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- लिवर शरीर का वह अंग है जो पाचन, डिटॉक्सिफिकेशन और मेटाबॉलिज्म जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में शामिल होता है। लेकिन आज की जीवनशैली और असंतुलित खानपान के चलते लिवर में फैट जमना आम समस्या बन गई है, जिसे "फैटी लिवर डिजीज" कहा जाता है। यह स्थिति शुरुआत में बिना लक्षणों के होती है, लेकिन समय रहते ध्यान न दिया जाए तो यह गंभीर रूप ले सकती है। अच्छी बात यह है कि कुछ प्राकृतिक उपायों से लिवर की सेहत को बेहतर बनाया जा सकता है और इसमें सबसे कारगर है – रोज खाली पेट सेब खाना।लाल सेब बेहद लाभकारीसेब, खासतौर पर लाल सेब फाइबर, एंटीऑक्सिडेंट्स और पेक्टिन से भरपूर होता है। यह शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करता है और लीवर पर जमी हुई चर्बी को धीरे-धीरे कम करता है। सेब को अगर रोज सुबह खाली पेट खाया जाए, तो यह लिवर की सफाई में बेहद कारगर होता है। इसमें मौजूद फाइबर, खासकर "पेक्टिन", शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है और लीवर पर दबाव को कम करता है। सेब में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स जैसे फ्लेवोनॉइड्स और विटामिन सी लिवर की कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं, जिससे सूजन और फैट जमने की संभावना घट जाती है।पाचन भी सुधारइसके अलावा सेब में प्राकृतिक डिटॉक्सिफाइंग गुण होते हैं, जो पाचन को सुधारते हैं और शरीर की सफाई प्रक्रिया को तेज करते हैं। जब आप सुबह खाली पेट सेब खाते हैं, तो यह न केवल पेट को साफ करता है, बल्कि लिवर की फैट बर्निंग प्रक्रिया को भी एक्टिव करता है। सेब कैलोरी में कम और पोषण में भरपूर होता है, जिससे यह वजन घटाने में भी सहायक होता है। यदि आप एक स्वस्थ लिवर और फिट शरीर चाहते हैं, तो हर सुबह 1-2 ताजे सेब खाना शुरू करें।कब और कैसे खाएं?- खाली पेट सुबह: सेब का सबसे अच्छा समय सुबह का होता है, जब पेट खाली हो। इस समय शरीर डिटॉक्स मोड में होता है और सेब उसमें सहायता करता है।- छिलके सहित खाएं: सेब के छिलके में फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट्स अधिक होते हैं, इसलिए अच्छी तरह धोकर छिलके सहित खाना फायदेमंद रहेगा।- रोजाना 1-2 सेब पर्याप्त: इससे ज्यादा मात्रा से पाचन पर असर पड़ सकता है, खासकर अगर आपको एसिडिटी की समस्या रहती है।- ध्यान रखें: सेब खाने के बाद कम से कम 30 मिनट तक चाय, कॉफी या भारी भोजन न करें, ताकि इसका पूरा लाभ मिल सके।यदि आपको डायबिटीज, एसिड रिफ्लक्स या कोई पुरानी पाचन समस्या है, तो सेब को अपनी डाइट में शामिल करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
- भारतीय क्रिकेट स्टार विराट कोहली की डाइट अक्सर चर्चा में रहती है। खिलाड़ी होने के कारण विराट को अपनी डाइट में प्रोटीन से लेकर फैट तक हरेक चीज की मात्रा पर विशेष ध्यान रखना पड़ता है। इसी तरह विराट कोहली एक विशेष प्रकार का चावल भी खाते हैं जो ग्लूटेन-फ्री होने के साथ-साथ लो कार्ब और लो-फैट भी होता है। सूरत शहर से आने वाला यह खास चावल फोर्टिफाइड राइस है जिसे भारत की खाद्य इकाई फूड सेफ्टी एंड स्टैण्डर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) द्वारा भी प्रमोट किया जाता है। आइए जाने हैं क्या खासियत है इस राइस की और किन लोगों के लिए है ये फायदेमंद।क्यों खाते हैं विराट फोर्टिफाइड राइस?चावल, गेहूं, दूध और अन्य अनाजों की फोर्टिफाइड वेरायटी अधिक पौष्टिक और शक्तिवर्धक होती है। इसीलिए, जब इनका सेवन करते हैं तो इससे आपकी हेल्थ को अधिक फायदे हो सकते हैं। FSSAI के मुताबिक, फोर्टिफिकेशन की प्रक्रिया की मदद से रोजमर्रा के भोजन में इस्तेमाल होने वाले अनाज जैसे गेंहू और चावल के अलावा तेल और दूध जैसी चीजों की गुणवत्ता भी बढ़ती है। इससे फूड्स में आयोडिन, आयरन, विटामिन ए , विटामिन डी और ज़िंक जैसे तत्व की मात्रा बढ़ जाती है। विराट कोहली को राजमा-चावल और छोले-भटूरे ( जैसी देशी डिशेज खूब पसंद है। लेकिन, साधारण चावल की बजाय विराट कोहली फोर्टिफाइड राइस खाते हैं। यह चावल अधिक पौष्टिक होने के साथ-साथ आसानी से पचने वाले और अधिक हेल्दी भी होते हैं।फोर्टिफाइड फूड्स खाने के फायदे-फोर्टिफाइड फूड्स का सेवन करने से शरीर को विटामिंस (Vitamins) और मिनरल्स (Minerals) की अच्छी खुराक प्राप्त हो सकती (advantage of eating fortified grains) है।-महिलाओं के लिए फोर्टिफाइड फूड बहुत लाभकारी साबित हो सकता है क्योंकि, इसमें विटामिन डी, कैल्शियम और आयरन जैसे तत्व पाए जाते हैं।-एनिमिया के मरीजों के लिए भी फोर्टिफाइड फूड्स का सेवन लाभकारी होता है। क्योंकि, इन फूड्स में आयरन की मात्रा अधिक होती है जो शरीर में हिमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाने का काम करता है।-न्यूट्रिशनल डेफिशिएंसी की समस्या से बचने के लिए आप फोर्टिफाइड अनाज का सेवन कर सकते हैं।-शरीर की रोग-प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने के लिए आप फोर्टिफाइड फूड्स का सेवन कर सकते हैं। ये शरीर की इम्यून पॉवर बढ़ाता है।-वेट लॉस के लिए भी फोर्टिफाइड अनाज बहुत फायदेमंद है। इन फूड्स का सेवन करने से आपके शरीर का मेटाबॉलिज्म बढ़ता है और मोटापा कम करने में मदद होती है।
- औषधीय गुणों से भरपूर सौंफ में बहुत से पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसका सेवन करना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है। इसमें आयरन, पोटैशियम, मैग्नीशियम और विटामिन्स के गुण पाए जाते हैं। ऐसे में इसका सेवन करने से स्वास्थ्य को कई लाभ मिलते हैं। लेकिन क्या सौंफ का सेवन करने से खून पतला होता है? आइए जानें कि क्या सौंफ को खाने से खून पतला होता है?क्या सौंफ खाने से खून पतला होता है?सौंफ में एनेथोल नामक तत्व पाया जाता है, जो खून को नेचुरल रूप से पतला करने में सहायक है। इसका सेवन करने से खून के थक्कों को जमने से रोकता है, जिसके कारण लोगों को गंभीर समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है। ऐसे में सौंफ का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए। ध्यान रहे, ब्लीडिंग से जुड़ी समस्याओं में इसका सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करें।सौंफ का सेवन से ब्लड से जुड़ी समस्याएंसौंफ में अच्छी मात्रा में आयरन और पोटैशियम जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। ऐसे में इनका सेवन करने से शरीर में खून की कमी को दूर करने, खून को डिटॉक्स करने और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। लेकिन कई बार इसका अधिक सेवन करने से लोगों को स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।खून के थक्के न जमनासौंफ का अधिक सेवन करने से खून पतला होने लगता है, जिसके कारण चोट लगने पर खून के थक्के नहीं जमते हैं, जिसके कारण ब्लीडिंग रूकती नहीं है, जिसके कारण लोगों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
- आजकल कम उम्र में ही बाल सफेद होना एक आम और चिंता का विषय बन गया है। 20 से 30 साल की उम्र में ही युवाओं के बाल सफेद होने लगे हैं, जो पहले सिर्फ बढ़ती उम्र में देखा जाता था। इसके पीछे कई कारण होते हैं, जैसे- लगातार तनाव, असंतुलित और पोषक तत्वों से रहित खानपान, पर्यावरण प्रदूषण, नींद की कमी और केमिकल युक्त शैंपू या हेयर प्रोडक्ट्स का अत्यधिक उपयोग। बालों की जड़ों तक सही पोषण नहीं पहुंच पाता और धीरे-धीरे उनमें मेलेनिन बनना बंद हो जाता है, जिससे वे सफेद हो जाते हैं। बाजार में मिलने वाले डाई और कलर अस्थायी समाधान जरूर देते हैं, लेकिन इनके ज्यादा उपयोग से बाल रूखे, कमजोर और झड़ने लगते हैं। ऐसे में प्राकृतिक उपाय ही सबसे सुरक्षित और असरदार होते हैं। नारियल तेल और कॉफी पाउडर का यह घरेलू नुस्खा न सिर्फ सफेद बालों को धीरे-धीरे नेचुरली काला करता है, बल्कि बालों को पोषण भी देता है।कैसे काम करेगा ये नुस्खाकॉफी में मौजूद कैफीन बालों की जड़ों में रक्त संचार को बढ़ाता है, जिससे बालों की ग्रोथ बेहतर होती है और जड़ें मजबूत बनती हैं। यह बालों को नेचुरल तरीके से हल्का ब्राउनिश रंग भी देता है, जो धीरे-धीरे सफेद बालों को ढकने में मदद करता है। दूसरी ओर, नारियल तेल बालों को गहराई से मॉइस्चराइज करता है, स्कैल्प को पोषण देता है और खुजली, ड्रायनेस व डैंड्रफ जैसी समस्याओं को भी दूर करता है। इन दोनों चीजों का मिश्रण बालों के लिए एक नेचुरल टॉनिक की तरह काम करता है, जिससे बाल स्वस्थ, मजबूत और चमकदार बनते हैं।बनाने और लगाने का तरीकासफेद बालों को नेचुरली काला करने वाले इस खास नुस्खे को बनाना व इस्तेमाल करना बेहद आसान है। सबसे पहले 2 चम्मच कॉफी पाउडर लें। (इंस्टेंट कॉफी नहीं, फाइन ग्राउंड कॉफी बेहतर रहेगी) और उसमें 3 से 4 चम्मच नारियल तेल मिलाएं और अच्छे से मिक्स करें। इसके बाद इस मिश्रण को धीमी आंच पर हल्का गर्म कर लें ताकि कॉफी का अर्क तेल में अच्छे से मिल जाए। हल्का ठंडा होने पर इस तेल को स्कैल्प और बालों की जड़ों में अच्छी तरह लगाएं। 1 से 2 घंटे तक लगा रहने दें, फिर माइल्ड शैम्पू से धो लें।हफ्ते में 2 बार इस्तेमाल करेंअगर आप इस नुस्खे का नियमित रूप से हफ्ते में 2 बार इस्तेमाल करते हैं, तो कुछ ही हफ्तों में बालों में नेचुरल डार्कनेस लौटने लगेगी। इसके अलावा बाल मजबूत, चमकदार और घने भी बनेंगे। डाई या कलर का बार-बार इस्तेमाल करने से बेहतर है कि इस आसान, सस्ते और सुरक्षित घरेलू उपाय को आजमाएं और अपने बालों को फिर से प्राकृतिक रूप से काला और सुंदर बनाएं।अन्य कई फायदे भी मिलेंगेयह खास नेचुरल नुस्खा सिर्फ बालों को प्राकृतिक तरीके से काला करने का काम नहीं करता बल्कि इससे बालों को अन्य कई फायदे मिलते हैं। बालों को सिल्की व स्मूथ बनाने से लेकर डैंड्रफ जैसी समस्याओं से बचाने में भी यह कॉफी का नेचुरल नुस्खा काफी फायदेमंद हो सकता है।किन बातों का रखें ध्यानहालांकि, अगर आपको खोपड़ी की त्वचा यानी स्कैल्प में किसी तरह की एलर्जी है, आपके बाल ज्यादा टूटते हैं या फिर आपको कोई और स्किन से जुड़ी समस्या है, तो किसी भी नुस्खे को अपनाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। अस्वीकरण: प्रिय पाठकों यह आर्टिकल केवल सामान्य जानकारी और सलाह देता है। यह किसी भी तरह से चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है।
