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महिलाओं को अपनी डाइट में हेल्दी फूड्स को शामिल करना बेहद जरूरी होता है। बॉडी में होने वाले हार्मोनल बदलाव कई सारी समस्या को पैदा करने लगते हैं। खासतौर पर जब महिलाएं मेनोपॉज की स्थिति में पहुंचती हैं तो उन्हें कई दिक्कतें झेलने पड़ती है। जिसमे से एक समस्या है घुटनों और जोड़ों में दर्द की। ज्यादातर महिलाएं 50 की उम्र के बाद जोड़ों और घुटनों में दर्द की शिकायत करती हैं। ऐसे में ये हेल्दी ड्रिंक जरूर उनकी मदद सकती है।
मेनोपॉज के बाद जोड़ों के दर्द की समस्या
महिलाओं में पीरियड्स के रुक जाने के बाद यानी मेनोपॉज होने के बाद ऑस्टियोपिरोसस का खतरा बढ़ जाता है। जिसका कारण है शरीर में एस्ट्रोजन लेवल का कम हो जाना। एस्ट्रोजन महिलाओं के लिए जरूरी हार्मोंस है। जो प्रजनन क्षमता बढ़ाने के साथ ही हड्डियों की मजबूती के लिए भी जरूरी होता है।
मेनोपॉज में एस्ट्रोजन लेवल कम हो जाना
शरीर में एस्ट्रोजन लेवल के कम हो जाने पर ही पीरियड्स बंद हो जाते हैं। लेकिन साथ ही दूसरी समस्याएं जैसे हॉट फ्लैशेज और हड्डियों में दर्द की समस्या होने लगती है। ऐसे में इस ड्रिंक को पीने से जोड़ों और घुटनों के दर्द में राहत मिल सकती हैं।
न्यूट्रिशनिस्ट ने बताया देसी ड्रिंक
इंस्टाग्राम पर न्यूट्रिशनिस्ट ने 50 के बाद महिलओं के घुटनों और जोड़ों में दर्द के लिए असरदार ड्रिंक बताई है। जिससे कि हड्डियों को मजबूती मिल सके।
कैसे बनाएं ड्रिंक
एक कप भुना हुआ मखाना
एक कप भुना चना
5-6 छुहारा
इन तीनों चीजों को मिलाकर पीस लें और पाउडर बना लें। रोज सुबह-शाम एक कप गर्म दूध में इस पाउडर को मिलाकर पिएं। महिलाओं को होने वाले घुटनों और जोड़ों के दर्द में राहत मिलेगी। -
-संध्या शर्मा
सर्दियों में खाना खाने के बाद गर्मा-गर्म गुलाब जामुन खाने को मिल जाए तो पूरा दिन अच्छा गुजरता है। अगर आप मीठा खाने के शौकीन हैं और गुलाब जामुन को खासतौर पर खाना पसंद करते हैं। तो कुकिंग टिप्स खास आपके लिए हैं। जी हां, अकसर महिलाएं शिकायत करती हैं कि घर पर उनसे बाजार जैसे परफेक्ट शेप वाले गुलाब जामुन नहीं बन पाते हैं। गुलाब जामुन को फ्राई करते समय वो तेल में ही फटकर बिखर जाते हैं। अगर आपको भी गुलाब जामुन बनाते समय यह परेशानी होती है तो आइए सबसे पहले जान लेते हैं गुलाब जामुन बनाते समय आप कौन सी गलती करते हैं, जिसकी वजह से आपके गुलाब जामुन तलते समय फट जाते हैं।
बाजार जैसे परफेक्ट गुलाब जामुन बनाने के लिए फॉलो करें ये टिप्स-
आटे पर दें ध्यान-
गुलाब जामुन को तलते समय फटने से बचाने के लिए आपको उसके आटे पर खास ध्यान देना चाहिए। अगर गुलाब जामुन का आटा बहुत अधिक गीला या बहुत सूखा है,तो वो तलते समय फट सकता है। ऐसे में हमेशा परफेक्ट गुलाब जामुन बनाने के लिए आटा गांठ रहित और स्मूथ होना चाहिए। इसके लिए आप चाहे तो आटे में एक चुटकी बेकिंग पाउडर,कॉर्नफ्लोर या अरारोट मिला सकते हैं। ऐसा करने से गुलाब जामुन फ्राई करते समय टूटने से बच जाएंगे।
शेप पर भी दें ध्यान-
गुलाब जामुन बनाते समय उसकी शेप का भी ख्याल रखें। गोल या बेलनाकार शेप वाले गुलाब जामुन अच्छी तरह बंध जाते हैं। जिससे उन्हें तलने में आसानी होती है। इसके अलावा इस बात का भी ध्यान रखें कि गुलाब जामुन के आटे में छोटे क्रैक्स ना हो, वरना ऐसे गुलाब जामुन तलते समय टूट जाते हैं।
तापमान का रखें ध्यान-
इस बात का खास ख्याल रखें कि गुलाब जामुन को जल्दी तलने के लिए कभी भी आंच को तेज ना रखें। गुलाब जामुन को तलने के लिए गैस की आंच पहले कम रखें। उसके बाद जैसे ही आप देखेंगे कि गुलाब जामुन का रंग गहरा हो गया है,तापमान को बढ़ाया जा सकता है।
तलते समय बार-बार ना हिलाएं-
गुलाब जामुन को तलते समय बार-बार हिलाने से वो फट सकते हैं। इसके अलावा तैयार गुलाब जामुन को देर तक चाशनी में भी ना डाले रखें। ज्यादा देर तक गुलाब जामुन चाशनी में रखने से उनका टेक्सचर खराब होकर वो टूटने लगते हैं। -
-सीमा उपाध्याय से जानिए रेसिपी
अगर आपके घर आने वाले मेहमान मीठा खाकर बोर हो चुके हैं तो उनके मुंह का स्वाद सुधारने के लिए खाने में कुछ चटपटा बनाकर सर्व करें। चटपटी सेव पूरी...
