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नयी दिल्ली। भारत की सबसे बड़ी आईटी सेवा कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) इस साल अपने वैश्विक कार्यबल के लगभग दो प्रतिशत या 12,261 कर्मचारियों की छंटनी करने वाली है, जिनमें से ज्यादातर मध्यम और वरिष्ठ स्तर के होंगे। टीसीएस के कर्मचारियों की संख्या 30 जून, 2025 तक 6,13,069 थी। हाल ही में समाप्त अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी ने अपने कर्मचारियों की संख्या में 5,000 की वृद्धि की। टीसीएस ने एक बयान में कहा कि यह कदम कंपनी की भविष्य के लिए तैयार संगठन बनने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है। इसके तहत नई तकनीक के क्षेत्रों में निवेश, नए बाजारों में प्रवेश, ग्राहकों और स्वयं के लिए बड़े पैमाने पर एआई का उपयोग, साझेदारियों को मजबूत करना, अगली पीढ़ी के बुनियादी ढांचे का निर्माण और अपने कार्यबल मॉडल को पुनर्गठित करने पर ध्यान दिया जाएगा। कंपनी ने कहा, ''इस यात्रा के एक भाग के रूप में, हम संगठन से उन सहयोगियों को भी हटाएंगे जिनकी तैनाती संभव नहीं हो सकती है। इसका प्रभाव हमारे वैश्विक कार्यबल के लगभग दो प्रतिशत पर पड़ेगा। इसमें मुख्य रूप से मध्यम और वरिष्ठ श्रेणी के अधिकारी होंगे।'' टीसीएस प्रभावित कर्मचारियों को उचित लाभ, क्षतिपूर्ति, परामर्श और सहायता देगी।
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नई दिल्ली। अगर आप रिटायरमेंट के बाद एक सुरक्षित और बेहतर रिटर्न वाली स्कीम की तलाश कर रहे हैं, तो पोस्ट ऑफिस की सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS) आपके लिए एक शानदार विकल्प साबित हो सकती है। इस सरकारी योजना में आप एकमुश्त निवेश करके हर तिमाही तय ब्याज पा सकते हैं।
मान लीजिए कोई व्यक्ति इस योजना में 3 लाख रुपए का निवेश करता है और इसमें 5 साल तक निवेशित रहता है, तो उसे कुल 1.23 लाख रुपए सिर्फ ब्याज के रूप में मिलेंगे। यानी, मैच्योरिटी पर उसे कुल 4.23 लाख रुपए मिलेंगे। इस योजना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें आपको 8.2% सालाना ब्याज मिलता है, जो तिमाही आधार पर दिया जाता है। अगर आप 3 लाख रुपए जमा करते हैं, तो हर तिमाही आपको 6,150 की ब्याज आय होगी।इस योजना में पैसा सुरक्षित रहता है क्योंकि यह केंद्र सरकार द्वारा चलाई जाती है। साथ ही, इसमें आयकर की धारा 80C के तहत टैक्स छूट का फायदा भी मिलता है। यह योजना खासतौर पर 60 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए है, लेकिन कुछ खास शर्तों के साथ 55 वर्ष से ऊपर के रिटायर्ड कर्मचारी भी इसमें निवेश कर सकते हैं। 50-60 साल के रिटायर्ड रक्षा कर्मियों के लिए भी योजना उपलब्ध है। इस अकाउंट को सिंगल या जॉइंट दोनों तरह से खोला जा सकता है।समय से पहले बंद करने पर क्या होगा?अगर आप योजना की अवधि से पहले खाता बंद करते हैं तो कुछ कटौती का सामना करना पड़ सकता है:1 साल से पहले बंद करने पर: कोई ब्याज नहीं मिलेगा, और अगर ब्याज मिला है तो वह मूलधन से काटा जाएगा।1 से 2 साल के बीच बंद करने पर: 1.5% राशि मूलधन से काटी जाएगी।2 से 5 साल के बीच बंद करने पर: 1% राशि कटेगी।विस्तारित खाता: 1 साल पूरा होने के बाद बिना किसी कटौती के बंद किया जा सकता है।जानिए रिटायरमेंट के समय मिलने वाली कौन-कौन सी राशि होती है शामिलसेवानिवृत्ति लाभ का मतलब है वह समस्त भुगतान जो किसी कर्मचारी को रिटायरमेंट (सुपरएन्युएशन या अन्य कारणों से सेवा समाप्त होने) के समय मिलता है। इन लाभों में कई तरह की रकम शामिल होती हैं, जैसे:प्रोविडेंट फंड की देनदारी।सेवा निवृत्ति, सुपरएन्युएशन या मृत्यु पर मिलने वाला ग्रेच्युटी।पेंशन की एकमुश्त राशि (कम्युटेड पेंशन)।अवकाश नकदीकरण (Cash equivalent of leave) यानी छुट्टियों के बदले मिलने वाली राशि।ग्रुप सेविंग्स लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम में सेविंग्स का वह हिस्सा, जो रिटायरमेंट पर नियोक्ता द्वारा दिया जाता है।कर्मचारी पारिवारिक पेंशन योजना के तहत रिटायरमेंट या विदड्रॉल का लाभ औरवॉलंटरी या स्पेशल वॉलंटरी रिटायरमेंट स्कीम के तहत मिलने वाली अनुग्रह राशि (ex-gratia)।अगर किसी कर्मचारी की सेवा के दौरान मृत्यु हो जाती है, तो उपरोक्त सभी लाभ उसके परिजनों को दिए जाते हैं। ऐसे मामलों में भी इन्हें सेवानिवृत्ति लाभ के अंतर्गत माना जाता है। - नयी दिल्ली। भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) में घोषित शुल्क कटौती के कारण, रोल्स-रॉयस, बेंटले और एस्टन मार्टिन जैसे ब्रिटिश प्रमुख वाहन ब्रांड घरेलू बाजार में सस्ते हो जाएंगे। इस व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर के बाद, ब्रिटेन के वाहन ब्रांड दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में अधिक कारें बेचने की कोशिश करेंगे और अमीरों को लक्षित करेंगे। आधिकारिक तौर पर व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता (सीईटीए) कहे जाने वाले इस समझौते पर बृहस्पतिवार को लंदन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके ब्रिटिश समकक्ष केअर स्टार्मर की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए। समझौते के अनुसार, दोनों पक्षों के बीच कोटा के तहत वाहन आयात पर शुल्क वर्तमान में लगभग 110 प्रतिशत से घटकर 10 प्रतिशत रह जाएगा। यहां प्रमुख ब्रिटिश लक्ज़री वाहन ब्रांड पर एक नज़र डाली गई है।- भारतीय बाजार में रोल्स रॉयस कार की कीमत 7.5 करोड़ रुपये से लेकर 12.25 करोड़ रुपये तक है।- भारत में बेंटले मॉडल की कीमत पांच करोड़ रुपये से लेकर सात करोड़ रुपये तक है।- देश में एस्टन मार्टिन के मॉडल की कीमत वर्तमान में 3.99 करोड़ रुपये से 8.85 करोड़ रुपये के बीच है।- जगुआर लैंड रोवर की कीमत लगभग 68 लाख रुपये से 2.75 करोड़ रुपये तक है।- लोटस कारों की कीमत दो करोड़ रुपये से लेकर लगभग तीन करोड़ रुपये तक है।- मैकलारेन कारों की कीमत लगभग 4.5 करोड़ रुपये से लेकर लगभग छह करोड़ रुपये तक है।
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नई दिल्ली। दूरसंचार क्षेत्र में प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) की लाभार्थी कंपनियों ने सामूहिक रूप से 4,305 करोड़ रुपए का निवेश किया है, जिससे 85,391 करोड़ रुपए की बिक्री हुई है, जिसमें 16,414 करोड़ रुपए का निर्यात (31 मई, 2025 तक) शामिल है।
