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- छुहारा स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। इसके सेवन से शरीर को कई तरह के पोषक तत्व मिलते हैं। सर्दी के दिनों में छुहारे खाने से आपको कई लाभ हो सकते हैं। सर्दियों में छुहारे का सेवन करने से यह आपके शरीर के लिए सुपरफूड्स की तरह कार्य करते हैं। सर्दियों में आप छुहारे का सेवन कई तरह से कर सकते हैं। आइए जानते हैं सर्दियों में छुहारे का सेवन करने से स्वास्थ्य को क्या लाभ होते हैं?हड्डियों की बढ़ाए मजबूतीसर्दियों में धूप के संपर्क में कम आने की वजह से शरीर में विटामिन डी की कमी हो सकती है। इस स्थिति में हड्डियों से जुड़ी परेशानी बढऩे का खतरा रहता है। अगर आप अपनी हड्डियों को मजबूत बनाए रखना चाहते हैं तो छुहारे का सेवन करेँ। छुहारे का सेवन करने से हड्डियों को भरपूर रूप से कैल्शियम मिलता है, जिससे हड्डियों की मजबूती बढ़ती है। इसके अलावा छुहारा पोटेशियम, फॉस्फोरस, कॉपर और मैग्नीशियम से भरपूर होता है, जो ऑस्टियोपोरोसिस और गठिया जैसे हड्डी से जुड़ी बीमारियों को दूर रखने में आपकी मदद कर सकता है।हार्ट अटैक के खतरे को करे कमसर्दियों में शरीर का तापमान कम होने की वजह से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है। इस स्थिति में छुहारा खाने से आपके शरीर को लाभ पहुंच सकता है। दरअसल, छुहारा खाने से शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है, जिससे हार्ट अटैक और हाई ब्लड प्रेशर का खतरा कम होता है। ऐसे में यह हार्ट अटैक के जोखिमों को कम करने में आपकी मदद कर सकता है।शरीर को रखे गर्मशरीर को गर्म रखने के लिए आप छुहारे का सेवन कर सकते हैं। यह आपके शरीर को गर्मी प्रदान करता है। सर्दी के दिनों में शरीर को गर्म रखने के लिए आप छुहारे का सेवन कई तरह से कर सकते हैं।एनर्जी बूस्टरसर्दियों में छुहारा एनर्जी बूस्टर की तरह कार्य कर सकता है। यह अच्छी और गहरी नींद के लिए फायदेमंद है। इसके अलावा यह आपके शरीर की सुस्ती को कम कर सकता है। दरअसल, छुहारा काब्र्स का अच्छा स्त्रोत माना जाता है, जिससे आपके शरीर को भरपूर रूप से एनर्जी मिलती है।आयरन युक्तछुहारा खाने से शरीर को समृद्ध रूप से आयरन प्राप्त होता है। इसके सेवन से शरीर में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने में मदद मिलती है। शरीर में आयरन की कमी के कारण ऊर्जा की कमी, हार्मोनल समस्याएं, कमजोर इम्यूनिटी, बाल झडऩा, स्किन का पीलापन जैसी परेशानी हो सकती है। इन स्थितियों से बचने के लिए आप अपने आहार में छुहारा शामिल कर सकते हैं।सर्दियों में छुहारे का सेवन करने से शरीर को कई लाभ मिल सकते हैं। हालांकि, ध्यान रखें कि सर्दियों के दिनों में होने वाली परेशानी को नजरअंदाज न करें। समस्या बढऩे पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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सर्दियों के मौसम में कब्ज कॉमन परेशानी है। गर्मियों की तुलना में सर्दियों में कब्ज ज्यादा कॉमन क्यों होती है? यह हमारी रोजाना की आदतों में बदलाव के कारण हो सकता है। सर्दियों में जब तापमान ठंडा होता है तो पानी पीने की मात्रा कम हो जाती है, क्योंकि प्यास नहीं लगती है। इसी के साथ कम व्यायाम, बहुत ज्यादा चाय और कॉफी पीने और पर्याप्त हाई फाइबर वाली खाने की चीजों को न खाने से कब्ज की समस्या हो सकती है। आयुर्वेद डॉक्टर दीक्षा भावसार (Dr Dixa Bhavsar Savaliya) ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में 5 चीजों के बारे में बताया है जो सर्दियों में सुबह खाली पेट खानी चाहिए, जिससे कबज की समस्या दूर होती है।
कब्ज होने के हैं बहुत सारे कारण---
1) मन लगाकर नहीं खाना
2) रूखे, ठंडे, मसालेदार, तले हुए और फास्ट फूड को बहुत ज्यादा खाना।
3) सही मात्रा में पानी नहीं पीना
4) खाने में फाइबर की कमी
5) खराब मेटाबॉलिज्म
6) खराब स्लीप साइकिल
7) देर रात का खाना
8) खराब लाइफस्टाइल
इन चीजों को खाने से कब्ज को मिलेगा छुटकारा
खजूर
खजूर वात और पित्त को संतुलित करने में भी मदद करते हैं और उन्हें कब्ज, हाइपरएसिडिटी, जोड़ों के दर्द, चिंता, बालों के झड़ने को रोकने में मदद करते हैं। कब्ज से छुटकारे के लिए 2-3 भीगे हुए खजूर सुबह खाली पेट गर्म पानी के साथ खाएं।।
मेथी के बीज
हाई पित्त वाले लोगों को इससे बचना चाहिए। 1 चम्मच मेथी के बीज को रात भर भिगोएं और सुबह सबसे पहले खाएं। आप बीजों का पाउडर भी बना सकते हैं, फिर सोते समय गर्म पानी के साथ 1 चम्मच मेथी पाउडर लें।
गाय का घी
गाय का घी आपके मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाता है। एक गिलास गर्म गाय के दूध के साथ 1 चम्मच गाय का घी पुरानी कब्ज वाले लोगों के लिए सबसे अच्छा काम करता है।
आंवला
आप 1 चम्मच आंवला पाउडर या 3 ताजे आंवले का रस ले सकते हैं। नियमित रूप से सुबह खाली पेट इसे खाने पर कब्ज से छुटकारा पाने में मदद मिलती है।
किशमिश
काली किशमिश फाइबर से भरपूर होती है। इन्हें भिगो कर खाने से इन्हें पचाना आसान हो जाता है। - वजन कम करना हमेशा इतना मुश्किल नहीं होता जितना लोग समझ लेते हैं। वेट कंट्रोल करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरत होती है विल पावर की। जरूरी नहीं कि आप डायटिंग करनें। टेस्टी चीजें खाकर भी आप शरीर में जमा चर्बी घटा सकते हैं और वजन कम कर सकते हैं। खासतौर पर कुछ देसी खाने ऐसे हैं जिन्हें खाकर आपको भरपूर पोषण मिलता है, वेट कंट्रोल रहता है और कुछ टेस्टी खाने की क्रेविंग भी खत्म होती है। यहां कुछ ऐसे ही फूड की लिस्ट है जो वेट कम करने वालों के लिए बेस्ट हैं। इनमें ज्यादातर आप रोजाना खाते ही हैं। लेकिन अगर आपने खाना छोड़कर वजन कम करने का प्लान बनाया है तो इनको डायट चार्ट में शामिल कर सकते हैं।मूंग दाल चीलाआप वजन कम करना चाहते हैं तो सबसे पहले अपने खाने-पीने का टाइम फिक्स कर लें। शाम को जल्दी खाना खा लें। खाना में प्रोटीन बेस्ट ऑप्शन है। इसके लिए आप मूंग दाल चीला खा सकते हैं। आपको पोर्शन का भी ध्यान रखना है। एक या दो चीले काफी हैं।दाल-चावलघर का बना दाल-चावल बेस्ट फूड है। यह प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट का बढ़िया कॉम्बिनेशन है। जब आप इसमें घी डाल लेते हैं तो फैट भी मिलता है। वजन कम करने वालों को घी नहीं खाना चाहिए यह गलत धारणा है। आप पूरे दिन में एक चम्मच घी आराम से डाइजेस्ट कर सकते हैं। आप डिनर में दाल-चावल के साथ प्लेट भरकर सलाद खाएं। दाल की मात्रा चावल से ज्यादा रखें।इडली-सांबरइडली-सांबर कई लोगों का फेवरिट होता है। यह साउथ इंडियन डिश भी आपके वेट लॉस के लिए परफेक्ट है। इडली स्टीम में पकी होती है। सांबर में दाल के साथ आप जितनी ज्यादा सब्जियां डाल लेंगे उतना न्यूट्रिशन मिलेगा। साथ में इसमें पड़ने वाले मसाले भी आपकी सेहत के लिए अच्छे होते हैं।राजमा-चावलदाल-चावल की तरह राजमा-चावल भी कई लोगों को पसंद होता है। राजमा-चावल वेट लॉस करने वाले लोगों के लिए बढ़िया ऑप्शन है। राजमा खाने से पेट लंबे समय तक भरा रहता है। यह भी प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट का अच्छा मिश्रण है।दलियामूंग दाल का दलिया हेल्थ के लिए काफी अच्छा होता है। इसमें आप ढेर सारी सब्जियां और ज्यादा मात्रा में दाल डालकर बनाएं। यह पोषण से जुड़ी सारी जरूरतों को पूरा करेगा। इसके साथ ही पेट ज्यादा समय तक भरा रखकर आपको वेट कंट्रोल करने में मदद करेगा।रोटी-सब्जीढेर सारी रंग-बिरंगी सब्जियों की बढ़िया मिक्स वेज बनाकर आटे या मल्टीग्रेन आटे की रोटी बनाकर खाएं। इससे आपको फाइबर मिलेगा तो जल्दी भूख नहीं लगेगी। साथ ही सब्जियों से माइक्रोन्यूट्रिएंट्स भी मिलेंगे।
