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- सरसों का तेल और प्याज के रस का मिश्रण कई समस्याओं के लिए गुणकारी माना जाता है। खासतौर पर अगर आपके पैरों में काफी तेज दर्द हो रहा है तो इसका मिश्रण लगाएं। यह काफी लाभकारी माना जाता है। इसके अलावा बालों की मजबूती के लिए सरसों और प्याज का रस अपने बालों में लगाएं। इससे काफी लाभ मिलेगा। प्याज और सरसों के रस में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता है जो सूजन को कम कर सकता है। साथ ही डैंड्रफ की परेशानियों से राहत दिलाने में आपकी मदद कर सकता है। आइए जानते हैं सरसों का तेल में प्यार का रस मिक्स करने से सेहत को क्या लाभ हो सकते हैं?सरसों का तेल और प्याज का रस के फायदेसरसों का तेल और प्याज के रस का मिश्रण जोड़ों में दर्द, बालों की समस्याओं को दूर कर सकता है। इसके अलावा यह मिश्रण कई अन्य परेशानियों को दूर कर सकता है। आइए जानते हैं इस बारे में-पैरों के दर्द से आरामपैरों और जोड़ों के दर्द से आराम पाने के लिए सरसों का तेल और प्याज का रस काफी हेल्दी माना जाता है। इस मिश्रण का इस्तेमाल करने के लिए रात में सोने से पहले सरसों के तेल को प्याज के रस में मिक्स कर लें। इसके बाद इसे प्रभावित हिस्से पर लगाएं। इससे आप पैरों और जोड़ों के दर्द से आराम पा सकते हैं।बालों की परेशानी करे दूरबालों से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए सरसों का तेल और प्याज के रस का मिश्रण बालों में लगाएं। यह डैंड्रफ, रूखे और बेजान बाल, सफेद बालों की समस्या इत्यादि को दूर कर सकता है। अगर आप बालों से जुड़ी परेशानियों से जूझ रहे हैं तो सरसों का तेल और प्याज का रस अपने बालों में लगाएं। इससे काफी लाभ मिलेगा।स्किन के लिए हेल्दीस्किन के दाग-धब्बों को मिटाने के लिए सरसों का तेल और प्याज के रस का मिश्रण काफी हेल्दी माना जा सकता है। यह स्किन को बेदाग बना सकता है। साथ ही ड्राई स्किन की परेशानियों को दूर कर सकता है। अगर आपकी स्किन पर संक्रमण से जुड़ी परेशानियां हो रही हैं तो सरसों का तेल और प्याज के रस का मिश्रण लगाएं।सर्दी-जुकाम करे कमसर्दी-जुकाम की परेशानी को दूर करने के लिए सरसों का तेल और प्याज का रस हेल्दी हो सकता है। इस मिश्रण का इस्तेमाल करने के लिए सरसों का तेल और प्याज के रस के मिश्रण को छाती पर लगाएं। इससे आपको लाभ मिलेगा।सरसों का तेल और प्याज का रस आपकी स्किन, बालों और जोड़ों में दर्द के लिए हेल्दी हो सकता है। हालांकि, ध्यान रखें कि अगर आपकी परेशानी काफी ज्यादा बढ़ रही है तो एक्सपर्ट से सलाह लेकर ही इसका इस्तेमाल करें।
- खानपान और लाइफस्टाइल से जुड़ी खराब आदतों की वजह से आजकल लोग तरह-तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं। इसमें पेट से जुड़ी समस्याएं होना बेहद आम है। क्योंकि खराब खानपान का असर पाचन क्रिया पर पड़ता है। इसकी वजह से लोगों को अकसर गैस, अपच, एसिडिटी और कब्ज का सामना करना पड़ता है। जब पेट से जुड़ी समस्याएं परेशान करती हैं, तो व्यक्ति के लिए सुबह के समय पेट साफ करना काफी मुश्किल हो जाता है। आइए, जानते हैं सुबह उठते ही पेट साफ करने के उपाय क्या है? सुबह उठते ही पेट साफ कैसे होगा? या फिर 5 मिनट में पेट साफ कैसे करें ....1. सेब का सिरकासेब का सिरका हेल्थ के लिए काफी फायदेमंद होता है। पेट साफ करने के लिए भी सेब का सिरका उपयोगी साबित हो सकता है। अगर सुबह आपका पेट जल्दी साफ नहीं हो पाता है, तो आप सेब के सिरके का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए आप एक गिलास गुनगुना पानी लें। इसमें 2 चम्मच सेब का सिरका मिला लें। अब इस पानी को पिएं, इससे 5 मिनट के भीतर ही आपका पेट पूरी तरह से साफ हो जाएगा। सेब का सिरका डाइजेशन में सुधार करता है, इसलिए इसे कब्ज के लिए अच्छा माना जाता है।2. नींबू पानीसुबह उठते ही पेट साफ कैसे होगा? सुबह पेट साफ करने के लिए आप नींबू पानी भी पी सकते हैं। पेट साफ करने के लिए आप एक गिलास गुनगुना पानी लें। इसमें एक नींबू का रस निचोड़ लें और थोड़ा सा काला नमक मिला लें। अब इस पानी को सुबह खाली पेट धीरे-धीरे करके पिएं। नींबू पानी पीने के बाद आपका पेट आसानी से साफ हो जाएगा। इसलिए अगर आपको कब्ज बनी रहती है, तो आप सुबह खाली पेट नींबू पानी पी सकते हैं।3. सौंफ और जीरा पानीसौंफ और जीरा पानी पेट साफ करने का एक बेहतरीन घरेलू नुस्खा हो सकता है। पेट साफ करने के लिए आप सौंफ और जीरे का पानी भी पी सकते हैं। इसके लिए आप रात को एक गिलास पानी में सौंफ और जीरा भिगोकर रख दें। सुबह इस पानी को उबाल लें और फिर छानकर पी लें। सौंफ और जीरे का पानी पीने के कुछ देर बाद ही आपका पेट साफ होने लगेगा। आप चाहें तो गुनगुने पानी के साथ सौंफ और जीरे का पाउडर भी ले सकते हैं।4. अंजीर का सेवनअंजीर पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें फाइबर काफी अधिक मात्रा में पाया जाता है। अगर सुबह के समय आपका पेट साफ नहीं होता है, तो आप अंजीर का सेवन कर सकते हैं। इसके लिए आप रातभर अंजीर को गर्म पानी में भिगोकर रख दें और सुबह खाली पेट इनका सेवन करें। अंजीर खाने के तुरंत बाद ही आपका पेट अच्छे से साफ हो जाएगा। अंजीर को कब्ज के लिए रामबाण माना जाता है।5. मुलेठी और गुड़सुबह पेट साफ करने के लिए आप मुलेठी पाउडर को गुड़ के साथ मिलाकर भी ले सकते हैं। इसके लिए आप एक गिलास गुनगुना पानी लें। इसमें मुलेठी पाउडर और गुड़ मिलाकर पी लें। मुलेठी और गुड़ का पानी पीने से आंतों और पेट के मल को आसानी से साफ किया जा सकता है। अगर आप रोज सुबह मुलेठी और गुड़ का पानी लेते हैं, तो इसके बाद आपका पेट 5 मिनट के अंदर अच्छी तरह से साफ होने लगेगा।
- कुदरत ने हमें कई उपहार दिए हैं। जो फल, सब्जियां हम स्वाद और पेट भरने के लिए खाते हैं इनमें कई औषधीय गुण भी होते हैं। बेरीज भी इन्हीं फूड्स में आती हैं। बेरीज को दुनिया का सबसे हेल्दी फूड माना जाता है। ब्लू बेरी, स्ट्रॉबेरी, ब्लैकबेरी, क्रेनबेरीज ही नहीं बल्कि इंडियन गूजबेरी यानी आंवला भी हेल्थ के लिए बेहद फायदेमंद है। दुनियाभर में बेरीज की 400 से ज्यादा स्पीशीज पाई जाती हैं। बेरीज में कई तरह के माइक्रोन्यूट्रिएंट्स बाए जाते हैं।ये आपको बड़ी बीमारियों से बचाते हैं। यहां जानें इनके फायदेऐंटीऑक्सीडेंट्स का भंडारबेरीज ऐंटीऑक्सीडेंट्स का भंडार होती है। यह शरीर में बनने वाले फ्रीरेडिकल्स को कंट्रोल में रखती हैं। यह आपका डीएनए डैमेज होने से बचाती हैं। माना जाता है कि ये कैंसर जैसी बीमारी के खतरे को भी कम करती हैं। एक स्टडी के मुताबिक, रोजाना एक बार 300 ग्राम ब्लू बेरीज खाने से डीएनए डैमेज का खतरा कम होता है।रखती हैं वजन कंट्रोलबेरीज फाइबर्स से भरपूर होती हैं। ये ऑफिस, कॉलेज या ईवनिंग स्नैकिंग का बेस्ट ऑप्शन हैं। जो लोग वजन कंट्रोल रखना चाहते हैं उन्हें रोजाना खाने में बेरीज जरूर शामिल करनी चाहिए। इससे भूख देर से लगती है। इसमें कैलोरी कम और न्यूट्रीशन ज्यादा होता है।इम्यून सिस्टम रहता है मजबूतस्ट्रॉबेरी में काफी मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है। विटामिन सी आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत रखता है। साथ ही इसे ब्यूटी विटामिन भी माना जाता है।ऐंटी कैंसर प्रॉपर्टीब्लूबेरीज और रैस्पबेरीज में फ्लैवोनॉइड्स होते हैं। इन्हें ऐंटीकैंसर फूड्स माना जाता है। वहीं क्रेनबेरीज यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन में फायदेमंद होती हैं। इसमें ऐंथोसाइनिन्स पाए जाते हैं। यह ई कोलाई बैक्टीरिया से बचाते हैं। आंवला है सस्ता ऑप्शनबेरीज हर इलाके में आसानी से नहीं मिलतीं। इसलिए आप ड्राई बेरीज ले सकते हैं। मिक्स बेरीज अच्छा ऑप्शन है। वहीं अगर आपको ये महंगी लगती हैं तो आंवला ले लें ये बेस्ट ऑप्शन है। ये विटामिन सी और ऐंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है। इसे कैंडी, मुरब्बा, जूस या पाउडर कई फॉर्म में खाया जा सकता है। माना जाता है कि यह सबसे हेल्दी माने जानी ब्लूबेरी के बराबर ही पोषक होता है।
