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- आजकल की लाइफस्टाइल और खान-पान इतना बदल गया है कि उसका सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ने लगा है। घंटों-घंटों मोबाइल देखना और लैपटॉप पर काम करने की वजह से लोगों न सिर्फ आंखें दुखने लगी हैं, बल्कि इसके साथ-साथ आंखों के नीचे गहरे काले निशान भी आने लगे हैं।यदि शुरुआती दिनों में इन डार्क सर्कल पर ध्यान न दिया जाए तो ये इतना बढ़ जाते हैं, कि इसकी वजह से चेहरा भी अजीब दिखने लगता है। अगर आप भी इसी दिक्कत से परेशान हैं तो हमारे बताए गए तीन नुस्खों को आजमाकर देख लें। यहां हम आपको कुछ ऐसे ही नुस्खों के बारे में बताएंगे, जिनके इस्तेमाल के बाद एक महीने में आंखों के काले घेरे एकदम कम हो जाएंगे।खीरायदि आप भी घरेलू नुस्खों की मदद से डार्क सर्कल को कम करना चाहते हैं तो उसके लिए खीरा आपकी मदद करेगा। दरअसल, खीरे में एंटीऑक्सिडेंट और ठंडक देने वाले तत्व होते हैं जो आंखों को आराम देते हैं और काले घेरों को कम करते हैं।इसके इस्तेमाल के लिए आपको सबसे पहले खीरे को पतले स्लाइस में काटना है। अब इसे अपनी आंखों पर रख लेना है। कोशिश करें कि ये खीरा ठंडा हो, इससे आपकी आंखों को भी राहत मिलेगी। 20 मिनट के लिए दिन में दो बार ऐसा ही करें। इससे आंखों के नीचे आए काले घेरे खुद ब खुद कम हो जाएंगे।आलू का रसहर भारतीय घर में आलू बड़ी ही आसानी से मिल जाता है। इसका इस्तेमाल सब्जी बनाने के साथ-साथ स्किन केयर में भी किया जाता है। दरअसल, आलू में पाए जाने वाले एंजाइम और विटामिन C डार्क सर्कल को हल्का करने में मदद करते हैं।इसके इस्तेमाल के लिए सबसे पहले कच्चे आलुओं को कद्दूकस कर लें। अब इसे कॉटन के कपड़े में बांधकर उसका रस निकाल लें। रस निकालने के बाद इसे रुई की मदद से अपनी आंखों के नीचे अप्लाई करें। 20 मिनट के बाद अपने चेहरे को धो लें। हफ्ते में कम से कम 5 बार ऐसा करें और फिर इसका असर देखें।बादाम तेल और नारियल तेल की मसाजये दोनों तेल यदि आपके घर में मौजूद हैं तो इनके इस्तेमाल से डार्क सर्कल को कम करें। दरअसल, ये दोनों तेल त्वचा को पोषण देते हैं और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर करके डार्क सर्कल को कम करते हैं। इसका इस्तेमाल भी काफी आसान है।बादाम तेल और नारियल तेल की मसाजइसके इस्तेमाल के लिए आपको सबसे पहले बराबर मात्रा में बादाम तेल और नारियल तेल मिक्स करना है। इसे बाद इस तेल से आंखों के नीचे हल्के हाथों से 5 मिनट मसाज करें। हर रात सोने से पहले इस तेल से मसाज करें और इसे ऐसे ही रातभर छोड़ दें। सुबह ठंडे पानी से धो लें। एक महीने में इसका असर दिखने लगेगा।
- आज के समय में एक बड़ी समस्या वजन का बढ़ना भी है, जिसे कम करने के लिए कोई जिम जा रहा है तो कोई इंटिमेट फास्टिंग कर रहा है। लेकिन आज हम आपको वजन घटना ने 3-3-3 वाला एक बहुत ही आसान और असरदार तरीका बताने वाले हैं, जिसके लिए आपको कही जाने और खाना छोड़ने की जरूरत नहीं है। तो बिना देर किए आइए जानते हैं वजन घटाने का 3-3-3 नियम। (क्या है वजन घटाने का 3-3-3 नियम?किसी भी काम को करने के लिए कुछ नियम बनाए जाते हैं, उसी तरह ये 3-3-3 का नियम वजन घटाने के लिए फायदेमंद है। इसे इस तरह डिजाइन किया गया है कि न ही आपको जबरदस्ती ऑवर एक्सरसाइज करनी पड़े और न ही भूखा रहना पड़े। आइए अब हम वेट लॉस करने के 3-3-3 नियम का मतलब और इनके फायदों के बारे में जानते हैं।1. दिन में तीन बार खाएं खानाखाना न खाने से वजन नहीं घटता है, बल्कि जब हम अपनी हद से ज्यादा खाने की आदत को कम करना शुरू कर देते हैं तो शरीर में असर दिखना शुरू हो जाता है। इसलिए 3-3-3 का पहला नियम है समय । टाइम टू टाइम खाना और असमय होने वाली क्रेविंग को कम करना, क्योंकि इससे हमारे शरीर में फैट बढ़ने लगता है, जो अत्यधिक वजन बढ़ने का कारणबनता है। ऐसे में आप रोजाना फिक्स टाइम पर नाश्ता, लंच और डिनर करना शुरू करें। ऐसा करने से आपको असमय भूख लगना बंद हो जाएगी और शरीर को पोषण भी मिलेगा।2 . दोपहर तीन बजे से पहले 3 बोतल पानी पीनावजन घटाने का दूसरा नियम दिन में 3 बजे से पहले 3 बोतल पानी पीने का है। ऐसा इसलिए क्योंकि पानी हमारे शरीर को हाइड्रेट रखता है, डाइजेस्टिव सिस्टम को हेल्दी बनाता है और बार-बार भूख लगने की इच्छा को कम करता है। अगर आप ज्यादा मात्रा में पानी पीते हैं तो ये शरीर से टॉक्सिन बाहर निकालता है, जिससे बॉडी की अंदर से सफाई होती है।3. हफ्ते में एक दिन 3 घंटे का व्यायामव्यायाम हमारे शरीर को एक्टिव रखता है और रोजाना के 5-10 मिनट भी आपके शरीर में सकारात्मक प्रभाव दिखा सकते हैं। लेकिन अगर ऑफिस या बाकी कामों के चलते आपको समय नहीं मिल पा रहा है तो हफ्ते में एक दिन जरूर निकालें, जिसमें आप 3 घंटे व्यायाम को दें। इससे आपकी मसल खुलेंगी और वजन घटाने में मदद मिलेगी।वजन घटाने के अन्य तरीकेअगर आप तेजी से अपना वजन घटाना चाहते हैं और कुछ एक्स्ट्रा करना चाहते हैं तो हफ्ते में किसी एक दिन फास्ट भी रख सकते हैं। ऐसा करने से आपको भूखा रहने में और क्रेविंग को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी। इसी के साथ आप ऑफिस में बैठे-बैठे की जाने वाली एक्सरसाइजको अपने डेली रूटीन में शामिल कर सकते हैं।
- आपने घर के बड़े-बूढों को कई समस्याओं में नाभि में तेल डालने की सलाह देते तो जरूर देखा होगा। यह देसी नुस्खा लंबे समय से कई समस्याओं के लिए फॉलो किया जा रहा है। त्वचा में निखार बढ़ाना हो या तेज पेट दर्द नाभि में तेल डालना काफी असरदार होता है। इसी तरह पाचन से जुड़ी समस्याओं में भी नाभि में तेल डालना फायदेमंद होता है। लेकिन, क्या कब्ज और एसिडिटी होने पर भी नाभि में तेल डालना फायदेमंद होता है?हींग का तेलहींग का तेल केरियर ऑयल में हींग मिलाकर तैयार किया जाता है। इसे बच्चों को बड़ों दोनों के लिए फायदेमंद माना जाता है। गैस या ब्लोटिंग होने पर हींग के तेल से मसाज करना फायदेमंद माना जाता है। यह पेट में गैस को निकालती है और बॉवेल मूवमेंट इंप्रूव करती है। गुनगुने तेल या पानी में हींग मिलाकर नाभि पर मसाज करने से इन समस्याओं से काफी राहत मिलती है।अरंडी का तेलअरंडी के तेल से नाभि की मसाज करने से पाचन से जुड़ी समस्याओं से राहत मिलती है। इससे पेट दर्द, इंफ्लेमेशन और ब्लोटिंग से राहत देता है। इसमें लैक्सेटिव और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं, जो पाचन तंत्र को आराम देते हैं। इस तेल को हल्का गर्म करके सोने से पहले नाभि के आसपास मसाज करें।सरसों का तेलपाचन संबंधित समस्याओं खासकर कब्ज और ब्लोटिंग होने पर सरसों के तेल से मसाज करनी चाहिए। हल्का गर्म करके नाभि में मसाज करने से डाइजेशन इंप्रूव होता है और गैस से राहत मिलती है। इसे हल्का गर्म करके नाभि और पेट के आसपास मसाज करें। इससे गैस और ब्लोटिंग दोनों से राहत मिलती है।नारियल तेल-बॉडी को डिटॉक्स करने के लिए नारियल तेल फायदेमंद माना जाता है। इससे मसाज करने से पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और मॉइस्चराइजिंग गुण मौजूद होते हैं, जो कब्ज से राहत देते हैं। इसे नाभि में लगाने से त्वचा में निखार भी सामने आता है। इसे गुनगुना करके नाभि और पेट के आसपास लगाकर मसाज करें। इससे पाचन से जुड़ी समस्याओं से तुरंत राहत मिलती है।इन बातों का रखें ध्यान-तेल को ज्यादा गर्म न करें। गुनगुना करने के बाद ही नाभि पर लगाएं। इसे 5 से 10 मिनट तक हल्के हाथों से मसाज करें।-रात को सोने से पहले लगाना ज्यादा फायदेमंद होगा।-अगर आपको लंबे समय से पेट से जुड़ी समस्याएं हो रही हैं, तो यह ज्यादा फायदेमंद नहीं होगा। ऐसे में आपको डॉक्टर से इलाज ही लेना होगा।-अगर नाभि के आसपास इंफेक्शन या चोट है, तो तेल लगाना अवॉइड करें। क्योंकि इससे आपकी समस्याएं भी बढ़ सकती हैं।-अगर आपकी सेंसिटिव स्किन है या आप पहली बार तेल लगा रहे हैं, तो पैच टेस्ट जरूर करें।
