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लीवर में फैट के बढ़ने को फैटी लीवर रोग (Fatty Liver Disease) कहा जाता है। लोगों के मन में ये सवाल होता है कि आखिर इसका पता कैसे चलता है कि लिवर फैटी है या नहीं? तो बता दें कि जब शरीर में मौजूद कुल फैट की मात्रा लिवर के वजन से 10 प्रतिशत ज्यादा हो जाए तो उस स्थिति को फैटी लिवर कहते हैं। लिवर पर फैट जमने से खाना पचाने में परेशानी होने लगती है और मरीज के पेट में दर्द के साथ ही दूसरे लक्षण दिखाई देने लगते हैं। परेशानी बढ़ने पर लिवर में सूजन भी आ सकती है। खान-पान पर ध्यान दिया जाए तो आप इससे छुटकारा पा सकते हैं।
फैटी लीवर की समस्या में क्या खाएं?
1)अखरोट और लहसुन- अखरोट में मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड फैटी लीवर वाले लोगों की मदद कर सकते है। अध्ययनों से पता चलता है कि बिना अल्कोहल फैटी लिवर रोग में अखरोट खाने से लिवर फंक्शनिंग बेहतर हो सकती है। इसी के साथ लहसुन के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण फैटी लीवर की बीमारी वाले लोगों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं।
2) ब्रोकोली - रिपोर्ट्स के मुताबिक फैटी लीवर वाले लोगों को अपने खाने में ज्यादा सब्जियों को शामिल करना चाहिए। ब्रोकली एक ऐसी सब्जी है जो न सिर्फ आपको वजन कम करने में मदद करेगी बल्कि फैटी लीवर की बीमारी में भी मदद करेगी। दूसरी सब्जियां जैसे गाजर, कद्दू, पत्तेदार साग, चुकंदर, फूलगोभी, हरा प्याज और अजवाइन फैटी लीवर की बीमारी वाले लोगों के लिए अच्छे हैं।
3) ओमेगा 3 फैटी एसिड- शोध में कहा गया है कि ओमेगा 3 फैटी एसिड लीवर में फैट के लेवल और फैटी लीवर वाले लोगों में एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के लेवल में सुधार करने में मदद कर सकते हैं। फैट युक्त मछली जैसे सैल्मन, टूना, सार्डिन, अलसी और अखरोट सभी ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर खाने की चीजे हैं।
4) एवोकाडो- एवोकाडो में मौजूद हेल्दी फैट वजन घटाने और फैटी लीवर की बीमारी दोनों के लिए बहुत अच्छा होते हैं। ये एंटीइंफ्लामेटरी गुण और घुलनशील फाइबर से भी भरा होता है जो शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा ये ब्लड शुगर को भी कम कर सकता है।
फैटी लीवर रोग से बचने के लिए क्या न खाएं-----------
फैटी लिवर रोग में शराब मुख्य रूप से जिम्मेदार होती है। शराब को बहुत ज्यादा पीने से लीवर खराब हो सकता है, फैटी लीवर हो सकता है और यहां तक कि लीवर सिरोसिस भी हो सकता है। फैटी लीवर की बीमारी वाले व्यक्ति को शराब से बचना चाहिए या इसका सेवन कम से कम करना चाहिए। इसके अलावा शक्कर, फ्रइड खाना, और पैकेज खाने से भी बचना चाहिए। - स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार रात को 8 बजे के बाद डिनर करना सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है और सोने और खाने के बीच 2 घंटे का गैप होना आवश्यक है। दरअसल खाना लेट खाने से या खाने के तुरंत बाद सो जाने से भोजन ठीक से नहीं पचता और शरीर का मेटाबॉलिज्म धीमी गति से काम करने लगता है। आइए जानते हैं खाना लेट खाने से किस तरह की समस्याएं हो सकती हैं।वजन बढ़ सकता हैलगातार लेट खाना खाने से तेजी से वजन बढऩे की समस्या पैदा हो सकती है। अगर आप वजन को कंट्रोल रखना चाहते हैं, तो खाना खाने और सोने के बीच 2 से 3 घंटे का गैप अवश्य रखें। देर रात डिनर करने से बचें। अगर किसी दिन लेट हो भी जाएं, तो उस रात कुछ हल्का खाएं। रात को फास्ट फूड खाने से बचें।पाचन में दिक्कतदेर से खाना खाने से खाना पचने में परेशानी होती है, जिस कारण अगली सुबह ठीक से पेट साफ नहीं होता। लगातार रात को देर से खाना खाने से कब्ज और अपच की समस्या भी पैदा हो सकती है। देर से खाया गया खाना आसानी से नहीं पचता, जिस कारण पाचन तंत्र से जुड़ी अन्य समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं।नींदलेट खाना खाने की वजह से नींद नहीं आने की समस्या भी हो सकती है। देर रात भोजन करने की वजह से शरीर की नैचुरल साइकिल पर असर पड़ता है, जिस कारण सोते समय व्यक्ति बैचेनी भी महसूस करता है और उसे काफी देर तक नींद नहीं आती। नींद नहीं आने का एक कारण लेट भोजन करना भी हो सकता है।एनर्जी लेवल होता है कमदेर रात खाना खाने से आप एनर्जी में कमी को महसूस कर सकते हैं। रात में देर से खाना खाने के बाद अगले दिन जब आप उठते हैं, तो आपको कब्ज, सिरदर्द और अन्य समस्याओं के कारण एनर्जी लेवल में कमी महसूस हो सकती है। कई बार लेट भोजन करने से ठीक से नींद भी नहीं आती, जिस कारण दिमाग काफी बोझिल लगने लगता है और एनर्जी लेवल में कमी आती है।ब्लड प्रेशर और अन्य बीमारियों का खतरालगातार लेट खाना खाने की वजह से ब्लड प्रेशर बढऩे, कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज की समस्या पैदा हो सकती है। दरअसल रेगुलर डिनर लेट करने से आपका वजन बढ़ता है और ब्लड शुगर अनियंत्रित रहता है। इसके कारण आपको बीपी और हार्ट से जुड़ी समस्याएं होने का खतरा बढ़ जाता है।रात को भोजन सही समय से करने पर शरीर को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है। अगर कभी रात को देर से भोजन करें को ध्यान रखें कि हल्का भोजन करें और खाने में फाइबर की मात्रा को ज्यादा लें। फाइबर पचने में आसान भी होता है और पेट को साफ रखने में भी मदद करता है।---
- कुछ लोग हर सुबह घंटों टॉयलेट में बिताते हैं, इसके बाद भी उनका पेट साफ नहीं होता है। अगर पेट ठीक से साफ न हो तो शरीर में कई बीमारियां होने का डर रहता है। पेट साफ करने के लिए आप हर रोज आंवले के चूर्ण का सेवन कर सकते हैं। आंवले के चूर्ण का अगर ठीक से सेवन किया जाए, तो ये पेट तो साफ रखता ही है, साथ ही पाचन तंत्र को मजबूत बनाने का काम भी करता है।आंवला चूर्ण खाने का सही तरीका-आंवला चूर्ण को खाने के लिए सबसे पहले एक चम्मच चूर्ण को लेकर इसे रात भर के लिए गिलास में भिगो कर रखें।-सुबह उठने के बाद इस पानी को छलनी की सहायता से छान लें। अब इस पानी को सुबह खाली पेट पिंए।-ये पानी पीने के 15 से 20 मिनट के बाद ही आपका पेट साफ हो जाएगा।-अगर इस पानी का स्वाद आपको खराब लग रहा है, तो आप खाली पेट एक चम्मच आंवले का चूर्ण में थोड़ा काला नमक मिलाकर खाएं और फिर गुनगुना पानी पी लें।-अगर आपको कोई ऐसी बीमारी या एलर्जी है, जिसकी दवा चल रही है, तो इस पानी और चूर्ण का सेवन न करें। ये आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। सेवन करने से पहले डॉक्टर से अवश्य बात करें।आंवला चूर्ण खाने के फायदेवजन घटाने में मददगारआंवला शरीर के मेटाबोलिक रेट को सुधारने में मदद करता है, जिस कारण शरीर पर फैट जमा नहीं होता और वजन घटाने में मदद मिलती है। वजन घटाने के लिए आंवले का चूर्ण खाना खाने से पहले खाएं।त्वचा को हेल्दी रखने में मदद करता हैआंवला पानी का नियमित सेवन करने से पिंपल्स, झाइयां और डल त्वचा की समस्या दूर होती है। स्किन के लिए आंवले के चूर्ण का नियमित सेवन करें। आंवले का चूर्ण त्वचा पर ग्लो भी लाता है। इस चूर्ण को लेने से बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करने में भी मदद मिलती है।पाचन में करें मददआंवले का चूर्ण पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। इसको नियमित खाने से कब्ज, एसिडिटी और जी मिचलाने जैसी समस्याओं से निजात मिलता है। आंवले में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जो पेट तो साफ रखने में मदद करता है। इसको नियमित सेवन करने से भूख भी बढ़ती है। आंवले का चूर्ण शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का काम भी करता है।डायबिटीज और ब्लड प्रेशर को करे कंट्रोलआंवले का चूर्ण नियमित सेवन करने से डायबिटीज और ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है। आंवले में मौजूद क्रोमियम कंटेंट शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है।फर्टिलिटी में सुधार करता हैआंवले का चूर्ण पुरुष और महिलाओं में फर्टिलिटी बढ़ाने का काम करता है। नियमित इसके सेवन से गर्भाधारण की संभावना बढ़ती है। आंवले का चूर्ण पुरुषों में स्पर्म की क्वालिटी को बढ़ाता है।आंवले का चूर्ण सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। लेकिन अगर आपको कोई बीमारी या इंफेक्शन की समस्या है, तो डॉक्टर से पूछ कर ही इसका सेवन शुरू करें।
