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- सेहत के लिहाज से अदरक के तमाम फायदे हैं. अदरक आपके पाचन क्रिया को दुरुस्त करती है, सर्दी के असर से बचाती है, खांसी, जुकाम और खराश जैसी समस्याओं में राहत देती है. यही वजह है कि सर्दियों में अक्सर लोग अदरक को चाय में डालकर या सब्जियों में डालकर इस्तेमाल करते हैं. लेकिन तमाम लोगों को अदरक स्वाद पसंद नहीं होता, ऐसे लोगों को अदरक के फायदे दिलाने के लिए आप इसका मुरब्बा (Ginger Murabba) बना सकते हैं. अदरक का मुरब्बा खाने में बहुत स्वादिष्ट होता है और शरीर की तमाम समस्याओं को दूर करने में भी मददगार माना जाता है. सर्दी के दिनों में अस्थमा रोगियों के लिए ये किसी वरदान से कम नहीं. इसे बनाने के लिए आपको बहुत ज्यादा मेहनत की जरूरत नहीं. यहां जानिए अदरक का मुरब्बा बनाने का आसान तरीका (Ginger Murabba Recipe).अदरक के मुरब्बे की सामग्रीअदरक का मुरब्बा बनाने के लिए आपको मुश्किल से आधा घंटे का समय खर्च करने की जरूरत होगी. इसे बनाने के लिए बहुत ज्यादा सामग्री की जरूरत नहीं पड़ती. 1 किलो अदरक का मुरब्बा बनाने के लिए 1 किलो चीनी, 20 ग्राम इलायची पाउडर, 10 ग्राम गुलाब जल और एक नींबू की आवश्यकता पड़ेगी.अदरक का मुरब्बा बनाने की विधि– सबसे पहले अदरक को धोकर और इसका छिलका हटा दें. इसके बाद अदरक को छोटे छोटे टुकड़ों में काट लें. अब गैस पर कड़ाही रखें और गैस को जलाएं. इसमें एक गिलास भरकर पानी डालें और चीनी डाल दें.– पानी और चीनी को उबलने दें और इसकी एक तार की चाशनी बनाएं. अब एक अन्य बर्तन लेकर अदरक डालें और इसे उबालें. इसके बाद अदरक के टुकड़ों को चाशनी में डालकर मिक्स करें. इसमें इलायची पाउडर, नींबू अच्छी तरह मिलाएं और धीमी आंच पर पकाएं.– जब ये अच्छे से पक जाए, तो समझिए तैयार है अब अदरक का मुरब्बा. ठंडा होने के बाद इसे किसी कांच के कंटेनर में भर दें और इसका आनंद लें.अदरक के मुरब्बे के फायदेअदरक का मुरब्बा गर्म तासीर का होता है, इसे आप खांसी, सर्दी-जुकाम के दौरान खा सकते हैं. इसके अलावा पेट में गैस, अपच, मितली आदि की समस्या में भी इसका सेवन आराम से कर सकते हैं. इससे काफी लाभ मिलेगा. सैंडविच में स्प्रैड के तौर पर भी आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.
- वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण या फिर कई दूसरे कारणों से गले में खराश की समस्या हो सकती है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया से होनेवाला स्ट्रेप थ्रोट इंफेक्शन खतरनाक होता है. इसकी वजह से तेज बुखार भी आ सकता है. वायरल थ्रोट इंफेकशन भी सर्दियों में होने वाली एक आम समस्या है. इसमें आप दवाइयों के अलावा कुछ घरेलू नुस्खे भी अपना सकते हैं. इससे गले की खराश की समस्या में आराम मिलेगा.शहदगले की खराश की समस्या में शहद का सेवन भी आपको फायदा पहुंचाएगा. आप चाय में शहद डालकर पी सकते हैं. शहद में पाए जाने वाले पोषक तत्व आपको वायरल संक्रमण से बचाते हैं. इससे गले की खराश भी दूर होगी.हल्दी की चायअगर आपको भी गले में खराश की समस्या परेशान कर रही है, तो हल्दी वाली चाय का सेवन करें. हल्दी का सेवन इंफ्लामेशन को कम करके गले की खराश, सूजन और सर्दी-जुकाम को भी ठीक करने में मदद कर सकती है.तुलसी का काढ़ागले की खराश की समस्या में तुलसी की चाय या काढ़े का सेवन आपके लिए फायदेमंद होगा. इससे इम्यूनिटी मजबूत होगी और वायरल संक्रमण दूर होगा.
- हरे और लाल रंग के स्वाद में खट्टे-मीठे बेर तो आपने खूब खाए होंगे। प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर करने के लिए बेर काफी अच्छे माने जाते हैं। ये आपकी हड्डियों को भी मजबूती देने का काम करते हैं और कैंसर जैसी बीमारी से बचाव करने में मददगार माने जाते हैं क्योंकि बेर में कैंसर कोशिकाओं को पनपने से रोकने का गुण पाया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बेर की तरह ही बेर के पेड़ के पत्ते भी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। वजन कम करने से लेकर गले की खराश और यूरिन संबन्धी परेशानियों को दूर करने तक, बेर के पत्ते उपयोगी साबित हो सकते हैं। आइए आपको बताते है कि बेर की पत्तों के फायदे और इस्तेमाल करने का तरीका।यूरिन संबन्धी समस्याओं में उपयोगीअगर यूरिन में जलन की परेशानी है, या यूटीआई इन्फेक्शन है तो आप बेर के पत्तों का रस निकालकर आप उसमें भुना हुआ जीरा मिलाएं और गुनगुने पानी में मिलाकर इसका सेवन करें। आपको काफी लाभ महसूस होगा।गुहेरी और फुंसी की समस्या का निदान करतेकई बार आंख में गुहेरी या फुंसी हो जाती है, जिसमें काफी दर्द होता है। कई बार आंख में सूजन भी आ जाती है। ऐसे में आप बेर के पत्तों का रस निकालकर आंख के बाहरी हिस्से पर कॉटन की मदद से लगाएं। काफी आराम मिलेगा।वजन नियंत्रित करतेअगर आप वजन नियंत्रित करना चाहते हैं, तो बेर के पत्ते मददगार हो सकते हैं। इसके लिए आप बेर के पत्तों को अच्छे से धोकर और कूटकर रात में एक गिलास पानी में डाल दें और रात भर भीगने दें। सुबह तक इसके तत्व पानी में आ जाएंगे। सुबह उठकर इस पानी को छानकर आप खाली पेट पीएं। रोजाना ऐसा करने से कुछ ही समय में आपका वजन कम होने लगेगा। हालांकि इस नियम के साथ आपको अपनी डाइट को भी नियंत्रित करना होगा।गले की खराश दूर करतेसर्दियों के मौसम में अक्सर लोगों को गले की खराश की समस्या परेशान करती है। ऐसे में बेर के पत्तों का रस निकालकर गुनगुने पानी में डालें। थोड़ा सा सेंधा नमक और काली मिर्च पाउडर डालें और इस पानी को पी लें। इससे आपके गले का कफ साफ होगा और खराश दूर हो जाएगी।शरीर में चोट लगने परशरीर में चोट लगने पर या जलन महसूस होने पर आप बेर के पत्तों को धोकर, पीसकर इसका लेप बनाकर लगाएं। काफी आराम मिलेगा। आप चाहें तो इसमें हल्दी भी मिक्स कर सकते हैं।
- विटामिन बी-12 शरीर को कई खतरनाक बीमारियों से बचाता है. अगर आपके शरीर में विटामिन बी-12 की कमी है तो इससे डिमेंशिया, एनीमिया और हड्डियों के रोग होने का खतरा बढ़ जाता है. विटामिन बी-12 की कमी दिमाग और नर्वस सिस्टम पर असर डालती है. वहीं शरीर में रेड ब्लड सेल्स के निर्माण के लिए विटामिन बी-12 बहुत जरूरी है. फोलिक एसिड को शरीर तक पहुंचाने में भी विटामिन बी-12 मदद करता है. अगर आपको बैलेंस डाइट लेने के बाद भी हमेशा थकान महसूस होती है तो ये विटामिन बी 12 की कमी की वजह से हो सकता है. इससे हाथ-पैर सुन्न होने लगते हैं. शरीर में विटामिन बी 12 की कमी होने पर ये लक्षण नजर आएंगे.स्किन पर प्रभावविटामिन बी 12 की कमी होने पर त्वचा पीली पड़ सकती है. जीभ में दाने या फिर जीभ का लाल हो जाना भी विटामिन बी 12 की कमी के संकेत हैं. इससे मुंह में छाले होने की समस्या भी हो सकती है.आंखों की रोशनी पर असरविटामिन बी 12 की कमी होने से आंखो की रोशनी पर भी असर पड़ता है. इससे आंखों से जुड़ी कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं.डिप्रेशन और कमजोरीडिप्रेशन, कमजोरी और सुस्ती जैसे लक्षण भी विटामिन बी 12 की कमी के संकेत हैं. इससे सांस फूलने की समस्या हो सकती है.सिरदर्दसिरदर्द, कान बजना और भूख कम लगना भी विटामिन बी 12 की कमी के संकेत हैं.इन चीजों को खाने से दूर होगी कमीअंडाअंडे में विटामिन B12 की भरपूर मात्रा होती है. रोजाना 2 अंडे खाएं. इससे शरीर में विटामिन बी-12 की कमी दूर होगी. इसके सेवन से विटामिन बी 12 की दैनिक जरूरत की 46 प्रतिशत मात्रा को पूरा किया जा सकता है.सोयाबीनसोयाबीन में विटामिन बी12 की अच्छी मात्रा होती है. सोया मिल्क, टोफू या सोयाबीन की सब्जी खाना आपके लिए फायदेमंद होगा.दहीदही का सेवन भी आपको फायदा पहुंचाएगा. दही में विटामिन बी2, बी1 और बी12 पाया जाता है. बी-12 की कमी को पूरा करने के लिए डाइट में लो फैट दही को शामिल करें.ओट्सओट्स में फाइबर और विटामिन की भरपूर मात्रा होती है. इसका सेवन भी आपको फायदा पहुंचाएगा.दूध और पनीरविटामिन बी12 के लिए आप डाइट में दूध को जरूर शामिल करें. इसमें विटामिन बी 12 की अच्छी मात्रा होती है. इसके अलावा पनीर खाना भी आपको फायदा पहुंचाएगा. कॉटेज चीज़ भी खास सकते हैं.ब्रोकलीब्रोकली खाना भी आपको फायदा पहुंचाएगा. ब्रोकली में विटामिन बी 12 के साथ फोलेट यानी फोलिक एसिड होता है, जो शरीर में हीमोग्लोबिन को बढ़ाने में मदद करता है.मछली और चिकनअगर आप नॉन वेजीटेरियन हैं तो विटामिन बी-12 की कमी को पूरा करने के लिए डाइट में मछली और चिकन को भी शामिल कर सकते हैं.