- आजकल की लाइफस्टाइल में खाना खाते वक्त फोन चलाना आम बात हो गई है. कई लोग यह नहीं समझ बाते लेकिन आपकी यह आदत आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकती है. एक्सपर्ट के अनुसार खाते समय फाेन चलाने से न केवल ध्यान भटकता है बल्कि यह ब्लड शुगर और वजन को बढ़ाने की भी बड़ी वजह बन सकता है.मोबाइल में बिजी रहने से खाने की मात्रा का नहीं रहता पताखाना खाते समय मोबाइल पर बिजी रहने से लोग अपने खाने की मात्रा और पोषण पर ध्यान नहीं देते हैं. ऐसा करने से लोग अक्सर पोसेस्ड या फिर कम पौष्टिक खाना खा लेते हैं जिससे यह हमारे शरीर में ब्लड शुगर लेवल को तेजी से बढ़ा सकता है. वहीं बार बार ऐसा होने से इंसुलिन रेसिस्टेंस का खतरा भी बढ़ जाता है. यह आगे चलकर टाइप 2 डायबिटीज जैसी बीमारियों में बदल सकता है. इसे लेकर एक्सपर्ट भी मानते हैं कि जब लोग खाने में पूरी तरह ध्यान देकर खाना नहीं खाते हैं तो वह अपने शरीर में भूख के संकेतों को अनदेखा करते हैं जिससे ओवरईटिंग होने लगती है और वजन बढ़ने लगता है. इस तरह से वजन बढ़ना मेटाबॉलिक हेल्थ के लिए खतरनाक हो सकता है .खाने की मात्रा और प्रकार ब्लड शुगर लेवल को करते हैं प्रभावितखाने का प्रकार और उसकी मात्रा सीधे तौर पर ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित करते हैं. खाने में मौजूद कार्बोहाइड्रेट, खासकर प्रोसेस्ट और रिफाइंड जैसे सफेद ब्रेड, पास्ता, शक्कर वाले ड्रिंक तेजी से पचते हैं और ब्लड शुगर को भी तेजी से बढ़ाते हैं.रोटी दाल की तुलना में कोल्ड ड्रिंक जैसे फूड से तेजी से बढ़ता शुगरलिक्विड रूप में लिए गए कर्बोहाइड्रेट जैसे कोल्ड ड्रिंक ठोस खाने जैसे रोटी या दाल की तुलना में शरीर में तेजी से शुगर में बदलते हैं. वहीं फाइबर युक्त खाना जैसे साबुत अनाज और हरी सब्जियां ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखने में मदद करते हैं क्योंकि ये धीरे धीरे पचते हैं.मांइडफुल ईटिंग से ब्लड शुगर और बढ़ते वजन को रोक सकते हैंध्यानलगाकर खाना खाना ऐक ऐसी आदत है जिसमें व्यक्ति अपने खाने के हर एक बाइट पर ध्यान देता है जैसे वह क्या खा रहा है कितना खा रहा है और कब पेट भर गया है. यह आदतें ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करती है. साथ ही नियमित रूप से व्यायाम करने से ब्लड शुगर को एनर्जी के रूप में इस्तेमाल करवाता है जिससे शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति ज्यादा संवेदनशील होती है. इसका मतलब होता है कि शुगर आसानी से सेल्स में पहुंचती है और यह ब्लड में जमा नहीं होती है.
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भोजन का सीधा असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है। पौष्टिक आहार का सेवन करने से शरीर को ऊर्जा मिलती है। यह शरीर को काम करने, बढ़ने और स्वस्थ रहने के लिए आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है। ऐसे में जैसा भोजन आप करते हैं, वैसा ही स्वास्थ्य लाभ मिलता है लेकिन कुछ खराब आदते हैं जो पौष्टिक आहार के सेवन के बाद भी शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं। यह आदते खाने के बाद की होती है।
आप चाहे जितने पौष्टिक आहार का सेवन कर लें लेकिन अगर खाने के बाद कुछ आदतों को नहीं बदलेंगे तो पाचन तंत्र पर दुष्प्रभाव होगा। अक्सर हम अनजाने में कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जो पेट की गड़बड़ी से लेकर गंभीर बीमारियों तक की वजह बन सकती है। भोजन के बाद सही आदतें अपनाकर आप पाचन तंत्र को मजबूत रख सकते हैं और स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं। इस लेख में आपको ऐसी बात गलतियां बताई जा रही हैं जो आमतौर पर लोग खाना खाने के बाद करते हैं, जिसका बुरा असर उनकी सेहत पर पड़ता है।तुरंत पानी पीनाकुछ लोग खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीते हैं। इससे पाचन क्रिया बाधित होती है। अगर आप खाना खाने के तुरंत बाद पानी पिएंगे तो खाना पचने में समय ज्यादा लगता है और एसिडिटी व ब्लोटिंग की समस्या हो सकती है। सही तरीका है कि खाने के लगभग 30 मिनट बाद ही पानी पिएं। अगर बहुत प्यास लगे तो गुनगुना पानी बहुत कम मात्रा में लें।तुरंत सोना या लेटनाअक्सर लोग खाने के बाद तुरंत आराम करने के लिए लेट जाते हैं। खाने के बाद लेटने से पेट का एसिड भोजन के साथ ऊपर की ओर आ सकता है जिससे एसिड रिफ्लक्स, सीने में जलन और बदहजमी हो सकती है। आप इन समस्याओं से बचना चाहते हैं तो खाने के बाद कम से कम 30-40 मिनट तक बैठे रहें या हल्की वॉक करें।धूम्रपान करनावैसे तो धूम्रपान करना ही सेहत के लिए नुकसानदायक होता है, लेकिन भोजन के तुरंत बाद धूम्रपान करना सेहत के लिए ज्यादा घातक हो सकता है। इससे निकोटिन का अवशोषण दोगुना हो जाता है, जिससे आंतों को नुकसान पहुंचता है और पाचन तंत्र कमजोर होता है। धूम्रपान पूरी तरह छोड़ना बेहतर है, लेकिन खासकर भोजन के एक घंटे पहले और बाद में न करें।व्यायामखाने के तुरंत बाद सामान्य गति से टहल सकते हैं, लेकिन व्यायाम करने के बारे में भी न सोचें। खाना खाने के बाद व्यायाम करना सेहत के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है। इससे उल्टी, मतली, पेट दर्द और पाचन से जुड़ी कई बड़ी समस्याएं झेलनी पड़ सकती है। अगर आप व्यायाम करना ही चाहते हैं तो भोजन के एक से डेढ़ घंटे बाद व्यायाम करें।नहानाखाना खाने के तुरंत बाद नहाने से रक्त का प्रवाह बदल सकता है, जिससे पाचन क्रिया धीमी हो सकती है। खाने के बाद पाचन तंत्र सबसे ज्यादा एक्टिव होता है। लेकिन, आपके नहाने से शरीर का तापमान बदल जाता है और खाना ठीक से पच नहीं पाता है। - गर्मियों की चिलचिलाती गर्मी आपको थका हुआ और डिहाइड्रेटेड महसूस करा सकती है. वहीं, इन दिनों तो दिल्ली समेत पूरा उत्तर भारत गर्मी और तपिश की मार झेल रहा है. ऐसे में शरीर को हाइड्रेट और स्वस्थ रखना किसी चुनौती से कम नहीं है.गर्मियों में आप खुद को हाइड्रेटेड और स्वस्थ रखने के लिए तरबूज, खरबूजा, आम, बेर, बेल और जामुन जैसी चीजें खा सकते हैं. गर्मियों के फल पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं जो आपको गर्मी से लड़ने और स्वस्थ रहने में मदद कर सकते हैं. लेकिन यहां हम आपको बता रहे हैं कि दोनों में कौन आपके लिए गर्मी में खाना ज्यादा फायदेमंद हो सकता है.बेर के फायदेबेर में करीब 87% पानी होता है. यह ठंडा और हाइड्रेटेड रखने वाला फल है. यह फाइबर का पावरहाउस है जो गर्म मौसम के दौरान पेट के स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है.यह प्रतिरक्षा प्रणाली को बूस्ट करता है क्योंकि यह विटामिन सी से भरपूर होता है, साथ ही यह आपको गर्मियों में स्वस्थ रखता है.एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होने की वजह से बेल आपकी त्वचा को सूरज की क्षति से बचाते हैं और हील भी करते हैं.ताजा बेर को आप ऐसे ही खा सकते हैं. साथ ही इसे सलाद, दही, जूस या स्मूदी में मिलाकर भी खा सकते हैं.जामुन के फायदेजामुन में 84% पानी होता है जो डिहाइड्रेशन से लड़ता है और आपको अंदर से ठंडा रखता है.जामुन पाचन में मददगार होते हैं. यह स्वाद में कसैले और मीठे होते हैं. इनमें जीवाणुरोधी गुण होते हैं जो सूजन और पेट फूलने जैसी दिक्कतों को दूर करते हैं.जामुन का ग्लाइसेमिक इंडेक्स लो होता है और ये ब्लड शुगर के नियंत्रण में सहायता करता है.जामुन खाने से आपको चमकती त्वचा मिल सकती है क्योंकि ये एंटीऑक्सिडेंट्स का रिच सोर्स होता है. यह त्वचा के तेल को नियंत्रित करने और पोर्स को कसने में मदद करते हैं जिससे त्वचा साफ होती है.जामुन को खाने के कई तरीके हैं. इसे आप ताजा खाएं, जैम या जूस बनाएं या इसे दही और सलाद में मिलाएं, हर तरह से फायदे ही होंगे.दोनों में क्या ज्यादा फायदेमंदबेर और जामुन दोनों ही गर्मियों के लिए अच्छे फल हैं. यह एक करीबी मुकाबला है क्योंकि दोनों ही विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट के पावरहाउस हैं. अगर आपको हाइड्रेशन और अच्छे फाइबर वाले फल की जरूरत है तो बेर को चुनेंलेकिन अगर आप पाचन से जुड़े लाभ चाहते हैं, साथ ही ब्लड शुगर को नियंत्रित करना चाहते हैं तो जामुन आपके लिए बेहतर होगा.आखिरकार सबसे अच्छा विकल्प आपकी जरूरतों पर निर्भर करता है. आप जो भी चुनें, आपको दोनों ही फलों से गर्मियों में हाइड्रेशन, ताजगी और फायदे मिलेंगे.
