनुष्का शर्मा अपनी डाइट को बहुत अच्छे से फॉलो करती हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक्ट्रेस ने कई बार अपनी डाइट को लेकर बातचीत की हैं।. एक्ट्रेस ने अपने फैंस से शेयर किया है कि वो क्या खाती हैं और किन चीजों से दूर रहती हैं। एक्ट्रेस ने बताया कि वो चीनी और गेहूं से बनीं चीजों से दूर रहती हैं.। एक्ट्रेस ने बताया कि गेहूं में ग्लूटन होता है, जिससे शरीर में कई रोग हो सकते हैं। एक्ट्रेस ने बताया कि वो गेहूं की जगह रागी, बाजरा की चीजें खाती हैं। वहीं एक्ट्रेस बादाम के दूध को अपनी डाइट में शामिल की हैं।. इसमें कई प्रकार के पोषक तत्व होते हैं।, जो शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं। यह दूध स्किन के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। - लिवर शरीर का वह अंग है जो पाचन, डिटॉक्सिफिकेशन और मेटाबॉलिज्म जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में शामिल होता है। लेकिन आज की जीवनशैली और असंतुलित खानपान के चलते लिवर में फैट जमना आम समस्या बन गई है, जिसे "फैटी लिवर डिजीज" कहा जाता है। यह स्थिति शुरुआत में बिना लक्षणों के होती है, लेकिन समय रहते ध्यान न दिया जाए तो यह गंभीर रूप ले सकती है। अच्छी बात यह है कि कुछ प्राकृतिक उपायों से लिवर की सेहत को बेहतर बनाया जा सकता है और इसमें सबसे कारगर है – रोज खाली पेट सेब खाना।लाल सेब बेहद लाभकारीसेब, खासतौर पर लाल सेब फाइबर, एंटीऑक्सिडेंट्स और पेक्टिन से भरपूर होता है। यह शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करता है और लीवर पर जमी हुई चर्बी को धीरे-धीरे कम करता है। सेब को अगर रोज सुबह खाली पेट खाया जाए, तो यह लिवर की सफाई में बेहद कारगर होता है। इसमें मौजूद फाइबर, खासकर "पेक्टिन", शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है और लीवर पर दबाव को कम करता है। सेब में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स जैसे फ्लेवोनॉइड्स और विटामिन सी लिवर की कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं, जिससे सूजन और फैट जमने की संभावना घट जाती है।पाचन भी सुधारइसके अलावा सेब में प्राकृतिक डिटॉक्सिफाइंग गुण होते हैं, जो पाचन को सुधारते हैं और शरीर की सफाई प्रक्रिया को तेज करते हैं। जब आप सुबह खाली पेट सेब खाते हैं, तो यह न केवल पेट को साफ करता है, बल्कि लिवर की फैट बर्निंग प्रक्रिया को भी एक्टिव करता है। सेब कैलोरी में कम और पोषण में भरपूर होता है, जिससे यह वजन घटाने में भी सहायक होता है। यदि आप एक स्वस्थ लिवर और फिट शरीर चाहते हैं, तो हर सुबह 1-2 ताजे सेब खाना शुरू करें।कब और कैसे खाएं?- खाली पेट सुबह: सेब का सबसे अच्छा समय सुबह का होता है, जब पेट खाली हो। इस समय शरीर डिटॉक्स मोड में होता है और सेब उसमें सहायता करता है।- छिलके सहित खाएं: सेब के छिलके में फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट्स अधिक होते हैं, इसलिए अच्छी तरह धोकर छिलके सहित खाना फायदेमंद रहेगा।- रोजाना 1-2 सेब पर्याप्त: इससे ज्यादा मात्रा से पाचन पर असर पड़ सकता है, खासकर अगर आपको एसिडिटी की समस्या रहती है।- ध्यान रखें: सेब खाने के बाद कम से कम 30 मिनट तक चाय, कॉफी या भारी भोजन न करें, ताकि इसका पूरा लाभ मिल सके।यदि आपको डायबिटीज, एसिड रिफ्लक्स या कोई पुरानी पाचन समस्या है, तो सेब को अपनी डाइट में शामिल करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
