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- नई दिल्ली। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने अनधिकृत रूप से भूजल का दोहन करने पर नोएडा की दो इकाइयों पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए कहा है कि भूजल के गिरते स्तर के चलते पर्यावरण को अपूरणीय क्षति होने का जोखिम है जिसका परिणाम पेयजल के कमी के रूप में निकलेगा।एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने उल्लेख किया कि जहां तक नोएडा गोल्फ कोर्स और एडवांट नाविस बिजनेस पार्क का सवाल है तो कोई अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) नहीं है। अधिकरण ने कहा कि नोएडा गोल्फ कोर्स और एडवांट नाविस बिजनेस पार्क 25 लाख रुपये का अंतरिम जुर्माना जमा करें जो एक महीने के भीतर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के पास जमा किया जा सकता है। एनजीटी सीपीसीबी और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की समिति द्वारा सौंपी गई एक रिपोर्ट पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें कहा गया है कि भूजल का अवैध रूप से दोहन किया जा रहा है और बागवानी उद्देश्य के लिए भूजल के दुरुपयोग का आरोप विवादित नहीं है। इसने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि क्या एनओसी की शर्तों का पालन किया जा रहा है।अधिकरण ने अपने पूर्व के निर्देशों का हवाला दिया कि भूजल का इस्तेमाल क्रिकेट ग्राउंड जैसे किसी खेल मैदान के लिए नहीं किया जा सकता जो गोल्फ कोर्स पर भी लागू होता है। पीठ ने कहा कि भूजल के गिरते स्तर के चलते पर्यावरण को अपूरणीय क्षति होने का जोखिम है जिसका परिणाम पेयजल के कमी के रूप में निकलेगा। एनजीटी का आदेश पर्यावरण कार्यकर्ता विक्रांत तोंगड की याचिका पर आया।
- नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में पूर्व स्नातक पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए 24 घंटे में 57 हजार से ज्यादा विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया है। पोर्टल पर पंजीकरण कराने की प्रक्रिया शनिवार शाम पांच बजे शुरू हुई और चार जुलाई तक जारी रहेगी।डीयू अधिकारियों की ओर से साझा किए गए आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, रविवार शाम साढ़े पांच बजे तक पूर्व स्नातक पाठ्यक्रमों में 57 हजार 312 छात्रों ने पंजीकरण कराया है जबकि परास्नातक पाठ्यक्रमों के लिए 18 हजार 837 छात्रों ने पंजीकरण कराया है। वहीं पीएचडी में दाखिले के लिए 2,071 विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया है। डीयू दाखिला प्रक्रिया के संबंध में संदेह को दूर करने के लिए 23 जून को वेबीनार (ऑनलाइन संगोष्ठी) का आयोजन करेगा। इस साल पंजीकरण से लेकर सत्यापन तक की प्रक्रिया ऑनलाइन एवं संपर्क रहित होगी। इस साल विश्वविद्यालय की दाखिले के लिए पंजीकरण प्रक्रिया में कोरोना वायरस महामारी के कारण देरी हुई है। पिछले साल पंजीकरण प्रक्रिया 30 मई को शुरू हुई थी।
- इंफाल। मणिपुर में रविवार को मध्यम तीव्रता का भूकंप आया। मणिपुर विश्वविद्यालय के भू-विज्ञान विभाग के अनुसार राज्य में चार बजकर 16 मिनट पर भूकंप आया जिसकी तीव्रता 5.1 थी। उसका केंद्र पड़ोसी राज्य मिजोरम के नगोपा से करीब नौ किलोमीटर दूर था। पुलिस महानिदेशक (डीजी) नियंत्रण कक्ष के अनुसार जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है।
- नई दिल्ली। वलयाकार सूर्य ग्रहण ने देश के विभिन्न हिस्सों में खगोलीय घटना देखने की चाहत रखने वाले लोगों को रविवार को रोमांचित कर दिया। वलयाकार सूर्य ग्रहण को देश के उत्तरी हिस्से में स्थित कुछ राज्यों में ही देखा जा सका, जिनमें राजस्थान, हरियाणा और उत्तराखंड के इलाके शामिल हैं।देश के शेष हिस्सों में सूर्यग्रहण आंशिक रूप से देखा गया। कई स्थानों पर सूर्यग्रहण देखे जाने में मौसम ने खलल डाला । इस बार सूर्यग्रहण की खगोलीय घटना साल के सबसे बड़े दिन 21 जून को हुई। वलयाकार सूर्यग्रहण में सूर्य अग्नि वलय जैसा नजर आता है। दिल्ली में सूर्यग्रहण सुबह 10 बज कर 19 मिनट पर शुरू होकर दोपहर एक बजकर 58 मिनट तक रहा। भौगोलिक स्थिति के कारण देश के अन्य राज्यों में इसके समय में थोड़ा अंतर रहा। दिल्ली में नेहरू तारामंडल की निदेशक एन. रत्नाश्री ने कहा कि यहां बादलों के कारण सूर्यग्रहण की दृश्यता बाधित हुई। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग में वैज्ञानिक अरविंद रानाडे भी दिल्ली से 150 किलोमीटर दूर कुरुक्षेत्र गए। उन्होंने बताया कि उन्होंने स्पष्ट रूप से सूर्य ग्रहण देखा। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सूर्य ग्रहण देखने के लिए लोगों ने तरह-तरह के इंतजाम किए थे, लेकिन राज्य के अनेक हिस्सों में कल रात से शुरू हुई बारिश और दिन भर बादल छाए रहने की वजह से ज्यादातर लोग यह दुर्लभ खगोलीय घटना नहीं देख सके। हरियाणा के कुरुक्षेत्र में सूर्यग्रहण के मौके पर रविवार को ब्रह्म सरोवर के तट पर सिर्फ सामान्य धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। उत्तराखंड में कई जगह लोगों ने सूर्यग्रहण देखा, जबकि देहरादून और टिहरी में लोगों ने वलयाकार ग्रहण देखने का भी दावा किया। सूर्यग्रहण के दौरान चारधाम सहित समस्त मंदिरों के कपाट बंद रहे। चारों धाम, बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री, सहित प्रदेश के सभी प्रमुख मंदिरों के कपाट सूर्यग्रहण शुरू होने से पहले सूतक काल लगते ही शनिवार रात करीब साढ़े दस बजे बंद कर दिये गये, जिन्हें रविवार को ढाई बजे दोबारा खोला गया। करीब 16 घंटे बाद खुले इन मंदिरों में पहले साफ-सफाई की गयी और फिर नियमित पूजा- अर्चना की गयी। राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के घड़साना में रविवार को लगभग 39 सेकंड तक सूर्य ग्रहण वलयाकार रूप में देखा गया, जहां देश के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में शौकिया और पेशेवर लोग दुर्लभ खगोलीय घटना देखने के लिए एकत्र हुए। अमेच्योर एस्ट्रोनॉमर्स सोसाइटी जयपुर के खगोलविद गोविंद दाधीच ने बताया कि यहां सूर्यग्रहण की शुरुआत सुबह 10:15 बजे हुई। दोपहर 11:48 बजे सूर्य ग्रहण ने अपनी अधिकतम अवस्था प्राप्त की। मात्र 39 सेकंड तक वलयाकार रूप में दिखाई दिया। बेंगलुरु में जारी एक बयान में अधिकारियों ने कहा कि सूर्यग्रहण ऑनलाइन दिखाने के इंतजाम किये थे। अहमदाबाद में एक अधिकारी ने बताया कि गुजरात में सूर्यग्रहण 72 प्रतिशत दिखा। हालांकि, आसमान में बादल छा जाने और बारिश ने राज्य के कुछ हिस्सों में इस खगोलीय घटना को देखे जाने में खलल डाला। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर गुजरात परिषद ने इस अवसर पर छात्रों एवं अन्य के लिये विशेष इंतजाम किये थे। परिषद के सलाहकार नरोत्तम साहू ने कहा, कोविड-19 महामारी के कारण कोई बड़ा आयोजन नहीं किया गया। सीमित कार्यक्रम ही आयोजित किये गये। गोवा में मॉनसून के घने बादलों के कारण कई स्थानों पर लोग स्पष्ट रूप से सूर्यग्रहण नहीं देख पाए।
- नई दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने योग को स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने की प्रक्रिया को तेज करने के लिए ऑनलाइन योग क्विज प्रतियोगिता का शुभारंभ किया।इसका आयोजन राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद-एनसीईआरटी द्वारा किया जा रहा है और यह देशभर के छठी से 12वीं तक की कक्षाओं के सभी विद्यार्थियों के लिए खुली है। इस अवसर पर श्री निशंक ने कहा कि प्रतियोगिता का उद्देश्य बच्चों में योग के बारे में जागरूकता पैदा करना और उन्हें योगाभ्यास के बारे में प्रामाणिक स्रोतों से विस्तृत जानकारी हासिल करने के लिए प्रेरित करना है। उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता से बच्चों में अच्छी आदतों और स्वस्थ जीवनशैली के विकास में मदद मिलेगी।मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि प्रतियोगिता में दिव्यांग विद्यार्थियों की भागीदारी बढ़ाने के लिए उनकी विशेष आवश्यकताओं का ध्यान रखा गया है। प्रतियोगिता में प्रश्न बहु-विकल्प वाले प्रश्न पूछे जाएंगे जो हिंदी तथा अंग्रेजी में होंगे। प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त करने वाले एक सौ बच्चों को प्रमाणपत्र प्रदान किए जाएंगे। अॅानलाइन प्रतियोगिता रविवार 21 जून से एक महीने के लिए खुली रहेगी और बीस जुलाई को सम्पन्न होगी।---
- नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने आज शिक्षण संस्थाओं से अपने ऑनलाइन शिक्षण कार्यक्रम में योग को भी सम्मिलित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि कोविड 19 संक्रमण के दौर में शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए योग एक बेहतरीन साधन है।अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर स्पिक मैके द्वारा आयोजित डिजिटल योग और ध्यान शिविर का उद्घाटन करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि योग अखिल मानवता को भारत की अमूल्य भेंट है जिसने विश्व भर में करोड़ों ज़िंदगियों को संवारा है। उन्होंने कहा योग तो बचपन से ही सिखाया जाना चाहिए। उन्होंने यूनिसेफ किड पॉवर के तहत बच्चों के लिए 13 योग अभ्यास और मुद्राएं सिखाए जाने की सराहना की।उपराष्ट्रपति कहा कि 5 हजार साल पुरानी योग परम्परा मात्र शारीरिक अभ्यास ही नहीं है बल्कि यह एक विज्ञान है जो संतुलन, मुद्रा, सौष्ठव, समभाव, शांति तथा समन्वय पर बल देता है। योग के तमाम अंग जैसे मुद्रा, श्वसन क्रिया का अभ्यास, ध्यान सम्मिलित रूप से मन और शरीर में अनेक प्रकार के सकारात्मक परिवर्तन लाते हैं। उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए योग की असीम संभावनाओं पर व्यापक वैज्ञानिक शोध होना चाहिए। श्री नायडू ने कहा कि योग चिकित्सा बहुत तेज़ी से प्रचलित हो रही है। उन्होंने कहा कि अनेक वैज्ञानिक अध्ययनों से प्राप्त प्रमाणों से ज्ञात होता है कि योग अनेक व्याधियों के उपचार में कारगर सिद्ध हुआ है।लोगों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर कोविड संक्रमण के प्रभाव की चर्चा करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि यद्यपि विश्व इस चुनौतीपूर्ण समय से गुजर रहा है, हम इस चुनौती को खुद पर हावी नहीं होने दे सकते। हमें एक हो कर सम्मिलित रूप से इस महामारी के विरुद्ध संघर्ष करना होगा और अपना शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य सुनिश्चित करना होगा। उन्होंने आगे कहा कि महामारी के कारण हमारी ज़िन्दगी में आए तनाव का कारगर निदान भी योग प्रदान करता है। योग सम्पूर्ण स्वास्थ्य सुनिश्चित करने में एक सक्षम प्रणाली है और उसका पूरा उपयोग किया जाना चाहिए।उन्होंने कहा कि सिर्फ यह महामारी ही हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित नहीं कर रही है बल्कि जीवनशैली के कारण भी व्याधियां बढ़ रही हैं। ङ्ख॥ह्र के अध्ययन का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 2016 में भारत में हुई कुल मौतों में से 63 प्रतिशत असंक्रामक रोगों के कारण हुई। उन्होंने कहा कि जीवनशैली के कारण हुई ऐसी व्याधियों के प्रतिकार और उपचार के लिए योग एक सरल और सक्षम प्रणाली है। आधुनिक जीवन के दबाव और तनाव के कारण युवाओं द्वारा की जा रही आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं बिल्कुल टाली जा सकती हैं। योग ऐसे दबाव, तनाव, अवसाद और चिंता का समाधान करने में सहायक हो सकता है। भारत की युवा जनसंख्या के संदर्भ में उन्होंने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे युवा शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से स्वस्थ और सुरक्षित रहें।योग प्रोफेशनल्स के लिए स्व प्रमाणीकरण की सरकार योजना की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इस योजना से अधिकाधिक प्रामाणिक योग प्रशिक्षक उपलब्ध हो सकेंगे जिससे योग का प्रसार करने में सहायता मिलेगी। उपराष्ट्रपति ने कहा योग विश्व का सबसे बड़ा स्वास्थ्य अभियान है और इसे आगे बढ़ाने का दायित्व हमारा है। उन्होंने कहा योग प्राचीन भारतीय धरोहर है, जिसकी निर्बाध परंपरा रही है और इस बहुमूल्य परंपरा को जीवित रखना हमारा दायित्व है।
