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- नयी दिल्ली. इंडिया मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) यहां भारत 6जी अलायंस के साथ साझेदारी में नौ और 10 अक्टूबर को दूसरे अंतरराष्ट्रीय भारत 6जी संगोष्ठी की मेजबानी करने के लिए पूरी तरह तैयार है। आधिकारिक बयान में कहा गया है कि एशिया के प्रमुख प्रौद्योगिकी प्रदर्शन आईएमसी में इस संगोष्ठी में इस बात पर चर्चा होगी कि कैसे 6जी प्रौद्योगिकी भारत और उसके बाहर डिजिटल संप्रभुता, आर्थिक विकास और तकनीकी नवोन्मेष को बढ़ावा देगी। इस कार्यक्रम का उद्घाटन संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया करेंगे। उनके साथ संचार और ग्रामीण विकास राज्यमंत्री पेम्मासानी चंद्रशेखर भी होंगे। दूरसंचार सचिव नीरज मित्तल और सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार अजय सूद भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। इस संगोष्ठी में दुनिया के विभिन्न देशों और भारत से 70 से अधिक प्रमुख वक्ता शामिल होंगे। इनमें ब्रिटेन, यूरोप, अमेरिका, जापान, जर्मनी, स्कॉटलैंड, फिनलैंड और स्वीडन जैसे देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले विदेशी प्रतिभागी शामिल होंगे। बयान में कहा गया कि इसमें भाग लेने वाली कंपनियों में एरिक्सन, नोकिया, एनवीडिया और क्वालकॉम जैसे अग्रणी प्रौद्योगिकी और दूरसंचार विक्रेता शामिल हैं। इसके अलावा एनजीएमएन अलायंस और जीएसएमए सहित अंतरराष्ट्रीय उद्योग निकाय भी शामिल हैं। भारत 6जी अलायंस के चेयरमैन डेविड कोइलपिल्लई ने कहा, ‘‘भारत मोबाइल कांग्रेस के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय भारत 6जी संगोष्ठी की मेजबानी भारत के डिजिटल परिवेश के पैमाने और गतिशीलता को बताती है। हमारा ध्यान वैश्विक प्रौद्योगिकी दिग्गजों से लेकर भारतीय दूरसंचार क्षेत्र के बीच सहयोग पर है।'' कोइलपिल्लई ने कहा कि इस वर्ष की संगोष्ठी डिजिटल रूप से समावेशी और आर्थिक रूप से जीवंत विकसित भारत के दृष्टिकोण पर आधारित अत्याधुनिक अनुसंधान, विकास और रणनीतिक साझेदारियों के माध्यम से 6जी दौड़ में अग्रणी होने की भारत की महत्वाकांक्षाओं को बताती है। इस दो दिवसीय कार्यक्रम में उद्योग, शिक्षा जगत और सरकार के बीच दो ऐतिहासिक समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर के साथ-साथ चार प्रौद्योगिकी उद्योग रिपोर्ट भी जारी किए जाएंगे। इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2025, 8-11 अक्टूबर तक नयी दिल्ली में आयोजित होगा। इसका आयोजन दूरसंचार विभाग और उद्योग निकाय सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) संयुक्त रूप से कर रहा है। चार दिन तक चलने वाला आईएमसी- 2025 भारत के डिजिटल परिवेश के विशाल पैमाने और गतिशीलता को प्रदर्शित करेगा। इस आयोजन में 150 से अधिक देशों से 1.5 लाख से अधिक आगंतुकों के आने, 400 से अधिक प्रदर्शकों और भागीदारों के शामिल होने, 7,000 से अधिक वैश्विक प्रतिनिधियों की मेजबानी करने और 100 सम्मेलन सत्रों में 800 से अधिक वक्ताओं के शामिल होने की उम्मीद है।
- मुंबई. एयर इंडिया समूह ने मंगलवार को कहा कि वह नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से अपनी किफायती विमानन कंपनी एयर इंडिया एक्सप्रेस के साथ वाणिज्यिक उड़ानें शुरू करेगा। पहले चरण में 15 से अधिक शहरों के लिए प्रतिदिन 20 उड़ानों का परिचालन किया जाएगा। एयर इंडिया ने बयान में कहा कि 2026 के मध्य तक इसे बढ़ाकर 55 किया जाएगा, जिसमें पांच अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शामिल होंगी। अदाणी समूह और महाराष्ट्र के नगर विकास प्राधिकरण सिडको के संयुक्त स्वामित्व वाले नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (एनएमआईए) का इस महीने के अंत में संचालन शुरू हो सकता है। एयर इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एवं प्रबंध निदेशक कैंपबेल विल्सन ने कहा, ‘‘ हम नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर परिचालन शुरू करने को उत्सुक हैं। हम अदाणी एयरपोर्ट्स के साथ मिलकर एनएमआईए को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाले एक केंद्र के रूप में विकसित कर खुश हैं। साथ ही अपनी रणनीतिक भौगोलिक स्थिति को देखते हुए यात्रियों एवं माल ढुलाई दोनों के लिए देश के प्रमुख वैश्विक पारगमन केंद्रों में से एक के रूप में भी इसे विकसित कर प्रसन्न हैं।'' अदाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अरुण बंसल ने कहा, ‘‘ यह साझेदारी मुंबई के संपक्र परिदृश्य को नए सिरे से परिभाषित करेगी...यात्रियों के लिए दक्षता एवं सर्वोत्तम अनुभव बढ़ाने के लिए एनएमआईए द्वारा अपनाई गई प्रौद्योगिकी आने वाले दशकों में यात्रियों के लिए निर्बाध एवं बेहतर यात्राएं प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।'' नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण पांच चरणों में किया जा रहा है। इसके प्रारंभिक चरण में प्रति वर्ष दो करोड़ यात्रियों (एमपीपीए) और पांच लाख टन (एमएमटी) कार्गो संभालने की उम्मीद है। एयर इंडिया ने कहा कि निर्माण पूरा होने पर एनएमआईए में प्रति वर्ष नौ करोड़ यात्रियों को सेवा प्रदान किए जाने और यहां सालाना 32 लाख टन माल ढुलाई होने की संभावना है।
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नई दिल्ली। घरेलू बाजार में यात्री कारों की बिक्री भले ही घट रही हो, लेकिन निर्यात के मोर्चे पर उसकी रफ्तार बढ़ रही है। मेक्सिको और अफ्रीका जैसे देशों में सस्ती कारों की मांग बढ़ने से निर्यात को बल मिल रहा है। इन देशों में लोगों की खर्च करने की क्षमता लगातार बेहतर हो रही है, मगर कीमत के मामले में वे काफी संवेदनशील हैं।वाहन विनिर्माताओं के संगठन सायम के आंकड़ों से पता चलता है कि चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से अगस्त के बीच यात्री कारों का निर्यात एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 8.5 फीसदी बढ़ गया जबकि घरेलू बिक्री 8.5 फीसदी घट गई। यह घरेलू बाजार में कमजोर मांग का संकेत है।
मारुति सुजूकी के निर्यात में इस दौरान 37 फीसदी और ह्युंडै मोटर इंडिया के निर्यात में 12.45 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। यात्री वाहनों में कार और यूटिलिटी वाहन दोनों शामिल हैं।मारुति यात्री कार श्रेणी में स्विफ्ट, बलेनो, डिजायर आदि मॉडल का निर्यात करती है। अप्रैल से अगस्त के बीच उसने निर्यात में 43 फीसदी की भारी वृद्धि दर्ज की। ह्युंडै ने भी यात्री कार के निर्यात में करीब 16 फीसदी की वृद्धि दर्ज की। वह भारत से आई10 निओस का निर्यात करती है। मगर इस दौरान घरेलू बाजार में ह्युंडै की यात्री कारों की बिक्री में करीब 16 फीसदी घट गई। मारुति की यात्री कारों की घरेलू बिक्री में भी 6.4 फीसदी की गिरावट आई।मारुति सुजूकी के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी राहुल भारती ने कहा, ‘दिलचस्प है कि हमारे शीर्ष 5 निर्यात मॉडलों में सभी चार मीटर से कम लंबाई वाले हैं। इससे स्पष्ट है कि वैश्विक स्तर पर ग्राहक कॉम्पैक्ट कारों को पसंद कर रहे हैं। ग्राहक समझते हैं कि छोटी कारों का पर्यावरण पर कम प्रभाव पड़ता है और इससे सड़क पर भीड़ कम करने में भी मदद मिलती है।’वित्त वर्ष 2026 में मारुति के शीर्ष 5 निर्यात मॉडलों में फ्रोंक्स, जिम्नी, स्विफ्ट, बलेनो और डिजायर शामिल हैं। इनके शीर्ष 5 बाजारों में जापान, पश्चिम एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका शामिल हैं। छोटी कारों के निर्यात के मामले में ह्युंडै के लिए भी लैटिन अमेरिकी और अफ्रीकी बाजार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।ह्युंडै मोटर इंडिया के पूर्णकालिक निदेशक एवं सीओओ तरुण गर्ग ने कहा, ‘हमारी छोटी कारें विशेष रूप से आई10 निओस दक्षिण अफ्रीका, मेक्सिको और चिली जैसे बाजारों में काफी अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। वहां के ग्राहक ह्युंडै की उन्नत सुविधाओं, गुणवत्ता और प्रीमियम डिजाइन को काफी महत्त्व देते हैं।’एसऐंडपी ग्लोबल मोबिलिटी के निदेशक (मोबिलिटी फोरकास्ट इंडिया ऐंड आसियान रीजन) पुनीत गुप्ता ने कहा, ‘बड़े पैमाने पर कॉम्पैक्ट एवं सस्ती कारों के उत्पादन में भारतीय विशेषज्ञता ने एक दमदार विनिर्माण आधार तैयार किया है। यह भारत को छोटी कारों की वैश्विक मांग के लिए एक स्वाभाविक निर्यात केंद्र के रूप में स्थापित करता है।’