- चेहरे की कई समस्याओं को दूर करने के लिए फिटकरी एक रामबाण औषधि है। चेहरे पर फिटकरी का प्रयोग दाग-धब्बों से छुटकारा पाने और साफ-दमकती त्वचा के लिए बहुत प्रभावी उपचार है। इन दिनों लोगों के चेहरे पर झाइयों की समस्या भी काफी देखने को मिल रही है, जिसके शरीर में खून, पोषक तत्वों की कमी, प्रदूषण और धूप में अधिक समय बिताने से लेकर त्वचा संबंधी कोई एलर्जी तक कई कारण हो सकते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं झाइयों की समस्या को दूर करने में भी फिटकरी बहुत लाभकारी है? जी हां, फिटकरी की मदद से आप झाइयों की समस्या काफी हद तक दूर हो सकती है।बहुत से लोग अक्सर यह सवाल पूछते हैं कि फिटकरी से झाइयां कैसे दूर करें या झाइयों से छुटकारा पाने के लिए चेहरे पर फिटकरी का इस्तेमाल कैसे करें? चिंता न करें, इसमें आपकी मदद करने के लिए हम यहां हैं। इस लेख में हम आपको झाइयां दूर करने के लिए फिटकरी का इस्तेमाल कैसे करें? इसके बारे में विस्तार से बता रहे हैं।झाइयों से छुटकारा पाने के लिए आप फिटकरी के पाउडर का प्रयोग कर सकते हैं। आपको आधा छोटा चम्मच फिटकरी पाउडर लेना है और इसे 25-30द्वद्य पानी में घोल लेना है। पानी में फिटकरी को अच्छी तरह मिलने तक मिक्स करें। इस मिश्रण को रात में चेहरा धोकर और सोने से आधे घंटे पहले झाइयों और पूरे चेहरे पर लगाएं। कुछ मिनट तक चेहरे की मसाज करें और इस मिश्रण को चेहरे पर छोड़ दें। आधे घंटे बाद सादे पानी से चेहरा धो लें और मॉइस्चराइजर लगाएं।आप चाहें तो इस मिश्रण को त्वचा पर रात भर के लिए भी छोड़ सकते हैं और सुबह सादे पानी से धो लें। ध्यान रखें कि चेहरा धोने के लिए साबुन या फेसवॉश का प्रयोग न करें।इसके अलावा आप झाइयां हटाने के लिए फिटकरी को चेहरे पर फेस पैक की तरह भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसलिए आप एलोवेरा या जैतून के तेल में आधा चम्मच फिटकरी डालकर, इसका एक पेस्ट बना सकते हैं। इसे चेहरे पर लगाएं, कुछ मिनट मालिश करें और 20-25 मिनट के लिए छोड़ दें। उसके बाद सादे पानी से धो लें और त्वचा को मॉइस्चराइज करना न भूलें।चेहरे के लिए फिटकरी के अन्य फायदे--झाइयां के साथ ही फिटकरी त्वचा से दाग-धब्बों को साफ करती है।-यह त्वचा को टाइट करती है, जिससे झुर्रियां और फाइन लाइन्स कम होती हैं और आप जवां नजर आते हैं।-कील-मुंहासों से छुटकारा पाने में मदद करती है।-त्वचा को एक्सफोलिएट करती है और डेड स्किन से छुटकारा दिलाती है।-त्वचा की रंगत साफ होती है और आपको ग्लोइंग स्किन पाने में मदद मिलती है।-पिगमेंटेशन और टैनिंग को साफ करने में भी फिटकरी बहुत लाभकारी है।इस तरह फिटकरी का इस्तेमाल करने से आपको झाइयों को जल्द छुटकारा पाने में मदद मिल सकती है। हालांकि, अगर झाइयां किसी मेडिकल कंडीशन, आनुवंशिकी या शरीर में कुछ कमियों के कारण हैं, तो ऐसे में आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। जिससे कि वह आपको सही उपचार प्रदान कर सके।
- युवाओं की लाइफस्टाइल थोड़ी अलग है जो हमारे दादा-दादी या घर के पुराने सदस्यों को रास नहीं आती। वो हमेशा ताना मारते हैं कि इतनी देर तक सोना फिर उठना और खाना, ये जीने का सही ढंग नहीं है। ये वाक्य सबको सुनने को मिलता होगा और जब आपकी तबियत खराब होती है तो उनको लगता है गलत दिनचर्या के वजह से आपके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है, लेकिन ये सच नहीं है। इंसान का शरीर कई अंगों से मिलकर जरूर बना है और इन्हे कंट्रोल करने का काम दिमाग के न्यूरॉन्स और हार्मोन्स करते हैं। . हार्मोन्स दिमाग को संकेत देता है जिससे आप खुशी, दुख और भूख लगने का एहसास करते हैं। ये सब आपका हार्मोन्स करवाता है। आइए जानते हैं. हार्मोन्स को कंट्रोल में रखने के लिए डेली डाइट में क्या शामिल करना चाहिए।आलूबुखाराआलूबुखारा खाना स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद फाइबर, एंटी ऑक्सीडेंट्स, विटामिन और खनिज की भरपूर मात्रा पाई जाती है जो आपके स्किन और दिमाग को भी स्वस्थ रखने में मदद करता है। इसे रोजाना खाने से तनाव नहीं होता है।ड्रायफ्रूटरोजाना तनाव पूर्ण जीवन जीने से आपका ब्लड प्रेशर भी बढ़ता है। काजू, पिस्ता और बादाम जैसे सूखे मेवे स्वस्थ फैटी एसिड का एक अच्छा स्रोत हैं। जो आपको डेली डाइट में खाना चाहिए, क्योंकि इसमें विटामिन ई और विटामिन बी की मात्रा भरपूर होती है जो तनाव को कम करने में मदद करती है। इससे मूड स्विंग की समस्या भी कंट्रोल हो सकती है।बेरीज का सेवनअक्सर दिमाग को तेज करने के लिए अखरोट, किशमिश खाने की सलाह दी जाती है जबकि बेरीज खाने से आपके दिमाग के काम करने की क्षमता दोगनी तेजी से बढ़ सकती है. क्योंकि इसमें मौजूद फ्लेवनॉइड्स आपके दिमाग में खून का संचार तेजी से करता है, जिससे आपके बुद्धि का विकास होता है और तनाव को कम करने के लिए इसे रामबाण माना जाता है।
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जब हमारे शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने लगती है, तो हम गठिया बीमारी के शिकार हो जाते हैं. ये तब होता है जब बॉडी से विषैला पदार्थ बहार न निकले और वो अंदर ही रह जाए. इससे यूरिक का लेवल बॉडी में बढ़ने लगता है. इस समय आपको बीयर का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए. क्योंकि इसमें प्यूरिन की मात्रा अधिक होती है और साथ ही हमें हमारे खान पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए, अगर आप भी इस बीमारी से पीड़ित हैं तो ये खास जानकारी आपके लिए है. आइए जानते हैं इसे कैसे कंट्रोल करें.
फूलगोभी और मशरुम का न करें सेवन--
यूरिक एसिड से पीड़ित लोगों को फूलगोभी, पत्तागोभी, ब्रसेल्स, स्प्राउट्स और मशरूम नहीं खाना चाहिए. क्योंकि इसमें प्यूरीन की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, इसलिए इन चीजों को खाने से परहेज करना चाहिए.
प्रोटीन फूडस को रखें दूर--
खास तौर पर देखा जाए तो प्रोटीनयुक्त खाने को कभी मना नहीं किया जाता है. लेकिन कुछ बीमारियां ऐसी हैं, जिसमें प्रोटीन जैसे खाने का भी त्याग करना होता है. प्रोटीन युक्त भोजन यूरिक एसिड वाले मरीजों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है. जैसे - दूध, दही, राजमा, हरी मटर, पालक, दाल आदि का सेवन करने से परहेज करें. क्योंकि प्रोटीन फूडस में लगभग 100 से 200 ग्राम प्यूरिन होता है.
शुगर ड्रिंक्स--
इनमें ज्यादा चीनी वाले फूड्स, पैकेजिंग ड्रिंक्स, सोडा, शिकंजी आदि आते हैं. इन सभी चीजों को खुद से जितना दूर रखेंगे, आपके लिए उतना अच्छा है. क्योंकि इन पदार्थों से बॉडी में यूरिक की मात्रा बढ़ती है, जिससे आपकी परेशानी और बढ़ सकती है, इसलिए इनसे परहेज करते रहें.