- गर्मी के मौसम के बाद आने वाला मॉनसून अपने साथ सिर्फ राहत की बूंदें ही नहीं, बल्कि कुछ स्वास्थ्य चुनौतियां भी लेकर आता है। इन्हीं में से एक है पैरों में फंगल इन्फेक्शन का होना, जिसे आमतौर पर 'फुट फंगस' के नाम से जाना जाता है। पसीने और लगातार बनी रहने वाली नमी के कारण यह समस्या तेजी से पनपती है और कई लोगों के लिए परेशानी का सबब बन जाती है।कई बार यह सिर्फ मामूली खुजली नहीं, बल्कि जलन, त्वचा का फटना, लालिमा और असहनीय बदबू का कारण बन सकती है। खासकर 'एथलीट फुट' (पैर की उंगलियों के बीच का इन्फेक्शन) और 'टोनेल फंगस' (नाखूनों का इन्फेक्शन) जैसी बीमारियां इस मौसम में बहुत आम हो जाते हैं। त्वचा विशेषज्ञों का कहना है कि यह संक्रामक भी हो सकता है। अच्छी बात यह है कि सही देखभाल और थोड़ी सी सावधानी से इस समस्या से बचा जा सकता है। अब क्योंकि मानसून आने वाला है, तो आइए इस लेख में इस समस्या से बचने चार उपाय के बारे में जानते हैं।पैरों को साफ और सूखा रखेंगर्मी में पसीने के कारण पैर नम रहते हैं, जो फंगस के लिए आदर्श वातावरण बनाता है। रोजाना पैरों को एंटी-बैक्टीरियल साबुन से धोएं, खासकर उंगलियों के बीच। टिप: धोने के बाद तौलिए से अच्छी तरह सुखाएं। नहाने के बाद पैरों को हेयर ड्रायर के ठंडे मोड से सुखाना भी प्रभावी है। साफ मोजे पहनें और रोजाना बदलें।वेंटिलेटेड जूते और मोजे चुनेंटाइट या प्लास्टिक के जूते पैरों में हवा को रोकते हैं, जिससे नमी बढ़ती है और फंगस पनपता है। चमड़े या मेश वाले वेंटिलेटेड जूते पहनें। सूती या नमी सोखने वाले मोजे चुनें। गर्मी में बंद जूतों की जगह सैंडल या ओपन-टो जूते बेहतर हैं। जूतों को धूप में सुखाएं और डीओडरेंट पाउडर का इस्तेमाल करें।एंटी-फंगल प्रोडक्ट्स का उपयोग करेंफुट फंगस से बचाव के लिए एंटी-फंगल पाउडर या क्रीम का इस्तेमाल करें, खासकर यदि आप जिम, स्विमिंग पूल या सार्वजनिक शावर का उपयोग करते हैं। रात को पैर धोने के बाद एंटी-फंगल क्रीम लगाएं। नीम का तेल या टी ट्री ऑयल भी प्राकृतिक रूप से फंगस को रोकने में मदद करते हैं।साझा चीजों के इस्तेमाल से बचेंसार्वजनिक स्थानों पर नंगे पैर चलने से फंगस का जोखिम बढ़ता है। दूसरों के जूते, मोजे या तौलिए का इस्तेमाल न करें। स्विमिंग पूल या जिम में चप्पल पहनें। नाखूनों को छोटा और साफ रखें, क्योंकि लंबे नाखूनों में फंगस आसानी से पनप सकता है। नेल कटर को भी नियमित रूप से साफ करें। इसके बाद भी यदि पैर में खुजली या लालिमा हो, तो तुरंत त्वचा विशेषज्ञ से सलाह लें।
- गर्मियों के मौसम में लोग खानपान और हाइड्रेशन पर तो ध्यान देते हैं लेकिन स्किन केयर को लेकर अक्सर बहुत सारी गलतियां कर बैठते हैं. लोग गर्मियों में नारियल तेल को नजरअंदाज कर देते हैं. कई लोगों को लगता है कि नारियल तेल गर्मी में स्किन को चिपचिपा और ऑयली बना देगा लेकिन सच्चाई बिल्कुल अलग है. नारियल का तेल सिर्फ सर्दियों में ही नहीं बल्कि गर्मियों में भी आपकी स्किन के लिए बहुत सही माना जाता है. इसमें मौजूद फैटी एसिड एंटीऑक्सीडेंट और सूजन कम करने वाले गुण स्किन को अंदर से पोषण देने का काम करते हैं.गर्मियों में क्यों होता है नारियल तेल फायदेमंद ज्यादातर लोग नहीं जानते लेकिन गर्मियों में नारियल तेल हमारी स्क्रीन के लिए बहुत फायदेमंद होता है. यह स्किन को गहराई से मॉइश्चराइजर करता है, इसके अलावा यह हमारी स्किन को हाइड्रेट रखता है और शरीर से रूखापन दूर करता है.धूप से करता है सुरक्षा सूजन और जलन से भी देता है राहतलोगों को नहीं पता होता है लेकिन गर्मियों में नारियल का तेल यूवी किरणों से हमारे शरीर का बचाव करता है साथ ही सनबर्न का खतरा भी कम करता है. गर्मियों में पसीने और उमस के कारण सूजन और जलन जैसी समस्या होना आम है. लेकिन नारियल तेल आपको गर्मियों में पसीने, जलन से हुई रेडनेस इरिटेशन को कम करने में मदद करता है.कील मुंहासों को दूर और ब्लड सर्कुलेशन को करता है बेहतरगर्मियों में अक्सर लोग कील मुंहासे की समस्या से परेशान रहते हैं. लेकिन नारियल तेल में कहीं ऐसे एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो हमारी स्किन पर बैक्टीरिया को पनपने से रोकते हैं. इससे हमारी स्किन को कील मुंहासे से भी राहत मिलती है. वहीं नारियल तेल से मसाज करने से हमारे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है इससे शरीर को भी काफी आराम मिलता है.चेहरे पर ऐसे करें इस्तेमालगर्मी में आप रात के समय में चेहरे को साफ करके हल्का सा नारियल तेल लगा सकते हैं. जिससे यह स्किन को नमी देगा साथ ही उसे मुलायम और चमकदार भी बनाएगा. हालांकि जिनकी स्किन बहुत सेंसिटिव होती है उन्हें नारियल तेल लगाने से पहल पेच टेस्ट जरूर करना चाहिए.किसे रहना चाहिए नारियल तेल से सावधानअगर आप नारियल तेल का इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन आपकी स्किन काफी ऑयली है. साथ ही आपकी स्किन पर एलर्जी भी होती है ऐसे में आपको नारियल तेल का सीमित मात्रा में ही इस्तेमाल करना चाहिए. कुछ स्किन टाइप्स पर यह पिंपल्स भी बढ़ सकता है इसलिए आप इसके इस्तेमाल को लेकर डॉक्टर की सलाह भी ले सकते हैं.
- गर्मियों में जिस समस्या से महिलाएं और पुरुष सबसे ज्यादा परेशान रहते हैं वह है टैनिंग। धूप से मिला कालापन सुंदरता को खराब करता है और अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो इससे निपटना बहुत मुश्किल हो जाता है। धूप के अलावा धूल-मिट्टी और गंदगी की वजह से स्किन पर कालापन दिखने लगता है और डेड स्किन जम जाती है। इससे छुटकारा पाने के लिए आप घर पर बने डी-टैन बॉडी वॉश का इस्तेमाल कर सकते हैं। यहां देखिए इसे कैसे बनाएं-घर पर डी-टैन बॉडी वॉश बनाने के लिए आपको चाहिए-- कॉफी- शहद-चीनी पाउडर- भुनी हुई हल्दी-नारियल का तेलकैसे बनाएं डी-टैन बॉडी वॉशइस वॉश को बनाने के लिए सबसे पहले तवा गर्म करें और उस पर हल्दी पाउडर डालकर अच्छे से भून लें। जब हल्दी का रंग पीले से भूरा हो जाए तो आंच को बंद करें और फिर इसे एक प्लेट में निकाल लें। अब एक कंटेनर में कॉफी, शहद, चीनी पाउडर, भुनी हुई हल्दी और नारियल का तेल डालें। सभी चीजों को अच्छी तरह से मिक्स कर लें। अगर आपके पास चीनी का पाउडर नहीं है तो आप घर में रखी चीनी को पीसकर पाउडर बना लें। सभी चीजें जब अच्छे से मिक्स हो जाएं तो इसमें केमिकल रहित बॉडी वॉश भी मिला दें। अच्छे से मिक्स करें और फिर एक टाइट कंटेनर में स्टोर करें और नहाने के लिए इस्तेमाल करते रहें। जब आप नियमित तौर पर इसका इस्तेमाल करेंगे तो टैनिंग से छुटकारा मिलेगा और स्किन सुपर सॉफ्ट हो जाएगी।
- आजकल की अनहेल्दी लाइफस्टाइल से जहां कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ा है वहीं, स्किन और बालों पर भी इसका असर देखने को मिला है। हेयर फॉल, हेयर थिनिंग और बालों का समय से पहले सफेद होना ऐसी ही परेशानियां हैं जो मॉडर्न लाइफस्टाइल की वजह से तेजी से बढ़ रही हैं। कम उम्र में बालों को सफेद होने से रोकने के लिए आयुर्वेद में कुछ फूड्स का सेवन लाभकारी माना जाता है। आइए जानते हैं उन्हीं फूड्स के नाम जो आपके बालों को नेचुरली हेल्दी और ब्लैक रखने का काम करते हैं।अश्वगंधास्ट्रेस और थकान कम करने के लिए अश्वगंधा को दूध में घोलकर पीने की आदत कई लोगों में होती है। लेकिन, बहुत कम लोगों को पता है कि अश्वगंधा का दूध पीने से आपके बालों की कई समस्याएं भी कम होती हैं। अदरकचाय में पड़ने वाली साधारण-सी अदरक कई ऐसे औषधीय गुणों से भरपूर होती है जो बालों की हेल्थ सुधारते हैं। आप प्री-मैच्योर हेयर ग्रेइंग को रोकने के लिए अदरक का सेवन (Ginger For Black Hair) कर सकते हैं। अदरक की चटनी या अदरक और शहद का सेवन करने से भी बालों को फायदा हो सकता है।आंवलाबालों के लिए आंवले का सेवन बालों की हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। आंवले का जूस पीने से बालों को मजबूती मिलती है, इससे हेयर फॉल रुकता है और काले बालों का समय से पहले सफेद होने जैसी समस्याएं कम होती हैं।गाजर का जूस पिएंविटामिंस और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर गाजर का जूस पीने से भी सफेद बालों की समस्या कम होती है। गाजर में विटामिन और विटामिन ई पाया जाता है जो बालों को सफेद होने से बचाता है।काला तिलतिल के बीजों को आयुर्वेद में बालों के लिए बहुत फायदेमंद बताया गया है। यह आपके बालों को काला और शाइनी बनाता है।Disclaimer : यह आर्टिकल केवल सामान्य जानकारी और सलाह देता है। यह किसी भी तरह से चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। इसलिए अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श जरूर करें।