दूरसंचार पीएलआई योजना के तहत कुल 42 कंपनियों को लाभार्थी के रूप में चिन्हित किया गया हैसंचार एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्रशेखर ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि इस निवेश से 28,067 लोगों को रोजगार भी मिला है। दूरसंचार और नेटवर्किंग उत्पादों के लिए पीएलआई योजना का उद्देश्य इस सेक्टर में 12,195 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना है। दूरसंचार पीएलआई योजना के तहत कुल 42 कंपनियों को लाभार्थी के रूप में चिन्हित किया गया है। इसके अलावा, 5जी सेवाओं को शुरू करने के लिए, 700 मेगाहर्ट्ज, 3300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज बैंड सहित अंतरराष्ट्रीय मोबाइल दूरसंचार (आईएमटी) के लिए विभिन्न स्पेक्ट्रम बैंडों में एक्सेस स्पेक्ट्रम वर्ष 2022 और 2024 में आयोजित स्पेक्ट्रम नीलामी के माध्यम से दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) को आवंटित किया गया है।नीलामी के माध्यम से स्पेक्ट्रम प्राप्त करने वाले सफल बोलीदाताओं को 5जी सहित किसी भी आईएमटी तकनीक को लागू करने की अनुमति हैनीलामी के माध्यम से स्पेक्ट्रम प्राप्त करने वाले सफल बोलीदाताओं को 5जी सहित किसी भी आईएमटी तकनीक को लागू करने की अनुमति है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “डाक विभाग ने डाकघर बचत बैंक सेवाओं के डिजिटलीकरण, डाक जीवन बीमा को कागज रहित और ऑनलाइन प्रणाली में परिवर्तित करने, डाक घर निर्यात केंद्रों की स्थापना और ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग, बीमा और ई-कॉमर्स को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में ई-कॉमर्स संस्थाओं के साथ सहयोग जैसी नई पहल की हैं।”दूरसंचार विभाग ने संचार क्षेत्र में इनोवेशन और घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैंदूरसंचार विभाग (डीओटी) ने संचार क्षेत्र में इनोवेशन और घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि ‘डिजिटल कम्युनिकेशंस इनोवेशन स्क्वायर (डीसीआईएस)’ योजना के तहत, दूरसंचार विभाग ने स्वदेशी 5जी सहित उन्नत तकनीकों के विकास को बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप्स और एमएसएमई द्वारा संचालित 126 परियोजनाओं को 108 करोड़ रुपए के कुल बजटीय परिव्यय के साथ समर्थन दिया है। उन्होंने बताया कि देश की सभी ग्राम पंचायतों (जीपी) को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए भारतनेट परियोजना को चरणबद्ध तरीके से क्रियान्वित किया जा रहा है और अब तक 2,14,325 जीपी को सेवा के लिए तैयार किया जा चुका है।( - नयी दिल्ली. ।गूगल प्ले और एंड्रॉयड ने 2024 में ऐप पब्लिशर और व्यापक भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अनुमानित चार लाख करोड़ रुपये का राजस्व उत्पन्न किया। ‘ऐप पब्लिशर' से तात्पर्य ऐप (एप्लिकेशन) बनाने और उन्हें लोगों तक पहुंचाने वाली कंपनियों या लोगों से है। अर्थशास्त्र, नीति और राय अनुसंधान कंसल्टेंसी पब्लिक फर्स्ट की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, जो स्मार्टफोन के तेजी से बढ़ते चलन, किफायती डेटा और डेवलपर एवं उद्यमियों के गतिशील परिवेश से अभूतपूर्व गति का अनुभव कर रही है। रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘ गूगल प्ले और एंड्रॉयड ने ऐप पब्लिशर और भारत की व्यापक अर्थव्यवस्था के लिए 2024 में चार लाख करोड़ रुपये का राजस्व उत्पन्न किया।'' इसमें कहा गया कि ऐप परिवेश गूगल प्ले और एंड्रॉयड ने प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तौर पर 35 लाख से अधिक नौकरियां उत्पन्न की।
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नयी दिल्ली. इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) कंपनी ग्रीव्स इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के तिपहिया वाहन एल्ट्रा सिटी एक्सट्रा ने एक बार चार्ज होने के बाद 324 किलोमीटर की दूरी तय कर भारत में नया रिकॉर्ड बनाया है। कंपनी ने बुधवार को यह दावा करते हुए कहा कि इसके साथ ही कंपनी इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल हो गई है। कंपनी ने बयान में कहा कि उसकी अगली पीढ़ी की एल्ट्रा सिटी एक्सट्रा ने पूरी तरह चार्ज होने के बाद कर्नाटक के बेंगलुरु से तमिलनाडु के रानीपेट तक की 324 किलोमीटर की दूरी तय की है। इसके साथ ही इसका नाम ‘इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स' में दर्ज हो गया है। ग्रीव्स इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के मुख्य कारोबार अधिकारी (सीबीओ) मनोज एमपी ने कहा, “यह एक रिकॉर्ड से कहीं बढ़कर है। यह रोज़मर्रा के उद्यमियों को भरोसेमंद एवं उच्च प्रदर्शन वाले इलेक्ट्रिक यातायात समाधान उपलब्ध कराने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। एल्ट्रा सिटी एक्सट्रा के साथ हमने न सिर्फ नए मानक स्थापित किए हैं बल्कि किफ़ायती दाम पर नवाचार और सुरक्षा उपलब्ध कराने के वादे को और मजबूत भी बना लिया है।” इसी माह पेश एल्ट्रा सिटी एक्सट्रा, 2024 में एक चार्जिंग में 225 किलोमीटर की दूरी तय करने वाली एल्ट्रा सिटी का अगली पीढ़ी का उन्नत संस्करण है। ग्रीव्स इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के प्रबंध निदेशक विकास सिंह ने कहा, “अल्ट्रा सिटी एक्सट्रा को ‘आज और आने वाले कल की सड़कों के लिए' डिज़ायन किया गया है। -
नयी दिल्ली,स्टॉकिस्ट के भारी खरीदारी से बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में चांदी की कीमतें 4,000 रुपये बढ़कर 1,18,000 रुपये प्रति किलोग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गईं जबकि सोने में 1,000 रुपये की तेजी रही। अखिल भारतीय सर्राफा संघ के मुताबिक, 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 1,000 रुपये बढ़कर 1,01,020 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) पर पहुंच गया। पिछले कारोबारी सत्र में यह 1,00,020 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर बंद हुआ था।
बुधवार को 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 900 रुपये बढ़कर 1,00,450 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) हो गया। पिछले कारोबारी सत्र में यह 99,550 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) सौमिल गांधी ने कहा, ‘‘वैश्विक अनिश्चितता बढ़ने के साथ सोने की मांग बनी हुई है। इसका मुख्य कारण एक अगस्त की समयसीमा से पहले व्यापार समझौता होने की घटती उम्मीदें हैं।'' गांधी ने कहा कि इस अनिश्चितता ने बाजार की चिंता बढ़ा दी है जिससे सुरक्षित निवेश की ओर रुझान बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी डॉलर में समग्र कमजोरी से भी कीमती धातु को समर्थन मिल रहा है। राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को चांदी 3,000 रुपये बढ़कर 1,14,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। पिछले तीन सत्रों में इसमें 7,500 रुपये प्रति किलोग्राम की वृद्धि हुई थी। सर्राफा कारोबारियों ने कहा कि चांदी में तेजी का मौजूदा रुझान मुख्य रूप से औद्योगिक मांग से प्रेरित है। इस बीच, मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सितंबर आपूर्ति के लिए चांदी वायदा 896 रुपये यानी 0.77 प्रतिशत बढ़कर 1,16,551 रुपये प्रति किलोग्राम के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। हालांकि, कमोडिटी एक्सचेंज में अगस्त आपूर्ति के लिए सोना वायदा 24 रुपये गिरकर 1,00,305 डॉलर प्रति 10 ग्राम पर आ गया। वैश्विक स्तर पर, हाजिर सोना 0.26 प्रतिशत गिरकर 3,422.87 डॉलर प्रति औंस पर आ गया।