- अपनी इम्यूनिटी पावर बढ़ाने के लिए लोग तरह-तरह के पारंपरिक और आयुर्वेदिक चीजों का सेवन कर रहे हैं. एक्सपर्टो के मुताबिक अनार (Pomegranates) ऐसा ही एक फल है, जिसे सेहत का खजाना कहा जाता है. यह न केवल स्वादिष्ट होता है बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी काफी गुणकारी माना जाता है. एक्ट्रेस भाग्यश्री ने भी सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर अनार के गुणों के बारे में बताया है. आइए आपको अनार के 5 बड़े फायदों के बारे में बताते हैं, जिनके बारे में जानकर आप भी चौंक उठेंगे.अनार खाने के फायदेअनार के सेवन से पेट की पाचन शक्ति मजबूत होती है. जिन लोगों को पेट की गड़बड़ी रहती है. उनके लिए रोज एक अनार का सेवन करना काफी फायदेमंद माना जाता है. ऐसा करने से उन्हें कब्ज और दस्त जैसी दिक्कत से राहत मिल जाती है.शरीर की मांसपेशियां होती हैं मजबूतमेडिकल एक्सपर्ट के मुताबिक अनार में पोषण के कई सारे तत्व शामिल होते हैं. अनार में प्रोटीन, विटामिन सी, फाइबर, विटामिन के, फोलेट और पौटेशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं. अनार के सेवन से शरीर की मांसपेशियां मजबूत होती है और आंखों की रोशनी बढ़ती है.अनार को खून बनाने का सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है. जिन लोगों में खून की कमी होती है, उन्हें डॉक्टर अक्सर रोज एक अनार खाने की सलाह देते हैं.ब्लड प्रेशर रहता है कंट्रोलएक्सपर्टों के अनुसार ब्लड प्रेशर को संतुलित रखने में भी अनार (Pomegranates) काफी फायदेमंद होता है. माना जाता है कि अगर दो हफ्ते तक रोजाना एक-एक अनार खाया जाए तो शरीर में ब्लड प्रेशर मेंटेन रहता है. इससे लो बीपी और हाई बीपी की समस्या भी काफी हद तक दूर हो जाती है.मोटापे से मिलती है निजातअनार (Pomegranates) में एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण पाए जाते हैं. जो शरीर को मोटापे और टाइप-2 डायबिटीज से बचाते हैं. यानी जो लोग नियमित रूप से अनार का सेवन करते हैं, उन्हें शुगर की बीमारी से राहत रहती है.
- बाग फूल के नाम से जाने जाने वाली भारंगी सेहत के लिए बेहद उपयोगी है। इसे ग्लोरी बोवल के रूप में भी जाना जाता है। इसकी जड़ें, पत्ते और छाल कफ और वात दोष को शांत करने के लिए बेहद उपयोगी है। भूख बढ़ाने हो या कफ को दूर करना हो, बुखार को कम करना हो या सूजन को कम करना है, भारंगी बेहद उपयोगी है। बता दें कि इसके अंदर एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटी टॉक्सिक, एंटीसेप्टिक ऐपेटाइजर, एस्ट्रीनजेंट आदि पाया जाता है जो शरीर को कई समस्याओं से दूर रख सकता है।आज जानते हैं भारंगी के फायदों के बारे में .....1 - सिर दर्द को दूर करें भारंगीजो लोग सिरदर्द की समस्या से परेशान रहते हैं या जिन लोगों को माइग्रेन रहता है , वे भारंगी की जड़ से बने पाउडर को पानी में मिलाकर उसका पेस्ट बनाएं और उसे अपने माथे पर लगाएं। ऐसा करने से सिर दर्द की समस्या दूर हो जाती है।2 - बुखार से लड़े भारंगीभारंगी के अंदर एंटीपायरेटिक गुण मौजूद होते हैं जो सर्दियों में होने वाले बुखार को दूर करने के साथ-साथ सर्दी, जुकाम से भी लडऩे में मदद करते हैं। यह गंभीर बुखार जैसे मलेरिया आदि को भी दूर रखते हैं। यह शरीर के तापमान को नियंत्रित करने और शरीर में ठंडक पहुंचाने का काम करते हैं।3 - फोड़े और घाव कुमारी भारंगीघाव को भरने में भी भारंगी बेहद उपयोगी है। यह एंटीसेप्टिक गुणों से भी भरपूर है। इसके उपयोग के तौर पर आपको भारंगी के पत्तों का पेस्ट बनाना होगा और उसे घाव पर लगाना होगा ऐसा करने से घाव जल्दी भरता है।4 - त्वचा के लिए भारंगीभारंगी के पत्तों से बना पेस्ट और जड़ चेहरे की कई समस्याओं को दूर करने में बेहद उपयोगी है। पर इसे त्वचा पर लगाने से पहले एक बार टेस्ट अवश्य कर लें।5 - जोड़ों के दर्द के लिए भारंगीयदि कोई व्यक्ति अर्थराइटिस, सूजन, दर्द, गाउट आदि से परेशान है तो इस समस्या से लडऩे में भारंगी की मदद ली जा सकती है। वहीं अगर किसी व्यक्ति को जोड़ों को हिलाने में कठिनाई महसूस होती है या जोड़ों में सूजन है तो वे भारंगी के उपयोग से इस समस्या को दूर कर सकते हैं।6 - सांस से संबंधित परेशानी के लिए भारंगीसांस से संबंधित परेशानी जैसे अस्थमा, राइनाइटिस, सर्दी, जुकाम आदि को दूर करने में भी भारंगी बेहद उपयोगी है।भारंगी के नुकसानबता दें कि किसी भी चीज की अति सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है ऐसा ही भारंगी के साथ भी है। अगर इसका सेवन सीमित मात्रा से बाहर किया जाए तो यह शरीर में कई प्रकार की एलर्जी को पैदा कर सकती है। हालांकि अभी तक इस तरह के कोई मामले सामने नहीं आए हैं। फिर भी इसके सेवन करने से पहले एक बार एक्सपर्ट से इसकी सीमित मात्रा का ज्ञान लेना जरूरी होता है।
- विशेषज्ञों का मानना है कि डायबिटीज से ग्रस्त लोगों की डाइट में नॉन स्टार्च वाले फूड्स का शामिल रहना ही बेस्ट होता है. स्टार्च वाली सब्जियों में कार्बोहाइड्रेट ज्यादा होता है, लेकिन शुगर का लेवल भी बढ़ा देते हैं. इन्हें इग्नोर करना ही बेस्ट रहता है. आप इन 5 नॉन स्टार्च फूड्स को डाइट में शामिल कर सकते हैं.गाजरसर्दी में आसानी से मिलने वाली गाजर डायबिटीज के रोगियों के लिए अच्छा मानी जाती है. डॉक्टरों का मानना है कि इन रोगियों को गाजर पकाने के बजाय कच्ची खानी चाहिए. ज्यादा फाइबर होने की वजह से ये खून में शुगर को धीरे-धीरे रिलीज करती है.पत्ता गोभीइसमें विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे तत्व काफी मात्रा में मौजूद होते हैं. डॉक्टर सलाह देते हैं कि डायबिटीज के रोगियों को हफ्ते में एक बार पत्ता गोभी का सेवन करना चाहिए.बैंगनये भी एक बिना स्टार्च वाली सब्जी है और इसकी खासियत है कि इसमें कोलेस्ट्रॉल भी नहीं होता है. कहते हैं कि डायबिटीज के मरीजों के लिए ये सब्जी किसी रामबाण से कम नहीं होती है.भिंडीफाइबर से भरपूर भिंडी को पचाना काफी आसान है और यह शुगर लेवल को कंट्रोल करने में भी कारगर मानी जाती है. कहते हैं कि इसके तत्व इंसुलिन में इजाफा करते हैं.खीराफाइबर की बात हो, तो खीरे का ख्याल भी मन में आता है. पानी की कमी पूरी करने वाले खीरे से शुगर को नियंत्रित किया जा सकता है. डायबिटीज का सामना कर रहे रोगियों को डॉक्टर ज्यादा खीरा खाने की सलाह देते हैं.-
- कद्दू या कुम्हड़ कई पौष्टिक तत्वों का खजाना है जो कि हड्डियों के लिए बेहद जरूरी है। इसमें बीटा कैरोटीन, विटामिन बी 6 और विटामिन सी होता है जो कि एंटी इंफ्लेमेटरी की तरह काम करते हैं और हड्डियों के दर्द को होने से रोकते हैं। इतना ही नहीं सर्दियों में कद्दू खाने के फायदे भी कई हैं।1. ब्लड शुगर बैलेंस करने में मदद करता हैसर्दियों में ब्लड शुगर बैलेंस करना आसान नहीं होता है। ऐसे में डायबिटीज के रोगी को त्वचा संक्रमण, तंत्रिका क्षति, आंखों से जुड़ी समस्याएं और हृदय रोग जैसी अधिक गंभीर जटिलताओं को रोकने के लिए ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करना बेहद जरूरी होता है। ऐसे में कुम्हड़ा काफी मददगार है। इसका फाइबर पेट से जुड़ी समस्याओं को दूर करता है और ब्लड शुगर मैनेज करने में मदद करता है। इसके अलावा कद्दू का ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी काफी कम होता है जिसकी वजह से ये ब्लड शुगर लेवल को संतुलित करने में मदद करता है।2. कब्ज की समस्या को दूर करता हैकद्दू में फाइबर की मात्रा काफी अधिक होती है। एक कप पके हुए कद्दू में 3 ग्राम फाइबर होता है। इसके अलावा कद्दू के बीज में कुछ फाइबर होता है। ऐसे में आप उबले हुए, भुने हुए या पके हुए कद्दू का सेवन कर सकते हैं। आप कद्दू का उपयोग सूप, ब्रेड और सब्जी बनाने के लिए भी कर सकते हैं। इस तरह कद्दू का फाइबर मेटाबोलिज्म ठीक करता है, खाना सही से पचाता है और बॉवेल मूवमेट को सही करके कब्ज की समस्या से बचाता है।