- नई दिल्ली। केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों के साथ अलग-अलग मुठभेड़ों में 4 आतंकवादी मारे गए। आज श्रीनगर जिले के ज़ादीबल क्षेत्र में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ हुई। क्षेत्र में आतंकवादियों के छिपे होने के बारे में खुफिया जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम ने घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरु किया। संयुक्त टीम जैसे ही संदिग्ध जगह पहुंची वहां छिपे आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरु कर दी। सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई में 3 आतंकवादी मारे गए। अभी तक आतंकवादियों की पहचान नहीं हो पाई है। ऐहतियात के तौर पर श्रीनगर जिले में इंटरनेट सेवाएं रोक दी गई हंै।उधर, कुलगाम जिले में नेहामा के लिखड़ीपोरा में मुठभेड़ में एक आतंकवादी मारा गया। सुरक्षा बलों ने एक एके-47, मैगजीन और एक पिस्तौल बरामद की है।
- लखनऊ। कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर इस वर्ष श्रावण मास में कांवड़ यात्रा स्थगित रहेगी। उत्तर प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने शनिवार देर रात बताया कि राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकारी आवास पर वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल तथा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के साथ वार्ता हुई।प्रवक्ता ने बताया कि तीनों मुख्यमंत्रियों ने कहा कि उनके-उनके राज्य में धर्मगुरुओं तथा कांवड़ संघों ने कोविड-19 के चलते इस साल श्रावण मास में कांवड़ यात्रा को स्थगित रखने का प्रस्ताव दिया है। इन प्रस्तावों पर विचार करते हुए तीनों मुख्यमंत्रियों ने व्यापक जनहित में इस वर्ष कांवड़ यात्रा को स्थगित रखे जाने का निर्णय लिया । उन्होंने बताया कि हरियाणा एवं उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्रियों के साथ वार्ता के बाद योगी ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सभी अपर पुलिस महानिदेशक जोन तथा मण्डलायुक्तों से बातचीत की।मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी स्थानीय स्तर पर अपने-अपने क्षेत्रों में धर्मगुरुओं, कांवड़ संघों, शांति समितियों आदि से संवाद स्थापित कर लें। महामारी के चलते कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूर्णत: पालन करते हुए किसी भी जगह पर पांच से अधिक लोग एकत्रित न होने पाएं । दो गज की दूरी, मास्क जरूरी का पालन हर हाल में सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि धर्मगुरुओं और कांवड़ संघों से वार्ता के बाद उनकी अपील को जनता तक पहुंचाने और प्रचारित-प्रसारित करने के भी कार्य किए जाएं । स्थानीय स्तर पर शिवालयों में जलाभिषेक के लिए पांच या उससे कम की संख्या में जाने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सावधानी के लिए व्यवस्था की जाए।गौरतलब है कि एक अगस्त को ईद-उल-अज़हा (बकरीद) है । मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि इस पर्व पर कोई भीड़भाड़ न हो। सभी जनपदों में धर्मगुरुओं से संवाद स्थापित करते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि बकरीद पर किसी भी धार्मिक स्थल पर पांच से अधिक व्यक्ति एकत्र न होने पाएं । योगी ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण काल में आने वाले सभी त्योहारों के दौरान सभी समुदायों के लोगों को जागरूक किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक स्तर पर संक्रमण के प्रति जागरूकता उत्पन्न की जाए। प्रमुख स्थानों, बाजारों तथा चौराहों आदि पर लाउडस्पीकरों के माध्यम से लोगों को कोरोना वायरस से बचाव की जानकारी दी जाए ।
- ब्रह्मपुर (ओडिशा)। ओडिशा के गंजाम जिले में दो बेटों ने कथित रूप से पीट-पीट कर अपने 65 वर्षीय पिता की हत्या कर दी।प्रभारी पुलिस निरीक्षक जीतेन्द्र कुमार मल्लिक ने शनिवार को बताया कि यह घटना शुक्रवार की रात पोलासारा थाना क्षेत्र के कालाम्बा गांव में हुई। मृतक की पहचान अभिमन्यु प्रधान के रूप में हुई है। पुलिस ने बताया कि दोनों बेटों ने प्रधान को बचाने का प्रयास कर रही अपनी मां को भी पीटा। महिला को पोलासारा के अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत गंभीर बतायी जा रही है। मल्लिक ने बताया कि आरोपियों सुशांत प्रधान (30) और मनगुलु प्रधान (27) को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि हालांकि हत्या के पीछे के कारणों का अभी पता नहीं चल सका है, लेकिन ऐसा लगता है कि पारिवारिक झगड़े के कारण यह घटना हुयी। पुलिस ने बताया कि शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।मल्लिक ने बताया कि जांच जारी है, दोनों भाइयों से पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने बताया कि दोनों भाई अक्सर शराब के नशे में अपने पिता से लड़ते-झगड़ते रहते थे।----