रात में दाल चावल न खाएं--
यूरिक एसिड वाले मरीजों को रात में सिंपल खाना खाना चाहिए कोई भी छिलके वाला दाल या रात के समय दाल और चावल का सेवन बिलकुल भी नहीं करना चाहिए, इससे यूरिक का लेवल और बढ़ता है जिससे और बीमारियों के संकेत मिलने शुरू हो सकते हैं, तो कोशिश करिए कि आपको ये जरूरत ही न पड़े, उसके पहले ही आप डाइट में बदलाव कर लें. - मुंह के छाले काफी कॉमन समस्या है जो किसी को भी हो सकती है। ये आपके मसूड़ों, जीभ, भीतरी गालों, होंठों या तालू के कोमल टिशू की परत में होते हैं। ज्यादातर मामलों में छालों के लिए टेंशन लेने की जरूरत नहीं होती। हालांकि, इसकी वजह से दर्द और बहुत सारी परेशानी हो सकती है। इससे छुटकारा पाने के लिए आप दादी-नानी के कुछ नुस्खों को अपना सकते हैं।बड़े काम के हैं दादी-नानी के ये नुस्खे--1) गुनगुने पानी में एक बड़ा चम्मच नमक मिलाएं और फिर इससे कुल्ला करें। इसके बाद सादे पानी से गरारे करें। यह दर्द और बेचैनी को शांत करने में मदद करता है।2) लौंग का इस्तेमाल इसके यूजेनॉल और रोगाणुरोधी गुणों के लिए ऑरल हाइजीन के लिए कई प्रोडक्ट में किया जाता है। छालों पर सीधे तेल लगाने से आराम मिलता है। इसे लगाने के बाद गर्म पानी से कुल्ला करें।3) कई अध्ययनों से पता चलता है कि विटामिन सी की कमी से मुंह में छाले हो सकते हैं। ऐसे में संतरा का इस्तेमाल किया जा सकता है। ये विटामिन सी से भरपूर होता है जो मुंह के छालों को ठीक करने में मदद कर सकता है। रोजाना दो गिलास फ्रेश संतरे का जूस पिएं।4) छालों से छुटकारा पाने के लिए आप नारियल तेल का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। सोने से पहले तेल को सीधे छाले पर लगाएं। नारियल के तेल में रोगाणुरोधी गुण होते हैं जो नैचुरल रूप से छालों को कम करने में मदद करते हैं।5) शहद को सीधे छाले पर लगाएं और बेहतर रिजल्ट के लिए हर कुछ घंटों में इसे फिर से लगाएं। शहद में मौजूद एंटीमाइक्रोबियल गुण किसी भी खुले घाव को जल्दी ठीक करने में मदद कर सकते हैं।
- मानसून में ऑयली हेयर की प्रॉब्लम्स बहुत बढ़ जाती है। खासतौर पर अगर आपके बाल बहुत ज्यादा ऑयली है, तो फिर आपके बाल हर दूसरे दिन गंंदे दिखने लगते हैं लेकिन रोजाना बालों को धोना भी हेल्दी ऑप्शन नहीं है क्योंकि ऐसा करने से बालों का नेचुरल ऑयल खत्म हो जाता है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि आप बालों का सही तरीके से ख्याल रखें। ---------------आइए, जानते हैं कुछ टिप्स--ऑयली बालों को सप्ताह में तीन से चार बार ही धोएं लेकिन रोजाना धोने से बचें।-अगर आपकी स्कैल्प ऑयली है, तो आपको इसे दिन में एक बार धोने की जरूरत हो सकती है।-केमिकल ट्रीटमेंट से बाल बहुत रफ हो जाते हैं। ऐसे में अगर आपने वालों में केमिकल ट्रीटमेंट का इस्तेमाल किया है, तो आपको हेयर मास्क का महीने में कम से कम तीन बार इस्तेमाल करना चाहिए।-उम्र बढ़ने के साथ स्कैल्प कम ऑयली होती है। ऐसे में आपको बार-बार शैम्पू करने की जरूरत नहीं पड़ती।-अपने बालों को धोते समय, बालों की पूरी लंबाई को धोने के बजाय खासतौर पर स्कैल्प की सफाई पर ध्यान दें।-शैम्पू के बाद कंडीशनर का इस्तेमाल करें।। कंडीशनर का उपयोग चमक बढ़ाने, हानिकारक यूवी किरणों से कुछ सुरक्षा प्रदान करके डैमेज हेयर को रिपेयर करने में कारगर है।-बालों के सिरों पर कंडीशनर लगाएं क्योंकि कंडीशनर से बाल सॉफ्ट और हाइड्रेट रहते हैं, जिससे स्पिल्ट हेयर की प्रॉब्लम्स नहीं होती है।-स्विमिंग करते समय बालों को सुरक्षित रखें। तैरने से पहले अपने बालों को गीला और कंडीशनिंग करके क्लोरीन के हानिकारक प्रभावों से अपने बालों को सुरक्षित रखें। टाइट-फिटिंग स्विम कैप पहनें और खोई हुई नमी को बदलने के लिए तैरने के बाद खासतौर पर तैयार किए गए स्विमर्स शैम्पू और डीप कंडीशनर का इस्तेमाल करें।
- जीरा और सौंफ का पानी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। अगर आप रोजाना सुबह खाली पेट जीरा और सौंफ के पानी का सेवन करते हैं तो इससे अद्भुत फायदे मिलते हैं। यह आपके पाचन को मजबूत बनाता है, और मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में भी मदद करता है। यह शरीर के लिए प्राकृतिक डिटॉक्स ड्रिंक है, जो शरीर में जमा गंदगी और अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने में बहुत सहायक है। लेकिन क्या आप जानते हैं, वजन घटाने के लिए भी जीरा का पानी बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है?वजन घटाने के लिए सौंफ और जीरा का पानी पीने के फायदे-1. मेटाबॉलिज्म होता है तेजवेट लॉस हो या फैट लॉस, दोनों के लिए ही मेटाबॉलिज्म का तेज होना बहुत जरूरी है, क्योंकि यह तेजी से कैलोरी को बर्न करने में अहम भूमिका निभाता है। जब आपका मेटाबॉलिज्म ठीक तरह से काम करता है, तो आप दिन भर के सामान्य काम करते हुए कैलोरी बर्न करते हैं। साथ ही अगर कोई फिजिकल एक्टिविटी करते हैं, तो इससे तेजी से कैलोरी बर्न होती हैं, जिससे वजन घटाने में सहायता है।2. शरीर को डिटॉक्स करता हैशरीर से अपशिष्ट पदार्थ और टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में जीरा और सौंफ का पानी बहुत सहायक है। यह हानिकारक पदार्थ शरीर में चर्बी को बढ़ावा देते हैं। जिससे शरीर का वजन बढ़ता है। यह आपके पाचन और मेटाबॉलिज्म को भी प्रभावित करता है। लेकिन जीरा और सौंफ का पानी पीने से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद मिलती है3. पाचन को बेहतर बनाता हैवजन घटाने के लिए पाचन का मजबूत होना बहुत जरूरी है, क्योंकि यह भोजन के पाचन और पोषक तत्वों के अवशोषण बेहतर बनाने में मदद करता है। यह जरूरत के अनुसार भोजन को एनर्जी में परिवर्तित करता है और अनावश्यक भोजन को अपशिष्ट पदार्थों के माध्यम से बाहर निकालने में मदद करता है।4. सूजन से लड़ता हैजीरा और सौंफ के बीज बायोएक्टिव यौगिक से भरपूर होते हैं। इनमें एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जिससे यह सूजन से लडऩे में बहुत लाभकारी हैं। मोटापा सूजन को ट्रिगर करता है, इसलिए जीरा और सौंफ का पानी पीने से वजन घटाने में बहुत कारगर है।वजन घटाने के लिए जीरा और सौंफ का पानी कैसे बनाएंइसके लिए आपको एक पाव पानी में एक छोटा चम्मच जीरा और एक छोटा चम्मच सौंफ डालना है और अच्छी तरह उबालना है। इसे छान लें और इसमें नींबू का रस और शहद मिलाकर इसका सेवन करें। इससे आपको तेजी से वजन घटाने में मदद मिलेगी।
- अधिकतर घरों में दाल भोजन का अभिन्न अंग होता है। दाल सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती है। अगर आप दिल को हेल्दी रखना चाहते हैं, तो आपको अपनी डाइट में कुछ दालों को जरूर शामिल करना चाहिए। ये दालें शरीर को स्वस्थ रखने के साथ दिल को भी हेल्दी रखने में मदद करती हैं। आइये जानते है इन दालों के बारें में।मूंग दालमूंग दाल पचने में काफी आसान होती है। इस दाल को बच्चे और बुजुर्गों को भी आसानी से दिया जा सकता है। ये दाल खाने में काफी स्वादिष्ट होती है और पौष्टिक होती है, जिस कारण बीमार व्यक्ति को भी ये दाल आसानी से दी जा सकती है। मूंग दाल में फोलेट, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स और मैग्नीशियम पाए जाते हैं, जो हार्ट के लिए हेल्दी माने जाते हैं।उड़द दालउड़द दाल खाने में काफी स्वादिष्ट होती है। इस दाल को नियमित डाइट में शामिल करने से हृदय स्वस्थ रहता है। उड़द दाल में काफी मात्रा में कार्बोहाइड्रेट और एंटीऑक्सिडेंट्स पाए जाते हैं, जो दिल को हेल्दी रखने में मदद करते हैं। ये दाल ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने में मदद करती है। ये दाल थोड़ी भारी होती है इसलिए कोशिश करें कि इसे दिन में ही खाएं।मसूर दालमसूर दाल घर में अधिकतर सभी को पसंद होती है। ये दाल आसानी से पच जाती है। इस दाल को बनाना भी आसान होती है। मसूर दाल में कैल्शियम, कार्बोहाइडेट, फाइबर और प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो दिल को हेल्दी रखने में मदद करता है।लोबियालोबिया सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती है। लोबिया में भरपूर मात्रा में फाइबर, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है जो दिल को स्वस्थ रखने में मदद करता है। लोबिया को दाल की तरह ही बनाया जाता है। लोबिया ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने में मदद करती है। इसे लंच या डिनर में आसानी से खाया जा सकता है।ये सभी दालें घर में बच्चों से लेकर बुजुर्गों को आसानी से दी जा सकती हैं। दाल प्रोटीन का भी अच्छा स्रोत होती है। प्रोटीन लेने से शरीर मजबूत होने के साथ एनर्जी भी मिलती है। अगर आपको हृदय से संबंधित कोई बड़ी बीमारी या दिक्कत है, तो डॉक्टर से बात करके ही इनका सेवन करें।
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मॉनसून का सीजन काफी लोगों को पसंद आता है क्योंकि चिलचिलाती धूप, भीषण गर्मी और उमस के बाद जब बरसात आती है तो हर इंसान राहत महसूस करता है. भले ही ये वेदर आपके लिए कितना भी फेवरेट हो, लेकिन ये अपने साथ कई परेशानियों को भी साथ लाता है. इसलिए हमें इस बदलते मौसम में सतर्क रहने की जरूरत हैं वरना संक्रमण का खतरा पैदा हो जाता है और फिर सर्दी, खांसी और जुकाम को दावत मिलती है. आइए जानते हैं कि वो कौन-कौन से घरेलू नुस्खे हैं जो इस परेशानी से बचाव करते हैं.
