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- सदाबाहर की पत्तियां डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकती है। माना जाता है कि अगर आपको अपना शुगर कंट्रोल में रखना हैं तो रोजाना सदाबहार की पत्तियां चबानी चाहिए। इससे आपका शुगर लेवल कंट्रोल में रहेगा। बता दें कि सदाबहार के फूल और पत्तियों में एल्कलॉइड नाम का तत्व पाया जाता है, जो पैंक्रियाज की बीटा सेल्स को शक्ति देता है।शरीर में बनने लगता है इंसुलिनइसको चबाने से शरीर में इंसुलिन बनने लगता है। बता दें कि खराब लाइफस्टाइल, खानपान के अलावा जेनेटिक कारणों से भी डायबिटीज की समस्या हो जाती है। किसी व्यक्ति के चेहरे, गर्दन या शरीर के दूसरे हिस्से में ब्लैक स्पॉट डायबिटीज का शुरुआती लक्षण हो सकता है। तो चलिए जानते हैं कि इससे बचने के लिए सदाबाहर की पत्तियां कितनी उपयोगी है-रोज खाली पेट चबाएं 6-7 पत्तियांमीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इंसुलिन ब्लड में शुगर की मात्रा को कंट्रोल रखने में सदबाहर का फूल बेहद ही उपयोगी है। माना जाता है कि इस पौधे में करीब 100 से ज्यादा एल्कलॉइड हैं, जो कि बहुत ही फायदेमंद होते हैं। ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए मरीजों को रोज सुब खाली पेट 6-7 पत्तियां चबानी चाहिए।सदाबहार का ऐसे करें इस्तेमालइसके अलावा इस फूलों और पत्तियों का जूस भी पी सकते हैं। स्वाद बढ़ाने के लिए आप इसमें टमाटर, करेला, खीरा भी मिक्स कर सकते हैं। यानी ऐसे मरीज जिन्हें ये पत्ते कड़वे लगते हैं वह भी इसका इस्तेमाल इस तरीके से कर सकते हैं।इन पत्तियों के खाने से पहले डॉक्टर से जरूर लें सलाहचाहे तो आप सदाबहार पौधे की पत्तियां का भी उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए पत्तियां को पहले सूखाकर पाउडर बना लें। इसके बाद रोजाना इस पाउडर का सेवन पानी के साथ करें। हालांकि, सदाबहार के सेवन करने से पहले आपको डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।
- स्वस्थ रहने के लिए डॉक्टर रोज एक सेब खाने की सलाह देते हैं। सेब पोषक तत्वों से भरपूर होता है। सेब में प्रोटीन, फाइबर, आयरन और पानी अधिक होता है। लेकिन आज हम बात कर रहे हैं खाली पेट सेब खाने के फायदों के बारे में। खाली पेट सेब खाने से शरीर सेब में मौजूद सभी जरूरी पोषक तत्वों का अवशोषण आसानी से कर लेता है। साथ ही इससे पेट से जुड़े रोग भी दूर होते हैं। खाली पेट सेब खाने से आप अपना वजन भी नियंत्रण में रख सकते हैं। इस लेख में खाली पेट सेब खाने के नुकसान और किन लोगों को खाली पेट सेब नहीं खाना चाहिए, इस बारे में भी जानें।खाली पेट सेब खाना संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। सेब आयरन, प्रोटीन, विटामिन के और विटामिन ई से भरपूर होता है। साथ ही सेब में कार्बोहाइड्रेट भी होता है, जिससे आप पूरे दिनभर एनर्जेटिक रह सकते हैं।1. वजन घटाने में कारगर सेबअगर आप अपना वजन कंट्रोल में रखना चाहते हैं, तो सुबह खाली पेट सेब का सेवन कर सकते हैं। रोज सुबह एक सेब खाने से आप अपना वजन घटाने में कामयाब हो सकते हैं। सेब में फाइबर की अधिक मात्रा होती है, इसे खाने से लंबे समय तक भूख नहीं लगती है। आप ओवरइटिंग से बचते हैं, इससे आपका वजन धीरे-धीरे कम होने लगता है।2. पोषक तत्वों का अवशोषणसेब में भरपूर मात्रा में फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिंस होते हैं। जब खाली पेट सेब खाया जाता है, तो शरीर सेब में मौजूद इन सभी पोषक तत्वों को आसानी से अवशोषित कर लेता है। शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की कमी पूरी होता है। मध्यम आकार के सेब में पोटैशियम और विटामिन सी भी होता है।3. कब्ज की समस्या दूर करे सेबसेब में काफी अधिक मात्रा में फाइबर होता है, ऐसे में रोज सुबह एक सेब खाने से कब्ज की समस्या दूर होती है। अगर आपको कब्ज बनती है तो सेब को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।4. दिल के लिए फायदेमंद सेबखाली पेट सेब खाने से हृदय स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है। सेब में मौजूद फाइबर ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है। इसके अलावा सेब में विटामिन सी और पोटैशियम भी होता है, ये तत्व हृदय रोग के जोखिम को काफी हद तक कम करते हैं।5. सूजन कम करे सेबसेब को हमेशा छिलके सहित ही खाना चाहिए। खाली पेट छिलका सहित सेब खाने से शरीर में सूजन में भी आराम मिलता है। सेब के छिलके में फ्लेवोनोइड क्वेरसेटिन होता है, जो शरीर की सूजन को कम करने में मदद करता है।6. इम्यूनिटी बढ़ाए सेबतरह-तरह के रोगों से लडऩे के लिए शरीर की इम्यूनिटी का मजबूत होना जरूरी होता है। रोज सुबह खाली पेट एक सेब खाकर आप अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बना सकते हैं। सेब में विटामिन सी, प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व होते हैं, जो इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं।खाली पेट सेब खाने के नुकसान :वैसे तो खाली पेट सेब खाना सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। लेकिन कुछ लोगों को इससे नुकसान भी पहुंच सकता है। अगर सेब खाने के बाद आपको ये लक्षण नजर आते हैं, तो खाली पेट सेब खाना बंद कर दें, जैसे कि पेट में परेशानी, डायरिया, त्वचा पर दाने और गले या मुंह में खुजली।
- एड़ी का दर्द कई वजहों से होता है। अगर आप भी एड़ी में दर्द की शिकायत से जूझ रहे हैं तो आपको भी एक ऐसे पत्ते के बारे जानना बेहद जरूरी है जो इसका इलाज है। दरअसल, एड़ी के दर्द में 'आक का पत्ता' बेहद असरदार होता है। यानी गंभीर से गंभीर एड़ी का दर्द मात्र इस पत्ते से ठीक किया जा सकता है।इन वजहों से बढ़ता है एडी में दर्दमाना जाता है कि युवाओ में एड़ी का दर्द बढ़े हुए यूरिक एसिड के चलते होता है। इसके अलावा बढ़ते वजन, लंबे समय तक खड़ा रहना या फिर ऊंची एडी वाले जूते या सैंडिल पहनना शामिल है, तो चलिए जानते हैं कि आक का पत्ता कैसे आपकी एड़ी के दर्द में सहायक है।लोग बनाते हैं इस पौधे से दूरीआयुर्वेद में माना गया है कि आक का पत्ता एड़ी के दर्द से छुटकारा दिलाने में सहायक है। वैसे तो लोग इस पौधे से दूरियां बनाए रखते हैं क्योंकि वो इस पौधे को जहरीला मानते हैं, लेकिन बता दें कि ये पौधा बेहद ही लाभकारी है।ऐसे करें आक के पत्तों का इस्तेमालआक के पत्तों का इस्तेमाल करने के लिए सबसे पहले एक पैन में थोड़े से पानी और इस पत्ते को डाल दें। इसके बाद इसमें थोड़ा सा नमक, अजवाइन, सौंफ डाल दें और कुछ देर उबालें। इसके बाद अब इस पीनी से एड़ी को धो लें। इससे आपका एड़ी में दर्द काफी हद तक ठीक होगा। यानी यह पत्ता भले ही जहरीला कहा जाए, लेकिन एड़ी के दर्द में ये बेहद ही उपयोगी है। तो आप भी ये ट्रिक अपना सकते हैं।
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बदलती लाइफस्टाइल के चलते कई लोगों को हाई ब्लड प्रेशर से लेकर हार्ट अटैक, डायबिटीज जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. एक बार जब कोई शख्स इस प्रकार की किसी भी बीमारी का मरीज बन जाए तो उसे काफी चीजों का घ्यान रखना पड़ता है. ऐसा ही कुछ हाई ब्लड प्रेशर में भी होता है. क्या आप जानते हैं कि हाई ब्लड प्रेशर में मरीजों को खान-पान से लेकर कुछ एक्सरसाइज का विशेष ध्यान रखना पड़ता है. माना जाता है कि हाई ब्लड प्रेशर मरीजों को एक्सरसाइज करते वक्त कई बातों का ध्यान रखना चाहिए. तो चलिए जानते हैं कि ऐसी कौन-सी एक्सरसाइज हैं, जो हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को नहीं करनी चाहिए.
हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को दौड़ना नहीं चाहिए
हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को दौड़ना नहीं चाहिए. माना जाता है कि तेज दौड़ने से आपके शरीर में ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, जिससे हाथ से जुड़ी समस्याएं होने की संभावना होती है. हालांकि, इसका अभ्यास करने से आपका ब्लड प्रेशर को कंट्रोल भी किया जा सकता है. इसलिए जितना हो सके दौड़ने से बचें.
बिल्कुल न करें हाई स्ट्रेंथ एक्सरसाइज
हाई स्ट्रेंथ एक्सरसाइज हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को बिल्कुल भी नहीं करनी चाहिए. क्योंकि इससे आपका ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है. माना जाता है कि वेटलिफ्टिंग या फिर बेंच प्रेस इन व्यायाम या फिर एक्सरसाइज करने से खून का फ्लो बहुत ही तेजी से बढ़ जाता है, जो कि आपके दिल के लिए और साथ ही साथ आपके रक्त वाहिकाओं के लिए भी दबाव पैदा करती है जो कि आपके लिए समस्या बन सकती है.
डेडलिफ्ट एक्सरसाइज से भी बनाएं दूरी
डेडलिफ्ट एक्सरसाइज भी बिल्कुल न करें. डेडलिफ्ट आपके फर्श से वजन उठाकर अपनी ताकत को चुनौती देता है, लेकिन इसे करना काफी खतरनाक साबित हो सकता है. हाई ब्लड प्रेशर वाले मरीजों को इसका अभ्यास नहीं करना चाहिए.
बेंच प्रेस से बढ़ सकता है ब्लड प्रेशर
बेंच प्रेस तो हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को कतई नहीं चाहिए, क्योंकि इसमें चेस्ट के ऊपर की मसल्स के लिए बेंच प्रेस एक्सरसाइज बहुत ही फायदेमंद होती है, लेकिन हाइपरटेंशन के मरीजों को इसका अभ्यास नहीं करना चाहिए. - गर्मियों के मौसम ने दस्तक दी है. गर्मी को मात देने के लिए इस मौसम में ठंडे ड्रिंक्स का खूब सेवन किया जाता है. ऐसे में अनहेल्दी और शुगर से युक्त ड्रिंक्स की बजाए आप कई तरह के हेल्दी ड्रिंक्स (Healthy Drink) भी डाइट में शामिल कर सकते हैं. आप प्राकृतिक सामग्री का इस्तेमाल करके घर पर भी ये ड्रिंक्स आसानी से बना सकते हैं. शरबत गर्मियों के लिए एक बेहतरीन ड्रिंक है. आप घर पर सौंफ का शरबत (Saunf Sharbat) भी बना सकते हैं. ये बनाने में बहुत आसान है. ये आपके शरीर को ठंडक पहुंचाने का काम करता है. सौंफ (Saunf) से बने ड्रिंक्स वजन घटाने में भी आपकी मदद करते हैं. ये स्वास्थ्य को कई अन्य तरीकों से भी लाभ पहुंचाता है. आइए जानें इसे बनाने का तरीका और इसके स्वास्थ्य लाभ क्या हैं.घर पर सौंफ का शरबत कैसे बनाएं?---इसे बनाने के लिए आपको 1/4 कप सौंफ बीज, 1/4 कप चीनी, 3 इलायची, 1 छोटा चम्मच काला या सेंधा नमक, 1 बड़ा चम्मच नींबू का रस, 2 बड़े चम्मच तुलसी के बीज और ठंडे पानी की जरूरत होगी.सौंफ का शरबत बनाने की विधि---इसके लिए एक एक ब्लेंडर में सौंफ डालें. तुलसी के बीजों को पानी में भिगोकर एक तरफ रख दें. इसके बाद हरी इलायची और चीनी डालें. पाउडर बनाने के लिए इसे ब्लेंड करें. एक बड़े जग में 3 बड़े चम्मच सौंफ शरबत पाउडर, नमक, नींबू का रस और पानी डालें. इसे अच्छी तरह मिलाएं. मिश्रण को छानकर गिलासों में डालें. भीगे हुए तुलसी के बीज गिलास में डालें और मिलाएं. इसका आनंद लें. गर्मियों के मौसम में इसका सेवन किया जा सकता है.सौंफ शरबत पीने के स्वास्थ्य लाभ--सौंफ में मैंगनीज, मैग्नीशियम, फाइबर और कैल्शियम जैसे पोषक तत्व होते हैं. इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं. सौंफ का शरीर पर शीतलन प्रभाव पड़ता है. आप अपने गर्मियों के आहार में सौंफ को शामिल कर सकते हैं. सौंफ का शरबत एक गिलास पीने से आपके शरीर को ठंडक मिलेगी और शरीर की गर्मी भी कम होगी. सौंफ के बीज विटामिन, मिरनल और फाइबर से भरपूर होते हैं. ये स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है. सौंफ के बीज पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने का काम करते हैं. गर्मी के मौसम में कई लोगों को पाचन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. एक गिलास सौंफ का शरबत पीने से पाचन तंत्र बेहतर होता है. ये कब्ज जैसी समस्या से राहत दिलाने का काम करता है. सौंफ में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं. ये संक्रमण और वायरस को दूर रखते हैं. सौंफ में पोटैशियम होता है. ये शरीर में ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मददगार होता है.
- कीड़ा जड़ी एक तरह की मशरुम होती है जो कि एक पैरासाइट के रूप में बड़ी होती है। इसमें काफी सारे एंटी ऑक्सीडेंट्स मौजूद हैं, जो पौष्टिक तत्वों से भरपूर होते हैं। यह मशरूम इन्फ्लेमेशन को ठीक करने में भी सहायक है। इनका सूखा हुआ भाग सप्लीमेंट के रूप में प्रयोग होता है। अगर एक्सरसाइज की परफॉर्मेंस बेहतर बनाना चाहते हैं तो भी कीड़ा जड़ी का सेवन करना लाभदायक रहता है। इसका प्रयोग दवाई के रूप में भी किया जा सकता है और यह कैंसर के इलाज के रूप में प्रयोग होता है। कीड़ा जड़ी महत्वपूर्ण एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटीइंफ्लमेटरी एंजाइम्स और विटामिन के गुणों से भरपूर औषधि है। जिसे बहुत सी गंभीर बीमारियों में इलाज के लिए प्रयोग किया जा सकता है।कैंसर रिस्क को कम करता हैकीड़ा जड़ी में एंटी कैंसर गुण होते हैं। इनमें ऐसे गुण होते हैं जो कैंसर सेल्स की वृद्धि को रोकते हैं, जिससे कैंसर सेल्स शरीर में फैल न सकें। ट्यूमर को छोटा करने में भी यह फायदेमंद है। कीड़ा जड़ी एक तरह से एंटी कैंसर एजेंट का काम करती हैं। इसके इथेनॉल एक्सट्रैक्ट में भी हाई साइटो टॉक्सिक पदार्थ होते हैं जो कैंसर सेल्स को खत्म करने में सहायक होते हैं।एक्सरसाइज परफॉर्मेंस को बढ़ाता हैकीड़ा जड़ी के कुछ एक्टिव कॉम्पोनेंट्स में थकान कम करने वाले गुण होते हैं। इसके सप्लीमेंट का प्रयोग करने से हाई इंटेंस एक्सरसाइज करते समय टॉलरेंस लेवल बढ़ता है। इसके सेवन से शरीर में एटीपी मॉलिक्यूल का उत्पादन बढ़ता है, जो एक्सरसाइज करते समय शरीर में ऑक्सीजन लेवल बढ़ाता है।डायबिटीज में लाभदायककीड़ा जड़ी का प्रयोग करना डायबिटिक लोगों के लिए भी लाभदायक होता है। इसमें मौजूद फ्रूटिंग बॉडी और माइसेलिया उन लोगों की किडनी को सुरक्षित करने में मदद करती हैं, जो डायबिटीज के मरीज हैं और नेफ्रोपैथी से जूझ रहे हैं।एंटी एजिंग गुणों से भरपूरकीड़ा जड़ी में एंटी एजिंग गुण होते हैं, जो उम्र बढऩे के साथ आने वाले लक्षणों को कम करते हैं। यह स्किन की ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करते हैं। अगर जेनेटिक कारणों की वजह से स्किन में कोई समस्या है तो उसे ठीक करने में भी यह लाभदायक होते हैं। इसमें काफी सारे ऐसे एंटी ऑक्सीडेंट्स होते हैं जो स्किन के लिए लाभदायक होते हैं।दिल की सेहत के लिए सहायककॉर्डीसेपिन जोकि एक बायो एक्टिव कंपोनेंट है। इसमें लिपिड लोवर गुण होते हैं जो अनियमित धड़कन को सही करने में प्रयोग किए जाते हैं। चूहों में हुई स्टडीज में क्रोनिक दिल की बीमारियों में शामिल दिल की चोट को ठीक करने में भी कीड़ा जड़ी सहायक होती है। इसमें कार्डियो प्रोटेक्टिव गुण होते हैं। साथ ही कुछ ऐसे एंटी ऑक्सीडेंट्स होते हैं जो दिल के लिए सहायक होते हैं।इन्फ्लेमेशन को ठीक करने में लाभदायककीड़ा जड़ी का प्रयोग कई जगह लंग्स और ब्रोंकियल इंफ्लेमेशन को ठीक करने के लिए भी किया जाता है। अस्थमा से जूझ रहे लोगों के एयर वे में आई सूजन को भी ठीक करने में यह सहायक है। इसके मेथेनॉल एक्सट्रेक्ट इंफ्लेमेशन पैदा करने वाले जीन्स को खत्म करने में सहायक माने जाते हैं। इसमें कुछ एंटी इन्फ्लेमेटरी इफेक्ट्स भी होते हैं जो इंफ्लेमेटरी जीन्स को खत्म करने में सहायक होते हैं। कीड़ा जड़ी से काफी सारे स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं। लेकिन कुछ लोगों को इसे खाने के बाद उल्टियां, जी मिचलाना और डायरिया जैसे साइड इफेक्ट्स भी देखने पड़ रहे हैं। इसलिए देख कर ही इसका प्रयोग करें।
- होली पर घर में गुजिया, मिठाईयां और स्वादिष्ट पकवान बनते हैं. ऐसे में कई लोग इतना खा लेते हैं कि उनका पेट खराब हो सकता है. कई लोगों को ज्यादा खाने से गैस, अपच, लूज मोशन जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यदि आपके सामने भी इस तरह की कोई परेशानी आती है. तो ऐसे में आज हम आपके लिए कुछ घरेलू उपाय लेकर आएं है. जिनकी मदद से आपको जल्दी राहत पहुंच सकती हैं. तो चलिए जानते हैं कि पेट खराब होने पर क्या करें.अदरक का ऐसे करें इस्तेमालअदरक का इस्तेमाल भी आप पेट खराब होने पर इस्तेमाल कर सकते हैं. माना जाता है कि अदरक में एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरियल प्रॉपर्टीज होती हैं, जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है साथ ही ये पेट के दर्द में काफी आराम पहुंचता है. इसके लिए पहले अदरक का पाउडर बना लें. उसके बाद एक चम्मच पाउडर को एक गिलास दूध में मिलाकर सेवन करे. इससे पेट की समस्या में काफी मदद मिलेगी.केला भी लूज मोशन में फायदेमंदइसके अलावा पेट खराब होने पर केला भी अच्छा माध्यम है. माना जाता है कि केले में पेक्टिन की काफी अच्छी मात्रा मौजूद होती है, जिससे लूज मोशन जैसी समस्याओं में मदद मिलती है. इसके अलावा केले में पोटैशियम भी पाया जाता है, जो सेहत के लिहाज से काफी लाभदायक है.बदहजमी में काम आएगा पुदीनाइसके अलावा आप पुदीना का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. माना जाता है कि पुदीना हमारे पाचन-तंत्र को ठीक रखने और पेट में ठंडक बनाए रखने के लिए काफी असरदार है. इसमें एंटी-बैक्टीरियल गुण और एंटी-ऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो अपच, बदहजमी जैसी दिक्कतों को दूर करने में मदद कर सकता है.
- कुछ फलों और सब्जियों के बीज भी आपकी सेहत के लिए वरदान साबित हो सकते हैं. हालांकि, कई लोग ये बीज फेंक देते हैं, लेकिन अगली बार किसी भी सब्जी के बीज फेंकने से पहले जान लेना कि उसका इस्तेमाल कैसे हो सकता है. माना जाता है कि ये बीज बहुत पौष्टिक होते हैं. इनमें पर्याप्त मात्रा में फाइबर, फैट, विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होता है, जिसके चलते इन्हें किसी भी डिश में शामिल किया जा सकता है. तो चलिए जानते हैं कि ऐसी कौन-से बीज हैं, जिसे आपको कचरे के डिब्बे में फेंकने के बजाय इस्तेमाल करना चाहिए.कद्दू के बीज हैं बड़े काम काकद्दू के बीज ज्यादातर लोग फेंक देते होंगे, लेकिन बता दें कि ये बीज बेहद ही काम के होते हैं. माना जाता है कि इनमें फैट और विटामिन बहुत अच्छी मात्रा में मौजूद होती है. इसलिए ये आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजूबत करते हैं. कद्दू के बीजों को कच्चा खाया जा सकता है, लेकिन भुने हुए बीज और भी ज्यादा टेस्टी लगते हैं.पपीते के बीज भी है बड़े काम केइसके अलावा पपीते के बीज भी बड़े काम के होते हैं. माना जाता है कि पपीते के बीज कई बीमारियों का बेहतरीन इलाज हैं. इस बीज में कई बीमारियों और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के जोखिम को रोकने की क्षमता होती है. पपीते के बीज फ्लेवेनॉइड्स और पॉलीफेनॉल्स से भरपूर होते हैं. आप पपीते के बीजों को कच्चा खा सकते हैं, लेकिन इन्हें खाते समय थोड़ा सावधान रहें, क्योंकि इनकी गंध थोड़ी तेज होती है.इमली के बीज से हार्ट रहेगा फिटइसके अलावा कम ही लोग जानते होंगे कि इमली की बीज भी आपके लिए अच्छे साबित हो सकते हैं. माना जाता कि ये बीज न केवल आपके दिल के स्वास्थ्य के लिए अच्छे हैं, दांतों के लिए भी फायदेमंद हैं. इतना ही नहीं इन्हें खाने से संक्रमण होने की संभावना भी कम होती है.
- होली रंगों के साथ खाने पीने का त्योहार है। लेकिन डायबिटीज के मरीजों अगर खुल कर खाएं तो, उनका शुगर बढ़ सकता है और डायबिटीज असंतुलित हो सकती है। इसके अलावा डायबिटीज से जुड़ी कई अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं। इसके अलावा भी कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। ऐसे में प्रश्न ये है कि होली में क्या खाना चाहिए? तो, आज हम आपको ऐसे 5 चीजों के बारे में बताएंगे जिसे डायबिटीज के मरीज आराम से खा सकते हैं।1. कद्दू का हलवाकद्दू का हलवा होली में डायबिटीज वाले मरीजों के लिए फायदेमंद है। दरअसल, कद्दू पेट के लिए बहुत फायदेमंद है। इसका फाइबर कब्ज की समस्या को दूर करता है, तो वहीं इसके बीज में मिलने वाली एंटी ऑक्सीडेंट ब्लड शुगर को अचानक से बढऩे से रोकता है। इसके अलावा इसका विटामिन बी कैरोटिन आंखों को स्वस्थ रखता है और इसका पोटेशियम ब्लड वेसेल्स को हेल्दी रखता है और दिल को हेल्दी रखता है।2. कच्ची हल्दी और नींबू शेकयह पेय अत्यधिक पौष्टिक होता है और इंसुलिन प्रतिरोध को कम करने में मदद करता है। इसमें प्रोबायोटिक्स होती है और यह मेटाबॉलिज्म को ठीक करता है। ये पेट को हेल्दी रखता है। इसे बनाने के लिए कच्ची हल्दी, नींबू, लो फैट दही, अदरक और शहद मिलाएं। सबको ब्लेंड करें और ठंडा करें । फिर इसे छोटे गिलास में डालें और आनंद लें।3. खजूर के बिस्किटखजूर में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है जो कि ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मददगार है। खजूर ब्रेन बूस्टर की तरह भी काम करता है और हड्डियों को मजबूत बनाता है। इसके अलावा खजूर में नेचुरल शुगर भी होता है जो कि शरीर को नुकसान नहीं पहुंचा पाता है। इसे बनाने के लिए खजूर को पीस लें और इसे हल्का दूध में मिलाएं और फ्रिज में रख दें। फिर इसका सेवन करें।4. नारियल ठंडाई पन्ना कोट्टाइस फेस्टिव सीजन में नारियल ठंडाई का सबसे अच्छा मजा लिया जा सकता है। नारियल ठंडाई पन्ना कोट्टा इस फेस्टिव सीजन में नारियल ठंडाई का सबसे अच्छा मजा लिया जा सकता है। इसे बनाने के लिए खजूर, सौंफ, नारियल का दूध, बादाम, काजू और गुलाब की पंखुडिय़ां ले लें। फिर सबको पीस लें और दूध में मिला लें। आप अपने स्वाद और पसंद के अनुसार स्टीविया डालें। एक भारी तले का पैन लें और इस मिश्रण को उबाल लें। जिलेटिन डालें और इसे घुलने तक हिलाएं। इस मिश्रण को फ्रिज में सेट होने के लिए रख दें। इसे ठंडे सिट्रस स्ट्राबेरी सॉस के साथ परोसें।4. कच्चे छेने की मिठाईकच्चे छेने की मिठाई डायबिटीज के लिए फायदेमंद है। कच्चा छेना शरीर के लिए फायदेमंद होता है क्योंकि इसमें प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है। इससे मिठाई बनाने के लिए छेना निकाल लें और फिर इसमें गुड़ मिला लें। अब इसे फ्रिज में सेट कर लें और इसका सेवन करवाएं।5. टार्टलेटटार्टलेट के लिए आप नमक, अजवाइन और थोड़ा सा पानी मिला कर आटा गूंद लें । आटे को लपेट कर आराम करने के लिए एक तरफ रख दीजिये। चाट भरने के लिये आलू को भून लीजिये या उबाल लीजिये। इसमें भूना जीरा पाउडर, नमक और नींबू का रस डालें। प्याज को सुनहरा होने तक भूनें। हरे धनिये की चटनी के लिए, एक ब्लेंडर में हरा धनिया, नमक, नींबू का रस और हरी मिर्च डालें और एक चिकना पेस्ट बना लें। अब इस आटे में इसे भरें और कचौड़ी बना लें। अब इस कचौड़ी को तोड़ लें और इसमें प्याज, दही और नमकीन मिला लें।इस तरह आप डायबिटीज में इन 5 चीजों को खा सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि ज्यादा मात्रा में इसका सेवन ना करें। ये आपको नुकसान हो सकता है। साथ ही खाने के बाद खूब पानी पिएं।
- आजकल छोटी उम्र के बच्चों में भी गैस की परेशानी हो रही है। इसका सबसे बड़ा कारण पाचन तंत्र का सही से काम न करना है, जो ज्यादातर बच्चों में देखा जाता है। इसके अलावा कुछ उल्टा-सीधा खा लेने के कारण भी पेट में ज्यादा गैस बनने लगती है। गैस छोटी आंत में बनती है और यह अपच की स्थिति में होती है। साथ ही अगर आप सुबह का नाश्ता स्किप करते हैं तो इससे भी गैस बनती है। ज्यादा गैस बनती है तो इन चीजों से परहेज करना चाहिए।1. चायबहुत से लोगों को चाय बहुत पसंद होती है। लेकिन खाली पेट में चाय पीने से आपको गैस की शिकायत हो सकती है। साथ ही अगर आपके पेट में ज्यादा गैस बनती है तो, आपको चाय नहीं पीना चाहिए। क्योंकि इससे ज्यादा गैस बन सकती है। इसके अलावा बहुत से लोगों को खाना खाने के बाद चाय पीने की आदत होती है लेकिन अगर आपको गैस की परेशानी है तो, आपको खाने के तुरंत बाद चाय नहीं पीनी चाहिए। इससे शरीर खाने में मौजूद पोषक तत्वों को ठीक से अवशोषित नहीं कर पाता है।2. छोलेछोले-पूड़ी या छोले-भटूरे खाना ज्यादातर लोगों को पसंद होता है लेकिन छोले खाने से पेट में गैस बनती है। खासकर उन लोगों को छोले नहीं खाना चाहिए, जिनका पाचन तंत्र धीरे कम करता है या कब्ज की समस्या रहती है।3. अरबीअरबी एक बेहद स्वादिष्ट सब्जी होती है। इसे कई तरह से पकाकर खाया जाता है लेकिन इसके सेवन से पेट में गैस बनती है क्योंकि इसकी प्रकृति वायु वर्धक होती है। इसलिए जिन लोगों के पेट में ज्यादा गैस बनती है। उन्हें अरबी की सब्जी कम खानी चाहिए। इसके अलावा अगर आप सब्जी का सेवन कर भी रहे हैं तो, उसके साथ आप अजवाइन का सेवन भी जरूर करें। इससे आपके पेट में गैस कम बनेगी और पेट दर्द भी नहीं होगा।4. राजमाराजमा चावल का स्वाद हमें बहुत पसंद आता है लेकिन इसके सेवन से आपके पेट में गैस बन सकती है। अगर आपको कब्ज या गैस की ज्यादा समस्या रहती है तो, आपको राजमा का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। दरअसल राजमा शरीर में वायु बढ़ाने का काम करता है और इससे पेट में गैस और भारीपन की समस्या हो सकती है।5. फूलगोभी और शिमला मिर्चसर्दियों में कई लोगों को फूलगोभी और शिमला मिर्च की सब्जी बहुत पसंद आती है लेकिन ये सब्जियां बादी होती है। इसको आप आसानी से पचा नहीं सकते हैं। ये उन लोगों के लिए नुकसानदायक हो सकती है, जिनके पेट में ज्यादा गैस बनती है। उनके लिए फूलगोभी और शिमला मिर्च जैसी सब्जियां पचाना मुश्किल हो जाता है।6. सलादअगर आपको बराबर गैस की परेशानी रहती है तो आपको ज्यादा सलाद नहीं खाना चाहिए क्योंकि सलाद भी एक गैस्ट्रिक फूड है। इसके ज्यादा सेवन से पेट में गैस की समस्या हो सकती है। इसलिए इसका संतुलित या कम मात्रा में सेवन करना चाहिए। सलाद के ऊपर आप काला नमक और अजवाइन डालकर खा सकते हैं।7. दूध और ब्रेडदूध और ब्रेड के सेवन से भी गैस की समस्या हो सकती है। अगर आपके पेट में पहले से ही ज्यादा गैस बनती है तो, गर्म दूध न पीएं। साथ ही ब्रेड का सेवन भी न करें। इससे ज्यादा गैस बनने की आंशका रहती है। अगर आपको मन है तो, आप छाछ पी सकते हैं और इसमें जीरा पाउडर का इस्तेमाल कर सकते हैं।साथ ही आप ज्यादा गैस बनने की स्थिति में उड़द, पालक का पत्ता, डेयरी उत्पाद, कोल्ड ड्रिंक और कुछ बादी सब्जियां नहीं खाना चाहिए। इससे आपकी गैस की समस्या और बढ़ सकती है। साथ ही आप अपने खाने में हींग और अजवाइन का सेवन भी कर सकते हैं। इससे खाने का स्वाद भी बढ़ता है और पेट में कब्ज और अपच की समस्या भी कम होती है। आप सुबह-शाम वॉक पर जरूर जाएं और खाने के बाद तुरंत भरपूर मात्रा में पानी न पीएं। इसके अलावा खाना खाने या कुछ हैवी खाने के बाद तुरंत बेड पर न सोने जाएं। थोड़ी देर चहलकदमी जरूर करें। इससे भोजन को पचाने में मदद मिलती है।
- होली का त्योहार बच्चों के लिए काफी खास होता है। इस दिन वे दिनभर अपने दोस्तों के साथ रंगों से खेलना और एक -दूसरे को अबीर-गुलाल लगाना पसंद करते हैं। बच्चे होली के दिन को लेकर काफी उत्साहित होते हैं लेकिन इसका असर उनके स्किन और बालों पर नहीं होना चाहिए। आइए जानते है कि होली खेलने के बाद आप अपने बच्चों की स्किन का कैसे ध्यान रख सकते है।होली के बाद बच्चे की स्किन ऐसे करें साफ1. होली खेलकर आने के बाद बच्चे रंगों में डूबे हुए होते हैं। ऐसे में उनकी सफाई के लिए आप सबसे पहले गुनगुने पानी में उन्हें नहाने को कहें। साथ ही फेस वाश या साबुन की मदद से चेहरे और शरीर को अच्छे से साफ करने को कहें ताकि शरीर से गंदगी, रंग और अतिरिक्त तेल हट सके। इसके लिए आप किसी प्राकृतिक उत्पाद का उपयोग भी कर सकते हैं।2. अगर नहाने के बाद भी बच्चे का रंग नहीं निकलता है, तो इसके लिए आप तिल के तेल या नारियल तेल से स्क्रब करके क्लर्स निकाल सकते हैं। हालांकि बच्चों को नरम त्वचा पर हल्के हाथों से स्क्रब करना चाहिए ताकि उनकी स्किन में खुजली और जलन की समस्या न हो। बार-बार स्क्रब या त्वचा को रगडऩे का प्रयास भी नहीं करना चाहिए।3. अगर आपके बच्चे के बाल बड़े हंै, तो उन्हें खोलकर पहले ढीला कर लें फिर बालों को किसी माइल्ड शैम्पू से धोने के बाद अच्छे कंडीशनर का इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन बालों को कभी गर्म पानी से न धोएं। इससे नुकसान हो सकता है।4. नहाने के बाद बच्चों के पूरे शरीर पर मॉइश्चराइजर और फेस क्रीम लगाएं ताकि स्किन मुलायम और कोमल बनी रहे और रंगों के कारण आया रूखापन भी कम हो जाए। ऐसा न करने पर त्वचा शुष्क और रूखी नजर आती है। जरूरत पडऩे आप उन्हें नियमित अंतराल पर भी मॉइश्चराइजर लगा सकते हैं।5. नहाने के बाद बच्चों को धूप में न जाने दें। इससे बाल और स्किन में कई तरह की परेशानी हो सकती है।इन बातों का भी रखें ध्यान1. बच्चों को होली खेलने जाने से पहले चेहरे और शरीर पर अच्छे से तेल या पेट्रोलियम जेली से मसाज करें ताकि कलर उनके शरीर पर न बैठें और नहाने के बाद उसे साफ करना आसान हो।2. बच्चे के बाल को कवर करने के लिए कैप या किसी रूमाल की मदद से ले सकते हैं।3. बच्चों को फुस स्लीव ड्रेस या कंफर्टेबल कपड़े पहनाकर भेजें ताकि वे रंगों के संपर्क में कम आएं और कलर निकालना आसान हो।4. बच्चों को ऑगेनिक कलर से खेलने के लिए प्रोत्साहित करें ताकि किसी प्रकार का कोई नुकसान न हो।
- बढ़े हुए यूरिक एसिड को कॉफी से कंट्रोल किया जा सकता है माना जाता है कि कॉफी पीने से किडनी सही तरीके से काम करती है, जिसकी वजह से यूरिक एसिड कंट्रोल में रहता है । इसके अलावा चुंकदर, अधिक से अधिक पानी पीने से और संतरे के जूस से यूरिक एसिड को कंट्रोल किया जा सकता है. तो चलिए डिटेल में जानते हैं कि क्यों यूरिक एसिड बढ़ता है और इसको कंट्रोल में कैसे रखा जाए ।इस वजह से बढ़ता है यूरिक एसिडमीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आपके बॉडी में यूरिक एसिड तब बढ़ता है । जब किडनी यूरिक एसिड को सही तरह से शरीर से बाहर नहीं निकाल पाती है । हाई यूरिक एसिड होने पर जोड़ों में दर्द, अकडऩ, सूजन, चलने-फिरने में दिक्कत और जोड़ों का शेप बदलना शमिल है।कॉफी के अलावा इन चीजों के खाने से कंट्रोल रहेगा यूरिक एसिड- काफी पीने के अलावा आप चुकंदर खा सकते हैं। इसको खाने से भी आपका बढ़ा हुआ यूरिक एसिड कंट्रोल में आ सकता है।- अधिक से अधिक पानी पीना चाहिए। पानी सेहत के लिए बेहत सही माना जाता है। माना जाता है कि ज्यादा पानी पीने से शरीर से बढ़ा हुआ यूरिक एसिड बाहर निकलता है।- संतरे का जूस भी आप अपनी डाइट में शामिल कर सकते है। माना जाता है कि यूरिक एसिड कंट्रोल करने के साथ-साथ इसको पीने से आपको गठिया की दिक्कत भी नहीं होगी।
- आमचूर किचन में इस्तेमाल होने वाला ऐसा पाउडर है, जिससे आपकी सब्जी का स्वाद एकदम बदल जाता है। हालांकि, आमचूर का इस्तेमाल सभी सब्जियों में नहीं होता है बल्कि सिर्फ चुनिदां सब्जियों में आमचूर का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये आमचूर आपकी सब्जी का स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ आपको वजन भी कम कर सकता है। अब आप सोच रहे हैं होंगे कि भला आमचूर से वजन कैसे कम हो सकता है। तो चलिए हम जानते हैं कि कैसे आमचूर से आप अपना वजन कम कर सकते हैं।इस वजह से आमचूर से वजन होता है कंट्रोलदरअसल, आमचूर में कैल्शियम, विटामिन सी और फैट के साथ-साथ आयरन भी होता है। माना जाता है कि गर्भवती महिलाओं के लिए आमचूर का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है। इसके अलावा नियमित रूप से आमचूर का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज की परेशानी कंट्रोल में रहती है।आमचूर खाने से ये भी होंगे फायदे- डायबिटीज कंट्रोल करने में आमचूर बेहद सही माना जाता है। अगर आप भी डायबिटीज के मरीज हैं तो आपको अपने खाने में अमचूर शामिल करना चाहिए।- वजन को कंट्रोल करने में आमचूर का बेहद योगदान है। अगर आप अपना वजन कम करना चाहते हैं, तो आमचूर अपनी डाइट में शामिल कर लें।माना जाता है कि आमचूर पाचन के लिए भी लाभकारी है। पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने में आमचूर लाभकारी माना जाता है। दरअसल, इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हंै।
- किशमिश सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। किशमिश का सेवन शरीर से कई समस्याओं और बीमारियों को दूर करने में भी फायदेमंद होता है। किशमिश और गुड़ के पानी का रोजाना सेवन शरीर के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। लोग कई तरीकों से किशमिश के पानी का सेवन करते हैं लेकिन किशमिश और गुड़ के पानी का एकसाथ सेवन करने से आप मोटापे की समस्या समेत कई गंभीर बीमारियों में फायदा पा सकते हैं। गुड़ और किशमिश में मौजूद पोषक तत्व लो ब्लड प्रेशर की समस्या में उपयोगी माने जाते हैं। फेफड़ों को साफ करने और शरीर का चयापचय दुरुस्त रखने में भी किशमिश और गुड़ के पानी का सेवन बहुत फायदेमंद माना जाता है। आइये जानते हैं रोजाना किशमिश और गुड़ के पानी का सेवन करने के फायदे के बारे में।किशमिश और गुड़ का पानी पीने के फायदेगुड़ और किशमिश दोनों ही सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माने जाते हैं। गुड़ में मैग्नीशियम, कैल्शियम, आयरन, जिंक, पोटेशियम जैसे पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं जो शरीर के लिए बहुत उपयोगी माने जाते हैं। वहीं किशमिश में भी सेहत के लिए उपयोगी माने जाने वाले पोषक तत्व जैसे आयरन, पोटेशियम और कैल्शियम व विटामिन आदि प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। आप रोजाना अगर किशमिश और गुड़ के पानी का सेवन करते हैं तो आपके शरीर को ये फायदे मिल सकते हैं।1. वजन कम करने में फायदेमंदगुड़ और किशमिश का कॉम्बिनेशन वजन कम करने के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है। गुड़ में मौजूद पोषक तत्व शरीर को एनर्जी देते हैं और भूख को नियंत्रित करते हैं। किशमिश और गुड़ का पानी रोजाना सुबह खाली पेट पीने से शरीर से एक्स्ट्रा फैट कम करने में लाभ मिलता है और वजन कम होता है। लगभग 30 से 40 दिनों तक लगातार इसका सेवन करने से फायदा मिलता है। किशमिश और गुड़ में मौजूद पोषक तत्व शरीर को पर्याप्त एनर्जी देते हैं जिससे वजन कम करते समय कमजोरी की समस्या से भी नहीं जूझना पड़ता है।2. पाचन तंत्र को मजबूत करने में उपयोगीपाचन तंत्र को मजबूत करने में किशमिश और गुड़ का सेवन बहुत फायदेमंद माना जाता है। किशमिश शरीर में लैक्सटिव के रूप में कार्य करती है। यह पेट में जाकर पानी को अवशोषित करती है। इसका सेवन करने से कब्ज और पाचन से जुड़ी कई समस्याओं में फायदा मिलता है। किशमिश और गुड़ में मौजूद फाइबर गैस्ट्रोइंटेस्टिनल मार्ग से शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। रोजाना किशमिश और गुड़ का पानी पीने से आपका पाचन तंत्र मजबूत होता है और कब्ज की समस्या, गैस और एसिडिटी जैसी कई गंभीर समस्याओं में फायदा मिलता है।3. हड्डियों के लिए फायदेमंदकिशमिश और गुड़ का पानी पीने से आपको हड्डियां मजबूत होती हैं और हड्डियों से जुड़ी समस्या में फायदा मिलता है। किशमिश और गुड़ दोनों ही कैल्शियम का भंडार होते हैं और इनका सेवन शरीर में कैल्शियम की आपूर्ति के लिए उपयोगी माना जाता है। किशमिश में बोरोन नामक माइक्रोन्यूट्रियंट भी पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है जो शरीर में कैल्शियम के अवशोषण और हड्डियों को कैल्शियम की आपूर्ति करने में बहुत उपयोगी माना जाता है। नियमित रूप से किशमिश और गुड़ का पानी पीने से ऑस्टियोपोरोसिस और गठिया की समस्या में फायदा मिलता है।4. एनीमिया की समस्या में बहुत फायदेमंदशरीर में खून की कमी को दूर करने के लिए किशमिश और गुड़ के पानी का सेवन बहुत उपयोगी माना जाता है। किशमिश और गुड़ में पर्याप्त मात्रा में मौजूद आयरन शरीर में एनीमिया की समस्या को दूर करने के लिए फायदेमंद है। रोजाना इसका सेवन करने से शरीर में ब्लड का गठन करने के लिए जरूरी विटामिन की मिलता है। इन सबके अलावा किशमिश में कॉपर भी पाया जाता है जो लाल रक्त कोशिकाओं की कमी को दूर करने और इसका निर्माण करने में बहुत मदद करता है।5. आखों की सेवन के लिए बहुत उपयोगीकिशमिश और गुड़ आंखों के लिए बहुत फायदेमंद माने जाते हैं। आप रोजाना इसका सेवन कर आंखों की रोशनी बढ़ाने में फायदा पा सकते हैं। किशमिश और गुड़ का पानी पीने से इसमें मौजूद पोषक तत्व आंखों को बीमारियों से बचाते हैं और आंख की रोशनी बढ़ाने का काम करते हैं। आंख को हेल्दी रखने के लिए किशमिश और गुड़ के पानी का सेवन बहुत फायदेमंद है।कैसे बनाएं किशमिश और गुड़ पानी....किशमिश और गुड़ का पानी तैयार करने के लिए रात में 6-9 किशमिश को एक कटोरी में पानी में भिगो दें। इसके बाद सुबह में एक गिलास में गुड़ के कुछ टुकड़े लें और इसे पानी में डालकर घोल लें। अब इसमें किशमिश का पानी और किशमिश डाल दें। रोजाना सुबह में खाली पेट इसका सेवन करने से फायदा मिलता है। अगर आप डायबिटीज की समस्या से ग्रसित हैं तो इसका सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
- कच्चा अदरक बेहद ही काम का है. इसको खाने से ब्लड प्रेशर, पेट संबंधित बीमारी के अलावा माइग्रेन दर्द में फायदेमंद होता है. इसके अलावा कोलेस्ट्रॉल में भी कच्चा अदरक काफी फायदेमंद होता है. बता दें कि कच्चा अदरक में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य को काफी लाभ पहुंचाते हैं. कच्ची अदरक में प्रचूर मात्रा में विटामिन ए, विटामिन डी, विटामिन, आयरन जिंक और कैल्शियम जैसे पोषक होते हैं. इसके सेवन से कई बीमारियां दूर होती हैं. वहीं कच्चे अदरक का सेवन करने से सर्दी-खांसी जैसे वायरल इंफेक्शन से काफी हद तक बचा जा सकता है. अगर पुरुषों में किसी भी प्रकार की सेक्सुअली दिक्कत है तो वह कच्चा अदरक खा सकते हैं. क्योंकि माना जाता है कि कच्चा अदरक खाने से पुरुषों के लिए काफी फायदा होता है.पेट संबंधित दिक्कतों में मिलती है राहतपेट के लिए भी कच्चा अदरक काफी फायदेमंद है. माना जाता है कि कच्चा अदरक पेट के लिए काफी फायदेमंद है. वहीं अदरक पाचन तंत्र को मजबूत करता है. साथ ही अगर किसी को पेट में दर्द या मरोड़ जैसे शिकायत होतो है तो आपको कच्चा अदरक जरूर खाना चाहिए. ऐसे में मे अगर आप पेट में दर्द की समस्या से परेशान हैं तो आप कच्ची अदरक का सेवन कर सकते हैं.माइग्रेन में खाएं कच्चा अदरकमाइग्रेन दर्द में भी कच्चा अदरक काफी फायदेमंद है. कच्चा अदरक माइग्रेन के दर्द में काफी फायदेमंद माना जाता है. अगर किसी को माइग्रेन की शिकायत हो तो उसे रोजाना कच्चे अदरक खाना चाहिए क्योंकि माना जाता है कि इसको खाने से आपकी थकान भी कम हो जाती है.कोलेस्ट्रॉल लेवल करता है कमकोलेस्ट्रॉल लेवल भी कम करने में कच्चे अदरक का अहम योगदान है.अदरक के सेवन से कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम किया जा सकता है. अगर किसी को कोलेस्ट्रॉल की शिकायत हो तो इसे उसे रोजाना कच्चे अदरक का सेवन करना चाहिए. इसके अलावा हार्ट के लिए भी कच्चा अदरक फायदेमंद है.
- बिगड़ी जीवनशैली और खानपान पर ध्यान न देने की वजह से ज्यादातर लोग थायराइड की समस्या से परेशान रहने लगे हैं। थायरॉइड तितली के आकार की एक ग्रंथि होती है, जो गले में स्थित होती है। शरीर की चयापचय (मेटाबॉलिज्म) क्रिया में इस ग्रंथि का विशेष योगदान होता है। थायराइड दो तरह का होता है- हाइपरथायराइड और हाइपोथायराइड। हाइपरथायराइड में ज्यादा मात्रा में थायराइड हार्मोन बनने लगता है। जबकि हाइपोथायराइडिज्म में हार्मोन का कम उत्पादन होता है। हाइपोथायरायडिज्म से पीड़ित लोगों में थकान, बालों का झड़ना, वजन बढ़ना, ठंड लगना और लो फील करना जैसे कई लक्षण दिखाई दे सकते हैं। थायराइड को अच्छी डाइट लेकर कंट्रोल किया जा सकता है। ऐसे में आज जानते हैं आखिर वो कौन सी चीजें हैं जो थायराइड की समस्या होने पर व्यक्ति को नहीं खानी चाहिए।थायराइड में क्या नहीं खाना चाहिए-सोयाबीन-सोयाबीन और सोया युक्त खाद्य पदार्थों से हाइपोथायरायडिज्म का जोखिम बढ़ सकता है। सोयाबीन में फाइटोएस्ट्रोजन होता है जो थायराइड हार्मोन का निर्माण करने वाले एंजाइम की कार्य करने की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है।ब्रोकली-फूलगोभी जैसी सब्जियां-कच्ची या अधपकी हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे ब्रोकली, पालक, फूलगोभी में एंटी-थायराइड और गोइट्रोजेनिक (goitrogenic) गुण होते हैं। जो थायराइड में हानिकारक हो सकते हैं। दरअसल, ये सभी क्रुसिफेरस सब्जियां( ब्रोकली, फूलगोभी, पत्तागोभी) फाइबर और अन्य पोषक तत्वों से भरी होती हैं। बावजूद इसके आयोडीन की कमी होने पर ये थायराइड हार्मोन के उत्पादन को कम कर सकती हैं।कैफीन युक्त पेय-थायराइड की समस्या होने पर कैफीन वाली चीजें खानी और पीनी नहीं चाहिए। ये आपके थायराइड ग्लैंड को बढ़ाकर दवा के असर को भी कम करते हैं।मीठा-थायराइड की समस्या होने पर चीनी का सेवन ज्यादा नहीं करें। चीनी आपकी पाचन प्रक्रिया को प्रभावित करके आपका वजन बढ़ाएगी और थायराइड ग्रंथि के स्तर को अनियंत्रित कर देगी।ग्लूटेन फूड-हाइपोथायरायडिज्म से पीड़ित लोगों को ग्लूटेन का सेवन कम करना चाहिए। ग्लूटेन एक प्रोटीन है जो गेहूं, जौ, राई और अन्य अनाजों से बने प्रोसेस्ड फूड्स में पाया जाता है। अगर किसी व्यक्ति को सीलिएक डिसीज है, तो यह ग्लूटेन छोटी आंत में समस्या उत्पन्न कर थायराइड हार्मोन रिप्लेसमेंट मेडिकेशन के अवशोषण में बाधा उत्पन्न कर सकता है।प्रोसेस्ड फूड्स-प्रोसेस्ड या जंक फूड्स में सोडियम की मात्रा अधिक होती है जो आपको नुकसान पहुंचा सकती है। सोडियम हाइपोथायरायडिज्म और थायराइड की कमी दोनों मरीजों की सेहत पर बुरा असर डालता है।
- आपने भी कई ऐसे लोगों को देखा होगा जिनके दिन की शुरुआत बिना चाय के नहीं होती है। इतना ही नहीं कुछ लोगों को तो आंख खुलते ही बिस्तर पर चाय चाहिए होती है। लोगों की यह आदत नींद भगाने में तो मदद कर सकती है, पर क्या आप जानते हैं कि सेहत के लिहाज से विशेषज्ञ इसे बहुत ही नुकसानदायक मानते हैं। खाली पेट चाय पीना कई तरह की बीमारियों का कारण बन सकता है। अध्ययनों से पता चलता है कि चाय और कॉफी में प्राकृतिक रूप से अम्लीयता होती है, ऐसे में खाली पेट इनका सेवन करने से एसिड का बेसिक संतुलन बिगड़ सकता है, जिसके कारण एसिडिटी या अपच की समस्या हो सकती है।कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि चाय में थियोफिलाइन नामक एक यौगिक भी होता है, जिसका निर्जलीकरण प्रभाव होता है और यह कब्ज को भी बढ़ा देता है। इसके अलावा बिना मुंह की साफ-सफाई किए चाय पीने की आदत के चलते बैक्टीरिया, मुंह में शुगर का ब्रेक डाउन कर सकते हैं जिससे मुंह में एसिड का स्तर बढ़ जाता है दांतों के इनेमल का क्षरण हो सकता है। अगर आपकी भी सुबह खाली पेट चाय-कॉफी पीने की आदत है तो इसमें तुरंत सुधार कर लें।खाली पेट चाय पीने के क्या नुकसान हैं?-स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक रोजाना खाली पेट चाय-कॉफी पीना कई तरह से आपकी सेहत पर नकारात्मक असर डाल सकता है।-सुबह सबसे पहले चाय पीने से आपका एसिड और क्षारीय संतुलन बिगड़ सकता है।-चाय में थियोफिलाइन नामक एक रसायन होता है, जो मल पर निर्जलीकरण प्रभाव डाल सकता है और कब्ज पैदा कर सकता है।-सुबह सबसे पहले चाय पीने से अन्य पोषक तत्वों का अवशोषण बाधित हो सकता है।-चाय में निकोटीन के अंश होते हैं, यही कारण हो सकता है कि आप पेय के आदी महसूस करते हैं।कब पी सकते हैं सुबह की चाय?स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सुबह के समय आप चाय पी सकते हैं, लेकिन सुनिश्चित करें कि आप खाली पेट नहीं हैं। सुबह का पहला आहार चाय या कॉफी नहीं होना चाहिए। आमतौर पर वर्कआउट से पहले कॉफी पीने की सलाह दी जाती है क्योंकि यह आपको ऊर्जा से भर देती है और अतिरिक्त कैलोरी बर्न करने में मदद करती है। सुबह के समय सबसे पहले भरपेट पानी पिएं और इसके आधे घंटे के बाद चाय-कॉफी पी सकते हैं।सुबह सबसे पहले क्या खाएं पिएं?स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, जागने के बाद आपको सबसे पहले एक कप गर्म पानी में नींबू के रस और काली मिर्च का पाउडर मिलाकर पीना चाहिए। वजन घटाने के लिए यह एक बेहतरीन विकल्प है और आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाएगा। यदि आपका लक्ष्य प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना है तो ताजा गिलोय का रस या आंवला का रस भी प्रभावी विकल्प हैं। आप चाहें तो गुनगुने पानी में आधा छोटा चम्मच अलसी का पाउडर मिलाकर पिएं। यह एक अद्भुत एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है और आपके मेटाबॉलिज्म में भी सुधार करता है।
- किसी शादी, सगाई या अन्य मौके पर आपने हरे भरे कबाब स्नैक्स के तौर पर खाए होंगे। इन्हें चटनी के साथ परोसा जाता है। होली का त्योहार है। उत्तर भारत में इस मौके पर तमाम लोग एक दूसरे के साथ मिलते जुलते हैं। ऐसे में घर पर मेहमानों के आने का सिलसिला चलता रहता है। आप इस मौके पर हरे भरे कबाब ट्राई कर सकती हैं।यहां जानिए हरा भरा कबाब बनाने की आसान रेसिपी-ये सामग्री लें...पालक 50ग्राम, 40 उबले आलू, 100 ग्राम हरी मटर, एक कप हरा धनिया, एक चम्मच नमक, दो चम्मच भुना जीरा, तीन चम्मच धनिया पाउडर, आधा चम्मच अदरक का पेस्ट, एक हरी मिर्च, एक कप अजमोद, एक चम्मच चाट मसाला, चौथाई कप ब्रेड क्रम्ब्स, आधा कप भीगा पोहा, एक नींबू.बनाने की विधि- हरा भरा कबाब बनाने के लिए सबसे पहले आलू को धोकर उबालें और छील लें. इसके बाद अच्छी तरह से मैश करें. इसके बाद हरी मटर और पालक को भी उबाल लें. पालक को पैन में उबालें. पालक उबालते समय पैन में थोड़ा नमक डालें, इससे पालक का रंग हरा बना रहता है.- अब पालक और मटर को भी अच्छी तरह से मैश करें और इसे आलू में मिक्स कर दें. इसके बाद लहसुन, अदरक, अजमोद, हरा धनिया और भुना जीरा और धनिया एक जार में डालें.- अब इसमें स्वादानुसार नमक और लाल मिर्च मिलाएं. भीगा हुआ चूरा और ब्रेड के क्रम्ब्स भी इसी में डाल दें. इसके बाद अच्छी तरह से सारी चीजों को मिक्स करें. फिर गोल गोल आलू की टिक्की जैसी तैयार करें.- अब एक नॉन स्टिक पैन को गैस पर रखें. इसमें थोड़ा तेल लगाएं और टिक्की को सेंकना शुरू करें. दोनों तरफ से टिक्की को ब्राउन करना है.जब कबाब दोनों तरफ अच्छी तरह से सिंक जाएं तब इसे निकाल लें. इन्हें हरे धनिया से गार्निश करें और ऊपर से चाट मसाला डालें.- आप चाहें तो इन्हें गार्निश करने के लिए थोड़े काजू का भी इस्तेमाल कर सकती हैं. तैयार है हरा भरा कबाब. इसे हरे धनिया और पुदीने की चटनी के साथ सर्व करें।
- जोड़ों में दर्द की समस्या युवाओं में भी दिखने लगी है. इसके पीछे खराब खानपान, सीटिंग जॉब और फिजिकल एक्टिविटी न होना कारण हो सकते हैं. जोड़ों में दर्द की समस्या का इलाज वक्त रहते न किया जाए, तो ये आगे चलकर उम्र बढऩे पर ये बड़ी समस्या बन सकती है।विशेषज्ञों के मुताबिक इस दिक्कत को नजरअंदाज करने से एक समय पर गठिया जैसी गंभीर समस्या हमें अपनी चपेट में ले लेती है। जोड़ों में दर्द के दौरान आपको दर्द के अलावा अचानक हिलने-ढुलने और जकडऩ आदि महसूस हो सकती है। वहीं आयुर्वेद के मुताबिक इसके पीछे शरीर में विषाक्त पदार्थ के जमा होने पर ऐसा होता है.कहते हैं कि लंबे समय तक शरीर में विषाक्त पदार्थों के जमा होने पर जॉइंट में दर्द होने लगता है. हालांकि, कुछ आयुर्वेदिक टिप्स को अपनाकर जोड़ों में दर्द की समस्या को काफी हद तक कम या खत्म किया जा सकता है. हम आपको इन्हीं आयुर्वेदिक टिप्स के बारे में बताने जा रहे हैं.नमक का कम करें सेवनभले ही नमक खाने का स्वाद दोगुना कर देता हो, लेकिन इसका अधिक मात्रा में सेवन जोड़ों में दर्द ही नहीं शरीर में अन्य कई दिक्कतों को पैदा कर सकता है. कई लोगों की आदत होती है कि वे सब्जी या सालन में ऊपर से नमक डालकर खाते हैं. ऐसे लोगों को ज्यादा नमक खाना पसंद होता है. कुछ ऐसे भी होते हैं, जिन्हें खट्टी चीजों का अधिक मात्रा में सेवन करना बहुत पसंद होता है. ये तरीके ज्वाइंट्स में पेन का कारण बनते हैं. आयुर्वेद ही क्या एलोपैथिक डॉक्टर भी कम नमक खाने की सलाह देते हैं.खराब लाइफस्टाइलआयुर्वेद के मुताबिक अगर लाइफस्टाइल खराब है, तो ये जोड़ों में दर्द का कारण बन सकता है. आहार और विहार सही न होने पर शरीर में कई अन्य समस्याएं भी होने लगती है. आयुर्वेद के मुताबिक आपको बासी खाना बिल्कुल नहीं खाना है. कई लोगों को रात का खाना दिन में खाने की आदत होती है, जो उन्हें बहुत नुकसान पहुंचाती है. वहीं विहार की बात की जाए, तो इसमें देर तक जागना और फिर घंटों सोना जैसी बुरी आदतें शामिल हैं. ऐसी आदतों को तुरंत बदले, जो आपके आहार और विहार दोनों को प्रभावित करती हैं.हेल्दी फैट लेंबाहर की चीजों को खाने से परहेज करने के अलावा ऐसी चीजों को खाएं, जिनमें हेल्दी फैट हो. इसमें घी, तिल का तेल और ऑलिव ऑयल शामिल हैं. इनसे बनने वाली चीजों को सीमित मात्रा में खाएं. हेल्दी फैट, जोड़ों को फिर से मजबूत बना सकता है. आप चाहे तो पैरों की मालिश भी कर सकते हैं. आयुर्वेद में मालिश को बहुत कारगर बताया गया है. इसके लिए आप तिल के तेल के अलावा अरंडी का तेल भी इस्तेमाल में ले सकते हैं. मालिश करने से हमारे ब्लड सर्कुलेशन में सुधार आता है. ये तेल आपको रसोई में आसानी से मिल जाएंगे और इनसे की हुई मालिश आपको राहत दे सकती है.
- काले और हरे अंगूर दोनों ही सेहत और स्वाद अच्छे होते हैं। काले अंगूर पोटैशियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम और विटामिन सी के अच्छे सोर्स होते हैं। वही हरे अंगूर में काब्र्स, प्रोटीन, फाइबर, विटामिन सी और विटामिन-के भरपूर पाया जाता है। लेकिन इन दोनों अंगूरों में से कौन-से अंगूर अधिक फायदेमंद होते हैं, चलिए विस्तार से जानते हैं इस बारे में।काले अंगूर के फायदे-काले अंगूर आंखों के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। काले अंगूर आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद करते हैं।-काले अंगूर में पोटैशियम होता है, इसलिए यह दिल के लिए फायदेमंद होता है। साथ ही अंगूर में मौजूद साइटोकेमिकल्स दिल को स्वस्थ रखता है।-काले अंगूर डायबिटीज रोगियों -के लिए भी लाभकारी होते हैं। , लेकिन ऐसे मरीज डॉक्टर की सलाह पर ही इसका सेवन करें।-काले अंगूर में विटामिन ई पाया जाता है, जो बालों और त्वचा के लिए लाभकारी होते हैं। काले अंगूर खाने से स्किन ग्लोइंग बनती है।-काले अंगूर में विटामिन सी होता है, इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनती है।-काले अंगूर में कई ऐसे तत्व होते हैं, जो वेट लॉस में कारगर -होते हैं। काले अंगूर खाने से शरीर में जमा एक्सट्रा फैट आसानी से बर्न हो जाता है।-काले अंगूर किडनी को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। यह मूत्र मार्ग को साफ करते हैं। शरीर को डिटॉक्स करने के लिए आप अंगूर का सेवन कर सकते हैं।हरे अंगूर के फायदे-काले अंगूर की तरह ही हरे अंगूर भी पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। हरे अंगूर हृदय रोगों के जोखिम को घटाते हैं।-हरे अंगूर में फाइटोकेमिकल होता है, इसके सेवन से मस्तिष्क पर उम्र का कम प्रभाव पड़ता है।-हरे अंगूर में फाइबर अधिक मात्रा में होता है, यह वजन घटाने में सहायक होता है।-इसके अलावा हरे अंगूर खाने से कब्ज की समस्या से भी राहत मिलती है। अंगूर में मौजूद फाइबर मल त्याग को आसान बनाते हैं।-अंगूर खाने से शरीर में खून की कमी दूर होती है। यह हीमोग्लोबिन लेवल बढ़ाता है।काले या हरे अंगूर: कौन-से अंगूर होते हैं फायदेमंदकाले और हरे अंगूरों में पिगमेंट्स का अंतर होता है। काले अंगूरों में एंथोसायनिन अधिक होता है। काले अंगूरों में कलरफुल केमिकल्स ज्यादा होते हैं। काले अंगूरों की गुणवत्ता हरे अंगूरों से अच्छी होती है।काले और हरे दोनों अंगूर कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण में रखने में मदद करते हैं। आप भी अपनी डाइट में काले या हरे दोनों तरह के अंगूर शामिल कर सकते हैं। दोनों ही अंगूर सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। काले और हरे दोनों अंगूर त्वचा के लिए भी लाभकारी होते हैं।
- अगर आप हेल्दी मॉर्निग ड्रिंक के बारे में सोच रहे हैं, तो मेथी और अजवाइन का पानी फायदेमंद हो सकता है। इस पानी को सुबह खाली पेट पीने से स्वास्थ्य समस्याएं दूर होने लगती हैं। अजवाइन और मेथी का पानी वजन कम करने, कब्ज को ठीक करने में लाभकारी होता है। इसके अलावा इस पानी को पीने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। जानें मेथी और अजवाइन का पानी पीने से होने वाले फायदे-अजवाइन- मेथी का पानी कैसे बनाये?अगर आप रोज सुबह खाली पेट अजवाइन मेथी का पानी पीना चाहते हैं, तो आपको तैयारी रात को ही करनी पड़ेगी। इसके लिए 1 चम्मच अजवाइन और 1 चम्मच मेथी दाना रात को एक गिलास पानी में भिगोकर रख दें। सुबह इस पानी को छानकर खाली पेट पी जाएं। इस पानी को रोज पीने से वजन घटाने में मदद मिलती है। मेथी और अजवाइन की तासीर गर्म होती है, इसलिए सर्दियों में इस पानी को पीने से शरीर में गर्माहट भी बनी रहती है। इनकी तासीर गर्म होने की वजह से पित्त प्रकृति के लोगों को इसका सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए।मेथी अजवाइन का पानी पीने के फायदेमेथी अजवाइन का पानी पाने से सेहत को कई फायदे मिलते हैं। मेथी में प्रोटीन, वसा, कैल्शियम, आयरन, फाइबर, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम, सोडियम, जिंक, कार्बोहाइड्रेट, एंटीऑक्सीडेंट, एंटी बैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। इसके अलावा अजवाइन में प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, आयरन और निकोटिनिक एसिड पाया जाता है। मेथी अजवाइन खाने से आप अपनी कई समस्याओं को दूर कर सकते हैं।1. वजन कम करे मेथी अजवाइन का पानीमेथी अजवाइन का पानी वजन कम करने के लिए बेहतरीन घरेलू उपाय के तौर पर कार्य करता है। दरअसल, मेथी और अजवाइन में एंटी ऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो मेटाबॉलिज्म को मजबूत बनाते हैं। इसके साथ ही मेथी अजवाइन का पानी फैट बर्न करता है। अगर आप वजन कम करना चाहते हैं, तो इसे अपनी मॉर्निग ड्रिंक में शामिल कर सकते हैं। यह वेट लॉस ड्रिंक का काम करता है।2. कब्ज से राहत दिलाए मेथी अजवाइन का पानीअगर आपको गैस, कब्ज और अपच की समस्या रहती है, तो सुबह खाली पेट मेथी-अजवाइन का पानी पानी पी सकते हैं। इस पानी को पीने से बॉडी डिट्रॉक्स होती है। अजवाइन और मेथी में फाइबर होता है, जो कब्ज से राहत दिलाता है। वहीं इनमें मौजूद पोषक तत्व गैस निकालने में भी मदद करता है। इस डिटॉक्स ड्रिंक को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें। इससे शरीर में जमा गंदगी, अपशिष्ट पदार्थ आसानी से निकल जाएंगे। इससे मतली जैसी समस्या भी ठीक होती है।3. ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करेअस्वस्थ खान-पान और इनएक्टिव लाइफस्टाइल डायबिटीज का कारण बनता जा रहा है। आजकल अधिकतर लोगों को डायबिटीज है। अगर आपका ब्लड शुगर लेवल कंटोल में नहीं रहता है, तो मेथी-अजवाइन का पानी पीना लाभकारी हो सकता है। इससे शरीर में शुगर लेवल को कंट्रोल रखने में मदद मिलती है। इसके अलावा यह बैड कोलेस्ट्रॉल को भी कम करता है।4. तनाव दूर करे मेथी अजवाइन का पानीअगर आप भी स्ट्रेस फील करते हैं, तो सुबह खाली पेट मेथी और अजवाइन का पानी पी सकते हैं। इस पानी में फाइबर, मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व होते हैं।5. इम्यूनिटी बढ़ाए मेथी अजवाइन का पानीमेथी और अजवाइन के पानी में विटामिन सी, आयरन, जिंक, एंटीऑक्सीडेंट और कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है। ऐसे में आप इस ड्रिंक को इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए भी पी सकते हैं।मेथी अजवाइन का पानी इम्यूनिटी बढ़ाने और ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के साथ ही त्वचा के लिए भी फायदेमंद होता है। रोज इस ड्रिंक को पीने से रक्त साफ होता है। इसे पीने से कील-मुहांसे दूर होते हैं। झुर्रियों भी ठीक होती हैं।