3. सर्दी-जुकाम से बचाता हैकुम्हड़ा विटामिन सी से भरपूर है और इसका ये एक गुण आपको सर्दियों में संक्रामक बीमारियों से बचाव में मदद कर सकता है। विटामिन सी शरीर के सभी हिस्सों में ऊतकों की वृद्धि और मरम्मत के लिए जरूरी होता है। इसके अलावा इसका विटामिन ए और के आंखों को स्वस्थ रखने में मददगार है। यह हड्डियों के विकास को बढ़ावा देने के साथ प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत रखता है। साथ ही इसका बीटा कैरोटीन और विटामिन के दिल की सेहत को सही रखने में भी मददगार है।4. आयरन, पोटैशियम और मैग्नीशियम से भरपूर है कुम्हड़ाकुम्हड़ा में आयरन, पोटैशियम और मैग्नीशियम की अच्छी मात्रा होती है । आयरन शरीर के रेड ब्लड सेल्स को बढ़ावा देता है और शरीर में खून की कमी को दूर करता है। साथ ही पोटैशियम दिल को स्वस्थ रखने में मददगार है और ब्लड सर्कुलेशन को सही रखने के लिए जाना जाता है। इसके अलावा हमारे शरीर के सामान्य मांसपेशियों के कार्य को बनाए रखने और हमारे प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए मैग्नीशियम की भी जरूरत होती है और कद्दू व इसके बीज इस काम को पूरा करते हैं।कुम्हड़ा बीटा-कैरोटीन में हाई है, जो एक प्राकृतिक सनब्लॉक के रूप में कार्य करता है। इसमें विटामिन सी और ई, साथ ही ल्यूटिन और ज़ेक्सैंथिन भी होते हैं, जो आपकी त्वचा को मजबूत और स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा रेगुलर इसे खाना ब्लड प्रेशर और कॉलेस्ट्रोल लेवल कंट्रोल करने में मदद करता है। इसलिए इन तमाम कारणों से हमें सर्दियों में कुम्हड़ा अवश्य खाना चाहिए।
- गाजर को सर्दियों का सुपरफूड कहा जाता है। ये ना सिर्फ खाने में स्वादिष्ट बल्कि होती है बल्कि कई तरह के पोषक तत्वों से भी भरपूर होती है। सर्दियों के मौसम में गाजर खाना आपको कई तरह से फायदा पहुंचाता है. गाजर में विटामिन के, ए,सी के साथ कई मिनरल्स की भरपूर मात्रा होती है, जो हमारी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद हैं । इसे आप सलाद, सब्जी, सूप, जूस या हलवे के रूप में खा सकते हैं।-कई शोध में ये सामने आया है कि गाजर में फाल्केरिनोल नाम का प्राकृतिक कीटनाशक पाया जाता है, जो कैंसर के खतरे को कम करता है।-गाजर खाना बढ़ती उम्र के असर को भी कम करता है। इसमें मौजूद पोषक तत्व एंटी एजिंग एजेंट की तरह काम करते हैं।-गाजर के जूस में काला नमक, धनिया पत्ती, भुना जीरा, काली मिर्च और नींबू का रस मिला कर पिएं। इसके डाइजेशन से जुड़ी प्रॉब्लम दूर होगी।-इम्युनिटी को मजबूत करने के लिए भी आपको गाजर का सेवन करना चाहिए। इसमें विटामिन ए और सी की मात्रा होती है और ये दोनों एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करते हैं।--
- पपीता फाइबर और मिनरल, विटामिन ए, बी और सी का बेहतरीन स्रोत है। पपीता न केवल आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है बल्कि ये त्वचा संबंधित समस्याओं को भी दूर करने में मदद करता है। पपीते में पाया जाने वाला एंजाइम पापेन मृत त्वचा, दाग-धब्बों, सुस्ती, रंजकता और बंद रोमछिद्रों जैसी त्वचा संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। ये त्वचा को पोषण प्रदान करता है। त्वचा के लिए आप कई तरीके से पपीते का इस्तेमाल कर सकते हैं। आप त्वचा के लिए पपीते का इस्तेमाल फेस क्लींजर, फेस स्क्रब और फेस मास्क के लिए भी कर सकते हैं।पपीते से बना फेस क्लींजरपपीते में एक्सफोलिएटिंग गुण होते हैं। ये त्वचा को साफ करने में मदद करता है। आप त्वचा के रोमछिद्रों को गहराई से साफ करने के लिए पपीता फेस क्लींजर का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आपको पपीते को मैश करना है और इसमें कद्दूकस किया हुआ खीरा और विटामिन ई तेल की कुछ बूंदें मिलाएं। पेस्ट को त्वचा पर लगाएं और हल्के हाथों से मसाज करें। इसके बाद ठंडे पानी से धो लें।पपीता फेस स्क्रबत्वचा के एक्सफोलिएशन के लिए भी आप पपीते का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए मैश किए हुए पपीते में ओट्स और ब्राउन शुगर मिलाएं। इन सभी को बराबर मात्रा में मिलाएं। इससे त्वचा को स्क्रब करें। ये आपकी त्वचा की सुस्ती, मृत त्वचा और रूखेपन से छुटकारा दिलाएंगे। ये त्वचा को मुलायम बनाने में मदद करेगा।पपीता फेस मास्कपपीता विटामिन सी से भरपूर होता है। इसमें विटामिन ए होता है जो सूजन को कम करता है। इसमें मौजूद पापेन एंजाइम मुंहासों को होने से रोकता है। अगर आप त्वचा के रूखेपन से परेशान हैं तो पपीते से बने फेस मास्क का इस्तेमाल कर सकते हैं। पपीते का फेस मास्क बनाने के लिए एक कटोरी में मैश किए हुए पके पपीते में आवश्यकता अनुसार शहद और दूध अच्छी तरह से मिलाएं। दूध और शहद ब्राइटनिंग और सॉफ्टनिंग इफेक्ट को बढ़ाते हैं। आप इसमें एक चुटकी हल्दी या अंडे का सफेद भाग भी मिला सकते हैं।सन-टैन दूर करने के लिए फेस पैकइस फेस पैक को बनाने के लिए आपको 1/4 कप पपीता, 2 विटामिन ई कैप्सूल और 1 बड़ा चम्मच गुलाब जल की जरूरत होगी। इन सारी सामग्री को एक बाउल में डालकर अच्छे से मिला लें। इस फेस पैक को चेहरे पर लगाएं। सूखने तक इसे लगा रहने दें। इसके बाद ताजा पानी से चेहरा धो लें।
- सर्दियों के मौसम में सबसे ज्यादा पसंद सरसों के साग और मक्के की रोटी को किया जाता है। साथ में अगर गुड़ भी हो तो और ज्यादा मजा आ जाता है। आपने ऐसा जरूर सोचा होगा कि सरसों के साग में ऐसे क्या गुण होते हैं जो इसे इतना स्वादिष्ट बना देते हैं। यह साग केवल स्वादिष्ट ही नहीं होता है बल्कि इससे काफी सारे स्वास्थ्य लाभ भी मिल सकते हैं। इस साग में एंटी ऑक्सीडेंट्स होते हैं जो आपको कई बीमारियों से बचा सकते हैं। इस साग में कैलोरीज़ भी काफी कम होती है। इसलिए अगर स्वाद स्वाद में कभी-कभार थोड़ा ज्यादा भी खाया जाएं, तो वजन बढऩे की अधिक चिंता नहीं करनी चाहिए।एक कप सरसों के साग में लगभग 95 प्रतिशत दैनिक जरूरत का विटामिन ए, आधा ग्राम फैट, 4-6 ग्राम काब्र्स जिसमें लगभग 2.5 ग्राम फाइबर होता है। यही नहीं 3-4 ग्राम के आसपास प्रोटीन और लगभग दैनिक जरूरत का 680 प्रतिशत विटामिन के होता है (अगर सब्जी बिना तेल के बनाई जाए तो)। विटामिन के एक ऐसा एंटी ऑक्सिडेंट है जो लगभग हर हरी-सब्जी में आम तौर पर पाया जाता है। इसलिए आप हरी सब्जियों को डाइट में जरूर शामिल करें। यही नहीं साग में पोटेशियम व कैल्शियम की भी भरपूर मात्रा होती है। जिससे हमारी हड्डियों की हेल्थ ठीक रहती है। इसलिए इसका सेवन गठिया के रोगियों या जोड़ों के दर्द में भी फायदेमंद है। आइए जानते हैं इससे मिलने वाले अन्य फायदों के बारे में।1. वजन कम करता है सरसों का सागसरसों के साग में फाइबर की मात्रा अधिक और कैलोरी कम होने की वजह से यह वेट लॉस में काफी फायदेमंद है। इसका सेवन मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है। इसलिए वजन नियंत्रण में रहता है।2. दिल के स्वास्थ्य के लिए है फायदेमंदसरसों का साग दिल के लिए भी फायदेमंद है क्योंकि इसके सेवन से शरीर में फोलेट बनता है और कार्डियोवैस्कुलर रोग व कोलेस्ट्रोल का स्तर कम होता है।3. सरसों के साग से मिलती है एनर्जीएनर्जी मिलने का मुख्य कारण है इस में प्रयोग किए जाने वाला पालक। क्योंकि पालक भी पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है। जैसे कि सोडियम, प्रोटीन, एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन ए, सी, के आदि। साथ ही इसमें आयरन की भी भरपूर मात्रा होती है। इसलिए सरसों के साथ इसका मिक्सचर एनर्जी से भरपूर रखता है।4. आंखों की हेल्थ रखता है ठीकयदि आप अपनी आंखों को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो आपको सरसों के साग का सेवन करना चाहिए। क्योंकि यह विटामिन ए से भरपूर होता है। आंखों के स्वास्थ्य के लिए विटामिन ए बेहद जरूरी है।5. दरअसल सरसों का साग आयरन से भी भरपूर होता है और खून की कमी को आयरन के सेवन से पूरा किया जा सकता है। इसीलिए सरसों के साग के सेवन से एनीमिया रोग में आराम मिलता है।----