- ज्यादातर लोग जो अपना वजन कम करना चाहते हैं, वे पनीर का सेवन करते हैं। यह वजन कम करने में मदद करता है, मसल्स बिल्ड करता है, इम्यूनिटी बूस्ट करता है और हड्डियों के लिए भी यह अच्छा विकल्प है। यही कारण है कि ज्यादातर विशेषज्ञ यह सलाह देते हैं कि हर व्यक्ति को पनीर को अपनी संतुलित डाइट का हिस्सा बनाना चाहिए। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि कुछ चीजों के साथ पनीर का सेवन किया जाना सही नहीं होता है। यहां हम ऐसी ही चीजों के बारे में जानेंगे। साथ ही पता लगाएंगे कि उनके साथ खाए जाने में स्वास्थ्य को क्या नुकसान होते हैं। आइए, जानते हैं इस बारे में ......पनीर के साथ क्या न खाएंपनीर स्वास्थ्य के लिए बहुत ही अच्छा होता है। पनीर प्रोटीन, कैल्शियम जैसे कई तरह पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसलिए पनीर को अपनी संतुलित डाइट का हिस्सा बनाना फायदेमंद होता है। लेकिन, जहां तक सवाल इस बात का है कि किन चीजों के साथ पनीर का सेवन करना नुकसानदायक हो सकता है? इस संबंध में एक्सपर्ट का कहना है, "पनीर के साथ पालक का सेवन नहीं किया जाना चाहिए। यह सही नहीं है।" सवाल है, ऐसा क्यों कहा जाता है? एक्सपर्ट समझाते हैं, "पनीर के साथ पालक का सेवन इसलिए नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि पनीर कैल्शियम का अच्छा स्रोत है, जबकि पालक आयरन से भरपूर हरी सब्जी है। दोनों ही पोषक तत्व हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। लेकिन, कैल्शियम और आयरन का सेवन एक साथ नहीं किया जाना चाहिए। कैल्शिय का सेवन करने से आयरन का शरीर द्वारा अवशोषित नहीं होता है। ऐसे में पोषक तत्वों का सेवन करने के बावजूद शरीर को उसका लाभ नहीं मिलता है।" इसके अलावा, एक्सपर्ट यह भी कहते हैं, "जिन लोगों लैक्टॉस इंटोलरेंस है, उन्हें पनीर नहीं खाना चाहिए। इससे उन्हें पाचन संबंधी समस्या हो सकती है।"पनीर के साथ पालक का सेवन करने के नुकसानपाचन संबंधी समस्याअगर आप नियमित रूप से पालक और पनीर मिक्स करके खाते हैं, तो इससे पाचन संबंधी समस्या हो सकती है। असल में, जब आप आयरन और कैल्शियम मिक्स करते हैं। ऐसे में शरीर द्वारा दोनों को हजम करना मुश्किल हो जाता है। इससे पाचन संबंधी समस्या हो सकती है। वैसे भी आयरन और कैल्शियम को एक साथ हजम करना शरीर के लिए चुनौतीपूर्ण होता है।आयरन अवशोषण में कमीपालक और पनीर, कैल्शियम और आयरन के अच्छे स्रोत हैं। जब आप इन दोनों का सेवन साथ में करते हैं, तो इससे शरीर आयरन को एब्जॉर्ब नहीं कर पाता है यानी अवशोषण में दिक्कत है। यह शरीर के लिए सही नहीं है। इस तरह की स्थिति में बॉडी में आयरन की कमी हो सकती है।एक्सपर्ट की सलाहवैसे तो इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि कोई भी एक बात हर व्यक्ति के स्वास्थ्य पर लागू नहीं होती है। जैसे हमारे यहां पालक-पनीर की सब्जी काफी प्रचलित है और ज्यादातर लोग इस रेसिपी को पसंद करते हैं। फिर भी यह सलाह दी जाती है कि आयरन और कैल्शियम का सेवन साथ में न करें। इससे पाचन गड़बड़ा सकता है और पोषक तत्वों के एब्जॉर्बशन में दिक्कतें आ सकती हैं। वहीं, यह भी ध्यान रखें कि पालक हो या पनीर, इन्हें खाने से पहले अच्छी तरह पकाएं। अगर पालक-पनीर साथ में खाने के बाद कोई स्वास्थ्य समस्या हो, तो तुरंत एक्सपर्ट से संपर्क करें।पनीर से गैस बनती है क्या?हां, पनीर का सेवन अधिक मात्रा में करने से गैस बन सकती है। दरअसल, पनीर में लैक्टोज की मात्रा अधिक होती है। इसमें प्रोटीन काफी ज्यादा मात्रा में होता है, जिससे ब्लोटिंग, एसिडिटी, और पेट दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं।क्या पनीर खाने के बाद दूध पीना चाहिए?अगर आप लैक्टोज इंटॉलरेंस हैं, तो पनीर के बाद दूध नहीं पीना चाहिए। इससे पाचन संबंधी समस्या हो सकती है।पनीर की तासीर गर्म या ठंडी होती है?आयुर्वेद की मानें, तो तासीर ठंडी होती है। गर्मियों में इसका सेवन करना अच्छा माना जाता है।
- फेशियल करने से स्किन पर चमक आती है और डेड स्किन सेल्स भी साफ हो जाती है। वहीं, स्किन की डीप क्लीनिंग होने से स्किन पर होने वाली पिम्पल्स और इंफेक्शन जैसी समस्याओं से आराम भी मिलता है। गर्मियों में अगर आप घर पर ही फेशियल करना चाहती हैं तो आपके लिए दही एक अच्छा इंग्रीडिएंट साबित हो सकता है। आइए जानते हैं दही से घर पर फेशियल करने का तरीका और इसके फायदे।दही सें यूं साफ करें चेहराफेशियल स्टार्ट करने ले पहले अपने चेहरे की सफाई करें। इसके लिए आप चेहरे को किसी क्लींजिंग मिल्क से साफ कर सकते हैं। फिर, दही से चेहरे की मालिश करें। 2-3 चम्मच दही में थोड़ा-सा पानी मिलाएं। अब दही को अपने चेहरे पर लगाएं। फिर, हल्के हाथों से स्किन की मालिश करें। यह स्किन को एक्सफॉलिएट करेगा।दही और कॉफी पाउडरचेहरे की उपरी परत पर डेड स्किन सेल्स की लेयर जमा हो जाती है। इससे स्किन डार्क, रफ और अनहेल्दी दिखायी देने लगती है। इस डेड स्किन सेल्स को साफ करने के लिए कॉफी और दही का स्क्रब तैयार करके लगाएं। 2 चम्मच दही में 1 चम्मच कॉफी का पाउडर मिलाएं। फिर, इसे अपने चेहरे पर लगाएं। हल्के हाथों से इसे रगड़कर साफ करें।दही और शहद3 चम्मच दही में 1 चम्मच शहद मिलाएं। अगर आपकी स्किन बहुत ड्राई है तो आप विटामिन ई कैप्सूल भी इसमें मिला सकते हैं। इस मिश्रण को आप स्किन पर अप्लाई कर सकते हैं। 10-15 मिनट बाद चेहरे को साफ करें। फिर चेहरा पानी से धो लें।चेहरे पर दही लगाने के फायदेदही में लैक्टिक एसिड पाया जाता है। दही स्किन को मॉइस्चराइज्ड करता है। दही एक माइल्ड एक्सफॉलिएटर की तरह स्किन को साफ करता है। दही लगाने से स्किन इंफेक्शन का खतरा भी कम होता है जिससे स्किन पर पिम्पल्स और इंफेक्शन के चांस कम होते हैं। वहीं, दही लगाने से चेहरे के दाग-धब्बे कम होते हैं और स्किन निखरती है।दही लगाने से पहले करें ये कामआप अपनी स्किन टाइप के अनुसार या स्किन एलर्जी को ध्यान में रखकर इन इंग्रीडिएंट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं या कुछ अन्य चीजों को ऐड भी कर सकते हैं। Disclaimer : प्रिय पाठकों यह आर्टिकल केवल सामान्य जानकारी और सलाह देता है। यह किसी भी तरह से चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। इसलिए अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श जरूर करें।
- यूरिक एसिड लेवल बढ़ने से हाथों-पैरों में तेज दर्द महसूस होता है। डाइट एक्सपर्ट्स के अनुसार कुछ प्रकार की दालें खाने से यूरिक एसिड तेजी से बढ़ता है। इसीलिए, इन दालों से परहेज करना चाहिए।हाई यूरिक एसिड के नुकसानयूरिक एसिड शरीर में बनने वाला एक वेस्ट प्रॉडक्ट है। शरीर का मेटाबॉलिज्म अगर सही तरीके से चलता रहे और किडनियां ठीक तरीके से काम करती रहें तो आपके शरीर से यह वेस्ट मटेरियल आसानी से बाहर हो जाता है। लेकिन, शरीर में किसी प्रकार की गड़बड़ी हो तो यह यूरिक एसिड शरीर में जमा होने लगता है। जिससे शरीर में कई तरह की परेशानियां होने लगती हैं।हाई यूरिक एसिड के लक्षणयूरिक एसिड बढ़ जाने पर किडनी की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। वहीं, हाथों-पैरों में होने वाली गाउट की बीमारी का खतरा भी हाई यूरिक एसिड लेवल की वजह से बढ़ जाता है। यूरिक एसिड लेवल बढ़ जाने से हाथों-पैरों की उंगलियों में सूजन बढ़ जाती है। इससे दर्द और रैशेज जैसी परेशानियां भी हो सकती हैं।यूरिक एसिड कंट्रोल करने में डाइट की भूमिका महत्वपूर्णआपकी डाइट आपके शरीर में यूरिक एसिड लेवल को बढ़ाने या घटाने का काम कर सकती है। जैसे नॉन-वेजिटरियन फूड्स खाने से यूरिक एसिड लेवल बढ़ जाता है। वहीं, शाकाहारी खाना खाने वाले लोगों में भी कुछ दालों और अनाजों के सेवन से यूरिक एसिड बढ़ सकता है। यहां पढ़ें उन्हीं दालों के बारे में जो यूरिक एसिड बढ़ाने का काम करती है।मसूर दालमसूर की दाल में कई जरूरी पोषक तत्व होते हैं। लेकिन, यह दाल उन लोगों के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं जिनका यूरिक एसिड लेवल हाई रहता है। Also Read - गर्मी में नहाने से पहले चेहरे पर क्या लगाना चाहिए?उड़द की दालकाली उड़द की दाल खाने से भी शरीर में यूरिक एसिड लेवल तेजी से बढ़ता है। इसीलिए, इसका सेवन करने से बचें।छोले और राजमासबके मनपसंद और पौष्टिक छोले और राजमा जैसी बींस खाने से भी यूरिक एसिड लेवल बढ़ जाता है। इसीलिए, इनका सेवन सावधानी से ही करना चाहिए।
