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वेट लॉस या फिट रहने के लिए टिप्स अपनाते रहते हैं, तो अपने वर्कआउट प्लान में साइकिलिंग भी शामिल कर लें। रोजाना साइकिलिंग करके के कई जबरदस्त फायदे हैं। योग और एक्सरसाइज की तरह की साइकिलिंग करना भी एक फिजिकल एक्टिविटी है, जिससे हार्ट और फेफड़े दोनों स्वस्थ रहते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं सुबह के समय साइकिलिंग करने से शरीर में दिनभर एनर्जी बनी रहती है और रात को बहुत अच्छी नींद आती है।
रात को आएगी अच्छी नींद
अगर आप सुबह सुबह कुछ देर तक साइकिलिंग करतें हैं, तो रात को आपको अच्छी नींद आएगी। वैसे तो सुबह-सुबह साइकिल चलाने से आपको थोड़ी थकान महसूस हो सकती है, लेकिन वह कुछ देर की ही होगी। उसके बाद सारा दिन एनर्जी से भरा रहेगा।
बीमारियों से रहेंगे दूर
साइकिल चलाने से बॉडी के इम्यून सेल्स ज्यादा एक्टिव रहते हैं और ऐसे में व्यक्ति कम बीमार पड़ता है।
बढ़ेगी मेमोरी
साइकिलिंग करने वालों के ब्रेन सेल्स काफी ज्यादा एक्टिव रहते हैं। उनकी मेमोरी आम लोगों की तुलना में ज्यादा होती है। साइकिलिंग करने से बॉडी में नए ब्रेन सेल्स भी बनते रहते हैं।
हार्ट रहता है हेल्दी
साइकलिंग करने से हार्ट स्वस्थ रहता है। साइकिलिंग करने से पूरे बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन सही तरीके से होता है।
वजन घटाने में मददगार
नियमित रूप से साइकिलिंग जैसी एक्सारसाइज करने से शरीर में कैलोरी और फैट कम करने में मदद मिलती है जिससे फिगर स्लिम रहता है और वजन नहीं बढ़ता।
फेफड़े होते हैं मजबूत
साइकिलिंग करते समय आप सामान्यि की तुलना में गहरी सांसें लेते हैं और ज्या दा मात्रा में ऑक्सीलजन ग्रहण करते हैं। इसके चलते शरीर में रक्त संचार भी बढ़ जाता है और साथ ही फेफड़ों के अंदर तेजी से हवा अंदर और बाहर होती है। इससे फेफड़ों की क्षमता में भी सुधार होता है और फेफड़ों में मजबूती आती है।
स्किन क्वालिटी अच्छी करता है
एक्सरसाइज के तौर पर ही कुछ घंटे साइकिलिंग करने से ब्लड सेल्स और स्किन में ऑक्सीजन की पर्याप्त पूर्ति होने से त्वचा सेहतमंद और ग्लोइंग होती है। -
फिट और हेल्दी रहने के लिए फिजिकली एक्टिव रहना भी बेहद जरूरी है। रेग्युलर एक्सरसाइज करने से आपको कई बीमारियों से मुक्ति मिल सकती है। जैसे, मोटापा, दिल की बीमारियों, मानसिक बीमारी, डायबिटीज जैसी बीमारियों से बचाने में मदद कर सकती है। अपनी जीवन शैली को बेहतर बनाने और ज्यादातर हेल्थ इश्यूज से दूर रहने के लिए साइकिल की सवारी करना सबसे अच्छे तरीकों में से एक है। साइकिल चलाना सभी उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद है। यह भी एक ऐसी एक्सरसाइज है, जो आपकी फिजिकल और मेंटल हेल्थ का ख्याल रखती है। रेग्युलर साइकिल चलाने से हृदय रोग जैसे उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल, स्ट्रोक और दिल के दौरे की संभावना को कम किया जा सकता है। इससे आपका दिल हेल्दी रहता है।
वेट लॉस और स्ट्रेस बस्टर
शोध के अनुसार, एक्सरसाइज से प्रति सप्ताह कम से कम 8,400 किलो जूल (करीब 2,000 कैलोरी) बर्न हो सकती है, जबकि एक घंटे साइकिल चलाने से लगभग 1,200 किलोजूल बर्न होता है, जो लगभग 300 कैलोरी होता है। जब आप दिन में दो बार साइकिल चलाते हैं, तो आपके द्वारा जलाए गए किलोजूल जल्दी जुड़ जाते हैं। ब्रिटिश शोध के अनुसार, हर दिन आधे घंटे की साइकिल चलाने से एक साल में लगभग पांच किलोग्राम वसा जल जाएगी। इस तरह वेट कंट्रोल या वेट लॉस के लिए साइकिल चलाना एक प्रभावी तरीका माना जाता है। यह मेटाबॉलिज्म लेवल को बढ़ाने के लिए भी जाना जाता है। इसके अलावा साइकिल चलाने से चिंता, तनाव और स्त्रेस लेवल भी कम होता है। साइकिलिंग से बॉडी स्ट्रॉन्ग होती है। पुराने ऑस्टियो आर्थराइटिस वाले लोगों के लिए साइकिल बहुत फायदेमंद है।
साइकिल चलाने का बेस्ट टाइम
कोई भी किसी भी समय साइकिल चला सकता है लेकिन आप अगर ज्यादा फायदा लेना चाहते हैं, तो सुबह के समय साइकिल चलाना बहुत फायदेमंद है। साइकिल चलाने से अधिकतम ऊर्जा और लाभ प्राप्त करने के लिए, सुबह साइकिल चलाना सबसे अच्छा है। यह सुबह को एक नई और सकारात्मक शुरुआत देगा। ग्लूकोज का स्तर आमतौर पर सुबह 15-20% कम होता है, इसलिए सवारी करने का यह सबसे अच्छा समय है क्योंकि यह वसा को कम करने और वजन को कंट्रोल करने में मददगार है।
किन लोगों को नहीं चलानी चाहिए साइकिल
जिन लोगों के घुटने या हाथ में चोट है, उन्हें साइकिल चलाने से बचना चाहिए। अस्थमा और घुटने की समस्या या दर्द से पीड़ित व्यक्तियों को साइकिल नहीं चलानी चाहिए। जब कोई व्यक्ति व्यायाम करता है, तो वे अधिक हवा में सांस लेते हैं, हृदय गति बढ़ती है, जो अस्थमा को बढ़ा सकती है। -
गर्मियों में बढ़ते तापमान का न केवल शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है बल्कि दिमाग पर भी पड़ता है. इस मौसम में कई बार तनाव, थकान और चिड़चिड़पन होता है. इस मौसम में बहुत से लोगों का मूड ज्यादातर समय खराब ही रहता है. मस्तिष्क को पर्याप्त ऑक्सीजन और हाइड्रेशन न मिलने पर दिमाग इस तरह से रिएक्ट करता है. इस कारण बात-बात पर गुस्सा आना, चिड़चिड़ापन और तनाव होने लगता है. ऐसे में जरूरी है गर्मी और उमस भरे मौसम में स्ट्रेस को कम करने के लिए कुछ टिप्स फॉलो करें. ये टिप्स तनाव और चिड़चिड़ेपन को कम करने में मदद करेंगे.
नाश्ता स्किप न करें
कई बार हम जल्दबाजी में नाश्ता स्किप कर देते हैं. नियमित रूप से नाश्ता करें. ये मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है. इससे ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है. ये मूड को सही बनाए रखने में मदद करता है. नियमित रूप से नाश्ता करने से आप दिनभर ऊर्जावान रहते हैं. ये गर्मियों के महीने में स्ट्रेस को कम करता है.
संतुलित भोजन करें
गर्मियों के मौसम में पानी से भरपूर फूड्स का सेवन करना चाहिए. इस मौसम में आपको तरबूज, आम और खीरे आदि का सेवन करना चाहिए. ये फूड्स पोषक तत्व से भरपूर होते हैं. इनमें फाइबर भरपूर मात्रा में होता है. ये पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं. ये तनाव और घबराहट को दूर करने में मदद करते हैं. गाजर या केल जैसी ताजी सब्जियां खाएं. इनमें विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है. ये इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करता है. ये स्ट्रेस को कम करने में मदद करते हैं.
तनाव से बचने के लिए अच्छी नींद लें
नींद हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी है. सही से नींद न लेने के कारण तनाव की समस्या हो जाती है. इसलिए अच्छी नींद लेना अच्छे स्वास्थ्य के लिए भी बहुत जरूरी है.
जिंक से भरपूर फूड्स का सेवन करें
जिंक एक एंटीऑसीडेंट के रूप में काम करता है. ये शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाने में मदद करता है. ये सेरोटोनिन और डोपामाइन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर के बनने में मदद करता है. ये मूड को अच्छा बनाता है. जिंक की कमी डिप्रेशन और तनाव का कारण बन सकती है. आप अपनी डाइट में जिंक से भरपूर फूड्स शामिल कर सकते हैं. आप डाइट में रेड मीट, फिश, पोल्ट्री और बीन्स शामिल कर सकते हैं. ये फूड्स तनाव को कम करते हैं.