सेव पूरी बनाने के लिए सामग्री-
-मैदा
-सूजी
-उबला मैश किया आलू
-प्याज कटा हुआ
-टमाटर
-स्वादानुसार नमक
-लाल चटनी
-इमली चटनी
-हरी चटनी
-तेल जरूरत के अनुसार
-अजवाइन
-चाट मसाला
-एक चुटकी जीरा पाउडर
-नींबू का रस
सेव पूरी बनाने का तरीका-
सेव पूरी बनाने के लिए सबसे पहले एक बाउल में मैदा, सूजी, नमक अजवाइन और तेल डालकर अच्छी तरह मिक्स करें। इसके बाद पानी डालकर एक डो तैयार कर लें। इस डो को रोटी की तरह बेलकर एक छोटे गोल कटर की मदद से छोटी-छोटी पूरी काट लें। अब एक कढ़ाही में तेल गरम करके पूरियों को क्रिस्पी और गोल्डन होने तक फ्राई करें। अब एक प्लेट में पूरियां लगाकर उसके ऊपर उबला मैश आलू,प्याज,टमाटर डालकर तीनों चटनियां, सेव,चाट मसाला,नमक और जीरा पाउडर डालें। आखिर मे नींबू का रस डालकर घर आए मेहमानों को सेव पूरी सर्व करें। -
होली के बाद त्वचा को काफी केयर की जरूरत होती है। इस दौरान रंगों के इस्तेमाल से स्किन को भी नुकसान पहुंचता है। रंगों के कारण त्वचा काफी ज्यादा बेजान और रूखी हो जाती है। ऐसे में होली खेलने के बाद अगर आपकी स्किन भी रूखी हो गई है, और निखार खत्म हो गया है तो आप इस फेस पैक को लगाकर चेहरे की खोई चमक भी वापस पा सकती हैं। देखिए कैसे बनाएं ये फेस पैक-
चन्दन पाउडर से बनाएं फेस पैक
चेहरे की चमक पाने के लिए एक चम्मच चावल के आटे में आधा चम्मच चन्दन का पाउडर मिला लें और एक चम्मच गुलाब जल के साथ मिला कर एक पेस्ट बना लें। इस फेस पैक को चेहरे पर हल्के हाथ से मसाज करते हुए लगाएं और सूखने तक इसे लगाकर रखें और फिर इसे ठंडे पानी से धो लें। इस पैक को लगाने के बाद स्किन को ठंडक महसूस होगी और चेहरे की रौनक लौट आएगी।
मुलतानी मिट्टी से बनाएं फेस पैक
इस फेस पैक को बनाने के लिए मुलतानी मिट्टी में 2 चम्मच टमाटर का रस मिला लें और बादाम का तेल मिला कर फेस पैक बना लें। फिर इस पैक को चेहरे पर सूखने तक लगाकर रखें। जब ये सूख जाए तो चेहरे को धो लें। नियमित तौर पर इस फेस पैक को लगाएं। कुछ ही दिन में चेहरे का निखार फिर से लौट आएगा।
दही से बना लें फेस पैक
दही स्किन से डेड स्किन सेल्स हटाने में असरदार होता है। इस फेस पैक को बनाने के लिए दही में शहद मिला लें। इसके साथ थोड़ी सी हल्दी को मिलाकर पेस्ट बनाएं। अब साफ चेहरे पर फेस पैक लगाएं, कुछ देर रखने के बाद धो लें। -
-संध्या शर्मा
भारत में कई ऐसी डिशेज हैं, जिनका लुत्फ मौसम के अनुसार ही उठाया जा सकता है। ऐसी ही लखनऊ स्पेशल एक स्वीट डिश का नाम है मक्खन मलाई। दिल्ली में रहने वाले लोग इस डिश को दौलत की चाट के नाम से जानते हैं। हालांकि इस रेसिपी को मक्खन मलाई,लखनवी मिठाई,लखनऊ का मेवा, मलाई मक्खन या मलाइयो के नाम से भी जाना जाता है। यह टेस्टी रेसिपी गुलाबी ठंड की दस्तक होती है, जिसे ओस के नीचे रखकर बनाया जाता है। यह एक क्रीमी और बेहद हल्के टेक्सचर वाला डेजर्ट है, जो बनारस और लखनऊ में काफी लोकप्रिय है। इस रेसिपी को खासतौर पर सर्दियों में ही सर्व किया जाता है। अगर आप भी इस टेस्टी डेजर्ट का मजा लेना चाहते हैं तो फॉलो करें ये रेसिपी।
मक्खन मलाई बनाने के लिए सामग्री-
-1 कप फ्रेश मलाई
-1/4 छोटा चम्मच बेकिंग सोडा
नींबू का रस
-3 बड़े चम्मच पीसी हुई चीनी
-1 कप ठंडा दूध
-बारीक कटे हुए बादाम और पिस्ता
-3-4 केसर के धागे
-1/2 छोटा चम्मच केवड़ा वाटर
-इलायची पाउडर
मक्खन मलाई बनाने का तरीका-
मक्खन मलाई बनाने के लिए सबसे पहले मलाई में बेकिंग सोडा और नींबू का रस मिलाकर फ्रिज में 4 घंटे के लिए रख दें। इसके बाद मलाई में चीनी, इलायची पाउडर, केसर और केवड़ा वाटर डालकर मिलाएं। इसके बाद इसमें थोड़ा-थोड़ा ठंडा दूध डालते हुए बीटर से फ्लफी होने तक बीट करें। अब इसे फ्रिज में सेट करने के लिए 30-40 मिनट रखें। एक सर्विंग प्लेट में मक्खन मलाई डालें और ऊपर से पिस्ता और बादाम से गार्निश करके सर्व करें।
मक्खन मलाई बनाने का दूसरा तरीका-
मक्खन मलाई बनाने के लिए आप एक दूसरा तरीका भी अपना सकते हैं। मक्खन मलाई की इस रेसिपी को तैयार करने के लिए आपको दूध में थोड़ा सा ताजा सफेद मक्खन डालकर ठंडा होने के लिए 4-5 घंटे बाहर ही रख देना है। इसके बाद जब इस दूध को गाढ़ा होने तक फेंटा जाता है। जब इसमें झाग आने लगे तो इसे देर रात ओस में रखा जाता है। ओस की मदद से यह झाग फूल जाता है।इसके बाद इसमें मेवा, इलायची, केसर और मिश्री मिलाकर तैयार किया जाता है।
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-सीमा उपाध्याय से जानिए रेसिपी
सर्दियों में धूप में बैठकर काले नमक के साथ अमरूद खाने का मजा बेहद खास होता है। अमरूद में कार्बोहाइड्रेट,फाइबर और प्रोटीन जैसे कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते है,जो शरीर को कई तरह से फायदा पहुंचाते हैं। आपने आज तक अमरूद के फ्रूट चाट से लेकर उसके अचार तक का स्वाद तो कई बार चखा होगा लेकिन क्या आपने कभी अमरूद से बनी चटपटी चटनी भी क्या कभी खाई है? अमरूद की चटनी ना सिर्फ खाने में बेहद टेस्टी होती है बल्कि इसे बनाना भी बेहद आसान होता है। अगर आप भी लंच में दाल चावल के साथ अमरूद की चटपटी चटनी खाना चाहते हैं तो फॉलो करें ये कुकिंग टिप्स।
अमरूद की चटपटी चटनी बनाने के लिए सामग्री-
-2 कप अमरूद
-5 लहसुन की कलियां
-10 हरी मिर्च
-1 इंच बड़ा अदरक का टुकड़ा
-नमक स्वादानुसार
अमरूद की चटपटी चटनी बनाने के लिए फॉलो करें ये टिप्स-
अमरूद की चटपटी चटनी बनाने के लिए सबसे पहले अमरूद धोकर उसे छोटे-छोट टुकड़ों में काट लें। इसके बाद हरी मिर्च काटकर लहसुन और अदरक को भी छीलकर अलग रख लें। अब नमक के साथ हरी मिर्च,अदरक और लहसुन को अच्छी तरह कूट लें। इसके बाद मिक्सी में अमरूद और नमक डालकर पेस्ट तैयार कर लें। अमरूद के इस पेस्ट को बाउल में निकालकर कूटी हुई सामग्री को भी इसमें मिला लें। आपकी टेस्टी अमरूद की चटपटी चटनी बनकर तैयार है। आप इस चटनी को एयर टाइट कंटेनर में भी स्टोर करके रख सकते हैं।
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होली के दिन लोग रंगों से जमकर होली खेलते हैं। हालांकि, होली खेलने के बाद अक्सर लोग अपनी स्किन पर खुजली, जलन महसूस करते हैं। ऐसा कई वजहों से हो सकता है। खासकर ये रंगों के साइड इफेक्ट्स के कारण होता है। वहीं जब आप स्किन से रंगों को हटाने की बहुत ज्यादा कोशिश करते हैं, तो भी जलन हो सकती है। होली खेलने के बाद अगर आपके चेहरे पर एक्ने, दाने और जलन जैसी समस्या हो रही है तो आप उबटन लगा सकते हैं। देखिए, जलन से छुटकारा पाने के लिए कैसे बनाएं उबटन-
कैसे बनाएं उबटन
इस उबटन को बनाने के लिए सबसे पहले एक बाउल में चंदन पाउडर लें और फिर गुलाब का पाउडर मिलाकर पेस्ट बना लें। फिर इसमें बादाम का तेल, गुलाब जल और जरूरत अनुसार पानी मिला लें। अगर आपकी स्किन ड्राई है तो आप थोड़ी सी दूध की मलाई भी उबटन में मिला सकते हैं। उबटन तैयार है।
कैसे लगाएं
इस उबटन को चेहरे और गर्दन पर अच्छी तरह से लगाएं और फिर उंगलियों से सर्कुलेशन मोशन में मालिश करें। इस पैक को लगाने के बाद हो सकता है थोड़ी खुजली हो लेकिन ऐसा स्किन ड्राईनेस के कारण हो सकता है। हालांकि, ज्यादा हो तो इसे हटा दें। इसे उबटन को 20 मिनट तक लगा रहने दें। फिर नॉर्मल या ठंडे पानी से साफ कर लें।