सर्दी-जुकाम से बचने के लिए इन चीजों का करें सेवन
1. नारियल तेल-
नारियल तेल का इस्तेमाल आमतौर पर बालों और चेहरों के लिए होता है, लेकिन दक्षिण भारत के निवासियों की तरह आप इसे कुकिंग ऑयल की तरह भी यूज कर सकते हैं. इसमें हेल्दी फैट होता जो हमारी सेहत के लिए अच्छा है. आप सुबह के वक्त इस तेल की मदद से खाना पकाएंगे तो सर्दी-खांसी-जुकाम का खतरा कम हो जाएगा.
2. गुनगुना पानी--
बरसात के मौसम में संक्रमण और बीमारियो का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है, इसलिए आप ठंडे या नॉर्मल पानी की जगह गुनगुने पानी का सेवन करें इससे न सिर्फ आप इनफेक्शन से बच सकते हैं, बल्कि डाइजेशन को भी बेहतर किया जा सकता है.
3. अदरक--
अदरक एक ऐसा मसाला है जो हर भारतीय किचन में जरूर पाया जाता है. इसका इस्तेमाल रेसेपीज के टेस्ट बढ़ाने के लिए किया जाता है. यहां तक कई लोग इसको मिलाए बिना चाय नहीं पीते. इस मसाले में जिंजरॉल नामक कंपाउंड होता है जो औषधीय गुण से भरपूर है. सर्दी जुकाम मिटाने के लिए आप अदरक को कच्चा चबा सकते हैं. इसे पीसकर इसका रस पी सकते हैं. कुछ लोग अदरक और आंवला को मिलाकर सेवन करते हैं जिससे काफी फायदा मिलता है. -
जीवन में पानी सबसे ज्यादा जरूरी होता है। जिसकी हमारे शरीर को दिन में कम से कम हर कुछ घंटों में जरूरत होती है। हमारे शरीर को पाचन से लेकर शरीर के तापमान को नियंत्रित करने से लेकर पोषक तत्वों के परिवहन तक कई जरूरी काम करने के लिए इसकी जरूरत होती है। शरीर को ठीक से काम करने के लिए पर्याप्त तरीके से हाइड्रेट रहने की जरूरत होती है। हम सभी इस बात से वाकिफ हैं कि हमे रोजाना आठ गिलास पानी पीना चाहिए, लेकिन इस बात पर ध्यान नहीं देते कि हम पानी को कैसे पी रहे हैं। आयुर्वेद में स्वास्थ्य के लिए पीने के पानी के कुछ डूज और डॉनट्स हैं। आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ रेखा राधामणि ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर हेल्थ बेनिफिट्स के लिए पीने के पानी के आयुर्वेदिक नियमों को शेयर किया है।
पानी पीने के आयुर्वेदिक नियम-
1) बैठ कर पीएं पानी
खड़े होकर पानी पीने की बजाए बैठ कर पीएं। ऐसा करने पर पानी अच्छी तरह से शरीर में एबसॉर्ब होता है।
2) घूंट-घूंट करके पीएं पानी
पानी हमेशा घूंट-घूंट करके ही पीना चाहिए, एक साथ पानी पीने से परेशानी हो सकती है। दिन भर में आठ ग्लास पानी पीने के लिए आपको एक साथ दो-तीन ग्लास पानी पीने की जरूरत नहीं है। बल्कि आयुर्वेद के मुताबिक पूरे दिन सिप-सिप करके ही पानी पीना चाहिए।
3) फ्रिज का पानी पीने से बचें
ऐसा पानी पीएं जो गर्म हो या फिर रूम टेंपरेचर पर हो, फ्रिज के निकले ठंडे पानी को पीने से बचें। क्योंकि ठंडा पानी आपकी पाचन को नम कर देता है।
4) बहते हुए पानी को न पीएं
मिट्टी या कॉपर के बर्तन में स्टोर करे पानी को पीएं। इसी के साथ ध्यान रखें कि बहता हुआ पानी न पीएं और हमेशा स्टोर किया पानी पीएं। - शकरकंद खाने में जितना स्वादिष्ट होता है, सेहत के लिए भी उतना ही फायदेमंद माना जाता है। अंग्रेजी में इसे स्वीट पोटैटो कहा जाता है। शकरकंद को आप उबालकर, भूनकर खा सकते हैं। यह डायबिटीज, हृदय रोग और कैंसर के जोखिम को काफी हद तक कम करता है।शकरकंद में मौजूद पोषक तत्व इसे सुपरफूड बनाते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं उन फायदों के बारे में जो शकरकंद खाने से व्यक्ति को मिलते हैं।शकरकंद में मौजूद पोषक तत्व-शकरकंद विटामिंस और मिनरल्स से भरपूर होता है। शकरकंद में विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन बी और विटामिन डी अच्छी मात्रा में होता है। इसमें आलू से ज्यादा स्टार्च पाया जाता है। वसा, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैलोरी, फाइबर से भरपूर होता है। शकरकंद खाने से इम्यूनिटी मजबूत बनती है।शकरकंद में मौजूद कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम, थायमिन और कैरोटेनॉयड्स हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है।शकरकंद खाने के फायदे-डायबिटीज-रक्त में बढ़ता हुआ ग्लूकोज का स्तर मधुमेह की समस्या का कारण बन सकता है। इस समस्या को नियंत्रित करने या इस अवस्था से बचने में शकरकंद फायदेमंद हो सकती है। डायबिटीज रोगियों के लिए शकरकंद खाना बेहद फायदेमंद होता है। शकरकंद में मौजूद यौगिक रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करता है। ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखने के लिए आप शकरकंद को उबालकर खा सकते हैं। लेकिन अगर आपका ब्लड शुगर लेवल बढ़ा है, तो डॉक्टर की सलाह पर ही शकरकंद का सेवन करना चाहिए।रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार-कमजोर इम्यून सिस्टम के कारण सर्दी-जुकाम जैसी कई बीमारियां हो सकती हैं। इस समस्या से निपटने के लिए और प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए शकरकंद का उपयोग किया जा सकता है। शोध से पता चला है कि बैंगनी शकरकंद के अर्क में पॉलीसेकेराइड (polysaccharide) नामक कंपाउंड पाया जाता है। यह कंपाउंड इम्यून साइटोकाइन (immune cytokine) के स्तर को सुधारे में मददगार हो सकता है। इम्यून साइटोकाइन एक प्रकार का प्रोटीन है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।अस्थमा से राहत-अस्थमा की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए भी शकरकंद में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट बेहद लाभदायक हो सकते हैं। शकरकंद में कैरोटीन नामक एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है। जो अस्थमा जैसी श्वास संबंधी समस्याओं में लाभकारी हो सकता है।हड्डियों की मजबूती के लिए-शोध में पाया गया कि शकरकंद में कैल्शियम व मैग्नीशियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जिस कारण यह हड्डियों के लिए फायदेमंद हो सकता है। कैल्शियम व मैग्नीशियम हड्डियों को मजबूती देने के साथ ही उनके विकास में भी मददगार हो सकता है।हाई ब्लड प्रेशर में राहत-शकरकंद अच्छी मात्रा में पोटैशियम पाया जाता है। अगर आपको ब्लड प्रेशर की समस्या है तो आपको शकरकंद जरूर खानी चाहिए। इससे हाई ब्लड प्रेशर से बचा जा सकता है।आयरन की कमी करें दूर-अगर आपके शरीर में आयरन की कमी है तो आपको शकरकंद का सेवन जरूर करना चाहिए। शकरकंद में आयरन पाया जाता है, जिससे शरीर को एनर्जी मिलती है।वजन कम करने में मददगार-शकरकंद मे फाइबर होता है, जो वेट लॉस में सहायक होता है। शकरकंद वसा कोशिकाओं को बढ़ने से रोकते हैं। शकरकंद आपके शरीर में सूजन कम करता है। एक कटोरी भुना हुआ शकरकंद खाने से आपको भूख कम लगती है, जिससे धीरे-धीरे वजन कम होने में मदद मिलती है।
- आयुर्वेद में हल्दी वाले दूध का सेवन सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। दूध प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन बी, डी के साथ ही कई जरूरी विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होता है और हल्दी को इसके औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। हल्दी एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटीइन्फ्लेमेट्री और एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होती है। जब आप दूध में हल्दी को उबालकर इसका सेवन करते हैं, तो इससे अद्भुत फायदे मिलते हैं। लेकिन क्या हल्दी वाले दूध का सेवन सभी के लिए समान रूप से फायदेमंद है? विशेषज्ञों की मानें तो कुछ लोगों के लिए हल्दी वाले दूध का सेवन काफी नुकसानदायक साबित हो सकता है। ऐसी कई स्वास्थ्य समस्याएं हैं, जिनमें अगर हल्दी वाले दूध का सेवन किया जाता है, तो इससे सेहत को बहुत नुकसान पहुंच सकता है।हल्दी वाला दूध किन लोगों को नहीं पीना चाहिए1. किडनी रोगीअगर कोई व्यक्ति किडनी से जुड़ी समस्याओं जैसे किडनी स्टोन, किडनी में सूजन, किडनी फैलियर आदि से जूझ रहा है, तो हल्दी वाले दूध के सेवन से बचना चाहिए। क्योंकि हल्दी में ऑक्सालेट होता है, जो किडनी स्टोन की समस्या को ट्रिगर करता है। अगर किसी व्यक्ति को पहले से किडनी संबंधी कोई समस्या है तो इससे स्थिति गंभीर हो सकती है।2. लो ब्लड शुगर रोगीहल्दी वाले दूध का सेवन करने से लो ब्लड शुगर रोगियों में ब्लड शुगर लेवल अधिक कम हो सकता है, क्योंकि हल्दी में करक्यूमिन होता है, जो ब्लड शुगर लेवल को कम करता है। इसलिए इससे लो ब्लड प्रेशर वाले रोगियों के लिए परेशानी बढ़़ सकती है।3. खराब पाचन वाले लोगअगर कोई व्यक्ति पाचन संबंधी सम्याएं जैसे पेट में गैस, ब्लोटिंग, सूजन, सीने में जलन या एसिड रिफल्क्स, कब्ज, अपच आदि से जूझ रहा है, तो हल्दी वाले दूध का सेवन करने खराब पेट की समस्या बढ़ सकती है। इसलिए पेट संबंधी समस्याएं होने पर हल्दी वाले दूध का सेवन से सख्त परहेज करने की सलाह दी जाती है।4. खून की कमी वाले लोग या एनीमिया रोगीहल्दी वाले दूध का सेवन करने से शरीर में आयरन का अवशोषण बाधित होता है, जिससे शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर नहीं बढ़ता है। अगर कोई व्यक्ति शरीर में खून या आयरन की कमी से जूझ रहा है, तो उसे हल्दी वाले दूध के सेवन से बचना चाहिए।5. ब्लीडिंग डिसऑर्डरअगर आप हल्दी वाले दूध का सेवन करते हैं, तो इससे रक्त में थक्के की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। यह ब्लीडिंग डिसऑर्डर वाले लोगों में चोट और ब्लीडिंग के जोखिम को भी बढ़ाता है। साथ ही जो लोग ब्लड थिनर ले रहे हैं, उन्हें हल्दी वाले दूध का सेवन बंद कर देना चाहिए।