अधिक पानी पिएं
भीषण गर्मी में डिहाइड्रेशन होना आम है. इस मौसम में पर्याप्त मात्रा में पानी पीना बहुत ही जरूरी है. पानी की कमी सिरदर्द और थकान का कारण बन सकती है. इसलिए इस कारण आपको थका हुए महसूस होता है. इसलिए इस मौसम में पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं. पानी के अलावा पानी से भरपूर फूड्स और फल और सब्जियों के जूस का सेवन करें. इससे आप लंबे समय तक भरा हुआ महसूस करते हैं. इससे आपको थकान भी नहीं होती है. -
केला स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसमें संपूर्ण पोषक तत्व होते हैं जो हमारे शरीर को ताकत और भरपूर न्यूट्रिशन देते हैं। यही कारण है कि जिम जाने वाले लोग ज्यादातर केला खाना पसंद करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि केला आपके बालों की खूबसूरती बढ़ाने के काम भी आ सकता है। केले से बनाए गए मास्क को बालों में लगाना बहुत गुणकारी होता है। केले में कैल्शियम, आयरन और पोटैशियम भरपूर मात्रा में होता है और ये सभी बालों के विकास के लिए अच्छे माने जाते हैं। आखिर लंबे, काले-घने और रेशमी बाल किस लड़की की चाह नहीं होती। ऐसे में केला आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। आइए जान लेते हैं बालों के लिए केले को किस तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है।
केले से बनाएं हेयर मास्क -
1. केला और सरसों का तेल - केले और सरसों के तेल का पैक तैयार करने के लिए 1 केला लें और इसे अच्छी तरह से मैश कर लें। अब इसमें कुछ बूंदें सरसों तेल की मिलाकर इसे बालों में लगाएं और लगभग आधा घंटे तक छोड़ दें। उसके बाद शैंपू से बालों को धो लें।
2. केला और एवोकाडो - बालों को चमकदार और मुलायम बनाने के लिए केला और एवोकाडो का मास्क लगा सकते हैं। इसके लिए केले को मैश कर लें और इसमें एवोकाडो का पेस्ट मिलाएं और लगभग 20 मिनट तक बालों में लगा छोड़ दें।
3. केला और अंडा - सबसे पहले एक अंडा फोड़ लें और उसमें केला मैश करके डालें। अब इसमें 4-5 चम्मच दूध और शहद की कुछ बूंदें डालकर अच्छे से मिला लें। अब इस पैक को बालों की जड़ो में लगा लें और कुछ देर तक लगाकर छोड़ दें। बाद में शैंपू से बालों को धो लें।
4. केला और दही - केले को मैश कर उसमें दही मिलाएं और बालों में लगाकर छोड़ दें। बाद में बालों को शैंपू से धो लें और उनमें कंडीशनर भी लगा लें।
5. केला और पपीता - बालों को मुलायम बनाने के लिए आप केले और पपीते का पैक बनाकर लगा सकती हैं। केले को अच्छे से मैश कर लें और साथ ही पपीते को भी। इसका महीन पेस्ट बनाने के लिए इसे मिक्सी में भी चला सकते हैं। अब इस मिश्रण में शहद की कुछ बूंदें मिलाकर बालों में लगाएं। -
बालों का झड़ना और स्कैल्प की खुजली किसी को पसंद नहीं होती है. बालों संबंधित समस्याओं से निपटने के लिए लोग बहुत से तरीके आजमाते हैं. ऐसे में लोग महंगे ब्यूटी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं. हेयर ट्रीटमेंट लेते हैं. इनका असर बालों में लंबे समय तक नहीं रहता है. ऐसे में हेल्दी फूड्स भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. हेल्दी फूड्स बालों को गहराई से पोषण देने का काम करते हैं. लंबे और स्वस्थ बालों के लिए आप कई तरह के हेल्दी फूड्स डाइट शामिल कर सकते हैं. आइए जानें आपको कौन से फूड्स डाइट में शामिल करने चाहिए.
अंडा
रोजाना एक अंडे का नियमित रूप से सेवन करें. अंडे में प्रोटीन औ बायोटीन होता है. ये बालों को बढ़ाने का काम करता है. ये बालों को लंबा और घना बनाने में मदद करता है. इसलिए हेल्दी बालों के लिए आप अंडे का सेवन कर सकते हैं.
पालक
पालक में आयरन, विटामिन्स और फॉलेट होता है. ये बालों को गहराई से पोषण देता है. ये बालों को हेल्दी बनाए रखने का काम करता है. इसका सेवन करने से सिर में ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है. ये बालों को लंबा और घना बनाने में मदद करता है.
सोयाबीन
सोयाबीन का सेवन बालों के लिए बहुत अच्छा होता है. इसका नियमित सेवन करने से बालों को मजूबत और घना बनाने में मदद मिलती है. सोयाबीन का सेवन आप कई तरह से कर सकते हैं. आप फ्राई करके या करी में शामिल कर सकते हैं. ये स्वादिष्ट होने के साथ बहुत ही हेल्दी भी होता है.
सूखे मेवे और बीज
सूखे मेवों का इस्तेमाल कई तरह डेजर्ट में किया जाता है. ये बहुत ही स्वदिष्ट और हेल्दी होते हैं. इनमें ओमेगा-3 होता है. आप अखरोट, बादाम, चिया सीड्स, कद्दू के बीज और लौकी के बीज आदि डाइट में शामिल कर सकते हैं. ये बालों को लंबा और घना बनाने में मदद करते हैं. इसलिए हेल्दी बालों के लिए इन्हें डाइट में जरूर शामिल करें.
एवोकैडो
एवोकैडो बालों संबंधित कई समस्याओं से बचाने का काम करता है. इसमें विटामिन ई भरपूर मात्रा में होता है. ये बालों को जड़ से मजबूत और घना बनाता है.
होल ग्रेन
होल ग्रेन बालों के लिए बहुत ही लाभदायक होता है. इसमें बायोटीन, आयरन, जिंक और विटामिन बी होता है. ये बालों को मजबूत बनाता है.
शकरकंद
शकरकंद में बीटा कैरोटीन होता है. इसमें विटामिन ए होता है. इसका सेवन करने से बालों को मजबूत बनाने में मदद मिलती है. शकरकंद बालों को घना बनाती है. -
गर्मियों के मौसम में आप स्किन को ग्लोइंग बनाने के लिए कितनी ही चीजों का इस्तेमाल करते हैं लेकिन कभी-कभी ऐसा होता है कि इन केमिकल बेस्ड प्रॉडक्ट्स का साइड इफेक्ट हो जाता है। खासतौर पर इंस्टेंट देने का प्रॉमिस करने वाले ज्यादातर प्रॉडक्ट्स में ब्लीच वाले केमिकल होते हैं, जो सब पर असर नहीं करते। इससे चेहरा क्लियर तो लगता है लेकिन कुछ ही दिनों में आपको पिम्पल्स होने लग जाते हैं। ऐसे में बहुत जरूरी है कि आप इंस्टेंट ग्लो के लिए नेचुरल चीजों का इस्तेमाल करें।
दही से फेशियल यानी यॉगर्ट फेशियल करने का तरीका --
क्लीनिंग
सबसे पहले दही से फेशियल करने के लिए चेहरे को किसी भी केमिकल फेसवॉश से क्लीन करें। इसके बाद एक चम्मच दही में आधा चम्मच एलोवेरा जेल मिला लें। अब इससे चेहरे पर 30 सेकंड तक मसाज करें। इसके बाद इसे नॉर्मल पानी से धो लें। आपको फेसवॉश का इस्तेमाल नहीं करना है।
स्क्रबिंग
दही से स्क्रबिंग करने के लिए आपको दो चम्मच दही में आधा चम्मच चावल का आटा मिलाना है। इसे अच्छी तरह मिलाकर चेहरे पर स्क्रबिंग करें। आपको हल्के हाथों से स्क्रबिंग करनी है। 2-3 मिनट तक स्क्रबिंग करने के बाद चेहरे को धो लें।
स्टीम लें
स्टीम लेने के लिए आप फेशियल स्टीमर का इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन अगर आपके पास स्टीमर नहीं है, तो आप एक पतीले में पानी उबाल लें। अब इसे किसी सेफ जगह रख दें। अब आपको एक तौलिया लेना है, इससे चेहरे को ढक दें और पानी की तरफ मुंह करके दो मिनट तक भाप लें। ध्यान रखें कि चेहरे को पतीले के ज्यादा पास न करें। यह तरीका थोड़ा रिस्की है, खासकर अगर आपके घर में बच्चे या पालतू जानवर हैं। ऐसे में आप एक तौलिए को गरम पानी में डालकर इसे निचोड़ लें और चेहरे पर रख लें।
अब मसाज करें
मसाज करने के लिए आपको पिसी आधा चम्मच चीनी में दो चम्मच दही डालकर चेहरे पर मसाज करना है। इससे आपकी स्किन से ब्लैकहेड्स और व्हाइटहेड्स रिमूव हो जाएंगे। अब चेहरे को पानी से धो लें।
फेस मास्क
