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जब कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है, तो कई तरह की शारीरिक समस्याएं होनी शुरू हो जाती हैं। कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर शरीर में दर्द भी होने लगता है।
कोलेस्ट्रॉल रक्त में पाया जाने वाला एक वैक्स जैसा पदार्थ है। स्वस्थ कोशिकाओं के निर्माण के लिए शरीर को कोलेस्ट्रॉल की जरूरत होती है। शरीर में कोलेस्ट्रॉल की सही मात्रा होनी बहुत जरूरी होती है। जब शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर अधिक होता है, तो हृदय रोगों का जोखिम बढ़ जाता है। आपको बता दें कि कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर धमनियों में रक्त का पर्याप्त प्रवाह नहीं हो पाता है। इसकी वजह से थक्का बन सकता है और हार्ट अटैक या स्ट्रोक का कारण बन सकता है। हालांकि, अगर आप सही लाइफस्टाइल फॉलो करेंगे, तो इससे कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है। जब कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है, तो कई तरह की शारीरिक समस्याएं होनी शुरू हो जाती हैं। कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर शरीर में दर्द भी होने लगता है। आइए जानते हैं कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर शरीर के कौन-से हिस्सों में दर्द होता है-कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर शरीर के इन हिस्सों में होने लगता है दर्द1. सीने में दर्दकोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर सीने में दर्द होने लगता है। जब दिल तक खून पहुंचाने वाली नसों में कोलेस्ट्रॉल जम जाता है, तो इस स्थिति में आपको सीने में दर्द हो सकता है। हाई कोलेस्ट्रॉल सीने में सामान्य या तेज दर्द का कारण बन सकता है। ऐसे में अगर आपको सीने में दर्द रहा है, तो इस संकेत को बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें। सीने में दर्द होना हाई कोलेस्ट्रॉल का संकेत हो सकता है।2. पीठ के निचले हिस्से में दर्दहाई कोलेस्ट्रॉल पीठ के निचले हिस्से में भी दर्द का कारण बन सकता है। जब रक्त में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता है, तो पीठ के निचले हिस्से में दर्द हो सकता है। अगर आपको पीठ के निचले हिस्से में दर्द महसूस हो, तो इस संकेत को बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें। पीठ के निचले हिस्से का दर्द आपकी समस्या की गंभीरता को दर्शाता है।3. पैरों में दर्दकोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर आपको पैरों में भी दर्द हो सकता है। आपको बता दें कि कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर पैरों की धमनियों तक रक्त का प्रवाह सही तरीके से नहीं हो पाता है। इसकी वजह से ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है और आपको दर्द महसूस हो सकता है। हाई कोलेस्ट्रॉल आपको चलने-फिरने की दिक्कत को भी बढ़ा सकता है।4. जबड़ों में दर्दहाई कोलेस्ट्रॉल जबड़ों में दर्द का भी कारण बन सकता है। अगर आपको अकसर ही जबड़ों में दर्द रहता है, तो इस संकेत को बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें। दरअसल, जब आर्टरी में कोलेस्ट्रॉल जमा होता है, जो इससे जबड़ों का ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है। इस स्थिति में आपको ईसीजी जरूर करवाना चाहिए। जबड़ों का दर्द हृदय रोग की ओर भी संकेत कर सकता है।5. बाजुओं में दर्दकोलेस्ट्रॉल जमा होने पर आपको बाजुओं में भी दर्द हो सकता है। जब रक्त में अधिक कोलेस्ट्रॉल जमा होता है, तो इससे पैरों और हाथों की ब्लड वेसेल्स प्रभावित होते हैं। इससे बाजुओं में तेज दर्द का अनुभव हो सकता है। इस स्थिति में आपको झुनझुनी भी महसूस हो सकती है। अगर आपको बाजुओं में दर्द हो रहा है, तो इस स्थिति को बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें।हाई कोलेस्ट्रॉल को कम करने के उपायकोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर आपको अपनी डाइट और लाइफस्टाइल का खास ख्याल रखना चाहिए। इसके लिए आप हरी सब्जियों और फाइबर युक्त अनाज को अपनी डाइट में शामिल करें। इसके साथ ही, आपको हल्के व्यायाम और प्राणायाम का भी अभ्यास करना चाहिए। कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल में रखने के लिए आपको धूम्रपान छोड़ना चाहिए और शराब का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए। -
आज की बदलती लाइफस्टाइल और खराब खान-पान की बढ़ती आदतों के कारण, कम उम्र से ही आंतें कमजोर होने लगती हैं और पेट से जुड़ी समस्याएं शुरू हो जाती हैं। आंतों की सही देखभाल न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बेहद जरूरी है। अगर आपकी आंते कमजोर होंगी और सही से अपना काम नहीं करेंगी तो आपको कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। कई ऐसे फूड आइटम्स हैं जो लोग स्वाद के चलते खा लेते हैं लेकिन इनका आंतों पर बुरा असर पड़ सकता है।
आंतों के लिए नुकसानदायक फूड आइटमब्रोकलीआजकल ब्रोकली का इस्तेमाल कई तरह से खाने में किया जाता है। विटामिन C, फोलेट, और फाइबर से भरपूर ब्रोकली की गिनती सुपरफूड्स में होती है लेकिन इसे खाने से गैस और ब्लोटिंग की परेशानी बढ़ सकती है। कई लोग ब्रोकली को हल्का पकाकर पास्ता या सलाद में खाते हैं, जो आंतों को प्रभावित कर सकती है। जिन लोगों को अक्सर गैस की समस्या रहती है वह ब्रोकली के सेवन से बचें या इस सही मात्रा में और अच्छे से पकाकर खाएं। अगर आपकी आंतें पहले से कमजोर हैं तो ब्रोकली के सेवन से पहले आप डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।कोल्ड ड्रिंककोल्ड ड्रिंक पीना कई लोगों को पसंद होता है लेकिन यही कोल्ड ड्रिंक आपकी आंतों के हेल्थ को बिगाड़ सकती है। कोल्ड ड्रिंक के ज्यादा सेवन से पेट के अंदक का पीएच लेवल बिगड़ सकता है, जिससे कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। कोल्ड ड्रिंक पीने से गैस और सूजन की दिक्कत भी हो सकती है, जिसका असर आंतों पर भी पड़ता है।ज्यादा मात्रा में गेहूंफाइबर से भरपूर गेहूं के ज्यादा सेवन से भी आंतों की हेल्थ बिगड़ सकती है। गेहूं की ज्यादा रोटियां खाने से ब्लोटिंग, गैस और दर्द की समस्या हो सकती है। ज्यादा मात्रा में गेहूं के इस्तेमाल से ग्लूटेन संबंधित समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं। इसलिए, ज्यादा गेहूं का सेवन करने से बचें और गेहूं के साथ अन्य हेल्दी अनाजों का सेवन भी करें। सर्दी के मौसम में आप गेहूं की रोटियों के साथ बाजरा की रोटी डाइट में शामिल कर सकते हैं।बींसअगर आपकी आंतें पहले से कमजोर हैं तो बींस का सेवन भी आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता हैं। बींस में कई ऐसे तत्व मौजूद होते हैं जो आंतों की हेल्थ के लिए नुकसानदायक साबित हो सकते हैं। इसलिए, बींस को अधिक मात्रा में खाने से बचें और इसे पूरी तरह पकाकर ही खाएं। -
रिसर्च में हुआ खुलासा
हेल्दी और लंबी जिंदगी जीने के लिए एक बैलेंस रूटीन को फॉलो करना बेहद जरूरी होता है. जिसमें नींद के पैटर्न से लेकर डेली वर्कआउट और खानपान संबंधी अच्छी आदतें शामिल हैं. वहीं आजकल की बेहद व्यस्त दिनचर्या में लोग खुद के लिए बेहद कम वक्त निकाल पाते हैं. खानपान की गुड हैबिट्स आपको बीमारियों से दूर रखने में मदद करती हैं, जिससे निश्चित तौर पर एक स्वस्थ और लंबा जीवन जी सकते हैं. इसी को लेकर हाल ही में हुई एक रिसर्च में सामने आया है कि अगर रात का डिनर जल्दी कर लिया जाए तो यह आपकी उम्र को लंबी करने के फैक्टर्स में से बेहद अहम फैक्ट हो सकता है.
बैलेंस डाइट लेने के साथ ही पूरा पोषण पाने के लिए सही और फिक्स टाइम पर खाना खाना भी जरूरी होता है. जैसा कि एल अक्विला के एक अध्ययन से पता चलता है, रात का खाना जल्दी खा लिया जाए और अलग हेल्थ रूटीन को अपनाया जाए तो उम्र को बढ़ावा देने में भूमिका निभा सकता है। फ्रंटियर्स इन न्यूट्रिशन जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन की मानें तो रात का खाना जल्दी खाने और संभावित लंबी जिंदगी जीने के बीच दिलचस्प कनेक्शन खोजा है. तो चलिए जानते हैं शाम को किस वक्त खाना खाने से लंबी हो सकती है, आपकी उम्र.
शाम का खाना और लंबी जिंदगी का कनेक्शन
शाम के खाने और लंबी जिंदगी के फैक्टर्स को जानने के लिए इटली के अब्रुज़ो के एक प्रांत एल अक्विला में एक शोध किया गया जो बुजुर्गों (90 से 99 वर्ष की आयु के लोगों) पर आधारित है. इस क्षेत्र के 68 लोगों पर हुए इस अध्ययन में उनकी डाइट, बिहेवियर और खासतौर पर उनके शाम के खाने के समय को लेकर कुछ जरूरी बातें सामने आई हैं.
लंबी जिंदगी जीने के लिए किस वक्त करना चाहिए डिनर
शोधकर्ताओं द्वारा गहराई से किए गए इस अध्ययन में पाया गया कि एल अक्विला लंबी उम्र जीने वाले अधिकांश लोग अपना रात का खाना आमतौर पर शाम को 07 या फिर 07:13 मिनट तक खा लेते हैं.वहीं इन लोगों ने रात के खाने से लेकर अगले दिन दोपहर के खाने तक करीब 17.5 घंटे तक का अंतर रखा ताकि कैलोरी को बैलेंस किया जा सके.