- ठंड के मौसम में त्वचा से जुड़ी समस्याएं बढ़ जाती हैं। त्वचा में जिरोसिस यानी त्वचा का रूखापन, स्केबीज यानी खुजली की समस्या, सोरायसिस, काले धब्बे, मुंहासे, रूखी त्वचा के कारण एक्ने होना आदि समस्याएं बढ़ जाती हैं। इस समस्याओं का आसान इलाज चाहते हैं, तो कलौंजी के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। कलौंजी के तेल के इस्तेमाल से कई तरह के त्वचा रोग या संक्रमण दूर होते हैं।कलौंजी तेल के गुणकलौंजी तेल में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इसमें एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण भी पाए जाते हैं। बैक्टीरियल और फंगल इंफेक्शन के कारण त्वचा में हो रही समस्याओं के निदान के लिए कलौंजी का तेल फायदेमंद होता है।संक्रमण में कलौंजी का तेल क्यों फायदेमंद है?कई बार संक्रमण के कारण त्वचा में घाव हो जाते हैं। घाव को भरने के लिए कलौंजी तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। त्वचा संक्रमण के साथ सूजन और दर्द को कम करने के लिए कलौंजी तेल की कुछ बूंदें ही काफी हैं। हल्के घावों को भरने के लिए इसका इस्तेमाल सुरक्षित है। इसके अलावा मुंहासों के लिए भी कलौंजी तेल का इस्तेमाल फायदेमंद होता है। त्वचा में गंदगी के कारण मुंहासे होते हैं जो कि एक तरह का संक्रमण ही है जिसके लिए कलौंजी तेल को नारियल या बादाम तेल के साथ मिलाकर त्वचा पर लगाया जा सकता है।-घर पर कलौंजी का तेल बनाने का तरीका-कलौंजी के दाने और मेथी के दानों को पीस लें।-एक कंटेनर में पाउडर के साथ नारियल और अरंडी का तेल डालें।-इसे सूरज की रौशनी में 2 से 3 हफ्तों तक रखें।-फिर थोड़ा-थोड़ा निकालकर इस्तेमाल करें।कलौंजी तेल की मालिशत्वचा में संक्रमण होने पर कलौंजी के तेल को संक्रमण वाले हिस्से में लगाकर हल्के हाथ से मालिश करें ताकि तेल, त्वचा के अंदरूनी परत तक पहुंच जाए। रातभर के लिए तेल को लगाकर छोड़ दें। सुबह पानी से त्वचा को साफ कर लें। इस उपाय की मदद से त्वचा में संक्रमण की समस्या दूर होगी।क्रीम या लोशन के साथ मिलाएं कलौंजी का तेलकलौंजी तेज को संक्रमण के लिए इस्तेमाल करना है, तो उसे क्रीम या लोशन के साथ मिलाएं और त्वचा पर लगाएं। त्वचा का संक्रमण दूर करने के लिए नीम की पत्तियों के साथ कलौंजी का तेल मिलाकर त्वचा पर लगा सकते हैं। नीम में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं लेकिन कई लोगों को केवल नीम के इस्तेमाल से एलर्जी हो जाती है इसलिए कलौंजी का तेल और नीम का कॉम्बिनिेशन फायदेमंद होगा।संक्रमण दूर करेगा कलौंजी तेल का सेवनत्वचा में संक्रमण का इलाज करने के लिए कलौंजी तेल को अप्लाई करने के बजाय उसका सेवन कर सकते हैं। सब्जी में या सलाद की ड्रेसिंग में कलौंजी का तेज डालकर खा सकते हैं। कलौंजी का तेल स्वाद में कड़वा होता है इसलिए इसका सेवन शहद के साथ मिलाकर कर सकते हैं। कलौंजी का सेवन सुबह नाश्ते में या रात के खाने के बाद कर सकते हैं।कलौंजी तेज की 4 से 5 बूंदों का ही इस्तेमाल करें। जिन लोगों को इससे एलर्जी है वो टीट्री ऑयल या नीम ऑयल का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- पीठ में दर्द होना एक आम समस्या है। आमतौर पर ज्यादा देर बैठे रहना, अधिक वजन उठाना, मांसपेशियों में तनाव, ऐंठन और मोटापा पीठ में दर्द के मुख्य कारण होते हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि पेट में गैस बनने के कारण भी पीठ में दर्द हो सकता है? जी हां, पेट में गैस बनने या एसिडिटी होने पर आपको पीठ में दर्द की समस्या हो सकती है। जिस तरह पेट या सीने में गैस बनती है, उसी तरह पीठ में भी गैस बन सकती है। यह एक गंभीर समस्या है, जिसमें व्यक्ति को पीठ में दर्द के साथ उल्टी और जी मिचलाने जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। आमतौर पर लोग गैस बनने पर दवाओं का सेवन करते हैं। लेकिन, आप गैस के कारण होने वाले पीठ दर्द को दूर करने के लिए कुछ घरेलू नुस्खों का सहारा ले सकते हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में -पेट में गैस के कारण पीठ दर्द होने पर अपनाएं ये घरेलू उपाय -अजवाइनअगर पेट में गैस बनने के कारण पीठ में दर्द हो रहा हो, तो इससे छुटकारा पाने के लिए आप अजवाइन का इस्तेमाल कर सकते हैं। गैस की वजह से पीठ दर्द की समस्या को दूर करने के लिए अजवाइन का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद माना जाता है। अजवाइन में थाइमोल नामक कंपाउंड पाया जाता है, जो गैस की समस्या को दूर करने में मदद करता है। गैस की वजह से पीठ दर्द की समस्या से राहत पाने के लिए आधा चम्मच अजवाइन को अच्छी तरह से पीस लें। अब इसमें थोड़ा सा काला नमक मिलाएं और पानी के साथ इसका सेवन करें। ऐसा करने से आपको गैस और पीठ दर्द की समस्या से जल्द आराम मिलेगा।अदरकगैस के कारण पीठ दर्द की समस्या से राहत पाने के लिए आप अदरक का रस भी इस्तेमाल कर सकते हैं। गैस की समस्या को दूर करने के लिए अदरक का रस बहुत फायदेमंद होता है। इसके लिए एक चम्मच नींबू के रस में अदरक का रस और काला नमक मिलाएं। इस मिश्रण का सेवन करने से आपको गैस और पेट में दर्द से तुरंत आराम मिलेगा। अदरक में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो दर्द को कम करने में मदद करते हैं।गर्म पानी से सिंकाईअगर आपको गैस के कारण पीठ में दर्द हो रहा हो तो आप गर्म पानी से सिंकाई कर सकते हैं। गर्म सिंकाई करने से मांसपेशियां रिलैक्स होंगी और गैस रिलीज हो सकेगी। इससे गैस और दर्द से जल्द राहत मिलेगी।बेकिंग सोडा और नींबूगैस की समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप बेकिंग सोडा और नींबू का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे गैस के कारण होने वाले पीठ दर्द की समस्या में भी लाभ होगा। इसके लिए एक चम्मच नींबू के रस में आधा चम्मच बेकिंग पाउडर मिलाएं। इसे एक कप पानी में अच्छी तरह से मिला कर तुरंत पर लें। ऐसा करने से आपको पेट में गैस और इसकी वजह से होने वाले पीठ दर्द से जल्द आराम मिलेगा।गैस की वजह से पीठ में दर्द से निजात पाने के लिए इन बातों का ध्यान रखेंपेट में गैस की वजह से पीठ में दर्द होने पर भरपूर मात्रा में पानी पिएं। इससे मल त्यागने में आसानी होगी और पेट अच्छी तरह साफ हो सकेगा। मल त्यागने से गैस और दर्द में राहत मिलेगी।-मैदा और जंक फूड आदि खाने से परहेज करें।-ज्यादा से ज्यादा सुपाच्य भोजन लें।-गैस की वजह से पेट में दर्द होने पर आराम करें।-अगर आपको कुछ खाद्य पदार्थों से गैस की समस्या होती है तो उन्हें खाने-पीने से बचें।-ज्यादा दर्द होने पर डॉक्टर की सलाह से एंटी गैस दवाओं का सेवन करें।इन घरेलू उपायों की मदद से आप पेट में गैस के कारण होने वाले पीठ दर्द से छुटकारा पा सकते हैं। लेकिन, अगर दर्द बना रहे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए पापड़, चटनी, आचार सर्व किया जाता है। वहीं ढ़ाबा और रेस्तरां में मिलने वाली लच्छा प्याज और मसाला लहसुन भी लोगों को खूब पसंद आता है। मसाला लहसुन सभी लोग अलग अलग तरह से बनाते हैं। यहां हम बड़ी आसानी से बनने वाली मसाला लहसुन की मजेदार रेसिपी, जिसे आप फटाफट बनाकर तैयार कर सकते हैं। यहां देखिए मसाला लहसुन बनाने की रेसिपी, इसे आप तब भी बनाकर तैयार कर सकते हैं जब आपको किसी सब्जी को बनाने या खाने का मन न हो।
मसाला लहसुन बनाने के लिए आपको चाहिए...