अब फेस मास्क बनाने के लिए आपको चार चम्मच दही में एक चुटकी हल्दी, एलोवेरा जेल मिलाना है। इसे चेहरे पर 20 मिनट के लिए लगाकर धो दें। आपको चेहरा खिला-खिला लगेगा। - रायपुर । हमारी सेहत पर खान-पान और मौसम का बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ता है। आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में शरीर को त्रिदोषात्मक यानि वात, पित्त और कफ दोष माना गया है जिनके सामान्य अवस्था में रहने से शरीर स्वस्थ रहता है तथा इनमें बदलाव होने से बीमारी होती है । शासकीय आयुर्वेद कॉलेज, रायपुर के सह-प्राध्यापक डॉ. संजय शुक्ला ने बताया कि गर्मियों में लू लगने के साथ ही दूषित जल या भोजन से पेट से संबंधित अनेक रोग जैसे उल्टी, दस्त, डायरिया, पीलिया और टायफाइड होने की संभावना रहती है। इसलिए बाजार में खुले में बिकने वाले पेय एवं खाद्य पदार्थों के सेवन में परहेज करना चाहिए । गर्मियों के मौसम में गरम, खटाई, तीखा, नमकीन, तला-भुना, तेज मिर्च-मसालेदार, उड़द दाल, मैदा और बेसन से बने खाद्य पदार्थों, फास्ट-फूड, मांसाहार और शराब का सेवन सेहत के लिए नुकसानदायक होता है। इसलिए इनका परहेज करना चाहिए। इस मौसम में शारीरिक स्वच्छता आवश्यक है, इसलिए सुबह और शाम ठंडे पानी से स्नान करना चाहिए।डॉ. संजय शुक्ला ने बताया कि आयुर्वेद के अनुसार ग्रीष्म ऋतु में शरीर में पित्त दोष की अधिकता रहती है इसलिए व्यक्ति को पित्तशामक आहार और अनुशासित दिनचर्या का पालन करना चाहिए। चूंकि गर्मियों में सूर्य की तपिश बहुत ज्यादा होती है, फलस्वरूप लोगों में डिहाइड्रेशन, थकान, घबराहट और बेहोशी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। शरीर में पानी एवं अन्य इलेक्ट्रोलाइट्स मिनरल्स की मात्रा संतुलित रखने के लिए आयुर्वेद में हल्का, सुपाच्य, मधुर रस वाले स्वच्छ ठंडा या उबाले हुए तरल पेय पदार्थों के सेवन करने का निर्देश है। गर्मियों में पीसा जीरा और नमक मिलाकर मठा यानि छाछ, दही की लस्सी, दूध, कच्चे आम का जलजीरा, नींबू की शिकंजी या शरबत, घर में बनी ठंडाई, गन्ने का रस, बेल का शरबत, नारियल पानी, मौसमी एवं ताजे फलों का रस इत्यादि पीना चाहिए। गर्मियों के समय भोजन में पुराने जौ, पुराने चांवल, खिचड़ी, मूंग की दाल, गेहूं की रोटी, सत्तू, रायता, सब्जियों में चौलाई, करेला, बथुआ, मुनगा, परवल, भिंडी, तरोई, पुदीना, टमाटर, खीरा, ककड़ी, अदरक, प्याज, आंवला का मुरब्बा इत्यादि को शामिल करना चाहिए। इसके अलावा तरबूज, खरबूज, मौसंबी, संतरा, अनार, शहतूत, आंवला इत्यादि का प्रयोग हितकारी है। डॉ. शुक्ला ने बताया कि गर्मियों के मौसम में सूर्योदय से पहले पैदल चलना, हल्का व्यायाम, योगाभ्यास और तैराकी इत्यादि करना चाहिए। चूंकि इस मौसम में लू (तेज बुखार) लगने की ज्यादा संभावना रहती है, इसलिए यथासंभव ठंडी जगह पर रहना चाहिए तथा धूप में निकलने के पहले संतुलित और सुपाच्य भोजन तथा पर्याप्त पानी का सेवन जरूर करना चाहिए। गर्म लू से बचाव के लिए शरीर, सिर, कान आदि को सूती कपड़े से ढांक लें। सूर्य की तेज किरणों के कारण चेहरे और शरीर में सन-बर्न होने तथा त्वचा से संबंधित अन्य रोग होने का खतरा होता है।
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छाछ का इस्तेमाल कई तरह के व्यंजनों को बनाने के लिए किया जाता है. ये स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है. गर्मियों में छाछ का सेवन लोकप्रिय रूप से किया जाता है. ये शरीर को हाइड्रेटेड रखने का काम करता है. ये शरीर को ठंडक पहुंचाता है. छाछ न केवल स्वास्थ्य के लिए बल्कि त्वचा और बालों के लिए भी फायदेमंद है. बालों को पोषण देने और त्वचा को हेल्दी बनाए रखने के लिए आप कई तरह से इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. इसमें लैक्टिक एसिड, विटामिन ए, डी और बी 12, अल्फा हाइड्रॉक्सी एसिड, कैल्शियम, प्रोटीन और पोटैशियम जैसे पोषक तत्व होते हैं. ये त्वचा संबंधित कई समस्याओं को दूर करने का काम करता है.
छाछ और बेसन का फेस पैक
छाछ का इस्तेमाल आप एक बेहतरीन फेस पैक के रूप में कर सकते हैं. इसके लिए छाछ, बेसन, खीरे का रस और हल्दी पाउडर को मिलाकर एक फेस पैक बना लें. इसे चेहरे पर 15 मिनट के लिए लगा रहने दें. इसके बाद त्वचा को सादे पानी से धो लें.
छाछ और संतरे के पाउडर का फेस पैक
इस फेस पैक को बनाने के लिए बाउल में 1 चम्मच संतरे के पाउडर को लें. इसमें 3 से 5 चम्मच छाछ डाल दें. इसे अच्छी तरह मिलाएं. इस फेस पैक को चेहरे और गर्दन पर लगाएं. इसे त्वचा पर कुछ देर के लिए लगा रहने दें. इसके बाद त्वचा को सादे पानी से धो लें. ये फेस पैक दाग-धब्बों को दूर करने में मदद करता है. आप संतरे का पाउडर बनाने के लिए संतरे के छिलकों को धूप में सूखा कर ग्राइंड कर सकते हैं.
छाछ और शहद का फेस पैक
इस फेस पैक को बनाने के लिए 1 चम्मच छाछ में 1 चम्मच शहद मिलाएं. इसे अच्छे से मिलाएं. इस फेस पैक को त्वचा पर लगाएं. इसे त्वचा पर 20 से 30 मिनट के लिए लगा रहने दें. इसके बाद त्वचा को सादे पानी से धो लें. ये फेस पैक त्वचा पर निखार लाने का काम करता है.
सनटैन हटाने के लिए
एक कोटरी में 1 चम्मच बेसन, एक चुटकी हल्दी पाउडर और 3 चम्मच छाछ मिलाएं. इस फेस पैक को त्वचा पर 15 मिनट के लिए लगा रहने दें. इसके बाद इसे सादे पानी से धो लें.
बालों की डैंड्रफ दूर करने के लिए छाछ
बालों की रूसी दूर करने के लिए भी आप छाछ का इस्तेमाल कर सकते हैं. एक कप छाछ में 2 नींबू का रस मिलाएं. इसे अच्छे से मिलाएं. अब इस मिश्रण से बालों और बालों की जड़ों में मसाज करें. इस मिश्रण के 30 मिनट के लिए लगा रहने दें. इसके बाद बालों को माइल्ड शैंपू से धो लें. - आज के समय में असंतुलित खानपान और भागदौड़ भरी जीवनशैली के कारण दिल से जुड़ी बीमारियां लोगों में तेजी से बढ़ रही हैं। हार्ट से जुड़ी बीमारियों के लक्षण दिखने पर सही कदम उठाने से आप इसके जोखिम को कम कर सकते हैं। कई बार लोगों को सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं होती हैं लेकिन लोग इसे सामान्य समझकर अनदेखा कर देते हैं। ऐसा करना सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। कई मामलों में हार्ट अटैक की समस्या हार्ट ब्लॉकेज के कारण ही होती है। सही समय पर हार्ट ब्लॉकेज के लक्षणों को पहचानकर इलाज और बचाव बहुत जरूरी है।हार्ट में ब्लॉकेज के लक्षणविशेषज्ञों के अनुसार इस समस्या को एट्रियोवेंट्रिकुलर ब्लॉक या कंडक्शन डिसऑर्डर भी कहा जाता है। इस समस्या में दिल की धड़कन कम हो जाती है और हार्ट शरीर में सही ढंग से ब्लड पंप नहीं कर पाता है। हार्ट ब्लॉकेज के लक्षण दिखने पर मरीज को तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर जरूरी इलाज लेना चाहिए। अगर इस समस्या को नजरंदाज किया गया तो आगे चलकर मरीज की समस्याएं बढ़ सकती हैं और उसे हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर की समस्या का खतरा बढ़ जाता है। हार्ट में ब्लॉकेज की समस्या 3 चरणों में होती है। पहले चरण में मरीज को कोई खास लक्षण नहीं दिखता है लेकिन दूसरे और तीसरे चरण में पहुंचने पर लक्षण भी बढ़ जाते हैं। हार्ट में ब्लॉकेज होने पर दिखने वाले कुछ प्रमुख लक्षण इस प्रकार से हैं।1. बेहोशी, चक्कर आना और शरीर घूमना।2. अत्यधिक थकान और कमजोरी।3. सीने में दर्द (शुरुआत में हल्का दर्द लेकिन समय के साथ दर्द बढऩा)।4. सांस लेने में तकलीफ या तेजी से सांस चलना।5. दिल की धड़कन अनियमित होना।6. दौडऩे या एक्सरसाइज करने में परेशानी।7. मतली और उल्टी की समस्या।हार्ट ब्लॉकेज से बचाव के टिप्सहार्ट ब्लॉकेज की समस्या से बचाव के लिए आपको इन बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए।-शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर न बढऩे दें।-खानपान संतुलित और पौष्टिक रखें।-नियमित रूप से व्यायाम करें।-सही समय पर भोजन करें और अच्छी नींद लें।-शराब का सेवन करने से बचें।-हार्ट के बीमारियों से बचने के लिए स्मोकिंग करने से बचें।--------