- हमारे नाखून न केवल सौंदर्य का हिस्सा हैं, बल्कि शरीर की अंदरूनी स्थिति का संकेत भी देते हैं। कमजोर, टूटते या बदलते रंग के नाखून कई बार पोषण की कमी या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं की ओर इशारा करते हैं। वहीं नाखूनों पर बनने वाली रेखाएं, दाग या बदलाव अक्सर शरीर में हो रही पोषक तत्वों की कमी, बीमारियों या अन्य शारीरिक असंतुलन का संकेत होते हैं। आइए जानें नाखूनों पर बनने वाली अलग-अलग लाइनों और उनकी संभावित वजहों के बारे में।गहरी लाइनेंअगर नाखूनों पर गहरी क्षैतिज रेखाएं दिख रही हैं तो यह ब्यूज लाइन्स हो सकती हैं। ये रेखाएं गंभीर बीमारी, बुखार, डेंगू, कोविड-19 या किसी बड़ी सर्जरी के बाद शरीर में पोषण की कमी या तनाव का कारण बनती हैं। ये शरीर के रिकवरी पीरियड का संकेत हो सकती हैं। इस तरह के लक्षण को इग्नोर नहीं करना चाहिए।वर्टिकल लाइन्सवर्टिकल लाइन्स पतली, सीधी रेखाएं अधिकतर उम्र के बढ़ने के साथ सामान्य रूप से बनती हैं। लेकिन अगर ये रेखाएं गहरी हों और अचानक बनें, तो यह आयरन, मैग्नीशियम या विटामिन बी12 की कमी का संकेत हो सकती हैं। लंबे समय तक नाखून के इन लक्षणों को इग्नोर नहीं करना चाहिए। (Also Read: शरीर के अंगों को डैमेज कर सकती है इन विटामिनों की कमी)सफेद रेखाएं या धब्बेनाखूनों पर सफेद रेखाएं या छोटे-छोटे धब्बे दिखना अक्सर कैल्शियम, जिंक या प्रोटीन की कमी का संकेत होते हैं। कभी-कभी ये चोट लगने या नाखूनों की देखभाल में लापरवाही के कारण भी हो सकते हैं। अगर आपके नाखूनों में ऐसी लाइन दिख रही हैं, तो इन्हें इग्नोर न करें और एक बार डॉक्टर से इस बारे में बात कर लेनी चाहिए।गहरी काली रेखाअगर नाखून में एक सीधी काली या भूरी रेखा दिखे, तो यह त्वचा की कोशिकाओं के अत्यधिक सक्रिय होने का संकेत हो सकता है। कभी-कभी यह त्वचा कैंसर (मेलानोमा) का शुरुआती लक्षण भी हो सकता है, इसलिए इसे नजरअंदाज न करें। समय रहते कैंसर का निदान और इलाज शुरू करना स्थिति को जटिल होने से बचा सकता है।स्ट्रक्चर में बदलाव वाली रेखाएंअगर नाखून की सतह पर गड्ढे, दरारें या उभरी रेखाएं नजर आएं, तो यह सोरायसिस या एक्जिमा जैसी त्वचा संबंधी बीमारियों का संकेत हो सकता है। यह लक्षण अक्सर शरीर के अंदरूनी स्वास्थ्य समस्याओं को भी दर्शाते हैं, जिनकी समय पर जांच आवश्यक होती है।(नोट : यह आर्टिकल केवल सामान्य जानकारी और सलाह देता है। इसलिए अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श जरूर करें। )
- चटनी-अचार न सिर्फ खाने का स्लाद बढ़ाते हैं बल्कि इनमें पड़े मसाले हेल्थ के लिए भी अच्छे होते हैं। कुछ डिशेज तो ऐसी होती हैं जिनमें अचार के बिना मजा ही नहीं आता। वहीं कई बार सब्जी न होने पर अचार का बड़ा सपोर्ट होता है। यहां तीन पॉप्युलर अचारों की रेसिपीज हैं जिन्हें देखकर आप खुद अचार एक्सपर्ट बन सकती हैं।लाल मिर्च का अचारसामग्री: • ताजी लाल मिर्च: 100 ग्राम • सरसों: 3 चम्मच • सौंफ: 1 चम्मच • हल्दी पाउडर: 1/4 चम्मच • नमक: 1 चम्मच • तेल: 5 चम्मच • नीबू का रस: 1 चम्मचविधि: लाल मिर्च को पानी से अच्छी तरह से धोकर साफ और सूखे कपड़े से पोंछकर अच्छी तरह से सुखा लें। मिर्च का ऊपरी सिरा काटकर हटा दें और बीज भी निकाल दें। मिर्च को लंबाई में काट लें। एक बड़े बर्तन में सरसों, सौंफ, नमक, हल्दी पाउडर, नीबू का रस और लगभग आधा तेल डालकर मिलाएं। अब इस मिश्रण में लाल मिर्च डालकर मिलाएं। अब एक मर्तबान लें और उसमें यह अचार डालें। बाकी बचा हुआ तेल भी ऊपर से डालें। अचार को तीन घंटे के लिए ऐसे ही छोड़ दें। तीन घंटे बाद परांठा आदि के साथ सर्व करें।आम का अचारसामग्री: • सख्त कच्चे आम: 1/2 किलो • हल्दी पाउडर: 1/2 चम्मच • लाल मिर्च पाउडर: 1/2 चम्मच • देगी मिर्च पाउडर: 1/2 चम्मच • हींग पाउडर: 1/4 चम्मच • सौंफ पाउडर: 1 चम्मच • नमक: 2 चम्मच • सरसों का तेल: 1 चम्मचविधि: आम को धोकर पोंछ लें। छिलका छीलकर छोटे टुकड़ों में काट लें। एक पैन में एक चम्मच तेल गर्म करके उसमें हींग पाउडर डालें फिर हल्दी पाउडर डालकर भूनें और तुरंत आम के टुकड़े डाल दें। गैस बंद करें। सारे मसाले और नमक डालें। आधे घंटे में आम पानी छोड़ देगा। गैस ऑन करें और पानी सुखा दें। गैस ऑफ करें और अचार को पूरी तरह से ठंडा होने दें। स्टरलाइज्ड बोतल में भर लें। यह अचार दस से पंद्रह दिन तक खराब नहीं होता। फ्रिज में रखें तो ज्यादा अच्छा रहेगा।हरी मिर्च का अचारसामग्री: • अचार वाली मोटी मिर्च: 250 ग्राम • सरसों पाउडर: 3 चम्मच • दरदरा मेथी दाना: 2 चम्मच • सौंफ पाउडर: 2 चम्मच • लाल मिर्च पाउडर: 2 चम्मच • हल्दी पाउडर: 1 चम्मच • हींग पाउडर: 1/4 चम्मच • नमक: 3 चम्मच • नीबू का रस: 2 चम्मच • सरसों का तेल: 2 चम्मचविधि: मिर्च को साफ पानी से धोकर पोंछ लें और धूप में आधे घंटे के लिए रख दें। डंठल हटा दें और मिर्च को आधे इंच मोटे टुकड़ों में काट लें। एक नॉनस्टिक पैन में तेल गर्म करके हींग डालें। उसके बाद हल्दी पाउडर डालें और फिर तुरंत कटी मिर्च डाल दें। आंच धीमी करें और सभी सूखे मसाले डालकर तीन से चार मिनट तक पकाएं। गैस ऑफ करें और अचार को ठंडा होने दें। इसमें नीबू का रस मिलाकर साफ-सुथरे डिब्बे में रख दें। एक दिन बाद से इस्तेमाल में लाएं, सप्ताह भर के भीतर खत्म कर दें।
- आम की लगभग एक हजार किस्में दुनिया भर में पाई जाती हैं और शायद उतने ही तरीकों से आम को खाया भी जा सकता है। आप चाहें तो इसे कच्चा खाएं या पकने के बाद इसे चूस लें, काटकर खाएं या फिर गिलास में भरकर पी जाएं। मैंगो आइसक्रीम और मैंगो कुल्फी के रूप में जमाकर खाएं या काटकर फ्रूट सलाद बना लें, मर्जी है आपकी। यह एक ऐसा फल है जो खुशबू, स्वाद और सेहत से भरपूर होता है। पर, आम को लेकर बहुत सारी गलतफहमियां भी हैं। आपने यह तो बहुत बार सुना होगा कि अच्छी सेहत के लिए एक सेब रोज खाएं, लेकिन आप यह नहीं जानती हैं कि एक आम रोज खाने के भी कई फायदे हैं। तो आज जानिए आम के फायदों और इससे जुड़ी गलतफहमियों के बारे में:त्वचा को बनाए चमकदारआम में विटामिन-सी, बीटा-कैरोटीन और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा होते हैं। ये सभी त्वचा को स्वस्थ रखने और उसकी प्राकृतिक चमक बनाए रखने के लिए जरूरी हैं। रोजाना एक आम खाने से शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने में भी मदद मिल सकती है, जो त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है।दिल को रखे सेहतमंदआम पोटैशियम से भरपूर होता है और इसमें मैग्नेशियम भी पाया जाता है। ये दोनों पोषक तत्व दिल को दुरुस्त रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पोटैशियम और मैग्नेशियम रक्तचाप को कम करने में भी मदद करते हैं, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है।