- नई दिल्ली। अंतराष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के करीब डेढ़ लाख जवान योग वेबिनार में शामिल हुए। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।वेबिनार को स्वामी विवेकानंद योग अनुसंधान संस्थान (एसवीवाईएएसए) विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ.एचआर नगेंद्र ने संबोधित किया। बेंगलुरु स्थित विश्वविद्यालय की स्थापना नगेंद्र ने वर्ष 2002 में की थी और यह दुनिया का पहला विश्वविद्यालय है जो योग से जुड़े शोधों को समर्पित है।सीआरपीएफ के प्रवक्ता ने बताया, वेबिनार का सजीव प्रसारण फेसबुक, यूट्यूब और उपग्रह आधारित बल के मंचों से किया गया। एक अनुमान के मुताबिक बल के डेढ़ लाख जवानों के साथ उनके परिवार के सदस्यों ने हिस्सा लिया। उन्होंने बताया कि एक घंटे के सत्र के दौरान योग के विभिन्न तरीकों का भी प्रदर्शन किया गया। प्रवक्ता ने बताया कि इस सत्र को रविवार को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था क्योंकि कोरोना वायरस की महामारी के चलते इस बार यह खुले में आयोजित किया नहीं जा रहा है।उल्लेखनीय है कि सीआरपीएफ देश का सबसे बड़ा अर्धसैनिक बल है जिसमें 3.25 लाख जवान कार्यरत है। बल में 1,100 योग के प्रशिक्षक तैनात हैं और बल ने चार साल पहले विभिन्न प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में शारीरिक गतिविधियों को अनिवार्य बना दिया था।---
- नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना जैसी विभिन्न पहलों के जरिए लगभग 96 हजार 196 लोगों को योग शिक्षक के रूप में प्रशिक्षित किया गया है। कौशल विकास पर सरकार के अन्य कार्यक्रमों में छोटी अवधि के प्रशिक्षण और विशेष परियोजनाएं शामिल हैं।कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय ने कहा कि प्रशिक्षण के लिहाज से उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, ओडिशा, केरल और पश्चिम बंगाल सबसे आगे हैं। कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री महेंद्र नाथ पाण्डेय ने कहा कि सरकार योग के क्षेत्र में विभिन्न करियर संभावनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने और युवाओं को योग को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने का काम कर रही है। आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने कहा कि इस समय योग का महत्व और अधिक बढ़ गया है, क्योंकि दुनिया भर में लोग कोरोना वायरस के प्रकोप से उत्पन्न विभिन्न चुनौतियों से निपटने की राह तलाश रहे हैं।
- भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा का पांच दिवसीय सत्र 20 जुलाई से शुरु होगा। मध्यप्रदेश विधानसभा के प्रमुख सचिव ए पी सिंह ने बताया कि इस संबंध में राज्यपाल के अनुमोदन के बाद शनिवार को अधिसूचना जारी कर दी गई है।उन्होंने कहा कि यह सत्र 20 जुलाई से 24 जुलाई तक होगा। सिंह ने बताया कि इस पांच दिवसीय सत्र में सदन की कुल पांच बैठकें होंगी, जिसमें महत्वपूर्ण शासकीय विधि विषयक एवं वित्तीय कार्य संपादित किये जाएंगे।
- नई दिल्ली। एक नए अध्ययन में यह बात सामने आयी है कि योग से न सिर्फ माइग्रेन के दर्द में आराम मिलता है बल्कि इसके इलाज पर आने वाले खर्च में भी कमी आ सकती है। एम्स द्वारा किया गया यह अध्ययन अमेरिकी न्यूरोलॉजी अकादमी की पत्रिका न्यूरोलॉजी में प्रकाशित हुआ है। एम्स के एक बयान में यह जानकारी दी गई है।इस नए अध्ययन में कहा गया है कि योग माइग्रेन से पीडि़त लोगों की मदद कर सकता है और इससे होने वाले सिरदर्द में आराम पहुंचाता है। अध्ययन के अनुसार, माइग्रेन का इलाज दवाओं से किया जाता है, लेकिन दवाइयां लगभग आधे रोगियों पर ही असर कर पाती हैं। कई दवाइओं के नकारात्मक प्रभाव भी होते हैं, जिनके चलते लगभग 10 प्रतिशत रोगी उनका सेवन बंद कर देते हैं। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के बयान में कहा गया है, इसके (अध्ययन के) नतीजे बताते हैं कि योग न केवल माइग्रेन के दर्द को कम कर सकता है बल्कि इससे इसके इलाज पर होने वाला खर्च भी कम हो जाता है। यह माइग्रेन के इलाज के लिये योग के मूल्यांकन का अब तक का इस प्रकार का सबसे बड़ा परीक्षण है।'' अध्ययन के दौरान ऐसे 114 लोगों के दो समूह बनाए गए, जो आकस्मिक माइग्रेन से पीडि़त थे।अध्ययन में कहा गया है कि पहले समूह ने अपने डॉक्टरों की सलाह के अनुसार पारंपरिक चिकित्सा पद्धति अपनाई जबकि दूसरे समूह ने पारंपरिक इलाज के साथ-साथ योगाभ्यास भी किया, जिसमें व्यायाम, ध्यान और योगासन शामिल हैं। योग करने के नियम एम्स के सेंटर फॉर इंटिग्रेटिव मेडिसिन एंड रिसर्च (सीआईएमआर) में योग चिकित्सकों ने तैयार किए थे। इस दौरान रोगियों को सीआईएमआर के योग चिकित्सकों की निगरानी में एक महीने हर सप्ताह तीन दिन एक-एक घंटे योग सिखाया गया। इसके बाद उन्होंने अपने घरों में दो महीने तक सप्ताह में पांच दिन इसका अभ्यास किया। अध्ययन में पाया गया कि दोनों समूहों के लोगों के सिरदर्द की आवृति और तीव्रता में कमी आई। इस दौरान योग करने वाले समूह को ज्यादा आराम मिला। अध्ययन में कहा गया है, योग करने वाले समूह में अध्ययन से पहले सिरदर्द की मासिक औसत आवृति 9.1 थी, जो अध्ययन के अंत में घटकर 4.7 प्रतिमाह रह गई । इस तरह उनके सिरदर्द की मासिक औसत आवृति में 48 प्रतिशत की गिरावट आई। एम्स के बयान में कहा गया है, केवल दवाओं का सेवन करने वाले समूह के बीच अध्ययन से पहले सिरदर्द की मासिक औसत आवृति 7.7 प्रतिशत थी, जो तीन महीने बाद घटकर 6.8 रह गई। इस तरह इसमें केवल 12 प्रतिशत की कमी आई।