- कई लोगों को दोपहर के खाने के बाद तुरंत सोने की आदत होती है। ये भी आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि खाना खाने के बाद उसे पचने में 3-4 घंटे का समय लगता है लेकिन अगर उस दौरान आप सो जाते हैं, तो खाना दोनों आंतों में ठीक से पच नहीं पाता और आपके पूरे शरीर में खाने के पोषक तत्व अच्छे से नहीं पहुंच पाते हैं। दोपहर या रात के खाने के बाद तुरंत सोने के कई नुकसान है। इससे आपका शरीर कई बीमारियों का घर भी बन सकता है। इसलिए अगर आप भी ऐसा करते हैं,तो सावधान हो जाइए।1. पाचन तंत्र प्रभावित होता हैअगर आप दोपहर या रात के खाने के बाद तुरंत सो जाते हैं, तो आपका पाचन तंत्र प्रभावित होता है। इससे आपका खाना अच्छे से पच नहीं पाता है। दरअसल तुरंत सोने के बाद शरीर में कोई एक्टिविटी नहीं होती है, जिसके कारण शरीर को भोजन पचाने में अधिक समय लगता है और उठने के बाद भी आपको फ्रेश फील नहीं होता है।2. हार्ट की समस्याखाना खाने के बाद तुरंत सोने से भोजन का पाचन से अच्छे से नहीं होता है और अगर आप अधिक तैलीय खाना खाते हैं, तो इससे आपको हार्ट समस्या भी हो सकती है। इससे आपको कोलेस्ट्रोल लेवल बढ़ सकता है, जिससे हार्ट स्ट्रोक, ब्लॉक और अटैक का खतरा बढ़ जाता है।3. एसिडिटी की परेशानीखाना खाकर अगर आप टहलते हैं, तो खाना अच्छे से पचता है, लेकिन सोने से बात बिगड़ सकती है। इससे एसिडिटी की समस्या बढ़ जाती है क्योंकि लेटने से एसिड रिफलक्स होने लगता है, जिसकी वजह से अपच, गैस और कब्ज की समस्या भी होने लगती है।4. वजन बढऩाखाना खाने के तुरंत सोने के बाद कैलोरी बर्न नहीं होती है, जिसके कारण अचानक आपका वजन बहुत ज्यादा बढऩे लगता है। फिर अगर आप एक्सरसाइज भी करते हैं, तो आपका वजन आसानी से कम नहीं होता है इसलिए हमेशा कोशिश करनी चाहिए कि खाना खाने के बाद कुछ काम कर लें या थोड़ी देर टहलें।5. अनिद्रा और थकानखाना खाने के तुरंत सोने के बाद अपच की वजह से आपको अच्छे से नींद नहीं आती है, जिसके बाद धीरे-धीरे आपको अनिद्रा की शिकायत होने लगती है। अनिद्रा के कारण आपकी दिनचर्या बिगड़ सकती है और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या भी हो सकती है।6. डायबिटीज की समस्याअगर खाने के बाद तुरंत सोते हैं, तो रक्त में शुगर की मात्रा बढ़ सकती है क्योंकि सोने की वजह से शरीर एक्स्ट्रा फैट और शुगर को पचा नहीं पाता है, जो आपके लिए डायबिटीज का खतरा उत्पन्न कर सकता है। खाना खाने के बाद शारीरिक गतिविधियां जरूरी होती है।खाना खाने के बाद कैसे सो सकते हैंअगर आप बहुत थक गए हैं, तो दोपहर के खाने के बाद सोफे या कुर्सी पर बैठकर कुछ देर आराम कर सकते हैं लेकिन आपको बेड पर सोना नहीं चाहिए। हां लेकिन दोपहर या रात के खाने के बाद बुजुर्ग, बच्चे या गर्भवती महिलाएं अगर सोना चाहती है , तो सो सकती हैं। इसके अलावा अगर कोई बीमार व्यक्ति है या डॉक्टर ने खाना खाने के बाद आराम करने को कहा है, तो वैसे लोगों को जरूर आराम करना चाहिए। एक स्वस्थ व्यक्ति को रात के खाने के 2-3 घंटे बाद ही सोना चाहिए इसलिए आप कोशिश करें कि रात को 6-7 बजे के बीच डिनर कर लें। अगर आप बहुत देर से खाते हैं, तो बिल्कुल हल्का खाना खाएं और कम से कम 1 घंटे बाद ही सोने की कोशिश करें। इससे आपका स्वास्थ्य अच्छा बना रहेगा।खाना खाने के बाद कैसे सोना या बैठना चाहिएखाना खाने के बाद कभी पेट के बल या पीठ के बल नहीं सोना चाहिए। इसे खाने के पाचन में परेशानी हो सकती है। इसके अलावा आपके पेट में दर्द भी हो सकता है। हमेशा खाने के बाद करवट लेकर सोने की कोशिश करें या फिर अगर आप खाना खाने के बाद बैठना चाहते हैं , तो बिल्कुल आराम की मुद्रा में बैठें। पैरों पर पैर चढ़ाकर बैठने या गलत पोजिशन में न बैठें। इससे पेट में दर्द या भारीपन महसूस हो सकता है। हमेशा हल्का खाना खाने की कोशिश करें ताकि आपको भारीपन का अनुभव न हो।खाना खाने के बाद कौन सा आसन करेंखाना खाने के बाद वज्रासन करने के कई लाभ है। इससे खाना अच्छे से पचता है। साथ ही आपको एनर्जी भी मिलती है और पैरों की मांसपेशियों में भी आराम मिलता है। इसकी मदद से वजन भी नियंत्रित रहता है और अपच की परेशानी भी नहीं होती है।
- कुछ लोगों की आदत होती है कि जरा दर्द हुआ और वो फौरन पेन किलर खा लेते हैं. लेकिन ज्यादा पेन किलर सेहत के लिए नुकसानदायक होतें हंै। पेन किलर्स किडनी और लिवर पर बुरा असर डालते हैं। ऐसे में जब तक बहुत जरूरी न हो, इन्हें नहीं खाना चाहिए. साथ ही किसी विशेषज्ञ से परामर्श करने के बाद ही पेनकिलर का सेवन करना चाहिए। रोजमर्रा की छोटी मोटी परेशानियों से राहत दिलाने वाली तमाम चीजें घर की रसोई में मौजूद हैं। ये नेचुरल पेनकिलर्स कई तरह के दर्द और अन्य परेशानियों को दूर करने की क्षमता रखते हैं।अदरकअगर सिर में दर्द हो तो अदरक को पानी के साथ पीसकर पेस्ट बनाकर माथे पर लगाएं। अदरक में दर्द निवारक गुण होते हैं जो दर्द से राहत देते हैं। इसके अलावा अदरक वात को भी दूर करती है। पेट में गैस बनने पर अदरक को काले नमक के साथ खाने से काफी आराम मिलता है। अदरक जुकाम और खांसी जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए भी काफी फायदेमंद मानी जाती है।हल्दीहल्दी में भी दर्द निवारक गुण पाए गए हैं। चोट लगने पर, कहीं पकने पर, सूजन आने पर हल्दी को सरसों के तेल में गुनगुना करके प्रभावित स्थान पर लगाएं। इससे दर्द और सूजन कम हो जाती है। दूध के साथ हल्दी का सेवन करने से मांसपेशियों में अंदरूनी दर्द दूर होता है। इसके अलावा जुकाम खांसी की समस्या में भी हल्दी राहत देती है।प्याजप्याज के रस में सूजन और दर्द निवारण के गुण पाए जाते हैं। प्याज को तवे पर गर्म करने के बाद इसका रस निकालकर जोड़ों पर लगाने से दर्द में काफी आराम मिलता है। इसके अलावा मोच आने पर सूजन और दर्द को कम करने के लिए भी प्याज अच्छा काम करता है।लहसुनशरीर के किसी भी हिस्से में अगर दर्द है तो लहसुन के तेल की मालिश करें। दर्द में काफी आराम मिलेगा। सीने में दर्द या भारीपन होने पर, गैस की परेशानी होने पर लहसुन की कलियों को पानी के साथ निगलने से आराम मिलता है।अजवाइनपेट में गैस की समस्या हो, या पेट दर्द हो, तो अजवाइन खाने से काफी आराम मिलता है। इसके अलावा महिलाओं को पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द में भी अजवाइन काफी लाभ पहुंचाती है। अजवाइन का तेल बनाकर अगर लगाया जाए तो शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द में राहत पायी जा सकती है।