- बच्चों से लेकर बड़े, सभी काजल लगाना पसंद करते हैं। काजल लगाने से आंखें खूबसूरत नजर आती है। अधिकतर लोग मार्केट में मिलने वाला काजल इस्तेमाल करते हैं। इस काजल में कैमिकल होता है, जिससे आंखों को नुकसान पहुंच सकता है। कैमिकल युक्त काजल से आंखों में खुजली हो सकती है, आंखों की रोशनी तक कम हो सकती है। इस काजल से बच्चों को आंखों में इरिटेशन हो सकती है और रेडनेस नजर आ सकती है। ऐसे में आप चाहें तो घर पर भी आसानी से काजल बना सकते सकते हैं।बादाम से काजल कैसे बनाएं?-अधिकतर लोग घर पर बादाम से काजल बनाते ही हैं, लेकिन कुछ लोग सोचते हैं कि आखिर घर पर काजल कैसे बनाएं ? आप इन तरीकों से बादाम बना सकते हैं-बादाम का काजल बनाने के लिए आप सबसे पहले दीया में बाती डालकर जलाएं। फोर्क में बादाम लगाएं। उसे जलते हुए दीये के ऊपर रख दें। फिर बादाम को एक चम्मच की मदद से ढंक लें। दीये की लौ से बादाम को अच्छी तरह से जलने दें। इससे चम्मच पर काजल बनना शुरू हो जाएगा। आप इस काजल को किसी साफ कंटेनर में रख सकते हैं। फिर इस काजल में थोड़ा सा शुद्ध घी मिलाएं। अब इस काजल को आप आंखों पर लगा सकते हैं।आंखों की रोशनी बढ़ाएमार्केट में मिलने वाले काजल में कैमिकल होता है। इससे आंखों की रोशनी प्रभावित हो सकती है। जबकि बादाम से बना काजल आंखों के लिए सुरक्षित होता है। इसमें विटामिन ए और ई पाया जाता है। जो आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।आंखों की जलन दूर करेमार्केट में मिलने वाला काजल लगाने से अकसर लोगों को आंखों पर खुजली और जलन महसूस होने लगती है। ऐसे में आप घर पर बने बादाम का काजल लगा सकते हैं। इससे आंखों में होने वाली खुजली से आराम मिल सकता है।आंखें खूबसूरत नजर आती हैंआंखों पर बादाम का काजल लगाने से आंखों की खूबसूरती कई गुणा बढ़ जाती है। इससे पलकों की ग्रोथ भी तेज होती है। आंखों में चमक आती है।आप भी अपने घर पर बादाम का काजल बना सकते हैं। इसका कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होता है, बल्कि आंखें कैमिकल से बचती है और जलन दूर होती है। लेकिन अगर आपको बादाम वाले काजल से भी खुजली महसूस हो, तो इसका इस्तेमाल करने से बचें।--------
- थकान, चिंता और तनाव जैसी समस्याओं को जब दूर करने की बात आती है, तो तेल से शरीर की मालिश करने से बहुत फायदा मिलता है। सिर की मालिश करने से सिरदर्द दूर होता है, वहीं अगर शरीर के अंगों की मालिश करते हैं तो उनमें भी ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने के साथ ही कई लाभ मिलते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं, पैर के तलवों में तेल लगाना भी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है?पैर के तलवों में तेल लगाने के फायदे-फटी एडिय़ों से छुटकारा मिलता है: अगर आप नियमित रूप से पैर के तलवों में तेल लगाते हैं तो इससे फटी एडिय़ां, दरारें ठीक करने में मदद मिलती है। यह आपको कोमल मुलायम पैर पाने में मदद करता है। एडिय़ों की सूजन और दर्द कम करने में भी मदद करते हंै।दबी नसें खुलती हैं: पैर के तलवों में तेल लगाने और मालिश करने से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है, जिससे पैर की दबी नसें खोलने में मदद मिलती है। इससे नसों में दर्द की समस्या भी नहीं होती है।जोड़ों में दर्द की समस्या दूर होती है: पैर के टखनों और हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए पैर और तलवों में तेल लगाकर मालिश करना बहुत लाभकारी है। इससे जोड़ों में दर्द और जकडऩ से छुटाकारा मिलता है।तनाव और चिंता कम होती है: चिंता और तनाव जैसी समस्याओं से राहत पाने के लिए पैर के तलवों में तेल लगाना एक प्रभावी उपाय है। अगर आप तेल लगाकर हल्के हाथ से मालिश करते हैं, तो आप शांत महसूस करते हैं।नींद अच्छी आती है: रात में सोने से पहले पैर के तलवों में तेल लगाने से नींद न आने, बेचैन नींद और नींद के दौरान बार-बार आंख खुलने की समस्या दूर होती है। यह आपको जल्दी सोने और गहरी नींद लेने में मदद करता है।पैर के तलवों की मालिश के लिए कौन सा तेल अच्छा है-पैर के तलवों की मालिश के लिए आप सरसों और नारियल तेल का प्रयोग कर सकते हैं। साथ ही आप पैर के तलवों में देसी घी भी लगा सकते हैं। इससे भी सेहत को जबरदस्त फायदे मिलते हैं। बस आपको तेल या घी को पैर के तलवों पर लगाने से पहले हल्का गर्म कर लेना, उसके बाद पैरों की अच्छी तरह मालिश करनी है।
- दही और प्याज खाने से आपकी सेहत को कई फायदे मिल सकते हैं। दही और प्याज में मौजूद गुण शरीर को ठंडक देने के लिए अलावा आपके पाचन तंत्र को भी दुरुस्त रखने का काम करते हैं। आइए जानते हैं सेहत के लिए दही और प्याज खाने के फायदे और सावधानियों के बारे में।1. पाचन के लिए बेहतरीनपाचन तंत्र को मजबूत बनाने के लिए दही और प्याज का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। दही और प्याज खाने से आपकी आंतों को फायदा मिलता है और पेट में खराबी की समस्या से छुटकारा मिलता है। दही में मौजूद गुण आंतों में फायदेमंद बैक्टीरिया बढ़ाने का काम करते हैं।2. स्किन के लिए फायदेमंददही और प्याज खाना स्किन के लिए भी बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसमें मौजूद गुण आपकी स्किन को बेहतर बनाते हैं और कई समस्याओं से छुटकारा दिलाने में फायदेमंद होते हैं। इसका सेवन करने से आपकी स्किन को संक्रमण से बचाने में भी फायदा मिलता है।3. इम्यूनिटी बढ़ाने में फायदेमंददही और प्याज खाने से आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी बूस्ट होती है। इन दोनों में मौजूद गुण शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाकर बीमारियों और संक्रमण से लडऩे की क्षमता बढ़ाते हैं। कई शोध और अध्ययनों में भी इस बात की पुष्टि की गयी है।4. वेजाइनल इन्फेक्शन में फायदेमंददही और प्याज खाने से आपको वेजाइनल इन्फेक्शन की समस्या में भी फायदा मिलता है। इसलिए महिलाओं को दही और प्याज खाने की सलाह दी जाती है। इसमें मौजूद गुण यीस्ट इन्फेक्शन के खतरे को कम करने में फायदेमंद होते हैं।5. हाई ब्लड प्रेशर में फायदेमंदहाई ब्लड प्रेशर की समस्या में दही और प्याज का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के एक सर्वे में कहा गया है कि दही का सेवन करने वाले लोगों में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या का खतरा अन्य लोगों की तुलना में बेहद कम होता है।6. हड्डियों के लिए फायदेमंदहड्डियों को मजबूत बनाने के लिए दही और प्याज का सेवन बहुत फायदेमंद है। दही और प्याज दोनों में ही कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा होती है। इसका सेवन करने से आपकी हड्डियां मजबूत होती हैं और बोन डेंसिटी बढ़ाने में मदद मिलती है।हालांकि जिस तरह से किसी भी फूड का सेवन फायदे के साथ-साथ कुछ लोगों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। उसी तरह से प्याज और दही खाना भी कुछ लोगों के लिए नुकसानदायक माना जाता है। कई लोगों में दही और प्याज खाने से एसिडिटी, एक्जिमा, सोराइसिस जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए इसका सेवन करते समय सावधानियों का ध्यान रखें। दही के रायते में प्याज मिलाकर खाना फायदेमंद होता है। .