लहसुन
नमक
लाल मिर्च पाउडर
काली मिर्च पाउडर
चाट मसाला पाउडर
नींबू
हरी चटनी
तेल
कैसे बनाएं ---
- इसे बनाने के लिए बड़े साइज वाले लहसुन लें और फिर इसे अच्छे से छील लें।
- अब एक कढ़ाई में तेल गर्म करें और फिर छिली हुई लहसुन की कली को फ्राई करें।
- फ्राई करे हुए लहसुन को एक टिशू पेपर पर निकालें, ताकी एक्सट्रा तेल पेपर सोक लें।
- अब एक बाउल में लहसुन लें और फिर इसमें नमक, लाल मिर्च पाउडर, काली मिर्च पाउडर, चाट मसाला पाउडर, नींबू का रस और हरी चटनी डालकर अच्छे से मिक्स करें।
-ढाबा स्टाइल मसाला लहसुन तैयार है। इसे पराठा या फिर नान के साथ सर्व करें। इस मसाला लहसुन को आप बनाकर भी रख सकते हैं। हालांकि, इसे ज्यादा दिन तक स्टोर न करें ।
कैसे बनाएं चटनी---
चटनी बनाने के लिए आप हरा धनिया, पुदीना को अच्छे से धोएं। फिर इसे ब्लेंडर में डालें और इसी के साथ इसमें नमत, काला नमक, अमचूर पाउडर, जीरा पाउडर डालें और अच्छे से ब्लेड करें।
लहसुन-धनिया की ये चटनी मजबूत करती है इम्यूनिटी, सीखें बनाने का आसान तरीका -
ड्राय फ्रूट्स के फायदों से भरपूर होते हैं । पॉप्युलर लिस्ट में बेशक छुहारे का नाम सबसे ऊपर ना आता हो लेकिन पोषक तत्वों के मामले में छुहारा किसी से कम नहीं है। खासतौर पर सर्दियों के मौसम में छुहारे खाने के बहुत से फायदे हैं। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण भरपूर होते हैं। आपके शरीर में अगर सूजन रहती है, तो आपको रोजाना दो छुहारे जरूर खाने चाहिए।
कैंसर के रिस्क को कम करने के लिए छुहारे को रोजाना खाना चाहिए। एक खजूर रोज खाने से कैंसर का खतरा कम होता है। इसे खाने से पेट में गुड बैक्टीरिया बढ़ते है&, जो हेल्थ के लिए काफी अच्छे होते हैं।
हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करे
आपको अगर हाई ब्लड प्रेशर की प्रॉब्लम रहती है, तो आपको छुहारे को जरूर खाना चाहिए। यह ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम कर सकता है। आपको अगर सूखा छुहारा खाने से हेल्थ इश्यू होते हैं, तो आप भिगाकर इसे खा सकते हैं।
वेट लॉस फ्रेंडली
आप अगर चीनी का इस्तेमाल बहुत ज्यादा करते हैं, तो आप छुहारे को इसकी जगह रिप्लेस कर सकते हैं। छुहारे के बीज निकालकर आप इसे मिक्सी में अच्छी तरह से पीस लें। इसे आप चाय और स्वीट डिशेज में यूज कर सकते हैं।
डाइजेस्टिव सिस्टम को बेहतर करता है
आपके पेट में अगर बार-बार दर्द होता है या लूज मोशन की शिकायत रहती है, तो आपको डाइट में छुहारे को शामिल करना चाहिए। इसमें एंटीडायरेहियल होता है, जो दस्त को रोकने में मददगार है। - जब वजन घटाने की बात आती है, तो गेहूं के आटे की रोटी कम खाने की सलाह दी जाती है। क्योंकि गेहूं के आटे की रोटी में फाइबर और अन्य पोषक तत्व की तो अच्छी मात्रा होती है, लेकिन इसमें कार्बोहाइड्रेट अधिक होता है। साथ ही कुछ लोगों को गेंहू से एलर्जी भी होती है। जब सर्दियों का मौसम शुरू होता है, तो लोग वजन घटाने के लिए ज्वार और मक्के की रोटी का सेवन बहुत करते हैं, क्योंकि आम तौर पर इन्हें गेहूं के आटे की रोटी से ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। साथ ही इनमें कार्बोहाइड्रेट और कैलोरी की मात्रा कम होती है। यह पचने में भी आसान होती हैं। लेकिन एक सवाल वजन कम करने वाले लोगों को अक्सर परेशान करता है, कि वजन घटाने के लिए ज्वार की रोटी ज्यादा फायदेमंद है या मक्के की रोटी? किसे खाने से तेजी से वजन घटता है?ज्वार की रोटी - मक्के की रोटी में पोषक तत्वअगर वजन घटाने के संदर्भ में दोनों रोटियों में भेद करें तो हम पाते हैं कि पोषण के मामले में दोनों में ही कुछ खास अंतर देखने को नहीं मिलती है। 100 ग्राम ज्वार के आटे की बात करें तो इसमें 9.7 ग्राम फाइबर, 72 ग्राम काब्र्स और 360 कैलोरी होती हैं।वहीं मक्के के आटे की बात करें तो इसमें प्रति 100 ग्राम 7 ग्राम फाइबर, 6.8 ग्राम प्रोटीन, 77 ग्राम काब्र्स और कैलोरी की मात्रा 360 के आसपास होती है।किसे खाने से तेजी से वजन घटता है?दोनों ही आटे से बनी रोटी पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं, इनमें शरीर के लिए कई जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं। दोनों ही वजन घटाने वाले लोगों के लिए बहुत लाभकारी है, दोनों का सेवन करने से वजन प्रबंधन में मदद मिलती है। पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है और मेटाबॉलिज्म रेट भी बढ़ता है। यह आपको लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस करने में मदद करती है और आप कम कैलोरी का सेवन करते हैं। साथ ही यह आपकी अनहेल्दी फूड्स की क्रेविंग कंट्रोल करने में भी मदद करती हैं। जिससे वजन कम करने में आसानी होती है।लेकिन अक्सर लोग कुछ गलतियां करते हैं, वे साग के साथ में जब इन रोटियों का सेवन करते हैं तो उन पर काफी अधिक घी या मक्खन लगाकर खाते हैं, जो कि बिल्कुल भी सही नहीं है। अगर आप इस तरह इनका सेवन करते हैं, तो इससे आपको वजन प्रबंधन में कोई मदद नहीं मिलेगी। आपको वजन प्रबंधन के दौरान कम कैलोरी और फैट वाला भोजन करना होता है। बाकी दोनों ही वजन घटाने में लाभकारी हैं अगर आप सीमित मात्रा में इनका सेवन करते हैं।
- अक्सर लोग सर्दी-जुकाम होने पर दही खाना छोड़ देते हैं। कुछ लोगों का मानना होता है कि सर्दी-जुकाम में दही खाने से समस्या और भी ज्यादा बढ़ सकती है। क्या वाकई ऐसा होता है? क्या सच में जुकाम होने पर दही नहीं खानी चाहिए। जानें, जुकाम होने पर दही खाना चाहिए या नहीं।दही में मौजूद पोषक तत्व सर्जी-जुकाम से लडऩे में करते हैं मदद ?दही में मौजूद जरूरी पोषक तत्व सर्दी से लडऩे में मदद करते हैं। एक कप दही में एक वयस्क की दैनिक जरूरत के अनुसार 8 मिलीग्राम जिंक होता है। जिंक इम्यून सिस्टम को हेल्दी रखने के लिए जरूरी होता है। जब इम्यू सिस्टम मजबूत होगी, तो ये छोटी-मोटी समस्याएं जल्द दूर हो जाएंगी। दही विटामिन ए, कैल्शियम और पोटैशियम के साथ एनर्जी के लिए कार्बोहाइड्रेट का अच्छा स्रोत है। इसमें मौजूद कुछ अन्य सामग्री अन्य तरीके से कोल्ड में मदद करती है।इसमें मौजूद कई तरह के पोषक तत्व शरीर की पोषण की जरूरत को पूरा कर जुकाम के लक्षणों से राहत प्रदान करते हैं। इसमें मौजूद गुड बैक्टीरिया इम्यून सिस्टम का मजबूत कर जुकाम से लडऩे में मदद करता है। बावजूद इसके लोगों में यह आम धारणा है कि जुकाम में दही खाने से बचना चाहिए।किसी को जुकाम में दही खाना सूट करता है, तो किसी को नहीं। ऐसे में इसका सेवन पूरी तरह से आपकी इम्यूनिटी पर निर्भर करता है। यदि आप बिना दही खाए सर्दी के लक्षणों को कम करना चाहते हैं, तो अपनी डाइट में सब्जियां, फलों और सलाद को अधिक मात्रा में शामिल करें। इससे शरीर को पोषण मिलने के साथ ही इम्यूनिटी भी मजबूत होगी। शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए फलों का जूस और सूप पिएं। जुकाम, गले में खराश से छुटकारा पाने के लिए आप अदरक, तुलसी, हल्दी और शहद से बना काढ़ा पी सकते हैं।