- खाना पकाने के शॉर्टकट से काम और भी आसान हो जाता है। खासकर आप कहीं जल्दी में हैं, तो आप इन टिप्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। वहीं, किचन टिप्स भी आपका काम आसान कर सकते हैं। आज हम आपको ऐसे ही अमेजिंग टिप्स बता रहे हैं जिनसे आपका काम आसान बनेगा। आइए, जानते हैं कुछ यूजफुल टिप्स--सब्जियों को छीलने या काटने से पहले धोना चाहिए, न कि इन्हें काटने के बाद धोएं।-आलू और बैंगन को काटने के बाद भिगो दें, ताकि उनका रंग खराब न हो।-सब्जियों को पानी में उबाले तो पानी को फेंके नहीं, ग्रेवी बनाने के लिए रख दे.-सेब को काटने के बाद ब्राउन होने से बचाने के लिए कटे हुए हिस्से पर थोड़ा सा नींबू का रस लगाएं। सेब लंबे -समय तक बने रहेंगे और ताजा दिखेंगे।-धनिया के पत्तों को मलमल के कपड़े की थैली में फ्रिज में रख दें। वे अधिक समय तक ताजा रहेंगे।-हरी मिर्च के डंठल हटा कर रख दीजिए, इससे हरी मिर्च काफी दिनों तक चलेगी।-प्याज को छीलने के बाद आधा काट लें और रोने से बचने के लिए काटने से पहले लगभग 10 मिनट के लिए पानी में भिगो दें।-बादाम को एक कप उबलते पानी में 10 मिनट के लिए भिगो दें। छिलका आसानी से निकल जाएगा।-सब्जियों को तेज चाकू और लकड़ी के चॉपिंग बोर्ड का इस्तेमाल करके हर तरह से काटना आसान होता है। -मार्बल के स्लैब पर काटने से आपके चाकू की धार खराब हो जाती है।-मकई (भुट्टा) से बाहरी पत्तियों और भूसी को हटा दें। एक बोर्ड में मजबूती से चपटे सिरे के साथ मकई को सीधा रखते हुए एक तेज चाकू लें और इसे गुठली और सिल के बीच नीचे चलाएं ताकि वे अलग हो जाएं।-फलों और सब्जियों को लंबे समय तक ताजा रखने के लिए फ्रिज में रखने से पहले अखबार में लपेटें।-सूखे मेवों को काटने से पहले उन्हें एक घंटे के लिए फ्रीज करें और फिर चाकू को काटने से पहले गर्म पानी में डुबो दें।
- आज हम आपको एक ऐसी सब्जी के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे न सिर्फ आपका शरीर मजबूत बनेगा बल्कि आपके कई रोग भी दूर हो जाएंगे। आमतौर पर ये इसकी सब्जी किसी रेस्टॉरेंट या ढाबे पर नहीं मिलती है। जी हां, हम बात कर रहे हैं खेखसी यानी कंटोला की । कंटोला को कई जगह ककोरा के नाम से भी जाना जाता है। छत्तीसगढ़ में मानसून के मौसम में बाजारों में खेखसी नजर आ जाती है।खेखसी में पाए जाते हैं कई प्रकार के पोषक तत्वखेखसी में एक-दो नहीं बल्कि अनेक प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं। यही वजह है कि लोग इसे दुनिया की सबसे ताकतवर सब्जी कहते हैं.। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफोर्मेशन के मुताबिक कंटोला में क्रूड प्रोटीन, प्रोटीन, फैट, क्रूड फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, पोटैशियम, सोडियम, कैल्शियम जैसे कई पोषक मौजूद होते हैं। इतने सारे पोषक तत्वों से भरपूर अगर खेखसी को सब्जी के साथ-साथ औषधि कहा जाए तो इसमें कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए । खेखसी की सब्जी को करेले की सब्जी की तरह ही बनाया जाता है और बाजारों में ये बरसात के मौसम में आसानी से मिल जाती है। आइए अब जानते हैं खेखसी के फायदे.पेट इंफेक्शन, झड़ते बालतमाम पोषक तत्वों और औषधीय गुणों से भरपूर खेखसी की सब्जी खाने से कई रोगों में चमत्कारी लाभ मिलता है। इसकी सब्जी से सिरदर्द, खांसी, कान का दर्द, झड़ते बालों और पेट के इंफेक्शन में काफी राहत मिलती है।बवासीर और पीलियाडायबिटीज के मरीजों के लिए खेखसी की सब्जी काफी फायदेमंद होती है। इसमें मौजूद पोषक तत्व शरीर के शुगर लेवल को कंट्रोल में रखते हैं।दाद-खाजखेखसी की सब्जी बुखार में भी काफी फायदेमंद मानी जाती है। इतना ही नहीं, ये ब्लडप्रेशर और कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों से भी सुरक्षा प्रदान करती है।
- कई व्यंजनों में सूजी का इस्तेमाल मुख्य सामग्री के रूप में किया जाता है। यह लगभग हर भारतीय रसोई में मौजूद होती है। पोषक तत्वों से भरपूर सूजी आपकी स्वादिष्ट व्यंजनों की सामग्री होने के साथ ही सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद है। आपकी पाचन क्रिया से लेकर हार्ट हेल्थ तक के लिए फायदेमंद है। साथ वजन और कोलेस्ट्रॉल दोनों को नियंत्रित रखती है।नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित एक डेटा के अनुसार सूजी कैलोरी, काब्र्स, प्रोटीन, थायमिन, फाइबर, फोलेट, राइबोफ्लेविन, आयरन, मैग्नीशियम का एक अच्छा स्रोत है। यह सभी पोषक तत्व आपकी सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। इनके लिए जरूरी है कि आप सूजी से बने व्यंजनों को अपनी डाइट में शामिल करें। यदि आप वेट लॉस पर हैं, तो भी यह आपके लिए एक हेल्दी विकल्प साबित हो सकता है।सेहत के लिए रवा या सूजी के 4 फायदे--1. हार्ट हेल्थ को बनाए रखेसूजी में पर्याप्त मात्रा में फाइबर मौजूद होता है, जो हार्ट डिजीज की संभावना को कम कर देता है। वहीं यह एलडीएल कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर और सूजन को कम करता है। जो कि हार्ट हेल्थ को स्वस्थ रहने में मदद करते हैं। पब मेड सेंट्रल द्वारा प्रकाशित डेटा के अनुसार सूजी का नियमित सेवन दिल से जुड़ी बीमारियों से लडऩे में मदद करता है।2. ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखेसूजी मैग्नीशियम और डाइटरी फाइबर का एक अच्छा स्रोत है। जो ब्लड शुगर लेवल को इंप्रूव करने में मदद करते हैं। फाइबर ब्लडस्ट्रीम में काब्र्ज की मात्रा को कम कर देता है, जो कि ब्लड शुगर लवर को अचानक बढऩे से रोकते हैं।3. पाचन क्रिया को संतुलित रखेफाइबर से युक्त सूजी पाचन क्रिया को संतुलित रखती है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक यह डाइजेस्टिव ट्रैक्ट में गट फ्रेंडली बैक्टीरिया की ग्रोथ को प्रमोट करती है। जिस वजह से पाचन क्रिया संबंधी समस्याएं जैसे कि अपच, कब्ज इत्यादि आपको परेशान नहीं करती।4. वजन को नियंत्रित रखने मे मददगारयदि आप वेट लॉस प्लान कर रही हैं तो, अपनी डाइट में सूजी को शामिल कर सकती हैं। पोषक तत्वों से भरपूर सूजी थायमिन, फोलेट और विटामिन बी का एक अच्छा स्रोत है। सूजी का सेवन आपको लंबे समय तक संतुष्ट रखता है और आप ओवरईट नहीं करती। जिससे वजन को नियंत्रित रखना आसान हो जाता है।सूजी में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन होता है। वेट लॉस डाइट में प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करना बहुत जरूरी है। शरीर में प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा फैट लॉस को प्रमोट करती है।अब जानें सूजी को डाइट में शामिल करने के कुछ हेल्दी तरीके1. सूजी का इस्तेमाल सामान्य रूप से आटे की जगह कर सकती हैं। जैसे कि चपाती, चीला जैसे खाद्य पदार्थों को बनाने में इसका प्रयोग करें।2. सूजी को लगभग सभी साउथ इंडियन फूड्स को बनाने में इस्तेमाल कर सकती हैं। सूजी से बना उपमा, डोसा, इडली, इत्यादि को अपनी डाइट में शामिल कर सकती हैं। ये सभी सेहत को बनाए रखने में आपकी मदद करेंगे।3. आप हेल्दी डेजर्ट जैसे कि हलवा और खीर बनाने में भी सूजी का इस्तेमाल कर सकती हैं। इसे हेल्दी रखने के लिए चीनी की जगह गुड़ का इस्तेमाल करें।4. चाहें तो घर पर सूजी की मदद से बेक करके हेल्दी और टेस्टी कुकीज, केक और ब्रेड बना सकती हैं।5. सूजी को सूप और अन्य प्रकार की सब्जियों में उन्हें गाढ़ा करने के लिए इस्तेमाल कर सकती हैं।