- नई दिल्ली। छठा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कल मनाया जाएगा। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदेश के साथ शुरू होगा।इससे पहले श्री मोदी ने लोगों से अपने घरों में अपने परिजनों के साथ परस्पर सुरक्षित दूरी के मानकों का पालन करते हुए योग करने की अपील की। उन्होंने कहा कि योग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और मस्तिष्क तथा शरीर को मजबूत बनाता है।पिछले कई वर्षों से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर सार्वजनिक स्थलों पर सामूहिक योग कार्यक्रम होते रहे हैं। लेकिन इस वर्ष कोविड-19 महामारी के कारण मुख्य ध्यान लोगों को अपने घरों में परिजनों के साथ योग कराने पर है।
- नई दिल्ली। नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि वंदे भारत मिशन के चरण-3 और 4 के अंतर्गत एयर इंडिया एक्सप्रेस ने तीन सौ उड़ानों के संचालन की योजना बनाई है।नई दिल्ली में पत्रकारों को इसकी जानकारी देते हुए श्री पुरी ने कहा कि करीब सात सौ पचास उड़ानों के संचालन की पेशकश घरेलू निजी विमान कम्पनियों के लिए की गई है। उन्होंने बताया कि प्राइवेट आपरेटरों ने करीब चालीस उड़ानों का कार्यक्रम बनाया है। उड्डयन मंत्री ने बताया कि इस महीने की 18 तारीख तक वंदे भारत मिशन के अंतर्गत एयर इंडिया ग्रुप ने देश में आने वाली 581 और विदेश जाने वाली 589 उड़ानें भरीं। उन्होंने कहा कि लाइफलाइन उड़ान के अंतर्गत अब तक 588 फेरे लगाए गए हैं, जिनसे 940 टन से अधिक सामान गंतव्यों तक पहुंचाया गया।श्री पुरी ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान विदेशों में फंसे करीब दो लाख 75 हजार भारतीय नागरिक उड़ानों और जलपोतों के जरिए स्वदेश लाए गए। अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें शुरू होने के बारे में पत्रकारों के सवाल पर श्री पुरी ने कहा कि जब तक ये उड़ानें बहाल नहीं हो जातीं, तब तक सरकार के पास प्रबंधित और नियंत्रित स्थितियों के अंतर्गत यात्रियों की वापसी के लिए उड़़ानें संचालित करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय यात्री विमान परिवहन शुरू करने का निर्णय अन्य देशों पर निर्भर करता है। श्री पुरी ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें बहाल होने का सही समय इस बात पर निर्भर करेगा कि अन्य देश अपने यहां बाहरी विमानों को उतरने की अनुमति कब देते हैं।---
- फिरोजाबाद (उप्र)। जनपद के थाना नसीरपुर क्षेत्र में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर एक कार के ट्रक से टकरा जाने से उसमें सवार दंपति और उनके बच्चों सहित पांच लोगों की मौत हो गई जबकि एक घायल महिला की हालत गंभीर बनी हुई है।पुलिस ने बताया कि शनिवार सुबह दिल्ली से इलाहाबाद जा रही कार पहले डिवाइडर से टकराई और फिर उसकी टक्कर ट्रक से हो गई। उन्होंने बताया कि हादसा इतना भीषण था कि गाड़ी के परखच्चे उड़ गए। सहायक पुलिस अधीक्षक डॉक्टर ईराज राजा ने बताया कि इलाहाबाद के भेजा थाना क्षेत्र निवासी 40 वर्षीय रविनेश पांडे अपनी पत्नी रूबी पांडे (35) और तीन बच्चों- लक्ष्य (7), केशव (17) और नंदनी (5) के साथ कार से दिल्ली से इलाहाबाद जा रहे थे। उनके साथ एक महिला भी थी। उन्होंने बताया कि आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे पर पहुंचने के बाद कार डिवाइडर से टकराकर असंतुलित हो गई और आगे जा रहे एक ट्रक से टकरा गई जिससे उसमें सवार रविनेश और उनकी पत्नी एवं तीनों बच्चों की मौके पर मौत हो गई जबकि प्रियंका पांडे नामक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई जिसे उपचार के लिए ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है। राजा ने बताया कि शवों को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा गया है। परिजन को सूचना भेज दी गई है और ट्रक चालक की तलाश की जा रही है।
- हैदराबाद। वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने कहा है कि वायुसेना लक्ष्य पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्पित है और किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार तथा उपयुक्त जगह पर तैनात है।हैदराबाद में डुंडीगल में वायुसेना अकादमी (एएफए) में कम्बाइंड ग्रैजुएशन परेड (सीजीपी) को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वायुसेना लक्ष्य पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्पित है और वह लद्दाख की गलवान घाटी में हमारे शूरवीरों के बलिदान को कभी व्यर्थ नहीं जाने देगी। उन्होंने कहा, यह बिल्कुल स्पष्ट होना चाहिए कि हम पूरी तरह तैयार हैं और किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिये उपयुक्त जगह पर तैनात हैं। मैं देश को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम लक्ष्य पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं तथा गलवान के अपने शूरवीरों का बलिदान कभी व्यर्थ नहीं जाने देंगे।उनका यह बयान सोमवार रात को लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के साथ हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिकों के शहीद होने के बाद आया है। श्री भदौरिया ने कहा, हमारे क्षेत्र में सुरक्षा परिदृश्य हमारे सशस्त्र बलों को हर समय तैयार और सतर्क रहने को कहता है। लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थिति इस बात का छोटा सा नजारा है कि बेहद कम समय में स्थिति से निपटने के लिए हमें की क्या करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, सैन्य वार्ता के दौरान हुए समझौतों के बाद चीन की अस्वीकार्य कार्रवाई और उसके परिणामस्वरूप जान के नुकसान के बावजूद सभी प्रयास यह सुनिश्चित करने के लिए किए जाते हैं कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर मौजूदा स्थिति शांतिपूर्ण तरीके से हल हो जाए। वायुसेना प्रमुख ने कहा कि चीनी बलों के साथ झड़प के दौरान हमारे सैनिकों की वीरता ने किसी भी कीमत पर अपने देश की संप्रभुता की रक्षा करने के संकल्प को दर्शाया है।