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आधुनिक जीवनशैली और अनियमित दिनचर्या व खानपान के कारण एक बड़ी आबादी जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और कैंसर जैसे रोगों से जूझ रहा है। आश्चर्यजनक तौर पर अब यह रोग किशोरों और युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रहा है। जीवनशैली से जुड़े इन रोगों के लिए मुख्यतौर पर अनुवांशिक और खानपान से जुड़ी आदतें व अनियमित दिनचर्या जिम्मेदार हैं। आमतौर पर लोगों में वसा युक्त भोजन, फास्ट फूड, मांसाहार, शराब और धूम्रपान का सेवन बढ़ रहा है, जिसके शौकीन ज्यादातर किशोर और युवा भी हैं। इसके अलावा फसलों में कीटनाशकों का अधिकाधिक उपयोग, प्रदूषण और शारीरिक श्रम या व्यायाम का आभाव, मोटापा भी इन रोगों के मरीजों की संख्या बढ़ा रहा है। शासकीय आयुर्वेद कॉलेज रायपुर के सह-प्राध्यापक डॉ. संजय शुक्ला ने बताया कि जीवनशैली से जुड़े रोगों से बचाव संयमित दिनचर्या और संतुलित खानपान से ही हो सकता है। आज की पीढ़ी खानपान और दिनचर्या के प्रति लगातार लापरवाही बरत रहे हैं फलस्वरूप कम उम्र में ही लोग उच्च रक्तचाप, मधुमेह और हृदय रोगों का शिकार हो रहे हैं। युवाओं में इन बीमारियों का प्रमुख कारण मोटापा भी है जो जंक फूड, डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों, कोल्ड ड्रिंक्स, शराब और मांसाहार के कारण बढ़ रहा है। किशोर और युवा लगातार इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के गिरफ्त में रहते हैं फलस्वरूप वे रात में देर तक जगते हैं, जिसका प्रभाव उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है।
शोध से यह पता चला है कि मानसिक स्वास्थ्य का असर सीधे तौर पर इन जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों में होता है। इन रोगों के उपचार के लिए आजीवन दवाईयां और चिकित्सक के परामर्श में रहने तथा नियंत्रित खानपान और संयमित दिनचर्या अपनाने की जरूरत होती है। आमतौर पर यह देखा जाता है कि उच्च रक्तचाप, मधुमेह और हृदय रोगों के मरीज बिना चिकित्सक के परामर्श के दवाईयां बंद कर देते हैं, फलस्वरूप उन्हें आपात स्थितियों का सामना करना पड़ता है। कई बार यह लापरवाही जानलेवा साबित होती है। लोगों को यह जागरूक होने की जरूरत है कि उपरोक्त बीमारियां जड़ से खत्म नहीं होती, बल्कि दवाओं, संतुलित खानपान और नियमित व्यायाम व योग के द्वारा नियंत्रित होती है अतएव सावधानी बरतें।डॉ. संजय शुक्ला ने बताया कि चूंकि ये बीमारियां मनो-दैहिक यानि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी हैं, इसलिए इन रोगों के बचाव में आयुर्वेद और योग कारगर हैं। इस पद्धति में विभिन्न ऋतुओं के लिए खानपान और दिनचर्या निर्धारित है, जिसको अपनाने तथा पंचकर्म, रसायन चिकित्सा, आचार रसायन, नियमित व्यायाम, योग व ध्यान के द्वारा जीवनशैली गत रोगों से बचाव संभव है। मधुमेह, उच्च रक्तचाप और हृदय रोगों के बचाव के लिए शाकाहारी भोजन जिसमें मिश्रित अनाज की रोटी, अरहर या मूंग की दाल, कोदो या ब्राउन चावल, करेला, सहजन यानि मुनगा, तरोई, हरी तरकारी, करी पत्ते, अदरक, मेथी, लहसुन, गुणमार, जामुन, आंवला इत्यादि का सेवन करना चाहिए तथा वसायुक्त खाद्य पदार्थ, जंकफूड, कोल्डड्रिंक्स, मांसाहार, मद्मपान और धूम्रपान का परहेज आवश्यक है। इसके अलावा शक्कर और नमक का संतुलित मात्रा में उपयोग करना चाहिए। आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में इन रोगों के बचाव और नियंत्रण के लिए अनेक प्रकार के रसायन और औषधियां भी उपलब्ध है जिसका प्रयोग आयुर्वेद चिकित्सा विशेषज्ञों के मार्गदर्शन एवं परामर्श में किया जाना चाहिए। - स्वस्थ शरीर और सेहतमंद मस्तिष्क के लिए योगासन बहुत फायदेमंद होता है। योग से कई तरह की शारीरिक और मानसिक समस्याएं दूर की जा सकती हैं। योग इम्युनिटी मजबूत कर सर्दी, जुकाम आदि से राहत दिलाने के साथ ही बड़ी से बड़ी बीमारियों में भी असरदार होता है। योगासन का गलत तरीके से अभ्यास या योग से पहले और बाद की गतिविधियों की सही जानकारी न होने से शरीर पर योग का असर उल्टा भी हो सकता है। कई लोग योगा तो करते हैं लेकिन वह फिर भी रोगग्रस्त हो जाते हैं। इसकी एक वजह योग को सही तरीके से न करना है।योग के बाद पानी न पिएंयोगाभ्यास के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए। योग के बाद पानी पीने से गले में कफ की समस्या हो जाती है। ऐसे में योग करने के बाद कुछ देर इंतज़ार करने का बाद ही पानी पिएं।योग के बाद तुरंत नहाएं नहींयोग करने से शरीर की बहुत सी ऊर्जा खर्च हो जाती है और शरीर का तापमान बढ़ जाता है। इसलिए योगाभ्यास के तुरंत बाद नहाना नहीं चाहिए, इससे सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियां हो सकती हैं।योग के बाद तुरंत कुछ खाएं नहींयोग करने के तुरंत बाद खाना नहीं खाना चाहिए। योगासन के अभ्यास के कम से कम आधे घंटे बाद ही कुछ खाएं। ध्यान रखें कि हैवी डाइट न लेकर हल्का खाना ही खाएं। योगासन से पहले भी भोजन नहीं करना चाहिए। इससे अपच की समस्या हो सकती है।बीमारी में योग न करेंनियमित योगाभ्यास करते हैं लेकिन कभी बीमार हो जाएं तो योग न करें। ये आपके सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। बीमारी में शरीर कमजोर और थकावट रहती है। योगासन करने से ऊर्जा खर्च होती हैं। ऐसे में इस स्थिति में योग न करें। डॉक्टरी सलाह के बाद योग करने की अनुमति पर अभ्यास कर सकते हैं।
- आपने जरूर सुना होगा कि अच्छी सेहत के लिए कम से कम आठ घंटे सोना जरूरी है। एक नया रिसर्च इस सुनहरे सूत्र से कुछ अलग सच्चाई दिखा रहा है। चीन और ब्रिटेन के वैज्ञानिकों को क्या पता चला, जानिए....हममें से ज्यादातर लोग शायद यही सुनते हुए बड़े हुए हैं कि एक वयस्क इंसान के लिए रात में आठ घंटे की नींद लेना बहुत अच्छा है। अब नए शोध दिखा रहे हैं कि हर उम्र के वयस्कों के लिए यह बात सही नहीं है।ब्रिटेन की केम्ब्रिज यूनिवर्सिटी और चीन की फुदान यूनिवर्सिटी के रिसर्चरों की टीम ने पता लगाया है कि अधेड़ और उससे भी बड़ी उम्र के लोगों के लिए सात घंटे सोना आदर्श है। 'नेचर एजिंग' जर्नल में प्रकाशित उनकी स्टडी में बताया गया है कि सात घंटे की नींद लेने पर इस उम्र के लोगों का मानसिक स्वास्थ्य सबसे बढिय़ा रहता है। इसमें इंसान के सोचने, समझने, तर्क करने, फैसले लेने, जागरुक रहने, याद रख पाने और भाषा से जुड़ी क्षमतायें शामिल हैं।रिसर्चरों ने करीब 5 लाख प्रतिभागियों का सैंपल लिया। इनकी उम्र 38 से लेकर 73 साल थी। उन्होंने पाया कि जरूरत से कम या ज्यादा नींद लेने वालों को दिमाग और याददाश्त से जुड़ी सबसे ज्यादा समस्याएं होती है। स्टडी में शामिल लोगों से पूछा गया कि उनको कैसी नींद आती है और साथ ही कई प्रश्नों की मदद से जानकारी जुटाई गई कि उनकी मानसिक क्षमताएं और स्वास्थ्य कैसा है। इसके लिए लोगों से कई तरह के सोचने और समझने वाले काम करवाए गए। इनमें स्पीड, विजुअल अटेंशन और किसी समस्या को सुलझाने की क्षमता को परखा गया. उन्होंने पाया कि जिन लोगों को सात घंटे की नींद मिली, उन्होंने इन सब कामों में अच्छा प्रदर्शन किया।हालांकि इस स्टडी के नतीजों को दुनिया की सारी आबादी के लिए सही नहीं माना जा सकता। कारण यह है कि इसमें शामिल लोगों में से करीब 94 फीसदी गोरे थे। अभी इस पर और शोध किए जाने की जरूरत है कि काले और दूसरे नस्लीय एवं सांस्कृतिक पृष्ठभूमि वाले लोगों में नींद और दिमाग का कैसा संबंध मिलेगा।