उबटन हटाने के बाद क्या करें
उबटन हटाने के बाद चेहरा बहुत ज्यादा ड्राई लग सकता है। इसलिए आप एलोवेरा जेल को चेहरे पर लगा सकते हैं। इसके अलावा बादाम के तेल से भी चेहरे की मालिश कर सकते हैं। हालांकि, ऐसा हल्के हाथों से ही करें। - दुनिया में बहुत से अलग-अलग होटल और रेस्टोरेंट होते हैं. सभी की अपनी खासियत और खूबी होती है. यहां आने वाले लोग उनकी इसी क्वालिटी को देखने और एंबियंस को महसूस करने के लिए वहां पहुंचते हैं. एक ऐसे ही स्पैनिश रेस्टोरेंट में आने वाले ग्राहक तब हैरान रह गए, जब उन्हें बिल के साथ एक बेहद अजीब चार्ज दिखाई दिया.आज की दुनिया में सारी चीज़ें पैसे से मिल रही हैं, बस सूरज की गर्मी और हवा ही फ्री में मिल रहा है. कहीं-कहीं तो स्वच्छ हवा के भी पैसे लगते हैं. बताइए, जो चीज़ हम फ्री में लेते हैं, एक रेस्टोरेंट उसके भी पैसे वसूल रहा है. सनुकर आपको भले ही अजीब लगे लेकिन स्पेन के एक शहर Seville में टूरिस्ट्स से धूप में बैठने के भी पैसे वसूले जा रहे हैं.‘धूप खानी है तो पैसे दो’डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिणी स्पेन के सेविले शहर में घूमने आने वालों को एक अलग ही परिस्थिति से जूझना पड़ रहा है. यहां के रेस्टोरेंट्स में पर्यटकों से पूछा जाता है कि वो धूप में बैठकर खाना खाना पसंद करेंगे? चूंकि स्पेन में ठंड होती है, ऐसे में हर कोई ऐसा करना चाहेगा लेकिन उन्हें आइडिया नहीं होता कि इसके बदले उनके £8.50 यानि भारतीय मुद्रा में 897 रुपये देने पड़ेंगे. यही वजह है कि पर्यटक ऐसे रेस्टोरेंट्स के लिए गंदा रिव्यू लिख रहे हैं और ये स्थानीय लोगों को भी बुरा लगता है.खाली रहती हैं टेबल्सदिलचस्प बात ये है कि जैसे ही पर्यटकों को पता चलता है कि सिर्फ धूप में बैठकर खाने के लिए उन्हें इतने पैसे देने पड़ेंगे, वो ये आइडिया तुरंत ही ड्रॉप कर देते हैं. रेस्टोरेंट्स में ज्यादातर धूप में रखी टेबल्स खाली ही रहती हैं. ऐसे में स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह का बिजनेस अच्छा नहीं है, बेहतर है कि वो ये टेबल्स वो घर पर ही रख लें, ताकि लोग वहां बैठकर धूप ले सकें. वहीं रेस्टोरेंट का कहना है कि इस प्रीमियम सर्विस के बारे में उन्होंने साफतौर पर लिख रखा है.
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होली का त्योहार बस कुछ ही दिनों में दस्तक देने वाला है। इस दिन को खास बनाने के लिए लोगों ने अभी से होली पार्टी की तैयारियां करनी शुरू कर दी होंगी। अगर आपको भी हर साल होली के अगले दिन भांग और ड्रिंक्स का हैंगओवर बना रहता है। जिसकी वजह से अगली सुबह आपको सिरदर्द, एसिडिटी,थकान,उल्टी,बेचैनी जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है तो एडवांस में ही आपको बता देते हैं, होली हैंगओवर को उतारने के लिए अपनाएं क्या टिप्स।
होली पार्टी का हैंगओवर उतारने में काम आएंगे ये टिप्स-हाइड्रेटेड रहें-अल्कोहल का सेवन शरीर को डिहाइड्रेट कर देता है,ऐसे में भरपूर मात्रा में पानी पीने से बॉडी हाइड्रेट बनी रहती है। आप भी बॉडी को हाइड्रेट बनाए रखने के लिए पानी की बोतल अपने पास रखें और दिन भर बार-बार इसको पीते रहें।पुदीना-गर्म पानी में पुदीना की 5 पत्तियां डालकर पीने से शराब का नशा छूमंतर हो जाता है। पुदीना वाटर पीने से पेट फूलने की समस्या दूर होती है और आंतों को काफी आराम मिलता है। हैंगओवर उतारने के लिए पुदीना सबसे सरल और अच्छा उपाय हो सकता है।छाछ और काला नमक-होली के बाद होने वाले हैंगओवर को उतारने के लिए छाछ और काला नमक भी अच्छा ऑप्शन हो सकता है। एक गिलास छाछ में थोड़ा काला नमक मिला लें। आप चाहें तो इसमें एक चुटकी काली मिर्च भी डाल सकते हैं। हैंगओवर उतारने के लिए आप चाहे तो दिन में कई बार भी इसका सेवन कर सकते हैं।नींबू-शराब का नशा उतारने में नींबू का रस काफी फायदेमंद हो सकता है। होली का हैंगओवर उतारने के लिए भी लेमन टी का सेवन किया जा सकता है। लेमन टी अल्कोहल का नशा जल्दी उतारकर तुरंत राहत दे देता है। एक गिलास ठंडे पानी में नींबू का रस मिलाकर पीने से नशा उतर जाता है। - अक्सर खाना पकाते समय प्याज के छिलकों को बेकार समझकर महिलाएं कूड़े में फेंक देती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं प्याज के छिलके सेहत ही नहीं आपके हेयर केयर में भी बेहद फायदेमंद साबित हो सकते हैं। प्याज के छिलकों में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट, फाइबर,विटामिन ए,विटामिन सी और विटामिन ई भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं। जो बालों से जुड़ी समस्याओं को दूर करके हेयर ग्रोथ में मदद करते हैं। आइए जानते हैं बालों को लंबा और शाइनी बनाए रखने के लिए कैसे करें प्याज के छिलकों का इस्तेमाल।हेयर केयर में ऐसे फायदेमंद हैं प्याज के छिलके-हेयर टोनर-अगर आप अपने रूखे और बेजान बालों से परेशान हैं तो प्याज के छिलकों को हेयर टोनर के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। प्याज के इस टोनर को बनाने के लिए प्याज के छिलकों को पानी में तब तक उबालें, जब तक कि उनका रंग भूरा न हो जाए।हेयर ग्रोथ-प्याज के छिलके की चाय बनाकर उससे अपने बालों को रिंस करें। प्याज के छिलके बालों पर प्रभावी रूप से काम करते हैं। इसमें सल्फर की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। जो कोलेजन गठन को बढ़ावा देती है।जिससे हेयर ग्रोथ में मदद मिल सकती है।हेयर कलर-अगर समय से पहले आपके बाल सफेद होने लगे हैं तो प्याज के छिलकों के पास उसका भी उपाय है। प्याज के छिलके बालों की ग्रोथ को ही नहीं बढ़ाते बल्कि एक अच्छी नेचुरल हेयर डाई के रूप में भी काम करते हैं। जिससे बालों को एक गोल्डन ब्राउन रंग मिलता है। इसे बनाने के लिए एक हिस्सा पानी में प्याज के छिलके डालकर लगभग एक घंटे तक उबालें। इसके बाद,इसे रात भर ठंडा होने के लिए रख दें। अगले दिन इस पानी को छानकर बालों में लगाएं। बालों को धोने से पहले 30 मिनट के लिए इसे सूखने दें।बालों की रूसी करें खत्म-बदलते मौसम में लोगों को अक्सर रूसी की समस्या होने लगती है। जिसकी वजह से बाल तेजी से झड़ने लगते हैं। ऐसे में इस समस्या से निजात पाने के लिए आप प्याज के छिलकों की मदद ले सकते हैं। इस उपाय को करने के लिए पानी में प्याज के छिलके अच्छी तरह उबालकर छानकर ठंडा कर लें। जब पानी ठंडा हो जाए तो इस पानी से स्कैल्प पर मसाज करते हुए बालों को धोएं।
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-संध्या शर्मा
होली का त्योहार खुशियों भरा होता है। रंगों के इस त्योहार के आने में अब कुछ ही दिन रह गए हैं। ऐसे में लोग इस दिन को मनाने की तैयारी में लग गए हैं। रंगोत्सव के लिए लोग घर पर तरह-तरह के पकवान तैयार करते हैं और फिर घर आए मेहमानों को खिलाते हैं। ऐसे में अगर घर पर आपके दामाद आने वाले हैं तो आप उनके लिए बनारस की स्पेशल टमाटर चाट बना सकते हैं। यहां देखिए इसे बनाने का तरीका-
बनारस की टमाटर चाट बनाने के लिए आपको चाहिए...
