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गर्मियों के मौसम में लू सबसे ज्यादा परेशान कर देती है। अगर ये किसी को लग जाए तो परेशानी दोगुनी बढ़ जाती है। जैसे जैसे गर्मी के दिन आते हैं गर्म हवा, सूखापन तेजी से बढ़ने लगता है। आयुर्वेद के मुताबिक इसी दौरान हमारा वात दोष बढ़ना शुरू हो जाता है जिससे स्किन पर चकत्ते, धूप की कालिमा और डीहाईड्रेशन जैसी परेशानी होती हैं। गर्मी के मौसम में एसिडिटी, अपच, एसिड रिफ्लक्स और जी मिचलना जैसी पाचन समस्याएं भी आमतौर पर होती हैं। ऐसे में एक्सपर्ट ने लू से बचने के लिए कुछ आयुर्वेदिक हेल्थ टिप्स बताए हैं, जिन्हें अपनाकर आप इन सभी चीजों से छुटकारा पा सकते हैं।
लू से निपटने के लिए इन चार चीजों को खाएं------------
1) ईसबगोल
तापमान के बढ़ने से आपका पाचन तंत्र स्लो और कमजोर होता जाता है, जिसके वजह से पाचन संबंधी समस्याएं होती हैं। यह अजीब लग सकता है, लेकिन जब मौसम बदलते हैं, तो हमारे पेट अलग तरह से रिएक्ट करते हैं। गर्मियों में डीहाईड्रेशन, गर्मी की थकावट, स्ट्रोक और भूख न लगना सभी परेशानियां हैं। शोध के अनुसार, इसबगोल या साइलियम आंतों के हेल्थ को बनाए रखने में मदद कर सकता है, खासकर गर्मियों में। साइलियम में म्यूसिलेज और एलिमेंटरी फाइबर भरपूर होते हैं।
2) आंवला
आयुर्वेद के अनुसार कूलिंग गुण वात और पित्त दोष दोनों को संतुलित करते हैं, जबकि सुखाने की क्षमता कफ दोष को संतुलित करती है। यह हरा, खट्टा स्वाद वाला फल गर्मी में ठंडा रहने का एक बेहतरीन तरीका है। गर्मियों में कच्चे आंवले का सेवन शरीर को ठंडा रखता है और 'लू' या चिलचिलाती हवाओं से बचाता है। इसको कई तरह से खाया जा सकता है जैसे इसका जूस, कच्चा, अचार, पाउडर, या घर के बने मीठे मुरब्बे की तरह।
3) व्हीटग्रास
व्हीटग्रास में विटामिन सी की मात्रा होती है, जो इस गर्मी को मात देने में आपकी मदद कर सकता है। यह न केवल स्किन के संक्रमण से बचाता है बल्कि हीट रैश और थकान से बचाने में भी मदद करता है। व्हीटग्रास जूस पूरे शरीर से टॉक्सिन को बाहर निकालने में मदद करता है। व्हीटग्रास कार्ब्स को एनर्जी में बदलने में भी मदद करता है, जिससे आप एनर्जेटिक बने रहते हैं।
4) गुलकंद
गर्मी से थकावट, सुस्ती और थकान के साथ-साथ हथेलियों और तलवों पर जलन होती है। यह प्रणाली को फिर से जीवंत करता है और इसमें एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव होता है। गर्मियों में एसिडिटी या पेट फूलने के कारण पेट में जलन का अनुभव होता है। गुलकंद एक ही समय में आंतों को सुखदायक करते हुए पेट की परेशानी से राहत देता है। - परिजात या हरसिंगार की पत्तियां स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होती है। आयुर्वेद के अनुसार यह कई बीमारियों को ठीक करने में कारगर साबित हो सकता है। हरसिंगार के फूल का उपयोग भी कई समस्याओं के इलाज में किया जा सकता है। हरसिंगार की पत्तियां ऑर्थराइटिस के दर्द, सर्दी-खांसी, बुखार और पेट में कीड़ों की परेशानी को भी ठीक करने में मददगार साबित हो सकता है। इससे शरीर की सूजन और जलन में भी राहत मिलती है। दरअसल हरसिंगार की पत्तियों में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो कई बीमारियों से लडऩे में सहायक साबित हो सकता है।हरसिंगार की पत्तियों के फायदे1. ऑर्थराइटिस के दर्दऑर्थराइटिस के दर्द में आपके हाथ-पैर और घुटनों के जोड़ों में दर्द हो सकता है। कई लोगों के लिए तो ये स्थिति ऐसी हो जाती है कि उन्हें चलने-फिरने में भी परेशानी होती है। इसकी पत्तियों के इस्तेमाल से जोड़ों के दर्द और सूजन में काफी राहत मिल सकती है। साथ ही यह हड्डियों से जुड़ी बीमारियों के लक्षणों को कम करने में भी मददगार साबित हो सकता है।2. सर्दी-खांसी से राहतमौसम बदलते ही कई लोगों को सर्दी-जुकाम और सिरदर्द जैसी समस्याएं होने लगती है। ऐसे में उनके लिए दैनिक काम भी कर पाना मुश्किल होता है और काम भी प्रभावित होता है लेकिन हरसिंगार की पत्तियों में एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो सर्दी-खांसी के कारणों को समाप्त कर सकते हैं। यह बुखार आने पर भी कारगर तरीके से काम कर सकता है।3. सूजन और दर्द से आरामशरीर में दर्द और सूजन की समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है। ऐसे में आप अगर तमाम तरह की दवाओं के सेवन से बचना चाहते हैं, तो आपके लिए हरसिंगार की पत्तियां फायदेमंद हो सकती है। इसके एंटीइंफ्लेमेटरी गुण शरीर के दर्द और सूजन में लाभकारी हो सकता है। इससे गले में सूजन और साइटिका दर्द में भी राहत मिलती है।4. पेट में कीड़े होनायह समस्या ज्यादातर बच्चों में देखी जाती है कि उनके पेट में कीड़े हो जाते हैं और फिर वे इससे काफी परेशान रहते हैं। कई बच्चे या बड़े तो पेट में कीड़े होने पर मिट्टी या पत्थर खाना शुरू कर देते हैं। इससे उनका स्वास्थ बिगड़ सकता है। इसके समाधान के लिए आपको उन्हें हरसिंगार की पत्तियों का अर्क देना चाहिए। इसके एंटीबैक्टीरियल गुण कीड़ों को जड़ से खत्म करने में सहायक हो सकते हैं।5. घाव भरने में उपयोगीकई बार हमारे शरीर के घाव और खरोंच सही समय से नहीं भर पाते हैं। ऐसा कई अंदरूनी समस्याओं और बीमारियों के कारण हो सकता है। घाव या जख्म जल्दी न भरने पर इंफेक्शन और गंभीर स्थिति उत्पन्न होने की आंशका रहती है। लेकिन, आप हरसिंगार की पत्तियों से गंभीर घाव को भी आसानी से भर सकते हैं। इसके एंटीसेप्टिक और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण घाव को भरने के साथ-साथ दर्द में भी आराम दिलाते हैं।हरसिंगार की पत्तियों का ऐसे करें उपयोग1. दर्द में इसकी पत्तियों को पानी के साथ उबालकर पी सकते हैं। इसे पानी में उबालकर छान लें और फिर खाली पेट इसका सेवन करें।2. सर्दी-खांसी में इसके पत्तों को पीस लें और उसके शहद की कुछ मात्रा मिलाकर इसका सेवन करने से काफी आराम मिलता है।3. आप इसकी पत्तियों, तुलसी की पत्तियों और अजवाइन को साथ उबालकर इसके पानी का सेवन कर सकते हैं। इससे पेट के कीड़ों की समस्या में राहत मिल सकती है।4. इसकी पत्तियों को पीसकर घाव या चोट वाले हिस्से में लगाने से जख्म जल्दी भर सकता है।5. इसकी पत्तियों को धोकर आप ऐसे भी खा सकते हैं और इसके अलावा आप इसे शहद के साथ भी चबा सकते हैं।
- गर्मियों का यह मौसम हमारी सेहत के लिए बहुत ही चुनौतीपूर्ण माना जाता है। इस दौरान बरती गई थोड़ी सी भी लापरवाही कई तरह की समस्याओं का कारण बन सकती है। गर्मियों में डिहाइड्रेशन, पेट की खराबी और हीट स्ट्रोक की समस्या होना बहुत आम है। कुछ स्थितियों में यह समस्याएं बड़ी मुश्किलों का भी कारण बन सकती हैं, यही कारण है कि सभी लोगों को लगातार गर्मी से बचाव के उपाय करते रहने की सलाह दी जाती है। विशेषकर इस मौसम में हाइड्रेशन का विशेष ध्यान रखना जरूरी होता है, क्योंकि तेज धूप और बढ़े हुए तापमान के कारण पसीना अधिक होता है, जिससे शरीर में मौजूद पानी खत्म होने लगता है।गर्मी के दिनों में तो वैसे कई प्रकार का ठंडे पेय बाजार में उपलब्ध होते हैं, पर सेहत के लिहाज से स्वास्थ्य विशेषज्ञ इन्हें काफी नुकसानदायक मानते हैं। ऐसे में आपको उन पेय पर ध्यान देना चाहिए जो डिहाइड्रेशन से बचाने के साथ शरीर को लाभ भी दे सकें। नारियल पानी ऐसा ही एक पेय है जिसे गर्मियों का सबसे फायदेमंद और स्वास्थवर्धक माना जाता है। अध्ययन भी इससे होने वाले लाभ की पुष्टि करते हैं। आइए नारियल पानी से सेहत को होने वाले ऐसे ही कुछ फायदों के बारे में जानते हैं।हृदय रोग से बचाव के लिए किए गए अध्ययनों में नारियल पानी पीने को फायदेमंद बताया गया है। यह हृदय रोगों का कारण बनने वाले वसा और कोलेस्ट्रॉल को कम करने में फायदेमंद है। साल 2008 में किए गए एक शोध से पता चलता है कि नारियल पानी 45 दिनों में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कम करने में सहायक है।