एलकेपी सिक्योरिटीज के शोध उपाध्यक्ष और विश्लेषक (जिंस एवं मुद्रा) जतिन त्रिवेदी ने कहा कि निवेशक अमेरिका, ब्रिटेन और यूरो क्षेत्र से विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्र के पीएमआई आंकड़ों का इंतजार करेंगे। इससे निकट भविष्य में सर्राफा कीमतों की दिशा के बारे में संकेत मिलेंगे। विदेशी बाजारों में हाजिर चांदी 0.26 प्रतिशत बढ़कर 39.39 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई। -
नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार बुधवार के कारोबारी सत्र में हरे निशान में बंद हुआ। बाजार में चौतरफा खरीदारी देखी गई। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 539.83 अंक या 0.66 प्रतिशत की तेजी के साथ 82,726.64 और निफ्टी 159 अंक या 0.63 प्रतिशत की बढ़त के साथ 25,219.90 पर बंद हुआ।
बैंकिंग शेयरों ने बाजार का नेतृत्व किया और निफ्टी बैंक 0.80 प्रतिशत की तेजी के साथ बंद हुआबैंकिंग शेयरों ने बाजार का नेतृत्व किया और निफ्टी बैंक 0.80 प्रतिशत की तेजी के साथ बंद हुआ, जो कि मुख्य सूचकांक में दर्ज की गई बढ़त से अधिक है। लार्जकैप के साथ मिडकैप में भी खरीदारी हुई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 203.70 अंक या 0.34 प्रतिशत की तेजी के साथ 59,307.10 पर बंद हुआ। हालांकि, निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स सपाट 18,893 पर बंद हुआ।सेक्टोरल आधार पर ऑटो, आईटी, पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल सर्विसेज, फार्मा, मेटल और एनर्जी सबसे ज्यादा बढ़ने वाले इंडेक्स थेसेक्टोरल आधार पर ऑटो, आईटी, पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल सर्विसेज, फार्मा, मेटल और एनर्जी सबसे ज्यादा बढ़ने वाले इंडेक्स थे। एफएमसीजी, रियल्टी और मीडिया सबसे ज्यादा गिरने वाले इंडेक्स थे। सेंसेक्स पैक में टाटा मोटर्स, भारती एयरटेल, बजाज फाइनेंस, मारुति सुजुकी, बजाज फिनसर्व, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, इटरनल (जोमैटो), एशियन पेंट्स, एक्सिस बैंक, एसबीआई, टीसीएस, एनटीपीसी और एचसीएल टेक टॉप गेनर्स थे। एचयूएल, अल्ट्राटेक सीमेंट, बीईएल, आईटीसी, टाइटन और टेक महिंद्रा टॉप लूजर्स थे।वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही की आय में मिली जुली शुरुआत के बावजूद भारतीय शेयर बाजार ने मजबूती दिखाईजियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के रिसर्च प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही की आय में मिली जुली शुरुआत के बावजूद भारतीय शेयर बाजार ने मजबूती दिखाई। अमेरिका-जापान व्यापार समझौते ने बाजार में सकारात्मक भावना पैदा की है। इसके अतिरिक्त, भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की दिशा में प्रगति ने भी सकारात्मक रुख को और बढ़ाया है।वैश्विक व्यापार वार्ताओं में निरंतर प्रगति से निकट भविष्य में व्यापार तनाव कम होने और बाजार में अधिक स्थिरता आने की उम्मीद हैउन्होंने आगे कहा कि वैश्विक व्यापार वार्ताओं में निरंतर प्रगति से निकट भविष्य में व्यापार तनाव कम होने और बाजार में अधिक स्थिरता आने की उम्मीद है। हालांकि उच्च मूल्यांकन चिंता का विषय बना हुआ है, लेकिन मौजूदा बाजार मजबूती निकट भविष्य में आय में सुधार की संभावना का संकेत देती है। हालांकि, इस सुधार की गति और स्थिरता बाजार की आगे की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण होगी। बाजार की शुरुआत तेजी के साथ हुई थी। सुबह 9:35 बजे, सेंसेक्स 175 अंक या 0.21 प्रतिशत बढ़कर 82,365 पर और निफ्टी 58 अंक या 0.23 प्रतिशत की तेजी के साथ 25,119 पर था।( - रायपुर। जिन्दल स्टील एंड पावर लिमिटेड का नाम अधिकृत रूप से बदलकर जिन्दल स्टील लिमिटेड कर दिया गया है। यह नाम परिवर्तन भारत सरकार के कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय, रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज से अनुमोदन के बाद कल प्रभावी हुआ है।जिन्दल स्टील एंड पावर लिमिटेड का नाम बदलकर जिन्दल स्टील लिमिटेड करने की मुख्य वजह यह है कि कंपनी सिर्फ अपने मुख्य काम, यानी स्टील उत्पादन पर अधिक ध्यान देने और भविष्य में एक मज़बूत स्टील कंपनी के रूप में आगे बढऩे के लिए प्रतिबद्ध है। इस नए नाम से कंपनी को देश और विदेश, दोनों जगह अपनी पहचान साफ़ तौर पर स्थापित करने में मदद मिलेगी। साथ ही, कंपनी अपनी पुरानी पहचान और मूल्यों को भी बनाए रखेगी।यह परिवर्तन कंपनी (इनकॉरपोरेशन) नियम-2014 के नियम-29 के अनुसार किया गया है । इसकी पुष्टि के लिए रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज द्वारा नए नाम को दर्शाने वाला इनकॉरपोरेशन प्रमाणपत्र जारी किया गया है। कंपनी की कॉरपोरेट पहचान संख्या (CIN: L27105HR1979PLC009913 ) या इसके पंजीकृत कार्यालय के पते में कोई बदलाव नहीं हुआ है। पंजीकृत कार्यालय का पता जिन्दल स्टील लिमिटेड, ओ.पी. जिन्दल मार्ग, हिसार - 125005, हरियाणा (भारत) ही रहेगा ।जिन्दल स्टील का नाम भले ही बदल गया हो, लेकिन यह पहले की तरह ही एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी रहेगी, जिसके शेयरों की खरीद-बिक्री लोग कर सकेंगे । कंपनी के जितने भी पुराने अधिकार, जिम्मेदारियां, लेन-देन और करार हैं, वे सब वैसे के वैसे रहेंगे और पूरी तरह से लागू होंगे । इसमें कोई बदलाव नहीं होगा। कंपनी ने इस प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से समस्त शेयरधारकों, भागीदारों और आम नागरिकों का ध्यान आकर्षित किया है। कंपनी ने जानकारी दी है कि नाम परिवर्तन के सिलसिले में सभी स्टॉक एक्सचेंजों और अन्य वैधानिक प्राधिकरणों को अवगत कराया गया है।जिन्दल स्टील के बारे मेंजिन्दल स्टील एक बड़ी औद्योगिक कंपनी है, जो स्टील उत्पादन, खनन और इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण कार्य कर रही है। इस कंपनी ने पूरी दुनिया में 12 अरब डॉलर (लगभग 1 लाख करोड़ रुपये) का निवेश किया है । यह लगातार अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ा रही है और बेहतरीन व विश्वसनीय ढंग से काम करके मजबूती से आगे बढ़ रही है ताकि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में निरंतर योगदान कर सके। एक अग्रणी स्टील निर्माता के रूप में, जिन्दल स्टील औद्योगिक विकास के नए कीर्तिमान स्थापित करने के उद्देश्य से कार्बन फुटप्रिंट घटाने और कामकाज के आधुनिक तौर-तरीके अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है।अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें: कुलदीप सिंह, +919899692981; [email protected]जिन्दल स्टील लिमिटेड (पूर्व में जिन्दल स्टील एंड पावर लिमिटेड)