गुप्ता ने कहा, ‘अफ्रीका और मेक्सिको जैसे देशों में लोगों की खर्च करने की क्षमता लगातार बढ़ रही है। मगर वे कीमतों के प्रति काफी संवेदनशील हैं। यही कारण है कि सस्ती एवं भरोसेमंद कारों की मांग बढ़ रही है। भारत इस मांग को पूरा करने और छोटी कारों के लिए दुनिया का कारखाना बनने के लिए तैयार है।’ गर्ग ने कहा कि वित्त वर्ष 2026 के लिए वह 7 से 8 फीसदी वृद्धि का लक्ष्य रख रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘हमारे अधिकांश निर्यात बाजार में स्थिरता और लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है। अप्रैल से अगस्त 2025 तक हमने निर्यात में 12.5 फीसदी की वृद्धि दर्ज की और अब हम 8 फीसदी वृद्धि के लक्ष्य की ओर अग्रसर हैं।’मारुति वित्त वर्ष 2022 से ही कार निर्यात करने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी बनी हुई है। भारती ने कहा कि कंपनी इस रफ्तार को जारी रखने के लिए योजना बना रही है। यात्री वाहनों के कुल निर्यात में मारुति की हिस्सेदारी फिलहाल 46 फीसदी से अधिक है। उन्होंने कहा, ‘इसके अलावा इस साल 4,00,000 वाहनों के निर्यात का लक्ष्य है। हमारा खरखोदा कारखाना शुरू हो गया है। गुड़गांव, मानेसर, गुजरात और खरखोदा के साथ बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए हमारे पास पर्याप्त क्षमता है।’भारती ने कहा कि मारुति का निर्यात काफी विविधतापूर्ण है और वह दुनिया के 100 से अधिक देशों में निर्यात करती है। कंपनी के यूटिलिटी व्हीकल का भी प्रदर्शन भी काफी अच्छा दिख रहा है। उन्होंने कहा, ‘पिछले साल हमने फ्रोंक्स और जिम्नी के साथ जापान को निर्यात शुरू किया था। इस साल हमने ई-विटारा के साथ यूरोप में दस्तक दी है।’ह्युंडै का भी मानना है कि छोटी कारों के अलावा एक्सटर, वेन्यू, क्रेटा व अल्कजर जैसे उसके एसयूवी मॉडल भी निर्यात में पर्याप्त योगदान करते हैं। -
नयी दिल्ली. एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 6.5 प्रतिशत पर मंगलवार को बरकरार रखा। रेटिंग एजेंसी ने मोटे तौर पर अनुकूल मानसून के बीच मजबूत घरेलू मांग का हवाला देते हुए इसे 6.5 प्रतिशत पर कायम रखा है। एसएंडपी ने साथ ही कहा कि उसे चालू वित्त वर्ष में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की उम्मीद है क्योंकि उसने चालू वित्त वर्ष के लिए अपने मुद्रास्फीति पूर्वानुमान को घटाकर 3.2 प्रतिशत कर दिया है। अप्रैल-जून तिमाही में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रही थी।
एसएंडपी ने बयान में कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष (31 मार्च, 2026 को समाप्त होने वाला वर्ष) में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रहेगी। हमारा अनुमान है कि घरेलू मांग मजबूत बनी रहेगी जिसे मोटे तौर पर सौम्य मानसून, आयकर तथा माल एवं सेवा कर में कटौती और सरकारी निवेश में तेजी से मदद मिलेगी।'' रेटिंग एजेंसी ने कहा कि खाद्य मुद्रास्फीति में अपेक्षा से कहीं अधिक कमी से चालू वर्ष में मुद्रास्फीति को कम रखने में मदद मिलेगी। एसएंडपी ने कहा, ‘‘ इससे मौद्रिक नीति में और समायोजन की गुंजाइश बनती है। हमारा अनुमान है कि भारतीय रिजर्व बैंक चालू वित्त वर्ष में ब्याज दर (रेपो रेट) में 0.25 प्रतिशत की कटौती करेगा।'' एसएंडपी ने अपनी रिपोर्ट ‘एशिया-प्रशांत चौथी तिमाही 2025: बाह्य दबाव से वृद्धि में कमी' में कहा कि पूरे क्षेत्र में अपेक्षाकृत लचीली घरेलू मांग से अमेरिकी आयात शुल्क में वृद्धि एवं धीमी वैश्विक वृद्धि के बाद मजबूत बाह्य प्रतिकूल परिस्थितियों का प्रभाव कम हो जाएगा। विभिन्न एशियाई अर्थव्यवस्थाओं से आयात पर अमेरिकी शुल्क उनके निर्यात परिदृश्य तथा क्षेत्रीय आपूर्ति श्रृंखलाओं में उनकी भूमिका दोनों को आकार देंगे। एसएंडपी ने कहा, ‘‘ अमेरिकी शुल्क पर हमारी जून की धारणाओं के सापेक्ष, चीन का प्रदर्शन अब तक अन्य एशियाई अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में कुछ बेहतर रहा है। दक्षिण-पूर्व एशियाई उभरते बाजारों का प्रदर्शन कुछ खराब रहा है। भारत पर अनुमान से कहीं अधिक बुरा असर पड़ा है। -
नयी दिल्ली. वाहन विनिर्माता टाटा मोटर्स ने मंगलवार को कहा कि उसके डीलरों ने नवरात्रि पर्व के पहले दिन करीब 10 हजार यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री की। नई जीएसटी व्यवस्था लागू होने के बाद वाहनों की कीमतों में आई कमी से ग्राहकों की मांग में यह तेजी देखने को मिली है। टाटा मोटर्स ने बयान में कहा कि उसके यात्री वाहनों के शोरूम पर देशभर में 25 हजार से अधिक ग्राहक पूछताछ दर्ज की गई। टाटा मोटर्स यात्री वाहन खंड के मुख्य वाणिज्य अधिकारी अमित कामत ने कहा, ‘‘हम ग्राहकों की बेहद उत्साहजनक प्रतिक्रिया देख रहे हैं। नई जीएसटी दरों की घोषणा का हम अपने ग्राहकों को पूरा लाभ दे रहे हैं और आकर्षक त्योहारी पेशकश भी दे रहे हैं।'' उन्होंने बताया कि इस पेशकश से पूछताछ और बुकिंग में तेज उछाल आया है। शोरूम पर आने वाले ग्राहकों की संख्या बढ़ी है और ऑर्डर बुक भी लगातार मजबूत हो रही है। डीलरशिप ने त्योहारी भीड़ को देखते हुए कामकाज की अवधि भी बढ़ा दी है। कामत ने कहा कि कंपनी के लोकप्रिय मॉडल- नेक्सन और पंच की मांग सबसे ज्यादा है। उन्होंने कहा, ‘‘बुकिंग आंकड़ा और निर्धारित आपूर्ति के साथ हम त्योहारी मांग पूरी तरह तैयार हैं और नए रिकॉर्ड बनाने को लेकर आशान्वित हैं।'' मारुति सुजुकी और हुंदै मोटर इंडिया ने भी नई जीएसटी व्यवस्था के बाद सोमवार को ग्राहकों की बढ़ी मांग से जोरदार बिक्री दर्ज की। मारुति सुजुकी की बिक्री नवरात्रि के पहले दिन 30 हजार इकाई के स्तर पर रही जबकि हुंदै ने 11 हजार वाहनों की बिक्री की।
- नयी दिल्ली. कृषि आयुक्त पी. के. सिंह ने सोमवार को कहा कि अधिक बुवाई और अनुकूल मानसूनी बारिश के कारण देश का खरीफ खाद्यान्न उत्पादन फसल वर्ष 2025-26 (जुलाई-जून) के लिए निर्धारित 17 करोड़ 13.9 लाख टन के सरकारी लक्ष्य को पार कर जाने की संभावना है। उन्होंने कहा कि कम बुवाई के बावजूद, तिलहन और दलहन फसलों के लिए संभावनाएं सकारात्मक बनी हुई हैं क्योंकि अच्छी फसल स्थितियों के कारण उत्पादकता अधिक रहने की उम्मीद है। सिंह ने कहा कि खरीफ मौसम में कुल बुवाई क्षेत्र की तुलना में बाढ़ और भारी बारिश से फसलों को हुआ नुकसान कम है। बायोलॉजिकल एग्री सॉल्यूशंस एसोसिएशन ऑफ इंडिया (बीएसएआई) द्वारा आयोजित एक सम्मेलन के अवसर पर सिंह ने कहा, ‘‘फसल की स्थिति अच्छी है और कुल (खरीफ खाद्यान्न) उत्पादन इस वर्ष के लिए निर्धारित लक्ष्यों से अधिक होगा।'' उन्होंने कहा कि खरीफ फसलों का रकबा पिछले वर्षों की तुलना में अधिक हो गया है, जो हाल के वर्षों में सामान्य 10.95 करोड़ हेक्टेयर से बढ़कर 11 करोड़ हेक्टेयर से अधिक है, जो धान और मक्का के बढ़ते रकबे का परिणाम है। सिंह ने कहा कि कुछ क्षेत्रों में बाढ़ और भारी बारिश से नुकसान की सूचना है, लेकिन प्रभावित क्षेत्र कुल बोए गए क्षेत्र की तुलना में छोटा है। उन्होंने कहा कि वास्तविक नुकसान का आकलन बाढ़ का पानी उतरने के बाद ही पता चलेगा। तिलहन, विशेष रूप से सोयाबीन के लिए, खेती का रकबा कम था, लेकिन फसल की स्थिति बहुत अच्छी बनी हुई है, जिससे उत्पादकता बढ़ने की संभावना है। उन्होंने कहा कि यही बात दालों पर भी लागू होती है। रबी (सर्दियों) की बुवाई के बारे में, कृषि आयुक्त ने कहा कि राजस्थान में जल्दी कटाई के बाद इसकी शुरुआत हो गई है, जबकि अन्य जगहों पर तैयारियां चल रही हैं। सिंह ने कहा कि सरकार तीन से 18 अक्टूबर तक ‘‘विकसित कृषि अभियान'' शुरू करेगी, जिसके तहत किसानों को सहयोग देने के लिए गांवों में 2,100 टीमें तैनात की जाएंगी।
- कोलकाता. आईटीसी लिमिटेड के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक संजीव पुरी ने सोमवार को अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों को एक ऐतिहासिक क्षण बताया। उन्होंने कहा कि ये कदम उत्पादों को अधिक किफायती बनाएगा, उपभोग को बढ़ावा देगा और लघु एवं मझोले उद्यमों को ऊर्जा प्रदान करेगा। पुरी ने लिंक्डइन पर पोस्ट में नवरात्रि की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा इस संबंध में की गई घोषणा का स्वागत किया। उन्होंने इसे दूरदर्शी, पथप्रदर्शक और एक ऐसा कदम बताया जो भारत विकास यात्रा को गति देगा।आईटीसी प्रमुख ने पोस्ट में लिखा, ‘‘जीएसटी बचत उत्सव, आयकर में पहले किए गए साहसिक संशोधनों के साथ मिलकर, लोगों के हाथों में 2.5 लाख करोड़ रुपये की बचत लेकर आया है।'' उन्होंने कहा कि इससे उपभोग, निवेश, उच्च आय और रोजगार का एक अच्छा चक्र बनेगा।