इन नतीजों को ठीक से समझने के लिए यह जानना भी जरूरी है कि मानसिक स्वास्थ्य पर सबसे अच्छा असर उन्हीं लोगों में दिखा जिन्होंने लंबे समय तक, लगातार हर रात लगभग सात घंटे की नींद ली। दूसरे शब्दों में कहें तो अगर कोई अकसर ऐसा करे कि किसी परीक्षा या बड़े इंटरव्यू के पहले तीन-चार घंटे ही सोये और फिर किसी दिन 10-11 घंटे, तो उसमें ऐसा सकारात्मक असर नहीं दिखेगा। स्टडी की सहलेखिका और केम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर बारबरा सहाकियान कहती हैं, "रात को अच्छी नींद लेना जीवन के हर पड़ाव पर जरूरी है, खास कर उम्र बढऩे के साथ।" उन्होंने बताया कि लगातार नींद की कमी होते रहने से दिमाग के अंदर से जहरीले रसायनों की सफाई का काम ठीक से नहीं हो पाता है। रिसर्चरों ने बताया कि अगर 'स्लो वेव स्लीप' यानि गहरी नींद में बार बार खलल पड़ता हो तो कॉग्निटिन परफॉर्मेंस पर बुरा असर पडऩा तय है। जब जब गहरी नींद टूटती है, उस समय दिमाग में ठोस रूप लेकर जम रही याददाश्त पर बुरा असर पड़ता है। इस प्रक्रिया में एमिलॉयड नाम का प्रोटीन बनने लगता है. यह अपने आप में नुकसानदायक नहीं होता लेकिन अगर ठीक से काम ना करे तो दिमाग में गांठें बना सकता है। इन गांठों के कारण आगे चल कर डिमेंशिया हो सकता है। जरूरत से कम या बहुत ज्यादा सोने वालों को बढ़ती उम्र के साथ मानसिक समस्याएं पैदा होने का जोखिम बढ़ जाता है। मस्तिष्क विज्ञानी और फुदान यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर जियानफेंग फेंग कहते हैं कि "हमारी स्टडी से तो इस धारणा को बल मिलता है लेकिन पक्के तौर पर ऐसा मानने के लिए और शोध की जरूरत है." वैज्ञानिक मानते हैं कि इसका संबंध आनुवांशिकी और दिमाग की संरचना से भी होता है।
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रिश्ते बहुत नाजुक होते हैं। अक्सर कुछ गलतफहमियां भी रिश्तों को खराब कर सकती हैं। अनजाने में आप अपने पार्टनर से ऐसी बातें कह देते हैं, जिससे उन्हें वाकई दुख पहुंचता है। कई बार आपको इस बात का एहसास तक नहीं होता है। जहां खुलकर बात करनी चाहिए, वहां आप सिर्फ इन शब्दों को कहकर काम चला लेते हैं, जिससे आगे जाकर परेशानी हो जाती है। ऐसे में कुछ ऐसी बातें हैं, जो आपके रिश्ते को खत्म करती जाती है।
मुझे आपसे बात नहीं करनी
कई लोग बहुत गुस्सा आने या फिर अपसेट होने पर ऐसा कह देते हैं, लेकिन मूड ठीक होने पर आपको बात जरूर करनी चाहिए। साथ ही कोशिश करें कि हर लड़ाई में यह नेगेटिव लाइन बार-बार न बोलें।
आई हेट यू
गुस्से में बोले गए इस शब्द का कोई मतलब नहीं होता। हम सभी जानते हैं लेकिन आई हेट यू सुन-सुनकर आपका पार्टनर कहीं न कहीं अपसेट हो जाता है। ऐसे में आपको बार-बार इन चीजों को बोलने से बचना चाहिए।
मुझे तुम्हारे साथ नहीं रहना है
कभी-कभी लड़ाई हमारा मूड इतना खराब कर देती है कि हम पार्टनर से कहना शुरू कर देते हैं कि अब मैं तुम्हारे साथ रहना नहीं चाहती/चाहता, ऐसा कहने से न सिर्फ हर बार आपको दुख पहुंचता बल्कि पार्टनर भी सोचता है कि शायद आप उनके साथ खुश नहीं हैं।
चले जाओ मेरी लाइफ से
ऐसा कहने का कोई मतलब हो या न हो लेकिन यह आपके रिश्ते को ब्रेकअप की ओर ले जा सकता है। इस बात को सुनकर पार्टनर के मन में कड़वाहट भरती जाती है।
हमें ब्रेकअप/डिवोर्स लेना चाहिए
हर बार आप गुस्से में यह बात बोलते हैं, तो आपका पार्टनर इस बात को सीरियस लेना शुरू कर देता है। यह लाइन आपके रिश्ते के लिए अच्छा सिंगल नहीं है। इसे कहने से बचें। -
गर्मियों के मौसम में टैनिंग होना एक आम समस्या है. गर्मियों की तेज धूप के कारण त्वचा पर टैन हो जाता है. हानिकारण यूवी किरणें त्वचा को काफी नुकसान पहुंचती है. गर्मियों में त्वचा का अधिक ध्यान रखने की जरूरत पड़ती है. इस दौरान न केवल चेहरे बल्कि हाथों पर भी काफी टैन दिखाई देता है. ये हाथों की खूबसूरती को कम करता है. टैनिंग से छुटकारा पाने के लिए आप कई तरह के घरेलू नुस्खे आजमा सकते हैं. आप प्राकृतिक सामग्री का इस्तेमाल करके पैक बना सकते हैं. ये त्वचा को टैनिंग से बचाने में मदद करेंगे. ये त्वचा पर निखार लाने का काम करेंगे.
दही, नींबू और चावल से पैक बनाएं
इसके लिए आपको 1 चम्मच दही, आधा चम्मच नींबू का रस और 1 चम्मच चावल के पाउडर की जरूरत होगी. इन सभी सामग्री को मिलाएं. इस पैक को हाथों पर लगाएं. इससे कुछ देर के लिए हाथों की मसाज करें. इसके बाद इसे साफ पानी से धो लें. ये हाथों की टैनिंग को दूर करता है. नींबू में ब्लीचिंग गुण होते हैं. चावल त्वचा को एक्सफोलिएट करता है.
कॉफी का स्क्रब
इस स्क्रब को बनाने के लिए आपको कॉफी, आधा चम्मच शहद और आधा चम्मच दूध की जरूरत होगी. इन सभी सामग्री को मिलाकर स्क्रब तैयार कर लें. इस स्क्रब से हाथों पर कुछ देर तक मसाज करें. इसके बाद हाथों को सादे पानी से धो लें. ये होममेड हैंड स्क्रब त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद है. इसमें एंटी एजिंग प्रॉपर्टीज होती हैं. ये त्वचा को रिपेयर करने का काम करते हैं.
पपीते से बनाएं टैन रिमूवल
इसके लिए आपको 1 छोटा चम्मच पपीते का पल्प और 1 छोटा चम्मच पपीते के बीज की जरूरत होगी. सबसे पहले पपीते के टुकड़े कर लें. इसे मैश कर लें. इसमें पपीते के बीज डालें. इससे त्वचा की 5 मिनट तक मसाज करें. इसके बाद त्वचा को साफ कर लें. ये त्वचा को गहराई से साफ करने में मदद करता है. ये त्वचा पर निखार लाने का काम करता है.
दही और हल्दी पैक
इसके लिए आधा कप दही लें. इसमें एक चुटकी हल्दी मिलाएं. इसे अच्छे से मिलाएं. इसे हाथों पर लगाएं. इसे 15 मिनट के लिए लगा रहने दें. इसके बाद इसे ठंडे पानी से धो लें. आप हर दिन इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. ये त्वचा की टैनिंग को दूर करने में मदद करता है. ये पैक त्वचा पर निखार लाने में मदद करता है. - सभी माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा पढ़ने-लिखने में होशियार होने के साथ अच्छे आईक्यू लेवल वाला भी हो। बच्चे को स्मार्ट और इंटेलिजेंट बनाने के लिए माता-पिता बचपन से ही अपने बच्चे को कभी बादाम, अखरोट तो कभी च्यवनप्राश खिलाते रहते हैं। पर क्या आप जानते हैं बच्चों का स्मार्ट होना और बच्चों में आइक्यू लेवल (IQ Level) का बढ़ा होना, दोनों बातों में अंतर होता है। आईक्यू या इंटेलिजेंट कोशिएंट एक ऐसा गुण है, जो एक बच्चे को दूसरे बच्चों से अलग बनाता है। अच्छी बात यह है कि आईक्यू में सुधार करने की कोई उम्र नहीं होती।----आइए जानते हैं कैसे माता-पिता कुछ टिप्स फॉलो करके अपने बच्चे के आईक्यू में सुधार कर सकते हैं।कई भी इंस्ट्रूमेंट बजाना सिखाएं-बच्चे के दिमागी विकास के लिए यह एक बढ़िया एक्टिविटी हो सकती है। इस एक्टिविटी से ना सिर्फ बच्चे का आइक्यू लेवल बढ़ता है, बल्कि मैथमेटिकल स्किल भी डेवलप होती है।इसके लिए आप अपने बच्चे को गिटार, सितार, हारमोनियम जैसे कोई भी वाद्ययंत्र बजाना सिखा सकते हैं।खेल सिखाएं-बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए उनका खेलना भी जरूरी है। कई बार बच्चे खेल-खेल में ही कई तरह की चीजें सीख जाते हैं। तो अगली बार अपने बच्चे की एक्साइटमेंट और आइक्यू लेवल बढ़ाने के लिए आप भी उसके साथ जरूर खेलें।ओमेगा-3 फैटी एसिड-ओमेगा-3 फैटी एसिड बच्चों के मस्तिष्क के लिए अच्छा होता है। दरअसल डीएचए बच्चों के दिमाग के विकास में बहुत मदद करता है। यदि बच्चे के शरीर में डीएचए का स्तर कम है तो इससे याददाश्त और पढ़ने की क्षमता भी प्रभावित होती है। इसलिए आप बच्चों के आहार में ओमेगा-3 फैटी एसिड जरूर शामिल करें।गणित के सवाल करवाएं हल-बच्चे से खेल-खेल में टेबल, या जोड़-घटा वाले सवाल करवाएं। रोजाना ऐसा 10 से 15 मिनट तक करने से बच्चे का आईक्यू लेवल काफी बढ़ जाएगा। इसके अलावा आजकल माता-पिता अपने बच्चे का आईक्यू लेवल बढ़ाने के लिए अबेकस का भी सहारा ले रहे हैं।डीप ब्रीदिंग-डीप ब्रीदिंग सबसे अच्छे ब्रेन हैक्स में से एक है। गहरी सांस लेने से मन में अच्छे विचार पैदा होते हैं। इसके अलावा बच्चे की हर चीज में फोकस करने की शक्ति बढ़ने के साथ तनाव से भी मुक्ति मिलती है। इसके लिए नियमित रूप से रोजाना सुबह या शाम 10 से 15 मिनट बच्चे के साथ गहरी सांस लेने का अभ्यास जरूर करें।