- नोनी एक तरह का फल है, जो आमतौर पर भारत में पाया जाता है और इसे इंडियन मलबेरी के रूप में भी जाना जाता है। यह फल हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है, इसलिए इसे लोग अलग-अलग तरह से अपनी डाइट में शामिल करते हैं। इतनी ही नहीं नोनी के पेड़, पत्तों और जड़ का उपयोग भी कई औषधिय गुणों से भरपूर होता है। लेकिन, क्या आपको पता है नोनी का जूस भी आपकी सेहत के लिए किसी रामबाण से कम नहीं होता है। नोनी के जूस में मौजूद पोषक तत्व स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करने और राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं।नोनी जूस के फायदे1. प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करनानोनी जूस में विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट्स और अन्य पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करते हैं। यह शरीर को इंफेक्शन से लड़ने में मदद करते है औऱ सामान्य सर्दी जुकाम जैसी बीमारियों से बचाव में मदद करता है। चूहों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि नोनी जूस के सेवन से उनके इम्यून सिस्टम पर प्रभाव पड़ा। 15 दिनों तक नोनी जूस पीने के बाद, चूहों के शरीर में कुछ सेल्स की गतिविधि कम हो गई, जो इम्यून सिस्टम को कंट्रोल करने में मदद करती हैं।"2. जोड़ों के दर्द और सूजन में राहतनोनी जूस में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो गठिया और अन्य जोड़ों से जुड़ी समस्याओं में राहत दिला सकते हैं। यह जूस जोड़ों के लचीलापन को बढ़ाता है और दर्द को कम करता है। नोनी प्लांट में दर्द और सूजन को कम करने वाले गुण होते हैं। दो ओपन-लेबल क्लिनिकल ट्रायल में पाया गया कि नोनी जूस पीने से गठिया और गर्दन के दर्द में राहत मिलती है। एक स्टडी में 90 मरीजों को शामिल किया गया, जिन्हें नोनी जूस, फिजियोथेरेपी या दोनों का मिश्रण दिया गया था। स्टडी से पता चला कि नोनी जूस पीने से दर्द कम हुआ और उनकी गति में सुधार हुआ।3. वजन कम करने में मददगारनोनी जूस को नियमित रूप से पीने से वजन घटाने में मदद भी मिल सकती है। इस जूस का सेवन मेटाबोलिज्म को बढ़ाता है और शरीर में जमे फैट को कम करने में मदद करता है। नोनी जूस पीने से वजन कम करने को लेकर दो अलग-अलग अध्ययन किए गए हैं। एक अध्ययन में पाया गया कि नोनी जूस पीने से शरीर की चर्बी कम होती है और वजन कम करने में मदद मिलती है। दूसरी स्टडी में पाया गया कि नोनी जूस पीने से मांसपेशियों का अध्ययन में पाया गया कि नोनी जूस पीने से मांसपेशियों का द्रव्यमान बना रहता है और वजन कम करने में मदद मिलती है।4. दिल की सेहत के लिएनोनी जूस का सेवन आपके दिल के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है। यह जूस हार्ट के मरीजों को होने वाले जोखिम को कम करने में मदद करता है, जो ब्लड प्रेशर को संतुलित रखने और हार्ट हेल्थ में सुधार करने में मदद करता है। नोनी जूस के सेवन से दिल के स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है। एक अध्ययन में पाया गया कि नोनी जूस पीने से ब्लड में ऑक्सीडेटिव तनाव कम होता है, जो दिल की बीमारियों के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है। दरअसल, नोनी जूस में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो दिल की सेहत के लिए फायदेमंद होता है।5. त्वचा और बालों के लिए फायदेमंदनोनी जूस में एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन्स होते हैं, जो स्किन हेल्थ के लिए फायदेमंद होती है और त्वचा को चमकदार बनाती है। इतना ही नहीं ये बालों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होती है। स्टडी के अनुसार, नोनी के अर्क के उपयोग से स्किन में सूजन कम होती है और स्किन की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया धीमी होती है, जिससे एजिंग धीमी हो जाती है। नोनी में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो स्किन के लिए फायदेमंद होता है और स्किन की समस्याओं को दूर करता है।6. मसूड़ों और दांतों की देखभालनोनी जूस का सेवन आपके मसूड़ों की सूजन को कम करने और दांतों को मजबूत बनाने में मदद करता है। नोनी जूस के सेवन से ओरल हेल्थ में सुधार हो सकता है। नोनी जूस पीने से मुंह धोने से मसूड़ों की सूजन कम होती है और मुंह की सेहत में सुधार होता है। नोनी जूस में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो मसूड़ों से जुड़ी समस्याओं को कम करने में मदद कर सकते हैं। इससे मुंह की सेहत को बेहतर रखने और दांतों से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में मदद मिल सकती है।नोनी जूस का सेवन कैसे करें?नोनी जूस का सेवन आप सुबह खाली पेट कर सकते हैं, क्योंकि नोनी जूस खाली पेट पीना ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। खाली पेट नोनी जूस पीने से पोषक तत्व आसानी से अवशोषित हो जाते हैं। इसके साथ ही आप इसे गर्म पानी के साथ मिलाकर पीने की कोशिश करें। मार्केट में आपको नोनी जूस आसानी से मिल जाएगा। लेकिन अगर आप घर पर नोनी का जूस बनाना चाहते हैं तो एक कंटेनर में पके फल भरें और उसे कुछ दिनों के लिए धूप में फर्मेंट होने के लिए छोड़ दें। फिर जूस को छानकर पी लें। या आप ताजा नोनी जूस बनाने के लिए पके हुए नोनी फलों को पीसकर और उसकी प्यूरी बनाकर छान लें और फिर पिएं।नोनी जूस एक नेचुरल ड्रिंक है, जो आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसलिए, स्किन से लेकर इम्यूनिटी बूस्ट करने समेत कई समस्याओं को दूर करने के लिए आप अपनी डाइट में नोनी जूस शामिल कर सकते हैं।
- बेसन और गुलाब जल, दो ऐसी चीजें हैं, जिनका इस्तेमाल स्किन केयर के लिए सदियों से किया जा रहा है। ये दोनों ही इंग्रेडिएंट्स त्वचा संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं। साथ ही, त्वचा की खूबसूरती को बढ़ाने में मदद करते हैं। दरअसल, बेसन त्वचा को एक्सफोलिएट करता है। यह त्वचा पर मौजूद डेड स्किन सेल्स, गंदगी और एक्स्ट्रा ऑयल को हटाने में मदद करता है। साथ ही, त्वचा की रंगत को सुधारने में भी मददगार होता है। वहीं, गुलाब जल त्वचा को ठंडक प्रदान करता है। साथ ही, यह त्वचा की जलन और खुजली को दूर करने में भी मदद करता है। आमतौर पर, लोग बेसन और गुलाब जल को चेहरे पर अलग-अलग लगते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर बेसन और गुलाब जल को मिक्स करके चेहरे पर लगाया जाए, तो इससे कई तरह की स्किन प्रॉब्लम्स को दूर हो सकती हैं? जी हां, बेसन और गुलाब जल को मिलाकर चेहरे पर लगाने से त्वचा के दाग-धब्बों, मुंहासों, पिगमेंटेशन और टैनिंग की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। साथ ही, त्वचा का निखार बढ़ता है ।चेहरे का ग्लो बढ़ाएचेहरे पर बेसन और गुलाब जल लगाने से त्वचा पर निखार आता है। दरअसल, ये दोनों त्वचा के दाग-धब्बों, टैनिंग और पिगमेंटेशन को दूर करने में मदद करते हैं। साथ ही, त्वचा की रंगत को सुधारते हैं। नियमित रूप से इसका इस्तेमाल करने से त्वचा मुलायम और चमकदार नजर आती है।डेड स्किन सेल्स रिमूव करेत्वचा पर जमे डेड स्किन सेल्स को रिमूव करने के लिए आप बेसन और गुलाब जल का इस्तेमाल कर सकते हैं। दरअसल, बेसन त्वचा को एक्सफोलिएट करने में मदद करता है। वहीं, गुलाब जल भी त्वचा पर मौजूद गंदगी और डेड स्किन सेल्स को रिमूव करने में मदद करता है। साथ ही, यह त्वचा को टोन भी करता है। इसके लिए आप बेसन में गुलाब जल मिलाकर चेहरे पर अप्लाई करें और कुछ देर तक स्क्रब करें। इससे चेहरे को साफ और फ्रेश बनाए रखने में मदद मिलेगी।मुंहासों से छुटकारा दिलाएचेहरे पर बेसन और गुलाब लगाने से मुंहासों की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। दरअसल, बेसन और गुलाब जल, दोनों ही त्वचा पर जमा गंदगी और अतिरिक्त तेल को साफ करने में मदद करते हैं। साथ ही, त्वचा को ठंडक भी पहुंचाते हैं और सूजन को कम करने में मदद करते हैं। कुछ दिनों तक नियमित रूप से इसका इस्तेमाल करने से धीरे-धीरे मुंहासे कम होने लगेंगे।टैनिंग को कम करेबेसन और गुलाब जल का मिश्रण स्किन की टैनिंग को हटाने में बेहद प्रभावी साबित हो सकता है। इसके नियमित इस्तेमाल से त्वचा की रंगत में भी सुधार हो सकता है। साथ ही, यह त्वचा की रंगत को समान बनाने में मदद करता है।त्वचा में कसाव लाएबेसन और गुलाब का मिश्रण चेहरे पर लगाने से त्वचा में कसाव आता है और ओपन पोर्स को श्रिंक करने में मदद मिलती है। साथ ही, इससे चेहरे पर होने वाली झुर्रियां और फाइन लाइंस भी कम हो सकती हैं। इसके नियमित इस्तेमाल से त्वचा यंग और टाइट दिखती है।चेहरे पर बेसन और गुलाब जल कैसे लगाएं?-आप चेहरे पर बेसन और गुलाब जल को मिक्स करके लगा सकते हैं। इसके लिए आप एक कटोरी में 2 चम्मच बेसन लें। इसमें 2 चम्मच गुलाब जल डालकर अच्छी तरह मिक्स कर लें। अब इस पेस्ट को अपने चेहरे पर लगाएं और सूखने के लिए छोड़ दें। करीब 15 मिनट बाद चेहरे को पानी से धो लें। बेहतर रिजल्ट के लिए आप सप्ताह में 2-3 बार इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