- आप बढ़ते मोटापे या हाई ब्लड प्रेशर जैसी सेहत से जुड़ी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं तो अपने रूटिन में दालचीनी को जरूर शामिल करें। दालचीनी कई जरूरी पोषक तत्वों का बेहतरीन स्रोत है। इसमें मैग्नीशियम, आयरन, फास्फोरस, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, मैंगनीज, कॉपर, जिंक, नियासिन, थायमिन और लाइकोपीन जैसे शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं। आइए जानते हैं दालचीनी की चाय पीने से सेहत को मिलते हैं क्या-क्या फायदे।दालचीनी चाय पीने के फायदे-मस्तिष्क के लिए फायदेमंद -यह चिंता और तनाव से लडऩे में मदद करती है। दिमाग को शांत करती है और ब्रेन फंक्शन को बढ़ावा देती है। यह याददाश्त बढ़ाने में भी सहायक है।मोटापा-मोटापा आज के समय की एक गंभीर समस्या में से एक है। अगर आप भी अपने बढ़े हुए वजन को कम करना चाहते हैं, तो रोजाना सुबह दालचीनी की चाय का सेवन कर सकते हैं। इससे फैट को बर्न करने में मदद मिल सकती है। दालचीनी में प्राकृतिक गुण मौजूद होते हैं, जो आपका वजन कम करने में मदद करते हैं। यह मेटाबॉलिज्म रेट को बढ़ाती है और बॉडी फैट कम करती है। दीलचीनी की चाय पीने से अनवॉन्टेड फैट तेजी से बर्न होता है और वेट लॉस में मदद मिलती है।हाई बीपी में मददगार-नियमित रूप से दालचीनी की चाय पीने से सिर्फ ब्लड प्रेशर कंट्रोल ही नहीं रहता है, बल्कि इसे हाई ब्लड प्रेशर को कम करने में भी मदद मिलती है।पीरियड्स में फायदेमंद-अगर महिलाएं पीरियड्स से कुछ दिन पहले नियमित रूप से दालचीनी की चाय पीती हैं, तो इससे पीएमएस के लक्षणों के साथ ही पीरियड्स के दौरान दर्द और ऐंठन से भी छुटकारा मिलता है।त्वचा के लिए फायदेमंद-दालचीनी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर में टॉक्सिन्स और फ्री रेडिकल्स से लडऩे मदद करते हैं। यह कील-मुंहासे, दाग-धब्बों को कम करने में मददगार है।दालचीनी की चाय कैसे बनाएं-दालचीनी की चाय बनाने के लिए आपको सबसे पहले 150 एमएल पानी लेकर उसमें 1/4 दालचीनी पाउडर या 1 इंच तक दालचीनी की छड़ी डालकर उबालनी है। इस पानी को आधा हो जाने तक उबालें। इसके बाद इस पानी को छानकर इसमें नींबू का रस और शहद मिलाकर पिएं।
- खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए नमक का इस्तेमाल किया जाता है। नमक हमारे शरीर के लिए जरूरी है और हार्ट हेल्थ को बढ़ावा देने, इलेक्ट्रोलाइट्स को संतुलित करने, हेल्थ नर्व्स सिस्टम को सुनिश्चित करने और हाइड्रेटेड रहने के लिए हमें इसकी कम से कम 500 मिलीग्राम की जरुरत होती है। नमक हमारे खाने में स्वाद जोड़ने के लिए एक जरूरी कंपाउंड है और यही कारण है कि हम इसे अपने सलाद, स्नैक्स और लगभग हर चीज में शामिल करते हैं । हालांकि, एक एडल्ट को एक दिन में 6 ग्राम नमक (2.4 ग्राम सोडियम) से ज्यादा नहीं खाना चाहिए ये लगभग 1 चम्मच होता है।बहुत नमक खाने से हो सकता है हार्ट स्ट्रोक का खतराबहुत ज्यादा नमक खाना हमारे स्वास्थ्य को कई तरह से प्रभावित कर सकता है। एक हाई सोडियम डायट आपके गुर्दे के लिए समस्याग्रस्त हो सकती है जो बदले में आपके ब्लडप्रेशर को बढ़ा सकती हैं और हृदय रोग और स्ट्रोक का कारण बन सकता है। इससे आपकी हड्डियों से कैल्शियम की कमी भी हो सकती है। आर्काइव्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन के एक अध्ययन के अनुसार, जो लोग हाई-सोडियम, कम-पोटेशियम वाला खाना खाते हैं, उनमें दिल का दौरा पड़ने या किसी भी कारण से मरने का खतरा अधिक होता है।क्या है एक्सपर्ट की सलाहबॉडी में ज्यादा नमक जाने से न केवल आपकी टेस्ट बड्स प्रभावित होती हैं, बल्कि कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं। ऐसे में लवनीत बत्रा ने अपने इंस्टा पोस्ट में नमक का सेवन कम करने की कोशिश करने वालों के लिए कम सोडियम वाले ऑप्शन भी बताए हैं।नमक से बचने के लिए खाने में करें इन चीजों का इस्तेमाल1) नींबू का रसखाने में नमक डालने से बचने के लिए नींबू के रस का इस्तेमाल किया जा सकता है। एसिड के स्रोत के रूप में, नींबू का रस डिश के स्वाद को बढ़ाता है और नमक के समान काम करता है। इस बीच, लेमन जेस्ट और भी काफी खट्टे स्वाद को खाने में जोड़ता है।2) लहसुनबहुत से हेल्थ इफेक्ट एलिसिन नामक यौगिक के कारण होते हैं, जो लहसुन की अलग खुशबू के लिए भी में होता है। हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों में लहसुन जरूरी कमी लाता है। लहसुन सोडियम की मात्रा को बढ़ाए बिना खाने का स्वाद बढ़ाता है। यह भी पढ़ें: कमर की बढ़ती चर्बी से बढ़ सकता है हार्ट अटैक का खतरा, रिसर्च में खुलासा3) पीसी हुई काली मिर्चये हर किसी खाने के स्वाद को बढ़ा सकती है। इसके अलावा, काली मिर्च सूजन को कम करती है जो हार्ट की बीमारियों और कैंसर जैसी पुरानी बीमारियों से जुड़ी है।4) डिलये एक नींबू-मीठा, थोड़ा कड़वा स्वाद वाला होता है। इसमें पाए जाने वाले फ्लेवोनोइड्स को उनके शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट और विरोधी भड़काऊ गुणों के कारण हार्ट हेल्थ की रक्षा करने के लिए जाना जाता है।5) अमचूर पाउडरअमचूर, जिसे आम का पाउडर भी कहा जाता है। एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर अमचूर पाउडर नमक का एक बेहतरीन ऑप्शन है। अमचूर पाउडर का इस्तेमाल कई चीजों में किया जा सकता है। इसे सूप, चटनी, करी, दाल जैसी चीजों में जोड़ा जा सकता है।
- रात का खाना शरीर और सेहत के लिए बहुत मायने रखता है। रात को ज्यादा खाना या नहीं खाना दोनों ही नियम गलत हैं। खाद्य पदार्थों की एक सूची है जिन्हें रात में खाने से बचना चाहिए क्योंकि वे आयुर्वेद के अनुसार कफ दोष में असंतुलन पैदा करते हैं।नाश्ते को दिन का सबसे महत्वपूर्ण भोजन बताया गया है। तमाम डॉक्टर और एक्सपर्ट नाश्ते के फायदे बताते मिल जाएंगे। बेशक एक हेल्दी नाश्ता पूरे दिन दिन की ऊर्जा और बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी है लेकिन दोपहर और रात के खाने का भी उतना ही महत्व है। चिंता की बात यह है कि लोग नाश्ते को हल्के में लेते हैं या स्किप कर जाते हैं जबकि रात को ठूस-ठूसकर खाते हैं। हालांकि बहुत से लोग मानते हैं कि शाम 7 बजे के बाद कुछ भी खाने से वजन बढ़ सकता है, और आमतौर पर रात का खाना पूरी तरह से छोड़ देते हैं। ध्यान रहे कि रात का खाना शरीर और सेहत के लिए बहुत मायने रखता है। रात को ज्यादा खाना या नहीं खाना दोनों ही नियम गलत हैं। दूसरा इस बात का ध्यान रखना भी जरूरी है कि आप रात में क्या खा रहे हैं।कुछ लोग रात खाने में मीट, चिकन, दही और पराठे जैसी चीजों का सेवन करते हैं जो कि पूरी तरह गलत है। आयुर्वेद एक्सपर्ट सहित सभी डाइट एक्सपट्र्स भी लंबे समय से इस बात पर जोर दे रहे हैं कि रात का खाना हल्का होना चाहिए, लेकिन साथ ही यह स्वस्थ भी होना चाहिए। निश्चित रूप से, उन खाद्य पदार्थों की एक सूची है जिन्हें रात में खाने से बचना चाहिए क्योंकि वे आयुर्वेद के अनुसार कफ दोष में असंतुलन पैदा करते हैं।, जैसे कि-गेहूंआयुर्वेद में गेहूं को गुरु यानी भारी माना गया है। बताया जाता है कि यह पचने में लंबा समय लेता है। यही वजह है कि रत में गेहूं और इससे बने खाद्य पदार्थों के सेवन से आपको अमा यानी विषाक्त बढ़ सकती है और पाचन तंत्र प्रभावित हो सकता है।दहीअक्सर देखा गया है कि बहुत से लोग रात में दही का सेवन करते हैं। आयुर्वेद के अनुसार दही कफ और पित्त को बढ़ाती है। इसका मतलब यह है कि इसके सेवन से आपको खांसी, गले में खराश, गले में दर्द जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं। इसके बजाय आप छाछ पी सकते हैं।मैदा वाली चीजेंमैदा को मीठा जहर कहा जाता है क्योंकि इसमें फाइबर नहीं होते हैं और इसके अधिक सेवन से कब्ज, बवासीर जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं। रात को मैदे से बनी चीजों को पचाना भी मुश्किल हो जाता है।मीठी चीजों के सेवन से बचेंबहुत से लोग हैं, जो खाने के बाद मीठा खाना पसंद करते हैं। आजकल तमाम तरह के डेजर्ट या चॉकलेट का अधिक सेवन किया जाता है। यह चीजें हैवी होती हैं जिन्हें शरीर के लिए पचाना मुश्किल हो जाता है और बलगम बढऩे का खतरा हो सकता है।कच्चा सलादइसमें कोई शक नहीं है कि सलाद सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद है। लेकिन आपको इसे रात में खाने से बचना चाहिए। यह ठंडा और सूखा होता है जिससे वात बढ़ सकता है।क्या है आयुर्वेदिक कारणपाचन तंत्र को अग्नि से जोड़ा जाता है और यह रात में धीमा हो जाता है। जाहिर है अगर खाना पचेगा नहीं, तो शरीर में जहरीले तत्व जमा हो सकते हैं। इसे अमा कहा जाता है और यही वजह है कि ऐसी चीजों के सेवन से वजन बढऩा, मोटापा, डायबिटीज, त्वचा रोग, पेट की दिक्कतें, हार्मोनल का बिगडऩा आदि का खतरा हो सकता है।
- कंधों में दर्द में जकडऩ और दर्द की समस्या बहुत आम है। आमतौर पर कंधों में दर्द सूजन और कंधा उतरने या फ्रोजन शोल्डर के कारण होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं, बहुत बार यह दर्द नसों में सूजन और ब्लॉकेज के कारण भी हो सकता है। नसों में सूजन के कारण आपके कंधों से लेकर गर्दन तक गंभीर दर्द की समस्या हो सकती है। लोग इसे आम दर्द समझकर इससे छुटकारा पाने के लिए पेन किलर्स, बाम आदि लगाते हैं। मांसपेशियों या हड्डियों में दर्द होने पर आपको बाम लगाने, सिकाई करने और दर्द निवारक दवाओं से आपको आसानी से राहत मिल जाती है, लेकिन नसों की सूजन और दर्द की समस्या में आपको बहुत सावधानी बरतने की जरूरत होती है।इस लेख में हम आपको कंधे की नसों में दर्द से छुटकारा पाने के 5 उपाय बता रहे हैं।1. स्ट्रेचिंग करें10-15 मिनट स्ट्रेचिंग करने से आपको गर्दन और कंधे की नसों स्ट्रेच करने में मदद मिलेगी। इससे सूजन कम होगी और ब्लड फ्लो भी बढ़ेगा। इससे दर्द में भी आराम मिलेगा। इसके लिए बस गर्दन और कंधे को को आगे-पीछे, दाएं-बाएं चारों दिशाओं में स्ट्रेच करें। इससे आपको काफी राहत महसूस होगी।2. अदरक, हल्दी का सेवन करेंहल्दी और अदरक दोनों ही एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होती हैं। नसों में सूजन से लडऩे और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने में मदद करती है। आप पानी में हल्दी और अदरक को उबालकर इसका सेवन करें या अपनी हर्बल टी में शामिल करें। और 2-3 बार पिएं। इससे भी बहुत आराम मिलेगा।3. कंधे से लेकर गर्दन तक सिकाई करेंगर्म सिकाई करने से मांसपेशियों, नसों और हड्डियों के दर्द से भी राहत मिलती है। इसके लिए आप हॉट बॉटल या बैग का प्रयोग कर सकते हैं। या तवे को गर्म करके किसी सूती कपड़े की मदद से भी सिकाई कर सकते हैं। इससे सूजन कम होगी, ब्लड सर्कुलेशन बढ़ेगा और दर्द में आराम मिलेगा।4. गर्म तेल से मालिश करेंतेल को गर्म करके लगाने से सूजन और दर्द में बहुत आराम मिलता है। फ्रोजन शोल्डर और गर्दन में दर्द की समस्या में भी गर्म तेल से मालिश करना बहुत फायदेमंद होता है। इसके लिए आप सरसों के तेल में लहसुन या हल्दी डालकर गर्म करें और इससे कंधे की नसों और मांसपेशियों की मालिश करें। इससे आपको बहुत आराम मिलेगा।5. गर्म पानी से सिकाई करेंआप गर्म पानी में पुदीना का तेल, सेंधा नमक या फिटकरी डालकर इससे कंधे के दर्द वाले हिस्से पर सिकाई कर सकते हैं। आपको पानी को दर्द वाले हिस्से पर किसी बर्तन की मदद से ऊपर से धीरे-धीरे गर्म पानी डालना है, जैसे टूटी से पानी गिरता है। यह भी दर्द से छुटकारा पाने का एक प्रभावी उपाय है।यह घरेलू उपाय आपको कुछ समय के लिए राहत प्रदान कर सकते हैं, इसके बाद डॉक्टर के पास जाएं और उनसे सही उपचार लें। क्योंकि नसों में दर्द की समस्या गंभीर रूप भी ले सकती है या किसी अंतर्निहित स्थिति का संकेत भी हो सकती है।
- असंतुलित खानपान और जीवनशैली में खराबी के कारण बवासीर की समस्या का खतरा बढ़ जाता है। बवासीर आमतौर पर बहुत ज्यादा मसालेदार खाना खाने और एक ही जगह पर घंटों तक बैठने के कारण लोगों होती है। बवासीर की समस्या में आयुर्वेदिक इलाज बहुत फायदेमंद माना जाता है। बवासीर के मरीजों के लिए चांगेरी घास या तिनपतिया घास का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद गुण बवासीर को जड़ से खत्म करने के लिए बहुत फायदेमंद माने जाते हैं। चांगेरी घास घरों के आसपास पानी वाली जगहों पर अक्सर देखने को मिल सकती है। इसकी पत्तियों का इस्तेमाल बवासीर और पेट से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है। आइए जानते हैं बवासीर में चांगेरी घास के फायदे और इस्तेमाल का तरीका।बवासीर में चांगेरी घास के फायदेआयुर्वेद में चांगेरी घास को बहुत फायदेमंद औषधि माना जाता है। घरों के आसपास उगने वाली इस घास को लोग अक्सर उखाड़कर फेंक देते हैं, लेकिन इसके इस्तेमाल से शरीर की कई समस्याओं को दूर किया जा सकता है। हल्के खट्टे स्वाद वाली इसकी पत्तियां कई औषधीय गुणों से युक्त होती हैं। चांगेरी को तिनपतिया घास भी कहा जाता है। इसकी पत्तियों में कैल्शियम, कैरोटीन और पोटैशियम जैसे तत्व पाए जाते हैं। यह घास विटामिन सी से भी भरपूर होती है। चांगेरी घास में मौजूद गुण बवासीर के मरीजों की समस्याओं को कम करते हैं और इस समस्या को दूर करते हैं। शरीर के लिए चांगेरी घास के प्रमुख फायदे इस तरह से हैं-बवासीर में कैसे करें चांगेरी घास का इस्तेमाल?बवासीर के मरीज चांगेरी घास की पत्तियों का इस्तेमाल कर इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। खूनी बवासीर की समस्या में चांगेरी की पत्तियों का इस्तेमाल किया जाता है। चांगेरी घास की पत्तियों को साफ कर इसे घी में भून लें। इसके बाद दही में मिलाकर इसका सेवन करने से खूनी बवासीर में बहुत फायदा मिलता है। इसके अलावा बवासीर के मरीज इसकी पत्तियों को पीसकर भी खा सकते हैं। अगर इस तरह से चांगेरी घास का सेवन नहीं कर पा रहे हैं, तो आप चांगेरी घास की पत्तियों के चूर्ण का सेवन कर बवासीर की समस्या दूर कर सकते हैं।बवासीर असंतुलित खानपान और खराब जीवनशैली के कारण होने वाली गंभीर समस्या है। इस समस्या में ब्लीडिंग की वजह से मरीजों की परेशानियां बढ़ जाती हैं। बवासीर में डॉक्टर मरीजों को खानपान में परहेज करने की सलाह देते हैं। बहुत ज्यादा तला, भुना और मसालेदार भोजन करने से इस समस्या का खतरा ज्यादा रहता है।नोट-बवासीर की समस्या में चांगेरी घास का इस्तेमाल करने से पहले आपको डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।
- काली मिर्च का सेवन करने से सेहत को अद्भुत फायदे मिलते हैं, वहीं किशमिश खाने के भी अपने अलग फायदे हैं। लेकिन क्या आपने कभी दोनों का साथ में सेवन किया है? विशेषज्ञों के अनुसार अगर आप किशमिश में काली मिर्च मिलाकर इसका सेवन करते हैं, तो इससे सेहत को जबरदस्त फायदे मिलते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि ये दोनों ही शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। काली मिर्च में कई औषधीय गुण जैसे विटामिन ए, सी, फ्लेवोनोइड्स, कैरोटीन और अन्य एंटीऑक्सीडेंट्स की भी अच्छी मात्रा होती है। वहीं किशमिश में भी फाइबर, प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम , पोटैशियम, कॉपर, विटामिन बी6, विटामिन ई जैसे पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में होते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं किशमिश फाइटोकेमिकल्स, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल, हेल्दी फैट से भी भरपूर होती है।काली मिर्च और किशमिश के फायदे1. पेट को रखे स्वस्थयह कॉम्बिनेशन आपके पेट और आंतों के लिए बहुत फायदेमंद है। यह आपकी पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है। साथ ही आंत में सूजन, पेट में गैस, ब्लोटिंग, कब्ज, अपच, सीने मे जलन और बेचैनी समस्याओं से भी निजात पाने में मदद करता है।2. ब्लड प्रेशर को रखे कंट्रोलकम सोडियम और पोटेशियम के साथ ही औषधीय गुणों से भरपूर यह कॉम्बिनेशन हाई ब्लड प्रेशर को कम करने और इसके सामान्य स्तर को बनाए रखने में बहुत मददगार है।3. त्वचा और बालों को रखे हेल्दीटॉक्सिन्स को शरीर से बाहर निकालने और डेड सेल्स को नष्ट करने में यह कॉम्बिनेशन बहुत लाभकारी है। यह स्किन सेल्स को नुकसान से बचाता है। साथ ही सनबर्न और झुर्रियों से लडऩे में मदद करता है। साथ ही बालों की कई समस्याओं जैसे स्कैल्प में खुजली, खराब ब्लड सर्कुलेशन, डैंड्रफ को दूर करने और बालों का झडऩा रोकने में भी कारगर है।4. पोषक तत्वों का अवशोषण बनाए बेहतरबहुत से लोग बहुत कुछ खाते हैं, लेकिन शरीर को उसका पूरा फायदा नहीं मिलता है। ऐसा भोजन से पोषक तत्वों का अवशोषण ठीक न होने के कारण होता है। काली मिर्च और किशमिश खाने से पोषक तत्वों के अवशोषण की प्रक्रिया में सुधार होता है।5. वेट लॉस में करे मददकाली मिर्च और किशमिश दोनों ही पाचन को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। साथ ही किशमिश डाइट्री फाइबर से भरपूर होती हैं, जिससे यह कॉम्बिनेशन पाचन के साथ-साथ मेटाबॉलिज्म को तेज करने में भी मदद करता है। साथ ही इसके सेवन से आपको जल्दी भूख नहीं मिलती है और अनहेल्दी फूड्स की क्रेविंग भी कम होती है। इस तरह आप कम कैलोरी खाते हैं और अधिक कैलोरी बर्न करते हैं।6. आंखों की बढ़ाए रोशनीअगर आप नियमित रूप से काली मिर्च और किशमिश का सेवन करते हैं, तो यह आंखों की रोशनी बढ़ाने और आंखों को स्वस्थ रखने में मदद करता है। यह मोतियाबिंद और मैक्यूलर डिजनेरेशन जैसी समस्याओं को दूर करने में भी लाभकारी है, क्योंकि इसमें विटामिन ए, पॉलीफेनोलिक फाइटोन्यूट्रिएंट्स, कैरोटीनॉयड और बीटा कैरोटीन जैसी पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो आंखों को हेल्दी रखने में मदद करते हैं।7. इम्यूनिटी को बनाए मजबूतविटामिन, मिनरल्स, एंटीऑक्सीडेंट्स और औषधीय गुणों से भरपूर यह कॉम्बिनेशन सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार, मौसमी एलर्जी के साथ ही अन्य वायरल संक्रमणों के लिए एक रामबाण उपचार है। यह आपके शरीर की रोगों से लडऩे की क्षमता बढ़ाने में मददगार है।
- सब्जियों और अन्य पकवानों में तड़का लगाने के लिए हम सभी करी पत्ता का प्रयोग करते हैं। यह न सिर्फ उन्हें एक बेहतरीन खुश्बू प्रदान करता है बल्कि स्वाद भी बढ़ाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं, बालों के लिए भी करी पत्ता बहुत लाभकारी है। करी पत्ता एंटी ऑक्सीडेंट, विटामिन सी से भरपूर होता है, साथ ही इसमें फास्फोरस, आयरन, कैल्शियम और निकोटिनिक एसिड जैसे जरूरी पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं।बालों की कई समस्याओं जैसे बालों का झडऩा रोकने, ड्राई और फ्रिजी हेयर, डैंड्रफ आदि से छुटकारा दिलाने और बालों को मजबूत, घना और शाइनी बनाने में करी पत्ता का प्रयोग बहुत लाभकारी है। इस लेख में हम आपको सफेद बालों को काला करने के लिए करी पत्ता का इस्तेमाल करने के 5 तरीके बता रहे हैं।1. सीधे तौर पर बालों में लगाएंइसके लिए आपको 8-10 करी पत्ते लेने हैं और उन्हें अच्छी तरह पीस लेना है। इसमें थोड़ा सा पानी मिलाकर थोड़ा पतला पेस्ट बना लें, जिससे कि यह बालों में आसानी से लग जाए। इस पेस्ट को स्कैल्प से लेकर अच्छी तरह लगाएं। इसे कम से 30 मिनट के लिए छोड़ दें और शैंपू से धो लें। आप 3-4 घंटों के लिए भी इसे बालों में छोड़ सकते हैं।2. तेल में मिलाकर लगाएंआप करी पत्ता के पेस्ट में सरसों, नारियल, बादाम या कोई अन्य एसेंशियल ऑयल मिलाकर भी बालों में अप्लाई कर सकते हैं। कोशिश करें कि पेस्ट को पहले तेल में गर्म कर लें और उसके बाद बालों में लगाएं। 30 मिनट से लेकर 3-4 घंटों तक आप इसे बालों में लगा सकते हैं।3. आंवला मिलाकर लगाएंकरी पत्ता की तरह आंवला भी बालों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। यह भी विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स का अच्छा स्रोत है। आप करी पत्ता और 1-2 आंवला फल को पीसकर, इसमें तेल मिलाकर एक पेस्ट बना लें और बालों में लगा लें। आप इसमें नींबू का रस भी मिला सकते हैं। कम से कम 30 मिनट बालों में जरूर लगाएं।4. एलोवेरा मिलाकर लगाएंएलोवेरा बालों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। करी-पत्ता और एलोवेरा जेल मिलाकर एक पेस्ट बना लें और इसे बालों में लगाकर 3-4 घंटों के लिए छोड़ दें। उसके बाद धो लें। यह बालों को काला करने के लिए बहुत प्रभावी नुस्खा है।5. मेहंदी मिलाकर लगाएंकरी पत्ता और मेहंदी पाउडर को सरसों, नारियल या बादाम के तेल में अच्छी तरह पकाएं जब तक कि यह काला न हो जाए। इस मिश्रण को ठंडा करने के बाद बालों में लगाएं और 3-4 घंटों के लिए छोड़ दें। इससे बालों को तेजी से काला करने में मदद मिलेगी।
- आयुर्वेद के मुताबिक पत्थरचट्टा बहुत फायदेमंद और शक्तिशाली औषधि है। इसका इस्तेमाल कई समस्याओं को दूर करने में फायदेमंद होता है। पत्थरचट्टा का इस्तेमाल कई दवाओं को बनाने में भी किया जाता है। किडनी और पेशाब से जुड़ी बीमारियों में पत्थरचट्टा को बहुत फायदेमंद औषधि माना जाता है। पत्थरचट्टा जिसे अंग्रेजी में कलानचो पिनाटा कहते हैं तमाम औषधीय गुणों से युक्त होता है। आयुर्वेद में पत्थरचट्टा को भष्मपथरी, पाषाणभेद और पणफुट्टी आदि कहा जाता है। आइए जानते हैं इसके फायदों के बारे में।1. किडनी की पथरी में फायदेमंदपत्थरचट्टा का जूस पीने से किडनी से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में फायदा मिलता है। इसका सेवन किडनी की पथरी की समस्या में बहुत फायदेमंद होता है। किडनी स्टोन की समस्या असंतुलित खानपान और खराब जीवनशैली के कारण होती है। इसमें मौजूद गुण किडनी की पथरी को दूर करने में फायदेमंद होते हैं।2. माइग्रेन में फायदेमंदपत्थरचट्टा का जूस पीने से सिरदर्द और माइग्रेन की समस्या में भी फायदा मिलता है। इसके अलावा आप पत्थरचट्टा के लेप को भी माइग्रेन की समस्या को दूर करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए पत्थरचट्टा के पत्ते को पीसकर उसका लेप माथे पर लगाना होगा। ऐसा करने से सिर दर्द दूर हो जाएगा।3. पेशाब में जलन में फायदेमंदरोजाना सुबह पत्थरचट्टा के पत्तों का काढ़ा पीने से पेशाब में जलन की समस्या से निजात मिलती है। आप पत्थरचट्टा के पत्तों का काढ़ा बनाने के लिए इसके कुछ पत्तों को लेकर इसे साफ कर लें और फिर इसे एक गिलास पानी में डालकर अच्छी तरह उबालें। उबालने के बाद इस काढ़े को छानकर रोजाना सुबह इसका सेवन करें।4. यूटीआई की समस्या में फायदेमंदयूटीआई की समस्या में भी पत्थरचट्टा का जूस बहुत फायदेमंद होता है। इस समस्या से निजात पाने के लिए आप रोजाना सुबह पत्थरचट्टा की पत्तियों का रस या इनका काढ़ा पी सकते हैं। पत्थरचट्टा की तीन से चार ताजा पत्तियों को लेकर एक गिलास पानी में उबालने के बाद जब पानी आधा रह जाए तो इसे उतार लें और फिर हल्का गुनगुना रहने पर इसका सेवन करें।नोट-पत्थरचट्टा का इस्तेमाल किसी भी समस्या में करने से पहले किसी वैद्य या आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह जरूर लें। याद रखें गलत तरीके से किसी भी चीज का इस्तेमाल फायदे की जगह नुकसान पहुंचा सकता है।
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चाट की बात आते ही सभी के मुंह में पानी आ जाता है। भारत में कई तरह की चाट बनाई जाती है लेकिन आलू चाट की लोकप्रियता एक अलग लेवल पर है। लोग आलू चाट को खाना खूब पसंद करते हैं। इसके साथ भी कई तरह के एक्सपेरिमेंट्स किए जाते हैं। जैसे उबले आलू की चाट, हरे आलू की चाट, आलू-टमाटर की चाट आदि। वैसे तो बाजार में आपको अच्छे स्वाद वाली चाट आसानी से मिल जाएगी, लेकिन इसमें काफी मसाले होते हैं जो हेल्थ के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं। यहां हम घर पर भुने आलू की चाट बनाने का तरीका बता रहे हैं। इसे आप शाम के स्नैक्स के तौर पर सर्व कर सकते हैं।
सामग्री
5-7 मीडियम साइज के आलू
1 बड़ी कटोरी नमक
1/2 छोटा चम्मच कद्दूकस किया अदरक
आधा छोटा कप प्याज
1 बड़ा चम्मच हरी चटनी
1 बड़ा चम्मच मीठी चटनी
1/2 छोटा चम्मच काली मिर्च
1 छोटा चम्मच चाट मसाला
1 कटोरी महीन सेव
3 से 4 हरू मिर्च
1 मुट्ठी हरी धनिया पत्ती बारीक कटी हुई
कैसे बनाएं
- भुने आलू की चाट बनाने के लिए सबसे पहले एक कढ़ाही में नमक गर्म करें। इस बीच आलू को अच्छे से धोएं और फिर कॉटन के कपड़े से पोंछ लें।
- जब नमक गर्म हो जाए तो इसमें साफ किए हुए आलू डालें और फिर कुछ देर के लिए अच्छे से इन्हें भून लें। 12 से 18 मिनट के बीच में आलू भून जाएंगे।
- आलू को चेक करें और फिर कढ़ाही से बाहर निकाल लें। अब इसको टुकड़ों के में काट लें और फिर इसमें मसाले डालें।
- फिर बारीक कटी प्याज, हरी मिर्च, कद्दूकस किया अदरक डालें और फिर अच्छे से मिक्स करें।