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सिरदर्द सबसे आम परेशानी। शायद ही दुनिया में कोई ऐसा व्यक्ति होता जिसे कभी सिरदर्द नहीं हुआ होगा। कुछ लोग तो ऐसे होते हैं, जिनकी सुबह की शुरुआत ही सिरदर्द से होती है। सिरदर्द के कई कारण होते हैं। नींद पूरी न होना, स्ट्रेस, थकान, मेडिकल कंडीशन, शोर आदि। कई बार ऐसा भी होता है कि हमें सिरदर्द की कोई वजह समझ नहीं आती। ऐसे में कई लोग तो सिरदर्द होने पर हमेशा पेनकिलर का सहारा लेते हैं। उन्हें पेनकिलर्स खाने की इतनी आदत पड़ जाती है कि माइल्ड पेन होने पर भी वे बार-बार पेनकिलर्स लेने लगते हैं जबकि हमेशा पेनकिलर खाना सेहत पर भारी पड़ सकता है। इससे आपको कई हेल्थ इश्यू भी हो सकते हैं। आइए, जानते हैं सिरदर्द होने पर आप क्या उपाय कर सकते हैं-
हेड मसाज
सिर की मालिश को कभी भी लाइट न लें, खासकर अगर आपके सिर में दर्द हो रहा है, तो आपको किसी भी ऑयल से हेड मसाज जरूर करानी चाहिए। इससे आपकी नसों को काफी आराम मिलता है और सिरदर्द से भी राहत मिलती है।
आइस पैक
बर्फ के टुकड़ों को किसी कपड़े में लपेटकर माथे पर हल्के हाथों से दबाएं। इससे आपको दर्द से आराम मिलेगा। आप थोड़ी-थोड़ी देर में भी आइस पैक को माथे पर लगा सकते हैं। सिरदर्द को ठीक करने में यह सबसे कारगर उपाय है।
हॉट राइस बैक
इसके लिए आपको कच्चे चावल को तवे पर गर्म करना है। इसके बाद इन चावलों को किसी पॉलीबैग में भर लें। इससे आप माथे पर सेंक लगा सकते हैं। इससे भी आपका सिरदर्द काफी हद तक ठीक हो जाता है।
लैवेंडर ऑयल
लैवेंडर ऑयल का इस्तेमाल अरोमा थेरेपी में किया जाता है। इससे आपको शांति और सुकून मिलता है। इसके लिए सबसे पहले लैवेंडर ऑयल को गर्म कर लें और इसे किसी ऐसी जगह पर रख दें, जिससे इसकी महक अच्छी तरह आए।
पानी
कभी-कभी पानी की कमी से भी शरीर खासकर सिर में दर्द होता है। ऐसे में शरीर को हाइड्रेट रखें और तेजी से कम से कम दो गिलास ठंडा पानी पिएं। इससे भी सिरदर्द में काफी आराम मिलता है।
ब्रीदिंग एक्सरसाइज
ब्रीदिंग एक्सरसाइज को कम से कम 10 मिनट तक करें। इस एक्सरसाइज को करने से आपको काफी आराम मिलता है। ब्रीदिंग एक्सरसाइज से नसें काफी रिलेक्स हो जाती हैं।
आयुर्वेदिक चाय
आयुर्वेदिक चाय भी सिरदर्द को ठीक करने में कारगर मानी जाती हैं। आप मसाला चाय भी पी सकते हैं। कोशिश करें कि चाय को गर्म सिप-सिप करके पिएं। ठंडी चाय आपका सिरदर्द बढ़ा सकती है। -
टमाटर में लाइकोपीन नाम का एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है, जो इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करता है। टमाटर और उससे बनी गोलियों को कई बीमारियों का इलाज माना जाता था। इसके अलावा, हल्दी और काली मिर्च जैसे मसाले भी बरसात के मौसम में गले की खराश और मौसमी बीमारियों को ठीक करने में कारगर होते हैं। आज हम आपको कच्चे टमाटर का अचार बनाना सिखा रहे हैं, जो मानसून स्पेशल रेसिपी है। इस अचार की रेसिपी में सामग्री का एक सही अनुपात है, जो मौसमी बीमारियों से बचाव के साथ आपकी इम्यूनिटी भी स्ट्रॉन्ग करती है। इस अचार में फाइबर की मात्रा बेहतर होने के साथ इससे डाइजेशन सिस्टम भी बेहतर होता है।
किन सामग्री का करें इस्तेमाल-
कच्चा टमाटर
सरसों का तेल
राई
लहसुन का पेस्ट
करी पत्ता
साबुत लाल मिर्च
नमक
काली मिर्च
नींबू
कैसे बनाएं-
टमाटर की इस आसान रेसिपी से शुरुआत करने के लिए 200 ग्राम हरे टमाटर को धोकर साफ कर लें। इसके बाद इन्हें छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें और एक तरफ रख दें। इस बीच, एक पैन गरम करें और उसमें 2 बड़े चम्मच सरसों का तेल डालें। तेल के गरम होने पर इसमें 1 छोटा चम्मच राई, 1 छोटा चम्मच लहसुन का पेस्ट, करी पत्ता और साबुत लाल मिर्च डालें। इसे अच्छी तरह से टॉस करें और इन्हें फूटने दें। इसके बाद, कुछ 1 बड़ा चम्मच चना दाल और 1/2 कप नारियल डालें, इसे 1 चम्मच लाल मिर्च पाउडर, 1/2 चम्मच हल्दी, 1/2 चम्मच काली मिर्च के साथ अच्छी तरह से टॉस करें और हरा टमाटर डालें। स्वादानुसार नमक डालें। अचार को पकाएं, थोड़ी चीनी और नींबू का रस (वैकल्पिक) डालें। टमाटर के गलने तक पकाते रहें। इसे रोटी, परांठे या चावल के खाने के साथ खाएं। - -स्वस्थ लीवर के लिए प्रतिदिन 4-5 आंवले का सेवन है लाभकारीरायपुर। आजकल प्रत्येक व्यक्ति को पेट से संबंधित कुछ न कुछ परेशानी लगी रहती है। इस परेशानी का प्रमुख कारण यकृत यानि लीवर की कार्यप्रणाली में अवरोध भी है। आजकल लोग अपने खान-पान पर विशेष ध्यान नहीं दे पाते हैं, जिसकी वजह से लीवर संक्रमित हो जाता है, या लीवर संबंधी अन्य परेशानी हो जाती है। जैसे लीवर का फैटी होना, सूजन आ जाना और लीवर में इन्फेक्शन हो जाना इत्यादि। हमारा खाना ठीक प्रकार से नहीं पच रहा है या हमें पेट में किसी प्रकार की परेशानी आ रही है तो हमें समझ जाना चाहिए कि ये लीवर में संक्रमण के लक्षण हैं। इसे अनदेखा करना घातक साबित हो सकता है।शासकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय, रायपुर के सह-प्राध्यापक डॉ. संजय शुक्ला ने बताया कि ज्यादातर लीवर संक्रमण अधिक तेल-मसाले वाला भोजन, ज्यादा शराब पीने या बाहर का खाना अधिक खाने की वजह से होता है। लीवर संक्रमण के कई लक्षण हो सकते हैं जैसे- मुंह से गंदी बदबू आना, आंखों के नीचे काले धब्बे पड़ना, पेट में हमेशा दर्द रहना, भोजन का सही ढंग से नहीं पचना, त्वचा पर सफेद धब्बे पड़ना, पेशाब या मल गहरे रंग का होना इत्यादि। ये लीवर की खराबी के सामान्य लक्षण हैं। लीवर की खराबी के कुछ अन्य लक्षण भी हो सकते हैं जो हमें जांच के बाद ही पता चल पाता है।यदि पाचन तंत्र में खराबी हो या लीवर पर वसा जमा हो या फिर वह बड़ा हो गया हो तो ऐसे में पानी भी नहीं हजम होगा। इनके चलते त्वचा पर सफेद धब्बे पड़ने लगते हैं जिसे लीवर स्पॉट भी कहा जाता है। अगर हमारा लीवर सही से कार्य नहीं कर रहा होता है, तो मुंह से गन्दी बदबू भी आने लगती है क्योंकि मुंह में अमोनिया ज्यादा रिसता है, आंखों के नीचे धब्बे पड़ने लगते हैं जिस पर आपके खराब स्वास्थ्य का असर साफ दिखाई देने लगता है। लीवर को स्वस्थ रखने के लिए आयुर्वेद में कुछ उपाय बताए गए हैं।डॉ. शुक्ला ने बताया कि आंवला विटामिन-सी का सबसे अच्छा स्त्रोत है। यह लीवर को कार्यशील बनाने में मदद करता है। स्वस्थ लीवर के लिए दिन में 4 से 5 आवंले का सेवन जरूर करें। पालक और गाजर के रस का मिश्रण लीवर सिरोसिस के लिए फायदेमंद उपाय है। इसी तरह पपीते के रस में आधा चम्मच नींबू का रस मिलाकर पीने से पेट संबंधी कई परेशानियों से निजात मिलती है। स्वस्थ लीवर के लिए आवश्यक है कि अपने आहार को नियंत्रित रखें तथा इसमें विटामिन-सी युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करें। लीवर संबंधी कोई भी शिकायत होने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेवें।