इन फैक्टर्स पर आधारित हैं शोध के रिजल्ट
वहीं बात करें इस शोध में शामिल होने वाले लोगों के आहार की तो ये लोग अनाज, फलों, सब्जियों और फलियों जैसी पोषक तत्वों से भरपूर चीजों को अपनी डाइट में शामिल किया, वहीं इसके उलट नॉनवेज, प्रोसेस्ड मीट, अंडा और मिठाइयां बेहद कम मात्रा में लीं. शोधकर्ता कहते हैं कि हमारे अध्ययन के रिजल्ट डेली कैलोरी, फिजिकल एक्टिविटी, मेटाबॉलिक रिस्पॉन्स, जैसी चीजों पर निर्भर करता है, जो यहां लोगों की लंबी जिंदगी जीने में अहम फैक्टर है. -
आयरन एक ऐसा रासायनिक तत्व होता है जो हमारे शरीर के लिए काफी जरूरी माना जाता है. यह हीमोग्लोबिन का एक महत्वपूर्ण घटक होता है, लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाने वाला एक प्रोटीन जो पूरे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाता है. पुरुषों की तुलना में महिलाओं में आयरन की कमी काफी ज्यादा होती है. आयरन की इस कमी का सामना महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान काफी ज्यादा करनी पड़ती है.
हर महीने महिलाओं को पीरियड्स होते हैं जिसकी वजह से उनके शरीर में आयरन का लेवल कम होने लगता है. ऐसे में खोए हुए आयरन को वापिस पाने के लिए महिलाओं को ज्यादा आयरन की जरूरत पड़ती है. इसके अलावा, गर्भावस्था के दौरान भ्रूण के विकास और महिलाओं के शरीर में खून को बढ़ाने के लिए भी आयरन काफी जरूरी होता है.
डॉक्टरों के अनुसार 19 से 50 साल की महिलाओं को हर दिन 18 मिलीग्राम आयरन लेना चाहिए, जबकि समान उम्र के पुरुषों को केवल 8 मिलीग्राम आयरन ही काफी है. वहीं प्रेग्नेंट या ब्रेस्ट फीड कराने वाली महिलाओं, किडनी की बीमारी वाले, अल्सर, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिसऑर्डर, वेट लॉस सर्जरी, बहुत ज्यादा वर्कआउट करने वालों और शाकाहारी लोगों को आयरन की ज्यादा मात्रा लेने की सलाह दी जाती है.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि शरीर में आयरन की कमी तब होती है जब आप आयरन का अपर्याप्त मात्रा में सेवन कर रहे होते हैं या फिर जब आपका शरीर आयरन को अच्छे से अवशोषित नहीं कर पाता. ऐसे में शरीर में आयरन की कमी होने के कई कारण हैं जैसे खराब डाइट, बहुत ज्यादा ब्लड लॉस, प्रेग्नेंसी आदि.
शरीर में आयरन की कमी को पूरा करने के लिए हम इस आर्टिकल में आपके साथ कुछ टिप्स शेयर करने जा रहे हैं.
आयरन से भरपूर चीजें खाएं-
शरीर में आयरन की कमी को पूरा करने के लिए आयरन से भरपूर चीजों का सेवन करें जैसे लीन प्रोटीन, सीफूड, बीन्स, दालें, टोफू, पालक, केल, ब्रोकली आदि.
आयरन से भरपूर चीजें और विटामिन सी-
आयरन से भरपूर चीजों का सेवन जब आप विटामिन सी युक्त चीजों के साथ करते हैं तो इससे शरीर में आयरन का अवशोषण सही तरीके से हो पाता है.
इस चीजों का करें कम सेवन-
कोशिश करें कि चाय, कॉफी आदि चीजों का सेवन कम से कम करें. ये चीजें शरीर में आयरन के अवशोषण के रोकती हैं. इसके अलावा इन चीजों के साथ आयरन वाली चीजों का सेवन ना करें.
लोहे के बर्तन में बनाएं खाना-
ऐसा माना जाता है कि खट्टी चीजों को आयरन के बर्तनों में पकाने से आपके खाने में आयरन की मात्रा बढ़ जाती है.
आयरन सप्लीमेंट्स-
कुछ मामलों में, महिलाओं को आयरन सप्लीमेंट्स लेने की सलाह दी जाती है, खासकर गर्भावस्था के दौरान या गंभीर कमी के मामलों में.कोई भी सप्लीमेंट्स लेने से पहले डॉक्टर से जरूर संपर्क करें. - मौसम में बदलाव, अनहेल्दी खान-पान, प्रदूषण जैसे कारणों से बालों के झड़ने, टूटने की समस्या बढ़ जाती है। इतना ही नहीं कई लोगों में हेयर ग्रोथ की समस्या भी होने लगती हैं। लंबे, काले, घने बाल हर लड़की की पहली पसंद होते हैं, ऐसे में बालों से जुड़ी इन समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए लोग केमिकल युक्त महंगे-महंगे हेयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं, जिसके कारण आपके बाल और ज्यादा डैमेज हो सकते हैं। आज जानते हैं हेयर ग्रोथ बढ़ने और झड़ते बालों की समस्या को दूर करने के लिए एक होम रेमेडी बनाने का तरीका और बालों के लिए उसके फायदों के बारे में।चमकदार और स्वस्थ्य बालों के लिए हेयर मास्कसामग्री -मेथी - 1 कपहरा चना- 1 कपकलौंजी के बीज - 1 बड़ा चम्मचबादाम - 4गुड़हल का फूल - 4 फूलकरी पत्ता - एक मुट्ठीनारियल - एक कपहेयर पैक बनाने की विधि -मेथी, मूंग, कलौंजी और बादाम को रात भर पानी में भिगो कर रख दें। फिर अगले दिन गुड़हल के फूल, करी पत्ते, नारियल और रात भर भिगोई हुई सामग्री को हल्के पानी के साथ मिक्सर जार में डालकर पेस्ट तैयार कर लें। आप चाहे तो इसमें थोड़ी मात्रा में दही मिला सकते हैं। बस अब इस हेयर पैक को बालों में लगाए और आधे घंटे बाद पानी से धों लें। अच्छे रिजल्ट के लिए इस पैक को हफ्ते में एक बार अपने बालों में इस्तेमाल करें।हेयर मास्क लगाने के फायदेमेंथीयह फ्लेवोनोइड्स और सैपोनिन जैसे एंजाइमों से भरपूर होता है। मेंथी में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीफंगल गुण बालों को बढ़ने में मदद करते हैं।हरा चनाहरे चने में बालों को पोषण देने वाले पोषक तत्व जैसे सेलेनियम, सिलिका, फोलेट, आयरन, जिंक, विटामिन ए, बी, सी, बी -7 और एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो बालों के विकास को बढ़ावा देते हैं और झड़ते बालों से छुटकारा दिलाते हैं।कलौंजी के बीजकलौंजी या काले बीज में एंटीहिस्टामाइन यानी निगेलोन और थाइमोक्विनोन होते हैं जो बालों के विकास को बढ़ावा देने में मदद करते हैं।बादामबादाम विटामिन बी7 से भरपूर होते हैं, इसमें ओलिक एसिड और लिनोलिक एसिड भी होता है, जो बालों की लोच में सुधार करता है, जिससे बाल मजबूत बनते हैं।गुड़हल का फूलगुड़हल के फूल में फ्लेवोनोइड्स होते हैं जो हानिकारक यूवी किरणों से बालों को होने वाले नुकसान से बचाते हैं, इतना ही नहीं यह समय से पहले बालों को सफेद होने से भी रोकते हैं और प्राकृतिक चमक और ग्रोथ बढ़ाने में मदद करते हैं।करी पत्तेकरी पत्ते में मौजूद बीटा-कैरोटीन, प्रोटीन और एल्कलॉइड बालों के प्राकृतिक रंग को बनाए रखने, बालों के विकास को बढ़ावा देने और बालों के झड़ने और पतले होने की समस्या को रोकने में फायदेमंद होते हैं।नारियलनारियल में मौजूद एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरियल गुण बालों को बैक्टीरिया से होने वाले नुकसान से बचाते हैं और हेयर ग्रोथ में मदद करते हैं।अगर आप भी बालों की समस्या से परेशान है, तो इस हेयर पैक को इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन किसी भी तरह के साइड इफेक्ट्स से बचने के लिए पहले पैच टेस्ट जरूर कर लें।
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शरीर को प्रोटीन और विटामिन की तरह ही पर्याप्त मात्रा में आयरन की जरूरत होती है। जिससे शरीर इंफेक्शन से लड़ सके। हीमोग्लोबिन के लिए आयरन बेहद जरूरी है। आयरन की मदद से शरीर में ऑक्सीजन की सप्लाई होती है। साथ ही ये मसल्स की ग्रोथ और मजबूती के लिए भी जरूरी है। लेकिन ज्यादातर महिलाएं आयरन की कमी से जूझती हैं और पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व ना मिलने के कारण एनीमिया की शिकार हो जाती है। शरीर में अगर आयरन की कमी हो गई है तो अनार या चुकंदर खाने की बजाय इन फ्रूट्स एंड फूड्स को खाएं। बढ़ने लगेगी आयरन की मात्रा।