- नयी दिल्ली. मुंबई में 10 करोड़ रुपये और उससे अधिक कीमत वाले बेहद आलीशान (अल्ट्रा-लक्जरी) घरों की बिक्री इस साल पहली छमाही (जनवरी-जून) में 20 प्रतिशत बढ़कर रिकॉर्ड 14,751 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। संपत्ति सलाहकार इंडिया सोथबी इंटरनेशनल रियल्टी (आईएसआईआर) और डेटा एनालिटिक्स फर्म सीआरई मैट्रिक्स की एक रिपोर्ट में मंगलवार को यह जानकारी दी गई। यह रिपोर्ट मुंबई के आलीशान आवास बाजार (प्राथमिक और द्वितीयक दोनों) पर आधारित है।आंकड़ों के अनुसार, मूल्य के लिहाज से मुंबई में बेहद आलीशान घरों (10 करोड़ रुपये और उससे अधिक) की बिक्री इस साल के पहले छह महीनों में 20 प्रतिशत बढ़कर 14,751 करोड़ रुपये हो गई। यह आंकड़ा पिछले साल की इसी अवधि में 12,285 करोड़ रुपये था। मात्रा के लिहाज से, इस साल जनवरी-जून में बेहद आलीशान घरों की बिक्री 11 प्रतिशत बढ़कर 692 इकाई हो गई, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 622 इकाई रही थी। आईएसआईआर के कार्यकारी निदेशक सुदर्शन शर्मा ने कहा, ‘‘मुंबई का लक्जरी रियल एस्टेट बाजार एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है। वर्ष 2025 की पहली छमाही में रिकॉर्ड बिक्री खासतौर से वर्ली, प्रभादेवी, ताड़देव, मालाबार हिल और बांद्रा पश्चिम जैसे स्थापित बाजारों में लगातार मांग का संकेत देती है।'' उन्होंने कहा कि बेहतर बुनियादी ढांचे और आलीशान घरों की नई आपूर्ति के कारण मांग बढ़ी है।सीआरई मैट्रिक्स के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अभिषेक किरण गुप्ता ने कहा कि मुंबई के आलीशान आवास बाजार में खरीदारों की दिलचस्पी लगातार बनी हुई है।
- नयी दिल्ली. एयरलाइन कंपनी अकासा एयर ने 2032 तक अपने विमानों के बेड़े की संख्या को 226 तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। कंपनी के मुख्य वित्त अधिकारी अंकुर गोयल ने मंगलवार को कहा कि एयरलाइन का इस अवधि के दौरान सालाना 25 से 30 प्रतिशत की क्षमता जोड़ने का इरादा है। आकासा एयर की शुरुआत 2022 में हुई थी। वर्तमान में 30 बोइंग 737 मैक्स विमानों के बेड़े के साथ यह 23 घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों के लिए उड़ानों का परिचालन करती है। राष्ट्रीय राजधानी में संवाददाता सम्मेलन में गोयल ने कहा कि एयरलाइन कंपनी लागत पर ध्यान दे रही है।अकासा एयर ने 226 बोइंग 737 मैक्स विमानों के ऑर्डर दिए हैं। इनमें से 30 का वर्तमान में कंपनी द्वारा परिचालन किया जा रहा है। गोयल ने कहा कि विमानन कंपनी का लक्ष्य 2032 तक बेड़े में 226 विमान रखना है। उन्होंने कहा कि अगले सात साल में हमारा सालाना क्षमता में 25 से 30 प्रतिशत की वृद्धि का लक्ष्य है।
- आणंद (गुजरात). सहकारी नेता अशोक चौधरी मंगलवार को ‘अमूल' ब्रांड का संचालन करने वाली सहकारी संस्था ‘गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ' (जीसीएमएमएफ) के निर्विरोध चेयरमैन चुने गए। यह महासंघ गुजरात और देश के कई अन्य राज्यों में दूध और डेयरी उत्पादों का विपणन करता है। आणंद के जिला कलेक्टर और चुनाव अधिकारी प्रवीण चौधरी ने बताया कि गोरधन धमेलिया को जीसीएमएमएफ का निर्विरोध वाइस चेयरमैन चुना गया है। उन्होंने कहा, ‘‘अशोक चौधरी और गोरधन धमेलिया निर्विरोध चुने गए क्योंकि इन पदों के लिए कोई अन्य नामांकन प्राप्त नहीं हुआ था।'' जीसीएमएमएफ के चेयरमैन और वाइस चेयरमैन के चुनाव के लिए महासंघ की यहां बैठक आयोजित हुई थी। गुजरात की 18 सहकारी डेयरी समिति इस महासंघ की सदस्य हैं। अशोक चौधरी मेहसाणा जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ (दूधसागर डेयरी) के प्रमुख हैं जबकि धमेलिया राजकोट जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ लिमिटेड (गोपाल डेयरी) के चेयरमैन हैं। जीसीएमएमएफ का चेयरमैन चुने जाने के बाद अशोक चौधरी ने कहा कि वह महासंघ के विकास को सुनिश्चित करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करेंगे, क्योंकि लगभग 36 लाख डेयरी किसान इससे जुड़े हुए हैं।
- नयी दिल्ली. फर्नीचर और घरेलू साजसज्जा का सामान बनाने प्रमुख कंपनी आइकिया इंडिया ने मंगलवार को पैट्रिक एंटनी को अपना अगला मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) नियुक्त करने की घोषणा की। आइकिया इंडिया ने बयान में कहा कि एंटनी की नियुक्ति अगस्त, 2025 से प्रभावी होगी और वह देश के खुदरा प्रबंधक और मुख्य स्थिरता प्रबंधक के रूप में भी काम करेंगे। वह सुजैन पुल्वरर की जगह लेंगे, जिन्होंने आइकिया में अपनी भूमिका छोड़ने का फैसला किया है।वह 28 वर्षों तक आइकिया से जुड़ी रहीं और आठ साल से अधिक का समय भारत में बिता चुकी हैं।एंटनी के पास भारत में काम करने का अनुभव है, जिसमें उप-सीईओ के रूप में पांच साल का कार्यकाल भी शामिल है।
- नयी दिल्ली. टाटा समूह, गूगल इंडिया और इन्फोसिस देश के शीर्ष तीन सबसे आकर्षक नियोक्ता ब्रांड बनकर उभरे हैं। रैंडस्टैड एम्प्लॉयर ब्रांड रिसर्च (आरईबीआर) 2025 की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। इसके मुताबिक भारत का कार्यबल उद्देश्य संचालित रोजगार विकल्पों को प्राथमिकता दे रहा है। इसमें कार्य-जीवन संतुलन, समानता और आकर्षक वेतन की प्रमुख भूमिका है। सर्वेक्षण के मुताबिक, टाटा समूह ने वित्तीय सेहत, करियर में प्रगति के अवसरों और प्रतिष्ठा के मामले में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। ये संगठन के लिए शीर्ष तीन कर्मचारी मूल्य प्रस्ताव (ईवीपी) चालक हैं। इस साल गूगल इंडिया का दूसरा स्थान रहा और उसके बाद इन्फोसिस तीसरे स्थान पर रही।वर्ष 2025 के लिए भारत में शीर्ष 10 सबसे आकर्षक नियोक्ता ब्रांड में सैमसंग इंडिया (चौथा स्थान), जेपी मॉर्गन चेज (5), आईबीएम (6), विप्रो (7), रिलायंस इंडस्ट्रीज (8), डेल टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (9) और भारतीय स्टेट बैंक (10) शामिल हैं। सर्वेक्षण में कहा गया कि भारतीय स्टेट बैंक शीर्ष 10 नियोक्ता ब्रांड की सूची में आने वाला अकेला सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक है। इस सर्वेक्षण के लिए 34 बाजारों में 1,70,000 से अधिक उत्तरदाताओं की राय ली गई, जिसमें भारत के 3,500 से अधिक लोग शामिल हैं। अध्ययन से पता चलता है कि आज कर्मचारी केवल वेतन से कहीं अधिक की अपेक्षा करते हैं। वे समावेशी और भविष्य की सोच रखने वाले ऐसे कार्यस्थलों की तलाश में हैं, जो व्यक्तिगत तथा व्यावसायिक वृद्धि, दोनों का समर्थन करते हों। रैंडस्टैड इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विश्वनाथ पी एस ने कहा, ‘‘2025 के नतीजे एक स्पष्ट बदलाव दर्शाते हैं - आज का कार्यबल अब पारंपरिक नौकरियों से संतुष्ट नहीं है, वे समानता, मकसद, सार्थक वृद्धि और कार्य-जीवन संतुलन की तलाश में हैं।'' उन्होंने कहा कि इस साल के आंकड़े नौकरी बदलने की इच्छा में लगातार वृद्धि को भी दर्शाते हैं और खासकर युवाओं में ऐसा पाया गया है।