- फ्रोजन कॉर्न आजकल लोगों की जिंदगी का हिस्सा बन गया है। मैगी हो, पास्ता हो या फिर फ्राइड राउस और सैंडविच लोग फ्रोजन कॉर्न का इस्तेमाल जरूर करते हैं। लोग फ्रोजन कॉर्न को उबालकर और भूनकर खाते हैं और इससे अपने खाने का स्वाद बढ़ाते हैं। लेकिन, सवाल यह है कि क्या बाकी फ्रोजन फूड्स की तरह ही फ्रोजन कॉर्न का सेवन सेहत के लिए फायदेमंद है? क्या इसे खाना सेहत के लिए सुरक्षित है। आइए, जानते हैं इस बारे में .....क्या फ्रोजन कॉर्न खाना सुरक्षित है-फ्रोजन कॉर्न का सेवन सेहत के लिए सुरक्षित है। लेकिन इसे सही तरीके से स्टोर करना और संभाला जाना चाहिए। यानी अगर आपने कॉर्न को सही तरीके से स्टोर नहीं किया है या तो इससे बैक्टीरियल ग्रोथ का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए, इसे अच्छी तरह से फ्रिजर में रखें क्योंकि ठंडक माइक्रोबियल ग्रोथ को धीमा कर देता है और यह कॉर्न को खराब होने से बचाता है। यह उन खाद्य पदार्थों की मुख्य विशेषता है जिन्हें हम फ्रोजन के रूप में रखते हैं। हालांकि, इस दौरान ध्यान देने की जरूरत है कि आप फ्रोजन कॉर्न की क्वाविलिटी पर नजर रखें। अगर आपको इसमें थोड़ा का भी फंगस नजर आता है या फिर किसी भी प्रकार का बैक्टीरियल ग्रोथ नजर आता है या स्मेल आती है तो आपको कॉर्न खाने से बचना चाहिए। इसके अलावा आपको इन बातों का भी ध्यान रखना चाहिए। जैसे कि-एक्सपायरी डेट पर नजर रखें। सुनिश्चित करें कि फ्रोजन कॉर्न अपनी एक्सपायरी डेट या बेस्ट बाय डेट के भीतर हो।-फ्रीजर बर्न और बैक्टीरिया के विकास को रोकने के लिए फ्रोजन कॉर्न को 0°F (-18°C) या उससे कम तापमान पर स्टोर करें।-इस्तेमाल से पहले हमेशा, फ्रोजन कॉर्न को रेफ्रिजरेटर, ठंडे पानी या माइक्रोवेव में पिघलाएं।-अच्छी तरह से पकाएं। खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए फ्रोजन कॉर्न को 165°F (74°C) के आंतरिक तापमान पर पकाएं।-खाने से पहले, खराब होने के संकेतों, जैसे कि खराब गंध, चिपचिपा बनावट या मोल्ड के लिए फ्रोजन कॉर्न को चेक करें।-विश्वसनीय ब्रांडों और खुदरा विक्रेताओं से फ्रोजन कॉर्न खरीदें।-पैकेज पर दिए गए खाना पकाने और भंडारण निर्देशों का पालन करें।-साफ बर्तनों का इस्तेमाल करें जिससे फ्रोजन कॉर्न खराब न हो और इस तरह सेफूड प्वाइजनिंग का खतरा भी कम होता है।क्या है फ्रोजन कॉर्न के सेवन का सुरक्षित तरीकाइसके अलावा आपको फ्रोजन कॉर्न के सेवन से पहले इसके इस्तेमाल का सही तरीका जान लेना चाहिए। जैसे कि हमेशा फ्रोजन कॉर्न को बनाने से पहले इसे पानी में कुछ मिनटों के लिए भिगोकर रखें। इसके बाद आपको करना यह है कि कॉर्न को गर्म पानी में डालकर अच्छी तरह से उबाल लें। आप इसे हल्के पानी और भाप की मदद से भी पका सकते हैं और फिर नमक और बाकी मसाले मिलाकर खा सकते हैं।ध्यान रखें कि अधपके कॉर्न के सेवन से बचें। ऐसा करने से आपके पेट में दर्द हो सकता है और डाइजेशन से जुड़ी समस्याओं को सामना करना पड़ सकता है। इसलिए जब भी कॉर्न बनाएं उससे पहले उबले हुए कॉर्न को छूकर देख लें। अगर कॉर्न सॉफ्ट हैं तो आप अपनी रेसिपी में इसे शामिल कर सकते हैं या फिर आप इसे खा सकते हैं।इन तमाम बातों के अलावा कोशिश करें कि पैकेज पर दिए गए खाना पकाने और भंडारण निर्देशों का पालन करें। साफ बर्तन और सतहों का उपयोग करें। फूड इंफेक्शन को रोकने के लिए जमे हुए मकई को साफ बर्तनों और साफ सतहों पर निकालकर अच्छी तरह से वॉश कर लें। इन सुरक्षा उपायों का पालन करके, आप खाद्य जनित बीमारी के जोखिम को कम कर सकते हैं और फ्रोजन कॉर्न को सुरक्षित तरीके से खा सकते हैं। हालांकि, कोशिश करें कि फ्रोजन की जगह फ्रेश कॉर्न का ज्यादा सेवन करें।
- गर्मियों में जिस बात का डर सबसे अधिक सताता है वह है धूप में रहने से स्किन का डार्क होना । इसे सन टैन या स्किन टैनिंग भी कहा जाता है। सन टैनिंग के कारण स्किन का रंग डार्क दिखायी देने लगता है, स्किन छूने पर रफ और हार्ड महसूस होती है। ऐसे में स्किन को धूप से बचाने की कोशिश करें। इसके अलावा अपनी स्किन पर ऐसी चीजें आप अप्लाई कर सकते हैं जो धूप से झुलसी स्किन को आराम दिलाती हैं और स्किन को क्लियर और ग्लोइंग रखने में मदद करे।चेहरे पर बर्फ लगाएंआइस क्यूब से चेहरे की मालिश करने से स्किन को सन बर्न से आराम मिलता हैै। इसी तरह स्किन पर ग्लो भी आता है।ठंडे पानी से करें फेस वॉशधूप से लौटने के बाद आप सबसे पहले अपने चेहरे पर ठंडे पानी के छींटे मारें। ठंडे पानी से चेहरा धोने से स्किन को आराम मिलता है और इससे स्किन की सफाई होती है।स्किन पर लगाएं एलोवेरा जेलगर्मियों में धूप से स्किन डैमेज होने पर एलो वेरा जेल लगाने से आराम मिलता है। आप अगर धूप में रहते हैं तो घर लौटने के बाद एलो वेरा जेल से चेहरे की मालिश करें।खीरे का रस लगाएंस्किन पर खीरे का रस लगाने से भी सन डैमेज से आराम मिलता है। इससे स्किन काली नहीं पड़ती और स्किन पर ग्लो आता है।दही का फेस पैकचेहरे पर दही का फेस पैक लगाने से स्किन को ठंडक मिलती है। दही में मौजूद तत्व स्किन को नरिशमेंट देते हैं और स्किन की सफाई भी करते हैं।सन प्रोटेक्शन के लिए करें ये कामधूप में जानें से पहले चेहरे पर सनस्क्रीन लगाएं। इसी तरह हैट और चश्मे का इस्तेमाल करें। स्किन को हेल्दी रखने के लिए रोजाना 2-3 लीटर पानी पिएं और हेल्दी डाइट अपनाएं।
- ज्यादातर वेजिटेरियन लोग प्रोटीन की पूर्ति के लिए पनीर का सेवन करते हैं। लेकिन, आपको यह जानकर हैरानी होगी कि मार्केट में धड़ल्ले से नकली पनीर भी बिक रहा है। हर कोई असली और नकली पनीर के बारे में जानना चाहता है। तो आइए, जानते हैं कि असली और नकली पनीर की पहचान कैसे करें....पहला तरीका- पनीर को दबाकर देखेंआप पनीर को दबाकर असली और नकली की पहचान कर सकते हैं। अगर दबाते हुए पनीर टूटने लगता है, तो समझ लें कि पनीर असली है। वहीं, नकली पनीर टूटता नहीं है और रबड़ की तरह खिंचता है। अगर पनीर बेहद सख्त है, तो यह नकली पनीर हो सकता है। असली पनीर सॉफ्ट और स्पंजी होता है। इस तरीके से आप घर पर आसानी से असली और नकली पनीर की पहचान कर सकते हैं। नकली पनीर खाते समय रबड़ की तरह खिंच सकता है।दूसरा तरीका- पानी में उबालकरअसली और नकली पनीर की पहचान करने का यह तरीका बेहद आसान है। इसके लिए आप पनीर को पानी में उबालकर ठंडा कर लें। अब इसमें कुछ बूंदें आयोडीन टिंचर की डालें। अगर पनीर का रंग नीला या काला पड़ जाए, तो यह नकली पनीर हो सकता है। ऐसे में आपको इस पनीर को खाने से पूरी तरह बचना चाहिए।तीसरा तरीका- आयोडीन सोल्यूशनआप आयोडीन सोल्यूशन में घोलकर असली और नकली पनीर की पहचान कर सकते हैं। इसके लिए आप एक गिलास में थोड़ा-सा आयोडीन सोल्यूशन लें। इसमें पनीर का एक छोटा-सा टुकड़ा डालें। अब एक चम्मच की मदद से पनीर को मसलें। अगर पानी का रंग बदल जाता है, तो यह नकली पनीर है। असली पनीर से पानी के रंग में कोई बदलाव नहीं आता है। आयोडीन सोल्यूशन से पता चलता है कि पनीर में स्टार्च है या नहीं।चौथा तरीका- तवे पर गर्म करकेआप तवे पर पनीर को गर्म करके भी असली और नकली की पहचान कर सकते हैं। इसके लिए आप एक तवे पर पनीर को गर्म करें। असली पनीर हल्का सुनहरे रंग का होने लगता है। वहीं, नकली पनीर पिघलने लगता है और टूट जाता है। इसलिए आपको उसी पनीर को खाना चाहिए, जो गर्म करने पर सुनहरा होने लगे।नकली पनीर खाने के नुकसाननकली पनीर सेहत के लिए बेहद नुकसानदायक हो सकता है। नकली पनीर खाने से किडनी को नुकसान पहुंच सकता है। इसमें मौजूद केमिकल्स डाइजेशन को प्रभावित कर सकते हैं। नकली पनीर खाने के बाद आपको पेट दर्द और उल्टी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। कुछ लोगों को नकली पनीर खाने से स्किन एलर्जी का भी सामना करना पड़ सकता है। इसलिए अगर आप घर पर पनीर बना रहे हैं, तो पहले असली और नकली पनीर की पहचान जरूर करें।
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गर्मियों में धूप में रहने औऱ गर्मी से स्किन डार्क और रफ हो जाती है। इससे चेहरा डल और काला दिखायी देने लगता है। इसे सनटैनिंग कहा जाता है। सनटैन या टैनिंग को कम होने में महीनों का समय लग जाता है। वहीं, कई बार स्किन को इतना अधिक डैमेज हो जाता है कि स्किन पर लाल रंग के रैशेज दिखायी देने लगते हैं। स्किन को राहत दिलाने और सनटैनिंग को साफ करने के लिए आप नारियल तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं।नारियल तेल से सन टैन कैसे साफ होता है?