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मथुरा। यमुना एक्सप्रेस वे पर आगरा से दिल्ली की ओर जा रही इटियोस कार अनियंत्रित हो अज्ञात वाहन से टकरा गई। घटना में कार सवार दंपत्ति समेत तीन की मौत हो गई, जबकि एक की हालत गंभीर है। शनिवार तड़के आगरा की तरफ से इटियोस कार दिल्ली की तरफ जा रही थी। थाना प्रभारी निरीक्षक एमपी चतुर्वेदी के अनुसार मृतक दंपति ग्राम शाहजहांपुर, सहारनपुर के रहने वाले थे।
पुलिस के अनुसार तड़के सुबह 4 बजे थाना जमुनापार क्षेत्र में माइलस्टोन 107 के समीप कार अनियंत्रित हो अज्ञात वाहन से टकरा गई। इससे कार सवारों की चीख पुकार सुनकर राहगीर वाहन चालक ने पुलिस को सूचना दी। हादसे की सूचना पर थाना प्रभारी निरीक्षक जमुनापार एमपी चतुर्वेदी तत्काल पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने कार में बुरी तरह फंसे लोगों को बाहर निकाला। इस दौरान तीन की मौत हो गई थी। थाना प्रभारी निरीक्षक एमपी चतुर्वेदी ने बताया कि सुमेर चंद्र पुत्र वीर सिंह (42), जयश्री दीप पत्नी सुमेर चंद (40) निवासी ग्राम शाहजहांपुर थाना सरसावा जनपद सहारनपुर, चालक अमित कुमार पुत्र राकेश पाल निवासी दादरी, संजीव पाल पुत्र दर्जाराम निवासी दादरी कार से यमुना एक्सप्रेस वे पर होते हुए यमुनानगर हरियाणा जा रहे थे। थाना जमुना पार क्षेत्र में शनिवार तड़के माइलस्टोन 107 के पास कार अचानक अनियंत्रित होकर आगे चल रहे वाहन में टकरा गई। जिससे कार के परखच्चे उड़ गए और उसमें सवार सुमेर चंद, जयश्री दीप, अमित कुमार की मौके पर ही मौत हो गई। संजीव घायल हो गए। ड्राइवर अमित यमुनानगर का रहने वाला था। गंभीर रूप घायल संजीव को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
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- नई दिल्ली। केंद्र ने राज्यों को पत्र लिखकर घर में पृथकवास संबंधी दिशा निर्देशों का पालन करने को कहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने पिछले महीने की दस तारीख़ को इस संबंध में संशोधित दिशा- निर्देश जारी किए थे। इसके अनुसार, कोरोना के बहुत मामूली और शुरुआती लक्षणों वाले व्यक्ति घर पर ही पृथकवास में रहने का विकल्प चुन सकते हैं, बशर्ते उसके लिए घर में शौचालययुक्त अलग कमरा हो। ऐसे रोगियों को अपने स्वास्थ्य की लगातार निगरानी करनी होती है और जिला निगरानी अधिकारी को उसकी जानकारी देनी होती है ताकि निगरानी दल आगे की पहल कर सकें।संशोधित दिशा निर्देशों में यह व्यवस्था की गई है कि घरेलू पृथकवास में रहने का विकल्प चुनने वालों को यह वचनपत्र देना होता है कि वे सभी मानदंडों का पालन करेंगे। मंत्रालय के अऩुसार, घरेलू पृथकवास वाले सभी मामलों पर डॉक्टर लगातार नजऱ रखते हैं और उन्हें छुट्टी दिए जाते समय भी दिशा निर्देशों का पालन करना होता है। मंत्रालय ने कहा है कि कुछ राज्यों में, घर में ही पृथकवास में रहने की अऩुमति एक सामान्य प्रक्रिया के रुप में दी जा रही है और संशोधित दिशा निर्देशों का अक्षरश: पालन नहीं किया जा रहा है। मंत्रालय ने राज्यों से कहा है कि वे कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए दिशा निर्देशों का सख्ती से अऩुपालन सुनिश्चित करें।----
- नई दिल्ली। मधुमेह के निदान के लिए अनुवांशिकी के उपयोग का एक नया तरीका भारतीयों में बेहतर निदान और उपचार का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।सीएसआईआर-कोशिकीय एवं आणविक जीव विज्ञान केंद्र (सीसीएमबी), हैदराबाद, केईएम अस्पताल, पुणेऔर एक्सेटर विश्वविद्यालय, यू.के. के शोधकर्ताओं द्वारा संयुक्त रूप से किए गए एक ताजा अध्ययन में यह बात उभरकर आयी है।अध्ययन में स्पष्ट किया गया है कि भारतीयों में टाइप-1 मधुमेह के निदान के लिए जेनेटिक रिस्क स्कोर प्रभावी हो सकता है।एक्सेटर विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित जेनेटिक रिस्क स्कोरटाइप-1 मधुमेह की संभावना को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार ज्ञात विस्तृत आनुवांशिक जानकारी पर आधारित है। किसी व्यक्ति में टाइप-1 मधुमेहका पता लगाने के लिए निदान करते समय इस स्कोर का इस्तेमाल किया जा सकता है।मधुमेह के मामले में यूरोपीय आबादी के परिप्रेक्ष्य में अधिकतर अनुसंधान किए गए हैं। इस नये अध्ययन में पता चला है कि भारतीयों में टाइप-1 मधुमेह के निदान के लिए यूरोपीय रिस्क स्कोर कितना प्रभावी हो सकता है। शोधकर्ताओं ने पुणे में रह रहे मधुमेह रोगियों पर अध्ययन किया है।अध्ययन मेंटाइप-1मधुमेह के 262, टाइप-2 मधुमेह के 352 और बिना मधुमेह के 334लोगों को शामिल किया गया है। शोधकर्ताओं का कहना है किये सभी भारतीय (इंडो-यूरोपियन) वंश के थे। भारतीय आबादी के परिणामों की तुलना वेलकम ट्रस्ट केस कंट्रोल कंसोर्टियम के अध्ययन में शामिल यूरोपियन आबादी के साथ की गई है।इस शोध में पाया गया है कि यूरोपीय आंकड़ों पर आधारित अपने वर्तमान स्वरूप में भी यह परीक्षण भारतीयों में मधुमेह के सही प्रकार का निदान करने में प्रभावी है। शोधकर्ताओं को आबादी के बीच आनुवांशिक अंतर भी देखने को मिला है, जो भारतीय आबादी में बेहतर परिणामों के लिए परीक्षण में संभावित और उन्नत सुधार की ओर संकेत करते हैं। यह अध्ययन शोध पत्रिका साइंटिफिक रिपोट्र्स में प्रकाशित किया गया है।यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सेटर मेडिकल स्कूल के शोधकर्ता डॉ रिचर्ड ओराम के अनुसार - मधुमेह के सही टाइप का पता लगाना चिकित्सकों के लिए एक कठिन चुनौती है, क्योंकि अब हम यह जानते हैं कि टाइप-1 मधुमेह किसी भी उम्र में हो सकती है। यह कार्य भारत में और भी कठिन है, क्योंकि टाइप-2 मधुमेह के अधिकतर मामले कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले लोगों में पाये जाते हैं। अब हम जानते हैं कि हमारा आनुवांशिक रिस्क स्कोर भारतीयों के लिए एक प्रभावी उपकरण है, और लोगों को मधुमेह केटोएसिडोसिस जैसी खतरनाक और जानलेवा जटिलताओं से बचने के लिए उपचार की आवश्यकता और सर्वोत्तम स्वास्थ्य लाभ की पूर्ति कर सकता है।