4 टमाटर, बारीक कटे हुए
1 बारीत कटी प्याज
2 उबले आलू मैश करे हुए
1 बड़ा चम्मच तेल
1 इंच बारीक कटा अदरक
1 बारीक कटी हुई हरी मिर्च
1 चम्मच गरम मसाला पाउडर
1 चम्मच जीरा पाउडर
1 चम्मच लाल मिर्च पाउडर
1 चम्मच चाट मसाला पाउडर
1/2 चम्मच काला नमक
नमक स्वाद अनुसार
1 चम्मच नींबू का रस
आधा कप पापड़ी
आध कप बारीक सेव
थोड़ा हरा धनिया
कैसे बनाएं चाट
बनारस की टमाटर चाट बनाने के लिए एक कड़ाही में मध्यम आंच पर तेल गर्म करें और फिर उसमें प्याज, हरी मिर्च और अदरक डालें और अच्छी तरह से भूनें लें। जब प्याज अच्छी तरह से मुलायम हो जाएं तो इसमें कटे हुए टमाटर डालकर मिक्स कर दें। इसे ढककर लगभग 5 मिनट तक पकाते रहें। कुछ देर में टमाटर नरम हो जाएंगे। फिर इसमें मसले हुए आलू डालें और अच्छी तरह मिलाएं। फिर इसमें गरम मसाला, जीरा पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, चाट मसाला, काला नमक और नमक डालें। अच्छी तरह मिक्स करें और पकने दें। जब ये पक जाए तो आंच बंद कर दें। फिर ताजा निचोड़ा हुआ नींबू का रस डालें और बनारसी टमाटर चाट को सजाएं। इसके लिए चाट के ऊपर पापड़ी तोड़कर डालें और फिर इसे सेव और धनिये की पत्तियों से सजाएं। गार्निश करने के लिए आप अनार के दाने भी डाल सकते हैं। चाट तैयार है इसे सर्व करें। -
-सीमा उपाध्याय
मस्ती और रंगों का त्योहार होली, बिना ट्रेडिशनल स्वीट डिश के अधूरा माना जाता है। महिलाएं इस दिन को स्पेशल बनाने के लिए कई दिन पहले से ही तैयारियों में जुट जाती हैं। अगर आप भी इस होली अपने रिश्तों में मिठास के रंग भरना चाहते हैं तो सिंपल गुजिया की जगह झटपट ट्राई करें गुलकंद गुजिया की ये टेस्टी रेसिपी। यह रेसिपी ना सिर्फ खाने में बेहद स्वादिष्ट है बल्कि बनने में भी बेहद आसान है। इस रेसिपी को होली के दिन घर आए मेहमानों के सामने सर्व करके आप खूब तारीफ बटोर सकते हैं। तो बिना देर किए जान लेते हैं कैसे बनाएं गुलकंद गुजिया।
गुलकंद गुजिया बनाने के लिए सामग्री-
-100 मैदा
-20 ग्राम चिरौंजी
-20 ग्राम कद्दूकस किया हुआ नारियल
-50 ग्राम खोया
-10 ग्राम इलाइची पाउडर
-घी तलने के लिए
-20 ग्राम तेल
-30 ग्राम गुलकंद
-1 ग्राम केसर
-100 ग्राम चीनी
गुलकंद गुजिया बनाने का तरीका-
गुलकंद गुजिया बनाने के लिए सबसे पहले एक कड़ाही में चिरौंजी,नारियल,मावा,केसर,गुलकंद और इलाइची डालकर गुजिया की फीलिंग तैयार करें। अब मैदे में घी और पानी डालकर उससे आटा तैयार कर लें। मैदे के इस गूंथे हुए आटे को 2 घंटे के लिए एक तरफ रख दें। तय समय बाद आटे से लोईयां बनाएं और उन्हें पूरी की तरह बेल लें। अब इसमें फीलिंग भरें और किनारों को बंद करके गुजिया का आकार दें। तैयार गुजिया को घी में फ्राई करें। अब फ्राई की हुई गुजिया को चाशनी में डालकर निकाल लें। बाद में गुजिया को पिस्ते के कतरन से गार्निंश करें। -
तीखा खाने वाले ज्यादातर लोग भोजन पकाते समय हरी या लाल मिर्च का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन समस्या तब होने लगती है जब चाकू से मिर्च काटने के बाद हाथों में जलन महसूस होने लगती है। इतना ही नहीं मिर्च वाले यही हाथ जब चेहरे,आंख,नाक पर लगते हैं तो व्यक्ति को शरीर के अन्य अंगों पर भी जलन होने लगती है। अगर आपके साथ भी अक्सर ऐसा होता रहता है तो हाथों में होने वाली इस जलन को शांत करने में मदद कर सकते हैं ये आसान असरदार टिप्स। लेकिन इससे पहले आइए जान लेते हैं आखिर मिर्च काटने से ही क्यों हाथों में जलन महसूस होती है।
मिर्च काटने से त्वचा पर जलन क्यों होती है?
दरअसल, मिर्ची में कैप्साइसिन नामक रसायन पाया जाता है। हालांकि अलग-अलग मिर्च में इसकी मात्रा कम या ज्यादा हो सकती है। ऐसे में जब व्यक्ति तीखी मिर्च काटता है,तब यह रसायन आपके स्किन से संपर्क में आ जाता है, जो बाद में जलन और लालिमा का कारण बनता है।
हाथों पर मिर्च की जलन महसूस होने पर करें ये उपाय-
बर्फ रगडें-
हाथों की जलन को शांत करने के लिए आप हाथों पर बर्फ रगड़ सकते हैं। ऐसा करने से आपको मिर्च काटने पर महसूस होने वाली जलन में आराम मिलेगा और आप अच्छा महसूस करेंगे।
एलोवेरा लगाएं-
एलोवेरा औषधीय गुणों से भरपूर होने की वजह से त्वचा से जुड़ी कई समस्याओं को ठीक करने के लिए रामबाण उपाय माना जाता है। एलोवेरा शरीर को ठंडक पहुंचाने का काम भी करता है। ऐसे में मिर्च काटने के बाद हाथों में होने वाली जलन को शांत करने में एलोवेरा का उपाय भी असरदार है।
नींबू रगड़ें-
हाथ की जलन को शांत करने के लिए नींबू का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। यह एक प्राचीन नुस्खा है। नींबू में विटामिन सी और सिट्रिक एसिड जैसे गुण त्वचा को ठीक करने, घाव भरने के साथ जलन से छुटकारा दिलाने में बहुत प्रभावी है।
आटा गूंथें-
मिर्च काटने के बाद हाथों में होने वाली जलन को दूर करने के लिए आप आटा भी गूंथ सकते हैं। अगर आप 5-7 मिनट तक आटा गूंथते हैं तो आपके हाथों की जलन दूर हो सकती है। -
अगर आप बढ़ते वजन या फिर डायबिटीज जैसी समस्या से परेशान रहते हैं तो अपनी डाइट में कमल ककड़ी को शामिल करना शुरु कर दीजिए। जी हां, इन दोनों ही समस्याओं में व्यक्ति को अपनी लाइफस्टाइल के साथ अपनी डाइट पर भी विशेष ध्यान देने की सलाह दी जाती है। जिसकी अनदेखी करने पर व्यक्ति की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। बता दें, कमल की जड़ में फाइबर,आयरन,पोटैशियम,विटामिन सी,प्रोटीन और फास्फोरस जैसे न्यूट्रिशन मौजूद होते हैं। ये सभी पोषक तत्व सेहत को कई गजब के फायदे पहुंचा सकते हैं। सेहत के लिए इसके फायदों को देखते हुए लोग इसका इस्तेमाल सब्जी,अचार के साथ और भी कई तरह की डिशेज बनाने के लिए करते हैं। आइए जानते हैं डाइट में कमल ककड़ी को शामिल करने से व्यक्ति को मिलते हैं क्या-क्या फायदे।
कमल ककड़ी का सेवन करने के फायदे-
सूजन करें कम-
कमल ककड़ी में मौजूद एंटी इंफ्लेमेटरी गुण शरीर की सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। दरअसल, कमल ककड़ी के मेथेनॉल अर्क को प्रभावी एंटी इंफ्लेमेटरी एजेंट के रूप में जाना जाता है। जो शरीर की सूजन को कम करने में काफी फायदेमंद है।
