- Home
- लाइफ स्टाइल
- -सीमा उपाध्यायमक्के की रोटी स्वाद में अच्छी लगती है और ये सेहत के लिए भी काफी ज्यादा फायदेमंद होती है। हालांकि, बहुत सी महिलाओं को इसे बनाना काफी मुश्किल लगता है। ऐसे में वह इसे गेहूं के आटे में मिलाकर बनाती हैं। जिसकी वजह से वैसा स्वाद नहीं मिलता जो सिर्फ मक्के के आटे से बनी रोटी में आता है। ऐसे में यहां 5 टिप्स बता रहे हैं जिनसे आप आसानी से मक्के की रोटी घर पर बना सकते हैं।1 मक्के का ताजा और बारीक पिसा आटा लें। फिर इसमें थोड़ा-सा नमक डालकर अच्छे से मिला लें। अब गुनगुने पानी से आटा गूंदें। इससे न केवल आटा मुलायम होता है, बल्कि रोटी भी अच्छी बनती है। गूंदे हुए आटे को 15-20 मिनट के लिए ढक दें और फिर रोटी बेलें।2 मक्के का आटा गूंदने का एक और तरीका है। एक पैन में पानी और नमक डालें। पानी को उबालें। उबलते पानी में मक्के का आटा डालें और लगातार मिलाएं। जब आटा पानी सोख ले तो गैस ऑफ करें। आटा को दूसरे बर्तन में निकालें और थोड़ा ठंडा होने पर गूंदें और रोटी बेलें।3 मक्के की रोटी को बेलने से पहले लोई में घी लगा लें। इसके अलावा आप चकले पर भी घी लगा सकती हैं। इससे रोटी बेलने में आसानी होगी। अगर आप हाथ पर रोटी बनाती हैं, तो मोटी लोई लें और हाथ में घी लगाकर रोटी बनाएं।4 अगर तवे से रोटी को निकालने में वह टूट जाती है, तो इसके लिए आप बेकिंग शीट या फिर मोटी पॉलिथीन का इस्तेमाल भी कर सकती हैं। बेकिंग शीट पर थोड़ा-सा घी लगाएं और लोई रखकर बेल लें। अब पेपर को रोटी सहित उठाकर सीधे तवे पर पलट लें।5 मक्के की रोटी को पकाने में सही तापमान को भी बहुत बड़ा योगदान होता है। ध्यान रखें कि आंच न ज्यादा कम हो और न ज्यादा तेज। मक्के की रोटी को दोनों ओर से सेंकने के बाद हल्के हाथों से दबाएं ताकि रोटी फूल जाए।
- - संध्या शर्मासर्दियों के मौसम में हरी-हरी ताजी मटर खाने का अलग ही मजा है। कोई भी सब्जी बन रही हो उसमें मटर के दाने डाल दो, बस स्वाद दोगुना हो जाता है। आलू मटर की सब्जी और मटर की पूड़ी और कचौड़ियां भी सर्दियों में जीभ का स्वाद बढ़ाती हैं। हालांकि मटर के साथ एक छोटी सी दिक्कत है और वो है इन्हें छीलना। थोड़ी बहुत मटर तो फिर भी आराम से छिल जाती है लेकिन जब पूरे परिवार के लिए ढेर सारी सब्जी बनानी हो, तो किलो भर मटर छीलना बड़ा टाइम टेकिंग और उबाऊ काम हो जाता है। आज आपकी इसी मेहनत को कम करने के लिए हम आपके साथ कुछ कमाल की टिप्स साझा कर रहे हैं। इन टिप्स की मदद से आप ढेर सारी मटर छीलने का काम मिनटों में निपटा लेंगी।आजमाकर देखें ये टिप्सकिलोभर ताजी हरी मटर को मिनटों में छीलने के लिए आपको बस ये आसान सी ट्रिक आजमाने की जरूरत है। इसके लिए सबसे पहले अपनी मटर को अच्छे से वॉश कर लें। लगभग दो से तीन बार आपको अपनी मटर को धो लेना है। अब एक बड़े पतीले में पानी भर कर गैस पर चढ़ाएं। इसमें सारी मटर डाल दें। थोड़ी देर तक इन्हें गर्म पानी में पकने दें। पानी में उबाल आने से पहले ही गैस बंद को कर दें और पानी को थोड़ा सा हल्का ठंडा होने दें। पानी गुनगुना रहे उस दौरान मटर को पीछे से दबाते हुए छीलें। आपको पूरा छिलका उतारने की जरूरत नहीं। बस उसे स्क्वीज करते हुए छीलें और देखें कैसे फटाफट आपकी मटर छिल जाएगी।इसके अलावा एक-एक मटर को छीलने के बजाए आप एक साथ भी ढेर सारी मटर छील सकते हैं। इसके लिए मुट्ठीभर मटर हाथ में लें और उन्हें तोड़ते हुए मसलते रहें। ऐसे करने से आपके मटर के दाने बड़े आराम से निकल जाएंगे और बर्तन में स्टोर हो जाएंगे। इस ट्रिक से आप एक बार में ही बिना मेहनत के ढेर सारे मटर छील पाएंगे।ऐसे करें मटर को स्टोरमटर छीलने के बाद उन्हें स्टोर करने का सही तरीका भी जान लें। मटर लंबे समय तक फ्रेश रहें इसके लिए उन्हें सबसे पहले अच्छी तरह धो लें और फिर किसी कपड़े से पोंछ लें। अब इन्हें किसी बर्तन में रख कर फ्रिज में स्टोर कर लें। अगर आप घर पर ही फ्रोजन मटर बनाना चाहते हैं तो इन्हें किसी एयर टाइट कंटेनर में स्टोर करें और फ्रीजर में रख दें। जब भी इनका इस्तेमाल करना हो, तो इन्हें गर्म पानी में निकाल लें। मटर कुकिंग के लिए तैयार हो जाएंगे।
- -सीमा उपाध्यायसर्दियों में जिन सब्जियों की सबसे ज्यादा डिमांड होती है, गाजर भी उन्हीं में से एक है। गाजर में एंटीऑक्सीडेंट्स, बीटा कैरोटीन, फाइबर, विटामिन के और पोस्टेशियम जैसे ढेरों पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो इम्यूनिटी बढ़ाने से ले कर आई हेल्थ, डाइजेशन, स्किन हेल्थ, हार्ट हेल्थ और बॉडी को डिटॉक्स करने का काम करते हैं। गाजर को कई तरह से अपनी डाइट में शामिल किया जा सकता है लेकिन अधिकतर लोग सुबह खाली पेट गाजर का जूस पीना प्रिफर करते हैं। अब घर में जूसर मशीन हो तो जूस बनाना मिनटों का काम है लेकिन कई बार जूसर मशीन ना होने की वजह से लोग जूस का मजा उठा ही नहीं पाते हैं। अगर आपके साथ भी ऐसा ही है तो आज हम आपको बिना जूसर के गाजर का जूस बनाने के दो आसान तरीके बताने वाले हैं। आइए जानते हैं।बिना जूसर और मिक्सर के ऐसे बनाएं जूसअगर आपके घर में जूसर और मिक्सर दोनों ही नहीं है तब भी आप बड़ी आसानी से गाजर का जूस बना सकते हैं। इसे बनाने के लिए सबसे पहले सही गाजर का चयन करें। इसके लिए गाजर को थोड़ा सा काट कर देखें। अगर गाजर में पीला भाग कम है तो इसका मतलब गाजर में अच्छी मात्रा में जूस मौजूद है। जूस निकालने के लिए हमेशा थोड़ी लाल गाजर का इस्तेमाल करें। इससे ढेर सारा जूस बनकर तैयार होता है।जूस बनाने के लिए गाजर को अच्छी तरह धो कर छील लें। अब ग्रेटर की मदद से गाजर को अच्छी तरह कद्दूकस कर लें। अब एक गिलास में उतना पानी भरें जितना आपको जूस पीना है। इसमें कद्दूकस की हुई गाजर मिला दें। गाजर की मात्रा अच्छी खासी होनी चाहिए। अब गिलास को ढक कर लगभग तीन घंटे के लिए छोड़ दें। इससे गाजर के पोषक तत्व पानी में अच्छी तरह मिल जाएंगे। जब भी आपको जूस पीना हो लगभग तीन घंटे पहले उसे बनने के लिए रख दें। इसे छानकर, इसमें थोड़ा सा नींबू का रस, काली मिर्च, काला नमक डालकर पीएं।इस ट्रिक से भी बना सकते हैं गाजर का जूसअगर आपके घर में मिक्सर ग्राइंडर मौजूद है लेकिन जूसर नहीं है, तो आप मिक्सर की मदद से ही फटाफट गाजर का हेल्दी और टेस्टी जूस बनाकर तैयार कर सकते हैं। इसके लिए गाजर को अच्छी तरह धो कर छील लें। अब इसे छोटे टुकड़ों में काटकर मिक्सर में डाल दें। पेस्ट बनाने के लिए हल्का सा पानी भी एड करें। जब ये एक अच्छा सा पेस्ट बन जाए तो किसी बड़ी छलनी में डालकर चम्मच से प्रेस करते हुए जूस निकाल लें। इस तरीके से आप मिनटों में ही ढेर सारा गाजर का जूस बना लेंगे, वो भी बिना जूसर के।