- एंड में इसमें मीठी और तीखी हरी मिर्च की चटनी डाल कर मिक्स करें। इसे एक सर्विंग प्लेट में निकालें और फिर बारीक सेव और हरा धनिया से गार्निश करने के बाद सर्व करें। - शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पौष्टिक आहार के सेवन को सुनिश्चत करने के साथ भोजन के पकाने और रखरखाव को लेकर ध्यान देना बहुत आवश्यक माना जाता है। अक्सर हम सभी भोजन को पकाने के तरीके में कई ऐसी गलतियां करते रहते हैं जो कि हमारी सेहत के लिए गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है। खाने के तेल का गलत तरीके से इस्तेमाल ऐसा ही एक गंभीर विषय है। अधिकतर घरों में पूरी-पकौड़े जैसी ड्रीप फ्राई वाली चीजों के बनने के बाद बचे हुए तेल को दोबारा इस्तेमाल के लिए बचाकर रख दिया जाता है, पर क्या आप जानते हैं कि आपकी यह आदत पूरे परिवार के लिए बड़ी और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है?अध्ययन में पाया गया है कि खाने के तेल को बार-बार गर्म करना कैंसर बढऩे के प्रमुख कारणों में से एक है। पहला तो यह शरीर में फ्री-रेडिकल्स को बढ़ावा देता है जो इंफ्लामेशन का कारण बनकर कई तरह की गंभीर बीमारियों को बढ़ाने वाली स्थिति है और दूसरा तेल को बार-बार गर्म करने से निकलने वाले धुंए में ऐसे हानिकारक तत्व होते हैं जिनसे सिगरेट के धुएं जैसा नुकसान हो सकता है। अक्या कहता है एफएसएसएआई?भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के अनुसार खाना पकाने के तेल को दोबारा गर्म करने से उसमें से कई तरह के विषाक्त पदार्थ निकलते हैं, साथ ही इससे शरीर में मुक्त कणों की भी वृद्धि होती है, जिससे सूजन और कई तरह की क्रोनिक बीमारियां हो सकती हैं। एफएसएसएआई के दिशानिर्देशों के अनुसार,तेल का इस्तेमाल सिर्फ एक बार ही किया जाना चाहिए। बचे हुए तेल को दोबारा गर्म करना शरीर के लिए बहुत नुकसानदायक हो सकता है। तेजी से बढ़ती इंफ्लामेटरी बीमारियों के लिए इसे भी एक कारक के तौर पर देखा जा रहा है।इसी तरह नेशनल लेबोरेटरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बताया कि दुनियाभर में खाना पकाने के लिए वनस्पति तेलों को बार-बार गर्म करना एक बहुत ही सामान्य अभ्यास है। बार-बार खाना पकाने के तेल (आरसीओ) को गर्म करने से पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन (पीएएच) सहित कई प्रकार के यौगिक उत्पन्न होते हैं, जिनमें से कुछ को कार्सिनोजेनिक के रूप में वर्गीकृत किया गया है। कार्सिनोजेनिक कैंसर कारक तत्वों की श्रृंखला होती है।शोधकर्ताओं ने पाया कि जब तेलों का पुन: उपयोग किया जाता है, तो इसमें ट्रांस फैटी एसिड की मात्रा बढ़ जाती है। तेल में मौजूद कुछ प्रकार के फैट्स, उच्च तापमान पर गर्म होने पर ट्रांस फैट में बदल जाते हैं। ट्रांस फैट्स को अस्वास्थ्यकर माना जाता है, इससे कोलेस्ट्रॉल के बढऩे का जोखिम अधिक होता है। यह स्थिति हृदय रोग के जोखिम को भी बढ़ा सकती हैं। इस बारे में सभी को सावधानी बरतते रहना चाहिए।खाना पकाने के तेल को बार-बार गर्म करने से पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन (पीएएच) और एल्डिहाइड जैसे कार्सिनोजेनिक पदार्थों की मात्रा बढ़ जाती है, ये शरीर में सूजन और कैंसर जैसी समस्याओं को बढ़ाने वाली स्थिति मानी जाती है। तेलों के दोबारा इस्तेमाल को लेकर सावधानी बरतनी चाहिए। यही कारण है कि अक्सर स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को बाहर की चीजों के कम सेवन की सलाह देते हैं। साथ ही घर पर भोजन बनाते समय भी इन बातों का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है।--------
- आंखें हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग हैं। शरीर के अन्य अंगों की तरह आंखों के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना बहुत जरूरी है। लेकिन इन दिनों में लोगों में आंखों की रोशनी कमजोर या नजर कमजोर होने की समस्या काफी तेजी से बढ़ रही है। हमारी आंखों को स्वस्थ रखने में कुछ विटामिन और मिनरल्स बहुत अहम भूमिका निभाते हैं। जब आप संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर आहार नहीं लेते हैं, या आपके आहार में इन विटामिन्स और मिनरल्स की कमी होती है तो यह आपकी आंखों की रोशनी को प्रभावित करते हैं। साथ ही इससे आंखों से जुड़ी कई अन्य समस्याओं का जोखिम भी बढ़ जाता है। इस लेख में हम आपको ऐसे 9 पोषक तत्वों के बारे में बता रहे हैं, जो आपकी आंखों को सेहतमंद रखने में अहम भूमिका निभाते हैं और जिनकी कमी नजर कमजोर होने का कारण बनती है।1. विटामिन एयह विटामिन आंखों के बाहरी हिस्से पर एक सुरक्षात्मक आवरण बनाने में मदद करता है, जो आंखों को नुकसान से बचाता है। शकरकंद, गाजर, हरी पत्तेदार सब्जियां, कद्दू और काली मिर्च आदि में विटामिन ए की अच्छी मात्रा होती है।2. विटामिन बीविटामिन बी 6, बी9 और बी12 आंखों को स्वस्थ रखने में बहुत अहम भूमिका निभाते हैं। दूध और दूध से बने उत्पाद, हरी पत्तेदार सब्जियां, नट्स, ड्राई फ्रूट्स और बीज, मीट, दाल, बीन्स आदि में यह विटामिन भरपूर मात्रा में होता है।3. विटामिन सीयह आपकी आंखों को नुकसान से बचाने के साथ ही आंखों के लिए जरूरी कोलेजन प्रोटीन के संश्लेषण में मदद करता है। आंवला, नींबू, संतरी, मौसमी, अमरूद, काली मिर्च, ब्रोकोली और केल आदि विटामिन सी का बेहतरीन स्रोत हैं।2. विटामिन ईयह विटामिन एक एंटीऑक्सिडेंट्स के रूप में काम करता है, जिससे यह आपकी आंखों के सेल्स फ्री-रेडिकल्स और अन्य हानिकारक कणों से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करता है। सैल्मन, एवोकैडो, नट्स और हरी पत्तेदार सब्जियों में विटामिन ई प्रचुर मात्रा में मौजूद होता है।5. राइबोफ्लेविनयह भी एक एंटीऑक्सीडेंट है जो ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने और आंखों को नुकसान से बचाने में मदद करता है। ओट्स, दूध, दही, मीट और साबित अनाज आदि में इसकी प्रचुर मात्रा होती है।6. नियासिनयह शरीर में भोजन को ऊर्जा में बदलने और एंटीऑक्सीडेंट का काम करता है। जिससे यह आपको आंखों को नुकसान से बचाने और सेहतमंद रखने में मदद करता है। मीट, मछली, मशरूम, दाल, मूंगफली और बीन्स में नियासिन अच्छी मात्रा में होता है।7. ल्यूटिन और जेक्सैन्थिनल्यूटिन और ज़ेक्सैंथिन कैरोटीनॉयड हैं, जो न सिर्फ आंखों को ब्लू लाइट से होने वाले नुकसान से बचाते हैं, बल्कि दृष्टि में भी सुधार करते हैं। हरी पत्तेदार सब्जियां, पालक, केल और कोलार्ड आदि में उनकी अच्छी मात्रा होती है।8. ओमेगा-3 फैटी एसिडयह रेटिना की कोशिकाओं को बनाने और उन्हें स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। देसी घी, सरसों, कैनोला और जैतून का तेल, मछली, नट्स और बीज आदि हेल्दी फैट्स से भरपूर होते हैं।9. थायमिनयह मोतियाबिंद के जोखिम को कम करने में मदद करता है और आंखों को इस गंभीर बीमारी से बचाने में मदद करता है। साबुत अनाज, मांस और मछली आदि में इसकी अच्छी मात्रा होती है।
- हम सभी स्वस्थ रहने के लिए अच्छी डाइट लेते हैं। तरह-तरह की एक्सरसाइज करते हैं। साथ ही शरीर की मालिश भी करते हैं। यहां तक कि कुछ लोग हेल्दी और बीमारियों से मुक्त रहने के लिए नाभि पर तेल भी लगाते हैं। कहा जाता है कि नाभि पर तेल लगाने से कई स्वास्थ्य समस्याएं दूर हो सकती हैं। नाभि पर तेल लगाने से त्वचा में निखार आता है। स्वास्थ्य से जुड़ी छोटी-छोटी समस्याओं से निजात मिलता है। इसके साथ ही नाभि पर तेल लगाने से आपके बाल भी काले हो सकते हैं। बालों को हमेशा काला बनाए रखने के लिए आप रात को सोते समय नाभि में तेल डाल सकते हैं। लेकिन आप सोच रहे होंगे कि नाभि में कौन सा तेल लगाने से बाल काले होते हैं? या फिर नाभि पर कौन सा तेल लगाएं? आइए, इस लेख में जानते हैं-नारियल का तेलनारियल का तेल त्वचा और बालों के लिए काफी फायदेमंद होता है। वहीं कुछ लोग नारियल के तेल कूकिंग के लिए भी उपयोग में लाते हैं। आप चाहें तो नारियल के तेल को नाभि में भी डाल सकते हैं। अगर आपके बाल उम्र से पहले सफेद हो गए हैं, तो आप नाभि में नारियल का तेल डाल सकते हैं। नाभि में नारियल का तेल डालने से बाल काले और घने बनते हैं। साथ ही बालों की ड्राईनेस से भी छुटकारा मिलता है।सरसों का तेलसरसों के तेल का इस्तेमाल काफी लंबे समय से किया जा आ रहा है। सरसों का तेल कूकिंग के लिए उपयोग किया जाता है। साथ ही शरीर और बालों की मालिश के लिए भी सरसों का तेल इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा आप अपनी नाभि में भी सरसों का तेल डाल सकते हैं। नाभि में सरसों का तेल डालने से बाल काले और घने बनते हैं। साथ ही बालों में चमक आती है, बाल मजबूत और मुलायम भी बनते हैं।बादाम का तेलबादाम का तेल स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी होता है। इसमें विटामिन ई काफी अच्छी मात्रा में पाया जाता है। साथ ही इसमें मैग्नीशियम और पोटेशियम भी होता है। वैसे तो बादाम के तेल का इस्तेमाल कई तरीकों से किया जाता है। आप नाभि में भी बादाम का तेल डाल सकते हैं। नाभि में बादाम का तेल डालने से त्वचा में निखार आता है। साथ ही इससे बालों को भी लाभ मिल सकता है। रोजाना रात को नाभि में बादाम का तेल डालने से बाल काले, लंबे और घने बन सकते हैं।घी लगाएंनारियल, बादाम और सरसों के तेल के साथ ही आप नाभि में घी भी लगा सकते हैं। आयुर्वेद के अनुसार नाभि में घी डालने से बाल काले रखने में मदद मिल सकती है। इसके लिए आप देसी घी का इस्तेमाल कर सकते हैं। रोजाना रात को सोते समय नाभि में घी लगाने से बालों की ग्रोथ अच्छी होती है। बाल मजबूत बनते हैं और सफेद बाल काले होते हैं।नाभि में तेल कैसे लगाएं?इसके लिए आप नाभि में कुछ बूंद तेल या घी की डालें। फिर थोड़ी देर नाभि की मालिश करें और लेट रहें। कम से कम 20 मिनट तक लेट रहें। रात को सोते समय नाभि में तेल डालने का सबसे बेस्ट समय होता है।
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करेला स्वाद में बेशक कड़वा लगता है लेकिन इसमें कई सारे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। करेले को अंग्रेजी में बिटर गार्ड के नाम से जानते हैं। इसमें विटमिनी-ए, सी, कैल्शियम, फॉलिक एसिड, नियासिन, आयरन, एंटीऑक्सिडेंट्स, फ्लेवनॉइड्स, पॉलीफेनॉल्स जैसे कई पोषक तत्वों की भरमार होती है। करेले का छिलका हमारी त्वचा के लिए बहुत लाभदायक हैं. करेले के छिलकों को स्किन पर भी लगाया जाता है. करेले के छिलके निकालकर इसे पानी से धो ले। इसके बाद इन छिलकों का पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को अपने चेहरे की स्किन पर लगाएं। इसमें आप शहद भी मिला सकते हैं।
करेले में पाए जाने वाले विटमिन्स और अन्य मिनरल्स इसके छिलके में भी मौजूद होते हैं। आप इसके छिलके का पैक बनाकर लगा सकते हैं, जिससे आपकी त्वचा में ग्लो आएगा।
बता दें कि करेले के छिलके से त्वचा में ना सिर्फ परेशानियों से दूर रहती है, बल्कि इसे अंदर से ग्लोइंग बनने में मदद मिलती है। आप करेले के छिलके से तैयार फेस पैक को हफ्ते में दो बार लगा सकते हैं। इसके अलावा, आप करेले के जूस को पा भी सकते हैं। ऐसा करने से आपकी त्वचा को ज्यादाफायदा मिलेगा. करेले का कड़वा जूस ब्लड को प्यूरिफाई करने में मदद करता है, जिससे एक्ने या पिंपल्स की समस्या कंट्रोल होती है। -
अदरक एक ऐसा इंग्रेडिएंट है, जो खाने-पीने की अधिकतर चीजों में इस्तेमाल होता है। इसके कई हेल्थ बेनिफिट्स होने के चलते आयुर्वेद में इसके सेवन की खास सलाह दी गई है। खाने का स्वाद बढ़ाने वाली अदरक को लोग चाय में डालकर भी पीते हैं। चाय का स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ ये उसे हेल्दी भी बना देती है. वैसे आप अदरक के अचार से भी खुद को हेल्दी बना सकते हैं. भारत में अधिकतर लोग आम के अचार का सेवन करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अदरक का अचार सेहत के लिए कितना लाभदायक है।
ये नेशनल न्यूट्रिशन वीक है और इस मौके पर आपको अदरक का सेव करना चाहिए। आप अदरक का अचार खा सकते हैं, जो टेस्टी होने के साथ-साथ हेल्दी भी है।
अगर आप बैड कोलेस्ट्रॉल से ग्रसित हैं, तो आपको अदरक के अचार का सेवन करना चाहिए. अदरक का अर्क में मौजूद एंटी एपिडेमिक कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करके आपको हेल्दी बनता है, साथ ही ये गुड कोलेस्ट्रॉल के लेवल को भी बढ़ाएगा।
अदरक के अचार में हाई प्रोबायोटिक मटेरियल मौजूद होता है. इसका पीएच लेवल कम होता है, जो आंत में अच्छे रोगाणुओं के लिए अच्छा माना जाता है। अदरक के अचार की खासियत है कि ये आंत माइक्रोबायोटा को बढ़ावा देता है। हिसाब से अदरक भूख को कंट्रोल करती है। फूड क्रेविंग को कंट्रोल करके आप वजन घटा सकते हैं। इसका एरिल अल्केन्स गुण अदरक को तीखा स्वाद देता है। इससे भूख बढ़ती है लेकिन न्यूट्रिएंट्स ओबस्र्व हो पाते हैं। ऐसे में हर समय भूख नहीं लगती। - खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए कलौंजी का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं, नींबू का इस्तेमाल स्किन और स्वास्थ्य संबंधी कई परेशानियों को दूर कर सकता है। इन दोनों का मिश्रण वजन को कम कर सकता है। साथ ही यह कई अन्य तरह की परेशानियों को दूर करने में प्रभावी होता है। आज हम इस लेख में कलौंजी और नींबू से शरीर को होने वाले लाभ के बारे में बताएंगे।वजन कम करने मेंकलौंजी का बीज वजन कम करने के लिए प्रभावी माना जाता है। इसके लिए 1 चुटकी कलौंजी का बीज लें। अब इसे बारीक पीस लें। इसके बाद 1 गिलास गर्म पानी में कलौंजी का पाउडर, 1 चम्मच नींबू का रस और 1 चम्मच शहद मिक्स कर लें। सभी चीजों को अच्छे से मिक्स करने के बाद इसे पिएं। इस मिश्रण का सेवन करने से शरीर का वजन तेजी से कम किया जा सकता है।डायबिटीज रोगियों के लिए फायदेमंदकलौंजी और नींबू डायबिटीज मरीजों के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकती है। इसका मिश्रण ब्लड में शुगर के स्तर को कंट्रोल करता है। साथ ही इंसुलिन को भी प्रभावित कर सकता है। अगर आप नियमित रूप से गर्म पानी में कलौंजी का तेल और नींबू को मिक्स करके पीते हैं जो डायबिटीज में होने वाली कई परेशानियों को कम किया जा सकता है।अर्थराइटिस की समस्याओं को करे कमअर्थराइटिस में होने वाली परेशानियों से राहत पाने के लिए कलौंजी और नींबू के पानी का सेवन करें। यह जोड़ों में दर्द और सूजन को कम कर सकता है। साथ ही आप कलौंजी के तेज से नियमित रूप से मसाज करें। इससे आपको काफी राहत महसूस होगी।अपच की परेशानी से दिलाए राहतअपच की परेशानी को दूर करने के लिए कलौंजी और नींबू का सेवन करें। इसके लिए 1 गिलास गुनगुना पानी लें, इसमें 2 से 3 बूंदे कलौंजी का तेल डालें. इसके बाद इसमें 1 चम्मच काला नमक और 1 चम्मच नींबू का रस मिक्स कर लें. इसके बाद इसे पानी को पिएं। इससे आपको अपच, गैस और बदहजमी से राहत मिल सकती है।आंखों के लिए हेल्दीआंखों की परेशानियों को कम करने के लिए कलौंजी और नींबू का रस फायदेमंद साबित हो सकता है। इसके लिए कलौंजी के तेल में नींबू का रस मिक्स करें। इसके बाद इसमें थोड़ा सा शहद मिलाएं। अब इन तीनों का मिश्रण पी लें. नियमित रूप से इस मिश्रण का सेवन करने से आंखों की समस्याओं को दूर किया जा सकता है।कलौंजी और नींबू का रस स्वास्थ्य संबंधी कई तरह की परेशानियों को दूर कर सकता है। इससे आप कई तरह की समस्याओं से राहत पा सकते हैं। हालांकि, ध्यान रखें कि अगर आपकी परेशानी काफी ज्यादा बढ़ रही है तो इस स्थिति में डॉक्टर से जरूर सलाह लें।
- आजकल मार्केट में लाल भिंडी की मांग काफी ज्यादा बढ़ गयी है। दरअसल इसमें मौजूद गुणों की वजह से लाल भिंडी का सेवन सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है, यही कारण है कि हरी भिंडी की जगह लोग लाल भिंडी का सेवन तेजी से कर रहे हैं। लाल भिंडी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होती है और कई बीमारियों में भी इसका सेवन करना फायदेमंद माना जाता है। कई शोध और अध्ययनों में इस बात की पुष्टि की गयी है कि लाल भिंडी में मौजूद गुण मोटापे, हाई कोलेस्ट्रॉल और शुगर जैसी समस्या में फायदेमंद होते हैं। आइए जानते हैं लाल भिंडी खाने के फायदे।1. एनीमिया में फायदेमंदलाल भिंडी का सेवन करने से शरीर में खून की कमी या एनीमिया की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। इसमें आयरन की पर्याप्त मात्रा होती है। शरीर में खून की कमी होने पर आप अपनी डाइट में लाल भिंडी को शामिल करें। इससे रिकवरी तेजी से करने में फायदा मिलेगा।2. शुगर में उपयोगीलाल भिंडी का सेवन डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। शरीर में ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने के लिए लाल भिंडी खाना फायदेमंद होता है। लाल भिंडी में फाइबर की पर्याप्त मात्रा होती है और इसमें मौजूद अन्य गुण शरीर में शुगर को कम करते हैं।3. हाई कोलेस्ट्रॉल में फायदेमंदहाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या सेहत के लिए बहुत गंभीर मानी जाती है। शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल यानी पॉली अनसेचुरेटेड फैट को कम करने के लिए लाल भिंडी खाना बहुत फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद पैक्टिन नामक तत्व शरीर में बढ़े बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है।4. भ्रूण के विकास में सहायकगर्भ में पल रहे भ्रूण के सही विकास के लिए लाल भिंडी का सेवन बहुत फायदेमंद माना जाता है। लाल भिंडी में मौजूद फॉलेट गर्भ में पल रहे भ्रूण के मस्तिष्क विकास में बहुत उपयोगी होता है। गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन करना चाहिए।5. ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में उपयोगीलाल भिंडी में सोडियम की मात्रा हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए बहुत उपयोगी होती है। इसका सेवन करने से हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को फायदा मिलता है। हाई बीपी के मरीज नियमित रूप से लाल भिंडी का सेवन कर सकते हैं।लाल भिंडी में मौजूद गुण शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। इसमें प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा पायी जाती है जो शरीर में मांसपेशियों के विकास में बहुत लाभदायक होती है और चयापचय को ठीक रखने का काम करती है। शरीर के मेटाबॉलिक सिस्टम को ठीक रखने के लिए लाल भिंडी का सेवन कर सकते हैं।
- कई लोग अपने दिन की शुरुआत खजूर से करते हैं। खजूर एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होते हैं, जो अल्जाइमर, कैंसर जैसी बीमारियों को रोकने में मदद करते हैं। ये दिल के स्वास्थ्य में सुधार करते हैं। इसके अलावा हेल्दी फाइबर कब्ज के इलाज में मदद करती है और मेटाबॉलिज्म में सुधार करती है और वजन घटाने को बढ़ावा देती है। खजूर को कुछ लोग भिगोकर खाते हैं और कुछ इसे कच्चा खाते हैं, लेकिन क्या खाली पेट खजूर खाना अच्छा है?यहां जानिए खजूर से जुड़ी कुछ बातें और इसे खाने का सही समय और तरीका---पोषक तत्वों से भरा है खजूरखजूर आयरन, फोलेट, प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, विटामिन बी 6 की अच्छाइयों से भरपूर होते हैं। इसके अलावा ये काफी टेस्टी होते हैं और ज्यादातर लोग इसके मीठे स्वाद के कारण इसे खाना पसंद करते हैं। यह भी पढ़ें:दिन स्टार्ट करने के लिए बेहतरीन है तेज पत्ते का पानी, जानिए फायदे और बनाने का तरीकाक्या है खजूर खाने का सही समयखजूर के मामले में फ्रुक्टोज की मौजूदगी खाली पेट खाने पर परेशानी और पेट खराब कर सकती है। हालांकि, खाने के बाद खजूर खाना भी परेशानी भरा हो सकता है, खासकर अगर आपको पाचन संबंधी समस्या है। ऐसा इसलिए है क्योंकि खजूर फाइबर से भरपूर होते हैं, जो आपको जल्दी भरा हुआ महसूस कराता है, लेकिन पाचन प्रक्रिया में बहुत लंबा समय लगता है, जिसकी वजह से सूजन की समस्या हो सकती है।अगर आपको आपको खजूर से एलर्जी है या आपको लूज मोशन हो रहे हैं तो आपको खजूर खाने से बचना चाहिए क्योंकि वे सोर्बिटोल नामक शक्कर अल्कोहल से भरपूर होते हैं, जो परेशानी को बढ़ाता है और ज्यादा मल त्याग करता है। इन कुछ स्थितियों के अलावा, आप खजूर को नाश्ते के रूप में या दिन में कभी भी खा सकते हैं।सुबह क्यों खाएं खजूर?सुबह-सुबह खजूर खाने से आपके शरीर को बहुत एनर्जी मिलती है। सुबह खजूर खाने से आंतों के कीड़ों को मारने में मदद मिलती है। इसके अलावा खजूर जरूरी अंगों को साफ करने में भी मदद करता है। ये दिल और लिवर के स्वास्थ्य में सुधार करता है। इसके अलावा खजूर में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट स्किन और बालों को एक नेचुरल चमक देते हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो खजूर खाने से शक्ति में सुधार होता है और यह कामोत्तेजक के रूप में भी काम करता है
- बदलते लाइफस्टाइल में लोगों को खानपान और फिजिकल एक्टिविटी न करने की वजह से कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना कर पड़ रहा है। इन्हीं स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में से एक है अचानक हाथ और पैर का सुन्न पडऩा। अक्सर लगातार बैठे रहने, लैपटॉप और मोबाइल पर काम करते वक्त लोगों के हाथ-पैर सुन्न पड़ जाते हैं। हाथ-पैर के सुन्न पडऩे का मतलब है कुछ वक्त के लिए शरीर के उस हिस्से का महसूस न होना। हाथ-पैर सुन्न पडऩे की समस्या को ज्यादातर लोग यूं ही ले लेते हैं। उन्हें लगता है कि ये ऐसे ही हो गया होगा, लेकिन वो इस बात से बेखबर होते हैं कि ये बड़ी बीमारी की वजह बन सकता है। आइए जानते हैं हाथ-पैर के सुन्न होने के पीछे कौन से विटामिन की कमी है और इसे कैसे राहत पाई जा सकती है।विटामिन बी12 की कमी होने पर हाथ-पैर के सुन्न होने की समस्या होती है। हाथ-पैर के सुन्न होने की समस्या ज्यादातर 50 साल के बाद देखी जाती है, हालांकि अब इस तरह की समस्या छोटे बच्चों में भी देखने को मिलती है।कैसे पाएं इस समस्या से राहतहाथ-पैर के सुन्न होने की समस्या से राहत पाने के लिए अपनी डाइट में पर्याप्त मात्रा में विटामिन बी12 का सेवन करें। शरीर में विटामिन बी 12 की कमी न हो इसके लिए आप निम्नलिखित फूड को अपने खाने में शामिल कर सकते हैं:अंडा: अंडा प्रोटीन का बेस्ट सोर्स माना जाता है। डेली डाइट में अंडे का सेवन करने से शरीर में विटामिन बी12 की कमी को आसानी से पूरा किया जा सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि एक व्यक्ति को सप्ताह में 5 से ज्यादा अंडों का सेवन नहीं करना चाहिए।दही: दही में पर्याप्त मात्रा में विटामिन बी2, बी 1 और बी12 पाया जाता है। शरीर में विटामिन बी12 की कमी को पूरा करने के लिए प्रतिदिन एक कटोरी दही का सेवन जरूर करें।पनीर : पनीर भी विटामिन बी 12 का अच्छा सोर्स माना जाता है। सप्ताह में 2 बार पनीर का सेवन करने से शरीर का वजन घटाने और विटामिन बी12 की कमी को पूरा करने में मदद मिलती है।इसके अलावा आप विटामिन बी12 की कमी को पूरा करने के लिए मछली, चिकन और ब्रोकली जैसी चीजों को भी अपनी डेली डाइट का हिस्सा बना सकते हैं।
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वजन घटाने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करने के साथ हेल्दी डाइट लेना बहुत ही जरूरी है. ऐसे में आप कई तरह की टी भी डाइट में शामिल कर सकते हैं. ये आपके मेटाबॉलिज्म को तेज करने का काम करती है. ये तेजी से वजन घटाने में मदद करती हैं.
ग्रीन टी - वजन घटाने के लिए ग्रीन टी का सेवन लोकप्रिय रूप से किया जाता है. ये मेटाबॉलिज्म को तेज करने में मदद करती है. इसमें पॉलीफेनॉल्स होते हैं. इसका सेवन करने से आसानी से वजन घटाने में मदद मिलती है.
ब्लैक टी - ब्लैड टी में फ्लोवोनोइड्स गुण होते हैं. ये मेटाबॉलिज्म को तेज करने में मदद करते हैं. ये तेजी से वजन घटाने में मदद करते हैं. आप रोजाना ब्लैक टी का सेवन भी कर सकते हैं.
व्हाइट टी - व्हाइट टी के बारे में शहद ज्यादा लोगों को जानकारी न हो लेकिन ये भी वजन घटाने में तेजी से मदद करती हैं. इसमें अन्य चाय की तुलना में बहुत ही कम कैफीन होता है.
सौंफ की चाय - सौंफ एक बेहतरीन माउथ फ्रेशनर के रूप में काम करता है. सौंफ का इस्तेमाल करके आप चाय भी बना सकते हैं. इसमें फाइबर अधिक मात्रा में होता है. ये चाय पाचन तंत्र को स्वस्थ रखती है और तेजी से वजन घटाने में मदद करती है.