- मूली ठंड के दिनों में खाई जाने वाली एक बेहतरीन सब्जी है। हम कई तरह से मूली का सेवन करते हैं जैसे सलाद में, मूली के पराठे भी खाए जाते हैं, मूली की भुरजी या सब्जी भी बनाकर खाई जाती है। हालांक?ि मूली में कई पोषक तत्व होने के बाद भी इसका सेवन कई चीजों के साथ नहीं करना चाहिए। आज हम उन्हीं सब चीजों के बारे में जानेंगे।1. मूली के साथ दूध का सेवन न करेंमूली खा रहे हैं तो आपको दूध से बनी चीज या दूध का सेवन नहीं करना चाहिए। दूध का सेवन खट्टी चीजों के साथ नहीं किया जाता। इससे आपको त्वचा से जुड़ी समस्या हो सकती है। अगर आपने दूध का सेवन सुबह किया है तो ध्यान रखें कि मूली का सेवन शाम से पहले न करें। कोशिश करें कि ये दोनों चीजें एक दिन में न खाएं। दोनों के बीच गैप रखना जरूरी है।2. मूली के साथ खीरे का सेवन न करेंकई लोग सलाद में मूली और खीरे का सेवन साथ करते हैं पर इन 2 चीजों का सेवन भी साथ में नहीं करना चाहिए। खीरे में एस्कॉर्बिनाज़ होता है, ये विटामिन सी को सोखने का काम करता है। इन दोनों चीजों का सेवन साथ नहीं किया जाना चाहिए। आपको सलाद में भी इन 2 चीजों का मिश्रण नहीं बनाना है, कई लोग इसे सब्जी में साथ इस्तेमाल करते हैं पर आपको इससे त्वचा संबंधी शिकायत हो सकती है।3. मूली के साथ संतरे का सेवन न करेंमूली के साथ संतरे का सेवन नहीं करना चाहिए। ये आपकी तबीयत बिगाड़ सकता है। अगर आपने मूली की सब्जी का सेवन किया है तो उसके तुरंत बाद संतरा न खाएं। मूली और संतरे का एक साथ सेवन खासकर बड़ी उम्र के लोगों को नहीं करना चाहिए। उनका पाचन तंत्र युवकों के मुकाबले ज्यादा कमजोर होता है। आप दोनों चीजों के बीच 4 से 5 घंटे का अंतराल कर सकते हैं।4. मूली के साथ करेला न खाएंआपको मूली के साथ करेले का सेवन नहीं करना चाहिए। एक्सपर्ट के मुताबिक इससे सांस से जुड़ी समस्या हो सकती है। मूली में लैक्सेटिव गुण पाए जाते हैं जिससे पेट खराब होने की समस्या हो सकती है। आप दोनों के बीज सुबह और शाम का अंतराल जरूर करें।5. मूली के साथ चाय न पिएंमूली के साथ चाय का सेवन करने से आपको एसिडिटी, कब्ज की समस्या हो सकती है। आपको चाय पीने के बाद मूली का सेवन नहीं करना चाहिए। मूली की तासीर ठंडी होती है, जब इसे गरम चीजों के साथ लिया जाता है तो उसका बुरा असर सेहत पर पड़ता है।मूली का सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल लो होता है जिन्हें लो शुगर की समस्या है उन्हें डॉक्टर की सलाह लेकर ही इसका सेवन करना चाहिए।
- आमतौर पर शरीर में होने वाले दर्द को हम सभी सामान्य मानकर नजरअंदाज कर देते हैं, कुछ दर्दनिवारक गोलियों से आमतौर पर इसमें राहत भी मिल जाती है। पर आपकी यह आदत गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है। जी हां, शरीर के कुछ हिस्सों में लगातार रहने वाला दर्द, गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की ओर संकेत हो सकता है। रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि शरीर में होने वाले दर्द की समस्या कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने का संकेत भी हो सकती है, ऐसे में इसे नजरअंदाज करना हृदय रोग की गंभीर समस्याओं का कारण भी बन सकता है।कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ना हृदय रोगों के प्रमुख जोखिम कारकों में से एक माना जाता है। कोलेस्ट्रॉल मोमनुमा रक्त में पाया जाने वाला एक पदार्थ है। स्वस्थ कोशिकाओं के निर्माण के लिए शरीर को कोलेस्ट्रॉल की आवश्यकता होती है, लेकिन कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर हृदय रोग के जोखिम को बढ़ा सकता है। हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण रक्त वाहिकाओं में वसायुक्त जमाव हो सकता है, जिससे हृदय का सामान्य कामकाज प्रभावित हो सकता है। जानते हैं कि किन हिस्सों में दर्द को कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का संकेत माना जा सकता है?जबड़ों में दर्द और असुविधास्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक जबड़ों में होने वाले दर्द की समस्या को हल्के में नहीं लेना चाहिए, यह कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का संकेत हो सकता है। ऐसी स्थिति में जबड़े में तेज दर्द या कसाव जैसी असुविधा होती है। आमतौर पर यह दर्द ज्यादातर एनजाइना से जुड़ा होता है। एनजाइना वह स्थिति है जिसमें रक्त का हृदय तक सही से प्रवाह न होने के कारण दर्द की समस्या हो सकती है।हाथों में दर्द की समस्याशरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कारण हाथों में भी दर्द की समस्या हो सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, एथेरोस्क्लेरोसिस के कारण यह समस्या होना सामान्य है, यह ऐसी स्थिति है जिसमें धमनियों के अंदर 'प्लाक' बनने लगता है। इस वजह से शरीर के अंगों में रक्त का संचार प्रभावित हो जाता है। शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से हाथों में दर्द होता सकता है, ऐसे लक्षणों पर लोगों को विशेष ध्यान देते रहने की आवश्यकता है।पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (पीएडी)रक्त वाहिकाओं में कोलेस्ट्रॉल जमा होने से खून के संचार में रुकावट की समस्या होती है, जिसके कारण शरीर के कुछ हिस्सों में दर्द हो सकता है। जब यह स्थिति गंभीर रूप ले लेती है तो इसे पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (पीएडी) कहा जाता है। इस स्थिति में हाथों और पैर, दोनों में तेज दर्द की समस्या हो सकती है। कुछ स्थितियों में इस वजह से चलने और दौड़ने जैसी गतिविधियों में भी दिक्कत होने लगती है। पीएडी अंगों की क्षति का भी कारण बन सकता है।
- कोरोना काल में जरूरी है कि आप इम्युनिटी को मजबूत रखें और इसके लिए खानपान पर खास ध्यान दें। संक्रमण से बचाव के लिए तुलसी के काढ़े का सेवन भी आपको फायदा पहुंचाएगा।दरअसल तुलसी की पत्तियों में मौजूद औषधीय गुण आपको कई बीमारियों से बचाते हैं। इससे इम्युनिटी मजबूत होगी। वहीं अगर आपको सर्दी-खांसी की समस्या है तो इसमें भी तुलसी का काढ़ा आपको आराम देगा। ये गले में इंफेक्शन, खराश, बलगम और भारीपन की समस्या को दूर करता है। जानिए तुलसी का काढ़ा बनाने का सही तरीका-कैसे बनाएं काढ़ातुलसी, काली मिर्च, लौंग, मुलेठी, सौंठ, तेजपत्ता, गुड़ इन सभी चीजों को कूट कर एक साथ एक ग्लास पानी में डालकर उबालें। जब ये पानी एक चौथाई हो जाए तो गैस बंद कर दें। ये काढ़ा इम्युनिटी को बूस्ट करेगा और गले की खराश को दूर करेगा। इस बात का ध्यान रखें कि जिन लोगों को एसिडिटी की समस्या है, वो ये काढ़ा न पिएं।मिलेंगे ये फायदेतुलसी का काढ़ा डाइजेशन को दुरुस्त रखेगा। इसमें मौजूद काली मिर्च, तुलसी, सौंठ और लौंग के एंटी-इंफ्लामेट्री गुण आपको फायदा पहुंचाएंगे। तुलसी में एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं, जिसका आपको लाभ मिलता है।इससे इम्युनिटी बढ़ेगी और आप किसी भी तरह के इंफेक्शन से बचेंगे। सर्दी या फ्लू होने पर ये काढ़ा गले को आराम देता है।तुलसी को वजन घटाने के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. ये सुपर हेल्दी ड्रिंक आपके मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने के साथ कमर को भी पतला करने में मदद करता है। तुलसी में प्राकृतिक कैमिकल्स होते हैं, जो वजन को कम करने में मदद कर सकते हैं।
- अदरक का इस्तेमाल कई लोग करते हैं, लेकिन क्या आपने कभी अदरक की पत्तियों का इस्तेमाल किया है? अदरक की पत्तियां भी अदरक की तरह ही स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद हो सकती हैं। चीन के पारंपरिक चिकित्सा पद्धति और खानपान में अदरक की पत्तियों का काफी ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। आज हम इस लेख में अदरक की पत्तियों के फायदे और इसका इस्तेमाल करने के फायदों के बारे में जानेंगे।गठिया की परेशानी से राहतअदरक की पत्तियों में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता है, जो सूजन से राहत दिलाने में असरदार है। वहीं, अदरक की पत्तियों की चाय का सेवन करने से गठिया में होने वाले दर्द से भी आराम पा सकते हैं।मांसपेशियों के दर्द में आरामअदरक की पत्तियों में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होता है, जो मांसपेशियों में होने वाले दर्द से आराम दिलाने में आपकी मदद कर सकता है। रिसर्च के मुताबिक, अदरक की पत्तियों में मौजूद गुण मांसपेशियों में होने वाले दर्द और अकडऩ को दूर करने में प्रभावी है।ब्लड प्रेशर को करे कंट्रोलअगर आपको ब्लड प्रेशर या फिर हाइपरटेंशन की समस्या है, तो आप अदरक की पत्तियों से बनी चाय का सेवन कर सकते हैं। यह आपके स्वास्थ्य के लिए काफी प्रभावकारी हो सकता है।