पाचन क्रिया रखें दुरूस्त-
कमल ककड़ी पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने में मदद करती है। इसमें मौजूद फाइबर की मात्रा कब्ज,अपच और पेट में भारीपन जैसी दिक्कतों से बचाव करने में मदद करती है।
डायबिटीज रखें कंट्रोल-
कमल ककड़ी ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में मदद कर सकती है। इसमें मौजूद डाइटरी फाइबर कोलेस्ट्रोल को कंट्रोल रखते हैं। जबकि कमल ककड़ी का इथेनॉल अर्क शरीर में इंसुलिन का प्रभाव बढ़ाकर खून में ग्लूकोज का स्तर कम करने में मदद कर सकता है। डायबिटीज के मरीजों के लिए इस सब्जी का सेवन काफी फायदेमंद माना जाता है। अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं तो इसे अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।
वेट लॉस-
मोटापा आज ज्यादातर लोगों के लिए एक बड़ी समस्या बनकर उभर रहा है। ऐसे में कमल ककड़ी का सेवन आपकी वेट लॉस जर्नी में आपकी मदद कर सकता है। कमल ककड़ी में कैलोरी की मात्रा भले ही कम होती है लेकिन इसका सेवन करने से पेट लंबे समय तक भरा रहता है। जिसकी वजह से कमल ककड़ी वेट लॉस में फायदेमंद मानी जाती है।
स्ट्रेस की छुट्टी-
कमल ककड़ी तनाव को कम करने में भी मदद कर सकती है। कमल ककड़ी में पायरोडॉक्सीन अच्छी मात्रा में पाया जाता है, जो स्ट्रेस से निजात दिलाने का काम करता है। इसके अलावा कमल ककड़ी में मौजूद विटामिन बी चिड़चिड़ापन,कमजोर याददाश्त,तनाव और सिरदर्द जैसी समस्याओं से भी राहत देता है। -
आज के समय में बालों को रंगने का काफी चलन हो गया है। बाजारों में कई तरह के कलर मिलते हैं, जिनके इस्तेमाल से आप अपनी पसंद का रंग बदल सकते हैं। वैसे तो इन रंगों का इस्तेमाल बेहद आसान होता है, लेकिन इनमें मौजूद केमिकल बालों के साथ-साथ सिर को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। ये शरीर को भी बेहद नुकसान पहुंचाता है।
ऐसे में लोग कोशिश करते हैं कि बालों में वो घरेलू चीजों का ही इस्तेमाल करें, ताकि इसका कोई नुकसान ना होने पाए। बालों को रंगने के लिए मेहंदी सबसे सही विकल्प मानी जाती है। इससे बालों को नेचुरल लाल किया जा सकता है।
मेहंदी से ना सिर्फ बालों का रंग बदलता है, बल्कि साथ ही में इसके इस्तेमाल से बाल झड़ने की समस्या भी कम हो जाती है। ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि मेहंदी का असर बालों पर ज्यादा हो, तो मेहंदी में कुछ चीजों को जरूर मिलाएं।
चुकंदर का रस
मेहंदी के लाल रंग के लिए इसमें आप चुकंदर का रस मिला सकते हैं। इसके लिए चार से पांच चम्मच मेहंदी में दो से तीन चम्मच चुकंदर का रस मिलाएं। अब इसे रात भर के लिए लोहे की कढ़ाही में छोड़ दें। सुबह इस मेहंदी को अच्छे से बालों पर लगा लें। इससे आपको फायदा जरूर दिखेगा।
गुड़हल के फूल का पाउडर
मेहंदी में गुड़हल के फूल का पाउडर आप मिला सकते हैं। इसे इस्तेमाल करने के लिए 5-6 चम्मच मेहंदी में 3 चम्मच गुडहल के फूल का पाउडर और चाय के पानी को छानकर एक साथ मिला लें। रातभर के लिए ऐसे ही छोड़ दें। सुबह मेहंदी को बालों में लगा लें।
कॉफी पाउडर
अगर आप चाहते हैं कि आपके बालों में नेचुरल लाल रंग आए तो मेहंदी में कॉफी पाउडर मिलाएं। इसके लिए आपको बस 4 से 5 चम्मच मेहंदी को 1/2 गिलास पानी में कॉफी पाउडर को डालकर मिक्स करें। इसे रात भर भिगोकर रखने के बाद सुबह मेहंदी में लगा लें।
कत्था
कत्था आपको पान की शॉप में आसानी से मिल जाएगा। इसके इस्तेमाल के लिए आपको 4 से 5 चम्मच मेहंदी में 1 चम्मच कत्था पाउडर और चाय पत्ती के पानी मिलाना है। इसके बाद इस पेस्ट को भी रातभर भिगो कर रखना है। सुबह इस मेहंदी को आप अपने बालों में लगा सकती हैं।
- टीवी की अनुपमा उर्फ एक्ट्रेस रूपाली गांगुली इन दिनों काफी परेशान हैं। एक वर्किंग मॉम की तरह रूपाली गांगुली मदर गिल्ट से जूझ रही हैं। रूपाली गांगुली ने कहा, "एक वर्किंग मदर की तरह मैं भी घंटों काम में बिजी रहती हूं। शूटिंग, ट्रैवलिंग और काम के बीच मैं अपने परिवार और फैमिली फंक्शन का हिस्सा नहीं बन पाती हूं। परिवार के साथ समय न बिता पाना इतना ज्यादा परेशान नहीं करता है, जितना अपने बेटे को वक्त न दे पाना। मैं अपने काम से काफी खुश हूं, लेकिन कई बार बिजी शेड्यूल के बीच बेटे से बात न कर पाना, उसके साथ गप्पे न मारना और खेलते वक्त उसे न देख पाना मुझको परेशान कर देता है।"रूपाली गांगुली की तरह कई वर्किंग मॉम इस गिल्ट से जूझती हैं।महिलाओं को कब होता है मदर गिल्टएक्सपर्ट का कहना है कि मां बनने के बाद महिलाओं को होने वाले मदर गिल्ट के कई कारण हो सकते हैं।लंबे ब्रेक के बाद बच्चे को छोड़कर नौकरी ज्वाइन करना, ऑफिस का गुस्सा बच्चे पर निकलना और चिल्लाना , बच्चे पर हाथ उठाना, उसे बात-बात पर डांटना, बच्चे को ज्यादा वक्त न दे पाना, वक्त देते हुए उसके साथ क्वालिटी टाइम न बीता,एक साथ सब कुछ हैं डल न कर पाने पर, ब्रेस्टफीडिंग न करा पाने पर भी महिलाओं में मदर गिल्ट की भावना आती है।मॉम गिल्ट से कैसे निपटें वर्किंग महिलाएं-अगर आप वर्किंग हैं और बच्चे को पूरा समय नहीं दे पा रही हैं तो एक बात दिमाग में बिठा लीजिएं परफेक्ट मां जैसे कोई टैग रियल लाइफ में नहीं है।-आपको परिवार के किसी सदस्य या हसबैंड के हेल्प की जरूरत है तो निसंकोच मांगिए। एक्सपर्ट की मानें तो जो महिलाज्यादा सोचती हैं और लोगों से हेल्प नहीं लेती हैं, वो बच्चे को लेकर ज्यादा परेशान रहती हैं।-नेगेटिव लोगों से दूरी बनाएं। जो अपने बच्चे को न पालने, बच्चे से घंटों दूर रहने के लिए कोसते रहते हैं, उन्हें जवाब दें कि ये आपकी च्वाइस है।-सप्ताह में एक दिन समय निकालकर पूरा दिन बच्चे के साथ बिताएं। उसके साथ खाना खाएं, उसे घुमाने ले जाएं और उसके दोस्तों के बारे में जानने के लिए कोशिश करें।ëध्यान रखिए कि आप ऑफिस में या काम में घंटों बीता रही हैं, तो आप घर पर रहने वाली महिलाओं की तरह अपने बच्चे का ध्यान नहीं रख सकती हैं, इस स्थिति को स्वीकार कीजिए और दूसरों से तुलना मत कीजिए।ëजब कोई रास्ता न नजर आए तो लंबी गहरी सांस लें। थोड़ी देर अकेले रहें और फिर से शुरुआत करने की कोशिश करें। आप चाहें तो इसके लिए योग का सहारा ले सकती हैं।