नारियल के तेल में कूलिंग एजेंट होते हैं जो स्किन को सनबर्न और जलन से राहत दिलाते हैं और साथ ही स्किन की रंगत निखारते हैं। साथ ही नारियल का तेल स्किन को अंदर तक पोषण देता है और स्किन को हाइड्रेटेड रखता है। यहां पढ़ें गर्मियों में डार्क स्किन को साफ करने के लिए नारियल तेल का इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है।
शहद के साथ नारियल तेल का पैकस्किन की डीप क्लिनिंग के लिए शहद अप्लाई किया जा सकता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीफंगल तत्व होते हैं। साथ ही शहद स्किन को हाइड्रेटेड रखता है। आप नारियल के तेल में बराबर मात्रा में शहद मिक्स करें और इस पेस्ट को चेहरे पर लगाएं। फिर 20 मिनट बाद चेहरे को साफ करें।शक्कर और नारियल तेलस्किन को एक्सफॉलिएट करने के लिए नारियल तेल में 1-2 चम्मच शक्कर मिलाएं। फिर, इससे स्किन पर 10 मिनट के लिए लगाएं। अब रगड़कर इसे साफ करें और फिर गुनगुने पानी से स्किन साफ कर लें।हल्दी और नारियल तेलस्किन प्रॉब्लम्स से आराम पाने के लिए हल्दी और नारियल तेल का पैक (Coconut Oil and Turmeric face pack) भी लगाया जा सकता है। यह बैक्टेरिया को खत्म करता है और स्किन को साफ भी करता है। नारियल के तेल और हल्दी पाउडर को मिक्स करके एक पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को चेहरे पर 20-25 मिनट के लिए लगाएं और फिर पानी से साफ कर लें।दही के साथ नारियल तेलयह एक बढ़िया फेस पैक है। आप आधी कटोरी दही में 2-3 चम्मच नारियल का तेल मिलाएं और पूरे शरीर पर यह पैक लगाएं। - जब तेज प्यास लगती है तब मन होता है कि कुछ ऐसा मिल जाए तो शरीर और मन दोनों को शांत कर दे। धूप में रहने के बाद या बहुत अधिक थकान होने पर शरीर को पानी के साथ-साथ कुछ पोषक तत्वों की भी जरूरत पड़ती है जो शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स बैलेंस बनाने में मदद करें और एनर्जी भी दे। सौंफ और मिश्री का पानी ऐसा ही एक ड्रिंक है जो लोगों को हाइड्रेटेड रखने के साथ-साथ शरीर का एनर्जी लेवल भी बढ़ाने का भी काम करता है। सौंफ के दाने और मिश्री का पानी शरीर को ताजगी और ठंडक देने का काम करता है और साथ ही पेट से जुड़ी समस्याओं से भी आराम दिलाता है। यहां पढ़ें मिश्री और सौंफ का पानी तैयार करने का तरीका और सौंफ-मिश्री का पानी पीने के स्वास्थ्य लाभ।सौंफ और मिश्री का पानी तैयार करने का तरीकापहला तरीका-एक लीटर पानी में 3-4 चम्मच सौंफ के बीज ( Fennel seeds) भिगोएं। इसे रातभर के लिए ढंककर रख दें।-अगले दिन सुबह इस पानी में एक टुकड़ा मिश्री का पाउडर मिलाएं।-इस पानी को सुबह खाली पेट पिएं।दूसरा तरीका-आधा लीटर पानी के साथा 3 चम्मच सौंफ और थोड़ी-सी मिश्री को उबाल लें।-इस मिश्रण को तब तक उबालना है जब तक कि पानी पककर आधा ना हो जाए।-जब मिश्रण अच्छी तरह पककर गाढ़ा हो जाए तो इसे गैस से उतार लें और ठंडा होने के लिए एक तरफ रख दें। फिर किसी बोतल में भरकर फ्रिज में रख दें।-जब भी कुछ रिफ्रेशिंग पीने का मन हो तब आप सौंफ-मिश्री के इस घोल को एक गिलास ठंडे पानी में मिक्स करें और तुरंत पिएं।सौंफ और मिश्री का पानी पीने के फायदे क्या हैं?बढ़ती है पाचन शक्ति-सौंफ और मिश्री का पानी पीने से पाचन शक्ति बढती है। इससे आपका डाइजेशन ठीक रहता है और एसिडिटी, गैस और पेट में दर्द जैसी शिकायतें कम होती हैं।बॉडी टेम्परेचर रहता है संतुलित-शरीर का बढ़ा हुआ तापमान संतुलित रखने के लिए सौंफ और मिश्री का पानी पीने से फायदा होता है। सौंफ-मिश्री शरीर का टेम्परेचर ठीक रखता है।कई बीमारियों का एक इलाज है सौंफ-मिश्री का पानी, वेट लॉस से लेकर मेंटल हेल्थ के लिए है अच्छासांसों की दुर्गंध से राहतओरल हेल्थ को बेहतर बनाने के लिए आप मिश्री और सौंफ का सेवन कर सकते हैं। मिश्री-सौंफ का पानी पीने से भी ओरल हेल्थ बेहतर होती है। सौंफ और मिश्री से मुंह से दुर्गंध की समस्याभी कम होती है।
- र्मियों में बॉडी को हाइड्रेट रखने की जरूरत ज्यादा होती है। क्योंकि, वातावरण में तापमान बढ़ने से शरीर का तापमान बढ़ जाता है। ऐसे में बॉडी डिहाइड्रेट होना शुरू हो जाती है, जिस कारण उल्टी, मतली और चक्कर आने जैसी समस्याएं होने लगती हैं। इसलिए गर्मियों में शरीर को ठंड़ा रखने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन ज्यादा किया जाता है। इन्हीं में गोंद कतीरा और चिया सीड्स का नाम भी शामिल है। ये दोनों ही बॉडी को हाइड्रेट रखने में मदद करती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं शरीर को ठंड़ा रखने के लिए इनमें से क्या ज्यादा बेहतर है?गर्मियों में गोंद कतीरा खाने के फायदेगर्मियों में गोंद कतीरा का सेवन करने से बॉडी हाइड्रेट रहती है। गोंद कतीरा नेचुरल कूलिंग एजेंट होता है इसलिए गर्मियों में इसका सेवन ज्यादा किया जाता है। गोंद कतीरा में कैल्शियम और मैग्नीशियम मौजूद होते हैं। इसे डेली डाइट में शामिल करने से हड्डियां और मांसपेशियां मजबूत होती हैं। गोंद कतीरा में सॉल्युबल फाइबर होता है, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है। इसके सेवन से अपच, कब्ज और एसिडिटी जैसी समस्याएं ठीक होती हैं। पानी में भिगोकर रखने पर यह पानी ज्यादा सोखता है जिससे स्किन हेल्थ इंप्रूव होती है।गर्मियों में चिया सीड्स खाने के फायदे-गर्मियों में चिया सीड्स का सेवन करना भी बहुत फायदेमंद होता है। इसे पानी में भिगोकर रखने से इसका साइज भी कई गुना बढ़ जाता है। इसमें भी कई तरह से पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसमें प्लांट बेस्ड ओमेगा-3 और प्रोटीन, फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट्स और कई तरह के मिनरल्स पाए जाते हैं। इसके सेवन से हार्ट हेल्थ इंप्रूव होती है और ब्लड शुगर कंट्रोल रखने में मदद मिलती है। इसके सेवन से काफी देर तक भूख नहीं लगती है, जिससे वेट लॉस करना भी आसान हो जाता है। चिया सीड्स में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं, जो बॉडी में इंफ्लेमेशन कम करने में मदद करते हैं।शरीर को ठंड़ा रखने के लिए क्या ज्यादा बेहतर है?शरीर को ठंड़ा रखने के लिए गोंद कतीरा चिया सीड्स से ज्यादा बेहतर है। क्योंकि, यह चिया सीड्स से ज्यादा पानी सोखता है और इसकी तासीर ज्यादा ठंड़ी होती है। लेकिन अगर आपको पोषक तत्व ज्यादा चाहिए, तो आप चिया सीड्स चुन सकते हैं। क्योंकि, इसमें प्रोटीन और ओमेगा-3 ज्यादा मौजूद होता है।निष्कर्षशरीर को ठंड़ा रखने के लिए गोंद कतीरा चिया सीड्स से ज्यादा बेहतर है। क्योंकि इसकी तासीर ठंड़ी ज्यादा होती है और यह पानी भी ज्यादा सोखता है। अगर आप वेट लॉस करना चाहते हैं या न्यूट्रिशन बढ़ाना चाहते हैं, तो आप चिया सीड्स चुन सकते हैं। लेकिन अगर आपको कोई हेल्थ इशु रहता है, तो आपको डॉक्टर की सलाह पर ही इसका सेवन करना चाहिए।
- आजकल की तेजी से बदलती मॉडर्न लाइफस्टाइल और प्रदूषण के कारण त्वचा संबंधी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। झाइयां और दाग-धब्बे ऐसी ही समस्याएं हैं जो न केवल खूबसूरती को कम करती हैं, बल्कि आत्मविश्वास पर भी असर डालती हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए लोग महंगे कॉस्मेटिक्स और ट्रीटमेंट्स का सहारा लेते हैं, लेकिन आयुर्वेद में इन समस्याओं का हल नेचुरल जड़ी-बूटियों के माध्यम से संभव है। जटामांसी, जिसे बालछड़ भी कहा जाता है, आयुर्वेद में एक जरूरी औषधि है। यह दाग-धब्बों को हल्का करने और त्वचा को निखारने में मदद कर सकता है।झाइयों और दाग-धब्बों के लिए जटामांसीबाजार में मिलने वाली जटामांसी में 90 प्रतिशत शुद्ध नहीं होती है। इसमें से तेल पहले ही निकाला जा चुका होता है, जिससे इसकी क्वालिटी खराब हो जाती है। इसलिए, जटामांसी खरीदते समय सुनिश्चित करें कि यह ऑरिजनल और अच्छी क्वालिटी की हो। जटामांसी त्वचा को गहराई से साफ करती है और नमी प्रदान करने में सहायक हो सकती है, साथ ही यह मृत कोशिकाओं यानी डेड स्किन सेल्स को हटाकर त्वचा को निखारती है। इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण त्वचा को ग्लोइंग और हेल्दी बनाते हैं।जटामांसी में मौजूद प्राकृतिक तत्व त्वचा की रंगत को सुधारने और दाग-धब्बों को कम करने में मदद करते हैं। जटामांसी में एंटी-एजिंग गुण होते हैं, जो त्वचा पर झुर्रियों और फाइन लाइन्स को कम कर सकते हैं। यह त्वचा की कोशिकाओं को पुनर्जीवित करने और उन्हें हेल्दी बनाए रखने में मदद कर सकती है। जटामांसी का उपयोग त्वचा को नेचुरल ग्लो प्रदान करता है, साथ ही यह त्वचा को पोषण देता है और उसे डिहाइड्रेशन से बचाता है।झाइयों और दाग-धब्बों के लिए जटामांसी का उपयोग कैसे करें?1. जटामांसी पाउडर और दूध का फेस पैक तैयार करके चेहरे पर लगा सकते हैं। इसके लिए 1 चम्मच जटामांसी पाउडर लें और इसमें 2 चम्मच कच्चा दूध मिलाकर पेस्ट तैयार करें। इस पेस्ट को अपने चेहरे पर लगाएं और 15-20 मिनट के लिए छोड़ दें। समय पूरा होने पर ताजे पानी से चेहरा साफ करें। यह फेस पैक झाइयों को हल्का करने और त्वचा को नमी प्रदान करने में मदद करता है।2. जटामांसी और एलोवेरा जेल का उपयोग भी साथ में किया जा सकता है। लेकिन इसके लिए ध्यान रखें कि आपको एलोवेरा से एलर्जी न हो। 1 चम्मच जटामांसी पाउडर में 2 चम्मच एलोवेरा जेल मिलाएं और फिर इसे अपने चेहरे पर लगाकर हल्के हाथों से मसाज करें। इसे 15 मिनट के लिए छोड़ दें और फिर धो लें। यह त्वचा को हाइड्रेट करता है और दाग-धब्बों को कम करने में मदद करता है।3. जटामांसी के तेल का प्रयोग भी चेहरे पर किया जा सकता है। जटामांसी का तेल हल्के हाथों से अपने चेहरे पर लगाएं और फिर इसे रातभर के लिए छोड़ दें और सुबह धो लें। यह त्वचा को पोषण देता है और झाइयों को कम करने में सहायक हो सकता है।निष्कर्षजटामांसी आयुर्वेद का एक अनमोल खजाना है। इसके प्राकृतिक गुण त्वचा को हेल्दी बनाने में मदद करते हैं। हालांकि, इसका उपयोग करते समय सावधानी बरतनी चाहिए और हमेशा अच्छी क्वालिटी वाली जटामांसी का ही चयन करना चाहिए। आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह लेकर इसका सही तरीके से उपयोग करें।