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नयी दिल्ली. स्टॉकिस्ट की मजबूत लिवाली के कारण मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने की कीमतें 1,000 रुपये बढ़कर एक लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर को फिर से लांघ गईं। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी। 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत चार सप्ताह के उच्चतम स्तर 1,00,020 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई, जबकि पिछला बंद भाव 99,020 रुपये प्रति 10 ग्राम था। इससे पहले, 19 जून को सोना एक लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंचा था। राष्ट्रीय राजधानी में, 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना मंगलवार को 1,000 रुपये बढ़कर 99,550 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) हो गया। पिछले कारोबार में यह 98,550 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। सोने की तरह, मंगलवार को चांदी की कीमतें भी 3,000 रुपये बढ़कर 1,14,000 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) हो गईं। सोमवार को चांदी 1,11,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। इस बीच, वैश्विक बाजारों में हाजिर सोना 0.28 प्रतिशत घटकर 3,387.42 डॉलर प्रति औंस रह गया।
एलकेपी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष, शोध विश्लेषक (जिंस एवं मुद्रा) जतिन त्रिवेदी ने कहा, ‘‘कॉमेक्स में सोने का कारोबार 3,395 डॉलर से 3,383 डॉलर के बीच एक सीमित और अस्थिर दायरे में हुआ, जो व्यापार सौदों या प्रमुख वैश्विक घटनाक्रमों से नए संकेतकों की कमी को दर्शाता है।'' अंतरराष्ट्रीय बाजारों में, हाजिर चांदी भी 0.11 प्रतिशत घटकर 38.89 डॉलर प्रति औंस रह गई।
अबन्स फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य कार्यपालक अधिकारी चिंतन मेहता ने कहा, ‘‘निवेशक केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति के रुख पर मार्गदर्शन के लिए अमेरिकी फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पावेल और गवर्नर मिशेल बोमन के भाषण पर बारीकी से नज़र रखेंगे।'' एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज की शोध विश्लेषक-जिंस और मुद्रा रिया सिंह के अनुसार, व्यापारी चीन के ऋण की प्रमुख दरों पर निर्णय और अमेरिका के वृहद आर्थिक आंकड़ों पर नजर रखेंगे। -
नोएडा. उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर जिले में साइबर अपराधियों ने एक इंजीनियर को शेयर बाजार में निवेश कर मोटा मुनाफा कमाने का लालच देकर उससे कथित रूप से 75 लाख रुपये की ठगी कर ली। पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। पुलिस उपायुक्त (साइबर अपराध) प्रीति यादव के मुताबिक, नोएडा के सेक्टर 62 स्थित रजत विहार सोसाइटी में रहने वाले एक इंजीनियर ने बुधवार रात थाने में दी शिकायत में बताया कि दो मई को एक व्यक्ति का उसके पास फोन आया और उसने खुद को शेयर बाजार का विशेषज्ञ बताया। शिकायत में कहा गया है कि आरोपी ने निवेश पर दो से तीन गुना लाभ का लालच देकर उसे एक ‘व्हाट्सएप ग्रुप' से जोड़ा। पीड़ित ने बताया कि शुरुआती दौर में आरोपी ने मुनाफा दिखाकर उसके खाते में कुछ रकम भेजी, लेकिन इसके बाद झांसे में लेकर उससे अलग-अलग किस्तों में 40 लाख रुपये स्थानांतरित करवा लिया। अधिकारी ने बताया कि कुछ समय बाद जब पीड़ित ने अपनी रकम मांगी तो आरोपी ने टैक्स और अन्य शुल्कों के नाम पर 35.30 लाख रुपये और जमा करवा लिए तथा उसे आश्वासन दिया गया कि यह रकम जमा करने के बाद उसकी पूरी रकम उसे वापस मिल जाएगी। उन्होंने बताया कि कुछ दिन बाद लेट फीस के नाम पर 60 लाख रुपये की मांग की गई तो पीड़ित ने रकम देने से इनकार कर दिया और फिर आरोपियों ने उससे संपर्क तोड़ दिया। यादव ने बताया कि आरोपियों ने पीड़ित से 75.30 लाख रुपये की ठगी की है।
उन्होंने बताया कि पीड़ित की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है तथा मामले की जांच की जा रही है। -
नयी दिल्ली. शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत को रूस से कच्चे तेल की खरीद बंद करने के अमेरिकी दबाव में नहीं आना चाहिए और उसका विरोध करना चाहिए। रूस से तेल आयात से भारत को महंगाई को काबू में करने और अस्थिर वैश्विक माहौल में आर्थिक स्थिरता बनाए रखने में मदद मिली है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी तेल खरीदारों पर 100 प्रतिशत शुल्क लगाने की चेतावनी दी है।
जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘भारत को इस दबाव को खारिज करना चाहिए और अपनी रूस रणनीति पर टिके रहना चाहिए। रियायती रूसी तेल खरीदने से भारत को महंगाई को नियंत्रित करने और अस्थिर वैश्विक माहौल में आर्थिक स्थिरता बनाए रखने में मदद मिली है।'' उन्होंने कहा कि इस नीति में बदलाव करने से अमेरिकी चेतावनी नहीं रुकेगी और यह बढ़ती रहेगी। यह कोई अलग मामला नहीं है। ट्रंप नियमित रूप से विभिन्न कारणों से शुल्क को लेकर चेतावनी देते रहे हैं। श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘इस प्रवृत्ति को देखते हुए, भारत को रूसी तेल पर अमेरिकी दबाव के आगे झुकने में कोई फायदा नहीं है। इससे भविष्य में अमेरिका की अप्रत्याशित मांगों का बड़ा मुद्दा हल नहीं होगा। अमेरिका के साथ एक व्यापार समझौता भी सुरक्षा की गारंटी नहीं देगा, क्योंकि ट्रंप अन्य मामलों में भी इस तरह का रुख अपना सकते हैं।'' -