- - संध्या शर्मासर्दियों का मौसम हो और बात गरमा-गरम पराठों की ना हो, ऐसा तो मुमकिन ही नहीं है। ज्यादातर भारतीय लोग सुबह के नाश्ते में गरमा-गरम पराठे खाना पसंद करते हैं। इस मौसम में आलू, मूली, गोभी, प्याज जैसे कई तरह के पराठे घरों में बनाए जाते हैं। ऐसे में अगर आप एक पराठा लवर हैं लेकिन रोज-रोज एक जैसा टेस्ट वाला पराठा खाकर बोर हो चुके हैं तो ये खबर आपके बड़े काम की हो सकती है। इस खबर में आज आपको बताएंगे कि कैसे आप किचन में रखी कुछ आसानी से मिल जाने वाली चीजों की मदद से अपने पराठे में एक नया स्वाद जोड़ सकते हैं।पराठे को टेस्टी बनाने के लिए अपनाएं ये टिप्सकसूरी मेथीआपकी सब्जी में स्वाद और खुशबू बढ़ाने वाली कसूरी मेथी आपके पराठों का टेस्ट भी बदलकर रख सकती है। कसूरी मेथी पराठों में हल्का कड़वा स्वाद जोड़ती है। जो उसके टेस्ट को और ज्यादा बढ़ा देता है। इसके लिए पराठे के आटे में एक मुट्ठी कसूरी मेथी के पत्तों को कुछ सेकंड भूनकर हल्का मैश करते हुए मिलाएं। कसूरी मेथी का ये टिप आपके सादे पराठों से लेकर आलू के पराठों तक का स्वाद बढ़ा सकता है।कद्दूकस किया हुआ लहसुनअगर आप खाने में लहसुन का स्वाद पसंद करते हैं तो आपके पराठों में ये गार्लिक टच आपको बेहद पसंद आने वाला है। इसके लिए पराठे के आटे या स्टफिंग में ताजा कसा हुआ लहसुन डालें। इसके अलावा आप लहसुन को घी में हल्का रोस्ट करके पराठे के मसाले में हरी मिर्च और धनिया के साथ मैश करते हुए मिला दें। यह टिप आपके पराठे के स्वाद को अलग ही लेवल पर लेकर जाएगा।अजवायन और चिल्ली फ्लेक्स का साथअजवायन ना सिर्फ पराठों का स्वाद बढ़ाती हैं बल्कि व्यक्ति के पाचन तंत्र का भी ख्याल रखकर गैस जैसी समस्या को दूर रखने में मदद करती है। इन सिंपल पराठों का स्वाद बढ़ाने के लिए आटे को गूंथने से पहले उसमें अजवायन और चिल्ली फ्लेक्स मिला लें।
- -सीमा उपाध्यायसर्दियों में खाने-पीने की कई ऐसी चीजें हैं, जिनका सेवन सेहत के लिए फायदेमंद माना गया है। ऐसी ही एक चीज का नाम गुड़ है। गुड़ एंटीऑक्सीडेंट और जिंक से भरपूर होने के साथ तासीर में भी गर्म होता है। जो शरीर को गर्म बनाए रखने में मदद करता है। जबकि इसमें मौजूद पोटैशियम, मैग्नीशियम, विटामिन बी1, बी6, और विटामिन सी मोटापा कम करके वेट लॉस जर्नी को आसान बनाते हैं। गड़ का नियमित सेवन पाचन से जुड़ी समस्याओं जैसे कब्ज, गैस और अपच को ठीक करने में भी असरदार है। सेहत के लिए इतना फायदेमंद होने की वजह से ज्यादातर घरों में भोजन करने के बाद गुड़ का टुकड़ा जरूर खाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं भोजन के साथ परोसी गई गुड़ की चटनी, ना सिर्फ सेहत से जुड़े फायदे देती है बल्कि खाने का स्वाद भी बढ़ा देती है। आइए जानते हैं सर्दी के मौसम में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए कैसे बनाई जाती है गुड़ की चटनी।गुड़ की चटनी बनाने के लिए सामग्री-4-5 बड़े चम्मच सरसों का तेल-एक कटोरी कुचले हुए जैतून-दो चम्मच पंच फोरन के बीज-एक चम्मच लाल मिर्च पाउडरगुड़ की चटनी बनाने का तरीकागुड़ की चटनी बनाने के लिए सबसे पहले गुड़ को पिघला लें। इसके लिए एक पैन में सरसों का तेल डालकर कुछ देर गर्म करके उसमें गुड़ डालकर मीडियम आंच पर पकाएं। अब पैन में कुचले हुए जैतून डालकर नरम होने तक पकाएं। जैतून को जलने से बचाने के लिए उन्हें बीच-बीच में हिलाते रहें। अब पैन में नमक, पंचफोरन बीज, भुना जीरा और लाल मिर्च पाउडर डालकर 2-3 मिनट तक पकाएं। इसके बाद मसालों में शहद मिलाकर आंच बंद कर दें। सर्दियों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए इसे चावल और करी के साथ परोसे।
- साल 2024 खत्म होने को हैं। नया साल आने के साथ पुराना साल कुछ न कुछ खास यादें देकर जा रहा है। वहीं इंडियन टेलीविजन और बॉलीवुड के लिहाज से देखा जाए तो कई सेलेब्स के लिए भी ये साल काफी अच्छा रहा। दरअसल इस साल कई इंडियन सेलेब्स ने अपने फिजनेस गोल को पूरा किया है, जिसमें उन्होने न सिर्फ वेट लॉस किया है, बल्कि एक बेहतर रूटीन फॉलो करने की भी कोशिश की है। सेलेब्स ने एक्सरसाइज, डाइटिंग, इन्फ्लेमेटरी डाइट और हेल्दी लाइफस्टाइल की मदद से अपना वजन कम करने में कामयाबी हासिल की है।साल 2024 में इन इंडियन सेलेब्स ने किया वेट लॉस -हिमांशी खुरानापंजाबी एक्ट्रेस और मॉडल हिमांशी खुराना साल 2024 में अपने फिटनेस के कारण सुर्खियों में रही। दरअसल, हिमांशी ने अपना 11 किलो वजन कम करके अपने फैंस को चौंका दिया। हिमांसी ने अपने वजन कम होने का सीक्रेट शेयर करते हुए बताया था कि, "मैंने ज्यादा जिम नहीं किया, घर का सिंपल खाना, रोजाना घी का परांठा, बाहर के खाने से परहेज और हफ्ते में सिर्फ दो बार शारीरिक गतिविधि करती थीं।" हिमांशी खुराना ने सिर्फ इस सिंपल डाइट और हेल्दी मेंटल हेल्थ की मदद से अपना 11 किलो वजन कम करने के साथ कुछ पुरानी स्वास्थ्य समस्याओं से भी छुटकारा पाया।विद्या बालनबॉलीवुड एक्ट्रेस विद्या बालन भी साल 2024 में अपने वेट लॉस जर्नी के कारण काफी चर्चा में रहीं। विद्या बालन लंबे समय से अपने बढ़ते वजन के कारण काफी परेशान थी, जिसे कम करने के लिए उन्हें कई तरीके अपनाएं, जिम में घंटों एक्सरसाइज किया और कई तरह की डाइटिंग भी की, लेकिन इसके बाद भी उनका वजन कम नहीं हुआ। इसके बाद विद्या बालन को पता चला कि उनका वजन ज्यादा नहीं है बल्कि सूजन के कारण शरीर फूला हुआ है। जिसके बाद उन्होने इन्फ्लेमेटरी डाइट फॉलो की और अपनी डाइट से कुछ फूड्स को हटा दिया, जिसके बाद कुछ समय में ही वे काफी फिट नजर आने लगी।ओर्रीइंटरनेट सनसनी ओरहान अवत्रामणि, जिसे ओर्री के नाम से जाना जाता है, ने साल 2024 में जीरो-शुगर डाइट फॉलो करके अपना काफी वजन कम किया है। ओरी ने एक साल से ज्यादा समय में 73 किलो से अपना वजन घटाकर 50 किलो कर लिया है। एक पॉडकास्ट के दौरान ओरी ने बताया कि उन्होने चीनी का सेवन कम करके, ऑमलेट जैसे फूड्स का सेवन करके और अन्य कई तरीकों को अपनाकर अपना वेट लॉट किया है।सामंथा रूथ प्रभुएक्ट्रेस सामंथा रूथ प्रभु भी साल 2024 में अपना वजन कम करने को लेकर चर्चा में रही। दरअसल सामंथा साल मायोसिटिस नाम की ऑटोइम्यून बीमारी से पीड़ित थी, जिस कारण उनके शरीर में काफी सूजन आ गई। लेकिन, एक्ट्रेस ने इस साल सख्त एंटी-इन्फ्लेमेटरी डाइट फॉलो करके अपना काफी वजन कम किया और एक बार दोबारा से फिट शरीर पाने में कामयाब रहीं।मोना सिंह"जस्सी जैसी कोई नहीं" सीरियल से घर-घर में अपना पहचान बनाने वाली मशहूर एक्ट्रेस मोना सिंह भी साल 2024 में अपने फिटनेस के कारण काफी सुर्खियां बतोरी हैं। मोना सिंग ने सिर्फ 6 महीने में योग, संतुलित आहार और नियमित रूप से एक्सरसाज करके 15 किलो वजन कम किया है।करण जौहरसाल 2024 में भारतीय फिल्म डायरेक्टर, निर्माता, स्क्रीनराइटर करण जौहर भी अपने वेट लॉस को लेकर काफी अटकलों और विवादों की बीच घिरे रहे। कुछ लोगों का मानना है कि उन्होंने वजन कम करने के लिए ओजेम्पिक दवा का इस्तेमाल किया है। हालांकि, करण जौहर ने इस बात से पूरी तरह इनकार कर दिया है, और अपने वजन कम होने का कारण अपने हेल्दी लाइफस्टाइल को बताया है।
-
आचार्य चाणक्य की गणना देश के महान विद्वानों में की जाती हैं, उन्हें कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता है। माना जाता है कि आचार्य चाणक्य को न केवल राजनीति विज्ञान बल्कि अर्थशास्त्र, युद्ध रणनीति, ज्योतिष और चिकित्सा का भी ज्ञान था, इतना ही नहीं उन्होंने खगोल विज्ञान और समुद्र शास्त्र जैसे विषयों में भी महारत हासिल की हुई थी।
कहते हैं कि चाणक्य ने अपने जीवन काल में एक महान नीति शास्त्र की रचना की थी, जिसे 'चाणक्य नीति' के नाम से जाना जाता है, इस नीति शास्त्र में जीवन से जुड़ी कई बातों का उल्लेख है जिसका अध्ययन करने पर नए नजरिए की प्राप्ति होती हैं।
