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भागदौड़ भरी जिंदगी में कुछ लोग अपनी सेहत का खास ख्याल नहीं रख पाते. उल्टा-सीधा खानपान और पर्याप्त नहीं नहीं लेना शरीर में आलस ला देती है, लिहाजा कई बार सुबह उठकर भी शरीर से आलस नहीं जाता और दिनभर थकावट बनी रहती है. अगर आपके साथ भी इस तरह की समस्या है तो ये खबर आपके काम आ सकती है. हम आपके लिए कुछ ऐसी चीजों के बारे में जानकारी दे रहे हैं, जिनके सेवन से आप मिनटों में शरीर की एनर्जी वापस ला सकते हैं. अपने रुटीन में दूध, फल, सौंफ, ड्राई फ्रूट्स और गाजर को शामिल करना चाहिए. ये ऐसी चीजें हैं जो शरीर को मिनटों में ऊर्जा देती हैं. अगर नियमित तौर पर इन चीजों का सेवन किया जाए तो शरीर में कमजोरी और थकान नहीं रहती है.
सौंफ रखेगा फ्रेश
सौंफ आपको कई बीमारियों से बचाता है. यह आंखों के लिए फायदेमंद है साथ ही सौंफ में पाए जाने वाले कैल्शियम, सोडियम, आयरन और पोटैशियम शरीर में होने वाली थकान वाले हार्मोंस को खत्म कर डालते हैं. इसलिए सौंफ को चबा-चबा कर खाइए. इससे आप तरोताजा महसूस करेंगे.
केला का सेवन करें
रोज एक केला खाना चाहिए, क्योंकि अकसर शरीर में ग्लूकोज की कमी से कमजोरी महसूस होती है. ऐसे में केले का सेवन आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. केले में प्राकृतिक ग्लूकोज और चीनी की मात्रा अधिक होती है, इसलिए इसका सेवन करने के बाद बॉडी को तुरंत एनर्जी मिलती है.
गाजर से दूर करें थकावट
शरीर के लिए गाजर बेहद लाभकारी है. गाजर में विटामिन और मिनरल्स के गुण पाए जाते हैं. ऐसे में इसका सेवन हमें सेहतमंद बनाए रखने में मदद करता है. साथ ही शरीर में एनर्जी बढ़ाने में भी गाजर मददगार है.
दूध और ड्राई फ्रूट्स खाएं
अगर आपको शरीर में थकान और कमजोरी महसूस हो रही है तो दूध का सेवन करें. क्योंकि दूध में विटामिन, मिनरल्स और अन्य डाइटरी सप्लीमेंट्स मौजूद होते हैं. वहीं शरीर में मैग्नीशियम की कमी होने पर ड्राई फ्रूट्स की मदद लें.
डार्क चॉकलेट रिलेक्स करती है
डाइट एक्सपर्ट डॉक्टर रंजना सिंह कहती हैं कि डार्क चॉकलेट में मौजूद कोको शरीर की मांसपेशियों को रिलेक्स करने में मददगार होता है. यही वजह है कि चॉकलेट खाने के बाद तरोताजा महसूस होता है. इसके अलावा भरपूर नींद और पर्याप्त पानी पीना चाहिए. इससे सेहतमंद रहने में मदद मिलती है और शरीर में एनर्जी रहती है. -
त्वचा में मेलानिन के ज्यादा होने के कारण तिल या मस्से विकसित हो जाते हैं. तिल और मस्से जन्मजात भी हो सकते हैं. हालांकि, यह अधिकतर मामलों में कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं, लेकिन फिर भी कुछ लोगों को अपने चेहरे या त्वचा पर तिल व मस्से (Mole Removal Home Remedies) अच्छे नहीं लगते हैं और वे उसे हटाना चाहते हैं. यहां आपको तिल और मस्से हटाने का इलाज (Warts and Mole on Face) मिलेगा, जिसके लिए आपको सिर्फ 1 लहसुन की जरूरत होगी.
शरीर के लिए लहसुन काफी फायदेमंद (Garlic Benefits for Skin) होता है. लहसुन का इस्तेमाल करने से त्वचा में मेलानिन का स्तर कम होता है और तिल व मस्से का रंग हल्का पड़ने लगता है और वह धीरे-धीरे दिखना बंद हो सकते हैं. तिल व मस्से को हटाने के लिए आप सिर्फ 1 लहसुन की मदद लेकर कई तरीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं.
1 लहसुन की मदद से तिल हटाने का तरीका
चेहरे पर मौजूद तिल व मस्से हटाने के लिए आपको सिर्फ 1 लहसुन लेना है. अब 4-5 लहसुन की कली को छिलकर छोटे टुकड़ों में काट लें. इसके बाद लहसुन के इन टुकड़ों को तिल व मस्से पर लगाकर बैंडएज (Bandage) लगा लें. इस बैंडएज को 4-5 घंटे के लिए लगा रहने दें. उसके बाद बैंडएज हटाकर साफ पानी से धो लें. मस्से व तिल हटाने के लिए इस तरीके को दिन में तीन बार अपनाएं.
मस्सा हटाने के लिए लहसुन और सिरके का इस्तेमाल
तिल व मस्सा हटाने के लिए आप साधारण या सेब के सिरके में से किसी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. सबसे पहले लहसुन की कुछ कलियों को पीसकर पेस्ट बना लें और उसमें सिरका मिला दें. अब लहसुन और सिरके के पेस्ट को तिल या मस्से पर लगाकर 30 मिनट बाद पानी से धो लें.
तिल और मस्से का इलाज: प्याज और लहसुन का उपयोग
मस्से व तिल हटाने के लिए आप प्याज और लहसुन को अच्छी तरह पीसकर रस निकाल लें. इन दोनों के रस को मिलाकर कॉटन बॉल की मदद से तिल या मस्से पर 15 मिनट के लिए लगा रहने दें. इसके बाद चेहरे या त्वचा को साफ पानी से धो लें. आप दिन में दो बार इस उपाय को अपना सकते हैं.
कैस्टर ऑयल और लहसुन
तिल व मस्से का घरेलू इलाज करने के लिए कुछ बूंद कैस्टर ऑयल और लहसुन की 2 से 3 कली चाहिए. लहसुन की कलियों को महीन पीसकर पेस्ट बना लें और फिर इसमें कैस्टर ऑयल मिला लें. इस पेस्ट को तिल व मस्से पर रात भर लगा रहने दें और अगली सुबह पानी से धो लें. -
बारिश का मौसम सुहावना जरूर लगता है, लेकिन ये कई तरह की समस्याएं भी अपने साथ लेकर आता है. इस मौसम में पाचन तंत्र अक्सर गड़बड़ा जाता है, साथ ही इम्युनिटी भी कमजोर हो जाती है. ऐसे में गैस, बदहजमी, पेट दर्द, खट्टी डकार जैसी समस्याएं होने के साथ अन्य रोगों की चपेट में आने का खतरा काफी बढ़ जाता है. यहां जानिए कुछ ऐसे उपाय जो आपके पाचन तंत्र को दुरुस्त करने में कारगर साबित होंगे, साथ ही आपके इम्यून सिस्टम को भी मजबूती देंगे.
1. तांबे के बर्तन में पानी पीने के चमत्कारी असर होते हैं. पेट की तमाम समस्याओं के लिए तो तांबे के बर्तन का पानी बहुत ही लाभकारी है. ये बात कई शोध में भी साबित हो चुकी है. इसलिए आप अभी से तांबे के बर्तन का पानी पीने की आदत डाल लें. लेकिन तांबे के बर्तन को किसी लकड़ी या तख्ते की मेज पर रखें.
2. फाइबर से भरपूर डाइट पाचन तंत्र को मजबूत करने का काम करती है. इसलिए अपनी डाइट में रेशेदार फल, साबुत अनाज, सब्जियां, फलियां आदि अधिक से अधिक फाइबर युक्त चीजों शामिल करें.
3. आजकल देर से खाना लोगों की आदत का हिस्सा बन गया है. देर से खाना खाने के बाद लोग सीधे बिस्तर पर चले जाते हैं. ऐसे में खाने को पचने का समय नहीं मिल पाता और पाचन तंत्र गड़बड़ा जाता है. चूंकि बारिश के मौसम में पाचन तंत्र कहीं ज्यादा संवेदनशील होता है, ऐसे में इसके गड़बड़ाने की आशंका भी सामान्य दिनों की अपेक्षा ज्यादा होती है. इसलिए रोजाना समय से भोजन करने की आदत डालें. साथ ही हर निवाले को अच्छे से चबाकर खाएं.
4. खाने के करीब आधा घंटे बाद गुनगुना पानी पीने से पाचन तंत्र को खाना पचाने में मदद मिलती है. इससे पाचन शक्ति मजबूत होती है. रोजाना कम से कम सुबह खाली पेट और दोनों समय खाने के आधे घंटे बाद गुनगुना पानी जरूर पिएं.
5. पाचन तंत्र को दुरुस्त रखना है तो हर व्यक्ति को सप्ताह में एक दिन का व्रत जरूर रखना चाहिए. व्रत के दिन फल और जूस आदि का सेवन करें. व्रत रखने से पाचन तंत्र को आराम मिलता है और वो खुद को रीसेट करने का काम करता है.
6. ठंडी चीजें पाचन तंत्र को धीमा कर देती हैं, इसलिए बारिश के मौसम में ठंडी चीजों को लेने से परहेज करें. पानी भी पीना हो तो मटके में रखा हुआ पानी ही पिएं.