वजन घटाने में सहायकआम के बारे में एक सामान्य धारणा प्रचलित है कि उसे खाने से वजन बढ़ता है। जबकि सच्चाई तो यह है कि अगर आप एक आम रोज खाएं तो आपको वजन कम करने में मदद मिल सकती है। इसका कारण यह है कि आम में फाइबर प्रचूर मात्रा में होता है, जिससे लंबे समय तक पेट भरा होने का एहसास होता है।शुगर रहेगा नियंत्रितआम में फाइबर और दूसरे पोषक तत्व होते हैं, जो शुगर के स्तर को अनियंत्रित होने से रोकता है।मत कीजिए इन मिथकों पर विश्वास---कई लोग आम खाने से झिझकते हैं। उन्हें लगता है इसमें कार्बोहाइड्रेट और शुगर की मात्रा अधिक होने से यह वजन बढ़ने सहित दूसरी समस्याओं का कारण बन सकता है। पर, सच्चाई तो यह है कि इस फल में एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन और मिनरल के साथ-साथ फाइबर भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है। अगर आपको भी आम को लेकर कुछ गलतफहमियां हैं, तो इससे जुड़ा सच आपको जरूर पता होना चाहिए:मिथक: आम खाने से वजन बढ़ता हैतथ्य: आम वजन नहीं बढ़ाते क्योंकि इनमें विटामिन-ए और सी, आयरन, पोटैशियम, कॉपर अच्छी मात्रा में होते हैं। इनमें कोई वसा, सोडियम और कोलेस्ट्रॉल नहीं होता है। इसमें फाइबर भी काफी मात्रा में होता है, जिससे पेट भरा होने का अहसास होता है।मिथक: आम मुहांसे और फुंसियों को बढ़ावा दे सकता हैतथ्य: विटामिन-ए, एंटीऑक्सीडेंट और मिनरल की कमी से मुहांसे या फुंसियां होने का खतरा बढ़ सकता है। आम का पर्याप्त मात्रा में सेवन शरीर में केराटिन नाम के प्रोटीन का उत्पादन बढ़ाता है और आम में ये सभी पोषक तत्व होते हैं।मिथक: मधुमेह रोगियों के लिए आम ठीक नहीं हैंतथ्य: यह व्यापक रूप से माना जाता है कि आम खाना मधुमेह रोगियों के लिए उपयुक्त नहीं है। यह सच है कि आम में प्राकृतिक शुगर अधिक मात्रा में होता है, लेकिन इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स (55 से नीचे) कम है। इसलिए मधुमेह के रोगी भी बिना किसी परेशानी के थोड़ी मात्रा में इसका सेवन कर सकते हैं। यही नहीं, आम में मैंगिफेरिन नामक एक यौगिक होता है, जो एक महत्वपूर्ण एंटीऑक्सीडेंट है, जो रक्त शर्करा के स्तर को थोड़ा कम कर उसे नियंत्रित करने में मदद करता है।मिथक: आम आपके शरीर का तापमान बढ़ा सकता हैतथ्य: अधिक मात्रा में आम का सेवन करने से शरीर में उष्मा का स्तर बढ़ता है, इसलिए इनका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए। आम को खाने से पहले कुछ घंटों के लिए पानी में भिगो दें। यह तकनीक शरीर में ऊष्मा के स्तर को बढ़ने से रोकती है।मिथक: गर्भवती महिलाओं को आम नहीं खाना चाहिएतथ्य: गर्भावस्था में सामान्य से अधिक वजन बढ़ना और जेस्टेशनल डायबिटीज बड़ी समस्याएं हैं, इसलिए जो गर्भवती महिलाएं इन समस्याओं का सामना कर रही हैं, वो आम का सेवन न करें। बाकी गर्भवती महिलाएं थोड़ी मात्रा में आम का सेवन करें, तो इसमें कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।
- एक हेल्दी, टेस्टी और बजट फ्रेंडली स्नैक की बात करें तो भुने हुए चने का का नाम जरूर आएगा। बरसों से ये हम भारतीयों की डाइट का हिस्सा हैं। ये शरीर को तुरंत एनर्जी देने का काम करते हैं और इनमें आयरन, जिंक और मैग्नेशियम जैसे कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं। वेट लॉस हो या डायबिटीज, लगभग हर बीमारी में ये एक परफेक्ट स्नैक का काम करते हैं। हालांकि लोगों के मन में अक्सर ये सवाल बना रहता है कि इन्हें छिलके सहित खाना चाहिए या बिना छिलके सहित। अब खा तो इन्हें दोनों तरीकों से सकते हैं लेकिन सवाल है कि आपके लिए किस तरह इन्हें खाना ज्यादा फायदेमंद होगा। तो चलिए जानते हैं छिलका या बिना छिलका, कैसे चने खान आपके लिए सही है।छिलके सही चने खाने के फायदेभुने हुए चने का जो भूरा छिलका होता है, वो फाइबर से भरपूर होता है। ऐसे में जब आप इन्हें छिलके सहित खाते हैं जो शरीर को फाइबर मिलता है, जिससे पाचन और मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है। अगर आपको कब्ज की शिकायत बनी रहती है, तो भी ये आपके लिए बड़े फायदेमंद हो सकते हैं। छिलके सहित चने खाने से पेट लंबे समय तक भरा हुआ रहता है और अनहेल्दी क्रेविंग कंट्रोल होती हैं। ऐसे में वेट लॉस और डायबिटीज के लिए छिलके सहित चने खाना ज्यादा फायदेमंद होता है। ओवरऑल गट हेल्थ के लिए भी ये ज्यादा हेल्दी होता है।बिना छिलके के चने खाने के फायदेकुछ लोग चने का छिलका रिमूव कर के ही खाना पसंद करते हैं। कारण सिंपल है कि चने का छिलका बहुत हार्ड होता है, जिस वजह से ये कई बार गले में भी अटक जाता है। इसके अलावा बिना छिलके के ये काफी लाइट वेट भी लगता है। हालांकि सेहत के लिहाज से देखें तो बिना छिलके के चने खाना उन लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है, जिन्हें पाचन में समस्या होती है। दरअसल कई लोगों के लिए फाइबर को पचाना मुश्किल होता है। ऐसे में अगर आपको भी एसिडिटी, गैस या ब्लोटिंग बनी रहती है तो आप बिना छिलके के चने खा सकते हैं।छिलका या बिना छिलका, कैसे चने खाएं?छिलके सहित चने खाएं या छिलका उतार कर, दोनों ही तरह से ये आपके लिए काफी हेल्दी होते हैं। छिलके से इनके प्रोटीन, मिनरल या अन्य पोषक तत्वों पर कोई खास फर्क नहीं पड़ता है। हालांकि हर बॉडी अलग होती है और जो भी आपकी बॉडी को सूट करे वही तरीका सही होता है। इसलिए अपनी हेल्थ कंडीशन के हिसाब से देखें आपको क्या सूट होता है।
- गर्मी हो या फिर सर्दी चाय पीने के शौकीन लोग अपने दिन की शुरुआत एक कप गरमागर्म चाय के साथ ही करते हैं। टी लवर्स दिन के किसी भी समय पर इसे पीने के लिए तैयार रहते हैं। हालांकि, कुछ लोगों को अपनी ये आदत काफी भारी पड़ती है। क्योंकि सुबह चाय पीने की आदत पेट फूलने का कारण बन सकती है। अगर चाय पीने के बाद आपको ब्लोटिंग या पेट फूलने की दिक्कत होती है तो यहां जानिए ऐसा होने का कारण।चाय पीने के बाद क्यों फूलने लगता है पेट?चाय एक फेमस इंडियन ड्रिंक है, जो दुनिया भर में पसंद की जाती है। वैसे तो चाय कई तरह की होती है जैसे कि ब्लैक टी, ग्रीन टी, और हर्बल टी। लेकिन भारत में अधिकतर लोग दूध वाली चाय पीना पसंद करते हैं। ज्यादातर लोग सुबह बेड टी पीते हैं। चाय में कैफीन होता है और खाली पेट इसे पीने से पेट फूल सकता है। चाय में मौजूद कैफीन पेट में एसिड बना सकता है, जिसकी वजह से गैस होने लगती है। ये एसिडिटी बेचैनी और पेट फूलने का काम करती है।चाय पीने के बाद पेट फूलने की समस्या से कैसे बचें?अगर चाय पीने के बाद आपका पेट फूलने लगता है तो आपको इसे बनाने का तरीका बदलना चाहिए। अगर आप मीठी चाय पीना पसंद करते हैं तो चीनी की जगह मिठास के लिए शहद या स्टीविया जैसे नेचुरल ऑप्शन का इस्तेमाल करें। ऐसा करके चाय को आसानी से पचाने में मदद मिलती है, जिससे गैस नहीं बनती है। इसके अलावा आप चाय बनाते समय इसमें इलायची डाल दें। ये चाय का स्वाद बढ़ाने के साथ पाचन में मदद करती है और एसिडिटी कम होती है। सबसे जरूरी बहुत ज्यादा चाय पीने से बचें।