- भारतीय क्रिकेट स्टार विराट कोहली की डाइट अक्सर चर्चा में रहती है। खिलाड़ी होने के कारण विराट को अपनी डाइट में प्रोटीन से लेकर फैट तक हरेक चीज की मात्रा पर विशेष ध्यान रखना पड़ता है। इसी तरह विराट कोहली एक विशेष प्रकार का चावल भी खाते हैं जो ग्लूटेन-फ्री होने के साथ-साथ लो कार्ब और लो-फैट भी होता है। सूरत शहर से आने वाला यह खास चावल फोर्टिफाइड राइस है जिसे भारत की खाद्य इकाई फूड सेफ्टी एंड स्टैण्डर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) द्वारा भी प्रमोट किया जाता है। आइए जाने हैं क्या खासियत है इस राइस की और किन लोगों के लिए है ये फायदेमंद।क्यों खाते हैं विराट फोर्टिफाइड राइस?चावल, गेहूं, दूध और अन्य अनाजों की फोर्टिफाइड वेरायटी अधिक पौष्टिक और शक्तिवर्धक होती है। इसीलिए, जब इनका सेवन करते हैं तो इससे आपकी हेल्थ को अधिक फायदे हो सकते हैं। FSSAI के मुताबिक, फोर्टिफिकेशन की प्रक्रिया की मदद से रोजमर्रा के भोजन में इस्तेमाल होने वाले अनाज जैसे गेंहू और चावल के अलावा तेल और दूध जैसी चीजों की गुणवत्ता भी बढ़ती है। इससे फूड्स में आयोडिन, आयरन, विटामिन ए , विटामिन डी और ज़िंक जैसे तत्व की मात्रा बढ़ जाती है। विराट कोहली को राजमा-चावल और छोले-भटूरे ( जैसी देशी डिशेज खूब पसंद है। लेकिन, साधारण चावल की बजाय विराट कोहली फोर्टिफाइड राइस खाते हैं। यह चावल अधिक पौष्टिक होने के साथ-साथ आसानी से पचने वाले और अधिक हेल्दी भी होते हैं।फोर्टिफाइड फूड्स खाने के फायदे-फोर्टिफाइड फूड्स का सेवन करने से शरीर को विटामिंस (Vitamins) और मिनरल्स (Minerals) की अच्छी खुराक प्राप्त हो सकती (advantage of eating fortified grains) है।-महिलाओं के लिए फोर्टिफाइड फूड बहुत लाभकारी साबित हो सकता है क्योंकि, इसमें विटामिन डी, कैल्शियम और आयरन जैसे तत्व पाए जाते हैं।-एनिमिया के मरीजों के लिए भी फोर्टिफाइड फूड्स का सेवन लाभकारी होता है। क्योंकि, इन फूड्स में आयरन की मात्रा अधिक होती है जो शरीर में हिमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाने का काम करता है।-न्यूट्रिशनल डेफिशिएंसी की समस्या से बचने के लिए आप फोर्टिफाइड अनाज का सेवन कर सकते हैं।-शरीर की रोग-प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने के लिए आप फोर्टिफाइड फूड्स का सेवन कर सकते हैं। ये शरीर की इम्यून पॉवर बढ़ाता है।-वेट लॉस के लिए भी फोर्टिफाइड अनाज बहुत फायदेमंद है। इन फूड्स का सेवन करने से आपके शरीर का मेटाबॉलिज्म बढ़ता है और मोटापा कम करने में मदद होती है।