7. रोजाना सुबह व शाम वॉक जरूर करें. सुबह के समय योग व प्राणायाम जरूर करें, इससे पाचन तंत्र मजबूत होता है. त्रिकोणासन, पश्चिमोत्तानासन और पवनमुक्तासन पाचन तंत्र के लिए काफी लाभकारी है. सुबह के समय वॉक करते समय चलने की स्पीड तेज रखें और शाम को सामान्य स्पीड से वॉक करें. शाम की वॉक हमेशा खाना खाने के बाद करें. -
घर पर खाना बनाते समय अगर चावल ज्यादा बन जाए तो समझ नहीं आता कि इसे कैसे यूज करें. ज्यादातर लोग खीर या फ्राइड राइस बनाकर अक्सर इसे मैनेज करते हैं. लेकिन आज हम आपको बताएंगे बासी चावल से बनाए जाने वाले टेस्टी चीले की रेसिपी, जिसे एक बार खाने के बाद आपके घर के सदस्य बार बार उसकी डिमांड करेंगे. इसे आप नाश्ते के तौर पर सबको खिला सकती हैं.
यहां जानिए चावल के लाजवाब चीले की रेसिपी.
सामग्री
बासी चावल दो कटोरी, बारीक सूजी एक कटोरी, दही एक बड़ा चम्मच, तेल 2 बड़े चम्मच, धनिया मसाला पाउडर एक छोटी चम्मच, करी पत्ता 8 से 10 पत्तियां, सरसों के बीज एक चम्मच राई, बारीक बारीक कटी हुई प्याज एक चम्मच, बारीक कटी हुई 2 हरी मिर्च, थोड़ा सा हरा धनिया बारीक कटा और नमक स्वादानुसार.
ऐसे करें तैयार
– सबसे पहले बासी चावल को मिक्सर जार में डालकर आधा कप पानी मिलाकर चिकना पेस्ट तैयार करें.
– चावल का पेस्ट तैयार होने के बाद इसे एक कटोरी में निकालें और इस पेस्ट में बारीक सूजी और दही मिलाएं और अच्छे से मिक्स कर लें. यदि ज्यादा गाढ़ा लगे तो थोड़ा सा पानी डाल दें. इस मिक्सचर को 10-15 मिनट के लिए रख दें.
– अब इसमें स्वादानुसार नमक, धनिया पाउडर, बारीक कटी हुई हरी मिर्च, हरा धनिया, सरसों, कड़ी पत्ता, धनिया पाउडर और बहुत ही बारीक कटी हुई प्याज डालें और सारी चीजों को अच्छी तरह से मिक्स करें.
– धीमी आंच पर तवा या पैन गर्म करें और उसमें थोड़ा सा रिफाइंड लगाए. गर्म होने पर मिश्रण को चीले की तरह से फैलाएं. 2 मिनट बाद सावधानी से पलटा दे और दूसरी तरफ से भी 1-2 मिनट तक हल्का सा रिफाइंड लगाकर सेकें. इसके बाद गर्मागर्म सॉस या चटनी के साथ सर्व करें.
सुझाव
– चीला बनाते समय पेस्ट न ज्यादा पतला होना चाहिए और न ही ज्यादा गाढ़ा नहीं होना चाहिए.
– तवे पर फैलाने के बाद इसे तुरंत न हिलाएं, दो मिनट बाद बहुत सावधानी से पलटें वर्ना ये टूट सकता है.
– चीले को थोड़े छोटे छोटे साइज में ही बनाएं, अगर आप बड़े बड़े साइज में बनाते हो तो यह बनाते वक्त टूट भी सकता है.
- नींबू से मिलने वाले फायदे बहुत अधिक हैं। एक छोटे से नींबू में शरीर के लिए जरूरी विटामिन-सी, फाइबर, प्रोटीन, पानी की मात्रा आदि पोषक तत्व मौजूद होते है। नींबू का भरपूर फायदा उठाने के लिए उसके पल्प यानी गुदे का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए? अगर नींबू पानी का सेवन कर रहे हैं, तो उसमें भी नींबू के रेशे रहने दें- जो कि निम्नलिखित फायदे प्रदान करते हैं।वेट लॉस के लिए नींबूमोटापे से परेशान व्यक्ति वजन कम करने के लिए नींबू का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें पेक्टिन नामक सॉल्यूबल फाइबर होता है, जो पेट को देर तक भरा रखकर भूख को नियंत्रित करता है। इसके अलावा, इसे गर्म पानी के साथ लेने पर शरीर में कैलोरी बर्न होने के प्रक्रिया को थोड़ी देर के लिए ज्यादा तेज किया जा सकता है।दिल के लिए नींबू खाने के फायदेनींबू में विटामिन-सी भरपूर मात्रा में होता है। एक अकेला नींबू 31 एमजी विटामिन-सी प्रदान करता है। कई शोध में यह खुलासा हुआ है कि विटामिन-सी युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने से स्ट्रोक व दिल के रोगों का खतरा कम हो जाता है। इस खतरे को कम करने में नींबू में मौजूद फाइबर और प्लांट कंपाउंड भी अहम भूमिका निभाते हैं।त्वचा और बालों के लिए नींबूत्वचा और बालों की सेहत के लिए नींबू काफी लाभकारी होता है। इसमें मौजूद विटामिन-सी, कैल्शियम, फोस्फोरस, पोटैशियम, मैगनीशियम बाल व त्वचा को स्वस्थ बनाने में मदद करते हैं। वहीं, इसमें मौजूद अल्फा हाइड्रोक्सी एसिड त्वचा से मृत कोशिकाओं को हटाने और नई कोशिकाओं को विकसित होने में मदद करता है। नींबू से रूखी त्वचा, त्वचा की गहरी रंगत, मुंहासे, डैंड्रफ आदि समस्याओं से राहत पाई जा सकती है।पेट और मधुमेह रोगी के लिए फायदेमंद है नींबूनींबू में सॉल्यूबल फाइबर और सिंपल शुगर के रूप में करीब 10 प्रतिशत तक काब्र्स होता है। पेक्टिन नामक सॉल्यूबल फाइबर स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है और शरीर में शुगर व स्टार्च का पाचन धीमा करता है। जिससे ब्लड शुगर का स्तर घटता है।नींबू से गुर्दे की पथरी का इलाजगुर्दे में वेस्ट प्रॉडक्ट्स के इकट्ठा हो जाने के कारण पथरी बनने लगती है, लेकिन नींबू में मौजूद सिट्रिक एसिड पेशाब का पीएच लेवल बढ़ाकर पथरी की समस्या को और गंभीर बनने से रोक सकता है। गुर्दे की पथरी की समस्या का सामना कर रहे लोग रोजाना नींबू का सेवन कर सकते हैं।एनीमिया की समस्या ठीक होती हैशरीर में आयरन की कमी के कारण खून की कमी हो जाती है। जिसे एनीमिया की समस्या कहते हैं। नींबू में आयरन काफी कम मात्रा में होता है, लेकिन इसमें मौजूद सिट्रिक एसिड और विटामिन-सी प्लांट फूड्स से मिलने वाले आयरन के अवशोषण में मदद करता है।
- चाय पीना किसे पसंद नहीं है। दूध वाली चाय से लेकर ब्लैक टी व ग्रीन टी तक, हर प्रकार की चाय के लाखों दीवाने हैं, लेकिन आज हम आपको लाल चाय के फायदे के बारे में बताने जा रहे हैं।लाल चाय के फायदेलाल चाय एस्पैलैथस लाइनेरिस के छोटे से पौधे की पत्तियों से बनाई जाती है। यह एक हर्बल चाय है, जिसे रूइबोस टी के नाम से भी जाना जाता है। इसमें कैफीन बिल्कुल भी नहीं होता है और यह एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन और मिनरल से भरपूर होती है। आप इस चाय को ब्लैक टी, ग्रीन टी या दूध वाली चाय की तरह कैसे भी बना सकते है।दिल को स्वस्थ बनाती है लाल चायलाल चाय में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स आपके दिल को स्वस्थ बनाने में मददगार देखे गए हैं। यह शरीर में एसीई को बाधित करती है और ब्लड प्रेशर पर सकारात्मक प्रभाव डालती है । एसीई के कारण रक्त धमनियां सिकुड़ जाती है और ब्लड प्रेशर अप्रत्यक्ष रूप से बढ़ जाता है। इसके अलावा यह कोलेस्ट्रॉल का स्तर पर भी कम करती है और दिल स्वस्थ बनती है।हर्बल चाय के फायदे:रूइबोस टी में एक विशेष प्रकार का एंटीऑक्सीडेंट होता है। जानवरों पर की गई स्टडी के मुताबिक इस एंटी-ऑक्सीडेंट्स में एंटी-डायबिटिक गुण पाए जाते हैं। इस स्टडी में पाया गया है कि यह टाइप-2 डायबिटीज के कारण बढ़े ब्लड शुगर का स्तर संतुलित करने में मदद कर सकता है। हालांकि, इसके बारे में अभी और शोध होने बाकी हैं।कैफीन-फ्री ड्रिंकब्लैक टी, ग्रीन टी आदि में कैफीन शामिल होता है। संतुलित मात्रा में कैफीन का सेवन सुरक्षित होता है, लेकिन इसका अत्यधिक सेवन तनाव, सिरदर्द, नींद आने की समस्या, तेज धड़कन आदि की समस्या का कारण बन सकता है। इसलिए अगर आप किसी कैफीन-फ्री ड्रिंक को ढूंढ रहे हैं, तो यह आपका बेहतर चुनाव हो सकता है।मजबूत हड्डियांलाल चाय में पॉलीफेनॉल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। एक स्टडी के मुताबिक रूइबोस टी शरीर में हड्डियों की मिनरल डेंसिटी को बढ़ाने में मदद कर सकती है जिससे कमजोर हड्डियों के कारण होने वाली ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या से सुरक्षा मिल सकती है।