- गर्मी के मौसम में अक्सर लोग खराब डाइजेशन से जूझने लगते हैं। गैस, अपच, बदहजमी की वजह से पेट में एसिटिडी और कब्ज की शिकायत हो जाती है। जिसकी वजह से मुंह में छालै निकल आते हैं। ये छाले शरीर में लगातार कब्ज और बदहजमी की वजह से होने वाली सिस्टमेटिक इनफ्लेमेशन की वजह से होते हैं। ऐसे में कुछ घरेलू उपाय इन छालों से राहत पहुंचा सकते हैं।सूखा नारियल चबाएंसूखे नारियल के गोले में तेल कंटेट ज्यादा होता है। अगर मुंह में छालों ने परेशान कर रखा है तो बस दिन में तीन से चार बार छोटे टुकड़े सूखे नारियल की चबाएं और धीरे-धीरे खा लें। इन सूखे नारियल से निकलने वाले ऑयल से मुंह के छालों में आराम मिलेगा।छालों पर लगाएं इलायची का पाउडरइलायची डाइजेशन को बढ़ाने में मदद करती है। बस छोटी इलायची चार से पांच लेकर उसे छिलका सहित पीसकर रख लें। अब किसी चम्मच में इलायची का पाउडर और शहद को मिक्स करें। अब इस मिक्सचर को मुंह के छालों पर लगाएं। दिनभर में चार से पांच बार लगाने से मुंह के छालों में जल्दी आराम मिलता है।मुलेठी के पानी से करें कुल्लामुलेठी की जड़ इंफ्लेमेशन कम करने में मदद करेगी। मुलेठी की जड़ को पानी में भोगकर रातभर के लिए छोड़ दें। सुबह इस पानी से कुल्ला करें। साथ ही मुलेठी की भीगी जड को भी चबाएं। दिनभर में तीन से चार बार इस पानी से कुल्ला करने और जड़ चबाने से मुंह के छालों में आराम मिलता है।
- तापमान का पारा दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। ऐसे में खुद को हेल्दी रखना एक चैलेंज की तरह है। बढ़ते तापमान की वजह से बॉडी का टेंपरेचर भी ज्यादा हो जाता है। जो कि सेहत के लिए बिल्कुल भी ठीक नही है। बॉडी हीट यानी शरीर में गर्मी बढ़ने से हीट स्ट्रोक, हीट क्रैम्प जैसी स्थिति हो जाती है। सिर में दर्द, मसल्स में ऐंठन महसूस होती है और हीट स्ट्रोक होने का खतरा रहता है। गर्मी से खुद को बचाने के लिए खानपान और लाइफस्टाइल में बदलाव जरूरी है। गर्मियों में ढेर सारा पानी पीने के साथ ही ऐसे लिक्विड ड्रिंक पीने की जरूरत रहती है जो बॉडी के टेंपरेचर को बढ़ने से रोके और ठंडक बनाए रखे। आयुर्वेद में दो ऐसे ही नेचुरल कूलेंट बताए गए हैं जो शरीर को अंदर से ठंडक देते हैं और बॉडी हीट बढ़ने से रोकते हैं। योगा टीचर स्निग्धा भारद्वाज ने इन दो चीजों को पानी में मिलाकर पीने की सलाह दी है।बॉडी हीट कम करने में मदद करती हैं ये दो चीजेंगोंद कतीरागर्मियों के मौसम में शरीर को ठंडक देने के साथ ही एनर्जी देने और सनस्ट्रोक जैसे खतरे को कम करना है तो रोजाना गोंद कतीरा को जरूर खाएं। ये पेट की गर्मी से होने वाले मुंह के छाले और कब्ज से भी राहत देता है।खस की जड़गर्मियों में शरीर को ठंडक देने के लिए खस का इस्तेमाल सदियों से हो रहा है। खस की जड़ को वेटिवर कहते हैं। खस के अर्क से बना शरबत तो कई बार पिया होगा। ये शरबत लू लगने से बचाने में मदद करता है। अंदरूनी ही नहीं खस की जड़ को पानी में डालकर नहाया जाए तो ये गर्मी की वजह से होने वाली स्किन प्रॉब्लम को भी कम करता है।पानी में मिलाकर पिएं ये दो चीजेंतपती गर्मी में बॉडी को कूल रखना है तो खस की जड़ और गोंद कतीरा को एक लीटर पानी में मिलाकर रखें और दिनभर इस पानी को पिएं। पानी खत्म हो जाने पर इसमे फिर से पानी भर दें। रोजाना फ्रेश गोंद कतीरा और खस को डालकर पानी तैयार करें। इस पानी को पीने के कई सारे फायदे हैं। गर्मियों में होने वाली कब्ज, ब्लॉटिंग, इनडाइजेशन से छुटकारा दिलाने के साथ ये पानी दिनभर एनर्जेटिक बनाकर रखेगा।इन बातों का रखें ध्यानजब भी खस की जड़ को पानी में भिगोना हो तो उसे अच्छी तरह धो लें। वहीं भूलकर भी इसे प्लास्टिक या कॉपर की बोतल या जग में ना बनाएं, नहीं तो फायदे की जगह नुकसान हो सकता है।
- खूबसूरत और बेदाग त्वचा पाने के लिए एक तरफ आप महंगे क्रीम का इस्तेमाल और पार्लर ट्रीटमेंट ले सकती हैं या घर पर नैचुरल चीजों का इस्तेमाल कर चेहरे को चमका सकती हैं। नैचुरल उपायों का इस्तेमाल करने के कई फायदे हो सकते हैं। जिनमें से सबसे जरूरी है कि ये स्किन को बिना नुकसान पहुंचाए ग्लोइंग बना सकते हैं। अगर आप घरेलू चीजों का यूज करना चाहती हैं को चेहरे पर तुलसी पत्तों का इस्तेमाल किया जा सकता है। ये पत्ते स्किन केयर में कई तरीकों से काम आ सकते हैं। यहां जानिए स्किन चमकाने के लिए कैसे यूज करें तुलसी पत्ते-तुलसी के हरे पत्ते चमका देंगे आपका चेहरा, जानें कैसे करें यूज1) ड्राई स्किन पर कैसे लगाएंइसे बनाने के लिए आपको चाहिए- तुलसी पाउडरइस फेस पैक को कैसे बनाएंफेस पैक बनाने के लिए एक कटोरी में तुलसी पाउडर और शहद मिलाएं। फिर नारियल तेल की कुछ बूंदें इसमें मिलाएं और इस पेस्ट को चेहरे पर लगाएं और कम से कम 15 मिनट तक लगा रहने दें। फिर चेहरे को गुनगुने पानी से साफ करें।2) ऑयली स्किन के लिए कैसे लगाएंइसे बनाने के लिए आपको चाहिए- तुलसी पाउडरइस फेस पैक को कैसे बनाएंइस फेस पैक को बनाने के लिए तुलसी पाउडर, मुल्तानी मिट्टी और गुलाब जल को एक साथ मिलाएं और एक स्मूद पेस्ट तैयार करें। इसे चेहरे और गर्दन पर लगाएं। 15 मिनट तक सूखने दें, फिर चेहरे को ठंडे पानी से धो लें।3) तुलसी टोनरतुलसी से आप टोनर बना सकते हैं। इसके लिए आपको चाहिए- तुलसी के पत्तेकैसे बनाएं टोनरटोनर बनाने के लिए तुलसी के पत्तों को कुछ मिनट के लिए पानी में उबालें। फिर पानी को ठंडा करें और पत्तियों को छान लें। अब इस छने हुए पानी में अपनी पसंद के एसेंशियल ऑयल को मिलाएं और फिर चेहरा साफ करने के बाद ठंडे टोनर को अपने चेहरे पर लगाएं। यह टोनर रोमछिद्रों को साफ करने, सूजन को कम करने और स्किन को चमकदार बनाने में मदद करता है।
- मूंग स्प्राउट्स: हरे मूंग में शरीर को ठंडा रखने की क्षमता होती है। उबले आलू का ठंडा करें। उसमें खीरा और मुट्ठी भर स्प्राउट्स डालकर चाट तैयार करें। गर्मियों के लिए यह शानदार स्नैक्स साबित होगा। जिस पानी में आपने मूंग को रात भर के लिए भिगोया है, उसे पीने से भी शरीर को ठंडक मिलती है।कोकम: मुख्य रूप से गुजरात और कोंकण इलाके में इस्तेमाल किया जाने वाला कोकम भी शरीर को ठंडा रखने की अद्भुत क्षमता रखता है। पूरी गर्मी अपने खानपान में इमली की जगह इसका इस्तेमाल करें।नारियल पानी: गर्मी के मौसम में नारियल पानी से अपनी दोस्ती बढ़ाएं। शरीर को पर्याप्त मात्रा में नमी देने के साथ ही इसमें जरूरी मिनरल्स भी होते हैं, जो इलेक्ट्रोलाइट का संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं।करेला: स्वाद में कड़वा होने के बावजूद करेला शरीर से अतिरिक्त गर्मी को सोखने का काम करता है। सप्ताह में दो से तीन बार इसे खाएं या फिर हर दिन दो से तीन चम्मच करेला जूस पिएं।लौकी: लौकी में 96 प्रतिशत तक पानी होता है। यह शरीर को भीतर से ठंडा रखता है। साथ ही इसमें पोटैशियम होता है, जो इलेक्ट्रोलाइट के संतुलन को बरकरार रखकर थकान से बचाता है।गुलकंद: गुलाब की पत्तियों से बनने वाला गुलकंद शरीर को ठंडा रखने के साथ थकान और दर्द आदि से भी राहत देता है। यह पाचन में मदद पहुंचाकर एसिडिटी से भी राहत देता है।
- हेल्दी रहने के लिए फल खाना बहुत जरूरी है। मिनरल्स, विटामिन से भरपूर फल आपको कई बीमारियों से बचाए रख सकते हैं। कुछ फलों में फाइबर की मात्रा अच्छी होती है, जो पाचन दुरुस्त रखने में मदद करते हैं। इसके अलावा फलों में विटामिन सी भरपूर होता है और ये इम्यूनिटी को बूस्ट करता है। लेकिन कई बार गलत तरह से फलों को खाने पर नुकसान हो सकता है। यहां हम ऐसे फलों के बारे में बता रहे हैं जो आपको एक साथ खाने से बचना चाहिए।1) तरबूज-खरबूजतरबूज किसी दूसरे फल के साथ नहीं खाना चाहिए। तरबूज और खरबूज को दूसरे फलों के साथ मिलाने से बचने की सलाह दी जाती है। आप तरबूज के साथ खरबूज खा सकते हैं। ये फल दूसरे फलों की तुलना में ज्यादा तेजी से पचते हैं। खरबूजे में पानी की मात्रा ज्यादा होती है, इसलिए दूसरे फलों के साथ मिलाने पर ये ठीक से पच नहीं पाते हैं।2) मीठे फलों के साथ एसिडिक फलअंगूर, स्ट्रॉबेरी, सेब, अनार और आड़ू जैसे एसिडिक और सब एसिडिक फलों को कभी भी केले और किशमिश जैसे मीठे फलों के साथ खाने से बचना चाहिए। यह सबसे खराब फलों के कॉम्बिनेशन में से एक है। इससे पाचन संबंधी समस्याएं, एसिडोसिस और सिरदर्द हो सकता है।3) पपीता और नींबूपपीता और नींबू सबसे खराब फलों के कॉम्बिनेशन में से एक है। इस कॉम्बिनेशन से बचना बेहतर है। इन दोनों चीजों को मिलाने से एनीमिया या हीमोग्लोबिन असंतुलन हो सकता है। इसलिए जितना हो इन दोनों फलों को एक साथ खाने से बचें।4) फल और सब्जियांफल और सब्जियां अलग-अलग तरह से पचती हैं। फलों में चीनी की मात्रा ज्यादा होती है, जो सब्जियों की पाचन प्रक्रिया में बाधा डाल सकती है। इसलिए संतरे को गाजर के साथ नहीं मिलाना चाहिए, ये पेट खराब होने का कारण बन सकता है।