नई दिल्ली। मार्जिन में कमी और लोन यील्ड में गिरावट के कारण चुनौतीपूर्ण पहली छमाही के बाद भारत के बैंकिंग सेक्टर में वित्त वर्ष 26 की तीसरी तिमाही में एक बार फिर से सुधार देखने को मिलेगा। यह जानकारी गुरुवार को जारी की गई एक रिपोर्ट में दी गई। मोतीलाल ओसवाल इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने एक रिपोर्ट में कहा है कि निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक एक बदलाव के चरण में प्रवेश कर रहे हैं, जहां जमा पुनर्मूल्यन, प्रणालीगत तरलता प्रवाह और परिसंपत्ति गुणवत्ता में सुधार आय में वृद्धि करने लगे हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, यह सुधार धीरे-धीरे हो रहा है और इससे वित्त वर्ष 27 में दोहरे अंकों की आय वृद्धि की दिशा तय होगीरिपोर्ट के अनुसार, यह सुधार धीरे-धीरे हो रहा है और इससे वित्त वर्ष 27 में दोहरे अंकों की आय वृद्धि की दिशा तय होगी। रिपोर्ट में बताया गया कि अधिकांश बैंकों ने विभिन्न अवधियों के बचत खाते और सावधि जमा की दरों में 20-100 आधार अंकों की कटौती की है, जिसका वित्त वर्ष 26 की दूसरी छमाही में और गहरा प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।रेपो दर में कटौती के बाद और आगे तरलता समर्थन के साथ, शुद्ध ब्याज मार्जिन के स्थिर होने और तीसरी तिमाही से आय में वृद्धि होने की उम्मीद हैरिपोर्ट में कहा गया कि रेपो दर में कटौती के बाद और आगे तरलता समर्थन के साथ, शुद्ध ब्याज मार्जिन (एनआईएम) के स्थिर होने और तीसरी तिमाही से आय में वृद्धि होने की उम्मीद है। रिपोर्ट के अनुसार, विशेष रूप से खुदरा असुरक्षित और सूक्ष्म वित्त संस्थान (एमएफआई) पोर्टफोलियो में परिसंपत्ति गुणवत्ता का दबाव कम हो रहा है, जिससे प्रोविजन राइट-बैक की जगह बन रही है। सभी क्षेत्रों में चालू खाता बचत खाता (सीएएसए) अनुपात में गिरावट के बावजूद मजबूत लायबिलिटी प्रोफाइल वाले बैंक मार्जिन दबावों से निपटने के लिए बेहतर स्थिति में हैं।रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2027 में बैंकिंग क्षेत्र में जोरदार उछाल आएगारिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि निजी बैंकों का कुल प्रावधान-पूर्व परिचालन लाभ (पीपीओपी) वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही के 698 अरब रुपए से बढ़कर वित्त वर्ष 2026 की चौथी तिमाही में 831 अरब रुपए हो जाएगा, जो आय में व्यापक सुधार के कारण होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2027 में बैंकिंग क्षेत्र में जोरदार उछाल आएगा। रिपोर्ट के मुताबिक, “मार्जिन में सुधार और कम ऋण लागत के कारण, निजी बैंकों की आय वृद्धि वित्त वर्ष 2026 के 6.9 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2027 में 21.7 प्रतिशत होने की उम्मीद है।” -
नयी दिल्ली. हरित ऊर्जा की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए सरकार ने बुधवार को सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनटीपीसी की निवेश सीमा बढ़ाकर 20,000 करोड़ रुपये कर दी। साथ ही सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की एक अन्य कंपनी एनएलसीआईएल को नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में 7,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की अनुमति दे दी। इस बढ़े अधिकार के साथ एनटीपीसी 2032 तक 60 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल कर सकेगी। महारत्न कंपनी की नवीकरणीय ऊर्जा के लिए मौजूदा निवेश सीमा 7,500 करोड़ रुपये है। एनएलसी इंडिया लिमिटेड (एनएलसीआईएल) को अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी एनएलसी इंडिया रिन्यूएबल्स लिमिटेड (एनआईआरएल) में 7,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की अनुमति दी गई है। इससे एनआईआरएल को पूर्व अनुमोदन की जरूरत के बिना सीधे या संयुक्त उद्यमों के गठन के माध्यम से विभिन्न परियोजनाओं में निवेश करने की अनुमति मिल गई है।” ये निर्णय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में लिए गए। सीसीईए के फैसलों की जानकारी देते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारत ने अपनी स्थापित बिजली क्षमता का 50 प्रतिशत गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से प्राप्त करके अपनी ऊर्जा रूपांतरण यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। यह पेरिस समझौते में राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान के तहत निर्धारित लक्ष्य से पांच साल पहले है। एनटीपीसी अपनी अनुषंगी एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एनजीईएल) में निवेश करेगी। इसके अलावा, एनजीईएल, एनटीपीसी रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड (एनआरईएल) और उसकी अन्य संयुक्त उद्यमों और अनुषंगी कंपनियों में भी निवेश करेगी। आधिकारिक बयान के अनुसार, “एनटीपीसी और एनजीईएल को दिए गए विस्तारित अधिकार से देश में नवीकरणीय परियोजनाओं के त्वरित विकास में मदद मिलेगी। यह कदम बिजली के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और पूरे देश में चौबीसों घंटे भरोसेमंद बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।” भारत का लक्ष्य 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता तक पहुंचना है।
केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम (सीपीएसई) और देश की प्रमुख बिजली इकाई के तौर पर एनटीपीसी का लक्ष्य 2032 तक 60 गीगावाट की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता जोड़ना है। इससे देश को 2070 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।
एनएलसीआईएल के संबंध में एक अन्य बयान में कहा गया है कि बैठक में नवरत्न सीपीएसई पर लागू मौजूदा निवेश दिशानिर्देशों से इसके लिए विशेष छूट को मंजूरी दी गई। इस निवेश को सीपीएसई द्वारा संयुक्त उद्यम और अनुषंगी कंपनियों में कुल निवेश के लिए लोक उपक्रम विभाग के 30 प्रतिशत की नेटवर्थ सीमा से भी छूट मिलेगी। इससे एनएलसीआईएल और एनआईआरएल को अधिक परिचालन और वित्तीय लचीलापन मिलेगा। -
मुंबई, इलेक्ट्रिक कार विनिर्माता कंपनी टेस्ला ने मंगलवार को आधिकारिक तौर पर भारत में उतरते हुए 59.89 लाख रुपये की शुरुआती कीमत वाला मॉडल ‘वाई' पेश किया। इसके साथ ही टेस्ला ने मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में अपना पहला ‘एक्सपीरियंस सेंटर' खोला है। मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने अन्य गणमान्य लोगों की उपस्थिति में इसका उद्घाटन किया। टेस्ला अमेरिका के अरबपति कारोबारी एलन मस्क के स्वामित्व वाली कंपनी है। मस्क ने इससे पहले उच्च आयात शुल्क को कंपनी के भारत में नहीं आने की वजह बताया था। कंपनी चीन में अपने शंघाई विनिर्माण संयंत्र से मॉडल ‘वाई' को पूरी तरह से निर्मित इकाई (सीबीयू) के रूप में आयात करेगी। मध्यम आकार की इलेक्ट्रिक एसयूवी ‘वाई' कभी दुनिया की सबसे ज़्यादा बिकने वाली कार थी और यह भारत में दो संस्करणों में उपलब्ध होगी। रियर व्हील ड्राइव की शुरुआती कीमत 59.89 लाख रुपये है और लंबी दूरी की रियर व्हील ड्राइव की शुरुआती कीमत 67.89 लाख रुपये है। दोनों संस्करणों की आपूर्ति क्रमश: 2025 की तीसरी और चौथी तिमाही में शुरू होने की उम्मीद है।
कंपनी ने कहा कि शुरुआत में पंजीकरण और आपूर्ति दिल्ली, मुंबई और गुरुग्राम में होगी।