- औषधीय गुणों से भरपूर सौंफ में बहुत से पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसका सेवन करना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है। इसमें आयरन, पोटैशियम, मैग्नीशियम और विटामिन्स के गुण पाए जाते हैं। ऐसे में इसका सेवन करने से स्वास्थ्य को कई लाभ मिलते हैं। लेकिन क्या सौंफ का सेवन करने से खून पतला होता है? आइए जानें कि क्या सौंफ को खाने से खून पतला होता है?क्या सौंफ खाने से खून पतला होता है?सौंफ में एनेथोल नामक तत्व पाया जाता है, जो खून को नेचुरल रूप से पतला करने में सहायक है। इसका सेवन करने से खून के थक्कों को जमने से रोकता है, जिसके कारण लोगों को गंभीर समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है। ऐसे में सौंफ का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए। ध्यान रहे, ब्लीडिंग से जुड़ी समस्याओं में इसका सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करें।सौंफ का सेवन से ब्लड से जुड़ी समस्याएंसौंफ में अच्छी मात्रा में आयरन और पोटैशियम जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। ऐसे में इनका सेवन करने से शरीर में खून की कमी को दूर करने, खून को डिटॉक्स करने और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। लेकिन कई बार इसका अधिक सेवन करने से लोगों को स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।खून के थक्के न जमनासौंफ का अधिक सेवन करने से खून पतला होने लगता है, जिसके कारण चोट लगने पर खून के थक्के नहीं जमते हैं, जिसके कारण ब्लीडिंग रूकती नहीं है, जिसके कारण लोगों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
- आजकल कम उम्र में ही बाल सफेद होना एक आम और चिंता का विषय बन गया है। 20 से 30 साल की उम्र में ही युवाओं के बाल सफेद होने लगे हैं, जो पहले सिर्फ बढ़ती उम्र में देखा जाता था। इसके पीछे कई कारण होते हैं, जैसे- लगातार तनाव, असंतुलित और पोषक तत्वों से रहित खानपान, पर्यावरण प्रदूषण, नींद की कमी और केमिकल युक्त शैंपू या हेयर प्रोडक्ट्स का अत्यधिक उपयोग। बालों की जड़ों तक सही पोषण नहीं पहुंच पाता और धीरे-धीरे उनमें मेलेनिन बनना बंद हो जाता है, जिससे वे सफेद हो जाते हैं। बाजार में मिलने वाले डाई और कलर अस्थायी समाधान जरूर देते हैं, लेकिन इनके ज्यादा उपयोग से बाल रूखे, कमजोर और झड़ने लगते हैं। ऐसे में प्राकृतिक उपाय ही सबसे सुरक्षित और असरदार होते हैं। नारियल तेल और कॉफी पाउडर का यह घरेलू नुस्खा न सिर्फ सफेद बालों को धीरे-धीरे नेचुरली काला करता है, बल्कि बालों को पोषण भी देता है।कैसे काम करेगा ये नुस्खाकॉफी में मौजूद कैफीन बालों की जड़ों में रक्त संचार को बढ़ाता है, जिससे बालों की ग्रोथ बेहतर होती है और जड़ें मजबूत बनती हैं। यह बालों को नेचुरल तरीके से हल्का ब्राउनिश रंग भी देता है, जो धीरे-धीरे सफेद बालों को ढकने में मदद करता है। दूसरी ओर, नारियल तेल बालों को गहराई से मॉइस्चराइज करता है, स्कैल्प को पोषण देता है और खुजली, ड्रायनेस व डैंड्रफ जैसी समस्याओं को भी दूर करता है। इन दोनों चीजों का मिश्रण बालों के लिए एक नेचुरल टॉनिक की तरह काम करता है, जिससे बाल स्वस्थ, मजबूत और चमकदार बनते हैं।