- अक्सर इम्यूनिटी बढ़ाने की या फिर इसे बूस्ट करने की चर्चाएं होती रहती हैं लेकिन आपकी शरीर में विटामिन डी की कमी (Deficiency of Vitamin D) है तो इससे आपकी इम्यूनिटी पर गहरा असर पड़ता है। स्वस्थ शरीर के लिए विटामिन डी बहुत जरूरी है। विटामिन डी शरीर को किसी भी वायरस से बचाने में मदद करता है और शरीर में मौजूद सेल्स को लड़ने की ताकत भी देता है। विटामिन डी की कमी से शरीर में कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं।अक्सर आपने सुना होगा कि सुबह की धूप शरीर के लिए फायदेमंद होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि, सूरज की किरणों से हमारे शरीर में विटामिन डी बनता है लेकिन आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में अधिकतर लोगों में विटामिन डी की कमी पाई जाती है। शरीर में इसकी कमी होने पर हड्डियां कमजोर हो जाती हैं जिससे थकान, आलस और चिड़चिड़ापन रहने लगता है। विटामिन डी हमारी हड्डियों और दांतों के लिए काफी जरूरी होता है। बच्चों में विटामिन डी की कमी को रिकेट्स (Rickets) का नाम दिया जाता है जिसमें हड्डियां काफी मुलायम हो जाती हैं और जल्दी-जल्दी टूटने लगती हैं।विटामिन डी के सोर्स ------------ सुबह की धूप बहुत फायदेमंद होती है। इसके लिए रोजाना लगभग 30 मिनट के लिए धूप में जरूर बैठें। अपने हाथ, पैरों और चेहरे को धूप दिखाएं, इससे शरीर को भरपूर विटामिन डी मिलता है।- विटामिन डी की कमी होने पर गाजर खाना भी फायदेमंद होता है। इसके लिए सलाद या जूस के रूप में गाजर का सेवन कर सकते हैं। गाजर के जूस में चुकंदर और नींबू का रस भी मिला सकते हैं।- अगर आप सीफूड से परहेज नहीं करते हैं तो सॉल्मन और टुना फिश विटामिन डी के बेहतरीन सोर्स हैं।- अगर आप मछली नहीं खा सकते हैं तो अंडे को डाइट में शामिल करें। अंडे का पीला भाग विटामिन डी की कमी को पूरा करने में मदद करता है।- दही भी इसके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। दही का सेवन करने से विटामिन डी की कमी को दूर किया जा सकता है।- विगन डाइट वेगन फॉलो कर रहे लोगों में विटामिन डी की कमी ज्यादा पाई जाती है। ऐसे लोग डाइट में सोया मिल्क और बादाम दूध जरूर शामिल करें।
- छुट्टी वाले दिन अगर आपका मन कुछ स्पेशल खाने का कर रहा है, तो आप काला चना पुलाव बना सकते हैं। स्वाद के साथ यह रेसिपी हेल्थ के लिए भी बहुत अच्छी होती है। काले चने में कैलोरी, शुगर, फैट, प्रोटीन, सोडियम, कार्ब्स और फाइबर होता है, जो बालों के फाॅलिकल्स को मजबूत बनाकर उनका झड़ना कम करता है। इसके अलावा यह विटामिन्स और खनिजों तत्वों का भी खजाना है। जिन लोगों को ब्लड प्रेशर की प्रॉब्लम होती हैं, उन लोगों को चने को डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए। इसके अलावा वेट लॉस के साथ डाइजेशन को बेहतर रखने में भी काले चने बहुत फायदेमंद है।काले चने बनाने की सामग्री-2 कप चावल पके हुए2 टेबलस्पून नींबू का रस1 कप काला चना पका हुआ1 टीस्पून गरम मसाला2 टमाटर2 प्याज2 मिर्च1 टीस्पून लाल मिर्च पाउडर1 टीस्पून जीरानमक स्वादानुसारतेलपानीकाले चने पुलाव बनाने की विधि-इसे बनाने के लिए आपको एक पैन में ऑयल गरम करना है। अब इसमें जीरा और मिर्च डालें. अब कटे हुए प्याज डालें। इसे गोल्डन ब्राउन होने तक तल लें। इसके बाद टमाटर डालकर 2 मिनट तक पकाएं। अब इसमें गरम मसाला, लाल मिर्च पाउडर और नमक डाल लें। जब मसाले अच्छी तरह पक जाएं, तो इसमें काले चने डाल लें। इसे दो मिनट पकाने के बाद चावल डाल दें। अब इसे भी 2-3 मिनट पकाने के बाद सभी मसालों को इसमें मिलने दें। आखिरी में नींबू का रस डालकर गैस ऑफ कर लें। काला चना पुलाव तैयार हो जाएगा।
- हाल ही में आई फिल्म 'दसवीं' में एक्ट्रेस निमरत कौर को उनकी एक्टिंग के लिए जमकर वाहवाही मिल रही है। इस फिल्म में निमरत कौर के अलावा अभिषेक बच्चन और यामी गौतम भी प्रमुख भूमिका में हैं। दसवीं में निमरत कौर की एक्टिंग के अलावा जिस चीज ने दर्शकों का सबसे ज्यादा ध्यान खींचा वह उनका वजन बढ़ाना था। फिल्म दसवीं के लिए निमरत कौर ने 15 किलो वजन बढ़ाया था। फिल्म के बाद एक्ट्रेस निमरत कौर ने दोबारा 15 किलो वजन कम कर सबको चौंका दिया है। फिल्म के लिए वेट गेन करने के बाद वेट लॉस करने की निमरत कौर की यह जर्नी आसान नहीं रही। उन्होंने फिल्म में बिमला देवी के रोल के लिए वजन बढ़ाने के दौरान हुई परेशानियों और ट्रोलिंग को शेयर करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया। निमरत कौर ने इंस्टाग्राम पोस्ट में 15 किलो वजन कम करने के बाद अपनी पहली तस्वीर शेयर की और इसके साथ ही वजन बढ़ाने के दौरान हुई ट्रोलिंग और परेशानियों से जुड़ा एक इमोशनल नोट भी शेयर किया। इस इमोशनल नोट के पोस्ट में अभिनेत्री ने लिखा "वेट ऑन इट मेरे हजार शब्दों के लिए लेफ्ट स्वाइप करें, जो यह तस्वीर नहीं बोलेगी।"फिल्म दसवीं के बाद अभिनेत्री निमरत कौर ने 15 किलोग्राम वजन कम किया है, जिसकी पहली तस्वीरें उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर शेयर की हैं। तस्वीर के साथ निमरत कौर ने एक एमोतिओन नोट भी शेयर किया है जिसमें वजन बढ़ाते समय समाज की सोच और वजन बढ़ाने के दौरान खाने-पीने को लेकर ट्रोल होने के बारे में भी लिखा है। अभिनेत्री निमरत कौर ने नोट में लिखा कि उन्हें दसवीं में बिमला देवी के रोल के लिए वजन बढ़ाना या 'साइज अप' करना था। पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि वजन बढ़ाने और घटाने की उनकी 10 महीने की लंबी जर्नी में कैसे लोग अपने काम से काम नहीं रख रहे थे। इस नोट के जरिए अभिनेत्री ने उन लोगों को एक संदेश भी दिया है जो किसी के शरीर या खानपान की चॉइस को लेकर उन्हें ट्रोल करते हैं या उसपर कमेंट करते हैं।वजन बढ़ाते समय आयीं ये परेशानियांइंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए इमोशनल नोट में अभिनेत्री निमरत कौर ने दसवीं में अपने रोल के लिए 15 किलो वजन बढ़ाते समय आई परेशानियों और ट्रोलिंग के बारे में लिखा है। उन्होंने लिखा कि वजन बढ़ाते समय कैसे उनकी खाने-पीने की आदतों और साइज को लेकर 'भद्दे कमेंट्स' का सामना करना पड़ा।वजन घटाते समय मिली ये जरूरी सीखअभिनेत्री निमरत कौर ने अपने इमोशनल नोट में बताया कि कैसे उन्होंने वेट लॉस जर्नी के समय एक जरूरी सीख मिली। उन्होंने नोट में लिखा कि वेट लॉस जर्नी ने उन्हें एक महिला और एक्ट्रेस के रूप में यह सिखाया कि हर किसी को सिर्फ अपने काम पर ध्यान रखना चाहिए। निमरत कौर ने अपने फैंस को एक मैसेज देते हुए लिखा कि इस वजन बढ़ाने और घटाने की यात्रा पूरी होने के बाद उन्हें यह सीखा है कि आपकी शरीर और आपके बीच के रिश्ते को बाहरी लोगों की सोच के आधार पर तय नहीं होने देना चाहिए। कड़े शब्द लिखते हुए अभिनेत्री ने उन लोगों को जवाब दिया जो लोगों के शरीर या खाने-पीने की आदत को लेकर टिप्पणी करते हैं। उन्होंने कहा कि मैं इसे इस बड़े संवाद में यह जोडऩा चाहती हूं कि हम सभी अधिक सावधानी, संवेदनशीलता और सहानुभूति के साथ कैसे रह सकते हैं। विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो 'आदर्श' की अपेक्षा के मायोपिक, पिजनहोल प्रोटोटाइप में फिट नहीं होते हैं - चाहे वह बहुत गहरा हो, बहुत पतला हो, बहुत छोटा हो, बहुत मोटा हो या इनमें से कोई भी मापने वाला पैमाना हो जिस कंडीशनिंग से वे आते हैं। आखिर में इस नोट में अभिनेत्री ने यह लिखते हुए कहा कि दयालु बनो, संवेदनशील हो, कृपालु बनो। अगर आप किसी के दिन को बेहतर नहीं बना सकते तो उसका दिन खराब मत करो। जिम्मेदार रहना। सिर्फ अपने शरीर और अपने दिमाग से मतलब रखो किसी और के से नहीं।इस इमोशनल नोट के जरिए अभिनेत्री निमरत कौर ने न सिर्फ अपनी वजन बढ़ाने और घटाने की जर्नी को लेकर लोगों को संदेश दिया है बल्कि उन्होंने वजन, रंग या किसी भी व्यक्ति की साइज को लेकर ट्रोल करने को अपना अधिकार समझने वाले लोगों को एक कड़ा संदेश भी दिया है। उम्मीद है निमरत कौर की ये पोस्ट समाज में लोगों को सोचने का एक नया नजरिया देगी।