- दूध की मलाई सेहत को कई गंभीर बीमारियों से बचाती है। मलाई इम्युनिटी पॉवर को मजबूत करती हैै। इसमें विटामिए,डी, के, विटामिन बी 5,12, कैल्शियम, फास्फोरस, मिनरल्स, आयरन आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं, इसके नियमित सेवन से कई सारी समस्याएं दूर हो जाती है। 250 ग्राम मलाई में 61 ग्राम प्रोटीन पाया जाता हैै। त्वचा पर मलाई लगाने से भी शरीर को कई सारे फायदे पहुंचते हैं, लेकिन सेवन अधिक लाभकारी है। मलाई प्राकृतिक प्रोबायोटिक है, जो पाचन के लिए अच्छी है। इससे आंतों का स्वास्थ्य अच्छा रहता हैै। प्रोटीन का अच्छा स्त्रोत होने के साथ यह रोगों को रोकती हैै।अगर आप जिम जाते हैं और वर्कआउट के पहले कुछ खाना चाहते हैं तो एक छोटी कटोरी मलाई खा सकते हैै। यह प्रोटीन का अच्छा स्त्रोत माना गया हैै। वहीं इसमें पाए जाने वाला कैल्शियम न केवल हड्डियों के लिए अच्छा है, बल्कि नाखूनों को भी स्वस्थ रखता हैै। इसे बिना शक्कर के लेना ज्यादा बेहतर हैै।मलाई इम्यून सिस्टम को बनाती है मजबूतमलाई में लैक्टिक फर्मेंटेशन प्रोबायोटिक होता है, यह सूक्ष्मजीव आंतों को सेहतमंद रखते हैं, जिससे पेट से जुड़े रोग दूर रहते हैंै। इसके अलावा इसमें मौजूद विटामिन-ए और प्रोटीन होता है, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैंै।तनाव से राहतविटामिन बी 5 मानसिक समस्याओं से निजात दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैै। मलाई में यह विटामिन अच्छी मात्रा में मौजूद होता हैै। ये हार्मोन को सही तरीके से काम करने और दिमाग को स्वस्थ रखने में सहायता करता हैै। इसलिए तनाव से राहत के लिए मलाई का सेवन करना चाहिएै।आंखों के लिए लाभकारीमलाई में विटामिन-ए पाया जाता है, जो कि आंखों में नमी बनाए रखने के साथ ही रेटिना को स्वस्थ रखते हुए आंखों की रोशनी बढ़ाने में हमारी सहायता करता हैै।
- कभी-कभी ऐसा होता है कि हमें बहुत तेज भूख लग जाती है और हम उस वक्त हमें जो भी उपलब्ध होता है, वो खाने लग जाते हैं लेकिन ऐसा करना आपके लिए घातक हो सकता है। आयुर्वेद के मुताबिक तेज भूख लगने पर कुछ ऐसी चीजें है, जिन्हें नहीं खाना चाहिए।आइए, जानते हैं कौन-सी हैं वो चीजें-अमरुदअमरुद एक ऐसा फल है, जिसे अलग-अलग स्थितियों में खाने पर अलग-अलग परिणाम देखने को मिलते हैं यानी अगर आप सर्दियों में सुबह के वक्त खाली पेट अमरुद खाएंगे, तो आपको पेट दर्द की शिकायत हो सकती है। वहीं, गर्मी में खाली पेट अमरूद खाएंगे, तो यह फायदा देता है। ऐसे में आपको खाली पेट अमरूद नहीं खाना चाहिए।सेबसर्दियों में खाली पेट सेब खाने से बीपी बढ़ सकता है, अगर सुबह सबसे पहले यानी बिना कुछ खाए आप सेब खा लेते हैं, तो इस दिक्कत का सामना आपको करना पड़ सकता है लेकिन गर्मी में आप खाली पेट सेब खा सकते हैं।टमाटरटमाटर की तासीर गर्म होती है। इसे आप सर्दी के मौसम में तो खाली पेट खा सकते हैं लेकिन गर्मी के मौसम में ऐसा करने पर पेट में या सीने में जलन की समस्या हो सकती है। आपको सुबह के समय टमाटर खाने से परहेज करना चाहिए।चाय-कॉफीचाय या कॉफी को खाली पेट पीने से बचना चाहिए।आप चाय या कॉफी को बिस्किट, ब्रेड के साथ ले सकते हैं लेकिन खाली पेट या तेज भूख लगने पर सिर्फ चाय-कॉफी न लें, इससे आपके पेट में गैस बन सकती है।दहीबहुत से लोग ऐसे होते हैं, जिन्हें दही फायदे की जगह पर हानि पहुंचा देती है।ऐसे में दही को सुबह के समय खाली पेट खाने से बचना चाहिए, वर्ना आपकी सेहत बिगड़ सकती है।
- भागदौड़ भरी लाइफ में ज्यादातर लोग अपनी सेहत पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाते और कमजोरी उन्हें घेर लेती है. इसका कारण ये है कि नौकरी के सिलसिले में कई लोग घर से बाहर रहते हैं, ऐसे में वे ज्यादातर बाहर का खाना खाते हैं, जिससे उनके शरीर को पर्याप्त न्यूट्रीशन्स नहीं मिल पाते हैं. ऐसे में उनका शरीर धीरे-धीरे कमजोर होने लगता है. इससे दूसरी बीमारियों का भी खतरा बढ़ जाता है. कमजोरी से परेशान लोगों को अंजीर का सेवन जरूरी करना चाहिए, क्योंकि अंजीर न सिर्फ आपकी थकान दूर करता है बल्कि यह आपको कई गंभीर बीमारियों से भी बचाता है.अंजीर में क्या पाया जाता हैअंजीर में पाए जाने वाले तत्वों की बात करें तो इसमें आयरन, कैल्शियम, विटामिन्स, पोटैशियम, मैग्नीशियम और प्रोटीन की भरपूर मात्रा पाई जाती है. साथ ही कार्बोहाइड्रेट, फाइबर और कैलोरी भी पर्याप्त रहती है.कैसे करें अंजीर का सेवनआप तीन या चार सूखी अंजीर रात में पानी में भिगोकर रख देंसुबह उठकर खाली पेट भीगी हुई अंजीर खाएंयह आपके शरीर के लिए बहुत फायदेमंद रहेगा.अंजीर के फायदेहाई ब्लड प्रेशर ठीक रखता हैआयुर्वेद डॉक्टर अबरार मुल्तानी के अनुसार, अंजीर का सेवन करने से हाई ब्लड प्रेशर भी ठीक रहता है. अंजीर में पोटेशियम और फ्लेवोनॉइड भरपूर मात्रा में पाया जाता है. जो शरीर में ब्लड प्रेशर को संतुलित बनाए रखने के लिए जरूरी माना जाता है.दिनभर बनाए रखता है एनर्जीसुबह खाली पेट अंजीर का सेवन करने से शरीर में दिनभर दिनभर एनर्जी बनी रहती है, क्योंकि इसमें विटामिन, सल्फर, क्लोरिन पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है. ये सभी तत्व शरीर में एनर्जी बनाए रखते हैं.थकान दूर करता है अंजीरजो लोग काम करते वक्त जल्दी थक जाते हैं उन्हें अंजीर का सेवन करना चाहिए. इसमें मौजूद मैग्नीशियम, जस्ता और मैंगनीज जैसे खनिज पदार्थ शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं. इससे तंत्रिका तंत्र भी ठीक से काम करता है.पुरुषों के चेहरे पर झुर्रियां नहीं आतीअंजीर का सेवन लंबे समय तक जवां रखने में भी मदद करता है. इसमें मौजूद खनिज पदार्थ और विटामिन्स नए सेल्स को विकसित करते हैं. इससे पुरुषों के चेहरे पर झुर्रियां नहीं आती हैं.पुरुषों के लिए लाभकारीअंजीर का सेवन पुरुषों के लिए लाभकारी माना जाता है. इसके नियमित सेवन से पुरुषों की फर्टिलिटी बेहतर होती है और उनका स्पर्म काउंट बढ़ता है. अंजीर विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर होता है, लिहाजा यह शरीर को कई तरह की दूसरी बीमारियों से भी दूर रखता है. पुरुष दूध के साथ भी अंजीर खा सकते हैं.