वायरस से बचावइसमें एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल गुण पाया जाता है, जो संक्रमण से बचाव करने में आपकी मदद कर सकता है। अगर आपको वायरल की वजह से सर्दी-खांसी जुकाम की परेशानी हो रही है, तो आप अदरक की पत्तियों की चाय का सेवन कर सकते हैं।कब्ज से राहतकब्ज की समस्या से भी राहत दिलाने में अदरक की पत्तियां प्रभावकारी हो सकती है। इसमें मौजूद फाइबर आपको मल त्यागने में मदद कर सकता है। अगर आपको किसी कारण से कब्ज की शिकायत है, तो आप इसे अपने नियमित के आहार में शामिल कर सकते हैं।कैसे करें अदरक की पत्तियों का इस्तेमालइसे आप किसी भी सब्जी में डालकर खाने का स्वाद बढ़ा सकता है। इसके अलावा आप इसे पानी में उबालकर या फिर भुनकर भी खा सकते हैं। आप चाहें, तो अदरक की पत्तियों को कच्चा खा भी सकते हैं। इसके लिए आप किसी भी सलाद या फिर डिशेज की गार्निशिंग के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।अदरक की पत्तियों का इस्तेमाल चाय के रूप में भी किया जा सकता है। इसके लिए अदरक की पत्तियों को पानी में अच्छे से उबाल लें। अब इसे एक कप में छानकर इसमें नींबू के रस की कुछ बूंदे और शहद मिला लें। इसका स्वाद अदरक की चाय से थोड़ा अलग हो सकता है। लेकिन ध्यान रखें कि इसका सेवन आप सीमित मात्रा में करें। वहीं, अगर आप पहली बार अदरक की पत्तियों का इस्तेमाल करने जा रहे हैं, तो एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें।
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लोहड़ी और मकर संक्रांति दोनों ही पर्व में तिल और तिल से बने पकवान खाए जाते हैं। लोग तिल के लड्डू से लेकर गजक और तिल गुड़ की रेवड़ी का सेवन करते हैं। पर्व में तिल से बने पकवान के सेवन का शास्त्रों के अनुसार महत्व होता है लेकिन तिल में आयुर्वेद के गुण भी होते हैं तो सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। तिल में पाए जाने वाले पोषक तत्व कई बीमारियों के खतरे से बचाते हैं। इनका नियमित सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद है। ऐसे में तिल का सेवन धार्मिक महत्व और मान्यताओं के साथ ही आयुर्वेद में भी महत्वपूर्ण बताया गया है। लोहड़ी और मकर संक्रांति में तिल से बने पकवान का सेवन करने वाले हैं तो जान लीजिए कि तिल खाने के क्या फायदे हैं ताकि केवल त्योहार ही नहीं अन्य दिनों में भी आप तिल का सेवन कर सकें।
तिल में मौजूद होते हैं ये पोषक तत्व---
तिल में कई तरह के पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसमें सेसमिन नाम का एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है। तिल में फाइबर और मैग्नीशियम होता है और एंटी-बैक्टीरियल के गुण भी मिलते हैं। तिल में कई तरह के लवण जैसे कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, जिंक और सेलेनियम होते हैं।
तिल से इन बीमारियों का खतरा होता है कम---
-तिल में पाया जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है।
-तिल लंग कैंसर, पेट के कैंसर, ल्यूकेमिया, प्रोस्टेट कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर जैसी बीमारियों के होने की आशंका को कम करता है।
-इसमें मौजूद फाइबर और मैग्नीशियम के गुण शरीर में इंसुलिन और ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करते हैं। इसलिए यह डायबिटीज के मरीजों के लिए भी फायदेमंद होता है।
तिल खाने के फायदे
-नियमित तिल का सेवन करने से शरीर में खून की मात्रा सही बनी रहती है।
-तिल हाई बीपी के मरीजों के लिए फायदेमंद है।
-बालों और त्वचा को मजबूत व सेहतमंद बनाने के लिए तिल का नियमित सेवन लाभकारी है।
-तिल को खाने से मेटाबोलिज्म बेहतर काम करता है। इसमें मौजूद प्रोटीन शरीर को भरपूर ताकत व एनर्जी देते हैं।
-बच्चों के लिए भी तिल फायदेमंद है, इसमें डाइट्री प्रोटीन और एमिनो एसिड होता है जो बच्चों की हड्डियों के विकास को बढ़ाता है।
तिल के सेवन से नुकसान
-तिल के सेवन से फायदा है लेकिन अगर सही मात्रा व सही तरीके से इसका सेवन न किया जाए तो यह नुकसानदायक भी हो सकता है। जिन लोगों को लो बीपी की शिकायत है, उन्हें तिल कम खाना चाहिए।
-ज्यादा तिल खाने से डायरिया भी हो सकती है।
-महिलाओं और बच्चों को तिल का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए।
= - हाल के वर्षों में पश्चिमी देशों में भी आयुर्वेद का उपयोग बढ़ा है। कई औषधियों पर किए गए अध्ययनों में भी इसके स्वास्थ्य को लेकर बेहतर परिणाम देखने को मिले हैं। कोरोना के दौर में इम्युनिटी बढ़ाने के लिए हम ऐसी ही दो कारगर औषधियों के बारे में बता रहे हैं। इनमें से एक है लौंग और दूसरी है काली मिर्च।लौंग के औषधीय गुणअध्ययनों से पता चलता है कि लौंग कई तरह के औषधीय गुणों से भरपूर होता है जिनकी शरीर को रोजाना आवश्यकता होती है। मसाले के रूप में हर घर में इसका उपयोग किया जाता रहा है। लौंग में विटामिन-के, मैंगनीज और फाइबर के साथ कई तरह के एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो शरीर की कोशिकाओं को संक्रमण से सुरक्षित रखने में मदद करते हैं। प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए इसका सेवन करना लाभदायक माना जाता है।काली मिर्च के औषधीय गुणलौंग की ही तरह से काली मिर्च को भी पोषक तत्वों का खजाना माना जाता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो सूजन की समस्या को कम करते हैं। इसके अलावा ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने में भी लौंग को फायदेमंद माना जाता है। पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ावा देने और आंत को स्वस्थ रखने में भी इसे काफी कारगर माना जाता है।कैसे करें इसे आहार में शामिल?कोरोना के इस दौर में काढ़े में लौंग और काली मिर्च को मिलाकर इसका सेवन किया जा सकता है। भोजन में मसाले के रूप में इसे प्रयोग में लाया जा सकता है। इसके अलावा सूप में भी इसे डाला जा सकता है। इन दोनों का नियमित सेवन आपको मौसमी बीमारियों के जोखिम से बचाने में भी सहायक हो सकता है। हालांकि ध्यान रखें, सेवन नियत मात्रा में ही किया जाना चाहिए।
- अंजीर और शहद का सेवन सर्दियों में सेहत के लिए बहुत उपयोगी होता है। अंजीर में मौजूद कैल्शियम, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट शरीर के लिए बहुत उपयोगी होते हैं। शहद और अंजीर का एक साथ सेवन करने से आपके शरीर में मौजूद कई समस्याएं दूर होती हैं। आइये जानते हैं शहद और अंजीर के फायदे।1. शुगर या डायबिटीज की समस्या में उपयोगीशहद और अंजीर का संतुलित मात्रा में सेवन करने से डायबिटीज की समस्या में बहुत फायदा मिलता है। अंजीर में पर्याप्त मात्रा में पोटैशियम मौजूद होता है जो शरीर में ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने का काम करता है। इसके साथ ही शहद में मौजूद गुण भी डायबिटीज में फायदेमंद माने जाते हैं। शहद और अंजीर को एकसाथ मिलाकर खाने से ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में फायदा मिल सकता है लेकिन इनका सेवन करने से पहले आपको एक्सपर्ट डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।2. कब्ज की समस्या में फायदेमंदशहद और अंजीर को एकसाथ मिलाकर खाने से कब्ज की समस्या दूर होती है और पाचन तंत्र मजबूत होता है। अंजीर में मौजूद फाइबर पाचन तंत्र को ठीक करने का काम करता है और शहद में भी कई ऐसे गुण पाए जाते हैं जो पाचन को बढ़ावा देने का काम करते हैं।3. मुंह में छालों की समस्या में उपयोगीशहद में मौजूद गुण मुंह में छालों को दूर करने के लिए बहुत फायदेमंद माने जाते हैं और इसके सेवन से मसूढ़ों को भी फायदा मिलता है। इस समस्या में शहद में अंजीर मिलाकर इसे मुंह में रखकर कुछ देर चबाएं और फिर इसे निगल लें। इसके बाद गर्म पानी से कुल्ला करें। ऐसा दो से तीन बार करने से आपको फायदा मिलेगा।