बनाने और लगाने का तरीकासफेद बालों को नेचुरली काला करने वाले इस खास नुस्खे को बनाना व इस्तेमाल करना बेहद आसान है। सबसे पहले 2 चम्मच कॉफी पाउडर लें। (इंस्टेंट कॉफी नहीं, फाइन ग्राउंड कॉफी बेहतर रहेगी) और उसमें 3 से 4 चम्मच नारियल तेल मिलाएं और अच्छे से मिक्स करें। इसके बाद इस मिश्रण को धीमी आंच पर हल्का गर्म कर लें ताकि कॉफी का अर्क तेल में अच्छे से मिल जाए। हल्का ठंडा होने पर इस तेल को स्कैल्प और बालों की जड़ों में अच्छी तरह लगाएं। 1 से 2 घंटे तक लगा रहने दें, फिर माइल्ड शैम्पू से धो लें।हफ्ते में 2 बार इस्तेमाल करेंअगर आप इस नुस्खे का नियमित रूप से हफ्ते में 2 बार इस्तेमाल करते हैं, तो कुछ ही हफ्तों में बालों में नेचुरल डार्कनेस लौटने लगेगी। इसके अलावा बाल मजबूत, चमकदार और घने भी बनेंगे। डाई या कलर का बार-बार इस्तेमाल करने से बेहतर है कि इस आसान, सस्ते और सुरक्षित घरेलू उपाय को आजमाएं और अपने बालों को फिर से प्राकृतिक रूप से काला और सुंदर बनाएं।अन्य कई फायदे भी मिलेंगेयह खास नेचुरल नुस्खा सिर्फ बालों को प्राकृतिक तरीके से काला करने का काम नहीं करता बल्कि इससे बालों को अन्य कई फायदे मिलते हैं। बालों को सिल्की व स्मूथ बनाने से लेकर डैंड्रफ जैसी समस्याओं से बचाने में भी यह कॉफी का नेचुरल नुस्खा काफी फायदेमंद हो सकता है।किन बातों का रखें ध्यानहालांकि, अगर आपको खोपड़ी की त्वचा यानी स्कैल्प में किसी तरह की एलर्जी है, आपके बाल ज्यादा टूटते हैं या फिर आपको कोई और स्किन से जुड़ी समस्या है, तो किसी भी नुस्खे को अपनाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। अस्वीकरण: प्रिय पाठकों यह आर्टिकल केवल सामान्य जानकारी और सलाह देता है। यह किसी भी तरह से चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है।
- ज्यादातर लोग जो अपना वजन कम करना चाहते हैं, वे पनीर का सेवन करते हैं। यह वजन कम करने में मदद करता है, मसल्स बिल्ड करता है, इम्यूनिटी बूस्ट करता है और हड्डियों के लिए भी यह अच्छा विकल्प है। यही कारण है कि ज्यादातर विशेषज्ञ यह सलाह देते हैं कि हर व्यक्ति को पनीर को अपनी संतुलित डाइट का हिस्सा बनाना चाहिए। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि कुछ चीजों के साथ पनीर का सेवन किया जाना सही नहीं होता है। यहां हम ऐसी ही चीजों के बारे में जानेंगे। साथ ही पता लगाएंगे कि उनके साथ खाए जाने में स्वास्थ्य को क्या नुकसान होते हैं। आइए, जानते हैं इस बारे में ......पनीर के साथ क्या न खाएंपनीर स्वास्थ्य के लिए बहुत ही अच्छा होता है। पनीर प्रोटीन, कैल्शियम जैसे कई तरह पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसलिए पनीर को अपनी संतुलित डाइट का हिस्सा बनाना फायदेमंद होता है। लेकिन, जहां तक सवाल इस बात का है कि किन चीजों के साथ पनीर का सेवन करना नुकसानदायक हो सकता है? इस संबंध में एक्सपर्ट का कहना है, "पनीर के साथ पालक का सेवन नहीं किया जाना चाहिए। यह सही नहीं है।" सवाल है, ऐसा क्यों कहा जाता है? एक्सपर्ट समझाते हैं, "पनीर के साथ पालक का सेवन इसलिए नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि पनीर कैल्शियम का अच्छा स्रोत है, जबकि पालक आयरन से भरपूर हरी सब्जी है। दोनों