- केला शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। केला स्वादिष्ट होने के साथ शरीर के लिए बहुत हेल्दी भी होता है। केला सस्ता होने के साथ हर मौसम में आसानी से मिल भी जाता है। केला शरीर को लंबे समय तक स्वस्थ रखता है। इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर, कैल्शियम, आयरन और विटामिन ए आदि पाए जाते हैं। केला खाने से डायबिटीज कंट्रोल में रहती है और पाचन तंत्र भी मजबूत रहता हैं। केला का शेक बनाकर, चिप्स बनाकर, सब्जी आदि रूप में भी खाया जा सकता हैं। केला खाने से लंबे समय तक भूख नहीं लगती है। ये शरीर को इंस्टेट एनर्जी देता है। आइए जानते हैं केला खाने के अन्य फायदों के बारे में।पाचन तंत्र के लिए फायदेमंदकेला पाचन तंत्र को हेल्दी रखने में मदद करती हैं। केला में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है, जो कब्ज को दूर करने के साथ पेट में गैस, दर्द और ऐंठन की परेशानी को दूर करता हैं। रोज एक केला खाने से पेट हेल्दी रहता है। केला शरीर को स्वस्थ रखने के साथ शरीर में पानी की कमी को पूरा करता हैं। लूज मोशन की समस्या में केला आसानी से खाया जा सकता है।हड्डियां करें मजबूतरोज 1 केला खाने से शरीर की हड्डियां मजबूत होती हैं। केले में भरपूर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता हैं, जो हड्डियों को मजबूत करके कमजोरी को भी दूर करता हैं। केला में मौजूद प्रोबायोटिक बैक्टिरिया खाने से कैल्शियम को लेता है। जिससे शरीर लंबे समय तक हेल्दी रहता है।डायबिटीज में फायदेमंदरोज 1 केला खाने से डायबिटीज कंट्रोल करने में मदद मिलती हैं। क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है। फाइबर का सेवन ब्लड शुगर को कम करने में मदद करता है। डायबिटीज में बहुत सारे फल नहीं खाएं जा सकते। लेकिन केला का एक सीमित मात्रा में सेवन शरीर को स्वस्थ रखता है।तनाव को करें दूररोज 1 केला खाने से तनाव की समस्या दूर होती है। केले में ट्रिप्टोफैन नामक तत्व पाया जाता है, जो शरीर में सेरोटोनिन बनाता है। सेरोटोनिन को हैप्पी हार्मोन कहा जाता हैं। इसकी वजह से शरीर में हैप्पी हार्मोन रिलीज होते हैं और तनाव की समस्या दूर होती हैं।वजन को करें कंट्रोलकेले में भरपूर मात्रा में फाइबर और स्टार्च होता है, जो देर तक भूख नहीं लगने देता। जिससे वजन कम करने में मदद मिलती हैं। केले को आप नाश्ते या शाम के स्नैक्स में आसानी से खा सकते हैं। ऐसा करने से देर तक भूख नहीं लगेगी और तेजी से वजन घटेगा।रोज 1 केला शरीर के लिए फायदेमंद होता है। लेकिन ध्यान रखें अगर आपको कोई बीमारी या एलर्जी हैं, तो डॉक्टर से पूछ कर ही इसका सेवन शुरू करें।
- अधिकतर बच्चे खाना खाने में बहुत आनाकानी करते हैं। जिस कारण माता पिता ऐसी चीजों को ढूंढ़ते रहते हैं, जो बच्चे आसानी से खा भी लें और उन्हें पसंद भी हो। ऐसे में माता पिता सुबह में ब्रेकफास्ट जल्दी कराने के चक्कर में कई बार ब्रेड जैम खिला देते हैं। माता पिता, तो ये सोच कर खिलाते है कि ये हेल्दी होने के साथ बच्चों की पसंदीदा भी है। लेकिन आपको बता दें, बच्चों को ज्यादा ब्रेड जैम खिलाने से उनकी शरीर में कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं। आइए जानते हैं बच्चों को रोज ब्रैड जैम खिलाने के नुकसान के बारे में।मोटापा बढ़ता हैबच्चों को अधिकतर ब्रेड जैम खिलाने से बच्चों के शरीर में अनहेल्दी फैट तेजी से बढ़ता है और बच्चे मोटापा के शिकार हो जाते हैं। जैम में काफी मात्रा में शुगर पाई जाती है। इस कारण वह बच्चों में मोटापे को बढ़ाती है। ब्रेड और जैम पोषक तत्व नहीं होते। इसलिए ये शरीर के लिए हानिकारक होती है।हेल्दी चीज खाने में बच्चे नखरें दिखाने लगते हैंबच्चों को जब पता होता है कि घर में ब्रेड और जैम रखी है, तो वह और कुछ खाने से आनाकानी करते हैं। वह परांठे के साथ भी जैम का सेवन ही करना चाहते है। बच्चों को जैम खाने की आदत पड़ जाती है, जो उनकी हेल्थ के लिए बिल्कुल सही नहीं होता। इससे आपका बच्चा फसी ईटर बन सकता है।पाचन तंत्र हो जाता है खराबलगातार ब्रैड जैम बच्चों को खिलाने से पाचन संबंधी परेशानियां हो सकती है। ब्रैड मैदा का बना होता है, जो बच्चों के पेट में कब्ज को पैदा करता है। वहीं जैम में ज्यादा शुगर होने के कारण ये पेट को खराब कर सकता है। इसलिए बच्चों को रोज ब्रेड जैम देने से बचें।ज्यादा मात्रा में शुगरजैम बनाने की प्रक्रिया में उसमें बहुत अधिक शुगर को डाला जाता है। ज्यादा चीनी की मात्रा होने से रोज जैम खाना शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। ज्यादा चीनी खाने से डीयबीटिज होने का खतरा और दिल संबंधित परेशानियां हो सकती हैं।पोषक तत्व की कमीजैम खाने से बच्चे के शरीर को पोषक तत्व नहीं मिल पाते। जिस कारण वह कमजोर होने के साथ उनकी इम्यूनिटी भी कमजोर हो जाती हैं। जैम वैसे, तो फलों से बनता है। लेकिन इसके बनाने के लिए इसमें बहुत ज्यादा पानी और फलों को बहुत देर तक उबाला जाता है। जिस कारण इसमें पोषक तत्वों की कमी हो जाती है।बच्चों को ज्यादा ब्रैड जैम खिलाने से वह शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। ऐसे में बच्चों को ये खिलाने से बचें। छोटे बच्चों को ब्रैड जैम खिलाने से पहले डॉक्टर की परामर्श अवश्य लें।
- आपने कई लोगों को अखबार में रखकर कुछ खाते हुए देखा होगा। खासतौर पर, स्ट्रीट फूड की दुकानों पर भी दुकानदार पैकिंग के लिए अक्सर अखबार का इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा, कई लोग ऑफिस के लंच में रोटी को अखबार में लपेटकर लाते हैं। आमतौर पर हम इस पर गौर नहीं करते हैं और अखबार में लपेटकर दिए गए खाने को आराम से खा लेते हैं। लेकिन, आपकी यह आदत आपकी सेहत के लिए बहुत हानिकारक साबित हो सकती है। हेल्थ एक्सपट्र्स के मुताबिक, कभी भी खाना अखबार में लपेटकर नहीं खाना चाहिए। ऐसा करने से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। दरअसल, अखबार की छपाई के लिए इस्तेमाल की जाने वाली स्याही में खतरनाक रसायन होते हैं। अखबार में खाना लपेटकर खाने से यह स्याही शरीर के अंदर जाकर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अनुसार, अखबार में खाना लपेटकर खाने से कई तरह की गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जैसे....कैंसरअखबार की स्याही में डाई आइसोब्यूटाइल फटालेट, डाइएन आईसोब्यूटाइलेट जैसे रायसन मौजूद होते हैं। अखबार में गर्म खाना रखने से ये स्याही कई बार खाने के साथ चिपक जाती, जिससे सेहत को नुकसान होता है। शरीर में इन केमिकल्स की ज्यादा मात्रा होने पर कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। अखबार में खाना लपेटकर खाने से मुंह के कैंसर से लेकर फेफड़ों के कैंसर होने तक का खतरा रहता है। अखबार में खाना रखकर खाने से शरीर में कैंसर के कारक तत्व पहुंच सकते हैं।आंखों की रोशनी जाने का खतराअखबार पर खाना रखकर खाने से आंखों को भी नुकसान पहुंच सकता है। अखबार की स्याही अगर शरीर के अंदर चली जाए, तो इससे आंखों की रोशनी जाने का खतरा रहता है। खासतौर पर, बुजुर्गों और बच्चों को इसका खतरा सबसे अधिक होता है। सेहतमंद रहने के लिए खाना पैक करने के लिए अखबार की जगह एलुमिनियम फॉयल का इस्तेमाल करें।पाचन संबंधी समस्याएंअखबार में खाना लपेटकर खाने से पाचन तंत्र को भी नुकसान हो सकता है। अखबार की स्याही में मौजूद विषैले रसायनों से पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इससे पेट में इंफेक्शन हो सकता है। इसके अलावा, अखबार में ऑयली चीजें रखकर खाने से लिवर के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।हार्मोनल असंतुलनअखबार में खाना लपेटकर खाने से हॉर्मोन्स भी प्रभावित हो सकते हैं। अखबार में खाना रखकर खाते हैं तो इससे आपको हॉर्मोनल असंतुलन हो सकता है। इसकी वजह से महिलाओं के रिप्रोडक्टिव सिस्टम पर बुरा असर पड़ सकता है।
- सर्दियों का मौसम आ चुका है। सर्दियों का मौसम आते ही बाजार में बहुत सारे साग, फल और सब्जियां आ जाती है। साग हो, मूली हो या फिर ताजी पालक। इस मौसम में आप आयरन और विटामिन से भरपूर आहार ले सकते हैं। इसी मौसम में ऐसे बहुत से फल आते हैं जो आपको वजन घटाने में मदद कर सकते हैं। इन्हीं में से एक है अमरूद। दरअसल, अमरूद में फोलेट भी होता है जो फर्टिलिटी को बढ़ाने में मदद करता है। रिसर्च के मुताबिक अमरूद हाई ब्लड प्रेशर मरीजों के लिए काफी लाभदायक माना जाता है, क्योंकि यह सोडियम के नकारात्मक प्रभावों को कम करता है। यह वजन घटाने में भी अहम भूमिका निभाता है।वजन घटाने में कैसे मदद करता है अमरूद1. अमरूद में काफी मात्रा में फाइबर होता है। दरअसल, वजन घटाना है तो पाचन क्षमता का ठीक होना बेहद जरूरी है और फाइबर पाचन शक्ति को बढ़ाने में अहम रोल निभाता है।2. अमरूद में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा काफी कम होती है। देखा जाए तो 100 अमरूद में महज 14 ग्राम कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है। कई अध्ययनों की माने तो जिन चीजों में कार्बोहाइ्ड्रेट की मात्रा कम होती है वह वजन घटाने में मददगार साबित होते हैं।3. यह सलाह दी जाती है कि जिन फलों में कैलोरी की मात्रा कम हो उन्हें वजन घटाने का अहम स्रोत माना जाता है और अमरूद उन फलों में से एक है।4. अमरूद को प्रोटीन का भी अच्छा स्रोत माना गया है। दरअसल, प्रोटीन भूख से जुड़े हार्मोन 'ग्रेलिन' को नियंत्रित करता है, जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है।5. अमरूद में बी बिटामिन्स जैसे बी1, बी3, बी6 और फोलेट मौजूद होता है और यह सभी शरीर को तंदुरुस्त रखने के लिए काफी अहम हैं।
- घर पर लगा तुलसी का पौधा सिर्फ धार्मिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि सेहत के नजरिए से भी बेहद गुणकारी माना गया है। आयुर्वेद में तो तुलसी के पौधे को वरदान कहा जाता है। इसकी पत्तियों का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है। नियमित रूप से तुलसी की पत्तियों का सेवन करने से व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार होने के साथ संक्रामक रोग भी दूर रहते हैं। आइए जानते हैं सुबह खाली पेट तुलसी की पत्तियां चबाने से सेहत को मिलते हैं क्या-क्या फायदे।तनाव से छुटकारा-एक शोध में यह पाया है की तुलसी की पत्तियों में तनाव को कम करने वाला हार्मोन यानी कोर्टिसोल पाया जाता है। रोजाना खाली पेट तुलसी की 12 पत्तियां चबाने से व्यक्ति को तनाव से छुटकारा मिल जाता है।डायबिटीज रखें कंट्रोल-तुलसी में यूजीनोल, मिथाइल यूजेनॉल और कैरियोफिलिन जैसे तत्व पाए जाते हैं, जिससे पैन्क्रीऐटिक बीटा सेल्स सही से काम करते हैं। जिसकी वजह से शरीर में इन्सुलिन की मात्रा बनी रहती है, और ब्लड शुगर लेवल का स्तर भी ठीक रहता है। जो डायबिटीज होने से रोकता है।मुंह की बदबू-अगर आपके मुंह से बदबू आ रही हो तो तुलसी के कुछ पत्तों को चबा लें। इससे सांस की बदबू दूर हो जायेगी।सिरदर्द और सर्दी की शिकायत -अगर व्यक्ति को साइनसिस, एलर्जी, सिरदर्द और सर्दी की शिकायत रहती है तो तुलसी की पत्तियों को पानी में अच्छे से उबालने के बाद छान लें। इसके बाद छाने हुए पानी को थोड़ा-थोड़ा करके पीएं। ऐसा करने से आपको सिर दर्द में आराम मिलेगा।गले की खराश-तुलसी के पत्ते पानी में डालकर अच्छी तरह से उबाल लें। इसके बाद इस पानी का सेवन करें आपको जल्द ही गले की खराश से मुक्ति मिल जायेगी।-
- सर्दियों में अधिकतर लोग मूंगफली खाना पसंद करते हैं। सर्दियों में धूप और ठंड हवाओं के बीच में बैठकर मूंगफली खाने का मजा ही अलग होता है। मूंगफली सिर्फ स्वाद में ही नहीं, बल्कि पोषक तत्वों से भी भरपूर होता है। वहीं, मूंगफली की तासीर भी गर्म होती है, इसलिए सर्दियों में मूंगफली खाना काफी फायदेमंद माना जाता है। मूंगफली में हेल्दी फैट्स, ओमेगा-3 फैटी एसिड, प्रोटीन और मैग्नीशियम काफी अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। इसलिए आपको मूंगफली का सेवन जरूर करना चाहिए। लेकिन मूंगफली को आपको दिन के समय खाना चाहिए, क्योंकि रात में मूंगफली खाने आपको कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। अगर आप भी रात में मूंगफली खाते हैं, तो थोड़ा संभल जाइए।रात में मूंगफली खाने के नुकसान-1. वजन बढ़ सकता हैअगर आप रात में मूंगफली खाते हैं, तो इससे आपका वजन तेजी से बढ़ सकता है। ऐसे में अगर आपका वजन पहले से ही अधिक है, तो रात में मूंगफली खाना आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है। दरअसल, मूंगफली में फैट और कैलोरी अधिक मात्रा में होती है। ऐसे में जब रात में मूंगफली खाई जाती है, तो इससे प्राप्त कैलोरी बर्न नहीं हो पाती है। क्योंकि रात में व्यक्ति सो जाता है। ऐसे में अगर रोजाना रात में मूंगफली खाई जाए, तो वजन तेजी से बढऩे लग सकता है।2. नींद आने में दिक्कतअगर आप रात में मूंगफली खाते हैं, तो आपको नींद आने में दिक्कत महसूस हो सकती है। क्योंकि मूंगफली खाने से शरीर को प्राकृतिक ऊर्जा मिलती है। ऐसे में अगर आप रात में मूंगफली खाएंगे, तो इससे आपको एनर्जी महसूस होगी। आपको नींद नहीं आएगी।3. सूजन बढ़ सकती है-अगर आप रात में अधिक मात्रा में मूंगफली खाएंगे, तो आपको सुबह के समय शरीर में सूजन भी महसूस हो सकती है। मूंगफली खाने से अनसैचुरेटेड फैट्स और अम्लों के बीच में असंतुलन हो सकता है, इसकी वजह से सूजन हो सकती है। रात में मूंगफली खाने से आपको जोड़ों में सूजन और दर्द का अनुभव हो सकता है।4. पाचन से जुड़ी समस्याएंरात में मूंगफली खाने से आपको पाचन से जुड़ी समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है। दरअसल, रात में मूंगफली खाने से शरीर इसके पोषक तत्वों को अवशोषित नहीं कर पाता है। इसके लिए आंतरिक अंगों को अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है। ऐसे में कब्ज, गैस या अपच की समस्या हो सकती है। इसके अलावा रात में मूंगफली खाने से शरीर को प्रोटीन, आयरन या अन्य पोषक तत्वों का अवशोषण करने में काफी दिक्कत हो सकती है।मूंगफली खाने का सही समय क्या है?-मूंगफली का सेवन सुबह या दिन के समय करना सबसे अधिक फायदेमंद होता है। आप शाम को स्नैक्स के रूप में भी मूंगफली का सेवन कर सकते हैं। लेकिन रात को सोने से पहले या डिनर के बाद मूंगफली का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। क्योंकि रात में मूंगफली खाने से आपको फायदों के बजाय नुकसान पहुंच सकता है।मूंगफली कितनी खानी चाहिए?-जिस तरह रात में मूंगफली खाना नुकसानदायक होता है। उसी तरह अगर आप दिन के समय अधिक मूंगफली खाते हैं, तो इससे भी आपकी सेहत को नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए आपको कम मात्रा में ही मूंगफली का सेवन करना चाहिए। आप रोजाना लगभग 42 ग्राम मूंगफली का सेवन कर सकते हैं। एक दिन में इससे अधिक मूंगफली खाने से आपको कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
- अधिकतर लोग दिनभर काफी व्यस्त रहते हैं। ऐसे में दिन में स्किन की केयर नहीं कर पाते। लेकिन रात को लोग स्किन की देखभाल करते हैं। रात क सोने से पहले स्किन की देखभाल करने से स्किन अच्छे से रिपेयर होती हैं और स्किन ग्लोइंग भी बनती हैं। कई बार लोग स्किन को ग्लोइंग बनाने के लिए कई तरह की प्रोडक्ट्स का स्किन पर इस्तेमाल करने लगते हैं। ये प्रोडक्ट्स महंगे होने के बाद स्किन को नुकसान भी पहुंचाते हैं। ऐसे में स्किन को ग्लोइंग बनाने के लिए सोने से पहले इन चीजों से चेहरे की मसाज करें। ये चीजें चेहरे को ग्लोइंग बनाने के साथ स्किन की कई प्रॉब्लमस की दूर भी करती हैं। आइए जानते हैं इन चीजों के बारे में।नारियल का तेलनारियल का तेल स्किन के लिए बहुत फायदेमंद होता है। नारियल का तेल स्किन को माश्चराइज करके स्किन को ग्लोइंग बनाने में मदद करता है। नारियल के तेल से मसाज करने के लिए हाथों पर थोड़ा सा नारियल का तेल लें। अब इस तेल से चेहरे 3 से 5 मिनट तक मसाज करें। ऐसा नियमित करने से चेहरे की दाग-धब्बे भी कम होंगे। अगर आपको चेहरा ज्यादा ऑयली लग रहा है, तो सोने से पहले चेहरे को सादे पानी से वॉश भी कर सकते हैं।एलोवेराएलोवेरा जेल स्किन के लिए बहुत फायदेमंद होता है। चेहरे पर इसको लगाने से पिंपल्स की समस्या, डार्क सर्कल्स और झाइयों की समस्या दूर होती हैं। चेहरे पर एलोवेरा लगाने से स्किन ग्लोइंग बनती है। रोज रात को सोने से पहले स्किन पर इससे मसाज करने से स्किन सॉफ्ट होती हैं। चेहरे पर मसाज करने के लिए हाथ पर थोड़ा सा एलोवेरा जैल लें। उसके बाद हल्के हाथ से चेहरे की मसाज करें।बादाम का तेलबादाम का तेल स्किन को हेल्दी रखने के साथ स्किन की रंगत को भी सुधारता है। बादाम के तेल में विटामिन ए, विटामिन ई और ओमेगा-3 फैटी एसिड आदि पाए जाते हैं, जो स्किन के दाग-धब्बे कम करने में मदद करता हैं। बादाम के तेल से मसाज करने के लिए थोड़ा सा बादाम के तेल हाथ में लें। उसके बाद चेहरे की सर्कुलर मोशन में 5 मिनट तक मसाज करें।शहदशहद स्किन के लिए बहुत फायदेमंद होता है। ये चेहरे से गंदगी को हटाकर चेहरे को ग्लोइंग बनाने में मदद करता हैं। चेहरे पर शहद लगाने के लिए कटोरी में थोड़ा शहद निकालें। अब एक पतली से लेयर शहद की चेहरे पर लगा लें। आधे घंटे के बाद चेहरे को नॉर्मल पानी से वॉश करें। ऐसा करने से स्किन चमकदार बनती है।खीरा का रसखीरे का रस स्किन के लिए बहुत फायदेमंद होता है। ये स्किन को ठंडक देकर चेहरे की सूजन को भी दूर करता है। खीरे का रस निकालने के लिए खीरे को कद्दूकस करके इसका रस निकालें। अब इस रस को चेहरे पर 5 से 10 मिनट के लिए लगा के रखें। उसके बाद चेहरे को सामान्य पानी से साफ कर लें।
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घर पर लगा तुलसी का पौधा सिर्फ धार्मिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि सेहत के नजरिए से भी बेहद गुणकारी माना गया है। आयुर्वेद में तो तुलसी के पौधे को वरदान कहा जाता है। इसकी पत्तियों का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है। नियमित रूप से तुलसी की पत्तियों का सेवन करने से व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार होने के साथ संक्रामक रोग भी दूर रहते हैं। आइए जानते हैं सुबह खाली पेट तुलसी की पत्तियां चबाने से सेहत को मिलते हैं क्या-क्या फायदे।
तनाव से छुटकारा-एक शोध में यह पाया है की तुलसी की पत्तियों में तनाव को कम करने वाला हार्मोन यानी कोर्टिसोल पाया जाता है। रोजाना खाली पेट तुलसी की 12 पत्तियां चबाने से व्यक्ति को तनाव से छुटकारा मिल जाता है।डायबिटीज रखें कंट्रोल-तुलसी में यूजीनोल, मिथाइल यूजेनॉल और कैरियोफिलिन जैसे तत्व पाए जाते हैं, जिससे पैन्क्रीऐटिक बीटा सेल्स सही से काम करते हैं। जिसकी वजह से शरीर में इन्सुलिन की मात्रा बनी रहती है, और ब्लड शुगर लेवल का स्तर भी ठीक रहता है। जो डायबिटीज होने से रोकता है।मुंह की बदबू-अगर आपके मुंह से बदबू आ रही हो तो तुलसी के कुछ पत्तों को चबा लें। इससे सांस की बदबू दूर हो जायेगी।सिरदर्द और सर्दी की शिकायत -अगर व्यक्ति को साइनसिस, एलर्जी, सिरदर्द और सर्दी की शिकायत रहती है तो तुलसी की पत्तियों को पानी में अच्छे से उबालने के बाद छान लें। इसके बाद छाने हुए पानी को थोड़ा-थोड़ा करके पीएं। ऐसा करने से आपको सिर दर्द में आराम मिलेगा।गले की खराश-तुलसी के पत्ते पानी में डालकर अच्छी तरह से उबाल लें। इसके बाद इस पानी का सेवन करें आपको जल्द ही गले की खराश से मुक्ति मिल जायेगी।- - बालों को हेल्दी रखने के लिए कई लोग नारियल तेल से सिर की नियमित मसाज करते हैं। नारियल तेल बालों को पोषण देकर बालों को मजबूत बनाने में मदद करता है। लेकिन क्या आप जानते हैं नारियल तेल के अलावा बालों पर नारियल का दूध को भी इस्तेमाल किया जा सकता हैं। नारियल के दूध भरपूर मात्रा में विटामिन सी और ई पाया जाता है, जो बालों को स्वस्थ रखने के साथ बालों को बढ़ाने में भी मदद करता हैं। नारियल का दूध दोमुंहे बालों और रूखे बालों की समस्या को दूर करके बालों को हेल्दी रखता हैं। आइए जानते हैं बालों पर नारियल का दूध लगाने के फायदों के बारे में।बालों को बढ़ाने में मददगारअगर आप भी बालों की स्लो ग्रोथ से परेशान हैं, तो बालों पर नारियल का दूध लगाकर देखें। ये बालों को तेजी से बढ़ाकर स्कैल्प को हेल्दी रखने में मदद करता हैं। नारियल के दूध में विटामिन बी1, बी6 और बी5 आदि पाए जाते हैं, जो बालों को बढ़ाने में मदद करते हैं। नारियल के दूध से मसाज करने से स्कैल्प को पोषण मिलेगा और बालों तेजी से बढ़ेंगे।डैंड्रफ की समस्या को करें दूरडैंड्रफ की समस्या को दूर करने के लिए नारियल के दूध को इस्तेमाल किया जा सकता है। नारियल के दूध में लॉरिक एसिड, एंटी बैक्टीरियल और एंटी माइक्रोबियल प्रॉपर्टीज पाई जाती हैं, जो डैंड्रफ को दूर करके बालों को हेल्दी रखने में मदद करता हैं। नारियल का दूध बालों से रूखेपन को दूर करके डैंड्रफ की समस्या से निजात दिलाता है।सफेद बालों को करें कमनारियल का दूध सफेद बालों की समस्या को कम करने में मदद करता है। इसका इस्तेमाल करने के लिए नारियल के दूध का हेयर मास्क का इस्तेमाल कर सकते हैं। सफेद बालों की समस्या विटामिन बी12 की कमी से होते हैं। वहीं नारियल का दूध विटामिन बी12 प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जो बालों को सफेद होने से रोकता हैं।बालों को झड़ने से रोकेंनारियल का दूध बालों को झड़ने से रोकता है। ये बालों को पोषण देकर उन्हें मजबूत बनाता हैं। जिससे झड़ते बालों की समस्या दूर होती हैं। इसका इस्तेमाल करने के लिए नारियल के दूध में दही मिलाकर बालों पर एक घंटे के लिए लगाएं। उसके बाद बालों को नॉर्मल पानी से वॉश करें। ऐसा नियमित करने से हेयर फॉल कम होगा।फ्रिजी बालों की समस्या को करें दूरनारियल का दूध फ्रिजी बालों की समस्या को दूर करके बालों को चमकदार और स्मूद बनाता हैं। यह नैचुरल रूप से बालों की कंडीशनिंग करके बालों को उलझने से बचाता है। अगर आपके बाल बहुत ज्यादा उलझते हैं, तो बालों को शैंपू करने के बाद नारियल के दूध को कंडिशनर की तरह बालों पर लगाएं।नारियल का दूध बालों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। लेकिन ध्यान रखें अगर आपने बालों पर कोई ट्रीटमेंट कराया हैं, तो इसका इस्तेमाल करने से पहले अपने हेयर एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें।
- जीभ पर छाले होना मुंह की बीमारियों में से एक है और यह काफी सामान्य स्थिति है। जो किसी भी उम्र के लोगों में हो सकती है। जीभ के छाले आमतौर पर 10 से 12 दिन में ठीक हो जाते हैं। इनका दर्द बहुत ही अलग होता है। जीभ के छालों का कोई हानिकारक प्रभाव नहीं होता। लेकिन ये आपके स्वाद को प्रभावित कर सकते हैं। इनके कारण जीभ पर काफी दर्द होता है और कुछ भी खाया या पिया नहीं जाता। छालों के दर्द से छुटकारा पाने और इनके दर्द को कम करने के लिए कुछ घरेलू इलाज ट्राई कर सकते हैं। आइए जानते हैं कुछ प्राकृतिक और होम रेमेडीज के बारे में।नमकनमक को सोडियम क्लोराइड के नाम से भी जाना जाता है। नमक छाले से होने वाले दर्द को कम करने में मदद करता है। नमक में मौजूद एंटी बैक्टीरियल गुण इन्फेक्शन से लडने में मदद करते हैं। एक चम्मच नमक को एक कप पानी में अच्छी तरह से मिला लें। उसके बाद मिश्रण से कुल्ला कर लें। ऐसा दिन में कई बार करने से मुंह के छालों को ठीक किया जा सकता है।दहीदही एक प्राकृतिक रुप से पाया जाने वाला प्रो बायोटिक पदार्थ है। दही में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो दर्द और सूजन को कम कर सकते हैं और छाले से जुड़े किसी भी प्रकार के इन्फेक्शन का इलाज कर सकते हैं। हर रोज कम से कम एक बार दही का सेवन करने से छाले ठीक किए जा सकते हैं।लौंग का तेललौंग के तेल में यूजेनॉल नामक यौगिक पाया जाता है। युजेनॉल में एंटी बैक्टीरियल गुण इन्फेक्शन से लडऩे में मदद करते हैं। एक कप गर्म पानी में लॉन्ग के तेल की कुछ बूंदों को मिलाकर मुंह से कुल्ला करने पर फफोलो को ठीक किया जा सकता है। ऐसा दिन में तीन से चार बार करना चाहिए।टी ट्री ऑयलटी ट्री ऑयल में टेरपिनन-4-ओएल नामक एक यौगिक पाया जाता है। इसमें एंटी बैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुण भी होते है जो जीभ के छाले और उनके लक्षणों को ठीक करने में मदद कर सकते हैं। एक कप गर्म पानी में टी ट्री ऑयल की कुछ बूंदों को मिला लें। हर रोज तीन से चार बार इस घोल को माउथ वॉश के रुप में उपयोग करें।बेकिंग सोडाबेकिंग सोडा में एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इसका एल्कलाइन गुण मुंह की पी एच वैल्यू को बैलेंस करने में मदद करता है। जिससे जीभ पर छाले से छुटकारा मिल सकता है। एक कप पानी में बेकिंग सोडा को मिलाएं। इस घोल से मुंह का कुल्ला करें। ऐसा हर रोज तीन से चार बार करना चाहिए। दूसरे रूप में बेकिंग सोडा और पानी को मिलाकर क्रीम भी बना सकते हैं और इसे छालों पर लगा सकते हैं।बर्फबर्फ में एनेस्थेटिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। यह सूजन और दर्दनाक जीभ के छाले से छुटकारा पाने में मदद कर सकता है। एक आइस क्यूब को जीभ के छाले पर सीधा रख दें,जब तक कि जीभ सुन्न ना हो जाए। ऐसा दिन में कई बार कर सकते हैं। दूसरे रूप में आइस क्यूब को पिघला कर ठंडे पानी के कुल्ले भी कर सकते हैं।हाइड्रोजन पेरोक्साइडहाइड्रोजन पेरोक्साइड छालों को ठीक करने का एक अच्छा विकल्प है। इसमें एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो मुंह के छालों से छुटकारा पाने में मदद कर सकते हैं। हाइड्रोजन पेरोक्साइड और गर्म पानी को बराबर मात्रा में मिला लें। एक सॉफ्ट रुई से इस घोल को अपने फफोलों पर सीधा लगाएं। 2 से 3 मिनट तक लगा रहने दें और फिर थोड़े गर्म पानी से अपना मुंह से कुल्ला कर लें।(नोट-इन सब टिप्स से मुंह के छालों का इलाज किया जा सकता है। लेकिन इसे इस्तेमाल करने से पहले एक बार योग्य चिकित्सक से परामर्श अवश्य ले लें।
- तुलसी का पौधा पौराणिक काल से ही काफी पवित्र माना जाता रहा है। हर भारतीय घर में तुलसी पूजन की परंपरा सदियों से चली आ रही है। औधषीय गुणों से भरपूर तुलसी के पौधे को अमृततुल्य माना गया है। तुलसी की प्रजातियां कई प्रकार की होती हैं, लेकिन मुख्य रूप से वन तुलसी, श्याम तुलसी, राम तुलसी ,श्वेत या विष्णु तुलसी और नींबू तुलसी लोकप्रिय है। । जिसके अपने-अपने औषधीय गुण हैं। आज हम बात कर रहे हैं नींबू तुलसी की-नींबू तुलसी को मुख्य रूप से पूर्वोत्तर अफ्रीका और दक्षिणी एशिया में नींबू की सुगंध के लिए उगाया जाता है और इसका उपयोग खाना पकाने में किया जाता है।नींबू तुलसी के तने 20-40 सेमी (8-20 इंच) तक लंबे हो सकते हैं। देर से गर्मियों में जल्दी गिरने के लिए इसमें सफेद फूल होते हैं। पत्ते तुलसी के पत्तों के समान होते हैं, लेकिन थोड़ा दांतेदार किनारों के साथ संकरा हो जाते हैं। फूल आने के बाद पौधे पर बीज बनते हैं और पौधे पर सूख जाते हैं। नींबू तुलसी अरबी , इंडोनेशियाई , फिलीपींस, लाओ , मलय , फारसी और थाई व्यंजनों में एक लोकप्रिय जड़ी बूटी है ।नींबू तुलसी सूप में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है। स्ट्यू, करी और हलचल फ्राई व्यंजन के रूप में यह सबसे अधिक इस्तेमाल की जाती है। कई लाओ स्टॉज में लेमन बेसिल के उपयोग की आवश्यकता होती है क्योंकि विकल्प के रूप में तुलसी की कोई अन्य किस्में स्वीकार्य नहीं हैं। सबसे लोकप्रिय लाओ स्टू जिसे या लैम कहा जाता है, एक प्रमुख घटक के रूप में नींबू तुलसी का उपयोग करता है।नींबू तुलसी एकमात्र ऐसी तुलसी है जो इंडोनेशियाई व्यंजनों में ज्यादा इस्तेमाल होती है , जहां इसे केमांगी कहा जाता है । यह अक्सर सलाद या साथ कच्चे खाया जाता है। नींबू तुलसी का उपयोग अक्सर कुछ इंडोनेशियाई व्यंजनों, जैसे करी, सूप, स्टू और उबले हुए या ग्रिल्ड व्यंजन बनाने के लिए किया जाता है।कुछ थाई करी में पत्तियों का उपयोग किया जाता है और यह नूडल डिश खानोम चिन नम या के लिए भी अनिवार्य है । फिलीपींस में, जहां इसे 'संगिग' कहा जाता है, विशेष रूप से सेबू और मिंडानाओ के कुछ हिस्सों में, लेमन बेसिल का उपयोग लॉ-यू में स्वाद जोडऩे के लिए किया जाता है, जो कि सब्जी-आधारित सूप में स्थानीय साग का एक वर्गीकरण है। पानी में भिगोने के बाद इसके बीज मेंढक के अंडे के समान होते हैं और मिठाइयों में उपयोग किए जाते हैं। इसका उपयोग भारत राज्य मणिपुर के उत्तर पूर्व भाग में भी किया जाता है। मणिपुर में, इसका उपयोग कद्दू की तरह करी में, सिंगजू (सलाद का एक रूप) में और लाल या हरी मिर्च के अचार में किया जाता है। मेघालय की गारो, खासी और जयंतिया जनजाति भी इसे अपने खाने में इस्तेमाल करती हैं। वे इसका उपयोग किण्वित मछली, मिर्च, प्याज कभी-कभी भुने हुए टमाटर जैसी अतिरिक्त सामग्री के साथ ठंडी चटनी तैयार करने के लिए करते हैं। त्रिपुरा में, इसे "बंता" के रूप में जाना जाता है, और त्रिपुरी समुदाय द्वारा "बंता मोसडेंग" बनाने के लिए उपयोग किया जाता है , जो एक किण्वित मछली आधारित मसालेदार चटनी है।
- वर्षों से तुलसी के बीज को औषधीय गुणों के कारण अनेक बीमारियों के उपचार में इस्तेमाल किया जा रहा है। तुलसी के गुणों का उल्लेख वेदों में भी किया गया है। तुलसी के बीज को सब्जा के बीज, फालूदा के बीज और तुकमरिया के बीज के नाम से भी जाना जाता है। ये बीज पोषक तत्वों का पॉवरहाउस हैं, जो इम्यूनिटी बूस्ट करने में मदद करते हैं। चलिए जानते हैं तुलसी के बीज का सेवन करने से कौन-कौन से फायदे मिल सकते हैं।पाचन में होता है सुधारतुलसी के बीजों का प्रयोग पेट के विकार और पाचन क्रिया को सुधारने में मदद करता है। ये शरीर को प्राकृतिक रूप से डिटॉक्स कर सकता है। इसके नियमित सेवन से मल त्याग करना भी आसान हो सकता है। तुलसी के बीज एक नैचुरल लेक्सेटिव के रूप में काम करते हैं, जो शरीर के बॉवल मूवमेंट्स को बढ़ाते हैं। तुलसी के बीज का सेवन यदि गर्म दूध और पानी के साथ किया जाए तो, पाचन संबंधी समस्याएं और पेट की सूजन को कम किया जा सकता है।सूजन को कम करने में सहायकतुलसी के बीज का सेवन करने से पेट में होने वाली या शरीर के किसी भी जगह में होने वाली सूजन कम करने में मदद मिल सकती है। तुलसी के बीज एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होते हैं, जो शरीर की सूजन को कम कर सकते हैं। तुलसी के बीज को रातभर पानी में भिगोकर रखने से पानी के ऊपर जिलेटिन की एक परत जमा हो जाती है जो सूजन से राहत दिला सकती है। इस डिटॉक्स वॉटर का सेवन करने से लाभ मिल सकता है।शुगर लेवल को कम करेंतुलसी के बीज में भरपूर मात्रा में डाइट्री फाइबर मौजूद होता है, जो ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है। ब्लड शुगर लेवल को कम करने के लिए तुलसी के बीज को रातभर पानी में भिगों दें। फिर सुबह एक गिलास दूध में इन बीजों को डालकर पीने से इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार किया जा सकता है।फ्लू में फायदेमंदतुलसी के बीज ठंडे होते हैं, जो शरीर की गर्मी को कम करने में मदद करते हैं। तुलसी के बीज का सेवन फ्लू के दौरान करने से फीवर, कोल्ड और कफ जैसी समस्याओं में भी राहत मिल सकती है। तुलसी के बीज में एंटी-स्पास्मेडिक गुण होता है, जो कॉमन कफ को कम कर सकता है। फ्लू होने पर तुलसी का काढ़ा पिया जा सकता है।वजन को करता है मेनटेनतुलसी के बीज का सेवन वजन को मेनटेन करने में भी सहायता करता है। तुलसी में हाई ओमेगा 3 फैटी एसिड होते हैं, जो वजन को कम करने में मदद करते हैं। इसमें अल्फा-लिनोलेनिक एसिड कंपाउंड होता है, जो पेट को लंबे समय तक भरा रखता है।आयुर्वेद के अनुसार तुलसी के बीज ओवरऑल हेल्थ के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। लेकिन किसी भी चीज का सेवन करने से पहले एक बार एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
- दही डाइजेशन सिस्टम के लिए बहुत अच्छी होती है। आप अगर खाने के साथ रोजाना एक कटोरी दही खाते हैं, तो आपको एसिडिटी जैसी प्रॉब्लम नहीं होती। साथ ही आपकी स्किन भी अच्छी बनती है। दही के पोषक तत्वों की बात करें, तो दही में कैल्शियम, विटामिन बी-12, विटामिन बी -2, मैग्नीशियम और पोटेशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। आपको अगर दही खाना पसंंद नहीं है, तो आप दही से कई रेसिपीज बना सकते हैं या दही को किसी और फूड के साथ मिलाकर खा सकते हैं। आइए, जानते हैं आप किन तरीकों से दही को खा सकते हैं।फ्रूट सलादआप अगर फ्रूट खाना पसंद करते हैं, तो फ्रूट को गिल्ड कर लें। इसके बाद इसमें दही और शहद डालकर खाएं। वेट लॉस के लिहाज से भी यह रेसिपी बहुत ही अच्छी है।फ्रूट कस्टर्डयह फ्रूट कस्टर्ड की रेसिपी थोड़ी डिफरेंट है। इसे बनाने के लिए आप अपने पसंद के फ्रूट्स को काट लें। इसके बाद इसे एक बाउल में रखें और दही को ऊपर से डाल दें। आप इसमें ड्राय फ्रूट्स भी मिला सकते हैं।गुड़-तिलसर्दियों के मौसम में गुड़ खाना बहुत फायदेमंद होता है। गुड़ खाने से न सिर्फ आपकी स्किन अच्छी होती है बल्कि हेल्थ भी ठीक रहती है। ऐसे में आप दही में गुड़, रोस्टेड तिल और ड्राय फ्रूट्स मिलाकर खा सकते हैं।रायतादही से आप खीरे, टमाटर, टमाटर प्याज, घीया, बूंदी या आलू का रायता बना सकते हैं। इसे गाढ़ा ही रखें और पुदीना और धनिया डालकर इसे गार्निश करें। इससे रायते का स्वाद बढ़ जाएगा।-------------
- लौंग सिर्फ आपके चाय, सब्जी, पकवानों आदि का स्वाद ही नहीं बढ़ाती, बल्कि सेहत के लिए बहुत फायदेमंद भी होती है। यह उन्हें एक बेहतरीन सुगंध और स्वाद प्रदान करती है। साथ ही लौंग को कई स्वास्थ्य समस्याओं के लिए रामबाण उपाय के रूप में प्रयोग किया जाता है। सुबह खाली पेट लौंग को पानी में उबालकर इसका सेवन करने से सेहत को कई फायदे मिलते हैं?पानी में लौंग उबालकर पीने के फायदे-1. मुंह रहता है स्वस्थपानी में लौंग उबाकर पीने से आपके मसूड़े मजबूत होते हैं और स्वस्थ रहते हैं। उनसे खून निकलने की समस्या नहीं होती है। साथ ही यह मुंह के बैक्टीरिया का सफाया करती है, जिससे कैविटी और दांतों में सडऩ जैसी समस्याएं नहीं होती है। यह मुंह के छालों को ठीक करने और उनसे बचाव में भी मदद करती है, साथ ही मुंह की दुर्गंध दूर भगाती है।2. शरीर की सूजन करे दूरएंटीइंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होने की वजह से यह सूजन से लडऩे में बहुत प्रभावी होती है। साथ ही इसके एंटीऑक्सीडेंट्स गुण फ्रीरेडिकल्स और हानिकारक कणों से लडऩे में मदद करते हैं, जो सूजन को ट्रिगर करते हैं। यह जोड़ों, मांसपेशियों, आंत और पेट आदि में सूजन को कम करने और बचाव में मदद करती है।3. शरीर डिटॉक्स होता हैएंटीऑक्सीडेंट्स और कई अन्य यौगिकों से भरपूर लौंग उबालकर पीने से शरीर में मौजूद गंदगी, हानिकारक और अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है, जो कई गंभीर रोगों का कारण बनते हैं। यह रक्त को शुद्ध करने में भी मदद करता है।4. पाचन रहेगा दुरुस्तसुबह लौंग उबालकर पीने से पाचन संबंधी समस्याएं नहीं होती हैं, साथ ही आपकी आंत में सूजन की समस्या भी नहीं होती है। इससे पाचन दुरुस्त रहता है, साथ हीम मेटाबॉलिज्म भी दुरुस्त होता है। जिससे यह आपको अपच, पेट में गैस, कब्ज, ब्लोटिंग आदि से दूर रखने में सहायक है।5. शुगर रहता है कंट्रोललौंग का पानी पीने से ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद मलती है, साथ ही यह इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद करता है। जिससे यह ब्लड शुगर कंट्रोल रखने में बहुत सहायक है। साथ ही यह आपका पाचन भी सुधारता है, जिससे भोजन के पाचन और पोषक तत्वों के अवशोषण को बेहतर बनाता है। डायबिटीज रोगियों के लिए बहुत लाभकारी साबित हो सकता है।अगर आप रोजाना सुबह खाली पेट पानी में 4-5 लौंग उबालकर सेवन करते हैं, तो इससे सेहत को कई अन्य फायदे भी मिलेंगे। आप पानी छानकर पी सकते हैं और लौंग भी चबा सकते हैं। साथ ही आप इसमे शहद मिलाकर भी पी सकते हैं।
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बालों की ग्रोथ को बूस्ट करने के साथ ही नारियल तेल स्किन के लिए भी फायदेमंद होता है। दादी-नानी अक्सर इस तेल के फायदों को गिनवाती हैं। लेकिन क्या आप जानती हैं कि ये हेल्थ के लिए भी काफी ज्यादा फायदेमंद होता है। फंक्शनल न्यूट्रिशनल थेरेपी प्रैक्टिशनर मेग लैंगस्टन ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में रोजाना नारियल तेल खाने के फायदे बताए हैं।
नारियल तेल खाने के फायदे--
1) हीलिंग के लिए फायदेमंद- दूसरे सैट्यूरेटिड फैट्स के विपरीत, नारियल का तेल एक हेल्दी संतृप्त फैट है जो शरीर में हीलिंग को स्पोर्ट करता है। नारियल के तेल में 80% से ज्यादा संतृप्त वसा होता है।
2) फैट बर्निंग को बढ़ावा- इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। यह अविश्वसनीय रूप से फायदेमंद हो सकता है क्योंकि शरीर में सूजन को कम करने से थायराइड / मेटाबॉलिज्म को स्लो करने में मददगार हो सकता है। यह अपने एंटीमाइक्रोबियल और एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण वजन कम करने में मदद कर सकता है।
3) ब्लड शुगर में सुधार करता है- नारियल का तेल ग्लूकोज सहिष्णुता में सुधार करने में मदद करते हैं। इसका कारण यह है कि एमसीटी बिना पित्त ब्रेक के पाचन तंत्र से सीधे लिवर में जाते हैं। ऐसे में ये दूसरी तरह के फैट की तरह शरीर में जमा होने के बजाय एनर्जी के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।
4) संक्रमण से लड़ने में मदद- नारियल के तेल में लॉरिक एसिड होता है और शरीर लॉरिक एसिड को मोनोलॉरिन में बदल देता है, जिसमें एक एंटीमाइक्रोबियल गुण होता है और यह बैक्टीरिया से लड़ने में बहुत अच्छा होता है।
5) कोलेस्ट्रॉल होता है कम- नारियल के तेल को रोजाना खाने से प्रेग्नेनोलोन और प्रोजेस्टेरोन में इसके रूपांतरण को बढ़ावा देकर कोलेस्ट्रॉल को सामान्य स्तर पर लाया जा सकता है। -
कुछ फलों को खाने का अलग ही मजा है। जैसे, अमरूद को बच्चे और बड़े दोनोंं ही पसंद करते हैं। अमरूद को काटकर इसकी स्लाइसेस पर काला नमक, लाल मिर्च डालकर खाने का मजा ही कुछ और है। स्वाद के मामले में ही नहीं बल्कि अमरूद सेहत के लिए भी बहुत अच्छा है। अमरूद में विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन के, कार्बोहाइड्रेट्स, डायटरी फाइबर, कैलोरी और पोटेशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। आइए, जानते हैं इसे खाने के फायदे-
डाइजेशन बेहतर होता है
आप अगर पेट दर्द से परेशान रहते हैं या फिर आपको डाइजेशन से जुड़ीं प्रॉब्लम्स रहती हैं, तो रोजाना एक अमरूद खाना शुरू कर दें। इससे आपका डाइजेशन बेहतर होगा। साथ ही इससे सुबह के समय पेट भी आसानी से साफ हो जाता है।
दिल की बीमारियों का कम खतरा
आप अगर अपने दिल को हेल्दी रखना चाहते हैं, तो आप डाइट में अमरूद को जरूर शामिल करना चाहिए। अमरूद में मौजूद पोटैशियम और मैग्नीशियम दिल की सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है। इससे दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है।
हेल्दी स्किन
हेल्थ के लिए ही नहीं बल्कि अमरूद स्किन के लिए भी बहुत फायदेमंद है। अमरूद एंटी-ऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज होती है, जिससे वह फ्री-रेडिकल्स से लड़ता है। इसके अलावा बॉडी को डिटॉक्स भी करता है।
वेट लॉस फ्रेंडली
आपको अगर ज्यादा भूख लगती है या मीठा खाने की क्रेविंग होती है, तो आप एक अमरूद खाना शुरू कर दें। इसे खाने से लम्बे समय तक पेट भरा रहता है और आपको कुछ भी खाने का मन नहीं करता। इससे आपको स्नैक्स क्रेविंग भी नहीं होती।
एक्टिव रखता है
आपको अगर मॉर्निंग सिकनेस होती है, तो भी आपको अमरूद खाना चाहिए। इससे आपकी बॉडी एक्टिव रहती है और आपका मूड भी ठीक रहता है। एक्टिव रहने के लिए बाकी फ्रूट्स के साथ अमरूद भी जरूर खाएं।