हालांकि यह पशु आधारित अध्ययन का परिणाम है, इंसानों में इसकी पुष्टि के लिए अधिक शोध की आवश्यकता है। नारियल पानी में मौजूद पोषक तत्वों की श्रंखला शरीर को स्वस्थ रखने में विशेष लाभप्रद हो सकती है।गर्मियों में सेहत का ख्याल रखने के लिए नारियल पानी अच्छा विकल्प हो सकता है। स्वाद के साथ इसे बेहतर सेहत के लिहाज से भी काफी फायदेमंद माना जाता है। अध्ययनों से पता चलता है कि नारियल पानी में पोटेशियम, सोडियम और मैग्नीशियम और इलेक्ट्रोलाइट्स की प्रचुरता होती है, जो आपके शरीर को स्वस्थ रखने के लिए बहुत आवश्यक है। नारियल पानी में कैलोरी और कार्ब्स की मात्रा भी कम होती है, ऐसे में यह सेहत के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है।नारियल पानी को लेकर हुए शोध इस बात की ओर इशारा करते हैं कि यह डायबिटीज रोगियों के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। शोध से चलता है कि नारियल पानी, ब्लड शुगर के लेवल को नहीं बढ़ाता है।0इसी से संबंधित साल 2015 में चूहों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि यह ब्लड शुगर को नियंत्रित बनाए रखने में सहायक है। अध्ययन में जिन चूहों को नारियल पानी दिया गया उनका हीमोग्लोबिन A1c स्तर कम पाया गया। हालांकि इंसानों में इसके प्रभावों की पुष्टि के लिए और अधिक अध्ययन की आवश्यकता है। डॉक्टर की सलाह पर ही इसका सेवन करें।किडनी स्टोन की रोकथाम के लिए भी नारियल पानी का सेवन करना बेहतर विकल्प हो सकता है। साल 2013 में गुर्दे की पथरी वाले चूहों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि नारियल पानी, क्रिस्टल को किडनी और मूत्र पथ में चिपकने से रोकने से सहायक है। यही क्रिस्टल एकत्रित होकर स्टोन बनते हैं। इसके अलावा इसमें मौजूद पोषक तत्व किडनी की विषाक्तता को कम करने में भी मददगार हैं, जिससे किडनी स्टोन बनने का जोखिम कम हो जाता है।
- फिलहाल गर्मी के मौसम में लोग बेहाल है, दिन में तापमान 45 डिग्री के पार पहुंचने लगा है, इन हालात में लोगों को ऐसी चीजों का सेवन बढ़ा देना चाहिए जिससे इस मौसम सें राहत मिल सके. गर्मियों में पुदीना किसी औषधि से कम नहीं है. पुदीना विटामिन-सी और मिनरल्स का रिच सोर्स है. आइए जानते हैं कि ये हमारे शरीर को कैसे फायदे पहुंचाता है.पुदीने के पत्ते के 7 बड़े फायदे1. स्किन के लिए फायदेमंदपुदीना की वजह से स्किन को एनर्जी मिलती है, यही वजह है कि कई ब्यूटी प्रोडक्ट्स में इसके पत्तों को यूज किया जाता है. पुदीना से त्वचा की नमी बरकरार रहती है. इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जिससे स्किन की गंदगी दूर हो जाती है.2. डाइजेशन होगा बेहतरअगर आपको डाइजेशन की प्रॉब्लम है, तो पुदीना आपके काफी काम आ सकता है. इसमें एंटीबैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जिससे पेट की परेशानियां दूर हो जाती है. इसके लिए एक कप पानी को हल्का गर्म कर लें और इसमें आधा चम्मच पुदीना का रस मिक्स करने के बाद इसे पी लें.3. सर्दी जुकाम में आरामअगर बदलते तापमान में आपको सर्दी और जुकाम की परेशानी पेश आए तो पुदीने के पत्ते का इस्तेमाल जरूर करें, गले में खराश हो तो पुदीने का काढ़ा पी लें, इसके अलावा अगर नाक बंद हो जाए तो पुदीने के पत्ते सूंघ लें.4. वजन कम करने में मददगारपुदीने में कैलोरी की मात्रा काफी कम होते हैं, इसका सेवन करने से शरीर में एक्ट्रा कैलोरी नहीं पहुंचती और आपका वजन कम होने लगता है. यही वजह है कि पेट की चर्बी बढ़ने पर पुदीने के सेवन की सलाह दी जाती है.5. टेंशन को करे दूरकाफी कम लोग इस बात को जानते हैं कि पुदीना मेंटल हेल्थ के लिए भी काफी फायदेमंद है. स्ट्रेस की वजह से कई अन्य परेशानियां पैदा हो जाती हैं, चूंकि पुदीने के पत्तों में ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस घटाने के गुण इसलिए इनका सेवन जरूर करना चाहिए.6. मुंह की बदबू से मिलेगी आजादीपुदीना में मुंह के बैक्टीरिया को मारने की ताकत होती है. अगर हम काफी देर तक मुंह साफ नहीं करते तो सांसों से बदबू आने लगती है. जब भी ये परेशानी आए तो पुदीने के कुछ पत्तों को चबा लें.7. सिरदर्द में राहतगर्मी के मौसम में कई लोगों को सिर में तेज दर्द होता उनके लिए पुदीने से बनी चीजें राहत पहुंचा सकती हैं. पुदीना का तेल या इससे बना बाम सिर पर लगा लें तो सिरदर्द से आराम मिल जाएगा.--
- दाद, खाज और खुजली ऐसी समस्याए हैं जो अगर आपको हो जाए, तो आसपास के लोगों को भी फैलने का खतरा है. असल में दाल एक फंगल इंफेक्शन है जो शरीर की त्वचा में कहीं भी हो सकता है. ऐसे में आपको बार-बार स्किन को खुजलाने की जरूरत पड़ती है जिससे रैशेज भी हो सकता है. इस परेशानी का हल आपके घर में ही मौजूद है....आइए जानते हैं.नारियल तेल कई बीमारियों के खिलाफ उपयोगी है. इस तेल को लेमन ग्रास और तिल के तेल के साथ मिक्स कर लें और फिर पेस्ट को खुजली वाले एरिया में लगाएं, इसे परेशानी से जल्द निजात मिलेगी. हेल्थ एक्सपर्ट भी इसे लगाने की सलाह देते हैं.नीम के औषधीय गुणों के बारे हम सभी वाकिफ हैं, दाद, खाज और खुजली में नीम के पत्ते रामबाण की तरह काम करेंगे. इन पत्तों को पीसकर पेस्ट तैयार कर लें और खुजली वाली जगहों पर लगा लें. इस पौधे में फंगस को मारने की ताकत होती है.हल्दी को स्किन से जुड़ी कई बीमारियों का रामबाण इलाज कहा जाता है. हल्दी के टुकड़े को पानी में मिक्स करके पेस्ट तैयार कर लें और फिर इसे एफेक्टेड एरिया पर लगा लें और सूखने का इंतजार करें. फिर एक बाद फिर लेयर एड करें. कुछ दिनों तक ऐसा करने पर दाद गायब हो जाएंगे और खुजली से भी छुटकारा मिल जाएगा.सनाय का पौधा जिसे कैसिया एन्गस्टिफोलिया भी कहते हैं, इस पौधे को पीसकर मलहम तैयार कर लें, इससे दाद, खाज और खुजली वाली जगहों पर लगा लें. इससे जल्द आराम मिल जाएगा.गेंदे का फूल खूबसूरती शादी और पार्टी में रौनक बढ़ाने के लिए किया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस फूल की मदद से दाद, खाज और खुजली से भी छुटकारा मिल सकता है. इस खुशबुदार फूल में एंटी एलर्जी और एंटीफंगल गुण होते हैं जो खुजली से राहत दिला सकते हैं.--
- जब मुंह के कोने में मौजूद अकल की दाढ़ (Wisdom Teeth) ज्यादा बड़े हो जाते हैं दर्द काफी ज्यादा बढ़ने लगता है. ये तकलीफ कभी-कभी इतनी ज्यादा हो जाती है कि इंसान का चैन और सुकून छिनने लगता है. विजडम टीथ में दर्द होने से मसूढ़ों में सूजन आने लगती है, कई बार खून भी निकलने लगता है. ऐसे में दांत को पूरी तरह रिमूव कर देना ही एक मात्र उपाय होता है, लेकिन अगर आपके आसपास डेंटल क्लीनिक न हो और दर्द से तुरंत राहत चाहते हैं, तो कुछ घरेलू उपाय कर सकते हैं.विजडम टीथ की तकलीफ कैसे करें दूर1. बर्फ से सिकाईजब भी शरीर में चोट लगती है तब बर्फ की सिल्लियों को एफेक्टेड एरिया के आसपास रखकर सिकाई की जाती है. दांतों के लिए भी इसे कारगर उपाय है. इसके लिए किसी कपड़े में बर्फ के छोटे टुकड़ों को रखकर गालों पर हल्की सिकाई करें. ये दर्द दूर करने का सबसे तेज उपाय है.2. नमक का कुल्लानकम को दांतों के लिए एक बेहतरीन औषधि माना जाता है जब अकल की दाढ़ में दर्द बर्दाश्त से बाहर हो जाए तो नमक के पानी का कुल्ला जरूर कर लें. इससे तुरंत तकलीफ कम होने लगती है.3. लौंग का तेललौंग को ओरल हेल्थ के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. दर्द और सूजन में लौंग किसी रामबाण से कम नहीं है. अकल की दाढ़ की तकलीफ हो इसके लिए कॉटन पैड या रूई में लौंग के तेल लगा लें. इससे दर्द और सूजन दोनों दूर हो जाएंगे.4. हल्दीहल्दी कई रोगों का रामबाण इलाज है क्योंकि इस मसाले में एंटीसेप्टिक और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते है. अकल की दाढ़ (Wisdom Teeth) के दर्द को दूर करने के लिए हल्दी नमक और सरसों के लेत को मिक्स करते हुए एक पेस्ट तैयार कर लें. फिर इसे विजडम टीथ पर लगाए, ध्यान रहे कि इस पेस्ट को गले के नीचे उतरने न दें.-