रियर व्हील ड्राइव संस्करण की रेंज 500 किलोमीटर है, जबकि लंबी दूरी के रियर व्हील ड्राइव संस्करण को एक बार चार्ज करके 622 किलोमीटर तक चलाया जा सकता है। फडणवीस ने इस मौके पर कहा कि राज्य सरकार चाहती है कि टेस्ला भारत में अनुसंधान एवं विकास के साथ विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करे। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि अनुसंधान, विकास और विनिर्माण भारत में ही हो। मुझे यकीन है कि टेस्ला उचित समय पर इस बारे में विचार करेगी।'' उन्होंने कहा, ‘‘अपनी इस यात्रा में महाराष्ट्र को एक भागीदार मानें।''
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुंबई में अपना पहला केंद्र खोलने का टेस्ला का फैसला शहर और राज्य में उसके भरोसे को दर्शाता है। उन्होंने कहा, ‘‘टेस्ला एक्सपीरियंस सेंटर का उद्घाटन इस बात का प्रमाण है कि टेस्ला सही शहर और सही राज्य (यानी मुंबई और महाराष्ट्र) में आ गई है।'' फडणवीस ने कहा कि मुंबई न केवल भारत की वित्तीय, वाणिज्यिक और मनोरंजन राजधानी है, बल्कि एक उद्यमिता केंद्र भी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने 2015 में अमेरिका में पहली बार टेस्ला गाड़ी चलाई थी।
उन्होंने कहा, ‘‘तब मैंने सोचा था कि भारत में भी ऐसी गाड़ी होनी चाहिए। इसमें करीब 10 साल लग गए, लेकिन हमें बहुत खुशी है कि आप आखिरकार यहां आ गए हैं। भारत में लोग टेस्ला का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। मुझे यकीन है कि आपूर्ति शुरू होने पर आपको यहां अपने सबसे अच्छे बाजारों में से एक मिलेगा।'' मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम एक विनिर्माण केंद्र भी हैं। चार्जिंग से जुड़े बुनियादी ढ़ांचे, वाहन और विनिर्माण प्रोत्साहनों के लिए हमारी नीतियां सर्वश्रेष्ठ में से हैं। यह एक अच्छी शुरुआत है और इसमें बाजार को बदलने की क्षमता है।'' टेस्ला इंडिया ने मुंबई के लोढ़ा लॉजिस्टिक्स पार्क में 24,565 वर्ग फुट का ‘भंडारण स्थल' पांच साल की अवधि के लिए पिछले महीने पट्टे पर लिया था। ‘टेस्ला एक्सपीरियंस सेंटर', टेस्ला की गाड़ियों और उनकी प्रौद्योगिकी को ग्राहकों तक पहुंचाने का एक खास तरीका है। ये पारंपरिक ‘कार शोरूम' से हटकर होते हैं और ग्राहकों को टेस्ला के उत्पादों एवं नवाचारों का प्रत्यक्ष अनुभव प्रदान करने पर केंद्रित होते हैं। गौरतलब है कि केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एच डी कुमारस्वामी ने जून में कहा था कि इलेक्ट्रिक कार विनिर्माता कंपनी भारत में कारों के निर्माण में रुचि नहीं रखती, बल्कि देश में शोरूम स्थापित करने की इच्छुक है। -
नयी दिल्ली. देश का वस्तु निर्यात जून महीने में 35.14 अरब डॉलर पर स्थिर रहा। वहीं व्यापार घाटा चार महीने के निचले स्तर 18.78 अरब डॉलर रहा। मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली। पिछले साल जून में निर्यात 35.16 अरब डॉलर था।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, आलोच्य महीने में आयात 3.71 प्रतिशत घटकर 53.92 अरब डॉलर रहा। एक साल पहले जून माह में यह 56 अरब डॉलर था। पेट्रोलियम, कपड़ा, रत्न एवं आभूषण, चमड़ा, लौह अयस्क, तिलहन, काजू, मसाले, तंबाकू और कॉफी सहित प्रमुख निर्यात क्षेत्रों में आलोच्य महीने के दौरान गिरावट दर्ज की गई। पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात जून में 15.92 प्रतिशत घटकर 4.61 अरब डॉलर और पहली तिमाही के दौरान 15.63 प्रतिशत कम होकर 17.4 अरब अमेरिकी डॉलर रहा। हालांकि, इंजीनियरिंग, चाय, चावल, सभी प्रकार के सिलेसिलाए परिधान, रसायन, समुद्री उत्पाद और औषधि के निर्यात में वृद्धि दर्ज की गई है। इलेक्ट्रॉनिक सामान का निर्यात जून में 46.93 प्रतिशत बढ़कर 4.14 अरब डॉलर हो गया। वहीं अप्रैल-जून तिमाही के दौरान यह 47.11 प्रतिशत बढ़कर 12.4 अरब डॉलर हो गया। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जून तिमाही के दौरान निर्यात 1.92 प्रतिशत बढ़कर 112.17 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जबकि आयात 4.24 प्रतिशत बढ़कर 179.44 अरब डॉलर रहा। अप्रैल-जून, 2025 के दौरान वस्तु व्यापार घाटा बढ़कर 67.26 अरब डॉलर हो गया, जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में यह 62.10 अरब डॉलर था। वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि 2025-26 की पहली तिमाही के दौरान देश का वस्तु एवं सेवा निर्यात 210 अरब डॉलर रहने का अनुमान है, जो सालाना आधार पर लगभग छह प्रतिशत की वृद्धि है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर वृद्धि इसी तरह जारी रही, तो हम पिछले साल के निर्यात के आंकड़े को पार कर जाएंगे।'' वित्त वर्ष 2024-25 में, भारत का वस्तु एवं सेवा निर्यात 825 अरब डॉलर के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर रहा था।
आयात के मोर्चे पर, कच्चे तेल और सोने का आयात क्रमशः 8.37 प्रतिशत और 25.73 प्रतिशत घटकर 13.8 अरब अमेरिकी डॉलर और 1.9 अरब अमेरिकी डॉलर रहा। इसके अलावा, जून में सेवा निर्यात का अनुमानित मूल्य 32.84 अरब डॉलर है, जबकि पिछले वर्ष इसी महीने यह 28.67 अरब डॉलर था। जून में सेवाओं का आयात 17.58 अरब डॉलर रहने का अनुमान है, जबकि बीते वर्ष इसी महीने में यह 15.14 अरब डॉलर था। भारतीय निर्यातकों के शीर्ष निकाय फियो के अध्यक्ष एस. सी. रल्हन ने सरकार से, विशेष रूप से सेवाओं के क्षेत्र में, एक स्पष्ट, क्षेत्र-केंद्रित निर्यात रणनीति बनाए रखने का आग्रह किया। रल्हन ने कहा, ‘‘भारत की डिजिटल क्षमताओं और कुशल कार्यबल के साथ, सेवाओं के निर्यात को बढ़ावा देने की काफी संभावनाएं हैं। डिजिटल बुनियादी ढांचे, प्रतिभा विकास और लक्षित अंतरराष्ट्रीय प्रोत्साहन में निवेश इस बढ़ती हुई गति को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण होगा।'' -
नयी दिल्ली. देश में काम के आधार पर निश्चित अवधि वाली यानी अस्थायी नौकरियों की तादाद बढ़ी है। इस श्रेणी में कर्मचारियों की संख्या पिछले वित्त वर्ष में 9.7 प्रतिशत बढ़ गई। मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। अस्थायी कर्मचारियों की भर्ती करने वाली कंपनियों के शीर्ष निकाय 'इंडियन स्टाफिंग फेडरेशन' (आईएसएफ) ने वित्त वर्ष 2024-25 की रिपोर्ट में कहा कि अल्पकालिक काम या परियोजना के आधार पर अस्थायी अथवा ठेके पर रखे जाने वाले कर्मचारियों की श्रेणी में 9.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसके साथ ही मार्च, 2025 तक आईएसएफ के सदस्यों के माध्यम से उपलब्ध करायी गयी नौकरियां करने वाले अस्थायी कार्यबल की संख्या 18 लाख पहुंच गयी है। रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर तनाव और व्यापार युद्ध के बीच सतर्क धारणा के बावजूद वित्त वर्ष 2024-25 में उद्योग ने 1.39 लाख नए अस्थायी कर्मचारियों को जोड़ा। इंडियन स्टाफिंग फेडरेशन के अध्यक्ष लोहित भाटिया ने कहा, "वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद कंपनियों को कार्यबल से जोड़ने वाला ‘स्टाफिंग' उद्योग संगठित रोजगार में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता बना हुआ है। यह न केवल नौकरी चाहने वालों के लिए महत्वपूर्ण अवसर प्रदान कर रहा है बल्कि कंपनियों की परिचालन दक्षता बनाये रखने में भी मदद कर रहा है।'' हालांकि भाटिया ने कहा कि भू-राजनीतिक उथल-पुथल और वैश्विक व्यापार युद्धों से उत्पन्न अतिरिक्त आर्थिक दबाव ने रोजगार की मांग को कुछ धीमा किया है। इंडियन स्टाफिंग फेडरेशन के उपाध्यक्ष मनमीत सिंह ने कहा, "सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भर्ती करने वाले उद्योग ने वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में तिमाही आधार पर 2.