मटरमटर या सूखी मटर में आयरन की मात्रा 100 ग्राम में 1.5 मिलीग्राम होती है। अगर हर दिन पर्याप्त मात्रा मे मटर खाया जाए तो रोज की जरूरत की आयनर की मात्रा मिल जाएगी। मटर के अलावा सोयाबीन, राजमा में भी आयरन पाया जाता है।खजूर, आलुबूखारा, अंजीर, किशमिशआयरन की कमी से एनीमिया होने का खतरा होता है। ऐसे में आयरन रिच फूड्स को जरूर खाना चाहिए। खजूर, आलुबूखारा, अंजीर और किशमिश आयरन रिच फूड्स हैं। आलुबूखारा में आयनर की मात्रा भले ही ज्यादा ना हो लेकिन इसमे मौजूद विटामिन सी शरीर को पर्याप्त मात्रा में आयरन सोखने में मदद करता है। अंजीर में आयरन की पर्याप्त मात्रा होती है। अंजीर में 29.49 मिलीग्राम आयरन की मात्रा होती है। हर दिन एक से दो अंजीर दैनिक आयरन की मात्रा की पूर्ति कर सकता है।काले तिलआयुर्वेद के अनुसार काले तिल में सफेद तिल की तुलना में ज्यादा आयरन की मात्रा होती है। हर दिन थोड़ी मात्रा में काले तिल को खाने से आयरन की पर्याप्त मात्रा मिल सकती है।काजूशरीर में आयरन की कमी है तो हर दिन काजू खाना बेस्ट ऑप्शन है। काजू खाने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का खतरा नहीं बल्कि प्रति 100 ग्राम काजू में आयरन की मात्रा करीब 6.68 मिलीग्राम होती है। - हम हमेशा से सुनते आ रहे हैं कि हरी सब्जियों को खाने से सेहत को फायदा होता है। लेकिन शायद ही किसी डॉक्टर या दादी-नानी ने बताया हो कि पीले फलों को खाना फायदेमंद है। कलरफुल फूड्स में पीले फलों को खाना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। ये स्किन को ग्लोइंग और रेडिएंट बनाने के साथ हेल्थ के लिए भी असरदार है। आगे जानें पीले फलों को खाने के फायदे।कैरेटोनॉएड्सपीले फ्रूट्स कैरोटेनॉएड्स एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं। जिसे खाने से कई सारी बीमारियों होने का खतरा कम होता है। ये सारे एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर और टिश्यू में सूजन कम करने में मदद करते हैं। साथ ही शरीर को फ्री रेडिकल्स से डैमेज होने से बचाते हैं।बायोफ्लेवेनॉएडपीले फलों में बायोफ्लेवेनॉएड होते हैं। जो विटामिन पी से जुड़ा है। विटामिन पी बॉडी के लिए काफी जरूरी है। क्योंकि ये विटामिन सी तोड़कर स्किन में अब्जॉर्ब होने में मदद करते हैं। इसकी मदद से कोलेजन का प्रोडक्शन तेज होता है। पीले फलों को खाने से एजिंग की समस्या कम होती है।विटामिन सीपीले फलों में विटामिन सी की मात्रा भरपूर होती है। केले में विटामिन सी के साथ पोटैशियम ज्यादा मात्रा में होता है। अगर हर दिन नींबू और मैंगो जैसे फ्रूट्स खाए जाएं तो स्किन ग्लो करती है। क्योंकि विटामिन सी बॉडी में खुद से नहीं बनता इसे खाद्य पदार्थों के जरिए ही बॉडी में पहुंचाना पड़ता है विटामिन सी हड्डियों की सेहत के साथ ही जोड़ों को हेल्दी रखता है।यही नहीं विटामिन सी की पर्याप्त मात्रा कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर को भी संतुलित करती है। पीले फूड्स को अगर डेली रूटीन में शामिल किया जाए तो दांतों के साथ ही बालों की सेहत दुरुस्त होती है। पीले फल मूड को भी ठीक करते हैं। इन पीले फलों को आसानी से डाइट में शामिल किया जा सकता है।केला- केला सबसे सस्ता और लगभग हर सीजन में मिल जाता है। साथ ही इसके कई सारे फायदे हैं।अनानास पीले फलों में अनानास बेहद फायदेमंद होता है।पीली शिमला मिर्च फाइबर, फोलेट, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती है।नींबू मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने के साथ ही किडनी में बनने वाले स्टोन को भी रोकता है। साथ ही शरीर को हाइड्रेट करता है।पपीता में कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, प्रोटीन, के साथ ही विटामिन बी9, पोटैशियम और मैग्नीसिय़म होते हैं। साथ ही विटामिन बी1, बी3, बी5, विटामिन ई, विटामिन सी और ए भी मौजूद होते हैं। जो शरीर के लिए बेहद फायदेमंद है।
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मुनगा, मोरिंगा, सहजन या ड्रमस्टिक ये सभी एक ही चीज के नाम। मुनगा प्रकृति से मिली बहुत अनमोल चीज है। इसका सेवन करने से शरीर को जबरदस्त फायदे मिलते हैं। मुनगा की पत्तियों, फल, जड़, तने और फूल का सेवन कई गंभीर बीमारियों में रामबाण माना जाता है। शुगर या डायबिटीज से लेकर हाई कोलेस्ट्रॉल तक की समस्या को ठीक करने में सहजन का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। मुनगा में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम, विटामिन और मैग्नीशियम प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इसका नियमित रूप से सेवन शरीर में बढ़े हुए ब्लड शुगर को कम करने में फायदा मिलता है।
डायबिटीज में सहजन खाने के फायदे
मुनगा को पोषक तत्वों का पावरहाउस कहा जाता है। इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट, प्रोटीन और खनिज शरीर को बीमारियों से बचाने और पोषण देने का काम करते हैं। न्यूट्रिशनल सप्लीमेंट के रूप में भी सहजन का इस्तेमाल होता है। मुनगा में आयरन, कैल्शियम, विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन ई, विटामिन बी 6 समेत राइबोफ्लेविन की पर्याप्त मात्रा होती है। इसके अलावा मुनगा में फाइबर की पर्याप्त मात्रा होती है, जो ब्लड शुगर और वजन को भी कंट्रोल करने में भी मदद करते हैं।"डायबिटीज में कैसे करें मुनगा का सेवन?मुनगा का नियमित रूप से सेवन करने से डायबिटीज के मरीजों को कई फायदे मिलते हैं। इसमें मौजूद फाइबर ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मदद करता है। साउथ इंडियन फूड्स में मुनगा का इस्तेमाल खूब किया जाता है। आप रोजाना मुनगा की सब्जी या इसके सूप का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा मुनगा की पत्ती और फूल का सेवन भी डायबिटीज में फायदेमंद होता है।डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारी से बचने के लिए डाइट में सब्जियां, फल और साबुत अनाज को शामिल करना फायदेमंद होता है। इसके अलावा नियमित रूप से शारीरिक श्रम या व्यायाम करने वाले लोगों में भी डायबिटीज का खतरा कम रहता है। अगर आपको भी डायबिटीज के लक्षण दिखाई देते हैं तो सबसे पहले खानपान और लाइफस्टाइल में सुधार करें और डॉक्टर की सलाह जरूर लें। - छठ पर्व पर प्रसाद में कई सीजनल फल और सब्जियों को प्रसाद की रूप में चढ़ाया जाता है, जिसमें से एक डाभ नींबू भी है। इस डाभ नींबू को खाने से सेहत को फायदा पहुंचता है। आज जानेंगे डाभ नींबू के 5 बड़े फायदे क्या हैं।डाभ नींबू के 5 बड़े फायदे1- विटामिन C का सोर्सछठी मैया की पूजा में चढ़ाया जाने वाला डाभ नींबू पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है। डाभ नींबू में विटामिन C अच्छी मात्रा में पाया जाता है, जो हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी बूस्ट करता है और संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। विटामिन C हमारी स्किन और बालों के लिए भी बेहद जरूरी है। डाभ नींबू के सेवन से आपकी स्किन बेहतर होगी और बालों से जुड़ी समस्याएं भी कम होंगी।2- बॉडी डिटॉक्सडाभ नींबू का सेवन शरीर को डिटॉक्स करने का काम करता है। डाभ नींबू हमारे शरीर के विषाक्त पदार्थ बाहर निकालने का काम करता है, जिससे मेटाबॉलिज्म बढ़ता है और वजन कंट्रोल करने में मदद मिलती है। अगर आप वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं तो अपनी डाइट में डाभ नींबू जरूर शामिल करें।3- पाचन को बढ़ावाछठ महापर्व के प्रसाद में इस्तेमाल होने वाला डाभ नींबू विटामिन C के साथ फाइबर से भरपूर होता है। इसके सेवन से पाचन क्रिया बेहतर तरीके से काम करती है और पेट संबंधी समस्याएं भी कम होती हैं। डाभ नींबू के सेवन से पेट में अच्छे एंजाइम बनते हैं तो डाइजेशन में मदद करते हैं।4- हार्ट के लिए फायदेमंदडाभ नींबू में मौजूद पोटैशियम और मैग्नीशियम दिल के स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है और शरीर में ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है।5- वजन कंट्रोलडाभ नींबू में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है और कैलोरी कम, ऐसे में इसके सेवन से पेट लंबे समय तक भरा रहता है और आपको बार-बार भूख नहीं लगेगी। डाभ नींबू का सेवन वजन कंट्रोल करने में मदद कर सकता है। इसके सेवन से शारीरिक और मानसिक ताजगी महसूस होगी।