- गुस्सा सेहत के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं होता है, लेकिन कई बार इंसान को कुछ बातें इतनी बुरी लग जाती है कि वह गुस्सा करने के लिए मजबूर हो जाता है. बता दें कि गुस्सा करने से स्ट्रेस हार्मोन ज्यादा बनने लगता है, इससे टेंशन बढ़ती है. ऐसे में आपका बीपी भी बढ़ सकता है, जिससे ब्रेन स्ट्रोक और ब्रेन हेमरेज की समस्या हो सकती है. ऐसी स्थिति से बचने के लिए आपको खुश रखना बेहद जरूरी है और कोशिश करें कि गुस्सा कम करें. आइए जानते हैं कि ऐसे कौन-से टिप्स हैं, जिससे आपको बड़ी समस्या न हो और आप हमेशा खुश रहें.योग करने की आदत डालेंयोग करने से भी गुस्सा काफी कम किया जा सकता है. अगर आपको भी बहुत गुस्सा आता है, तो डेली योग करने की आदत डालनी होगी. ऐसा करने से आप गुस्सा कम करेंगे.रोज करें एक्सरसाइजइसके अलावा एक्सरसाइज करेंगे तो आपको गुस्सा कम होगा. इसकी शुरुआत आप थोड़ी देर टहलने से कर सकते हैं. इससे आपका स्ट्रेस हार्मोन कम होगा और आप खुश रहेंगे.मेडिटेशन करें, गुस्सा होगा कमकहते हैं कि मेडिटेशन कई समस्याओं का इलाज है. जब आप मेडिटेशन करते हैं तो कई बड़ी बीमारियां आपसे दूर हो जाती है.गहरी सांस लेंइसके अलावा सब जानते हैं कि बहुत तेज गुस्सा आने पर आपको गहरी सांस लेनी चाहिए. ऐसा करने से आपको बीपी नहीं बढ़ता है.संगीत सुने, मूड होगा अच्छाअच्छा संगीत आपका मूड फ्रेश करता है. यानी आप अच्छा संगीत सुनेंगे तो आपको टेंशन कम होगी. कोशिश करें कि मोटिवेशनल संगीत सुनें. इस दौरान आप भक्ति सॉन्ग भी सुन सकते हैं.
- भारत गर्मी का कहर देखने को मिल रहा है, आने वाले दिनों में टेम्प्रेचर और ज्यादा बढ़ने की आशंका है, ऐसे में तेज धूप से खुद की त्वचा को बचाना बेहद जरूरी है. स्किन केयर के लिए कुछ खास तेल का इस्तेमाल किया जाता है, आर्गन ऑयल भी उन्हीं चमत्कारी तेलों में से एक है, जो चेहरे की त्वचा को मुलायम, बेदाग और हेल्दी बना सकता है. आइए जानते हैं कि स्किन पर आर्गन तेल लगाने से कौन-से फायदे मिलते हैं.चेहरे पर आर्गन ऑयल लगाने के फायदेआर्गन ऑयल (Argan Oil) में फैटी एसिड (Fatty Acid), एंटीऑक्सीडेंट्स (Antioxidant), विटामिन ई (Vitamin E) और एंटी-इंफ्लामेटरी (Anti-inflammatory) गुण ज्यादा होते हैं. जो चेहरे को कई तरीके से फायदे पहुंचा सकते हैं.1. त्वचा को मिलती है नमीस्किन को नमी की जरूरत गर्मी में भी रहती है. जिसकी कमी से त्वचा खुरदुरी और दागदार बनी रहती है. लेकिन फेस पर आर्गन ऑयल (Argan Oil) लगाने से स्किन को ओमेगा-3 फैटी एसिड मिलता है, जो चेहरे की ड्राईनेस खत्म करने में मदद करता है. आप रात में सोने से पहले आर्गन ऑयल की कुछ बूंद से मसाज कर सकते हैं.2. मिट जाते हैं दाग-धब्बेआर्गन का तेल (Argan Oil) चेहरे के दाग-धब्बे मिटाने में मदद करते हैं. अगर आपके चेहरे पर धूप, हॉर्मोनल चेंज या उम्र बढ़ने के कारण दाग-धब्बे आने लगे हैं, तो आप इन दाग-धब्बों का इलाज आर्गन का तेल लगाकर सकते हैं. इसके लिए आर्गन ऑयल में मौजूद विटामिन ई मददगार होता है.3. सभी स्किन टाइप के लिए फायदेमंदआर्गन ऑयल का सबसे बड़ा फायदा यह है कि ये तेल सभी स्किन के लिए लाभदायक हो सकता है. क्योंकि, यह फेस ऑयल ना ज्यादा भारी होता है और ना ज्यादा हल्का. वहीं, आर्गन का तेल रोमछिद्रों को भी बंद नहीं करता है. इसलिए किसी भी स्किन के लोग इस तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं.4. एंटी एजिंग गुणझुर्रियां, झाइयां, फाइन लाइन्स, ढीली त्वचा जैसे उम्र बढ़ने के लक्षण आपको बूढ़ा दिखाने लगते हैं. लेकिन, आर्गन ऑयल के एंटीऑक्सीडेंट्स और मॉइश्चराइजिंग गुण आपको कम उम्र में बूढ़ा बनाने से बचा सकते हैं.5. सन डैमेज से बचावगर्मी में सन डैमेज (Sun Damage on Face) का खतरा सबसे ज्यादा होता है. जिससे चेहरे पर दाग-धब्बे, मुंहासे, रैशेज आदि समस्याएं होने लगती है. लेकिन, आर्गन ऑयल में मौजूद विटामिन ई सन डैमेज से बचाव करता है.
- सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस के कारण गर्दन में दर्द और चक्कर आने की समस्या होने लगती है. जिसके पीछे सर्वाइकल स्पाइन की कमजोरी होती है. लेकिन, सर्वाइकल का दर्द दूर करने के लिए एक्सरसाइज करना चाहिए. ये नेक एक्सरसाइज सर्वाइकल के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं. आइए सर्वाइकल का दर्द दूर करने वाली एक्सरसाइज के बारे में जानते हैं.सर्वाइकल के दर्द में आराम देंगे ये नेक एक्सरसाइजनेक स्ट्रेच-----सबसे पहले अपने शरीर को सीधा करके बैठ जाएं.-अब अपनी ठुड्डी को आगे की तरफ ले जाएं.-ऐसा तबतक करें, जबतक कि आपकी गर्दन में खिंचाव महसूस ना होने लगे.-इस स्थिति में 5 सेकेंड तक रहें और फिर अपने सिर को सामान्य स्थिति में ले जाएं.-इसके बाद सिर को पीछे की तरफ ले जाते हुए ठुड्डी को ऊपर उठाएं और 5 सेकेंड तक रहें.-ऐसा 5 बार करें.नेक टिल्ट-----------सीधी कमर करके बैठ जाएं और ठुड्डी को नीचे की तरफ लाएं.-अपनी ठुड्डी से सीने को छूने की कोशिश करें.-इस स्थिति में 5 सेकेंड तक रहें और फिर वापस सामान्य स्थिति में पहुंच जाएं.-ऐसा कम से कम 5 बार करें.साइड टू साइड नेक टिल्ट---------------अपनी गर्दन को सीधा बैठकर एक तरफ झुकाएं.-जब आपका कान कंधे को छूने लगे, तो रुक जाएं.-करीब 5 सेकेंड इस स्थिति में रहने के बाद सामान्य पोजीशन में आ जाएं.-अब सिर को सामान्य पोजीशन में लेजाकर दूसरे कंधे की तरफ गर्दन झुकाएं और 5 सेकेंड तक उस स्थिति में रहें.-ऐसा 5 बार करें.नेक टर्न-------------कमर सीधी करके बैठ जाएं और गर्दन को एक तरफ घुमाएं.-गर्दन को जितना हो सके, उतना घुमाएं और करीब 5 सेकेंड तक इस स्थिति में रहें.-अब गर्दन को सामान्य स्थिति में लाएं और फिर दूसरी तरफ घुमाएं.-ऐसा 5 बार करें.
- गर्मी के मौसम में आपका भी अक्सर कोल्ड ड्रिंक्स पीने का मन करता होगा. लेकिन क्या आपने कभी नैचुरल कूलिंग ड्रिंक्स ट्राइ की हैं? अगर नहीं तो आपको जरूर एक बार इन्हें पीकर देखना चाहिए. गर्मी को मात देने के लिए इनसे बेहतर और सेहत के लिए इनसे अच्छा कुछ नहीं हो सकता.गन्ने के जूस में पुदीना और नींबू डालकर पीने से आपका मन तृप्त हो जाएगा. इसका टेस्ट तो आपको पसंद आएगा ही और साथ ही आपको गर्मी से भी कुछ राहत मिलेगी.सुबह-सुबह या खाने के लगभग 2 घंटे बाद नारियल का पानी सबसे ज्यादा फायदा करता है. नारियल का पानी आपको हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है. कोकम का शरबत आपको ठंडक पहुंचाने के अलावा एसिडिटी की समस्या को भी कम करता है. अगर आपको वजन कम करना है तो भी आप इस फ्रूट जूस का सेवन कर सकते हैं.आपके ब्लड सर्कुलेशन को कंट्रोल करने वाला खस शरबत शरीर में तुरंत ठंडक पहुंचाने के लिए बहुत अच्छा ऑप्शन है. इससे आपका शरीर ज्यादा हाइड्रेटेड रहेगा.लू के चलते बहुत से लोगों की इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है, बेल का शरबत आपको इंस्टेंट इम्यूनिटी देने में कारगर साबित होगा.