चाणक्य नीति में विद्यार्थियों के लिए भी कई सफलता सूत्र हैं जिन्हें अपनाने पर विद्यार्थी जीवन सरल बनता है। चाणक्य के अनुसार हमारे पूरे जीवन काल में छात्र होने का समय सबसे किमती और खूबसूरत होता है, यह वो समय है जब छात्र अपने सपनों को पूरा करने की रेस में दौड़ते हैं, लेकिन इस दौरान विद्यार्थियों को कुछ खास बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए, नहीं तो समस्याएं हो सकती हैं, आइए इसके बारे में जानते हैं।
सुखार्थिनः कुतो विद्या विद्यार्थिनः कुतो सुखम् ।।
इस श्लोक का अर्थ है कि विद्या प्राप्ति के समय विद्यार्थी को सुख-सुविधाओं की आशा नहीं करनी चाहिए, उन्हें केवल लक्ष्य के प्रति कठोर तप करना चाहिए। आचार्य चाणक्य के अनुसार कठोर परिश्रम करने पर ही विद्या की प्राप्ति हो सकती है।
अनुशासन का पालन
जीवन में सफलता हासिल करने के लिए विद्यार्थी को सर्वप्रथम अनुशासन का पालन करना चाहिए। अगर अनुशासन का पालन न किया जाए, तो कार्यों को पूरा करने में हमेशा बाधाएं आती हैं। चाणक्य नीति के अनुसार अनुशासन के माध्यम से विद्यार्थी अपने समय का सदुपयोग करते हैं, जिससे सफलता हासिल करने में आसानी होती हैं।
लालच न करें
विद्यार्थियों को कभी भी किसी भी तरह के 'लालच' में नहीं पड़ना चाहिए। लालच सफलता प्राप्त करने में बाधा उत्पन्न करता है, जिससे व्यक्ति का कठोर परिश्रम भी प्रभावित होता है। चाणक्य के अनुसार लालच विद्यार्थियों के सुखी जीवन में परेशानियों के द्वार खोलता है, इसलिए कभी भी लालच के मार्ग को नहीं अपनाना चाहिए।
कभी न करें गुरु का अपमान
आचार्य चाणक्य के अनुसार जीवन में कभी भी गुरु का अपमान नहीं करना चाहिए। गुरु जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं, इतनी ही नहीं कार्यों में आ रही समस्याओं का निवारण भी हमारे गुरूजन करते हैं, इसलिए कभी भी उनका अपमान नहीं करना चाहिए। गुरु, व्यक्ति को आध्यात्मिक रूप से भी मजबूत बनाते हैं। -
फिल्म इंडस्ट्री के सीनियर एक्टर धर्मेंद्र 89 साल के हैं लेकिन, इस उम्र में भी अपनी फिटनेस से लोगों को हैरान कर देते हैं। वे इस उम्र में भी एक्टिव और हेल्दी रहते हैं। बता दें कि बॉलीवुड के ही-मैन कहे जाने वाले धर्मेंद्र इस उम्र में भी रेग्यूलर एक्सरसाइज करते हैं और खुद को फिट रखने के लिए काफी मेहनत करते हैं। यह उनकी एक्टिव लाइफस्टाइल की ही देन है कि धर्मेंद्र इस उम्र में भी ना केवल सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं बल्कि फिल्मों और टीवी शोज़ पर भी अपीयरेंस देते रहते हैं। बीते साल फिल्म 'रानी और रॉकी की प्रेम कहानी' में धर्मेंद्र ने एक स्पेशल भूमिका निभाई और सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा।
रोज करते हैं एक्सरसाइजधर्मेंद्र ट्रेडिशनल और मॉडर्न टेक्निक्स की मदद से एक्सरसाइज करते हैं। धर्मेंद्र हर मौसम में कसरत करते हैं। वे रोजाना कम से कम 30 मिनट तक एक्सरसाइज करते हैं। इसके अलावा उन्हें स्वीमिंग करने का भी शौक है और रोजाना सुबह जल्दी उठकर वर्कआउट और फिर स्विमिंग करना धर्मेंद्र का रूटीन है।ऑर्गेनिक फल-सब्जियां खाते हैंअभिनेता शहर के शोरगुल से दूर अपना अधिकांश समय अपने फार्म हाउस पर ही बिताते हैं। यहां वे बागवानी और खेती जैसे कामों में भी हाथ बंटाते हैं। फार्म हाउस में उगनेवाली सब्जियों-फलों, हर्ब्स और मसालों का ही इस्तेमाल वे अपने रोजमर्रा के खाने में करते हैं। उनकी डाइट में नेचुरल और ऑर्गेनिक फूड्स का ही समावेश होता है।20 साल से नहीं खायी शक्करधर्मेंद्र हर हाल में शक्कर से परहेज करते हैँ। उन्हें कई साल पहले ही शक्कर खानी छोड़ दी। धरम की तरह हेमा मालिनी भी शक्कर नहीं खातीं और शक्कर की जगह गुड़ और शहद जैसे नेचुरल स्वीटनर्स का इस्तेमाल करती हैं।हेल्दी फैट्स के लिए इस तेल में पकता है धर्मेंद्र का खानाधर्मेंद्र रिफाइंड ऑयल की बजाय कच्ची घानी में तैयार सरसों के तेल का सेवन करते हैं। वहीं, वे देसी घी का भी सेवन करते हैं। - -सीमा उपाध्यायसर्दियों में पराठे खूब खाए जाते हैं, कुछ लोग नाश्ते में इसे खाना पसंद करते हैं तो कुछ लोग लंच में पराठा खाते हैं। बच्चे भी अपने स्कूल टिफिन में अलग-अलग तरह के पराठे खाना पसंद करते हैं। ऐसे में आप बच्चों और बड़ों के लिए चीनी पराठा बनाकर तैयार कर सकते हैं। ये फटाफट बनने वाली डिशेज में से एक हैं। कुछ महिलाएं अक्सर इसे बनाती हैं लेकिन उनकी शिकायत रहती है कि पराठा काफी सख्त हो जाता है। अगर आपकी भी यही शिकायत है तो यहां बताई गई टिप्स आपके काम आ सकती हैं।जानिए, चीनी का पराठा बनाने के स्टेप्स-इस सीक्रेट को अपनाकर लगाएं आटासॉफ्ट और टेस्टी चीनी का पराठा बनाने के लिए सही आटा लगाना जरूरी है। इसके लिए आटा गूंथते समय पानी की जगह दूध का इस्तेमाल करें। जब आप आटा गूंथ लें तो उसे कुछ देर के लिए ढककर रख दें। इसे ढकने के लिए एक गीले सूती कपड़े का इस्तेमाल करें।स्टफिंग में मिलाएं ये एक चीजचीनी पराठे की स्टफिंग बनाने के लिए आटे से थोड़ा हिस्सा लें और इसे बेल लें। अब उसमें एक बड़ा चम्मच चीनी डालें। इसी के साथ इसमें थोड़ी ताजी मलाई डाल दें। फिर इसके किनारों को सील कर दें। अब परांठे को समान गोलाकार आकार में चपटा करें और फिर बेलकर पराठा तैयार कर लें। अगर मलाई का इस्तेमाल करने के बाद पराठा बनाना मुश्किल लगता है तो पराठा तैयार करने के बाद इसके ऊपर मलाई स्प्रेड कर सकते हैं। इससे भी अच्छा स्वाद मिलेगा।आंच का रखें ख्यालपराठे को गरम तवे पर बनाना चाहिए। लेकिन इसे बनाते समय आंच का ध्यान रखें। अगर आप धीमी आंच पर पराठा बनाएंगे तो ये सख्त हो सकता है। इसलिए हमेशा धीमी से मध्यम आंच पर पराठे को बनाएं। अच्छे स्वाद के लिए इसे घी में बनाएं।
- - संध्या शर्मातीखा-चटपटा खाने के शौकीन लोग खाने के साथ हमेशा हरी मिर्च खाना पसंद करते हैं। हरी मिर्च हर घर में आपको आसानी से मिल जाएगी। लेकिन अक्सर लोग शिकायत करते हैं कि फ्रिज में रखने के बाद भी ये जल्दी गलने लगती है या फिर लाल पड़ने लगती है। ऐसे में लोग बहुत ज्यादा मात्रा में हरी मिर्च को स्टोर करने से बचते हैं। लेकिन यहां हम आपको कुछ टिप्स बता रहे हैं जिन्हें अपनाकर आप हरी मिर्च को लंबे समय तक स्टोर कर सकते हैं। देखिए, हरी मिर्च को स्टोर करने का तरीका-खराब मिर्ची को करें अलगसबसे पहले आप सभी मिर्ची को अच्छे से धो लें और फिर गली और खराब मिर्ची को अलग कर लें। बहुत देखकर ऐसा करें क्योंकि अगर एक भी सड़ी-गली मिर्च रह जाती है तो इससे बाकी मिर्ची के खराब होने का डर भी रहता है।जिप लॉक में रखेंमिर्ची को लंबे समय तक फ्रेश बनाए रखने के लिए सबसे पहले इन्हें धोएं और फिर सुखा लें। फिर इसकी डंठल तोड़ दें और फिर मिर्च को जिप लॉक बैग में रख दें। फिर इसे फ्रिज में रखें। ज्यादा समय तक रखने के लिए पाउच को फ्रीजर के आइसबॉक्स में भी जमा सकते हैं।तोड़ दें हरी मिर्च की डंडीमिर्ची को पानी में कुछ देर के लिए भिगोएं और फिर बाहर निकाल लें। अब इसे लंबे समय तक स्टोर करने के लिए इसकी डंडी को तोड़ दें। फिर जब हरी मिर्च का पानी सूख जाए तो इसे एयर टाइट कंटेनर में स्टोर करें।काम आएगा पेपर टॉवलहरी मिर्च को स्टोर करने के लिए आप पेपर टॉवल का इस्तेमाल करें। इसके लिए मिर्ची को धोएं और फिर सुखाकर साफ कर लें। इसकी नमी को सोखने के लिए पेपर के तौलिये का इस्तेमाल करें। फिर इसे एक साफ पेपर टॉवल में लपेट कर रखें। हालांकि, मिर्ची अगर बहुत ज्यादा हैं तो आप इसे ग्लास कंटेनर में स्टोर करें।
-
सर्दियों में जमकर हरा साग और नया आलू आता है। जिसे काटने की वजह से ना केवल हाथ और नाखून काले पड़ जाते हैं। बल्कि उंगलियों में चाकू से कट का निशान लग जाता है। इस तरह के हाथ दिखने में बहुत गंदे लगते हैं और कई बार तो शर्मिंदगी का कारण बन जाते हैं। अगर आप भी हर बार सर्दियों में हाथों के काले और खराब होने की वजह से शर्मिंदगी उठाती हैं तो इस तरह से करें हाथों की देखभाल।
सर्दियों में कटे-फटे हाथों और काले नाखूनों से ऐसे बचाएं हाथ----
हाथों को सॉफ्ट और धब्बे हटाने में मदद करेगा ऑलिव ऑयल
एक चम्मच ऑलिव ऑयल में एक चम्मच चीनी मिलाएं और मिक्स करें। फिर इस नेचुरल स्क्रब से हाथों को मसाज करें और उंगलियों को रब करके साफ करें। ऐसा करने से चीनी की मदद से उंगलियों पर जमा कालापन साफ होगा और साथ ही जैतून का तेल स्किन को सॉफ्ट बनाएगा। जिससे कटी-फटी स्किन हील होने में मदद मिलेगी।
काले नाखूनों को साफ करेगा नींबू
नींबू को आधा काटकर रस निकाल लें। फिर उस पर चुटकीभर नमक छिड़क लें। अब इसे काले नाखूनों पर रगड़ें। ऐसा करने से नाखूनों पर जमा कालापन साफ हो जाएगा। लेकिन ध्यान रहे कि नाखूनों के किनारे बहुत ज्यादा कटे हुए और चोटिल ना हो। नहीं तो नींबू का रस लगाने से इरिटेशन हो सकती है।
चुकंदर का दाग उंगलियों से कैसे निकाले
चुकंदर काटने की वजह से अगर उंगलियों और नाखूनों पर जम गया है तो इसे साफ करने के लिए आलू के एक टुकड़े को लेकर रगड़ें। आलू का टुकड़ा नाखून के किनारों से लेकर उंगलियों पर जमा गंदगी को पूरी तरह से साफ कर देगा।
ना करें साबुन से साफ
आलू, साग या फिर चुकंदर साफ करने के बाद हार्श सोप से हाथ साफ ना करें। ऐसा करने से ना हाथ ना केवल ड्राई हो जाते हैं बल्कि ज्यादा कट जाते हैं।\ -
शादी के पहले की रस्मों की तरह ही शादी के बाद भी कई सारी रस्मों को निभाना होता है। जिसमे हर किसी की निगाहें नई नवेली दुल्हन पर ही होती है। ऐसे में कई बार लड़कियां कंफ्यूज हो जाती हैं और लुक्स के साथ एक्सपेरिमेंट नहीं कर पातीं। लेकिन अगर आप पहले से ही सोच कर रखेंगी तो शादी के बाद भी आपके लुक्स हर किसी को तारीफ करने पर मजबूर कर देंगे। तो शादी के बाद पहली बार ससुराल में रेडी होने के लिए इन एक्ट्रेसेज के लुक्स से टिप्स ले सकती हैं।
जाह्नवी कपूर जैसा सिंपल लुकशादी की रस्मों में भारी-भरकम ज्वैलरी और कपड़ों की वजह से थकान होने लगती है। ऐसे में शादी के बाद आप अपने लिए पेस्टल कलर की सुंदर साड़ी को चुनें। जिसके साथ लाइटवेट ज्वैलरी और मेकअप करें। साथ ही बालों को फ्रंट पार्टीशन के साथ ओपन करके रखें। ये लुक सिंपल और नई नवेली दुल्हन के ग्लो वाला होगा।अनन्या पांडे की तरह हो जाएं तैयारशादी के बाद पहले दिन आप चाहें तो पेस्टल कलर के सूट या लहंगा को ट्राई कर सकती हैं। साथ में मैट फिनिश मेकअप और बालों में फिश टेल काफी खूबसूरत लुक देगी।कटरीना कैफ की रेड साड़ीकटरीना कैफ की तरह शादी के बाद रेड कलर की रेडीमेड साड़ी को ट्राई कर सकती हैं। भारी-भरकम ज्वैलरी और कपड़ों से बचना है तो इस लुक को मिनिमल मेकअप और लाइटवेट ईयररिंग्स के साथ मैच करें। आपका नेचुरल ग्लो रेड साड़ी के साथ फिट बैठेगा।बांधनी प्रिंट ऑरेंज लहंगाशादी के बाद पहले दिन बांधनी प्रिंट के साड़ी या लहंगे का लुक ट्रेडिशनल दिखता है। साथ ही ऑरेंज शेड लगभग हर स्किन टोन पर जंचेगा। इसे आप चोकर नेकपीस और रस्ट ऑरेंज लिपस्टिक शेड के साथ कंप्लीट करें। जाह्ववी कपूर का ये लुक न्यू ब्राइड्स के लिए बिल्कुल परफेक्ट है।बालों में गजरा वाला लुकशादी के बाद किसी रस्म के लिए रेडी होना है तो ग्लॉस फिनिश मेकअप करें और साथ में माथे पर छोटी सी बिंदी और बालों में गजरा लगाएं। आप ब्लू कलर के ही रेड, पिंक जैसे कलर को भी चुन सकती हैं।नई नवेली दुल्हन वाला लुकआथिया शेट्टी की तरह सुर्ख रेड कलर की साड़ी के साथ हैवी ईयररिंग्स को मैच करें। ये लुक बिल्कुल नई नवेली दुल्हन के लिए परफेक्ट है। -
कान के मैल की सफाई करें या न करें इस सवाल को लेकर अक्सर बहस होती रहती है। कान में जमा मैल समस्या का कारण बन सकता है,यही वजह है कि लोग इसे किसी भी तरह से साफ करना पसंद करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कान में जमा मैल कानों की सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी होता है। अगर आप भी कान के मैल को साफ करते हैं तो आपको इसे साफ न करने के कारणों के बारे में जानना चाहिए।
1) कान साफ करना नहीं है जरूरीकान अपने आप साफ हो जाता है। इसकी सफाई के लिए किसी नियमित रखरखाव की जरूरत नहीं है। अगर आप ईयरवैक्स को हटाने या उसको जमा होने से कानों में स्वाब डाल रहे हैं तो इससे बचें। ईयरवैक्स कान के अंदर से आता है और नैचुरली बाहर की ओर चला जाता है। कुछ लोगों में कान का मैल औसत मात्रा से ज्यादा होता है। वहीं दूसरों के लिए यह सामान्य से ज्यादा सख्त और ड्राई हो जाता है।2) मैल साफ करना हो सकता है खतरनाककान में रुई का फाहा डालने से कान या कान का पर्दा डैमेज हो सकता है। कान का मैल नहर में और अधिक चला जाएगा, जिससे इसे निकालना मुश्किल हो जाएगा। इससे कान में दबाव महसूस हो सकता है और सुनने की क्षमता कम हो सकती है। वहीं कान का मैल अगर कान के परदे के पास चला जाए तो दर्दनाक संक्रमण हो सकता है।3) कान की होती है रक्षाकान का मैल प्रोटेक्शन की तरह काम कर सकता है। यह आपके कानों को वायरल, फंगल और बैक्टीरियल संक्रमणों से बचाता है। वहीं ईयरवैक्स कीड़ों को दूर भगाने में मदद करता है। इसी के साथ कान में जमा वैक्स प्राकृतिक मॉइस्चराइजर है, जो कान के अंदर की स्किन को ज्यादा ड्राई होने से बचाता है। -
लंदन. शारीरिक गतिविधि को अधिक जटिल नहीं बनाना चाहिए। यहां तक कि रोजाना सिर्फ दस मिनट की तेज सैर भी सेहत को कई लाभ दे सकती है और हृदय रोग, आघात तथा कैंसर सहित कई बीमारियों के जोखिम को कम करती है। अपने सैर के तरीके में कुछ बदलाव करके आप सेहत से जुड़े और फायदे पा सकते हैं।
यदि आप अपनी सैर से अधिक लाभ प्राप्त करना चाहते हैं तो यहां उन्हें और अधिक आनंददायक बनाने के पांच तरीके हैं।
1. अपनी गति में बदलाव करें
सैर के लाभों को बढ़ाने का एक तरीका अपनी गति में बदलाव करना है। एक स्थिर गति बनाए रखने के बजाय तेज चले और फिर सुस्ताने के लिए धीमा चलें। यह तकनीक हृदय संबंधी फिटनेस को और सुधार सकती है। चार महीने की अवधि में किए गए एक अध्ययन में तीन मिनट की तेज सैर और तीन मिनट की मध्यम गति से सैर करने से टाइप 2 मधुमेह वाले वयस्कों में रक्त शर्करा नियंत्रण और फिटनेस के स्तर में उन लोगों की तुलना में अधिक सुधार देखा गया जो समान समय अवधि के लिए स्थिर गति से चलते थे। अंतराल पर सैर करने से शरीर की चर्बी भी कम होती है और समग्र शारीरिक सहनशक्ति भी बेहतर होती है।2. गति बढ़ाएं
तेज गति से चलने से न केवल आप अपनी मंजिल तक जल्दी पहुंचते हैं बल्कि इससे आपको स्वास्थ्य संबंधी ज्यादा लाभ भी मिलते हैं। पैदल चलने वाले 50,000 से ज्यादा लोगों से प्राप्त आंकड़ों से पता चला कि कम से कम पांच किलोमीटर प्रति घंटे (लगभग तीन मील प्रति घंटे) की गति से चलने से हृदय रोग और कैंसर सहित विभिन्न कारणों से मौत का जोखिम कम होता है। शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि सैर की गति बढ़ाने से हृदय स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है और वजन नियंत्रण में सहायता मिल सकती है।
3. थोड़ा वजन जोड़ें
सैर के समय अतिरिक्त वजन उठाने से आपकी कसरत की तीव्रता बढ़ सकती है। भार वाली जैकेट या बैकपैक पहनने से आपकी मांसपेशियों को अधिक मेहनत करनी पड़ती है - जिससे ताकत बढ़ती है और अधिक कैलोरी बर्न होती है। अगर आप इसे आजमाना चाहते हैं, तो तनाव या चोट से बचने के लिए हल्के वजन से शुरुआत करना चाहिए। खासतौर पर आपको एक जैकेट या बैकपैक से शुरुआत करनी चाहिए जो आपके शरीर के वजन का लगभग पांच प्रतिशत हो। इसलिए कोई व्यक्ति जिसका वजन लगभग 80 किलोग्राम है वह अपने बैकपैक में सिर्फ चार किलोग्राम अतिरिक्त वजन जोड़कर शुरुआत कर सकता है।
4. पहाड़ियां या सीढ़ियां शामिल करें
चढ़ान में चलने से काफी फर्क पड़ सकता है।
ऊपर की ओर चलना या सीढ़ियां चढ़ना अलग-अलग मांसपेशी समूहों को सक्रिय करता है खासकर आपके पैरों और ग्लूट्स में, जबकि समतल जमीन पर चलने से ऐसा नहीं होता। इससे न केवल ताकत बढ़ती है, बल्कि ज्यादा कैलोरी भी बर्न होती है।
5. सचेत रह कर सैर करें
सैर न केवल आपके शारीरिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है बल्कि यह आपके मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बना सकता है। सचेत रहकर सैर करना भी एक तरीका है। इसमें आपकी गतिविधियों, सांसों और आस-पास के माहौल पर पूरा ध्यान देना शामिल है। शोध से पता चला है कि जिन लोगों ने नियमित रूप से एक महीने तक इस प्रकार से सैर की उनमें तनाव के स्तर में कमी देखी गई, साथ ही मूड और समग्र मानसिक स्वास्थ्य में भी सुधार हुआ।
-
विटामिन सी से भरपूर आंवला चटनी बनाने का तरीका
सामग्री???? आंवला - 250 ग्राम???? हरी मिर्च - 2-3 (स्वादानुसार)???? अदरक - 1 इंच (कद्दूकस किया हुआ)???? नमक - स्वादानुसार???? चीनी - 1-2 चम्मच (वैकल्पिक)???? धनिया पत्ती - 2 बड़े चम्मच (बारीक कटी हुई)???? नींबू का रस - 1-2 चम्मच (वैकल्पिक)???? पानी - आवश्यकतानुसारबनाने की विधि???? आंवला की तैयारी - आंवलों को अच्छे से धो लें और उनके बीज निकालकर छोटे टुकड़ों में काट लें।???? सभी सामग्री मिलाएं - सिल बट्टे पर कटे हुए आंवला, हरी मिर्च, अदरक, नमक और चीनी डालें आवश्यकतानुसार थोड़ा पानी डालें ताकि चटनी अच्छी तरह पीस जाए।???? पीसें - सभी सामग्रियों को एकसार होने तक अच्छी तरह पीसें। यदि आप चाहते हैं कि चटनी थोड़ा गाढ़ी रहे, तो पानी कम डालें।???? धनिया और नींबू का रस मिलाएं - चटनी को एक प्लेट में उठा लें और उसमें बारीक कटी धनिया पत्तियाँ और नींबू का रस मिलाएं। यह चटनी को और अधिक ताजगी और स्वाद देगी।आवंला चटनी को गर्मागर्म पराठों, चावल, या स्नैक्स के साथ परोसें। -
सर्दियों का सीजन शुरू होने के साथ ही ड्राई स्किन की प्रॉब्लम भी आ जाती है। चेहरे की देखभाल तो सभी कर लेते हैं लेकिन सबसे ज्यादा खराब पैर हो जाते हैं। पैरों की फटी एड़ियां ना केवल दिखने में भद्दी लगती है बल्कि कई बार इनमे दर्द भी होने लगता है। अगर आप भी हर ठंडी फटी हुई एड़ियों को ठीक करने में बिता देती हैं तो इस बार बनाकर रख लें वैक्स क्रीम। जो आपकी एड़ियों की स्किन को सॉफ्ट और मुलायम रखने में मदद करेगी। जान लें कैसे घर में ही बना लें वैक्स क्रीम।
घर में बनाएं फटी एड़ियों के लिए वैक्स क्रीम
मार्केट से महंगी हील केयर क्रीम लाने की बजाय घर में ही वैक्स क्रीम बनाकर रख लें। इसे बनाने में आपका एक भी रुपये खर्च नहीं होगा। बस इन चीजों की जरूरत होगी।
एक मोमबत्ती
दो चम्मच नारियल का तेल
दो चम्मच सरसों का तेल
एलोवेरा जेल
घर में कोई ना कोई मोमबत्ती तो होगी ही। बस उस मोमबत्ती को घिस लें। अब इस घिसी हुई मोम में नारियल का तेल दो चम्मच, दो चम्मच सरसों का तेल और एलोवेरा जेल को मिला लें। किसी बर्तन में इन सारी चीजों क मिक्स करके पिघलाएं और एक मिनट तक पकाएं। ठंडा कर किसी शीशी में पलट लें। बस तैयार है आपकी वैक्स क्रीम
कैसे लगाएं वैक्स क्रीम
सबसे पहले किसी टब में गुनगुना पानी भरें। फिर उसमे एक चम्मच नमक डालें और शैंपू का दो चम्मच डालकर घोल लें। पैरों को दस मिनट भिगोएं। फिर अच्छी तरह से हील क्लीनर से घिसकर साफ करें। जिससे एड़ी पर जमा सारी डेड स्किन निकल जाए। अब तैयार वैक्स क्रीम को लगाएं और पॉलीथिन से पैरों को बांध लें। एक से दो घंटे बाद पॉलीथिन को हटा दें। हो सके तो रात में ये वैक्स क्रीम लगाएं। रोजाना लगाने से मात्र एक से दो हफ्ते में ही फटी एड़ियों से छुटकारा मिल जाएगा। - आयुर्वेद में कई ऐसे फल बताए गए हैं, जिन्हें सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं माना जाता है। ऐसा ही एक खट्टा-मीठा फल है मौसंबी। मौसंबी को मीठा नींबू के नाम से भी जाना जाता है। बात अगर इस फल में मौजूद पोषक तत्वों की करें तो इसमें विटामिन-ए, विटामिन- C, पोटैशियम, कैल्शियम, फोलेट के साथ एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल गुण भी पाए जाते हैं। इस फल का नियमित सेवन करने से वेट लॉस से लेकर हार्मोन असंतुलन जैसी समस्याओं तक में काफी राहत मिल सकती है। इतना ही नहीं इस फल का सेवन त्वचा का खोया निखार तक वापस लौटाने में मदद करता है। आइए जानते हैं मौसंबी का सेवन सेहत को देता है क्या गजब के फायदे।मौसंबी खाने से सेहत को मिलते हैं ये फायदे--मोटापामौसंबी में कैलोरी और फैट की मात्रा कम होती है। अगर आप वजन कम करना चाहते हैं, तो अपनी डाइट में मौसंबी को शामिल कर लीजिए। इसके अलावा मौसंबी में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल गुण भी मौजूद होते हैं, जो वजन घटाने में मदद कर सकते हैं। मौसंबी में मौजूद विटामिन सी फैट ऑक्सीडेशन करके वेट लॉस में मदद कर सकता है।कब्ज से राहतमौसंबी में मौजूद एसिड आंतों से टॉक्सिन निकालकर कब्ज से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं। इसमें मौजूद फाइबर पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है। जिससे व्यक्ति को कब्ज की समस्या परेशान नहीं करती है।हॉर्मोनल असंतुलन में राहतहॉर्मोनल असंतुलन के दौरान आपको उल्टी और मतली का अनुभव हो सकता है, ऐसे में मौसंबी खुशबू उल्टी और मतली के लक्षणों को तुरंत कम कर देती हैं।स्किन के लिए फायदेमंदमौसंबी में मौजूद विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबायोटिक गुण त्वचा की रंगत निखारकर पिंपल्स, एक्ने जैसी स्किन प्रॉब्लम्स से छुटकारा दिला सकते हैं। इसके नियमित सेवन से त्वचा का प्राकृतिक निखार बना रहता है। इसके अलावा मौसंबी का सेवन करने से कोलेजन उत्पादन को बूस्ट करने में भी मदद मिल सकती है। इसमें मौजूद विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट कोलेजन को बढ़ावा देकर प्रीमैच्योर एजिंग के खतरे को कम करने में मदद करते हैं।मेंटल हेल्थ में सुधारमौसंबी का नियमित सेवन मानसिक स्वास्थ्य में भी सुधार करता है, जिससे टेंशन और स्ट्रेस को दूर करने में मदद मिलती है।
- -संध्या शर्मासर्दियों के मौसम में सरसों के साग के साथ मक्के की रोटी खाने का एक अलग ही मजा होता है। मक्के की तासीर गर्म होने की वजह से यह ठंड में शरीर को गर्म रखने के साथ सेहत को कई गजब के फायदे भी देता है। हालांकि कई बार महिलाएं मक्के की रोटी को घर पर बनाने से सिर्फ इसलिए परहेज करती हैं क्योंकि वह उनसे बेलते समय टूटकर खराब हो जाती है। अगर आपको भी मक्के के आटे से रोटी बनाना मुश्किल काम लगता है तो अब इस टेंशन को मन से निकाल दीजिए। जी हां, आज के किचन टिप्स एंड ट्रिक में आपको बताने वाले हैं बिना किसी झंझट आसानी से कुछ टिप्स को फॉलो करके कैसे बना सकते हैं मक्के की रोटी।मक्के की रोटी बनाने के लिए फॉलो करें ये टिप्स-मक्के की रोटी को बेलते समय टूटने से बचाने के लिए जब भी आप मक्के की रोटी बनाएं तो आटा गूंथते समय उसमें आधा कप गेहूं का आटा भी मिक्स कर दें-मक्की का आटा गूंथने के लिए दो कप मक्के के आटा में आधा कप गेहूं का आटा मिलाएं। ध्यान रखें, आटे की इससे ज्यादा और कम मात्रा मक्के की रोटी का स्वाद खराब कर सकती है।-मक्की का आटा गूंथने के लिए ठंडा पानी यूज न करें। गर्म पानी से मक्की का आटा गूंथने के बाद उसे थोड़ी देर रेस्ट जरूर करने दें। इसके बाद रोटी बेलते समय सूखे आटे के लिए थोड़ा सा गेहूं का आटा यूज करें। इस टिप को फॉलो करने से रोटी बेलते समय टूटेगी नहीं।- रोटियां बेलने में परेशानी होती है तो एक मोटी पॉलीथिन का यूज करें। मोटी पॉलीथिन के बीच में मक्के के आटे की लोई रखकर उसे हल्के हाथों से बेलें। इस टिप को फॉलो करने से रोटियां आसानी से बेली जाएंगी।-रोटियां सेंकने के लिए तवे को तेज आंच पर नहीं बल्कि मध्यम आंच पर रखें। मक्के से बनी रोटियां आकार में थोड़ी मोटी होती हैं। ऐसे में इन्हें मीडियम आंच पर अच्छी तरह से पकाना चाहिए।
- -सीमा उपाध्यायगाजर का हलवा ठंड में खूब खाया जाता है। इस विंटर स्पेशल डिश का नाम सुनते ही इसका स्वाद याद आ जाता है। सर्दियों के मौसम में गरमागरम गाजर के हलवे का स्वाद जबरदस्त लगता है। वैसे तो मार्केट में गारज का हलवा हर मिठाई की दुकान पर मिलता है। लेकिन कुछ लोग इसे घर पर ही बनाना पसंद करते हैं। अगर आप भी इस हलवे को घर पर बनाना चाहते हैं तो इन टिप्स को अपनाएं।सही गाजर चुनेंटेस्टी गाजर का हलवा बनाने के लिए सबसे पहले सही गाजर को चुनें। फ्रेश लाल रंग वाली गाजर को हलवे के लिए चुनें। इस तरह की गाजर का स्वाद काफी अच्छा लगता है। हलवा बनाने के लिए मोटी गाजरों से दूर रहें और लंबी, पतली किस्म की गाजर को ही चुनें।अच्छे से करें कद्दूकसगाजर काे हलवा बनाने के लिए सबसे पहले गाजर को अच्छी तरह से धो लें। फिर इन्हें छीलकर तौलिए से सुखा लें। अब अपने ग्रेटर के मोटे हिस्से को पकड़ें। हलवा बनाने के लिए पतले हिस्से का इस्तेमाल करने से बचें, क्योंकि यह आपके हलवे की रंगतो और बनावट को बिगाड़ सकता है।घी का करें यूज-गाजर के हलवे के लिए पर्याप्त मात्रा में घी जरूरी है। हलवा जब गाढ़ा हो जाए तो इसमें घी डालें। फिर धीरे-धीरे तब तक पकाएं जब तक कि रंग चमकीले नारंगी से गहरे नारंगी रंग में न बदल जाए।फुल क्रीम दूध का करें यूज-बाजार जैसे गाजर के हलवे को बनाने के लिए फुल क्रीम दूध का इस्तेमाल करें। यह स्वाद को बढ़ाता है और साथ ही हलवा मलाईदार बनता है। अगर बाजार जैसा टेक्दूसचर चाहिए तो दूध मिलाने से पहले एक कटोरी क्रीम डालें।बहुत ज्यादा चीनी बिगाड़ देगी स्वाद-हलवे में चीनी सही रखें अगर हलवे में मावा मिला रहे हैं, तो चीनी कम ही डालें क्योंकि मावा और गाजर दोनों में प्राकृतिक मिठास होती है।
- ईयररिंग में समय-समय पर कई नए ट्रेंड आते रहते हैं, लेकिन एक फैशन ऐसा है जो सदियों से सदाबहार है। यह फैशन है, हूप्स का। सदियों से पहनी जा रहीं बालियां यानी हूप्स इक्कीसवीं शताब्दी में भी फैशन की दुनिया में धाक जमा रही हैं। किसी पुराने मंदिर की दीवारों में जमाने पहले उकेरी गईं मूर्तियों से लेकिर आज के लेटेस्ट फैशन शो तक में आपको हूप्स की मौजूदगी नजर आ ही जाएगी। अपनी एक से बढ़कर एक डिजाइन के कारण यह आज भी लोगों की पसंद में शुमार है। हालांकि कुछ लोगों को लगता है कि हूप्स उन पर कम फबते हैं। यह सिर्फ इसलिए क्योंकि हूप्स को चुनते समय जिन बातों का ख्याल रखना चाहिए, वे उन्हें नजरअंदाज कर देते हैं। यहां जानिए कि हूप्स की स्टाइलिंग में आपको किन बातों का ख्याल रखने की जरूरत है:चेहरे के आकार को रखें ध्यानबालियां कैसी भी हों, इन्हें पहनने के दौरान चेहरे के आकार का खास ध्यान रखना जरूरी होता है। गलत चुनाव पूरे लुक को खराब कर सकता है। ज्वेलरी डिजाइनर विशाखा पाठक कहती हैं कि बड़े चहरे पर बड़े हूप्स नहीं फबते। इससे चेहरा और भड़कीला दिखने लगता है। ओवल शेप वाले चहरे पर किसी भी आकार का हूप्स पहन सकती हैं। अगर चेहरा गोल हो तो आप पूरी तरह गोल हूप्स से बचें। लंबे और पतले हूप्स भी चलन में हैं, ये आप पर फबेंगे। हार्ट शेप वाले चहरे में माथा चौड़ा होता है। ऐसे में ज्योमेट्रिकल हूप्स काम आएंगे, जो नीचे से चौड़े हों जैसे तिकोने या ड्रॉप शेप के। लंबे चहरे पर बड़े गोल हूप्स पहनें, ये चेहरे को चौड़ाई देते हैं। चौकोर चेहरे पर गोलाई वाले हूप्स पहनें, जो जॉ लाइन को ढकें।उम्र के अनुसार पहनेंहूप्स चुनते समय आपको अपनी उम्र का ख्याल रखना भी जरूरी है। विशाखा कहती हैं कि हूप्स आपको जवां लुक देते हैं। आकार में चुनाव करते समय एक बात का ख्याल रखना होता है कि बढ़ती उम्र के साथ इनका आकार घटना चाहिए। ज्यादा बड़े हूप्स युवतियों पर ज्यादा अच्छे लगते हैं, उम्र बढ़ने के साथ इनका आकार छोटा कर देना चाहिए।मौके का भी हो ख्यालयूं तो हूप्स आपको खास मौकों में खास अदांज देते हैं, लेकिन यदि आप रोजमर्रा में इन्हें पहनना पसंद करती हैं तो छोटे या मध्यम आकार वाले हूप्स पहनें। इन्हें सफेद या पीले मेटल में पहनना उचित रहेगा। रोजाना में आप हल्की डिजाइन या नगों वाले हूप्स भी पहन सकती हैं। नाइट पार्टी में बड़े हूप्स पहनें, जो आपको स्टाइलिश दिखने में मदद करेंगे। इनमें भी नगों वाले हूप्स चार-चांद लगा देंगे। मेटल चुनते वक्त ब्लैक, येलो, रोज गोल्ड या व्हाइट गोल्ड में से चुनाव करें। अगर पार्टी दिन की हो या यूं ही घूमना-फिरना हो तो चटख रंग वाले हूप्स बेहद खूबसूरत लगते हैं। यदि पार्टी पारंपरिक है तो लटकन के साथ वाले हूप्स अच्छे रहते हैं।प्रोफेशनल लुक के लिए ऐसे पहनें हूप्सऑफिस वाले लुक में बड़े और भड़कीले जेवर नहीं जंचते हैं। कान में छोटे टॉप्स ज्यादा चलन में हैं। लेकिन आप हूप्स पहनना चाहती हैं तो छोटे आकार के पहनिए। कॉर्पोरेट ऑफिस में काम करने, र्मींटग के दौरान या जहां ड्रेस कोड होता है, वहां आप कान से चिपके या इससे थोड़े ही बड़े हूप्स पहन सकती हैं। अन्य प्रोफेशनल लुक के लिए मध्यम आकार वाले हूप्स भी पहने जा सकते हैं। इनका मेटेल चुनते वक्त गोल्ड और सिल्वर को वरीयता दें। रंगीन हूप्स ऑफिस में न पहनें।जुगलबंदी करेंबड़े हूप्स पहन रही हैं तो गले में कुछ न ही पहनिए। छोटे हूप्स के साथ हल्के जेवर पहन सकती हैं। इनको पहनते वक्त ये भी ध्यान रखें के आपके टॉप या कुर्ते का रंग सॉलिड या काम प्रिंट वाला हो। कंधे पर ज्यादा प्रिंट होगा तो बड़े हूप्स का लुक दब जाएगा। बहुत बड़े हूप्स ऑफ शोल्डर के साथ बेहतर जुगलबंदी करते हैं।अपना स्टाइल स्टेटमेंट बनाएंस्टाइल स्टेटमेंट मतलब तैयार होने का वो तरीका जो आपके व्यक्तित्व को दर्शाता है। बड़े हूप्स बोल्ड लुक देने में आगे हैं। चोकर जितने बड़े आकार तक के हूप्स पहन आप अपने व्यक्तित्व को झलका सकती हैं। इनके साथ लाल लिपस्टिक आपको और भी सशक्त दर्शाएगी। सादगी पसंद करती हैं तो छोटे और मध्यम आकार के हूप्स आपके लिए हैं। अगर आपका व्यक्तित्व रचनात्मक है तो आपके लिए ढेरों विकल्प मौजूद हैं। ज्योमेट्रिक आकार वाले, मल्टी हूप इयर कफ या एयररिंग या लिखावट वाले हूप्स आपका अंदाज बयां करेंगे।
- स्ट्रेस यानी अनजाना भय, जो आपको दिन रात परेशान करके रखता है और आपकी नॉर्मल लाइफ को बर्बाद कर देता है। अगर अपनी चिंता और तनाव को आपने अपना डर बना लिया है तो आप स्ट्रेस के शिकार हैं और इसका कोई इलाज नहीं कर रहे। तो, ये स्ट्रेस लगातार इग्नोर करने पर शरीर में कई तरह की बीमारियों के रूप में दिखने लगता है। और, इन बीमारियों का भले ही आप इलाज कराओ लेकिन आराम नहीं मिलता। तो अगर आप लंबे समय से अपने स्ट्रेस को दबा रहे हैं तो शरीर में इस तरह के लक्षण दिखते हैं। जो लगातार आपको बीमार बनाकर रखते हैं।दिल पर पड़ता है बुरा असरस्ट्रेस को लगातार अनदेखा कर रहे हैं और स्ट्रेस का इलाज नहीं करवा रहे तो दिल पर बुरा असर पड़ता है। स्ट्रेस की वजह से दिल की धड़कन बढ़ जाती है और हार्ट तेजी से धड़कने लगता है। वहीं ब्लड प्रेशर बढ़ता है और कई बार सीने में तेज जलन सी महसूस होती है। जो कि स्ट्रेस की वजह से होता है।एनर्जी की कमी होती है महसूसलंबे समय से स्ट्रेस झेल रहे हैं और उसका समाधान नहीं ढूंढ रहे और ना ही किसी से स्ट्रेस को शेयर कर रहे तो ये आपके एनर्जी लेवल को कम कर देती है। आप अचानक से कमजोरी महसूस करने लगते हैं। खुद के हाथ-पैर ही भारी लगते हैं। इतना कमजोर और आलस महसूस होता है कि चाय-कॉफी से भी दूर नहीं होता। यहां तक कि रोजमर्रा के साधारण काम भी करना मुश्किल हो जाता है।पेट और डाइजेशन पर होता है बुरा असरगट को सेकेंड ब्रेन कहा जाता है। जब आपके दिमाग में स्ट्रेस चल रहा होता है तो ये आपके सेकेंड ब्रेन को भी इफेक्ट करता है। जिससे आप ब्लॉटिंग, उल्टी, मिचली जैसा महसूस करते हैं। हर वक्त शौच जाने की इच्छा होती है और ऐसा लगता है कि पेट में बटरफ्लाई उड़ रही हैं।दिमाग हो जाता है कमजोरस्ट्रेस दिमाग को पूरी तरह से कमजोर बना देता है। कन्संट्रेशन नहीं रह जाता और हर वक्त बेहोशी सी छाई रहती है। याददाश्त कभी कमजोर हो जाती है तो कभी ठीक रहती है।बॉडी में झनझनाहट महसूस होती हैमसल्स में ऐंठन होती है, शरीर में झनझनाहट महसूस होती है। पैर लड़खड़ाने लगता है और बिना वजह के पसीना होने लगता है और ठंड लगती है।सिर में दर्दये सारी समस्याएं केवल स्ट्रेस की वजह से ही नहीं हैं बल्कि ये समस्याएं आपके लाइफस्टाइल में बदलाव की ओर इशारा करती हैं। जिससे इन सारी चीजों से आराम मिल सके।
- वैसे तो अब पहनावा पूरी तरह से बदल चुका है। जहां पहले साड़ी-सूट महिलाओं के फेवरिट हुआ करते थे। तो वहीं अब वेस्टर्न आउटफिट को पसंद किया जाता है। हालांकि, आज भी साड़ी पहनने के बाद महिलाओं की खूबसूरती में चार चांद लग जाते हैं। ऑफिस हो या फिर घर में कोई फंक्शन हो साड़ी पहनने के बाद खूब कॉम्पलीमेंट्स मिलते हैं। लेकिन जिन महिलाओं की हाइट कम होती है, वह साड़ी पहनने से बचती हैं। क्योंकि उन्हें लगता है कि इसे पहनकर उनकी हाइट और कम दिखेगी। ऐसे में कुछ टिप्स आपके काम आ सकती हैं। यहां देखिए साड़ी पहनने के बाद लंबी दिखने के लिए आपको किन गलतियों से बचना चाहिए।1) अगर आप साड़ी पहनने के बाद लंबी दिखना चाहती हैं तो आपको साड़ी का चुनाव सही करना चाहिए। कम हाइट वाली महिलाओं को चौड़े बॉर्डर वाली साड़ी पहनने से बचना चाहिए। हमेशा छोटे बॉर्डर वाली साड़ी को पहनें।2) अगर आप साड़ी पहनने के बाद लंबी दिखना चाहती हैं तो ब्लाउज डिजाइन को सही से चुनें। कम हाइट होने पर बिना नेक वाले ब्लाउज पहनने से बचें। चाहें तो वी नेक या फिर अपन कम्फर्ट के मुताबिक किसी भी शेप का डीप नेक ब्लाउज बनवाएं।3) कम लंबा पल्ला होने पर कम्फर्ट बना रहता है आप भी आसानी से चल फिर पाती हैं। लेकिन ये आपकी हाइट को छोटा दिखा सकता है। अगर आपका साड़ी पहनकर लंबाई में ज्यादा दिखना है तो हमेशा लॉन्ग पल्ला पहनें।4) कोशिश करें कि आप हमेशा सॉफ्ट फैब्रिक की साड़ी को चुनें। कॉटन, सिल्क जैसे हार्ड फैब्रिक को पहनने पर आपका शरीर मोटा दिख सकता है और हाइट भी कम लगेगी। आप शिफॉन,जॉर्जेट जैसे कपड़े की साड़ी को पहनें। इसी के साथ साड़ी के प्रिंट का भी ख्याल रखें।5) साड़ी पहनकर लंबा दिखना चाहती हैं तो डार्क रंग की साड़ी का चुनाव करें। पेस्टल रंगों को पहनकर हाइट कम दिख सकती हैं।
- तीज-त्योहार, शादी-ब्याह और हमारी भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा है, मेहंदी। शादी में दुल्हन के हाथों में किस तरह की मेहंदी लगेगी, इसकी प्लानिंग बहुत पहले से शुरू हो जाती है। मेहंदी के बारीक डिजाइन से लेकर छोटे-आकर्षक पैटर्न, मोरक्कन डिजाइन से लेकर ज्वेलरी मेहंदी डिजाइन तक, हर तरह की पसंद रखने वालों के लिए मेहंदी आर्टिस्ट के पास विकल्पों की कमी नहीं है। अगर इंस्टाग्राम और पिंटरेस्ट पर मेहंदी के डिजाइन्स की भरमार देखकर आप भी पशोपेश में हैं कि आने वाले शादी के सीजन में कौन-से डिजाइन की मेहंदी लगवाएं, तो आपकी यह परेशानी हम दूर कर देते हैं। चलिए, जानें कि इन दिनों मेहंदी के किस तरह के डिजाइन ज्यादा लोकप्रिय हैं:मिनिमल मेहंदी के अंदाजइस बात में कोई दोराय नहीं है कि दोनों हाथों में भरी हुई मेहंदी की एक अलग ही बात होती है, पर पिछले कुछ समय से मिनिमल मेहंदी के दीवानों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। आलिया भट्ट से लेकर हाल ही में अदिति राव हैदरी और टीवी एक्ट्रेस सुरभि ज्योति तक अपनी शादी वाले दिन इसी अंदाज में हाथों में मेहंदी लगाए दिखीं। आलिया को मेहंदी लगाने वाली मेहंदी आर्टिस्ट ज्योति चड्ढा अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर इस ट्रेंड के बारे में बताती हैं, ‘आलिया अपनी शादी के लिए नाजुक, साधारण, पर सुंदर सा मेहंदी का डिजाइन चाहती थी ताकि वह घर पर होने वाली शादी के थीम के अनुरूप हो।’ ज्योति का मानना है कि ब्राइडल मेहंदी के इस ट्रेंड की लोकप्रियता आने वाले समय में भी कम नहीं होने वाली है।पोट्रेट वाली मेहंदीअपनी शादी में पर्सनल टच शामिल करने की शौकीन दुल्हनों को मेहंदी का यह स्टाइल बहुत पसंद आता है। इस स्टाइल वाली मेहंदी के डिजाइन में अपने पसंदीदा लोग, जगह, हॉबी और यहां तक कि पालतू जानवर की तस्वीर को भी शामिल किया जाता है। यह बात सच है कि इस तरह की मेहंदी को लगाने में बहुत ज्यादा वक्त लगता है, पर अंत में जो परिणाम सामने आता है, उससे दिल खुश हो जाता है।फूलों वाली मेहंदीमेहंदी के डिजाइन्स खंगाल कर देखिए, उनमें फूलों वाले डिजाइन आपको अकसर दिख जाएंगे। फूलों के डिजाइन वाली मेहंदी हमेशा से लोकप्रिय रही है। मेहंदी एक्सपट्र्स भी मानते हैं कि मेहंदी के फ्लोरल डिजाइन पारंपरिक भारतीय परिधान जैसे साड़ी व लहंगा के साथ-साथ इंडो-वेस्टर्न परिधानों के साथ भी खूबसूरत लगते हैं। अपने मेहंदी के डिजाइन में मोर, कमल, गुलाब और लिली आदि को शामिल करके ना सिर्फ आप मेहंदी की खूबसूरती को निखार सकती हैं बल्कि मेहंदी सूखने के बाद ये डिजाइन ज्यादा निखरते भी हैं।मेहंदी वाली ज्वेलरीमेहंदी से हाथों की ज्वेलरी बनाने का ट्रेंड पिछले कुछ समय में तेजी से उभर रहा है। मेहंदी के साथ-साथ यह हाथों की ज्वेलरी का भी आभास देता है यानी एक साथ दो काम करता है। मेहंदी का यह पैटर्न अपने आप में अनूठा होता है क्योंकि इसकी ओर तुरंत हर किसी का ध्यान आकर्षित होता है। खूबसूरत नेल आर्ट के साथ मेहंदी के इस डिजाइन की जुगलबंदी बहुत ही आकर्षक प्रभाव पैदा करती है।मेहंदी कहेगी आपकी कहानीहर किसी की प्रेम कहानी अपने आप में अनूठी होती है। और खास बात यह है कि शादी आदि के मौके पर आप अपने मेहंदी के डिजाइन के माध्यम से यह कहानी हर किसी को बता सकती हैं। तीज और करवाचौथ जैसे मौके पर भी इस तरह की मेहंदी लगवाने का चलन बढ़ा है। अगर आप चाहती हैं कि आपकी मेहंदी पर हर किसी की नजर टिकी रह जाए तो मेहंदी का यह डिजाइन बस आपके लिए है।गाढ़ी रचेगी मेहंदीचीनी के घोल में नीबू का रस मिलाएं और मेहंदी जब आधी सूख जाए तो इसे रुई की मदद से मेहंदी के ऊपर लगाएं। जब मेहंदी सूख जाए तो उसे हटाने के बाद भी इस मिश्रण को दोबारा हाथों पर लगाएं। विक्स या आयोडेक्स की मदद से भी मेहंदी का रंग गाढ़ा किया जा सकता है। मेहंदी सूखने के बाद उसे उतार लें और फिर इसके रंग को गहरा करने के लिए इस पर विक्स लगाएं। विक्स की गर्माहट से मेहंदी का रंग गहरा होगा।मेहंदी लगने के बाद हाथ पर पिपर्रंमट ऑयल लगा लें।आप चाहें तो मेहंदी वाले हाथों पर लौंग का धुआं भी ले सकती हैं। तीन-चार लौंग को तवे पर गर्म करें। जब उसमें धुआं उठने लगे तो अपनी हथेलियों को पास ले जाएं। कुछ देर हाथों को सेंकें और हटा लें।
- -सीमा उपाध्यायसर्दी के दिनों में ऐसी चीजें खाने की सलाह दी जाती है, जो न सिर्फ पोषक तत्वों से भरपूर हो, बल्कि शरीर को अंदर से गर्म रखने में मदद करें. अलसी के लड्डू सर्दी के मौसम के लिए बढ़िया रहते हैं, क्योंकि अलसी एक गर्म तासीर का बीज है और इसमें गुड़ के साथ ही कुछ ड्राई फ्रूट्स भी डाले जाते हैं. इसलिए यह सेहत के लिए कई फायदे करता है. अलसी में फाइबर, प्रोटीन, कॉपर, थायमिन, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं तो वहीं गुड़ भी कैल्शियम, आयरन आदि न्यूट्रिएंट्स से भरपूर है. दोनों का कॉम्बिनेशन सर्दियों में न सिर्फ खांसी, जुकाम जैसी हेल्थ प्रॉब्लम से बचाएगा, बल्कि पूरे शरीर को एक्टिव और हेल्दी रखने में मदद करेगा.अलसी से लड्डू की रेसिपी दादी-नानी के जमाने से चली आ रही है. सर्दियों में ज्यादातर घरों में ये लड्डू बनाए जाते हैं, क्योंकि पोषक तत्वों से भरपूर होने के साथ ही ये लड्डू सर्दी में गर्माहट देते हैं और शरीर में खून बनाने, एनर्जी देने में भी हेल्प फुल रहते हैं. तो चलिए जान लेते हैं रेसिपी.अलसी और गुड़ के लड्डू बनाने के लिए सामग्रीइनग्रेडिएंट्स में आपको चाहिए होगा, एक किलो गुड़, 400 ग्राम अलसी, 250 ग्राम मूंगफली, 150 ग्राम मखाने, 100 ग्राम बादाम, 100 ग्राम काजू, एक सूखा नारियल. इसके अलावा आप स्वाद के मुताबिक, किशमिश, छुहारे आदि ले सकते हैं.इस तरह से बनाएं अलसी के लड्डूसबसे पहले अलसी को बीनकर साफ कर लें. इसके बाद मोटे तले के कढ़ाही में डालकर रोस्ट करें. ध्यान रखें कि अलसी बिल्कुल भी जलनी नहीं चाहिए. इसके बाद अलसी को पीसकर पाउडर बना लें. अब दो चम्मच देसी घी में मखाने रोस्ट करें और इसे भी पीस लें. अब मूंगफली को अच्छी तरह से रोस्ट करके इसके छिलके अलग कर लें. इसे दरदरा पीस लें. बादाम, काजू को छोटे टुकड़ों में काटकर देसी घी में रोस्ट कर लें. अब नारियल (घिसा हुआ) को भी कढ़ाही में डालकर हल्का भून लें. इस तरह से सारी चीजें तैयार हो जाएंगी.लड्डू बनाने का फाइनल स्टेपगुड़ को छोटे टुकड़ों में तोड़ लें और कढ़ाही में डालकर मीडियम आंच पर पिघला लें. जब गुड़ पूरी तरह से पिघल जाए तो किसी बड़े बर्तन में इसे निकाल लें या फिर कढ़ाही में ही अलसी का पाउडर, मखाने का पाउडर, पिसी मूंगफली और बाकी सभी चीजें मिला लें. मिश्रण हल्का गर्म रहने पर ही हाथों में देसी घी लगाते हुए लड्डू बना लें. लास्ट में अगर मिश्रण बच रहा हो और उसके लड्डू न बंध रहे हो तो थोड़ा सा देसी घी मिला लें. इस तरह से बने अलसी के लड्डू कम से कम 25 से 30 दिन तक खराब नहीं होते हैं.
- -संध्या शर्मावेज या नॉन वेज, दोनों में कौन सी डिशेज ज्यादा जायकेदार होती हैं; ये डिबेट तो कभी खत्म होने वाला नहीं। हालांकि एक ऐसी डिश जरूर है जो वेज-नॉन वेज के इस सारे झगड़े को खत्म कर देती है और सभी के मुंह में पानी भी ला देती है। यहां हम बात कर रहे हैं कोफ्तों की। इनका स्वाद इतना लजीज होता है कि हर कोई कोफ्ते खाना पसंद करता है। इन्हें कई तरह की सब्जियों या मीट की मदद से तैयार किया जा सकता है। हालांकि कोफ्तों का मजा तभी है जब ये एकदम परफेक्ट और सॉफ्ट-सॉफ्ट बनें, जो मुंह में जाते ही घुल जाएं। लेकिन घर पर बनाते हुए अक्सर कोफ्ते अंदर से थोड़े सख्त रह जाते हैं, जो खाने में उतने अच्छे नहीं लगते। तो चलिए आज हम आप कुछ ऐसी टिप्स बताते हैं जिन्हें फॉलो कर के आप हर बार रेस्टोरेंट स्टाइल एकदम नर्म कोफ्ते बना पाएंगी।इन पांच टिप्स से हर बार बनेंगे परफेक्ट कोफ्ते1) अगर आप कोई नॉनवेज कोफ्ता बनाने जा रही हैं तो उसे मुलायम बनाने के लिए एक या दो ब्रेड को पानी में डालें। एक मिनट बाद पानी से निकालकर पानी को अच्छी तरह से निचोड़ दें। अब इस ब्रेड को कोफ्ता के मिश्रण में अच्छी तरह से मिलाएं और कोफ्ता तलें। कोफ्ता मुलायम बनेगा।2) मलाई कोफ्ता या किसी भी तरह के कोफ्ता को तलने के बाद उन्हें पांच से दस मिनट के लिए फ्रिज में रख दें। ऐसा करने से ग्रेवी में डालने के तुरंत बाद कोफ्ता बहुत ज्यादा मुलायम नहीं होगा और टूटेगा नहीं।3) कोफ्ते को हमेशा शुरुआत में तेज आंच पर और उसके बाद मध्यम आंच पर पकाएं। ऐसा करने से कोफ्ता न सिर्फ अच्छी तरह से पकेगा, बल्कि मुलायम भी बनेगा। अगर आपके पास समय कम है और आप कोफ्ते को तेज आंच पर पकाना चाहती हैं तो छोटे-छोटे आकार का कोफ्ता बनाएं।4) कोफ्ता मुलायम बनाने के कई सारे ट्रिक्स हैं। मसलन, कोफ्ता किसी भी चीज का बनाएं, उसके मिश्रण में कद्दूकस किया पनीर, उबला आलू या क्रीम मिला दें। आप चाहें तो कटा प्याज भी मिला सकती हैं।5) कोफ्ते को अच्छी तरह से तलना बहुत ज्यादा जरूरी है। अगर आप कोफ्ते को अच्छी तरह से पकाए बिना ही कड़ाही से निकाल देंगी तो ग्रेवी में डालने के बाद भी वह भीतर से कड़ा ही रहेगा और इसका सीधा असर कोफ्ते के स्वाद पर पड़ेगा। हमेशा मध्यम आंच पर सुनहरा होने तक इसे पकाएं।