4. वजन कम करने में फायदेमंदवजन कम करने के लिए आप रोजाना सुबह शहद के साथ अंजीर मिलाकर इसका सेवन करें। चूंकि अंजीर में फाइबर प्रचुर मात्रा में मौजूद होता है जो आपके पाचन को दुरुस्त रखता है और काफी देर तक भूख नहीं लगती है। इसके आलावा शहद भी वजन को नियंत्रित करने के लिए अच्छा माना जाता है। आप रोजाना एक से दो अंजीर को एक चम्मच शहद में मिलाकर इसका सेवन करें। कुछ ही दिनों में आपको फर्क दिखने लगेगा।5. तनाव और मानसिक समस्याओं में उपयोगीकामकाज के प्रेशर और जीवनशैली में गड़बड़ी के कारण आज के समय लोग तनाव और डिप्रेशन जैसी मानसिक समस्याओं से ग्रसित हो रहे हैं। तनाव से छुटकारा पाने के लिए अंजीर और शहद का एकसाथ सेवन बहुत फायदेमंद होता है।6. हड्डियों के लिए उपयोगीअंजीर में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है और इसका सेवन हड्डियों की सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। नियमित रूप से अंजीर का सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती हैं। इसके अलावा शहद में मौजूद गुण हड्डियों से जुड़ी समस्या जैसे हड्डियों में दर्द, जोड़ों में सूजन आदि के लिए बहुत उपयोगी होते हैं।7. गले की खराश दूर करने में उपयोगीगले की खराश की समस्या में आपको कई तरह की कठिनाइयां झेलनी पड़ती हैं। इस समस्या में आप सूखे अंजीर को शहद में भिगोकर खाएं। शहद में सूखा अंजीर मिलाकर इसे पानी में डाल दें। इसके बाद उस पानी को पी लें और अंजीर को खा जाएं। ऐसा दिन में दो बार करें। शहद और अंजीर का तीन से चार बार सेवन करने से आपको गले में खराश की समस्या में फायदा मिलेगा और आपका गला भी साफ रहेगा। इसका सेवन करने से हल्के-फुल्के संक्रमण में भी फायदा मिलता है।
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जहां एक तरफ कोरोना संक्रमण का खतरा है, तो दूसरी ओर खुद को ठंड से बचाना भी है। ठंड से बचाव के लिए खानपान में ऐसा क्या शामिल करें, जिससे शरीर को गर्माहट मिले, बता रही हैं न्यूट्रिशनिस्ट कविता देवगन-
अंदर से प्राकृतिक रूप से गर्म करने वाले खाद्य पदार्थों को खाने में शामिल करें। खाने में लौंग, जीरा जैसे साबुत मसालों का इस्तेमाल बढ़ाएं। अपनी सब्जी में काली मिर्च, कुछ सूखे नारियल के फ्लेक्स व्यंजनों में मिलाएं और ढेर सारी हरी पत्तेदार सब्जियां लें। ये आपको ठंड से बचाते हैं।
सुबह की चाय हो मसालेदार
200 ग्राम सोंठ, 200 ग्राम हरी इलायची, 100 ग्राम साबुत काली मिर्च, 50 ग्राम लौंग, 50 ग्राम दालचीनी, आठ तेज पत्ते, दो जायफल, इन सबको दो घंटे के लिए धूप में सुखाएं या फिर कड़ाही में हल्का गर्म करें, सिर्फ नमी हटाने के लिए। फिर इन मसालों को सूखा ही ग्राइंडर में पीस लें और छलनी से छान लें। अब इन मसालों के मिश्रण को एयरटाइट जार में स्टोर करें। अब जब भी चाय पीने का मन हो, इन मसालों को चुटकी भर मिला लें। ये मसाले शरीर को गर्माहट देते हैं। अदरक की चाय भी ली जा सकती है। एक कप पानी में 2 लौंग उबालें। इसमें 1/4 छोटी चम्मच पिसी हुई अदरक डालें और इसे पकने दें। फिर इसे कप में छान लें। इसमें शहद और नींबू मिलाकर पिएं। अदरक में मौजूद कैप्साइसिन शरीर के तंत्रिका तंत्र को सक्रिय कर शरीर को गर्म रखता है। वहीं लौंग सांस की तकलीफ को दूर रखने के लिए उत्तम है। - कुछ लोगों की शिकायत रहती है कि वे दिन भर काम करने के बाद, इतनी थकान महसूस करने के बाद भी भरपूर नींद नहीं ले पाते हैं और ना ही अगले दिन फ्रेश महसूस कर पाते हैं। अपनी नींद की समस्या को दूर करने के लिए लोग न जानें किन-किन तरीकों को अपनाते हैं। लेकिन आपको बता दें कि थकान, नींद, ऊर्जा आदि के लिए रात को सोने से पहले पैरों को धोना एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। यदि व्यक्ति रात को सोने से पहले अपने पैरों को अच्छे से धोता है तो इससे सेहत को कई फायदे हो सकते हैं।1- पैरों की मांसपेशियों के लिए आरामदायकहमारे शरीर का पूरा भार हमारे पैर उठाते हैं। ऐसे में आप पैरों में अकडऩ या ऐंठन जैसी समस्याओं का सामना कर सकते हैं। बता दें कि रात को सोने से पहले यदि पैरों को धोया जाए तो इससे ना केवल पैरों की मांसपेशियों को राहत मिल सकती है बल्कि जोड़ों के दर्द से भी आराम मिल सकता है।2 - मिलती है एनर्जीरात को सोने से पहले यदि व्यक्ति पैरों को धोता है तो इससे ना केवल ब्रेन को शांति मिलती है बल्कि व्यक्ति रिलैक्स भी महसूस कर सकता है। पूरे दिन जब हमारे पैर पृथ्वी की सतह के संपर्क में रहते हैं तो इससे उन्हें गर्मी का एहसास होता है। ऐसे में रात को सोने से पहले पैर धोना जरूरी हैं। ऐसा करने से जब व्यक्ति अगले दिन सो कर उठेगा तो अपने अंदर एक ऊर्जा महसूस करेगा।3 - सही रह सकता है शरीर का तापमानरात को सोने से पहले दर्द होना शरीर के तापमान को नियंत्रित रख सकता है। जी हां जब व्यक्ति पैर धोता है तो इससे पैर ठंडे महसूस होते हैं, जिसके कारण व्यक्ति के शरीर का तापमान भी सामान्य रहता है। बता दें कि आयुर्वेद में भी रात को सोने से पहले पैर धोने पर जोर दिया जाता है।4 - पैरों की त्वचा हो कोमलदिन भर चलने, दौडऩे के कारण पैरों पर तनाव रहना स्वभाविक है। ऐसे में इस तनाव के कारण व्यक्ति उलझन महसूस कर सकता है। बता दें कि सोने से पहले पैर धोने की आदत न केवल पैरों के तनाव को दूर करने में उपयोगी है। बल्कि पैरों की त्वचा को कोमल बनाए रखने में भी आपके काम आ सकती है। जब व्यक्ति पूरे दिन की धूल मिट्टी और गंदगी पैरों पर लिए बिस्तर पर आता है और उसी के साथ सोता है तो इससे पहले कि त्वचा भी नकारात्मक रूप से प्रभावित हो सकते हैं।5 - पैरों की बदबू से राहतजब दिनभर व्यक्ति मोजे पहन कर रखता है तो इसके कारण पैरों से बदबू आना लाजमी है। इससे अलग जूते या टाइट स्लीपर्स के कारण अक्सर पैरों में पसीना आना शुरू हो जाता है, जिसके कारण दुर्गंध आ सकती है। ऐसे में रात को सोने से पहले यदि पैरों को धोया जाए तो इससे ना केवल एयर फ्लो सुधर सकता है बल्कि पैर भी फ्रेश महसूस कर सकते हैं।रात को सोने से पहले पैर धोने का तरीकाआप चाहे तो साधारण पानी से भी अपने पैरों को धो सकते हैं और पैरों को धोने के लिए आप गुनगुने पानी का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। ऐसे में आप आधी बाल्टी गुनगुने पानी लें और अपने पैरों को थोड़ी देर उसमें डिबोकर रखें। अब पानी से पैर निकालकर उसे अच्छे से पौंछ लें और उसके बाद पैरों की नमी बनाए रखने के लिए किसी तेल या क्रीम का इस्तेमाल करें। आप चाहे तो तेल के रूप में नारियल के तेल से पैरों में नमी बनाए रख सकते हैं।
- सर्दियों में अक्सर कुछ मीठा खाने का मन करता है। ऐसे में आपको मीठे की क्रेविंग को शांत करते हुए यह भी लगता होगा कि इतना मीठा खाना सेहत के लिए ठीक नहीं है। ऐसे में आप चीनी को गुड़ से रिप्लेस करके इस गिल्ट को कुछ कम कर सकते हैं। आज हम आपको बता रहे हैं गुड़ वाली रबड़ी बनाने की टेस्टी रेसिपी। गुड़ में आयरन और फ्लोरिन भरपूर मात्रा में होते हैं। इसके अलावा यह कई प्रकार के विटामिंस और मिनरल्स का बहुत ही खास स्त्रोत होता है। इसका इस्तेमाल नियमित तौर पर करने से आप खुद को कई प्रकार के रोगों से दूर रख सकते हैं और यह कॉलेस्ट्राल कम रखने में भी मददगार है।सामग्री :दूध -03 लीटरगुड़– दो कपबादाम– 10 (बारीक कटे हुए)पिस्ता- 10 (बारीक कटे हुए)केवड़ा जल -02 बड़े चम्मचइलायची पाउडर-छोटा चम्मच--विधि : सबसे पहले कड़ाही में दूध को उबालें। लेकिन ध्यान रखें कि दूध को चलाते रहें। जब दूध गाढ़ा हो जाए तो उसमें केवड़ा, इलायची पाउडर और गुड़ डालें और फिर धीमी आंच पर पकाते रहें। धीरे-धीरे दूध पक कर बेहद गाढ़ा हो जाएगा और रबड़ी बन जाएगा। अब इस रबड़ी को ठंडा करने के लिए छोड़ दें। इसके बाद काजू , बादाम, पिस्ता के साथ सर्व करें।