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। वहीं सालाना आधार पर 7.8 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि हुई है।'' रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी) और सेवा क्षेत्रों में स्थिर परियोजना विस्तार के साथ एफएमसीजी (दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों), ई-कॉमर्स, लॉजिस्टिक और विनिर्माण जैसे उद्योगों से नई मांग आने से इसे बढ़ावा मिला है।
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नई दिल्ली। लगातार चार कारोबारी दिनों तक गिरावट झेलने के बाद भारतीय शेयर बाजार ने आज मंगलवार को मजबूती दिखाई और हरे निशान में बंद हुआ। बाजार की इस तेजी के पीछे मजबूत घरेलू संकेतों को अहम वजह माना जा रहा है, जिससे निवेशकों में विश्वास लौटा। कारोबारी दिन के अंत में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 317.45 अंक यानी 0.39 प्रतिशत की बढ़त के साथ 82,570.91 पर बंद हुआ। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 113.50 अंक यानी 0.45 प्रतिशत की तेजी के साथ 25,195.80 के स्तर पर पहुंच गया।
मंगलवार को मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में सेंसेक्स और निफ्टी के मुकाबले ज्यादा खरीदारी देखने को मिली। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 560.10 अंक (0.95%) बढ़कर 59,612.65 और स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 163.50 अंक (0.98%) बढ़कर 19,135.25 पर बंद हुआ।वहीं सेक्टोरल आधार पर देखें तो ऑटो, आईटी, पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल सर्विसेज, फार्मा, एफएमसीजी, मेटल, रियल्टी, मीडिया और एनर्जी सेक्टरों में खरीदारी देखने को मिली और सभी प्रमुख इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए। सेंसेक्स के प्रमुख शेयरों में सनफार्मा, बजाज फिनसर्व, ट्रेंट, टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M), बजाज फाइनेंस, एसबीआई, इन्फोसिस, टीसीएस, अदाणी पोर्ट्स और टेक महिंद्रा को सबसे ज्यादा फायदा हुआ। वहीं, एचसीएल टेक, जोमैटो (इटरनल), टाटा स्टील, कोटक महिंद्रा बैंक, एक्सिस बैंक, एशियन पेंट्स और अल्ट्राटेक सीमेंट के शेयरों में गिरावट देखी गई।एसबीआई सिक्योरिटीज में टेक्निकल एंड डेरिवेटिव रिसर्च के प्रमुख सुदीप शाह ने बताया कि निफ्टी ने चार दिन की गिरावट का सिलसिला तोड़ते हुए 0.45% की तेजी के साथ 25,195.80 पर बंद होकर एक मजबूत सुधार का संकेत दिया। उन्होंने कहा कि सभी सेक्टरों में खरीदारी देखने को मिली, जो व्यापक बाजार धारणा में मजबूती को दर्शाता है। निफ्टी ऑटो, एफएमसीजी और हेल्थकेयर सेक्टर इस तेजी की अगुवाई में रहे।- -
नयी दिल्ली. सब्जियों, दालों, मांस और दूध सहित खाद्य पदार्थों की कीमतों में नरमी से खुदरा महंगाई दर जून में घटकर छह साल से भी अधिक के निचले स्तर 2.1 प्रतिशत पर आ गई है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति (सीपीआई) मई में 2.82 प्रतिशत और जून, 2024 में 5.08 प्रतिशत के स्तर पर थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने बयान में कहा कि जून, 2024 की तुलना में जून, 2025 में खुदरा मुद्रास्फीति 2.1 प्रतिशत रही। इसमें कहा गया, ‘‘ मई, 2025 की तुलना में जून, 2025 में कुल मुद्रास्फीति में 0.72 प्रतिशत की गिरावट आई है। यह जनवरी, 2019 के बाद सालाना आधार पर सबसे कम है। '' इससे पहले जनवरी, 2019 में यह 1.97 प्रतिशत दर्ज की गई थी। एनएसओ ने कहा कि जून, 2025 में कुल मुद्रास्फीति एवं खाद्य मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय गिरावट की मुख्य वजह अनुकूल आधार प्रभाव और सब्जियों, दालों, मांस व मछली, अनाज, चीनी व कनफेक्शनी, दूध एवं उसके उत्पादों तथा मसालों की कीमतों में गिरावट रही।
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नयी दिल्ली. इज़राइल-ईरान युद्ध के बीच रिफाइनरियों द्वारा भंडारण बढ़ाने के कारण जून में रूस से भारत का कच्चे तेल का आयात 11 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। विश्लेषकों ने एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी। वैश्विक जिंस बाज़ार विश्लेषक कंपनी केप्लर के तेल जहाज की निगरानी पर आधारित आंकड़ों के अनुसार, भारत ने जून में 20.8 लाख बैरल प्रति दिन (बीपीडी) रूसी कच्चे तेल का आयात किया, जो जुलाई, 2024 के बाद से सर्वाधिक है। यूरोपीय शोध संस्थान सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर ने कहा, “जून में भारत के कच्चे तेल के वैश्विक आयात में छह प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि रूस से आयात में मासिक आधार पर आठ प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो जुलाई, 2024 के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया।” शोध संस्थान ने कहा, “रूस से किए गए इन आयात में से आधे से अधिक की हिस्सेदारी भारत की तीन रिफाइनरियों की रही, जो जी7 प्लस देशों को भी शोधन वाले उत्पादों का निर्यात करती हैं।” भारत अपनी ज़रूरत का 85 प्रतिशत से ज़्यादा कच्चा तेल आयात करता है, जिसे रिफ़ाइनरियों में पेट्रोल और डीज़ल जैसे ईंधन में बदला जाता है। परंपरागत रूप से, पश्चिम एशिया इसका मुख्य स्रोत था, लेकिन पिछले लगभग तीन वर्षों से रूस इसका मुख्य आपूर्तिकर्ता बना हुआ है। जून में, भारत ने अपने दूसरे सबसे बड़े आपूर्तिकर्ता इराक से लगभग 8,93,000 बैरल प्रतिदिन (बीपीडी) कच्चा तेल आयात किया, जो मासिक आधार पर 17.2 प्रतिशत की गिरावट है। सऊदी अरब से आयात 5,81,000 बैरल प्रतिदिन (मई से लगभग अपरिवर्तित) रहा, जबकि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से आयात 6.5 प्रतिशत बढ़कर 4,90,000 बैरल प्रतिदिन हो गया। भारत के तेल आयात में इराक का योगदान 18.5 प्रतिशत था, उसके बाद सऊदी अरब का 12.1 प्रतिशत और संयुक्त अरब अमीरात का 10.2 प्रतिशत। केप्लर के अनुसार, अमेरिका भारत का पांचवां सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता बना हुआ है, जिसकी आयात मात्रा लगभग 3,03,000 बैरल प्रतिदिन और बाजार हिस्सेदारी 6.3 प्रतिशत है।


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