- अगर आप अपने चेहरे के लिए कोई नेचुरल स्क्रब का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो आप घर पर चाय की पत्ती से ही बना सकते हैं। इस लेख में जानें इसे बनाने व इस्तेमाल का सही तरीका और इससे मिलने वाले फायदे।चाय पत्ती से बनाएं स्किन स्क्रबचाय पीने के बाद हम चाय पत्ती को वेस्ट समझकर फेंक देते हैं, लेकिन आपने भी इंटरनेट पर पढ़ा होगा कि इस्तेमाल के बाद भी चाय पत्ती के कई फायदे हैं और उनमें से एक फायदा स्किन के लिए भी है। अगर आप भी अपनी स्किन को नेचुरल निखार देने के लिए व हेल्दी रखने के लिए महंगे स्किन केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं, तो हम आपको ये देसी तरीके इस्तेमाल करने की सलाह एक बार जरूर देंगे। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि आप कैसे अपने चेहरे के लिए इस्तेमाल की हुई चायपत्ती का इस्तेमाल करके धूप व गर्मी से गायब हुआ नेचुरल निखार वापस पा सकते हैं।स्किन के लिए चाय पत्तीचाय बनने के बाद आप शायद चाय पत्ती को व्यर्थ समझ कर फेंक देते हैं, लेकिन इस्तेमाल की गई चाय पत्ती आपकी स्किन के काफी काम आ सकती है। क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटी-इंफ्लेमेटरी और अन्य कई गुण पाए जाते हैं, जो आपकी स्किन को हेल्दी रखते हैं।स्किन को मिलेंगे कई फायदेअगर आप इस्तेमाल की गई चाय की पत्ती को अपनी स्किन पर एक स्क्रब के रूप में लगाते हैं, तो इससे डेड स्किन सेल्स निकल जाते हैं, जिससे त्वचा जवां दिखने लगती है। साथ ही आपकी स्किन का नेचुरल निखार वापस आने लगता है। जिन लोगों को झाइयां व झुर्रियां रहती हैं, उनके लिए भी यह एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है।लगाने का तरीका आसानचाय बनने के बाद चाय की पत्ती को अलग एक कटोरी में डाल लें और धीरे-धीरे पानी से अच्छे से धो लें। अच्छे से धुलने के बाद इसमें से शुगर निकल जाएगी और अब आप इसे सुखा सकते हैं। सूखने के बाद आप इसे शहद के साथ मिक्स करके स्क्रब के रूप में अपने चेहरे पर लगा सकते हैं।किन बातों का रखें ध्यानचाय की पत्ती का इस्तेमाल करने से पहले आपको ध्यान रखना है कि इसमें से चीनी अच्छे से निकल चुकी है। साथ ही अगर आपको किसी तरह की एलर्जी या अन्य समस्या होती है, तो तुरंत मुंह को साफ पानी से धो लेना चाहिए। इस स्क्रब का इस्तेमाल करने के बाद किसी नेचुरल मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल जरूर करें।एक्सपर्ट्स की सलाहजिन लोगों की स्किन एलर्जिक है या बहुत ज्यादा सेंसिटिव है उन्हें किसी भी देसी नुस्खे का इस्तेमाल करने से पहले एक बार डर्मेटोलॉजिस्ट से सलाह ले लेनी चाहिए।
- डायबिटीज एक लाइलाज बीमारी है। आजकल खराब जीवनशैली, खानपान में पोषक तत्वों की कमी के कारण कम उम्र में ही लोगों को डायबिटीज की समस्या हो रही है। डायबिटीज केवल शुगर लेवल बढ़ने की बीमारी नहीं है, बल्कि यह पूरे शरीर के मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करती है। ऐसी स्थिति में शरीर को ऐसे पोषक तत्वों की जरूरत होती है जो ब्लड शुगर को संतुलित रखने, मांसपेशियों को मजबूत बनाए रखने में मदद करें। प्रोटीन एक ऐसा ही तत्व है, जो डायबिटीज के मरीज के लिए बहुत जरूरी होता है, लेकिन ज्यादातर लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं।डायबिटीज में प्रोटीन क्यों जरूरी है-जब डायबिटीज मैनेजमेंट की बात आती है, तो कार्बोहाइड्रेट और चीनी का ही जिक्र ज्यादा होता है। लेकिन डायबिटीज मैनेज के लिए प्रोटीन भी बहुत जरूरी पोषक तत्व है। खासकर भारत जैसे क्षेत्रों में, जहां आहार में कार्बोहाइड्रेट का सेवन इतनी ज्यादा मात्रा में किया जाता है और प्रोटीन को नजर अंदाज किया जाता है। प्रोटीन ब्लड शुगर को मैनेज करने में अहम भूमिका निभाता है। खाने में प्रोटीन को शामिल करने से यह कार्बोहाइड्रेट के पाचन को धीमा कर देता है। इससे ग्लूकोज में अचानक तेजी को रोकने में मदद मिलती है। प्रोटीन का सेवन करने से मानसिक संतुष्टि की भी प्राप्ति होती है, जिसकी वजह से मीठा और प्रोसेस्ड फूड खाने की क्रेविंग कम हो जाती है।डायबिटीज में प्रोटीन का सेवन न करने के नुकसान -प्रोटीन मांसपेशियों की मरम्मत और निर्माण में सहायक होता है, खासकर बुजुर्गों और वजन कम करने वाले मरीजों के लिए। स्वस्थ्य मांसपेशियां बेहतर इंसुलिन सेंसेटिविटी का समर्थन करती हैं, जिससे ब्लड शुगर को मैनेज करने में मदद मिलती है। उम्र बढ़ने के साथ डायबिटीज के मरीजों के लिए प्रोटीन का सेवन और भी ज्यादा जरूरी हो जाता है। आइए आगे जानते हैं डायबिटीज में प्रोटीन का सेवन न करने के नुकसान के बारे में।- कम प्रोटीन सेवन से शरीर में कमजोरी, थकान और सक्रियता की कमी हो सकती है।- यदि भोजन में पर्याप्त प्रोटीन न हो, तो ब्लड शुगर तेजी से ऊपर-नीचे हो सकता है, जिससे डायबिटीज का मैनेजमेंट मुश्किल हो सकता है।- डायबिटिक मरीजों में पहले से ही घाव धीरे भरते हैं और प्रोटीन की कमी इस प्रक्रिया को और भी धीमा कर सकती है।- डायबिटीज में प्रोटीन की कमी से बाल कमजोर हो सकते हैं। इस पोषक तत्व की कमी स्किन ड्राइनेस और पिंपल्स का भी कारण बनती है।- कम प्रोटीन से शरीर संक्रमणों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है।डायबिटीज के मरीजों के लिए प्रोटीन सोर्स-न्यूट्रिशनिस्ट के अनुसार, डायबिटीज के मरीज शरीर में प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए निम्नलिखित खाद्य पदार्थों को आहार का हिस्सा बना सकते हैं।- दालें और राजमा- अंकुरित अनाज- टोफू और पनीर (लो-फैट)- अंडे (सफेद भाग)- मछली और चिकन (बिना फैट)- सोया प्रोडक्ट्स- ग्रीक योगर्ट या लो-फैट दही- प्रोटीन युक्त नट्स (जैसे बादाम, अखरोट – सीमित मात्रा में)निष्कर्षडायबिटीज में प्रोटीन सिर्फ एक पोषक तत्व नहीं, बल्कि ब्लड शुगर मैनेजमेंट का एक अहम हिस्सा है। डायबिटीज के मरीजों में प्रोटीन की कमी होने से कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं, तो प्रोटीन के प्रति सतर्क रहें और इस विषय पर अपने डॉक्टर से बात करें।
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लौकी की सब्जी खाने की थाली में देखकर बच्चे ही नहीं बड़े भी कई बार नाक-मुंह बनाने लगते हैं। स्वाद में लौकी जैसी भी हो लेकिन आयुर्वेद में सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं मानी जाती है। लौकी में मौजूद फाइबर, विटामिन सी, बी6, फोलेट, मैग्नीशियम, पोटेशियम के साथ एंटीऑक्सीडेंट तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाकर हार्ट संबंधी समस्याओं से लेकर मधुमेह और मोटापे की समस्या को भी कंट्रोल रखने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा लौकी में मौजूद 92 प्रतिशत पानी गर्मियों में शरीर को हाइड्रेट रखने में मदद करता है। आइए जानते हैं रोजाना डाइट में लौकी का जूस शामिल करने से सेहत को मिलते हैं क्या गजब के फायदे।
लौकी के जूस में उच्च मात्रा में फाइबर होता है और साथ ही कई पॉवरफुल यौगिक भी होते हैं, जो कई बीमारियों को होने के रोकते हैं। यह जूस आपके दिल के स्वास्थ्य के लिए भी बहुत अच्छा है।
लौकी का जूस पीने से मिलते हैं ये 5 फायदे
वेट लॉस
लौकी के जूस में कैलोरी की मात्रा कम और फाइबर की अधिकता होती है। जिससे आपका पेट लंबे तक भर भरा हुआ महसूस होता है और आप ओवर ओवर ईटिंग करने से बच जाते हैं। जिसेस मोटापे और बढ़ते वजन को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है।
बेहतर पाचन तंत्र
लौकी के जूस का नियमित सेवन कब्ज, अपच और ब्लोटिंग की समस्या को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा इससे आंतों को स्वस्थ भी अच्छा बना रहता है।
शरीर रखे हाइड्रेट
लौकी में मौजूद 92 प्रतिशत पानी गर्मियों में शरीर को डिहाइड्रेशन से बचाता है। लौकी का सेवन शरीर को ठंडा और हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है, जिससे शरीर में पानी का संतुलन बना रहता है।
हृदय स्वास्थ्य
लौकी का जूस दिल की सेहत के लिए अच्छा होता है। इस जूस में कई पावरफुल एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद कर सकते हैं। जिससे हृदय स्वस्थ अच्छा बना रहता है।
ब्लड शुगर रखें नियंत्रित
लौकी का जूस ब्लड शुगर लेवल को स्थिर रखने में मदद करता है, जिससे मधुमेह रोगियों को डायबिटीज कंट्रोल रखने में मदद मिलती है। लौकी के जूस में मौजूद क्लोरोजेनिक एसिड इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाता है। इसमें विटामिन सी, विटामिन के, कैल्शियम और फाइबर भरपूर मात्रा में होती है, जो डायबिटीज मरीजों के लिए लाभकारी है।
कैसे बनाएं लौकी का जूस