- नीम को आयुर्वेद में बहुत ही कारगर औषधि माना जाता है। नीम में मौजूद गुण शरीर के लिए कई तरीके से फायदेमंद माने जाते हैं। नीम का इस्तेमाल कई तरह की दवाओं को बनाने में भी किया जाता है। नीम की पत्तियां, तना, जड़, फूल और फल सभी शरीर के लिये बहुत फायदेमंद होते हैं। नीम की पत्तियों का रोजाना सेवन करने से खून साफ करने से लाकर स्किन को बेहतर बनाने तक में बहुत फायदा मिलता है। इसमें मौजूद एंटी फंगल गुण, एंटीइंफ्लेमेटरी गुण और एंटी बैक्टीरियल गुण शरीर के लिए बहुत उपयोगी होते हैं। नीम के फूलों का इस्तेमाल भी कई गंभीर समस्याओं को दूर करने में बहुत फायदेमंद होता है। नीम के फूल का शरबत सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है।नीम के फूल का शरबत पीने के फायदेनीम के फूल का इस्तेमाल दक्षिण भारत में कई तरह के व्यंजनों को बनाने में भी किया जाता है। हैदराबाद में सबसे ज्यादा नीम के फूलों का इस्तेमाल शरबत बनाने के लिए किया जाता है। इसका शरबत गर्मी के मौसम में शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। आइये जानते हैं नीम के फूल का शरबत पीने के फायदे।1. पेट के लिए बहुत फायदेमंदनीम के फूल में मौजूद गुण पेट के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। इसमें मौजूद गुण पेट को साफ और पाचन तंत्र को हेल्दी रखने के लिए बहुत उपयोगी माने जाते हैं। कब्ज, गैस और अपच की समस्या में नीम के फूलों का इस्तेमाल बहुत उपयोगी होता है।2. स्किन से जुड़ी समस्याओं में बहुत उपयोगीनीम के फूलों में एंटी फंगल, एंटी बैक्टीरियल और एंटी सेप्टिक गुण पाए जाते हैं। स्किन पर इन्फेक्शन की समस्या को दूर करने के लिए भी नीम के फूलों का शरबत पीना चाहिए। नीम के फूलों का शरबत पीने से त्वचा ग्लोइंग और समस्याओं से मुक्त होती है।3. शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने में उपयोगीनीम के फूलों में मौजूद गुण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में बहुत फायदेमंद माने जाते हैं। इसका नियमित सेवन करने से शरीर की इम्यूनिटी मजबूत होती है ।4. गर्मी के मौसम में सेहत के लिए फायदेमंदगर्मी के मौसम में बढ़ते तापमान के कारण सेहत से जुड़ी कई तरह की समस्याएं होती हैं। इस मौसम में बढ़ते तापमान के प्रभाव से शरीर को बचाने के लिए नीम के फूलों का शरबत पीना बहुत फायदेमंद होता है।5. वजन कम करने के लिए उपयोगीनीम के फूलों से बना शरबत पीने से आपको वजन कम करने में भी फायदा मिलता है। रोजाना इसका सेवन करने से आपको आसानी से वजन कम करने में सफलता मिलेगी। नीम के फूलों में मौजूद गुण वजन कम करने और शरीर को हेल्दी रखने में फायदेमंद होते हैं।नीम के फूलों का शरबत बनाने का तरीकानीम के फूलों का जूस बनाने के लिए सबसे पहले नीम के फूलों साफ करके लें। इसके बाद एक जग में ठंडा पानी लेकर इसमें गुड़ का पाउडर मिलाएं। अब इसे अच्छी तरह से मिलाकर एक गिलास में निकाल लें। अब गिलास में 1 चम्मच नीम का फूल डालें। इसके बाद स्वादानुसार नमक और एक चुटकी काली मिर्च पाउडर मिलाएं। अब इसमें आधा छोटा चम्मच पिसा हुआ अदरक मिलाएं और कच्चे आम के टुकड़े भी डालें। इसे आराम से मिलाकर कुछ देर के लिए रखें और फिर इसका सेवन करें।नीम के फूलों के शरबत के अलावा नीम के फूल की चाय भी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होती है। आप वजन कम करने के लिए नीम के फूल की चाय का सेवन भी कर सकते हैं। किसी भी बीमारी या समस्या में इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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भारतीय खाने में हल्दी एक जरूरी मसाला है, केवल मसाला ही नहीं इसे सदियों से औषधि के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता रहा है। हल्दी में करक्यूमिन मौजूद होती है जो हमारी सेहत के लिए कई मायनों में फायदेमंद होती है। हल्दी का स्वाद कड़वा, गरम होता है, आप इसका सेवन रॉ फॉर्म में नहीं कर सकते है इसलिए आपको इसे अन्य चीजों के साथ मिलाकर खाने की सलाह दी जाती है। सब्जियों में तो हल्दी डाली ही जाती है पर इसके अलावा आप हल्दी का इस्तेमाल अलग-अलग तरीकों से कर सकते हैं।
1. सूप के साथ मिलाएं हल्दी
अगर आपको डाइजेशन से संबंधित कोई शिकायत है तो आपको हल्दी का इस्तेमाल सूप के साथ करना चाहिए। आप सब्जियों के सूप के साथ हल्दी मिला दें, स्वाद भी बढ़ेगा और डाइजेशन भी बेहतर होगा। अगर दस्त की समस्या हो रही है या सर्दी-जुकाम है तो भी हल्दी का सेवन करना चाहिए। हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जिससे इम्यूनिटी बढ़ती है।
2. हल्दी के दूध का सेवन
हल्दी - दूध बच्चों को हल्दी खिलाने का ये सबसे अच्छा तरीका है। आप कोकोनट मिल्क या ,साधारण दूध के साथ भी हल्दी का सेवन कर सकते हैं। हल्दी वाला दूध बनाने के लिए आप दूध को हल्दी के साथ गर्म करें। यह दूध बुखार, एलर्जी या सर्दी-जुकाम में इस्तेमाल करना चाहिए। यह दूध हड्डियों को भी मजबूत करता है।
3. चावल के साथ मिलाएं हल्दी
आप हल्दी का सेवन ब्राउन राइस के साथ भी कर सकते हैं। जो लोग बिरयानी या ज्यादा तेल व मसाले वाले चावल का सेवन करते हैं , उनके लिए हल्दी वाला चावल खाना फायदेमंद हो सकता है। ये राइस खाने का सबसे हेल्दी तरीका है, हल्दी डालने से फ्लेवर तो आएगा ही साथ ही आपके ज्वॉइंट्स और हार्ट भी मजबूत रहेगा। हल्दी में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं, इससे इंफेक्शन का खतरा भी नहीं होता।
4. हल्दी वाली चाय
हल्दी की चाय का सेवन करने के लिए आप अपनी पसंद की पत्ती को पहले पानी में उबालें फिर उस पानी में एक टीस्पून हल्दी मिला दें। उसके बाद आप मध्यम आंच पर 5 मिनट के लिए पकाएं। इसमें काली मिर्च और अदरक मिलाने से स्वाद और बढ़ जाता है। गले में खराश की समस्या को दूर करने के लिए हल्दी की चाय का सेवन फायदेमंद माना जाता है।
5. सलाद के साथ करें हल्दी का सेवन
हल्दी का सेवन आप सलाद के साथ भी कर सकते हैं। हल्दी में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं। इंफेक्शन की समस्या होने पर सलाद में हल्दी जरूर मिलाकर करके खाना चाहिए।
- मौजूदा दौर की बिजी लाइफस्टाइल और अनहेल्दी फूड हैबिट्स के कारण शरीर में कई समस्याओं का जन्म होता है. इनमें से कब्ज (Constipation) भी एक बड़ी परेशानी है. अगर इसे वक्त पर नहीं रोका गया तो बवासीर जैसी बीमारियों का खतरा पैदा हो जाए. हांलाकि इसका इलाज डॉक्टर्स के पास मौजूद है, लेकिन अगर आप घरेलू नुस्खों की मदद लेना चााहिए तो 5 तरीके अपना सकते हैं.कब्ज की परेशानी का घरेलू इलाज1. डाइट में करें बदलावहमलोग अक्सर ऐसी चीजें खाते हैं जिसमें तेल का इस्तेमाल ज्यादा होता है. कब्ज से राहत पाना है तो इन तैलीय भोजन से दूरी बना लें और ऐसी डाइट लेना शुरू करें जो हेल्दी हो और इस पचाने में पेट को ज्यादा मुश्किलें न आएं. दो मील के बीच ब्रेक भी जरूरी है, इसलिए हर घंटे कुछ न कुछ खाने की आदत छोड़ दें.2. अजवाइन और जीराकब्ज की परेशानी दूर करने के लिए अजवाइन और जीरे का इस्तेमाल किया जा सकता है. इन दोनों मसाले को हल्की आंच पर भूनकर चूर्ण तैयार कर लें. फिर इस चूर्ण में काला नामक मिक्स कर लें. आगर रेगुलर ऐसा करेंगे तो कब्ज की परेशानी दूर हो जाएगी.3. गुनगुने पानी का करें सेवनअगर आप सुबह उठकर बाथरूम जाने से पर एक ग्लास गुनगुने पानी का सेवन करेंगे तो आपको कब्ज से राहत मिल जाएगी. जब गर्म पानी पिएंगे तो एक प्रेशर सा महसूस होगा. अगर ऐसा न हो तो थोड़ी देर इंतजार करें और फिर मलत्याग के लिए जाएं4. गर्म दूध में घी मिलाकर पिएंदूध को कंप्लीट फूड कहा जाता है, क्योंकि इस सुपरफूड में कई सारे न्यूट्रिएंट्स एक साथ मिल जाते हैं. आप रात को सोने से पहले एक ग्लास गर्म दूध में थोड़ी घी मिलाकर पिएं, नियमित रूप से ऐसा करने से पेट साफ हो जाएगा और कब्ज की समस्या भी दूर हो जाएगी.