- हाई ब्लड प्रेशर यानी हाइपरटेंशन खराब जीवनशैली की वजह से होने वाली एक सामान्य समस्या है। जो कई बार रोगी की मौत का कारण भी बन सकती है। यही वजह है कि इस रोग को साइलेंट किलर भी कहा जाता है।हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को हार्ट अटैक, हार्ट फेल्योर, किडनी फेल्योर, कार्डियक अरेस्ट आदि बीमारियों का खतरा ज्यादा रहता है। हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों को अपना ब्लड प्रेशर कंट्रोल रखने के लिए दवा का सहारा लेना पड़ता है। लेकिन क्या आप जानते हैं अपनी डाइट में कुछ बदलाव करके भी आप अपने ब्लडप्रेशर को कंट्रोल कर सकते हैं। जी हां और ऐसी ही एक चीज है खीरे का जूस। खीरे का जूस पीने से न सिर्फ आपका ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है बल्कि ये आपके शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स को भी बाहर निकाल देता है। आइए जानते हैं खीरे का जूस पीने से व्यक्ति को मिलते हैं क्या फायदे और क्या है इसे बनाने का सही तरीका।खीरे में मौजूद पोषक तत्व-खीरे में कैल्शिमय, नेट्रियम, पोटैशियम आदि कई मिनरल्स पाए जाते हैं। खीरे में कैलोरी बहुत कम होती है क्योंकि इसका ज्यादातर हिस्सा पानी होता है। इसलिए खीरे के खाने से वजन भी घटता है। इन मिनरल्स के अलावा खीरे में कार्बोहाइड्रेट, फैट, फाइबर, ग्लूकोज, प्रोटीन, विटामिन ए, विटामिन बी 12, विटामिन बी 6, विटामिन सी और विटामिन डी भी भरपूर पाया जाता है।कैसे बनाया जाता है खीरे का जूस-खीरे का जूस बनाने के लिए जरूरी सामान--3 मध्यम आकार के खीरे-पानी जरूरत अनुसार-नींबू का रसखीरे का जूस बनाने का तरीका-खीरे का जूस बनाने के लिए सबसे पहले खीरे के छिलके निकालकर उसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। अब खीरे के इन टुकड़ों को ब्लेंडर में डालकर अच्छी तरह ब्लेंड कर लें। ब्लेंड करने के बाद इसे बर्तन में सूती कपड़े या महीन छन्नी से छान लें। इसे दबाकर जितना संभव हो जूस निकाल लें।अगर जूस ज्यादा गाढ़ा लग रहा हो तो इसमें थोड़ा सा पानी मिला लें। इस जूस में एक चम्मच नींबू का रस मिलाकर इसे फ्रिज में रख लें। ठंडा होने पर सर्व करें।खीरे का जूस पीने के फायदे-वेट लॉस-खीरे के जूस में कई तरह के विटामिन और मिनरल तत्व मौजूद होते हैं जो शरीर को डिटॉक्स करके वेट लॉस में मदद करते हैं।स्ट्रेस लेवल करें कम-खीरे के जूस में मैग्नीशियम भी अधिक मात्रा में होता है, जो रक्तचाप को बहुत कम या बहुत अधिक होने से रोकता है। ये मैग्नीशियम स्ट्रेस कम करने के साथ-साथ नींद अच्छी लेने में मदद करता है।ब्लड प्रेशर में खीरा-ब्लड प्रेशर में पोटैशियम वाले आहारों का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। पोटैशियम ब्लड प्रेशर को रेगुलेट करता है। एक बड़े खीरे में लगभग 442 मिलीग्राम पोटैशियम होता है। इसलिए हाइपरटेंशन के मरीजों को इसका नियमित सेवन करना चाहिए।पेट संबंधित दिक्कत करें दूर-पेट संबंधित समस्याएं जैसे गैस, अपच, ब्लोटिंग, पेट में सूजन, पेट या सीने में जलन होती है तो आपको खीरे का जूस जरूर ट्राई करना चाहिए। इसे पीने से राहत मिलती है।
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अगर शुद्ध घी खाया जाए तो ये हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। घी खाने से हमारा शरीर हेल्दी रहता है, साथ ही इससे शरीर डिटॉक्सीफाई भी होता है। घी में गुड कोलेस्ट्रॉल पाया जाता है, जो दिल के लिए काफी अच्छा होता है।आजकल बाजार में कई कंपनियां घी बेच रही हैं और सभी शुद्ध घी बेचने का दावा कर रही हैं। लेकिन क्या जो बाजार में मिलने वाला घी हम खा रहे हैं, वो वाकई शुद्ध है? या मिलावटी को पहचानने के क्या तरीके हैं और ये सेहत को कैसे नुकसान पहुंचा सकता है? इस लेख में हम इन बातों को जानेंगे।
घी के डिब्बे से 4 से 5 चम्मच घी निकालिए। उसे गैस पर रखकर थोड़ा सा उबालें। ध्यान रखें गैस को धीमी आंच पर ही रखें। फिर इस घी 24 घंटों के लिए अलग रख दें। अगर 24 घंटे के बाद भी घी से महक आए और यह दानेदार दिखे, तो समझिए कि घी असली है। अगर घी में से अजीब सी गंध आए, तो घी नकली हो सकता है।हथेलियों पर घी को मलेंघी की पहचान करने के लिए थोड़ा सा घी हथेली पर रखकर उसे अच्छी तरह से रगड़ें। 7-8 मिनट के बाद उसे सूंघकर देखें। अगर वह घी शुद्ध होगा, तो उससे अच्छी खुशबू आएगी। अगर महक आनी बंद हो गई है या अजीब सी महक आ रही है, तो घी नकली है।हाइड्रोक्लोरिक एसिडमिलावटी घी को चेक करने के लिए एक चम्मच घी में 5 मिलीलीटर हाइड्रोक्लोरिक एसिड डालें। अगर घी का रंग बदलकर लाल हो जाता है, तो समझ जाइए कि घी में डाई मिक्स की गई है, जो सेहत के लिए काफी हानिकारक हो सकती है।पानी का इस्तेमालनकली घी पता करने के लिए पानी का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। इसके लिए एक गिलास पानी में एक चम्मच घी डालें। अगर घी पानी के ऊपर तैरने लगे, तो आप समझें कि घी असली है। अगर घी पानी के नीचे बैठ जाता है, तो घी नकली हो सकता है।घी को गर्म करके देखेंघी के रंग को पहचानकर भी हम नकली घी की पहचान कर सकते है। इसके लिए एक चम्मच घी को पिघलाकर देखें। अगर घी पिघल कर गहरे भूरे रंग में बदल जाता है, तो यह शुद्ध है। अगर पिघलने में समय लगता है और हल्के पीले रंग में बदल जाता है, तो वह मिलावटी हो सकता है।नकली घी खाने के नुकसान-नकली घी खाने से हार्ट की बीमारी और हाई बीपी की समस्या हो सकती है।-नकली घी खाने से लिवर खराब होने की संभावना काफी बढ़ जाती है।-नकली घी खाने से गर्भपात का खतरा भी बढ़ जाता है। गर्भवती महिला कोशिश करें कि घर का बना हुआ घी ही खाएं।-नकली घी खाने से दिमाग में सूजन भी आ सकती है।-मिलावटी घी खाने से पेट खराब, अपच और गैस जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।-मिलावटी घी में अनहेल्दी फैट भी मिला हो सकता है, जिससे आपका कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है। - रात में दूध पीना सेहत के लिए फायदेमंद होता है, ये आपने जरूर सुना होगा। कई बार हम दूध को टेस्टी और पौष्टिक बनाने के लिए दूध में बाजार से लाये हुए विभिन्न तरह के पाउडर मिलाते हैं। ये पाउडर दूध का टेस्ट तो बढ़ा देते हैं, लेकिन कई बार शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं। दूध को पौष्टिक और टेस्टी बनाने के लिए रात को दूध में खजूर डालकर पिएं। ये आपकी सेहत को तो हेल्दी रखेगा ही, इसका टेस्ट भी आपको बहुत पसंद आएगा। खजूर और दूध मिलकर शरीर को ताकत देते हैं, साथ ही ये पेट के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। आइये जानते है रात में दूध में खजूर डालकर खाने के फायदे।अच्छी नींददूध कैल्शियम का अच्छा स्रोत है और खजूर मैग्नीशियम का। दूध में खजूर डालकर खाने से दूध का टेस्ट काफी अच्छा हो जाता है। सोने से पहले दूध में 4-5 खजूर डालकर खाने से नींद काफी अच्छी आती है क्योंकि इसमें मौजूद मैग्नीशियम नींद लाने में मदद करता है। जिन लोगों को अनिद्रा की शिकायत रहती है, उन लोगों के लिए रात को दूध में खजूर डालकर पीना काफी फायदेमंद होता है।स्किन के लिएखजूर में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो एजिंग के साइन को धीमा करने में मददगार होते हैं। इसके सेवन से स्किन पर बढ़ती उम्र का असर कम होता है। दूध में खजूर डालकर नियमित रुप से पीने से चेहरे पर ग्लो बढ़ता है। इसको पीने से शरीर में ताकत भी आती है।एनीमिया की समस्या को करे दूरदूध और खजूर खाने से एनीमिया की समस्या कुछ ही दिनों में आसानी से दूर हो जाती है। खजूर आयरन का बहुत अच्छा स्रोत माना जाता है। आयरन की कमी की वजह से ही एनीमिया की शिकायत होती है। इस समस्या को दूर करने के लिए दूध में खजूर डालकर खाएं। इससे आपका हीमोग्लोबीन बढ़ता है और एनीमिया की समस्या दूर होती है।