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-पदभार ग्रहण के अवसर पर भिलाई निगम पहुंचे मुख्यमंत्री ने किया महापौर, सभापति एवं पार्षदों को संबोधित
दुर्ग /भिलाई नगर निगम के महापौर एवं सभापति के पदभार ग्रहण समारोह के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल भी पहुंचे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर नव निर्वाचित प्रतिनिधियों से कहा कि आपने निगम के विकास को लेकर जो सपने देखे हैं उन्हें पूरा करने का अवसर जनता ने आपको दिया है। जिसे आप सभी को संकल्पबद्ध होकर युद्ध स्तर पर पूरा करें। जनता से जो वादे अपने किए हैं, उसे निभाने युद्ध स्तर पर जुट जाएं। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर महापौर श्री नीरज पाल को बधाई देते हुए कहा कि नीरज ने सेक्टर 5 एरिया में जिस तरह से विकास किया है वह काबिले तारीफ है। शहीद भगत सिंह के नाम पर यहां पार्क बना है। उन्होंने कहा कि यहां शहीद-ए-आजम पार्क देखते ही बनता है और महापुरुषों की स्मृतियों को संजोने का सुंदर काम हुआ है। उन्होंने कहा कि नीरज में जो विजन है वह भिलाई को विकास की नई ऊंचाइयां देने में मदद करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि महापौर तथा प्रतिनिधि यह भी देखें कि पटरी पार का भी तेजी से विकास हो, कोसा नगर, राधिका नगर हुडको आदि क्षेत्रों में भी तेजी से विकास कार्य बढ़ाएं।मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार समावेशी विकास की राह पर चलती है ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही शहरी क्षेत्रों का भी विकास हो , इसका हम पूरा ध्यान रखते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी स्पष्ट मान्यता है कि हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था जड़ों की तरह है जब हम जड़ों को सिंचित करेंगे तो वृक्ष भी विकसित होगा। ग्रामीण अर्थव्यवस्था से संबंधित कर्ज माफी योजना,राजीव गांधी न्याय योजना गोधन न्याय योजना आदि के माध्यम से बड़े पैमाने पर राशि बाजार में पहुंची है जिससे शहरी अर्थव्यवस्था भी गुलजार हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार अब तक 66 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है और यह खरीदी एक करोड़ मीट्रिक टन से अधिक जाने की संभावना है। इस तरह 25000 करोड रुपए बाजार में आएंगे, स्वाभाविक तौर पर इसका लाभ शहरी अर्थव्यवस्था को भी होग। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्यके क्षेत्र में मोबाइल मेडिकल यूनिट, दाई दीदी क्लीनिक आदि सरोकारों के माध्यम से अच्छा कार्य हुआ है। कोरोना जैसे संक्रामक रोगों के नियंत्रण में भी निगम अमले ने जिस तरह से कार्य किया वह प्रशंसनीय है। इसके नियंत्रण के लिए सरकार द्वारा जो स्वास्थ्य अधोसंरचना बनाई गई। वह काफी उपयोगी साबित हुई, शिक्षा के क्षेत्र में स्वामी आत्मानंद स्कूलों के माध्यम से बड़ा कार्य हुआ। इस अवसर पर अपने संबोधन में गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि आप सभी को बेहतरीन कार्य करने का अवसर जनता ने उपलब्ध कराया है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मार्गदर्शन में शहरी विकास की बेहतरीन योजनाएं संचालित हो रही है। इसका लाभ उठाएं। प्रभारी मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने अपने संबोधन में कहा कि 3 साल तक मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मार्गदर्शन में जो विकास कार्य हुए हैं इसकी वजह से नागरिकों ने शहरी विकास की योजनाओं पर मुहर लगाई है। इस मौके पर महापौर श्री नीरज पाल ने अपने संबोधन में कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बड़ी जिम्मेदारी दी है और भरोसा जताया है इस भरोसे पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करूंगा। सभापति श्री गिरवर साहू ने आभार व्यक्त किया।इस मौके पर विधायक श्री देवेंद्र यादव, विधायक श्री अरुण वोरा, खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन, महापौर श्री धीरज बाकलीवाल, पूर्व विधायक श्री प्रदीप चौबे, अंत्यावसायी निगम के उपाध्यक्ष श्रीमती नीता लोधी, मंडी बोर्ड के अध्यक्ष श्री अश्विनी साहू, सहकारी बैंक के अध्यक्ष श्री जवाहर वर्मा उपस्थित थे। इस मौके पर कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे, एसएसपी श्री बद्री नारायण मीणा एवं निगमायुक्त श्री प्रकाश सर्वे भी उपस्थित रहे। -
वजन कम करने के लिए अक्सर कहा जाता है कि अपनी डाइट से रोटी को कम कर दें या फिर मल्टीग्रेन आटे का इस्तेमाल करें। गेहूं के आटे के अलावा ज्वार, मक्का और बाजरा जैसे अनाज सेहत के लिए बहुत अच्छे माने जाते हैं। कई हेल्थ एक्सपर्ट्स सर्दियों में वेट कंट्रोल करने बाजरा और मक्के के आटे से बनी रोटी खाने का सुझाव देते हैं। ऐसे में सभी के मन में सवाल उठता है कि वजन कम करने के लिए बाजरा या मक्का कौन-सा आटा फायदेमंद होता है? आइए, जानते हैं कि पौष्टिकता के मामले में दोनों में से कौन-सा आटा आगे है।
बाजरे के पोषक तत्व और फायदे
प्रोटीन, फाइबर और आवश्यक खनिजों से भरपूर, बाजरा अनाज के बीच सबसे हेल्दी ऑप्शन्स में से एक है। जो ग्लूटेन फ्री होने की वजह से सेहत के लिए बहुत अच्छा है। हाई फाइबर ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के साथ बाजरा में हाई मात्रा में प्रोटीन होता है, जिसमें बाजरा गैस्ट्रिक, कब्ज जैसी प्रॉब्लम्स के लिए बहुत फायदेमंद है। कार्बोहाइड्रेट से युक्त, बाजरे को पचने में लंबा समय लगता है, जिसके कारण इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स अधिक होता है और इसे खाने से लम्बे समय तक पेट भरा हुआ महसूस होता है। बाजरे में मौजूद फाइटोकेमिकल्स, पॉलीफेनोल्स एंटी-कार्सिनोजेनिक और एंटीट्यूमर होते हैं, इसलिए, बाजरा कैंसर सेल्स को पनपने से रोकता है, जिस वजह से कैंसर से बचाव होता है।
मक्के के पोषक तत्व और फायदे
मक्के को आमतौर पर सर्दियों के दौरान खाया जाता है। आप अगर गेहूं से ज्यादा पौष्टिक आटा खाना चाहते हैं, तो मक्के का आटा बेहतरीन ऑप्शन है। मक्का आयरन, फास्फोरस, जिंक और विभिन्न विटामिनों से भरपूर होता है। एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर, मक्के का आटा आंखों की रोशनी के लिए बहुत अच्छा होता है और यह कैंसर और एनीमिया की रोकथाम में भी मदद करता है। यह वजन घटाने में बहुत कारगर है क्योंकि इसमें कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जिसे पचने में ज्यादा टाइम लगता है। मक्के का आटा खाने से ठंड कम लगती है और शरीर में गर्मी बनी रहती है।
कौन-सा आटा है ज्यादा बेहतर
दोनों ही आटे पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। खासकर सर्दियों में बाजरा और मक्के का सेवन बहुत ही फायदेमंद है। जो लोग तेजी से वजन कम करना चाहते हैं या पेट की चर्बी कम करना चाहते हैं, उन्हें मक्के के आटे की बजाय बाजरे के आटे की बनी रोटी खानी चाहिए। कम कैलोरी की वजह से बाजरे के आटे को वेट कंट्रोल में कारगर माना जाता है। बाजरे का सेवन करते हुए ख्याल रखना चाहिए कि रोजाना बाजरे को न खाएं। इससे गुर्दे में पथरी की समस्या हो सकती है। वहीं, इसके अलावा बाजरे में मौजूद फाइटिक एसिड भी आंत में भोजन के अवशोषण में परेशानी पैदा कर सकता है। वहीं, जिन लोगों का डाइजेशन कमजोर है, उन्हें मक्के के आटे का सेवन कम करना चाहिए, क्योंकि इसे पचाना मुश्किल होता है। मक्के से पेट फूलना, गैस और डायरिया जैसी पाचन संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं।