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- आयुर्वेद के अनुसार आंवला (Amla) एक बहुत ही हेल्दी फूड है. ये पोषक तत्वों, एंटीऑक्सीडेंट, कैंसर विरोधी और एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है. आंवला सर्दियों में आसानी से मिल जाता है. मौसम खत्म होने से पहले आपको इस सुपरफूड का भरपूर लाभ उठाना चाहिए. ये आवश्यक विटामिन और मिनरल से भरपूर होता है. ये स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है. आंवला इम्युनिटी (Amla Benefits) में सुधार करता है, कब्ज रोकता है, वजन कम (Weight loss) करने में मदद करता है, शरीर को डिटॉक्सीफाई करता है, आंखों की रोशनी में सुधार करता है और दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है. आइए जानें किन तरीकों से आप इसे अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं.आंवला राइसइसके लिए आपको 3 कप पके हुए चावल, 1 कप कटा हुआ आंवला, 1/2 छोटा चम्मच सरसों के बीज, मुट्ठी भर करी पत्ते, 1 छोटा चम्मच चना दाल, 1 चम्मच उड़द दाल, तेल आवश्यकता अनुसार, 1 बड़ा चम्मच कटा हुआ अदरक, 1 छोटा चम्मच लाल मिर्च पाउडर और चुटकी भर हल्दी पाउडर की जरूरत पड़ेगी. एक ब्लेंडर में कटे हुए आंवला के टुकड़े डालें. इसे बाउल में निकाल लीजिए. नमक, हल्दी और लाल मिर्च पाउडर डालें. एक पैन में थोड़ा सा तेल, राई, उड़द दाल डालें. सुनहरा होने तक भूनें. करी पत्ता और अदरक डालें और भूनें. पैन में आंवला पेस्ट डालकर पकाएं. इस मिश्रण में पके हुए चावल डालकर अच्छी तरह मिला लें. चावल को पूरी तरह से ठंडा करें और आनंद लें.आंवला फ्राईइसके लिए 250 ग्राम आंवला , चुटकी भर हींग, तेल आवश्यकता अनुसार, 1 छोटा चम्मच अजवाइन बीज, 1/2 छोटा चम्मच हल्दी पाउडर, 1 छोटा चम्मच धनिया बीज पाउडर, 1/2 छोटा चम्मच लाल मिर्च पाउडर, नमक स्वादानुसार और 100 ग्राम हरी मिर्च की जरूरत होगी. आंवले को धो कर छोटे छोटे टुकड़े कर लीजिए. एक पैन में हींग, जीरा, अजवाइन डालें. इसके बाद हल्दी पाउडर और धनियां पाउडर डालें और भूनें. हरी मिर्च, लाल मिर्च पाउडर और कटा हुआ आंवला डालें. 3-5 मिनट तक इसे पकाएं. ढककर 5-10 मिनट तक पकाएं जब तक कि आंवला थोड़ा नरम न हो जाए. आंवला फ्राई तैयार है.आंवला मुरब्बाइसके लिए आपको 1 किलो आंवला, 1/2 किलो चीनी, 1 चम्मच काली इलायची के बीज, केसर के धागे और 10-15 कटे हुए बादाम की जरूरत होगी. सबसे पहले एक पैन में आंवला और पानी डालें. ढककर धीमी आंच पर तब तक पकाएं जब तक कि आंवला नर्म न हो जाए. पानी निथार लें और आंवले से बीज निकाल दें. दूसरे पैन में 1/2 लीटर पानी और चीनी डालें. अच्छी तरह मिलाएं और चीनी को पूरी तरह घुलने तक पकाएं. चाशनी में आंवला डालें. काली इलायची के दाने, केसर के धागे और बादाम डालें. तब तक पकाएं जब तक कि मिश्रण गाढ़ा न होने लगे. इसे आंच से उतारें और ठंडा होने दें. एक हवाबंद कंटेनर में भरकर रखें.
- भारत एक विविध संस्कृति वाला देश है. इसलिए हर संस्कृति के रीति-रिवाज और परंपराएं हैं. सभी अपने रीति-रिवाजों और परंपराओं को वैसे ही निभाते हैं जैसा कि सदियों (Indian Traditions) पहले निभाया करते थे. लेकिन इनमें से कुछ पुरानी परंपराओं के पीछे कई स्वास्थ्य लाभ भी जुड़े हैं जो शायद लोग नहीं जानते हैं. इसमें नमस्ते, मेडिटेशन, हल्दी से खाना बनाना, तांबे के बर्तन से पीने का पानी और हाथ से खाना आदि शामिल हैं. आज हम भारत की इन सदियों पुरानी परंपराओं के पीछे छुपे स्वास्थ्य लाभों के बारे में बताने जा रहे हैं. आइए जानें इन परंपराओं के पीछे छुपे स्वास्थ्य लाभ.नमस्ते भाव का महत्वनमस्ते नम्रता और कृतज्ञता व्यक्त करने वाला एक भाव है. ये अभिवादन करने के लिए किया जाता है. जब हम अपने हाथों की हथेलियों को नमस्ते में जोड़ते हैं तो इसे अंजलि मुद्रा कहते हैं. अंजलि मुद्रा का अभ्यास नियमित रूप से एकाग्रता को बढ़ाता है, मन को शांत करता है और तनाव को दूर करने में मदद करता है. अंजलि मुद्रा हमारी विचार प्रक्रिया को अस्थायी रूप से व्यवस्थित करती है. ये अधिवृक्क और पिट्यूटरी ग्रंथियों के काम को संतुलित करती है.मंदिरों में बजती घंटियांपरंपरागत रूप से पूजा की शुरुआत मंदिर में घंटी बजाने से होती है. घंटी की शांत ध्वनि व्यक्ति को ध्यान केंद्रित करने और स्वयं के साथ जुड़ने में मदद करती है. घंटी की सुखदायक ध्वनि मस्तिष्क के बाएं और दाएं भाग के बीच एक सामंजस्य स्थापित करती है. ये ध्वनि मानव शरीर के सात चक्रों को सक्रिय कर देती है. ये सभी नकारात्मक विचारों को दूर करती है.ध्यान या मेडिटेशन का महत्वध्यान का उद्देश्य अभ्यासी की आत्मा ( जीवात्मा ) और परमात्मा के बीच एकता प्राप्त करना है. ध्यान आपके शरीर, मन और इंद्रियों को शांत करता है. ध्यान करने से एकाग्रता का स्तर बढ़ता है. ये आपके भावनात्मक स्वास्थ्य का खयाल रखने के अलावा सिरदर्द, अनिद्रा, जोड़ों और मांसपेशियों की समस्याओं को कम करने में मदद करता है.हल्दी से खाना बनानाहल्दी भारत में पीढ़ियों से इस्तेमाल किया जाने वाला मसाला है. इसका इस्तेमाल कई चीजों के लिए जाता है. ये न केवल खाने का स्वाद बढ़ाता है बल्कि कई धार्मिक समारोहों में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है. हल्दी में कई औषधीय गुण भी होते हैं. हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट के साथ-साथ करक्यूमिन नामक एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है. ये इम्युनिटी बढ़ाने और हृदय रोगों के जोखिम को कम करता है.हाथ से खानाउंगलियों के तंत्रिका अंत पाचन को बढ़ावा देते हैं. आयुर्वेद के अनुसार हमारी पांच उंगलियां पांच तत्वों के समान हैं. इसमें भूमि, जल, अग्नि, आकाश और वायु आदि शामिल है. इससे शरीर के पांचों तत्व जागृत हो जाते हैं. इससे सिर्फ भूख ही नहीं मन भी तृप्त होता है. वेदों के अनुसार हमरी उंगलियों के पोर तीसरी आंख, हृदय, गले, सोलर प्लेक्सस, यौन, रूट चक्र से संबंधित होते हैं. इसलिए हाथ से खाना खाते समय स्पर्श करने से चक्र उत्तेजित हो जाते हैं और इससे कई फायदे मिलते हैं.तांबे के बर्तन से पीने का पानीकॉपर मानव स्वास्थ्य के लिए एक आवश्यक मिनरल है. ये पानी में मौजूद मोल्ड्स, फंगस और बैक्टीरिया जैसे सूक्ष्मजीवों को मार सकता है जो शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं. तांबे के बर्तन का पानी शरीर के पीएच संतुलन को बनाए रखने में भी मदद करता है. कॉपर एनीमिया को रोकने, कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कम करने के लिए जाना जाता है.
- कैंडीबच्चे ही नहीं बड़ों को भी कैंडी काफी अच्छी लगती है, पर आपको बता दें कि ये दांतों को बहुत नुकसान पहुंचाती है. ये जीभ का रंग बदलने के अलावा दांतों में दाग भी बन जाते हैं, इसलिए कैंडीज को हद से ज्यादा न खाएं.कार्बोहाइड्रेट ड्रिंककोला व अन्य कार्बोहाइड्रेट ड्रिंक्स भी दांतों को खासा नुकसान पहुंचाती हैं. इन ड्रिंक्स को ऐसे केमिकल्स से बनाया जाता है, जो दांतों के लिए हानिकारक मानी जाती हैं. ऐसे में इनसे दूरी बनाए रखना ही बेहतर है.सॉसबच्चों को सॉस से बनी चीजें खाना काफी पसंद होती हैं और कभी-कभी वे हद से ज्यादा इसका सेवन करने लगते हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक अगर आपका बच्चा सॉस पसंद करता है, तो उसे हल्के रंग वाले सॉस खिला सकते हैं.चायभले ही ये हमारे रूटीन का एक जरूरी हिस्सा हो, लेकिन इसका भी हद से ज्यादा सेवन दांतों के लिए ठीक नहीं होता. चाय में दांतों की बाहरी परत इनेमल को नुकसान पहुंचाती है और इस कारण वे पीले पड़ने लगते हैं.आलू के चिप्सलगातार आलू के चिप्स खाने से दांतों की हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है. दरअसल, आलू के चिप्स में स्टार्च अधिक मात्रा में होता है और इस कारण ये दांतों में फंस जाता है. एक समय पर कैविटी हो जाती है और इसे दांतों के लिए ठीक नहीं माना जाता.
- लोगों की अक्सर ये शिकायत होती है कि उनके पैरों में बहुत जलन होती है। इसके बहुत से कारण हो सकते हैं। जैसे-किडनी का हेल्दी न होना, फंगल इंफेक्शन, विटामिन की कमी, शराब का सेवन आदि। ये समस्या दिखने में छोटी है पर इसे नजरअंदाज करना ठीक नहीं है।1. किडनी डिसीज होने पर होती है पैरों में जलनजिन लोगों की किडनी स्वस्थ्य नहीं होती उन्हें भी पैरों में जलन की समस्या हो सकती है। किडनी के सही तरह से काम न करने के कारण ब्लड में दषित तत्व मिलने लगते हैं जिससे पैरों में जलन या खुजली की समस्या हो सकती है। इसके साथ सांस लेने में परेशानी, यूरीन कम बनना, उल्टी का अहसास, थकान आदि लक्षण नजर आ सकते हैं। इन लक्षणों के नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।2. विटामिन बी की कमीन्यूट्रिशन की कमी भी पैरों में जलन का एक कारण है। शरीर में विटामिन बी की कमी के चलते भी पैरों में जलन का अहसास हो सकता है। विटामिन बी की कमी होने पर शरीर में कई बीमारियां हो सकती हैं। जैसे एनीमिया। खून की कमी की बीमारी एनीमिया होने पर शरीर में रेड ब्लड सैल्स की कमी हो जाती है जिसका एक कारण विटामिन बी की कमी भी है। विटामिन की कमी से होने वाली अन्य समस्याओं में थकान, चक्कर आना, सांस लेने में परेशानी होना शामिल है।3. इंफेक्शन के कारण हो सकती है पैरों में जलनकई तरह के इंफेक्शन के चलते पैरों में जलन की समस्या हो सकती है जैसे शिगल्स, लिम्प डिसीज आदि। पैरों में इंफेक्शन फैल सकता है इसलिए लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। पैरों में जलन होना नर्व डैमेज होने का संकेत हो सकता है जो कि ज्यादातर डायबिटीज से जोड़ा जाता है। अगर जलन के साथ दर्द भी है तो इलाज में देरी नहीं करनी चाहिए।4. एथलीट फुट के कारण हो सकती है पैरों में जलनएथलीट फुट होना भी पैरों में जलन का एक कारण हो सकता है। एथली फुट एक तरह का फंगल इंफेक्शन होता है जिसे एथलीट्स के पैरों में ज्यादातर देखा जाता है इसलिए इसे हम एथलीट फुट कहते हैं। एथलीट फुट होने पर पैरों में जलन, खुजली की समस्या हो सकती है। अगर पैरों में जलन के साथ आपको ड्राय स्किन, क्रैक स्किन, पैर से पील निकलने जैसे लक्षण नजर आएं तो समझ जाइए कि ये एथलीट फुट है और अपने डॉक्टर से इसका इलाज करवाएं।5. शराब का सेवनजो लोग शराब का ज्यादा सेवन करते हैं उन्हें भी पैरों में जलन की समस्?या हो सकती है। एल्कोहॉल का असर नसों पर पड़ता है जिसके चलते पैरों में जलन का अहसास हो सकता है। शराब का सेवन वैसे भी शरीर के लिए हानिकारक है इसलिए आपको इसका सेवन करने से बचना चाहिए।पैरों में जलन होने पर क्या करें?- पैरों की जलन दूर करने के लिए आप हल्दी -दूध पिएं। हल्दी में करक्यूमिन होता है जिससे नसों को आराम मिलता है।-अगर इंफेक्शन के चलते पैरों में जलन हो रही है तो जलन दूर करने के लिए नीम का तेल या नीम का लेप पैरों पर लगाएं। नीम में एंटी-बैक्टिीरियल गुण होते हैं।-पैरों की जलन दूर करने के लिए पैरों को ठंडे पानी में डुबोएं। आप चाहें तो पानी में बर्फ के क्यूब भी डाल सकते हैं। ठंडे पानी से पैरों की जलन दूर हो जाएगी। 15 मिनट तक पैरों को पानी में डुबोकर रखें, फिर साफ तौलिए से पोछकर पैरों को थोड़ा आराम दें और अच्छा फुट मॉइश्चराइजर या नार?ियल का तेल लगा लें।- पैरों को एप्पल साइडर विनेगर और पानी के मिश्रण में भी डाल सकते हैं, लेकिन ये तरीका डायबिटीज रोगियों के लिए नहीं है।-पैरों की जलन दूर करने के लिए पैरों की मसाज करें, इससे ब्लड सर्कुलेशन अच्छा होगा और जलन कम हो जाएगी। पैरों की मसाज करने के लिए आप कोई भी कैरियर ऑयल जैसे बादाम का तेल या नारियल तेल इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें आप कुछ बूंद एसेंशियल ऑयल जैसे लैवेंडर ऑयल को भी मिक्स कर सकते हैं।-अगर जलन ज्यादा है तो डॉक्टर की सलाह पर मैगनेट थैरेपीली जा सकती है।
- कई स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए कई तरह के प्राकृतिक फूड्स को डाइट में शामिल कर सकते हैं. जब बीमारियों को दूर करने के लिए प्राकृतिक प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने की बात आती है तो नीम और हल्दी सूची में सबसे ऊपर हैं. चिकित्सीय गुणों के कारण लंबे समय से ही नीम और हल्दी का इस्तेमाल घरेलू उपचार के रूप में किया जाता रहा है. नीम के पत्तों के रस को एक चुटकी हल्दी के साथ गुनगुने पानी में मिलाकर सेवन करें. इससे सेहत अच्छी रहती है. ये नुस्खा आम सर्दी से लेकर गंभीर बीमारियों तक की रोकथाम में मदद करता है.बैक्टीरिया को मारता हैअपने चिकित्सीय गुणों के कारण नीम और हल्दी शरीर में कीटाणुओं और फंगस से संक्रमित होने से बचाने में मदद कर सकते हैं. इसकी एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं.फ्लू से बचावमौसम बदलने के साथ सर्दी, खांसी और बंद नाक की समस्या होना आम है. ऐसे में वायरल फ्लू के इलाज में नीम और हल्दी का सेवन बेहद कारगर हो सकता है. हल्दी के एंटीवायरल गुण वायरल फ्लू से जल्दी छुटकारा दिलाने में मदद करते हैं.ये इम्युनिटी को बढ़ाता हैनीम और हल्दी में एंटी बैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं. नीम और हल्दी का सेवन करन से इम्युनिटी को बढ़ाने में मदद मिलती है.आपकी त्वचा को ग्लोइंग बनाता हैनीम और हल्दी के सेवन से त्वचा की मृत कोशिकाएं गायब होने लगती हैं. इसके अलावा ये शरीर की सफाई करते हैं. इससे आपकी सेहत के साथ-साथ आपकी त्वचा भी निखरने लगती है. ये त्वचा पर प्राकृतिक ग्लो लाने में मदद करता है.नीम और हल्दी के फायदेनीम औषधीय तत्वों से भरपूर होती है. इसकी पत्तियां, तने से लेकर जड़ तक का इस्तेमाल तमाम समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है. नीम एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीबायोटिक और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है. हल्दी में करक्यूमिन नामक एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होता है. हल्दी में एंटीफंगल, एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल होते हैं. ये स्वास्थ्य संबंधित कई समस्याओं को दूर करने में मदद करता है. हल्दी सर्दी, खांसी, जोड़ों के दर्द और अपच से राहत दिलाने में मदद करती है. ये लिवर के कार्य को बेहतर बनाने में मदद करती है. ये पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करती है. ये शरीर से टॉक्सिन को बाहर निकाले में मदद करती हैं. हल्दी बैक्टीरिया के संक्रमण को खत्म करने में मदद करती है.
- अगर चेहरे पर भी समय से पहले एजिंग साइंस जैसे रिंकल्स, डल स्किन, फाइन लाइंस की समस्या नजर आने लगी है तो त्वचा को जवां बनाने के लिए दही का इस्तेमाल फायदेमंद होता है । दही में विटामिन डी होता है जिससे में प्रीमेच्योर एजिंग की समस्या नहीं होती और दही में लैक्टिक एसिड भी होता है जिससे डैड स्किन सैल्स निकल जाते हैं। आज हम दही से बनने वाले 5 आसान फेस मास्क के फायदे और उसे बनाने का तरीका जानेंगे।1. दही + ग्रीन टी फेस मास्कदही और ग्रीन टी से बना फेस मास्क त्वचा को रिंकल्स और फाइन लाइंस जैसी समस्या से बचाता है। ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं सिसे एजिंंग की समस्या दूर होती है। ग्रीन टी स्किन को यूवी रेज से भी बचाता है। आप उसे दही के साथ मिलाकर लगाएंगे तो त्वचा से डॉर्क सर्कल की समस्या भी दूर हो जाएगी। ग्रीन टी और दही का फेस मास्क बनाने के लिए ग्रीन टी की ताजी पत्तियों को तोड़कर पाउडर बना लें या ग्रीन टी पाउडर को बाजार से ले आएं और उसमें दो चम्मच दही ्मिलाकर चेहरे पर लगा लें। 15 मिनट के बाद साफ पानी से चेहरे को धोकर मॉइश्चराइजर लगा लें।2. दही + कॉफी फेस मास्कदही और कॉफी को मिलाकर आप फेसमास्क बना सकते हैं। कॉफी से सैल्युलाइट की मात्रा घटती है और स्किन में एंटीऑक्सीडेंट्स की मात्रा बढ़ती है जिससे त्वचा जवां नजर आती है। कॉफी और दही का पैक लगाने से त्वचा को यूवी रेज़ से भी प्रोटैक्शन मिलता है और एजिंग का प्रोसेस धीमा होता है। इस फेस मास्क को चेहरे पर लगाकर 30 मिनट के बाद सादे पानी से धो लें।3. दही + जोजोबा ऑयल फेस मास्कदही और जोजोबा ऑयल का मिश्रण चेहरे पर लगाने से भी एजिंग के लक्षण कम हो जाते हैं। इसे चेहरे पर केवल 15 मिनट लगाएं। इसे आप हफ्ते में दो बार कर सकते हैं। जोजोबा ऑयल में विटामिन ई, जिंक, बी कॉम्प्लैक्स जैसे तत्व मौजूद होते हैं जिससे एजिंग के साइंस कम होते हैं। इससे आंखों के नीचे नजर आने वाली सूजन भी कम होती है।4. दही + संतरा फेस मास्कआप दही के साथ संतरे का रस मिलाकर भी फेसपैक बना सकते हैं। ये संतरे में विटामिन सी मौजूद होता है जिससे त्वचा का कोलाजन बढ़ता है और स्किन में फाइन लाइंस और रिंकल्स की समस्या नहीं होती।5. दही + विटामिन ई फेस मास्कत्वचा को जवां बनाने के लिए आप दही और विटामिन ई ऑयल का इस्तेमाल करें। इसके लिए आप विटामिन ई के दो कैप्सूल को तोड़कर उसका तेल एक बाउल में निकाल लें, उसमें आप दही को मिलाएं और 5 मिनट के लिए छोड़ दें। इसके बाद मिश्रण को चेहरे पर लगाएं और आधे घंटे के बाद सामान्य पानी से चेहरा साफ कर लें।आप इन फेसमास्क को हफ्ते में दो या तीन बार लगा सकते हैं, वहीं केवल दही को चेहरे पर रोजाना लगाया जा सकता है।
- ग्रीन टी को सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। ग्रीन टी को रोजाना पीने से वेट कंट्रोल भी होता है और स्किन के लिए भी यह बहुत अच्छी होती है। इसमें एंटी-ऑक्सिडेंट भरपूर मात्रा में पाया जाता है जिससे ये सेहत ही नहीं बल्कि स्किन के लिए भी बहुत फायदेमंद होती है। ग्रीन टी की गुडनेस बढ़ाने के लिए आप ग्रीन टी में कुछ चीजें मिला सकते हैं।स्टीविया के पत्तेस्टीविया को नेचुरल स्वीटनर माना जाता है। जिन लोगों को ग्रीन टी कड़वी लगती है, वे ग्रीन टी में स्टीविया के पत्ते डाल सकते हैं. इसे पीने से कैलोरी कम होने के साथ ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रहता है।शहदग्रीन टी में चीनी मिलाने का कोई फायदा नहीं है लेकिन इसमें शहद मिलाने के कई फायदे हैं। ग्रीन-टी में एंटीऑक्सिडेंट शहद में प्रचुर मात्रा में विटामिन और खनिज के साथ मिलकर इसे एक सुपर हेल्दी ड्रिंक बनाते हैं। इससे स्किन प्रॉब्लम्स भी ठीक होती हैं।लेमन जूसआपको अगर ग्रीन टी कड़वी लगती है, तो आप ग्रीन टी में नींबू का रस मिला सकते हैं। साइट्रस जूस ग्रीन-टी के एंटीऑक्सिडेंट को बढ़ाता है। ग्रीन टी में लेमन जूस तब ही डाले, जब ग्रीन टी थोड़ी ठंडी हो जाए।मिंट और दालचीनीग्रीन-टी में पुदीने के पत्ते डालने से डाइजेशन सिस्टम बेहतर होता है और भूख भी कंट्रोल में रहती है। साथ ही दालचीनी वजन घटाने में मदद करती है। इनसे ग्रीन टी का स्वाद भी बढ़ जाता है।अदरकइम्युनिटी बढ़ाने के साथ यह कैंसर को रोकने में भी मदद करता है। साथ ही इसका उपयोग अस्थमा, मधुमेह, और मासिक धर्म के लक्षणों को दूर करने के लिए किया जाता है।
- अर्जुन की छाल और दालचीनी का एक साथ सेवन करने से हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर जैसी समस्याओं को दूर किया जा सकता है। साथ ही यह हार्ट ब्लॉकेज की समस्या को दूर करने में प्रभावी हो सकता है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से -1. हृदय रोगियों के लिए फायदेमंदआयुर्वेदाचार्य का कहना है कि दालचीनी और अर्जुन की छाल से बना काढ़ा दिल के लिए काफी फायदेमंद होता है। दरअसल, इन दोनों का मिश्रण शरीर में बैड कोल्स्ट्रॉल की मात्रा को कम करता है। जिससे आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल संतुलित रहता है।2. कैंसररोधी गुणों से भरपूरआयुर्वेद एक्सपर्ट का कहना है कि दालचीनी और अर्जुन की छाल एंटीकैंसर गुणों से भरपूर होता है, जो कैंसर रोगियों के लिए फायदेमंद हो सकता है। इसके अलावा यह कैंसर के जोखिमों को कम करने में लाभकारी हो सकता है।3. डायबिटीज को रखे नियंत्रितप्राकृतिक गुणों से भरपूर दालचीनी और अर्जुन की छाल में ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के गुण होता है। साथ ही यह पॉलीपेनॉल्स सीरम ग्लूकोज और इंसुलिन को कम करने का गुण होता है, जो डायबिटीज के खतरे को कम कर सकता है।4. इम्यूनिटी करे बूस्टदालचीनी और अर्जुन की छाल में नैचुरल फ्लेवोनोइड्स और एंटीऑक्सीडेंट्स होता है, जो कई तरह की बीमारियों से लडऩे में शरीर की मदद कर सकता है। आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर अर्जुन की छाल और दालचीनी की चाय का सेवन करने से इम्यूनिटी मजबूत हो सकती है। यह सर्दी-जुकाम और वायरस से राहत दिलाने में असरदार है।5. ब्लड सर्कुलेशन को करे बेहतरब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करने में भी अर्जुन की छाल और दालचीनी लाभकारी हो सकता है। अर्जुन की छाल और दालचीनी का काढ़ा पीते हैं, तो यह आपके शरीर में ब्लड क्लॉटिंग की समस्या को दूर करके ब्लड को पतला करता है। जिससे आपके शरीर में ब्लड का फ्लो बेहतर तरीके से होता है। साथ ही यह हृदय की पम्पिंग क्षमता में सुधार ला सकता है।6. मोटापा करे कमअगर आप रोजाना 1 कप खाली पेट अर्जुन की छाल और दालचीनी का काढ़ा या चाय पीते हैं, तो इससे आपका मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है। जिससे आपकी पाचन क्रिया दुरुस्त होती है। साथ ही शरीर की एक्स्ट्रा चर्बी कम हो सकती है। ऐसे में अगर आप अपने शरीर का वजन संतुलित रखना चाहते हैं, तो रोजाना 1 कप खाली पेट दालचीनी और अर्जुन की छाल का काढ़ा पिएं।7. स्किन की झुर्रियों को करे कमफेसमास्क तैयार करने के लिए 1 चम्मच अर्जुन की छाल का पाउडर लें। अब इसमें आधा चम्मच दालचीनी पाउडर और 1 चम्मच शहद मिक्स करके अपने फेस पर लगाएं। चेहरे पर मास्क लगाने के करीब 20-30 मिनट बाद अपने फेस को धो लें। इससे स्किन की झुर्रियां और दाग धब्बे कम हो सकते हैं।कैसे तैयार करें अर्जुन की छाल और दालचीनी की चाय ?एक गिलास पानी को अच्छे से उबाल लें। अब इसमें आधा चम्मच अर्जुन की छाल का पाउडर डालें। इसके बाद इसमें एक चौथाई चम्मच दालचीनी का पाउडर डालकर इसे अच्छे से उबाल लें। अब आप इसमें अपने स्वादानुसार दूध और गुड़ मिला सकते हैं।अर्जुन की छाल और दालचीनी का काढ़ा कैसे बनाएं ?अर्जुन की छाल और दालचीनी का काढ़ा तैयार करने के लिए 1 चम्मच अर्जुन की छाल का पाउडर लें। अब इसमें आधा चम्मच दालचीनी पाउडर मिक्स करें। इसके बाद इन दोनों मिश्रण को 1 गिलास पानी में अच्छे से उबालें। जब पानी आधा रह जाए, तो इसे छानकर पी जाएं। इससे आपके शरीर का वजन तेजी से घट सकता है।
- बथुआ एक तरह का साग है जिसका सेवन ज्यादातर ठंड के मौसम में किया जाता है। ज्यादातर बथुआ की सब्जी, रायता या पराठा बनाया जाता है। आज हम आपको बथुवा की रोटी के फायदे बताने जा रहे हैं। बथुआ में फाइबर, मिनरल, ए, बी, सी जैसे विटामिन मौजूद होते हैं।वजन कम होता हैजिन लोगों को वजन कम करना है उन्हें बथुआ रोटी बनाकर खाना चाहिए, बथुए में फाइबर की अच्छी मात्रा मौजूद होती है। इसका सेवन करने से वजन नहीं बढ़ेगा केवल आपको गेहूं के आटे की जगह होल ग्रेन आटा लेना है। बथुआ रोटी का सेवन करने से आंखों की रौशनी भी अच्छी रहती है। बथुआ में विटामिन ए, जिंक, आयरन मौजूद होता है जिसका सेवन करना फायदेमंद माना जाता है। 100 ग्राम बथुआ में करीब 35 से 40 कैलोरीज होती हैं, इसमें प्रोटीन भी होता है जिससे वजन कम होता है।त्वचा के लिए फायदेमंदबथुआ में जिंक, आयरन, कैल्शियम, पोटैशियम, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, विटामिन ए, विटामिन सी, फॉस्फोरस आदि पोषक तत्व शामिल होते हैं। बथुआ में एमिनो एसिड भी मौजूद होते हैं जो शरीर के सैल्स रिपेयर करने का काम करते हैं। बथुआ आपके शरीर को हाइड्रेट रखने में फायदेमंद है, बथुआ में फाइबर की अच्छी मात्रा मौजूद होती है, इसका सेवन करने से कॉन्सटिपेशन की समस्या नहीं होती। स्किनि के लिए भी बथुआ फायदेमंद होता है। इसका सेवन करने से एक्ने की समस्या नहीं होती और त्वचा सुंदर बनती है।बथुआ रोटी बनाने का तरीकासामग्री: बथुआ रोटी बनाने के लिए बथुआ, नमक, पानी, तेल या घी, जीरा, अजवाइन, लहसुन का पेस्ट, आटा।विधि- बथुआ की पत्तियों को पानी में साफ कर लें, अब बथुआ की पत्तियों को 10 मिनट उबालकर रख लें और पानी निकाल लें और पत्तियों का पेस्ट बना लें। बाउल में आटा डालें और बथुए का पेस्ट डाल दें। इसमें अजवाइन, जीरा, लहसुन का पेस्ट और नमक डालें। अब सारी चीजों को मिलाकर आटे को मुलायम गूंथ लें। अब इसकी रोटी बनाएं। रोटी को आंच में ना सेंके, बल्कि पराठे जैसे तेल या घी डालकर तवे पर ही पका लें। रोटी को चटनी या फिर सब्जी के साथ गर्म- गर्म परोसें।बथुआ की रोटी में कैलोरी की मात्राबथुआ की एक रोटी में करीब 70 से 80 कैलोरीज होती हैं। बथुआ की रोटी में कॉब्र्स, प्रोटीन, करीब 4 ग्राम फैट, फाइबर, सोडियम की मात्रा मौजूद होगी।
- पिंपल्स आपको अंडर कॉन्फिडेंट महसूस करा सकते हैं. मुंहासों के निशानों को हटाना भी बहुत मुश्किल होता है. ऐसे में आप शहद का इस्तेमाल कर सकते हैं. शहद (Honey) में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन ए, बी, सी, ज़िंक, कॉपर, आयरन, मैग्नीशियम, कैल्शियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम और सोडियम जैसे कई पोषक तत्व भी पाए जाते हैं. इसमें एंटी-बैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं. ये हमारे शरीर को डिटॉक्सीफाई करता है, खून को साफ करता है और मुंहासों को दूर रखता है. आप बेदाग त्वचा के लिए के लिए भी शहद (Skin Care Tips) का इस्तेमाल कर सकते हैं. आइए जानें फेस पैक बनाने के लिए किस तरह कर सकते हैं इसका इस्तेमाल.बेकिंग सोडा के साथ शहदबेकिंग सोडा मृत त्वचा को हटाता है. इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण भी होते हैं. ये मुंहासों के निशान को भी कम करते हैं. 2 चम्मच शहद में 1 चम्मच बेकिंग सोडा मिलाएं और इस पेस्ट को प्रभावित जगह पर लगाएं. इस पेस्ट से 5-8 मिनट तक मसाज करें और धो लें.टमाटर के साथ शहदमुंहासों के निशान दूर करने के लिए आप टमाटर का इस्तेमाल कर सकते हैं. ये आपकी त्वचा को मॉइस्चराइज करते हैं. एक चम्मच शहद और 1 टमाटर की प्यूरी मिलाएं. अपना चेहरा धोने के बाद इस मिश्रण को अपने चेहरे पर लगाएं. 15-20 मिनट तक मसाज करें और गुनगुने पानी से धो लें.दालचीनी पाउडर के साथ शहदशहद और दालचीनी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं. ये मुंहासों और निशानों को दूर रखने में मदद करते हैं. इसके लिए 3 बड़े चम्मच शहद और 1 चम्मच दालचीनी को एक साथ मिलाकर पेस्ट तैयार करें. इस मिश्रण को अपने चेहरे पर लगाएं और 30 मिनट तक मसाज करें. इसके बाद इसे गुनगुने पानी से धो लें.ऑट्स और शहदऑट्स त्वचा का एक्सफोलिएट करने में मदद करते हैं. ये सूजन को शांत करने में मदद करता है. ये त्वचा के पीएच संतुलन को बनाए रखने में मदद करते हैं. ऑट्स को पकाएं. इसमें शहद मिलाएं. इस पैक को अपने चेहरे पर लगाएं. इसे 20-30 मिनट के लिए छोड़ दें. अपने चेहरे को गुनगुने पानी से धो लें और सुखा लें. ये आपकी त्वचा को मॉइस्चराइज करने के साथ हाइड्रेट भी करेगा.ग्रीन टी और शहदग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट, एस्कॉर्बिक एसिड और कैरोटेनॉयड्स और अन्य मिनरल होते हैं. ये मुंहासों को दूर करने में मदद करता है. टी बैग को गर्म पानी में कुछ मिनट के लिए भिगो दें. इसे ठंडा होने दें और टी बैग को खोलें. गर्म चाय की पत्तियों में एक चम्मच शहद मिलाकर पेस्ट बना लें. अपने चेहरे को ठंडी ग्रीन टी से धो लें और पेस्ट को अपने चेहरे पर 20 मिनट के लिए लगाएं. अपने चेहरे को गुनगुने पानी से धो लें.
- कई पोषक तत्वों की कमी का स्वास्थ्य पर काफी बुरा प्रभाव पड़ता है. ऐसे में बहुत से लोगों को कम हीमोग्लोबिन की शिकायत रहती है. हीमोग्लोबिन (Hemoglobin level) लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाने वाला एक आयरन युक्त प्रोटीन है, जो पूरे शरीर में ऑक्सीजन ले जाने और मेटाबॉलिज्म क्रिया को बनाए रखने में मदद करता है. हीमोग्लोबिन कम होने पर एनीमिया की समस्या का सामना करना पड़ता है जो शरीर में आयरन की कमी के कारण होती है. आप कम हीमोग्लोबिन (Health Tips) के स्तर का इलाज अपनी जीवनशैली में बदलाव करके भी कर सकते हैं. यहां कुछ तरीके दिए गए हैं जिनसे आप घर पर प्राकृतिक रूप से शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ा सकते हैं.अपने खान-पान का खास खयाल रखेंहीमोग्लोबिन की कमी वाले लोगों को आयरन, विटामिन सी और फोलिक एसिड से भरपूर फूड्स का सेवन करना चाहिए. आयरन शरीर में हीमोग्लोबिन के उत्पादन के लिए एक महत्वपूर्ण मिनरल है. आयरन से भरपूर कुछ फूड्स जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, टमाटर, अंडा, चिकन, सी फूड, खजूर, बादाम, बीन्स, होल ग्रेन, दही और बीज शामिल हैं. विटामिन सी के लिए संतरा, नींबू, ब्रोकली, अंगूर, टमाटर और पपीता आदि का सेवन करें. फोलिक एसिड से भरपूर फूड्स में पालक, मूंगफली, राजमा, एवोकैडो, लेट्यूस आदि को शामिल करें.आयरन से भरपूर हर्बल चाय का सेवन करेंकुछ हर्बल चाय में शक्तिशाली तत्व होते हैं. सिंहपर्णी और लाल रास्पबेरी की पत्तियां में आयरन होता है. इनमें विटामिन ए, सी, के, कैल्शियम और पोटैशियम जैसे अन्य पोषक तत्व भी होते हैं. इन हर्बल चाय का पर्याप्त दैनिक सेवन न केवल आपकी नसों को शांत करने में मदद करेगा बल्कि लाल रक्त कोशिका के उत्पादन को भी बढ़ावा देगा. इससे एक अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त होगा.तांबे के बर्तन में पानी पिएंलंबे समय तक तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से शरीर को आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं. इससे आयरन का स्तर बढ़ता है. ये प्राचीन आयुर्वेद प्रथाओं में से एक है, जो हमारे समग्र स्वास्थ्य पर कई सकारात्मक प्रभावों के लिए जाना जाता है. ये पाचन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देने में मदद करता है. रात भर तांबे की बोतल या जग में पानी भरकर रखें और अच्छे परिणाम के लिए सुबह सबसे पहले इसका सेवन करें.आयरन ब्लॉक करने वाले फूड्स से बचेंकुछ प्रकार के फूड्स आयरन के अवशोषण को कम कर सकते हैं. दूध और पनीर जैसे बहुत अधिक डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन करने से बचें, चाय, सोडा, कॉफी या शराब के अधिक सेवन से बचें. हीमोग्लोबिन के पर्याप्त स्तर को बनाए रखने के लिए ग्लूटेन आधारित उत्पादों का सेवन कम से कम करें.
- सर्दियों में अधिकतर लोग सुबह उठकर गर्म पानी पीते हैं. पीने के अलावा लोग नहाने के लिए भी गर्म पानी (Hot water) का ही इस्तेमाल करते हैं। गर्म पानी हमारे शरीर को कई फायदे पहुंचाता है. लेकिन गर्म पानी के ये फायदे केवल सुबह के समय ही नहीं बल्कि रात के टाइम भी पीने से मिलते हैं।-गर्म पानी हमारे शरीर को डिटॉक्स यानी विषैले-तत्वों से मुक्त करता है। साथ ही हमारी इम्यूनिटी भी मजबूत करता है। इसके अलावा संक्रामक रोगों से भी बचाए रखता है। इससे होने वाले दूसरे फायदों के अलावा रात में गर्म पानी पीने से हमें नींद भी अच्छी आती है, लेकिन बता दें कि गर्म पानी पीने के फायदे केवल सुबह के समय ही नहीं मिलते। रात के समय भी गर्म पानी पीना सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद हो सकता है।- गर्म पानी पीने से अपच की दिक्कत दूर होती है और पाचन-क्रिया बेहतर बनती है, क्योंकि गर्म पानी पेट में खाना पचाने के लिए निकलने वाले पाचक-रसों का स्राव बढ़ा देता है। पाचन सही होने पर गैस या एसिडिटी से भी बचाव होता है। रात में गर्म पानी पीने के बाद खाना जल्दी पचेगा और आप अच्छा भी फील करेंगे।-अगर आप रात में सोते समय एक गिलास गर्म पानी पीकर सोते हैं, तो इससे वजन घटाने में बहुत मदद मिलती है। डॉक्टर भी रात में गर्म पानी पीने की सलाह देते हैं। कहते हैं कि गर्म पानी पीने से शरीर का एक्स्ट्रा फैट कम होता है।-एक्सपर्ट्स की मानें तो रात में गर्म पानी पीने से मानसिक तनाव भी कम होता है। मानसिक तनाव नहीं होगा तो आपको नींद भी अच्छी आएगी और सुबह उठकर आप फ्रेश भी फील करेंग।. इससे डिप्रेशन की समस्या में भी बहुत राहत मिलती है।-गर्म पानी पीने से पेट ही नहीं स्किन को भी कई फायदे होते हैं। कहते हैं कि रात में सोते समय गर्म पानी पीने से स्किन ग्लो करती है और कई बीमारियां भी स्किन से कोसों दूर रहती हैं।
- नींबूजिन लोगों को स्किन पर टैनिंग फेस करनी पड़ रही हो, वे नींबू और नारियल तेल से इसे कम कर सकते हैं. नींबू में मौजूद विटामिन सी टैन को कम करेगा और नारियल तेल उसे पोषण के साथ-साथ सॉफ्ट भी बनाएगा.बेकिंग सोडानारियल तेल और बेकिंग सोडा का पेस्ट भी डी टैन से छुटकारा दिलाने में कारगर है. इन दोनों के बनाए हुए पेस्ट को स्किन पर लगाएं और पांच मिनट बाद गुनगुने पानी से धो लें. दो से तीन बार ऐसा करने के बाद आप स्किन पर फर्क देख पाएंगे.मुल्तानी मिट्टीनारियल तेल के अलावा मुल्तानी मिट्टी भी डीटैन को खत्म कर सकती है. मुल्तानी मिट्टी में तेल लें और इस पैक को चेहरे पर लगाएं. सूख जाने पर इसे नॉर्मल पानी से रिमूव करें. चेहरा साफ करने के बाद मॉइश्चराइजर जरूर लगाएं.शहदनारियल तेल और शहद की मदद से स्किन में नमी को बरकरार रखा जा सकता है. इसके लिए दो चम्मच नारियल का तेल लें और इसमें एक चम्मच शहद मिलाएं. इस पेस्ट को चेहरे पर लगाएं और कुछ मिनटों बाद नॉर्मल वाटर से धो लें.आलू का रसस्किन से टैनिंग को रिमूव करने में आलू का रस बहुत कारगर माना जाता है. दो चम्मच नारियल का तेल लें और इसमें एक चम्मच आलू का रस मिलाएं. इसे चेहरे पर लगाएं और फिर ठंडे पानी से साफ कर लें. इस टिप को हफ्ते में 3 से 4 बार फॉलो करें.-
- लीवर हमारे शरीर का वो हिस्सा होता है, जिसे अगर समस्याएं होने लगे, तो शरीर कई बीमारियों चपेट में आ जाता है. लीवर खाने को पचाने के अलावा पाचन तंत्र को ठीक रखने का काम भी करता है. साथ ही ये बॉडी को इंफेक्शन से लड़ने की ताकत देता और पूरी बॉडी को डिटॉक्स भी करता है. अगर बार-बार पाचन में दिक्कतें आ रही हो, तो ये कमजोर लीवर की निशानी मानी जाती है. खराब खानपान के कारण भी लीवर कमजोर पड़ने लगता है.दरअसल, आजकल लोग पौष्टिक आहार की जगह फास्ट फूड ज्यादा खाते हैं. ये फूड लीवर ही नहीं हेल्थ को और भी कई दूसरे तरीकों से नुकसान पहुंचाते हैं. लीवर को हेल्दी रखने के लिए घरेलू नुस्खों की मदद ली जा सकती है. हम आपको ऐसी ही कुछ होम रेमेडीज के बारे में बताने जा रहे हैं.डाइटलीवर को हेल्दी रखने के लिए डॉक्टर भी सलाह देते हैं कि कम से कम फास्ट फूड का सेवन किया जाना चाहिए. इतना ही नहीं हाई कैलोरी फूड, ज्यादा फैट, रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट और अत्यधिक शुगर का सेवन करने से लीवर को नुकसान पहुंचता है. इसकी जगह बैलेंस डाइट के रूटीन को फॉलो करना बेस्ट रहता है. आप लो कैलोरी, डेयरी और फाइबर युक्त फूड्स को अपनी डाइट का हिस्सा बना सकते हैं.हाइजीनजिन आइटम्स में आप खाना या चीजों का सेवन करते हैं, उसमें किसी दूसरे को खाना परोसने की भूल न करें. ऐसा करने से हाइजीन मेंटेन करने में प्रॉब्लम आती है. ऐसा होने पर लीवर की हेल्थ को भी नुकसान पहुंचता है.एक्सरसाइजकिसी भी बीमारी को खत्म करने या उसके शरीर में उसके प्रभाव को कम करने में एक्सरसाइज अहम रोल निभाती है. इतना ही नहीं इसे करने से फिट रहने में भी मदद मिलती है. कमजोर लीवर के मरीजों को भी रोजाना एक्सरसाइज करने की सलाह दी जाती है. जिन लोगों का शुगर लेवल अचानक बढ़ गया है, वे एक्सरसाइज का रूटीन अपनाकर इसे कम कर सकते हैं. हालांकि, जो लोग एक्सरसाइज नहीं करने में सक्षम नहीं है, वे व्यायाम कर सकते हैं.आंवलाये विटामिन सी से भरपूर होता है और अग्न्याशय के अच्छे कामकाज को भी बढ़ावा देता है. एक कप करेले के जूस में एक चम्मच आंवले का पाउडर मिलाकर कुछ महीनों तक रोजाना पीना चाहिए.
- हरी मटर सर्दियों के सबसे पसंदीदा फूड्स में से एक है. हरी मटर सर्दियों की लगभग सभी रेसिपी में शामिल होती है. छोटे और स्वादिष्ट हरे मटर फाइबर, प्रोटीन, विटामिन और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं. हरी मटर न केवल हमारे पसंदीदा सर्दियों के व्यंजनों के स्वाद को बढ़ाती है बल्कि हमारे शरीर को आवश्यक पोषक तत्व भी प्रदान करती है. हरी मटर में विटामिन के और प्रोटीन अच्छी मात्रा में होता है जो आपको हड्डियों के रोगों से छुटकारा दिलाने में मदद करता है. हरी मटर का सेवन ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने में मदद करता है. आइए जानें इसके अन्य स्वास्थ्य लाभ----हरी मटर के स्वास्थ्य लाभ----------वजन कम करने में मदद करता हैहरी मटर फाइबर और प्रोटीन से भरपूर होने के कारण आपका पेट लंबे समय तक भरा रखती है, क्योंकि प्रोटीन और फाइबर को पचने में अधिक समय लगता है. आप वजन घटाने के लिए इसे अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं. ये आपकी भूख को कम करने में मदद करेंगे. इससे आप अनहेल्दी खाने से खुद को बचा पाएंगे.हरी मटर डायबिटीज रोगियों के लिए फायदेमंद होते हैंहरी मटर का सेवन करने से आपको ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है. हरी मटर का ग्लाइसेमिक इंडेक्स स्कोर कम होता है जो इन्हें डायबिटीज के अनुकूल भोजन बनाता है. कई अध्ययनों के अनुसार हरी मटर शरीर में ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ने से रोकने में मदद करती है. इसे अपने नियमित आहार का हिस्सा बनाने से भी डायबिटीज के खतरे को कम करने में मदद मिलती है.हरी मटर हाई ब्लड प्रेशर को रोकता हैहाई ब्लड प्रेशर हृदय की समस्याओं के पीछे सबसे बड़े कारणों में से एक है. हरी मटर में मैग्नीशियम, पोटैशियम और कैल्शियम मौजूद होता है जो हाई ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करता है. हरी मटर में मौजूद फाइबर सामग्री शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में भी मदद करती है. हरी मटर में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट हृदय की सेहत को भी बूस्ट करते हैं.हरी मटर रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती हैहरी मटर विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है जो इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करती है. इम्युनिटी बढ़ाने के लिए आप इसे अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं.हरी मटर को आहार में शामिल करने के तरीकेआप चावल में हरी मटर शामिल कर सकते हैं. मटर के पुलाव का आनंद आप अपनी पसंद के रायते या ग्रेवी के साथ ले सकते हैं. इन्हें सैंडविच, कटलेट जैसे रोजमर्रा के स्नैक्स में शामिल किया जा सकता है. अगर आप सूप के शौकीन हैं, तो आप अपने सूप में कुछ उबले हुए हरे मटर मिला सकते हैं. हरी मटर को अपने आहार में शामिल करने का एक और आसान तरीका है कि आप अपने घर के बने सलाद के साथ इससे टॉपिंग करें.
- पेट में ज्यादा गैस होने पर कई तरह की अन्य समस्याएं जैसे- बदहजमी, एसिडिटी, अपच इत्यादि हो सकती हैं। गैस को कंट्रोल करने के लिए हमें अपने आहार में मसालेदार चीजों को शामिल नहीं करना चाहिए। इस दौरान हल्के-फुल्के आहार को शामिल करें। इससे पेट में ज्यादा गैस बनने की परेशानी दूर हो सकती है। पेट में ज्यादा गैस बनने पर अपने आहार में कुछ ऐसी चीजों को शामिल करना चाहिए, जिससे ज्यादा गैस न बनें। जैसे कि-1. केला जरूर खाएंपेट में गैस की परेशानी होने पर केला का सेवन करें। केला खाने से पेट से जुड़ी समस्याएं दूर हो सकती हैं। दरअसल, केले में आयरन और कैल्शियम होता है, जो पेट में गैस की समस्या को दूर करने में प्रभावी हो सकता है। इसके अलावा केले में फाइबर मौजूद होता है, जो एसिडिटी को कंट्रोल करने में प्रभावी हो सकता है। साथ ही यह हमारे शरीर के पीएच लेवल को कंट्रोल करता है।2. नारियल पानी पिएंपेट में गैस की समस्या होने पर सुबह-सुबह चाय-कॉफी के बजाय नारियल पानी का सेवन करें। नारियल पानी का सेवन करने से पेट में गैस की समस्या दूर होती है। दरअसल, नारियल पानी एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जो गैस की समस्या को दूर करने में प्रभावी है। रोजाना सुबह खाली पेट नारियल का पानी पीने से एसिडिटी कंट्रोल हो सकती है।3. ठंडा दूध पिएंदूध स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। अगर आपके पेट में गैस की परेशानी है, तो गर्म दूध के बजाय ठंडे दूध का सेवन करें। ठंडा दूध पीने से पेट में गैस की समस्या कंट्रोल हो सकती है। सुबह-सुबह एक गिलास ठंडा दूध पीने से पेट में जलन, गैस और एसिडिटी से राहत पाया जा सकता है। यह भूख को कंट्रोल करने में भी प्रभावी होता है, जो ज्यादा गैस बनने की समस्या से राहत दिलाता है।4. सलाद में खाएं खीरापेट में गैस बनने की समस्या से राहत पाने के लिए खीरा आपके लिए काफी लाभकारी हो सकता है। दरअसल, खीरा पेट को ठंडा करने में लाभकारी हो सकता है। साथ ही यह आपके शरीर को हाइड्रेट रखता है। इसके सेवन से एसिडिटी रिफ्लैक्स कम होती है। इसलिए अगर आप ज्यादा गैस की समस्या से जूझ रहे हैं, तो अपनी सलाद के प्लेट में खीरे को शामिल करें।5. लहसुन खाएंपेट में अत्यधिक गैस बनने पर लहसुन का सेवन करें। खासतौर पर रोजाना सुबह खाली पेट लहसुन की कलियों का सेवन करने से पेट में गैस की समस्या को दूर किया जा सकता है।पेट में ज्यादा गैस बनने पर मसालेदार और सोडा ड्रिंक्स के सेवन से बचेँ। वहीं, इस दौरान शराब और धूम्रपान का सेवन भी न करें। यह सभी चीजें गैस की समस्या को बढ़ा सकती हैं।
- हमारे शरीर के अंदर जमा गंदगी कई सामान्य से लेकर गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। इसलिए अधिकतर लोग समय-समय पर अपनी बॉडी को डिटॉक्स (body detox) करते रहते हैं। इससे शरीर में मौजूद टॉक्सिंस बाहर निकल जाते हैं, हम एकदम स्वस्थ रहते हैं। अगर आप भी अपनी बॉडी को डिटॉक्स करना चाहते हैं, तो कुछ आयुर्वेदिक उपायों का सहारा ले सकते हैं। ये आयुर्वेदिक उपाय आपके शरीर में जमा गंदगी को आसानी से मल के जरिए बाहर निकालने में मदद करेंगे। साथ ही आपके शरीर के हर अंग की अच्छे से सफाई भी करेंगे। पेट और आंतों में जमा या सड़ा खाना भी बाहर निकल जाएगा।शरीर में जमा गंदगी को निकालने के लिए आयुर्वेदिक उपाय (how to remove ama from the body)1. आंवलाआंवला त्वचा, बालों और स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी होता है। शरीर में जमा गंदगी को निकालने के लिए भी आंवले का उपयोग किया जा सकता है। आंवले में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट टॉक्सिंस को निकालने में सहायक होता है। साथ ही आंवला पेट की गर्मी को भी शांत करता है। आंवला शरीर के सभी अंगों की सफाई करता है। आंवला रक्त के शुद्धिकरण में भी मदद करता है। टॉक्सिंस के कारण होने वाले त्वचा रोगों को आंवले के सेवन से दूर किया जा सकता है। आंवले का सेवन आप जूस, पाउडर के रूप में कर सकते हैं।2. नींबूनींबू को एक बेहतरीन बॉडी डिटॉक्सिफिशेन के रूप में जाना जाता है। यह रक्त को शुद्ध करता है। नींबू पेट और आंतों की अंदरुनी सफाई भी करता है। किडनी और लिवर में जमा गंदगी को निकालने के लिए भी नींबू का उपयोग किया जा सकता है। इसके लिए आप हल्का गर्म पानी लें, इसमें नींबू का रस डालें। सुबह खाली पेट इस पानी को पीने से बॉडी में जमा गंदगी आसानी से बाहर निकल जाती है। बॉडी डिटॉक्स करने के दौरान आप नींबू पानी दिन में 3-4 बार पी सकते हैं।3. एलोवेराएलोवेरा त्वचा और स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है। एलोवेरा का सेवन करने से पेट में जमा गंदगी आसानी से मल त्याग के दौरान बाहर निकल जाती है। साथ ही यह पेट की गर्मी को भी शांत करता है। रोज सुबह खाली पेट एलोवेरा जूस पीने से त्वचा खूबसूरत बनती है। यह पेट और आंतों की सफाई भी करता है। अपने शरीर के अंगों की सफाई करने के लिए एलोवेरा के जूस का सेवन जरूर करें।4. नीमआयुर्वेद में नीम का उपयोग कई रोगों को दूर करने के लिए किया जाता है। रक्त की शुद्धि करने के लिए भी नीम का उपयोग किया जाता है। नीम पेट और आंतों की गंदगी को बाहर निकालकर त्वचा को खूबसूरत बनाता है। इसके लिए आप नीम के पत्ते, फूल छाल और जड़ को धूप में सुखा लें। इन सभी का पाउडर बना लें। रोजाना गर्म पानी के साथ लेने से रक्त दोष ठीक होते हैं। शरीर में जमा टॉक्सिंस भी आसानी से निकल जाते हैं।5.ऑयल पुलिंगआयुर्वेद में ऑयल पुलिंग को काफी महत्व दिया गया है। इससे कई रोग दूर होते हैं। रोज सुबह खाली पेट ऑयल पुलिंग करने से शरीर में जमा टॉक्सिंस भी बाहर निकल जाते हैं। यह आंतों, फेफड़ों की सफाई करने में सहायक होता है। इसके लिए आप एक चम्मच तेल लें। इसे अपने मुंह में भर लें। अब इसे 3-4 मिनट तक मुंह में ही घुमाते रहें, फिर बाहर थूंक दें। इससे आपकी कई समस्याएं दूर हो जाएंगी।
- मौसम में बदलाव होते ही अक्सर लोगों को सर्दी-जुकाम या फ्लू की समस्या हो जाती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक जिन लोगों की इम्युनिटी कमजोर होती है उनमें इस तरह की समस्याओं का खतरा अधिक होता है। कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों में मौसम बदलते ही गले में खराश, नाक बहने, खांसी और बुखार की समस्या होती रहती है। इस तरह की समस्या कई तरह के बैक्टीरिया या वायरल से संक्रमण के कारण भी हो सकती है। अगर आपको भी अक्सर सर्दी-जुकाम की समस्या बनी रहती है, मौसम बदलने के साथ ही आपको फ्लू जैसे लक्षणों को अनुभव होता है तो यह आपकी कमजोर इम्युनिटी का संकेत हो सकता है।आमतौर पर सर्दी-जुकाम होने पर कुछ प्रकार की दवाइयों से राहत मिल जाती है, पर जिन लोगों को अक्सर इस तरह की समस्या बनी रहती है, उनको अन्य वैकल्पिक तरीकों पर विचार करना चाहिए। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक इसके लिए कुछ घरेलू उपाय काफी प्रभावी हो सकते हैं, जिनको प्रयोग में लाकर आप अक्सर बनी रहने वाली इस तरह की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। आइए ऐसे ही कुछ बेहद आसान, लेकिन अत्यंत प्रभावी माने जाने वाले उपायों के बारे में जानते हैं।शहद का करिए सेवनअध्ययनों से पता चलता है कि सर्दी-जुकाम की समस्या को जड़ से ठीक करने के लिए शहद का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। शहद, गले में खराश को दूर करने में काफी प्रभावी है। एक अध्ययन के अनुसार, यह ओटीसी दवाओं की तुलना में खांसी को अधिक प्रभावी ढंग से दूर करने में सहायक है। आप दैनिक रूप से हर्बल टी या गर्म पानी में नींबू के साथ 2 चम्मच शहद मिलाकर इसका सेवन कर सकते हैं। शहद वायुमार्ग का साफ रखने के साथ इम्युनिटी को बढ़ावा देने में फायदेमंद है।अनानास खाना है फायदेमंदक्या आपने सोचा है कि अनानास, खांसी को ठीक करने में प्रभावी साबित हो सकता है? अध्ययनों से पता चलता है कि अनानास में ब्रोमेलैन नामक एक एंजाइम होता है जो केवल अनानास के तने और फल में पाया जाता है। खांसी को ठीक करने के साथ-साथ गले से बलगम को खत्म करने में इसे काफी प्रभावी माना जाता है। दैनिक रूप से अनानास का सेवन करने से न केवल सर्दी-जुकाम की समस्या से मुक्ति मिल सकती है, साथ ही इसे पेट के लिए भी काफी फायदेमंद माना जाता है।अदरक की चाय है लाभदायकअदरक की चाय न सिर्फ स्वाद के लिहाज से बल्कि सर्दी-खांसी के इलाज में भी मदद करती है। श्वसन पथ से कफ को बाहर निकालने और गले में होने वाले संक्रमण को ठीक करने में इसका सेवन काफी फायदेमंद माना जाता है। अदरक के कई अन्य स्वास्थ्य लाभों हो सकते हैं, यह सामान्य सर्दी को शांत करने और गले को साफ रखने में सहायक माना जाता है। अदरक में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण पाए जाते हैं जो सूजन को ठीक करने में काफी मददगार है।हल्दी वाला दूध पीने के लाभयदि आप रोजाना दूध पीते हैं तो इसके गुणों को बढ़ाने के लिए इसमें एक चुटकी हल्दी मिलाकर पीना शुरू कर दें। हल्दी में प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट होता है जो कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में मदद करता है। गर्म दूध में हल्दी मिला कर पीने से सर्दी और खांसी की समस्या आसानी से ठीक हो जाती है। सोने से पहले रोजाना एक गिलास गर्म हल्दी वाला दूध पीने से आपकी इम्युनिटी मजबूत होता है जिससे भविष्य में इस तरह की समस्याओं का खतरा कम हो जाता है।
- मिश्री खाने के अनेक फायदे हैं. ऐसे कई लोग हैं जो शक्कर और इससे बने फूड आइटम्स खाने से परहेज करते हैं, क्योंकि इसे बनाने में कई तरह के केमिकल का इस्तेमाल होता है. वहीं कई लोग मिश्री का उपयोग करते हैं. क्योंकि मिश्री कई तरह से हमारे शरीर के लिए फायदेमंद है. आंखों की रोशनी बढ़ाने से लेकर सर्दी खासी में मिश्री का उपयोग किया जाता है. कई लोग तो चीनी के बदले ही मिश्री की चाय बना लेते हैं. यही नहीं रोज माउथ फ्रेशनर के लिए भी मिश्री का उपयोग किया जाता है.--जानते हैं इसके अन्य फायदे.मिश्री के हैं अनेक फायदे-मिश्री आंखों के लिए अच्छी होती है. तो अगर आपकी आंखे कमजोर हैं या हो रही है तो आपको रोज मिश्री खाना शुरू करना चाहिए.-इसके अलावा आपको थकान महसूस हो रही है तो मिश्री इसके लिए रामबाण इलाज है. इसके खाने से थकान दूर होती है.- कहा जाता है कि मिश्री के सेवन से पुरुषों के स्पर्म में सुधार होता है।- साथ ही मिश्री खाने से खून का एसिड लेवल दुरुस्त रहता है.- उल्टी और जी मिचलाने की समस्या को दूर करे में भी मिश्री काफी फायदेमंद है.- कोरोना काल में यदि आपको सर्दी, खांसी और जुकाम है तो आपको रोज मिश्री खाना चाहिए.
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पत्ता गोभी, गोभी, मशरूम, चिकन, सीफूड आदि चीजों में प्यूरीन पाया जाता है. यूरिक एसिड की समस्या होने पर इन चीजों को नहीं खाना चाहिए. इससे आपकी समस्या बढ़ सकती है.
किशमिश को आमतौर पर सेहत के लिहाज से बहुत फायदेमंद माना जाता है, लेकिन अगर आपका यूरिक एसिड बढ़ा है, तो आप इसे बिल्कुल न खाएं क्योंकि 100 ग्राम किशमिश में करीब 105 एमजी प्यूरीन होता है.
पालक और हरी मटर भी प्यूरीन से भरपूर माना जाता है. पालक को वैसे कई तरह के पोषक तत्वों से भरपूर माना जाता है, लेकिन यूरिक एसिड वालों को ये नहीं खाना चाहिए. ये आपके शरीर में सूजन और दर्द की परेशानी को बढ़ा सकता है. इसे खाने से परहेज करना चाहिए.
सर्दियों में लोग आमतौर पर मूंगफली खाना पसंद करते हैं. ये शरीर में गर्माहट देती है, साथ ही काफी फायदेमंद होती है. लेकिन 100 ग्राम मूंगफली में करीब 75 एमजी प्यूरीन होता है. ऐसे में गठिया, गाउट के मरीजों जिनका यूरिक एसिड बढ़ जाता है, उन्हें ज्यादा मूंगफली नहीं खानी चाहिए.
शराब को तो किसी भी लिहाज से अच्छा नहीं कहा जा सकता. अगर आपका यूरिक एसिड बढ़ा है तो ये आपके लिए जहर के समान है. शराब में प्यूरीन की मात्रा काफी होती है. इसलिए इसका सेवन पूरी तरह से छोड़ दें. -
नारियल पानी
वायरल फीवर के दौरान अक्सर बॉडी में पानी की कमी भी हो जाती है और इससे शरीर में कमजोरी फील होती है. ऐसे में बॉडी को हाइड्रेट रखने के लिए नारीयल पानी का सेवन किया जा सकता है.
ड्राई फ्रूट्स
शरीर की कमजोरी को दूर करने में ड्राई फ्रूट्स की मदद ली जा सकती है. दरअसल, इनमें मौजूद पोषक तत्व शरीर को ताकत देते हैं. आप डाइट में बादाम, पिस्ता जैसे ड्राई फ्रूट्स को शामिल कर सकते हैं.
केला
बॉडी की वीकनेस को दूर करने के लिए आप रोजाना रोज दो केलों का सेवन कर सकते हैं. केले में मौजूद पोटेशियम, विटामिन बी6, मैग्नीशियम और विटामिन सी भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं.
हरी सब्जियां
सेहत के लिए बेहद फायदेमंद मानी जाने वाली हरी सब्जियां भी शरीर की कमजोरी दूर करने में कारगर होती हैं. साथ ही इनमें मौजूद पानी से शरीर में पानी की कमी को पूरा किया जा सकता है.
लहसुन
वायरल में सर्दी-जुकाम से हाल बेहाल हो जाता है. इस कंडीशन में ऐसे फूड्स का सेवन करने की सलाह दी जाती है, जिनकी तासीर गर्म हो. लहसुन आपके लिए बेस्ट ऑप्शन साबित हो सकता है. आप चाहे तो लहसुन वाला गर्म सूप पी सकते हैं. - शलजम का जूस पीने के भी कई फायदे हैं। शलजम में कई पौष्टिक गुण होते हैं। इसमें विटामिन सी, ए, कैरोटेनॉयड्स, जैंथिन और ल्यूटिन जैसे एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। साथ ही इसमें विटामिन के और ओमेगा-3 एसिड जैसे अल्फा लिनोलेनिक एसिड भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसमें कई खनिज और फाइटोन्यूट्रिएंट्स भी पाए जाते हैं। इन पोषक तत्वों की मदद से आपका इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत होता है और वजन घटाने में भी मदद मिलती है। साथ ही पाचन तंत्र और हृदय समस्याओं को भी दूर करता है। आइए विस्तार से जानते है शलजम जूस के फायदे और सेवन के तरीकों के बारे में1. दिल की सेहत के लिए फायदेमंदशलजम जूस में भरपूर मात्रा में पोटैशियम पाया जाता है, जो वासोडिलेटर का काम करता है। दरअसल पोटैशियम हाई ब्लड प्रेशर को कम करके रक्त वाहिकाओं और धमनियों के तनाव को कम करने में सहायता करता है। यह एथेरोस्कलेरोसिस जैसी समस्याओं को रोकने में मदद करता है और हार्ट स्ट्रोक के खतरे को कम करता है। यह कोलेस्ट्रोल को भी कम करता है, जिससे हृदय रोगों के लक्षण कम करने में सहायता मिलती है।2. वजन घटाने में सहायकहम हमेशा फिट रहने के लिए अपने डाइट को लेकर परेशान रहते हैं। ऐसे में शलजम के जूस का सेवन आपके लिए काफी फायदेमंद होता है। इसमें काफी मात्रा में फाइबर पाया जाता है। जो शरीर की चर्बी को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा यह अपच की समस्या को भी कम करता है।3. हड्डियों को मजबूत बनाएशलजम जूस के सेवन से आपकी हड्डियां मजबूत होती है। इसमें कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो संयोजी ऊतकों के उत्पादन में मदद करता है। इसे गठिया के दर्द में भी राहत मिलती है। साथ ही इससे ऑस्टिोपोरोसिस और रूमेटोइड गठिया के लक्षण को कम कर सकते हैं।4. इम्यून सिस्टम मजबूत बनाएशलजम जूस में विटामिन सी और एस्कॉर्बिक एसिड पाया जाता है, जो शरीर की रोगों से रक्षा करता है। विटामिन सी हमारे शरीर में सफेद रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है, जिसकी सहायता से हमारा इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। यह बालों और त्वचा के लिए काफी अच्छा माना जाता है।5. दर्द और सूजन में राहतशलजम जूस के सेवन से कई पुराने दर्द और सूजन में आराम मिल सकता है। शलजम के जूस में ओमेगा-3 फैटी एसिड और विटामिन के होते हैं, जो सूजन कम करने में मदद करते हैं। इसमें एंटीइंफ्लेमेटरी गुण भी पाए जाते हैं, जिसे गठिया और शरीर के दर्द में राहत मिलती है।6. पाचन बढ़ाएइसमें भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जिससे पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में मदद मिलती है। इससे आपको पेट संबंधित परेशानियां कम होती है और खाना भी आसानी से पच जाता है।शलजम जूस का उपयोगशलजम जूस के सेवन आप सुबह कर सकते हैं। इससे पाचन तंत्र सही बनाए रखने में मदद मिलती है।
- चावल का आटा बालों से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करने में कारगर है। इससे बाल लंबे, घने और चमकदार बनते हैं। साथ ही बाल स्ट्रेट भी रहते हैं। जानें बालों पर चावल का मास्क लगाने के फायदेचावल का आटे से बने हेयर पैक बालों से जुड़ी समस्याओं को दूर करने का सबसे कारगर तरीका हो सकता है। चावल का आटा विटामिंस और मिनरल्स से भरपूर होता है, इससे बालों को पर्याप्त पोषण भी मिलता है।जानें बालों के लिए चावल के आटे के फायदे-चावल के आटे से बने हेयर मास्क यूज करने से बालों को पर्याप्त पोषण मिलता है। इससे बाल मजबूत बनते हैं।-चावल का आटा बालों को स्ट्रेट करने में भी लाभकारी होता है। चावल के आटे से बने हेयर पैक लगाने से बाल सीधे और मुलायम बनते हैं।-चावल का आटा हेयर फॉल को भी रोकता है। दरअसल, चावल का आटा बालों को जड़ों से मजबूत देता है। इससे बाल झडऩे की समस्या दूर होती है।-चावल का आटा स्कैल्प को एक्सफोलिएट करता है। इससे स्कैल्प में जमा गंदगी, डेड स्किन सेल्स आसानी से निकल जाते हैं। साथ ही रूसी या डैंड्रेफ की समस्या से भी छुटकारा मिलता है।-कई लोगों के बाल काफी ड्राई और रूखे रहते हैं, ऐसे में वे चावल के आटे से बने हेयर मास्क का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे बालों के रूखेपन की समस्या दूर होती है।-चावल के आटे से बाल कम टूटते हैं, इससे बालों को मजबूती मिलती है। साथ ही बाल लंबे और घने भी बनते हैं।बेहतर परिणाम के लिए आप हफ्ते में एक दिन चावल के आटे से बने हेयर मास्क का इस्तेमाल कर सकते हैं।बालों के लिए चावल के आटे का इस्तेमाल1. चावल का आटा और केला -चावल का आटा और केले का मास्क बालों के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसके इस्तेमाल से बालों के रूखेपन की समस्या दूर होती है। इसके लिए चावल का आटा और केला लें। दोनों का बारीक पेस्ट बना लें। इसे बालों पर लगाएं, आधे घंटे बाद बाल धो दें।2. चावल का आटा और बेसन - बेसन त्वचा के साथ बालों के लिए भी उपयोगी होता है। इसके लिए आप चावल के आटे और बेसन का पेस्ट बना सकती हैं। इससे डैंड्रफ दूर होगा, स्कैल्प भी एक्सफोलिएट होगा। इसके लिए चावल के आटे और बेसन को मिक्स कर लें। इसमें थोड़ा गुनगुना पानी डालें, पेस्ट तैयार कर लें। इसे बालों पर लगाएं। आधे घंटे बाद माइल्ड शैंपू से बाल धो दें।
- सर्दी के मौसम में सर्दी और खांसी जैसी कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सर्दी, खांसी, गले में खराश (cold, cough and sore throat) न केवल परेशान करती है बल्कि व्यक्ति को कमजोर और थका हुआ भी महसूस कराती है। तापमान में गिरावट के साथ सर्दी-खांसी होने की संभावना बढ़ जाती है। गर्म कपड़े पहनना ही काफी नहीं है। आपको ये ध्यान रखना होगा कि सर्दी और खांसी को रोकने में आपकी मदद करने के लिए आप अपने आहार में सही भोजन शामिल करें। आप अपनी डाइट में कई तरह के मसाले और जड़ी बूटियां भी शामिल कर सकते हैं। सर्दी और खांसी को दूर रखने के लिए आप कई तरह के आयुर्वेदिक टिप्स आजमा सकते हैं। सर्दी और खांसी के दौरान आयुर्वेद विशेषज्ञ किन चीजों से दूर रहने की सलाह देते हैं और किन चीजों का सेवन करना चाहिए आइए जानें।सर्दी और खांसी के दौरान आपको किन चीजों से बचना चाहिए-कोल्ड ड्रिंक्स-दही खासकर जब फलों के साथ मिलाकर सेवन करते हैं।-आइसक्रीम, मीठा खाना, डीप फ्राई खाना और हैवी भोजन।-दिन में सोना और रात देर तक जगे रहना।अगर आप सर्दी, खांसी या गले में खराश से पीड़ित हैं, तो ये आयुर्वेदिक उपाय आपकी मदद कर सकते हैं।-7-8 तुलसी के पत्ते, अदरक का एक छोटा टुकड़ा, लहसुन की कुछ कली, 1 चम्मच अजवाइन, 1 चम्मच मेथी के बीज, हल्दी (सूखी या ताजी) और 4-5 काली मिर्च 1 लीटर पानी में आधा होने तक उबालें। इसे सुबह सबसे पहले पिए।-नहाने और पीने के लिए के लिए ठंडे पानी का इस्तेमाल न करें।-पाचन क्रिया को बढ़ावा देने के लिए गर्म पानी पिएं।-शहद आपके गले को आराम पहुंचाने में मदद करता है और शांत रखता है।-अदरक, हल्दी, नींबू की चाय का सेवन करें. इससे आपके गले को राहत मिलेगी।-स्टीम लेना. उबले हुए पानी में थोड़ा सा अजवाइन, नीलगिरी का तेल या हल्दी डालकर स्टीम लें. सर्दी खांसी के दौरान ये काफी प्रभावी उपाय है।-गर्म दूध में हल्दी मिलाकर पिएं।-गले में खराश होने पर मुलेठी के काढ़े या गुनगुने पानी में हल्दी और सेंधा नमक मिलाकर गरारे करें।-तुलसी के पत्ते या मुलेठी का सेवन करे।आयुर्वेदिक काढ़ाकाढ़े को बनाने के लिए आपको अदरक, लौंग 4-5, काली मिर्च 1 छोटा चम्मच पिसी हुई, तुलसी के पत्ते 5-6 ताजे, शहद ½ छोटा चम्मच और दालचीनी स्टिक की जरूरत होगी। एक गहरे बर्तन में पानी लें और इसे उबाल लें। पानी में उबाल आने के बाद क्रश की हुई अदरक, लौंग, काली मिर्च और दालचीनी डालें। इसमें तुलसी के पत्ते डालें. 20 मिनट तक उबलने दें। इस मिश्रण में शहद मिलाएं और गर्मागर्म सेवन करें।
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इन वजहों से बढ़ सकती है कूल्हों में दर्द की समस्या
कूल्हों में दर्द कई वजहों से हो सकता है, इसमें सबसे आम है कूल्हे के जोड़ों का घिसना या वक्त के साथ उनमें होने वाली फ्रैक्चर की समस्या। आर्थराइटिस या हड्डियों संबंधी अन्य तकलीफों के अलावा लम्बे समय तक एक ही जगह बैठे रहने वाली जीवनशैली, उम्र, बढ़ा हुआ वजन, गलत पोश्चर, टेंडन्स या मांसपेशियों में टूट-फूट, कुछ गंभीर बीमारियों आदि के कारण भी लोगों को इस तरह की दिक्कत हो सकती है।इस दर्द की वजह से आपका चलना-फिरना, उठना-बैठना मुश्किल हो सकता है।
अन्य तकलीफों की ही तरह यदि इस दर्द को भी शुरुआत से ही ध्यान देकर ठीक करने की कोशिश की जाए तो इससे राहत मिल सकती है। इसके लिए कुछ उपाय फायदेमंद हो सकते हैं। जरूरत होती है इन्हें निरंतर और नियमित रूप से अपनाने की।
शरीर के बाकी हिस्सों की ही तरह कूल्हों को भी आराम देने की जरूरत होती है हालांकि यह आराम बैठकर या गलत तरीके से लेटकर नहीं दिया जाता। दर्द के दौरान कूल्हों के जोड़ या मांसपेशियों पर पड़ने वाला दबाव स्थिति को और बिगाड़ सकता है। इसलिए दर्द के दौरान कभी भी व्यायाम या भारी एक्सरसाइज करने की गलती न करें। साथ ही यदि आप तकलीफ से गुजर रहे हैं तो भारी एक्सरसाइज जैसे रनिंग, किकबॉक्सिंग, रस्सी कूदने आदि से कुछ समय दूरी रखें।
वॉकिंग, स्वीमिंग और वॉटर वर्कआउट, योग आदि जैसी एक्सरसाइज किए जा सकते हैं। यह भी एक तथ्य है कि अगर शुरू से व्यायाम को नियमित रखा जाए तो मांसपेशियों को लचीला बनाए रखने और जोड़ों को अकड़न से बचाने में मदद मिल सकती है।
कूल्हों के दर्द से ऐसे पा सकते हैं राहत
आपके कूल्हे खासतौर पर हर उस चीज के वजन को खुद पर महसूस करते हैं जो आप उठाकर या पीठ पर लादकर चल रहे हैं। शरीर का वजन संतुलित रखें क्योंकि आपके शरीर पर मौजूद हर अतिरिक्त 7-8 किलो वजन कूल्हों और घुटनों पर दबाव डाल सकता है। चाहे शरीर के किसी भी जोड़ों की समस्या हो, हमेशा स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करने की सलाह दी जाती है। इससे मांसपेशियां और टेंडन्स धीरे-धीरे खुलते हैं और अकड़न दूर होती है। एक्सराइज के बारे में जानने के लिए किसी विशेषज्ञ की सलाह ले सकते हैं।
दर्द की समस्या होने पर खुद से दर्दनिवारक दवा लेने से बचें। दर्द निवारक दवाएं कुछ समय के लिए दर्द से राहत दे सकती हैं पर समस्या को ठीक नहीं करतीं। इसलिए बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी दर्दनिवारक लेने से बचें।
यह चीजें हो सकती हैं मददगार---------
सेकाई से होता है फायदा
दर्द में राहत के लिए ठंडा और गरम सेकाई करना बहुत कारगर साबित हो सकता है। इसके लिए सबसे पहले गरम पानी या हॉट वॉटर बैग से सेकाई करें, फिर बर्फ के पानी या आइस पैक से सेकाई करें। आप चाहें तो एक ठंडी बॉटल को नैपकिन या टॉवल में लपेटकर भी सीधा कूल्हों पर, जहां दर्द हो रख सकते हैं और इसके बाद गरम पानी से नहा सकते हैं।
सही जूतों का इस्तेमाल
ज्यादा हील वाले फुटवेयर भी कई बार कूल्हों के दर्द का कारण बन सकते हैं। ऊंची एड़ी के जूते आपके पैरों को गलत एंगल पर रखते हैं जिससे दबाव कूल्हों तक पहुंचता है और लम्बे समय में यह कूल्हों के दर्द का कारण बन सकता है। इसलिए हमेशा सही नाप वाले, आरामदायक जूते पहनें।
इन उपायों के अलावा कई बार सामान्य मालिश, एक्यूपंक्चर जैसी अलटरनेटिव थैरेपीज भी मददगार हो सकती हैं। लेकिन इनको प्रशिक्षण प्राप्त व्यक्ति से ही करवाएं। वहीं आपके बैठने की कुर्सी, झुककर बैठने का तरीका, देर तक खड़े रहने वाली एक्टिविटीज, सोने का गलत तरीका आदि भी कूल्हों के दर्द की वजह बन सकता है। इन चीजों में बदलाव करके भी राहत पाई जा सकती है।