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-सीमा उपाध्याय
होली का त्योहार आने वाला है, जिसमें लोग एक-दूसरे के घर बधाई देने जाते हैं। ऐसे में लोग अपने घर में ढेर सारी नमकीन और स्वादिष्ट मिठाईयां बनाते हैं। अगर आप भी कुछ ऐसा खास बनाना चाहती हैं, जो स्वादिष्ट भी हो और खाने में काफी हल्का हो, तो पोहा नमकीन सबसे बेहतरीन विकल्प है। पोहे से बनी ये खट्टी-मीठी नमकीन बनाना काफी आसान है। इसमें पोहे के साथ-साथ मसाले, ड्राय फ्रूट्स, मखाना, सेव, नमक और चीनी डाली जाती है।
ये खाने में इतनी स्वादिष्ट लगती है, कि अगर आप इसे अपने मेहमानों को परोसेंगी, तो वो भी आपके इसकी रेसिपी मांगेगे। इसका स्वाद बढ़ाने के लिए आप इसमें नारियल भी डाल सकते हैं। इसमें तीखा और मीठा आप अपने स्वाद के हिसाब से मिला सकते हैं। तो चलिए ज्यादा देर न करते हुए आपको घर पर पोहे की ये खट्टी मीठी नमकीन बनाने का तरीका बताते हैं, ताकि आपके घर में भी स्वादिष्ट नमकीन रखी रहे।
नमकीन बनाने का सामान--
2 कप पतला पोहा
1/4 कप मूंगफली
1/4 कप काजू
1 चम्मच पिसी हुई चीनी
1/4 चम्मच हल्दी पाउडर
नमक स्वाद अनुसार
1/4 कप भुनी हुई चना दाल
10-15 करी पत्ता
2 बड़े चम्मच तेल
विधि--
सबसे पहले एक बड़ी कढ़ाही में हल्का ता तेल डालकर उसे गर्म करें। इसके बाद जब तेल गर्म हो जाए तो इसमें पोहा डालें। इस पोहे को आपको कुरकुरा होने तक भूनना है। ध्यान रखें कि गैस एकदम हल्की हो, अगर गैस तेज होगी तो पोहे जल सकते हैं। जब पोहा भुन जाए तो तो इसे एक प्लेट में निकाल कर रख लें।
अब दोबारा से इसी कढ़ाही में दो बड़े चम्मच तेल डालें। जब तेल गर्म हो जाए तो इसमें मूंगफली डालकर भून लें। मूंगफली भूनने के बाद इसे निकाल कर इसी कढ़ाई में काजू डालकर भूनें। इसे भुन जाने के बाद आप कढ़ाई में 1/4 कप भुनी हुई चना दाल, 10-15 करी पत्ते डालें।
जब ये सही तरह से भुन जाएं तो इसी कढ़ाही में हल्दी और पिसी चीनी डालें। सबसे आखिर में इसमें पोहा, मूंगफली और काजू डालें। अब इसमें स्वादानुसार नमक डालें और धीरे-धीरे इसे मिक्स करें। बस ये नमकीन तैयार है। इसे आप एक एयरटाइट बॉक्स में बंद करके रख सकती हैं। -
-संध्या शर्मा
गर्मी के दिनों में सेहत का ख्याल रखना जरूरी है। केसरिया दूध का सेवन करेंगे तो आपका पेट ठंडा रहेगा और शरीर पूरी तरह से हाइड्रेडेट रहेगा। इसे बनाना भी काफी आसान है। तो चलिए आपको इसे बनाने का तरीका बताते हैं।
केसरिया दूध बनाने का सामान
1 लीटर दूध
10-12 केसर के धागे
चीनी
बादाम
पिस्ता
काजू
विधि
केसरिया दूध बनाना काफी आसान है। इसके लिए सबसे पहले एक पैन में दूध गर्म करें। इस दूध को अभी खौलाना नहीं है। जब दूध हल्का गर्म हो जाए तो इसमें भिगो कर रखे हुए केसर के धागे डालें।
अब चीनी डालें और अच्छे से मिलाएं। इसके बाद इस दूध को धीमी आंच पर 10-15 मिनट तक पकाएं। इसे पकाते वक्त लगातार चलाते रहें, ताकि ये नीचे से लगे नहीं। चीनी डालने के बाद दूध अक्सर नीचे लग जाता है।
जब दूध थोड़ा गाढ़ा हो जाए और इसमें अच्छे से केसर का रंग चढ़ जाए तो गैस बंद कर दें। अब दूध के ऊपर बारीक कटे हुए बादाम, पिस्ता और काजू डालें।
बस ये केसरिया दूध तैयार है। आप चाहें तो इसे गर्मागर्म ही पी सकते हैं। अगर चाहें तो रात में बनाकर इसे फ्रिज में रख दें और सुबह सहरी में ठंडा ही इसका सेवन भी आप कर सकते हैं। -
-संध्या शर्मा
व्रत रखने का सोच रहे हैं, तो व्रत में खाने के लिए आलू के पापड़ आप पहले से ही तैयार करके रख सकते हैं। ये फलाहारी पापड़ व्रतों में भी काम आएंगे।
आलू के पापड़ बनाने का सामान--
एक किलो उबले हुए आलू
सेंधा नमक स्वाद के अनुसार
1/2 छोटी स्पून काली मिर्च
1/2 छोटी स्पून जीरा
विधि--
व्रत वाले आलू के पापड़ बनाना बेहद आसान होता है। इसके लिए बस सबसे पहले एक बड़े बाउल में उबले हुए आलू को मैश करें।
इसके बाद इसमें सेंधा नमक, काली मिर्च, और जीरा डालें। सभी सामग्री को अच्छे से मिलाएं। इसे आपको आटे की तरह ही गूंथ लेना है। जब ये सही तरह से गुंथ जाए तो इससे छोटी-छोटी लोई बना लें। इन लोईयों को पापड़ की मशीन में रखकर इससे महीन इसे अब दो दिन की तेज धूप लगने दें। दो से तीन दिन तेज धूप लगने के बाद ये सूख जाएंगे। अब इसे आप महाशिवरात्रि के दिन घी में भूनकर इसका स्वाद ले सकते हैं। -
-सीमा उपाध्याय से जानिए रेसिपी
होली एक ऐसा त्योहार है, जिसमें हर कोई एक ही रंग में रंग जाता है। होली खेलने के बाद लोग एक-दूसरे के घर बधाई देने जाते हैं। ऐसे में लोग अपने घरों में तरह-तरह के पकवान तैयार करके रखते हैं। इन पकवानों में गुजिया, नमकीन, सेव, मठरी आदि चीजें शामिल होती हैं। इन सभी चीजों के अलावा होली पर चिप्स पापड़ बनाने की प्रथा भी है। हर घर में होली से पहले लोग तमाम तरह के चिप्स और पापड़ तैयार करते हैं।
अगर आप भी पापड़ बनाने का सोच रहे हैं, तो साबूदाना के पापड़ एक बेहतर विकल्प है। साबूदाना का पापड़ बनाना बेहद आसान है और इसे आप एक बार बनाकर लंबे समय तक स्टोर करके रख सकते हैं। इसकी सबसे खास बात ये है कि इनका सेवन आप व्रत-उपवास में भी कर सकते हैं। तो चलिए देर ना करते हुए आपको साबूदाना का पापड़ बनाने की आसान रेसिपी बताते हैं।
साबूदाना के पापड़ बनाने के लिए सामान--
साबूदाना - 1 कप
जीरा
सेंधा नमक - स्वादानुसार
विधि--
वैसे तो साबूदाना के पापड़ बनाना बेहद ही आसान है, लेकिन इसे बनाने की विधि सही तरह से पूरी करना बेहद जरूरी है। साबूदाना के पापड़ बनाने से पहले कई बार साबूदाना को अच्छी तरह से धो जरूर लें।
साबूदाना धोने के बाद एक बड़े कटोरे में साबूदाना से तीन गुना पानी डालकर इसे भिगो कर रख दें। दो से तीन घंटे के बाद जब ये सही तरह से फूल जाए तो एक बड़े भगोने में पानी लेकर उसे उबालना शुरू करें। जब पानी में उबाल आ जाए तो इसमें भिगो कर रखा गया साबूदाना डालकर पकाएं।