ही पोषक तत्व हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। लेकिन, कैल्शियम और आयरन का सेवन एक साथ नहीं किया जाना चाहिए। कैल्शिय का सेवन करने से आयरन का शरीर द्वारा अवशोषित नहीं होता है। ऐसे में पोषक तत्वों का सेवन करने के बावजूद शरीर को उसका लाभ नहीं मिलता है।" इसके अलावा, एक्सपर्ट यह भी कहते हैं, "जिन लोगों लैक्टॉस इंटोलरेंस है, उन्हें पनीर नहीं खाना चाहिए। इससे उन्हें पाचन संबंधी समस्या हो सकती है।"पनीर के साथ पालक का सेवन करने के नुकसानपाचन संबंधी समस्याअगर आप नियमित रूप से पालक और पनीर मिक्स करके खाते हैं, तो इससे पाचन संबंधी समस्या हो सकती है। असल में, जब आप आयरन और कैल्शियम मिक्स करते हैं। ऐसे में शरीर द्वारा दोनों को हजम करना मुश्किल हो जाता है। इससे पाचन संबंधी समस्या हो सकती है। वैसे भी आयरन और कैल्शियम को एक साथ हजम करना शरीर के लिए चुनौतीपूर्ण होता है।आयरन अवशोषण में कमीपालक और पनीर, कैल्शियम और आयरन के अच्छे स्रोत हैं। जब आप इन दोनों का सेवन साथ में करते हैं, तो इससे शरीर आयरन को एब्जॉर्ब नहीं कर पाता है यानी अवशोषण में दिक्कत है। यह शरीर के लिए सही नहीं है। इस तरह की स्थिति में बॉडी में आयरन की कमी हो सकती है।एक्सपर्ट की सलाहवैसे तो इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि कोई भी एक बात हर व्यक्ति के स्वास्थ्य पर लागू नहीं होती है। जैसे हमारे यहां पालक-पनीर की सब्जी काफी प्रचलित है और ज्यादातर लोग इस रेसिपी को पसंद करते हैं। फिर भी यह सलाह दी जाती है कि आयरन और कैल्शियम का सेवन साथ में न करें। इससे पाचन गड़बड़ा सकता है और पोषक तत्वों के एब्जॉर्बशन में दिक्कतें आ सकती हैं। वहीं, यह भी ध्यान रखें कि पालक हो या पनीर, इन्हें खाने से पहले अच्छी तरह पकाएं। अगर पालक-पनीर साथ में खाने के बाद कोई स्वास्थ्य समस्या हो, तो तुरंत एक्सपर्ट से संपर्क करें।पनीर से गैस बनती है क्या?हां, पनीर का सेवन अधिक मात्रा में करने से गैस बन सकती है। दरअसल, पनीर में लैक्टोज की मात्रा अधिक होती है। इसमें प्रोटीन काफी ज्यादा मात्रा में होता है, जिससे ब्लोटिंग, एसिडिटी, और पेट दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं।क्या पनीर खाने के बाद दूध पीना चाहिए?अगर आप लैक्टोज इंटॉलरेंस हैं, तो पनीर के बाद दूध नहीं पीना चाहिए। इससे पाचन संबंधी समस्या हो सकती है।पनीर की तासीर गर्म या ठंडी होती है?आयुर्वेद की मानें, तो तासीर ठंडी होती है। गर्मियों में इसका सेवन करना अच्छा माना जाता है।
- फेशियल करने से स्किन पर चमक आती है और डेड स्किन सेल्स भी साफ हो जाती है। वहीं, स्किन की डीप क्लीनिंग होने से स्किन पर होने वाली पिम्पल्स और इंफेक्शन जैसी समस्याओं से आराम भी मिलता है। गर्मियों में अगर आप घर पर ही फेशियल करना चाहती हैं तो आपके लिए दही एक अच्छा इंग्रीडिएंट साबित हो सकता है। आइए जानते हैं दही से घर पर फेशियल करने का तरीका और इसके फायदे।दही सें यूं साफ करें चेहराफेशियल स्टार्ट करने ले पहले अपने चेहरे की सफाई करें। इसके लिए आप चेहरे को किसी क्लींजिंग मिल्क से साफ कर सकते हैं। फिर, दही से चेहरे की मालिश करें। 