- पुराने समय में लोग मिट्टी के बर्तनों में खाना पकाते थे. धीमी आंच पर धीरे धीरे पकने वाले इस खाने का स्वाद कमाल का होता था. हालांकि वक्त बदलने के साथ ही किचन में मिट्टी के बर्तनों की जगह स्टील के बर्तनों ने ले ली है. लेकिन आज हम आपको यहां मिट्टी के बर्तनों में बने खाने के फायदे बता रहे हैं, जिन्हें जानकर शायद आपको अपनी नासमझी पर पछतावा हो कि आपको अभी तक ये बातें क्यों नहीं पता थी!मिट्टी के बर्तनों में खाना पकाने के फायदेआयरन, कैल्शियम आदि मिलता है: मिट्टी एल्कलाइन नेचर की होती है. इससे मिट्टी के बने बर्तन में खाने का पीएच लेवल सही रहता है. इससे ना सिर्फ खाना स्वास्थ्यप्रद होता है बल्कि खाने का स्वाद भी बढ़ता है. मिट्टी के बर्तन में खाना बनाने से खाने में आयरन, फास्फोरस, कैल्शियम और मैग्नीशियम की मात्रा भी खूब पाई जाती है, जो शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं.खाने के पोषक तत्व रहते हैं सुरक्षितमिट्टी के बर्तनों में होने वाले छोटे छोटे छिद्र आग और नमी को बराबर सर्कुलेट करते हैं. इससे खाने के पोषक तत्व सुरक्षित रहते हैं. यही वजह है कि मिट्टी के बर्तन में बने खाने में पोषक तत्व अन्य बर्तनों में बने खाने की तुलना में ज्यादा पाए जाते हैं.दिल के लिए भी फायदेमंददरअसल मिट्टी के बने बर्तनों में तेल कम इस्तेमाल होता है. इसकी वजह ये है कि मिट्टी के बर्तनों में खाना बनने की प्रक्रिया धीमी होती है और यह ज्यादा लंबी चलती है. इसलिए खाने में नैचुरल तेल और प्राकृतिक नमी होती है. जिसके चलते खाने में ज्यादा तेल इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं होती. चूंकि ज्यादा तेल इस्तेमाल नहीं होता तो इसका सीधा मतलब है कि हमारे दिल के लिए भी यह अच्छा है.खाना बनता है स्वादिष्टइस बात से शायद ही कोई इंकार करे कि मिट्टी के बने बर्तनों में खाना स्वादिष्ट बनता है. खाने की सुगंध अच्छी होती है. साथ ही मिट्टी के बर्तन जेब के लिए भी किफायती होते हैं. सबसे बड़ी बात यह प्रकृति के लिए भी फायदेमंद हैं. क्योंकि मिट्टी के बर्तन मिट्टी से बनते हैं और वापस मिट्टी में मिल जाते हैं. इसलिए मिट्टी के बर्तनों में खाना बनाना हमारे साथ साथ प्रकृति के लिए भी बेहद फायदेमंद है.कैसे करें मिट्टी के बर्तनों को इस्तेमाल?सबसे पहले मिट्टी का बर्तन लाने के बाद उस पर पूरे पर खाद्य तेल जैसे सरसों का तेल, रिफाइंड आदि लगाकर बर्तन को तीन चौथाई पानी से भर दें और फिर धीमी आंच पर इसे ढककर रख दें. 2-3 घंटे पकने के बाद इसे उतार लें और ठंडा होने दें. इससे मिट्टी का बर्तन सख्त और मजबूत हो जाएगा. साथ ही इससे बर्तन में कोई लीक भी नहीं होगा और मिट्टी की गंध भी बर्तन से चली जाएगी.बर्तन में खाना बनाने से पहले उसे पानी में डुबोकर 15-20 मिनट के लिए रख दें. उसके बाद सुखाकर उसमें खाना बनाएं उसका आनंद लें.-
- सुबह सबसे पहले आपको खाली पेट 4 भीगे हुए बादाम खाने चाहिए. जिससे हमें कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं. बादाम में भरपूर मात्रा में विटामिन, मिनरल, एंटीऑक्सीडेंट्स, हेल्दी फैट्स आदि सबकुछ होता है, जिसकी शरीर को जरूरत हो सकती है. आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ. अबरार मुल्तानी कहते हैं कि आप रात में एक कटोरी पानी में 4 बादाम भिगोकर रख दें और सुबह पेट साफ होने के बाद इन बादाम का छिलका उतारकर खा लें. इससे आपको निम्नलिखित फायदे प्राप्त होंगे. एक्सपर्ट के मुताबिक बादाम में विटामिन ई प्रचुर मात्रा में होता है. जो कि आपकी दिमागी क्षमता बढ़ाता है. इससे आपकी याद्दाश्त और सीखने की क्षमता बढ़ जाती है. इसके अलावा कई शोध में विटामिन ई का सेवन अल्जाइमर जैसी दिमागी समस्या को कम करने में भी मददगार देखा गया है.ग्लोइंग स्किन मिलती हैअगर आप ग्लोइंग स्किन पाना चाहते हैं, तो खाली पेट 4 भीगे हुए बादाम खाना फायदेमंद हो सकता है. इसमें विटामिन ई के साथ एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं, जो आपकी कोशिकाओं को डैमेज होने से बचाते हैं और झुर्रियां व बेजान त्वचा से राहत भी दिलाते हैं.वजन घटाने में मददगारडॉ. अबरार मुल्तानी के मुताबिक बादाम में प्रोटीन और फाइबर काफी होता है, जो पेट को देर तक भरा रखता है और अस्वस्थ चीजें खाने की आशंका कम कर देता है. इसके अलावा कई अध्ययन बताते हैं कि बादाम जैसे नट्स खाने से मेटाबॉलिज्म तेज हो जाता है और शरीर तेजी से फैट बर्न करता है.डायबिटीज से राहतडायबिटीज के मरीजों में अक्सर मैग्नीशियम की कमी देखी जाती है. मैग्नीशियम की कमी के कारण इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ जाता है, जिससे ब्लड शुगर का स्तर बढ़ने लगता है. शरीर में इसकी पर्याप्त मात्रा ब्लड शुगर प्रोफाइल और मेटाबॉलिक सिंड्रोम को बेहतर बनाती है.
- बारिश का मौसम आते ही शुरुआत से ही बाजार में कुछ जगह भुट्टे नजर आने लगे हैं। आजकल तो वैसे भी भुट्टे न मिलने पर घरों में फ्रोजन कॉर्न का आसानी से उपयोग कर ही लिया जाता है क्योंकि ये आसानी से मिल तो जाता ही है साथ ही इसकी कीमत बहुत अधिक भी नहीं होती है। बारिश हो जाने पर मौसम में थोड़ी ठंडक घुल जाती है, ऐसे में लगता है कि पीने के लिए गर्मागर्म कोई सूप मिल जाए तो मजा ही आ जाए। टमाटर का सूप अधिकतर घरों में बनाया जाता है लेकिन यह अब बहुत कॉमन हो चुका है। ऐसे में आप घर पर कॉर्न सूप भी तैयार कर सकते हैं। ये सभी को अच्छा लगेगा।सामग्री-मक्के के दाने - 1 कटोरागाजर - 1प्याज - 1मैदा - 2 चम्मचबटर- 50 ग्रामकाली मिर्च पाउडर- आधा चम्मचनमक - स्वादानुसारथोड़ा सा विनेगरबनाने की विधि-मक्के के उबले हुए दाने या फ्रोजन भुट्टे के कुछ दाने पानी डालकर मिक्सर में पीस लें। अब नॉन स्टीक पैन रखें और उसमें मक्के के दाने, गाजर और प्याज डालकर 10 मिनट तक इन्हें पका लें। अब इन सब्जियों के साथ मक्के का पेस्ट डालकर थोड़ी देर और पकाएं। अब थोड़ा विनेगर और नमक डालें। थोड़ा पानी उबाल लें। अब इस पानी को सब्जियों में डाल लें और 2 चम्मच मैदा मिलाएं। ऊपर से काली मिर्च का पाउडर और बटर भी डालें और थोड़ी देर तक इन्हें पकने दें। जब यह मिलजुलकर एक जैसा हो जाए तो गैस को बंद कर दें। आपका सूप बनकर तैयार है।
- ड्रैगन फ्रूट मुख्य रूप से दक्षिण अमेरिका में पाया जाता है. ये एक तरह का फल है. ये बेल पर लगने वाला फल है. ये कैक्टेसिया परिवार से संबंधित है. ड्रैगन फ्रूट के तने गूदेदार और रसीले होते हैं. ये दो प्रकार का होता है. ये सफेद गूदे वाला और लाल गूदे वाला होता है. औषधि के रूप में भी ड्रैगन फ्रूट का इस्तेमाल किया जाता है. ये स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है. ड्रैगन फ्रूट में कई सारे पोषक तत्व होते हैं. इसमें फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट, मिनरल और विटामिन जैसे पोषक तत्व होते हैं. ये स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है. ड्रैगन फ्रूट में कैलोरी, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और फाइबर होता है. आप ड्रैगन फ्रूट का नियमित रूप से सेवन कर सकते हैं. ये सेहत के लिए काफी फायदेमंद है.वजन घटाने में मदद करता हैवजन घटाने के लिए आप अपनी डाइट में ड्रैगन फ्रूट भी शामिल कर सकते हैं. ये फैट बर्न करने में मदद करता है. ड्रैगन फ्रूट में कैलोरी कम होती है. आप नाश्ते के रूप में इसका सेवन कर सकते हैं. इससे आपको देर तक भरा हुआ महसूस होता है. ये अधिक खाने की इच्छा को कम करता है. ये वजन कम करने में आपकी मदद कर सकता है.सूजन को रोकता हैआप अगर क्रोनिक गठिया के दर्द से पीड़ित हैं, तो ड्रैगन फ्रूट का सेवन कर सकते हैं. ड्रैगन फ्रूट में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं. ये जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द में राहत दिलाने का काम करता है. गठिया रोग से पीड़ित लोगों को अक्सर डाइट में ड्रैगन फ्रूट शामिल करने की सलाह दी जाती है.त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार करता हैड्रैगन फ्रूट त्वचा को हेल्दी रखने का काम करता है. ड्रैगन फ्रूट में विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है जो त्वचा के स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है. ड्रैगन फ्रूट के सेवन से मुंहासों को कम करने, ड्राई स्किन का इलाज करने के लिए और मुंहासों को कम करने के लिए इसका सेवन कर सकते हैं.पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिएड्रैगन फ्रूट में फाइबर की मात्रा अधिक होती है. ये पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने का काम करता है. ये कब्ज और अन्य पाचन संबंधित समस्याओं को दूर रखने में मदद करता है.हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता हैड्रैगन फ्रूट लोगों के बीच लोकप्रिय होने का एक सबसे बड़ा कारण ये है कि ये हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है. ड्रैगन फ्रूट खाने से स्ट्रोक और हार्ट अटैक के खतरे को कम किया जा सकता है. फल के बीज शरीर को आवश्यक ओमेगा -3 और ओमेगा -6 फैटी एसिड देते हैं, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं.ड्रैगन फ्रूट का सेवनड्रैगन फ्रूट का सेवन आप कई तरह से कर सकते हैं. इसकी स्मूदी और सलाद भी बना सकते हैं. ड्रैगन फ्रूट स्मूदी बनाने के लिए आपको 1 ड्रैगन फ्रूट, पुदीने के पत्ते और 1 कप दही की जरूरत होगी. इसके लिए आप ड्रैगन फ्रूट को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें या एक चम्मच लें और गूदे को निकाल लें. पुदीने की पत्तियां लें और काट लें. अब एक ब्लेंडर में दही डालें. तब तक ब्लेंड करें जब तक कोई गांठ न बने. मिश्रण को गिलास में डालें और बर्फ और ताजी पुदीने की पत्तियों के साथ परोसें.