केईएम अस्पताल और अनुसंधान केंद्र, पुणे के डॉ. चितरंजन याज्ञिक ने कहाकि - युवा भारतीयों में मधुमेह की बढ़ती महामारी को देखते हुए यह अनिवार्य हो जाता है कि हम गलत व्यवहार और उसके दीर्घकालिक जैविक, सामाजिक और आर्थिक प्रभाव से बचने के लिए मधुमेह के प्रकार का सही निदान करें। नया जेनेटिक टूल इसमें काफी मदद करेगा। उन्होंने कहा, हम भारत के विभिन्न हिस्सों से मधुमेह के रोगियों में इस परीक्षण का उपयोग करना चाहते हैं जहां मधुमेह के रोगियों की शारीरिक विशेषताएं मानक विवरण से भिन्न हैं।शोधकर्ताओं ने नौ आनुवंशिक क्षेत्रों (जिसे एसएनपी कहा जाता है) का पता लगाया है, जो भारतीय और यूरोपीय दोनों आबादियों में टाइप-1 मधुमेह से संबंधित हैं,और भारतीयों में टाइप-1 मधुमेह के आरंभ का पूर्वानुमान कर सकते हैं। सीएसआईआर-सीसीएमबी में इस अध्ययन का नेतृत्व कर रहे प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. जी.आर. चांडक ने कहा - यह जानना काफी दिलचस्प रहा कि भारतीय और यूरोपीय रोगियों में विभिन्न प्रकार के एसएनपी की प्रचुरता है। यह इस संभावना की पुष्टि करता है कि पर्यावरणीय कारकएसएनपी के साथ मिलकर रोग का कारण बन सकते हैं।शोधकर्ताओं का कहना है कि भारत की जनसंख्या की आनुवांशिक विविधता को देखते हुएअध्ययन के परिणामों का परीक्षण देश के अन्य जातीय समूहों पर भी किया जा सकता है। सीएसआईआर-सीसीएमबी के निदेशक डॉ. राकेश के मिश्रा ने कहा - चूंकि भारत में टाइप-1 मधुमेह से ग्रसित 15 वर्ष से कम आयु के 20 प्रतिशत से अधिक लोग हैं, उनके लिए टाइप-1 मधुमेह और टाइप-2मधुमेह का विश्वसनीय तरीके से स्पष्ट निदान करनेमें सक्षम एक आनुवांशिक टेस्ट किट विकसित करना देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो सकता है।कुछ समय पहले तकव्यापक रूप से माना जाता था कि टाइप-1 मधुमेह बच्चों और किशोरों में दिखाई देती है, और टाइप-2 मधुमेह मोटे और वयस्कों को (आमतौर पर 45 साल की उम्र के बाद) होती है।लेकिन, हाल के निष्कर्षों से पता चला है कि टाइप-1 मधुमेहउम्र के बाद के वर्षों में हो सकती है और टाइप-2 मधुमेह युवाओं और पतले भारतीयों में तेजी से बढ़ रहा है। इसीलिए, मधुमेह के दो प्रकारों की पहचान करना अधिक जटिल हो गया है। टाइप-1 मधुमेह के साथ दो प्रकार के उपचार नियमों का पालन करना होता हैं, जीवन भर इंसुलिन इंजेक्शन का प्रयोग करना अनिवार्य होता है, लेकिन टाइप-2 मधुमेह को अक्सर आहार या टैबलेट के उपचार के साथ संतुलित किया जा सकता है। मधुमेह के प्रकारों के गलत वर्गीकरण के कारण मधुमेह का सही उपचार न मिल पाने और अन्य संभावित परेशानियां उत्पन्न होने का खतरा रहता है।
- जम्मू। दक्षिण कश्मीर में सुरक्षा बलों द्वारा चलाए जा रहे आतंकरोधी अभियान में दो अलग-अलग स्थानों पर हुई मुठभेड़ में आठ आतंकवादी मारे गए।मीज पम्पोर और शोपियां के बंदपावा में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने कल शाम संयुक्त तलाशी अभियान चलाया। इसमें जम्मू-कश्मीर पुलिस, राष्ट्रीय राइफल्स और केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवान शामिल थे। सुरक्षाबलों के इलाके में पहुंचते ही छुपे हुए आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। आतंकवादियों के मारे जाने के साथ ही यह अभियान आज सवेरे समाप्त हो गया। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने बताया कि तीन आतंकी मीज पम्पोर में, जबकि पांच शोपियां के बंदपावा में मारे गए थे। आतंकवादियों की पहचान की जा रही है।इससे पहले मीज पम्पोर में कल एक आतंकवादी मारा गया, जबकि दो आतंकवादी नजदीक की एक मस्जिद में छिप गए। प्रवक्ता ने बताया कि सुरक्षाबलों ने आतकवादियों को विफल करने के लिए संयम का परिचय देते हुए कोई गोली नहीं चलाई। मस्जिद की पवित्रता बनाए रखने के लिए केवल आंसू गैस के गोले दागे।
- - झारखंड में 1-1 सीट पर एनडीए और जेएमएम- मेघालय में डेमोक्रेटिक एलांयस की जीत हुईनई दिल्ली। कर्नाटक में चार सीटों के लिए सभी उम्मीदवार निर्विरोध चुने गये। ये हैं- पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौडा, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खडग़े, भाजपा उम्मीदवार इरन्ना कडाडी और अशोक गस्ती।झारखंड में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दीपक प्रकाश तथा झारखंड मुक्ति मोर्चा प्रमुख शिबु सोरेन ने राज्यसभा चुनाव जीत लिया है। 81 सदस्यों की झारखंड विधानसभा में राज्यसभा की दो सीटों के लिए आज वोट डाले गए। वहीं, कांग्रेस के उम्मीदवार शाजादा अनवर चुनाव हार गए।मेघालय डेमोक्रेटिक एलायंस- एम डी ए गठबंधन के उम्मीदवार और एनपीपी प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर डब्ल्यू आर खारलुखी राज्यसभा के लिए चुने गए हैं। डॉक्टर डब्ल्यू आर खारलुखी ने मेघालय से राज्यसभा की एक सीट के लिए चुनाव में कांग्रेस के केनेडी खीरीएम को 20 वोट से पराजित किया।चुनाव में कुल 59 वोट डाले गए जिनमें से 39 डॉक्टर डब्ल्यू आर खारलुखी को मिले। कांग्रेस के उम्मीदवार केनेडी खीरीएम को 19 वोट मिले। एक वोट अवैध घोषित किया गया। खुन हाइन्यूट्रेप नेशनल अवेकनिंग मूवमेंट - केएचएनएएम के विधायक आदेलबर्ट नोंगरुम ने मतदान में भाग नहीं लिया। यह पहली बार है जब एनपीपी प्रदेश अध्यक्ष राज्यसभा में मेघालय का प्रतिनिधित्व करेंगे।
- नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ सहित दस से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने गरीबों व प्रवासियों को मुफ्त खाद्यान्न तथा दाल वितरण योजना की अवधि तीन महीने बढ़ाये जाने की मांग की है।केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी। प्रधानमंत्री गरीब अन्न योजना (पीएमजीएवाई) के तहत, सरकार राशन दुकानों के जरिये अप्रैल-जून के लिये प्रति व्यक्ति पांच किलोग्राम खाद्यान्न और प्रति परिवार एक किलोग्राम दाल मुफ्त में उपलब्ध करा रही है। इसके साथ ही आठ करोड़ वैसे प्रवासियों को भी मुफ्त अनाज और दाल उपलब्ध कराई जा रही है, जिनके पास कोई राशन कार्ड नहीं है। यह कोविड-19 के कारण लागू लॉकडाउन से प्रभावित लोगों की मदद के लिये घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत पैकेज का हिस्सा है।श्री पासवान ने संवाददाताओं से कहा, हमें इन दो योजनाओं के विस्तार के लिये 10 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों से अनुरोध प्राप्त हुए हैं। हम मामले पर विचार कर रहे हैं और उसके आधार पर ही मंत्रिमंडल को प्रस्ताव आगे बढ़ाने का निर्णय लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि असम, कर्नाटक, पुडुचेरी, तमिलनाडु, राजस्थान, पंजाब, केरल, मिजोरम, छत्तीसगढ़ उन राज्यों में हैं, जिन्होंने योजना अवधि विस्तार की मांग की है। पासवान ने कहा कि केंद्रीय भंडार में खाद्यान्न की कोई कमी नहीं है। उन्होंने राज्य सरकारों से मानसून से पहले अग्रिम में अनाज उठाने और सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत गरीबों को समय पर वितरण सुनिश्चित करने की अपील की है।भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डी वी प्रसाद ने कहा कि पीएमजीएवाई के तहत प्रवासियों को मुफ्त अनाज का वितरण अंतिम चरण में है। उन्होंने कहा कि वितरण सभी राज्यों में जारी है, लेकिन बिहार और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में थोड़ा धीमा है। इससे पहले, पासवान ने यह भी उल्लेख किया कि इस वर्ष गेहूं खरीद रिकॉर्ड स्तर पर है। उन्होंने कहा कि भंडारण के बारे में भी चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि अभी भंडारण क्षमता आठ करोड़ टन से अधिक अनाज रखने की है, जबकि वार्षिक आवश्यकता छह करोड़ टन की है। उन्होंने कहा कि भंडारण की चिंता केवल पंजाब और हरियाणा में है, जहां से अधिकतम अनाज की खरीद की जाती है, लेकिन यह एक छोटी अवधि की समस्या है।--बरसाती नाले में नहाने के दौरान तीन भाइयों की डूबने से मौतसिंगरौल। मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिला मुख्यालय से लगभग 80 किलोमीटर दूर चितरंगी थाना क्षेत्र के गांव सुदा में गुरुवार को घर के पास बारिश से भरे नाले में नहाने के दौरान तीन भाइयों की डूबने से मौत हो गयी।चितरंगी पुलिस थाने के प्रभारी निरीक्षक जबर सिंह ने बताया कि आज पूर्वाह्न 11 बजे गांव सुदा निवासी रामविलास बैगा के तीन बेटे मुकेश (7), नीलेश (5) और सुरेश (3) घर के सामने बारिश से भरे नाले में खेलते-खेलते नहाने चले गए जहां नहाने के दौरान सभी का पैर कीचड़ में फंस गए, जिस वजह से तीनों की एक साथ वहीं पर मौत हो गयी। सिंह ने बताया कि जब बच्चे काफी समय तक घर मे नहीं दिखे तो परिजन उन्हें ढूंढऩे निकले और शंका होने पर नाले में तलाश किया तो वहां तीनों के शव मिले। उन्होंने बताया कि शवों को निकालकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। पुलिस मामला दर्ज कर विस्तृत जांच कर रही है।
- सिंगरौल। मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिला मुख्यालय से लगभग 80 किलोमीटर दूर चितरंगी थाना क्षेत्र के गांव सुदा में गुरुवार को घर के पास बारिश से भरे नाले में नहाने के दौरान तीन भाइयों की डूबने से मौत हो गयी।चितरंगी पुलिस थाने के प्रभारी निरीक्षक जबर सिंह ने बताया कि पूर्वाह्न 11 बजे गांव सुदा निवासी रामविलास बैगा के तीन बेटे मुकेश (7), नीलेश (5) और सुरेश (3) घर के सामने बारिश से भरे नाले में खेलते-खेलते नहाने चले गए जहां नहाने के दौरान सभी का पैर कीचड़ में फंस गए, जिस वजह से तीनों की एक साथ वहीं पर मौत हो गयी। सिंह ने बताया कि जब बच्चे काफी समय तक घर मे नहीं दिखे तो परिजन उन्हें ढूंढऩे निकले और शंका होने पर नाले में तलाश किया तो वहां तीनों के शव मिले। उन्होंने बताया कि शवों को निकालकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। पुलिस मामला दर्ज कर विस्तृत जांच कर रही है।
- भुवनेश्वर। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सांस्कृतिक मंत्रालय से अपील की है कि वे महानदी नदी में डूब गए एक प्राचीन मंदिर का पुनरूद्धार करनें और उसे दूसरे स्थान पर स्थापित करने के संबंध में कदम उठाएं।केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल को लिखे गए पत्र में प्रधान ने कहा कि गैर लाभकारी भारतीय राष्ट्रीय कला एवं सांस्कृतिक विरासत न्यास (आईएनटीएसीएच) ने 500 साल पुराने मंदिर का निरीक्षण किया और पाया कि यह ऐतिहासिक महत्व का है और संरक्षित करने के लिहाज से अच्छी स्थिति में है। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं इस्पात मंत्री ने यह कहा कि यह मंदिर भगवान गोपीनाथ (भगवान विष्णु का रूप) को समर्पित है और यह ओडिशा के नयागढ़ जिले में महानदी नदी से निकला है। 55-60 फुट तक पानी में समाहित रह चुके इस मंदिर की बनावट और इसे बनाने में इस्तेमाल की गई सामग्री से यह मंदिर 15वीं या 16वीं शताब्दी का लगता है। ऐसा कहा गया है कि यह मंदिर इस क्षेत्र में बाढ़ आने के बाद 1933 में पानी में डूब गया था। प्रधान का ताल्लुक ओडिशा से है।प्रधान ने संस्कृति मंत्री से इस संबंध में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारियों को निर्देश देने में निजी हस्तक्षेप की मांग की है ताकि मंदिर का पुनरूद्धार हो सके और इसे उचित स्थान पर स्थापित किया जा सके।