2-3 चम्मच दही में थोड़ा-सा पानी मिलाएं। अब दही को अपने चेहरे पर लगाएं। फिर, हल्के हाथों से स्किन की मालिश करें। यह स्किन को एक्सफॉलिएट करेगा।दही और कॉफी पाउडरचेहरे की उपरी परत पर डेड स्किन सेल्स की लेयर जमा हो जाती है। इससे स्किन डार्क, रफ और अनहेल्दी दिखायी देने लगती है। इस डेड स्किन सेल्स को साफ करने के लिए कॉफी और दही का स्क्रब तैयार करके लगाएं। 2 चम्मच दही में 1 चम्मच कॉफी का पाउडर मिलाएं। फिर, इसे अपने चेहरे पर लगाएं। हल्के हाथों से इसे रगड़कर साफ करें।दही और शहद3 चम्मच दही में 1 चम्मच शहद मिलाएं। अगर आपकी स्किन बहुत ड्राई है तो आप विटामिन ई कैप्सूल भी इसमें मिला सकते हैं। इस मिश्रण को आप स्किन पर अप्लाई कर सकते हैं। 10-15 मिनट बाद चेहरे को साफ करें। फिर चेहरा पानी से धो लें।चेहरे पर दही लगाने के फायदेदही में लैक्टिक एसिड पाया जाता है। दही स्किन को मॉइस्चराइज्ड करता है। दही एक माइल्ड एक्सफॉलिएटर की तरह स्किन को साफ करता है। दही लगाने से स्किन इंफेक्शन का खतरा भी कम होता है जिससे स्किन पर पिम्पल्स और इंफेक्शन के चांस कम होते हैं। वहीं, दही लगाने से चेहरे के दाग-धब्बे कम होते हैं और स्किन निखरती है।दही लगाने से पहले करें ये कामआप अपनी स्किन टाइप के अनुसार या स्किन एलर्जी को ध्यान में रखकर इन इंग्रीडिएंट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं या कुछ अन्य चीजों को ऐड भी कर सकते हैं। Disclaimer : प्रिय पाठकों यह आर्टिकल केवल सामान्य जानकारी और सलाह देता है। यह किसी भी तरह से चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। इसलिए अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श जरूर करें।
- यूरिक एसिड लेवल बढ़ने से हाथों-पैरों में तेज दर्द महसूस होता है। डाइट एक्सपर्ट्स के अनुसार कुछ प्रकार की दालें खाने से यूरिक एसिड तेजी से बढ़ता है। इसीलिए, इन दालों से परहेज करना चाहिए।हाई यूरिक एसिड के नुकसानयूरिक एसिड शरीर में बनने वाला एक वेस्ट प्रॉडक्ट है। शरीर का मेटाबॉलिज्म अगर सही तरीके से चलता रहे और किडनियां ठीक तरीके से काम करती रहें तो आपके शरीर से यह वेस्ट मटेरियल आसानी से बाहर हो जाता है। लेकिन, शरीर में किसी प्रकार की गड़बड़ी हो तो यह यूरिक एसिड शरीर में जमा होने लगता है। जिससे शरीर में कई तरह की परेशानियां होने लगती हैं।हाई यूरिक एसिड के लक्षणयूरिक एसिड बढ़ जाने पर किडनी की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। वहीं, हाथों-पैरों में होने वाली गाउट की बीमारी का खतरा भी हाई यूरिक एसिड लेवल की वजह से बढ़ जाता है। यूरिक एसिड लेवल बढ़ जाने से हाथों-पैरों की उंगलियों में सूजन बढ़ जाती है। इससे दर्द और रैशेज जैसी परेशानियां भी हो सकती हैं।यूरिक एसिड कंट्रोल करने में डाइट की भूमिका महत्वपूर्णआपकी डाइट आपके शरीर में यूरिक एसिड लेवल को बढ़ाने या घटाने का काम कर सकती है। जैसे नॉन-वेजिटरियन फूड्स खाने से यूरिक एसिड लेवल बढ़ जाता है। वहीं, शाकाहारी खाना खाने वाले लोगों में भी कुछ दालों और अनाजों के सेवन से यूरिक एसिड बढ़ सकता है। यहां पढ़ें उन्हीं दालों के बारे में जो यूरिक एसिड बढ़ाने का काम करती है।मसूर दालमसूर की दाल में कई जरूरी पोषक तत्व होते हैं। लेकिन, यह दाल उन लोगों के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं जिनका यूरिक एसिड लेवल हाई रहता है। Also Read - गर्मी में नहाने से पहले चेहरे पर क्या लगाना चाहिए?उड़द की दालकाली उड़द की दाल खाने से भी शरीर में यूरिक एसिड लेवल तेजी से बढ़ता है। इसीलिए, इसका सेवन करने से बचें।छोले और राजमासबके मनपसंद और पौष्टिक छोले और राजमा जैसी बींस खाने से भी यूरिक एसिड लेवल बढ़ जाता है। इसीलिए, इनका सेवन सावधानी से ही करना चाहिए।
- नोनी एक तरह का फल है, जो आमतौर पर भारत में पाया जाता है और इसे इंडियन मलबेरी के रूप में भी जाना जाता है। यह फल हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है, इसलिए इसे लोग अलग-अलग तरह से अपनी डाइट में शामिल करते हैं। इतनी ही नहीं नोनी के पेड़, पत्तों और जड़ का उपयोग भी कई औषधिय गुणों से भरपूर होता है। लेकिन, क्या आपको पता है नोनी का जूस भी आपकी सेहत के लिए किसी रामबाण से कम नहीं होता है। नोनी के जूस में मौजूद पोषक तत्व स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करने और राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं।नोनी जूस के फायदे1. प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करनानोनी जूस में विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट्स और अन्य पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करते हैं। यह शरीर को इंफेक्शन से लड़ने में मदद करते है औऱ सामान्य सर्दी जुकाम जैसी बीमारियों से बचाव में मदद करता है। चूहों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि नोनी जूस के सेवन से उनके इम्यून सिस्टम पर प्रभाव पड़ा। 15 दिनों तक नोनी जूस पीने के बाद, चूहों के शरीर में कुछ सेल्स की गतिविधि कम हो गई, जो इम्यून सिस्टम को कंट्रोल करने में मदद करती हैं।"2. जोड़ों के दर्द और सूजन में राहतनोनी जूस में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो गठिया और अन्य जोड़ों से जुड़ी समस्याओं में राहत दिला सकते हैं। यह जूस जोड़ों के लचीलापन को बढ़ाता है और दर्द को कम करता है। नोनी प्लांट में दर्द और सूजन को कम करने वाले गुण होते हैं। दो ओपन-लेबल क्लिनिकल ट्रायल में पाया गया कि नोनी जूस पीने से गठिया और गर्दन के दर्द में राहत मिलती है। एक स्टडी में 90 मरीजों को शामिल किया गया, जिन्हें नोनी जूस, फिजियोथेरेपी या दोनों का मिश्रण दिया गया था। स्टडी से पता चला कि नोनी जूस पीने से दर्द कम हुआ और उनकी गति में सुधार हुआ।3. वजन कम करने में मददगारनोनी जूस को नियमित रूप से पीने से वजन घटाने में मदद भी मिल सकती है। इस जूस का सेवन मेटाबोलिज्म को बढ़ाता है और शरीर में जमे फैट को कम करने में मदद करता है। नोनी जूस पीने से वजन कम करने को लेकर दो अलग-अलग अध्ययन किए गए हैं। एक अध्ययन में पाया गया कि नोनी जूस पीने से शरीर की चर्बी कम होती है और वजन कम करने में मदद मिलती है। दूसरी स्टडी में पाया गया कि नोनी जूस पीने से मांसपेशियों का अध्ययन में पाया गया कि नोनी जूस पीने से मांसपेशियों का द्रव्यमान बना रहता है और वजन कम करने में मदद मिलती है।