- गर्मी के दिनों में होने वाली सबसे कॉमन समस्याओं में से एक है टैनिंग। धूप में कुछ देर निकलने के बाद ही शरीर के खुले अंग लाल दिखने लगते हैं और फिर ये काले हो जाते हैं। इसलिए शरीर को पूरी तरह से कवर करके घर से बाहर निकलने की सलाह दी जाती है। वैसे तो सन टैन से बचाव के लिए मार्केट में बड़े-बड़े ब्रांड के सन क्रीम मिलते हैं जो धूप से होने वाली टैनिंग से बचाव करते हैं। हालांकि, इन्हें लगाने के बाद भी हल्की बहुत टैनिंग हो जाती है। इस समस्या से निपटने के लिए आप कुछ तरीकों को अपना सकते हैं।ये तरीके चेहरे-शरीर से तुरंत टैनिंग हटाने का काम करते हैं। आप भी जानिए-1) फलों की मदद से करें टैनिंग रिमूवफलों की मदद से टैनिंग को आसानी से साफ किया जा सकता है। आप पपीते का इस्तेमाल करके स्किन टैनिंग को साफ कर सकते हैं। पपीता स्किन साफ करके त्वचा को चमकदार बनाता है और सनटैन हटाने के लिए भी बहुत अच्छा है। इसे यूज करने के लिए पके हुए पपीते के कुछ टुकड़ों को पीसकर चिकना पेस्ट बना लें। फिर एक चम्मच शहद और दो चम्मच ठंडे दूध के साथ इसे अच्छी तरह मिलाएं। इस मिक्स को चेहरे, गर्दन, कंधों और बांहों पर लगाएं। शहद और दूध मिलाने से टैन तुरंत हटाने में मदद मिलती है।2) खीरे का करें इस्तेमालचेहरे से टैनिंग तुरंत हटाने के लिए आप खीरे का इस्तेमाल कर सकते हैं। ये सनटैन हटाने के लिए सबसे अच्छे और नैचुरल उपचारों में से एक है। इसका इस्तेमाल करने के लि खीरे को छीलकर कद्दूकस कर लें। फिर इसका रस निचोड़ लें। रस को कॉटन बॉल या उंगलियों से चेहरे पर लगाएं।3) मुल्तानी मिट्टी से साफ करें कालापनमुल्तानी मिट्टी में सूजन-रोधी गुण होते हैं जो बैक्टीरिया को चेहरे से हटाने का काम करते हैं। इसे यूज करने के लिए एक कटोरी में दो चम्मच मुल्तानी मिट्टी और चार चम्मच एलोवेरा जेल मिलाएं। एक गाढ़ा पेस्ट तैयार होने के बाद ब्रश से पेस्ट को स्किन पर लगाएं। इसे चेहरे पर 15 से 20 मिनट तक लगा रहने दें और फिर गुनगुने पानी से धो लें।4) शहद और नींबूटैनिंग को तुरंत हटाने का तरीका खोज रही हैं तो शहद और नींबू का इस्तेमाल करें। शहद एक प्राकृतिक मॉइस्चराइजर है और नींबू के रस में ब्लीचिंग गुण होते हैं। इसके अलावा नींबू में विटामिन सी की मात्रा ज्यादा होती है। इसका इस्तेमाल करने के लिए शहद और नींबू का रस मिलाएं। फिर इस पैक को चेहरे या टैन वाले शरीर के अंगों पर लगाएं। आप डेड स्किन सेल्स को हटाने के लिए इसमें चीनी भी मिला सकते हैं। इसे स्किन पर कम से कम 30 मिनट तक लगा रहने दें और फिर पानी से धो लें।5) आलू आएगा कामआलू टैन को हटाने या हल्का करने में बहुत कारगर होते हैं क्योंकि ये प्राकृतिक शामक होते हैं। इसका इसका इस्तेमाल करने के लिए आलू को छीलकर कद्दूकस कर लें। फिर आलू को निचौड़ कर इसके रस को एक साफ कप में इकट्ठा करें। रस को त्वचा पर लगाएं और 15 मिनट तक लगा रहने दें। फिर ठंडे पानी से अच्छी तरह धो लें।
- दही और खसखस हमारी सेहत के लिए सुपरफूड होते हैं। दोनों ही शरीर को ठंडा रखने में मदद करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं इन दोनों का कॉम्बिनेशन सेहत के लिए कैसे फायदेमंद है?दही में खसखस मिलाकर खाने के फायदेशरीर ठंडा रहता है-गर्मियों में शरीर को ठंडा रखने के लिए दही और खसखस का कॉम्बिनेशन बहुत फायदेमंद है. दही और खसखस की तासीर ठंडी मानी जाती है जिससे शरीर को ठंडा रखने में मदद मिलती है. यह कॉम्बिनेशन शरीर को ठंडा रखता है और चिलचिलाती गर्मी से राहत देने में मदद करता है।लू से राहत मिलती है-गर्मियों में तेज धूप और गर्म हवा में जाने से लू लग जाती है। इस कारण बॉडी डिहाइड्रेट हो जाती है और उल्टी व चक्कर आने जैसी समस्याएं होने लगती है। ऐसे में यह कॉम्बिनेशन बहुत फायदेमंद होता है। दही और खसखस दोनों ही शरीर को ठंडा रखते हैं। इनका कॉम्बिनेशन शरीर का तापमान नॉर्मल करने में भी मदद करता है।पाचन तंत्र स्वस्थ रहता हैदही में खसकस डालकर खाने से पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है। खसखस पेट को ठंडक देता है जिससे पाचन तंत्र भी स्वस्थ रहता है। दही में प्रोबायोटिक्स मौजूद होते हैं, जो गट हेल्थ इंप्रूव करने में मदद करते हैं। अगर किसी को ब्लोटिंग, कब्ज, एसिडिटी जैसी समस्याएं हो रही हैं, तो दही में खसखस डालकर पीने से बहुत फायदेमंद होगा।बॉडी एनर्जेटिक रहती है-खसखस और दही बॉडी को एनर्जेटिक रखने में मदद करते हैं। इसके सेवन से थकावट और सुस्ती भी दूर होती है। यह कॉम्बिनेशन बॉडी को दिनभर एनर्जेटिक रखने में मदद करता है। इसका सेवन आप नाश्ते या लंच में कर सकते हैं।इम्यूनिटी बूस्ट होती हैदही और खसखस दोनों में कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं। दही से प्रोटीन, प्रोबायोटिक्स, मैग्नीशियम मिलता है। खसखस से कैल्शियम, विटामिन और मिनरल्स मौजूद होते हैं। इससे बीमारियों का खतरा कम होता है और इम्यूनिटी बूस्ट होती है।हड्डियां मजबूत रहती हैंदही में खसखस मिलाकर खाने से हड्डियों को मजबूत रखने में भी मदद मिलती है। खसखस में अधिक मात्रा में कैल्शियम मौजूद होता है, जो हड्डियों को मजबूती देने में मदद करता है। दही में प्रोटीन होता है, जो बोन्स हेल्थ को इंप्रूव करने में मदद करता है। इससे मांसपेशियों को मजबूती मिलती है और बॉडी एक्टिव रहती है।खसखस खाने से सेहत को कई फायदे मिलते हैं। यह शरीर को ठंडा रखने में मदद करता है। पाचन संबंधित समस्याओं में भी खसखस फायदेमंद माना जाता है। इसके सेवन से हड्डियां मजबूत होती है और मांसपेशियां स्वस्थ रहती हैं। दही में कई चीजें मिलाकर खा सकते हैं। इसमें इसबगोल, गोंद कतीरा या खसखस मिलाकर खा सकते हैं। इनके सेवन से शरीर को ठंडक मिलती है। इसके अलावा, दही में जीरा, हींग और अजवाइन डालकर भी खा सकते हैं। इनका कॉम्बिनेशन पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है। आयुर्वेद के मुताबिक, खसखस की तासीर ठंडी होती है। यह शरीर को ठंडा रखने में मदद करता है। इससे बॉडी रिलैक्स रहता है और दिमाग को भी ठंडक मिलती है। खसखस के सेवन से पाचन तंत्र भी स्वस्थ रहता है। इसके सेवन से ओवरऑल हेल्थ इंप्रूव होती है।
