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- कंधों में दर्द में जकडऩ और दर्द की समस्या बहुत आम है। आमतौर पर कंधों में दर्द सूजन और कंधा उतरने या फ्रोजन शोल्डर के कारण होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं, बहुत बार यह दर्द नसों में सूजन और ब्लॉकेज के कारण भी हो सकता है। नसों में सूजन के कारण आपके कंधों से लेकर गर्दन तक गंभीर दर्द की समस्या हो सकती है। लोग इसे आम दर्द समझकर इससे छुटकारा पाने के लिए पेन किलर्स, बाम आदि लगाते हैं। मांसपेशियों या हड्डियों में दर्द होने पर आपको बाम लगाने, सिकाई करने और दर्द निवारक दवाओं से आपको आसानी से राहत मिल जाती है, लेकिन नसों की सूजन और दर्द की समस्या में आपको बहुत सावधानी बरतने की जरूरत होती है।इस लेख में हम आपको कंधे की नसों में दर्द से छुटकारा पाने के 5 उपाय बता रहे हैं।1. स्ट्रेचिंग करें10-15 मिनट स्ट्रेचिंग करने से आपको गर्दन और कंधे की नसों स्ट्रेच करने में मदद मिलेगी। इससे सूजन कम होगी और ब्लड फ्लो भी बढ़ेगा। इससे दर्द में भी आराम मिलेगा। इसके लिए बस गर्दन और कंधे को को आगे-पीछे, दाएं-बाएं चारों दिशाओं में स्ट्रेच करें। इससे आपको काफी राहत महसूस होगी।2. अदरक, हल्दी का सेवन करेंहल्दी और अदरक दोनों ही एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होती हैं। नसों में सूजन से लडऩे और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने में मदद करती है। आप पानी में हल्दी और अदरक को उबालकर इसका सेवन करें या अपनी हर्बल टी में शामिल करें। और 2-3 बार पिएं। इससे भी बहुत आराम मिलेगा।3. कंधे से लेकर गर्दन तक सिकाई करेंगर्म सिकाई करने से मांसपेशियों, नसों और हड्डियों के दर्द से भी राहत मिलती है। इसके लिए आप हॉट बॉटल या बैग का प्रयोग कर सकते हैं। या तवे को गर्म करके किसी सूती कपड़े की मदद से भी सिकाई कर सकते हैं। इससे सूजन कम होगी, ब्लड सर्कुलेशन बढ़ेगा और दर्द में आराम मिलेगा।4. गर्म तेल से मालिश करेंतेल को गर्म करके लगाने से सूजन और दर्द में बहुत आराम मिलता है। फ्रोजन शोल्डर और गर्दन में दर्द की समस्या में भी गर्म तेल से मालिश करना बहुत फायदेमंद होता है। इसके लिए आप सरसों के तेल में लहसुन या हल्दी डालकर गर्म करें और इससे कंधे की नसों और मांसपेशियों की मालिश करें। इससे आपको बहुत आराम मिलेगा।5. गर्म पानी से सिकाई करेंआप गर्म पानी में पुदीना का तेल, सेंधा नमक या फिटकरी डालकर इससे कंधे के दर्द वाले हिस्से पर सिकाई कर सकते हैं। आपको पानी को दर्द वाले हिस्से पर किसी बर्तन की मदद से ऊपर से धीरे-धीरे गर्म पानी डालना है, जैसे टूटी से पानी गिरता है। यह भी दर्द से छुटकारा पाने का एक प्रभावी उपाय है।यह घरेलू उपाय आपको कुछ समय के लिए राहत प्रदान कर सकते हैं, इसके बाद डॉक्टर के पास जाएं और उनसे सही उपचार लें। क्योंकि नसों में दर्द की समस्या गंभीर रूप भी ले सकती है या किसी अंतर्निहित स्थिति का संकेत भी हो सकती है।
- असंतुलित खानपान और जीवनशैली में खराबी के कारण बवासीर की समस्या का खतरा बढ़ जाता है। बवासीर आमतौर पर बहुत ज्यादा मसालेदार खाना खाने और एक ही जगह पर घंटों तक बैठने के कारण लोगों होती है। बवासीर की समस्या में आयुर्वेदिक इलाज बहुत फायदेमंद माना जाता है। बवासीर के मरीजों के लिए चांगेरी घास या तिनपतिया घास का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद गुण बवासीर को जड़ से खत्म करने के लिए बहुत फायदेमंद माने जाते हैं। चांगेरी घास घरों के आसपास पानी वाली जगहों पर अक्सर देखने को मिल सकती है। इसकी पत्तियों का इस्तेमाल बवासीर और पेट से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है। आइए जानते हैं बवासीर में चांगेरी घास के फायदे और इस्तेमाल का तरीका।बवासीर में चांगेरी घास के फायदेआयुर्वेद में चांगेरी घास को बहुत फायदेमंद औषधि माना जाता है। घरों के आसपास उगने वाली इस घास को लोग अक्सर उखाड़कर फेंक देते हैं, लेकिन इसके इस्तेमाल से शरीर की कई समस्याओं को दूर किया जा सकता है। हल्के खट्टे स्वाद वाली इसकी पत्तियां कई औषधीय गुणों से युक्त होती हैं। चांगेरी को तिनपतिया घास भी कहा जाता है। इसकी पत्तियों में कैल्शियम, कैरोटीन और पोटैशियम जैसे तत्व पाए जाते हैं। यह घास विटामिन सी से भी भरपूर होती है। चांगेरी घास में मौजूद गुण बवासीर के मरीजों की समस्याओं को कम करते हैं और इस समस्या को दूर करते हैं। शरीर के लिए चांगेरी घास के प्रमुख फायदे इस तरह से हैं-बवासीर में कैसे करें चांगेरी घास का इस्तेमाल?बवासीर के मरीज चांगेरी घास की पत्तियों का इस्तेमाल कर इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। खूनी बवासीर की समस्या में चांगेरी की पत्तियों का इस्तेमाल किया जाता है। चांगेरी घास की पत्तियों को साफ कर इसे घी में भून लें। इसके बाद दही में मिलाकर इसका सेवन करने से खूनी बवासीर में बहुत फायदा मिलता है। इसके अलावा बवासीर के मरीज इसकी पत्तियों को पीसकर भी खा सकते हैं। अगर इस तरह से चांगेरी घास का सेवन नहीं कर पा रहे हैं, तो आप चांगेरी घास की पत्तियों के चूर्ण का सेवन कर बवासीर की समस्या दूर कर सकते हैं।बवासीर असंतुलित खानपान और खराब जीवनशैली के कारण होने वाली गंभीर समस्या है। इस समस्या में ब्लीडिंग की वजह से मरीजों की परेशानियां बढ़ जाती हैं। बवासीर में डॉक्टर मरीजों को खानपान में परहेज करने की सलाह देते हैं। बहुत ज्यादा तला, भुना और मसालेदार भोजन करने से इस समस्या का खतरा ज्यादा रहता है।नोट-बवासीर की समस्या में चांगेरी घास का इस्तेमाल करने से पहले आपको डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।
- काली मिर्च का सेवन करने से सेहत को अद्भुत फायदे मिलते हैं, वहीं किशमिश खाने के भी अपने अलग फायदे हैं। लेकिन क्या आपने कभी दोनों का साथ में सेवन किया है? विशेषज्ञों के अनुसार अगर आप किशमिश में काली मिर्च मिलाकर इसका सेवन करते हैं, तो इससे सेहत को जबरदस्त फायदे मिलते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि ये दोनों ही शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। काली मिर्च में कई औषधीय गुण जैसे विटामिन ए, सी, फ्लेवोनोइड्स, कैरोटीन और अन्य एंटीऑक्सीडेंट्स की भी अच्छी मात्रा होती है। वहीं किशमिश में भी फाइबर, प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम , पोटैशियम, कॉपर, विटामिन बी6, विटामिन ई जैसे पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में होते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं किशमिश फाइटोकेमिकल्स, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल, हेल्दी फैट से भी भरपूर होती है।काली मिर्च और किशमिश के फायदे1. पेट को रखे स्वस्थयह कॉम्बिनेशन आपके पेट और आंतों के लिए बहुत फायदेमंद है। यह आपकी पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है। साथ ही आंत में सूजन, पेट में गैस, ब्लोटिंग, कब्ज, अपच, सीने मे जलन और बेचैनी समस्याओं से भी निजात पाने में मदद करता है।2. ब्लड प्रेशर को रखे कंट्रोलकम सोडियम और पोटेशियम के साथ ही औषधीय गुणों से भरपूर यह कॉम्बिनेशन हाई ब्लड प्रेशर को कम करने और इसके सामान्य स्तर को बनाए रखने में बहुत मददगार है।3. त्वचा और बालों को रखे हेल्दीटॉक्सिन्स को शरीर से बाहर निकालने और डेड सेल्स को नष्ट करने में यह कॉम्बिनेशन बहुत लाभकारी है। यह स्किन सेल्स को नुकसान से बचाता है। साथ ही सनबर्न और झुर्रियों से लडऩे में मदद करता है। साथ ही बालों की कई समस्याओं जैसे स्कैल्प में खुजली, खराब ब्लड सर्कुलेशन, डैंड्रफ को दूर करने और बालों का झडऩा रोकने में भी कारगर है।4. पोषक तत्वों का अवशोषण बनाए बेहतरबहुत से लोग बहुत कुछ खाते हैं, लेकिन शरीर को उसका पूरा फायदा नहीं मिलता है। ऐसा भोजन से पोषक तत्वों का अवशोषण ठीक न होने के कारण होता है। काली मिर्च और किशमिश खाने से पोषक तत्वों के अवशोषण की प्रक्रिया में सुधार होता है।