- हेल्दी बॉडी के लिए प्रोटीन बहुत ही जरूरी तत्व है. यह हमारे मसल्स, स्किन, एन्जाइम्स और हॉर्मोंस के लिए एक बिल्डिंग ब्लॉक की तरह काम करता है. यही नहीं, ये सभी बॉडी टिश्यू के निर्माण में भी एक जरूरी एसेंशियल की तरह काम करता है. ऐसे में जब शरीर की जरूरत के हिसाब से पर्याप्त प्रोटीन इंटेक नहीं हो पाता तो इसे प्रोटीन डिफिशिएंसी कहा जाता है. हेल्थलाइन के मुताबिक, दुनियाभर में करीब एक अरब लोग प्रोटीन डिफिशिएंसी से जूझ रहे हैं. इनमें से अधिकतर लोग सेंट्रल अफ्रिका और साउथ एशिया से हैं . यह समस्या आमतौर पर बच्चों, बूढ़ों और मरीजों में देखने को मिलता है.प्रोटीन की कमी के ये हैं लक्षण-अगर आपके चेहरे, स्किन, पेट आदि में सूजन है तो हो सकता है कि आपके शरीर में प्रोटीन की कमी हो.-यदि तमाम प्रयासों के बाद भी बालों की खूबसूरती जा रही हो और बाल रूखे, बेजान हो रहे हों तो यह भी प्रोटीन की कमी के लक्षण हो सकते हैं.-शरीर में प्रोटीन की कमी की वजह से मांसपेशियां अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए हड्डियों से प्रोटीन सोखने लगती हैं. इससे हड्डियों में कमजोरी तो आती ही है, मांसपेशियों को अधिक ऊर्जा खर्च करना पड़ता है. इस वजह से मसल्स पेन की शिकायत देखने को मिलती है.-कैल्शियम की कमी के कारण नाखून बार-बार टूटते तो है और नाखूनों की सुंदरता कम होने लगती है. यही नहीं, कई बार नाखूनों में अंदर संक्रमण भी हो जाता है और ये काले और कमजोर हो जाते हैं.-प्रोटीन की कमी से हर समय थकान का अनुभव होता है. दरअसल प्रोटीन हमारे शरीर में ईंधन की तरह काम करता है और इसके अवशोषण से ही शरीर को एनर्जी मिलती है.-अगर आप तुरंत बीमार पड़ जाते हैं और आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है तो इसकी एक वजह प्रोटीन की कमी है.-कई बार हमारा शरीर अचानक से फूला हुआ और मोटा लगने लगता है जो दरअसल प्रोटीन की कमी के कारण हो सकता है. प्रोटीन की कमी से पर्याप्त ऊर्जा शरीर को नहीं मिल पाती और जिस वजह से उर्जा बनाने में अतिरिक्त तनाव होता है.टिश्यूज में प्रोटीन की कमी का प्रभाव-अगर शरीर में पर्याप्त प्रोटीन की आपूर्ति ना हो तो संक्रमित रोग और बैक्टीरिया-वायरस जनित दूसरी कई बीमारियां घेर लेती हैं.-प्रोटीन की कमी के कारण बच्चों की लंबाई बढ़ना रुक जाता है इसलिए प्रोटीन रिच फूड बच्चों के भोजन में जरूर शामिल करें.- प्रोटीन की कमी से हीलिंग प्रक्रिया कम हो जाती है. शरीर में रक्त का प्रभाव प्रभावित होता है और नई कोशिकाओं के निर्माण में देरी होती है.प्रोटीन की कमी को ऐसे करें दूरशरीर में प्रोटीन की कमी ना हो इसके लिए दूध और अंडा भोजन में जरूर शामिल करें. अगर आप नॉनवेज खाते हैं तो सप्ताह में तीन से चार दिन फिश या सीफूड खा सकते हैं. इसके अलावा प्रोटीन रिच फूड को अपने डाइट में शामिल करें.कितना प्रोटीन जरूरीहेल्थलाइन के मुताबिक, हर किसी की जरूरत के आधार पर ही प्रोटीन की जरूरत होती है. उदाहरण के तौर पर बॉडी वेट, फिजिकल एक्टिविटी, उम्र आदि. एक शोध में पाया गया कि प्रोटीन की सबसे ज्यादा जरूरत बुजुर्गों और एथलीट को होती है.
- अच्छे स्वास्थ्य के लिए दांतों का स्वस्थ और मजबूत होना बेहद जरूरी होता है। दांतों से जुड़ी समस्याएं बेहद तकलीफदेह भी होती है। दांतों का संक्रमण भी एक तकलीफदेह समस्या होती है। दांतों में संक्रमण होने से हमारे खानपान पर भी असर पड़ता है। दांतों में संक्रमण की स्थिति में अक्सर दांतों का दर्द भी शामिल होता है।कैसे होता है दांतों में संक्रमण?दांतों में संक्रमण की समस्या कई वजहों से हो सकती है। दांतों के दर्द की समस्या का समय पर इलाज न होने से भी दांतों में संक्रमण फैल जाता है। दांतों में घाव या दरार आदि की वजह से बैक्टीरिया अंदर चले जाते हैं और इससे भी दांतों में संक्रमण फैल सकता है। दांतों के संक्रमण में कई कारण होते हैं लेकिन सामान्यत: लोगों में इन कारणों की वजह से दांतों का संक्रमण होता है।- दांतों की उचित साफ-सफाई न होना।-मिठाई, सोडा आदि का अधिक सेवन।-मुंह सूखा रहना।-दांतों का पुराना दर्द।-दांतों के हिलने की समस्या।दांतों में इंफेक्शन होने पर कारगर 5 घरेलू नुस्खे1. एसेंशियल आयल का इस्तेमालएसेंशियल आयल का इस्तेमाल शरीर के लिए हर तरह से फायदेमंद माना जाता है। दांतों में संक्रमण होने पर आप लौंग, तुलसी या लेवेंडर के एसेंशियल आयल का इस्तेमाल कर सकते हैं। इन तेलों के एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण दांतों के संक्रमण से लडऩे में हमारी मदद कर सकते हैं। इसका इस्तेमाल करते समय आप इसमें जैतून या नारियल का तेल मिलाकर इसे पतला कर लें और फिर इसका इस्तेमाल करें। दांतों पर आप इन्हें सीधे या फिर टूथब्रश के सहारे से लगा सकते हैं।2. नमक और पानी का कुल्लानमक और पानी का कुल्ला करने से मुंह में मौजूद तमाम कीटाणु और बैक्टीरिया खत्म होते हैं। आप आधा चम्मच सामान्य नमक लेकर उसे आधे गिलास हल्के गर्म पानी में मिलाएं और फिर इसे मुंह में लेकर लगभग 5 मिनट के लिए कुल्ला करें। सुबह के वक्त नियमित रूप से इसका कुल्ला करने से दांतों के इन्फेक्शन समेत कई समस्याओं में फायदा मिलता है।3. बेकिंग सोडाबेकिंग सोडा में जीवाणुरोधी गुण होते हैं जो कई प्रकार के संक्रमणों के इलाज में उपयोगी होते हैं। दांतों में संक्रमण की स्थिति में इसका इस्तेमाल करने के लिए बेकिंग सोडा का पेस्ट बना लें और इसे अपने दांतों और मसूढ़ों पर दिन में दो से तीन बार लगायें। कुछ देर तक इस पेस्ट को मुंह में घुमाने के बाद कुल्ला कर लें। संक्रमण ठीक होने तक इसका इस्तेमाल करें।4. लहसुनदांतों में संक्रमण की समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप लहसुन के पेस्ट को दांतों और मसूढ़ों पर लगा सकते हैं।5. आयल पुलिंगदांतों के संक्रमण से छुटकारा पाने के लिए तेल का इस्तेमाल बेहद फायदेमंद होता है। इसके लिए आपको नारियल के तेल को मुहं में लगभग 20 मिनट तक रखकर घुमाना है। दो चम्मच नारियल का तेल लेकर इसे मुहं में इधर-उधर लगभग 15 से 20 मिनट के लिए घुमाएं और उसके बाद इसे थूक दें। ऐसा करने से संक्रमण की समस्या में फायदा मिलेगा। ध्यान रखें कि यह तेल पेट में ना जाएं।
- अब तक पपीता के सेवन के फायदे सुने होंगे, लेकिन क्या आप इसकी पत्तियों के फायदों के बारे में जानते हैं. जी हां, इसकी पत्तियां भी सेहत के लिए बेहद लाभकारी होती हैं. पपीता के पत्तों में पाए जाने वाले चमत्कारी गुण आपको न सिर्फ गर्मी से राहत देते हैं, बल्कि कई गंभीर बीमारियों से दूर भी रखते हैं.अगर आपको भूख नहीं लगती तो पपीते की पत्तियां आपकी मदद कर सकती हैं. इसके लिए आप पपीते के पत्ते के रस की चाय बनाकर पिएं, कुछ दिनों में ही आपकी खोई हुई भूख वापस आ जाएगी.मलेरिया से राहतजाने माने आयुर्वेद डॉक्टर अबरार मुल्तानी की मानें तो आयुर्वेद में पपीते की पत्तियों के जूस या अर्क का प्रयोग मलेरिया के इलाज के लिए भी किया जाता है. पपीते की पत्तियों में प्लाज्मोडीस्टैटिक प्रॉपर्टीज होती हैं जो मलेरिया के फीवर को कंट्रोल करने में मदद करता है. इसके अलावा इसमें 50 एक्टिव कॉम्पोनेंनट्स पाए जाते हैं, जो कि बैक्टीरिया, वायरस, फंगस, परजीवी और कैंसर सेल्स को खत्म करने में मदद करते हैं.डेंगू से राहतपपीते की पत्तियां डेंगू से राहत दिलाती हैं. डेंगू होने पर प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से गिरने लगती है. प्लेटलेट्स में कमी और तेज बुखार से शरीर टूटने जैसा महसूस होने लगता है. ऐसे में अगर पपीते के पत्ते का सेवन किया जाए तो प्लेटलेट्स की संख्या को तेजी से बढ़ोत्तरी होती है. पपीते में अल्कलॉइड, पेपैन जैसे कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है.पीरियड्स के दर्द से राहतआयुर्वेद डॉक्टर अबरार मुल्तानी के अनुसार, महिलाओं को पीरियड्स में होने वाले दर्द से जूझना पड़ता है. ऐसे में पपीते के पत्तियों का काढ़ा इस दर्द से निजात दिला सकता है. आप पपीते की पत्ती को इमली, नमक और पानी को मिक्स करके उबाल लें और फिर ठंडा करके पिएं, इससे जल्द ही आराम मिल जाएगा.बाल और त्वचा के लिएआयुर्वेद डॉक्टर अबरार मुल्तानी कहते हैं कि पपीते की पत्तियों का जूस पीने से स्किन और बाल की समस्याएं भी दूर रहती हैं. इसके सेवन से स्किन पर पिंपल, ऐक्ने आदि से छुटकारा मिलता है. इन पत्तियों को पीस कर आप बालों के स्कैल्प पर लगा सकते हैं जिससे डैंड्रफ भी दूर होता है.ऐसे तैयार करें पपीते की पत्तियों का काढ़ापपीते की पत्तियां लें और अच्छी तरह पानी से धोकर इन्हें जूसर में पीस लें.अब इसे छननी से छान लें.आप इसे कांच की बोतल में स्टोर कर फ्रिज में भी रख सकते हैं.ठंडा होने के बाद इसे पी लें.
- बारिश के मौसम में सर्दी-खांसी होना आम बात है, अगर ये लंबे समय तक रहे तो शरीर को कई बीमारियां हो सकती हैं. बारिश के मौसम में सूखी खांसी और जुकाम कुछ ज्यादा ही परेशान करते हैं, जो शरीर को बेहद कमजोर कर देती है. ऐसे में हम आपके लिए कुछ घरेलू उपाय लेकर आए हैं जिनको अपनाकर आप कुछ ही समय में सूखी खांसी और जुकाम से राहत पा सकते हैं. जाने माने आयुर्वेद डॉक्टर अबरार मुल्तानी कहते हैं कि अगर आप भी खांसी से परेशान हैं तो पिपली की गांठ को पीस लें और फिर इसमें एक चम्मच शहद मिला लें, फिर इसका नियमित सेवन करें. इससे सूखी खांसी ठीक हो जाएगी और आप राहत महसूस करेंगे.शहद का इस तरह करें इस्तेमालशहद कई औषधीय गुणों से भरपूर होता है. इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण खांसी आदि दिक्कतें दूर करने में सहायक होते हैं. इसके अलावा गले में खराश खत्म करने में भी शहद मददगार हो सकता है. इसके लिए हर्बल चाय या नींबू पानी में दो चम्मच शहद मिला कर दिन में दो बार पिएं, आराम मिलेगा.नीलगिरी का तेल लाभकारीआयुर्वेद डॉक्टर अबरार मुल्तानी की मानें तो खांसी में राहत के लिए नारियल तेल के तेल में नीलगिरी तेल की कुछ बूंदें मिलाकर इससे छाती की मालिश करें. वहीं गर्म पानी में नीलगिरी के तेल की बूंदें मिलाकर भाप भी ले सकते हैं. इससे छाती हल्की होगी और सांस लेने में आसानी होगी.नमक का पानी फायदेमंदअगर आप भी सूखी खांसी से परेशान हैं तो नमक के गुनगुने पानी से गरारे करने से राहत मिलेगी. साथ ही गले को आराम मिलता है. नमक के पानी से गरारे करने पर फेफड़ों में जमा बलगम भी कम होता है. आप कप गुनगुने पानी में एक चौथाई नमक मिलाकर दिन में कई बार गरारे करें.अदरक का इस तरह करें उपयोगआयुर्वेद डॉक्टर अबरार मुल्तानी कहते हैं कि खांसी से निजात पाने के लिए अदरक भी कारगर है. यह कई औषधीय गुणों से भरपूर होती है. कालीमिर्च और अदरक की चाय पीने से आप खांसी की समस्या से निजात पा सकते हैं, हालांकि इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करें.
- हींग की भारतीय भोजन में खास जगह है। अनेक व्यंजनों, अचार, चटनी आदि में तो इसका इस्तेमाल होता ही है, इसमें मौजूद कई पोषक तत्वों, एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटीबायोटिक गुणों की वजह से यह संक्रामक बीमारियों की रोकथाम में भी उपयोगी है। हींग में कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, केरोटीन, राइबोफ्लेविन और अच्छी मात्रा में प्रोटीन, फाइबर व कार्बोहाइड्रेट जैसे पोषक तत्त्व पाए जाते हैं जो हमें स्वस्थ रखते हैं।-गैस की समस्या में खाने के बाद आधा कप गुनगुने पानी या लस्सी में एक चुटकी हींग मिला कर पीना लाभकारी है। एक ग्राम भुनी हींग में अजवाइन और काला नमक मिला कर गर्म पानी के साथ लेने से गैस बननी बंद हो जाती है।-एक कप गर्म पानी में एक-चौथाई चम्मच सूखा अदरक पाउडर, एक-एक चुटकी काला नमक और हींग मिला कर पीने से पेट फूलने की समस्या पर काबू पाया जा सकता है।स्किन को ग्लोइंग बनाने के लिए कहीं भी बैठे-बैठे करें फेस योगासन-अपच से परेशान हैं तो एक-एक चम्मच सोंठ, काली मिर्च, करी पत्ता, अजवायन और जीरा मिला कर पीस लें। एक चम्मच तिल के तेल में चुटकी भर हींग भून कर इसमें मिलाएं। आखिर में थोड़ा-सा सेंधा नमक मिलाएं। इसे चावल के साथ खाने से आराम मिलेगा।-केले के गूदे या जरा-से गुड़ में हींग रख कर खाने से उल्टी, डकार और हिचकी बंद हो जाती है।-एक कप गर्म पानी में थोड़ी-सी हींग डाल कर उबालें। इस पानी में कपड़ा भिगो कर पेट की सिंकाई करें। पेट दर्द या अफरने पर अजवायन और नमक के साथ चुटकी भर हींग मिला कर खाएं।-मसूड़ों से खून बहने और दंत क्षय की स्थिति में एक कप पानी में हींग का छोटा टुकड़ा और एक लौंग उबालें। गुनगुना होने पर इस पानी से कुल्ला करने पर आराम मिलेगा।-दाग-धब्बों, पिंपल्स जैसी त्वचा की समस्याओं में हींग का उपयोग काफी मददगार साबित होता है। एक चुटकी हींग पाउडर में पानी मिला कर बने पेस्ट को मास्क की तरह नियमित रूप से पिंपल्स पर लगाएं।-शरीर के किसी हिस्से में कांटा चुभने पर वहां हींग का घोल भर दें। कुछ समय में कांटा अपने आप बाहर निकल आएगा और दर्द से भी तुरंत आराम मिलेगा।
- स्वाद के साथ फायदों की खान है आम। जी हां, आम को फलों का राजा माना जाता है। गर्मियां तो बिना आम के सेवन अधूरी है। आप कोई भी फल खा लें लेकिन आम को अपनी फ्रूट बास्केट में शामिल करना न भूलें। स्वाद के साथ आम खाने के कई फायदे हैं। आइए, जानते हैं 10 फायदे-कैंसर से बचावआम में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट कोलोन कैंसर, ल्यूकेमिया और प्रोस्टेट कैंसर से बचाव में फायदेमंद है। इसमें क्यूर्सेटिन, एस्ट्रागालिन और फिसेटिन जैसे ऐसे कई तत्व होते हैं जो कैंसर से बचाव करने में मददगार होते हैं।आंखें रहती हैं चमकदारआम में विटामिन ए भरपूर होता है, जो आंखों के लिए वरदान है। इससे आंखों की रौशनी बनी रहती है।कोलेस्ट्रॉल नियमित रखने मेंआम में फाइबर और विटामिन सी खूब होता है। इससे बैड कोलेस्ट्रॉल संतुलन बनाने में मदद मिलती है।त्वचा के लिए है फायदेमंदआम के गुदे का पैक लगाने या फिर उसे चेहरे पर मलने से चेहरे पर निखार आता है और विटामिन सी संक्रमण से भी बचाव करता है।पाचन क्रिया को ठीक रखने मेंआम में ऐसे कई एंजाइम्स होते हैं जो प्रोटीन को तोड़ने का काम करते हैं। इससे भोजन जल्दी पच जाता है। साथ ही इसमें उपस्थित साइर्टिक एसिड, टरटैरिक एसिड शरीर के भीतर क्षारीय तत्वों को संतुलित बनाए रखता है।मोटापा कम करने मेंमोटापा कम करने के लिए भी आम एक अच्छा उपाय है। आम की गुठली में मौजूद रेशे शरीर की अतिरिक्त चर्बी को कम करने में बहुत फायदेमंद होते हैं। आम खाने के बाद भूख कम लगती है, जिससे ओवर ईटिंग का खतरा कम हो जाता है।रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने मेंआम खाने से शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता में भी इजाफा होता है।सेक्स क्षमता बढ़ाने मेंआम में विटामिन ई अधिक पाया जाता है और इससे सेक्स क्षमता बढ़ती है। साथ ही ये पौरुष बढाने वाला फल भी माना गया है।स्मरण शक्ति में मददगारजिन लोगों को भूलने की बीमारी हो उन्हें आम का सेवन करना चाहिए। इसमें पाया जाने वाला ग्लूटामिन एसिड नामक एक तत्व स्मरण शक्ति को बढ़ाने में उत्प्रेरक की तरह काम करता है। साथ ही इससे रक्त कोशिकाएं भी सक्रिय होती हैं। इसीलिए गर्भवती महिलाओं को आम खाने की सलाह दी जाती है।गर्मी से बचावगर्मियों में अगर आपको दोपहर में घर से बाहर निकलना है तो एक गिलास आम का पना पीकर निकलिए। न तो आपको धूप लगेगी और न ही लू। आम का पना शरीर में पानी के स्तर को संतुलित बनाए रखता है।
- आजकल सदियों पुरानी मड थेरेपी का काफी चलन बढ़ गया है। आखिर ये मड थेरेपी है क्या? आसान भाषा में मिट्टी से शरीर पर लेप को मड थेरेपी कहते हैं। इस थैरेपी से हमारी त्वचा फ्रैश फील करती है और हर पल जवां नजर आती है. यह थैरेपी फाइन लाइन और झुर्रियों के खिलाफ भी कारगर है। दरअसल, महिला हो या पुरुष हर कोई अपनी त्वचा के लिए संवेदनशील होता है, कोई नहीं चाहता है कि वह कम उम्र में बूढ़ा दिखने लगे। इसीलिए अगर आप एंटी एजिंग की समस्या से छुटकारा पाना चाहते हैं तो मड थैरेपी आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकती है. नीचे जानिए इसके फायदे...क्या है मड थेरेपीआसान भाषा में मिट्टी से शरीर पर लेप को मड थेरेपी कहते हैं। नेचुरोपैथी यानी प्राकर्तिक चिकित्सा में मिट्टी की पट्टी या मिट्टी के लेप के ज़रिये कई रोगों का इलाज किया जाता है। इस थेरेपी के ज़रिये मिट्टी को शरीर के किसी एक हिस्से या पूरे शरीर में इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि इस थेरेपी के ज़रिये कई रोगों का इलाज किया जाता है, लेकिन यह स्किन रिलेटिड प्रॉब्लम्स और डिप्रेशन को दूर करने में कारगर मानी जाती है। खास बात ये है कि ये पूरी तरह से केमिकल फ्री और साफ होती है।जमीन के 5 फीट नीचे से निकालते हैं मिट्टीमड थेरपी के लिए खास तरह की मिट्टी का उपयोग किया जाता है, जो जमीन के लगभग चार-पांच फिट नीचे से निकाली जाती है। इस मिट्टी में एक्टिनोमाइसिटेस नाम का जीवाणु पाया जाता है, जो कि मौसम के अनुसार अपना रूप बदलता है और जब ये पानी के साथ मिल जाता है तो इसमें कई तरह के बदलाव होते हैं। इसी की वजह से मिट्टी के गीले होने पर इसमें मनमोहक ख़ुश्बू भी महसूस होती है।मड थेरेपी के अन्य फायदे-मड थेरेपी लेने से स्किन रिलेटेड जिन दिक्कतों को दूर किया जा सकता है।-मड थेरेपी से झुर्रियां, मुंहासे, त्वचा का रूखापन, दाग-धब्बे, सफेद दाग, कुष्ठ रोग से राहत मिलती है।- मड थेरेपी लेने से स्किन में ग्लो बढ़ता है, स्किन में कसाव आता है और स्किन सॉफ्ट भी होती है।-मड थेरेपी से पाचन शक्ति में सुधार आता है। आंतों की गर्मी दूर होती है।-डायरिया और उल्टी जैसी दिक्कत दूर होती है।-ये कब्ज़, फैटी लीवर, कोलाइटिस, अस्थमा, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा, डायबिटीज को दूर करने में मदद करती है।
- स्वास्थ्य के लिहाज से नट्स और सीड्स को डाइट में शामिल करना काफी लाभदायक होता है. इन स्वास्थ्य लाभों को प्राप्त करने के लिए आप भी मुट्ठी भर सूरजमुखी के बीजों का हर रोज सेवन कर सकते हैं. जिनमें भारी मात्रा में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन ई जैसे पौष्टिक तत्व प्राप्त होते हैं. मधुमेह और उच्च रक्तचाप के रोगियों को सूरजमुखी के बीजों का सेवन (Sunflower Seeds benefits) जरूर करना चाहिए. सूरजमुखी के फूल का साइंटिफिक नाम Helianthus Annuss है, सूरजमुखी के एक फूल के सिर से करीब 2000 सूरजमुखी के बीज प्राप्त किए जा सकते हैं. जिनकी ऊपरी परत काले रंग की होती है और उनपर सफेद धारी बनी होती है. सूरजमुखी के बीज आमतौर पर ड्राई और रोस्टेड (सूखे और भुने हुए) खाए जाते हैं. आइए सूरजमुखी के बीज के फायदे (surajmukhi ke bij ke fayde) जानते हैं.सूरजमुखी के बीजों में मौजूद पोषणटोटल फैट- 14 ग्रामप्रोटीन- 5.5 ग्रामफाइबर- 3 ग्रामकार्ब्स- 6.5 ग्रामसूरजमुखी के बीजों से मिलने वाले फायदेआयुर्वेदिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. अबरार मुल्तानी का कहना है, "सूरजमुखी के बीजों में स्वास्थ्य का खजाना छिपा हुआ है. जिससे डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर (हाई बीपी) और हार्ट डिजीज के रोगियों को काफी फायदा पहुंचता है. अगर आपको सर्दी-जुखाम जैसी समस्या होती रहती है, तो भी सूरजमुखी के बीज का नियमित सेवन आपके लिए अच्छा हो सकता है." आइए इसके फायदे जानते हैं.मधुमेह रोगी (डायबिटिक पेशेंट)आयुर्वेदिक एक्सपर्ट के मुताबिक मधुमेह रोगी को रोजाना मुट्ठी भर सूरजमुखी के बीज का सेवन करना चाहिए. सूरजमुखी के बीज में अपने पौधे से क्लोरोजेनिक एसिड कंपाउंड का प्रभाव आता है. जो कि ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में असरदार देखा गया है. कई शोध में सामने आया है कि सूरजमुखी के बीजों को कार्ब्स रिच फूड्स के साथ खाने से हमारे शरीर पर होने वाला कार्ब्स का प्रभाव कम किया जा सकता है. इन बीजों में मौजूद प्रोटीन और फैट देर से पचते हैं, जिससे शुगर और कार्ब्स का उत्पादन बहुत धीमी गति से होता है.दिल का स्वास्थ्यसूरजमुखी के बीजों में हेल्दी फैट्स का भरपूर (Healthy Fats Source Foods) मात्रा होती है. इसकी 30 ग्राम मात्रा में 9.2 ग्राम पॉलीअनसैचुरेटेड फैट और 2.7 ग्राम मोनोअनसैचुरेटेड फैट होता है. कई शोध के मुताबिक, सूरजमुखी के बीज जैसे हेल्दी फैट्स से युक्त बीजों का सेवन करने से हाई कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol), हाई बीपी (High BP) और दिल के रोगों का खतरा (Heart Disease Risk) कम हो सकता है.इंफ्लामेशन कम करता हैएक्सपर्ट डॉ. अबरार मुल्तानी के अनुसार, क्रॉनिक इंफ्लामेशन के कारण अर्थराइटिस (Arthritis), जोड़ों में दर्द (Joint Pain Home Remedy) आदि समस्याएं हो सकती हैं. जिससे राहत पाने के लिए एंटी-इंफ्लामेटरी गुण प्रदान करने वाले सूरजमुखी के बीजों का सेवन किया जा सकता है. इसमें विटामिन ई, फ्लेवोनोइड्स और अन्य तत्व होते हैं, जो शरीर में इंफ्लामेशन को कम करते हैं.मजबूत इम्यून सिस्टमअगर इम्यून सिस्टम कमजोर होने के कारण आपको बार-बार सर्दी-जुखाम जैसी समस्या होती है, तो आपको सूरजमुखी के बीज का सेवन करना चाहिए। इसमें मौजूद जिंक, सेलेनियम और अन्य पौष्टिक तत्व इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने और इंफ्लामेशन, संक्रमण आदि से लड़ने में मदद करते हैं.
- मौजूदा समय में लोगों की सबसे बड़ी प्रथामिकता है- सेहत को ठीक रखना और इम्यूनिटी बढ़ाना। आप भी निश्चित ही तमाम प्रकार के उपायों को प्रयोग में लाकर स्वास्थ्य को ठीक रखने के प्रयास में लगे होंगे। आहार और पोषण विशेषज्ञों की मानें तो सेहत को ठीक रखने के लिए सभी लोगों के लिए रोजाना ड्राई-फ्रूट्स का सेवन करना चाहिए। इनमें कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर के लिए कई तरह से फायदेमंद साबित हो सकते हैं।इस लेख में हम सेहत के लिए बेहद फायदेमंद अखरोट के बारे में बताने जा रहा हैं। आहार विशेषज्ञों के मुताबिक अखरोट, शरीर के लिए बेहद फायदेमंद सुपरफूड है जो हृदय, मस्तिष्क और आंत को स्वस्थ रखने के साथ शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति कर सकता है। इसका नियमित सेवन कई गंभीर रोगों में लाभदायक हो सकता है। आइए इस लेख में विस्तार से इससे होने वाले फायदों को समझते हैं।अखरोट के फायदेपोषण विशेषज्ञों के मुताबिक सभी लोगों को रोजाना कम से कम सात अखरोट (28 ग्राम) का सेवन करना चाहिए। यह करीब एक मुट्ठी की मात्रा के बराबर है। करीब 28 ग्राम अखरोट में 4 ग्राम प्रोटीन, 2 ग्राम फाइबर और 2.5 ग्राम ओमेगा-3 की मात्रा पाई जाती है। यह सभी पोषक तत्व शरीर के लिए बेहद फायदेमंद और आवश्यक हैं। अखरोट का सेवन वजन को नियंत्रित करने, भूख को शांत करने और शरीर के कई अंगों के लिए बेहद लाभकारी हो सकता है। आइए अध्ययन आधारित इन फायदों के बारे में जानते हैं।डायबिटीज रोगियों के लिए बेहद फायदेमंदइंटरनेशनल जर्नल ऑफ एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, डायबिटीज रोगियों के लिए अखरोट का सेवन काफी लाभदायक हो सकता है। विशेषकर टाइप-2 डायबिटीज के रोगियों के लिए अखरोट के तेल का सेवन फायदेमंद माना जाता है। यह रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में काफी मददगार है। इसके अलावा डायबिटीज रोगियों के लिए सभी आवश्यक पोषक तत्व इससे प्राप्त किए जा सकते हैं।कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता हैअखरोट को स्वस्थ वसा का समृद्ध स्रोत माना जाता है। अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, रक्त लिपिड, एपोलिपोप्रोटीन और रक्तचाप को नियंत्रित रखने के लिए इस ड्राई फ्रूट का सेवन फायदेमंद हो सकता है। अखरोट में कोलेस्ट्रॉल को कम करने के गुण पाए जाते हैं। यह शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में सहायक है, जिससे हृदय की गतिविधियां सुचारू बनी रहती हैं।
- जामुन की गुठली के फायदे. अप्रैल से जुलाई के महीने तक उपलब्ध रहने वाला जामुन किसी औषधि से कम नहीं है. आयुर्वेद के अनुसार, जामुन डायबीटीज के मरीजों के लिए बेहतरीन औषधि है. जाने माने आयुर्वेद डॉक्टर अबरार मु्ल्तानी के अनुसार जामुन की गुठली को सुखाकर उनका पाउडर बनाया जाता है. इस पाउडर को खाली पेट लेने डायबीटीज या मधुमेह जैसी बीमारी में अत्यधिक लाभ मिलता है. इससे शुगर कंट्रोल में रहती है और अपनी लाइफ को पूरी तरह इंजॉय कर पाते हैं.ऐसे करें जामुन की गुठलियों का सेवनजामुन की गुठलियों से पाउडर बनाना बेहद आसान है.सबसे पहले जामुन खाने के बाद इसकी गुठलियों को धो लें.इन्हें हल्के कपड़े से ढककर धूप में सुखा लेंजब गुठलियां सूख जाएं तो इनको टुकड़ों में तोड़ लेंइसके लिए अदरक कूटने के मूसल का भी इस्तेमाल कर सकते हैंजब ये गुठलियां छोटे टुकड़ों में टूट जाएं तो इन्हें मिक्सी में पीसकर पाउडर बना लेंइस पाउडर को सुबह खाली पेट पानी के साथ लें.पथरी के रोगियों के लिए लाभकारीडॉक्टर अबरार मुल्तानी के अनुसार, जामुन का पका हुआ फल पथरी के रोगियों के लिए रोग निवारक दवा है. अगर पथरी बन भी गई तो इसकी गुठली के चूर्ण का प्रयोग दही के साथ करने से लाभ मिलता है. जामुन का लगातार सेवन करने से लीवर में काफी सुधार होता है. उल्टी होने पर जामुन का रस सेवन करेंमुंहासों की समस्या से राहतडॉक्टर अबरार मुल्तानी कहते हैं कि अगर आपको भूख नहीं लगती तो जामुन का सेवन लाभदाक होता है. मुंहासे होने पर जामुन की गुठलियों को सुखाकर पीस लें. इस पावडर में थोड़ा सा गाय का दूध मिलाकर मुंहासों पर रात को लगा लें, सुबह ठंडे पानी से मुंह धोएं लाभ मिलेगा. यह योनि के ph को नियंत्रित करती है, इसलिए जामुन की गुठली लुकोरिया या अन्य प्रदर रोगों में भी लाभकारी हैं.
- मखाना वजन में जितना हल्का होता है, इसके फायदे उतने ही वजनदार होते हैं. वैसे तो इसकी गिनती ड्राई फ्रूट्स के तौर पर होती है, लेकिन आजकल ये लोगों को फेवरेट स्नैक्स भी बन चुका है. कुछ लोग इसे घी में भूनकर, खीर बनाकर, मिठाइयों में ड्राई फ्रूट्स के तौर शामिल करके सेवन करते हैं. मखाने का नियमित सेवन करने से आप कई गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं.क्या कहते हैं डॉक्टरमखाने में कोलेस्ट्रॉल, फैट और सोडियम की मात्रा कम होती है, जबकि मैग्नेशियम, कैल्शियम, कार्ब्स और अच्छे प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. इसके अलावा मखाना ग्लूटेन फ्री होता है. आयुर्वेद डॉक्टर अबरार मुल्तानी की मानें तो यदि 4 से 5 मखाने रोजाना खाली पेट खा लिए जाएं तो शरीर को कई तरह के फायदे मिलते हैं.कम करता है बेली फैटआयुर्वेद डॉक्टर अबरार मुल्तानी के अनुसार, मखाने की मदद से आप पेट की चर्बी कम कर सकते हैं. वे कहते हैं कि जो लोग बेली फैट से परेशान हैं उन्हें डाइट में मखाना जरूर शामिल करना चाहिए, क्योंकि इसमें फैटी की मात्रा न के बराबर होती है जबकि मखाने को गुड फैट्स का सोर्स माना जाता है. साथ ही, इसमें कैलोरीज भी कम होती हैं, ऐसे में इसके सेवन से तोंद कम करना आसान हो जाता है.मखाने खाने से किडनी से विषैले तत्व बाहर निकल जाते हैं और किडनी स्वस्थ्य बनी रहती है.मखाने में प्रचुर मात्रा में कैल्शियम होता है, इसलिए ये हड्डियों को मजबूत करने का काम करता है.प्रेगनेंट महिला को मखाने की खीर बनाकर खानी चाहिए. इससे मां की सेहत बेहतर होती है.डायबिटीज के रोगी रोजाना खाली पेट 4 से 5 मखाने नियमित रूप से खाएं तो उनकी शुगर नियंत्रित होती है.कैसे करें सेवनमखाने को आप कई तरीकों से डाइट में शामिल कर सकते हैं.आप चाहें तो इसे हल्का भूनकर कम नमक के साथ स्नैक्स के रूप में खा सकते हैंमखाने की सब्जी भी स्वादिष्ट होती हैमखाने की खीर भी लोगों को पसंद आती है.आप चाहें तो इसमें किशमिश और बादाम डालकर इसका न्यूट्रिशनल वैल्यू बढ़ा सकते हैं.
- मनुष्य को सेहत का ख्याल रखना बेहद अहम है. खासकर फेफड़ों का स्वस्थ्य होना जरूरी है ।डाइट एक्पसर्ट डॉक्टर रंजना सिंह कहती हैं कि फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए हेल्दी डाइट (Healthy Diet) जरूरी है. हालांकि कुछ ऐसी चीजें हैं भी हैं, फेफड़ों को कमजोर बनाती हैं, उनसे आप जितना जल्दी हों दूरी बना लें. धूम्रपान और तंबाकू के अलावा प्रोसेस्ड मीट, शुगर वाली ड्रिंक और अधिक शराब पीने के कारण भी आपके लंग्स डैमेज हो सकते हैं. इसलिए इनका सेवन न करें.इन चीजों से बना लें दूरीनमक का सेवन कम करेंडाइट एक्पसर्ट डॉक्टर रंजना सिंह के अनुसार, नमक स्वास्थ्य के लिए जरूरी माना जाता है, लेकिन एक सीमित मात्रा में. अधिक मात्रा में नमक का सेवन फेफड़ों की समस्याओं को बड़ा सकता है. इसलिए फेफड़ों को हेल्दी रखने के लिए नमक का कम सेवन करें.शुगर वाले ड्रिंक्स का सेवन न करेंफेफड़ों के लिए शुगर वाले ड्रिंक्स नुकसानदेह होते हैं, क्योंकि, इससे वयस्कों में ब्रोंकाइटिस होने की संभावना रहती है. ऐसे में शुगर वाले ड्रिंक्स के सेवन से बचना चाहिए. इसकी जगह आप पानी का ज्यादा सेवन करें.प्रोसेस्ड मीट से बना लें दूरीप्रेसेस्ड मीट फेफड़ों के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं माना जाता, क्योंकि, इसे प्रीजर्व रखने के लिए नाइट्राइट नामक तत्व मिलाया जाता है, जिससे फेफड़ों में सूजन और तनाव की स्थिति पैदा होती है. ऐसे में प्रोसेस्ड मीट जैसे बेकन, हैम, डेली मांस और सॉसेज आदि खाने से बचना चाहिए.डेयरी प्रोडक्ट्स का लिमिट में करे सेवनवैसे तो डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे दूध, दही और पनीर सेहत के लिए काफी लाभदायक होते हैं, लेकिन जब आप इनका अधिक सेवन करने लगते हैं तो यह फेफड़ों के लिए नुकसानदायक हो जाते हैं. इसलिए डेयरी प्रोडक्ट्स का अधिक सेवन न करेंअधिक शराब का सेवन नुकसानदायकडाइट एक्पसर्ट डॉक्टर रंजना सिंह की मानें तो शराब फेफड़ों के लिए नुकसानदायक होती है. इसमें मौजूद सल्फाइट अस्थमा के लक्षणों को बढ़ा सकते हैं. शराब में इथेनॉल भी मौजूद होते हैं, जो फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकते हैं. ऐसे में आपको अधिक शराब के सेवन से बचना चाहिए.