- मोटापे की तरह ही बहुत ज्यादा दुबलापन भी हेल्थ के लिए नुकसानदायक होता है। जो लोग बहुत ज्यादा पतले होते हैं, उनमें एनर्जी की कमी होती है और साथ ही कोई भी काम करते हुए वे बहुत जल्दी थक जाते हैं। इसके अलावा ज्यादा दुबलापन कुछ लोगों में आत्मविश्वास की भी कमी ला सकता है। अब वजन घटाना जितना मुश्किल है, वजन बढ़ाना भी उतना ही मुश्किल है। ढेर सारा खाना खाने के बाद भी अगर आपका शरीर दुबला-पतला ही बना रहता है, तो जरूरत है एक ऐसे आसान स्वादिष्ट और पोषण से भरे उपाय की, जिससे बिना ज्यादा स्ट्रगल के आप अपना वजन बढ़ा सकें। इसके लिए बनाना शेक एक हेल्दी ऑप्शन हो सकता है। चलिए जानते हैं बनाना शेक बनाने की कुछ तरीके, जिससे आपको वजन बढ़ाने में मदद मिलेगी।क्लासिक बनाना शेकक्लासिक बनाना शेक बनाना बहुत ही आसान है। इसमें मौजूद फुल क्रीम दूध और केले से शरीर को भरपूर एनर्जी मिलती है। इसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन और कैलोरी मौजूद होती हैं, जिससे वजन तेजी से बढ़ता है। क्लासिक बनाना शेक बनाने के लिए दो केले, एक गिलास फुल क्रीम दूध, चार-पांच भिगोए हुए बादाम और एक बड़ा चम्मच शहद लें। अब इन सारी चीजों को मिक्सर जार में डालकर अच्छे से ब्लेंड कर लें। इस तरह से आपका क्लासिक बनाना शेक बनाकर तैयार हो जाएगा। इसे सुबह या शाम अपनी डाइट में शामिल करें।ओट्स बनाना शेकओट्स बनाना शेक बनाने के लिए दूध और बनाना के अलावा पीनट बटर और ओट्स की जरूरत होती है। ओट्स और पीनट बटर से शरीर को हेल्दी फैट्स और फाइबर मिलते हैं, जिससे मसल्स को मजबूती मिलती है। इसे बनाने के लिए एक केला, थोड़े से पानी में सोक किए हुए दो चम्मच ओट्स, एक गिलास दूध, एक चम्मच पीनट बटर और एक चम्मच शहद लें। अब इन सारी चीजों को एक साथ मिक्सर जार में डालें और ब्लेंड करते हुए गाढ़ा शेक तैयार करें। इस शेक को सुबह ब्रेकफास्ट में लेने से शरीर को बहुत फायदा मिलता है।ड्राई फ्रूट्स बनाना शेकड्राई फ्रूट्स के साथ तैयार की गई बनाना शेक, शरीर को भरपूर एनर्जी देती है और इसमें मौजूद हेल्दी फैट्स और प्रोटीन वजन बढ़ाने में भी मदद करते हैं। इस बनाना शेक को बनाने के लिए चार-पांच बादाम, दो अखरोट, 3-4 काजू को रात में पानी में भिगोकर रख दें। सुबह ड्राई फ्रूट्स को मिक्सर जार में डालें। अब इसमें एक केला, एक गिलास दूध और एक चम्मच शहद एड करें। सभी चीजों को अच्छे से ब्लेंड करते हुए गाढ़ा शेक तैयार करें। आप इस शेक को सुबह के ब्रेकफास्ट में ले सकते हैं।चॉकलेट बनाना शेकवजन बढ़ाने के लिए चॉकलेट बनाना शेक पीना भी काफी फायदेमंद है। यह बहुत स्वादिष्ट होता है और साथ ही इसमें मौजूद हेल्दी फैट्स वजन बढ़ाने में भी मदद करता है। चॉकलेट बनाना शेक बनाने के लिए एक केला, एक गिलास दूध, एक बड़ा चम्मच चॉकलेट सिरप या कोको पाउडर और एक छोटा चम्मच पीनट बटर लें। इन सारी चीजों को मिक्सर जार में डालकर अच्छे से ब्लेंड कर ले। आप चाहें तो इसमें एक छोटा बर्फ का टुकड़ा भी एड कर सकते हैं, जो टोटली ऑप्शनल है। इस तरह से आपका चॉकलेट बनाना शेक बनकर तैयार हो जाएगा।दही बनाना शेकदही के साथ तैयार किया गया बनाना शेक भी हेल्थ के लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद है। दही से पाचन सुधरता है और इससे तैयार बनाना शेक शरीर को भरपूर कैलोरी भी देता है। दही बनाना शेक बनाने के लिए एक केला, आधा कप गाढ़ा दही, आधा कप दूध और एक चम्मच शहद लें। स्वाद को बढ़ाने के लिए आप थोड़ी सी इलायची भी ले सकते हैं। इन सारी चीजों को एक मिक्सर जार में लेकर अच्छे से ब्लेंड करके शेक तैयार करें। ध्यान रहे कि शेक को बनाने के बाद इसे तुरंत पी लें।
- मसाले भारतीय रसोई की जान हैं। ये ना सिर्फ खाने के स्वाद को दोगुना करते हैं बल्कि हेल्थ के लिए भी बड़े फायदेमंद होते हैं। ऐसा ही एक मसला है तेज पत्ता। तेज पत्ता खड़े मसालों में से एक है, जिसे तड़के के वक्त खाने में एड किया जाता है। चावल, दाल या सब्जी से ले कर बिरयानी तक में अगर तेज पत्ता एड कर दिया जाए, तो खाने की खुशबू नेक्स्ट लेवल हो जाती है। लेकिन क्या आप जानती हैं कि अगर आप रोजाना तड़के में एक तेज पत्ता शामिल करें तो आपकी सेहत को भी कई फायदे हो सकते हैं। तो चलिए आज जानते हैं कि क्यों आपको खाने में तेज पत्ता एड करना चाहिए और इसके क्या कुछ फायदे आपको मिल सकते हैं।पाचन तंत्र के लिए है बेहद फायदेमंदरोज की दाल-सब्जी या चावल में अगर आप एक तेज पत्ता शामिल करती हैं, तो ये आपके पाचन को बेहतर बनाने में मदद करता है। जिन लोगों को गैस, ब्लोटिंग या अपच जैसी समस्याएं बनी रहती हैं, उन्हें तो तेज पत्ता को अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए। दरअसल तेज पत्ता में डाइजेस्टिव एंजाइम्स मौजूद होते हैं, जो खाने को ब्रेकडाउन करने में मदद करते हैं और ओवरऑल पाचन बेहतर होता है।डायबिटीज के मरीज डाइट में जरूर शामिल करेंडायबिटीज के मरीजों के लिए तेज पत्ते का सेवन बहुत फायदेमंद हो सकता है। दरअसल तेज पत्ता इंसुलिन एक्टिविटी को इंप्रूव करता है और ब्लड शुगर लेवल को रेग्यूलेट करने में मदद करता है। हालांकि फायदे के लिए नियमित रूप से इसका सेवन करना जरूरी है। इसलिए खाना बनाते वक्त आप तड़के में तेज पत्ता इस्तेमाल कर सकती हैं।इम्यूनिटी को बूस्ट करता है तेज पत्तानियमित रूप से अगर आप तेज पत्ते को अपनी डाइट में शामिल करते हैं, तो ये इम्यूनिटी के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। दरअसल तेज पत्ते में भरपूर मात्रा में विटामिन सी, विटामिन ए और एंटीऑक्सीडेंट्स मौजूद होते हैं; जो इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। अगर आप रोजाना तेज पत्ता डालकर खाना बनाते हैं, तो पूरे परिवार की इम्यूनिटी बेहतर होने में मदद मिलती है।दिल को रखे हेल्दीहार्ट हेल्थ के लिए भी तेज पत्ता काफी फायदेमंद होता है। इसमें एंटी इन्फ्लेमेटरी कंपाउंड और फाइटोन्यूट्रिएंट्स मौजूद होते हैं, जो बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं। अगर आप कम और अच्छे तेल में खाना बनाते हैं और साथ ही उसमें तेज पत्ते का तड़का भी लगा देते हैं, तो हार्ट हेल्थ के लिए ये बहुत फायदेमंद होता है।खाने की खुशबू और स्वाद बढ़ाएकिसी भी डिश में तेज पत्ते का तड़का लगाने से उसकी खुशबू और स्वाद दोनों बढ़ जाते हैं। ये दाल, सब्जी, चावल या बिरयानी में एक हल्का अरोमा एड करता है; जो डिश में एक अनोखा फ्लेवर एड करता है। ये बाकी मसालों के स्वाद को बैलेंस कर के उनका फ्लेवर भी उभरता है। इसलिए दादी-नानी के नुस्खों में हमेशा स्पेशल खाना बनाते हुए तेज पत्ते का तड़का जरूर लगाया जाता है।
- अपने बालों को नेचुरली काला करने के लिए आप कुछ घरेलू उपायों का सहारा ले सकते हैं। इन्हीं उपायों में एलोवेरा भी शामिल है। जी हां, एलोवेरा बालों को मजबूत बनाने के साथ-साथ काला करने में भी प्रभावी होता है। यह बालों को नमी और पोषण प्रदान करता है। एलोवेरा में एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं, जो बालों को मुलायम और चमकदार बनने में मदद करते हैं। साथ ही, यह बालों को के टेक्सचर को सुधारने में भी मददगार होता है। नियमित रूप से इसका इस्तेमाल करने से समय से पहले बालों को सफेद होने से रोकने में मदद मिल सकती है। तो आइए, जानते हैं सफेद बालों को काला करने के लिए कैसे करें एलोवेरा का इस्तेमालबालों को काला करने के लिए एलोवेरा में मिक्स करें नारियल तेल और मेहंदीअपने सफेद होते बालों को काला बनाने के लिए आप एलोवेरा में नारियल तेल और मेहंदी मिलाकर लगा सकते हैं। दरअसल, नारियल का तेल बालों को मजबूत बनाने के साथ-साथ काला करने में भी प्रभावी होता है। यह स्कैल्प में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है, जिससे बालों की ग्रोथ के साथ-साथ बालों को सफेद होने से रोकने में मदद मिलती है। वहीं, मेहंदी बालों को प्राकृतिक रूप से काला करने में भी प्रभावी होती है। साथ ही, यह बालों को मुलायम और चमकदार भी बनाती है।आइए, जानते हैं कैसे करें इसका प्रयोग -आवश्यक सामग्री1 कप एलोवेरा जेल2 चम्मच नारियल का तेल2 चम्मच मेहंदीविधिसबसे पहले एक बाउल में एलोवेरा जेल लें। अब इसमें नारियल तेल और मेहंदी डालकर अच्छी तरह अच्छी तरह मिक्स कर लें। आप चाहें तो इसमें एक चम्मच नींबू का रस भी मिला सकते हैं। उसके बाद आप इस पेस्ट को करीब 10 मिनट के लिए ढककर रख दें।कैसे करें इसका प्रयोग?इस तैयार पेस्ट को अपने स्कैल्प और बालों पर लगाएं। इसे करीब 30-40 मिनट तक लगा रहने दें। उसके बाद किसी माइल्ड शैम्पू की मदद से बालों को धो लें। सप्ताह में 2-3 बार इस मिश्रण को बालों में लगाने से धीरे-धीरे बाल काले होने लगेंगे। साथ ही, बालों की ग्रोथ अच्छी होगी।