इसके बाद इसमें नमक और जीरा भी डालकर इसे मिक्स करें। ध्यान रखें कि इसे लगातार चलाते रहेंगे, तभी ये सही से पकेगा। अगर इसे चलाएंगे नहीं तो ये नीचे चिपक सकता है। जब ये घोल एकदम सफेद हो जाए तो गैस बंद कर दें। -
-संध्या शर्मा
मलाई या दूध की क्रीम, ज्यादातर घरों में स्टोर की जाती है। इसका इस्तेमाल किचन से लेकर स्किन तक में किया जाता है। इसे कई दिनों तक के लिए स्टोर किया जा सकता है। हालांकि, अगर इसे सही तरह से स्टोर ना किया जाए तो मलाई से बदबू आने लगती है और इसमें फंगस लगकर ये खराब भी हो सकती है। ऐसे में यहां कुछ तरीके बता रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप मलाई को स्टोर कर सकती हैं। ऐसा करने पर मलाई लंबे समय तक सही बनी रहेगी।
-देखिए, मलाई स्टोर करने का तरीका-
ठंडी जगह पर करें स्टोर
मलाई को हमेशा किसी ठंडी जगह पर स्टोर करना चाहिए। अगर आप मलाई को ज्यादा गर्म जगह पर रख देंगे तो ये जल्दी खट्टी होने लगती है और इसके खराब होने के चांस भी बढ़ जाते हैं।
सही बर्तन में करें स्टोर
मलाई को सही बर्तन में स्टोर करना चाहिए। आप इसे मिट्टी, कांच या स्टील के बर्तन में स्टोर कर सकते हैं। ऐसा करने पर मलाई से खराब नहीं होगी। मिट्टी के बर्तन में मलाई रखने से मलाई ठंडी रहती है, बस ध्यान रखें की ये बर्तन अच्छी तरह से साफ किया हुआ हो।
एयर टाइट डिब्बे में रखना है सही
मलाई को आप एयर टाइट कंटेनर में स्टोर करें और फिर फ्रिजर में ढक्कन बंद करके रख दें। ऐसा करने पर मलाई जमी रहेगी और खराब नहीं होगी।
बार-बार ना निकालें बाहर
हर दिन मलाई को बाहर न निकालें। अगर मलाई का इस्तेमाल करना है तो किसी साफ और सूखे चम्मच का ही इस्तेमाल करें।
यूं नहीं होगी खराब
दादी-नानी का मानना है कि समय-समय पर मलाई में दूध और मलाई डालते रहना अच्छा होता है। इसके अलावा चम्मच से मलाई को मिक्स करते रहें ताकि ये खराब न हो। -
-सीमा उपाध्याय
मलाई कोफ्ता एक काफी रिच डिश है। इसे आपने कई बार खाया होगा लेकिन आप चाहें तो घर में भी रेस्तरां जैसा मलाई कोफ्ता बना सकते हैं। घर की पार्टीज के लिए ये परफेक्ट डिश हो सकती है। इसे बनाने के लिए कोफ्ते तैयार किए जाते हैं। इसकी ग्रेवी भी खास तौर पर टमाटर और कुछ मसालों की मदद से तैयार की जाती है। कई बार घर पर बने कोफ्ते काफी टाइट बन जाते हैं जिनका स्वाद बेकार लगता है। यहां बता रहे हैं सॉफ्ट मलाई कोफ्ता बनाने के ट्रिक्स। साथ ही जानिए मलाईदार ग्रेवी बनाने का तरीका।
सही तरह से करें मैश
मलाई कोफ्ता बनाने के लिए पनीर और आलू की जरूरत होती है। इसके लिए दोनों चीजों को कद्दूकस करें और फिर इसे मैश कर लें। अच्छे से मैश करने के इसे हाथों से चिकना होने तक मसलें। सॉफ्ट कोफ्ते बनाने के लिए इस स्टेप को जरूर फॉलो करें।
मिलाएं ये एक चीज
अच्छे और सॉफ्ट कोफ्ते बनाने के लिए आपको इसमें कॉर्न फ्लोर या फिर मैदा जरूर मिलानी चाहिए। इससे कोफ्ते में कोई फ्लेवर तो नहीं आएगा, लेकिन ये काफी मलाईदार बनेंगे।
इलायची से बढ़ाएं ग्रेवी
मलाई कोफ्ते की ग्रेवी काफी मलाईदार होती है। इसके के लिए मसाला अच्छी तरह भूनें और मसाले में बड़ी इलायची जरूर डालें। इससे ग्रेवी काफी फ्लेवरफुल बनती है। -
-संध्या शर्मा
काली मिर्च को भले ही देश के अलग-अलग प्रांत में लोग अलग-अलग नाम से जानते हैं, पर इसके स्वाद से हर कोई वाकिफ है। काली मिर्च अद्भुत स्वाद और सुगंध से भरपूर मसाला है, जिसका इस्तेमाल भारतीय खानपान में तरह-तरह से किया जाता है। इसका सबसे महत्वपूर्ण तत्व है, पाइपरीन जो इसे उच्च गुणवत्ता वाला बनाता है। इसके साथ ही छोटी सी मिर्च विभिन्न पोषक तत्वों जैसे विटामिन-सी, विटामिन-के, मैग्नीशियम और पोटैशियम आदि का एक अच्छा स्रोत भी है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन-सी के कारण यह शरीर को संजीवनी शक्तियां प्रदान करता है, जिससे रोग प्रतिरोधक में मदद मिलती है ।
काली मिर्च का कमाल
मैं अपने भोजन में काली मिर्च को कई तरीके से शामिल करती हूं, मसलन ग्रेवी वाली सब्जी या सूखी सब्जी में, पाउडर के रूप में या क्रश करके, सूखे मसाले पाउडर में पीसकर, कुछ ताजी क्रश करके दाल में और पुलाव, खिचड़ी ,बिरयानी आदि में साबुत ही। टमाटर-प्याज की चटनी में काली मिर्च को डालने से अच्छा स्वाद मिलता है। इसके अलावा रायते, सलाद आदि में काले नमक के साथ काली मिर्च पाउडर भी ऊपर से बुरकें। सूप में इसे क्रश करके डालें, वहीं पुलाव, खिचड़ी, बिरयानी आदि में साबुत काली मिर्च का इस्तेमाल करें। उपरोक्त खाद्य पदार्थों के अलावा सभी सूखे मसालों जैसे गरम मसाला, चाट मसाला, बिरयानी मसाला, पानी पुरी मसाला, परांठा मसाला, अचार मसाला आदि में भी मैं काली मिर्च डालती हूं। इसके अलावा चाय मसाले की तो जान ही काली मिर्च पाउडर है । कैसे काली मिर्च को बनाएं अपने भोजन का हिस्सा, आइए जानें:
• तड़के में उपयोग : भोजन बनाते समय तड़के में काली मिर्च का उपयोग करने से स्वाद में ताजगी और चटपटाहट आती है। तड़का लगाते समय तेल या घी हल्का गर्म होने पर उसमें काली मिर्च डालें। हल्का भुन जाने पर तड़का लगाएं। डिश का स्वाद कई गुना बढ़ जाएगा।
• सब्जी में शामिल करें ऐसे: सूखी सब्जी बनाते समय सब्जी भूनते समय काली मिर्च को कूटकर या पीसकर ताजा ही डालें। पर गोभी स्ट्यू आदि में तड़का लगाते समय काली मिर्च डालें। इससे सब्जी में स्वाद अधिक आता है।
• ग्रेवी में उपयोग: ग्रेवी बनाते समय अन्य मसाले के साथ काली मिर्च को भी पीसकर मसाले के साथ भूनें। ग्रेवी का स्वाद कई गुना बढ़ जाएगा।
• दाल में कमाल: धुली मूंग दाल या धुली उड़द दाल में तड़का लगाते समय हींग और जीरे के साथ काली मिर्च को भी क्रश करके डालें। इससे दाल का स्वाद बहुत अच्छा हो जाएगा।
काली मिर्च के प्रकार