- श्रीनगर. पिछले 10 दिनों में कश्मीर घाटी से देश भर के बाजारों में 1.3 लाख मीट्रिक टन से अधिक ताजा फलों का परिवहन किया गया। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। कश्मीर संभागीय आयुक्त अंशुल गर्ग ने यहां एक प्रेस वार्ता में कहा कि हर दिन ताजे फल और अन्य सामग्री से लदे 1500-2000 ट्रक घाटी में आते हैं और इन्हें वैकल्पिक दिनों में राष्ट्रीय राजमार्ग और मुगल रोड से भेजा जाता है। गर्ग ने बताया, "पिछले 10 दिनों में 1.37 लाख मीट्रिक टन फल घाटी से श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग, मुगल रोड और पार्सल ट्रेन के जरिए भेजे गए हैं।" गर्ग ने बताया कि मुख्य सचिव ने जिला प्रशासन, बीआरओ, यातायात और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरणों के साथ समन्वय करके ताजे फलों और आवश्यक आपूर्ति के परिवहन को सुव्यवस्थित करने के लिए हाल ही में एक एसओपी तैयार किया है। उन्होंने कहा, "यदि किसी दिन राष्ट्रीय राजमार्ग पर ट्रैफिक श्रीनगर से जम्मू की ओर है, तो उसी दिन मुगल रोड के जरिए जम्मू से श्रीनगर की ओर माल भेजा जाता है। अगले दिन यह पैटर्न उल्टा हो जाता है ताकि जम्मू से घाटी तक आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आवाजाही हो सके।" हाल ही में खराब मौसम और भूस्खलन के कारण लंबी अवधि तक बंद रहने वाले राजमार्ग की स्थिति का जिक्र करते हुए गर्ग ने कहा कि इसके पुनरुद्धार का कार्य तेज गति से जारी है। उन्होंने कहा कि रविवार को ताजे फलों को घाटी से लाने के लिए मुगल रोड से 1,800 से 1,900 ट्रक जम्मू की ओर गए। गर्ग ने कहा कि घाटी से नयी पार्सल ट्रेन सेवा नयी दिल्ली के लिए परिचालित हो गई है और यह भी फलों का परिवहन कर रही है। गर्ग ने बताया कि ट्रेन के जरिए रोजाना करीब 800-1,000 टन ताजा फल भेजे जा रहे हैं। अब कश्मीर के उत्तर और दक्षिण के किसान क्रमशः बारामुला और अनंतनाग से अपने उत्पाद आसानी से ट्रेन में लाद सकते हैं। जरूरी वस्तुओं के स्टॉक की स्थिति की ओर इशारा करते हुए गर्ग ने कहा कि घाटी में पेट्रोल, डीजल, एलपीजी, खाद्य और उपभोक्ता वस्तुओं की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा, "आवश्यक वस्तुओं का पर्याप्त स्टॉक मौजूद है। हमारे पास ईंधन और खाद्य वस्तुओं का पूरे सप्ताह का स्टॉक है। स्टॉक नियमित रूप से भरा जाएगा। लोगों से अनुरोध है कि अफवाहों पर विश्वास न करें और घबराहट में खरीदारी न करें।
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नयी दिल्ली. जीएसटी दरों में कटौती सोमवार से लागू होने के साथ ही कारों की कीमतों में आई गिरावट को देखते हुए देशभर के वाहन शोरूम में खरीदारों की भारी भीड़ देखने को मिली। नए जीएसटी नियम लागू होने के साथ नवरात्रि का भी पहला दिन होने से वाहन खरीद के लिए जबर्दस्त रुझान देखा गया। हालत यह हो गई कि वाहन विनिर्माताओं मारुति सुजुकी और हुंदै मोटर इंडिया ने पिछले कई वर्षों में एक दिन की बिक्री का नया रिकॉर्ड बना दिया। अग्रणी वाहन कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने कहा कि उसकी खुदरा बिक्री सोमवार शाम को ही 25,000 इकाई का आंकड़ा पार कर गई और दिन के अंत तक इसके 30,000 वाहन से अधिक रहने का अनुमान है। कंपनी के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी (बिक्री एवं विपणन) पार्थो बनर्जी ने बताया कि कंपनी के डीलरशिप पर लगभग 80,000 ग्राहकों ने पूछताछ की। छोटे कार मॉडल की बुकिंग में 50 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई जबकि कुछ मॉडल का स्टॉक खत्म होने की संभावना है। हुंदै मोटर इंडिया के मुख्य परिचालन अधिकारी तरुण गर्ग ने कहा कि पहले दिन ही लगभग 11,000 वाहनों की बिक्री हुई जो पिछले पांच वर्षों में कंपनी का सबसे अच्छा बिक्री आंकड़ा है। उन्होंने कहा कि नवरात्रि के शुभारंभ और जीएसटी सुधारों की वजह से बाजार में सकारात्मक ऊर्जा आई है। छोटी कारों पर जीएसटी को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है। इस संशोधन से पेट्रोल, डीजल, हाइब्रिड, सीएनजी और एलपीजी इंजन वाली 1200 सीसी तक की कारों की कीमतों में 40,000 से 1.2 लाख रुपये तक की अनुमानित गिरावट आई है। वाहन वितरकों के राष्ट्रीय संगठन फाडा के अध्यक्ष सी एस विग्नेश्वर ने कहा कि पिछले तीन-चार हफ्तों से ग्राहकों की पूछताछ में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही थी और नवरात्रि के पहले दिन बिक्री में जबर्दस्त रुझान देखा गया। विग्नेश्वर ने कहा कि कई ग्राहक कीमतों में कटौती के बाद अब कहीं ऊंची श्रेणी की कार खरीदने की योजना बना रहे हैं। कर संशोधन पर विग्वेश्वर ने कहा कि यह सुधार सिर्फ इस त्योहारी मौसम के लिए नहीं, बल्कि आने वाले कई वर्षों में उद्योग के लिए लाभकारी साबित होगा। फाडा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘हम बहुत आभारी हैं कि सरकार ने ये दरें कम कर दी हैं। हम भी, अन्य उद्योगों की तरह, इन दरों को कम करने का अनुरोध करते रहे हैं। और आखिरकार, मुझे लगता है कि ऐसा हुआ है।'' हालांकि, उन्होंने नवरात्रि के पहले दिन की वाहन बिक्री के बारे में कोई अनुमान नहीं बताया।
हालांकि, पुराने वाहनों के कारोबार से जुड़े ऑनलाइन मंच कार्स24 ने कहा कि नवरात्रि के पहले दिन दोपहर तक उसकी कार डिलिवरी में 400 प्रतिशत की रिकॉर्डतोड़ वृद्धि दर्ज की गई। दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में सबसे अधिक बिक्री हुई जिसके बाद अहमदाबाद, बेंगलुरु, पुणे और मुंबई का स्थान रहा। वाहन विनिर्माता कंपनियों के संगठन सियाम के महासचिव राजेश मेनन ने कहा कि जीएसटी दर कटौती से उपभोक्ताओं में उत्साह बढ़ेगा और भारतीय वाहन क्षेत्र को नई रफ्तार मिलेगी। इस बीच, होंडा कार्स इंडिया ने कहा कि विभिन्न मॉडल की कीमतों को जीएसटी लाभ और रणनीतिक मूल्य निर्धारण के साथ दिसंबर तक के लिए आकर्षक बनाया गया है। -
नई दिल्ली। भारतीय आईटी कंपनियों के शेयरों में सोमवार सुबह बड़ी गिरावट दर्ज की गई। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने इमिग्रेशन नियमों में बड़े बदलाव की घोषणा की है। इस कारण आईटी शेयरों में भारी गिरावट आई और निफ्टी आईटी इंडेक्स (Nifty IT Index) 3 फीसदी से ज्यादा टूट गया।
अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने 19 सितंबर को अचानक एक नए आदेश के तहत एच1-बी वीजा शुल्क बढ़ाने की घोषणा की। इससे एच1-बी वीजा पर काम कर रहे हजारों भारतीय पेशेवरों के बीच चिंता, घबराहट और अविश्वास का माहौल पैदा हो गया।एनालिस्ट्स का मानना है कि इस फैसले से बाजार में शॉर्ट टर्म में उतार-चढ़ाव आ सकता है। लेकिन लॉन्ग टर्म में असर सीमित रहेगा। बड़े आईटी कंपनियों पर असर कम होगा। जबकि मिड-टियर फर्मों के लिए यह ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो सकता है। बाजार में निफ्टी आईटी इंडेक्स अब तक का सबसे कमजोर सेक्टर रहा है। 2025 में यह इंडेक्स 16 फीसदी गिरा है। जबकि इस दौरान निफ्टी50 में 7 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है।H-1B फैसले के बाद IT Stocks पर ब्रोकरेज हाउसेस की रायमोतीलाल ओसवाल का कहना है कि इसका पहला असर वित्त वर्ष 2026-27 की याचिकाओं पर पड़ेगा। H-1B लॉटरी और फाइलिंग साल की चौथी तिमाही से पहली तिमाही के बीच होती है। पिछले दशक में भारतीय आईटी कंपनियों ने H-1B पर निर्भरता घटाई है। यह आदेश अमेरिका में कानूनी चुनौती का सामना कर सकता है। गूगल, अमेज़न, माइक्रोसॉफ्ट, मेटा जैसी बिग टेक कंपनियां H-1B की ज्यादा नई अप्लिकेशन देती हैं। लोकलाइजेशन और सब-कॉन्ट्रैक्टिंग जैसे मॉडल पहले से ही तैयार हैं। ज्यादा लागत के कारण कंपनियां नई अप्लिकेशन से बच सकती हैं और ऑफशोर डिलीवरी बढ़ा सकती हैं या स्थानीय लोगों की भर्ती कर सकती हैं।वहीं, नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने कहा कि फीस बढ़ने से भारतीय आईटी ऑपरेशंस प्रभावित हो सकते हैं। लेकिन असर सीमित रहेगा। उपाय के रूप में कंपनियां ऑफशोरिंग, नियरशोरिंग और लोकल हायरिंग को बढ़ा सकती हैं। पिछले आठ सालों में इंडस्ट्री ने H-1B पर निर्भरता कम कर दी है। नई अप्लिकेशन को कंपनियां आर्थिक रूप से नॉन-प्रेक्टिकल मानकर छोड़ सकती हैं। थोड़ा ऑपरेशनल और फाइनेंशियल असर जरूर पड़ेगा। लेकिन लॉन्ग टर्म में ऑफशोरिंग इस असर को कम कर देगा। हालांकि, शॉर्ट टर्म में सेक्टर में अस्थिरता बनी रह सकती है।एमके ग्लोबल के अनुसार, कंपनियां लोकल हायरिंग बढ़ाकर L-1 वीजा का उपयोग कर सकती हैं। साथ ही H-1B का सीमित उपयोग कर, कॉन्ट्रैक्ट्स को फिर से तय कर या काम को ऑफशोर करके तैयार हो सकती हैं।