लौकी का जूस बनाने के लिए सबसे पहले लौकी के छिलके निकालकर उसे अच्छी तरह धो लें। इसके बाद लौकी के छोटे-छोटे टुकड़े काटकर एक ब्लेंडर में डालें। लौकी के साथ ब्लेंडर में पुदीना पत्ती भी डालकर ब्लेंड करें। आपका टेस्टी लौकी का जूस बनकर तैयार है। इस जूस का स्वाद बढ़ाने के लिए आप इसमें जीरा पाउडर, नमक और काली मिर्च पाउडर डालकर सभी चीजों को अच्छी तरह मिला लें। आखिर में आप चाहे तो इसे ठंडा करने के लिए इसमें बर्फ भी डाल सकते हैं। -
फलों का राजा आम, ज्यादातर लोगों का पसंदीदा फल होता है। इसका स्वाद पसंद करने वाले लोग इसे खाने का बहाना ढूंढते रहते हैं। अगर आप भी आम खाने के शौकीन हैं और उसे लंच हो या डिनर, कभी भी किसी भी चीज के साथ खा लेते हैं तो सतर्क हो जाइए। आपकी ये आदत आपको बीमार बना सकती है। आइए जानते हैं 5 ऐसी हेल्दी चीजों के बारे में, जिन्हें आम के साथ खाने से बचना चाहिए।
आम के साथ नहीं खानी चाहिए ये चीजें
दही
आम के साथ दही खाने से पाचन संबंधी समस्याएं परेशान कर सकती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि दोनों ही चीजों की तासीर अलग है। ऐसे में इनका सेवन एक साथ करने से गैस, अपच या पेट दर्द की समस्या हो सकती है। इसके अलावा जब गर्म और ठंडी तासीर वाले पदार्थ एक साथ मिलते हैं, तो यह त्वचा पर फोड़े-फुंसी या एलर्जी का कारण भी बन सकते हैं।
मसालेदार भोजन
तीखे, मसालेदार खाद्य पदार्थ जैसे मिर्च, गरम मसाला या तला हुआ खाना आम के साथ खाने से पेट में जलन या एसिडिटी की समस्या पैदा करता कर सकता है।
ठंडे पेय
आम खाने के तुरंत बाद ठंडा पानी, कोल्ड ड्रिंक या आइसक्रीम खाने से पाचन तंत्र स्लो हो सकता है, जिससे पेट फूलने की समस्या हो सकती है। इसके अलावा आम और कोल्ड ड्रिंक दोनों ही अत्यधिक मीठे होते हैं। इनका एक साथ सेवन करने से शरीर में शर्करा का स्तर अचानक बढ़ सकता है, जिससे डायबिटीज़ रोगियों को खतरा हो सकता है।
प्रोसेस्ड फूड
चिप्स, बर्गर या जंक फूड जैसे प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ आम के साथ खाने से पाचन तंत्र पर दबाव पड़ता है और व्यक्ति को सूजन या भारीपन महसूस हो सकता है।
खट्टे फल
विटामिन-C से भरपूर आम में नेचुरल शुगर पाई जाती है। इसके साथ संतरा, नींबू या कीनू जैसे खट्टे फलों का सेवन करने से शरीर में एसिड का स्तर बहुत अधिक बढ़ सकता है। जिससे व्यक्ति को पाचन संबंधी परेशानी जैसे एसिडिटी, पेट में जलन, गैस और कब्ज हो सकती है।
सलाह
-आम का सेवन हमेशा अकेले ही करें या फिर आप इसे हल्के भोजन जैसे रोटी, सब्जी या सलाद के साथ खा सकते हैं।
-आम खाने के 1-2 घंटे तक कोई भारी चीज खाने से बचें।
-पके और ताजे आम का ही सेवन करें, क्योंकि कच्चे आम से पेट से जुड़ी समस्या परेशान कर सकती है।
-आम के साथ हल्का गुनगुना पानी पीना पाचन के लिए बेहतर रहता है। - गर्मी के मौसम में तपती धूप और डिहाइड्रेशन से बचने के लिए खीरे का सेवन शौक से किया जाता है। खीरा, शरीर को ठंडक देने के साथ-साथ स्किन के लिए बहुत फायदेमंद होता है। ज्यादातर लोग खीरे के महत्व को, तो समझते हैं, लेकिन उसके छिलके को कूड़ा समझकर फेंक देते हैं। आप ऐसी गलती न करें। खीरे के छिलके से आप त्वचा के लिए एक बेहतरीन नेचुरल स्क्रब तैयार कर सकते हैं। खीरे की तरह उसके छिलके में भी कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। खीरे के छिलके से बने स्क्रब की मदद से त्वचा से डेड स्किन सेल्स को हटाने में मदद मिलती है, त्वचा में नेचुरल ग्लो आता है और त्वचा में निखार बढ़ जाता है।खीरे के छिलके से बने स्क्रब के फायदे--खीरे के छिलके से बने स्क्रब को इस्तेमाल करने से गर्मियों में त्वचा को ठंडक मिलती है क्यों खीरे की तासीर ठंडी होती है।-खीरे के छिलके से बने स्क्रब का इस्तेमाल करने से डेड स्किन सेल्स को हटाने में मदद मिलती है और त्वचा की रंगत में निखार आता है।-जिन लोगों की त्वचा ऑयली होती है, उनके लिए यह स्क्रब बेहद फायदेमंद है क्योंकि इस स्क्रब की मदद से त्वचा में मौजूद अतिरिक्त ऑयल को हटाने में मदद मिलती है, यह तेल को सोख लेता है।-खीरे के छिलके से बने स्क्रब का इस्तेमाल करने से झाइयों और दाग-धब्बों से छुटकारा मिलता है, स्किन टोन सुधरती है और दाग हल्के हो जाते हैं।-शहद, दही के साथ खीरे के छिलके को मिलाकर स्क्रब तैयार करें, इसे त्वचा पर लगाने से स्किन सॉफ्ट और चमकदार बनती है।खीरे के छिलके से स्क्रब बनाना आसान है, इसे बनाने का तरीका जान लें-सामग्री: ताजे खीरे के छिलके , दही, ओट्स, शहदबनाने की विधि:-खीरे के छिलकों को अच्छे से धोकर मिक्सी में पीस लें।-अब इसमें ओट्स, दही और शहद मिलाकर एक पेस्ट तैयार कर लें।-नेचुरल स्क्रब तैयार है।सावधानियां-हफ्ते में 2 बार से ज्यादा इसे त्वचा पर न लगाएं।-स्क्रब करते समय ज्यादा प्रेशर न डालें।-अगर स्किन पर किसी तरह की एलर्जी हो, तो पहले पैच टेस्ट कर लें।स्क्रब को लगाने का तरीका-सबसे पहले अपने चेहरे को गुनगुने पानी से धो लें ताकि स्किन के पोर्स खुल जाएं।-अब इस स्क्रब को चेहरे पर सर्कुलर मोशन में हल्के हाथों से 5 मिनट तक रगड़ें।-10 मिनट तक ऐसे ही छोड़ दें ताकि पोषक तत्व स्किन में समा जाएं।-फिर ठंडे पानी से चेहरा धो लें और मॉइश्चराइजर लगाएं।अगर आप अपनी स्किन को नेचुरल तरीके से ग्लोइंग और हेल्दी बनाना चाहते हैं, तो अगली बार खीरे के छिलके को फेंकने से पहले इसके इस्तेमाल के बारे में जरूर सोचें।
- स्किन के हेल्दी रखने के लिए उसे नेचुरल रखना जरूरी है और प्राकृतिक निखार पाने के लिए भी नेचुरल चीजों का ही इस्तेमाल करना सही माना जाता है। आज भी बहुत सी ऐसी नेचुरल चीजें हैं, जिनकी मदद से स्किन को नेचुरल रखा जा सकता है, जिनमें से एक है चावल का पानी। चावल के पानी से अगर आप मुंह धोते हैं और सही तरीके से इस्तेमाल करते हैं तो यह एक तरह के नेचुरल फेस वॉश की तरह काम करता है, जिसके बारे में हम आपको इस लेख में बताने वाले हैं।1. चेहरे के लिए चावल का पानीबहुत सी स्किन केयर कंपनी भी अपने प्रोडक्ट्स को चावल के पानी से बनाने का क्लेम करती हैं। क्योंकि चावल के पानी में बहुत से ऐसे गुण हैं, जो स्किन के लिए बेहद फायदेमंद रहते हैं। इसलिए आपको महंगे स्किन केयर प्रोडक्ट्स को इस्तेमाल करने की बजाय एक बार घर पर चावल के पानी का इस्तेमाल जरूर करके देखना चाहिए।2. चावल के पानी के फायदेआपके चेहरे का निखार धूप या गर्मी के कारण अगर पहले से खराब हो गया है या फिर किसी स्किन केयर प्रोडक्ट्स से आपका निखार खराब हो गया है तो आपको घर घर पर ही चावल के पानी का इस्तेमाल करना चाहिए, जिससे आपके चेहरे का निखार भी वापस आएगा और साथ ही चेहरे की स्किन में ड्राइनेस व पिंपल आदि की समस्या भी नहीं होगी।3. कैसे तैयार करें चावल का पानीचावल के पानी को तैयार करना बेहद आसान है, 1 कप सफेद चावल लें और उन्हें अच्छे से धोकर उनमें 2 कप पीने वाला पानी डालकर एक बार उबाल लें। अब चावल को छानकर पानी अलग कर लें और ठंडा होने के बाद उसे किसी बोतल में भर कर फ्रिज में रख दें। अब यह इस्तेमाल के लिए पूरी तरह से तैयार है।4. मुंह धोने का सही तरीकाचावल के पानी की बोतल को फ्रिज से निकालें और अच्छे से एक-दो बार हिला लें ताकि उसका गाढ़ापन अच्छे से मिक्स हो जाए। पानी को निकाल कर अपने चेहरे पर अच्छे से लगाएं और फेस वॉश की तरह हल्के-हल्के रब करते रहें। 10 मिनट बाद साफ पानी से मुंह धो लें। ऐसा लगातार 3 दिन करें जिससे आप अंतर साफ नजर आएगा।5. डॉक्टर की सलाह भी जरूरीहालांकि, अगर आपकी स्किन में कोई दिक्कत है, तो आपको सबसे पहले डॉक्टर से ही सलाह लेनी चाहिए।
- नींद हम सभी के लिए बहुत जरूरी होती है। लेकिन आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी के बीच हम सुकून से अपनी नींद ही पूरी नहीं कर पाते हैं। अधूरी नींद की समस्या पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में ज्यादा देखी जाती है। घर की जिम्मेदारी, ऑफिस वर्क और सोसायटी में आगे रहने की दौड़ में महिलाएं अक्सर अपनी नींद कुर्बान कर देती हैं। नींद की परेशानी का सामना करने वाली महिलाएं अक्सर वजन बढ़ना, थकान, मूड स्विंग, अनियमित पीरियड्स की समस्या से गुजरती हैं।इस तरह की परेशानियां तब होती हैं, जब हार्मोन का संतुलन बिगड़ता है। ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि क्या कम और ज्यादा नींद महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकती है?नींद और हार्मोन संतुलन के बीच कनेक्शन-नींद और हार्मोन का गहरा संबंध है। शरीर में कई हार्मोन नींद से प्रभावित होते हैं, और नींद की गुणवत्ता इन हार्मोनों के संतुलन को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती है।1. कोर्टिसोल (Cortisol) में बढ़ोतरीहेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि कोर्टिसोल को स्ट्रेस हार्मोन भी कहा जाता है। नींद की कमी से महिलाओं में कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर बढ़ता है। इसकी वजह से चिंता, डिप्रेशन और वजन बढ़ने की समस्या ज्यादा देखी जाती है।2 मेलाटोनिन (Melatonin)मेलाटोनिन को स्लीप हार्मोन भी कहा जाता है। यह रात के समय बढ़ता है और नींद लाने में मदद करता है। रात को स्क्रीन का इस्तेमाल करने से मेलाटोनिन का स्तर कम हो जाता है, जिससे नींद प्रभावित होती है।3. एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का संतुलनएक्सपर्ट का कहना है कि कम नींद लेने से महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं। जिसकी वजह से अनियमित पीरियड्स, पीसीओएस और लो फर्टिलिटी की समस्या होती है। इतना ही नहीं हार्मोन असंतुलन महिलाओं में भूख की कमी का कारण बनता है। जिसकी वजह से महिलाओं को पोषक तत्वों की कमी के कारण हार्मोन असंतुलन का सामना करना पड़ता है।4. मेटाबॉलिज्म को स्लो होनाजो महिलाएं रात को भी पर्याप्त नींद लेती हैं और दिन में भी आराम करती हैं, उनमें भी हार्मोन संबंधी परेशानी देखी जाती है। बहुत अधिक सोने से शरीर का मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है। जिससे वजन बढ़ना और मोटापे की परेशानी देखी जाती है।5. लो फर्टिलिटीनींद ज्यादा लेने से मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इसकी वजह से मूड स्विंग, डिप्रेशन, चिड़चिड़ापन और गुस्सा आने की समस्या महिलाओं में देखी जाती है। साथ ही ज्यादा नींद महिलाओं में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन में बदलाव कर सकती है। इसकी वजह से लो फर्टिलिटी रेट देखा जाता है, जो भविष्य में गर्भधारण में परेशानी ला सकता है।नींद और हार्मोन को संतुलित करने के लिए क्या करें?कम या ज्यादा नींद दोनों ही स्थितियां महिलाओं के हार्मोन को प्रभावित करता है। हार्मोन संतुलन के लिए प्रतिदिन 8 से 9 घंटों की नींद लें। खाने में हरी सब्जियां, फल और नट्स को शामिल करें। कम या ज्यादा नींद महिलाओं में हार्मोन असंतुलन का कारण बनती है। इसलिए डॉक्टर की सलाह पर पर्याप्त नींद लें और सही खानपान का चुनाव करें।
- बाल खूबसूरती का प्रतीक होते हैं। हर महिला की चाहत होती है कि उसके बाल लंबे-घने और काले हों। लेकिन प्रदूषण, गलत खानपान, खराब जीवनशैली और गलत प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने के कारण बाल कमजोर हो जाते हैं और तेजी से झड़ने लगते हैं। साथ ही, बालों की ग्रोथ भी रुक जाती है। ऐसे में, बालों को लंबा करने के लिए महिलाएं तरह-तरह के प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करती हैं और महंगे हेयर ट्रीटमेंट्स भी करवाती हैं। लेकिन फिर भी मनचाहा रिजल्ट नहीं मिल पाता है। वहीं, इन प्रोडक्ट्स में कई तरह के हानिकारक केमिकल्स मौजूद होते हैं, जो बालों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे में, बालों को लंबा करने के लिए आप कुछ घरेलू नुस्खों को आजमा सकती हैं। इन्हीं घरेलू नुस्खों में प्याज भी शामिल है। जी हां, प्याज बालों के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। प्याज के रस में सल्फर मौजूद होता है, जो बालों की जड़ों को पोषण देता है और स्कैल्प में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है, जिससे बालों की ग्रोथ तेज होती है। साथ ही, यह झड़ते बालों की परेशानी को भी दूर कर सकता है। इसके अलावा, इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-बैक्टीरियल गुण भी मौजूद होते हैं, जो डैंड्रफ, सफेद बालों और स्कैल्प पर खुजली की समस्या से छुटकारा दिला सकते हैं। नियमित रूप से बालों में प्याज लगाने से बाल लंबे, घने और मजबूत बनते हैं। तो आइए, जानते हैं प्याज से बाल कैसे बढ़ाएंप्याज और नारियल तेलबालों को लंबा करने के लिए आप प्याज के रस में नारियल तेल मिलाकर लगा सकते हैं। दरअसल, नारियल के तेल में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं, जो संकम्रण से बचाव करने में मदद करते हैं। साथ ही, यह बालों के विकास को बढ़ावा देता है और हेयर फॉल को कंट्रोल करने में भी मददगार होता है। इसके लिए एक कटोरी में एक चम्मच प्याज का रस लें। इसमें एक चम्मच नारियल का तेल डालकर अच्छी तरह मिक्स कर लें। अब इस मिश्रण को अपने स्कैल्प पर लगाएं और 4-5 मिनट हल्के हाथों से मसाज करें। करीब 40-45 मिनट बाद बालों को किसी माइल्ड शैम्पू से धो लें। सप्ताह में 2 से 3 बार इसका इस्तेमाल करने से आपके बाल जल्दी लंबे और घने हो सकते हैं।प्याज और एलोवेरा जेललंबे बालों के लिए आप प्याज और एलोवेरा को मिक्स करके भी लगा सकते हैं। दरअसल, एलोवेरा बालों को पोषण और नमी प्रदान करता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं, जो बालों की ग्रोथ को बढ़ावा देते हैं। नियमित रूप से बालों में एलोवेरा लगाने से डैंड्रफ, स्कैल्प में खुजली और हेयर फॉल की जैसी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। इसके लिए एक कटोरी में दो चम्मच ताजा एलोवेरा जेल लें। इसमें 2 चम्मच प्याज का रस डालकर अच्छी तरह मिक्स कर लें। अब इस मिश्रण को स्कैल्प और बालों की लंबाई पर लगाएं। एक घंटे बाद बालों को माइल्ड शैंपू से धो लें। सप्ताह में 2-3 बार इसका इस्तेमाल करने से बालों की ग्रोथ काफी अच्छी हो सकती है। साथ ही, बाल मुलायम और चमकदार भी बनेंगे।प्याज और मेथी दानाअगर आप अपने बालों को तेजी से बढ़ाना चाहते हैं, तो प्याज और मेथी दाना का इस्तेमाल सकते हैं। दरअसल, मेथी दाना में प्रोटीन और निकोटिनिक एसिड मौजूद होते हैं, जो बालों को मजबूत बनाते हैं और बालों की ग्रोथ को बेहतर करने में मदद करते हैं। इसके लिए एक चम्मच मेथी दाना को रातभर पानी में भिगोकर रख दें। सुबह इसे पीसकर पेस्ट बना लें। इसमें 2 चम्मच प्याज का रस डालकर अच्छी तरह मिक्स कर लें। अब इस पेस्ट को अपने स्कैल्प और बालों में लगाएं। करीब 40-45 मिनट बालों को किसी माइल्ड शैंपू की मदद से धो लें। सप्ताह में 2 से 3 बार इसका इस्तेमाल करने से आपके बाल जल्दी लंबे हो सकते हैं। साथ ही, बालों के झड़ने और डैंड्रफ की समस्या से भी छुटकारा मिल सकता है।प्याज और अंडाबालों को बढ़ाने के लिए प्याज और अंडे का कॉम्बिनेशन भी काफी असरदार साबित हो सकता है। दरअसल, अंडा प्रोटीन से भरपूर होता है, जो बालों की मजबूती और ग्रोथ के लिए फायदेमंद होता है। इसके लिए एक अंडे को अच्छी तरह फेंट लें। इसमें 2 चम्मच प्याज का रस डालकर अच्छी तरह मिक्स करें। अब इस मिश्रण को बालों की जड़ों से सिरों तक लगाएं। करीब 1 घंटे बाद किसी माइल्ड शैम्पू से बालों को धो लें। सप्ताह में 2-3 बार इसका प्रयोग करने से बालों की ग्रोथ काफी अच्छी हो सकती है।प्याज और आंवलाबालों को लंबा करने के लिए आप प्याज और आंवला को मिक्स करके लगा सकते हैं। इसके लिए आप एक कटोरी में 2 प्याज का रस लें। इसमें 2 चम्मच आंवला का रस डालकर अच्छी तरह मिक्स कर लें। अब इस मिश्रण को अपने स्कैल्प और बालों पर लगाएं। करीब 1 घंटे बाद बालों को माइल्ड शैंपू से धो लें। बेहतर रिजल्ट के लिए सप्ताह में 2 से 3 बार इसका इस्तेमाल करें। इससे आपके बाल जल्दी लंबे, घने और काले हो सकते हैं।
- गर्मियों में चेहरे पर चिपचिपाहट, पसीना और धूप, स्किन को न सिर्फ थका देती है, बल्कि उसकी चमक भी छीन लेती है। ऐसे में लोग तरह-तरह की फेस क्रीम, पाउडर या स्किन वाइप्स का सहारा लेते हैं, जो कुछ समय के लिए राहत तो देते हैं, लेकिन इनका केमिकल असर स्किन को लंबे समय में नुकसान भी पहुंचा सकता है। अगर आप कुछ ऐसा ढूंढ रहे हैं जो नेचुरल भी हो, बजट-फ्रेंडली भी हो और स्किन को रिफ्रेशिंग ठंडक भी दे, तो तरबूज के छिलके से बना फेस पैक एक असरदार उपाय है। हम अकसर तरबूज खाते वक्त इसके छिलकों को फेंक देते हैं, जबकि यही हिस्सा स्किन के लिए वरदान साबित हो सकता है। इसमें भरपूर मात्रा में पानी, विटामिन-ए, सी, बी6 और एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं जो चेहरे की सूजन, जलन और रैशेज को कम करते हैं। यह फेस पैक टैनिंग हटाने, स्किन को हाइड्रेट रखने और एक नेचुरल ग्लो देने में मदद करता है। इस लेख में हम जानेंगे तरबूज के छिलके से फेस पैक बनाने का तरीका और इसके फायदे।तरबूज के छिलके से बने फेस पैक के फायदे--तरबूज के छिलके से बना फेस पैक स्किन को डीप हाइड्रेशन देता है और त्वचा की जलन को कम करता है।-इस फेस पैक में मौजूद विटामिन-सी स्किन को रिपेयर करता है और दाग-धब्बों को हल्का करने में मदद करता है।-यह फेस पैक त्वचा की सूजन और सन टैन को कम करने में मदद करता है।तरबूज का छिलका स्किन से अतिरिक्त तेल को हटाता है और स्किन पोर्स को क्लीन करता है।-इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण स्किन पर हुए ब्रेकआउट को शांत करते हैं और स्किन को साफ रखते हैं।तरबूज के छिलके से फेस पैक बनाने का तरीका-तरबूज के छिलकों के सफेद हिस्से को छोटे टुकड़ों में काट लें।-मिक्सर में इसे गुलाब जल के साथ पीसकर स्मूद पेस्ट बना लें।-इसमें चंदन पाउडर और एलोवेरा जेल मिलाएं और अच्छे से मिक्स करें।-फेस पैक का इस्तेमाल कैसे करें?-इस फेस पैक को हफ्ते में 2-3 बार लगाया जा सकता है, खासकर गर्मियों में।-इसे सुबह के समय लगाना ज्यादा फायदेमंद रहेगा।-ऑयली स्किन वालों को चंदन पाउडर के साथ मिलाकर यूज़ करना चाहिए, जबकि ड्राई स्किन वालों के लिए एलोवेरा जेल मिलाना फायदेमंद रहेगा।-फेस पैक लगाने के बाद किन बातों का ध्यान रखें?-फेस पैक सूखने के बाद उसे गुनगुने या सामान्य पानी से धीरे-धीरे धोएं। रगड़ने से स्किन में जलन या रेडनेस हो सकती है।-फेस पैक लगाने के बाद स्किन थोड़ी सेंसिटिव हो जाती है। इसलिए पैक हटाने के कम से कम 30 मिनट तक धूप में न निकलें।-फेस पैक हटाने के बाद स्किन को हाइड्रेट बनाए रखने के लिए हल्का मॉइश्चराइजर जरूर लगाएं, चाहे आपकी स्किन ऑयली हो या न हो।-तरबूज के छिलके से बना फेस पैक एक नेचुरल और असरदार तरीका है गर्मियों में स्किन की देखभाल करने का। जिस चीज को हम बेकार समझकर फेंक देते हैं, वही त्वचा को ठंडक, पोषण और निखार देने का काम करती है।