5. वेट लॉस में करे मददकाली मिर्च और किशमिश दोनों ही पाचन को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। साथ ही किशमिश डाइट्री फाइबर से भरपूर होती हैं, जिससे यह कॉम्बिनेशन पाचन के साथ-साथ मेटाबॉलिज्म को तेज करने में भी मदद करता है। साथ ही इसके सेवन से आपको जल्दी भूख नहीं मिलती है और अनहेल्दी फूड्स की क्रेविंग भी कम होती है। इस तरह आप कम कैलोरी खाते हैं और अधिक कैलोरी बर्न करते हैं।6. आंखों की बढ़ाए रोशनीअगर आप नियमित रूप से काली मिर्च और किशमिश का सेवन करते हैं, तो यह आंखों की रोशनी बढ़ाने और आंखों को स्वस्थ रखने में मदद करता है। यह मोतियाबिंद और मैक्यूलर डिजनेरेशन जैसी समस्याओं को दूर करने में भी लाभकारी है, क्योंकि इसमें विटामिन ए, पॉलीफेनोलिक फाइटोन्यूट्रिएंट्स, कैरोटीनॉयड और बीटा कैरोटीन जैसी पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो आंखों को हेल्दी रखने में मदद करते हैं।7. इम्यूनिटी को बनाए मजबूतविटामिन, मिनरल्स, एंटीऑक्सीडेंट्स और औषधीय गुणों से भरपूर यह कॉम्बिनेशन सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार, मौसमी एलर्जी के साथ ही अन्य वायरल संक्रमणों के लिए एक रामबाण उपचार है। यह आपके शरीर की रोगों से लडऩे की क्षमता बढ़ाने में मददगार है।
- सब्जियों और अन्य पकवानों में तड़का लगाने के लिए हम सभी करी पत्ता का प्रयोग करते हैं। यह न सिर्फ उन्हें एक बेहतरीन खुश्बू प्रदान करता है बल्कि स्वाद भी बढ़ाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं, बालों के लिए भी करी पत्ता बहुत लाभकारी है। करी पत्ता एंटी ऑक्सीडेंट, विटामिन सी से भरपूर होता है, साथ ही इसमें फास्फोरस, आयरन, कैल्शियम और निकोटिनिक एसिड जैसे जरूरी पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं।बालों की कई समस्याओं जैसे बालों का झडऩा रोकने, ड्राई और फ्रिजी हेयर, डैंड्रफ आदि से छुटकारा दिलाने और बालों को मजबूत, घना और शाइनी बनाने में करी पत्ता का प्रयोग बहुत लाभकारी है। इस लेख में हम आपको सफेद बालों को काला करने के लिए करी पत्ता का इस्तेमाल करने के 5 तरीके बता रहे हैं।1. सीधे तौर पर बालों में लगाएंइसके लिए आपको 8-10 करी पत्ते लेने हैं और उन्हें अच्छी तरह पीस लेना है। इसमें थोड़ा सा पानी मिलाकर थोड़ा पतला पेस्ट बना लें, जिससे कि यह बालों में आसानी से लग जाए। इस पेस्ट को स्कैल्प से लेकर अच्छी तरह लगाएं। इसे कम से 30 मिनट के लिए छोड़ दें और शैंपू से धो लें। आप 3-4 घंटों के लिए भी इसे बालों में छोड़ सकते हैं।2. तेल में मिलाकर लगाएंआप करी पत्ता के पेस्ट में सरसों, नारियल, बादाम या कोई अन्य एसेंशियल ऑयल मिलाकर भी बालों में अप्लाई कर सकते हैं। कोशिश करें कि पेस्ट को पहले तेल में गर्म कर लें और उसके बाद बालों में लगाएं। 30 मिनट से लेकर 3-4 घंटों तक आप इसे बालों में लगा सकते हैं।3. आंवला मिलाकर लगाएंकरी पत्ता की तरह आंवला भी बालों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। यह भी विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स का अच्छा स्रोत है। आप करी पत्ता और 1-2 आंवला फल को पीसकर, इसमें तेल मिलाकर एक पेस्ट बना लें और बालों में लगा लें। आप इसमें नींबू का रस भी मिला सकते हैं। कम से कम 30 मिनट बालों में जरूर लगाएं।4. एलोवेरा मिलाकर लगाएंएलोवेरा बालों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। करी-पत्ता और एलोवेरा जेल मिलाकर एक पेस्ट बना लें और इसे बालों में लगाकर 3-4 घंटों के लिए छोड़ दें। उसके बाद धो लें। यह बालों को काला करने के लिए बहुत प्रभावी नुस्खा है।5. मेहंदी मिलाकर लगाएंकरी पत्ता और मेहंदी पाउडर को सरसों, नारियल या बादाम के तेल में अच्छी तरह पकाएं जब तक कि यह काला न हो जाए। इस मिश्रण को ठंडा करने के बाद बालों में लगाएं और 3-4 घंटों के लिए छोड़ दें। इससे बालों को तेजी से काला करने में मदद मिलेगी।
- आयुर्वेद के मुताबिक पत्थरचट्टा बहुत फायदेमंद और शक्तिशाली औषधि है। इसका इस्तेमाल कई समस्याओं को दूर करने में फायदेमंद होता है। पत्थरचट्टा का इस्तेमाल कई दवाओं को बनाने में भी किया जाता है। किडनी और पेशाब से जुड़ी बीमारियों में पत्थरचट्टा को बहुत फायदेमंद औषधि माना जाता है। पत्थरचट्टा जिसे अंग्रेजी में कलानचो पिनाटा कहते हैं तमाम औषधीय गुणों से युक्त होता है। आयुर्वेद में पत्थरचट्टा को भष्मपथरी, पाषाणभेद और पणफुट्टी आदि कहा जाता है। आइए जानते हैं इसके फायदों के बारे में।1. किडनी की पथरी में फायदेमंदपत्थरचट्टा का जूस पीने से किडनी से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में फायदा मिलता है। इसका सेवन किडनी की पथरी की समस्या में बहुत फायदेमंद होता है। किडनी स्टोन की समस्या असंतुलित खानपान और खराब जीवनशैली के कारण होती है। इसमें मौजूद गुण किडनी की पथरी को दूर करने में फायदेमंद होते हैं।2. माइग्रेन में फायदेमंदपत्थरचट्टा का जूस पीने से सिरदर्द और माइग्रेन की समस्या में भी फायदा मिलता है। इसके अलावा आप पत्थरचट्टा के लेप को भी माइग्रेन की समस्या को दूर करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए पत्थरचट्टा के पत्ते को पीसकर उसका लेप माथे पर लगाना होगा। ऐसा करने से सिर दर्द दूर हो जाएगा।3. पेशाब में जलन में फायदेमंदरोजाना सुबह पत्थरचट्टा के पत्तों का काढ़ा पीने से पेशाब में जलन की समस्या से निजात मिलती है। आप पत्थरचट्टा के पत्तों का काढ़ा बनाने के लिए इसके कुछ पत्तों को लेकर इसे साफ कर लें और फिर इसे एक गिलास पानी में डालकर अच्छी तरह उबालें। उबालने के बाद इस काढ़े को छानकर रोजाना सुबह इसका सेवन करें।4. यूटीआई की समस्या में फायदेमंदयूटीआई की समस्या में भी पत्थरचट्टा का जूस बहुत फायदेमंद होता है। इस समस्या से निजात पाने के लिए आप रोजाना सुबह पत्थरचट्टा की पत्तियों का रस या इनका काढ़ा पी सकते हैं। पत्थरचट्टा की तीन से चार ताजा पत्तियों को लेकर एक गिलास पानी में उबालने के बाद जब पानी आधा रह जाए तो इसे उतार लें और फिर हल्का गुनगुना रहने पर इसका सेवन करें।नोट-पत्थरचट्टा का इस्तेमाल किसी भी समस्या में करने से पहले किसी वैद्य या आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह जरूर लें। याद रखें गलत तरीके से किसी भी चीज का इस्तेमाल फायदे की जगह नुकसान पहुंचा सकता है।
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चाट की बात आते ही सभी के मुंह में पानी आ जाता है। भारत में कई तरह की चाट बनाई जाती है लेकिन आलू चाट की लोकप्रियता एक अलग लेवल पर है। लोग आलू चाट को खाना खूब पसंद करते हैं। इसके साथ भी कई तरह के एक्सपेरिमेंट्स किए जाते हैं। जैसे उबले आलू की चाट, हरे आलू की चाट, आलू-टमाटर की चाट आदि। वैसे तो बाजार में आपको अच्छे स्वाद वाली चाट आसानी से मिल जाएगी, लेकिन इसमें काफी मसाले होते हैं जो हेल्थ के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं। यहां हम घर पर भुने आलू की चाट बनाने का तरीका बता रहे हैं। इसे आप शाम के स्नैक्स के तौर पर सर्व कर सकते हैं।
सामग्री
5-7 मीडियम साइज के आलू
1 बड़ी कटोरी नमक
1/2 छोटा चम्मच कद्दूकस किया अदरक
आधा छोटा कप प्याज
1 बड़ा चम्मच हरी चटनी
1 बड़ा चम्मच मीठी चटनी
1/2 छोटा चम्मच काली मिर्च
1 छोटा चम्मच चाट मसाला
1 कटोरी महीन सेव
3 से 4 हरू मिर्च
1 मुट्ठी हरी धनिया पत्ती बारीक कटी हुई
कैसे बनाएं
- भुने आलू की चाट बनाने के लिए सबसे पहले एक कढ़ाही में नमक गर्म करें। इस बीच आलू को अच्छे से धोएं और फिर कॉटन के कपड़े से पोंछ लें।
- जब नमक गर्म हो जाए तो इसमें साफ किए हुए आलू डालें और फिर कुछ देर के लिए अच्छे से इन्हें भून लें। 12 से 18 मिनट के बीच में आलू भून जाएंगे।