4. दिल की सेहत के लिएनोनी जूस का सेवन आपके दिल के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है। यह जूस हार्ट के मरीजों को होने वाले जोखिम को कम करने में मदद करता है, जो ब्लड प्रेशर को संतुलित रखने और हार्ट हेल्थ में सुधार करने में मदद करता है। नोनी जूस के सेवन से दिल के स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है। एक अध्ययन में पाया गया कि नोनी जूस पीने से ब्लड में ऑक्सीडेटिव तनाव कम होता है, जो दिल की बीमारियों के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है। दरअसल, नोनी जूस में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो दिल की सेहत के लिए फायदेमंद होता है।5. त्वचा और बालों के लिए फायदेमंदनोनी जूस में एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन्स होते हैं, जो स्किन हेल्थ के लिए फायदेमंद होती है और त्वचा को चमकदार बनाती है। इतना ही नहीं ये बालों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होती है। स्टडी के अनुसार, नोनी के अर्क के उपयोग से स्किन में सूजन कम होती है और स्किन की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया धीमी होती है, जिससे एजिंग धीमी हो जाती है। नोनी में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो स्किन के लिए फायदेमंद होता है और स्किन की समस्याओं को दूर करता है।6. मसूड़ों और दांतों की देखभालनोनी जूस का सेवन आपके मसूड़ों की सूजन को कम करने और दांतों को मजबूत बनाने में मदद करता है। नोनी जूस के सेवन से ओरल हेल्थ में सुधार हो सकता है। नोनी जूस पीने से मुंह धोने से मसूड़ों की सूजन कम होती है और मुंह की सेहत में सुधार होता है। नोनी जूस में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो मसूड़ों से जुड़ी समस्याओं को कम करने में मदद कर सकते हैं। इससे मुंह की सेहत को बेहतर रखने और दांतों से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में मदद मिल सकती है।नोनी जूस का सेवन कैसे करें?नोनी जूस का सेवन आप सुबह खाली पेट कर सकते हैं, क्योंकि नोनी जूस खाली पेट पीना ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। खाली पेट नोनी जूस पीने से पोषक तत्व आसानी से अवशोषित हो जाते हैं। इसके साथ ही आप इसे गर्म पानी के साथ मिलाकर पीने की कोशिश करें। मार्केट में आपको नोनी जूस आसानी से मिल जाएगा। लेकिन अगर आप घर पर नोनी का जूस बनाना चाहते हैं तो एक कंटेनर में पके फल भरें और उसे कुछ दिनों के लिए धूप में फर्मेंट होने के लिए छोड़ दें। फिर जूस को छानकर पी लें। या आप ताजा नोनी जूस बनाने के लिए पके हुए नोनी फलों को पीसकर और उसकी प्यूरी बनाकर छान लें और फिर पिएं।नोनी जूस एक नेचुरल ड्रिंक है, जो आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसलिए, स्किन से लेकर इम्यूनिटी बूस्ट करने समेत कई समस्याओं को दूर करने के लिए आप अपनी डाइट में नोनी जूस शामिल कर सकते हैं।