प्रेग्नेंसी में फायदेमंदप्रेग्नेंसी में कई बार महिलाओं में हीमोग्लोबीन की मात्रा काफी कम हो जाती है। ऐसे में दूध में खजूर डालकर खाने से ये समस्या दूर की जा सकती है। दूध में मिलाकर खजूर खाने से भ्रूण का विकास भी अच्छे से होता है। दूध में भिगोकर खजूर खाने से ऑक्सिटोसिन की मात्रा बढ़ती है जो डिलीवरी के समय यूटरस की सेंसिटिविटी को बढ़ाने का कार्य करता है। ध्यान रखें प्रेग्नेंसी में दूध में खजूर मिलाकर खाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर परामर्श लें। गर्भावस्था में इसका सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।पाचन तंत्र में सुधाररात में दूध में खजूर डालकर पीने पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है। खजूर में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जो पेट को साफ रखने में मदद करता है। इसे नियमित रूप से पीने पर कब्ज की समस्या नहीं होती। खजूर पेट को साफ रखने में मदद करता है।कैसे करें दूध और खजूर का सेवनदूध को धीमी आंच पर रखें। जब दूध थोड़ा गर्म हो जाए, तो उसमें 5 से 6 खजूर डालें। दूध और खजूर को थोड़ी देर पकने दें ताकि खजूर का सारा फ्लेवर दूध में आ जाए। इसके बाद खजूर खा लें और दूध को हल्का गर्म पी लें।
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आजकल ज्यादातर महिलाएं घुटनों के दर्द की समस्या से परेशान रहती हैं। जिसका मुख्य कारण आधुनिक जीवन शैली और खानपान की गलत आदतें हो सकती हैं। मांसपेशियों में जकड़न और जोड़ों का दर्द ज्यादातर लोगों को रात में परेशान करता है। लेकिन अकसर लोग इस दर्द को नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे यह समस्या भविष्य में और ज्यादा बढ़ जाती है। अगर आप भी घुटनों के दर्द से परेशान रहते हैं तो सबसे पहले जानें क्या हैं इसके पीछे छिपे कारण और बचाव के उपाय।
पुरुषों की तुलना में महिलाओं को इन वजहों से होता है घुटनों में ज्यादा दर्द-
-महिलाओं की शारीरिक संरचना कुछ इस प्रकार की होती है कि उनके जॉइंट्स की मूवमेंट्स अधिक होने के अलावा उनके लिगामेंट्स भी अधिक लचीले होते हैं, जिससे वो घुटनों की मूवमेंट अधिक करती हैं। जिसकी वजह से दर्द की आशंका अधिक बढ़ जाती है।
-घुटनों को हेल्दी रखने में फीमेल हार्मोन एस्ट्रोजन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लेकिन पीरिड्स के दौरान और मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन हार्मोंन के लेवल में कमी आ जाती है। एस्ट्रोजन का स्तर कम होने से घुटनों के जोड़ों को सहारा देने वाले गद्देदार कार्टिलेज पर असर पड़ता है।
-महिलाएं, पुरुषों की तुलना में मोटापे की शिकार अधिक होती हैं, इस कारण दबाव पड़ने से घुटने खराब होते हैं। वजन बढ़ने से घुटनों पर दबाव ज्यादा पड़ता है। आपका वजन जितना अधिक होगा उससे पांच गुना अधिक घुटनों पर दबाव पड़ेगा। अगर आपका वजन सामान्य से 5 किलो अधिक है तो घुटनों पर 25 किलो अधिक दबाव पड़ता है।
-दर्द की अनदेखी करने से भी घुटनों में दर्द की आशंका बढ़ जाती है। घुटनों में अगर लगातार दर्द हो रहा हो, सूजन आ रही हो या उन्हें मोड़ने में समस्या हो रही हो तो इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए। अधिक समय तक अनदेखा करने से घुटने खराब हो सकते हैं। ऑस्टियोआर्थराइटिस रिसर्च सोसायटी इंटरनेशनल के अनुसार, अगर एक वर्ष से अधिक समय तक घुटनों में दर्द रहता है तो उसका कारण सामान्यत: ऑस्टियोअर्थराइटिस होता है।
-अगर घुटनों पर चोट लगी है तो उसका तुरंत इलाज कराएं, समय रहते इलाज नहीं कराया तो भविष्य में दर्द का खतरा बढ़ सकता है। घुटनों के लिगामेंट्स खिंच जाना या टूट जाना भी घुटनों की खराबी का कारण बन सकते हैं।
-जरूरत से ज्यादा व्यायाम भी आपके घुटनों की सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। ज्यादा एक्सरसाइज और रनिंग करने से नी-कैप और टेंडन पर अत्यधिक दबाव पड़ता है, जिससे उनके डैमेज होने की आशंका बढ़ जाती है।
-महिलाएं पुरुषों की तुलना में बोन मास जल्दी खोती हैं, इससे उनकी हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और जोड़ों के खराब होने की आशंका बढ़ जाती है।
घुटनों को स्वस्थ रखने के लिए अपनाएं ये तरीके-
संतुलित वजन बनाए रखें-
शरीर का अतिरिक्त वजन घुटनों पर बहुत ज्यादा प्रेशर डालता है। इसलिए अपने घुटनों की सेहत बनाए रखने के लिए संतुलित वजन बनाए रखें।
लो इम्पेक्ट एक्सरसाइज करें-
घुटनों की कार्टिलेज की रक्षा के लिए तैराकी और साइकिल चलाना जैसी कार्जियोवैस्कुलर ऐक्टिविटी फायदेमंद साबित होती है। इसके अलावा यह भविष्य में होने वाले नुकसान को रोकने में भी मददगार साबित हो सकती है।
अति-उत्साह से बचें-
जुम्बा, फंक्शनल वर्कआउट जिसमें कूदना, बैठना और तेजी से आगे पीछे होना शामिल होता है या फिर कुछ ऐसे योग आसन ( सूर्यनमस्कार, पद्मासन घुटनों के दर्द को और बढ़ा सकते हैं। इन्हें करते हुए सतर्कता बरतें।
डॉक्टर की सलाह-
घुटनों में दर्द, सूजन जैसी समस्या फील होने पर तुरंत अपने डॉक्टर की सलाह लें। घुटनों की समस्या को अनदेखा करने पर परेशानी और अधिक बढ़ सकती है। -
घंटों लैपटॉप पर बैठकर ऑफिस का काम करने या फिर ठीक से न सो पाने की वजह से अकसर लोग सिरदर्द की शिकायत करते हैं। जिससे राहत पाने के लिए ज्यादातर लोगों को पेनकिलर का सहारा लेना पड़ता है। लेकिन हर बार सिरदर्द को दूर करने के लिए पेनकिलर लेने की आदत आपकी सेहत पर भारी पड़ सकती है।
दरअसल, दर्द दबाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली इन दवाओं में एस्टेरॉएड का इस्तेमाल किया जाता है जो भविष्य में कई साइड इफेक्ट्स का कारण बन सकता है। यही वजह है कि घर के बड़े बुर्जुग सिर दर्द होने पर दवा लेने से पहले घरेलू उपाय आजमाने की सलाह पहले देते हैं।
अगर आप भी सिरदर्द से परेशान रहते हैं तो तुरंत राहत पाने के लिए घर पर ही बनाए ये असरदार बाम। जिसे लगाते ही कुछ ही देर में आपका सिरदर्द गायब हो जाएगा। इस बाम में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण छुपे होते हैं जिससे दर्द कम होता है और सूजन दूर होती है। तो आइए देर किस बात की जान लेते हैं क्या है इसे बनाने का सही तरीका।
सिर दर्द दूर करने वाले बाम को बनाने के लिए सामग्री-
-मोम- 3 चम्मच
-नारियल तेल- 3 चम्मच
-शिया बटर- 3 चम्मच
-पिपरमिंट ऑयल- 20 बूंदे
-लैवेंडर ऑयल- 15 बूंदे
सिर दर्द दूर करने वाले बाम बनाने की विधि-
सिर दर्द को दूर भगाने वाले बाम को बनाने के लिए सबसे पहले एक बाउल में मोम, नारियल का तेल और शिया बटर ले लें। अब इसे माइक्रोवेव में 1 मिनट तक गर्म करें। जब यह पूरी तरह से पिघल जाए तब इसे निकालकर ठंडा होने के लिए रख दें। जब बाउल ठंडा हो जाए तो इसमें एक-एक करके सारे तेल मिलाएं।
अब इस मिश्रण को शीशी में भर दें और ठंडा होने दें। आप इसे कुछ देर के लिए ठंडा करके जमाने के लिए फ्रिज में भी रख सकती हैं।आपका होममेड सिरदर्द दूर करने वाला बाम बनकर तैयार है। जब कभी आपके सिर में दर्द हो आप इसे अपने माथे पर लगा लें। इसे लगाने के कुछ देर बाद ही आपको आराम महसूस होने लगेगा।