- आलू को चेक करें और फिर कढ़ाही से बाहर निकाल लें। अब इसको टुकड़ों के में काट लें और फिर इसमें मसाले डालें।
- फिर बारीक कटी प्याज, हरी मिर्च, कद्दूकस किया अदरक डालें और फिर अच्छे से मिक्स करें।
- एंड में इसमें मीठी और तीखी हरी मिर्च की चटनी डाल कर मिक्स करें। इसे एक सर्विंग प्लेट में निकालें और फिर बारीक सेव और हरा धनिया से गार्निश करने के बाद सर्व करें। - शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पौष्टिक आहार के सेवन को सुनिश्चत करने के साथ भोजन के पकाने और रखरखाव को लेकर ध्यान देना बहुत आवश्यक माना जाता है। अक्सर हम सभी भोजन को पकाने के तरीके में कई ऐसी गलतियां करते रहते हैं जो कि हमारी सेहत के लिए गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है। खाने के तेल का गलत तरीके से इस्तेमाल ऐसा ही एक गंभीर विषय है। अधिकतर घरों में पूरी-पकौड़े जैसी ड्रीप फ्राई वाली चीजों के बनने के बाद बचे हुए तेल को दोबारा इस्तेमाल के लिए बचाकर रख दिया जाता है, पर क्या आप जानते हैं कि आपकी यह आदत पूरे परिवार के लिए बड़ी और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है?अध्ययन में पाया गया है कि खाने के तेल को बार-बार गर्म करना कैंसर बढऩे के प्रमुख कारणों में से एक है। पहला तो यह शरीर में फ्री-रेडिकल्स को बढ़ावा देता है जो इंफ्लामेशन का कारण बनकर कई तरह की गंभीर बीमारियों को बढ़ाने वाली स्थिति है और दूसरा तेल को बार-बार गर्म करने से निकलने वाले धुंए में ऐसे हानिकारक तत्व होते हैं जिनसे सिगरेट के धुएं जैसा नुकसान हो सकता है। अक्या कहता है एफएसएसएआई?भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के अनुसार खाना पकाने के तेल को दोबारा गर्म करने से उसमें से कई तरह के विषाक्त पदार्थ निकलते हैं, साथ ही इससे शरीर में मुक्त कणों की भी वृद्धि होती है, जिससे सूजन और कई तरह की क्रोनिक बीमारियां हो सकती हैं। एफएसएसएआई के दिशानिर्देशों के अनुसार,तेल का इस्तेमाल सिर्फ एक बार ही किया जाना चाहिए। बचे हुए तेल को दोबारा गर्म करना शरीर के लिए बहुत नुकसानदायक हो सकता है। तेजी से बढ़ती इंफ्लामेटरी बीमारियों के लिए इसे भी एक कारक के तौर पर देखा जा रहा है।इसी तरह नेशनल लेबोरेटरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बताया कि दुनियाभर में खाना पकाने के लिए वनस्पति तेलों को बार-बार गर्म करना एक बहुत ही सामान्य अभ्यास है। बार-बार खाना पकाने के तेल (आरसीओ) को गर्म करने से पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन (पीएएच) सहित कई प्रकार के यौगिक उत्पन्न होते हैं, जिनमें से कुछ को कार्सिनोजेनिक के रूप में वर्गीकृत किया गया है। कार्सिनोजेनिक कैंसर कारक तत्वों की श्रृंखला होती है।शोधकर्ताओं ने पाया कि जब तेलों का पुन: उपयोग किया जाता है, तो इसमें ट्रांस फैटी एसिड की मात्रा बढ़ जाती है। तेल में मौजूद कुछ प्रकार के फैट्स, उच्च तापमान पर गर्म होने पर ट्रांस फैट में बदल जाते हैं। ट्रांस फैट्स को अस्वास्थ्यकर माना जाता है, इससे कोलेस्ट्रॉल के बढऩे का जोखिम अधिक होता है। यह स्थिति हृदय रोग के जोखिम को भी बढ़ा सकती हैं। इस बारे में सभी को सावधानी बरतते रहना चाहिए।खाना पकाने के तेल को बार-बार गर्म करने से पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन (पीएएच) और एल्डिहाइड जैसे कार्सिनोजेनिक पदार्थों की मात्रा बढ़ जाती है, ये शरीर में सूजन और कैंसर जैसी समस्याओं को बढ़ाने वाली स्थिति मानी जाती है। तेलों के दोबारा इस्तेमाल को लेकर सावधानी बरतनी चाहिए। यही कारण है कि अक्सर स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को बाहर की चीजों के कम सेवन की सलाह देते हैं। साथ ही घर पर भोजन बनाते समय भी इन बातों का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है।--------
- आंखें हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग हैं। शरीर के अन्य अंगों की तरह आंखों के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना बहुत जरूरी है। लेकिन इन दिनों में लोगों में आंखों की रोशनी कमजोर या नजर कमजोर होने की समस्या काफी तेजी से बढ़ रही है। हमारी आंखों को स्वस्थ रखने में कुछ विटामिन और मिनरल्स बहुत अहम भूमिका निभाते हैं। जब आप संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर आहार नहीं लेते हैं, या आपके आहार में इन विटामिन्स और मिनरल्स की कमी होती है तो यह आपकी आंखों की रोशनी को प्रभावित करते हैं। साथ ही इससे आंखों से जुड़ी कई अन्य समस्याओं का जोखिम भी बढ़ जाता है। इस लेख में हम आपको ऐसे 9 पोषक तत्वों के बारे में बता रहे हैं, जो आपकी आंखों को सेहतमंद रखने में अहम भूमिका निभाते हैं और जिनकी कमी नजर कमजोर होने का कारण बनती है।1. विटामिन एयह विटामिन आंखों के बाहरी हिस्से पर एक सुरक्षात्मक आवरण बनाने में मदद करता है, जो आंखों को नुकसान से बचाता है। शकरकंद, गाजर, हरी पत्तेदार सब्जियां, कद्दू और काली मिर्च आदि में विटामिन ए की अच्छी मात्रा होती है।2. विटामिन बीविटामिन बी 6, बी9 और बी12 आंखों को स्वस्थ रखने में बहुत अहम भूमिका निभाते हैं। दूध और दूध से बने उत्पाद, हरी पत्तेदार सब्जियां, नट्स, ड्राई फ्रूट्स और बीज, मीट, दाल, बीन्स आदि में यह विटामिन भरपूर मात्रा में होता है।3. विटामिन सीयह आपकी आंखों को नुकसान से बचाने के साथ ही आंखों के लिए जरूरी कोलेजन प्रोटीन के संश्लेषण में मदद करता है। आंवला, नींबू, संतरी, मौसमी, अमरूद, काली मिर्च, ब्रोकोली और केल आदि विटामिन सी का बेहतरीन स्रोत हैं।2. विटामिन ईयह विटामिन एक एंटीऑक्सिडेंट्स के रूप में काम करता है, जिससे यह आपकी आंखों के सेल्स फ्री-रेडिकल्स और अन्य हानिकारक कणों से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करता है। सैल्मन, एवोकैडो, नट्स और हरी पत्तेदार सब्जियों में विटामिन ई प्रचुर मात्रा में मौजूद होता है।5. राइबोफ्लेविनयह भी एक एंटीऑक्सीडेंट है जो ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने और आंखों को नुकसान से बचाने में मदद करता है। ओट्स, दूध, दही, मीट और साबित अनाज आदि में इसकी प्रचुर मात्रा होती है।6. नियासिनयह शरीर में भोजन को ऊर्जा में बदलने और एंटीऑक्सीडेंट का काम करता है। जिससे यह आपको आंखों को नुकसान से बचाने और सेहतमंद रखने में मदद करता है। मीट, मछली, मशरूम, दाल, मूंगफली और बीन्स में नियासिन अच्छी मात्रा में होता है।7. ल्यूटिन और जेक्सैन्थिनल्यूटिन और ज़ेक्सैंथिन कैरोटीनॉयड हैं, जो न सिर्फ आंखों को ब्लू लाइट से होने वाले नुकसान से बचाते हैं, बल्कि दृष्टि में भी सुधार करते हैं। हरी पत्तेदार सब्जियां, पालक, केल और कोलार्ड आदि में उनकी अच्छी मात्रा होती है।8. ओमेगा-3 फैटी एसिडयह रेटिना की कोशिकाओं को बनाने और उन्हें स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। देसी घी, सरसों, कैनोला और जैतून का तेल, मछली, नट्स और बीज आदि हेल्दी फैट्स से भरपूर होते हैं।9. थायमिनयह मोतियाबिंद के जोखिम को कम करने में मदद करता है और आंखों को इस गंभीर बीमारी से बचाने में मदद करता है। साबुत अनाज, मांस और मछली आदि में इसकी अच्छी मात्रा होती है।