- इन दिनों थिक और डार्क आईब्रोज काफी फैशन में हैं, लेकिन बहुत से लोगों के लिए ये एक सपने की तरह होता है। जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हमारी आईब्रोज पतली और हल्की होती जाती हैं। यहां तक ये समस्या युवाओं में भी देखने को मिल रही है। इसके पीछे हार्मोन और खराब लाइफस्टाइल है। जिसकी वजह से आईब्रो पतली दिखती हैं। डार्क आईब्रोज पाने के लिए इस्तेमाल करें ये चीज......हेयर और स्किन केयर में कैस्टर ऑयल का इस्तेमाल अक्सर किया जाता है। ये हेयर ग्रोथ के लिए काफी प्रभावी माना जाता है। दरअसल, इसमें रिकिनोलेइक एसिड पाया जाता है, जो बालों की ग्रोथ को बेहतर करने में मदद करता है। इसलिए जिन लोगों के बालों की ग्रोथ रुक गई है, वो कैस्टर ऑयल का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, सिर के बाल के अलावा इसे आईब्रो और आईलैशेज के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।पलकों और आईब्रो पर कैस्टर ऑयल लगाने के लिए स्पूली ब्रश का इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे लगाना आसान हो जाएगा। सबसे पहले स्पूली को कैस्टर ऑयल में डिप करें और फिर उसे आईलैशेज पर अप्लाई करें। ठीक उसी तरह जैसे आप मस्कारा इस्तेमाल करती हैं। आईब्रो के लिए भी यही तरीका आजमाएं। हालांकि, इस दौरान आंखों का ध्यान रखना ना भूलें। अपर आईलैशेज पर इसे अप्लाई करने के बाद लोअर आईलैशेज पर भी लगाएं। इसे रात भर के लिए ऐसे ही छोड़ दें और फिर अगले दिन सुबह वॉश कर लें।कैस्टर ऑयल के अलावा भी कई नेचुरल इंग्रेडिएंट्स हैं, जिनका इस्तेमाल किया जा सकता है। आईब्रो के लिए एलोवेरा जेल, प्याज का रस, नारियल तेल जैसी चीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं। वहीं बात करें पलकों की तो प्याज का रस आंखों में परेशानी दे सकता है। इसलिए इसे स्किप करें, इसके बजाय नारियल तेल या फिर एलोवेरा जेल जैसी चीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं। वहीं ये इंग्रेडिएंट्स पूरी तरह से नेचुरल हैं, लेकिन आप चाहें तो एक्सपर्ट की सलाह लें सकते हैं।
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तनाव भरी जिंदगी में आजकल नींद न आने की समस्या आम है। जबकि रोजाना अच्छी नींद लेने से मन-मस्तिष्क और शरीर स्वस्थ रहता है। नींद पूरी न होना और अनिद्रा की समस्या के चलते कई लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जानकार बताते हैं कि नींद पूरी ना होने के कारण शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यहां तक कि कई लोग इसकी वजह से नींद की दवा लेकर सोते हैं। जबकि कई बार नींद ना आने कारण तनाव ही नहीं बल्कि वास्तु दोष भी हो सकता है। वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर में वास्तु दोष होने की वजह से परिवार के लोगों को सही से नींद नहीं आती है। वास्तु शास्त्र में अच्छी नींद के लिए कई तरह के उपाय बताए गए हैं। इन नियमों का पालन करने से नींद में आ रही समस्या खत्म हो सकती है। तो चलिए आज जानते हैं अच्छी नींद के लिए वास्तु के कुछ उपाय...
इन चीजों को बेडरूम में न रखें
बेडरूम में आइना ना लगाएं। वास्तुशास्त्र के अनुसार बेडरूम में आइना लगाने से नींद में बाधा आती है। यदि बेडरूम में आइना है तो रात को सोते समय उसे किसी कपड़े से ढंक दें। इसके अलावा बेडरूम में कभी भी झाड़ू नहीं रखनी चाहिए।
इलेक्ट्रॉनिक सामान
कई लोग अपने बेडरूम में इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसे- टीवी या कंप्यूटर रखते हैं। जबकि वास्तु में इसे सही नहीं माना गया है। ऐसे में भूलकर भी इन चीजों को अपने बेडरूम में न रखें, क्योंकि ऐसा करने से नींद न आने की समस्या बढ़ने लगती है।
बेड की दिशा हो सही
अपने कमरे में बेड का ध्यान रखें। वास्तुशास्त्र के अनुसार, बेडरूम में कभी भी बिस्तर उत्तर-पूर्व दिशा में नहीं होना चाहिए। ऐसा होने से नींद में बाधा आ सकती है और आप ठीक से सो नहीं पाते हैं।
बेड पर बैठकर न खाएं खाना
वास्तुशास्त्र की मानें तो बिस्तर पर बैठकर खाना नहीं खाना चाहिए। ऐसा करने से नींद में खलल पड़ती है और अच्छी नींद नहीं आती। वहीं घर के सभी सदस्यों को एक साथ भोजन करना चाहिए। ऐसा करने से मन में शांति रहती है आप खुशी महसूस करते हैं, जिससे नींद अच्छी आती है।
ये वास्तु उपाय
वास्तु शास्त्र के अनुसार, बेडरूम में पलंग लकड़ी का होना चाहिए। इसके साथ ही चौकोर आकार के पलंग पर सोना अच्छा माना जाता है। कहा जाता है कि इससे अच्छी नींद आती है। - कई तरह की बीमारियों से बचाव के लिए वजन को नियंत्रित रखना बहुत आवश्यक माना जाता है। अधिक वजन या मोटापे की समस्या हृदय रोग, डायबिटीज जैसी जानलेवा बीमारियों के जोखिम को कई गुना तक बढ़ा देती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक जीवनशैली और आहार संबंधित गड़बड़ी के कारण लोगों का वजन तेजी से बढ़ने लगता है। इस पर कंट्रोल करने के लिए भोजन में पौष्टिक चीजों को शामिल करने और अस्वास्थ्यकर-फास्ट फूड से दूरी बनी लेनी चाहिए। मोटापे के खतरे को कम करने के लिए विशेषकर रात के समय भोजन पर विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है, क्योंकि रात में मेटाबॉलिज्म रेट कम होता है।आहार विशेषज्ञों के मुताबिक शरीर के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए डिनर में स्वस्थ चीजों को शामिल करना बहुत आवश्यक है। इसके अलावा रात के समय कुछ चीजों के सेवन से परहेज किया जाना चाहिए, ये आपके वजन को तेजी से बढ़ा सकती हैं। वजन को नियंत्रित रखकर आप स्वस्थ बने रह सकते हैं। आइए आगे की स्लाइडों में जानते हैं कि रात में किन चीजों के सेवन से परहेज करके वजन को कंट्रोल किया जा सकता है?प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों के सेवन से बचेंस्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों के सेवन से परहेज करने की सलाह दी जाती है। विशेषकर रात के समय में इनका सेवन आपके वजन को तेजी से बढ़ा सकता है। अध्ययनों में प्रोसेस्ड मीट जैसी चीजों के सेवन को कई तरह की बीमारियों के कारक के तौर पर माना जाता है। यह उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और मोटापा जैसी स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ा सकती है। प्रोसेस्ड मीट में उच्च मात्रा में ट्रांस फैट और सोडियम की मात्रा है और यह कैलोरी से भरपूर होता है, जिससे वजन बढ़ाने का जोखिम काफी बढ़ जाता है।आइसक्रीम बढ़ा सकती है आपका वजनरात के खाने के बाद लोगों को अक्सर कुछ मीठा खाने की तलब होती है, इसके लिए अक्सर आइसक्रीम जैसी चीजों के सेवन को काफी ट्रेंडी माना जाता है, पर स्वास्थ्य के लिहाज से यह आदत आपके लिए मुश्किलें बढ़ा सकती है। आइसक्रीम जैसे डेसर्ट आपके वजन को तेजी से बढ़ावा दे सकते हैं। आइसक्रीम में वसा और कृत्रिम शर्करा की मात्रा अधिक होती है, ऐसे में रात के समय इसका सेवन आपके वजन को नियंत्रित करने के लक्ष्य को बिगाड़ सकता है। यदि आप आइसक्रीम खाना ही चाहते हैं तो ऐसी आइसक्रीम चुनें जिसमें प्रति सर्विंग में 15 ग्राम से कम चीनी हो।सोडा या पैक्ड फ्रूट जूसफ्रूट जूस कई तरह से सेहत के लिए फायदेमंद माने जाते हैं, पर पैक्ड फ्रूट जूस का सेवन करने की जगह ताजे फलों का रस अधिक फायदेमंद होता है। रात के समय पैक्ड फ्रूट जूस या सोडा वाली चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए। इन पेय पदार्थों में एडेड शुगर की मात्रा अधिक होती है, ऐसे में ये आपमें मोटापे के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। खासकर बच्चों को इन चीजों से दूर रखना चाहिए। अच्छी सेहत के लिए ताजे फलों के जूस का सेवन किया जाना चाहिए।