- भारत में फूड हैबिट्स और भागदौड़ भरी जिंदगी के कारण लोग अपने कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल नहीं कर पाते। यहां खाने में तेल का ज्यादा इस्तेमाल होता है जिसकी वजह से मोटापे की समस्या आम हो गई है। इसे दिल की बीमारी और डायबिटीज तक का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में जरूरी है ही आप अपनी डाइट को सिंपल रखें और साथ ही एक खास सब्जी जरूर खाएं।चावल और दाल के साथ खाएं ये सब्जीकई रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है कि चावल और दाल (Rice and Pulse) के साथ सेम (Bean) खाने से कोलेस्ट्रॉल लेवल कंट्रोल हो जाता है और दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है।दाल से कम होगा कोलेस्ट्रॉल लेवलकनाडा के सेंट माइकल्स हॉस्पीटल के डॉक्टर सिवेनपाइपर ने कहा कि दिन में एक वक्त भोजन में दाल खाने से 5 फीसदी तक कोलेस्ट्रॉल कम होता है। भोजन में दाल को शामिल करना दिल के लिए फायदेमंद रहता है। इससे हार्ट डिजीज का खतरा 5 से 6 प्रतिशत तक कम होता है। चावल और दाल के साथ सेम (Bean) खाने से ये फायदा और ज्यादा बढ़ जाता है।हजार से ज्यादा लोगों पर रिसर्चदालों में ग्लाइसेमिक इंडेक्स यानी पाचन क्रिया के दौरान भोजन सामग्री का टूटने का स्तर अपेक्षाकृत कम होता है और इनमें एक्ट्रा प्रोटीन और कोलेस्ट्रॉल को घटाने की क्षमता होती है। डॉक्टर सिवेनपाइपर ने मेटा एनालिसिस समीक्षा टेस्ट के तहत 1,037 लोगों पर स्टडी की।महिलाओं को ज्यादा ध्यान देने की जरूरतरिसर्च में पता चला कि पुरुषों में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्तर महिलाओं की तुलना में कम होता है। इसका कारण महिलाओं का खानपान में उचित ध्यान न देना हो सकता है। ये स्टडी कैनेडियन मेडिकल एसोसिएशन की मैगजीन में प्रकाशित हुई थी।
- आपने अधिकतर लोगों के मुंह से सुना होगा कि व्हाइट ब्रेड नहीं खानी चाहिए. तो क्या आपने सोचा कि आखिर वह ऐसा क्यों कह रहे हैं? कई लोगों ने नाश्ते में व्हाइट ब्रेड को खाने से भी हटा दिया होगा, लेकिन आज भी कई लोग व्हाइट ब्रेड बड़े की चाव में सुबह के ब्रेकफास्ट में शामिल करते हैं. इसके पीछे कई वजह हैं. दरअसल, कई लोगों को आदत होती है क्योंकि वह लंबे समय से व्हाइट ब्रेड का ही सेवन कर रहे होते हैं. ऐसे में आपको आपको न चाहते हुए भी अपने ब्रेकाफास्ट से ब्रेड को हटाना पड़ेगा. क्योंकि इसके नुकसान सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे.लगातार व्हाइट ब्रेड खाने वाले हो जाएं सावधानमीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, व्हाइट ब्रेड को स्वास्थ्य विशेषज्ञ सेहत के लिहाज से नुकसानदायक समझते हैं. माना जाता है कि लगातार व्हाइट ब्रेड के सेवन की आपकी आदत कई तरह की समस्या बढ़ा सकती है.व्हाइट ब्रेड में होती है ज्यादा कार्बोहाइड्रेट की मात्रामाना जाता है कि ब्रेड को बनाने के लिए मैदे को प्रयोग किया जाता है ऐसे में इसका ज्यादा सेवन पेट की कई तरह की समस्याओं को बढ़ावा दे सकता है, जिसके चलते व्हाइट ब्रेड को पौष्टिकता के लिहाज से भी बेहतर नहीं माना जाता है. इसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा भी अधिक होती है जिसका अधिक सेवन करने से शरीर पर कई तरह के हानिकारक प्रभाव हो सकते हैं.व्हाइट ब्रेड खाने के नुकसान- व्हाइट ब्रेड खाने से वजन भी बढ़ता है. यानी मोटापे से परेशान लोगों को कभी भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए.- इसके अलावा शुगर लेवल भी इसको खाने से बढ़ सकता है. कोशिश करें कि शुगर के मरीज इसे कभी ना खाएं.- माना जाता है कि मानसिक स्थिति पर भी व्हाइट ब्रेड खाने का असर पड़ता है.
- स्वस्थ रहने के लिए डाइट में ड्राई फ्रूट्स जरूर शामिल करें. रोजाना मेवा खाने से दिल, दिमाग और शरीर फिट रहता है. ड्राई फ्रूट्स खाने से वजन कम होता है और इम्यूनिटी मजबूत होती है. आपको रोज 2-3 अखरोट जरूर खाने चाहिए. अखरोट दिमाग को तेज और एक्टिव बनाता है. अखरोट में काफी मात्रा में प्रोटीन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन फास्फोरस, कॉपर और सेलेनियम जैसे पोषक तत्व पाएं जाते हैं. अखरोट खाने से हार्ट हेल्दी और मजबूत बनता है. जानते हैं अखरोट खाने के फायदे.अखरोट खाने के फायदे1- अखरोट खाने से हार्ट संबंधी रोग दूर रहते हैं. अखरोट में एंटी-ऑक्सीडेंट और ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है, जिससे दिल की बीमारियों में फायदा होता है.2- दिमाग के लिए अखरोट बहुत फायदेमंद है. अखरोट खाने से टेंशन दूर होती है और नींद अच्छी आती है.3- अखरोट से ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है और शरीर में एनर्जी बनी रहती है.4- अखरोट खाने से दिमाग की शक्ति बढ़ती है. इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व दिमाग को तेज करते हैं.5- कोलेस्ट्रॉल को कम करने में अखरोट बहुत मदद करता है. अखरोट खाने से शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है.6- इसमें ओमेगा 3 फैटी अल्फा लिनोलेनिक एसिड हमारे शरीर में खून का थक्का बनाता है. जिससे चोट लगने पर खून ज्यादा नहीं बहता.7- अखरोट डायबिटीज में भी फायदा करता है. टाइप 2 डायबिटीज ये काफी असरदार है. अखरोट रक्त वाहिकाओं को फैलाता है और मेटाबॉलिज्म सिंड्रोम को कम करता है.8- गर्भावस्था में अखरोट खाने से बच्चे को आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं.9- नियमित रूप से अखरोट खाने से हार्टअटैक की संभावना कम होती है और कैंसर का खतरा भी कम हो जाता है. अखरोट खाने से त्वचा चमकदार और बाल मजबूत होते हैं.10- अखरोट में बायोटिन और विटामिन 32 होता है, जिससे बाल झड़ने की समस्या कम हो जाती है.
- बालों को काला करने के लिए आजकल तरह-तरह प्रोडक्ट आ चुके हैं, लेकिन इसके बाद भी कई लोग प्राकृतिक तरीकों से बालों को काला करना चाहते है. तो ऐसे लोगों के लिए हम तुलसी और आंवाला का प्राकृतिक उपाय लेकर आए हैं. इन दोनों के इस्तेमाल से आप प्राकृतिक तरीके से सफेद हो रहे बालों को काला कर सकते हैं. तो चलिए जानते हैं कि तुलसी और आंवला सफेद बालों को कैसे काला कर सकती है. बता दें कि तुलसी में कई गुण होते हैं, जो बालों की समस्या से निजात दिलाने में मददगार हैं. इसके एंटी-बैक्टीरियल गुण बालों में से डैंड्रफ को दूर करने में कारगर है.ऐसे करें तुलसी और आंवला का इस्तेमालमीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सफेद बाल को दोबारा काला बनाए रखने में भी तुलसी और आवंला काफी मददगार है. तुलसी को पीसकर आंवला पाउडर के साथ मिलाएं और रात भर थोड़े पानी में भिगोकर छोड़ दें. सुबह नहाते समय इस घोल से सिर धोएं. बालों को प्राकृतिक रूप से काला बनाएं रखने के लिए कुछ महीने तक इस नुस्खे का इस्तेमाल फायदेमंद हो सकता है.ऐसे बनाएं आंवले और तुलसी का पेस्टअगर आपके भी बाल सफेद होने लगे हैं तो आंवले और तुलसी के पत्ते को पीसकर पेस्ट बना लें. इसके बाद इस पेस्ट क एक कप पानी में घोलकर बालों की जड़ों में लगाएं और सूखने पर बालों को ताजे पानी से धो लें. इससे जल्दी ही आपको बाल काले होने लगेंगे.चमक लाने के लिए आंवला का इस्तेमालबालों में चमक लाने के लिए आप आंवला का इस्तेमाल कर सकते हैं. बालों में चमक लाने के लिए आंवला के जूस से अच्छी तरह से मसाज करें. इसके बाद एक घंटे के बाद बालों को ताजे पानी से धो लें. इससे बालों में नेचुरल ग्लो आएगा.c