- हम सभी स्वस्थ रहने के लिए अच्छी डाइट लेते हैं। तरह-तरह की एक्सरसाइज करते हैं। साथ ही शरीर की मालिश भी करते हैं। यहां तक कि कुछ लोग हेल्दी और बीमारियों से मुक्त रहने के लिए नाभि पर तेल भी लगाते हैं। कहा जाता है कि नाभि पर तेल लगाने से कई स्वास्थ्य समस्याएं दूर हो सकती हैं। नाभि पर तेल लगाने से त्वचा में निखार आता है। स्वास्थ्य से जुड़ी छोटी-छोटी समस्याओं से निजात मिलता है। इसके साथ ही नाभि पर तेल लगाने से आपके बाल भी काले हो सकते हैं। बालों को हमेशा काला बनाए रखने के लिए आप रात को सोते समय नाभि में तेल डाल सकते हैं। लेकिन आप सोच रहे होंगे कि नाभि में कौन सा तेल लगाने से बाल काले होते हैं? या फिर नाभि पर कौन सा तेल लगाएं? आइए, इस लेख में जानते हैं-नारियल का तेलनारियल का तेल त्वचा और बालों के लिए काफी फायदेमंद होता है। वहीं कुछ लोग नारियल के तेल कूकिंग के लिए भी उपयोग में लाते हैं। आप चाहें तो नारियल के तेल को नाभि में भी डाल सकते हैं। अगर आपके बाल उम्र से पहले सफेद हो गए हैं, तो आप नाभि में नारियल का तेल डाल सकते हैं। नाभि में नारियल का तेल डालने से बाल काले और घने बनते हैं। साथ ही बालों की ड्राईनेस से भी छुटकारा मिलता है।सरसों का तेलसरसों के तेल का इस्तेमाल काफी लंबे समय से किया जा आ रहा है। सरसों का तेल कूकिंग के लिए उपयोग किया जाता है। साथ ही शरीर और बालों की मालिश के लिए भी सरसों का तेल इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा आप अपनी नाभि में भी सरसों का तेल डाल सकते हैं। नाभि में सरसों का तेल डालने से बाल काले और घने बनते हैं। साथ ही बालों में चमक आती है, बाल मजबूत और मुलायम भी बनते हैं।बादाम का तेलबादाम का तेल स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी होता है। इसमें विटामिन ई काफी अच्छी मात्रा में पाया जाता है। साथ ही इसमें मैग्नीशियम और पोटेशियम भी होता है। वैसे तो बादाम के तेल का इस्तेमाल कई तरीकों से किया जाता है। आप नाभि में भी बादाम का तेल डाल सकते हैं। नाभि में बादाम का तेल डालने से त्वचा में निखार आता है। साथ ही इससे बालों को भी लाभ मिल सकता है। रोजाना रात को नाभि में बादाम का तेल डालने से बाल काले, लंबे और घने बन सकते हैं।घी लगाएंनारियल, बादाम और सरसों के तेल के साथ ही आप नाभि में घी भी लगा सकते हैं। आयुर्वेद के अनुसार नाभि में घी डालने से बाल काले रखने में मदद मिल सकती है। इसके लिए आप देसी घी का इस्तेमाल कर सकते हैं। रोजाना रात को सोते समय नाभि में घी लगाने से बालों की ग्रोथ अच्छी होती है। बाल मजबूत बनते हैं और सफेद बाल काले होते हैं।नाभि में तेल कैसे लगाएं?इसके लिए आप नाभि में कुछ बूंद तेल या घी की डालें। फिर थोड़ी देर नाभि की मालिश करें और लेट रहें। कम से कम 20 मिनट तक लेट रहें। रात को सोते समय नाभि में तेल डालने का सबसे बेस्ट समय होता है।
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करेला स्वाद में बेशक कड़वा लगता है लेकिन इसमें कई सारे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। करेले को अंग्रेजी में बिटर गार्ड के नाम से जानते हैं। इसमें विटमिनी-ए, सी, कैल्शियम, फॉलिक एसिड, नियासिन, आयरन, एंटीऑक्सिडेंट्स, फ्लेवनॉइड्स, पॉलीफेनॉल्स जैसे कई पोषक तत्वों की भरमार होती है। करेले का छिलका हमारी त्वचा के लिए बहुत लाभदायक हैं. करेले के छिलकों को स्किन पर भी लगाया जाता है. करेले के छिलके निकालकर इसे पानी से धो ले। इसके बाद इन छिलकों का पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को अपने चेहरे की स्किन पर लगाएं। इसमें आप शहद भी मिला सकते हैं।
करेले में पाए जाने वाले विटमिन्स और अन्य मिनरल्स इसके छिलके में भी मौजूद होते हैं। आप इसके छिलके का पैक बनाकर लगा सकते हैं, जिससे आपकी त्वचा में ग्लो आएगा।
बता दें कि करेले के छिलके से त्वचा में ना सिर्फ परेशानियों से दूर रहती है, बल्कि इसे अंदर से ग्लोइंग बनने में मदद मिलती है। आप करेले के छिलके से तैयार फेस पैक को हफ्ते में दो बार लगा सकते हैं। इसके अलावा, आप करेले के जूस को पा भी सकते हैं। ऐसा करने से आपकी त्वचा को ज्यादाफायदा मिलेगा. करेले का कड़वा जूस ब्लड को प्यूरिफाई करने में मदद करता है, जिससे एक्ने या पिंपल्स की समस्या कंट्रोल होती है। -
अदरक एक ऐसा इंग्रेडिएंट है, जो खाने-पीने की अधिकतर चीजों में इस्तेमाल होता है। इसके कई हेल्थ बेनिफिट्स होने के चलते आयुर्वेद में इसके सेवन की खास सलाह दी गई है। खाने का स्वाद बढ़ाने वाली अदरक को लोग चाय में डालकर भी पीते हैं। चाय का स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ ये उसे हेल्दी भी बना देती है. वैसे आप अदरक के अचार से भी खुद को हेल्दी बना सकते हैं. भारत में अधिकतर लोग आम के अचार का सेवन करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अदरक का अचार सेहत के लिए कितना लाभदायक है।
ये नेशनल न्यूट्रिशन वीक है और इस मौके पर आपको अदरक का सेव करना चाहिए। आप अदरक का अचार खा सकते हैं, जो टेस्टी होने के साथ-साथ हेल्दी भी है।
अगर आप बैड कोलेस्ट्रॉल से ग्रसित हैं, तो आपको अदरक के अचार का सेवन करना चाहिए. अदरक का अर्क में मौजूद एंटी एपिडेमिक कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करके आपको हेल्दी बनता है, साथ ही ये गुड कोलेस्ट्रॉल के लेवल को भी बढ़ाएगा।
अदरक के अचार में हाई प्रोबायोटिक मटेरियल मौजूद होता है. इसका पीएच लेवल कम होता है, जो आंत में अच्छे रोगाणुओं के लिए अच्छा माना जाता है। अदरक के अचार की खासियत है कि ये आंत माइक्रोबायोटा को बढ़ावा देता है। हिसाब से अदरक भूख को कंट्रोल करती है। फूड क्रेविंग को कंट्रोल करके आप वजन घटा सकते हैं। इसका एरिल अल्केन्स गुण अदरक को तीखा स्वाद देता है। इससे भूख बढ़ती है लेकिन न्यूट्रिएंट्स ओबस्र्व हो पाते हैं। ऐसे में हर समय भूख नहीं लगती। - खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए कलौंजी का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं, नींबू का इस्तेमाल स्किन और स्वास्थ्य संबंधी कई परेशानियों को दूर कर सकता है। इन दोनों का मिश्रण वजन को कम कर सकता है। साथ ही यह कई अन्य तरह की परेशानियों को दूर करने में प्रभावी होता है। आज हम इस लेख में कलौंजी और नींबू से शरीर को होने वाले लाभ के बारे में बताएंगे।वजन कम करने मेंकलौंजी का बीज वजन कम करने के लिए प्रभावी माना जाता है। इसके लिए 1 चुटकी कलौंजी का बीज लें। अब इसे बारीक पीस लें। इसके बाद 1 गिलास गर्म पानी में कलौंजी का पाउडर, 1 चम्मच नींबू का रस और 1 चम्मच शहद मिक्स कर लें। सभी चीजों को अच्छे से मिक्स करने के बाद इसे पिएं। इस मिश्रण का सेवन करने से शरीर का वजन तेजी से कम किया जा सकता है।डायबिटीज रोगियों के लिए फायदेमंदकलौंजी और नींबू डायबिटीज मरीजों के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकती है। इसका मिश्रण ब्लड में शुगर के स्तर को कंट्रोल करता है। साथ ही इंसुलिन को भी प्रभावित कर सकता है। अगर आप नियमित रूप से गर्म पानी में कलौंजी का तेल और नींबू को मिक्स करके पीते हैं जो डायबिटीज में होने वाली कई परेशानियों को कम किया जा सकता है।अर्थराइटिस की समस्याओं को करे कमअर्थराइटिस में होने वाली परेशानियों से राहत पाने के लिए कलौंजी और नींबू के पानी का सेवन करें। यह जोड़ों में दर्द और सूजन को कम कर सकता है। साथ ही आप कलौंजी के तेज से नियमित रूप से मसाज करें। इससे आपको काफी राहत महसूस होगी।अपच की परेशानी से दिलाए राहतअपच की परेशानी को दूर करने के लिए कलौंजी और नींबू का सेवन करें। इसके लिए 1 गिलास गुनगुना पानी लें, इसमें 2 से 3 बूंदे कलौंजी का तेल डालें. इसके बाद इसमें 1 चम्मच काला नमक और 1 चम्मच नींबू का रस मिक्स कर लें. इसके बाद इसे पानी को पिएं। इससे आपको अपच, गैस और बदहजमी से राहत मिल सकती है।आंखों के लिए हेल्दीआंखों की परेशानियों को कम करने के लिए कलौंजी और नींबू का रस फायदेमंद साबित हो सकता है। इसके लिए कलौंजी के तेल में नींबू का रस मिक्स करें। इसके बाद इसमें थोड़ा सा शहद मिलाएं। अब इन तीनों का मिश्रण पी लें. नियमित रूप से इस मिश्रण का सेवन करने से आंखों की समस्याओं को दूर किया जा सकता है।कलौंजी और नींबू का रस स्वास्थ्य संबंधी कई तरह की परेशानियों को दूर कर सकता है। इससे आप कई तरह की समस्याओं से राहत पा सकते हैं। हालांकि, ध्यान रखें कि अगर आपकी परेशानी काफी ज्यादा बढ़ रही है तो इस स्थिति में डॉक्टर से जरूर सलाह लें।
- आजकल मार्केट में लाल भिंडी की मांग काफी ज्यादा बढ़ गयी है। दरअसल इसमें मौजूद गुणों की वजह से लाल भिंडी का सेवन सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है, यही कारण है कि हरी भिंडी की जगह लोग लाल भिंडी का सेवन तेजी से कर रहे हैं। लाल भिंडी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होती है और कई बीमारियों में भी इसका सेवन करना फायदेमंद माना जाता है। कई शोध और अध्ययनों में इस बात की पुष्टि की गयी है कि लाल भिंडी में मौजूद गुण मोटापे, हाई कोलेस्ट्रॉल और शुगर जैसी समस्या में फायदेमंद होते हैं। आइए जानते हैं लाल भिंडी खाने के फायदे।1. एनीमिया में फायदेमंदलाल भिंडी का सेवन करने से शरीर में खून की कमी या एनीमिया की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। इसमें आयरन की पर्याप्त मात्रा होती है। शरीर में खून की कमी होने पर आप अपनी डाइट में लाल भिंडी को शामिल करें। इससे रिकवरी तेजी से करने में फायदा मिलेगा।2. शुगर में उपयोगीलाल भिंडी का सेवन डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। शरीर में ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने के लिए लाल भिंडी खाना फायदेमंद होता है। लाल भिंडी में फाइबर की पर्याप्त मात्रा होती है और इसमें मौजूद अन्य गुण शरीर में शुगर को कम करते हैं।3. हाई कोलेस्ट्रॉल में फायदेमंदहाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या सेहत के लिए बहुत गंभीर मानी जाती है। शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल यानी पॉली अनसेचुरेटेड फैट को कम करने के लिए लाल भिंडी खाना बहुत फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद पैक्टिन नामक तत्व शरीर में बढ़े बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है।4. भ्रूण के विकास में सहायकगर्भ में पल रहे भ्रूण के सही विकास के लिए लाल भिंडी का सेवन बहुत फायदेमंद माना जाता है। लाल भिंडी में मौजूद फॉलेट गर्भ में पल रहे भ्रूण के मस्तिष्क विकास में बहुत उपयोगी होता है। गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन करना चाहिए।5. ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में उपयोगीलाल भिंडी में सोडियम की मात्रा हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए बहुत उपयोगी होती है। इसका सेवन करने से हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को फायदा मिलता है। हाई बीपी के मरीज नियमित रूप से लाल भिंडी का सेवन कर सकते हैं।लाल भिंडी में मौजूद गुण शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। इसमें प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा पायी जाती है जो शरीर में मांसपेशियों के विकास में बहुत लाभदायक होती है और चयापचय को ठीक रखने का काम करती है। शरीर के मेटाबॉलिक सिस्टम को ठीक रखने के लिए लाल भिंडी का सेवन कर सकते हैं।
- कई लोग अपने दिन की शुरुआत खजूर से करते हैं। खजूर एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होते हैं, जो अल्जाइमर, कैंसर जैसी बीमारियों को रोकने में मदद करते हैं। ये दिल के स्वास्थ्य में सुधार करते हैं। इसके अलावा हेल्दी फाइबर कब्ज के इलाज में मदद करती है और मेटाबॉलिज्म में सुधार करती है और वजन घटाने को बढ़ावा देती है। खजूर को कुछ लोग भिगोकर खाते हैं और कुछ इसे कच्चा खाते हैं, लेकिन क्या खाली पेट खजूर खाना अच्छा है?यहां जानिए खजूर से जुड़ी कुछ बातें और इसे खाने का सही समय और तरीका---पोषक तत्वों से भरा है खजूरखजूर आयरन, फोलेट, प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, विटामिन बी 6 की अच्छाइयों से भरपूर होते हैं। इसके अलावा ये काफी टेस्टी होते हैं और ज्यादातर लोग इसके मीठे स्वाद के कारण इसे खाना पसंद करते हैं। यह भी पढ़ें:दिन स्टार्ट करने के लिए बेहतरीन है तेज पत्ते का पानी, जानिए फायदे और बनाने का तरीकाक्या है खजूर खाने का सही समयखजूर के मामले में फ्रुक्टोज की मौजूदगी खाली पेट खाने पर परेशानी और पेट खराब कर सकती है। हालांकि, खाने के बाद खजूर खाना भी परेशानी भरा हो सकता है, खासकर अगर आपको पाचन संबंधी समस्या है। ऐसा इसलिए है क्योंकि खजूर फाइबर से भरपूर होते हैं, जो आपको जल्दी भरा हुआ महसूस कराता है, लेकिन पाचन प्रक्रिया में बहुत लंबा समय लगता है, जिसकी वजह से सूजन की समस्या हो सकती है।अगर आपको आपको खजूर से एलर्जी है या आपको लूज मोशन हो रहे हैं तो आपको खजूर खाने से बचना चाहिए क्योंकि वे सोर्बिटोल नामक शक्कर अल्कोहल से भरपूर होते हैं, जो परेशानी को बढ़ाता है और ज्यादा मल त्याग करता है। इन कुछ स्थितियों के अलावा, आप खजूर को नाश्ते के रूप में या दिन में कभी भी खा सकते हैं।सुबह क्यों खाएं खजूर?सुबह-सुबह खजूर खाने से आपके शरीर को बहुत एनर्जी मिलती है। सुबह खजूर खाने से आंतों के कीड़ों को मारने में मदद मिलती है। इसके अलावा खजूर जरूरी अंगों को साफ करने में भी मदद करता है। ये दिल और लिवर के स्वास्थ्य में सुधार करता है। इसके अलावा खजूर में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट स्किन और बालों को एक नेचुरल चमक देते हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो खजूर खाने से शक्ति में सुधार होता है और यह कामोत्तेजक के रूप में भी काम करता है
- बदलते लाइफस्टाइल में लोगों को खानपान और फिजिकल एक्टिविटी न करने की वजह से कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना कर पड़ रहा है। इन्हीं स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में से एक है अचानक हाथ और पैर का सुन्न पडऩा। अक्सर लगातार बैठे रहने, लैपटॉप और मोबाइल पर काम करते वक्त लोगों के हाथ-पैर सुन्न पड़ जाते हैं। हाथ-पैर के सुन्न पडऩे का मतलब है कुछ वक्त के लिए शरीर के उस हिस्से का महसूस न होना। हाथ-पैर सुन्न पडऩे की समस्या को ज्यादातर लोग यूं ही ले लेते हैं। उन्हें लगता है कि ये ऐसे ही हो गया होगा, लेकिन वो इस बात से बेखबर होते हैं कि ये बड़ी बीमारी की वजह बन सकता है। आइए जानते हैं हाथ-पैर के सुन्न होने के पीछे कौन से विटामिन की कमी है और इसे कैसे राहत पाई जा सकती है।विटामिन बी12 की कमी होने पर हाथ-पैर के सुन्न होने की समस्या होती है। हाथ-पैर के सुन्न होने की समस्या ज्यादातर 50 साल के बाद देखी जाती है, हालांकि अब इस तरह की समस्या छोटे बच्चों में भी देखने को मिलती है।कैसे पाएं इस समस्या से राहतहाथ-पैर के सुन्न होने की समस्या से राहत पाने के लिए अपनी डाइट में पर्याप्त मात्रा में विटामिन बी12 का सेवन करें। शरीर में विटामिन बी 12 की कमी न हो इसके लिए आप निम्नलिखित फूड को अपने खाने में शामिल कर सकते हैं:अंडा: अंडा प्रोटीन का बेस्ट सोर्स माना जाता है। डेली डाइट में अंडे का सेवन करने से शरीर में विटामिन बी12 की कमी को आसानी से पूरा किया जा सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि एक व्यक्ति को सप्ताह में 5 से ज्यादा अंडों का सेवन नहीं करना चाहिए।दही: दही में पर्याप्त मात्रा में विटामिन बी2, बी 1 और बी12 पाया जाता है। शरीर में विटामिन बी12 की कमी को पूरा करने के लिए प्रतिदिन एक कटोरी दही का सेवन जरूर करें।पनीर : पनीर भी विटामिन बी 12 का अच्छा सोर्स माना जाता है। सप्ताह में 2 बार पनीर का सेवन करने से शरीर का वजन घटाने और विटामिन बी12 की कमी को पूरा करने में मदद मिलती है।इसके अलावा आप विटामिन बी12 की कमी को पूरा करने के लिए मछली, चिकन और ब्रोकली जैसी चीजों को भी अपनी डेली डाइट का हिस्सा बना सकते हैं।
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वजन घटाने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करने के साथ हेल्दी डाइट लेना बहुत ही जरूरी है. ऐसे में आप कई तरह की टी भी डाइट में शामिल कर सकते हैं. ये आपके मेटाबॉलिज्म को तेज करने का काम करती है. ये तेजी से वजन घटाने में मदद करती हैं.
ग्रीन टी - वजन घटाने के लिए ग्रीन टी का सेवन लोकप्रिय रूप से किया जाता है. ये मेटाबॉलिज्म को तेज करने में मदद करती है. इसमें पॉलीफेनॉल्स होते हैं. इसका सेवन करने से आसानी से वजन घटाने में मदद मिलती है.
ब्लैक टी - ब्लैड टी में फ्लोवोनोइड्स गुण होते हैं. ये मेटाबॉलिज्म को तेज करने में मदद करते हैं. ये तेजी से वजन घटाने में मदद करते हैं. आप रोजाना ब्लैक टी का सेवन भी कर सकते हैं.
व्हाइट टी - व्हाइट टी के बारे में शहद ज्यादा लोगों को जानकारी न हो लेकिन ये भी वजन घटाने में तेजी से मदद करती हैं. इसमें अन्य चाय की तुलना में बहुत ही कम कैफीन होता है.
सौंफ की चाय - सौंफ एक बेहतरीन माउथ फ्रेशनर के रूप में काम करता है. सौंफ का इस्तेमाल करके आप चाय भी बना सकते हैं. इसमें फाइबर अधिक मात्रा में होता है. ये चाय पाचन तंत्र को स्वस्थ रखती है और तेजी से वजन घटाने में मदद करती है. - मौसम बदलते ही लोगों के बीच बालों के झड़ने की समस्या आम हो जाती है। लेकिन आजकल बिगड़ा लाइफस्टाइल और खान-पान की खराब आदतें, इस समस्या को और बढ़ा रही हैं। अगर आप भी बालों के झड़ने और रूखे होने से परेशान हैं तो अमरूद की पत्तियां आपकी मदद कर सकती है। जी हां, आज तक आपने अमरूद खाने के तो कई फायदे सुने होंगे लेकिन इसकी पत्तियां भी बेहद गुणकारी होती हैं। अमरूद की पत्तियों की मदद से आप अपने हेयर फॉल की समस्या को बड़ी आसानी से रोक सकते हैं। अमरूद की पत्तियों में कई ऐसे औषधीय गुण पाए जाते हैं जो आपकी सेहत ही नहीं आपके बालों के लिए भी बेहद फायदेमंद हैं।कोलेस्ट्रॉल लेवल कम करना हो या फिर वजन, अमरूद के पत्ते इन सबका रामबाण इलाज हैं। इतना ही नहीं अमरूद की पत्तियां बालों का झड़ना कम करके हेयर डैमेज होने से भी रोक सकती हैं।अमरूद के पत्ते पोषक तत्वों के साथ एंटीऑक्सिडेंट से भी भरपूर होते हैं, जो बालों को खूबसूरत बनाए रखने के साथ उनकी ग्रोथ में भी मदद करते हैं। इन पत्तों को बालों पर लगाने से बाल मुलायम और चमकदार बनते हैं। इन पत्तियों में मौजूद विटामिन सी हेयर फॉल की समस्या को भी ठीक करती है। ऐसे में आइए जानते हैं हेयर फॉल को रोकने के लिए अमरूद की इन पत्तियों का इस्तेमाल करने का सही तरीका क्या है।हेयर फॉल रोकने के लिए ऐसे करें अमरूद की पत्तियों का इस्तेमाल-हेयर फॉल रोकने के लिए सबसे पहले एक बर्तन में एक लीटर पानी को कम से कम 20 मिनट उबाल ले, उसमें अमरूद की पत्तियां डाल दे। अब इस घोल का ठंडा होने का इंतजार करें। अब इस घोल को आगे भी यूज करने के लिए एक बोतल में भरकर रख दे। यह घोल बालों का रुखापन कम करके उन्हें चमकदार और हेल्दी बनाने में मदद करेगा। अब इस घोल को हथेली पर पूरी तरह फैलाकर बालों की जड़ों पर अच्छी तरह लगा लें। शैम्पू करने से कुछ घंटो पहले तक इसे बालों में लगे रहने दें। इसके बाद हेयर वॉश कर दें।
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हेल्दी नाश्ता आपको दिनभर ऊर्जावान रखने का काम करता है. आप नाश्ते में बीन स्प्राउट्स शामिल कर सकते हैं. इन्हें टमाटर, प्याज, मिर्च, या नींबू जैसी चीजों का इस्तेमाल करके बनाया जाता है. बीन स्प्राउट्स का सेवन करने से आपकी सेहत को कई फायदे मिलते हैं.
पाचन में सुधार - बीन स्प्राउट्स में अघुलनशील फाइबर होता है. स्प्राउट्स का सेवन आंतों को स्वस्थ रखने का काम करता है. ये कब्ज की समस्या से राहत दिलाता है. बीन स्प्राउट्स का सेवन पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने का काम करता है. पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाए रखने के लिए आप बीन स्प्राउट्स का सेवन भी नियमित रूप से कर सकते हैं.
ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए - बीन स्प्राउट्स का सेवन करने से बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद मिलती है. ये हृदय संबंधित समस्याओं से बचाने का काम करते हैं. ये ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है. बीन स्प्राउट्स हृदय को स्वस्थ रखने और ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करते हैं.
हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए - स्प्राउट्स विटामिन का एक बेहतरीन स्त्रोत हैं. बीन स्प्राउट्स हड्डियों को मजबूत बनाने का काम भी करते हैं. ये हड्डियों संबंधित समस्याओं से बचाने का काम करते हैं. ये ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम को कम करते हैं. आप इन्हें भी डाइट शामिल कर सकते हैं.
वजन घटाने के लिए - वजन घटाने वाली डाइट में आप बीन स्प्राउट्स शामिल कर सकते हैं. ये पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं. इसमें फाइबर और प्रोटीन जैसे पोषक तत्व होते हैं. इनमें कैलोरी बहुत ही कम मात्रा में होती है. ये तेजी से वजन घटाने में मदद करते हैं. -
ये सच है कि किसी दिन ज्यादा थक जाए, तो उस दिन बहुत बेहतर नींद आती है. बेहतर नींद को एक तरह का मेडिटेशन तक माना जाता है, क्योंकि इससे हमारा शरीर ही नहीं दिमाग भी रिलैक्स होता है. जो लोग नियमित रूप से 8 घंटे की नींद लेते हैं, वे अगले दिन उठने पर फ्रेश फील करते हैं. पुराने समय में अधिकतर लोग ऐसे जीवन को जीते थे, लेकिन अब समय बदल गया है. आज बिजी लाइफ, शेड्यूल और जिम्मेदारियों के कारण लोग ठीक से सो नहीं पाते हैं. वे फिजिकली ही नहीं मेंटली भी बहुत थक जाते हैं, लेकिन फिर भी उन्हें नींद न आने की प्रॉब्लम परेशान करती है.
थकान के साथ रात में घंटों जागना रहना एक तरह की बीमारी है, जिसकी चपेट में अधिकतर लोग रहते हैं. कहीं आपको भी तो इस तरह की दिक्कत का सामना करना नहीं पड़ रहा है. इसे इंग्लिश में स्लीपिंग डिसऑर्डर कहा जाता है. इस हेल्थ प्रॉब्लम से राहत पाना चाहते हैं, तो इन आयुर्वेदिक टिप्स को अपनाएं.
तलवों की मालिश--
क्या आप जानते हैं कि अगर पैर रिलैक्स होते हैं, तो हमारा दिमाग भी शांत रहता है. पैरों को आराम मिलेगा, तो आप बेहतर नींद ले पाएंगे. थकान के बीच पैरों में लगातार दर्द बहुत प्रभावित करता है और नींद नहीं आती है. आपको बस थोड़ा सा सरसों का तेल गर्म करना है और इसकी पैरों के तलवों पर मालिश करनी है. करीब 5 से 7 मिनट तलवों की मसाज करें और कपड़े से तेल को हटाकर सो जाएं.
मेडिकेटेड मिल्क--
यहां मेडिकेटेड मिल्क का मतलब आयुर्वेदिक तरीके से दूध को तैयार करना है. इसके लिए गुनगुना दूध लें और इसमें 1/4 चम्मच जायफल पाउडर, चुटकी भर हल्दी और इलायची पाउडर मिलाएं. दूध में इन चीजों को मिला लेने के बाद इसे फिर से उबाल लें और गुनगुना होने पर सिप-सिप करके पिएं. आयुर्वेदिक तरीके से तैयार इस दूध को पीने से आपका शरीर रिलैक्स फील करेगा और आपको बेहतर नींद आएगी. साथ ही इससे थकान भी दूर होगी.
डाइट का खयाल रखें--
हमारी डाइट हमारे सेहतमंद रहने का राज होती है. आप जो भी खाते हैं, वो आपकी सेहत पर वैसा ही असर डालता है. आयुर्वेदिक एक्सपर्ट्स का कहना है कि हमेशा कम तेल और कम मसालों वाले भोजन का सेवन करें. हमेशा सूर्यास्त से पहले भोज कर लें और ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं. इसके अलावा शाम में चाय, गरमा गरम खाने का सेवन जैसी गंदी आदतों से दूरी बनाएं. -
अच्छे भले दिखने वाले इंसान को कब हार्ट अटैक हो जाए पता नहीं। बीते कुछ सालों में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। खासकर 40 से ऊपर कई फिल्मी हस्तियों के साथ ऐसा हुआ तो लोग सोचने पर मजबूर हो गए। आपका दिल अगर कमजोर हो रहा है तो संकेत मिलने लगते हैं। हालांकि हमें नहीं पता चल पाता कि इनको इग्नोर करना कितना भारी पड़ सकता है। सबसे अच्छी बात यह है कि दिल की 80 फीसदी बीमारियों से बचाव संभव है। अगर आपको पहले से लक्षण पता हैं तो आप सतर्क हो सकते हैं।
लाइफस्टाइल से जुड़ी है दिल की बीमारीदिल की बीमारी या स्ट्रोक्स काफी हद तक हमारी लाइफस्टाइल पर भी निर्भर करते हैं। Eat This, Not That की रिपोर्ट में फ्लोरिडा के कार्डियोथोरेसिक सर्जरी के डायरेक्टर डॉक्टर जेफ्री न्यूमैन ने बताया कि कैसे लक्षणों को पहचानकर हार्टअटैक से बचा जा सकता है।हांफने को न करें इग्नोरडॉक्टर न्यूमैन बताते हैं, अपनी डेली ऐक्टिविटी में चलने-फिरने में आप हांफने लगते हैं तो यह अच्छा संकेत नहीं है। अगर आप बेडरूम से किचन तक जाने में आपकी सांस फूलने लगती है या बैठने का मन करता है तो यह लक्षण आपका दिल कमजोर होने का है। इसका मतलब यह है कि आपका हार्ट ठीक से पंपिंग नहीं कर रहा और आपका ब्लड लंग्स में वापस आ रहा है।मेहनत करने में हो सीने में दर्द...अगर थोड़ी दूरी पर चलने या कुछ सामान उठाने में आपको सीने में दर्द महसूस होा है तो आपको हार्ट अटैक का खतरा है।बेहोशी पर रहें अलर्टबेहोश होना भी खतरनाक लक्षण है। इसका मतलब है कि आपके हार्ट के वॉल्व में सिकुड़न है।सूजन पर दें ध्यानडॉक्टर न्यूमैन बताते हैं कि सूजन होने का मतलब है कि आपका दिल ठीक से पंप नहीं कर रहा। यह भी दिल की बीमारी का लक्षण है। यह सूजन आपके पंजों या पैरों में भी हो सकती है।बढ़ी हो हार्टबीटथोड़ी सी ऐक्टिविटी में आपकी हार्ट बीट बहुत बढ़ जाती है या हार्ट रेट बेवजह तेज है तो अपना हार्ट चेकअप करवा लें। -
कई बार ऐसा होता है जब खाना खाने का मन तो कह रहा होता है लेकिन सब्जी को देख कर इच्छा कम हो जाती है। अक्सर ऐसा तब होता है जब सब्जी मनपसंद न हो। अगर आपके साथ भी ऐसा होता है तो आप लहसुन की इंस्टेंट चटनी बना सकते हैं। ये चटनी खाने के जायके को पूरी तरह से बदल देगी। अच्छी बात यह है कि इसे बनाने में बहुत ज्यादा कोई तामझाम नहीं होता। आप आसानी से और फटाफट इसे बनाकर तैयार कर सकते हैं। साउड इंडियन डिश के साथ भी इसे सर्व किया जा सकता है। यहां सीखें इसे बनाने का तरीका।
कैसे बनाएं लहसुन की चटनीलहसुन चटनी बनाने के लिए आपको चाहिए लहसुन की कलियां, छोटा टमाटर, सांबर पाउडर, जीरा पाउडर, नमक, तेल। इसे बनाने के लिए लहसुन को अच्छे से छील लें और फिर मूसल में इसे दरदरा मैश कर लें, बारी-बारी से आप इसे ब्लेंड कर सकते हैं फिर टमाटर को कद्दूकस करें और इसके छिलके को हटा दें। अब तेल छोड़कर सारी सामग्री मिला लें। फिर गर्मा गर्म तेल डालकर इसे अच्छी तरह मिला लें। लहसुन की इंस्टेंट चटनी तैयार है। इसे डोसा, उत्तपम, रोटी, पराठा, चावल के साथ सर्व किया जा सकता है।लहसुन छीलने के लिए अपनाएं आसान तरीकाचटनी फटाफट बनाकर तैयार करने के लिए लहसुन छीलने के लिए आसान तरीके को अपनाएं। इसके लिए कलियों को कुछ देर के लिए पानी में भिगोएं और फिर छीलें या फिर एक बॉक्स में लहसुन की कलियों को डालें और फिर डब्बे को अच्छे से शेक करें। लहसुन का छिलका निकलकर एक तरह हो जाएगा।-- - बालों के समय से पहले सफेद होने की समस्या का एक बड़ा कारण खराब खानपान या पोषक तत्वों से भरपूर आहार नहीं लेना है। इसलिए शारीरिक स्वास्थ्य की बात हो या त्वचा और बालों को स्वस्थ रखने की, आपको संतुलित आहार और डाइट में पोषक तत्वों से भरपूर फूड्स को डाइट में शामिल करना चाहिए। लेकिन अक्सर लोग इस बात को लेकर लोग काफी असमंजस में रहते हैं, कि सफेद बालों को काला करने और बालों का झडऩा, कमजोर दो मुंहे बाल, ड्राई हेयर और समय से पहले बाल सफेद होने जैसी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए क्या खाएं? या डाइट में किन फूड्स को शामिल करें? इस लेख में हम आपको सफेद बालों को काला करने और हेल्दी बालों के लिए 10 फूड्स बता रहे हैं।1. विटामिन से भरपूर फूड्सऐसे फूड्स डाइट में शामिल करें जिनमें बालों को स्वस्थ रखने वाले जरूरी विटामिन मौजूद हों जैसे विटामिन बी और बी12, बी7 या बायोटिन, डी, ई, ए आदि। यह बालों को हेल्दी रखने में अहम भूमिका निभाते हैं।2. जरूरी मिनरल वाले फूड्सजिंक, लोहा, मैग्नीशियम, सेलेनियम, कॉपर आदि जैसे जरूरी मिनरल्स बालों को हेल्दी रखने के लिए आपके फूड्स में होना जरूरी है। फल, हरी पत्तेदार सब्जियों में जरूरी विटामिन और मिनरल्स अच्छी मात्रा में मौजूद होते हैं।3. अदरक का सेवन करेंअदरक कई औषधीय गुणों से भरपूर होती है। इसलिए रोजाना नियमित रूप से अदरक वाली चाय, अदरक का पानी, या 1 चम्मच अदरक को कूटकर या कद्दूकस करके इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर सेवन करें।4. ब्लैकस्ट्रैप गुड़ का सेवन करेंहफ्ते में कम से कम 3 दिन एक चम्मच ब्लैकस्ट्रैप गुड़ का सेवन जरूर करें। इसमें विटामिन बी 6, मैग्नीशियम, पोटेशियम और आयरन जैसे बालों के लिए जरूरी विटामिन और मिनरल्स प्रचुर मात्रा में होते हैं।5. आंवला खाएंआंवला का सेवन करने से बालों की लगभग सभी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। यह शरीर में पित्त दोष को भी संतुलित करता है, जो समय से पहले बालों के सफेद होने का कारण बनता है।6. काले तिल खाएंसफेद तिल की तुलना में काले तिल बालों के लिए अधिक फायदेमंद माने जाते हैं। यह बालों को सफेद होने से रोकता है और सफेद बालों को फिर से नैचुरली काला करने में मददगार है। कोशिश करें कि सप्ताह में 2-3 बार एक चम्मच काले तिल में गुड़ या शहद मिलाकर खाएं।7. व्हीटग्रास जूससफेद बालों से छुटकारा पाने के लिए एक गिलास ताजा व्हीटग्रास जूस का रोजाना सेवन करना चाहिए। आप अपने शेक और स्मूदीज में भी एक चम्मच व्हीटग्रास पाउडर मिलाकर इसका सेवन कर सकते हैं।8. गाजर और गाजर का रसबालों को हेल्दी रखने के लिए रोजाना गाजर का सेवन या एक गिलास गाजर के जूस का सेवन जरूर करना चाहिए।9. केटालेज एंजाइम से भरपूर फूड खाएंयह एंजाइम ऑक्सीडेटिव डैमेज को रोकने में मदद करता है और बालों को हेल्दी रखने में अहम भूमिका निभाता है। यह लहसुन, गोभी, शकरकंद, केल, ब्रोकली, बादाम आदि में प्रचुर मात्रा में मौजूद होता है।10. अश्वगंधाअश्वगंधा का सेवन सिर्फ बालों को ही हेल्दी नहीं रखने में मदद नहीं करता है, बल्कि इससे सेहत को अनेक फायदे मिलते हैं। आप अश्वगंधा का पाउडर, सप्लीमेंट आदि का दूध के साथ सेवन कर सकते हैं।एक्सपर्ट क्या सलाह देते हैंअगर सफेद बालों की समस्या अनुवांशिक है, तो ऐसे में आप कुछ खास नहीं कर सकते हैं। मेडिकल कंडीशन के कारण बाल सफेद होने की समस्या में डॉक्टर से परामर्श करना सबसे ज्यादा बेहतर है। हालांकि आपको बालों को हेल्दी और नैचुरली काले बनाने के लिए जीवनशैली में कुछ बदलाव करना भी जरूरी है, जैसे:-स्मोकिंग से सख्त परहेज करें, क्योंकि इससे बालों के रोम को नुकसान पहुंचता है।-धूप में अधिक समय बिताने से बचें, साथ ही बालों को हीट भी न करें।-हेयर ड्रायर जैसी मशीनों के प्रयोग से बालों को नुकसान न पहुंचाएं।-बालों में नियमित रूप से तेल जरूर लगाएं, सप्ताह में 2-3 बार पर्याप्त है।-ज्यादा केमिकल वाले शैंपू, और अन्य हेयर केयर प्रोडक्ट्स के प्रयोग से बचें।
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मुंह के छालों का दर्द वे लोग ही ज्यादा समझ सकते हैं, जिन्हें यह प्रॉब्लम कभी न कभी हुई है। इन फफोले के कारण न तो कोई पी सकता है और न ही कोई ठीक से खा सकता है। वहीं, बात करना कई बार असंभव सा हो जाता है। अल्सर का कारण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न होता है, लेकिन सबसे सामान्य कारण आवश्यक विटामिन की कमी, डिहाइड्रेशन और और फूड एलर्जी भी है। माउथ अल्सर के लिए आपको कई जेल भी मिल जाएंगे लेकिन अल्सर का का घरेलू इलाज आपको किचन में ही मिल जाएगा। आइए, जानते हैं कुछ टिप्स-
हल्दीहल्दी अपने औषधीय गुणों के कारण किसी भी तरह के जख्म को कुछ ही समय में ठीक कर सकती है। मुंह के अल्सर को ठीक में यह कारगर है। हल्दी का गाढ़ा पेस्ट बनाने के लिए थोड़ा पानी और हल्दी मिलाएं। इस हल्दी के पेस्ट को दिन में तीन बार छालों पर लगाएं।एप्पल साइडर विनेगरएप्पल साइडर विनेगर के मुंह के अंदर के कीटाणुओं से लड़ने में मदद करते हैं जो अल्सर का कारण होते हैं। एक छोटे कप गुनगुने पानी में एक बड़ा चम्मच विनेगर मिलाएं। घोल को अच्छी तरह मिलाएं, इसमें से कुछ को मुंह के अंदर लें और कुल्ला करें। इसे रिपीट करें और जब घोल खत्म हो जाए, तो अपने मुंह को ताजे पानी से धो लें। ऐसा रोज सुबह-शाम करने से अल्सर जल्दी ठीक हो जाएगा।कोकोनट मिल्कनारियल के दूध का मुंह के छालों पर लगाने से ठंडक मिलती है। इसके लिए सबसे पहले दिन में दो या तीन बार नारियल के दूध से गरारे करने से अल्सर का का दर्द कम हो जाएगा। आप नारियल के दूध से कुल्ला भी कर सकते हैं।शहदशहद के औषधीय और रोगाणुरोधी गुण घावों को तुरंत भरने में मदद करते हैं। शहद की कुछ अच्छी मात्रा को छालों पर लगाएं। इसे हर दो घंटे में लगाते रहें आपको एक दिन में ही फायदा दिखने लग जाएगा। -
वेट लॉस के लिए एक दिन में कितने अंडे खाने चाहिए
वेट लॉस के लिए कोशिशों में लगे लोग अंडे और चिकन को डाइट में जरूर शामिल करते हैं क्योंकि दोनों प्रोटीन का बेस्ट सोर्स हैं। आप अगर अंडे खाते हैं, तो आपको वेट लॉस के लिए अंडों को डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए। अंडे पोषक तत्वों, विशेष रूप से प्रोटीन का भंडार हैं। एक अंडे में आयरन, विटामिन और मिनरल के साथ 75 कैलोरी, 7 ग्राम हाई क्वालिटी प्रोटीन, 5 ग्राम फैट और 1.6 ग्राम सैचुरेटेड फैट होता है। इतने पोषक तत्व होने के बाद भी सलाह दी जाती है कि आपको रोजाना अंडे ज्यादा नहीं खाने चाहिए। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें, ज्यादा अंडे खाने से शरीर पर बुरा असर पड़ सकता है।एक दिन में ज्यादा अंडे क्यों नहीं खाने चाहिएप्रोटीन मेटबॉलिज्म को बढ़ावा देने के साथ इम्यूनिटी को बढ़ाता है लेकिन सिर्फ अंडे खाने से उस व्यक्ति में वजन बढ़ सकता है और दूसरी हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं, जो इसे अधिक मात्रा में लेती हैं। बहुत सारे अंडे कुछ लोगों में सूजन का कारण भी बन सकते हैं। जर्दी के अधिक सेवन से कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है और वजन भी बढ़ सकता है। यह आहार कोलेस्ट्रॉल और वसा से भरा है। एक औसत वयस्क के लिए, एक दिन के लिए दो पूरे अंडे काफी होते हैं। जैसे एक अंडे का सफेद भाग और एक पूरा अंडा।वेट लॉस के लिए ऐसे खाएं अंडेकुछ पोषण विशेषज्ञ यह भी सलाह देते हैं कि आपको खाने में अंडे के अलावा शुद्ध शाकाहारी प्रोटीन स्रोत होना चाहिए। रोजाना अंडे के अलावा आपको पालक, एवोकाडो, मशरूम, केल, हरा मटर भी खाना चाहिए। आप चाहें, तो उबले अंडे को उबली हुई सब्जियों के साथ खा सकते हैं, इससे भी वेट लॉस बहुत जल्दी होता है। -
फिट और हेल्दी रहने के लिए अपनाएं ये बेहद आसान टिप्स
इन दिनों हार्ट अटैक एक कॉमन समस्या हो गई है। हर कोई अपने बिजी शेड्यूल के कारण इन दिनों कम समय होने की शिकायत करते हैं। ऐसे में हेल्थ और फिटनेस को मेंटेन करने के लिए उनके पास समय ही नहीं होता। लेकिन आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि कुछ टिप्स को अपनाकर आप हेल्दी और फिट रह सकते हैं।एचटी के साथ बातचीते के दौरान हेल्थ विशेषज्ञ और स्टार इमेजिंग और पाथ लैब के निदेशक डॉ समीर भाटी ने हेल्थ और फिट रहने के लिए कुछ सुझाव दिए हैं।1) हेल्दी नाश्ता- सुबह की पहली मील यानी आपका नाश्ता हमेशा हेल्दी और पौष्टिक होना चाहिए क्योंकि यह आपको पूरे दिन के लिए चार्ज करता है। सुबह का नाश्ता स्किप करना गलत है क्योंकि ऐसा करने से आपका वजन बढ़ सकता है। इसके अलाव दिल की बीमारी, मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल और के खतरे को बढ़ा सकता है।2) फल और सब्जियां- फल और सब्जियां जरूरी विटामिन और खनिजों का सबसे अच्छा स्रोत हैं। इसमें फाइबर होता है जो आपको वेट मैनेज करने में भी मदद करता है। कई तरह की परेशानियों से निपटने में ये मददगार है।3) खाने की सही चॉइस- ग्रोसरी शॉपिंग के दैरीन प्रोटीन बार, मखाना, बाजरा पफ जैसे हेल्दी स्नैक्स को चुनें। टेंशन में खाना, चीनी और नमक ज्यादा खाना, पैकेज वाला खाना या जंक फूड खाने से बचें।4) कैफीन की मात्रा पर दें ध्यान- अपने कैफीन की मात्रा पर ध्यान दें। चाय-कॉफी की जगह पानी, नींबू का रस, नारियल पानी, स्मूदी, दूध और ठंडे ड्रिंक्स से खुद को हाइड्रेट करें।5) फिजिकल एक्टिविटी पर दें ध्यान- हेल्दी मेटाबॉलिज्म के लिए शारीरिक एक्टिविटी जरूरी है। इसे करने से स्लीप साइकिल बेहतर होती है और ब्लड फ्लो होता बूस्ट है। रोजाना सुबह 15 मिनट की सैर करें।6) विटामिन डी और विटामिन बी12 पर रखें नजर- विटामिन डी3 और विटामिन बी12 की कमी को आजकल एक साइलेंट महामारी के रूप में देखा जाता है। यह बहुत ही चिंताजनक है क्योंकि इसका सीधा प्रभाव हड्डी और हार्मोनल हेल्थ पर पड़ता है। इन विटामिनों की कमी के लिए आप रोजाना सुबह धूप में बिताएं, मशरूम, दूध और डेयरी प्रोडक्ट ले सकते हैं और डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट ले सकते हैं।