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छोटी सी दिखने वाली मिर्च खाने में तीखी होती है। लेकिन ये स्वाद को बढ़ा देती है। हरी मिर्च जितनी तीखी होती है उतनी ही सेहत के लिए फायदेमंद भी। इसमें विटामिन ए, विटामिन सी, आयरन, पोटेशियम, प्रोटीन, कॉपर, कार्बोहाइड्रेट जैसे गुण जो पाए जाते हैं। इसके साथ ही हरी मिर्च शरीर को कई बीमारियों से बचाती है। इसलिए इसे खाने में जरूर डालना चाहिए ये आपको सेहतमंद रखने में मदद करेगी।
शरीर के बैक्टीरिया से दूर रखे हरी मिर्च
अक्सर जिन लोगों का इम्यून सिस्टन कमजोर होता है वह लोग बहुत ही जल्दी बीमार भी हो जाते हैं। हरी मिच इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करती है।
हरी मिर्च तनाव दूर करने में मदद करती है
हरी मिर्च आपके दिमाग में एंडोर्फिन रिलाज करती है, जो किसी भी व्यक्ति के मूड को प्रभावित करता है। इसके साथ ही हरी मिर्च शरीर में नई उर्जा पैदा करती है। जिसकी वजह से आप फ्रेश महसूस करते हैं।
आंखों की रोशनी बढ़ाने में मददगार है हरी मिर्च
हरी मिर्च में विटामिन की अच्छी मात्रा पाई जाती है जो कमजोर आंखों के लिए फायदेमंद साबित होती है।
कैंसर से बचाती है रही मिर्च
हरी मिर्च में अच्छी मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट गुण पाय जाते हैं जो शरीर को कैंसर जैसे बीमारी से बचाने का काम करते हैं। इसके साथ ही कैलोरी नहीं होती। जिसकी वजह से शरीर में इसे खाने से मेटाबॉलिज्म में भी तेजी आती है।
अगर आप भी अपने खाने में लाल मिर्च का इस्तेमाल करते हैं तो आज इस अपनी इस आदत को बदल डालें और हरी मिर्च का इस्तेमाल करना शुरू कर दें क्योंकि लाल मिर्च आपको बीमारियों की ओर लेकर जाती है और हरी मिर्च आपको बीमारियों से बचाने का काम करती है। -
तरबूज और दूध दो ऐसे फूड्स हैं जिन्हें सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। लेकिन जब इन दोनों को एक साथ खाने की बात आती है, तो इसे एक अच्छा विचार नहीं माना जाता है। यहां तक कि आयुर्वेद इन दोनों फूड्स के मिश्रण को सेहत के लिए बेहद नुकसानदायक बतात है। इस लेख में जानें आपको तरबूज और दूध को एक साथ सेवन क्यों नहीं करना चाहिए, और इससे सेहत को होने वाले नुकसान
दरअसल आयुर्वेद के अनुसार तरबूज और दूध प्रकृति में एक दूसरे 'विरुद्ध' या विपरीत होते हैं। दूध की प्रकृति 'मधुर' या मीठी होती है, जबकि तरबूज की प्रक्रति सिट्रिक या खट्टी होती होती है। इसलिए, जब इन फूड्स का सेवन एक साथ किया जाता है तो इससे शरीर में पेट से जुड़ी कई समस्याएं होती है और पाचन में गड़बड़ होती है। ऐसे में आयुर्वेद इन दोनों को फूड्स को एक साथ खाने से बचने की सलाह देता है।
1. परेशान पेट
जब तरबूज और दूध का एक साथ सेवन किया जाता है तो यह पेट की समस्याओं के कारणों को ट्रिगर कर सकते हैं। बहुत से लोग गर्मियों में ऐसे फूड कॉम्बिनेशन खाते हैं या पीते हैं, जिसमें दूध, तरबूज और रूहअफ्जा को मिलाया जाता है। ये ड्रिंक स्वाद में बेहद लाजवाब होते हैं, लेकिन कुछ लोगों को इस तरह के ड्रिंक को पीने के बाद पेट में दर्द, परेशान पेट, बेचैनी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
2. पेट में गैस की समस्या
तरबूज और दूध का एक साथ सेवन करने से कुछ लोगों को पेट में गैस की समस्या हो सकती है। हालांकि सभी लोग इसका अनुभव नहीं करते हैं, क्योंकि हम सभी का शरीर अलग-अलग तरह से प्रतिक्रिया करता है। दूध में फैट, विटामिन डी और प्रोटीन जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसलिए जब आप तरबूज और दूध को साथ में खाते हैं, तो तरबूज के अम्लीय घटक दूध में मौजूद प्रोटीन को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे यह कॉम्बिनेशन आपके पेट में लंबे समय तक बना रहता है, जिससे पेट में गैस की समस्या हो सकती है, यहां तक कि कुछ लोगों को इससे दस्त की समस्या हो सकती है।
3. मतली या जी मिचलाना
तरबूज और दूध को एक साथ खाने से जी मिचलाना और ब्लोटिंग की समस्या हो सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि तरबूज और दूध आपके पेट में लंबे समय तक रहता है। दोनों फूड्स की प्रकृति विपरीत होती है, इसलिए इन्हें पचाने में आपके पाचनतंत्र को थोड़ा समय लग सकता है। ब्लोटिंग की समस्या भी इसी कारण होती है।
यह भी ध्यान रखें
यह जरूरी नहीं है कि तरबूज और दूध के सेवन से सभी लोगों को इस तरह की समस्या का सामना करना पड़े। सभी लोगों की प्रकृति अलग होती है, इसलिए यह जरूरी नहीं है कि अगर किसी चीज से एक व्यक्ति को दिक्कत हो रही है तो वह दूसरे के साथ भी हो। लेकिन फिर भी आपको ज्यादा मात्रा में किसी भी चीज के सेवन से बचना चाहिए। -
कई लोगों के मन में ये सवाल आता है कि क्या हम बैंगन खाने के बाद दूध पी सकते हैं। दरअसल ऐसा माना जाता है कि बैंगन खाने के बाद दूध पीने से एलर्जी या आंतरिक समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा लोगों का ऐसा माना भी है कि बैंगन में मौजूद रसायन दूध के साथ क्रिया करके ऐसे तत्व पेट में गैस बना सकते हैं, जिससे आपको कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हं,ै लेकिन हम आपको बता दें कि बैंगन के बाद दही के सेवन से कोई परेशानी नहीं होती है। न ही इससे आपको कोई स्किन एलर्जी होती है। बल्कि इस बात का इससे कोई लेना देना ही नहीं है कि बैंगन खाने के बाद आप दूध नहीं पी सकते हैं। यह पूरी तरह से स्वस्थ होता है लेकिन अगर आप बैंगन के बाद दूध पीने की सोच रहे हैं, तो आपको कुछ बातें जरूर जान लेनी चाहिए, ताकि आपको कोई परेशानी न हो।
- बैंगन और दूध का एक साथ सेवन करने से कोई नुकसान नहीं होता है लेकिन डाइजेशन के अनुसार आपके पेट के लिए बैंगन और दूध को एक ही समय पर पचाना काफी मुश्किल हो सकता है। इससे पेट में दर्द और कब्ज की दिक्कत हो सकती है। इसके अलावा लगातार इसका सेवन करने से पेट में अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं। दरअसल हम सुबह के नाश्ते के साथ दूध का सेवन कर सकते हैं लेकिन दोपहर के हैवी लंच के साथ, जिसमें आप चावल, बैंगन की सब्जी और दाल शामिल करते हैं, तो उसके साथ दूध को पचा पाना काफी मुश्किल हो जाता है। दूध में फैट की मात्रा अच्छी-खासी होती है लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है कि ये दिक्कत आपको केवल बैंगन खाने के बाद दूध पीने से हो सकती है। ऐसा किसी भी सब्जी के सेवन के बाद हो सकती है क्योंकि हैवी खाना लेने के बाद दूध पीना एक बेहतर आइडिया नहीं हो सकता है।
बैंगन के साथ क्या खा सकते हैं
बैंगन के साथ क्या खा सकते हैं। इसके जबाव में एक्सपर्ट बताती है कि आप सुबह में अपने ब्रेकफास्ट के दौरान दूध पी सकते हैं लेकिन लंच के समय आप दूध की जगह दही या छाछ का सेवन करें। इससे आपको काफी लाभ होगा। साथ ही खाने को पचाने में भी आपकी मदद कर सकता है। इससे आप तरोजाता भी महसूस करते हैं। इसके अलावा कई लोगों को लैक्टोज इंटॉलरेंस की समस्या भी हो सकती है। ऐसे में उनके लिए भी दूध एक अच्छा विकल्प नहीं हो सकता है। - अच्छे स्वास्थ्य के लिए शरीर में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम का होना बहुत जरूरी होता है। कैल्शियम हड्डियों को मजबूत बनाता है, उन्हें कमजोर होने से बचाता है। इसके अलावा कैल्शियम दांतों के लिए भी जरूरी होता है। कैल्शियम हड्डियों के कमजोर होने और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों को रोकने में मदद करता है। अधिकतर लोग कैल्शियम लेने के लिए डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन करते हैं। आप चाहें तो शरीर में कैल्शियम की कमी होने पर कुछ जड़ी-बूटियों का सेवन भी कर सकते हैं।1. गुग्गुलगुग्गुल एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, यह शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरा करता है। शरीर में कैल्शियम की कमी होने पर आप गुग्गुल का सेवन कर सकते हैं। 250 मिग्रा. गुग्गुल में करीब 2 ग्राम कैल्शियम होता है। आयुर्वेद में जोड़ों में दर्द होने पर अक्सर गुग्गुल का सेवन करने की सलाह दी जाती है।2. गिलोयआयुर्वेद में गिलोय का उपयोग कई बीमारियों का इलाज करने के लिए किया जाता है। गिलोय कॉपर, आयरन, फॉस्फोरस, जिंक, कैल्शियम और मैग्नीशियम का बेहतर सोर्स होता है। गिलोय शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है, साथ ही हड्डियां भी मजबूत बनाता है। शरीर में कैल्शियम की कमी होने पर आप गिलोय का काढ़ा, गिलोय जूस या फिर गिलोय चूर्ण ले सकते हैं।3. तुलसीताजा या सूखा तुलसी भी कैल्शियम का अच्छा सोर्स होता है। 1 चम्मच तुलसी में करीब 42 मिलीग्राम कैल्शियम होता है। इसलिए अगर आपके शरीर में कैल्शियम की कमी है, तो आप तुलसी का सेवन कर सकते हैं। तुलसी में कैल्शियम के अलावा अन्य पोषक तत्व भी पाए जाते हैं, जो शरीर के लिए जरूरी होते हैं। तुलसी इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ ही हड्डियों को भी मजबूत बनाता है।4. अजवाइन के बीजअजवाइन भी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। अजवाइन के बीज में कैल्शियम भरपूर होता है। 1 चम्मच अजवाइन के बीज में 115 मिलीग्राम कैल्शियम होता है। आप अजवाइन के बीजों का उपयोग सूप आदि में कर सकते हैं। इसके अलावा सौंफ, जीरा और धनिया के बीज में भी कैल्शियम अच्छी मात्रा में होता है। कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए आप अपने आहार में इन बीजों को शामिल कर सकते हैं। इसके अलावा सूखे अजवाइन के फूल और डिल भी कैल्शियम के लिए बेस्ट जड़ी-बूटी है। प्रति चम्मच सूखे अजवाइन के फूल में करीब 45 मिग्रा कैल्शियम होता है। आप ग्रिल्ड फिश, भुनी हुई सब्जियों इसकी गार्निशिंग कर सकते हैं।5. दालचीनीआयुर्वेद में दालचीनी को काफी फायदेमंद माना गया है। दालचीनी के उपयोग से कई शारीरिक समस्याएं दूर होती हैं। एक चम्मच दालचीनी में करीब 78 मिग्रा कैल्शियम होता है। आप दालचीनी पानी, दालचीनी काढ़ा पी सकते हैं। अगर आपको भी हड्डियों में दर्द रहता है या फिर आपके शरीर में कैल्शियम की कमी है, तो आप इन आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का सेवन कर सकते हैं।
- कनेर के फूल के बारे में तो आपने सुना ही होगा। ये फूल कई औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। इसमें कुछ एंटीबैक्टीरियल और एंटीसेप्टीक गुण होते हैं जिसकी वजह से कई लोग कनेर के फूलों का उपयोग घरेलू नुस्खों में करते हैं। लेकिन आज हम बात करने के पत्तियों के बारे में करेंगे। दरअसल, कनेर के पत्तों में भी इसके फूलों जैसे खास गुण होते हैं। इसके पत्तों से लेप बना कर लोग कई प्रकार से इस्तेमाल करते हैं। इससे लोग दर्द पर लगाते हैं, तो कई बार घाव व दाद-खुजली में इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा भी इन पत्तियों को इस्तेमाल करने के कई फायदे हैं।1. दाद होने पर लगाएं कनेर के पत्तेकनेर के पत्तों का एंटीबैक्टीरियल गुण दाद के बैक्टीरिया को मारने और इसे ठीक करने में मदद करेगा। इसके अलावा इसका एंटीसेप्टीक गुण दाद के दाग और निशान को कम करने में मदद करता है। इसे लंबे समय के लिए इस्तेमाल करें तो ये दाद को पूरी तरह से ठीक करने में मदद करेगा। कनेर के पत्तों से लेप बनाने के लिए आपको ज्यादा कुछ नहीं करना है, बस आपको कनेर के पत्तों को नारियल तेल में पकाना है और इस तेल को अपने शरीर पर लगाना है। ये दाद को जड़ से खत्म करने में मदद करेगा।2. जोड़ों के दर्द में फायदेमंदजोड़ों के दर्द के लिए आप कनेर के पत्तों का लेप बना कर इस्तेमाल कर सकते हैं। दरअसल, इसमें एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होता है जो कि जोड़ों के दर्द और सूजन को दूर कर सकता है। साथ ही ये लेप हड्डियों को अंदर से आराम भी पहुंचाता है। इसे बनाने के लिए आपको बस ये करना है कि कनेर की ताजी पत्तियों को लें और इसे पीस लें। आप इसमें थोड़ा जैतून का तेल मिला कर गर्म कर लें। अब इसे दर्द वाले जोड़ों पर लगाएं और हल्के हाथों से मालिश करें। फिर इसे ऐसे ही छोड़ दें। आप पाएंगे कि आपके जोड़ों का दर्द इससे धीमे-धीमे कम हो जाएगा।3. पुराने घावों परअगर आपको कभी कोई चोट लग जाए और वो पुरानी होने लगे तो आपको कनेर के पत्तों का इस्तेमाल करना चाहिए। दरअसल, कनेर के पत्तों में पुराने घावों को ठीक करने की क्षमता होती है। आप इसे लगातार इस्तेमाल करके पुराने घावों को ठीक कर सकते हैं। साथ ही इसका एंटीसेप्टीक गुण घाव वाली त्वचा को भरने, नए त्वचा आने और घाव को पूरी तरह से ठीक होने में मदद करती है। आप इसके लिए कनेर के पत्तों को पीस लें और इसमें हल्का सा एलोवेरा मिला लें। अब इस लेप को अपने घाव पर लगाएं। ये घाव को तेजी से ठीक करने में मदद करेगा।4. खुजली कम करने में मददगारकनेर के पत्तों को आप खुजली कम करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। दरअसल, इसमें त्वचा को शांत करने और खुजली को कम करने वाले गुण है। इसे लगाने से आप कैसे भी खुजली को उसमें राहत पा सकते हैं। इसके लिए कनेर के पत्तों को लौंग या फिर पुदीने के तेल में पका कर रख लें। फिर इसे खुजली वाली जगह पर लगाएं। ये खुजली को तेजी से कम करने में आपकी मदद करेगा।5. कीड़े-मकोड़े काटने परकीड़े-मकौड़े काटने पर कनेर के पत्ते बहुत फायदेमंद है। इसका एंटीबैक्टीरियल गुण इंफेक्शन को कम करने में मददगार है। ये कीड़े-मकौड़े के काटने पर होने वाले रैशेज और खुजली को कम कर सकता है और इससे राहत दिलाने में मदद कर सकता है। इसके लिए आप दो काम कर सकते हैं। पहले तो कनेर के पत्तों को नारियल तेल में पका लें और इसमें थोड़ा सा काली मिर्च पीस कर मिला लें। अब इसे आप अपनी स्किन पर लगा लें।इस तरह इन पांच तरीकों से कनेर के पत्ते सेहत के लिए कई प्रकार से फायदेमंद हैं। आप चाहें तो, इसे दूध में मिला कर और इसका लेप बना कर अपने चेहरे पर लगा सकते हैं। ये चेहरे के दाग-धब्बों को कम करने में मददगार है।
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रीठा एक ऐसी जड़ी-बूटी है, जिसका इस्तेमाल बालों की देखभाल के लिए किया जाता है। रीठा बालों को चमकदार, मुलायम बनाता है। इसके साथ ही रीठा के उपयोग से बाल लंबे, घने और मुलायम भी बनते हैं। रीठा का इस्तेमाल आप शैंपू, हेयर पैक के रूप में कर सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतर महिलाएं बालों की खूबसूरती को बरकरार रखने के लिए रीठा का उपयोग करती हैं।
बालों में रीठा लगाने के फायदेरीठा बालों को काला, घना और लंबा बनाता है। रीठे के इस्तेमाल से बालों को अनगिनत फायदे मिलते हैं। यह हेयर फॉल रोकता है। जानें बालों में रीठा के फायदे1. हेयर फॉल के लिए रीठाअगर आपके बाल झड़ रहे हैं, तो आप रीठे का पेस्ट बालों पर लगा सकते हैं। रीठे में मौजूद तत्व बालों को टूटने से बचाते हैं, बालों को मजबूत बनाते हैं। इसके लिए आप रीठे का पेस्ट तैयार करें। इससे स्कैल्प, बालों की अच्छी तरह से मसाज करें। 30 मिनट बाद बालों को धो दें। हेयर फॉल को रोकने के लिए हफ्ते में 2 बार रीठा पेस्ट का यूज जरूर करें। यह झड़ते बालों का अच्छा उपाय है।2. जुएं हटाने के लिए रीठाहेयर फॉल रोकने के साथ ही रीठे का इस्तेमाल सिर से जुएं होने पर भी किया जा सकता है। रीठे में एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल गुण होते हैं, जो बालों से जूं हटाने में मददगार होता है। इसके साथ ही बालों पर रीठा लगाने से रूसी या डैंड्रफ भी दूर होता है।3. बालों को घना बनाए रीठापतले, कमजोर बालों पर रीठा का इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर आपके बाल पतले हैं, तो रीठा शैंपू यूज कर सकते हैं। रीठा शैंपू बालों को अच्छी तरह से साफ करता है। बालों से धूल-मिट्टी और गंदगी निकालता है। बालों को घना और मजबूत बनाने के लिए रीठा का उपयोग जरूर करें।4. बाल मुलायम-चमकदार बनाए रीठारीठा में विटामिन और सैपोनिन होता है, इससे बीलों की चमक बढ़ती है। अगर आप बालों को मुलायम और चमकदार बनाना चाहती हैं, तो रीठा का उपयोग कर सकती हैं। रीठा में मौजूद पोषक तत्व बालों को जड़ से मजबूत बनाते हैं।5. बालों का रूखापन दूर करे रीठारीठा बालों की ड्रायनेस को भी दूर करता है। अगर आपको बाल रूखे, ड्राय, फ्रिजी और बेजान है, तो आप रीठा का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके उपयोग से बालों का रूखापन कम होता है।बालों में रीठा कैसे लगाएंआप चाहें तो रीठा पेस्ट भी बालों पर लगा सकते हैं। रीठा पेस्ट बनाने के लिए रीठा पाउडर, शिकाकाई पाउडर, आंवला पाउडर और अंडा (यदि मिलाएं। इसे अपने बालों, स्कैल्प पर अच्छी तरह से लगाएं और 30 मिनट बाद बालों को धो दें।या फिर रात में रीठा को पानी में भिगो दें और सुबह उसे मसलकर उसकी गुठली अलग कर लें। उस पानी से बालों को धो लें। - कई लोगों को हाई यूरिक एसिड के कारण बहुत परेशानी होती है। खून में यूरिक एसिड का स्तर बढऩे से गठिया और तमाम बीमारियां होने का खतरा रहता है। यूरिक एसिड बढऩे से मरीजों के हाथ-पैर में जकडऩ आ जाती है और असहनीय दर्द होता है। इस स्थिति में जोड़ों में दर्द और सूजन की परेशानी हो सकती है। इसके अलावा उंगलियों में सूजन और दर्द की परेशानी होती है। ऐसे लोगों को अपने खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए क्योंकि यूरिक एसिड का स्तर आपके खानपान पर भी निर्भर करता है। ऐसे में आपको आपने डाइट में आपको हरी सब्जियां और फल का सेवन करना चाहिए लेकिन अक्सर लोगों को यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए प्रोटीन का सेवन कम करने की कोशिश करते हैं। दरअसल प्रोटीन के अधिक सेवन से आपके यूरिक एसिड का स्तर बढ़ सकता है। ऐसे में आपके मन में ये सवाल उठ सकता है कि क्या दही खाने से यूरिक एसिड बढ़ता है। तो इसका एक सीधा जबाव बिल्कुल नहीं। आप यूरिक एसिड की समस्या में दही का सेवन बिल्कुल आराम कर सकते हैं।यूरिक एसिड बढऩे पर क्या नहीं खाना चाहिए?यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित रखने के लिए आपको ट्रांस फैट का बेहद कम मात्रा में या बिल्कुल सेवन नहीं करना चाहिए। दरअसल आपको यूरिक एसिड के लिए शराब या रेड मीट का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए। इससे समस्या बढऩे की संभावना रहती है। इसके अलावा आपको मीट या मछली का भी सेवन बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं करना चाहिए। आपको शुगर युक्त पेय पदार्थ और चीनी का भी कम मात्रा में सेवन करना चाहिए। आपको किसी भी प्रकार की समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और उनके अनुसार सुझाए गए डाइट का पालन करना चाहिए।इन बातों का भी रखें ध्यान1. इसके लिए आपको अपना वजन कम रखने की जरूरत है और नियमित तौर पर कोई न कोई एक्सरसाइज जरूर करना चाहिए।2. इसके अलावा भरपूर मात्रा में विटामिन सी का सेवन करें। इससे यूरिक एसिड का स्तर कंट्रोल में रहता है।3. आपको कम फैट वाले फूड्स का सेवन करना चाहिए ताकि आपके शरीर स्वस्थ रहे।
- काली किशमिश में कई विटामिंस, मिनरल्स पाए जाते हैं। यह सेहत के साथ ही बालों के लिए भी काफी लाभकारी होता है। काली किशमिश में पोटैशियम, फाइबर, पॉलीफेनोल्स, प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट्स अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। ये सभी तत्व बालों के लिए फायदेमंद होते हैं। नियमित रूप से काली किशमिश खाने से बाल काले बनते हैं। इसके अलावा यह बालों को मजबूत और मुलायम बनाने में भी मदद करता है। अगर आपके बाल छोटी उम्र में ही सफेद हो गए हैं, तो आप नियमित रूप से काली किशमिश का सेवन कर सकते हैं। बालों के लिए काली किशमिश के फायदे-काली किशमिश में पोषक तत्वकाली किशमिश अंगूर से तैयार होता है। इसमें कई तरह के विटामिंस और मिनरल्स पाए जाते हैं। काली किशमिश में फाइबर, प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट्स काफी अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। किशमिश में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट स्वस्थ बालों के रोम को उत्तेजित करके बालों को झडऩे से रोकते हैं। वे बालों के विकास के लिए आवश्यक स्वस्थ कोशिकाओं को भी बढ़ावा देते हैं। किशमिश में कई आवश्यक पोषक तत्व होते हैं जो बालों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं।1. सफेद बालों के लिए काली किशमिशअगर कम उम्र में आपके बाल सफेद हो रहे हैं, तो आप काली किशमिश को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। काली किशमिश खाने से सफेद बालों को काला करने में मदद मिलती है। यह एक तरह का परमानेंट इलाज होता है। काली किशमिश खाने से बाल सफेद होने से बचते हैं। यह सफेद बालों को काला करने का अच्छा उपाय है।2. हेयरफॉल रोकेकाली किशमिश में आयरन भरपूर होता है। साथ ही यह ब्लड सर्कुलेशन को भी बढ़ाता है। काली किशमिश खाने बाल मजबूत भी बनते हैं। काली किशमिश न सिर्फ बालों को काला बनाती है, बल्कि इसे खाने से बाल मजबूत भी बनते हैं। काली किशमिश खाने से बाल मोटे होते हैं।3. बाल मुलायम और चमकदार बनते हैंहेयर फॉल रोकने, बालों को काला बनाने के साथ ही काली किशमिश खाने से बाल मुलायम और चमकदार भी बनते हैं। नियमित रूप से तय मात्रा में काली किशमिश खाया जाए, तो बाल हमेशा मुलायम रहते हैं। काली किशमिश खाने से बालों, स्कैल्प को पर्याप्त पोषण मिलता है। इससे बाल जड़ों से मजबूत बनते हैं। साथ ही बाल चमकदार भी बनते हैं। इससे रूखे, बेजान बाल मुलायम बनते हैं।4. हेयर ग्रोथ में लाभकारीअगर आपको बालों की ग्रोथ कम है, तमाम कोशिशों के बाद भी बाल नहीं बढ़ रहे हैं तो आप काली किशमिश को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। काली किशमिश हेयर फॉल को रोकने के साथ ही हेयर ग्रोथ में भी मदद करता है। इससे बाल लंबे और घने बनते हैं। किशमिश में विटामिन सी होता है यह संयोजी ऊतक को बनाए रखता है, इसे कोलेजन कहा जाता है। यह बालों के विकास को बढ़ावा देता है। विटामिन ई कोशिका झिल्ली को और मजबूत करता है।कितनी किशमिश खानी चाहिए?काली किशमिश खाना बालों के लिए काफी फायदेमंद होता है। 20-15 ग्राम काली किशमिश खाने से बाल हमेशा स्वस्थ बने रहते हैं। काली किशमिश खाने का सबसे बेहतर तरीका है कि रात को किशमिश भिगो दें। सुबह उठकर इनका सेवन करें।काली किशमिश सेहत, त्वचा के साथ ही बालों के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। इसलिए स्वस्थ रहने और बालों को स्वस्थ रखने के लिए आपको काली किशमिश को अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए।
- चना प्रोटीन से भरपूर एक ऐसा फूड है जिसे कई लोग खाना बहुत पसंद करते हैं। चना फाइबर से भरपूर होता है और पाचन क्रिया को स्वस्थ रखता है। इसके अलावा इसका ऑयरन शरीर में खून की कमी को दूर करता है और ताकत बढ़ाता है। इसके अलावा चना खाना उन लोगों के लिए भी फायदेमंद है जिनकी मांसपेशियां कमजोर या फिर जिनके शरीर की बनावट कमजोर है। लेकिन कभी आपने सोचा है कि किन लोगों के लिए चना खाना फायदेमंद नहीं है? जानते हैं इस बारे में विशेषज्ञ क्या कहते हैं.....1. गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्या वाले लोगों कोचना खाने के बाद कई लोग पेट दर्द, गैस और बदहजमी की शिकायत करते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि चना खाने के बाद गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं काफी आम हैं। दरअसल, चना में कुछ ऐसे कंपाउंड होते हैं जो ठीक से पच नहीं पाते हैं। इसके अलावा पके हुए चना में जटिल शुगर, किण्वित ओलिगोसेकेराइड, डिसाकाईड्स, मोनोसेकेराइड और पॉलीओल्स भी होते हैं, जिन्हें पचाना मुश्किल हो सकता है और आंतों द्वारा पूरी तरह से अवशोषित नहीं किया जा सकता है। ये शुगर बड़ी आंत में बैक्टीरिया द्वारा किण्वित होती हैं और आंतों में सूजन या आंत में फंसी हुई गैस का कारण बनते हैं जिससे असुविधा होती है। इसलिए पाचन तंत्र के इन रोगों वाले लोगों को चना खाने से बचना चाहिए। जैसे कि-गैस और एसिडिटी वाले लोगों को-क्रोहन रोग वाले-बड़ी आंत में सूजन वाले लोगों को-लैक्टोज असहिष्णुता वाले लोगों को2. गाउट से पीडि़त लोगों कोचना में प्यूरीन नामक एक रसायन होता है और जब ये प्यूरीन टूट जाते हैं तो अतिरिक्त यूरिक एसिड उत्पन्न होता है, जिसके परिणामस्वरूप गाउट होता है। गाउट एक प्रकार का गठिया है जो जोड़ों में यूरिक एसिड क्रिस्टल के जमा होने के कारण होता है। इसे जोड़ों में दर्द की समस्या होती है। इसलिए जिन लोगों को जोड़ों के दर्द की समस्या है या फिर अर्थराइटिस की समस्या है, उन्हें चना खाने से बचना चाहिए।3. जिन्हें पथरी होकिडनी की पथरी से बहुत से लोग परेशान रहते हैं। ऐसे में चना खाना इन लोगों की इस परेशानी को और बढ़ा सकता है। दरअसल, चना में ऑक्सालेट होते हैं, जो किडनी द्वारा पेशाब के जरिए बाहर निकल जाते हैं। जैसे-जैसे शरीर में ऑक्सालेट का स्तर बढ़ता है, वे कैल्शियम के साथ किडनी में जमा हो जाते हैं और कैल्शियम ऑक्सालेट स्टोन, एक प्रकार की किडनी स्टोन का उत्पादन करते हैं। खून में यूरिक एसिड के स्तर में वृद्धि गुर्दे की पथरी के विकास को बढ़ावा दे सकती है। साथ ही ये किडनी के दर्द को भी बढ़ा सकती है इसलिए किडनी रोगी को इसे खाने से बचना चाहिए।4. एलर्जी वाले लोगों कोकुछ लोगों को चना सहित इस तरह की हाई प्रोटीन वाली फलियों से एलर्जी होती है। अगर आपको चना खाते ही खुजली, उल्टी या फिर एलर्जी राइनाइटिस की समस्या होती है तो आपको भी इसे खाने से बचना चाहिए। दरअसल, ये सब प्रोटीन एलर्जी या फिर फूड एलर्जी की वजह से होता है। इसी कारण से आपको मतली, उल्टी, पेट में दर्द और त्वचा में खुजली हो सकती है। चना खाने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना सबसे अच्छा है क्योंकि एलर्जी की प्रतिक्रिया तीव्र हो सकती है और कभी-कभी जानलेवा भी हो सकती है।5. कुछ दवाएं लेने वाले लोगों मेंअगर आप कुछ दवाओं का सेवन करते हैं, तो आपको चना के सेवन को लेकर एक बार सोचना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें पोटेशियम का मात्रा बहुत ज्यादा होती है। तो जो लोग हृदय रोग के लिए बीटा-ब्लॉकर्स जैसे दवाओं को ले रहे हैं, उनके खून में ये दवाएं पोटेशियम के स्तर को बढ़ा सकते हैं। इसलिए उन्हें अपने पोटेशियम सेवन के बारे में सावधान रहना चाहिए।
- हम में से कई लोग फ्रूट्स खाना बहुत ही ज्यादा पसंद करते हैं। फ्रूट्स चाट तैयार करने के लिए हम कई तरह के फलों को मिलाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ ऐसे फ्रूट्स कॉम्बिनेशन होते हैं, जिसका सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। अगर आप इ न फ्रूट्स कॉम्बिनेशन का सेवन करते हैं, तो यह आपके स्वास्थ्य पर विपरीत असर डाल सकती है। इससे पाचन तंत्र प्रभावित होता है। साथ ही कई लोगों में एलर्जी की परेशानी बढ़ जाती है। आइए विस्तार से जानते हैं किन फलों को एक साथ नहीं खाना चाहिए....तरबूजगर्मियों में तरबूज का सेवन काफी ज्यादा किया जाता है। यह एक ऐसा फल है, जिसमें पानी की मात्रा काफी ज्यादा होती है। बाकि फलों की तुलना में इसे पचाना भी आसान होता है। लेकिन आपको बता दें कि तरबूज को हमेशा अकेले की खाना चाहिए। डायटीशियन का कहना है कि इसे किसी भी फल के साथ मिक्स करके न खाएं। अगर आप तरबूज को किसी फल के साथ मिक्स करके खाते हैं, तो यह आपका पाचन बिगाड़ सकता है। यही बात खरबूजे पर भी लागू होती है।संतरा और दूधसंतरा के साथ कभी भी दूध न लें। दूध और संतरा का एक साथ सेवन करने से आपको पाचन से जुड़ी परेशानी हो सकती है। साथ ही संतरे में एसिड होता है, जो शरीर के एंजाइम को नष्ट कर सकता है। जिसका असर पाचन पर पड़ सकता है। इससे बगलम और कफ की समस्या हो सकती है। इसी तरह दूध के साथ अन्य खट्टे फल जैसे- अनानास, नींबू, अंगूर जैसे फलों का सेवन नहीं करना चाहिए। हालांकि, आप मीठे फलों का सेवन दूध के साथ कर सकते हैं।नींबू और पपीताकामिनी कुमारी बताती हैं कि खट्टे फलों को कभी भी मीठे फलों के साथ नहीं खाना चाहिए। इतना ही नहीं, फ्रूट चाट बनाते समय अगर आप इसपर नींबू का रस छिड़कते हैं, तो यह आपका सेहत बिगाड़ सकते हैं। खासतौर पर अगर आप नींबू के साथ पपीता का सेवन करते हैं, तो यह आपके हीमोग्लोबिन पर बुरा असर डाल सकता है। साथ ही इसके कारण एनीमिया जैसी परेशानी हो सकती है।गाजर और संतराअगर आप फ्रूट चाट बनाते वक्त गाजर और संतरा को एक साथ मिलाकर खा रहे हैं, तो इससे आपके सेहत पर असर पड़ सकता है। गाजर और संतरा का एक साथ सेवन करने से किडनी पर इसका बुरा असर हो सकता है। यह कॉम्बिनेशन सीने में जलन और पित्त की समस्या को उत्पन्न कर सकता है। इसलिए कोशिश करें कि गाजर और संतरा का एक साथ सेवन न करें।केला और अमरुदकेला और अमरुद का भी एक साथ गलती से भी सेवन न करें। एक साथ केला और अमरुद के सेवन से पेट में गैस और एसिडिटी की परेशानी हो सकती है। साथ ही इसके कारण सिरदर्द को भी बढ़ावा मिल सकता है। इसलिए कोशिश करें कि केला और अमरुद एक साथ न खाएं।खुबानी और अनारअगर आप फ्रूट चाट की प्लेट में अनार और खुबानी को एक साथ जोड़ रहे हैं, तो सावधान हो जाएं। दरअसल, खुबानी और अनार दोनों ही प्रोटीन और शुगर का समृद्ध स्त्रोत होता है। ऐसे में दोनों का एक साथ सेवन करने से आपके पाचन से जुड़ी परेशानी को हो सकती है। साथ ही सीने में जलन, एसिडिटी जैसी समस्या हो सकती है।
- अनहेल्दी डाइट, स्ट्रेस या तनाव का असर हमारी सेहत के साथ ही बालों पर भी पड़ता है। हमेशा तनाव में रहने, खाने में पोषक तत्वों की कमी और कैमिकल बेस्ड हेयर प्रोडक्ट के इस्तेमाल से हेयर फॉल, ग्रे हेयर जैसी समस्याएं होने लगती हैं। बालों को मजबूत, घना, लंबा और चमकदार बनाने के लिए उन्हें भी पोषण की जरूरत होती है। बालों को पोषण देने के लिए हम नारियल का तेल, सरसों का तेल या बादाम का तेल लगाते हैं। आप चाहें तो बालों की समस्याएं दूर करने के लिए लौकी के तेल का भी इस्तेमाल कर सकती हैं।लौकी की सब्जी के साथ ही लौकी का तेल भी पोषक तत्वों से भरपूर होता है। लौकी का तेल हमारे सिर, बालों और मस्तिष्क के लिए काफी फायदेमंद होता है। इस तेल को बालों पर लगाने से हेयर फॉल रुकता है। इसके अलावा लौकी का तेल लगाने से रूसी भी दूर होती है। दरअसल, लौकी के तेल में मैग्नीशियम, सोडियम, आयरन, पोटैशियम, विटामिन सी, जिंक, मैंगनीज और विटामिन बी कॉम्पलेक्स पाया जाता है। लौकी के तेल में मौजूद ये सभी तत्व बालों को कई तरह से लाभ पहुंचाते हैं।1. सफेद बालों से छुटकारा -आजकल अधिकतर लोग सफेद बालों की समस्या से परेशान हैं। कम उम्र में ही बाल सफेद नजर आने लगते हैं। इसे छिपाने के लिए लोग कलर डाई का सहारा लेते हैं। लेकिन अगर आप सफेद बालों से हमेशा के लिए छुटकारा पाना चाहते हैं, तो बालों पर लौकी का तेल लगा सकते हैं। इस तेल से बालों की मालिश करने से बाल काले होते हैं। सफेद बालों से छुटकारा मिलता है।2.डैंड्रफ हटाए- डैंडफ से छुटकारा पाने के लिए लौकी का तेल भी फायदेमंद है। इस तेल से मालिश करने से रूसी दूर होती है।3. बालों को मजबूत बनाए - नियमित रूप से लौकी का तेल बालों पर लगाने से बालों को पोषण मिलता है, जिससे बाल लंबे और मजबूत बनते हैं।4. ड्राय हेयर केयर- लौकी के तेल से बालों की मसाज करने से ड्राय हेयर से भी छुटकारा मिलता है।लौकी का तेल कैसे बनाएंलौकी के तेल को घर पर आसानी से बनाया जा सकता है। इसके लिए नारियल के तेल और लौकी की जरूरत होगी।-लौकी का तेल बनाने के लिए लौकी को छिलकों समेत काट लें।-अब लौकी के टुकड़ों को 4-5 दिनों तक धूप में सुखाने के लिए रख दें।-इसके बाद एक पैन लें। इसमें नारियल का तेल डालें।-नारियल का तेल गर्म होने के बाद इसमें लौकी के टुकड़े डाल दें।-इसे 15-20 मिनट तक पकाएं। जब लौकी अच्छी तरह पक जाए तो, गैस बंद कर दें।-अब इसे ठंडा होने दें। फिर इसे छान लें और कांच की बोतल में डाल दें।इस आप रात को बालों पर लगाकर सो सकते हैं। इसके लिए लौकी का तेल लें, बालों पर 10 मिनट तक मसाज करें। सुबह बालों को अच्छी तरह से धो लें। इससे बाल लंबे और मजबूत बनेंगे।
- लौकी स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होती है। वजन कम करने से लेकर शरीर की कई परेशानियों को दूर करने में लौकी फायदेमंद होती है। लेकिन क्या आपने कभी लौकी की पत्तियों का सेवन किया है? जी हां, लौकी की तरह लौकी की पत्तियां भी स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद हो सकती हंै। आज हम इस लेख में लौकी की पत्तियों को खाने के फायदे और इसकी कुछ स्वादिष्ट रेसिपीज के बारे में जानेंगे।100 ग्राम कच्ची लौकी की पत्तियों में मौजूद पोषक तत्व -एनर्जी - 39 कैलोरी, प्रोटीन - 2 ग्राम, फैट - 1 ग्राम, मिनरल - 2 ग्राम, फाइबर - 1 ग्राम, कार्बोहाइड्रेट - 6 ग्राम, कैल्शियम - 80 एमजी, फास्फोरस - 59 एमजी।लौकी की पत्तियों के फायदेवजन कम करने में असरदारलौकी की पत्तियों का सेवन करने से शरीर का वजन कम हो सकता है। इसमें एनर्जी के साथ-साथ फाइबर की मात्रा भी होती है, जो आपके शरीर के वजन को कम करने में प्रभावी हो सकता है।इम्यूनिटी करे बूस्टलौकी की तरह लौकी की पत्तियों में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो इम्यूनिटी बूस्ट करने में मदद कर सकते हैं। नियमित रूप से लौकी की पत्तियों का साग बनाकर खाने से बीमारियों से लडऩे की क्षमता बढ़ सकती है।हड्डियों को करे मजबूतलौकी की पत्तियों में कैल्शियम भरपूर रूप से होता है, जो शरीर की हड्डियों को मजबूती प्रदान करने में मदद कर सकता है। साथ ही यह मांसपेशियों के विकास में भी मददगार है।हेल्दी फैटलौकी में हेल्दी फैट होता है, जो शरीर के वजन को कम रखता है। साथ ही इससे शरीर को एनर्जी और कई अन्य पोषक तत्व मिलते हैं।डायबि़टीज रखे कंट्रोलडायबिटीज मरीजों के लिए भी लौकी की पत्तियों का सेवन लाभकारी हो सकता है। इसका नियमित रूप से सेवन करने से ब्लड शुगर कंट्रोल हो सकता है। लौकी के जूस की तरह लौकी की पत्तियों के जूस का भी सेवन किया जा सकता है।दिल के लिए फायदेमंदलौकी की पत्तियां दिल के लिए काफी फायदेमंद हो सकती हैं। सप्ताह में कम से कम तीन बार इसका रस पीने से आपसे दिल से जुड़ी बीमारियां दूर हो सकती हैं। साथ ही यह रक्तचाप को नियंत्रित रखने में मदद कर सकता है।लौकी के पत्ते की रेसिपीजलौकी के पत्ते की चटनीआवश्यक सामग्री- लौकी की पत्तियां - 10, हरी मिर्च - 2 , सरसों तेल - 1 छोटी चम्मच , लहसुन की कली - 4-5सबसे पहले लौकी की पत्तियां, लहसुन, हरी मिर्च मिक्सर ग्राइंडर में डालकर पीस लें। इसके बाद इसमें इसे एक कटोरी में डाल लें। अब इसमें सरसों का तेल और स्वादानुसार नमक डालकर अच्छी तरह से मिक्स कर लें। लीजिए लौकी के पत्तों की चटनी तैयार है।लौकी के पत्ते का साग250 ग्राम लौकी की पत्तियां लें। अब इसे काट लें। इसके बाद कढ़ाई चढ़ाएं और इसमें सरसों का तेल डाल लें। इसके बाद इसमें हींग और हीरा डालें। अब इसमें लौकी की पत्तियों को डालकर अच्छी तरह भुन लें। जब पत्तियों में से पानी सूख जाए, तो इसमें नमक डाल लें। आप चाहें, तो ऊपर से कुछ हरी मिर्च भी डाल सकते हैं।नोट- ध्यान रखें कि अगर आप पहले से किसी परेशानी से जूझ रहे हैं, तो डॉक्टर या डायटीशियन की सलाह पह ही लौकी की पत्तियों का सेवन करें।
- लौकी पोषक तत्वों से भरपूर सब्जी है, इसका सेवन सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। लौकी में एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन ए, कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन और फाइबर अधिक मात्रा में होता है। लौकी में मौजूद तत्व शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं। लौकी को जूस, सब्जी आदि के रूप में खाया जाता है, लेकिन आप चाहें तो लौकी का भर्ता बनाकर भी खा सकते हैं। लौकी का भरता स्वादिष्ट होने के साथ ही काफी पौष्टिक भी होता है। लौकी का भर्ता खाने से वजन को नियंत्रण में रखा जा सकता है, साथ ही शरीर में पानी की पूर्ति भी होती है। लौकी डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों के लिए भी उपयोगी होती है।लौकी का भर्ता खाने के फायदे1. स्ट्रेस कम होता हैलौकी खाने से स्ट्रेस कम होता है। लौकी में पानी अधिक मात्रा में होता है, इससे शरीर ठंडा रहता है। साथ ही लौकी में सेडेटिव प्रॉपर्टीज होती है, इससे शरीर रिलैक्स रहता है।2. वजन कम करेघीया या लौकी को वजन कम करने के लिए भी काफी फायदेमंद माना जाता है। वैसे तो वजन कम करने के लिए लौकी का जूस पीने की सलाह दी जाती है, लेकिन आप चाहें तो लौकी का भरता भी अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। लौकी में फाइबर होता है, इसे खाने से जल्दी से भूख नहीं लगती है और वजन कंट्रोल में रहता है।3. डाइजेशन में फायदेमंदलौकी डाइजेशन में भी काफी फायदेमंद होता है। लौकी में मौजूद तत्व डाइजेशन में सहायक होता है। लौकी में फाइबर होती है, जो पाचन क्रिया में सुधार करता है। गैस, एसिडिटी और कब्ज की समस्या से छुटकारा दिलाता है। पाचन से जुड़ी समस्या होने पर आप लौकी के भरते का सेवन कर सकते हैं।4. स्किन के लिए फायदेमंदलौकी त्वचा के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। लौकी खाने से शरीर में जमा गंदगी और टॉक्सिंस आसानी से निकल जाते हैं। इससे स्किन ग्लोइंग और खूबसूरत बनती है। साथ ही शरीर अंदर से साफ होता है।5. शरीर को ठंडा रखेलौकी का भर्ता शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है। लौकी की तासीर ठंडी होती है, ऐसे में गर्मियों में इसका सेवन किया जा सकता है। लौकी का सेवन करने से शरीर ठंडा रहता है और पानी की पूर्ति होती है।लौकी का भर्ता कैसे बनता हैलौकी का भर्ता बनाने के लिए आप सबसे पहले लौकी को धोकर गैस पर छिलका समेत भून लें। लौकी के छिलके को अच्छे से काला होने दें। इसके बाद लौकी के काले छिलके को निकाल लें, छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर मिक्सी में दरदरा पीस लें। अब एक गैस में तेल गर्म करें, इसमें लहसुन, जीरा और प्याज डालें। साथ में हरी मिर्च भी काटकर डाल दें। नमक डालकर प्याज को सुनहरा होने तक भून लें। फिर इसमें टमाटर, लाल मिर्च पाउडर और हल्दी पाउडर डालें। मसाले को अच्छी तरह से पकने दें। इसके बाद इसमें पिसी हुए लौकी डाल लें और 3-4 मिनट के लिए पकाएं। इसमें हरा धनिया, घी डालें और गर्मा-गर्म सर्व करें। घी से लौकी के भर्ता का स्वाद कई गुना बढ़ जाता है। आप भर्ता को रोटी के साथ खा सकते हैं।
- तरबूज और खरबूज गर्मियों में सबसे अधिक खाए जानें वाले फलों में से है। इन फलों के सेवन से शरीर की कई परेशानियां दूर हो सकती हैं। खरबूजे की बात कि जाए, तो यह गर्मी के सीजन में शरीर को हाइड्रेटेड रखता है। साथ ही इससे कई अन्य फायदे होते हैं। इसमें कई तरह के पोषक तत्व जैसे- विटामिन ए, सी, ई, के, नियासिन, जिंक, मैग्नीशियम इत्यादि पाए जाते हैं। इन पोषक तत्वों से शरीर की कई समस्याएं दूर रहती हैं।खरबूजे के बीज खाने के फायदे1. इम्यूनिटी करे बूस्टखरबूजे के बीजों को अपने आहार में शामिल करने से आपके शरीर को भरपूर रूप से विटामिन सी प्राप्त होता है। दरअसल, इसका सेवन करने से ब्लड में व्हाइट ब्लड सेल्स की कोशिकाओं को बढ़ाया जा सकता है। ब्लड में व्हाइट ब्लड सेल्स बढऩे से इम्यूनिटी बेहतर हो सकती है।2. गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंदखरबूजे के बीजों में फोलेट की अच्छी होती है, जो शरीर से अतिरिक्त सोडियम को हटा देती है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं में वॉटर रिटेशन की समस्या कम हो सकती है। इसलिए गर्भवती महिलाओं के लिए भी खरबूजे का बीज फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, गर्भावस्था में एक्सपर्ट की सलाह के अनुसार ही इसका सेवन करें।3. ब्लड प्रेशर को करे कमखरबूजे के बीज में पोटैशियम भरपूर रूप से होता है। पोटैशियम युक्त आहार का सेवन करने से ब्लड प्रेशर को कम किया जा सकता है। साथ ही यह हृदय स्वास्थ्य के लिए भी काफी अच्छा होता है। खरबूजे के बीजों का सेवन करने से स्ट्रोक के खतरे को कम किया जा सकता है।4. आंखों को रखे सुरक्षितखरबूजे के बीजों में विटामिन ए और बीटा कैरोटीन की अधिकता होती है, जो आंखों के लिए काफी अच्छा माना जाता है। नियमित रूप से खरबूजे के बीजों का सेवन करने से मोतियाबिंद होने के खतरे को कम किया जा सकता है। साथ ही यह आंखों की रोशनी को प्रोटेक्ट करने में भी लाभकारी है।5. नाखून और बालों को रखे सुरक्षितबालों और नाखून के लिए भी खरबूजे का बीज फायदेमंद है। इसमें मौजूद हाई प्रोटीन, टिश्यूज के विकास में सहायक होते हैं। साथ ही यह बालों और नाखून की प्रोटीन को बढ़ावा देता है। नियमित रूप से खरबूजे के बीजों का सेवन करने से नाखून और बालों को सुरक्षित रखा जा सकता है।6. स्ट्रेस करे कमखरबूजे के बीजों का सेवन करने से मस्तिष्क में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, जो मस्तिष्क को शांत करता है। ऐसे में खरबूजे के बीजों का सेवन करने से स्ट्रेस फ्री की परेशानी दूर हो सकती है।7. एसिडिटी करे कमखरबूजे के बीजों में न्यूट्रल पीएच होता है। यह एसिड रिफ्लक्स या पेट की अन्य समस्याओं को दूर करने में प्रभावी हो सकता है। कब्ज, गैस, एसिडिटी जैसी समस्या को दूर करने के लिए खरबूजे के बीजों का सेवन किया जा सकता है।खरबूजे के बीज के नुकसानखरबूजे के बीजों का सेवन करने से शरीर को कई तरह के लाभ हो सकते हैं। हालांकि, इससे शरीर को कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। ऐसे में एक्सपर्ट की सलाह पर ही इसका सेवन करें।लो ब्लड प्रेशर की समस्या - खरबूजे के बीजों का सेवन करने से लो ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है। खासतौर पर ऐसे लोगों को जो पहले से ही ब्लड प्रेशर कम करने की दवा ले रहे हैं।यूरिन की समस्या - अधिक मात्रा में खरबूजे के बीजों का सेवन करने से बार-बार यूरिन पास करने की परेशानी हो सकती है।
- पिज्जा, बर्गर या कोई भी स्नैक्स या फास्ट फूड के साथ सर्व की जाने वाली टोमैटो सॉस अनहेल्दी होती है। टमाटर सॉस का ज्यादा सेवन करना सेहत के लिए हानिकारक होता है, अगर आप ज्यादा सॉस खा लेंगे तो वजन बढ़ सकता है। बाजार में मिलने वाली टमाटर सॉस का ज्यादा सेवन करने से एक्ने या स्किन प्रॉब्लम्स शुरू हो सकती हैं। टमाटर सॉस में सोडियम, शुगर का इंटेक ज्यादा होता है जिससे आपकी सेहत बिगड़ सकती है इसलिए आपको टमाटर सॉस के हेल्दी विकल्प ढूंढ लेने चाहिए।1. घर पर बना सकते हैं टोमैटो सॉसआप घर पर भी टोमैटो सॉस तैयार कर सकते हैं। इसे बनाने का तरीका बेहद आसान है। आपको टमाटर, लहसुन, विनेगर, थोड़ा गुड़ और नमक मिलाना है और उसमें गरम मसाला मिलाकर पीस लेना है, ये टोमैटो सॉस का एक हेल्दी विकल्प है। ये टोमैटो सॉस बाजार में मिलने वाली सॉस से ज्यादा हेल्दी है क्योकि इसमें किसी तरह के प्रिजर्वेटिव मौजूद नहीं होते हैं और न ही एक्सट्रा शुगर मिलाई जाती है। कोशिश करें कि केचअप को आप हफ्ते भर में ही इस्तेमाल करके खत्म कर लें। घर की बनी सॉस में करीब 60 से 70 कैलोरीज हो सकती हैं।2. टमाटर चटनीआप सॉस या टोमैटो केचअप की जगह टमाटर चटनी का सेवन कर सकते हैं। टमाटर की चटनी को आप घर पर आसानी से बना सकते हैं। टमाटर की चटनी को बनाने के लिए आप करी पत्ते, मिर्च, अदरक, लहसुन को एड करें और पीस लें। इस ऑप्शन को आप टोमैटो सॉस की जगह ट्राय कर सकते हैं। टमाटर की चटनी में आपको कैलोरीज की चिंता करने की जरूरत नहीं है, इसमें 30 से 40 कैलोरीज पर सर्विंग हो सकती है।3. टोमैटो सालसाऐसा नहीं है कि केवल बाजार में टोमैटो सालसा मिलता है, आप इसे घर पर भी तैयार कर सकते हैं। टोमैटो सालसा बनाने के लिए आप प्याज, मिर्च, लहसुन, नमक, काली मिर्च को रोस्टेड टमाटर के साथ मिक्सी में चलाएं, जो पेस्ट तैयार होगा उसे आप चिप्स, पकौड़े, रोटी, पराठा आदि के साथ खा सकते हैं। टोमैटो सालसा की कैलोरीज करीब 50 से 55 हो सकती है।4. टोमैटो हम्मसटमाटर से अच्छा हम्मस तैयार किया जा सकता है। आप लहसुन, काला, नींबू का रस, ऑलिव ऑयल और ड्राय टोमैटो को मिक्सी में डालें और जो पेस्ट तैयार होगा उसे हम हम्मस कहेंगे। इसे आप ज्यादातर सभी स्नैक्स के साथ खा सकते हैं। हम्मस में करीब 50 कैलौरीज होंगी। इस हम्मस में विटामिन, एंटीऑक्सीडेंट्स की अच्छी मात्रा है, इसे आप अपनी डाइट में आसानी से शामिल कर सकते हैं। इसकी कैलोरीज करीब 40 से 50 के बीच होगी।5. श्रीराचा सॉसआप टोमैटो सॉस की जगह श्रीराचा सॉस का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। श्रीराचा एक तरह की चिली सॉस होती है जो चाइनीज डिशेज में डाली जाती है, आप इसे कम मिर्च में भी तैयार कर सकते हैं। श्रीराचा सॉस को मिर्च, लहसुन, विनेगर, टमाटर को मिला करके बनाया जाता है। इसकी कैलोरीज करीब 60 से 70 के बीच हो सकती है।
- पका हुआ पपीता आपकी सेहत के लिए फायदेमंद है, उसी तरह कच्चे पपीता भी उपयोगी है. कच्चा पपीता भी पेट के रोगों को ठीक करता है. इसके अलावा जोड़ों की समस्याओं में भी कच्चा पपीते का यूज किया जाता है. वजन कम करने में भी आप कच्चे पपीते का उपयोग कर सकते हैं. बता दें कि कच्चे पपीते में पपैन नाम का पदार्थ होता है, जो आपकी बॉडी के लिए अच्छा होता है. कच्चा पपीता अगर सही मात्रा में खाएं तो ये पाचन के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. तो चलिए जानते हैं कि इसके अलावा कच्चे पपीते के क्या फायदे हैं.इस तरह करें कच्चे पपीते का उपयोगबता दें कि सुबह के समय फलों का सेवन अच्छा होता है. इसलिए पपीते का सेवन भी सुबह के समय करने से ज्यादा लाभ मिलता है. पपीता आपके पेट के लिए एक उपयोगी फल है. कोशिश करें कि खाली पेट आप कच्चे पपीते का सेवन करें. बता दें कि कई लोग कच्चे पपीते की सब्जी बनाकर भी सेवन करते हैं.किसी भी घाव को भरने में मददगारकच्चे पपीते में मौजूद विटामिन और अन्य पोषक तत्व आपकी त्वचा को हेल्दी बनाते हैं. इसके सेवन से शरीर की किसी भी घाव या जख्म को भरने की क्षमता बढ़ जाती है. तो ऐसे लोग जिन्हें कच्चा पपीता नहीं पसंद वह इसको अपनी पसंद बना सकते हैं.