- आजकल वर्किंग पेरेंट्स के पास बच्चों के साथ वक्त बिताने का ज्यादा समय नहीं होता, ऐसे में वह बचपन से ही बच्चे के हाथ में मोबाइल थमा देते हैं। लेकिन कुछ समय के बाद बच्चे को मोबाइल की लत लग जाती है और वह हर वक्त मोबाइल में बिजी रहता है। कुछ बच्चों को तो मोबाइल की इतनी लत लगती है कि वह खाना भी मोबाइल में कुछ न कुछ देखते हुए ही खाना पसंद करते हैं। कई बार बच्चे मोबाइल में इंटरनेट पर कम उम्र में ऐसा कंटेंट भी चोरी-छिपे देखने लगते हैं जो कि उन पर गलत असर डाल सकता है। वहीं जब पेरेंट्स बच्चों से मोबाइल अलग करते हैं तो वह रोने लगते हैं या फिर चिड़चिड़े हो जाते हैं। यहां हम आपको कुछ ऐसी टिप्स देने वाले हैं, जिनकी मदद से आप अपने बच्चे की मोबाइल की लत को छुड़वा सकते हैं।बच्चे की मोबाइल यूज करने की आदत छुड़वाने के तरीकेआउटडोर गेम्सबच्चों को मोबाइल पर गेम्स खेलना बेहद पसंद होता है, जिसकी उन्हें लत लग जाती है। मोबाइल पर गेम्स खेलने के चक्कर में बच्चे समय से न तो खाना खाते हैं और न ही उनका मन पढ़ाई में लगता है। मोबाइल पर लंबे समय तक गेम्स खेलने के कारण बच्चों की नजर भी कमजोर होने लगती है। मोबाइल की लत छुड़वाने के लिए आप बच्चे को आउटडोर गेम्स और एक्टिविटी में बिजी रखें। बच्चे के साथ आप गार्डनिंग करें और उसे भी इसके गुर सिखाएं। इसके अलावा आप बच्चे को साइकिल चलाना सिखाएं और उसे डेली कम से कम 15 से 30 मिनट के लिए साइकिल चलाने के लिए प्रेरित करें। आप बच्चे को क्रिकेट, बैडमिंटन और अन्य गेम्स के लिए भी मोटिवेट कर सकते हैं।बचपन में न दें मोबाइलबच्चे को कम उम्र में मोबाइल फोन खरीदकर न दें, वहीं अगर वह आपका मोबाइल इस्तेमाल करता है तो इसका भी एक समय निर्धारित करें। अगर बच्चा ज्यादा मोबाइल मांगता है तो उसे प्यार से मना करें और उसके साथ वक्त बिताएं ताकि वह बिजी रह सके।फैमिली टाइमआजकल ज्यादातर पेरेंट्स वर्किंग होते हैं और ऐसे में बच्चे के साथ माता-पिता ज्यादा समय नहीं बिता पाते। आप कोशिश करें कि वीकेंड्स पर अपने बच्चे को पूरा समय दें और उसके साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड करें। आप बच्चों के साथ गेम्स खेलें और उन्हें किसी न किसी एक्टिविटी में बिजी रखें। बच्चे अगर बिजी रहेंगे तो खुद ही मोबाइल से दूर रहेंगे।बच्चे को टास्क देंवर्किंग पेरेंट्स अपने बच्चों को हफ्तेभर में पूरे होने वाले टास्क दे सकते हैं, ऐसा करने पर बच्चा टास्क को पूरा करने में बिजी रहेगा। आप बच्चे को नई-नई एक्टिविटी में भी बिजी रख सकते हैं। आपका बच्चा जितना बिजी रहेगा वह उतना ही मोबाइल से दूर रहेगा। वहीं अगर आप बच्चे को डांटकर मोबाइल से अलग करेंगे तो वह चिड़चिड़ा हो सकता है।
- अनहेल्दी फूड, प्रदूषण, और खराब लाइफस्टाइल के कारण अधिकतर लोग एसिडिटी और कब्ज की समस्या से परेशान रहते हैं। पेट में गैस बनने के कारण किसी दूसरे काम में मन भी नहीं लगता और पूरा दिन बेकार जाता है। बच्चों से लेकर बुजुर्ग सभी लोगों में एसिडिटी की समस्या काफी आम हो गई है। ऐसे में 3 फूड्स का इस्तेमाल करने से एसिडिटी की समस्या से राहत मिल सकता है, तो आइए जानते हैं क्या हैं वो फूड्स और उन्हें खाने के हेल्थ बेनिफिट्स…एसिडिटी में फायदेमंद है ये तीन फूड्सभिगी हुई काली किशमिशदही-पोहागुलकंद का पानीकाली किशमिश खाने के फायदे -काली किशमिश में पेक्टिन नाम का फाइबर मौजूद होता है, जो हमारे शरीर में जाकर खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है। इसका सेवन करने से एसिडिटी कंट्रोल होती है, आंखों की रोशनी बढ़ती है, हाई ब्लड प्रेशर कम होता है और वजन कम करने में भी मदद मिलती है। रात को सोने से पहले 4-5 काली किशमिश पानी में भिगोकर रख दें और सुबह उठने के बाद किशमिश को खा लें और एक गिलास पानी पी लें।पोहे के साथ दही खाने के फायदेदही के साथ पोहा खाने से आपके शरीर को जरूरी पोषक तत्व मिलते है। इतना ही नहीं यह पेट से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में भी मदद करता है। उत्तर प्रदेश और बिहार में पेट खराब होने पर लोग इसे खाना बहुत पसंद करते हैं। पोहे को खाने से पहले इसे पानी से अच्छी तरह साफ कर लें, इसके बाद इसमें दही और काला नमक मिला लें। आप दही पोहे का स्वाद बढ़ाने के लिए हरी मिर्च भी इसमें मिला सकते हैं।गुलकंद का पानी पीने के फायदे -गुलकंद की तासीर ठंडी होती है, जिस कारण इसे पीने से एसिडिटी की समस्या दूर होती है, मुंह के छाले ठीक होते हैं और दिमाग भी तेज होता है। एसिडिटी की समस्या को दूर करने के लिए रात को सोने से पहले या दिन में किसी भी समय आप गुलकंद का पानी पी सकते हैं। आपको बस एक गिलास पानी में एक चम्मच गुलकंद मिलाना है और इसे पी जाना है।-स्वास्थ्य से जुड़ी ये समस्याएं भी होगी दूर-पेट की सूजन कम करने में फायदेमंद-प्री मेन्स्ट्रूअल सिंड्रोम से मिले राहत-हीट एक्जाशन करें दूरएसिडिटी से बचने के लिए इन बातों का भी रखें ध्यान-खाने के बीच में ज्यादा समय का अंतराल न रखें।-समय पर ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर करें।-अपने भूख लगने के संकेतों को पहचाने और थोड़ी-थोड़ी देर पर कुछ खाते रहें।-पेट भरने के संकेतों को पहचानने की कोशिश करें और भूख से अधिक खाने से बचें।-एसिडिटी की समस्या को नजरअंदाज न करें, यह किसी बड़ी बीमारी का भी संकेत हो सकता है। इसलिए एसिडिटी की परेशानी बढ़ने पर अपने निजी डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
- काढ़ा एक ऐसा पेयर है, जिसमें कई तरह की चीजों को शामिल एक ड्रिंक तैयार किया जाता है। इसमें हल्दी, दालचीनी, मोटी इलायची और मुलेठी जैसी चीजें यूज की जाती हैं। इन तमाम सामग्रियों के अपने-अपने विशेष फायदे हैं। लेकिन, क्या प्रदूषण की वजह से हो रही खांसी में भी काढ़ा फायदेमंद हो सकता है?विशेषज्ञों के अनुसार "काढ़ा एक तरह हर्बल ड्रिंक है। इससे काफी हद तक खांसी की समस्या से राहत पाई जा सकती है। कई लोग काढ़े में अदरक, तुलसी, काली मिर्च और अन्य मसालों को शामिल करते हैं। इनमें सूजन-रोधी और सुखदायक गुण होते हैं। ये सामग्रियां सांस से जुड़ी जलन से राहत प्रदान कर सकती हैं और सांस नली में आई फंसाहट को भी दूर करने में मदद करती है। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि काढ़ा फायदेमंद हो सकता है, लेकिन इसे मेडिकल ट्रीटमेंट का विकल्पन नहीं मानना चाहिए। यदि प्रदूषण की वजह से आपकी खांसी बढ़ गई है, तो आप डॉक्टर के पास जाएं।इसे भी पढ़ें: Balgam Wali Khansi: बलगम वाली खांसी के लिए घर पर बनाएं ये खास काढ़ा, जल्द मिलेगा आरामकाढ़ा पीने के अन्य फायदेजुकाम से राहत मिलती हैप्रदूषण की वजह से न सिर्फ खांसी की समस्या हो रही है, बल्कि जुकाम की समस्या भी देखने को मिल रही है। ऐसे में अगर आप काढ़ा पीते हैं, तो आपकी खांसी के साथ-साथ जुकाम से भी राहत मिल सकती है। दरअसल, काढ़े में एंटीवायरल प्रॉपर्टीज होती हैं, जो आपको सर्दी-जुकाम से दूर रखने में मदद करती है।बलगम की समस्या कम होती हैप्रदूषण की वजह से हो रही खांसी के कारण गले में बलगम भी बनने लगता है। कई बार बलगम की प्रॉब्लम बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। ऐसें में, अगर आप काढ़ा पीते हैं, तो गले में बलगम बनना कम हो जाता है और आप इससे राहत पा सकते हैं।संक्रमण से बचाव करता हैप्रदूषण की वजह से कई तरह के संक्रमण होने का रिस्क बढ़ जाता है। वहीं, अगर आप काढ़ा पीते हैं, तो इससे इम्यूनिटी बूस्ट होती है, जो कि आपको संक्रमण से लड़ने में आपकी क्षमता को बेहतर बनाने में मदद करता है।