ब्रोकरेज ने कहा कि कुल असर बहुत बड़ा नहीं होगा, लेकिन शेयर कीमतों पर शॉर्ट टर्म में दबाव रह सकता है। भारतीय आईटी कंपनियां पहले से ही H-1B का सीमित इस्तेमाल करती हैं, वो भी तब जब कोई स्किल गैप होता है। अभी कमाई पर फिलहाल खतरा नहीं है। लेकिन ऑनसाइट वेतन लागत और नई फीस वित्त वर्ष 2026-27 में मुनाफे को प्रभावित कर सकती है। - नई दिल्ली। त्योहार का मौसम नजदीक है और इसी के साथ Flipkart Big Billion Days और Amazon Great Indian Festival की सेल भी 23 सितंबर से शुरू होने वाली है। यह सेल भारत में Black Friday की तरह होती है, जहां ग्राहक इलेक्ट्रॉनिक्स, फैशन, होम अप्लायंसेज और अन्य प्रोडक्ट्स पर बड़े डिस्काउंट का फायदा उठा सकते हैं। इन सेल्स के दौरान ग्राहक नए गैजेट्स, स्मार्टफोन, लैपटॉप, टीवी और कई अन्य प्रोडक्ट्स पर विशेष ऑफर और छूट का लाभ उठा सकते हैं। Prime मेंबर्स और फ्लिपकार्ट प्लस मेंबर्स को पहले एक्सेस और एक्सक्लूसिव ऑफर भी मिलते हैं। यह समय उन लोगों के लिए सही है जो अपने पसंदीदा प्रोडक्ट्स पर अच्छा डिस्काउंट चाहते हैं। Amazon ने पहले ही घोषणा कर दी है कि इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम पर 80% तक की छूट मिलेगी। iPhone 16 को Flipkart पर 51,999 रुपये की शुरुआती कीमत में खरीदा जा सकता है। 23 सितंबर से यह सेल यूजर्स सभी के लिए लाइव हो जाएगी।आइए, जानते हैं साल की सबसे बड़ी सेल के अर्ली एक्सेस सेल में क्या ऑफर्स मिल रहे हैं-स्मार्टफोन और गैजेट्स पर ऑफर्सAmazon-Flipkart सेल में फ्लैगशिप स्मार्टफोन जैसे iPhone 16, Samsung Galaxy S24, Google Pixel 9a आदि पर खास ऑफर्स अर्ली एक्सेस सेल में देखने को मिल रहे हैं।iPhone 16 और गैजेट्स पर बड़ी छूट, Flipkart-Amazon की सेल में मिल रहे भारी डिस्काउंटअगर आप नया फोन, लैपटॉप या टैबलेट खरीदने का सोच रहे हैं, तो Flipkart और Amazon की सेल आपके लिए अच्छा मौका है। इस समय इन प्लेटफॉर्म्स पर कई प्रोडक्ट्स पर भारी छूट दी जा रही है।iPhone 16 सीरीज:iPhone 16 अब ₹51,999 में उपलब्ध है।iPhone 16 Pro की कीमत ₹69,999 है।iPhone 16 Pro Max ₹89,999 में लिस्टेड है।Amazon पर iPhone 15 की शुरुआती कीमत ₹45,749 है।Samsung Galaxy S24 Ultra:Samsung Galaxy S24 Ultra अब लगभग आधी कीमत में मिल रहा है।Amazon पर इसकी शुरुआती कीमत ₹71,999 है।Flipkart पर Samsung Galaxy S24 सिर्फ ₹39,999 में उपलब्ध है।Apple Mac Mini 2024:Apple Mac Mini 2024 अब ₹49,999 में खरीदा जा सकता है, जो पहले ₹64,900 था।इसमें M4 चिपसेट है और यह प्रोफेशनल्स और क्रिएटर्स के लिए उपयुक्त है।Samsung Galaxy Tab S9:Amazon Great Indian Festival Sale में यह टैबलेट ₹39,999 में मिल रहा है।टैबलेट में Dynamic AMOLED 2X डिस्प्ले, Snapdragon 8 Gen 2 प्रोसेसर और S Pen सपोर्ट है।HP Victus गेमिंग लैपटॉप:HP Victus गेमिंग लैपटॉप अब ₹81,990 में उपलब्ध है, पहले इसकी कीमत ₹99,990 थी।इसमें Intel Core i7-13620H प्रोसेसर और 15.6-inch 144Hz डिस्प्ले है।Apple MacBook Air M4 (2025):नई MacBook Air M4 (2025) की कीमत अब ₹80,990 से शुरू हो रही है।यह हल्का और स्टाइलिश लैपटॉप है, जिसमें 18 घंटे तक की बैटरी लाइफ है।Samsung Galaxy Watch 6 Classic:स्मार्टवॉच की चाह रखने वालों के लिए Samsung Galaxy Watch 6 Classic ₹15,999 में उपलब्ध है।इसमें सुपर AMOLED डिस्प्ले और सैफायर क्रिस्टल ग्लास है।Amazon Echo Dot और Fire TV Stick:Amazon Echo Dot (5th Gen) ₹4,449 में मिल रहा है।Fire TV Stick HD ₹2,499 में उपलब्ध है।मोबाइल असेसरीज और किचन आइटम पर छूटमोबाइल केस, हेडफोन, चार्जर और किचन एप्लायंसेस भी इस सेल में 80% तक डिस्काउंट मिलेगा।एयर कंडीशनर पर भी मिलेगा डिस्काउंटनए एयर कंडीशनर खरीदने वाले यूजर्स के लिए यह सेल मददगार साबित होगी। इस सेल में 1 Ton, 1.5 Ton और 2 Ton के विंडो और स्प्लिट AC पर 50 फीसदी से अधिक का डिस्काउंट मिलेगा।बैंक ऑफर्स का भी फायदाइस सेल के दौरान बैंक ऑफर्स का लाभ भी मिलेगा। Amazon पर SBI कार्ड और Flipkart पर ICICI और Axis बैंक कार्ड पर 10% इंस्टैंट कैशबैक मिलेगा।
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नई दिल्ली। देश में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की नई दरें आज सोमवार से लागू हो गईं। नवरात्रि के पहले दिन से लागू इन दरों में मुख्य रूप से अब पांच फीसदी और 18 फीसदी की दो दो श्रेणी हैं। लग्जरी और विलासितापूर्ण वाली वस्तुओं पर अलग से 40 फीसदी कर लगेगा। सिगरेट, तंबाकू और अन्य संबंधित वस्तुओं को छोड़कर नई कर दरें आज से प्रभावी हो गईं।
हर आयु वर्ग और हर समुदाय के लोगों को बड़ी राहतइससे हर आयु वर्ग और हर समुदाय के लोगों को बड़ी राहत मिली है। रसोई में इस्तेमाल होने वाले सामान से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स, दवाइयां और उपकरणों और वाहनों समेत करीब 400 वस्तुएं सस्ती हो गई हैं। रोजमर्रा की जरूरतों का सामान (एफएमसीजी) बनाने वाली प्रमुख कंपनियों ने जीएसटी कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को देने के लिए अपने उत्पादों की कीमतों में कटौती की है।अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार भारत की वृद्धि गाथा को देंगे गतिप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वदेशी वस्तुओं को बढ़ावा देने की पुरजोर वकालत की है। उन्होंने इस अवसर की पूर्व संध्या पर पांच बजे देश के नाम संबोधन में कहा कि अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार भारत की वृद्धि गाथा को गति देंगे। कारोबारी सुगमता को बढ़ाएंगे और अधिक निवेशकों को आकर्षित करेंगे। पिछले एक वर्ष में जीएसटी और आयकर में छूट के कारण देशवासियों को लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई। इससे बाजार में उपभोक्ता विश्वास और मांग में इजाफा हुआ है।देश में इससे पहले जीएसटी के थे चार स्लैबदेश में इससे पहले जीएसटी के चार स्लैब- पांच फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी लागू थे। कुछ महंगी चीजों पर अलग से सेस लगता था। सरकार ने 12 फीसदी वाले 99 फीसदी सामान को 5 फीसदी में और 28 फीसदी वाले 90 फीसदी आइटम को 18 फीसदी में शिफ्ट कर दिया है। इससे आम लोगों को हर महीने थोड़ी राहत मिलेगी।आज से ये वस्तुएं हो गईं सस्तीआज साबुन, पाउडर, कॉफी, डायपर, बिस्कुट, घी और तेल जैसी दैनिक जरूरत की वस्तुएं सस्ती हो गईं। पनीर, मक्खन, नमकीन, जैम, कैच-अप, सूखे मेवे, कॉफी और आइसक्रीम जैसी चीजों पर अब कम टैक्स लगेगा। पहले इन वस्तुओं पर 12 फीसदी या 18 फीसदी जीएसटी लगता था, अब इन्हें पांच फीसदी की स्लैब में रखा गया है। ग्लूकोमीटर, डायग्नोस्टिक किट्स और ज्यादातर दवाओं पर जीएसटी सिर्फ पांच फीसदी हो गया है। पहले ये 12 या 18 फीसदी की स्लैब में थे।सीमेंट पर जीएसटी की दर अब 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी कर दी गई है। टीवी, एसी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन जैसी चीजों पर भी टैक्स कम हुआ है। पहले इन पर 28 फीसदी जीएसटी था। अब ये18 फीसदी के स्लैब में हैं। छोटी कारों पर अब 18 फीसदी और बड़ी गाड़ियों पर 28 फीसदी जीएसटी लगेगा। पहले एसयूवी और एमपीवी जैसी गाड़ियों पर 28 फीसदी टैक्स के साथ 22 फीसदी सेस भी लगता था। जीएसटी कटौती के बाद अब कुल टैक्स घटकर करीब 40 फीसदी हो गया है। सैलून, गा सेंटर, फिटनेस क्लब, हेल्थ स्पा जैसी सेवाओं पर जीएसटी 18 से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है। हेयर ऑयल, साबुन, शैंपू, टूथब्रश, टूथपेस्ट, टैल्कम पाउडर, शेविंग क्रीम, आफ्टरशेव लोशन जैसी चीजों पर अब सिर्फ पांच फीसदी जीएसटी लगेगा। - नई दिल्ली। भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता के दोबारा पटरी पर लौटने के बीच जीएसटी में सुधार के साथ महंगाई के 2004 के बाद अपने ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंचने की संभावना बनी हुई है। एसबीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस बीच सितंबर में ब्याज दर में कटौती आरबीआई के लिए सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है, इस कदम के साथ आरबीआई एक दूरदर्शी केंद्रीय बैंक के रूप में भी उभर सकता है।केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक 29 सितंबर से 1 अक्टूबर तक होने वाली हैकेंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक 29 सितंबर से 1 अक्टूबर तक होने वाली है। पिछली बैठक में ब्याज दरों में बड़ी कटौती के बाद आरबीआई ने अगस्त की बैठक में रेपो रेट को 5.50 प्रतिशत पर बनाए रखा था। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के ग्रुप चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर डॉ. सौम्य कांति घोष के अनुसार, “हमारा मानना है कि सीपीआई महंगाई का निचला स्तर अभी तक नहीं पहुंचा है और जीएसटी रेशनलाइजेशन के कारण यह और 65-75 बेसिस पॉइंट गिर सकता है।”घोष ने कहा, “वित्त वर्ष 27 में भी महंगाई कम रहेगी और जीएसटी रेट में कटौती के बिना यह सितंबर और अक्टूबर में 2 प्रतिशत से नीचे रहेगीघोष ने कहा, “वित्त वर्ष 27 में भी महंगाई कम रहेगी और जीएसटी रेट में कटौती के बिना यह सितंबर और अक्टूबर में 2 प्रतिशत से नीचे रहेगी। वित्त वर्ष 27 के सीपीआई आंकड़े अब 4 प्रतिशत या उससे कम हैं और जीएसटी सुधार के साथ, अक्टूबर में सीपीआई 1.1 प्रतिशत के करीब हो सकता है, जो 2004 के बाद सबसे कम है।”रिपोर्ट के अनुसार, “इसके अलावा, नई सीपीआई सीरीज के साथ, हमें सीपीआई में 20-30 बेसिस पॉइंट की और गिरावट की उम्मीद है2019 का अनुभव भी बताता है कि दरों में सुधार से कुछ ही महीनों में कुल महंगाई में लगभग 35 बेसिस पॉइंट की गिरावट आई। रिपोर्ट के अनुसार, “इसके अलावा, नई सीपीआई सीरीज के साथ, हमें सीपीआई में 20-30 बेसिस पॉइंट की और गिरावट की उम्मीद है। ये सभी कारक (जीएसटी, बेस में बदलाव) बताते हैं कि वित्त वर्ष 26 और वित्त वर्ष 27 के दौरान सीपीआई महंगाई, महंगाई लक्ष्य (4+2 प्रतिशत) के निचले स्तर के आसपास रहेगी।”सितंबर में ब्याज दरें नहीं घटाने से टाइप 2 की गलती दोहराने का कोई मतलब नहीं हैघोष के अनुसार, सितंबर में ब्याज दर में कटौती करने का एक अलग तर्क और औचित्य है। घोष ने जोर देते हुए कहा, “लेकिन इसके लिए आरबीआई को सावधानीपूर्वक जानकारी देनी होगी, क्योंकि जून के बाद ब्याज दर में कटौती के लिए मानदंड वास्तव में अधिक है। लेकिन सितंबर में ब्याज दरें नहीं घटाने से टाइप 2 की गलती दोहराने का कोई मतलब नहीं है। महंगाई वित्त वर्ष 27 में भी कम रहेगी और जीएसटी रेट में कटौती के बिना, यह सितंबर और अक्टूबर में 2 प्रतिशत से नीचे रहेगी।”
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नई दिल्ली। भारत के टैक्स सिस्टम में आज एक ऐतिहासिक बदलाव लागू हो गया है। नया गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी 2.0) पूरे देश में प्रभावी हो चुका है, जो टैक्स ढांचे को सरल बनाने और आम नागरिकों को राहत प्रदान करने की दिशा में सरकार का बड़ा कदम है।
जीएसटी परिषद ने सितंबर की शुरुआत में इसकी मंजूरी दी थी और अब इसका सीधा असर बाजारों पर दिखने लगा हैजीएसटी परिषद ने सितंबर की शुरुआत में इसकी मंजूरी दी थी और अब इसका सीधा असर बाजारों पर दिखने लगा है। नवरात्रि के शुभ अवसर पर ‘जीएसटी बचत उत्सव’ के रूप में इसे प्रचारित किया जा रहा है, जो स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देगा। इस नई व्यवस्था के तहत टैक्स स्लैबों को सरल बनाया गया है, जिससे रोजमर्रा की वस्तुओं और सेवाओं पर बोझ कम होगा। एक नजर डालते हैं टैक्स सिस्टम पर।जीएसटी फैसलों के अनुसार, पनीर, दूध, ब्रेड, स्टेशनरी, जीवन रक्षक दवाएं और शैक्षिक सेवाओं समेत कई आइटम्स पर जीएसटी दर शून्य हो गई हैजीएसटी फैसलों के अनुसार, पनीर, दूध, ब्रेड, स्टेशनरी, जीवन रक्षक दवाएं और शैक्षिक सेवाओं समेत कई आइटम्स पर जीएसटी दर शून्य हो गई है। ये बदलाव तत्काल प्रभावी आज से ही लागू होंगे, जिससे खुदरा कीमतों में कमी आएगी। नई जीएसटी दर के तहत पनीर और छेना (प्री-पैकेज्ड), दूध, रोटी, चपाती, पराठा, जीवन रक्षक दवाएं (33 प्रकार), स्वास्थ्य/जीवन बीमा और शैक्षिक सेवाएं (ट्यूशन, कोचिंग) पर जीरो टैक्स रहेगा। पहले इन सामानों पर 5 से 18 प्रतिशत तक टैक्स लगता था।350 सीसी और उससे कम की बाइक पर अब जीएसटी घटकर 18 प्रतिशत हो गया है, जो कि पहले 28 प्रतिशत थाइसके अलावा, मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन और स्टेशनरी आइटम्स (शार्पनर, कॉपी, नोटबुक, पेंसिल और अन्य उत्पाद), वोकेशनल प्रशिक्षण संस्थान, कौशल विकास पाठ्यक्रम, चैरिटेबल अस्पताल सेवाएं और ट्रस्ट (स्वास्थ्य, शिक्षा) पर 12 से 18 प्रतिशत लगने वाला टैक्स घटकर शून्य हो गया है। साथ ही, एसी और फ्रिज आदि पर जीएसटी 28 प्रतिशत से घटकर 18 प्रतिशत हो गया है। वहीं, गाड़ियों पर टैक्स में कटौती की गई है। 350 सीसी और उससे कम की बाइक पर अब जीएसटी घटकर 18 प्रतिशत हो गया है, जो कि पहले 28 प्रतिशत था।1,200 सीसी और 4 मीटर से कम की पेट्रोल गाड़ियों और 1,500 सीसी और 4 मीटर से कम की डीजल गाड़ियों पर टैक्स घटकर 18 प्रतिशत हो गया हैइसके अलावा, 1,200 सीसी और 4 मीटर से कम की पेट्रोल गाड़ियों और 1,500 सीसी और 4 मीटर से कम की डीजल गाड़ियों पर टैक्स घटकर 18 प्रतिशत हो गया है। इससे ऊपर के सेगमेंट और क्षमता वाली गाड़ियों पर अब 40 प्रतिशत का टैक्स लगेगा, जो कि पहले करीब 50 प्रतिशत होता था।वहीं, तंबाकू, बीड़ी और पान मसाला पर 40% टैक्स बरकरार रखा गया है, जबकि पेट्रोल-डीजल पर कोई बदलाव नहीं हुआ क्योंकि ये अभी भी जीएसटी के दायरे से बाहर हैं। - नयी दिल्ली. स्थानीय शेयर बाजार में सकारात्मक रुख के बीच पिछले सप्ताह सेंसेक्स की शीर्ष 10 सबसे मूल्यवान कंपनियों में से सात के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में सामूहिक रूप से 1,18,328.29 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई। सबसे ज्यादा लाभ भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और भारती एयरटेल को हुआ। पिछले सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 721.53 अंक या 0.88 प्रतिशत के लाभ में रहा।समीक्षाधीन सप्ताह में रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), भारती एयरटेल, एसबीआई, इन्फोसिस और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के बाजार मूल्यांकन में बढ़ोतरी हुई। वहीं आईसीआईसीआई बैंक, बजाज फाइनेंस और हिंदुस्तान यूनिलीवर की बाजार हैसियत घट गई। सप्ताह के दौरान एसबीआई का बाजार मूल्यांकन 35,953.25 करोड़ रुपये बढ़कर 7,95,910 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। भारती एयरटेल की बाजार हैसियत 33,214.77 करोड़ रुपये बढ़कर 11,18,952.64 करोड़ रुपये रही। रिलायंस इंडस्ट्रीज का मूल्यांकन 17,389.23 करोड़ रुपये बढ़कर 19,04,898.51 करोड़ रुपये पर और टीसीएस का बाजार पूंजीकरण 12,952.75 करोड़ रुपये बढ़कर 11,46,879.47 करोड़ रुपये रहा।एलआईसी की बाजार हैसियत 12,460.25 करोड़ रुपये बढ़कर 5,65,612.92 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। इन्फोसिस का मूल्यांकन 6,127.73 करोड़ रुपये बढ़कर 6,39,901.03 करोड़ रुपये हो गया। एचडीएफसी बैंक का बाजार पूंजीकरण 230.31 करोड़ रुपये बढ़कर 14,84,816.26 करोड़ रुपये हो गया। इस रुख के उलट आईसीआईसीआई बैंक का बाजार पूंजीकरण 10,707.87 करोड़ रुपये घटकर 10,01,654.46 करोड़ रुपये पर आ गया। बजाज फाइनेंस का मूल्यांकन 6,346.93 करोड़ रुपये के नुकसान के साथ 6,17,892.72 करोड़ रुपये रहा। हिंदुस्तान यूनिलीवर की बाजार हैसियत 5,039.87 करोड़ रुपये घटकर 6,01,225.16 करोड़ रुपये रह गई। शीर्ष 10 कंपनियों की सूची में रिलायंस इंडस्ट्रीज पहले स्थान पर कायम रही। इसके बाद क्रमश: एचडीएफसी बैंक, टीसीएस, भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, इन्फोसिस, बजाज फाइनेंस, हिंदुस्तान यूनिलीवर और एलआईसी का स्थान रहा।
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नयी दिल्ली. रोजमर्रा की जरूरतों का सामान (एफएमसीजी) बनाने वाली प्रमुख कंपनियों ने जीएसटी कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को देने के लिए अपने उत्पादों की कीमतों में कटौती की है। ऐसे में सोमवार से साबुन, पाउडर, कॉफी, डायपर, बिस्कुट, घी और तेल जैसी दैनिक जरूरत की वस्तुएं सस्ती हो जाएंगी। इस कदम से आगामी त्योहारी सत्र, जो नवरात्रि के साथ शुरू होता है, के दौरान खपत में वृद्धि और बिक्री में उछाल आने की उम्मीद है। एफएमसीजी कंपनियों ने जीएसटी 2.0 के लाभों को बिना किसी देरी के उपभोक्ताओं तक पहुंचाया है। इन कंपनियों ने 22 सितंबर से साबुन, शैम्पू, बेबी डायपर, मंजन, रेजर और आफ्टर-शेव लोशन सहित अपने उत्पादों की अधिकतम खुदरा मूल्य की संशोधित सूची जारी की है। इसका मकसद उपभोक्ताओं को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) दर में कटौती का लाभ देना है।
प्रॉक्टर एंड गैंबल, इमामी और एचयूएल जैसी कंपनियों ने नई मूल्य सूची जारी की हैं। इसके बारे में कंपनियों की वेबसाइट के माध्यम से उनके संबंधित वितरकों और उपभोक्ताओं को सूचित किया गया है। प्रॉक्टर एंड गैंबल ने अपने उत्पादों की एक संशोधित सूची जारी की है। इसमें उसने विक्स, हेड एंड शोल्डर्स, पैंटीन, पैम्पर्स (डायपर), जिलेट, ओल्ड स्पाइस और ओरल-बी आदि ब्रांड के उत्पादों की कीमतों में कमी की है। पीएंडजी इंडिया ने बच्चों के देखभाल से जुड़े उत्पादों के दाम भी कम किए हैं। इन उत्पादों में डायपर पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटकर पांच प्रतिशत और बेबी वाइप्स पर जीएसटी 18 प्रतिशत से घटकर पांच प्रतिशत हो जाएगा। नई दरें 22 सितंबर, 2025 से प्रभावी होंगी। कंपनी जिलेट और ओल्ड स्पाइस की कीमतों में भी कमी करने जा रही है। इमामी बोरोप्लस एंटीसेप्टिक क्रीम, नवरत्न आयुर्वेदिक तेल और झंडू बाम आदि की कीमतें भी कम हो रही हैं। एचयूएल ने भी जीएसटी सुधारों के बाद 22 सितंबर से डव शैम्पू, हॉर्लिक्स, किसान जैम, ब्रू कॉफी, लक्स और लाइफबॉय साबुन सहित अपने उपभोक्ता उत्पाद रेंज की कीमतों में कमी करने की घोषणा की है। जीएसटी परिषद ने इस महीने की शुरुआत में माल एवं सेवा कर के चार स्लैब की जगह दो स्लैब करने का फैसला किया है। अब कर की दरें पांच और 18 प्रतिशत होंगी जबकि विलासिता वस्तुओं पर 40 प्रतिशत की विशेष दर लागू होगी। सिगरेट, तंबाकू और अन्य संबंधित वस्तुओं को छोड़कर नई कर दरें 22 सितंबर से प्रभावी हो जाएंगी। -
नयी दिल्ली। सोमवार से नई जीएसटी दरों के लागू होने के साथ कुछ जीवन रक्षक दवाएं और चिकित्सा उपकरण सस्ते हो जाएंगे, जिससे हर नागरिक के लिए स्वास्थ्य सेवा अधिक किफायती और सुलभ हो जाएगी। फार्मा उद्योग से जुड़े लोगों ने यह जानकारी दी। भारतीय फार्मास्युटिकल अलायंस के महासचिव सुदर्शन जैन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा घोषित ऐतिहासिक माल एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधार 22 सितंबर से लागू हो रहे हैं, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं हर नागरिक के लिए और अधिक किफायती और सुलभ बन जाएंगी। उन्होंने आगे बताया, "ज्यादातर दवाओं पर पहले 12 प्रतिशत जीएसटी लगता था, लेकिन अब इन पर केवल पांच प्रतिशत जीएसटी लगेगा। इसके अलावा, कैंसर, आनुवंशिक और दुर्लभ बीमारियों तथा हृदय रोगों से जुड़ी 36 महत्वपूर्ण जीवन रक्षक दवाओं को पूरी तरह से कर से मु्क्त कर दिया गया है।" जैन ने बताया कि जीएसटी परिषद ने स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम, ग्लूकोमीटर और सुधारात्मक चश्मों पर लगने वाली कर की दरों को भी तर्कसंगत बनाया है। उन्होंने आगे कहा, ‘‘ये कदम भारत की स्वास्थ्य व्यवस्था में एक बड़ा बदलाव दर्शाते हैं। इससे मरीजों को सीधी बचत होगी, परिवारों पर खर्च का बोझ कम होगा, जरूरी इलाज तक पहुंच आसान होगी और देश की स्वास्थ्य सुरक्षा मजबूत होगी।'' जैन ने आगे कहा, "भारतीय फार्मास्युटिकल अलायंस (आईपीए) यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है कि इन लाभों का फायदा नागरिकों तक तेजी और पारदर्शिता के साथ पहुंचे। हमारा उद्देश्य सभी के लिए सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सेवा को आगे बढ़ाना है।'' इससे पहले, ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ फार्मास्युटिकल प्रोड्यूसर्स ऑफ इंडिया (ओपीपीआई) के महानिदेशक अनिल मताई ने कहा था कि जीवन रक्षक दवाओं पर जीएसटी कम करने का फैसला एक ऐतिहासिक और सहानुभूतिपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि यह साहसिक कदम मरीजों और उनके परिवारों पर आर्थिक बोझ को काफी हद तक कम करेगा और इलाज को अस्पताल से लेकर घर तक हर स्तर पर सस्ता और सुलभ बनाएगा।
- नयी दिल्ली। नई जीएसटी दरें लागू होने के साथ ही होटल में 7,500 रुपये या उससे कम किराये वाले कमरे सोमवार से 525 रुपये तक सस्ते हो जाएंगे। आतिथ्य क्षेत्र के दिग्गजों ने कहा कि होटल उद्योग के लिए, इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के बिना माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों को 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने से वृद्धि को समर्थन मिलेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि इससे राजस्व में वृद्धि होगी, निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा और होटल देश भर में मेहमानों को बेहतर सेवाएं दे सकेंगे। इस समय 7,500 रुपये तक के दैनिक किराये वाले होटल के कमरों पर आईटीसी के साथ 12 प्रतिशत जीएसटी लगता है। होटल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अनुसार, इस कटौती से कमरे का किराया सात प्रतिशत सस्ता होगा। इसी प्रकार यात्रियों को भोजन पर जीएसटी का लाभ भी मिलेगा। रेडिसन होटल समूह के दक्षिण एशिया के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) निखिल शर्मा ने बताया कि सरलीकृत कर संरचना होटल संचालकों और यात्रियों के लिए स्पष्टता लाएगी। रमाडा जैसे ब्रांड के मालिक, विन्धम होटल्स एंड रिजॉर्ट्स के यूरेशिया बाजार के प्रबंध निदेशक राहुल मैकरियस ने कहा कि भारत का यात्रा और आतिथ्य क्षेत्र मजबूती से बढ़ रहा है और जीएसटी सुधार बिल्कुल सही समय पर आया है।
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नयी दिल्ली। देश की प्रमुख वाहन कंपनियों...मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स और हुंदै मोटर इंडिया सोमवार से अपनी कारों की कीमतें कम करने जा रही हैं। कल से ही नवरात्रि का शुभ त्योहार शुरू हो रहा है। इससे ग्राहकों को काफी फायदा होगा। लक्जरी कार विनिर्माता मर्सिडीज-बेंज और बीएमडब्ल्यू के साथ-साथ दोपहिया वाहन कंपनियां भी 22 सितंबर से लागू नए माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के साथ कीमतें कम करने जा रही हैं। देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) ने जीएसटी दर में कटौती का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए अपनी कारों की कीमतों में 1.29 लाख रुपये तक की कटौती की है। कंपनी ने दोपहिया वाहन चलाने वाले ग्राहकों को चार पहिया वाहनों खरीदने में सुगमता के लिए अपनी छोटी कारों की कीमतों में 8.5 प्रतिशत से अधिक की कटौती करने का भी फैसला किया है।
प्रवेश-स्तर के मॉडल एस प्रेसो की कीमत में 1,29,600 रुपये तक की कमी होगी; ऑल्टो के 10 की कीमत में 1,07,600 रुपये तक की कमी होगी; सेलेरियो की कीमत में 94,100 रुपये की कमी होगी; वैगन-आर की कीमत में 79,600 रुपये तक की कमी होगी और इग्निस की कीमत में 71,300 रुपये तक की कमी होगी। प्रीमियम हैचबैक स्विफ्ट की कीमत में 84,600 रुपये तक की कमी; बलेनो की कीमत में 86,100 रुपये तक की कमी; टूर एस की कीमत में 67,200 रुपये तक की कमी; डिजायर की कीमत में 87,700 रुपये तक की कमी; फ्रोंक्स की कीमत में 1,12,600 रुपये तक की कमी; ब्रेजा की कीमत में 1,12,700 रुपये तक की कमी; ग्रैंड विटारा की कीमत में 1.07 लाख रुपये तक की कमी; जिम्नी की कीमत में 51,900 रुपये तक की कमी; अर्टिगा की कीमत में 46,400 रुपये तक की कमी और एक्सएल छह की कीमत में 52,000 रुपये तक की कमी होगी। इसी तरह, इन्विक्टो की कीमत में 61,700 रुपये तक की कमी; इको की कीमत में 68,000 रुपये तक की कमी और सुपर कैरी एलसीवी की कीमत में 52,100 रुपये तक की कमी होगी।
मारुति सुजुकी इंडिया के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी (विपणन और बिक्री) पार्थो बनर्जी ने कहा, ‘‘भारतीय बाजार में वाहन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए इससे बेहतर समय और कोई नहीं हो सकता। भारत में प्रति 1,000 लोगों में सिर्फ 34 प्रतिशत के पास कार है, जो बहुत कम है। इसलिए बाजार का अगुवा होने के नाते, हम भारत में मोटर वाहन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए यह पहल कर रहे हैं।''
टाटा मोटर्स की यात्री गाड़ियों की कीमतें 22 सितंबर से 75,000 रुपये से 1.45 लाख रुपये तक कम हो जाएंगी। मुंबई की इस कंपनी की कॉम्पैक्ट एसयूवी पंच की कीमत 85,000 रुपये और नेक्सॉन की कीमत 1.55 लाख रुपये कम हो जाएगी। मध्यम आकार के मॉडल कर्व की कीमत भी 65,000 रुपये कम होगी। इसी तरह, कंपनी की प्रीमियम एसयूवी - हैरियर और सफारी की कीमतें क्रमशः 1.4 लाख रुपये और 1.45 लाख रुपये कम होंगी। महिंद्रा एंड महिंद्रा ने पहले ही अपनी यात्री वाहनों की कीमतों में 1.56 लाख रुपये तक की कटौती कर दी है। कंपनी ने बोलेरो/नियो श्रृंखला की कीमत 1.27 लाख रुपये, एक्सयूवी 3एक्सओ (पेट्रोल) की कीमत 1.4 लाख रुपये, एक्सयूवी 3एक्सओ (डीजल) की कीमत 1.56 लाख रुपये, थार 2डब्ल्यूडी (डीजल) की कीमत 1.35 लाख रुपये, थार 4डब्ल्यूडी (डीजल) की कीमत 1.01 लाख रुपये और स्कॉर्पियो क्लासिक की कीमत 1.01 लाख रुपये कम कर दी है।
हुंदै कारों की कीमतों में 60,640 रुपये (वरना) से लेकर 2.4 लाख रुपये (प्रीमियम एसयूवी टूसों) तक की कटौती की गई है। होंडा 22 सितंबर से कॉम्पैक्ट सेडान अमेज की कीमत 95,500 रुपये, सिटी की कीमत 57,500 रुपये और इलेवेट की कीमत 58,400 रुपये कम करेगी। इसी तरह किआ इंडिया अपनी गाड़ियों की कीमतों में 4.48 लाख रुपये तक की कटौती करेगी। टोयोटा किर्लोस्कर मोटर की गाड़ियों की कीमतें सोमवार से 3.49 लाख रुपये तक कम हो जाएंगी। लक्जरी कार बाजार की अगुवा मर्सिडीज-बेंज ने जीएसटी की दर में बदलाव के कारण ए-क्लास (दो लाख रुपये) से एस-क्लास (10 लाख रुपये) तक की कारों की कीमतों में कटौती की घोषणा की है। बीएमडब्ल्यू मोटर इंडिया ने अपने भारत में उपलब्ध सभी मॉडल की कीमतों में 13.6 लाख रुपये तक की कटौती की घोषणा की है, जिसमें मिनी श्रृंखला भी शामिल है। इसी तरह, ऑडी ने भारत में अपने सभी मॉडल की कीमतों में 2.6 लाख रुपये से 7.8 लाख रुपये तक की कटौती की घोषणा की है। जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) ने पहले ही कीमतों में 4.5 लाख रुपये से 30.4 लाख रुपये तक की कटौती कर दी है। दोपहिया वाहनों में, हीरो मोटोकॉर्प की मोटरसाइकिल और स्कूटर की कीमतें 15,743 रुपये तक कम हो जाएंगी। होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया के 350सीसी तक के मॉडल की कीमतें 18,800 रुपये तक कम हो जाएंगी।
- नयी दिल्ली। माल एवं सेवा कर कटौती के बाद टेलीविजन (टीवी) विनिर्माता कीमतों में 2,500 रुपये से 85,000 रुपये तक की कमी करने जा रहे हैं। इससे उपभोक्ताओं को जीएसटी में कटौती का पूरा लाभ मिल सकेगा। साथ ही टीवी विनिर्माताओं को सोमवार से शुरू होने वाले त्योहारी सीजन में अच्छी बिक्री की उम्मीद है। खपत को बढ़ावा देने के प्रयास में, जीएसटी परिषद ने इस महीने की शुरुआत में 22 सितंबर (नवरात्रि के पहले दिन) से माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में कटौती करने का फैसला किया था, जिससे टेलीविजन और एसी, वॉशिंग मशीन जैसे कई उत्पादों की कीमतें कम हो गई हैं। 32 इंच से अधिक स्क्रीन साइज वाले टीवी सेट पर शुल्क मौजूदा के 28 प्रतिशत से घटकर 18 प्रतिशत हो जाएगा। टीवी विनिर्माताओं ने स्क्रीन साइज और खूबियों के आधार पर कीमतों में 2,500 रुपये से 85,000 रुपये के बीच कटौती की घोषणा की है, ताकि जीएसटी में 10 प्रतिशत की कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जा सके।टीवी उद्योग, जिसने इस वित्त वर्ष के पहले छह महीनों (अप्रैल से सितंबर) में लगभग स्थिर बिक्री दर्ज की है। उद्योग इस सप्ताह नवरात्रि से शुरू होने वाले त्योहारों के दौरान बिक्री में बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहा है। इसके अलावा विनिर्माताओं को उम्मीद है कि कम कीमतों से बचत होने पर उपभोक्ता अतिरिक्त सुविधाओं वाले बड़े स्क्रीन साइज वाले टीवी खरीदेंगे। सोनी, एलजी और पैनासोनिक जैसे प्रमुख टीवी कंपनियां 22 सितंबर, 2025 से कम अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) वाली नई मूल्य सूची लेकर आई हैं। इसके अलावा, विनिर्माताओं को उम्मीद है कि इससे साउंड बार और पार्टी स्पीकर जैसे बंडल वाले उत्पादों की बिक्री बढ़ेगी और इस त्योहारी सीजन में उन्हें दोहरे अंक में वृद्धि की उम्मीद है। सोनी इंडिया अपने 43 इंच से 98 इंच स्क्रीन साइज वाले ब्राविया टीवी मॉडल पर 5,000 रुपये से 71,000 रुपये के बीच एमआरपी में कटौती कर रही है। इसने 43 इंच वाले ब्राविया 2 की कीमत 59,900 रुपये से घटाकर 54,900 रुपये और 55 इंच वाले ब्राविया 7 की कीमत 2.50 लाख रुपये से घटाकर 2.30 लाख रुपये कर दी है। इसी तरह, 98 इंच स्क्रीन साइज वाला इसका टॉप-एंड ब्राविया 5 मॉडल सोमवार से नौ लाख रुपये के मौजूदा मूल्य की तुलना में 8.29 लाख रुपये में मिलेगा।एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया ने 43 इंच से 100 इंच स्क्रीन साइज वाले अपने टीवी सेट की कीमतों में 2,500 रुपये से 85,800 रुपये तक की कटौती की घोषणा की है। इसने 43 इंच स्क्रीन साइज वाले मॉडल की कीमत 30,990 रुपये से घटाकर 28,490 रुपये कर दी है। कंपनी ने 55 इंच और 65 इंच स्क्रीन साइज वाले दो लोकप्रिय मॉडल की कीमत 3,400 रुपये कम कर दी है, जो अब क्रमशः 42,990 रुपये और 68,490 रुपये में मिलेंगे। एलजी के 100 इंच टीवी की कीमत 5,85,590 रुपये से घटाकर 4,99,790 रुपये कर दी गई है। पैनासोनिक ने भी एमआरपी में 3,000 रुपये से 32,000 रुपये के बीच कटौती की है। इसने 43 इंच के टीवी की कीमत 3,000 रुपये से 4,700 रुपये तक कम कर दी है और उनकी एमआरपी को क्रमशः 36,990 रुपये, 49,990 रुपये और 58,990 रुपये से 33,990 रुपये, 45,990 रुपये और 54,290 रुपये कर दिया है। पैनासोनिक के 55 इंच वाले मॉडल की कीमत अब 65,990 रुपये से 76,990 रुपये के बीच है, जो 7,000 रुपये कम है। पैनासोनिक लाइफ सॉल्यूशंस इंडिया के टॉप-एंड 75 इंच वाले मॉडल की कीमत चार लाख रुपये से घटाकर 3.68 लाख रुपये और 65 इंच वाले टॉप-एंड मॉडल की 3.20 लाख रुपये से घटाकर 2.94 लाख रुपये कर दी गई है।
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नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने उद्योग जगत से अपील की है कि 22 सितंबर से लागू होने जा रहे जीएसटी सुधारों का पूरा लाभ उपभोक्ताओं को मिले। उन्होंने कहा कि टैक्स कटौती का फायदा सीधे ग्राहकों तक पहुंचना चाहिए, क्योंकि इससे उद्योगों को भी लंबे समय में लाभ होगा। नए जीएसटी फ्रेमवर्क के तहत अब मौजूदा चार टैक्स स्लैब-5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत घटकर सिर्फ दो स्लैब 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत रह जाएंगे।
इसके अलावा सरकार ने कई उत्पादों पर टैक्स कम किया है, जिसका सीधा फायदा आम लोगों को 22 सितंबर से मिलना शुरू हो जाएगा। वहीं, सिन और लग्जरी गुड्स पर सरकार ने 40 प्रतिशत टैक्स तय किया है। नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में पीयूष गोयल ने कहा, “कृपया सुनिश्चित करें कि टैक्स कटौती का पूरा लाभ उपभोक्ताओं को मिले। इससे उद्योग जगत को भी लाभ होगा।” उन्होंने यह भी बताया कि सरकार व्यापार सुगमता और विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए मिशन मोड में काम कर रही है। इसके तहत नई लॉजिस्टिक्स नीति, नए औद्योगिक शहरों का विकास, छोटे विवादों को अपराधमुक्त करना और उद्योगों पर अनुपालन का बोझ कम करने जैसे कदम उठाए गए हैं।केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि ऑटोमोबाइल सेक्टर जैसे कुछ उद्योग पहले ही टैक्स कटौती का फायदा ग्राहकों तक पहुंचाना शुरू कर चुके हैं। उन्होंने आगे बताया कि आज कई देश भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते करना चाहते हैं, जिससे व्यापारिक संबंध और मजबूत होंगे। इस महीने की शुरुआत में केंद्र सरकार ने व्यवसायों को निर्देश दिया था कि वे कारों और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं जैसी चीजों की अस्थायी मूल्य सूची प्रदर्शित करें, ताकि ग्राहक समझ सकें कि जीएसटी सुधारों के बाद कीमतों में कितनी कमी आई है।इसके साथ ही केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने भी उद्योग संघों और मंत्रालयों के साथ बैठकें कीं, ताकि जीएसटी परिषद द्वारा घोषित दरों में कटौती को सुचारू रूप से लागू किया जा सके। उद्योगों के बीच इस बात पर सहमति बन गई है कि टैक्स कटौती का फायदा ग्राहकों तक जरूर पहुंचाया जाएगा। अनुमान है कि इस सुधार से उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं की कीमतें करीब 10 प्रतिशत और ऑटोमोबाइल की कीमतें 12-15 प्रतिशत तक कम हो सकती हैं।- -
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कहा है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधारों से युवाओं के लिए रोजगार और व्यवसाय के नए अवसर पैदा होंगे। सरकार का मानना है कि एमएसएमई और स्टार्टअप्स में युवाओं की भागीदारी बढ़ेगी और परिवारों व कारोबारियों पर वित्तीय बोझ कम होगा। ये बदलाव 22 सितंबर से लागू होंगे।
सरकार के मुताबिक इन सुधारों में उन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है जहां युवाओं की बड़ी भागीदारी है। इनमें शिक्षा, ऑटोमोबाइल, प्रौद्योगिकी, हस्तशिल्प, फुटवियर, स्वास्थ्य सेवा, खाद्य प्रसंस्करण और वस्त्र जैसे क्षेत्र शामिल हैं। इससे समावेशी विकास, स्थिरता और अगली पीढ़ी को सशक्त बनाने के भारत के दृष्टिकोण को मजबूती मिलेगी। नए सुधारों में कई प्रमुख क्षेत्रों की जीएसटी दरें घटाई गई हैं। चमड़ा, जूते, कागज, कपड़ा, हस्तशिल्प, खिलौने, पैकेजिंग और लॉजिस्टिक्स जैसे उद्योगों को इसमें शामिल किया गया है। चमोईस चमड़ा, तैयार चमड़ा और चमड़े से जुड़े कामों पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है। 2,500 रुपये तक के जूतों पर भी अब सिर्फ 5% जीएसटी लगेगा। इसका सीधा फायदा युवाओं और छोटे कारोबारियों को मिलेगा, जिससे उत्पादन लागत घटेगी और स्टार्टअप्स को बढ़ावा मिलेगा।इसी तरह, टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल निर्माण को बढ़ावा देने के लिए लकड़ी के विकल्पों पर भी जीएसटी घटाया गया है। चावल की भूसी के बोर्ड, जिप्सम बोर्ड, सीमेंट बॉन्डेड पार्टिकल बोर्ड, जूट पार्टिकल बोर्ड, बगास बोर्ड और सिसल फाइबर बोर्ड पर टैक्स 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है। इससे एमएसएमई को समर्थन मिलेगा और पर्यावरण-अनुकूल विकल्पों का इस्तेमाल बढ़ेगा।फिटनेस और स्वास्थ्य सेवाओं को भी इस सुधार का लाभ मिलेगा। जिम और फिटनेस सेंटर पर जीएसटी 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है। इससे सदस्यता शुल्क सस्ता होगा और अधिक लोग, खासकर युवा और मध्यम वर्गीय परिवार, स्वास्थ्य और फिटनेस सेवाओं का लाभ उठा पाएंगे।सरकार का कहना है कि इन सुधारों का मकसद उपभोक्ताओं के लिए लागत कम करना, कारोबारियों के लिए नियम सरल बनाना और भारतीय उद्योगों की प्रतिस्पर्धा बढ़ाना है।- - नयी दिल्ली.अमूल ब्रांड के तहत डेयरी उत्पादों का विपणन करने वाली जीसीएमएमएफ ने शनिवार को घी, मक्खन, आइसक्रीम, बेकरी और फ्रोजन स्नैक्स सहित 700 से अधिक उत्पाद पैक की खुदरा कीमतों में कमी की। कंपनी ने जीएसटी दर में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाने का फैसला किया है। नयी कीमतें 22 सितंबर से प्रभावी होंगी। गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ (जीसीएमएमएफ) ने एक बयान में 700 से अधिक उत्पाद पैक की कीमत घटाने की घोषणा की, जिससे उसके ग्राहकों को जीएसटी कटौती का पूरा लाभ मिलेगा। यह संशोधन 22 सितंबर, 2025 से प्रभावी होगा। जीसीएमएमएफ ने कहा, ''यह संशोधन मक्खन, घी, यूएचटी दूध, आइसक्रीम, पनीर, चॉकलेट, बेकरी उत्पादों, फ्रोजन डेयरी और आलू स्नैक्स, कंडेंस्ड मिल्क, पीनट स्प्रेड, माल्ट आधारित पेय जैसी उत्पाद श्रेणियों में किया गया है।'' बयान के मुताबिक, ''मक्खन (100 ग्राम) का अधिकतम खुदरा मूल्य 62 रुपये से घटाकर 58 रुपये कर दिया गया है... घी की कीमत 40 रुपये घटकर 610 रुपये प्रति लीटर हो गई हैं।'' इसी तरह अमूल प्रोसेस्ड चीज ब्लॉक (एक किलो) का अधिकतम खुदरा मूल्य 30 रुपये घटकर 545 रुपये प्रति किलो हो गया है। फ्रोजन पनीर (200 ग्राम) का नया अधिकतम खुदरा मूल्य 95 रुपये होगा, जो अभी 99 रुपये है।बयान में कहा गया, ''अमूल का मानना है कि कीमतों में कमी से डेयरी उत्पादों, खासकर आइसक्रीम, पनीर और मक्खन की खपत बढ़ेगी, क्योंकि भारत में इनकी प्रति व्यक्ति खपत अभी भी बहुत कम है।'' इससे पहले, मदर डेयरी ने भी 22 सितंबर से अपने उत्पादों की कीमत घटाने की घोषणा की थी।
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नयी दिल्ली. शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह चालू वित्त वर्ष में अबतक 9.18 प्रतिशत बढ़कर 10.82 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा। कंपनियों से अग्रिम कर संग्रह बढ़ने और रिफंड धीमा होने के कारण कर संग्रह में बढ़ोतरी हुई है। शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह में व्यक्तिगत आयकर और कॉरपोरेट कर शामिल हैं।
चालू वित्त वर्ष में एक अप्रैल से 17 सितंबर के बीच रिफंड राशि 24 प्रतिशत घटकर 1.61 लाख करोड़ रुपये रही। आयकर विभाग के मुताबिक, इस अवधि में कंपनियों से प्राप्त अग्रिम कर संग्रह 6.11 प्रतिशत बढ़कर 3.52 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया। हालांकि, गैर-कॉरपोरेट अग्रिम कर संग्रह 7.30 प्रतिशत घटकर 96,784 करोड़ रुपये रहा। एक अप्रैल से 17 सितंबर के बीच, शुद्ध कंपनी कर संग्रह बढ़कर 4.72 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा। यह 2024 की इसी अवधि में 4.50 लाख करोड़ रुपये था। गैर-कॉरपोरेट कर संग्रह इस वित्त वर्ष में अब तक लगभग 5.84 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के 5.13 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। गैर-कॉरपोरेट कर में व्यक्ति और एचयूएफ (हिंदू अविभाजित परिवार) शामिल हैं। प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) संग्रह आलोच्य अवधि में 26,306 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले इसी अवधि में 26,154 करोड़ रुपये था। शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह, 17 सितंबर तक सालाना आधार पर 9.18 प्रतिशत बढ़कर 10.82 लाख करोड़ रुपये हो गया। एक साल पहले यह 9.91 लाख करोड़ रुपये से अधिक था। रिफंड समायोजित करने से पहले, सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह चालू वित्त वर्ष में 17 सितंबर तक 12.43 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा, जो एक साल पहले इसी अवधि की तुलना में 3.39 प्रतिशत अधिक है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष (2025-26) में प्रत्यक्ष कर संग्रह 25.20 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया है जो पिछले साल की तुलना में 12.7 प्रतिशत अधिक है। सरकार का लक्ष्य इस वित्त वर्ष में एसटीटी के जरिये 78,000 करोड़ रुपये जुटाना है। -
न्यूयॉर्क/ नयी दिल्ली. ट्रंप प्रशासन ने कहा है कि ईरान के बंदरगाह चाबहार का संचालन करने वाले लोगों पर इस महीने के अंत से प्रतिबंध लगा दिए जाएंगे। इस फैसले का भारत पर भी असर पड़ेगा जो इस रणनीतिक बंदरगाह पर एक टर्मिनल को विकसित कर रहा है। चाबहार बंदरगाह ईरान के दक्षिणी तट पर सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में स्थित है। भारत और ईरान इसे व्यापार एवं संपर्क बढ़ाने के लिए विकसित कर रहे हैं। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रमुख उप प्रवक्ता थॉमस पिगॉट ने सप्ताह की शुरुआत में जारी एक बयान में कहा कि अमेरिकी प्रतिबंधों में छूट देने वाले 2018 के आदेश को रद्द किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह कदम ईरानी शासन को अलग-थलग करने के लिए अधिकतम दबाव डालने की राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीति के अनुरूप है। पिगॉट ने कहा, "अमेरिकी विदेश मंत्री ने अफगानिस्तान पुनर्निर्माण मदद एवं आर्थिक विकास के लिए ईरान स्वतंत्रता एवं परमाणु प्रसार-रोधी अधिनियम (आईएफसीए) के तहत 2018 में जारी प्रतिबंध छूट को रद्द कर दिया है। यह आदेश 29 सितंबर, 2025 से प्रभावी हो जाएगा।" उन्होंने कहा कि प्रतिबंध के प्रभावी हो जाने के बाद चाबहार बंदरगाह का संचालन करने वाले या संबंधित गतिविधियों में शामिल लोग प्रतिबंधों के दायरे में आ सकते हैं। अमेरिकी प्रशासन के इस निर्णय से भारत भी प्रभावित होगा क्योंकि वह ओमान की खाड़ी में स्थित चाबहार बंदरगाह पर एक टर्मिनल के विकास से जुड़ा हुआ है। भारत ने 13 मई, 2024 को इस बंदरगाह के संचालन के लिए 10 वर्षीय अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे। भारत को इससे मध्य एशिया के साथ व्यापार बढ़ाने में मदद मिलेगी। भारत ने वर्ष 2003 में ही इस बंदरगाह के विकास का प्रस्ताव रखा था ताकि भारतीय माल के लिए अफगानिस्तान और मध्य एशिया तक पहुंच का एक प्रवेश द्वार मुहैया कराया जा सके। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा (आईएनएसटीसी) नामक एक सड़क और रेल परियोजना बनाई जानी है। करीब 7,200 किलोमीटर लंबी यह परियोजना भारत, ईरान, अफगानिस्तान, आर्मेनिया, अजरबैजान, रूस, मध्य एशिया और यूरोप के बीच माल ढुलाई के लिए प्रस्तावित है। हालांकि ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण चाबहार बंदरगाह के विकास की रफ्तार काफी धीमी रही। अमेरिका ने 2018 में चाबहार बंदरगाह परियोजना को प्रतिबंधों से छूट दी थी। उस समय कहा गया था कि अफगानिस्तान को गैर-प्रतिबंधित वस्तुओं की आपूर्ति और पेट्रोलियम उत्पादों के आयात के लिए यह छूट जरूरी है। हालांकि अब अमेरिकी प्रशासन की नई नीति के तहत यह छूट समाप्त हो जाएगी।
भारत ने 2023 में चाबहार बंदरगाह का उपयोग अफगानिस्तान को 20,000 टन गेहूं की सहायता भेजने के लिए किया था। इसके पहले 2021 में इसके जरिये ईरान को पर्यावरण के अनुकूल कीटनाशकों की आपूर्ति भी की गई थी।










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