आपको शायद पता न हो लेकिन काली और सफेद मिर्च वास्तव में एक ही पौधे से आती है। बस उनकी कटाई और आगे की प्रक्रिया पर उसका रंग निर्भर करता है। यदि आप ध्यान से देखेंगी तो सफेद मिर्च के दाने चिकने और छोटे होते हैं, जबकि काली मिर्च के दाने बाहर से झुर्रीदार होते हैं । सफेद मिर्च का उपयोग मैं ठंडाई पाउडर बनाते समय, दही के शोले, पास्ता ,स्टर फ्राई,क्रीम सॉस आदि बनाते समय करती हूं।
ऐसे करें स्टोर
1) पिसी हुई काली मिर्च के बजाय साबुत काली मिर्च खरीदना हमेशा बेहतर होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि एक बार पीसने के बाद काली मिर्च जल्दी ही अपना स्वाद और सुगंध खो देती है।
2) साबुत काली मिर्च पिसी हुई काली मिर्च की तुलना में अधिक समय तक टिकती है। इनको ठंडी और अंधेरी जगह पर ही रखना चाहिए। इसके अलावा यदि काली मिर्च पाउडर बनाया है तो एयर टाइट डिब्बे में फ्रिज में रखें । इसका स्वाद और सुगंध बरकरार रहेगा।
3) एक साल के भीतर काली मिर्च का उपयोग कर लेना चाहिए और पिसी हुई मिर्च का कुछ महीनों के भीतर, तभी इसका स्वाद बेहतर मिलेगा।
सेहत का रखवाला
1) काली मिर्च पाउडर को हल्दी पाउडर के साथ उबालकर दूध पीने से सर्दी जुकाम में राहत मिलती है।
2) काढ़ा बनाते समय भी इसका प्रयोग अवश्य करना चाहिए। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता ठीक होती है।
3) काली मिर्च पाचन के लिए भी अच्छी मानी जाती है। यह शरीर को डिटॉक्सिफाई भी करती है और पेट व आंतों को साफ करती है। -
-सीमा उपाध्याय
इंडियन खाने में साइड डिश में काफी सारी चीजें होती है। जिसमे से एक पापड़ भी शामिल है। अक्सर लोग इसे केवल टेस्ट के लिए जरूरी डिश मानते हैं। लेकिन चटनी की तरह ही खास तरह का पापड़ सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है। जिसमे से एक है मूंग का पापड़। जिसे खाना केवल टेस्ट ही नहीं बल्कि सेहत के लिए भी अच्छा होता है। लगभग पूरे देश में वैराइटी के पापड़ बनते हैं जो हर फेस्टिवल पर खाए जाते हैं। तो अगर आप अभी तक केवल स्वाद के लिए पापड़ खाते थे तो अब जान लें इनके गजब के फायदे।
आयुर्वेद में भी बताया गया है पापड़ों को फायदेमंद
आयुर्वेद में भी मूंग के पापड़ को स्वादिष्ट और सेहत के लिए हेल्दी माना गया है। इसे खाने से कई तरह के विकारों में आराम मिलता है। कभी आपने सोचा है कि खाने के बाद ही क्यों पापड़ खाया जाता है।
भूख खोलता है पापड़
पापड़ को अगर खाना खाने के पहले खाया जाए तो ये एपेटाइजर का काम करता है। खासतौर पर जब फीवर होता है तो भुने मूंग के पापड़ खाने से भूख खुलती है।
डाइजेशन में मदद
पापड़ को अगर खाना खाने के बाद खाया जाए तो ये मुंह और गले में मौजूद एक्स्ट्रा फैट को घटाता है। इसके अलावा मूंग के पापड़ को बनाने में काली मिर्च, अजवाइन और थोड़ा सा नमक डाला जाता है। जिससे ये पापड़ भोजन को पचाने में मदद करता है। जब भी हैवी और स्पाइसी मील खाया जाता है तो पारंपरिक खाने में साथ में मूंग के पापड़ रखे जाते हैं। जिससे वो एक्स्ट्रा तेल और मसालों को आसानी से पचाने में मदद करे।
कब ना खाएं पापड़
-पापड़ में सोडियम की मात्रा ज्यादा होती है। इसलिए पापड़ को हाइपटेंशन के मरीजों को बहुत कम खाना चाहिए।
-पापड़ की बहुत ही सीमित मात्रा खाना ही फायदेमंद होता है। अगर इसे स्वाद के लिए ज्यादा खाया जाए तो इससे एसिडिटी बनने का खतरा रहता है।
-पापड़ों को भूनकर खाना ज्यादा फायदेमंद है। तेल में तलने से इनके गुण कम हो जाते हैं। -
-संध्या शर्मा
केसर ना सिर्फ सुगंधित बल्कि एक नाजुक मसाला भी है। इसका इस्तेमाल कुकिंग के साथ-साथ खूबसूरती निखारने के लिए भी होता है। सुगंध व स्वाद के चलते लोग इस मसाले को महंगा होने के बावजूद इस्तेमाल करना पसंद करते हैं। इतना ही नहीं, केसर में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन्स और मिनरल्स आदि सेहत के लिए भी फायदेमंद होते हैं। केसर का इस्तेमाल मीठी और नमकीन डिशेज के अलावा बेकरी आइटम में और विभिन्न सामग्री को मैरिनेट करने में भी किया जाता है। केसर का सही तरीके से कैसे करें इस्तेमाल, आइए जानें:
भिगोकर केसर का इस्तेमाल करें
केसर को इस्तेमाल करने का सबसे आसान तरीका है इसे थोड़े से गुनगुने पानी में या दूध में लगभग आधा घंटा या इससे कम समय के लिए भिगो दें। फिर मिलाकर या यूं ही इस्तेमाल करें। भोजन पकाते समय यूं ही केसर डालने से गर्माहट के कारण केसर का स्वाद खत्म हो जाएगा।
पाउडर के रूप में
जब कोई पार्टी देने की तैयारी कर रही हों,तो तवे को हल्का गर्म कर लें। गैस ऑफ करें और उस पर केसर के धागे डाल दें ताकि वे थोड़े से कुरकुरे हो जाएं। ध्यान रखें कि तवा बहुत हल्का गर्म होना चाहिए। अब मिक्सी के सबसे छोटे जार में आधा छोटा चम्मच चीनी के साथ केसर को पीसकर पाउडर बना लें। यदि नमकीन डिश में केसर डालना हो तो चीनी की जगह नमक डालकर पाउडर बनाएं। इसका इस्तेमाल तुरंत करें या किसी एयर टाइट डिब्बी में रखें और एक या दो दिन बाद प्रयोग करें। इस्तेमाल के लिए दो बड़े चम्मच गुनगुने पानी में तैयार केसर पाउडर डालकर मिलाएं और इस्तेमाल करें। बिरयानी आदि के लिए यह तरीका अच्छा रहता है।
ध्यान देने वाली बातें
• केसर का इस्तेमाल करते समय हाथों को अच्छी तरह से पोंछ लें। नमी वाले हाथों से छूने पर इसके रेशे आपस में चिपक सकते हैं और स्वाद भी कम हो सकता है ।
• केसर के धागों को अपनी उंगलियों के पोरों से धीरे-धीरे तोड़ें ताकि उनका रंग और सुगंध बरकरार रहे ।
• केसर को सदैव नाप कर ही प्रयोग में लाएं क्योंकि केसर अत्यधिक गाढ़ा होता है ।
• अपनी डिशेज में केसर को भिगोकर इस्तेमाल करते समय विशेष रूप से खीर, रबड़ी आदि बनाते समय केसर को दो चम्मच गुलाब जल में भिगो दें। इससे अलग ही स्वाद आता है।
• केसर को एयरटाइट डिब्बे में स्टोर करें ताकि वह सीधी धूप व नमी से दूर रह सके। इससे लंबे समय तक केसर का रंग, स्वाद व ताजगी बनी रहती है।
• केसर का इस्तेमाल प्रति व्यक्ति चार पांच धागे से ज्यादा नहीं करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को इसका अधिक सेवन नुकसान कर सकता है।