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घर छोटा हो या बड़ा, हर कोई उसे पूरे प्यार से सजाता है। घर के कोने में अगर आप छोटी डिजाइन की रंगोली बनाना चाहती हैं तो इन अट्रैक्टिव डिजाइंस को ट्राई कर सकती हैं। इसे बनाने में बहुत कम वक्त लगेगा और फटाफट बनकर रेडी हो जाएंगी। खासतौर पर घर के मंदिर में बनाने के लिए ये रंगोली की डिजाइन बेस्ट हैं। तो चलिए देखें अट्रैक्टिव रंगोली डिजाइन।
फूलों से बनाएं रंगोली
छोटे घर में रंगोली पाउडर के फैलने का डर रहता है तो आप रंग-बिरंगे फूलों से रंगोली तैयार कर सकती हैं। गेंदा, गुलाब, सदाबहार और कुछ सफेद फूलों से खूबसूरत रंगोली बनाई जा सकती है।
स्वास्तिक और रंगोली
मंदिर में रंगोली बनानी है तो स्वास्तिक के साथ रंगोली की डिजाइन को पूरा करें। वहीं कई सारे रंगों को मिलाकर बनाई गई ये रंगोली की डिजाइन भी काफी आसान है। जिसे आप फटाफट बना सकती हैं।
अल्पना
छोटे गोले में बनी अल्पना की क्लासिक डिजाइन अट्रैक्टिव लगती है। सबसे खास बात कि ये कभी ट्रेंड से आउट नहीं होती। आप इन डिजाइन को पहले जमीन पर ड्रॉ कर लें। फिर इन पर रंग भरते चले जाएं। ये कुछ ही समय में बन जाती हैं।
दियों से सजाएं
आप चाहें तो केवल मिट्टी के दियों से ही रंगोली जैसी डिजाइन बना सकती हैं। इससे घर में रंगोली पाउडर के बिखरने का डर नहीं होगा। या, रंगोली बनाकर उनकी डिजाइन के ऊपर दियों को रखकर जलाएं। ये दिए फोटोज में रंगोली को रोशनी देने में मदद करते हैं। -
दिवाली का मौका खुशियों का होता है लेकिन इस समय खुशी के साथ कुछ लोगों को परेशानी और तकलीफ साथ में मिल जाती है। जिसकी वजह से त्योहार के बाद सेहत को लेकर मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। अस्थमा के मरीजों के लिए अक्सर दिवाली का टाइम मुसीबत लेकर आता है। धुआं, प्रदूषण की वजह से ना केवल सांस लेने में तकलीफ होती है बल्कि गले में जलन भी महसूस होने लगती है। ऐसे में दिवाली के बाद तक उन्हें केयर और सावधानी की जरूरत होती है। घर में अस्थमा के मरीज हैं तो उन्हें इन दिनों सुबह की शुरुआत के लिए इन दो हर्बल ड्रिंक्स पीने को दें। जो उन्हें अस्थमा की परेशानियों से बचाने में मदद करेंगी। साथ ही खानपान में भी इन बातों का ख्याल रखें।
सुबह की शुरुआत करें इन दो ड्रिंक्स के साथ
अस्थमा के मरीजों को धुएं और प्रदूषण के असर से बचना है तो दिन की शुरुआत इन दो ड्रिंक्स के साथ करनी चाहिए। जिससे उन्हें सांस लेने और गले की जलन में राहत महसूस हो।
अदरक की चाय
सुबह के वक्त नॉर्मल दूध वाली चाय पीने की बजाय अस्थमा पेशेंट को अदरक की चाय पीनी चाहिए। जिंजर टी बनाने के लिए एक गिलास पानी को गर्म करें और इसमे अदरक के कुछ टुकड़ों को घिसकर डालें। आधा पानी होने तक उबालें और इस चाय को पिएं। अदरक अस्थमा के लक्षणों में राहत पहुंचाता है।
हल्दी वाटर
सुबह की शुरुआत करनी है तो गुनगुने पानी में आधा चम्मच हल्दी पाउडर को मिलाकर पिएं। हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन तत्व अस्थमा मरीजों को सांस लेने से जुड़ी दिक्कतों में राहत पहुंचाता है। इसलिए दिन की शुरुआत हल्दी वाटर ड्रिंक से करनी चाहिए।
गर्म सूप
इन दो ड्रिंक के अलावा अस्थमा के मरीजों को गर्म सूप पीने की सलाह एक्सपर्ट देते हैं। जिससे उन्हें गर्माहट महसूस हो और गले में खराश जैसी स्थिति ना होने पाएं।
इन चीजों को ना खाएं
एल्कोहल के अलावा अस्थमा के मरीजों को इन दिनों बहुत मीठा, चिकनाई वाला, तला हुआ फूड खाने से बिल्कुल परहेज करना चाहिए। ये सारी चीजें गले में खराश और खांसी पैदा कर सकती हैं। जिसकी वजह से अस्थमा के लक्षण नजर आने लगते हैं। - आयुर्वेद में कई पेड़-पौधों, फल-फूलों का इस्तेमाल कई बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है। इन्हीं में से एक है अर्जुन का पेड़। इस पेड़ में कई औषधीय गुण होते हैं। इसलिए अर्जुन के पेड़, छाल, पत्ते, फल और जड़ों का उपयोग कई स्वास्थ्य समस्याओं को ठीक करने के लिए करते हैं। आज हम आपको अर्जुन के फल के फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं। अर्जुन का फल दांतों, हड्डियों और स्किन के लिए काफी लाभकारी होता है।अर्जुन फल के फायदे1. त्वचा के लिए लाभकारी अर्जुन का फलअर्जुन के फल का स्वाद कसैला होता है। यह त्वचा की कई समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है। अर्जुन का फल त्वचा की झुर्रियों, दाग-धब्बों और मुहांसों से निजात दिलाता है। यह बढ़ती उम्र के लक्षणों को भी दूर करता है। इसके लिए अर्जुन के फल का (Arjun ke Ped ka Fal) पाउडर बना लें। इसे शहद के साथ मिलाकर चेहरे पर लगाएं। इससे आपकी त्वचा बेदाग और साफ नजर आएगी। स्किन को ग्लोइंग बनाने के लिए अर्जुन के फल को खाया भी जा सकता है। अर्जुन का फल और पेड़ (Arjun ka Fal aur Ped) दोनों फायदेमंद होते हैं।2. हड्डियों की परेशानी दूर करे अर्जुन का फलहड्डियों को मजबूत बनाने के लिए अर्जुन के फल का सेवन करना काफी फायदेमंद होता है। यह हड्डियों को ताकत देता है। हड्डी टूटने पर भी अर्जुन के फल का उपयोग किया जा सकता है। इसमें मौजूद तत्व हड्डी को जल्दी जोड़ने में मदद करते हैं। इसके अलावा आप चाहें तो अर्जुन के छाल का पाउडर भी दूध के साथ ले सकते हैं। इससे भी हड्डी जोड़ने में मदद मिलती है। हड्डियों के लिए अर्जुन की छाल भी फायदेमंद होती है।3. मुंह की दुर्गंध दूर करे अर्जुन का फलअगर आपको मुंह से जुड़ी कोई समस्या है, तो आप अर्जुन के फल का उपयोग कर सकते हैं। अर्जुन का फल मुंह की दुर्गंध, दांतों की कैविटी, मसूड़ों की समस्या, दांतों में दर्द, दांतों से खून आना और दांतों के संक्रमण को दूर करने में उपयोगी होता है। इतना ही नहीं यह मुंह के अल्सर को भी ठीक करने में सहायक हो सकता है। अर्जुन के पेड़ के फल के साथ ही अर्जुन की छाल भी दांतों के लिए फायदेमंद होती है।4. हृदय के लिए उपयोगी अर्जुन का फलहृदय को स्वस्थ रखने के लिए भी अर्जुन का फल फायदेमंद होता है। आजकल हृदय रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है। ऐसे में हेल्दी डाइट लेना बहुत जरूरी है। हृदय को स्वस्थ रखने के लिए आप अर्जुन के फल का सेवन भी कर सकते हैं।5. मूत्रमार्ग की समस्या दूर करे अर्जुन का फलकई लोगों को पेशाब में रूकावट की समस्या होती है। ऐसे में अर्जुन के फल का सेवन करना फायदेमंद माना जाता है। इसके सेवन से पेशाब में रुकावट की समस्या दूर होती है। अगर आपको पेशाब से जुड़ी कोई समस्या है, तो आप डॉक्टर की सलाह पर अर्जुन के फल का उपयोग कर सकते हैं।अर्जुन का फल कैसा होता है?अर्जुन का फल काफी पौष्टिक होता है। यह स्वाद में कसैला होता है। यह फल सफेद या पीले मंजरियों में लगे होते हैं। इस फल में हल्की सी सुगंध होती है। जब अर्जुन का फल कच्चा होता है, तो यह हरे-पीले रंग का दिखाई देता है। पकने के बाद यह भूरे-लाल रंग का हो जाता है।आप भी अर्जुन के फल का सेवन कर सकते हैं। लेकिन सीमित मात्रा में ही इसका सेवन करना चाहिए। यह एक सिर्फ चिकित्सकीय अनुभव है, इसलिए अर्जुन के फल का सेवन करने से पहले आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह जरूर लें। डॉक्टर आपको अर्जुन के फल को लेना है या नहीं, इस बारे में सही सुझाव देंगे।
- आयुर्वेद में काफी सारी रोजमर्रा की रसोई की चीजों के फायदे बताए गए हैं। लेकिन एक औषधि जो काफी सारी बीमारियों पर असर दिखाती है वो है त्रिफला। तीन फलों को मिलाकर बनी ये आयुर्वेदिक दवा के काफी सारे फायदे हैं। जिन्हें जानने के बाद आप भी इसे जरूर आजमाना चाहेंगे। त्रिफला को बनाने के लिए तीन फलों आंवला, हरीतिका यानी हर्र और बीभितिका यानी बहेड़ा को मिलाकर बनाई जाती है। आयुर्वेद में इस औषधि के काफी सारे फायदे बताये गए हैं। तो चलिए जानें त्रिफला चूर्ण को खाने के फायदे।पाचनशक्ति को मजबूत बनाता हैत्रिफला को अगर नियमित रूप से खाया जाए तो ये भूख को कंट्रोल करने के साथ ही एसिडिटी को सही करता है। त्रिफला में एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। साथ ही ये बॉडी को डिटॉक्स भी करता है। त्रिफला खाने से कब्ज की समस्या दूर होती है और डाइजेशन ट्रैक साफ होता है।हार्मोंस की समस्या करता है सहीत्रिफला चूर्ण को अगर नियमित रूप से खाया जाए तो ये हार्मोंस की दिक्कत को ठीक करता है। इसके अलावा आयुर्वेद में बताए गए वात, पित्त और कफ को भी ठीक करता है।इम्यूनिटी बढ़ाता हैआंवला में विटामिन सी काफी ज्यादा मात्रा में पाया जाता है। त्रिफला में आंवला का भी खास महत्व होता है। इसी वजह से त्रिफला खाने से इम्यूनिटी बूस्ट होती है।दिल की बीमारी के लिए फायदेमंद है त्रिफलात्रिफला को केवल डाइजेशन और इम्यूनिटी के लिए ही नहीं बल्कि दिल की सेहत के लिए भी फायदेमंद माना गया है। हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के साथ ही कोलेस्ट्रॉल को भी बढ़ने से रोकता है। साथ ही लिवर की समस्याओं में भी त्रिफला आराम पहुंचाता है।ब्लड को करता है प्यूरीफाईत्रिफला गंदे खून को साफ करने में भी मदद करता है।वजन कंट्रोल करने में मददत्रिफला के तत्व मेटाबॉलिज्म को भी सही करते हैं। साथ ही शरीर के एक्स्ट्रा फैट को बाहर निकालने में मदद करता है। इसी वजह से ये वजन को भी बढ़ने से रोकता है।
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आयुर्वेद में आवंला मानव शरीर के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद माना गया है, इसका इस्तेमाल खाने और दवाई दोनों के रूप में किया जाता है। आंवले में विटामिन सी, कैल्शियम, पोटेशियम, एंटी-ऑक्सीडेंट, फाइबर जैसे जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जिसके सेवन से कई बीमारियां दूर होती है और व्यक्ति हेल्दी रहता है।
आंवला में छिपे आयुर्वेदिक गुणआंवला में वयस्थापन गुणआयुर्वेद के अनुसार आंवला में उम्र को कम करने वाले गुण मौजूद होते हैं, जिसे वयस्थापन गुण कहा जाता है। आंवले में वस्थापन वह इंग्रीडियंट है जो स्किन को पोषण देता है और व्यक्ति को जल्दी बूढ़ा होने से बचाता है, यानि इसमें एंटी एजिंग गुण मौजूद होते हैं। आंवले में मौजूद वयस्थापन ( Vayasthapana ) गुण तीनों दोषों को संतुलन में रखकर स्किन को हेल्दी रखने में मदद करती है।आंवला में वृष्य गुणआयुर्वेद के अनुसार आंवले में वृष्य चित्कित्सा गुण होते हैं, जो प्रजनन क्षमता के लिए अच्छा माना जाता है। आंवले में मौजूद वृष्य ( Vrishya ) गुण प्रजनन से जुड़ी समस्याओं को कम कर बांझपन की समस्या को दूर करने में मदद करते हैं। वृष्य चिकित्सा आयुर्वेद की आठ प्रमुख विशेषताओं में से एक है, जो महिला और पुरुष के प्रजनन क्षमता को बढ़ा सकता है और व्यक्ति को यौन रूप से शक्तिशाली और सक्षम बना सकता है। अगर कोई कंसीव करने की कोशिश कर रहा है तो वह ज्यादा आंवले का सेवन कर सकता है।आंवला में त्रिदोष गुणआयुर्वेद के अनुसार आंवले में त्रिदोष ( Tridosha ) गुण होते हैं, जो तीनों दोष यानि वात, पित और कफ को बैलेंस करने में मदद करता है। इसके सेवन से आंख की रोशनी तेज होती है, स्किन हेल्दी रहती है, फेफड़ों से जुड़ी समस्या समेत कई हेल्थ बेनिफिट्स मिलते हैं। ऐसे में किसी भी उम्र के लोग इसका सेवन कर सकते हैं।आंवला खाने के तरीकेपाउडर - आप आंवले का सेवन पाउडर के रूप में कर सकते हैं, आपको बस 1 चम्मच आंवला पाउडर को सुबह खाली पेट 1 चम्मच शहद या गर्म पानी के साथ लेना है।रस - 20 मिलीलीटर आंवले का रस सुबह गर्म पानी के साथ लेना पेट के लिए काफी अच्छा माना जाता है।च्यवनप्राश - च्यवनप्राश में मौजूद मुख्य सामग्री आंवला है, तो आप सुबह खाली पेट या खाना खाने के 2 घंटे बाद गर्म पानी के साथ 1 चम्मच च्यवनप्राश ले सकते हैं।आंवले का मुरब्बा या अचार - आप आंवले का मुरब्बा या अचार बना कर भी इसका सेवन कर सकते हैं।आंवला कैंडी - आप आंवले को टुकड़ों में काटकर धूप में सुखा सकते हैं और रोजाना कैंडी के रूप में खा सकते हैं।आंवला खाने के बेनिफिट्स-उम्र बढ़ने की समस्या को रोकने में फायदेमंद-प्रजनन क्षमता में सुधार करें-बालों के झड़ने की समस्या रोकें-पाचन संबंधी समस्याओं से दिलाए राहत-थायराइड करें कंट्रोल-ब्लड शुगर को करें संतुलित-आंखों की बढ़ाए रोशनी - गाने या आवाज को सुनने के लिए लोग ईयरफोन या हेडफोन का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है इन दोनों में से कान के लिए क्या ज्यादा बेहतर है? फोन हो या लैपटॉप दोनों के लिए ईयरफोन या हेडफोन का इस्तेमाल किया जाता है। कई लोगों को यह कंंफ्यूजन होता है कि कानों की सेहत के लिए हेडफोन बेहतर है या ईयरफोन। तो चलिए जानते हैं दोनों में क्या फर्क होता है।कानों के लिए ईयरफोन इस्तेमाल करें या हेडफोन?-ईयरफोन को कान में डाला जाता है और इससे कान पूरी तरह से बंद हो जाते हैं। ईयरफोन की आवाज कानों के लिए हानिकारक हो सकती हैं। अगर आप लंबे समय के लिए ईयरफोन लगाने के बारे में सोच रहे हैं, तो सुनने की क्षमता प्रभावित हो सकती है। अगर आप मीटिंग, लेक्चर या म्यूजिक के लिए लंबे समय तक ईयरफोन का इस्तेमाल करेंगे, तो कान डैमेज हो सकते हैं। इसलिए उस दौरान हेडफोन का इस्तेमाल करना चाहिए। हालांकि हेडफोन का इस्तेमाल करते समय तेज आवाज से बचना चाहिए। हेडफोन की वॉल्यूम अधिकतम 60 प्रतिशत तक ही होनी चाहिए। अगर आपके डिवाइस में नॉइस कैंसिलेशन का ऑप्शन है, तो उसे इस्तेमाल करना चाहिए। ईयरफोन को इस्तेमाल करने के नुकसानजब आप ईयरफोन को कान में डालते हैं, तो वह ईयर वैक्स को कान के अंदर गहराई तक धकेल देता है। इससे कान पूरी तरह से बंद हो जाते हैं। ईयरफोन को कान के अंदर तक पहना जाता है। यह सीधे हमारे कान के ईयर कैनाल और ईयर ड्रम को प्रभावित कर सकता है। ईयरफोन कानों को पूरी तरह से बंद कर देता है। इस वजह से नमी लॉक हो जाती है और कानों में इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है।ज्यादा वॉल्यूम बढ़ाने से कानों को गंभीर नुकसान पहुंचता है। इसलिए चाहे ईयरफोन हो या हेडफोन आपको इनका सीमित इस्तेमाल ही करना चाहिए।
- भोजन में हल्दी का प्रयोग तो हम सभी करते हैं। इसके अलावा, अद्भुत आयुर्वेदिक हर्ब और मसाले का प्रयोग कई शारीरिक समस्याओं को दूर करने के लिए एक प्रभावी औषधी के रूप में भी किया जाता है। रेगुलर हल्दी का प्रयोग तो हम सभी करते हैं, लेकिन अंबा हल्दी कुछ मामलों में रेगुलर हल्दी की तुलना में अधिक फायदेमंद होती है ।आंबा हल्दी खाने के फायदे1. कोशिकाओं को नुकसान से बचाए: एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होने की वजह से शरीर में फ्री-रेडिकल्स के कारण होने वाले ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करती है और कोशिकाओं को नुकसान से बचाती है.2. त्वचा के लिए लाभकारी है: अंबा हल्दी त्वचा की खुजली, खुजलीदार स्कैल्प, त्वचा रोग और कई आम समस्याओं को दूर करने में बहुत प्रभावी है।3. पाचन रखने दुरुस्त: यह पाचन स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी है। इसके अलावा, यह मेटाबॉलिज्म में भी सुधार करती है। किसी भी प्रकार की गैस्ट्रिक समस्या, अपच और अन्य आंत से जुड़े रोगों से अम्बा हल्दी आपको बहुत राहत देती है।4. वात दोष को करे संतुलित: यह शरीर में वात को संतुलित करने में मदद करती है। वात दोष के असंतुलन के कारण किसी भी प्रकार के दर्द से राहत दिलाने में अंबा हल्दी लाभकारी है। यह आपको जोड़ों के दर्द, गठिया आदि जैसी स्थितियों से भी राहत दिलाएगी।5. एलर्जी के लक्षण करे कम: इसमें एंटी-एलर्जी गुण होते हैं, इसलिए अगर किसी को अस्थमा, खांसी, सर्दी और अन्य एलर्जी संबंधी समस्याएं हैं, तो इन समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए अंबा हल्दी डाइट में शामिल कर सकते हैं।6. अंबा हल्दी में कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं। जो लाइपोक्सिनेज और इंड्यूसिबल के बढ़े हुए लेवल को कम करने साइटोकिंस के उत्पादन को रोकने का काम करती है। जिससे सूजन और तनाव कम होता है। इसके अलावा इससे जोड़ों में दर्द कम करने में भी मदद मिलती है। कच्ची हल्दी को डाइट का हिस्सा बनाने से आपको भी ये फायदे मिल सकते हैं।7.कच्ची हल्दी में करक्यूमिन के साथ-साथ जरूरी ऑयल्स होते हैं। जो दर्द को खींचने का काम करते हैं। अगर आप नियमित रूप से अंबा हल्दी का सेवन करते हैं, तो आपको पुराने से पुराने दर्द को भगाने में मदद मिल सकती है।8. कच्ची हल्दी के अर्क में कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने की क्षमता होती है। इसे साथ ही लिवर से जुड़ी कई तरह की समस्याओं का छुटकारा अंबा हल्दी को डाइट में शामिल करने से मिल सकता है। अंबा हल्दी में इंफ्लेमेटरी के गुण होते हैं। जो टेंशन को दूर करने के साथ साथ दिमाग को भी शांत रखने का काम करती है।9. अंबा हल्दी में करक्यूमिन के तत्व मौजूद होते हैं। जो कैंसर कोशिकाओं को शरीर में बढ़ने से रोक सकते हैं। इसे अपनी डाइट में शामिल करने से पुरुषों में होने वाले प्रोस्टेट कैंसर और महिलाओं में होने वाले ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद करती है।अंबा हल्दी का सेवन कैसे करें--अपच की समस्या के लिए इसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें और इसमें सेंधा नमक और नींबू का रस मिलाएं। उसके बाद खा लें।-त्वचा की समस्याओं और अन्य त्वचा की स्थितियों के लिए अंबा हल्दी का रस बनाएं और 10-15 मिलीलीटर रस का दिन में 2 बार सेवन करें।-खांसी, सर्दी, अस्थमा और कमजोर इम्यूनिटी के लिए छोटे टुकड़े काटें और शहद के साथ लें।-जोड़ों के दर्द और वात दोष के असंतुलन से जुड़े रोगों के लिए इसे कच्चा खाएं या इसका जूस बनाकर पिएं।
- बहुत से लोग इम्यूनिटी को मजबूत करने के लिए कई तरह की दवाइयों का सेवन करने लगते हैं। लेकिन यह दवाइयां अंदरूनी तौर पर शरीर को नुकसान पहुंचा सकती हैं। ऐसे में बदलते मौसम में इम्यूनिटी को मजबूत करने के लिए शहद का सेवन किया जा सकता हैं। शहद में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं जैसे सोडियम, पोटेशियम, फाइबर, आयरन, विटामिन बी6 और विटामिन सी पाया जाता हैं। शहद के सेवन से इम्यूनिटी मजबूत होने के साथ अंदरूनी तौर पर शरीर गर्म रहता है। आइए जानते हैं फिट क्लीनिक की डाइटिशियन सुमन से कि बदलते मौसम में शहद से इम्यूनिटी कैसे बढ़ाएं।शहद और गर्म पानीइम्यूनिटी मजबूत करने के लिए बदलते मौसम में शहद का सेवन किया जा सकता है। इसका सेवन करने के लिए 1 गिलास हल्का गुनगुना पानी लें। इसमें 1 चम्मच शहद को मिलाकर रोज सुबह पिएं। ऐसा करने से पाचन-तंत्र हेल्दी रहने के साथ इम्यूनिटी भी मजबूत होगी।शहद और अदरकशहद और अदरक के सेवन से कई समस्याओं से राहत मिलती है। इसका सेवन करने के लिए छोटा सा अदरक को कद्दूकस करके 1 चम्मच रस निकालें। अब इस रस में 1/2 शहद को मिलाकर मिश्रण तैयार करें। अब इस मिश्रण को खाएं। यह मिश्रण सर्दी से राहत देने के साथ गले की खराश और खांसी को भी दूर करता है।शहद और नींबूइम्यूनिटी को मजबूत करने के लिए शहद और नींबू का सेवन भी किया जा सकता है। नींबू विटामिन सी से भरपूर होता है। इसके सेवन से इम्यूनिटी मजबूत होती है और बीमारियों से बचाव होता हैं। इसका सेवन करने के लिए 1 गिलास गुनगुने पानी में 1 चम्मच शहद और 1 नींबू का डाल कर मिलाएं। इस ड्रिंक को पीने से इम्यूनिटी मजबूत होने के साथ वजन कम होने में भी मदद मिलती हैं।शहद के फायदे-शहद के सेवन से पाचन-तंत्र मजबूत होने के साथ कब्ज, अपच और एसिडिटी से बचाव होता हैं।-शहद के सेवन से वजन कम करने में भी मदद मिलती है।-शहद में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो खांसी को कम करने में मददगार होता है।-शहद के सेवन से हार्ट संबंधित बीमारियां कम होती हैं।-शहद के सेवन से बेहतर नींद आने में मदद मिलती है।इम्यूनिटी को मजबूत करने के लिए शहद को इन तरीकों से सेवन किया जा सकता हैं। हालांकि, अगर आपको कोई बीमारी या एलर्जी की समस्या हैं, तो डॉक्टर से पूछकर ही इसका सेवन करें।
- आम तौर से पाए जाने वाले इमली को अरबी और फारसी भाषा में दिए गए - हिंदी तामर और भारतीय खजूर सही मायने में उद्बोधक नाम है। भूरे रंग की नाज़ुक फली के अंदर जो मांसल खट्टा फल होता है उसमे टारटारिक एसिड और पेक्टिन समाविष्ट है। आमतौर पर महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में क्षेत्रीय व्यंजनों में एक स्वादिष्ट मसाले के रूप में इमली का प्रयोग किया जाता है। खास तौर पर रसम, सांभर, वता कुज़ंबू (Vatha Kuzhambu), पुलियोगरे इत्यादि बनाते वक्त इमली इस्तेमाल होती है और कोई भी भारतीय चाट इमली की चटनी के बिना अधूरी ही है। यहां तक कि इमली के फूलों को भी स्वादिष्ट पकवान बनाने के उपयोग में लिया जाता है।इसके पत्ते शरीर को शीतलता प्रदान करते हैं एवं अपित्तकर हैं और पेट के कीड़ों को नष्ट करने में भी मदद करते हैं। इसके अलावा, इसके पत्तों को पीलिया के इलाज में भी उपयोग में लाया जाता है। इमली के पेड़ की छाल एक स्तम्मक के रूप में काम आती है। इमली के फल का गूदा पाचन प्रणाली को शीतलता प्रदान करता है एवं रेचक और रोगाणु रोधक (anti-septic) भी होता है।1. पाचन विकारपके हुए फल का गूदा पित्त्त की उलटी, कब्ज और गैस की समस्या, अपचन के इलाज मे लाभदायक है। यह कब्ज़ मे भी लाभकारी है। पानी के साथ इसके गूदे को कोमल करके बनाया हुआ निषेध भूख मे कमी, भोजन ग्रहण की इच्छा मे कमी होने पर लाभकारी है। इमली के दूध का पेय भी पेचिश के इलाज मे काफी लाभकारी है।2, स्र्कवी या स्कर्वी | विटामिन-सी की कमीइमली में विटामिन सी की मात्रा प्रचुर होती है और यह स्र्कवी को रोकने और उसके इलाज में लाभदायक है।3. सामान्य सर्दी-जुकाम को दूर करने के लिएइमली और काली मिर्च का रसम, दक्षिण भारत मे सर्दी-जुकाम के इलाज के लिये इसे प्रभावशाली घरेलू नुस्खा माना जाता है।4, जलने परइमली की कोमल पत्त्तिया जलने का घाव के इलाज मे काफी लाभकारी है। उसे एक ढके हुए बर्तन पर आग से गरम करते है| फिर उसे अच्छे से पीस कर उसे छान लेते है जिससे रेतिले पदार्थ निकल जाये (अलग हो जाए)। छानने के बाद उसे तिल के तेल के साथ मिलाकर जले हुए भाग पर लगाया जाता है। इससे घाव कुछ दिनों में ही ठीक हो जाता है।
- सुबह के समय ब्रेकफास्ट में बहुत से लोग अंकुरित चना और मूंग यानी स्प्राउट्स का सेवन करते हैं। खासकर, जिम जाने वाले लोग। ऐसा इसलिए क्योंकि इनमें प्रोटीन और डाइट्री फाइबर के साथ कई जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो न सिर्फ वजन घटाने बल्कि बॉडी बिल्डिंग और मांसपेशियां बढ़ाने में भी मदद करते हैं। साथ ही इनका सेवन करने से कई बीमारियों का खतरा भी कम होती है और पाचन संबंधी समस्याएं भी दूर रहती हैं। लेकिन हम में से ज्यादातर लोग स्प्राउट्स खाने का सही तरीका नहीं जानते हैं। आयुर्वेद की मानें तो स्प्राउट्स खाने का पूर्ण लाभ सिर्फ तभी मिल सकता है, जब आप इनका सही तरीके से सेवन करते हैं। इस लेख हम हम आपको इनके बारे में विस्तार से बता रहे हैं...आयुर्वेद के अनुसार स्प्राउट्स खाने के नियम"आयुर्वेद के अनुसार,अंकुरित दाल, फलियां और चना कभी-कभार लेना ठीक रहता है। उदाहरण के लिए, इन्हें सप्ताह में एक या दो बार लिया जा सकता है। यदि सामान्य फलियों और अनाजों को अंकुरित अनाजों से बदल दिया जाए, तो इनसे प्राप्त होने वाले प्रोटीन और फैट की मात्रा में कुछ बदलाव हो सकते हैं। हमारा शरीर अच्छी तरह से व्यवस्थित और केंद्रित पोषक तत्वों को अधिक महत्व देता है। हालांकि, स्प्राउट्स पोषण से भरपूर होते हैं। इसलिए इसे पचाना भारी होता है। इसे पचने योग्य बनाने और अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए अपने आहार में अंकुरित अनाज को शामिल करने के लिए इन नियमों का पालन करने की जरूरत है...1. दैनिक सेवन न करेंअपनी दिनचर्या में अंकुरित अनाज को शामिल न करें, इसे हमेशा कभी-कभार खाएं, क्योंकि यह पचने में भारी होता है और इसमें संक्रमणकारी गुण होते हैं।2. उबालकर खाएंसेवन से पहले स्प्राउट्स को उबाल लें। इसे कच्चा न खाएं, उबालने के बाद यह पचने में और भी आसान हो जायेगा।3. पाचक मसाले डालेंअंकुरित अनाज को पकाते समय पाचक मसाले डालें, मसाले जैसे जीरा पाउडर, काली मिर्च, धनिया पाउडर, हल्दी पाउडर आदि।
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शरीर को हेल्दी और मजबूत रखने के लिए प्रोटीन, कैल्शियम, और विटामिन की मात्रा पर ध्यान देना चाहिए। ज्यादातर लोगों में खून की कमी के चलते कमजोरी होने लगती है। आयरन का काम खून बनाना, हीमोग्लोबिन लेवल को कंट्रोल करना है। इसी के साथ ये शरीर में एनर्जी बढ़ाते हैं और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं। आयरन की कमी से ज्यादातर लोगों को थकान हो सकती है। इसकी वजह से रंगत भी काली होने लगती है। अगर आपके शरीर में भी आयरन की कमी है तो आप आयुर्वेदिक डॉक्टर द्वारा बताई ये चीजें खा सकते हैं।
आयरन बढ़ाने के लिए चीजेंआंवला, चुकंदर और गाजर बढ़ाएगा खूनचुकंदर और गाजर आयरन से भरपूर होते हैं और आंवला विटामिन सी से भरपूर होता है। इन तीनों को एक साथ खाने से आयरन बढ़ाएगा। आप आंवला, चुकंदर और गाजर का जूस पी सकते हैं।तिल के बीज से बनाएं लड्डूये आयरन, कॉपर, जस्ता, सेलेनियम, विटामिन बी 6, फोलेट और ई से भरे होते हैं। इसे खाने के लिए लगभग 1 बड़ा चम्मच काले तिल लें, और फिर इन्हें सूखा भून लें। फिर इसमें एक चम्मच शहद और घी के साथ मिलाएं। फिर इसका लड्डू बनाएं।खजूर, अंजीर और किशमिश है फायदेमंदइन तीनों चीजों से आयरन, मैग्नीशियम, कॉपर, विटामिन ए और सी से भरपूर है। आप 2-3 खजूर, 2 अंजीर और एक बड़ा चम्मच किशमिश लें और फिर इसे रात भर भिगोएं। इससे एनर्जी बढ़ती है और आयरन का लेवल बढ़ता है।दुबा घासयह बीटा-कैरोटीन, विटामिन के, फोलिक एसिड, कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन, विटामिन सी,से भरपूर होते हैं। रोजाना सुबह सबसे पहले इसका केवल 1 चम्मच दुबा खाने से आपकी इम्यूनिटी बूस्ट होगी।रोजाना खाएं एक अनारअनार विटामिन के, विटामिन सी, फाइबर, पोटेशियम और प्रोटीन से भरपूर होता है। यह विटामिन सी से भरपूर होता है। अनार में विटामिन सी की हाई मात्रा होती है। इससे शरीर में आयरन बढ़ता है।मोरिंगामोरिंगा की पत्तियां पर्याप्त मात्रा में आयरन, विटामिन ए, सी और मैग्नीशियम से भरपूर होती हैं। रोजाना सुबह खाली पेट घी/शहद के साथ 1 चम्मच मोरिंगा पत्ती का पाउडर लें। - मौसम बदलने के कारण कई तरह की मौसमी बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता हैं। बहुत से लोग इस मौसम में काफी जल्दी बीमार होते हैं क्योंकि उनकी इम्यूनिटी काफी कमजोरी होती हैं। इस मौसम में अगर ठीक से देखभाल न कि जाएं, तो मौसमी बीमारियां आसानी से लग जाती हैं। अक्सर लोग बीमारियों से बचने के लिए कई तरह के पाउडर या दवाइयों का सेवन करते हैं। लेकिन बार इनके सेवन से भी मन मुताबिक रिजल्ट नहीं मिलता है। ऐसे में बदलते मौसम में इम्यूनिटी बढ़ाने और मौसमी बीमारियों से बचने के लिए हर्बल चाय का सेवन किया जा सकता हैं। यह चाय पीने से अंदरूनी गर्माहट मिलती हैं और शरीर भी स्वस्थ रहता हैं।पुदीना चायबदलते मौसम में इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए पुदीना चाय का सेवन किया जा सकता हैं। पुदीना चाय पीने से मौसमी बीमारियों से बचाव होने के साथ तनाव कम करने में मदद मिलती है। यह चाय पीने से मौसमी बीमारियों का खतरा कम होता हैं। इस चाय को बनाने के लिए 2 कप पानी रखें। उसमें 5 से 8 पुदीना की पत्तियां डालकर और 1/2 छोटा चम्मच काली मिर्च डालकर 5 मिनट के लिए उबालें। जब पानी आधा रह जाएं, तो छानकर इसे पिएं। स्वाद के लिए इसमें शहद को भी मिलाया जा सकता है।अदरक की चायबदलते मौसम में इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए अदरक की चाय का सेवन किया जा सकता हैं। अदरक में मौजूद एंटीबैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो सर्दी, जुकाम और खांसी से बचाव करते हैं। अदरक की चाय बनाने के लिए 1 कप पानी में 1 चम्मच कद्दूकस की हुए अदरक को मिलाएं। अब पानी को अच्छे से उबलने के बाद इसें छानकर कप में डालें। इसमें 1 चम्मच नींबू का रस और शहद मिलाकर पिएं।हल्दी की चायबदलते मौसम में हेल्दी रहने के लिए हल्दी की चाय का सेवन भी किया जा सकता है। हल्दी में करक्यूमिन नामक तत्व पाया जाता है, जो शरीर की सूजन को दूर करने के साथ इम्यूनिटी को भी मजबूत करते हैं। हल्दी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर को स्वस्थ रखते हैं। 1 कप पानी में 1/4 चम्मच हल्दी, 1 चुटकी काली मिर्च और 1 चुटकी दालचीनी पाउडर डालकर मिलाएं। अब इसे छानकर उपर से शहदल मिलाकर पिएं।ग्रीन टीअगर आप भी बदलते मौसम में इम्यूनिटी को बढ़ाना चाहते हैं, तो डाइट में ग्रीन टी को अवश्य शामिल करें। ग्रीन टी में मौजूद एंटीऑक्सीडे्टस इम्यूनिटी को मजबूत करके शरीर को स्वस्थ रखते हैं। इस चाय को पीने से वजन कंट्रोल में रहता है। दिन में 1 कप ग्रीन टी का सेवन किया जा सकता हैं।कैमोमाइल टीबदलते मौसम में मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए कैमोइल टी का सेवन किया जा सकता हैं। यह चाय पीने से सर्दी-जुकाम में राहत मिलने के साथ कई बीमारियों से राहत मिलती हैं। यह हर्बल चाय पाचन को हेल्दी रखने के साथ शरीर को स्वस्थ रखता हैं।बदलते मौसम में इम्यूनिटी को मजबूत करने के लिए यह हर्बल चाय पी जा सकती हैं। हालांकि, अगर आपको कोई बीमारी या एलर्जी की समस्या हैं, तो डॉक्टर से पूछकर ही इन चाय का सेवन करें।
- नियमित आंवला खाने के अनेक फायदे हैं। आयुर्वेद के अनुसार हरेक व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए रोज 1-2 आंवला जरूर खाने चाहिए। पोषक तत्व और कई औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इसमें विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है। साथ ही, इसमें शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट्स भी होते हैं। इसके अलावा, आंवले में डाइट्री फाइबर, आयरन, कैल्शियम और फास्फोरस जैसे जरूरी पोषक तत्व भी होते हैं। यह न सिर्फ शरीर को जरूरी पोषण प्रदान करता है, बल्कि कई गंभीर रोगों से भी आपको दूर रखने में मदद करता है। इम्यूनिटी बढ़ाने से लेकर, त्वचा और बालों को स्वस्थ रखने तक, रोज आंवले का सेवन संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी है। क्या आपने कभी आंवले का सलाद खाया है? आंवला को डाइट में शामिल करने और इसके स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने का यह भी एक आसान तरीका है। इस लेख में हम आपके साथ आंवले का सलाद खाने के फायदे और रेसिपी के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।आंवले का सलाद खाने के फायदे--पाचन संबंधी समस्याएं करे दूर-बालों को रखे स्वस्थ-डायबिटीज और बीपी रखे कंट्रोल-कोलेस्ट्रॉल कम करने में करे मदद-हृदय रोगों का खतरा करे कम-शरीर को इंस्टेंट एनर्जी-वजन घटाने में करे मददआंवले के सलाद की रेसिपीसामग्री:1 बड़ा चम्मच मूंगफली का मक्खन1/2 बड़ा चम्मच जैतून या राइस ब्रान का तेल1 चम्मच शहद1/2 छोटा चम्मच मिर्च पाउडर3/4 छोटा चम्मच नमक1 चम्मच अनारदाना पाउडर1 चम्मच अमचूरसजावट के लिए मेवे या बीज2 बड़े चम्मच नींबू का रसजरूरी सब्जियां4 आंवले कटे हुए1 शिमला मिर्च4 सलाद के पत्ते1 टमाटर1 खीरा (वैकल्पिक)बनाने का तरीकाएक बाउल में पहले तेल और पीनट बटर डालें। उसके बाद इसमें आंवला और सब्जियों को छोड़कर सभी सामग्रियां डालकर अच्छी तरह मिक्स कर लें। अंत में सभी सब्जियां डालें और मिस्क करें। बस आपका आंवले का सलाह तैयार है। इसका आनंद लें।